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केंद्र में एनडीए सरकार ने गुरुवार (26 मई) को अपने दो साल पूरे कर लिए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में रैली को संबोधित किया।
बता दें कि इसके बाद वे ओडिशा के बालासोर, एक राजस्थान, एक कर्नाटक और एक मेघालय में भी रैली को संबोधित करेंगे।
-केंद्र और राज्य सरकार के डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल होगी।
-बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सभी जातियों और समुदायों के लिए है।
-बेटियां कम पैदा होती हैं क्योंकि उन्हें मां के गर्भ में ही मार दिया जाता है।
-दो साल पहले के अखबार, टीवी याद करिए। आए दिन एक नए भ्रष्टाचार की खबर, बड़े-बड़े लोगों के भ्रष्टाचार में होने की चर्चा होती थी।
-हमारे विरोधियों ने कभी आरोप लगाया है? दो साल पहले किसी की हिम्मत नहीं थी कि लाखों लोगों के बीच खड़ा होकर अपना हिसाब दे सके।
-मेरी सरकार गरीबों के लिए काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। मैं यहां अपने दो साल के काम का हिसाब देने आया हूं।
-देश बदल रहा है लेकिन कुछ लोगों का दिमाग नहीं बदल रहा।
-सरकारें आती हैं, जाती हैं, चुनाव होते हैं... लेकिन सरकार बनती है जन सामान्य के सपनों को पूरा करने के लिए।
-मैं यूपी वाला हूं, यूपी का सांसद हूं, इसके नाते मेरा स्वभाविक मन करता है आपका आशीर्वाद प्राप्त करने का।
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रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से चल रहा युद्ध अब खतरनाक होता जा रहा है। पहले की तुलना में रूस के ज्यादा उग्र होने की एक वजह पुतिन के सबसे भरोसेमंद कमांडर सर्गेई सुरोविकिन भी हैं। आखिर कौन हैं सुरोविकिन और क्यों उन्हें कहा जाता है सबसे निर्दयी कमांडर, आइए जानते हैं।
Russian Commonder Sergey Surovikin: रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से चल रहा युद्ध अब खतरनाक होता जा रहा है। क्रीमिया ब्रिज पर हमले के बाद से ही रूस बुरी तरह बौखलाया हुआ है और यही वजह है कि उसने एक ही दिन में यूक्रेन की राजधानी कीव पर 83 मिसाइलें दागीं। पहले की तुलना में रूस के ज्यादा उग्र होने की एक वजह पुतिन के सबसे भरोसेमंद कमांडर सर्गेई सुरोविकिन भी हैं। सर्गेई सुरोविकिन वही हैं, जिन्होंने सीरिया में लड़ाकू मिशन पर काम करते हुए लाशों की झड़ी लगा दी थी। उन्हें दुनिया का सबसे क्रूर कमांडर भी कहा जाता है।
महीनेभर पहले ही बने ओवरऑल कमांडर :
सर्गेई सुरोविकिन को रूसी रक्षा मंत्रालय ने 8 सितंबर को रूसी सेना के ओवरऑल कमांडर के रूप में नियुक्त किया है। 55 साल के जनरल सर्गेई सुरोविकिन ओवरऑल कमांडर बनने से पहले रूसी एयरफोर्स की कमान संभाल रहे थे। पुतिन ने नए जनरल को ऐसे समय में नियुक्त किया है, जब यूक्रेनी सेनाएं रूस पर भारी पड़ती नजर आ रही थीं।
कौन हैं सर्गेई सुरोविकिन?
सुरोविकिन का जन्म 11 अक्टूबर 1966 को साइबेरिया के नोवोसिबिर्स्क शहर में हुआ था। सुरोविकिन की पैदाइश उस वक्त हुई, जब रूस सोवियत संघ कहलाता था। 1987 में सुरोविकिन सोवियत सेना में शामिल हुए। सुरोविकिन 2004 में चेचेन्या में इस्लामिक अलगाववादियों के खिलाफ रूसी सैन्य कार्रवाई में भी शामिल थे। 2013 से 2017 के दौरान सुरोविकिन ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर थे।
क्यों निर्दयी कमांडर कहलाते हैं सुरोविकिन?
- 2017 में सर्गेई सुरोविकिन सीरिया के तानाशाह बशर अल असद की मदद के लिए चलाए गए रूसी सैन्य अभियान का हिस्सा थे। इस दौरान उन्होंने सीरिया में असद के विद्रोहियों की लाशों के ढेर लगा दिए थे।
- सीरियाई विद्रोहियों के खिलाफ चलाए गए रूसी सेना के ऑपरेशन में सुरोविकिन ने असद के दुश्मनों को नाको चने चबवा दिए थे। यही वजह थी कि उन्हें 2017 में हीरो ऑफ द रशियन फेडरेन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
- 2017 में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की मदद के लिए रूसी सेना की कमान संभालने वाले सुरोविकिन ने न सिर्फ विद्रोही गुटों को ठिकाने लगाया बल्कि आम जनता को भी नहीं बख्शा।
- सुरोविकिन ने सीरिया के अलेप्पो में इतने बम गिराए कि पूरा शहर खंडहर में बदल गया। 2019 में भी सुरोविकिन ने सीरिया के इदलिब शहर पर जमकर बमबारी की, जिसमें बेगुनाह लोगों की लाशों के ढेर लग गए थे।
इंसानी जानों की जरा भी परवाह नहीं :
सर्गेई सुरोविकिन के साथ काम कर चुके रूसी रक्षा मंत्रालय के एक पूर्व ऑफिसर के मुताबिक, 10 अक्टूबर को यूक्रेन की राजधानी कीव में हुए मिसाइल हमले से वो जरा भी हैरत में नहीं हैं, क्योंकि सुरोविकिन इंसानी जानों की जरा भी परवाह नहीं करते हैं। अब उन्हें इस बात का भी डर है कि सुरोविकिन के हाथ कहीं पूरी तरह यूक्रेन की बेगुनाह जनता के खून से न सन जाएं।
ये भी देखें :
क्या है क्रीमिया ब्रिज जिसकी वजह से बौखलाया रूस, क्यों समझा जा रहा पुतिन की शान पर हमला?
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शिमला। बीजेपी (BJP) हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनावों को लेकर समीक्षा बैठक करेगी। इस बैठक में विधान सभा चुनावों के सभी प्रत्याशियों (Candidates) से फीडबैक लिया जाएगा। यह बात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Suresh Kashyap) ने कही। उन्होंने कहा कि पार्टी पूर्ण रूप से आश्वस्त है कि इस बार प्रदेश में रिवाज बदलेगा और बीजेपी इन चुनावों में पिछली बार से अधिक सीटें जीतकर नया रिवाज बनाएगी और प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार स्थापित होगी।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि इस बार प्रदेश में बंपर मतदान (Voting) हुआ है और जनता के रूझान एवं उत्साह से साफ जाहिर है कि प्रदेश की जनता ने इस बार प्रदेश में हुए विकास के नाम पर मुहर लगाई है। सुरेश कश्यप ने कहा कि कुछ दिन पूर्व बीजेपी की विधान सभा चुनावों के लिए गठित विभिन्न समितियों की बैठक परवाणू में संपन्न हुई थी, जिसमें समितियों द्वारा किए गए चुनावी कार्यों के लिए उनका आभार प्रकट किया गया था और उनसे सुझाव आमंत्रित किए गए थे। उन्होनें कहा कि कुछ समितियों ने चुनाव से संबंधित सुझाव प्रकट किए थे जिन पर पार्टी ने अमल करने आश्वासन दिया है और जो कुछ कमियां रह गई है, उन्हें भी दूर किया जाएगा।
सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस (Congress) पार्टी जनता के बीच अपना अस्तित्व खो चुकी है। आजकल कांग्रेस के सभी नेता दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाकर अपनी-अपनी वरिष्ठता को साबित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह दिल्ली दौड़ किसी काम नहीं आएगी और हिमाचल में एक बार फिर बीजेपी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ स्थापित होगी। कश्यप ने कहा कि बीजेपी हिमाचल प्रदेश में रिवाज बदलने जा रही हैं और इसी के साथ साथ बीजेपी गुजरात एवं नगर निगम दिल्ली में भी जीत हासिल करने की ओर अग्रसर है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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पिछले हफ्तों में सोने के दामों (gold price today) में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है। पिछले महीने की शुरुआत में सोने और डॉलर इंडेक्स के बीच हुए मुक़ाबले में सोने ने कुछ सत्रों में जबरदस्त तेजी दर्ज की थी। वहीं कुछ हफ़्तों के बाद ही डॉलर इंडेक्स मज़बूत हुआ और सोने के दाम गिर गए। पिछले कुछ सत्रों के गिरावट के बाद आज फिर सोने के दाम कुछ बढ़े हैं। वहीं चांदी की चमक भी फीकी पड़ी है।
मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज पर नज़र डालें तो आज सोने के भाव 47,670 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है। वहीं, चांदी की बात करें तो MCX पर चांदी 64,432 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रहा है। पिछले वर्ष 14 नवंबर को दिवाली मनाई गई थी, जिस दिन सोने का दाम 51,000 प्रति 10 ग्राम से ऊपर था। वहीं दिवाली के पांच दिन पहले यानी 9 नवंबर को इसकी कीमत 52,000 से ऊपर थी और 30 नवंबर को इसकी कीमत गिरकर 48,100 रुपये हो गई थी। इस हिसाब से देखा जाए तो इस साल दिवाली पर सोने का भाव पिछले साल के मुकाबले 3,100-3,400 रुपये तक सस्ता हो गया है।
आज सोने-चांदी की कीमत कुछ इस प्रकार हैंः
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केन्द्रीय विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल कल 07 अप्रैल, 2017 को नई दिल्ली के कंस्टीटयूशन क्लब में प्रत्यक्ष भू-विज्ञानी क्षमता (ओजीपी) पर वायु भू-भौतिकी सर्वेक्षण का उद्घाटन विडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। वायु भू-भौतिकी डाटा संग्रह के लिए न्यूजीलैंड से मंगाये गये भू-भौतिकी संसरो से लैस दो विमान डॉक्टर बाबा साहेब आम्बेडकर हवाई अड्डा, नागपुर से लॉच किए जाएंगे। यह विमान सेवा प्रदाताओं के कंसोर्टियम के हैं और इन्हें ईआंएन जियो साइंसेज कंपनी कनाडा तथा किवी एयर लिमिटेड न्यूजीलैंड की साझेदारी में मेसर्स मेक्फॉर इंटरनेशनल (भारत) द्वारा प्रदान किये गये हैं।
चुनी गई दो एजेंसियां हेलिका (इटली) की साझेदारी वाली मेसर्स साइंटिफिक प्रोडेक्शन सैंटर जियो केन्द्र लिमिटेड लाइबिल्टी पार्टनरसिप (कजाकिस्तान) और सिकोन प्राइवेट लिमिटेड (भारत) और मैसर्स आईआईसी टेक्नॉलोजिज लिमिटेड (भारत) कनाडा की जियो फिजिक जीपीआर इंटरनेशनल और कनाडा की ही गोल्ड डेक एयर कार्न सर्वे के साथ अप्रैल 2017 के तीसरे सप्ताह में अपना संचालन शुरू करेंगी। खान मंत्री प्रत्यक्ष भू-विज्ञानी क्षमता और पास पडोस के क्षेत्रों पर बहुसंवेदी वायु भू-भौतिकी सर्वेक्षण पर जीएसआई की विवरणिका का लोकार्पण भी करेंगे।
कठोर चट्टानी क्षेत्रों में खनन की पारंपरिक भू-विज्ञानी तरीकों के भरपूर उपयोग के बाद भू-विज्ञानी, भू-रसायन, भू-भौतिकी तथा दूरसंवेदी डाटा एकत्रित करने के लिए नये तरीके अपनाने की आवश्यकता हुई। क्षेत्रीय बहु संवेदी वायु भू-भौतिकीय सर्वेक्षण को कम समय में छुपी हुई खान सामग्री क्षेत्र को उजागर करने का महत्वपूर्ण तरीका माना गया है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे देशों के अतिरिक्त विश्व के अनेक हिस्सों में गुणवत्ता सम्पन्न वायु भू-भौतिकी डाटा उपलब्ध हैं और इसके परिणामस्वरूप उन क्षेत्रों की पहचान में मदद मिली है जहां बड़ी मात्रा में खान सामग्री छिपी है।
भारत के भू-गर्वीय सर्वेक्षण 1965 से विभिन्न भू-गर्भीय मैदानों में बहुसंवेदी वायु भूभौतिकी सर्वेक्षण करता रहा है। विभिन्न सर्वेक्षणों में लगभग 42 लाख किलोमीटर क्षेत्र 15 लाख लाइन किलोमीटर के साथ कवर किये गये हैं। वायु भूभौतिकीय अध्ययन के परिणामस्वरूप कयार (जेडएनडब्ल्यूपीबी, 9.2 मिलियन टन), अलादहली (विशाल सलफाइड, 4.5 मिलियन टन) कर्नाटक में और गोलाप्पले (पीपी-जेडएन,14 मिलियन टन) आंध्र प्रदेश में मिले हैं। इसके अतिरिक्त सर्वेक्षण ने आंध्र प्रदेश के नलगोंडा में यूरेनियम विसंगति को भी रेखांकित किया है।
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शिमला, 8 सितंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश में आत्महत्या की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। बीते तीन साल में राज्य में 1946 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। इनमें से 481 आत्महत्याएं अकेले इसी साल पहली जनवरी से 31 जुलाई के बीच हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री के एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्महत्या करने वाले इन लोगों के 1196 पुरुष और 749 महिलाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस साल पहली जनवरी से 31 जुलाई तक हुई आत्महत्याएं पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कुछ ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर आत्महत्याएं घरेलू समस्याओं, लम्बे समय से बीमारी के कारण, मानसिक संतुलन खो देने, तनाव, पारिवारिक कलह, आधुनिक जीवन शैली, नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, प्रेमी-प्रेमिका के संबंधों में तनाव, आर्थिक स्थिति और सहनशीलता की कमी के कारण हो रही हैं।
लंबित हैं।
विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू के एक सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले प्रदेश के आंचलिक, क्षेत्रीय और नागरिक अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 135 वेंटिलेटर उपलब्ध थे। कोरोना महामारी के बाद सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों में प्रदेश में 610 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। सुक्खू के ही एक अन्य सवाल के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि हिमाचल में 14 सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित है। इनमें से केवल दो सुरंगों के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है।
विधायक आशीष बुटेल के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग स्कूल स्थापित करने की कोई योजना नहीं है। विधायक आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर, मोहन लाल ब्राक्टा, किशोरी लाल, धनीराम शांडिल, कमलेश कुमारी, हीरालाल, पवन नैयर, इंद्रदत लखनपाल, नंदलाल, जगत सिंह नेगी, राजेंद्र राणा और नरेंद्र ठाकुर ने भी अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े सवाल पूछे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज विपक्ष ने कोरोना महामारी पर चल रही बहस के दौरान स्थगन प्रस्ताव पर कांग्रेस सदस्यों को बोलने का मौका न दिए जाने से खफा होकर सदन से वॉकआउट किया। सदन में विपक्षी सदस्यों की मांग थी कि स्वास्थ्य मंत्री से पहले कांग्रेस के सदस्यों को बोलने का मौका दिया जाए, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी यह बात नहीं मानी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को अपनी बात रखने के लिए कह दिया। इससे खफा विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन का समय बढ़ाया जाए और उनके सदस्यों को बोलने का मौका दिया जाए, लेकिन इस पर भी बात नहीं बनी और फिर विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया। सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पूछा कि ऐसी क्या जल्दी थी कि सदन की कार्यवाही पांच बजे ही समाप्त करनी थी। उन्होंने कहा कि सदन का समय बढ़ाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि मंत्री कल जवाब दे सकते थे और आज उनके चार सदस्यों को बोलने का मौका देना चाहिए था। प्रदेश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मामले पर नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों से इस्तीफे की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपक्ष के वॉकआउट के बाद कहा कि विपक्ष इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर चर्चा से भाग रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए दावा किया कि हिमाचल कोरोना महामारी से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस संक्रमण से लड़ने के लिए छह सूत्रीय रणनीति अपनाई है और इसके बूते प्रसार को काफी हद तक रोका है।
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पूर्वांचल के कई बड़े ब्राह्मण चेहरे आज समाजवादी पार्टी का दामन थामेंगे। पूर्वी उत्तर-प्रदेश के लगभग हर जिले से ब्राह्मण नेता सपा की साइकिल पर सवार होंगे। इसमें पूर्वांचल की सियासत में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के परिवार के अलावा संतकबीरनगर-खलीलाबाद से भाजपा विधायक दिग्विजय नारायण चौबे उर्फ जय चौबे भी है।
यूपी का चुनावी इतिहास उठाकर देखें तो जातीय समीकरण के गुणा-भाग को अपने पक्ष में किए बिना कोई दल सरकार नहीं बना पाता। पिछड़ों और दलितों के दम पर एसपी और बीएसपी अब तक यूपी में कई बार सरकार बनाने में कामयाब रहे हैं, लेकिन इस बार यूपी की आबादी में 13% ब्राह्मण भी चुनावी मुद्दा बन गए हैं।
हरिशंकर तिवारी के परिवार और जय चौबे के जरिए अखिलेश यादव प्रदेश के ब्राह्मण समाज को संदेश देने की कोशिश कर रहें है। माना जा रहा है कि यूपी के विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी के तौर पर स्थापित करने में जुटा है। ब्राह्म्ण बनाम ठाकुर की राजनीति के बीच हरिशंकर तिवारी परिवार का सपा में जाने से पूर्वांचल के समीकरण बदल सकते हैं। यह इलाका ब्राह्मण बहुल माना जाता है और हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल में ब्राह्मण के बड़े चेहरे माने जाते है।
उत्तर प्रदेश की सियासी जंग में पूर्वांचल और जातीय समीकरण एक बड़ा फैक्टर बन गए हैं और सियासी दलों के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी भी। सत्ताधारी बीजेपी के लिए यहां पर चुनौतियां कहीं ज्यादा बड़ी हैं। जिस दौर में भाजपा लहर चल रही थी, उस लहर में पूर्वांचल समाजवादी पार्टी के साथ था। अब एक बार फिर पूर्वांचल में सपा ब्राह्मण वोट साधने में जुट गई है। कहा जा रहा है कि आज से समाजवादी पार्टी में ब्राह्मण समाज की एंट्री शुरु हुई है। जल्द ही पश्चिमी यूपी के भी कुछ बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा में शामिल होंगे।
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पाकिस्तान ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. मिस्बाह उल हक के इस फैसले को पाकिस्तान के गेंदबाजो ने सही साबित किया और पहले ही घंटे के भीतर वेस्टइंडीज के तीन शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को वापस भेज दिया. वेस्ट इंडीज के ओपनर क्रेग ब्रेथवेट अपना खता भी नहीं खोल सके, उन्हें पाकिस्तान के लिए अपना पहला मैच खेल रहे मोहम्मद अब्बास ने यूनिस खान के हाथो कैच कराया.
उसके बाद मोहम्मद आमिर ने वेस्ट इंडीज के लिए अपना पहला मैच खेल रहे 20 साल के सिमरन हट्मेयर(11) व साईं होप(2) को बोल्ड कर दिया. वेस्ट इंडीज एक समय 71 रन पर अपने 5 विकेट गवा चूका था.
खराब रोशनी के कारण दिन के खेल को जल्द रोक देना पड़ा, मगर तब तक वेस्ट इंडीज ने अपनी पारी में 81 ओवेर में 244 रन पर अपने 7 विकेट गवा दिए थे. खेल खत्म होने तक क्रिज में वेस्ट इंडीज के कप्तान जेसन होल्डर(30) व देवेन्द्र बिशु(23) मौजुद है. अबतक दोनों के बीच 55 रन की नाबाद साझेदारी हो चुकी है.
संक्षिप्त स्कोरः वेस्टइंडीज 244/7 (रोस्टन चेस 63,शेन डोरीच 56; मोहम्मद अमीर 3-28) बनाम पाकिस्तान.
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पाकिस्तान सरकार ने सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा को सेवा विस्तार के मामले में गुरुवार को एकबार फिर याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से 28 नवंबर के फैसले पर स्थगन आदेश देने का आग्रह किया है। इस हाई प्रोफाइल केस में सरकार की तरफ से दूसरी बार ऐसी याचिका दायर की गई है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि 'न्याय के हित' में वह 28 नवंबर 2०19 के अपने फैसले पर रोक लगाने संबंधी आदेश जारी करे।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय देते समय कई अहम सांविधानिक और कानूनी बिंदुओं का संज्ञान नहीं लिया है। साथ ही यह भी दलील दी गई है कि सेना प्रमुख के सेवा विस्तार मामले पर विचार करते समय शीर्ष अदालत ने जजों का कार्यकाल बढ़ाए जाने से जुड़े अपने ही फैसले को आधार नहीं बनाया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 28 नवंबर को जनरल बाजवा को छह महीने का सेवा विस्तार दिया था। यह विस्तार इस शर्त के साथ दिया गया था कि सरकार छह माह की अवधि में सेना प्रमुख को सेवा विस्तार या पुनर्नियुक्ति देने के लिए संसद में एक कानून पारित कराएगी।
यह फैसला उस समय दिया गया था, जब जनरल बाजवा 28 नवंबर की आधी रात को ही सेवानिवृत्त होने वाले थे। इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने अगस्त में जनरल बाजवा को अगले तीन साल के लिए सेवा विस्तार दे दिया था, जिसे 26 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
आज दायर की गई याचिका में कहा गया है, 'जब तक इस सिविल पुनरीक्षण याचिका के बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर रोक लगानी चाहिए। अगर इस पर कोई रोक नहीं लगाई जाती है तो याचिकाकताओं को गंभीर नुकसान होगा और मुख्य न्यायाधीश को पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए पांच न्यायधीशों की एक पीठ का गठन करनी चाहिए।
इससे पहली याचिका में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही कैमरे के सामने कराए जाने का आग्रह किया था। इसमें कहा गया था कि अपने फैसले में 'अहम संवैधानिक और कानूनी' बिंदुओं को शामिल नहीं किया था और सुप्रीम कोर्ट अतिरिक्त और तदर्थ न्यायधीशों को स्वयं ही सेवा विस्तार दे रहा है और यह इस मामले में सरकार अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल कर सकती है।
गौरतलब है कि संघीय मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक में सेना कानून में संशोधन को मंजूरी दी गई थी, जिसमें कहा गया है कि सभी सेना प्रमुखों के कार्यकाल में विस्तार की शक्ति प्रधानमंत्री के पास होगी। इस संबंध में संशोधन के लिए राष्ट्रीय असेम्बली में शुक्रवार को एक विधेयक पेश किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर को अपने एक संक्षिप्त फैसले में संघीय सरकार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को छह माह का सेवा विस्तार करने की अनुमति दी थी और 16 दिसंबर को सेवा विस्तार मामले में विस्तृत फैसला सुनाया था।
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जी20 प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के कुंभलगढ दोरे को लेकर जिला मजिस्ट्रेट नीलाभ सक्सेना ने आदेश जारी कर आयोजन के लिए कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए अधिकारियों को नियुक्त किए हैं। आदेशानुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद राजसमंद उत्साह चौधरी व विकास अधिकारी ओमप्रकाश काबरा को उदयपुर जिले से राजसमंद जिले में प्रवेश द्वार से आवागमन क्षेत्र की संपूर्ण सामान्य व्यवस्थाओं के लिए, मुख्य निष्पादन अधिकारी मंदिर मंडल नाथद्वारा जितेंद्र ओझा व तहसीलदार देवगढ़ मुकन सिंह शेखावत को होटल महुआ बाग के लिए, उप वन संरक्षक वन्य जीव राजसमंद एन. के. गुप्ता को संपूर्ण यात्रा के दौरान वन्य क्षेत्र में आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त किया गया है।
इसी प्रकार उपखंड मजिस्ट्रेट आमेट निशा सहारण व तहसीलदार गढ़बोर दिनेश आचार्य को कुंभलगढ़ दुर्ग क्षेत्र के लिए, उपखंड मजिस्ट्रेट कुंभलगढ़ जयपाल सिंह राठौड़ व तहसीलदार कुंभलगढ़ रणजीत सिंह को कुंभलगढ़ संपूर्ण यात्रा के दौरान के लिए, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी जिला परिषद राजसमंद भुवनेश्वर सिंह चौहान व विकास अधिकारी देलवाड़ा सविता को कुंभलगढ़ दुर्ग क्षेत्र विजिट के दौरान रास्तों पर सफाई व्यवस्था और आवारा पशुओं के आगमन को रुकने के लिए नियुक्त किया गया है।
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आईपीएल 2021 की शुरूआत के तीन दिन भारतीय युवा खिलाड़ियों ने अपने प्रदशर्न से जलवे बिखेरे और भारतीय चयनकर्ताओं की नजर में आने की कोशिश की। रॉयल चैलेंजर बेंगलोर की ओर से हर्षल पटेल ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ पांच विकेट लिए थे।
कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज नीतीश राणा ने रविवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 56 गेंदों पर 80 रन बनाए। इसके अलावा दिल्ली कैपिटल्स के तेज गेंदबाज आवेश खान ने दो विकेट लिए थे।
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एक से बढ़कर एक बल्लेबाजों और गेंदबाजों से लैस टीम इंडिया T20 World Cup 2021 से बाहर हो गई है. रविवार को अबु धाबी में हुए मुकाबले में जैसे ही न्यूजीलैंड ने अपनी चौथी जीत दर्ज की टीम इंडिया का टी20 वर्ल्ड कप 2021 जीतने का सपना टूट गया. न्यूजीलैंड ने अफगानिस्तान को 8 विकेट से हराया और इसी के साथ ग्रुप 2 से पाकिस्तान-न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में जगह बनाई वहीं ग्रुप 1 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम को कामयाबी मिली. बता दें बतौर टी20 कप्तान विराट कोहली अपना आखिरी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाए. यही नहीं पूरे 9 साल बाद टीम इंडिया को आईसीसी टूर्नामेंट में इतना खराब दिन देखना पड़ा है.
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कोलकाता, 18 सितम्बर (CRICKETNMORE)। धन की कमी के कारण जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) के सचिव इकबाल शाह द्वारा रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट से बाहर होने की आशंका जताए जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित- प्रशासकों की समिति (सीओए)
कोलकाता, 18 सितम्बर (CRICKETNMORE)। धन की कमी के कारण जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) के सचिव इकबाल शाह द्वारा रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट से बाहर होने की आशंका जताए जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित- प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सभी राज्य संघों को एक पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि संघों को धन की कमी नहीं होगी। इसके साथ सीओए ने यह भी कहा कि क्रिकेट परिचालन से जुड़ी तीसरी पार्टी को सीधे तौर पर भुगतान किया जाएगा और इसके लिए फंड में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी।
अपने फैसले में सीओए ने कहा कि छह अप्रैल, 2017 को निर्देशित किए गए मार्गदर्शन के तहत ही भुगतान के लिए नियमित अनुमोदन प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जेकेसीए के सचिव शाह ने कहा था कि बीसीसीआई द्वारा सालाना अनुदान को बंद किए जाने के बाद से रणजी ट्रॉफी के लिए टीम का निर्माण मुश्किल हो जाएगा।
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खबर के अनुसार अगर आप पहली बार लाइसेंस के लिए आवेदन करने जा रहे हैं तो आप सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करें। जब आपका लर्निंग बन जायेगा, उसके बाद आप परमानेंट लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
बता दें की अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आपको किसी भी एजेंट के पास जानें की ज़रूरत नहीं हैं। आप अपने मोबाइल से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करें और आवेदन के दौरान ड्राइविंग टेस्ट का समय और तारीख चुनाव करें।
उसके बाद चुने गए समय और तारीख पर ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए ऑफिस जाये। इसके बाद जब आप ड्राइविंग टेस्ट पास हो जाएंगे तो आपके नाम से लाइसेंस जारी कर दिया जायेगा। इस लाइसेंस को आप ऑनलाइन के द्वारा भी डाऊनलोड कर सकते हैं।
ऐसे करें आवेदन : लर्निंग लाइसेंस हासिल करने के लिए आपको सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट https://sarathi. parivahan. gov. in/sarathiservice/stateSelection. do पर जाये अपने राज्य को सलेक्ट करें। फिर लर्निंग लाइसेंस के ऑप्शन पर क्लिक करें और अपनी जानकारी भरकर सब्मिट करें।
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'घटत्व', 'पटत्व' आदि अम॑स्य मामान्यों को भी समझना चाहिए ।
सामान्य को अतिरिक्त स्वतन्त्र पदार्थ न मानने के पक्ष में जो यह कहा गया द्रव्य, गुण और किया इन तीनों के समान 'सामान्य', जनता के किसी उपयोग में नहीं आता है, वह मो ठीक नहीं। क्योंकि उपयोग में न आने का अर्थ क्या है ? यदि यह कहा जाय कि आदान-प्रदान आदि किसी प्रकार को किया सामान्य को नहीं होती, यही उसका 'उपयोग में न आना' है। तो गुण और क्रिया का भी तो आदानप्रदान नहीं किया जा सकता, उनमें भो तो किसी प्रकार की क्रिया नहीं होती। फिर वे कैसे स्वतन्त्र पदार्थ हो सकेंगे ? द्रव्यों के अन्दर भो तो पृथ्वी, जल, तेज, वायु और मन इन पांचों में हो कोई क्रिया होती है आकाश आदि व्यापक द्रव्यों में नहीं, यह बात विस्तृत रूप से पहले ही बतलायी जा चुकी है। ऐसी परिस्थिति में वे व्य द्रव्य भो पदार्थ नहीं हो सकेंगे। क्योंकि आदान-प्रदानादि उनका भी नहीं हो पाता। अव्यापक पृथ्वी आदि सव द्रव्य भी सब के लेने देने में नहीं आते, फिर वे भी सबके लिए पदार्थ कैसे बन पायेंगे ? अतः जनता के उपयोग में आने का अर्थ अवश्य यही करना होगा कि जनता जिसे अग्रान्त रूप से समझती हो एवं दूसरों को स के लिए जिसे बरावर किसी शब्द से कहती आती हो वह अवश्य पदार्थ होगा। सार अर्थ यह कि किसी भी वस्तु को यथार्थ रूप से समझना एवं औरों को समझाने के लिए तद्वाचक शब्द का प्रयोग करना यही है उसको अपने उपयोग में लाना । ऐसी परि स्थिति में सामान्य' को पदार्थ मानना ही होगा। क्योंकि यथार्थ ज्ञान और तद्वा चक शब्द का प्रयोग सामान्य के सम्बन्ध में भी होता ही है। प्रत्येक फूल में रूप, रस, गंध आदि गुण, पार्थिव रेणुस्वरूप उपादान, एवं अवयव सन्निवेशस्वरूप आकृति, इनके अलग अलग होने पर भी सारी आपामर साधारण जनता "यह फूल है" इस प्रकार सभी फूलों को एक रूप से समझती है एवं वाक्य प्रयोग करती है । द्रव्यारमक पुष्प व्यक्तिओं को उक्त ज्ञान का विषय एवं प्रयुक्त 'पुष्प' शब्द का वाच्य अर्य कमी नहीं माना जा सकता। क्योंकि सारी जनता जव कि प्रत्यक्षरूप से पुष्प व्यक्तियों एवं उनको आकृतियों को असंख्य समझती है तब 'पुष्पत्व' सामान्य को विषय किये बिना, वह अनुगत रूप से "यह पुष्प है" इस प्रकार सारे फूलों को कैसे समझ पायेगी ? एवं कैसे एक अनुगत पुष्प शब्द से कह सकेगी ? अतः सारी जनता के उक्त ज्ञान एवं वाक्यप्रयोग के आधार पर पुष्पत्व आदिजातियाँ अवश्य माननी होंगी। पुष्पत्व और पुष्प इन दोनों के विश्लेषण में, पार्थक्य-प्रवचन में अतिमूढ जनता भले ही असमर्थ हो परन्तु 'पुष्पत्व' से वह अपरिचित है यह नहीं कहा जा सकता । अन्यथा उक्त सार्वजनीन ज्ञान एवं वाक्यप्रयोग कभी नही हो सकता । यह तो सभी विषयों
हुआ करता है कि अधिकतर लोग अनुमयमान वस्तुओं का भो ठोक में प्रवचन नहीं कर पाते, उन्हें वे अपने दैनंदिन प्रयोगों में नहीं ला पाते। किन्तु इगोलिए उम अनुभूयमान वस्तु की मान्यता नहीं घोषित की जा सकती। अन्यथा, गूंगा निर्वाचन नही कर पाता इसलिए उसने आम्यादित गुड़-माथुर्य मी अमान्य हूँ। बँटेगा । अत पुष्प से अलगपन सम्बन्धी शब्द प्रयोग आपामर-माधारण में होने पर भी उसका एवं उसके सम्बन्ध में होने वाले सार्वजनीन अनुभव का अपलाप नहीं किया जा
यदि यह कहा जाय कि पुष्पत्य आदि सामान्य को मानने में तो कोई आपत्ति नहीं है, किन्तु उसे एक स्वतन्त्र सतिया पदार्थ क्यों माना जाय? तो इस पर यह पछा चाहिए कि उस पुष्पत्य आदि सामान्य को द्रव्य माना जायगा या गुण माना जायगा या कर्म, विशेष, समवाय, अनाथ इनमें से कोई एक माना जायगा 'द्रव्य उसे इसलिए नहीं माना जा सकता कि द्रव्यय, गुगत्व, कर्मत्व आदि सामान्य व्यापक द्रव्य, गुण, कर्म मे भी रहते हैं किन्तु कोई द्रव्य उनमें नहीं रहता। अत द्रव्य, गुण, कर्म के स्वभाव का उल्न करने वाले सामान्य को द्रव्य, गुणया कर्म कमी नहीं कहा जा सकता । सामान्य को विशेष नामक पदार्थ इसलिए नहीं कहा जा सकता कि विशेष केवल नित्य द्रव्य में रहा करते हैं। मामान्य तीजन्य द्रव्य, गुण और कर्म इनमें भी रहता है। सामा न्य को विशेष इसलिए भी नहीं कह सकते कि विशेष एक ही आश्रय में रहते है और सामान्य कमी एक आश्रयमात्र में नहीं रहता। इस प्रकार सामान्य और विशेष के स्वभाव में महान् अन्तर होने के कारण सामान्य को विशेष पदार्थ कभी नहीं कहा जा सकता । सामान्य को समवाय इसलिए नहीं कहा जा सकता कि समवाय किमी मे किसी का हुआ करता है, किन्तु प्रकृत सामान्य किसी में किसी का नहीं हुआ करता । इसलिए भी सामान्य को समवाय नहीं कहा जा सकता कि सामान्य समयाय को सम्बन्ध बनाकर उसके सहारे अपने आश्रय में रहा करता है। कहने का अभिप्राय यह है कि सामान्य को सम्बन्ध रूप में समवाय की अपेक्षा होती है किन्तु समवाय को अपने आश्रय में रहने के लिए अन्य समवाय की अपेक्षा नहीं होती। अत सामान्य और समवाय के स्वभावों में महान् अन्तर होने के कारण सामान्य को समवाय नहीं कहा जा सकता । अमाव के आश्रय अन्य सभी पदार्थ हुआ करते है किन्तु सामान्य केवल द्रव्य गुण और कर्म इन्हीं तीन पदार्थों में रहता है । अभाव "नही है" इत्यादि निषेधज्ञान एवं निषेध-व्यवहार का विषय होने के कारण निषेधात्मक होता है। किन्तु सामान्य ठीक इसके अतिविपरीत "है" इस प्रकार केज्ञान एवं व्यवहार का विषय होने के कारण अनिषेधात्मक भाव रूप है । सुतरां सामान्य को अभाव नहीं कहा जा सकता । |
Nia Sharma Bikini Looks: निया शर्मा टेलीविजन की सबसे हॉट एक्ट्रेसेस में से एक हैं. वह अपनी बोल्डनेस से सबके छक्के छुड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं. कभी वह बिकिनी तो कभी ऐसे कट वाले आउटफिट्स पहन सबके सामने आती हैं जिनकी चर्चा होने लगती है.
निया इस बिकिनी में बेहद हॉट दिख रही हैं. निया अपना क्लीवेज दिखाने में भी परहेज नहीं करती हैं और उनके फिगर पर सबकी नजरें टिक जाती हैं.
निया को एक्सपोज करने के सारे हथकंडे पता हैं. वो जानबूझकर ऐसा करती हैं या नहीं ये तो वही जानें लेकिन उनका ड्रेसिंग सेंस हमेशा से सुर्ख़ियों में रहा है.
निया दुनिया की सबसे सेक्सी एक्ट्रेसेस की लिस्ट में भी अपनी जगह बना चुकी हैं. उनके डस्की लुक्स और कातिलाना फिगर ही उन्हें फैन्स का फेवरेट बनाते हैं.2020 में निया को द टाइम्स मोस्ट डिज़ायरेबल वुमेन ऑन टीवी 2020 में नंबर 2 पर स्थान दिया गया था.
निया ने टीवी सीरियल जमाई राजा से काफी पॉपुलैरिटी हासिल की थी. इसके अलावा भी उन्हें काफी टीवी शोज में देखा जा चुका है. नागिन 4 से भी उन्हें काफी पॉपुलैरिटी मिली थी.
निया ओटीटी पर भी अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं. उन्होंने वेब सीरीज ट्विस्टेड में काम किया था जिसमें उन्होंने काफी बोल्ड सीन्स देकर सुर्खियां बटोरी थी.
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'सभी भूमि गोपाल की'
दूसरी है राजनैतिक आज़ादी। यह भी भारतीय होनी चाहिए। यह यूरोपीय नमूने की न हो, ब्रिटिश पार्लमेण्ट था सोवियट रूस या इटली का नमूना मैं कैसे लूँ ? मैं किसका अनुकरण करूँ ? मेरी राजनैतिक इस प्रकार की नहीं होगी, वह तो भारत भूमि की रचि की होगी ? हसारे यहाॅ स्टेट तो होगी, पर कारवार किस प्रकार का होगा, यह मैं श्राज नहीं बता सकता । गोलमेज़ कान्फ्रेंस मे मैंने यह कहने की धृष्टता की धीकको हिन्दुस्तान के लिए राजकीय विधान का नमूना चाहिए तो कॉग्रेस का विधान ले लीजिए। इसे मेरी घृष्टता भले ही कहें। पर मेरी कल्पना के अनुसार तो ग़रीब और अमीर दोनों एक झंडे की सलामी करते है। पंच कहे सो परमेश्वर ! इसलिए हमारे यहाँ के भलेमानस हिन्दुस्तान को जानने वाले करोडों मनुष्य जैसा तन्त्र चाहते हों वैसे की हमे जरूरत है। यह राजनैतिक है। इसमें एक आदमी के नहीं, बल्कि लव का राज्य होगा। मैं समाजवादी भाइयो से कहूँगा कि हमारे यहाँ तो -
सभी भूमि गोपाल की, बा मे अटक कहाँ ? जाके मन मे अटक है, नोई अटक रहा । इस सूत्र को युगों से मान रहे है। इसलिए यह भूमि ज़मींदार की नहीं, मिल-मालिक की नहीं, या ग़रीब की नहीं, यह तो गोपाल की है - जो गायों का पालन करता है उसकी है। गोपाल तो ईश्वर का नाम है, इसलिए यह भूमि तो उसकी है। हमारी तो कही ही नहीं जा सकती। यह न ज़मींदार की है और न मेरे जैसे लंगोटिये की। यह शरीर भी हमारा नहीं, ऐसा साधु-सन्तों ने कहा है। यह शरीर नाशगन् है, केवल एक आत्म हो रहनेवाली हैं। यह सञ्चा] समाजवाद है। इसपर हम अमल करने लग जायँ, तो हमे सब-कुछ मिल गया । इस सिद्धान्त का अनुकरण करनेवाला आज कोई ढीख नहीं रहा है, तो इसमें सिद्धान्त का दोष नहीं, दोप हमारा है। मैं इसकी व्यावहारिकता बिल्कुल शक्य मानता हूँ । |
- कि पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमाकी फटकार के बाद अब आनन फानन ने असम पुलिस ने विनीत बगरिया को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बैदुल्ला खान और एक निशांत शर्मा को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी एजाज खान फरार है। बगरिया गुरुवार को डिब्रूगढ़ स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए।
- वहीं दूसरी घटना असम में नगांव जिले के एक गांव में हुई जहां कंगारू अदालत (अवैध अदालत) के फैसले के बाद एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक जिंदा जलाए जाने वाले 35 वर्षीय रंजीत बोरदोलोई पर एक महिला की हत्या करने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने रविवार को बताया कि समागुड़ी पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आने वाले बोरलालुनगांव और ब्रह्मपुर बमुनी में हुई वारदात में तीन महिलाओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह वारदात शनिवार रात को हुई थी।
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एखिल टेंडन टखने के पीछे एक बड़ा कण्डरा है। यह बड़ी बछड़े की मांसपेशियों (गैस्ट्रोनेमियस और सोलेस) को हील हड्डी (कैल्केनस) से जोड़ता है। यह कण्डरा अत्यधिक उपयोग के साथ-साथ कई सहायक कारकों के माध्यम से सूजन हो सकता है।
यह अनुमान लगाया गया है कि सभी चल रही चोटों में से 11% एचिलीस टेंडिनाइटिस के कारण हो सकते हैं। Achilles tendon में एक खराब रक्त आपूर्ति है, यही कारण है कि इसे ठीक करने में धीमा है।
Achilles tendinitis तीव्र या पुरानी हो सकती है। तीव्र टेंडिनाइटिस अत्यधिक उपयोग या अत्यधिक प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप बहुत अधिक होगा, विशेष रूप से कठिन सतहों या पहाड़ियों पर।
यदि आपके पैर चलते हैं या ओवरप्रोनेट करते हैं तो यह एचिलीस कंधे पर तनाव बढ़ा सकता है क्योंकि पैर रोल के रूप में टेंडन मोड़ जाता है।
यदि एचिलीस टेंडिनाइटिस के चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है या इसे ठीक से ठीक करने की अनुमति नहीं है तो चोट पुरानी हो सकती है। क्रोनिक एचिल्स टेंडिनाइटिस इलाज के लिए एक कठिन स्थिति है। चोट के तीव्र चरण के दौरान अनुभव किए गए दर्द गर्म होने के बाद गायब हो जाते हैं लेकिन प्रशिक्षण बंद होने पर वापस आते हैं। आखिरकार जब तक दौड़ना असंभव नहीं होता तब तक चोट खराब और बदतर हो जाती है।
Achilles कंधे की तीव्र सूजन के लक्षण हैंः
- अभ्यास के दौरान कंधे पर दर्द।
- Achilles कंधे पर सूजन।
- जब आप अपनी अंगुलियों को कंधे में दबाते हैं और पैर को ले जाते हैं तो आप कभी-कभी क्रैकिंग महसूस कर सकते हैं।
क्रोनिक एचिलीस टेंडिनाइटिस के लक्षण तीव्र टेंडिनाइटिस के समान हैंः
- विशेष रूप से सुबह में Achilles कंधे में दर्द और कठोरता।
- विशेष रूप से पहाड़ी या सीढ़ियों पर चलते समय कंधे में दर्द।
- क्रोनिक टेंडिनाइटिस तीव्र टेंडिनाइटिस से अलग है जिसमें यह एक दीर्घकालिक निरंतर समस्या है।
एथलीट क्या कर सकता है?
- आराम करें और ठंडा चिकित्सा या बर्फ लागू करें (सीधे त्वचा पर नहीं)।
- एड़ी बढ़ाने के लिए एक एड़ी पैड पहनें और एचिल्स टेंडन से कुछ तनाव लें।
- एक स्पोर्ट्स चोट पेशेवर देखें जो उपचार और पुनर्वास पर सलाह दे सकता है।
स्पोर्ट्स इंजेरी थेरेपिस्ट या डॉक्टर क्या कर सकते हैं?
- विरोधी भड़काऊ दवा लिखो।
- कारणों की पहचान करें और ऑर्थोटिक्स निर्धारित करें या प्रशिक्षण विधियों में बदलाव करें।
- कंधे का समर्थन करने के लिए पैर के पीछे टेप टेप करें।
- यदि यह वास्तव में बुरा है तो प्लास्टर कास्ट लागू करें।
- अल्ट्रासाउंड उपचार का प्रयोग करें।
- खेल मालिश तकनीक लागू करें।
- एक पुनर्वास कार्यक्रम निर्धारित करें।
- कुछ स्टेरॉयड इंजेक्शन दे सकते हैं हालांकि सीधे टेंडन में इंजेक्शन की सिफारिश नहीं की जाती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कुल टूटने का जोखिम बढ़ा सकता है।
- एमआरआई या अल्ट्रासाउंड के साथ स्कैन करें - अधिक जानकारी के लिए नवीनतम शोध देखें।
यदि आप इस चोट की जल्दी देखभाल करते हैं तो आपको अच्छी वसूली करनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि आप इसे ठीक होने के बाद कंधे को ठीक से पुनर्वास करें या चोट वापस आ जाएगी। यदि आप प्रारंभिक चेतावनी संकेतों को अनदेखा करते हैं और इस चोट की देखभाल नहीं करते हैं तो यह पुरानी हो सकती है जो इलाज करना बहुत मुश्किल है।
समान / संबंधित चोटेंः
अन्य पैर / टखने की चोटेंः
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शिक्षामंत्री ने कहा कि दिशानिर्देर्शों में छात्रों को लैंगिक भेदभाव, समाज में सभी को एक मानने का भाव, आपसी प्रतिस्पर्धा, शारीरिक रूप से सक्षम बनाने आदि के भाव को शामिल करने पर जोर होगा।
शिक्षण संस्थानों को अब छात्रों के मानसिक सेहत का ख्याल रखना होगा जरूरी होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सोमवार को इस मुद्दे पर आयोजित उच्चस्तरीय समिति की समीक्षा बैठक में कहा कि शिक्षा मंत्रालय जल्द से जल्द मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करें, ताकि शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके लिए शिक्षण संस्थानों को शिकायत प्रकोष्ठ बनाने होंगे और अधिकारी की जिम्मेदारी तय की गयी है। दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को मानसिक तनाव से उबारने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा तैयार कर लिया है।
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री ने बैठक में छात्रों को मानसिक तनाव से बचाने और शिक्षण संस्थानों में भेदभाव बर्दाश्त न करने की नीति को लेकर मंथन किया गया। बैठक में स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग, सीबीएसई, एआईसीटीई, यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि एक प्रभावी शिकायत प्रकोष्ठ बनाया जाए, जिसमें अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो।
इसका मतलब है कि यदि कोई इन विषयों पर शिकायत करता है तो उस पर तत्काल कार्रवाई करने के साथ छात्रों को न्याय सुनिश्चित हो। इसमें उन्होंने ऑनलाइन सुझाव भी आमंत्रित किये हैं, ताकि नीति बनाने से पहले उसमें समय की मांग के तहत सभी पहुलओं को शामिल किया जा सके।
शिक्षामंत्री ने कहा कि दिशानिर्देर्शों में छात्रों को लैंगिक भेदभाव, समाज में सभी को एक मानने का भाव, आपसी प्रतिस्पर्धा, शारीरिक रूप से सक्षम बनाने आदि के भाव को शामिल करने पर जोर होगा। उन्होंने कहा कि फ्रेमवर्क में छात्रों को किसी भी तरह के खतरे या हमले, सामाजिक भेदभाव, छात्रों के बीच आत्मविनाशाकारी प्रवृत्ति रोकने के उपाय किये जाएंगे।
शिक्षा मंत्रालय छात्रों की शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने शैक्षणिक तनाव को कम करने के लिए समय-समय पर कई कदम उठाए हैं। इनमें सहपाठियों की सहायता से सीखना, क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा की शुरुआत, छात्रों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए मनोदर्पण पहल, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की रोकथाम, पहचान और उपचारात्मक उपायों पर दिशानिर्देश आदि शामिल हैं।
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नई दिल्लीः पाकिस्तान टीम के टी-20 वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले में इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। मेलबर्न में खेले गए मैच में पाकिस्तानी टीम की शुरुआत काफी धीमी रही है, जिससे बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम साबित हुई। आसान से लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने 5 विकेट और 6 गेंद से मुकाबला जीत लिया। इस पूरे टूर्नामेंट में पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम अपनी निराशाजनक बल्लेबाजी को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं। बाबर ने पूरे टूर्नामेंट में महज एक ही अर्धशतक लगाया। अब हार के बाद बाबर आजम ने एक एक ऐसा बयान दिया, जिससे सबका दिल जीत लिया।
खिताबी मुकाबले में हार के बाद पाकिस्तान कप्तान ने बड़ी बात कही हैं, जिससे सबका दिल जीत लिया है। आजम ने सबसे पहले जीत के लिए इंग्लैंड को बधाई दी और वह चैंपियन बनने लायक हैं, जो टूर्नामेंट मे अच्छी तरस से खेले। उन्होंने कहा कि हमें ऑस्ट्रेलिया की जमी पर खेलते हुए घर जैसा महसूस हुआ।
हर वेन्यू पर अच्छा समर्थन मिला। आपके समर्थन के लिए धन्यवाद। हां, हम पहले दो गेम हारे लेकिन आखिरी चार गेम में हम जिस तरह से पहुंचे वह अविश्वसनीय था। आगे बाबर आजम ने कहा कि मैंने लड़कों को अपना स्वाभाविक खेल खेलने के लिए कहा, लेकिन हम 20 रन से कम हो गए और लड़कों ने गेंद से अच्छा कमाल का प्रदर्शन किया। हमारी गेंदबाजी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रमणों में से एक मानी जाती है। दुर्भाग्यवश शाहीन अफरीदी की चोट ने हमें निराशा दी। फिर भी यह खेल का हिस्सा है।
आखिरी मुकाबले में इंग्लैंड की ओर से महत्वपूर्ण प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज सैम करेन को टी20 विश्वकप 2022 का टूर्नामेंट के बेस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। चोट से उबरने के बाद वापसी करने वाले करेन को फाइनल में मैन ऑफ द मैच भी चुन लिया गया है। इस मुकाबले में उन्होंने चार ओवर में 12 रन देकर तीन विकेट लिए। करेन ने टूर्नामेंट में 13 विकेट लिए।
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भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 'ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन-समाधान की ओर' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 21 और 22 नवंबर को होने जा रही है। इस संगोष्ठी में देशभर के लगभग छह सौ पर्यावरण विशेषज्ञ हिस्सा लेगें। राज्य की धार्मिक नगरी उज्जैन में अगले वर्ष होने वाले सिंहस्थ से पहले विभिन्न विषयों पर संवादों और मंथन का दौर जारी है। इसी क्रम में राजधानी भोपाल में यह दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। इस संगोष्ठी का मकसद विश्व को पर्यावरण की समस्या से निपटने का संदेश देना है।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक संगोष्ठी में देश की प्रमुख संस्थाओं के करीब 579 वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और शोधार्थी भाग लेंगे। इसके अलावा विभिन्न राज्य सरकारों के जलवायु परिवर्तन नोडल अधिकारी, केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और महिला सरपंच हिस्सा लेंगे।
बताया गया है कि संगोष्ठी में दो दिन में विभिन्न विषयों पर 15 सत्र होंगे। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि आर्ट ऑफ लिंविग के रविशंकर होंगे। संगोष्ठी स्थल पर चार प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। ये प्रदर्शनियां सिंहस्थ, जलवायु परिवर्तन, मध्यप्रदेश के विकास और मध्यप्रदेश के पर्यटन पर केंद्रित होंगी।
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मेन्स के लियेः
चर्चा में क्यों?
सर्वोच्च न्यायालय ने भारत में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currencies-VC) के व्यापार पर लगे प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा अप्रैल 2018 में एक आदेश के माध्यम से अधिरोपित किया गया था।
- न्यायालय ने अपने आदेश में वर्चुअल करेंसी (VC) पर लगे प्रतिबंध को असंगत बताते हुए कहा कि RBI ने स्वयं वर्चुअल करेंसी (VC) के व्यापार के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव या नुकसान को स्पष्ट नहीं किया है।
- ध्यातव्य है कि अप्रैल 2018 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक परिपत्र जारी किया था, जिसके माध्यम से सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर वर्चुअल करेंसी (जिसमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल है) से संबंधित व्यापार सुविधाएँ प्रदान करने पर रोक लगा दी गई थीं।
- RBI ने अपने आदेश के माध्यम से भारत में सभी वर्चुअल करेंसी के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके पश्चात् इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने RBI के इस आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी।
क्या था RBI का आदेश?
- RBI ने 2018 के अपने आदेश में कहा था कि रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी इकाइयाँ वर्चुअल करेंसी में लेन-देन नहीं करेंगी तथा किसी व्यक्ति या इकाई को वर्चुअल करेंसी में लेन-देन के लिये भी सुविधा प्रदान नहीं करेंगी।
- RBI ने आदेश में कहा था कि वर्चुअल करेंसी के व्यापार में शामिल सभी विनियमित संस्थाओं को परिपत्र की तारीख से तीन महीने के भीतर सभी कार्य समाप्त करने होंगे।
- वर्चुअल करेंसी से संबंधित विशेषज्ञों ने सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया है। हालाँकि यह विषय अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, क्योंकि अभी विधायी कार्यवाही शेष है।
- विदित हो कि सरकार ने बीते वर्ष क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक, 2019 का मसौदा तैयार किया था। यह विधेयक क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को पूर्णतः प्रतिबंधित करता है।
- जब तक क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंध करने वाले मसौदे को इसके मौजूदा स्वरूप से नहीं बदला जाएगा तब तक देश में क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से व्यापार को शुरू नहीं किया जा सकेगा।
- साधारण शब्दों में कहें तो वर्चुअल करेंसी एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा होती है। ध्यातव्य है कि वर्चुअल करेंसी एक वैध मुद्रा नहीं होती है, जिसका अर्थ है कि यह देश के केंद्रीय बैंक (भारत की स्थिति में भारतीय रिज़र्व बैंक) द्वारा समर्थित नहीं होती है।
- क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) वर्चुअल करेंसी का एक रूप है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा संरक्षित है। क्रिप्टोग्राफी मूल रूप से एक ग्रीक शब्द है, जो 'गुप्त' और 'लिखावट' का मिला-जुला अर्थ रूप है। यह एक प्रकार का कूट-लेखन (Encode) है, जिसमें भेजे गए संदेश या जानकारी को सांकेतिक शब्दों में बदल दिया जाता है। इसे भेजने वाला या पाने वाला ही पढ़ सकता या खोल सकता है।
- क्रिप्टोग्राफी का संबंध डेटा की सुरक्षा और उससे संबंधित विषयों, विशेषकर एनक्रिप्शन से होता है।
- बिटकॉइन और एथेरम जैसी डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर करती हैं।
- जिस प्रकार हज़ारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर इंटरनेट का आविष्कार हुआ, ठीक उसी प्रकार डेटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़कर उसे ब्लॉकचेन नाम दिया गया है।
- ब्लॉकचेन तकनीक में तीन अलग-अलग तकनीकों का समायोजन है, जिसमें इंटरनेट, पर्सनल 'की' (निजी कुंजी) की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है।
- ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिससे बिटकॉइन तथा अन्य क्रिप्टो-करेंसियों का संचालन होता है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो यह एक डिजिटल 'सार्वजनिक बही-खाता' (Public Ledger) है, जिसमें प्रत्येक लेन-देन का रिकॉर्ड दर्ज़ होता है।
- ब्लॉकचेन में एक बार किसी भी लेन-देन के दर्ज होने पर इसे न तो वहाँ से हटाया जा सकता है और न ही इसमें संशोधन किया जा सकता है।
- ब्लॉकचेन के कारण लेन-देन के लिये एक विश्वसनीय तीसरी पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- नेटवर्क से जुड़े उपकरणों (मुख्यतः कंप्यूटर की श्रृंखलाओं, जिन्हें नोड्स कहा जाता है) द्वारा सत्यापित होने के बाद इसके अंतर्गत किया गया प्रत्येक लेन-देन का विवरण बही-खाते में रिकॉर्ड होता है।
- क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिये लेन-देन के दौरान छद्म नाम (Pseudonym) एवं पहचान बताई जाती है। ऐसे में अपनी निजता को लेकर अत्यधिक संवेदनशील व्यक्तियों को यह माध्यम सर्वाधिक उपयुक्त जान पड़ता है।
- क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन संबंधी लागत अत्यंत ही कम होती है। घरेलू हो या अंतर्राष्ट्रीय किसी भी लेन-देन की लागत एक समान ही होती है।
- क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिये होने वाले लेन-देन में 'थर्ड-पार्टी सर्टिफिकेशन' (Third Party Certification) की आवश्यकता नहीं होती। अतः धन एवं समय दोनों की बचत होती है।
- क्रिप्टोकरेंसी की संपूर्ण व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण इसकी सुरक्षा कमज़ोर हो जाती है और इसके हैक होने का खतरा बना रहता है।
- क्रिप्टोकरेंसी की सबसे बड़ी समस्या है इसका ऑनलाइन होना और यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी को एक असुरक्षित मुद्रा माना जा रहा है।
- गौरतलब है कि प्रत्येक बिटकॉइन लेन-देन के लिये लगभग 237 किलोवाट बिजली की खपत होती है और इससे प्रतिघंटा लगभग 92 किलो कार्बन उत्सर्जन होता है।
मुद्रा के आविष्कार से पूर्व वस्तु विनिमय प्रणाली के ज़रिये वस्तुओं का लेन-देन किया जाता था किंतु जैसे-जैसे तकनीक उन्नत होती गई व्यापार के तरीकों में भी बदलाव आता गया। वर्चुअल करेंसी का लगातार बढ़ रहा प्रचलन 21वीं सदी के सबसे महत्त्वपूर्ण बदलावों में से एक है। न्यायालय के हालिया निर्देश से भारत ने भी इस ओर एक कदम बढ़ा दिया है। हालाँकि डिजिटल मुद्रा को लेकर अभी भी कई चिंताएँ मौजूद हैं, जिनका समाधान जल्द-से-जल्द किया जाया जाना आवश्यक है।
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औरंगाबाद : छत्रपति शाहू महाराज शिक्षण संस्थान (Chhatrapati Shahu Maharaj Educational Institute), औरंगाबाद द्वारा संचालित छत्रपति शाहू इंजीनियरिंग कॉलेज (Chhatrapati Shahu Engineering College) के छात्रों ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन- 2022 (Smart India Hackathon- 2022) राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया और देश में पहला स्थान हासिल किया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय के कम्प्यूटर साईन्स एंड इंजीनियरिंग विभाग के तृतिय वर्ष की छात्रों ने जिनिअस नूबस इस टीम के अंतर्गत ओडिशा के जीआईईटी, विश्वविद्यालय गुणुपुर में हिस्सा लिया। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन भारत सरकार, मंत्रालय, विभिन्न विभागों, उद्योगों और अन्य संगठनों की समस्याओं को हल करने के लिए छात्रों को एक मंच प्रदान करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल की एक राष्ट्रव्यापी पहल है। इस प्रतियोगिता में देश भर के विभिन्न कॉलेजों की 2033 टीमों ने भाग लिया। "जिनिअस नूबस " टीम ने "साइबर सुरक्षा" विषय के तहत सॉफ्टवेयर "नेटवर्क ट्रैफिक एनालाइजर" विकसित किया। छात्रों ने दिन-रात काम किया और लगातार 36 घंटे तक कोड किया और तीन राउंड में हुई इस प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया। सॉफ्टवेयर बनाने वाली टीम में शिवराज पाटिल (टीम लीडर), आशीष सोलंकी, सुमेध पवार, समृद्धि कुलकर्णी, विशाल मुरहाड़े, विजय कागड़े इन 6 छात्रों के अलावा प्रो. वैशाली गायकवाड, प्रा. मिनाक्षी पाचपाटिल यह दो फैकल्टी मैटार ने परिश्रम किया।
जिनिअस नूबस इस टीम की सफलता पर छत्रपति शाहू महाराज शिक्षण संस्था के सचिव पदमाकर मुले, अध्यक्ष रणजीत मुले, प्रशासकीय अधिकारी डॉ. श्रीकांत देशमुख, छत्रपति शाहू महाराज इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उल्हास शिंदे, कम्प्यूटर साईन्स एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. संदिप अभंग ने बधाई दी और सराहना की।
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कोलकाताः पश्चिम बंगाल में कोलकाता के वीआईपी रोड पर सोमवार तड़के दो बाइक सवारों को कुचलने के बाद कॉम्पैक्ट स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) के एक ट्रक से टकरा जाने से चार लोगों की मौत हो गई टक्कर इतनी जोरदार थी कि एसयूवी की अगली सीट पर बैठी महिला की निर्जीव लाश शीशा तोड़कर बोनट पर जा गिरी।
कार सवारों में से किसी ने सीटबेल्ट नहीं पहना था और एयरबैग समय पर सक्रिय नहीं हुए, जिससे चालक - हीरालाल जैसवारा (46) - और आगे की सीट पर बैठे यात्री - पूजा सिंह (30) की मौत हो गई। कार की पिछली सीट पर दो अन्य रहने वाले - चचेरे भाई कुंदन और राजेश मुलिक (दोनों अपने शुरुआती 20 के दशक में) - आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं। बाइक सवार रोहित कुमार (23) और पीछे बैठे उसके दोस्त बाबू कुंडू (25) को भी अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया।
"प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि कार बहुत तेज गति से वीआईपी रोड पर कोलकाता हवाई अड्डे की ओर जा रही थी, घूम रही थी और खतरनाक तरीके से घूम रही थी। दम दम पार्क क्रॉसिंग पर, एक ट्रक लाल सिग्नल पर खड़ा था और उसके पीछे मोटरसाइकिल भी थी। कार पहले ट्रक से टकराने से पहले बाइक को टक्कर मारी," बिधाननगर सिटी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।
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इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर देश का तीसरा ऐसा शहर बन गया है, जहां बीते दो वर्षो में अंगदान में बढ़ोत्तरी हुई है। सोसाइटी फार आर्गनडोनेशन की संभागायुक्त संजय दुबे की उपस्थिति में रविवार को हुई संभागीय कार्यशाला में बताया गया कि मुम्बई और नई दिल्ली के बाद इंदौर देश का तीसरा शहर है, जहां पर सर्वाधिक अंगदान हुआ है। पिछले दो साल में इंदौर के 26 लोगों ने अंगदान किया है जिससे 80 से अधिक लोगों की जान बची है।
इसी वर्ष नवम्बर से इंदौर के एमवाय अस्पताल में बोनमैरो ट्रांसप्लान्ट की प्रक्रिया शुरू होगी। दान में मिलने वाला शरीर यहां पर चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों के अध्ययन में काम आएगा।
कार्यशाला में बताया गया कि भारत में हर वर्ष दो लाख किडनी की आवश्यकता रहती है लेकिन मात्र 25 प्रतिशत ही मिल पाती है। अंगदान के क्षेत्र में सबसे अच्छा काम स्पेन में चल रहा है।
कार्यशाला में संभागायुक्त दुबे ने बताया कि इंदौर में अंगदान के क्षेत्र में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। अंगदान करने वाले और दान लेने वाले की आनलाइन पंजीयन की व्यवस्था है। पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर अंगदान दिए जाने की व्यवस्था है। अंगदाता परिवार की सहमति के बाद मृत व्यक्ति का 24 घंटे में पोस्टमार्टम किया जाता है। उस समय सरकारी डाक्टर मौजूद रहता है। अंगदाता परिवार के दो सदस्यों को आजीवन स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाता है। इसके साथ परिवार के दो सदस्यों का आजीवन मुफ्त इलाज होता है।
दान किए गए अंगों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल या हवाई अड्डे तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया जाता है, इसका आशय है कि उस दौरान संबंधित सड़क पर एंबुलेंस के अलावा अन्य सभी वाहनों का परिवहन बंद रहता है। पुलिस महानिदेशक अजय कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले दो वर्ष में इंदौर में 26 बार ग्रीन करीडोर बनाया गया जिसमें इंदौर ट्रफिक पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
कार्यशाला में स्त्री रोग विशेषज्ञ डा़ रचना दुबे ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसे कैंसर, डायबिटिज जैसी घातक बीमारी नहीं है, वह अंगदान कर सकता है। अभी पिछले माह केरल में एक तीन वर्षीय बच्ची का अंगदान हुआ। अंगदान से किडनी, लीवर, त्वचा, छोटी आंत पुनः काम में ली जाती है। भारत में किडनी की सर्वाधिक मांग है।
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नईदुनिया ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान में स्कूली शिक्षा प्राइवेट स्कूलों के भरोसे होती जा रही है। पिछले छह वर्ष में निजी स्कूलों में 18 लाख बच्चे बढ़े हैं जबकि सरकारी स्कूलों में 21 लाख बच्चे कम हो गए।
पूरे प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राजधानी जयपुर में तो पिछले दो वर्ष में प्राइवेट स्कूलों की संख्या देश के किसी भी शहर से ज्यादा तेजी से बढ़े हैं। राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी एक सरकारी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो साल में 1235 नए प्राइवेट स्कूल खुले हैं। जयपुर जिले में कुल 4524 प्राइवेट स्कूल हो गए हैं। हालांकि इनकी संख्या सरकारी स्कूलों से अभी कुछ कम है, लेकिन बच्चों की संख्या की बात की जाए तो प्राइवेट स्कूलों में सरकारी स्कूलों के मुकाबले लगभग दो गुने ज्यादा बच्चे पढ रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों में जहां करीब पौने आठ लाख बच्चे पढ़ रहे है, वहीं सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या सिर्फ साढ़े तीन लाख है।
शिक्षकों की संख्या भी निजी स्कूलों में ही ज्यादा है। पूरे राजस्थान की बात करें तो निजी स्कूलों में जहां करीब तीन लाख शिक्षक और कर्मचारी काम कर रहे हैं, वहीं सरकारी स्कूलों में पौने तीन लाख शिक्षक कर्मचारी काम कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में निजी स्कूलों की संख्या और प्रभाव पिछले कई वर्षों से लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2006 से 2012 के बीच दस हजार से ज्यादा नए निजी स्कूल खुले, वहीं सरकारी स्कूल सिर्फ करीब डेढ़ हजार ही खुल पाए। इसी तरह निजी स्कूलों में बच्चों की संख्या 38 से बढ़कर 56 लाख हो गई, वहीं सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या 86 लाख से घटकर 65 लाख रह गई। स्कूलों में बच्चे सामान्य ढंग से पढ़-लिख भी नहीं पा रहे हैं।
राजस्थान में निजी गैर अनुदानित स्कूलों की संस्था सोसायटी फॉर अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स के अध्यक्ष दामोदर गोयल कहते है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गिरते स्तर के कारण यह स्थिति बनी है। खुद सरकार ने संभागों के अपने दौरों में इस बात पर चिंता जाहिर की है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपना काम ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश की शिक्षा में निजी स्कूल बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और सरकार को इन्हें पूरा सहयोग देना चाहिए। हमारे रिजल्ट और प्रदर्शन हर तरह से बेहतर हैं, लेकिन सरकार से हमें सहयोग नहीं मिलता।
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हाल ही में भारत ने अपने समग्र अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (IIP) स्कोर में 38.4% से 38.6% तक सुधार किया है और इसके परिणामस्वरूप भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में 55 देशों में से 43वें स्थान पर है।
- अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा संकलित एक वार्षिक रिपोर्ट है।
- इस वर्ष (2022) अमेरिका 95.4% के साथ इस सूचकांक में शीर्ष पर है।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांकः
- 2020 यूएस चैंबर 'अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक' जिसका शीर्षक 'आर्ट ऑफ द पॉसिबल' है, उन अर्थव्यवस्थाओं के लिये एक खाका तैयार करता है जो अधिक प्रभावी बौद्धिक संपदा सुरक्षा के माध्यम से 21वीं सदी ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनने की इच्छा रखते हैं।
- अपने आठवें संस्करण में सूचकांक 53 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा पारिस्थितिकी तंत्र का मानचित्रण करता है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 90% से अधिक का प्रतिनिधित्त्व करता है।
- सूचकांक 50 से अधिक अद्वितीय संकेतकों के साथ प्रत्येक उस अर्थव्यवस्था के लिये बौद्धिक संपदा ढाँचे का मूल्यांकन करता है जो सबसे प्रभावी बौद्धिक संपदा प्रणालियों के माध्यम से अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्त्व करते हैं।
- पेटेंट (Patents)
- कॉपीराइट (Copyrights)
- ट्रेडमार्क (Trademarks)
- डिज़ाइन का अधिकार (Design Rights)
- व्यापार में गोपनीयता (Trade Secrets)
- आईपी संपत्तियों का व्यावसायीकरण (Commercialization of IP Assets)
- प्रवर्तन (Enforcement)
- सर्वांगी दक्षता (Systemic Efficiency)
- सदस्यता और अंतर्राष्ट्रीय संधियों का अनुसमर्थन (Membership and Ratification of International Treaties)
- यह विश्व का सबसे बड़ा व्यापार संघ है जो आकार, क्षेत्रों तथा क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य एवं स्थानीय कक्षों व उद्योग संघों के 3 मिलियन से अधिक व्यवसायों के हितों का प्रतिनिधित्त्व करता है।
- इस समूह की स्थापना अप्रैल 1912 में राष्ट्रपति विलियम हॉवर्ड टैफ्ट और उनके वाणिज्य एवं श्रम सचिव 'चार्ल्स नागेल' के आग्रह पर स्थानीय वाणिज्य मंडलों के माध्यम से की गई थी।
- भारत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) का भी सदस्य है, जो कि आईपीआर से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संधियों और सम्मेलनों को प्रशासित करता है।
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अमरावती/दि. 23 - चांदूर बाजार में ग्राम पंचायत कर्मचारी यूनियन के राज्यस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए बतौर अध्यक्ष राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, लोकतंत्र में ग्राम विकास के लिहाज से संसद की तुलना में ग्राम पंचायत सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और ग्राम पंचायतों का कामकाज सुचारू रखने में ग्राम पंचायत कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसे में आगामी तीन माह के भीतर ग्राम पंचायत कर्मचारियों का महामंडल स्थापित करते हुए सभी कर्मचारियो की प्रलंबित मांगों व मसलों को हल किया जायेगा.
राज्यमंत्री बच्चु कडू की अध्यक्षता में आयोजीत इस कार्यक्रम में बतौर प्रमुख अतिथी विधायक राजकुमार पटेल, युवा सेना के जिला प्रमुख प्रकाश मारोटकर, कर्मचारी युनियन के राज्याध्यक्ष विलास कुमारवर, गिरीश दाभाडकर आदि उपस्थित थे. सभी गणमान्यों ने ग्रापं कर्मचारियों की मांगों को लेकर अपने समयोचित विचार व्यक्त किये.
इस आयोजन में संगठन के जिल्हाध्यक्ष मंगेश ढोरे, सभापती वनमाला गणेशकर, काजी अल्लाउद्दीन, धनराज आंबटकर, दिलीप जाधव, संपत तांबे, रामेश्वर गायकी, नारायण होडे, अजय जाधव, दिलीप डिके, माणिक पवार, निलेश कडू, आकाश गुलसुंदरे, गोपाल वानखडे, पांडुरंग लोखंडे आदि उपस्थित थे.
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अमरीकन सैनिक अधिकारी अमरीका की ओर से नियुक्त हैं। उन्हें क्या पाकिस्तान के इन शस्त्रों के दुरुपयोग का ज्ञान नहीं था ? यदि था, तो उन्होंने अपनी सरकार को सूचित किया या नहीं, और यदि किया ( जैसा कि होना चाहिए ) तो अमरीकन सरकार ने इस दुरुपयोग को रोकने के लिए क्या किया ? जलविवाद को निबटाने के लिए संसार बैंक (वर्ल्ड बैंक ) के द्वारा समझौता कराया गया और हमसे पाकिस्तान में नहरें बनाने के लिए करोड़ों रुपये दिलाये गये । इस बैंक का अध्यक्ष अमरीकन है । इच्छोगिल नहर केवल सिंचाई के लिए नहीं, लाहौर की सुरक्षा की दृष्टि से बनायी गयी और उसमें करोड़ों रुपये उसे सैनिक कार्रवाई के लिए उपयुक्त बनाने में लगाये गये । वह बैंक ही उसकी रूपरेखा, व्यय के अनुमान आदि स्वीकृत करता है । क्या यह भारत विरोधी कार्य अमरीकन अधिकारियों की जानकारी में न था ? यदि था तो उसके लिए भारत से रुपया क्यों दिलाया गया ? क्या पाकिस्तान स्थित अमरीकन सैनिक अधिकारियों को यह नहीं मालूम था कि भारतीय सीमा से लाहौर तक खेतों, खलिहानों और गाँवों में असंख्य छिपे हुए सीमेंट कांक्रीट के अत्यन्त सुदृढ़ तोपघर बनाये गये हैं ? ये सब किसके विरुद्ध थे ? मालूम पड़ता है कि पाकिस्तान में अपने अड्डे बनाये रखने के लिए अमरीका ने पाकिस्तान की इन सब भारत विरोधी तैयारियों और अमरीका-प्रदत्त हथियारों के दुरुपयोग की ओर से आँखें मूँद ली हैं । यह भी संभव है कि १९५४ की अमरीकन-पाकिस्तानी सैनिक संधि में कोई ऐसी गोपनीय धाराएँ भी हों जिनसे पाकिस्तान को अमरीका-प्रदत्त हथियारों का भारत के विरुद्ध मनमाना उपयोग करने की छूट हो । अमरीकन इतने भोले नहीं हैं कि वे यह न समझते हों कि पाकिस्तान को दिये गये टैंक आदि स्थलीय हथियार चीन के विरुद्ध काम में नहीं लाये जा सकते । जब भारत ने चीनी आक्रमण के बाद अमरीका से विशेष प्रकार के शक्तिशाली बमवर्षक वायुयान माँगे (जो उसने पाकिस्तान को दे रखे थे) तो अमरीका ने यह कहकर उन्हें देने से इनकार कर दिया कि भारत को उनकी आवश्यकता नहीं है । तब क्या अमरीका को यह विश्वास हो गया था कि पाकिस्तान को चीन के विरुद्ध उपयोग करने के लिए पेटन टैंकों की आवश्यकता है ? बात यह है कि अमरीका पाकिस्तान के गिलगिट, पेशावर, सरगोधा आदि में अपने अड्डे बनाये रखने को इतना उत्सुक है कि वह पाकिस्तान की उचित अनुचित सभी प्रकार की माँगें मानने को विवश है । वह जानता है, और उसे जानना चाहिए कि पाकिस्तान का एकमात्र उद्देश्य भारत पर आक्रमण करने का है, और वह अमरीकन शस्त्रास्त्रों का उपयोग उसीके लिए करेगा । यदि पहिले यह बात संदिग्ध और विवादास्पद रही भी हो, तो आज वह स्पष्ट है । अमरीका अपने को भारत का मित्र और शुभैषी कहता है । उसने भारत की बड़ी आर्थिक सहायता की है और चीन के आक्रमण के अवसर पर उसने जिस तत्परता से भारत की सहायता की, वह हम नहीं भूल सकते । किन्तु अब दो नावों पर एक साथ सवारी नहीं की सकती । अब अमरीका को अपनी नीति स्पष्ट करनी होगी । वह पाकिस्तान का सैनिक बल बढ़ाते हुए भारत का मित्र नहीं रह सकता ।
इस युद्ध में इंगलैण्ड का बर्ताव बड़ा निराशापूर्ण रहा । वहाँ आजकल लेबर दल का शासन है । भारत इस दल को सदैव अपना हितचिन्तक समझता रहा है । शायद इसीलिए उसके व्यवहार से भारत की निराशा और भी तीव्र हो गयी है । कच्छ के रण के युद्ध में इंगलैण्ड के प्रधान मंत्री श्री विलसन ने बीच-बिचाव करके युद्धविराम करा दिया था । उसकी कुछ शर्तों का देश में कड़ा विरोध भी हुआ, किन्तु भारत सरकार ने श्री विलसन की सद्भावना में विश्वास कर उसे मान लिया । इसके बाद जब पाकिस्तान ने छिपाकर अपने सैनिकों और गुर्गों को कश्मीर में उपद्रव और तोड़-फोड़ करने को भेजा तब श्री विलसन चुप रहे । प्रायः एक महीने तक कश्मीर में इन आततायियों के उपद्रव होते रहे किन्तु विलसन साहब चुप रहे । जब पहिली सितम्बर को पाकिस्तानी सेना अंतर्राष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन कर छम्ब में घुस पड़ी तब भी वे चुप रहे ।
अमरीका और इंगलैंड का पाकिस्तानी पोषण :: २११ |
ऐसा नहीं है कि परिवार के सदस्यों और सगे संबंधियों ने ही अतीत में राजाओं के साथ दगाबाजी करते हुए तख्तापलट किया, बल्कि संसदीय लोकतंत्र में भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं. महाराष्ट्र में रविवार को हुआ सियासी घटनाक्रम इसका ताजा उदाहरण है. मराठा क्षत्रप शरद पवार भी अब उस सूची में शामिल हो गए हैं जिसमें अभी तक ठाकरे, अब्दुल्ला, मुलायम सिंह यादव, बादल और नंदामुरी तारक राम राव उर्फ एनटीआर का नाम शामिल था. इनमें से अधिकांश ने अपनी मेहनत के दम पर वापसी की. अब देखने वाली बात यह है कि पवार अपने करियर की सबसे कठिन और अपमानजनक चुनौती से कैसे निपटेंगे.
पवार ने 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया था और अपने दम पर पार्टी को आगे बढ़ाया. अब उनके सामने बगावत से निपटने की चुनौती है. पवार के लिए इससे भी अधिक शर्मनाक बात यह है कि यहां अपने विधायकों ने ही उनका साथ छोड़ दिया है. वहीं दूसरी तरफ कई बयानबाजियों के बावजूद भी कांग्रेस में महाराष्ट्र में एकजुट है. पवार अक्सर अपनी पूर्व पार्टी पर कटाक्ष करते रहे हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस में शामिल लोगों को यह स्वीकार करना चाहिए कि सबसे पुरानी पार्टी का प्रभाव अब 'कश्मीर से कन्याकुमारी' तक वैसा नहीं है जैसा पहले हुआ करता था.
पवार को यूपी के उन जमींदारों के बारे में एक किस्सा सुनाना भी पसंद आया था, जिन्होंने अपनी अधिकांश जमीन खो दी है और अपनी 'हवेली' को मेंटेन करने में असमर्थ रहे. यूपी के जमींदारों से कांग्रेस की तुलना करते हुए एक समय उन्होंने कहा था, 'मैंने उत्तर प्रदेश के जमींदारों के बारे में एक कहानी बताई थी जिनके पास बड़ी 'हवेलियाँ' हुआ करती थीं. भूमि हदबंदी कानून के कारण उनकी जमीनें कम हो गईं. हवेलियाँ बची रहीं लेकिन उनकी देखभाल और मरम्मत करने की उनकी कैपिसिटी नहीं रही. जब जमींदार सुबह उठता है, तो वह आसपास हरा-भरा खेत देखता है और कहता है कि यह सारी जमीन उसकी है. यह कभी उनका था, लेकिन अब उनका नहीं है. ' शायद पवार भी यह नहीं जानते होंगे कि वह खुद जल्द ही उसी तरह के जमींदार बन जाएंगे.
नाम, निशान और वजूद की लड़ाई. . . NCP से अजित की बगावत के बाद अब सुप्रिया के पास क्या बचा?
यह भी कहा जा रहै है कि कम से कम 2024 तक तो पवार दो नावों पर सवार होने का इरादा रखते हैं. वह और उनकी बेटी सुप्रिया महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में रहकर विपक्ष में रहेंगे, जबकि दूसरी तरफ 'अग्रिम पार्टी' होगी जिसमें भतीजे अजीत पवार और भरोसेमंद लेफ्टिनेंट प्रफुल्ल पटेल शामिल हैं जो एनडीए में रहेंगे. हालाँकि, सारा दारोमदार इस बात पर रहेगा कि राज्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले प्रभावशाली मराठा मतदाता [30 प्रतिशत से अधिक] कैसे अजित पवार के कदम पर प्रतिक्रिया देते हैं.
मराठों का वोटिंग पैटर्न अब तक मिला-जुला रहा है और पश्चिमी महाराष्ट्र में एनसीपी की तुलना में बीजेपी के ख़िलाफ़ ज़्यादा वोटिंग हुई है. भाजपा के प्रति मराठों की नापसंदगी का एकमात्र कारण यह रहा है कि नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव के बावजूद पवार खुद कभी भी भाजपा की तरफ नहीं गए. विश्वासघात का सबसे दुखद हिस्सा यह रहा है कि पवार को धोखा दुश्मनों ने नहीं अपनों ने दिया.
पवार कर रहे थे कोशिश?
यह एक खुला रहस्य है कि पवार पिछले कुछ हफ्तों से राकांपा नेताओं के बीच एकता की भावना बहाल करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली. राकांपा का एक वर्ग कथित तौर पर भाजपा के साथ बातचीत कर रहा था और कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना [उद्धव] वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन से बाहर निकलने का प्रयास कर रहा था. लगातार इनकार के बावजूद यह बात मीडिया में आई थी कि पवार के भतीजे अजित की अमित शाह और अन्य बीजेपी दिग्गजों से मुलाकात हुई थी. एनसीपी प्रमुख के रूप में पवार का इस्तीफा और उसके बाद सुले को एनसीपी प्रमुख के रूप में पदोन्नत करने का उद्देश्य अजीत पवार को रोकना था, लेकिन इसका उलटा असर हुआ.
एनसीपी विभाजन का असर 2024 के लोकसभा चुनावों पर भी पड़ेगा. 2019 के लोकसभा में, भाजपा और तत्कालीन संयुक्त शिवसेना सेना ने 48 लोकसभा सीटों में से 42 सीटें हासिल की थीं. 2024 के लिए अजित पवार की मदद से एनडीए के 2019 के प्रदर्शन को दोहराने की स्क्रिप्ट तैयार करने की कोशिश की जा रही है. राकांपा में विभाजन का न केवल एमवीए पर, बल्कि पश्चिमी महाराष्ट्र में कांग्रेस पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जहां वह राकांपा के साथ गठबंधन में है.
अजित पवार का दलबदल काफी हद तक वैसा ही है जैसे चंद्रबाबू नायडू ने अपने ससुर एन टी रामाराव को किनारे कर दिया था या जिस तरह से अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव को मात दे दी थी. अजित पवार ने विधायकों के बीच अपना दबदबा दिखाया है.
82 साल के पवार 50 साल से ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने राजनीति में कई उतार और चढ़ाव देखे हैं. साल 1967 में वे 27 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने. 32 साल की उम्र में पहली बार सीएम बन गए. 45 साल पहले शरद ने भी सत्ता के लिए बगावत कर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी. उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत कांग्रेस से की, लेकिन दो बार उसके ही खिलाफ गए और सत्ता में आए. पहली बार 1978 में और दूसरी बार 1999 में.
साल 1977 में आम चुनाव के बाद कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई थी. नाम रखा गया कांग्रेस (I) और कांग्रेस (U). शरद पवार भी बगावत का हिस्सा बने. वे कांग्रेस (U) में शामिल हुए. साल 1978 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आया और दोनों धड़े एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरे. इस बीच, जनता पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और 99 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस (I) ने 62 और कांग्रेस (U) ने 69 सीटें जीतीं. किसी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. राज्य में जनता पार्टी ने सरकार बनाने के लिए संभावनाएं तलाशीं. लेकिन, जनता पार्टी को रोकने के लिए I और U ने गठबंधन कर लिया और सरकार बना ली. यह सरकार डेढ़ साल से ज्यादा चली. बाद में जनता पार्टी में फूट पड़ गई और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
हालांकि, कुछ महीने बाद शरद पवार ने कांग्रेस (यू) से भी बगावत की और जनता पार्टी से हाथ मिला लिया. जनता पार्टी के समर्थन से शरद पवार 38 साल की सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बने. तब देश की राजनीति में इंदिरा गांधी सक्रिय थीं. 1977 की इमरजेंसी के बाद कांग्रेस बुरे दौर से गुजर रही थी. हालांकि, साल 1980 में इंदिरा गांधी सरकार की वापसी हुई तो पवार की सरकार बर्खास्त कर दी गई. बाद में 1986 में पवार कांग्रेस में शामिल हो गए. तब कांग्रेस की कमान राजीव गांधी के हाथों में थी और वो देश के प्रधानमंत्री थे. कुछ ही दिनों में पवार फिर गांधी परिवार के करीब आ गए और 26 जून 1988 में शंकर राव चव्हाण की जगह सीएम की कुर्सी मिल गई. पवार 26 जून 1988 से लेकर 25 जून 1991 के बीच दो बार मुख्यमंत्री बने.
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जुलाई 1978. एक उमस भरी दोपहरी में शरद पवार महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंत दादा पाटील के घर पर खाने पर गए थे. बुलावा खुद पाटील ने ही भेजा था. वे अपने इस युवा उद्योग मंत्री (शरद पवार) से कुछ चर्चा करना चाहते थे. कहते हैं कि शरद पवार गए, खाना खाया, बातचीत की और चलते हुए. उन्होंने दादा पाटील के आगे हाथ जोड़े, कहा- दादा, मैं चलता हूं, भूल-चूक माफ करना. . . सीएम वसंत दादा तब कुछ समझे नहीं, लेकिन शाम को एक खबर ने महाराष्ट्र समेत दिल्ली की राजनीति को भी हिला दिया था.
साल था 1999. तारीख 15 मई. कांग्रेस की CWC की बैठक थी. शाम को हुई इस बैठक में अचानक ही शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर की तरफ से विरोध के सुर सुनाई दिए. संगमा ने कहा, सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा बीजेपी लगातार उठा रही है. ये सुनना सोनिया के लिए उतना हैरानी भरा नहीं था, जितना वह अगले व्यक्ति की आवाज सुनकर हुईं. यह कोई और नहीं, शरद पवार थे, जिन्होंने तुरंत ही संगमा की बात का समर्थन किया और अपनी हल्की-मुस्कुराती आवाज में पहले तो संगठन में एकता लाने के लिए सोनिया गांधी की तारीफ की और फिर तुरंत ही अगली लाइन में प्रश्नवाचक चिह्न उछाल दिया.
शरद पवार ने कहा, 'कांग्रेस आपके विदेशी मूल के बारे में बीजेपी को जवाब नहीं दे सकी है. इस पर गंभीरता से विचार की जरूरत है. इस तरह, साल 1999 में शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का विरोध किया और उसके बाद तीनों नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया. महज 10 दिन बाद ही तीनों ने मिलकर 25 मई 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का गठन किया.
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न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस/वाशिंगटन।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी वादे के तहत जलवायु परिवर्तन संबंधी नए कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करते हुए उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा की नीतियों को खत्म कर दिया। ओबामा ने अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाकर गर्म होती धरती पर जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए कई उद्योगों पर प्रतिबंध लगाए थे। आदेश पर दस्तखत करने के बाद ट्रंप ने कहा कि अब कोयला विरोधी और नौकरियां खत्म करने वाली नीतियां खत्म होंगी। इससे उद्योगों में उत्साह है, जबकि पर्यावरणविदों ने इसकी निंदा की है।
ट्रंप ने साफ किया कि अमेरिका का इरादा ऐसे काम करने का नहीं था जो उनके पूर्ववर्ती ने कार्बन डाय-ऑक्साइड के प्रदूषण से गर्म होती धरती को नियंत्रित करने के लिए जलवायु परिवर्तन की राष्ट्रीय नीति बनाकर किया था। नए आदेश के तहत ओबामा के कार्यकाल में लागू हुई करीब आधा दर्जन नीतियां रद कर दी गई हैं। इससे जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा। उद्योग जगत ने ट्रंप के इस आदेश को सराहा है, जबकि पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों ने इसकी निंदा की है। पर्यावरण से जुड़े अरबपति कार्यकर्ता टॉम स्टेयर ने इस फैसले को मूल्यों का अपमान बताया है। कुछ एजेंसियां इस आदेश को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारियां भी कर रही हैं।
ट्रंप ने पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी के भवन में इस आदेश पर मुहर लगाई और कहा कि - 'सरकार कोयले पर जारी संघर्ष को खत्म करते हुए मैं अमेरिकी ऊर्जा पर लगे प्रतिबंधों, सरकारी रोक-टोक और नौकरियां के अवसर खत्म करने वाली नीतियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठा रहा हूं। ' ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान अमेरिकियों से वादा किया था कि वे 2015 में हुए जलवायु परिवर्तन समझौते से देश को अलग कर देंगे। नए आदेश में ओबामा की स्वच्छ ऊर्जा योजना को भी रद कर दिया गया है, जिसमें पेरिस समझौते के तहत अमरीका के सभी प्रांतों में कार्बन उत्सर्जन की सीमा को घटाना था।
ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश का असर पूरी दुनिया पर पड़ना निश्चित है। अमेरिका विश्व का दूसरा सर्वाधिक जलवायु प्रदूषण पैदा करने वाला देश है, जिसके बाहर होने के बाद खालीपन को भरने के लिए कई देशों के कूटनीतिक विशेषज्ञ तिकड़म लगाना शुरू कर दिए हैं। हार्वर्ड में पर्यावरण अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रॉबर्ट स्टेविंस ने कहा कि ट्रंप के फैसले के बाद दुनिया की निगाहें अब भारत, ब्राजील और चीन पर टिक गई हैं, क्योंकि यदि इन देशों ने भी पुराने रवैये को अपनाया तो धरती का तापमान कम रखने की कोशिशें खत्म हो सकती हैं। 2015 के पेरिस समझौते की प्रमुख वार्ताकार लॉरेंस ट्युबियाना ने कहा कि दुनिया के कई देश ट्रंप के आदेश का फायदा उठाना चाहेंगे और जलवायु पर किए उनके वादे तोड़ सकते हैं।
धरती को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने और ग्लोबल तापमान दो डिग्री सेंटीग्रेड तक नीचे लाने के लिए यह समझौता किया गया था। इसके तहत ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए पेरिस में 197 देशों ने जलवायु परिवर्तन समझौते को स्वीकार किया था। इसके तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों की मदद के लिए साल 2020 से 100 अरब डॉलर हर साल देने की प्रतिबद्धता जताई गई थी। कई विकासशील देश इस समझौते को अपने खिलाफ भी मानते हैं।
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हरिभूमि न्यूज जींद । मालवी रेलवे फाटक के निकट रेलवे लाइन पार करते समय आर्मी के एजुकेशन हवलदार की मौत हो गई। मृतक फिलहाल छुट्टी पर घर आया हुआ था। रेलवे थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
जुलाना के वार्ड 13 निवासी रोबिन वीरवार को मालवी फाटक के निकट रेलवे लाइन पार कर रहा था। उसी दौरान वह रेलगाड़ी की चपेट में आ गया, जिसमें रोबिन की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की जेब से मिले कागजातों के आधार पर रोबिन की पहचान संभव हो पाई। घटना की सूचना पाकर रेलवे थाना पुलिस तथा परिजन मौके पर पहुंच गए और शव को सामान्य अस्पताल पहुंचाया। मृतक के परिजनों ने बताया कि रोबिन आर्मी में एजुकेशन हवलदार के पद पर कार्यरत था और उसकी डयूटी सिल्लीगुड़ी असम में थी।
गत 9 मार्च को वह एक माह की छुट्टी पर घर आया था। रोबिन की वापसी 9 अप्रैल को होनी थी। किसी कार्यवश लाइनपार जा रहा था तो वह रेलगाड़ी की चपेट में आ गया। मृतक अपने पीछे पत्नी तथा दो बेटे छोड़ गया है। रेलवे थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। रेलवे थाना प्रभारी स्नेहीराज ने बताया कि मृतक आर्मी में कार्यरत था। फिलहाल वह घर छुट्टी आया हुआ था। मामले की जांच की जा रही है।
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मुंबई, (एजेंसी)। मुंबई में मोबाइल सेवा देने वाली कंपनी यूनिनॉर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का असर दिखने लगा है। मोबाइल सेवा देने वाली कंपनी यूनिनॉर ने अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं। इसके चलते आधी रात से यूनिनॉर के ग्राहकों के मोबाइल से नेटवर्प गायब है। मुंबई में यूनिनॉर के करीब 18 लाख ग्राहक हैं। जिनके मोबाइल फोन ने काम करना बंद कर दिया है। यूनिनॉर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ीं। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2012 में यूनिनॉर के 22 लाइसेंस रद्द कर दिए थे। यूनिनॉर में सबसे बड़ी स्टॉक होल्डर कंपनी टेलीनॉर है। टेलीनॉर ने नवंबर 2012 में टेलीविंग्स नाम की नई कंपनी बनाकर 2जी नीलामी में हिस्सा लिया और टेलीविंग्स ने 6 सर्किल के लाइसेंस हासिल कर लिए। अब यूनिनॉर की कोशिश है कि वो अपनी सेवाओं को टेलीविंग्स कम्युनिकेशन को ट्रांसफर कर दे। लेकिन इसमें वक्त लगेगा तब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया कि यूनिनॉर को तत्काल अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ेंगी। अदालत ने कंपनी को मोहलत देने से भी इंकार कर दिया था। लिहाजा देर रात से मुंबई में यूनिनॉर के ग्राहक मुसीबत में फंस गए हैं। यूनिनॉर के मोबाइल काम नहीं कर रहे है। जिससे यूनिनॉर उपभोक्ताओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
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राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा सप्ताह के अंतर्गत ऊना में 20 अप्रैल तक आमजन को आग के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 14 अप्रैल से शुरू हुए इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में बुधवार को अग्निशमन केंद्र ऊना के कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखकर अग्निशमन महकमें में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। वहीं, ऊना शहर में जाकर लोगों को आग की जानकारी देने के लिए पंपलेट बांटे। कार्यक्रम के अंतर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतनें के संबंध में जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाए जा रहे है। लोगों को पंपलेट वांटे जा रहे हैं।
आग लगने के कारणों व इससे होने वाले नुकसान को लेकर लोगों को बताया जा रहा है। इसके प्रति। अग्निशमन केंद्र ऊना के प्रभारी नितिन धीमान ने इस मौके पर राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा सप्ताह के बारे में बिस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि हर साल 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा सप्ताह मनाया जाता है। 14 अप्रैल 1944 के ही दिन मुंबई में समुद्री जहाज को आग लग गई थी। इस आग को बुझाते हुए 66 फायर फाइटर शहीद हो गए थे। इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने व आग से बचाव के उपाय व जागरूक करने के लिए यह सप्ताह 20 अप्रैल तक मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आग की घटनाएं न हो इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अगर फिर भी आग लग जाती है तो फायर ब्रिगेड ऊना के टॉल फ्री नंबर 101, 01975228101 पर संपर्क करके अग्निशमन विभाग की सहायता ली जा सकती है।
चिंतपूर्णी। स्थानीय विधायक बलबीर चौधरी ने बुधवार के दिन लाइन में खड़े होकर माता चिंतपूर्णी के दरबार में पहुंच कर शीश नवाया। उन्होंने लिफ्ट वाली तरफ से न जाकर पोढियों से लाइन में दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि मन में इच्छा थी कि सीधे रास्ते से ही आकर लाइन में लग कर दर्शन कर पाऊं और कुछ समय इस तरह से माता के चरणों में व्यतीत कर पाऊं। मन्दिर में ज्यादा भीड़ नहीं है। इस अवसर पर निरंजन कालिया, रामदेव गुजराल, एसडीओ आर के जसवाल, राजपाल संजीव रतन इत्यादि उपस्थित थे।
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शारदीय नवरात्र जिले में हर्षोउल्लास व विधि विधान से संपन्न हुई। शारदीय नवरात्र के नौवे दिन श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन कराकर आशीर्वाद लिया। मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद पूरे विधि विधान से हवन कराया गया। शारदीय नवरात्र को लेकर प्रत्येक घरों में उल्लास देखा गया।
माता के भक्तों ने विश्व शांति के साथ-साथ आरोग्य, सुख शांति की मन्नतें मांगी। पूजा पंडालों से लेकर माता मंदिरों दुर्गाबाग, कालीबाग पटजिरवा माता मंदिर, भंगहा माता मंदिर, सहोदरा आदि में श्रद्धालुओं की भीड़ काफी रही।
मेला सा रहा नजारा : शारदीय नवरात्र में माता मंदिरों व पूजा पंडालों के आसपास मेला सा नजारा देखने को मिला।
मां की मूर्ति का हुआ विसर्जन, पुलिस चौकस : शारदीय नवरात्र के बाद माता के मूर्ति का विसर्जन बुधवार को गंडक नहर, सागर पोखरा, दुर्गाबाग, उतरवारी पोखरा आदि में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। जहां पुलिस प्रशासन काफी चौकस दिखी।
चौराहों पर मजिस्टे्रट के साथ-साथ भारी मात्रा में पुलिस बल को तैनात किया गया था। ताकि असमाजिक तत्वों से आसानी से निपटा जा सके।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय सशस्त्र बल और केंद्र शासित प्रदेशों से अपनी जरूरत का सामान सरकार के ई-कॉमर्स पोर्टल GEM से प्रतिस्पर्धी मूल्य पर खरीदने को कहा है। गृह मंत्रालय ने इन बलों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस प्लैटफॉर्म से वस्तु और सेवाओं की खरीद करने का निर्देश दिया है। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन पुलिस बलों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया है कि वे वस्तुओं और सेवाओं की खरीद GEM पोर्टल से करें। अगर वहां कुछ उत्पाद नहीं मिलते हैं, वे इसके बारे में ब्योरा GEM को दे सकते हैं।
अबतक ये बल और केंद्र शासित प्रदेश निविदा प्रक्रिया से इन वस्तुओं और सेवाओं की खरीद कर रहे हैं। इस पहल का मकसद इन बलों और केंद्र शासित प्रदेशों की खरीद में पारदर्शिता लाना और प्रक्रिया को दुरुस्त करना है। इन बलों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी शामिल हैं।
वाणिज्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिये पिछले साल जीईएम की शुरुआत की। मंत्रालय GEM पोर्टल को और गतिशील बनाने के लिये आईटी कंपनी इंटिलेक्ट डिजाइन एरेना लि. के साथ काम कर रहा है।
केंद्र और राज्य सरकारों की सार्वजनिक खरीद सालाना दो लाख करोड़ रुपये से अधिक है। ऐसे में GEM पोर्टल को बेहतर बनाना महत्वपूर्ण है। सरकार की ऑनलाइन खरीद पोर्टल के केंद्र एवं राज्यों के विभागों के उपयोग से करदाताओं के धन को बचाने में मदद मिलेगी। अबतक 27,846 विक्रेता पंजीकृत हैं, जो 1,31,839 उत्पाद बेचते हैं। इसके अलावा कर, सुरक्षा, डिजिटिकरण और स्कैनिंग जैसी सेवाएं भी पोर्टल पर मौजूद हैं।
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युवाओं के बीच टैटू बनवाने का क्रेज काफी तेजी से बढ़ा है. लेकिन कई बार फैशन के कारण परेशानियां भी सामने आती हैं. एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, दर्जनों युवा एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं और इन सभी ने कहीं ना कहीं से टैटू बनवाया है. स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि टैटू बनवाने में यूज की गई सुई के कारण यह संक्रमण फैला है. फिलहाल यह मामले सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक, वाराणसी में करीब दो दर्जन युवा एचआईवी संक्रमित मिले हैं. संक्रमण मिलने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग की ओर से काउंसलिंग और जांच पड़ताल की गई तो सबके होश उड़ गए. सभी युवाओं में एचआईवी संक्रमण के मूल चार बड़े कारण नहीं मिले. जबकि सभी ने कहीं न कहीं अपने शरीर में टैटू बनवाए थे. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को नब्बे फीसदी तक यही आशंका है कि ये सभी मरीज संक्रमित सुई से टैटू बनवाने के कारण एचआईवी की चपेट में आए हैं.
सभी का इलाज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की ओर से शुरू हो गया है. अस्पताल की एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की डॉ. प्रीति अग्रवाल ने कुल मरीजों की संख्या का आंकड़ा तो नहीं बताया, लेकिन उनके अनुसार, ये सभी युवा हैं और सभी ने कहीं न कहीं से अपने शरीर में टैटू बनवाया है. ऐसे में काउंसलिंग के बाद 90 प्रतिशत तक यही आशंका है कि इनको संक्रमण संक्रमित सुई से टैटू बनवाने के कारण हुआ है.
डॉ. प्रीति अग्रवाल के मुताबिक सावधानीपूर्वक जांच और परामर्श के बाद पता चला कि कई एचआईवी रोगियों ने टैटू बनवाए थे, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. मामले में आगे की जांच जारी है. बीमार पड़ने वाले 14 लोगों में बड़ागांव का 20 वर्षीय व्यक्ति और नगमा की 25 वर्षीय महिला शामिल हैं. वायरल टाइफाइड, मलेरिया सहित कई परीक्षण किए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जब बुखार कम नहीं हुआ, तो एचआईवी परीक्षण किया गया जिसमें सभी को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है.
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एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की काउंसलर सुषमा तिवारी ने बताया कि टैटू बनाने वाली सुई काफी महंगी होती है. इसलिए मेलों आदि में टैटू बनाने वाले अधिकतर खर्चा बचाने के लिए एक ही सुई से कई लोगों का टैटू बनाते हैं. ऐसे में अगर किसी एक व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण है तो बाकी सभी दूसरे लोगों को उसी सुई से संक्रमण पहुंच जाता है. ऐसे में युवाओं से अपील है कि टैटू बनवाते वक्त सुई और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.
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बॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता ऋषि कपूर जो कि चिंटू जी के नाम से भी लोकप्रिय रहे, बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान के निधन के केवल एक ही दिन के बाद उनका भी निधन हो गया। दोनों के निधन में एक खास तरह का कनेक्शन है। पहले तो दोनों की एक साथ आई फिल्म 'डी डे' की बहुत से लोग चर्चा कर रहे हैं, मगर इससे भी बड़ा कनेक्शन इन दोनों के बीच यह देखने को मिल रहा है कि अपनी मां के अंतिम संस्कार में ये दोनों ही शामिल नहीं हो पाए थे।
इरफान खान के निधन के बाद जिस बात की चर्चा सबसे अधिक हो रही है, वह उनकी मां से जुड़ी हुई ही है। बताया जाता है कि आखिरी लम्हों में वे लगातार कह रहे थे कि मां मुझे बुला रही हैं। मुझे वे लेने के लिए आई हैं। इरफान खान दरअसल अपनी मां के अंतिम दर्शन कर पाने में नाकाम रहे थे। अपनी मां की अंतिम यात्रा में भी वे शामिल नहीं हो पाए थे। ठीक इसी तरह का कनेक्शन ऋषि कपूर से भी जुड़ा हुआ है।
वर्ष 2018 में इलाज के लिए ऋषि कपूर 29 सितंबर को न्यूयॉर्क चले गए थे। वहां पहुंचने के केवल दो दिनों के बाद ही 1 अक्टूबर को ऋषि कपूर के मां के देहांत की खबर सामने आई थी। कपूर परिवार की खासियत रही है कि दुख-सुख में वह अपने परिवार के साथ ही रहता है, मगर ऋषि कपूर अपनी मां कृष्णा के अंतिम संस्कार के लिए अमेरिका से वापस नहीं आ पाए थे। इंडिया टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बारे में कहा था कि मैंने भाई से पूछा था तो उसने कहा था कि जब तक मैं भारत लौट पाऊंगा, तब तक बहुत ही देर हो चुकी होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे अंदर भी वापस जाने की ताकत एकदम नहीं बची थी।
ऋषि कपूर को जब अपनी गंभीर बीमारी के बारे में जानकारी हुई थी, उस वक्त एक फिल्म की शूटिंग वे दिल्ली में कर रहे थे। रणबीर कपूर और परिवार के कुछ सदस्य अचानक वहां पहुंचे थे। ऋषि कपूर को उन्होंने इलाज के लिए तुरंत चलने के लिए कहा था। ऋषि कपूर ने इस बारे में बताया था कि उनके बेटे ने धक्का मारते हुए उन्हें फ्लाइट में चढ़ाया था। जल्द-से-जल्द इलाज के लिए उन्हें न्यूयॉर्क भेज दिया गया था। तभी उनकी मां का निधन हो गया था। ऐसे में उन्होंने भी बिल्कुल इरफान खान की तरह ही अपनी मां के अंतिम दर्शन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किए थे।
इलाज कराने के बाद ऋषि कपूर भारत वापस आ गए थे। मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हुआ है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाल ही में योग करते हुए भी उन्हें देखा गया था। जनता कर्फ्यू के दिन बाहर आकर कोरोनावायरस के लिए वे ताली बजाते हुए भी देखे गए थे।
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अजब-गजबः गोरखपुर में एक भिखारी के पास तीन लाख रुपये मिले हैं। सड़क किनारे भीख मांगने वाले बुजुर्ग से इतनी मात्रा में नकदी मिलने से पुलिस के होश उड़ गए। दरअसल, भटहट कस्बे मुख्य चौराहे पर शरीफ नामक बुजुर्ग भीख मांगता है। उसे सुबह तेज रफ्तार बाइक ने टक्कर मार दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में उसकी जेब से 3. 64 लाख रुपये बरामद हुए। पूछताछ में उसने बताया कि यह पैसे भीख मांगने से जमा हुए हैं। शरीफ मूकबधिर है। वह चौराहे पर बैठकर हाथ के इशारों से पैसे मांगता है। पुलिस के अनुसार बाइक समेत युवकों को हिरासत में ले लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक शरीफ की जेब से 2000 रुपये के 168 नोट, 500 रुपये के 50 नोट, 200 रुपये के चार नोट, 100 रुपये के 14 नोट व 50 रुपये के 12 नोट बरामद हुए हैं। शरीफ का पैर टूट गया है। डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है। फिलहाल पैसा मालखाने में जमा कर दिया गया है।
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वग्गणाहिं च केवडियं खेत्तं फोसिढं ? लोगस्स असंखेज्जदिभागो सव्वलोगो वा । असं खेज्जपदसियदव्ववग्गण पहुडि जाव सुहुमणिगोदवग्गणे त्ति ताव एदासिं वग्गणाणमेगसेडीहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? अदीदवमाणेण सव्वलोगो । महाखंघदव्ववग्गणाए केवडियं खेत्तं फोसिदं १ वट्टमाणेणं लोगो देमणो । अदीदेण सव्वलोगो । एवं णाणासेडिफोसणं परूत्रेयव्वं । णवरि परमाणुपोग्गलदव्यवग्गणप्पगुडि जाव सुहमणिगोदवग्गणे त्ति ताव एदाहि वग्गणाहि केवडियं खेत्तं फोसिद ? सव्वलोगो । महाखंघदव्ववग्गणाए केवडियं खेत्तं फोसिदं ? लोगो दमणो सव्वलोगो वा । एवं पोसणाणुगमो त्ति समत्तमणियोगद्दार ।
एग सेडिकालाणुगमेण परमाणुपोग्गलदव्ववग्गणा केवचिरं कालादो होदि ? वग्गणादेसेण सव्वद्धा । दुपदेसियवग्गणप्प हुडि जात्र धुवखंघदव्ववग्गणे त्ति ताव पत्तेयं पत्तेयं एवं चैव सव्वत्थ वत्तव्वा । अचित्तअद्भुवखंधव्यवग्गणा केवचिरं कालादो होदि ? जहण्णेण एगसमयं, उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जा पोग्गलपरियट्टा । एवं णेयव्वं जाव महाखंघद्रव्ववग्गणे त्ति । पत्तेयसीर-वादरणिगोद-सुहुमणिगांद्वग्गणाणमोरालिय-तेजा- कम्मइयपरमाणुपोग्गले हि तेसि विस्सासुवचयपोग्गलेहि य भेदसंघादं
द्रव्य वर्गकितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है। लोकके असंख्यातवें भाग उमाण और सब लोकनमारण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। असंख्यातप्रदेशी द्रव्यवर्गणा से लेकर सूक्ष्मनिगांद द्रव्यवर्गणा तक इन वर्गणाओकी एक श्रेरिंगने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? अतीत और वर्तमान कालमं सब लोकका स्पर्शन किया है। महास्कन्धद्रव्यवर्गरणाने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान में कुछ कम लोकप्रमाण क्षेत्रका और अतीत काल में सब लोकका स्पर्शन किया है। इसी प्रकार नाना एका स्पर्शन कहना चाहिए । इतनी विशेषता है कि परमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणावे लेकर सूक्ष्मनिगांदवर्गरणा तक इन वर्गरणाने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? सब लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। महास्कन्धद्रव्यवर्गरणाने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? कुछ कम लोकप्रमाण क्षेत्रका और सब लोकका स्पर्शन किया है ।
इस प्रकार स्पर्शनानुगम अनुयोगद्वार समाप्त हुआ ।
एकश्रेणिकालानुगमकी अपेक्षा परमाणुपुद्गलद्रव्य वर्गरणाका कितना काल है ? वगणादेशकी अपेक्षा सब काल है। द्विदेशी वर्गणा से लेकर ध्रुवम्कन्धद्रव्यवर्गरणा तक प्रत्येक वर्गणाका सर्वत्र इसी प्रकार काल कहना चाहिए । अचित्तध्रुवस्कन्धद्रव्यवर्गणाका कितना काल है ? जघन्य काल एक समय है और उत्कृष्ट अनन्त काल है जो असंख्यात पुद्गल परिवर्तनप्रमाण है। इसीप्रकार महास्कन्धद्रव्यवर्गणा तक जानना चाहिए । प्रत्येकशरीर, बादरनिगांद और सूक्ष्मनिगोद वर्गरणाओ के औदारिकशरीर, तैजसशरीर और कार्मरणशरीरोंके पुद्गलों द्वारा तथा उनके विखसोपचयों
१. प्र०का०प्रत्योः 'महासंघदनवग्गणाए केवडियं खत्तं फोसिदं श्री महास्वंबदव्यवग्गणाए केवडियं वत्तं फॉसिदं माण' इति पाठः । |
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ऑपरेशन बिकाऊ सांसद में रिपब्लिक भारत की टीम आपको वह सच दिखाने जा रहा जिसे देख कर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। लोकतंत्र के मंदिर को पैसा लेकर खोखला करने वाले सांसद का सच। हम दिखाएंगे कि आखिर जनता के भरोसे का खून करने के लिए सांसद किस हद तक गिर सकते हैं।
बिकाउ सांसदों की कलंककथा के दूसरे भाग में रिपब्लिक भारत की एसआईटी टीम की मुलाकात हुई जालंधर से कांग्रेस पार्टी के सांसद संतोख सिंह चौधरी से।
पंजाब में जालंधर की पहचान कपड़ों के साथ साथ खेल से भी जुड़ी है। लेकिन सत्ता के गलियारों में बैठने वाले जिस तरह का खेल खेलते हैं उसकी उम्मीद यहां के लोगों को नहीं होगी । इनसे मिलिए लोकतंत्र की व्यवस्था के हिसाब से ये यहां की जनता के सेवक यानी सांसद है, जनता के मददगार और प्रतिनिधि है। लेकिन उनकी हरकत इससे मेल बिल्कुल नहीं खाती है। क्योंकि उनके दिल में मंसूबे कुछ और हैं.
संतोख सिंह चौधरी, सांसद, कांग्रेस- ऐसा है ये कॉंट्रेक्ट बगैरह है ना ये सारे हो गए है डिजिटल। ये ऑनलाइन हो गया है सब, तो इसमें कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता है। ये रिस्की हो गया है काम।
रिपोर्टर- ऐसे तो बिडिंग में कोई फायदा ही नहीं होता है।
संतोख सिंह चौधरी, सांसद, कांग्रेस- वहीं तो मैं कह रहा हूं। तो मतलब ये थोड़ा मुश्किल है। जो पहले था ना कोटा सिस्टम, कॉन्ट्रेक्ट। ये अब बड़े मुश्किल है।
रिपोर्टर- कैश फ्लो भी खत्म।
रिपोर्टर- नहीं कैश फ्लो तो हो रहा होगा।
कांग्रेसी सांसद संतोख सिंह चौधरी - एक ये डिमोनिटाइजेशन है उसकी वजह से किसी के पास कोई पैसे नहीं है।
रिपोर्टर- क्या बात कर रहे है, ऐसा है क्या।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- हां।
रिपोर्टर- तो ये सर सबकी हालत ऐसी है।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- सबकी, किसी के पास पैसा नहीं है।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- जो बहुत नम्बर दो का काम करते है,उनके पास पैसा होगा कोई। स्मग्लिंग गैंग, जो स्मग्लिग करते है। जो ड्रग की स्मग्लिंग करते है, उनके पास पैसा है।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- हां खत्म...जिनके पास पहले इक्ठ्ठा किया हुआ हो।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- मोदी के किसी एमपी का कोई काम नहीं होता है। मोदी के....जो बीजेपी के एमपी थे, उनसे ज्यादा हम डरा के काम ले लेते थे। मिनिस्टर को डरा कर, ये करना है। तो उनका कोई काम नहीं हो रहा है। वहां सिर्फ मोदी शाह है।
रिपोर्टर- तो डिमोनिटाइजेशन का फर्क पड़ा।
सांसद संतोख सिंह चौधरी बहुत ज्यादा फर्क पड़ा।
रिपोर्टर- दो-चार लोग जुड़े है मेरे साथ, अगर आप बोलेंगे तो मैं जोड़ता हूं उन्हे आपके साथ। कुछ पोलिटिकल फंडिंग भी हो जाएगी। कुछ उनके काम बगैरह...जब आप सत्ता में आओ तो, आप उनके काम करवा दो।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- हां हा। बताओं...मिला दो।
रिपोर्टर- ठीक है सर।
रिपोर्टर- सर हम यहीं चाह रहे थे कि कुछ हम भी कमा ले, कुछ वो भी कमा लेंगे..कुछ फायदा आपका भी हो जाएगा।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- कोई बात नहीं। सरकार यूपीए की बननी है।
रिपोर्टर- जैसा आप बता रहे है कैश बगैरह की दिकक्त है। कैश बगैरह भी चाहिए तो मुझकों बता दीजिएगा।
रिपोर्टर- नहीं सर लोग है अपने। दिल्ली में नहीं बाहर है। आप बोलेंग तो एविलेवल करवा देंगे।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- ओके चलों ठीक है। इलेक्शन में।
रिपोर्टर- उनका भी क्या है सर, जो हमारे क्लाइंट है उनके लिए भी इनवेस्टमेंट है।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- हा वो इनवेस्टमेंट ही होती है।
रिपोर्टर- हां जब आप आएंगे तो वो कहेंगे। उनका फेवर...चार काम हो जाते है।
सांसद संतोख सिंह चौधरी- नेचुरली।
तो आपने देखा पोलिटिकल फंडिंग को इनवेस्टमेंट मानने वाले संतोख सिंह चौधरी, हमारे फायदे के हिसाब से काम करने के लिए तैयार दिखे। यानि की पैसा दो काम करवाओं.... क्या यही है देशहित,, क्या यही है राष्ट्र के लिए काम करना । क्या ही है एक सांसद का कर्तव्य, क्या यही है एक एमपी से अपेक्षा, ...ऐसे बिकाऊ सांसद के साथ क्या हो सलूक.. पूछता है भारत ।
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Google ने अगले जेनरेशन के पिक्सल स्मार्टफोन पर काम करना शुरू कर दिया है। खबर है कि गूगल अपने अपकमिंग Pixel सीरीज के स्मार्टफोन को एंड्रॉयड गो वर्जन के साथ पेश करेगा। ऐसे में स्मार्टफोन की कीमत के कम होने की उम्मीद की जा सकती है। बता दें कि पिछले साल कंपनी ने आईफोन और सैमसंग की टक्कर में पिक्सल 2 एक्स एल और पिक्सल 2 पेश किए थे।
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इंग्लैंड के युवा तेज गेंदबाज सैम करन ने इस आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है। पहले मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ वह शुरूआती ओवरों में महंगे साबित हुए थे, लेकिन अंतिम ओवर में अच्छी गेंदबाजी कर अपनी टीम को मैच में वापस ला दिया था। इसके बाद दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ उन्होंने बल्ले से प्रदर्शन करने के साथ ही हैट्रिक विकेट भी हासिल किया।
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पाकिस्तान में ट्रेन और बस कोलाइड 20 मृत, 55 घायल; यह घोषणा की गई है कि पाकिस्तान के सुक्कुर शहर के कंधरा कस्बे में यात्री ट्रेन और बस की टक्कर के कारण हुई दुर्घटना में 20 लोगों की मौत हो गई और 55 लोग घायल हो गए।
सुकुर जिले में डिप्टी कमिश्नर राणा अडेल ने कहा कि 20 लोग मारे गए और 55 घायल हुए। एडेल ने बताया कि कई गंभीर रूप से घायल लोग थे और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
पाकिस्तानी रेलवे सेवा के अधिकारी तारिक कोलाची ने कहा कि बस दो हिस्सों में बंट गई। यह बताया गया कि दुर्घटना में मरने वाले सभी लोग जहां ट्रेन के कंडक्टर और उनके सहायक थे, वे मामूली रूप से घायल थे।
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गुंतर IV (Gunther VI)
गुंतर IV दुनिया का सबसे अमीर डॉग ही नहीं, बल्कि सबसे महंगे जानवरों की सूची में पहले नंबर पर है। यह जर्मन शेफर्ड डॉग मौजूदा समय में लगभग 500 मिलियन डॉलर की संपत्ति का मालिक है। गुंतर IV को यह जायजाद आज उनके गुंतर III से मिली है, जिसे यह पूरी प्रॉपर्टी उनकी मालकिन कार्लोटा लिबेंस्टीन से मिली थी। हैरानी की बात यह है कि इस डॉग की एक पर्सनल केयर टेकर भी है।
नाला (Nala)
नाला सिर्फ एक इंस्टाग्राम स्टार ही नहीं बल्कि इससे कहीं ज्यादा है। सायमिस पर्शियन मिक्स इस बिल्ली के पास करीब 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है। इतना ही नहीं यह बिल्ली 4. 4 मिलीयन फॉलोअर्स के साथ इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा फॉलो की जाने वाली कैट है, जिसके लिए इसने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया है।
ओलिविया बेन्सन (Olivia Benson)
पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट की पेट बिल्ली ओलिविया बेन्सन दुनिया के सबसे अमीर जानवरों की सूची में तीसरे नंबर पर है। अपनी मालिक टेलर स्विफ्ट के साथ कई म्यूजिक वीडियो और विज्ञापनों में नजर आ चुकी ओलिविया मौजूदा समय में कुल 97 मिलियन डॉलर की संपत्ति की मालकिन है।
सैडी, सनी, ल्यूक,लॉरेन और लैला ओपेरा विनफ्रे के पालतू डॉग्स है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ओपेरा विनफ्रे में अपनी वसीयत में इनके नाम 30 मिलियन डॉलर की संपत्ति की है। इसी के साथ यह डॉग्स दुनिया के सबसे अमीर पालतू जानवरों की सूची में चौथे पायदान पर हैं।
जिफपॉम (Jiffpom)
दुनिया के सबसे अमीर पालतू जानवर की लिस्ट में पांचवें स्थान पर पोमेरेनियन डॉग जिफपॉम है। 9. 5 मिलियन इंस्टाग्राम फॉलोअर्स वाला जिफपॉम इंटरनेट स्टार भी है। वहीं, बात करें इसकी संपत्ति की तो स पेट डॉग के पास लगभग 25 मिलियन डॉलर की संपत्ति है।
श्योपेट (Choupette)
मशहूर फैशन डिजाइनर कार्ल लागरफेल्ड की पालतू बिल्ली श्योपेट (Choupette) दुनिया की छठी सबसे अमीर पालतू जानवर है। अपने मालिक की मृत्यु के बाद इस बिल्ली को विरासत में लाखों की संपत्ति मिली। रिपोर्ट्स की माने तो इस कैट ने अपने मॉडलिंग कॉन्ट्रैक्ट और विज्ञापनों के जरिए 4. 5 मिलियन डॉलर की कमाई की है। आज इस बिल्ली के पास करीब 13 मिलियन डॉलर की संपत्ति है।
पॉन्टियक (Pontiac)
दुनिया के अमीर पालतू जानवरों की लिस्ट में अंतिम और आठवें स्थान पर मशहूर पालतू डॉग डग द पग है। इंस्टाग्राम पर काफी प्रसिद्ध यह डॉग अपने पोस्ट और विज्ञापनों के जरिए 1. 5 मिलियन डॉलर की कमाई कर चुका है।
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कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी और सख्त एहतियाती कदमों के बीच 1 सितंबर से इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE-Main) की शुरुआत हो चुकी है. कोरोना वायरस से संक्रमित होने की चिंता और आशंका के बीच छात्र दूसरे दिन भी जेईई-मुख्य परीक्षा देने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचे. इस दौरान छात्रों को एग्जाम सेंटर तक पहुंचने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए इंडियन रेलवे ने पहल की है.
रेलवे ने कई राज्यों में छात्रों के लिए स्पेशल ट्रेनों को चलाने का ऐलान किया है. ये ट्रेनें 15 सितंबर तक छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में मददगार साबित होंगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान समेत कई राज्यों में परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के लिए स्पेशल ट्रेनों को चलाने की जानकारी दी है.
पीयूष गोयल ने बिहार के लिए 56 स्पेशल ट्रेनों को चलाने का ऐलान किया है. उन्होंने बिहार में छात्रों के लिए पहले 20 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों को दौड़ाने का फैसला किया था और इसके बाद स्पेशल ट्रेनों की संख्या में और 16 ट्रेनें जोड़ दी गईं. रेल मंत्री ने ट्वीट कर लिखा, 'बिहार में JEE Mains, NEET व NDA में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा सेंटर तक आने-जाने की सुविधा हेतु भारतीय रेलवे ने 2 से 15 सितंबर तक 20 जोड़ी MEMU/DEMU स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है. '
इस ट्वीट के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल का एक और ट्वीट आया जिसमें उन्होंने बिहार के लिए और 8 जोड़ी ट्रेनों को चलाने की मांग की. गोयल ने ट्वीट कर बताया कि रेलवे ने बिहार में 4 से 15 सितंबर तक और 8 जोड़ी इंटरसिटी स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है.
बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश में भी छात्रों के लिए 5 जोड़ी स्पेशल ट्रेन चलानी की घोषणा की गई. पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया कि छात्रों के लिए चलाए जा रहे स्पेशल ट्रेनों में यात्रियों को कोरोना वायरस के सभी प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा. इसमें मास्क पहने रहना, सोशल डिस्टैंसिंग और सैनिटाइजेशन के नियमों का पालन करना होगा. मंत्री की घोषणा के मुताबिक यूपी में छात्रों के लिए स्पेशल ट्रेन 3 सितंबर से लेकर 30 सितंबर तक चलेंगी.
पीयूष गोयल ने बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान में भी छात्र हित के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, JEE Mains, NEET, NDA व अन्य परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों की सुविधा के लिए 4 से 15 सितंबर के बीच 4 जोड़ी परीक्षा स्पेशल ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया. उन्होंने ट्रेनों की पूरी जानकारी ट्वीट के माध्यम से साझा की.
इसके अलावा रेलवे ने महाराष्ट्र में भी छात्रों को ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी है. बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर छात्रों के लिए ट्रेनों की सुविधा मुहैया कराने की अपील की थी. जिसके बाद सरकार ने महाराष्ट्र में भी ट्रेनों की सर्विस बढ़ाने की बात कही और छात्रों को ट्रेनों में सफर की अनुमति दी.
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी में जेईई-मेन की परक्षा बडे़ पैमाने पर हो रही परीक्षा है. यह परीक्षा 1 सितंबर से शुरू हो चुकी है और 6 सितंबर तक चलेगी. परीक्षा के लिए 9 लाख उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है.
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नई दिल्ली, 15 दिसम्बरः सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को देशभर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गो के दोनों ओर 500 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लाइसेंस धारक सभी शराब विक्रेता अपने लाइसेंस की समाप्ति तक या 31 मार्च, 2017 तक, जो भी पहले हो, ऐसा करेंगे। लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
शीर्ष अदालत का यह आदेश राज्यों और गैर सरकारी संगठनों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया है।
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भागलपुर जिले के सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के पेन गांव के समीप NH-80 किनारे एक 35 वर्षीय युवक का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान तिलकपुर पश्चिमी टोला निवासी दीपक सिंह के रूप में की गई है। दीपक के शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि दीपक के साथ लाठी डंडे के साथ मारपीट की गई है, जिस वजह से उसकी मौत हुई है।
घटना के सम्बन्ध में दीपक के चचेरे भाई अमित सिंह ने बताया कि दीपक पटना में गार्ड का नौकरी करता था। पांच जुलाई को उसके दोस्त विकास की शादी थी, जिसमें बारात नौगछिया के तेतरी गांव जानी थी। इसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए वह अपनी पत्नी दीपा और अपने एक 5 वर्षीय पुत्र के साथ 2 दिन पहले ही पटना से गांव तिलकपुर आया था।
अमित ने बताया कि दीपक अपने तीन दोस्तों के साथ 1 दिन पूर्व शाहकुंड गया था। रातभर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी, लेकिन उसका कहीं कुछ अता पता नहीं चला।
ग्रामीण यह बताते हैं कि संजय उर्फ फुकन, गौरव, चंदन और मुन्नी सिंह शराबी टाइप के लोग हैं। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि खाने पीने के क्रम में किसी बात पर झगड़ा हो गया होगा, जिसमें मारपीट के दौरान उसकी मौत हो गई।
थानाध्यक्ष ने बताया कि दीपक की मां के अनुसार, शाम के 3 बजे दीपक की उसकी माँ से बात हुई थी जिसमें उसने फुकन का नाम लेते हुए कहा था कि अभी वो शाहकुंड में है। जब रात तक दीपक घर नहीं लौटा तब दीपक की मां फुकन के घर जाकर फुकन से दीपक के बारे में पूछा। तभी से फुकन घर से फरार है। उसके साथ दीपक के सभी दोस्त अपने अपने घर से फरार हैं।
दीपक का गांव के ही शम्भू के साथ जमीनी विवाद था। एक साल पूर्व उसका शम्भू के साथ मारपीट की घटना हुई थी, जिसमें दीपक का हाथ टूट गया था। लाश मिलने की सूचना मिलते ही सुलतानगंज थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दिया।
जांच पड़ताल के दौरान दीपक के पास से एक मोबाइल बरामद हुआ, जिस मोबाइल से उनके परिजनों को सूचना दी गई। सूचना मिलने पर परिजन रेफरल अस्पताल सुल्तानगंज पहुंचे।
सुल्तानगंज थानाध्यक्ष लाल बहादुर सिंह ने बताया कि गांव के ही संजय कुमार उर्फ फुकन, गौरव, चंदन और मुन्नी सिंह के साथ वह शुक्रवार को सवेरे में शाहकुंड के पहाड़ पर घूमने गया था। शनिवार को पैन गांव के एक हाई स्कूल के गेट के पास उसका शव बरामद हुआ।
थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह poisoning का केस लगता है। साथ ही कहा कि यह हत्या ही है क्यों कि उसके शरीर पर चोट के निशान भी हैं। फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है। फिलहाल पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर भेज दिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
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महासमुंद, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत बिल की राशि बकाया होने के कारण विच्छेदित बिजली कनेक्शन उपभोक्पाओं को राहत देते हुए वन टाईम सेटलमेंट योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत विद्युत विच्छेदित उपभोक्पा विद्युत बिल की मूल राशि का भुगतान छह किश्तों में कर सकेंगे। इसके तहत निम्न दाब उपभोक्पाओं द्वारा विद्युत बिल की मूल राशि जमा करने पर सरचार्ज की समस्त राशि माफ की जा सकेगी। पाप्त जानकारी के अनुसार 16 अक्टूबर 2010 से 15 जनवरी 2011 तक तीन माह की अवधि के लिए लागू इस योजना में बिजली बिल बकायादार उपभोक्पा संबंधित वितरण केंद में निर्धारित पपत्र में आवेदन पस्तुत कर सकते हैं। इसके परीक्षण पश्चात् उनका पंजीयन किया जाएगा। विद्युत बकाया की पहली किश्त का भुगतान करने पर उनका विच्छेदित कनेक्शन जोड़ दिया जाएगा। साथ ही पूरी मूल राशि के भुगतान के बाद उनके द्वारा देय सरचार्ज की पूरी राशि माफ कर दी जाएगी। गौरतलब है कि उपभोक्पा की मृत्यु अथवा अनुपस्थिति में उनके वारिस अथवा अधिकृत पतिनिधि भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। महासमुंद संभाग के कार्यपालन यंत्री ए. आन. बुनकर ने बताया है कि योजना के संबंध में सभी वितरण केंदों को सूचित कर दिया गया है। बताया गया कि यह योजना केवल सीमित अवधि के लिए लागू है, जिसका लाभ लेकर बकायादार विद्युत उपभोक्पा बिजली सुविधा का लाभ लेने के अलावा सरचार्ज की छूट भी पाप्त कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कृषि पंप उपभोक्पाओं के लिए इस योजना के तहत बकाया राशि का भुगतान करने पर भी शासन द्वारा पति पंप दी जाने वाली पति वर्ष छह हजार यूनिट बिजली छूट की सुविधा मिल सकेगी। बकायादारों से योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की गई है।
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कानपुर,(एजेंसी/वार्ता): उत्तर प्रदेश में कानपुर के नवाबगंज क्षेत्र में मंगलवार को फ्रिज का कंप्रेशर फटने से गर्भवती महिला और बच्चे समेत सात लोगल घायल हो गए।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि डायल 112 को सूचना मिली कि पहलवानपुरवा मोहल्ला निवासी वंशराज के मकान में पहली मंजिल पर तेज धमाका हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस को मकान में रहने वाले सुनील सागर उनकी पत्नी अनीता, गर्भवती सोनी उनके पति विष्णु, रामकिशोर उनकी पत्नी ननकी और 12 वर्षीय बच्चा आदर्श घायल अवस्था में मिले।
पुलिस ने तत्काल सभी घायलों को इलाकाई लोगों की मदद से तत्काल गंभीर रूप से झुलसी अनीता सागर और उनके पति सुनील को उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया जबकि अन्य को एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया है। उन्होने बताया कि प्रथम दृष्टया विस्फोट का कारण फ्रिज का कंप्रेशर फटना बताया गया है मगर हादसे के सही कारणों की जांच के लिए फॉरेंसिक टीम के साथ अग्निशमन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की है।
अपर पुलिस आयुक्त मो. अकमल खान ने बताया कि आसपास के लोगों से बातचीत करने से पता चला है कि हादसा कंप्रेशर फटने से हुआ है। फिर भी हादसे के कारणों की सही जांच के लिए फॉरेंसिक टीम और अग्निशमन विभाग संयुक्त रूप से घटना की जांच कर रहे हैं।
-(एजेंसी/वार्ता)
यह भी पढ़ेः- भिंडी कई पोषक तत्वों से भरपूर, सेवन करने से सेहत को मिलेगा फायदा!
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उत्तरप्रदेशः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा युवाओं के रोजगार हेतु प्रयास किए जा रहे हैं एक सरकारी आंकड़े के अनुसार पिछले सालों के मुकाबले वर्तमान सरकार के द्वारा सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान किए गए हैं। इसी कड़ी में दीपावली से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा तोहफा सामने आ रहा है। बता दें कि मुख्यमंत्री ने नवम्बर 2020 से मार्च 2021 तक प्रदेश में 50 लाख युवाओं को सेवायोजित करने का लक्ष्य तय किया है। यह सेवायोजना मनरेगा से अलग होगी। इसमें सरकारी विभागों, परिषद, निगमों में खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तो पूरी होगी ही, सरकारी प्रयासों से निजी क्षेत्र में अथवा स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री के निर्देशन में शुरू होने जा रहा यह महाभियान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। अब हर वित्तीय वर्ष में विभागवार रोजगार सृजन का लक्ष्य तय होगा। चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 50 लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम सक्षम बनाया जाएगा। मिशन रोजगार के अंतर्गत प्रत्येक विभाग, संगठन अथवा प्राधिकरण के कार्यालय में एक रोजगार हेल्प डेस्क बनाया जाएगा। हेल्प डेस्क उस विभाग से सम्बन्धित सेवायोजन कार्यक्रमों का लाभ पाने के इच्छुक युवाओं को जानकारी देगा।
ऐसे विभाग जिनके रोजगार, स्वरोजगार तथा कौशल प्रशिक्षण की योजनाएं ऑनलाइन चलाई जा रही हैं, इन रोजगार हेल्प डेस्क के माध्यम से उन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हेतु प्रेरित किया जाएगा। प्रदेश में अब रोजगार और सेवायोजन का डेटाबेस तैयार होगा। इस लिए निदेशालय प्रशिक्षण एवं रोजगार द्वारा एक ऐप तथा पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है। पोर्टल पर हर पाक्षिक आधार पर रोजगार से संबंधित डाटा अपडेट होगा। इसके लिए प्रशासकीय विभागों के अन्तर्गत समस्त निदेशालय निगम बोर्ड आयोग आदि अपने विभाग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे।
मिशन रोजगार के सम्पूर्ण कार्यक्रम अभियान का संचालन औद्योगिक विकास आयुक्त द्वारा किया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति मासिक रूप से अभियान का अनुश्रवण करेगी। वहीं हर जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति होगी, जो रोजगार स्वरोजगार के लिए जनपद स्तर पर कार्ययोजना बनाएगी। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय द्वारा निजी उद्योगों के साथ मिलकर रोजगार मेलों का आयोजन तो होगा ही, पूर्व में लम्बित भर्ती प्रकरणों का निस्तारण भी कराया जाएगा।
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चिकन-मटन खाते हैं तो ये खबर पढ़ लें , बाद में पछताना न पड़े कहीं.... .
कई लोगों का शौक चिकन, मटन खाना होता हैं। ऐसे में उन लोगों को यह पता नहीं होता हैं कि उनके शरीर में पल रहे बैक्टीरिया मेें कई दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही हैं। इन बैक्टीरिया कि संख्या उनके शरीर में अधिक होती है और वे बीमार पड़ते हैं तो दवाएं असर नहीं करतीं।
दरअसल, कानपुर मेडिकल कालेज में जेम्स कॉन प्रोग्राम में अमेरिका के स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर डॉ. प्रवीण कालरा भी आएं थे। उन्होंने यह तथ्य के बारे में सभी लोगो को बताया। वो इस पर अध्ययन कर रहे हैं।
डॉ. कालरा ने कहा कि मांसाहारी फूड हैबिट वातावरण के लिए खतरनाक है। साथ ही यह भी बताया कि सेहत की दृष्टि शाकाहारी भोजन सबसे अच्छा होता है।
आपको बता दें, सबसे अधिक एंटीबायोटिक का यूज़ जानवरों और चिकन के इलाज में होता है। जानवर एंटीबायोटिक के अधिक यूज़ के कारण रिसेस्टेंट हो जाता है। उसका गोश्त खाने में वही बैक्टीरिया मानव को एंटीबायोटिक से रिसेस्टेंट बना देते हैं।
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आईपीएल 2022 के मुंबई चरण के दौरान सभी 10 टीमें अलग-अलग होटल में रहेंगी।
सनराइजर्स हैदराबाद मुंबई में अंधेरी ईस्ट में स्थित आईटीसी मराठा में रहेगा। इस होटल की सबसे अच्छी बात यह है कि यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सिर्फ 1. 1 मील की दूरी पर स्थित है और साथ ही यह मुंबई घरेलू हवाई अड्डे से 3. 1 मील दूर है।
इस पांच सितारा होटल में सबसे अच्छी सेवाओं में मसाज चेयर और बटलर सेवाएं शामिल हैं, सभी अतिथि कमरे जिनमें न केवल एक सैटेलाइट टीवी है, बल्कि विभिन्न अन्य अनूठी और सामान्य सुविधाओं के अलावा चाय / कॉफी बनाने की सुविधा भी है। सबसे अच्छी चीज जिसका SRH सदस्य यहां आनंद ले सकते हैं, वह है फैबेल, चॉकलेट बुटीक जहां वो एक से बढ़कर एक चॉकलेट, डेसर्ट और आइसक्रीम का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
आईपीएलआईपीएल 2022 (IPL 2022)आईपीएल 2023कोलकाता नाइट राइडर्सगुजरात टाइटन्सचेन्नई सुपर किंग्समुंबई इंडियंसराजस्थन रॉयल्सरॉयल चैलेंजर्स बैंगलोरलखनऊ सुपर जायंट्स (LSG)
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हाल ही में Redmi General Manager, Lu Weibing, ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि अपकमिंग Redmi K20 series में यूज़र्स को Dual-Band GPS सपोर्ट मिलेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फ़ोन को कंपनी 28 मई को लॉन्च करने वाली है। इससे पहले ही इस Redmi K20 स्मार्टफोन को लेकर कई खबरें सामने आ रहीं हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि यह स्मार्टफोन क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 855 प्रोसेसर से लैस हो सकता है। साथ ही एक ताज़ा पोस्टर टीज़ किया गया है जिसमें स्मार्टफोन को gradient blue design के साथ पेश किया गया है। साथ ही इसमें पॉप-अप कैमरा होने की भी उम्मीद की जा रही है।
चीन में आधिकारिक लॉन्च से पहले Redmi अपने आगामी Redmi K20 से संबंधित टीज़र जारी कर रही है। लेटेस्ट टीज़र में कंपनी ने खुलासा किया है कि रेडमी K20 में अल्ट्रा-लाइनर स्पीकर बड़े 0.9 सीसी फिजिकल कैविटी में होगा।
साथ ही हाल ही में आये टीज़र से इस बात का का भी पता चला था कि Redmi K20 बेहतर गेमिंग एक्सपीरियंस के लिए गेम टर्बो 2.0 के साथ आएगा। यह गेम टर्बो फीचर का नया अवतार होगा। आपको बता दें कि इस फीचर को नए मीयूआई ग्लोबल बीटा अपडेट के ज़रिए Poco F1 में शामिल किया गया था।
Weibo पर Redmi ने Redmi K20 में डीसी डिमिंग फीचर दिए जाने की बात कही है और साथ ही डिवाइस को हाइ-रेज़ ऑडियो सपोर्ट के साथ लाने की बात कही गयी है। इसमें 3.5 एमएम हेडफोन जैक होगा। स्मार्टफोन के बारे में एडवांस्ड ऑडियो एक्सपीरियंस देने का दावा है। Redmi K20 को जहां चीन में 28 मई को लॉन्च किया जाएगा, वहीं इसे भारत में कब लाया जाएगा, इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
लीक रिपोर्ट्स के मुताबिक फोन में 4,000 एमएएच की बैटरी, 48 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा और स्नैपड्रैगन 855 प्रोसेसर दिया जा सकता और साथ ही Redmi K20 फुल-एचडी + रिज़ॉल्यूशन के साथ 6.39-इंच के एमोलेड डिस्प्ले के साथ दो रैम वेरिएंट में आ सकता है जिसमें 6 जीबी और 8 जीबी रैम शामिल हैं। वहीँ स्टोरेज में 64 जीबी, 128 जीबी और 256 जीबी स्टोरेज दिया जा सकता है। स्मार्टफोन में 4,000 एमएएच की बैटरी और 48 मेगापिक्सल का कैमरा सेंसर हो सकता है।
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3) श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer)
भारतीय क्रिकेट टीम के आक्रामक बल्लेबाज़ और दिल्ली कैपिटल्स के पूर्व कप्तान श्रेयस अय्यर को इस बार आईपीएल मेगा ऑक्शन 2022 (IPL Mega Auction 2022) में अपनी नई आईपीएल टीम मिल गई है और इसी के साथ ये उम्मीद भी की जा रही है कि उनकी नई आईपीएल फ्रेंचाइजी उन्हें कप्तानी की भूमिका भी सौंपना चाहती है.
शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने श्रेयस अय्यर को 12 . 25 करोड़ रूपये में खरीदा, जोकि इस बार के मेगा नीलामी में तीसरे महंगे खिलाड़ी बन गए. अय्यर का बेस प्राइस ऑक्शन (IPL Mega Auction 2022) के लिए 2 करोड़ ही था. इसमें कोई दोहराय नहीं कि इस बार उम्मीद की जा रही थी कि श्रेयस अय्यर पर तगड़ी बोली लगने वाली है. क्योंकि अय्यर ने पिछले कुछ सालों में जो काम दिल्ली कैपिटल्स के लिए किया है, वो तारीफ के काबिल है.
जब इनका नाम बिग स्क्रीन पर आया तो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने इनमें सबसे ज़्यादा रूचि दिखाई, ग़ौरतलब है कि अय्यर की पूर्व फ्रेंचाइजी भी इनके पीछे 9. 50 करोड़ तक भागी, लेकिन अंत में सबसे बड़ा हाथ श्रेयस पर केकेआर ने ही मारा. जिसके चलते अय्यर आगामी आईपीएल एडिशन में केकेआर की ओर से खेलते और शायद कप्तानी करते हुए भी नज़र आएंगे.
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दो जून को हुए भीषण रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी और एक हजार से अधिक यात्री घायल हो गये थे। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जांच के दायरे में पांच रेलकर्मी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि चार अन्य कर्मचारी सिग्नल से संबंधित काम करते हैं और इस महीने की शुरुआत में दुर्घटना के समय ड्यूटी पर थे। पांचों कर्मचारियों पर भविष्य में कोई भी कार्रवाई रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की दुर्घटना जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) दो जून को बाहानगा बाजार स्टेशन पर कथित आपराधिक लापरवाही के कारण हुई दुर्घटना की अलग से जांच कर रहा है।
रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने इंटरलॉकिंग प्रणाली से संभावित छेड़छाड़ का संकेत दिया है, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए सिग्नल हरा हो गया और यह लूप लाइन की ओर निर्देशित हो गई, जहां यह एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। स्वचालित इंटरलाकिंग प्रणाली में गड़बड़ी को इस घटना की बड़ी वजह के तौर पर देखा जा रहा है।
एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने कहा कि फिलहाल पांच रेलकर्मी जांच के केंद्र में हैं। सीआरएस से जल्द ही अंतिम रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि तीन संभावित परिदृश्यों की जांच की जा रही है - क्या प्रणाली से छेड़छाड़ जानबूझ कर की गई थी या यह गलती से हुआ या फिर यह क्षेत्र में चल रहे रखरखाव के काम का परिणाम था। दुर्घटना को लेकर विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना के बीच दो रेल कर्मचारी संघ रेलवे के समर्थन में सामने आए हैं।
एक साझा बयान में, आल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (एआइआरएफ) और नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआइआर) के महासचिवों ने कहा कि वे रेल हादसे का राजनीतिकरण किए जाने से व्यथित हैं। इसमें कहा गया कि हम यह देख कर बहुत दुखी हैं कि कैसे इस रेल हादसे का राजनीतिकरण किया गया और रेलवे के प्रदर्शन पर सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में हमले किए जा रहे हैं। इस तरह का प्रत्येक हमला हमारी ईमानदारी और कर्तव्य के प्रति समर्पण का निरादर है।
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ओडिशा के बालासोर में दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से इस दर्दनाक ट्रेन हादसे का शिकार हुई जिसमें अब तक 233 लोगों की जान जाने की खबर है, वहीं, करीब 900 लोग घायल हैं.
इस घटना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ से लेकर सुरक्षाबलों के कई जवानों को भी राहत-बचाव कार्यों में लगा दिया गया, 2 जून 2023 को बालेश्वर ज़िले के बहानागा में हुई रेल दुर्घटना के मद्देनजर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक दिन के राजकीय शोक का आदेश दिया है, पूरे राज्य में 3 जून को कोई उत्सव नहीं मनाया जाएगा.
जानकारी के अनुसार, एसएमवीबी-हावड़ा एक्सप्रेस (12864), कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर हुई है, सबसे पहले हावड़ा एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर हुई, उसके बाद मालगाड़ी कोरोमंडल से टकरा गई, टक्कर इतनी तेज थी कि एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई, फिलहाल इस रूट की ट्रेनों को रोक दिया गया है.
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ग्रेटर नोएडा, : चाहे त्वरित मैसेजिंग ऐप, ऑनलाइन बैंकिंग, या सैन्य बलों के लिए, आज के डिजीटल ज़ोन में सुरक्षित संचार को सर्वोच्च महत्व प्राप्त हुआ हैक्रिप्टोलॉजी, सुरक्षित संचार का कला और विज्ञान, मजबूत एन्क्रिप्शन विधियों को डिजाइन करने के लिए जटिल गणित और तर्क को लागू करता है जो जानकारी की सत्यता, प्रमाणीकरण और गोपनीयता की रक्षा करते हैं। दुरुपयोग से डेटा को सुरक्षित रखने और साइबरस्पेस में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास में, शारदा विश्वविद्यालय केरिसर्च एंड टैक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर (आरटीडीसी) ने क्राप्टोलॉजी में 'नेशनल निर्देशात्मक कार्यशाला' एनआईडब्ल्यूसी-2017, 6 से 8 अक्टूबर, 2017 तक। कार्यशाला का भीउद्देश्य छात्रों, शोधकर्ताओं, डिजाइनरों और क्रिप्टो उत्पादों के डेवलपर्स के कार्य कौशल को बढ़ाने के लिए है।
तीन दिवसीय कार्यशाला प्रौद्योगिकी, अभ्यास, प्रबंधन और नीतिगत मुद्दों के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगी जो क्रिप्टोग्राफी उपयोगकर्ताओं औरडेवलपर्स के लिए उचित हैं। सुरक्षा नेटवर्क के नेटवर्क को असुरक्षित चैनलों से संचार की रक्षा के लिए और नियमित अंतराल पर अपडेट करने की आवश्यकता है। उन्हें शक्तिशालीतृतीय-पक्ष विरोधियों से, आधुनिक क्रिप्टोग्राफी की मुख्य चुनौतियों में से एक चर्चा के कुछ व्यापक क्षेत्रों में सममितीय और असममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी, बेसिक क्रिप्टानालिसिस, क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकॉल, सुरक्षा विश्लेषण, सुरक्षा ऑडिट और हैकिंग, पब्लिक की एन्क्रिप्शन और डिजिटल हस्ताक्षर में संख्या सिद्धांत और बीजगणित की भूमिका जैसे विषयोंको शामिल किया जाएगा।
कार्यशाला छात्रों, संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और क्रिप्टोग्राफी, साइबर सुरक्षा और संबंधित क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों के लिए लक्षित है। 3 साल से कम अनुभव वालेशोधकर्ता, शोध विद्वान, भौतिक विज्ञान / गणित / इंजीनियरिंग के पीजी छात्र, किसी भी मान्यता प्राप्त भारत में संस्था कार्यशाला में भाग ले सकती है। एनआईडब्ल्यूसी -017 मेंभागीदारी के लिए कोई पंजीकरण शुल्क नहीं है, और सभी चयनित प्रतिभागियों को एसी तृतीय श्रेणी ट्रेन / बस किराया द्वारा यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए पात्र होगा, जोसीआरएसआई द्वारा प्रदान किया जाएगा। आवास और भोजन सहित स्थानीय आतिथ्य शारदा विश्वविद्यालय द्वारा ग्रेटर नोएडा परिसर में प्रदान किया जाएगा। चयनितप्रतिभागियों की अंतिम सूची शारदा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
शारदा विश्वविद्यालय के बारे मेंः
शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली एनसीआर से बाहर स्थित एक प्रमुख शैक्षणिक संस्था है। प्रसिद्ध शारदा ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूशंस का एक उपक्रम, विश्वविद्यालय नेउच्च गुणवत्ता वाले शिक्षा प्रदाता के रूप में खुद को समग्र शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धी क्षमताओं को आत्मसात करने के रूप में स्थापित किया है।विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा अनुमोदित है और एनसीआर में एकमात्र बहु-अनुशासन परिसर में खुद को गर्व करता है, जो 63 एकड़ में फैला है और विश्व स्तर की सुविधाओं सेलैस है। शारदा विश्वविद्यालय, अनुसंधान और शिक्षण में उत्कृष्टता के लिए एक प्रतिष्ठित प्रतिष्ठा वाले भारत के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक बनने का वादा करता है।अपने उत्कृष्ट संकाय, विश्व स्तर के शिक्षण मानकों और अभिनव शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ, शारदा भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नया बेंचमार्क स्थापित करने का इरादा रखताहै।
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हथियार बनाने वाली शीर्ष अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने कहा कि भारत के साथ 'गेम चेंजिंग' रक्षा समझौते करने का समय आ गया है। लॉकहीड मार्टिन के उपाध्यक्ष विवेक लाल ने कहा कि अमेरिका और भारत कई राजनीति, आर्थिक और सुरक्षा मुद्दों पर साझा हितों के साथ नैसर्गिक साझेदार हैं।
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सोनल चौहान अपने स्टाइलिश लुक्स के कारण अक्सर लाइमलाइट में बनी रहती हैं।
सोनल सोशल मीडिया फ्रेंडली हैं और वे आए दिन अपनी तस्वीरें और वीडियोज फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं।
सोनल अपने हर लुक में परफेक्ट लगती हैं फिर चाहे वे वेस्टर्न हो या फिर इंडियन।
अपनी लेटेस्ट तस्वीरों में सोनल ने अप्सरा लुक को कैरी किया है जिसमें वे बेहद खूबसूरत नजर आ रही हैं।
सोनल पर ये ब्लू ऑफ शोल्डर ड्रेस खूब फब रहा है। साथ ही हाई पोनीटेल हेयरस्टाइल उनके लुक को और भी ज्यादा गॉर्जियस बना रहा है।
सोनल ने एक बार फिर अपने हुस्न का जादू बिखेर दिया है जिसे देख फैंस खुद पर काबू नहीं कर पा रहे हैं।
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अब आप उत्तराखंड में ही तेंदुए की सफारी का मजा ले सकेंगे। हरिद्वार वन प्रभाग के चिड़ियापुर क्षेत्र में 5 तेंदुए हैं। ये सभी पहले या तो घायल हालत में वन विभाग को मिले थे या फिर इंसानी संपर्क में आने से घायल हो गए थे। इस इलाके में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन विभाग इन तेंदुओं को आगे लाएगी। राजधानी देहरादून से चिड़ियापुर की दूरी केवल 2 घंटे की है।
राज्य के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा, 'हमने कॉर्बेट बाघ अभ्यारण्य में पहले ही बाघ सफारी की घोषणा कर दी है। अब चिड़ियापुर में पहली बार तेंदुआ सफारी शुरू की जाएगी। चिड़ियापुर में कुल 5 तेंदुए हैं। अभी फिलहाल ने पिंजड़ों में बंद हैं। उन्हें बड़े क्षेत्र में आजाद छोड़ दिया जाएगा ताकि पर्यटक जीप से उन्हें उनके प्राकृतिक परिवेश में देखने का आनंद ले सकें। यह कहने की जरूरत नहीं है कि सरकार सुरक्षा के पूरे इंतजाम करेगी। '
ये सभी तेंदुए बड़ी उम्र के हैं और शिकार नहीं कर सकते। उन्हें वन विभाग ने पकड़कर चिड़ियापुर में पिंजड़े में रखा है। इनमें से कुछ तेंदुए पहले आदमखोर भी रहे हैं।
वन विभाग को इन तेंदुओं का ध्यान रखने के लिए पैसे की काफी कमी झेलनी पड़ रही थी। अगर तेंदुआ सफारी की यह योजना कामयाब रहती है तो इससे पैसा आएगा। मंत्री ने बताया कि वन विभाग सभी जरूरी अनुमति लेने व सुरक्षा के इंतजाम करने में व्यस्त है।
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पश्चिम बंगाल की हिंसा की घटनाओं की भाजपा ने निंदा की है। बुधवार को पार्टी महानगर के सभी 13 मंडलों में अलग-अलग हुई वर्चुअल बैठकों में हिंसा के विरोध में निंदा प्रस्ताव पास किया गया। क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव ने कहा कि दो मई से लेकर अब तक बंगाल में हुई हिंसा की घटनाओं में कई भाजपा कार्यकर्ताओं की जानें चली गई हैं। इन घटनाओं की जितनी निंदा की जाय, वह कम होगी।
महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने घटना में शामिल उपद्रवी तत्वों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। अन्य वक्ताओं ने कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा कार्य देखने को नहीं मिला। केंद्र सरकार को तत्काल इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि हालात में सुधार नहीं हुआ तो हम सब आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
महानगर मीडिया प्रभारी किशोर कुमार सेठ ने बताया कि प्रदेश भाजपा सह संगठन महामंत्री भवानी सिंह के निधन पर सूचना मिलते ही बैठक स्थगित कर दी गई। वर्चुअल बैठकों में काशी क्षेत्र उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, नवीन कपूर, आलोक श्रीवास्तव, जगदीश त्रिपाठी, अभिषेक मिश्रा, मधुकर चित्रांश, अशोक पटेल, राहुल सिंह, नीरज जायसवाल, डॉ रचना अग्रवाल, साधना वेदांती, इंजीनियर अशोक यादव सहित सभी मंडल अध्यक्ष संदीप चौरसिया, गोपाल जी गुप्ता, नलिन नयन मिश्र, सिद्धनाथ शर्मा, अभिषेक वर्मा गोपाल, अजय सिंह, जगन्नाथ ओझा, राम मनोहर द्विवेदी, जितेंद्र यादव, शत्रुघ्न पटेल, रतन मौर्या, अजीत सिंह, कमलेश सोनकर आदि शामिल रहे। भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश कार्य समिति की सदस्य डॉ. वीणा पांडेय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हो रही हिंसा पर कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इसे नहीं बर्दाश्त किया जा सकता। केंद्र सरकार से घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाने की मांग की है और स्थिति को भयावह होने के पूर्व रोकने की अपील की है।
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नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (डीबीएचपीएस) के पूर्व अध्यक्ष शिवयोगी आर. निरलकट्टी और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए केंद्र द्वारा जारी धन की हेराफेरी करने और उसका दुरूपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज किया। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आर. एफ. निरलकट्टी (अब मृतक) और उनके बेटे और तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष शिवयोगी निरलकोटी ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और 600 शिक्षकों के माध्यम से हिंदी प्रचार के लिए रखे गए 5,78,91,179 रुपये का कथित रूप से गबन करने के लिए सरकार को झूठा लाभ और हानि विवरण प्रस्तुत किया और इस पैसे का उपयोग अपने बी. एड. कॉलेजों के कर्मचारियों को वेतन के भुगतान के लिए अनाधिकृत रूप से किया।
एसीबी की मदुरै शाखा के डीएसपी, सीबीआई, ए धंदापानी ने 18 जनवरी को प्रारंभिक जांच (पीई) पूरी करने के बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और उसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव नीता प्रसाद की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने फरवरी 2022 में प्राथमिकी दर्ज की, और इसमें 2004 और 2005 और 2016 से 2017 के बीच की अवधि के दौरान डीबीएचपीएस, धारवाड़ (कर्नाटक) में धन की हेराफेरी का खुलासा हुआ, जिसमें निरलकट्टी शामिल थे।
इसमें आरोप लगाया गया है कि, मंत्रालय से आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना निर्धारित डीबीएचपीएस मानदंडों का उल्लंघन करते हुए निरलकट्टी द्वारा आयुर्वेद और होम्योपैथी के साथ-साथ ही लॉ कॉलेजों और अंग्रेजी-माध्यम के स्कूलों में हिंदी को बढ़ावा देने के अलावा अन्य पाठ्यक्रमों को चलाकर अपने वित्तीय हितों को बढ़ावा देने के लिए निरलकट्टी द्वारा संस्थान के नाम का दुरुपयोग किया गया था।
जांच से पता चला कि डीबीएचपीएस की धारवाड़ शाखा ने विभिन्न हिंदी शिक्षकों और हिंदी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों के प्राचार्यों को मानदेय देने के लिए मंत्रालय से अनुदान मांगा था। अनुरोधों के आधार पर, मंत्रालय ने अनुदान के रूप में कुल व्यय का 75 प्रतिशत प्रदान किया था और शेष डीबीएचपीएस द्वारा योगदान दिया जाना था।
एक अधिकारी ने कहा- डीबीएचपीएस, धारवाड़ द्वारा इस प्रकार प्राप्त की गई धनराशि को उनके द्वारा बनाए गए अलग खाते में 25 प्रतिशत के अतिरिक्त योगदान के साथ जमा किया जाना था और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई सूची और राशि के अनुसार हिंदी शिक्षकों और अन्य को जारी किया जाना था। जांच में पता चला कि शिक्षकों को अनुदान बांटने के नाम पर खाते से 7. 44 करोड़ रुपये की भारी निकासी की गई, जबकि नियमों के अनुसार लाभार्थियों को चेक और डीडी के माध्यम से ही अनुदान का भुगतान किया जाना चाहिए।
जांच में पता चला कि केंद्र से अनुदान प्राप्त करने के बाद, डीबीएचपीएस लाभ और हानि खातों/विवरण के साथ उपयोग प्रमाण पत्र जमा कर रहा था। 2004-05 से 2016-2017 की अवधि के लिए डीबीएचपीएस द्वारा उनके लाभ और हानि खाते में दावा किया गया कुल योगदान 10,68,89,626 रुपये था, जबकि डीबीएचपीएस, धारवाड़ का योगदान केवल 1,85,66,919 रुपये था।
एफआईआर में कहा- अभियुक्तों ने लाभ-हानि खाता/विवरण को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है और केंद्र सरकार को झूठे विवरण प्रस्तुत किए हैं। जांच से पता चला कि केंद्र सरकार ने 2011-12 से 2016-17 की अवधि के दौरान 600 मुफ्त हिंदी कक्षाओं, शिक्षकों को 600 टीए और डीबीएचपीएस, धारवाड़ के लिए पीजी डिप्लोमा अनुवाद के लिए सहायता स्वीकृत की थी। हालांकि, उक्त अवधि के दौरान केवल 400 से 450 शिक्षक उपलब्ध थे, जो कि भारत सरकार को प्रस्तुत रसीद और भुगतान विवरण और उपयोग प्रमाण पत्र से स्पष्ट था।
हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को मानदेय के भुगतान के लिए केंद्र द्वारा जारी अनुदान डीबीएचपीएस, धारवाड़ द्वारा अपने नियंत्रण में बीएड कॉलेजों के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, क्लर्कों और चपरासी को वेतन के भुगतान के लिए उपयोग किया गया था।
डीबीएचपीएस की स्थापना दक्षिण भारत के गैर-हिंदी भाषी लोगों के बीच हिंदी साक्षरता में सुधार के लिए की गई थी। 1964 में, संस्थान को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रूप में मान्यता दी गई थी। डीबीएचपीएस का मुख्य उद्देश्य परीक्षा आयोजित करना और हिंदी में या हिंदी के शिक्षण में प्रवीणता के लिए डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र प्रदान करना है। हैदराबाद, धारवाड़, एनार्कुलम और तिरुचिरापल्ली में इसके चार क्षेत्रीय मुख्यालय हैं, और कुड्डालोर, नेवेली, पुडुचेरी, कोयम्बटूर, सलेम, वेल्लोर, ऊटी, कराईकल, तूतीकोरिन, नागरकोइल, मदुरै, करूर, तंजावुर और हैदराबाद में स्थित 14 शाखाएं हैं।
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नई दिल्ली. एयर इंडिया में एक सीनियर क्रू मेंबर द्वारा अटेंडेंट को थप्पड़ मारने का मामला सामने आया है. इस मामले को लेकर एयर इंडिया विवादों में आ गया है. बताया जा रहा है कि मामला 17 मार्च का है. एक अटेंडेंट ने बिजनेस क्लास में सफर कर रहे एक यात्री को नॉनवेज खाना परोस दिया था. बाद में उसने यात्री से माफी मांग ली थी. लेकिन जब यह बात क्रू मेंबर्स तक पहुंची तो एक वरिष्ठ कर्मचारी ने अटेंडेंट को इस गलती के लिए थप्पड़ मार दिया.
यह घटना नई दिल्ली से फ्रैंकफर्ट के बीच एयर इंडिया के विमान में हुई है. एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना की आंतरिक जांच का आदेश दे दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, जिस यात्री को नॉनवेज परोसा गया था उसने इसकी जानकारी केबिन सुपरवाइजर को दी. लेकिन उसने शिकायत नहीं की थी. लेकिन बाद में इस घटना के बाद केबिन क्रू के सुपरवाइजर ने फ्लाइट अटेंडेंट को जानकारी देते हुए थप्पड़ मार दिया.
बताया जा रहा है कि थप्पड़ लगने के बाद भी अटेंडेंट ने इस घटना का विरोध फ्लाइट में नहीं किया. लेकिन विमान लैंड करने के बाद उसने अपने सीनियर की शिकायत एयर इंडिया से की. इस मामले पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि हमें शिकायत मिली है कि केबिन सुपरवाइजर ने फ्लाइट अटेंडेंट को थप्पड़ मारा था. यह घटना दिल्ली से फ्रेंकफर्ट जा रहे विमान एआई 121 में हुई. इस मामले की आंतरिक जांच के आदेश दे दिये गए हैं. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.
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लक्ष्मणगढ़ ग्राम विकास अधिकारी संघ ने 7 सूत्रीय मांग को लेकर लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति विकास अधिकारी रामधन डुडी को ज्ञापन सौंपा। संघ शाखा लक्ष्मणगढ़ के अध्यक्ष महबुब अली के नेतृत्व में आज ग्राम विकास अधिकारियों ने मुख्यमंत्री व राज्य मुख्य सचिव के नाम लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति विकास अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर बताया कि शासन व संगठन के मध्य 1 अक्टूबर 2021, 11 दिसंबर 2021 व 6 सितंबर 2022 को समझौता व चयनित वेतनमान की मांग पर राज्य मुख्यमंत्री के द्वारा 10 फरवरी 2023 को बजट में घोषणा भी की जा चुकी है। इसके बावजूद भी आदेश जारी नहीं किए जा रहे हैं। जिससे ग्राम विकास अधिकारियों में भारी निराशा व्याप्त है। आज ग्राम विकास अधिकारियों ने लक्ष्मणगढ बीडीओ को ज्ञापन सौंपकर बताया कि गत 2021 में प्रशासन गांवो के संग अभियान के दौरान किए गए समझौते को लागू नहीं किया गया तो 2023 में आगामी आयोजित होने वाले प्रशासन गांवों के संग अभियान में ग्राम विकास अधिकारी असहयोग करते हुए 21 अप्रैल से पंचायत समिति मुख्यालय पर धरना एवं अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान संघ के अध्यक्ष महबुब अली, सचिव शुभम शर्मा, राजेंद्र कुमार, महेंद्र कुमार, ओमप्रकाश, केसराराम, रामकरण , रामचंद्र, लिखमीचंद, रिछपाल, सुरेंद्र कुमार व रमेश शर्मा सहित अनेक ग्राम विकास अधिकारी मौजूद थे।
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मंत्रालय परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिये वित्तपोषण (वीजीएफ) के साथ केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसयू) द्वारा ग्रिड से जुड़ी सौर फोटोवोल्टिंग बिजली परियोजनाएं लगाने की योजना क्रियान्वित कर रहा है।
योजना के तहत इन परियोजाओं का क्रियान्वयन देश में विनिर्मित सौर सेल और मॉड्यूल के साथ हो रहा है।
योजना के तहत वीजीएफ उपलब्ध कराने के बारे में एमएनआरई ने कहा कि परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिये वित्तपोषण का मकसद घरेलू रूप से विनिर्मित सौर पीवी सेल और मॉड्यूल तथा आयातित उपकरणों की लागत के बीच अंतर को पाटना है।
एमएनआरई ने यह भी कहा कि सीपीएसयू योजना चरण-दो के तहत शुल्क 'कोट' करने की जरूरत नहीं है और बोलीदाताओं को केवल वीजीएफ के बारे में बताना होता है। इसके तहत अधिकतम स्वीकार्य सीमा 70 लाख रुपये प्रति मेगावॉट है।
योजना के पहले चरण के तहत नौ सीपीएसयू ने इसमें भाग लिया। ये कंपनियां हैं, एनटीपीसी, भेल, राष्ट्रीय इस्पात निगम, एनएचपीसी, ओएनजीसी, गेल, स्कूटर्स इंडिया, दादरा एवं नगर हवेली पावर डिस्ट्रिब्यूशन कॉरपोरेशन और एनएलसी इंडिया।
इस योजना के दूसरे चरण में 12,000 मेगावॉट क्षमता सृजित करने के लक्ष्य के तहत सात सीपीएसयू/सरकारी संगठनों ने इसमें भाग लिया। ये कंपनियां हैं. . . एनएचडीसी, सिंगरेनी कोलियरी कंपनी, असम पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी, दिल्ली मेट्रो रेल निगम, नालंदा विश्विविद्यालय, एनटीपीसी और इंदौर नगर निगम।
समिति ने यह भी कहा कि छतों पर लगायी जाने वाली सौर परियोजनाओं का लक्ष्य तबतक हासिल नहीं किया जा सकता जबतक समुचित तरीके से 'नेट/ग्रॉस मीटरिंग' व्यवस्था लागू नहीं की जाती। इसके अलावा नियमन/परिचालन प्रक्रिया आदि के संदर्भ में एकरूपता भी जरूरी है।
ग्रॉस मीटरिंग में उपभोक्ताओं की क्षतिपूर्ति निश्चित दर पर कुल सौर बिजली उत्पादन और ग्रिड से उसे जोड़े जाने के आधार पर की जाती है जबकि नेट मीटरिंग में ग्राहकों की खपत के बाद जो सौर बिजली ग्रिड से जोड़ी जाती है, उसका भुगतान किया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार सभी राज्य/संयुक्त बिजली नियामक आयोग ने 'नेट मीटरिंग नियमन/शुल्क आदेश जारी किया है लेकिन इस संदर्भ में एकरूपता का अभाव है।
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विश्व हिंदू परिषद की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची गुरुवार को बरेली पहुंचीं. यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की. कहा कि मुस्लिम लड़कियां हिंदू लड़कों से शादी कर लें तो उनकी जिंदगी स्वर्ग बन जाएगी. इससे उन्हें बुर्का और हलाला से भी छुटकारा मिल जाएगा. इसके अलावा साध्वी ने पश्चिम बंगाल और बिहार में रामनवमी के मौके पर हुए दंगे के लिए सीएम ममता और नीतीश को जिम्मेदार ठहराया. दोनों राज्यों में उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
विहिप नेता साध्वी प्राची ने बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की ओर से साईं बाबा पर दिए बयान का समर्थन किया. साध्वी प्राची ने बरेली के सर्किट हाउस में मुस्लिम लड़कियों को खुला ऑफर दिया. कहा कि मुस्लिम लड़कियों को हिंदू लड़कों से शादी कर लेनी चाहिए. शादी करने के बाद उनकी जिंदगी स्वर्ग बन जाएगी. घर वापसी के सवाल पर कहा कि इसके लिए सबसे पहले श्रद्धानंद जी ने शुद्धिकरण आंदोलन चलाया था. कुछ लोग डर से तो कुछ लोगों ने तलवार के डर से काला लिबास पहन लिया था. अब घर वापसी व्यापक रूप में हो रही है.
साध्वी प्राची ने कहा कि मुस्लिम बेटियां काले लिबास में पूरे दिन तपती गर्मी में रहती हैं. वे हिंदू लड़कों से शादी कर लें तो कई सुविधाएं मिलेंगी. इससे किसी ममेरे ,चचेरे और फुफेरे से उनका रिश्ता नहीं हो सकेगा. हिंदुओं में सात जन्मों का बंधन होता है. साध्वी प्राची ने कहा कि बिहार और बंगाल के अंदर जो दंगा हुआ है, उस पर अफसोस है. सीएम नीतीश बाबू खजूर खा रहे हैं, रोजा इफ्तारी कर रहे हैं. दंगे में कौन मर रहा है, कौन घायल हो रहा है, इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं है. इन दोनों प्रदेशों में राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए .
सीएम ममता बनर्जी के बयान पर कहा कि आज तक पथराव किस मुस्लिम के घर पर हुआ है, ममता बनर्जी यह बता दें. पथराव होता है तो हिंदुओं पर होता है , पथराव होता है तो सैनिकों पर होता है. ममता बनर्जी भ्रम में जी रहीं हैं. बंगाल की स्थिति ऐसी बनती जा रही है कि एक दौर ऐसा आएगा जब ममता ही सुरक्षित नहीं रहेंगीं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री के 'सभी लोग राम-राम कहेंगे' वाले बयान पर कहा कि हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है, था और रहेगा. सब श्रीराम के पूर्वज हैं, डीएनए करा लीजिए. साईं बाबा के भगवान न होने के सवाल पर साध्वी ने कहा कि वह पीर-फकीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं है. वह चांद मियां थे. उन्होंने साईं बाबा पर दिए बयान पर धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन किया.
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चंबा - सीटू राज्य कमेटी के नेतृत्व में आउटसोर्स कर्मचारी छह अक्तूबर को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे। सीटू ने मांग की है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए राज्य सरकार पालिसी बनाए। सीटू ने मांग की कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सभी तरह के श्रम कानून अमल में लाए जाए। सीटू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारियों की तर्ज पर समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए। सीटू ने कहा कि अगर आउटसोर्स कर्मचारियों को न्याय न मिला तो आंदोलन तेज होगा। सीटू ने कहा कि प्रदेश में आउटसोर्स मजदूरों का भारी शोषण हो रहा है। उन्हें बेहद कम वेतन मिलता है। उन्हें महंगाई भत्ता नही मिलता और उनके वेतन को महंगाई सूचकांक के साथ नहीं जोड़ा गया है। प्रदेश में आउटसोर्स मजदूरों की संख्या लगभग 40 हजार का आंकड़ा पार कर चुका है व कई विभागों में उनकी संख्या रेगुलर कर्मचरियों से भी ज्यादा हो गई है परन्तु उसके बावजूद भी उनसे सौतेला व्यवहार जारी है व सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद भी उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा रहा है। सीटू ने भूतपूर्व व वर्तमान सरकार पर आरोप लगाया कि इन दोनों सरकारों ने आउटसोर्स कर्मचारियों से छलावा किया है। सीटू ने इनके लिए वादा करने के बावजूद इनको रेगुलर करने के लिए कोई नीति नहीं बनाई। प्रदेश सरकारों का आउटसोर्स एजेंसियों को भी खुला समर्थन प्राप्त रहा है, जिस कारण ये एजेंसियां एग्रीमेंट व कांट्रैक्ट के फलस्वरूप मजदूरों को न्यूनतम वेतन, छुट्टियां व मेडिकल बेनिफिट आदि नहीं देतीं व आठ घंटे के बजाय बारह घंटे काम करवाती हैं व ओवरटाइम का भुगतान भी नहीं करती हैं। स्वास्थ्य विभाग में 108 व 102 में हर एंबुलेंस में तीन के बजाए दो ड्राइवर व तीन की जगह दो फार्मासिस्ट नियुक्त करके दो मजदूरों का वेतन सीधे रूप में कंपनी द्धारा हजम किया जा रहा है।
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शिमला,(एजेंसी/वार्ता): हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्यभर की निगरानी के लिए ड्रोन तैनात करवाने का निर्णय लिया है।
श्री सुक्खू ने कहा कि इस बात पर गंभीरता से विचार करने की सख्त जरूरत है कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर विभिन्न सरकारी विभागों की सेवाओं को कैसे तेज किया जा सकता है? इससे बड़े पैमाने पर लोगों को भी लाभ होगा। इसके अलावा, प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
श्री सुक्खू ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रसार के लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा सकता है। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि प्रत्याशित परिणाम भी सुनिश्चित होंगे।
उन्होंने कहा कि दुनिया बड़े पैमाने पर उन्नत प्रौद्योगिकी के युग में प्रवेश कर चुकी है। यह समय की मांग है कि सरकार सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास और दक्षता के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाए। राज्य सरकार भविष्य में नयी तकनीक जोड़कर राज्य के लोगों को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
-(एजेंसी/वार्ता)
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रेड क्रॉस एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका मिशन मानवीय जिन्दगी व सेहत को बचाना है। हर साल 8 मई को वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया जाता है। इसकी स्थापना 1863 ई. में हेनरी ड्यूनेन्ट ने जेनेवा में की। इसका मुख्यालय जेनेवा (सि्वट्जरलेंड) में है। इसे तीन बार (1917,1944,1963) में नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है।
रेड क्रॉस का मुख्य उद्देश्य युद्ध या विपदा के समय में कठिनाईंयों से राहत दिलाना है। 8 मई रेडक्रास के संस्थापक हेनरी ड्यूनेंट का जन्म हुआ। इसलिए पूरे विश्व में इसे इसी दिन मनाया जाता है।
रेड क्रांस संस्था के उद्देश्य व उसके कार्य की बात की जाये तो इस संस्था का मुख्य उद्देश्य युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की मदद और चिकित्सा करना है। भारत में इसकी स्थापना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के अनुसार की गई। दुनिया के लगभग 210 देश रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े हुए हैं। रेड क्रॉस के सिद्धांतों को मान्यता 15वें इंटरनेशनल कांफ्रेंस में वर्ष 1934 में मिली, जिसके बाद इसे दुनियाभर में लागू किया गया।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस सोसाइटी (IFRC) ने लीग ऑफ द रेड क्रॉस सोसाइटीज से हर वर्ष इसे मनाए जाने की मांग की। जिसके बाद हर साल वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाने की शुरुआत हुई। 8 मई 1948 को पहला वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया गया। वर्ष 1984 में आधिकारिक रूप से इसका नाम वर्ल्ड रेड क्रॉस डे और रेड क्रेसेंट डे रखा गया।
यह संस्था शांति और युद्ध के समय दुनियाभर के विभिन्न देशों की सरकार के बीच समन्वय का कार्य करती हैं। यह होने वाली महामारी बीमारी जैसी प्राकृतिक आपदा में पीड़ितों की सहायता करती है। इसका मुख्य कार्य मानव सेवा है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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RANCHI : अरगोड़ा थाना क्षेत्र के हरमू हाउसिंग कॉलोनी स्थित नंद नगर में बुधवार की सुबह एक्टिवा स्कूटी सवार दो अपराधियों ने गर्भवती महिला के गले से चेन छीन ली और फरार हो गये। लूट की शिकार महिला सीता कुमारी नंद नगर की ही रहने वाली है। इस घटना पर उसने अरगोड़ा थाने में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की। अपराधियों ने भागने के लिए जिस रास्ते का इस्तेमाल किया है, उस रास्ते में स्थित घरों में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के सहारे पुलिस अब अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। हालांकि पुलिस को ऐसा कोई फुटेज नहीं मिला है जिससे अपराधियों की पहचान हो सके,
वहीं पुलिस को दिए आवेदन में पीडि़त महिला ने बताया है कि वह अपने मां के साथ सुबह 6. 30 बजे घर से निकलकर पटेल पार्क में मॉर्निग वॉक पर गई थी। लौटते समय घर से दस कदम पहले एक अंजान युवक उनके करीब पहुंचा और गले से चेन झपटकर भागने लगा। थोड़ी दूरी पर एक्टिवा स्कूटी सवार दूसरा अपराधी गाड़ी चालू कर खड़ा था। पैदल भाग रहा अपराधी तुरंत स्कूटी पर बैठ गया और दोनों फरार हो गये। पीडि़त महिला ने पुलिस को बताया कि चेन लूटने वाला अपराधी काला पैंट व उजला टीशर्ट पहन रखा था। रंग सांवला था और सर का बाल आगे से खड़ा था। वही उसका साथी जो स्कूटी चला रहा था उसे वह पहचान नहीं पाई। जिसके बाद पुलिस अपराधियों की तलाश में जुट गई है।
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श्रीलंका के पूर्व क्रिकेट कप्तान कुमार संगकारा को खेल मंत्रालय की विशेष जांच समिति के समक्ष बयान देने के लिए कहा गया है। यह समिति इन आरोपों की जांच कर रही है कि भारत के खिलाफ विश्व कप 2011 का फाइनल फिक्स था, जिसमें टीम को हार का सामना करना पड़ा था।
स्थानीय मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई। श्रीलंका के खेल मंत्री ने पिछले महीने पूर्व खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगामगे के इन आरोपों की जांच करने को कहा था कि 2015 विश्व कप फाइनल में भारत के खिलाफ राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की हार को 'कुछ पक्षों' ने फिक्स किया था।
संगकारा उस समय श्रीलंकाई टीम के कप्तान थे। स्थानीय समाचार पत्र 'डेली मिरर' ने एसएसपी डब्ल्यूएजेएच फोनसेका के हवाले से कहा कि खेल मंत्रालय के विशेष जांच विभाग ने संगकारा को बयान दर्ज कराने को कहा है।
खबर के अनुसार संगकारा को गुरुवार को सुबह नौ बजे जांच समिति के समक्ष बयान दर्ज कराने को कहा गया है। विशेष जांच समिति ने श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज अरविंद डिसिल्वा और उस मैच में पारी का आगाज करने वाले उपुल थरंगा के बयान भी दर्ज किए हैं।
डिसिल्वा उस समय चयन समिति के अध्यक्ष थे। जांच इकाई ने 24 जून को अलुथगामगे के बयान दर्ज किए थे, जिन्होंने कहा था कि उनका शुरुआती बयान सिर्फ एक संदेह था जिसकी वह विस्तृत जांच चाहते हैं।
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Meerut । शहर सर्राफा बाजार बंद होने को लेकर सर्राफा व्यापारियों में आक्त्रोश है। सर्राफा व्यापारियों ने डीएम और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बाजार खोलने की मांग की है। मगर प्रशासन ने बाजार बंद करने के स्पष्ट आदेश दे रखे हैं। ऐसे में आज सर्राफा व्यापारी अपना विरोध जताएंगे। वहीं संयुक्त व्यापार संघ नवीन गुप्ता गुट भी आज इस मामले में कूद सकता है।
दरअसल, शहर सर्राफा बाजार में हाल ही में एक कोरोना का मरीज मिला था। जिसके बाद बुधवार को पूरा बाजार बंद करा दिया गया था। सीओ कोतवाली ने सेनेटाइजेशन कराने के लिए बाजार बंद किया था। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्र सिंह ने आदेश जारी कर दिया था कि अग्रिम आदेशों तक बाजार बंद रहेगा। ऐसे में गुरुवार को एक बार फिर सर्राफा व्यापारियों ने सीओ से बातचीत की और पत्र भी लिखा लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। जिसको लेकर सर्राफा व्यापारियों में आक्त्रोश है। आज व्यापारी एकत्र होकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। पहले भी व्यापारी बाजार खुलवाने को लेकर पुलिस और प्रशासन का विरोध कर चुके हैं। व्यापारी नेता विजय आनंद अग्रवाल का कहना है कि जहां पर मरीज मिला है उससे कुछ मीटर का एरिया सील किया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं है कि पूरा बाजार बंद कर दिया जाए। व्यापारी अपने हित की लड़ाई लड़ेगा।
अभी बाजार खोलने की अनुमति नहीं है। अग्रिम आदेशों तक बाजार बंद रहेगा। सिटी मजिस्ट्रेट आउट ऑफ स्टेशन हैं। देर रात या शुक्त्रवार को आएंगे, जिसके बाद ही बाजार के बारे में फैसला लिया जाएगा।
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जयपुर,(G. N. S)। देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में आज 217 लोगों की कोरोना से मौत हो गयी। इसमें अकेले महाराष्ट्र में आज 139 मौतें हुई हैं, जो एक प्रदेश में अब तक की सर्वाधिक मौतें हैं। वहीं देश में आज 7269 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई है, इससे देश में संक्रमितों की संख्या 2 लाख 33 हजार 991 हो गयी है।
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संस्थापक चेयरमैन प्रदीप जैन के नेतृत्व में पार्श्वनाथ डेवलपर्स लिमिटेड 34 सालों के अनुभव के साथ देश के अग्रणी रियल एस्टेट एवं इंफ्रास्ट्रक्टर कंपनियों में से एक बन चुका है। देश के 14 सूबों के कुल 39 शहरों में इसकी मौजूदगी है।
पार्श्वनाथ समूह ने सन् 1984 में रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रवेश किया था। प्रदीप जैन ने यह कंपनी निचले स्तर से शुरू की और इसे सिर्फ तीन दशकों में एक विशाल रूप दे दिया। यह उनके मार्गदर्शन और दूरदर्शी सोच की वजह से हुआ कि कंपनी ने भारत की तरक्की के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा और भविष्य में बहुत से ऐसे अध्याय जोड़ने की तैयारी है।
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Indian Premier League 2021, Kolkata Knight Riders vs Chennai Super Kings, Live Score and Updates: आईपीएल-2021 में 21 अप्रैल को दूसरा मैच कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) और चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium, Mumbai) में खेला जाना है. सीएसके अब तक 3 में से 2 मैच अपने नाम कर चुकी है, जबकि केकेआर ने 3 में से महज 1 मुकाबला ही अपने नाम किया है. आज चेन्नई की निगाहें जीत की हैट्रिक लगाने पर होंगी.
केकेआर की टीम का वानखेड़े में यह इस सत्र का पहला मैच होगा. वह लगातार दो हार झेलने के बाद यहां पहुंची है और ऐसे में धोनी की अगुवाई वाली सीएसके का पलड़ा भारी लगता है. इयोन मोर्गन की कप्तानी वाला केकेआर अपने अभियान को पटरी पर लाने के लिए टीम में कुछ बदलाव कर सकता है।.
कोलकाता नाइटराइडर्स : इयोन मोर्गन (कप्तान), दिनेश कार्तिक, शुभमन गिल, नितीश राणा, टिम सेफर्ट, रिंकू सिंह, आंद्रे रसेल, सुनील नारायण, कुलदीप यादव, शिवम मावी, लॉकी फर्ग्यूसन, पैट कमिंस, कमलेश नागरकोटी, संदीप वारियर, प्रसिद्ध कृष्णा, राहुल त्रिपाठी, वरुण चक्रवर्ती, शाकिब अल हसन, शेल्डन जैक्सन, वैभव अरोड़ा, हरभजन सिंह, करुण नायर, बेन कटिंग, वेंकटेश अय्यर और पवन नेगी.
चेन्नई सुपर किंग्स : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), सुरेश रैना, अंबाती रायुडू, केएम आसिफ, दीपक चाहर, ड्वेन ब्रावो, फाफ डु प्लेसिस, इमरान ताहिर, एन जगदीसन, कर्ण शर्मा, लुंगी एंगिडी, मिशेल सेंटनर, रविंद्र जडेजा, रितुराज गायकवाड़, शार्दुल ठाकुर, सैम करन, जोश हेजलवुड, आर साई किशोर, रॉबिन उथप्पा, मोइन अली, कृष्णप्पा गौतम, चेतेश्वर पुजारा, एम हरिशंकर रेड्डी, के भगत वर्मा और सी हरि निशांत.
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निर्देशक राम गोपाल वर्मा अपनी दो टूक बयानबाजी को लेकर मशहूर हैं। अपने बड़बोलेपन के चलते वह विवादों में भी घिर चुके हैं। उन्होंने बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन के साथ यूं तो पहले कई फिल्मों में काम किया लेकिन लंबे समय से उन्होंने अपनी किसी भी फिल्म में अजय को कास्ट नहीं किया है। जब हाल ही में राम गोपाल से इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। आइए जानते हैं राम गोपाल ने क्या कहा।
बॉलीवुड लाइफ ने फिल्म 'डी कंपनी' में अजय को साइन ना करने पर सवाल उठाया तो राम गोपाल ने कहा, "जब कास्टिंग करते हैं तो कैरेक्टर की विश्वसनीयता को बनाए रखना सबसे जरूरी होता है। दाउद इब्राहिम एक ऐसा शख्स था, जो 25 साल की उम्र में अपने भाई से पीछे था। " उन्होंने कहा, "दाउद कभी सामने नहीं आया। धीरे-धीरे समय 'के साथ उसने खुद को आगे बढ़ाया। कास्टिंग के दौरान मैं इसी भावना को ध्यान में रखता हूं।
राम गोपाल वर्मा ने कहा, "अजय अब 25 साल के नहीं हैं। बतौर एक्टर वह इसे निभाने में पावरफुल हो सकते हैं, लेकिन वह इस फिल्म में बेवकूफ लगते। दर्शक उन्हें पहले शॉट में ही नकार देते। अजय ने पिछले कुछ सालों में अपनी यही छवि बनाई है। इसे ही स्टार कहते हैं। " उन्होंने कहा," मैंने जब 'कंपनी' बनाई थी, अजय एक बड़े स्टार नहीं थे लेकिन सिंघम और अन्य फिल्मों के बाद अब उनका कद बढ़ गया है। "
राम गोपाल वर्मा ने 2002 में अजय देवगन के साथ फिल्म 'कंपनी' बनाई थी। इसके बाद 2003 में उन्होंने अपनी हॉरर फिल्म 'भूत' में भी अजय को लिया और फिर 2007 में फिल्म 'आग' में दोनों ने साथ काम किया। पिछले 14 सालों से दोनों ने एक-दूसरे के साथ काम नहीं किया है। राम गोपाल वर्मा का कहना है कि बड़े स्टार्स को लेने पर काफी दर्शक मिल सकते हैं पर यह फिल्म के प्रति ईमानदारी नहीं होती।
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राजपाल बृहत् हिन्दी-अंग्रेजी शब्दकोश डॉ. हरदेव बाहरी, राजपाल वृहत् अंग्रेजीहिन्दी शब्दकोश डॉ. हरदेव बाहरी, राजपाल हिन्दी शब्दकोश डॉ. हरदेव बाहरी, शिक्षार्थी हिन्दी-अंग्रेज़ी शब्दकोश डॉ. हरदेव बाहरी, राजपाल अंग्रेज़ी-हिन्दी शब्दकोश डॉ. हरदेव बाहरी, राजपाल अंग्रेज़ी - हिन्दी पारिभाषिक शब्दकोश डॉ. हरदेव बाहरी, राजपाल हिन्दी-अंग्रेज़ी थेसॉरस गोपीनाथ श्रीवास्तव, राजपाल अंग्रेजी-हिन्दी राजभाषा प्रयोगकोश गोपीनाथ श्रीवास्तव, राजपाल लोकोक्ति कोश हरिवंश राय शर्मा, राजपाल साहित्यिक मुहावरा कोश हरिवंश राय शर्मा, राजपाल साहित्यिक सुभाषित कोश हरिवंश राय शर्मा, विद्यार्थी हिन्दी शब्दकोश डॉ. ओमप्रकाश, शब्दार्थ- विचार कोश आचार्य रामचन्द्र वर्मा, शब्द- परिवार कोश डॉ. बदरीनाथ कपूर, व्यावहारिक उर्दू-हिन्दी शब्दकोश डॉ. सैयद असद अली, कहावत कोश समर सिंह
विश्वकोश : संदर्भ-ग्रंथ
विश्वकोश-I (पृथ्वी-आकाश-खनिज) डॉ. बालकृष्ण, विश्वकोश-II (आविष्कारखोज) डॉ. बालकृष्ण, विश्वकोश-III (जीव-जंतु : पेड़-पौधे) डॉ. बालकृष्ण, विश्वकोश-IV (विज्ञान-वैज्ञानिक) डॉ. बालकृष्ण, भारतीय संस्कृति कोश लीलाधर शर्मा पर्वतीय, भारतीय चरित कोश लीलाधर शर्मा पर्वतीय, अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति कोश विश्वमित्र शर्मा, भारत रत्न विश्वमित्र शर्मा, 20वीं सदी के सौ प्रसिद्ध भारतीय विश्वमित्र शर्मा, नोबेल पुरस्कार कोश विश्वमित्र शर्मा, नोबेल पुरस्कार सम्मानित भारतीय विश्वमित्र शर्मा, भारत के राष्ट्रपति भगवतीशरण मिश्र, भारत के प्रधानमंत्री भगवतीशरण मिश्र, नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार राजबहादुर सिंह, विश्व के महान वैज्ञानिक फिलिप केन, विश्व की महिला अंतरिक्ष यात्री कालीशंकर, भारतीय भाषाओं के पुरस्कृत साहित्यकार आरसू, 50 क्रांतिकारी राजेन्द्र पटोरिया, 100 प्रसिद्ध भारतीय खिलाड़ी चित्रा गर्ग |
भगवान कृष्ण कभी भी किसी रिश्ते को निभाने में विफल नहीं रहें। खास कर प्यार का रिश्ता। राधा से मोहब्बत करना हो या फिर रुक्मिणी और सत्यभामा का पति बनकर उनका ख्याल रखना। हर रिश्ते को उन्होंने ईमानदारी से निभाया।
रिलेशनशिप डेस्क. प्यार हो या परिवार, दिल से जुड़े जज्बात हों या दोस्ती की बात, इन तमाम पैमानों पर एक नाम की चर्चा सबसे ज्यादा होती है। वह नाम है धरती पर नारायण का अवतार माने जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण (lord krishna)का। कहते हैं कि इकलौते कृष्ण ही थे जो इंसानी भावनाओं से जुड़े सभी 16 कलाओं में निपुण थे। धर्म-कर्म और ज्ञान-विज्ञान से लेकर दोस्ती-प्यार और परिवार-समाज तक कृष्ण हर कसौटी पर संपूर्ण साबित हुए।
कुरुक्षेत्र के मैदान में हुए महायुद्ध के महानायक स्वयं भगवान कृष्ण थे। लेकिन यह भी जग-जाहिर है कि उन्होंने अंतिम वक्त तक युद्ध को टालने की हरसंभव कोशिश की थी। दरअसल कृष्ण तो प्रेम के मसीहा थे और उनका मानना था कि दुनिया का हर मतभेद आपसी बातचीत और प्रेमपूर्ण बर्ताव से दूर किया जा सकता है। निजी जिंदगी में कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी भी यही सीख देती है।
आज के दौर में जबकि रिश्तों को संभालने और संवारने की चुनौती बढ़ती जा रही है, ऐसे में हम आपको कृष्ण की कामयाब जिंदगी के वे सात मंत्र बताने जा रहे हैं जिन्हें अपना कर आप अपने प्यार और परिवार को बिखरने से बचा सकते हैं।
गोकुल की तमाम गोपियों के दिलों में बसने वाले कान्हा का दिल सिर्फ राधा के लिए ही धड़कता था। राधा के जीवन में भी कृष्ण से अनमोल कोई नहीं था। इस अमर प्रेम कहानी के सूत्रधार स्वयं कृष्ण ही थे जिन्होंने अवतारी पुरुष होने के बावजूद कभी भी राधा का अनादर नहीं किया। गोपियों को छेड़ने से लेकर उनकी गगरी फोड़ने तक कृष्ण की लीलाओं से जब भी राधा खीझती थी तो उन्हें मनाने के लिए कान्हा दिन-रात एक कर देते थे। जब तक राधा रानी मान नहीं जातीं तब तक कृष्ण हार नहीं मानते थे। प्रेमी-प्रेमिकाओं और पति-पत्नी के रिश्ते को कामयाब बनाने की यह सबसे बड़ी सीख है।
कान्हा को अपने दोस्तों की टोली बहुत पसंद थी। वे अक्सर गाय चराने और माखन चुराने के लिए अपनी टोली के साथ निकल जाया करते थे। राधा रानी को कृष्ण का यह फक्कड़ अंदाज बिल्कुल पसंद नहीं था। पर कृष्ण को दोस्ती के साथ-साथ प्यार निभाना भी खूब आता था। उन्हें जब भी समय मिलता वे अपनी बांसुरी लेकर यमुना के तट पर पहुंच जाते और फिर ऐसी सुरीली तान छेड़ते कि राधा उनके पास खिंची चली आती थीं। निजी जिंदगी में अपने हमसफर का दिल जीतने के लिए ऐसे जतन बेहद जरूरी हैं।
कृष्ण जब बांसुरी बजाते थे तो राधा मदहोश हो जाती थीं। और कृष्ण जब रास रचाते थे तो राधा सुध-बुध खोकर नाच उठती थीं। राधा-कृष्ण का एक दूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण का भाव इसलिए इतना गहरा था कि क्योंकि दोनों एक दूसरे की कद्र करते थे। जिस तरह राधा रानी कृष्ण की कला की सराहना करती थीं उसी भाव में कृष्ण भी हमेशा उनका हौसला बढ़ाया करते थे। जब समाज ने दोनों के रिश्ते पर उंगली उठाई तब भी कृष्ण पूरी मजबूती से राथा के साथ खड़े रहे। कृष्ण तमाम गोपियों में राधा को ही सर्वश्रेष्ठ मानते थे और उनका कोई भी उत्सव राधा के बिना पूरा नहीं होता था। सीख यह है कि अगर प्यार के रिश्ते में एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते रहें तो संबंधों की बुनियाद कभी नहीं हिलती।
कहते हैं प्यार में तकरार न हो तो वह अधूरा है। कृष्ण और राधा का प्रेम भी इससे अछूता नहीं था। कई बार कृष्ण की बातें या बर्ताव राधा को चुभ जाया करती थीं। बाल लीला खत्म करने के बाद जब कृष्ण अपने माता-पिता को जेल से रिहा करवाने के लिए मथुरा जाने लगे तो राधा बिल्कुल तैयार नहीं थीं। वह जानती थीं कि कृष्ण को मथुरा में कंस से लड़ना है। ऐसे में कृष्ण ने अपना कर्तव्य याद दिलाते हुए राधा की उलझन दूर की और मथुरा के लिए रवाना हुए। यह प्रसंग सिखाता है कि प्यार और प्रोफेशन के बीच कैसे संतुलन बनाया जा सकता है।
जिस रिश्ते में भरोसा न हो वहां प्यार नहीं टिकता। कृष्ण का प्रेम संबंध भरोसे की बुनियाद पर ही मजबूती से खड़ा रहा। राधा को पता था कि कृष्ण के जीवन का लक्ष्य कितना बड़ा है। यह भी मालूम था कि एक बार कृष्ण गोकुल से चले गए तो लौट कर नहीं आएंगे। बावजूद इसके दोनों के रिश्ते में कभी खटास नहीं आई। बाद में जब कृष्ण ने रुक्मिणी और सत्यभामा से विवाह कर लिया, तब भी दोनों का प्रेम खत्म नहीं हुआ। अपने वैवाहिक जीवन में कृष्ण ने पति और पिता का धर्म भी बखूबी निभाया। प्रेम संबंध से इतर दांपत्य जीवन में प्रवेश करने वालों के लिए कृष्ण का ये संदेश भी काफी मायने रखता है।
प्रेम से भरे जीवन में पास-पास रहने से ज्यादा जरूरी होता है साथ-साथ रहना। कृष्ण का प्रेम दर्शन भी इसी पर आधारित है। मथुरा जाने के बाद कृष्ण भी राधा और अन्य गोपियां की विरह वेदना से अनजान नहीं थे। इसीलिए उन्होंने समझाने-बुझाने के लिए उद्धव को अपना दूत बनाकर गोकुल भेजा। पर राधा और गोपियों ने उद्धव को यह कहकर निरुत्तर कर दिया कि कृष्ण भले उनके साथ नहीं पर उनका प्रेम हमेशा उनके साथ रहेगा।
रिश्ता प्यार का हो या दोस्ती का, उसके प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में भी कृष्ण का जीवन मिसाल है। जिस भाव से कृष्म ने राधा से प्रेम का रिश्ता निभाया उसी जिम्मेदारी के साथ सुदामा के साथ दोस्ती के रिश्ते का ख्याल रखा। मैया यशोदा और नंद के वात्सल्य का भी मान रखा। साथ ही माता देवकी और पिता वासुदेव के प्रति भी अपना कर्तव्य निभाया। भाई बलराम और बहन सुभद्रा अगाध स्नेह रहा तो अर्जुन और द्रौपदी के प्रति कृष्ण का सखा भाव का भी कोई सानी नहीं। गुरु सांदीपनी के प्रति कृष्ण का शिष्य भाव और भीष्म पितामह के प्रति श्रद्धा भाव का भी पूरी मर्यादा से पालन किया। मथुरा और द्वारिका के राजा बनकर प्रजा का ख्याल रखा और महाभारत युद्ध में गीता का ज्ञान देकर जगत कल्याण के लिए काम किया। जाहिर है, दुनिया को कर्म का अनमोल सिद्धांत देने वाले कृष्ण पथ पर चलकर ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।
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10. प्राधिकारी नोट करते हैं कि रॉल अथवा शीट रूप से इतर विनाइल टाइल्स भारतीय बाजार में एक नया उत्पाद है। यह उत्पाद आरंभिक स्तर पर है और संबद्ध सामानों के लिए उत्पादन केवल क्षति की अवधि के दौरान भारत में शुरु हुआ है। भारत में संबद्ध सामानों की मांग भारत में घरेलू उत्पादन शुरु होने से पूर्व विचाराधीन उत्पाद के आयातों द्वारा पूरी की जाती थी।
11. विचाराधीन उत्पाद का विनिर्माण किसी रूप में पीवीसी और कैल्शियम कार्बोनेट का प्रयोग करके किया जाता है। कुछ हितबद्ध पक्षकारों ने इस संबंध में स्पष्टीकरण की मांग की है कि क्या रिसाइकिल पीवीसी का प्रयोग करके विनिर्मित विनाइल टाइलें विचाराधीन उत्पाद के क्षेत्र के अंतर्गत शामिल हैं। प्राधिकारी नोट करते हैं कि यद्यपि घरेलू उद्योग अपने अपशिष्ट के रूप में पीवीसी में रिसाइकिल्ड और वर्जिन पीवीसी का प्रयोग करता है तथापि वह बाजार से रिसाइकिल्ड पीवीसी नहीं लेता है। किसी भी दशा में, यह नोट किया जाता है कि विभिन्न कच्ची सामग्री का प्रयोग इस उत्पाद को भिन्न नहीं बनाता और इसीलिए वर्तमान मामले में रिसाइकिल्ड तथा वर्जिन पीवीसी का प्रयोग करके विनिर्मित सामान विचाराधीन उत्पाद के क्षेत्र के अन्तर्गत शामिल हैं। साफ्ट फ्लोरिंग को विचाराधीन उत्पाद के क्षेत्र से अलग किया गया है क्योंकि इसका विनिर्माण पीवीसी और कैल्शियम कार्बोनेट का प्रयोग करके नहीं किया जाता है।
हितबद्ध पक्षकारों ने दावा किया है कि याचिकाकर्ताओं से उत्पाद में शामिल किए जा रहे नए घटकों को स्पष्ट करने के लिए कहा जाना चाहिए। उत्तर में याचिकाकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया है कि यह उत्पाद अभी आरंभिक स्तर पर है जिसके कारण इसके घटक एक समायावधि में विकसित हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, यद्यपि पूर्व में इस उत्पाद की बिक्री बिना कुशन के की जा रही थी, तथापि अब कुशनयुक्त उत्पादों की आपूर्ति की जा रही है। प्राधिकारी नोट करते हैं कि हितबद्ध पक्षकारों ने किसी उत्पाद विशिष्ट घटक का दावा नहीं किया है जिसके आधार पर इसे हटाए जाने की मांग की गई है और इस प्रकार उत्पाद के क्षेत्र में इस कारण किसी संशोधन की आवश्यकता नहीं है।
कुछ हितबद्ध पक्षकारों ने इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या विनाइल प्लंक्स विचाराधीन उत्पाद के क्षेत्र के अन्तर्गत शामिल हैं। प्राधिकारी नोट करते हैं कि विनाइल प्लंक्स आयताकार में टाइले हैं और इसीलिए विचाराधीन उत्पाद के क्षेत्र के अन्तर्गत शामिल हैं।
कुछ हितबद्ध पक्षकारों ने यह तर्क दिया है कि लचीली टाइलों को विचाराधीन उत्पाद के क्षेत्र से अलग किया जाना चाहिए। प्राधिकारी नोट करते हैं कि लचीली टाइलों के संबंध में अन्य हितबद्ध पक्षकारों द्वारा कोई सूचना दायर नहीं की गई है। प्राधिकारी नोट करते हैं कि रिजिड टाइलों में भी लचीलेपन का एक घटक है और लचीलापन वह घटक है जो विनाइल टाइलों की मोटाई और लंबाई से आता है। 2.5 एमएम की विनाइल टाइल 8 एमएम की विनाइल टाइल से अधिक लचीली है। रिकॉर्ड में उपलब्ध सूचना यह दर्शाती है कि संबद्ध सामान फोल्डेड अथवा रॉल्ड होने में अक्षमता के कारण बाजार क्षेत्र में रिजिड विनाइल टाइलों के रूप में जाने जाते हैं। इस प्रकार, टाइलों के लचीलेपन के आधार पर इसे हटाया जाना आवश्यक नहीं है ।
किसी भी हितबद्ध पक्षकार ने ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया है कि हटाए जाने के लिए अनुरोध किए गए उत्पाद की तकनीकी विशिष्टताएं घरेलू उद्योग द्वारा उत्पादित नहीं की जा सकती।
इस तर्क के संबंध में कि क्या याचिकाकर्ता रॉल फार्म में उत्पादों का विनिर्माण कर रहे हैं, प्राधिकारी नोट करते हैं कि विचाराधीन उत्पाद रॉल अथवा शीट फार्म में विनाइल टाइलों को अलग करता है। याचिककर्ताओं ने यह अनुरोध किया है कि संबद्ध सामान रॉल्ड फार्म में नहीं हो सकते क्योंकि उत्पाद की रॉलिंग अथवा फोल्डिंग से उत्पाद में दरारें आ जाएंगी। प्राधिकारी यह भी नोट करते हैं कि याचिकाकर्ता केवल रॉल अथवा शीट फार्म से इतर विनाइल टाइलों का उत्पादन करते हैं और इसीलिए इन्हें विचाराधीन उत्पाद के क्षेत्र से अलग रखा गया है।
रिकॉर्ड में उपलब्ध सूचना के आधार पर प्राधिकारी नोट करते हैं कि घरेलू उद्योग द्वारा उत्पादित संबद्ध सामानों और संबद्ध देशों से आयातित संबद्ध उत्पाद में कोई ज्ञात अंतर नहीं है। ये दोनों भौतिक विशेषताओं, विनिर्माण प्रक्रिया, प्रकार्य और प्रयोग, उत्पाद विशिष्टियों, वितरण एवं विपणन तथा सामानों के प्रशुल्क वर्गीकरण के संदर्भ में तुलनीय हैं। ये दोनों तकनीकी और वाणिज्यिक रूप से प्रतिस्थापनीय हैं। उपभोक्ताओं ने इन दोनों का परस्पर परिवर्तनीय रूप से प्रयोग किया है और कर रहे हैं। प्राधिकारी नोट करते हैं कि याचिकाकर्ताओं द्वारा विनिर्मित उत्पाद नियमावली के नियम 2 (घ) के अनुसार संबद्ध देशों से भारत में आयात किए जा रहे विचाराधीन उत्पाद की समान वस्तु हैं।
18. अतः, वर्तमान जांच के लिए विचाराधीन उत्पाद संबद्ध देशों के मूल के अथवा वहां से निर्यातित 0.15 एमएम से 0.7 एमएम की रेंज में मोटाई वाली संरक्षी परत के साथ 8 एमएम की अधिकतम टाइल मोटाई और 2.5 एमएम की
न्यूनतम टाइल मोटाई वाली "रॉल अथवा शीट फार्म से इतर विनाइल टाइल" है । टाइल की मोटाई में कुशन की मोटाई शामिल नहीं है। बाजार क्षेत्र में विचाराधीन उत्पाद लग्जरी विनाइल टाइल, लग्जरी विनाइल फ्लोरिंग, स्टोन प्लास्टिक कम्पोजिट, एसपीसी, पीवीसी फ्लोरिंग टाइल, पीवीसी टाइल्स या रिजिड विनाइल टाइल, रिजिड विनाइल फ्लोरिंग के रूप में जाना जाता है और वर्तमान जांच परिणाम में लग्जरी विनाइल टाइल अथवा एलवीटी के रूप में उल्लिखित किया गया है। लग्जरी विनाइल टाइल क्लिक अथवा लॉक यंत्र के साथ अथवा बिना उसके हो सकती हैं। लग्जरी विनाइल टाइल उस विनाइल की किस्म के लिए आमतौर पर उद्योग द्वारा प्रयुक्त शब्द है जो वास्तव में घिसाई और निष्पादन में सुधार लाने के लिए बढ़ाई गई परत के साथ प्राकृतिक सामग्री की दिखावट बताती है। विचाराधीन उत्पाद का प्रयोग आवासीय और वाणिज्यिक भवनों में फर्शों की कवरिंग के लिए किया जाता है। विचाराधीन उत्पाद शीर्ष 3918 के अंतर्गत सीमा प्रशुल्क अधिनियम के अध्याय 39 के तहत वर्गीकृत है। विचाराधीन उत्पाद का समर्पित सीमाशुल्क वर्गीकरण नहीं है । यद्यपि विचाराधीन उत्पाद 39181090 के तहत वर्गीकरण योग्य है, तथापि, आवेदकों ने दावा किया है कि उत्पाद का आयात कोड 39181010, 39189010, 39189020 और 39189090 के तहत भी हो रहा है । तथापि, सीमाशुल्क वर्गीकरण केवल सांकेतिक है और वर्तमान जांच में विचाराधीन उत्पाद के दायरे पर बाध्यकारी नहीं है।
घरेलू उद्योग का क्षेत्र और आधार
अन्य हितबद्ध पक्षकारों के विचार
घरेलू उद्योग और आधार के संबंध में अन्य हितबद्ध पक्षकारों द्वारा निम्नलिखित अनुरोध किए गए थेः
यह स्पष्ट नहीं है कि नियम 2(ख) के तहत एक व्यापारी के रूप में डब्ल्यूजीबीएल को घरेलू उद्योग के क्षेत्र में कैसे शामिल किया जा सकता है। इस संबंध में, डब्ल्यूजीबीएल के व्यापारिक प्रचालनों के ब्यौरों पर विचार किया जा सकता है कि क्या उनके पास डब्ल्यूएफएल के उत्पाद को बेचने के विशिष्ट अधिकार हैं और क्या वे अन्य उत्पाद बेचते हैं।
यह बात दोहराई जाती है कि पाटनरोधी नियमावली के नियम 2 ( ख ) के अनुसार केवल एक उत्पादक ही घरेलू उद्योग का भाग बनने का पात्र है। चूंकि नियम 2 (ख) में घरेलू उद्योग के भाग के रूप में "व्यापारी" की परिकल्पना नहीं है अतः घरेलू उद्योग के भाग के रूप में उनकी मूल कंपनी (डब्ल्यूआईएल) के व्यापारिक अंग (डब्ल्यूजीबीएल) पर विचार करने के लिए आवेदक उद्योग (डब्ल्यूएफएल) का कोई प्रयास झूठा, गलत माना गया और कानून के समर्थन के बिना है और इसीलिए इसे सीधे ही रद्द किया जाना चाहिए।
घरेलू उद्योग द्वारा उद्धृत मामले के संबंध में यह अनुरोध है कि उद्धृत मामले का इस मामले पर कोई प्रभाव नहीं है क्योंकि नियम 2(ख) घरेलू उद्योग के क्षेत्र से संबंधित है जिसमें उद्धृत मामला एकल आर्थिक कंपनी के तहत किसी निर्यातक से पूरे उत्तर की स्थिति से संबंधित है। अतः, उद्धृत मामले का इस मामले पर कोई प्रभाव नहीं है। इसके विपरीत, घरेलू उद्योग एक भी उदाहरण देने में विफल रहा, जहां प्राधिकारी ने घरेलू उद्योग के भाग के रूप में व्यापारी को माना है अथवा क्षति विश्लेषण या क्षति मार्जिन के लिए उसके खर्चों को शामिल किया है। उपर्युक्त के मद्देनजर यह विनम्र अनुरोध है कि वर्तमान जांच में डब्ल्यूएफएल और डब्ल्यूजीबीएल को एकल आर्थिक कंपनी के रूप में नहीं माना जा सकता। उत्तरदाता माननीय प्राधिकारी से विनम्र अनुरोध करते हैं कि वे कृपया घरेलू उद्योग के अनुरोध को रद्द करें।
उपर्युक्त तथा घरेलू उद्योग के कानूनी रूप से असंधारणीय अनुरोध के पूर्वाग्रह के बिना यह अनुरोध है कि आवेदक उद्योग का यह दावा कि व्यापारिक कंपनी को घरेलू उद्योग माना जाना चाहिए, भी तथ्यों के किसी औचित्य के बिना है। इस संदर्भ में, प्राधिकारी का ध्यान उनकी वार्षिक रिपोर्ट की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया गया है कि संबद्ध पक्षकारों के साथ उनके सभी लेन-देन समिपष्ट कीमतों के आधार पर हैं। मामला ऐसा होने पर आवेदक के लिए कानूनी तौर पर और संकल्प मात्र रूप से प्राधिकारी से यह अनुरोध करने का पूर्णतः कोई आधार नहीं है कि वे क्षतिरहित कीमत परिकलन के लिए अथवा क्षति विश्लेषण के लिए डब्ल्यूजीबीएल से संबंधित किसी आंकड़े पर विचार करें।
यह अनुरोध है कि चूंकि डब्ल्यूएफएल अपनी संबद्ध कंपनी को आस-पास (जैसा कि उनकी वार्षिक रिपोर्ट में उल्लिखित है) की कीमतों पर संबद्ध सामानों की बिक्री कर रहा है। अतः, प्राधिकारी को उनकी कीमतों पर विचार करना चाहिए जिन पर डब्ल्यूएफएल ने डब्ल्यूजीबीएल को संबद्ध सामानों की बिक्री की है। |
हिन्दी कथामरियागर
[ भारम्भ से तरह ७३३
परिभाषा से यह है कि जो धारा गया यह हारा गया। फिर जीता हुआ कोई किमो को देता मीं, भोभो जो यह मित्र होकर अपनी इच्छा सेना जोता हुआ धन हमें दे रहे हैं तो हमलोग य न ले लेवें। उसका ऐसा कथन मुम और मय जुधारो योस - "यदि यह माग्तत सत्य ( १ ) करके ऐसा करें त तो हमलोग इनका अनुरोध सीकार कर सकते है अन्यथा नहीं।" उनका ऐसा यचन सुन भीमभट मे गामा कि ये सब भी चोर हैं, ऐसा स्थिर कर उन्होंने उनसे
मेथी कर ली और उन्हें वह धन दे दिया।
अव यथा सब लोग मित्र हो गये, तब उम जुभारियों ने यह अनुरोध किया कि आायो चलें किसो उद्यान में भाज विहार किया जाय। अस्तु राजकुमार भीमः भट उनके साथ एक उद्यान में गये जहां उन जुधारियों के कुटुम्बी भी. एकवित हुए, अनेक प्रकार के व्यश्वन और अवपानादि का समाधार हुआ तब भीमभट ने भो उनके आमोद से आनन्दित हो उनके साथ विहार का भानन्द लूटा । इसके उपरान्त चन्चतपण्णक आदि ने उनसे उनका पता पूछा जिसके उत्तर में भोमभट ने अपना वंश, नाम और वृत्तान्त कह मुनाया और तत्पथात् उनका. वृत्तान्त भी पूछा। तब अच्चचपणक उन्हें अपना हाल इस प्रकार सुनाने लगा
हस्तिनापुर में शिवदत्त नामक एक ब्राह्मण था, उसका पुत्र वमुदश ना. मक हूं । पिता मेरे बड़े धनी थे । बाल्य अवस्था में मैंने वेदविद्या और शास्त्रविद्या मोखीं तब प्रिता ने अपने बराबर कुल से मेरा विवाह थारा दिया। माता मेरो बड़ी रौद्रा (२) ऐसी कोपना कि उनका मनाना दुराध्य था। उनके कारण मेरे पिता नितान्त उद्दिन हो गये, में विवाहित तो होहो गया था, भार्थ्या मेरी मेरे पासही रहती थी इसमें पिता को किसी प्रकार की चिन्ता भी न थी सो वह घर छोड़ न जानें कहां चले गये। पिता का ऐसा व्यापार देख मेरे मन में बड़ा भय सपना सो माता जिस प्रकार प्रसन्न रहें वही बात में सोचने लगा। मैंने अपनी भार्थ्यां को जननी की सेवा शुश्रूषा में नियुक्त कर दिया, भार्या भी बहुत डरती ह रहती स्थापि सदा सचेष्ट रहती कि कभी सामु जो चमग्र न हो जायें। माता उससे भो असन्तुष्ट रहतों और मदा कलह करतो हो रहत; अब यह चुपचाप रह
माइवतीनामसम्यक १२ ।
र मित्र मिले। तब वह उनके माथ माना प्रकार को कथा वार्ता करने लगे मानन्द मे विहार करके भय लोगों न वह दिन बिताया। इतन ช धू सब प्रकार से वार किये चन्द्र का टीका लगाये विराजमान हुई तब भीमर म प्रधान से उठकर उन छः पचतकादिकों के साथ उनके घर गये ।
राजकुमार भीमभट उनके साथ रहते थे कि उसी अवमर में वर्षा ऋतु भा राजी जिसके अलवर्षय और थोर गर्जन से उनको मित्रप्राप्ति की सूचना नो हुई। उस समय वहां पर विपाशा मान्यो जो नदी थी सो मार्गी मतवालो गयो क्योंकि उसका जल तो जाकार समुद्र में गिरता है परन्तु एक तो वह (श बाढ़ से स्वयं मर्याद तोड़ चली घो दूसरी उधर से समुद्र के प्यार होने के र वह नदो उलटो बहने लगो । महावारि पुर से जब वह अपने तट के पर बहने लगी इसमें में समुद्र भाटा होने से वह निम्नगा फिर निम्नगाठी । गयी । घसी समय ऐसा हुआ कि तरफ में एक महामस्य यह कर पाया, हाभारो या इससे फिर वह न गया किन्तु नदी किनारे पा लगा । उसे देख
के लोग दौड़े और मामा भावुध से उसे पीटने लगे, पीटते २ सभों ने उस पेट फाड़ डाला इसने में उसमें से एक भीमा जागता युवा ब्राह्मण निकल पड़ा, स पहुत दर्शन से सब लोग कोलाहल करने लगे। कोलाहल सुन राजकुमार मभट उन मिर्चों के साथ वहां गये कि देखें बात क्या क्या है कि न देखते ४ जो महलो के पेट से निकला है मियसुहद् महदा है। दोड़ कर उससे लिपट रोने और अबुधारापों से उमे मींचने लगे, मानों मोन के उदर में रहने से उनके शरीर में मलिनता हग गई यो उसे धोने लगे । महत भारी विपत्ति बारपाय अपने मित्र को गाढ़ आलिङ्गन कर बड़ाही आनन्दित हुधा प उसकेका भन्न था। तब भीमभट से बड़े कोइक से से शहदत इस प्रकार भुनाने लगा।
लय मेंगा की धारा में पड़ आपको दृष्टि से बहुत हम मास्य में मुझे पति निगल लिया, उससे दो में में पैठा, मुझे वह बहुत दिन रहवा पड़ा । मे पाता क्या हम दुर्ग में उमी का माम बाट वर पावर वाडयापन करने समा, पात्र विधाता से
हिन्दो कथासरिकागर ।
धारा से तरह ०५
तब मेरी जननी भांगन में बेद चिक्षा २ रोने लगी। उनका रोना सुन में भीतर गया और बहुतेरे बन्धुवान्धव भी टुर आये और उनसे पूछने लगे कि परेवा क्या हुआ है ? तब वह डाह से इस प्रकार बोलीं,-"क्या कहूं बहू ने भाकर मेरी यह दुर्दशा को है, राम जानें जो मैं कुछ बोली होऊ, बिना कारण उसने हु इतना कष्ट दिया है, अब मरनेहो से मेरा निस्तार है और कोई उपाय नहीं झता।" इतना सुनतेहौ बान्धव लोग कोप से लाल हो गये, माता को लेकर है मेरे साथ वक्षं गये जहां घर के भीतर यह कठपुतली बन्द यो । ताला खोल द्वार उघाड़ जो वे भीतर गये तो वहां के अतिरिक्त और कोई न दोन
पड़ा, तब ती माता को करनी पर वे हँसने लगे और समझ गये कि यह
है । माता तो अपनौ इस चाल से बहुत ही लज्जित हुई। अञ्च वान्यवों को मेरी बात का विखास हो गया। इसके उपरान्त वे अपने २ घर चले गये ।
अब में अपना देश त्याग वहां से निकला। इधर उधर घूमता घामता इस प्रदेश में पहुँचा और देषात् इम द्यूतशाला के भीतर भाया । यहां मैंने इन पांच जनीं को जूभा खेलते देखा, यह चण्डभुजङ्ग है, वह पांसुपट है, यह शमशानवेताद है फिर वह कालवराटक है और यह भारिप्रस्तर है, ये पांचों शूर और सुख पराक्रम हैं । में यहां इनके साथ जूम्रा खेलने लगा, पण यह ठहरा कि जो हारे यह जीतनेवाले का दास होषे, ये पांचों हारकर मरे दास हो गये परन्तु सर पूछिये तो इनके गुणों से मैंही मोहित हो इनका दास हो गया हूं । इनके साथ रहते २ मैं अपना दःख भून गया, जैसी अवस्था होती है पैसाडी नाम भी चाहिये यस इसोसे मेरा नाम अचचपयक है । ये सब भी सरकुलोत्पत्र हैं, पर किये प है, इवों के साथ में भी यहीं पड़ा हूं, अहोभाग्य जो आज चाप मिल गये । अन तो आप हमारे प्रभु है यही समझकर हमने पायका यह धन स्वीकार किया क्योंकि हमलोग गुण के पड़े धनुरागी है ।
इस प्रकार अब अवक्षपचक अपना वृतान्त मुना चुका तब दूसरे मद भी मा नुसार अपना २ वृत्तान्त भोमभट को हुमा गये । पराभोमभट के मन
में यह निषय हो गया कि ये सब के सदर है किन्तु धन पर्जन करने के ऐसा टाँग रथे बैठे रहते हैं, सोहोंने अपना भाग्य अन्य मामा से ए |
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अपने कंप्यूटर में डिस्क स्पेस फ्री करने के लिए सुरक्षित तरीके से टेम्पररी और अनावश्यक फाइल्स को कैसे डिलीट करना है, यह आप इस विकिहाउ आर्टिकल के जरिए सीखेंगे। विंडोज द्वारा क्रिएट किए गए सभी तरह के टेम्पररी फाइल्स हार्ड ड्राइव में मौजूद होते हैं। हालांकि, यह फाइल्स नुकसान नहीं पहुँचाते हैं, लेकिन यह फाइल्स आपके कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव में बेशकीमती स्पेस को कम कर देते हैं। आप प्रीफ़ेच फाइल्स को भी डिलीट कर सकते हैं, जो पहली बार कोई एप लॉन्च करने पर ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा क्रिएट हो जाते हैं। यह फाइल्स एप्स को शीघ्रता से ओपन करने में मदद करते हैं और यह बहुत अधिक डिस्क स्पेस आक्यूपाइ नहीं करते हैं, लेकिन यदि आपके कंप्यूटर में डिस्क स्पेस कम दिखाई दे रही हैं, तो बेझिझक आप इन फाइल्स को डिलीट कर सकते हैं।
{"smallUrl":"https:\/\/www2Clean up system files बटन पर क्लिक करेंः यह बटन आपको डायलॉग विंडों में नीचे की तरफ बाएं कोने में दिखाई देगा। विंडोज द्वारा प्राइमरी हार्ड ड्राइव (जहाँ टेम्प फाइल स्टोर होते हैं) स्कैन हो जाने के बाद, आपको एक नया विंडो दिखाई देगा।
- आगे बढ़ने के लिए शायद आपको एडमिनिस्ट्रेटर पासवर्ड को एंटर करने की आवश्यकता होगी।
{"smallUrl":"https:\/\/www4सिलेक्टेड फाइल्स को डिलीट करने के लिए OK बटन पर क्लिक करेंः यदि आप कई GB फाइल्स को एक साथ डिलीट कर रहे हैं, तो इस कार्य में थोड़ा समय लग सकता है। एक बार सारी फाइल्स डिलीट हो जाएंगे, तो आपके हार्ड डिस्क में स्पेस बन जाएगी।
{"smallUrl":"https:\/\/www2"Run" बॉक्स में prefetch टाइप करें और ↵ Enter की दबाएंः एंटर क्लिक करने पर फाइल एक्सप्लोरर में प्रीफ़ेच फोल्डर खुल जाएगा।
- आपके सेक्यूरिटी सेटिंग्ज के आधार पर, आपको फोल्डर में मौजूद कंटेन्टस देखने से पहले एडमिन पासवर्ड एंटर करने की या एक्शन को कन्फर्म करने की आवश्यकता हो सकती है।
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- यह फाइल्स तब तक पर्मनेंटली डिलीट नहीं होंगे जब तक आप रीसायकल बिन को एम्प्टी नहीं करते हैं। रीसायकल बिन को एम्प्टी या खाली करने के लिए, रीसायकल बिन एप को खोलें और उसमें ऊपरी-बाईं तरफ मौजूद Empty Recycle Bin बटन पर क्लिक करें।
- जब आप फाइल्स को पर्मनेंटली डिलीट कर लेते हैं, तब रीसायकल बिन को एम्प्टी या खाली करें।
- प्रीफ़ेच फाइल्स को डिलीट करने से आपके कंप्यूटर की स्पीड कम हो जाएगी। यह बेहतर होगा कि आप इन फाइल्स को डिलीट न करें जब तक आपको पता न हो कि आप क्या कर रहे हैं।
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Mahatma Gandhi: सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी गई कि लता रामगोबिन ने 'न्यू अफ्रीका अलायंस फुटवेयर डिस्ट्रीब्यूटर्स'के निदेशक महाराज से 2015 के अगस्त में मुलाकात की थी।
नई दिल्ली। देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पड़पोती को दक्षिण अफ्रीका में डरबन की एक कोर्ट ने 60 लाख रैंड की धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में दोषी करार देते हुए सात साल कैद की सजा सुनायी है। बता दें महात्मा गांधी की पड़पोती आशीष लता रामगोबिन (56) को सोमवार को अदालत ने यह सजा सुनाई है। आशीष लता रामगोबिन पर उद्योगपति एसआर महाराज के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था। महाराज ने उन्हें कथित रूप से भारत से एक ऐसी खेप के आयात और सीमाशुल्क कर के समाशोधन के लिए 62 लाख रैंड दिये थे जिसका कोई अस्तित्व नहीं था। इस मामले में उन्हें मिलने वाले लाभ का एक हिस्सा देने का वादा किया गया था। गौरतलब है कि लता रामगोबिन जानी मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता इला गांधी और दिवंगत मेवा रामगोबिंद की संतान हैं। साल 2015 में इस मामले में लता रामगोबिन के खिलाफ अदालत में सुनवाई शुरू हुई थी।
उस दौरान राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (NPA) के ब्रिगेडियर हंगवानी मूलौदजी ने कहा था कि उन्होंने संभावित निवेशकों को यकीन दिलाने के लिए कथित रूप से फर्जी चालान और दस्तावेज दिये थे। उस दौरान बताया गया था कि भारत से लिनेन के तीन कंटेनर आ रहे हैं। उस वक्त लता रामगोबिन को 50,000 रैंड की जमानत राशि पर रिहा कर दिया गया था।
सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी गई कि लता रामगोबिन ने 'न्यू अफ्रीका अलायंस फुटवेयर डिस्ट्रीब्यूटर्स'के निदेशक महाराज से 2015 के अगस्त में मुलाकात की थी। कंपनी कपड़ों, लिनेन और जूते-चप्पलों का आयात, निर्माण और बिक्री करती है। महाराज की कंपनी को मिलने वाले लाभ के आधार पर ही बाकी दूसरी कंपनियों को आर्थिक मदद भी मुहैया होती है। महाराज से लता रामगोबिन ने कहा था कि उन्होंने 'साउथ अफ्रीकन हॉस्पिटल ग्रुप नेट केयर' के लिए लिनेन के तीन कंटेनर मंगाये हैं।
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फिरोजाबाद में 'पंडित जलपान गृह' नाम से खस्ता कचौड़ी की 7 साल पुरानी दुकान है। यहां के मालिक पंडित जी बड़े ही खुशमिजाज शख्स हैं। रोजाना सुबह दुकान खोलते हैं और चटपटी कचौड़ियां लोगों को परोसते हैं। अपनी लच्छेदार बातों से ग्राहकों को कायल करने वाले पंडित जी की कचौड़ियां खाने लोग दूर-दूर से आते हैं। फूड ब्लॉगर्स और यूट्यूबरों का तो मजमा ही लगा रहता है। 10 रुपए में मसालेदार कचौड़ी और रायते में डूबी हुई खस्ता ग्राहकों को बहुत भांति है।
अखाड़े में बदल गया मंडप, दुल्हन को घसीटने लगे रिश्तेदार, दूल्हे को देख लोग बोले- 'क्या पति बनेगा रे तू? '
पंडित जी गिनाते हैं सभी के 7 बाप!
सोशल मीडिया पर फूड अनलॉक ऑफिशियल इंस्ट्रा आईडी से पंडित जी का वीडियो पोस्ट हुआ। जिसमें पंडित जी ने मजाकिया अंदाज में अपने ग्राहक को लच्छेदार बातों में उलझाया और अपनी कचौड़ी का स्वाद चखाया। साथ ही 7 बाप का ज्ञान दे डाला।
- पहला- सबका बाप ऊपर बैठा (ईश्वर) है।
- दूसरा- जिसने आपको जन्म दिया।
- तीसरा- घरवाली के पिताजी को क्या कहेंगे आप पापाजी।
- चौथा- सबसे बडा समय। सबसे बलवान।
- पांच- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी।
- छठवां- जब गाय हमारी माता है तो. . . बाकी समझदार हैं।
- सातवां- वक्त पड़े तो आदमी गधे को भी बाप बना लेता है।
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चुनाव आयोग कोविड प्रोटोकॉल्स लागू करवाने में नाकाम क्यों रहा? उसके 27 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा क्यों ना चलाया जाये?
Lucknow : उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे कोरोना संकट के बीच पंचायत चुनाव ड्यूटी में लगे 135 शिक्षकों की मौत का मामला सामने आया है. शिक्षकों की मौत पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. साथ ही हाईकोर्ट ने आयोग से कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान कोविड प्रोटोकॉल्स लागू नहीं करवाने पर आपके और आपके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाये?
हाईकोर्ट ने यूपी चुनाव आयोग को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि वो अगली तारीख को बताये कि पंचायत चुनाव के दौरान वो कोविड प्रोटोकॉल्स लागू करवाने में नाकाम क्यों रहा? और उसके 27 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा क्यों ना चलाया जाये? इस मामले में अब अगली सुनवाई तीन मई को होगी.
बता दें कि एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 135 शिक्षक, शिक्षा मित्र और अनुदेशकों की मौत हो गयी है. साथ ही पंचायत चुनाव में प्रथम चरण के प्रशिक्षण से लेकर तीसरे चरण के मतदान तक हजारों शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. यूपी में अभी तक जहां-जहां चुनाव हो चुके हैं वहां कोरोना संक्रमण के मामले कई गुना बढ़ने की खबर आयी है.
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पंचायत चुनाव तत्काल स्थगित कर ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए लोगों का निशुल्क इलाज व मृतकों के परिजनों को 50 लाख की सहायता व अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है. महासंघ के प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्र ने कहा है कि जिन शिक्षकों व कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी है उनके परिवारों में बेचैनी है. वर्तमान हालात को देखते हुए कोई भी चुनाव ड्यूटी नहीं करना चाहता है.
शैक्षिक महासंघ ने कहा है कि पंचायत चुनाव प्रशिक्षण और ड्यूटी के बाद अब तक हरदोई-लखीमपुर में 10-10, बुलंदशहर, हाथरस, सीतापुर, शाहजहांपुर में 8-8, भदोही, लखनऊ व प्रतापगढ़ में 7-7, सोनभद्र, गाजियाबाद व गोंडा में 6-6, कुशीनगर, जौनपुर, देवरिया, महाराजगंज व मथुरा में 5-5, गोरखपुर, बहराइच, उन्नाव व बलरामपुर में 4-4 तथा श्रावस्ती में तीन शिक्षक, शिक्षा मित्र या अनुदेशक की मौत हो चुकी है.
शिक्षकों की मौत के मामले में संज्ञान लेते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग और यूपी पुलिस ने चुनाव ड्यूटी में लगे लोगों को कोरोना संक्रमण से हाईकोर्ट ने बेहद सख्त रवैया अपनाते हुए कहा, 2020 के अंत में जब कोरोना संक्रमण कमजोर पड़ा सरकार पंचायत चुनाव कराने में अगर उसने लगातार संक्रमण रोकने के लिए काम किया होता, तो आज सरकार दूसरी लहर का सामना करने के लिए तैयार रहती. अगर हम अब भी लोगों की स्वास्थ्य परेशानियों को नजरअंदाज करेंगे और उन्हें मरने के लिए छोड़ देंगे, तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी.
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1 कलेक्टर सभाकक्ष में कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा द्वारा साप्ताहिक समीक्षा बैठक ली गई साप्ताहिक समीक्षा बैठक में सप्ताह भर के कार्यों की समीक्षा एवं सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों को लेकर जल्द से जल्द निपटारा करने के आदेश दिए। बैठक में एडीएम राजेशाही नगर निगम कमिश्नर अक्षित गढ़पाले जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह एसडीएम सहित सभी विभाग प्रमुख उपस्थित थे । 2 स्थानीय पोला ग्राउंड में रोटरी फेस्टिवल का आयोजन किया गया । रोटरी फेस्टिवल का यह आयोजन विकलांग इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विभिन्न प्रकार के स्टालों के माध्यम से फेस्टिवल को सुसज्जित किया गया इस कार्यक्रम में नगर निगम कमिश्नर इक्षित गढ़पाले ने शिरकत की कार्यक्रम में रोटरी क्लब के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यगण उपस्थित थे । 3 जिला संत गुरु रविदास समिति द्वारा पटेल मंगल भवन में युवक एवं युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया । इस परिचय सम्मेलन का आयोजन सकल रविदास समाज द्वारा आयोजन किया गया था आयोजन में अलग अलग प्रांतों से आए युवक एवं युवतियों शामिल हुए । 4 जिला मुस्लिम समाज द्वारा आज प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों को जानकारी दी एनआरसी बिल के विरोध में कंट्रोल रूम ज्ञापन सौंपा गया और देश के अमन और चौन की दुआ मांगी गई । 5 सुन्दरकाण्ड ग्रूप छिंदवाड़ा धार्मिकता के साथ-साथ सामाजिक कार्यों को करने को लेकर छिंदवाड़ा जिले के साथ साथ अन्य जिलों में भी में अपनी अलग पहचान बनाये हुए है,ग्रुप द्वारा प्रति शनिवार को कई सालो से आपके के बुलावे निरूशुल्क संगीतमय सुन्दरकाण्ड का महापाठ किया जाता है साथ ही सामाजिक कार्य भो किये जाते है--इसी क्रम मे ग्रुप द्वारा 21 दिसंबर को ग्राम नेर में निःशुल्क नेत्र शिविर, दंत चिकित्सा ,होम्योपैथी,आयोर्दीक शिविर का आयोजन किया गया जिसमें आस-पास के ग्राम से आये हुए मरीजो का इलाज किया गया ।
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रायपुर । संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा रविवार 21 जून को शाम 5. 30 बजे विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर में राजयोग दिग्दर्शन महासम्मेलन का आयोजन किया गया है।
ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय प्रशासिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने इस संदर्भ में पत्रकारों को बताया कि इस संस्थान द्वारा विगत 30 वर्षों से माह के तीसरे रविवार को विश्व के 140 देशों में एक साथ और एक ही समय पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। कमला दीदी ने कहा कि समारोह में मुख्यमंत्री रमन सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे। इंदौर से मीडिया प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाई कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन को जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और ब्रह्माकुमारी रश्मि बहन संबोधित करेंगे।
पणजी। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य व हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह में भारतीय नौसेना एवम होली ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम कवि सम्मेलन अद्वतीय रहा। रियर एडमिरल, कमोडोर, कैप्टन, कमांडर, लेफ़्टिनेंट कमांडर व कनिष्ठ अधिकारियों/कर्मचारियों ने होली ग्रुप की भूरि-भूरि प्रशंसा किया।
अधिकारियों ने कहा आप सबकी गरिमामय उपस्थिति और होली टीम की मेहनत की वजह से हम लोग एक और मील का पत्थर गाड़ने में सफल रहे। हमारे होली के उन साथियों को कोटि -कोटि धन्यवाद जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना-अपना योगदान दिया।
उन्होंने कहा विशेषत सूरज नाईक, जे के सिंह, सरोज राय व बीएम यादव ने टीम वर्क का परिचय देते हुए कामयाबी का झंडा गाड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हमारे दूसरे होली ग्रुप के मेम्बर, जिन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से उत्साहवर्धन किया और कार्यक्रम में भाग लिया।
इनके अतिरिक्त होली ग्रुप के दूसरे मेम्बर, जिन्होंने पहुँचकर कार्यक्रम में चार चाँद लगाये, उनमे विसन सिंह, प्रेम मिश्रा, सुशील शुक्ला व अभिलाष द्विवेदी की भूमिका सराहनीय रही।
अंततः आप सबको सफल कार्यक्रम की हार्दिक बधाई व उज्जवल भविष्य की अनंत शुभ कामनाएँ प्रेषित। भारतीय नौसेना के जवानों के अनुसार , ऐसा सुंदर कार्यक्रम/आयोजन व होली ग्रुप द्वारा दी गई प्रस्तुति उनके सर्विस जीवन में (25-30 वर्षों में) पहली बार हुआ है एवम सबके चेहरे पर मुस्कान थी व होली ग्रुप के लिए कृतज्ञता।
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साउंडक्लाउड (SoundCloud) एक ऐसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जहाँ से आप गाने रिकॉर्ड कर सकते हैं, अपलोड कर सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं और यदि कोई यूजर चाहे तो इन्हें अन्य यूजर के साथ बाँट भी सकते हैं। वैसे तो साउंडक्लाउड पर ज़्यादातर गाने वेबसाइट पर सीधे तौर पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध होते हैं, लेकिन फिर भी कभी-कभी यूज़र को अपने मनचाहे गानों को पाने के लिए कुछ दूसरी विधियों का उपयोग भी करना पड़ता है। आप क्रोम, फायरफॉक्स या सफ़ारी पर मौजूद (बिल्ट-इन) टूल्स का भी उपयोग कर सकते हैं, या चाहें तो फायरफॉक्स पर एक एक्सटेंशन का भी उपयोग कर सकते हैं। आप बहुत सारी वेबसाइट्स में से अपने काम की किसी भी वेबसाइट को चुन सकते हैं।
{"smallUrl":"https:\/\/www4अपने पसंद के साथ में वेबसाइट को एक बार फिर से लोड करेंः और आप देखेंगे कि किस तरह नेटवर्क टैब रीसेट हो जाएगा और "Timeline" कॉलम के बाद या बार (bar) के रूप में सारी एंट्री दिखना शुरू हो जाएगी।
- आप का गाना सही तरह से चल रहा है या नहीं, इस की पुष्टि ज़रूर कर लें।
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- यदि यह गाना एक नई टैब पर नहीं खुलता, तो शायद आप ने उस नेटवर्क पेज से कोई ग़लत एंट्री को चुन लिया है। पेज को रिलोड करें और एक बार फिर कोशिश करें।
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ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट ने कंपनियों को मुफ्त कर्मचारी सर्वेक्षण सहायता प्रदान करना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों पर COVID-19 प्रक्रिया के प्रभावों को कम करने के उद्देश्य से, संस्थान कर्मचारी स्वास्थ्य, लचीले काम और समन्वय में सहायता प्रदान करता है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वाली कोविड-19 महामारी ने कर्मचारियों और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। कंपनियां कर्मचारियों के बीच वर्कफ़्लो और संचार में निरंतरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ चिंता को कम करने और विश्वास की भावना को उजागर करने के तरीकों की तलाश कर रही हैं। पाज़रलामास्योन प्राइम की कोविड19 रिपोर्ट के अनुसार, महामारी से व्यापार जगत के 68 प्रतिशत लोग "काफी" चिंतित हैं। 27 प्रतिशत लोग महामारी के प्रभावों को लेकर "कुछ हद तक चिंतित" हैं। रिपोर्ट में दुनिया में उठाए गए कदमों को असरदार मानने वालों की दर 9 फीसदी है, जबकि तुर्की में उठाए गए कदमों को असरदार मानने वालों की दर 2 फीसदी है.
ग्रेट प्लेस टू वर्क® तुर्की के महाप्रबंधक आईयूप टोपराक ने कहा, "हम अनिश्चितताओं से भरे दौर से गुजर रहे हैं। आजकल, जब हम चिंता, असहायता और भय महसूस करते हैं, तो हमें विश्वास, प्रेरणा और निर्बाध संचार की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता होती है। हमें एक-दूसरे को समझना चाहिए और सामान्य ज्ञान वाला होना चाहिए। "हमारे मुफ़्त विश्लेषण हर क्षेत्र के लिए खुले होने के साथ, हमारा लक्ष्य इस संवेदनशील अवधि में कर्मचारियों और प्रबंधकों का समर्थन करना, वर्कफ़्लो में होने वाले जोखिम कारकों को रोकना और नए दृष्टिकोण प्रदान करना है।" उन्होंने एक बयान दिया.
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अयोध्याः अयोध्या में राम मंदिर के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन प्रस्तावित है. भूमि पूजन के समारोह के लिए पीएम मोदी भी हिस्सा लेने वाले हैं. ऐसे में भूमि पूजन कार्यक्रम की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं. साथ ही इस कार्यक्रम में आतंकी साजिश की भी ख़ुफ़िया सूचना मिली है. इस कारण, SPG की टीम 1 अगस्त को यहां आकर मोर्चा संभाल लेगी.
SPG की टीम सारी तैयारियों और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करेगी. पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए थ्री लेयर सिक्योरिटी तैयार की गई है. पीएम मोदी इसी सुरक्षा घेरे के बीच रहेंगे. इसके साथ ही अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद उत्तर पदेश के सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी किया जा चुका है. 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन के कार्यक्रम को लेकर आतंकी हमले का इनपुट है. पीएम मोदी के अयोध्या दौरे के मद्देनज़र राज्य में सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
संवेदनशीलता को देखते हुए अयोध्या के आसपास के जिलों में भी बड़े अधिकारीयों को तैनात किया जा रहा है. इनमें ADG प्रॉसीक्यूशन आशुतोष पांडे को अमेठी में तैनात किया गया है। वहीं ADG ट्रैफिक को गोंडा, ADGP पीएसी रामकुमार को बहराइच, IG फायर सर्विस विजय प्रकाश को सुल्तानपुर, IG पीयूष मोरडिया को अंबेडकरनगर, IG एके राय को बस्ती, DIG भर्ती बोर्ड विजय भूषण को बाराबंकी, DIG (प्रशासन) आरके भारद्वाज को सिद्धार्थनगर की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले की पीड़िता नर्स बनना चाहती थी।
उसकी दसवीं की परीक्षा मार्च में होने वाली थी जिसकी तैयारियों में वह व्यस्त थी।
इसी साल फरवरी में एक दिन पढ़ाई के बाद थोड़ी देर के लिए घर से वो बाहर निकली तो उसे किडनैप कर लिया गया और दिल्ली लाकर वेश्यालय में बेच दिया गया।
पश्चिम बंगाल पुलिस के पास परिवार वाले 15 फरवरी को रिपोर्ट लिखवाने गए लेकिन दस्तावेजों के मुताबिक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसे सिर्फ 'मिसिंग कंप्लेंट' के नाम से लिख लिया गया।
लेकिन परिवार वालों ने हार नहीं मानी। पीड़िता के पिता को शक था कि उसकी बेटी को दिल्ली ले जाया गया है। एनजीओ शक्ति वाहिनी से उन्होंने संपर्क किया जिसने उसी जगह से गायब एक और लड़की को बचाया था।
पीड़िता का पिता मजदूरी करके परिवार का पेट पालता है। एक दिन उसके पास एक अजनबी का फोन आया जिसमें उसने बताया कि उसकी बेटी दिल्ली के जीबी रोड स्थित वेश्यालय में हैं और वह घर लौटने को बेचैन है।
उसके बाद एनजीओ शक्ति वाहिनी और दिल्ली पुलिस की मदद से परिवार वाले जीबी रोड पहुंचे और वहां से पीड़िता को बचाया।
पीड़िता के भाई ने कहा कि वेश्यालय की संकरी सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद उसने अपनी बहन को एक छोटे से चैंबर में कैद पाया। बगल के एक और चैंबर में कैद नेपाली लड़की को भी बचा लिया गया।
पीड़िता को बचाने के बाद दिल्ली पुलिस ने यह केस दर्ज करने और तहकीकात का जिम्मा पश्चिम बंगाल पुलिस पर छोड़ दिया।
फिलहाल ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता को नारी निकेतन भेज दिया है और पुनर्वास के लिए अगले आदेश के बाद ही वह वापस घर लौट पाएगी।
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छत्रपति और शाहू द्वितीय (सतारा)
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
छत्रपति vs. शाहू द्वितीय (सतारा)
छत्रपति मराठों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक सम्राट के लिए एक भारतीय शाही शीर्षक है। शब्द 'छत्रपति' संस्कृत छतरा (छत या छतरी) और पति (मास्टर / मालिक / शासक) से है; छत्रपति इस प्रकार अपने अनुयायियों को छाया देता है और उनकी सफलता की रक्षा करता है। . शाहु द्वितीय मराठा साम्राज्य के एक छत्रपति थे। वे सतारा के राजाराम द्वितीय के दत्तक पुत्र थे, और उनके बाद वे छत्रपती बने। १७७७ से १८०८ तक वह छत्रपति और मराठा सत्ता के महाराज थे। १८०८ में उनकी मृत्यू हो गयी। .
छत्रपति और शाहू द्वितीय (सतारा) आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
छत्रपति 2 संबंध है और शाहू द्वितीय (सतारा) 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (2 + 3)।
यह लेख छत्रपति और शाहू द्वितीय (सतारा) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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रस और सोदर्य
ही पाते है, सीन्दर्य जितना ही देखते हैं, उतनी ही हृदय मे अभावप्रतीति और भी अधिक जाग उठती है। देखकर भी देखने की साध किसी तरह भी मिटती नही, मालूम होता है यह अपूर्ण है। जभी अपूर्ण समझते है तभी सीमा आँखो के सामने दिखाई देती है, तभी अनजाने में हृदय रो उठता है । सोचते हैं और भी - ओर भी आगे जायँ, सभवत सुदूर भविष्य में किसी न किसी दिन उसे आयत्त कर सकेंगे। किन्तु हाय मोह । यह समझ नहीं पाते है कि काल-प्रवाह मे इस आकाङ्क्षा की तृप्ति हो नही सकती । आनन्द चाहे जितना ही क्यो न बढे, सौन्दर्य चाहे जितना ही छल्छला उठे, तृप्ति तत्र भी बहुत दूर की वस्तु है, क्योकि और भी विकास हो सकता है एव कभी भी इस नमविकास की सम्भावना दूर होगी नहीं । इससे ज्ञात हो जायगा कि हृदय जिसकी आकाङ्क्षा करता है वह ससीम सौन्दर्य अथवा परिमित आनन्द नही है । यदि ऐसा होता तो एक न एक दिन क्रमविकास से उसकी तृप्ति हो जाती । वस्तुत. यह असीम सौन्दर्य, अनन्त प्रेम, निरवच्छिन्न आनन्द है। पूर्ण सौन्दर्य का सम्भोग पहले हुआ है, इसी लिये पूर्ण सौन्दर्य की आकाङ्क्षा होती है, विच्छिन्न ( खण्ड ) सौन्दर्य से तृष्णा मिटती नही । जिसका विरह है, उसे पाये विना व्याकुलता का अवसान हो नहीं सकता ।
इसलिये प्रश्न रह गया कि यह पूर्ण सौन्दर्य कब मिला था ? हम पहले देख चुके हैं कि कालनम से इस पूर्ण सकते; करोड़ों कल्पो मे भी हम ऐसा सौन्दर्य पायेंगे नहीं जिससे हो न सके, अर्थात् काल के मध्य मे पूर्ण सौन्दर्य का विकास हो में जो विकास होता है वह क्रमविकास है । इस क्रम का अन्त नहीं है । और भी अधिक, और भी अधिक हो सकता है - किन्तु कभी भी पूर्णता होनी नहीं । यदि यह सत्य है तो यह भी सत्य है कि काल में कभी इसकी अनुभूति भी होती नहीं । अर्थात् हम जिस सौन्दर्य की अनुभूति हुई है, वह कोई सुदूर अतीत में नहीं है, किसी दिगन्तस्थित नक्षत्र में नहीं है अथवा किसी विशिष्ट काल या देश में नहीं है ।
अतएव एक प्रकार से यह प्रश्न ही अनुपपन्न है। किन्तु घूम फिर कर प्रश्न फिर भी होता है । परस्पर विरुद्ध होने पर भी यह सत्य है कि इस सौन्दर्य का आस्वादन जब हमे हुआ था तब काल नहीं था - जहाँ हमने इसका आस्वादन किया था वहाँ देश नहीं था । वह हमारी 'योग' अवस्था अथवा मिल्न था । उसके बाद वर्तमान अवस्था 'योगनश' अथवा विरह है। फिर उस योग में जाने के लिये हम छटपटा रहे हैं, पुनमिल्न चाहते है। अर्थात् हम देश और काल में निर्वासित हुये है । फिर देश काल को छिन्न भिन्न कर, विलीन कर वैसे ही योगयुक्त होना चाहते है । किन्तु यह वियोग क्या अत्यन्त वियोग ह ? पूर्ण ने विच्छेद क्या सचमुच इतना वालविक है? नहीं, यह बात नहीं है। वियोग सत्य दें, विच्छेद त्वीकार्य हैकिन्तु उस वियोग के मूल मे भी नित्य योग खोया नहीं है, वह कभी न्योता नहीं है । यदि सो गया होता, तो यह वियोग चिर वियोग हो जाता, पिर लेटने की सम्भावना नहीं रहती।
यह जो आकाङ्क्षा है, यह जो ससीम अतृप्ति है, यह बतला रही है कि असीम के साथ योग एकदम टूटा नहीं है । स्मृति है - इसी लिये योग है । वह योग, वह अनुभूति अस्पष्ट है, यह हम स्वीकार करते है, किन्तु वह है अवश्य ।
यदि यह अनुभूति - यदि पूर्ण का यह आस्वादन न रहता तो सौन्दर्य का कोई मानदण्ड न रहता । मान के बिना तुलना करना सम्भव न होता । जब हमे दो फूले हुये फूलो को देख कर किसी समय एक दूसरे की अपेक्षा सुन्दर जॅचता है, तब अनजाने मे सौन्दर्य के मानदण्ड का हम प्रयोग करते है । जहाँ तारतम्य का बोध होता है वहाँ निश्चय ही मान के न्यूनाधिक्य की निर्णायक उपाधि रहती है। प्रकृत स्थल में चित्तस्थित पूर्ण सौन्दर्य की अस्पष्ट अनुभूति अथवा अनुभवाभास ही बाह्य सौन्दर्य के तारतम्य का बोधक निमित्त है । अर्थात् बाहर की वस्तुओ को देखकर उनमे जो पूर्ण सौन्दर्य का जितना अधिक निकटवर्ती प्रतीत होता है वह उतना सुन्दर लगता ! सौन्दर्य का विकास जैसे क्रमिक है यह सन्निकर्ष भी वैसे ही क्रमिक है। बाहर में जैसे पूर्ण विकसित सौन्दर्य का कभी सम्भव नही वैसे ही सन्निकर्ष की इस चरमावस्था का अर्थात् एकीमाव का भी सम्भव नहीं है ।
देश और काल मे जब पूर्ण सौन्दर्य प्राप्त नहीं होता एव वृत्तिज्ञान जब देश और काल की सीमा में बॅधा रहता है तब पूर्ण सौन्दर्य वृत्ति के निकट प्रकाशित नहीं हो पाता, यह बात सत्य है । बल्कि वृत्ति पूर्ण सौन्दर्य की प्रतिबन्धक है । सौन्दर्य का जो पूर्ण आस्वाद है, वृत्ति रूप में वही विभक्त हो जाता है। वृत्ति से जिस सौन्दर्य का बोध होता है वह खण्ड सौन्दर्य है, परिच्छिन्न आनन्द है। पूर्ण सौन्दर्य स्वय ही अपने को प्रकट करता है, उसे अन्य कोई प्रकट नहीं कर सकता। वृत्ति के द्वारा जो सौन्दर्य-बोध का आभास प्रस्फुटित होता है वह सापेक्ष, परतन्त्र, क्रम से बढ़ने वाला और काल के अन्तर्गत है । पूर्ण सौन्दर्य उससे विपरीत है । इस पूर्ण सौन्दर्य की छाया लेकर ही खण्ड सौन्दर्य अपने को प्रकट करता है ।
तब क्या पूर्ण सौन्दर्य और खण्ड सौन्दर्य दो पृथक् वस्तुऍ हैं ? नहीं, ऐसा नही । दोनों वास्तव में एक है । लेकिन इस वियोगावस्था मे दोनो को ठीक एक कहना सम्भव नहीं है। मालूम पडता है दो पृथक् हैं। यह जो दो का अनुभव होता है, इसी के भीतर वियोग की व्यथा छिपी हुई है। इसको जोर जबरदस्ती से एक नहीं किया जा सकता ।
किन्तु फिर भी सत्य बात यह है कि दोनो ही एक हैं। जो सौन्दर्य बाहर है वही अन्दर है, जो खण्ड सौन्दर्य होकर इन्द्रिय-द्वार मे वृत्ति रूप से विराजमान होता है, वही पूर्ण सौन्दर्य-रूप में अतीन्द्रिय भाव से नित्य प्रकाशमान है। गुलाब का जो सौन्दर्य है वह भी वही पूर्ण सौन्दर्य है, शिशु के प्रफुल्लित मुखकमल में जो शोभा है, वह भी वही पूर्ण सौन्दर्य है- जिसे जब जहाँ जिस रूप से जिस किसी सौन्दर्य का बोध हुआ है, वह भी वह पूर्ण सौन्दर्य ही है।
यहाॅ प्रश्न उठ सकता है कि सभी यदि पूर्ण सौन्दर्य है एव पूर्ण सौन्दर्य यदि सभी का आस्वादित और आस्वाद्यमान है तो ऐसी स्थिति मे फिर सौन्दर्य के लिये
आकाङ्क्षा क्यों होती है ? बात यह है, पूर्ण सौन्दर्य का बोध अस्पष्टरूप से सभी को है। किन्तु अस्पष्टता ही अतृप्ति की हेतु है । इस अस्पष्ट को स्पष्ट करना ही तो सब चाहते है। जो छाया है उसे काया देने की इच्छा होती है। वृत्ति द्वारा इस अस्पष्ट का स्पष्टीकरण होता है, जो छाया के तुल्य था वह मानो स्पष्ट रूप से भास उठता है । भासित हो उठता है सही, किन्तु खण्डरूप से । इसी लिये वृत्ति की सहायता से स्पष्ट हुए सौन्दर्य का साक्षात्कार होने पर भी, खण्ड होने से, ससीम होने के कारण उससे तृप्ति परिपूर्ण नही होती । वृत्ति तो अखण्ड सौन्दर्य को पकड नही सकती । अखण्ड सौन्दर्य के प्रकाश में वृत्ति कुण्ठित हो जाती है। में
इसी बात को और स्पष्टरूप से कहते हैं। कल्पना कीजिये, एक खिला गुलाब का फूल हमारी दृष्टि के सामने पडा है, उसके सौन्दर्य ने हमे आकृष्ट किया हैउसका सुन्दररूप मे हम अनुभव कर रहे है। इस अनुभव का विश्लेषण करने पर हमारे हाथ क्या लगता है ? यह सौन्दर्य कहाँ है ? यह क्या गुलाब मे है, अथवा हममें है अथवा दोनों में है। इस अनुभव का स्वरूप क्या है ?
आपातत. यही प्रतीत होता है कि यह केवल गुलाब मे नहीं है। यदि वहीं होता तो सभी गुलाब को सुन्दर देखते। किन्तु सब उसे सुन्दर देखते नहीं। और यह केवल हममे अर्थात् द्रष्टा में है यह कहना भी ठीक नहीं है। यदि ऐसा होता तो हम अर्थात् द्रष्टा मत्र वस्तुओं को सुन्दर देखते, किन्तु हम सभी को सुन्दर देखते नही । इसलिये मानना होगा कि इस अनुभव के विश्लेषण से सिद्धान्त होता है कि वर्तमान क्षेत्र में जब वृत्ति द्वारा बोध हो रहा है तत्र सौन्दर्य खण्डित सा हुआ है, एक ओर अस्पष्ट है अथ च पूर्ण सौन्दर्य है, जो हममे है, दूसरी हममे है, दूसरी ओर स्पष्ट अथ च खण्ड सौन्दर्य है, जिसे हम गुलाब मे देख रहे हैं। किन्तु यथार्थ रस- स्फूर्ति के समय ऐसा रहता नहीं। तब सौन्दर्य द्रष्टा में नहीं रहता, गुलाब मे भी नहीं रहता । द्रष्टा और गुलाब तब एकरस साम्या - वस्थापन्न हो जाते हैं, केवल सौन्दर्य ही, स्वप्रकाशमान सौन्दर्य ही तब रहता है। यही पूर्ण सौन्दर्य है, जिसमे भोक्ता और भोग्य दोनों ही नित्यसम्भोगरूप से विराजमान रहते हैं । वृत्ति द्वारा सौन्दर्योपलब्धि किसे कहते है ? जब किसी विशिष्ट वस्तु का हम प्रत्यक्ष करते हैं, तब वह वस्तु हमारे चित्त में स्थित आवरण को धक्का देकर थोडा बहुत हटा देती है। चित्त पूर्ण सौन्दर्यावभासमय है, किन्तु यह अवभास आवरण से ढका होने से अस्पष्ट है। किन्तु सर्वधा ढका नहीं है, न हो ही सकता है। मेघ सूर्य को ढक्ता है, किन्तु एकबारगी टक नहीं सकता। यदि एकबारगी ढकता तो मेघ स्वयं भी प्रकाशित न होता । मेव जो मेघ है, वह भी वह प्रकाशमान होने से है, इसलिये वह सूर्यालोक की अपेक्षा रखता है। उसी प्रकार आवरण चित्त को एकबारगी टक नहीं सकता । चित्त को ढकता है, किन्तु आवरण का भेद करके भी ज्योति का स्फुरण होता है। इसी लिये पूर्ण सौन्दर्य, आवरण के प्रभाव से, अस्पष्ट होने पर भी एक्कारगी अप्रकाशमान नहीं है । जहाँ चित्त है वही यह बात लागू होती है। पर अस्पष्टता का तारतम्य अवस्य है। यह जो आवरण के कारण अस्पष्टता है आवरण के हटने पर वह भी सटता में बदल जाती है। आवरण के तनिक हटने पर जो सता
दिखती हैं वह किञ्चित् मात्र है। घर के झरोखे के छिद्र से अनन्त आकाश का जैसे एकदेशमात्र दिखलायी देता है आशिक रूप से आवरण हटने पर उसी प्रकार पूर्ण सौन्दर्य का एकदेशमात्र ही प्रकाशित होता है । यह प्रकाशमान एकदेश ही खण्ड सौन्दर्य के नाम से प्रसिद्ध है। यह आशिक आवरणनाश ही वृत्तिज्ञान है । इसलिये जो गुलाचे का सौन्दर्य है वह भी पूर्ण सौन्दर्य ही है, पर एक एकदेशमात्र है। इसी प्रकार जगत् का सम्पूर्ण सौन्दर्य ही उस पूर्ण सौन्दर्य का एकदेश है। आवरणभङ्ग के 'तारतम्य वश उद्घाटित सौन्दर्य के तारतम्य अथवा वैशिष्ट्य का निरूपण होता है।
किन्तु आवरणभङ्ग के वैशिष्ट्य का नियामक क्या है ? आपाततः यह बाह्य पदार्थ के स्वरूप में स्थित वैशिष्ट्य के रूप से हीं गृहीत होगा। किन्तु हम आगे देखेंगे कि यही अन्तिम बात नहीं है, इसलिये आवरणभङ्ग का भेद, जो स्वाभाविक है, वह इस अवस्था मे कहा नहीं जा सकता । आपाततः कहना ही होगा कि आगन्तुक कारण के वैचित्र्य वश आवरण के हटने पर भी वैचित्र्य रहता है । स्फटिक के समीप नील वर्ण की स्थिति से स्फटिक नीला प्रतीत होता है और पीत वर्ण की स्थिति से पीला प्रतीत होता है यह आगन्तुक कारणजन्य भेद का दृष्टान्त है । चक्षु के निकटस्थित घट में घटाकार वृत्ति एव पट मे पटाकार वृत्ति चित्त धारण करता है, यह भी आगन्तुक भेद है । ठीक उसी प्रकार फूल के सौन्दर्य और लता के सौन्दर्य दोनो मे अनुभव का भेद जानना होगा। फूल के सौन्दर्यास्वाद की जो वृत्ति है, लता के सौन्दर्यास्वाद की वृत्ति उससे विलक्षण है, इसका कारण आगन्तुक है । फूल और लता का वैशिष्ट्य जैसे सत्तागत है वैसे ही ज्ञानागत भी है, फिर आखादगत भी है। इसलिये स्वीकार करना होगा कि फूल और लता मे ऐसा विशिष्ट कुछ है जिससे एक एक प्रकार की सौन्दर्यानुभूति का उद्दीपक है, दूसरा दूसरी प्रकार की ।
किन्तु यह आपेक्षिक सत्य है । बाह्य पदार्थ यदि परमार्थतः नहीं रहते अथवा जिस अवस्था मे नही रहते तब अथवा उस अवस्था मे बाह्य पदार्थ के स्वरूपगत वैशिष्ट्य के द्वारा रसानुभूति के वैचित्र्य का उपपादन नही किया जाता । सत्ता जैसे एक और अखण्ड होने पर भी फूल और लता खण्डसत्ता है, ज्ञान जैसे एक और अखण्ड होने पर भी फूल का ज्ञान और लता का ज्ञान अर्थात् फूलरूप ज्ञान और लतारूप ज्ञान परस्पर विलक्षण हैं वैसे ही सौन्दर्य एक और अखण्ड होने पर भी फूल का सौन्दर्य और लता का सौन्दर्य अर्थात् फूलरूप सौन्दर्य और लतारूप सौन्दर्य परस्पर भिन्न है। इस जगत् मे दो वस्तुऍ टीक एक नहीं है । प्रत्येक वस्तु का एक स्वभाव है, एक व्यक्तित्व है, एक विशिष्टता है जो दूसरी वस्तु मै नही होती । यदि यह सत्य है, तो खण्ड सत्ता जैसे अनन्त संख्या में तथा प्रकार मे, खण्ड जान भी वैसे ही अनन्त है, खण्ड सौन्दर्य भी वैसे ही अनन्त है । किन्तु जो सत्ता है वही तो ज्ञान है, क्योंकि प्रकाशमान सत्ता ही ज्ञान है और अप्रकाशमान सत्ता आलोक है। फिर जो ज्ञान है वही आनन्द है, क्योंकि अनुकूल ज्ञान हो, भला लगना ही आनन्द या सौन्दर्यबोध है और प्रतिकूल ज्ञान ही दुख या कढर्यता है । सत्ता जब ज्ञान होती है तत्र वह नित्यज्ञान है आर ज्ञान जब आनन्द होता है, तब वह नित्य सवैद्यमान आनन्द है । यह नित्य सवेग्रमान |
आदित्य मित्तल आर्सेलरमित्तल के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) के रूप में अपने पिता लक्ष्मी मित्तल का स्थान संभालेंगे। इस इस्पात विनिर्माता कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इससे पहले 45 वर्षीय आदित्य मित्तल आर्सेलरमित्तल यूरोप के अध्यक्ष, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) थे।
वर्ष 1976 में कंपनी की स्थापना करने वाले उनके पिता लक्ष्मी मित्तल, जो कंपनी के चेयरमैन और सीईओ थे, अब कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन हैं। हालांकि 70 वर्षीय लक्ष्मी मित्तल निदेशक मंडल का नेतृत्व करते रहेंगे तथा सीईओ और प्रबंधन टीम के साथ मिलकर काम करेंगे, जबकि आदित्य मित्तल कंपनी का दिन-प्रतिदिन का कार्य करेंगे।
लक्ष्मी मित्तल ने कहा कि कुछ प्रमुख रणनीतिक लक्ष्य हासिल करने के बाद यह कार्यकारी चेयरमैन केरूप में जाने के लिए सही क्षण जैसा लगता है और बोर्ड इस बात पर सर्वसम्मति से सहमत है कि आदित्य मित्तल कंपनी के मुख्य कार्यकारी होने के लिए स्वाभाविक और सही विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1997 में उनके कंपनी में शामिल होने के बाद से हमने साथ मिलकर काम किया है, वास्तव में हाल के वर्षों में हम प्रभावी रूप से एक साथ कंपनी का प्रबंधन करते आ रहे हैं। आदित्य मित्तल को जानने वालों का कहना है कि वह कुछ समय से कंपनी के अधिग्रहणों का नेतृत्व करते रहे हैं, वर्ष 2006 में उन्होंने आर्सेलर के लिए मित्तल स्टील की पेशकश शुरू की थी और इसका नेतृत्व किया था जिससे दुनिया की पहली 10 करोड़ टन से ज्यादा क्षमता वाली इस्पात कंपनी बनी।
वर्ष 2019 में दिवालिया कानून के अंतर्गत निप्पॉन स्टील के साथ संयुक्त रूप से एस्सार स्टील के अधिग्रहण से आर्सेलरमित्तल का भारत में इस्पात विनिर्माण में प्रमुख रूप से प्रवेश हुआ था। इस अधिग्रहण का नेतृत्व मुख्य रूप से उन्होंने ही किया था। यह मित्तल ही थे जिन्होंने कर्मठता के साथ नेतृत्व किया और अब आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) के अध्यक्ष हैं।
आर्सेलरमित्तल ने चौथी तिमाही के दौरान उम्मीद से बेहतर परिणाम दर्ज किया है और एबिटा 1. 7 अरब डॉलर से अधिक रही, जो पिछले वर्ष की चौथी तिमाही से लगभग दोगुनी है।
हालांकि बाजार के चुनौतीपूर्ण हालात में वर्ष 2020 के दौरान इस्पात की खेपों में 18. 2 प्रतिशत तक की गिरावट नजर आई और 0. 7 अरब डॉलर की शुद्ध हानि हुई। कंपनी ने 12. 3 अरब डॉलर के सकल ऋण और 6. 4 अरब डॉलर के शुद्ध ऋण के साथ वर्ष 2020 का समापन किया, जो आर्सेलर के साथ वर्ष 2006 के विलय के बाद का सबसे निचला स्तर है।
आदित्य मित्तल आर्सेलरमित्तल के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) के रूप में अपने पिता लक्ष्मी मित्तल का स्थान संभालेंगे। इस इस्पात विनिर्माता कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इससे पहले 45 वर्षीय आदित्य मित्तल आर्सेलरमित्तल यूरोप के अध्यक्ष, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) थे।
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जयपुर। भरतपुर के सेवर इलाके में बुधवार रात को तेज अंधड़ के चलते अन्नपूर्णा विवाह स्थल में दीवार गिरने से हुए हादसे में घायल लोगों के हालचाल जानने स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ गुरुवार को सुबह भरतपुर पहुंचे। इस दौरान विधायक विजय बंसल सहित अन्य लोग भी उनके साथ थे। मंत्री सराफ ने जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों एवं उनके परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने डॉक्टरों से भी घायलों का फीड बैक लिया और इलाज में कोई कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए।
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पटना साहिब के सांसद और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को AIIMS पटना में कोविड वैक्सीन लगवाई। उन्होंने इसके लिए अस्पताल प्रशासन को सहयोग राशि भी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल परिषद के सभी सदस्यों ने यह निर्णय किया था कि वे सभी मुफ्त में कोरोना वैक्सीन नही लेंगे, इसके लिए निर्धारित 250 रुपए की सहयोग राशि भुगतान करेंगे। बिहार के पूर्व डिप्टी CM और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी कोरोना का टीका लगवाया। साथ ही कह दिया कि राबड़ी देवी भी टीका लगवाएं, विपक्ष कोरोना टीकाकरण को राजनीति से ऊपर रखें।
AIIMS में टीका लगवाने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत बनी कोरोना वैक्सीन सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अन्य दर्जनों देशों में भी उपयोग में लाई जा रही है। रविशंकर प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस निर्णय का स्वागत किया जिसके अंतर्गत बिहार में सभी को मुफ्त में वैक्सीन लगवाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रविशंकर प्रसाद ने बिहार के लोगों से आग्रह किया कि वे बढ़-चढ़कर कोरोना का टीका लगवाएं और एक नई जागरुकता का परिचय दें।
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनुसरण करते हुए मैंने भी कोरोना का टीका लिया और अनुभव किया कि इसमें न कोई तकलीफ होती है, न बाद में कोई परेशानी। हम टीके लेकर न केवल स्वयं को सुरक्षित करते हैं, बल्कि भारत में विकसित वैक्सीन के प्रति उन 100 से अधिक देशों का भरोसा बढ़ाते हैं, जिन्हें टीके की खुराक भेजी जा रही है।
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शेयर बाजार (Share Market) बेहद उतार-चढ़ाव भरा है. इसमें इन्वेस्ट करने वाले निवेशक कब फर्श से अर्श पर पहुंच जाएं और कब अर्श से फर्श पर आ गिरें कहा नहीं जा सकता. निवेशकों के लिए मार्केट में चवन्नी के शेयरों से लेकर हजारों रुपये कीमत के शेयर हैं, जिन पर वे दांव लगाते हैं. आज हम आपके ऐसे ही हैवी शेयर के बारे में बता रहे हैं, जिसकी कीमत इतनी है कि 10 शेयर खरीदने में खर्च होने वाली रकम से आप लग्जरी कार खरीद सकते हैं.
जिस शेयर की हम बात कर रहे हैं, वो टायर बनाने वाली कंपनी एमआरएफ लिमिटेड (MRF Ltd) की. कंपनी के एक शेयर की कीमत फिलहाल, 83 हजार रुपये के करीब है. गुरुवार को Stock Market में कारोबार के दौरान खबर लिखे जाने तक दोपहर 1 बजे पर यह स्टॉक 1. 03% या 842. 90 रुपये की बढ़त के साथ 82,943. 45 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इस शेयर की बीते एक साल की चाल को देखें तो इसकी कीमत में 21. 31% या 14,571. 60 रुपये की तेजी दर्ज की गई है. इसका ऑल टाइम हाई 96,000 रुपये है.
MRF Ltd का स्टॉक इस मुकाम पर जोरदार तेजी के साथ पहुंचा है. 11 जनवरी 2002 को इस स्टॉक की कीमत महज 703. 50 रुपये थी. पांच साल बाद 5 जनवरी 2007 को इसकी कीमत बढ़कर 4,284. 90 रुपये हो गई. इसके पांच साल बाद 13 जनवरी 2012 को 7,261 रुपये और अगले पांच साल में ये 13 जनवरी 2017 को 53,359. 90 रुपये पर पहुंच गया था. इस शेयर में तेजी का दौर यहीं नहीं थमा. इसके अगले पांच साल में यानी 2022 में इसने 96,000 का ऑल टाइम हाई लेवल छू लिया. हालांकि, बीते छह महीने में इस स्टॉक की कीमत 3. 71% गिरी है.
टायर बनाने वाली इस एमआरएफ कंपनी के शेयर कीमत (MRF Stock Price) इतनी है कि इसके सिर्फ 10 शेयर खरीदने में आपको 8,29,434 रुपये इन्वेस्ट करने होंगे. इस रकम में आप कार मार्केट में मौजूद कई ब्रांड की शानदार कारों में से एक को खरीद सकते हैं. ऐसी ही कुछ कारों की एक्स-शोरूम कीमत पर नजर डालें तो इनमें Maruti Suzuki Ertiga (8. 49 लाख), Tata Tiago EV (8. 69 लाख रुपये), Tata Nexon (7. 79 लाख रुपये), Hyundai Venue (7. 68 लाख रुपये) समेत कई नाम शामिल हैं.
शेयर बाजार (Stock Market) में जोखिम भले ही बहुत हों, लेकिन एमआरएफ लिमिटेड के स्टॉक (MRF Share) की चाल देखकर ये कहना गलत न होगा कि इसने अपने इन्वेस्टर्स को जमीन से आसमान पर पहुंचाने का काम किया है. इस शेयर में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (Long Term Investment) करने वाले इन्वेस्टर की जमकर कमाई हुई है. लेकिन, जोखिमों के मद्देनजर शेयर बाजार में निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह लेना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.
MRF के शेयर इतने महंगे क्यों?
अब आपके मन में भी ये सवाल आ रहा होगा कि निवेशकों को करोड़पति बनाने वाले MRF के शेयर की कीमत इतनी ज्यादा क्यों हैं? दरअसल इसके पीछे की वजह है- शेयरों को स्प्लिट (Stock Split) ना करना, यानी बंटवारा नहीं होना. एंजल वन के मुताबिक 1975 के बाद से ही MRF ने आज तक अपने शेयरों को कभी स्प्लिट नहीं किया है. इसके पहले साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के अनुपात में MRF के शेयर इशू किए गए थे.
इसी तरह अगर 1 लाख शेयरों को स्प्लिट करके 10 लाख शेयर बना दिए जाएं तो 1 शेयर की कीमत 100 रुपये हो जाएगी. ये कुछ इसी तरह का है कि जैसे आपके पास एक पिज़्ज़ा है और आपने उसके 4 हिस्से कर दिए. बाद में आपने उसी पिज़्ज़ा के 8 हिस्से कर दिए. ऐसे में पिज़्ज़ा तो एक ही रहेगा लेकिन उसके हिस्सों की संख्या बढ़ जाएगी.
क्या है MRF का बिजनेस?
MRF का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री है. इसकी शुरुआत 1946 में टॉय बैलून बनाने से हुई थी. 1960 के बाद से इन्होंने टायर बनाना शुरू कर दिया. अब यह कंपनी भारत में टायर की सबसे बड़ी निर्माता है. भारत में टायर इंडस्ट्री का मार्केट करीब 60000 करोड़ रुपये का है. JK Tyre, CEAT Tyre इत्यादि MRF की कॉम्पिटिटर हैं.
(नोट- शेयर बाजार में निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें. )
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