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suriyabalu
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# Dataset Card for [Dataset Name]
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@@ -57,9 +57,9 @@ The Indic QA dataset is designed for question answering tasks, with a focus on I
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#### Data Instances
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A sample from the
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"id": 11,
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"context": "01 दिसम्बर 2013 - 31 नवंबर- 1 दिसंबर की मध्यरात्रि को 00:49 बजे मंगलयान को मार्स ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में प्रविष्ट करा दिया गया, इस प्रक्रिया को ट्रांस मार्स इंजेक्शन (टीएमआई) ऑपरेशन का नाम दिया गया। यह इसकी 20 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा लम्बी यात्रा शुरूआत थी जिसमें नौ महीने से भी ज्यादा का समय लगना था और वैज्ञानिकों के समने सबसे बड़ी चुनौती इसके अन्तिम चरण में यान को बिल्कुल सटीक तौर पर धीमा करने की थी ताकि मंगल ग्रह अपने छोटे गुरुत्व बल के जरिये इसे अपने उपग्रह के रूप में स्वीकार करने को तैयार हो जाये। ,इसरो प्रमुख डॉ० के राधाकृष्णन ने कहा कि मंगल अभियान की परीक्षा में हम पास हुए या फेल, यह 24 सितम्बर को ही पता चलेगा। 4 दिसंबर 2013: मंगलयान 9.25 लाख किलोमीटर के दायरे वाले पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकला। 11 दिसंबर 2013 : पहली दिशा संशोधन प्रक्रिया संपन्न। 11 जून 2014 : दूसरी दिशा संशोधन प्रक्रिया संपन्न। 14 सितंबर 2014 : अंतिम चरण के लिए आवश्यक कमांड्स अपलोड की गई। 22 सितंबर 2014 : एमओएम ने मंगल के गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रवेश किया। लगभग 300 दिन की संपूर्ण यात्रा के दौरान सुषुप्ति में पड़े रहने के बाद मंगलयान के मुख्य इंजन 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर को 4 सेकंड्स तक चलाकर अंतिम परीक्षण एवं अंतिम पथ संशोधन कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया। 24 सितम्बर 2014 : सुबह 7 बज कर 17 मिनट पर 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर (एलएएम) यान को मंगल की कक्षा में प्रवेश कराने वाले थ्रस्टर्स के साथ सक्रिय की गई जिससे यान की गति को 22.1 किमी प्रति सेकंड से घटा कर 4.4 किमी प्रति सेकंड करके मंगलयान को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रविष्ट किया गया। यह कार्य संपन्न होते ही सभी वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे।",
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#### Data Instances
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A sample from the Hindi language is provided below.
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```json
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"context": "01 दिसम्बर 2013 - 31 नवंबर- 1 दिसंबर की मध्यरात्रि को 00:49 बजे मंगलयान को मार्स ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में प्रविष्ट करा दिया गया, इस प्रक्रिया को ट्रांस मार्स इंजेक्शन (टीएमआई) ऑपरेशन का नाम दिया गया। यह इसकी 20 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा लम्बी यात्रा शुरूआत थी जिसमें नौ महीने से भी ज्यादा का समय लगना था और वैज्ञानिकों के समने सबसे बड़ी चुनौती इसके अन्तिम चरण में यान को बिल्कुल सटीक तौर पर धीमा करने की थी ताकि मंगल ग्रह अपने छोटे गुरुत्व बल के जरिये इसे अपने उपग्रह के रूप में स्वीकार करने को तैयार हो जाये। ,इसरो प्रमुख डॉ० के राधाकृष्णन ने कहा कि मंगल अभियान की परीक्षा में हम पास हुए या फेल, यह 24 सितम्बर को ही पता चलेगा। 4 दिसंबर 2013: मंगलयान 9.25 लाख किलोमीटर के दायरे वाले पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकला। 11 दिसंबर 2013 : पहली दिशा संशोधन प्रक्रिया संपन्न। 11 जून 2014 : दूसरी दिशा संशोधन प्रक्रिया संपन्न। 14 सितंबर 2014 : अंतिम चरण के लिए आवश्यक कमांड्स अपलोड की गई। 22 सितंबर 2014 : एमओएम ने मंगल के गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रवेश किया। लगभग 300 दिन की संपूर्ण यात्रा के दौरान सुषुप्ति में पड़े रहने के बाद मंगलयान के मुख्य इंजन 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर को 4 सेकंड्स तक चलाकर अंतिम परीक्षण एवं अंतिम पथ संशोधन कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया। 24 सितम्बर 2014 : सुबह 7 बज कर 17 मिनट पर 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर (एलएएम) यान को मंगल की कक्षा में प्रवेश कराने वाले थ्रस्टर्स के साथ सक्रिय की गई जिससे यान की गति को 22.1 किमी प्रति सेकंड से घटा कर 4.4 किमी प्रति सेकंड करके मंगलयान को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रविष्ट किया गया। यह कार्य संपन्न होते ही सभी वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे।",
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