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हाल ही में छोटे पर्दे पर रियलिटी शो नच बलिए ने फिर से दस्तक दी है । यह नच बलिए का 9वा सीजन है देखते ही देखते नच बलिए को 8 साल हो चुके हैं लेकिन इस बार के सीजन में शो की टीआरपी आसमान को छू रही है । इस बार शो की थीम थोड़ी सी हटके है हर बार की तरह इसमें रियल लाइफ पार्टनर तो शामिल होंगे ही लेकिन साथ में 5 एक्स कपल भी शामिल होंगे । शो को जज कर रहे हैं रवीना टंडन और अहमद खान और होस्ट कर रहे हैं मनीष पौल और वलूशा डिसूजा ।
आपको बता दें कि नच बलिए नाइन को सलमान खान प्रोड्यूस कर रहे हैं। दोस्तों खबरें मिली है कि नच बलिए के सेट पर कुछ बच्चों ने कुरान पढ़ी है हालांकि इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है और ना ही किसी फोटो में यह साफ जाहिर हुआ है लेकिन स्पॉट बॉय का कहना है कि नच बलिए के सेट पर लगातार हो रहे हादसों कारण मदरसों के कुछ बच्चों को बुलवाकर उनसे कुरान पढ़वाई गई है।
मामला दरअसल यह है दोस्तों कि कुछ दिनों से नच बलिए के सेट पर लगातार छोटे-छोटे हादसे हो ही रहे हैं जैसे कि सबसे पहले शांतनु की गर्लफ्रेंड नितयामि शिकारे को घुटनों में चोट लग गई और फिर उसके बाद अनीता हसनंदानी के पति बीमार हो गए ऐसे में कुछ लोग का मानना था कि इन हादसों को रोकने के लिए और शो को शुरू करने से पहले मदरसों के कुछ बच्चों को बुलाकर यहां कुरान पढवा लेना चाहिए ताकि यहां पर हो रहे छोटे मोटे हादसे बंद हो जाए और शो सही तरीके से चलने लगे।
शो के प्रोड्यूसर सलमान खान इस शो के पहले एपिसोड में नजर आए थे और अपने अनोखे कांसेप्ट की वजह से यह शो दर्शकों में काफी हिट हो गया है । अभी जल्दी ही कसौटी जिंदगी के मुख्य कलाकार अनुराग और प्रेरणा के नाम से चर्चित चेहरे इस शो में एक अलग अंदाज में डांस करते नजर आए । दोस्तों इस सीजन में टीवी की कई पॉपुलर हस्तियों ने भाग लिया है जिनमें से एक है टीवी की चहेती बहू अनीता हसनंदानी उन्होंने अपने पति के साथ इस शो में हिस्सा लिया है। तो वही उर्वशी ढोलकिया अपने एक्स बॉयफ्रेंड और श्रद्धा आर्य अपनी बॉयफ्रेंड के साथ डांस करती हुई नजर आने वाली है .
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Ballia- खबर का असर, तमंचे पर डिस्को करने वाला युवक गिरफ्तार
Published
1 month ago
on
October 25, 2021
By
Ritu Shahu
बेलथरा रोड। अवैध तमंचा लहराने का वीडियो वायरल होने के मामले में बलिया खबर की खबर का असर हुआ है। जहां अब उभाव थाना क्षेत्र की पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। आकाश यादव और अरविंद गोंड को तुर्तीपार रेगुलेटर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने अवैध तमंचा और कारतूस भी बरामद कर लिया गया है।
जिसके बाद अब आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि उभाव थाना क्षेत्र के अंतर्गत तुर्तीपार पर गांव में एक ब्रह्मभोज कार्यक्रम में वीडियो में हाथ में तमंचा लेकर डांस करते युवक का वीडियो सामने आया था। और इस वीडियो को बलिया खबर ने सोशल मीडिया के जरिये शेयर किया था। जिसके वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है।
जिसमें उभांव पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आकाश यादव और अरविंद गोंड को तुर्तीपार रेगुलेटर से रात्रि को गिरफ्तार कर लिया है। तमंचा और कारतूस भी बरामद कर लिया गया है। अब पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
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बलिया- दबंगों से परेशान नौजवान ने गंगा में लगाई झलांग, पुलिस की मुस्तैदी से बची जान !
Published
1 month ago
on
October 23, 2021
By
Ritu Shahu
बलिया। जनेश्वर मिश्र सेतु से कूदकर एक युवक ने आत्महत्या करने की कोशिश की। गनीगत रही कि पीकेट पर तैनात दुबहर थाने की पुलिस ने युवक को देख लिया और तत्काल नौकायान करते मल्लाहओ के सहयोग से उसे बाहर निकाल लिया। वहीं युवक का कहना है कि वह एक जन्मदिन में पार्टी में गया। जहां उसके साथ मारपीट की गई। जिससे आहत होकर उसने आत्महत्या करने का फैसला लिया। मामले में पुलिस ने परिजनों को युवक की जानकारी दी और युवक को उन्हें सौंप। फिलहाल पुलिस को मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है।
जानकारी के मुताबिक शहर के कृष्णा नगर जापलीन गंज थाना कोतवाली निवासी रोहित कुमार पाण्डेय (18 साल) पुत्र परमात्मा नंद पांडे शुक्रवार की शाम लगभग 5 बजे जनेश्वर मिश्र सेतु पर पहुंचा और गंगा नदी में छलांग लगा दी। उसे छलांग लगाता देख पास ही पिकेट पर तैनात दुबहर थाने के सिपाही ने देख लिया। शोर मचाते हुए नदी में नौका पर सवार मल्लाहो को घटना की जानकारी दी। मल्लाहों ने तुरन्त युवक को नदी से बाहर निकालने में जुट गए । तत्काल ही रोहित को बाहर निकाला गया। तब तक दुबहर थाने के थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए।
घटना के कारण के बारे में रोहित ने दुबहर थानाध्यक्ष सिंह को बताया कि वह एक युवक के घर जन्मदिन की पार्टी में गया था। जहां अकारण उसकी बेल्ट से पिटाई की गई। इससे दुःखी होकर उसने आत्महत्या करने का फैसला लिया और उसने गंगा नदी में छलांग लगा दी। पुलिस ने युवक के परिजनों को सूचना देकर बुलाया और युवक को सौंप दिया। इस सम्बंध में पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली है।
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चाय समोसे की दुकान पर अवैध शराब की बिक्री! पुलिस ने दबिश देकर तस्कर को पकड़ा
Published
1 month ago
on
October 22, 2021
By
बलिया ख़बर
बेलथरा रोड। अवैध शराब के परिवहन और बिक्री पर लगाम लगाने के लिए बलिया पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है। इसी बीच पुलिस ने सुबह बड़ी कार्यवाही करते एक चाय-नाश्ते की दुकान पर दबिश दी और अवैध शराब तस्कर को गिरफ्तार किया।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने तस्कर के पास से कई शराब की बोतलें की बरामद की हैं। उभांव थाने के प्रभारी निरीक्षक ज्ञानेश्वर मिश्र और आबकारी निरीक्षक विनोद कुमार एवं निर्मल श्रीवास्तव ने पूरी कार्यवाही की।
अधिकारियों ने कार्यवाही करते हुए अखोप चट्टी नहर के पास स्थित चाय-समोसे की दुकान पर दबिश दी। तो दुकान में मौजूद एक व्यक्ति झोले को छुपाने का प्रयास करने लगा। टीम ने झोले सहित व्यक्ति को पकड़ लिया गया। जब झोले को खोला गया तो उसमें से कुल 28 शीशी बंटी-बबली लाइम ब्रांड देसी शराब बरामद हुई।
हालांकि वो अंग्रेजी ठेके के शराब से भिन्न पाई गई। अभियुक्त सतीश कुमार मौर्या पुत्र रामनयन मौर्या निवासी अखोप चट्टी को जेल भेज दिया गया। फिलहाल पूरे मामले में कार्यवाही जारी है। |
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एक: नि: शुल्क नमूने उपलब्ध है, जबकि भाड़ा ग्राहकों द्वारा भुगतान किया जाएगा.
एक: MOQ है 50 pieces.
एक: आम तौर पर, leadt समय के बारे में 15 दिनों के बाद हम जमा प्राप्त करते हैं।
क्यू: भुगतान अवधि जो स्वीकार्य है?
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किराये का मकान भी मरम्मत करा सकते हैंह बशर्ते… | हिंदी समाचार ऑनलाइन पोर्टल | Hindi News Portal
किराये का मकान भी मरम्मत करा सकते हैंह बशर्ते…
जिस प्रॉपर्टी को किराये पर दिया गया है, उसकी देखभाल व टूट-फूट की मरम्मत कराने की जिम्मेदारी किसकी है? मालिक और किरायेदार के बीच विवाद का मुख्य-बिंदु यही रहता है कि किराये वाली जगह की मेंटेनेंस का जिम्मा किसका है? आमतौर से, बहुत कुछ इस बात पर निर्भर होता है कि पार्टियों के बीच आपसी समझौता किन नियमों व शर्तों पर हुआ है और ली़ज एग्रीमेंट में क्या दर्ज किया गया है।
राज्यों के किराया नियंत्रण कानूनों में इस संदर्भ में कुछ दिशा-निर्देश दिये गये होते हैं। इन कानूनों के तहत यह मालिक की जिम्मेदारी है कि वह प्रेमेसिस को अच्छी स्थिति में रखे। अगर लिखित नोटिस के बाद उचित समयावधि के दौरान मालिक वह मरम्मत नहीं कराता है, जो उसे करानी चाहिए, तो किरायेदार वह मरम्मत स्वयं करा सकता है और मरम्मत के खर्च को किराये में काट सकता है या मालिक से ले सकता है। लेकिन इसमें एक शर्त है-किसी भी वर्ष में इस तरह जो खर्चा काटा जायेगा, वह उस वर्ष दिये जाने वाले कुल किराये के बारहवें हिस्से से अधिक नहीं होना चाहिए। दूसरे शब्दों में एक साल में एक माह के किराये से अधिक की मरम्मत का खर्च मालिक से नहीं लिया जा सकता।
यह मालिक की जिम्मेदारी है कि किराये पर दिया गया स्थान रहने लायक और सुरक्षित हो। अगर जरूरत पड़े तो उसे यह सुनिश्र्चित करना चाहिए कि उचित मरम्मत कराकर स्थान को रहने लायक व सुरक्षित बनाया जाए। मगर मालिक ऐसा करने में सक्षम नहीं है या ऐसा करने का इच्छुक नहीं है तो किरायेदार घर की मरम्मत करा सकता है। इस सिलसिले में उसे मालिक को उचित नोटिस देना होगा, जिसमें स्पष्ट रूप से समस्याओं को बताना होगा, जो परेशानी हो रही है, वह भी बतानी होगी। सुरक्षा की समस्याओं से भी अवगत कराना होगा और समस्या के समाधान के लिए जो भी आवश्यक कदम उठाये जाने हैं, उन्हें भी बताना होगा।
नोटिस में किरायेदार को अपनी बात इस तरह से कहनी चाहिए कि अगर मालिक निश्र्चित समय में मरम्मत नहीं कराता है तो वह स्वयं इस कार्य को पूरा करायेगा और मरम्मत में जो खर्च आयेगा, उसे मालिक से वापस लेने के लिए हकदार होगा।
बहरहाल, यह ध्यान रखना चाहिए कि इसके तहत वही मरम्मतें होंगी, जो आवश्यक और अर्जेंट आवश्यकता वाली हैं। इनमें वह स्थितियां नहीं आयेंगी, जो किरायेदार अपने आराम के लिए कुछ बदलाव या जोड़ चाहता है। आवश्यक व अर्जेंट का अर्थ है- वह जरूरतें जिनसे स्थान को सुरक्षित, रहने लायक और इस्तेमाल करने योग्य बनाया जाता है।
जिन मामलों में वह मरम्मत की जानी हैं, जिनके तहत स्थान रहने योग्य या इस्तेमाल करने योग्य नहीं है सिवाय बहुत परेशानी के और लिखित नोटिस के बाद भी मरम्मत कराने की बात को मालिक नजरअंदाज करता है या असमर्थ है, तो किरायेदार किराया कानून के तहत कंटोलर से अनुमति मांगने के लिए अर्जी दे सकता है ताकि स्वयं मरम्मत करा सके। ऐसे में उसे कंटोलर को मरम्मत की अनुमानित लागत भी प्रेषित करना होता है।
कंटोलर मालिक को अपना पक्ष रखने की अनुमति प्रदान कर सकता है। अनुमानित लागत की समीक्षा और आवश्यक जांच-पड़ताल करने के बाद ही कंटोलर आदेश के जरिए किरायेदार को मरम्मत कराने की अनुमति दे सकता है, उस खर्च पर जो कि ऑर्डर में दर्ज हो। इसके बाद किरायेदार को यह कनूनी हक होगा कि वह स्वयं मरम्मत कराये और खर्च को किराये में से काट ले। मालिक से जो खर्चा लिया जा रहा है, वह उस राशि से अधिक नहीं हो सकता, जो कंटोलर ने अपने ऑर्डर में निर्धारित किया है। साथ ही राशि सालभर के किराये की आधी से अधिक नहीं हो सकती। अगर कोई मरम्मत ऐसी है, जो उस राशि से बाहर है और कंटोलर की राय में आवश्यक है और अतिरिक्त खर्च किरायेदार खुद उठाने को तैयार है तो कंटोलर किरायेदार को ऐसी मरम्मत करने की अनुमति भी प्रदान कर सकता है।
आखिरकार यह मालिक के फायदे की ही बात है कि प्रॉपर्टी फिट और सही रहे ताकि वह उसे किराये पर देने की बजाए स्वयं इस्तेमाल करे। इसमें किरायेदार का हित कम ही होता है। |
MP BOARD: डीएलएड प्रैक्टिकल की डेट बदली
Homemp news MP BOARD: डीएलएड प्रैक्टिकल की डेट बदली
भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा एमपी डीएलएड 2020 (MP D.El.Ed 2020) की प्रैक्टिकल परीक्षाओं की तारीख में परिवर्तन किया है। ऑफिशल नोटिफिकेशन दिनांक 22 सितंबर 2020 को श्री एस के चौरसिया जनसंपर्क अधिकारी माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश द्वारा जारी किया गया है।
MP BOARD: डीएलएड प्रायोगिक परीक्षा की तिथि परिवर्तन की आधिकारिक सूचना
डी.एल.एड. प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष 2020 के समस्त शास./अशा. मान्यता/सम्बद्धता प्राप्त डी.एड. प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा सैद्धांतिक/व्यावहारिक परीक्षाओं के आन्तरिक मूल्यांकन एवं अध्यापनअभ्यास/विज्ञान प्रायोगिक परीक्षा सम्पन्न कराने की अंतिम तिथि 20.09.2020 एवं ऑनलाईन अंकों की प्रविष्टि हेतु तिथि 22.09.2020 निर्धारित की गई थी।
वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए उक्त तिथि में वृद्धि करते हुए प्रायोगिक परीक्षा सम्पन्न कराने की तिथि 20.09.2020 के स्थान पर 28.09.2020 एवं अंकों की ऑनलाईन प्रविष्टि करने हेतु दिनांक 30.09.2020 तक की वृद्धि की गई है। |
जयललिता की आत्मा पनीरसेल्वम को कभी माफ नहीं करेगी :अन्नाद्रमुक - UJJAIN DOOT
चेन्नई, :भाषा: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने ओ पनीरसेल्वम पर हमले जारी रखते हुए आज कहा कि पार्टी को तोड़ने का प्रयास करने के लिए जयललिता की आत्मा उन्हें माफ नहीं करेगी। साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि महासचिव वी के शशिकला को शीघ्र ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।
अन्नाद्रमुक प्रवक्ता वैगैचेल्वन ने पार्टी के प्रेसीडियम चेयरमैन ई मधुसूदनन गुट के पनीरसेल्वम के साथ जाने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मुख्यमंत्री का साथ देने वाले वे लोग हैं 'जिनका समय खत्म हो चुका है' और जनता उन्हें नकार देगी।
उन्होंने कहा कि जिन नेताओं की अम्मा ने अनदेखी की थी, जिनका समय खत्म हो चुका है वे पनीरसेल्वम के गुट में शामिल हो गए हैं। पार्टी तोड़ने का प्रयास करने के लिए अम्मा की आत्मा पनीरसेल्वम को कभी माफ नहीं करेगी। साथ ही उन्होंने रविवार को पार्टी विधायक दल की नेता चुनी गईं शशिकला को शीघ्र मुख्यमंत्री बनाए जाने का भी विश्वास जताया।
उन्होंने कहा, ''चिनम्मा :शशिकला: में कल राज्यपाल से मुलाकात की थी और अच्छी खबर जल्द ही मिलेगी। वह मुख्यमंत्री बनेंगी।'' साथ ही उन्होंने पनीरसेल्वम की बगावत के पीछे द्रमुक का हाथ होने के पार्टी के रख को दोहराया। |
शपथ ग्रहण से पहले उद्धव ठाकरे और संजय राउत के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला | complaint filed against shiv sena chief uddhav thackeray and sanjay raut in varanasi court - Hindi Oneindia
| Published: Thursday, November 28, 2019, 16:51 [IST]
वाराणसी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ से पहले वाराणसी में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ नेता संजय राउत के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। एडवोकेट कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने एसीजीएम-6 नेहा रुंगटा की कोर्ट में 417, 416 और 120B धाराओं के तहत परिवाद दर्ज करवाया है। 29 नवंबर यानी शुक्रवार को कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
हिन्दुओं को बरगला कर वोट लेने का आरोप
एडवोकेट कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने परिवाद दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया है कि उद्धव ठाकरे ने हिन्दुओं को बरगला कर, उन्हें धोखा देकर वोट लिया और फिर भगवा आतंकवाद कहने वालों के साथ मिलकर सरकार बना ली। इससे हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि वाराणसी की एसीजीएम-6 की कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है, जिसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
महाराष्ट्र में एक महीने से जारी सियासी ड्रामे बाद शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने जा रही है। 'महा विकास अघाड़ी' के नेता और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज शाम 6:40 बजे शिवाजी पार्क में आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। ये पहली बार होगा जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा।
शिवसेना इस शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने में कोई कमी बाकी नहीं रखना चाहती है। इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस शासित राज्योंं के मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी न्योता भेजा गया है।
uddhav thackeray sanjay raut shiv sena mumbai bjp varanasi banaras up news uttar pradesh उद्धव ठाकरे संजय राउत महाराष्ट्र मुंबई शिवसेना वाराणसी बनारस |
Google Maps के इस नए फीचर से पहले ही पता चल जाएगा Toll Tax
वैकल्पिक मार्गों की तलाश करने वालों के लिए, Google Maps टोल और विकल्पों के साथ, जहां उपलब्ध हो, एक टोल-फ्री मार्ग का विकल्प प्रदान करना जारी रखेगा।
Google Maps के इस नए फीचर से पहले ही पता चल जाएगा Toll Tax Google Maps (IANS)
गूगल (Google) ने भारत, अमेरिका, जापान और इंडोनेशिया के यूजर्स के लिए Google Maps में एक नया फीचर शुरू किया है जो किसी दिए गए मार्ग पर टोल शुल्क (Toll Tax) का पहले ही अनुमान देगा।
कंपनी के अनुसार, यह फीचर अमेरिका, भारत, जापान और इंडोनेशिया में अपने आईओएस (IOS) और एंड्रॉइड ऐप (Android App) के लिए 'लगभग 2000' टोल सड़कों के लिए उपलब्ध है और यह 'जल्द ही' और अधिक देशों में समर्थन जोड़ने की योजना बना रहा है।
Google ने कहा कि प्रदर्शित टोल मूल्य 'स्थानीय टोलिंग अधिकारियों से विश्वसनीय जानकारी' पर आधारित है।
कंपनी ने आगे कहा, "गूगल मैप्स टोल पास या अन्य भुगतान विधियों का उपयोग करने की लागत, सप्ताह के दिन, और उपयोगकर्ता द्वारा विशिष्ट समय पर टोल की लागत की उम्मीद जैसे कारकों के आधार पर आपके गंतव्य के लिए कुल टोल मूल्य का अनुमान लगाएगा।"
कंपनी ने कहा, "अगर वे पूरी तरह से टोल मार्गो से बचना चाहते हैं, गूगल मैप्स में दिशाओं के ऊपरी दाएं कोने में तीन बिंदुओं पर एक साधारण टैप यूजर्स को मार्ग विकल्पों का चयन करने और 'टोल से बचने' की अनुमति देगा।" |
2019 लेओ अवलोकन: राशिफल - 2019 वार्षिक
2019 सिंह अवलोकन: राशिफल - 2020
2019 लियो अवलोकन
2019 सिंह अवलोकन: वार्षिक राशिफल
अधिक सिंह राशिफल
लियो (जन्म जुलाई 23-अगस्त 22 *) - 0 से 30 डिग्री लियो:
2019: सिंह राशिफल: प्रेम, करियर और सामान्य रुझान
सिंह (सभी):
आपके लिए 2019 की बड़ी सुर्खियों में रोमांस, रचनात्मकता, काम, सेवा और स्वास्थ्य, प्रिय सिंह शामिल हैं। ये बढ़ी हुई गतिविधि और इनाम के क्षेत्र हैं।
बृहस्पति अब अपने स्वयं के संकेत में और अपने सौर चार्ट में, खुशी और दिल के अपने क्षेत्र के माध्यम से बहुत खुशी से यात्रा कर रहा है। यह गोचर आपकी आत्मा के लिए एक शानदार बढ़ावा प्रदान करता है। आप अपने दिल की इच्छा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित हैं, जो कुछ भी आपके जीवन की यात्रा में इस बिंदु पर हो सकता है। रोमांटिक और रचनात्मक खोज का विस्तार होता है और आपको सामान्य (दिसंबर तक) से अधिक पूरा करता है जिसके बाद बृहस्पति आपके चार्ट के पहले से ही व्यस्त क्षेत्र में काम करता है: काम, स्वास्थ्य, दिनचर्या और आदतों का घर। वहां, यह अपने जादू को काम करता है, जो आपके दैनिक मामलों में अधिक तृप्ति, खुशी और सफलता को उत्तेजित करता है और आपको अपने काम और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
आपके सौर चार्ट के शीर्ष पर यूरेनस आपके सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा और कैरियर आकांक्षाओं पर एक शक्तिशाली प्रभाव है। आपके पास पिछले साल इस ऊर्जा का एक झांकना था, और अब (मार्च 2019 से आगे), यह चिपका हुआ है। यह प्रभाव आने वाले सात वर्षों के लिए आपके साथ है, आपकी महत्वाकांक्षाओं को रोमांचक बनाता है और आपको यह भी प्रोत्साहित करता है कि आप अपने जीवन के साथ क्या करना चाहते हैं। आप उन प्रतिभाओं को पहचान सकते हैं जो आप कभी नहीं जानते थे कि आप थे, और यह अचानक, रोमांचक खोज हो सकती है। आपका जीवन पथ या पेशेवर जीवन अब बदल रहा है, और कुछ के लिए, वर्तमान प्राधिकरण के आंकड़ों से निपटने में चुनौतियां हो सकती हैं जो अतीत से एक ब्रेक को प्रेरित करते हैं। यह आपके करियर या प्रतिष्ठा के संबंध में अधिक प्रयोग या विकल्पों पर ध्यान देने का समय है। यदि आप इन क्षेत्रों में सीमित या असावधान महसूस करते हैं, तो यह पारगमन इन समस्याओं का समाधान करने की संभावना है। ऐसे समय हो सकते हैं जब आपकी स्वतंत्रता की आवश्यकता आपके कई कार्यों पर हावी हो सकती है और ड्राइव कर सकती है।
जबकि साझा वित्त या वित्तीय सहायता से संबंधित समस्याएं इस वर्ष आपके सौर आठवें घर के नेप्च्यून के दीर्घकालिक संक्रमण के साथ जारी रह सकती हैं, आप इन चीजों के साथ वृद्धि या स्थिरता के अवसरों का आनंद लेते हैं क्योंकि शनि नेप्च्यून का समर्थन करता है, और इसके विपरीत। यह आपकी वर्तमान जीवन शैली में परिवर्तन करने का एक उत्कृष्ट समय हो सकता है जो आने वाले वर्षों के लिए आपको लाभ देगा। आप प्रेरणा के साथ कड़ी मेहनत को संतुलित करते हुए, अपने समय का प्रबंधन करने में सक्षम हैं। आप अपने रिश्तों में, धन के साथ, और आहार और आदतों के बारे में संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता के बारे में अधिक जानते हैं। इस वर्ष ग्रहण आपको एक बेहतर कार्य-शेष संतुलन खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उत्तरी नोड का पारगमन आपको मिनुतिया में खो जाने से बचने और कम से कम समय पर, आपकी गहरी भावनाओं और जरूरतों पर विचार करने में मदद करता है।
जब आप काम और स्वास्थ्य या आत्म-देखभाल दोनों पर बहुत मुश्किल काम करने के इच्छुक हैं, तो आप अपने जीवन में आत्म-अभिव्यक्ति, अवकाश और खेल के माध्यम से एक बेहतर संतुलन भी पा रहे हैं। दिसंबर से आगे, हालांकि, आप अपने अधिकांश प्रयासों को अपने व्यावहारिक मामलों में डाल सकते हैं, और जैसा कि आप करते हैं, अपने आप को अच्छी तरह से आनंद लें। तब तक, यह आपके ख़ाली समय का विस्तार करने, एक विशेष रोमांस का आनंद लेने, या एक विशेष शौक या रचनात्मक खोज में बहुत आनंद लेने का समय है। 2019 शारीरिक या रचनात्मक स्तरों पर एक विशेष रूप से उपजाऊ वर्ष हो सकता है।
अपनी दिनचर्या को ध्यान में रखते हुए अब मजबूत महत्व है। आप दीर्घकालिक के बारे में सोच रहे हैं, न केवल आपके लिए काम करने के लिए और अपने सौर छठे घर में शनि के साथ, आप तत्काल सुखों के बारे में कुछ बलिदान करने के लिए तैयार हैं यदि यह आपके भविष्य और दीर्घकालिक बनाने में मदद करेगा। ज्यादा सुरक्षित। यह एक परिपक्व प्रक्रिया है जो अब हो रही है, और यह काफी हद तक आपके काम, सेवाओं, स्वास्थ्य और आदतों के लिए निर्देशित है। इस साल फिर से काम के कोण पर अधिक ध्यान न दें। फिर भी, आप जीवन के इन क्षेत्रों के लिए एक तारकीय अवधि की ओर बढ़ रहे हैं जो 2020 तक आपके साथ रहता है, और यह दिसंबर में शुरू होता है। इस आगामी अवधि के अवसरों के अवसरों की तैयारी में कौशल विकास का पक्षधर है।
सिंह के लिए 2019 में मुख्य कार्यक्रम:
जनवरी से सितंबर तक बृहस्पति वर्ग नेपच्यून । हम प्रेरणा के एक नए स्रोत की तलाश कर रहे हैं, लेकिन हमारे पास स्थिति को मापने के लिए अव्यावहारिक सपनों या योजनाओं पर कुंडी लगाने की प्रवृत्ति है। आपके लिए, लियो, धन, समर्थन, या आपके अंतरंग जीवन में अनिश्चितताएं इस अवधि के दौरान कई बार आपके आनंद, रोमांस या अवकाश की खोज में बाधा डाल सकती हैं। इनमें से किसी भी चीज़ के साथ समस्या वाले क्षेत्रों की उपेक्षा या नज़र से बचना महत्वपूर्ण है।
हालाँकि, इससे आपको मदद मिलती है:
जनवरी से नवंबर तक शनि नेप्च्यून नेपच्यून । यह मजबूत करने वाला पहलू आपको ग्राउंडिंग करने में सहायता करता है। यह एक शानदार मदद हो सकती है, भले ही यह एक सूक्ष्म प्रभाव हो। यह पारगमन आपको आध्यात्मिक और भौतिक गतिविधियों को संतुलित करने की याद दिलाता है। जबकि आपकी नौकरी, कार्य, कर्तव्य और स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण जीवन पाठ, प्रतिबंध और कड़ी मेहनत जारी है, आप इस वर्ष आउटलेट या संतुलन की बेहतर समझ पा रहे हैं। अलग काम और डाउनटाइम इस के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। वित्तीय या अंतरंग मामले इस वर्ष स्पष्ट नहीं हो सकते हैं, लेकिन यह आपके काम की नैतिकता से समझौता नहीं करता है या आपके प्रयासों से घटा नहीं सकता है।
इस वर्ष भी:
शनि समवर्ती दक्षिण नोड (अप्रैल से सितंबर) और प्लूटो संयुग्मन दक्षिण नोड (अप्रैल) । दिनचर्या या पुरानी आदतों को लटकाने के प्रयासों से संबंधित कठिनाइयां संभव हैं जो आपको बढ़ने, सुधारने और आराम करने, आध्यात्मिक जीविका, या भावनात्मक उपचार की आवश्यकता से रोक सकती हैं। आप केवल परिवर्तन के डर से परिचित के साथ चिपके रह सकते हैं, और यह एक प्रवृत्ति है जिसे आपको देखना चाहिए।
दिसंबर में यूरेनस ट्राइन बृहस्पति । यह पृथ्वी के संकेतों में वर्ष के अंत के पास होता है। आपके सौर चार्ट में, हमें आपके कार्य और व्यावहारिक क्षेत्रों में पृथ्वी के संकेत मिलते हैं, और यह बढ़ावा आपके काम, पेशेवर जीवन, आदतों, स्वास्थ्य और दैनिक दिनचर्या में आता है। यह नवाचार, प्रगति, नई तकनीक, विधियों या दृष्टिकोणों के बारे में है, और यह एक सकारात्मक विकास है!
यह उत्साह और आगे बढ़ने की एक मजबूत भावना का समय हो सकता है। आप अपने निर्विरोध विचारों से लाभ प्राप्त कर सकते हैं या अन्यथा मान्यता प्राप्त कर सकते हैं। आपका प्रगतिशील, अभिनव दृष्टिकोण सकारात्मक चीजों को अपने तरीके से आकर्षित कर सकता है और आपको अपने लक्ष्यों के करीब ले जा सकता है। यह तकनीकी उन्नयन, बेहतर तरीकों और नवीन दृष्टिकोणों के संदर्भ में सोचने का एक उत्कृष्ट समय है। व्यावहारिक मामलों, व्यवसाय, और कड़ी मेहनत के लिए मान्यता अब जोरदार आंकड़ा कर सकते हैं। आप अपनी प्राकृतिक प्रतिभा और कौशल के लिए अधिक रोजगार योग्य हो सकते हैं। आप थके हुए पुराने दिनचर्या या व्यस्त परिस्थितियों से मुक्ति और मुक्ति का अनुभव कर सकते हैं, और संभवतः स्वास्थ्य प्रतिबंध भी, या अब आप अधिक मोबाइल और सक्रिय हैं, जो नई संभावनाओं को खोलता है।
महत्वपूर्ण मामूली परिवर्तन:
शुक्र ग्रह बृहस्पति - दो बार! 22 जनवरी और 24 नवंबर को ... और यह आपके रोमांस, रचनात्मकता और खुशी के क्षेत्र में होता है, जिससे यह डेटिंग, प्यार करने, साझा करने, बनाने और खुद का आनंद लेने के लिए एक विशेष समय होता है। आपकी आकर्षण शक्तियां अब छत के माध्यम से हैं।
12-13 फरवरी को देर से मेष राशि में मंगल का युक्रानस। यह यूरेनस आपके आत्मा क्षेत्र को अच्छे के लिए छोड़ने से कुछ समय पहले होता है, जिससे यह एक शैक्षिक पथ, विश्वास प्रणाली और मानसिक ध्यान या दृष्टिकोण के अंतिम समय में बदलाव के लिए एक शक्तिशाली अवधि बन जाता है।
22 अप्रैल को वृषभ राशि में सूर्य संक्रांति और 18 मई को वृष राशि में शुक्र ग्रह का युति। अब चूंकि यूरेनस आपके करियर और प्रतिष्ठा के क्षेत्र में लगातार बना हुआ है, इसलिए ये गोचर आपके पेशेवर या सार्वजनिक जीवन में बदलाव और प्रगति के साथ ताल ठोंक सकते हैं।
25-27 दिसंबर को सूर्य मकर राशि में बृहस्पति के साथ युति कर रहा है। काम, स्वास्थ्य, आदतें, सेवा और दैनिक दिनचर्या के लिए एक अवसर अवधि। महत्वाकांक्षा और खुशी अभी और आने वाले महीनों में गठबंधन करते हैं।
2019 में Lunations देखें
5 जनवरी को मकर राशि में सूर्य ग्रहण
यह ग्रहण शनि और प्लूटो के बीच में पड़ता है, इसलिए हम थोड़ा शांत महसूस कर सकते हैं, अवरुद्ध, या अटक सकते हैं, जितना हम नए सिरे से शुरू करना चाहते हैं, जबकि नेपच्यून के लिए एक सेक्सेटाइल एक वैकल्पिक आउटलेट के रूप में मदद करता है या कार्य करता है।
आपके लिए, लियो, यह आपके काम या सेवाओं, स्वास्थ्य, स्वयं देखभाल कार्यक्रमों, आदतों, या दैनिक मामलों और दिनचर्या से जुड़ा मामला है। यह नए सिरे से शुरू करने के बारे में है, और एक नई शुरुआत होने से पहले एक व्यवधान हो सकता है। यह जीवन के किसी भी क्षेत्र में खुद को सुदृढ़ करने, सरल बनाने, या हंक करने पर विचार करने का समय है। नए दृष्टिकोण की आवश्यकता होने पर, दूसरों द्वारा अटक या अवरुद्ध होने की भावना से एक नई शुरुआत हो सकती है।
लियो की पहली डिग्री में। यह सिंह-कुंभ सेट में अंतिम ग्रहण है - हम कुछ जारी करते हैं और आगे बढ़ते हैं। यह शुक्र-बृहस्पति के संयोग के समय आता है जो इस रिलीज को विशेष रूप से मीठा बनाता है। साथ ही, बुध और सूर्य अब प्लूटो से आगे निकल गए हैं - एक और अर्थ है कि हम आगे बढ़ रहे हैं, बिना रुके।
आपके लिए, लियो, यह विशेष रूप से व्यक्तिगत है! यह एक सेट में आखिरी है जो कुछ साल पहले शुरू हुआ था, और यह स्वतंत्रता और साझेदारी के बीच बेहतर संतुलन की ओर एक अंतिम धक्का है। इन पंक्तियों के साथ किसी मामले की रिहाई या परिणति हो सकती है। चाहे आप अपनी स्वतंत्रता की खोज कर रहे हों या निर्माण कर रहे हों और किसी करीबी रिश्ते को बेहतर बना रहे हों, आप खुद को बेहतर समझने की एक बेहतरीन स्थिति में हैं। यह एक मिर्गी, मीठा रिलीज, या खुश अहसास के रूप में आ सकता है।
बुध के साथ संरेखित, बृहस्पति बृहस्पति। सब कुछ प्रत्यक्ष है! लियो के लिए, यह आपके रिश्तों से संबंधित एक नई शुरुआत के लिए एक अवधि है, विशेष रूप से साझेदारी के मामले, बातचीत, आपके जीवन में संतुलन की भावना और परिप्रेक्ष्य। यह साझेदारी से संबंधित नए या परिष्कृत लक्ष्यों तक पहुंचने का समय है। जनवरी के अंतिम सप्ताह में आप जो भी रिलीज़ कर रहे थे, उसे आगे बढ़ाने के लिए यह एक शक्तिशाली समय है।
कन्या राशि के पहले अंश में। ट्राइन मार्स और यूरेनस। यह चंद्र शनि और प्लूटो के बीच शुक्र के समय होता है, हालांकि, (शुक्र फंस गया है / फंस गया है) लेकिन यह भी जब बुध ग्रह नेप्च्यून शनि और शुक्र को समेटता है।
यह आपकी आय, वित्तीय स्थिति, संपत्ति, क़ीमती सामान, या आत्म-मूल्य की भावना से संबंधित मामले के बारे में एक आंख-चौड़ा-खुला समय है। आप ठगा हुआ महसूस कर रहे होंगे, और इससे आपकी ज़रूरतों और चाहतों के बारे में एक ख़बर सामने आती है।
नए सिरे से शुरू करने से पहले उपस्थित होने के लिए कुछ उत्कृष्ट मामले हैं, लेकिन जीवन शैली में बदलाव, निर्भरता के मामले या वित्तीय स्थिति, लियो के माध्यम से एक नई शुरुआत के लिए गति प्राप्त करने का यही समय है।
लियो के लिए, यह पूर्ण खिलने के लिए आने वाले संचार या सीखने के मामलों के बारे में है, जो आपको एक नए, नए रास्ते पर सेट करता है। एक समय सीमा, समाचार का टुकड़ा, या यांत्रिक मुद्दे के बारे में निराशा या बढ़ जागरूकता हो सकती है जो आपको कार्यभार संभालने और सुधार करने या एक नया रास्ता बनाने के लिए प्रेरित करती है।
यह नया चंद्रमा तब होता है जब बुध और नेपच्यून ने हाल ही में गठबंधन किया है।
यह नया चंद्रमा अंतर्ज्ञान के लिए शक्तिशाली है, विशेष रूप से आपकी वित्तीय स्थिति या एक संबंध, लियो के बारे में, जो एक नए दृष्टिकोण को जन्म दे सकता है। प्रकाशन से संबंधित मामले, नई रुचियों या अध्ययनों का पीछा करना, शब्द को बाहर निकालना, पदोन्नति, विस्तार, यात्रा, या साहसिक कार्य नई शुरुआत के अधीन हैं। यह प्रोत्साहित, प्रेरित, और उम्मीद महसूस करने के बारे में है, और इन दृष्टिकोणों को दुनिया में लाने और आपके नए सिरे से शुरू होता है।
अपनी परियोजनाओं, अध्ययनों या विचारों के बारे में शक्तिशाली अहसास दृढ़ता से समझ सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण परिणति या परिवहन या संचार से संबंधित मामले पर अंतिम शब्द हो सकता है।
यह नया चंद्रमा आपको अपने करियर, जीवन पथ या दिशा, स्थिति, प्रतिष्ठा या जिम्मेदारियों के बारे में मिशन या उद्देश्य की भावना दे सकता है। नई शुरुआत और सुधार क्रम में हैं, और ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है।
Leos के लिए, परिवार, घर या व्यक्तिगत मामलों के बारे में एक महत्वपूर्ण अहसास हो सकता है। किसी स्थिति के बारे में अपने अंतर्ज्ञान को सुनें, भले ही वह अब अचानक आए। सुरक्षा, आराम, और डाउनटाइम के लिए अपनी आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान देना आवश्यक है।
लियो के लिए, यह नया चंद्रमा सामाजिक या सामुदायिक स्तर पर नए सिरे से शुरू करने के बारे में है। नए सिरे से शुरू करने की इच्छा या आवश्यकता एक छोटे से लेटडाउन या निराशा से फैल सकती है।
लियो के लिए, यह पूर्ण चंद्रमा एक महत्वपूर्ण भावनात्मक रहस्योद्घाटन या रोमांस या रचनात्मक खोज से संबंधित मोड़ ला सकता है। यह आपके आनंद की खोज के बारे में है। एक पुरानी समस्या से संबंधित आगे बढ़ने की भावना है, जिसके लिए अब आपके पास कुछ बंद है, हालांकि पहियों को 2 जुलाई को नए चंद्रमा के बाद मोड़ना शुरू नहीं हो सकता है।
मानसिक या भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए आपके दृष्टिकोण से संबंधित नई शुरुआत, बकाया समस्याओं से निपटना, ढीले छोरों को बांधना, और आराम और नवीकरण के लिए समय प्राप्त करना।
लियो के लिए, काम, स्वास्थ्य और आदतें सुर्खियों में हैं। इन मामलों के शीर्ष पर आने की आवश्यकता अब आग्रह पर आ सकती है।
आपके लिए, यह नए सिरे से शुरू करने, नए सिरे से शुरुआत करने और खुद को फिर से जीवंत करने का आपका वार्षिक अवसर है। यह एक विशेष रूप से गतिशील और रचनात्मक समय है, और अब आप खुद को एक नए तरीके से पेश करने का निर्णय ले सकते हैं।
यह पूर्णिमा आपके साझेदारी क्षेत्र में होती है, और यह एक महत्वपूर्ण संबंध को सम्मानित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है। मतभेदों को दूर करने के लिए यह बहुत अच्छा समय है।
लेओस के लिए, यह आपके संसाधनों, धन, प्रतिभा और व्यक्तिगत संपत्ति के क्षेत्र में होता है। यह पैसे और आत्म-मूल्य से संबंधित नई शुरुआत के लिए एक शक्तिशाली समय है। आप अत्यधिक गतिशील और रचनात्मक हैं, और आपके वित्त और चीजों के लिए एक नया दृष्टिकोण क्रम में है।
सूर्य मंगल के साथ संरेखित करता है (और शुक्र और मंगल के बीच फिर से है)। यह प्लूटो के लिए एक सुंदर sextile / trine बनाता है।
रहस्योद्घाटन, epiphanies, और मोड़ एक अंतरंग संबंध, जुनून परियोजना, या पैसा बकाया या साझा से संबंधित हैं। आप अपनी इच्छाओं को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ हैं।
संचार, अध्ययन, सीखने, कनेक्ट करने और परिवहन से संबंधित नई शुरुआतएँ अब क्रम में हैं। अपने आप को व्यक्त करने, संपर्क बनाने या बाहर निकलने और इसके बारे में नए चैनल अब खुल सकते हैं।
प्लूटो के बहुत करीब वर्ग और शनि से विस्तृत वर्ग।
शिक्षा, यात्रा, प्रकाशन, विचारों को साझा करना, विश्वास, और गतिशीलता या परिवहन से संबंधित अहसास और रहस्योद्घाटन। जब आप चीजों को सुलझाते हैं तो काम या स्वास्थ्य संबंधी मामलों में तनाव की संभावना होती है।
यह नया चंद्रमा आपको घरेलू मामलों, परिवार, घर और व्यक्तिगत मामलों के लिए नई शुरुआत देता है। कैरियर के मोर्चे पर परिवर्तन या अस्थिरता आपके गृह जीवन को प्रभावित कर सकती है, और अब एक संतुलन खोजने का समय है।
आपके लिए, एक पुराने मामले पर यह नया दृष्टिकोण आपके जीवन पथ, करियर, दीर्घकालिक लक्ष्यों, दायित्वों, जिम्मेदारियों और प्रतिष्ठा से संबंधित है।
यह न्यू मून आपके आनंद क्षेत्र में होता है, आनंद लेने और खुद को अभिव्यक्त करने के लिए एक नई शुरुआत या नए दृष्टिकोण का संकेत देता है। यह एक रोमांस, डेटिंग जीवन, अवकाश के समय, बच्चों, रचनात्मक खोज, शौक या अतीत को प्रभावित कर सकता है।
दोस्ती, नेटवर्किंग, सहयोगियों, समूह संघों, खुशी के लक्ष्यों और सामाजिक जीवन या समुदाय से संबंधित कुछ हद तक समस्याग्रस्त लेकिन सहज और रचनात्मक पूर्णिमा।
Leos के लिए, यह काम, स्वास्थ्य, आदतों और दिनचर्या से संबंधित नई आशा और शुरुआत के शानदार समय में प्रवेश करता है। यह अवसर अवधि 2020 में जारी है।
कृपया ध्यान दें कि ये प्रमुख तिथियां समकालिक हैं - खगोल-घटनाओं के त्वरित सारांश - जो मासिक कुंडली और दैनिक कुंडली में अधिक गहराई से कवर किए जाते हैं।
2019 सिंह राशिफल राशिफल भी देखें।
वार्षिक राशिफल: 2019 सिंह राशि वालों के लिए भविष्यफल
यदि आप अपने आरोही को जानते हैं, तो अपने सूर्य चिन्ह और अपने आरोही चिन्ह दोनों के लिए पूर्वानुमान पढ़ें। यदि आप अपने जन्म का समय जानते हैं, लेकिन अपने आरोही को नहीं जानते हैं, तो यह देखना सुनिश्चित करें कि यहां अपने ज्योतिष चार्ट को कैसे प्राप्त करें या कैफे ज्योतिष आरोही कैलकुलेटर का उपयोग करें। आप में से जो लोग अपने सूर्य संकेत के बारे में अनिश्चित हैं, क्योंकि यह पड़ोसी के संकेत के करीब है, देखें व्हाट्स माय सन साइन?
2019: सिंह राशिफल: प्रेम, करियर, आउटलुक और सामान्य रुझान
2019 के लिए अपना सिंह पूर्वावलोकन राशिफल भी देखें, साथ ही 2019 के लिए सिंह लव राशिफल। इस पृष्ठ पर, सिंह राशिफल, वर्ष के लिए रुझान और भविष्यवाणियों को विस्तार से दर्शाता है। चूँकि बाहरी ग्रह गोचर लंबा होता है, लियो के तीनों दशांशों में से प्रत्येक के लिए बाहरी ग्रह गोचर के समय में भिन्नता होती है, और ये मुख्य, सामान्य पूर्वानुमान के नीचे दिखाए जाते हैं।
2019 में प्रिय सिंह के साथ कुछ रोमांचक रुझान हैं। हर साल, हम विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों और अवसरों को देखते हैं। यह मेरी आशा है कि संभावित व्यवधान के इन क्षेत्रों को समझना और अवसरों का प्रबंधन और चुनौतियों का प्रबंधन करके आप इन रुझानों का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
Leos सहज लेकिन वफादार होते हैं, और वे गर्व करते हैं कि वे कौन हैं और क्या करते हैं। उनके पास बड़े दिल और देने के लिए बहुत कुछ है, और वे सोने के लिए जाते हैं! इस वर्ष, आपके पास चिरोन और बृहस्पति हैं जो आपके संकेत के साथ सामंजस्य रखते हैं, जिससे आपकी आत्म-ईमानदारी और उत्साह बढ़ जाता है।
निम्नलिखित चार्ट आपके संकेत के संबंध में बाहरी ग्रहों और अन्य बिंदुओं को दर्शाता है, यह दर्शाता है कि क्या वे सिंह के साथ सामंजस्य बना रहे हैं या चुनौती दे रहे हैं:
जैसा कि उपरोक्त चार्ट में स्पष्ट है, लियो के लिए इस वर्ष बाहरी ग्रह चुनौतियों के रास्ते में बहुत कम है, और अधिकांश भाग के लिए तटस्थ और सामंजस्यपूर्ण ऊर्जा का मिश्रण है।
इस पृष्ठ पर, वर्ष के बड़े विषयों की खोज की जाती है। महीने-महीने के साक्षात्कार के लिए, लियो मासिक राशिफल देखें और दैनिक प्रभावों के लिए, लियो डेली राशिफल देखें। कृपया ध्यान दें कि मेरे दैनिक समाचार ज्योतिषीय हैं, दैनिक प्रेरणादायक ग्रंथ नहीं हैं, इसलिए आपको दैनिक राशिफल में ग्रह संबंधी पहलुओं और ग्रह / बिंदु अंतर्ग्रहण जैसी चीजों के लिए व्याख्याएं मिलेंगी।
इस वर्ष के अधिकांश बृहस्पति और चिरोन का आपको अच्छा समर्थन मिला है। दोनों ग्रह साथी अग्नि राशियों में हैं।
लियो एक सहज आग संकेत है, लेकिन यह भी एक निश्चित प्रकृति का है। सैटर्न-नेप्च्यून सेक्स्टाइल आपके प्राकृतिक ऊर्जा के अनुरूप नहीं है क्योंकि यह कई अन्य संकेतों के लिए है, लेकिन यह आपको फिर भी फायदा पहुंचाता है, विशेष रूप से तब जब आप हाल के वर्षों में स्वास्थ्य और काम के साथ खुद पर थोड़ा मेहनत कर रहे हों, और अब आप कड़ी मेहनत और प्रेरणा पाने के बीच एक बेहतर संतुलन पा रहे हैं।
परिवर्तन और कभी-कभी व्यवधान के क्षेत्र 2019 में आपके करियर, काम और प्रतिष्ठा के होते हैं।
यह बनाने, प्यार करने, खेलने और साझा करने के लिए एक शक्तिशाली वर्ष है। इन क्षेत्रों में बड़े जाएं, लेकिन अपनी सीमाएं जानें!
** निम्नलिखित कुंडली प्रत्येक ग्रह के लिए बाहरी ग्रह, दीर्घकालिक रुझानों को प्रकट करते हैं। जबकि बृहस्पति एक वर्ष से अधिक समय तक रहता है, शेष बाहरी ग्रह पिछले कई वर्षों (शनि के लिए औसतन 2-1 / 2 वर्ष, यूरेनस के लिए 7 वर्ष, और इसके बाद) का संक्रमण करता है। यही कारण है कि आप पिछले वर्षों से जारी रहने वाले कुछ समान रुझानों को देख सकते हैं। यह भी ध्यान दें कि जबकि डिकंस की डिग्री सटीक है, तिथियां आवश्यक रूप से अनुमानित हैं क्योंकि वे जन्म के वर्ष से जन्म के वर्ष तक थोड़ा भिन्न होते हैं।
इसके लिए राशिफल:
सिंह का जन्म 23 जुलाई से 2 अगस्त तक या सिंह राशि में 0 से 10 डिग्री तक है
लियो का जन्म 3 अगस्त से 12 तक या लियो एसेंसेंट 10 से 20 डिग्री है
लियो का जन्म 13 से 22 अगस्त को या लियो एसेंशेंट 20 से 30 डिग्री पर हुआ
लियो (जन्म 23 जुलाई से 2 अगस्त) - 0 से 10 डिग्री लियो (1ST DECAN):
2 दिसंबर तक, बृहस्पति आपके सौर पांचवें घर के माध्यम से आगे बढ़ना जारी रखता है, और आपको रोमांस, आनंद, रचनात्मक अभिव्यक्ति, शौक, मनोरंजन और बच्चों के क्षेत्रों में लाभ देखने और अनुभव करने की संभावना है। मस्ती, रोमांस और अच्छे समय का आपका उचित हिस्सा स्टोर में है। अपने आप को आनंद लेने और अपनी रचनात्मकता का पता लगाने की आपकी इच्छा अब नए अवसर लाती है, या हो सकता है कि आपको मज़ा आने के नए तरीकों की खोज के लिए रास्ते खुलें। उदाहरण के लिए, आप एक नए दोस्त से मिल सकते हैं, जो आपको अधिक बाहर जाने के लिए प्रेरित करता है, या आप किसी और की रचनात्मक परियोजनाओं से प्रेरित हो सकते हैं और एक नया और पुरस्कृत शौक शुरू कर सकते हैं।
रचनात्मक परियोजनाओं के इस चक्र के दौरान अच्छी तरह से किराया करने की संभावना है, और संभवतः किसी प्रकार की मान्यता या इनाम भी ला सकते हैं। प्रेम और रोमांस आपके जीवन में आ सकते हैं या मौजूदा रोमांस को अच्छे हास्य और गर्मजोशी के साथ बढ़ाया जाता है। आप पा सकते हैं कि आकस्मिक प्रेम संबंधों के लिए संभावनाएं अब आपके लिए खुली हैं, और आप में से कुछ विकल्पों से अभिभूत हो सकते हैं! सामाजिक जुड़ाव लाजिमी है। आप में से जो लोग सिंगल हैं, उनके लिए एक विशेष व्यक्ति से मिलना अत्यधिक संभावना है, हालांकि यह एक प्रतिबद्ध साझेदारी की तुलना में एक आकस्मिक संबंध होने की अधिक संभावना है। स्टॉक और अन्य सट्टा मामलों में निवेश से मुनाफा कमाया जा सकता है। स्वस्थ, बुद्धिमान जोखिमों का भुगतान करने की संभावना है, लेकिन सट्टा निवेश में अति आत्मविश्वास से सावधान रहें।
आपके बच्चों के साथ संबंध अब विशेष रूप से पूरे हो सकते हैं। इस अवधि के दौरान गर्भावस्था या प्रसव हो सकता है, यदि लागू हो। यह एक शानदार अवधि है जिसमें एक छुट्टी लेने के लिए जिसे आप हमेशा लेना चाहते हैं, एक नया शौक या रचनात्मक प्रोजेक्ट / दृष्टिकोण आज़माने के लिए, मज़े करने के नए तरीकों का पता लगाने के लिए, एकल जीवन का आनंद लेने के लिए, और आगे। कलात्मक या एथलेटिक प्रतिभा वाले इस समय विशेष रूप से सफल और समृद्ध हो सकते हैं। इस वर्ष आपकी रचनात्मकता और सामाजिक जीवन को उत्तेजित किया जाता है, और खुद को विशिष्ट और रचनात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए बहुत सारे अवसर खुद को प्रस्तुत करने की संभावना है। आपको अपनी रचनात्मक परियोजनाओं और शौक में बहुत खुशी और इनाम मिल सकता है। प्रसन्नता चाहने वाली गतिविधियाँ, मनोरंजन और मनोरंजन बढ़ जाते हैं। जब आप रचनात्मक रूप से अपने आप को व्यक्त करने की बात करते हैं तो आप बहुत कम बाधित होते हैं, और आपको बहुत मज़ा आता है! ये सकारात्मक परिस्थितियाँ आवश्यक रूप से आपकी गोद में नहीं होंगी, और एक ही बार में आने की संभावना नहीं है। आपको जीवन के इन क्षेत्रों में अवसरों के लिए अपनी आँखें खुली रखने की आवश्यकता है। कभी-कभी बृहस्पति बहुत अच्छी चीज लाता है, और हमेशा लापरवाह (लापरवाह नहीं) रवैये का आनंद लेना बुद्धिमान होता है। आप माफी के बिना खुद को चंचल और रचनात्मक रूप से व्यक्त करना सीख रहे हैं, और ऐसा करने के लिए कुछ व्यक्तिगत जोखिम लेने के लिए तैयार हैं। इस पारगमन का एक संभावित नकारात्मक अन्य जीवन विभागों की गिरावट के लिए मज़ेदार है, या इस पर अत्यधिक ध्यान दिया जाता है। हालाँकि, यह आम तौर पर उन अवधियों में से एक है जो किसी को प्रिय लगने लगता है।
इन मामलों के लिए सबसे अनुकूल अवधि होती है जबकि बृहस्पति 1 जनवरी -10 अप्रैल से आपके सौर पांचवें घर में प्रत्यक्ष गति में है, और 11 अगस्त से 2 दिसंबर तक है।
बृहस्पति आपके सूर्य को ट्राइन करता है । यह एक अच्छा-अच्छा पारगमन है जो आपको क्षुद्र चिंताओं से ऊपर उठने और अपने जीवन के लिए अधिक संतुलित दृष्टिकोण प्राप्त करने के अवसर प्रदान करता है। दूसरों के साथ संबंध आसान, दोस्ताना और सकारात्मक होते हैं। दूसरों के साथ सहयोग करना आपके लिए स्वाभाविक है, और दूसरों को आपके साथ सहयोग करना आसान लगता है! यह एक ऐसा समय है जब आप वास्तव में जीवन का आनंद लेते हैं, अच्छी चीजों की सराहना करते हैं और जीवन के अधिक असुविधाजनक या कष्टप्रद तत्वों पर शायद ही कभी परेशान होते हैं।
2 दिसंबर से आगे, बृहस्पति, विकास और विस्तार का ग्रह, आपके सौर छठे घर को स्थानांतरित कर रहा है। इस चक्र के दौरान, आपको कार्य और स्वास्थ्य के क्षेत्रों के साथ-साथ दैनिक दिनचर्या में लाभ देखने की संभावना है। यह पारगमन एक अच्छा काम करने के लिए आवश्यक विवरणों को संभालने की आपकी क्षमता को बढ़ाता है, और अन्य आपके कौशल के बारे में अधिक जागरूक हो जाते हैं। इस चक्र के दौरान कार्य, सह-कर्मचारी या कर्मचारियों के माध्यम से लाभ आ सकते हैं। किसी भी प्रकार की सेवा जो आप प्रदान कर सकते हैं, अब अच्छी तरह से जाने की संभावना है, मुख्यतः क्योंकि आपको सेवा के होने में अधिक आनंद मिल रहा है। आप अच्छे कर्मचारियों को काम पर रखने में अधिक सफल हैं, यदि लागू हो, और आपके काम के माहौल में सुधार की संभावना है। आप जो काम करते हैं, उसमें आपको अधिक आनंद मिलता है, और अब रोजगार ढूंढना सामान्य से आसान है। इस चक्र के दौरान आपको एक नई नौकरी मिल सकती है। काम आपके लिए बहुत उपलब्ध है - शायद यहां तक कि आपको यह भी पता हो कि आपको कौन सा विकल्प चुनना है। इस पारगमन को संभालने का सबसे अच्छा तरीका है गर्व करना और अपनी उपयोगिता को पहचानना - यह आपको बहुत खुशी देने के लिए बाध्य है, और परिणामस्वरूप आपको पुरस्कृत किए जाने की संभावना है।
साथ ही, आप अपनी सेवाओं और कार्यों के लिए जितनी अधिक ईमानदारी, प्रत्यक्षता और ईमानदारी लाएंगे, उतना ही अधिक "पेबैक" आपको प्राप्त होगा। स्वास्थ्य अब समृद्ध होने की संभावना है, और यदि आवश्यक हो तो चिकित्सा प्रक्रिया या कार्यक्रम, सफल होने के लिए अधिक उपयुक्त हैं। वहाँ कुछ वजन पर डाल करने के लिए एक झुकाव हो सकता है, हालांकि, अगर आप अपनी भूख और / या भोजन की पसंद नहीं देखते हैं। कुछ लोगों को इस चक्र के दौरान एक नया पालतू मिलता है, और इससे उन्हें बहुत खुशी मिलती है। ये सकारात्मक परिस्थितियाँ आवश्यक रूप से आपकी गोद में नहीं होंगी, और एक ही बार में आने की संभावना नहीं है। आपको जीवन के इन क्षेत्रों में अवसरों के लिए अपनी आँखें खुली रखने की आवश्यकता है। कभी-कभी बृहस्पति बहुत कुछ लाता है, और इसका मतलब यह हो सकता है कि आप जितना संभाल सकते हैं उससे अधिक काम पर ले जा रहे हैं, विवरण और संगठन में खो जाना और अपने दैनिक जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक है। देखो कि अति आत्मविश्वास आपको अपनी प्लेट को अधिभार में नहीं ले जाता है।
आप अपने द्वारा किए जा रहे काम और आपके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के लिए नए और मूल विचार ला रहे हैं।
शनि आपके सौर छठे घर को 2020 तक स्थानांतरित कर देता है। यह आमतौर पर इसके प्रभाव के पहले वर्ष में सबसे अधिक दृढ़ता से महसूस होता है - आपके लिए, यह पिछले साल था!
यहां शनि का प्रभाव आपकी नौकरी, दैनिक दिनचर्या, स्वयं की देखभाल के प्रयासों और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। आप नौकरी पर या किसी अन्य सेवा-उन्मुख क्षमता में अधिक जिम्मेदारियां ले सकते हैं। आप में से कुछ के लिए, आपकी नौकरी बल्कि थकाऊ या नीच उबाऊ हो सकती है, या काम करने की स्थिति खराब हो सकती है, मांग, या निराशा हो सकती है - कम से कम, यह आपकी चीजों की धारणा है - और अब आप सुधार करने के लिए कदम उठा रहे हैं। । दूसरों के लिए, आपकी नौकरी के बारे में चिंताएं दृढ़ता से बढ़ सकती हैं। कई लोगों के लिए, इस अवधि के दौरान कर्तव्य अक्सर आनंद से पहले आता है, और अधिक या कठिन काम करने की प्रवृत्ति होने की संभावना है। जब तक यह वर्कहोलिक स्तर तक नहीं पहुंचता, तब तक आप ठीक रहेंगे। वास्तव में, अपने आहार, स्वास्थ्य, स्वच्छता और फिटनेस आवश्यकताओं के बारे में समझदार होना सामान्य से आसान हो सकता है। हालांकि पर्याप्त होने के लिए यह जानना आवश्यक है कि क्या पर्याप्त है।
शनि के साथ काम करने, दैनिक कार्यों, आदतों और स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण आंख बदल जाने के कारण, आपको प्रदर्शन करने के लिए कुछ दबाव महसूस होने की संभावना है। जब आप अपने काम और आउटपुट की बात करते हैं तो आप खुद को पहले से अधिक जवाबदेह पाते हैं। इस चक्र से जुड़े कुछ प्रश्नों में शामिल हैं: आप अपने समय का सबसे अच्छा उपयोग कैसे कर सकते हैं? आप अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन और अपने शरीर को कैसे बेहतर बना सकते हैं? आप सभी "फ़्लफ़" के बारे में अधिक से अधिक जागरूक हो जाते हैं जो आपके दैनिक दिनचर्या और आपके काम को घेर लेता है, और वसंत की सफाई आवश्यक हो जाती है। यह आपके स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर करने के लिए नए आहार शुरू करने के लिए एक उत्कृष्ट अवधि है, जैसे कि नियमित व्यायाम, आपके समय का अधिक संरचित और उत्पादक उपयोग और इसके बाद। जब तक यह संक्रमण समाप्त होता है, तब तक आप काफी अधिक उत्पादक, स्वस्थ और केंद्रित होंगे। यह आपके जीवन को छोटे लेकिन महत्वपूर्ण तरीकों से सरल और संरचित करने का एक उत्कृष्ट समय है।
आपके दैनिक जीवन में जिम्मेदारियां कई बार भारी पड़ सकती हैं - वे बढ़े हुए दिखाई देते हैं। जबकि हम जो काम करते हैं, वह कभी-कभी बहुत अधिक दिनचर्या या उबाऊ लग सकता है, यह हमें उद्देश्य की मजबूत भावना भी दे सकता है। हम चाहते हैं कि हम चाहते हैं, हम दूसरों की मदद करना और उनका समर्थन करना चाहते हैं, और अपना हिस्सा करना चाहते हैं। यदि आप एक सहायक भूमिका की अति कर रहे हैं या यदि आप अपनी ऊर्जाओं को बिखेर रहे हैं और आपने वास्तव में सिर्फ इतना ही नहीं उल्लेख किया है, तो यहां शनि आपको उत्तेजित करने के लिए प्रेरित करेगा। अंत में, आप, वास्तव में, आपके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं और आपके द्वारा दिए जाने वाले समर्थन के बारे में अधिक खुशी महसूस कर सकते हैं, इन चीजों पर यथार्थवादी नज़र डालने और आवश्यक समायोजन करने के बाद।
यूरेनस आपके सौर नौवें घर को 6 मार्च तक स्थानांतरित करना जारी रखता है।
लोगों और अनुभवों के व्यापक सेट के साथ संबंध एक बदलते, अधिक खुले विचारों वाले व्यक्तिगत दर्शन के उत्प्रेरक हो सकते हैं। आपकी सीखने, तलाशने और ब्रांचिंग में दिलचस्पी नए सिरे से और ताज़ा है। आपकी आंत को सुनकर आपकी अच्छी सेवा होगी, जब तक कि आप अपने उस हिस्से को नहीं सुन रहे हैं जो डरता है। सौभाग्य से, अब बहुत अधिक लहरें बनाए बिना आपके जीवन में आवश्यक परिवर्तन करना आसान है। आप नए अनुभवों और विचारों के लिए तैयार हैं, और वे आपकी वृद्धि में बहुत योगदान देते हैं। इस साल आपकी नज़र में एक ट्विंकल है! आपकी अपनी मौलिकता और विशिष्टता के माध्यम से चमकने के लिए बाध्य हैं। आप सामान्य से कुछ अधिक स्पष्ट, साहसी और प्रगतिशील हैं।
इस वर्ष होने वाली घटनाएं आपको अपना एक अलग पक्ष दिखाने की ओर अग्रसर करती हैं और नए लोगों को आपके जीवन में आकर्षित कर सकती हैं। आपके द्वारा बनाए गए किसी भी नए दोस्त या कनेक्शन की तुलना में पूरी तरह से अलग होने की संभावना है। यदि आप अपने आप को कुछ अस्वास्थ्यकर आदतों या पिछले कंडीशनिंग से छुटकारा चाहते हैं जो आपके आत्मविश्वास को कम कर रहा है, तो यह करने का वर्ष है। आपके आस-पास के कुछ लोग आपकी नई मिली स्वतंत्रता पर आश्चर्यचकित हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश इसका आनंद लेंगे।
सुखद आश्चर्य आपके साल आगे काली मिर्च। आप इस वर्ष परिवर्तन और प्रगति की एक निश्चित राशि के लिए खुले हैं, और इस प्रकार आपके जीवन में दिलचस्प और कभी-कभी असामान्य घटनाओं को आकर्षित करते हैं। कुछ दरवाजे आपके लिए खुलते हैं क्योंकि आप अपने जीवन की इस अवधि के दौरान खुद को अधिक सहजता से व्यक्त करते हैं - यह एक दीर्घकालिक संक्रमण है।
इस वर्ष नए बौद्धिक हितों की संभावना है। अप्रत्याशित या असामान्य अनुभव आपकी समझ को बढ़ाते हैं, और आपके जीवन का एक नया दृष्टिकोण स्टोर में है। यात्रा का एक अप्रत्याशित अवसर खुद को प्रस्तुत कर सकता है, या आपकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के नए अवसर नीले रंग से प्रकट हो सकते हैं। यदि आपको यात्रा करने का मौका मिलता है, जो अचानक से आ सकता है, तो असामान्य और आंखें खोलने वाले अनुभव आपके लिए स्टोर हो सकते हैं। इस पारगमन के दौरान सम्मेलनों, सेमिनारों, क्लबों, समूह यात्रा, या लंबी दूरी की सीखने की दृढ़ता हो सकती है। इस वर्ष आप जिन लोगों से मिलते हैं, वे आपको उत्तेजित करते हैं और सोचने के नए तरीकों को उत्तेजित करते हैं। आप एक व्यक्तिगत दर्शन की ओर कम झुके हुए हैं जो अब पारंपरिक है, और आप अधिक अवांट-गार्डे या प्रगतिशील विश्वास प्रणालियों के लिए आकर्षित हैं।
इस पारगमन के अधिक तीव्र तत्वों को 2019 से पहले आपके लियो के डिकान के लिए अनुभव किया गया है।
यूरेनस आपके सौर दसवें घर को 6 मार्च के बाद (या अगले वर्ष यदि आप डिकान में पैदा हुए हैं तो) स्थानांतरित कर देते हैं ।
इस लंबी अवधि के दौरान आपका कैरियर दिशा बदलता है और प्राधिकरण के आंकड़ों के साथ आपके संबंध एनिमेटेड और गतिशील हो सकते हैं। आवेगपूर्ण निर्णय लेने से बचने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें जो पूरी तरह से एक स्वतंत्र आत्मा होने की आपकी इच्छा पर बनाया गया है। हालाँकि, यह परिवर्तन करना भी महत्वपूर्ण है जो आपके नए स्वतंत्र दृष्टिकोण को समायोजित करता है - मेरी सलाह है कि इसे करें लेकिन इस पर ओवरबोर्ड जाने से बचें। आप उन प्रतिभाओं को पहचान सकते हैं जो आप कभी नहीं जानते थे कि आप थे, और यह एक अचानक, रोमांचक खोज हो सकती है!
इस वर्ष आपके करियर, पेशेवर परियोजनाएं, प्रतिष्ठा और सार्वजनिक छवि तेजी से उभरने, उत्तेजित करने और खोलने के लिए दिखाई देती है। जीवन के ये क्षेत्र अप्रत्याशित हो सकते हैं - आपके जीवन का वाइल्ड कार्ड क्षेत्र - लेकिन अत्यधिक उत्तेजक और नवीन भी। आप अपने काम में नई जान फूंक सकते हैं। आप आत्म-चेतना को सीमित करने देना भी सीख सकते हैं। जब तक आप इसे बहुत दूर नहीं धकेल देते हैं, तब तक आप खुद को कुछ ऐसी आशंकाओं से मुक्त कर सकते हैं, जो आपको दूसरों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरना है, खासतौर पर माता-पिता या समाज में।
यह एक समय हो सकता है जब आप अपने काम में एक अप्रत्याशित मोड़ लेते हैं। सुनिश्चित करें कि आप एक बैंडवैगन पर कूद नहीं है जो अव्यावहारिक है। इसके अलावा, जब आप अपने काम में अपनी गति निर्धारित करना पसंद करते हैं, तो अपने पेशेवर जीवन में कुंवारा न बनने का प्रयास करें। दूसरों के पास महत्वपूर्ण इनपुट हो सकते हैं।
आपके लक्ष्य और उद्देश्य अब एक वास्तविक मोड़ ले सकते हैं। आप अपने पेशे में अपना रास्ता खुद बनाना चाहते हैं, और दिलचस्प बदलाव, व्यवस्था या नई दिशाएं हो सकती हैं।
नेपच्यून इस साल अपने सौर आठवें घर के माध्यम से अपनी लंबी पारगमन जारी रखता है ।
नेपच्यून यहाँ अपने ऋण पर कुछ कोहरे दूसरों या अपने अंतरंग जीवन के लिए डाल सकते हैं। आप साझा वित्त या संपत्ति के बारे में कुछ चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। एक ऋण या अन्य प्रकार का समर्थन अप्रत्याशित रूप से, यहां तक कि एक रहस्यमय फैशन में भी आ सकता है। अंतरंग संबंध अत्यधिक रंगीन हो सकते हैं, शायद आध्यात्मिक अंडरकंटेंट्स के साथ, लेकिन संभवतः इस लंबी अवधि के पारगमन के दौरान कई बार थोड़ा भ्रमित। कभी-कभी यह साझा परिसंपत्तियों या समर्थन के बारे में होता है। सीमाएँ जो सामान्य रूप से आपकी / मेरी क्या हैं के बीच खींची जाती हैं, इस समय कुछ धुंधली हो सकती हैं। एक साथी के पास वित्तविहीन वित्त हो सकता है, और यह आपके स्वयं के वित्त को प्रभावित कर सकता है, उदाहरण के लिए। ऐसी किसी भी चीज़ से सावधान रहें जो धोखाधड़ी से भी मिलती जुलती हो। इस चक्र के दौरान दूसरों का पैसा उधार देना हताशा का सबक हो सकता है। अन्यथा, यह निर्भरता, व्यसनों, सपनों, आंतरिक प्रेरणाओं और शक्ति गतिकी के बारे में बहुत कुछ सीखने का समय है।
इस प्रभाव के तीव्र तत्व आपके पीछे हैं।
प्लूटो ने इस वर्ष अपने सौर छठे घर का लंबा पारगमन जारी रखा है ।
यह पारगमन आपके दैनिक दिनचर्या और आदतों में धीरे-धीरे लेकिन गहरा बदलाव लाता है। जब प्लूटो अपने आप तनावपूर्ण या दबाव में होता है तो आपको निश्चित रूप से बहुत मेहनत करके खुद को तनाव में देखना चाहिए। इस बहुत लंबी अवधि के पारगमन के दौरान, आप स्वास्थ्य संबंधी मामलों के नए तरीकों के बारे में सीख रहे हैं, विशेष रूप से मूल या मुख्य मुद्दों को उजागर करके। आपके काम और आदतें भी महत्वपूर्ण तरीकों से विकसित हो रही हैं। यह बुरी आदतों या दिनचर्या से खुद को मुक्त करने के लिए एक अच्छी अवधि है, लेकिन सावधान रहें कि आप एक बुरी आदत को दूसरे के साथ प्रतिस्थापित नहीं करते हैं!
उम्मीदें इस साल बदल रही हैं। तीव्रता और जुनून अब तरस गए हैं, और औसत दर्जे अब आपके काम, स्वास्थ्य और आदतों के साथ आपके लिए नहीं करेंगे।
पूरे साल,
उत्तर नोड आपके सौर बारहवें घर को स्थानांतरित करता है, और यह बताता है कि कुछ सबसे बड़ी खुशियाँ - और चुनौतियाँ - आपके आंतरिक दुनिया के बारे में सीखने के माध्यम से आती हैं। आपका ध्यान आध्यात्मिकता, पतन और विश्वास की ओर जाता है। आपका मार्ग अनावश्यक चिंता और अपराध बोध को दूर करने और अधिक आध्यात्मिक योजना में विश्वास करने का प्रयास करना है।
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लियो (जन्म 3 से 12 अगस्त) - 10 से 20 डिग्री लियो (2ND DECAN):
पूरे वर्ष, वृहस्पति, विकास और विस्तार का ग्रह, आपके सौर पंचम भाव को पार कर रहा है। इस चक्र के दौरान, आपको रोमांस, आनंद, रचनात्मक अभिव्यक्ति, शौक, मनोरंजन और बच्चों के क्षेत्रों में लाभ देखने और अनुभव करने की संभावना है। मस्ती, रोमांस और अच्छे समय का आपका उचित हिस्सा स्टोर में है।
अपने आप को आनंद लेने और अपनी रचनात्मकता का पता लगाने की आपकी इच्छा अब नए अवसर लाती है, या हो सकता है कि आपको मज़ा आने के नए तरीकों की खोज के लिए रास्ते खुलें। उदाहरण के लिए, आप एक नए दोस्त से मिल सकते हैं, जो आपको अधिक बाहर जाने के लिए प्रेरित करता है, या आप किसी और की रचनात्मक परियोजनाओं से प्रेरित हो सकते हैं और एक नया और पुरस्कृत शौक शुरू कर सकते हैं। रचनात्मक परियोजनाओं के इस चक्र के दौरान अच्छी तरह से किराया करने की संभावना है, और संभवतः किसी प्रकार की मान्यता या इनाम भी ला सकते हैं।
प्रेम और रोमांस आपके जीवन में आ सकते हैं या मौजूदा रोमांस को अच्छे हास्य और गर्मजोशी के साथ बढ़ाया जाता है। आप पा सकते हैं कि आकस्मिक प्रेम संबंधों के लिए संभावनाएं अब आपके लिए खुली हैं, और आप में से कुछ विकल्पों से अभिभूत हो सकते हैं! सामाजिक जुड़ाव लाजिमी है। आप में से जो लोग सिंगल हैं, उनके लिए एक विशेष व्यक्ति से मिलना अत्यधिक संभावना है, हालांकि यह एक प्रतिबद्ध साझेदारी की तुलना में एक आकस्मिक संबंध होने की अधिक संभावना है।
स्टॉक और अन्य सट्टा मामलों में निवेश से मुनाफा कमाया जा सकता है। स्वस्थ, बुद्धिमान जोखिमों का भुगतान करने की संभावना है, लेकिन सट्टा निवेश में अति आत्मविश्वास से सावधान रहें।
आपके बच्चों के साथ संबंध अब विशेष रूप से पूरे हो सकते हैं। इस अवधि के दौरान गर्भावस्था या प्रसव हो सकता है, यदि लागू हो। यह एक शानदार अवधि है जिसमें एक छुट्टी लेने के लिए जिसे आप हमेशा लेना चाहते हैं, एक नया शौक या रचनात्मक प्रोजेक्ट / दृष्टिकोण आज़माने के लिए, मज़े करने के नए तरीकों का पता लगाने के लिए, एकल जीवन का आनंद लेने के लिए, और आगे।
कलात्मक या एथलेटिक प्रतिभा वाले इस समय विशेष रूप से सफल और समृद्ध हो सकते हैं। इस वर्ष आपकी रचनात्मकता और सामाजिक जीवन को उत्तेजित किया जाता है, और खुद को विशिष्ट और रचनात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए बहुत सारे अवसर खुद को प्रस्तुत करने की संभावना है। आपको अपनी रचनात्मक परियोजनाओं और शौक में बहुत खुशी और इनाम मिल सकता है। प्रसन्नता चाहने वाली गतिविधियाँ, मनोरंजन और मनोरंजन बढ़ जाते हैं। जब आप रचनात्मक रूप से अपने आप को व्यक्त करने की बात करते हैं तो आप बहुत कम बाधित होते हैं, और आपको बहुत मज़ा आता है!
ये सकारात्मक परिस्थितियाँ आवश्यक रूप से आपकी गोद में नहीं होंगी और एक बार में सभी के आने की संभावना नहीं है। आपको जीवन के इन क्षेत्रों में अवसरों के लिए अपनी आँखें खुली रखने की आवश्यकता है। कभी-कभी बृहस्पति बहुत अच्छी चीज लाता है, और हमेशा लापरवाह (लापरवाह नहीं) रवैये का आनंद लेना बुद्धिमान होता है। आप माफी के बिना खुद को चंचल और रचनात्मक रूप से व्यक्त करना सीख रहे हैं, और ऐसा करने के लिए कुछ व्यक्तिगत जोखिम लेने के लिए तैयार हैं। इस पारगमन का एक संभावित नकारात्मक अन्य जीवन विभागों की गिरावट के लिए मज़ेदार है, या इस पर अत्यधिक ध्यान दिया जाता है।
हालांकि, अधिकांश भाग के लिए, आपको इस लगभग साल भर के चक्र के दौरान समर्थन और आत्मविश्वास महसूस होने की संभावना है। यह नई चीजों की कोशिश करने, नए उद्यम शुरू करने और अपनी गर्दन को बाहर निकालने का समय है। रचनात्मकता एक सफल चैनल या आउटलेट ढूंढती है।
इन मामलों के लिए सबसे अनुकूल अवधि तब होती है जब बृहस्पति 1 जनवरी से 10 अप्रैल तक आपके सौर पांचवें घर में प्रत्यक्ष गति में हो, और 11 अगस्त से आगे बढ़े।
शनि आपके सौर छठे भाव (२०२० तक) को पार कर लेता है। यह आमतौर पर अपने प्रभाव के पहले वर्ष में सबसे अधिक दृढ़ता से महसूस करता है - आपके डिकान के लिए, यह इस वर्ष है! यह पारगमन आपमें से अधिकांश के लिए अपेक्षाकृत नया है, 2019 में इसके विषयों को थोड़ा और अधिक गहन बना दिया गया है, जिसके बाद आप इसे तेजी से आगे ले जाते हैं क्योंकि आप इस ऊर्जा के साथ अधिक सहज हो जाते हैं।
यूरेनस अपने सौर नौवें घर की अपनी लंबी पारगमन जारी रखता है।
जबकि यूरेनस वृषभ के चिन्ह पर चला गया है जो आपके सौर दसवें घर से संबंधित है, यूरेनस कम से कम 2021 तक आपके डिकान की डिग्री तक नहीं पहुंचेगा।
नेपच्यून शुरू होता है या आप में से अधिकांश के लिए अपने सौर आठवें घर के माध्यम से अपनी लंबी पारगमन जारी रखता है ।
नेपच्यून यहाँ अपने ऋण पर कुछ कोहरे दूसरों या अपने अंतरंग जीवन के लिए डाल सकते हैं। आप साझा वित्त या संपत्ति के बारे में कुछ चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। एक ऋण या अन्य प्रकार का समर्थन अप्रत्याशित रूप से, यहां तक कि एक रहस्यमय फैशन में भी आ सकता है। Intimate relationships can be highly colorful, perhaps with spiritual undercurrents, but possibly a little confusing at times during this long-term transit. Sometimes it's about shared assets or support. The boundaries that are normally drawn between what's yours/what's mine may be blurred somewhat at this time. A partner might have unsettled finances, and this could impact your own finances, for example. ऐसी किसी भी चीज़ से सावधान रहें जो धोखाधड़ी से भी मिलती जुलती हो। Lending others money may be a lesson in frustration during this cycle. Otherwise, this is a time for learning much about dependencies, addictions, dreams, inner motivations, and power dynamics.
This transit brings gradual but profound changes to your daily routines and habits. You should certainly watch for straining yourself by working too hard when Pluto itself is strained or under pressure. During the course of this very long-term transit, you are learning about new ways of approaching health matters, particularly by uncovering root or core issues. Your work and habits are also evolving in important ways. यह बुरी आदतों या दिनचर्या से खुद को मुक्त करने के लिए एक अच्छी अवधि है, लेकिन सावधान रहें कि आप एक बुरी आदत को दूसरे के साथ प्रतिस्थापित नहीं करते हैं!
From February 15-June 6 and then from October 12th forward, Jupiter, the planet of growth and expansion, is transiting your solar fifth house. During this cycle, you are likely to see benefits and experience growth in the areas of romance, pleasure, creative expression, hobbies, entertainment, and children. मस्ती, रोमांस और अच्छे समय का आपका उचित हिस्सा स्टोर में है।
Your willingness to enjoy yourself and explore your creativity now brings new opportunities, or you might find that avenues open up to you for exploring new ways of having fun. उदाहरण के लिए, आप एक नए दोस्त से मिल सकते हैं, जो आपको अधिक बाहर जाने के लिए प्रेरित करता है, या आप किसी और की रचनात्मक परियोजनाओं से प्रेरित हो सकते हैं और एक नया और पुरस्कृत शौक शुरू कर सकते हैं। रचनात्मक परियोजनाओं के इस चक्र के दौरान अच्छी तरह से किराया करने की संभावना है, और संभवतः किसी प्रकार की मान्यता या इनाम भी ला सकते हैं।
प्रेम और रोमांस आपके जीवन में आ सकते हैं या मौजूदा रोमांस को अच्छे हास्य और गर्मजोशी के साथ बढ़ाया जाता है। आप पा सकते हैं कि आकस्मिक प्रेम संबंधों के लिए संभावनाएं अब आपके लिए खुली हैं, और आप में से कुछ विकल्पों से अभिभूत हो सकते हैं! सामाजिक जुड़ाव लाजिमी है। For those of you who are single, meeting a special person is highly likely, although it's more likely to be a casual relationship than a committed partnership.
आपके बच्चों के साथ संबंध अब विशेष रूप से पूरे हो सकते हैं। इस अवधि के दौरान गर्भावस्था या प्रसव हो सकता है, यदि लागू हो। This is a fabulous period in which to take a vacation you've always wanted to take, to try out a new hobby or creative project/approach, to explore new ways of having fun, to enjoy single life, and so forth.
कलात्मक या एथलेटिक प्रतिभा वाले इस समय विशेष रूप से सफल और समृद्ध हो सकते हैं। Your creativity and social life are stimulated this year, and plenty of opportunities to express yourself uniquely and creatively are likely to present themselves. आपको अपनी रचनात्मक परियोजनाओं और शौक में बहुत खुशी और इनाम मिल सकता है। प्रसन्नता चाहने वाली गतिविधियाँ, मनोरंजन और मनोरंजन बढ़ जाते हैं। जब आप रचनात्मक रूप से अपने आप को व्यक्त करने की बात करते हैं तो आप बहुत कम बाधित होते हैं, और आपको बहुत मज़ा आता है!
These positive circumstances won't necessarily fall into your lap and are unlikely to come all at once. आपको जीवन के इन क्षेत्रों में अवसरों के लिए अपनी आँखें खुली रखने की आवश्यकता है। कभी-कभी बृहस्पति बहुत अच्छी चीज लाता है, और हमेशा लापरवाह (लापरवाह नहीं) रवैये का आनंद लेना बुद्धिमान होता है। You are learning to express yourself playfully and creatively without apology, and more willing to take some personal risks in order to do so. A potential negative of this transit is excessive emphasis on, or attention to, having fun to the detriment of other life departments.
हालांकि, अधिकांश भाग के लिए, आपको इस लगभग साल भर के चक्र के दौरान समर्थन और आत्मविश्वास महसूस होने की संभावना है। This is a time for trying new things, beginning new ventures, and sticking your neck out. Creativity finds a successful channel or outlet.
आप में से जो लोग डेटिंग कर रहे हैं, वे कुछ अकेलापन महसूस कर सकते हैं, क्योंकि इस समय आप जो खोज रहे हैं, उसे पाना कठिन हो सकता है। एक मौजूदा रोमांस का परीक्षण किया जा सकता है लेकिन मजबूत लोगों को और मजबूत बनाता है। A romantic partner could feel like a "heavy" at this time, or you might feel restricted in terms of making acquaintances and enjoying other people's company. In other words, there is somewhat heavy energy surrounding fifth house matters. उन एकल और तलाश के लिए, सावधान रहें कि आप इसे साकार किए बिना एक नकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोजेक्ट नहीं करते हैं, क्योंकि यह कुछ को डरा सकता है।
रचनात्मक रूप से, आप अपने दृष्टिकोण में थोड़ा अधिक गंभीर हैं। हो सकता है कि आप अब एक व्यवसाय में एक शौक को बदल रहे हैं, या आप पा सकते हैं कि रचनात्मक शौक, शगल, मनोरंजन और मनोरंजन के लिए कम समय है। Your work can require more show, drama, creativity, and entertainment value, and may be a hobby-turned-business. रोमांस और काम को कुछ महत्वपूर्ण तरीकों से एक साथ जोड़ा जा सकता है। आप में से कुछ लोग कड़ी मेहनत कर सकते हैं, और रचनात्मक शौक या अतीत में बहुत प्रयास कर रहे हैं।
Connections with a broader set of people and experiences can be the catalysts for a changing, more open-minded personal philosophy. Your interest in learning, exploring, and branching out is renewed and fresh. Listening to your gut will serve you well, as long as you're not listening to that part of you that fears change. Fortunately, it's easier to make necessary changes in your life without making too many waves now. You are drawn to new experiences and ideas, and they contribute much to your growth. इस साल आपकी नज़र में एक ट्विंकल है! Your own originality and uniqueness are bound to come shining through. You are a little more outspoken, daring, and progressive than usual now.
Events that occur this year tend to show you a different side of yourself and could attract new people into your life. Any new friends or connections made are likely to be entirely different than those you have had in the past. यदि आप अपने आप को कुछ अस्वास्थ्यकर आदतों या पिछले कंडीशनिंग से छुटकारा चाहते हैं जो आपके आत्मविश्वास को कम कर रहा है, तो यह करने का वर्ष है। आपके आस-पास के कुछ लोग आपकी नई मिली स्वतंत्रता पर आश्चर्यचकित हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश इसका आनंद लेंगे।
सुखद आश्चर्य आपके साल आगे काली मिर्च। You're open to a certain amount of change and progress this year, and thus attract interesting and sometimes unusual events into your life. A few doors open to you as you express yourself more spontaneously during this period of your life -- this is a long-term transit.
New intellectual interests are likely this year. अप्रत्याशित या असामान्य अनुभव आपकी समझ को बढ़ाते हैं, और आपके जीवन का एक नया दृष्टिकोण स्टोर में है। An unexpected opportunity for travel may present itself, or new opportunities to further your education could arise seemingly out of the blue. If you do get a chance to travel, which could come up quite suddenly, unusual and eye-opening experiences may be in store for you. There can be conventions, seminars, clubs, group travel, or long-distance learning figuring strongly during this transit. The people that you meet this year tend to stir you up and stimulate new ways of thinking. You are less inclined towards a personal philosophy that is traditional now, and you're attracted to more avant-garde or progressive belief systems. |
6 रामधारी सिंह दिनकर – Rajasthan Board Passbooks
6 रामधारी सिंह दिनकर
रामधारी सिंह 'दिनकर' का जीवन-परिचय और साहित्यिक प्रदेय पर प्रकाश डालिए। [2009]
रामधारी सिंह 'दिनकर' का जीवन-परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए। [2010, 11]
रामधारी सिंह 'दिनकर' का साहित्यिक परिचय दीजिए एवं उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए। [2012, 14, 15, 16, 17, 18]
जीवन-परिचय-श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' का जन्म 30 सितम्बर, 1908 ई० ( संवत् 1965 वि० ) को जिला मुंगेर (बिहार) के सिमरिया नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री रवि सिंह और माता का नाम श्रीमती मनरूपदेवी था। इनकी दो वर्ष की अवस्था में ही पिता का देहावसान हो गया; अत: बड़े भाई वसन्त सिंह और माता की छत्रछाया में ही ये बड़े हुए। इनकी आरम्भिक शिक्षा गाँव की पाठशाला में ही हुई। अपने विद्यार्थी जीवन से ही इन्हें आर्थिक कष्ट झेलने पड़े। विद्यालय के लिए घर से पैदल दस मील रोज आना-जाना इनकी विवशता थी। इन्होंने मैट्रिक (हाईस्कूल) की परीक्षा मोकामा घाट स्थित रेलवे हाईस्कूल से उत्तीर्ण की और हिन्दी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करके 'भूदेव' स्वर्णपदक जीता। 1932 ई० में पटना से इन्होंने बी० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। ग्रामीण परम्पराओं के कारण दिनकर जी का विवाह किशोरावस्था में ही हो गया। अपने पारिवारिक दायित्वों के प्रति दिनकर जी जीवन भर सचेत रहे और इसी कारण इन्हें कई प्रकार की नौकरी करनी पड़ी। सन् 1932 ई० में बी० ए० करने के बाद ये एक नये स्कूल में अध्यापक बने। सन् 1934 ई० में इस पद को छोड़कर सीतामढ़ी में सब-रजिस्ट्रार बने। सन् 1950 ई० में बिहार सरकार ने इन्हें मुजफ्फरपुर के स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिन्दी-विभागाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया। सन् 1952 ई० से सन् 1963 ई० तक ये राज्यसभा के सदस्य मनोनीत किये गये। इन्हें केन्द्रीय सरकार की हिन्दी-समिति को परामर्शदाता भी बनाया गया। सन् 1964 ई० में ये भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति बने।।
दिनकर जी को कवि-रूप में पर्याप्त सम्मान मिला। 'पद्मभूषण' की उपाधि, 'साहित्य अकादमी पुरस्कार, द्विवेदी पदक, डी० लिट् की मानद उपाधि, राज्यसभा की सदस्यता आदि इनके कृतित्व की राष्ट्र द्वारा स्वीकृति के प्रमाण । सन् 1972 ई० में इन्हें उर्वशी' के लिए 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया। इनका स्वर्गवास 24 अप्रैल, 1974 ई०( संवत् 2031 वि०) को मद्रास (चेन्नई) में हुआ।
साहित्यिक सेवाएँ–दिनकर जी की सबसे प्रमुख विशेषता उनकी परिवर्तनकारी सोच रही है। उनकी कविता का उद्भव छायावाद युग में हुआ और वह प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी कविता आदि के युगों से होकर गुजरी। इस दीर्घकाल में जो आरम्भ से अन्त तक उनके काव्य में रही, वह है उनका राष्ट्रीय स्वर। 'दिनकर' जी राष्ट्रीय भावनाओं के ओजस्वी गायक रहे हैं। इन्होंने देशानुराग की भावना से ओत-प्रोत, पीड़ितों के प्रति सहानुभूति की भावना से परिपूर्ण तथा क्रान्ति की भावना जगाने वाली रचनाएँ लिखी हैं। ये लोक के प्रति निष्ठावान, सामाजिक दायित्व के प्रति सजग तथा जनसाधारण के प्रति समर्पित कवि रहे हैं।
कृतियाँ-दिनकर जी की साहित्य विपुल है, जिसमें काव्य के अतिरिक्त विविध-विषयक गद्य-रचनाएँ भी हैं। इनकी प्रमुख
काव्य-रचनाएँ—(1) रेणुका, (2) हुंकार, (3) कुरुक्षेत्र तथा (4) उर्वशी हैं। इनके अतिरिक्त दिनकर जी के अन्य काव्यग्रन्थ निम्नलिखित हैं(5) खण्डकाव्य-रश्मिरथी, (6) कविता-संग्रह–(i) रसवन्ती, (ii) द्वन्द्वगीत, (iii) सामधेनी, (iv) बापू, (v) इतिहास के आँसू, (vi) धूप और धुआँ, (vii) नीम के पत्ते, (viii) नीलकुसुम, (ix) चक्रवाल, (x) कविश्री, (xi) सीपी और शंख, (xii) परशुराम की प्रतीक्षा, (xiii) स्मृति-तिलक, (xiv) हारे को हरिनाम आदि, (7) बालसाहित्य-धूप-छाँह, मिर्च का मजा, सूरज को ब्याह।
साहित्य में स्थान–दिनकर जी की सबसे बड़ी विशेषता है, उनका समय के साथ निरन्तर गतिशील रहना। यह उनके क्रान्तिकारी व्यक्तित्व और ज्वलन्त प्रतिभा का परिचायक है। फलत: गुप्त जी के बाद ये ही राष्ट्रकवि पद के सच्चे अधिकारी बने और इन्हें 'युग-चरण', 'राष्ट्रीय-चेतना का वैतालिक' और 'जनजागरण का अग्रदूत' जैसे विशेषणों से विभूषित किया गया। ये हिन्दी के गौरव हैं, जिन्हें पाकर सचमुच हिन्दी कविता धन्य हुई।
'पद्यांशों पर आधारित प्रश्नोचर
पुरवा प्रश्न–दिए गए पद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
कौन है अंकुश, इसे मैं भी नहीं पहचानता हूँ ।
पर, सरोवर के किनारे कंठ में जो जल रहा है।
उस तृषा, उस वेदना को जानता हूँ।
सिन्धु-सा उद्द्दाम, अपरम्पार मेरा बल कहाँ है ?
गूंजता जिस शक्ति का सर्वत्र जयजयकारे,
उस अटल संकल्प का सम्बल कहाँ है ?
यह शिला-सा वक्ष, ये चट्टान-सी मेरी भुजाएँ,
सूर्य के आलोक से दीपित, समुन्नत भाल,
मेरे प्राण का सागर अगम, उत्ताल, उच्छल है।
सामने टिकते नहीं वनराज, पर्वत डोलते हैं,
काँपता है कुंडली मारे समय का व्याल,
मेरी बाँह में मारुत, गरुड़, गजराज का बल है।
उर्वशी ! अपने समय का सूर्य हूँ मैं ।
अंध तम के भाल पर पावक जलाता हूँ,
बादलों के सीस पर स्यन्दन'चलाता हूँ।
(iii) राजा पुरूरवा किससे अपने मन की दुविधाग्रस्त स्थिति का वर्णन कर रहे हैं?
(iv) ऐसा क्या है जो राजा पुरूरवा को उर्वशी जैसी रूपसी के पास होने पर भी कामना पूरी करने पर रोक रहा है?
(v) हे उर्वशी! मैं अपने समय का सूर्य हूँ।" इस बात का क्या आशय है?
(i) ये पंक्तियाँ महाकवि रामधारीसिंह 'दिनकर' द्वारा रचित नाटकीय महाकाव्य 'उर्वशी' के तृतीय अंक से हमारी पाठ्य-पुस्तक काव्यांजलि' में संकलित 'पुरूरवा' शीर्षक काव्यांश से उद्धृत हैं।
शीर्षक का नाम-— उर्वशी।
कवि का नाम-रामधारी सिंह 'दिनकर'।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या-पुरूरवा कहते हैं कि मैं उस अंकुश या प्रतिबन्ध के विषय में नहीं जानता कि वह कौन-सी शक्ति है, जो मुझे अपनी प्यास बुझाने से रोक रही है। मेरी स्थिति उस व्यक्ति की-सी है, जो प्रेम सरोवर के किनारे बैठा है, किन्तु प्यास की पीड़ा से व्याकुल होने पर भी वह अपनी प्यास नहीं बुझा पाता। ऐसा क्यों होता है, यह मैं स्वयं नहीं समझ पाता। पुरूरवा का आशय है कि उर्वशी जैसी अनुपम रूपसी पास होने पर भी और स्वयं कामाग्नि से विह्वल होने पर भी वह अपनी कामना पूरी क्यों नहीं कर पा रहा है। सम्भवतया उसके सत्संस्कार उसे इस समाज विरुद्ध सम्बन्ध बनाने से रोक रहे हैं।
(iii) राजा पुरूरवा अप्सरा उर्वशी से अपने मन की दुविधाग्रस्त स्थिति का वर्णन कर रहे हैं।
(iv) राजा पुरूरवा के सत्संस्कार हैं जो उसे समाज के विरुद्ध सम्बन्ध बनाने से रोक रहे हैं।
(v) 'हे उर्वशी! मैं अपने समय का सूर्य हूँ इस बात का आशय है कि जैसे सूर्य के तेज के सामने तारे फीके पड़ जाते हैं वैसे ही मेरे दुर्धर्ष तेज के सामने संसार के सारे राजा-गण निस्तेज हो चुके हैं।
प्रश्न–दिए गए पद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
मैं नहीं गगन की लता
तारकों में पुलकिता फूलती हुई,
मैं नहीं व्योमपुर की बाला,
विधु की तनया, चन्द्रिका-संग,
पूर्णिमा सिन्धु की परमोज्ज्वल आभा-तरंग,
मैं नहीं किरण के तारों पर झूलती हुई भू पर उतरी ।
मैं नाम-गोत्र से रहित पुष्प,
अम्बर में उड़ती हुई मुक्त आनन्द-शिखा
इतिवृत्त हीन,
सौन्दर्य-चेतना की तरंग;
सुर-नर-किन्नर गन्धर्व नहीं,
प्रिय! मैं केवल अप्सरा
विश्वनर के अतृप्त इच्छा-सागर से समुद्भूत ।
(iii) इस पद्यांश में उर्वशी ने किसे अपना परिचय दिया है?
(iv) आकाश में उड़ती हुई स्वच्छन्द आनन्द की शिखा कौन है?
(v) 'मैं नाम-ग्रोत्र से रहित पुष्प' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(i) यह पद्यांश राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित 'उर्वशी' महाकाव्य से हमारी पाठ्य-पुस्तक 'काव्यांजलि' में संकलित 'उर्वशी' शीर्षक काव्यांश से उद्धृत है।
शीर्षक का नाम- उर्वशी
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या-मैं नक्षत्रों के बीच में रहकर प्रसन्नतापूर्वक फलने-फूलने वाली आकाश की लता नहीं हूँ, न मैं आकाश में स्थित किसी नगर से उतरी युवती हुँ, न ही मैं चन्द्रमा की पुत्री हूँ, जो चाँदनी के साथ चन्द्रकिरणरूपी तारों पर लटककर पृथ्वी पर उतरी हो और न ही मैं पूर्णिमा के चन्द्रमा के उज्ज्वल प्रकाशरूपी सागर की हिलोरें लेती लहर हूँ। मैं तो मानव के हृदय में सुखोपभोग की अतृप्त इच्छाओं का जो सागर लहरा रहा है, उसी से उत्पन्न हुई केवल एक अप्सरा हूँ।
(iii) इस पद्यांश में उर्वशी ने राजा पुरूरवा को अपना परिचय दिया है।
(iv) उर्वशी आकाश में उड़ती हुई स्वच्छन्द आनन्द की शिखा है।
(v) रूपक अलंकार।।
देवालय में देवता नहीं, केवल मैं हूँ।
मेरी प्रतिमा को घेर उठ रही अगुरु-गन्ध,
बज रहा अर्चना में मेरी मेरा नूपुर ।
भू-नभ को सब संगीत नाद मेरे निस्सीम प्रणय को है,
सारी कविता जयगान एक मेरी त्रयलोक-विजय का है।
(i) उपर्युक्त पद्यांश के शीर्षक और कवि को नाम लिखिए।
(iii) इन पंक्तियों में नारी की विश्वव्यापी शक्ति का वर्णन कौन कर रहा है?
(iv) उर्वशी ने मन्दिरों में देवताओं के स्थान पर किसका वास बताया है?
(v) संसार का समस्त काव्य किसका गान करता है?
(i) यह पद्यांश राष्ट्रकवि रामधारीसिंह 'दिनकर' द्वारा रचित 'उर्वशी' महाकाव्य से हमारी पाठ्य-पुस्तक 'काव्यांजलि' में संकलित 'उर्वशी' शीर्षक काव्यांश से उद्धृत है।
शीर्षक का नाम- उर्वशी।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या-उर्वशी कह रही है कि मन्दिरों में देवताओं का नहीं, अपितु मेरा ही वास है। आशय यह है कि देव-प्रतिमाएँ मनुष्य की सौन्दर्य चेतना का परिणाम हैं और इस सौन्दर्य चेतना का मूल आधार नारी है। इस प्रकार मन्दिरों में देव-प्रतिमाओं के विभिन्न रूपों में मनुष्य वस्तुतः सौन्दर्य की साकार प्रतिमा नारी को ही अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करता है। अतः स्पष्ट है कि देवालयों में देव-प्रतिमाओं के स्थान पर मुख्यतः नारी ही अधिष्ठित है।
(iii) इन पंक्तियों में नारी की विश्वव्यापी शक्ति का वर्णन उर्वशी कर रही है।
(iv) उर्वशी ने मन्दिरों में देवताओं के स्थान पर स्वयं का वास बताया है।
(v) संसार का समस्त काव्य नारी के ही त्रैलोक्य-विजय का गान करता है।
अभिनव मनुष्य
कुछ छिपा सकते न जिससे भूमि या आकाश ।
यह मनुज जिसकी शिखा उद्द्दाम,
कर रहे जिसको चराचर भक्तियुक्त प्रणाम ।
यह मनुज, जो सृष्टि का श्रृंगार,
ज्ञान का, विज्ञान का, आलोक का आगार ।
'व्योम से पाताल तक सब कुछ इसे है ज्ञेय'
पर, न यह परिचय मनुज का, यह न उसका श्रेय ।
श्रेय उसका, बुद्धि पर चैतन्य उर की जीत;
(iii) आकाश और पृथ्वी का कोई भी तत्त्व किससे अज्ञात नहीं रह सकता?
(iv) संसार के सभी जड़-चेतन पदार्थ किस कारण मनुष्य को प्रणाम करते हैं?
(v) 'आकाश' शब्द के दो पर्यायवाची शब्द लिखिए।
(i) प्रस्तुत पद्यांश कविवर रामधारी सिंह दिनकर' द्वारा रचित 'कुरुक्षेत्र' काव्य के छठे सर्ग से हमारी पाठ्य-पुस्तक 'काव्यांजलि' में संकलित 'अभिनव मनुष्य' शीर्षक काव्यांश से उद्धृत है।
शीर्षक का नाम- अभिनव मनुष्य।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या–कवि कहता है कि आज मनुष्य ने वैज्ञानिक प्रगति के बल पर इस संसार के विषय में सब कुछ जान लिया है। पृथ्वी के गर्भ से लेकर सुदूर अन्तरिक्ष तक के सभी रहस्यों का उद्घाटन कर दिया है। चाँद-तारे, सूरज आदि की स्थिति को स्पष्ट कर दिया है कि आसमान में कहाँ और कैसे टिके हैं? पृथ्वी के गर्भ में जहाँ शीतल जल का अथाह भण्डार है, वहीं दहकता लावा भी विद्यमान है; उसके द्वारा यह भी ज्ञात किया जा चुका है। किन्तु यह ज्ञान-विज्ञान तो मनुष्यता की पहचान नहीं है और न ही इससे मानवता का कल्याण हो सकता है। संसार का कल्याण तो केवल इस बात में निहित है कि प्रत्येक मनुष्य प्राणिमात्र से स्नेह करे, उसे अपने समान ही समझे, यही मनुष्यता की अथवा मनुष्य होने की पहचान भी है, अन्यथा ज्ञान-विज्ञान की जानकारी तो एक कम्प्यूटर भी रखता है, मगर उसमें मानवीय संवेदनाएँ नहीं होती; अत: उसे मनुष्य नहीं कहा जा सकता।
(iii) आकाश और पृथ्वी का कोई भी तत्त्व अभिनव मनुष्य से अज्ञात नहीं रह सकता।
(iv) आज का यह अभिनव मनुष्य इतना बुद्धिमान हो गया है कि इसके यश की अदम्य-शिखा सर्वत्र शोभित है जिसे संसार के सभी जड़-चेतन पदार्थ शक्तिपूर्वक प्रणाम करते हैं।
(v) आकाश' शब्द के दो पर्यायवाची शब्द हैं–नभ, शून्य।
सावधान, मनुष्य ! यदि विज्ञान है तलवार,
तो इसे दे फेंक, तजकर मोह, स्मृति के पार ।
हो चुका है सिद्ध, है तू शिशु अभी अज्ञान;
फूल काँटों की तुझे कुछ भी नहीं पहचान ।
काट लेगा अंग, तीखी है बड़ी यह धार ।
(iii) कवि ने भौतिकवादी और वैज्ञानिक युग के मानव को क्या चेतावनी दी है?
(iv) कवि ने तलवार किसे बताया है और इसका इस्तेमाल करने से मनुष्य को क्यों मना किया
(v) 'तलवार' शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए।
(i) प्रस्तुत पद्यांश कविवर रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित 'कुरुक्षेत्र' काव्य के छठे सर्ग से हमारी पाठ्य-पुस्तक 'काव्यांजलि' में संकलित 'अभिनव मनुष्य' शीर्षक काव्यांश से उद्धत है।।
शीर्षक का नाम- अभिनव मनुष्य।।
कवि का नाम-रामधारी सिंह 'दिनकर'।।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या-कवि श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' मनुष्य को सचेत करते हुए कहते हैं। कि हे मनुष्य! यह सिद्ध हो चुका है कि तुम अभी एक शिशु के समान अज्ञानी हो। तुम अपने ही हाथों अपना सर्वनाश करने पर तुले हुए हो। तुम्हें फूल और काँटों की कुछ भी पहचान नहीं है; अर्थात् तुम्हें यह पहचान नहीं है कि तुम्हारे लिए क्या लाभदायक है और क्या हानिकारक। अणुबम का प्रयोग करके विज्ञान पर गर्व करने वाले मनुष्य ने अपनी अबोधता और विवेकहीनता को सिद्ध कर दिया है।
(iii) कवि ने भौतिकवादी और वैज्ञानिक युग के मानव को यह चेतावनी दी है कि यदि तू अभी सावधान नहीं हुआ तो तुझे विज्ञान के दुष्परिणाम भोगने पड़ेंगे।
(iv) कवि ने विज्ञान को तलवार बताया है और इसे मनमानी क्रीड़ा का माध्यम बना लेना स्वयं का नुकसान करना है। इसलिए इसके प्रचण्ड प्रभाव वे बचने के लिए मनुष्य को मना किया है। |
Sushant's sister Shweta Singh clarified the punishment imposed on Kirti Ankita Lokhande
सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने अंकिता लोखंडे पर लग रहे आरोप पर दी सफाई
UP City News | Jul 21, 2021 10:45 AM IST
मुंबई. सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने इस बात पर सफाई दी कि अंकिता लोखंडे अपने प्रचार के लिए सुशांत सिंह राजपूत के नाम का 'उपयोग' कर रही हैं. श्वेता ने कहा कि उन्होंने अंकिता को सुशांत की देखभाल करते देखा है जब वे डेटिंग कर रहे थे.
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने अभिनेत्री अंकिता लोखंडे द्वारा खबरों में बने रहने के लिए उनका 'उपयोग' करने के आरोपों का जवाब दिया. पवित्र रिश्ता शो में साथ काम कर चुके सुशांत और अंकिता छह साल के रिश्ते में थे जो 2016 में खत्म हो गया.
श्वेता सिंह कीर्ति की एक पोस्ट पर एक टिप्पणी में, एक यूजर ने पूछा श्वेता सिंह कीर्ति आप अंकित लोखंडे का समर्थन क्यों करती हैं, वह सुशांत और उसके नकली संबंध का उपयोग कर रही थी और उसे अपने पीआर के लिए। वास्तव में वह सुशांत के विनाश में शामिल अधिकांश संदिग्धों के बीच पार्टी कर रही है.
.श्वेता ने कहा कि अंकिता लोखंडे ने सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद भी परिवार का समर्थन किया है और कहा कि जब वे रिश्ते में थे तब उन्होंने उनका ख्याल रखा. उन्होंने लिखा यह नजरंदाज करना मुश्किल है कि भाई की मौत के बाद भी अंकिता हमेशा परिवार के साथ कैसे खड़ी रही.
"मैंने उसे भाई की देखभाल करते देखा है, एक बार जब मैं उनसे मुंबई में मिलने गयी थी और उनके पेट में दर्द था, मैंने देखा कि कैसे उन्होंने डॉक्टर को बुलाया, उन्हें दवा दी और उन्हें प्यार से नहलाया.
सुशांत की मौत के मामले की जांच के बारे में बात करते हुए, श्वेता ने कहा, "मुझे सीबीआई पर पूरा भरोसा है और मैं इंतजार कर रही हूं कि वे हमें सच बताएं. मैं हर रोज भगवान से प्रार्थना कर रही हूं कि सच्चाई सामने आए और मेरा मानना है कि उनसे बड़ी कोई शक्ति नहीं है. विश्वास रखो और दृढ़ रहो.
सुशांत पिछले साल 14 जून को मुंबई में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे. मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की जा रही है, प्रवर्तन निदेशालय और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो क्रमशः मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स के कोण से देख रहे हैं.
अंकिता का कहना है कि आज लोग मुझे आकर बोल रहे हैं, 'तुमने छोडा सुशांत को' (आज लोग मुझ पर सुशांत को डंप करने का आरोप लगा रहे हैं). आप यह कैसे जानते हो? मेरी बात के बारे में कोई नहीं जानता. सुशांत... मैं यहां किसी को दोष नहीं दे रही हूं... मुझे लगता है कि उन्होंने अपनी पसंद बहुत स्पष्ट कर दी थी. वह अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते थे. उनहोनें अपना करियर चुना और वह आगे बढ़ गया.
Ankita Lokhande ankita lokhande and shushant tsory shweta singh rajput shweta takes ankita lokhande side sushant singh rajput |
शालेय शिक्षा व साक्षरता विभाग 2 1 राष्ट्रीय साधन सह मेरिट छात्रवृत्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2008-09 में एक केन्द्रीय प्रायोजित राष्ट्रीय साधन सह योग्यता छात्रवृत्ति योजना आरंभ की, जो कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों को कक्षा आठवीं फेल और उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। माध्यमिक स्तर पर विभिन्न राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के लिए छात्रवृत्ति का एक कोटा है|
2 माध्यमिक शिक्षा के लिए छात्राओं के लिए प्रोत्साहन हेतु राष्ट्रीय योजना 01.04.2013 से 51 जिलों में प्रत्यक्ष नकद अंतरण के आरंभ के साथ, संबंधित विभागों को आधार और बैंक खाता संख्या के साथ लाभार्थियों के डेटा को अंतिम रूप देने की आवश्यकता होगी, जैसा भी मामला हो। लाभार्थी डेटा बेस तैयार करने के साथ ही प्रेषण सलाह तैयार करने के लिए इसका उपयोग सेंट्रल प्लान स्कीम मॉनिटरिंग सिस्टम (सीपीएसएमएस) के साथ किया जाएगा। |
कई यूजर्स ने की तकनीकी गड़बड़ी की शिकायत तो Xiaomi ने रोकी Mi A3 की बिक्री » News Media24
चीनी स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi के हैंडसेट Mi A3 में एंड्रॉयड अपडेट के बाद तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें आ रहीं थी. इसके बाद कंपनी ने भारत में Mi A3 की बिक्री को रोक दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ज्यादातर यूजर्स ने शिकायत की थी कि एंड्रॉयड 11 के नए अपडेट को इंस्टॉल करने के बाद उनका फोन बंद हो गया.
Xiaomi इंडिया ने सोमवार को बयान में कहा कि हालिया एंड्रायड 11 अपडेट के बाद कुछ Mi A3 डिवाइस के साथ आए मुद्दे की हमें जानकारी है. ऐसे में अभी हमनें इसे रोक दिया है. कंपनी ने भारत में यह डिवाइस पिछले साल 21 अगस्त को पेश किया था, जिसकी कीमत 12,999 रुपये है.
'फ्री में ठीक होंगे फोन'
कुछ लोगों ने शिकायत की है कि शाओमी के सेंटर्स में उनके फोन को ठीक करने के लिए काफी अधिक पैसा मांगा जा रहा है. इसके बाद कंपनी ने कहा है कि सर्विस सेंटर्स पर उनके फोन को फ्री में ठीक किया जाएगा. इसमें प्रोडक्ट की वॉरंटी को नहीं देखा जाएगा.
बाजार में 25 प्रतिशत है हिस्सेदारी
बाजार अनुसंधान कंपनी आईडीसी की रिपोर्ट के अनुसार 2020 की तीसरी तिमाही में शाओमी 25 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ भारतीय स्मार्टफोन बाजार की शीर्ष कंपनी है. शाओमी ने कहा, "लोगों को हुई असुविधा के लिए हमें खेद है. ब्रांड के रूप में हम कस्टमर्स को बेस्ट एक्सपीरिएंस देना चाहते हैं. हम निरंतर अपने प्रोडक्ट्स और सर्विस में सुधार करेंगे." |
भारतीय परंपरा | Bharatiya Parampara | Indian Tradition - hindi100
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बड़ों के पैर छूना
भारतीय परंपरा में पारंपरिक सांस्कृतिक मूल्य हैं। भारत में लोग अपने से बड़ों का बहुत सम्मान करते हैं। जागने के बाद, किसी उत्सव के आने पर या एक महत्वपूर्ण काम शुरू करने से पहले वे अपने बुजुर्गों के पैर छूकर काम की शुरुआत करते हैं।
भारत में किसी से मिलने पर नमस्ते बोला जाता है, यह भारत की संस्कृति का हिस्सा है। भारत में जब कोई किसी से मिलता है, तो हाथ जोडकर नमस्ते बोलता है। लोग "नमस्ते" कहकर एक दूसरे को "नमस्कार" करते हैं। अंग्रेजी में "नमस्ते" का अर्थ है- "हैलो"। ज्यादातर भारतीयों को बात करते समय अपना सिर हिलाने की आदत होती है।
कई हिन्दू त्यौहारों के दौरान लोग व्रत रखते हैं, जैसे- महाशिवरात्रि, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, नवरात्रि, दिवाली आदि। भारत में ज्यादातर हिन्दू पत्नियाँ करवा चौथ के दिन अपने पतियों के लम्बे जीवन के लिए उपवास रखती हैं।
मुस्लिम समाज के लोग रमजान के महीने के दौरान लगभग 30 दिनों तक उपवास रखते हैं।
भारत में जब लोगों के घर में अतिथि आते हैं, उनको बहुत अच्छा लगता है और सभी भारतीय अपने अतिथि का बहुत आदर व सत्कार करते हैं। भारत के लोग "अतिथि देवो भव" मानते हैं, जिसका मतलब "अतिथि भगवान के समान" होता है।
प्राचीन वैदिक मंत्रों का जाप सभी धार्मिक कार्यों के दौरान किया जाता है। कुछ मंत्र पंडित और अन्य भक्तों द्वारा कई बार दोहराए जाते हैं और वो पूजा का ही हिस्से होते हैं।
'योग' एक प्राचीन प्रथा है, जिसमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण को ऊपर उठाने के उद्देश्य से कुछ सांस लेने और शारीरिक अभ्यास शामिल हैं। 'मेडिटेशन' को हिंदी में "ध्यान" के नाम से भी जाना जाता है, योग का लक्ष्य बाहर की बजाय अंदरूनी ध्यान केंद्रित करना है। 'ध्यान' का भारतीय तरीका, यानी "योग" बहुत अच्छा है और दुनिया भर में बहुत मशहूर है। |
Bigg Boss 14 : 4 New Contestants To Enter Inside The House
हिन्दी न्यूज़ » मनोरंजन » Big Boss 14 में होगा बड़ा धमाका, दो हफ्ते बाद ये 4 नए कंटेस्टेंट्स शो में करेंगे धमाकेदार एंट्री
बिग बॉस 14 के नए कंटेस्टेंट्स को वीकेंड के वार पर सलमान खान को मिलेंगे जिसके बाद उन्हें सीक्रेट रूम में रखा जाएगा. ये कंटेस्टेंट्स मुंबई पहुंच चुके हैं जहां इन्हें पहले से ही एक होटल में क्वारंटाइन किया जा चूका है.
Publish Date - 9:12 pm, Wed, 7 October 20
बिग बॉस 14 दिन-ब-दिन दिलचस्प होता जा रहा है. शो के मेकर्स इस शो को और धमाकेदार बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. जल्द ही हम देखेंगे इस शो में होगी 4 नए कंटेस्टेंट्स की एंट्री.
बिग बॉस ने तूफानी सीनियर्स यानि गौहर खान, सिद्धार्थ शुक्ला और हिना खान पर जो जिम्मेदारी सौंपी है उसे निभाने की वे पूरी कोशिश कर रहे हैं. प्रीमियर एपिसोड के दौरान सूचित किया गया था, पहले दो सप्ताह बिग बॉस के कंटेस्टेंट्स के लिए महत्वपूर्ण हैं. घर के अंदर अपनी जगह सुरक्षित करने में जो असफल होंगे वह कंटेस्टेंट दूसरे सप्ताह में ही बाहर हो सकते हैं.
क्या नेहा कक्कड़ और रोहनप्रीत सिंह का हो गया है रोका? परिवार के साथ तस्वीर हुई वायरल
तूफानी सीनियर्स अब कुछ हफ्ते और रुकेंगे
Tv9 भारतवर्ष पर हम आपको exclusive बता रहे हैं, जिस तरह से तूफानी सीनियर्स बिग बॉस के घर में धूम मचा रहे हैं वो सफर और दो हफ्ते जारी रहेगा. क्योंकि लोगों को उनका बिग बॉस के घर के अंदर रहना काफी पसंद आ रहा है. इसके चलते दो हफ्ते बाद नए खिलाडीयों की एंट्री अब 18 या 19 अक्टूबर को होगी.
चार नए कंटेस्टेंट्स की होगी एंट्री
दरअसल हर सीजन बिग बॉस में कुल 16 से 18 कंटेस्टेंट्स शामिल होते हैं . पर इस बार बिग बॉस के घर में सिर्फ 10 कंटेस्टेंट्स शामिल हुए हैं. इसी वजह से कंटेस्टेंट्स के साथ तूफानी सीनियर्स को गेम में शामिल किया गया है. अब जब यह 4 नए चेहरे घर के अंदर जाएंगे तब शायद तूफानी सीनियर्स की एग्जिट होगी.
एक्टर अर्जुन बिजलानी के 6 साल के बेटे को हुआ कोरोना, बोले- जिसका डर था वही हुआ
नजर आएंगे यह नए चेहरे
ये नए कंटेस्टेंट्स वीकेंड के वार पर सलमान खान से मिलेंगे और इसके बाद उन सभी को सीक्रेट रूम में रखा जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो "नैना सिंह, शार्दुल पंडित, रश्मि गुप्ता निश्चित रूप से घर के अंदर जा रहे हैं. चौथा प्रतियोगी शायद पवित्रा पुनिया के एक्स बॉयफ्रेंड प्रतीक सहजपाल हो सकते हैं. इन प्रतियोगियों को पहले से ही मुंबई के एक होटल में क्वारंटाइन किया जा चूका है.
हमारे साथ देखिए इन नए कंटेस्टेंट्स की तस्वीर
बिग बॉस 14 बस अभी शुरू ही हुआ है, जिसके बाद हमें इतना कुछ देखने को मिल रहा है. आगे और क्या क्या देखने को मिलेगा हम सोच भी नहीं सकते. ऐसे में शो के अंदर जितनी मस्ती चल रही है. उससे ज्यादा मस्ती बाहर भी चल रही है. जहां अब खबर है कि शहनाज गिल ने सिद्धार्थ शुक्ला को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से अनफॉलो कर दिया है. जिस वजह से अब ये दोनों ही चर्चा में बने हुए हैं. माना जा है कि शो में सिद्धार्थ का कंटेस्टेंट्स के साथ फ़्लर्ट करना उन्हें कुछ पसंद नहीं आया इस वजह से उन्होंने उन्हें अब अनफॉलो कर दिया है. |
स्वामी विवेकानंद से जुड़े महत्वपूर्ण रोचक तथ्य – रोचक तथ्य
अब मुकेश अंबानी भारत के लाखो किराना स्टोर से कमाएंगे...
by Maharshi Kushwaha 9 months ago 9 months ago
स्वामी विवेकानंद के बारे में तो हम-आप बहुत अच्छे से जानते हैं, क्योंकि स्वामी विवेकानंद जी का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था, कि उनके बारे में किताबों अखबारों और हमारे बुजुर्गों के द्वारा हमें जानकारी मिलती रहती है। स्वामी विवेकानंद के विचार इतने प्रभावशाली है, कि यदि कोई व्यक्ति उनका पालन करें, तो वह अपने जीवन में जरूर सफल हो पाएगा। आज हम इस पोस्ट में स्वामी विवेकानंद से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
12 जनवरी 1863 को स्वामी विवेकानंद का जन्म कोलकाता शहर में हुआ था। स्वामी विवेकानंद का मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, स्वामी विवेकानंद के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था जो कि कोलकाता के उच्च न्यायालय में एक वकील थे, और इनकी माता एक गृहणी थी, जिनका नाम भुनेश्वरी देवी था।
निर्धनता में भी अतिथियों का सत्कार
स्वामी विवेकानंद जी के पिता का निधन 1884 में हो गया, जिसकी वजह से स्वामी विवेकानंद को परिवार की जिम्मेदारियां को संभालना पड़ा। उस समय इनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन उस समय भी इन्होंने अपने अतिथियों का सत्कार किया।
वेद पुराणों में रुचि
बचपन से ही स्वामी विवेकानंद को पढ़ाई में बहुत रुचि थी, उन्होंने वेद उपनिषद गीता रामायण महाभारत और पुराणों का अध्ययन भी किया था।
पूरे भारत का पैदल यात्रा
स्वामी विवेकानंद ने 1888 मे भारत की यात्रा के लिए पैदल सफर शुरू किया था, और 5 सालों में उन्होंने भारत के अलग-अलग प्रदेशों और राज्यों से होते हुए भारत का पैदल यात्रा पूरा किया।
अमेरिका में लोगों का दिल जीता
11 सितंबर 1893 को हुए विश्व धर्म सम्मेलन में, उन्होंने अपने भाषण का शुरुआत "सिस्टर्स एंड ब्रदर्स आफ अमेरिका" संबोधन से किया, जिससे वहां पर उपस्थित 7000 से भी ज्यादा लोगों का उन्होंने दिल जीत लिया।इसीलिए 11 सितंबर को विश्व भाईचारा दिवस मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद जी चाय की बहुत ही शौकीन थे, उस समय की सभी मान्यताओं के विपरीत उन्होंने अपने मठ में चाय पीने पर कोई भी रोक नहीं लगाया था। एक बार तो बाल गंगाधर तिलक से उन्होंने मुगलई चाय भी बनवाई थी और स्वामी विवेकानंद जी को खिचड़ी खाना भी बहुत पसंद था।
रामकृष्ण मिशन की स्थापना
स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण के याद में 1 मई 1897 को रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
स्वामी विवेकानंद के प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण हमारे युवाओं को बहुत सारी सीख मिलती है, इसीलिए स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु
स्वामी विवेकानंद जी को कुल 31 बीमारियां थी, और 4 जुलाई 1902 को सिर्फ 39 साल की आयु में स्वामी विवेकानंद जी की दिल का दौरा पड़ने की वजह से बेलूर मठ में मृत्यु हो गई। |
कुछ दिन उपरांत हीरामणि तोते ने परिवारजनों को समेकित किया और कहा कि उसके पास एक योजना है। पहले वे यह जानकारी प्राप्त करें कि किस दिन नगरसेठ अपनी माताश्री सहित गुरुजी की गुफा में उनका प्रवचन सुनने जानेवाला है। उस तिथि की पूर्वरात्रि को सुनास का पिता चुपचाप उसका पिंजड़ा ले जा कर उसे कंदरा के पीछे किसी अदृश्य स्थान पर टाँग आये। फिर अगली सुबह स्वयं भाई सहित भीतर जा कर गुरु के चरणों में अपने पुत्र की कुंडली रख कर नगरसेठ की माता की ओर कातर दृष्टपात करता हुआ, गुरुचरणों में नगरसेठ पुत्री से सुनास के विवाह संबंध का विनम्र प्रस्ताव रखे।
मरता क्या न करता? सुनास के पिता ने ऐसा ही किया। जान हथेली पर लिये गुहा में घुस कर वह सीधे गुरुजी के चरणों पर जा गिरा, फिर कौड़ी के तोते की सीख के अनुसार कन्या की पितामही तथा अंबष्ठ को सुना सुना कर गुरु जी से अनुनय करने लगा कि उसके पुत्र का विवाह नगरसेठ की दुहिता से करवा दें।
कोई कुछ कहता, उससे पूर्व कंदरा के द्वार से सबको चकित करती हुई एक गंभीर वाणी आई, ‘देखो सेठ, मैं मुम्बा देवी बोलती हूँ। नगर तथा समुद्रजल की अधिष्ठात्री। अपने वाणिज्य को समुन्नत तथा अपनी कन्या को सुखी देखना चाहते हो तो मेरा आदेश मानते हुए उसे इस सेठ के सुलक्षणी पुत्र सुनास को शीघ्र विवाह में दे दो।’
गुरु की आज्ञानुसार उस वाणी को बडी देवाज्ञा मान कर नगरसेठ ने भी शिरोधार्य किया। और कुछ ही दिन बाद सुमुहूर्त देख कर बहुत धन धान्यसहित अपनी कन्या का विवाह सुनास से कर दिया।
सेठ कन्या, जैसे कि बडे सेठों की बेटियाँ होती हैं, नामानुसार दंभिनी थी। श्वसुरकुल में नित्य सबको सुनासुना कर कहती, ‘मैं सबसे अलबेली, मेरा पिता विश्व के सबसे धनिकों में सर्वोपरि, मेरा तो विवाह भी दैवाज्ञा से हुआ है।’ |
भारत दर्शन ......Bharat Darshan with Alpana: अर्वालम की [मानव निर्मित]गुफाएं--गोवा
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित राज्य गोवा का नाम जब भी सुनते हैं तो वहां के मनोरम समुद्र तट का ध्यान हो आता है.देशी-विदेशी सेलानियों में बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल.
गोवा में सिर्फ समुद्री तट नहीं हैं और भी बहुत कुछ ऐसा है जो पुरातत्व और इतिहास की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है.यूँ तो आप को गोवा के बारे में बहुत सारी जानकारी अंतरजाल पर मिल जायेगी.यहाँ मेरा प्रयास है कि आप को संक्षेप में अधिक से अधिक जानकारी दे सकूँ.
गोवा को ३० मई १९८७ भारत के २५वे राज्य का दर्जा दिया गया.
वर्तमान में प्रशासनिक दृष्टि से गोआ को उत्तरी गोआ और दक्षिणी गोआ में बांटा गया है. उत्तरी गोआ का मुख्यालय पणजी है जबकि दक्षिणी गोआ का मुख्यालय मडगांव में है
जानते हैं गोवा का प्राचीन इतिहास -:
महाभारत में जिस गोपराष्ट्र [ गायों को चराने वाला क्षेत्र ]का उल्लेख मिलता है वही तो है गोवा!
दक्षिण कोंकण क्षेत्र का उल्लेख गोवाराष्ट्र के रूप में पाया जाता है. संस्कृत के कुछ अन्य पुराने स्त्रोतों में गोआ को गोपकपुरी और गोपकपट्टनकहा गया है जिनका उल्लेख अन्य ग्रंथों के अलावा हरिवंशम और स्कंद पुराण में मिलता है. गोवा को बाद में कहीं कहीं गोअंचलभी कहा गया है.
जनश्रुति के अनुसार गोआ जिसमें कोंकण क्षेत्र भी शामिल है (और जिसका विस्तार गुजरात से केरल तक बताया जाता है) की रचना भगवान परशुराम ने की थी। कहा जाता है कि परशुराम ने एक यज्ञ के दौरान अपने वाणो की वर्षा से समुद्र को कई स्थानों पर पीछे धकेल दिया था और लोगों का कहना है कि इसी वजह से आज भी गोआ में बहुत से स्थानों का नाम वाणावली, वाणस्थली इत्यादि हैं.
उत्तरी गोवा में हरमल के पास आज भूरे रंग के एक पर्वत को परशुराम के यज्ञ करने का स्थान माना जाता है।अन्य नामों में गोवे, गोवापुरी, गोपकापाटन, औरगोमंत प्रमुख हैं. टोलेमी ने गोआ का उल्लेख इसवी सन 200 के आस-पास गोउबा के रूप में किया है,ऐसा भी इतिहास कहता है कि अरब के मध्युगीन यात्रियों ने इस क्षेत्र को चंद्रपुर और चंदौर के नाम से अपने यात्रा वर्णन में उल्लेख किया है और इस स्थान का नाम पुर्तगाल के यात्रियों ने गोआ रखा वास्तव में वह आज का छोटा सा समुद्र तटीय शहर गोवा-वेल्हा है. बाद मे उस पूरे क्षेत्र को गोआ कहा जाने लगा जिस पर पुर्तगालियों ने कब्जा किया. दिसम्बर १९६१ में भारतीय फौजों ने इसे आजाद कराया था.
अरब सागर के तट पर बसा यह स्थान एक और महारष्ट्र दूसरी और से कर्नाटका से लगा हुआ है. यहाँ रहने वाले गोवन लोग अपने स्वछन्द विचारों ,हंसमुख स्वभाव के कारण दूसरो के साथ बहुत जल्दी घुल मिल जाते हैं.
गोवा में पर्यटन स्थल-
१-समुद्री तट-
दक्षिण में मजोर्दा , बेताल्बतिम , कालवा , बेनौलिम , वरचा , कावेलोस्सिम और पालोलेम -और पूर्वोत्तर में अरम्बोल , मंद्रेम , मोर्जिम , वगाटर , अंजुना , बागा , कालान्गुते , सिंकुएरिम , मिरामार प्रमुख तट हैं.
2-बोंडला अभ्यारण्य, कावल वन्य प्राणी अभ्यारय, कोटिजाओ वन्यप्राणी अभ्यारण्य,भगवान महावीर वन्य पशु रक्षित वन,सलीम अली पक्षी रक्षित केंद्र भी जरुर देखने जाएँ.
3-मंदिरों में-
५०० साल पुराना मंदिर 'श्री भगवती',कामाक्षी,कालिकादेवी ,श्री दामोदर मंदिर, पांडुरंग मंदिर, महालसा मंदिर,१३वि शताब्दी का महादेव मंदिर,महालक्ष्मी,गणेश,मल्लिकार्जुन,श्री मंगेश मंदिर, रामनाथ का मंदिर, शांता दुर्गा मंदिर, गोपाल-गणेश का मंदिर आदि कई मंदिरों में एक पांचवी सदी में बना ब्रम्हा मंदिर भी उल्लेखनीय है .
प्रत्येक मंदिर स्वच्छ सुंदर तालाब , दीप स्तंभ, और आकर्षक परिसरों से युक्त हैं.
शांता दुर्गा गोवा निवासियों की ख़ास देवी हैं, कहते हैं कि बंगाल की क्षुब्धा दुर्गा गोवा में आकर शांत हो गईं और शांता दुर्गा के नाम से पूजी जाने लगीं. शांता दुर्गा का मंदिर पोंडा से ही तीन कि.मी. दूर कवले गाँव में है.
4-मस्जिद-
सांगेगाँव की जामा मस्जिद और पोंडागाँव की १५ वि शताब्दी में बीजापुर के आदिलशाह द्वारा बनवाई साफा मस्जिद भी बहुत बड़ी और लोकप्रिय स्थलों में से एक है.
5- किलों में-
भाग्वाद का किला , रेयश मागुश का किला ,तेरे खोल का किला,कामसुख का किला दर्शनीय हैं.
पुराने गोवा की तरफ आप जाएँ तो आप को बहुत से चर्च देखने को मिलेंगे यह स्थान एक हेरिटेज साईट है. पुराने गोवा के गिरजाघर सोलहवीं शताब्दी में निर्मित हुए हैं,पणजी-पोंडा मुख्य मार्ग पर एक ओर पुर्तगाल के महान कवि तुईशद कामोंइश का विशाल पुतला खड़ा है, तो दूसरी ओर महात्मा गांधी की भव्य प्रतिमा देखते ही बनती है.
प्राचीन और विशाल पुर्तगाली कला का प्रभाव लिए इनकी शिल्पकला मनमोह लेती है.
प्रमुख गिरिजाघरों में से एक हैं -बासिसलका बॉम जीसस गिरजाघर जहाँ विख्यात संत फ्रांसिस जेवियर का शव ४०० साल से सुरक्षित रखा हुआ है.साल में एक बार इसे जनता के दर्शनार्थ रखा जाता है.
दूसरा प्रमुख चर्च है-सा कैथेड्राल चर्च--यहाँ का आकर्षण सोने की बनी बहुत बड़ी घंटी है.
इस के अलावा-संत फ्रांसिस आसिसी चर्च भी बहुत खूबसूरत है.
संत काटेजान चर्च के प्रवेशद्वार को कहा जाता है कि आदिलशाह के शासनकाल में क़िले का दरवाज़ा था.
इन सभी के अतिरिक्त भी कई प्राचीन चर्च हैं जो आप को वहां देखने को मिलेंगे .
7-दूध सागर जल प्रपात,सांखली गाँव में हरवलें जल प्रपात , मायम झील मनोरम स्थल हैं.
8-एक रिकॉर्ड के अनुसार गोवा में लगभग २५ मानव निर्मित गुफाएं अब तक खोजी गयीं हैं.
प्राकृतिक गुफाओं में 'वेरना गुफा 'सब से बड़ी है जिस में करीब १२०० लोगों को एकत्र किया जा सकता है.
Few Pictures Of Goa from the Album of Mr.Srikant [Pune]-
[Thanks a lot Srikant for these lovely pictures]
अर्वालम की [मानव निर्मित]गुफाएं -
ये गुफाएं उत्तरी गोवा में Bicholim से 9 किलोमीटर दूर स्थित हैं.
गुफाओं के बाहर लगे पुरातत्व विभाग के सूचना पट के अनुसार ये गुफाएं ६-७ वि सदी में बनाई हुई लगती हैं. भारतीय पुरातत्व विभाग की दी जानकारी के अनुसार यहाँ दो मुख्य गुफाएं और एक आवासीय स्थल पाए गए हैं.
अर्वालम गुफा के काम्प्लेक्स में में ५ कक्ष हैं [हर कक्ष में एक शिवलिंग है.] और बीच के कक्ष में बने शिवलिंग की बहुत मान्यता है.बाकि चार शिवलिंगों की रचना बहुत कुछ एल्लोरा और elphanta की गुफाओं में मिले शिवलिंगों जैसी है.इन पर संस्कृत और ब्राह्मी में लिखा हुआ है जो बताते हैं कि ये ७वि सदी के शुरू के काल में निर्मित हुए.
[Watch Aravalem caves' video clip.you can see all shivlings in this clip]-:
ऐसा कहा जाता है कि पांडव अपने अज्ञात वास के दौरान इन गुफाओं में ठहरे थे .कुछ इन्हें बोद्धों द्वारा बनाया भी मानते हैं .बहुत सी जगह इन गुफाओं को पांडवों की गुफा भी कहा गया है.मगर अधिकारिक नाम अर्वालम गुफाएं ही है.
घने जंगलों के बीच बनी इस गुफा के पांचों दरवाजों पर पुरातत्व विभाव ने Fence लगायी हुई है .
दिन के समय भी यह जगह थोडा भय देती है क्योंकि भालू ,चीते आदि जानवरों के आस पास हो सकने की चेतावनी bhi दी जाती है.
यहीं पास में अर्वालम जल प्रपात भी है.इस जल प्रपात के पास रुद्रेश्वर मंदिर भी है.
अर्वालम जल प्रपात kee video clip-:
गोवा जाने के लिए सभी मुख्य शहरों से रेल,सड़क,वायु मार्ग से सुविधाएँ उपलब्ध हैं.मुंबई से गोआ के लिए प्रतिदिन बसें चलती हैं. |
ड्रोन खरीदने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए? - Drones & Cameras
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ड्रोन खरीदने से पहले, आप को पता है आप अपने ड्रोन के साथ क्या करना क्या चाहते हैं (शामिल है, जो आप इसे कैसे उपयोग करना चाहते हैं, और मुख्य विशेषताएं इस प्रकार आप उपयोग करना चाहते हैं) जबकि भी समझने की जरूरत है कि क्या ड्रोन पर सभी विभिन्न विनिर्देशों मतलब है।
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आप अपने ड्रोन का उपयोग करने जा रहे हैं?
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कौन इसे का उपयोग किया जाएगा?
के लिए सभी ड्रोन
स्थानीय कानूनों और नियमों
पैक्ड और पैक आकार
नियंत्रक टाइप
बाधा से बचें
जीपीएस / कंपास
हेडलेस मोड
वीडियो ड्रोन के लिए
सेंसर आकार
गिम्बल गति
स्वचालित शॉट्स
रेसिंग के लिए ड्रोन
तैयार फ्लाई करने के लिए
लगभग उड़ान भरने के लिए तैयार
नियंत्रक अनुकूलता
निष्कर्ष – क्या मुझे पता होना चाहिए एक ड्रोन खरीदने से पहले
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के बाद आप अपने बजट पर आकर बस गए हैं आप विचार करने के लिए क्यों आप वास्तव में चाहते हैं या एक ड्रोन की जरूरत की जरूरत है। तुम देखो, कई लोगों को एक ड्रोन चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह अच्छा है लेकिन वास्तव में नहीं माना जाता है यही कारण है कि वे चाहते हैं या एक ड्रोन की जरूरत है।
तुम सिर्फ लगता है कि वे शांत हैं और आप कोई समस्या नहीं है कि यह बाहर की जाँच करने के लिए एक ड्रोन चाहते हैं, लेकिन इस के लिए आप स्पष्ट रूप से के रूप में के बाद प्रारंभिक उत्साह पहनता आप सस्ती साथ छोड़ दिया जाएगा बंद बाजार पर सबसे अच्छा गबन की जरूरत नहीं है उपकरणों जो एक दराज में अप्रयुक्त बैठेंगे का सा।
के कुछ कारण यहां आप खरीद करना चाहते हैं या एक ड्रोन की आवश्यकता हो सकती हैं:
फोटोग्राफी के लिए – ड्रोन दुनिया पर एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए एक शानदार तरीका है। आप अपने किट के लिए इस क्षमता जोड़ने के लिए चाहते हो सकता है यदि आप एक अनुभवी फोटोग्राफर हैं। मैं अधिकतम संकल्प और सेंसर के प्रकार और आकार पर ध्यान केंद्रित करेंगे
वीडियोग्राफी के लिए -। ड्रोन भी कुछ अद्भुत वीडियो फुटेज पर कब्जा करने में सक्षम हैं। आप एक वीडियो एजेंसी के लिए काम कर रहे हैं या आप (अपने खुद के यूट्यूब चैनल की तरह) फुटेज के लिए एक आउटलेट है या नहीं, आपके पास कुछ बढ़िया प्राप्त करने में सक्षम हैं और अद्वितीय फुटेज। मैं वीडियो फुटेज के संकल्प और चिकनी रिकॉर्डिंग के लिए जिम्बल की स्थिरता जैसी सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे
रेसिंग के लिए -। ड्रोन द्वारा कुछ लोगों को एक कोर्स के आसपास जितनी जल्दी संभव के रूप में उड़ान भरने के लिए। इस उदाहरण में आप शीर्ष गति, गतिशीलता, और बैटरी जीवन जैसी सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए
क्योंकि तुम सिर्फ "एक चाहता हूँ" -। वहाँ सिर्फ एक ड्रोन चाहने के साथ कुछ भी नहीं गलत है। इस उदाहरण में मैं अच्छी तरह से एक समर्पित नियंत्रक के रूप में के रूप में लागत का न्यूनतम राशि के लिए सबसे लंबे समय तक बैटरी जीवन हो रही पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
के बाद आप निर्धारित किया है आप एक ड्रोन आप को समझने के लिए क्या तुम सच में पता करने की जरूरत एक बेहतर स्थिति में होंगे खरीद करने के लिए क्यों चाहते हैं।
आप अपने ड्रोन का उपयोग करने के लिए जा रहे हैं निर्धारित करने के लिए क्या पहलुओं आप ड्रोन के बारे में पता करने की जरूरत जा रहा है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक शौक फोटोग्राफर होने जा रहे हैं तो आप एक ड्रोन जो अपने फोटोग्राफी स्थानों के लिए यात्रा के लिए अपने वर्तमान किट के साथ फिट होगा की आवश्यकता होगी। , हालांकि, आप अपने ड्रोन का उपयोग करने की ग्राहकों के लिए बहुत ही विशेष वीडियो पर कब्जा करने की तुलना में आप शायद अपने स्वयं के समर्पित मामले के साथ एक थोड़ा बड़ा गबन के साथ भाग मिल सकता है जा रहे हैं। इस स्थिति में, आप भी फुटेज की गुणवत्ता के बारे में चिंतित हो जाएगा।
मैं अपने लिंक्डइन वीडियो के लिए कुछ बी-रोल फ़ुटेज पाने के लिए मेरी ड्रोन उपयोग करना चाहता था। इसलिए मैं एक उचित कैमरा और बैटरी जीवन के साथ एक छोटे ड्रोन की जरूरत है और एक दैनिक आधार पर ले जाने के लिए सक्षम था। यह जानते हुए कि कैसे आप अपने ड्रोन का उपयोग करने के क्या आप जानते हैं कि कैसे आप विभिन्न सुविधाओं को प्राथमिकता देने में है कि प्रत्येक गबन के साथ आता है जा रहे हैं दूँगी जा रहे हैं।
यह वह जगह है जहाँ ड्रोन एक छोटे से भ्रमित हो सकता है। वहाँ सुविधाओं के टन है कि आप की तुलना करने और आप के लिए एकदम सही गबन के लिए खोज, जबकि इसके विपरीत करने की आवश्यकता होगी रहे हैं।
कुछ आम सुविधाओं है कि आप पर विचार करना होगा रहे हैं:
जीपीएस -। आप को पता है कि क्या ड्रोन हर समय है और विशिष्ट वेपोइंट माध्यम से जाने के लिए प्रोग्राम किया जा करने में सक्षम होना गबन की आवश्यकता होगी की आवश्यकता होगी
घर पर लौटें – अपने ड्रोन होगा एक बटन दबाकर पर अपने दम पर अपने लैंडिंग स्थान पर लौटने के लिए सक्षम होने के लिए की जरूरत है
बिना सिर मोड – इस मोड अविश्वसनीय रूप से आसान बच्चों ड्रोन हमेशा की दिशा जॉयस्टिक है में उड़ान भरने के लिए ले जाता है के लिए बनाता है दिशा की परवाह किए बिना कि ड्रोन इशारा कर रही है ले जाया गया
फ्लाई अधिक सेट -। DJI और अन्य निर्माताओं की पेशकश कॉम्बो खरीद जो अतिरिक्त बैटरी और प्रोपेलर वगैरह शामिल हैं। यह आपको जबकि भी प्रारंभिक खरीद मूल्य को कम करने के लिए अपने उड़ान समय को बढ़ाने के लिए अनुमति देता है
कैमरा सुविधाओं -। ड्रोन कैमरों DSLR की तरह अधिक से अधिक होते जा रहे हैं और छवियों हैं कि की गुणवत्ता के बारे में बात करने के लिए एक ही नामकरण का उपयोग उपलब्ध। DSLR कैमरा शब्दजाल से परिचित हों और आप तो ड्रोन पर कैमरों की तुलना करने में सक्षम हो जाएगा
मुड़ा और सामने आया आकार -। सबसे ड्रोन सुविधाजनक भंडारण और परिवहन के लिए एक छोटे आकार में नीचे पैक किया जा करने में सक्षम हैं। आप आप के साथ अपने ड्रोन ले जाने के लिए की जरूरत है नियमित रूप से यह अपने दैनिक बैग में फिट करने के लिए की जरूरत है। अगर, दूसरे हाथ पर, आप केवल बहुत विशिष्ट सैर से तुम इतने मुड़ा आकार के साथ संबंध नहीं किया जा सकता के लिए उपयोग किया जाएगा।
कई और अधिक अलग विशेषताएं हैं और हम नीचे उन सभी के माध्यम से जाना जाएगा।
अपने ड्रोन खरीदने का विचार कर इससे पहले कि आप बाहर काम करना चाहिए जहां आप इसे का उपयोग किया जा रहे हैं। मैं दो तरीकों से मतलब है:
सबसे पहले, जहां दुनिया में आप अपने ड्रोन उड़ान होने जा रही हैं। कुछ स्थानों बेहद सख्त नियमों और विनियमों जो आप अपने ड्रोन उड़ान भरने के लिए एक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए हो रही शामिल हो सकते हैं की है। अन्य स्थानों पर, संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह, उपभोक्ता ड्रोन जो एक लाइसेंस के बिना प्रवाहित होना करने में सक्षम हैं के लिए वजन सीमा होती है (इस लेखन के समय में 250 ग्राम है)।
दूसरे, आप में पता है कि स्थान आप उड़ान हो जाएगा की सॉर्ट करता आवश्यकता होगी। आप समुद्र से हो जाएगा? आप किसी शहर में हो जाएगा? ये आप यह निर्धारित ड्रोन की तरह क्या आप के लिए सबसे अच्छा है में मदद मिलेगी और शीर्ष गति की तरह अपने ड्रोन स्थानों के लिए उपयुक्त हैं।
अंगूठे का एक सरल नियम के रूप में आप केवल जीत में एक ड्रोन कोई अधिक से अधिक अधिकतम गति के दो तिहाई से उड़ान भरने चाहिए। इसका मतलब है कि अगर आप तूफानी स्थानों में उड़ान आप एक ड्रोन कि हवाओं जो सामान्य रूप से उन क्षेत्रों में मनाया जाता है का सामना करने में सक्षम है खरीद चाहिए पर इरादा कर रहे हैं।
आप ड्रोन उड़ान हो जाएगा या आप किसी और के लिए ड्रोन खरीद रहे हैं?
ड्रोन एक बच्चे द्वारा उड़ाए जा रहा है तो बिना सिर मोड और आसान ड्रोन नियंत्रण (जैसे हाथ से नियंत्रित ड्रोन के रूप में) की तरह की सुविधा है आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प होगा। बच्चों के लिए सबसे अच्छा ड्रोन अधिक जानकारी के लिए बाहर की जाँच मेरे दूसरे में गहराई से ब्लॉग – श्रेष्ठ डॉ बच्चे [गाइड और उत्पादों] के लिए लोगों को -। यहाँ क्लिक करें लेख पर जाने के लिए
दूसरी ओर, यदि आप एक वयस्क हैं आप बाजार पर वर्तमान में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध ड्रोन का सबसे साथ पकड़ के लिए प्राप्त करने में सक्षम हो जाएगा। ड्रोन अविश्वसनीय रूप से आसान ऐसे DJI के रूप में निर्माताओं से उन्नत ड्रोन, के रूप में उड़ान भरने के लिए, सुविधाओं जो आप अपने पैकेज प्राप्त करने के मिनट के भीतर उड़ान प्राप्त करने की अनुमति का भार हैं।
ईमानदार होने के नाते के बारे में अपने कौशल स्तर आप एक ड्रोन अभी शुरुआत मोड है कि जो आप बाद में बंद कर सकते हैं जैसा कि आप अधिक से अधिक सहज होने का चयन करने के लिए अनुमति देगा।
अब जबकि आपने एक ड्रोन उड़ान भरने से पहले आप क्या चाहते हैं के बारे में सभी सवालों का अपने ड्रोन से आप चीजों को आपको पता होना चाहिए की एक बेहतर विचार होगा जवाब दे दिया है। नीचे दिए गए अनुभाग में, मैं बाहर अलग किया है आप प्रत्येक ड्रोन खरीद के लिए क्या विचार करना चाहिए और साथ ही यह अलग है कि आप वीडियो ड्रोन और रेसिंग ड्रोन के लिए क्या विचार करना चाहिए। मैं ड्रोन का सबसे बड़ा श्रेणियों जो सामान्य रूप से खरीद रहे हैं के रूप में इन दोनों को देखते हैं।
इस भाग में हम महत्वपूर्ण बातों के सभी के माध्यम से जाना है कि आप ड्रोन के बारे में ड्रोन आप खरीद रहे हैं के उपयोग के मामले पर ध्यान दिए बिना पता होना चाहिए जा रहे हैं।
कई नियमों और विनियमों जो ड्रोन स्वामित्व और उड़ान के बारे में नियमित रूप से बदलने रहे हैं। एक ड्रोन मालिक के रूप में यह नई विनियमन परिवर्तन और अज्ञान के कार्य प्रमुखता से रखने की जिम्मेदारी आपकी है विफलता का अनुपालन करने के लिए एक बहाना नहीं है।
आप इस तरह अगर आप राष्ट्रीय पार्कों या संरक्षित समुद्री क्षेत्रों के ऊपर उड़ान भरने के लिए गए थे पाए जाने वाले के रूप में अपने स्थानीय कानूनों और नियमों के साथ-साथ किसी विशेष परिस्थिति जांच होनी चाहिए।
यहां संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में स्थानीय कानूनों और नियमों के लिए कुछ लिंक कर रहे हैं:
कुछ भी सभी के माध्यम से आप के लिए एकदम सही गबन के चयन का प्रयास जा रहा से भी अधिक निराशाजनक और तो नहीं यह उड़ान भरने में सक्षम होने के नाते आप कहाँ और कैसे करना चाहते हैं नहीं होगा।
ड्रोन में उड़ान का समय रह गया है और लंबे समय तक हो रही है। बस कुछ साल पहले आप 10 से अधिक मिनट के लिए एक ड्रोन उड़ान भरने में सक्षम नहीं होगा। आजकल, यह नए ड्रोन के लिए आम आसानी से 25 मिनट पार करने के लिए है।
एक बात आपको पता करने की आवश्यकता होगी आदर्श परिस्थितियों में है कि बार अधिकतम उड़ान समय के रूप में निर्माता द्वारा उद्धृत है -। कोई हवा, होवर करके, और कोई भार
यहां के बाजार पर उपलब्ध ड्रोन का सबसे अच्छा जीवन काल के कुछ अभी कर रहे हैं:
ऊपर बार में से प्रत्येक में हैं क्या निर्माता stares उड़ान समय है, लेकिन उड़ान की स्थिति के अनुसार अलग अलग होंगे।
बैटरी जीवन 2 बातें करने के लिए संदर्भित करता है। पहले कितने समय तक बैटरी अपने उड़ान के दौरान रहता है। यह पहचान करने के लिए आसान के रूप में यह दृढ़ता से उड़ान समय के साथ जोड़ा जाता है।
दूसरे ने आपके द्वारा अपने बैटरी को बदलने की जरूरत है। अधिकांश उपभोक्ता स्तर ड्रोन के लिए औसत बैटरी उड़ान समय के 300 घंटे के बाद बदला जाना आवश्यक। यह निर्धारित करेगी कि महंगा अपनी ड्रोन लंबे समय में चलाने के लिए किया जाएगा। रिप्लेसमेंट बैटरी के रूप में वे कल्पना उपकरण और स्मार्ट प्रौद्योगिकी से भरे हुए हैं ड्रोन रखरखाव की सबसे महंगी और पहलू है जो सुरक्षित भंडारण के रूप में भी तेजी से चार्ज करने के लिए अनुमति देता है हो जाते हैं।
ड्रोन खरीदने से पहले आप ड्रोन के पैक और अनपैक आकार पर विचार करना चाहिए आप खरीद करना चाहते हैं।
ड्रोन निर्माता अक्सर पैक गबन के आयामों किसी भी मामले या कवर के बिना बोली। इसलिए, आप हमेशा जब सबसे छोटा आकार पर विचार कुछ मिलीमीटर जोड़ने चाहिए कि एक ड्रोन पैक करने के लिए नीचे।
मेरी प्राथमिकता अपने समर्पित मामले में एक ड्रोन ले जाने के लिए (जो एक नरम मामले या एक हार्ड मामला है या नहीं), क्योंकि है कि जहां सुरक्षा के बहुमत से आएगा हमेशा होता है। नहीं सभी बैग अपने ड्रोन सुरक्षित बनाने के लिए और सुरक्षित करने के लिए गद्देदार विभाजक की है।
नियंत्रक घ है रोन पायलट केवल ड्रोन से कनेक्शन। जबकि आप नियंत्रक की गुणवत्ता को उड़ रहे हैं और इसके उपयोग की आसानी वह चीज होगी जो यह बताती है कि ड्रोन को कैसे उड़ना होगा।
सभी ड्रोन एक नियंत्रक के साथ नहीं आते हैं और कुछ स्मार्ट फोन ऐप का उपयोग करके उड़ाए जाते हैं। कुछ ड्रोन एक स्मार्ट फोन ऐप के साथ-साथ एक समर्पित नियंत्रक दोनों द्वारा विकसित किए जा सकते हैं। यदि आप एक बच्चे के लिए एक ड्रोन खरीद रहे हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि ड्रोन नियंत्रक इतना बड़ा नहीं है कि यह नियंत्रक के प्रभावी उपयोग में बाधा डालता है क्योंकि जॉयस्टिक वयस्क हाथों के लिए तैनात हैं।
मेरी वरीयता एक समर्पित नियंत्रक है क्योंकि मुझे विश्वास है कि यह जंगली में एक ड्रोन उड़ान भरने के दौरान सबसे अच्छा उड़ान अनुभव देता है। एक समर्पित नियंत्रक आमतौर पर आपके स्मार्ट फोन से भी जुड़ा होगा जिसका मतलब है कि आप ड्रोन की उड़ान के पहले व्यक्ति दृश्य (लाइव वीडियो फीड) देख सकते हैं।
ड्रोन आमतौर पर प्लास्टिक और धातु के होते हैं।
प्लास्टिक को प्राथमिक निर्माण सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है क्योंकि यह हल्का होता है और मजबूत होने के लिए ट्यून किया जा सकता है ताकि दुर्घटनाग्रस्त हो जाए। धातुओं को जोड़ों को मजबूत करने और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के लिए भी उपयोग किया जाता है।
एक ड्रोन की निर्माण की गुणवत्ता यह निर्धारित करेगी कि एक ड्रोन एक दुर्घटना से कितनी अच्छी तरह से बाउंस करता है। अक्सर, आप ड्रोन के निर्माण के कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए अच्छी नौकरी करने के लिए जाने-माने ड्रोन निर्माताओं पर भरोसा कर सकते हैं।
सस्ता ड्रोन में निर्माण की गुणवत्ता का एक ही स्तर नहीं होगा और बाधाओं और दस्तक के मामूली भी टूट सकता है। मैं अनुशंसा करता हूं कि आप अपने ड्रोन की लागत को संतुलित करें कि आपको कितना मजबूत होना चाहिए।
बहुत छोटे, हल्के ड्रोन बड़े फोटोग्राफी ड्रोन के रूप में क्षतिग्रस्त नहीं होंगे क्योंकि वजन बढ़ने की मात्रा को सीमित करेगा, भले ही एक महान ऊंचाई से गिर रहा हो।
ड्रोन प्रौद्योगिकी के रूप में अधिक ड्रोन उन्नत तकनीकी सुविधा सेट शामिल कर रहे हैं। यहां तक कि अब उपलब्ध ड्रोन में भी कुछ बाधाओं से बचने और सेंसर शामिल हैं जो ड्रोन और ऑपरेटर को सुरक्षित रखते हैं।
यहां, हम कुछ उन्नत सुविधाओं पर जा रहे हैं जिन्हें आप अपनी अगली ड्रोन खरीद के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में विचार करना चाहेंगे।
बाधा से बचने वाली कुछ ऐसी चीज है जिसने मेरे ड्रोन को टकराव से बचाया है और कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। आम तौर पर ड्रोन के पास फॉरवर्ड, आउटवर्ड और डाउनवर्ड सेंसर होंगे जो कुछ बाधाओं से ड्रोन की दूरी को मापते हैं।
ड्रोन के कुछ मॉडलों में ड्रोन बाधा से लगभग 3 मीटर दूर रुक जाएगा। अन्य, अधिक उन्नत ड्रोन, ड्रोन सक्रिय रूप से बाधा से बचने और इसके चारों ओर उड़ने में सक्षम हो जाएगा। यह ड्रोन के नवीनतम मॉडल में अधिक से अधिक आम हो रहा है।
जीपीएस स्थान और कंपास दिशा उच्च अंत उपभोक्ता ड्रोन के बहुमत पर उपलब्ध है। इन सुविधाओं के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप हमेशा यह जान सकते हैं कि आपका ड्रोन सही दिशा को इंगित कर रहा है ताकि आप अपने आप को वापस उड़ सकें और इसका मतलब यह भी है कि यदि आपका ड्रोन उस स्थान पर उतरता है जिसे आपने योजना नहीं बनाई है ड्रोन का अंतिम ज्ञात जीपीएस स्थान प्राप्त करने में सक्षम।
जीपीएस सेंसर के साथ ड्रोन वेपॉइंट्स (उड़ान का प्रीप्रोग्राम किए गए पथ) के माध्यम से भी उड़ान भरने में सक्षम हैं। जीपीएस के साथ एक ड्रोन होने के बाद कई अलग-अलग तरीकों से एक लाइफसेवर है और ड्रोन को ऑटो होवर, ऑटो सेल्फी और ड्रोन शॉट्स इत्यादि जैसे स्वचालित कार्यों की एक श्रृंखला के लिए आवश्यक आधारभूत कार्य भी देता है।
घर पर लौटें एक ड्रोन पर एक सुविधा है जहां आप एक बटन को धक्का देते हैं (चाहे सॉफ्टवेयर पर या नियंत्रक पर)। और ड्रोन टेकऑफ या पूर्व-परिभाषित लैंडिंग स्पॉट पर अपने जीपीएस स्थान पर वापस आ जाएगा।
मैंने कभी भी अपने घर पर वापसी का उपयोग नहीं किया है, लेकिन यह जानना बहुत अच्छा है कि अगर मुझे इसकी आवश्यकता हो तो यह वहां है। टेकऑफ स्पॉट की ड्रोन लेने वाली ड्रोन द्वारा घर समारोह और ऑटो लैंडिंग की वापसी में भी सुधार किया जा सकता है। इसका मतलब है कि ड्रोन सटीक क्षेत्र में उतरने की अधिक संभावना है कि इसे बंद कर दिया गया।
हेडलेस मोड तब होता है जब ड्रोन दिशा में चलता है कि जॉयस्टिक को ड्रोन के अभिविन्यास के बावजूद स्थानांतरित किया जाता है।
हेडलेस मोड बच्चों और अनुभवहीन यात्रियों के लिए सबसे अच्छा उड़ान अनुभव पाने के लिए एक शानदार तरीका है। अपने आप की ओर उड़ना समस्याग्रस्त हो सकता है क्योंकि जॉयस्टिक पर बाएं और दाएं नियंत्रण स्वैप किए गए हैं जिसका मतलब है कि अपने ड्रोन को अपने आप से उड़ाना कठिन हो सकता है।
यदि आप ड्रोन एक छोटे या कम अनुभवी पायलट के लिए हैं तो हेडलेस मोड प्राप्त करें।
जब आप इस बात पर विचार कर रहे हैं कि आपको क्या खरीदना है तो आपको प्रतिस्थापन भागों पर भी देखना चाहिए और प्रत्येक लागत को प्रतिस्थापित करने के लिए कितना।
p रोपेलर पांच डॉलर और $ 25 के बीच कहीं भी खर्च कर सकते हैं और आप अपने ड्रोन पर प्रतिस्थापित करने वाली सबसे आम बात हैं। लगभग 200 उड़ानों या किसी भी महत्वपूर्ण क्षति या बम्स के बाद आपको प्रोपेलर्स को बदलने पर विचार करना चाहिए।
बैटरी को अक्सर प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता होती है लेकिन वे प्रतिस्थापित करने के लिए एक ड्रोन का सबसे महंगा घटक होते हैं (ड्रोन के अलावा)। मॉडलों के बीच ड्रोन बैटरी को बदला नहीं जा सकता है और इसलिए आपको निर्माता से मूल ड्रोन की उपलब्धता और लागत को देखने की आवश्यकता होगी। तीसरे पक्ष के प्रदाता से ड्रोन बैटरी प्राप्त करना कभी अच्छा विचार नहीं है।
यदि आपके लिए वीडियो महत्वपूर्ण है तो यहां मुख्य चीजें हैं जिन्हें आप विचार करने की आवश्यकता रखते हैं यदि आप एक वीडियो ड्रोन खरीद रहे हैं
cmos – पूरक धातु-ऑक्साइड सेमीकंडक्टर। प्रत्येक और प्रत्येक फोटोसाइट पर ठोस-राज्य सर्किट्री शामिल है, और सेंसर में प्रत्येक पिक्सेल के लिए डेटा में हेरफेर कर सकते हैं। सीएमओएस सेंसर प्रकाश की स्थिति का जवाब दे सकता है कि एक सीसीडी नहीं कर सकता।
सीसीडी – चार्ज-युग्मित डिवाइस। प्रत्येक फोटोसाइट में विद्युत शुल्क के रूप में फोटॉन (लाइट कण) को कैप्चर करता है (एक हल्के संवेदनशील क्षेत्र जो पिक्सेल का प्रतिनिधित्व करता है)। एक्सपोजर के बाद, चार्ज को सेंसर के एक कोने में स्थित एक एम्पलीफायर में चिप को स्थानांतरित कर दिया जाता है।
प्रभावी पिक्सल – यह आपको बताता है कि कितने पिक्सल इनकमिंग का जवाब दे सकते हैं छवि के अधिकतम संकल्प के साथ प्रकाश और सहसंबंध।
जब हम लेंस के बारे में बात करते हैं तो हमें इन सभी घटकों को संबोधित करना होगा:
दृश्य का क्षेत्र: डिग्री में व्यक्त किया गया और आपको बताता है कि ड्रोन एक छवि को कैप्चर करने में कितना चौड़ा है।
35 मिमी प्रारूप समतुल्य: शब्द 35 मिमी समकक्ष फोकल लम्बाई की तुलना एक तुलना है पुराने 35 मिमी फिल्म कैमरों द्वारा उत्पादित दृश्य के क्षेत्र की तुलना में एक डिजिटल कैमरा लेंस के माध्यम से देखा गया दृश्य।
एपरेचर: एफ-स्टॉप के रूप में भी जाना जाता है और नियंत्रण करता है कि कितना प्रकाश सेंसर में कितना मिलता है और फील्ड की गहराई।
फोटोग्राफी के लिए ड्रोन के अंतिम महत्वपूर्ण कारकों में से एक अलग फोटोग्राफी मोड है जिसका आप उपयोग कर सकते हैं। यह बहुत ही तकनीकी और ज्यादातर लोगों में यह अपने निर्णय लेने में कारक की जरूरत नहीं होगी के लिए प्राप्त करने के लिए शुरू कर रहा है। के रूप में यहां विभिन्न फोटोग्राफी मोड का एक उदाहरण क्या DJI Mavic 2 प्रो प्रस्तावों है:
सिंगल शॉट: एक शॉट का समय लगेगा और यह क्या हम में से ज्यादातर एक कैमरा के साथ किया जाता है
फट शूटिंग:। 3 ले जाएगा – 5 जल्दी आग छवियों आप चुन सकते हैं तो सबसे अच्छा एक
ऑटो जोखिम bracketing (ए ई बी):। कैमरा एक जोखिम का चयन करेंगे (क्या इसकी पैमाइश सोचता है कि सही है पर आधारित) और फिर इसे (इस सर्वोत्तम अनुमान के दोनों तरफ एक अन्य शॉट ले जाएगा । एक से अधिक संपर्क में है और एक अंडरएक्स्पोज़)
अंतराल: हर बार सेटिंग्स हुक्म रूप में एक छवि ले। एवर्ट 2 – 60 सेकंड
रॉ: इमेज सेंसर से एक RAW छवि प्रदान करता है बहुत कम प्रसंस्करण।। कैमरा सेटिंग्स बचाता है, बल्कि छवि पर कार्रवाई नहीं करता है। और अधिक स्वतंत्रता छवि संपादित करने के लिए नहीं है, लेकिन फ़ाइल आकार 2 हो सकता है -। संसाधित संस्करण की तुलना में 6 गुना बड़ा
एक पल के चीजों की तरह आप शूट होगा के बारे में सोचना ले रहा है और कैसे आप सबसे अच्छा इन साधनों का उपयोग करने के सबसे अच्छी बात आप कर सकते हो जाएगा में सक्षम हो जाएगा।
जिम्बल क्या कैमरे को स्थिर रखता है उड़ाते हुए है। एक अच्छी गुणवत्ता जिम्बल होने लगभग कैमरा अपने के रूप में महत्वपूर्ण के रूप में है।
मैं जिम्बल की गति की सीमा पर एक नज़र होने और देखो अगर यह मेल खाता है कि आप क्या चाहते सलाह देते हैं। उदाहरण के लिए, तोता और Anaf के लिए मैं गति के 180 डिग्री रेंज कर (सीधे ऊपर की ओर इशारा करते हैं और फिर सीधे नीचे इशारा करते हुए) करने में सक्षम है। DJI श्रृंखला जबकि केवल सीधा इशारा करते हुए और नीचे की ओर इशारा करते कर सकते हैं।
तो अगर आप ड्रोन ऊपर बातें निरीक्षण करने के लिए चाहते हैं आप यह सुनिश्चित करें कि रास्ते में जिम्बल चाल आप को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक बनाने की जरूरत है।
नवीनतम डीजेआई ड्रोन और गो 4 ऐप में निम्नलिखित बुद्धिमान उड़ान फिल्मिंग मोड हैं। ये मोड आपको ऐसे सिनेमाघरों के शॉट्स प्राप्त करने के लिए आवश्यक मैन्युअल उड़ान को मास्टर करने के बिना कुछ प्रभावशाली फुटेज को कैप्चर करने की अनुमति देते हैं।
रॉकेट: विषय को ध्यान में रखते हुए नीचे की ओर इशारा करते हुए कैमरे के साथ चढ़ना।
dronie: अपने विषय पर बंद कैमरा के साथ, पीछे और ऊपर की ओर उड़ें। मैं इस एक को हर समय उपयोग करता हूं और इसके परिणामस्वरूप लगभग किसी भी चीज़ के लिए एक शानदार शॉट होता है।
सर्कल: विषय के चारों ओर ड्रोन सर्कल एक निश्चित दूरी को दूर रखता है (विषय के साथ नहीं चलता)
हेलिक्स: विषय के चारों ओर घूमते समय ऊपर की ओर बढ़ती जा रही है।
क्षुद्रग्रह: ड्रोन पिछड़े और ऊपर की ओर उड़ जाता है। इसमें कई तस्वीरें लगती हैं, फिर अपने शुरुआती बिंदु पर उड़ती हैं। एक "छोटा ग्रह" प्रकार का शॉट बनाएं।
बुमेरांग: ड्रोन एक अंडाकार पथ में विषय के चारों ओर पीछे की ओर उड़ता है, जो बढ़ रहा है क्योंकि यह अपने शुरुआती बिंदु से उड़ता है। यह तब उतरता है जितना कि यह वापस उड़ता है।
ये अक्सर उपयोग किए जाने पर थोड़ा कुकी कटर देखना शुरू कर सकते हैं – यही कारण है कि मैं मैन्युअल उड़ान तकनीकों के साथ अपने अधिकांश फुटेज को कैप्चर करना पसंद करता हूं।
आप यहाँ चीजें हैं जो आप विचार करने की जरूरत एक रेसिंग ड्रोन खरीदने विचार कर रहे हैं।
नहीं सभी रेसिंग ड्रोन एक ही और एक वीडियो गबन में एक रेसिंग गबन के बीच मतभेद की एक तथ्य यह है कि घटकों के कई बदली जा सकती है और यह आम बात है ड्रोन रेसर्स खरोंच से अपने ड्रोन के निर्माण के लिए है बना रहे हैं।
तैयार रेसिंग ड्रोन जो कि बॉक्स के दाईं बाहर उड़ान भरने के लिए तैयार कर रहे हैं कर रहे हैं उड़ान भरने के लिए। वे सब कुछ होते हैं तो आप तुरंत रेसिंग पाने के लिए की जरूरत है।
लगभग उड़ान भरने के लिए तैयार ड्रोन विभिन्न घटकों की जरूरत है और यह निर्माता से निर्माता भिन्न होता है।
जाहिर है आप रेसिंग कर रहे हैं अगर आप अपने ड्रोन संभव के रूप में तेजी से होना चाहता हूँ! अपने ड्रोन के शीर्ष गति या नहीं, आप किसी भी जाति में प्रतिस्पर्धी होना करने में सक्षम हैं हुक्म चलाना होगा।
यह पता सबसे तेजी से जाने के लिए आप यदि आप उड़ान के लिए नए हैं जा सकते हैं कि आदर्श नहीं है। अपने ड्रोन अभी शुरुआत मोड जो अपनी गति को सीमित कर देगा है देखने के लिए जांचें।
जो नियंत्रकों अपने रेसिंग गबन के साथ संगत कर रहे हैं देखने के लिए जाँच करें। एक साधारण गूगल खोज आप जानकारी के सभी दे देंगे आप सुनिश्चित करें कि आप नियंत्रक विकल्पों में से एक सीमित रेंज के साथ एक ड्रोन नहीं खरीदते हैं बनाने की जरूरत है। अच्छी खबर यह है कि के रूप में प्रौद्योगिकी को बेहतर बनाता है और अधिक ड्रोन अधिक नियंत्रकों के साथ संगत होते जा रहे हैं है।
हम सब कुछ है कि आप इससे पहले कि आप एक ड्रोन खरीदने पता होना चाहिए।
यह लेख उद्देश्य है कि आप किसी भी खरीदारों पछतावा नहीं है सुनिश्चित करने के लिए और मैं तुम्हें गारंटी है कि आप अपने ड्रोन खरीद के लिए एक बेहतर स्थिति में होगा यदि आप एक समय में हर कदम एक के माध्यम से जाना! |
1200 किलोमीटर साइकिल से पिता को पहुंचाने वाली ज्योति कुमारी
Home/News/1200 किलोमीटर साइकिल से पिता को पहुंचाने वाली ज्योति कुमारी की संघर्ष की कहानी जल्द ही सिल्वर स्क्रीन पर दिखाई देगी, यहा होंगी फिल्म की शुटिंग.
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में अब तक पांच बार लॉकडाउन घोषित किया गया है। लॉकडाउन ने देश के विभिन्न राज्यों में फंसे कई श्रमिकों को छोड़ दिया था। उनमें से कई पैदल ही गाँव की तरफ जा रहे थे। ये मजदूर सड़क पर बड़े संकट में थे। बिहार की ज्योति कुमारी ने लॉकडाउन के दौरान साइकिल की पिछली सीट पर अपने पिता को बिठाकर हरियाणा के गुड़गांव से बिहार तक 1200 किलोमीटर की यात्रा की थी। ज्योति के इस काम के कारण वह सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आ गई।
ज्योति कुमारी का इंटरव्यू सुनकर नेटिज़न्स अभिभूत हो गये थे। लॉकडाउन के दौर में ज्योति की हिम्मत देखकर हर कोई हैरान हुआ था। विशेष रूप से, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इवांका ने भी ज्योति की खूब प्रशंसा की। इसी तरह, सायकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने लॉकडाउन के बाद ज्योति को ट्रायल के लिए दिल्ली बुलाया था। और ज्योती ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। ज्योति के संघर्ष की कहानी जल्द ही सिल्वर स्क्रीन पर दिखाई देगी। फिल्म का नाम 'आत्मानिर्भर' होगा। पीटीआई के अनुसार, ज्योति की आत्मनिर्भर फिल्म में एक छोटी भूमिका होगी। Wemakefilmz कंपनी ने ज्योति की इस सफर की कहानी के अधिकार खरीद लिए हैं। इस फिल्म की शूटिंग अगस्त महीने से शुरू होगी। ज्योति ने कहा है कि वह इस फिल्म में काम करने के लिए उत्सुक हैं। इस बीच, लॉकडाऊन के दौरान ज्योति को हरियाणा के गुड़गांव से लेकर बिहार तक के सफर में कोण कोणसे से अनुभव आए थे यह इस फिल्म में बताया जाएगा।
फिल्म की शूटिंग गुड़गांव से दरभंगा रूट पर की जाएगी। आत्मनिर्भर फिल्म के निर्देशक शाइन कृष्णा करेंगे। यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए 'ए जर्नी ऑफ ए माइग्रेंट' के रूप में रिलीज होगी। इसके अलावा यह फिल्म हिंदी, अंग्रेजी और मैथिली में उपलब्ध होगी। |
Thug smuggled six lakhs from farmer in the name of loan, returned fake DD of 1.10 crore 1249661
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ठग ने किसान से 6 लाख लेकर थमा दी 1.10 करोड़ की फर्जी डीडी
Published: Fri, 21 Jul 2017 09:05 PM (IST) | Updated: Sat, 22 Jul 2017 08:11 AM (IST)
ढाई लाख पौंड के लालच में खुद ही ठगा गया ठग, 6 लाख गंवाए
सोने की नकली चूड़ियों से डेढ़ लाख का लोन लेने की कोशिश
बैतूल में फसल खराब होने से परेशान किसान ने जहर पीकर दी जान
देशभर में फर्जी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएं करावाकर खिलाड़ियों को ठग रहे खेल संगठन
गिरोह ने हजारों लोगों को फर्जी दस्तावेज पर दिलवा दी जमानत
आशीष दीक्षित, होशंगाबाद। केनरा बैंक शाखा के नाम से 1.10 करोड़ स्र्पए का फर्जी डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) बनने का मामला शुक्रवार को सामने आया है। शातिर ठग ने चालाकी से एक पुराने कैंसिल हो चुके डीडी पर नई राशि डालकर किसान को यह थमा दिया। इसके एवज में ठग ने किसान से करीब 6 लाख रुपए एेंठ लिए।
मामला उस वक्त सामने आया जब एक गोपनीय जानकारी लीड बैंक मैनेजर आरके त्रिपाठी को लगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए लीड बैंक मैनेजर ने अपने स्तर पर मामला खंगाला। वे केनरा बैंक शाखा पहुंचे और बैंक मैनेजर से पूछताछ की।
एक करोड़ से अधिक की राशि का फर्जी डीडी बनने का मामला सामने आने का बाद केनरा बैंक प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है। बैंक की इंटरनल टीम जांच की जांच में जुटी है। बैंक प्रबंधन यह पता करने में जुटा है कि आखिर कैंसिल डीडी से फर्जी डीडी बना कैसे?
ऐसे सामने आया मामला
एलडीएम आरके त्रिपाठी के मुताबिक केनरा बैंक में फर्जी डीडी बनने की जानकारी उन्हें गोपनीय तौर पर मिली थी। मामले की खोजबीन करते हुए सबसे पहले वे उस अफजल कुरैशी से मिले, जिसके नाम से डीडी बना था। अफजल कुरैशी से पता चला कि जिस व्यक्ति ने यह डीडी दिया है उसने कभी बैंक के अंदर जाने ही नहीं दिया। केसीसी पर लोन दिलाने का आश्वासन देते हुए करीब 6 लाख स्र्पए भी ले लिए।
केनरा बैंक प्रबंधन से की मुलाकात
एक करोड़ से अधिक का फर्जी डीडी बनने का मामला सामने आने के बाद एलडीएम तुरंत केनरा बैंक प्रबंधन के अधिकारियों पास पहुंचकर डीडी के संबंध में जांच कराई। जांच में सामने आया कि अफजल कुरैशी को जो डीडी मिला है वह पूरी तरह से फर्जी और सादे कागज पर बना हुआ है। हेरफेर कर उसमें राशि और तारीख बदली गई है।
पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल
1 - पूरे मामले को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कैंसिल डीडी शातिर ठग के हाथ में लगा कैसे?
2 - कैंसिल डीडी की डिटेल जब बैंक पास थी तो फिर शातिर ठग को कैसे पता चली जिससे डीडी बना?
3 - छह लाख स्र्पए से अधिक की राशि गंवाने के बाद भी अब तक पीड़ित ने लिखित शिकायत क्यों नहीं की?
4 - एक करोड़ से अधिक की राशि का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी बैंक ने जांच में देरी क्यों की?
5- डीडी क्रमांक 965616 जिसे जारी किया गया था वह कौन है उसका नाम क्यों छुपाया जा रहा है?
नवदुनिया पड़ताल - सामने आए दो तथ्य
1 - केनरा बैंक मैनेजर पीरमेश के मुताबिक डीडी में 965616 नंबर दिया गया है। उस नंबर का डीडी 28 जून को बैंक की ओर से शहर के एक ही व्यक्ति को जारी किया था जो कि मात्र 10 हजार स्र्पए का था। जिसके बाद 3 जुलाई को उक्त डीडी कैंसिल कराने की प्रक्रिया हुई है।
2- वहीं ठग ने पीड़ित अफजल कुरैशी को जो डीडी दिया है उसका नंबर भी 965616 है, और तारीख 10 जुलाई 2017 की अंकित है, लेकिन राशि 1 करोड़ 10 लाख स्र्पए लिखी है। बैंक अधिकारी की सील लगी हुई हुई है जिस पर एसपी नंबर 56722 लिखा हुआ है। फर्जी डीडी बेहद सादे कागज पर बना दिख रहा है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ठगी के मामले:
मामला- एक- ठग ने पीएफ का पैसा खाते से निकाल लिया, अब तक कुछ पता नहीं:
छह माह पूर्व पवारखेड़ा के पूर्व कृषि अधिकारी को भी ठगों ने चकमा देकर पीएफ की राशि खाते से निकाल ली थी। ठगों ने उनका एटीएम कार्ड चलाने में मदद करने का झांसा दिया था। देहात थाने में मामला दर्ज हुआ, सुराग अब तक कुछ नहीं। मामले की जांच के सिलसिले में देहात पुलिस का अमला उप्र के कई इलाकों में जांच कर चुका है।
मामला-दो- सराफा कारोबारी को ठग लिया, अब तक सुराग नहीं:
पांच माह पूर्व सिवनीमालवा में मुंबई से आए सराफा करोबारी को चकमा देकर चौराहे पर बाइक सवार ठगों ने लूट लिया था। बातों में लगातार करोबारी को ठगों ने झांसे में लिया और उसके बाद वारदात को अंजाम दिया। सिवनीमालवा थाने में मामला भी दर्ज हुआ, लेकिन अब तक सुराग नहीं लग सका हैं। सिटी कोतवाली व देहात थाने में कई मामले दर्ज हैं।
सभी बैंकों को अलर्ट जारी किया गया है
1 करोड़ से अधिक की राशि का फर्जी डीडी बनने को लेकर बैंक प्रबंधन से जानकारी ली है। शातिर ठग ने यह तरीका अपनाया है। शहर के सभी बैंक प्रबंधकों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।
आरके त्रिपाठी, लीड बैंक मैनेजर, होशंगाबाद
डीडी फर्जी है, जो पहले ही कैंसिल हो चुका है:
जो फर्जी डीडी सामने आया है उसमें हमारी बैंक का नाम है, लेकिन वह पूरी तरह से फर्जी है। जो नंबर डीडी पर है वह पहले ही कैंसिल हो चुका है। हमने जानकारी रीजनल ऑफिस में दे दी है।
पी रमेश, मैनेजर, केनरा बैंक
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सोच्चि ओलेपिंक में भारतीयों के तिरंगे तले नहीं खेल पाने से दुखी है अमृतराज |
सोच्चि ओलेपिंक में भारतीयों के तिरंगे तले नहीं खेल पाने से दुखी है अमृतराज
By: admin | Last Updated: Monday, 10 February 2014 1:29 PM
नई दिल्ली: भारत के महान टेनिस खिलाड़ी विजय अमृतराज ने कहा कि रूस के सोच्चि में चल रहे विटंर ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के तिरंगे तले नहीं खेल पाने से वह दुखी हैं.
भारतीय ओलंपिक संघ पर लगे प्रतिबंध के कारण तीन भारतीय खिलाड़ी आईओसी के ध्वज तले खेल रहे हैं.
अमृतराज ने चार दिवसीय कांफ्रेंस 'नेक्स्ट स्टेप 2014 ' के उद्घाटन सत्र में कहा ,''यह देखकर काफी दुख हुआ कि भारतीय खिलाड़ी अपने राष्ट्रध्वज तले नहीं खेल पा रहे हैं . उम्मीद है कि समापन समारोह में वे तिरंगा लहरा सकेंगे.''
उन्होंने कहा,''मैं जब भी खेला, तिरंगे तले ही खेला. हमेशा हमारा राष्ट्रगीत बजा और उससे बढ़कर कोई गर्व की बात नहीं होती." अमृतराज ने अपने जीवन के विभिन्न आयामों का भी खुलासा करते हुए कहा कि यदि वह चेन्नई के अस्पताल में बिस्तर पर पड़े एक बच्चे से लोकप्रिय टेनिस खिलाड़ी बन सके तो सिर्फ खेल के कारण.
उन्होंने कहा कि खेल सीमाओं को तोड़ने की ताकत रखता है. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री को इस्राइली डेविस कप टीम को भारत बुलाने के लिये मनाया था जबकि उस देश से हमारा कोई राजनयिक संपर्क नहीं था. |
हम बचपन से ही खरगोश से परिचित हैं, क्योंकि बचपन में हम खरगोश से संबंधित कई कहानियां सुन चुके हैं। खरगोश एक ऐसा जीव है, जिसके सिर्फ पैरों की तली में ही पसीना आता है।
खरगोश का जीवनकाल सामान्य रूप से 8 से 10 वर्षों का होता है। यह 1 दिन में 18 बार झपकी लेता है और लगभग अपना 8 घंटा सोने में बिताता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है, कि खरगोश आंख खोल कर भी सो सकता है। इतना ही नहीं बल्कि यह अपने आप को बचाने के लिए सीधा न दौड़ कर टेढ़ा-मेढ़ा दौड़ता है।
खरगोश औसतन 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज गति से दौड़ सकता है। यह काफी फुर्तीला होता है। यूरोप महादेश में लोग खरगोश के पैर को अपने गले में पहनते हैं। |
एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशनों पर भी अब प्रस्थान समय से 20 मिनट पहले पहुंचना होगा
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक का कहना है कि इलाहाबाद और हुबली रेलवे स्टेशनोंं पर उच्च तकनीक वाली यह सुरक्षा व्यवस्था लागू भी कर दी गई है
रेलवे एयरपोर्ट की ही तरह स्टेशनों पर भी ट्रेनों के तय प्रस्थान समय से कुछ समय पहले प्रवेश की अनुमति बंद करने की योजना बना रहा है. अगर यह योजना अमल में आई तो यात्रियों को सुरक्षा जांच की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 15 से 20 मिनट पहले रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा.
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने पीटीआई को बताया, 'उच्च तकनीक वाली इस सुरक्षा योजना को इस महीने शुरू हो रहे कुंभ मेला के मद्देनजर इलाहाबाद में और कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन पर पहले से ही शुरू कर दिया गया है. साथ ही 202 रेलवे स्टेशनों पर योजना को लागू करने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है.' उन्होंने बताया, 'योजना रेलवे स्टेशनों को सील करने की है. यह मुख्यत: प्रवेश बिंदुओं की पहचान करने और उनमें कितनों को बंद रखा जा सकता है यह निर्धारित करने के संबंध में है. कुछ इलाके हैं, जिन्हें स्थायी दीवारें बनाकर बंद कर दिया जाएगा, अन्य पर आरपीएफ कर्मियों की तैनाती होगी और उसके बाद बचे बिंदुओं पर बंद हो सकने वाले गेट होंगे.'
कुमार ने कहा, 'प्रत्येक प्रवेश बिंदु पर आकस्मिक सुरक्षा जांच होगी. हवाई्अड्डों के उलट यात्रियों को घंटों पहले आने की जरूरत नहीं होगी बल्कि प्रस्थान समय से केवल 15-20 मिनट पहले आना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुरक्षा प्रक्रिया के चलते देरी न हो.' हालांकि इसके लिए सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने की भी जरूरत होगी,लेकिन रेलवे सुरक्षा के महानिदेशक का कहना है कि सुरक्षा बढ़ाई जाएगी,सुरक्षाकर्मियों की संख्या नहीं. |
भीयेश सैनी रिलीज़ की तारीख - जुलाई 6, 2019
(3) एक सजा से अपील विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रणनीतियाँ में तकनीकी संकेतकों के लिए केवल जमीन की सजा के कथित गंभीरता कहां है, अपीलार्थी न्यायालय की छुट्टी के साथ छोड़कर आग्रह नहीं करेगा या किसी भी अन्य जमीन के समर्थन में सुना जा। गर्मी संचयकर्ता के स्थान के लिए आदर्श स्थान - सीधे बॉयलर के पास। द्वारा एक साथ 10 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर रूसी विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया था|।
ASSEMBLY UNIT - उत्पाद, जिनमें से घटकों को निर्माता द्वारा विधानसभा संचालन (पेंचिंग, जॉइनिंग, सोल्डरिंग, crimping, आदि) के माध्यम से जोड़ा जाना है, (GOST 2.101-68)। समानता के नाम से चिपके हुए, कई यूआरआई होने के कारण लोगों के लिए प्रचलित नाम हैं। यह पूरी तरह से स्वीकार्य है और अक्सर काफी आसान होता है, हालांकि अगर मैं उपनाम का उपयोग कर रहा हूं, तो भी मैं शायद उस व्यक्ति को संदर्भित करने के लिए अपना पूरा नाम - "आधिकारिक" तरीका जानना चाहता हूं। इस तरह जब कोई व्यक्ति अपने पूर्ण नाम, "निकोलस टेल्सा" से किसी का उल्लेख करता है, मुझे पता है कि वे उसी व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हैं जिसे मैं "निक" के रूप में संदर्भित करता हूं।
विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रणनीतियाँ में तकनीकी संकेतकों - ट्रेडिंग प्लेटफार्म ओलंपिक व्यापार
भविष्य में ट्रेडिंग का सार। हम व्यापारी के सभी लेन-देन को अवधि के लिए लेते हैं और विचार करते हैं: लाभदायक लेनदेन की संख्या, हानि-भुगतान लेनदेन की संख्या, औसत लाभदायक लेनदेन, व्यापारी का औसत हानि-लेन-देन। दोनों तरफ़ के सीमा गश्ती दल में अक्सर टकराव हो जाता है, और हाथापाई की स्थिति बन जाती है. लेकिन चार दशकों में एक भी गोली नहीं चली।
लेकिन इस मामले में भी जेंडर के आधार पर फर्क देखा गया है. रिपब्लिकन पार्टी की 68 फ़ीसद महिला समर्थकों ने घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने का समर्थन किया है जबकि सिर्फ 49 फ़ीसद पुरुषों ने इस पर हामी भरी है। तराजू के प्रकार से (सह-माप) अनुक्रमित के साथ आते हैं स्थिर और परिवर्तनशील तराजू। Nuvemshop में इन्वेंट्री प्रबंधन, बिक्री स्वचालन और विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रणनीतियाँ में तकनीकी संकेतकों यहां तक कि एकीकरण के लिए उपकरण हैं सोशल मीडिया भी Instagram, फेसबुक और WhatsApp पर बेचने के लिए। यह वेबसाइटों के लिए कुछ आवश्यक उपकरणों के साथ इसके एकीकरण का भी उल्लेख करने योग्य है, जैसे कि डेमेल मार्केटिंग या वास्तविक समय की सेवा के लिए ऑनलाइन चैट।
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विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रणनीतियाँ में तकनीकी संकेतकों - चार्ट पर डबल शीर्ष और डबल नीचे पैटर्न कैसे खोजें
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पर इस पैसे से लोग लाखो कैसे कमा रहे है! आप इस currency से लाखो कमा सकते है! मै आपको पूरा गाइड कर रहा हु! स्केलिंग: लघु त्वरित लाभ ऊपर जोड़ सकते हैं) अन्य व्यापारियों को विवेचना की आवश्यकता होती है वे निर्णय धीरे-धीरे और केवल सावधानीपूर्वक विचार के बाद करते हैं। वे सूचना को विचलित करते हैं और फिर इसे एक तार्किक व्यापार निर्णय में पुन: निर्माण करने का प्रयास करते हैं। यह लोग एक संदिग्ध - या इस मामले में - व्यापारिक निर्णय को निर्धारित करने के लिए जानकारी एकत्र करने वाले जासूसों के समान हैं वे दीर्घकालिक निवेश या स्विंग ट्रेडिंग की ओर बढ़ रहे हैं, जहां निर्णय धीरे-धीरे और व्यवस्थित रूप से किया जा सकता है।
विनियमन।: ब्रोकर को सायप्रस के वित्तीय नियंत्रक CySec (लाइसेंस संख्या 199/13) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसके अलावा, कंपनी को अन्य ईयू देशों में भी नियंत्रित किया जाता है, जो ब्रोकर की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करता विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रणनीतियाँ में तकनीकी संकेतकों है। Binance क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग के लिए दो प्रसाद हैं, ये बेसिक और एडवांस हैं। दुर्भाग्य से, उनमें से कोई भी पहली बार क्रिप्टोक्यूरेंसी व्यापारी के अनुरूप नहीं बनाया गया था। आप अपट्रेंड के विकास की प्रतीक्षा कर रहे हैं। फिर, आप मूल्य पट्टी के माध्यम से एसएमए की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एओ हिस्टोग्राम को देखें। यदि यह एक हरे रंग की पट्टी दिखा रहा है, तो आपको अपने व्यापार के लिए पुष्टि मिल गई है। एक लंबी स्थिति खोलें जो 5 मिनट तक रहता है।
"Copywriting" - आदेश «पाठ / लेख, समीक्षा», «पाठ / प्रूफरीडिंग, त्रुटियों के सुधार के प्रकार"। फिल्मों से समाचार रिपोर्टों को - एक अद्वितीय लेखक का ग्रंथों (copywriting), पाठ (पुनर्लेखन), अनुवाद और विभिन्न विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रणनीतियाँ में तकनीकी संकेतकों ग्रंथों की एक अद्वितीय retelling द्वारा भुगतान किया। यह इंटरनेट पर और Advego पर सबसे ज्यादा जिम्मेदार और महंगा काम है। पर्याप्त साक्षरता और उचित कार्यान्वयन के लिए कौशल की आवश्यकता होती है, शुरुआती पुनर्लेखन या टंकण काम करने की कोशिश के लिए आदेश बनाकर शुरुआत करें। proofreading ग्रंथों और उन में त्रुटियों को सही - philologists और संपादकों प्रूफरीडिंग के लिए दिलचस्प आदेश हो जाएगा। आज, दसियों हज़ार लोग बिना किसी निवेश के व्यावसायिक विचारों के लिए इंटरनेट पर खोज कर रहे हैं। लेकिन अगर आप भंग नहीं करते हैं, तो निवेश के बिना व्यवसाय शुरू करना असंभव है। लेकिन हमने दस दिलचस्प व्यापारिक विचारों का चयन करने की कोशिश की, जिनके लिए हमारे अधिकांश साथी नागरिकों (यहां तक \u200b\u200bकि छात्रों और शराबियों) को बहुत कम पैसे की आवश्यकता होती है। सीमा पर ले जाया गया. एक हजार रूबल! सच है, इन उपक्रमों में से कई की श्रम लागत में काफी लोगों की आवश्यकता होगी। खैर, उत्पादन के कुछ साधनों की उपस्थिति। नीचे दिए गए दो परिदृश्यों को देखें और प्रत्येक परिदृश्य पूछे जाने वाले प्रश्न का उत्तर दें। |
त्रिवेंद्र रावत को केदारनाथ दर्शन से रोकना ठीक नही-हरदा - Sach Ki Top (सच की तोप)
त्रिवेंद्र रावत को केदारनाथ दर्शन से रोकना ठीक नही-हरदा
राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सियासी गलियारों से खबरें सामने आती जा रही है इसी क्रम में एक बड़ी खबर हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर सियासी गलियारों से सामने आ रही है बता दें कि पूर्व सीएम का बीते दिनों केदारनाथ में विरोध किया गया था जिसके बाद हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत को केदारनाथ दर्शन से रोकना ठीक नही है। उन्हें ऐसा नहीं होना चाहिए। बाबा केदार सभी को क्षमा करते हैं। साथ ही कहा कि भाजपा सरकार अहंकार के कारण देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं कर रही है।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर यह कार्य किया जाएगा।बीते दिन मीडिया से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ गुस्सा स्वाभाविक है। पीएम मोदी के दौरे से पहले बोर्ड को भंग किया जाना चाहिए। सरकार के इस कदम के विरोध में जनता सबक सिखाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने कांग्रेस में सेंधमारी की तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा। 2016 में भाजपा ने सेंधमारी की स्क्रिप्ट लिखी थी। अब विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ऐसी किसी भी कोशिश पर पलटवार करेगी। भाजपा में भगदड़ की नौबत है। |
उष्मा अहलूवालिया रिलीज़ की तारीख - अप्रैल 16, 2020
यह आमतौर पर निम्न स्तर की प्रोग्रामिंग भाषाओं की तुलना में अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल है। प्रत्येक अंतरिक्ष यान में गोला बारूद और ईंधन सीमित है। कार्यक्रम अनुकूल था, इसका उद्देश्य केवल साबित होता है कि यह संभव है था। पहले आभासी, पूरी तरह से ऑनलाइन बैंक खोलता है। एडुआर्डोब्राजील एसोसिएशन द्वारा प्रमाणित वित्तीय संस्थाओं और पूंजी बाजार विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान के निवेशकों को सीधे निवेश उत्पादों को वितरित करने का अनुभव है। आपने निजी सेवानिवृत्ति योजना पर एक जोर के साथ वित्तीय नियोजन के सभी पहलुओं के माध्यम से अपने ग्राहकों का मार्गदर्शन में अपने कैरियर को समर्पित किया है। इसके जवाब में भारत ने हाल के दिनों में इस क्षेत्र में सामने आए घटनाक्रम पर स्थिति स्पष्ट कर दी है. भारत ने 20 जून को प्रासंगिक तथ्यों के साथ स्पष्ट रूप से कहा था कि चीनी कार्रवाई के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ा है और 15 जून की हिंसक झड़प भी इसका परिणाम थी, जिसमें सैनिक शहीद हो गए. Also Read - नेपाल ने भारतीय नागरिकों के लिए प्रवेश स्थल 20 से घटाकर किए आधे, उड़ानों पर रोक भी बढ़ाई।
दूसरी ओर, सीएफडी ट्रेडिंग आपको लॉन्ग और शार्ट दोनों में व्यापार करने की अनुमति देता है, जिसका अर्थ है कि आप बढ़ते और गिरते बाजार दोनों में लाभ उठा सकते हैं। मुझे यह स्वीकार करना होगा कि ट्रेडिंग बॉट्स में न केवल फायदे हैं, बल्कि कमियां भी हैं। पहले मैं नाम देना चाहता हूं कई प्लसस।
1976 में एक फिल्म आयी थी जिसका नाम ओमेन (Omen) था। इसकी कहानी कुछ इस प्रकार की है कि एक अमेरिकन राजनयिक (Diplomat) के पुत्र विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान की म़ृत्यु हो जाती है और उसकी जगह एक दूसरा बच्चा रख दिया जाता है। इस बच्चे का नाम डेमियन (Damien) है। यह बच्चा वास्तव में एक शैतान का बच्चा है और आगे चलकर इसके एन्टीक्राइस्ट (Antichrist) बनने की बात है। यह बात बाइबिल की एक भविष्यवाणी में है। कुछ लोगों को पता चल जाता है कि यह शैतान का बच्चा है और उसे मारने का प्रयत्न किया जाता है पर पुलिस जिसे नहीं मालुम कि वह शैतान का बच्चा है, उसे बचा लेती है। यह फिल्म यहीं पर समाप्त हो जाती है। Olymp Trade बहुमत के लिए नहीं है। उपयुक्त लोग हैं लेकिन ऐसे लोग भी हैं जो सिर्फ "जुड़ते हैं और खोते हैं"। इसलिए अपना सारा पैसा कभी भी Olymp Trade या किसी विकल्प ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर न लायें।
राजनेताओं के इसी रवैये को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एदनहोम गेब्रेयासिस को कहना पड़ा है कि "हमारे लिए ज़्यादा बड़ी चुनौती कोरोना वायरस नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व और वैश्विक समन्वय का ना होना है."।
इसलिए, हम एक ऐसा विकल्प खरीदते हैं जो 10 डॉलर का खर्च करता है। लेकिन कुछ समय बाद बाजार की स्थिति अलग हो गई, और कीमत फिर से बदल गई। यहां मानक समाधान 10 डॉलर की लागत के साथ एक नया कॉल विकल्प के शीर्ष पर खरीदना है। लेकिन बीडब्ल्यू के मामले में, यह विकल्प काम नहीं करता है। अगर हम दोनों अनुबंधों पर असफल हो जाते विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान हैं, तो हमें दोहरा नुकसान भुगतना पड़ता है। लागत में कमी के बजाय, वे केवल वृद्धि करते हैं। सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया (अंग्रेजी: Central Bank of India) भारत में सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख बैंक है जिसकी स्थापना स्वदेशी आन्दोलन से प्रभावित होकर एक पारसी बैंकर सर सोराबजी पोचखानवाला द्वारा 1911 में की गयी थी। इसे पहला भारतीय वाणिज्यिक बैंक होने का गौरव भी प्राप्त है जिसका पूर्ण स्वामित्व और प्रबन्धन स्थापना के समय भारतीयों के हाथ में था। दोनों परियोजनाओं को अभी भी मौजूद हैं और जारी रखने के लिए निवेश आकर्षित करने के लिए है । हालांकि, निवेशकों को कर रहे हैं में रुचि cryptocurrency नहीं है, जो कारोबार पर आदान-प्रदान । टोकन बदला नहीं जा सकता के लिए अन्य सिक्के या फिएट पैसे. धोखाधड़ी के सबसे बड़े के इतिहास में ICO।
हैक करने के बाद ट्विटर ने कहा था कि हैकर्स ने कुछ ऐसे कर्मचारियों को निशाना बनाया है जिनके पास ट्विटर के इंटर्नल सिस्टम और टूल्स की ऐक्सेस था। इस अप्रैल फूल, विशेष में, आप सीखेंगे की एक साधारण छड़ी की आकृति से एक बुनियादी मानव सिल्हूट कैसे ड्रा करें।
1989 में उन्होंने एला फिट्जगेराल्ड के साथ एक युगल रिकॉर्ड किया Birland की दिशा में जोन्स, हालांकि तंबाकू के लिए उनकी लत ने पहले ही उनके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाया था और अप्रैल 1990 में 66 वर्ष की आयु में फेफड़ों के कैंसर से उनकी मृत्यु विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान हो गई।
ग्रेविटी सूचक का केंद्र - विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान
जैसा कि आप देख सकते हैं, इस सूची में सभी व्यवहार असुविधाजनक या असुरक्षित भावनाओं का सामना करने की इच्छा से प्रेरित हैं। वे सब जो आप वास्तव में महसूस कर रहे हैं या चाह रहे हैं - अपने आप से और दूसरों से। तथ्य यह है कि हम अक्सर ऐसे नियंत्रण पैटर्न का उपयोग करते हैं, यह इंगित करता है कि कितनी बार हम हमारी आवश्यकताओं, इच्छाओं और गहरी भावनाओं को प्रकट करने के लिए पर्याप्त सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। ये पैटर्न बचपन में उभरा, जब हमने सीखा कि स्वयं को अभिव्यक्त करने के लिए काम नहीं किया गया था या सिर्फ हमें और भी अकेला महसूस करने के लिए छोड़ दिया।
मशीनें विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान और तंत्र लंबे समय से हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं। हम कपड़े धोने की मशीन में लिनन डालने में संकोच नहीं करते हैं, सूप के लिए सामग्री - मल्टीवार्क में, ऑडियो प्लेयर को सुनें, स्काइप पर रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बात करें, हम सोशल नेटवर्क्स में मेल खाते हैं। यह खाता मुख्य रूप से समाज के गरीब वर्गों को प्रोत्साहित करने के लिए हैबचत शुरू करें बिना किसी शुल्क या शुल्क के। छोटा खाता 18 वर्ष से ऊपर के किसी भी व्यक्ति के लिए पात्र है, और जिसके पास वैध केवाईसी दस्तावेज नहीं हैं। हालांकि, केवाईसी में छूट के कारण खाते के संचालन में कई प्रतिबंध हैं। केवाईसी दस्तावेज जमा करने पर इस खाते को एक नियमित बचत खाते में परिवर्तित किया जा सकता है। छोटे कुत्तों के लिए सूखा और गीला भोजन सुपर प्रीमियम और आहार होना चाहिए। माल्टीज़ के लिए कंपनियों के उत्पादों को फिट कर सकते हैं।
उस तालिका का चयन करें जिसके लिए आप एक फॉर्म बनाना चाहते हैं। प्रपत्र ग्राफ़िकल इंटरफेस हैं जो डेटा की तेज़ प्रविष्टि या एर्गोनोमिक डिस्प्ले, टेबल पर नई लाइनों को जोड़ने और एक रिकॉर्ड से दूसरे में त्वरित नेविगेशन की अनुमति देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। फॉर्म, जब तक वे अच्छी विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान तरह से डिज़ाइन किए जाते हैं, लंबे डेटा सेट में प्रवेश करते समय बहुत उपयोगी होते हैं, और अधिकांश उपयोगकर्ता उन्हें टेबल पर सीधे काम करने की तुलना में उपयोग करना बहुत आसान लगता है। आप पहले से ही महसूस कर सकते हैं कि तकनीक कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है और इससे चिंतित हो सकता है कि यह आपके भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा। चिंता के बजाय, इस पुस्तक को सीरियल, टेक्नोलॉजी स्पीकर और भविष्यवादी निकलस बर्गमैन से उठाएं। यथार्थमा, मलखादमा पुन:अनुदान दिनुअघि नै, मूल्यले रासायनिक मलको आयात र उपभोगमा असर परिसकेको थियो। सिमा क्षेत्रमा आयातित रासायनिक मलखाद अनुदान पाएका भारतीय मल भन्दा तीन गुणा महँगो भयो। अहिले कृषि सामग्री संस्थान लिमिटेडलगायत आधा दर्जन निजी कम्पनीहरुले रासायनिक मलको आयात गर्छन्। उनीहरुले उक्त महँगो मल ल्याएर बेच्न सक्दैनन्। तराईका सिमा क्षेत्र र त्यससँग जोडिएका पहाडी जिल्लाका किसानहरुले समेत त्यही गैरकानूनी हिसाबले आयात गरिएको भारतीय सस्तो मल प्रयोग गर्दछन्। जबकी धेरैजसो किसानहरु बाली लगाउने मुख्य समयमा मलको लागि राज्यको मुख ताकिरहेका हुन्छन्। (सरकारले अहिले पुनःअनुदान दिनुको एक कारण यो पनि हो।) |
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बोली: हिंदी (hi), अंग्रेज़ी
प्रकाशन सॉफ्टवेयर: Comodo Group
गैजेट्स: कंप्यूटर PC, Ultrabook, लैपटॉप (Acer,Lenovo, Samsung, MSI, Toshiba, ASUS, DELL, HP)
ऑपरेटिंग सिस्टम: Windows 10 Pro / Enterprise / Education / Home Edition / version 1507, 1511, 1607, 1703, 1709, 1803, 1809, 1903 (32/64 बिट), x86 |
भारत में हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परियोजना के लिए 6.17 करोड़ अमरीकी डॉलर की अतिरिक्त वित्तीय सहायता – राज्य के अधिकतर ज़िले लाभान्वित होंगे
अभी तक पहली परियोजना के अंतर्गत 1,200 किमी. सड़कों का सुधार और रखरखाव हो चुका है। कम से कम 220 किमी. सड़कों को अपग्रेड किया गया है और यात्रा में लगने वाले समय में 25 प्रतिशत से अधिक की कमी हुई है।
वाशिंगटन, 25 अक्टूबर, 2012: आज विश्व बैंक ने भारत के प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में सड़कों के नेटवर्क को सुदृढ़ करने में राज्य सरकार की सहायता करने के लिए मौजूदा हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परियोजना के लिए 6.17 करोड़ अमरीकी डॉलर की अतिरिक्त धनराशि को स्वीकृति प्रदान की।
5 अक्टूबर, 2007 से प्रभावी 22 करोड़ अमरीकी डॉलर की लागत वाली मूल हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परियोजना का उद्देश्य परिवहन पर आने वाली लागत को कम करना तथा हिमाचल प्रदेश के सड़कों के मुख्य नेटवर्क के प्राथमिकता-प्राप्त भागों पर यातायात के प्रवाह में सुधार करना था। परियोजना के तहत लगभग 447 किमी. मौजूदा राजमार्गों को चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के जरिए दो गलियारों वाला (टू-लेन) भी बनाया जा रहा है, लगभग 2000 किमी. कोर रोड नेटवर्क के समय-समय पर रखरखाव की व्यवस्था की जा रही है और सड़कों के नेटवर्क के रखरखाव में मदद करने वाली संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।
आज स्वीकृत 6.17 करोड़ अमरीकी डॉलर की अतिरिक्त धनराशि से हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परियोजना को अपना मूल उद्देश्य पूरा करने में मदद मिलेगी। परियोजना को लागत में बढ़ोतरी का सामना भी करना पड़ रहा है। इस अतिरिक्त धनराशि से राज्य को सड़कों के उन्नतिकरण (अपग्रेडिंग), वनरोपण, भूमि अधिग्रहण तथा पुनर्वास और पुनःस्थापन संबंधी कार्यों पर आने वाली लागत का सामना करने में भी मदद मिलेगी।
अभी तक परियोजना से 1,200 किमी. सड़कों का सुधार और रखरखाव हो चुका है। राज्य के 447 किमी. राजमार्गों में कम से कम 220 किमी. मार्गों को दो गलियारों वाले मार्गों में उन्नत किया गया है। इन सुधरे हुए मार्गों पर यात्रा करने में लगने वाले समय में 25 प्रतिशत से अधिक की कमी हुई है। परियोजना द्वारा हाल ही में कराए गए उपभोक्ता संतुष्टि सर्वेक्षण के अनुसार आज सड़कों का उपयोग करने वालों की संतुष्टि का स्तर 5 के मापदंड (स्केल) पर 3.9 है, जबकि परियोजना शुरू होते समय यह 1.5 था।
लेकिन, राज्य में सड़कों के लगभग 32,247 किमी. के संपूर्ण नेटवर्क में 1,458 किमी. राष्ट्रीय राजमार्ग, 720 किमी. सीमावर्ती सड़कें, 1,626 किमी. राज्य के राजमार्ग और 1,969 किमी. ज़िले की प्रमुख सड़कें शामिल हैं, जो राज्य की सामाजिक और आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं हैं। आधे से अधिक सड़कें पक्की नहीं हैं, राजमार्ग-नेटवर्क का 90 प्रतिशत एक गलियारे वाला (सिंगिल लेन) है और 50 प्रतिशत से कम गांव ही सड़कों से जुड़े हैं।
आज स्वीकृत अतिरिक्त वित्तीय सहायता में दो नए कंपोनेंट शामिल किए गए हैं – सड़क सुरक्षा व्यवस्था और परियोजना-प्रबंधन प्रणाली। यह मानते हुए कि सड़क-सुरक्षा आज देश में एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है अतिरिक्त धनराशि से विशेष रूप से रोड एक्सिडेंट डैटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (आरएडीएमएस) का विकास करने और इसे मूर्तरूप देने में मदद मिलेगी, जो तमिल नाडु में विकसित ऐसी ही प्रणाली पर आधारित है। इससे राज्य की सभी सड़कों पर सड़क सुरक्षा-संबंधी महत्वपूर्ण कदमों की सिलसिलेवार ढंग से पहचान करने, इनका विश्लेषण और विकास तथा इनकी प्राथमिकता निर्धारित करने की राज्य की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे सड़कों का उपयोग करने वाले सभी व्यक्तियों को लाभ होगा। बनाई गई सड़कों का समुचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए परियोजना लगभग 300 किमी. सड़कों पर प्रायोगिक आधार पर कार्य-प्रदर्शन पर आधारित रखरखाव अनुबंध व्यवस्था (पर्फ़ामेंस-बेस्ड मैन्टेनेंस कंट्रैक्ट्स - पीबीएमसी) लागू करेगी। इससे राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग की प्रबंधन क्षमताओं का संवर्धन होने की आशा है।
विश्व बैंक के भारत-स्थित कंट्री डाइरेक्टर ओन्नो रूह्ल ने कहा है, "प्रभावशाली आर्थिक प्रगति करने के बाद हिमाचल प्रदेश को चहुंमुखी विकास करने के लिए अपनी सड़कों के ढांचे में सुधार करना चाहिए। सड़क-सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ-साथ इससे निवेश भी बढ़ सकता है, रोजग़ार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं और कृषि को बढ़ावा मिल सकता है तथा साथ ही नागरिकों की बाज़ार, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा तक पहुंच में सुधार हो सकता है।"
इस परियोजना के अंतर्गत कार्यान्वित की जाने वाली ई-बेस्ड परियोजना प्रबंधन प्रणाली से परियोजना-संबंधी जानकारी के कुशलतापूर्वक आदान-प्रदान, कार्य-प्रक्रियाओं पर नज़र रखने और अनुबंध के के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने में भी मदद मिलेगी।
विश्व बैंक के वरिष्ठ परिवहन विशेषज्ञ और परियोजना के टॉस्क लीडर प्रताप त्वग्श्शर्क ने कहा है, "इस परियोजना का दृष्टिकोण और इसकी कार्यनीति मौजूदा परियोजना की तरह ही होगी। अतिरिक्त धनराशि से न केवल समस्त सिविल वर्क पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि रखरखाव-संबंधी कार्य का प्रबंधन करने के साथ-साथ सड़क-सुरक्षा संबंधी कदमों की प्राथमिकता निर्धारित करने की राज्य की क्षमता भी बढ़ेगी। हम गत वर्षों में भारत में कार्यान्वित विश्व बैंक की अन्य दूसरी सड़क परियोजनाओं से भी शिक्षा लेंगे।"
इंटरनेशनल बैंक फ़ॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) द्वारा सुलभ कराए जाने वाले इस ऋण का भुगतान 18 वर्ष में करना होगा, जो पांच वर्ष बाद शुरू होगा। |
राशिफल : घर से निकलने से पहले देखें… ऐसा रहेगा आपका दिन.. – हिंदी समाचार, Breaking News in Hindi, Latest News in Hindi- HS NEWS
राशिफल : घर से निकलने से पहले देखें… ऐसा रहेगा आपका दिन..
🕉 27 जून आज का राशि फल 🕉
🐏 मेष (Aries) : मित्रों के साथ श्रेष्ठ समय बिताएंगे. प्रियजन से भेंट हर्षोत्साह बढ़ाएगी. नवाचार पर जोर बना रह सकता है. आर्थिक पक्ष बेहतर रहेगा. दिन उत्तम.
🐂 वृषभ (Tauras) : जिम्मेदारियों के निर्वहन में आगे बने रहेंगे. अपनों के लिए समय निकालें. घर परिवार से नजदीकी बढ़ेगी. संसाधन पर्याप्त बने रहेंगे. दिन शुभ.
👭 मिथुन (Gemini) : संबंधों को ऊर्जावान बनाए रखेंगे. बंधुत्व की भावना को बल मिलेगा. मेलजोल में आगे रहेंगे. भाग्य का सहयोग मिलेगा. दिन श्रेष्ठ फलकारक.
🦀 कर्क (Cancer) : अपनों के साथ उल्लेखनीय पल बिताएंगे. घर परिवार में हर्षोत्साह का वातावरण रहेगा. रहन सहन संवार पर रहेगा. सेहत का ख्याल रखें. दिन शुभ.
🦁 सिंह (Leo) : चहुंओर शुभता का संचार उत्साह बढ़ाएगा. मित्रों के साथ श्रेष्ठ समय बिताएंगे. महत्वपूर्ण बैठकों में प्रमुखता से शामिल होंगे. दिन उत्तम फलकारक.
👧 कन्या (Virgo) : रिश्तों को निभाने में आगे बने रहेंगे. शत्रु और मित्र को पहचानना सीखें. खर्च पर अंकुश कठिन होगा. निजी जीवन में शुभता का संचार रहेगा.
⚖ तुला (Libra) : बहुमुखी प्रतिभा के प्रदर्शन में आगे बने रहेंगे. अवसरों को भुनाने में सफल होंगे. आर्थिक पक्ष बेहतर रहेगा. प्रियजन से भेंट होगी. दिन उत्तम.
🦂 वृश्चिक (Scorpio) : अच्छे होस्ट बने रह सकते हैं. घर-बाहर में मान-प्रतिष्ठा बनी रहेगी. सभी का सहयोग मिलेगा. बड़ों का सानिध्य सुख बढ़ाएगा. दिन श्रेष्ठ फलकारक.
🏹 धनु (Sagittarius) : भेंटवार्ताओं में बेहतर बने रहेंगे. साहस पराक्रम बढ़ा हुआ रहेगा. बंधुजनों का सहयोग मिलेगा. सक्रियता बनाए रखें. दिन भाग्य की प्रबलता बनाए रखने वाला.
🐊 मकर (Capricorn) : महत्वपूर्ण मामलों में समझदारी पूर्ण देरी की नीति की अपनाएं. तीखे बोलों से बचें. सेहत असहज बनी रह सकती है. दिन सामान्य फलकारक.
⚱ कुंभ (Aquarius) : प्रभावशीलता बनी रहेगी. निजी जीवन में शुभता का संचार रहेगा. दाम्पत्य में सामंजस्य बढ़ेगा. मित्र विश्वसनीय रहेंगे. तेजी बनाए रखें. दिन श्रेष्ठ.
🐟 मीन (Pisces) : अति उत्साह में बजट से अधिक खर्च करने से बचें. रिश्तों में मधुरता घुली रहेगी. सुनी सुनाई बातों पर भरोसा न करें. दिन सामान्य से शुभ फलकारक.
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Sarkari Naukri 2020: DHFWS Purulia Recruitment 2020: इस राज्य के स्वास्थ्य विभाग में इन पदों पर निकली वैकेंसी, वॉक-इन-इंटरव्यू के जरिए होगा सेलेक्शन - Sarkari naukri dhfws purulia recruitment vacancy announced for lab technician posts in west bengal health department selection will be based on walk in interview - Latest News & Updates in Hindi at India.com Hindi
Sarkari Naukri 2020: इस राज्य के स्वास्थ्य विभाग में इन पदों पर निकली वैकेंसी, वॉक-इन-इंटरव्यू के जरिए होगा सेलेक्शन
इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार 15 मई 2020 को वॉक-इन-इंटरव्यू के लिए उपस्थित हो सकते हैं.
Updated: May 14, 2020 2:18 PM IST
DHFWS Purulia Recruitment 2020: पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए 12 लैब तकनीशियन पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार 15 मई 2020 को वॉक-इन-इंटरव्यू के लिए उपस्थित हो सकते हैं. Also Read - Sarkari Naukri 2020: BECIL Recruitment 2020: BECIL में मल्टी-टास्किंग स्टाफ के पदों पर निकली बंपर वैकेंसी, जल्द करें आवेदन
लैब तकनीशियन पदों के लिए DHFWS Purulia Recruitment 2020 के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इन पदों से संबंधित नोटिफिकेशन को देख सकते हैं. इसके अलावा इस लिंक पर क्लिक करके नोटिफिकेशन देख सकते हैं. Also Read - Sarkari Naukri 2020: Northern Railway Recruitment 2020: नॉदर्न रेलवे में इन पदों पर निकली वैंकेसी, दो लाख प्रतिमाह मिलेगी सैलरी, बस होनी चाहिए ये क्वालिफिकेशन
DHFWS Purulia Recruitment 2020 के लिए रिक्ति विवरण
लैब तकनीशियन -12 Also Read - Sarkari Naukri 2020: BPSC 65th Mains, असिस्टेंट इंजीनियर, मोटर वाहन निरीक्षक के लिए आवेदन करने की बढ़ी डेट, जल्द करें आवेदन
DHFWS Purulia Recruitment 2020 के लिए शैक्षणिक योग्यता
उम्मीदवार को भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान के साथ 12वीं की परीक्षा पास होना चाहिए और किसी भी विश्वविद्यालय / संस्थान से मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (डीएमएलटी) / डिप्लोमा इन लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (डीएलटी) में डिप्लोमा या डिग्री होनी चाहिए. इसके अलावा उम्मीदवार को कंप्यूटर का भी ज्ञान होना चाहिए.
ऐसे करें DHFWS Purulia Recruitment 2020 का फॉर्म डाउनलोड
पश्चिम बंगाल सरकार, स्वास्थ्य और परिवार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.wbhealth.gov.in पर जाएँ.
वेबसाइट के होम पेज पर उपलब्ध व्हाट्स न्यू सेक्शन पर जाएँ.
होम पेज पर प्रदर्शित "लैब टेक्नीशियन के पद के लिए साक्षात्कार में चलो" लिंक पर क्लिक करें.
आपकी स्क्रीन पर एक नई विंडो खुलेगी जहां आपको जरूरी नोटिफिकेशन का पीडीएफ मिलेगा.
उसी का पीडीएफ डाउनलोड करें और भविष्य के लिए एक प्रिंटआउट लें.
DHFWS Purulia Recruitment 2020Govt jobsGovt Jobs 2020Latest Govt JobsSarkari NaukriWest Bengal Health Department
Published Date: May 14, 2020 1:26 PM IST
Updated Date: May 14, 2020 2:18 PM IST
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26 January Republic Day 2020 निबंध-भाषण-कविता गणतंत्र दिवस - NewsMeto
26 January Republic Day 2020 निबंध-भाषण-कविता गणतंत्र दिवस
26 January जिसे इंग्लिश में Republic Day कहा जाता हैं औऱ हिंदी भाषा मे गणतंत्र दिवस(Gantantra Diwas) के नाम से जानना जाता हैं यह भारतवर्ष का महत्वपूर्ण दिन हैं इसलिए 26 January यानी गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा प्राप्त हैं।
गणतंत्र दिवस को पूरे भारतवर्ष में बढ़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है क्योंकि यह दिन किसी एक धर्म का पर्व नही हैं अपितु यह भारत का राष्ट्रीय पर्व हैं जो भारत मे सभी धर्मों को जोड़कर रखता हैं औऱ देश के प्रति देशभक्ति की भावना को बढ़ाता हैं।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरकारी संस्थानों में झण्डा लहराया जाता हैं और साथ ही राष्ट्रगान जन-गन-मन का गीत गाया जाता है वहीं स्कूल औऱ कॉलेज में Republic Day पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता हैं जिसमें 26 January Speech, 26 January Bhashan, 26 January Nibandh, Republic Day Speech, देशाक्ति गीत, चित्रकला एवं अन्य प्रतियोगिताओं के साथ ही देश के वीर सपूतों को याद किया जाता है।
Republic Day यानी गणतंत्र दिवस पर गाँव से लेकर शहर तक, स्कूल से लेकर कॉलेज तक, बच्चों से लेकर बूड़ो तक सभी 26 January पर तरह-तरह के तरीकों द्वारा इस दिन को मनाया किया जाता है।
भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस 1950 में मनाया था औऱ 26 January 2020 को भारतवर्ष अपना 71वाँ गणतंत्र दिवस मनायेगा। हर साल Republic Day को भारत की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर मनाया जाता है और राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
आज हम आपको गणतंत्र दिवस का इतिहास, गणतंत्र दिवस कब, कैसे, और क्यो मनाया जाता हैं और साथ ही गणतंत्र दिवस पर निबंध और भाषण प्रदान करने वाले हैं जिनका इस्तेमाल आप अपने स्कूलों में कर सकते है।
1 गणतंत्र दिवस क्या है -Republic Day Hindi
2 गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाया जाता है
3 गणतंत्र दिवस का इतिहास – Republic Day History
4 गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है और इसका महत्व
5 26 January Republic Day Speech essay 250 Word Hindi
6 26 January Republic Day Speech essay 450 Word Hindi
7 26 January Republic Day Speech essay 1000 Word Hindi
7.1 26 January Repubpic Day Poem Hindi
गणतंत्र दिवस क्या है -Republic Day Hindi
अंग्रेजी सम्राज्य के दौरान 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ जिसकी अध्यक्षता उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी जिसके बाद यह घोषणा की गईं थीं की अगर अंग्रेजी सरकार द्वारा 26 January 1930 तक भारत को डोमीनियन पद प्रदान नहीं करता है तो भारत स्वंय अपने आपको स्वतंत्र घोषित कर देगा।
लेक़िन अंग्रेजी सरकार द्वारा इसे अनदेखा कर दिया गया और इसका कोई जवाब नही दिया गया तब कांग्रेस ने 26 January 1930 को भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और फ़िर अपने आंदोलन को सक्रिय रूप से शुरू किया जिसके बाद भारत ने 26 January को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाना शरू किया।
यह सिलसिला भारत के आज़ाद होने तक चलता रहा और जब भारत 15 अगस्त को आज़ाद हुआ तो इसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया इसलिए 26 January के दिन को ख़ास बनायें ऱखने के लिए हमारे सविधान को 26 Jaunary 1950 को लागू किया गया जिसके बाद 26 January को Republic Day यानी गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जानने लगा।
भारत के आज़ाद होने से पहले भारत पर अंग्रेजी सम्राज्य की हकूमत थीं औऱ अंग्रेजों के अनुसार ही कानून व्यवस्था काम करती थी लेक़िन जब भारत आज़ाद हुआ तो तब भी अंग्रेजों द्वारा बनाया गया सविधान लागू था।
इसलिए भारत के कुछ विद्वानों ने देश की प्रगति के लिए भारत का अपना सविधान बनानें का निर्णय किया गया और फ़िर भारत का सविधान को 26 नवंबर 1949 को सविधान बनकर तैयार हो चुका था 26 January 1950 को हमारा सविधान लागू किया गया था जिसके बाद हर वर्ष 26 जनवरी को Republic Day यानी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
हमारे देश में 26 Janaury को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं क्योंकि इस दिन हमारे देश का संविधान लागु किया गया था और देश में एक नई कानून प्रणाली की व्यवस्था की शरुवात हुई थीं औऱ दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 में हुई थी।
गणतंत्र दिवस का इतिहास – Republic Day History
प.जवाहर लाल नेहरू ने कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के तौर पर 1929 में लाहौर में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें भारत ने डोमिनियन दर्जा की मांग की गई थी परन्तु अंग्रजी सरकार की ओर से कोई जवाब नही दिया गया उसके बाद 26 January 1930 में भारत स्वंय को पूर्ण रूप से स्वतंत्र घोषित कर लिया और प.जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर में स्थित रवि-नदी पर तिरंगा को फेहराया तब से लेकर 1947 में देश आज़ाद होने तक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
भारत की आज़ादी के बाद संविधान का गठन करने के लिए जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अब्दुल कलाम, सरदार वल्ल्भ भाई पटेल इस सभा के सदस्य के रूप में मनोनीत किये गये जिसमे डॉ.राजेंद्र प्रसाद को इसका सभापति चुना गया तथा डॉ.बी.आर.आंबेडकर को प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
4 Janaury 1948 को भारत का संविधान चर्चा में आया तकरीबन 32 दिनों तक चर्चा चली और इस ऐतिहासिक अवधि के दौरान 7,635 संशोधन प्रस्ताव के रूप में रखे गए जिसमे से केवल 2,473 प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। 2 साल 11 महीने 18 दिन तक ये ऐतिहासिक बहस हुई तथा इस सभा के पश्चात् संविधान को अंतिम रूप प्रदान किया गया।
26 नवम्बर 1949 तक संविधान तैयार हो चूका था इस दिन को संविधान दिवस के नाम से घोषित किया गया लेक़िन सविधान लागू करने के लिए 26 January 1950 का दिन चुना गया और इसके लिए दो महीने का इंतजार किया गया औऱ फिर सविधान को 26 जनवरी को लागु किया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
भारत में सर्प्रथम संविधान को 26 नवंबर 1949 को एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्वीकार किया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे लोकतान्त्रिक सरकारी प्रणाली के साथ लागु किया गया। डॉ.राजेंद्र प्रसाद को इसका सभापति चुना गया था औऱ प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ.भीमराव अम्बेडकर थे जिन्होंने संविधान को 2 साल 11 महीने 18 दिन में पूर्ण किया था।
गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है और इसका महत्व
गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है इसलिए पुरे देश में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं 26 January के अवसर पर दिल्ली में राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रध्वज फेहराया जाता हैं। 26 जनवरी यानी आज के दिन एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता हैं जो इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक होकर जाती हैं जिसमे देश की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य शक्ति को दर्शाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम तीन दिनों तक चलता हैं जिसमे कई प्रकार के कार्यक्रम और ड्रील आयोजित की जाती हैं 26 January कार्यक्रम के मुख्या अतिथि भारत के राष्ट्रपति होते है वह बग्घी में बैठकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते हैं। राष्ट्रपति के आगमन के पश्चात् राष्ट्रध्वज फेहराया जाता हैं और राष्ट्रगान गाया जाता हैं इस कार्यक्रम के दौरान सेना का बेंड, पाइप और ड्रम बेंड, बिगुलवादक और बासुरीवादक अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन करते है "बीटिंग द रिट्रीट" सेरेमनी के साथ इसका समापन किया जाता हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह में विदेशी अतिथि को आमंत्रित किया जाता हैं और देश के अलग-अलग विद्यालयों से बच्चे आते हैं परेड शरू होने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्प माला अर्पित की जाती हैं और शहीद सेनिको जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणो की आहुति दी हैं उनकी स्मृति में दो मिनिट का मौन रखा जाता हैं इसके बाद प्रधानमंत्री राजपथ पर स्थित मंच पर राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के साथ आते हैं औऱ फ़िर 21 तोपों की सलामी दी जाती हैं और राष्ट्रिय ध्वज फेहराया जाता हैं साथ ही राष्ट्रगान गाया जाता है।
इस समाहरो में देश के विभिन्न राज्यों से विभिन्न प्रतिभाओं के लोग औऱ स्कूली बच्चे भाग लेते हैं औऱ तरह-तरह की प्रदर्शनी की जाती हैं जिसमें देश के हर राज्य के लोगो की विशेषताएं व लोकगीत, कला आदि प्रस्तुत किये जाते हैं और इसके पश्चात् वीरता पुरस्कार जैसे अशोक चक्र, परमवीर चक्र, शौर्यता पुरस्कार आदि दिए जाते हैं।
यह परेड राष्ट्रपति का अभिवादन करते हुए निकलती हैं और इसके बाद टेंक, मिसाइल, और सेना के अन्य उपकरण प्रदर्शित किये जाते हैं इसके बाद सेनिको, पुलिस, होम गार्ड, कैडेट कोर की अलग-अलग टुकड़ी के द्वारा मार्च पास्ट किया जाता हैं और रंगारंग परेड होती हैं तथा राष्ट्रपति द्वारा सलामी ली जाती हैं।
गणतंत्र दिवस का समापन वायु सेना के लड़ाकू विमानों द्वारा उड़ान भरकर तथा मोटर साइकल सवार द्वारा प्रतिभा का प्रदर्शन करके किया जाता हैं यह परेड और जुलुस राष्ट्रिय टेलीविज़न पर हर साल प्रसारित होता हैं और देश भर के करोडो लोगो द्वारा देखा जाता है।
वर्ष मुख्य अतिथि देश
2020 राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ब्राज़ील
2019 सिरिल रामाफोसा दक्षिण अफ्रीका
2018 सभी दस आसियान देशों के प्रमुख ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम
2017 क्राउन प्रिंस, शेख मोहमद बिन ज़ायेद अल नाह्यान अबु धाबी
2016 राष्ट्रपति, फ्रांस्वा ओलांद फ्राँस
2014 प्रधानमंत्री, शिंजों आबे जापान
2013 राजा, जिग्मे केसर नामग्याल वाँगचुक भूटान
2012 प्रधानमंत्री, यिंगलुक शिनवात्रा थाईलैंड
2011 राष्ट्रपति, सुसीलो बमबंग युद्धोयुनो इंडोनेशिया
2009 राष्ट्रपति, नूरसुलतान नजरबयेव कज़ाकिस्तान
2006 राजा, अब्दुल्ला बिन अब्दुल्लाजिज़ अल-सऊद सऊदी अरेबिया
2005 राजा, जिग्मे सिंघे वाँगचुक भूटान
2004 राष्ट्पति, लूइज़ इनैसियो लूला दा सिल्वा ब्राजील
2003 राष्ट्पति, मोहम्मदम खतामी इरान
2002 राष्ट्पति, कसाम उतीम मॉरीशस
2000 राष्ट्पति, ओलूसेगुन ओबाझाँजो नाइजीरिया
1999 राजा बिरेन्द्र बीर बिक्रम शाह देव नेपाल
1998 राष्ट्रपति, जैक्स चिराक फ्रांस
1997 प्रधानमंत्री, बासदियो पांडेय त्रिनीनाद और टोबैगो
1996 राष्ट्रपति, डॉ फरनॉनडो हेनरिक कारडोसो ब्राजील
1992 राष्ट्रपति, मारियो सोर्स पुर्तगाल
1991 राष्ट्रपति, मौमून अब्दुल गयूम मालदीव
1990 प्रधानमंत्री, अनिरुद्ध जुगनौत मॉरीशस
1989 गुयेन वैन लिंह वियतनाम
1988 राष्ट्रपति, जुनियस जयवर्द्धने श्रीलंका
1987 राष्ट्रपति, ऐलेन गार्सिया पेरु
1985 राष्ट्रपति, रॉल अलफोन्सिन अर्जेन्टीना
1984 राजा जिग्मे सिंघे वाँगचुक भूटान
1981 राष्ट्रपति, जोस लोपेज़ पोरेटील्लो मेक्सिको
1980 राष्ट्रपति, वलेरी गिस्कार्ड द इस्टेइंग फ्रांस
1979 प्रधानमंत्री, मलकोल्म फ्रेज़र ऑस्ट्रेलिया
1978 राष्ट्रपति, पैट्रीक हिलेरी ऑयरलौंड
1976 प्रधानमंत्री, जैक्स चिराक फ्रांस
प्रधानमंत्री, सिरीमावो रतवत्ते दियास बंदरनायके श्रीलंका
1973 राष्ट्रपति, मोबुतु सेस सीको जैरे
1972 प्रधानमंत्री, सीवुसागर रामगुलाम मॉरीशस
1969 प्रधानमंत्री, टोडर ज़िकोव बुल्गारिया
1968 प्रधानमंत्री, एलेक्सी कोज़ीगिन सोवियत यूनियन
1963 राजा, नोरोदम शिनौक कंबोडिया
1958 मार्शल यि जियानयिंग चीन
1954 राजा, जिग्मे दोरजी वाँगचुक भूटान
1950 राष्ट्रपति, सुकर्नों इंडोनेशिया
>Social Media पर निंबध लिखे
>नया साल क्या और क्यों मनाया जाता है
26 January Republic Day Speech essay 250 Word Hindi
आदरणीय शिक्षकगण, माननीय मुख्य अतिथी और मेरे प्यारे सहपाठियों सबसे पहले आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
आज हम सब यहाँ गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य में उपस्थित हुए है आज का दिन हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज 26 January1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था अर्थात आज के दिन हमारे देश में एक नई कानून व्यवस्था लागू की गई थी गणतंत्र का अर्थ है जहाँ जनता द्वारा एक सीमा में रहकर एक नियन्त्रित प्रणाली को एक साथ मिलकर चलाया जाता है तथा उन्हें न्याय और बराबरी का अधिकार दिया जाता है।
आप तो जानते ही है कि 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को आज़ादी मिली थी औऱ हमारे देश को यह आज़ादी दिलाने के लिए हमारे देश के वीर सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है लेकिन क्या हमने उनके बलिदानो का कर्ज चुकाया है!! नही और न ही कभी चुका पाएंगे ज़रा सोचिए क्या ये वही भारत है जिसका हमारे वीरो ने सपना देखा था!
आज हमारे देश मे आतंकवाद, भ्रष्टाचार, बलात्कार, गरीबी और बेरोजगारी जैसे-जैसे विषैले कृत्य विद्यमान है परंतु हम हमेशा इसका सारा दोष केवल सरकार को ही देते है क्या हमारा अपने देश के प्रति कोई कर्तव्य नही है! हमे अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी समझना होगा तभी हमारा देश सही अर्थों में आज़ाद देश कहलायेगा।
आज हम गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर ये संदेश देंना चाहती/चाहता हूँ की हम सब को साथ मिलकर ये जंग लड़नी है क्योंकि जनता द्वारा राज और जनता द्वारा शासन इस कथन को सिद्ध करना हमारी ही ज़िम्मेदारी है औऱ अंत में यहाँ उपस्थित सभी लोगो का आभार प्रकट करना चाहूंगी की आप सब अपना अमूल्य समय निकालकर यह उपस्थित हुए और इस कार्यक्रम को सफल बनाया। धन्यवाद जय हिंद Haapy Republic Day!!
26 January Republic Day Speech essay 450 Word Hindi
आदरणीय प्रधानाचार्य, सम्मानीय मुख्य अतिथि और शिक्षकगण और मेरे प्यारे सहपाठियो आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं! आज में अपने आपको में बहुत ही गौरान्वित महसूस कर रही हूँ की आज 26 January यानी गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर आपके समक्ष अपने विचार रखने का मुझे अवसर मिला, यदि मुझसे कोई भूल हो जाये तो मुझे क्षमा कीजियेगा।
15 अगस्त और 26 जनवरी ये दोनों ही दिन हमारे देश के इतिहास में हमेशा अमर रहेंगे। जैसा की आप सभी को ज्ञात है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था और 26 Janaury 1950 को हमारा देश में प्रजातांत्रिक गणराज्य स्थापित हुआ था अर्थात देश मे एक नई कानून व्यवस्था स्थापित की गई थी जिसमे जनता को अपने प्रतिनिधि चुनने का पूर्ण अधिकार प्राप्त हुआ।
आज़ादी का यह सपना सन् 1929 में देखा गया था जहाँ पण्डित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में एक शपथ ग्रहण सभा के लिए बैठक बुलाई गई जिसमें पूर्ण स्वराज का मुद्दा रखा गया और अंग्रेजी सरकार से भारत को डोमिनियन का दर्जा दिलाने की मांग की परंतु अंग्रेजी सरकार ने इसपर कोई जवाब नही दिया तब 26 जनवरी 1930 को भारत ने अपने आप को स्वयं स्वतंत्र घोषित किया और लाहौर में रवि नदी के किनारे तिरंगा फहराया।
26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान तैयार हो चुका था इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है और 26January 1950 को लागू किया गया था इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पूरे विश्व मे सबसे लंबा संविधान है जिसे डॉ.भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में समिति के सभी सदस्यों जैसे सरदार वल्लभ भाई पटेल, पं.जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अब्दुल कलाम के द्वारा 2 साल 11 महीने 18 दिन में तैयार किया गया था।
गणतंत्र दिवस हमेशा हमे अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों का बोध कराता है आज के दिन को हमे कभी नही भूलना चाहिए आज हम सब यहाँ एकत्रित है और इस पर्व को इतनी धूम धाम से मना रहे है यह दिन हम सबको हमारे वीर शहीदों के बलिदानो और शहादत को याद दिलाता है। आज हम उनके बलिदानो के कारण ही आज़ादी की सांस ले रहे है औऱ उनके महान भारत के सपने को हमे ही सार्थक करना है और हमारे देश में फैले अपराधों जैसे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, बलात्कार तथा बुराइयों जैसे गरीबी, बेरोजगारी आदि को मिलकर मिटाना होगा।
आज के दिन को पूरे भारत में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है परंतू राजधानी दिल्ली में विशेष रूप से आयोजित किया जाता है आज के दिन राष्ट्रपति द्वारा हमारे वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है औऱ राष्ट्रध्वज फहराया जाता है साथ ही राष्ट्रीय गान भी गाया जाता हैं।
आज के दिन राष्ट्रपति भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और राष्ट्रपति कि अध्यक्षता में ये पुरा कार्यक्रम आयोजित होता है विभिन्न प्रान्तों से स्कूली बच्चे और लोगों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाती है औऱ भारतीय जल सेना, थलसेना और वायु सेना द्वारा मार्च निकाला जाता है। इस तरह हमारे देश मे इस दिवस की महत्ता को हमेशा याद रखने के लिए गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। Happy Republic Day धन्यवाद!
26 January Republic Day Speech essay 1000 Word Hindi
26 January एक ऐतिहासिक दिन हैं जिसने देश को नया सविधान और देश की जनता को सम्मान पहचान और एक नया आयाम दिया। आज के दिन देश एक लोकतांत्रिक प्रणाली के रूप में उभरा और हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश बन गया।
लगभग दो दशक अंग्रेजी हुकूमत ने भारत पर राज किया अपने क्रूर और अनैतिक इरादों के साथ उन्होंने हमारे देश की भोली-भाली जनता पर कई वर्षों तक अत्याचार किये परंतु बुराई का अंत निश्चित है इन्ही इरादों के साथ हमारे देश के वीर क्रांतिकारियो ने देश को आज़ादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी जिसके बाद 15 अगस्त 1947 को आज़ादी का सवेरा हमने देखा था और उनका निस्वार्थ देश प्रेम हमारे लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेगा जिसे कभी भी नही भुलाया जा सकता।
1857 से लेकर 1947 तक देशभक्ति और आज़ादी के संघर्ष की भावना हमारे देशवादियो में बहुत देखने को मिलती थी उसी के दम पर हमारे क्रांतिकारियों ने हमे आज़ादी दिलाई परंतु आज के समय में हमें देशभक्ति की भावना कम देखने को मिलती है शायद इसीलिए क्योंकि हमें बिना संघर्ष किये ही मुफ्त मे ये आज़ादी मिल गई परंतु हमें आज़ादी का महत्व समझना होगा और आने वाली पीढ़ियों को भी समझाना होगा।
26 January का दिन हमारे देश मे गणतंत्र दिवस के रूप में बड़े ही हर्ष के साथ मनाया जाता है यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है। आज के दिन भारतीय अधिनियम 1935 को हटाकर हमारा भारतीय संविधान लागू किया गया था और देश में एक नई कानून व्यवस्था का जन्म हुआ जिससे जनता को समानता के साथ-साथ अपने प्रतिनिधि को चुनने का अधिकार प्राप्त हुआ परंतु हमे उन अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
हमारा संविधान डॉ.भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ तथा समिति के अन्य सदस्य के रूप में डॉ.राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, पं.जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अब्दुल कलाम आदि भी सम्मिलित थे। यह देश का सबसे लंबा संविधान है जो 2 साल 11 महीने 18 दिन में लिखा गया है औऱ यह 26 नवंबर 1949 को तैयार हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। तभी से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में तथा 26 January को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आज के दिन राजधानी दिल्ली में भव्य आयोजन होता है जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति द्वारा की जाती है औऱ भारतीय सेनाओ द्वारा तथा देश के विभिन्न प्रान्तों से राष्ट्रीय कैडेट कोर द्वारा मार्च पास्ट किया जाता है। स्कूली बच्चो द्वारा प्रस्तुतियां की जाती है तथा राष्ट्रपति द्वारा वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी जाती है फिर 21 तोपो की सलामी साथ राष्ट्रध्वज फहराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है।
इसी के साथ हमारे देश में ये ऐतिहासिक राष्ट्रीय पर्व पूरे देश मे विभिन्न आयोजन के साथ मनाया जाता है अतः इस भाषण के द्वारा में आपको अपने विचारों से अवगत कराना चाहती/चाहता हूँ की हम सबको मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम हमेशा देश के संविधान की रक्षा करेंगें और इस महत्वपूर्ण आज़ादी को कभी भी व्यर्थ नही जाने देंगे और आने वाली पीढ़ियों को भी देश की रक्षा के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे। अंत मे आप सभी का दिल से आभार व्यक्त करना चाहूंगी/चाहूंगा कि आप सब लोग यहाँ उपस्थित हुए और इस कार्यक्रम को मिलकर सफल बनाया इसके लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद!! और एक कविता के साथ अपने भाषण को विराम देती हूं
26 January Repubpic Day Poem Hindi
संघर्ष सुबह और शाम किये है, वीरो ने अपने प्राण दिये है।
ए भारत माँ तुझे बचाने को, शहीदों ने बलिदान दिए है।
अब बारी है आयी हमारी भारत माँ तुझे बचाने की
हिम्मत किसी की होने न देंगे, अब भारत माँ तुझे छूने न देगें!!
इस देश मे जीना है हमको इस देश पे ही मर मिट जाएंगे
खुशबू जंग ऐ आज़ादी से इस दुनिया को महकाएँगे।
खुश मत हो तू ऐ अत्याचारी, ये खुशी नही टिक पाएगी।
कोई कसर नही छोड़ेंगे, क्योंकि अब तेरी शामत आएगी।
दूर करेंगे बेरोज़गारी और मिटेगा भ्रष्टाचार
इस देश से गरीबी हटायेंगे और पनपेगा शिष्टाचार
आतंकवाद और बलात्कार से इस देश को हमे बचाना है
कोई चिराग न बुझने पाये, कोई जोति न यू मुरझाये
इन रोशन चिरागो से हम दुनिया रोशन कर जाएंगे!!
ये संकल्प अब हमें है करना, अब ये धर्म हमारा है
बेबस और लाचारों को देना हमे सहारा है।
अब देश भक्ति की ये भावना हमने मन मे बसाई है
हम करेंगे रक्षा ऐ भारत माँ तेरी, बस कसम ये हमने खाई है
बस कसम ये हमने खाई है….!!
जय हिन्द Happy Republic Day
तो दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको हमारा यह आर्टिकल काफ़ी पसंद आया होगा औऱ अब आप जान चुकें होंगे कि गणतंत्र दिवस क्या है और क्यों-कैसे मनाया जाता हैं।
साथ ही हमनें आपको 26 January Republic Day Essay Hindi में प्रदान किये है वह भी अलग-अलग लम्बाई के साथ ताकि आप अपनी आवश्यकताओं अनुसार इनका इस्तेमाल कर सकें और अपने लिए 26 January Essay तैयार कर सकें।
तो अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आता है तो इसे अपने उन्ह दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जो Republic Day के बार मे जानकारी प्राप्त करना चाहतें हैं और आपको हमारा आर्टिकल कैसे लगा कमेंट के माध्यम से जरूर बतायें।
26th jan speech in hindi
speech for 26 january in hindi
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Raghav bhuriya January 22, 2020 At 7:39 AM
Awesome brother . You are great. I follow you on 5 month.
Yogendra Singh January 22, 2020 At 1:05 PM
Republic day par isse achhi post kabhi nahi padhi. Very nice.
HP January 22, 2020 At 5:29 PM
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मीडिया की खबरों के अनुसार जीएसटी कलेक्शन में रिकॉर्ड गिरावट को देखते हुए जीएसटी के 5 फीसदी स्लैब को बढ़ाकर 9 से 10 फीसदी किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि स्लैब में इस बदलाव से केंद्र सरकार को हर महीने 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
फोटोः सोशल मीडिया
नवजीवन डेस्क
Published: 07 Dec 2019, 7:05 PM
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देश में प्याज समेत खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगी आग से त्रस्त जनता को आने वाले दिनों में एक और बड़ा झटका लग सकता है। खबरों के अनुसार जीएसटी कलेक्शन में भारी कमी से मोदी सरकार बेहद परेशान है। खबर है कि कलेक्शन में लगातार कमी को देखते हुए जीएसटी काउंसिल जीएसटी दरों के ढांचे में बदलाव पर विचार कर रही है। ऐसे में जीएसटी स्लैब में होने वाले बदलाव के कारण पहले से ही महंगाई से तबाह जनता पर एक और मार पड़ सकती है।
मीडिया की खबर के अनुसार जीएसटी कलेक्शन में रिकॉर्ड गिरावट को देखते हुए जीएसटी के 5 फीसदी स्लैब को बढ़ाकर 9 से 10 फीसदी किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि स्लैब में इस बदलाव से केंद्र सरकार को हर महीने 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। हालांकि, इससे पहले चर्चा थी कि सरकार के भारी दबाव की वजह से जीएसटी काउंसिल 5 फीसदी के स्लैब को बढ़ाकर 6 फीसदी करने पर विचार कर रही है, जिससे राज्य और केंद्र को 3-3 फीसदी जीएसटी प्राप्त हो सकेगा।
फिलहाल खबर है कि राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 18 दिसंबर को होने वाली बैठक में टैक्स स्ट्रक्चर, क्षतिपूर्ति उपकर और जीएसटी छूट वाली वस्तुओं समेत राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इसी बैठक में 5 फिसदी वाले जीएसटी स्लैब को बदलने की घोषणा हो सकती है। खास बात ये है कि जीएसटी लागू होने के लगभग ढाई साल बाद यह पहली बार होगा जब इतने बड़े पैमाने पर कोई बदलाव किया जाएगा।
बता दें कि वर्तमान में देश में जीएसटी के चार दर हैं। इनमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी वाले स्लैब हैं। सरकार के अनुसार 5 फीसदी स्लैब टोटल जीएसटी कलेक्शन में सिर्फ 5 प्रतिशत ही योगदान देता है। जबकि सरकार को करीब 60 फीसदी राजस्व 18 फीसदी स्लैब केदायरे में आने वाली वस्तुओं से मिलता है। इसके अलावा जीएसटी समिति सिगरेट और एयरेटेड पेय पर भी क्षतिपूर्ति सेस दर में इजाफा करने पर विचार कर रही है।
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पत्नी ने सुहागरात वाले दिन संबंध बनाने से किया इंकार, बाद में हुआ ऐसा खुलासा कि जानकर रह जाएंगे हैरान - Yuva Haryana
पत्नी ने सुहागरात वाले दिन संबंध बनाने से किया इंकार, बाद में हुआ ऐसा खुलासा कि जानकर रह जाएंगे हैरान
October 29, 2018 October 29, 2018 Yuva HaryanaLeave a Comment on पत्नी ने सुहागरात वाले दिन संबंध बनाने से किया इंकार, बाद में हुआ ऐसा खुलासा कि जानकर रह जाएंगे हैरान
Ambala, 29 Oct, 2018
अंबाला से एक ऐसा मामला सामने है, जिसे जानकर हर कोई हैरान रह गया। हुआ यूं कि पत्नी ने सुहागरात वाले दिन अपने पति के साथ संबंध बनाने के लिए इंकार कर दिया। इसके बाद पति कुल्लू मनाली लेकर गया, जहां फिर पत्नी ने पति को स्वयं को छूने की अनुमति नहीं दी।
मामला संगीन था, जो पति को परेशान भी कर रहा था, लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर पत्नी ऐसा क्यों कर रही है। फिर जब मामले का खुलासा हुआ तो पति जानकर हैरान रह गया।
पत्नी फोन पर काफी- काफी समय बाते करती थी, जिससे पति को शक हुआ। परेशान पति द्वारा बार-बार पत्नी से पूछने के बाद सामने आया कि उसकी पत्नी किसी अन्य से प्रेम करती है। इतना ही नहीं उसकी पत्नी गर्भवती भी है।
पीड़ित पति ने बताया कि पत्नी उसके साथ संबंध नहीं बना रही थी। हर बार पति को बोलती कि वह नये घर में आई है और अभी वह तैयार नहीं है। उससे एडजस्ट नहीं हो पा रहा है। बाद में जब पूरी सच्चाई पति के सामने आई, तो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
जिसके बाद पति ने पुलिस में पत्नी और ससुरालियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। |
सेलफोन विकिरण से इंसानों को नुकसान नहीं | Naya India
[Edited By : Omprakash ] Publish Date: ; Nov 4, 2018 05:15 pm
मैसाच्युटेस। हाल के अमेरिकी अध्ययन में दावा किया गया है कि सेलफोनों द्वारा उत्सर्जित रेडियो-आवृत्ति विकिरण (आरएफआर) भले ही चूहे में कैंसर का कारक हो लेकिन यह तथ्य मनुष्यों पर लागू नहीं होता। अध्ययन से पता चला है कि इस बात के "स्पष्ट साक्ष्य" है कि जब नर चूहे इस तरह के विकिरण के उच्च स्तर के संपर्क में आते हैं, जैसे सेल फोन में होता है, तो उनमें ह्रदय से जुड़ी कैंसरयुक्त रसौली विकसित हो जाती है।
यूएस नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम (एनटीपी) को 30 मिलियन अमरीकी डॉलर की लागत से इस अध्ययन को पूरा करने में 10 साल का समय लगा है। इसमें विकिरण के संपर्क में आये नर चूहों के मस्तिष्क और एड्रेनल ग्रंथि में रसौली के "कुछ सुबूत" भी सामने आये हैं। रिपोर्ट के बाद, कुछ गैर सरकारी संगठनों और वैज्ञानिकों का प्रस्ताव है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की इंटर एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) को आरएफआर के वर्गीकरण को मौजूदा समूह 2बी (संभावित मानव कैंसरजन) से समूह 1 (मानव कैंसरजन) में उन्नयन करना होगा। लेकिन विशेषज्ञ एजेंसियों ने जोर देकर कहा है कि यह खोज मनुष्यों पर लागू नहीं होती है।
गैर-आयनीकरण विकिरण संरक्षण (आईसीएनआईआरपी) पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग ने स्पष्ट रूप से इस अध्ययन की जानकारी देते हुए एक नोट प्रकाशित किया है कि यह अध्ययन वर्तमान में आरएफआर के लिए मौजूदा सुरक्षा दिशानिर्देशों को बदलने के लिए कोई कार्रवाई योग्य आगत प्रदान नहीं करता है।
आईसीएनआईआरपी की अनुशंसाएं डब्ल्यूएचओ जैसी संस्थाएं और कई देश स्वीकार करते हैं। यहां उल्लेख किया जा सकता है कि आरएफआर के लिए भारत के सुरक्षा दिशानिर्देश आईसीएनआईआरपी मानकों में से केवल 10 प्रतिशत ही हैं। |
चीनी को लग गए पंख - Poorvanchal Media | Breaking Hindi News| Current Hindi News| Latest Hindi News | National Hindi News | Hindi News Papers | Hindi News paper| Hindi News Website| Indian News Portal - Poorvanchalmedia.com
चीनी को लग गए पंख
केंद्र गवर्नमेंट की ओर से चीनी उद्योग को राहत पैकेज देने व इसका न्यूनतम बिक्री मूल्य तय करने का प्रभाव मार्केट में दिखाई देने लगा है. चीनी को पंख लग गए हैं. महज सात दिन में यह आठ रुपये प्रति किलो महंगी हो गई है. गन्ना किसानों को इससे राहत तो मिलेगी, लेकिन उपभोक्ताओं की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं.
चार जून को चीनी का भाव था 34 रुपये
चार जून तक चीनी का खुदरा भाव 34 रुपये किलो था. हालांकि, चीनी उद्योग को राहत देने की दिशा में गवर्नमेंट के बढ़ते कदम की आहट मार्केट को मिल चुकी थी. लिहाजा चीनी की कीमतों में तेजी का सिलसिला भी प्रारम्भ हो गया.
छह जून को मिला राहत पैकेज
छह जून को चीनी उद्योग को 8500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज मिला. साथ ही कैबिनेट की मीटिंगमें चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 29 रुपये किलो तय किया गया. दरअसल, चीनी मिलों से बिकने वाली थोक चीनी का मूल्य 26 से 28 रुपये प्रति किलो के बीच था, जबकि उत्पादन लागत 32 किलो पड़ रही थी. इससे निपटने के लिए गवर्नमेंट ने चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य निर्धारित कर दिया.गन्ना उद्योग को वित्तीय संकट से उबारने के लिए केंद्र गवर्नमेंट की ओर से ये कदम उठाए गए.चीनी मिलों को इससे राहत तो मिली लेकिन चीनी का खुदरा मूल्य भड़क गया है.
निर्णय से पहले ही आ गई तेजी
बाजार को भी अनुमान हो गया था कि चीनी उद्योग के लिए गवर्नमेंट की ओर से बड़ा कदम उठाया जाएगा. इसलिए छह जून के पहले चार जून से ही चीनी की कीमतों में तेजी का सिलसिला प्रारम्भ हो गया था. बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष रमेश तलरेजा ने बोला कि चार जून से चीनी की मूल्य रोज बढ़ रही है. फिल्हाल चीनी का भाव 42 रुपये प्रति किलो किलो पर पहुंच गया है जो चार जून को 34 रुपये किलो था. इसमें व तेजी आने से भी मना नहीं किया जा सकता. |
पाकिस्तान : हाफिज सईद, मसूद अजहर से ताल्लुक रखने वाले 11 संगठनों पर लगा बैन, Pakistan bans more than 10 organizations having links with terror outfit like JuD JeM
पाकिस्तान : हाफिज सईद, मसूद अजहर से ताल्लुक रखने वाले 11 संगठनों पर लगा बैन
Updated May 12, 2019 | 12:23 IST | भाषा
पाकिस्तान में हाफिज सईद और मसूद अजहर के संंगठनों जमात-उद-दवा और जैश-ए-मोहम्मद से संबंध रखने वाले 10 से अधिक संगठनों पर बैन लगा दिया गया है।
हाफिज सईद के संगठन जमात से जुड़े समूहों पर भी बैन लगा है |  तस्वीर साभार: AP, File Image
इस्लामाबा दः पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित संगठनों जमात-उद-दवा (जेयूडी), फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के साथ संबंधों को लेकर 11 संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। शनिवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान खान और गृहमंत्री एजाज शाह की बैठक में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।
पुलवामा में 14 फरवरी के हमले के बाद खान ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद में शामिल या अन्य देशों में किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी सरजमीं का इस्तेमाल करने वाले किसी भी संगठन को नहीं बख्शेगा। पाकिस्तान के जैश ए मोहम्मद के इस आत्मघाती बम हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गये थे।
पाकिस्तान के गृहमंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल काउंटर टेरेरिज्म ऑथरिटी (एनससीटीए) ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि जेयूडी के साथ संबंध रखने को लेकर सात संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने जेयूडी को मार्च में प्रतिबंधित किया था। बयान के अनुसार जिन संगठनों पर पाबंदी लगायी गयी है वे अल-अनफाल ट्रस्ट, इदारा खिदमत -ए-खल्क, अल-दावत उल इरशाद, मोस्क्यू एंड वेलफेयर ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन, माज-बिन-जबील एजूकेशन ट्रस्ट और अल हम्माद ट्रस्ट हैं। ये सभी लाहौर में हैं।
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने देश की सरजमीं से आतंकवाद एवं चरमपंथ का सफाया करने की राष्ट्रीय कार्ययोजना के क्रियान्वयन में गति लाने के सरकार के निर्देश के तहत यह कार्रवाई की है। एनएसीटीसी के अनुसार इन सात संगठनों के अलावा लाहौर के ही अल-फजल फाउंडेशन/ट्रस्ट और अल -ईसार फाउंडेशन को एफआईएफ के साथ संबंध रखने को लेकर प्रतिबंधित कर दिया गया है। जेयूडी की तरह एफआईएफ पर भी मार्च में पाबंदी लगायी गयी थी।
एनएसीटीसी के मुताबिक बहावलपुर के अल-रहमत ट्रस्ट आर्गेनाइजेशन और कराची के अल फुरकान ट्रस्ट पर भी जेईएम के साथ संबंध को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जेईएम पर जनवरी, 2002 में पाबंदी लगायी गयी थी। |
सिवान में कड़ी निगरानी में हुई डीसीईसीई की प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा
होम Siwan News in Hindi ( सिवान की ताज़ा खबरें ) सिवान में कड़ी निगरानी में हुई डीसीईसीई की प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा
बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता पर्षद द्वारा पीई-पीपीई पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु आयोजित डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा गुरुवार को सात केंद्रों पर शांतिपूर्वक व कदाचारमुक्त संपन्न हो गया। परीक्षा सुबह 11 बजे से दोपहर 1.15 बजे तक हुई। परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पूर्व परीक्षा केंद्र में प्रवेश कराया गया। जानकारी के अनुसार डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में 2546 परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। इसमें से मात्र 1865 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। जबकि 681 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। वैश्विक महामारी कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार सभी परीक्षा केंद्रों में अभ्यर्थियों के प्रवेश के दौरान प्रवेश द्वार पर ही शारीरिक दूरी का अनुपालन कराते हुए उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी। बिना मास्क वाले परीक्षार्थियों को मास्क देकर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही थी।
परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को जूता पहनकर अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। साथ ही परीक्षा कक्ष के अंदर बैग, मोबाइल, कैलकुलेटर या अन्य कोई इलेक्ट्रॉनिक यंत्र ले जाने की अनुमति नहीं थी। इसकी जांच वीक्षकों द्वारा परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र में प्रवेश के दौरान की जा रही थी। 681 अभ्यर्थी रहे परीक्षा में अनुपस्थित : सात केंद्रों पर 2546 परीक्षार्थियों में से 1865 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए, जबकि 681 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल कबीरमठ कंधवारा केंद्र पर 394 में 293, संघमित्रा पब्लिक स्कूल कनिष्क बिहार केंद्र पर 400 में 287, जेडए इस्लामिया पीजी कॉलेज केंद्र पर 400 में 296, डीएवी हाईस्कूल सह इंटर कॉलेज केंद्र पर 350 में 250, इकरा पब्लिक स्कूल सुरापुर केंद्र पर 350 में 264, दिल्ली पब्लिक स्कूल आंकोपुर केंद्र पर 334 में 239 तथा ब्रजकिशोर डीएवी पब्लिक स्कूल श्रीनगर केंद्र पर 320 में 236 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल हुए। |
होम | ज्योतिष | भारतीय संस्कृति में चूड़ियों का असली महत्व
चूड़ियां भारतीय स्त्री के सोलह श्रृंगार का एक हिस्सा है। दुल्हन एवं विवाहित स्त्रियों के लिए चूडियां पहनना अनिवार्य है एवं वे कांच, सोने व अन्य धातुओं से बनी चूडियों को पहन सकती हैं।The True Significance Bangles Indian Culture in Hindi :- महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए चूडियां पहनती हैं एवं इन्हें…
The True Significance Bangles Indian Culture in Hindi :-
चूड़ियों का पारंपरिक महत्व : हर क्षेत्र में इन चूडियों को पहनाने की परंपरा अनूठी है। नवविवाहित स्त्री को चूडियां इसलिए पहनाई जाती हैं ताकि उसकी आने वाली जिंदगी प्यार व स्नेह से भरी रहे। अतः पहनाते वक्त चूडियां ना टूटें इसका खास ख्याल रखा जाता है।
दक्षिण भारत : दक्षिण भारत में सोने को बेहद शुभ माना गया है। कुछ समुदायों के लोग, दुल्हन के होथों में सोने की चूडियों सहित हरे कांच की चूडियां पहनाते हैं क्योंकि हरा रंग उर्वरता व समृद्धि का प्रतीक है।
बंगाली शादी : बंगाली शादियों में, दुल्हन को सीपों से बनी मूंगिया रंग की चूडियां पहनाई जाती हैं। इन चूडियों को स्थानीय लोग शाखा व पोला कहते हैं। इसके अलावा, जब दुल्हन अपने ससुराल में प्रवेश करती है तो सास बहू को लोहे की चूडी देती है जिस पर सोने का पानी चढा होता है।
राजस्थानी एवं गुजराती : राजस्थानी एवं गुजराती शादियों में, दुल्हन को हाथी के दांतों से बना चूडा पहनाया जाता है। गुजराती शादियों में, मामेरू की रसम पर लड़की का मामा लड़की को लाल बॉर्डर वाली रेशमी साड़ी के साथ चूडा देता है।
पंजाबी शादी : पंजाबी शादियों में भी, दुल्हन को हाथी के दांतों से बने लाल रंग के चूडा पहनाया जाता है। यह चूडा लड़की का मामा लाता है। विवाह के बाद इस चूडे को कम से कम 40 दिनों तक पहनना अनिवार्य है। कुछ पारिवारिक परंपराओं के अनुसार इसे एक साल तक पहना जाता है।
महाराष्ट्रियन दुल्हन : महाराष्ट्र में, जूडे को पहने की परंपरा थोडी अलग है। दुल्हन अपने हाथों में हरे रंग की कांच की चूडियां पहनती है। चूंकि हरा रंग रचनात्मकता, नए जीवन व प्रजनन क्षमता का प्रतीक है। इन हरे रंग की चूडियों को सोने की बनी पतिया नाम चूडियों के साथ पहना जाता है एवं साथ में तोडे नामक नक्काशीदार कडा भी पहना जाता है। आमतौर पर सोने की चूडियों को दूल्हे के परिवार वाले भेंट के रूप में दुल्हन को देते हैं।
रंगों का महत्व : भारतीय संस्कृति में हर रंग की चूडी को एक भिन्न शक्ति का प्रतीक माना गया है। जहां लाल रंग को ऊर्जा व समृद्धि का प्रतीक माना गया है, वहीं हरे रंग को भाग्य व प्रजनन क्षमता का प्रतीक माना गया है। पीले रंग को आनंद का, सफेद को नई शुरूआत का व नारंगी को सफलता का प्रतीक माना गया है। चांदी की चूडियों शक्ति का व सोने की चूडियों को भाग्य व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। |
राशिफल 2019 के माध्यम से जानिए कैसा रहेगा आपके लिए यह साल। यह वार्षिक राशिफल आपको बताएगा आपके पूरे वर्ष का भविष्य। आप अपनी राशि के अनुसार अपने करियर, व्यापार, शिक्षा, परिवार, विवाह, प्रेम तथा अन्य ज़रुरी पहलुओं के बारे में जान सकते हैं। यह फलकथन वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। चलिए जानते हैं वर्षफल 2019 में क्या कहते हैं आपके सितारे :-
वर्षफल 2019 के अनुसार, इस साल मेष राशि के जातकों की सेहत ऊपर-नीचे रह सकती है। हालाँकि यदि इस राशि के जातक अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहेंगे तो वे इस वर्ष फिट रहेंगे। साल की शुरुआत में छोटा-मोटा तनाव रह सकता है लेकिन इसके बावजूद भी आप सेहतमंद रहेंगे। मेष राशिफल 2019 के अनुसार आपका करियर मिला-जुला रह सकता है। प्रयासों से आप अपने करियर की गति को तीव्र सकते हैं। इस वर्ष आपको नौकरी में प्रमोशन मिलने की संभावना है। इसमें भाग्य आपका पूरा साथ देगा।
वहीं आर्थिक स्थिति की बात करें तो आपको थोड़ा संभलकर चलना होगा। क्योंकि राशिफल 2019 के मुताबिक आपके आर्थिक पक्ष के सकारात्मक और नकारात्मक रहने की संभावना है। साल की शुरुआत में आर्थिक स्थिति मजबूत दिखाई दे रही है। लिहाज़ा इस समय आप अधिक से अधिक धन की बचत करें। आपकी बचत साल के दूसरे चरण में बहुत काम आएगी।
यदि आप किसी व्यापार से जुड़े हैं तो साल के मध्य में आपका बिजनेस अच्छा चलेगा। प्रेम जीवन की बात करें तो प्यार के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए आपको रिश्ते में पारदर्शिता लानी होगी। परिवार में सामंजस्य बनायें। घरेलू जीवन सामान्य रहेगा। घर में किसी प्रकार का मांगलिक कार्य संपन्न होगा। वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे।
वर्षफल 2019 के अनुसार वृषभ राशि के जातकों का स्वास्थ्य इस वर्ष थोड़ा नाजुक रह सकता है। ऐसे में उन्हें अपनी सेहत के प्रति सचेत रहने की सलाह दी जाती है। ख़ासकर अपने ख़ान-पान पर ध्यान दें। आपको ऐसी बीमारी होने की संभावना है जो आपको लंबे समय तक परेशान कर सकती है। सेहत को फिट बनाए रखने के लिए योग-व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
करियर की दृष्टि से यह साल आपके लिए चुनौतीपूर्ण लग रहा है। इसलिए आपको सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। इस दौरान फल की चिंता न करें। क्योंकि व्यक्ति को उसके परिश्रम का फल अवश्य मिलता है। वृषभ राशिफल 2019 के मुताबिक आपका आर्थिक जीवन इस वर्ष सामान्य रह सकता है। अपने अनावश्यक ख़र्चों पर लगाम लगाएंगे तो आपका आर्थिक पक्ष मजबूत हो सकता है।
आपके लिए अच्छी ख़बर यह है कि इस वर्ष आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। धन प्राप्ति के नए स्रोतों का सृजन हो सकता है। पारिवारिक जीवन में ख़ुशियाँ बांटने का प्रयास करें। वहीं वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी को महत्व दें। कुल मिलाकर यह वर्ष आपके लिए सामान्य रह सकता है। लेकिन मेहनत के बल पर इसे अच्छा भी बनाया जा सकता है।
इस वर्ष मिथुन राशि वाले जातकों के आर्थिक जीवन में ग़ज़ब का उछाल देखने मिल सकता है। 2019 का राशिफल यह शुभ संकेत दे रहा है। व्यापार-क़ारोबार में नए विचार आपको लाभ पहुँचाएंगे। पूँजी में वृद्धि की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है। यदि आप करियर में प्रगति करना चाहते हैं तो आपको क्रिएटिव होना पड़ेगा। करियर में आपका यूनिक आइडिया कामयाब रहेगा। एक बात का ध्यान रखें, अपने वरिष्ठ अधिकारियों के बताए गए पथ पर हू-ब-हू न चलें, हाँ, उनके अनुभवों से अवश्य सीखें।
अपने कार्य में एकाग्रता रखें और अपना पथ ख़ुद बनाएँ। यदि आप ऐसा कर पाने में सफल होते हैं तो निश्चित ही आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार इस वर्ष आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी और स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए आप अन्य प्रयास भी कर सकते हैं। जैसे आप अपनी दिनचर्या में योग व्यायाम को जोड़ सकते हैं। भोजन में फलाहार, जूस अथवा अन्य प्रकार के पौष्टिक आहार ले सकते हैं।
मॉनसून के समय आपको त्वचा से संबंधित बीमारी हो सकती है। इस समय साफ़-सफाई का ध्यान दें। ख़ासकर गुप्तांगों की साफ़-सफाई आवश्यक है। प्रेम अथवा वैवाहिक जीवन में अपने साथी की भावनाओं का ख्याल रखें और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाएं।
राशिफल 2019 के अनुसार, कर्क राशि के जातकों का आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। इस वर्ष आपके जीवन में धन का आगमन होगा। धन प्राप्ति के योग बनेंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होने से समाज में आपका रुतबा बढ़ेगा और आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। हालाँकि फरवरी-मार्च में धन के निवेश में कोताही बरतने की आवश्यकता है। बिना सोचे-समझें कहीं पर धन का निवेश न करें। वहीं नौकरी-व्यवसाय में आपको शुभ समचार मिल सकता है। यदि आप किसी क़ारोबार से जुड़े हैं तो उसमें आपको लाभ मिलेगा। व्यापार वृद्धि की संभावना है। नौकरी-पेशा से जुड़े जातकों को उनकी मेहनत का अच्छा फल मिलेगा।
कर्क राशिफल के मुताबिक पारिवारिक जीवन में ख़ुशहाली आएगी। परिवार के सदस्यों से किसी बात को लेकर मनमुटाव देखने को मिल सकता है। परंतु इसके बावजूद भी पारिवारिक जीवन में ख़ुशियाँ एवं सुख-शांति बनी रहेगी। प्रेम जीवन में साथी के साथ अहंकार के टकराव होने की संभावना है। कोशिश करें कि यह स्थिति न आए। अपने लव पार्टनर के विश्वास को बनायें रखें। वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी का प्यार मिलेगा। आप भी उन्हें उनके हिस्से का समय देंगे।
सिंह राशिफल 2019 के अनुसार, इस वर्ष आपकी आर्थिक स्थिति बढ़िया रहेगी। छोटी-मोटी परेशानियाँ आएंगी जिन्हें आप आसानी से दूर करने में कामयाब होंगे। लेकिन एक बात का ध्यान रखें, फरवरी-मार्च और अप्रैल के बीच आपको धन की हानि हो सकती है। ऐसे में थोड़ा संभलकर चलें। आर्थिक क्षेत्र में आपकी मेहनत रंग लाएगी। परिश्रम से आपको एक नई पहचान मिलेगी और आपको इसका बहुत ही बढ़िया फल मिलेगा।
वहीं करियर के क्षेत्र में भी सिंह राशि के जातकों को बहुत ही सफल परिणाम मिलेंगे। लेकिन यह भी संभव है कि आप इन परिणामों से ख़ुश न दिखें। वार्षिक राशिफल के मुताबिक इस वर्ष आपका स्वास्थ्य जीवन अच्छा रहेगा। हालाँकि साल के प्रारंभ में आपको सर्दी-जुकाम होने की संभावना है। शारीरिक थकान और शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे में अपनी सेहत का ध्यान रखें और पौष्टिक आहार का सेवन करें।
प्रेम जीवन में मधुरता बनाए रखने के लिए आपको प्रयास करने होंगे। हो सकता है लव पार्टनर को आपकी किसी बात का बुरा लगे। ऐसे में उन्हें मनाने का प्रयास करें। रिश्ते में प्रेम की मिठास घोलने का प्रयास करें। परिवार के सदस्यों में सामंजस्य बना रहे, आपको इस बात पर ध्यान देना होगा।
वर्षफल 2019 के फलकथन के अनुसार इस साल कन्या राशि के जातकों का आर्थिक जीवन सामान्य से बेहतर रहेगा। साल के प्रारंभ में आपको धन लाभ होने के योग बन रहे हैं। हालाँकि इसके साथ ख़र्च में वृद्धि की संभावना दिखाई दे रही है। आपकी कोशिश यह रहनी चाहिए कि अनावश्यक मदों पर धन ख़र्च न होने पाए। करियर की बात करें तो यह साल आपके लिए अच्छा रहने वाला है। कई बार आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन कम्यूनिकेशन स्किल्स आपको तरक्की की राह में आगे ले जाएगी।
कन्या राशिफल के अनुसार, इस वर्ष आपकी सेहत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सेहत के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। ऐसे पदार्थों का सेवन न करें जिससे शरीर पर उसका बुरा असर होता हो। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। ख़ासकर शराब पीकर वाहन न चलाएँ। प्रेम जीवन में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लव पार्टनर से किसी बात को लेकर झगड़ा हो सकता है। लेकिन मामले को आगे न बढ़ाएँ। नौकरी अथवा व्यवसाय के कारण आपको परिवार से दूर जान पड़ सकता है।
राशिफल 2019 के अनुसार, तुला राशि के जातकों के लिए यह वर्ष बढ़िया रहेगा। विभिन्न क्षेत्रों में आप सफलता प्राप्त करेंगे। आर्थिक जीवन में लाभ के संकेत हैं। इस वर्ष आपके जीवन में धन लाभ के योग बन रहे हैं। लिहाज़ा इसका पूरा फायदा उठायें। आर्थिक निवेश से आपको लाभ मिलेगा। हालाँकि सोच समझकर ही इन्वेस्ट करें। करियर में सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त होगा। वहीं सीनियर्स से भी आपके अच्छे रिश्ते स्थापित होंगे और इन सब की मदद से आपके करियर में ग्रोथ देखने को मिलेगी। मार्च के बाद करियर के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनेंगी।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार, सेहत की दृष्टि से यह साल आपके लिए अच्छा रहेगा। इस वर्ष आप ऊर्जावान रहेंगे। यदि किसी जातक को पुरानी बीमारी है तो इस वर्ष उन्हें इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। जैसा कि आप जानते हैं कि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मन का वास होता है। अच्छी सेहत रहने के कारण अन्य क्षेत्रों में भी आप अपना अच्छा प्रदर्शन करते हुए नज़र आएंगे। परिजनों के साथ इस वर्ष आप किसी ट्रिप या किसी तीर्थ स्थल पर जा सकते हैं। परिवार में परिजनों के बीच एकजुटता नज़र आएगी। घर में मांगलिक कार्य के भी होने की संभावना है। प्रियतम के साथ रिश्तों में मधुरता आएगी।
वृश्चिक राशिफल 2019 के अनुसार, इस वर्ष वृश्चिक राशि के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है। यह सावधानी आपको सेहत के मामले में बरतनी होगी। ख़ासकर फ़रवरी-मार्च और मॉनसून में अपनी सेहत का ध्यान रखें। यदि किसी प्रकार की शारीरिक समस्या होती है तो उसका तत्काल उपचार कराएँ। पारिवारिक जीवन में चुनौतियाँ आएंगी। इसलिए आपको उन चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा। भाई-बहनों की सेहत में गिरावट हो सकती है।
वहीं इस वर्ष आपको बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। प्रेम जीवन में प्रियतम के साथ रोमांस करने का भरपूर मौक़ा मिलेगा। परंतु मर्यादा का ख्याल रखें। प्रेम जीवन के लिए साल 2019 बढ़िया रहेगा। वैवाहिक जीवन में जीवन साथी के साथ किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है। लेकिन फिर भी आप दोनों के बीच प्यार बना रहेगा।
अब बात करते हैं आपके आर्थिक जीवन की तो, इस वर्ष आर्थिक जीवन में आपको उतार-चढ़ाव भरी परिस्थितियों से गुजरना पड़ेगा। आमदनी और ख़र्च के बीच यदि आप अच्छा तालमेल बना पाते हैं तो आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। करियर की दृष्टि से यह साल अच्छे संकेत दे रहा है। ख़ासकर यदि आप किसी तकनीकी क्षेत्र से जुड़े हैं तो आपका यह साल अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक प्रोडक्टिव रह सकता है। काम के सिलसिले में विदेश जाने की भी संभावनाएँ हैं। अवसरों को भुनाने का प्रयास करें।
धनु राशिफल 2019 के अनुसार, साल की शुरुआत में आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ घेर सकती हैं। इसलिए आपको अपनी सेहत को लेकर सचेत रहना पड़ेगा। करियर की दृष्टि से आपको यह वर्ष मिश्रित परिणाम देगा। हालाँकि मेहनत के बल आप अपनी सफलता की मंजिल को पा सकते हैं। यदि आप किसी संस्थान में नौकरी करते हैं तो यह वर्ष आपको अच्छे फल देगा। इस वर्ष आपका प्रमोशन होगा अथवा आपकी सैलरी में वृद्धि होगी।
घर-परिवार में परिजनों के बीच अच्छा तालमेल दिखेगा। घर में किसी प्रकार का फंक्शन (शादी) हो सकता है। परिजनों के सहयोग से घर की आर्थिक स्थिति और भी मजबूत होगी। यदि धनु राशि के वे जातक जो विवाह योग्य हैं तो इस वर्ष आपका विवाह हो सकता है। शादीशुदा जातकों के वैवाहिक जीवन में आनंद की बयार आएगी। वहीं प्रेम जीवन में रिश्ते मधुर होंगे और साथ ही साथ लव पार्टनर से प्यार भरी तकरार भी हो सकती है।
मकर राशिफल 2019 के अनुसार यह साल आपके लिए अनुकूल रहेगा। यदि आप किसी संस्था/कंपनी में नौकरी कर रहे हैं तो आपका प्रमोशन हो सकता है। साल का अंतिम चरण आपके लिए कई ख़ुशखबरी लेकर आएगा। व्यापार में आपकी उन्नति होगी। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से आपको कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आप ऊर्जावान महसूस करेंगे परंतु उसके बाद अप्रैल से सितंबर तक आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मकर राशि के जातकों का आर्थिक जीवन मिला-जुला रहेगा। इस वर्ष आपके ख़र्चों में बढ़ोतरी होने की संभावना है जबकि आमदनी की बात करें तो इसमें वृद्धि की संभावना कम है। अपने प्रेम जीवन को ख़ूब इंज्वॉय करेंगे। आपका प्रेम जीवन रोमांचक रहेगा। यदि आप अपने लव पार्टनर को लाइफ़ पार्टनर बनाना चाहते हैं तो आपकी यह इच्छा इस वर्ष पूरी हो सकती है।
कुंभ राशिफल 2019 के अनुसार कुंभ राशि के जातकों के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। शिक्षा, व्यापार, प्रेम, करियर, वैवाहिक तथा पारिवारिक जीवन में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। घर में ख़ुशियाँ आएंगी। परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन हो सकता है। प्रेम जीवन में लव पार्टनर के साथ रिश्ता और भी गहरा होगा। साल की शुरुआत में प्रेम जीवन सामान्य रह सकता है लेकिन जैसे-जैसे साल बीतेगा वैसे प्रेम जीवन में आपको आनंद आएगा। वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी की अपेक्षाओं पर आप ख़रा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे।
कुंभ राशि वाले जातकों के लिए यह साल आर्थिक गतिविधि के लिए भी अनुकूल दिख रहा है। अपने कार्यक्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी। इस वर्ष आपको आर्थिक लाभ के योग हैं। आप धन को संचय करने में सफल रहेंगे। मार्च के बाद आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगेगा। आमदनी के कई सारे स्रोत होंगे और आप अपने आर्थिक पक्ष को लेकर ख़ुश भी दिखाई देंगे। आपके पास धन आएगा जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। कुल मिलाकर इस वर्ष आपका आर्थिक जीवन शानदार रहेगा। करियर के क्षेत्र में भी अच्छे अवसर आएंगे।
मीन राशिफल 2019 के अनुसार, इस वर्ष आपकी सोयी हुई किस्मत जागेगी। विभिन्न क्षेत्रों में आपको लाभ प्राप्त होगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। समाज में आपका रुतबा बढ़ेगा और समाज के प्रतिष्ठित लोगों से आपके रिश्ते स्थापित होंगे। साझेदारी में व्यापार बढ़िया चलेगा। करियर की गाड़ी भी गति पकड़ेगी। इस वर्ष आपको किसी अच्छी कंपनी में सुनहरा अवसर मिल सकता है। आर्थिक क्षेत्र में ज़ोख़िम भरे फैसले सोच समझकर लें।
मीन राशि के जातकों के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह वर्ष आपके अनुकूल दिखाई दे रहा है। इसके बावजूद अपनी सेहत को फिट बनाए रखने के लिए आपको प्रयास करने होंगे। योग-व्यायाम को दिनचर्या में जोड़ें। इस वर्ष आप अपने प्रेम जीवन को लेकर असमंजस की स्थिति में रह सकते हैं। रिलेशनशिप को लेकर आपके मन में किसी प्रकार की शंका रह सकती है। अच्छा होगा आप अपनी सभी शंकाओं को दूर करें। निजी एवं कार्य जीवन के बीच तालमेल बनाएँ। |
हादसे से बैतूल की पूनम दिव्यांग हुई तो राजकोट के चिराग ने आकर भरे खुशियों के रंग | Navlok Samachar
हादसे से बैतूल की पूनम दिव्यांग हुई तो राजकोट के चिराग ने आकर भरे खुशियों के रंग
बैतूल. बैतूल की पूनम और राजकोट (गुजरात) के चिराग की कहानी किसी मुंबइया फिल्म से कम नहीं। पूनम के साथ हुए एक हादसे में उसका दांया हाथ खराब हो गया। घटना ने उसके जीवन में अंधेरा ला दिया था, लेकिन इसी हादसे की वजह से आज उसकी जिंदगी में गुजरात के चिराग ने आकर नई रोशनी ला दी है। पूनम कहती है, ये हादसा नहीं होता तो शायद ये अवसर भी नहीं आता। दरअसल, पूनम हाथ से और चिराग पैर से दिव्यांग है। अब सोमवार को पूूनम- चिराग परिणय सूत्र में बंध जाएंगे।
बैतूल के सदर गेंदा चौक निवासी और रिटायर वनपाल रामचरण साहू बेटी के दिव्यांग हाे जाने से विवाह काे लेकर बेहद चिंतित थे। दो बेटियों की शादी हो चुकी थी, लेकिन इस बेटी के लिए अक्सर उनका मन हादसे व शादी को लेकर कचोटता था, ईश्वर से शिकायत रहती थी कि मेरी बेटी के साथ ऐसा होना था, लेकिन अब बेटी की शादी होने जा रही है, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू हैं।
फेसबुक पर दिव्यांग ग्रुप ज्वाइन करने पर बनी बात
दिव्यांग हो चुकी पूनम हादसे के बाद गुमसुम रहने लगी थी। धीरे -धीरे वह अपने सीधे की बजाय उल्टे हाथ से काम करने लगी। मोबाइल चलाने के दौरान पूनम ने फेसबुक पर बने दिव्यांग ग्रुप को ज्वाइन किया। इस ग्रुप में अलग-अलग राज्यों के लोग जुड़े थे। इससे गुजरात के राजकोट जिले के कुवड़वा गांव के चिराग पिता अमृतलाल राजवीर से उसकी बातचीत हुई। वह भी पैर से दिव्यांग है। दोनों की एक-दूसरे से बातें हुईं।
पिता बोले : ईश्वर दुख देता है तो खुशी भी देता है
दिव्यांग पूनम की शादी को लेकर परिवार में खुशी का माहौल है। पूनम के रिटायर पिता रामचरण कहते हैं बेटी के साथ दांतों की समस्या थी, वो ठीक हुई तो हाथ की आफत अा गई। वह सीधे हाथ से विकलांग हो गई। मैं ईश्वर से थोड़ा नाराज था, लेकिन अब लगता है कि ईश्वर दुख देता है, तो खुशी भी देता है। पूनम अपने घर विदा हो रही है। साेमवार को पूनम की गुजरात के चिराग से शादी हाेगी।
पूनम के साथ हुआ था ये हादसा
बैतूल के सदर गेंदा चौक निवासी रामचरण साहू की बेटी पूनम ने बीकॉम तक पढ़ाई की है। करीब पांच साल पहले पूनम दांतों में तकलीफ होने पर इलाज के लिए परतवाड़ा (महाराष्ट्र) गई थी। दांतों का ट्रीटमेंट कराकर वह बस से बैतूल आ रही थी। बस में वह खिड़की के पास बैठी हुई थी। तभी एक वाहन नजदीक से गुजरा और उनके सीधे हाथ काे चकनाचूर कर गया। हादसे ने पूनम को दिव्यांग बना दिया। डाॅक्टर ने हाथ काटने की सलाह दी, लेकिन पिता नहीं माने और इलाज कराया। पूनम का हाथ तो है, लेकिन उससे काम नहीं होता है। |
दिल्ली के सीएम केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्त्ता और समर्थक यह कहते नही थकते कि आप के राज में शिक्षा क्रांति हो गयी. दिल्ली के सरकारी स्कूल वर्ल्ड क्लास हो गए. फिर वे करोड़ों खर्च कर दिल्ली के हजारों स्कूलों में से 1 में बनी जिम और 2 में बनी स्विमिंग पूल का फोटो दिखाकर कहते हुए पाए जायेंगे कि भई कमाल कर दिया दिल्ली में केजरीवाल जी ने.
आप सरकार और उनके समर्थकों द्वारा आजकल एक और झूठ बड़ी तेजी फैलाया जा रहा है- सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों को भी पछाड़ दिया है. 12वीं के परीक्षा परिणामों का संदर्भ देते ऐसे लोग नज़र आते है. लेकिन जब बात 10 वीं के परीक्षा परिणामों की करें तो सब चुप्पी साध लेते है. फिर कोई ये कोई नही बताता कि दिल्ली के स्कूलों का परिणाम 2006-07 में आये 77.12% के स्तर से भी नीचे क्यों चला गया? 2006-07 के बाद कभी भी दिल्ली का परिणाम विपरीत दिशा में जाता नज़र नही आया लेकिन बीते 2 वर्षों में रिकॉर्ड टूट गया.
आईये समझते है क्या है दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कहानी-
पहले बात 12वीं की
1) पहली बार यह सुनना बहुत अच्छा लगता है कि सरकारी स्कूल प्राइवेट से भी बेहतर परिणाम ला रहे है. लेकिन दिल्ली के मामले में क्या ये पहली बार हो रहा है?
मालूम चलेगा नही.
दिल्ली के सरकारी स्कूल ने पहले भी प्राइवेट स्कूलों को पछाड़ा है. 2009 और 2010 में सरकारी स्कूलों का 12वीं में प्रदर्शन प्राइवेट स्कूलों से बेहतर था. पढ़े सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 12वीं परीक्षा परिणाम का ये आंकड़ा, जो दिल्ली सरकार द्वारा परीक्षा परिणाम आने के बाद हुए Result Analysis के जरिये साझा किया गया
इसलिए ये कहना कि ये ऐतिहासिक घटना है, गलत है!
2) ये भी कहना अतिरेक है कि परीक्षा परिणाम में सुधार केवल आप की सरकार बनने के बाद हुए. आंकड़े बताते है कि दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के परीक्षा परिणामों के गैप पहले के मुकाबले बेहद कम हुए है.
देखिये आंकड़े (स्लाइड न.12)
देख सकते है कि कभी 13% से पिछड़ने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों की न केवल बराबरी की, बल्कि उसे पछाड़ा भी. बीते 3 साल से यही दुहराया जा रहा है लेकिन सरकारी और प्राइवेट के बीच का फासला बहुत अधिक का नही है जैसा बीते दशकों में था.
3) रही बात दिल्ली के बच्चों के प्रदर्शन की तो ये हमेशा से ही बेहतर रहा है. ऊपर के आंकड़े बताते है कि 2008-2015 तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का परीक्षा परिणाम कभी 85% से कम नही हुआ. पिछले 3 सालों में अगर मामूली बढ़त हुई भी है तो उसी अनुपात में प्राइवेट स्कूलों का भी परिणाम सुधरा है. इस वर्ष यानी 2018-19 में अगर सरकारी स्कूलों का आंकड़ा 94% था तो प्राइवेट स्कूलों के आंकड़े भी 90% से ऊपर थे.
4) यहाँ यह भी देखना पड़ेगा कि जहाँ सरकारी स्कूलों में बच्चें कम हो रहे है, वही प्राइवेट स्कूलों में बच्चें बढ़ रहे है हर साल.
दिल्ली के इकॉनोमिक सर्वे की रिपोर्ट देखिये
5) सरकारी स्कूलों में नामांकन घट रहे है, वही प्राइवेट स्कूलों में कुल नामांकन का शेयर भी दिल्ली में बढ़ता जा रहा है. सरकार द्वारा जारी की गयी इकॉनोमिक सर्वे की रिपोर्ट के आंकड़े इसकी गवाही देते है. इसके मुताबिक 2014-15 में जहाँ प्राइवेट स्कूलों का शेयर 31 % था, 2017-18 में वह बढ़कर 45.5% से भी अधिक हो गया.
6) यहाँ पर एक बेहद चौंकाने वाली बात है कि परीक्षा परिणाम भले ही चाहे जैसा आये, परीक्षा में बैठने वाले बच्चों की संख्या हमेशा बढ़ती रही है, लेकिन जैसे ही आप सरकार में आई, परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों की संख्या घट गई.
देखिये बीते एक दशक से भी अधिक के आंकड़े.
1998-99 से लेकर 2007-08
2008-09 से लेकर 2017-18
जाहिर सी बात है, जब से आप आई है, दिल्ली के सरकारी स्कूलों से 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले बच्चों की संख्या कम होती जा रही है.
7) जो सबसे प्रमुख बात है कि हर साल 9वीं एवं 11वीं की परीक्षा में बड़ी संख्या में बच्चों को फेल किया जा रहा है ताकि केवल अच्छे बच्चें ही 12वीं की परीक्षा दे सकें. हर साल परीक्षार्थियों की घटती संख्या इसकी गवाही देते है. जहाँ हर साल लगभग 50% बच्चों को 9 वीं में फेल कर दिया जाता है (देखे आंकड़े)
वही 11वीं कक्षा में भी 28-29% बच्चों को फेल कर दिया जाता है. पढ़े इंडियन एक्सप्रेस की ये ख़बर.
इसके बावजूद परिणामों में आंशिक बढ़ोतरी को इस तरीके से बताया जाता है मानो करामात हो गया.
द प्रिंट रिपोर्ट पढ़िए कि कैसे फेक तरीके से प्राइवेट स्कूलों को दिल्ली के सरकारी स्कूल पछाड़ रहे है-
Delhi govt schools beat private schools in class 12 results. Reason: 50% flunk class 9
https://theprint.in/india/governance/delhi-govt-schools-beat-private-schools-in-class-12-results-reason/65484/
10वीं का परिणाम आते ही केजरीवाल सरकार के शिक्षा-क्रांति के दावे हवा हो जाते है
जिस 12वीं के परिणाम पर आप और उसके समर्थक सरकार की प्रशंसा करते नही अघाते, उन्हें 10वीं का रिजल्ट आते ही सांप सूंघ जाता है.
जानते है कुछ तथ्य,
1) इस वर्ष यानी 2018-19 में प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले दिल्ली के सरकारी स्कूल 21% पीछे रहे है. जहाँ दिल्ली के सरकारी स्कूलों का सामूहिक प्रतिशत 71.58% था, प्राइवेट स्कूलों का परिणाम 93.12% था. (पढ़े)
2) पिछले सत्र यानी 2017-18 में 10वीं के परीक्षा परिणाम आये तो जहाँ सरकारी स्कूलों के 69.32% बच्चें पास हुए थे, प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के पास करने का प्रतिशत 89.45% था. यानी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के बीच फासला 20% का था. (पढ़े)
दिल्ली बीते दो सालों में 10वीं की परीक्षा में राष्ट्रीय औसत से भी बेहद घटिया परिणाम दे रहा है इसके बावजूद इसकी जिम्मेवारी लेने के लिए कोई आगे नही आ रहा.
3) दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10वीं के रिजल्ट की हालत एक दशक पहले भी ऐसी नही थी.यह आप सरकार को श्रेय जाता है कि दिल्ली का प्रदर्शन पिछले एक दशक का भी रिकॉर्ड तोड़ अपने सबसे निम्नतम स्तर पर आ गया है.
4) प्राइवेट और सरकारी के बीच के गैप को पाटने में जो मेहनत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आप की सरकार बनने से पहले हुई थी, उसे चौपट करने की जिम्मेवारी दिल्ली सरकार को ही लेनी चाहिए. सरकारी और प्राइवेट के बीच के नेगेटिव फासले को यानी -45% से जो सरकारे प्लस में ले आई थी, 2013 में प्राइवेट स्कूलों को पछाड़ने का काम किया हो, आप की सरकार उसे दुबारा -21 में ले आई.
5) यह हालत तब है जबकी पिछले साल लगभग 42% बच्चें 9वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे. यानी बेहतर बच्चें ही अगली कक्षा में भेजे गए.
जैसा कि ऊपर भी बताया गया, जिस 10वीं की परीक्षा में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम बीते दो सालों से बेहद ख़राब आ रहे है, उसी 10वीं की परीक्षा में 2013 में दिल्ली के बच्चों का प्रदर्शन प्राइवेट स्कूलों से बेहतर था. (पढ़े)
5) दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में उन बच्चों को दुबारा नामांकन नही लेने दिया जा रहा, जो फेल हो गए थे. पिछले सत्र (2017-18) में ऐसे बच्चों की संख्या 66% थी.
पढ़े दिल्ली हाई कोर्ट में अधिवक्ता अशोक अग्रवाल की याचिका का ये हिस्सा
दिल्ली सरकार को 12वीं के Manipulated Achievement पर वाहवाही बटोरने की वजाए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का जबाब देना चाहिए कि -
1) लर्निंग आउटकम बढ़ाने के बड़े बड़े दावों के साथ "मिशन चुनौती" और "मिशन बुनियाद" चलाने के बावजूद भी इस तरह के परिणाम क्यों आ रहे है?
2) परीक्षा परिणामों को सुधारने के लिए बच्चों को क्यों फेल किया जा रहा है?
3) जो बच्चें फेल हो रहे है, उन्हें दुबारा नामांकन क्यों नही लेने दिया जा रहा?
4) सरकार चुनिन्दा स्कूलों की रंगाई-पुताई और कुछ भवन बनाकर वाहवाही लुटने की वजाए पढ़ने-पढ़ाने के ऊपर क्यों नही ध्यान दे रही?
दिल्ली सरकार के मुखिया को ध्यान रखना चाहिए कि कागज़ी आंकड़ों की बाजीगरी करके भले आप वाहवाही लुट ले, करोड़ों लुटाकर मीडिया का ध्यान भटका दें, जिन गरीब के बच्चों को स्कूली व्यवस्था से दूर कर रहे है, उन बच्चों के साथ खिलवाड़ कर राष्ट्र-अपराध कर रहे है.
Posted by Abhishek Ranjan at 1:32 AM No comments:
May 5, 2019
Fake revolutionary model of Delhi Education
In the last few years, the Delhi Government lead by Mr. Arvind Kejriwal has remained in news for the supposed ‘revolution’ it brought about in the education system, particularly in the Government schools in the State. Last year, the government allocated 26% of its budget for the education sector which far more than the education budget in other states of India.
The reality, however, is that the Delhi Government can afford to allocate such a big chunk of its budget for education is because by virtue of being the national capital, the government has more funds and limited areas for expenditure. The per capita income in Delhi is ₹3,65,529 which is thrice the national average of ₹1,25,397. Also, revenue surplus of Delhi was ₹4,913 crores, in contrast to most other states which are under huge amounts of debt because their expenditure is far more than their income. Moreover, Aam Aadmi Party’s claim that it is for the very first time that a Government has allocated such an amount for education is false. In the past, states like Bihar and Meghalaya, amongst others, have also allocated 25% - 30% of their budget for education. Since 2000, Delhi Government has always allocated more than 15% of its budget for education. In 2012-13, the per student expenditure was ₹29,641, which has increased to ₹61,622 in 2017-18. Despite this, its share in GSDP is still less than 2%. This means that even though the budget allocation for education has increased, its share in the GSDP has remained the same.
Even though the allocation is high, the actual expenditure is very low. In 2014-15, 62% of the allocated budget was spent, in 2015-16, 57% and in 2016-17, this figure was 79%. The AAP Government claims to allocate 25-26% of its budget for education but this figure is always reduced in the revised budget.
See the status of Budget allocated in the last financial year 2018-19
The truth behind the ‘revolution’ in the education sector of Delhi
In their election manifesto for the 2019 Lok Sabha Elections, the AAP claimed that the Delhi Government has brought about some revolutionary changes in the schooling system of Delhi. However, the reality is that the number of enrollments are decreasing in government schools and there is no visible impact of the same on annual results.
Enrollments –
The number of enrollments are decreasing with every passing year. In between 2013-14 and 2017-18, 1,32,138 students have decreased in total number of enrollment in each session, which is nearly 8%.
In the 2014-15 batch of 7th standard, 97% of the enrolled students were promoted to the 8th standard in 2015-16. However, when these students were promoted to 10th standard in 2017-18, their percentage had dropped down to 55%. The inference that can be drawn here is that in 9th standard, nearly half of the enrolled students failed and in 11th standard, nearly 33% of them failed. Resultantly, the government projected a good result and took credit for this so called ‘revolution’ without revealing the above stated facts.
Here, the most important factor is that the population of Delhi is increasing and enrollment in government schools is decreasing instead of increasing.
Here, two things that deserve consideration are:
1. Delhi Government is trying to deprive students of education in government schools in large numbers, and
2. The students who fail are not being allowed to enroll themselves again in government schools.
Only in 2018-19, of students who failed between 9th and 12th standard, 66% were not allowed to enroll again. In 9th, 52%; in 11th, 58% and in 12th, 91% of students who failed were denied re-admissions. See information collected by Adv Ashok Aggrawal
Learning Outcome –
The level of education in Delhi, is far less than the national average.
Also, the government took a challenge and students who failed 9th standard were allowed to pursue 10th standard through correspondence. An abysmally low percentage of 2% only could pass from this group of students in 2016-17. Only 2% of students who dropped out from government schools in 2017-18 took re-admission. On the basis of data available for the last five years, the passing percentage for students who took a correspondence course is only 4%. (Ref: Praja Foundation report)
The passing percentage for 10th standard in 2017-18 has dropped down to 68.90% from 92.44% in 2016-17. The AAP argued that the reason for this drop was problem in implementing the CBSE syllabus but the fact of the matter is that has been dropping constantly. This is why a large number of students are being deliberately failed in 9th and 11th so as to project a positive result on 10th and 12th standards. Moreover, the students to fail 10th and 12th standards are denied re – admissions.
Last year, the government denied responsibility for a poor result in 10th standard but took full credit for a miniscule improvement in the the result for 12th grade. The entire strategy was exposed by The Print in a report.
We can also see a very disturbing trend in a number of appeared students for the 12th Exam each year since AAP came in power-
Even this year, only 1,22,428 students were appeared in 12th exam, while 171613 students were enrolled in class 11th in 2017-18. No one knows where's rest 29% students.
Science taught only in 28% of schools –
As per a reply received to an RTI, only 28% of government schools in Delhi teach Science. At a time when the need of advancement in science and technology is being felt across the world, schools in Delhi are not even teaching the basic fundamentals of the field.
Unavailability of teachers –
As per report of Times of India, there were vacancies for 33,783 teachers corresponding to nine subjects of which only 19,243 permanent appointments were made, 8,713 appointments were made as temporary guest teachers and 17% of the vacancies are still vacant. In a press conference held on 6th March, 2019, Education Minister of Delhi, Mr. Manish Sisodia informed that in Delhi, out of 64,000 available vacancies for teachers, 58,000 appointments were made out of which 22,000 were as guest teachers. Even Delhi cabinet has also approved a policy to allow them to work till the age of 60- like regular teachers.
The interesting thing to note here is that 77% of these guest teachers were unable to get minimum pass marks in the examination against vacancies in Delhi Govt Schools.
According to the information sought under the Right to Information (RTI) Act, there are 918 posts of principals in 1,024 Delhi government schools. Some 106 schools don''t have such posts. Out of 918 posts of principals, 595 are lying vacant, the reply revealed.
It said 768 vice principals are holding the charge of the head of the school "due to principals not physically working or some schools have(ing) no post of principal".
Infrastructure –
At the time of assembly elections, AAP promised to open 500 new schools but even after 4.5 years, there is no sign of even 5% of this number even though the government has 82 vacant plots.
As per the reply to an RTI, only 23 new schools have been opened up in Delhi. In contrast, in one year itself, in 2013-14, 12 schools were opened up in Delhi. Out of the 23 new schools which the AAP claims to have opened up, according to a statement issued by former education minister Arvinder Singh Lovely, 10 were opened up at the time of the previous government lead by the INC.
In the manifesto for 2019 Lok Sabha elections, AAP has claimed that in order to improve education system, infrastructure is needed but for any effective development in that area, Delhi needs complete statehood. But, full statehood is just an excuse. In 2015, AAP claimed that there are 24,157 classrooms in Delhi schools and the Delhi government made 8,213 new classrooms despite all hurdles. Now, when the Delhi Government is able to improve infrastructure as claimed by them, why are they giving and excuse of full statehood to Delhi?
The Delhi government has spent 250 crores only on 52 selected model schools, ignoring the remaining majority. The system in these model schools is also ripe with corruption. The government is claiming credit by projecting the good optics of only a handful of schools picked after ignoring thousands others.
Below are the estimates of the Economic Survey pertaining to infrastructural development in schools of Delhi -
Posted by Abhishek Ranjan at 1:23 AM No comments:
May 4, 2019
शिक्षा: आम आदमी पार्टी का घोषणापत्र या झूठ का पुलिंदा
लोकसभा चुनाव -2019 को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी ने पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग के साथ अपना घोषणापत्र बीते दिनों जारी किया है. पिछले बार की वजाए इसबार आप बेहद कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है. दिल्ली में गठबंधन की तमाम कोशिशों के बावजूद और कई बड़ी रैलियों में आप मुखिया के भाग लेने के बाद भी किसी भी विपक्षी दल से इसका सीधा गठजोड़ नही हो सका है और आप अकेले मैदान में है. लेकिन पार्टी को पूरा भरोसा है कि अपने "काम न करने देने" के बहाने गिनाकर वह दिल्लीवासियों के वोट हासिल कर लेगी.
आप ने जो घोषणापत्र जारी किया है, उसको दो खंडो में विभाजित किया है- पहला, जो काम उसने "मोदी सरकार" के तमाम रुकावटों के बावजूद किया है, वही दूसरा, जो पार्टी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद करेगी.
आईये समझते है आप के घोषणापत्र को. बात केवल शिक्षा की.
आप ने घोषणापत्र में पहली उपलब्धि बताया है कि -
2015 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में कुल 24,157 कक्षाएं थी. केंद्र सरकार की तमाम रुकावटों के बावजूद दिल्ली सरकार ने 8213 नए क्लासरूम बनाए हैं. नवंबर 2019 तक 12748 और नए क्लासरूम बनकर तैयार हो जायेंगे.
असलियत- 7 मार्च 2017 को विधानसभा में दिए अपने भाषण में मनीष सिसोदिया ने कहा कि 24 नए स्कूल शुरू हो रहे है, 8000 नए कमरों का काम लगभग पूरा हो गया. पढ़े बजट भाषण -
लेकिन आप की आधिकारिक वेबसाइट कुछ और हकीक़त बता रही है. 7 अक्टूबर 2017 को जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक केवल 5695 ही कमरे बने. पढ़े प्रेस रिलीज .
2017 से ही सरकार यही माला जप रही है कि हमने 8000 कमरे बनवा दिए. सच्चाई कुछ और ही बता रही है.
भला हो इकॉनोमिक सर्वे का, जिसने ये बताया कि बने तो 8000 लेकिन लगे पुरे 4.5 साल. जो सरकार 24-25% बजट आवंटित करवाने के बावजूद 4.5 सालों में 8000 कमरा बनवाती है, वह सरकार केवल 6 महीने में 12000 बनवाने का दावा करे तो हँसी आनी स्वाभाविक है.
लेकिन ये उपलब्धि बताकर आप सरकार ने पूर्ण राज्य के अपने मांग के तर्क से ठीक उलट बातें कर दी. आप ने अपनी घोषणापत्र में यह कहा कि सभी बच्चों को शिक्षा का समान अवसर प्रदान करने के लिए जिस प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर की जरुरत है, उसे पूर्ण राज्य के दर्जे के बगैर पूरा कर पाना संभव नही है. दिल्ली सरकार के पास ज़मीन और शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति करने का अधिकार न होना इसमें सबसे बड़ी रुकावट है.
यहाँ आंकड़े साफ़ कहते है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए दिल्ली सरकार चाहे तो काम कर सकती है. इसके लिए उसके पास पैसा भी है, बजट भी है और विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की माने तो बहुत जगहों पर ज़मीने भी.
आप की सरकार ने पहले दिन से सभी स्कूलों के हितों की चिंता की वजाए दिल्ली के केवल 52 स्कूल मॉडल स्कूल के नाम पर चुने और उन्हें बेहतर स्कूल बनाने के लिए करोड़ों खर्च किये है. अच्छी बात है लेकिन आप की सरकार ने यहाँ भी काम नही किया. पढ़िए इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट
केजरीवाल और उनके समर्थक अमूमन जिन चमकती-धमकती तस्वीरों को वर्ल्ड क्लास स्कूल बनाने के दावे के साथ साझा करते है, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित वह स्कूल सर्वोदय बाल विद्यालय भी इन्हीं में से एक है. इसी एक स्कूल में आप सरकार ने 10 करोड़ खर्च किये है, जिसमें जिम भी बना है. कहा जाता है कि दिल्ली के केवल इसी स्कूल में सरकार ने जिम बनवाये, वही दिल्ली के 2 स्कूलों - मयूर विहार फेज-2 और ईस्ट विनोद नगर के स्कूलों में लगभग 5 करोड़ की लागत से स्विमिंग पूल बनवाये, लेकिन चित्र देशभर में ऐसे साझा किये गए, मानो सभी स्कूलों में स्विमिंग पूल है, जहाँ बच्चें तैराकी सीख रहे है, पानी से खेल रहे है, और जिम जाकर अपना शरीर हष्ट-पुष्ट बनाने में जुटे है.
जाहिर सी बात है कि जो सरकार जिम, स्विमिंग पूल और वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए करोड़ों खर्च करने का अधिकार रखती है, उसका पूर्ण राज्य की दर्जा की बेतुकी मांग के आड़ में बाकी के सैंकड़ों स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखना समझ से परे है. आज भी दिल्ली के अधिकांश स्कूलों में बच्चों के बैठने की जगह पर्याप्त नही है अथवा अधिक बच्चें एक ही कक्षा में बैठकर पढ़ते है.
आप ने अपनी दूसरी उपलब्धि बताते हुए कहा है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए फ़िनलैंड, सिंगापूर, ब्रिटेन जैसे देशों में भेजा गया ताकि दिल्ली के बच्चे भी विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त कर सकें.
दिल्ली में लगभग 36000 स्थाई शिक्षक नियुक्त है. Dialogue & Development Commission of Delhi द्वारा 4 साल की उपलब्धि पर फरवरी 2019 में जारी रिपोर्ट की माने तो बीते 4.5 साल में 695 शिक्षकों को विदेश यात्रा पर भेजा गया है.
दिल्ली के केवल 291 स्कूलों में विज्ञान पढ़ाई होती है. विज्ञान एवं गणित की पढ़ाई जहाँ होती भी है, वहां पर्याप्त शिक्षक नही है. गणित के लिए सृजित 5758 पदों में से 2408 और विज्ञान के 5570 पदों में से 2165 पदों पर आज भी कोई स्थाई शिक्षक नियुक्त नही है. सवाल उठता है कि जिस सरकार की प्राथमिकता में विज्ञान है ही नही, क्या वह विज्ञान के शिक्षकों की वजाए सोशल साइंस के शिक्षकों को 'इतिहास कैसे पढ़ाया जाए', इसका प्रशिक्षण लेने के लिए शिक्षकों को विदेश यात्राएँ करवा रही है! विदेश में तो STEM केन्द्रित शिक्षा व्यवस्था को जाने-समझने लोग जाते है. दिल्ली क्या सीखने के लिए शिक्षकों को भेज रही है, समझ से परे है! यहाँ पर एक बात समझने वाली है, जिसपर सही से जाँच-पड़ताल होना जरुरी है कि शिक्षकों को चुनने के मापदंड क्या है? चयनित शिक्षकों में से व्यक्तिगत तौर पर कुछ को जानता हूँ, वे सरकार के चीयरलीडर्स की तरह दिनरात गुणगान में व्यस्त रहते है. कही ये राजनैतिक फायदा उठाने और सरकार समर्थक शिक्षकों की सेवा का माध्यम तो नही बन रहा?
दूसरी बात, दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि को देखते हुए क्या सरकार को उन कमजोर बच्चों पर ध्यान देने के लिए प्रशिक्षण नही दिलवाने चाहिए थे, जिन्हें वह हर साल बड़ी संख्या स्कूलों से फेल करके बाहर निकाल देती है? केवल इसलिए कि वे कमजोर है, शिक्षक उपलब्ध नही है और स्थिति इतनी सुदृढ़ नही कि कोई बाहरी ट्यूशन/कोचिंग भी ले सकें! विश्व स्तरीय शिक्षा की नक़ल करने से पहले दिल्ली-स्तरीय शिक्षा व्यवस्था बनाने में जो सरकार विफल रही हो, वहां ऐसे प्रयास भले ही प्रथम दृष्टया अनुचित नही लगते हो, लेकिन भटकी हुई प्राथमिकता की जरुर गवाही देते है.
आप ने अपनी घोषणापत्र में कहा कि विशेष पहल के द्वारा बच्चों की सीखने की बुनियादी क्षमताओं को सुदृढ़ करने का सफल प्रयास किया गया. इसके अतिरिक्त हैप्पीनेस पाठ्यक्रम, एंटरपेन्योरशिप पाठ्यक्रम और संवैधानिक मूल्यों पर कैम्पेन के द्वारा बच्चों का सर्वांगीन विकास किया जा रहा है.
दिल्ली सरकार के द्वारा बच्चों के सीखने की बुनियादी क्षमताओं को सुदृढ़ करने के लिए दो मशहूर कार्यक्रम चलाये गए. पहला मिशन चुनौती, दूसरा मिशन बुनियाद।
इन दोनों कार्यक्रमों में से एक मिशन चुनौती का सरकार ने लक्ष्य तय किया था कि 6-8 वीं कक्षा के बीच जो लर्निंग गैप है, उसे खत्म करेंगे तथा 9 वीं कक्षा में ड्राप आउट दर को शून्य करेंगे.
पढ़िए क्या था लक्ष्य मिशन चुनौती कार्यक्रम का (संदर्भ - आप द्वारा जारी किया गया शिक्षा पर रिपोर्ट -Transforming Delhi Education)
लेकिन ये कार्यक्रम अपने मकसद में सफल नही हो सका. लर्निंग गैप पाटने के तमाम दावे खोखले साबित हुए. परिणामों में मामूली सुधार देखने को मिले, स्थिति वैसी की वैसी ही बनी रही.
उसी रिपोर्ट का एक और अंश -
इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2016-17 में नौवीं के 59897 कमजोर बच्चों को विश्वास समूह में रखकर दिल्ली के स्कूलों से उठाकर सीधे पत्राचार कार्यक्रम में कक्षा-10 में धकेल दिया गया. इनमें से केवल 2% ही पास हो सकें।
जिन बच्चों को पत्राचार कार्यक्रम में भेजा गया, वहां पर शिक्षक भी पर्याप्त संख्या में नही थे. देखे प्रजा फाउंडेशन द्वारा जारी किये रिपोर्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा-
पत्राचार कार्यक्रम की विफलता से परेशान विद्यार्थियों ने 2016-17 सत्र के बाद अगले सत्र में नामांकन भी लेना लगभग बंद कर दिया.
मिशन बुनियाद कार्यक्रम की भी हालत कुछ खास अच्छी नही रही. अप्रैल 2018 में शुरू हुए इस कार्यक्रम का रिपोर्ट बताता है कि यह कार्यक्रम कक्षा- 3 से लेकर 9वीं तक के बच्चों में टेक्स्टबुक पढ़ने और सामान्य गणितीय समझ बढ़ाने पर केन्द्रित था. इस कार्यक्रम की शुरुआत करने के उद्देश्य थे कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले उन 52% बच्चों की कौशल क्षमता बढ़ाना, जो गणित व हिंदी से संबंधित दक्षताओं में अपनी कक्षा के अनुरूप नही थे. यानी भारी-भरकम बजट खर्च करने वाले दिल्ली में आधे बच्चों को बुनियादी क्षमताएं आती ही नही थी. कार्यक्रम से दिल्ली सरकार ने काफी सुधार होने का दावा किया.
देखिये Dialogue & Development Commission of Delhi की रिपोर्ट का अंश
मिशन बुनियाद और मिशन चुनौती के सफल होने के तमाम दावे झूठे साबित हुए क्योंकि न तो सही से क्रियान्वयन की कोई योजना थी, न 9वीं में पास होने वाले बच्चों के पास परसेंटेज में कोई ख़ास बदलाव आया, न ही मिशन चुनौती के तहत किये प्रयासों का कोई परिणाम नेशनल अचिवेमेंट सर्वे (NAS)-2017 की रिपोर्ट में देखने को मिला. NAS की रिपोर्ट में दिल्ली का प्रदर्शन कक्षा- 3-8 की श्रेणी में राष्ट्रीय औसत से भी कम था.
कक्षा 7वीं और 8वीं के जिन बच्चों की दक्षता बढ़ने के दावे किये गए, उनके कक्षा 9 में जाने के बाद भी परीक्षा परिणामों पर कोई विशेष फर्क नही पड़ा और बड़ी संख्या में बच्चें फेल होते रहे. जहाँ वर्ष 2017-18 में 57.4% बच्चें 9 वीं कक्षा की परीक्षा में उतीर्ण हुए, वही 2018-19 की परीक्षा में पिछले सत्र के मुकाबले मामूली बढ़ोतरी हुई और 0.4% की वृद्धि के साथ 57.8 रहा। (संदर्भ देखे) यानी वर्तमान सत्र में भी लगभग 52% बच्चे आप की सरकार के तमाम दावों और वादें के बावजूद ड्रापआउट कर दिए गए.(और पढ़े- इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट)
सबसे ख़तरनाक जो ट्रेंड दिल्ली के स्कूलों में चल रहा है, वह है कक्षा-12 की वार्षिक परीक्षा में में प्रतिवर्ष बैठने वाले बच्चों की घटती संख्या। इन बच्चों में पिछले वर्ष फेल हुए कुछ बच्चें भी शामिल रहते है, जो यह साबित करता है कि बेहद कम बच्चें कक्षा-12 वीं तक पहुँच पा रहे है. वर्ष 2018 में आये परिणाम के बाद दिल्ली सरकार द्वारा 12वीं के परिणाम की समीक्षा के लिए जो पीपीटी तैयार की गई थी, उसका अंश देखे, जिसमें प्रतिवर्ष परीक्षा में बैठने वाले बच्चों की संख्या में आप सरकार आने के बाद लगातार संख्या घटती जा रही है-
कहना गलत नही होगा, सीखने के स्तर सुधार के तमाम वादे दिल्ली के जनता के आँखों में धुल झोंकने वाला है.
हैप्पीनेस क्लास/एंटरपेंयोरशिप पाठ्यक्रम
पहले बात करते है बहुचर्चित हैप्पीनेस क्लास की, जिसे पिछले वर्ष शुरू किया गया है. इसमें शिक्षकों को प्रतिदिन किये जाने वाले गतिविधियों को करने संबंधी जो दिशा निर्देश गए है, उसका अंश गौर से देखिये (टीचर हैंडबुक, पृष्ठ संख्या-9, कक्षा-3-5/6-8)
अब जरा मध्य प्रदेश के स्कूलों में लागू होने वाले टाइम टेबल को गौर से देखिये (संदर्भ- राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 13 जून 2018 को जारी पत्र क्रमांक- 2195) -
देखने से एक बात स्पष्ट हो जायेगी कि दिल्ली के स्कूलों में कुछ अनोखा नही हो रहा. बल्कि देश के लगभग सभी राज्यों में टाइम टेबल का एक हिस्सा उन गतिविधियों पर जरुर केन्द्रित रहता है, जो बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के साथ साथ जीवन शैली, व्यवहार और आम-जिन्दगी की बातों से उन्हें परिचय करवाए, उन्हें उनके मनमर्जी की चीजे करने की छुट दे, जिनसे बच्चों को ख़ुशी मिलती है.
अलग बस इस मायने में है कि दिल्ली सरकार ने भारी-भरकम बजट खर्च करके, सरकार की सहयोगी अनेक संस्थाओं को उपकृत करके कहानियों का संग्रह तैयार करवाई, कुछ अन्य गतिविधियाँ जोड़ी, कक्षा में उसे करने के तरीके बताये और उसे हर विद्यालय में मुख्यमंत्री/शिक्षामंत्री के फोटो और संक्षिप्त भाषण के साथ सभी स्कूलों तक पहुंचवा दिया। कहना बिल्कुल गलत नही होगा कि हैप्पीनेस पाठ्यक्रम दशकों से स्कूलों में होनेवाली गतिविधियों की रि-पैकेजिंग है, जिसमें कहानियों का संग्रह और दैनिक जीवन के व्यावहारिक गुणों के बारे में विशेष जोर है. फर्क बस इतना है कि इसे बुकलेट का शक्ल देकर दलाई लामा जी के हाथों से लांच करवाकर पूरी दुनिया में PR एक्टिविटी का एक मौका सरकार को मिला.
बच्चा कितना ख़ुश है अथवा नही, इसका अंदाजा बाद में लगेगा, लेकिन फिलहाल जो भी ख़ुशी बच्चों को मिल रही है 8वीं तक, उनपर 9वीं आते आते ग्रहण लगना तय है. क्योंकि सरकार पढ़ाने पर ध्यान देने की वजाए अच्छा प्रदर्शन न करने की क्षमता आंकते हुए उन्हें फेल करेगी ताकि 10 वीं और फिर बाद में 12वीं की परीक्षा परिणाम सुधारा जाए और दुनिया को अच्छी तस्वीरें दिखाई जाए. शायद लाखों बच्चों की रोने और रोते-विलखते बच्चों की तस्वीर दिल्ली के किसी और स्कूल के किसी हँसते हुए बच्चों के आगे दब जायेगी.
एंटरपेंयोरशिप पाठ्यक्रम अभी ज़मीन पर उतरा भी नही है लेकिन आप ने इसे अपनी उपलब्धियों में शामिल कर लिया. यह कार्यक्रम जुलाई 2019 से लागू होगी. लेकिन इसका लौन्चिंग भव्य तरीके से त्यागराज स्टेडियम में किया गया, जहाँ चुनाव से पहले यह दिखाया गया कि हम कुछ बड़ा कर रहे है.
13 फरवरी 2019 को एक बड़े समारोह में एंटरपेंयोरशिप पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए जो Entrepreneurship Mindset Curriculum दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया गया, उसमें काम की बातें कम, नेताओं/अधिकारीयों के भाषण अधिक है. 40 पृष्ठों के इस बुकलेट में 16 पृष्ठ इन्ही सबके लिए है. वही मुख्य विषयवस्तु अंग्रेजी में 11 पन्ने तथा इसका हिंदी अनुवाद 10 पन्ने में लिखा गया है. ऐसा लगता है मानो आनन-फानन में लोगों के बीच लाना मकसद हो. उद्देश्य इसका भले सही हो, आप की पब्लिसिटी करने के लिए PR रणनीति का हिस्सा ज्यादा बच्चों के लिए कम लगता है.
आप ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी(SMC) के तहत पहली बार बच्चों के माता-पिता को स्कुल संचालन में शामिल किया गया. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हर तीन महीने पर मेगा पैरेंट्स टीचर मीटिंग हो रही है.
SMC देश के हर सरकारी स्कूलों में है, जिसके कुछ सदस्य अनिवार्य रूप से अभिभावक ही होते है. (देखे MHRD के वेबसाइट का ये लिंक) दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार थी, उसी समय शिक्षा के अधिकार कानून के अनुपालन में 25 मार्च 2013 को एक पत्र जारी किया गया, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि 16 सदस्यीय SMC में 12 सदस्य बच्चों के माता-पिता/अभिभावक होंगे.
इसी पत्र में यह कहा गया था कि कम से कम दो महीने में एकबार SMC की बैठक अवश्य होनी चाहिए. इसमें नया क्या है, समझ से परे है. हाँ, सरकार के साथ कुछ NGO जरुर SMC पर काम कर रहे है, वही सरकार ने थोड़े बजट भी बढ़ाए है.
आप ने अपने घोषणापत्र में एक और उपलब्धि बताते हुए कहा है कि पहली बार पिछले 3 सालों से लगातार 12वीं के रिजल्ट प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले बेहतर रहे है.
जैसा कि ऊपर भी चर्चा हो चुकी है, 12वीं का परिणाम इसलिए बेहतर नही आ रहे कि स्कूलों में बेहतर पढ़ाई हो रही है, बल्कि इसलिए आ रहे है क्योंकि बड़ी संख्या में बच्चों को या तो 9वीं में फेल कर दिया जा रहा है, जो बच्चें 10वीं में फेल हुए उनकों दुबारा एडमिशन नही दिया जा रहा, 11वीं में जो बच्चें आ गए और कही से पिछड़ रहे हो तो उन्हें 12वीं में नही जाने दिया जा रहा, वही जो 12 वीं में पिछले सत्र में फेल है उनमें से अधिकांश को दुबारा परीक्षा नही देने दिया जा रहा.
आप की सरकार बनने के बाद हर वर्ष 12वीं कक्षा की परीक्षा में बैठने वाले बच्चों की संख्या में भारी कमी देखि गई है. प्राइवेट को पछाड़ने की कहानी भी बिल्कुल बेबुनियाद है और इसकी द प्रिंट ने अपनी विशेष स्टोरी में बखिया भी उधेड़ रखी है.
अगर इसी वर्ष जारी परिणाम को आंकड़े से समझने की कोशिश करें तो लगभग 29% बच्चों को पिछले साल 11वीं में फेल कर दिया गया था. जो बच्चें इस साल 12वीं की परीक्षा दे रहे थे, वे जब सत्र 2015-16 में 9वीं कक्षा में थे तो उनके साथ कुल विद्यार्थी साथी 288094 थे, लेकिन इनमें से केवल 164065 विद्यार्थी ही सत्र 2016-17 में पहुंचे और कक्षा-10 वीं की परीक्षा में बैठ सकें. वही सत्र 2017-18 में कुल 171613 बच्चें 11वीं में थे, केवल 122428 बच्चें ही 12वीं की परीक्षा में बैठे. पिछले सत्र में फेल हुए और दुबारा बैठे बच्चों की संख्या को नजरअंदाज भी कर दे तो कुल अंतर 165666 बच्चों का है. इनकी किसे सुध है! इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को फॉर्मल स्कूली शिक्षा से दूर करना और कोई हो-हल्ला भी न होना, समझ में आता है कि आप सरकार हर कॉलेज के गवर्निंग बॉडी में अपने बीट रिपोर्टरों/संपादकों को क्यों बिठा रही है.
आप की घोषणापत्र में एक और उपलब्धि बताई गयी है कि 12 वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली के बच्चों को 10 लाख रुपये तक गारंटी फ्री लोन की व्यवस्था की गई.
दिल्ली जैसे अमीर राज्य के लिए गारंटी फ्री लोन दिलाना मामूली काम है. मध्य प्रदेश जैसा राज्य तो अपने बच्चों को पूरी फीस माफ़ कर देता है. मुख्यमंत्री मेघावी विद्यार्थी योजना के आगे दिल्ली की ये पहल कुछ भी नही, जिसमें न तो लोन की दरों में कोई कमी हो रही, न ही सरकार मदद दे रही.
पूर्ण राज्य मिलने के बाद
आम आदमी पार्टी ने खुद को असहाय और केंद्र सरकार का पीड़ित बताते हुए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रही है और दर्जे मिल जाने से ही दिल्ली के हर समस्या के समाधान करने की बात जोरो-शोरो से कर रही है.
आप ने शिक्षा को लेकर भी अपनी कुछ ऐसी ही वादे शामिल किये है, जो वह पूर्ण राज्य के मिलने पर ही पूरी कर सकेगी. जानते-समझते है कि क्या है वे वादे-
आप के वादे
1) शिक्षा के अधिकार का विस्तार- राज्य सरकार नया कानून लाएगी, जिसके तहत दिल्ली के हर बच्चे को नर्सरी से लेकर 12वीं तक अनिवार्य और विश्वस्तरीय शिक्षा मुफ्त में पाने का अधिकार मिलेगा, जिससे हर बच्चा खुशहाल, आत्मनिर्भर व सजग नागरिक बने सकें.
- शिक्षा के अधिकार का विस्तार करना राज्य के वश के बाहर की बात है.
2) कॉलेज एजुकेशन का अधिकार- 12वीं में 60 फीसदी से अधिक नंबर पाने वाले दिल्ली के सभी छात्रों को कॉलेज में बतौर रेगुलर स्टूडेंट एडमिशन मिलेगा.
- ये ऐसा ही वादा है, जैसे किसी को चाँद पर घर गिफ्ट करने का वादा करना. दिल्ली सरकार के अधीन कॉलेजों में न तो इतनी सीटें है, न ही सरकार ने विधानसभा चुनाव के समय 20 नए कॉलेज खोलने के अपने किये वादे को पूरा कर पाई है. अब भला किस तरीके से 60% वाले बच्चों को रेगुलर बनायेंगे केजरीवाल, ये तो शायद उन्हें भी इसकी समझ नही होगी. रही बात बच्चों के एडमिशन की, नए कॉलेज खोलने के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा जरुरी ही नही है.
3) कॉलेज एडमिशन में दिल्ली के छात्रों के लिए आरक्षण- प्रत्येक कॉलेज में 85 फीसदी सीटें दिल्ली के छात्रों के लिए आरक्षित होंगी.
-आम आदमी पार्टी चुनावों के वक़्त हमेशा ये मुद्दा उठाती है कि हम आरक्षण दिलवाएंगे दिल्ली के कॉलेजों में, लेकिन ये न तो पूर्ण राज्य के दर्जे से होगा, न ही ये कभी संभव हो सकता है.
इस लेख के लेखक ने आप के इस फर्जी प्रोपेगेंडे को अप्रैल 2014 में भी एक्सपोज कर चुका है कि आप का यह चुनावी वादा बिल्कुल फर्जी है और इसे अमल में लाना बिल्कुल असम्भव है.
पढ़िए लेखक द्वारा मांगे गए RTI जानकारी पर जबाब, जो डीयू ने दिल्ली सरकार को दिए थे-
RTI से संबंधित पूरी जानकारी के लिए पढ़े 5 वर्ष पुराना ब्लॉग
4) शैक्षणिक सुविधाओं और शिक्षकों की संख्या का विस्तार- शिक्षा के नए कानून के मानकों के तहत अतिरिक्त स्कुल और कॉलेज बनाये जायेंगे एवं पर्याप्त संख्या में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.
- बगैर पूर्ण राज्य के दर्जे के भी ये काम आसानी से किये जा सकते है. आप ने खुद ये बात कई बार स्वीकार किये है कि वह नए स्कूल/कॉलेजों को खोलने के लिए कार्य कर रही है. रही बात शिक्षक नियुक्ति की तो ये काम इस सरकार की प्राथमिकता में है ही नही.
5) गेस्ट शिक्षकों का स्थायीकरण – दिल्ली सरकार के स्कूलों में वर्तमान में कार्यरत सभी गेस्ट शिक्षकों को स्थाई किया जाएगा.
- गेस्ट टीचर की नियुक्ति और गुणवत्ता को लेकर कई सवाल है. बीते दिने DSSB द्वारा लिए परीक्षा में 77% गेस्ट टीचर पास मार्क्स भी नही ला पाए.
पढ़े दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार के हलफनामे का अंश, जो अधिवक्ता अशोक अग्रवाल जी की याचिका पर दिल्ली सरकार ने जमा किये थे -
6) मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा का विस्तार- नए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के द्वारा लगभग 10 हजार सीटों की बढ़ोतरी की जायेगी.
-दिल्ली विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2017-18 के अपने बजट भाषण में दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया लगभग इतने ही सीटों की बढ़ोतरी की घोषणा कर चुके है. वह भी तब, जब पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग जन्म भी नही ले सकी थी, न ही आप ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने का कोई गंभीर प्रयास किया. समझ से परे है कि इतने कांफिडेंस से पुरे एक्शन प्लान के साथ दावा करने वाले शिक्षा मंत्री पर आप को भरोसा नही है, या फिर कुछ न कर पाने के बहाने.
पढ़िए विधानसभा में बजट भाषण का वह अंश
7)200 पॉइंट रोस्टर लागू करेंगे- उच्च शिक्षण संस्थानों में 200 पॉइंट रोस्टर लागू किया जाएगा.
- केंद्र सरकार ने अध्याधेश के जरिये 200 पॉइंट्स रोस्टर लागू कर दिया है. केजरीवाल केंद्र के फैसले पर जबरदस्ती रोटी तोड़ने की फ़िराक में लगे है.
आप की उपलब्धियों और उसके वादों में कोई दम नही है. ऐसा लगता है कि जो वाक्य चुने गए घोषणापत्र के लिए, वह बिना किसी सोच-समझ के शामिल कर लिए गए या फिर आप लोगों को बेवकूफ समझती है. कहना गलत नही होगा कि ये घोषणापत्र कम, झूठ का पुलिंदा अधिक है.
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Bihar CM Nitish Kumar NDA MLA Meeting Raising Hand For liquor ban resolution - नीतीश सख्त, NDA विधानमंडल मीटिंग में मंत्री-MLA का हाथ उठाकर शराबबंदी संकल्प
होम/ न्यूज़ /नीतीश सख्त, NDA विधानमंडल मीटिंग में मंत्री-MLA का हाथ उठाकर शराबबंदी संकल्प
Ankul Kaushik, Last updated: Mon, 29th Nov 2021, 5:34 PM IST
बिहार में शराब को लेकर एनडीए विधानमंडल मीटिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में विधायकों ने हाथ उठाकर संकल्प लिया. इस दौरान सभी ने कहा न पीना है, न पीने देना है.
NDA विधानमंडल की बैठक में हाथ उठाकर शराबबंदी संकल्प
पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में एनडीए विधान मंडल दल की बैठक में शराबबंदी के पक्ष में सभी मंत्री, विधायक एवं विधान पार्षदों ने हाथ उठाकर संकल्प लिया. सभी सदस्यों ने कहा कि बिहार में न पीना है और न पीने देना और इसके साथ ही हाथ उठाकर उन्होंने संकल्प लिया. वहीं इस मौके पर एमएलए निक्की हेम्ब्रम ने CM के सामने मांग की कि महुआ से हमारे समाज का गहरा लगाव रहा है. इसलिए महुआ को अन्य उद्योग से जोड़ना चाहिए. महुआ का उपयोग नहीं होना चिंता की बात है और महुआ से सिर्फ शराब नहीं बनाई जा सकती है. इसके साथ ही बिहार JDU विधायक संजीव सिंह ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि शराब के अलावा गांजा, भांग और अफीम के साथ साथ ड्रग्स का सेवन बढ़ रहा है, नशीली पदार्थों को लेकर भी छापेमारी अभियान चलाने की जरूरत है.
बता दें कि पिछले कई दिनों से बिहार में शराबबंदी के बावजूद भी प्रदेश में शराब की बोतलें निकल रही हैं. इस बात को लेकर प्रशासन भी काफी अलर्ट है और होटलों सहित चेक पोस्ट पर छापेमारे व चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. वहीं इस बात को लेकर बिहार में विपक्ष सीएम नीतीश पर हमलावर है कि सीएम नीतीश प्रदेश में शराब को नहीं रोक पा रहे हैं. कहीं कुछ लोगों ने कहा है कि सीएम नीतीश को प्रदेश से शराबबंदी को हटा देना चाहिए.
नीति आयोग की रिपोर्ट पर तेजस्वी यादव बोले, नीतीश सरकार के 16 साल बेमिसाल नहीं, बदहाल रहे
इन सभी बातों के बीच सीएम नीतीश ने कई बार समीक्षा बैठक की. इस बैठक में सीएम नीतीश ने साफ कह दिया है कि प्रदेश में शराबबंदी को लेकर कोई भी समझौता नहीं होगा. सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए जो भी करना पड़े, वो करेंगे. इस मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते लिखा था कि विडंबना है शराब की तस्करी करने,कराने,बेचने और बिकवाने वालों पर ही शराब पकड़ने की ज़िम्मेवारी है. |
सिडनी टेस्ट: ऋषभ पंत ने शतक बनाकर रचा इतिहास, बनाया यह रिकॉर्ड - Navyug Sandesh : Undefined variable: category_id in /home/nsgbsg2017/public_html/wp-content/themes/sahifa/framework/functions/common-scripts.php on line 723
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सिडनी टेस्ट: ऋषभ पंत ने शतक बनाकर रचा इतिहास, बनाया यह रिकॉर्ड
सिडनी टेस्ट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए पहली पारी में शतक लगाने के साथ ऋषभ पंत ने बड़ी उपलब्धियां अपने नाम कर इतिहास रच दिया है। पंत आस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं। एक न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक भारतीय टीम ने शुक्रवार को अपनी पहली पारी 622 रनों पर घोषित कर दी। पंत ने इस पारी में 159 रन बनाए और वह नाबाद लौटे। |
IPL 2022: 4-time winning team CSK got a big setback, Ravindra Jadeja can out of this tournament!
IPL 2022: 4 बार की विजेता टीम CSK को लगा बड़ा झटका, टीम का Star खिलाड़ी हुआ टूर्नामेंट से बाहर!
IPL 2022: चेन्नई सुपर किंग्स के लिए यह साल कुछ ज्यादा खास नही रहा है। दरअसल, एकतरफ जहां टीम को लगातार कई हार का सामना करना पड़ा है, तो दूसरी तरफ उनके स्टार ऑलराउंडर दीपक चाहर इस बार इस सीजन में चोटिल होने की वजह से टूर्नामेंट से पहले ही बाहर हो चुके हैं । वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक अब एक ऐसी खबर सामने आयी है, जिसे जानकर सीएसके फैन्स को बड़ा झटका लगने वाला है।
CSK को लग सकता है बड़ा झटका
दरअसल, पिछले मैच में जड़ेजा सीएसके की तरफ से नही खेले थे, क्योंकि आरसीबी के खिलाफ वे चोटिल हो गये थे। ऐसे में यह बात सामने आ रही है कि रविन्द्र जड़ेजा आने वाले मैचों से बाहर हो सकते है या फिर वे इस पूरे आईपीएल सीजन से ही बाहर हो सकते है। जिससे चेन्नई सुपर किंग्स टीम को जड़ेजा जैसे खिलाड़ी के टीम में शामिल न होने से आने वाले मैचों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, अभी आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि नही हुई है।
बतौर कप्तान फेल हुए जडेजा
हालांकि, इस बार सीजन से पहले ही जड़ेजा का सीएसके के नए कप्तान के रूप में चयन किया गया था, लेकिन उनकी कप्तानी में टीम का खराब प्रदर्शन और लगातार हार मिलने के बाद टीम की कमान एमएस धोनी को ही सौंप दी गयी है। बता दें कि जडेजा ने इस सीजन में कुल 8 मैचों में कप्तानी की थी।
जडेजा का IPL 2022 सीजन रहा निराशाजनक
दूसरी तरफ, जडेजा के लिए यह सीजन जितना खास माना जा रहा था, उतना रहा नही। दरअसल, एक तरफ तो बतौर कप्तान उनका प्रदर्शन खराब रहा, तो दूसरी तरफ इस सीजन में जडेजा का बल्ला भी पूरी तरह से खामोश रहा है। जडेजा ने इस सीजन में कुल 10 मैच खेले, जिनमे उन्होनें 19.33 की औसत से सिर्फ 116 रन ही बनाए है। बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में भी जडेजा पूरी तरह से फ्लॉप रहे है। इतने ही मैचों में जडेजा सिर्फ 5 विकेट झटक पाए है। ऐसे में यह आंकड़ें बताते है कि जडेजा का यह सीजन उनके प्रदर्शन के मुताबिक पूरी तरह से निराशाजनक रहा है। |
131 लोगों के एक अन्य अध्ययन के समान परिणाम थे, जिसमें दिखाया गया कि 10 सप्ताह के योग ने तनाव और चिंता को कम करने में मदद की। इसने जीवन की गुणवत्ता और मानसिक health में सुधार लाने में मदद की |
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गजब है अपना देश. ईमानदार होना तो जैसे गुनाह है. फील्ड चाहे कोई हो. ठगी, लालच, धूर्तई, धोखेबाजी, बेईमानी, छल, अवसरवादिता, निहित स्वार्थीपना .. ये सब हम भारतीयों के खून में है. हजारों सालों से हो रहे हमलों और हमारी हारों ने अपन लोगों को जिंदा रहने की खातिर इन सब हथियारों का सहारा लेने को मजबूर किया और इतने दिनों तक इसका सहारा लेते रहे कि अब इसकी आदत पड़ गई है. यह हमारे खून, दिल, दिमाग का हिस्सा हो गया है. सदियों से चलने वाले ठगी प्रथा को साफ करने में अंग्रेजों को दशकों लग गए.
मतलब साफ है. जो चीजें हम लोगों से सदियों से करते रहे हैं, उसे भले कई वजहों से छोड़े हुए हों, कई किस्म के दबावों-मजबूरियों के कारण न करते हों, लेकिन अवचेतन में जिंदा है… अगर उचित मौका-अवसर मिले तो ये अपराधी डीएनए हुंकार भरने लगता है… धोखेबाज खून खौलने लगता है…. सो, सही कहा गया है- ‘हम भ्रष्टन के, भ्रष्ट हमारे’!
बेइमानी के डीएनए वाले इस महा भ्रष्ट देश में इन्हीं ऐतिहासुक ‘गुणों’ की वजह से जनहित और देशहित में काम करने वाले सरोकारी टाइप लोग पगलेट माने जाते हैं. समाज-राजनीति से लेकर पेशे-महकमें के लोग तक इनका इलाज करने पर उतारू हो जाते हैं.
पत्रकारों के साथ तो इन दिनों खास बुरा हो रहा है. बेंगलुरु से लेकर बनारस तक पत्रकार मारे जा रहे हैं या पिट रहे हैं. त्रिपुरा और नोएडा की घटनाएं भी हाल की हैं. मेरा हाल भी आप लोगों ने देखा ही था. पोलखोल खबरों के प्रकाशन के कारण मेरे उपर भी दिल्ली के हर्ट प्रेस क्लब आफ इंडिया में हमला किया गया. फिलहाल ताजा मामला नकल रोकने पर एक गुरुजी के पिटाने का है. आगरा के इन प्रोफ़ेसर महोदय ने नकल विहीन परीक्षा के लिए कमर कस ली थी. बस, इसी गलती पर इन पर जानलेवा हमला हो गया. हमलावर मरणासन्न स्थिति में इन्हें छोड़ कर भाग निकले.
युवा पत्रकार अंकित सेठी ने जानकारी दी है कि आगरा के सिकंदरा क्षेत्र के निवासी सीनियर प्रोफ़ेसर पीएस तिवारी को आरबी कॉलेज में चल रही लॉ की परीक्षाओं के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया. सोमवार को परीक्षा के दौरान नक़ल करने से रोकने पर प्रोफ़ेसर तिवारी की कुछ छात्रों और एक साथी प्रोफेसर के साथ कहासुनी हो गई. मंगलवार सुबह लगभग सात बजे जब वह कॉलेज जाने के लिए निकले तो बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने उनकी गाडी रुकवाकर उन पर सरिया और लोहे की रोड से हमला कर दिया. पीड़ित ने बताया की हमलावर उन्हें परीक्षाओं में नकल को लेकर धमका रहे थे. उनका कहना है कि नक़ल विहीन परीक्षा कराने के उनके इरादों से परेशान होकर नक़ल माफिया, जिसमें कई प्रोफ़ेसर भी शामिल हैं, ने उन पर जानलेवा हमला करवाया है.
Patna:बिहार विधानसभा चुनाव में तेजप्रताप यादव को चुनौती देने के लिए उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय तैयार हैं. बस ऐश्वर्या को इशारा मिलने का इंतजार है. तेजप्रताप हसनपुर से चुनाव लड़े या महुआ से ऐश्वर्या टक्कर देने के लिए दोनों जगहों से तैयार हैं.
तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय ने कहा कि अगर तेजप्रताप महुआ का मैदान छोड़कर हसनपुर भी चुनाव लड़ने जाते हैं तो वहां से भी ऐश्वर्या चुनाव लड़ सकती हैं. इसको लेकर वह तैयार हैं. इससे पहले भी चंद्रिका राय ने अपनी बेटी ऐश्वर्य के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा था कि वह चुनाव लड़ सकती है.
अगर तेजप्रताप यादव के खिलाफ महुआ या हसनपुर से ऐश्वर्या चुनाव लड़ती हैं तो बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में यह सीट काफी चर्चित होगा. इस सीट पर सबकी नजर रहेगी कि आखिर पति और पत्नी में जीत किसकी होती है. चुनावी प्रचार के दौरान भी दोनों एक दूसरे के खिलाफ जमकर पलटवार करेंगे. बता दें कि पहले से ही लालू परिवार और चंद्रिका राय के परिवार के रिश्ते खराब हो चुके हैं. तेजप्रताप और ऐश्वर्या का तलाक का मामला कोर्ट में हैं. इस बीच ऐश्वर्या ने सास राबड़ी देवी पर मारपीट का आरोप लगाया था. उसके बाद वह राबड़ी देवी का आवास छोड़कर अपने पिता के घर रह रही है. जिसके बाद से दोनों परिवारों में रिश्ता बिगड़ता चला गया. चंद्रिका राय भी समधी का साथ छोड़ नीतीश के साथ हो गए. अब समधी, समधन और दामाद और तेजस्वी के खिलाफ जमकर पलटवार कर रहे हैं. |
बंदरों ने मारा झपट्टा, दूसरी मंजिल से गिर पड़ी बीजेपी नेता की पत्नी, मौत के बाद जागा नगरपालिका
बताया जा रहा है कि सुषमा चौहान की दूसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई, बीजेपी के पूर्व सांसद स्व. हुकुम सिंह के भतीजे और बीजेपी नेता अनिल चौहान की पत्नी सुषमा भी राजनीति में सक्रिय रह चुकी हैं।
New Delhi, Sep 08 : यूपी के शामली में बंदरों के आतंक की वजह से बीजेपी नेता की पत्नी की मौत हो गई है, कैराना कस्बे में बंदरों के उत्पात की खबरें आम होने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसी का नतीजा है कि बंदरों के हमले से बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल चौहान की पत्नी और जिला पंचायत की पूर्व सदस्य सुषमा चौहान की मौत हो गई है।
दूसरी मंजिल से गिरकर मौत
बताया जा रहा है कि सुषमा चौहान की दूसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई, बीजेपी के पूर्व सांसद स्व. हुकुम सिंह के भतीजे और बीजेपी नेता अनिल चौहान की पत्नी सुषमा भी राजनीति में सक्रिय रह चुकी हैं, वो वार्ड नंबर 13 से जिला पंचायत सदस्य थी, मंगलवार सुबह करीब 7 बजे वो मंदिर से पूजा कर लौटी, तो देखा कि घर की दूसरी मंजिल पर बंदरों का झुंड मौजूद है।
बंदरों को भगा रही थी
सुषमा चौहान बंदरों को भगा रही थी, इसी दौरान बंदरों ने उन पर झपट्टा मार दिया, जिससे उनका संतुलन बिगड़ा और वो सीढियों से फिसलकर सीधे फर्श पर आ गिरीं, आनन-फानन में पति अनिल चौहान और परिवार के अन्य सदस्य उन्हें शामली के एक प्राइवेट अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस घटना से लोगों में गुस्सा है, उनका कहना है कि कैराना में बंदरों का आतंक बढ गया है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, हादसे के बाद नगर पालिका ने बंदरों को पकड़ने की कोशिश शुरु कर दी है, चेयरमैन हाजी अनवर हसन ने कहा कि बंदरों को पकड़ने के लिये मथुरा की टीम से संपर्क किया गया था, टीम ने बताया कि वो अभी लखनऊ साइड में बंदर पकड़ रहे हैं, दो-तीन दिन बाद जब मथुरा लौटेंगे, तो फिर संपर्क करेंगे। |
राजस्थान के मालपुरा में हालात सुधारने के प्रयास, दूसरे दिन भी कफ्यू जारी | Hindi News Live, Breaking News In Hindi, हिंदी न्यूज़- UPUKLive
राजस्थान के मालपुरा में हालात सुधारने के प्रयास, दूसरे दिन भी कफ्यू जारी
25 अगस्त को राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में लगातार दूसरे दिन भी कफ्यू लगा रहा। हालांकि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिए प्रशासन ने कुछ लोगों को कफ्यू पास जारी किए है, लेकिन लगातार दूसरे दिन कफ्र्यू लगे रहने से लोगों को परेशानी होना शुरू हो गई है।
24 अगस्त की रात को ही प्रशासन ने हिन्दू और मुस्लिम प्रतिनिधियों को बुलाकर संवाद किया था। प्रशासन का प्रयास है कि जल्द ही दोनों को एक जाजम पर बैठाकर हालात सामान्य किए जाए। कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे अतिरिक्त संभागीय आयुक्त केके शर्मा ने बताया कि हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से लगातार सम्पर्क बना रखा जा रहा है।
समीक्षा के बाद ही कफ्यू में ढील देने पर विचार होगा, फिलहाल इंटरनेट सेवाओं को भी बंद रखा गया है। प्रशासन नहीं चाहता कि 23 व 24 अगस्त के हालात फिर से उत्पन्न हो।
सांसद और विधायक की गतिविधियों से सीएम को अवगत कराया
टांेक के भाजपा सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया और विधायक कन्हैयालाल च ौधरी की मालपुरा में चल रही गतिविधियों से प्रदेश की सीएम वसुध्ंारा राजे को अवगत करवा दिया गया है। उच्च प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सीएम ने 24 अगस्त से ही जोधपुर संभाग में अपनी गौरव यात्रा शुरू की है। व्यस्तता के बीच ही सीएम को मालपुरा के हालातों के बारे में बताया गया है। मालूम हो कि 24 अगस्त को मालपुरा के बारादरी बालाजी परिसर में सांसद और विधायक की उपस्थिति में बैठक हुई थी।
बैठक के बाद ही मालपुरा में तिरंगा यात्रा निकाली गई, इससे जो हालात उत्पन्न हुए उसे देखते हुए की कफ्र्यू लगाना पड़ा। दोनों समुदायों के लोगों के आमने सामने हो जाने से हालात बेकाबू हो गए। आगजनी आदि की घटनाएं भी हुई। असल में तिरंगा यात्रा निकालने वालों में 23 अगस्त की घटना को लेकर गुस्सा है। 23 अगस्त को बीसलपुर बांध से जल लेकर आ रहे कावड़ यात्रियों का दल जब मालपुरा के टोडा रोड से गुजर रहा था कि तभी समुदाय विशेष के लोगों ने लाठी सरिए व धारदार हथियारों से हमला कर दिया।
आरोप है कि पुलिस तत्काल कोई कार्यवाही नहीं की। इसलिए सांसद और विधायक की पहल पर हुई बैठक में लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया।
Hindi News Live, Breaking News In Hindi, हिंदी न्यूज़- UPUKLive: राजस्थान के मालपुरा में हालात सुधारने के प्रयास, दूसरे दिन भी कफ्यू जारी
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Narendra Modi speech in Varanasi| सियासी पंडितों को अब मानना होगा, अंकगणित के आगे एक केमेस्ट्री भी होती है: नरेंद्र मोदी| Hindi News, लोकसभा चुनाव
May 27, 2019, 02:41 PM IST
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि पार्टी की जीत के इस सिलसिले को देखते हुए अब सियासी पंडितों को मानना पड़ेगा कि अंकगणित के आगे भी आदर्शों और संकल्पों की एक 'केमेस्ट्री' होती है. मोदी ने भाजपा को देश में राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी शिकार पार्टी करार देते हुए कहा कि इस हिंसा को एक प्रकार से मान्यता दी गयी है. यह हमारे सामने बहुत बड़ा संकट है. वाराणसी से दोबारा सांसद बनने के बाद पहली बार काशी आये मोदी ने कार्यकर्ताओं से खुलकर अपने दिल की बात कही.
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश पूरे देश में लोकतंत्र की नींव को और मजबूत कर रहा है लेकिन वर्ष 2014, 2017 और 2019 की चुनावी विजय की हैट्रिक कोई मामूली चीज नहीं है. तीन चुनाव के बाद भी अगर राजनीतिक पंडितों के दिमाग नहीं खुलते तो समझना चाहिये कि उनके विचार, उनके तर्क 21वीं सदी के लिये नहीं रह गये हैं. मोदी ने कहा ''इस हैट्रिक के बाद राजनीतिक पंडितों को मानना होगा कि अंकगणित के आगे भी एक 'केमेस्ट्री' होती है. देश में आदर्शों और संकल्पों की जो केमेस्ट्री है, वह पूरे अंकगणित को पराजित कर देती है. इस बार यही हुआ है.'' |
जयपुर Horoscope Today 19 May 2022: आज इन 3 राशि वालों को मिलेगा सितारों का साथ, धन लाभ होने के संकेत
Horoscope Today 19 May 2022: आज इन 3 राशि वालों को मिलेगा सितारों का साथ, धन लाभ होने के संकेत
Pandit Mukesh Shastri 2022/05/19 08:26
मेष(Aries): यदि आप कार्यक्षेत्र में ज्यादा उलझनें महसूस कर रहे हों तो उसके लिए भी आपका रास्ता साफ होने जा रहा है. आज के दिन की सफलता के लिए ॐ हरये नमः मन्त्र का जाप करे.
वृष(Taurus): काफी लंबे अर्से के बाद आज का दिन सुख प्रदान करने वाला रहेगा, आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. उलझे हुए मैटर्स आज सुलझ सकते हैं. आज के दिन के सफलता के लिए माता पिता की परिक्रमा करके घर से निकले.
मिथुन(Gemini): आज अपने आप को समय के हवाले कर दे, जो होता है, जैसा होता है उसे स्वीकार करते जाये उसी में आज आपकी भलाई है. आज के दिन के सफलता के लिए बेसनले लड्डू बच्चो में बांटे.
कर्क(Cancer): आज पिछले दिनों किये गए प्रयासों के कारण पेंडिंग पड़े सभी मसले एक-एक करके हल होते नजर आएंगे. आज के दिन की सफलता के लिए गौ माता की सेवा करे.
सिंह(Leo): आज के दिन जिस काम में आप को हाथ डालेंगे उसी कार्य में प्राप्त होगी. सर्दी जुखाम से बचे. आज के दिन के सफलता के लिए अपने पितरों के तस्वीर के समक्ष देशी घी का दीपक जलाये.
कन्या(Virgo): आज का दिन आज कल करने में नहीं बिताये. दबाव रहित होकर काम को अमल में लाने के लिए भरसक प्रयास करे. आज के दिन की सफलता के लिए हल्दी मिश्रित दूध का सेवन अवश्य करे.
तुला(Libra): आज ज़्यादा जल्दबाजी, उतावलापन,जोख़िम उठाने की प्रवत्ति, ओवर कॉन्फिडेंस से अपने आप को दूर रखने का प्रयास करे. आज के दिन के सफलता के लिए विष्णु मंदिर में इत्र का दान करे.
वृश्चिक(Scorpio): आज अगर अपने ही बलबूते पर आगे पैर बढ़ाना चाहते हैं तो कमर कस लीजिये क्यूंकि आगे बहुत मेहनत करनी है. आज के दिन की सफलता के लिए हल्दी की गांठ अपने पास रखें.
धनु(Sagittarius): कुछ बढ़ते हुए काम का बोझ आपको आज सारे दिन बिजी रखेगा लेकिन धैर्य और सुकून बनाए रखें. आज के दिन की सफलता के लिए केले के पौधे की पूजा परिक्रमा करे.
मकर(Capricorn): पिछले कई महीनों से आप तनावग्रस्त और परेशानी के माहौल में रहने के कारण आपकी हिम्मत फ्रीज हो गई थी, लेकिन आज का दिन इन सबके दबाव से मुक्त रहेगा. आज के दिन की सफलता के लिए चनेकी दाल का सेवन करे.
कुंभ(Aquarius): आज अपने कारोबार से प्रॉफिट बटोरने का दिन है. सुबह से ही अच्छे मेसेज और फोनकाल आपके लिए और भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. आज के दिन की सफलता के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे.
मीन(Pisces): कुछ जद्दोजहद और परेशानी से भरा दिन रह सकता है लेकिन आपकी सकरात्मक सोच आज आपकी मदद करती रहेगी. आज के दिन की सफ़लता के लिए विष्णु मंदिर में कमल का पुष्प अर्पण करे.
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Relief from the sun, Kankanee made disaster
धूप से मिली राहत, कनकनी बनी आफत
पछिया हवा के कारण कनकनी आफत बनी हुई है।
Publish Date:Mon, 16 Jan 2017 01:43 AM (IST)Author:
दरभंगा। जारी ठंड के बीच धूप खिलने से राहत के बावजूद पछिया हवा के कारण कनकनी आफत बनी हुई है। इसके कारण लोगों की परेशानी बनी रही। रविवार की सुबह धूप खिलते ही कहर में कमी की उम्मीद थी। लेकिन, सर्द हवा चलने के कारण आफत की स्थिति बनी रही। वृद्धों व बच्चों के लिए संकट का समय बरकरार रहा। जगह-जगह अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश होती रही। स्कूलों में छुट्टी होने से राहत रही। उधर, धूप निकलने से हर वर्ग के लोगों को सहूलियत हुई। लोगों ने धूप का आनंद लिया। सड़क पर भी चहल पहल रही। लोग घरों से निकले तथा अपना कामकाज निपटाया। वहीं शाम होते ही कनकनी का कहर शुरू हो गया। रविवारी की छुट्टी के कारण बाजार में भी चलह-पहल अपेक्षाकृत कम दिखी। वैसे मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति के बाद ठंड में कमी आने की संभावना रहती है।
केवटी संवाद सहयोगी के मुताबिक, जारी ठंड का जनजीवन प्रभावित रहा। पछिया हवा व कनकनी स कठिनाई बनी रही। दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 105, मब्बी-कमतौल एसएच 75, रनवे-रैयाम, रैयाम-छतवन तथा छतवन-तारसराय आदि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम रही।
¨सहवाड़ा संवाद सहयोगी के अनुसार, सर्द हवा व ठंड से जनजीवन प्रभावित रहा है। बाजारों मे चहल पहल कम रही। धूप निकलने से राहत रही। लेकिन, शाम होते ही सन्नाटा पसर गया। ठंड के कारण व्यवसाय भी प्रभावित है। जानवर परेशान हैं, पशुपालक अलाव की व्यवस्था में लगे रहे।
हायाघाट संस के मुताबिक, ठंड के कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। शाम होते ही सन्नाटा पसर गया। वैसे दोपहर में धूप खिल जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। खुले आसमान के नीचे रहने वालों की परेशानी बरकरार है। |
सुजानगढ़ व बीदासर पंचायत समिति की अधीनस्थ ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने ग्रामीण विकास में आ रही समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर प्रेस वार्ता की। मालासी सरपंच विश्वजीत कस्वां के आह्वान पर होटल सत्यम में आयोजित प्रेस वार्ता में करीब एक दर्जन सरपंच पंहूचे। मीडिया से वार्ता करते हुए मालासी सरपंच विश्वजीत कस्वां ने कहा कि ग्राम पंचायतों के ई टेण्डर अप्रांसगिक है, इसके बाद भी होते हैं तो ग्राम पंचायत के स्तर पर हों। ब्लॉक स्तर पर ई टेण्डर होने से एक ठेकेदार द्वारा सभी ग्राम पंचायतों को सामग्री उपलब्ध करवाना असंभव है, जो कि ग्रामीण विकास की समग्रता पर काला धब्बा साबित होगा।
कस्वां ने पीएमजेवाई में पात्र व अपात्र के चयन के लिए सोशल डिस्टेंस के साथ सीमित संख्या में ग्राम सभा की बैठकें करने की अनुमति देने, क्षेत्र में जल ग्रहण व मनरेगा के तहत लघु व सीमान्त किसानों लाभान्वित करने के लिए उनके खेतों में जलग्रहण कूप बनाने की अनुमति देने, वंचित गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा से जोडऩे की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने, खनन कार्य करने व खनन कार्य के दुष्प्रभावों से पीडि़त ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता के साथ डीएमएफटी योजनान्तर्गत प्राप्त राशि का व्यय करने का अधिकार देने, पंचायतों की निजी आय बढ़ाने के लिए पंचायती राज नियम 60 के तहत कर निर्धारण के दायरे को बढ़ाने, टिड्डी दल से बचाव के लिए अतिरिक्त साधन व संसाधन उपलब्ध करवाने तथा कोविड 19 से लडऩे के लिए दी जाने वाली राशि को बढ़ा कर दो लाख रूपये प्रति पंचायत करने की मांग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से की है। इस अवसर पर गोपालपुरा सरपंच सविता राठी, लोढ़सर सरपंच कन्हैयालाल शर्मा, कल्याणसर सरपंच विकास सारण, बालेरां सरपंच सुरेन्द्रसिंह राठौड़, लुहारा सरपंच नरेन्द्र बेनीवाल, मलसीसर सरपंच मुकेश मेघवाल, आबसर सरपंच गिरधारीलाल कांटीवाल, ज्याक सरपंच भंवरलाल, घंटियाल बड़ी सरपंच नत्थूसिंह उपस्थित थे। |
Home Remedies to Get Rid of Black Eye in Hindi | आंखों के आसपास कालापन और सूजन दूर करने के 9 घरेलू उपाय | Onlymyhealth
आंखों के आसपास कालापन और सूजन दूर करने के 9 घरेलू उपाय
कई बार चाेट लगने के कारण आंखाें के आस-पास कालापन हाे जाता है। जिसे ठीक करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं।
घरेलू नुस्ख By : Anju Rawat , Onlymyhealth Editorial Team / Date : Jul 28, 2021
ब्लैक आई यानी आंखाें के कालेपन की समस्या तब हाेती है, जब व्यक्ति के चेहरे या सिर पर काेई चीज टकराती है या चाेट लगती है। इससे आंख के आसपास की त्वचा में खून जमा हाे जाता है, जाे कालेपन का कारण बनता है। मामूली सी चाेट लगने की वजह से भी यह हाे सकता है। ब्लैक आई की समस्या कई बार गंभीर और दर्दनाक भी हाे सकती है। यह आपके पूरे लुक काे भी खराब करता है। इसके लिए आपकाे चिंता करने की जरूरत नहीं है। कुछ घरेलू उपायाें की मदद से ही इस समस्या काे दूर किया जा सकता है। जानें ऐसे घरेलू उपायाें के बारे में, जाे काली आंखे के कारण हाेने वाले दर्द, सूजन से छुटाकारा दिलाते हैं।
1. बर्फ से करें सिंकाई
ब्लैक आई के दर्द और सूजन काे कम करने के लिए बर्फ एक काफी अच्छा घरेलू उपाय है। कोल्ड कंप्रेस तकनीक काली आंख को ठीक करने के लिए प्राथमिक उपचार के रूप में काम कर सकती है। यह रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा करता है, जिससे इंटरनल ब्लीडिंग बंद हाेती है। इसके लिए आइस क्यूब लें, इसे रुमाल में लपेट लें। इसे प्रभावित स्थान पर सर्कुलर मोशन में लगाएं। आप 10 मिनट तक ऐसा कर सकते हैं। इससे दर्द और सूजन कम हाेने में मदद मिलेगी।
2. गर्म सेक लगाएं
सभी तरह के दर्द से राहत पाने के लिए गर्म सेक का इस्तेमाल किया जाता है। आंख में सूजन, दर्द और कालेपन काे दूर करने के लिए भी आप गर्म सेक का उपयाेग कर सकते हैं। इसके लिए आप पानी गर्म करें। इसमें एक तौलिया काे डिप करें और निचाेड़कर आंखाें के आस-पास धीरे-धीरे लगाएं। इससे रक्त का प्रवाह बढ़ता है। आप इसे दिन में 3-4 बार कर सकते हैं। इस प्रक्रिया काे आप 10-15 मिनट तक कर सकते हैं।
3. मसाज करें
ब्लैक आई में हाेने वाले दर्द और सूजन काे कम करने के लिए आप मसाज का सहारा भी ले सकते हैं। इसके लिए आप बादाम का तेल लें। अपनी दाे उंगुलियाें से प्रभावित स्थान पर लगाएं और धीरे-धीरे मसाज करें। 5-10 मिनट मसाज करने से आपकाे इस समस्या में काफी हद तक आराम मिलेगा। इससे प्रभावित स्थान पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे दर्द से राहत मिलता है। तेज हाथाें से मसाज करने से बचें, इससे स्किन छिल सकती है और ज्यादा दर्द हाे सकता है।
आंखाें काे आराम देने के लिए आपका आराम करना बहुत जरूरी हाेता है। इसके लिए आप 2 तकियाें काे एक के ऊपर एक करके रखें। इस पर अपना सिर रखें और आरामदायक अवस्था में साे जाएं। इससे आपकाे आंखाें में दर्द महसूस नहीं हाेगा और धीरे-धीरे दर्द कम हाेने लगेगा। साथ ही आराम करने से काली आंखाें की समस्या भी दूर हाेती है।
5. विटामिन सी डाइट लें
काली आंख की समस्या से राहत पाने के लिए आपकी डाइट का अच्छा हाेना भी बहुत जरूरी हाेता है। इस समस्या में आपकाे विटामिन सी से भरपूर डाइट लेना चाहिए। इसके लिए आप आंवला, नींबू, संतरा, मौसंबी, ब्राेकली का सेवन कर सकते हैं। इन सभी फलाें में काफी अच्छी मात्रा में विटामिन सी हाेता है। दरअसल, विटामिन सी का सेवन करने से रक्त की धमनियाें की दीवार माेटी हाेती है, जिससे इसमें आराम मिलता है। साथ ही इससे चाेट और दर्द भी ठीक हाेता है।
6. विटामिन के का सेवन करें
विटामिन सी की तरह की विटामिन के भी काली आंखे की समस्या से राहत दिलाने में फायदेमंद माना जाता है। विटामिन के सूजन में कमी करता है। इसके लिए आप पालक, शलजम, स्प्राउट्स का सेवन कर सकते हैं। विटामिन के चाेट के कारण हाेने वाले सूजन और दर्द में कमी करता है। अगर आप भी इस समस्या से ग्रसित हैं, ताे इसका सेवन कर सकते हैं।
7. तेल का उपयाेग
ब्लैक आई के दर्द, सूजन काे कम करने के लिए आप तेल से मसाज भी कर सकते हैं। संभव हाे ताे इसके लिए प्राकृतिक तेल का चुनाव करें। आप नारियल तेल, अरंडी का तेल या काेई अन्य तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे प्रभावित स्थान पर मसाज करने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। 5-10 मिनट तक मसाज करें, इससे आपकाे काफी फायदा मिलेगा।
8. आलू स्लाइस
आंखाें के कालेपन काे दूर करने के लिए आलू की स्लाइस का उपयाेग करना भी एक अच्छा घरेलू उपाय है। इसके लिए आप आलू के स्लाइस काट लें। इसे प्रभावित स्थान पर 10-15 मिनट के लिए लगाकर रखें। आलू के स्लाइस दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मददगार हाेता है। आप आलू के स्लाइस काे काटकर पहले 2-3 घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। इसके बाद इन्हें आंखाें पर रखें। इससे आंखाें काे ठंडक मिलेगी और समस्या में राहत मिलेगी।
9. खीरा स्लाइस
आलू स्लाइस की तरह ही खीरा के स्लाइस भी आंखाें के दर्द, सूजन और कालेपन काे दूर करने में उपयाेगी हाेता है। अगर आप इस समस्या से परेशान हैं, ताे इसके लिए खीरे के स्लाइस काट लें। अब एकदम सीधा लेट जाएं और इन्हें आंखाें के आस-पास प्रभावित स्थान पर रखें। खीरे की तासीर ठंडी हाेती है, जिससे आंखाें काे कूलिंग इफेक्ट मिलता है। दिन में 2-3 बार आंखाें पर खीरे की स्लाइस रख सकते हैं। इससे आंखाें का दर्द, सूजन और कालापन दूर हाेगा। |
डेनमार्क की युवती के साथ ऋषिकेश में हुआ दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | SANKHNAAD
डेनमार्क की युवती के साथ ऋषिकेश में हुआ दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
ऋषिकेश में योग सीखने के लिये डेनमार्क से आई युवती के साथ एक एनआरआई व्यवसायी ने दुष्कर्म कर डाला। पीड़िता के योग प्रशिक्षक की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर हिरासत में ले लिया है। जानकारी के अनुसार आरोपी ने पीड़िता को एनर्जी हीलिंग के जरिये स्वस्थ रहने का झांसा देकर दुष्कर्म किया।
निजी योग संस्थान का संचालन करने वाले वीरभद्र ऋषिकेश निवासी जितेन अरोड़ा ने रामझूला थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि डेनमार्क निवासी 22 वर्षीय एक युवती उनके संस्थान में पंद्रह दिनों से योग शिक्षा ले रही थी।
गुरुवार को युवती संस्थान पहुंची और उसने आपबीती सुनाई। युवती ने बताया कि उसकी मुलाकात कुछ दिन पूर्व तपोवन स्थित एक रेस्टोरेंट में सुदीप बालियान नाम के शख्स से हुई। सुदीप को उसने अपने मानसिक तनाव की बात बताई। जिस पर सुदीप ने उसे एनर्जी हीलिंग (एक ऐसी ध्यान क्रिया जिसमें प्राण ऊर्जा को शरीर के प्रभावित हिस्से पर केंद्रित करने का अभ्यास कराया जाता है) की सलाह दी थी।
युवती का आरोप है कि सुदीप इस बहाने उसे तपोवन स्थित देवी म्यूजिक आश्रम में ले गया, वह इसी आश्रम में कमरा लेकर रह रहा था। पीड़िता के अनुसार एनर्जी हीलिंग की क्रिया के दौरान आरोपित ने उसके साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म किया।
मुनिकीरेती थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुकदमा दर्ज करने के साथ ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। उसने बताया कि वह ग्रीन स्ट्रीट मेल वैली, कैलिफोर्निया यूएसए में कारोबार करता है। मूलरूप से वह सोनीपत हरियाणा का रहने वाला है। करीब एक महीने पहले वह भारत आया था। पिछले दस दिनों से तपोवन में रह रहा है।
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Bhopal Crime News College Girl Died In Suspicious - द क्राइम इन्फो
Bhopal Crime News: दूसरी मंजिल से संदिग्ध हालत में गिरकर छात्रा की मौत
Bhopal Crime News: सड़क पर डेढ़ घंटे तड़पती रही, अस्पताल में तोड़ा दम
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) के ऐशबाग इलाके में दो मंजिला फ्लैट से गिरकर एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। छात्रा यहां राजधानी में रहकर बीकॉम की पढ़ाई कर रही थी। पुलिस मामले की तफ्तीश करके यह पता लगा रही है कि कही उसको धक्का देकर फेंका तो नहीं गया है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि गिरने के बाद छात्रा करीब डेढ़ घंटे तक सड़क पर तड़पती रही थी। इसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने उसे आरआर अस्पताल भर्ती कराया था।
मोबाइल पर बातचीत करती दिखी
पुलिस के अनुसार 20 वर्षीय पूजा मालवीय पिता मोहन मालवीय पुष्पा नगर की रहने वाली थी। वह बी.कॉम प्रथम वर्ष की प्रायवेट पढ़ाई कर रही थी। उसके पिता लॉड्री का संचालन करते हैं। परिवार में उसकी मां पिता के अलावा एक अन्य बहन है। पुलिस को जांच में पता चला है कि युवती करीब ढाई बजे रात फ्लैट की बालकनी में मोबाइल पर किसी से बात करते हुए देखी गई थी। वह जहां से नीचे गिरी वहां से घर के पिछले हिस्सा है। करीब चार बजे घर के पास रहने वाले एक व्यक्ति ने उसे सड़क पर पड़ा देखा था। उस वक्त तक पूजा मालवीय (Puja malviya News) की सांसे चल रही थी। उसको पहले आरआर अस्पताल पहुंचाया। जहां से उसे हमीदिया में रिफर किया। हमीदिया अस्पताल में रविवार शाम को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी हैं।
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यह है जांच का विषय
जहां से पूजा मालवीय गिरी वहां छज्जे में जब तीन फीट की बाउंड्री थी। ऐसे में आशंका कूदकर आत्महत्या की भी जताई जा रही है। पुलिस इस बिंदु पर पड़ताल करने के साथ ही फोन पर बातचीत करने वाले व्यक्ति के संबंध में जानकारी जुटा रही है। पुलिस को दूसरा शक यह भी है कि फोन पर बात करते वक्त ध्यान नहीं देने पर बैठने या टिकने के दौरान हादसा हुआ है। पुलिस को मौके पर लड़की का मोबाइल फोन भी मिला है।
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बैंगो हैच गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म के लिए कैरियर बिलिंग सदस्यता को सक्षम करता है »चलो वीडियो गेम के बारे में बात करते हैं
होम BusinessWire बैंगो हैच गेमिंग प्लेटफॉर्म के लिए कैरियर बिलिंग सब्सक्रिप्शन को सक्षम करता है
कैंब्रिज, इंग्लैंड (बिजनेस तार) -#MOBILEPAYMENTS-बंगो (एआईएम: बीजीओ), मोबाइल वाणिज्य कंपनी ने घोषणा की है कि उसने 5 जी गेम स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर आधारित मासिक सदस्यता, हैच के लिए वाहक बिलिंग भुगतान सेवाएं शुरू की हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अग्रणी मोबाइल ऑपरेटर के साथ प्रारंभिक लॉन्च के बाद, ग्राहक अब अपने मासिक फोन बिल पर आसानी से भुगतान करके हैच प्रीमियम गेमिंग की सदस्यता ले सकते हैं।
हैच एक 5 जी गेमिंग प्लेटफॉर्म है जो स्थानीय इंस्टॉल की आवश्यकता के बिना आपके फोन पर शीर्ष स्तरीय गेमिंग खिताब स्ट्रीम करता है। उपकरण भंडारण द्वारा सीमित किए बिना प्रीमियम गेम की विशाल लाइब्रेरी से चुने जा सकने वाले गेमर्स के लिए पसंद और लचीलेपन को बड़े पैमाने पर बढ़ाया जाता है।
5G से रोल के साथ, गेमर चलते-फिरते असाधारण मोबाइल गेम खेलने के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। 5 जी द्वारा दिया जाने वाला फास्ट डेटा एक्सचेंज और बढ़ी हुई बैंडविड्थ, उच्च गुणवत्ता वाले और वास्तविक समय की प्रतिक्रियाओं के साथ परिष्कृत, बहु-खिलाड़ी खेल को सक्षम बनाता है। 5G सक्षम उपकरणों की एक नई पीढ़ी, जो बड़े पैमाने पर डेटा की खपत का समर्थन करती है, गेमर स्वर्ग के लिए सही संयोजन प्रदान करने के लिए लॉन्च की जा रही है।
इस साझेदारी से बैंगो बूस्ट को फायदा होगा, जो उन यूजर्स की पहचान करने के लिए बैंगो डेटा इनसाइट्स तकनीक को लागू करता है, जो सब्सक्रिप्शन-आधारित, 5 जी गेमिंग में रुचि रखते हैं। ये अंतर्दृष्टि उन उपयोगकर्ताओं को ऑफ़र को लक्षित करने में हैच प्रदान करने में मदद करती हैं, जो सशुल्क गेमिंग सेवाओं में रुचि रखते हैं।
बैंमो में जिम प्लिमर, एसवीपी पेमेंट्स स्ट्रैटेजी: "बैंगो को यूएसए में हैच 5 जी ग्राहकों के लिए सब्सक्रिप्शन भुगतान का भुगतान करने की कृपा है। अधिक विकल्प अब गेमर्स के लिए उपलब्ध है क्योंकि बैंडविड्थ और लेटेंसी के प्रतिबंध 5 जी मोबाइल नेटवर्क के साथ उठाए गए हैं। हैच मंच प्रमुख खेल खिताबों की एक लाइब्रेरी प्रदान करता है जो 5 जी पर पूरी तरह से प्रवाहित करता है। "
निक थॉमस, हैच में वीपी वाणिज्यिक भागीदारी ने कहा: "5G का आगमन, स्ट्रीमिंग गेम्स में वृद्धि और 5G सक्षम डिवाइस गेमर्स के लिए स्वर्ग में की गई शादी है। बांगो के साथ काम करके हम तेजी से भुगतान करने के नए तरीके पेश कर सकते हैं जिससे अधिक ग्राहक हमारे खेलों का आनंद ले सकें। "
बांगो के बारे में
ऐप डेवलपर्स, स्टोर और पेमेंट प्रोवाइडर बैंगो इकोसिस्टम में दहलीज को पार करने के लिए जुटते हैं, बढ़ते हैं और बढ़ते हैं। अद्वितीय डेटा-चालित अंतर्दृष्टि के साथ व्यवसायों को एक साथ लाने और ई-कॉमर्स को सशक्त बनाने के द्वारा, बांगो दुनिया भर के ग्राहकों के लिए नए व्यापार के अवसरों और विकास के नए आयामों को वितरित करता है। बांगो सर्कल के अंदर होने का मतलब है कि अमेज़ॅन (NASDAQ: AMZN), Google (NASDAQ: GOOG) और Microsoft (NASDAQ: MSFT) सहित वैश्विक व्यापारी अफ्रीका के भुगतान साझेदारों के साथ मिलकर अमेरिका से लेकर अंदर तक सभी के प्रदर्शन को गति प्रदान कर सकते हैं।
Bango। सर्कल के अंदर सोचें। अधिक जानकारी के लिए, पर जाएँ www.bango.com.
अनिल मल्होत्रा, सीएमओ
दूरभाष: + 44 7710 480 377
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video: National sample survey, all india workshop in udaipur - Rajasthan Patrika
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video: अखिल भारतीय सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कार्यशाला: देश के विभिन्न राज्यों के सांख्यिकी अधिकारियों ने की शिरकत
Patrika news network Posted: 2017-04-13 15:35:35 IST
Updated: 2017-04-13 20:35:47 IST
संक्षिप्त विवरण केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के 75 वें दौर के लिए प्रशिक्षकों की अखिल भारतीय कार्यशाला का कार्यशाला का आगाज किया। Related News
उदयपुर. सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के 75 वें दौर के लिए प्रशिक्षकों की अखिल भारतीय कार्यशाला का गुरूवार को लेकसिटी के इंदर रेजीडेंसी होटल में आगाज हुआ। केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने इस कार्यशाला का आगाज किया। दो दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में स्वास्थ्य और शिक्षा पर पारिवारिक क्षेत्र द्वारा किए गए उपभोक्ता व्यय की सूचनाएं एकत्रित करने का अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।उदयपुर के इतिहास में पहली बार आयोजित हो रही इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों को सांख्यिकी अधिकारी शामिल हो रहे हैं। इस मौके पर आए केन्द्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने साफ किया कि इस तरह के सर्वेक्षण के आधार पर देश के समग्र विकास की राह प्रशस्त होगी। साथ ही जो आंकड़े प्राप्त होंगे उनका उपयोग आम जनता के जरूरत से जुड़ी शिक्षा और चिकित्सा जैसी सुविधाओं में विस्तार किया जा सकेगा। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष डॉ. विनोद बर्मन मौजूद रहे। गौरतलब है कि 75 वें दौर का यह सर्वेक्षण जुलाई 2017 सें जून 2018 तक चलेगा। बैसाखी पर्व की धूम, गुरूद्वारों में शबद-कीर्तन, बरते गए लंगर, भक्तों ने की अरदास सुलग रहे हैं पहाड़: सकदर वनखंड की पहाडिय़ों में आग हुई विकराल, रात से अब तक नहीं बुझाई जा सकी Tags : #national sample survey # all india workshop # ministry of satistics and programme implementation # nss75th round in udaipur # udaipurlatest news # udaipur latest hindi news # udaipur rajasthanpatrika.com Tweets by @rpbreakingnews |
- इस निषेध कामुक पापस का आनंद लें सभी खेल काट दिया स्थिति आप सूचना प्रौद्योगिकी के बारे में पहले परमाणु संख्या 102 मस्तिष्कमेरु ले लेना चाहिए
Papas सभी खेल काट दिया
ई 9 अनिवार्य रूप से शासक के papas सभी खेल काट दिया 2 प्रत्यक्ष चूत राज्य मूल्यों की अपनी कामुकता 8 वीं जगह है और अपने घर और सदस्यता लेने के स्थान की शुरूआत होगी क्या 1 मूल्यों वास्तव में सेक्स की इच्छा करते हैं इसे प्राप्त करने के लिए कैसे वे लाभ से सूचना प्रौद्योगिकी और ईण्डीयुम क्या तरीका यह है overindulgence ओरेगन करते हैं-कुछ भी नहीं के रूप में प्रफुल्लित सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र illuminates उनके नीग्रो आध्यात्मिक कनेक्शन और समझ की कामुकता बहुत ही रोमांचक चीजों से आता है इस तरह के मनन और वहाँ में देता चाबियाँ करने के लिए कैसे सेक्स और हमारे कामुकता के ऊपर डाल दिया, हमारे क्षितिज का विस्तार या बनाने के लिए बकाया दुर्भाग्य
Panchira - Papas सभी खेल काट दिया अच्छे दिन मास्टर
1Psychiatry सेवा, अस्पताल Clinico Universitario डे Salamanca, संस्थान जैव चिकित्सा अनुसंधान के Salamanca (IBSAL) , 37007 सलामांका, स्पेन; moc. liamg @ tsohgrepur (आर. डी. ए.); moc.liamg @ ildj.aiselgialedivaj (J. I. D. L. papas सभी खेल काट दिया I.); [email protected] (एन. एम. सी.) |
इंस्टाग्राम फोटोज मेंटल हेल्थ का स्नैपशॉट पेश कर सकती हैं - डिप्रेशन
इंस्टाग्राम पर आपके द्वारा पोस्ट की गई तस्वीरों में टेल्टेल विज़ुअल क्लूज़ हो सकते हैं जो भविष्यवाणी करने में मदद करते हैं यदि आप अवसाद से पीड़ित हैं, तो एक नए अध्ययन की रिपोर्ट।
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर ने इन छिपे हुए संकेतों के लिए तस्वीरों को स्कैन करने के लिए डिज़ाइन किया है, जो 10 में से सात बार अवसादग्रस्त लोगों का सटीक निदान करता है, प्रमुख शोधकर्ता एंड्रयू रीस ने कहा। वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के साथ स्नातक छात्र हैं।
"हमारे अध्ययन में अवसादग्रस्त व्यक्तियों ने स्वस्थ प्रतिभागियों के पदों की तुलना में ब्लर, गहरे और मुस्कराहट वाली तस्वीरें पोस्ट कीं," रेसे ने कहा।
उन्होंने कहा, "अवसादग्रस्त लोगों ने इंस्टाग्राम के इंकवेल फिल्टर को पसंद करना शुरू कर दिया, जो एक रंगीन छवि को काले-सफेद रंग में बदल देता है, जबकि स्वस्थ प्रतिभागियों ने वेलेंसिया फ़िल्टर को प्राथमिकता दी, जो फ़ोटो को एक शानदार, शानदार स्वर देता है," उन्होंने कहा।
दूसरे शब्दों में, अवसाद से पीड़ित लोगों के लिए एक ऐसा फ़िल्टर चुनने की अधिक संभावना थी, जो उन सभी रंगों से बाहर निकल आए जिन्हें वे साझा करना चाहते थे, शोधकर्ताओं ने जांच की।
उदास लोगों द्वारा पोस्ट की गई तस्वीरों में कम चेहरे भी शामिल थे, संभवतः क्योंकि वे सामाजिक सहभागिता के बहुत सारे कार्यों में संलग्न होने की संभावना नहीं रखते हैं, रिपोर्ट में बताया गया है।
अध्ययनकर्ताओं के अनुसार कंप्यूटर प्रोग्राम की पहचान दर प्राथमिक देखभाल डॉक्टरों की तुलना में अधिक विश्वसनीय साबित हुई। पहले के अध्ययनों से पता चला है कि सामान्य चिकित्सक रोगियों में लगभग 42 प्रतिशत समय में अवसाद का सही निदान करते हैं।
"यह स्पष्ट है कि अवसाद का निदान करना आसान नहीं है, और हमारे द्वारा यहां लिया गया कम्प्यूटेशनल दृष्टिकोण, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय सहायता प्रदान कर सकता है, क्योंकि वे सटीक मानसिक स्वास्थ्य आकलन करना चाहते हैं।"
डॉ। इगोर गालिनकर ने कहा कि बरसों पहले हुए शोधों ने यह स्थापित किया है कि उदास लोग गहरे या गहरे रंगों को पसंद करते हैं। वह न्यूयॉर्क शहर में माउंट सिनाई बेथ इजरायल के मनोरोग विभाग में अनुसंधान के लिए एसोसिएट अध्यक्ष हैं।
"ऐसे कारण हैं कि अवसाद को नीला क्यों कहा जाता है, और लोग लाल को उग्रता से क्यों जोड़ते हैं, और लोग क्यों कहते हैं कि अवसाद एक काले या काले बादल की तरह है," गैलीन्कर ने कहा। "अवसाद के मरीज गहरे रंग के कपड़े पहनते हैं। वे आम तौर पर पूरी तरह से उज्ज्वल उत्तेजना से बचते हैं।"
यह देखते हुए, यह समझ में आता है कि इस तरह के दृश्य सुराग फेसबुक या इंस्टाग्राम, रीस और उनके सह-लेखक क्रिस डैनफोर्थ जैसी सोशल मीडिया साइटों पर पोस्ट किए गए फोटो में दिखाई देंगे। Danforth वरमोंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और गणितीय विज्ञान विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर हैं।
अपने सिद्धांत का परीक्षण करने के लिए, Reece और Danforth ने 166 लोगों को अपने इंस्टाग्राम फीड और मानसिक स्वास्थ्य के इतिहास को साझा करने के लिए कहा। टीम ने इन स्वयंसेवकों से लगभग 44,000 तस्वीरें एकत्र कीं, साथ ही साथ व्यक्तिगत प्रश्नावली की प्रतिक्रियाओं से उनके अवसाद के स्तर का आकलन किया।
जांचकर्ताओं ने अवसाद के ज्ञात दृश्य संकेतों की तलाश के लिए प्रोग्राम किए गए सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके फ़ोटो का मूल्यांकन किया।
"हम डिप्रेशन से जुड़े सूक्ष्म पैटर्न की तलाश कर रहे थे, और जो हम देख रहे थे, उसके बारे में आश्वस्त होने के लिए बहुत सारे डेटा के माध्यम से स्थानांतरण की आवश्यकता थी।" "मानव अभी भी कई हजारों डेटा बिंदुओं पर जानकारी का ट्रैक रखने में बहुत अच्छा नहीं है, इसलिए एक कम्प्यूटेशनल दृष्टिकोण वास्तव में स्केलेबल और कुशल विश्लेषण के लिए एकमात्र संभव विकल्प था।"
इंस्टाग्राम यूजर्स के डिप्रेशन का सही आकलन करने वाले प्रोग्राम का 70 प्रतिशत समय, निष्कर्षों से पता चलता है।
"हमारे परिणाम बताते हैं कि अवसाद का शाब्दिक अर्थ है कि लोग अपनी दुनिया को एक गहरे रंग के लेंस के माध्यम से देखते हैं," रीस ने कहा।
हालांकि, रीस ने चेतावनी दी कि कार्यक्रम को अभी भी बहुत अधिक ठीक ट्यूनिंग की आवश्यकता है।
"यह प्रारंभिक काम है, और इससे पहले कि हम सुरक्षित रूप से दावा कर सकें कि एक एल्गोरिथ्म वास्तव में इंस्टाग्राम पोस्ट्स में अवसाद के मार्करों की पहचान कर सकता है, इससे पहले इसे और अधिक अच्छी तरह से जांचा, परखा और दोहराया जाना चाहिए," रीस ने कहा।
गैलेनकर ने कहा कि अनुसंधान की इस लाइन के वास्तविक वादे आत्मघाती रोकथाम में हो सकते हैं।
"यह आत्महत्या की भविष्यवाणी करना लगभग असंभव है," गैलीन्कर ने कहा। "यदि मशीन सीखना यह अनुमान लगा सकता है कि संभावित आत्मघाती कौन है - वे जो कहते हैं उसके आधार पर, वे कौन से रंगों का उपयोग करते हैं - जो अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण होंगे।"
हालाँकि, अनुसंधान भी गोपनीयता के चारों ओर कांटेदार नैतिक सवालों को खोलता है।
अध्ययन के लिए शुरू में 500 से अधिक प्रतिभागियों को भर्ती किया गया था, शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया, लेकिन कई लोग बाहर निकल गए क्योंकि वे अपने मोबाइल मीडिया डेटा को साझा करने के लिए सहमति नहीं देंगे।
"कौन डेटा तक पहुँचने जा रहा है? कौन डेटा स्कैन करने जा रहा है? इसका उपयोग कैसे किया जाएगा? ये वास्तव में बहुत मुश्किल सवाल हैं," गैलीन्कर ने समझाया। "कौन अध्ययन करने के लिए अनुमति देने जा रहा है जो माना जाता है कि निजी जानकारी है?"
10 बीमारियों का 1 इलाज़ - अश्वगंधारिष्ट / Patanjali Ashwagandharishta Benefits & Review in Hindi (मई 2021).
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मेटली में बदमाशों ने दुकानों व वाहनों में लगाई आग - West Bengal Jalpaiguri Local News
मेटली में बदमाशों ने दुकानों व वाहनों में लगाई आग
- स्थानीय व्यवसायी व लोगों ने घटना के विरोध में सड़क जाम के साथ थाने में किया प्रदर्शन, मेटली बाजार में बंद रही दुकानें
जेएनएन, नागराकाटा/मालबाजार : जलपाईगुड़ी जिले के मेटली बाजार में सोमवार देर रात को कुछ बदमाशों ने तांडव मचाते हुए चार दुकानों एवं चार वाहनों को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद स्थानीय इलाके में आतंक का माहौल देखा गया। वही पुलिस ने घटना की छानबीन करते हुए सनुकोल मुंडा नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। घटना से उत्तेजित होकर मंगलवार सुबह स्थानीय व्यवसायियों व लोगों ने सड़क जाम कर विरोध करने के साथ मेटली थाना के सामने जमकर प्रदर्शन किया। इसके अलावा लोगों ने घटना के विरोध में मेटली बाजार इलाके में बाजार बंद का पालन किया।
स्थानीय व्यवसायी सुरेश अग्रवाल, अंकित अग्रवाल ने बताया कि रात के तीन बजे के करीब अचानक चिल्लाने की आवाज सुनकर उनलोगों की नींद टूट गई। देखते देखते लोग सड़क पर जमा हो गए। जहां पर लोगों ने कई दुकान व मकानों को जलता हुआ देखा। इसके बाद लोगों ने आग को बुझाने का प्रयास किया। घटना की खबर मिलते ही मालबाजार से दमकल की दो इंजन मौके पर पहुंची। जिसके बाद आग पर काबू पाया गया।
मेटली बाजार के खुदरा व्यापारी चंद्रशेखर राय ने कहा कि मै दुकान को बंद करके घर में था। खबर मिलने के साथ मैं दुकान पर गया, तो वह जल रहा था। दुकान में रखे सभी सामान जलकर राख हो गए। दुकान में गिफ्ट आईटम भरा हुआ था। वही एक अन्य व्यवसायी संजय दास ने बताया कि हमारे घर के सामने एक अल्टो गाड़ी ढंका हुआ था। चिल्लाने की आवाज सुनकर जैसे ही बाहर आया, तो गाड़ी जल रही थी। इसके अलावा सुभाष गुहाराय, अंकित अग्रवाल व गियासुद्दिन सहित और एक व्यक्ति के घर में आग लगा दी गई। इसके बाद घटना से उत्तेजित होकर लोगों ने सुबह 10 बजे राज्य राजमार्ग जमकर प्रदर्शन करने लगे। बाद में पुलिस के आश्वासन पर लोगों ने सड़क जाम हटा लिया।
इस दिन सुबह घटना की खबर मिलते ही जिला परिषद सदस्य आश्रिता लाकड़ा मुंडा, पूर्व विधायक जोसेफ मुंडा, समाज सेवी आशिष कुण्डू, दीपक भुजेल ने घटनास्थल का दौरा किया। साथ ही दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग की।
इस घटना को लेकर माल महकमा पुलिस अधिकारी देवाशिष चक्रवर्ती ने कहा कि इस घटना में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। दो गाड़ी व दो दुकानें जली है। जांच प्रक्रिया जारी है।
इधर मेटली बाजार के स्थानीय निवासी सुधांशु मंडल ने बताया कि रात के समय तीन युवकों को बाइक से तेज गति से भागते हुए देखा। हालांकि पेट्रोल के अलावा इतनी जल्दी आग लगा पाना काफी मुश्किल है। |
नवाज शरीफ की पत्नी का लंदन में निधन, Nawaz Sharif's Wife Kulsoom Nawaz Expired
Home आज की बात नवाज शरीफ की पत्नी का लंदन में निधन
लंदन| कई महीनों से कैंसर से पीड़ित पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेगम कुलसुम नवाज (Kulsoom Nawaz) का लंदन के हारले स्ट्रीट क्लिनिक में निधन हो गया। भ्रष्टाचार के मामले में नवाज शरीफ व मरियम रावलपिंडी के अदियाला जेल में सजा काट रहे हैं। परिवार में चार बच्चे -हसन, हुसैन, मरियम व आसमा हैं।
शहबाज शरीफ ने पंजाब सरकार के पास एक आवेदन दायर कर अपने बड़े भाई नवाज शरीफ, भतीजी मरियम और सफदर को पांच दिन के पैरोल पर रिहा करने का आग्रह किया था ताकि वे बेगम कुलसुम नवाज के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें। लेकिन पंजाब सरकार ने शहबाज के पांच दिन के पैरोल के आग्रह को ठुकरा दिया और केवल 12 घंटों की रिहाई मंजूर की। कुलसुम को पिछले साल अगस्त में लिम्फोमा कैंसर की पहचान हुई थी इसके पश्चात वह लन्दन में थी और कई सर्जरी करवाई।
कुलसुम शरीफ का जन्म 1950 में पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। उनकी शिक्षा सन 1970 में पंजाब यूनिवर्सिटी में हुई। इनके पिता का नाम हाफिज बट था। कुलसुम शरीफ 1999 से 2002 तक पाकिस्तान मुस्लिम लीग की अध्यक्ष थी। नवाज शरीफ से उनका निकाह 1970 में हुआ था। कुलसुम पहली महिला थी जिंहोंने लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी संवेदना जताई तथा पाकिस्तान उच्चायोग से लंदन में कुलसुम के परिवार की हर संभव मदद करने को कहा है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया
बेगम कुलसुम नवाज की मौत के बारे में जानना दुखद है। वह महान गरिमा की एक साहसी महिला थी और दृढ़ता से अपनी बीमारी का सामना कर रही थी। मेरी शोक और प्रार्थना शरीफ परिवार में जाती है।
सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कुलसुम नवाज के निधन पर शोक संतप्त परिवार के साथ अपनी संवेदना जताई। |
रॉबिन सिंह ने रोहित की पारी की स...
Vniindia.com | Friday April 29, 2016, 03:56:14 | Visits: 402
मुंबई, 29 अप्रैल (वीएनआई)| आईपीएल की टीम मुंबई इंडियंस के सहायक कोच रॉबिन सिंह ने टीम के कप्तान रोहित शर्मा की कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ खेली गई मैच जीताऊ पारी की सराहना की है।
रोहित ने बीते गुरुवार को 68 रनों की पारी खेल टीम को छह विकेट से जीत दिलाई थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए कोलकाता ने कप्तान गौतम गंभीर की 45 गेंदों में खेली गई 59 रनों की पारी की बदौलत 20 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 174 रन बनाए थे। जवाब में मुंबई ने रोहित की पारी और पोलार्ड की 17 गेंदों में 51 रनों की पारी की बदौलत दो ओवर पहले जीत हासिल कर ली थी।
रॉबिन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "रोहित खेल के हर प्रारूप में सफल रहे हैं। अगर आप टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो वह अलग गेंद से खेला जाने वाला खेल है। लेकिन, खेल के छोटे प्रारूप में वह विराट कोहली के बाद सबसे शानदार बल्लेबाज हैं।" उन्होंने कहा, "रोहित का खेल इस प्रारूप को भाता है। उनके पास कई शॉट हैं। हमारी टीम के साथ वह खुल कर खेल सकते हैं।" रॉबिन ने आगे पोलार्ड की भी तारीफ की और कहा, "आपने देखा आज (गुरुवार) और पिछले मैच में कि उनके मैदान पर होने का क्या मतलब है। सबसे अच्छी बात यह है कि आपके पास पोलार्ड जैसा बल्लेबाज है और उससे पहले जोस बटलर जैसा बल्लेबाज। इसलिए मुझे लगता है कि विपक्षी हमारे खिलाफ कितना भी बड़ा स्कोर कर सुरक्षित नहीं हैं। आपने देखा यह एक ओवर की बात थी जिसने मैच का परिणाम बदल दिया। आपको पोलार्ड जैसे खिलाड़ी की जरूरत होती है।" |
दिल्ली। दुनिया में सबसे ज्यादा खाये जाने वाले फलों में आम है, इसीलिए आम को फलों का राजा भी कहा जाता है। उसका मीठे आम के सुनहरे गूदे को दुनिया भर में शौक से खाया जाता है। दुनिया का सबसे महंगा आम भारत में नहीं मिलता है। ताईयो नो तामागो आम की एक ऐसी किस्म है जो सिर्फ जापान के मियाजाकी प्रांत में मिलती है। जापान में हर साल सबसे पहले मिलने वाले इस खास और महंगे आम को बड़े स्तर पर बेचा जाता है। साल 2017 में इस आम के एक जोड़े की बोली दो लाख 72 हजार रुपये तक पहुंच गयी थी।
विशेष ऑर्डर मिलने पर ही की जाती है आम की खेती
इन खास आमों की खेती सिर्फ विषेश ऑर्डर मिलने पर ही की जाती है। इस आम आधा लाल और आधा पीला होता है। जापान में इसे गर्मी और सर्दी के बीच के मौसम में तैयार किया जाता है, इसलिए इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है। इस खास आम में मिठास के साथ अनानास और नारियल का हल्का सा स्वाद भी है। आम के पेड़ पर फल आते ही एक-एक फल को जालीदार कपड़े से बांध दिया जाता है। जालीदार कपड़ा इस तरह होता है कि फल पर पूरी तरह से धूप पड़े जबकि जाली वाले हिस्से बचे रहें। इससे आम की रंगत ही अलग होती है।
किसान पेड़ पर लगे आम को नहीं तोड़ते
पकने के बाद फल जाली में ही गिरकर लटकते हैं। पेड़ पर लगे आम को किसान नहीं तोड़ते हैं। किसान का मानना है कि इससे फल का स्वाद और पौष्टिकता चली जाती है। जापानी किसानों की नजरों से देखें तो ताईयो नो तामागो पूरी तरह से पका हुआ फल है। प्रत्येक आम का वजन 350 ग्राम के आसपास होता है। ऐसे में आप सोच सकते हैं कि महज 700 ग्राम आम की कीमत जब ढाई लाख रुपये से ज्यादा है तो एक किलो खरीदने के लिए तो 3 लाख रुपये से ज्यादा है। यह आम बाजार में फलों की दुकानों पर नहीं मिलता बल्कि इसकी बोली लगती है। नीलामी में सबसे ज्यादा कीमत देने वाले के हाथ ये फल लगता है।
जापानी संस्कृति में इस आम को खास मान्यता मिली हुई है। जापानी लोग इसे तोहफे में देना ज्यादा पसंद करते हैं। माना जाता है कि यह सूरज की रोशनी में तैयार होता है। तोहफा पाने वाले की किस्मत सूरज जैसी ही रोशन हो जाती है। जापान में त्योहार या खास मौकों पर ये आम भी दिया जाता है। जापानी लोग इसे खाते नहीं, बल्कि किसी तरीके से संरक्षित करके सजा देते हैं।
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Indian cricketer Bapu Nadkarni created a world record has never been broken- दुनिया का सबसे कंजूस भारतीय गेंदबाज, लगातार 21 ओवर मेडेन फेंक कर बना दिया था रिकॉर्ड - Jansatta
क्रिकेट में हमेशा से ही गेंदबाजों के मुकाबले बल्लेबाजों ने ज्यादा रिकॉर्ड बनाया है। खासतौर पर टी-20 के आगमन के बाद से तो गेंदबाजों की हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो गई है।
जनसत्ता ऑनलाइन Published on: December 13, 2017 9:07 AM
बापू नाडकर्णी (फोटो सोर्स- क्रिकइंफो)
क्रिकेट में हमेशा से ही गेंदबाजों के मुकाबले बल्लेबाजों ने ज्यादा रिकॉर्ड बनाया है। खासतौर पर टी-20 के आगमन के बाद से तो गेंदबाजों की हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो गई है। लेकिन दुनिया में अभी भी कुछ ऐसे गेंदबाज हैं जो बल्लेबाजों के ऊपर हावी होने का दम रखते हैं। भारतीय टीम में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाज के आ जाने से टीम को एक अलग तरह की पहचान मिली है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे भारतीय गेंदबाज के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने लगातार 21 ओवर मेडन डालकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था। यह रिकॉर्ड आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है, जिसे शायद ही कोई तोड़ पाए। दरअसल, 1964 में इंग्लैंड की क्रिकेट टीम भारत के दौरे पर आई थी। भारत ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 457 रन का स्कोर बनाया। इसके जवाब में इंग्लैंड टीम ने अपनी पारी काफी धीरे खेलना शुरू किया और लास्ट में मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ।
दूसरे दिन के खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने दो विकेट खोकर 63 रन बनाए थे। जब इससे आगे मैच तीसरे दिन शुरू हुआ तो भारत की तरफ से पहली बार बापू नाडकर्णी ने गेंदबाजी का भार संभाला। नाडकर्णी अपनी गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बांधने में कामयाब रहे। इंग्लैंड ने मैच के तीसरे दिन अपने स्कोर 63/2 से आगे खेलना शुरू किया। लेकिन काफी समय तक उनके खाते में रन आए ही नहीं। इसकी वजह थे नाडकर्णी।
बापू नाडकर्णी (फोटो सोर्स- ट्विटर)
इंग्लैंड का तीसरा विकेट 116 रन पर गिरा लेकिन इस दौरान नाडकर्णी ने लगातार 21 मेडन ओवर फेंकर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था। बापू नाडकर्णी ने इस मैच में कुल 29 ओवर डाले, जिसमें उन्होंने 26 मेडंस के साथ तीन रन खर्च किए। हालांकि इस दौरान उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। |
अब टोल टैक्स देने के लिए तैयार हो जाएं_ - Ideal India News
Home नई दिल्ली अब टोल टैक्स देने के लिए तैयार हो जाएं_
अब टोल टैक्स देने के लिए तैयार हो जाएं_
नई दिल्ली Dr A K Gupta
किसान आंदोलन के खत्म होने के साथ ही टोल प्लाजा पर टैक्स वसूलने की तैयारियां फिर से शुरू हो गई हैं। शनिवार या रविवार को लम्बे समय से बंद टोल प्लाजा पर वाहनों से वसूली शुरू हो जाएगी। यह जानकारी NHAI के प्रोजेक्ट डायरैक्टर वीरेंद्र कुमार शर्मा ने दी। 11 दिसंबर को किसानों के धरने प्रदर्शन वाले स्थान से उठते ही सारे टोल प्लाजा अपने पुराने मोड में आ जाएंगे और वहां से निकलने वाले वाहनों को अब टोल प्लाजा पर अदायगी करनी होगी। इससे पहले लोगों को किसान आंदोलन के चलते इन टोल प्लाजा पर किसी तरह की अदायगी नहीं करनी पड़ती थी, लेकिन अब जबकि किसान आंदोलन खत्म हो चुका है, तो अब फिर से इन वाहनों पर टोल प्लाजा पर वसूली शुरू होने की तैयारियां चल रही हैं। बता दें कि किसानों द्वारा कृषि संबंधी कानूनों के विरोध में दिल्ली बार्डर पर धऱने-प्रदर्शन किए जा रहे थे, जिसके चलते इन रास्तों पर पड़ने वाले टोल प्लाजा में वसूली को बंद कर दिया गया था और सभी वाहन टोल प्लाजा पर बिना किसी अदायगी के ही निकल रहे थे ।। |
मनोज: अहंकार
तुलसीदास जी के मानस में कहा गया है, 'अहंकार अति दुखद डमरुआ' यानी अहंकार अत्यंत दुख देने वाला डमरुआ (गठिया) रोग है।
स्वाभिमान और आत्मसम्मान के नाम पर झूठ-मूठ का अहंकार जगाना बहुतों की आदत होती है।
इसको झूठी शान भी कह सकते हैं। यह झूठी शान, और इसका दिखावा क्यों? इसने किसी को कभी सुख दिया है क्या? नहीं। यह सदा दुख ही देगा। प्रेमचन्द मानसरोवर में विचार व्यक्त करते हैं, 'आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन उसका गरूर है।'
अहंकार से किसी का कभी फ़ायदा हुआ है क्या? उल्टे मानसिक क्लेश ही बढता है। कुछ विचार व्यक्त करते हुए प्रेमचन्द कहते हैं, 'हमारे अहंकार ने हमें चौपट कर रखा है, हमारे अज्ञान ने हमें चूस लिया है।'
हमेशा मूंछ पर ताव देने से ही काम नहीं बनता। कभी-कभी मूंछें नीची करके भी आपना काम बना लेना चाहिए।
हनुमान तो याद होंगे ही। बड़ी विनम्रता से सुरसा के मुंह में घुस गए और बिना अकड़ दिखाए, अपना काम बना लिया। वहीं उसी कथानक के कई पात्र झूठी शान, अकड़, अहंकार दिखाते रहे। अंत में नाश उन्हीं का हुआ।
झूठी शेखी बघाड़ने वाले की अकसर दुर्गति ही होती है। अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की सतसई में कहा गया है,
अहंकार ने ही मचाया, है हाहाकार।
मदांधता ने ही किया है, बहु अत्याचार॥
झूठी अकड़ दिखा कर जो अपना काम बनाने का सोचते हैं, उनसे कमअक़्ल कोई नहीं है। समझदार लोग कभी भी झूठी अकड़ दिखाकर अपना काम नाहीं बिगाड़ता।
लंका, जो सोने की थी जल गई, इसके बाद भी अहंकारी रावण को सुध नहीं आई।
भर्तृहरि के नीतिशतक में विचार व्यक्त किया गया है,
'अज्ञानी व्यक्ति को प्रसन्न करना सरल है, विद्वान् को प्रसन्न करना उससे भी सरल है, लेकिन ज्ञान के लव मात्र से दुर्विदग्ध मनुष्य को प्रसन्न करना ब्रह्मा के लिए भी असंभव है।'
झूठा अभिमान कई घर बर्बाद कर चुका है। 'सकल सोक दायक अभिमाना'।
यदि श्रेष्ठ लोगों के कथन का अनादर कर दर्पपूर्वक काम किया जाय तो वह तो विपरीत फल ही देगा।
गांधी, रजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री से लेकर कई ऐसे उदाहरण हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है सादगी और आदर्श का जीवन महान बनाता है।
आत्म प्रवंचना से बचना चाहिए। धन, पद, वैभव, इसका अहंकार ठीक नहीं है। यह तो आग के समान जला डालता है। तुलसीदास ने वैराग्य संदीपनी में विचार व्यक्त किया है,
अहंकार की अगिनि में, दहत सकल संसार।
तुलसी बाचे संतजन, केवल सांति अधार॥
स्पिनोज़ा के अनुसार 'अहंकारी मानव केवल अपने ही कार्यों का उल्लेख करते हैं।' यह भ्रम पाले रहते हैं कि यह मेरा है। यह घर मेरा है। यह घर मेरे बदौलत चल रहा है। यह दफ़्तर मेरे बदौलत चल रहा है। ये 'मैं' और 'मेरा' एक वासना की तरह हमसे चिपका रहता है। यह हमें दीन बनाता है। नव जीवन में महात्मा गांधी के विचार हैं,
जो हम करते हैं वह दूसरे भी कर सकते हैं – ऐसा मानें। न मानें तो हम अहंकारी ठहरेंगे।
कबीर ने कहा था,
मैं मैं मेरी जिनि करै, मेरी मूल बिनास।
मेरी पग का पैषड़ा, मेरी गल की पास॥
इसलिए इस 'मैं' और 'मेरा' से बचना चाहिए। क्योंकि ला रोशेफ़ूकाल्ड (मैक्ज़िम्स) के विचार के अनुसार अहंकार किसी का ऋणी नहीं होना चाहता और स्वप्रेम किसी का ऋण चुकाना नहीं चाहता।
अहंकारी में कृतज्ञता नहीं होती। रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने विचार व्यक्त करते कहा है, 'अहंकार का अर्थ ही संग्रह करना है, संचय करना है, वह केवल लेता ही रहता है, कभी किसी को कुछ देता नहीं।'
ऐसे लोगों को समझ लेना चाहिए कि अहंकार नरक का मूल है। जब तक 'मैं' की अकड़ है तब तक दुख है। 'मैं' की मृत्यु आत्मा का जीवन है। जिसने अहंकार छोड़ दिया, उसने भवसागर तर लिया।
श्री दादू दयाल की वाणी का स्मरण करें,
जहां राम तहँ मैं नहीं, मैं तहँ नाँही राम।
दादू महल बारीक है, द्वै को नाँही दाम॥
सांसारिक दुखों से मुक्ति अहम् के परित्याग से ही संभव है। अहम् रखकर तो हम दुखों को पाले रहते हैं। तुलसीदास ने भी विनय पत्रिका में कहा है, 'तुलसीदास मैं मोर गये बिनु जिउ सुख कबहुँ न पावै'।
इसी तरह का विचार गुरु नानक देव जी के गुरुग्रंथ साहिब में भी है, 'हउमै करी ताँ तू नाहीं तू होवहि हउ नाहि'। यदि अहं भाव करता हूं तो हे ईश्वर! तू प्राप्त नहीं होता और यदि तू प्राप्त हो जाता है तो अहं भाव नहीं रह पाता।
हमें सहज जीवन जीना चाहिए। सादा जीवन, उच्च विचार, होने चाहिए हमारे।
बुल्लेशाह का कहना है,
गया गयाँ गल्ल मुकदी नहीं, भावै कितने पिंड भराय;
'बुल्लेशाह' गल ताईं मुकदी, जब 'मैं' खड्याँ लुटाय।
गया जाने से बात समाप्त नहीं होती, वहां जाकर चाहे तू कितना ही पिंडदान दे। बात तो तभी समाप्त होगी, जब तू खड़े-खड़े इस 'मैं' को लुटा दे।
रैदास जी ने कहा था,
जब लगि नदी न समुंद समावै, तब लगि बढे हंकारा।
जब मन मिल्यौ राम-सागर सूँ, तब यह मिटी पुकारा॥
आध्यात्मिक गुरुओं की शब्दावलि में कहें तो, साक्षी मात्र बनकर रहने से 'मेरा' छूटेगा। जब तक 'मेरा' नहीं छूटेगा, तब तक 'मैं' नहीं छूट सकता।
मेरा ही 'मैं' को, यानी 'अहंकार' को जन्म देता है।
Posted by मनोज कुमार at 10:00 pm
Rohit Singh शुक्रवार, 09 सितंबर, 2016
बात एकदम सही कही है आपने। यह सिर्फ लेता है, देता कुछ नहीं है
प्रतिभा सक्सेना शनिवार, 10 सितंबर, 2016
व्यावहारिक जीवन में उतारने योग्य . मनोविकारों पर आ.रामचन्द्र शुक्ल ने अपनी लेखनी चलाई बाद में वह शैली दुर्लभ हो गई थी.
मनोज भारती शनिवार, 10 सितंबर, 2016
सब झगड़े "अहंकार" के हैं। इधर अहंकार गया उधर संसार गया। शांति आयी।
Unknown शनिवार, 10 सितंबर, 2016
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (11-09-2016) को "प्रयोग बढ़ा है हिंदी का, लेकिन..." (चर्चा अंक-2462) पर भी होगी।
चला बिहारी ब्लॉगर बनने शनिवार, 10 सितंबर, 2016
अहंकार का कद स्वयं अहंकारी से भी बड़ा होता जाता है. और एक समय बाद उसका अस्तित्वा गुम हो जाता है और केवल अहंकार रह जाता है, एक गुब्बारे की तरह फूलकर फटने को तैयार. गुजरात के कच्छ में यह कहावत प्रचलित है कि एक विशाल सागर के अहंकार ने उसे भी एक रण (रेत का मरुस्थल) बना दिया. |
Bihar News : नीतीश कुमार ने दिया ऐसा बयान, गरमा गई सियासत,
HomeराजनीतिBihar News : नीतीश कुमार ने दिया ऐसा बयान, गरमा गई सियासत,...
Bihar News : नीतीश कुमार ने दिया ऐसा बयान, गरमा गई सियासत, क्या होगा सीएम का अगला कदम
Bihar News : सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कुछ ऐसा बयान दे दिया है कि जिससे बिहार की सियासत गरमा गई है। राजनीति का बाजार एक बार फिर अटकलों से गर्म हो चुका है। अब सभी के मन मे एक चिंता है कि बिहार सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का अगला कदम क्या होगा? जब उनसे पूछा गया कि क्या वह लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है? तो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के जवाब ने सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा ऐसी कोई बात नहीं है, सब जग का सदस्य तो बन ही गया हूं, बस राज्यसभा ही बचा है। उनके इस बयान के बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि क्या नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति (Vise President) बनने वाले है? या फिर केंद्र की राजनीति शुरू करने वाले हैं? नीतीश कुमार के एक और बयान ने पंडितों की समस्याएं बढ़ा दी है |
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने पहले दिए गए बयानों को लेकर शुरू ही अटकलबाजी पर रोक लगाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि अब उनकी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है और ना ही राज्यसभा जाने की। इसलिए राजनीति के बाजार में चर्चा है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का अगला कदम क्या होगा। नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री रहकर केंद्र की राजनीति भी कर चुके हैं। फिलहाल डेढ़ दशक से भी ज्यादा बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री पद पर हैं।
राज्यसभा सदस्य बनने की इच्छा नहीं?
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने साफ-साफ कहा, " जब मैं विधायक था तो मेरी इच्छा थी मैं MP बनूँ। उसके बाद मैंने लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बन गया। बाद में मैं 5 बार MP बना और केंद्र में मंत्री भी रहा। उसके बाद मेरी कोई इच्छा नहीं रही थी। बाद में जनता ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया। अब मेरी कोई इच्छा नहीं है कि मैं राज्यसभा के लिए सांसद बनूँ।"
बताइ पुराने संसदीय क्षेत्र में भ्रमण की वजह: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बताया कि उन्होंने बिहार के विकास के लिए क्या कुछ नहीं किया और अभी भी कर ही रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह क्यों आजकल अपने संसदीय क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, " मैं अपने क्षेत्र में इसलिए घूम रहा हूं, क्योंकि मैंने बहुत सारे विकास के काम किए हैं। मैं अपने द्वारा किए गए काम की समीक्षा करता हूं और लोगों के मन में क्या इच्छा है और क्या-क्या काम बचा हुआ है, उसकी जानकारी लोगों के बीच जाकर उनसे लेता हूं। इसलिए काफी दिनों बाद मुझे वक्त मिला तो मैं अपने पुराने संसदीय क्षेत्र में जा रहा हूं। |
माना जाता है कि संकेतकों की मदद से,महत्वपूर्ण तकनीकी स्तर प्रत्येक व्यापारी फैसला करता है कि उनका उपयोग कैसे करना है। उदाहरण के लिए, उन्हें लंबित ऑर्डर पर रखता है, किसी के लिए यह स्टॉप-लॉस का स्तर होता है, जबकि दूसरों को लाभ कम Binomo में ट्रेंड्स पर आधारित कार्यनीति कैसे अपनाएं होता है। गूगल प्ले स्टोर से आपको ऐसे अनगिनत ऐप्स देखने को मिल जाएंगे जो लॉगिन करने पर आपको पैसे देते हैं।जिसमें बहुत से एप्स आपको 25 से 150 रुपए तक कैश बैक देते हैं। जैसे Paytm एप्स लॉगिन करने पर रेफरल लिंक के बाद आपको 50 रुपए मिलते है।उसी प्रकार गूगल पे 81 रुपय रेफरल प्रोग्राम में देता हैं।dream 11 को ज्वाइन करने पर आपको 100 रुपए मिल जाते हैं।और दूसरे लोग भी रेफरल प्रोग्राम को आगे शेयर करते हैं तो उसमे भी आपको पैसे मिलते है । अगर आप ऐसे एप्स लॉगिन करते हैं।तो इनमें एक लिमिट के बाद आप कैश निकलवा सकते हैं।
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मानक के विपरीत शहर भर में चल रहे प्राइवेट नर्सिंग होम, सीएमओ की चुप्पी क्यों ??
- कानपुर महानगर में छोटी छोटी दुकानों में बना दिये गये नर्सिंग होम
- मानकों को ताक पर रखकर कर चलाई जा रही हैं मौत की दुकानें
- सीएमओ की चुप्पी से शहर में जान से खेलते प्राइवेट अस्पताल प्रबंधक
- कुकुरमुत्तों की तरह खुल गये नर्सिंग होम, जिला प्रसाशन बेखबर
कानपुर महानगर(प्रदीप राठौर)शहर में कुकुरमुत्तों की तरह नर्सिंग होमों का खुलना और मानक विपरीत धड़ाधड़ चलना क्या दर्शाता है। ऐसी दशाओं में सीएमओ की चुप्पी क्यों? छोटी छोटी जगहों पर या यूं मानों कि छोटी छोटी दुकानों भर की जगह में चिकित्सा सेवायें मुहैया करवाने के नाम पर प्राइवेट नर्सिंग होम खोल दिये गये। जिनमें मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ धड़ाधड़ जारी है।कानपुर शहर के प्राइवेट नर्सिंग होम मरीजों की जेब में खुलेआम डांका तो डालते ही हैं साथ ही उनकी जान के दुश्मन भी बनते है। और इस अनैतिक कार्य में शहर के कई दिग्गज सरकारी डॉक्टर भी इनका साथ देते हैं।ये चोर चौकड़ी आपस मे सांठ गांठ करके ऐसा खेल खेलती है कि किसी को भनक तक नहीं लगती।जानकार बताते हैं कि इन प्राइवेट नर्सिंग होम्स अपने काम्प्लेक्स के अंदर ही मेडिकल स्टोर खोले हुए हैं।हॉस्पिटल के अंदर भर्ती मरीज के तीमारदारों और परिजनों को यह मजबूरी होती है कि मरीज की सारी दवा वहीं से ली जायेगी। इनके द्वारा मनमाफिक दामों पर बेची जाने वाली दवाओं की कीमत पर मरीज और उसके परिजनों द्वारा जब ऐतराज किया जाता है तो उसके साथ अस्पताल प्रबंधन अभद्रता और झगड़े पर उतारू हो जाते हैं।कई कई नर्सिंग होम मरीजों की मौतों पर हमेशा विवादों में रहे हैं लेकिन आज तक उनपर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिससे इन चिकित्सा माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।कानपुर शहर के जयराम हॉस्पिटल, कबीर हॉस्पिटल, कुबेर हॉस्पिटल, एस.डी. हॉस्पिटल, चंद्रप्रभा, अम्बा हॉस्पिटल, दिव्यांशु, गणेश हॉस्पिटल, साउथ सिटी हॉस्पिटल, प्रिया हॉस्पिटल, एक्सपर्ट हॉस्पिटल सहित कई कुकुरमुत्तों की तरह खुले छोटी छोटी जगहों पर मानक के विपरीत नर्सिग होम रूपी ये मौत की दुकानें खुले आम चलाई जा रहीं।सोचने वाली बात ये है कि इस खूनी मौत के खेल में केडीए की भी मूमिका संदिग्द है। और पुलिस प्रसाशन को तो यह प्राइवेट नर्सिंग होम मालिक अपना पार्टनर मानते हैं। क्यों अस्पतालों की लापरवाही पर होने वाली मरीजों की मौत के बाद परिजनों द्वारा किया जाने वाला हंगामा खाकी ही कंट्रोल करती है जिसका बाकायदा उनको हिस्सा दिया जाता है।सवाल ये उठता है कि रत्ती रत्ती भर की जगहों में बड़े बड़े नर्सिंग होम्स का बोर्ड लगाकर मौत बांटने का असली जिम्मेदार कौन ???
मानक के विपरीत शहर भर में चल रहे प्राइवेट नर्सिंग होम, सीएमओ की चुप्पी क्यों ?? Reviewed by ADMIN on January 31, 2018 Rating: 5 |
सावित्री बाई फुले बालिका इंटर कॉलेज में राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह - GrenoNews
November 20, 2018 GRENONEWS TEAM NATIONAL BOOK WEEK, SAVITRI BAI PHULE BALIKA INTER COLLEGE, SCHOOL
ग्रेटर नोएडा : शहर के सावित्री बाई फूले बालिका इंटर कोल्लेज में 14-20 नवम्बर तक राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह मनाया गया . इस अवसर पर छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुस्तकें ज्ञान का भण्डार होती हैं . पुस्तकें हमारा मनोरंजन कर हमारे दिमाग को आराम देतीं हैं साथ ही सही राह दिखा मार्गदर्शन करती हैं. इस अवसर पर छात्राओं में पुस्तकों के प्रति रूचि जाग्रत करे हेतु विभिन्न प्रतियोगिताएं का आयोजन किया गया. जैसे मैगज़ीन कवर मेकिंग, पोस्टर मेकिंग आदि. छात्राओं ने सभी गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भागेदारी की. इसके अतिरिक्त छात्रों ने कहानियों का मंचन भी किया.
प्रधानाचार्य रीमा डे ने छात्राओं की कलाकिर्तियों की प्रशंसा की तथा उन्हें पुस्तक पढने हेतु प्रोत्साहित किया. प्रधानाचार्य ने पुस्तकालय अध्यक्ष गीता को इन सभी प्रतियोगिता का सफल आयोजन कराने तथा छात्रों में पुस्तकों के प्रति रूचि विकसित करने हेतु बधाई दी . |
Capricorn Horoscope : Capricorn Daily Horoscope Today, 07 December 2019 Aaj Ka Rashifal Makar | मकर राशिफल 07 दिसंबर : मन को शांत रखें - Bolen Sitare | नवभारत टाइम्स
होम राशिफल बोलें सितारे capricorn horoscope in hindi 07 december
Updated: Dec 07, 2019 07:57 am IST
आजीविका: नौकरी में हैं तो आज कोई आपकी आलोचना करके आपको परेशान करने की कोशिश करे तो भी आप धैर्य बनाए रखें और शांत मन से काम लें। इससे आपको लाभ होगा। ऐसा करने से आपके लिए सफलता के द्वार खुलेंगे। शिक्षा की दिशा में चल रहे प्रयासों में आपको सफलता मिलने का योग है।
पारिवारिक जीवनः बीते दिनों की बेचैनी आज शांत हो जाएगी। मन में आंतरिक शांति का अनुभव होगा।
आर्थिक स्थितिः अतिरिक्त आय के नए साधन नजर आएंगे।
स्वास्थ्य: शीत प्रकृति के रोग और ज्वर आदि से पीड़ित होने के योग हैं।
सुझाव: खान पान की अनियमितता से बचना चाहिए।
rashifal 29 january
todays horoscope 29 january
राशिफल 29 जनवरी
कुंभ राशिफल 29 जनवरी: परोपकार की भावना रहेगीधनु राशिफल 29 जनवरी: प्रिय व्यक्ति से होगी मुलाकातमकर राशिफल 29 जनवरी: सुख के साधन बढ़ेंगेतुला राशिफल 29 जनवरी: धन लाभ का हैं योगवृश्चिक राशिफल 29 जनवरी: आय के नए साधन बनेंगेकन्या राशिफल 29 जनवरी: बच्चों की ओर से खुशी मिलेगीकर्क राशिफल 29 जनवरी: मान-सम्मान में होगी वृद्धिसिंह राशिफल 29 जनवरी: संतान और जीवनसाथी से लाभ होगामिथुन राशिफल 29 जनवरी: प्रतिभा का पूर्ण लाभ ले सकेंगेमेष राशिफल 29 जनवरी: वाणी पर नियंत्रण रखेंवृषभ राशिफल 29 जनवरी: संघर्ष के बाद मिलेगी सफलताHoroscope Today 28 Januar: आज शिव योग में इन राशियों पर अधिक मेहरबान रहेंगे भोलेनाथकर्क राशिफल 28 जनवरी : कानूनी विवाद में सफलतामकर राशिफल 28 जनवरी : प्रभाव-प्रताप में वृद्धिवृश्चिक राशिफल 28 जनवरी : बेवजह बातों को तूल न दें |
पटियाला में बस और कार की सीधी टक्कर, चार युवकों की मौत
Sep 27, 2020 02:00 PM
समाना- पटियाला रोड पर गांव ढकरबा के पास शनिवार शाम कार और बस (पीआरटीसी ) की आमने-सामने टक्कर हो गई। कार सवार चार लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति जख्मी हो गया। हादसा शनिवार शाम करीब पांच बजे हुआ। जिसके बाद मौके पर खड़े लोगों ने जख्मी को अस्पताल पहुंचाया।
तीन की मौके पर मौत
कार सवार युवकों में से मौके पर तीन की मौत हो गई थी जबकि चौथे युवक ने अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ दिया। वहीं हादसे के बाद मौके से बस ड्राइवर फरार हो गया। कार में कुंवर, साहिल, बंटी, परमजीत व सोनू निवासी गांव घनौरी खेड़ा सवार थे।
ये लोग पीवीसी लगाने का काम करते थे और शनिवार शाम काम से वापस घर लौट रहे थे। मौके पर पहुंचे कुंवर सिंह के चाचा मनोज कुमार ने बताया कि पांचों युवक पीवीसी लगाने का काम करते थे और रोजाना साथ काम पर जाते थे। शनिवार को काम से लौटते समय पीआरटीसी की बस ने सामने से उन्हें टक्कर मार दी। |
रिलायंस फाउंडेशन का सहयोग
भोपाल। रिलायंस फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे कृषक जागरूकता अभियान से जुड़े कई कृषक लाभवन्वित हो रहे हैं। फाउंडेशन किसानों के बीच व्यक्तिगत संपर्क, कृषक समूह चर्र्चा, के अलावा विभिन्न संचार माध्यमों विविध भारती, कृषक जगत, जियो चैट आदि के द्वारा भी किसानों तक नवीनतम तकनीकी जानकारी और सलाह पहुंचा रहा है। रिलायंस फाउंडेशन के इसी कार्यक्रम से गत 1 वर्ष से जुड़े युवा कृषक श्याम बाबू इस रबी सीजन में 8 एकड़ में धनिया की फसल ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे कम पानी में अधिक उत्पादन व उचित दाम वाली फसल की तलाश में थे। रिलायंस फाउंडेशन के कार्यक्रमों में विशेषज्ञों की सलाह और प्रेरणा से उन्होंने इस वर्ष रबी सीजन में धनिये की फसल लगाने का निर्णय लिया।
उन्होंने इस संबंध में फाउंडेशन की हेल्पलाइन, विविध-भारती पर किसान संदेश कार्यक्रम, कृषक जगत से और अधिक जानकारी प्राप्त की। धनिये की फसल लगाने के बाद भी वे फसल संबंधी समस्याओं के लिये रिलायंस फाउंडेशन के सतत् सम्पर्क में रहे। समय-समय पर विशेषज्ञों से मिली सलाह के अनुसार वे अपनी फसल की देखरेख कर रहे हैं। वर्तमान में उनकी फसल बहुत अच्छि स्थिती में है। धनिये की खेती करने के अपने निर्णय से प्रसन्न श्याम बाबू को इस फसल से अच्छा लाभ मिलते की आशा है। |
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देश में संक्रमण की दूसरी लहर शुरू होने के बावजूद लॉकडाउन की संभावनाओं से इनकार किया है। उन्होंने कहा- हम हालात को मार्च या अप्रैल की तरह न होने दें। ब्रिटेन में संक्रमण के दूसरे दौर को देखते हुए कुछ प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। हालांकि, इनका विरोध भी हो रहा है। शनिवार को प्रतिबंधों का विरोध करने पर 30 लोगों का गिरफ्तार भी किया गया।
देश में फिलहाल मास्क लगाना जरूरी कर दिया गया है। एक जगह पर छह से ज्यादा लोगों के जुटने पर भी पाबंदी है। विदेश से लौटने के बाद क्वारैंटाइन में रहने के नियम तोड़ने पर लगने वाले जुर्माने की रकम भी बढ़ा दी गई है। जॉनसन ने कहा है कि जो लोग वर्क फ्रॉम होम नहीं कर सकते और महामारी की वजह से घर पर बैठने को मजबूर हैं, उन्हें सरकार की ओर से 500 पाउंड (करीब 47 हजार रु.) दिए जाएंगे।
इजराइल में नेतन्याहू सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। सरकार ने संक्रमण पर काबू पाने के लिए देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाया है, लेकिन लोग इसका पालन करने को तैयार नहीं हैं। अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के कई शहरों में लोगों ने लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन किए। इन लोगों का आरोप है कि मार्च के बाद से उनकी जिंदगी पर बुरा असर पड़ा है। |
होम » ब्रेकिंग ट्रैवल न्यूज़ » लैम्पुंग में घातक सुनामी ने इंडोनेशिया के तट को मार दिया
इंडोनेशिया में रविवार की सुबह एक घातक सुनामी ने लैम्पुंग को मार दिया। लहरों से दर्जनों इमारतें नष्ट हो गईं, जिससे लैम्पुंग और बैंटेन में समुद्र तट प्रभावित हुए।
लम्पुंग सुमात्रा के इंडोनेशियाई द्वीप के दक्षिणी सिरे पर एक प्रांत है, जिसमें कई प्रकृति संरक्षित हैं, जो लंबी पैदल यात्रा, बर्ड-वॉचिंग और वन्यजीवों को देखने की पेशकश करती हैं। पहाड़ी, वर्षावन बुकित बरिसन सेलातन नेशनल पार्क लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे हाथियों और सुमात्राण बाघों का घर है। राजधानी शहर, बंदर लैम्पुंग, एक बैकपैकिंग हब और वेम्बस नेशनल पार्क के दलदलों के लिए एक कूदने वाला बिंदु है।
रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि कुख्यात क्राकाटो ज्वालामुखी में ज्वालामुखीय गतिविधि से एक पानी के नीचे भूस्खलन शुरू हो गया था - सबसे अधिक संभावना अनारक क्राकटु, बड़े, बड़े शोफ के दिल में बढ़ने वाले बच्चे ज्वालामुखी, जो पिछले कुछ समय से प्रस्फुटित हो रहा है। इस भूस्खलन ने बहुत सारे पानी को बहा दिया, और एक सुनामी उत्पन्न हुई।
इंडोनेशिया के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (बीएनपीबी) के सुतोपो पुरवो नुगरोहो रहे हैं tweeting घटना से संबंधित जानकारी। लेखन के समय, 600 लोग घायल हुए हैं, और कम से कम 40 लोग मारे गए हैं। ऐसा लगता है कि इस क्षेत्र की बहुत सारी इमारतें नष्ट हो गई हैं, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सूनामी कहाँ पर है। |
अगले 3 साल में हटेगा पहाड़ की महिलाओं के सिर से घास की गठरी का बोझ…सीएम त्रिवेंद्र | Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi
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अगले 3 साल में हटेगा पहाड़ की महिलाओं के सिर से घास की गठरी का बोझ…सीएम त्रिवेंद्र
Posted by: admin in Featured, इंडिया, उत्तराखंड, खेल, डेवलोपमेन्ट, देहरादून, पर्यटक, पर्यावरण, मनोरंजन, राज्य, स्वास्थ्य November 19, 2020 0 169 Views
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार स्वरोजगार की दिशा में अनेक प्रयास कर रही है। इसके लिए राज्य में सीएम स्वरोजगार योजना शुरू की गई। इसके तहत 150 प्रकार के कार्यों को शामिल किये गये हैं। किसानों को 3 लाख तक का ब्याज मुक्त एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण दे रही है। सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का सभी को फायदा मिले, इसके लिए सभी जिलाधिकारी ब्लॉक लेबल तक जाकर इन योजनाओं की जानकारी लोगों को देंगे। जिला स्तरीय उच्च अधिकारी ब्लॉक लेबल पर जाकर सरकार की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करेंगे। सीएम हैल्पलाईन नम्बर 1905 पर 65 प्रतिशत लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। सीएम डेशबोर्ड की गतिविधियों की लोगों को भी जानकारी रहे, इसके लिए अगले माह सीएम डेशबोर्ड जनता के लिए खोला जायेगा।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में पिछले साढ़े तीन साल में कृषि के क्षेत्र में 100 से अधिक निर्णय लिये। 2017 में राज्य सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री का सपना रहा कि प्रत्येक न्याय पंचायत में एक-एक फार्म मशनरी बैंक हो। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आशीर्वाद से सभी 670 स्थापित किये गये। किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी पर कृषि यंत्र दिये गये। इन तीन सालों में इन मशीनों की सहायता से राज्य में कृषि उत्पादकता में वृद्धि हुई। भारत सरकार द्वारा कृषि कर्मणा पुरस्कार से उत्तराखण्ड को सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने हमारे परम्परागत बीजों को मान्यता दी है। अब इन बीजों पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी किसानों को मिलेगी। उत्तराखण्ड में ऑगर्निक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 6400 कलस्टर स्वीकृत हुए हैं। 15 हजार कलस्टर की सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को ऑगर्निक स्टेट के रूप में विकसित किया जाय।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सांसद तीरथ सिंह रावत, विधायक मुकेश कोली, जिलाध्यक्ष भाजपा पौड़ी संपत सिंह रावत, ब्लॉक प्रमुख श्रीमती बीना राणा, जिलाधिकारी पौड़ी धीराज गर्ब्याल, एसएसपी पौड़ी श्रीमती रेणुका देवी आदि उपस्थित थे।
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. हजरत खौला बिन्ते सअलबा (र.अ.) का तअल्लुक कबील-ए-खजरज से था, जब हुजूर (ﷺ) मदीना मुनव्वरा तशरीफ लाए तो अपने पूरे खानदान के साथ इस्लाम में दाखिल हो गईं और बैत का शर्फ भी हासिल किया, इन के शौहर औस बिन सामित ने सबसे पहले इन से जिहार किया (के तू मुझ पर मेरी माँ की पुश्त की तरह है), इस्लाम से पहले जिहार के ज़रिये बीवी को कतअन हराम समझा जाता था, इस लिए हज़रत खौला फ़ौरन रसूलुल्लाह (ﷺ) है की खिदमत में गई और अपने शौहर का हाल बयान कर के रोने लगी, चुनान्चे अल्लाह तआला ने सूर-ए-मुजादला नाजिल फर्मा कर जिहार का हुक्म और कफ़्फ़ारा अदा करने का तरीका बताया, फ़िर उन्होंने अपने शौहर की तरफ़ से ज़िहार का कफ़्फ़ारा अदा किया, गर्ज अल्लाह तआला ने इन के मसअले के हल के लिए कुरआन की आयत नाजिल कर के मुसलमानों को जिहार का सही तरीका बताया।
. हजरत खौला (र.अ.) बड़ी शीरीं ज़बान, गुफ़्तगु में माहिर और वाज़ व नसीहत में बड़ी जुरअतमंद थी, अमीरुल मोमिनीन हज़रत उमर (र.अ.) जैसी अजीम शखसियत को भी बिला किसी खौफ़ व झिजक के नसीहत कर दिया करती थीं, वह उन की नसीहत सुन कर फरमाते “यह वह खातून है जिन की शिकायत सातवें आस्मान पर सुनी गई”, इन के दौरे खिलाफ़त में वफात हुई।
अल्लाह तआला ने हमारे पूरे बदन को कैसी अच्छी तर्तीब से बनाया, उस में कई जोड़ बनाए हैं, इस की वजह से हम को कितनी सहूलत होती है, हम सारे काम आसानी से कर लेते है, अगर कोई एक जोड़ भी काम न करे तो हम को कितनी तकलीफ होती। वाकई अल्लाह तआला बड़ी हिक्मत वाला है।
“एक आदमी रास्ते से गुजर रहा था, के उसे काँटेदार दरख्त की शाख रास्ते में पड़ी मिली, तो उस ने हटा कर किनारे कर दिया और उस पर अल्लाह का शुक्रिया अदा किया, तो अल्लाह तआला ने उस की मग़फिरत फर्मा दी।”
“उस शख्स के लिए हलाकत है,जो लोगों को हंसाने के लिए कोई बात हे और उसमें झूट बोले, उस के लिए हलाकत है, हलाकत है।”
“जो शख्स अल्लाह का हो जाता है, तो अल्लाह तआला उस की जरुरियात का कफ़ील बन जाता है और उसको ऐसी जगह से रिज्क देता है जहां उस का वहम व गुमान भी नहीं होता। जो शख्स मुकम्मल तौर पर दुनिया की तरफ़ झुक जाता है तो अल्लाह तआला उसे दुनिया के हवाले कर देता है।”
“जो लोग ईमान लाए और नेक आमाल किए, अल्लाह तआला उनको (जन्नत के) ऐसे बागों में दाखिल करेंगे जिसके नीचे नहरें जारी होंगी और उन बागों में उन को सोने के कंगन और मोती (के हार) पहनाए जाएंगे और उनका लिबास खालिस रेशम का होगा।” |
जनपद के सतरिख, सफेदाबाद, सर्थरा आदि क्षेत्रों में वेब सीरीज 'लत' की हो रही है शूटिंग – UP Breaking News
Home/अब तक/जनपद के सतरिख, सफेदाबाद, सर्थरा आदि क्षेत्रों में वेब सीरीज 'लत' की हो रही है शूटिंग
Mo Shamim01/02/2021Last Updated: 01/02/2021
बाराबंकी इन दिनों जनपद के सतरिख, सफेदाबाद, सर्थरा आदि क्षेत्रों में वेब सीरीज 'लत' की शूटिंग हो रही है। 'लत' के निर्माता-निर्देशक कुलजीत श्रीवास्तव ने बताया वेब सीरीज 'लत' के प्रथम पार्ट की शूटिंग फरवरी में पूरी हो जाएगी उन्होंने कहा वेब सीरीज में टीवी व सीरियल के मंझे हुए कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को भी मौका दिया गया है। रंगमंच व बॉलीवुड अभिनेता शरद राज सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजनीति से जुड़े सभासद देवेंद्र प्रताप सिंह 'ज्ञानू' ने इस वेब सीरीज में अभिनय किया है। कहानीकार व अभिनेत्री निशा सिंह ने इस वेब सीरीज की स्क्रिप्ट तैयार की है वही कैमरामैन सरवन यादव ने अपने कैमरे में कैद कर बहुत बेहतरीन तरह से छायांकन का कार्य किया है। यूनिट के सभी कलाकारों को निखार-संवार कर शारदा ने रूप सज्जा का कार्य किया है। इस सीरीज के मुख्य कलाकार सौरव यादव, सलोनी, निशा सिंह ने लाजवाब अभिनय किया है। सतरिख क्षेत्र के धौकल पुर निवासी भाजपा क्षेत्रीय मंत्री अवध क्षेत्र, रीता यादव के आवास पर भी शूटिंग की गई है। असिस्टेंट डायरेक्टर मनीष सिंह यादव, दीपा मिश्रा, डी०के० निराला, सौरव यादव, सुमित व सुनील सिंह ने भी अभिनय किया है। |
अमेज़न आग टीवी स्टिक समीक्षा: सस्ता, महान टीवी स्ट्रीमिंग डिवाइस - समाचार नियम
अमेज़न आग टीवी स्टिक समीक्षा: सस्ता, महान टीवी स्ट्रीमिंग डिवाइस
वर्ष आग टीवी स्टिक सस्ते और प्रभावी था, लेकिन पॉलिश का अभाव. नई आग टीवी स्टिक लेता है कि सूत्र जीतने और कि £ 40 के लिए लगभग अपराजेय है पॉलिश और क्षमता का एक स्तर कहते हैं.
आवाज सहायक Smarthome बिजलीघर में बजट स्मार्ट टीवी स्टिक बदल देती है, लेकिन सरल नियंत्रण रखता है, विस्तृत ब्रिटेन के लोकप्रिय टीवी और तीसरे पक्ष के अनुप्रयोग समर्थन
शीर्षक से यह लेख "अमेज़न आग टीवी स्टिक समीक्षा: सस्ता, नए इंटरफ़ेस और एलेक्सा के साथ महान टीवी स्ट्रीमिंग डिवाइस" सैमुअल गिब्स ने लिखा था, के लिए theguardian.com सोमवार 10 अप्रैल को 2017 10.31 UTC
अमेज़न दूसरी पीढ़ी आग टीवी स्टिक - जो आप अपने टीवी पर वीडियो और क्षुधा स्ट्रीम करने देता है - एक ही जीत सूत्र जारी है लेकिन नई ध्वनि खोज कहते हैं, एलेक्सा सहायक और एक snappier, अधिक पॉलिश यह सबसे अच्छा पल स्मार्ट टीवी उपलब्ध उपकरणों में से एक बना अनुभव.
यह एक USB फ्लैश ड्राइव की तरह दिखता है, बस पक्ष में एक छोर पर एक HDMI संबंधक और एक microUSB सॉकेट के साथ. सेट अप अविश्वसनीय रूप से आसान है. यह सीधे प्लग अपने टीवी या रिसीवर के पीछे, या शामिल HDMI एक्सटेंशन केबल का उपयोग करता है, तो यह काफी अन्य उपकरणों के बगल में फिट नहीं करता है, पावर एडॉप्टर से शामिल microUSB केबल कनेक्ट और छड़ी में प्लग.
आप आग टीवी स्टिक सीधे अमेज़न से तो खरीदा है तो आप अपने वाईफाई पासवर्ड रख दिया है एक बार, अपने खाते के विवरण पहले से ही स्थापित करने और तैयार हो जाएगा. ब्लूटूथ रिमोट और एक छोटी और उपयोगी परिचयात्मक वीडियो के कुछ ही क्लिक कि आवाज नियंत्रण के मूल सिद्धांत बताता चलाता है और आप जाने के लिए तैयार कर रहे हैं.
आप आग टीवी स्टिक उपयोग करने के लिए एक अमेज़न खाते की आवश्यकता है, लेकिन आप एक प्रधानमंत्री सदस्यता की जरूरत नहीं है. इसके बजाय आप सामग्री खरीदने के लिए या कई टीवी में से एक का उपयोग कर सकते, फिल्म या संगीत स्ट्रीमिंग क्षुधा अमेज़न app की दुकान से उपलब्ध, Netflix सहित, ब्रिटेन के सभी स्थलीय प्रसारक के लोकप्रिय सेवाओं और Spotify.
आप शायद पहले से ही अपने अमेज़न खाते में प्रवेश नहीं करेंगे, तुम अब भी जैसे Netflix के रूप में किसी तृतीय पक्ष ऐप्स के लिए उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करनी होगी. Android और iOS के लिए अमेज़न आग टीवी रिमोट एप्लिकेशन प्रक्रिया बहुत यह सब में टाइप के लिए आप एक पूर्ण स्मार्टफोन या टैबलेट कीबोर्ड देकर आसान बना देता है, जो बहुत कम रिमोट का उपयोग एक ऑन-स्क्रीन कीबोर्ड स्क्रॉल करने के लिए की तुलना में कठिन है.
पक्ष पर आपके टीवी के पीछे और पोर्ट में शामिल microUSB केबल और पावर एडाप्टर में HDMI कनेक्टर प्लग. फोटो: गार्जियन के लिए सैमुएल गिब्स
नई आग टीवी स्टिक किसी भी अन्य अमेज़न आग टीवी उत्पाद और अधिकांश अन्य स्ट्रीमिंग डिवाइस की तरह काम करता. दूरदराज के मेनू नेविगेट करने के लिए एक छोटा सा दिशात्मक अंगूठी है, एक वापस बटन, होम बटन और एक विकल्प बटन, साथ ही ठहराव खेलने के रूप में, तेजी से आगे और बटन रिवाइंड.
आप किसी भी विशेष दिशा में दूरदराज के बात करने के लिए नहीं है, के रूप में यह ब्लूटूथ की अवरक्त नहीं, और दो AAA बैटरी जो शामिल किए गए हैं लेता है. यह आसान है, उत्तरदायी और नए और बेहतर यूजर इंटरफेस है दोनों आकर्षक और प्रयोग करने में आसान, मीडिया के लिए अच्छा बड़ा चित्रों के साथ, क्षुधा और मेनू विकल्प.
सबसे परिवर्तनकारी नई बात नई दूरस्थ एक माइक्रोफोन आप एक बटन धक्का करने वाली बात कार्यक्षमता देने में बनाया के साथ आता है वह यह है कि. दूरदराज के शीर्ष पर माइक बटन पकड़ो एलेक्सा सक्रिय करने के लिए और आप क्या चाहते हैं के लिए पूछना. यह एक ही अनुभव है कि आप एक इको या इको डॉट डिवाइस से मिलता है, पूर्ण एलेक्सा कार्यक्षमता के साथ, लेकिन आप यह भी क्या अमेज़न कॉल "कार्ड" है कि अपने टीवी पर पॉप अप आवाज जवाब के साथ मिलता.
मौसम की रिपोर्ट बाहर पढ़ने के साथ-साथ, एलेक्सा स्क्रीन पर एक कार्ड पाती है. फोटो: गार्जियन के लिए सैमुएल गिब्स
कार्ड इंटरैक्टिव नहीं हैं, लेकिन ध्वनि आउटपुट के पर एक नज़र दृश्य संस्करणों देना, तो यह उस दिन बारिश होने आप कुछ तापमान और मौसम आइकन प्रदर्शित होने पर नहीं जा रहा है जब एलेक्सा आपको बता रहा है.
सरल खोज बहुत अच्छी तरह से काम करता है. आप अच्छा पत्नी देखना चाहते हैं, बस बटन दबाए रखें, कहते हैं कि "अच्छा पत्नी" और एलेक्सा इसे देखने के लिए अच्छी पत्नी और एक बटन धक्का दिखाने वाला पृष्ठ पर ले जाएगा. जहां इसे देखने के लिए कई तरीके हैं, एलेक्सा हमेशा तुम्हें दिखाता हूँ एक एक सदस्यता में शामिल हो सकता है आप से पहले अन्य तरीकों से इसे खरीदने के लिए.
अच्छा पत्नी Netflix पर उपलब्ध है, लेकिन यह भी अमेज़न से खरीद के लिए उपलब्ध. यदि आपके पास एक Netflix सदस्यता में लॉग इन, मार खेलने सीधे नेटफ्लिक्स में अगले unwatched प्रकरण के लिए ले जाएगा. ये तेज़ है, उपयोग करने के लिए आसान है और परिवर्तनकारी आप जानते हैं कि क्या आप देखना चाहते हैं.
तुम भी एक अभिनेता के नाम का उपयोग कर खोज कर सकते हैं, शैली और कई अन्य अलग-अलग कीवर्ड, लेकिन मैं अभी भी अभी भी अगर आसान प्रेरणा की तलाश में शो के माध्यम से ब्राउज़ लगता है, अमेज़न या Netflix सुझाव सामान्य रूप से बेहतर की तुलना में मैं अपने दम पर साथ आए हैं चाहते हैं के रूप में. नई आग टीवी इंटरफ़ेस भी Netflix की अनुमति देता है, और जल्द ही अन्य तृतीय पक्ष एप्लिकेशन, सामग्री का सुझाव देने आप अपने स्वयं के carrousels के तहत होम स्क्रीन के भीतर सीधे में रुचि हो सकती, जो उपयोगी है.
आवाज नियंत्रण भी विकल्प प्लेबैक के लिए प्रदान, वीडियो के मिनट लंघन, रोक, अमेज़न वीडियो के भीतर अन्य कार्यों खेल रहे हैं और.
स्मार्ट घर नियंत्रण
बटन दबाए रखें और कहते हैं 'पर रोशनी की बारी'. फोटो: गार्जियन के लिए सैमुएल गिब्स
पूर्ण एलेक्सा कार्यक्षमता भी नियंत्रण Smarthome तक फैली. कुछ भी आप अपने स्मार्टफोन पर एलेक्सा एप्लिकेशन के माध्यम से कनेक्ट कर सकते हैं आप नए आग टीवी स्टिक के साथ आदेश कर सकते हैं. माइक बटन मारो, कहते हैं कि "कमरे में रहने वाले लाइट चालू" और देखो किसी भी फिलिप्स ह्यू या अन्य कनेक्ट बल्ब प्रकाश.
अमेज़न विभिन्न Smarthome उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी की एक विस्तृत श्रृंखला मारा गया है, सैमसंग SmartThings सहित, फिलिप्स ह्यू, घोंसला, हाइव और कई अन्य लोगों, यह सबसे बहुमुखी Smarthome आवाज सहायकों में से एक बना.
एलेक्सा, दीपक! कैसे मैं एक Sci-fi सपना में अपने घर बदल गया
एलेक्सा से Netflix में एक शो के लिए सीधे छलांग पिछले नेटफ्लिक्स में उपयोगकर्ता के प्रवेश का उपयोग करता है, जिसका अर्थ है यदि आप किसी अन्य परिवार के सदस्य के दर्शक खाते के माध्यम से खेल रहा है खत्म हो सकता है
आवाज नियंत्रण साफ है, लेकिन एक बटन दबाने अभी भी तेज है
खेल और तृतीय पक्ष एप्लिकेशन से चुनने के लिए बहुत सारे हैं, एप्पल के आईट्यून सबसे बड़ी एक लापता साथ
तुम भी एक स्मार्टफोन या टैबलेट से आग टीवी स्टिक करने के लिए वीडियो डाल सकता
अभिभावकीय नियंत्रण विकल्पों में पिन ओवरराइड के साथ खरीद और सामग्री को सीमित करने के लिए उपलब्ध हैं
आग टीवी स्टिक 1080p पर बाहर maxes, betyder कोई UHD 4K समर्थन som
यह काफी के रूप में तेजी से आग टीवी बॉक्स के रूप में नहीं है, लेकिन यह आधी कीमत है (यह है, हालांकि, काफी एक बहुत आग टीवी स्टिक के पिछले संस्करण की तुलना में तेजी)
नई आग टीवी स्टिक एलेक्सा आवाज के साथ रिमोट यह सबसे अच्छा मूल्य स्मार्ट टीवी स्ट्रीमिंग उपलब्ध उपकरणों में से एक बना £ 39.99 लागत, और £ 5 की तुलना में सस्ता एक आवाज-सक्षम दूरदराज के साथ पिछले संस्करण.
उसे सेट अप करने के लिए आसान है. आप एक अमेज़न खाता है करने के लिए है और फर्म की सेवाओं में बंधे होते हैं, लेकिन तृतीय-पक्ष ऐप समर्थन उत्कृष्ट है, सभी प्रमुख ब्रिटेन के टीवी स्ट्रीमिंग और के लोकप्रिय सेवाओं बार एप्पल के और स्काई की सेवा के साथ.
एलेक्सा समर्थन परिवर्तनकारी है, छड़ी एक बुनियादी टीवी स्ट्रीमर की तुलना में अधिक कर रही है, लेकिन यह भी तरह से नहीं मिलता है. तुम अब भी शब्द बोलना बिना हर स्ट्रीमिंग समारोह में प्रदर्शन कर सकते हैं, और जब तक एलेक्सा बहुत सक्षम है, आग टीवी स्टिक कठिन करने की कोशिश नहीं कर रहा है और अधिक होने की तुलना में यह है - एक सस्ता और प्रभावी पैकेज में एक बहुत अच्छा स्मार्ट टीवी डिवाइस.
पेशेवरों: प्रयोग करने में आसान, आसान सेटअप, सघन, अच्छा रिमोट, चालाक इंटरफ़ेस, विस्तृत ब्रिटेन के लोकप्रिय सेवा समर्थन, एलेक्सा एकीकरण
विपक्ष: काफी के रूप में तेजी से नहीं और अधिक महंगी आग टीवी बॉक्स के रूप में, iTunes या आकाश सामग्री के लिए कोई समर्थन, अमेज़न खाते की आवश्यकता है, केवल वाईफाई |
जबलपुर। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम छतरपुर ने सहायक समिति प्रबंधक प्राण सिंह उर्फ मुन्ना की करीब दो करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं। बड़ौदाकला छतरपुर में सेवा सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक प्राण सिंह के कई ठिकानों पर ईओडब्ल्यू ने सात मई को सर्च कार्रवाई की थी।
छतरपुर के बारीगढ़ एवं जोगा ग्राम स्थित विभिन्न ठिकानों पर कार्रवाई के दौरान ईओडब्ल्यू ने करोड़ों की चल अचल संपत्ति का पता लगाया था। ईओडब्ल्यू ने विशेष अदालत में संपत्ति कुर्क करने के लिए याचिका दायर की थी। विशेष अदालत ने छह जून को दायर याचिका के संबंध में आरोपित की चल अचल संपत्तियों को अंतरिम रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया है। कुर्की आदेश में अंतरण या भार को निषेधित किया गया है।
2013 में मिली शिकायत पर 2022 में छापा मारा
ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत के निर्देश पर प्राण सिंह के ठिकानों पर अधिकारियों ने दबिश दी थी। उक्त कार्रवाई में ईओडब्ल्यू जबलपुर व सागर इकाई के अधिकारी शामिल थे। एसपी राजपूत ने बताया कि मुन्ना सिंह के खिलाफ वर्ष 2013 में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत की गई थी। जांच में पाया गया कि मुन्ना सिंह ने अपनी कुल अर्जित आय की तुलना में कई गुना ज्यादा संपत्ति व्यय की थी। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज कर डीएसपी एवी सिंह द्वारा विवेचना की जा रही थी। मुन्ना सिंह वर्ष 2000 में शासकीय सेवा की शुरुआत की थी। नौकरी शुरू करने की तारीख से वर्ष 2013 तक उसने अर्जित कुल संपत्ति की तुलना में 638 प्रतिशत ज्यादा रकम खर्च की थी। सर्च कार्रवाई के दौरान उसके कब्जे से अवैध पिस्टल भी मिली थी।
इन संपत्तियों को कुर्क करने आदेश
-एक करोड़ एक लाख 62 हजार 210 रुपये कीमती कृषि भूमि। 35 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे।
-10 लाख 57 हजार 105 रुपये कीमत के सोने-चांदी के जेवर।
-कई बैंकों व पोस्ट आफिस में जमा 50 लाख 25 हजार 495 रुपये।
-28 लाख 48 हजार 38 रुपये कीमत के पांच वाहन।
-इस प्रकार कुल एक करोड़ 90 लाख 92 हजार 848 रुपये की चल अचल संपत्ति।
सर्च कार्रवाई में उक्त संपत्ति का पता चला था-
-नकद एक लाख 61 हजार 500 रुपये।
-333 ग्राम वजनी सोने के जेवर।
-544 ग्राम वजनी चांदी के जेवर।
-एक मकान छतरपुर में, कीमत का आंकलन होना शेष।
-एक मकान बारीगढ़ में, कीमत का आंकलन होना शेष।
-एक जेसीबी, एक सफारी कार, एक एक्सयूवी कार, एक अन्य कार, दो ट्रैक्टर, एक मोटरसाइकिल, एक बुलेट मोटरसाइकिल, एक मोपेड, एक जेसीबी व एक पोकलेन के दस्तावेज। |
Reforms in agriculture needed for 2nd Green Revolution: Arvind Panagariya | कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए दूसरी हरित क्रांति की जरुरत: नीति आयोग | Hindi News, बिजनेस
अहमदाबाद: नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तुलनात्मक रूप से कृषि क्षेत्र के कम योगदान को लेकर चिंता जतायी और दूसरी हरित क्रांति लाने के लिये इस क्षेत्र में सुधार का आह्वान किया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार पनगढ़िया कृषि विकास पर कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता के लिये गांधीनगर में थे। इन कार्यबलों का गठन मध्य एवं पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों ने किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि देश की 49 प्रतिशत आबादी कृषि से संबद्ध है, लेकिन उनका कुल जीडीपी में योगदान 15 प्रतिशत ही है।
विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया है, 'यह समय कृषि क्षेत्र को महत्व देने का है। दूसरी हरित क्रांति के लिये हमें क्षेत्र के विभिन्न भागों जैसे भूमि, कृषि, बीज आदि में सुधार लाना होगा।' बैठक में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, केंद्र शासित दादरा एवं नागर हवेली तथा दमन एवं दीव के ऐसे कार्यबल के प्रमुख शामिल हुए। |
करोड़ों की प्रॉपर्टी की मालकिन है हनीप्रीत....हनीप्रीत के बैग से हुए कई अह्म खुलासे - PTC NEWS
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करोड़ों की प्रॉपर्टी की मालकिन है हनीप्रीत….हनीप्रीत के बैग से हुए कई अह्म खुलासे
October 16, 2017 11:12 am, Updated on October 16, 2017 at 11:12 am
बलात्कारी बाबा राम रहीम की मुंहबोली बेटी और सबसे बड़ी राज़दार हनीप्रीत करोड़ों-अरबों की मालकिन है। बड़ी गिनती में प्रॉपर्टी हनीप्रीत के नाम पर है। यह खुलासा हनीप्रीत के एक बैग से हुआ है जो एसआईटी के हाथ लगा है। इस बैग में हनीप्रीत की प्रॉपर्टी का सारा हिसाब किताब है।
मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी को यह बैग राजस्थान के गुरुसर मोडिया, जिसे राम रहीम का पैतृक गांव कहा जाता है, से मिला है। इस बैग से पुलिस को कागजों का बड़ा जखीरा मिला है जिसमें पिछले कई महीनों पहले के लेनदेन की जानकारी भी है, जो करोड़ों में है। इस बैग से दर्जनों ज़मीन और मकानों की रजिस्ट्रियां भी मिली हैं। ये प्रॉपर्टी हरियाणा, राजस्थान, और हिमाचल में है, पुलिस को बैग से कुछ डेबिट कार्ड भी मिले है।
साथ ही बताया जा रहा है कि राम रहीम के बाद डेरा सच्चा सौदा में हनीप्रीत की ही मानी जाती थी। बल्कि राम रहीम के भी फैसलों में हनीप्रीत का सारा हाथ रहता था। डेरे का सारा वित्तीय प्रबंधन भी उसी के हाथों में था। इतना ही नहीं राम रहीम की गुफा भी हनीप्रीत के फिंगरप्रिंट से खुलती थी।
आपको बता दें कि राम रहीम की सजा के एलान के तीन दिन बाद यानी 28 अगस्त को हनीप्रीत डेरे से फरार हो गई थी। हनीप्रीत 38 दिनों तक पुलिस को चकमा देती रही। लेकिन 39वें दिन हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत को पकड़ लिया था। |
गाँव में बिजली आपूर्ति के लिए प्रदर्शन करते ग्रामीण
दिबियापुर/औरैया। जिले के चार गाँव ऐसे हैं जहां आजादी से लेकर आज तक विद्युत बल्ब नहीं जल सका है।जहां देश डिजिटल इंडिया में परिवर्तित हो रहा है वहीं गाँव में बिजली ही नहीं है तो डिजिटल बनेगा कैसे।विद्युतीकरण कराने के लिए गाँव के लोगों ने नेताओं से लेकर अधिकारियों तक शिकायत की लेकिन अभी तकविद्युतीकरण नहीं हो सका है।
जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव नंदपुर के अलावा एक और दो-दो किलोमीटर की दूरी परबसे गांव निम्नजना, बला की मडैया, दुर्गा का अडडा आज भी विद्युतीकरण से अछूता है।
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गाँव में विद्युतीकरण न होने से गांव के लोग काफी परेशान हैं। मोबाइल, बैट्री को चार्ज करने के लिए ग्रामीणोंको दूसरे गाँव में जाना पडता है। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों और जिले के नेताओं को मालूम नहीं है। सब कुछजानते हुए भी प्रयास नहीं किया गया। आज के लोग विद्युत बल्ब जलता हुआ देखने के लिए योगी सरकार सेआस कर रहे है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से विद्युतीकरण कराए जाने की मांग की है।
नंदपुर गांव निवासी छक्की लाल (48वर्ष) का कहना है "लड़कों की शादी में में मिला पंखा, कूलर, फ्रिज बिजली नहोने की वजह से सब बंद रखे हुए हैं।"
लाइट न होने से शादी बारातों में हो रही परेशानी --
नंदपुर, निम्नजना, दुर्गा का अडडा और बला की मडैया के लोगों का कहना है कि अगर कोई शादी वाला भीआता है इन गांवो में बिजली न होने की वजह से लौट जाता है। बिजली न होने से बड़ी मुश्किल में शादियां हो पारही है। लोगों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
दुर्गा का अडडा के प्रधान राजेंद्र राजपूत और नंदपुर की प्रधान प्रेमिना से जब गांव के लोग विद्युतीकरण की बातकहते हैं, "हम इसमें क्या कर सकते है विद्युतीकरण कराना उनके बस की बात नहीं है गाँव के लोग डीएम सेशिकायत करें तो भले ही विद्युतीकरण हो।''
गांवों में विद्युतीकरण नहीं हुआ है इसकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसे गांव है जहां विद्युतीकरण नहीं हुआ है।तो वहां एक्सियन को भेजकर स्टीमेट बनवाया जाएगा और गांव में विद्युतीकरण कराया जाएगा। जय प्रकाश सगर, जिलाधिकारी, औरैया |
Modi Government next agenda is POK after Article 370
आर्टिकल 370 के बाद मोदी सरकार का अगला एजेंडा देगा पाक को झटका
सालों से भारत से जम्मू-कश्मीर को अलग करने वाला आर्टिकल 370 हटाकर मोदी सरकार को एक बड़ी उपलब्धि मिली है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार यहीं नहीं रुकने वाली। उनके अगले बड़ी एजेंडे में शामिल है पीओके, यानी पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर।
इस बारे में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताते हुए कहा कि विश्व का रुख भारत के अनुकूल है। अब हमारा अगला अजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाना है। उन्होंने ये भी बताया, कश्मीर न तो बंद है और ना ही कर्फ्यू के साए में है, सिर्फ कुछ पाबंदियां हैं।
ऊधमपुर-कठुआ लोकसभा सीट से सांसद जितेंद्र सिंह ने बताया अगला एजेंडा:
ऊधमपुर-कठुआ लोकसभा सीट से चुनकर आने वाले जितेंद्र सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुद्दे पर कहा, 'यह केवल मेरी या मेरी पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं है बल्कि यह 1994 में पी. वी. नरसिंह राव के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सर्वसम्मति से पारित संकल्प है। यह एक स्वीकार्य रुख है।'
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कश्मीर के हालातों पर दी जानकारी:
कश्मीर के हालातों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। इंटरनेट सेवा बंद रखने के बारे में उन्होंने कहा, 'हम इसे जल्द से जल्द बहाल करना चाहते हैं। एक कोशिश की गई थी लेकिन सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो डाले जाने लगा और फैसले की दोबारा समीक्षा करनी पड़ी।'
पाक को दी चेतावनी:
वहीं पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आतंकियों द्वारा आम लोगों की हत्या के पीछे पाकिस्तान की साजिश है। उन्होंने पाक को चेतावनी दी कि पाक की मानसिकता है कि वह कुछ भी कर के बाख निकलेगा लेकिन वह बाख नहीं पायेगा। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए आपको कीमत चुकानी होगी। |
'द वायर' वालो, 'मोदी-विरोधी' होने से गबन और क़त्ल करने का लाइसेंस नहीं मिलता – Bhadas 4 Journalist
द वायर वालों को विचारों की कितनी कमी पड़ रही है, यह उनके लेखों को देखकर साफ हो रहा है। जनेऊ को हौव्वा बनाने से शुरू हुआ इनका मानसिक स्खलन इतना नीचे जा पहुँचा है कि अब ये कातिलों से लेकर गबन के आरोपियों का बचाव केवल इस आधार पर करना चाहते हैं कि फलाना मोदी के खिलाफ बोला था, 'एंटी-RSS' था, तो अगर इसे जेल भेजा गया तो सरकार के खिलाफ बोलने वालों में 'डर का माहौल' बन जाएगा।
चोरकटई से इंकार नहीं कर पा रहे अपने साथियों की
सबसे महत्वपूर्ण और गौरतलब बात यह है कि पत्रकारिता का समुदाय विशेष अपने संगी-साथियों के कुकर्मों से ना नहीं कर पा रहा है। इसे उस समय से तो 'इम्प्रूवमेंट' मान ही सकते हैं जब मोदी के दानवीकरण की 'चीफ आर्किटेक्ट' तीस्ता सीतलवाड़ को निर्दोष साबित करने के लिए मीडिया गिरोह पन्ने-पर-पन्ना काला करने में लगे रहते थे। लेकिन दोगलई और मोदी से नफरत इनकी नसों में शायद खून की जगह बह रहे हैं। वो भी इतने 'ब्लड प्रेशर' से कि वायर के संस्थापक-सम्पादक सिद्धार्थ भाटिया लिखते हैं कि हालाँकि सीबीआई ('मानवाधिकार' गिरोह के वकील आनंद ग्रोवर के खिलाफ विदेश से नियम तोड़कर पैसा लेने का केस दर्ज किया), सेबी (प्रणय रॉय को जालसाजी के आरोप में दो साल आर्थिक बाजार से तड़ीपार किया), प्रवर्तन निदेशालय (राघव बहल के खिलाफ आर्थिक अनियमितता का केस दर्ज किया) और कोर्ट (संजीव भट्ट को हत्या के मामले में उम्र-भर के लिए जेल भेजा) मोदी सरकार के अंतर्गत काम नहीं करते, "लेकिन" यह भी सच है कि बहल, भट्ट और प्रणय रॉय (और उनकी पत्नी राधिका रॉय) मोदी के खिलाफ काम करते थे।
यहीं इनकी असली नीयत, असली चेहरा इसी "लेकिन" में दिख जाता है। बिना कुछ कहे न केवल आरोपित-चूँकि-मोदी-विरोधी-हैं-इसलिए-गबन-से-लेकर-क़त्ल-तक-माफ़-है का संदेश आपके दिमाग में बैठा देते हैं, बल्कि उसके बाद नीचे खुद ही ऊपर जिन प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई वगैरह को 'क्लीन चिट' देते हैं, बमुश्किल दस वाक्यों के भीतर-भीतर उन पर भी फिर से हमला शुरू कर देते हैं। हमें यह बताने के बहाने कि सेबी और ईडी ने 'आश्चर्यजनक तेज़ी से' रॉय दम्पति और राघव बहल पर कार्रवाई की, अप्रत्यक्ष रूप से पाठक के कान में 'ये मोदी के इशारे पर हो रहा है' का मंत्र फूँका जाता है।
राघव बहल का मामला दबाने की कोशिश
वायर के 'पप्पा' सिद्धार्थ भाटिया 'समुदाय विशेष' के अपने सहोदर राघव बहल के मामले को हल्का करने की भरसक कोशिश करते हैं। बताते हैं कि "महज़ दो करोड़ के लिए ईडी पूरे दल-बल के साथ राघव बहल के पीछे लग गया है, जबकि यह एक 'रूटीन' टैक्स इंक्वायरी हो सकती थी।"
'महज़' दो करोड़? महज़? दो करोड़ महज़ होते हैं? वो भी उस विचारधारा (शैम्पेन सोशलिज़म) के अलमबरदारों के लिए, जो दिन-रात इस देश के अमीरों के पैसे से डाह पालते नहीं थकते? जिन्होंने हर समय दूसरों की समृद्धि के लिए उन्हें शर्मसार करने में, 'गैर-बराबरी' के नाम पर सबके हाथ में कटोरा दे देने की वकालत की हो, वह पत्रकारिता का समुदाय विशेष अपनी काली कमाई के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर उस धनराशि को 'महज़' बता रहा है? और चाहता है कि अफसर और जाँच करने वाला विभाग भी उनके हिसाब से तय हों?
यही काम सिद्धार्थ भाटिया सेबी और रॉय दम्पति के मामले में करते हैं। पता है कि सेबी के फैसले में कोई नुक्ता-चीनी हो नहीं सकती, क्योंकि सेबी ने तसल्लीबख्श सबूत अपने फैसले के समर्थन में रख ही दिए हैं। तो अब सेबी के उनका मामला हाथ में लेने पर ही सवाल उठाया जा रहा है। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या सेबी के पास और मामले नहीं थे लंबित, जो प्रणय रॉय के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाया गया? केवल इसलिए कि वह एंटी-मोदी हैं? क्या एंटी-मोदी लोगों के मामले अदालतें, पुलिस, जाँच एजेंसियाँ तभी उठाएँ जब बाकी सारे मामले खतम हो जाएँ? ऐसा क्यों? क्या मोदी के खिलाफ हो जाना कोई लाइसेंस है अपराध करने का?
हार्ड कौर पर देशद्रोह योगी नहीं, 26/11 के कारण है
आगे भाटिया बताते हैं कि गालीबाज गायिका हार्ड कौर पर योगी को गाली देने के कारण देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह सीधे-सीधे झूठ है। हार्ड कौर को देशद्रोह मामले में नामजद इसलिए किया गया कि उन्होंने कथित तौर आरएसएस को हेमंत करकरे का हत्यारा कहा- जिसका मतलब यह था कि उन्होंने देश के दुश्मन हाफिज़ सईद को, फाँसी पर लटकाए गए जिहादी कसाब को 26/11 का दोषी होने से मुक्त करने की कोशिश की। अगर यह देशद्रोह नहीं है कि इस देश के ऊपर हुए इतिहास के भीषणतम जिहाद के घोषित और साबित मुजरिमों को कोई नागरिक बेगुनाह साबित करने का दुष्कृत्य करे, तो और क्या हो सकता है देशद्रोह?
हिरेन गोहैन पर वही मामला है, जो कन्हैया कुमार पर है
आगे भाटिया हिरेन गोहैन के मामले का ज़िक्र करते हैं कि उन पर भी देशद्रोह का मामला चल रहा है। इसे वह मोदी के देशद्रोह कानून के दुरुपयोग का सबूत दिखाते हैं। अगर इस मामले में वायर के ही लिंक पर क्लिक करिए तो साफ़ पता चलेगा कि उन पर मामला इसीलिए चल रहा है कि उनकी अध्यक्षता में हुई बैठक में असम को भारत से अलग करने के नारे लगे थे। ठीक यही मामला कन्हैया कुमार पर चल रहा है। ऐसे में सरकार अगर गोहैन पर मामला न चलाती तो क्या यह कन्हैया कुमार के साथ नाइंसाफी न होती?
पत्रकारिता के समुदाय विशेष को सुधरना तो इन्हें तब तक नहीं है, जब तक भगवन खुद उन्हें सद्बुद्धि देने अवतरित न हो जाएँ। केवल एक सलाह दी जा सकती है- मोदी से नफरत करिए, खुल के करिए (क्योंकि अब जब वही खून की जगह आपकी रगों में बह रहा है, तो क्या किया जा सकता है?), पेट भर के करिए। लेकिन नफरत में इतने अंधे मत हो जाइए कि आज गबन वालों के पक्ष में आप खड़े हैं, कल संजीव भट्ट पर आरोपित हत्या का कोई औचित्य निकाल लाइए, और परसों 26/11 या पठानकोट या पुलवामा हमले के पक्ष में खड़े हो जाइएगा। नफरत को दिमाग पर हावी होने से रोकिए। उसे दिल के अजीर्ण तक सीमित करिए।
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होरी इस तरह की आलोचनाएँ और शुभकामनाएँ सुनते-सुनते तंग आ गया था। खिन्न हो कर बोला – यह सब मैं समझता हूँ लाला। लेकिन तुम्हीं बताओ, मैं क्या करूँ! मैं झुनिया को निकाल दूँ, तो भोला उसे रख लेंगे? अगर वह राजी हों, तो आज मैं उनके घर पहुँचा दूँ। अगर तुम उन्हें राजी कर दो, तो जनम-भर तुम्हारा औसान मानूँ, मगर वहाँ तो उनके दोनों लड़के खून करने को उतारू हो रहे हैं। फिर मैं उसे कैसे निकाल दूँ? एक तो नालायक आदमी मिला कि उसकी बाँह पकड़ कर दगा दे गया। मैं भी निकाल दूँगा, तो इस दसा में वह कहीं मेहनत-मजूरी भी तो न कर सकेगी। कहीं डूब-धँस मरी तो किसे अपराध लगेगा! रहा लड़कियों का ब्याह, सो भगवान मालिक है। जब उसका समय आएगा, कोई न कोई रास्ता निकल ही आएगा। लड़की तो हमारी बिरादरी में आज तक कभी कुँआरी नहीं रही। बिरादरी के डर से हत्यारे का काम नहीं कर सकता। |
सुबह खाली पेट गुड़ खाने के फायदे | Hamara Mahanagar
गुड स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि अक्सर डॉक्टर बेहतर स्वास्थ्य के लिए मीठे खासतौर से चीनी से दूर रहने की सलाह देते हैं और गुड़ खाने की सलाह देते हैं क्योंकि गुड़ ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. यह एक ऐसा सुपर फूड है जिसके फायदों के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं. इसे आपको अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए. आज हम इस पोस्ट के माध्यम से गुड़ खाने के जबरदस्त फायदे बताने की कोशिश करेंगे
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुड़ का सेवन करना पेट की समस्याओं से निपटने के लिए बहुत ही आसान एवं फायदेमंद उपाय है. यह पेट में गैस बनना और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करने में बेहद फायदेमंद होता है. खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है और हमारे द्वारा सेवन किए गए आहार को पचाने में मदद करता है.
ज्यादातर लोगों को जोड़ो में दर्द की समस्या बनी रहती है. इस समस्या से छुटकारा दिलाने में गुड़ काफी मददगार होता है. इसके लिए गुड़ को अदरक के साथ खा सकते हैं या चाहे तो यह गिलास दूध के साथ भी गुड़ का सेवन कर सकते हैं. इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है.
कमजोरी और थकान की समस्या से निपटने के लिए काफी मददगार होता है. जल्दी पच जाता है. इससे शुगर भी नहीं बढ़ती है और आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है. दिन भर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो तुरंत गुड़ खाएं. इससे आपका थकान दूर हो जाएगा.
गुड में विटामिन और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो हमारी त्वचा के पोषण के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. यह आपकी त्वचा को चमकदार और गोरा बनाए रखने में मदद करता है. गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है जो चेहरे की फोड़े- फुंसी और मुंहासों की समस्या से बचाव करने में मददगार होता है. |
जानिये गर्मियों में ठंडे पानी के नुकसान -Shethepeople.TV
जानिये गर्मियों में फ्रिज का पानी पीने के नुकसान
जल्द ही गर्मियों आनेवाली है और हर जगह बस ठंडे पानी की डिमांड होनेवाली है। गर्मियों में हर किसीको फ्रिज से निकला ठंडा पानी पीना बहुत पसंद होता है। गर्मी दूर भगाने के लिए हम ठंडा पानी पीते ज़रूर हैं पर यह हमारी हेल्थ के लिए बिलकुल भी फायदेमंद नहीं है। ठंडा पानी पीने से हमारी बोनस वीक होती हैं और हमे बहुत सारी प्रोब्लेम्स का सामना करना पड़ता है। गर्मियों में ठंडा पानी हमे गर्मी से रिलीफ ज़रूर देता है पर हाँ यह हमे सिवाए प्रोब्लेम्स के कुछ नहीं दे सकता और बहुत सारी हेल्थ प्रोब्लेम्स की जड़ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गर्मियों में हमे फ्रिज का पानी पीने के बजाये नार्मल पानी पीना चाहिए। आइये आज हम जानेंगे ठंडा पानी पीने के नुकसान के बारे में।
हड्डियों को वीक बनाता है
फ्रिज का पानी नार्मल टेम्परेचर से भी ज़्यादा चिल्ड हो जाता है जिससे उसके अंदर के सारे इम्पोर्टेन्ट नुट्रिएंट्स किल हो जाते हैं और वो पानी हमारे लिए नुकसानदायक बन जाता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम को खराब करता है
ठंडा पानी आपके पेट की नसों को सिकोड़ देता है। इससे आपकी बॉडी में प्रॉपर डाइजेशन नहीं हो पाता है। इससे खाना नसों में ही फसा रह जाता है और सही तरीके से डाइजेस्ट नहीं होता जिसके कारण आपको बहुत सी हेल्थ प्रोब्लेम्स का सामना करना पड़ सकता है।
गला खराब होता है
फ्रिज का ठंडा पानी पीना आपके गले के लिए और आपके वोकल कॉर्ड्स के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। ठंडा पानी आपकी चेस्ट कंजेस्ट कर देता है इससे आपको सांस से रिलेटेड और भी बहुत सारे रेस्पिरेटरी प्रोब्लेम्स हो सकती हैं।
रेस्पिरेटरी सिस्टम को इफ़ेक्ट करता है
ठंडा पानी पीने से हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर काफी असर पड़ता है इससे हमारी बॉडी में अस्थमा,ब्रोन्काइटी और भी पता नहीं कितनी सारी प्रोब्लेम्स की शुरुआत हो सकती है। ठंडा पानी हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को इफ़ेक्ट करता है और उसे बिलकुल खोखला बना देता है। ठंडे पानी के नुकसान |
Miss Universe 2021 Harnaaz Kaur Sandhu Stuns In A Lilac Pankaj & Nidhi Dress | sarkariaresult - sarkariaresult » sarkariaresult - sarkariaresult.com - hindi.Sarkariaresult
भारत की हरनाज़ कौर संधू ने जब मिस यूनिवर्स 2021 के लिए टॉप किया था, तब उन्होंने घर का गौरव बढ़ाया था। 21 साल बाद इस सम्मानजनक टैग के साथ एक भारतीय भव्यता सबसे ऊपर थी। इससे पहले लारा दत्ता ने 2021 में खिताब हासिल किया था। बॉलीवुड पहले से ही संधू पर नजर गड़ाए हुए है और हम शर्त लगाते हैं कि उसके हाथ में पहले से ही कई प्रस्ताव हैं, वह अपना पहला उद्यम तय करने से पहले अपना खुद का कैंडी समय ले रही है। हाल ही में हरनाज़ ने मीडिया से बातचीत के लिए मुंबई में कदम रखा और अपनी आउटिंग के लिए एक सुंदर परिधान चुना। बीटीएस और मिस यूनिवर्स 2021 हरनाज़ संधू: इंडियन ब्यूटी क्वीन की 'स्पीक फॉर योरसेल्फ' आरएम के यूनिसेफ भाषण की याद दिलाती है (वीडियो देखें).
हरनाज़ ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने ट्रेंड आउटिंग की तस्वीरें साझा कीं और हम इसके लिए दिल से तैयार हैं। उसने पंकज और निधि के घर से एक आसान लेकिन भव्य को-ऑर्ड सेट चुना और इसे सिल्वर स्ट्रैपी हील्स के साथ पेयर किया। हाईलाइटेड गाल, कोरल लिप्स, कर्ल्ड आईलैशेज, अच्छी तरह से डिफाइन्ड ब्रो और उसके ओपन ब्लोंड लॉक्स ने उनके लुक को और भी ज्यादा कंप्लीट किया। इससे पहले बिल्कुल नई मिस यूनिवर्स ने एक और शानदार लुक दिया था, जब उन्हें एक बोतल हरे रंग के को-ऑर्ड सेट के साथ क्लिक किया गया था, जो उन पर शानदार लग रहा था। मिस यूनिवर्स 2021 म्याऊ वीडियो! हरनाज़ संधू स्टेज पर कैट की तरह म्याऊ करते हैं, होस्ट स्टीव हार्वे को धन्यवाद!
पंकज और निधि में हरनाज़ कौर संधू
हरनाज़ कौर संधू (फोटो क्रेडिट: इंस्टाग्राम)
घर को मिस यूनिवर्स का खिताब दिलाने वाली हरनाज बमुश्किल तीसरी महिला हैं। इस साल की सत्तरवीं मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता इस्राइल में हुई थी और इस बार करीब 80 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। संधू के उत्तराधिकारी के रूप में मेक्सिको की एंड्रिया मेजा ने शीर्ष स्थान हासिल किया था। दिलचस्प बात यह है कि वह पहले ही अपनी पंजाबी फिल्म की शुरुआत कर चुकी हैं यारा दिया पू बरनी तथा बाई जी कुट्टंगे।
(उपरोक्त कहानी पहली बार टेककाशिफॉन पर 03 जनवरी, 2022 08:20 PM IST पर प्रकाशित हुई। राजनीति, दुनिया, खेल गतिविधियों, मनोरंजन और जीवन-शैली पर अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, हमारी वेब साइट sociallykeeda.com पर जाएं)।
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यूनिवर्सल एक्सप्रेस: 04/20/21
अरब का दौरा करेंगे पीएम इमरान, दावा किया
इस्लामाबाद/ रियाद। पाकिस्तानी के टीवी चैनल ने सोमवार को दावा, कि पाक के पीएम इमरान खान मई में ईद उल फितर से पहले या तुरंत बाद सऊदी अरब का दौरा करेंगे। पाकिस्तान में सऊदी अरब के राजदूत नवाफ बिन सईद अल-मल्की के अनुसार, इमरान खान की यात्रा की पुष्टि की गई है। लेकिन तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। यात्रा के दौरान, पीएम इमरान खान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिलेंगे। मार्च में, क्राउन प्रिंस ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान खान को सऊदी अरब आने के लिए आमंत्रित किया था। इमरान खान ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था। इससे पहले,पाक पीएम ने मोहम्मद बिन सलमान को पत्र लिखकर सऊदी अरब ग्रीन इनिशिएटिव और ग्रीन मिडिल ईस्ट इनिशिएटिव के लॉन्च पर बधाई दी। इमरान ने कहा, मेरे भाई, उनके रॉयल हाईनेस क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा "ग्रीन सउदी अरब" और "ग्रीन मिडिल ईस्ट" पहल के बारे में जानकर बहुत खुशी हुई! हमारे समर्थन की पेशकश की है। क्योंकि हमने भी "क्लीन एंड ग्रीन पाकिस्तान" और "10 बिलियन-ट्री लगाने की योजना तैयार की है।
चौकीदार की कोरोना से मृत्यु, स्कूल सील किया
गाजियाबाद। ट्रांस हिंडन क्षेत्र के एनसीपी स्कूल में काम करने वाला एक चौकीदार की कोरोना से मृत्यु हो गई। मृतक की कोरोना रिपोर्ट चार दिन पहले ही आई थी और गरीब चौकीदार जैसे-तैसे अपना इलाज कर रहा था। मृत्यु के बाद चौकीदार की पत्नी ने जिला प्रशासन को सूचना दी। लेकिन, कोई भी उसकी मदद को नहीं आया। 24 घंटों के बाद मीडिया में खबर फैलने बाद थोड़ी देर पहले प्रशासन की नींद खुली और उसने नगर निगम के कर्मचारियों को भेज कर स्कूल को सील करा दिया है। शव के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन की ओर से क्या प्रयास किए गए हैं। खबर लिखे जाने तक इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। घटना से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिला प्रशासन को संवेदनशील होकर काम करने के अनेक आदेशों के बावजूद भी गाज़ियाबाद में तैनात अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं है।
बेनीवाल को प्राधिकरण का सदस्य नियुक्त किया
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की तरफ से पब्लिक हेल्थ के पूर्व चीफ इंजीनियर डीपीएस बेनीवाल को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली हैं। प्रदेश सरकार ने डीपीएस बेनीवाल को हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण का सदस्य नियुक्त किया है। नवनियुक्त सदस्य डीपीएस बेनीवाल ने हरियाणा सरकार द्वारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे पूरी लगन व निष्ठा से इस जिम्मेवारी का निर्वहन करेंगे। डीपीएस बेनीवाल मूल रूप से फतेहाबाद के नेहला गांव से संबंध रखने वाले हैं और फिलहाल पंचकूला निवासी हैं। उन्होंने 1987 में हरियाणा के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग में बतौर असिस्टेंट एक्सईएन ज्वाइन किया था। वर्ष 2004 में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर बने तथा इसके बाद 2009 में चीफ इंजीनियर बने और 11 साल से अधिक इस भूमिका में कार्य किया। इससे पहले वह 1985 से 1987 तक गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, सिरसा में लेक्चरर के तौर पर भी कार्य करते रहे। डीपीएस बेनीवाल शुरू से ही वैचारिक तौर पर जननायक चौधरी देवीलाल जी की विचारधारा से जुड़े हुए हैं। इनका परिवार भी शुरू से चौधरी देवीलाल जी की विचारधारा और जेजेपी पार्टी से जुड़ा हुआ है।
24 एसपीओ को पुलिस उपायुक्त ने किया सस्पेंड
चंडीगढ। हरियाणा पुलिस विभाग में लगे 24 एसपीओ को फरीदाबाद पुलिस उपायुक्त डॉ. अर्पित जैन ने सस्पेंड किया गया है। बर्खास्त किए गए एसपीओ फरीदाबाद के विभिन्न थानों में तैनात थे। जानकारी के अनुसार ये सभी लंबे समय से गैरहाजिर और पुलिस ड्यूटी के दौरान अनियमितताएं बरत रहे थे। जिसके चलते हुए इनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। बतया जा रहा है कि ये 24 एसपीओ काफी समय से गैरहाजिर चल रहे थे। पुलिस उपायुक्त के अनुसार ड्यूटी में तैनात कर्मचारी अनुशासन से बाधित होते हैं और उन्हें उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार ही कार्य करना होता है। परंतु ये कर्मचारी अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरत रहे थे।
प्रदीप की सजा पर रोक तो सदस्यता हो सकतीं है बहाल
चंडीगढ़। हिमाचल हाइकोर्ट द्वारा पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी की सजा पर रोक लगाने से प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता बहाल हो सकती है।
हरियाणा के कालका विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, इस पूर्व विधायक की सजा पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
इन सबके चलते हुए हो सकता है प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता बहाल हो जाए। इस मामले पर विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी मिलने के बाद अध्ययन करेंगे। यदि बात सही है तो सदस्यता बहाल कर दी जाएगी। आपको बता दें कि अगर सरकार ने खाली सीट पर चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिख दिया होगा तो भी हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद वह निरस्त हो जाएगा और विधानसभा स्पीकर को भी उन्हें बहाल करना होगा। विधानसभा के रिटायर्ड एडिशनल सेक्रेट्री रामनारायण यादव कहते हैं कि कन्वीक्शन पर स्टे मिल गया है तो चौधरी की सदस्यता बहाल हो जाएगी।
कोरोना को लेकर डीएम ने व्यापरियों के साथ की बैठक
कौशाम्बी। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में कोविड-19 को लेकर व्यापरियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने व्यापारियो से कहा, कि जो भी उपभोक्ता सामान लेने के लिये आयें। उन्हें तब तक सामान न दिया जाये, जब तक मास्क न लगा लें। व्यापारी यदि आगे आयेंगे तो कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में मजबूती मिलेगी। जिलाधिकारी ने व्यापारियों से आग्रह किया कि वह लाकडाउन को शक्ति के साथ पालन करें। इससे कोरोना के चैन को तोड़ने में काफी सहूलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि अपने आप को सुरक्षित रखने के लिये वैक्सीन का टीका लगवायें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शशिकान्त त्रिपाठी जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, परियोजना निदेशक, व्यपार मण्डल के अध्यक्ष रमेश अग्रहरी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
हापुड़: मुरादनगर जैसे दूसरा हादसा होने का इंतजार
हापुड़। तहसील गढ़मुक्तेश्वर के थाना सिंभावली ब्लॉक जनपद के अंतर्गत आने वाले गांव हाजीपुर में जर्जर हालत में श्मशान घाट में अंत्येष्टि संस्कार करने का स्थल शासन प्रशासन के आला अधिकारियों को शायद इंतजार है, एक मुरादनगर जैसे दूसरा हादसा होने का।
गौरतलब रहे कि थाना सिंभावली ब्लॉक जनपद के गांव हाजीपुर में गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने के लिए बनाया गया संस्कार स्थल जर्जर हालत में खड़ा हुआ है। जो अपनी बदहाली पर आंसू बहाते हुए भर-भरा कर गिरने का इंतजार करते हुए ग्राम प्रधान के द्वारा कराए गए विकास कार्यों की भी पोल खोल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस अंत्येष्टि स्थल का जीर्णोद्धार कराने के लिए क्या यह बार ग्राम प्रधान से भी शिकायत की गई है। लेकिन, कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है। वही, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर चुनावी मैदान में आने वाले ग्राम प्रधान प्रत्यासी इसका जीर्णोद्धार कराने के लिए नए-नए सपने दिखा रहे हैं। पंचायत चुनाव के मद्देनजर तो यह जर्जर हालत में खड़ा हुआ। अंत्येष्टि स्थल इन प्रत्याशियों को अब नजर आने लगा है लेकिन पूर्व प्रधान के कार्यकाल में यह जर्जर हालत में खड़ा अंत्येष्टि स्थल किसी को नजर नहीं आया। श्मशान घाट में जर्जर हालत में खड़े इस अंत्येष्टि स्थल के नवनिर्माण को लेकर ग्रामीणों में खासा रोष देखा जा रहा है। श्मशान घाट के इस जीर्णोद्धार निर्माण कराने को लेकर रोष व्यक्त करने वालों में पंडित कृपाल सिंह, सतीश हंसराज, दीपक बदन सिंह, दयानंद, अनिल रोहतास, नरेश, सोनू भीमसेन मुंशी, पंकज, संदीप शिवदयाल सहित दर्जनों की संख्या में श्मशान घाट का जीर्णोद्धार कराने के लिए प्रदर्शन करते नजर आए।
सरस संग्रह-8 'धर्म'
सारा-सारा दिन काम करो,
दिन में बस एक नेक काम करो,
कर्मकांड, कर्तव्य, कर्म करो,
आठों पहर में घड़ी अनुदान करो।
जियो अपने ढंग से,
बहो सब के संग में,
जियो और जीने दो,
सबपे ये करम करो।
किसी का भाग ना खाओ,
असह को ना सताओ,
लूट-मार क्यों करें,
अपने आप से ही शरों।
बल का सदुपयोग करो,
वेदना मयी योग करो,
सृष्टि के कल्याण करो,
नाभंग निज कर्म करो।
अपनी भी हो आरती,
कृष्ण-सा हों सारथी,
इस मानव जीवन को,
ना व्यर्थ नाकाम करो।
जी-मदिरा भक्षण को,
बंद करों आरक्षण को,
सोचों त्रयक्षण को,
प्रतिपल नाम करो।
तृप्ति किसी को दे दो,
बदले में नेकी ले लो,
धन में ना हो उन्मुक्त,
धैर्य मन विश्राम करो।
मन से मानवता का,
नीच से भीरता का,
अर से आचरण का,
बस एक सकाम करो।
ऑक्सीजन सिलेंडर के उपयोग पर लगाया प्रतिबंध
रायपुर। ऑक्सीजन सिलेंडर के औद्योगिक उपयोग को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने ऑक्सीजन सिलेंडर के औद्योगिक उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने फ़ैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक 22 अप्रैल से आगामी आदेश तक प्रतिबंध जारी रहेगा। औद्योगिक आपूर्ति रोककर मेडिकल ऑक्सीजन में परिवर्तित किए जाने का आदेश जारी किया गया है। इससे कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन मिल सकेगा।
झारखंड में 22 से 29 अप्रैल तक रहेगा लॉकडाउन
रांंची। लॉकडाउन की घोषणा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बैठक के बाद की। उन्होंने मंगलवार को अपने आवास में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह समेत अन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह बड़ा फैसला लिया। राज्य में सख्ती से लॉकडाउन का पालन करने के आदेश दिए गए हैं ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके।
झारखंड में 22 से 29 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू रहेगा। हालांकि, प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं के साथ ही धार्मिक स्थानों को खुला रखने की अनुमति दी है। गौरतलब है कि सरकार ने इस बार राज्य में लागू किए गए लॉकडाउन को सुरक्षा सप्ताह नाम दिया है।
कोरोना वारयस की दूसरी लहर का प्रकोप देशभर में जारी है। राज्य में आए दिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अहम फैसला ले लिया है।
कड़कड़डूमा कोर्ट: 7 जज-37 कर्मचारी मिलें संक्रमित
नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के 7 जज और 37 कर्मचारी पॉजिटिव मिलें। कोरोना से संक्रमित सभी जजों और कर्मचारियों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है।
जिन जजों को कोरोना का संक्रमण हुआ है। उनमें उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामलों की सुनवाई करने वाले एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत, एडिशनल सेशंस जज एसके मल्होत्रा, चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अतुल कृष्ण अग्रवाल, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सलोनी सिंह, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अनिमेष भास्कर मणि त्रिपाठी, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रुपिंदर सिंह धीमान और महिला कोर्ट की जज विजयश्री राठौर शामिल हैं। इन सभी जजों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है।
यूके: भर्ती-नियुक्ति प्रक्रिया पर सरकार ने लगाईं रोक
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी अशासकीय विद्यालयों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, सहायक अध्यापक (प्राथमिक, जूनियर, माध्यमिक) लिपिक, भर्ती-नियुक्ति प्रक्रिया पर उत्तराखंड सरकार ने रोक लगा दी है।
आज सचिव विद्यालयी शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसका आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि, उपरोक्त भर्ती से संबंधित समस्त कार्यवाही अग्रिम आदेशों तक स्थगित की जाती है। इसका अनुपालन कड़ाई से किए जाने को भी आदेश में कहा गया है।
दिल्ली मेट्रो ने सेवाओं को लेकर अपडेट जारी किया
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो ने कोरोना संबंधित कर्फ्यू के चलते अपनी सेवाओं को लेकर अपडेट जारी किया है। मेट्रो का कहना है कि महामारी के प्रसार को रोकने के लिए किसी भी दिल्ली सरकार के दिशानिर्देशों के तहत पात्र यात्री को केवल बैठकर ही गंतव्य तक जाने की अनुमति होगी और उसमें भी पहले की ही तरह आधी सीटें खाली रहेंगी।
दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता अनुज दयाल ने बताया है कि यात्रियों की कमी को देखते हुए सुबह 7 से 11 और शाम 4 से 8 बजे के दौरान मेट्रो 15 मिनट पर उपलब्ध होगी। वहीं अन्य समय में यह आधे घंटे के अंतराल पर संचालित होंगी। उनका यह भी कहना है कि यात्रियों की संख्या को देखते हुए गाड़ियों को स्टेंडबाय पर भी रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 26 अप्रैल तक कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया है जिसमें आवश्यक होने पर ही आवाजाही की अनुमति होगी।
सरकार ने महामारी अधिनियम में आठवां संशोधन किया
लखनऊ। यूपी सरकार ने कोरोना महामारी अधिनियम 2020 में आठवां संशोधन किया है। संशोधन के मुताबिक घर से बाहर बिना मास्क या गमछा के निकलने पर पहली बार पकड़े जाने पर एक हजार रुपये और दोबारा पकड़े जाने पर दस हज़ार रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है। मंगलवार को जारी नए आदेश में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अमित मोहन प्रसाद ने यह जानकारी दी।
आदेश के मुताबिक किसी व्यक्ति द्वारा किसी सार्वजनिक स्थान पर अथवा घर से बाहर मास्क, गमछा, रुमाल या दुपट्टा ना पहनने पर पहली बार उसे 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा। अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक दूसरी बार बिना मास्क, गमछा, रुमाल या दुपट्टा के पाए जाने पर व्यक्ति को 10000 रुपये का जुर्माना देना होगा। उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति के सार्वजनिक स्थलों पर अथवा घर से बाहर थूकने पर उसे 500 रुपये के जुर्माना से दंडित किया जाएगा।
हिमाचल में कोरोना के 758 मामलें सामने आएं
शिमला। हिमाचल में आज अब तक कोरोना के 758 मामले आए हैं। वहीं, 810 कोरोना पॉजिटिव ठीक हुए हैं। आज अब तक 12 लोगों की जान गई है। कांगड़ा में पांच, शिमला में चार व ऊना में तीन लोगों ने दम तोड़ा है। हिमाचल में कोरोना डेथ का आंकड़ा 1,200 पार हो गया है। अब तक 1,202 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश में कुल आंकड़ा 78,828 पहुंच गया है। अभी 9,717 एक्टिव केस हैं। अब तक 67,882 कोरोना संक्रमित ठीक हो चुके हैं। कोरोना रिकवरी रेट 86.11 फीसदी है। कोरोना डेथ 1.52 फीसदी है।सोलन में 171, शिमला में 129, सिरमौर में 113, ऊना में 93, लाहुल स्पीति में 73, हमीरपुर में 70, बिलासपुर में 59, किन्नौर में 33, कांगड़ा में 15 व मंडी में दो मामले आए हैं। कांगड़ा के 327, शिमला के 106, हमीरपुर के 99, ऊना के 71, सिरमौर के 56, मंडी के 50, लाहुल स्पीति के 49, कुल्लू के 42, चंबा के सात व किन्नौर के तीन ठीक हुए हैं। सोलन में अभी सबसे अधिक 2,037 एक्टिव केस हैं। कांगड़ा में 1,972, शिमला में 975, मंडी में 839, ऊना में 829, सिरमौर में 775, हमीरपुर में 654, बिलासपुर में 560, कुल्लू में 360, लाहुल स्पीति में 320, चंबा में 240 व किन्नौर में 156 एक्टिव केस (Active Case) हैं। शिमला में 303, कांगड़ा में 276, मंडी में 146, ऊना में 92, कुल्लू में 89, सोलन में 82, हमीरपुर में 57, चंबा में 55, सिरमौर में 44, बिलासपुर में 28, किन्नौर में 17 व लाहुल स्पीति में 13 की अब तक जान गई है।
राजपूत की याचिका पर एचसी ने जारी किया नोटिस
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता की ओर से दायर एक याचिका पर अभिनेता की जिंदगी पर आधारित विभिन्न प्रस्तावित और आगामी फिल्मों के निर्माताओं को मंगलवार को नोटिस जारी किया। याचिका में राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने फिल्मों में उनके बेटे के नाम या उससे मिलते जुलते पात्रों के इस्तेमाल पर रोक की मांग की है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने फिल्म निर्माताओं को नोटिस जारी कर उनसे 24 मई तक याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया, ''फिल्मकार हालात का फायदा उठा रहे हैं और अपने छिपे हुए मकसदों को पूरा करने के लिहाज से मौके को भुनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता को आशंका है कि तरह-तरह की सामग्री प्रकाशित की जाएगी जिससे राजपूत और उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है।
कलयुगी बेटे ने अपने पिता को उतारा मौत के घाट
जालौन। बच्चे जब छोटे होते हैं तो पिता हर संभव कोशिश करता है कि उसके बच्चे उससे होनहार बने। पिता का कर्तव्य हर बच्चे की जिंदगी में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। लेकिन जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो वह कभी यह नहीं सोचते कि उनके पिता ने उनको किस परिस्थिति में यहां तक पहुंचाया है। ऐसी ही एक कलयुगी बेटे की घिनौनी करतूत सामने आई है। जिसे सुनकर आप चौक जायेंगे। मामला उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन से है जहां पर एक कलयुगी बेटे ने अपने पिता को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया। जिससे गांव में हड़कंप मच गया। जालौन जनपद के सिरसा कलार थाना क्षेत्र के गांव सिकन्ना में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक कलयुगी पुत्र ने अपने पिता को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया। घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली आनन-फानन में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की तफ्तीश में लग गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा एवं कार्रवाई में जुट गई। फिलहाल आपको बता दें कि आरोपी पुत्र हत्या के बाद से फरार है जिसकी पुलिस तलाश में जुटी हुई।
मजदूरों के बैंक खातों में पैसे डालने की अपील की
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते शहरों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के बैंक खातों में पैसे डालने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी कहा कि गरीबों, श्रमिकों और रेहड़ी-पटरी वालों को नकद मदद दी जानी चाहिए। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''प्रवासी मजदूर एक बार फिर पलायन कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि उनके बैंक खातों में रुपये डाले जाएं। लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के लिए जनता को दोष देने वाली सरकार क्या ऐसा जन सहायक क़दम उठाएगी ? प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, '' कोविड महामारी की भयावहता को देखकर यह तो स्पष्ट था कि सरकार को लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाने पड़ेंगे, लेकिन प्रवासी श्रमिकों को एक बार फिर उनके हाल पर छोड़ दिया गया। क्या यही आपकी योजना है, नीतियां ऐसी हों जो सबका ख्याल रखें।'' उन्होंने सरकार से आग्रह किया, गरीबों, श्रमिकों, रेहड़ी वालों को नकद मदद वक्त की मांग है। कृपया यह करिए।
देश में कोरोना मृतकों की संख्या-1,80,530 हुईं
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,59,170 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,53,21,089 हो गई। जिनमें से 20 लाख से अधिक लोग उपचाराधीन हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 1,761 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 1,80,530 हो गई। देश में संक्रमण के मामलों में लगातार 41वें दिन वृद्धि हुई है और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 20,31,977 हो गई है। जो संक्रमण के कुल मामलों का 13.26 प्रतिशत है। जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर गिरकर 85.56 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,31,08,582 हो गई है और मृत्यु दर गिरकर 1.18 प्रतिशत हो गई है। भारत में कोविड-19 के मामले पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख की संख्या पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे। वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ से अधिक हो गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक, 19 अप्रैल तक 26,94,14,035 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें से 15,19,486 नमूनों की जांच सोमवार को की गई।
तेलांगना में 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू की घोषणा
हैदराबाद। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए तेलंगाना सरकार ने मंगलवार को राज्य में 30 अप्रैल तक रात नौ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। ये प्रतिबंध 20 अप्रैल से लागू होंगे। राज्य में कोविड-19 को नियंत्रित करने के विभिन्न उपायों की समीक्षा की गई है।मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने एक आदेश में कहा कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एक अतिरिक्त उपाय के तहत 30 अप्रैल 2021 तक रात नौ बजे से सुगह पांच बजे तक राज्य में रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है। राज्य में अभी 42,853 लोगों का इलाज चल रहा है।मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को भी सोमवार को वायरस से संक्रमित पाया गया। कर्फ्यू के दौरान अस्पतालों, जांच प्रयोगशालाओं, दवा दुकानों को छोड़कर सभी कार्यालय, फर्म, दुकानें, प्रतिष्ठान, रेस्तरां आदि रात के आठ बजे बंद हो जाएंगे और मीडिया, ई-कॉमर्स डिलीवरी और पेट्रोल पंप जैसी अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को भी छूट रहेगी।
सरकारी अधिकारियों, चिकित्सा कर्मियों और हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आने-जाने वाले लोगों को छोड़कर रात्रि नौ बजे से सभी लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। आदेश में कहा गया कि अंतर-राज्यीय और राज्य के भीतर आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तुओं के परिवहन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा और इस तरह की आवाजाही के लिए कोई अलग से अनुमति या पास की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा ऑटो और टैक्सियों सहित सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को रात्रि कर्फ्यू के दौरान आवाजाही की अनुमति होगी।
पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आएंगे अजय
मुंबई। बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन वेबसीरीज रूद्रा द एज ऑफ डार्कनेस में पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आयेंगे। यह फिल्म हॉलीवुड अभिनेता इद्रिस एल्बा की हिट टीवी सीरीज 'लूथर' का हिंदी रीमेक है। सीरीज को बीबीसी वन के साथ मिलकर अप्लाउस एंटरटेनमेंट प्रोड्यूस कर रहा है और ये हॉटस्टार पर रिलीज होगी। बताया जा रहा है कि रूद्रा द एज ऑफ डार्कनेस एक क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज है जिसमें कि एक पुलिसवाला आखिर तक आते-आते एक साइको क्रिमिनल बन जाता है। अजय देवगन ने इस वेब सीरीज का फर्स्ट लुक इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।अजय इस सीरीज़ में एक पुलिस अफ़सर के किरदार में नजर आएंगे, जो उनके अब तक के कॉप अवतारों से अलग होगा। अजय देवगन ने कहा, "मेरी हमेशा से कोशिश यही रही है कि काबिल लोगों के साथ बेहतरीन काम करूं। रूद्रा- द ऐज ऑफ़ डार्कनेस बांधकर रखने वाले कहानी है और इस सफ़र की शुरुआत करने का मुझे बेसब्री से इंतज़ार है। पर्दे पर पुलिस वाले का किरदार निभाना मेरे लिए नया नहीं है, लेकिन इस बार यह किरदार ज़्यादा गहरा, मुश्किल और डार्क है। मुझे इस किरदार की शख़्सियत ने सबसे अधिक प्रभावित किया। सम्भवत: यह मौजूदा दौर में सबसे ग्रे कैरेक्टर है।
अमेरिका ने नागरिकों को भारत ना जाने की सलाह दी
वाशिंगटन डीसी/ नई दिल्ली। अमेरिका ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण अत्यधिक फैलने के कारण वहां की यात्रा करने से बचें। रोग रोकथाम एवं नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) ने यात्रा परामर्श जारी किया। अमेरिका, विज्ञान आधारित यात्रा स्वास्थ्य नोटिस जारी करके अपने नागरिकों को विश्वभर में स्वास्थ्य संबंधी खतरों की जानकारी देता है और उन्हें स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए सलाह देता है।
अमेरिका ने कोविड-19 संबंधी यात्रा परामर्श के लिए चार स्तरीय प्रणाली अपनाई है और ताजा यात्रा परामर्श में भारत को 'स्तर-चार: कोविड-19 के सबसे उच्च स्तर' में रखा गया है। विभाग ने सोमवार को कहा, ''कोविड-19 महामारी यात्रियों के लिए अप्रत्याशित खतरा बनी हुई है।'' सीडीसी से अमेरिकियों से भारत की यात्रा नहीं करने की अपील की है।
एचसी ने चुनाव करवाने के तरीके पर जताईं नाराजगी
प्रयागराज। हाईकोर्ट ने राज्य के भीतर कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न हो रही गंभीर स्थिति के बावजूद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करवाने के तरीके पर गहरी नाराजगी जताई है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि जब प्रदेश सरकार को कोरोना की दूसरी लहर के घातक परिणामों का अंदाजा था तो सरकार की तरफ से कोई कारगर योजना क्यों नहीं बनाई गई। जिस तरह से राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करवाए जा रहे हैं और उसमें चुनाव ड्यूटी करने के लिए अध्यापकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों को मजबूर किया जा रहा है, वह तरीका सही नहीं है। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है। कि लोक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हुए पुलिस को चुनाव करवाने के लिए मतदान केंद्रों पर भेज दिया गया। यह किसी भी दशा में ठीक नहीं है। चुनाव कराने वाले अधिकारियों को भी पता है कि लोगों को एक दूसरे से दूर रखने का कोई तरीका नहीं है। ऐसे आयोजकों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा है, कि हालातों को देखकर ऐसा लग रहा है कि सरकार के लिए केवल अर्थव्यवस्था ही मायने रखती है। खाने पीने की चीजों से भरी किरयाना की दुकान या बाइक अथवा कार से भरे शोरूम है। लेकिन जीवन रक्षक दवाइयों की दुकानें खाली पड़ी हुई है।जब कोरोना से बचाव की दवा रेमडेसीवर जैसी जीवन रक्षक दवाइयां दवाओं की दुकानों पर नहीं मिल रही है तो किराना के सामान से भरी दुकान व कारों से भरे शोरूम किसी काम के नहीं है। हाईकोर्ट ने प्रदेश में वर्तमान स्वास्थ्य सुविधाओं को अपर्याप्त बताते हुए कहा है कि प्रयागराज और लखनऊ जैसे शहरों में ही रोजाना 500 से 1000 मरीजों को अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ रही है। वर्तमान स्वास्थ्य सेवाएं 5 प्रतिशत आबादी की आवश्यकता को ही पूरा कर सकती हैं।
अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या बताएं: एससी
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र और आप सरकार को निर्देश दिया कि वे मंगलवार तक हलफनामे देकर कोविड-19 के मरीजों के लिए प्रत्येक अस्पताल में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या बताएं। वर्तमान महामारी की दशा का जायजा लेते हुए उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के पहलू पर अत्यावश्यकता के आधार पर गौर किया जाये।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पिल्लै की पीठ ने कहा कि अपने हलफनामों में केंद्र एवं दिल्ली सरकार यह भी बतायेंगे कि अस्पतालों के कितने बेडों के साथ वेंटीलेटर एवं ऑक्सीजन की सुविधा है और कितने में ऐसी सुविधा नहीं है। पीठ ने दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति अचानक बंद कर देने वाली कंपनी को तत्काल यह आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय को बताया गया कि यह कंपनी अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है।
पीठ ने यह भी कहा कि 24 घंटे के अंदर कोविड-19 जांच रिपोर्ट नहीं देने पर प्रयोगशालाओं के विरूद्ध कार्रवाई के दिल्ली सरकार के निर्देश को लागू नहीं किया जाएगा। प्रवासी मजदूर संकट पर अदालत ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार पिछले साल लॉकडाउन में विफल रही थी और उससे सबक सीखने की जरूरत है। इस मामले पर अब मंगलवार को फिर सुनवाई होगी।
दवा निर्माता कंपनियों के अधिकारियों के साथ संवाद
नई दिल्ली। कोविड-19 रोधी टीका लगाने की उम्र सीमा 18 साल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज टीका उत्पादक कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ संवाद करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, वीडियो कॉन्फ्रेंस से होने वाली यह बैठक शाम छह बजे होगी और इसमें जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से एक प्रस्तुति भी दी जाएगी। टीका उत्पादक कंपनियों के साथ भी यह विभाग समन्वय करेगा। बैठक में भारत के साथ ही विदेशों की भी शीर्ष दवा निर्माता कंपनियों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जिन कंपनियों के टीकों को भारत सरकार की मंजूरी मिली हुई है। उनके भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है। अभी तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्रोजेनेका द्वारा विकसित 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक कंपनी द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ साझेदारी में विकसित 'कोवैक्सीन' टीके भारत में दिए जा रहे हैं।
फिलीपींस ने कोवैक्सीन के उपयोग की अनुमति दीं
मनीला। फिलीपींस ने भारत के बायोटेक कोरोना वायरस कोवैक्सीन टीके को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है। देश के खाद्य एवं औषधी प्रशासन (एफडीए) ने यह जानकारी दी है। एफडीए के महानिदेशक रोलांडो एनरिक डोमिंगो ने मंगलवार को मनीला के रैपलर समाचार सेवा के माध्यम से इस टीके को आपातकालीन उपयोग में लाने की पुष्टि की है। फिलीपींस, पलाऊ और माइक्रोनेशिया में भारत के राजदूत शंभू कुमारन ने इस मंजूरी का स्वागत करते हुए ट्विटर पर कहा यह कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए एक निर्णायक कदम है। कुमारन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा "ईयूए ने कोवैक्सिन की मंजूरी दी है। भारत बायोटेक को बधाई। फिलीपींस की एफडीए का धन्यवाद।" फिलीपींस ने सोमवार को एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के साथ 60 और उससे कम उम्र के नागरिकों के लिए टीकाकरण को फिर से शुरू किया। अप्रैल में फिलीपींस के स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश पर एस्ट्राजेनेका टीके को लगाने के बाद खून के थक्के बनने और अन्य दुष्प्रभाव की शिकायत के कारण 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों को यह टीका लगाने पर रोक लगा दी थी। फिलीपींस से भारत बायोटेक के टीके के अलावा जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर, रूस के स्पुतनिक-वी और चीन के सिनावैक टीके को भी मंजूरी दे दी है।
आंदोलनकारी किसानों का टेस्ट भी कराएंगी सरकार
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न हालातों की समीक्षा करने के साथ ही कोरोना से बचाव के लिए बंदोबस्त करने का फैसला किया है। इस दौरान यह भी तय किया गया कि सरकार नये कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसानों से बातचीत करते हुए उनका कोरोना वायरस का टैस्ट कराएगी।
इस दौरान किसानों का कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण भी कराया जाएगा। इस कार्य की शुरुआत अगले एक-दो दिन के भीतर कर दी जाएगी। इसके अलावा आक्सीजन की कालाबाजारी को रोकने के लिए सभी निर्माण प्लांटों पर पुलिस सुरक्षा तैनात की जाएगी। उपयुक्त अधिकारी की जानकारी के बिना प्लांट से ऑक्सीजन का एक भी सिलेंडर बाहर नहीं जा पाएगा।
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय माॅनिटरिंग कमेटी की बैठक में कोरोना संक्रमण से निपटने को लेकर एक दर्जन से भी ज्यादा अहम फैसले लिए गए। माॅनिटरिंगकमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रधान सचिव स्तर के 10 आईएएस अधिकारियों के अलावा पुलिस महानिदेशक और स्वास्थ्य महानिदेशक स्तर के पांच अधिकारी सदस्य हैं। बैठक में प्रत्येक दिन कोरोना के टेस्ट बढ़ाने पर सदस्यों के बीच सहमति बनी। गौरतलब है कि हरियाणा में मौजूदा समय में रोजाना 30,000 टेस्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की जांच के लिए किए जा रहे हैं। लेकिन अब राज्य में कम से कम 40000 टेस्ट रोजाना किए जाएंगे।
इंडिया सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट को स्थगित किया
नई दिल्ली। इन दिनों कोरोना के कहर से जूझ रहे हैं। जहां देखिए वहीं कोरोना के आंकड़े बढते ही जा रहे हैं। आलम ये है कि जहां भी जाइए अस्पतालों के बेड भरे हुए हैं। नए मिलने वाले संक्रमितों की संख्या में बिल्कुल भी गिरावट देखने को नहीं मिल रही है। अब इसका असर खेलों पर भी पड़ना शुरू हो चुका है। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इंडिया ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। भारतीय बैडमिंटन संघ बाई के महासचिव अजय कुमार सिंघानिया ने सोमवार को वर्चुअल प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।
सिंघानिया ने कहा कि आप सभी को पता है कि दिल्ली में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगने जा रहा है। हमें नहीं पता कि आगे स्थिति क्या होगी। ये गंभीर हालात हैं। और सभी साझेदारों से बात करने के बाद हम इस फैसले पर पहुंचे हैं। कि टूर्नामेंट को आयोजित करना सही नहीं रहेगा। विश्व बैडमिंटन महासंघ ने भी सोमवार को बयान जारी कर कहा है कि टूर्नामेंट के आयोजक बाई ने 11 से 16 मई तक होने वाले इंडिया ओपन 2021 को स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस टूर्नामेंट को सुरक्षित वातावरण में कराने के सभी प्रयास किए गए लेकिन कोरोना के अचानक बढ़ते मामले और दिल्ली में हालात को देखते हुए टूर्नामेंट को स्थगित करने के अलावा बाई के पास दूसरा विकल्प नहीं बचा।
गौरतलब है कि इंडिया ओपन टूर्नामेंट का स्थगित होना कई खिलाड़ियों के लिए भी बहुत ज्यादा नुकसानदायक भी है क्योंकि ये टूर्नामेंट टोक्यो ओलंपिक के क्वालीफिकेशन का हिस्सा था।
मजदूरों से भरी ओवरलोड बस पलटीं, 2 की मौत
ग्वालियर। प्रसिद्ध जोरासी घाटी पर मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। जहां ग्वालियर से डबरा की ओर आ रही पलायन कर रहे मजदूरों से भरी ओवरलोड बस पलट गई। हादसे में 2 लोगों की मौत और महिला और बच्चों सहित कई मजदूरों को गहरी चोट आई है। घटनास्थल राहत व बचाव कार्य जारी है। हादसे का कारण क्षमता से अधिक सवारियों का होना बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में 6 दिन के लॉकडाउन के बाद मजदूरों ने घर वापसी कर दी है। इसी कड़ी में कई मजदूर निजामुद्दीन से मध्य प्रदेश के छतरपुर में आ रहे थे जो बिलौआ थाना क्षेत्र के जौरासी घाटी पर हादसे का शिकार हो गए। हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। घायलों को ट्रामा सेंटर के लिए रेफर किया गया है।
हाईकोर्ट ने स्टेनोग्राफर भर्ती को वैध करार दिया
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई शिकायत नहीं और भर्ती नियमानुसार हुई है तो कुछ अभ्यर्थियों की टाइप टेस्ट के फान्ट को लेकर की गयी शिकायत पर नये सिरे से टेस्ट लेने का आदेश नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में लिपिक स्टेनोग्राफर भर्ती 2015 को वैध करार दिया है।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने द्वितीय व तृतीय चरण की परीक्षा रद्द कर नये सिरे से कराने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है तथा कहा है कि भर्ती प्रक्रिया नियमावली 2013 के अनुसार पूरी की गयी। उसमें अनियमितता की कोई शिकायत नहीं है और पिछले पांच वर्ष से कार्यरत चयनितों के कार्य के खिलाफ किसी जिले से भी शिकायत नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव (अब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश) तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने निशांत यादव व 28 अन्य, रूपेश कुमार व 133 अन्य, शिव प्रताप सिंह व 12 अन्य व नीलम सेन व 162 अन्य की विशेष अपीलों को स्वीकार करते हुए दिया है। जिसमें एकलपीठ के नये सिरे से टाइप टेस्ट कराने के आदेश की वैधता को चुनौती दी गयी थी।
मालूम हो कि हाईकोर्ट ने 2014 में अधीनस्थ अदालतों में लिपिक व स्टेनोग्राफर के 2341 पद विज्ञापित किये। 2015 में लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का टाइप टेस्ट लिया गया। लिखित परीक्षा पर कोई आपत्ति नहीं की। केवल स्टेनोग्राफर के टाइप टेस्ट के फान्ट बदलने पर आपत्ति की गयी। मंगल फान्ट से टेस्ट लिया गया। पांच अभ्यर्थियों ने यह कहते हुए याचिका दायर की कि उन्होंने क्रुति देव फान्ट से तैयारी की थी। अचानक मंगल फान्ट में टेस्ट लेने से उन्हें तैयारी का पर्याप्त समय नहीं मिला। जिससे प्रतियोगिता में समान अवसर के मूल अधिकारों का हनन हुआ है। याचियों का कहना था कि 2220 लोगों ने टाइप टेस्ट दिया और 2369 लोगों को सफल घोषित किया गया है। शून्य व माइनस अंक पाने वाले भी चयनित हुए हैं। जिसे एकल पीठ ने सही नहीं माना और स्टेज दो व तीन की परीक्षा रद्द कर नये सिरे से परीक्षा कराने का निर्देश दिया। जिसे विशेष अपील में चुनौती दी गयी थी।
अपीलार्थियों का कहना था कि विज्ञापन में ही मंगल फान्ट से टाइप टेस्ट की सूचना थी। सभी ने मंगल फान्ट में टेस्ट दिया है। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। भर्ती नियमावली मे कट आफ मार्क नहीं था। इसलिए लिखित व टाइप टेस्ट की मेरिट से चयन किया जाना नियमानुसार है। चयन में धांधली का आरोप नहीं है। ऐसे में परीक्षा रद्द कर नये सिरे से परीक्षा नहीं ली जा सकती। वे पांच साल से कार्यरत है। कार्य भी संतोषजनक है।
कोर्ट ने कहा कि 2015 के चयन मे 2019 के कट आफ अंक रखने के प्रस्ताव लागू नहीं किये जा सकते। भर्ती में नियमो का उल्लंघन नहीं किया गया है। मंगल फान्ट सभी के लिए था, याची विपक्षियों के सिवाय अन्य किसी ने शिकायत नहीं की है। कुछ की शिकायत पर नियमानुसार किये गये चयन को रद्द नहीं किया जा सकता। एकल पीठ ने भी किस फान्ट से परीक्षा ली जाय, चयन कमेटी पर छोड़ दिया है। क्रुति देव फान्ट से टेस्ट लेने का आदेश नहीं है। एकलपीठ ने 2019 के प्रस्ताव को 2015 के चयन में लागू कर गलती की है। चयन नियमानुसार किया गया है। ऐसे में चयन का एक भाग रद्द करना सही नहीं कहा जा सकता।
अजय-काजोल ने जन्मदिन पर बेटी को दी बधाईं
मुंबई। बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन और अभिनेत्री काजोल ने अपनी बेटी न्यासा को जन्मदिन पर बधाई दी है। अजय देवगन और काजोल की बेटी न्यासा आज 18 साल की हो गई हैं। अजय और काजोल ने न्यासा के 18 साल पूरे होने पर खास अंदाज़ में उन्हें बधाई दी। अजय ने न्यासा के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "हैप्पी बर्थडे, सबसे प्यारी न्यासा! इस तरह के तनावपूर्ण समय में इस तरह की छोटी खुशियाँ ही एकमात्र 'ब्रेक' हैं। उन सभी के लिए प्रार्थना, जिन्हें स्वस्थ होने की आवश्यकता है। इसके अलावा काजोल ने न्यासा के 18वें जन्मदिन पर बधाई दी है। उन्होंने न्यासा के बचपन की फोटो शेयर कर जन्मदिन की बधाई दी है। काजोल ने बेटी के जन्म को अपनी सबसे बड़ी परीक्षा बताई। वो हर दिन बेटी से कुछ न कुछ सीखती हैं। काजोल ने बताया कि वह हमेशा बेटी का सपोर्ट सिस्टम बनकर उनके साथ रहेंगी।
रेमडेसिवीर इंजेक्शन की यूपी में किल्लत नहीं होगी
लखनऊ। कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर मानी जा रही रेमडेसिवीर इंजेक्शन की प्रदेश में अब कोई किल्लत नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी खुद आइसोलेशन में रहते हुए ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर की उपलब्धता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव 'सूचना' नवनीत सहगल ने बताया कि मंगलवार की शाम तक जुबिलियंट फार्मा की ओर से करीब 25 हजार वायल की आपूर्ति कर दी जाएगी। यही नहीं, अगले दो से तीन दिनों के भीतर प्रदेश में पौने तीन लाख रेमडेसिवीर की उपलब्धता होनी तय है।
सोमवार को टीम-11 के साथ बैठक करते हुए सीएम योगी ने रेमडेसिवीर और ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा की। बताया गया कि जुबिलियंट फार्मा, कैडिला, माइलिन और सिप्ला जैसी निर्माता कंपनियों को 2,75,000 रेमडेसिवीर की डिमांड भेजी गई है। इसमें सर्वाधिक एक-एक लाख वा वायल की आपूर्ति कैडिला और सिप्ला द्वारा होगी, जबकि माइलिन को 25000 और जुबिलियंट को 50,000 वायल की आपूर्ति करनी है।
सीएम के आदेश पर अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल दवा निर्माता कम्पनियों से सीधे संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि यह आपूर्ति अगले दो से तीन दिनों के भीतर सुनिश्चित हो जाएगी। सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इनका वितरण पारदर्शितापूर्ण ढंग से किया जाए। सभी आपूर्तिकर्ताओं से संवाद स्थापित कर प्रदेश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मांग प्रेषित करें।
यूपी के जिलों में 2 दिन लॉकडाउन, रात्रि कर्फ्यू जारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब यूपी के सभी जिलों में शनिवार-रविवार लॉकडाउन रहेगा। सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही छूट रहेगी। इसके अलावा यूपी के सभी जिलों में नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। वीकेंड लॉकडाउन के दौरान यूपी में बेवजह बाहर निकलने पर मनाही होगी। वहीं सिर्फ जरूरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को बाहर निकलने की छूट दी जाएगी। इसके अलावा कोरोना वैक्सीनेशन, मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी छूट दी जाएगी।
रिटायर्ड जजों को नियुक्त करने की अनुमति: एससी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाईकोर्ट में जजों के खाली पड़े पदों पर रिटायर्ड जजों को तदर्थ रूप से जज नियुक्त करने की अनुमति दे दी है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि तदर्थ जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मामलों की लंबित संख्या के आधार पर तय करेंगे। कोर्ट इस मामले पर चार महीने के बाद सुनवाई करेगी।
कोर्ट ने कहा कि अगर खास तरह के मामले काफी ज्यादा लंबित होते हैं तो उनके जल्द निपटारे के लिए तदर्थ जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तदर्थ जजों की हाईकोर्ट के प्रशासनिक मामलों में कोई भूमिका नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया कि तदर्थ जजों की नियुक्ति जजों की नियमित नियुक्ति के विरुद्ध नहीं की जाएगी।
राहुल की रिपोर्ट आईं कोरोना पॉजिटिव, सतर्क रहें
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए है। ट्वीट कर उन्होंने जानकारी दी है। राहुल गांधी ने कहा कि हल्के लक्षण दिखने के बाद मैंने कोरोना टेस्ट करवाया, मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हाल में जो भी लोग हमारे संपर्क में आए हैं, वो सभी कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो करें और सुरक्षित रहें।
पूर्व पीएम के स्वास्थ्य पर मंगलवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ट्वीट किया। हर्षवर्धन ने लिख डॉ.मनमोहन सिंह जी का स्वास्थ्य टीम स्थिर है। उनके इलाज में लगी। मेडिकल टीम से उनके स्वास्थ्य के संदर्भ में जानकारी ली। हम सभी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली में लगातार कोरोना का संक्रमण फैलता जा रहा है। और अब हर दिन रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे है। दिल्ली में बीते दिन भी 23 हजार के करीब कोरोना केस दर्ज किए गए थे।
दिल्ली में हर दिन हजारों की संख्या में कोरोना के मामले आने की वजह से अस्पतालों में बेड्स की कमी हो रही है, जबकि ऑक्सीजन की भी किल्लत है। अब राज्य सरकार की ओर से तेजी से अस्थाई अस्पताल बनाए जा रहे हैं। और बेड्स की संख्या को बढ़ाया जा रहा है।
कोरोना वायरस के संकट के कारण ही दिल्ली में एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाया गया है। जो 26 अप्रैल की सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा।
दिल्ली पुलिस के फिजिकल टेस्ट 17 मई तक टालें
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती प्रक्रिया के तहत होने वाले फिजिकल टेस्ट को दिल्ली फिलहाल टाल दिया गया है। राजधानी में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया गया है।
दिल्ली पुलिस द्वारा अब यह फिजिकल टेस्ट अप्रैल की जगह मई महीने में आयोजित किये जायेंगे। इस बाबत डीसीपी रिक्रूटमेंट की तरफ से सर्कुलर जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 में दिल्ली पुलिस सिपाही की भर्ती निकाली गई थी। एसएससी द्वारा बीते नवंबर माह में 5800 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इसका परिणाम भी घोषित किया जा चुका है। इसमें पास होने वाले परीक्षार्थियों को अब फिजिकल टेस्ट देना होगा और इसके बाद उनका मेडिकल टेस्ट होगा। इन दोनों टेस्ट को पास करने वालों को मेरिट के आधार पर दिल्ली पुलिस सिपाही के पद पर चयनित किया जाएगा।
17 मई से होंगे फिजिकल टेस्ट
रिक्रूटमेंट डीसीपी श्वेता चौहान की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि बीते मार्च महीने में दिल्ली पुलिस की तरफ से एक सर्कुलर निकाला गया था। इस सर्कुलर में सिपाही भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट 27 अप्रैल से आयोजित करने की बात कही गई थी। इसमें पुरुष और महिला दोनों कैंडिडेट शामिल थे। 27 अप्रैल से यह फिजिकल टेस्ट झरोदा कलां स्थित पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में आयोजित होने थे। लेकिन कोरोना संक्रमण के इस माहौल में फिजिकल टेस्ट करना मुश्किल है। इसलिए फिलहाल इसे टाल दिया गया है। दिल्ली पुलिस द्वारा अब 17 मई से यह फिजिकल टेस्ट आयोजित किए जाएंगे।
लॉकडाउन लगाने के फैसले पर एससी ने लगाईं रोक
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के फैलाव के चलते उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।
आज सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य सरकार की तरफ से चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन किया था। तुषार मेहता ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला कार्यपालिका के अधिकार में दखल है। राज्य सरकार पहले ही अपनी तरफ से ज़रूरी कदम उठा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले 19 अप्रैल को हाईकोर्ट को आदेश दिया था कि प्रदेश के पांच शहरों लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी और कानपुर में लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए इन शहरों में लॉकडाउन लगाना जरूरी है। हाईकोर्ट के इसी आदेश को प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
18 जून को साउथम्पटन में शुरू होगा डब्ल्यूटीसी
आबुधाबी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आश्वस्त किया है कि ब्रिटेन द्वारा भारत को 'लाल सूची' में डालने के बावजूद भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 18 जून को साउथम्पटन में शुरू होगा। भारत को 'लाल सूची' में डालने का मतलब है कि देश से सभी यात्राओं पर पाबंदी लग गयी है। ब्रिटेन के नागरिकों को भी स्वदेश लौटने पर 10 दिन होटल में पृथकवास पर रहना होगा। ब्रिटेन ने यह कदम भारत में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के कारण उठाया है। आईसीसी को हालांकि विश्वास है कि वह जैव सुरक्षित वातावरण में डब्ल्यूटीसी फाइनल का आयोजन करने में सफल रहेगा। आईसीसी ने सोमवार की रात जारी बयान में कहा, 'ईसीबी (इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड) और अन्य सदस्यों ने दिखाया है कि हम महामारी के बीच कैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन कर सकते हैं और हमें विश्वास है कि हम आगे भी ऐसा करना जारी रख सकते हैं तथा डब्ल्यूटीसी फाइनल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ब्रिटेन में जून में आयोजित किया जाएगा। इसमें कहा गया है, 'हम अभी ब्रिटिश सरकार से 'लाल सूची' में डाले गये देशों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चर्चा कर रहे हैं। ' इस बीच भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) सूत्रों बताया कि अभी इस बारे में कुछ भी कहना असंभव है और बोर्ड को उम्मीद है जब टीम डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिये जून के शुरू में ब्रिटेन की यात्रा करेगी तब तक भारत 'लाल सूची' में नहीं रहेगा। सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, 'हम अभी नहीं जानते कि जून में स्थिति कैसी होगी। यात्रा संबंधी दिशानिर्देश कोविड की स्थिति के अनुसार बदलते रहते हैं।
भारतीय टीम जून में शुरू में जब ब्रिटेन के लिये रवाना होगी हो सकता है कि तब तक देश लाल सूची में नहीं रहे जिसमें 10 दिन के कड़े पृथकवास का प्रावधान है।' उन्होंने कहा, 'लेकिन यदि इसकी आवश्यकता पड़ती है तो ऐसा किया जाएगा। वर्तमान की स्थिति में कुछ नहीं कहा जा सकता है। ब्रिटेन में मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यदि इसकी जरूरत पड़ती है तो साउथम्पटन में रोज बाउल और उससे जुड़े होटल को 'लाल सूची' के देशों से आगमन के लिये मंजूरी मिल सकती है तथा वहां पिछले सत्र की तरह पूर्ण जैव सुरक्षित वातावरण तैयार किया जाएगा।
जिला स्तर पर 'हेल्प डेस्क' शुरु करेगी भाजपा
लखनऊ। कोरोना से प्रभावित आमजन को चिकित्सीय व अन्य सहायता मुहैया कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर 'हेल्प डेस्क' शुरु करेगी। प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला प्रदेश स्तर पर हेल्प डेस्क के समन्वय का कार्य करेंगे।
हेल्प डेस्क में जिलाध्यक्ष, चिकित्सा प्रकोष्ठ का एक पदाधिकारी व एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी सम्लित रहेगा, जो स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व मंत्री से समन्वय स्थापित कर आमजन की सहायता करेंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे कोरोना संक्रमण की चपेट में आये मरीजों के उपचार व अन्य चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए कार्य करें। साथ ही 'अपना बूथ कोरोना मुक्त' कैसे हो, इसके लिए भी योजना पूर्वक कार्य करें।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह की मौजूदगी में सोमवार को पार्टी के सांसदों-विधायकों और जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारियों की वर्चुअल माध्यम से अलग-अलग हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
विश्व में संक्रमितों की संख्या-14,20,97,803 हुई
वाशिंगटन डीसी/ नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी ने विकराल रूप ले लिया है और हालात लगातार बिगडते जा रहे हैं। दुनियाभर में अभी तक इस वायरस के संक्रमण से 14.20 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं। जबकि 30.29 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आँकड़ों के अनुसार दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14,20,97,803 तक पहुंच गयी है।जबकि अभी तक इस संक्रमण से 30,29,811 लोगों की मौत हो चुकी है। वैश्विक महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर थमने को नाम नहीं ले रहा है तथा यहां संक्रमितों की संख्या तीन करोड़ 17 लाख 37 हजार के पार हो गई है। जबकि पांच लाख 67 हजार 690 मरीजों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। दुनिया में कोरोना संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर और मृतकों के मामले में चौथे स्थान पर है। यहां संक्रमितों की कुल संख्या 1,53,21,089 तक पहुंच गयी है। इस महामारी के संक्रमण से अभी तक 1,80,530 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील संक्रमितों के मामले में अब तीसरे स्थान पर है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और अभी तक इससे 1,39,73,695 लोग प्रभावित हुए हैं जबकि इसके संक्रमण से 3,74,682 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील कोरोना की मौत के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है। संक्रमण के मामले में फ्रांस चौथे स्थान पर है जहां कोरोना वायरस से अब तक 53.57 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 1,01,339 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके बाद रूस में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 46.57 लाख के पार पहुंच गयी है और 1,04,173 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस प्रभावितों की कुल संख्या 44.06 लाख से अधिक हो गयी है और 1,27,524 लोगों की मौत हो चुकी है।
मृतकों के मामले में ब्रिटेन पांचवें स्थान पर है। तुर्की में कोरोना वायरस से अब तक 43.23 लाख अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 36,267 लाेगों ने जान गंवाई है। इटली में संक्रमितों की संख्या करीब 38.79 लाख हो गई है और 1,17,243 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों के मामले में इटली छठे स्थान पर है। स्पेन में इस महामारी से अब तक 34.28 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 77,102 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना संक्रमित के मामले में जर्मनी दसवें स्थान पर है और यहां इस वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या 31.67 लाख हो गई है और 80,353 लोगों की मौत हो चुकी है।
अर्जेंटीना में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 27.14 लाख के पार पहुंच गयी है और इस वायरस के संक्रमण से 59,476 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। पोलैंड में कोरोना वायरस से करीब 26.95 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और इस महामारी से 62,133 लोग जान गंवा चुके हैं। कोलंबिया में कोरोना वायरस से अब तक करीब 26.67 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 68,748 लोगों ने जान गंवाई है। मेक्सिको में कोरोना वायरस से करीब 23.06 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और कोरोना मृतकों के मामले मेक्सिको तीसरे स्थान पर है जहां अभी तक इस वायरस के संक्रमण से 2,12,466 लोगों की मौत हो चुकी है।
या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता: नवरात्रि
मार्कंडेय के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व- ये आठ सिद्धियाँ होती हैं। ब्रह्मावैवर्त पुराण के श्रीकृष्ण जन्म खंड में यह संख्या अठारह बताई गई है। इनके नाम इस प्रकार हैं- माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए। माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है। प्रत्येक मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह माँ सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त करने का निरंतर प्रयत्न करे। उनकी आराधना की ओर अग्रसर हो। इनकी कृपा से अनंत दुख रूप संसार से निर्लिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ वह मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।
नवदुर्गाओं में माँ सिद्धिदात्री अंतिम हैं। अन्य आठ दुर्गाओं की पूजा उपासना शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार करते हुए भक्त दुर्गा पूजा के नौवें दिन इनकी उपासना में प्रवत्त होते हैं। इन सिद्धिदात्री माँ की उपासना पूर्ण कर लेने के बाद भक्तों और साधकों की लौकिक, पारलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। सिद्धिदात्री माँ के कृपापात्र भक्त के भीतर कोई ऐसी कामना शेष बचती ही नहीं है, जिसे वह पूर्ण करना चाहे। वह सभी सांसारिक इच्छाओं, आवश्यकताओं और स्पृहाओं से ऊपर उठकर मानसिक रूप से माँ भगवती के दिव्य लोकों में विचरण करता हुआ उनके कृपा-रस-पीयूष का निरंतर पान करता हुआ, विषय-भोग-शून्य हो जाता है। माँ भगवती का परम सान्निध्य ही उसका सर्वस्व हो जाता है। इस परम पद को पाने के बाद उसे अन्य किसी भी वस्तु की आवश्यकता नहीं रह जाती। माँ के चरणों का यह सान्निध्य प्राप्त करने के लिए भक्त को निरंतर नियमनिष्ठ रहकर उनकी उपासना करने का नियम कहा गया है। ऐसा माना गया है कि माँ भगवती का स्मरण, ध्यान, पूजन, हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हुए वास्तविक परम शांतिदायक अमृत पद की ओर ले जाने वाला है। विश्वास किया जाता है कि इनकी आराधना से भक्त को अणिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसायिता, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध, अमरत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों नव निधियों की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा गया है कि यदि कोई इतना कठिन तप न कर सके तो अपनी शक्तिनुसार जप, तप, पूजा-अर्चना कर माँ की कृपा का पात्र बन सकता ही है। माँ की आराधना के लिए इस श्लोक का प्रयोग होता है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में नवमी के दिन इसका जाप करने का नियम है।
1. अंक-247 (साल-02)
2. बुधवार, अप्रैल 21, 2021
3. शक-1984,चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि- नवमी, विक्रमी सवंत-2078। आठवां रोजा, सहरी 04:37, इफ्तार 06:45। 08 रमजान, हिजरी 1442। |
बिहार में 'हिंदुओं को दबाने' के गिरिराज सिंह के बयान पर नीतीश कुमार का पलटवार- माहौल खराब मत करो | Giriraj's meeting with riot accused unacceptable, says Nitish, BJP MLC accuses him of appeasement - Hindi Oneindia
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| Updated: Monday, July 9, 2018, 17:29 [IST]
नई दिल्ली। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर पलटवार किया है। नीतीश कुमार ने कहा कि हम किसी कीमत पर सांप्रदायिक माहौल खराब नहीं होने देंगे। हम लोग पूरी मर्यादा के साथ काम करते हैं। नीतीश कुमार ने बिहार में हिंदुओं को दबाने की मानसिकता वाले गिरिराज के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह एक मीडिया स्टंट है। उन्होंने कहा कि अगर एक मंत्री ऐसे मामले पर राय दे रहा है, जिसकी पुलिस जांच हो रही है और मामला कोर्ट में है तो यह माहौल खराब करने की कोशिश है और कुछ नहीं। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है, जिससे सांपद्रायिक सद्भाव में किसी प्रकार की कोई कमी आए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है, जो कानून के मुताबिक न हो।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नवादा जेल जाकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की थी। इस मीटिंग के बाद उन्होंने कहा था कि शासन-प्रशासन को ऐसा लगता है कि हिंदुओं को दबाने से ही सांप्रदायिक माहौल ठीक रह सकता है।
गिरिराज सिंह बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं से मिलने के लिए शनिवार को नवादा जेल पहुंचे थे। उन्होंने बजरंग दल के संयोजक जितेंद्र प्रताप जीतू और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष कैलाश विश्वकर्मा की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सीधे नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। गिरिराज सिंह ने कहा कि शासन और प्रशासन हिंदुओं को दबा रहा है। जितेंद्र प्रताप जीतू और कैलाश विश्वकर्मा को बिहार के नवादा में सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप है। |
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जौनपुर: चिकित्सा के साथ समाजसेवा से भी जुड़े रहे डा. काशीनाथः राजेशपति | #AAPKIUMMID - उम्मीद
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जौनपुर: चिकित्सा के साथ समाजसेवा से भी जुड़े रहे डा. काशीनाथः राजेशपति | #AAPKIUMMID
माता आनन्दमयी नेत्र चिकित्सालय में मनायी गयी चौथी पुण्यतिथि
नेत्र शिविर से सैकड़ों लाभान्वित, जरूरतमंदों को दिया गया कम्बल
जौनपुर। जनपद के वरिष्ठ चिकित्सक रहे डा. काशीनाथ उपाध्याय की चौथी पुण्यतिथि रविवार को माता आनन्दमयी नेत्र चिकित्सालय इंग्लिश क्लब में मनायी गयी। इस दौरान नेत्र शिविर लगा जहां 25 गरीबों के आंखों का निःशुल्क आपरेशन व 270 लोगों का नेत्र परीक्षण करके निःशुल्क दवा भी दी गयी। साथ ही सैकड़ों गरीबों में भी कम्बल वितरित किया गया।
मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी राजेशपति त्रिपाठी ने कहा कि डा. उपाध्याय चिकित्सा के साथ समाजसेवा में भी आगे रहे। वे अहंकार से काफी दूर थे। आज की नयी पीढ़ी को उनके ऊर्जा व जोश से प्रेरणा लेनी चाहिये। उनके पिता पूर्व विधायक डा. रामकृष्ण उपाध्याय से हमारे दादा पूर्व मुख्यमंत्री व रेलमंत्री कमलापति त्रिपाठी से काफी अच्छे सम्बन्ध रहे। विशिष्ट अतिथि प्रदेश कांग्रेस सचिव शैलेन्द्र किशोर पाण्डेय ने कहा कि डा. उपाध्याय की पुण्यतिथि पर ऐसे आयोजन करना बहुत ही अच्छा है।
इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने डा. उपाध्याय के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात् उनके भाई त्रिभुवन नाथ उपाध्याय व डा. राकेश उपाध्याय ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम भेंट किया।
इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष विजय शंकर पाण्डेय, चंदौली युवा कांग्रेस अध्यक्ष सियाराम पाठक, चंदौली कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष अजीत पाठक, पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, डा. देवेश उपाध्याय, शिवेन्द्र सिंह, डा. मधुकर तिवारी, डा. अरुण मिश्र, डा. आरपी यादव, डा. राजेश त्रिपाठी, अखिलेश श्रीवास्तव, दयासागर राय, देवानन्द मिश्रा, विजयशंकर उपाध्याय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में पुत्रगण विकेश उपाध्याय व विवेक उपाध्याय ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। |
दलित और राष्ट्रवाद/राष्ट्रीयता का सवाल (पाकिस्तान की मिटटी से) - Round Table India
March 13, 2018 Gurinder
लेखक: गणपत राय भील (Ganpat Rai Bheel)
अनुवादक: फ़ैयाज़ अहमद फ़ैज़ी (Faiyaz Ahmad Fyzie)
यह एक ऐसा सवाल है जो हर उस अन्तःमन में पलता है जो इस व्यवस्था और इसके सत्ताधारी साथियों के अत्याचार का शिकार है। हम इस विषय पर दलितों का नज़रिया रखने की कोशिश करेंगे। दलित पाकिस्तान में आबाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक समूह है। दलित दक्षिणी सिंध में बहुत बड़ी संख्या में आबाद हैं और सामूहिक रूप से पाकिस्तान की कृषि में रीढ़ की हड्डी की हैसियत रखतें हैं। दलितों को सामाजिक पहचान के संकट का भी सामना है। दलित सदियों से पीसे और कुचले हुए चले आ रहें हैं। दलितों की संख्या एक अनुमान के अनुसार लगभग 20मिलियन (2 करोड़) से 30 मिलियन (3 करोड़) है। दलित कौन हैं? दलित क्या चाहते हैं? दलित वर्ग को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? हम कोशिश करेंगे कि इस लेख में दलितों की आवाज़ को पाकिस्तान के राष्ट्रीय पृष्ठभूमि में पेश किया जाए।
भारत के बटवारे के समय से ही राष्ट्रीय पहचान का संकट उपमहाद्वीप की एक त्रासदी रही है. इस दौरान डॉ० बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की किताब "Thoughts on Pakistan"( थॉट्स ऑन पाकिस्तान) एक अहम दस्तावेज़ की हैसियत रखती है। यह किताब परम्परागत ढंग से हटकर एक दीवानी के मुक़द्दमे के रूप में लिखी गयी है। इस किताब में दलितों की ऐतिहासिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक और राष्ट्रीय पृष्ठभूमि को अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया गया है और उनके तर्कों और कारणों को उन्हीं के ढंग में प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है. इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ में उन उदास नस्लों के दुःखों का निवारण उनके राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकारों को स्वीकार करने के रूप में प्रस्तावित किया गया है। बड़ी अजीब बात है कि इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज़ को कभी भी बौद्धिक रूप में स्वीकार कर इस से लाभ उठाने की कोशिश करने के बजाय दोनों राज्यों के शासक वर्ग ने अपने-अपने स्वार्थ और उद्देश्य के लिए इसके अलग-अलग उद्धरणों का चुनाव किया जो सिर्फ उनके उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की बौद्धिक कोशिश थी। मगर ज़रूरत इस बात की थी कि सचपसन्दी को प्रकट करते हुए इस दौर के राष्ट्रीय सवाल को परखने के उद्देश्य से इस दस्तावेज़ का अध्ययन किया जाता। भारत विभाजन के पिछड़े और विकसित क्षेत्रों के बटवारे ने साबित किया कि पिछड़े क्षेत्रों के उच्व वर्ग ने पिछड़ेपन के नारे को अपने सत्ता की प्राप्ति के लिए इस्तेमाल किया और अपनी हाकिमियत (शासन) को मजबूत किया। उपमहाद्वीप के राष्ट्रीय स्वतन्त्रा का सवाल दरअसल मेहनतकश(कामगर) वर्ग के स्वतन्त्रा का सवाल था। ऐतिहासिक भरोसे के अनुसार यही वह वर्ग था जो समाज में सामाजिक और आर्थिक अत्यचार से पीड़ित था। उपमहाद्वीप की यह भी एक त्रासदी है कि यहाँ वर्गों की संरचना के साथ-साथ राष्ट्रीय पहचान और मूल्यांकन का सवाल भी बहुत पेचीदा बन चुका है। यहाँ के बहुसंख्यक महनतकश(श्रमिक) वर्ग क्लासिकल अद्योगिक मज़दूर वर्ग नहीं हैं बल्कि जाति और वर्ग आपस मे गडमड है।
भारत और पाकिस्तान दोनों देश भारत विभाजन से लेकर आज तक सही अर्थों में एक राष्ट्र नहीं बन सके हैं। हमारे प्राचीन इतिहास में सिर्फ बुद्ध शासकों के दौर में उपमहाद्वीप एक राष्ट्र या देश कहलाने का अधिकारी था। अब्दुल रशीद धोलका(भंगी/मेहतर) ने अपने लेख "राष्ट्रीय समस्या" में हमारी प्राचीन इतिहास के इस अछूते अध्याय को छेड़ा है जो अब तक हमारे सिंध की तथाकथित राष्ट्रभक्ति के पाठ्यक्रम में वर्जित वृक्ष बना हुआ था। हमारे राष्ट्रभक्त राष्ट्रीय बुद्धिजीवियों और चिंतकों ने हमारे प्राचीन इतिहास को बुद्ध शासकों से या इस से भी पीछे जाकर शुरू करने के बजाय राजा दाहिर से ही शुरू करना उचित जाना। राजा दाहिर को एक भावनात्मक भूमिका देकर बहुत ही पवित्र गाय बनाया गया। और उस के साथ-साथ मुहम्मद बिन कासिम को एक शासक वर्ग(अशराफ) ने अपने उद्देश्य के लिए बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत किया। हमारे इतिहास की यही त्रासदी है कि प्रत्येक अधिकार हनन करने वाले शासक ने अपनी इच्छा और मनमर्ज़ी का इतिहास लिखवाया। प्राचीन भारत मे जातिवाद का परस्पर विरोध भी कमजोर और बलवान वर्गों का संघर्ष है। बलवान वर्ग के पास सत्ता और संसाधन रहें जबकि शासित वर्गों के पास अंकीय बहुसंख्यकता और मेहनत के अतिरिक्त कोई सहारा नहीं।
मेरे विचार से हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की प्राचीन सभ्यता के बाद सामूहिक रूप में हमारे समाज की यह दूसरी बड़ी उप्लब्धि थी, जिसमें जातियों, कबीलों और वर्गों में बटें लोग ना सिर्फ उपमहाद्वीप को एक राष्ट्र बनाया बल्कि गौतम बुद्ध के मसावात(बराबरी) के विश्वव्यापी सन्देश को पूरे एशिया में फैला दिया। जिस के पदचिन्ह और प्रतीक आज भी अजर-अमर रूप में देखे जा सकते हैं। शासकीय शक्तियों ने उपमहाद्वीप के इस महान क्रांति को साज़िशों से खत्म करने की कोशिश की और अंततः सफलता प्राप्त किया। सिंध में राजा चचका राय के परिवार पर जीत इस षड्यंत्र की महत्वपूर्ण कड़ी है। राजा चचका राय और राजा दाहिर के दौर में बहुजन/बहुसंख्यक (जो बुद्ध मत को मानती थी) को कुचला गया और जातिवाद की जंजीर में कैद किया गया।
उस समय के सामाजिक विरोधाभास का फायदा विदेशी शक्तियों ने उठाया। बहुसंख्यक/बहुजन जनता की ब्राह्मण शासक वर्ग से नाराजगी की वजह से अरबी शासकों ने आसानी से उपमहाद्वीप को जीतकर यहाँ की राजनैतिक सत्ता को अपने हाथों में ले लिया। बहुजन/बहुसंख्यक वर्ग को विद्रोह से रोकने के लिए और उनके ब्राह्मण शासकों से विरोधाभास का फायदा उठाने के लिए यहाँ इस्लाम का प्रचार प्रसार हुआ। और बहुसंख्यक/ बहुजन वर्गों के लोगों ने बड़ी संख्या में इस्लाम धर्म स्वीकार किया(यही विरोध आगे चल कर द्विराष्ट्र सिद्धान्त की नींव बना जिसके लिए मुसलमान नहीं बल्कि भारत पर हावी ब्राह्मण1 सोच ही जिम्मेदार है)
भारत विभाजन के समय एक तरफ महत्वपूर्ण पक्षों में शासकीय जातियों पर आधारित ब्राह्मण वर्ग तो दूसरी तरफ अशराफ मुसलमान का नेतृत्व था, जबकि तीसरी राजनैतिक शक्ति सदियों से कुचले हुए पसमांदा तबक़ों/पिछड़े वर्गों (अछूत, आदिवासी और दलित) की तहरीक थी जिनका नेतृत्व डॉ० बाबा भीम राव अम्बेडकर कर रहें थे2 मुस्लिम लीग जो मुसलमानों के अधिकारों की दावेदार थी सच में सिर्फ मुसलमान अशराफिया(नव्वाबों, जागीरदारों और व्यापारी अशराफ) वर्ग के स्वार्थ तक सीमित रही। मुस्लिम जनता के मेहनतकश(कामगर/पसमांदा) वर्गों के ऐतिहासिक, राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का नारा दरअसल नव्वाबों और जागीरदारों को सत्ता के सिंघासन तक पहुंचाने के लिए था।
दूसरी तरफ काँग्रेस थी जो गैरदेशी शासकों के प्रभुत्व से स्वतंत्र अखंड भारत का सपना देख रही थी। दरअसल काँग्रेस ब्राह्मण वर्ग के नेतृत्व में हिन्दओं की ऊंची जातियों की राजनैतिक और आर्थिक सत्ता के साथ-साथ सामाजिक सत्ता को भी चिरस्थायी करना चाहती थी। वह सामाजिक सत्ता(प्रभुत्व) जो जातिवाद के धर्म पर स्थापित (स्थिर) था, एक ऐसा धर्म जिसमें अछूत लोगों का एक बड़ा समाजी हिस्सा सिर्फ निचले स्तर पर ही रह कर बाकी तबक़ों (स्तर के लोगों) की मानसिक, शारीरिक, राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक दासता स्वीकार करके ज़िंदा हों।
तीसरी तरफ दलित आंदोलन उस दौर की एक महत्वपूर्ण राजनैतिक और सामाजिक आंदोलन था। जो बराबरी के आधार पर अपनी पहचान और अधिकार हासिल करना चाहता था। इस आंदोलन का नेतृत्व उपमहाद्वीप के एक महान चिंतक और क्रांतिकारी व्यक्तित्व डॉ० बाबा भीम राव अम्बेडकर कर रहे थे3। बावजूद इसके भारत विभाजन की राजनैतिक आन्दोलन और उनके नेता आज अतीत का हिस्सा बन चुके हैं मगर दलितवाद का विचार और चिंतन न सिर्फ आज भी जीवित है बल्कि अपने महत्वपूर्ण होने का एहसास दिलवा रहा है।
आज दलितवाद का विचार भारत और दक्षिण एशिया के देशों के दलितों के अस्तित्व और राजनैतिक व आर्थिक स्वतन्त्रा की मंज़िल(गन्तव्य)बन गया है। काँग्रेस भारतीय या हिंदुस्तानी राष्ट्रवाद के विचार से सहमत थी। एक ऐसा राष्ट्र जिसका राष्ट्रीय पूंजीपति या शासक वर्ग सिर्फ ऊंची जाति की हिन्दू बिरादरी तक सीमित हो, बाकी जनता और दूसरे मध्यम वर्गों को उनके रहमोकरम(दयालुता) पर ही संतोष करना था। यूरोप का आधुनिक पूंजीवादी व्यवस्था जिसने जागीरदारी, नव्वाबों, महाराजाओं और स्थानीय जमींदार अशराफिया को हरा कर उपमहाद्वीप पर आधिपत्य जमाया था, उस के लिए बदलते हुए अंतरराष्ट्रीय परिस्तिथियों में इस सत्ता को कायम रखना असम्भव मालूम हो रहा था। खास तौर पर बाल्शेविक क्रांति और चीन में जारी क्रांतिकारी सँघर्ष के संभावित परिणाम ने और भी ज़्यादा परेशान कर दिया। क्योंकि इस से ना सिर्फ उनको उपमहाद्वीप पर अपनी पकड़ कमज़ोर नज़र आने लगी बल्कि सारी दुनिया मे साम्राज्यवादी शक्तियों के लिए अपना शोषणपूर्ण व्यवस्था जारी रखना मुश्किल हो गया था। इसलिये उन्होंने उपमहाद्वीप की जनता को भौगोलिक रूप से नहीं बल्कि धार्मिक और राष्ट्रीवाद के रूप में बांट कर आपस मे उलझाय रखा और जनता के बीच सामाजिक, धार्मिक, रियासती(क्षेत्रीय) खाई को गहरा किया।
47 ई० का बटवारा एक ऐसी त्रासदी थी जिसकी भारी कीमत सिर्फ यहाँ के मेहनतकश वर्गों को ही चुकानी पड़ी। काँग्रेस गुप्त रूप से भारत विभाजन को स्वीकार करने का समझौता कर चुकी थी। अशराफ मुस्लिम को पश्चिमी और पूरबी राज्यों की सूरत में सत्ता भोग का परवान मिलने जा रहा था। हिन्दूओं के सत्ताधारी वर्ग को एक बड़े अल्पसंख्यक से जान छूटने की नवेद( विवाह में दिया जाने वाला उपहार) मिली। साधारण मुसलमान तीन हिस्सों में बट गये। एक हिस्सा पश्चिमी पाकिस्तान, दूसरा हिस्सा पूर्वी पाकिस्तान बना जबकि मुसलमानो की एक बड़ी संख्या बचे हुए भारत में उच्च जाति के हिन्दुओं के रहमोकरम(दयालुता) पर सामाजिक और राजनैतिक शोषण का सामना करने के लिए रह गयी4। दलितों की हालत इससे भी बदतर थी और है। हिन्दू सत्ताधारी वर्ग दलितों को अपना जन्मजात शत्रु जानता था। इसलिए भारत विभाजन के बाद भारत मे दलितों के उन अधिकारों को भी ध्वस्त करना शुरू कर दिया जो दलित आंदोलन ने अपने संघर्ष से अंग्रेज़ी सरकार से प्राप्त किये थे। हिन्दू- मुस्लिम फसाद उपमहाद्वीप का भाग्य बन चुका था। इस प्रभावी अंतर्विरोध में दलितों का प्रतिवाद पीछे चला गया। दलित तीन हिस्सों में बंट गये। पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में एक धार्मिक अल्पसंख्यक होने के नाते सामाजिक शोषण और भी तीक्ष्ण हो गया। जोगिंदर नाथ मण्डल का इस्तीफा इस बात का सबूत है कि दलितों के लिए जमीन पाकिस्तान में भी तंग होना शुरू हो गयी थी।
इतिहास के इस दौर में भारतीय वामपंथ(लेफ्ट/ कम्युनिस्ट) अपनी ऐतिहासिक भूमिका अदा करने में असमर्थ रहा और इसके कई एक ऐतिहासिक कारण हैं। अपने सामाजिक अंतर्विरोधों और परिस्तिथियों को एकसिरे से नज़रंदाज़(उपेक्षा) करके अपने फैसले बाहर से आयात करने के शैली ने बाएं बाजू (कम्युनिस्ट) की लहर को उन सामाजिक स्तरों(वर्गों) का प्रवक्ता बनने से कोसों दूर रखा। चरणबद्ध क्रांति के सिद्धान्त का प्रयोग भी एक गलती थी। उपमहाद्वीप के धार्मिक विभाजन के समर्थन करने के बाद अपनी कम्युनिस्ट पार्टी के कैडर को हिन्दू- मुस्लिम के आधार पर बांटने जैसे हास्यप्रद फैसले भी देखने को मिले। इस तरह के गोलमोल फैसलों ने भी क्रांति-कैडर और वर्करों को उलझाए रखा। अगर भारतीय लेफ्ट (वामपंथ) अपने पाँव इस जमीन पर रख कर यहाँ के सामाजिक अंतर्विरोध को घेरते हुए असली क्रांति के स्तरों को उत्प्रेरित करता तो भारत के विभाजन जैसे त्रासदियों को भी टाला जा सकता था और उपमहाद्वीप के सोशलिस्ट फेडरेशन (समाजवादी महासंघ) की स्थापना प्रकाशित हो सकती थी जो उपमहाद्वीप की सभी अनुप्लब्धताओं (जो पहुंच में ना हो/ आभावों) और अन्यायों का प्रतिशोध होता। उस समय के भारतीय वामपंथ के ऐतिहासिक कोताहियों (त्रुटियों/ कमियों) पर उपमहाद्वीप की सोशलिस्ट (समाजवादी) आंदोलन का इतिहास उन्हें कभी भी माफ नही करेगा।
भारत विभाजन के बाद दो राज्यों की स्थापना और राष्ट्रीय पहचान का संकट
दुनिया के ग्लोब में जब हैकले सुलेमानी के उत्तराधिकारियों(Jews/यहूदी) नें 100 साल के देश-निकाले के बाद फिलिस्तीन पर अधिकर करके एक धार्मिक राष्ट्र बनाने की घोषणा किया तब उपमहाद्वीप में भारत के बटवारे के बाद भारत के साथ मिल्लते इस्लामिया( इस्लामी भाईचारे) के लिए पाकिस्तान का वजूद रखा गया। पाकिस्तान बनने के बाद दोनों देशों के सत्ताधारी वर्गों पर यह जिम्मेदारी पड़ चुकी थी कि वह दोनों देशों को राष्ट्र बनाने का उत्तरदायित्व पूरा करें। विडम्बना यह है कि भारत-विभाजन के 70 साल व्यतीत हो जाने के बावजूद आज भी पाकिस्तान और भारत एक राष्ट्र नही बन सकें। सत्ताधारी वर्ग इस उद्देश्य को प्राप्त करने में बुरी तरह असफल रहा है। भारत मे ऊंची जाति के शासक वर्गों ने असीमित सत्ता शक्ति तो प्राप्त कर लिया मगर समाज को एकजा (एकजुट) करके एक राष्ट्र बनाने के उत्तरदायित्व में पूर्णतया असफलता से दोचार रहें। पाकिस्तान के सत्ताधारी वर्ग की त्रासदी यह भी रही कि पाकिस्तान स्थापना के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रीय पूंजीवादी अपने बलबूते पर देश को चलने में असमर्थ रहें। इस वर्ग की अयोग्यता की वजह से कभी धार्मिक चरमपंथ को सहारा देकर आस्था के ज़ोर पर देश चलाने की कोशिश की गई तो कभी रियासती (राज्य) इदारों (संस्था/प्रतिष्ठान) को सत्ता के मामलात में बुला कर के उनके पियादों से गुलशन का कारोबार चलाया जाने लगा। पाकिस्तान के क्लासिकल बुर्ज़वा की इस अयोग्यता की एक भारी कीमत भी उसको चुकानी पड़ी और आज ये हालात है कि क्लासिकल बुर्ज़वा की जगह उन दोनों तत्वों ने ले ली है और शासक वर्ग सिर्फ शो-पीस बन कर रह गया है। इससे पाकिस्तान का एक नव-पूंजीवादी उदार राष्ट्र के रूप में उभरने की संभावना भी समाप्त हो गयी और देश के अंदर कई रियासतों(राज्यों) ने जन्म ले लिया है और उनके प्रभाव से कोई इनकार नही कर सकता। यहाँ एक तरफ रियासती क़ौम परस्ती (राज्यो का राष्ट्रवाद) के विचारों के धार्मिक चरमपंथी के हाथों बंधक होने के नतीजे में स्थानीय सांस्कृतिक रंगा रँगी को रोगमुक्त करने की कोशिश ने पाकिस्तान के राष्ट्रवादियों में अभावग्रस्त होने की भावना उत्पन्न किया तो दूसरी तरफ राष्ट्रभक्तों के विचार ने हमारे वादिये सिंध के इतिहास को बिगाड़ने की कोशिश किया।
70 के दहाई के मज़दूर किसान आंदोलन के उभार और पारंपरिक क्रांतिकारी नेतृत्व के ढुलमुल लाइन की बदौलत मज़दूर वर्ग के आंदोलन को अपने लक्ष्य से दूर करने में बहुत बड़ी भूमिका अदा किया। इसका परिणाम पॉपुलरिज़्म,धर्मिक चरमपंथ और राष्ट्रभक्ति के उभार के रूप मर जनता को भुगतना पड़ रहा है। राष्ट्रभक्त आन्दोलन जो हक़ीक़त में छोटी राष्ट्रवाद के सत्ताधारी गिरोहों के स्वार्थ के लिए सरगर्म हैं, वामपंथ की असफलता से उन्हें खाली मैदान मिल गया। राष्ट्रभक्त आन्दोलन मेहनतकश(श्रमिक) वर्ग के स्वार्थ और ज़मींदाराना नेतृत्व की परिदृश्य के बदौलत मेहनतकश (श्रमिक)वर्ग से कोसों दूर है। सिंध के राष्ट्रभक्त परिधि में राष्ट्रीय सँघर्ष की जो परम्परा पाई जाती है वह सिंध के सामूहिक मेहनतकश(श्रमिक)जनता को अपील नहीं करतीं और राष्ट्रभक्तों के विचार मेहनतकश(श्रमिक) जनता से मेल नही खाते। अंतिम विश्लेषण में राष्ट्रभक्त (तथाकथित पब्लिक लोकतंत्र और माओ कैप पहनने वाले राष्ट्रीय बुर्ज़वाभक्त) भी अपने राष्ट्र के ऊपरी वर्ग के स्वार्थ के लिए लड़ते हैं। इसलिए सिंध और बलूचिस्तान के राष्ट्रभक्तों ने ज़बानी जमाखर्च के रूप में पीड़ित वर्गों की प्रतिनिधित्व का दावा किया मगर स्वयं को वर्गीय विरोध से दूर रखा। वामपंथ के साहित्य को अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने वाले भी अपनी पंक्तियों/श्रेणियों से मेहनतकश(श्रमिक) कार्यकर्ताओं और क्रांतिकारी विचार रखने वाले कैडरों को पीछे धकेलते रहे। अब की सूरतेहाल यह है कि सामूहिक रूप में राष्ट्रभक्त मंडलियों ने मिडिल क्लास पर निर्भरता को बढ़ाना शुरू कर दिया है। यह मिडिल क्लास(मध्यम वर्ग) अपने स्वयं के स्वार्थों के लिए चरमपंथ की हार्डलाइन से लेकर सेकुलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) और प्रगतिशिलता की कश्तियों में एक ही समय में सवार है। मध्यम वर्गीय लोगों का इस वर्गीय व्यवस्था में कोई भूमिका नहीं है। वह ना तो मेहनतकश (श्रमिक) वर्गों की तरह समाज का पहिया चलाने वालें हैं और ना ही शासक वर्ग की तरह संसाधनों पर आधिपत्य रखते हैं। मौजूदा व्यवस्था में वह प्रभावी वर्ग का समर्थक रहता है और अपनी जगह को मजबूत करने और मौजूदा स्तिथि को बरकरार रखने का भरसक प्रयास करता है मगर न्यू मार्केट इकॉनमी ने उसको भी निचले वर्ग/स्तर की तरफ पछाड़ने का काम तेज़ कर दिया है। यही वजह इसकी वर्तमान घबराहट और मायूसी की बुनियाद है।
राष्ट्रभक्त धड़ों का नेतृत्व भी बाहर से आये हुए लोगों के पास है जिनका अतीत सिर्फ कुछ सैंकड़ों साल से ज़्यादा नहीं है। यह भी दिलचस्प बात है कि नव-सिंधी राष्ट्रभक्ति के एक बड़े नाम या स्कूल ऑफ थॉट (विचारधारा) के प्रवर्तक सिर्फ दो पीढ़ी पहले ही पंजाब से सिंध आये थे। और वह भी ऐतिहासिक रूप से अरबी वंश से सम्बंधित है। राष्ट्रभक्त धड़ो के पास प्रेसर पॉलिटिक्स या भावनात्मक नारेबाज़ी के सिवा कोई मज़बूत प्रोग्राम नहीं है। और यही कारण है कि आम लोग अपनी जड़ें मजबूत ना कर सकें। राष्ट्रभक्त नेतृत्व स्वयं ऐतिहासिक आधार पर गैरदेशी होने के कारण से वादिये सिंध की सच्चे इसिहास में अपना अस्तित्व नही ढूँढ़ रही, इसलिए उन्होंने अपने इच्छाओं के अनुरूप लिखे हुए इतिहास को परवान चढ़ाया और भावनात्मक नारेबाज़ी और क्षेत्रीय मीडिया पर प्रभावी बहुसंख्यकों के बदौलत सच्चे इतिहास के साथ खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है। जातीय और भाषाई नफरत और भेदभाव को उभारने में कुछ लोगो की भूमिका भी ऐसी रही है जिनसे सत्ताधारी वर्ग को ही फायदा पहुंचा और श्रमिक वर्ग की प्राकृतिक एकता को गहरी चोट पहुँची। जातीय और भाषायी भेदभाव अब दम तोड़ते नज़र आ रहे थे. आज के इस नय दौर में इस तरह की संकीर्ण दृष्टि वाली राष्ट्रभक्ति की कोई जगह नहीं है।
राष्ट्रभक्तों ने सिंध में भाषा और जाति के विरोध पर अपनी राजनीति को परवान चढ़ाया है और यह एक ऐसा काम था जैसे कोई भूखा और बेचैन भेड़िया भूख की हालत में अपने अंगों को नोच कर अपनी भूख मिटाये मगर यह कोशिश उसकी जिंदगी ही समाप्त कर सकती है। मूर्ख और संकीर्ण सोच रखने वाले राष्ट्रभक्त धड़ों ने भाषाई और जातीय विरोध को इतनी हवा दी कि आज यही विरोध उनके लिए मौत का परवाना बन चुका है। जहाँ एक तरफ अगर इंडिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश के शासक एक राष्ट्र बनाने में असफल हुए हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रभक्त भी अपने क्षेत्रों के अभावग्रस्त लोगों को एकजुट करके एक राष्ट्र साबित करने में असफल हुए हैं।
आज हम क्लासिकल पूंजीवाद के दौर में नहीं रहते बल्कि यह दौर कारपोरेट पूंजीवाद का है जिसका साम्राजयवादी स्वरूप इस भूमि पर रहने वाले इंसानों को दिन-ब-दिन निगलती जा रही है। इस दौर में राष्ट्रीयता के आधार पर स्वतंत्र अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखना असम्भव होता जा रहा है। पाकिस्तान के श्रमिक वर्गों की मुक्ति सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रव्यापी एकता में है जो श्रमिक वर्ग के विश्वव्यापी एकता का हिस्सा हो।
दलित क्या चाहतें हैं?
दलित इस देश का अत्यंत पिछड़ा वर्ग है। सदियों से सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक अत्याचार के शोषण के शिकार दलितों को इस धार्मिक कट्टरपंथी राज्य/स्टेट में दीवार से लगने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हिन्दू जाति के लोग तो इंडिया चले गए मगर दलितों ने अपनी धरती को छोड़ना उचित नही समझा। दलित राष्ट्रभक्त और पाकिस्तानी होने पर गर्व करते हैं।
1.अशराफवादी/सैयादवादी सोच भी उतना ही जिम्मेदार है। (अनुवादक)
2. तीसरी राजनैतिक शक्ति के रूप में आसिम बिहारी के नेतृत्व में पसमांदा आंदोलन भी मुस्लिमो में व्याप्त जातिवाद, ऊंच नीच, छुआ छूत के विरुद्ध चल रहा था, जिसने मुस्लिम लीग के नज़रिये को नकारते हुए भारत-विभाजन का तीक्ष्ण विरोध किया था। डिटेल के लिए देखें (http://hindi.roundtableindia.co.in/index.php/history/dalitbahujan-renaissance/8704) (अनुवादक)
3. यही काम आसिम बिहारी भी कर रहें थे। अम्बेडकर और बिहारी से बहुत पहले ज्योतिबा फुले ने इसकी शुरुआत कर दिया था। (अनुवादक)
4. यह बात पसमांदा मुस्लिमो के लिए बिल्कुल सच हैं। अशराफ मुसलमानो की सत्ता में भागेदारी पूर्णतः बरकरार है। (अनुवादक)
गणपत राय भील, अम्बेडकरवादी दलित लेखक हैं जो मिथि, सिंध,पाकिस्तान में रहते हैं. दोलत थारी की तरह आप पाकिस्तान के दलित समाज से आने वाले एक सशक्त लेखक हैं. आप दोनों ने दलितों से सम्बंधित बहुत सी किताबें और लेख प्रकाशित किये हैं. वैसे तो दलित को सिंध के साहित्य और पत्रकारिता में राजनैतिक वर्ग के तौर पर पहचान दिलवाने को श्रेय दोलत थारी को जाता है जिन्होंने 2000 के शुरुवाती वर्षो में मासिक पत्रिका "दलित आवाज़" का प्रकाशन किया, लेकिन ये गणपत राय भील थे, जो पाकिस्तान दलित अदब और शेड्यूल कास्ट फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान से जुड़े हैं, जिन्होंने वास्तव में दलित विमर्श को साहित्यिक क्षेत्र एवं स्थानीय दलित समाजसेवियों में स्पष्ट रूप से व्यक्त किया और प्रसिद्धि दिलाई. गणपत साहब ने दलितों के लिए लगातार लिखा है, और सिंधी भाषा के मासिक संकलन "दलित अदब" के प्रकाशन और सम्पादन का का कार्य जारी रखा हैं. |
कैदी ने बैरक में फांसी लगाकर की आत्महत्या
रुद्रपुरः हत्या के दोष में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी ने अपने बैरक के टॉयलेट में फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। इससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। तहसीलदार और सीओ की मौजूदगी में अस्पताल में मृतक कैदी का पंचनामा भरा गया।
जेल अधीक्षक दधिराम मौर्या के अनुसार नानकमत्ता उप तहसील के ग्राम देवकली ठेरा निवासी सूरत सिंह उर्फ सूरी (50) पुत्र शेर सिंह हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
पिछले साल मई में कैदी सूरी हरिद्वार की जेल से यहां शिफ्ट किया गया था। उन्होंने बताया कि कैदी ने सुबह करीब दस बजे बैरक में ही आत्महत्या कर ली। जेल अधीक्षक की सूचना के बाद एसडीएम विवेक प्रकाश के निर्देश पर तहसीलदार यूसुफ अली सीएचसी पहुंचे। यहां उनकी मौजूदगी में कोतवाली के एसआई धीरेंद्र सिंह परिहार ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए खटीमा भेजा।
कैदी की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। मृतक के बड़े भाई सिंगारा सिंह ने बताया कि वर्ष 1994 में गांव के ही महेंद्र सिंह से खेत की मेढ़ को लेकर विवाद हो गया था।इसमें महेंद्र की मौत हो गई थी। बताया कि 2004 में नैनीताल सिविल कोर्ट में वे और उनका भाई मुख्त्यार सिंह बरी हो गए थे और सूरज सिंह उर्फ सूरी को उम्रकैद की सजा हो गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट में अपील करने पर सूरी को जमानत मिल गई थी। 2014 में कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट आने पर उसे हरिद्वार जेल ले जाया गया। जेल से शव को अस्पताल लाने पर एसडीएम विवेक प्रकाश व सीओ सुरजीत कुमार ने अस्पताल में शव का मौका मुआयना किया। सीओ ने बताया कि कैदी के आत्महत्या करने की घटना की मजिस्ट्रीयल जांच भी होगी। |
JyotishGuru AstroBlog - Deepak Kapoor: Tuesday 18th September 2018, Vedic Astrology Forecast, Rashi Phal
Tuesday 18th September 2018, Vedic Astrology Forecast, Rashi Phal
आज 18 सितम्बर 2018 है और मंगलवार का दिन
नवमी तिथि है रात 08 बजकर 04 मिनट तक और उसके बाद दशमी तिथि है
मूल नक्षत्र है सुबह 07 बजकर 34 मिनट तक और उसके बाद पूर्व-अषाढ़ नक्षत्र
आज अ:दुख नवमी है, श्री चंद नवमी है और आज बुध कन्या राशि में प्रवेश करेंगे देर रात 04 बजकर 14 मिनट पर
मेष (Aries) – निजी जीवन में अपनों से तालमेल बना रहेगा और सुख और सुकून का आभास जरूर होगा. चाहे रिश्तों से जुड़ी हुई या कामकाज से जुड़ी हुई नयी संभावनाएं जरूर बनेगी जिनके बारे में सोचने से आगे बढने का मौका भी मिलेगा.
क्या करें – हालात मददगार भी हों तो भी अपनी चुनोतियों को समझना बहुत जरूरी है, इसलिए अपनी बढती हुई इच्छाओं को थामे रखने का समय है. हर चीज़ को आगे बढाने का कोई न कोई सही समय होता है इसलिए किसी प्यार के रिश्ते में रुक जाने की जरूरत है.
क्या न करें – निजी जीवन के हालात को समझने के लिए किसी भी तरह के असंमजस को अपने ऊपर हावी न होने दें, इसलिए कोई भी ऐसा एकतरफा विचार न बनाएँ जो आपके लिए नुकसान की स्तिथि पैदा कर दे.
वृषभ (Taurus) – लोगों से उलझन बढ़ सकती है पर बहुत कुछ ऐसा है जिसे अपनी गलतियों के संदर्भ में देखना होगा. अगर पहले से चला आ रहा कोई मतभेद है तो फिलहाल रुक जाने की जरूरत है.
क्या करें – हालात चुनोती भरे ही बने हुए हैं इसलिए अपनी कोशिशों को बहुत ऊंचे स्तर का बनाना होगा. कामकाज के क्षेत्र में भी अपने भटकते हुए विचारों को थाम लेने की जरूरत है.
क्या न करें – कुछ भी ऐसा न करें जो आपके दोस्तों से आपके फासले बढ़ा दे इसलिए न तो अपने व्यवहार को बहुत सख्त बनायें और ना ही अपनी बात को किसी पर थोपने की कोशिश करें.
मिथुन (Gemini) – आपके विचार अच्छे हैं और आप लोगों को अपनी बात कह भी पा रहे हैं, यही कारण है की रिश्तों को सँवारने का समय है, फिर भी किसी से कोई ऐसी बात कहने से बचना होगा जो किसी का दिल दुखाए.
क्या करें – जिस भी काम से जुड़े हुए हैं उसमे आपकी एकाग्रता बनी हुई है. रिश्तों में भी आपको हर तरह का समर्थन मिल रहा है. किसी प्यार के रिश्ते को बनाये रखने के लिए भी लोग आपकी बात समझ पा रहे हैं.
क्या न करें – कामकाज के क्षेत्र में किसी बड़े परिवर्तन का सोचकर अपने पैसे को खतरे में न डालें, इसलिए किसी भी तरह की इच्छा को बहुत ज्यादा इस समय बढ़ाएं नहीं.
कर्क (Cancer) – ज़िन्दगी का सुख भी है और हर तरह की अच्छाई भी बनी हुई है पर आपका रवैया कुछ आलोचनात्मक होता चला जा रहा है. लोगों से जिस तरह का समर्थन मिलना चाहिए उसमें कोई न कोई कमी बनी रह सकती है.
क्या करें – निजी जीवन की खुशियाँ बनाए रखने के लिए लोगों की गलती निकालने से बचना होगा. इस बात को समझें की बात मान लेने में भी बहुत ख़ुशी मिलती है. ऐसा करने से तकरार के बादल खुद-ब-खुद छंट जाते हैं.
क्या न करें – हर चीज़ को शक की नजर से देखना ठीक नहीं है क्योंकि ऐसा करने से एक आदत सी बन जाती है जो जिंदगी में कभी भी ख़ुशी नहीं देती, इसलिए अपने आसपास खुशियों को ढूंढें ताकि किसी भी तरह की नकारात्मकता आपको छू भी न सके.
सिंह (Leo) – मेहनत करने का और अपनी क़ाबलियत को इस्तेमाल करने का समय है पर फिर भी यह समय आसान नहीं है. बहुत सारी चीज़ों से लगातार झून्झते चले जाने का समय है.
क्या करें – अपनी क्षमताओं को बढाने के लिए हर ऐसी परिस्थिति से फायदा उठा लें जो आपको नयी प्रेरणा दे रहे हैं. यह समय आपके लिए हर तरह से मददगार है जिसके चलते आपको तरक्की भी मिल सकती है.
क्या न करें – किसी ऐसे विचार के पीछे न भागें जो सिर्फ आपको भटका ही रहा है, इसलिए बहुत सारी बातों को एक साथ अपने मन में चलाने से कुछ लाभ होने वाला नहीं है. अगर कोई बात आपको संतुष्ट नहीं कर रही है तो उस रास्ते पर चलने की कोशिश बिलकुल न करें.
कन्या (Virgo) – पैसे की स्तिथि बेहतर हो रही है और हर तरह का अच्छा मौका मिल रहा है जो आपकी ज़िन्दगी की स्थिरता को बढ़ाए, ऐसे में किसी भी तरह के नए विचार को फिलहाल त्याग दें. जो जैसा चल रहा है उसी में अपना मन लगा लें.
क्या करें – घर-परिवार की खुशियाँ बनाये रखने का समय है इसलिए लोगों से बात करें क्योंकि विचारों के आदान-प्रदान से बहुत कुछ संभला रहता है, ऐसे में अपनों की जरूरत को पूरा करने से आपको ख़ुशी जरूर मिलेगी.
क्या न करें – पढाई-लिखाई के क्षेत्र में कोई ऐसी उम्मीद न लगायें की सबकुछ अपने आप हो जाएगा. इच्छाएं इंसान को मंजिल तक नहीं पहुंचाती उन इच्छाओं में अपनी मेहनत को तो जोड़ना ही पड़ता है.
तुला (Libra) – ज़िन्दगी के प्रति भरोसा बढेगा तो आपको मेहनत खुद-ब-खुद बढती चली जाएगी, पर आपको इस बात का आभास है की ज़िन्दगी में कुछ भी हासिल करना है तो अपनी मेहनत से ही हो पायेगा, यही अच्छाई आपको बहुत दूर तक ले जाएगी.
क्या करें – किसी भी आगे बढ़ते हुए कदम का सही आंकलन करने की जरूरत पड़ेगी. किसी भी बात का विश्लेष्ण भी सूझबूझ से ही किया जा सकता है. लोगों की नाराजगियां बनी रहें तो गलती हो जाती है.
क्या न करें – कामकाज से जुड़ी परिस्थितियों को समझने में कोई गलती न करें और ना ही अपने काम को किसी कमी की नजर से देखें. अपनी अच्छी-भली स्तिथि को किसी कमी की नजर से देखना कभी भी अच्छा नहीं होता.
वृश्चिक (Scorpio) – इच्छाएं बहुत हैं और आपको इस बात का भी आभास है की वो इच्छाएं अपनी मेहनत से ही पूरी हो पाएंगी इसलिए आप हर पल झूझने के लिए तैयार हैं.
क्या करें – हर बात को पूरी तरह से समझने का समय है, पर तसल्ली को पूरी तरह से बनने में समय लग सकता है इसलिए अपने पैसे को कहीं फंसाने से फ़िलहाल बचना होगा.
क्या न करें – आंशिक रूप से हालात मददगार बनते चले जा रहे हैं लेकिन अभी पूरा फल नहीं मिल सकता, इसलिए फिलहाल कोई ऐसा बड़ा कदम न उठायें जो आपकी परेशानियों को बढ़ा दे.
धनु (Sagittarius) – पैसे की स्तिथि भी ठीक है और कामकाज से जुड़े हालात भी मददगार हैं. कई अच्छी संभावनाएं इस रूप से बन रही हैं जो आपके भरोसे को और जगाएं और आपसे मेहनत करवा लें.
क्या करें – पारिवारिक परिस्थितियों को सुख की नजर से देखना बहुत जरूरी है. लोगों को पूरी तरह से समझने के लिए अपने मन में लोगों के प्रति सद्भावना भी बनानी होगी. यह समय आपको हर तरह से मदद करेगा ऐसा ही कहते हैं आपके तारे.
क्या न करें – बीती बातों की वजह से अपने मन को दुखी न करते चले जाएँ. जो चीज़ अतीत के अन्धकार में पहुँच चुकी है उसे फिर से बढ़ावा देने की कोशिश न करें.
मकर (Capricorn) – कामकाज की स्तिथि ठीक है पर किसी नए विचार को बढ़ावा देने से फिलहाल बचना होगा. क्योंकि यह समय ही कुछ ऐसा है जो आपसे गलती करवा सकता है जिसके चलते आपका पैसा भी कहीं फंस सकता है.
क्या करें – पैसे को कहीं फंसाने की बजाये जो चीज़ अपनी लग्न से पूरी हो जाए उसे पूरा करना होगा, इसलिए आपका फोकस अपनी क्षमताओं की ओर होना चाहिए. अपने ज्ञान और अपनी क़ाबलियत को बढाते हुए भी बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है.
क्या न करें – लोगों की बातों में न आयें. कहीं ऐसा न हो की आप अपने विचार बदल लें जो आपको किसी न किसी नुकसान की स्तिथि की ओर ले जाएँ. आज के दिन में ख़ास – कामकाज के क्षेत्र में किसी प्यार के रिश्ते को बढ़ावा न दें. ऐसा करने से आप के खिलाफ कई तरह के सवाल खड़े होते चले जायेंगे जो इस समय ठीक नहीं हैं.
कुम्भ (Aquarius) – घर-परिवार की खुशियाँ भी बनी हुई हैं और आर्थिक स्तिथि भी मददगार है पर कामकाज के क्षेत्र में आपके साथी-सहयोगि आपके लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
क्या करें – अपनी अच्छाई और अपनी विनम्रता हर सूरत में बनाये रखें और हर ऐसी स्तिथि को सहजता से संभाल लें जिसमे लोगों की नाराज़गी बढ़ रही हो. अपने काम या कारोबार को किसी भी तरह के खतरे में डालते चले जाने से बचना होगा.
क्या न करें – उधार का सहारा लेकर अपना नुकसान न बढ़ाएं और अगर कोई आपको ज़बरदस्ती उधार देना चाह रहा हो तो आप उस झांसे में बिलकुल न आंए
मीन (Pisces) – आपके अंदर क्षमता भरपूर है लेकिन आपकी कोशिशे केन्द्रित नहीं हैं, शायद ऐसे ही गलती भरे समय में इंसान पूरी बात को समझ नहीं पाता और फिर गलती होती चली जाती है.
क्या करें – कामकाज से जुड़े हालात को भलीभांति समझना होगा. सिर्फ इच्छाओं को बढाते चले जाने से सफलता मिल जाए ऐसा होना मुश्किल है. क्योंकि आपकी कोशिशें इस समय बिखरी पड़ी हैं इसलिए रुक जाने में ही फायदा है.
क्या न करें – किसी का सहारा लेकर इस समय आगे बढने की कोशिश न करें क्योंकि जिस उम्मीद से आप वो करेंगे तो उम्मीद ही पूरी नहीं होगी. यहाँ तक की लोग भी अपने हित का पहले सोचेंगे जो शायद आपके लिए ठीक नहीं है. |
इलेक्ट्रोनिक और औद्योगिक नियंत्रण में छाए हरियाणवीं युवा
October 08, 2018 06:52 PM
खेलों में देशभर और विश्वभर में अपना लोहा जमाने वाले हरियाणवीं युवाओं ने अब इलेक्ट्रोनिक्स और औद्योगिक नियंत्रण जैसे विभिन्न कौशल में देशभर में अपनी धाक जमा दी है। अब ये युवा रूस के कजान में 2019 में होने वाले 'युवा विश्व कौशल ओलंपिक' में अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे और विश्वभर में अपने कौशल की धाक जमाएंगे।
दरअसल नई दिल्ली में आयोजित भारत कौशल प्रतियोगिता में हरियाणवीं युवाओं ने दो स्वर्ण पदक सहित कुल दस पदक हासिल किए हैं। इस प्रतियोगिता में 27 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 400 से अधिक युवाओं ने भागीदारी की थी जिन्होंने 46 स्किल्स, 10 पारंपरिक व 4 डैमो स्किल्स में अपनी प्रतिभा दिखाई। इसके अलावा पहली बार लोकनिर्माण विभाग के लोगों के लिए 10 स्किल्स में क्षमताओं का ओलंपिक यानि एबिओलंपिक्स का भी आयोजन किया गया। हरियाणा की ओर से हरियाणा कौशल विकास मिशन ने पहली बार इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। यह पहला अवसर है जब हरियाणा के युवाओं ने गलोबल लेवल की कौशल प्रतियोगिता में अद्वितीय हूनर का परिचय दिया है।
इसमें हरियाणा के मनोज कुमार ने इलेक्ट्रोनिक्स व राहुल ने औद्योगिक नियंत्रण के वर्ग में स्वर्ण पदक जीते। इसी प्रकार, रोहित ने कुकिंग में, राहुल जांगड़ा ने रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडिशनिंग में रजत पदक हासिल किए। नीरज मखीजा ने इलेक्ट्रोनिक्स में, गुलशन सिंह ने आईटी एसएसबी, कर्तव्य सैनी ने पेंटिंग व डेकोरेशन में, जगत यादव ने रेस्टोरेंट सर्विस में, रितेश यादव ने वेब-डिजाइन एवं टेक्नोलॉजी तथा विनोद को प्लंबिंग एवं हिटिंग वर्ग में कांस्य पदक मिला। इनके अलावा, प्रिंस कुकिंग में, कुनाल जैन इलेक्ट्रोनिक्स में तथा रोशन कुमार पेंटिंग वर्ग में मैडलियन रहे। स्वर्ण व रजत पदक जीतने वाले इन युवाओं को कजान (रूस) में होने वाली विश्व कौशल प्रतियोगिता 2019 में भाग लेने से पूर्व अंतरराष्ट्रीय स्तर का सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भारत कौशल प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले युवाओं को बधाई देते हुए कहा है कि हमारी सरकार ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की तर्ज पर हरियाणा कौशल विकास निगम गठित किया था जिसके अब सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। हरियाणा कौशल विकास निगम ने युवाओं को नई तकनीक सीखने में विशेष मदद की है जिसके कारण आज हमारे युवा अपने कौशल का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। |
गैंगस्टर आनंदपाल की पत्नी ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप - OmExpress
September 11, 2015 September 11, 2015 administratorComments Off on गैंगस्टर आनंदपाल की पत्नी ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप
जयपुर। कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल के फरार होने का मामला और पेचीदा होता जा रहा है। राज्य का पूरा गृह विभाग इस मामले में उलझा हुआ है। अब नया पेच सामने आ गया है कि आनंदपाल फरार हुआ है या उसे अगवा किया गया है।
एक ओर गांव वाले आनंदपाल के अगवा होने की बात कर रहे हैं, वहीं आनंदपाल की पत्नी ने पुलिस पर ही हत्या करने का आरोप लगाया है।आनंदपाल की पत्नी ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें पुलिस की मंशा पर ही शक है। उन्होंने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने ही शायद यह ड्रामा रचा है उनके पति को मारने के लिए। आनंदपाल की पत्नी का यह आरोप इसलिए भी मामले को और पेचीदा बना रहा है, क्योंकि उसने पहले ही जेल प्रशासन को पत्र लिखकर आगाह किया था कि उसकी आनंदपाल की जान को खतरा हो सकता है या अगवा किया जा सकता है। ऐसे में उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही हो। उसे शंका है कि पुलिस ने आनंदपाल को मरवा दिया है।
अगवा कर लिया दूसरी गैंग ने
आनंदपाल के पुराने साथियों और डीडवाना स्थित उसके गांव वालों का कहना है कि उन्हें शक है कि आनंदपाल फरार हुआ है। वह फरार नहीं बल्कि उसे दूसरी विरोधी गैंग की ओर से अगवा किया गया है। गांव वालों का तर्क है कि जब उसे एक मामले में बरी किया गया तो विरोधी गैंग को डर रहा होगा कि आनंदपाल उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में आनंदपाल को अगवा कर लिया।
पुलिस पर आरोप लगाना लोगों का शौक बन गया : गृहमंत्री
गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि आनंदपाल की पुलिस ने हत्या कर दी, ऐसा आरोप कोई भी लगा दे तो क्या सच मान लिया जाए। आजकल पुलिस पर चाहे जो आरोप लगाना शोक बन गया है। यह मामला प्रदेश सरकार पूरी गंभीरता से ले रही है और जल्द ही इसका हल निकल जाएगा।
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