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---|---|---|---|
Bail Application_94_202011-02-2020366 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थना पत्र में किये गये कथन केसमर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमातिजिया पत्नी सोबरन, निवासिनी ग्राम डोमखरी ने दिनाक 15.06.2019 कोन्यायिक मजिस्ट्रेट, सोनभद्र के न्यायालय में धारा-156(3) दंण्ड प्रकियासंहिता के अन्तर्गत इस आशय का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया कि उसकीजमीन आराजी संख्या-3615 मवाजी 0.0130 स्थित ग्राम सलखन परगनाअगोरी तहसील राबर्टसगंज जिला सोनभद्र है। उक्त जमीन का बैनामा गयाप्रसाद से दिनॉक 20.02.2014 को निष्पादित करायी थी तथा म्यूटेशन केपश्चात् प्रार्थिन का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज हुआ। दिनाक 18.04.2019को उक्त आराजी की खतौनी तहसील से ली तब यह जानकारी हुई किउसके जमीन <नाम> फर्जी ढंग से विपक्षी संख्या-1 <नाम> का नाम दर्ज होगया है। यह दस्तावेज दिनॉक 19.12.2018 को पंजीकृत किया गया है। विपक्षीसंख्या-4 उसके गॉव का पूर्व ग्राम <नाम> है जिसने साजिश, षडयंत्र एवंसोची समझी <नाम> के तहत प्रार्थिनी के घर दो अनजान व्यक्तियों कोअपने पुत्र के साथ दिनॉक 13.12.2018 को भेजा था। उन लोगों ने कहा किवे सरकारी कर्मचारी हैं ऑख के इलाज एवं मुफ्त में चश्मा दिये जाने हेतु..2 9कैम्प का आयोजन किया गया है यदि आपको ऑख का इलाज कराना है तोआधार कार्ड की <नाम> <नाम> <नाम> दीजिये। प्रार्थिनी के परिवार के लोगों नेआधार कार्ड की <नाम> <नाम> विपक्षी संख्या-3 को <नाम> दिया। उन लोगों नेदिनाक 19.12.2018 को प्रार्थिनी का इम्पोस्टर खड़ा करके उसके सम्पत्ति काबैनामा करवा दिया। प्रार्थिनी ने किसी के पक्ष में उक्त सम्पत्ति का बैनामानहीं किया है। प्रार्थिनी के पुत्र लोलर का भी इम्पोस्टर खड़ा करके प्रस्तुतबैनामा में <नाम> संख्या-1 के <नाम> में दर्शाया गया है। ",
"प्रार्थिनी/अभियुक्ता की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र मेंमुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है कि प्ार्थिनी का यह प्रथम अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र है। अभियोजन कथानक झूठा है। प्रार्थिनी का नाम प्रथमसूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं है और <नाम> ही प्रार्थिनी का कथित घटना से कोईलेना देना है। प्रार्थिनी अनपढ़ गवार बृद्ध महिला है और घटना के पूर्व सेऑख में मोबियाबिन्द की शिकार रही। अभियुक्ता का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्ता को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी है। ",
"इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्ता द्वारा <नाम> अभियुक्तगण के साथ साजिश करके स्वयं को वादिनीमुकदमा बताते हुये कूट रचित दस्तावेज तैयार <नाम> <नाम> वादिनी के जमीनका बैनामा किया गया है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। यदिअभियुक्ता की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वहवादिनी एवं अभियोजन साक्ष्य को प्रभावित करेगी। अतः अग्रिम जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"प्रस्तुत मामले में अभियुक्ता द्वारा फर्जी तरीके से स्वयं कोवादिनी मुकदमा बताते हुये कूटरचित दस्तावेज तैयार <नाम> <नाम> वादिनी कीजमीन का बैनामा करवाये जाने का अभियोग लगाया गया है। मामला फर्जीतरीके से दस्तावेज तैयार <नाम> <नाम> वादिनी को धोखा देकर उसकी जमीनबैनामा किये जाने से सम्बन्धित है। अभियुक्ता द्वारा कारित अपराध गम्भीरप्रकृति का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_961_201906-09-2019982 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी अंकुरश्रीवास्तव ने थाने <नाम> लिखित सूचना <नाम> कि वह फिनो पेमेंट्स बैंक में शाखाप्रबन्धक के पद <नाम> कार्यरत है। आज दिनांक 27.06.2019 को <नाम> शाखा केनिरीक्षण के दौरान मु० 11,24,191/- का गबन उजागर हुआ जो पूछताछ मेंब्रांच के कैशियर <नाम> <नाम> द्वारा स्वीकार भी किया गया। इस गबन में यह भीज्ञात हुआ कि इस कृत्य में <नाम> <नाम> के साथ फिनो फायनांस के तत्कालीनप्रबन्धक धीरज <नाम> <नाम> फिल्ड आफिसर <नाम> <नाम> एवं अवधेश भीशामिल है। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कियागया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। फर्जीतथ्यों के आधार <नाम> उसे अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा फिनो पेमेंट्स बैंक की किसीभी सम्पत्ति का न्यस्त नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध कोईअपराध नहीं बनता है और <नाम> ही उसके विरुद्ध कोई साक्ष्य है। प्रार्थी-अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 10.08.2019 सेजिला कारागार में निरुद्ध है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर फिनो पेमेंट्स बैंक कामु0 11,24,191/- गबन <नाम> लिया गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"..2 ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त द्वारा एक तर्क यह <नाम> गया है कि चूँकि मामला प्राइवेटबैंक का है इसलिए <नाम> 409 भा0दं0सं0 की <नाम> में नहीं आयेगा। परन्तुअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का विचार सही नही है। <नाम> 409 भा0०दं0सं0का अपराध गठित होने के लिए अभियुक्त का लोक सेवक होना ही आवश्यकनहीं है क्योंकि बैंकर या व्यापारी या उसके एजेंट भी धारा-409 भा०दं0सं0 केअन्तर्गत अभियुक्त हो सकते हैं । ",
"पत्रावली में विभागीय जांच-पड़ताल की गयी है जिसमें प्रस्तुतअभियुक्त को <नाम> पाया गया है। विभागीय उत्तरदायित्व निर्धारित करने के लिएजमानत के स्तर <नाम> विस्तार से विचार की आवश्यकता नहीं है बल्कि बैंक द्वारानिकाला गया निष्कर्ष ही पर्याप्त है। ",
"बैंक का जो रु0 11,24,191/- का दुरुपयोग किया गया है यहअपने-आपमें बहुत ही गम्भीर अपराध है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_356_202007-03-202074 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र में यह कशन किया गया है कि प्रार्थी का सगाभाई बुल्लू <नाम> कई <नाम> से बीमार है जिसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है, उसकीदवा इलाज की <नाम> जिम्मेदारी प्रार्थी / अभियुक्त की है तथा वह अपने <नाम> बुल्लू केदवा इलाज में व्यस्त रहने के <नाम> वह नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आसका जिस <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया था। प्रार्थीने गैर जमानती वारण्ट को निरस्त कराने <नाम> दिनांक 03.03.2020 को प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया था जिसे न्यायालय द्वारा निरस्त करते हुए उसे जिला कारागार भेजागया। प्रार्थी ने <नाम> बूझ <नाम> कोई लापरवाही नहीं किया है। अतः जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त ने जमानत का दुरूपयोगकिया है। अतः प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/अभियुक्त इस मामले मेंपूर्व से जमानत <नाम> है। जमानत <नाम> <नाम> होने के उपरान्त वह अनुपस्थित हो गयाथा। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारण्ट जारी किया गयाथा। प्रार्थी/अभियक्त द्वारा दिनांक 03.03.2020 को न्यायालय में उपस्थित होकरआत्मसमर्पण किया गया तथा वारण्ट रिकाल प्रार्थना पत्र उसके द्वारा प्रस्तुत कियागया था जिसे न्यायालय द्वारा आधार पर्याप्त <नाम> पाते हुए निरस्त <नाम> <नाम> गया तथा्रार्थी/अभियुक्त को जिला कारागार भेजा गया। प््रार्थी/अभियुक्त द्वारा अपनीअनुपस्थिति का <नाम> अपने बड़े <नाम> के इलाज में व्यस्त होना बताया गया है तथाभविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित होने का आश्वासन भी <नाम> गया है। अभियुक्त के पूर्व के जमानतनामे एवं प्रतिभू निरस्त नहीं किये गये हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_501_201918-05-2019758 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 30.04.2019को <नाम> 9.00 बजे मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार <नाम> पटना क0नं0-5 कसमीप राजस्व ग्राम-बैजनाथ के निवासी अभियुक्तगण के आवास से आज दिनांक01.05.2019 को सुबह वादी द्वारा वन्य <नाम> संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित में प्रख्यापित शेड्यूल-1 वन्य प्राणी पेंगोलीन बरामद किया गया तथामकान <नाम> व सम्बन्धित अभियुक्तों से पूछताछ की गयी जिसमे अभियुक्तो नेअपना अपराध स्वीकार किया। मौके <नाम> फर्द बरामदगी तैयार की गयी तथाअभियुक्तों के ऊपर वन्य प्राणी के अवैध शिकार <नाम> एच-2 केस जारी कियागया। इस आधार <नाम> अभियुक्तगण क विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त का फर्द बरामदगी में <नाम> के रुप में हस्ताक्षर करायागया है किन्तु किन परिस्थितियों मं प्रार्थी को अभियुक्त बना <नाम> गया इसकाकोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का गांव कथित बरामदगीगांव से भिन्न है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रकरणमजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से प्रतिबंधित वन्य प्राणी पेंगोलीन बरामद किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि वन विभाग को दिनांक30.04.2019 की <नाम> 9.00 बजे उक्त पेंगोलीन के अभियुक्त के कन्जे में होने कीजानकारी जरिये मुखबिर होने का अभिकथन है। वन विभाग द्वारा प्रेषित नरेटिवके अनुसार उक्त पेंगोलीन अभियुक्त <नाम> के आवास से वन विभाग केकर्मचारियों द्वारा बरामद किया गया था। उस समय अभियुक्तगण गुड्डू व रामाभी मौजूद थे। इस बरामदगी का स्थल अभियुक्त <नाम> का आवास था <नाम> किअभियुक्त गुड्डू का । —2—अभियुक्त द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया है कि उसका घर जंगल केबीच में है। जंगली जानवर अनेक बार स्वतः ही उनके घर में आ जाते हैं। बचावपक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीयहै। ",
"बचाव पक्ष द्वारा यह भी <नाम> <नाम> गया कि प्रस्तुत अभियुक्त गुड्डूके समक्ष उसकी मौजूदगी में बरामदगी एवं गिरफूतारी दिखायी जा रही है जबकिवन विभाग ने उसे बतौर <नाम> फर्द बरामदगी <नाम> इस्ताक्षर कराया था। ",
"इसके प्रतिकूल अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया कि उक्त वन्य जीवविलुप्त श्रेणी की अनुसूची-1 का वन्य <नाम> है जिसका मूल्य अन्तर्राष्ट्रीय बाजारमें करोड़ो रूपये है परन्तु अभियोजन पक्ष क मूल्यांकन का क्या आधार है, यहनहीं बताया गया। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_539_201931-05-2019674 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थिनी-अभियुक्ता की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि प््रार्थिनी-अभियुक्ता को गैर जमानतीय वारण्ट के आधार परगिरफूतार <नाम> दिनांक 02.05.2019 को कारागार भेज <नाम> गया। प्ररार्थिनी नेजानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। प्रार्थिनी पढ़ी-लिखी महिला नहीं है। वह वृद्ध हो चुकी है। प्रार्थिनी बीमार हो जाने के <नाम> नियत <नाम> परन्यायालय हाजिर नहीं हो सकी । प्रार्थिनी परीक्षण के दौरान प्रत्येक नियत तिथिपर न्यायालय उपस्थित रहेगी । ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किमुकदमा काफी पुराना है। प्रार्थिनी जान-बूझकर नियत <नाम> <नाम> न्यायालय मेंउपस्थित नहीं आ रही थी जिसके <नाम> मुकदमें के निस्तारण में विलम्ब हो रहाहै। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रार्थिनी-अभियुक्ता गैर जमानतीय वारण्ट के आधार <नाम> गिरफूतारहोकर दिनांक 02.05.2019 से कारागार में निरूद्ध है। ",
"गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प््ार्थिनी-अभियुक्ता को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का पर्याप्त आधार है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_932_201919-08-201974 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 10.11.2013को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> व हमराही पुलिस कर्मचारियों द्वाराएफ0सी0आई0गदोम रोड अन्तर्गत थाना-राबर्ट्सगंज, जिला-सोनभद्र में अनिलपुत्र शिवधारी हरिजन, निवासी- वार्ड नं0-1, पूरब महाल दलित <नाम> थाना-राबर्ट्सगंज जिला-सोनभद्र को गिरफूतार किया गया तथा उसकी जामा तलाशीली गयी तो उसके पैण्ट क दाहिने जेब से प्लास्टिक की सफेद पन्नी के अन्दरसे कागज की पुड़िया बरामद हुई जिसके अन्दर से भूरे रंग का पाउडर (हेरोइन)बरामद हुई । तौल कराया गया तो उसका वजन 15 ग्राम था। इस बरामदगी केआधार <नाम> अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी को गलत तरीकेसे अभियुक्त बनाकर गैर जमानतीय वारण्ट <नाम> दिनांक 16.08.2019 को गिरफूतारकिया गया। प्रार्थी-अभियुक्त को बरामदगी के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गयाहै बल्कि प्रार्थी के नाम का दूसरा व्यक्ति गिरफूतार होकर जेल गया था तथाउपर्युक्त मामले में जमानत भी कराया था। पत्रावली में नियत <नाम> <नाम> प्रार्थी केनाम का ही व्यक्ति हाजिर आता रहा है। मामले में प्रार्थी अभियुक्त नहीं है बल्किप्रार्थी के नाम-पते का दूसरा व्यक्ति मामले में अभियुक्त है। प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष । ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। —_ 2 —_अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि वह <नाम> पुत्र शिवधारी है,जबकि उसके द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। अभियुक्त द्वारा यह भी तर्कदिया गया कि प्रस्तुत मामला <नाम> पुत्र <नाम> क नाम से है। ",
"प्रस्तुत केस की केस डायरी के अवलोकन करने से भी स्पष्ट होताहै कि पुलिस द्वारा आरोप पत्र प्रेषित किये जाने के पश्चात रिपोर्ट इस आशय कीभेजी गयी थी कि प्रस्तुत मामले में <नाम> पुत्र <नाम> वांछित है परन्तु तब सेलेकर अब <नाम> आरोप पत्र में कोई संशोधन नहीं किया गया तथा बार-बारअनिल पुत्र शिवधारी के नाम से ही वारण्ट प्रेषित <नाम> <नाम> जाता है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_529_202126-03-2021190 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"26.03.2021अभियुक्त नईमुद्दीन पुत्र कुतुबुद्दीन उर्फ कबली निवासी चुड़ी गलीडाला थाना चोपन जिला सोनभद्र की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया है। अभियुक्त का कथन है कि मुकदमा उपरोक्त में अभियुक्त पूर्व मेंजमानत <नाम> था। अभियुक्त बहुत गरीब व्यक्ति है तथा मजदूरी करने दूसरे प्रान्त चलागया जिससे अभियुक्त नियत <नाम> की जानकारी नहीं हो सकी और उसके विरूद्धदिनांक 25.02.2019 को गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त स्वंयन्यायालय में आत्मसमर्पण <नाम> दिनांक 23.12.2020 से जिला कारागार सोनभद्र मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा जानबूझकर न्यायालय उपस्थित आने में किसी प्रकार कीकोई लापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालयउपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त प्रकरण उपरोक्त के विचारण में सहयोग करेगा। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त प्रकरण उपरोक्त में पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त बहुत गरीब व्यक्ति हैतथा मजदूरी करने दूसरे प्रान्त चला गया जिससे अभियुक्त नियत <नाम> कीजानकारी नहीं हो सकी और उसके विरूद्ध दिनांक 25.02.2019 को गैर जमानतीयवारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त स्वंय न्यायालय में आत्मसमर्पण <नाम> दिनांक 23.12.2020 से जिला कारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा जानबूझकरन्यायालय उपस्थित आने में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं किया है। अभियुक्तभविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त प्रकरणउपरोक्त के विचारण में सहयोग करेगा। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। यदिअभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जाता है तो इस बात की <नाम> सम्भावना है कि उसके Bail Application/529/2021 -Naimuddin Vs, state Of Up 2द्वारा साक्षियों को प्रभावित किया जाएगा तथा प्रकरण क निराकरण में विलम्ब कारितहोगा। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त का कथन है कि वह मजदूरी करने दूसरे प्रान्त चला गया था। जिससेअभियुक्त नियत <नाम> की जानकारी नहीं हो सकी और उसके विरूद्ध दिनांक 25.02.2019 को गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त द्वारा कहा गया कि स्वंयन्यायालय में आत्मसमर्पण <नाम> दिनांक 23.12.2020 से जिला कारागार सोनभद्र मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त लगभग <नाम> माह से जिला कारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा जानबूझकर न्यायालय उपस्थित आने में किसी प्रकार की कोईलापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालयउपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त प्रकरण उपरोक्त के विचारण में सहयोग करेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_500_202027-05-2020527 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"26.05.2020अभियुक्त तपेशवर की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त का कशन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त मामले में दिनांक 16.10.2019 कोन्यायालय हाजिर <नाम> आने के <नाम> गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत कियागया। तथा दिनांक 16.03.2020 को थाना इलाका द्वारा गिरफूतार करजेल में निरूद्ध है। अभियुक्त का दाया पैर ट्रक एक्सीडेन्ट होने केकारण वह चलने फिरने में असमर्थ है। अभियुक्त के छोटे छोटे बच्चेहै । अभियुक्त गरीब असहाय विकलांग व्यक्ति है। अभियुक्त के बच्चोका कोई देखरेख करने वाला नही है। कोरोना बीमारी के <नाम> बच्चेव परिवार भूखें मर जाएगा। मुकदमें की नियत <नाम> की जानकारी नहीशी। प्रार्थी ने जानबूझकर कोई लापरवाही नही किया है। प्रार्थी दिनांक16.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखागया कि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त को नियत तिथिकी जानकारी <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्टजारी हो गया और पुलिस द्वारा अभियुक्त को दिनांक 16.03.2020 कोगिरफूतार <नाम> जेल भेज दिया। अभियुक्त का दाया पैर दरक एक्सीडेन्टमें कट गया जिससे वह 60 प्रतिशत विकलांग हो गया है और चलनेफिरने में असमर्थ है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियततिथि <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरण कीकार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही कियाजा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"—2—पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तइस मुकदमे में पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के हाजिर <नाम> आने केकारण उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी किया गया। अभियुक्तकी ओर से प्रस्तुत विकलांगता प्रमाण पत्र की अवलोकन से विदितहोता है कि अभियुक्त 60 प्रतिशत विकलांग है और उसका दाहिने पैरकट गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 16.03.2020 से जेलमें निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_387_202110-03-2021372 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"10.03.2021अभियुक्त <नाम> <नाम> साकेत पुत्र सुनरमन निवासी पी0डब्लू0 डी0मोड़ थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 23.02.2021 कोप्रभारी निरीक्षक हेमन्द्र <नाम> व उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराहदेखभाल <नाम> तलाश वांछित रोकथाम जुर्म जरायम में मामूर होकर <नाम> बस्तीशराब भट्ठी तिराहा के पास मौजूद था तथा पुलिस <नाम> आपस में अपराध तथाअपराधियों के बारे में बात <नाम> रहे थे कि मुखविर खास ने आकर बतायाकि एक <नाम> नम्बर की मोटरसाइकिल <नाम> सवार तीन व्याक्ति मध्य प्रदेश सेतिलगवां बार्डर के रास्ते झोले में गांजा लेकर आ रहे है। इस सूचना <नाम> विशवासकरके पुलिस <नाम> तेलगंवा तिराहे से 100 मीटर पहले एनटीपीसी पावर स्विचयार्ड के पास मोड़ <नाम> पहुंचकर आने जाने वाले संदिग्ध वाहनों की चेकिंग करनेलगे कि कुछ ही देर में एक मोटरसाइकिल <नाम> सवार तीन व्यक्ति तेलगवां बार्डरकी आरे से आते दिखायी दिए कि अचानक चेकिग देखकर पुलिस वालों सेकरीब 50-60 <नाम> दूर ही मोटरसाइकिल रोककर पीछे मोड़ने लगे कि पुलिसबल की मदद से उन्हें रोकने के लिए दौड़े कि पुलिस वालों के घेरने परमोटरसाइकिल <नाम> सवार पीछे के दोनों व्यक्ति कूदकर पश्चिम तरफ स्थित जंगलव उबड़ खाबड़ जमीन का फायदा उठाकर भाग गए, किन्तु मोटरसाइकिलचालक को मोटरसाइकिल सहित पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति से उसकानाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> साकेत पुत्र सुनरमननिवासी पी0डब्लू0डी0 मोड़ थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र बताया। भागने काकारण पूछने <नाम> बताया कि मेरी मोटरसाइकिल के हैण्डल में जो झोला लटका हैउसमें गाजा है। नियमानुसार तलाशी लेने <नाम> मोटरसाइकिल के हैण्डिल मेंलटका झोले के अन्दर दो किलो पचास ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। पकडे गए व्यक्ति से <नाम> नम्बर की मोटरसाइकिल के संबंध में कागजात तलबकिया गया तो बोला कि यह मोटरसाइकिल चिन्टू की है। जिसे लेकर हम तीनोंलोग गांजा लेने गए थे। मेरे पास इस गाड़ी का कोई कागजात नहीं है। अतःउक्त वाहन को धारा-207 एम0वी0एक्ट के अन्तर्गत सीज किया गया। अतःअभियुक्त को <नाम> गिरफ्तारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके परलिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द कीनकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ",
" Bail Application/387/2021 -Mukesh Kumar Saket Vs. State Government 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तकं रखा गया किअभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पाससे कोई नाजायज गाजा बरामद नहीं हुआ है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालानकर <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस द्वाराएन0डी0पी0एस०0एक्ट व अन्य महत्वपूर्ण प्राविधानों का पालन नही किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्त को घर से उठाकरझूठे कथनों के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्त दिनांक 23.02.2021 से जिला कारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। अभियुक्त के अलावा घर में कोईअन्य सदस्य नहीं है। पत्नी व दो छोटे छोटे बच्चे है। जेल में रहने से वे भूखोंमर जाएगे। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जानेकी <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यहकहा गया कि अभियुक्त के पास से दो किलो पचास ग्राम नाजायज गांजाबरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0डी0पी0एस०0एक्ट के प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने का कथन कियागया है। अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्व मु0अ0सं0-81,/2018अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0वि0 थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र मे अभियोगपंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्तहोने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोकअभियोजक के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि सहअभियुक्त के कब्जे से दो किलो पचास ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहागया है, जो वाणिज्यिक <नाम> से काफी कम है। अभियोजन की ओर सेअभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है। अभियुक्त केविरूद्ध इस अपराध से पूर्व मु0अ0सं0-81/2018 अन्तर्गत धारा-379,411भा०द0वि0 थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र मे अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत लिखित प्रतिउत्तर में यह स्पष्ट नहीं है कि उक्तधारा-379,411 भा0द0वि0 के मुकदमें में अभियुक्त द्वारा किस वस्तु की चोरी कीगयी है। अभियुक्त के विरूद्ध पंजीकृत अपराध एन0डी0पी0एस०एक्ट से संबधितनहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_968_201928-08-201913 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा <नाम> ईकाई एसएसटीपीएस शक्तिनगरसीएपीएफ-2018 की आरक्षक /जीडी की भर्ती चल रही है जिसमें अभ्यर्थियों कापीईटी एवं पीएसटी हो रहा है। आज दिनांक 17.08.2019 को बायोमेट्रिक इंचार्जनिरीक्षक / कार्य <नाम> <नाम> केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा <नाम> ईकाई एटीपीएस,अनपरा एवं बोर्ड के सदस्यों द्वारा भर्ती प्रकिया के दौरान 05 अभ्यर्थियों काबायोमेट्रिक मिलान के दौरान अंगूठे का निशान एवं फोटो का मिलान नहीं होपाया जिससे पता चलता है कि अभ्यर्थियों द्वारा धोखाधड़ी <नाम> भर्ती प्रकिया मेंशामिल होने का प्रयास किया गया जिन्हें समय रहते चिन्हित <नाम> लिया गया हैजिसके उपरान्त प्राथमिकी बनाकर कानूनी कार्यवाही <नाम> सुपुर्द किया जाता है। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प््रार्थी-अभियुक्त कोगलत तरीके से फंसा <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट से यह स्पष्ट नहीं है किप्रार्थी के अंगूठे व चेहरे का मिलान कब किया गया। प्ररार्थी-अभियुक्त द्वाराआवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड भी प्रस्तुत किया गया है। वादी द्वारा प्रार्थी केआधार कार्ड के जरिये कोई जांच नहीं की गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोईछद्म निरूपण नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध कोई अपराध नहींबनता है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रार्थी-अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त का बायोमेट्रिक मिलान के दौरान अंगूठे का निशान व फोटो नहीं..2 9मिल रहा था जिससे स्पष्ट है कि प्रार्थी-अभियुक्त धोखाधड़ी करके दौड़ प्रकियामें शामिल होना चाहता था। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि अभियुक्त द्वारा कोई धोखा-धड़ीनहीं की गयी है। अभियुक्त दिनांक 17.08.2019 को दौड़ प्रकिया में शामिल होनेके लिए गया था। इसके पूर्व वह लिखित <नाम> उत्तीर्ण <नाम> लिया था। फार्म एवं एडमिट कार्ड तथा आधार कार्ड <नाम> अभियुक्त का फोटो लगा हुआ है। ",
"प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_892_202017-08-202092 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथनानुसार :-वादी <नाम> <नाम> दूबे, सुरक्षा प्रभारी, एन.सी.एल. खड़िया परियोजनाद्वारा इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि डिस्पैच <नाम> खड़ियापरियोजना ने दिनांक 15.02.2020 को यह सूचना दी कि खड़िया परियोजना केबैरियर नंबर-2 <नाम> समय 4.40 बजे सायंकाल दो ट्रेलर नंबर-यूपी. 64 एच8766 व ट्रेलर नंबर-सी. <नाम> 04 एम सी 2052 खड़िया परियोजना से चोरी काकोयला लादकर ला रहे थे। जब उक्त दोनों ट्रेलरों के ड्राइवरों से कोयलालादने से सम्बन्धित कागजात मांगे गये तो उन्होंने कोई कागजात नहीं दियाऔर गाड़ी छोड़कर फरार हो गये। जब दोनों गाड़ियों को चेक किया गया तोट्रेलर वाहन संख्या-यूपी. 64 एच 8766 के डाला व वाहन के आगे गाड़ी परनम्बर प्लेट <नाम> दो स्टिकर चिपक पाये गये। उक्त स्टिकरों को उखाड़कर देखागया तो उस स्टिकर के अन्दर वाहन कमांक एम.पी.18जी ए 3886 लिखा थातथा दूसरी गाडी संख्या-सी. <नाम> 04 एम सी 2052 <नाम> एक ही नम्बर था। इसप्रकार उक्त दोनों ड्राइवरों <नाम> उपर्युक्त वर्णित प्रकरण पंजीकृत हुआ। ",
"प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करते हुएकहा गया कि प््रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसेषड़यंत्रकारी तरीके से दुर्भावनावश पुलिस द्वारा गलत, साजिशन एवं फर्जी ढंग सेझूंठे मुकदमें में नामित किया गया है। अभियोजन कथानक गलत, अस्पष्ट वआधारहीन है। प्रथम सूचना रिपोर्ट 18 घण्टे विलंब से <नाम> कराई गई है। प्रार्थी -अभियुक्त दिनांक-06.07.2020 से कारागार में निरूद्ध है। उसका कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। वह काफी समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी)द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि वाहन संख्या-एम.पी. 18 <नाम> ए3886, जिसके ऊपर प्लास्टिक के स्टिकर की नंबर प्लेट, जिस <नाम> नंबर-यूपी.64 एच 8766 की पंजीकृत स्वामिनी <नाम> <नाम> द्वारा उक्त वाहन को अपने देवरदीपक <नाम> के पक्ष में मुख्तारनामा आम निष्पादित किया गया, जिसकी <नाम> Bail Application/892/2020 -Rohit Kumar Yadav Vs. State Government 2प्रति दाखिल की गई है। उसने उक्त वाहन तथा अन्य वाहन संख्या-एम.पी.18जी ए 3633, जिसका वह स्वयं पंजीकृत <नाम> है, को <नाम> शक्ति ट्रेडर्स,प्रोपराइटर <नाम> <नाम> <नाम> को किराये के आधार <नाम> <नाम> <नाम> था तथाकिरायेनामें की <नाम> <नाम> संलग्न की गई है। <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा विवेचक कोयह कथन किया गया है कि उसने वाहन संख्या-एम.पी.18 <नाम> ए 3886 काएग्रीमेंट <नाम> <नाम> से कराया था और उक्त वाहन को वह एन.सी.एल. खड़ियाखदान, शक्तिनगर में चलवाता था तथा उसका ड्राइवर <नाम> <नाम> <नाम> है तथाराजरतन <नाम> के कथन के आधार <नाम> ही प्रार्थी-अभियुक्त का नाम <नाम> मेंआया है। उनके द्वारा यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि गेट <नाम> नियुक्त सुरक्षाकमर्चारी <नाम> <नाम> <नाम> के अनुसार प्रार्थी-अभियुक्त एवं अन्य <नाम> अभियुक्तगेट <नाम> रखे गये रजिस्टर <नाम> <नाम> प्रवेश की अनुमति कराये वाहनों सहितअन्दर घुस गये थे और वापसी में मौके <नाम> चेकिंग के दौरान एम.पी.18 <नाम> ए3886 व वाहन संख्या-सी.जी. 04 एम सी 2052 को कोयला सहित चालकछोड़कर भाग गये। अतः अपराध की गम्भीरता व प्रार्थी-अभियुक्त की <नाम> केदृष्टिगत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने <नाम> बताया। "
],
"judge-opinion": [
"सुना व अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से ज्ञात है कि एन.सी.एल.परियोजना के कर्मचारी परशुराम जो बैरियर नंबर-2 <नाम> दिनांक 15.02.2020 को2.00 बजे ड्यूटी <नाम> था, के द्वारा यह कथन किया गया है कि करीब पौने चारबजे गाड़ी संख्या-सी.जी. 04 एम सी 2052 व यूपी. 64 एच 8766 ट्रेलर केड्राइवर उतरकर पर्ची नहीं दिखाये और अन्य गाड़ियों के साथ खदान में चलेगये और थोड़ी देर पश्चात खदान से उन गाड़ियों में कोयला लादकर आये औरभली-भांति चेक किया गया तो उनके पास पर्ची <नाम> होने के <नाम> दोनों ड्राइवरदोनों गाड़ियों को छोड़कर भाग गये। वाहन ट्रेलर संख्या-यूपी. 64 एच 8766पर प्लास्टिक का नम्बर प्लेट था जिसे शक होने <नाम> हटाया गया तो उसके नीचेदूसरा नम्बर एम.पी. 18 <नाम> ए 3886 मिला। तब उक्त गाड़ी नम्बर की पंजीकृतस्वामिनी <नाम> <नाम> से विवेचक द्वारा पूछताछ की गयी तो उसने बताया किवाहन संख्या-एम.पी. 18 <नाम> ए 3886 जिसकी वह पंजीकृत स्वामिनी है, उसेसंचालन <नाम> <नाम> <नाम> के पक्ष में मुख्तारनामा निष्पादित <नाम> <नाम> था,जिसकी <नाम> <नाम> संलग्न है। <नाम> <नाम> द्वारा विवेचक को यह कथन कियागया कि उसने उक्त वाहन किराये <नाम> <नाम> शक्ति ट्रेडर्स प्रोपराइटर राजरतनगुप्ता को किरायानामा के आधार <नाम> <नाम> <नाम> था तथा किरायानामा की छायाप्रति संलग्न की गयी है। राजरतन <नाम> द्वारा विवेचक को यह कथन किया गयाहै कि उसने उक्त वाहन का एग्रीमेंट <नाम> <नाम> से कराया था और उक्तवाहन को वह एन.सी.एल. खड़िया खदान, शक्तिनगर में चलवाता था औरउसका ड्राइवर नन्दन <नाम> <नाम> है। इह्तियाक, <नाम> <नाम> बंगाली उर्फतनमय <नाम> मिलकर सरकारी कोयला धोखे से लदवाकर चोरी <नाम> गाड़ियों सेबाहर भिजवाते थे तथा बेचते थे और मुनाफा आपस में मिलकर बांट लेते थे। इसी प्रकार का मिलता-जुलता बयान दिनांक-06.07.2020 को गिरफूतार होनेपर प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा विवेचक को <नाम> गया है, जोकेस डायरी के पर्चा संख्या-20 दिनांकित-06.07.2020 में <नाम> है। ड्राइवरनन्दन <नाम> <नाम> ने विवेचक को यह कथन किया है कि वह राजरतन <नाम> पुत्रराधिका <नाम> <नाम> निवासी-वार्ड नंबर-3, सरकिंट हाउस मेन रोड, सिंगरौली,थाना-मोरवा, जिला-सिंगरौली, म.प्र. की गाड़ी संख्या-एम.पी. 18 <नाम> ए 3886चलाता था। उक्त आधार <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त का नाम वर्तमान मामले में <नाम> हReason: Docume 6 i wnerLocation: District and SessSonbhadraBail Application/892/2020 -Rohit Kumar Yadav Vs. State Government 3में आया है। उक्त प्रकरण में <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> व नन्दन कानियमित जमानत प्रार्थना पत्र इस न्यायालय द्वारा निरस्त किया जा चुका है। मामले में प्रार्थी-अभियुक्त की <नाम> सामान्यता <नाम> अभियुक्तगण <नाम> रतनगुप्ता एवं नन्दन से इतर (अलग) नहीं है। ",
"विवेचक द्वारा दौरान जांच वाहन <नाम> फर्जी नम्बर प्लेट लगाकरअवैध <नाम> से धोखा-धड़ी व जालसाजी तथा चोरी करके कोयला लोड करवाकरउसे ले जाने, जिससे राजकीय सम्पत्ति क्षति कारित किये जाने के सम्बन्ध मेंसाक्ष्य संकलित की गयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_147_202025-02-2020225 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 03.01.2020 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था चेकिगसंदिग्ध व रोकथाम जुर्म जरायम में कसबा शाहगज हनुमान तिराहे <नाम> खड़ा था किजरिए मुखबिर खास ने बताया कि अंसारी रोड तिराहे <नाम> एक व्यक्ति हेरोइन लेकरखड़ा है। इस सूचना <नाम> विश्वास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची तो पुलिस कोदेखकर <नाम> कदमों से जाने लगा कि घेरघार <नाम> आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> समयकरीब 08.00 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तोउसने अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> विलास बताया। नियमानुसार जामातलाशी ली गयी तो उसके पहने लोवर के दाहिने पाकट में प्लास्टिक के अन्दर 06ग्राम हेरोइन नाजायज बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तोअभियुक्त नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत मेंलेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द परकराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल करमुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजहेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> सेकाफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त दिनांक 03.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्धहै । उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ",
"राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 06 ग्राम नाजायजहेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0डी0पी0एस०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्तका आपराधिक इतिहास है। डीएसी0आर0बी0 की आख्या के अनुसार अभियुक्त केविरूद्ध इस अपराध से पूर्व 1:-अ0सं0 01/18 अन्तर्गत <नाम> 8/22 एन0०डी0पी0 Bail Application/487/2020 -Akhilesh Singh Patel Vs. State Government 2एस0०एक्ट थाना शाहगंज जिला सोनभद्र एवं 2 मु०अ०सं0-32/18 अन्तर्गतधारा-379,411 भा0द0सं0 थाना शाहगंज जिला सोनभद्र का अभियोग पंजीकूत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे 06 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा गया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने का कथन कियागया है तथा कहा गया कि अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्व 1:-अ0सं001/18 अन्तर्गत <नाम> 8/22 एन0डी0पी0 एस0एक्ट थाना शाहगंज जिला सोनभबद्र एवं2:- मु०अ0सं0-32,/18 अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0सं0 थाना शाहगंज जिलासोनभद्र का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में मुकदमा पंजीकृत होने केआधार <नाम> आपराधिक मन:स्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1485_202019-11-2020317 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 09.09.2020 को प्रभारी निरीक्षकअंजनी <नाम> <नाम> मय इमराह देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था ड्यूटी उरमौरा सेबाला-बाला जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से पूर्व में अनुमोदित शुदा गैंग चार्ट गैंग लीडरआकाश मौर्या का प्राप्त <नाम> <नाम> अवलोकन <नाम> में भ्रमणशील रहकर जानकारी करतथा थाना अभिलेखों से ज्ञात हुआ कि गैग लीडर <नाम> <नाम> मौर्या पुत्र रामप्रसाद मौर्या निवासी लोहरा थाना राबर्ट्सगज, सोनभद्र का संगठित गिरोह है तथा इसगैंग के सदस्यगण <नाम> <नाम> उफ <नाम> पुत्र <नाम> मौर्या एवं <नाम> कुमारसिंह पुत्र मंगरू <नाम> है। इस गैंग ॒ द्वारा अपने तथा गैग के सदस्यों के आर्थिक वभौतिक एवं बुनियादी <नाम> <नाम> अवैध शराब की तस्करी बिकी <नाम> धन उपार्जनकरते है। इस गैंग के आतंक व भय से आम जनमानस में भय व्याप्त है। दिनांक 08.08.19 को उप निरीक्षक पुरूषोत्तम सिह के तहरीर <नाम> मु0अ0स0-497,/19धारा-60//63 आबकारी अधिनियम बनाम <नाम> <नाम> मौर्या आदि उपरोक्त पंजीकृतकराया गया। बाद विवेचना आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। दिनाक 08.08.19को अवैध शराब की तस्करी करते समय 27 पेटी से 1215 शीशी अवैध देशी शराब केसाथ गिरफ्तार किया गया तथा फर्द बरामदगी के आधार <नाम> अभियोग पंजीकृत करजेल भेजा गया । गैग लीडर <नाम> <नाम> मौर्या एवं सदस्यगण <नाम> <नाम> उर्फदीपक एवं <नाम> <नाम> <नाम> का यह आपराधिक कृत्य अन्तर्गत <नाम> ३(1) उप्र.गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम का दण्डनीय अपराधहै। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत करायागया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वान विशेषलोक अभियोजक के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। ",
"जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसेअपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्धमु०अ०स0-497,/19 धारा-60/63 आबकारी अधिनियम थाना राबर्दसगंज सोनभद्र मेंअभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त मुकदमा के अतिरिक्त अन्य कोईअपराध पंजीकृत नहीं है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं Bail Application/l485/2020 -Abhishek @ Deepak maurya Vs. State Government 2है। अभियुक्त का <नाम> तो कोई गैंग है और <नाम> ही अभियुक्त किसी गैंग का लीडर है। पुलिस द्वारा गलत तरीक से गैंग चार्ट <नाम> जिला मजिस्ट्रेट का अनुमोदन लेकर फर्जी वबेबुनियाद मुकदमा कायम किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त मेंगिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में भय दहशत एवं आतंक केसंबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त एक साधारण किसान है। अभियुक्त ही घर कामुखिया और एक मात्र कमाने वाला व्यक्ति है। अभियुक्त गिरोहबन्द अपराध नहींकरता। अभियुक्त अपराधी नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_427_202015-05-2020613 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"15.05.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> अग्रहरि की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 09.03.2020 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> राय॒ हमरोहियों के साथ तलाश वाछित व वारण्टी गिरफूतारीअभियान में मुड़ीसेमर रोड से मेदनीखाड़ की तरफ जा रहा था कि <नाम> नगर चौराहाके पास पहुंचने <नाम> एक व्यक्ति जो अपने हाथ में प्लास्टिक का झोला लिया थांपुलिस <नाम> को देखकर सकपकाते हुए पीछे मुड़कर <नाम> नगर से मकरी झारखण्डमार्ग <नाम> जाने लगा कि शक होने <नाम> <नाम> आवाज में टोका गया तो <नाम> कदमो सेजाने लगा कि पुलिस <नाम> दौड़ाकर चौराहा से करीब 40 <नाम> झारखण्ड की तरफजाने वाले रास्ते <नाम> घेरकर समय करीब 09.05 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> अग्रहरि पुत्र कृष्णाप्रसाद बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिएप्लास्टिक के झोले में अखबारी कागज में लिपटा हुआ एक किलो <नाम> सौ ग्रामगांजा नाजयज बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहींदिखा सका । अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्दमौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्दकी नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यकमात्रा से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 09.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत Bail Application/931/2020 -Ravi Prasad Agarhari Vs. State Government 2प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त क कनब्जे सेएक किलो 400 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिकहै। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालनकिया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रामवृक्ष <नाम> तथा विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) क तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो 400 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियुक्त दिनांक 09.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_501_202020-05-2020575 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"20.05.2020अभियुक्त रिजवान खां की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.05.2020 को उप निरीक्षक अवधेश <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभालक्षेत्र एवं <नाम> 144 के अनुपालन व कोरोना वायरस के दृष्टिगतलाकडाउन के तहत <नाम> भ्रमण करता हुआ लोढ़ी अस्पताल के पास उपनिरीक्षक मो0अरशद इहमराहियों के साथ मिले तथा आपस में विचारविमर्श <नाम> रहे थे कि मुखबिर खास ने सूचना <नाम> कि छपका पावरहाउस के पास पहाड़ी के बीच कुछ हेराइन तस्कर हेरोइन का बटवाराकर बेच रहे है। इस सूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस <नाम> मौके परपहुंचकर पहाड़ी के बीच में बैठे चारों व्यक्तियों को छिपते छिपाते घेरकर मौके <नाम> ही समय करीब 11.30 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम मंजूर पुत्रकरीमुल्ला, दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> प्रकाशयादव, तीसरे ने अपना नाम रिजवान पुत्र एनुलहुदा एवं चौथे ने अपनानाम <नाम> <नाम> पुत्र रामराज <नाम> <नाम> बताया। नियमानुसार जामातलाशी ली गयी तो मंजूर के पास से 31ग्राम, <नाम> <नाम> <नाम> केपास से 30 ग्राम, रिजवान के पास से 24 ग्राम एवं <नाम> <नाम> केपास से 20 ग्राम हेरोइन नाजायज बरामद हुआ। हेरोइन रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण कोकारण गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकरपढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द कीनकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल करमुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। प्रार्थी एक नवयुवक व्यक्ति है। कानून में विशवास रखने वाला व्यक्ति है। प्रार्थी के जेल में रहने से प्रार्थी का भविष्य बर्बाद होने की प्रबलसम्भावना है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस.2/ —2—बल द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधान का पालन नहीं किया गयाहै। अभियुक्त दिनांक 01.05.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै । राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से24 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं कियाजा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से 24 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा गयाहै, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास का कथन नहीं किया गया है। अभियुक्तदिनांक 01.05.2020 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1348_201930-11-2019297 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी मुकदमा उपरोक्त मेंअभियुक्त है। प्रार्थी मजदूरी करने बाहर चला गया था इस <नाम> वहतारीख पेशी <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं हो सका और <नाम> अपनेअधिवक्ता को सूचित <नाम> सका। जिससे प्रार्थी के विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी दिनांक 19.11.2019 कोन्यायालय के समक्ष वारण्ट निरस्त करने <नाम> प्रार्थना पत्र <नाम> जिसेनिरस्त <नाम> <नाम> गया और प्रार्थी उसी <नाम> को जेल भेज <नाम> गया। प्रार्थी जानबूझकर न्यायालय उपस्थित होने <नाम> किसी प्रकार की कोईलापरवाही नहीं किया है। प्रार्थी भविष्य में न्यायालय हाजिर आने में कोईलापरवाही नहीं करेगा। प्रार्थी अपने परिवार का अकेला कमाने वालाव्यक्ति है। प्रार्थी की बृद्ध मां है। कोई देखरेख करने वाला नहीं है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त मजदूरी करने बाहरचला गया था इस <नाम> वह तारीख पेशी <नाम> न्यायालय उपस्थित नहींहो सका और <नाम> अपने अधिवक्ता को सूचित <नाम> सका। जिससे उसकेविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त दिनांक 19.11.2019 को न्यायालय के समक्ष वारण्ट निरस्त करने <नाम> प्रार्थना पत्र दियाजिसे निरस्त <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त दिनांक 19.11.2019 से जेल मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त जानबूझकर न्यायालय उपस्थित होने <नाम> किसीप्रकार की कोई लापरवाही नहीं किया है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीराज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियततिथि <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया है। अभियुक्त के नियत <नाम> परउपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही2 —2—है । अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होनेकी सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तनियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट निर्गत हुआ था। अभियुक्त दिनांक 19.11.2019 सेजेल में निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा कहा गया कि वह मजदूरी करनेबाहर चला गया था। इस <नाम> नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थितनहीं आ सका। वह घर का अकेला कमाने वाला व्यक्ति है। अभियुक्तपूर्व में जमानत <नाम> था। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_523_201916-05-2019765 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 11.04.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ रोकथाम जुर्मजरायम व संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग में कसबा ओबरा में मौजूद थाकि वी0आई0पी0 रोड से ग्राम खैरटिया जा रहा था कि सेक्टर नं0-9चौराहे के पास पहुंचा तो एक व्यक्ति खेरटिया रोड की तफ से आतादिखायी <नाम> कि पुलिस वालों की जीप को देखकर शकपकाकरभागना चाहा कि शक होने <नाम> दबिश देकर चौराहे से 59कदम खैरटियारोड <नाम> समय करीब 05.40 बजे सुबह पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्ति ने अपना नाम शम्भू पुत्र स्व0 <नाम> स्वीपर बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो अभियुक्त के दाहिने हाथ मेंलिए प्लास्टिक की झोला में 01किलो 500 ग्राम गांजा नाजायजबरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखासका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकरफर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द परकराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त एक गरीबव्यक्ति है तथा साफ सफाई का छोटा-मोटा <नाम> करके अपनी जीविकाचलाता है। उक्त घटना से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्त स्थानीय व्यक्ति है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनही है। पुलिस द्वारा <नाम> 42 एवं 50 एन0डी0 पी0एस०एक्ट कप्राविधानों का पालन नही किया गया है। अभियुक्त दिनांक 11.04.2019से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से एक किलोपांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> सेअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। .2/ —2 —_अभियुक्त का मुकदमा उपरोक्त क पूर्व थाना ओबरा में 05 अभियोगपंजीकृत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद की गयी है,जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथा कहा गया किअभियुक्त के विरूद्ध इस मामले से पूर्व थाना ओबरा में 05 मुकदमापंजीकृत है। अभियुक्त द्वारा उक्त तथ्य को अपने जमानत प्रार्थना पत्रमें छिपाया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_231_202029-02-2020146 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"(वाहन <नाम> यू0पी0 65जी0०टी0-3519) । ",
"बनामउत्तर प्रदेश राज्य । मुकदमा अपराध संख्या-08/ 2020,धारा-379, 411 भारतीय दण्ड <नाम> एवंधारा-3/ 57/70 उत्तर प्रदेश खनिजपरिहार नियमावली 1963 व धारा-4/21खान एवं खनिज <नाम> एवं विनियमनअधिनियम 1957थाना-म्योरपुर, जिला सोनभद्र । ",
"आदेशयह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा-438(1) द॑ण्डप्रकिया <नाम> में प्रार्थी/अभियुक्त राधेश्याम <नाम> द्वारा मुकदमा अपराधसंख्या-08/ 2020, अन्तर्गत धारा-379, 411 भारतीय दंण्ड <नाम> एवं धारा-3/57/70 उत्तर प्रदेश खनिज <नाम> नियमावली 1963 व धारा-4/21खान एवं खनिज <नाम> एवं विनियमन अधिनियम 1957 थाना म्योरपुर जिलासोनभद्र के मामले में प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थना पत्र में किये गये कथन केसमर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा गोपालकृष्ण <नाम> <नाम> निरीक्षक सोनभद्र ने दिनॉक 27.01.2020 को थाना म्योरपुरजिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया किमान चित्रकार <नाम> <नाम> कान्त <नाम> के साथ दिनाक 26.01.2020 को समय10:00 पी0एम0 <नाम> लिलासी मोड़ <नाम> उप खनिजों का अवैधपरिवहन / निर्धारित <नाम> से अधिक उप खनिज परिवहन के मामले में वाहनसंख्या यू०पी0 65जी0टी0- 3519 की जॉच की गयी। Bail Application/231/2020 -Radheyshyam Gupta Vs. State Government 2जॉच के दौरान पाया गया कि उक्त वाहन <नाम> 28.00 घन मीटर बालू / मोरमलोड है जिसके सम्बन्ध में चालक द्वारा इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्रसंख्या-<फ़ोन-नंबर> दिनॉक 26.01.2020 प्रस्तुत किया गया। जिसकी जाचकरने <नाम> पाया गया कि उक्त इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र 18.81 घन मीटरबालू /मोरम के परिवहन जनपद वाराणसी <नाम> दिनॉक 26.01.2020 समय01:11 पी0एम0 निर्गत किया गया था, जो दिनॉक 26.01.2020 समय 11:34पी0एम0 <नाम> परिवहन <नाम> वैध था। इस प्रकार इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र मेंअंकित <नाम> से अधिक उप खनिज लोड <नाम> चोरी छिपे परिवहन किया जारहा था। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> सेयह आधार लिया गया है कि अभियोजन कथानक गलत एवं बेबुनियाद है। कथित अपराध यदि बालू की <नाम> लोडिंग मशीन से अधिक लोड की गयी हैतो भी उक्त अपराध उत्तर प्रदेश खनिज <नाम> नियमावली की उपरोक्तधाराओं में कम्पाउण्डेबल अपराध है जिसे आर्थिक दण्ड देकर उन्मुक्त कियाजा सकता था। कथित अपराध जमानती अपराध है किन्तु अभियोजन पक्षद्वारा <नाम> -बूझ <नाम> उसमें धारा-379, 411 भारतीय दण्ड <नाम> का इजहारकर एफ0 आई०आर0 दर्ज कराया गया है। प्रार्थी प्रश्नगत वाहन का <नाम> हैतथा वाहन के साथ <नाम> तो वह चलता है और <नाम> ही वाहन <नाम> कोई अवैध यामात्रा से अधिक वस्तु लादने की हिदायत चालक को <नाम> है। घटना कीप्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज कराया गया है। प्रार्थी <नाम> तो घटना स्थलपर था और <नाम> ही एफ0आई०आर0 में उसका नाम लिखा गया है। प्रार्थी नेकोई अपराध नहीं किया है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को अग्रिम जमानतपर <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि वादीमुकदमा <नाम> निरीक्षक द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान प्रार्थी/ अभियुक्त केवाहन <नाम> इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र में <नाम> <नाम> से अधिक उप खनिज लोडकर चोरी-छिपे परिवहन किया जा रहा था। यदि अभियुक्त की अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह वादी एवं अभियोजनसाक्ष्य को प्रभावित करेगा । अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी हूै। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रश्नगत वाहनसंख्या यू0पी0 65जी0टी0-3519 के जॉच के कम में उस <नाम> 28 घन मीटरबालू /मोरम लोड होना पाया गया। जबकि वाहन <नाम> लदे उप खनिज के उङ्कBail Application/231/2020 -Radheyshyam Gupta Vs. State Government 3 सम्बन्ध में चालक द्वारा प्रस्तुत किये गये इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र में मात्र 18.81घन मीटर बालू / मोरम के परिवहन <नाम> निर्गत किया गया था। जॉच के कममं राधेश्याम <नाम> को उक्त वाहन का <नाम> होना बताया गया जिसकेद्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। केस डायरीके पर्चा संख्या-3 दिनॉक 09.02.2020 के अवलोकन से यह प्रकट होता है किउक्त वाहन <नाम> /प्रार्थी अभियुक्त के विरूद्ध अग्रिम विवेचना जारी है। प्रस्तुत मामले में मुख्य <नाम> से प्रथम दृष्ट्या <नाम> व खनिज <नाम> एवंविनियमन) अधिनियम 1957 की धारा-4 के प्रावधान का उल्लंघन किया जानादर्शित होता है जिसके लिये धारा-21(1) यह प्रावधानित करता है कि ऐसेव्यक्ति को उक्त अधिनियम के विरूद्ध खनिज के परिवहन का अपराध करतेहुये पाये जाने <नाम> दो साल की सजा या पाँच लाख रूपये अर्थदंण्ड से यादोनों से दण्डित किया जायेगा। प्रस्तुत प्रकरण आर्थिक अपराध की श्रेणी मेंआता है जो विकासशील समाज के लिये एक गम्भीरतम अपराध है। इससन्दर्भ में यह उल्लिखित करना समीचीन प्रतीत होता है कि प्रस्तुत मामलेमं धारा-438(1)४) दंण्ड प्रक्रिया <नाम> के दृष्टिगत ऐसा कोई तथ्यन्यायालय के समक्ष प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से उपस्थापित नहीं किया गयाहै जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि प्रार्थी को गिरफ्तार <नाम> करक्षति पहुँचाने या उसे अपमानित करने के उद्देश्य से अभियोग लिखाया गयाहै। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1234_201926-11-2019330 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने दिनांक01.10.2019 को थाना पिपरी में सूचना <नाम> कि दिनांक 30.09.2019 की रात्रि10 बजे के आस-पास रेनूकूट चेयरमैन <नाम> <नाम> <नाम> अपने निवास के नीचेअपने कार्यालय में मौजूद थे तथा साथ में <नाम> कुशवाहा , <नाम> परीदा वरिन्कू कार्यालय में मौजूद थे। चेयरमैन के छोटे <नाम> डब्लू <नाम> कार्यालय के बाहरउपस्थित थे। हमेशा की तरह वह इस समय अपने कार्यालय के लोगों कीसमस्या सुन रहे थे तभी अचानक दो लड़के बाईक रोड के उस <नाम> लगाकरकार्यालय की तरफ आये । एक लड़का कार्यालय के बाहर खड़ा था तथा दूसरालडका कार्यालय के भीतर आया और चेयरमैन को नमस्ते किया । चूंकि चेयरमैनउस समय फोन <नाम> बात <नाम> रहे थे तो उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं <नाम> औरतुरन्त लड़का फायरिंग किया और गोली आकर चेयरमैन क सीने में बायीं तरफलगी। जब <नाम> सब समझ पाते और गेट बन्द करते तब <नाम> उस लड़क नेदूसरी फायरिंग <नाम> <नाम> जो दरवाजे <नाम> लगी। तब <नाम> वहां मौजूद लोग उनदोनों लड़को को पकड़ते तब <नाम> दोनों लड़के डिवाईडर <नाम> पहुंचकर हवाईफायर करते हुए भागने में सफल रहे। तत्काल वे लोग चेयरमैन को लेकरहिण्डालको हास्पिटल पहुंचे । वहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। स्थितिगम्भीर होने <नाम> हिण्डालको अस्पताल से वाराणसी ट्रामा सेण्टर परिवार सहितलेकर पहुंचा । वाराणसी में उपचार के दौरान चेयरमैन <नाम> <नाम> <नाम> की मृत्युलगभग 2.30 बे सुबह हो गयी। इस घटना का मुख्य जिम्मेदार <नाम> सिंह,राजेश <नाम> <नाम> <नाम> पुत्रगण स्व0 सत्यनारायण <नाम> निवासी-हिण्डालको..2 ooपेट्रोल पम्प के पास, <नाम> <नाम> पुत्र अज्ञातः व <नाम> मौर्या ने आपसीसांठ-गांठ से रेकी करके इस घटना को अन्जाम <नाम> । इस अपराध को अन्जामदेने के लिए इन्हीं उपर्युक्त लोगों ने उन दोनों लड़को की सहायता ली जिससेचेयरमैन की मृत्यु हो गयी। दिनांक 20 <नाम> 2019 की रात पूर्व चेयरमैन(अनिल <नाम> व वर्तमान चेयरमैन के लोगों की बीच झगड़ा हुआ था जिसमें उससमय पिपरी थानाध्यक्ष (मूलचन्द <नाम> ने <नाम> <नाम> व अन्य <नाम> दर्ज प्रथमसूचना रिपोर्ट सं0- 11/2019 में विवेचना करके धारा-307 भा0दं0सं0 हटाया थाजिसकी वजह से आज यह लोग पुनः इतनी बड़ी घटना को अन्जाम दिये जिससेवर्तमान चेयरमैन <नाम> <नाम> <नाम> की हत्या हो गयी और लगातार धमकियां भीदेते रहते थे। <नाम> <नाम> ने चुनाव हारने के <नाम> सोनभद्र जिला न्यायालय मेंचुनाव याचिका दाखिल <नाम> <नाम> थी जिसकी हर तारीख <नाम> <नाम> <नाम> राकेशसिंह, <नाम> सिह, <नाम> <नाम> <नाम> मौर्या व अन्य 10-12 लोग 3-4 गाड़ी सेआते थे और रेकी करते थे। उपर्युक्त सभी अभियुक्तों <नाम> उचित मुकदमा वकार्यवाही की जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेरंजिशवश फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। मृतक की मृत्यु दोअनजान लड़को द्वारा आग्नेयास्त्र से गोली मारे जाने के <नाम> हुई है। अभियुक्तपर गोली मारने का आरोप नहीं लगाया गया है। प्रार्थी के कब्जे से कोईबरामदगी नहीं हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी घटना के <नाम> रेनूकूट में नहीं था। प्रार्थी द्वारा <नाम> तो साजिश की गयी हैऔर <नाम> ही वह घटना में किसी प्रकार से सम्मिलित रहा है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किकेस डायरी में साक्षियों के बयान से स्पष्ट है कि प्ररार्थी-अभियुक्त द्वारा बिहारप्रान्त से अपराधियों को बुलाकर मृतक की हत्या करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा शूटरों से मोबाइल <नाम> बात की गयी है तथा रेकी करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा शूटरों के खाते में धनराशि भी अन्तरित की गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त रंजिश के चलते अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर मृतक कीइत्या करवाया है । प्रार्थी-अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत मामले में अभियुक्त की <नाम> हत्या करने की नहीं बतायीगयी है बल्कि दुरिभसंधि करके तथा दुष्प्ररेण करके हत्या करवाये जाने काअभिकथन है। प्रस्तुत मामले में जो वास्तविक शूटर हैं उनसे घटना के पूर्व सेलेकर घटना के <नाम> <नाम> प्रस्तुत अभियुक्त की वार्ता होने से सम्बन्धितसी0डी0आर0 दाखिल किया गया है तथा वास्तविक शूटरों को रेनूकूट में रूकने वरूक <नाम> रेकी करने आदि सुविधायें उपलब्ध कराने का भी अभियुक्त के विरुद्धअभिकथन एवं साक्ष्य है। अभियुक्तगण को सेकेण्ड हैण्ड मोटरसाइकिल उपलब्धकराने का भी अभिकथन अभियुक्त के विरुद्ध किया गया है। ",
"अभियोजन पक्ष का यह भी अभिकथन है कि दोनों पक्षों को लेकरअ0सं0- 11/2019, 12/2019 व 13/2019 दर्ज किया गया था जिसमें प्रस्तुत..3 3मामले का अभियुक्त <नाम> <नाम> चोटिल हुआ था और उसने प्रस्तुत मामले केमृतक को <नाम> से मारने का <नाम> किया था जिसकी रिकार्डिग अभियोजन पक्ष केपास उपलब्ध है। अभियुक्त के विरुद्ध अभियोजन पक्ष का यह भी कथन है किघटना के <नाम> इस अभियुक्त द्वारा शूटरों के खाते में धनराशि भी अन्तरित कीगयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_442_202117-03-2021314 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"यह जमानत प्रार्थना पत्र माननीय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र के आदेशदिनांकित 12.03.2021 के द्वारा स्थानान्तरित होकर इस न्यायालय में प्राप्त हुआ है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन कियागया है कि वह प्रस्तुत मामले में पूर्व में जमानत <नाम> था तथा तारीख पेशी <नाम> नआने के <नाम> दिनांक 26.09.2019 को उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी होगया। प्रार्थी मजदूरी करने बाहर चला गया था, प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा हाजिरीमाफी प्रार्थना पत्र <नाम> जाता रहा किन्तु दिनांक 26.09.2019 को हाजिरी माफीप्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी <नाम> दियागया तथा कोविड-19 महामारी के <नाम> वह गैर जमानती वारण्ट रिकाल नहीं करासका तथा दिनांक 08.03.2021 को वह स्वयं हाजिर हुआ है। प्रार्थी/ अभियुक्तअदालत हाजिर आने में <नाम> बूझ <नाम> कोई लापरवाही नहीं किया है तथा प्रत्येकनियत <नाम> <नाम> वह हाजिर आता रहेगा। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि अभियुक्त प्रस्तुतमामले में पूर्व से जमानत <नाम> था तथा वह गरीब मजदूर व्यक्ति है और रोजीरोजगार के सिलसिले में बाहर चला गया था जिस <नाम> नियत <नाम> परन्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका और उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारीकिया गया है। अभियुक्त काफी समय से जेल में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत पररिहा <नाम> <नाम> जावे। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा कहा गया है कि अभियुक्त कीअनुपस्थिति के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी किया गया है जिस Bail Application/846/2021 -Chotu Biyar Vs. State Government 2पर उसे जेल भेजा गया है। अभियुक्त द्वारा जमानत का दुरूपयोग किया गया हैजिस <नाम> मामले की कार्यवाही बाधित हुई है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जावे। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी क तर्को को धिर्यपूर्वक सुना गया तथा सत्र परीक्षण संख्या- 169 सन्2016 की पत्रावली का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ",
"उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण क तर्को को सुनने एवं पत्रावली केअवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त छोटू बियार प्रस्तुत मामले में पूर्व सेजमानत <नाम> रहा है तथा उसके विरूद्ध निर्गत गैर जमानती वारण्ट <नाम> उसने स्वयंन्यायालय के समक्ष दिनांक 08.03.2021 को आत्मसमर्पण किया है, उसकी ओर सेप्रस्तुत गैर जमानती वारण्ट रिकाल प्रार्थना पत्र को न्यायालय द्वारा उसी दिननिरस्त करते हुए उसे जिला कारागार भेजा गया है। अभियुक्त द्वारा कहा गया हैकि वह रोजी रोजगार के सिलसिले में बाहर चला गया था तथा पूर्व में जमानत पररहा है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_40_202021-01-2020648 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"21.01.2020यह जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त <नाम> <नाम> उर्फरोहित <नाम> की ओर से प्रस्तुत किया गया है, जो वारण्ट <नाम> जिलाकारागार में निरूद्ध है। ",
"सक्षेप में प्राथी/अभियुक्त का कथन है कि अभियुक्तपूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थितनहीं आया जिससे उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त कमाने बाहर चला गया था। अभियुक्त दिनांक 07.01.2020 सेजेल में निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा न्यायालय में उपस्थित होने में कोईलापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> परन्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त उचित जमानत मुचलिका देनेको तैयार है। उपरोक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से जमानत का घोर विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा जमानत का घोर दुरूपयोग कियागया है। अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> मामले काविचारण समय से नहीं हो पा रहा है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्तदिनांक 07.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त केउपस्थित <नाम> होने के <नाम> न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट जारीकिया गया है। अभियुक्त द्वारा कहा गया कि वह पूर्व में जमानत परथा। गरीब व्यक्ति है। कमाने बाहर चला गया था। इस <नाम> नियततिथि <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आ सका। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_97_202003-02-2020521 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध पुलिस थाना मांची, जनपद सोनभद्र द्वाराउपरोक्त वर्णित अपराध में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में सुपुर्द किए जाने <नाम> उसे न्यायिक अभिरक्षामें लिया गया है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्तको झूठा फंसाया गया है, प्रार्थी निर्दोष है। अभियोजन कथानक असत्य मनगढ़न्त एवंनिराधार है। जंगल में पेड़ की पत्ती तोड़ने को लेकर प्रार्थी के लड़के को वादीमुकदमा महेन्द्र <नाम> द्वारा पत्ती तोड़ने को लेकर गाली <नाम> देते हुए लात मुक्का सेमारा पीटा गया था जिसकी सूचना प्रार्थी द्वारा उसी <नाम> थाने <नाम> दर्ज करायी गयीहै। इसी रंजिश वश मुकदमा वादी द्वारा झूठा मुकदमा प्रार्थी <नाम> दर्ज कराया गया है। ्रार्शी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादीमुकदमा महेन्द्र चेरो ने थाना मांची <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 23.08.2012 को समय करीब 12 बजे <नाम> में उसका लड़का <नाम> सजीवन तथा गांव कारामवृक्ष <नाम> जंगल की पत्ती तोड़ रहे थे, पत्ती तोड़ने की बात को लेकर दोनों मेंकहा सुनी होने लगी। इतने में रामवृक्ष <नाम> द्वारा वादी मुकदमा को जाति सूचकशब्दों का प्रयोग करते हुए गाली <नाम> देते हुए लाठी से मार <नाम> जिससे वादीमुकदमा का सिर फट गया तथा <नाम> से मारने की धमकी दी। वादी की तहरीर केआधार <नाम> थाना मांची <नाम> मु0अ0सं०0-08/2019 धारा-323, 504, 506 भा0द॑0सं0व धारा-3(2) (\\-^) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। ",
"वादी मुकदमा को धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जमानत प्रार्थना पत्र की हDate: 2020.02.03Reason: DocumeBail Application/201/2020 -Ramvriksh Yadav Vs. State Government 2सुनवाई <नाम> नोटिस जारी किया गया है। नोटिस तामीला के बावजूद वादी पक्ष कीओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी / अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_776_202004-07-2020249 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 24.05.2020 को प्रभारी निरीक्षकमहेन्द्र <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> व कोविड-19 कोरोना वायरसलाकडाउन सामाजिक दूरी का पालन कराने व चेकिंग सदिग्ध व्यक्तियों एवं अपराधियोंमें व्यस्त था कि रामगढ़ में <नाम> के लोगों द्वारा दबी जुबान से बताया गया कि गफूरका एक संगठित आपराधिक गिरोह है। इस गिरोह में इसके अतिरिक्त मो0 हुसैनसकिय सदस्य है। इस गिरोह का गैंग लीडर गफूर उपरोक्त है। यह गैंग लीडर अपनेतथा अपने साथियों के आर्थिक भौतिक एवं दुनियाबी <नाम> को अर्जित करने के लिएअपने साथियों के साथ थाना <नाम> अन्तर्गत अवैध <नाम> से गोवध निवारण अधिनियमऔर पशु कूरता अधिनियम के उपबन्धों का उल्लघंन करते हुए पशुओं की तस्करीपशुओं क <नाम> कूरता जैसा अपराध करने में सकिय रहते है। <नाम> थाना स्थानीय वआसपास के थाना क्षेत्रों की <नाम> मे काफी भय एवं आतंक व्याप्त है। जिस कारणइनके भय व आतंक से <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध रिपोर्ट लिखाने वसाक्ष्य देने का साहस नहीं जुटा पाता है। थाना स्थानीय के अभिलेखों के अवलोकनसे इस गैग का गैग लीडर गफूर व इसके गैंग के सकिय सदस्य मो0 हुसैन केविरूद्ध थाना स्थानीय में मु0अ०सं0-138/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारणअधिनियम एवं धारा-11 पशु कूरता अधिनियम थाना पन्नूगंज में पंजीकृत होकरविवेचनोपरान्त आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है तथा गैग लीडर गफूरके विरूद्ध मु0अ0सं0 139/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियमएवं धारा-11 पशु कूरता अधिनियम थाना पन्नूगंज में पंजीकृत होकर विवेचनोपरान्तआरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। अभियुक्त मो0 हुसैन के विरूद्धमु0अ0सं0-215//15 अन्तर्गत धारा-3/25 आयुध अधिनियम थाना पन्नूगंज में पंजीकृतहोकर विवेचनोपरान्त आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। उपरोक्तअपराध से स्पष्ट है कि गैग लीडर एवं सकिय सदस्य एक साथ मिलकर भिन्न भिन्नस्थानों व भिन्न भिन्न समय <नाम> अपने तथा अपने गैंग के सदस्यों के आर्थिकभौतिक एवं बुनियादी <नाम> के लिए अपराध करते है। अभियुक्तगण के विरूद्ध गैगचार्ट जिलाधिकारी सोनभन्र द्वारा अनुमोदित होकर प्राप्त हो चुका है। अतः वादी द्वाराअभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया । ",
"जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसेअपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्धमु0अ0सं0-138//19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं धारा-11पशु कूरता अधिनियम एवं मु0अ०सं0 139/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवधनिवारण अधिनियम एवं धारा-11 पशु कूरता अधिनियम थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्रमें अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त मुकदमा के अतिरिक्त अन्यकोई अपराध पंजीकृत नहीं है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकारनहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक वदुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तःअपराधी एवं थाना <नाम> में भय दहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध पुशओं के गोवध <नाम> उनके तस्करी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गयाहैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं0-138/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं धारा-11पशु कूरता अधिनियम एवं मु0अ०सं0 139/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवधनिवारण अधिनियम एवं धारा-11 पशु कूरता अधिनियम थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्रमें अभियोग पंजीकूत है। अभियुक्त अपने गैग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवंभौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारित करते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटनेसे उसक पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगणको प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत का घोर विरोध किया गया है । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वान Bail Application/l605/2020 -GUFUR Vs. State Government 2अभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0सं0-138/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियमएवं धारा-11 पशु कूरता अधिनियम एवं मु0अ0सं0 139/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए// 8गोवध निवारण अधिनियम एवं धारा-11 पशु कूरता अधिनियम थाना पन्नूगंज जिलासोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह कागैग लीडर है। अभियुक्त गैग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक लाभके लिए गम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1381_201918-12-201948 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी विशेशवरनायक, सिक्योरिटी सार्जण्ट ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि वह ड्यूटी <नाम> बी शिफूटमें तैनात था। उसे सिक्योरिटी <नाम> द्वारा सूचना प्राप्त हुर्ई कि हिण्डालकोद्वारा चालित पेट्रोल पम्प <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> फर्जी कूपनमूल्य 500/- का पेट्रोल अपनी स्कूटी में ले रहा था जो कि पकड़ा गया। सूचनापाते ही वह मौके <नाम> पहुंचा तथा <नाम> <नाम> <नाम> को पकड़ा और अपने सहयोगी $19 के सुपरवाइजर <नाम> <नाम> <नाम> एवं 515 के आपरेशनमैनेजर <नाम> <नाम> त्रिपाठी के साथ <नाम> <नाम> <नाम> एवं उसकी स्कूटीनं०- यू०पी0 64 एक्स 3977 जिसमें पेट्रोल फर्जी कूपन जो कि धोखा-धड़ी सेभरवाया था, उसे लेकर थाना अनपरा आया और जमा किया। कूपन संलग्न है। उक्त के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाय । ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त पढ़ने वाला छात्रहै। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त हिण्डालको कम्पनी के फर्जी कूपन <नाम> अपनी स्कूटी में तेल भरवारहा था जिसे सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा तेल भरवाते समय ही गिरफूतार <नाम> लियागया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत मामला किसी हिण्डालको कर्मी से ब्लैक में कूपन खरीदकरतेल भरवाने से सम्बन्धित है। इस बिन्दु <नाम> बचाव पक्ष द्वारा दो तर्क दिये गये। ",
"..2 ooप्रथम यह कि जिस पांच सौ रुपये के कूपन <नाम> तेल डलवाने का प्रश्न है, किसीसकूटी की अधिकतम धरिता पांच लीटर की होती है, जबकि पांच सौ रुपये काजितना पेट्रोल आयेगा वह स्कूटी में नहीं भरवाया जा सकता है। दूसरा तर्क यहदिया कि यदि अभियोजन कथानक मान भी लिया जाय तो जिस हिण्डालको कर्मीने अपना कूपन ब्लैक किया, असल अभियुक्त वह बनेगा लेकिन अभियोजन पक्षद्वारा उस हिण्डालको कर्मी के बदले अभियुक्त को नामित किया गया। ",
"बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि यदि अभियोजन पक्षका यह कथन मान लिया जाय कि अभियुक्त ने किसी हिण्डालको कर्मी से उक्तपांच सौ रुपये का कूपन <नाम> सौ रुपये में कय किया हो और अपनी स्कूटी मेंयदि <नाम> धारिता भर पांच लीटर तेल भरवाये भी तो उसकी कीमत केवलरु0 350/- होती है इसलिए रु0 350/-का तेल भरवाने के लिए कोई व्यक्तिचार सौ रुपये का कूपन क्यों खरीदेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1287_201917-12-201970 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"17.12.2019आदेशअभियुक्तगण पिन्टू एवं <नाम> <नाम> उर्फ औतार की ओरसे यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थीगण पूर्व में जमानत परथे। प्रार्थीगण के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित <नाम> आने के कारणउनके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प््रार्थीगणजानबूझकर न्यायालय हाजिर आने में कोई हीला हवाली नहीं कियाहै । प्रार्थीगण जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थीगण जमानत कादूरूपयोग नहीं किये है और नियत तिथियों <नाम> न्यायालय उपस्थितआते रहेगे। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की याचनाकी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> क तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखागया कि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्तगण नियत तिथिपर हाजिर <नाम> आने के <नाम> उनके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारीहो गया। अभियुक्तगण भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> व्यक्तिगत रूपसे उपस्थित आते रहेगे। अभियुक्तगण जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्तगण के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में'उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उनके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकिया गया है। अभियुक्तगण के नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने केकारण प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्तगणको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावनासे इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तगणके नियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिर <नाम> आने के <नाम> उनके विरूद्धगैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्तगण उपरोक्त मामले मेंदिनांक 06.11.2019 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1389_201912-12-2019189 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 28.11.2019को उ0नि0 डोला <नाम> <नाम> मय हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ देखभालक्षेत्र शान्ति व्यवस्था ड्यूटी जांच प्रार्थना पत्र विवेचना में मामूर थे तो मुखबिर द्वारासूचना दी गयी कि जैयत पेट्रोल पम्प के पास दो व्यक्ति कच्ची शराब बनाकरबेच रहें है। शराब को अधिक नशीला बनाने के लिए उसमें नौसादर व यूरिया काअपमिश्रण करके शराब बनाता है। इस सूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस वाले दोनोव्यक्ति के पास जैसे ही पहुंचे कि उन्हें देखकर भागने का प्रयास किये किहमराहियान की मदद से समय करीब 09.15 बजे गिरफूतार <नाम> लिया गया। दोनो का नाम पता पूछने <नाम> एक ने अपना नाम सोनू पुत्र पप्पू पासवान तथादूसरे ने अपना नाम छोटू <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया। दोनो व्यक्तियों कीजमा तलाशी ली गयी तो उनके पास से एक-एक प्लास्टिक की जरीकेन मेंपॉच-पॉच लीटर कच्ची शराब व 200-200 ग्राम नौसादर तथा 400-400 ग्रामयूरिया खाद बरामद हुई । दोनो व्यक्तियों से पूछा गया तो बताया कि <नाम> यहीमेरी रोजी रोटी का जरिया है, जिसे बेच <नाम> परिवार का खर्च चलाता हूं। शराबको अधिक तीव्र बनाने के लिए नौसादर और यूरिया मिलाकर शराब को बनाताहूं। शराब बनाने के सम्बन्ध प्रमाण पत्र मांगा गया तो दिखाने से कासिर रहें। इस आधार <नाम> अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेफर्जी ढंग से फसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी गरीबमजदूर व्यक्ति है। उसे थाने <नाम> बुलाकर फर्जी कच्ची शराब उसके पास 9बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त के पास से कच्चीशराब, नौसादर व यूरिया की बरामदगी नहीं हुई है। घटना का कोई स्वतंत्रजनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्ता का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी/अभियुकत के कब्जे से पाच लीटर कच्ची शराब व 200 ग्राम नौसादर तथा400 ग्राम यूरिया खाद बरामद किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा कच्चीशराब को तीव्र बनाने के लिए नौसादर व यूरिया मिलाया गया था। अपराधगम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त एवं अन्य अभियुक्त को पुलिस <नाम> द्वारा पकड़ेजाने <नाम> उनके पास से सामान <नाम> से बरामदगी दर्शायी गयी है। <नाम> विज्ञानप्रयोगशाला की रिपोर्ट <नाम> <नाम> प्राप्त नहीं हुई है जिससे यह निष्कर्ष निकालाजा सके कि शराब में कोई मिलावट की गयी है। मामले में कोई जन <नाम> नहींदशार्या गया है । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_378_202108-03-2021417 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादी मुकदमा नारदमुनि ने थाना कोन में लिखित तहरीर इस कथन के साथ <नाम> कि घटना दिनांक 26.01.2021 समय करीब 3.00 बजे की है। वे सभी खेत में <नाम> पटाने व बकरी चराने गयेथे कि उस समय उसकी 10 वर्षीय पुत्री घर में अकेली थी कि सुनसान देखकर पड़ोसके ही छोटू उफ <नाम> पुत्र स्व. <नाम> <नाम> <नाम> निवासी ग्राम हर्रा टोलाकुशहवा, थाना-कोन, जिला-सोनभद्र ने सुनसान पाकर उसकी लड़की को बहलाफुसला <नाम> भगा ले गया। जब सभी परिजन <नाम> लगभग 05 बजे घर वापस लौटे, तबघर में पीड़िता को <नाम> पाकर खोजबीन करने लगे। इसी दरम्यान दूसरे <नाम> कुछ लोगोंद्वारा पता चला कि पड़ोस के ही छोटू उफ <नाम> ने उसकी लड़की को गलत निगाहसे बहला फुसला <नाम> भगा ले गया। <नाम> <नाम> उसकी लड़की का कोई सुराग नहींमिल पाया है। जिससे सभी परिजन की स्थिति खराब होती जा रही है व मॉ का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत के बावत् मुख्य <नाम> से यहतक प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। उसे फर्जी फंसायागया है। गांव के जातिगत व चुनावी रंजिश के <नाम> उसे मामले में फर्जी तरीके सेनामजद किया गया है। उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। वह अपने विधवा मॉ केसाथ रहता है। जेल में रहने से उसकी माँ भुखमरी के कगार <नाम> आ गयी है। उसकीमॉ का देखभाल करने वाला घर में और कोई व्यक्ति नहीं है। उसका कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा अग्रिम जमानत का प्रबलविरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि उपरोक्त अभियुक्त ने मामले के वादीमुकदमा की 10 वर्षीय नाबालिग पुत्री को बहला फुसला <नाम> उसे व्यपहरित करते हुएपीड़िता को उसके विधिक संरक्षक की संरक्षकता से पृथक <नाम> पीड़िता के साथ दुराचारकारित किया है। अभियुक्त क विरूद्ध गम्भीर अभियोग है। उक्त आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । चिक एफ.आई.आर. के अनुसार मामले में अभियुक्त व वादी मुकदमा आपस में Bail Application 3/78/2021 -Chotu @ Rakesh Vs. State Government 2पड़ोसी है। कथित घटना के दिनांक को जब वादी मुकदमा के घर के सदस्य खेत मेंपानी लगाने व बकरी चराने गये थे, तभी अभियुक्त वादी मुकदमा के घर जाकर उसकी10 वर्षीय नाबालिग पुत्री को भगा ले जाने और अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ उसकीइच्छा के विरूद्ध बलात्कार कारित किये जाने का अभिकथन है। पीड़िता ने अपने बयानअं.धारा-161 व 164 दण्ड प्रकिया <नाम> में अभियोजन कथानक का समर्थन किया है। अभियुक्त द्वारा 10 वर्षीय नाबालिग पीड़िता को उसके विधिक संरक्षक की संरक्षकता सेपृथक <नाम> भगा ले जाने व नालिग पीड़िता के साथ बलात्कार कारित किये जाने काआक्षेप है । "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_93_202011-02-2020365 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थना पत्र में किये गये कथन के समर्थन मेंशपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमातिजिया पत्नी सोबरन, निवासिनी ग्राम डोमखरी ने दिनाक 15.06.2019 कोन्यायिक मजिस्ट्रेट, सोनभद्र के न्यायालय में धारा-156(3) दंण्ड प्रकियासंहिता के अन्तर्गत इस आशय का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया कि उसकीजमीन आराजी संख्या-3615 मवाजी 0.0130 स्थित ग्राम सलखन परगनाअगोरी तहसील राबर्टसगंज जिला सोनभद्र है। उक्त जमीन का बैनामा गयाप्रसाद से दिनॉक 20.02.2014 को निष्पादित करायी थी तथा म्यूटेशन केपश्चात् प्रार्थिन का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज हुआ। दिनाक 18.04.2019को उक्त आराजी की खतौनी तहसील से ली तब यह जानकारी हुई किउसके जमीन <नाम> फर्जी ढंग से विपक्षी संख्या-1 <नाम> का नाम दर्ज होगया है। यह दस्तावेज दिनॉक 19.12.2018 को पंजीकृत किया गया है। विपक्षीसंख्या-4 उसके गॉव का पूर्व ग्राम <नाम> है जिसने साजिश, षडयंत्र एवंसोची समझी <नाम> के तहत प्रार्थिनी के घर दो अनजान व्यक्तियों कोअपने पुत्र के साथ दिनॉक 13.12.2018 को भेजा था। उन लोगों ने कहा किवे सरकारी कर्मचारी हैं ऑख के इलाज एवं मुफ्त में चश्मा दिये जाने हेतु...2 9कैम्प का आयोजन किया गया है यदि आपको आख का इलाज कराना है तोआधार कार्ड की <नाम> <नाम> <नाम> दीजिये। प्रार्थिनी के परिवार के लोगों नेआधार कार्ड की <नाम> <नाम> विपक्षी संख्या-3 को <नाम> दिया। उन लोगों नेदिनाक 19.12.2018 को प्रार्थिनी का इम्पोस्टर खड़ा करके उसके सम्पत्ति काबैनामा करवा दिया। प्रार्थिनी ने किसी के पक्ष में उक्त सम्पत्ति का बैनामानहीं किया है। प्रार्थिनी के पुत्र लोलर का भी इम्पोस्टर खड़ा करके प्रस्तुतबैनामा में <नाम> संख्या-1 के <नाम> में दर्शाया गया है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य रूपसे यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र है। प्रार्थी द्वारा जान-बूझ <नाम> स्वयं को अथवा किसी अन्य को लाभपहुँचाने की नियत से कोई कार्य नहीं किया गया है। प्रार्थी को गलत तरीकेसे उपरोक्त मुकदमा में फॅंसाया गया है। कथित बैनामा से सम्बन्धितदस्तावेज में प्रार्थी का नाम भी दर्ज नहीं है। वादिनी तथा कथित बैनामा लेनेवाले से प्रार्थी का कोई सम्बन्ध नहीं रहा है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ",
"इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तगण के साथ साजिश करके कूट रचितदस्तावेज तैयार <नाम> <नाम> वादिनी के जमीन का बैनामा करवाया गया है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। यदि अभियुक्त की अग्रिम जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह वादिनी एवं अभियोजन साक्ष्य कोप्रभावित करेगा। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी है। ",
"प्रस्तुत मामले में अभियुक्त द्वारा फजी तरीके से कूटरचितदस्तावेज तैयार <नाम> <नाम> वादिनी की जमीन का बैनामा करवाये जाने काअभियोग लगाया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
" केस डायरी के साथ प्रश्नगत बैनामा की प्रमाणितप्रति संलग्न है जिसके अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रश्नगत बैनामा मेंप्रार्थी/अभियुक्त <नाम> तो केता है और <नाम> ही हासिया के <नाम> हैं। मुख्यअभियुक्ता <नाम> <नाम> तथा अभियुक्त पारस <नाम> की अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र कमश: जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-20/2019 दिनाक 26.08.2019 एवं3 अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-93/ 2020,3जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-09,/2020 दिनॉक 21.01.2020 को स्वीकार कीजा चुकी है। केस डायरी के साथ प्रश्नगत बैनामा की प्रमाणित <नाम> संलग्नहै जिसके अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रश्शनगत बैनामा में प्रार्थी/अभियुक्त नतो केता हैं और <नाम> ही हासिया के <नाम> हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_610_201917-06-2019603 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि परिवादिनी / पीड़िता पत्नीमुन्नी <नाम> कनौजिया, निवासी ग्राम कतवरिया, थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्रने दिनॉक 06.04.2015 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सोनभद्र के न्यायालय मेंधारा-156(3) दण्ड प्रकिया <नाम> के अन्तर्गत इस कथन के साथ प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया कि वह अनुसूचित जाति की गरीब महिला है। उसका पड़ोसीनरेश दुसाध जिसका मकान उसके घर के सामने है, विगत कई माह से प्रार्थिनीको देख <नाम> बोली-ठिठोली बोलता रहा और उसे घूरता था तथा साड़ी खींचकर अश्लील हरकत करने का प्रयास करता रहा। दिनाक 18.03.2015 को समय06:30 बजे सायं प्रार्थिनी अपने घर में गृहस्थी का कार्य <नाम> रही थी। उसकेपति मजदूरी करने मिर्जापुर गये थे तथा लड़का एवं लड़की घर के बाहर खेलरहे थे उसी समय <नाम> दुसाध उसे अकेली <नाम> <नाम> बुरा <नाम> करने केउद्देश्य से उसके घर में घुस <नाम> प्रार्थिनी को पकड़ लिया तथा स्तन दबानेलगा । प्रार्थिनी ने छोड़ाने का प्रयास किया तो उसे लात घूसा से मारा। प्रार्थिनीशोर करने लगी तो उसकी मुँह दबा <नाम> <नाम> से मारने की धमकी देते हुये घरमं <नाम> लड़की की चौकी <नाम> प्रार्थिनी को पटक <नाम> जबरदस्ती बलात्कार करनेलगा । प्रार्थिनी ने <नाम> का हाथ अपने मुँह से हटा <नाम> शोर किया तो उसकेलड़का <नाम> व लड़की <नाम> आ गये और घटना को देखे तथा लड़कों के शोरपर कई लोग आ गये तब <नाम> जान-माल की धमकी देते हुये अपने घर की...2 9ओर भाग गया। उसके आधा घंटा <नाम> <नाम> मिथलेश, <नाम> <नाम> व परवेशएक <नाम> होकर लाठी डंडा लेकर प्ार्थिनी के दरवाजे <नाम> आये और उसेगालिया देने लगे। प्रार्थिनी ने <नाम> किया तो सभी लोग उसके घर में घुस करलात घूसा व डंडा से मारने लगे। ",
"अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी को गलत तरीके से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोईअपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत एवं बेबुनियाद है। उक्तमामले में थाने में कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> नहीं करायी गयी है। दिनाक18.03.2015 को नाली में मिट्टी जाने की बात को लेकर परिवादिनी पक्ष केलोग प्रार्थी तथा उसकी पत्नी को लाठी डंडा से मारे-पीटे थे जिससे प्रार्थी केअण्डकोष में गम्भीर चोटें आयी थी। जिसकी सूचना प्रार्थी के <नाम> ने दिनाक19.03.2015 को थाने <नाम> <नाम> था जिस <नाम> प्रार्थिनी के विरूद्ध एन0सी0आर0संख्या-49/2015 अन्तर्गत धारा-323 भा0दं0सं0 में पंजीकृत किया गया है। प्रार्थिनी ने जो भी साक्ष्य प्रस्तुत किया है वह विश्वसनीय नहीं है। कथितमुकदमा परिवाद <नाम> संस्थित किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह कथन कियागया है कि प्रस्तुत मामले में प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> गम्भीर आरोप है। पर्याप्तसाक्ष्य पाये जाने <नाम> ही न्यायालय द्वारा अभियुक्त को उपरोक्त धाराओं मेंविचारण <नाम> तलब किया गया है। मामला बलात्संग से सम्बन्धित है। अत:जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं तलब शुदा पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के सम्बन्ध में यह तथ्य दर्शाया गया है कि वहपरिवादिनी के घर में घुस <नाम> उसका स्तन दबाने लगा तथा मुँह दबा <नाम> जानसे मारने की धमकी देते हुये उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया । प्रस्तुतपरिवाद के आधार <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को धारा-323, 376, 504, 506 भारतीयदण्ड <नाम> तथा <नाम> अभियुक्तगण को धारा-323, 504 भारतीय दण्ड संहितामें विचारण <नाम> तलब किये जाने का आदेश पारित किया गया है। घटना कोपीड़िता के नाबालिग पुत्री एवं पुत्र द्वारा देखे जाने का भी कथन किया गया है। ",
"3जहाॉँतक <नाम> अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार किये जाने का तथ्य है तोउनकी जमानत धारा-323, 504 भारतीय दंण्ड <नाम> में स्वीकार की गयी हैजबकि प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> पीड़िता के साथ उसकी इच्छा के विरूद्ध बलात्संगकिये जाने का भी अभियोग है। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा गया तोउसके द्वारा साक्ष्य को प्रभावित करने की प्रबल सम्भावना है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_423_202119-03-2021276 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादिनी मुकदमाशिवकुमारी <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> निवासी ग्राम परडी, थाना-रायपुर, सोनभद्र कीओर से थाना रायपुर में तहरीर इस कथन के साथ <नाम> कि उसकी छोटी बहन उम्रलगभग 16 वर्ष ग्राम मड़पा, थाना-अधौरा, जिला कैमूर, <नाम> बिहार को अपने घरग्राम परड़ी, थाना-रायपुर, जिला-सोनभद्र अपनी बीमारी के चलते अपने देखभाल केलिए लायी थी। उसकी बहन उसके घर <नाम> <नाम> करती थी। दिनांक 12.12.2020 कोही वह अपनी बहन को घर <नाम> छोड़कर अपने दवा इलाज <नाम> <नाम> हास्पिटलराबर्दसगंज गयी थी कि उसी रात समय करीब 10.00 बजे उसके गांव का हीसुशील <नाम> पुत्र <नाम> दुलारे ने उसके घर में घुसकर उसके बहन के साथ जोरजबरदस्ती करके उसका बलात्कार किया, जब उसकी बहन चिल्लाकर हल्ला करनाचाही तो <नाम> ने गन्दी-गन्दी गाली देते हुए <नाम> से मारने की धमकी देकर भागगया। उसके घर आने <नाम> उसकी बहन ने उसे सब कुछ बताया। उक्त सूचना परउपरोक्त अभियोग थाना रायपुर में पंजीकृत हुआ है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत के बावत् मुख्य <नाम> से यहतर्क प्रस्तुत किया गया कि घटना दिनांक 12.12.2020 की बतायी गयी है, जब किप्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 22.02.2021 को पंजीकृत <नाम> गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्टकरीब दो माह विलम्ब से लिखाया गया है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं दियागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में कही गयी बातें गलत व असत्य है। सही तथ्य यह हैकि अभियुक्त व वादिनी के <नाम> <नाम> <नाम> के बीच पैसे को लेकर काफी विवादचल रहा था, जिसके लिए अभियुक्त व वादिनी के <नाम> के बीच दिनांक 19.12.2020 कोचन्द मानिन्द के समक्ष पंचायत हुई । पंचायत में हिसाब होने <नाम> <नाम> <नाम> काअभियुक्त <नाम> मु2,00,000/-रू. बकाया निकला था, जिसमें से मु. 1,00,000/-रू.अभियुक्त ने पंचायत के समक्ष ही <नाम> <नाम> था और <नाम> मु' 1,00,000/-रू. का चेकदिया था, जिसका भुगतान एक माह के भीतर किया <नाम> था। इस बीच अभियुक्त पुनः Bail Application423/2021 -Sushil Kumar Yadav Vs. State Government 2पंचों के सामने चेक से सम्बन्धित मु. 1,00,000/-रू0 नगद <नाम> और अपनाउपरोक्त एक लाख रूपये का चेक वापस मांगा। <नाम> <नाम> पंचों के सामने कहाकि उपरोक्त चेक को दूसरे <नाम> वापस <नाम> देगा, लेकिन <नाम> <नाम> चेक वापसनहीं किये, जिससे अभियुक्त व <नाम> <नाम> <नाम> के बीच काफी मनमुटाव व रंजिशचली आ रही थी। इसी बीच चुनाव आ गया। अभियुक्त चुनाव की तैयारी करने लगा। साथ ही <नाम> चुनाव की तैयारी करने लगा। चुनाव की वजह से वादिनी के <नाम> केबीच अक्सर विवाद होने लगा और मार पीट की नौबत भी आ गयी थी। अभियुक्तचुनाव <नाम> लड़े और जेल चला जाय और <नाम> निर्विरोध चुनाव जीत जाय, इसीरंजिशवश <नाम> <नाम> अपनी साली को साजिश में लेकर अपनी पत्नी शिवकुमारी सेझँठा बलात्कार का मुकदमा लिखाकर जेल भेजवा दिया। अभियुक्त ने कोई अपराध नहींकिया है। वह निर्दोष है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार परजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का प्रबल विरोध करतेहुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि उपरोक्त अभियुक्त ने वादिनी मुकदमा की नाबालिगबहन जो कि वादिनी के घर वादिनी के बीमार होने के <नाम> देखभाल व <नाम> करनेआयी थी, के साथ उसकी इच्छा के विरूद्ध जबरदस्ती बलात्कार किया है। पीड़िताशैक्षिक प्रमाण पत्र के अनुसार नाबालिग है। अभियुक्त क विरूद्ध गम्भीर अभियोग है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से अभियुक्त <नाम> मुख्यतः यह आक्षेप है किअभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग बहन जो वादिनी के बीमार होने के कारणउसकी देखभाल करने <नाम> वादिनी के घर आयी थी, के साथ अभियुक्त द्वारा जबवादिनी दवा <नाम> <नाम> हार्पिटल राबर्दसगंज गयी थी, तभी जबरदस्ती बलात्कार कारितकिया गया। पीड़िता ने अपने बयान अं.धारा-161 व 164 दण्ड प्रकिया <नाम> मेंअभियुक्त द्वारा बलात्कार किये जाने का कथन किया है। पीड़िता के उम्र के संदर्भ मेंविवेचक द्वारा पीड़िता के कक्षा-8 से सम्बन्धित प्रपत्र केस डायरी में समाहित कियागया है, जिसके अनुसार पीड़िता प्रथम दृष्टया घटना के <नाम> को नाबालिग प्रतीत होतीहै। मामले में अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता के साथ लैगिंक हमला कारित कियागया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_581_201903-06-2019659 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप मे इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि खनिजों के अवैध परिवहन <नाम> प्रभारी नियंत्रण रखे जाने हेतुउच्चाधिकारियों द्वारा दिये गये आदेश के अनुपालन में प्रवर्तन कार्यालय, लोढ़ी परमहेन्द्र <नाम> शुक्ल, होमगार्ड के साथ दिनांक 21.11.2018 को उनके द्वाराउपखनिज लदे वाहनों के ई0एम०एम0 11 की जांच की जा रही थी। रात लगभग10.30 बजे प्रवर्तन कार्यालय लोढ़ी <नाम> वाहन सं0 यू0पी064 ए एफ 0020 से कुछअज्ञात लोग हथियार लैश होकर आये और उसे भद्दी-भद्दी गालियां देने लगेतथा अवैध रुप से <नाम> हजार रूपये प्रतिदिन वाहनों से वसूल <नाम> देने की बातकी गयी। जब उसके द्वारा यह कहा गया कि उसके पास पैसे नहीं हैं तो प्रवर्तनकार्यालय <नाम> रखे गये कम्प्यूटर आदि को उक्त अज्ञात व्यक्तियों द्वारा तोड़ दियागया। साथ ही प्रवर्तन कार्यालय <नाम> रखे ई0०एम0ए0 11 की कुछ प्रतियों कोफाड़ <नाम> गया तथा उसे <नाम> से मारने की धमकी देते हुए वहा से चले गये। इस सूचना के आधार <नाम> अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कियागया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त नेकोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त नामजद अभियुक्त नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त कथित घटना में शामिल नहीं रहा है। प्रार्थी-अभियुक्त का घटना सेकोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त की शिनाख्त कार्यवही नहीं कीगयी है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। <नाम> अभियुक्तविवेक उर्फ बल्लर की जमानत इसी न्यायालय द्वारा दिनांक 18.03.2019 कोस्वीकार की जा चुकी है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त <नाम> अभियुक्तगण के साथ प्रवर्तन कार्यालय लोढ़ी <नाम> मन्यू कुमारसिंह जो सरकारी कर्मचारी है को मारा-पीटा तथा सरकारी सम्पति को क्षतिकारित करते हुए सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। 2प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। मौके <नाम> प्रार्थीको गिरफूतार नहीं किया गया है। <नाम> अभियुक्त की जमानत इसी न्यायालयद्वारा स्वीकार की जा चुकी है। जमानत <नाम> <नाम> किये गये <नाम> अभियुक्त सेभिन्न <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त की नहीं बतायी गयी है। ",
"गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये गये समतुल्यता केआधार <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्तहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_849_201908-08-2019123 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा भुनेश्वरपुत्र स्व0 बन्धू निवासी ग्राम घटिहटा, थाना जुगैल जिला सोनभद्र ने दिनॉक10.06.2019 को थाना जुगैल जिला सोनभद्र में इस आशय की रिपोर्ट दर्जकराया कि उसकी पुत्री पीड़िता उम्र लगभग 16 वर्ष को उसके गॉव का हीशिव <नाम> पुत्र सोमारू दिनाक 31.05.2019 को समय लगभग 04:00 बजेशाम बहला फुसला <नाम> भगा ले गया। तलाश करने <नाम> कहीं पता नहीं चलपा रहा है। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी को गलतएवं अवैधानिक तरीके से मुल्जिम बनाया गया है। अभियोजन कथानक गलतएवं झूठा है। वादी मुकदमा द्वारा प्रार्थी को रंजिश वश अभियुक्त बनाया गयाहै। पीड़िता ने वादी मुकदमा के दबाव में प्रार्थी के विरूद्ध गलत बयान <नाम> 9है। पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से अधिक है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्टकाफी विलम्ब से दर्ज कराया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहकथन किया गया है कि प्रस्तुत मामले में प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमाकी नाबालिग पुत्री का व्यपहरण <नाम> उसके साथ बलात्संग किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त को प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित किया गया है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रं का अवलोकनकिया गया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा-363, 366 भारतीय दंण्ड <नाम> मेंपंजीकृत किया गया। विवेचना के उपरान्त प्रस्तुत मामले में अभियुक्त केविरूद्ध आरोप पत्र धारा-363, 366, 376, 506 भारतीय दण्ड <नाम> एवं धारा3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में न्यायालयमं प्रेषित किया जा चुका है। दौरान विवेचना पीड़िता द्वारा यह कथन कियागया है कि अभियुक्त उसे धमकी देकर अपने मामा के यहाँ ले गया और वहाँदो <नाम> <नाम> रख <नाम> उसके साथ दो बार बलात्कार किया। इस प्रकारअभियुक्त <नाम> नाबालिग पीड़िता को बहला फुसला <नाम> व्यपहरण करने औरउसके साथ प्रवेशन लैंगिक हमला व बलात्संग किये जाने का अभियोग है। मामला गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> इससम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता कि वह साक्ष्य को प्रभावित करेगा । "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_341_202102-03-2021487 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह तथ्य उल्लिखितकिया गया है कि उसे गैर जमानतीय वारण्ट <नाम> गिरफूतार <नाम> थाना राबर्दसगंज कीपुलिस द्वारा प्रस्तुत किया गया। मामले में वह जमानत कराने के <नाम> मजदूरी करने हेतुबम्बई चला गया था। वहाँ लाक-डाउन में फंसा रहा तथा उसके <नाम> साधन <नाम> मिलपाने के <नाम> घर नहीं आ सका और मुकदमें में उपस्थित नहीं हो सका था। मुकदमेंमें हाजिर <नाम> होने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट का आदेश हो गयाऔर उसी आदेश <नाम> वह गिरफूतार किया गया। वह दिनांक 01.02.2021 को दिल्ली सेघर आया था तथा दिनांक 02.02.2021 को तारीख <नाम> आ रहा था कि उसे गिरफ्तारकर लिया गया। उसका टिकट भी पुलिस ने ले लिया। उसने जानबूझकर कोईलापरवाही नहीं किया है। वह मजदूर व्यक्ति है। उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रआरोप विरचित <नाम> होने के <नाम> निरस्त किया गया था। मामले में आरोप विरचित होचुका है। वह काफी दिनों से जेल में निरूद्ध है। कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। वह भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालयहाजिर आता रहेगा। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी । ",
"विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रकरण वर्ष 2016 में नाबालिग पीड़िता के साथ घटित घटना सेसम्बन्धित है। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अनुसार मामले कानिस्तारण विहित समयावधि के अन्दर किया <नाम> होता है। अभियुक्त के लगातारअनुपस्थित रहने के <नाम> मामले का विचारण विलम्बित हुआ है। उक्त आधार परअभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह ज्ञात होता है कि प्रस्तुत मामला नाबालिग पीड़िताके साथ की दिनांक 15.06.2016 को घटित घटना से सम्बन्धित है। मामले में दिनांक19.09.2016 को आरोप पत्र दाखिल हुआ। जिस <नाम> अभियुक्त को उपस्थित होने हेतुन्यायालय द्वारा सम्मन निर्गत किया गया, किन्तु अभियुक्त न्यायालय उपस्थित नहींआया, तब न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध दिनांक 27.04.2018 को गैर जमानतीय हDigitally signeBail Application 341/2021 -Pappu Vs. State Government 2वारण्ट जारी किये जाने का आदेश पारित किया गया, किन्तु उसके उपरांत भीअभियुक्त न्यायालय उपस्थित नहीं आया। लगातार न्यायालय से अभियुक्त क विरूद्धबाध्यकारी आदेशिकाएँ जारी की जाती रही। लगभग <नाम> वर्ष के लम्बे अन्तराल केउपरांत अभियुक्त को पुलिस द्वारा गिरफूतार <नाम> न्यायालय के समक्ष दिनांक 17.01.2020 को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। दिनांक 04.02.2020 को अभियुक्त कीजमानत स्वीकृत की गयी। उसके उपरांत दिनांक 20.06.2020 से अभियुक्त पप्पू पुनःअनुपस्थित हो गया। जिस <नाम> न्यायालय द्वारा अभियुक्त पप्पू की उपस्थिति सुनिश्चितकराये जाने <नाम> गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत किया जाता रहा, जिस <नाम> पुलिस द्वाराअभियुक्त पप्पू को दिनांक 03.02.2021 को गिरफूतार <नाम> न्यायालय के समक्ष पेश कियागया, जिस <नाम> अभियुक्त को जिला कारागार संदर्भित किया गया है। जिस परअभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-217/ 2021 न्यायालय के समक्षप्रस्तुत किया गया, जिसे न्यायालय द्वारा दिनांक 06.02.2021 को निरस्त <नाम> दियागया। मामले में अभियुक्त पप्पू की अनुपस्थिति के <नाम> पत्रावली में लगभग <नाम> वर्षतक आरोप का गठन नहीं हो सका है। प्रकरण लैंगिक अपराध से सम्बन्धित है,जिसका निस्तारण विहित समयावधि के अन्दर किया <नाम> अपेक्षित है। अभियुक्त पप्पूका आचरण मामले को शीघ्र निस्तारण का कभी नहीं रहा है। अभियुक्त ने जमानत कीशर्तो का दुरूपयोग किया है। अभियुक्त जमानत <नाम> छूटने के उपरांत अनुपस्थित होजाता है, जिससे मामले का विचारण प्रभावित हुआ है। अभियुक्त का आचरण उसकेप्रति उदारता दिखाने का नहीं है। अभियुक्त द्वारा अपने प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र मेंलिये गये आधार के अतिरिक्त कोई अन्य आधार द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र में प्रस्तुतनहीं किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_312_202106-03-2021424 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"06.03.2021अभियुक्त राजबली पुत्र राजधारी धरिकार निवासी ग्राम बरदिया थाना ६गोरावल जिला सोनभद्र की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियुक्त का कथन है कि अभियुक्त मुकदमा उपरोक्त में जमानत <नाम> था। उक्त पत्रावली दूसरे जनपद से स्थानान्तरित होकर न्यायालय में लम्बित है। अभियुक्तको पत्रावली के स्थानान्तरण की जानकारी नहीं हो पायी। इसी दौरान दिनांक 02.12.2013 के अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त एकगरीब मजदूर व्यक्ति है। रोजी रोटी के सिलसिले में बाहर चले जाने से उसे वारण्ट कीजानकारी नहीं हो पायी। अभियुक्त न्यायालय उपस्थित आने में जानबूझकर कोईलापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त एक बेरोजगार युवक है। अभियुक्त मेहनत मजदूरीकरके अपना जीविकोपार्जन करता है। उसके जेल में निरूद्ध होने से उसके <नाम> बच्चोंका भरण पोषण करने वाला कोई नही है। अभियुक्त दिनांक 17.02.2021 से जेल मेंहै । अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। यदिअभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जाता है तो इस बात की <नाम> सम्भावना है किउसके द्वारा साक्षियों को प्रभावित किया जाएगा तथा प्रकरण के निराकरण में विलम्बकारित होगा। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी है । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तप्रकरण उपरोक्त में पूर्व में जमानत <नाम> था। मुकदमा उपरोक्त में <नाम> की जानकारीनहीं हो सकी जिस <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्टका आदेश निर्गत <नाम> <नाम> गयां। अभियुक्त रोटी रोजी के सिलसिले में बाहर चलेजाने के <नाम> अभियुक्त क विरूद्ध वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त न्यायालय हाजिरहोने में कोई जानबूझकर लापरवाही नहीं किया है। भविष्य में अभियुक्त न्यायालयप्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित आएगा किसी प्रकार का कोई हीला हवाली नहींकरेगा। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की याचनाकी गयी है । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत <नाम> Bail Application/312/2021 -Rajbali Vs. State Government 2पर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त रोजी रोटी के सिलसिले में बाहर चला गया और वह नियत <नाम> कोन्यायालय उपस्थित नहीं आ सका। अभियुक्त द्वारा कथन किया गया है कि जबअभियुक्त बाहर से मजदूरी करके आया तो वारण्ट की जानकारी हुई । अभियोजन द्वाराप्रस्तुत आख्या के साथ संलग्न सी0सी०टी0एन0एस0 रिपोर्ट जो यह उल्लिखित है किकोई अभिलेख नहीं मिला। इससे स्पष्ट है कि अभियुक्त की दिनांक 02.12.2013 सेआज <नाम> किसी अपराध में से सदिग्ध नहीं पाया गया है। अभियुक्त द्वारा यह भीकहा गया कि वह जानबूझकर न्यायालय उपस्थित आने में कोई लापरवाही नहीं कियाहै। वह भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_956_202021-08-202052 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 10.07.2020 को प्रभारी निरीक्षकराजेश <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> रोकथाम जुर्म जरायम व चेकिंग संदिग्धव्यक्ति वाहन आदि में ग्राम गिधिया में मौजूद था कि ज्ञात हुआ कि मुमताज अलीका एक सकिय गिरोह है। इस गिरोह के नूर मुहम्मद <नाम> <नाम> <नाम> उर्फप्रतीश, नितीश <नाम> <नाम> सकिय सदस्य है। मुमताज अली इस गिरोह कालीडर है। जो थाने का हिस्द्रीशीटर है। यह गिरोह/ गैंग अपने तथा अपने गैग केअलग अलग एवं एक साथ मिलकर चोरी व अवैध असलहो को रखने जैसे गम्भीरअपराध कारित करते है। समाज के लोगों को <नाम> धमका <नाम> एवं मार पीट <नाम> दहशतफेलाते है। इस गैंग द्वारा चोरी की कई घटनाओं को अंजाम <नाम> गया हैं। यह गैंगभा0द0सं0 के अध्याय 16,17 व 22 में वर्णित अपराधों को करने के अभ्यस्तः अपराधी है। इस गैंग का समाज में भय एवं आतंक व्याप्त है। दिनांक 21.01.2020 को इस गैंग द्वाराचोरी के अनेक इलेक्टानिक सामानो को ले जाते समय गिरफूतार करने के लिए ६ोराबन्दी की गयी थी तो गैंग लीडर भागने में सफल रहा । जबकि अन्य तीनोंसदस्यगण चोरी इलेक्ड्रानिक्स सामानों मानिटर,लैपटाप, प्रिटिंग मशीन कैमरा की बोर्ड वचार्जर आदि अन्य उपकरणों के साथ एक बोलेरो से बरामद करते हुए गिरफ्तार कियागया था। गैग लीडर मुमताज अली की गिरफूतारी दिनांक 24.06.2020 को कीगयी [चोरी की इन घटनाओं से गिधिया व चेरवाडीह तथा आस पास के कचनरवा कोनव रामगढ़ के क्षेत्रों में काफी दिनों <नाम> दहशत का माहौल बना रहा। इस गैंग के भयएवं आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध थाने में मुकदमालिखवाने या न्यायालय में गवाही देने का साहस नहीं <नाम> पाता है। इस गैंग कास्वछन्द रहना समाज के हित में ठीक नहीं है। अभियुक्तगण के विरूद्ध गैग चार्टजिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा अनुमोदित होकर प्राप्त हो चुका है। अतः वादी द्वाराअभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया। ",
"जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसेअपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध Bail Application/l971/2020 -Noor Mohamad Vs. State Government 2मु0अ0सं०-02//20 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0द0वि0, एवं मु०अ0सं0 -88/19अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0सं0 थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्त के विरूद्धमुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोईसाक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में 'भयदहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत परमुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध चोरी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोहका गैग सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0ंसं०-02/20 अन्तर्गतधारा-379,411 भा०द0वि0, एवं मु0अ०सं0-88/19 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0द0सं०थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त अपने गैग लीडर एवंअन्य साथियों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारितकरते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होनेकी पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने कीसंभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत काघोर विरोध किया गया है । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0ंसं0-02/20 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0०द0वि0, एवं मु0अ0सं0-88/19अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0सं0 थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्त गैगके लीडर एवं गैग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिएगम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_632_202008-06-2020416 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त इस मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है किउसे प्रस्तुत मामले में फर्जी व गलत तरीके से अभियोजित किया गया है। वह किसीगैंग का सदस्य नहीं है और <नाम> ही अपने आर्थिक तथा भौतिक <नाम> के लिए मादकपदार्थ की तस्करी व बिकी करता है। प्ररार्थी/अभियुक्त पूर्णतया निर्दोष है। ्रार्शी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनांक 31.05.2020 को थानाकरमा, जनपद सोनभद्र के प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> अन्य पुलिस <नाम> के साथ क्षेत्रके देखभाल में मामूर थे तभी उन्हें ज्ञात हुआ कि <नाम> <नाम> मौर्य पुत्र रमेश मौर्यनिवासी ग्राम असना, थाना करमा, जनपद सोनभद्र तथा तेजू <नाम> कुशवाहा उर्फविजेन्द्र पुत्र रामलाल निवासी ग्राम धरनीपुर, थाना राबर्दसगंज, जनपद सोनभद्र का एकसंगठित गिरोह है जिसका सरपंच <नाम> <नाम> मौर्य है। ये लोग आपस में मिलकरआर्थिक तथा भौतिक <नाम> के लिए मादक पदार्थ की तस्करी तथा विकी करते हैं। गैंगलीडर <नाम> <नाम> मौर्य द्वारा अपने तथा अपने गैंग के अन्य सदस्यों को आर्थिक एवंभौतिक <नाम> अर्जित करने <नाम> मादक पदार्थ गांजा व हेरोइन की तस्करी का अपराधनिरन्तर कारित किया जा रहा है जिससे आम जन <नाम> में काफी बुरा प्रभाव पड़ रहाहै। गैंग लीडर <नाम> <नाम> मौर्य तथा तेजू <नाम> कुशवाहा के विरूद्ध थाना स्थानीयपर मु0अ0सं0-71/2019, धारा-8/22 स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थअधिनियम पंजीकृत हुआ था जिसमें आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। गैंग लीडरप्रमोद <नाम> मौर्य के विरूद्ध थाना स्थानीय <नाम> मु0अ0सं0- 34/2019, धारा-8/20स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियम पंजीकृत है जिसमें आरोप पत्र प्रेषितकिया जा चुका है। इनके भय से इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति सूचना देने वन्यायालय में गवाही देने से डरता है। इस गिरोह के गैंग लीडर व सदस्य के विरूद्धपंजीकृत अपराध <नाम> गैंग चार्ट विधिक <नाम> से जिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा अनुमोदित Bail Application/1286/2020 -State Government Vs. teju kushbha 2 किया गया है। गैंग लीडर <नाम> <नाम> मौर्य व सदस्य तेजू <नाम> कुशवाहा के विरूद्धगैंग चार्ट पुलिस अधीक्षक व जिला मजिस्ट्रेट, सोनभद्र से अनुमोदनोपरान्त प्राप्त हुआहै। उपरोक्त वर्णित कथनों के आधार <नाम> प््रार्थी/अभियुक्त के विरूद्धमु०अ०सं0-45,/2020, उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द व समाज विरोधी किया कलाप निवारणअधिनियम 1986 की धारा-3(1) के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी के तर्को को धैर्यपूवक सुना गया तथा समस्त अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया गया। ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्तको गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा कोई अपराधकारित नहीं किया गया है और <नाम> ही वह किसी गैंग का सदस्य है। उसके कब्जे सेकोई स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ की बरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थी / अभियुक्तका जो गैंग चार्ट दर्शाया गया है, वह पूर्णतया असत्य है। प्रार्थी/ अभियुक्त जमानतपर छूटने के उपरान्त किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त नहीं होगा। ्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े जाने का आधार पर्याप्त है। अतः उसे जमानतपर <नाम> किया जावे। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का गैंग है जो जनपद सोनभद्र के रहने वाले व्यक्तियों सेमिलकर अवैध कियाकलापों में संलिप्त रहते हुए तथा संगीन अपराध करने के उद्देश्यसे संगठित हुए हैं। अभियुक्त के विरूद्ध कोई भी व्यक्ति गवाही देने का साहस नहींकर पा रहा है। अभियुक्त मादक पदार्थों की तस्करी व बिकी कराता है तथा उससेअवैध <नाम> से धनार्जन का कार्य करता है। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया अभियोगअत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े जाने का आधारपर्याप्त नहीं है, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जावे। ",
"उभय पक्ष के तर्को एवं अभियोजन प्रपत्रों के आधार <नाम> यह विदित होताहै कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा जनपद सोनभद्र में धनार्जन <नाम> अवैध कियाकलापों मेंसंलिप्त रहते हुए तथा इनके भय व आतंक के <नाम> लोगों द्वारा इनके खिलाफमुकदमा लिखाने व गवाही देने से डरने के कथन किये गये हैं। गैंगचार्ट के अनुसारअभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0-71/2019 धारा-8/20 स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजकपदार्थ अधिनियम पंजीकृत होना बताया गया है। इसके अतिरिक्त गैंग चार्ट के अनुसारगैंग लीडर <नाम> <नाम> मौर्य के विरूद्ध भी स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थअधिनियम के दो मुकदमें पंजीकृत होना दर्शाया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध धनार्जनके उद्देश्य से अवैध तरीके से मादक पदार्थ की तस्करी एवं विकी करते हुए समाजविरोधी कियाकलापों में संलिप्त होने का कथन किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त केविरूद्ध लगाया गया अभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_477_202114-04-202142 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किमजदूरी करने के लिए बाहर चले जाने के <नाम> प्रार्थी नियत <नाम> को हाजिरअदालत नहीं हो सका जिसके <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध दिनांक 11.09.2019 कोअजामनतीय अधिपत्र जारी करने का आदेश पारित हो गया। प्रार्थी उक्त आदेश कोनिरस्त कराने की तैयारी <नाम> रहा था कि थाना इलाका की पुलिस द्वारा प्रार्थी कोफर्जी चोरी के मुकदमे में फंसाकर जेल भेज <नाम> गया। प्रार्थी के जेल में निरूद्धहोने के दौरान कोविड-19 शुरू हो गया। इस मामले में प्रार्थी <नाम> तो जेल से तलबहो सका और <नाम> ही उक्त आदेश को निरस्त <नाम> सका। जेल से <नाम> होने के बादजब प्रार्थी ने दिनांक 05.03.2021 को न्यायालय के समक्ष रिकाल प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया तो उसे निरस्त करते हुए प्रार्थी को जेल भेज <नाम> गया। प्रार्थी न्यायालयद्वारा निर्धारित शर्तो का अक्षरशः पालन करेगा। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"विशेष परीक्षण संख्या-51//2012 की पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है किप्रार्थी / अभियुक्त को न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र संख्या 463/2011 मेंपारित आदेश दिनांकित 16.08.2011 द्वारा जमानत <नाम> <नाम> किया गया था। तदोपरान्त दिनांक 11.09.2019 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित <नाम> होने के कारणउसके विरूद्ध अजमानतीय अधिपत्र जारी करने का आदेश पारित किया गया। पत्रावली में संलग्न को अदम तामील वारण्ट कागज संख्या 38ख इस आख्या केसाथ दाखिल किया गया कि अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। आदेश पत्रकदिनांकित 20.03.2020 के अवलोकन से भी स्पष्ट है कि अभियुक्त को जिलाकारागार से तलब नियत <नाम> के लिए तलब किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1417_201919-12-201942 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 08.12.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ देखभालक्षेत्र, <नाम> व्यवस्था व वाहन चेकिंग में जैत स्थित पेट्रोल पंप के पास मौजूद थे। तभी मुखबिर द्वारा सूचना <नाम> कि बरैला मंदिर के पीछे कुछ लोग कच्चीमिलावटी शराब बेच रहे हैं। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस कर्मी मुखबिरको साथ लेकर बरैला मंदिर गये जहां मुखबिर के इशारे <नाम> <नाम> कि मंदिर केपीछे चबूतरे <नाम> 4 व्यक्ति कच्ची शराब बेच रहे हैं। पुलिस कर्मियों को देखकरचारों व्यक्ति उठकर भागना चाहे जिन्हें घेरकर वहीं मौके <नाम> पकड़ लिया गया। चारों व्यक्तियों के बगल में 5-5 लीटर की प्लास्टिक की जरीकैन में कच्ची शराबभरी <नाम> तथ अलग-अलग नौसादर पुडिया व खाद सफेद थैले में <नाम> <नाम> । चारों व्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो पहले ने अपना नाम हरिश्चन्द्र पुत्र स्व.राम दुलारे, दूसरे ने अपना नाम बलवन्त पुत्र लोरिक, निवासीगण-बरेला, थाना-रॉबर्दसगंज, जनपद-सोनभद्र, तीसरे ने अपना नाम धर्मेन्द्र <नाम> पुत्र <नाम> सिंहपटेल, निवासी-उमरी <नाम> थाना-शाहगज, जनपद-सोनभ्द्र व चौथे ने अपनानाम <नाम> मोदनवाल पुत्र <नाम> मोदनवाल, निवासी-दरोगा <नाम> की गली, कस्वाव थाना-रॉबर्ट्सगंज, जनपद-सोनभद्र बताया। कच्ची शराब व नौसादर एवंयूरिया के बारे में पूछने <नाम> बताया कि शराब में नौोसादर व यूरिया मिलाकरउसकी तीब्रता बढ़ाकर बेचकर अपने परिवार का खर्च चलाते हैं। शराब बेचने वरखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो दिखाने से कासिर रहे। जामा तलाशी परचारों व्यक्तियों की जेब से कमश: <नाम> सौ, तीन सौ साठ, तीन सौ अस्सी व दो..2 ooसौ सत्तर रुपये बरामद हुए। चारों व्यक्तियों को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लिया गया। मौके <नाम> बरामद वस्तुओं की फर्द तैयार की गयी एवं फर्दबरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेपुलिस द्वारा फर्जी ढंग से फंसाया गया है। उसने कोई अपराध कारित नहीं कियाहै। अभियोजन कथानक गलत व बेबुनियाद है। गिरफूतारी स्थल बरैला मंदिरदिखाया गया है किन्तु बरामदगी का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नहीं है। अभियुक्तके पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है। समस्त कार्यवाही पुलिस द्वारा थाने परबैठकर की गई है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक-08.12.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्त के कब्जे से 5 लीटर की जरीकैन में कच्ची शराब, नौसादर व यूरियाबरामद किया गया है। अभियुक्त द्वारा शराब को तीब्र बनाने के लिए यूरिया वनौसादर मिलाया जाता है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"गिरफूतारी / बरामदगी का कोई जन <नाम> नहीं है। <नाम> विज्ञानप्रयोगशाला की रिपोर्ट <नाम> <नाम> प्राप्त नहीं हुई है जिससे यह निष्कर्ष निकालाजा सके कि शाराब में कोई मिलावट की गयी है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_650_201903-07-2019504 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थी को जन सूचना अधिकारअधिनियम के तहत संज्ञान में आया कि गुलाम हुसैन द्वारा अपने पिता <नाम> मियांकी मृत्यु दिनांक 12.09.1995 दिखाकर जिला समाज कल्याण <नाम> कार्यालयसोनभद्र से राष्ट्रीय पारिवारिक <नाम> <नाम> के तहत दिनांक 19.04.1996 कोजरिये चेक सं0-729892 मु0 5,000/- प्राप्त किया गया है तथा दिनांक15.03.2014 को प्रार्थना पत्र व शपथ पत्र खण्ड <नाम> <नाम> <नाम> कोदेकर अपने पिता की मृत्यु दिनांक 10.10.1974 मृत्यु रजिस्टर में दर्ज किया वकराया गया है जिससे स्पष्ट होता है कि तत्कालीन ग्राम <नाम> <नाम> कोसाजिश में करके गलत मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल <नाम> सरकारी धन का गबन कियाव कराया गया है जो एक आपराधिक कृत्य है जिसकी सूचना थाना राबर्दसगंजमें <नाम> किन्तु कोई कार्यवाही <नाम> होने <नाम> उसके द्वारा दिनांक 18.07.2018 कोपंजीकृत डाक से पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को <नाम> फिर भी कार्यवाही नहीं कीगयी। थानाध्यक्ष को निर्देशित किया जाय कि अपराध पंजीकृत <नाम> अभियुक्तगणके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसने कोई अपराध नहीं किया है। वादी ग्राम <नाम> होने का नाजायजफायदा उठाते हुए गांव सभा की सरकारी <नाम> <नाम> नाजायज कब्जा <नाम> लिया थाजिसकी शिकायत प्रार्थी द्वारा की गयी थी। इसी रंजिश को लेकर्रार्थी-अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोई अपराधनहीं किया गया है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा अपने पिता की <नाम> <नाम> फर्जी दिखाकर राष्ट्रीय 9पारिवारिक <नाम> <नाम> के तहत पांच हजार रुपया प्राप्त किया गया था। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा यह धनराशि धोखाधड़ी करक प्राप्त की गयी है जो किगम्भीर अपराध है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया। ",
"कथानक के अनुसार अभियुक्त द्वारा पांच हजार रुपया वादी केनाम स्वीकृत कराकर फर्जी ढंग से प्राप्त <नाम> लिया गया है। ",
"अभियुक्त द्वारा वादी के विरुद्ध अनेक अभिकथन किये गये हैं। इसी प्रकार वादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट के माध्यम से अनेंक अभिकथनअभियुक्त क विरुद्ध किये गये हैं । जो धनराशि प्रथम सूचना रिपोर्ट में दुर्विनियोगकिया <नाम> वर्णित है वह धनराशि इतनी अधिक नहीं है कि उसके लिए बिनाकेस सिद्ध हुए किसी व्यक्ति की वैहिक स्वतंत्रता प्रस्तुत मामले के विचारण तकके लिए बाधित <नाम> दी जाय। ",
"अभिलेखों में कूटरचना करने का तथा किसी धन के दुर्विनियोग सेसम्बन्धित मामलों के विचारण में सामान्य तौर <नाम> बहुत अधिक विलम्ब होता हैतब <नाम> के लिए अभियुक्त को इतनी छोटी धनराशि के लिए निरूद्ध रखा जानाउचित नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_700_201915-07-2019324 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> प्रसादविश्वकर्मा, पूर्ति निरीक्षक, म्योरपुर, जिला-सोनभद्र द्वारा सूचना दी गयी किनिरीक्षण के दौरान उचित <नाम> विकता प्रार्थिनी-अभियुक्ता <नाम> <नाम> द्वाराकार्ड धारकों को मानक से कम <नाम> में खाद्यान्न/ चीनी वितरित <नाम> <नाम> मालको चोर बाजारी में बेचकर दुरूपयोग किया <नाम> पाया गया। उचित दरविकेता द्वारा <नाम> से कम <नाम> में खाद्यान्न/ चानी /मिट्टी का तेल का वितरणकार्ड धारकों में निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य प्राप्त <नाम> दोहरा <नाम> प्राप्त कियागया है। उचिर <नाम> विकेता द्वारा अवशेष खाद्यान्न /चीनी/मिद्टी के तेल कोचोरबाजारी में बेचकर दुरूपयोग किया गया है। इस प्रकार प्रार्थिनी- अभियुक्ताद्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1953 की <नाम> 3/7 के अन्तर्गत दण्डनीयअपराध किया है। इस आधार <नाम> अभियुक्ता क विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कियागया। ",
"प्रार्थिनी-अभियुक्ता की ओर से कहा गया है कि प््रार्थिनी-अभियुक्ता को साजिश के तहत फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थिनी-अभियुक्ताद्वारा <नाम> तो खाद्यान्न की चोर बाजारी की गयी है और <नाम> ही कार्ड धारकों सेनिर्धारित मूल्य से अधिक पैसा लिया गया है। प्रार्थिनी- अभियुक्ता का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थिनी-अभियुक्ता द्वारा कार्डधारकों को निर्धारित <नाम> से कम <नाम> में खाद्यान्नव मिट्टी का तेल आवंटित करके <नाम> बचे हुए खाद्यान्न की काला बाजारी कीजा रही थी जो गम्भीर अपराध है । "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत मामला वर्ष 2009 से सम्बस्धित है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_252_202115-02-2021682 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रत्नेश <नाम> नेदिनांक 13.10.2020 को थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचनारिपोर्ट दर्ज कराया कि वह सुरक्षा एजेंसी में सुरक्षा प्रहरी के पद <नाम> कार्यरत है। वह खड़ियापरियोजना के न्यू सी0एच0पी0 एरिया में ड्यूटी <नाम> था तथा दिनांक 03.10.2020 को हुई चोरीके चोरों की तलाश रहा था। जंगल झड़ियों की तरफ हलचल दिखायी दी तो <नाम> किचार-पाँच लोग मौजूद हैं। इस सम्बन्ध में सुरक्षा प्रभारी को सूचना दिया। कुछ देर <नाम> कां0विकास <नाम> व अक्षय <नाम> <नाम> मौके <नाम> आ गये। वे लोग झाड़ियों की तरफ बढ़े तो मौकेपर उपस्थित चोर भागना चाहे तभी पुलिस की मदद से तीन चोरों को पकड़ लिया गया तथादो चोर अंधेरे का फायदा उठा <नाम> भाग गये। पकड़े गये चोरों का नाम पता पूछा गया तोबताये कि वे लोग दिनांक 03.10.2020 को केबल काट <नाम> चोरी किये थे जिसे झाड़ियों मेंछिपा <नाम> रखा था। पहले ने अपना नाम शहनवाज कुरेशी, दूसरे ने <नाम> <नाम> तीसरे नेराकेश <नाम> बताया तथा भागे हुये व्यक्तियों का नाम पूछने <नाम> बतया कि उनके साथ चोरीकरने में जावेद व छोटू स्वीपर भी थे। पकड़े गये चोरों से पकड़ी गयी केबिल जिसे झाड़ियों सेबरामद <नाम> पुलिस को <नाम> दी गयी। ",
"्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि वादी मुकदमा द्वारा प्रार्थी को फर्जी ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थीनिर्दोष है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत, बेबुनियाद एवंमनगढ़न्त है। वादी मुकदमा का प्रार्थी से पैसे की लेन देन को लेकर विवाद हुआ था उसीकारण फर्जी मुकदमा कराया गया है। प्रार्थी के पास से कोई सामान बरामद नहीं हुआ है। कथित बरामदगी का कोई जन <नाम> नहीं है। कथित घटना से प्रार्थी का कोई वास्ता सरोकारनहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहतक॑ प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ मिल करदिनांक 03.10.2020 को केबिल काट <नाम> चोरी की गयी थी जो <नाम> अभियुक्तों के कब्जे सेबरामद हुआ है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः अभियुक्त कीजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं केस डायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा पुलिस प्रपत्रों आदि का अवलोकन किया। ह2प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 03.10.2020 को हुई चोरी के सम्बन्ध मेंप्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 13.10.2020 को पंजीकृत कराया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त जावेदमौके से गिरफूतार नहीं हुआ है और <नाम> ही उसके पास से कोई सामान बरामद हुआ है। बल्किमौके से गिरफूतार अभियुक्तगण सहनवाज कुरैशी, <नाम> <नाम> तथा <नाम> <नाम> द्वाराबताये जाने <नाम> प््रार्थी/अभियुक्त जावेद का नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> है। सहअभियुक्त छोटू स्वीपर उर्फ <नाम> की जमानत दिनांक 10.02.2021 को माननीय सत्रन्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/अभियुक्त की <नाम> मामले में सहअभियुक्त छोटू स्वीपर उर्फ <नाम> से अलग नहीं है। थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र कीपुलिस द्वारा अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_719_202001-07-2020292 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा रामशिरोमणि पाल,सहायक <नाम> <नाम> पंचायत <नाम> खण्ड चोपन जिला सोनभद्र ने थाना चोपनमें लिखित तहरीर <नाम> कि <नाम> खण्ड चोपन के ग्राम पंचायत <नाम> में ग्राम पंचायतसदस्यों द्वारा ग्राम <नाम> सचिव एवं जे०ई० द्वारा ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमिततातथा धनराशि के गबन का आरोप लगाया गया जिसके कम में जनपद स्तर सेपरियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए० के अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर 48 कार्यो कीजाच करायी गयी। ग्राम पंचायत द्वारा बड़े पैमाने <नाम> इण्टर लाकिंग खड़न्जा बालिकापूर्व मा0 वि0 में बाउण्ड्री वाल का निर्माण दिखाकर पूरा पैसा निकाला गया परन्तु कार्यअधूरा मिला। इसी तरह <नाम> टोला में <नाम> बहादुर के घर से रामगुल्ली के घरतक इन्टर लाकिंग के कार्य <नाम> 3.33 लाख व्यय किया गया परन्तु मौके <नाम> कार्य नहींपाया गया। प्रा0 वि0 सरपतवा की पत्रावली नहीं मिली। इस प्रकार कमेटी द्वारा कुल48 कार्यो की जांच की गयी और 113.89 लाख रूपये का कार्य नहीं मिला। उसकअतिरिक्त ग्राम पंचायत की पत्रावलियों में अनेक कमिया पायी गयी है। जिसमें तीनस्तर का फोटोग्राफ कोटेशन टेण्डर के कागज माप पुस्तिका आदि नहीं <नाम> । उक्तसभी कार्य ग्राम पंचायत द्वारा चतुर्थ राज्य वित्त एवं 14वां वित्त आयोग की धनराशि सेकराया गया जिससे <नाम> एवं ग्राम पचायत सचिव के <नाम> हस्ताक्षर से अवरअभियन्ता संस्तुतीकर्ता <नाम> है। इस प्रकार ग्राम पंचायत <नाम> की ग्राम प्रधानश्रीमती मुहरिया <नाम> तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव <नाम> <नाम> <नाम> तथा तत्कालीनअवर अभियन्ता लघुसिचाई <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त निर्दोषहै। अभियुक्त तकनीकी व्यक्ति नहीं है। कार्यो की सम्पूर्ण एम0वी0 जे०ई० द्वारा तैयारकी जाती है। अभियुक्त द्वारा जिला पंचायत <नाम> <नाम> सोनभद्र के कार्यालयपंत्रांक-3901 / प०-7/ जांच <नाम> / नोटिस / 2019-20 दिनांक 24.01.2020 <नाम> अपनाप्रतिउत्तर हर बिन्दुओं <नाम> ब्योरेवार दिनांक 28.02.2020 को <नाम> गया है। परन्तु इसकेबावजूद अभियुक्त <नाम> अभियोग पंजीकृत कराया गया। अभियुक्त द्वारा कोई घोटाला मBail Application/l465/2020 -brijesh kumar singh Vs. State Government 2नहीं किया गया है। अभियुक्त राजकीय कर्मचारी है। अभियुक्त को विभाग व समाज मेंअपमानित किए जाने <नाम> अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त को थाना चोपनकी पुलिस कभी भी गिरफूतार <नाम> जेल भेज सकती है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उपरोक्त आधार <नाम> अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्त द्वारा ग्राम <नाम> <नाम> एवं तत्कालीन अवर अभियन्ता <नाम> सिचाई के साथमिलकर प्रा0वि0 गोहारी में इण्टरलाकिंग खडन्जा एवं बालिका पूर्व मा0 विमें बाउण्ड़ीवाल का कार्य नही किया गया और पैसा निकाल लिया गया तथा अन्य कार्यदिखाकर रू0 3.33 लाख व्यय किया गया और कार्य नहीं किया गया गठित कमेटी द्वरा कुल 48 कार्यो की जांच की गयी जिससे कुल 113.89 लाख का कार्य नहीं कियागया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। उपरोक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रो के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त जो एकसरकारी कर्मचारी होने के बावजूद ग्राम <नाम> <नाम> एवं अवर अभियन्ता <नाम> सिचाई केसाथ मिलकर रू0 113.89/- लाख का गबन किया <नाम> बताया गया है। अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्तों के साथ मिलकर रू0 113.89/- लाख का गबन करनेके <नाम> उक्त <नाम> का <नाम> कार्य अवरूद्ध हो गया और सरकारी धन कादुरूपयोग किया गया। धारा-438 दण्ड प्रकिया <नाम> के अनुसार गिरफूतारी कीआशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए यह निर्देश है कि (1)जहां आवेदक द्वारा उसे इस प्रकार गिरफूतार कराकर क्षति पहुंचाने या अपमान करनेके उद्देश्य से अभियोग लगाया गया है। वर्तमान मामले में इस प्रकार का कोई कथनअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा नहीं किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_894_201909-08-2019115 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार पीड़िता के <नाम> रिलायंस कम्पनी,चोपन में गाड़ी चलाते हैं। दिनांक 04.02.2019 की रात लगभग 11.00 बजेपीड़िता अपने घर में नाबालिग बच्चों के साथ सो रही थी। , बिजली भी जल रहीथी। पीड़िता के गांव के निवासी बाबूलाल उसके घर में लगा बांस का टट्टरखोलकर घर में घुसकर पीड़िता के साथ जबरदस्ती बलात्कार करने लगा। पीड़िता ने विरोध व शोर करना चाही तो बाबूलाल ने पीड़िता का मुंह दबा दियाऔर बलात्कार करने के <नाम> धमकी <नाम> कि यदि किसी से कहोगी या थानापुलिस करोगी तो <नाम> से मार डालेगा। धक्का-मुक्की में पीड़िता को काफी चोटेआयी है। पीड़िता ने हल्ला-गुल्ला किया तो बगल में सो रहे उसक देवरश्यामबली व <नाम> ने बाबूलाल को मौके <नाम> पकड़ लिया तथा 100 नम्बर फोनकिया तो पुलिस मौके <नाम> आयी और अभियुक्त बाबूलाल को लेकर कोतवालीराबर्ट्सगंज ले आयी। रात होने के <नाम> पीड़िता थाने नहीं आ सकी। दूसरे दिनसुबह पीड़िता ने थाने में आकर घटना की सूचना पुलिस को <नाम> तो पुलिसवाले तीन-चार सादे कागज <नाम> हस्ताक्षर <नाम> लिये और कहे कि जाओ अभियक्तबाबूलाल को जेल भेज देगें तथा उसक विरूद्ध कार्यवही की जायेगी । पीड़िताको कई <नाम> थाने बुलाकर सुलह-समझौता के लिए पुलिस द्वारा नाजायज दबावबनाया जा रहा था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी। बाबूलाल को <नाम> दिनथाने <नाम> बैठाने के <नाम> दिनांक 08.02.2019 को <नाम> 151, 107, 116 दं0प्रoसं0की कार्यवाही करते हुए न्यायालय परगना मजिस्ट्रेट, राबर्दसगंज के यहां भेजदिया । पीड़िता की रिपोर्ट आज <नाम> नहीं लिखी गयी और <नाम> ही उसका-..2 ooमेडिकल ही कराया गया । दिनांक 13.02.2019 को पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र कोपंजीकृत डाक से सूचना <नाम> । उसके <नाम> भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहींकी गयी, तब उसने न्यायालय में प्रार्थना पत्र अन्तर्गत <नाम> 156(3) द॑0प्रoसं0दाखिल किया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। उसे गलत ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्तका घटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी- अभियुक्त वाहन चालक है। ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता के घर में घुसकर पीड़िता के साथ जबरदस्ती बलात्कारकिया गया। शोर मचाने <नाम> उसे <नाम> से मारने की धमकी दी गयी। मौके परपीड़िता के दो देवरों द्वारा प्रार्थी-अभियुक्त को पकड़ लिया गया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"पीड़िता द्वारा कहा गया है कि उसके साथ अभियुक्त द्वारा पीड़िताके घर में घुसकर ही बलात्कार किया गया है। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना के समय उसके घर मेंउसके नाबालिग बच्चे थे। बिजली भी जल रही थी जब बलात्कार किया गया। बलात्कार के समय अभियुक्त ने वादिनी का मुंह दबा <नाम> था इसलिए बलात्कारके पश्चात पीड़िता ने हल्ला-गुल्ला किया तो बगल में सो रहे पीड़िता के देवरश्यामबिहारी व <नाम> ने अभियुक्त को मौके <नाम> ही पकड़ लिया तथा 100 नम्बरपर फोन किया। 100 नम्बर की पुलिस आयी और अभियुक्त को लेकर कोतवालीगयी। परन्लु पत्रावली में इस प्रकार का कोई अभिलेख दाखिल नहीं है किअभियुक्त ने घटना की <नाम> <नाम> पीड़िता के साथ बलात्कार किया है अथवा 100नम्बर की पुलिस आयी हो तथा अभियुक्त को लेकर थाने <नाम> गयी हो। ",
"इतना ही नहीं बचाव पक्ष का यह भी तर्क है कि यदि पीड़िताइतनी ही जागरूक है तो उसने अपना चिकित्सीय परीक्षण क्यों नहीं करायाजिससे सम्पूर्ण स्थिति स्पष्ट हो जाती। ",
"पत्रावली में कोई आघात आख्या भी इस तरह की दाखिल नहीं हैजिससे यह प्रतीत हो कि पीड़िता के साश बलात्कार किया गया अथवा बलात्कारके समय पीड़िता का मुंह इतना जोर से दबाया गया कि वह चिल्ला नहीं सकी। ",
"बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि यह सम्भव नहीं हैकि एक ही व्यक्ति पीड़िता का मुंह दबा ले और उसके साथ बलात्कार भी करले, जबकि उसी घर में पीड़िता के बच्चे तथा पीड़िता के दो देवर सो रहे हों। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_561_201931-05-2019675 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी मजदूर व्यक्ति है। वह मजदूरी करने बाहर चला गयाथा। ठेकेदार द्वारा समय से मजदूरी <नाम> देने के <नाम> प्रार्थी नियत <नाम> परन्यायालय उपस्थित नहीं हो सका जिससे उसके विरुद्ध गैर जमानतीय वारण्टजारी <नाम> <नाम> गया। वह पूर्व में जमानत <नाम> था। प्ररार्थी-अभियुक्त न्यायालयआने में जान-बूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। वह प्रत्येक नियत <नाम> परन्यायालय उपस्थित होता रहेगा। ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त जान-बूझकर न्यायालय उपस्थित नहीं आ रहा था। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त गैर जमानतीय वारण्ट के आधार <नाम> गिरफूतारहोकर दिनांक 08.05.2019 से कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालयद्वारा परीक्षणीय है। ",
"गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का पर्याप्त आधार है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_167_202010-02-2020373 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्थी/ अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है। ्रार्थी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन कियागया है कि वह पूर्णतया निर्दोष है, उसे रंजिशन फंसाया गया है। वादिनी मुकदमा द्वारासोच समझकर दुश्मनीवश मुकदमा कायम कराया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट कथित ६टना के 05 माह <नाम> दर्ज करायी गयी है। वादिनी द्वारा अपने बयान अन्तर्गतधारा-164दं0प्र0सं0 में दुश्मनी एवं बहकावे में आकर प्रार्थी का नाम <नाम> कराया है। प्रार्थी को दौरान विवेचना अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी ने कोई अपराध कारित नहींकिया है। प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतः प्ररार्थी/अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनीमुकदमा <नाम> <नाम> पुत्री स्व0 अगनू जोकि अनुसूचित (चमार) जाति की महिला है,ने दिनांक 04.10.2019 को थाना करमा, जनपद सोनभद्र <नाम> इस आशय की लिखिततहरीर <नाम> कि दिनांक 18.05.2019 को सूरज <नाम> पुत्र <नाम> चन्द्र निवासी ग्रामजोगिनी, थाना करमा, जनपद सोनभद्र छल कपट करते हुए धोखे से वादिनी कोअपने घर बुलाया था। वादिनी उसके झांसे में आकर उसके घर गयी तो उसके घरवाले घर <नाम> मौजूद नहीं थे, केवल सूरज <नाम> घर <नाम> था, वह वादिनी को गलतनियत से देखने लगा। वादिनी जैसे ही अपने घर को जाने लगी, वह उसे जबरदस्तीपकड़ <नाम> चमाइन नीच जाति की गाली देते हुए पटक <नाम> उसके साथ बलात्कारकिया। वादिनी ने कहा कि वह अपने घर वालों से बता देगी तो वह उसे <नाम> सेमारने की धमकी देते हुए उसे मारा पीटा और उसे जबरदस्ती ओबरा ले जाकर कमरालेकर रखा था। कुछ समय <नाम> सूरज <नाम> अपने छोटे मामा के सहयोग से धोखाधड़ी Bail Application/315/2020 -Mohan viswkarma Vs. State Government 2करके उसे प्राइवेट बस में बैठाकर शाहगंज रोड मोड़ पटेलनगर थाना मड़िहान,मीरजापुर छोड़कर भाग गया। वादिनी के लिखित तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगणसूरज <नाम> तथा उसके छोटे मामा के विरूद्ध थाना करमा, जनपद सोनभद्र <नाम> दिनांक04.10.2019 को मु०अ0सं0०- 98/2019, धारा-376, ३323, 504, 506, 419, 420भा०दं0सं0 व धारा-3 (2)(\\) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। ",
"धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वादिनी मुकदमा / पीड़िता को जमानत प्रार्थना पत्रकी सुनवाई <नाम> नोटिस भेजा गया है। पीड़िता के विद्वान अधिवक्ता न्यायालय मेंउपस्थित हुए हैं । ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्तप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। कथित घटना दिनांक 18.05.2019 को घटितहोना कहा गया है, जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट लगभग 05 माह की अवधि बीत जाने केउपरान्त दिनांक 04.10.2019 को दर्ज करायी गयी है। पीड़िता द्वारा पूर्व में स्वयं ही इसआशय का शपथ पत्र मय प्रार्थना पत्र थानाध्यक्ष, थाना करमा को प्रस्तुत किया गया हैकि पीड़िता के परिवार के लोग अभियुक्त सूरज शार्मा को फसाना चाहते हैं तथा उसेजेल भेजना चाहते हैं जबकि उसके द्वारा पीड़िता के साथ कोई गलत <नाम> यादुर्व्यवहार नहीं किया गया है। पीड़िता द्वारा यह भी कहा गया है कि उसने अभियुक्तसूरज <नाम> के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं लिखायी है और <नाम> ही उसके विरूद्ध कोईकार्यवाही चाहती है। पीड़िता के बयान अंतर्गत धारा-164दं0प्र०सं0 में विधिक सलाह केआधार प्रार्थी/ अभियुक्त का नाम लिया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्णतया निर्दोष है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> तथा पीड़िता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा उक्ततर्को के खण्डन में कहा गया है कि पीड़िता जो अनुसूचित (चमार) जाति की महिला है,के साथ छल करते हुए सामूहिक बलात्संग जैसा अपराध कारित किया गया है। पुलिसद्वारा पूर्व में मुकदमा सही तरीके से पंजीकृत नहीं किया गया। पीड़िता ने अपने बयानअंतर्गत धारा-164दं0प्र०सं0 में प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> विश्वकर्मा द्वारा भी पीड़िता केसाथ बलात्कार करने का कथन किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा अनुसूचित जातिकी महिला के साथ सामूहिक बलात्संग जैसा अत्यन्त गम्भीर अपराध कारित किया गयाहै। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े जाने का आधार पर्याप्त नहीं है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्तातथा विद्वान अभियोजन <नाम> एवं पीड़िता के विद्वान अधिवक्ता के तर्को कोधैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवंपरिशीलन किया गया। ",
"उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध सम्पूर्ण केस डायरी एवं अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्ध अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरपीड़िता जोकि अनुसूचित (चमार) जाति की महिला है, के साथ सामूहिक बलात्संग करनेके अभियोग लगाये गये हैं। पीड़िता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये गये अपने बयानअन्तर्गत धारा-164द0प्र०सं0 में प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध उसके साश सामूहिकबलात्संग कारित किए जाने के कथन किये गये हैं। विवेचनाधिकारी द्वारा विवेचना केउपरान्त अभियुक्त क विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने <नाम> आरोप पत्र प्रेषित किया गया Bail Application/315/2020 -Mohan viswkarma Vs. State Government 3है जिस <नाम> न्यायालय द्वारा प्रसंज्ञान लिया जा चुका है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_642_202018-06-2020365 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्थिनी / अभियुक्ता प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है। जमानत प्रार्थना पत्र में कथन किया गया है कि प्रार्थिनी को गलत तरीकेसे अभियुक्त बना <नाम> गया है। प्रार्थिनी निर्दोष है, उसने अपनी बहू से किसी प्रकारकी दहेज की मांग नहीं की और <नाम> ही उसे मार पीट <नाम> प्रताड़ित किया गया। प्रार्थिनीका पुत्र वादिनी की पुत्री से <नाम> करता था। प्रार्थिनी ने अपने पुत्र की शादी की बातवादिनी से तथा उसके घर वालों से किया तो दूसरी बिरादरी का होने के <नाम> उनलोगों ने शादी से इन्कार <नाम> दिया। प्रार्थिनी तथा उसके <नाम> ने बच्चों की <नाम> केलिए दिनांक 03.01.2019 को कचहरी रा0गंज, सोनभद्र में विवाह की लिखा पढ़ीकराकर अपने घर <नाम> ही विवाह की रस्म अदायगी किया जिससे अंजली के माता पितानाराज थे तथा उनके द्वारा अंजली को और प्रार्थिनी के घर वालों को धमकियां दीजाती रही। दिनांक 27.04.2020 को अंजली के माता पिता व <नाम> प्रार्थिनी के घर आयेऔर अंजली का रिश्ता तोड़कर साथ ले जाने <नाम> काफी हंगामा किये जिसके कारणअंजली ने आग लगाकर आत्महत्या <नाम> लिया। प्रार्थिनी पूर्णतया निर्दोष है, उसका कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थिनी/ अभियुक्ता को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादिनी मुकदमा देवकीसोनकर पत्नी <नाम> <नाम> सोनकर, निवासी ग्राम मौहुआरी, थाना औद्योगिक नगर,जनपद प्रयागराज ने दिनांक 28.04.2020 को थाना राबर्टद्सगंज <नाम> इस आशय कीलिखित तहरीर दाखिल किया कि उसकी पुत्री अंजली का <नाम> विवाह <नाम> मोर्या,निवासी गेगुआर, थाना राबर्दसगंज, जनपद सोनभद्र के साथ दिनांक 02.01.2019 कोहुआ था, दोनों ने स्वेच्छया से अपनी शादी की थी। अन्तर्जातीय विवाह होने के कारणआये <नाम> वादिनी के दामाद के माता पिता उसकी पुत्री को प्रताड़ित करते थे तथाउससे दहेज की मांग करते थे। सन् 2019 में भी उसके सास-ससुर उसके खटिकहरिजन जाति का होने के <नाम> उसे स्वीकार नहीं <नाम> रहे थे तथा <नाम> में कानूनी Bail Application/l317/2020 -Hiramati Vs. State Government 2कार्यवाही के भय से अपने साथ रख लिए थे तथा आये <नाम> उससे दहेज की मांगकरते थे तथा उसे मारते पीटते थे। दिनांक 27.04.2020 को वादिनी की पुत्री ने दूरभाषपर वादिनी को सूचना <नाम> कि उसे मारा पीटा गया है और मार डालने की धमकी दीगयी है तथा उसी <नाम> दिनांक 27.04.2020 को समय 06 बजे <नाम> वादिनी के दामादतथा उसकी पुत्री के सास-ससुर मिलकर उसकी पुत्री को जला <नाम> मार दिये। वादिनीको <नाम> है कि उसकी पुत्री को जलाया गया है जिसके <नाम> वादिनी की पुत्री <नाम> जाने के <नाम> मृत्यु हो गयी। वादिनी की तहरीर के आधार <नाम> दिनांक 28.04.2020 को थाना राबर्दसगंज <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध मु0अ0सं0-311 / 2020,धारा-498ए, 304बी भा0दं0सं0 व धारा-3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गतअभियोग पंजीकूत किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा प्रार्थिनी/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा समस्त पुलिसप्रपत्रों एवं केस डायरी का अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ",
"प्रार्थिनी / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थिनी पूर्णतयानिर्दोष है, उसके द्वारा मृतका अंजली की दहेज मृत्यु कारित नहीं की गयी है। मृतकाको आत्महत्या करने के लिए उसके माता-पिता व <नाम> ने बाध्य किया है। मृतका वअवनीश मौर्या के मध्य <नाम> विवाह हुआ था जिसे मृतका के माता-पिता व परिवार केअन्य सदस्य स्वीकार नहीं किये थे। विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि जमानतप्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कागज संख्या-5ख/7 व 5ख/8 एवं 5ख/9 लगायत5ख/11 के आधार <नाम> भी यह स्पष्ट होता है कि मृतका को वादी मुकदमा व उसकेपरिवार के सदस्यों ने उसके <नाम> विवाह को अमान्य करते हुए उसको उसके पतिअभियुक्त <नाम> मौर्या से अलग रहने के लिए बाध्य किया था तथा मृतका वअभियुक्त द्वारा अपने संरक्षण के लिए माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका भीदाखिल की थी जिसमें माननीय न्यायालय ने संबंधित पुलिस अधीक्षक को संरक्षण प्रदानकरने के लिए आदेशित किया था। <नाम> विवाह होने के <नाम> मृतका से अभियुक्ता द्वारादहेज मांगने का कोई प्रश्न ही नहीं है तथा सोची समझी साजिश के तहत्रार्थिनी / अभियुक्ता, उसके <नाम> व उसके पुत्र क विरूद्ध झूठे कथनों के आधार <नाम> यहमुकदमा पंजीकृत कराया गया है। प््रार्थिनी/अभियुक्ता लगभग 60 वर्षीय महिला हैतथा महिला होने के आधार <नाम> उसके साथ <नाम> करते हुए उसे जमानत <नाम> छोड़ाजाना न्यायोचित है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार <नाम> प््रार्थिनी/ अभियुक्ता कोजमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा उक्त तर्को के खण्डनमें कहा गया है कि प्रार्थिनी / अभियुक्ता मृतका अंजली की सास है। अभियुक्त अवनीशमौर्या द्वारा वादिनी की पुत्री मृतका अंजली से <नाम> विवाह किया गया था, क्योंकिअभियुक्त <नाम> मौर्या प्रार्थिनी/अभियुक्ता व अन्य <नाम> अभियुक्त श्रीकान्त मौर्या काइकलौता पुत्र है, इन अभियुक्तगण की दहेज की इच्छा पूर्ण नहीं हुई थी इसलिए इनकेद्वारा मृतका से मृत्यु पूर्व दहेज की मांग की गयी तथा प्रार्थिनी / अभियुक्ता की, मृतकाकी सास होने के आधार <नाम> उक्त अपराध में अहम <नाम> रही है। अतः अभियुक्ताजमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> नहीं है, जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी। ",
"उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने एवं उपलब्ध केसडायरी तथा अन्य अभियोजन प्रपत्रों के आधार <नाम> यह विदित होता है कि वादिनी उङ्कDigitally signeBail Application/l317/2020 -Hiramati Vs. State Government 3मुकदमा <नाम> <नाम> सोनकर पत्नी <नाम> सोनकर की पुत्री अंजली का <नाम> विवाहअभियुक्त <नाम> मौर्या के साथ दिनांक 02.01.2019 को हुआ था। पोस्ट मार्टम रिपोर्टके अनुसार मृतका की मृत्यु उसके सिर से लेकर पैर <नाम> पूरे शरीर के जल जाने केकारण मृत्यु पूर्व आघात के परिणामस्वरूप होना बतायी गयी है। विवेचना के दौरानविवेचक द्वारा धारा-161 दं0 प्र०सं0 के अन्तर्गत शुभम सोनकर पुत्र <नाम> सोनकर,मंगलेश <नाम> पुत्र <नाम> सुमेर <नाम> तथा बबलू <नाम> पुत्र <नाम> आदि काबयान <नाम> किया गया है तथा उपरोक्त सभी साक्षीगण ने अपने बयान अंतर्गतधारा-161 द॑0प्र०सं0 में प्रार्थिनी/ अभियुक्ता एवं अन्य अभियुक्तगण के विरूद्ध बयानदेते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अभियोजन कथानक का समर्थन किया गया है। इनसाक्षीगण ने घटना के दिनांक 27.04.2020 को वादिनी जो प्रयागराज की रहने वाली है,एवं उसके परिवार के सदस्यों के मृतका के घर आने तथा उसे जबरदस्ती ले जाने केसंबंध में कोई कथन नहीं किया है। प्रार्थिनी/अभियुक्ता मृतका की सास है तथा प्रथमसूचना रिपोर्ट में मृतका अंजली की दहेज मृत्यु कारित करने में इसकी सकिय भूमिकाका उल्लेख किया गया है। मृतका की मृत्यु प्रार्थिनी/ अभियुक्ता के घर <नाम> ही हुई है। ्रार्थिनी / अभियुक्ता के विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
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Bail Application_1662_202021-12-202050 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"Bail Application/1662/2020 -Surendra jaiswal Vs. State Government l[s] । [s]म i । Fr । i । "
],
"judge-opinion": [
"[=]UPSBO<फ़ोन-नंबर>0न्यायालय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्रअग्निम जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1662/20201. <नाम> <नाम> पुत्र संत <नाम> जायसवाल,निवासी-सिनेमा रोड, कस्वा व थाना-ओबरा, जनपद-सोनभद्र2. <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> कदम,निवासी ग्राम पट्टी कलां, थाना-अहरौरा, जनपद-मीरजापुरबनामउत्तर प्रदेश राज्य1. अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> आवेदकगण के विद्वान अधिवक्ताश्री <नाम> <नाम> <नाम> एवं विद्वान प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिकश्री <नाम> <नाम> कात्यायन को सुना गया एवं केस डायरी का अवलोकन कियागया । ",
"2. प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार संक्षेप में आवेदकगण <नाम> यह आरोपहै कि दिनांक-02.12.2020 को 06.30 बजे अपरान्ह वादी एस.के.पाल, सर्वेक्षक,खनिज विभाग, सोनभद्र व अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वाराबग्घानाला के पास वाहन संख्या-यूपी.64ए.टी. /0020 की जांच की गई। जांच केसमय वाहन <नाम> 18 घन मीटर गिट्टी लोड पाया गया जिसके संबंध में चालकद्वारा कोई ई.एम.एम.11/ परिवहन प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया जिसका चोरीछिपे परिवहन किया जा रहा था। अतः वाहन को सुपुर्दगी में लेकर उसक स्वामीव चालक के विरूद्ध प्राथिमिकी दर्ज कराई गई । ",
"3. आवेदकगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि वे कथित वाहनके <नाम> व चालक हैं। पुलिस उन्हें गिरफूतार <नाम> अपमानित करना चाहती है। उनके वाहन के सभी कागजात व खनिज से संबंधित प्रपत्र वैध हैं। उन्होंने कोईअपराध कारित नहीं किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलंब से दर्ज कराई गई है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधारां <नाम> अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ",
"4. विद्वान प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिक द्वारा विरोध करतेहुए यह कहा गया कि आवेदकगण द्वारा प्रश्नगत वाहन <नाम> 18 घनमीटर गिट्टीबिना वैध प्रपत्रों के चोरी-छिपे परिवहन किया जा रहा था जिसे वादी नेआकस्मिक निरीक्षण के दौरान पकड़ा। अग्रिम जमानत <नाम> दी जावे। ",
"5. उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने के पश्चाततथा केस डायरी, <नाम> <नाम> एवं थाने की आख्या के अवलोकन से यह प्रकटहोता है कि पकड़े जाते समय चालक खनिज के परिवहन से संबंधित कोई भीप्राधिकार पत्र नहीं दिखा सका। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1366_201904-12-2019286 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"04.12.2019आदेशयह जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> कीओर से प्रस्तुत किया गया है। सक्षेप में प्राथी / अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> का कथनहै कि अभियुक्त के विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट जारीकिया गया था। तत्पश्चात अभियुक्त द्वारा वारण्ट निरस्त कराने हेतुप्रार्थना पत्र न्यायालय में दिनांक 22.11.2019 को पेश किया गया था,जिसे न्यायालय द्वारा खारिज <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त द्वारा यह भीकहा गया कि यह प्रकरण वाराणसी स्थित गैगेस्टर न्यायालय में चलरही थी। तत्पश्चात दिनांक19.04.2012 को पत्रावली बनारस से जनपदमीरजापुर ट्रान्सफर हुई । तत्पश्चात दिनांक 18.03.2016 को यह पत्रावलीमीरजापुर से सोनभद्र न्यायालय में ट्रान्सफर होकर आयी । प्रार्थी कमपढ़ा लिखा व्यक्ति है और उसे पत्रावली के संबंध में काफी प्रयास केबावजूद जानकारी नहीं हो पायी थी। प्रार्थी द्वारा जानबूझकर कोईलापरवाही नहीं बरती गयी है। वह गरीब व्यक्ति है और वह फेसजमानत मुचलिका देने को तैयार है और वह भविष्य में प्रत्येक <नाम> परहाजिर अदालत आता रहेगा। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन की ओर से जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि यह मामला वर्ष 2008 का है और द्वारा दिनांक 08.07.2009 को मामले के न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जा चुका है औरअब <नाम> इस प्रकरण में अभियुक्त के न्यायालय उपस्थित <नाम> आने केकारण आरोप विरचित नहीं किया जा सका है। अभियुक्त द्वारा जमानतका घोर उल्लंघन किया गया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को सुना तथा पत्रावली कासम्यक अवलोकन किया । पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि यह मामलावर्ष 2008 से लम्बित है और 11 वर्ष बीतने के बावजूद अभियुक्त की गैरहाजिरी के <नाम> इस मामले का परीक्षण नहीं हो पा रहा है। आदेश पत्रके अवलोकन से यह विदित होता है कि दिनांक 19.07.2010 कोअभियुक्त क विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हुआ था और उसकेपूर्व दिनांक 21.06.2010 को अभियुक्त की हाजिरी माफी जरिए अधिवक्तास्वीकृत हुई थी। अभियुक्त की जमानत माननीय उच्च न्यायालय,इलाहाबाद के आदेश दिनांक 20.11.2009 के तहत हुई थी। जिसमेंमाननीय न्यायालय द्वारा यह शर्त भी लगायी गयी थी कि परीक्षणन्यायालय में अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> उपस्थित होगा। अभियुक्तका यह तर्क कि पत्रावली बनारस से मीरजापुर और मीरजापुर सेसोनभद्र द्रान्सफर होने का विशवास किए जाने <नाम> नही है,.2/ —2—क्योंकि अभियुक्त वर्ष 2010 से ही गैर हाजिर चल रहा था औरअभियुक्त के द्वारा ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है कि यह पतालग सके कि उसने उन न्यायालयों से कोई जानकारी <नाम> लिया हो। उसके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए जमानत का घोरदुरूपयोग किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_96_202006-03-202077 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थी / अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत परहैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण को उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा मेंलिया जा चुका है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनायागया है, प्रार्थीगण निर्दोष हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी/ अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> पुत्र जग नरायन बैसवार जोकि अनुसूचित जाति का व्यक्ति है,ने दिनांक 12.06.2019 को कोतवाली थाना घोरावल, सोनभद्र <नाम> इस आशय कीलिखित तहरीर <नाम> कि दिनांक 12.06.2019 को समय सुबह करीब 08 बजे वहअपने घर से अपनी कार से पड़वनिया जा रहा था। जब वह खड़देउर गांव में एकपोखरे के पास पहुंचा तो सामने एक गाय का बछड़ा आ गया जिसे हल्की चोटें आगयी। मौके <नाम> मौजूद <नाम> <नाम> व मुन्नू ने उसकी गाड़ी को रोकर उसेजातिसूचक गालियां देते हुए लात मुक्का व लाठी डंडे से मार <नाम> चोटें पहुंचायी तथागाड़ी को क्षतिग्रस्त <नाम> दिये। मामले में विवेचनोपरान्त अभियुक्तगण क विरूद्धधारा-323, 325, 427 504 भा.दं.सं. व धारा-3(2)(\\-^) अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम क अन्तर्गत आरोप पत्र प्रेषितकिया गया। ",
"धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अनुसार वादी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। वादीमुकदमा के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुए हैं। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान <नाम> रहDate: 2020.03.06Reason: DocumeBail Application/407/2020 -sandip Vs. State Government 2अभियोजन <नाम> तथा वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को धैर्यपूर्वकसुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवंपरिशीलन किया गया। ",
"्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि वादी प्रदीपकुमार ग्राम <नाम> थाना घोरावल का रहने वाला है तथा अभियुक्तगण ग्राम खड़देउरके रहने वाले हैं। अभियुक्तगण के लिए वादी मुकदमा की जाति का पता लगाने काकोई अवसर नहीं रहा है। 03 व्यक्तियों द्वारा मार पीट किया <नाम> कहा गया हैपरन्तु वादी मुकदमा के शरीर <नाम> एक मात्र चोट उसकी एड़ी <नाम> पायी गयी है,जबकि लाठी डंडे से मार पीट करने <नाम> यह सम्भव नहीं कि मजरूब के केवल एड़ीपर चोट आये और शरीर के किसी अन्य हिस्से <नाम> कोई चोट <नाम> आये। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_809_201926-07-2019219 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 08.07.2019को प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियों मय प्राइवेट वाहनसंख्या यू0पी0 64एसी /6262 के प्राईवेट चालक के साथ के पुलिसअधीक्षक सोनभद्र के आदेशानुसार वाहन चेकिंग व बैंक चेकिंग अभियानके तहत चोपन बाजार में था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कितेलगुड़वा तिराहे <नाम> दो व्यक्ति एक <नाम> पहिया कार सफेद रंग कीयूणपी0 64 एडी /0705 स्विप्ट डिजायर में बैठे है, उनके पास हेरोइनहै। इस सूचना <नाम> विशवास करके जरिए दूरभाष उप निरीक्षक चन्द्रभानसिंह प्रभारी चौकी डाला को बताया तथा उनके साथ मौके <नाम> पहुंचा तोपुलिस वालों को देखकर गाड़ी में बैठे व्यक्ति गाड़ी से भागने कीकोशिश करने लगे लेकिन पुलिस वालों ने घेरकर तेलगुड़वा तिराहे परही समय करीब 20.40 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यतियो कानाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम दिपेन्द्र सिह उर्फ डब्लू पुत्रराम <नाम> <नाम> एवं दूसरे ने अपना नाम दिलशाद खां पुत्र स्व0 सुहैलअहमद बताया। नियमानुसार अभियुक्त दिपेन्द्र <नाम> उफ डब्लू के पहनेहुए पैण्ट के दाहिनी जेब से 58 ग्राम हेरोइन बरामद हुआ तथा उक्तवाइन में बरामद हेरोइन 142 ग्राम को भी अभियुक्त दिपेन्द्र <नाम> उर्फडब्लू ने अपना बताया इस प्रकार अभियुक्त दिपेन्द्र <नाम> उफ डब्लू केपास से 200 ग्राम नाजायज हेरोइन तथा दिलशाद खां के पहने हुए पैण्टके बायी जेब से 100 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखनेका अधिकार पत्र मांगा गया तो अभियुक्तगण नहीं दिखा सके। अतःअभियुक्तगण को <नाम> हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमाकायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त को घर सेबुलाकर फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। पुलिस द्वाराधारा 50 व अन्य एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधान का पालन नही.2/ —2—किया गया है। अभियुक्त दिनांक 08.07.2019 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से200 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। अभियुक्त का मुकदमा उपरोक्त क पूर्व थाना ओबरा में तीन एवं थानाचोपन में एक अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से 200 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद की गयी है, जो अल्प मात्रासे काफी अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथा कहा गया किअभियुक्त के विरूद्ध इस मामले से पूर्व थाना ओबरा में तीन एवं थानाचोपन में एक मुकदमा पंजीकृत है। अभियुक्त द्वारा उक्त तथ्य कोअपने जमानत प्रार्थना पत्र में छिपाया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_445_202116-03-2021332 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"16.03.2021अभियुक्त सैफ <नाम> पुत्र स्व0 महमूद खांन साकिन वार्ड नं0-13 हर्षनगरकस्बा राबर्टसगज थाना राबर्दसगज जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 08.03.2021 को उपनिरीक्षक योगेन्द्र <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> रोकथाम जुर्म जरायम,तलाश वारण्टी एवं चेकिंग संदिग्ध वाहन एवं व्यक्तियों में मामूर होकर पूरब मुहालदलित <नाम> महिला थाना तिराहा होकर पन्नूगंज रोड <नाम> रेलवे फाटक से पहले रेलवेस्टेशन जाने वाले राड <नाम> संदिग्ध वाहन एवं व्यक्तियों की चेकिंग <नाम> रहा था किथोडी देर <नाम> स्वाट टीम प्रभारी मय हमराह भी आ गए। आपस में अपराध एवंअपराधियों के बारे में बातचीत <नाम> रहे थे। एक व्यक्ति रेलवे फाटक की ओर से पैदलही महिला थाने की ओर आ रहा था। जैसे ही उक्त व्यक्ति की निगाह पुलिस <नाम> परपड़ी कि बाए हाथ मुड़कर रेलवे स्टेशन रोड <नाम> भागने लगा कि शाक होने <नाम> पुलिसबल उस व्यक्ति को दौड़कर करीब 100-150 <नाम> जाते जाते कार्यालय सेक्सन रेलवेइंजीनियर गेट से करीब 10 <नाम> पहले ही सड़क <नाम> हिकमत अमली से घेर करसमय करीब 14.30 बजे पकड़ लिया गयां। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गयातो उसने अपना नाम सैफ <नाम> पुत्र स्व0 महमूद खांन साकिन वार्ड नं0-13 हर्षनगरकस्बा राबर्दसगज थाना राबर्टसगज जिला सोनभद्र बताया। नियमानुसार अभियुक्त कीजामा तलाशी ली गयी तो पहने पैण्ट के दाहिने जेब से प्लास्टिक की सफेद पारदर्शीपचनी मे 53 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित केहस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उनके पास से कोई नाजायजहेरोइन बरामद नहीं हुआ है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। ६टना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट व अन्यमहत्वपूर्ण प्राविधानों का पालन नही किया गया है। उसका कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। अभियुक्त मजदूर व्यक्ति है। अभियुक्त पुलिस चौकी थाना राबर्दसगंज के पासका निवासी है। वहम स्वीपर <नाम> है। पुलिस कर्मी अक्सर स्वीपरों एवं अभियुक्त तथा Bail Application/445/2021 -Saif Khan Vs, State Government 2पास के मजदूरों को जबरदस्ती पकड़कर चौकी परिसर एवं उसके अन्दर के लैद्रीनबाथरूम आदि की साफ सफाई कराते है। जब कि अभियुक्त द्वारा बेगारी से इन्कारकिया जाता है अभियुक्त को फर्जी मुकदमें में झूठी बरामदगी दिखाकर चालान करदिया जाता है। अभियुक्त को दिनांक 06.03.2021 को समय करीब 02.00 बजे <नाम> में ६गर से पकड़कर थाने ले आए तथा साफ सफाई कराने <नाम> कहा गया। अभियुक्त अपनातबियत खराब होना बताया तो पुलिस कर्मी द्वारा मां बहन की गालिया दिए औरा थप्पड़घूसे से मार <नाम> बैठा दिए तथा दिनांक 08.03.2021 फर्जी प्रपत्र तैयार <नाम> फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोाजक द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से 53 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होनेका कथन किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्वमु०अ०सं0-646/2019 अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0एपी0एस0०एक्ट थाना राबर्टसगजजिला सोनभद्र एवं मु0अ0सं०0-692,/2016 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी0एस०एक्टथाना राबर्दसगज जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जासकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक के तर्कोको सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे 53 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा गया है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने का कथन कियागया है। अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्व मु0अ0सं0-646,/2019 अन्तर्गतधारा-8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट थाना राबर्टसगज जिला सोनभद्र एवंमु०अ०सं0-692,/2016 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी0एस0०एक्ट थाना राबर्टसगजजिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के पास से बरामद हेरोइन कीमात्रा एवं अभियुक्त का पूर्व में पंजीकृत अपराधिक इतिहास से स्वष्ट है किअभियुक्त एक आपराधिक मन:स्थिति के व्यक्ति प्रतीत होता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1177_202007-10-2020618 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन के अनुसार मामले में वादी का यह कथन है कि दिनांक 10.08.2020 को समय लगभग 1.00 बजे <नाम> वादी मुकदमा की पुत्री जिसकी जन्मतिथि दिनांक23.05.2006 है, घर से <नाम> बताये चली गयी, जिसकी तलाश किया गया, लेकिन लोगों द्वारापता चला कि उसकी पुत्री को <नाम> पुत्र राजेन्दर <नाम> निवासी ग्राम परनी,थाना-म्योरपुर, जनपद-सोनभद्र बहला फुसला <नाम> ले गया है। दौरान बहस अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किमामले में अभियुक्त को फर्जी फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। पीड़िताअनपढ़ महिला है, किसी तरह से अपना हस्ताक्षर बना लेती है,कत्तई किसी विद्यालय में नहींपढी है। उसे क्षेत्रीय राजनीति व कट्टर जातिवादिता के <नाम> फंसा <नाम> गया है। अभियुक्त व मामले की कथित पीड़िता दोनों बालिग हैं। पीड़िता ने अपने बयान अं.धारा-164द॑ंप्रसं. में यह कथन किया है कि वह <नाम> अर्थात अभियुक्त से प्यार करती है। दिनांक10.08.2020 को वह अपने माता पिता के घर को अपनी मर्जी से छोड़कर <नाम> के साथरहने के लिए चली गयी। मामले में कथित घटना दिनांक 10.08.2020 की है, जब कि घटनाकी सूचना थाना हाजा <नाम> दिनांक 20.08.2020 को पंजीकृत करायी गयी है। स्वयं पीड़िता केबयान अंधारा-161 व 164 दंप्र.सं. के बयान से अभियुक्त द्वारा पीड़िता को भगाने व उसकाव्यपहरण करने का अभिकथन साबित नहीं होता है। पीड़िता ने अपने बयान अं.धारा-161व धारा-164 दंप्रसं. में स्वयं की उम्र 19 वर्ष बतायी है तथा मेडिकल रिपोर्ट के अनुसारपीड़िता की उम्र 16 से 17 वर्ष के मध्य पाये जाने का उल्लेख किया गया है। चिकित्सक कीराय अनुमानित होती है, जिसमें दो साल का अन्तराल होना सम्भावित होता है, ऐसी स्थितिमें चिकित्सक द्वारा निर्धारित की गयी आयु में यदि दो साल जोड़ <नाम> जाय, तो भी पीड़िताकी उम्र 18 वर्ष से अधिक पायी जाती है। घटना की <नाम> को पीड़िता बालिग थी। पीड़िताने अपने बयान अं.धारा-164 दंप्रसं. में अकिभयुक्त के साथ स्वयं जाने व अभियुक्त से शादीकर लेने तथा अभियुक्त के साथ पत्नी की तरह रहने का कथन किया है। मामले में हDigitally signeBail Application/1177/2020 -State Government Vs. SUNIL KUMAR 2अभियुक्त के विरूद्ध कोई भी अभियोग नहीं बनता। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी। ",
"विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.)द्वारा जमानत का प्रबल विरोध कियागया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को बहलाफुसला <नाम> उसे उसके विधिक संरक्षक की संरक्षकता से भगा <नाम> व्यपहरण किया है। घटना की <नाम> को वादी मुकदमा की पुत्री नाबालिग थी। दौरान विवेचना विवेचक द्वारापीड़िता का कक्षा-8 का अंक पत्र जो कि बिड़ा <नाम> मंदिर इण्टर कालेज, म्योरपुर, सोनभद्रसे जारी किया गया है, को प्राप्त <नाम> उसकी छायाप्रति केस डायरी के साथ संलग्न कियागया है, जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि 23.05.2006 <नाम> है। इस प्रकार शैक्षिक प्रमाण पत्रके आधार <नाम> मामले की पीड़िता घटना की <नाम> को नाबालिग थी। नाबालिग पीड़िता कोअभियुक्त द्वारा बहला फुसला <नाम> भगा ले जाने व उसके साथ बलात्संग कारित किये जानेका अभियोग है, जो कि गम्भीर <नाम> का है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिये जाने की मांग की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"मामले में वादी मुकदमा की पुत्री/ पीड़िता को अभियुक्त द्वारा भगा ले जाने वनाबालिग पीड़िता के साथ बलात्संग कारित किये जाने का अभियोग है। अभियोजन की ओरसे कथित पीड़िता के कक्षा-8 के अंक प्रमाण पत्र जो कि विड़ला <नाम> मंदिर इण्टर कालेज,म्योरपुर, सोनभद्र से निर्गत किया गया है, केस डायरी में संलग्न किया गया है, जिसमेंपीड़िता की जन्मतिथि 23.05.2006 <नाम> है। मामले में घटना की <नाम> 10.08.2020 कीहोना बतायी गयी है। इस स्तर <नाम> जहाँ मामले की पीड़िता का शैक्षिक प्रमाण पत्र उपलब्ध हैऔर उसमें पीड़िता की जन्मतिथि <नाम> है, तो पीड़िता का उम्र शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधारपर ही निर्धारित किया <नाम> अपेक्षित होता है। शैक्षिक प्रमाण पत्र के अनुसार कथित घटनाके दिनांक को पीड़िता की उम्र लगभग 14 वर्ष थी। नाबालिग पीड़िता को अभियुक्त द्वाराबतौर पत्नी रखने व उससे शादी करने का तथ्य स्वयं पीड़िता द्वारा अपने बयान अंधारा-164द॑ंप्रसं. में कथित किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1005_201906-09-2019983 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी राधे ने थाने परसूचना <नाम> कि वह ग्राम पटनवां, जिला-चन्दौली का रहने वाला है तथा मालिकमनोज <नाम> की गाड़ी नं0- यू0पी0 67टी 7523 का चालक है। आज दिनांक28.06.2019 को रामनगर से भाड़ा लादकर राबर्ट्सगंज में <नाम> सेनेटरी हाउस लाया। भाड़े का व दुकान से मिला रु0 60,000/- था जो टोटी के डिब्बा में रखकर अपनीगाड़ी की सीट के बगल में अपने पास जो कम्बल है उससे ढक <नाम> रखा था। वहवापस रामनगर जा रहा था। रामनगर जाने वाले राबर्दसगंज ओवर ब्रीज <नाम> सुबह11.20 बजे पीछे से एक मोटरसइकिल पल्सर <नाम> दो आदमी ओवर टेक <नाम> उसकीगाड़ी के आगे अपनी गाड़ी खड़ाकर गाड़ी के दोनों तरफ से चढ़कर मारने व पैसाछिनने लगे। दूसरे पैसा व मोबाइल छनीकर <फ़ोन-नंबर> नम्बर था रामनगर की तरफभाग निकले। वह अपनी गाड़ी घुमाकर वापस उसी दुकान <नाम> गया तो दुकानदार नेतुरन्त सूचना मुद्रीत <नाम> को <नाम> तो उसके <नाम> द्वारा 100 नम्बर <नाम> सूचनादिया गया तो पुलिस मौके <नाम> पहुंच गयी तथा अभियुक्त को तलाश <नाम> रही थी, परनहीं मिले । उसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> मदद की जाय। ",
"प्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से मात्र सौ-सौ रुपये के <नाम> नोट बरामदकिये गये हैं। प्रार्थी-अभियुक्त को पुलिस द्वारा घर से गिरफूतार किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त छात्र है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादी का वाहन ओवरटेक करके वादीको मारा-पीटा गया तथा उसका रुपया छीन लिया गया। प्रार्थी-अभियुक्त के पास सेलूटा गया कुछ रुपया भी बरामद किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"2सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"बचाव पक्ष द्वारा <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की समतुल्यता चाहीगयी है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास अभियोजन पक्ष द्वारा दर्शितनहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_946_202028-08-20201024 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थना पत्र के समर्थन में शपथ पत्र 4-क प्रस्तुत कियागया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादिनी मुकदमा शिवकुमारी पत्नीरामनिहोर खरवार ग्राम जुगैल टोला जलकढ़वा थाना जुगैल सोनभद्र की ओर से दिनांक08.08.2020 को थाना जुगैल, जनपद सोनभद्र में इस आशय की लिखित तहरीर दाखिलकी गयी कि दिनांक 03.08.2020 को समय 05 बजे उसके गांव का रहने वाला सोनू खानपुत्र मुन्नर निवासी जुगैल टोला जलकढ़वा जुगैल शराब पीकर <नाम> के घर कसामने टैंम्पू से उतरा और उतर <नाम> उसकी बांह खींचने लगा तथा <नाम> करने <नाम> उसेजाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलौज करने लगा। मौके <नाम> बैरन <नाम> पुत्रभगवान <नाम> खरवार तथा <नाम> पुत्र हरिप्रसाद खरवार बीच बचाव करने आ आये तोउन्हें भी गाली गलौज देने लगा। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0 47/2020, <नाम> 354, 323, 504 भा०दं0सं0 व <नाम> 3(2)(४)अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति(अत्याचारनिवारण)अधिनियम,1989 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि अभियोजन कथानक गलत हैतथा प्रार्थी को मुकदमे में फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी ने कोई अपराध कारित नहींकिया है। प्रार्थी के विरूद्ध <नाम> विशेष के द्वारा प्रार्थी को नीचा दिखाने व अपमानितकरने के आशाय से प्रार्थी को निर्दोष फंसाया गया है। घटनास्थल व थाने की दूरी महजआधे किलोमीटर के अन्दर ही है, लेकिन रिपोर्ट काफी बिलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत की <नाम> की गयीहै। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"प्रस्तुत प्रकरण अनुसूचित जाति के महिला क विरूद्ध उसकी <नाम> भंग करने केआशय से उस <नाम> हमला करने के अपराध से संबंधित है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रकरणदैनिकी संख्या-9 में पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> का विवरण 2अंकित है जिसमें पीड़िता द्वारा अभियुक्त //प्रार्थी के विरूद्ध लगाये गये आरोप कास्पष्ट <नाम> से समर्थन करते हुए कहा गया है कि \"रास्ते में <नाम> <नाम> के घर केसामने एक पेड़ के नीचे बैठ <नाम> बच्चे को दूध पिला रही थी कि एक आटो से सोनूउतरा। उसने शराब पी हुई थी। वो उतरते ही उसे गाली देने लगा तथा <नाम> करने परउसका हाथ पकड़कर खींचना शुरू <नाम> दिया। ” इसी अनुकम में प्रकरण दैनिकी संख्या-7में <नाम> <नाम> के <नाम> बयान के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि प्रश्शनगतघटना के समय इस <नाम> के साथ <नाम> बैरन खरवार भी मौजूद था। इस <नाम> <नाम> तथा <नाम> बैरन खरवार द्वारा द्वारा भी घटना का समर्थन किया गया है। इसप्रकार प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त की संलिप्तता प्रथम दृष्टया दर्शित होती है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1067_201921-09-2019812 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 25.08.2019को उप निरीक्षक मोहम्मद अरशद एवं हमराही कर्मचारीगण मुखबिर की सूचना परग्राम भैसवार के जंगल में गये तो मुखबिर ने गाय,बैल व बछड़े के झुण्ड कोदेखकर बताया कि यही वह गाय व बैल के झुंड हैं जिन्हें काटने के उद्देश्य सेजंगल के रास्ते लेकर जा रहे हैं। पुलिस कर्मचारियों द्वारा गाय हांककर ले जानेवालों को रोका गया तो वे भागना चाहे किन्तु हमराही कर्मचारियों की मदद सेपकड़ लिया गया। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछा गया तो एक ने अपनानाम हरिमंगल <नाम> व दूसरे ने अपना नाम गोविन्द <नाम> बताया। यह भीबताये कि <नाम> <नाम> <नाम> बचन <नाम> व बड़क आप लाप लोगों को देखते हीजंगल में भाग गये। मौके <नाम> कुल 66 नग गाय,बैल व बछड़े थे जिन्हें कब्जापुलिस में लिया गया। पकड़े गये व्यक्तियों को समय 2.00 बजे <नाम> हिरासत मेंलिया गया। बरामद गोवशों की फर्द तैयार की गयी एवं फर्द बरामदगी के आधारपर अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसे गलत ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त को घर से थाने <नाम> बुलाकर गलत तरीके से फंसाया गया है। सह अभियुक्त हरिमंगल <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जाचुकी है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 25.08.2019 से कारागार में निरुद्ध है। 9अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर 66 अदद गोवंशों को बधकरने <नाम> जंगल के रास्ते लेकर बिहार जा रहा था। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे सेगोवंशों को बरामद किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> अभियुक्त हरिमंगल यादवकी समतुल्यता चाही गयी है। जंगल में जिस स्थान <नाम> गोवंश को बरामद कियाजाना कहा जाता है वह बिहार राज्य की <नाम> से काफी दूर है इसलिए यह नहींकहा जा सकता कि उत्तर प्रदेश राज्य की <नाम> से बाहर पशुओं का परिवहनकिया जा रहा था। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_980_201929-08-20196 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी द्वारा दिनांक29.06.2019 को थाने <नाम> सूचना दी गयी कि वह मोटरसाइकिल सं0-यू0पी0 64वी 8645 का पंजीकृत <नाम> है। दिनांक 28.06.2019 को समय लगभग 8.50पी0एम0 <नाम> अपनी मोटरसाइकिल खड़ी करके <नाम> पैलेस के सामने माडल शापपर कुछ <नाम> करने में व्यस्त हो गया । प्रार्थी अपना <नाम> करके वापस आया तोदेखा कि उसकी मोटरसाइकिल वहां <नाम> नहीं थी। उसने काफी खोज-बीनकिया लेकिन मोटरसाइकिल नहीं मिली। प्रार्थी के गाड़ी के सभी पेपर, आर0०सी0,बीमा की मूल कापी भी उसी गाड़ी के साथ चोरी हो गयी है। उचित कानूनीकार्यवाही करने की कूपा की जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेफर्जी ढंग से फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोईमोटरसाइकिल बरामद नहीं की गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहींहै। प्रार्थी- अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किविवेचना के दौरान अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया तथा उसके कब्जे से चोरीकी मोटरसाइकिल बरामद की गयी। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी-अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) के तर्को के सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलनकिया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आरोप पत्र दाखिल किया जाचुका है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1357_202031-10-2020441 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"2. प्रार्थी-अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र विधिक त्रुटिवश दिनांक 22.09.2020 को न्यायालय की अनुमति सेवापस ले लिया गया था। ",
"3. अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थानाराबर्टसगंज में लिखित सूचना इस आशय की <नाम> कि आज दिनांक 30.03.2019को समय लगभग 5.30 बजे सुबह प्रार्थी के पिता स्व0 <नाम> <नाम> मार्निग वाककरते हुए वन विभाग छपका के रास्ते अपनी पुत्री <नाम> <नाम> के घर की तरफजा रहे थे तो तीन अज्ञात लोग मोटरसाइकिल से आये और उसके पिता कीगोली मारकर हत्या <नाम> दिये। उसके पिता घर में बताये थे कि संस्कृतमहाविद्यालय के प्राचार्य जटाशंकर <नाम> <नाम> उन्हें <नाम> से मारने की धमकीदिया करते थे। ",
"4 प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गयाकि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त छात्र है। प्रार्थी-अभियुक्त अपनेपूरे परिवार के साथ भोजपुर, बिहार में रहता है। <नाम> अभियुक्त <नाम> की बहनप्रार्थी-अभियुक्त के गांव में ब्याही है। प्रार्थी-अभियुक्त का <नाम> अभियुक्तगण याकिसी भी व्यक्ति से मोबाइल से कभी बात नहीं हुई और <नाम> ही प्रार्थी-अभियुक्तके विरूद्ध कोई स्वतंत्र साक्ष्य है। प््रार्थी-अभियुक्त का घटना से कोईवास्ता-सरोकार नहीं है। <नाम> अभियुक्त के कथन के आधार <नाम> प्रार्थी कोअभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय मेंदाखिल किया जा चुका है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै । उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"5 राज्य की ओर से प्रभारी विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा घटना कारित करने में अहम <नाम> निभायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त का <नाम> अभियुक्तगण <नाम> एवं <नाम> से अच्छे सम्बन्ध थे। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा ही मृतक की गोली मारकर हत्या कारित की गयी है तथा Bail Application/1357/2020 -Nagendra yadav Vs. State Government 2प्रार्ी-अभियुक्त मुख्य अभियुक्त है। प्रार्थी-अभियुक्त की घटना में संलिप्तता स्पष्टरूप से पायी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने <नाम> बताया। "
],
"judge-opinion": [
"6. मैनें प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर सेप्रभारी विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना तथा केसडायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट व पुलिस प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"7. केस डायरी के पर्चा नं0०-2 दिनांकित 11.04.2019 के अनुसारदिनांक 11.04.2019 को समय 1.40 बजे अ0सं0-185/2019, अन्तर्गत <नाम> 302भा0दं0सं0 से सम्बन्धित घटना के अपराधियों जटाशंकर <नाम> <नाम> <नाम> उफपाली, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> कुन्दन सोनकर एवं काजू <नाम> को गिरफूतारकिया गया। <नाम> ने पूछताछ <नाम> बताया कि उसका सम्बन्ध विद्यावती <नाम> केसाथ पहले से है। विद्यावती <नाम> ने करीब 6 माह पहले डा0 <नाम> <नाम> कीइत्या करने-कराने <नाम> कहा था तो पैसे <नाम> इत्या कराने <नाम> तैयार हा गया। तबविद्यावती <नाम> ने उसे <नाम> लाख रूपया <नाम> तथा करीब तीन लाख रूपया हत्याहो जाने के <नाम> देने के लिए कहा गया था। तब वह अपने <नाम> <नाम> के सहयोगसे अपने गांव के <नाम> उफ पाली तथा अपने मित्र <नाम> <नाम> कुन्दन, काजू शर्माव अपने रिश्तेदार के गांव धन्धौली थाना-भोजपुर जिला नालन्दा बिहार का रहनेवाला नागेन्द्र <नाम> से सम्पर्क <नाम> <नाम> बात बताकर पैसे <नाम> डा0 <नाम> यादवकी हत्या कराने की <नाम> बनायी। डा0 <नाम> <नाम> की दिनचर्या की रेकीघटना के तीन-चार <नाम> पहले से वे लोग <नाम> रहे थे। उसने अपने मित्र मनोजपटेल की पल्सर मोटरसाइकिल मांग <नाम> लाया था तथा <नाम> उफ पाली की टी.वी.एस. मोटरसइकिल थी। इन दोनों गाड़ियों से वे लोग रैकी करते रहे तथा यहमालूम हो गया कि सुबह में डा0 <नाम> <नाम> टहलने जाते हैं। तब दिनांक 30.03.2019 को योजनानुसार <नाम> उर्फ पाली, कुन्दन और काजू को अपनीमोटरसाइकिल टी.वी.एस. से नागेन्द्र <नाम> के पास भोर में राबर्टसगंज लाया। नागेन्द्र <नाम> राबर्द्सगंज में सिंचाई डाक बंगला के पीछे टिका हुआ था। तबपल्सर मोटरसाइकिल से नागेन्द्र, काजू व कुन्दन डा0 <नाम> <नाम> के तलाश मेंउसके टहलने के मार्ग <नाम> लग गये तथा मौका पाकर समय करीब 05.30 बजेसुबह वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय के सामने सड़क <नाम> ही गोली मारकर हत्या करदिये तथा फरार हो गये। केस डायरी उपरोक्त के अवलोकन से मामले मेंप्रार्थी-अभियुक्त नागेन्द्र <नाम> की संलिप्तता प्रतीत होती है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_807_201927-07-2019209 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> नरायनसिंह ने थाना राबर्दसगंज <नाम> लिखित सूचना <नाम> कि आइडोल <नाम> काएजेण्ट <नाम> <नाम> ने वादी का एक हजार रूपया प्रतिमाह जमा करने काखाता खोला गया, जिसमें वादी ने कुल बारह हजार रूपया जमा किया हैजिसका भुगतान 11 <नाम> 2017 को होना था। निर्धारित समय में प्रार्थी क पैसेका भुगतान नहीं हुआ तो वादी ने उक्त आइडोल <नाम> के बारे में जानकारीकिया तो ज्ञात हुआ कि <नाम> <नाम> शकुन्तला <नाम> तथा कई व्यक्तियों कालाखों रूपया आइडोल इण्डिया के शाखा प्रबन्धक <नाम> <नाम> व उनके कर्मचारीअरविन्द <नाम> अपने विभिन्न एजेण्टों के माध्यम से शाखा कार्यालय में जमाकरवायें है, जिसका भुगतान नहीं <नाम> रहें हैं। वादी ने आइडोल इण्डिया के बारेमें एम.सी.ए. की वेबसाइट <नाम> जानकारी किया तो ज्ञात हुआ कि आइडोलइण्डिया के डायरेक्टर पिन्टू <नाम> बप्पादित्य <नाम> <नाम> <नाम> व अशोककुमार हैं, जिसका रजिस्ट्रेशन नं0- 03748 है। शाखा प्रबन्धक <नाम> <नाम> नेवादी के खाते का पासबुक आइडोल इण्डिया के नाम से <नाम> है। <नाम> में जमाकिये गये पैसों की रसीद यूनिवर्सल माइको केडिट व यूनिवर्सल किसान भूमिप्रोड्यूसर कम्पनी लि0 के नाम से <नाम> है। उपरोक्त दोनो कम्पनियों केडायरेक्टर <नाम> <नाम> एण्डिला <नाम> बापी <नाम> जिसका रजिस्ट्रेशननं0- 030047 है तथा तिसरी कम्पनी यूनिवर्सल किसान <नाम> प्रोड्यूसर के..2 डायरेक्टर <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> मौर्या, मो0 जावेद अख्तरव <नाम> <नाम> <नाम> हैं, जिसका सी0आई0एन0 नं0-यू.01100 यू.पी. 2016 पी.टी.सी. 083430 है। शाखा प्रबन्धक <नाम> <नाम> ही यूनिवर्सल किसान <नाम> प्रोड्यूसरके डायरेक्टर भी है। उपरोक्त तीनों कम्पनियों के डायरेक्टर <नाम> <नाम> तथाकर्मचारी <नाम> <नाम> <नाम> अपने विभिन्न एजेण्टों के माध्यम से वादी तथाजनता को ज्यादा <नाम> देने का झांसा देकर वादी व कई अन्य व्यक्तियों के साथछल कपट, धोखा-धड़ी <नाम> सबका रूपया इड़प लिया है। परिपक्वता तिथिसमाप्त हो जाने के <नाम> भी लगातार सर्म्पक करने <नाम> भी धनराशि का भुगताननहीं हुआ। मामलें में तीनों कम्पनियों के डायरेक्टर अपने विभिन्न एजेण्टों वकर्मचारियों के माध्यम से रैकेट चलाकर <नाम> का पैसा लुटने का कार्य किया है,जिसकी गहरायी से जांच की जाये तो तमाम आपराधियों का नाम उजागर होगाऔर सच्चाई सामने आयेगी । प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> मामलें की गम्भीरता सेविवेचना की जाये। ",
"्रार्थी/अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि प्राथी/ अभियुक्तनिर्दोष है। उसे रंजिशन फंसाया गया है। प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी का कम्पनी से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नहीं है। सह-अभियुक्तगणपवन <नाम> एवं <नाम> <नाम> की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारास्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त को समानता के आधार <नाम> जमानतपर <नाम> किये जाने का अनुरोध किया गया है। ",
"अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहागया है कि प्राथी/अभियुक्त द्वारा फर्जी कम्पनी बनाकर <नाम> से पैसा जमाकराया गया, किन्तु <नाम> का पैसा प््रार्थी/अभियुक्त द्वारा धोखा-धड़ी वकागजातों की कूटरचना करके हड़प लिया गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावी का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त द्वारा सह-अभियुक्तगण <नाम> <नाम> एवं <नाम> कुमारकुशवाहा की समलुल्यता <नाम> जमानत चाहीं गयी है। ",
"उल्लेखनीय है कि <नाम> <नाम> <नाम> अभियुक्त की जमानत माननीयउच्च न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र सं0- 17494 / 2017 में वादी केमु0 14,000/-जमा करने के आदेश के साथ जमानत <नाम> <नाम> किये जाने काआदेश पारित किया गया था। <नाम> <नाम> उक्त आइडोल इण्डिया कम्पनी कास्थानीय मैनेजर था तथा वादी के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में कही गयी धनराशिमाननीय उच्च न्यायालय द्वारा जमा कराया गया। ",
"मु0 15,000//- जमा करने के साथ अभियुक्त द्वारा जमानत काअनुरोध किया गया है। इस अभियुक्त का मामला अभियुक्त <नाम> <नाम> से भिन्नहै, क्योंकि यह उस फर्जी कम्पनी का डायरेक्टर है। इसी प्रकार इस अभियुक्तका केस दूसरे <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> कुशवाहा से भी भिन्न है, क्योंकिअरविन्द <नाम> कुशवाहा उस फर्जी कम्पनी में साधारण कर्मचारी था। ",
"प्रस्तुत पत्रावली में विवेचनाधिकारी ने 2805 व्यक्तियों के नामों कीलिस्ट संलग्न किया है, जिनसे अरबों रूपये लेकर कम्पनी भाग गयी है। ",
"यदि अभियुक्त को <नाम> किया गया तो निश्चित <नाम> से पुनः वहउपलब्ध नहीं हो सकेगा और जो गरीब व भोले-भाले लोगों का पैसा जमा है, वहकदापि नहीं मिल पायेगा। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_784_201911-07-2019436 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्थी/ अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी देवनाथ पुत्र बसन्तू ग्राम नधीराथाना बभनी दुद्दी सोनभद्र का निवासी है। हम सबो की <नाम> ग्राम में ही स्थित हैजिसे बाप <नाम> के जमाने से जोत कोड़ करता आ रहा है। इस वर्ष भी प्रार्थी खेत मेंधान की विहन गाड़ चुके थे <नाम> क्यारी की आज सुबह गाड़ने के लिए अपने खेत मेंपहुँच गये थे कि वही <नाम> प्रतिवादीगण भी अपना हल बैल लेकर <नाम> खेत जोतनेलगे । प्रार्थियों द्वारा विरोध करने <नाम> प्रतिवादीगण जो पहले से तैयार लाठी डन््डे सेयुक्त ने प्रार्थी के लगभग दर्जनों महिलाओं को मारकर बुरी तरह से जख्मी <नाम> दियागया। प्रतिवादीगण अपनी <नाम> बताकर सर्वे के दौरान चोरी से <नाम> पुस्तैनी <नाम> मेंतनहा कब्जा करना चाह रहे है। प्रतिवादीगण अशर्फी, <नाम> जवाहिर, राजकेशवरपुत्रगण <नाम> <नाम> बनिया,राजेन्द्र,नन्हू पुत्रगण रामप्रसाद,देवबाबू पुत्र अशर्फीबनिया, हरिकिशुन रामप्रसाद पुत्रगण देवराज,लक्ष्मण पुत्र रामप्रसाद आदि महिलाओंसहित 2 दर्जन लोगों ने पूर्व खेत में प्रार्थीगणों को लखपतिया पत्नी <नाम> लखपतपति देवनाथ, <नाम> पत्नी बलीराम, कूकमन पत्नी रामनरेश, फूलमत पत्नी रामप्रसादरेखा पत्नी <नाम> आदि को दौड़ा दौड़ाकर मारने गाली देने लगे और जख्मी करदिये। जख्मी हालत में पीड़िताओं को सी.एच.सी. म्योरपुर में भर्ती कराया गया है। जिसमें तीन लोगों की हालत गंभीर बताते हुये जिला अस्पताल के लिए रीफर करदिया गया है। ",
"जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी एकशान्तिप्रिय व इज्जतदार व्यक्ति है। उसे हैरान व परेशान करने की नियत से वादीमुकदमा द्वारा मुकदमें में फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी ने वादी मुकदमा व उनकेसहयोगियों को कत्तई मार पीटकर चोट नहीं पहुँचाया है <नाम> तो प्रार्थी ने मार पीटकरके उद्देश्य से कोई नाजायज गोल कायम किया है और <नाम> ही एकराय होकर बलवाकरने के उद्देश्य से घटना कारित किया है। प्रार्थी का अपराध अ.धारा-147, 148,323, 325 भा.दं.सं. का है। जो जमानतीय है। प्रार्थी के उपर अनुसूचित जाति वअनुसूचित जन जाति अत्याचार निवारण की धाराए आरोप पत्र में नहीं लगायी गयी है,क्योंकि प्रार्थी स्वंय अनुसूचित जाति के अन्तर्गत आते है। <नाम> अभियुक्त अशर्फी,जवाहिर , राजकेश्वर व <नाम> की जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार किया जा चुकाहै प्रार्थी / अभियुक्त का कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं है। अतः प्रार्थी कोजमानत / मुचलिका <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"—2—अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कथनकिया गया कि अभियुक्त <नाम> अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मुकदमा वादी को मारपीटकर गंभीर उपहति कारित करने का गंभीर आरोप है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से <नाम> अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना तथा केस डायरी व प्रथम सूचना रिपोर्ट आदि संबंधितप्रपत्रों व पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्तगण उपरोक्त के विरूद्वभारतीय दण्ड <नाम> की धारा-147, 148, 323, 325 के अपराध का अभियोगपंजीकृत है। जो जमानतीय है। प्रस्तुत मामलें में <नाम> अभियुक्तों की जमानत पूर्व मेंन्यायालय द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1432_201904-01-2020752 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परदिनांक 12.09.2019 को सूचना <नाम> कि उसके पिता से दिनांक 11.09.2029 कोविपक्षी द्वारा सायं 6.00 बजे गाय के खेत खा जाने के उपरान्त विवाद हुआ थाजिसमें विपक्षी <नाम> से मारने की धमकी <नाम> था तथा रास्ते में चलने से मनाकिया था। वादी इसकी सूचना थाने <नाम> थाना दूर होने के <नाम> नहीं <नाम> सका। उसके पिता दिनांक 12.09.2029 को सुबह लगभग 9.00 बजे खाना खाकर खेतजोतने के लिए खेत <नाम> जा रहे थे तो विपक्षी रामधनी <नाम> पुत्र <नाम> प्रसाद,अनिल <नाम> पुत्र रामधनी <नाम> मोतीचन्द <नाम> पुत्र रामधनी <नाम> सोमरीपत्नी रामधनी, <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> एवं किरन <नाम> पत्नी मोतीचन्दगोलबन्द होकर उसके पिता <नाम> की हत्या करने के फिराक में पड़े थे, तब तकउसके पिता <नाम> वहीं पहुंच गये और सभी लोग उसके पिता <नाम> व <नाम> को घेरकर धारदार हथियार से वार <नाम> दिये जिसमें उसके पिता की घटना स्थल परही मृत्यु हो गयी। उसके <नाम> <नाम> भी धारदार हथियार से वार करना चाहे तबतक उसका <नाम> दौड़कर भाग गया। वह थाना दूर होने के <नाम> तत्कालतहरीर देने में असमर्थ था। विपक्षीगण <नाम> उचित कानूनी कार्यवाही करने की कृपाकी जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेफर्जी ढंग से फंसाया गया है। जमीन के बंटवारे के विवाद को लेकर उसेरंजिशन फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतक के शरीर <नाम> कोई चोटनहीं पहुंचायी गयी है और <नाम> ही प्रार्थी घटना स्थल <नाम> उपस्थित ही था। प्रथमसूचना रिपोर्ट में किसी हथियार का उल्लेख नहीं किया गया है। 9अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त नामजद है । प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा फसल की नुकसान को लेकरमृतक को धमकी दी गयी थी। <नाम> रमेश <नाम> जो मृतक का पुत्र है , ने धारा161 दं0प्रoसं0 में कहा है कि मोतीचन्द ने कुल्हाड़ी से उसके पिता <नाम> को खापदिया जिससे मौके <नाम> ही उसके पिता <नाम> की मौत हो गयी। अभियुक्त केनिशानदेही <नाम> एक अदद कुल्हाड़ी बरामद की गयी है। अपराध कारित करने मेंप्रार्थी-अभियुक्त की संलिप्तता स्पष्ट <नाम> से पायी गयी है। अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। जमीन के विवादकी रंजिश बतायी गयी है। <नाम> रमेश <नाम> ने अपने बयान में कहा है कि मोतीचन्द ने कुल्हाड़ी से उसके पिता <नाम> को खाप <नाम> जिससे मौके <नाम> ही उसकेपिता <नाम> की मृत्यु हो गयी । मोतीचन्द उसे मारने के लिए दौड़ाया । वह कूदनेलगा तो मोतीचन्द पीछे से एक लाठी मार <नाम> जो उसके गर्दन <नाम> लगी। मौकेसे मोतीचन्द कुल्हाड़ी सहित भाग गया। अभियुक्त के निशानदेही <नाम> एक अददकुल्हाड़ी बरामद की गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1017_201906-09-2019986 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा लल्लू पुत्रखुई, निवासी ग्राम पटवध थाना चोपन जिला सोनभद्र ने दिनॉक 11.07.2019को थाना चोपन जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज कराया कि दिनॉक 11.07.2019 को समय दोपहर करीब एक बजे वहबाजार से अपने घर आया तो <नाम> कि घर में उसकी पुत्री पीड़िता %% नहींथी और घर में रखे हुये बक्शा का ताला टूटा फेका हुआ था तथा उस बक्शेमं रखा हुआ पचास हजार रूपये भी नहीं था। उसके <नाम> वह अपनी बेटीपीड़िता का बहुत खोज-बीन किया लेकिन पीड़िता का कोई पता नहीं चला। इसके पूर्व मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> से उसके मोबाइल न॑ं<फ़ोन-नंबर> परफोन आता था लेकिन जब वह फोन उठाता तो उक्त नम्बर धारक फोन काटदेता था। ",
"अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे थानाचोपन की पुलिस द्वारा फर्जी फसाया गया है। अभियोजन कथानक गलत एवं 9बेबुनियाद है। पीड़िता द्वारा धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> के अपने बयान मेंयह कहा है कि उसकी उम्र 15 साल है। वह अपनी मॉ से पूछ <नाम> अपनेरिस्ते के <नाम> <नाम> के साथ घूमने के लिये बहराइच चली गयी थी। प्रदीपउसे भगा <नाम> नहीं ले गया था बल्कि वह अपनी मर्जी से गयी थी। <नाम> नेउसके साथ कोई गलत एवं बुरा <नाम> नहीं किया है। <नाम> निर्दोष है। उक्तबयान के आधार <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध उपरोक्त धाराओं का अपराध नहीं बनताहै। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहकथन किया गया है कि पीड़िता घटना के समय मात्र 15 वर्ष की थी। अभियुक्त के साथ पीड़िता का <नाम> स्वीकृत है। पीड़िता द्वारा धारा-161 दंण्डप्रकिया <नाम> के बयान में अभियुक्त के साथ बनारस से <नाम> फिर बरेलीऔर उसके <नाम> <नाम> एवं <नाम> <नाम> भी बताया गया है तथाअभियुक्त के साथ शादी करके पति-पत्नी के <नाम> में रहना और शारीरिकसम्बन्ध बनाने का कथन किया गया है। पीड़िता द्वारा जो बयान धारा-164दंण्ड प्रकिया <नाम> में किया गया है वह अभियुक्त के दबाव में <नाम> गयाहै। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जाता है तो वह साक्ष्य को प्रभावितकरेगा । अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं थाने से प्राप्त आख्या तथाअभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट पीड़िता के पिता लल्लू द्वाराअज्ञात में दर्ज कराया गया है। प्रथम सूचना धारा-363 भारतीय दंण्ड संहितामं पंजीकृत किया गया। पीड़िता को बक्शा का ताला तोड़ <नाम> उसमें रखाहुआ पचास हजार रूपये लेकर <नाम> बताया गया है। दौरान विवेचना पीड़िताको अभियुक्त के कब्जे से बरामद होना दर्शाया गया है। यद्यपि कि बयानअन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> जिसकी नकल केस डायरी में अंकितहै उसमें पीड़िता द्वारा अभियुक्त <नाम> के साथ अपनी मर्जी से बहराइच जानेएक माह उसके साथ रहने का कथन किया गया है तथा अभियुक्त द्वाराउसके साथ कोई गलत एवं बुरा <नाम> नहीं करने का कथन किया गया है। जबकि धारा-161 दंण्ड प्रकिया <नाम> के बयान में <नाम> बरेली, लखीमपुरव <नाम> अभियुक्त के साथ जाने एवं उससे शादी करके पति-पत्नी के रूपमं रहने तथा शारीरिक सम्बन्ध बनाने का भी कथन किया है। शैक्षणिक प्रमाण जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1017 / 2019,3पत्र में पीड़िता की जन्मतिथि 12.06.2003 <नाम> होने के आधार <नाम> घटना केसमय पीड़िता को नाबालिग होना दर्शाया गया है। अभियुक्त की ओर से धारा164 दण्ड प्रकिया <नाम> के बयान के आधार <नाम> जमानत की <नाम> कीगयी है जबकि बरामदगी के समय पीड़िता द्वारा धारा-161 दण्ड प्रकियासंहिता के बयान में अभियुक्त के साथ विवाह करके शारीरिक सम्बन्ध स्थापितकरने का तथ्य रखा गया है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। यदिअभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जाता है तो उसके द्वारा साक्ष्य को प्रभावितकरने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_789_201925-07-2019229 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> चन्द,अग्निशमन <नाम> सोनभद्र ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि फायर स्टेशन, लोढ़ीका समस्त स्टाफ वाहनों सहित ग्राम- उरमौरा स्थित डायट परिसर में रहता है। आज दिनांक 25.06.2019 को मेरा फायर मैन पीएनओ0 नं0- 962920112 महेन्द्रकुमार जो फायर स्टेशन, लोढी <नाम> तैनात हैं। प्रातः लगभग 9.15 बजे सरकारीकार्य <नाम> आवश्यक कागजात की फोटो कापी कराने उरमौरा चौराहे <नाम> गयाथा । उसी समय तीन-चार व्यक्ति एक व्यक्ति को मार-पीट रहे थे। फायर मैनपीएन0ओ नं0- 962920112 महेन्द्र <नाम> ने बीच-बचाव करने का प्रयास कियाकि क्यों मार-पीट रहे हो तो उन व्यक्तियों ने फायर मैन पीएनओ0 न॑ं0-962920112 महेन्द्र <नाम> को गाली-गुप्ता देते हुए लाठी-डण्डे से मारना-पीटनाप्रारम्भ <नाम> दिये । तभी किसी ने फायर स्टेशन आकर बताया कि आपके सिपाहीको कुछ लोग उरमौरा चौराहे <नाम> मार-पीट रहे हैं। तत्काल स्टेशन <नाम> उपस्थितस्टाफ वहां पहुंचकर घटना को <नाम> और बीच-बचाव किया। फायर मैन महेन्द्रकुमार घायल अवस्था मे खून से लथपथ जमीन <नाम> <नाम> हुआ था। उसके सिर वशरीर में गम्भीर चोट थी । मौके <नाम> मौजूद मेरे स्टाफ ने घटना क बारे में बतायातो मैं जरिये सीयूजी मोबाइल से प्रभारी निरीक्षक, राबर्टसगंज को सूचना <नाम> तोथाने की पुलिस मौके <नाम> आयी तो दो व्यक्ति जिनका नाम राधेश्याम व सोनू थाजिन्हें पुलिस को सुपुर्द <नाम> <नाम> गया। <नाम> वहां से भाग गया था। घायलफायर मैन महेन्द्र को फायर मैन आशुतोष <नाम> के साथ जिला अस्पताल लोढ़ीइलाज <नाम> भेजवाया गया जिसका दावा इलाज जिला चिकित्सालय, लोढ़ी में भर्तीकराकर कराया जा रहा है। आवश्यक कार्यवाही की जाय। ",
"oo्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेगलत ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहींकी गयी है। चोट की <नाम> साधारण है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तों के साथ चोटिल जो एक सरकारी कर्मचारी हैको चौराहे <नाम> मारा-पीटा गया जिससे उसके शरीर <नाम> गम्भीर चोटें आयी हैं। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा सरकारी कार्य में बाधा भी पहुंचायी गयी है। अपराध कारितकरने में प्रार्थी-अभियुक्त की संलिप्तता पायी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत मामले में अभियुक्त द्वारा एक सरकारी सेवक को चौराहे परमार-पीटकर गम्भीर <नाम> से घायल <नाम> <नाम> गया तथा अभियुक्त को घटनास्थल <नाम> ही गिरफूतार भी <नाम> लिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट में जिस व्यक्ति को सोनू लिखा गया है वह वास्तव में गोलू था जिसेचोटिल ने अपने धारा-161 द॑0प्र०सं0 के बयान में स्पष्ट किया है तथा अभियोजनपक्ष द्वारा यह कहा गया कि चोटिल फायर मेन द्वारा वादी को गोलू <नाम> बतायागया । सम्भवतः सुनने में उन्होनें सोनू सुन लिया। ",
"आघात आख्या का अवलोकन करने से स्पष्ट है कि चोटिल फायरमैन को पांच अदद गम्भीर चोटें आयी हुई हैं जिनमें से चोट सं०- 2 व 3 कोसम्प्रेक्षण के अधीन रखा गया है। इनमें से चोट सं0- 1 व 2 सिर <नाम> है जो किशरीर का मर्म स्थल है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_941_201926-08-201929 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी कमलापासवान ने दिनांक 18.06.2019 को थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 09.06.2019को समय लगभग 12 बजे <नाम> वह उसकी लड़की <नाम> उम्र लगभग 18 वर्ष ,अपनी बहन चादनी उम्र 7 वर्ष एवं <नाम> उम्र 9 वर्ष को लेकर ग्राम नरंगाकोटेदार चन्दन के यहां गल्ला लेने गयी थी। चन्दन पीड़िता को घर में ले जाकरहाथा-पाईं करते हुए स्तन दबाने लगा। जब वह शोर-गुल करने लगी तो उसकेभाई-बहन आये जो <नाम> पीने गये थे तो चन्दन छोड़कर भाग गया। इस सूचनाके आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ",
"अभियोजन पक्ष की तरफ से कहा गया कि प््रार्थीगण निर्दोष हैं। उन्हें फर्जी ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्तगण ने कोई अपराध कारितनहीं किया है। घटना के लगभग एक-डेढ़ माह <नाम> पीड़िता का बयानअन्तर्गत धारा-164 द॑0प्र०सं० <नाम> करक प्रार्थीगण को फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किपीड़िता जब सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान <नाम> गल्ला लेने गयी तो कोटेदारअभियुक्त चन्दन तथा अभियुक्त बालेश्वर द्वारा पीड़िता का मुंह हाथ सेदबाकर घर में ले जाकर पीड़िता के साथ बलात्कार किये। प्रार्थी-अभियुक्तगणद्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। अपराध कारित करने में प्रार्थी-अभियुक्तगणकी संलिप्तता पायी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा धारा-164 दं0प्रसं० के बयान में भिन्नता है। परन्तु इसका स्पष्टीकरण वादी पक्ष सेदिया गया है जिसके अनुसार पीड़िता ने <नाम> और संकोच में अपने पिता को पूरी..2 —2—बात नहीं बतायी थी। पीड़िता ने अपनी दादी को जब <नाम> बात बताया तबविवेचनाधिकारी द्वारा अग्रिम कार्यवाही करते हुए धारा-376-डी भा०दं0सं0 कीबढ़ोत्तरी की गयी । ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी कहा गया कि यदि पुलिस द्वाराजानबूझकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखने में विलम्ब किया जा रहा है तथापीड़िता का मेडिकल कराने में अथवा उसका बयान धारा-164 दं0प्रसं0 दर्जकराने में विलम्ब किया जा रहा है तो इसके लिए विवेचक को दण्डित कियाजाना चाहिए लेकिन केस के गुण-दोष <नाम> कोई उपधारणा नहीं की जा सकतीहै। ",
"धारा-164 दं0प्र0सं0 में पीड़िता द्वारा दिये गये बयान के अनुसारअभियुक्तगण ने पीड़िता का मुंह दबा <नाम> तथा पीड़िता का पायजामा उतारकरअभियुक्तगण द्वारा उसके साथ बलात्कार किया गया । इस दौरान पीड़िता बेहोशहो गयी थी। जब उसे होश आया तो <नाम> कि उसके ऊपर अभियुक्त पानीछिड़क रहा था। पीड़िता को जब होश आया तो अभियुक्तगण दूर भाग गये। ",
"पीड़िता के उक्त बयान को दृष्टिगत रखते हुए अपराध गम्भीरप्रकृति का प्रतीत होता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_187_202027-02-2020187 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"27.02.2020अभियुक्त <नाम> गौड़ की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी अपनीमाता के दवा इलाज <नाम> वाराणसी चला गया था। जिस <नाम> प्रार्थी नियत <नाम> परहाजिर नहीं हो सका और <नाम> ही अपने अधिवक्ता से सर्म्पक <नाम> सका, जिससे उसकेविरूद्ध दिनांक 06.08.2019 को गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी आत्मसमर्पण <नाम> दिनांक 12.02.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी नेजानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त द्वारा अपनी माता के इलाज हेतुवाराणसी चला गया था इस <नाम> वह न्यायालय हाजिर नही आ सका। अभियुक्तदिनांक 12.02.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त इस मुकदमें मेंपूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के हाजिर <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी किया गया। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 12.02.2020 सेजेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_516_202123-03-2021241 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"23.03.2021अभियुक्त बबलू <नाम> पुत्र जर्नादन <नाम> निवासी बसवां थाना करमाजिला सोनभद्र की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त का कथन है कि मुकदमा उपरोक्त में अभियुक्त पूर्व मेंजमानत <नाम> था परन्तु रोजी रोटी के सिलसिले में बाहर चले जाने के <नाम> दिनांक25.06.2018 को न्यायालय उपस्थित नहीं आ सका । उसी दौरान कोरोना के कारणअभियुक्त घर वापस नहीं आ सका। जिस <नाम> नियत <नाम> की जानकारी नहीं होपायी और <नाम> ही अपने अधिवक्ता से सम्पर्क हो पाया। जिससे अभियुक्त के विरूद्धगैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त द्वारा जानबूझकर न्यायालय उपस्थितआने में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त भविष्य में प्रत्येकनियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त प्रकरण उपरोक्त केविचारण में सहयोग करेगा। अभियुक्त अपने परिवार में अकेला कमाने वाला व्यक्तिहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त प्रकरण उपरोक्त में पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त कार्य के सिलसिले मेंबाहर चला गया और उसी दौरान कोरोना के महामारी के <नाम> वह घर वापस नहींआ सका और <नाम> ही अपने अधिवक्ता महोदय से ही सम्पर्क ही हो सका। जिससेअभियुंक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट का आदेश निर्गत <नाम> <नाम> गयां। अभियुक्त न्यायालय हाजिर होने में कोई जानबूझकर लापरवाही नहीं किया है। भविष्यमें अभियुक्त न्यायालय प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित आएगा किसी प्रकार का कोईहीला हवाली नहीं करेगा। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। यदिअभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जाता है तो इस बात की <नाम> सम्भावना है कि उसकेद्वारा साक्षियों को प्रभावित किया जाएगा तथा प्रकरण के निराकरण में विलम्ब कारितहोगा। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की Bail Application/516/2021 -Babblu Yadav Vs. state Of UP 2गयी है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त <नाम> रोटी के सिलसिले में बाहर चला गया और उसी दौरान कोरोना केसकमण के <नाम> वह वापस नहीं आ आ सका और <नाम> ही अधिवक्ता महोदय सेसम्पर्क हो सका। अभियुक्त द्वारा यह कहा गया कि वह जानबूझकर न्यायालयउपस्थित आने में कोई लापरवाही नहीं किया है। वह भविष्य में प्रत्येक नियत तिथिपर न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_758_201916-07-2019315 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि वह रोज की भांति बस स्टेण्ड स्थित अपने प्रतिष्ठान से अपनाकाम समाप्त <नाम> दुकान बन्द <नाम> हिण्डालको कालोनी स्थित अपने आवास जारहा था । अपनी मोटरसाइकिल से अकेला वह कालोनी स्थित महिला मण्डलस्कूल के पास से गुजरा था कि पीछे से अचानक <नाम> <नाम> एवं उसके दो अन्यसाथी हमला <नाम> दिये। प्रार्थी मोटरसाइकिल से गिर पड़ा। उसके <नाम> लोहे केपंच राड व अन्य हथियारों से ताबड़तोड़ मारने लगे। प्रार्थी लहुलुहान होकरजब मदद के लिए पुकारा तो हमलावर <नाम> से खत्म करने की धमकी देते हुएउसकी सोने की जंजीर एवं दुकान का करीब 44हजार रुपया छिनकर मितालीक्लब की ओर भाग निकले । प्रार्थी अपने मित्रों व राहगीरों की मदद से रेनूकूटचौकी पहुंचा, जहां वाहन से चिकित्सा के लिए हिण्डालको अस्पताल ले जायागया। प्राथमिक चिकित्सा के <नाम> डाक्टर ने 24 घण्टे <नाम> इंतजार करने के लिएकह <नाम> आगे की सघन चिकित्सा की सलाह दी है। निवेदन किया है किसुसंगत धाराओं में अपराध पंजीकृत <नाम> कार्यवाही करें। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। उसे रंजिशन फंसाया गया है। घटना असत्य है। प्रथम सूचना रिपोर्टमें घटना के समय व दिनांक का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। वास्तविकता यह है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के एक <नाम> पूर्व वादी रातलगभग 9.00 बजे हिण्डालको कालोनी <नाम> क्लब के पास अपनीमोटरसाइकिल से तार से घेरे हुए पेड़ से टकरा <नाम> घायल हो गया जिसेसाक्षीगण ने पेड़ से टकराते हुए व घायल होते हुए देखा। पुलिस द्वारा विवेचनासे लूट का मामला नहीं पाया गया तब पुलिस द्वारा मुकदमें को <नाम> 308, 506भा0दं0सं0 में परिवर्तित <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ",
"ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी को लोहे के पंच वराड से मारा-पीटा गया जिससे उसे गम्भीर चोंटे आयी हैं। प्रार्थी-अभियुक्तअपराधिक प्रवृत्ति का है। आघात आख्या से यह स्पष्ट है कि वादी के शरीर परजो चोटें पायी गयी हैं वह चोटें पेड़ से टकरा <नाम> नहीं आ सकती हैं। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध कारित किया गया है। अपराध कारित करनेमें प्रार्थी-अभियुक्त की स्पष्ट <नाम> से संलिप्तता पायी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"बचाव पक्ष द्वारा घटना से इंकार किया गया है तथा यह कहा गयाहै कि उसे गलत तरीके से मामले में नामित किया गया है। ",
"बचाव पक्ष द्वारा यह भी कहा गया है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट कीअसत्यता पुलिस विवेचना से ही सिद्ध हो जाती है जिसमें कि पुलिस को 44हजाररुपये छीनने तथा सोने की चेन छीनने की घटना असत्य प्राप्त हुई । ",
"अभियुक्त द्वारा यह भी कहा गया है कि पक्षकारों के मध्य पूर्व सेरंजिश रही है जिसके <नाम> वादी द्वारा अभियुक्त को गलत तौर <नाम> फंसाया गयाहै। ",
"अभियुक्त द्वारा वादी को आयी हुई चोटों के सन्दर्भ में बताया गयाकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के एक <नाम> पूर्व वादी मुकदमा रात लगभग9.00 बजे हिण्डालको कालोनी, रेनूकूट <नाम> क्लब के पास अपनीमोटरसाइकिल से तार से घेरे हुए पेड़ से टकरा <नाम> घायल हो गया जिससे उसेगम्भीर चोटे आयी। इस घटना को गवाहान <नाम> तथा <नाम> <नाम> ने भीदेखा था। ",
"परन्तु आघात आख्या का अवलोकन करने से चोटों की जो प्रकृतिहै उससे यह नहीं कहा जा सकता कि वादी तारों से घेरे हुए पेड़ से टकरा करचोटिल हुआ हो बल्कि सख्त व कुन्द आयुध से ही इस प्रकार की चोट पहुंचायीजा सकती है। ",
"अभियुक्त द्वारा वादी को जो चोटें पहुंचायी गयी है उनसे यदिवादी की मृत्यु हो जाती तो हत्या की कोटि में <नाम> आने वाले आपराधिक मानव वधका मामला बनता। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1149_201910-10-2019709 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी बालेश्वरप्रसाद ने दिनांक 06.06.2019 को थाना म्योरपुर में लिखित सूचना <नाम> किघटना दिनांक 04.06.2019 को समय लगभग 11 बजे <नाम> की है। उसने अपनीपुत्री <नाम> का विवाह 6 वर्ष पूर्व श्रवण <नाम> पुत्र गोकुल निवासी-लिलासी,थाना-म्योरपुर के साथ किया था। शादी के 6 माह <नाम> से ही उसकी लड़की कोदहेज के चक्कर में तरह-तरह का ताना मारना, अपनी सम्पत्ति के सामने लडकीपक्ष को तुच्छ बताना आदि प्रताड़ित करते रहते थे। कुछ <नाम> से उसकी पुत्री केहाथ से बनाया हुआ खाना भी नहीं खाते थे जिसको लेकर उसकी पुत्री फोन परउन लोगों से सारी घटना बताया करती थी। दामाद व दामाद के घर वाले भीहमेशा दहेज की मांग करते रहते थे। उसने अपने दामाद और समधी को कईबार समझाया कि वह गरीब है, अपने सामर्थ्य के अनुसार उपहार स्वरुप जो थावह <नाम> <नाम> है। दोनों के नुत्फे से दो बच्चे कमश: बिट्टू उम्र 4 वर्ष व पुत्री रिंकीउम्र 1 वर्ष पैदा हुए । उसकी पुत्री डी0एल0एड0 अन्तिम वर्ष <नाम> रही थी जिसकेखर्चे को लेकर भी उसके दामाद श्रवण <नाम> , गोकुल साव, <नाम> <नाम> अशोककुमार व <नाम> <नाम> की पत्नी द्वारा हमेशा पैसे की मांग करना तथामार-पीटकर प्रताड़ित भी किया जाता था। सभी लोग धमकी देते थे कि तुमअपने मायके से दहेज व सामान आदि नहीं लाओगी तो तुम इस घर में नहीं रहपाओगी, तुम्हारा जीना मुश्किल हो जायेगा। तुम्हे चैन से जीने नहीं देगें। अन्तत:उसकी लड़की को उक्त सभी लोगों ने रात में <नाम> से मार दिया। घटना घटित..2 9कर देने के <नाम> भी उसे सूचित नहीं किये । बगल के रिश्तेदार द्वारा उसे फोनसे सूचना मिली। सूचना मिलने के उपरान्त वह अपने दामाद व समधी को फोनकिया तो मोबाइल बन्द बताया। ऐसी स्थिति में आनन-फानन में वह अपने घरवालों के साथ मौके <नाम> पहुंचा तो <नाम> कि उसकी लड़की की लाश जमीन परपड़ी थी। विपक्षीगण के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> आवश्यक कार्यवाहीकी जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> तो मृतका से दहेज की मांग की जाती थी और <नाम> ही उसेदहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। वह मृतका से बेहद प्यार करता था। प्रार्थी का विवाह 8-9 वर्ष पूर्व हुआ था। मृतका मानसिक रुप से बीमार थी। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त मृतका का <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतका से दहेज कीमांग की जाती थी। दहेज की पूर्ति <नाम> होने <नाम> मृतका को प्रताड़ित किया जाताथा । यह भी कहा गया कि यदि मृतका मानसिक रुप से बीमार रहती तो वहडी0एल0०एड0 का कोर्स नहीं करती । अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत मामले में एक सुसाइड नोट की चर्चा की गयी है जिसकेआधार <नाम> यह कहा गया है कि मृतका ने आत्महत्या किया है, उसकी दहेज मृत्युकारित नहीं की गयी है। ",
"बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया है कि मृतका मानसिक रुपसे अस्वस्थ थी जिसका इलाज रांची में करवाया जा रहा था। उसी मानसिकअस्वस्थता के आवेग में मृतका ने आत्महत्या <नाम> लिया। इसका खण्डन करते हुएअभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया कि मृतका डी0एल0एड0 का कोर्स <नाम> रहीथी । यदि वह मानसिक रुप से अस्वस्थ होती तो डी0एल0०एड0 का कोर्स नहीं कररही होती। ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि यदि बचाव पक्ष केतरक को अक्षरश: मान लिया जाय तो भी सुसाइड नोट के अनुसार मृतका अपनेपति से ही परेशान थी एवं व्यथित थी तो <नाम> जमानत पाने का हकदार नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_760_202002-07-2020286 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा सीताराम पुत्र बिहारी,निवासी ग्राम पाडर, थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र ने दिनॉक 26.05.2020 को थाना चोपनजिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी पुत्री सोनीकी शादी रमेश पुत्र बच्चा <नाम> निवासी ग्राम चोपन, थाना चोपन जनपद सोनभद्र के यहाँ मई,2010 में हिन्दू रीति-रिवाज से हुई शी। शादी के <नाम> आये <नाम> उसकी पुत्री को दारू, गॉजापीकर प्रताड़ित किया जाता रहा। उसी प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर दिनॉक 24.05.2020 को उसकीपुत्री आग लगा <नाम> आत्महत्या <नाम> ली। ",
"्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी निर्दोष हैउसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी को गलत ढंग से उपरोक्त मुकदमा में अभियुक्तबनाया गया है। अभियोजन कथानक गलत एवं झूठा है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट सोचीसमझी चाल के तहत विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी की पत्नी <नाम> खाना बनाते समयकपड़े में आग लग जाने के <नाम> जल गयी। प्रार्थी द्वारा इलाज <नाम> उसे सरकारी अस्पतालवाराणसी ले जाया गया जहाँ इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। प्रार्थी द्वारा अपनी पत्नीको प्रताड़ित नहीं किया गया और <नाम> ही वह किसी प्रताइना के <नाम> आग लगा करआत्महत्या की है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अपनी पत्नी मृतका को प्रताड़ित किया जाता रहा जिससेक्षु्ध होकर वह आत्महत्या <नाम> ली । अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"प्रस्तुत मामले में केस डायरी के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि साक्षीगणप्रेम <नाम> व <नाम> <नाम> आदि जो स्वतंत्र <नाम> की श्रेणी में आते हैं, उनके द्वारा यह बयानदिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा मृतका के साथ लगातार मार-पीट व प्रताड़ित किया ह2जाता था। साथ ही उक्त साक्षीगण द्वारा भी प्रार्थी/अभियुक्त को समझाने-बुझाने की बातकही गयी है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि मृतका की मृत्यु उसके ससुराल में्रार्थी/ अभियुक्त के आवास <नाम> होने के तथ्य को भी प्रार्थी क विद्वान अधिवक्ता द्वारा नहींझुठलाया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_119_202103-02-2021836 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 28.04.2019 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> मौर्य अन्य पुलिस कर्मियों के साथ वांछितअभियुक्त की तलाश एवं <नाम> के देखभाल <नाम> मधुपुर-नौगढ़ मार्ग के पास खड़े थेकि एक व्यक्ति घबराया हुआ आया और अपना नाम घनश्याम मौर्य पुत्र स्व0 रामवृक्षमौर्य निवासी <नाम> थाना राबर्टद्सगंज बताया और यह भी बताया कि उसका पुत्रराजेश मौर्य तथा उसका साथी उसके घर <नाम> आये हैं तथा उसे मारने एवं घर कोउड़ाने की बात <नाम> रहे हैं तथा उनके पास विस्फोटक सामान है। इस सूचना परपुलिस <नाम> उक्त व्यक्ति घनश्याम को साथ लेकर उसके घर आये, उसने बताया किउसका लड़का <नाम> मौर्य है और दूसरा उसका साथी है। कमरे में खड़े उनव्यक्तियों से नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम <नाम> मौर्या पुत्र घनश्याममौर्या निवासी <नाम> बताया तथा दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम बचऊ <नाम> पुत्रस्व0 <नाम> लगन निवासी लगड़ा मोड़ डाला, थाना चोपन, सोनभद्र बताया। पुलिस द्वाराराजेश मौर्या की जामा तलाशी ली गयी तो उसके पैण्ट के दाहिने जेब में प्लास्टिककी डिब्बी में 03 अदद डेटानेटर इलेक्ट्रिनिक मिला तथा बायीं जेब में 04 अदद सेलका सकिंट टेप लगा हुआ एवरेडी सेल का बरामद हुआ। उक्त विस्फोटक सामग्रीरखने का <नाम> पूछने <नाम> <नाम> मौर्या ने बताया कि वह अपने पिता को बम सेमारने व घर को उड़ाने <नाम> रखा है क्योंकि उसके पिता उसका हिस्सा नहीं <नाम> रहे हैंतथा सहयोग <नाम> अपने साथी को बुलाया है। दूसरे व्यक्ति बचऊ <नाम> कीतलाशी लेने <नाम> उसके कब्जे से प्लास्टिक की डिब्बी में रखा 02 अदद डेटानेटरइलेक्ट्रिनिक मिला तथा उसने बताया कि <नाम> मौर्या उसका दोस्त है, उसके कहनेपर उपरोक्त सामान सुकृत खदान से खरीद <नाम> लाया है। उक्त दोनों व्यक्तियों से Bail Application/216/2021 -Rajesh Maurya Vs. State Government 2उपरोक्त सामग्री रखने का प्रमाण पत्र मांगने <नाम> वह दोनों प्रमाण पत्र नहीं दिखासके । इस प्रकार उक्त दोनों व्यक्तियों को धारा-4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम केअपराध का बोध कराते हुए समय 16.20 बजे गिरफूतार किया गया तथा बरामदशुदाउपरोक्त सामग्री को कब्जा पुलिस में लिया गया तथा उसे सफेद कपड़े में रख करसर्व मुहर किया गया एवं फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। तदोपरान्त अभियुक्तगण केविरूद्ध दिनांक 28.04.2019 को समय 19.10 बजे थाना राबर्टदसगंज, सोनभद्र परधारा-4/25 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम क अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गयातथा विवेचनोपरान्त अभियुक्त <नाम> मौर्या तथा एक अन्य अभियुक्त के विरूद्ध आरोपपत्र प्रेषित किया गया। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र में अभियुक्त की ओर से यह कथन किया गया हैकि कथित घटनास्थल <नाम> सैकड़ों दुकानें हैं तथा घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहींहै। सामान्यतया टार्च में एवरेडी सेल का प्रयोग होता है जो विस्फोटक नहीं है। ्रार्थी/ अभियुक्त का अपने पिता से घर मकान के बंटवारे को लेकर कुछ विवाद थाजिसकी शिकायत उसके पिता ने पुलिस चौकी सुकृत <नाम> किया था, चौकी प्रभारी द्वररा प्रार्थी को चौकी <नाम> बुलाया गया था जहां <नाम> चौकी प्रभारी से कुछ कहा सुनी होगयी थी। इसी <नाम> से पुलिस द्वारा उसे प्रस्तुत मामले में गलत ढंग से फंसा दियागया है। प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई घटना कारित नहीं की है और <नाम> ही वह बचउजायसवाल को जानता पहचानता है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्कं है कि अभियुक्त लम्बे समय सेजिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त क विरूद्ध कोई भी मामला <नाम> <नाम> साबितनहीं हुआ है। अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्त को उसकेपिता के साथ विवाद होने तथा उसक सम्बन्ध में पुलिस में शिकायत करने के आधारपर उसे गलत तरीके से मामले में फर्जी फंसाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त जमानतपर <नाम> किए जाने <नाम> है, उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> का तर्क है कि अभियुक्त <नाम> मौर्या केकब्जे से विस्फोटक सामग्री 03 अदद डेटानेटर इलेक्ट्रिनिक 04 अदद सेल कासकिंट टेप लगा हुआ एवरेडी सेल बरामद हुआ है तथा उसके एक अन्य साथी केकब्जे से भी विस्फोटक सामग्री बरामद की गयी है जिसे उसने अपने पिता को मारनेतथा घर को उड़ाने के आशय से अपने पास रखे हुआ था। अभियुक्त के विरूद्धलगाया गया अभियोग गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त जमानत <नाम> छोड़े जाने योग्यनहीं है, जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने <नाम> है, निरस्त किया जावे। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सविस्तार सुना गया तथा सम्बन्धित सत्र परीक्षण संख्या-86सन् 2019 की पत्रावली एवं सम्बन्धित थाने से प्राप्त आख्या का अवलोकन कियागया। ",
"उभय पक्ष क तर्को को सुनने तथा सत्र परीक्षण पत्रावली के अवलोकनसे स्पष्ट है कि अभियुक्त <नाम> मौर्या के कब्जे से पुलिस द्वारा उसके पिता के सामने03 अदद डेटानेटर इलेक्ट्रिनिक तथा 04 अदद सेल का सरकिट टेप लगा हुआएवरेडी सेल बरामद किया गया है, पूछने <नाम> अभियुक्त द्वारा यह बताया गया है किउसने उपरोक्त सामान अपने पिता को मारने तथा घर को उड़ाने के आशय से अपने Bail Application/216/2021 -Rajesh Maurya Vs. State Government 3 पास रखा था क्योंकि उसके पिता के साथ उसका घर मकान के बटवारे को लेकरविवाद है और उसका पिता उसका हिस्सा नहीं <नाम> रहा है। घटनास्थल से अभियुक्तके एक अन्य साथी को भी गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से भीविस्फोटक सामग्री बरामद की गयी है जिसे अभियुक्त <नाम> मौर्या ने सहयोग केलिए बुलाना बताया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_917_202013-08-2020113 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"Bail Application/l879/2020 -Vipin jaiswal Vs. State Government l UPSB<फ़ोन-नंबर>0न्यायालय Addl. District and Sessions Judge (Rape Along withPocso), Sonbhadraपीठासीन <नाम> (71 $ए॥। 1 ऽ¡n९॥), (उ०प्र० न्यायिक <नाम> ) - UP06456जमानत प्रार्थना पत्र संख्या -917/ 2020मुकदमा अपराध संख्या -444 /2015विपिन <नाम> पुत्र सभाजीत <नाम> निवासी टिकरी थाना माण्डा जिलाइलाहाबाद । ",
"प्रतिउत्तर प्रदेश राज्य। धारा-419,420,468 भा०द0सं0शाना-पिपरी जनपद - सोनभद्र । ",
"13.08.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 06.10.2015 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ अभिसूचना के संकलन के कम मेंजनपद सोनभद्र में पतारसी सुरागरसी का कार्य किया जा रहा था जरिए मुखबिर खासने आकर बताया कि एक दरक संख्या यू०पी0 35बी/ 9089 मुर्धवा से रनटोला रोड परकुछ दूरी <नाम> सदिग्ध हालत में खड़ा है। इस सूचना <नाम> पुलिस <नाम> घटना स्थल कीओर बढ़ा कि मौके <नाम> उपरोक्त नम्बर का दुक में बैठे दो व्यक्ति को रोका एवं टोकातो अचानक पुलिस <नाम> को देखकर भागने का प्रयास किए कि सन्देह होने <नाम> मौकेपर ही दोनों व्यक्तियों को घेर मारकर समय करीब 12.45 बजे पकड़ लिया गया। पकड़ेगए व्यक्तियो का नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम रामू <नाम> पुत्र स्व0लुलसी <नाम> दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 रामटहल, बताया। दोनों सेउक्त दरक के बारे में पूछा गया तो अपनी गलती मानते हुए बताया कि इस गाड़ी मेंगांजा है। तब नियमानुसार बताशी ली गयी तो ट्रक चालक के बैठने क स्थान के पीछेकेबिन पिछले हिस्से में नट बोल्ट व तख्तों व प्लाइउड को जोड़कर एक बाक्स बनायागया जिसमें अवैध गांजा तीन कुन्टल 45 किलोग्राम बरामद हुआ। दोनों व्यक्तियों नेबताया कि त्रिशुल चन्द्र व उसका भतीजा <नाम> <नाम> उर्फ गोलू ने सात सातहजार रूपया में उड़ीसा से राबर्दसगज <नाम> गाजा लाने के लिए रखा है। उक्त दकके कागजात मांगे जाने <नाम> ट्रक चालक ने असमर्थता जाहिर की। गांजा रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित केहस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। उपरोक्त के आधार <नाम> अभियुक्तगण केविरूद्ध अपराध संख्या-444/2015 अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0 पी0एस0०एक्ट मेंपंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना अभियुक्तगण के विरूद्ध अन्तर्गतधारा-419,420,468 भा0द0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। धारा-8/20 मBail Application/l879/2020 -Vipin jaiswal Vs. State Government 2एन0०डी0पी0एस०0एक्ट के अन्तर्गत अभियुक्त की जमानत माननीय उच्च न्यायालयइलाहाबाद स्वीकृत हो चुकी है। पुलिस द्वारा प्रेषित आरोप पत्र में अन्तर्गतधारा-419,420,468 भा०द0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। जब कि उपरोक्त धाराओं सेअभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्त जिला कारागार में लगभग साढ़ेपांच वर्ष से निरूद्ध है। <नाम> अभियुक्त रामू <नाम> एवं सतोष <नाम> की जमानतमाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद से हो चुकी है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन अधिकार द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण द्वारा <नाम> वैध कागजात के वाहन ट्रकसंख्या-35बी/9089 से उड़ीसा से 03 कुन्टल 45 किलोग्राम नाजायज गांजा कापरिवहन करते हुए पकड़े गए थे। अभियुक्त का <नाम> 8/20 एन0०डी०पी0एस०एक्ट केअन्तर्गत जमानत माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त की गयी थी जो माननीय उच्चन्यायालय इलाहाबाद द्वारा स्वीकृत की गयी है। तत्पश्चात अभियुक्त की ओर सेउपरोक्त धाराओं में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त एवंसहअभियुक्तगण द्वारा फर्जी एवं छल करके उपरोक्त ट्रक से अवैध गांजा कापरिवहन किया जा रहा था। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराधमें लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त एवं सहअभियुक्तगण द्वारा <नाम> वैध कागजात के वाहन ट्रक संख्या-35बी/ 9089 से उड़ीसा से03 कुन्टल 45 किलोग्राम नाजायज गांजा का परिवहन करते हुए पकड़े गए थे। अभियुक्त का <नाम> 8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट के अन्तर्गत जमानत इस न्यायालय द्वरा निरस्त की गयी थी जो माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा स्वीकृत की गयीहै। तत्पश्चात अभियुक्त की ओर से उपरोक्त धाराओं में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त एवं सहअभियुक्तगण द्वारा फर्जी एवं छल करके उपरोक्तट्रक से अवैध गांजा का परिवहन किया जा रहा था। अभियुक्त एवं सहअभियुक्तगण द्वारा अवैध कागजात के साथ उपरोक्त ट्रक में इतनी अधिक <नाम> मेंगांजा की बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त आपराधिक मनःस्थिति क व्यक्ति प्रतीतहोता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_693_202017-06-2020369 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थी / अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध हैं। ्रार्शी/अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथनकिया गया है कि उन्हें साजिशन इस मामले में फंसा <नाम> जेल भेज <नाम> गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और <नाम> ही प्रस्तुत मामले की घटना में उनकी कोईसंलिप्तता रही है। प्रार्थी/ अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं, उनका कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्तगण जमानत <नाम> <नाम> किए जाने <नाम> हैं। अतःउन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। अभियोजन कथानक का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि वादीमुकदमा देवकान्त पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> निवासी बारी महेवा, थाना करमा, जनपदसोनभद्र ने दिनांक 20.02.2020 को थाना करमा, जनपद सोनभद्र <नाम> इस आशय कीप्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत करायी कि घटना दिनांक 19.02.2020 समय करीब 08.30 बजे <नाम> की है, प्रार्थी व उसके परिवार क लोगों को ब्रेकर हटाने को लेकर गांवके बाबूलाल व उनके परिवार वाले मारे पीटे थे तथा बाबूलाल को <नाम> से मारनेकी धमकी दिये थे। इसी रंजिश वश उसी <नाम> समय करीब 05.30 बजे <नाम> वादी वउसका <नाम> <नाम> व <नाम> व भतीजा कामेश्वर खेत <नाम> <नाम> <नाम> रहे थे, उसीसमय अभियुक्तगण बाबूलाल पुत्र दशरथ, विजेन्दर, नागेन्दर, जोगेन्द्र, जीतेन्द्र,अरविन्द, <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> बहादुर, चन्द्रमा, विक्की पुत्रगण नन्दू व तीनअज्ञात व्यक्ति अपने हाथों में लाठी-डंडा व राड लेकर वादीगण को <नाम> से मारने केलिए दौड़े जिस <नाम> अभियुक्तगण को हमलावर देखकर वादीगण इधर-उधर भागेपरन्तु <नाम> व <नाम> को अभियुक्तगण ने रोक <नाम> मारने का प्रयास किया तोअखिलेश व <नाम> ने <नाम> बचाने के लिए उधो के घर में घुसकर दरवाजा बन्द करलिया तो अभियुक्तगण ने दरवाजा तोड़ <नाम> तथा अभियुक्तगण बाबूलाल, विजेन्दर,अरविन्द, <नाम> चन्द्रमा व <नाम> घर के अन्दर घुस गये तथा <नाम> लोग दरवाजारोक <नाम> खड़े हो गये और चिल्लाकर बोले कि अन्दर कोई बचाने गया तो उसकी 2हत्या <नाम> देंगे। थोड़ी देर <नाम> अंदर के लोग बाहर आये और यह कहते हुए चले गयेकि हत्या करने के उद्देश्य से आये थे तथा उनका उददेश्य पूरा हो गया। जब वादीपक्ष ने मौके <नाम> पहुंच <नाम> <नाम> तो <नाम> मर चुके थे व <नाम> की सांस चल रहीथी । वादी पक्ष तत्काल दोनों को लेकर अस्पताल गये जहां से उ्हें ट्रामा सेंटर,वाराणसी रेफर <नाम> <नाम> गया। वादी मुकदमा के तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगणके विरूद्ध थाना करमा <नाम> मु0अ0सं0-16,/2020, धारा-147, 148, 307, 302, 506,342, 452, 34 भा0दं0सं0 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। ",
"्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण को प्रस्तुत मामले में झूठा एवं रंजिशन फंसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण का कोई संबंध कथित घटना से नहीं है और <नाम> ही उन्होंने <नाम> वराकेश को मारा पीटा था और <नाम> ही वे घर में घुसने वाले व्यक्तियों में शामिल थे। मजरूब के बयान के आधार <नाम> भी प््रार्थी/ अभियुक्तगण की <नाम> हमलावरोंके <नाम> में दर्शित नहीं है। कथित घटनास्थल के पास जब मृतक एवं <नाम> यदि मारपीट के बचाव में भाग रहे थे तो अभियुक्तगण ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। ऐसीस्थिति में प््रार्थी/अभियुक्तगण का उद्धव मौर्य के यहां जाने का कोई औचित्य नहींहै। प्रार्थी/अभियुक्तगण की घटनास्थल <नाम> उपस्थिति विश्वसनीय नहीं है। वादीदेवकान्त तथा उसके परिवार के लोगों व अन्य लोगों के मध्य रंजिश है, उसी रंजिशके <नाम> प््रार्थी/अभियुक्तगण को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। प््ार्थी/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा वे काफी समय से जिलाकारागार में निरूद्ध हैं। प्रार्थी/अभियुक्तगण जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> हैं, अतःउन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ",
"विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा उक्त तर्को केखण्डन में कहा गया है कि अभियुक्तगण द्वारा कथित घटना वाले <नाम> सुबह वादीपक्ष को पहले ब्रेकर के विवाद <नाम> मारा पीटा गया व <नाम> से मारने की धमकी दीगयी और उसी विवाद के <नाम> उसी <नाम> <नाम> 05.30 बजे अभियुक्तगण घातकअस्त्रों सहित वादी पक्ष को मारने के लिए हमलावर हुए, जिनमें से मृतक एवं मजरूबजान बचाने के लिये उद्धव मौर्य के घर में घुस गये, जहां <नाम> सभी अभियुक्तगण द्वाराएक <नाम> होकर मृतक <नाम> की हत्या <नाम> दी गयी तथा मजरूब <नाम> को भीगंभीर चोटें पहुंचाकर <नाम> से मारने का प्रयास किया गया। दौरान विवेचना वादी पक्षद्वारा प्रार्थी/अभियुक्तगण व अन्य <नाम> अभियुक्तगण की <नाम> का विवरण विवेचकको <नाम> गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के सिर <नाम> गम्भीर चोटें व उसमेंफैक्चर होना पाया गया है तथा मजरूब <नाम> के शरीर <नाम> भी कई चोटें पायी गयीहैं। प्रार्थी /अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाया गया अभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> काहै । अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़े जाने का आधार पर्याप्त नहीं है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प््रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वानअधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी), सोनभद्र के तको कोधर्यपूर्वक सुना गया तथा न्यायालय मुख्य न्यायिक मजि0, सोनभद्र से तलब की गयीमु०नं0०-3703 सन् 2020 राज्य बनाम बाबूलाल मौर्य व अन्य, थाना करमा, जनपदसोनभद्र की पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों तथा थाना करमा से प्राप्त आख्या कासम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ",
"3उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा संबंधितपत्रावली एवं अभियोजन प्रपत्रों तथा केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि्रार्थी/अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद हैं। प्रार्थी/अभियुक्तगण केविरूद्ध अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से वादी मुकदमादेवकान्त के <नाम> <नाम> की हत्या कारित करने व <नाम> को <नाम> से मारने कीनियत से मार <नाम> गम्भीर चोटें पहुंचाये जाने के अभियोग लगाये गये हैं। धारा-161दं0प्र०सं0 में साक्षीगण <नाम> <नाम> मोर्य, प्यारे <नाम> मोर्या, हनुमान मौर्या, सतीशमौर्या, कामेश्वर शरण <नाम> मुन्ना उर्फ <नाम> <नाम> <नाम> व छोटे कोल ने प्रथम सूचनारिपोर्ट व अभियोजन कथानक का समर्थन किया है। मृतक <नाम> के पोस्ट मार्टमरिपोर्ट के अनुसार उसके सिर <नाम> मृत्यु पूर्व फटे हुए घाव, नीलगू निशान व खरोंचकी 08 चोटें पायी गयी हैं तथा उसकी मृत्यु इन्हीं मृत्यु पूर्व आई हुई चोटों के कारणहोना बताया गया है। मजरूब <नाम> <नाम> के चिकित्सीय रिपोर्ट में भी उसके सिरपर, कान <नाम> व आंख के पास चोटें <नाम> बताया गया है। कथित घटना <नाम> के 05.30 बजे योजनाबद्ध तरीके से अभियुक्तगण द्वारा पीट-पीट <नाम> एक व्यक्ति की हत्याकारित करने व एक व्यक्ति को गम्भीर <नाम> से चोटें पहुंचाने से संबंधित है। अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> के हैं। अभियुक्तगण की सकिय <नाम> कथित अपराध में संलिप्त होने क बारे में उल्लिखितकी गयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_65_202005-02-2020497 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 24.11.2010 को उपनिरीक्षक योगेन्द्र <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> करते हुए भभाइच के पटेलमोड़ तिराहे <नाम> पहुंचे कि दो व्यक्ति भभाइच की तरफ से मोटरसाइकिल से आ रहे थेकि पुलिस को देखकर भागने लगे तथा संदेह होने <नाम> दबिश देकर समय करीब 07.20 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो विजयकुमार गौड़ पुत्र शिवदवल गौड़ बताया। नियमानुसार जामा तलाशी लेने <नाम> उसकेपास से एक किलो पांच सौ ग्राम गाजा नाजायज बरामद हुआ। गांजा रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफ्तारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित केहस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम कोथाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यकमात्रा से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त क कब्जे से एक किलो पांच सौ Bail Application/328/2020 Vijay Kumar Gaud Vs. State Government 2ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वगरा एन0डी0पी0एस0०एक्ट के प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध दिनांक 19.07.2017 को न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्टजारी हो गया। और दिनांक 16.11.2019 को गिरफूतार होकर जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास के संबध में कोई कथननहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 16.11.2019 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1151_201925-10-2019551 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 29.08.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्रशांति व्यवस्था ड्यूटी पेच्डिग विवेचना तलाश वांछित अपराधी <नाम> मेंमौजूद था कि जरिए मुखबिर सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति मादक पदार्थलेकर पन्नूगंज की तरफ जाने वाली महिला थाना तिराहे के पास खड़ाहोकर सवारी का इन्तजार <नाम> रहा है। इस सूचना <नाम> विशवास करपुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची तो उक्त व्यति टैम्पों को हाथ के इशारे सेरोक रहा था कि पुलिस <नाम> <नाम> टी शर्ट पहने व्यक्ति को समय करीब10.30 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गयाता उसने अपना नाम रविन्द्र मौर्या पुत्र <नाम> मौर्या बताया। तथाबताया कि उसके पास जो हेरोइन है उसे बढ़ौली चौराहे के बगल मेंरहने वाले <नाम> <नाम> ने मुझे <नाम> है जिसे <नाम> <नाम> निवासी गुरौटीको देना है। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो बाए हाथ हाथ मेंअखबारी कागज में लपेटकर दो प्लास्टिक की पन्नी में 10 ग्रामनाजायज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकार पत्र मांगागया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधितके हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकरमाल मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। पुलिस द्वारा <नाम> 50एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का अनुपालन नही किया गया है। प्रार्थी को फर्जी ढंग से चालान <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयी है। ",
"2/ राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि जब <नाम> अभियुक्त रवीन्द्र मौर्या को 10ग्राम नाजायज हेरोईन के साथ पकड़ा गया तो उसने बताया कि उक्तहेरोइन अभियुक्त <नाम> <नाम> ने उसे <नाम> कि इस नाजायज हेरोइनको <नाम> <नाम> निवासी गुरौटी को <नाम> देना। अभियुक्त द्वारा मादकपदार्थ का तस्करी करता है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेपर उसक पुनः उक्त अपराध में संलिप्त होने की सम्भावना से इन्कारनहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से नाजायज हेरोइन बरामदगी होना नहीं कहागया है बल्कि यह कहा गया है कि सह-अभियुक्त रवीन्द्र मौर्या को जबपुलिस द्वारा नाजायज हेरोईन के साथ पकड़ा गया तो उसने बताया किउक्त हेरोइन अभियुक्त <नाम> <नाम> ने उसे <नाम> कि इसे <नाम> सिंहनिवासी गुरौटी को <नाम> देना। डी0सी0आर0बी0 रिपोर्ट के अनुसारअभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_678_202018-06-2020368 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"18.06.2020 अभियुक्तगण सोनू <नाम> उफ <नाम> <नाम> मिथलेश <नाम> धनेश्वरयादव एवं घनश्याम <नाम> उफ गुण्डू द्वारा यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। ",
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा शिवम <नाम> द्वाराथाना राबर्ट्सगंज में दिनांक 24.04.2020 को प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> कराया किदिनांक 23.04.2020 को सांय करीब पांच बजे वह अपने बहनोई सूरज <नाम> के साथराबर्ट््सगंज बाजार दवा लेने जा रहा था कि उसी समय पुरानी रंजिश को लेकर सोनूयादव, मिथलेश <नाम> व शुभम <नाम> छोटक <नाम> , धनेशर <नाम> घनश्याम <नाम> वगुलपत्ति व अन्य सियाराम के ललकारने <नाम> सभी लाठी डण्डा लेकर गाली गलौज करतेहुए उसे व उसके बहनोई को मारने पीटने लगे उसके शोर <नाम> सत्यदेव <नाम> आए तोसभी उन्हें भी बुरी तरह मारे। गांव घर के लोगों के बीच बचाव करने <नाम> <नाम> से मारनेकी धमकी देते हुए भाग गए। सत्यदेव <नाम> की हालत गम्भीर होने के <नाम> उन्हेंबी0एच0यू0 वाराणसी भेज <नाम> गया। ",
"्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है किअभियुक्तगण पूर्णरूपेण निर्दोष है। कथित घटना सरासर गलत आधारहीन एवमनगढ़न्त तथ्यों <नाम> आधारित है। सत्य घटना यह है कि कबड्डी के खेल में झगड़ाहोने <नाम> लोगों द्वारा बीच बचाव <नाम> <नाम> गया। इसी रंजिश के <नाम> घटना केदिनांक <नाम> बहादुर व अन्य लोग अभियुक्तगण के घर <नाम> चढ़ आए और लाठीडण्डे व ईट पत्थर से मारे पीटे। जिसके संबंध में <नाम> अभियुक्त सियाराम <नाम> नेशिव बहादुर व अन्य के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया है। अभियुक्तगणका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतः उपरोक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा कहा गया है कि दौरान विवेचनाचोटहिल सत्यदेव <नाम> के सिर में आयी गम्भीर चोट के <नाम> मामले मेंधारा 308 भा०द0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। <नाम> अभियुक्त सियारामयादव की जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 09.06.2020 को न्यायालय2 द्वारा खारिज की जा चुकी है। अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने सेविवेचना में कोई सहयोग <नाम> किए जाने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जासकता है। अतः उपरोक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजन अधिकारीके तर्को को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रो के अवलोकन से विदित होता है कि घटना के दिनसह-अभियुक्त के ललकारने <नाम> अभियुक्तगण द्वारा लाठी डण्डा एवं ईट पत्थर सेवादी शिवम <नाम> एवं उसके बहनोई सूरज <नाम> को मारे पीटे तथा बचाने आएसत्यदेव <नाम> को भी मारे। सत्यदेव <नाम> को सिर <नाम> गम्भीर चोटे आने के कारणउन्हें इलाज <नाम> वाराणसी रेफर किया गया। उक्त घटना के संबंध में <नाम> अभियुक्तसियाराम <नाम> ने भी <नाम> बहादुर व अन्य क विरूद्ध दिनांक 23.04.2020 को ६टित घटना क संबध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करया है। <नाम> अभियुक्त सियारामयादव की जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 09.06.2020 को निरस्त किया जा चुकाहै। धारा-438 दण्ड प्रकिया <नाम> के अनुसार गिरफूतारी की आशंका करने वालेव्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए यह निर्देश है कि (४) जहां आवेदक द्वाराउसे इस प्रकार गिरफ्तार कराकर क्षति पहुंचाने या अपमान करने के उद्देश्य सेअभियोग लगाया गया है। वर्तमान मामले में इस प्रकार का कोई कथनअभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा नहीं किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_88_202025-02-2020221 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर कथन कियागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रथम सूचनारिपोर्ट काफी विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी के कब्जे से ट्रक संख्या-यूपी. 64एच 7815 <नाम> लदी गिट्टी बरामद नहीं की गयी है और <नाम> ही प्रार्थी उक्त ठ़क कोचलाकर थाना चोपन ले गया और प्रार्थी को कत्तई तौर <नाम> मौके से नहीं पकड़ागया। उक्त ठक जैसा कि जी.डी. संख्या-56 में दर्ज है दिनांक 27.01.2020 को थानाचोपन में दाखिल होना बताया जाता है और अभियुक्त दिनांक 29.01.2020 से जेल मेंनिरूद्ध है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त ने ही ठक चलाकर थानेपर खड़ा किया था। प्रार्थी पेशे से चालक है। प्रार्थी का प्रश्नगत वाहन <नाम> लदीगिट्टी और वाहन <नाम> से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। मामला प्रथम वर्गमजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। उक्त आधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त द्वारा जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 27.01.2020समय 8 बजे थाना चोपन के अन्तर्गत उपजिलाधिकारी सदर और ए.आर.टी.ओ. द्वारावाहनों की आकस्मिक जाँच की गयी, जिसमें पाया गया कि वाहन संख्या-यूपी. 64 एच 7815 <नाम> 22 घन मीटर गिट्टी लदा हुआ है। वाहन चालक से खनिजके परिवहन के सम्बन्ध में कोई भी अभिवहन प्रपत्र प्रस्तुत करने को कहा गया तोवाहन चालक खनिज के परिवहन के सम्बन्ध कोई भी अभिवहन पास प्रस्तुत <नाम> करसका तथा वाहन चालक <नाम> <नाम> द्वारा बताया गया कि वाहन <नाम> <नाम> हReason: Docume £,Bail Application/88/2020 -Babu Yadav @ Shivshankar Yadav Vs. State Government 2निवासी वाराणसी की है और उनके द्वारा यह गिट्टी ग्राम बिल्ली मारकुण्डी स्थित मॉशारदा इंडस्ट्रीज से खरीदा गया है। कशर <नाम> उनको गिट्टी के सम्बन्ध में अभिवहनप्रपत्र नहीं <नाम> गया था। वाहन चालक <नाम> <नाम> द्वारा यह भी बताया गया किबिना रवन्ने गाड़ी पास कराने के लिए बंटी <नाम> निवासी-राबर्टसगंज, सोनभद्रलोकेशन देने का <नाम> करते हैं। उक्त ट्रक को वाहन चालक से चलवाकर थाने परलाया गया। इस प्रकार <नाम> परिवहन प्रपत्र/अभिवहन पास के चोरी-छिपे उपखनिजलोड <नाम> अवैध <नाम> से परिवहन किया जा रहा था। उक्त आधार <नाम> वाहन चालक,स्वामी कशर संचालक तथा बंटी <नाम> के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथनकिया गया है कि अभियुक्त के कब्जे से ही ट्रक बरामद की गयी है, जिस <नाम> लदीगिट्टी का अभियुक्त के पास किसी भी प्रकार का वैध अभिवहन प्रमाण पत्र नहीं था। अभियुक्त ने उक्त अपराध के माध्यम से राजकीय धन की क्षति कारित की है। उक्तआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किदिनांक 27.01.2020 को उपजिलाधिकारी सदर तथा ए.आर.टी.ओ. द्वारा अभियुक्त केवाहन की आकस्मिक जॉच की गयी तथा जाँच करने <नाम> पाया गया कि प्रश्नगतवाहन संख्या-यू.पी. 64 एच 7815 <नाम> गिट्टी लदी हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट केअनुसार ट्रक संख्या-यूपी. 64 एच 7815 दिनांक 27.01.2020 को ही थाने परअभियुक्त द्वारा खड़ा किया गया था किन्तु गिरफतारी प्रपत्र में अभियुक्त कीगिरफूतारी दिनांक 29.01.2020 दिखायी गयी है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 29.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामला प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_142_202116-02-2021665 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनांक 15.12.2020 को वादी मुकदमाप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> अपने हमराहीगण के साथ <नाम> की देख-भाल, शान्तिव्यवस्था, <नाम> गस्त व चेकिंग संदिग्ध वाहन थाना <नाम> में मामूर थे। उसी समय जरियेआर0०टी0 सेट सूचना <नाम> कि एक सफेद कलर की बोलेरो महिन्द्रा पिकअप राबर्टसगंज कीतरफ से आ रही है जो बिहार की तरफ जायेगी जिस <नाम> गोवंश लदा है। इस सूचना परपुलिस पार्टी पकरहट के पास पहुँची तो वहाँ <नाम> पहले सै <नाम> में रवाना उप निरीक्षक संजयकुमार व अन्य पुलिस कर्मी मिले। पुलिस वालों ने पकरहट तिराहा के पास उक्त पिकअप कोरोकने का प्रयास किया तो वाहन चालक ने उसमें बैठे व्यक्ति के कहने <नाम> पुलिस वालों कोजान से मारने की नियत से गाड़ी की स्टेयरिंग मोड़ दिया। जिससे पुलिस वाले अपनी जानबचा <नाम> रोड़ क किनारे खेतों में भागे। पिकअप चालक गाड़ी को <नाम> रफ्तार से चकरघट्टाकी तरफ भागने लगा। उसका पीछा करके लगभग 500 मीटर जाते-जाते उक्त पिकअप कोरोका गया तो चालक व तस्कर गाड़ी छोड़ <नाम> भागने लगे। पुलिस वालों ने भाग रहे दोव्यक्तियों को मौके गिरफूतार <नाम> लिया। नाम पता पूछने <नाम> पहले ने अपना नाम खुर्शीद पुत्रमो0 अली तथा दूसरे ने अपना नाम नौरंग <नाम> पुत्र दीनानाथ <नाम> पता उपरोक्त बताया। गाड़ी में बैठे अन्य व्यक्तियों के सम्बन्ध में पूछा गया तो बताया कि पिकअप को <नाम> हरिजनचला रहा था तथा जशवन्त पुत्र <नाम> बैठे थे। कन्हैया <नाम> व उसका लड़का विन्ध्याचलयादव, <नाम> पुत्र सुरसती, झूलन उर्फ बबुन्दर दो मोटर साइकिल से आगे-आगे लोकेशन देरहे थे। पिकअप में गाय, बैल लदे हैं जिन्हें बध क लिये बेचने <नाम> बिहार ले जा रहे हैं। पुलिस वालों ने उक्त वाहन संख्या यू0पी0 64ए०टी0-9239 में पीछे बॅधी प्लास्टिक की पन्नीको खोल <नाम> <नाम> तो उसमें आठ <नाम> गौवंश को बुरी तरह से उनके पैर व गर्दन एक दूसरेगोवंश से निर्दयता पूर्वक बॉँधा गया था। जिससे वे हॉफ रहे थे और उनक मुँह से झाग निकलरहा था। ",
"्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। उपरोक्त मुकदमा सेप्रार्थी का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी को केवल रंजिश वश उपरोक्त मुकदमा में रह2नामित किया गया है। प्रार्थी को स्थानीय राजनैतिक दल बन्दी के <नाम> एवं शिकायती प्रार्थनापत्र के वजह से रंजिशन आरोपित किया गया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहींहै। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहतक प्रस्तुत किया गया कि प््रार्थी/अभियुक्त द्वारा अन्य सहयोगियों के साथ पिकअप से 08गोवंशों को बध <नाम> बिहार ले जाया जा रहा था। उक्त पिकअप चालक द्वारा पुलिस <नाम> कोजान से मारने की नियत से उनकी ओर गाड़ी मोड़ <नाम> गया किन्तु पुलिस <नाम> खेतों में भागकर <नाम> बचाये। मौके से पिकअप और गोवंश बरामद हुये है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं केस डायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा पुलिस प्रपत्रों आदि का अवलोकन किया। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 15.12.2020 की समय 09:00 बजेकी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 15.12.2020 को समय 15:10 बजे पंजीकूत कराया गया है। जबकि थाने से घटना स्थल की दूरी मात्र 08 कि0मी0 है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भी आवेदकको पिकअप में <नाम> हरिजन एवं जसवन्त के साथ बैठे होना कहा गया है। केस डायरी केपर्चा संख्या-1 में अभियुक्त खुर्शीद का बयान विवेचक ने <नाम> किया है जिसके बयान मेंविवेचक ने लिखा है कि गाड़ी <नाम> हरिजन चला रहे थे तथा नौरंग <नाम> जसवन्त गाड़ी मेंबैठे थे। पिकअप में हमलोग गाय, बैल लादे हैं जिन्हें बध के लिये बेचने <नाम> बिहार ले जा रहेथे। इसी प्रकार अभियुक्त नौरंग <नाम> का बयान विवेचक ने केस डायरी क पर्चा संख्या-1 मेंअंकित किया है। जिसके बयान में लिखा है कि आज में तथा जसवन्त गाड़ी में बैठे थे। संजयहरिजन गाड़ी चला रहे थे। पिकअप में हमलोग गाय, बैल लादे थे जिन्हें बध के लिये बेचनेहेतु बिहार ले जा रहे थे। थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र की पुलिस द्वारा आवेदक / अभियुक्तका इस अपराध को लेकर कुल तीन आपराधिक इतिहास अवगत कराया गया है। जिसमेंमुकदमा अपराध संख्या-29/2020 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम वधारा-11 पशु कूरता निवारण अधिनियम थाना रामपुर बरकोनिया जिला सोनभद्र, मुकदमाअपराध संख्या-80, 2020 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा-11 पशुकूरता निवारण अधिनियम थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र, मुकदमा अपराध संख्या-155/ 2020अन्तर्गत धारा-3/5ए/5बी/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा-11 पशु कूरता निवारणअधिनियम एवं धारा-307, 120बी भारतीय दंण्ड <नाम> थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र है। यहभी स्पष्ट है कि <नाम> <नाम> अभियुक्त को किसी मामले में दोषसिद्ध नहीं किया गया है। कथितबरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। <नाम> अभियुक्त खुर्शीद की जमानत माननीय सत्रन्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा दिनांक 08.01.2021 को स्वीकार की जा चुकी है। मात्र आपराधिकइतिहास होने के आधार <नाम> किसी भी अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त नहीं की जासकती । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_212_202017-02-2020300 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारयादव,प्रभारी पुलिस प्रवर्तन दल,मीरजापुर द्वारा थाना-रामपुर बरकोनिया,जनपद-सोनभद्र में दिनांक-17.10.2018 को इस आशय की तहरीर दी गयी किदिनांक-16.10.2018 को विद्युत चोरी चेकिंग <नाम> प्रस्थान <नाम> थाना-रामपुरबरकोनिया <नाम> के अन्तर्गत समय करीब 15.45 बजे ग्राम-धर्मदासपुर, गड़ई टोलाके परिसर में <नाम> <नाम> रामरोरी पुत्र सोचन के <नाम> विधा को चेक किया गया तोपास स्थित एलटी लाईन से दो कोर की एक केबिल खींचकर बिनासंयोजन / <नाम> मीटर के 1.5 एचपी का मोटर प्रयोग करके विद्युत उपभोग चोरीसे किया जा रहा है। ",
"अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र इस कथन के साथप्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी को गलत तरीके से साजिशन मुल्जिम बनाया गयाहै । अभियोजन कथानक गलत है। प्रार्थी के पिता के नाम से विद्युत कनेक्शन है । प्रार्थी द्वारा शमन शुल्क व राजस्व शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। उसके द्वाराकभी विद्युत चोरी नहीं किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी है। <नाम> द्वारा विद्युत लाईन संबंधी कोई प्रपत्र नहीं दिखाया गया। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से कोई आपत्ति नहीं की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ",
"अभियुक्त की ओर से बकाया विद्युत बिल से सम्बन्धित शमन शुल्क विद्युतविभाग में जमा करना कहा गया है। इस सम्बन्ध में अभियुक्त की ओर से विद्युत 2बिल जमा करने की मूल रसीद एवं अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड,पूर्वांचल विद्युत वितरण <नाम> लिमिटेड द्वारा न्यायालय को प्रेषित पत्रांक-258/वि0 वि0 ख0 रा0/ दिनांकित-23.01.2020 न्यायालय के समक्ष अवलोकनार्थ प्रस्तुतकिया गया है। जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त द्वाराबकाया बिद्युत बिल का भुगतान किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_830_201902-08-2019159 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी प्रशान्त कुमारने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 18.07.2002 की <नाम> 8.30 बजे पीपुल्स वारग्रुप के सदस्य प्रार्थी-अभियुक्त सहित अन्य 40-50 व्यक्ति वादी के घर आये औरउसके घर व ट्रैक्टर में आग लगा दिये जिससे उसकी सम्पत्ति जल गयी। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रार्थी एक समाजसेवी कार्यकर्ता है राजनीतिक द्वेष के <नाम> पुलिस प्रार्थी सेनाराज रहती है। पुलिस की साजिश में होकर वादी द्वारा प्रार्थी को अभियुक्त बनादिया गया। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारावादी के घर में आग नहीं लगायी गयी है। घटना का कोई चक्षुदर्शी <नाम> नहींहै। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर नाजायज मजमा कायम करतेहुए वादी के घर व ट्रैक्टर में आग लगा दी गयी जिससे वादी के घर का सामानव ट्रैक्टर जल गया। प्रार्थी-अभियुक्त के इस कृत्य से जन <नाम> में भय वदहशत का माहौल पैदा हो गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि प्रस्तुत मामले में अनेकअभियुक्तगण को नामित किया गया था। अनेक अभियुक्त दोषमुक्त हो चुके हैं..2 9तथा अभियुक्त देवचरन उर्फ चन्दन तथा अभियुक्त रविन्द्र <नाम> जमानत <नाम> रिहाकिये जा चुके है। इस अभियुक्त का केस उक्त अभियुक्तगण के समान है। ",
"इसके प्रतिकूल अभियोजन पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया किअभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र मफरूरी में प्रेषित किया गया है जिसके कारणअभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_987_201902-09-20191028 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादीगण ने थानेपर सूचना <नाम> कि वे लोग ग्राम-झरना, थाना-रायपुर, <नाम> खण्ड-नगवां,जिला-सोनभद्र के स्थायी निवासी हैं। उनके गांव में एक व्यक्ति ग्राम प्रधानश्रीमती शकुन्तला <नाम> के <नाम> प्रभुनरायन के साथ मिनी बैंक मशीन लेकर आयातथा स्वास्थ्य बीमा कार्ड बनाने <नाम> आधार नम्बर लिया एवं मशीन <नाम> अंगूठालगवाया। मशीन <नाम> अंगूठा लगवाकर दिनांक 15.11.2018 को प्रार्थीगण के खातेसे पैसे निकाल लिया जिसकी जानकारी उन लोगों को काफी <नाम> <नाम> बैंकजाकर पता चला। निकाली गयी धनराशि का विवरण प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंदर्शित है। निवेदन किया गया है कि प्राथमिकी दर्ज <नाम> उचित कार्यवाही कीजाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि उसके द्वारावादिनी एवं अन्य खाताधारकों का रुपया अपने खाते में स्थानान्तरित कराया गयाहै। प्रार्थी-अभियुक्त 8 माह से कारागार में निरुद्ध है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त ग्राम <नाम> के <नाम> के साथ गांव में मिनी बैंक मशीन लेकर गयाऔर गांव वालों का स्वास्थ्य बीमा कार्ड बनाने के लिए आधार नम्बर लिया वमशीन <नाम> अंगूठा का निशान लगवा लिया जिसके आधार <नाम> पीड़ित व्यक्तियों केखाते से उनका धन अपने खाते में स्थानान्तरित <नाम> लिया। अपराध गम्भीरप्रकृति का है। "
],
"judge-opinion": [
" —_ 2 —_सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त द्वारा भोले-भाले ग्रामवासियों के साथ प्रतिरूपण एवं छलकरके उनके खातों से मु0 1,13,400/- निकाल लिया गया । विवेचनाधिकारीद्वारा फोटोग्राफ दिखाये जाने <नाम> उक्त पीड़ित ग्रामवासियों द्वारा अभियुक्त कीपहचान की गयी है। ",
"इस अभियुक्त का एक अन्य आपराधिक इतिहास भी है जिसमें यहअभियुक्त पहले से ही जिला कारागार में निरुद्ध है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1174_201902-11-2019505 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी मुकदमा उपरोक्त मेंअभियुक्त है। वह मजदूर व्यक्ति है। रोजी रोटी की वजह से मजदूरीकरने बाहर चला गया था। जिससे उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्टजारी हो गया तथा अधिवक्ता से सम्पक नहीं हो पाया। प्रार्थी एक अन्यमुदकमें में जिला कारागार मीरजापुर में बन्द था। माननीयन्यायालय द्वारा प्रार्थी को जिला कारागार मीरजापुर से दिनांक 11.10.2019 को तलब किया गया। प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी अपनेघर का अकेला कमाने वाला तनहा व्यक्ति है। प्रार्थी द्वारा जानबूझकरकिसी प्रकार की हीला हवाली नहीं की गयी है। वह भविष्य में प्रत्येकनियत <नाम> <नाम> हाजिर आता रहेगा। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त एक दूसरे मुकदमे मेंजिला कारागार मीरजापुर में निरूद्ध था तथा न्यायालय द्वारा उसकेविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत करने का आदेश पारित <नाम> दियागया। अभियुक्त दिनांक 11.10.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयीराज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में'उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकिया गया है। अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कारनही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि पत्रावलीसाक्ष्य में चल रही है। अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> आने केकारण उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत हुआ था। अभियुक्त.2/ —2—दिनांक 11.10.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा कहा गयाकि वह एक अन्य मुदकमे में जिला कारागार मीरजापुर में बन्द था। वह घर का अकेला कमाने वाला व्यक्ति है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_817_201923-07-2019256 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी वन्षेत्राधिकारी, मांची को जरिये मोबाइल सूचना प्राप्त हुई कि पड़री वन <नाम> सेविजयकान्त <नाम> व लक्ष्मीकान्त <नाम> निवासी पड़री कुछ अज्ञात लोगों के साथजंगल से ट्रैक्टर द्वारा पत्थर लेकर जा रहे है। वादी अपने रेंज स्टाफ राजेन्द्रप्रसाद <नाम> व0द0, <नाम> <नाम> व0र0 व <नाम> <नाम> <नाम> व0र0 तथा मोहनरामव0र0 के साथ पड़री जंगल अपने सरकारी वाहन बोलेरो सं0- यू0पी0 64 जी0306 से पड़री जंगल आया तो <नाम> कि एक ट्रैक्टर <नाम> पत्थर लाद रहे है। हमलोगों की गाड़ी को आता देखकर ट्रैक्टर चालक नाम पता अज्ञात ट्रैक्टर लेकरभागा कि हम लोगों ने पीछा करते हुए पड़री जंगल में ही पकड़ लिये और ट्रैक्टरपर <नाम> <नाम> व0र0 को बैठाकर उसी ट्रैक्टर चालक से ट्रैक्टर को रेंजकार्यालय, मांची चलने के लिए कहा। ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर लेकर रतुआ गांव के..2 9पास पहुंचा कि तीन मोटरसाइकिल से जिसका नम्बर कमशः यू0पी0 64 ए एफ3182, हीरो, यू०पी0 65बी आर 7896 पैसन व यू०पी0 64 ए एफ 3327 हीरोडीलक्स से लक्ष्मीकान्त <नाम> व विजयकान्त <नाम> अपने पांच-छः अज्ञातसाथियों के साथ ट्रैक्टर को आगे से रोक लिया और कहा कि मारो सालों कोबचकर जिन्दा <नाम> जाने पाये और वन रक्षक <नाम> <नाम> <नाम> जानलेवा हमला करतेहुए लाठी-डण्डा से मारने लगे जिससे उनकी मौके <नाम> ही मृत्यु हो गयी। तत्पश्चात वे लोग हम लोगों की सरकारी गाड़ी की तरफ दौड़े व <नाम> से मारनेकी नियत से प्रहार करने लगे जिससे <नाम> पुकार वन रक्ष को चोट आयी औरगाड़ी सरकारी वाहन को क्षतिग्रस्त <नाम> दिये। उपरोक्त घटना दिनांक 15.03.2019की <नाम> समय लगभग 9 बजे की है। हम लोगों के शोर मचाने <नाम> सभी लोगअपनी-अपनी मोटरसाइकिल व ट्रैक्टर को छोड़कर <नाम> से मारने की धमकी देतेहुए भाग गये। मौके <नाम> <नाम> <नाम> के शव को लेकर <नाम> <नाम> <नाम> व0द0के साथ राजकीय अस्पताल, लोढ़ी इस उम्मीद के साथ की कहीं शारीर में जानतो नही हँ; भेज <नाम> गया और ट्रैक्टर व तीनों मोटरसाइकिल को लेकर मयअपने साथ <नाम> <नाम> व <नाम> पुकार के साथ लेकर आपके पास आया है। सूचना <नाम> रहा है। आवश्यक कार्यवाही की जाय। उन लोगों द्वारा सरकारी कार्यमें बाधा पहुंचाते हुए एक वन रक्षक की हत्या <नाम> दी गयी व एक वन रक्षक कोगम्भीर चोट पहुंचायी गयी । ",
"्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्तगणनिर्दोष हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण नामजद नहीं हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण का नामविवेचना के दौरान <नाम> में आया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का घटना से कोईसम्बन्ध नहीं हैं। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं हैं। वन रक्षक <नाम> रामके शरीर <नाम> दो चोटें आयी हैं। दोनों चोटें सिर <नाम> हैं। पहली चोट से मृत्यु होनाकहा गया है जबकि वह चोट किस चीज से आयी है इसका कोई उल्लेख नहींहै। मृतक ट्रैक्टर <नाम> बैठा था । ट्रैक्टर खेत में गिर गया जिससे मृतक को चोटआयी। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्तगण अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मृतक जो सरकारी कर्मचारीथा, द्वारा किये जा रहे सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए मारा-पीटा गयाजिससे मृतक की मृत्यु हो गयी । अभियुक्तगण द्वारा गम्भीर अपराध कारितकिया गया है। अपराध कारित मे प्रार्थी-अभियुक्तगण की संलिप्तता पायी गयीहै। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्तगण का एक तर्क यह है कि यह प्रस्तुत मामले में नामितनहीं हैं लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट में वाहन सं0-यू0पी0 65 बी आर 7896 नामितहै। यह स्वाभाविक है कि वादी पक्ष के लोग वन विभाग में सेवक हैं तथा दूसरेजिलों से स्थानान्तरित होकर जनपद सोनभद्र में आये हुए हैं। वे जनपद सोनभद्रमें अपराध करने वाले सभी लोगों को पहचान नहीं सकते हैं परन्तु अभियोजन पक्ष...3 3के अनुसार वाहन सं0-यू०पी0 65 बी आर 7896 अभियुक्त <नाम> का ही है। इसके विरूद्ध अभियुक्त <नाम> द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि उसने दिनांक05.03.2019 को अपनी मोटरसाइकिल लक्ष्मीकान्त के नाम बिकय <नाम> <नाम> हैइसलिए यदि वह वाहन मौके <नाम> प्राप्त भी हुआ तो भी वह <नाम> नहीं हो सकताहै। इस सन्दर्भ में अभियुक्त <नाम> द्वारा अभियुक्त लक्ष्मीकान्त के बयानअन्तर्गत <नाम> 161 दं0प्रएसं0 का भी उल्लेख किया गया और कहा गया किअभियुक्त लक्ष्मीकान्त के बयान में <नाम> की मोटरसाइकिल ले जाने काअभिकथन है, <नाम> कि अभियुक्त <नाम> को साथ ले जाने का। परन्तु उल्लेखनीयहै कि जब अभियुक्त <नाम> ने अभियुक्त लक्ष्मीकान्त के नाम अपनीमोटरसाइकिल बेच दी थी तो अभियुक्त लक्ष्मीकान्त उस मोटरसाइकिल को अपनीमोटरसाइकिल कहेगा, अभियुक्त <नाम> की मोटरसाइकिल नहीं कहेगा। इससे यह प्रतीत होता है कि अभियुक्त लक्ष्मीकान्त अभियुक्त <नाम> को बचानेका प्रयास <नाम> रहा है। ",
"अभियुक्तगण द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि मृतक को आयी हुईचोटें इस प्रकार की हैं कि वह दुर्घटना से आ सकती हैं। इसी कम में बचाव पक्षद्वारा यह तकं <नाम> गया कि ट्रैक्टर के मटरगार्ड <नाम> मृतक को बैठा <नाम> गयाथा और वह ट्रैक्टर रास्ते में पलट गया जिससे मृतक को चोटें आयी और उसकीमृत्यु हो गयी । परन्तु इसका खण्डन करते हुए अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया हैकि यदि ट्रैक्टर पलट जाता और मटरगार्ड <नाम> बैठे वन रक्षक को इतनी घातकचोटें आती हैं कि उसकी मृत्यु हो जाती है तो ट्रैक्टर चालक को कोई खरोंचक्यों नहीं आयी। निश्चित <नाम> से अभियोजन पक्ष के इस तकं में <नाम> प्रतीत होताहै। ",
"बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि मृतक को मारने वालोंकी संख्या 5-6 बतायी गयी है जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर परकेवल दो चोटें ही दृष्टिगोचर हो रही है। यदि 5-6 अभियुक्त मिलकर मृतक कोमार रहे होते और केवल एक-एक लाठी भी मारते तो भी चोटों की संख्या कमसे कम 5-6 हो सकती थी । इसके प्रतिकूल अभियोजन पक्ष द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में <नाम> आशय को अग्रसर करने के उद्देश्य सेयह मार-पीट <नाम> रहे थे और एक दूसरे का सहयोग <नाम> रहे थे इसलिए यहजरूरी नहीं है कि जितने अभियुक्तगण हों, कम से कम उतनी चोट आये ही। अभियुक्त अंगद द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि उसकी <नाम> अभियुक्तलक्ष्मीकान्त से दुश्मनी है इसलिए अभियुक्त लक्ष्मीकान्त ने उसे गलत तरीके सेइस मामले में फंसाया है। इसे न्यायालय के समक्ष प्रदर्शित करने के उद्देश्य सेजमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में कागज सं0- 5ख/6, 5ख/7 व 5ख/8दाखिल किया गया है जो अंगद द्वारा ग्राम <नाम> पड़री के विरूद्ध शिकायतें हैंऔर अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि लक्ष्मीकान्त ग्राम <नाम> है। अभियुक्तद्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि जब उसके और लक्ष्मीकान्त की आपस मेंदुश्मनी है तो वह लक्ष्मीकान्त के साथ अपराध कारित क्यों करेगा, परन्तु उक्त4 4कागजात से परिलक्षित नहीं होता है कि यह शिकायत अभियुक्त अंगद द्वारा हीप्रेषित की गयी हैं और अभियुक्त लक्ष्मीकान्त के विरूद्ध ही प्रेषित की गयी हैं तथायह भी अभियोजन पक्ष का तर्क उचित प्रतीत होता है कि अभियोजन तथान्यायालय का ध्यान मुख्य विषय वस्तु से हटाने के लिए अभियुक्तगण द्वारा इसप्रकार का <नाम> कलाप किया जा रहा है। ",
"अभियुक्तगण द्वारा अभियुक्त <नाम> हरिजन के पक्ष में माननीयउच्च न्यायालय द्वारा पारित जमानत आदेश दिनांक 17.07.2019 की <नाम> प्रतिदाखिल की गयी है तथा प्रस्तुत मामले में समतुल्यता चाही गयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_309_202005-03-2020105 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी <नाम> <नाम> नेथाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 21.09.2019 को करीब साढ़े पॉच बजे सुबह वह अपनेघर के पास बैठी थी, इतने में अभियुक्त कुन्दन <नाम> <नाम> हाथ में लाठी लेकरगाली-गलौज करते हुए आया और वादिनी को मारने-पीटने लगा। वादिनी डरकर घरमें दौड़ी तो अभियुक्त घर में आकर गलत नियत से वादिनी का कपड़ा वगैरह फाड़दिया व अभद्रता किया तथा वादिनी के कान के सोने फूल, नाक की सोने की छुछिया,मंगल सूत्र व <नाम> छीन ले गया। वादिनी को मारने-पीटने से काफी चोटें आई। वादिनी ने अपनी चोटों का उपचार कराया। वादिनी की तहरीर <नाम> अभियुक्त के विरूद्धउपर्युक्त मुकदमा पंजीकृत किया गया। ्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त नेआरोपित अपराध नहीं किया है। उसे झूंठे व मनगढ़ंत कथनों के आधार <नाम> नामितकिया गया है। वादी पक्ष के विरूद्ध प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से एक आपराधिक वादपंजीकृत कराया गया है। उस मुकदमे में दबाव बनाने के लिये प्रार्थी/अभियुक्त केविरूद्ध मनगढ़ंत तथ्यों के आधार <नाम> मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। ्रार्थी/ अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। थाना विण्ढमगंज की पुलिस द्वररा प्रार्थीगण को गिरफतार करने के फिराक में है। अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि प्ररार्थी/अभियुक्त द्वारा भद्दी-भददी गालियाँ देते हुए वादिनीके घर में घुसकर मारपीट व लूटपाट की गयी व उसके साथ अभद्रता करते हुए उसकीलज्जा भंग करने का प्रयास किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। पत्रावली <नाम> उपलब्ध आधात आख्या एवं अन्य साक्ष्यों से धारा-394भारतीय दण्ड <नाम> का अपराध बनाता हुआ प्रतीत नहीं होता है, क्योंकि यदि पीड़िताके कान में सोने के फूल व नाक से सोने की छुछिया व मंगलसूत्र एवं <नाम> छीनेजाते तो निश्चित <नाम> से उसके कान में, नाक में, गले में, व पैर में भी चोटें आतीं,किन्तु इन स्थानों <नाम> कोई चोट परिलक्षित नहीं होती है। आघात आख्या में पीड़िता के शारीर <नाम> जो चोटें दृष्टिगोचर हो रही हैं,उनसे पीड़िता के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट एवं अश्लील हरकतें किया जानाप्रतीत हो रहा है, जो कि गम्भीर अपराध है। अभियुक्त की अग्रिम जमानत याचिका हDigitally signeBail Application/309/2020 -Kundan Kumar Kannaujiya Vs. State Government 2माननीय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र के आदेश दिनांक 15.10.2019 को निरस्त किया जाचुका है। माननीय जनपद न्यायाधीश, सोनभद्र के आदेश 15.10.2019 क विरूद्धअभियुक्त ने किमीनल मिस्लेनियस <नाम> अप्लीकेशन संख्या-46073/2019 दाखिल कीशी, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश दिनांक 05.11.2019 केअनुसार अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आदेश पारित कियागया। अभियुक्त द्वारा यह <नाम> की गयी है कि क्योंकि अब चार्जशिट न्यायालय मेंदाखिल किया जा चुका है। अभियुक्त को पुनः अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किया जाये, जोविचार <नाम> नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_840_201901-08-2019170 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 18.03.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्ररात्रि <नाम> व तलाश संदिग्ध अपराध व पतारसी एवं सुरागरसी करते हुएसरकारी बस स्टाप के पास मौजूद था कि जरिए मुखबिर खास सूचनामिली कि एक व्यक्ति घोरावल रोड <नाम> तिराहे <नाम> अपने हाथ मेंलिए झोले में नाजायज गांजा लेकर कसबा राबर्दसगंज की तरफ आकरबेचने के फिराक में है। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> फूलाईओवर के नीचे बने पीलर की ओट में खड़े होकर आने वाले व्यक्ति काइन्तजार करने लगे कि थोड़ी देर <नाम> घोरावल रोड की तरफ से एकव्यक्ति अपने हाथ में झोला लिए आता दिखायी पड़ा। पुलिस <नाम> जैसेही घोरावल रोड <नाम> तिराहे की ओर आगे बढ़े कि पुलिस वालों कोदेखकर पीछे मुड़कर <नाम> कदमों से वापस जाने लगा कि उसे दौड़ाकरकरीब 15-20 <नाम> जाते-जाते झोला सहित समय करीब 16.45 बजेपकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसनेअपना नाम छोटे <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया। नियमानुसार जामातलाशी ली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिए झोले में एक किलो पांचसौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्रमांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्वसंबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त कोदेकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। उसकेपास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पाससे बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। पुलिस द्वारा <नाम> 42 व 50 एन0डी0पी0एस0एक्ट केप्राविधानों का अनुपालन नहीं किया गया है। अभियुक्त द्वारा <नाम> करअपने पूरे परिवार का भरण पोषण करता है। अभियुक्त के जेल मे रहनेसे उसका परिवार भूखमरी के कगार <नाम> है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 18.03.2019 से जेल में2 —2—निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेएक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0एपी0एस०एक्ट क प्राविधानों कासही प्रकार से पालन किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहागया है। , जो वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। अभियुक्त दिनांक18.03.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्तका आपराधिक इतिहास होने का कोई कथन नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_860_201916-08-201989 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 25.06.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्रशांति व्यवस्था एवं रोकथाम जुर्म जरायम में भोगा <नाम> चौराहा से शारदामंदिर की ओर जा रहा था कि गजराज नगर डाला तिराहे <नाम> मोबाइलशाप की गुमटी के पीछे 5-6 व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में बातचीत वकानाफूसी करते दिखे कि पुलिस की जीप को देखकर सकपका करचार व्यक्ति बड़ी <नाम> से भाग गए व दो व्यक्ति जो सड़क की तरफपीठ किए गए खड़े थे। वह चारो व्यक्तियों को भागता देखकर सकपकाकर पीछे मुड़कर भागना चाहे कि शक होने <नाम> एक बारगी दबिश देकरदोनों व्यक्तियों को समय करीब 06.40 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्तियों से नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम जहागीर आलमपुत्र कमरूद्दीन एवं दूसरे ने अपना नाम शिवकुमार शिवकुमार उफपखण्डू पुत्र बुद्धिराम बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तोजहांगीर आलम के पहने हुए पैण्ट के दाहिने जेब से एक प्लास्टिक कीपारदर्शी पन्नी में 41 ग्राम नाजायज हेरोइन एवं शिवकुमार उर्फ पखण्डूके पहने पैण्ट की दाहिने जेब से एक पारदर्शी पन्नी में 21 ग्रामनाजायज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकार पत्र मांगागया तो अभियुक्तगण नहीं दिखा सके। अत: अभियुक्तगण को कारणगिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमाकायम कराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। पुलिस द्वाराअभियुक्त को घर से बुलाकर फर्जी बरामदगी दिखाकर जेल भेजदिया। पुलिस द्वारा <नाम> 50 एन0०डी0पी0एस०0एक्ट के प्राविधान काअनुपालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 25.06.2019 से जेल मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता की ओर से <नाम> व्यवस्था2 रोहतास उर्फ काला बनाम स्टेट आफ यू०पी0,2010 (69) ए०सी०सी0, 269 इलाहाबाद उच्च न्यायालय दाखिल की गयी है। इसमामले में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा यह सिद्धान्त प्रतिपादित कियागया है कि जमानत केवल इस आधार <नाम> कि अभियुक्त का आपराधिकइतिहास है, इन्कार नही की <नाम> चाहिए। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 21 ग्राम नाजायजहेरोइन बरामद हुआ है,जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधानों का सही प्रकार से पालनकिया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। इस मामले से पूर्वथाना ओबरा में अभियुक्त के विरूद्ध अ0सं0 105/18 अन्तर्गत धारा8/21 एन0०डी0पी0एस0एक्ट का अभियोग दर्ज है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से 21 ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्पमात्रा से काफी अधिक है। अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वाराविधि व्यवस्था रोहतास उर्फ काला बनाम स्टेट आफ यू0पी0,2010(69) ए०सी०सी०, 269 इलाहाबाद उच्च न्यायालय प्रस्तुत की गयीहै। इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा यह अवधारित कियागया है कि जमानत केवल इस आधार <नाम> कि अभियुक्त का आपराधिकइतिहास है, इन्कार नहीं की <नाम> चाहिए । ",
"माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उपरोक्त <नाम> व्यवस्थाजिस मामले में दी गयी है, वह <नाम> 147,148,149,307,302 एवं 120बी सेसंबंधित था, परन्तु इस मामले में अभियुक्त <नाम> <नाम> उर्फ पखण्डूधारा 8/21 एन0डी0पी0 एस0०एक्ट में निरूद्ध है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_918_201917-08-201980 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"विवेचना के दौरान प्रार्थी के विरुद्ध <नाम> 120बी भा०दं0सं0 कीबढ़ोत्तरी <नाम> दी गयी । प्रार्थी द्वारा न्यायालय के समक्ष जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया था किन्तु प्रार्थना पत्र में <नाम> 120बी भा0दं0सं0 का जिक नहीं कियाजा सका था जिससे धारा-120बी भा0दं0सं0 के सम्बन्ध में कोई आदेश पारितनहीं हुआ। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में फौजदारी प्रकीर्णजमानत <नाम> पत्र सं0- 23118/2019 दिनांक 30.05.2019 को दाखिल कियागया था जिसे माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 06.08.2018 को स्वीकार <नाम> लियागया तथा प्रार्थी को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आदेश पारित किया गया। सह अभियुक्त संग्राम <नाम> की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। <नाम> 120बीभा0दं0सं0 <नाम> प्रारम्भ से सुनवाई नहीं हो सकी है। अतः प्रार्थी-अभियुक्त को धारा120बी भा०दं0सं0 के अपराध में जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त <नाम> <नाम> प्रियदर्शी उर्फ मोनू <नाम> द्वारा यह द्वितीयजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र इसन्यायालय द्वारा निरस्त <नाम> <नाम> गया था जिसके विरुद्ध अभियुक्त माननीय उच्चन्यायालय की शरण में गया, जहां <नाम> उसे धारा-302, 201 भा0दं0सं० के अपराधके लिए अ0सं0-140/2019 में जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आदेश पारित..2 —_ 2 —_किया गया है। अभियुक्त द्वारा धारा-120बी भा0दं0सं0 क अन्तर्गत इस न्यायालयमें यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"चूंकि मुख्य धाराओं में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जा चुका है तथा समान <नाम> वाले अभियुक्त संग्रामसिंह को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा धारा-302, 201, 120बी भा0दं0सं0 केअन्तर्गत जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आदेश पारित किया जा चुका है। अत: धारा-120बी भा०दं0सं0 के अन्तर्गत अभियुक्त <नाम> <नाम> प्रियदर्शी उर्फ मोनूपटेल को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_577_202123-04-20214 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"23.04.2021्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> निवासी-मधुपुरबनवारी रोड, थाना-राबर्दसगंज, जनपद-सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि 24.03.2021 को उपनिरीक्षकयोगेन्द्र <नाम> <नाम> मय हमराह कां0 <नाम> <नाम> मय सरकारी वाहन चालक हे.कां.विनोद <नाम> के चौकी हाजा से प्रस्थान <नाम> देखभाल <नाम> रोकथाम जुर्म होकरब्रम्हबाबा की गली शीतला चौके होते हुये चण्डी तिराहे <नाम> संदिग्ध वाहन एवं व्यक्तियोंकी चेकिंग <नाम> रहे थे कि निरीक्षक <नाम> <नाम> बहादुर <नाम> प्रभारी एस.ओ.जी., हे.कां.जितेन्द्र <नाम> कां. रितेश <नाम> <नाम> मय वाहन चालक कां. हरिकेश <नाम> वउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> त्रिपाठी प्रभारी स्वाट टीम मय सरकारी वाहन आ गये तथाआपस में अपराधियों के बारे में चर्चा <नाम> रहे थे कि मुखबीर ने बताया कि दो लड़केनाजायज गांजा <नाम> की ओर से लेकर नगर में आने वाले हैं यदि जल्दी किया जायेतो पकड़े जा सकते हैं। उक्त सूचना <नाम> चण्डी तिराहे से ओवर बृज के किनारे होतेहुये कट से पूरब पटरी पकड़ <नाम> छुपने वाले स्थानों <नाम> खड़े होकर <नाम> से आनेवाले दोनों लड़कों का इन्तजार करने लगे। थोड़ी देर <नाम> बेवर बृज के किनारे पूरबपकड़ <नाम> एक मोटरसाइकिल <नाम> सवार दो लड़के कुछ लिये हुये आते दिखाई दिये। मुखबीर ने इशारा करके बताया कि वे वही दोनों लड़के है, जो नाजायज गांजा लेकरआ रहे हैं। दोनों लड़कों को रूकने का इशारा करने <नाम> दोनों लड़के डर <नाम> अपनीमोटरसाइकिल पीछे मोड़ने लगे, जिन्हें एक बारगी पकड़ लिया गया। पकड़े गयेव्यक्तियों ने नाम पता पूछने <नाम> अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र बृज <नाम> <नाम> वदूसरे ने <नाम> मौर्या पुत्र शशिकान्त मौर्य बताया तथा भागने के बारे में मोटरसाइकिलके सीट <नाम> बीच में लिये बोरी प्लास्टिक की ओर इशारा करके बताये कि इसमेंनाजायज गांजा है। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो अभियुक्त <नाम> <नाम> सोनीद्वारा पहने हुये बरमुडा चढ्ढा के दाहिने जेब 100 की दो नोट तथा <नाम> मौर्या केलोवर के दाहिने जेब से 100 की तीन नोट तथा बीच में लिये हुये इफको यूरिया कीबोरी में मिले नाजायज गांजा है, जिसका तौल 25 किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद Bail Application/577/2021 -Ratan Kumar Soni Vs. State of U.P, 2 हुआ। बरामद नाजायज गांजा रखने का अधिकार पत्र व मोटरसाइकिल के सम्बन्ध मेंवैध कागजात मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित केहस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम कोथाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसक द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजगांजा बरामद नहीं हुआ है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 24.03.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0०डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त के पितावृद्ध हैं तथा वह एकमात्र घर में कमाने वाला व्यक्ति है। घटना क सम्बन्ध में विवेचकने कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 25 किलोग्राम नाजायजगांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहींकिया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"मैनें उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के बहस को सुना तथा केसडायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अन्य प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"प्रशम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से यह ज्ञात होता है कि घटनादिनांक 24.03.2021 को समय 12.30 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 24.03.2021 को समय 14.23 बजे पंजीकृत करायी गयी है। दौरान विवेचना विवेचक नेवादी मुकदमा का बयान अं.धारा-161 दंप्र.सं. केस डायरी की पर्चा नं.-3 में अंकितकिया है, जिसमें उन्होंने प्रथम सूचना रिपोर्ट का समर्थन किया है। इसी प्रकार दौरानविवेचना विवेचक ने <नाम> फर्द कां. <नाम> <नाम> हे.कां. <नाम> <नाम> <नाम> का बयानअंकित किया है, जिसमें उन्होंने वादी मुकदमा के बयान का समर्थन किया है। इसीप्रकार दौरान विवेचना विवेचक ने उनि. <नाम> <नाम> <नाम> त्रिपाठी का भी बयान अंकितकिया है तथा मुख्य आरक्षी <नाम> <नाम> मुख्य आरक्षी विरेन्द्र कुशवाहा, मुख्य आरक्षीजितेन्द्र <नाम> का बयान <नाम> किया है, जिन्होंने अपने-अपने बयान में उपनिरीक्षकअमित <नाम> त्रिपाठी के बयान का समर्थन किया है। इसी प्रकार दौरान विवेचनाविवेचक ने निरीक्षक <नाम> <नाम> बहादूर <नाम> आरक्षी हरिकेश <नाम> आरक्षी रितेश पटेलएवं मुख्य आरक्षी <नाम> <नाम> का बयान <नाम> किया, जिन्होंने भी निरीक्षक श्यामबहादूर <नाम> प्रभारी एस.ओ.जी., सोनभद्र के बयान का समर्थन किया है। जमानत केस्तर <नाम> विवेचक द्वारा संकलित साक्ष्य का सुक्ष्म विवेचन नहीं किया <नाम> होता है, मात्रयह <नाम> <नाम> होता है कि दौरान विवेचना विवेचक द्वारा जो साक्ष्य संकलित कियागया है, उसके आधार मामले में प्रार्थी/ अभियुक्त की संलिप्तता प्रतीत होती है या नहीं। दौरान विवेचना विवचेक द्वारा जो भी साक्ष्य संकलित किया गया है, उसके आधार परमामले में प््रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> की संलिप्तता प्रतीत होती है। ्रार्थी/ अभियुक्त के कब्जे से 25 किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, Bail Application/577/2021 -Ratan Kumar Soni Vs. State of U.P, 3जो अल्प <नाम> से अधिक है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_995_201904-09-20191010 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी संदीपकुमार <नाम> ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि आज दिनांक 27.06.2019 को वहमीटिंग करने के लिए गया था। मीटिंग करके कलेक्शन का पैसा लेकर आ रहाथा तो रास्ते में तीन लोग बाइक <नाम> सवार होकर खड़े थे। वे लोग उसे धमकायेऔर बन्दूक गले <नाम> लगाकर जबरदस्ती उसका पैसा छीनकर फरार हो गये। बैगमें रु0 49,860/- था और उसकी बाइक का कागज भी था। तीनों लोग अपाचेब्लू कलर की जिये हुए थे। तीनों लोग एक बाइक <नाम> सवार थे। इस सूचना कआधार <नाम> अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> तो घटना के समय मौजूद था और <नाम> ही उसके पास से कोईबरामदगी दिखायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त विद्यार्थी है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक07.08.2019 से कारागार में निरुद्ध है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादी का वाहन ओवरटेक करकेवादी को मारा-पीटा गया तथा उसका रुपया छीन लिया गया। प्रार्थी-अभियुक्तके पास से लूटा गया कुछ रुपया भी बरामद किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त के कब्जे से कुल रु0 3100/- बरामद हुए थे जिसमें सेपांच-पांच सौ के छ: नोट तथा सौ रुपये के एक नोट बरामद हुए। ",
"9फर्द बरामदगी के अनुसार अभियुक्त ने अपने अपराध कीसंस्वीकृति की है कि दो घटनाओं में उसके द्वारा लूट की गयी थी जिसमें से यहबचे हुए पैसे उसके पास है, <नाम> पैसा खर्च हो गया है। ",
"निश्चित <नाम> से जिस प्रकार कहा गया है कि अपराध गम्भीरप्रकृति का है परन्तु बरामदशुदा नोटों के आधार <नाम> यह नहीं कहा जा सकता कियह वही पैसे हैं जो लूटे गये थे। बचाव पक्ष के अनुसार पुलिस को <नाम> गयाबयान सुसंगत नहीं होता है। जिस व्यक्ति से इस अभियुक्त द्वारा लूट की गयीथी उससे अभियुक्त की शिनाख्त नहीं करायी गयी है। यदि वादी से अभियुक्तकी पहचान करायी गयी होती तो निश्चित <नाम> से प्रस्तुत मामला गम्शीर मामलेकी श्रेणी में आ जाता । बचाव पक्ष द्वारा घटना से इंकार किया गया है तथागलत तौर <नाम> फंसाये जाने का अभिकथन है। अभियुक्त द्वारा यह भी कहा गयाकि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_230_202115-02-2021678 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि दिनांक 16.11.2020 को वादिनी मुकदमा की पुत्री उम्र लगभग 15 वर्ष पढ़ने <नाम> गुरूकुल विद्यामंदिर इण्टर कालेज सेवकाडाड गयी थी। स्कूल बन्द होने के <नाम> उसकी पुत्री अपनेननिहाल ग्राम पिण्डारी टोला बराईडाड चली गयी थी। दिनांक 17.11.2020 को वहअपने स्कूल पढ़ने गयी। पढ़ायी समाप्त होने के <नाम> समय 12 बजे <नाम> में वादिनी कीपुत्री वाहन संख्या-यू.पी.64एई / 8479 मैजिक से अपने घर आ रही थी। उक्त गाड़ीका वाहन चालक रामजनम <नाम> पुत्र हरिप्रसाद <नाम> निवासी अंजानी, थाना-बीजपुर,सोनभद्र ने गाड़ी को प्राथमिक विद्यालय अंजानी के बगल में बने हुए सड़क <नाम> गाडीले <नाम> जंगल की तरफ समय 13.30 बजे वादिनी की पुत्री के साथ जबरदस्तीबलात्कार किया। उक्त बातें वादिनी की पुत्री ने घर आकर वादिनी को बताया। वहअपनी पुत्री को लेकर थाना आयी। वादिनी की लिखित तहरीर के आधार <नाम> थानाहाजा <नाम> मुअसं-79/ 2020,अंधारा-376(3) भा.दं.सं व <नाम> 3/4(2) लैंगिकअपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम व धारा-३(2)5 अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, विरूद्ध अभियुक्त रामजनम यादवपंजीकृत हुआ। ",
"अभियुक्त की ओर से जमानत के बावत् यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त को झूँठा एवं फर्जी फंसाया गया है। वह निर्दोष है। उसके ऊपर लगाया गयाआरोप गलत है। पीड़िता के शरीर <नाम> कोई जोर जबरदस्ती करने का कोई लक्षणचिकित्सक द्वारा नहीं पाया गया है और <नाम> ही पीड़िता के कपड़ो <नाम> ही बलात्कार कियेजाने का कोई लक्षण पाया गया है। पीड़िता के बयान अं.धारा-161 व 164 दण्डप्रकिया <नाम> में परस्पर विरोधाभास है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में लिखाये गये तथ्यगलत व बनावटी हैं। सही तथ्य यह है कि लड़की की मॉ ने उससे एक वर्ष पूर्व पचास हDigitally signeBail Application 230/2021 -Ramjanam yadav Vs. State Government 2हजार रूपया 6 माह के लिए उधार लिया था। छः माह बीतने के <नाम> उसने उधार दियेगये रूपयों की मांग किया, तो उसे रूपया <नाम> देकर दौड़ाती रही और उधार लियेगये रूपयों को वापस <नाम> करना पड़े, इस <नाम> झूँठी कहानी बनाकर उसके विरूद्धअभियोग पंजीकूत <नाम> <नाम> गया। मामले में मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता कीउम्र 18 से 19 वर्ष पायी गयी है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध किया गया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा कीनाबालिग पुत्री के साथ जबरदस्ती बलात्कार कारित किया गया है तथा पीड़िता शैक्षिकप्रमाण पत्र के अनुसार कथित घटना की <नाम> को 16 वर्ष से कम की उम्र की थी। पीड़िता अनुसूचित जाति की सदस्य है। अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा की पुत्री केसाथ बलात्कार <नाम> नाबालिग पीड़िता के साथ लैंगिक हमला कारित किया गया है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अंधारा-161,164 दंप्रसं. में अभियोजन कथानक का समर्थनकिया है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"चिक एफ.आई.आर. के अनुसार वादिनी मुकदमा की नाबालिग पुत्री स्कूल बन्दहोने के <नाम> अभियुक्त के वाहन से अपने घर आ रही थी, कि अभियुक्त द्वारा वाहन कोजंगल में ले जाकर पीड़िता के साथ बलात्कार कारित किये जाने का अभिकथन है। विवेचक द्वारा पीड़िता के उम्र के संदर्भ में पीड़िता का शैक्षिक प्रपत्र दाखिल किया है,जिसके अनुसार पीड़िता कथित घटना के दिनांक को 16 वर्ष की कम आयु की होनाविवेचक द्वारा पाया गया है। पीड़िता अनुसूचित जाति की सदस्या है। अभियुक्त परमामले में वादिनी मुकदमा की नाबालिग पीड़िता जिसकी उम्र कथित घटना के दिनांकको 16 वर्ष से भी कम थी और जो अनुसूचित जाति की सदस्या थी, के साथ जंगल मेंले जाकर उसकी इच्छा के विरूद्ध जबरदस्ती बलात्कार कारित किये जाने का अभियोगहै। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1073_201903-10-2019742 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 07.09.2019को उप निरीक्षक हरीन्द्र <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> शांतिव्यवस्था एवं रोकथाम जुर्म जरायम तथा तलाश संदिग्ध व्यक्ति व पेण्डिगविवेचना में ग्राम भरहरी स्कूल के पास पहुंचा तो स्कूल के सामने बिनानम्बर की मोटरसाइकिल खड़ी है जिस <नाम> दो व्यक्ति बैठे है। झोले मेंकुछ लिए संदिग्ध दिखायी दिए। पुलिस <नाम> एकाएक उनके सामने आएयतो दोनों व्यक्ति भागना चाहे कि पुलिस <नाम> उन दोनों व्यक्तियोंको घेरघार <नाम> समय करीब 10.30 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्तियों से नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम विश्वनाथबैसवार पुत्र <नाम> <नाम> वैसवार तथा दूसरे ने अपना नाम <नाम> कुमारकेवट पुत्र रामधनी केवट बताया। नियमानुसार जामा तलाशी लेने परविश्वनाथ वैसवार के दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिक के सफेद में सफेदथेले में एक किलो तीन सौ ग्राम नाजायज गांजा एवं दूसरे अभियुक्तशिव <नाम> केवट के दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिक के सफेद झोले मेसफेद थैले में एक किलो तीन सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतःअभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौकेपर लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकरव फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिलकर मुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। पुलिस द्वारा <नाम> 50,51,52 एन0डी0पी0एस0०एक्ट के प्राविधानों काअनुपालन नही किया गया है। अभियुक्त ग्राम भरहरी से अपने रिस्तेदारीमें जा रहा था कि भरहरी स्कूल के पास से पुलिस ने पकड़कर फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> दिया। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। उपरोक्त.2/ —2—के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो तीन सौग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार सेपालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने परउसके पुनः उक्त अपराध में संलिप्त होने की सम्भावना से इन्कार नहींकिया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से एक किलो तीन सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामदहोना कहा गया है। थाने की आख्या के अनुसार अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया गया है। चूँकि अभियुक्त के पाससे एक किलो तीन सौ ग्राम गांजा की बरामदगी दिखायी गयी है जोन्यूनतम <नाम> से अधिक है, किन्तु व्यवसायिक <नाम> से काफी कम है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_709_201909-07-2019459 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि उसके मकान में दिनांक 14.04.2019 की <नाम> चोरी हुई जिसमेंसारे सामान को अस्त-व्यस्त करके गैस सिलेण्डर, चूल्हा व बूफर उठा ले गये । याचना किया है कि शीघ्र कार्यवाही की जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त के निशानदेही <नाम> अथवाउसके कब्जे से चोरी का कोई सामान बरामद नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का चोरी की घटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 17.04.2019 सेकारागार में निरूद्ध है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त को दिनांक 17.04.2019 को गिरफूतार किया गया तथा उसकेनिशानदेही <नाम> वादी के घर से चोरी किया गया सामान एक अदद गैस सिलेण्डर,एक अदद गैस चूल्हा व दो अदद बूफर बरामद किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"वादी द्वारा धारा-457, 380 भा०दं0सं0 के अन्तर्गत अज्ञात व्यक्ति केविरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखायी गयी है जिसके अनुसार वादी का गैससिलेण्डर, चूल्हा व बूफर अज्ञात चोर उठा ले गये हैं तथा घर के सारे सामानअस्त-व्यस्त <नाम> दिये हैं। ",
"अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि उसके कब्जे से कोई सामानबरामद नहीं हुआ है, <नाम> ही उसने कोई चोरी की है, <नाम> ही उसका कोई आपराधिकइतिहास है, जबकि अभियुक्त दिनांक 17.04.2019 से कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_310_202017-03-202036 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> वर्माने दिनांक 17.02.2020 को थाना ओबरा में लिखित तहरीर <नाम> कि प्रार्थी की पुत्रीजया <नाम> उम्र 15 वर्ष जो नाबालिग है। प्रार्थी की पुत्री का <नाम> पुत्र <नाम> के घरआना <नाम> था तथा मोबाइल से बातचीत हुआ करती थी। दिनाक 16.02.2020 कोसुबह से ही प्रार्थी की पुत्री लापता है। पता करने <नाम> पता चला कि <नाम> मेरीलड़की को भगा ले गया है। जिसमें <नाम> की मां व पिता का भी सहयोग है। उनलोगों द्वारा बहला फुसलाकर <नाम> के साथ भाग जाने का पूरा सहयोग किया गयाहै। प्रार्थी की लड़की को भगाने में <नाम> के मा व पिता व उनके मामा <नाम> कापूरा सहयोग है। प्रार्थी को पूरा विश्वास है कि उपरोक्त लोगों द्वारा उसकी पुत्री कोकहीं अज्ञात स्थान <नाम> छुपाकर रखे है। उपरोक्त आधार <नाम> अभियुक्तगण गणेश,अंकित, <नाम> एवं <नाम> की पत्नी नाम अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा अपराध सख्या17/2020 अन्तर्गत <नाम> 363,366 भारतीय दण्ड <नाम> थाना ओबरा जिला सोनभद्रमें प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत किया गया। ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि अभियुक्तगणनिर्दोष है। उनके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्तगण वृद्ध है। जिनकी उम्र कमश 62 व 60 वर्ष है। अभियुक्तगण एवं वादी मुकदमा के बीच बहुतही अच्छा सबंध थे। एक दूसरे के घर <नाम> <नाम> था। परन्तु <नाम> एवं <नाम> <नाम> केबीच सबंधों की कोई जानकारी नहीं थी। <नाम> को <नाम> <नाम> के भगाकर ले जानेके संबध में अभियुक्तगण को कोई जानकारी नहीं है। <नाम> <नाम> एवं <नाम> के घर सेगायब होने <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध बनावटी तथ्यों के आधार <नाम> मुकदमा दर्जकराया गया है। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्तगण Bail Application/7 36/2020 -Bhola Chaudhary Vs. State Government 2गणेश के माता पिता है। <नाम> के घर से चले जाने के <नाम> अभियुक्तगण खुदआहत है। अभियुक्तगण दिनांक 25.02.2020 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्तगण केदो छोटे छोटे बच्चे है। उन्हें कोई देखने वाला नहीं है। उपरोक्त आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गया किअभियुक्तगण एवं <नाम> अभियुक्त द्वारा मिलकर वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री कोअभियुक्त <नाम> द्वारा बहला फुसलाकर भगा ले जाने में सहयोग किया है। वादीमुकदमा की नाबालिग पुत्री अब <नाम> बरामद नहीं हुई है। अभियुक्तगण को यदिजमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाता है तो वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री के मिलनेकी सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह विदित हो रहा है कि मुख्यअभियुक्त <नाम> द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को बहला फुसलाकर भगा लेजाया गया है। अभियुक्तगण अभियुक्त <नाम> के माता पिता है। अभियुक्तगण बृद्ध हैजिनकी उम्र कमशः 62 व 60 वर्ष है। वादी मुकदमा ने विवेचक के द्वारा लिए बयानमें कहा है कि मेरी पुत्री अभियुक्त <नाम> के घर आती जाती थी तथा दोनों मेंमोबाइल से बातचीत हुआ करती थी। घटना के पूर्व <नाम> ने उसकी पुत्री कोमोबाइल <नाम> था। जब यह बात की जानकारी हुई तो <नाम> के माता पिता एवं हमलोगों के मध्य दोनों बच्चों को डाट फटकार <नाम> पुनः <नाम> मिलने की हिदायत दिए थे। लोक नाज के डर से पुलिस में शिकायत नहीं की थी। मामले में <नाम> विवेचनाप्रचलित है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_774_202029-06-2020314 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 02.06.2020 को प्रभारी निरीक्षकअशोक <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> में डूमरडीहा पेद्रोल पम्प <नाम> मौजूद थाकि सम 17.30 बजे यहां आम <नाम> के लोग आपस में चर्चा <नाम> रहे थे कि महाबीरसर्विस स्टेशन डूमरडीहा पेट्रोल पम्प <नाम> दिनांक 25/26.05.2019 को पांच लाख पैसठहजार की चोरी अभियुक्तगण अतीश <नाम> एवं <नाम> स्वारथ द्वारा <नाम> लिया गया है। इनको गिरफूतार <नाम> जेल भेज <नाम> गया था तथा <नाम> में जमानत <नाम> <नाम> होगएं । ये दोनों काफी शातिर एव दबग है। <नाम> आमशोहरत अच्छी नहीं है। इनके भयएवं आतंक के <नाम> आम <नाम> का कोई व्यक्ति <नाम> शिकायत थाने <नाम> देने नहींजाता है। अतीश <नाम> ने अपने साथी <नाम> स्वारथ के साथ मिलकर एक गिरोह बनालिया है। जो अपराध कारित करते है। दिनांक 25/26.05.2019 को डुमरडीहा स्थितमहाबीर सर्विस स्टेशन पेट्रोल पम्प से सीसीटीवी कैमरा का तार काट <नाम> कैश <नाम> सेदरवाजे का ताला खोलकर व कैश <नाम> में रखे केश के दराज का ताला खोलकर रू0-5,65000/- चोरी <नाम> लिया गया था। इस संबंध में पेद्रोल पम्प <नाम> <नाम> चन्द्रकेशरी के लिखित तहरीर के आधार <नाम> मु0अ0सं0-71/19 अन्तर्गत <नाम> 380भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ। गैग लीडर अतीश <नाम> अपने साथ रामस्वारथ के साथआपराधिक गिरोह बना लिया है। अतीश <नाम> अपने साथी के साथ मिलकर आर्थिकभौतिक एवं दुनियाबी <नाम> के लिए भा०द0सं0 के अध्याय 17 में वर्णित अपराध कारितकरने का अभ्यस्तः अपराधी है। समाज में <नाम> भय एवं आतंक व्याप्त है। इनकेडर एवं भय से समाज का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराने सेकतराते है। समाज में <नाम> स्वछन्द रहना जनहित में उचित नहीं है। उपरोक्त दोनोंके विरूद्ध जिलाधिकारी द्वारा गैंग चार्ट अनुमोदित किया गया है। अतः वादी द्वाराअभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया । ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध चोरी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोहका गैग का सदस्य है। अभियुक्त क विरूद्ध मु0अ0सं0-71/19 अन्तर्गत <नाम> 380,411भा0द0सं0 थाना दुद्धी जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त गैग लीडरके साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारित करते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुन: अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्णसम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> सेइन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत का घोरविरोध किया गया है । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत कियागया है कि अभियुक्त को रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं कियाहै, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0सं0-71/19 अन्तर्गत <नाम> 380,411 भा०द0सं0 थाना दुद्धी जिला रहDigitally signeBail Application/1594/2020 -ram swarath Vs. State Government 2सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त मुकदमा के अतिरिक्तअन्य कोई अपराध पंजीकृत नहीं है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्तासरोकार नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिकव दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तःअपराधी एवं थाना <नाम> में भय दहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0सं0-71/19 अन्तर्गत <नाम> 380,411 भा०द0सं0 थाना दुद्धी जिलासोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह कागैग का सदस्य है। अभियुक्त गैग लीडर के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक लाभके लिए गम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_950_202027-08-20201044 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"Bail Application/950/2020 -Rahul Gupta Vs. State Government l[s] । ",
"2. प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार संक्षेप में आवेदक <नाम> यह आरोप हैकि दिनांक-31.01.2020 को 01 बजे <नाम> वादी एस.क.पाल, सर्वेक्षक, खनिज विभाग,सोनभद्र द्वारा अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की <नाम> टीम के साथउपखनिजों के अवैध परिवहन के संबंध में वाहन संख्या-यूपी.62ए.टी. /5952 कीआकस्मिक जांच की गई। जांच के समय वाहन चालक वाहन छोड़कर भाग गया। वाहन <नाम> 20 घन मीटर बालू /मौरम लोड पाया गया जिसका चोरी छिपे परिवहनकिया जा रहा था। अतः वाहन को सुपुर्दगी में लेकर उसके <नाम> व चालक केविरूद्ध प्राथिमिकी दर्ज कराई गई । ",
"3. आवेदकगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि अभियोजनकथानक मनगढ़ंत व असत्य है। वाहन व उस <नाम> लदे खनिज से संबंधित समस्तप्रपत्र वैध हैं। उन्हें गलत तरीके से नामित किया गया है। घटना का कोई जनसाक्षीनहीं है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"4. विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिक द्वारा विरोध करते हुए यहकहा गया कि आवेदकगण द्वारा प्रश्नगत वाहन <नाम> 20 घनमीटर बालू / मौरंग बिनावैध प्रपत्रों के चोरी-छिपे परिवहन किया जा रहा था जिसे खनिज विभाग की टीमने आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पकड़ा। मामले में आरोप पत्र तैयार किया जा चुकाहै । अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है। अग्रिम जमानत <नाम> दी जावे। "
],
"judge-opinion": [
" [s][=]. [am]सUPSB<फ़ोन-नंबर>0न्यायालय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्रपीठासीन रजत <नाम> <नाम> एच.जेएस., ७06519अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-950 / 20201. <नाम> <नाम> पुत्र झिंगुरी <नाम> निवासी ग्राम कोटवा, थाना-मछलीशहर,जिला-जौनपुर2. सोनू पाल पुत्र <नाम> <नाम> पाल, निवासी-शिवपुर, थाना-मड़ियाहू, जिला-जौनपुरबनामउत्तर प्रदेश राज्य1. अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> आवेदकगण के विद्वान अधिवक्ताश्री <नाम> <नाम> त्रिपाठी एवं विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिक <नाम> रामजियावन <नाम> <नाम> को सुना गया एवं प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"5 उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने के पश्चात तथाअभियोजन प्रपत्रं के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि प्रश्नगत वाहन को मौरंगढोने के लिये इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र दिनांक-29.01.2020 को जारी किया गया है,जबकि प्रश्नगत वाहन दिनांक-31.01.2020 को 13 बजे वाराणसी- शक्तिनगर मार्गपर तेंदू ग्राम के पास पाया गया है। यह तर्क <नाम> नहीं है कि शिकायतकर्ता नेवाहन को 2 <नाम> रोकने के उपरांत प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> में पंजीकृत कराई । इसके अतिरिक्त अभियोजन की ओर से यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया है किधारा-41 द॑प्र.सं. का नोटिस देकर आवेदकगण के बयान लिये जा चुक हैं। आरोप Bail Application/950/2020 -Rahul Gupta Vs. State Government 2पत्र तैयार किया जा चुका है। गिरफूतारी की कोई <नाम> नहीं है। उन्हें न्यायालयमें उपस्थित होना है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_110_202030-09-2020686 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"हाल पता ग्राम-मुसही, थाना-राबर्दसगंज, जिला-सोनभद्रवादीबनाम1. महेन्द्र <नाम> मौर्य2. राधे <नाम> मौर्यपुत्रगण स्व0 सखरजनिवासीगण-हरनहाचक, थाना-घोसी, जिला-मऊ। हाल पता ग्राम-ग्राम-मुसही, थाना-राबर्दसगंज, जिला-सोनभद्रविपक्षी / अभियुक्तगणआदेश1. यह प्रर्कीण वाद अ0सं0-1076/2010, मु0नं0-1127/2011 राज्यबनाम महेन्द्र आदि क वादी <नाम> <नाम> मौर्य द्वारा इस आशय का प्रस्तुत कियागया है कि उक्त मामले में तत्कालीन प्रभारी सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र द्वाराअभियुक्तगण महेन्द्र <नाम> मौर्य व राधे <नाम> मौर्य की जो जमानत दिनांक02.03.2016 को स्वीकार की गयी थी, उसे निरस्त <नाम> <नाम> जावे। "
],
"judge-opinion": [
"2 मेरे द्वारा आवेदक के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> वविपक्षीगण/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> नारायन <नाम> कोविस्तारपूर्वक सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। 3 प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार <नाम> <नाम> मौर्य वादी के पिता रामकिशुन मौर्य की कृषिक <नाम> <नाम> अभियुक्तगण महेन्द्र <नाम> मौर्य व राधे <नाम> मौर्यने स्वयं को वादी मुकदमा <नाम> <नाम> मौर्य का सगा <नाम> दर्शाते हुए अपना नामनामान्तरित करवा लिया । इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट न्यायालय के आदेशसे पंजीकृत हुई और इसी मध्य अभियुक्तगण गिरफूतार किये जाने <नाम> उनकीजमानत, जमानत प्रार्थना पत्र सं0-230/2016 सत्र न्यायालय, सोनभद्र में प्रस्तुतकिया गया जिस <नाम> सुनवाई करने के उपरान्त दिनांक 02.03.2016 को तत्कालीनप्रभारी सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा स्वीकार की गयी। ",
"4. आवेदक वादी का मुख्य तर्कं यह है कि राधे <नाम> मौर्य और महेन्द्रप्रसाद मौर्य वादी के ताऊ सखरज क पुत्रगण है और उन्होनें जमानत प्रार्थना पत्र मेंस्वयं को सखरज का पुत्र <नाम> दर्शाकर वादी के पिता <नाम> किशुन मौर्य का पुत्रदर्शाया है और इस प्रकार न्यायालय के साथ धोखा-धड़ी की है और धोखे से प्राप्त Bail Application/110/2020 -Rajendra Prasad Maurya Vs. Mahendra Prasad Maurya 2किया गया आदेश निरस्त किये जाने <नाम> है। ",
"5. इस वर्तमान प्रकीर्ण वाद को प्रस्तुत करने से पूर्व आवेदक ने माननीयउच्च न्यायालय में दाण्डिक प्रकीर्ण जमानत निरस्तीकरण प्रार्थना पत्र सं०-36026/2016 <नाम> <नाम> मौर्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व दो अन्य प्रस्तुत किया थाजो माननीय उच्च न्यायालय ने दिनांक 19.03.2018 को इस टिप्पणी के साथनिर्णीत <नाम> <नाम> कि जमानत निरस्तीकरण का प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय में हीप्रस्तुत किया <नाम> चाहिए। ",
"6. वहीं अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि सखरज वउनके <नाम> <नाम> किशुन मौर्य का विवाह दो सगी बहनों के साथ हुआ था और सन्50 के दशक में सखरज की मृत्यु हो गयी और उस समय <नाम> उनकी कोई सन्ताननहीं थी तो <नाम> किशुन मौर्य ने उनकी पत्नी को भी बतौर अपनी पत्नी रख लियेऔर सखरज की पत्नी से <नाम> किशुन मौर्य के तीन पुत्र <नाम> महेन्द्र व राधेउत्पन्न हुए तथा अपनी स्वयं की पत्नी से <नाम> <नाम> मौर्य वादी उत्पन्न हुए। राम किशुन मौर्य ने अपने सभी पुत्रों को धर्मज पुत्रों की <नाम> प्रदान की थी औरशैक्षणिक अभिलेख में भी उनका वही नाम पंजीकृत है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र मेंउन्होनें अपने सही पिता का नाम ही <नाम> किया है और वे आज भी यह कहते हैंकि उनके पिता <नाम> किशुन मौर्य थे। यह भी तर्क <नाम> गया कि जमानत निरस्तकिये जाने के लिए आवश्यक परिस्थितियों में से कोई भी परिस्थिति वर्तमान मामलेमें उत्पन्न नहीं हुई है। ",
"7. वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कतिपय दस्तावेजों परविशवास करते हुए यह कहा गया कि राजस्व अभिलेखों में जो नाम महेन्द्र प्रसादमौर्य व राधे <नाम> मौर्य ने बढ़वा लिया था, वह सक्षम न्यायालय द्वारा खण्डितकिया जा चुका है और परिवार रजिस्टर इत्यादि में भी दोनों अभियुक्तगण कोसखरज का ही पुत्र दर्शाया गया है। ",
"8 न्यायालय के मत में इस प्रकार यह प्रकट होता है कि वादी वअभियुक्तगण दोनों ही स्वयं को <नाम> किशुन मौर्य का पुत्र होना बताते हैं और यहविचारण के समय <नाम> <नाम> है कि वास्तविक स्थिति क्या है और इस स्तर परवादी की ओर से जो दस्तावेज प्रस्तुत किये गये हैं, उनके आधार <नाम> यह निर्णयनहीं <नाम> जा सकता और <नाम> ही समीचीन होगा कि राधे <नाम> मौर्य व महेन्द्रप्रसाद मौर्य को <नाम> किशुन मौर्य का पुत्र <नाम> मानकर सखरज का पुत्र होना निर्धारितकर <नाम> जावे। ",
"9. इसके अतिरिक्त यह सुस्थापित <नाम> है कि जमानत निरस्तीकरणअत्यन्त विरल परिस्थितियों में किया जाता है और इस सम्बन्ध में माननीय उच्चन्यायालय द्वारा <नाम> स्थापित की जा चुकी है। जेसा कि माननीय इलाहाबाद उच्चन्यायालय ने भी अपने आदेश दिनांकित 19.03.2018 में शहजाद हसन खां बनामइस्तियाक ए.आई.आर. 1987 एस सी 1613 व दौलत <नाम> बनाम हरियाणाराज्य 1995 एस सी 1998 का उल्लेख किया है । इसके अतिरिक्त माननीयउच्चतम न्यायालय ने बृजनन्दन <नाम> बनाम मुन्ना उर्फ मुन्ना जायसवालदाण्डिक अपील सं0-2087,/2008 में पारित आदेश दिनांकित 19.02.2008में यह स्पष्ट किया है कि वादी को यद्यपि हमेशा जमानत स्वीकार किये जाने केआदेश को चुनौती देने का अधिकार है। यदि ऐसा आदेश वैधानिक <नाम> से पारित Bail Application/110/2020 -Rajendra Prasad Maurya Vs. Mahendra Prasad Maurya 3नहीं किया गया है। उक्त मामले में जमानत स्वीकार किये जाते समय कोई आधारन्यायालय के द्वारा <नाम> नहीं किया गया था । अतः माननीय उच्चतम न्यायालयने जमानत खण्डित करके पुनः जमानत प्रार्थना पत्र निर्णीत करने का आदेश दियाथा। माननीय उच्चतम न्यायालय ने शुभेन्द्रू <नाम> बनाम सुब्रत कुमारमिश्रा 2000 एस सी सी कि० 1508, महबूब दाऊद शेख बनाम महाराष्ट्रराज्य ए.आई.आर. 2004 एस सी 2890 व पंचानन <नाम> बनाम दिगम्बरमिश्रा ए.आई.आर. 2005 एस सी 1299 क मामलों में यह अवधारित किया है किजहां पर-1. अभियुक्त के फरार होने की सम्भावना हो,2. अभियुक्त <नाम> प्रशासन प्रकिया को प्रभावित करने का प्रयास कररहा हो अथवा,3. जमानत का दुरूपयोग <नाम> रहा हो,तो ही जमानत खण्डित की जा सकती है अथवा साक्षियों को धमकीदेने के <नाम> भी खण्डित की जा सकती है। इसके अतिरिक्त अन्य मामलों में जमानत खण्डित किये जाने के जोआधार माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकार किया गया है उसमें अभियुक्त नेजमानत प्राप्त <नाम> लेने के उपरान्त, उसका आचरण व अनावश्यक स्थगन लेनाआदि सम्मिलित है। 10. उपर्युक्त <नाम> व्यवस्थाओं के <नाम> में देखने <नाम> यह प्रकट होता हैकि वर्तमान मामले में तत्कालीन प्रभारी सत्र न्यायाधीश द्वारा जो जमानत आदेशदिनांक 02.03.2016 को पारित किया गया है उसमें जमानत दिये जाने के कारणअभिलिखित किये गये हैं। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_644_202122-04-20217 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थी/ अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार मेंनिरूद्ध हैं। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> खरवारपुत्र स्व0 सहदेव, निवासी टंगापाथर (डडिहरा), थाना म्योरपुर जिला सोनभद्र ने दिनांक16.08.2017 को थाना म्योरपुर जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज कराया कि दिनांक 08.02.2017 को <नाम> में उसकी तबियत खराब हो गयी थीजिससे वह दवा लेने जा रहा था। <नाम> 08:00 बजे उसके गॉव के सोनू <नाम> पुत्ररामजनम <नाम> व मम्पी <नाम> पुत्र शिवशंकर <नाम> लाठी डंडा एवं लात घूसा से उसेरामप्यारे के घर के सामने मारने लगे तथा गाली <नाम> देते हुये पुल में ढकेलने लगे। जिससे उसे अन्दरूनी चोटें लगी थी। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियोजनकथानक गलत, बेबुनियाद एवं झूठा है। दिनांक 08.02.2017 की <नाम> में वादी मुकदमाराम <नाम> खरवार अत्यधिक शाराब के नशे में होकर अनियंत्रित होकर पुलिया में गिर गयाथा और स्वयं उठ पाने की स्थिति में नहीं था। प्रार्थी एवं राजपाल <नाम> ने <नाम> सिंहखरवार को <नाम> पड़ा देख <नाम> उसे उठाया और उसके घर पहुँचाया था। प्रार्थी काउसके गाव के <नाम> प्यारे <नाम> से मन मुटाव है उसी <नाम> <नाम> प्यारे <नाम> द्वारा वादीमुकदमा को <नाम> <नाम> तीन <नाम> <नाम> फर्जी मेडिकल तैयार <नाम> <नाम> प्राथमिकी दर्जकरायी गयी है। कथित घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी की बहन की शादी दिनांक 26.04.2021 को है। प्रार्थीदिनांक 09.04.2021 से जेल में निरूद्ध है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी है। जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई <नाम> धारा-15ए (5) अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अनुसार वादी को नोटिस जारीकिया गया है। वादी मुकदमा को प्रेषित नोटिस बजात खास तामील होते हुए भी वादीमुकदमा की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानतका विरोध करते हुये <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प््रार्थी/अभियुक्त द्वारा अनुसूचितजनजाति के व्यक्ति वादी मुकदमा <नाम> <नाम> को मार-पीट <नाम> उसके शरीर <नाम> चोटेंकारित की गयी है। मामला गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
" 2प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजकके तर्को को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। उभय पक्ष के विद्वान अधघिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट एवं पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि घटना की प्रथम सूचना रिपोर्टलगभग 06 माह की अवधि बीत जाने के उपरान्त दर्ज करायी गयी है। वादीमुकदमा / चोटहिल <नाम> <नाम> के शारीर <नाम> कोई जाहिरा चोट चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्टमें नहीं पायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 09.04.2021 से जेल में निरूद्ध है। सहअभियुक्त की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनांक 14.01.2020 को स्वीकार की जा चुकीहै । प्रार्थी / अभियुक्त की <नाम> <नाम> अभियुक्त से भिन्न नहीं बतायी गयी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_336_202005-03-2020107 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा चन्द्र प्रकाशपाण्डेय, प्रभारी निरीक्षक घोरावल, सोनभद्र द्वारा दिनॉक 01.08.2019 को थानाघोरावल जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया गयाकि वे अपने अन्य हमराहीगण के साथ मुकदमा अपराध संख्या-78/2019अन्तर्गत धारा-34, 147, 148, 149, 307, 302 भारतीय दंण्ड <नाम> एवं धारा-3(2)(5) एस०सी०एस०टी0 एक्ट, थाना घोरावल,सोनभद्र के मामले में अभियुक्तगण कीसुरागरसी-पतारसी में मामूर थे। प्रात: करीब 07:00 बजे जरिये टेलीफोन सूचनाप्राप्त हुई कि कुछ लोगों द्वारा खुटहा बाईपास के सामने राबर्टसगंज-घोरावल व घोरावल-मड़िहान मार्ग को बल्ली, ईट व पत्थर से अवरूद्ध <नाम> <नाम> Bail Application/802/2020 -Ajay Kumar Vs. State Government 2गया है। इस सूचना <नाम> वे मय हमराह खुटहा बाईपास की ओर प्रस्थान किये तथाकार्यालय को अधिक फोर्स खुटहा बाईपास भेजने के लिये आदेशित किया एवं जरियेआर0टी0 सेट चौकी कसबा घोरावल को फोर्स के साथ पहुँचने के लिये बताया गया। खुटहा बाईपास पहुँचने <नाम> <नाम> कि 100-150 आदमियों द्वारा राबर्टसगंज-घोरावल मार्ग को बल्ली-पत्थर रख <नाम> जाम किया गया था और पुलिस प्रशासनमुर्दाबाद के नारे लगाये जा रहे थे। पुलिस पार्टी द्वारा वार्ता के कम में जाम करनेवाले राजाराम <नाम> <नाम> <नाम> बबलू <नाम> <नाम> उफ मुन्नाविश्वकर्मा आदि लोगों के साथ दिनॉक 29, 30.07.2019 की घटना जिसमें मृतकपरमवीर <नाम> पुत्र राजाराम का शव गाड़ी नं0 यू०पी0 6470टी0-3312 केकैरियर से गमछे से लटका हुआ मिला था उसी घटना को लेकर मृतक के परिजनोंसे तहरीर मॉगी जा रही थी लेकिन तहरीर <नाम> देकर वे लोग पुलिस के साथधक्का-मुक्की करने लगे और कुल्हाड़ी से काट डालने की धमकी दी जाने लगी । ",
"अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थीगण माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा किमिनल अपील अन्तर्गतधारा-482 दंण्ड प्रकिया <नाम> किमिनल अपील संख्या-1145/ 2020 अजयकुमार एवं 07 अन्य बनाम स्टेट आफ यूएपी0 एवं अन्य में पारित आदेश दिनाक31.01.2020 के अनुसार अवर न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण <नाम> न्यायिक अभिरक्षामं हैं। प्रार्थीगण ने <नाम> तो बास-बल्ली, ईट, पत्थर रख <नाम> सड़क जाम किया थाऔर <नाम> ही पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद का नारा लगाया है और <नाम> ही शान्ति व्यवस्थाभंग <नाम> सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किया है। प्रार्थीगण के विरूद्ध लगाये गयेसभी आरोप बेबुनियाद है। राजाराम <नाम> के लड़के परमवीर <नाम> कीदिनॉक 29, 30.07.2019 की रात में हत्या <नाम> शव को मैजिक गाड़ी से लटकादिया गया था जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट काफी दबाव के <नाम> थाना घोरावल कीपुलिस द्वारा दर्ज की गयी है। पुलिस द्वारा प्रार्थीगण को परेशान करने की नियत सेउपरोक्त अपराध में आरोपित किया गया है। प्रार्थीगण ने कोई जुर्म नहीं किया है। प्रार्थीगण <नाम> लगाये गये आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रार्थी/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानतस्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/अभियुक्तगण की <नाम> <नाम> अभियुक्तगण सेभिन्न नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी /अभियुक्तगण द्वारा ईट-पत्थर लगा <नाम> राबर्टसगंज-घोरावल मार्ग को अवरूद्धकिया गया था तथा पुलिस प्रशासन के विरूद्ध नारे लगाये जा रहे थे। अभियुक्तगणद्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अभियोजन <नाम> तथा अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता केतर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ",
"हDate: 2020.03.05Bail Application/802/2020 -Ajay Kumar Vs. State Government 3 प्रस्तुत मामले में माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा अप्लीकेशनअन्तर्गत 482 संख्या-1145/2020 <नाम> <नाम> एवं 07 अन्य बनाम स्टेट आफयू0पी0 एवं अन्य में पारित आदेश दिनॉक 31.01.2020 के अनुसार प्रार्थी /अभियुक्तगण द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाने <नाम> उसका निस्तारणशीघ्रता के साथ किये जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रस्तुत प्रकरण में सहअभियुक्तगण राजाराम एवं <नाम> <नाम> जिन <नाम> कथित <नाम> से यह अभियोगलगाया गया है कि उनके पुत्र परमवीर की हत्या के सम्बन्ध में उक्त अभियुक्तगणअन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ स्थानीय पुलिस से कार्यवाही किये जाने की मॉग करनेके कम में राबर्टसगंज-घोरावल मार्ग को अवरोधित किया गया था। प्रस्तुत मामले मेंमुख्य अभियुक्त राजाराम <नाम> व <नाम> <नाम> की जमानत प्रार्थना पत्र संख्या235/ 2020 में पारित आदेश दिनाक 19.02.2020 से हो चुका है। प्र्रार्थी/अभियुक्तगण अन्तरिम जमानत <नाम> हैं उनकी <नाम> मुख्य अभियुक्त से भिन्न प्रतीतनहीं होती है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1396_201906-01-2020743 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 05.09.2019को वरिष्ठ उप निरीक्षक <नाम> शकर सिह <नाम> हमराहियो के साथथाना स्थानीय <नाम> मौजूद थे कि पी0आरoणवी0 के उप निरीक्षकविनोद <नाम> के मोबाइल नम्बर <फ़ोन-नंबर> <नाम> समय करीब 05.33बजें सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम परसौटी में <नाम> अवैध <नाम> से हेरोइनबेच रहा है। घटना <नाम> हो रही है। इस सूचना <नाम> वरिष्ठ उप निरीक्षकविजय शांकर <नाम> <नाम> द्वारा उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुएबिहारी मोड़ <नाम> मौजूद पी0आर०वी0 आरक्षीगण के साथ <नाम> के घरपर दबिश दी गयी तो एक व्यक्ति पुलिस <नाम> को देखकर <नाम> सेपिछले दरवाजे से भागा जिसे उप निरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा पकड़नेका प्रयास किया गया परन्तु वह भागने में सफल हो गया। दूसरे व्यक्तिजिसे मौके <नाम> ही <नाम> के घर के पिछवाड़े गौशाला में समय करीब06.15 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गयातो उसने अपना नाम शमशाद पुत्र स्व0 मोहम्मद रफीक बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिएडिब्बे में 117 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को कारणगिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। घटना काकोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। सह-अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 25.11.2019 से जिला कारागार में विरूद्ध है। उपरोक्तके आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से कोई नाजायज2 —2—हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। सह-अभियुक्त शमशाद द्वारा बताया गयाकि अभियुक्त <नाम> मौर्या के साथ <नाम> पहिया गाड़ी से <नाम> सेहेरोइन लाकर बेचने का <नाम> किया जाता है। अभियुक्त दिनांक 25.11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त क संबंधित डी0सी0आर0वी0 की रिपोर्टप्रस्तुत नहीं किया गया है। सह-अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_802_201926-07-2019218 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त का कथन संक्षेप में यह है कि प्रार्थी उपरोक्तमामले में पूर्व में जमानत <नाम> था। उपरोक्त मामले में दिनांक 28.01.2019नियत थी। उक्त दिनांक से ही प्रार्थी मलेरिया एवं टाइफाइड से ग्रसितहोने के <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं हो सका और अपने बीमारी कीसूचना अपने अधिवक्ता को देना भूलवश नहीं <नाम> सका। जिस कारणप्रार्थी के विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत <नाम> दियागया । प्रार्थी दिनांक 31.05.2019 को गिरफूतार होकर जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी भविष्य में कोई लापरवाही नहीं करेगा और प्रत्येकतारीख <नाम> न्यायालय आता रहेगा। प्रार्थी के छोटे छोटे बच्चे है। प्रार्थीके जेल में रहने से उसका पूरा परिवार भूखमरी के कगार <नाम> पहुंच गयाहै। उपरोक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। बीमार हो जाने के <नाम> नियत तिथिपर वह न्यायालय उपस्थित नहीं आ सका और उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट निर्गत हो गया। अभियुक्त द्वारा न्यायालय में उपस्थितहोने में कोई जानबूझकर लापरवाही नही किया है। प्रार्थी जेल मेनिरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त नियत तिथिपर जानबूझकर उपस्थित नहीं आया जिससे मुकदमा उपरोक्त कीकार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकरने की <नाम> में पुनः अभियुक्त के न्यायालय में अनुपस्थिति कीसम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता हैं उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
".2/ —2 —_पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केन्यायालय उपस्थित <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध दिनांक28.01.2019 को गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया और वहगिरफूतार होकर दिनांक 31.05.2019 से जेल मे निरूद्ध है। अभियुक्तपूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त द्वारा कहा गया कि वह बीमार होने केकारण वह नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नही हो सका। अभियुक्त के विरूद्ध जारी गैर जमानतीय वारण्ट दिनांक 28.01.2019 केपश्चात उसके विरूद्ध कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं है, जैसा कि संलग्नडी0सी०आर0०बी0 रिपोर्ट से स्पष्ट है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1276_201914-11-2019446 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक25.08.2019 को उप निरीक्षक मो0 अरशद व हमराही पुलिस कर्मचारियों द्वारामुखबिर की सूचना <नाम> गाय, बैल व बछड़ों को काटने के उद्देश्य से जंगल केरास्ते हांक <नाम> ले जाते हुए हरिमंगल <नाम> गोविन्द कन्नौीजिया को पकड़ागया। इन लोगों द्वारा बताया गया कि उनके साथ <नाम> <नाम> <नाम> बचन यादवऔर बड़क भी थे जो जंगल में भाग गये हैं। सभी गायें वह लोग <नाम> <नाम> केकहने <नाम> जंगल के रास्ते से पैदल हांकते हुए चन्दौली की तरफ काटने केउद्देश्य से ले जा रहे थे। गोवंशें की गिनती कर्मचारियों की मदद से की गयीतो कुल 66 अदद गाय, बैल व बछड़े थे जिन्हें कब्जा पुलिस में लिया गया। पकड़े गये व भाग गये <नाम> <नाम> आदि उपर्युक्त का कार्य धारा-3/5ए/8 कादण्डनीय अपराध है। हरिमंगल <नाम> गोविन्द <नाम> को समय लगभग 2.00बजे पुलिस हिरासत में लिया गया। बरामदशुदा गोवशों को पशुबाड़ा ग्राम भैंसवारके ग्राम <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व धीरज <नाम> की सुपुर्दगी में <नाम> गया। पशुओं की बरामदगी के आधार <नाम> फर्द तैयार की गयी एवं अभियुक्तगण केविरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेरंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी पशुओंको काटने के लिए नहीं ले जा रहा था। बरामद पशुओं से उसका कोईवास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थी के पास से किसी पशु की बरामदगी नहीं की गयीहै । प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक01.11.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। <नाम> अभियुक्तगण हरिमंगलयादव एवं गोविन्द कन्नौीजिया की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। ",
"ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर 66 गोवशों को वध करनेहेतु जंगल के रास्ते बिहार लेकर जा रहा था। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावचली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"<नाम> अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किया जा चुका है। यहअभियुक्त भागा हुआ बताया गया है। अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहींहै। "
]
} | 1GRANTED
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Bail Application_722_201910-07-2019443 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक-23.11.2018 कोप्रभारी निरीक्षक आशीष <नाम> <नाम> मय हमराहियान के साथ देखभालक्षेत्र एवं विवेचना में मामूर था कि ज्ञात हुआ कि सलीम नट व राजेशहरिजन का एक संगठित गिरोह है। जिसका सरगना सलीम नटउपरोक्त है। जो आपस में मिलकर जनपद सोनभद्र एवं मीरजापुर मेंलूट जेसा जघन्य अपराध कारित <नाम> अपने तथा अपने गिरोह केसदस्य के लिए भौतिक, आर्थिक एवं दुनियाबी <नाम> अर्जित करते हुएसमाज विरोधी कियाकलाप में लिप्त है। इस गैंग द्वारा भारतीय दण्डसंहिता के अध्याय 16 व 717 में वर्णित अपराधों के करने के अभ्यस्तअपराधी है। गैंग लीडर सलीम नट व सदस्य <नाम> हरिजनउपरोक्त द्वारा दिनांक 15.01.2018 को समय 17.30 बजे रविन्द्र कुमारनिवासी मूर्तिया थाना घोरावल सोनभद्र के साथ लूट जैसा जघन्यअपराध किया गया जिस <नाम> उक्त थाने <नाम> अ0सं0 05/2018 अन्तर्गतधारा 392,411 भा०द0सं0 का अभियोग पंजीकृत होकर विवेचनोपरान्तआरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। इसके अलावा गैंग लीडरसलीम नट द्वारा थाना हलिया जनपद मीरजापुर में दिनांक 08.05.2018को समय 12.30 बजे लक्ष्मीनरायन कोल से <नाम> हजार रूपया से भराबैंग लेकर भाग गया। जिसके संबंध में थाना हलिया में मु0अ0०सं081/2018 <नाम> 406 भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ तथा विवेचनोपरान्तअन्तर्गत <नाम> ३94,411 भा०द0स0 में आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषितकिया गया। गैंग लीडर सलीम नट द्वारा दिनांक 11.05.2018 कोपुलिस टीम <नाम> <नाम> लेवा हमला किया गया जिस <नाम> थाना हलिया मेंमु०अ०सं0 82/2018 <नाम> 307 भा0द0सं0 <नाम> किया गया। गैंगलीडर सलीम नट के कब्जे से दिनांक 11.05.2018 को लूट की एकमोटरसाइकिल हीरो होण्डा स्पेण्डर प्लस तथा लूट का 8030/- रूपयाबरामद हुआ था। जिसके संबंध में थाना हलिया में मु0अ०सं०83/2018 अन्तर्गत <नाम> 41,411 भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ तथा गैगलीडर सलीम नट द्वारा दिनांक 02.11.2017 को पुलिस टीम परजानलेवा हमला किया गया तथा पुलिस कर्मचारी की मोटरसाइकिललेकर फरार हो गया था जिसके सबंध में थाना लालंगंज जिलामीरजापुर में मु0अ0सं0 413/17 अन्तर्गत <नाम> 307,379 भा०द0सं0पंजीकृत हुआ। इस गैंग के आतंक एवं भय से <नाम> का कोई व्यक्तिइनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा लिखाने का साहस नही कर.2/ पाता है। ये लोग लूट जैसे जघन्य व पुलिस टीम <नाम> हमला करकेआम <नाम> में भय व आतंक पैदा करते रहते है। गैंग लीडर सलीमनट का गैंग चार्ट अनुमोदनोपरान्त प्राप्त हुआ। गैग लीडर सलीम नटव सदस्य <नाम> हरिजन का यह कार्य अन्तर्गत <नाम> ३(1)उप्र.गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम कादण्डनीय अपराध है। अतः वादी द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध उपर्युक्तवर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्धअभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ",
"जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ताद्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को रंजिशन झूठाफंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधोंमें कभी लिप्त रहा हैं। अभियुक्त गैंग का सदस्य नहीं है। अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध भारतीय दण्ड <नाम> का गम्भीर मामले दर्शायागया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का सदस्य है । अभियुक्त केजमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने कीपूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करनेकी <नाम> से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णितआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयीहै। "
]
} | 0DENIED
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