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मत करो भैया नहीं हैं तो क्या हुआ मैं हूं ना
इन्हें गृहस्थी की चिंताओं से क्या प्रयोजन
क्योंकि उसे अब अपने नौकरों पर जरा भी विश्वास न था
मुंशी चंद्रिका प्रसाद पीढ़े पर पालथी मारकर बैठे रोटी के
मैं दया को नहीं समझ सकता
मैं अपनी राह जाता हूँ
तू ही तो है अब जो ये बताए
जैसे छोटे और
उसमें से दो पुलिसवाले उतरे एक पतला और
उसकी अंतिम विदाई में मार्मिकता का सैलाब उमड़ रहा था
मैंने एक कदम पीछे हटाया
जब से तुमने मेरी पंचायत की
तो कोई कठिनाई न पड़ती
वह चंपा को रानी कहती
जगदीश प्रसाद बच्चों को पढ़ाने के लिए शहर में रहने लगे थे
प्रयाग में कुम्भ लगा तो पंडित जी भी स्नान करने गये
माली अंदर से गाली देता हुआ निकलता है
मैंने बहुत उत्साह से खबर दादाजी को सुनाई
क्या सोचते हो मुन्ने राजा तुम क्या सोचते हो
मैंने सीढ़ी खड़े करने में डॉक्टर की मदद की
बोली रहने दो भाभी बच्ची की किस्मत में तो कांटे भरे हैं
ईमानदार मनुष्य स्वभावतः स्पष्टभाषी होता है
नाइन
उसके चले जाने के बाद आकर स्त्री से पूछने लगेयह शैतान की
इस तरह कई साल गुजर गये
ऊपर इमली के घने वृक्षों की छाया है
दादाजी आसानी से मानने वाले नहीं थे
मुंशी जी ने अपना गट्ठर उतारा और चादर से
मुंशी जी दाललगे हाथ को चाट रहे थे
उनके पहले बच्चे का निधन
पानी का पानी कर दे
जब लोग किसी व्यक्ति का दयालु व्यवहार देखते हैं तो
कंचुकी से एक कृपाण निकाल लिया
आप तीन मौके ले सकते हैं।
और मिनटों में आसमान में बड़ा और रंगबिरंगा कोलम दिखने लगा
शाकाहारी आंदोलन में
वहाँ बैलराम का रातिब थासाफ पानी
वन
अलगू इस सवाल का कोई उत्तर न दे सका
अल्लाह के बन्दे हंस दे
शिक्षक काफ़ी मुश्किल में थे
यदि हुक्म दें तो मैं मुंशी जी से कुछ पूछूँ
वह तीन घंटों में वापस आएगा।
आँधी की संभावना है
बैल देखा गाड़ी में दौड़ाया बालभौंरी की पहचान करायी
इंडिया टुडे ग्रुप ने प्रधानमंत्री को श्वेत पत्र सौंपा
वह ऊपर क्यों गया
कॉलेज व दफ़्तरों का बायकॉट किया
मेरी जड़ खोदने पर तुला हुआ है
मोरू ने सर खुजलाया
यह कौनसा रंग है
आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की जरूरत कयानी
उसकी अंतिम विदाई में मार्मिकता का सैलाब उमड़ रहा था
मेरा जो कुछ होगा ले लूँगी
इस घोषणा से सभी मुखिया परेशान हो गए और
भव्य व खूबसूरत है
तुम शहर में कहीं मुँह दिखाने के लायक भी न रहे
हाँ मैं भानुकुँवरि का तीस हजार का ऋणी अवश्य हूँ
बहुत दूर तक भटकने के बाद वे गंगा किनारे पहुँचे
सहुआइन ने घर में घुस कर किवाड़ बंद कर लिये
जिसके लिए गांधी इतने दिनों से संघर्ष कर रहे थे
को ब्रिटेन का समर्थन करने को कहा
प्रिंस चार्ल्स ने भारत के लिए नए शिक्षा बॉन्ड का समर्थन किया
उनके सुप्रबंध से रियासत दिनोंदिन उन्नति करती जाती थी
जब मैं अपने हृदय पर विश्वास नहीं कर सकी
और नैतिकताओं का पक्का पाठ पढ़ाया
फिर संपूर्ण विलीन हो गया
गांधी को जेल से रिहा कर दिया गया
बनारस में दलित बस्ती का दौरा करेंगे केजरीवाल
देखो बड़े मियाँ वह कहने लगा
मीनू ने अपनी मां को कहा
हाँ वह भी कभी भटकते हैं भूलते हैं
मैं पसीनापसीना हो गया
सिद्धेश्वरी लोटा लेकर पानी लेने चली गई
रश्मि की माँ का बचपन में ही देहांत हो गया था
जब गोदामों में आई माल की कमी का ब्यौरा अंकित
पर हिम्मत न थी
दिन मुश्किल से कटता था
आग बुझानेवाले पाँचों कर्मचारी काम में जुट चुके थे
एक नहीं हजार मुकदमें चलाएं डिगरी मेरी होगी
यह बात गाँव के लोगों को बहुत ही अजीब लगी थी
दादाजी का मन कॉफ़ी पीने का नहीं था
मोहन तो उसकी बड़ी इज्जत करता है
भारत से युद्ध का खतरा नहीं गिलानी
नहीं तो बुरा होगा
लीजिए यह वाला आपका है।
कृष्णदेव राय जब अपनी राजधानी पहुंचे तो तेलानीराम रास्ते में ही पीछे रह गए
जिस आत्मविश्वास से उसने कहा एक बार फिर तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी
घबरा कर इधरउधर देखा
वन
हम राजनीतिक ध्रुवीकरण के एक युग में जी रहे हैं
पता नहीं हम कब भारत को वर्ल्ड कप में हराएंगे मिस्बाह
मैं आपको एक सबक सिखाने वाला हूँ।
उसे हर घड़ी यही चिंता रहती थी कि
दस मिनट के बाद भेड़िया बोला मज़ा आ गया प्
जो लौट के घर न आये
स्वाद भी चखने को मिल जाता था
वह क्रोध से उछल पड़ा
ज़रा याद करो क़ुरबानी
सास को बच्चे के नहलानेधुलाने