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2 classes
Bail Application_1226_202005-10-2020660
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन के अनुसार मामले में वादी का यह कथन है कि दिनांक 11.08.2019 कोसमय करीब 5.00 बजे भोर उसकी लड़की नित्य किया करने <नाम> बाहर खेत में जा रहीथी, तभी उसके गांव का हरिकिशन <नाम> पुत्र <नाम> दरश, धुरेन्दर पुत्र खेलू व हरिओमपुत्र <नाम> दरश उसकी लड़की के साथ छेडछाड़ <नाम> रहे थे। लड़की ने शोर किया तोवादी गया तो अभियुक्तगण हट गये। थोड़ी देर <नाम> हरिकिशन, धुरेन्दर व हरिओम एकराय होकर लाठी डण्डा से लैश होकर गाली <नाम> देने लगे, जब वादी व अन्य ने गालीदेने से <नाम> किया तो अभियुक्तगण द्वारा कलीम के सर <नाम> व वादी को तथा असलम कोलाठी डण्डा से मार <नाम> चोटें कारित किया। अभियुक्तगण ने धमकी <नाम> कि सालो कोजान से समाप्त <नाम> दो तथा गोली मार देने की धमकी दिया। कलीम क बेहोश होने केकारण स्वास्थ्य कन्द्र <नाम> दिखाने के <नाम> उसे ट्रामा सेन्टर वाराणसी रेफर <नाम> दियागया। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा दौरान बहस यह तर्क प्रस्तुत किया गयाकि मामले में अभियुक्तगण को फर्जी फंसाया गया है। अभियुक्तगण निर्दोष है। उनकाकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। मामले में <नाम> अभियुक्त हरिकिशन की जमानतन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। विवेचक द्वारा गलत विवेचना <नाम> अभियुक्तगणके विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्तगण उपरोक्त के विरूद्धधारा-323,504,506 भा.दं.सं. का अभियोग है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तगण को जमानतपर <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फोज.) द्वारा जमानत का प्रबल विरोध किया गयातथा कथन किया गया कि अभियुक्तगण द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री के साथछोड़छाड़ के विवाद को लेकर वादी मुकदमा व उसके साथीगण को मार पीट <नाम> चोटेंकारित किया गया है तथा उन्हें गाली देते हुए <नाम> से मारने की धमकी दी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "वादी की लिखित तहरीर के आधार <नाम> थाना राबर्द्सगंज में मु.अ.सं.-502/ 2019,अं.धारा-354,308,323,504,506 भा.दं.सं. पंजीकृत हुआ। मामले में विवेचक द्वाराविवेचनोपरांत आरोप पत्र न्यायालय में अभियुक्त हरिकिशन <नाम> के विरूद्ध हReason: Docume £,Bail Application/2556/2020 -Dhurendra alias Anmol Yadav Vs. State Government 2धारा-354,323,504,506 भा.दं.सं. व धारा-7/ 8 पाक्सो अधिनियम में तथा अभियुक्तगणधुरेन्दर व हरिओम के विरूद्ध धारा-323,504,506 भा.दं.सं के तहत आरोप पत्र प्रस्तुतकिया गया। इस प्रकार मामले में अभियुक्तगण धुरेन्द्र उर्फ अनमोल <नाम> व हरिओम केविरूद्ध धारा-323,504,506 भा.दं.सं. का आरोप है। अन्य अभियुक्त हरिकिशन <नाम> केविरूद्ध विवेचक द्वारा आरोप पत्र <नाम> 354,323,504,506 भा.दं.सं. व धारा-7/ 8 पाक्सोअधिनियम में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें अभियुक्त हरिकिशन की जमानत स्वीकार कीजा चुकी है। उपरोक्त अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास अभियोजन द्वारा दर्शितनहीं किया गया है। विवेचनोपरांत मामले में आरोप पत्र न्यायालय प्राप्त हो चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1037_201907-09-2019975
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी होमगार्डरामलाल ने थाना पिपरी <नाम> सूचना <नाम> कि वह रेनूकूट पुलिस चौकी परकार्यरत है। आज दिनांक 07.03.2019 को दोपहर लगभग 13.30 बजे चाचाकालोनी वार्ड नं-02 में विवाद की सूचना मिलने <नाम> वह मौके <नाम> गया तो सामनेएक व्यक्ति जिसका नाम बद्री <नाम> है अपने हाथ में कट्टा लिये खड़ा था। उसेदेखते ही <नाम> से मारने की नियत से निशाना लगाकर फायर <नाम> <नाम> लेकिनफायर मिस हो गया। कन्हैया <नाम> व केदार <नाम> मिलकर से मारे-पीटे तथाउसकी वर्दी फाड़ दिये। मौके से केदार नाश भागते समय धमकी <नाम> कि इसबार बच गये ,अगली बार नहीं बचोगे । इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगणके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से यह कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त केविरुद्ध <नाम> 332, ३23, 504, 506 भा0दं0सं0 का अपराध नहीं बन रहा है। सहअभियुक्तगण की जमानत दिनांक 19.03.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल करते समय <नाम> 307 भा0दंएसं0 के अपराधको साक्ष्य के अभाव में आरोप पत्र से निकाल <नाम> गया है। आरोप पत्रन्यायालय में <नाम> 332, ३23, 504, 506 भा0०दं0सं0 में प्रेषित किया गया है। ", "अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहागया कि प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा एक सरकारी कर्मचारी को गाली-गलौज देते हुएमारा-पीटा गया। " ], "judge-opinion": [ " ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "आरोप पत्र के अवलोकन से स्पष्ट है कि आरोप पत्र <नाम> 332,323, 504, 506 भा०दं0सं0 के अन्तर्गत न्यायालय में प्रेषित किया गया है। धारापरिवर्तित होने के आधार <नाम> गुण-दोष <नाम> कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। प्रार्थी-अभियुक्त को संशोधित <नाम> में जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधारपर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_620_202004-06-2020432
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा छोटेलाल द्वारा दिनांक-25.02.2020 को थाना-शक्तिनगर, जनपद-सोनभबद्र में इस आशय का प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृतकराया कि वह अपनी मोटर सायकिल संख्या-यूपी.64एम/6171 अपने घर के सामने खड़ीकिया था। जिसे दिनांक-25.02.2020 की <नाम> 01.30 बजे अज्ञात चोर द्वारा चोरी <नाम> लियागया। ", "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधार लियागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें पंजीकृत करायी गयी है तथा फर्द बरामदगी विशवास किये जाने <नाम> नहीं है। प्रार्थीदिनांक-17.05.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र प्रेषित किया जाचुका है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का प्रबल विरोधकिया गया तथा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त के कब्जे से चोरी किये गये वाहनकी बरामदगी के दृष्टिगत अभियुक्त जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> नहीं है। अभियुक्त द्वाराकारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्को कोसुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमा द्वारा प्रश्‍नगत वाहनमोटर सायकिल की संख्या-यूपी.64एम/6171 दर्शित की गयी है जबकि दौरान विवेचनाअभियुक्त <नाम> के कब्जे से मोटर सायकिल संख्या-यूपी.64एम/6176 बरामद किया जानाकथित है। इस संबंध में पर्चा संख्या-5 में वादी मुकदमा ने स्पष्ट <नाम> से यह बयान किया हैकि जल्दबाजी में प्रार्थना पत्र लिखते समय अपनी गाड़ी का नम्बर यूपी.64एम 6171 अंकितकर <नाम> था जबकि उसकी चोरी गयी गाड़ी का नम्बर यूपी.64एम 6176 है। " ] }
0DENIED
Bail Application_897_201913-08-2019109
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अत: उक्त दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों को समेकित करतेहुए एक साथ निस्तारित किया जा रहा है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र सं0- 897/2019 अभियुक्त <नाम> <नाम> सिंहकी तरफ से एवं जमानत प्रार्थना पत्र सं0- 901,/2019 अभियुक्त <नाम> बारी कीतरफ से पृथक-पृथक <नाम> से अ0सं0- 4722019, अन्तर्गत <नाम> 147, 323,504, 506, 379 भा०दं0सं0, थाना-राबर्दसगंज, जिला-सोनभद्र के प्रकरण मेंजमानत <नाम> मुक्त किये जाने <नाम> प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 31.07.2019 को वह अपनी गाड़ी का हिसाब कराकरओबरा से राबर्दसगंज आया। राबर्टदसगंज में अपनी मोटरसाइकिल से घर जा रहाथा। जब वह <नाम> इण्टर कालेज, परासी के पास पुलिया <नाम> पंहुचा तो रातलगभग 11.30 बजे एक होण्डा मोटरसाइकिल <नाम> सवार तीन लोग पीछे से आकरओवरटेक <नाम> उसे रोक लिये और मारने लगे। उसक तुरन्त <नाम> ही एक लाल..2 9रंग की <नाम> नम्बर की स्कूटी से और तीन व्यक्ति आ गये। सभी 6 लोग उसेताबड़तोड़ लात-घूसों से मारने लगे । वह गिर पड़ा। यह लोग गाली व धमकीदे रहे थे। उसने होण्डा मोटरसाइकिल का नम्बर नोट <नाम> लिया। उसकानम्बर यू0पी0 64 ए बी 7063 है। सभी लोगों को वह जानता-पहचानता है। उनका नाम <नाम> <नाम> <नाम> बारी, सोनू <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> पासवानव शुभम <नाम> है। उसे मारने के <नाम> सभी लोग अपनी-अपनी गाड़ियों सेराबर्टगसंज की तरफ से चले गये। वह उठकर <नाम> तो उसका रु0 29,000 -नकद, एक सैमसंग 25 प्राईम जिसमें <फ़ोन-नंबर>, <फ़ोन-नंबर> नम्बर के सीमलगे थे। अधार कार्ड, पैन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, व एटीएम कार्ड गायब था। यहीलोग ले गये होगें। उसकी रिपोर्ट लिखकर कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्तगणनिर्दोष हैं। उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब सेदर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्तगण के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी को मार-पीटकरउसका उन्तीस हजार रूपया छीन लिये। प्रार्थी-अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्टमें नामजद हैं। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में कोई बरामदगी नहीं हुई है। रुपया व कार्डो कोचोरी करने की केवल आशंका व्यक्त की गयी है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_640_201922-06-2019580
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसका वाहन नम्बर- यू0पी0 64 टी 5582कृष्णशीला परियोजना में दो <नाम> से लगा है। यह वाहन उसके माता <नाम> केनाम से है। उसका वाहन आवास सं0- के डी 3-6 के पास खड़ा रहता है। उसकी गाड़ी के बीच वाली सीट <नाम> एक <नाम> कूलर भी था जिसे दिनांक 28.05.2019 की रात में अज्ञात चोरों द्वारा आगे के दोनों टायर रिम सहित एवंस्टेपनी व कूलर चुरा ले गये। टायर का साइज 215/75 आर 15 है। प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> आवशयक कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि प्रार्थी को गलततरीके से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं कियाहै। बरामद सामान स्वयं प्रार्थी-अभियुक्त का है जिसे पुलिस द्वारा प्रार्थी के घर सेउठाया गया है। गलत तरीके से बोलेरो गाड़ी को भी सम्मिलित किया गया है। बोलेरो गाड़ी से कोई सामान बरामद नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 31.05.2019 सेकारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त द्वारा वादी के वाहन का तीन टायर रिम सहित व वाहन में रखेहुए <नाम> कूलर चोरी <नाम> लिया गया था । उक्त चोरी गये सामानों कीबरामदगी अभियुक्त के निशानदेही <नाम> की गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीरअपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात चोर के विरुद्ध दर्जकरायी गयी थी लेकिन अभियुक्त के कब्जे से चोरी के तीन अदद रिम सहितटायर तथा एक <नाम> कूलर पुलिस द्वारा बरामद किया <नाम> कहा जाता है। अभियुक्त द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र के सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष यहबहस की गयी कि उसके पास दो बोलेरो गाड़ियां है जिसमें से एक बोलेरो गाड़ीउसकी दादी <नाम> रुक्मणी <नाम> के नाम दर्ज है । उक्त वाहन से सम्बन्धितपंजीयन प्रमाण पत्र की <नाम> <नाम> भी दाखिल की गयी है। ", "अभियुक्त द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि पुलिस ने अभियुक्त के घरसे अभियुक्त का <नाम> कूलर उठा लिया है तथा उसकी ही बोलेरो जीप केतीन टायर खोलकर उसी के पास से बरामदगी दिखा दी गयी है जबकि उसकेकब्जे से चोरी का कोई सामान बरामद नहीं हुआ है। —2—अभियुक्त द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि जो कूलर बोलेरो वाहनके अन्दर से बरामद किया <नाम> कहा जा रहा है जबकि वह कूलर बोलेरो वाहनके अन्दर रखा ही नही जा सकता है क्योंकि कूलर का आकार बोलेरो वाहन केदरवाजे से बड़ा है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रस्तुत केसकी बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है । उक्त तर्को को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत मामले के गुण-दोष परबिना कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1121_201901-10-2019754
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वदिनी मुकदमा अनीतापत्नी <नाम> निवासी परसौना थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र ने दिनॉक27.07.2019 को कोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इस कथन के साथप्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी लड़की पीड़िता उम्र 17 वर्ष कोदिनॉक 25.07.2019 को सुबह 06:00 बजे उसके गॉव का <नाम> <नाम> पुत्रकैलाश शादी करने के उद्देश्य से बहला फुसला <नाम> भगा ले गया। प्रार्थिनीने काफी खोज-बीन किया तो पता चला कि उसकी लड़की को उसके गावके <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> ने मोटर साइकिल से पहुँचाया था। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को रंजिशन झूठा फसाया गया है। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियोजन कथानकझूठा एवं बेबुनियाद है। वादिनी मुकदमा पेशेवर महिला है वह अनुचित लाभलेने के लिये झूठे मुकदमें संस्थित करती रहती है। प्रार्थी/ अभियुक्त के विरूद्धउपरोक्त धाराओं का अपराध नहीं बनता है। पीडिता की उम्र 18 वर्ष सेअधिक है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार परअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियुक्त-...2 9की ओर से अपने तर्क के समर्थन में जबर <नाम> बनाम <नाम> 2010 (1) यूपी0 सीआर0आर0 पेज-529 प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह तकप्रस्तुत किया गया है कि प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त कोनामित किया गया है। पीड़िता द्वारा दौरान विवेचना अभियोजन कथानक कासमर्थन किया गया है। पीड़िता को <नाम> में रखा गया था। विवेचक द्वाराप्रधानाध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसौना <नाम> <नाम> खण्ड राबर्टसगंजजिला सोनभद्र द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार <नाम> पीड़िता की जन्मतिथि01.08.2002 पाते हुये अभियुक्त के विरूद्ध धारा-363, 366, 376 भारतीय दंण्डसंहिता व धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम,2012, में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत मामले से सम्बन्धितपत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में वादिनी मुकदमा द्वारा अपनी नाबालिग पुत्री उम्र17 वर्ष को अभियुक्त <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> द्वारा शादी करने के उद्देश्यसे बहला फुसला <नाम> भगा ले जाने का तथ्य रखा गया है। जिसके सम्बन्ध मेंप्रार्थी/ अभियुक्त एवं अन्य अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या-454 / 2019 अन्तर्गत धारा-363, 366 भारतीय दण्ड <नाम> में पंजीकृत कियागया है। दौरान विवेचना पीड़िता द्वारा यह भी तथ्य रखा गया है कि अभियुक्तद्वारा उसे खैराही स्टेशन <नाम> बुला <नाम> ट्रेन में बैठा <नाम> घूमाने ले गया तथाजान से मारने व बलात्कार करने की धमकी <नाम> जिससे वह डर गयी। दौरान विवेचना यह भी तथ्य रखा गया है कि अभियुक्त पीड़िता को लेकरमुम्बई गया था। अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में भीपीड़िता द्वारा इस तथ्य का समर्थन करते हुये यह कथन किया है किअभियुक्त <नाम> उसे <नाम> धमका <नाम> उसके साथ गलत <नाम> किया था। जहाॉँतक अभियुक्त की ओर से यह <नाम> रखा गया है कि मेडिकल प्रमाण पत्रमें पीड़िता की उम्र लगभग 19 वर्ष दर्शायी गयी है। विवेचक द्वारा पीड़िता केनाबालिग होने के सम्बन्ध में कोई सही प्रमाण पत्र दाखिल नहीं किया गयाहै। अर्थात पीड़िता को बालिग होने के आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी है। इस <नाम> विचार करें तो विवेचक द्वारादौरान विवेचना प्रधानाध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसौना <नाम> विकास-...3 जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1121/2019,3खण्ड राबर्टसगंज जिला सोनभद्र द्वारा इस आशय का प्रामण पत्र प्राप्त कियागया है कि पीड़िता सत्र 2015-16 में कक्षा-8 उत्तीर्ण किया है जिसमें उसकीजन्मतिथि 01.08.2002 <नाम> है। चूँकि यह तथ्य साक्ष्य का विषय है इस स्तरपर विवेचना से अभियुक्त द्वारा पीड़िता का व्यपहरण <नाम> उसके साथबलात्संग किये जाने का अभियोग दर्शाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त की ओरसे माननीय न्यायालय की जो <नाम> व्यवस्था उम्र के सम्बन्ध में प्रस्तुत कियागया है वह जमानत के स्तर <नाम> <नाम> नहीं होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_526_201918-05-2019759
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> <नाम> नेथाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 08.01.2019 को <नाम> 10.30 बजे वह अपनीकार नं0-यू0पी0 64 ए ए 6464 से उरमौरा की तरफ जा रहा था। जब डायट केपास पहुंचा तो पीछे की तरफ से सफेद रंग की स्कार्पियो <नाम> नम्बर की, जिसेउसकी गाड़ी के आगे लगाकर रोके। उसमें से दो लोग निकले ओर उसकी गाड़ीका शीशा तोड़कर उसे निकालने लगे। दूसरा व्यक्ति किसी से फोन <नाम> मिलगया-मिल गया कहकर बुला रहा था। जब <नाम> वह अपनी गाड़ी से निकलतातब <नाम> एक <नाम> रंग की सफारी जिसमें से <नाम> <नाम> और <नाम> व्यक्ति उतरेऔर उसे राड तथा डण्डों से मारने लगे। <नाम> सिह ललकारते हुए कह रहे थेकि मार दो साले को। स्कार्पियो से उतरने वाला व्यक्ति अपना नाम <नाम> सिंहअकोढ़ी बता रहा था तथा उसकी जेब से रु0 67,000/-गायब हो गया जो नहींमिला। वह अपनी <नाम> बचाते हुए डायट की बाउण्ड्री के अन्दर भागा तो राजनसिंह ने उसके ऊपर <नाम> से मारने की नियत से फायर किया लेकिन उसे गोलीनहीं लगी। मौके <नाम> काफी भीड़ इकट्ठा होने लगी तो सब उसे <नाम> से मारनेकी धमकी देते हुए भाग गये। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्धमुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। उसे राजनीतिक पार्टीबन्दी के <नाम> फर्जी ढंग से नामित किया गयाहै । प्रार्थी-अभियुक्त घटना में संलिप्त नहीं था। प्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध कोईअपराध नहीं बनता है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। सह अभियुक्त <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> की जमानत इसी न्यायालय द्वारास्वीकार की जा चुकी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी को रास्ते में रोककरराड व डण्डा से मारा-पीटा गया जिससे वादी को चोटें आयी। प््रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "ooप्रथम सूचना रिपोर्ट क अनुसार प्रार्थी-अभियुक्त को मात्र वाहन सेउतरने का कथन किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मारपीट किये जाने काकोई उल्लेख नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। <नाम> अभियुक्तकी जमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_463_201907-05-2019823
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 21.02.2019 को समय लगभग 5.00 बजे सायंकालउसका एक मात्र पुत्र <नाम> <नाम> घर से सब्जी लेने के लिए बिच्छी पड़ाव परजाने के लिए तैयार हुआ तो उसी समय किसी ने फोन <नाम> बुलाया। वादिनी केपुत्र ने उस व्यक्ति से मिलकर सब्जी लेकर आने की बात कहकर गया तब सेउसका पुत्र घर नहीं आया। दिनांक 24.02.2019 की रात 10.00 बजे <नाम> कुमारके ससुर विरेन्द्र सिह द्वारा फोन से बताया गया कि सुकूत हनुमान घाटी में कोईव्यक्ति मृत पड़ा है। इस सूचना <नाम> वादिनी गांव-घर व रिश्तेदार जाकर देखे। शव विक्षिप्त पड़ा था तथा सिर कटकर अलग फेंका गया था। शरीर <नाम> काफीचोटें थी तथा किसी ज्वलनशील पदार्थ से शरीर का कुछ भाग जला हुआ था। शरीर <नाम> चड्ढी व गंजी तथा उसके दाहिने पैर के पंजे के उपर कटे का निशानथा। वादिनी क पुत्र क पैर में पूर्व के चोट के निशान थे। उपर्युक्त सभी निशानव पहचान से मालूम हुआ कि वादिनी का ही पुत्र <नाम> <नाम> है और घटनास्थल से ही घर-परिवार के लोगों द्वारा 100 नम्बर फोन <नाम> पुलिस आयी। पंचनामा के <नाम> शव पोस्टमार्टम के लिये <नाम> ले जाया गया। पोस्टमार्टम केपश्चात शव को परिवार के लोगों को <नाम> <नाम> गया। उसे सन्देह है कि साजिशके तहत उसके पुत्र को बुलाकर हत्या <नाम> दी गयी। वादिनी क पुत्र का मो0नं<फ़ोन-नंबर> है। किया कर्म के <नाम> सूचना <नाम> रही है। रिपोर्ट लिखकर कानूनीकार्यवाही की जाय। ", "प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तर्क में कहा गयाकि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। उसे रंजिशवश फंसाया गया है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। घटना से प्रार्थी-अभियुक्त का कोई वास्ता-सरोकार नहींहै। प्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट 9विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त का काई आपराधिक इतिहासनहीं है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त का मृतक के घर आना-जाना था तथा प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा हीमृतक को फोन करके बुलाया गया। साक्षीगण द्वारा प्रार्थी-अभियुक्त के साथमृतक को अल्टो कार में बैठकर जाते हुए <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा हीअन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर मृतक की हत्या <नाम> दी गयी । घटना कारितकरने में प्रार्थी-अभियुक्त की संलिप्तता स्पष्ट <नाम> से पायी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामला निश्चित <नाम> से परिस्थितिजन्य साक्ष्य <नाम> आधारितहै जिसमें गवाहान द्वारा अभियुक्तगण द्वारा मृतक को साथ ले जाते हुए देखागया । इसके अतिरिक्त पत्रावली में विवेचनाधिकारी द्वारा जो काल डिटेल रिकार्डदाखिल किया गया है उससे अभियुक्तगण द्वारा आपस में बात करना तथा मृतकके फोन <नाम> फोन करके बुलाना तथा मृतक की पत्नी से <नाम> अभियुक्त मोनू केफोन <नाम> बात होना स्थापित हो रहा है। प्रस्तुत अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्त द्वारादुरभि संधि करके मृतक को रास्ते से हटाने के उद्देश्य से ही प्रस्तुत केस सेसम्बन्धित घटना कारित किये जाने का अभियोजन पक्ष का तर्क विश्‍वसनीय प्रतीतहोता है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_45_202024-02-2020240
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर से कथनकिया गया है कि यह प््रार्थी/अभियुक्त की प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी / अभियुक्त को झूँठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है तथा उसकेपास से कोई बरामदगी नहीं हुई है। फर्द बरामदगी में <नाम> सभी तथ्य गलत एवंबनावटी है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 09.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्धहै। यह कि अभियुक्त के पास से प्राप्त बैटरियों की कोई शिनाख्त उसके नम्बर सेनहीं की गयी है। अपितु उसके रंग के आधार <नाम> मुकदमा वादी द्वारा शिनाख्त कियागया है, जो कि सरासर फर्जी एवं झूठा है। अभियुक्त का नाम सहअभियुक्त के बयानमें आया है और अभियुक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी थी। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि अभियुक्त अभ्यस्ततः चोर है तथा अभियुक्त के कनब्जे से चोरीका सामान बरामद की गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। विद्वान अभियोजनअधिकारी द्वारा यह भी कथन किया गया है कि अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> रिहाकिया गया तो वह अपराध की पुनरावृत्ति <नाम> सकता है। अत: अभियुक्त की जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.12.2019 को समयकरीब 4 बजे <नाम> टेक्निशियन विरेन्द्र शार्मा द्वारा बताया गया कि एन.टी.पी.सी.-1,जिसकी इन्डस आई.डी. 1244468 है, वहाँ <नाम> लगे बैट्री की चोरी हो गया और मात्र2 सेल बचा है। टावर में लगे सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ किया गया, जिसने बतायाकि एक चाभी बैट्री/सेल्टर की टेक्निशियन विरेन्द्र <नाम> के पास रहती है और एकउसके पास रहती है। जाँच करने <नाम> पाया गया कि मेन गेट व सेल्टर का ताला बन्दएवं सुरक्षित था। दिनांक 24.11.2019 को इसी तरह की चोरी का अंजाम <नाम> गयाजो पूरे 24 सेल की चोरी हुआ था। उक्त आधार <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्का और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्टहै कि दिनांक 01.12.2019 को समय करीब 4 बजे <नाम> टेक्निशियन विरेन्द्र शर्माद्वारा बताया गया कि एन.टी.पी.सी.-1, जिसकी इन्डस आई.डी. 1244468 है, वहाँ परलगे बैटरी की चोरी हो गया और मात्र 2 सेल बचा है। टावर में लगे सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ किया गया, जिसने बताया कि एक चाभी बेैट्री/ सेल्टर की टेक्निशियनविरेन्द्र <नाम> के पास रहती है और एक उसके पास रहती है। जाच करने <नाम> पायागया कि मेन गेट व सेल्टर का ताला बन्द एवं सुरक्षित था। दिनांक 24.11.2019 कोइसी तरह की चोरी का अंजाम <नाम> गया जो पूरे 24 सेल की चोरी हुआ था। प्रथमसूचना रिपोर्ट अन्तर्गत धारा-406 में दर्ज की गयी थी। बैटरी की पहचान उसकेनम्बर के आधार <नाम> नहीं की गयी थी, बल्कि उसके रंग के आधार <नाम> की गयी थी। इस घटना के पहले अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। अभियुक्तस्केप मटेरियल्स के व्यवसाय का लाइसेन्स धारी है। अभियुक्त जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_681_202023-06-2020341
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 29.02.2020 कोप्रभारी निरीक्षक मिथिलेश <नाम> <नाम> मय हमराह के देखभाल क्षेत्रशांति व्यवस्था डियूटी उरमौरा से <नाम> <नाम> जिला मजिस्ट्रेट कार्यालयसे पूर्व से अनुमोदितशुदा गैंग चार्ट गैग लीडर माईकल सोनकर पुत्रतेजू सोनकर का प्राप्त <नाम> <नाम> अवलोकन <नाम> से जानकारी <नाम> एवंथाना अभिलेखों से ज्ञात हुआ कि गैग लीडर माइकल सोनकर का एकसंगठित गिरोह है तथा इस गैंग के सदस्यगण <नाम> <नाम> बजरंगीकेशरी एवं अश्वनी दूबे है। इस गैंग द्वारा अपने स्वंय एवं गैंग केसदस्यों के आर्थिक एवं भौतिक तथा दुनियाबी <नाम> <नाम> लूट जैसासंगीन अपराध कारित <नाम> धनोपार्जन करते है। इस गैंग के आतंक वभय से आम जनमानस में भय व्याप्त है। दिनांक 27.06.2019 कोवादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा मु0अ0सं0-373/19अन्तर्गत धारा-392 भा0द0सं0 व दिनांक 28.06.2019 को वादी मुकदमाराधे द्वारा मु0अ0सं0-374 /2019 अन्तर्गत धारा-392 भा०द0सं0 बनामअज्ञात के पंजीकृत कराया गया। विवेचना से अभियुक्तगण का नामप्रकाश में आया तथा दिनांक 06.08.2019 को लूट में प्रयुक्त मो0सां०यू०पी0-64एम /1834 पल्सर व मो0सा० यू0पी0 64एसी / 9857 अपाचेतथा लूट का रूपया कमशः 4500/- व 8000/- 3100/- एवं400/- तथा अवैध कद्टों के साथ गिरफूतार किया गया तथा फर्दबरामदगी के आधार <नाम> अभियोग पंजीकृत <नाम> जेल भेजा गया। अतःवादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृतकराया गया । ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह तर्क प्रस्तुत किया गया हैकि अभियुक्त को रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराधनहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्टके अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0 374/2019 अन्तर्गत धारा-392,411 भा०द0सं0 एवं मु0अ0सं0-373,/2019 अन्तर्गत धारा-392,411भा०द0सं0 का अभियोग पंजीकूत है। उपरोक्त दोनों अपराधों में21 —2—अभियुक्त की जमानत स्वीकार किया जा चुका है। जमानत के बादअभियुक्त कसबा राबर्टसगज में नहीं रहता है। इसके बावजूदपुलिस द्वारा अभियुक्त क विरूद्ध गैगेस्टर एक्ट की कार्यवाही की गयीहै। अभियुक्त क विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिकव दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त केविरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> मे भय दहशत एवं आतंकके संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्तकिये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध लूट से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं0-373/2019 अन्तर्गत <नाम> ३92,411 भा०द0सं0 एवं मु0अ0सं0-374/2019 अन्तर्गत धारा-392,411 भा०द0सं0 का अभियोगपंजीकृत है। डी0सी0आर0०बी0 रिपोर्ट के अनुसार मु0अ0सं0०-492/19अन्तर्गत <नाम> 3/25 आयुध अधिनियम, मु0अ0सं0-06/ 2020अन्तर्गत धारा-3(1) उ0प्र0 गुण्डा अधिनियम एवं मु0अ0सं०-09/ 20अन्तर्गत धारा-110जी दण्ड प्रकिया <नाम> में भी अभियुक्त वांछित है। अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक लाभके लिए गम्भीर अपराध कारित करता है। अभियुक्त के जमानत परछूटने से उसक पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावनाहै, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की संभावनासे इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों परजमानत का घोर विरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्षसे विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवंउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किअभियुक्त के विरूद्ध मु0अ०सं0 373/2019 अन्तर्गत <नाम> 392,411भा0द0सं0 एवं मु0अ0सं0-374 //2019 अन्तर्गत धारा-392,411भा०द0सं0 का अभियोग पंजीकृत है। डी0सी0आर0बी0 के अनुसारअभियुक्त उपरोक्त मुकदमों के अतिरिक्त मु0अ0सं0-492/19अन्तर्गत <नाम> 3/25 आयुध अधिनियम, मु0अ0सं0-06/ 2020अन्तर्गत धारा-3(1) उ0प्र0 गुण्डा अधिनियम एवं मु0अ0सं०-09/ 20अन्तर्गत धारा-110जी दण्ड प्रकिया <नाम> में भी अभियुक्त वांछित है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्त <नाम> अभियुक्त के साश मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> केलिए गम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_146_202130-01-2021873
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि मुकदमावादिनी, उम्र-14 वर्ष के गांव के ही तीन लड़के कमश: <नाम> <नाम> अनन्त मौर्या वराजेश सोनकर अक्सर प्रार्थिनी के साथ छेड़छाड़ करते हैं तथा उल्टी सीधी बाते बोलतेहैं। दिनांक 28.10.2020 के रात को उपरोक्त तीनों लड़के मुकदमा वादिनी के साथछेड़छाड़ <नाम> परेशान किये। मुकदमा वादिनी ने घटना क बारे में अपने पापा से बतायाथा । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा दौरान बहस यह कथन किया गयाकि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक झूठा व बनावटी है। वादिनी द्वारा एफ.आई.आर. विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं बताया गया है। अभियोजन कथानक सरासर गलत व झूँठा है। किसी प्रकार का अपराध अभियुक्त द्वारानहीं किया गया है। वह गरीब मजदूर एवं गांव का <नाम> प्रिय व्यक्ति है। मेहनतमजदूरी करके अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। गांव घर की पुरानीपार्टी बन्दी व चुनाव के रंजिशन उसे अभियुक्त बनाया गया है। वह निर्दोष है। उसकाकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह स्थानीय व्यक्ति है। उसके जमानत <नाम> <नाम> होनेपर फरार होने की सम्भावना नहीं है। जमानत <नाम> <नाम> होने के <नाम> वह जमानत कीशर्तो का पूर्ण पालन करते हुए हमेशा न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का विरोध कियागया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा मामले की पीड़िता के घर में रात्रिगृहभेदन <नाम> उसके साथ छेड़छाड़ करते हुये <नाम> से मारने की धमकी <नाम> गया है। मामला गम्भीर <नाम> का है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। उक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ " रहDigitally signeDate: 2021.01Location: DistSonbhadraBail Application/146/2021 -Ankit Singh Vs. State Government 2सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "मामले में अभियुक्त <नाम> अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर पीड़िताके घर में घुस <नाम> पीड़िता के साथ अश्लील हरकत किये जाने का अभिकथन है। अभियोजन प्रपत्रों के अनुसार कथित घटना के दिनांक को <नाम> के बारह-एक के बीचअभियुक्तगण अपना मुँह ढक <नाम> उसके घर में घुसे, उस समय पीड़िता अपने घर केआंगन में सो रही थी। अभियुक्तगण ने पीड़िता का मुँह ढक <नाम> और उसे घर सेकरीब डेढ किलोमीटर दूर ले गये और उसके साथ छेड़छाड़ किया। मामले की पीड़िताकी उम्र अभियोजन द्वारा 13 वर्ष बतायी गयी है। शैक्षिक प्रमाण पत्र के अनुसार पीड़िताकी जन्मतिथि 18.04.2007 है। चिक एफ.आई.आर. के अनुसार कथित घटना क पूर्व मेंभी अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ छेडछाड़ की गयी है। मामले में घटना नाबालिग केसाथ कारित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1160_201921-10-2019617
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी नेथाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसका दिनांक 04/05/10.2019 कोमोनोब्लाक अज्ञात चोरों द्वारा चुरा लिया गया। सूचना <नाम> रहा है। मुकदमा लिखकर आवश्यक कार्यवाही की जाय। ", "प्रार्थी-अभियुक्तगण की ओर से कहा गया कि वह निर्दोषहैं। प्रथम सूचना रिपोर्ट में मोनोब्लाक पम्प का नम्बर व कम्पनी का नामनहीं <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। प्राथी-अभियुक्तगण के कब्जे से फर्जी बरामदगी दिखायी गयीहै। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प्राथी-अभियुक्तगण द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर वादीका मोनोब्लाक चुरा लिया गया । प्रार्थी-अभियुक्तगण के कब्जे से चोरीका मोनोब्लाक बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया । 9बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि पक्षकारों के मध्य चुनावीरंजिश होने के <नाम> यह प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है,जबकि प्रस्तुत केस से सम्बन्धित प्रथम सूचना रिपोर्ट घटना के तीन दिनबाद दर्ज करायी गयी और ज्याँही प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई तुरन्तपुलिस द्वारा उक्त बरामदगी ली गयी। ", "इस बिन्दु <नाम> अभियोजन पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया किपुलिस द्वारा यदि तत्परता से कोई बरामदगी की गयी है तो उसे सन्देहकी दृष्टि से नहीं <नाम> जा सकता। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5_202111-01-20211044
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "11.01.2021अभियुक्त नूर मोहम्मद उफ बल्लू पुत्र ईदू अहमद निवासी पूरबमोहाल <नाम> नगर अढ़तिया टोला राबर्दसगंज थाना राबर्टसगंज जनपदसोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गयाहै। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक29.12.2020 को उ0नि० योगेन्द्र <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल क्षेत्ररोकथाम जुर्म जरायम तलाशी वारण्टी में मामूर होकर शीतला चौक सेचण्डी होटल होते हुए पकरी की ओर ओवरबृज पार करके ओवरबृज केकिनारे-किनारे <नाम> पटरी पकड़कर जेसे ही बाये हाथ मुड़कर बाईपासरोड़ पकड़कर आगे बढत्रे कि एक व्यक्ति संदिग्ध हालत में खड़ादिखायी <नाम> कि हम पुलिस की गाड़ी देखकर पीछे मुड़कर सड़क करभागने लगा कि गाड़ी से उतर <नाम> करीब 40-50 <नाम> जाते जातेहमराहियान की मदद से हिकमत अमली से घेर <नाम> पकड़ लिए पकड़ेगये व्यक्ति का नाम पता पूछते हुए भागने का <नाम> पूछा गया तो वहअपना नाम नूर मोहम्मद उर्फ बल्लू पुत्र ईदू अहमद निवासी पूरब मोहालआदर्श नगर उढ़ेतिया टोलाद्व वार्ड नं0 22 कसबा व थाना राबर्दसगंजजनपद सोनभद बताया तथा भागने के बारे में अपने पहले हुए पैन्ट कीदाहिनी जेब की ओर इशारा करते हुए बताया कि <नाम> नाजायजहिरोइन है आपकी गाड़ी देखकर पीछे मुड़कर भागने लगा कि आप लोगपकड़ लिये । श्रीमान क्षेत्राधिकारी महोदय को जरिए दूरभाष सूचना दीगयी। क्षेत्राधिकारी महोदय घटना स्थल <नाम> आ गये। ", "पकड़े गये व्यक्ति नूर मोहम्मद उफ बल्लू की जामा तलाशीलिया गया तो नूर मोहम्मद उफ बल्लू उपरोक्त के पास से पहने पैण्टके दाहिनी जेब से नाजायज हिरोइन बरामद हुआ। बरामद हुआहिरोइन रखने के संबंध में पकड़े गये व्यक्ति से अधिकार पत्र मांगा गयातो दिखाने में कासिर रहा । अभियुक्त को जुर्म <नाम> 8/21 एनडीपीएसएक्ट का दण्डनीय अपराध बताकर पुलिस हिरासत में तथा बरामदहिरोइन का वजन किया गया तो कुल वजन 65 ग्राम तथा बतौर नमूमा2 ग्राम अलग से निकालकर बतौर नमूना एक खाली माचिस की डिबियामें रखकर सफेद पन्नी व सफेद कणड़े में सील <नाम> सर्व मुहर <नाम> नमूनामाल व नमूना मोहर तैयार किया गया व बचे हुये <नाम> को अलग एकसफेद खाली डिब्बे में रखकर सील <नाम> सर्व मुहर किया। अतः अभियुक्तको <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकरपढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की —2—नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमाकायम कराया गया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उनके पास से कोई नाजायज हिरोइन बरामद नहीं हुआ है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। पुलिस द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट व अन्य महत्वपूर्णप्राविधानों का पालन नही किया गया है। राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारायह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 65 ग्राम नाजायज हिरोइनबरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से बहुत अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गयाहै। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने <नाम> उसके पुनः उक्तअपराध में संलिप्त होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकताहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से 65 ग्राम नाजायज हिरोइन बरामद होना कहा गया है, जो अल्पमात्रा से बहुत अधिक है। अभियुक्त के पास से बरामद हिरोइन कीमात्रा एवं अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति के व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_837_201926-07-2019223
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 25.05.2019 की बीति रात लगभग 4.00 बजे उसकीलड़की <नाम> <नाम> शौच करने गयी थी जो वापस नहीं आयी। वादी काफीखोज-बीन किया परन्तु पता नहीं चला। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कीजाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त को रंजिशन फंसाया गयाहै। गुमशुदगी की रिपोर्ट 36 घण्टे विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा पीड़िता का अपहरण नहीं किया गया है। प्रार्थी पढ़ने वाला छात्रहै। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 02.06.2019 से कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता को उसे उसके <नाम> पूर्ण संरक्षकता में से बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। घटना के समय पीड़िता अवयस्क थी। पीड़िता को्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से बरामद किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत केस की घटना दिनांक 25.05.2019 की है तथा पीड़िता कीजन्म <नाम> 01 <नाम> 2006 है। इस प्रकार घटना की <नाम> <नाम> पीड़िता 13 वर्ष4 माह 24 <नाम> की थी, जो स्पष्टतः: अवयस्क थी तथा <नाम> उसमें अच्छा-बुराकुछ भी सोचने-समझने की क्षमता विकसित नहीं हुई थी। 9धारा-161 दं0प्रoसं० के बयान में पीड़िता द्वारा कहा गया है किवह छत <नाम> सोयी थी। छत के बगल में खम्भा है। पीड़िता के छत <नाम> अभियुक्तआ गया और कहा कि उसके घर चलो तो पीड़िता उसके साथ निकल गयी तथाअभियुक्त के साथ वह <नाम> चली गयी । वहां से <नाम> गये। ", "धारा-164 द॑0प्रश्‍सं० के बयान में पीड़िता द्वारा कहा गया किघटना की <नाम> <नाम> वह सुबह 3.00 बजे उठी थी तथा नल <नाम> <नाम> लेने गयीथी, उसी समय अभियुक्त उसके पास आ गया और कहा कि चलो भाग चलें,चलकर शादी करेगें। पीड़िता द्वारा <नाम> किया गया परन्तु जब अभियुक्तजबरदस्ती पीड़िता को ले जाने लगा। पीड़िता चिल्लायी तो अभियुक्त उसक मुँहमें कपड़ा ठूंस <नाम> तथा पीड़िता के मुँह में दवा डाल <नाम> जिससे पीड़िता कोकुछ पता नहीं चला। वह पीड़िता को लेकर <नाम> गया, फिर <नाम> ले गया,फिर <नाम> में पुलिस वालों को बताया तो पुलिस वाले <नाम> कल्याण समिति,नासिक में भेजा, जहां से वह सोनभद्र आयी है। ", "इस प्रकार पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-161 दंएप्रशसं० वधारा-164 द॑0प्र0सं0 से स्पष्ट है कि अभियुक्त ने पीड़िता जो कि अवयस्क थी,उसे उसकी विधिपूर्ण संरक्षकता में से अपहृत करके ले गया जो कि गम्भीरअपराध है। यदि इस भागने तथा ले जाकर विवाह करने के कार्य में पीड़िता कीसहमति भी रही हो तो वह महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि पीड़िता की उम्र अभीसहमति देने की नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_558_201925-05-2019728
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी/ अभियुक्त न्यायालय के आदेश दिनांक-24.05.2019 सेअन्तरिम जमानत <नाम> है तथा नियमित जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुनवाई केलिए न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर आत्मसमर्पण किया है। अभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी धर्मेन्द्र अनुसूचित चमारजाति का गरीब व्यक्ति है। घटना दिनांक-19.01.2017 समय 07.30 बजेरात्रि की है। विपक्षीगण <नाम> <नाम> <नाम> तारकेश्वर <नाम> केशरी,विनोद <नाम> व अनन्द <नाम> प्रार्थी के दरवाजे <नाम> आकर मॉ बहन कीगालियां देते हुए कहे कि मादरचोद चमरपिल्ली की औलाद पता चला कितुम रोज लेखपाल और सेक्रेटरी के पास परिवार रजिस्टर की नकल एवंखसरा लेने <नाम> चक्कर लगा रहे हो और कहते हो कि जमीन की पैमाइशकराना है, कुत्ता चमरेशियन हम लोग लेखपाल व सेक़ेटरी को लाखों रूपयेदे चुके है, तुम्हारा कोई सुनेगा । प्रार्थी ने विरोध किया तो मादरचोद, चमारकहते हुए लाठी व लात घूसो से मारने लगे और धमकी दिये कि <नाम> सेमार <नाम> लाश उठवाकर खनन <नाम> में जे.सी.बी. से गढ़ढे में दबवा देंगे। जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी /अभियुक्त को मुकदमें में झूठा व रंजिशवश फंसा <नाम> गया है। उनके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है। घटना दिनांक-19.01.2017 कीबतायी जा रही है तथा पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिनांक- 30.01.2017 को तथा पुलिस अधीक्षक को रजिस्ट्री दिनांक-07.02.2017 दर्शाया जारहा है तथा न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिनांक-27.02.2017 को प्रस्तुत कियागया दिखाया जा रहा है प्रार्थी एक मजदूर तथा टीपर के ड्राईवर है , जोराजेश <नाम> <नाम> व तारकेश्वर <नाम> के यहॉ खदान <नाम> ड्राईवरी काकार्य करता है। प्रार्थी उपरोक्त समय व स्थान <नाम> अभियोगी धर्मेन्द्र चमार...2 को <नाम> तो गाली गलौज <नाम> <नाम> ही जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया, नही कोई मार पीट किया। प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतःप्रार्थी को जमानत/ मुचलिका <नाम> <नाम> किया जाय। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुयेकथन किया गया कि अभियुक्त <नाम> मुकदमा वादी को जाति सूचक <नाम> काप्रयोग करते हुए गाली <नाम> देना व <नाम> से मारने की धमकी देते हुए मारपीट करने का गंभीर आरोप है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्का को सुना तथा केस डायरी व प्रथम सूचनारिपोर्ट आदि संबंधित प्रपत्रों व पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। वादी धर्मेन्द्र व्यक्तिगत <नाम> से न्यायालय उपस्थित है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक-19.01.2017समय 19.30 बजे की है [प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रार्थी क प्रार्थना पत्र अन्तर्गतधारा-156(3) द॑.प्रसं. <नाम> न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन मेंदिनांक-03.03.2017 को दर्ज हुआ है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थीको <नाम> मुल्जिमानों द्वारा लाठी व लात मुक्का से मारना पीटना कहा गयाहै। मेडिकल रिपोर्ट में प्रार्थी/ वादी मुकदमा को कुल <नाम> चोटें आईहै। एफ.आई.आर. के अनुसार प्रार्थी की जमीन मुल्जिमान के खनन <नाम> सेसटे होने के <नाम> लगातार प्रार्थी के खेत में कई मीटर गहरा गडढ़ाखोदवाकर कीमती काला पत्थर निकलवाकर छत ढालने वाली गिट्टीयाँतैयार कराकर बेचते आ रहे है जिससे प्रार्थी का 50 लाख रूपये कानुकसान कारित हुआ है तथा प्रार्थी के खेत से जबरदस्ती डम्फर, ट्रेक्टर, जे.सी.बी. ले जाकर फसलों की नुकसानी कराते है। पक्षकारों के मध्य जमीनका विवाद होना भी प्रतीत होता है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत न्यायालयद्वारा पूर्व में दिनाक-16.05.2019 को स्वीकार किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_243_202006-03-202080
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> हैं,उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया जा चुका है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनायागया है, प्रार्थीगण निर्दोष हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी/ अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादिनीमुकदमा <नाम> <नाम> जोकि अनुसूचित जन जाति की महिला है, ने थाना पिपरी परइस आशय की तहरीर दर्ज करायी कि वह मुर्धवा में झोपड़ी बनाकर रहती है, दिनांक04.02.2019 को समय 10 बजे सुबह अभियुक्तगण <नाम> <नाम> गुप्तेश्वर चौबे,ठेकेदार <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> नगेन्द्र <नाम> <नाम> बहादुर <नाम> धनन्जय शर्मा,शिवजी शार्मा विवादित जमीन <नाम> खुदाई करके निर्माण कार्य करने लगे, उसके मनाकरने <नाम> उसको घर में बंद <नाम> <नाम> तथा उसकी <नाम> हटा दी तथा जाति सूचकशब्दों का प्रयोग करते हुए उसे मारे पीटे तथा गालियां दी। वादिनी की तहरीर कआधार <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध उपरोक्त वर्णित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कियागया तथा <नाम> विवेचना आरोप पत्र प्रेषित किया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अनुसार वादिनी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। वादिनी मय विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुई है। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> तथा वादिनी मुकदमा के विद्वानअधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि अभियुक्तगण ने मिलकर वादिनी मुकदमा जोकिअनुसूचित जन जाति की महिला है, को मार पीट <नाम> अपमानित किया है तथा उसेउसी के घर में जबरदस्ती बन्द <नाम> <नाम> गया है। मामला अनुसूचित जन जाति कीमहिला के साथ अपराध कारित करने से संबंधित अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। प्रार्थी/ अभियुक्तगण के जमानत का आधार पर्याप्त नहीं है, अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी /अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, वादिनी मुकदमातथा विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> क तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथापत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। रहReason: DocumeBail Application/640/2020 -Dilip Sharma Vs. State Government 2्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि इस मामले मेंसह अभियुक्त की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। वादिनी मुकदमा के शरीर <नाम> चिकित्सीय परीक्षण के दौरान कोई चोट नहीं पायी गयीहै । अभियोजन कथानक पूर्णतया बनावटी एवं मिथ्या है। अभियुक्तगण के विरूद्ध जोअभियोग लगाये गये हैं, उनमें अधिकतम दो वर्ष <नाम> के कारावास की सजा काप्रावधान है। अभियुक्तगण जमानत पाने के <नाम> हैं, अतः उन्हें जमानत <नाम> रिहाकिया जावे । ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण क तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि <नाम> अभियुक्त गुप्तेश्वर नाथचौबे की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। चिकित्सीयपरीक्षण आख्या 4क/8 के अनुसार वादिनी / पीड़िता <नाम> <नाम> के शरीर <नाम> किसीभी प्रकार की कोई चोट नहीं पायी गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_414_202017-03-202048
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त की ओर से उक्त अपराध में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया । ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> यादव,प्रभारी निरीक्षक, पुलिस प्रवर्तन दल मिर्जापुर द्वारा थाना चोपन जिला सोनभद्र मेंइस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनाक 11.12.2018 को समय करीब 15:40बजे उनके द्वारा अन्य कर्मचारीगण के साथ ग्राम कुरूहुल में धर्मेन्द्र <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> के आवासीय विधा को चेक किया गया। निरीक्षण के दौरान अभियुक्तद्वारा एल0टी0 लाइन से दो कोर की केबिल खींच <नाम> <नाम> मीटर केलगभग एक किलो वाट का विद्युत घरेलू विधा में चोरी करते हुये पाया गया था। उनके द्वारा विद्युत सम्बन्धी कोई कागजात नहीं दिखाया जा सका था। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र इस कथन के साथ प्रस्तुत कियागया है कि प्रार्थी के नाम से वैध कनेक्शन है। उसने विद्युत विभाग का बकायाधनराशि जमा <नाम> <नाम> गया है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अभियोजन <नाम> तथा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्कोको सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "अभियुक्त की ओर से बकाया विद्युत बिल से सम्बन्धित शमन शुल्क विद्युतविभाग में जमा करना कहा गया है। इस सम्बन्ध में अभियुक्त की ओर से विद्युत Bail Application/898/2020 -Dharmendra Singh Vs. State Government 2बिल जमा करने की रसीद तथा अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड,पूर्वांचल विद्युत वितरण <नाम> लिमिटेड, राबर्टसगंज, सोनभद्र द्वारा थानाध्यक्ष,चोपन सोनभद्र को प्रेषित पत्रांक-1646,/ वि0वि0 ख0 रा0०/ काम्बिंग / चोरी दिनांक10.06.2019 न्यायालय के समक्ष अवलोकनार्थ प्रस्तुत किया गया है। जिसकेअवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त द्वारा बकाया बिद्युत बिल काभुगतान किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_214_202116-02-2021666
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र में किये गये कथन के समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुतकिया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा कुन्दन <नाम> खनिजमोहररिर, सोनभद्र ने दिनांक 26.08.2020 को कोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इस कथनके साथ प्रशम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 22.08.2020 को समय 11:00 पी0एम0 पर(रात्रि) में लोढ़ी टोल प्लाजा <नाम> उसके द्वारा उपखनिज लदे वाहनों की जाँच सर्वेक्षकएस0के0 पाल, होमगार्ड वायुनन्दन <नाम> होमगार्ड उमाशंकर <नाम> आदि के साथ की जारही थी। जॉच के समय वाहन संख्या यू0पी0 65एफ0टी0- 8752 चेचिस संख्या MAT466131H3M28539 लोढ़ी टोल प्लाजा <नाम> लेन संख्या-3 में आयी जिस <नाम> 15 घनमीटर गिट्टी लोड था। जिसके सम्बन्ध में प्रपत्र ई0एम0एम0-11 मॉगा गया तो वाहन चालकप्रपत्र ई०एम0एम0-11 प्रस्लुत नहीं किया। उक्त वाहन को <नाम> प्रपत्र ई०एम0एम0-11 में लोढ़ीप्रवर्तन कार्यालय <नाम> फोर्स की सहायता से खड़ा <नाम> <नाम> गया। उक्त वाहन चालक <नाम> मेंचोरी से लोढ़ी प्रवर्तन कार्यालय से मय उपखनिज भाग गया। उक्त वचाहन चालक व वाहनस्वामी की संलिप्तता से चोरी से वाहन <नाम> गिट्टी लोड <नाम> परिवहन किया जा रहा था। ्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी वाहन संख्या यूएपी0 65एफ0टी0- 8752 का <नाम> है तथा चालककी जिम्मेदारी <नाम> वाहन आता-जाता रहा है। गिट्टी का परमिट ई0एम0एम0-11 वाहनचालक के नाम पट्टा धारक व डीलर द्वारा निर्गत किया जाता है। जिससे वाहन <नाम> कीकोई जिम्मेदारी नहीं बनती है। आरोपित अपराध के बावत वाहन <नाम> की जिम्मेदारी मात्रचालक के <नाम> सर्वेन्ट क सिद्धान्तों के तहत ही आयत हो सकती है। प्रार्थी ने अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र के अलावा अन्य किसी न्यायालय में कोई प्रार्थना पत्र प्रस्तुत नहीं कियाहै। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "ह2इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहतक प्रस्तुत किया गया कि वादी मुकदमा खनिज मोहर्रिर द्वारा सर्वेक्षक एवं होमगार्ड के साथकिये गये निरीक्षण के दौरान प्रार्थी/अभियुक्त के वाहन <नाम> <नाम> वैध कागजात के 15.00 घनमीटर गिट्टी लोड <नाम> चोरी-छिपे अवैध परिवहन किया जा रहा था। यदि अभियुक्त कीअग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह वादी मुकदमा एवं अभियोजन साक्ष्यको प्रभावित करेगा। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं केस डायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा अन्य पुलिस प्रपत्रं का अवलोकन किया। ", "जमानत प्रार्थना पत्र 3-क के पैरा-2 में किये गये कथनानुसार आवेदक अब्दुलमोहिद वाहन संख्या यू0पी0 65एफ0टी0-8752 का <नाम> है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 22.08.2020 को समय 11:00 बजे <नाम> जाच के समय वाहन संख्या यू0पी065एफ0टी0-8752 जिस <नाम> 15:00 घन मीटर गिट्टी लोड था, वाहन संख्या उपरोक्त से उक्तउप खनिज के सम्बन्ध में प्रपत्र ई0एम0एम0-11 मॉगा गया तो वाहन चालक द्वारा प्रपत्रई0एम0एम0-11 प्रस्तुत नहीं किया गया। उक्त वाहन को <नाम> प्रपत्र ई०एम0एम0-11 में लोढ़ीप्रवर्तन कार्यालय <नाम> फोर्स की सहायता से खड़ा <नाम> <नाम> गया। उक्त वाहन चालक <नाम> मेंचोरी से लोढ़ी प्रवर्तन कार्यालय से मय उपखनिज वाहन को लेकर भाग गया। जमानत प्रार्थनापत्र 3-क के पैरा-4 में कहा गया है कि आरोपित अपराध के बावत वाहन <नाम> कीजिम्मेदारी मात्र चालक के <नाम> सर्वेन्ट के सिद्धान्तों के तहत ही आयत हो सकती है। स्पष्टहै कि आवेदक उपरोक्त वाहन का <नाम> है। वाहन <नाम> का यह दायित्व है कि वह इस बातका ध्यान रखे कि कोई भी चालक वाहन का दुरूपयोग अवैध कार्य के लिये <नाम> करे। अवैधरूप से खनन और उसके परिवहन से <नाम> केवल राजस्व की हानि होती है बल्कि पर्यावरण वसमाज के लिये भी <नाम> होता है। थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र की पुलिस द्वारा आवेदकअब्दुल मोहिद की कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस सन्दर्भ में यहउल्लिखित करना भी समीचीन प्रतीत होता है कि प्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(४) दंण्डप्रकिया <नाम> के दृष्टिगत ऐसा कोई तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रार्थी / अभियुक्त की ओर सेउपस्थापित नहीं किया गया है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सक कि प्रार्थी को गिरफूतारकरा <नाम> क्षति पहुँचाने या उसे अपमानित करने के उद्देश्य से अभियोग लिखाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1095_201931-10-2019523
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी बबुन्दर पुत्रराधे, निवासी-बिछिया, थाना-राबर्दसगंज, जिला-सोनभनद्र ने थाने <नाम> सूचना दियाकि उसका <नाम> <नाम> <नाम> दिनांक 10.09.2019 को सुबह 10 बजे इलाहाबादके लिए रवाना हुआ। वहां जाकर रिटायर दरोगा स्वामीनाथ के साथ कुछ घरेलूकाम में लगा रहा। आज <नाम> में 2 बजे उसकी बहन श्यामकुमारी ने <नाम> कोइस नम्बर <फ़ोन-नंबर> से काल किया और <नाम> का नम्बर-<फ़ोन-नंबर> परकाल किया तो <नाम> <नाम> ने बहन को बताया कि उसको <नाम> लोग पकड़े हैंऔर पैसे मांग रहे हैं तथा <फ़ोन-नंबर> से बच्चा <नाम> चाचा <नाम> ने फोनकिया तो उसने बताया कि उसे मालूम नहीं है कि वह कहां है। उसका ए.टी.एम.कुछ लोग ले लिये हैं। खाते में दो लाख रुपया डाल दिजिये। लग रहा है किउसके <नाम> के साथ कोई अनहोनी <नाम> हो जाये। वह इलाहाबाद में दिनांक10.09.2010 को था। उसकी रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेझूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वाराअपने अपहरण की कोई सूचना नहीं दी गयी थी। प्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध कोईअपराध नहीं बनता है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। वहदिनांक 15.09.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा घर वालों से पैसा प्राप्त करने के लिए अपने अपहरण काझूठा नाटक किया गया था। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा <नाम> <नाम> गया कि उसी का अपहरण किया गयाथा तथा उसे ही प्रस्तुत मामले में अभियुक्त बना <नाम> गया। इस मामले मेंअभियुक्त द्वारा अपना पासबुक भी दाखिल किया गया है जिसके अनुसार उसकेखाते में जो पचास हजार रुपया डाला गया था, वह पचास हजार रुपया उसीतिथि 13.09.2019 को <नाम> <नाम> के खाते में अन्तरित <नाम> <नाम> गया। इसप्रकार यह अभियुक्त उक्त पचास हजार रुपया का लामार्थी नहीं रहा और <नाम> हीउसके द्वारा प्रस्तुत मामले में कोई झूठा नाटक किया गया। ", "पुलिस द्वारा जो वीडियोग्राफी की बात कही जा रही है वह प्रस्तुतजमानत प्रार्थना पत्र के निस्तारण के समय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं कीगयी है। ", "अभियुक्त द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि पुलिस ने सेवानिवृत्तदरोगा के बेटे <नाम> <नाम> को बचाने के लिए अभियुक्त क विरुद्ध झूठा मुकदमादर्ज कराया गया है। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि जो रु0 1500/-पहले से ही इस अभियुक्त के खाते में था, वह भी अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारानिकलवा लिया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_122_202006-02-2020478
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि वह गरीब मजदूरव्यक्ति है। प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> है तथा जमानत <नाम> <नाम> होने केउपरान्त वह स्वयं अथवा जरिए अधिवक्ता उपस्थित होता रहा है। प्रार्थी मजदूरी करनेपूना चला गया था तथा <नाम> द्वारा <नाम> कराने के <नाम> मजदूरी भी रोक ली गयीतथा घर आने के लिए छुट्टी नहीं दी गयी जिस <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नहींआ सका तथा न्यायालय द्वारा दिनांक 17.01.2020 को उसके विरूद्ध गैर जमानतीअधिपत्र जारी <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी/अभियुक्त को पुलिस द्वारा गिरफूतार करकेजेल भेज <नाम> गया है। प्रार्थी ने <नाम> बूझ <नाम> कोई लापरवाही नहीं किया है। अतःजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त ने जमानत का दुरूपयोगकिया है। अतः प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/अभियुक्त इस मामले मेंपूर्व से जमानत <नाम> है। जमानत <नाम> <नाम> होने के उपरान्त वह अनुपस्थित हो गयाशा। प्रार्थी / अभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> पिछली <नाम> दिनांक 17.01.2020 कोउसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी किया गया था जिसके निष्पादन में अभियुक्तको संबंधित थाने की पुलिस द्वारा गिरफूतार किया गया तथा अभियुक्त को जिलाकारागार भेजा गया है। अभियुक्त इस मामले में दिनांक 17.01.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त के पूर्व के जमानतनमे एवं प्रतिभू निरस्त नहीं कियेगये हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1494_201920-01-2020671
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> प्रकाशसोनी दिनांक-02.10.2018 को लगभग 2.30 बजे से 03.00 बजे अपरान्ह के मध्यअपनी गाड़ी संख्या-यूपी.67के/1683 <नाम> रंग की <नाम> पल्सर 150 सी.सी.धंधरौल बांध के पास खड़ी करके अपनी पत्नी के साथ डेम धूमने आया था। तभीकिसी अज्ञात व्यक्ति ने उसकी बाइक चुरा ली। वादी ने उक्त घटना की सूचनाथाना-रामपुर बरकोनिया में दी जिसके आधार <नाम> अ.सं.-23,/2018 अंतर्गत धारा-379 भा.दं.सं. का मामला अज्ञात अभियुक्त क विरूद्ध पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना दिनांक-12.02.2019 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> ने हमराहीपुलिस कर्मचारियों के साथ समय लगभग 13.00 बजे <नाम> में नेहरू पार्क,रॉबर्दसगंज, सोनभद्र के पास से अभियुक्त <नाम> <नाम> को मोटर साइकिलसहित पकड़ लिया गया तथा प्रार्थी-अभियुक्त भागने में सफल रहा। उप निरीक्षकअरशद खां द्वारा बताया गया कि भागने वाला व्यक्ति पकड़ा नहीं जा सका हैकिन्तु उसे पहचाना गया है उसका नाम पप्पू <नाम> है। <नाम> <नाम> बतायातथा उसके कब्जे से बरामद मोटरसाइकिल संख्या-यूपी. 70 डी ई 8801 काकागजात मांगा गया तो उसने बताया कि इस गाड़ी को वह तथा पप्पू कन्नौजियाथाना हण्डिया जिला इलाहाबाद से चुराये थे तथा पास ही खड़ी टी.वी.एस. स्पोर्टके बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि राबर्टद्सगंज से ही वे दोनों चुराये हैं। राजेश <नाम> की निशानदेही <नाम> <नाम> अदद चोरी की मोटरसाइकिले बरामद कीगयी है। पूछताछ <नाम> बताया कि पप्पू <नाम> इलाहाबाद, मिर्जापुर व सोनभद्रसे गाड़िया चोरी करके बेचने के लिए लाया था। मोटरसाइकिलों की बरामदगी केआधार <नाम> अभियुक्त क विरुद्ध प्रकरण में धारा-411 भा.दं.सं. की बृद्धि की गई। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त कोगलत तरीके से नामित किया गया है। उसने चोरी का अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है, <नाम> ही मौके से गिरफूतारकिया गया है, <नाम> ही उसके कब्जे से चोरी की मोटर साइकिल बरामद हुई है। घटना के 11 माह <नाम> मुख्य आरोपी <नाम> <नाम> के कब्जे से कथित मोटरसाइकिल बरामद हुई जिसके संबंध में दर्ज मुकदमें में प्रार्थी-अभियुक्त जमानतपर <नाम> हो चुका है। इस प्रकरण में प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहींकिया है। प्रार्थी-अभियुक्त की निशानदेही <नाम> कोई वाहन बरामद नहीं हुआ है, नही शिनाख्त की कोई कार्यवाही की गई है। घटना का कोई जन <नाम> नहीं है। ्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। ", "—2—अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर मोटरसाइकिलों की चोरी करकबेचता है। प्रार्थी-अभियुक्त का मोटरसाइकिल चोरी करने का एक गिरोह है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रार्थी-अभियुक्त को मौके से गिरफूतार नहीं किया गया है और नही उसके कब्जे से कोई मोटरसाइकिल बरामद की गयी है। इस प्रकरण सेसंबंधित चोरी की मोटर साइकिल अ.सं-89/2019 अंतर्गत धारा-41, 411, 419,420, 467, 468, 471 भा.दं.सं. में थाना-रॉबर्दसगंज की पुलिस द्वारा बरामद कीगई है तथा उस प्रकरण में अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। घटना का कोईस्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का इस चोरी व बरामदगी के अतिरिक्तअन्य कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वाराविचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_569_201922-06-2019576
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी <नाम> कलाई पुत्र स्व0रूपनाथ ने पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को दिनांक 18.01.2017 को लिखित सूचनादिया कि वह पुलिस विभाग में सिपाही की नौकरी करता था। नौकरी के दौरानवादी ने वर्ष 2010 में स्टेट बैंक आफ <नाम> में अपने खाते में ए०टी0एम0०लगवाया था ताकि प्रार्थी के सेवानिवृत्ति के <नाम> विभाग से मिलने वाला धन प्रार्थीके खाते के ए०टी0एम0 में जमा हो जाय और सुविधानुसार प्रार्थी ए०टी0एम0 सेपैसा निकाल सके। प्रार्थी दिनांक 31 <नाम> 2011 को रिटायर हो गया तथाअपने घर चला आया। प्रार्थी के खाते का ए0टी0एम0 <नाम> कलाई पुत्र लखन,निवासी-धनौरा टोला पिपरही , जिला-सोनभद्र पोस्ट आफिस से प्राप्त करकेअपनी पत्नी मुन्नी <नाम> को <नाम> <नाम> और मुन्नी <नाम> ने धोखाधड़ी वजालसाजी करक प्रार्थी के ए0टी0एम0 में से प्रार्थी का पैसा मु0 6,०9,989 /-में से विभिन्न तारीखों <नाम> मु0 5,66,230/-निकाल चुकी है। जब प्रार्थी अपने बैंकखाता से पैसा निकाले जाने क बारे में बैंक मैनेजर से जानकारी प्राप्त करनाचाहा तो बैंक मैनेजर सी0सी0कैमरा के माध्यम से उक्त मुन्नी <नाम> के फोटोपता किया और दिनांक 15.09.2016 को बैंक में उसे ए0टी0एम0 व फर्जीपासबुक के साथ पकड़ लिया गया। तब प्रार्थी का ए०टी0एम० जमा करालिया गया। प्रार्थी के ए०टी0एम0 से प्रार्थी के खाता से मु0 5,66,230/-मुन्नीदेवी पत्नी कलाई बियार द्वारा निकाले जाने की जानकारी हुई। प्रार्थी को बैंकमैनेजर ने बुलाया और सभी तथ्यों को बताया। इसी बीच उक्त मुन्नी <नाम> केससुर <नाम> लखन बैंक पहुंचकर सारी जानकारी किया तथा बैंक मैनेजर सेनिवेदन करने लगा कि घर गांव का मामला है और मेरी पतोहू व बेटा द्वारा दूसरेके नाम का ए०टी0एम0 लेकर धोखा-धड़ी व जालसाजी करके पैसा निकाल लियागया है तो वह <नाम> पैसा प्रार्थी को वापस <नाम> देगा तथा उसके द्वारा दिनांक20.09.2016 को एक लाख रूपया बैंक मैनेजर के सामने प्रार्थी को वापस करदिया तथा <नाम> पैसा <नाम> में वापस करने की शर्त रखकर एक बचन पत्रस्टाम्प पेपर <नाम> लिखकर दिनांक 20.09.2016 को दिया। प्रार्थी अपना <नाम> पैसा ooराम कलाई पुत्र <नाम> लखन व मुन्नी <नाम> से वापस मांगता है तो उक्त लोगआज-कल करके टाल-मटोल करते हैं और धमकी देते हैं कि ज्यादा इधर-उधरकरोगे तो फर्जी मुकदमा में फंसाकर तुम्हे बर्बाद <नाम> देगें। प्रार्थी ने घटना कीसूचना दिनांक 11.05.2016 को थाना कोतवातली दुद्धी में <नाम> तथा दिनांक07.12.2016 को तहसील दिवस में <नाम> लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई । निवेदन किया है कि कानूनी करते हुए उसका पैसा वापस दिलाया जाय। ", "्रार्थिनी-अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क <नाम> गया किउसे झूठा फंसाया गया है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता का अपराध से कोई सम्बन्ध नहीं है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता क विरूद्ध कोई अपराधनहीं बनता है। <नाम> अभियुक्त <नाम> कलाई की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनांक24.11.2018 को स्वीकार की जा चुकी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए तर्क <नाम> गयाकि <नाम> अभियुक्त <नाम> कलाई द्वारा वादी का फर्जी दस्तावेज तैयार करकेउसका ए०टी0एम0 कार्ड पोस्ट आफिस से प्राप्त <नाम> लिया गया तथा उक्तए०टी०एम० को अपनी पत्नी मुन्नी <नाम> अभियुक्ता को <नाम> दिया। मुन्नी देवीने वादी के खाते से रू0 5,66,230/-फर्जी तरीके से निकाल लिया जिसमें सेदो लाख रूपया वादी को वापस किया । <नाम> धनराशि को वापस नहीं किया। प्रार्थिनी-अभियुक्ता की अपराध कारित करने में सहभागिता है। प्रार्थिनी-अभियुक्ताद्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "निश्चित <नाम> से प्रस्तुत मामला अपने आपमें विलक्षण <नाम> का है। ", "<नाम> मुन्नी <नाम> <नाम> कलाई की पत्नी है। प्रश्‍नगत गांव में रामकलाई नाम के दो व्यक्ति हैं। वादी <नाम> कलाई ने भारतीय स्टेट बैंक में अपनाखाता खोलवाया तथा उससे सम्बन्धित ए०टी0एम0 कार्ड के लिए भी आवेदनकिया। उक्त ए0टी0एम0 कार्ड अभियुक्ता <नाम> मुन्नी <नाम> के <नाम> <नाम> कलाईको पोस्ट आफिस द्वारा प्राप्त कराया गया। <नाम> मुन्नी <नाम> का भी खाताभारतीय स्टेट बैंक के उसी शाखा में था। अतः मुन्नी <नाम> ने उक्त ए0टी0एम0 काप्रयोग अपने हित में करते हुए उक्त खाते से पैसा निकालना प्रारम्भ <नाम> दियातथा निरन्तर वह उस खाते से पैसा निकालती रही। परन्तु बीच-बीच में श्रीमतीमुन्नी <नाम> द्वारा भी कुछ धनराशि उक्त खाते में जमा की गयी है। ", "वर्तमान में अभियुक्ता <नाम> मुन्नी <नाम> द्वारा जो धनराशि उक्तराम कलाई के खाते से ए०टी0एम0 के जरिये निकाली गयी थी उसमें सेसम्पूर्ण धनराशि वादी <नाम> कलाई को वापस की जा चुकी है। मात्र रु055,635/- <नाम> है जो जमा <नाम> देने के पश्चात, <नाम> मुन्नी <नाम> ने जितनीधनराशि <नाम> कलाई के खाते से आहरित की है वह पूरा चुकता हो जायेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_548_201928-05-2019709
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 13.04.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ रोकथाम जुर्मजरायम व संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग में कसबा ओबरा में मौजूद थाकि जरिए मुखबिर सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति गांजा लेकर डाला जानेवाली रोड से गजराजनगर तिराहे <नाम> आ रहा है। मुखबिर की सूचना परविशवास <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचकर इन्तजार <नाम> रहा पी किथोड़ी देर <नाम> एक व्यक्ति अपने दाहिने हाथ में झोला लिए आतादिखायी <नाम> कि पास आने <नाम> एकाएक दबिश देकर समय करीब 05.30 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> कुमारपाण्डेय पुत्र कामता <नाम> <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशीली गयी तो अभियुक्त के दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिक की झोला में02 किलो 500 ग्राम गांजा नाजायज बरामद हुआ। गांजा रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को कारणगिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त को थानाओबरा की पुलिस उसे घर से उठा <नाम> ले गयी और फर्जी मुकदमें मेंचालान <नाम> दिया। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। पुलिस द्वारा <नाम> 50,51 व 52 एन0डी0 पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों कापालन नही किया गया है। अभियुक्त दिनांक 13.04.2019 से जेल मेंनिरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से दो किलोपांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> सेअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। .2/ —2—अभियुक्त का मुकदमा उपरोक्त क पूर्व थाना ओबरा में 03 अभियोगपंजीकृत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से दो किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद की गयी है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथा कहा गया किअभियुक्त के विरूद्ध इस मामले से पूर्व थाना ओबरा में 03 मुकदमापंजीकृत है। अभियुक्त द्वारा उक्त तथ्य को अपने जमानत प्रार्थना पत्रमें छिपाया गया है। " ] }
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Bail Application_567_202028-05-2020514
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा जी0के0 <नाम> खाननिरीक्षक, सोनभद्र ने दिनाक 18.03.2020 को थाना चोपन जिला सोनभद्र में इस कथन केसाथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि जिलाधिकारी महोदय के आदेश दिनाक 17.03.2020के अनुपालन में <नाम> <नाम> द्वारा अवैध खनन/ परिवहन के आरोप में पकड़े गये वाहनों केस्वामी व चालक एवं अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने का आदेशदिया गया है। उक्त सम्बन्ध में दिनाक 05.02.2020 को सामय 02:45 पी0एम0 <नाम> चौकी प्रभारीडाला के साथ जॉच के समय वाहन संख्या यू०पी0 64टी0-6443 को रेलवे कासिंग केदक्षिण-पश्चिम <नाम> में रेलवे द्वारा खोदे गये पत्थर जो नीलामी नहीं हो पाया था, लोड करतेहुये कासिंग के पास अवैध परिवहन करते हुये पकड़ा गया। उक्त वाहन को <नाम> रवन्ना केखनिज का परिवहन करते हुये पाये जाने <नाम> थाना चोपन जिला सोनभद्र की अभिरक्षा में दीगयी है। ्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्र्ार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। सम्बन्धित थाने कीपुलिस ने प्रार्थी के विरूद्ध गलत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया है। प्रार्थी/ अभियुक्त वाहनसंख्या यू0पी0 64टी0-6443 का <नाम> है। दिनॉक 05.02.2020 को प्रार्थी अपने मित्र के घरसे घरेलू उपयोग <नाम> बोल्डर ले जा रहा था । प्रार्थी ने कथित रेलवे द्वारा तोड़े गये पत्थर कोलोड नहीं किया है और <नाम> ही कोई अपराध कारित किया है। उक्त लोड पत्थर किसी खदानअथवा विकेता के पास से कय नहीं किया गया है इसलिये उसके रवन्ना अथवा वैध परमिटकी आवश्यकता नहीं है। प्रार्थी ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त का कोई ह2आपराधिक इतिहास नहीं है। मामला प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी दिनॉक13.05.2020 से जेल में निरूद्ध है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया कि वादी मुकदमा <नाम> निरीक्षक द्वारा प्रभारी चौकी डाला, सोनभद्र के साथ कियेगये निरीक्षण के दौरान वाहन संख्या यूपी0 64टी0-6443 <नाम> रेलवे द्वारा खोदे गये पत्थरजिसकी नीलामी नहीं हो सकी थी, का अभियुक्त द्वारा परिवहन करते हुये पाया गया था। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> प्रश्‍नगतवाहन संख्या यू0पी0 64टी0 6443 के जाँच के कम में उस <नाम> रेलवे द्वारा खोदे गये पत्थरजिसकी नीलामी नहीं हो सकी थी, का परिवहन करते हुये पाया गया था। संलग्न केस डायरीके पर्चा संख्या-9 में अभियुक्त ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि उसके वाहन <नाम> लदे हुयेबोल्डर का कोई वैध परमिट उसके पास नहीं था। जाच के कम में प्रार्थी / अभियुक्त को उक्तवाहन का <नाम> होना बताया गया है। प्रस्तुत प्रकरण आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है जोविकासशील समाज के लिये एक गम्भीरतम अपराध है। " ] }
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Bail Application_465_201906-05-2019831
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि पीड़िता काजलकुमारी ने थाने <नाम> लिखित सूचना <नाम> कि <नाम> <नाम> पुत्र कश <नाम> ग्रामनेमना, थाना-बीजपुर का रहने वाला है। पांच साल से उसे शादी का झांसा देकरशारीरिक सम्बन्ध बनाया व बलात्कार किया । कई बार उसके घर आया। उसेरिलेशन में भी बहुत बार ले गया। कई जगहों <नाम> घुमाने भी लेकर गया । पीड़िता की शादी भी लगी थी । शादी कटवा दिया। कहा कि वह तुमसे शादीकरेगा वरना वह मर जायेगा। इसके <नाम> हम दोनों पति-पत्नी की तरह रहनेलगे। पहले कहा कि उसे कुछ नहीं चाहिए। अब उसकी मॉ दहेज मांग रही है। दो लाख रूपया और एक गाड़ी दो तब शादी करेगें। दहेज के <नाम> उससेशादी नहीं <नाम> रहा है। वह शादी करेगी तो <नाम> <नाम> से ही करेगी वरनाकिसी से नहीं करेगी। <नाम> जिन्दगी बर्बाद <नाम> <नाम> है। अब उसे कौन पूछेगा,कौन उससे शादी करेगा। वह हर साल <नाम> था कि शादी होगी। जब समयआया तो कहा कि अगले साल होगी। 24 <नाम> 2018 को बीजपुर थाने में प्रथम 9सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई तो <नाम> <नाम> ने लिखित <नाम> था कि वह शादी करेगा। अब समय आया तो उससे बात करना बन्द <नाम> <नाम> । कहा शादी नहीं होपायेगी । तुम मेरे घर आ जाओ। जब वह उसके घर गयी तो वह घर <नाम> नहींथा। उसके घर वालों ने उसे बहुत मारा-पीटा। माता-पिता, <नाम> बहन मिलकरउसे मारे । वह <नाम> रात बाहर बैठी रही । शादी <नाम> होने का <नाम> उसके घरवाले हैं। वे लोग नहीं चाहते हैं कि शादी हो। मैं चाहती <नाम> कि शादी हो जायेलेकिन उनकी मा नहीं चाहती है तो ठीक है <नाम> <नाम> के साथ-साथ उसकेघर वालों को भी सजा हो। इस सूचना के आधार <नाम> अभिक्तगण के विरुद्धअ0०सं0- 39/2019 <नाम> <नाम> 376, 323 भा0०दं0सं0 व <नाम> 3/4 दहेज प्रतिषेधअधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "दिनांक 02.04.2019 को वादी <नाम> <नाम> ने थाने <नाम> सूचनादिया कि उनकी बड़ी पुत्री <नाम> <नाम> से <नाम> <नाम> पुत्र कंश रामतीन-चार <नाम> से <नाम> सम्बन्ध बनाया था। <नाम> <नाम> द्वारा लगातार उनकी पुत्रीके साथ शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बन्ध बनता रहा। जब प्रार्थी व प्रार्थीके घर के सदस्य शादी का रिस्ता लेकर <नाम> <नाम> के घर गये तो उसके घरवाले शादी करने से <नाम> <नाम> <नाम> और कहे कि अगर उनके लड़के से अपनीपुत्री की शादी करोगे तो दो लाख रूपया नकद व एक मोटरसाइकिल, सोने कीअंगूठी, फिज आदि सामान देगें तभी वे लोग शादी करेगें जिससे उनकी पुत्रीशादी करने <नाम> बार-बार प्रयास की कि शादी करेगी तो आप से ही क्योंकि आपचार वर्षो से हमारी जिन्दगी बर्बाद <नाम> दिये। <नाम> <नाम> ने वादी की पुत्री कोदिनांक 26.03.2019 को अपने घर शादी करने की बात-चीत करने <नाम> बुलायाथा और खुद घर से भाग गया। उनकी पुत्री को उस लड़के के माता-पिता, भाई,बहन के द्वारा मारा-पीटा गया था तथा शादी करने से इंकार <नाम> <नाम> था। वहअपनी पुत्री व <नाम> के साथ पुनः शादी करने <नाम> बातचीत करता रहा । जबविश्‍वास हो गया कि वे लोग दहेज के <नाम> शादी करने से <नाम> <नाम> रहे है तबउसने दिनांक 31.03.2019 को थाना-बीजपुर <नाम> आकर प्रार्थना पत्र देकर मुकदमालिखवाया। इन्हीं बातों से क्षुब्ध होकर <नाम> <नाम> <नाम> व विद्योत्मा पुत्रकंसराम, कंशराम व <नाम> उर्फ रूबाली सभी लोग उसकी पुत्री <नाम> व वादीसे कह रहे थे कि लुम लोग कितना भी मुकदमा लिखाओगे <नाम> की शादी नतो अपने घर में करने देंग। और <नाम> ही कहीं किसी गांव में होने देगें। उसकोकहीं का नहीं छोड़ेगें। इसी बात से उनकी पुत्री काफी परेशान रहने लगी तथाअवसाद में चली गयी । इन्हीं लोगों की प्रताड़ना के <नाम> उनकी पुत्री आजदिनांक 02.04.2019 को समय लगभग 7.00 बजे सुबह जहरीला पदार्थ खा लियाजिसकी इलाज के दौरान नेहरू चिकित्सालय,जयन्त, सिंगरौली में डाक्टर द्वारामृत घोषित <नाम> <नाम> गया। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण क विरुद्धअ0सं0-40,/2019 <नाम> <नाम> 306 भा०दं0सं0 क अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत कियागया। 3्रार्थी-अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तक॑ में कहागया कि अभियुक्तगण को साजिश के तहत झूठा फंसाया गया है। घटना कीजांच उप जिला मजिस्ट्रेट, सोनभद्र को सौंपी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारान तो पीड़िता को मारा-पीटा गया है और <नाम> ही उससे दहेज की कोई मांग कीगयी है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभिक्तगण द्वारा पीड़िता को कभी प्रताड़ित नहीं किया गया। अभियुक्तगणदिनांक 03.04.2019 से कारागार में निरुद्ध हैं । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण के लड़के <नाम> <नाम> <नाम> अभियुक्त का पीड़िता का प्रेमसम्बन्ध था तथा पीड़िता <नाम> <नाम> से शादी करना चाहती थी। <नाम> अभियुक्तपुजारी <नाम> द्वारा पीड़िता को शादी का झांसा देकर तीन-चार वर्षो से उसकेसाथ जबरदस्ती बलात्कार करता रहा। पीड़िता ने जब <नाम> <नाम> से शादीकरने के लिए कहा तो <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> व प्रार्थी-अभियुक्तगण शादीकरने से इंकार <नाम> दिये तथा दहेज में दो लाख रूपया, मोटरसाइकिल इत्यादिसामानों की मांग किये तथा कहे कि जब दहेज में सामान नहीं <नाम> जायेगाकाजल की शादी नहीं होगी। इसी बात से उत्प्रेरित होकर पीड़िता ने जहरखाकर आत्महत्या <नाम> लिया। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "प्रस्तुत मामले में पीड़िता द्वारा अ0सं0- 39/2019 अभियुक्तगण केविरूद्ध <नाम> 376, 323 भा०दं0सं0 व <नाम> 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम कअन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। इस घटना के दो <नाम> पश्चातअभियुक्तगण के विरुद्ध पीड़िता के पिता द्वारा <नाम> 306 भा०दं0सं0 के अन्तर्गतप्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 02.04.2019 की घटना अ0सं0-39/2019 दिनांक 31.03.2019 की घटना का परिणाम है जो कि गम्भीर प्रकृतिका है। ", "इतना ही नहीं अ0सं0- 39/2019 से सम्बन्धित घटना की प्रथमसूचना रिपोर्ट स्वयं पीड़िता द्वारा दर्ज करायी गयी है इसलिए उसका प्रभावमृत्युकालिक कथन जैसा होगा। ", "अ०सं0- ३9/2019 <नाम> 376, 323 भा०द0सं0 व <नाम> 3/4प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज की गयी थी लेकिन जिन आधघारों <नाम> पुलिसद्वारा उस अपराध का न्यूनीकरण किया गया है वह उचित प्रतीत नहीं होता हैऔर पत्रावली <नाम> उपलब्ध साक्ष्य के आधार <नाम> यह नहीं जा सकता किअभियुक्तगण के विरुद्ध <नाम> 376, 323 भा०दं0सं0 व <नाम> 3/4 दहेज प्रतिषेधअधिनियम का अपराध कारित होना नहीं पाया जाता। " ] }
0DENIED
Bail Application_1098_201904-11-2019501
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.09.2019को उप निरीक्षक देवेन्द्र <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ मादक पदार्थकी ब्रिकी <नाम> रोक व तस्करों की गिरफ्तारी के बारे में आपस में मुन्सफीचौराहे <नाम> बातचीत <नाम> रहे थे कि थोड़ी देर <नाम> दो व्यक्ति जोकाशीराम आवास की तरफ से आ रहे थे कि पुलिस <नाम> को देखकरअपना रास्त बदलकर दूसरे रास्ते से जाने लगे कि शक होने <नाम> पुलिसबल द्वारा हिकमत अमली से आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> समय करीब 07.35 पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गयातो एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> पुत्र स्व0 रामसूरत <नाम> एवं दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र रामचन्दरबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो <नाम> <नाम> यादवके पास से एक सफेद पन्नी में 11 ग्राम नाजायज हेरोइन एवं विजयकुमार <नाम> के पास से एक छोटी सफेद पन्नी में 10 ग्राम नाजायजहेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहींदिखा सके । अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत मेंलेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षरफर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर मालमुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त कपास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। पुलिस द्वारा <नाम> 50 एन0डी0पी0एस०एक्ट क प्राविधानों का अनुपालननही किया गया है। अभियुक्त को घर से पकड़कर फर्जी बरामदगीदिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", ".2/ राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 11 ग्राम नाजायजहेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गयाहै। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने <नाम> उसके पुनः उक्तअपराध में संलिप्त होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकताहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से 11 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहागया है। , जो वाणिज्यक <नाम> से कम है। अभियुक्त दिनांक 01.09.2019 से जेल में निरूद्ध है। डी0सी0आर0बी0 रिपोर्ट के अनुसारअभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1167_201916-10-2019671
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "फर्द बरामदगी के अनुसार दिनांक 07.10.2019 को उपनिरीक्षककाशी <नाम> कुशवाहा, हमराही पुलिसकर्मियों के साथ देखभाल <नाम> तलाश वांछितवारण्टी रोकथाम जुर्म जरायाम में मामूर होकर म्योरपुर से आश्रम मोड़ की तरफजा रहा था कि कुण्डाडीह मोड़ के पास एक गाड़ी आती दिखाई थी। पुलिसवालों की गाड़ी देखकर अचानक कुण्डाडीह मोड़ से मुड़कर कसबा म्योरपुर कीतरफ <नाम> <नाम> से जाने लगी। शक होने <नाम> उक्त वाहन का पीछा किया गयातथा रोकने का प्रयास किया गया, किन्तु नहीं रूक। , उसके चालक ने हड़बड़ी मेंउक्त वाहन को कुण्डाडीह तिराहे से टकरा दिया। तभी वाहन में बैठा एक व्यक्तितेजी से कूदकर खेत/जंगल की तरफ भाग गया। रूके हुए वाहन के पासजाकर <नाम> गया तो एक व्यक्ति मौजूद मिला, जिसका नाम पता पूछते हुएतलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> रौनियार पुत्र स्व0 महेन्द्रप्रसाद, निवासी झरई टोला आरंगपानी, थाना म्योरपुर, जनपद सोनभद्र तथा भागनेवाले व्यक्ति का नाम प्रेमचन्द पुत्र मंगरू बनिया, निवासी सागोबांध, थाना बभनी,जनपद सोनभद्र बताया तथा वाइन में रखा <नाम> बैढ़न से अखण्ड दूबे से खरीदाथा तथा वाहन में एक <नाम> रंग की पन्नी से ढ़की हुई अंग्रेजी शराब व बीयर कीकुल <नाम> 1059 लीटर पायी गयी। बरामद सम्पूर्ण शराब केवल मध्य प्रदेश मेंविकय <नाम> अनुमन्य है। बरामद वाहन बोलेरो पिक-अप रंग सफेद को <नाम> गयातो उसमें रजिस्ट्रेशन नम्बर नहीं था तथा वाहन का इंजन व चेचिस नम्बर देखा..2 ooगया तो अपठनीय था। अभियुक्त <नाम> <नाम> से वाहन का स्वामित्व काकागजात तलब किये गये तो दिखाने में कासिर रहा। बरामद सामानों की फर्दतैयार की गयी एवं बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा दर्जकिया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि प्रार्थी को गलततरीके से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी को पुलिस इलाका हाजा ने फर्जी एवंबेबुनियाद मुकदमें में फंसा <नाम> जेल भेज <नाम> है। गाड़ी <नाम> नम्बर प्लेट लगाहुआ था तथा गाड़ी से सम्बन्धित सभी कागजात गाड़ी <नाम> प्रेमचन्द्र के पासहै। प्रार्थी ने कोई अपराध कारित नहीं किया है तथा मुकदमें में कोई स्वतंत्रसाक्षी पुलिस द्वारा नहीं बनाया गया है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाहै कि प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर अंग्रेजी शराब वबीयर, जो केवल मध्य प्रदेश में विकय <नाम> अनुमन्य है, को अवैध रुप से विकयहेतु वाहन <नाम> लाद <नाम> ले जाया जा रहा था। अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराधकिया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त द्वारा यह कहा गया कि वह प्रश्‍नगत वाहन <नाम> बतौरचालक नौकरी करता है। उक्त वाहन <नाम> अभियुक्त प्रेमचन्द का है जो कि वाहनस्वामी के आदेशानुसार वाहन चलाता है। अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं कियागया है। अभियुक्त क विरुद्ध अधिक से अधिक <नाम> 63 आबकारी अधिनियम काअपराध बन सकता है जो कि पांच वर्ष के कारावास से दण्डनीय है। अन्यआरोपित अपराध उसके विरुद्ध नहीं बनते हैं। जहां <नाम> गाड़ी <नाम> नम्बर प्लेट काप्रश्‍न है तो आगे व पीछे दोनों तरफ गाड़ी <नाम> नम्बर प्लेट लगे हुए थे। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह भी कहा गया कि घटना के समय वाहनस्वामी गाड़ी में बैठा हुआ था जो गाड़ी से कूदकर भाग गया । यदि वाहन स्वामीगाडी में बैठा हुआ है तो निश्चित रुप से चालक की कोई जिम्मेदारी नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_375_202018-05-2020591
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थना पत्र में किये गये कथन के समर्थन में शपथपत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा जी0के0 <नाम> खाननिरीक्षक सोनभद्र ने दिनॉक 10.02.2020 को कोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इसकथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि टी0 आई0, सोनभद्र के साथ दिनाक 06.02.2020 को समय 11:00 पी0एम0 <नाम> ओवर ब्रीज के सामने ब्रेकर के पास हाईवे परआकस्मिक जाँच क दौरान वाहन संख्या यू0पी0 64टी0-0948 की जाँच की गयी। जाँच केदौरान पाया गया कि उक्त वाहन <नाम> 18.00 घन मीटर गिट्टी लोड है। जिसके सम्बन्ध मेंचालक द्वारा कोई परिवहन प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। इस प्रकार <नाम> किसी वैध परिवहनप्रपत्र के अप खनिज लोड <नाम> चोरी-छिपे उप खनिजों का अवैध परिवहन किया जा रहा था। प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प््रार्थीगण का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियोजन कहानीमनगढ़न्त एवं सत्य से परे है। दिनॉक 03.02.2020 को खनिज विभाग द्वारा वाहन संख्यायू0पी0 64टी0-0948 को रोका गया तथा अवैध पैसे की मॉग की गयी, <नाम> देने <नाम> वाहनचालक को वाहन सहित खड़ा <नाम> लिया गया और दिनाक 06.02.2020 को थाना राबर्टसगंजकी अभिरक्षा में <नाम> गया। प्रार्थीगण निर्दोष हैं उन्हें गलत तरीके से नामजद किया गया है। प्रार्थीगण ने कोई अपराध नहीं किया है और <नाम> ही प्र्रार्थीगण का कोई आपराधिक इतिहास है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तगण को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहतक प्रस्तुत किया गया कि वादी मुकदमा <नाम> निरीक्षक द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान्रार्थी/अभियुक्तगण के वाहन <नाम> 18.00 घन मीटर गिट्टी लोड होना पाया गया था। जिसके हसम्बन्ध में चालक द्वारा कोई परिवहन प्रपत्र नहीं दिखाया जा सका था। यदि अभियुक्तगण कीअग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वे वादी एवं अभियोजन साक्ष्य कोप्रभावित करेंगे। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमा द्वारा प्रश्‍नगतवाहन संख्या यू0पी0 64टी0-0948 के जॉच के कम में उस <नाम> 18.00 घन मीटर गिट्टी लोड़होना पाया गया। जिसके सम्बन्ध में चालक द्वारा कोई परिवहन प्रपत्र नहीं दिखाया गया था। जॉच के कम में प्रार्थी/अभियुक्तगण को उक्त वाहन का कमशः <नाम> एवं चालक होनाबताया गया है जिनक द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", " केसडायरी के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध अग्रिम विवेचनाजारी है। प्रस्तुत प्रकरण आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है जो विकासशील समाज के लियेएक गम्भीरतम अपराध है। इस सन्दर्भ में यह उल्लिखित करना समीचीन प्रतीत होता है किप्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(ए) दण्ड प्रकिया <नाम> क दृष्टिगत ऐसा कोई तथ्य न्यायालयके समक्ष प्रार्थी /अभियुक्तगण की ओर से उपस्थापित नहीं किया गया है जिससे यह निष्कर्षनिकाला जा सक कि प्रार्थीगण को गिरफतार <नाम> <नाम> क्षति पहुँचाने या उसे अपमानित करनेके उद्देश्य से अभियोग लिखाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_792_202009-07-2020211
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा पीड़िता पत्नी सुशीलश्रीवास्तव ने दिनांक 24.06.2020 को थाना करमा जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि वह प्राथमिक विद्यालय जोगिनी में सहायक अध्यापक है। दिनाक22.06.2020 को 10:45 बजे विद्यालय गयी थी और कार्यालय सम्बन्धी कार्या को किया तथाविद्यालय का चेक बुक एवं रजिस्टर जो दुकानदार <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा विद्यालय परिसरमें बने पंचायत भवन के कमरे में रख <नाम> गया था उसे लेने गयी तो कमरे में रहने वालेसफाई कर्मी उमाशंकर <नाम> ने उसे हाथ पकड़ <नाम> जबरन अपने कमरे में खींच करदुर्व्यवहार करने की कोशिश की। वह किसी प्रकार वहाँ से निकली तथा अपने <नाम> को फोनकिया। उसी दौरान <नाम> <नाम> अपने गॉव में गया तथा दो अन्य युवकों को लेकर आया औरगलत ढंग से स्वयं को फसाने का आरोप लगाने लगा। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी निर्दोष है, उसेझूठा एवं रंजिश वश उपरोक्त मुकदमा में फसाया गया है। अभियोजन कथानक गलत एवंबनावटी है। प्रार्थी ने अभियोगिनी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है। घटना की प्रथमसूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी ग्राम पंचायत जोगिनी में 14 वर्षो सेसफाई कर्मी है और विद्यालय परिसर में बने पंचायत भवन के कमरे में रहता है। अभियोगिनीप्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका है, जो मिर्जापुर में रहती हैं। उनके द्वारा प्रार्थी कोफोन करके विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का आधार कार्ड, बैंक पासबुक की <नाम> प्रतिएकत्रित करने <नाम> कहा जा रहा था किन्तु प्रार्थी द्वारा इन्कार <नाम> <नाम> गया जिससेअभियोगिनी उसे छोटा कर्मचारी समझ <नाम> डाटने लगी और इसी से नाराज होकर झूठा आरोपलगा <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध फर्जी मुकदमा पंजीकृत <नाम> <नाम> है। प्रार्थी <नाम> लगाया गया आरोपमजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनॉक 25.06.2020 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया कि प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा जो कि प्राथमिक विद्यालय जोगिनी में ह2सहायक अध्यापिका है, विद्यालय में कार्य करने के दौरान उसका हाथ पकड़ <नाम> उसके साथअश्लील हरकत किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत प्रकरण पीड़िता की लिखित तहरीर के आधार <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त कविरूद्ध पीड़िता की <नाम> भंग करने के आशय से उस <नाम> आपराधिक <नाम> का प्रयोग करने केबावत पंजीकृत किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट क अन्तर्निहित तथ्यों के अनुसार पीड़िता कोएकान्त में पाकर अभियुक्त द्वारा अभिकथित <नाम> से उसे जबरन अपने कमरे में खींच करदुर्व्यवहार करने की कोशिश का आरोप है। प्रकरण दैनिकी के पर्चा संख्या-4 में <नाम> श्रीमतीशीला <नाम> के बयान का विवरण <नाम> किया गया है जिसके अनुसार उक्त <नाम> कोपीड़िता द्वारा जरिये फोन इस तथ्य की सूचना दी गयी कि अभियुक्त ने पीड़िता का हाथपकड़ <नाम> उससे बदसलुकी करने की कोशिश की थी जिस <नाम> पीड़िता अपना हाथ झटक करबाहर चली गयी। जबकि प्रकरण दैनिकी के पर्चा संख्या-5 में पीड़िता के बयान अन्तर्गतधारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> का विवरण <नाम> किया गया है जिसमें उनक द्वारा <नाम> केवलअभियुक्त द्वारा हाथ पकड़ <नाम> कमरे में खींचने का अभिकथन किया गया है बल्कि यह भीकहा गया है कि अभियुक्त द्वारा पीड़िता के सीने <नाम> भी हाथ लगाया गया और उसके गालोंपर भी दात से काटने का प्रयास किया गया। जबकि उक्त तथ्य <नाम> तो प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंअंकित है और <नाम> ही घटना के उपरान्त पीड़िता द्वारा अपने सहकर्मी, <नाम> <नाम> <नाम> कोफोन <नाम> ऐसे किसी तथ्य से अवगत कराये जाने का उल्लेख है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_603_202113-04-202154
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "13.04.2021अभियुक्त सुबाष <नाम> पुत्र शिवशंकर <नाम> उम्र 24 वर्ष निवासी ग्रामउसरी खुर्द थाना शाहगंज जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 07.12.2020 को उपनिरीक्षक <नाम> राय॒ हमराहियों के साथ ग्राम ढुटेर में भ्रमणशील था कि जरिए मुखविरसूचना <नाम> कि ग्राम बनौरा के पास दो लोग नाजायज गांजा लेकर किसी साधन केइन्तजार में खड़े है। इस सूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची ता पुलिसबल को देखकर दोनों व्यक्ति <नाम> कदमों से <नाम> <नाम> की ओर जाने लगे किहमराहियों की मदद से करीब 20-25 <नाम> जाते जाते <नाम> <नाम> मोड़ के पहलेब्रेकर के पास दौड़ाकर दोनों व्यक्तियों को समय करीब 07.20 बजे पकड़ लिया गया। नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम सुवाष <नाम> पुत्र शिवशंकर <नाम> उम्र 26वर्ष निवासी ग्राम <नाम> खुर्द थाना शाहगंज जिला सोनभद्र तथा दूसरे ने अपना नामविकास <नाम> पुत्र शिवशंकर <नाम> उम्र 24 वर्श निवासी ग्राम <नाम> खुर्द थानाशाहगंज जिला सोनभद्र बताया। नियमानुसार दोनों व्यक्तियों की जामा तलाशी ली गयीतो अभियुक्त सुबाष <नाम> के दाहिने हाथ मे लिए झोले में <नाम> किलो पचास ग्राम तथाअभियुक्त <नाम> <नाम> के बाए हाथ में लिए प्लास्टिक के झोले में <नाम> किलो पचासग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। बरामद नाजायज गाजा रखने का अधिकार पत्रमांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफातारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्दपर कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिलकर मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उनके पास से कोई नाजायजगाजा बरामद नहीं हुआ है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस द्वारा एन0डी0पी0एस०एक्ट की धारा-50व अन्य महत्वपूर्ण प्राविधानों का पालन नही किया गया है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्त शांतिप्रिय व्यक्ति है। अभियुक्त के पिता कृषकहै। अभियुक्त आई0टी0सेल के अन्तर्गत सामाजिक कार्यकर्ता है। अभियुक्त का मादकपदार्थ की वस्तुओं से किसी प्रकार का कोई सबंध नहीं है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "Bail Application/603/2021 -Subhash Pathak Vs. State Of UP 2राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कनब्जें से <नाम> किलो पचास ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जोअल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के आपराधिकइतिहास होने का कथन किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध क पूर्वमु०अ०सं0-44 / 2017 अन्तर्गत धारा-380,411 भा०द0वि0 थाना शाहगंज जिला सोनभद्रका अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध मेंलिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे <नाम> किलो पचास ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्प मात्रासे काफी अधिक है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा की <नाम> एव पूर्व में चोरीके मुकदमें से अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_734_202003-07-2020263
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "03.07.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> उफ मन्नू की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 16.06.2020 को उपनिरीक्षक कृष्णावतार <नाम> हमराहियों के साथ देखरेख इलाका कसबा ओबरा व तलाशवांछित अपराधी में आकाशवाणी चौराहे से होते हुए डिग्री कालेज चौराहे की तरफ जारहे थे कि दो व्यक्ति आते हुए <नाम> धुलाई वाली रोड <नाम> दिखायी दिए। जिनकेहाथों में प्लास्टिक के झोले थे। पुलिस जीप को देखकर एकदम पीछे मुड़कर भागनेलगे कि कि शक होने <नाम> आवाज देकर रूकने के लिए कहा तो नहीं रूके। इस परपुलिस <नाम> दौड़ाकर चौराहे से लगभग 150 मीटर की दूरी <नाम> सड़क <नाम> ही समयकरीब 07.30 बजे पकड़ लिया गयां पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गयातो एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> उर्फ मन्नू पु. छोटे <नाम> एवं दूसरे ने अपना नामराहुल अली उफ हसरत अली पुत्र अली हसन बताया। नियमानुसार जामा तलाशीली गयी तो <नाम> <नाम> उर्फ मन्नू के दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिक के झोले में1850 ग्राम एवं <नाम> अली उर्फ हसरत अली के दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिक केझोले में 1600 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्रमांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित क हस्ताक्षरफर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजावाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं कियागया है। अभियुक्त दिनांक 16.06.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार Bail Application/1484/2020 -shyam sundar Vs. State Government 2पर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो 800 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है,जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन०डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेसे पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो 800 ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्पमात्रा से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त के विरूद्ध कोई आपराधिकइतिहास दर्शित नहीं किया गया है अभियुक्त दिनांक 16.06.2020 से जेल में निरूद्धहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1604_202016-12-2020102
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि न्यायालय अपर सत्रन्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट में प्रार्थना पत्र अंधारा-156(3) दंप्रसं. इस कथनके साथ प्रस्तुत किया गया कि वह कोल जाति की महिला है। उसकी लड़की की उम्रलगभग 15 वर्ष है, जो स्कूल में पढ़ती है। घटना 8-9 माह पूर्व की है। जब प्रार्थिनी कीलड़की गांव के विद्यालय पढ़ने गयी थी, तो उस <नाम> घर वापस नहीं आयी, जिस <नाम> उसकेपरिवार के लोग काफी खोज-बीन किये, किन्तु कुछ पता नहीं चला। प्रार्थिनी थाना <नाम> रपटलिखाने गयी, तो थाना पुलिस द्वारा टाल-मटोल की गयी। दिनांक 14.03.2020 को दोपहर2.00 बजे प्रार्थिनी की पुत्री बदहवास अवस्था में घर आयी तथा कुछ समय पश्चात बतायी किगांव के ही <नाम> शिवम, <नाम> की पत्नी <नाम> व रामनरायन साजिस <नाम> प्रार्थिनी की पुत्रीको बहला-फुसलाकर अपने साथ पुना ले गये, जहाँ <नाम> उक्त शिवम व <नाम> द्वारा उसकीलड़की के साथ बलात्कार कारित किया गया, जिसमें <नाम> की पत्नी का भी सहयोग रहा। प्रार्थिनी की लड़की किसी तरह उक्त लोगों की चंगुल से भाग <नाम> घर आयी। उक्त केबावत्‌ प्रार्थिनी ने थाना <नाम> सूचना <नाम> किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। न्यायलय द्वारापारित आदेश के अनुपालन में प्रार्थना पत्र में उल्लिखित घटना के बावत्‌ थाना घोरावल मेंमुकदमा पंजीकृत हुआ। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत के बावत्‌ मुख्य <नाम> से यह तर्कप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त को मामले में झूँठा व रंजिशन फंसाया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट में <नाम> सभी बातें गलत एवं बनावटी है। वादिनी और प्रार्थी के ससुररामनरायन एक ही बिरादरी के सदस्य है। उक्त रामनरायन से वादिनी का पारिवारिक रंजिशहै, जिस <नाम> प्रार्थी को झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट काफी विलम्ब सेपंजीकृत कराया गया है। पीड़िता के बयान अं.धारा-161 दं.प्र.सं. व 164 दंप्र.सं. में काफीविरोधाभाष है। अभियोजन कथानक का भी पीड़िता द्वारा समर्थन नहीं किया गया है, बल्किफिल्मी कहानी बतायी है। पीड़िता के चिकित्सीय रिपोर्ट में भी उसे किसी प्रकार की चोटोंका कोई विवरण मौजूद नहीं है। प्रार्थी काफी समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्तआधार <नाम> अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। हDigitally signeBail Application/1604/2020 -Pawan sharma @ lakhan singh Vs. State Government 2विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा अग्रिम जमानत का प्रबल विरोधकरते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा की नाबालिग पुत्रीको बहला फुसला <नाम> अपहरण <नाम> उसके साथ सामुहिक बलात्कार कारित किया गया है। जन्मतिथि प्रमाण पत्र के आधार <नाम> पीड़िता की जन्मतिथि 01.07.2005 है। मामले मेंविवेचनोपरांत विवेचक अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाते हुये आरोप पत्र न्यायालय मेंदाखिल किया जा चुका है। अभियुक्त के विरूद्ध गम्भीर अभियोग है। अभियुक्त ने उक्तआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "चिक एफ.आई.आर. के अनुसार अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा की नाबालिगपुत्री/ पीड़िता को अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर बहला फुसला <नाम> पूना ले जानेऔर वादिनी की नाबालिग पुत्री के साथ अभियुक्तगण द्वारा सामुहिक बलात्कार किये जानेका अभियोग है। पीड़िता के उम्र के सम्बन्ध में अभियोजन द्वारा पीड़िता का शैक्षिकप्रमाण <नाम> किया गया है,जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि 01.07.2005 उल्लिखित है। शैक्षिकप्रमाण पत्र के अनुसार मामले की पीड़िता की उम्र कथित घटना के दिनांक को 18 वर्ष सेकम पायी जाती है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अं.धारा-161 दंप्रसं. व 164 दंप्रसं. मेंअभियुक्त द्वारा बलात्कार किये जाने के कथन का समर्थन किया है। मामला नाबालिगपीड़िता के साथ बलात्कार की जेसे गम्भीर अपराध से सम्बन्धित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1126_201910-10-2019708
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी द्वारा थाने परसूचना दी गयी कि जिलाधिकारी महोदय के आदेश दिनांक 16.09.2019 केअनुपालन में <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 19.09.2019 को अवैध खनन / परिवहनके आरोप में पकड़े गये वाहनों के सम्बन्ध में वाहन <नाम> वाहन चालक एवं अन्यसंलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध सम्बन्धित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायेजाने के आदेश दिये गये हैं। उक्त क सम्बन्ध में अवगत कराना है कि श्रीलक्ष्मीकान्त <नाम> मानचित्रकार / प्रवर्तन दल सदस्य, खनिज विभाग, सोनभद्रद्वारा दिनांक 04.09.2019 को समय 10.35 पी0एम0 <नाम> हाथीनाला थाना अन्तर्गतवाहन ट्रक सं0- यू0पी0 64 ए टी 7676 की जांच की गयी। जांच के दौरानउक्त वाहन <नाम> लदे कुल 26 घन मीटर गिट्टी लदी पायी गयी । वाहन <नाम> लदेउप खनिज गिट्टी के सम्बन्ध में चालक द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य से सम्बन्धितमैनुअल अभिवहन पास सं0- 6302880 प्रस्तुत किया गया जो प्रथम दृष्टयासंदिग्ध पाया गया। इस प्रकार चालक द्वारा उप खनिजों की चोरी छिपे अवैधपरिवहन करते पाये जाने <नाम> उ0प्र० उपखनिज <नाम> नियमावली 1963 केनियम 3/57/70 व <नाम> व खनिज <नाम> एवं विनियमन) अधिनियम 1957की <नाम> 4 व 21 के अधीन मय खनिज वाहनों को संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्धउ0प्र०0 उपखनिज <नाम> नियमावली 1963 के नियम 3/57/70 व <नाम> वखनिज <नाम> एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की <नाम> 4 व 21 तथाभारतीय दण्ड संहिला के सुसंगत धाराओं के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करअभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही करने का कष्ट करें । ", "oo्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी वाहन को वैध प्रपत्रों के साथ चला रहा थाकिन्तु अभियान के तहत <नाम> <नाम> सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारीतथा प्रभारी निरीक्षक थाना हाथीनाला द्वारा वाहनों को सीज किया जा रहा थातथा चालक से कोई कागजात नहीं मांगा गया। प्रार्थी-अभियुक्त पेशे से ड्राइवरहै। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 25.09.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य से सम्बन्धित मैनुअल अभिवहन पास काअवैध तरीक से प्रयोग करके उप खनिजों का परिवहन किया जा रहा था। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "विलम्ब से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के सम्बन्ध मेंअभियुक्त द्वारा घटना को संदिग्ध बताया गया है तथा यह कहा गया कि वादी नेअवैध तरीक से ट्रक को कब्जे में ले लिया था, परन्तु जिलाधिकारी के आदेशपर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है, जबकि वादी पक्ष के लोग इसी प्रकार ट्रकोंको रोक <नाम> उनसे अवैध वसूली करते हैं। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि अभियुक्त ने मुख्य न्यायिकमजिस्ट्रेट के न्यायालय में स्वयं ही आत्मसमर्पण किया है। उसे गिरफ्तार करकेजेल नहीं भेजा गया है इसलिए वह विवेचना के दौरान अभियोजन पक्ष की पूरीमदद करेगा। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भी अभिवहन पास को प्रथम दृष्टया संदिग्धपाया गया है, परन्तु अब <नाम> प्रस्तुत घटना को पूरे एक माह बीत चुक हैं। यहनिष्कर्ष विवेचनाधिकारी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया कि अभिवहन पास सहीहै या गलत है। <नाम> भी पुलिस विवेचना में अभिवहन पास की संदिग्धता बनी हुईहै। ऐसी <नाम> में अभियुक्त को अनिश्चित काल <नाम> के लिए निरुद्ध रखा जानाउचित प्रतीत नहीं होता है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1164_201917-10-2019660
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमादिलबासी पत्नी स्व0 हरिकिशुन गोंड, निवासी ग्राम कटौन्धी, पोस्ट झारोकला,थाना दुद्धी जिला सोनभद्र ने दिनॉक 27.06.2019 को कोतवाली दुद्धी जिलासोनभद्र में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी नतिनी पीड़िता पुत्रीस्व0 <नाम> <नाम> दिनाक 22.06.2019 को भोर में छोटे <नाम> पुत्र प्रहलादअगरिया, निवासी हथवानी साऊडीह, थाना हाथीनाला जिला सोनभद्र के साथभाग गयी। जब प्रार्थिनी अपनी नतिनी पीड़िता को घर में नहीं देखी तो इधर-उधर खोज-बीन करने लगी तो पता चला कि छोटे <नाम> उसकी नतिनी कोभगा <नाम> ले गया है। छोटे <नाम> का मोबाइल भी उसके यहाँ छूट गया थातब सही तथ्य की जानकारी हुई। प्रार्थिनी के पास उक्त छोटे <नाम> कामोबाइल है। प्रार्थिनी को शक है कि उक्त छोटे <नाम> उसकी नतिनी पीड़िताउम्र 15 साल जो नाबालिग है उसे कहीं बेच या <नाम> से मार देगा। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे फर्जी ढंगसे अभियुक्त बनाया गया है। अभियोजन कथानक गलत एवं बेबुनियाद है। ", "9प्रार्थी ने पीड़िता को बहला फुसला <नाम> नहीं ले गया था जैसा कि पीड़िताद्वारा स्वयं धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> के बयान में कहा गया है कि छोटेलाल के साथ वह नहीं गयी थी। बल्कि अपने घर वालों से पूछ <नाम> रिस्तैदारीमं गयी थी। दिनॉक 17.09.2019 को धारा-363, 366 भारतीय दंण्ड <नाम> मेंप्रार्थी / अभियुक्त की जमानत प्रार्थना सत्र न्यायालय, सोनभद्र द्वारा स्वीकार कीजा चुकी है उसके <नाम> रिमाण्ड शीट में धारा-376(3) भारतीय दंण्ड <नाम> वधारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 कीबढ़ोत्तरी किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को उपरोक्त धाराओं में जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह तकप्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता के साथ प्रवेशनलैंगिक हमला किया गया है। यद्यपि कि पीड़िता द्वारा स्वेच्छा से अभियुक्त केसाथ <नाम> और शादी करने का कथन किया गया है परन्तु पीड़िता कीजन्मतिथि 07.04.2006 है जिसे विवेचक द्वारा केस डायरी में भी <नाम> कियागया है। अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बनाया गया है। अतः पीड़िता के नाबालिग होने के <नाम> उसकी सहमति का कोई महत्व नहींहै। पूर्व में धारा-363, 366 भारतीय दण्ड <नाम> में अभियुक्त की जमानतश्रीमान्‌ सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा स्वीकार किया गया है जबकि <नाम> मेंप्रवेशन लैंगिक हमला किये जाने के आधार <नाम> अभियुक्त का रिमाण्डधारा-376(3) भारतीय दंण्ड <नाम> व धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकोंका संरक्षण अधिनियम, 2012 में स्वीकार किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारितअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत मामले से सम्बन्धितअभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में वादिनी मुकदमा द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध अपनीनाबालिग नतिनी पीड़िता उम्र 15 वर्ष को अभियुक्त द्वारा बहला फुसला करभगा ले जाने के सन्दर्भ में धारा-363, 366 भारतीय दण्ड <नाम> में पंजीकृतकराया गया। दौरान विवेचना केस डायरी में जो साक्ष्य संकलित किया गया हैउसमें तथाकथित पीड़िता द्वारा अभियुक्त के साथ जाने एवं उसके साथदिनॉक 24.08.2019 को कोर्ट मैरिज करने का कथन किया गया है। पर्चा जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1164 / 2019,3नं0-8 में <नाम> पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-161 दंण्ड प्रकिया <नाम> मेंपीड़िता ने अभियुक्त के साथ पति-पत्नी की तरह रह <नाम> शारीरिक सम्बन्धबनाने का कथन किया है तथा कक्षा-6 <नाम> पढ़ना एवं अपनी उम्र 19 वर्षबताया है। यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि अभियुक्त की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र के साथ दाखिल जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1055,/2019 मेंदिनक 7.09.2019 को श्रीमान्‌ सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा आदेश पारितकरते हुये अभियुक्त की जमानत धारा-363, 366 भारतीय दंण्ड <नाम> मेंस्वीकार की गयी है। अभियोजन प्रपत्रों के माध्यम से यह भी तथ्य रखा गयाहै कि पीड़िता के कक्षा-5 के अंक पत्र की प्रमाणिकता के आधार <नाम> पीडिताकी जन्मतिथि 07.04.2006 उल्लिखित है। जिसके अनुसार घटना के समयपीड़िता को लगभग 14 वर्ष का होना दर्शाया गया है। अभियुक्त द्वारा पीड़िताके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाये जाने तथा पीडिता को नाबालिग होने केकारण दिनाक 30.09.2019 को रिमाण्ड में धारा-376(3) भारतीय दंण्ड संहिताव धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 कीबृद्धि की गयी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1388_201917-12-201975
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि खड़िया परियोजना खदान <नाम> के 0B वकशाप डग लाईनसेक्शन स्टोर एरिया में दिनांक 21.10.2019 की <नाम> लगभग 4 बजे वाहनसं0 एम0पी0 66जी-1034 पिक-अप डूरग लाईन सेक्शन का सामान चोरी करनेआया था। सुरक्षा कर्मियों की गस्ती पार्टी की सतर्कता के <नाम> अज्ञात चोरपिक-अप व चोरी का सामान छोड़कर भाग गये हैं। पिक-अप में (1) दांता 1नग, (2) क्लेम्प बोल्ट 2 नग,(3) रेल पोल 3 फीट। उक्त सामान डूग लाईनसेक्शन का है। <नाम> गस्ती दल में एन.सी.एल. के <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> ए.एस. एस. आइ: व प्राइवेट सुरक्षा गार्ड डग लाईन सेक्शन एरिया में तत्कालपहुंचे थे। पिक-अप गाड़ी एवं उसमें लदे सामान के साथ थाना लेकर आया है। निवेदन किया है कि वाहन सं0-एम0पी0 66 जी-1034 पिक-अप की प्राथमिकीदर्ज की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसे फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं किया है। ्रार्थी-अभियुक्त मजदूर व्यक्ति है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोई सामानबरामद नहीं हुआ है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थी-अभियुक्त नामित नहीं है। जिस पिक-अप वाहन से <नाम> की बरामदगी कही जाती है, उसके सम्बन्ध में नतो प्रार्थी को कोई जानकारी है और <नाम> ही वह उसके नाम से है। प्रार्थी-अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 30.11.2019 सेजिला कारागार में निरुद्ध है। प्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनताहै । ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त प्रश्‍नगत पिकअप सं०-एम.पी. 66जी-1034 का चालक है। घटना के <नाम> एन.सी.एल. के सुरक्षा कर्मियों द्वारा खदान में पिक-अप <नाम> लदेचोरी का सामान पकड़ा गया था। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा परियोजना का सामानचोरी से पिक-अप <नाम> लादा गया किन्तु सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता के <नाम> वहपिक-अप छोड़ <नाम> भाग गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियोजन द्वारा कहा गया कि प्रस्तुत मामले से सम्बच्धितपिक-अप वाहन को घटना स्थल <नाम> ही पकड़ लिया गया तथा जब उसके नम्बरके आधार <नाम> वाहन <नाम> की तलाश की गयी तो वाहन <नाम> द्वारा लिखितरुप से यह सूचित किया गया कि उसके वाहन का चालक प्रस्तुत अभियुक्तराजेन्द्र <नाम> <नाम> है, जो घटना की <नाम> <नाम> वाहन चला रहा था तथा घटनाकी <नाम> से ही अभियुक्त वाहन <नाम> के सम्प में नहीं है। ", "शासकीय सम्पत्ति की चोरी का मामला है। अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_531_202126-03-2021191
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{ "facts-and-arguments": [ "26.03.2021अभियुक्त नईम खांन उफ सोनू पुत्र हमीदुल्ला <नाम> निवासी सेक्टर-2डी0टी0-61 ओबरा थाना ओबरा जिला सोनभद्र की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियुक्त का कथन है कि मुकदमा उपरोक्त में अभियुक्त पूर्व मेंजमानत <नाम> था। अभियुक्त मजदूरी करने बाहर चले जाने के <नाम> नियत <नाम> परन्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका,जिससे अभियुक्त क विरूद्ध दिनांक 04.03.2020को न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त द्वारा जानबूझकरन्यायालय उपस्थित आने में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं किया है। अभियुक्तभविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त प्रकरणउपरोक्त के विचारण में सहयोग करेगा। अभियुक्त दिनांक 19.03.2021 से जिलाकारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त प्रकरण उपरोक्त में पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त मजदूरी करने बाहरचले जाने के <नाम> नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका,जिससेअभियुक्त के विरूद्ध दिनांक 04.03.2020 को न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्टजारी हो गया। अभियुक्त द्वारा जानबूझकर न्यायालय उपस्थित आने में किसी प्रकारकी कोई लापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> परन्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त प्रकरण उपरोक्त के विचारण में सहयोगकरेगा। अभियुक्त दिनांक 19.03.2021 से जिला कारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। यदिअभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जाता है तो इस बात की <नाम> सम्भावना है कि उसकेद्वारा साक्षियों को प्रभावित किया जाएगा तथा प्रकरण के निराकरण में विलम्ब कारित Bail Application531/2021 -Naim Khan @ Sonu Vs. State Of UP 2 होगा। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त का कथन है कि वह मजदूरी करने बाहर चले जाने के <नाम> नियत तिथिपर न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका,जिससे अभियुक्त के विरूद्ध दिनांक 04.03.2020 को न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त द्वाराजानबूझकर न्यायालय उपस्थित आने में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं कियाहै। अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त प्रकरण उपरोक्त के विचारण में सहयोग करेगा। अभियुक्त दिनांक 19.03.2021 से जिला कारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_131_202003-02-2020523
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "14.01.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी मजदूरव्यक्ति है मजदूरी करने बाहर चला गया था। प्रार्थी के अधिवक्ता का मोबाइल नम्बरकहीं गुम हो गया जिस <नाम> सम्पर्क नहीं हो सका और उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी ने जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं कियागया। प्रार्थी प्रत्येक <नाम> <नाम> हाजिर आता रहेगा और विचारण में पूर्ण सहयोगकरेगा। प्रार्थी दिनांक 19.01.2020 से जेल में निरूद्ध है। प्रार्थी अपने घर का तनहाव्यक्ति है। प्रार्थी द्वारा जमानत का दुरूपयोग नहीं किया गया है अतः जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> हाजिर <नाम> आने केकारण उनके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त भविष्य मेंप्रत्येक नियत <नाम> <नाम> व्यक्तिगत <नाम> से उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त दिनांक19.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उनकेविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया है। अभियुक्त के नियत <नाम> परउपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नहीकिया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "Bail Application/267/2020 -Santosh Kumar Vs. State Government 2पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत <नाम> परहाजिर <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी कियागया और तब से अभियुक्त लगातार गैर हाजिर चल रहा है। अभियुक्त दिनांक 19.01.2020 को गिरफूतार होकर न्यायालय में उपस्थित आया और उसे जिला कारागारभेजा गया। अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_482_201902-05-2019863
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन संक्षेप में यह है कि प्रार्थी उक्त मामलेमें पूर्व मे जमानत <नाम> था। प्रार्थी गरीब व्यक्ति है। वह मजदूरी करनेबाहर चला गया था और वही वह बीमार हो गया और मुकदमा उपरोक्तमें नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रार्थी क विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी को नियत <नाम> की जानकारीन होने के <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नही हो सका। प्रार्थी द्वाराकोई जानबूझकर लापरवाही नही किया गया है। प्रार्थी जेल मे निरूद्धहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि मुकदमा उपरोक्त में नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के कारणअभियुक्त क विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थीमजदूरी करने बाहर चला गया था इस <नाम> प्रार्थी को नियत <नाम> कीजानकारी <नाम> होने के <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नही हो सका। अभियुक्त द्वारा कोई जानबूझकर लापरवाही नही किया गया है। प्रार्थीजेल मे निरूद्ध है। अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्तदिनांक 21.11.2018 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारायह कहा गया कि अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> जानबूझकर उपस्थित नहीआया जिससे मुकदमा उपरोक्त की कार्यवाही आगे नही बढ़ पा रही है। अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाता है कि पुन:अभियुक्त के न्यायालय में उपस्थित <नाम> आने की सम्भावना से इन्कार नहीकिया जा सकता हैं उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि नियत तिथिपर न्यायालय उपस्थित <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया। अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त द्वारा कहा गया कि मजदूरी करने बाहर चला गया थाऔर वही वह बीमार हो गया इस <नाम> <नाम> की जानकारी नहोने के <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नही हो सका। अभियुक्त दिनांक.2/ —2—21.11.2018 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1208_201926-10-2019539
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने थाने परसूचना <नाम> कि <नाम> पुत्र रामबली <नाम> ग्राम-बेगपुर, अदलहाट,जिला-मिर्जापुर का निवासी है। उसने उसके साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्मकिया । वह उसके साथ दो साल से <नाम> करता था। जब उसने शादी करने केलिए कहा तो वह भाग गया। उसने पन्नूगंज थाने <नाम> प्रार्थना पत्र <नाम> तोपकड़कर आया और शादी करने के लिए <नाम> हो गया। 5 <नाम> 2019 को शादीकरना था। इसी बीच घर से भाग गया। घर वाले उसे कहीं भगा दिये ताकिशादी <नाम> हो सके। उसके मामा श्रवण व <नाम> (विजन) का कहना है कि तुम उसेबुलाई हो, वह तुम्हारे पास है जबकि वह उसके पास नहीं है। निवेदन किया हैकि इन लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखकर कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेवादिनी को किसी प्रकार का शादी का झांसा नहीं <नाम> है और <नाम> ही किसीप्रकार का कोई अपराध किया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथबलात्कार नहीं किया गया हैं। पुरानी रंजिश को लेकर प्रार्थी को फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त शादी-शुदा होते हुए वादिनी को शादी का झांसा देकर उसकेसाथ लगभग दो वर्ष से दुष्कर्म करता रहा। वादिनी ने शादी करने के लिए कहातो वह भाग गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियोजन पक्ष ने अपने तर्क में कहा है कि पीड़िता को शादी काझांसा देकर शारीरिक सम्बन्ध बनाया गया जिसके <नाम> पीड़िता गर्भवती भी हो..2 2गयी थी तथा अभियुक्त ने दवा देकर गर्भ गिरवा दिया। यदि अभियुक्त द्वाराशादी का झांसा <नाम> <नाम> जाता तो पीडिता उससे शारीरिक सम्बन्ध स्थापित नहींकरती । इस प्रकार शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करने के लिए पीडिता की स्वतंत्रसहमति नहीं कही जा सकती है बल्कि उसकी सहमति उसे झांसे में रखकर प्राप्तकी गयी है इसलिए अभियुक्त का यह कृत्य बलात्कार की परिभाषा में आयेगा। ", "बचाव पक्ष द्वारा पीड़िता के साथ इस प्रकार के किसी कृत्य सेइंकार किया गया है। ", "विवेचनाधिकारी द्वारा संकलित साक्ष्यों में <नाम> <नाम> <नाम> एवंडाक्टर <नाम> <नाम> <नाम> के साक्ष्य उपलब्ध है जिनसे यह उपधारणा कियेजाने <नाम> है कि पीड़िता तथा अभियुक्त में अन्तरंग सम्बन्ध स्थापित हो गये थे। इस प्रकार पीडिता का अभिकथन <नाम> नहीं होगा। इस प्रकार पत्रावली परउपलब्ध साक्ष्यों को पीड़िता के कथन से <नाम> मिलता है तथा प्रस्तुत मामले मेंपीडिता की सहमति शादी का आश्वासन देकर ही किया गया प्रतीत होता है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_747_201915-07-2019326
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि ग्राम बरहमोरी में मेसर्स <नाम> फर्म को पांच वर्षीय खनन पट्टाबालू के खनन एवं परिवहन <नाम> आवंटित होने के <नाम> स्वीकृत <नाम> में अप्रैल2018 से फर्म खनन कार्य <नाम> रही है जिसमें प्रार्थी स्थानीय प्रबन्धक है। फर्म काकार्य शुरू होने के <नाम> से ही हर्रा गांव के कुछ लोग हफूता वसूली का दबावबना रहे थे। दो <नाम> पूर्व से ही रात में करीब 11:00 बजे <नाम> <नाम> पासवान,छप्पन चेरो, <नाम> धर्मेन्द्र मल्लाह फर्म के कैम्प आफिस <नाम> चले आते थे औरफर्म के कर्मचारियों को सुनाकर कहते थे कि हमें <नाम> दो नहीं तो वे लोगकाम नहीं करने देगें। दिनांक 08.01.2019 को <नाम> लगभग 11:00 बजे उपरोक्तपांचो व्यक्ति हाथ में लाठी-डण्डा लेकर कैम्प आफिस आये और प्रार्थी से डेढ़लाख रूपये देने के लिए कहे। प्रार्थी ने देने से <नाम> किया तो उन्होने लाठीतानते हुए कहे कि रूपया नहीं दोगे तो <नाम> नहीं <नाम> पाओगे। उस सयम वहांपर जनरेटर से बिजली की व्यवस्था थी। इसकी सूचना रात में ही 100 नम्बर परपुलिस को <नाम> दी गयी थशी। आज सुबह करीब 9:00 बजे उपरोक्त पांचो व्यक्तिकरीब 40-50 लोगों की भीड़ लेकर कैम्प आफिस को घेर लिये जिसमें उपरोक्तपांचो व्यक्तियों के अलावा मिथिलेश, <नाम> <नाम> <नाम> चन्द्रशेखर जायसवाल,सुनील, <नाम> <नाम> गौड़, मुन्नी <नाम> चेरो, रितेश <नाम> <नाम> कन्नौजिया,मन्नू <नाम> मौजूद थे। सबके हाथ में लाठी, बल्लम जैसे हथियार थे तथा विनय,संजय व छप्पन चेरो क हाथ में कट्टा था। ये लोग कैम्प आफिस को घेरते हुएआगे बढ़ने लगे तथा प्रार्थी व अन्य कर्मचारियों ने उनको रोका तो वे लोग अपनेहाथ में लिये हथियार भांजने लगे और वहां खड़ी गाड़ियों को फूंक दिये जिससेकाफी लोग घायल हो गये। <नाम> व छप्पन ने <नाम> से मारने की नियत सेफायर भी किये और दोबारा लोड किया। इस फायर में अमन <नाम> <नाम> क पैरमें गोली लग गयी। कुछ लोग कैम्प आफिस में घुस गये और छत <नाम> चढ़ गयेव तोड़-फोड़ करने लगे। कैम्प आफिस में मौजूद कर्मचारियों को भयभीत <नाम> नौलाख रूपये लूट लिये और जाते समय गमछे में आग लगाकर कैम्प आफिस मेंफेक दिये जिससे कैम्प आफिस का कुछ सामान जल गया। इस घटना से प्रार्थी ooकाफी भयभीत है तथा मौके <नाम> दहशत का माहौल व्याप्त है। इस सूचना केआधार <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त सहित अन्य अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृतकिया गया। ", "प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त नामजद नहीं हैं। प्रार्थी- अभियुक्तद्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, <नाम> ही प्रार्थी-अभियुक्त घटना स्थल परमौजूद था। प््रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। सहअभियुक्तगण मुन्नी <नाम> व मिथिलेश, <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> की जमानतइस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य 40-50 अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर वादी फर्म द्वाराकिये जा रहे खनन कार्य के सम्बन्ध में हफता वसूली की मांग की जा रही थी। ्रार्थी- अभियुक्त अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ वादी फर्म के कैम्प आफिस परजाकर कैम्प आफिस <नाम> कार्यरत लोगों को मारा-पीटा जिसमें सात लोगों कोचोटें आयी। प्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर कॅम्प आफिस मेंरखा हुआ नौ लाख रूपया लूट लिया तथा वाहनो में आग लगा दिया। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया गया। ", "<नाम> अभियुक्तगण की जमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जाचुकी है। अभियोजन पक्ष द्वारा प्ररार्थी-अभियुक्त का कोई पूर्व का आपराधिकइतिहास नहीं बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_391_202116-03-2021325
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था तथा जमानत का कभी दुरूपयोग नहीं किया। प्रार्थीनियत <नाम> <नाम> <नाम> तो अपने अधिवक्ता से सम्पक <नाम> सका और नहीं उपस्थित होसका जिसके <नाम> अजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी रोजी-रोजगार केसिलसिले में सूरत चला गया था। इसलिए अदालत नहीं आ सका। प्रार्थी का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह दिनांक 02.03.2021 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है । प्रार्थी न्यायालय द्वारा निर्धारित शर्तों का अक्षरशः पालन करेगा। उक्तआधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/अभियुक्त को माननीय उच्चन्यायालय,इलाहाबाद द्वारा किमिनल मिस0 नंबर 33361/2008 रामरतन बनाम स्टेटमें पारित आदेश दिनांकित 10.12.2008 के अनुसरण में दिनांक 17.12.2008 कोजमानत बंध पत्रों के सत्यापन के <नाम> रिहाई आदेश जिला कारागार भेजे जाने काआदेश पारित किया गया। न्यायालय के आदेश दिनांकित 02.03.2021 के अनुसारअभियुक्त के विरूद्ध दिनांक 04.01.2016 एवं दिनांक 20.07.2019 को न्यायालय केसमक्ष अनुपस्थित रहने के अजमानतीय अधिपत्र जारी करने का आदेश पारित कियागया तथा लगातार जमानत का दुरूपयोग के दृष्टिगत अभियुक्त का अजमानतीयअधिपत्र निरस्तीकरण प्रार्थना पत्र निरस्त <नाम> <नाम> तथा प्रार्थी दिनांक 02.03.2021से जिला कारागार में निरूद्ध है। पत्रावली अभियोजन साक्ष्य में चल रही है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1058_201911-09-2019963
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा / पीड़िताद्वारा दिनॉक 01.06.2019 को पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र के यहाँ इस कथन केसाथ प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया कि ब्रहमदेव <नाम> पुत्र <नाम> प्रसादपाण्डेय, निवासी चनौली, थाना जुगैल जिला सोनभद्र द्वारा शादी का झॉसादेकर उसके साथ लगभग पाँच वर्ष <नाम> शारीरिक सम्बन्ध बनाया गया औरअब वह शादी से इन्कार <नाम> रहा है तथा दूसरी लड़की से शादी <नाम> रहा है। प्रार्थिनी को वह अपने साथ काफी <नाम> <नाम> अपनी पत्नी के <नाम> में रख चुकाहै तथा शादी से इन्कार <नाम> <नाम> और मारपीट के साथ रूपया पैसा कीमॉग <नाम> रहा है और उसे <नाम> से मारने की धमकी <नाम> रहा है। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प््ार्थी/अभियुक्त की प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रदिनॉक 20.08.2019 को अन्तर्गत धारा-376, 504, 506, 323 भारतीय दंण्डसंहिता एवं धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम2012 में गुण-दोष के आधार <नाम> निरस्त किया गया है। उसके पश्चात्‌विवेचक द्वारा मुकदमें में धारा-384, 420, 467, 471 भारतीय दंण्ड <नाम> कीबढ़ोत्तरी की गयी हैं। प्रार्थी द्वारा पीड़िता को भयभीत करके कोई सम्पत्ति यामूल्यवान प्रतिभूति प्राप्त करने की दृष्टि से हस्ताक्षरित नहीं कराया गया है 9और <नाम> ही बेइमानी से उत्प्रेरित करके उद्धापन किया गया है। प्रार्थी द्वाराकिसी प्रकार के कागजातें की हेरा-फेरी नहीं की गयी है और <नाम> किसीकागज की कूट <नाम> की गयी है और <नाम> ही कोई भी दस्तावेज याइलेक्ट्रानिक अभिलेख कूटरचित करके असल के <नाम> में प्रयोग किया गया है। अभियोजन पक्ष के पास ऐसा कोई भी ठोस साक्ष्य नहीं जिससे यह साबितकिया जा सके कि अभियुक्त द्वारा उपरोक्त धाराओं का अपराध किया गयाहै। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी है । ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहकथन किया गया है कि प्रस्तुत मामले में प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा नाबालिगपीड़िता के अभिलेख में छेड़छाड़ <नाम> तथा उसकी जन्मतिथि गलत तरीके सेअंकित <नाम> उसे अपनी पत्नी दर्शाते हुये उसका बैंक खाता खोलवाया गया हैतथा पीड़िता के चुनाव पहचान पत्र में भी हेरा-फेरी किया गया है। मामले कीविवेचना माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के दिशानिर्देश में सम्पादित कीजा रही है। अभियुक्त का इसी मामले में जमानत प्रार्थना पत्र धारा-376, 504,506, 323 भारतीय दंण्ड <नाम> एवं धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकोंका संरक्षण अधिनियम 2012 में निरस्त किया जा चुका है। अतः उपरोक्तधाराओं में भी अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्का को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में दौरान विवेचना अभियुक्त के विरूद्ध धारा-384,420, 467, 471 भारतीय दंण्ड <नाम> की बृद्धि की गयी है। दौरान विवेचनायह तथ्य दर्शाया गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता को <नाम> धमकाकर गलत तरीके से उसके शैक्षणिक प्रमाण पत्र को अपने कब्जे में लेकरउसके जन्मतिथि में परिवर्तन <नाम> एवं पीड़िता को बालिग दिखा <नाम> उसकेसाथ विवाह किये जाने तथा बतौर <नाम> पीड़िता का बैंक में खाता खोलवायेजाने एवं निर्वाचन सूची में पीड़िता का नाम परिवर्तित किये जाने का अभियोगहै। मुकदमा अपराध संख्या-114/2019 अन्तर्गत धारा-376, 504, 506, 323भारतीय दंण्ड <नाम> एवं धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षणअधिनियम 2012 में अभियुक्त की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा दिनॉक20.08.2019 को निरस्त की जा चुकी है। प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र उक्त-...3 द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1058 / 2019, _3अपराध संख्या से ही सम्बन्धित है। मामला गम्भीर <नाम> का है। मामले मेंविवेचना <नाम> प्रचलित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_708_201903-07-2019508
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि उन्होनें अपनी बड़ी लड़की <नाम> उफ <नाम> की शादी सतीशके साथ किया है। उसकी लड़की का दहेज उत्पीड़न का मुकदमा थाना बैढ़न मेंचल रहा है। उसके पड़ोस में <नाम> सिह के घर दिनांक 16.05.2019 को मुण्डनकार्यकम था जिसमें मेरे घर के सभी लोग गये थे तथा उसी कार्यकम में लड़कीनीलम का ननदोई <नाम> <नाम> व उसका परिवार आया था। जब वे लोग अपने घरआने लगे तो समय लगभग 4.00 बजे सायंकाल उनकी लड़की <नाम> <नाम> सिंहव उसके <नाम> से पूछताछ करने लगी तो <नाम> <नाम> <नाम> व चिन्ता गाली-गुप्तादेना शुरू <नाम> दिये तथा <नाम> करने <नाम> उक्त लोगों ने उनकी लड़की <नाम> उर्फरेशमी व पुर्णिमा, किरन <नाम> व पत्नी विद्यामती को लाठी-डण्डा से मारे पीटेजिससे उनकी लड़कियों को काफी चोटें आयी। दवा इलाज कराने के आद थानेपर आकर सूचना <नाम> रहा है। आवश्यक कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। उसे फर्जी ढंग से फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। वादी व अभियुक्त आपस में रिश्तेदार हैं। दहेज उत्पीड़न के मुकदमें की रंजिशको लेकर वादी द्वारा झूठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्जकरायी गयी है। प्रार्थी के विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थी-अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी व उसकी पुत्रियों कोमारा-पीटा गया जिससे <नाम> के सिर <नाम> गम्भीर चोटें आयी हैं। प्रार्थी-अभियुक्तद्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "<नाम> <नाम> के सिर <नाम> आयी चोटें निश्चित <नाम> से गम्भीरप्रकृति की है परन्तु अभियुक्त <नाम> <नाम> के शरीर <नाम> भी नाजुक अंगों <नाम> चोटेंआयी हैं। इससे प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा है कि पक्षकारों के मध्य मार- 9पीट की घटना हुई है जिसमें किसी पक्षकार को कुछ कम तथा किसी पक्षकारको अधिक चोटें आयी हैं। उल्लेखनीय है कि दोनों पक्षकार आपस में रिश्तेदार भीहैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1342_201906-12-2019255
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक-11.04.2019 को उप निरीक्षक मनेश शांकर <नाम> मय हमराहियान देखभाल क्षेत्र,जांच प्रार्थना पत्र, विवेचना व रोकथाम जुर्म में <नाम> में थे कि दूरभाष से मारपीटकी सूचना प्राप्त होने <नाम> वह घटना स्थल <नाम> पहुंचे। पुलिस कर्मियों देखकर्रार्थी-अभियुक्त जंगल की तरफ भाग गया। उसका नाम पता दूरभाष से संदेशदेने वाली <नाम> से पूछा तो उन्होंने प्रार्थी-अभियुक्त का नाम व पता बतायातथा यह भी बताया कि प्रार्थी-अभियुक्त झारखण्ड का अपराधी है व <नाम> अवतारके घर प्रार्थी-अभियुक्त की ससुराल है। प्रार्थी-अभियुक्त के अपराधी होने कीशंका के आधार <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त के भागने वाले स्थल <नाम> अवतार के घर कीतलाशी ली गई तो घर के सामने जानवरों के रहने वाले छप्पर की थाम्ह में एकप्लास्टिक के थैले में 11 अदद कपनी मेड विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ जोतेलंगाना की कंपनी का बना हुआ था। छप्पर की सावधानी पूर्वक तलाशी लेने परलकड़ी व घास-फूस के बीच एक अवैध दो नाली कंपनी मेड बंदूक बरामद हुई । उक्त बरामद बंदूक के बारे में मौके <नाम> उपस्थित प्रार्थी-अभियुक्त के साले दयाशंकर से पूछा गया तो उसने बताया कि उसके <नाम> यह बंदूक झारखण्ड सेलाये हैं और इसे लेकर जंगल में शिकार करने जाते हैं। बरामद विस्फोटक वबंदूक को कब्जा पुलिस में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर प्रार्थी-अभियुक्त केविरुद्ध उपर्युक्त मुकदमा दर्ज कराया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि उसे पुलिस द्वारा फर्जी व मनगढ़ंत कहानी के आधार परषड्यंत्र के तहत नामित किया गया है। अभियोजन कथानक असत्य है। प्रार्थी- 9अभियुक्त की <नाम> से पुरानी रंजिश होने के <नाम> उसने पुलिस की साजिशसे प्रार्थी-अभियुक्त को नामित <नाम> <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराधनहीं किया है। वह निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कथित बरामदगीअसत्य, मनगढ़ंत, संदिग्ध व <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक-26.06.2019 से न्यायिक अभिरक्षा मेंजिला कारागार, गढ़वा, झारखण्ड में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा कि प्रार्थी -अभियुक्त द्वारा अपनी ससुराल में रखा गया अवैध विस्फोटक पदार्थ व एक अदददो नाली बंदूक पुलिस द्वारा बरामद की गई है। अपराध गंभीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया है कि जिस स्थान सेविस्फोटक पदार्थो की बरामदगी कही जाती है, उस छप्पर में अभियुक्त काअनन्यतः कब्जा नहीं है, इसलिये यह नहीं कहा जा सकता है कि इसी अभियुक्तने उक्त विस्फोटक पदार्थ जमा करक रखे थे। ", "पुलिस द्वारा अभियुक्त का जो आपराधिक इतिहास प्रस्तुत कियागया है, उनमें से 2 मामले प्रस्तुत केस से ही संबंधित हैं तथा एक मामला अ.सं-81/2017 झारखण्ड से संबंधित है, परंतु यह नहीं कहा गया है कि अभियुक्त कोकिसी मामले में दोषसिद्ध किया गया है। ", "गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_749_201910-07-2019446
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसका वाहन नम्बर- यू0पी0 64 टी 5582कृष्णशीला परियोजना में दो <नाम> से लगा है। यह वाहन उसके माता <नाम> केनाम से है। उसका वाहन आवास सं0- के डी 3-6 के पास खड़ा रहता है। उसकी गाड़ी के बीच वाली सीट <नाम> एक <नाम> कूलर भी था जिसे दिनांक 28.05.2019 की रात में अज्ञात चोरों द्वारा आगे के दोनों टायर रिम सहित एवंस्टेपनी व कूलर चुरा ले गये। टायर का साइज 215/75 आर 15 है। प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> आवशयक कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि प्रार्थी को गलततरीके से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं कियाहै। प्रार्थी-अभियुक्त को <नाम> तो मौके <नाम> गिरफ्तार किया गया है और <नाम> हीप्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से चोरी का कोई सामान बरामद किया गया है। सहअभियुक्त के बताने के आधार <नाम> प्रार्थी का नाम <नाम> में आया है। सहअभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर वादी के वाहन का तीनटायर रिम सहित व वाहन में रखे हुए <नाम> कूलर चोरी <नाम> लिया गया था । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात चोर के विरुद्ध दर्जकरायी गयी है। अभियोजन पक्ष द्वारा प्रार्थी-अभियुक्त को मौके से भागना बतायागया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_869_202021-08-202044
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "बनामउत्तर प्रदेश राज्य । मुकदमा अपराध संख्या-55/ 2020,धारा-419, 420, 406, 467, 468, 471भारतीय दंण्ड <नाम> । थाना-पन्नूगंज, जिला सोनभद्र । आदेशयह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प््रार्थी/अभियुक्त हनुमान <नाम> द्वारामुकदमा अपराध संख्या-55,/2020, अन्तर्गत धारा-419, 420, 406, 467, 468, 471भारतीय दंण्ड <नाम> थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र के मामले में प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थना पत्र में किये गये कथन क समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि :-वादी मुकदमा <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 <नाम> निवासी सरई, पोस्टरामगढ़, थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट, सोनभद्र के न्यायालय मेंधारा-156(3) दंण्ड प्रकिया <नाम> के तहत इस कथन के साथ प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया कि प्रार्थी तथा अभियुक्त हनुमान <नाम> उफ <नाम> शांकर पुत्र <नाम> नरायनसिंह का एक दूसरे से अच्छा सम्बन्ध रहा तथा आवश्यकता पड़ने <नाम> एक दूसरे से पैसोंका लेन-देन होता रहा। हनुमान <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> <नाम> के ऊपर प्रार्थी कारू0 9,00,000 / (नौ लाख रूपये) का कर्ज बकाया है जिसकी मॉग करने <नाम> अभियुक्तजो एक चालाक व फितरतबाज किस्म का व्यक्ति है, प्रार्थी को इलाहाबाद बैंक शाखारामगढ़, सोनभद्र के अपने खाते से रू0 9,00,000/-(नौ लाख रूपये) का चेक खातासंख्या-<फ़ोन-नंबर>1 भर <नाम> अपना हस्ताक्षर <नाम> <नाम> और कहा कि उसका उक्तबैंक में <नाम> <नाम> के नाम से खाता है। प्रार्थी, अभियुक्त की बातों <नाम> विशवास करउक्त चेक को जिला सहकारी बैंक लिमिटेड मिर्जापुर शाखा रामगढ़, सोनभद्र के खातासंख्या-<फ़ोन-नंबर>2 में भुगतान <नाम> जमा किया तो बैंक द्वारा उक्त मूल चेक इसज्ञापन के साथ वापस <नाम> <नाम> गया कि चेक <नाम> लिखा गया खाता संख्या गलत हैतथा हस्ताक्षर भी गलत है और यह भी बताया गया कि उक्त चेक संख्या अभियुक्तइनुमान <नाम> के नाम से इलाहाबाद बैंक शाखा रामगढ़, सोनभद्र से जारी किया गयाहै। उक्त हनुमान <नाम> ने प्रार्थी के साथ छल करने <नाम> एक कूट रचित झूठा हस्ताक्षरकर धोखाधड़ी करने की नियत से उक्त चेक <नाम> था। जब प्रार्थी ने इस बात कोअभियुक्त से बताया तो उसने कहा कि एक भी बकाया पैसा नहीं देगा। अभियुक्त नेप्रार्थी का बकाया रू0 9,00,000/~(नौ लाख रूपये) गबन <नाम> लिया है और प्रार्थी केसाथ धोखाधड़ी व छल करने <नाम> कूट रचित चेक <नाम> था। प्रार्थी इसकी सूचना थानेपर <नाम> था किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई । ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह Bail Application 869/2020 -Hanuman singh Vs. State Government 2आधार लिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है । प्रार्थी के विरूद्ध वादी मुकदमा द्वारा गलत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। चेक सेसम्बन्धित हर प्रकार के अपराधों <नाम> अलग से विशेष अधिनियम बनाया गया है परन्तुवादी मुकदमा सिफ पुलिस से साजिश <नाम> कानून से परे अभियोग पंजीकृत <नाम> दियाहै। प्रार्थी द्वारा वादी मुकदमा के साथ कोई छल कूट <नाम> नहीं किया गया है। वादीमुकदमा समाज मे प्रार्थी का अपमान करना चाहता है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोअग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प््रार्थी/अभियुक्तद्वारा वादी मुकदमा के साथ छल करते हुये कूट रचित तरीके से फर्जी चेक <नाम> गयाहै। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया गया। ", "प्रशम सूचना रिपोर्ट के अनुसर वादी मुकदमा तथा प्रार्थी / अभियुक्त केमध्य अच्छे सम्बन्ध थे। वादी मुकदमा का प्रार्थी/अभियुक्त हनुमान <नाम> उर्फ विजयशंकर <नाम> रू0 9,00,000/-(नौ लाख रूपये) का कर्ज बकाया था। वादी मुकदमा द्वाराबकाया पैसे की माग करने <नाम> प््रार्थी/अभियुक्त ने उसे रू० 9,00,000/-(नौलाख रूपये) का चेक प्रदान किया। वादी मुकदमा द्वारा उक्त चेक को जिला सहकारीबैंक लिमिटेड मिर्जापुर शाखा रामगढ़, सोनभद्र के खाता संख्या-<फ़ोन-नंबर>2 मेंभुगतान <नाम> जमा किया गया तो बैंक द्वारा इस ज्ञापन के साथ वापस <नाम> <नाम> गयाकि चेक <नाम> लिखा गया खाता संख्या गलत है एवं हस्ताक्षर भी गलत है। ", "दौरान विवेचना विवेचक ने वादी मुकदमा का बयान केस डायरी क पर्चासंख्या-3 दिनॉकित 29.06.2020 में <नाम> किया है। विवेचक को दिये गये बयान मेंवादी मुकदमा ने प्रथम सूचना रिपोर्ट का समर्थन किया है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त ने अपने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र 3-क में यह कहींनहीं कहा है कि उसने वादी मुकदमा से रू0 9,00,000/-(नौ लाख रूपये) नहीं लियाथा और यह भी कहीं नहीं कहा है कि उसने वादी मुकदमा को तथाकथित चेक नहींदिया था। प्रार्थना पत्र 3-क के पैरा-5 में यह कहा गया है कि वादी जब अभियुक्तद्वारा चेक प्राप्त किया तो उस <नाम> <नाम> <नाम> लिखा था तो उसे तुरन्त पूछनाचाहिये था परन्तु वादी द्वारा ऐसा नहीं किया गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादी मुकदमाने यह भी लिखा है कि जब प्रार्थी/ वादी ने उक्त बातें प्रार्थी/अभियुक्त से बताया तोवह प्रार्थी/वादी से कहने लगा कि एक भी बकाया पैसा नहीं दूँगा, जो करना हो करलो देख लूँगा । ", "्रार्थी/ अभियुक्त ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र 3-क के पैरा-6 में यहकहा है कि चेक से सम्बन्धित हर प्रकार के अपराधों <नाम> अलग से विशेष अधिनियमबनाया गया है परन्तु वादी मुकदमा पुलिस से साजिश <नाम> कानून से परे दो अभियोगपंजीकृत <नाम> <नाम> है। यदि कुछ समय के लिये प्रार्थना पत्र 3-क क पैरा-6 में कियेगये कथन को मान लिया जाय तो एन0आई0 ऐक्ट की धारा-138 के तहत मात्र दो वर्षके कारावास की व्यवस्था है जो जमानतीय अपराध की श्रेणी में आता है। आर0के0कृष्ण <नाम> बनाम आसाम राज्य (1998) कि0० लॉ जनरल-848 (सुप्रीम कोर्ट) के मामलेमें यह व्यवस्था दी गयी है कि जमानतीय अपराध में अग्रिम जमानत प्रदान करने काप्रश्‍न नहीं उठता है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानतप्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है। इस सन्दर्भ में यह उल्लिखित करना भी समीचीन प्रतीतहोता है कि प्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(४) दंण्ड प्रकिया <नाम> के दृष्टिगत ऐसा हDigitally signeBail Application 869/2020 -Hanuman singh Vs. State Government 3कोई तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से उपस्थापित नहीं किया गयाहै जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि प्रार्थी को गिरफूतार <नाम> <नाम> क्षति पहुँचानेया उसे अपमानित करने के उद्देश्य से अभियोग लिखाया गया है। ", "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से सन्दर्भित सम्मानित निर्णयों एन0 हरिहराकृष्णन बनाम जे0 थॉमस 2017(4) सी0सी0एस0सी0 2120 (एस0सी0) तथा लक्ष्मीडाईकेम बनाम गुजरात राज्य एवं अन्य 2013(2) सी0सी0एस0सी० 9३9 (एस0सी0) मेंप्रतिपादित सिद्धान्तों का कोई <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को प्राप्त नहीं होगा। " ] }
0DENIED
Bail Application_757_201917-07-2019302
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 13.07.2015 को सुबह 7.15 बजे कन्‍्हारी वन ब्लाक ग्रामउम्भा जिला सोनभद्र की वन <नाम> आराजी सं0- 108 ख रकबा 955 बीघा 15विस्वा में वानिकी कार्य कराने <नाम> श्रमिक लेकर आ रहा था तो रास्ते में निम्नव्यक्तियों <नाम> बहादुर गोड़, <नाम> भगवान <नाम> <नाम> <नाम> जियावन, छोटेलाल, सन्तलाल, बसन्त <नाम> रामराज, दीगपाल, <नाम> <नाम> सोनू <नाम> वश्यामलाल ने रास्ते में रोक <नाम> और फावड़े छीन लिये तथा धमकाने लगे किउस स्थान <नाम> <नाम> करोगे तो <नाम> से मारे जाओगे। वादी मौके <नाम> आया तोअतिकमणकारियों द्वारा धमकी दी जा रही थी कि इस स्थान <नाम> <नाम> कराओगेतो तुम्हे भी बुरी तरह से पीटा जायेगा। मौके की स्थिति भांपते हुए श्रमिकों केसाथ चौकी <नाम> वापस आ गया । ये लोग शातिर दिमाग के हैं कभी भी किसी भीसमय अप्रिय घटना को अन्जाम <नाम> सकते हैं। इनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही कीजाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प््रार्थी-अभियुक्त कोझूठा व रंजिशन फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। घटना के मुताबिक वानिकी कार्य कराये जाने वाले स्थान को वन <नाम> कहा जाताहै किन्तु पत्रावली में वन <नाम> होने का कोई प्रलेखीय साक्ष्य दाखिल नहीं कियागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट काफी विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। सहअभियुक्तगण की जमानत अवर न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी-अभियुक्त मजदूर है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ्रार्थी-अभियुक्त दिनाक 01.07.2019 से जेल में निरूद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किवन विभाग द्वारा वन <नाम> <नाम> वानिकी का कार्य कराये जाने <नाम> श्रमिकों को लेजाया जा रहा था तो प््रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर कार्यकराये जाने से रोक <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा सरकारी कार्य में बाधाउत्पन्न की गयी है। " ], "judge-opinion": [ " —_ 2 __सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त द्वारा अन्तरिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की तिथि01.03.2016 से ही वह फरार हो गया तथा दिनांक 01.07.2019 को वह पुनःन्यायालय के समक्ष हाजिर हुआ। विद्वान मजिस्ट्रेट द्वारा इसे गम्भीरता से लेते हुएउसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया गया। अभियुक्त दिनांक 01.07.2019 सेकारागार में निरूद्ध है। ", "अपराध की <नाम> तथा अभियुक्त द्वारा जमानत आदेश काउल्लंघन किये जाने से सम्बन्धित केस की समग्रता <नाम> विचार करने के उपरान्तगुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1152_201914-10-2019691
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> प्रसादने थाने <नाम> दिनांक 19.06.2019 को सूचना <नाम> कि वह अवर अभियन्ता के पदपर डिबुलगंज में कार्य करता है। उसके सब स्टेशन 132/33 केवी <नाम> सेनिकलने वाली 33 हजार खड़िया/ शक्तिनगर आने वाली राजा परसवार रेलवेलाइन के पीछे करीब 400 मीटर तार दिनांक 18.06.2019 की भोर में अज्ञात चोरोंद्वारा काट लिया गया जिससे बिजली व्यवस्था बाधित हो गयी है। अज्ञात चोरोंके विरुद्ध कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष हैं। उन्होनें कोई अपराध कारित नहीं किया है। उन्हें सजिश के तहत फर्जी ढंग सेफंसाया गया है। फर्द बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्तगणके कब्जे से चोरी का बिजली का तार का बण्डल बरामद नहीं किया गया है। ्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्तगण केविरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थी-अभियुक्तगण दिनांक 29.08.2019 सेजिला कारागार में निरुद्ध हैं । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्तगण के कब्जे से चुराया गया बिजली का तार 150 मीटर काबण्डल बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ooप्रस्तुत मामले में विद्युत सब स्टेशन 132/33 के0वी0 <नाम> सेनिकलने वाली 33000 खड़िया-शक्तिनगर विद्युत लाइन का 400 मीटर तारअज्ञात चोरों द्वारा काट लिया गया जिससे विद्युत व्यवस्था आधित हो गयी। ", "अभियुक्तगण के कब्जे से 150 मीटर उक्त तार बरामद हुआ। अभियोजन पक्ष द्वारा यह बहस की गयी कि 33000 के0वी0 के विद्युत तार खुलेबाजार में 150 मीटर के टुकड़े में नहीं मिलते हैं बल्कि <नाम> पूरा बण्डल आताहै जिसका कोई स्पष्टीकरण बचाव पक्ष नहीं <नाम> सका कि उसके पास उक्त तारकहां से आये। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी कहा गया है कि इस प्रकार केअपराध से <नाम> द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं आदि <नाम> भीप्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ", "अभियुक्तगण द्वारा अपने जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में यह भीनहीं बताया गया कि पुलिस व विद्युत विभाग से उनकी क्या रंजिश थी जिसकेकारण उन्हें गलत तरीके से फंसाया जायेगा। " ] }
0DENIED
Bail Application_1359_201902-01-2020775
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी विकासकुमार, निरीक्षक, के.औ.सु.ब., अनपरा, सोनभद्र ने दिनांक-08.10.2019 को 20.40बजे थाना-अनपरा <नाम> इस आशय की टाइपशुदा तहरीर दी कि दिनांक-08.10.2019 को ए.टी.पी.पी., अनपरा संयत्र में कार्यरत सुरक्षा <नाम> को लगभग18.10 बजे 3 संदिग्ध व्यक्ति कुछ सामान के साथ अंदर से चहारदीवारी की तरफआते हुए दिखाई पड़े। शक होने <नाम> उन्हें रोका गया तो वे अंधेरे एवं जंगल,झाड़ी का फायदा उठाकर अलग-अलग <नाम> में भागने का प्रयास किये जिनकापीछा करने <नाम> एक व्यक्ति को रंगे हाथ लोहे के सामान के साथ पकड़ लियागया तथा 2 व्यक्ति सामान फेंक <नाम> चहारदीवारी के सहारे बाहर भागने में सफलरहे। चहारदीवारी के बाहर सुरक्षा <नाम> द्वारा चेक करने <नाम> बाहर जंगल में 3साइकिल छिपाई हुई हालत में दिखी जिन्हें जब्त किया गया। पकड़े गये व्यक्तिकी तलाशी लेने <नाम> उसके कब्जे से एक सिल्वर कलर का टूटा हुआ मोबाइलबरामद हुआ तथा उसके पास अंदर आने का कोई वैध दस्तावेज नहीं था। अंदरआने का <नाम> संतोषजनक नहीं था। नाम पता पूछने <नाम> उसने अपना नामअशोक <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी-एच.ई.सी.एल. कॉलोनी, लैंको गेट,अनपरा,सोनभद्र बताया। भागने वाले दोनों व्यक्तियों का नाम कमशः <नाम> व मनीषबताया। पकड़े गये व भागे हुए दोनों व्यक्तियों के कुल सामान का वजन 85 कि.ग्रा. था। उक्त लोहे के सामान का प्रयोग संयत्र के अंदर किया जाता है। सुरक्षाकर्मियों ने उक्त व्यक्ति के थाना-अनपरा में सुपुर्द किया। वादी की उक्त आशयकी तहरीर <नाम> थाना-अनपरा में <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> क विरुद्ध असं-196/2019 अंतर्गत <नाम> 379, 411 भा.दं.सं. में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की 2गई । ", "प्रार्थीगण-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि प््रार्थीगण-अभियुक्तगण निर्दोष हैं। उन्हें पुलिस द्वारा फर्जी ढंग से फंसाया गया है। अभियोजन कथानक गलत व बेबुनियाद है। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण दिनांक-08.10.2019 को अनपरा संयत्र में नहीं गये थे। उन्हें शांका के आधार <नाम> नामजदकिया गया है। थाना-अनपरा की पुलिस ने उन्हें घर से उठाकर फर्जी मुकदमें मेचालान <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण मौके <नाम> नहीं पकड़े गये हैं। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थीगण-अभियुक्तगण अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादी के अनपरा संयत्रसे लोहे के सामान की चोरी की गई है जो <नाम> अभियुक्त के कब्जे से बरामदहुआ है तथा प्रार्थीगण-अभियुक्तगण का पीछा करने <नाम> ये भागने में सफल रहे। अपराध गंभीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्तगण मौके से नहीं पकड़े गये हैं। अभियुक्त <नाम> कुमारके बताने के आधार <नाम> इन्हें नामित किया गया है। आरोप पत्र भी न्यायालय मेंप्रेषित किया जा चुका है। थाने की आख्या दिनांकित-30.11.2019, जो उपनिरीक्षक थाना-अनपरा तेरस <नाम> <नाम> द्वारा प्रेषित की गई है, में अभियुक्तगणका इस मुकदमें के अलावा अन्य कोई आपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_541_202028-05-2020509
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> अवध <नाम> पुत्रस्व0 दीनानाथ <नाम> निवासी ग्राम हरदी पड़रछ, थाना कोन जिला सोनभद्र ने दिनाक11.03.2020 को थाना कोन जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकराया कि दिनॉक 07.03.2020 को लगभग 11:00 बजे <नाम> उदसकी पुत्री पीड़िता उम्र लगभग13 वर्ष उच्चतर प्राथमिक विद्यालय झिरगाडंण्डी पढ़ने गयी थी। जब <नाम> <नाम> घर नहीं लौटीतो प्रार्थी अगल-बगल व अपने रिस्तेदारों के यहाँ पता किया परन्तु कोई पता नहीं चला। बादमें बच्चों से पता चला कि विद्यालय के बगल का लड़का <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> गोविन्दश्रीवास्तव ने उसकी पुत्री को बहला फुसला <नाम> बस द्वारा कहीं लेकर चला गया। इसके पूर्ववह लड़की से कई बार छेड़खानी <नाम> चुका था। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी निर्दोषहै उसे गलत तरीके से उपरोक्त मुकदमा में अभियुक्त बनाया गया है। अभियोजन कथानकगलत है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज कराया गया है। प्रार्थी को पीड़िता केसाथ आते- जाते किसी व्यक्ति ने नहीं <नाम> है। धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> के बयान मेंपीड़िता ने प्रार्थी द्वारा उसे भगाने की बात नहीं बतायी है बल्कि स्वयं जाने की बात कही है। प्रार्थी एक छात्र है उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पीड़िता का कोई मेडिकल रिपोर्टप्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को बहला फुसला <नाम> उसकाव्यपहरण किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "उङ्क2प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त द्वारा नाबालिगपीड़िता का व्यपहरण करने का तथ्य रखा गया है। यद्यपि कि पीड़िता द्वारा अपने बयानअन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में यह कहा गया है कि वह अपनी इच्छा से अभियुक्तके साथ वाराणसी एवं दिल्ली गयी थी। चूँकि पीड़िता अवयस्क की श्रेणी में आती है, अतःअभियुक्त द्वारा अभिकथित अपराध पीड़िता के विरूद्ध नहीं अपितु पीड़िता क संरक्षक क विरूद्धकारित किया गया है। ऐसी स्थिति में अप्राप्तवय पीड़िता की सहमति का कोई महत्व नहीं है। जहाँतक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा पीड़िता की आयु निर्धारण के सम्बन्ध में जो तकंकिया गया है कि अनुसंधान के कम में मेडिकल बोर्ड, सोनभद्र द्वारा पीड़िता को वयस्क पायाजाना अभियुक्त की जमानत के लिये पर्याप्त है, इस सन्दर्भ में अभियोजन पक्ष द्वारा पीड़िता केविद्यालयीय अभिलेख न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि09.08.2006 दर्शायी गयी है जो पीड़िता को घटना के समय अवयस्क होना दर्शाता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_666_202026-06-2020320
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "बनामउत्तर प्रदेश राज्य । मुकदमा अपराध संख्या-19/ 2020,धारा-147, 149, 323, 504, 506, 427, 452, 307,325 भारतीय दंण्ड <नाम> । थाना-रायपुर, जिला सोनभद्र । आदेशयह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प््रार्थी/अभियुक्त <नाम> विश्वकर्माद्वारा मुकदमा अपराध संख्या-19/2020, अन्तर्गत धारा-147, 149, 323, 504, 506, 427, 452,307, 325 भारतीय दंण्ड <नाम> थाना रायपुर, जिला सोनभद्र के मामले में प्रस्तुत किया गयाहै। प्रार्थना पत्र में किये गये कथन के समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> पुत्ररामनिरंजन <नाम> निवासी ग्राम दूबेपुर, थाना रायपुर जिला सोनभद्र ने दिनॉक 19.05.2020 कोथाना रायपुर जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनाक19.05.2020 को समय लगभग 07:30 बजे सुबह उसके गाव के रजल <नाम> पुत्र मगनविश्वकर्मा, <नाम> <नाम> पुत्र खुरधन <नाम> <नाम> प्रजापती व <नाम> प्रजापती पुत्रगण पप्पूप्रजापती, <नाम> <नाम> पुत्र रजल विश्‍वकर्मा, <नाम> <नाम> पुत्र रामजतन विश्वकर्मा,रामनिहोर <नाम> पुत्र खुरधन <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र रामनिहोर <नाम> रमाकान्त हरिजन पुत्ररामसूरत हरिजन एवं अन्य आज्ञात व्यक्ति लाठी डंडा से लैस होकर प्रार्थी और उसकमाता-पिता को माधरचोद आदि गाली देते हुये प्रार्थी के मकान को चारो तरफ से घेर करलाठी डंडा व पत्थर से मकान का खपड़ा व सीमेंट की शीड तोड़ दिये। जब उसके घर वालेबोले कि ऐसा क्यों <नाम> रहे हो तब उक्त सभी व्यक्ति एक <नाम> होकर उसके घर का दरवाजातोड़ <नाम> घर के अन्दर घुस <नाम> <नाम> से मारने की नियत से लाठी डंडा से उसके माता-पिताको मारने-पीटने लगे तथा <नाम> से मार डालने की धमकी दिये। प्रार्थी और उसके घर कलोग बाहर भागे तो लाठी डंडा से मारे तथा डंडा से पीट <नाम> ट्रैक्टर को क्षतिग्रस्त करदिये एवं दुकान का सामान भी तोड़ <नाम> फेक दिया। प्रार्थी ने 112 नम्बर <नाम> डायल किया तबउक्त मुल्जिमान <नाम> से मारने की धमकी देते हुये चले गये। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी कोगलत तरीके से उपरोक्त मुकदमा में झूठा मुल्जिम बनाया गया है। अभियोजन कथानक असत्य,मनगढ़न्त एवं <नाम> है। प्रार्थी की गिरफूतारी एवं प्रताड़ना की प्रबल सम्भावना है जिससेप्रार्थी की अपूर्णनीय क्षति होगी। अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> होने के पश्चात्‌ प्रार्थी के पलायन कीकोई सम्भावना नहीं है बल्कि प्रार्थी विवेचनामें विवेचक का पूर्ण सहयोग करेगा। वादी मुकदमाके सगे <नाम> गोरख <नाम> <नाम> उफ गोलू <नाम> के विरूद्ध थाना रायपुर जिला सोनभद्र में दर्जमुकदमा अपराध संख्या-18/ 2020, अन्तर्गत धारा-302, 201 भारतीय दंण्ड <नाम> से बचाव 2के लिये उपरोक्त मुकदमा साजिशन झूठे कथानक <नाम> दर्ज कराया गया है। वादी मुकदमा द्वाराप्रार्थी के अलावा गॉव के अन्य लोगों को भी मुल्जिम बनाया गया है ताकि वे लोग अपराधसंख्या- 18/2020 के मुकदमें में गवाही <नाम> <नाम> सकें और दबाव में आकर सुलह <नाम> लें। वादीमुकदमा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में विवाद का <नाम> एवं अपराध संख्या-18/2020 के बारेमें कुछ नहीं लिखा गया है। अभियोजन कथानक चिकित्सीय अभिसाक्ष्यों से समर्थित नहीं हैतथा आघात आख्या में ऐसी कोई चोट प्रदर्शित नहीं है जिससे धारा-307 भारतीय दंण्डसंहिता का मामला बनता हो। सभी चोटें साधारण <नाम> की हैं। प्रार्थी के पुत्र <नाम> विश्वकर्माकी हत्या वादी मुकदमा के <नाम> गोरखनाथ <नाम> उर्फ गोलू द्वारा दिनक 16.05.2020 की रात्रिमें <नाम> दी गयी तथा उसके लाश को एक गड्ढे में छिपा <नाम> गया था जिसके बावत अपराधसंख्या-18/ 2020, अन्तर्गत धारा-302, 201 भारतीय दंण्ड <नाम> थाना रायपुर जिला सोनभद्रमें दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी मृतक <नाम> <नाम> का पिता है तथा मृतक एवं गोलू <नाम> उर्फगोरखनाथ <नाम> के बीच हुये विवाद का बेहतर <नाम> है। प्रार्थी उपरोक्त मुकदमा में नामितनहीं है उसका नाम साजिशन <नाम> में लाया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने कीयाचना की गयी है। ", "इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिल <नाम> वादी मुकदमा एवं उसके माता-पिताको गाली <नाम> देते हुये लाठी डंडा से मारा-पीटा गया तथा उसके घर के खपरेल एवं ट्रैक्टरतथा दुकान के सामान को लाठी डंडा से तोड़ <नाम> क्षतिग्रस्त किया गया है। वादी मुकदमाद्वारा 112 नम्बर <नाम> डायल करने <नाम> अभियुक्त द्वारा उसे <नाम> से मारने की धमकी दी गयीहै। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा अभियोजन पक्ष क तर्को को सुना एवंप्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिल <नाम> वादी मुकदमा व उसके माता-पिता को मारने-पीटने, गालीगुप्ता व <नाम> से मारने की धमकी देने तथा उसके ट्रैक्टर को क्षतिग्रस्त करने का तथ्य रखागया है। <नाम> अभियुक्तगण की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-613/2020, <नाम> यादवआदि बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व 614/2020, <नाम> <नाम> आदि बनाम उत्तर प्रदेश राज्यमें पारित आदेश दिनाक 09.06.2020 द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/अभियुक्त कीभूमिका <नाम> अभियुक्तगण से भिन्न नहीं बतायी गयी है। अभियोजन द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास इस स्तर <नाम> प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_966_202031-08-20201013
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{ "facts-and-arguments": [ "31.08.2020अभियुक्त एम्तियाज अहमद उर्फ मिटठू पुत्र <नाम> मुन्ने अली निवासी नईमस्जिद के पास राबर्टदसगंज, सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 13.08.2020 को उपनिरीक्षक योगेन्द्र <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> रोकथाम जुर्मजरायम एवं जांच प्रार्थना पत्र एव भ्रमण में मामूर होकर महिला थाना तिराहे परमौजूद था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि दो व्यक्ति अपने अपने दाहिनेहाथ में एक सफेद प्लास्टिक का झोला लिए रेलवे लाइन की पटरी पकड़ <नाम> रेलवेकासिंग से पार करके रेलवे स्टेशन राबर्दसगंज की ओर पैदल जा रहे है। इससूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची तो दो व्यक्ति रेलवे पटरी केपूरब तरफ नीचे से दक्षिण रूख करके आ रहे थे कि एकाएक पुलिस <नाम> कोदेखकर सकपकाते हुए पूरब तरफ इक्यूलिप्टस के बाग की ओर भागने लगे किकरीब 35:40 <नाम> जाते जाते हिकमत अमली से घेरकर समय करीब 07.00 बजेपकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाममुहम्मद अली अन्सारी पुत्र एखलाख अहमद एव दूसरे ने अपना नाम इम्तियाज अहमदउफ मिट्ठू पुत्र मुन्ने अली बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो अभियुक्तमुहम्मद अली अन्सारी के हाथ से बरामद झोले से दो किलोग्राम नाजायज गाजाएवं एक चाकू एवं अभियुक्त इम्तियाज अहमद उफ मिट्ठू के झोले से डेढ़ किलोग्रामनाजायज गाजा एवं एक चाकू बरामद हुआ। बरामद गांजा एवं चाकू रखने के संबंधमें अधिकार पत्र मांगा गया तो नही दिखा सके। अतः अभियुक्तगण को कारणगिरफतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्वसंबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर मालमुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजा मBail Application/2009/2020 -Imtiyaj ahamadh Vs. State Government 2वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं कियागया है। पुलिस द्वारा अभियुक्त को घर से पकड़कर थाने ले गयी और फर्जीबरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्त दिनांक 13.08.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो 500 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है,जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन०डी0पी०एस0०एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास बताया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0-531/ 20अन्तर्गत धारा-4/25 आयुध अधिनियम थाना राबर्दसगज जिला सोनभद्र में अभियोगपंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होनेके सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो 500 ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्पमात्रा से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त क विरूद्ध जो आपराधिकइतिहास होने का कथन किया गया है वह एन0०डी0पी0एस०एक्ट से संबधित नहीं हैबल्कि आयुध अधिनियम से संबधित है। आयुध अधिनियम में संबंधित न्यायालय द्वाराअभियुक्त की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 13.08.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1326_201904-12-2019282
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{ "facts-and-arguments": [ "04.12.2019आदेशयह जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर सेप्रस्तुत किया गया है, जो वारण्ट <नाम> जिला कारागार में निरूद्ध है। सक्षेप में प्राथी/ अभियुक्त <नाम> <नाम> का कथन है किवह गरीब, शिक्षित बेरोजगार युवक है और मजदूरी करने <नाम> बाहर चलागया था। जिस <नाम> नियत <नाम> <नाम> न्यायालय नही आ सका औरउसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प््रार्थी/अभियुक्त एक सीधा साधा शांतिप्रिय व्यक्ति है और पूर्व में जमानत पररहा है। वह भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय आता रहेगातथा वह दिनांक 15.10.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से जमानत का घोर विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा जमानत का घोर दुरूपयोग कियागया है और न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्त आधार <नाम> पातेहुए गैर जमानतीय वारण्ट निरस्त करने का प्रार्थना पत्र निरस्त <नाम> दियाहै । अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाय । " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को सुना तथा पत्रावली कासम्यक अवलोकन किया । पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि यह मामलावर्ष 2012 से लम्बित है। मामले में दिनांक 24.04.2012 को अभियुक्त कविरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है। जिस परन्यायालय द्वारा दिनाक 07.05.2012 को संज्ञान लिया गया। आदेश पत्रके अवलोकन से यह विदित होता है कि अब <नाम> अभियुक्त के विरूद्धआरोप विरचित नहीं हुआ है। अभियुक्त अन्तिम बार दिनांक 15.06.2016को न्यायालय में उपस्थित आया है। उसके <नाम> दिनांक 12.12.2016 कोअभियुक्त की हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुई जो स्वीकार कीगयी। तत्पश्चात दिनांक 07.03.2017 को अभियुक्त की ओर से प्रस्तुतहाजिरी माफी प्रार्थना पत्र अस्वीकार की गयी और अभियुक्त क विरूद्धगैर जमानतीय वारण्ट जारी करने का आदेश पारित किया गया। अभियुक्त के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा पारितजमानत आदेश दिनांक 08.05.2012 को घोर उल्लंघन किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_175_202003-03-2020122
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{ "facts-and-arguments": [ "बनामउत्तर प्रदेश राज्य। मुकदमा अपराध संख्या-03/ 2020धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियमतथा 11 पशु कूरता का निवारण अधिनियमथाना-रायपुर, जिला सोनभद्र03.03.2020:—प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त चन्द्रिका की ओर सेमुकदमा अपराध संख्या-03/2020, अन्तर्गत धारा-धारा-3/5ए/8 गोवध निवारणअधिनियम तथा 11 पशु कूरता का निवारण अधिनियम, थाना रायपुर जिला सोनभन्र मेंप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप इस प्रकार है कि दिनांक 09.01.2020 को जरिये खास सूचना <नाम> कि एक पिकप <नाम> नम्बर की सफेद व <नाम> <नाम> कुछगोवंश लादकर आ रहे हैं, जो बिहार जायेगी। इस सूचना <नाम> उपनिरीक्षक रायपुरहमरहीगण के साथ ग्राम तेनुआ नहर के पास खड़ा होकर उक्त पिकप के आने का इंतेजार करने लगे कि कुछ देर <नाम> एक पिकप तेनुआ नहर पकड़ <नाम> आ रही थी। पिकप को रोकने का प्रयास किया गया तो पुलिस वालों को देखकर उक्त पिकप केमालिक, चालक तथा खलासी पिकप को खड़ी <नाम> खेत से होते हुए जंगल की ओरभाग गए। भागते हुए तीनों व्यक्तियों <नाम> चालक व खलासी को पकड़ने काप्रयास किया गया, किन्तु वे जंगल की ओर भाग गये। उक्त पिकप के ऊपर तिरपालबंधा हुआ था, तिरपाल खोलकर <नाम> गया तो पिकप में 06 <नाम> गोवंश ठूस-ठूसकर भरा गया था तथा एक दूसरे का पैर व गर्दन बेरहमी से बांधे गये थे तथा बांधेगये 03 <नाम> बैल व 03 <नाम> गाय छटपटा रहे थे। पिकप को सुरक्षित स्थान परखड़ा <नाम> पशु चिकित्सक को बुलाया गया और गोवंश का दवा इलाज कराया गया। पकड़े गये गोवंश की स्थिति निम्न हैः:-1 <नाम> बैल चितकाबर पूँछ <नाम> <नाम> कालीखुर <नाम> <नाम> की ऊंचाई लगभग 6 अंगुल, ऊंचाई 12 मुठ्ठा, 2- एक <नाम> बैल,काली पूँछ, <नाम> <नाम> <नाम> खुर, <नाम> की ऊचाई 7 अंगुल ऊचाई लगभग 13 Bail Application/l75/2020 -Chandrika Vs. State Government 2मुठ्ठा, 3-एक <नाम> बैल कासहा रंग, पूँछ <नाम> <नाम> <नाम> खुर <नाम> <नाम> कीऊचाई लगभग 6 अंगुल ऊंचाई लगभग 12 मुठ्ठा। 4-एक <नाम> गाय रंग काला,सिंग <नाम> खुर <नाम> पूँछ <नाम> सिंघ की ऊचाई लगभग 6 अंगुल व ऊचाई 10मुठ्ठा, 5-एक <नाम> गाय रंग काला, <नाम> <नाम> खुर <नाम> पूँछ <नाम> सिंघ की ऊचाई लगभग 7 अंगुल व ऊंचाई 11 मुठ्ठा, 6-एक <नाम> गाय रंग शलहा, <नाम> <नाम> खुर <नाम> पूँछ <नाम> सिंघ की ऊचाई लगभग 8 अंगुल व ऊंचाई 12 मुठ्ठा। उक्त आधार <नाम> पिकप वाहन को सीज किया गया एवं अन्तर्गत धारा-3/5ए/8गोवध निवारण अधिनियम तथा 11 पशु कूरता का निवारण अधिनियम में प्रथम सूचनारिपोर्ट दर्ज की गयी। ", "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए अभियुक्त की ओर सेकथन किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी / अभियुक्त को थाना पुलिस द्वारा केवल उक्त पिकप वाहन का <नाम> होने केनाते अभियुक्त बना <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध घटना का कोई स्वतंत्रसाक्षी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात नाम के आधार <नाम> दर्ज की गयी है। ्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा यह भी कथन किया गया है कि मुकदमा उपरोक्त में <नाम> तोगोवंश का वध ही हुआ है, <नाम> ही उ0प्र0 राज्य के बाहर परिवहन ही होना पाया गयाहै और <नाम> ही दौरान निरीक्षण बाहन से परिवहन के बावत्‌ कोई प्राधिकार प्रपत्र याबुकिंग दस्तावेज ही बरामद हुआ हो और <नाम> ही वध क प्रयोजन <नाम> किसी घातकहथियार ही बरामद हुआ है। प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी/अभियुक्त के वाहनसे कोई बरामदगी नहीं है, फर्जी बरामदगी दिखाकर थाना पुलिस द्वारा प्रार्थी कोअभियुक्त बना <नाम> गया है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त के पिकप वाहन को घटनास्थल परपकड़ गया है और अभियुक्त का नाम विवेचना से <नाम> में आ चुका है, जो गोवंशको वध <नाम> बिहार ले जा रहे थे। अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य है। अभियुक्त कोयदि अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह उक्त अपराध की पुनरावृत्ति करसकता है तथा विवेचना में सहयोग <नाम> करने की सम्भावना है। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्का और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट हैकि प्रार्थी/अभियुक्त प्रश्‍नगत वाहन का <नाम> है। प्रार्थी/अभियुक्त घटनास्थल परमौजूद नहीं था। प्रार्थी के वाहन <नाम> वघ प्रयोनजन <नाम> किसी <नाम> हथियार बरामदनहीं हुआ है। हBail Application/l75/2020 -Chandrika Vs. State Government 3घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_649_201925-06-2019567
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि वह रेनूसागर पावर हाउस में कैजुवल ड्यूटी <नाम> अपनाजीविकोपार्जन करता है। दिनांक 23.04.2019 को 8.00 बजे सुबह अज्ञात चोरों केद्वारा घर में से जीवतिया बाली, कान की बाली व नाक की किल (सोने का) तथाचांदी की बिछिया व एक जोडी <नाम> यूनियन बैंक का पास बुक चोरी <नाम> लीगयी। इस सूचना के आधार <नाम> अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कियागया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने <नाम> में कहा गयाकि प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> 11 का छात्र है। कारागार में निरुद्ध रहनेसे प्रार्थी का भविष्य खराब हो रहा है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोई सामानचोरी का बरामद नहीं किया गया है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए तर्क किया गयाकि प्रार्थी/ अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादी के घर में घुसकरचोरी <नाम> लिया गया। प्रार्थी/अभियुक्त को मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफूतारकिया गया तथा उसकी तलाशी ली गयी तो प्रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से वादीके घर से चोरी किया गया सामान बरामद हुआ। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा गम्भीरअपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "यह सही है कि वादी द्वारा प्रस्तुत मामले की प्रथम सूचना रिपोर्टअज्ञात चोरों के विरुद्ध दर्ज करायी गयी थी परन्तु प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कियेजाने के दूसरे <नाम> पुलिस द्वारा अभियुक्त को गिरफूतार <नाम> लिया गया तथाउसके कब्जे से <नाम> मुकदमाती बरामद किया गया। <नाम> मुकदमाती की पहचानवादी द्वारा की गयी तथा उसे अपना चोरी का सामान बताया। मामला गम्भीरप्रकृति का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_771_201919-07-2019281
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी <नाम> कुमारजायसवाल ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि आज दिनांक 04.07.2019 को समयलगभग 10.00 बजे रात मोटरसाइकिल से <नाम> अहरौरा, जनपद-मीरजापुर सेसुकृत अपने घर आ रहा था तो रास्ते में बैजू <नाम> से पहले सुकृत में रास्ते केकिनारे दो व्यक्ति मोटरसाइकिल से ओवरटेक करके रोक लिये और सामने कीजेब में रखा पांच सौ रूपये निकाल लिये। मोबाइल और पर्स भी जिसमें आधारकार्ड, पैन कार्ड, निर्वाचन कार्ड था, ले लिये। सूचना <नाम> रहा है, उचित कार्यवाहीकी जाय। ", "oo्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि वे निर्दोष हैं। उन्होनें कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्टअज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्तगण के कब्जे से फर्जी बरामदगीदिखायी गयी है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण के कब्जे से वादी का लूटा गया सामान बरामद किया गया हैजिसकी पहचान वादी द्वारा की गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "फर्द बरामदगी के अनुसार वादी ने दोनों अभियुक्तगण नियामतअंसारी तथा <नाम> <नाम> उर्फ छोटू की पहचान किया। इसके अतिरिक्त अभियुक्तसुबोध <नाम> के कब्जे से वादी का वीवो मोबाइल फोन बरामद हुआ जिसकाआई एम ई आई नम्बर वही है जो वादी का था तथा वादी ने बरामदगी के समयही उक्त मोबाइल फोन की पहचान भी की। इसी प्रकार अभियुक्त नियामतअंसारी के कब्जे से वादी का लूटा हुआ पाकेट पर्स बरामद हुआ जिसे वादी नेमौके <नाम> पहचाना । उक्त पर्स में ही वादी का ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड,मतदाता पहचान पत्र एवं पैन कार्ड मौजूद पाये गये। ", "बचाव पक्ष द्वारा तर्क <नाम> गया कि प्रस्तुत मामले में मात्र पांच सौरुपया लूटे जाने की कहानी है, परन्तु उल्लेखनीय है कि यदि वादी के जेब मेंकेवल पांच सौ रूपया ही रहा हो तो उसके द्वारा इतनी की ही प्रथम सूचनारिपोर्ट लिखायी गयी है जो कि विश्वसनीय प्रतीत हो रही है। अपराध गम्भीरप्रकृति का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_260_202115-02-2021684
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "2. संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है दिनांक-16.01.2021को 02:00 बजे वादी <नाम> <नाम> का <नाम> <नाम> <नाम> अपने साथी संजीवपाण्डेय के साथ ब्रहम नगर की पहली गली में दुकान <नाम> सामान लेने गया था,तभी अभियुक्तगण अपने अन्य सहयोगियों <नाम> सोनकर, बच्चा सोनकर व 4-5अन्य व्यक्तियों के साथ वहां आये और <नाम> से मार डालने की नियत से उसकेभाई को हाथ में पहने हुए पंच (लोहे का) एवं चाकू से मारने लगे जिससे उसकेभाई को गंभीर चोटें आई और वह बेहोश हो गया। तब मुल्जिमान, उसके भाईका मोबाइल व जेब में रखा रू.48,000/- लेकर भद्दी-भद्दी गालियां व जानसे मारने की धमकी देते हुए चले गये। वादी ने उक्त घटना की प्राथिमिकी दर्जकराई । ", "3. आवेदक के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि उसे गलत ढंग सेहैरान व परेशान करने की नियत से संलिप्त किया गया है। उसने कोई अपराधनहीं किया है। वह प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। अभियोजन कथानकअसत्य व गलत है। वह कथित घटना के समय घटना स्थल <नाम> नहीं था। वहनामित अभियुक्तगण को <नाम> जानता-पहचानता है और <नाम> ही उनसे उसका कोईवास्ता -सरोकार है। उसके विरूद्ध कोई अपराध गठित नहीं होता है। उसकाकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधारों <नाम> आवेदक को अग्रिम जमानतपर <नाम> किया जावे। ", "4. विद्वान प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिक के द्वारा अग्रिमजमानत का विरोध करते हुए यह कहा गया कि आवेदक द्वारा अपने अन्यसहयोगियों के साथ वादी के <नाम> को गाली-गलौज व <नाम> से मारने की धमकीदेते हुए हाथ में पहने हुए पंच (लोहे का) एवं चाकू से मारपीट <नाम> प्राणघातकचोटें पहुंचाई गई व उसका मोबाइल व रू.48,000/- चोरी किया गया। मामलागंभीर <नाम> का है। आवेदक द्वारा विवेचना में सहयोग नहीं किया जा रहा है हBail Application/260/2021 -Salman Beg alias Baba Vs. State Government 2तथा उसे अभिरक्षा में लेकर पूछताछ व अन्य कार्यवाही <नाम> आवश्यक है। अतःअग्रिम जमानत <नाम> दी जावे। " ], "judge-opinion": [ "5. उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना एवं केसडायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट व अन्य पुलिस प्रपत्रों का अवलोकन किया। प्रथमसूचना रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक सलमान बेग उर्फ बाबानामजद एफ०आई०आर0० नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक16.01.2021 समय 02:00 बजे <नाम> की है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक16.01.2021 समय 04:40 बजे अपराहून दर्ज कराया गया है। केस डायरी केपर्चा नं0-2 में विवेचक द्वारा वादी मुकदमा का बयान <नाम> किया है। वादीमुकदमा <नाम> <नाम> ने विवेचक को दिये बयान में अन्य अभियुक्तों के अलावाआवदेक सलमान बेग उर्फ <नाम> को भी अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकरमारने-पीटने का कथन किया है। केस डायरी के पर्चा नं0-7 में विवेचक नेचोटहिल <नाम> <नाम> का बयान <नाम> किया है। चोटहिल <नाम> <नाम> ने भीविवेचक को दिये बयान में आवेदक सलमान बेग उफ <नाम> को अन्य अभियुक्तोंसागर सोनकर आदि के साथ मिलकर दिनांक 16.01.2021 को मारने-पीटनेका कथन किया है। आवेदक की ओर से न्यायालय के समक्ष ऐसा कोई तथ्यनहीं लाया गया है जिससे यह स्पष्ट हो सके की वादी मुकदमा एवं चोटहिल नेआवेदक को गिरफ्तार कराकर क्षति पहुचाने या अपमानित करने के उद्देश्य सेविवेचक को आवेदक का नाम झूठा बताया हो। थाना राबर्दसगंज, जिला सोनभद्रकी पुलिस द्वारा आवेदक का कोई अपराधिक इतिहास अवगत नहीं कराया गयाहै । " ] }
0DENIED
Bail Application_213_202115-02-2021676
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थना पत्र में किये गये कथन के समर्थनमें शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा एस0 के0 पाल सर्वेक्षक,खनिज विभाग सोनभद्र ने दिनांक 23.12.2020 को कोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इसकथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 21.12.2020 समय 09:30 पी0एम0पर लोढ़ी टोल प्लाजा <नाम> <नाम> निरीक्षक <नाम> वीएपी0 <नाम> खनिज मोहर्रिर <नाम> <नाम> श्रीवास्तवमय पुलिस फोर्स के साथ अधोहस्ताक्षरी द्वारा वाहन संख्या यू० पी0 65बी0टी0-0240 (10चक्का) की जाच की गयी। जाँच के दौरान उक्त वाहन <नाम> कुल 14.00 घन मीटर गिट्टी(डोलो स्टोन) लदा पाया गया। मौके <नाम> वाहन चालक <नाम> <नाम> द्वारा कोईई0एम0एम0-11/ परिवहन प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। इस प्रकार <नाम> किसी ई0एम0एम0-11 / परिवहन प्रपत्र के 20.00 घन मीटर गिट्टी (डोलो स्टोन) लोड <नाम> चोरी छिपेअवैध परिवहन किया जा रहा था। ्रार्थीगण/अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थीगण की यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियोजनकथानक मनगढ़न्त एवं सत्य से परे है। दिनांक 21.12.2020 को खनिज विभाग द्वारा अवैधवसूली की जा रही थी। उक्त <नाम> को खनिज विभाग द्वारा वाहन संख्या यू०पी0 656बी0टी0-0240 को रोका गया तथा तत्काल <नाम> वाहन चालक को छोड़ <नाम> गया। घटना के दो दिनबाद वाहन चालक चितेन्द्र <नाम> तथा वाहन <नाम> नाम पता अज्ञात के विरूद्धएफ0आई०आर0० दर्ज कराया गया है। जबकि वाहन चालक घटना के समय वाहन के साथमौजूद था। प्रार्थीगण निर्दोष हैं, उन्हें गलत तरीके से नामजद किया गया है। प्रार्थीगण द्वाराकोई अपराध नहीं किया गया है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थीगण का कोई ह2आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तगण को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी है। ", "इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहतर्क प्रस्तुत किया गया कि <नाम> <नाम> के निर्देश <नाम> वादी मुकदमा सर्वेक्षक, खनिज विभागद्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के वाहन <नाम> 14.00 घन मीटरगिट्टी (डोलो स्टोन) लोड <नाम> चोरी-छिपे अवैध परिवहन किया जा रहा था। यदिअभियुक्तगण की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह वादी मुकदमा एवंअभियोजन साक्ष्य को प्रभावित करेगा। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन अधिकारीके तर्को को सुना एवं केस डायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट आदि अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में किये गये कथनानुसार आवेदक <नाम> <नाम> वाहनसंख्या यू0पी0 ७65बी0टी0- 0240 का <नाम> है तथा आवेदक <नाम> <नाम> <नाम> उपरोक्तवाहन का चालक है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 21.12.2020 को समय 09:30 बजेरात्रि <नाम> निरीक्षक <नाम> वी0पी0 <नाम> आदि द्वारा वाहन संख्या उपरोक्त <नाम> चक्का) की जॉचकी गयी तो जाच के दौरान उक्त वाहन <नाम> अंकिमत 14.00 घन मीटर गिट्टी (डोलो स्टोन)लदा हुआ पाया गया। दौरान जाच चालक द्वारा वाहन <नाम> लोड उप खनिज गिट्टी के सम्बन्धमें कोई ई0०एम0एम0-11/ परिवहन प्रपत्र नहीं दिखाया गया तथा <नाम> ई0एम0एम0-11/परिवहन प्रपत्र के 14.00 घन मीटर गिट्टी (डोलो स्टोन) लोड <नाम> चोरी छिपे परिवहन कियाजा रहा था। केस डायरी के पर्चा संख्या-2 में विवेचक द्वारा वादी मुकदमा का बयान अंकितकिया गया है जिसके बयान में लिखा है कि वाहन संख्या यू0पी0 65बी0टी0-0240 की दिनांक21.12.2020 को <नाम> 09:30 बजे चेक किया गया तो चेकिंग के दौरान उक्त वाहन <नाम> कुल14.00 घन मीटर गिट्टी (डोलो स्टोन) लदा हुआ पाया गया था। मौके <नाम> वाहन चालक द्वाराकोई ई०एम0एम०-11/ परिवहन प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया था। इसी प्रकार का बयानखनिज मोहर्रिर <नाम> <नाम> द्वारा भी विवेचक को <नाम> गया है। स्पष्ट है कि आवेदकगणवाहन संख्या उपरोक्त के कमश: <नाम> व चालक हैं। इस सन्दर्भ में यह उल्लिखित करना भीसमीचीन प्रतीत होता है कि प्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(४) दंण्ड प्रकिया <नाम> केदृष्टिगत ऐसा कोई तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण की ओर से उपस्थापितनहीं किया गया है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि प्रार्थीगण को गिरफ्तार <नाम> करक्षति पहुँचाने या उन्हें अपमानित करने के उद्देश्य से अभियोग लिखाया गया है। " ] }
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Bail Application_498_201913-05-2019790
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 18.04.2019को उप निरीक्षक जयशंकर <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ चुनाव चेकिंगके अनुपालन में गुरमा मोड़ <नाम> खड़ा होकर चेकिंग <नाम> रहे थे तो एक व्यक्तिमोटरसाइकिल से <नाम> से राबर्दसगंज की तरफ से चोपन की ओर आता हुआदिखायी <नाम> । आगे खडे का0 <नाम> <नाम> ने टार्च की <नाम> में उस व्यक्तिको रुकने का इशारा किया। रुकने का इशारा पाते ही मोटरसाइकिल चालक नेगति बढ़ा <नाम> । उप निरीक्षक <नाम> गोड़ द्वारा सिटी बजाकर तथा टार्च कीरोशनी में उस व्यक्ति को रुकने का इशारा किया तो मोटरसाइकिल चालक तेजीसे ब्रेक लगाया । गाड़ी रुकते ही पुलिस वालों को देखकर वह व्यक्ति गाड़ीछोड़कर गुरमा जाने वाले रास्ते <नाम> भागने लगा। दौड़ाकर 10-15 <नाम> की दूरीपर मंदिर के पास समय लगभग 3.00 बजे भोर में पकड़ लिया गया। नाम पतापूछा गया तो उसने अपना नाम आशीष <नाम> उर्फ मण्टू बताया। पकड़े गये व्यक्तिकी जामा तलाशी ली गयी तो उसके पहने हुए पैण्ट के दाहिने तरफ कमर केफेटे में खुसा हुआ एक अदद तमंचा 315 बोर तथा एक अदद जिन्दा कारतूसबरामद हुआ। मोटरसाइकिल क बारे में बताया कि छः माह पहले मिशनहास्पिटल राबर्ट्सगंज के सामने से चुराया था। यह भी बताया कि एक औरमोटरसाइकिल अगोरी रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ा किया है। आगे चलकर स्टेशनके सामने पेड़ के बगल में खड़ी मोटरसाइकिल के पास जाकर बताया कि यहवही मोटरसाइकिल है जिसे उसने दो-तीन <नाम> पूर्व खड़ा किया था। बरामदगाड़ियों के सम्बन्ध में कागजात मांगा गया तो नहीं दिखा सका। इस आधार पर्रार्थी-अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी को पुलिस नेगलत तरीके से फर्जी बरामदगी दिखाकर फंसा <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त के पाससे कोई बरामदगी नहीं हुई है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। ्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जेसे <नाम> तो कोई मोटरसाइकिल बरामद की गयी है और <नाम> ही प््रार्थी-अभियुक्तकिसी मोटरसाइकिल का छल व कपट करके नम्बर बदला है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त को चोरी की मोटरसाइकिल के साथ गिरफूतार किया गया । इसके अतिरिक्त प्रार्थी- अभियुक्त के निशानदेही <नाम> एक और चोरी कीमोटरसाइकिल बरामद की गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त मोटरसाइकिल चोरी करने का —2—अभ्यस्त है तथा मोटरसाइकिल चोरी करके उनका नम्बर प्लेट बदलकर बेच देताहै। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में चोरी की मोटरसाइकिल को <नाम> <नाम> किसी चोरीकी घटना से सम्बद्ध नहीं किया गया है। अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि उसकेपास से कोई बरामदगी नहीं हुई है बल्कि पुलिस ने उसे फर्जी तौर <नाम> फंसादिया है। जहां <नाम> <नाम> 420, 467, 468, 471 भा0दं0सं0 का प्रश्‍न है, अभियुक्तद्वारा कहा गया है कि उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है। ", "गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_115_202011-02-2020367
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "11.02.2020अभियुक्त जमील खां की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी <नाम> 2019 में छोटी लड़की की तबियतखराब होने के <नाम> दवा इलाज एवं झाड़ फूक <नाम> काफी परेशान रहा, जिस कारणवह नियत <नाम> <नाम> हाजिर नहीं आ सका और उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्टजारी हो गया। लड़की की कुछ तबियत ठीक होने <नाम> प्रार्थी ने मुदकमें की जानकारीकिया तो पता चला कि उसके विरूद्ध वारण्ट हो गया है। प्रार्थी स्वंय दिनांक 30.02.2020 को उपस्थित होकर वारण्ट निरस्त करने <नाम> प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जोनिरस्त <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी दिनाक 03.02.2020 से जिला कारागार सोनभद्र मेंनिरूद्ध है । प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। नियत <नाम> की जानकारी <नाम> होने के <नाम> वहउस <नाम> को न्यायालय हाजिर नहीं आ सका। इस प्रकरण में अभियुक्त दिनांक 03.02.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में\"उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना सेइन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जामनतीय वारण्ट जारी कियागया। अभियुक्त इस मुकदमे में दिनांक 03.02.2020 से इस प्रकरण में जेल में Bail Application/434/2020 -Jameel Khan Vs. State Government 2निरूद्ध है। इस प्रकरण में अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_479_202020-05-2020572
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "19.05.2020अभियुक्त <नाम> सोनकर की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 07.05.2020 को उप निरीक्षक देवेन्द्र <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ शातिव्यवस्था लाकडाउन ड्यूटी में कांशीराम आवास में व्यस्त था कि एकव्यक्ति बी0एस0एन0एल0आफिस के बगल में देखकर छिपते हुए बगल केजंगल में जाने लगा कि शक होने <नाम> आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> उसव्यक्ति को घेर <नाम> रोक लिया गया। उसका नाम पता पूछने <नाम> उसनेअपना नाम <नाम> सोनकर पुत्र स्व0 शिवदास सोनकर बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसके पहने हुए पैन्ट के बाएजेब से एक पन्नी में 12 ग्राम हेरोइन नाजयज बरामद हुआ। हेरोइनरखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्तको <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकरपढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द कीनकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमाकायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त कपास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गयाहै। अभियुक्त दिनांक 07.05.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से12 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है जो अप्ल <नाम> से काफीअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन०डी०पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का2 सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहासहै। सबंधित थाने की आख्या के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध इसमुकदमें से पूर्व थाना राबर्द्सगंज जिला सोनभद्र में मु0अ0सं0-576/19अन्तर्गत धारा-60/63 आबकारी अधिनियम का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होनेके सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है तथा समाज <नाम> गलतप्रभाव पड़ने की सम्भावना है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के पास से 12 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा जाताहै जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन प॒क्ष की ओर से अभियुक्तका आपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है परन्तु जोअभियुक्त का आपराधिक इतिहास अभियोजन द्वारा बताया गया है वहआबकारी अधिनियम से संबधित है। अभियुक्त दिनांक 07.05.2020 सेजेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1349_201909-12-2019224
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रमेशप्रसाद पुत्र <नाम> <नाम> भजन निवासी अम्बेडकर नगर प्लाट नं0-135, थानाशक्तिनगर जिला सोनभद्र ने थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र में इस कथन केसाथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनॉक 17.10.2019 को उसकी पुत्रीपीड़िता उम्र लगभग 15 वर्ष जो कि विवेकानन्द इण्टर कालेज में कक्षा-10 मेंपढ़ती है और एन0टी0पी०सी० वी0आई०पी0 निवासी <नाम> सर के यहाँ 03:50पी0एम0 <नाम> ट्यूटशन पढ़ने गयी थी। जब वह घर वापस नहीं आयी तो वहविवेक सर के यहाँ जाकर पता किया तब पता चला कि वह ट्यूशन पढ़नेनहीं गयी थी। पीड़िता को <नाम> <नाम> उफ गोल्डी पुत्र रामफल जो उसकेमुहल्ले का रहने वाला है, बहला फुसला <नाम> कहीं लेकर चला गया है। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्ररार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी को उपरोक्त मुकदमा में झूठा व रंजिशन फसाया गया है, उसनेकोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> सभी तथ्य 9गलत एवं बनावटी है। प्रार्थी और अभियोगी के परिवार से इस घटना के पूर्वकुछ बातों को लेकर कहा-सुनी हुई थी उसी रंजिश के <नाम> षडयंत्र करकेप्रार्थी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया गया है। प्रार्थी ने पीड़िता कोबहला फुसला <नाम> <नाम> तो कहीं ले गया था और <नाम> ही उसके साथ दुष्कर्मकिया है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया संहितामं किया गया कथन झूठा है। प्रार्थी के विरूद्ध धारा-376डी0ए० भारतीय दंण्डसंहिता का अपराध नहीं बनता है। प्रार्थी दिनॉक 20.10.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। वर्तमान समय में पीड़िता 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की हैतथा मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार ऐसा कोई लक्षण नहीं पाया गया है जिससेसाबित हो कि उसके साथ बलात्कार हुआ हो। कथित घटना का कोई स्वतंत्रसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधारपर अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि पीड़िता द्वारा दौरान विवेचना अभियुक्त केसम्बन्ध में यह कथन किया गया है कि अभियुक्त द्वारा ही उसे बहला फुसलाकर गाड़ी में ले जाया गया तथा अपने अन्य साथियों के साथ एकान्त में लेजाकर उसे नशा की गोली खिला <नाम> उसके साथ लैंगिक हमला का अपराधकारित किया गया है। शैक्षणिक अभिलेख के अनुसार पीड़िता की उम्र 15 वर्षदर्शायी गयी है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत:जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं मामले से सम्बन्धित केसडायरी व थाने से प्राप्त आख्या का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रार्थी / अभियुक्त को प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा-363, 366 भारतीय दंण्डसंहिता एवं धारा-17/18 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम,2012 में पंजीकृत किया गया है जबकि विवेचना से साक्ष्य पाये जाने के आधारपर धारा-376डी0ए0 भारतीय दण्ड <नाम> एवं धारा-5/6 लैंगिक अपराधों सेबालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की बृद्धि की गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्तपर अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ मिल <नाम> नाबालिग पीड़िता के साथ गुरूतरप्रवेशन लैंगिक हमला किये जाने का अभियोग है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा अन्यसह अभियुक्तों के सहयोग से घटना कारित किये जाने का तथ्य रखा गयाहै। " ] }
0DENIED
Bail Application_488_201910-05-2019802
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक-25.04.2019 को करीब 3.45 बजे <नाम> वादी <नाम> <नाम> मौर्या की पत्नी/पीड़िता ने उसे मोबाइल द्वारा बताया कि ग्राम तेनूडाही के <नाम> मौर्या ने करीब3.30 बजे <नाम> उसके घर में आकर उसकी पत्नी के साथ जोरजबरजस्ती करतेहुए उसे जमीन <नाम> पटक <नाम> बलात्कार किया है और धमकी <नाम> रहा था कि वहकिसी को बतायेगी तो उसे <नाम> से मार देगा। पीड़िता द्वारा शोर मचाने परअभियुक्त घर से भाग गया। पीड़िता की सूचना <नाम> वादी ने उक्त घटना कीसूचना थाना-मांची <नाम> दी जिसके आधार <नाम> अज्ञात अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमापंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प््रार्थी-अभियुक्त कोझूठा व रंजिशन फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। अभियोजनकथानक गलत व तथ्यहीन है। प्रार्थी-अभियुक्त ने इस प्रकार की कोई घटनाकारित नहीं की है। घटना <नाम> को वह <नाम> वादी के घर गया था, <नाम> ही उसकेघर में घुसकर उसकी पत्नी के साथ बलात्कार किया था। प्रथम सूचना रिपोर्टविलंब से दर्ज कराई गई है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई अपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी-अभियुक्त काफी समय से कारागार में निरूद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा पीड़िता के घर में घुसकर उसका बलात्कार किया गया हैतथा घटना के बारे में किसी को बताने <नाम> पीड़िता को <नाम> से मारने की धमकीदी गई है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यूक परिशीलन किया। प्रस्तुत मामले में घटना दिनांक-25.07.2019 को समय करीब 3.30बजे <नाम> की कही जाती है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट उसी <नाम> 6.30 बजे शामकी है, जबकि घटना स्थल से थाना की दूरी 6 <नाम> है, ऐसी <नाम> में प्रथमसूचना रिपोर्ट त्वरित <नाम> से दर्ज कराई गई है। बचाव पक्ष द्वारा यह तर्कं <नाम> गया है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंअभियुक्त द्वारा जोर-जबरदस्ती करते हुए पीड़िता को जमीन <नाम> पटक करबलात्कार करने की बात कही गई है, जबकि पीड़िता के शरीर <नाम> कोई चोटदृष्टिगोचर नहीं हो रही है। इसलिये अभियुक्त को गलत तौर <नाम> फंसाया गया है। ee 2...... 2बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया है कि धारा-164 दंप्र.सं.के बयान में दरवाजा खोलकर घर के अंदर आने की बात कही गई है। यदिदरवाजा अंदर से बंद था तो किस प्रकार अभियुक्त दरवाजा खोलकर अंदर आसकता था। इससे यह भी संभव है कि यह सहमति का मामला हो। ", "इसका उत्तर देते हुए अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया है कि यदिकिवाड़ सटा <नाम> गया हो, और अंदर से सिटकनी आदि बंद <नाम> की गई हो, तोभी पीड़िता द्वारा यही शब्दावली इस्तेमाल की जायेगी कि अभियुक्त किवाड़खोलकर अंदर आ गया। पीडिता के शरीर <नाम> यदि कोई जाहिरा चोट नहीं आईहो तो इससे कोई अंतर नहीं आता है क्योंकि यदि अभियुक्त ताकतवर है औरपीड़िता को अपने कब्जे में <नाम> लेता है, तो यह आवश्यक नहीं है कि पीड़िता केशरीर <नाम> चोटें आई हों। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया है कि बचाव पक्ष कोफर्जी तौर <नाम> फंसाने का पीड़िता के पास कोई <नाम> नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1382_202031-10-2020444
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "बरामदशुदा चाकू को सील मुहर किया गया तथा फर्द मौके <नाम> तैयारकी गयी तथा बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध धारा-4/25 आयुधअधिनियम का अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि कथित घटना का कोई <नाम> का प्रत्यक्षदर्शी साक्षीनहीं है, अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। मु0अ0सं0-25,/2020 के मामले में अभियुक्त की जमानत माननीय उच्चन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त द्वारा हत्या जैसा अपराध कारित किया गया है तथाहत्या के मामले में प्रयुक्त चाकू अभियुक्त के कब्जे से बरामद किया गया है। ", "2अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त के कब्जे से एक अदद चाकू बरामदकिया <नाम> कहा गया है जिसे हत्या के मामले मैं प्रयुक्त किया <नाम> कहा गयाहै। हत्या के मामले से संबंधित मु0अ0सं0०-25/2020 धारा-34, 302, 323, 147,148, 149, 392, 411, 504 भा0०दं0सं0, थाना म्योरपुर, जनपद सोनभद्र के मामलेमं अभियुक्त जनविजय की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र संख्या-27814/2020 क मामले में पारित जमानत आदेश दिनांकित20.10.2020 के माध्यम से स्वीकार की जा चुकी है जिसकी नेट से प्राप्त कीगयी <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र के साथ दाखिल किया गया है। धारा-4/25आयुध अधिनियम के मामले में अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_967_202021-08-202053
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 11.08.2017 को प्रभारी निरीक्षकसुरेन्द्र <नाम> <नाम> मय हमराह <नाम> भ्रमण में व्यस्त था कि दौरान <नाम> भ्रमण ज्ञात हुआकि सूरज <नाम> अपने गैंग के सदस्य चन्द्रमोहन <नाम> <नाम> के साथ मिलकर अपहरणकर हत्या करने का एक सगठित गिरोह बनाए हुए है, जो अपहरण <नाम> पैसे की मांगकर अपने तथा अपने गैंग के सदस्यों के आर्थिक एवं भौतिक <नाम> अर्जित करते हुएसमाज विरोधी कियाकलाप में लिप्त है। गैंग लीडर सूरज <नाम> तथा सदस्य चन्द्रमोहनसिंह <नाम> के साथ मिलकर दिनांक 17.03.2017 की <नाम> में गुरूविहारी <नाम> की दोवर्ष की पुत्री अंशिका जो अपने नानी के पास ग्राम पिपरहिया <नाम> में सोयी हुई थी । अभियुक्तगण बच्ची का अपहरण <नाम> डेढ़ लाख रूपये की मांग किया गया तथा बच्चीका <नाम> दबाकर इत्या <नाम> लाश को छिपा दिया। इस सबंध में थाना स्थानीय परमु0अ0सं0 60/17 अन्तर्गत धारा-363 भा0द0सं0 बनाम अज्ञात पंजीकृत हुआ। विवेचनात्मक कार्यवाही के पश्चात <नाम> में आए अभियुक्तगण के विरूद्धधारा-363,364ए,302,201 भा०द0सं0 का आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। इसगैंग के आतंक व भय से <नाम> इस कदर भयभीत है कि इनके विरूद्ध गवाही देने याशिकायत दर्ज करने की हिम्मत कोई व्यक्ति नहीं करता है। गैग लीडर सूरज <नाम> कागैंग चार्ट नियमानुसार अनुमोदनोपरान्त प्राप्त हुआ है। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगणके विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसेअपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं060/17 अन्तर्गत धारा-364ए,302,201 भा0द0सं0 थाना घोरावल जिला सोनभबद्र मेंअभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। उपरोक्त मामले में परीक्षण के पश्चात अभियुक्त दोषमुक्त हो चुका है। अभियुक्त केविरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने Bail Application/2010/2020 -chandar mohan singh patel Vs. State Government 2का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में भयदहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत परमुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध अपहरण एवं हत्या से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एकसंगठित गिरोह का गैग सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ०सं0 60/17अन्तर्गत धारा-364ए, 302,201 भा०द0सं0 थाना घोरावल जिला सोनभद्र में अभियोगपंजीकृत है। अभियुक्त अपने गैग लीडर एवं अन्य साथियों के साथ मिलकरआर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारित करते है। अभियुक्त कजमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यं में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है,साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> से इन्कार नहींकिया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत का घोर विरोध किया गयाहै । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0सं0 60/17 अन्तर्गत धारा-364ए,302,201 भा०द0सं0 थाना घोरावलजिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठितगिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्त उपरोक्त मामले में दोषमुक्त हो चुका है। परन्तु अभियोजन द्वारा अभियुक्त गैग लीडर के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिकलाभ के लिए गम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_275_202005-03-2020101
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्शी/ अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> हैं,उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया जा चुका है। ", "्रार्शी/अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथनकिया गया है कि उन्होंने कत्तई कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें फर्जी व मनगढ़न्ततथ्यों के आधार <नाम> फंसाया गया है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतःउन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादी मुकदमा विशालरंजन पुत्र रामप्रवेश <नाम> जोकि अनुसूचित(चमार) जाति का व्यक्ति है <नाम> दिनांक 07.05.2019 को थाना पिपरी, जनपद सोनभद्र में एक लिखित तहरीर इस आशय कीदाखिल किया की वह दिनांक 07.02.2019 को अपने मित्र <नाम> <नाम> के साथराबर्दसगंज गया था, वापस लौटते समय बढ़ोली चौराहे <नाम> समय करीब 2 बजे पहुँचातभी वहाँ <नाम> अंजनी <नाम> तथा <नाम> <नाम> मिले और प्रार्थी को साले माधर चोदचमार की गालियां देते हुए कहे कि तुम <नाम> <नाम> के साथ पैरवी करते हो, आजतुम्हें नहीं छोड़ेगे तथा प्रार्थी को झापड़ मुक्का से मारने लगे। मौके <नाम> उपस्थितअमित <नाम> व अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया तब उन लोगों ने प्रार्थी को <नाम> सेमारने की धमकी दी। <नाम> <नाम> फोन <नाम> तथा <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> द्वारा प्रार्थीको <नाम> से मरवाने व गाली तथा फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी दी जा रही है। वादी मुकदमा के लिखित तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण अंजनी <नाम> <नाम> गुप्ता,संजय <नाम> तथा <नाम> <नाम> के विरूद्ध थाना पिपरी में अभियोग पंजीकृत कियागया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अनुसार वादी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। वादीमुकदमा को जारी नोटिस उस <नाम> तामील हुआ है तथा तामीला के बावजूद वादीमुकदमा उपस्थित नहीं हुआ है। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ्रार्थी/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि मामले के सअभियुक्तगण की जमानत इसी न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्तगण निर्दोष हैं, उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा प्रपत्रों केअवलोकन से स्पष्ट है कि अभियोजन कथानक के अनुसार कथित घटना दिनांक 07.02.2019 को <नाम> के 02 बजे घटित होना बताया गया है जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्टघटना के लगभग 03 माह के उपरान्त दिनांक 07.05.2019 को अत्यधिक बिलम्ब सेदर्ज करायी गयी है। चिकित्सीय परीक्षण के दौरान वादी के शरीर <नाम> किसी प्रकारकी कोई चोट नहीं पायी गयी है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानतें पूर्व में इसीन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तगण को पूर्व में अंतरिम जमानत पररिहा किया गया था। अंतरिम जमानत <नाम> छूटने के उपरान्त उनके द्वारा अंतरिमजमानत का दुरूपयोग नहीं किया गया है तथा संबंधित थाने से उनकी कोईआपराधिक इतिहास भी पेश नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1480_201906-01-2020746
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी रियाज खां नेदिनांक-17.12.2019 को 19.40 बजे थाना-पिपरी <नाम> इस आशय की तहरीर दी किदिनांक-17.12.2019 को शायं 6.50 बजे उसके घर के पीछे स्थित बाउंड्री सेअभियुक्तगण छोटू व <नाम> <नाम> <नाम> उसकी कुल 35 अदद लोहे की सरियावाहन संख्या-यू.पी.64एटी /6021 <नाम> लादकर भाग रहे थे जिसे उसके भतीजे उमेरखान ने <नाम> व पहचाना है। वादी की उक्त आशय की तहरीर <नाम> थाना-पिपरी मेंअभियुक्तगण छोटू व <नाम> <नाम> <नाम> के विरुद्ध अ.सं.-204,/2019 अंतर्गतधारा- 379 भा.दंसं. में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। दौरान विवेचना पुलिसकर्मियों ने अभियुक्तगण के कब्जे से उक्त चोरी का <नाम> बरामद किया जिसकेआधार <नाम> प्रकरण में धारा-411 भा.दं.सं. की बृद्धि की गई । ", "प्रार्थीगण-अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता की तरफ से यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थीगण-अभियुक्तगण निर्दोष हैं। प्रार्थीगण-अभियुक्तगणका उक्त अपराध में कोई रोल नहीं है, <नाम> ही उनके कब्जे से सरिया बरामद की गईहै। पुलिस ने उन्हें घर से उठाकर फर्जी मुकदमें में बरामदगी दिखाकर जेल भेजदिया है। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण दिनांक-18.12.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागारमें निरुद्ध हैं । ", "इसके विपरीत विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराखंडन में यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के विरुद्ध वादीमुकदमा के 35 अदद लोहे की सरिया चोरी करने का अभियोग है। उक्त चोरी कीगई सरिया अभियुक्तगण के कब्जे से बरामद हुआ है। अभियुक्तगण को जमानत परछोड़े जाने का आधार पर्याप्त नहीं है। " ], "judge-opinion": [ " 2उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुनने एवं केस डायरी केअवलोकन से विदित होता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमा नेअपनी 35 अदद लोहे की सरिया वाहन संख्या-यूपी.64एटी/6021 से चोरी करभागने का अभियोग प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के विरुद्ध लगाया है। कथित फर्दबरामदगी में 42 अदद लोहे की राड बरामद होना कहा गया है। अत: इस संबंध मेंप्रथम दृष्ट्या संदेह प्रतीत होता है कि जब वादी मुकदमा की प्रथम सूचना रिपोर्ट केअनुसार कुल 35 सरिया ही चोरी हुई तो अभियुक्तगण के कब्जे से कथित तौर परबरामद 42 अदद लोहे की सरिया प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित <नाम> था अथवानहीं, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण का इस प्रकरण केअतिरिक्त अन्य कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण दिनांक-18.12.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध हैं। प्रकरण मजिस्ट्रेटद्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_416_202009-06-2020402
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थना पत्र मेंकिये गये कथन क समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्लुत किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रामजान पुत्र बनारसी,निवासी ग्राम दुम्हान, थाना दुद्धी जिला सोनभद्र ने दिनाक 22.02.2020 को कोतवाली दुद्धीजिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह मण्डी समितिदुद्धी के सुरक्षा <नाम> मुख्यालय सोनभद्र से पी0 आर०डी0 के पद <नाम> नियुक्त किया गया है। दिनॉक 21.02.2020 को समय 09:00 पी0एम0 <नाम> मण्डी समिति में ड्युटी <नाम> मौजूद था उसीसमय दिपेन्दर उफ छोटू पुत्र <नाम> व सन्त <नाम> उफ छोटू पुत्र शिवनाथ नशे के हालत मेंमण्डी परिसर में जोर-जोर से हल्ला व गाली गलौज <नाम> रहे थे। उन लोगों को ऐसा करनेसे <नाम> किया तो उसे मॉ-बहन की गाली देते हुये गर्दन पकड़ <नाम> पटक दिये तथा दोनोंलोग लात मुक्का से मारने लगे एवं उसकी वर्दी फाड़ दिये। उसके द्वारा शोर करने <नाम> दोनोंआदमी <नाम> से मारने की धमकी देते हुये चले गये एवं कार्य <नाम> में बाधा उत्पन्न किया। ्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी शान्तिप्रिय एवं इज्जतदार व्यक्ति है तथा मजदूरी करके <नाम> यापनकरता है। प्रार्थी निर्दोष है उसे इलाका पुलिस द्वारा वादी की साजिश में आकर फर्जी एवंबेबुनियाद मुकदमें में अभियुक्त बनाया गया है। अभियोगी एवं <नाम> अभियुक्त मण्डी परिसर मेंझगड़ा <नाम> रहे थे तो प्रार्थी ने झगड़ा छोड़ा <नाम> था किन्तु वादी मुकदमा ने प्रार्थी को भीघटना में संलिप्त <नाम> <नाम> है। प्रार्थी ने अभियोगी के साथ कोई मार-पीट नहीं किया है। प्रार्थी को पूर्व में किसी अपराध में दोषसिद्ध नहीं किया गया है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोअग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहतक प्रस्तुत किया गया कि मण्डी समिति दुद्धी, सोनभद्र की सुरक्षा <नाम> पीआर0डी0 के पद परनियुक्त वादी मुकदमा को प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिल <नाम> मार-पीटकर चोटें पहुँचायी गयी एवं उसकी वर्दी फाड़ दी गयी तथा गाली <नाम> एवं <नाम> से मारने कीधमकी दी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के कर्तव्य निर्वहन में व्यवधान उत्पन्न ह2किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है । अतः अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> सरकारीकार्य में अवरोध उत्पन्न <नाम> लोक सेवक, पी0आर0डी0 को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकेजाने तथा उसकी वर्दी फाड़ देने का आरोप है। इस सम्बन्ध में पुलिस प्रपत्र के साथ संलग्नफर्द बरामदगी के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि प्रश्‍नगत घटना में सरकारी लोक सेवककी फटी वर्दी बरामद की गयी है साथ ही अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा/लोक सेवक कोगाली <नाम> व <नाम> से मारने की धमकी दिये जाने का भी तथ्य रखा गया है, जो एकगम्भीरतम अपराध है। इस सन्दर्भ में यह उल्लिखित करना भी समीचीन प्रतीत होता है किप्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(ए) दण्ड प्रकिया <नाम> क दृष्टिगत ऐसा कोई तथ्य न्यायालयके समक्ष प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से उपस्थापित नहीं किया गया है जिससे यह निष्कर्षनिकाला जा सक कि प्रार्थी को गिरफूतार <नाम> <नाम> क्षति पहुँचाने या उसे अपमानित करने केउद्देश्य से अभियोग लिखाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_872_202006-08-2020140
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक-03.07.2020 को 12 से 1 बजे <नाम> में वादी <नाम> अधार अपने घर के पासखट-खुट की आवाज सुनकर उठा तो उसे ज्ञात हुआ कि आवाज गुड्डू उफनसरूल्लाह के घर से आ रही है। उसने गांव के अन्य लोगों को बताया व उ्हेंशंका हुई कि गुड्डू उर्फ नसरूल्लाह के यहां गोकशी हुई है तो गांव के आशीषने इसकी सूचना चौकी प्रभारी अमवार को दी तो ज्ञात हुआ कि वास्तव मेंगोकशी की घटना हुई है और अभियुक्तगण गुड्डू उर्फ नसरूल्ला खां, अब्दुल,राजू उफ वकालत खां, जमीला खातून, यासीन खां व अहमद रजा इस गोकशीकी घटना में सम्मिलित हैं। इनके द्वारा पूर्व में भी इस तरह की घटना कारित कीगई है । ", "प्रार्थीगण-अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा तकप्रस्तुत करते हुए कहा गया कि प्रस्तुत मामले में उन्हें फर्जी व झूंठा फंसाया गयाहै। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत, बेबुनियाद वकाल्पनिक है। उनका कथित घटना से कोई सरोकार नहीं है। उनके कब्जे सेकोई गोमांश या हथियार बरामद नहीं हुआ है। प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीयहै । प्रार्थीगण-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त समस्तआधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है किप्रार्थीगण-अभियुक्तगण के कब्जे से गोमांश व गोवध के उपकरण बरामद हुए हैं। अपराध गंभीर <नाम> का है। अतः मामले की गम्भीरता को देखते हुए जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना व अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से प्रकट होता है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट में प्रार्थीगण-अभियुक्तगण नामित हैं एवं <नाम> अभियुक्तगण द्वारा भी घटना Bail Application/872/2020 -Guddu @ Nasrulla kha Vs. State Government 2सशल <नाम> प्रार्थीगण-अभियुक्तगण की उपस्थिति के तथ्य की <नाम> की गई है। वादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह तथ्य भी उल्लिखित किया गया है किअभियुक्तगण द्वारा पूर्व में भी ऐसी घटना कारित की गई है। विवेचक द्वाराविवेचना के दौरान <नाम> <नाम> आशीष <नाम> <नाम> के बयान अंतर्गत धारा-161 दंप्रसं. <नाम> किये हैं जिन्होंने अभियोजन कथानक का समर्थन किया है। ्रार्थीगण-अभियुक्तगण के कब्जे से प्रश्‍नगत बरामद गोमांश <नाम> विज्ञानप्रयोगशाला भेजा गया। प्रश्‍नगत गोमांश की परीक्षण आख्या दिनांकित-03.07.2020 उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, दुद्धी, सोनभन्र द्वारा निर्गत की गईहै जिसमें प्रश्‍नगत मांश को गोमांश बताया गया है। इसी संदर्भ में उ.प्र. गोवधनिवारण अधिनियम (संशोधन अध्यादेश) 2020 के अनुच्छेद-2 में उ.प्र. गोवधनिवारण अधिनियम 1955 की धारा-5क की उपधारा-5 के पश्चात अन्यधाराओं के अतिरिक्त उपधारा -10 की भी बढ़ोत्तरी की गई है जिसकेअनुसार- “जहां कोई व्यक्ति, इस अधिनियम की धारा-3, 5 तथा 8 केअधीन कोई अपराध करने, उसका दुष्प्रेरण करने या प्रयास करने के लियेअभियोजित किया जाता है और अभियुक्त के पास गोमांस या गाय के होनेकी <नाम> अभियोजन द्वारा <नाम> दी गई है और सक्षम प्राधिकारी या प्राधिकृतप्रयोगशाला द्वारा परिवहन की गई चीजों का गोमांस होना <नाम> <नाम> दियागया हो, वहां न्यायालय की यह उपधारणा होगी कि ऐसे व्यक्ति नेयथास्थिति, ऐसा अपराध किया है या ऐसा अपराध करने का प्रयास यादुष्प्रेरण किया है, जब <नाम> अन्यथा सिद्ध <नाम> हो जाये“। इस प्रकार प््रार्थीगण-अभियुक्तगण के कब्जे से गोमांस व गोवध से संबंधित उपकरण बरामद हुए हैं। उक्त अपराध गंभीर <नाम> का है। " ] }
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Bail Application_1303_201906-12-2019252
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक-26.04.2019 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराही कर्मचारियों के साथग्राम चकाड़ी भ्रमण करते हुए कसबा ओबरा में मौजूद थे, तो आमजनता में चर्चा है कि गैंग लीडर मुलायम <नाम> <नाम> का एक संगठितगिरोह है। इस गिरोह के देवेन्द्र <नाम> व <नाम> <नाम> <नाम> सकियसदस्य है। इनके द्वारा भारतीय दण्ड <नाम> के अध्याय 16,17, व 22के अधीन अपराधों को अपने व गैंग के सदस्यों के आर्थिक एवंभौतिक <नाम> के लिए आम <नाम> में इतना भय व आतंक व्याप्त करदिए है कि कोई भी आम <नाम> का व्यक्ति इनके विरूद्ध प्रथम सूचनारिपोर्ट दर्ज कराने व न्यायालय में गवाही देने का साहस नहीं करताहै। गैंग लीडर मुलायम <नाम> <नाम> व सदस्य देवेन्द्र पाण्डेयउपरोक्त के द्वारा दिनांक 09.12.2018 को वादिनी बन्दना पाण्डेयके घर में घुसकर गाली गलौज, मारपीट, धमकी व छेड़छाड़ करते हुएबलात्कार की संगीन घटना घटित की गयी। वादिनी क प्रार्थना पत्र परथाने <नाम> अपराध संख्या-133/2018 अन्तर्गत धारा-354,323,504,506,452 भारतीय दण्ड <नाम> का अभियोग पंजीकृत किया गया। विवेचना से इस अभियोग में धारा-376 भा०द0सं0 की बढ़ोत्तरी कीगयी। विवेचना से पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने <नाम> दिनांक 15.03.2019 कोआरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। गैग लीडर मुलायम सिंहयादव व गैंग के सदस्य देवेन्द्र <नाम> एवं <नाम> <नाम> <नाम> द्वाराउपरोक्त मामला पंजीकृत होने को लेकर वादिनी बन्दना <नाम> कोगाली <नाम> व <नाम> से मारने की धमकी दिनांक 30.01.2019 को दीगयी। वादिनी बन्दना <नाम> के प्रार्थना पत्र <नाम> थाने <नाम> अपराधसंख्या 14/2019 धारा-504,506 भा०द0सं0 का अभियोग पंजीकृतकिया गया। विववेचना से पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने <नाम> अभियुक्तगण केविरूद्ध दिनांक 15.03.2019 को आराप पत्र न्यायालय में प्रेषित कियागया। गैग लीडर मुलायम सिह <नाम> एवं उसके गैंग के सदस्य देवेन्द्रपाण्डेय व <नाम> <नाम> <नाम> के कृत्यों से आम <नाम> में भय व आतंकव्याप्त है। इनके आपराधिक कृत्यों <नाम> प्रभावी रोक लगाए जाने हेतुधारा-3(1) उ.प्र. गिरोहबन्द और समाज विरोधी कियाकलाप निवारणअधिनियम 1986 का अभियोग पंजीकूत कराए जाने <नाम> गैंग चार्ट जिलामजिस्देट से अनुमोदित होकर दिनांक 26.04.2019 को प्राप्त हुआ। ", ".2/ अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-3(1) उप्र. गिरोहबन्द और समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 का अभियोजन पंजीकृत कियाजाय। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह तर्क प्रस्तुत किया गया हैकि अभियुक्त को रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराधनहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं । अभियुक्त केविरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या-133/2018 अन्तर्गत धारा-354,323,452,376,504,506भा0द0सं0 एवं मु0अं0सं० 14/19 अन्तर्गत धारा-504,506 भा०द0स0 मे दर्ज किया गया है। वादिनी का बलात्कार केअपराध के संबंध में मेडिकल नहीं कराया गया है। अभियुक्त इसकेअलावा अन्य किसी अपराध में वांछित नहीं है। अभियुक्त किसी गैंग कालीडर नहीं है। अभियुक्त का मुकदमा अपराध संख्या-133/2018अन्तर्गत धारा-354,323, 452,376,504,506भा0द0सं0 में जमानत होचुकी हैं। अभियुक्त मजदूर व्यक्ति है। मजदूरी की एक मात्र आमदनीका श्रोत है। अभियुक्त को पुलिस घर से बुलाकर गलत तरीके सेगैगेस्टर एक्ट के तहत चालान <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त की ओर सेविधि व्यवस्था <नाम> <नाम> बनाम स्टेट आफ यू०पी0, 2019(106) ए०सी0सी0-531 माननीय उच्च न्यायालय बेन्च लखनउ दाखिल कियागया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त किये जाने की प्रार्थनाकी गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध भारतीय दण्ड <नाम> का गम्भीर मामले दर्शायागया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का सकिय गैग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या-133/2018 अन्तर्गतधारा-354,323, 452,376,504,506भा0द0सं0 एवं मु०अं0सं0 14/19अन्तर्गत <नाम> 504,506 भा0द0स0 में अभियोग दर्ज किया गया है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यों मेंलिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> सेप्रभावित करने की <नाम> से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत का घोर विरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्षसे विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवंउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किअभियुक्त को एक संगठित गिरोह का गैंग लीडर होना कहा गया है। अभियुक्त द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर एक महिला के घरमें घुसकर गाली <नाम> वं <नाम> से मारने की धमकी देते हुए बलात्कारजैसे घिनौना अपराध कारित करना प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> कियागया। अभियुक्त की ओर से <नाम> व्यवस्था <नाम> <नाम> बनाम स्टेटआफ यू०पी0, 2019(106) ए०सी०सी0-531 माननीय उच्च न्यायालयबेन्च लखनउ दाखिल किया गया है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालयद्वारा यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया गया है कि उपरोक्त प्रकरण मेंअभियुक्त के विरूद्ध <नाम> 3/50/8 गोवध निवारण अधिनियम केअपराध के विरूद्ध गैगेस्टर एक्ट योजित किया गया है। परन्तु वर्तमानप्रकरण में अभियुक्त द्वारा अपने अन्य साथियो के साथ मिलकर एकमहिला के साथ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही के उपरान्त अभियुक्त कविरूद्ध गैगेस्टर एक्ट का आरोप लगाया गया है। जो अत्यन्त गम्भीरश्रेणी का अपराध है। " ] }
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Bail Application_1570_202004-12-2020201
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि मुकदमावादिनी, उम्र-14 वर्ष के गांव के ही तीन लड़के कमश: <नाम> <नाम> अनन्त मौर्या वराजेश सोनकर अक्सर प्रार्थिनी के साथ छेड़छाड़ करते हैं तथा उल्टी सीधी बाते बोलतेहैं। दिनांक 28.10.2020 के रात को उपरोक्त तीनों लड़के मुकदमा वादिनी के साथछेड़छाड़ <नाम> परेशान किये। मुकदमा वादिनी ने घटना क बारे में अपने पापा से बतायाथा । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा दौरान बहस यह कथन किया गयाकि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक झूठा व बनावटी है। वह घटना के समयघर <नाम> नहीं था। अपनी मौसी के घर घोरावल में था। उसने पीड़िता के साथ कभी भीछेडखानी नहीं किया और <नाम> ही उल्टी सीधी बात बोला है। पीड़िता कथित घटना केस्थान <नाम> व 12.00 बजे <नाम> किस प्रयोजन से बाहर गयी, इसका खुलासा नहीं कियाऔर <नाम> ही पूर्व में हुई घटनाओं के दिनांक, समय व स्थान का जिक किया है। तीनअभियुक्तों का रात में एक साथ होना तथा वादिनी के साथ छेडछाड़ करना घटना कोसंदिग्ध व संदेहास्पद बनाता है। वास्तविकता यह है कि वादिन के पिता त्रिशांकूपाण्डेय व अभियुक्त <नाम> <नाम> के पिता भुवर के बीच चुनावी रंजिश है तथा आपस मेंब्राम्हण व ठाकुरों में वर्चस्व की लड़ाई है। वह भी इस वर्ष <नाम> पंचायत के चुनाव लड़नेकी तैयारी <नाम> रहा है और <नाम> <नाम> के पिता का ग्राम <नाम> के चुनाव में समर्थन वसहयोग <नाम> रहे हैं, जिसकी वजह से गॉव की राजनीतिक द्वेष के <नाम> त्रिशंकूपाण्डेय अपने लड़की को बतौर हथियार इस्तेमाल <नाम> दबाव बनाने तथा जेल भिजवानेव व्यक्तिगत स्वतंत्रता बाधित करने की नियत से झूँठा मुकदमा कायम कराया है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं Bail ApplicationNo, 1570/2020 -Rajesh kumar sonkar Vs. State Government 2 करेगा । उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का विरोध कियागया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा मामले की पीड़िता के घर में रात्रिगृहभेदन <नाम> उसके साथ छेड़छाड़ करते हुये <नाम> से मारने की धमकी <नाम> गया है। मामला गम्भीर <नाम> का है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। उक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "मामले में अभियुक्त <नाम> पीड़िता के घर में घुस <नाम> पीड़िता के साथअश्लील हरकत किये जाने का अभिकथन है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अं.धारा-164द॑ंप्र.सं. में यह कथन किया है कि <नाम> के बारह-एक के बीच अभियुक्तगण अपना मुँहढक <नाम> उसके घर में घुसे, उस समय पीड़िता अपने घर के आंगन में सो रही थी। अभियुक्तगण ने पीड़िता का मुँह ढक <नाम> और उसे घर से करीब डेढ किलोमीटर दूरले गये और उसके साथ छेड़छाड़ किया। मामले की पीड़िता की उम्र अभियोजन द्वारा13 वर्ष बतायी गयी है। शैक्षिक प्रमाण पत्र के अनुसार पीड़िता की जन्मतिथि 18.04.2007 है। चिक एफ.आई.आर. के अनुसार कथित घटना के पूर्व में भी अभियुक्त द्वारापीड़िता के साथ छेड़छाड़ की गयी है। मामले में घटना नाबालिग के साथ कारित कियागया है। " ] }
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Bail Application_1460_202025-11-2020251
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक का सारांश यह है कि शिकायतकर्ता <नाम> <नाम> आर्य,वन <नाम> रक्षक की ओर से दिनांक 04.06.2020 को थाना-चोपन, जनपद सोनभद्रपर इस आशय की लिखित तहरीर दाखिल की गयी कि दिनांक 04.06.2020 कोसमय लगभग 4.30 बजे प्रातः कनछ वीट के मुड़कट्टा(सेंचुरी वन <नाम> से एकअदद टिपर संख्या ए? 6447 5640 <नाम> अवैध <नाम> से नदी <नाम> में बालू खनन करबालू लादकर पटवथ ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही घाघर पुलिया के पासप्रार्थी और उसके सहयोगी द्वारा पकड़ लिया गया। उक्त वाहन को लेकर जबरेंज कार्यालय परिसर चोपन जा रहे थे कि घाघर पुलिया के पास अभियुक्तगणदीपक दूबे, <नाम> <नाम> पप्पू चेरो, शम्भूनारायण ब्रेजा कार संख्या UP 63AD0101 से आकर प्रार्थी व उसके सहयोगी को घेर लिये तथा गाली गलौज तथाजाति सूचक शब्दों का प्रयोग <नाम> राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाते हुए उक्त टीपरको जबरदस्ती ले जाने का प्रयास करने लगे तथा <नाम> से मारने की धमदी देतेहुए आमादा फौजदारी हो गये। इसके अतिरिक्त प्रार्थी द्वारा अभियुक्त <नाम> पाण्डेयके विरूद्ध एफ.आई.आर. संख्या ३4/2029 दिनांक 09.02.2020 को चोपन थाने मेंपंजीकृत होने तथा अभियुक्तगण को मनबढ़ एवं सरहंग किस्म के अपराधी होने काकथन किया गया है। वादी मुकदमा की उक्त लिखित तहरीर के आधार परप्रार्थी / अभियुक्त व अन्य क विरूद्ध थाना-चोपन, जनपद सोनभद्र <नाम> मु0अ0सं0--134 // 2020, धारा-332,353,504,506 भा०द॑0सं0 व धारा-3(1)(),3(2)(v)अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989 केअन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। विवेचना के उपरान्त अभियुक्तगण केविरूद्ध धारा-332,353,504,506 भारतीय दण्ड <नाम> व धारा-3(2)(४१)अनुसूचितजाति एवं अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण)अधिनियम, 1989 के अन्तर्गतआरोप पत्र प्रेषित किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क किया गया किप्रार्थी एक सामाजिक कार्यकर्ता है एवं तमाम सरकारी विभागों में हो रही अनिमितताको <नाम> में लाने का कार्य करता है एवं इसी <नाम> से प्रार्थी को प्रस्तुत मामलेमें आलिप्त किया गया है। अग्रेतर यह भी कथन किया गया है कि प्रार्थी एवं उसकेसहयोगियों द्वारा वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अवैध खननकराये जाने संबंधी शिकायत एवं उनके द्वारा रिश्वत लेते हुए वीडियो बनाकरसोशल मीडिया <नाम> वायरल किये जाने के पश्चात्‌ संबंधित <नाम> निलम्बित कियेजा चुके हैं। इसी <नाम> रंजिशन प्रार्थी क विरूद्ध कई झूठे मामले पंजीकृत करायेगये हैं। उक्त तथ्य क दृष्टिगत प्रार्थी को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की याचनाकी गयी है । ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का घोर विरोध करते हुए यहतर्क किया गया कि अभियुक्त एक सरहंग किस्म का आदतन अपराधी है एवं पूर्व मेंभी उसके विरूद्ध इसी <नाम> के मामले पंजीकृत हैं। अभियुक्त के विरूद्ध इसअपराध के अतिरिक्त थाना चोपन में मुकदमा अपराध संख्य]--34 ८2020 अन्तर्गतधारा 379,504,506 भा०दं0सं0, <नाम> 3/57/70 उपखनिज अधिनियम एवं 4/21खान एवं खनिज अधिनियम तथा मुकदमा अपराध संख्य[-175./.2029 अन्तर्गत धारा147,323,504,332,353 भा0दं0सं0 पंजीकृत है। उक्त दोनों अपराधों में विवेचना केउपरान्त पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने <नाम> आरोप पत्र भी न्यायालय में प्रेषित किये जाचुके हैं। प्रस्तुत मामले में भी विवेचना के उपरान्त मामले की सत्यता के आधार परआरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। उक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि अभियुक्त एकआपराधिक <नाम> का व्यक्ति है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी को जमानत <नाम> <नाम> कियाजाना उचित नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "2्रार्थी/ अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विशेष लोक अभियोजक के तर्कोको सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया गया। वादी <नाम> नोटिसअन्तर्गत <नाम> 15-क(1) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम,1989 का तामीला पर्याप्त है परन्तु वह जमानत प्रार्थना पत्र परसुनवाई के समय उपस्थित नहीं आया। ", "उभय पक्ष क तर्को को सुनने एवं पत्रावली के अवलोकन से यह प्रतीत होताहै कि प्रस्तुत मामले में अन्य अपराधों के अतिरिक्त प्रार्थी के विरूद्ध मुख्य <नाम> सेलोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से भयोपरत करने के लिए आपराधिक बलका प्रयोग किये जाने का आरोप लगाया गया है। किसी लोक सेवक <नाम> <नाम> द्वाराअभ्यारोपित दायित्व के निर्वहन में व्यवधान उत्पन्न करना गम्भीरतम <नाम> काअपराध है एवं प्रार्थी / अभियुक्त क विरूद्ध इसी <नाम> का एक अन्य मामला यानीमुकदमा अपराध संख्या-175/ 2020 अन्तर्गत <नाम> 147,323,504,332,353 भा0दं0सं0थाना चोपन में पंजीकूत है जिसमें विवेचक द्वारा आरोप पत्र भी न्यायालय मेंदाखिल किया जा चुका है। साथ ही प्रकरण दैनिकी संख्या-4 में <नाम> स्वतंत्रगवाहान शिवकुमार चेरा, शोभनाथ चेरो एवं रामसेवक चेरो के बयान के अवलोकनसे यह स्पष्ट है कि सभी साक्षीगण द्वारा अभियोजन कथानक का सस्वर दृढ़तापूर्वकसमर्थन किया गया है। " ] }
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Bail Application_37_202024-02-2020237
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर से कथनकिया गया है कि यह प््रार्थी/अभियुक्त की प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। ्रार्थी/ अभियुक्त जे.वी. इन्टरप्राइजेज प्लाट नम्बर 61 कोयला नगर <नाम> कामालिक है। प्रार्थी/अभियुक्त एल्यूमिनियम स्केप, इलेक्ट्रिकल क टूटे-फूटे सामानों केकबाड़ का व्यवसाय करता है। प्रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुईहै । मामले में <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> के निशानदेही <नाम> दिनांक 09.01.2020 कोलाया गया और चालान <नाम> <नाम> गया था। प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष है, उसे रंजिशनफंसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 10.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्धहै। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि अभियुक्त अभ्यस्तता चोर है तथा अभियुक्त के कब्जे से चोरीका सामान बरामद की गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। विद्वान अभियोजनअधिकारी द्वारा यह भी कथन किया गया है कि अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> रिहाकिया गया तो वह अपराध की पुनरावृत्ति <नाम> सकता है। अत: अभियुक्त की जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.12.2019 को समयकरीब 4 बजे <नाम> टेक्निशियन विरेन्द्र शार्मा द्वारा बताया गया कि एन.टी.पी.सी.-1,जिसकी इन्डस आई.डी. 1244468 है, वहाँ <नाम> लगे बैट्री की चोरी हो गया और मात्र2 सेल बचा है। टावर में लगे सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ किया गया, जिसने बतायाकि एक चाभी बैट्री/सेल्टर की टेक्निशियन विरेन्द्र <नाम> के पास रहती है और एकउसके पास रहती है। जाँच करने <नाम> पाया गया कि मेन गेट व सेल्टर का ताला बन्दएवं सुरक्षित था। दिनांक 24.11.2019 को इसी तरह की चोरी का अंजाम <नाम> गयाजो पूरे 24 सेल की चोरी हुआ था। उक्त आधार <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्टहै कि दिनांक 01.12.2019 को समय करीब 4 बजे <नाम> टेक्निशियन विरेन्द्र <नाम> द्वाराबताया गया कि एन.टी.पी.सी.-1, जिसकी इन्डस आई.डी. 1244468 है, वहाँ <नाम> लगेबैट्री की चोरी हो गया और मात्र 2 सेल बचा है। 2/ooटावर में लगे सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ किया गया, जिसने बताया कि एक चाभीबैट्री / सेल्टर की टेक्निशियन विरेन्द्र <नाम> के पास रहती है और एक उसके पासरहती है। जॉच करने <नाम> पाया गया कि मेन गेट व सेल्टर का ताला बन्द एवंसुरक्षित था। दिनांक 24.11.2019 को इसी तरह की चोरी का अंजाम <नाम> गया जोपूरे 24 सेल की चोरी हुआ था। प्रथम सूचना रिपोर्ट अन्तर्गत धारा-406 में दर्ज कीगयी थी। अभियुक्त के पास से किसी प्रकार की कोई बरामदगी नहीं है। अभियुक्तका नाम सहअभियुक्त <नाम> <नाम> के बयान में आया है। इस घटना के पहलेअभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। अभियुक्त स्केप मटेरियल्स कव्यवसाय का लाइसेन्स धारी है। अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1440_202019-11-2020311
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्शी/ अभियुक्त प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> है,उसके आत्मसमर्पण करने <नाम> उसे न्यायिक अभिरक्षा में लिया जा चुका है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, उसे रंजिशन फंसाया गया है, प्रार्थी पढ़ने वाला छात्र है तथाउसने कोई अपराध नहीं किया है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन कथानक का सारांश यह है कि वादी मकदमा सुशीलकन्नौजिया पुत्र बैजनाथ <नाम> निवासी बिच्छी, थाना कोतवाली राबर्टसगंज,जनपद सोनभद्र की ओर से दिनांक 17.05.2020 को थाना राबर्टसगंज <नाम> इस आशयकी लिखित तहरीर दाखिल की गयी कि दिनांक 17.05.2020 को समय करीब 04 बजेसायं उसकी लड़की को <नाम> <नाम> पुत्र राजमनी <नाम> चन्दन <नाम> पुत्रचेतमनी <नाम> रामकृत <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> तथा <नाम> <नाम> पुत्र मुन्ना <नाम> द्वगरा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली <नाम> <नाम> गया तथा मारा-पीटागया एवं <नाम> से मारने की धमकी दी गयी। चोटहिल होने वाले व्यक्तियों में मंगलधोबी पुत्र <नाम> <नाम> धोबी, <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> धोबी, <नाम> धोबी पुत्रसुशील धोबी तथा बब्लू धोबी पुत्र बैजनाथ धोबी हैं। वादी मुकदमा की लिखित तहरीरके आधार <नाम> प्रार्थी /अभियुक्तगण के विरूद्ध थाना राबर्दसगंज <नाम> मु0अ0सं0-363सन्‌ 2020 धारा-323, 504, 506 भा0दं॑0सं0 व धारा-3(2)(\\/-^) अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकिया गया। ", "वादी मुकदमा को धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जमानत प्रार्थना पत्र कीसुनवाई <नाम> नोटिस जारी किया गया है। नोटिस तामीला के बावजूद वादी पक्ष कीओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी / अभियुक्तपूर्णतया निर्दोष है, प्रार्थी / अभियुक्त को रंजिशन फंसाया गया है तथा उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी को पार्टी बंदी में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थीपढ़ने वाला छात्र है, उसने वादी मुकदमा की पुत्री को गांव के हैण्ड पम्प से <नाम> लेनेको <नाम> नहीं किया और <नाम> ही उसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया है। अतःउसे जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को का खण्डन करतेहुए कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त क विरूद्ध अनुसूचित जाति के वादी मुकदमासुशील कन्नौीजिया की लड़की के साथ मार पीट <नाम> उसे जातिसूचक शब्दों सेअपमानित किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है, जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जावे। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प््ार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों कासम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/अभियुक्त एवं अन्य <नाम> अभियुक्तगणके द्वारा वादी मुकदमा की लड़की को तथा <नाम> धोबी, <नाम> <नाम> धोबी, श्रीमतीदेवी, <नाम> धोबी तथा बब्लू धोबी को मारने पीटने का कथन किया गया है। चोटहिलों का चिकित्सीय परीक्षण घटना के लगभग आधा <नाम> <नाम> कराया गया है। चिकित्सीय परीक्षण के दौरान सभी मजरूबों के शरीर <नाम> सभी चोटें साधारण प्रकृतिकी बतायी गयी हैं। प्रार्थी/ अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास संबंधित थाने सेपेश नहीं किया गया है। अभियुक्त को पूर्व में अंतरिम जमानत <नाम> <नाम> किया गया है,अंतरिम जमानत <नाम> छूटने के उपरान्त उसके द्वारा अंतरिम जमानत का दुरूपयोगनहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_92_202022-01-2020640
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{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य रूपसे यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> रहा। कमाने केलिये बाहर चले जाने के <नाम> वह नियत <नाम> को न्यायालय में नहीं आसका था जिसके <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध गैर जमानती अधिपत्र जारी कियागया है। प्रार्थी दिनॉक 17.01.2020 को स्वयं हाजिर अदालत आया औरवर्तमान में जिला कारागार, सोनभद्र में निरूद्ध है। प्रार्थी ने कोई अपराध नहींकिया है। बरामद शुदा सामान से उसका कोई वास्ता सरोकार नहीं है। घटनाका कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करेगा। उक्त आधार परअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिये जाने <नाम> उसके पुन: फरार होने की सम्भावना है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "9विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि प््रार्थी/अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> रहा है। अभियुक्त के अनुपस्थित रहने केकारण उसके विरूद्ध गैर जमानती अधिपत्र जारी किया गया जिस <नाम> वहस्वयं न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर वारण्ट निरस्तीकरण का प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया जिसे निरस्त <नाम> उसे जिला कारागार भेजा गया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_817_202031-07-2020166
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{ "facts-and-arguments": [ "31.07.2020अभियुक्त मोनू पटवा उफ गरीब की ओर से यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.07.2020 को उप निरीक्षक चन्द्रभान <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल क्षेत्रशांति व्यवस्था जांच प्रार्थना पत्र व <नाम> मास्क वालों की चेकिंग करताहुआ डाला बाजार में खड़े होकर आपस में अपराध व अपराधी के विषयबात <नाम> रहा था कि तभी मुखबिर खास ने आकर सूचना दी कि एकव्यक्ति झूलन व्ली नीचे ओबरा जाने वाली रोड <नाम> हेरोइन लेकर खड़ाहै तथा कहीं जाने के फिराक में है। इस सूचना <नाम> विश्‍वास <नाम> पुलिसबल मौके <नाम> पहुंची तो पुलिस <नाम> को देख <नाम> खड़ा व्यक्ति तेजकदमों से भागने लगा कि ओबरा जाने वाली रोड <नाम> एक बारगी घेरकर 20-25 <नाम> जाते जाते समय करीब 10.55 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम मोनूपटवा उफ गरीब पुत्र भग्गूपति बताया। नियमानुसार जामा तलाशी लीगयी तो उसके पहने हुए पैण्ट जीन्स के अगली जेब से एक सफेद पन्नीमें करीब 106 ग्राम नाजयज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को कारणगिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उनके पास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। पुलिस द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट व अन्य महत्वपूर्णप्राविधानों का पालन नही किया गया हैं। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अभियुक्त एक गरीब व्यक्ति है। वह छोटा मोटा कामकरके अपनी आजीविका चलाता है। अभियुक्त दिनांक 01.07.2020 से.2/ जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्घान अभियोजन अधिकार द्वारा यहकहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 106 ग्राम नाजायज हेरोइनबरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस बलद्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन कियागया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध मेंलिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से 106 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहागया है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। अभियुक्त के पास सेइतनी अधिक <नाम> में हेरोइन की बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्तआपराधिक मन:स्थिति के व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_481_202124-03-2021224
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "24.03.2021अभियुक्त <नाम> <नाम> पुत्र रामजी <नाम> निवासीपुसौली थाना राबर्दसगज जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 11.01.2021 कोउप निरीक्षक योगेन्द्र <नाम> सिह इमराहियों के साथ चौकी से प्रस्थान करबढ़ोौली चौराहे <नाम> संदिग्ध वाहन एवं व्यक्तियों की चेकिंग रोकथाम जुर्मजरायम में मामूर था कि थोड़ी देर <नाम> एस०ओ0जी० प्रभारी <नाम> कुमारत्रिपाठी मय हमराह आ गए। हमलोग आपस में अपराध एवं अपराधियों केबारे में बातचीत <नाम> रहे थे कि थोड़ी देर <नाम> मुखविर आकर बताया कि दोलड़के डी0ए०वी0 स्कूल के पीछे <नाम> टंकी के पास हेरोइन बेच रहे है। इससूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची तो पुलिस वालों कोदेखकर दोनो लड़के दक्षिण तरफ रास्ता पकड़कर भागना चाहे कि गाड़ी सेउतरकर तत्काल दौड़ाकर हिकमत अमली से करीब 2025 <नाम> जातेजाते घेरकर समय करीब 16.00 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए दोनोव्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्रस्व0 पप्पू <नाम> निवासी वार्ड नं0-2 कसबा व थाना राबर्टसगज तथा दूसरे नेअपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र रामजी <नाम> निवासी पुसौली थानाराबर्ट्सगज जिला सोनभद्र बताया। नियमानुसार दोनों व्यक्तियों की जामातलाशी ली गयी तो <नाम> <नाम> के पहने पैन्ट की दाहिनी जेब से 57ग्राम नाजायज हेरोइन एवं <नाम> <नाम> के पहने पैन्ट के दाहिनी जेब से52 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकार पत्र मांगागया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबघित केहस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर मालमुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि Bail Application/481/2021 -Deepak Jaiswal Vs. State Government 2अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसकेपास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। फर्जी बरामदगीदिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट व अन्य महत्वपूर्ण प्राविधानों का पालन नहीकिया गया है। अभियुक्त गरीब व्यक्ति है। अभियुक्त चौकी में पुताई का कार्यकिया था। जिसका दो हजार रूपया बकाया था। जिसे मांगने <नाम> आजकलकिया जाता रहा। तब अभियुक्त ने कहा कि वह एस0पी0 <नाम> के पासजाएगा । इस <नाम> नाराज होकर दीवानजी ने कहा कि हेरोइन में जो व्यक्तिपकड़ा गया है उसके साथ ही उसको भी फसाकर चालान <नाम> दिए। अभियुक्त घर में तनहा कमाने वाला व्यक्ति है। उसके अलावा कोई कमानेवाला व्याक्ति नही है। माता पिता बुजुर्ग है। मुकदमा उपरोक्त में आरोप पत्रन्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। अभियुक्त दिनांक 11.01.2021 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान लोक अभियोजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के कब्जे से 52 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है,जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट केप्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहींकिया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकके तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तके कब्जे से 52 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा गया है, जोवाणिज्यिक <नाम> से काफी कम है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त काअपराधिक इतिहास होने के सबंध में कोई कथन नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1337_201907-12-2019234
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 06.11.2019 को समय दोपहर करीब एक बजे वादी केजीजा <नाम> पुत्र सुवंश, सोमारू पुत्र बजरंगी के साथ शराब पीकर घर आये तोवादी का <नाम> अपने पत्नी <नाम> से कहा सुनी करने लगा और घर में लेजाकर बन्द करके बाहर से आग लगा <नाम> तो उतने में <नाम> का भाईरामललित दरवाजा आया तो सोमारू, <नाम> को ललकारा कि इसको मारों, इतनेपर <नाम> गड़ासे से रामललित को मारने लगा। रामललित को बचाने उसकाभतीजा <नाम> गया तो उसको भी महेशव मौजूद <नाम> रामचन्दर व छैबर व पितासुवंश मिलकर लाठी डण्डे से मारने लगे, जिससे रामललित व <नाम> को चोटेआयी हैं। रामललित की दवा सरकारी अस्तपाल लोढ़ी, सोनभद्र में चल रहा है। निवेदन है कि प्रार्थना पत्र उचित कार्यवाही करने की <नाम> करें। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि अभियोजन कथानकगलत व बेबुनियाद है। प्ररार्थी-अभियुक्त 60 प्रतिशत विकलांग व बृद्ध है। उसका घर घटना स्थल से काफी दूर है। पक्षों के मध्य जमीनी रंजिश चली आरही है जिसके संबंध में कई मुकदमें विचाराधीन हैं। प्रार्थी-अभियुक्त का कथितघटना से कोई वास्ता-सरोकार नहीं है, <नाम> ही वह घटना स्थल <नाम> मौजूद था। ्रार्थी-अभियुक्त को <नाम> किसी गुनाह के जिला जेल गुरमा में निरुद्ध किया गयाहै। प्रार्थी-अभियुक्त की पत्नी अकेली रहती है जिसकी देखरेख करने वाला कोईनहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। प्राथी-अभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारितनहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त को कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। ", "2अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर <नाम> को घर में बन्दकरके आग लगाये तथा उसे बचाने गये रामललित व <नाम> को लाठी ण्डे सेमारा पीटा गया। यह अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में पति-पत्नी के मध्य का विवाद है जो उग्र रूपधारण <नाम> लिया। अभियोजन पक्ष द्वारा यह कहा गया कि गड़ांसे से प्रहार सेपीड़िता का <नाम> इतना घायल हो गया कि उसे इलाज <नाम> ट्रामा सेंटर भेजा गयाजहां वह अब भी बोल पाने की स्थिति में नहीं है, परंतु उसकी कोई आघातआख्या पत्रावली में दाखिल नहीं है तथा पुलिस द्वारा भी <नाम> <नाम> मामले कोधारा-324 भा.दं.सं. की <नाम> <नाम> ही रखा गया है, जबकि अभियुक्त <नाम> केशरीर <नाम> 10 अदद चोटें दिख रही हैं तथा इनमें से कुछ चोटें नाजुक अंगों परभी हैं । " ] }
1GRANTED
Bail Application_422_201903-05-2019847
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा फनिशवर प्रसादपुत्र रामवृक्ष की पत्नी वर्तमान समय में सुन्दरी के ग्राम <नाम> है। दिनांक-03.04.19 को रात लगभग 10 बजकर 16 मिनट <नाम> मो0नं0०- <फ़ोन-नंबर>से उसके मो0नं<फ़ोन-नंबर> <नाम> अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन धमकी भराकिया कि कनहर सिंचाई परियोजना को रोक दो इतना कहकर फोन काटदिया पुन दिनांक-07.04.19 को उसे पैतृक आवास ग्राम सुन्दरी में दरवाजेके कुण्डी से लगा <नाम> में टगा लिफाफे में धमकी भरा पत्र मिला जिसमेंकनहर परियोजना के <नाम> रोकवाने व <नाम> <नाम> रोकवाने <नाम> <नाम> से मारनेकी धमकी दिये है। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी /अभियुक्त को थाना दुट्टी के पुलिस द्वारा फर्जी ढंग से फंसाया गया है। उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। वह निर्दोष है। प्रार्थीको कथित मोबाइल से धमकी देना कहा गया है जबकि उस मोबाइल सेप्रार्थी का कोई मतलब नहीं है। कथित पत्र वादी के घर <नाम> <नाम> जानाकहा जाता है वह प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा <नाम> लिखा गया है <नाम> <नाम> गया हैन ऐसा कोई साक्ष्य पत्रावली <नाम> है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजदअभियुक्त नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। अतः उचितजमानत मुचलिके <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुयेकथन किया गया कि अभियुक्त <नाम> अन्य अभियुक्तों से मिलकर वादीमुकदमा को मोबाईल तथा पत्र के माध्यम से वादी मुकदमा तथा अन्य कोधमका <नाम> कनहर परियोजना का <नाम> रोकवाने का गंभीर आरोप है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष सेविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) के तर्का को सविस्तारसुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ", "सुना एवं केस डायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट आदि प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "..-2 —2—प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट भारतीय दण्ड <नाम> की धारा-506 के तहत अज्ञात के <नाम> में दर्जहुआ है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक-03.04.2019 को जब फोन से धमकीदी गयी तब पंजीकृत नहीं कराया गया है। बल्कि धमकी भरा पत्र(दिनांक-07.04.2019 को) प्राप्त होने <नाम> दिनांक-08.04.2019 को समय 16.50 बजे दर्ज कराया गया है, जो काफी विलम्ब से दर्ज हुआ है। फर्दबरामदगी के अनुसार प्रार्थी /अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा अपने गॉव केबगल स्थित जंगल में सड़क के किनारे जंगल में से जंगली पेड़ की जड़ सेएक अदद मोबाईल बरामद कराया <नाम> कहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्टके अनुसार मो0नं<फ़ोन-नंबर> से वादी के मो0नं<फ़ोन-नंबर> परधमकी दी गयी। जबकि फर्द बरामदगी के अनुसार अभियुक्त <नाम> नारायणने जो मोबाईल बरामद कराया जिनमें दो सीम लगे है जिनके नम्बर कमशः<फ़ोन-नंबर> एवं 381627010 है। फर्द बरामदगी के अनुसार तीनों के रायसे ही प््रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> ने मो0नं<फ़ोन-नंबर> से मो0नं<फ़ोन-नंबर> ग्राम <नाम> सुन्दरी के <नाम> <नाम> फोन करके धमका रहाथा। धमकी भरा पत्र किसके द्वारा लिखा गया है यह साक्ष्य का विषय है। अभियुक्त / प्रार्थी जेल में निरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_480_201907-05-2019826
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी नन्दूलालविश्वकर्मा पुत्र गजाधर <नाम> विश्‍वकर्मा, निवासी ग्राम चिकनी, थाना चितरंगी,जिला सिंगरौली (म0प्र०) द्वारा थाने <नाम> सूचना दी गयी कि दिनांक 25.04.2019को वादी अपने वाहन संख्या-ए.पी. 04 टी.टी. 3799 टेलर को लेकर हिण्डालकोरेनुकूट आया था, खाली करके अपने वाहन में गोविन्द पेट्रोल पम्प के पास मुर्धवारेनुकूट आराम <नाम> रहा था कि भोर में करीब तीन बजे गाड़ी का पंखा बन्द होगया। जब उठकर <नाम> तो वादी की मोबाईल आईटेल रंग सफेद जिसमें दोनम्बर 1. <फ़ोन-नंबर> व 2. <फ़ोन-नंबर> लगे थे तथा टेलर की दो बैटरी सफेदव <नाम> रंग की किसी अज्ञात चोरो द्वारा चुरा लिया गया था, जिनको हमने भगतेहुए <नाम> था। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्त क विरुद्ध मुकदमा दर्ज कियागया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से तर्क किया गया कि प्रार्थी-अभियुक्तके कब्जे से कोई बैट्री की बरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ", "विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) ने जमानत का विरोधकरते हुए कहा कि प््रार्थी-अभियुक्त के पास से चोरी की बैट्री बरामद की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत कस में चोरी की बैटी का कोई विवरण प्रथम सूचना रिपोर्टअथवा साक्षियों के बयान में नहीं है इसलिए बचाव पक्ष का यह तर्क उचित प्रतीतहोता है कि जब <नाम> चोरी गयी बैटरी का कोई वर्णन <नाम> हो तब <नाम> यह नहींकहा जा सकता कि जो बैटरी बरामद कही जाती है वही बैट्री चोरी की है। साथअभियुक्त द्वारा बरामदगी से इंकार किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_698_202024-06-2020340
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 02.06.2020 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> मेंडूमरडीहा पेट्रोल पम्प <नाम> मौजूद था कि सम 17.30 बजे यहां आमजनता के लोग आपस में चर्चा <नाम> रहे थे कि महाबीर सर्विस स्टेशनडूमरडीहा पेट्रोल पम्प <नाम> दिनांक 25 26.05.2019 को पांच लाख पैसठहजार की चोरी अभियुक्तगण अतीश <नाम> एवं <नाम> स्वारथ द्वारा करलिया गया है। इनको गिरफ्तार <नाम> जेल भेज <नाम> गया था तथा बादमें जमानत <नाम> <नाम> हो गएं। ये दोनों काफी शातिर एव दबग है। इनकी आमशोहरत अच्छी नहीं है। इनके भय एवं आतंक के कारणआम <नाम> का कोई व्यक्ति <नाम> शिकायत थाने <नाम> देने नहीं जाताहै। अतीश <नाम> ने अपने साथी <नाम> स्वाथ के साथ मिलकर एकगिरोह बना लिया है। जो अपराध कारित करते है। दिनांक 25/ 26.05.2019 को डुमरडीहा स्थित महाबीर सर्विस स्टेशन पेट्रोल पम्प सेसीसीटीवी कैमरा का तार काट <नाम> कैश <नाम> से दरवाजे का तालाखोलकर व कैश <नाम> में रखे कैश के दराज का ताला खोलकर रू0-5,65000/- चोरी <नाम> लिया गया था। इस संबंध में पेद्रोल पम्पमालिक <नाम> चन्द्र <नाम> के लिखित तहरीर के आधार परमु०अ०सं0-71/19 अन्तर्गत <नाम> 380 भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ। गैगलीडर अतीश <नाम> अपने साथ रामस्वारथ के साथ आपराधिक गिरोहबना लिया है। अतीश <नाम> अपने साथी के साथ मिलकर आर्थिकभौतिक एवं दुनियाबी <नाम> के लिए भा०द0सं0 के अध्याय 17 में वर्णितअपराध कारित करने का अभ्यस्त: अपराधी है। समाज में इनकाभय एवं आतंक व्याप्त है। इनके डर एवं भय से समाज का कोईव्यक्ति इनके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराने से कतराते है। समाज मेंइनका स्वछन्द रहना जनहित में उचित नहीं है। उपरोक्त दोनों केविरूद्ध जिलाधिकारी द्वारा गैंग चार्ट अनुमोदित किया गया है। अतःवादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृतकराया गया । ", "-2/ जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह तर्क प्रस्तुत किया गया हैकि अभियुक्त को रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराधनहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्टके अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0-71/19 अन्तर्गत धारा380,411 भा०द0सं0 थाना दुद्धी जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकूतहै। अभियुक्त क विरूद्ध उपरोक्त मुकदमा के अतिरिक्त अन्य कोईअपराध पंजीकृत नहीं है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्तासरोकार नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्दहोकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में 'भयदहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधघारोंपर जमानत <नाम> मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध चोरी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं0-71/19 अन्तर्गत <नाम> 380,411 भा0द0सं0 थाना दुद्धीजिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त गैग के सदस्य केसाथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारितकरते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुन: अपराधिककृत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण कोप्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> से इन्कार नहीं किया जासकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत का घोर विरोध कियागया है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष क विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्षसे विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवंउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किअभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0-71/19 अन्तर्गत <नाम> 380,411भा०द0सं0 थाना दुद्धी जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैगचार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त गैग के सदस्य के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक लाभके लिए गम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_91_202011-02-2020364
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 25.01.2020 को प्रभारीनिरीक्षक मिथिलेश <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था ड्यूटीक्षेत्र में मौजूद था कि जरिए मुखबिर सूचना <नाम> कि दो व्यक्ति नाजायज गाजा केसाथ ईदगाह के पास नई बाजार से विरधी जाने वाली सड़क <नाम> मौजूद है। इससूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचकर दोनों व्यक्तियों को घेर लिए। पुलिस <नाम> को अचानक अपने पास देखकर वे दोनों भागना चाहे कि भाग नहीं पाए। नाम पता पूछा गया तो एक अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र रमाशंकर एवं दूसरे ने अपनानाम जैनुल पुत्र रजिउद्दीन बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो अनिलकुमार के बाए हाथ में लिए सफेद रग के झोले में अखबारी कागज में लिपटा हुआपांच किलोग्राम नाजायज गांजा एवं दूसरे व्यक्ति जैनुल के दाहिने हाथ में लिएझोले में अखबारी कागज में लिपटा हुआ पांच किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो अभियुक्तगण नहीं दिखा सके। अतःअभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकरपढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के इस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम करायागया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजगांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> सेकाफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त इण्टरमीडिएट का छात्र है। अभियुक्त का दिनांक 18.02.2020 से <नाम> है। घटना के संबंध मे अभियुक्त के पिता द्वारा पुलिस अधीक्षक,सोनभद्र को एक प्रार्थना पत्र जरिए पंजीकृत डाक प्रेषित किया था। अभियुक्त दिनांक25.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। रहBail Application/385/2020 -State Government Vs. Anil Kumar 2राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से पांच किलोग्रामनाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वगरा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। डी0सी०आर०बी0 की आख्या के अनुसारअभियुक्त क विरूद्ध इस अपराध से पूर्व अ0सं0 290/19 अन्तर्गत <नाम> 8/22एन0०डी0पी0 एस0एक्ट थाना राबर्दसगंज जिला सोनभद्र, का अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे पांच किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने काकथन किया गया है तथा कहा गया कि अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्वअ0०सं0 290/19 अन्तर्गत <नाम> 8/22 एन0०डी0पी0 एस0०एक्ट थाना ओबरा जिलासोनभद्र, का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में मुकदमा पंजीकृत होनेके आधार <नाम> एवं अभियुक्त के पास से इतनी अधिक <नाम> में गांजा की बरामदगी केआधार <नाम> अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
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Bail Application_1036_201907-09-2019974
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने थाने परसूचना <नाम> कि उसका मकान गोरारी गांव में आर्यन स्कूल के पीछे स्थित है। वह एवं उसके <नाम> दिनांक 06.08.2019 को जरूरी कार्य <नाम> दिल्ली गये थे तथामकान में कोई नहीं था। आज दिनांक 12.08.2019 को दोपहर 3.30 बजे वापसअपने मकान <नाम> आये। वहां आने <नाम> पाया कि उसके मकान के मेन गेट सेलेकर अन्दर के सारे कमरे क ताले टूटे थे तथा अन्दर लगी आलमारी क सारेकमरों क ताले टूटे थे । <नाम> कीमती सामान, गहने, साड़ियां, बर्तन, गैससिलेण्डर व 40-50 हजार नगदी , इंडक्शन चूल्हा, पीतल के बर्तन आदि सामानचोरी हो गये थे। निवेदन है कि चोरी का पता लगाकर उनका सामान वापसकराया जाय तथा उसे आस-पास के लोगों के द्वारा संदिग्ध लोगों <नाम> शक है। राहुल, आर्यन, मोनू उर्फ <नाम> व <नाम> से पूछताछ की जाय व सख्त कार्यवाहीकी जाय। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कियागया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसे गलत ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने काई अपराधनहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त का घटना से कोई वास्ता-सरोकार नहीं है। पुलिस से सम्पर्क रखने वाले व्यक्ति से प्रार्थी-अभियुक्त का विवाद हुआ था। इसीरंजिश के <नाम> पुलिस द्वारा फर्जी ढंग से फंसा <नाम> गया। फर्द बरामदगी काकोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। बरामद पैसा व पीली धातू का चेन प्रार्थी-अभियुक्त..2 ooका है। प्रार्थी-अभियुक्त का <नाम> अभियुक्त <नाम> उफ मोनू से भिन्न <नाम> नहींहै। अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादिनी के घर में दिन-दहाड़े घुसकर चोरी <नाम> ली गयी। प्रार्थी-अभियुक्त के पास से चोरी का सामानबरामद किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। अभियुक्त के कब्जे से चोरी का सामान बरामद किया गया है। अभियुक्त द्वारा वादिनी से कोई रंजिश नही बतायी गयी है। अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। ्रार्थी-अभियुक्त का आपराधिक इतिहास भी है जो निम्नवत है। ", "1. अ0सं0-208/2017, धारा-8/21 एन0डी0पी0एस0 ऐक्ट थाना-राबर्दसगंजअ0सं0-346/2017, धारा-110 <नाम> द॑0प्रoसं0, थाना-राबर्टसगंजअ0सं0-543,/2019, धारा-8/20 एन0 डी0 पी0 एस0 ऐक्ट, थाना-राबर्दसगंजअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस तथ्य को स्वीकार कियागया है कि अभियुक्त की <नाम> <नाम> अभियुक्त <नाम> उर्फ मोनू से भिन्न नहींहै। <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> उर्फ मोनू की जमानत इस न्यायालय द्वारानिरस्त की जा चुकी है। " ] }
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Bail Application_1399_201916-12-201989
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> सिंहने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि ट्रेलर वाहन सं0-यू0पी0 64ए टी 2512 का वहस्वामी है। उसका वाहन दिनांक 26.11.2019 को सायंकाल 6.30 बजे रोडवेज बसस्टैण्ड के पास शक्तिनगर में निगाही से लोड करके नो इण्ट्री में खड़ा था। ड्राइवर व खलासी के साथ भोजन करने <नाम> पास की दुकान <नाम> चला गया था। जब लौटा तो गाड़ी चालू नहीं हुई। जांच-पड़ताल किया गया तो गाड़ी में लगीदोनों बैट्रियां किसी अज्ञात चोर द्वारा निकाल ली गयी थी। बहुत खोजने <नाम> भीदोनों बैट्रियां उसे नहीं मिल रही हैं। दोनों बैट्रियां 12 बोल्ट की <नाम> रंग की हैंजिन <नाम> अंग्रेजी में EXIDE GOLD लिखा हुआ है जिन्हें देखकर वह पहचानलेगा। आवश्यक कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वे निर्दोष हैं। प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। उनके पास से कोई बरामदगी नहींहुई है। फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है। उन्हें फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थीगण आपस में पिता-पुत्र हैं। प्रार्थीगण द्वारा <नाम> तो कोई बैट्री चोरी की गयीहै और <नाम> ही उनके द्वारा कोई अपराध किया गया है। प्रार्थीगण का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगण काफी दिनों से जेल में निरुद्ध हैं। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा वादी के वाहन में लगी हुई बैट्रियों की चोरी <नाम> लीगयी । प्रार्थी-अभियुक्तगण के कब्जे से चोरी की बैद्री बरामद की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "oo्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं बताया गयाहै। बैट्रियों की रसीद व नम्बर नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण दिनांक29.11.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_892_201914-08-2019100
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 04.12.2016 को उपनिरीक्षक मनेश <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मियों के साथ काम्बिग नक्सल एवंजनचौपाल में ग्राम सोतिल के पास पहुंचे तो एक व्यक्ति हाथ देकर उनकी गाड़ीको रोकवाया । पूछने <नाम> उसने बताया कि उसका नाम चन्द्रशेखर बैसवार है। डोमखरी गांव में जमीनी विवाद है। उसी की जोताई बहादुर <नाम> व कल्लूयादव निवासी सोतिल <नाम> रहे हैं। विपक्षी बिहारी <नाम> व <नाम> <नाम> हरिजन,विकास व <नाम> की औरत रोक रहे हैं। लाठी-डण्डा लेकर मार-पीट परउतारू हो गये हैं। इस सूचना <नाम> हमराही पुलिस कर्मियों के साथ मौके <नाम> ग्रामडोमखरी पहुंचा तथा रोका गया तो बिहारी, <नाम> <नाम> व <नाम> की औरतपुलिस वालों से उलझते हुए लाठी-डण्डा चलाने लगे जिससे हमराही एचसीपीउदय <नाम> <नाम> व का0० <नाम> <नाम> दूबे चोटिल हो गये। मौके <नाम> समय12.45 बजे बिहारी, <नाम> व <नाम> को हिरासत में लिया गया तथा बिहारी केपास से मिले डण्डे को कब्जे में लिया गया तथा <नाम> व <नाम> के कब्जे सेभी एक-एक लाठी कब्जा पुलिस में लिया गया। <नाम> की औरत मौका पाकरभाग गयी। चोटिल पुलिस कर्मचारियों को डाक्टरी एवं इलाज <नाम> अस्पताल भेजाजा रहा है। इस सूचना <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध <नाम> 332, 353 भा0दं0सं0के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "oo्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि प्रार्थीगण को झूठाफंसाया गया है। प्रार्थीगण ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थीगण निर्दोष हैं। प्रार्थीगण द्वारा पुलिस वालों से कोई मार-पीट नहीं की गयी है। प्रार्थीगण कीजमानत अन्तर्गत <नाम> 332, 353 भा०दं0सं0 के अपराध में मुख्य न्यायिकमजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। पुलिस कर्मियों द्वारा जान-बूझकरअभियुक्तगण के विरूद्ध <नाम> 333 भा0०दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा पुलिस कर्मियों को सरकारी कार्य के निर्वहन में बाधापहुंचाने की नियत से मार-पीट की गयी । अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत केस में जिस <नाम> <नाम> पक्षकारों के मध्य विवाद हो रहा थाउससे सम्बन्धित राजस्व न्यायालय का बमुकदमा 6/2006-07 अन्तर्गतधारा-229बी जमींदारी विनाश अधिनियम में पारित निर्णय दिनांक 19.02.2009दाखिल किया गया है जिसके अनुसार अभियुक्तगण के पिता के नाम से <नाम> दर्जकरने का आदेश पारित किया गया है। ", "कथानक के अनुसार वादी के अनुरोध <नाम> पुलिस कर्मी मौके परपहुंच गये थे तथा मार-पीट में पुलिस वालों को भी चोटें आयी। मूलत: यहमामला <नाम> 353, 332 भा0दं0सं0 के अन्तर्गत दर्ज किया गया था जिसमेंअभियुक्तगण को अधीनस्थ न्यायालय द्वारा जमानत <नाम> <नाम> किया जा चुका है। ", "चूँकि प्रस्तुत मामले में अभियुक्तगण को पूर्व में जमानत <नाम> रिहाकिया जा चुका है। अत: <नाम> की बढ़ोत्तरी किये जाने से प्रस्तुत केस केगुण-दोष <नाम> कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। अतः अभियुक्तगण को धारा-333भा0दं0सं0 के अपराध में जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1158_201921-10-2019615
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> पुत्रराम जतन कोल, निवासी बहुआर थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र ने दिनॉक28.05.2019 को थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनॉक 27.05.2019 को <नाम> में 10:00 बजेउसकी भतीजी पीड़िता पुत्री केशव, उम्र लगभग 15-16 वर्ष घर <नाम> अकेलीथी। वह और उसका <नाम> मजदूरी करने बाहर गये थे। उसके गाव कीमालती <नाम> पत्नी सूर्यबली तथा मुलायम पुत्र सूर्यबली ने मिल <नाम> उसकीभतीजी को बहला फुसला <नाम> कहीं भगा ले गये। प्रार्थी व उसका <नाम> जबशाम को घर आये तो घटना की जानकारी हुई। प्रार्थी ने परिचितों तथा नातरिस्तेदार के यहाँ खोजने का प्रयास किया लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। मालती व मुलायम भी उसी समय से घर से गायब हैं। <नाम> ठीक औरतनहीं है पूर्व में भी ऐसा <नाम> <नाम> चुकी है । ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को फर्जी ढंग से मुल्जिम बनायागया है। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन 9कथानक झूठा एवं मनगढ़न्त है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अन्तर्गत धारा-164दंण्ड प्रकिया <नाम> में स्वयं बताया गया है कि वह 18 वर्ष से अधिक उम्र कीहै। उसके मॉ-बाप पहले से शादीशुदा व्यक्ति से उसका विवाह करने जा रहेथे तब उसने विरोध किया। वह अभियुक्त से प्यार करती थी, वह उसे भगाकर नहीं ले गया था। पीड़िता के उक्त बयान से अभियुक्त के विरूद्ध कोईअपराध नहीं बनता है। प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय बहुआर ने पीड़िता केप्रमाण पत्र में उसकी जन्मतिथि 23.05.2001 बताया है। अभियुक्त दिनॉक14.09.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त की ओर से यह भी <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि तथाकथित पीड़िता द्वारा बताये जाने <नाम> कि वह 18 वर्ष सेअधिक उम्र की है फिर भी विवेचक द्वारा सही तथ्यों को छिपा <नाम> उसकीजन्मतिथि गलत तरीके से दर्शायी गयी है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि विवेचना में कक्षा-6 के अनुसार पीड़िता कीजन्मतिथि 18.07.2003 पाये जाने <नाम> विवेचक द्वारा मामले में धारा-376(3)भारतीय दंण्ड <नाम> एवं धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षणअधिनियम, 2012 की बृद्दि की गयी है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया है किप्राथमिक विद्यालय बहुआर में पीड़िता की जन्मतिथि 23.05.2001 <नाम> है। यद्यपि कि पीड़िता ने बयान अन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रक्रिया <नाम> में अपनीउम्र घटना के समय 18 वर्ष 04 <नाम> बताया है, परन्तु विवेचक को जन्मतिथिनहीं बताया था। अभियुक्त द्वारा पीड़िता को बहला फुसला <नाम> शादी काझॉसा देकर ले जाने का <नाम> प्रस्तुत करते हुये जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत मामले सेसम्बन्धित अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कितथाकथित पीड़िता की उम्र घटना के समय 18 वर्ष से अधिक थी। इससम्बन्ध में प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय बहुआर, राबर्टसगंज सोनभद्र द्वाराजारी प्रमाण पत्र 5-ख/6 दाखिल किया गया है जिसमें पीड़िता पुत्री केशवप्रसाद को उक्त विद्यालय में प्राथमिक <नाम> ग्रहण करना एवं उसकीजन्मतिथि प्रवेश रजिस्टर में दिनॉक 23.05.2001 <नाम> होना बताया गया है। इस सन्दर्भ में अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के अनुरोध <नाम> उक्त विद्यालय के जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1158/ 2019,3प्रधानाध्यापक को तलब किये जाने <नाम> उनके द्वारा प्रमाणित प्रवेश रजिस्टर कीप्रति कागज संख्या 9_ख प्रस्तुत किया गया है। जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि23.05.2001 <नाम> है एवं कक्षा-1 से 4 <नाम> <नाम> ग्रहण करने का उल्लेखहै। पूर्व माध्यमिक विद्यालय बहुआर, राबर्टसगंज सोनभद्र के प्रधानाध्यापक द्वाराजो प्रवेश पंजिका कागज संख्या 12ख/1 लगायत 12-ख/3 प्रस्तुत कियागया है उसमें पीड़िता की गृह <नाम> के आधार <नाम> उसकी जन्मतिथि18.07.2003 <नाम> किया गया है तथा कागज संख्या 13-ख प्रार्थना पत्र कीछाया <नाम> प्रस्तुत किया गया है जिसमें पीड़िता के चाचा वादी मुकदमा राजेशकुमार द्वारा पीड़िता को अपनी पुत्री बताते हुये उसकी जन्मतिथि 18.07.2003विद्यालय में लिखे जाने <नाम> प्रधानाध्यापक को <नाम> गया है। जैसा कि दौरानविवेचना जो साक्ष्य संकलित है उससे पीड़िता द्वारा यह कथन किया गया हैकि उसके घर वाले पूर्व से शादीशुदा लड़के से उसकी शादी करना चाह रहेथे। इस <नाम> वह अभियुक्त के साथ स्वेच्छा से गयी थी और स्वेच्छा सेउसके साथ विवाह करके <नाम> पत्नी के <नाम> में रहना बताया है। पीड़िता नेबयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में भी इसी तथ्य का कथनकरते हुये घटना के समय स्वयं को 18 वर्ष 04 <नाम> का होना बताया है। इसप्रकार इस स्तर <नाम> पीड़िता की जन्मतिथि के सम्बन्ध में जो तथ्य रखा गया हैउससे प्राथमिक विद्यालय बहुआर, राबर्टसगंज सोनभद्र में उसकी जन्मतिथि23.05.2001 के अनुसार वह घटना की <नाम> 27.05.2019 को 18 वर्ष सेअधिक उम्र की प्रतीत हो रही है तथा उसक द्वारा स्वेच्छा से अभियुक्त केसाथ <नाम> एवं विवाह करने का तथ्य भी रखा गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_229_202029-02-2020145
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "(वाहन संख्या यू0पी0 65एफ0टी0-4211) । ", "बनामउत्तर प्रदेश राज्य । ", "मुकदमा अपराध संख्या-09 / 2020,धारा-379, 411 भारतीय दण्ड <नाम> एवंधारा-3/ 57/70 उत्तर प्रदेश खनिजपरिहार नियमावली 1963 व धारा-4/21खान एवं खनिज <नाम> एवं विनियमनअधिनियम 1957थाना-म्योरपुर, जिला सोनभद्र । ", "आदेशयह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा-438(1) द॑ण्डप्रकिया <नाम> में प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा मुकदमा अपराधसंख्या -09/2020, अन्तर्गत धारा-379, 411 भारतीय दंण्ड <नाम> एवंधारा- 3/57/70 उत्तर प्रदेश खनिज <नाम> नियमावली 1963 वधारा-4/21 <नाम> एवं खनिज <नाम> एवं विनियमन अधिनियम 1957 थानाम्योरपुर, जिला सोनभद्र के मामले में प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थना पत्र मेंकिये गये कथन के समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा गोपालकृष्ण <नाम> <नाम> निरीक्षक सोनभद्र ने दिनॉक 27.01.2020 को थाना म्योरपुरजिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया किमान चित्रकार <नाम> <नाम> कान्त <नाम> के साथ दिनॉक 26.01.2020 को समय10:00 पी0एम0 <नाम> लिलासी मोड़ <नाम> उप खनिजों का अवैधपरिवहन / निर्धारित <नाम> से अधिक उप खनिज परिवहन के मामले में वाहनसंख्या यू०पी0 65एफ0टी0- 4211 की जॉच की गयी। जॉच के दौरान पायागया कि उक्त वाहन <नाम> 28.00 घन मीटर बालू /मोरम लोड है जिसकेसम्बन्ध में चालक द्वारा इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र संख्या-<फ़ोन-नंबर> दिनाक Bail Application/229/2020 -Dilip Kumar Vs. State Government 226.01.2020 प्रस्तुत किया गया । जिसकी जाँच करने <नाम> पाया गया कि उक्तइलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र 16.00 घन मीटर बालू/मोरम के परिवहन जनपदवाराणसी <नाम> दिनॉक 26.01.2020 समय 01:14 पी0एम0 निर्गत किया गया था,जो दिनॉक 26.01.2020 समय 11:37 पी0एम0 <नाम> परिवहन <नाम> वैध था। इसप्रकार इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र में <नाम> <नाम> से अधिक उप खनिज लोड करचोरी छिपे परिवहन किया जा रहा था। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> सेयह आधार लिया गया है कि अभियोजन कथानक गलत एवं बेबुनियाद है। कथित अपराध यदि बालू की <नाम> लोडिंग मशीन से अधिक लोड की गयी हैतो भी उक्त अपराध उत्तर प्रदेश खनिज <नाम> नियमावली की उपरोक्तधाराओं में कम्पाउण्डेबल अपराध है जिसे आर्थिक दण्ड देकर उन्मुक्त कियाजा सकता था। कथित अपराध जमानती अपराध है किन्तु अभियोजन पक्षद्वारा <नाम> -बूझ <नाम> उसमें धारा-379, 411 भारतीय दण्ड <नाम> का इजहारकर एफ0 आई०आर0 दर्ज कराया गया है। प्रार्थी प्रश्‍नगत वाहन का <नाम> हैतथा वाहन के साथ <नाम> तो वह चलता है और <नाम> ही वाहन <नाम> कोई अवैध यामात्रा से अधिक वस्तु लादने की हिदायत चालक को <नाम> है। घटना कीप्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज कराया गया है। प्रार्थी <नाम> तो घटना स्थलपर था और <नाम> ही एफ0आई०आर0 में उसका नाम लिखा गया है। उक्तआधार <नाम> अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी है । ", "इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि वादीमुकदमा <नाम> निरीक्षक द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान प्रार्थी/ अभियुक्त केवाहन <नाम> इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र में <नाम> <नाम> से अधिक उप खनिज लोडकर चोरी-छिपे परिवहन किया जा रहा था। यदि अभियुक्त की अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह वादी एवं अभियोजनसाक्ष्य को प्रभावित करेगा । अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी हूै। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रश्‍नगत वाहनसंख्या यू0पी0 65एफ0टी0-4211 के जॉच के कम में उस <नाम> 28 घन मीटरबालू /मोरम लोड होना पाया गया। जबकि वाहन <नाम> लदे उप खनिज केसम्बन्ध में चालक द्वारा प्रस्तुत किये गये इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र में मात्र 16.00घन मीटर बालू / मोरम के परिवहन <नाम> निर्गत किया गया था। जॉच के कममें <नाम> <नाम> को उक्त वाहन का <नाम> होना बताया गया है जिसके उङ्कBail Application/229/2020 -Dilip Kumar Vs. State Government 3द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। केस डायरीके अवलोकन से यह प्रकट होता है कि उक्त वाहन <नाम> / प्रार्थी अभियुक्तके विरूद्ध अग्रिम विवेचना जारी है। प्रस्तुत मामले में मुख्य <नाम> से प्रथमदृष्टया <नाम> व खनिज <नाम> एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा-4के प्रावधान का उल्लंघन किया <नाम> दर्शित होता है जिसके लियेधारा-21(1) यह प्रावधानित करता है कि ऐसे व्यक्ति को उक्त अधिनियम केविरूद्ध खनिज के परिवहन का अपराध करते हुये पाये जाने <नाम> दो साल कीसजा या पॉच लाख रूपये अर्थदंण्ड से या दोनों से दण्डित किया जायेगा । प्रस्तुत प्रकरण आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है जो विकासशील समाजके लिये एक गम्भीरतम अपराध है। इस सन्दर्भ में यह उल्लिखित करनासमीचीन प्रतीत होता है कि प्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(४) दंण्ड प्रकियासंहिता के दृष्टिगत ऐसा कोई तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रार्थी/अभियुक्त कीओर से उपस्थापित नहीं किया गया है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकेकि प्रार्थी को गिरफ्तार <नाम> <नाम> क्षति पहुँचाने या उसे अपमानित करने केउद्देश्य से अभियोग लिखाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_812_201926-07-2019222
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 13.01.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभालक्षेत्र व तलाश संदिग्ध व पतारसी सुरागरसी करते हुए रेलवे कासिंग परमौजूद था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि दो व्यक्ति रेलवेस्टेशन सोनभद्र की तरफ से अपने हाथ में लिए झोले में नाजायज गांजालेकर कसबा राबर्द्रसगंज की तरफ आ रहे है। इस सूचना <नाम> विश्वासकरके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचकर इन्तजार करने लगे कि थोड़ी देर मेंरेलवे स्टेशन की तरफ से दो व्यक्ति अपने अपने हाथ में झोला लिएआते दिखायी दिए। पुलिस वालों को देखकर दोनो व्यक्ति झोला लिएहुए पीछे मुड़कर <नाम> कदमों से जाने लगे कि संदेह होने <नाम> पुलिस बलदौड़ाकर करीब 20-30 <नाम> जाते जाते समय करीब 17.05 बजे पकड़लिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक नेअपना नाम अवधेश <नाम> पुत्र <नाम> निहोर एवं दूसरे ने अपना नामश्रीकान्त <नाम> पुत्र <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशी लीगयी तो अवधेश <नाम> के दाहिने हाथ में लिए झोले से दो किलोपांच सौ ग्राम एवं श्रीकान्त <नाम> के दाहिने हाथ में लिए झोले से दोकिलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण कोकारण गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकरपढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द कीनकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल करमुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। उसकेपास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पाससे बरामद गाजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त सीधा साधा एवं विकलांग व्यक्ति है। मेहनतमजदूरी करके अपना खर्च चलाता है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 13.01.2019 से जेल में निरूद्ध है। 2 —2—उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेदो किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0एपी0एस०एक्ट क प्राविधानों कासही प्रकार से पालन किया गया है। डी0सी0आर0बी0 के अनुसारअभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आघधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से दो किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद की गयी है, जोवाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। अभियुक्त दिनांक 13.01.2019 सेजेल में निरूद्ध है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कोई कथन नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_266_202124-02-2021593
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "आदेश्रार्थिनी <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> निवासी चन्दईपुर थाना देहातकोतवाली जिला मीरजापुर की ओर से वाहन संख्या यू०पी0-63एएल /7820 कोअपने पक्ष में अवमुक्त करने <नाम> यह प्रार्थना पत्र <नाम> गया है। ", "प्रार्थिनी <नाम> <नाम> की ओर से प्रार्थना पत्र इस आशय का प्रस्तुतकिया गया है कि वाहन संख्या यू०पी0-63एएल /7820 तथा वाहन का प्रकारमोटर कार \"“एल0एमणवी0 व इंजन नं0- डी13ए-35%%%%, चेचिससंख्या-एम0ए०-3एन0वाई0एफ०बी-1एस0 के0के0-5%%%% का पंजीकृत स्वामिनीहै । प्रार्थिनी के वाहन को दिनांक 06.11.2020 से थाना हाजा में निरूद्ध <नाम> दियागया है। प्रार्थिनी के वाहन का थाने में खड़ा रहने से उसके कलपुर्ज खराब होजाएगें, जिससे प््रार्थिनी को अपूर्णनीय क्षति हो जाएगी। अतः थाना हाजा से रिपोर्टतलब <नाम> वाहन को उचितं जमानत मुचलिका <नाम> <नाम> करने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "्रार्थिनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया कि प््रार्थिनी वाहनउपरोक्त का पंजीकृत स्वामिनी है। वाहन उपरोक्त से संबधित समस्त मूल प्रपत्रएन0सी0बी0 लखनउ द्वारा जब्त किया गया है। उक्त वाहन क थाने में खुले में रहनेसे उसके खराब होने की पूर्ण सम्भावना है। प्रार्थिनी अण्डरटेकिंग देने को तैयारहै,जब न्यायालय चाहेगा उक्त वाहन को पेश करेगी। उक्त आधारों <नाम> वाहन कोछोड़े जाने की <नाम> की गयी ह़ै। ", "एन0सी0बी0 लखनउ की ओर से प्रकरण के विवेचक द्वारा उपस्थितहोकर यह तर्क रखा गया कि उक्त वाहन दिनांक 06.11.2020 को 800 किलोग्रामगाजा जब्ती के दौरान तस्करी में सलिप्त पाए जाने <नाम> एन0डी0पी0एस०एक्ट कीधारा-60 के अन्तर्गत जब्त किया गया है। उक्त वाहन गाजे की तस्करी में एस्कार्टके तौर <नाम> प्रयोग किया जा रहा था। प्रकरण में वर्तमान में विवेचना जारी है। एन0सी0बी0 के विवेचक द्वारा वाहन उपरोक्त के समस्त मूल प्रपत्रों को न्यायालय केसमक्ष पेश किया गया तथा वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र की छायाप्रति न्यायालय मेंप्रस्तुत किया गया। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थना पत्र निरस्त करने की <नाम> कीगयी है। विवेचक द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि उक्त वाहन से किसी भीप्रकार की बरामदगी नहीं हुई है। उक्त तथ्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजो से भीसमर्थित है। वाहन के स्वामित्व <नाम> अनुसंधान एजेन्सी द्वारा विवादित नहीं किया गयाहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_536_201930-05-2019684
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 30.04.2019को <नाम> 9.00 बजे मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार <नाम> पटना क0नं0-5 कसमीप राजस्व ग्राम-बैजनाथ के निवासी अभियुक्तगण के आवास से आज दिनांक01.05.2019 को सुबह वादी द्वारा वन्य <नाम> संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित में प्रख्यापित शेड्यूल-1 वन्य प्राणी पेंगोलीन बरामद किया गया तथामकान <नाम> व सम्बन्धित अभियुक्तों से पूछताछ की गयी जिसमे अभियुक्तो नेअपना अपराध स्वीकार किया। मौके <नाम> फर्द बरामदगी तैयार की गयी तथाअभियुक्तों के ऊपर वन्य प्राणी के अवैध शिकार <नाम> एच-2 केस जारी कियागया। इस आधार <नाम> अभियुक्तगण क विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त का फर्द बरामदगी में <नाम> के रुप में हस्ताक्षर करायागया है किन्तु किन परिस्थितियों मं प्रार्थी को अभियुक्त बना <नाम> गया इसकाकोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का गांव कथित बरामदगीगांव से भिन्न है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से प्रतिबंधित वन्य प्राणी पेंगोलीन बरामद किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि वन विभाग को दिनांक30.04.2019 की <नाम> 9.00 बजे उक्त पेंगोलीन के अभियुक्त के कन्जे में होने कीजानकारी जरिये मुखबिर होने का अभिकथन है। वन विभाग द्वारा प्रेषित नरेटिवके अनुसार उक्त पेंगोलीन अभियुक्त <नाम> के आवास से वन विभाग केकर्मचारियों द्वारा बरामद किया गया था। उस समय अभियुक्तगण गुड्डू व रामाभी मौजूद थे। इस बरामदगी का स्थल अभियुक्त <नाम> का आवास था <नाम> किअभियुक्त <नाम> का। अभियुक्त द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया है कि उसका घर जंगल केबीच में है। जंगली जानवर अनेक बार स्वत: ही उनके घर में आ जाते हैं। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि प्रस्तुत अभियुक्त रामाके समक्ष उसकी मौजूदगी में बरामदगी एवं गिरफूतारी दिखायी जा रही है जबकिवन विभाग ने उसे बतौर <नाम> फर्द बरामदगी <नाम> इस्ताक्षर कराया था। ", "प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_813_201923-07-2019254
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि वह सोनाटा फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी शाखा सोनभद्र मेंशाखा प्रबन्धक के पद <नाम> कार्यरत है जिसका कार्यालय वार्ड नं0-6 नई बस्तीकस्बा राबर्टसगंज में स्थित है। दिनांक 17.05.2019 को कार्यालय बन्द करकेवह घर चला गया। दिनांक 19.05.2019 को जह वह वापस आया तो <नाम> किउसके कार्यालय के गेट का ताला तोड़कर कमरे में <नाम> हुई एक बैद्री व एकइनवरटर अज्ञात चोरों द्वारा चोरी <नाम> लिया गया। अगल-बगल जानकारी कियालेकिन बैट्री व इनवरटर की कोई जानकारी नहीं मिली। सूचना <नाम> रहा है। आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से फर्जीबरामदगी दिखायी गयी है। फर्द बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से चोरी का सामान बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त के कब्जे से इनवरटर तथा बैद्री कीबरामदगी कही जाती है। पत्रावली में इनवरटर तथा बैट्री से सम्बन्धित रसीद भीदाखिल की गयी है परन्तु फर्द बरामदगी में बरामदशुदा इनरवटर व बैद्री की ऐसीकोई पहचान नहीं दी गयी है जिससे यह कहा जा सके कि जो बैद्री जोरी हुईथी वही बरामद हुई थी और उसी की रसीद पत्रावली में दाखिल है। केवल ब्राण्डनाम से यह नहीं कहा जा सकता कि यह वही इनवरटर व बैट्री है जब <नाम> किउसका सिरियल नम्बर <नाम> हो। " ] }
1GRANTED
Bail Application_970_201927-08-201926
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से प्रस्तुत प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रसं0- 586/2012 दिनांक 08.10.2012 को इसी न्यायालय द्वारा निरस्त किया जाचुका है। प्रस्तुत मामले में कुल सात <नाम> बताये गये हैं किन्तु सात वर्ष व्यतीतहो जाने के <नाम> भी मात्र तीन गवाहों को परीक्षित कराया गया है। ्रार्थी-अभियुक्त लगातार कारागार में 07 वर्ष 01 माह व्यतीत <नाम> चुका है। परीक्षित गवाहों ने प्रार्थी के विरुद्ध अपराध सिद्ध नहीं किया है। मामले केविचारण में काफी समय लगने की सम्भावना है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अत्यन्तविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प््रार्थी-अभियुक्त को 07 वर्ष 01 माह जेल मेंनिरुद्ध रहने के <नाम> उसका परिवार भूखमरी के कगार <नाम> है तथा बच्चों कीपढ़ाई बाधित हो रही है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। यदि उसे जमानतपर <नाम> <नाम> भी <नाम> गया तो इसका कोई <नाम> अभियुक्त को मिलने वाला नहींहै। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "्रार्थी-अभियुक्त का यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है जिसमें यहआधार लिया गया है कि अभियुक्त 07 वर्ष 01 माह से जेल में निरुद्ध है जिसकेकारण उसका पूरा परिवार भूखमरी का शिकार हो गया है। <नाम> <नाम> विचारणन्यायालय द्वारा प्रस्तुत मामले का विचारण पूरा नहीं किया गया है। ", "उल्लेखनीय है कि प्रस्तुत मामले का विचारण समाप्त <नाम> होने सेअभियुक्त के परिवार को भूखमरी के कगार <नाम> पहुंचने का अभिकथन उचित..2 9प्रतीत नहीं होता है क्योंकि अभियोजन पक्ष के अनुसार अभियुक्त आजीवनकारावास की सजा भुगत रहा है इसलिए ऐसी परिस्थति में अभियुक्त को मामलेमें जमानत <नाम> <नाम> <नाम> भी <नाम> गया तो भी जेल से बाहर नहीं आ पायेगा। फिर भी अभियुक्त को त्वरित विचारण का अधिकार है जो किया <नाम> चाहिए। प्रस्तुत मामले में अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने काआधार पर्याप्त नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_100_202014-02-2020320
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओरकथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्राथी/अभियुक्त वाहन संख्या-यूपी. 58 टी 7105 का वास्तविक स्वामीहै। प्रार्थी / अभियुक्त के वाहन को थाना राबर्ट्सगंज की पुलिस द्वारा खानअधिकारी की साजिश में अवैध ढंग से निरूद्ध <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त के वाहन की सभी कागजात व खनन एवं परिवहन हेतुनिर्गत सभी प्रमाण पत्र वैध हें। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं हैं। उक्त आधार <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त ने अग्रिम जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक26.01.2020 को समय 8.30 बजे उपजिलाधिकारी सदर एवं <नाम> अधिकारीकी <नाम> टीम अवैध/ निर्धारित <नाम> से अधिक उपखनिज परिवहन कीलोढ़ी टोल प्लाजा की सड़क <नाम> जाच <नाम> रही थी। जॉच के दौरान पायागया कि वाहन संख्या यूपी. 58 टी 7105 <नाम> 21.16 घ0मी० बालू / मौरमलोड था। वाहन <नाम> लदे उपखनिज बालू / मौरम के सम्बन्ध में चालक द्वाराइलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र-<फ़ोन-नंबर> दिनांकित 25.01.2020 प्रस्तुत किया,जिसमें पाया गया कि 21.16 घ0मी0 बालू /मौरम के परिवहन जनपदसिद्धार्थनगर <नाम> दिनांक 25.01.2020 को समय 4.12 बजे निर्गत किया गयाथा, जो दिनांक 26.01.2020 समय 2.37 बजे <नाम> ही परिवहन <नाम> वैध था। जॉच के समय उक्त इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र की वैधता समाप्त हो चुकी थी। ", "2/ —2—इस प्रकार परिवहन प्रपत्र की वैधता अवधि समाप्त होने केउपरान्त भी उपखनिजों की चोरी-छिपे अवैध परिवहन किया जा रहा था। उक्त आधार <नाम> वाहन चालक <नाम> के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकी गयी । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा अग्रिम जमानत का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि यदि अभियुक्त को अग्रिम जमानत पररिहा किया गया तो अभियुक्त गवाहों को प्रभावित किये जाने तथा विवेचनामं सहयोग <नाम> करने की प्रबल सम्भावना है तथा अभियुक्त ने उक्त अपराधके माध्यम से राजकीय धन की क्षति कारित की है। उक्त आधार <नाम> अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यहस्पष्ट है कि दिनांक 26.01.2020 को अभियुक्त को घटनास्थल परजिलाधिकारी सदर तथा <नाम> <नाम> सोनभद्र की <नाम> टीम द्वारावाहन संख्या-यू.पी. 58 टी 7105 <नाम> अवैध <नाम> से लदे बालू /मौरम कोपकड़ा गया, जिसकी जाँच करने <नाम> पाया गया कि इलेक्टानिक प्रवेश पत्रकी वैधता अवधि समाप्त हो चुकी है। अतः इस स्तर <नाम> यह स्पष्ट है किअभियुक्त / प्रार्थी ने अवैध <नाम> से बालू /मौरम ले जा रहे थे। " ] }
0DENIED
Bail Application_537_201931-05-2019673
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{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी वर्तमान मुकदमे में पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी नियततिथि को न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका जिससे उसके विरुद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी जान-बूझकर न्यायालय उपस्थितहोने में कोई लापरवाही नहीं किया है। प्रार्थी नियत <नाम> की जानकारी <नाम> होनेके <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी जान-बूझकर नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं आ रहा थाजिसके <नाम> मुकदमें के निस्तारण में विलम्ब हो रहा है। मुकदमा काफी पुरानाहै। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "्रार्थी-अभियुक्त गैर जमानतीय वारण्ट के आधार <नाम> गिरफूतारहोकर दिनांक 10.05.2019 से कारागार में निरुद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालयद्वारा परीक्षणीय है । ", "गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का पर्याप्त आधार है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_130_202013-02-2020333
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी /अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> हैं, उनके आत्मसमर्पणकरने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया जा चुका है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनायागया है, प्रार्थीगण निर्दोष हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी/ अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र चेखुर निवासी ग्राम सिरसाई, थाना घोरावल नेदिनांक 05.03.2018 को थाना घोरावल <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 03.03.2018 को समय करीब 09.30 बजे रात पैसे के लेन-देन के विवाद को लेकरउसके गांव के कालीक, अक्षय <नाम> तथा सुकृत सभी लोग उसे गालियां देते हुएमारे पीटे तथा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया तथा <नाम> से मारने की धमकी दी। मामले में अभियोग पंजीकूत किया गया तथा <नाम> विवेचना विवेचक द्वारा धारा-323,504, 506 भा०दं0सं0 व धारा-३(2) (\\/-^) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषितकिया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार हDate: 2020.02.13Reason: DocumeBail Application/262/2020 -Kaalik Vs. State Government 2निवारण) अधिनियम के अनुसार वादी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। वादीमुकदमा की ओर से उसक विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुए हैं। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, वादी मुकदमा केविद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुनागया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रं का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलनकिया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग अत्यन्त साधारण <नाम> क हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_793_201919-07-2019283
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रा्थी-अभियुक्त द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि वह प्रकरण में पूर्व से जमानत <नाम> था लेकिन नियततिथि <नाम> न्यायालय <नाम> आ पाने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीयवारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्त के माता-पिता वृद्ध हैंतथा पत्नी बीमार रहती है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं हैजिसके <नाम> वह नियत <नाम> को न्यायालय नहीं आ सका। प्रार्थी-अभियुक्त ने हाजिर अदालत आने में कोई जानबूझकर लापरवाहीनहीं किया है। अब वह प्रत्येक तिथियों <नाम> स्वयं व अपने अधिवक्ता केमाध्यम से उपस्थित रहेगा । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प्रार्थी-अभियुक्त जानबूझकर न्यायालय उपस्थित नहीं हुआ। मुकदमावर्ष 2009 का है। प्रार्थी- अभियुक्त के न्यायालय हाजिर <नाम> होने केकारण मुकदमें के निस्तारण में विलम्ब हो रहा है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया । ", "अभियुक्त को पूर्व में प्रस्तुत मामले में जमानत <नाम> रिहाकिया गया था परन्तु उसके द्वारा जमानत आदेश का दुरूपयोग कियागया है। अभियुक्त दिनांक 15.05.2019 से पुन: जिला कारागार में निरूद्धहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1418_202009-11-2020361
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादी मुकदमा कीपुत्री कु. उम्र 13 वर्ष दिनांक 29.08.2020 को घर से करीब दोपहर 12.30 बजे दिनबिना बताये कहीं चली गयी। तलाशने <नाम> पता चला कि वादी की पुत्री को विकाससाकेत पुत्र <नाम> <नाम> साकेत ग्राम जुवाडी, थाना-विन्ध्यनगर, जनपद-सिगरौली मध्यप्रदेश का रहने वाला है, के द्वारा बहला फुसला <नाम> भगा ले गया है। उक्त सूचना केआधार <नाम> थाना शक्तिनगर में उपरोक्त अभियोग पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचनाविवेचक द्वारा पीड़िता का बयान अंधारा-161 द॑प्र.सं. व 164 दंप्र.सं. का तस्किरा केसडायरी में किया गया है, जिसमें पीड़िता ने यह कथन किया है कि वह अपनी मर्जी सेदिनांक 29.08.2020 को <नाम> साकेत के घर गयी थी। जहाँ <नाम> साकेत के साथतहसील बैढन, जिला- सिगरौली मध्य प्रदेश गयी। वकील के द्वारा स्टाम्प पेपर परशपथ पत्र कराकर <नाम> के साथ शादी की थी। वह और <नाम> दोनों <नाम> पत्नी केरूप में रहने लगे। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा दौरान बहस यह कथन किया गया किअभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट 25 <नाम> के विलम्ब से अंकितकरायी गयी है। मामले की पीड़िता बालिग है। उसकी जन्मतिथि सरकारी अभिलेख /आधार कार्ड में 01.01.2002 है। पीड़िता ने अपने बयान अंधारा-164 दंप्र.सं. में अपनीउम्र 18 वर्ष 08 माह होना बतायी है। पीड़िता ने अपने बयान अं.धारा-164 दंप्रसं. मेंअपनी मर्जी से अपना घर छोड़ना बताया है। वादी मुकदमा जातिगत हित को देखतेहुए लोगों के बहकावे में आकर अभियोग पंजीकृत कराया गया है। विवेचक द्वारा फर्जीअंक पत्र के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त के विरूद्ध धाराएँ बढ़ायी गयी हैं। विवेचकने दूषित विवेचना की है। वह काफी दिनों से मामले में जेल में निरूद्ध है। उक्त आधारपर जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का विरोध किया गयातथा कथन किया गया कि अभियुक्त के विरूद्ध नाबालिग पीड़िता को बहला फुसलाकर विलुब्ध करते हुए शादी की गयी तथा नाबालिग पीड़िता के साथ अभियुक्त द्वारा हDigitally signeBail Application/1418 /2020 -Vikash saket Vs. State Government 2आयुक्त सम्भोग कारित किया गया है। मामला गम्भीर <नाम> का है। उक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "मामले में अभियुक्त के विरूद्ध धारा-363,366,376 भा.दं.सं. व धारा-3/ 4लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम का अभियोग है। अभियुक्त मामले मेंदिनांक 28.09.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। चिक एफ.आई.आर. में अभियुक्तमें वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री उम्र करीब 13 वर्ष को बहला फुसला <नाम> भगा लेजाने का कथन किया गया है तथा दौरान विवेचना मामले में यह तथ्य पाया गया किअभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री से शादी <नाम> उसे बतौर पत्नी के रूपमें रखने लगा। विवेचक द्वारा दौरान विवेचना मामले की पीड़िता का <नाम> शिक्षणसंस्थान पूमा.वि..औड़ी, अनपरा, सोनभद्र द्वारा निर्गत कक्षा-8 का अंक पत्र व सम्बन्धितविद्यालय द्वारा पीड़िता के उम्र के संदर्भ में जारी प्रमाण पत्र व दाखिला पंजिका कीछायाप्रति दाखिल की गयी है, जिसमें पीड़िता की जन्मतिशि 03.05.2008 <नाम> है। इस प्रकार मामले में अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री जिसकी उम्रघटना के समय लगभग 12 वर्ष 3 माह थी, को बहला <नाम> शादी करने व नाबालिग कोबतौर पत्नी रखने का आक्षेप है। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीरप्रकृति का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1256_201918-11-2019412
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी परमेश कुमारसिंह पुत्र त्रिलोकी <नाम> निवासी-सुग्गा नगर, थाना-विशेशवरगंज, जिला-बहराइच ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि वह दिनांक 30.10.2019 को सुबह करीब10:00 बजे थाना बभनी इलाके क ग्राम डूभा में कम्बल बेचने जा रहा था तोएस्सार पेट्रोल पम्प के पास स्थित <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र ओप्रकाश <नाम> के पानकी गुमटी <नाम> तीन व्यक्ति पान खा रहे थे। वे लोग आवाज दिये कि उन्हे कम्बलखरीदना है। वह उनके पास गया तो वे लोग बोले कि उनके घर चलो, वहींदेखकर कम्बल खरीदेगें। उसने उनका नाम पता पूछा तो उन लोगों ने अपनानाम शिवराज गोड़ पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> सम्पत गोड़ पुत्र <नाम> एवं सोनू गुप्तापुत्र विशेश्वर <नाम> बताये। इस <नाम> वह उन लोगों के साथ उनके घर की ओरचल दिया। वे लोग उसे घघरी सहगोड़ा के जंगल के रास्ते <नाम> एकान्त वसून-सान जगह <नाम> ले गये तथा वहीं रोक <नाम> उसका तीन कम्बल वरु0 5,000/- लूट लिये। वह किसी प्रकार <नाम> बचाकर भागा। उसकी सूचनादर्ज <नाम> आवश्यक कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष हैं। उन्हेंफर्जी तरीके से फंसाया गया है। अभियुक्तगण के कब्जे से कोई बरामदगी नहींहुई है। उनका फर्जी चालान किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा <नाम> तो वादीका रुपया लूटा गया और <नाम> ही कम्बल लूटा गया। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नही है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्तगण वादी का कम्बल खरीदने के लिए उसे अपने घर ले जा रहे..2 9थे किन्तु रास्ते में अभियुक्तगण द्वारा वादी से उसका कम्बल व पांच हजार रुपयाछीन लिये। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "स्वीकृत तौर <नाम> वादी मुकदमा विशेशवरगंज, जिला- बहराइच कारहने वाला है। उसकी अभियुक्तगण से कोई रंजिश हो ही नहीं सकती है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि वादी कोअभियुक्तगण का नाम पता नहीं मालूम था बल्कि <नाम> <नाम> <नाम> पुत्रओमप्रकाश <नाम> के पान की दुकान <नाम> जहां <नाम> अभियुक्तगण ने वादी को अपनेसाथ चलने के लिए कहा था, उसी पान की दुकान <नाम> तथा उसके बगल मेंआटा चक्की की दुकान <नाम> <नाम> रुप से <नाम> <नाम> <नाम> एवं <नाम> कुमारगुप्ता पान की दुकान एवं आटा चक्की चलाते हैं। <नाम> <नाम> <नाम> नेअभियुक्तगण का नाम पता घटना के <नाम> वादी को बताया जिसके आधार परवादी ने अभियुक्तगण के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी। पुलिस द्वाराअभियुक्तगण शिवसम्पत गोड़ एवं <नाम> <नाम> के कब्जे से एक-एक कम्बलतथा कमशः रु0 1,200/- एवं रु0 1,000/-नकद बरामद किया जिसकोअभियुक्तगण ने वादी से लूटना स्वीकार किया था। अपराध बहुत ही गम्भीरप्रकति का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1056_201912-09-2019943
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी संदीपकुमार <नाम> ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि आज दिनांक 27.06.2019 को वहमीटिंग करने के लिए गया था। मीटिंग करके कलेक्शन का पैसा लेकर आ रहाथा तो रास्ते में तीन लोग बाइक <नाम> सवार होकर खड़े थे। वे लोग उसे धमकायेऔर बन्दूक गले <नाम> लगाकर जबरदस्ती उसका पैसा छीनकर फरार हो गये। बैगमें रु0 49,860/- था और उसकी बाइक का कागज भी था। तीनों लोग अपाचेब्लू कलर की जिये हुए थे। तीनों लोग एक बाइक <नाम> सवार थे। इस सूचना कआधार <नाम> अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। प्रार्थीको फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्राथी-अभियुक्त द्वारा कोई घटना कारित नहींकी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 07.08.2019 से कारागार में निरुद्ध है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत स्वीकारकी जा चुकी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादी का वाहन ओवरटेक करकेवादी को मारा-पीटा गया तथा उसका रुपया छीन लिया गया। प्रार्थी-अभियुक्तके पास से लूटा गया कुछ रुपया भी बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "9बचाव पक्ष की तरफ से <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> कीसमतुल्यता चाही गयी है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं बतायागया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1478_201901-02-2020536
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक-25.08.2019 को <नाम> 06 बजे वादी घुरा साह अपने घर के सामने बन्धा की ओरशौच के लिये गया था। वहां <नाम> अचानक जंगल की ओर से रविन्दर चौधरी,संतोष <नाम> एवं जितेन्दर <नाम> अपने-अपने हाथों में असलहा लिये हुए आयेऔर मां-बहन की गालियां देते हुए कहे कि वादी क पुत्र <नाम> <नाम> की गवाहीसे हत्या वाले केस में उन लोगों को सजा होने वाली है। अतः सजा होने के बादजेल जाने <नाम> जमानत हेलु दो लाख रूपये की मांग करने लगे तथा <नाम> देने परवादी व उसके पूरे परिवार को <नाम> से मारने की धमकी देते हुए थप्पड़ां सेमारपीट <नाम> जंगल की तरफ भाग गये। वादी ने दूसरे <नाम> उक्त घटना कीतहरीर थाना-चोपन में दी जिसके आधार <नाम> उपर्युक्त वर्णित प्रकरण पंजीकृतकिया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि अभियोजन कथानक गलत, झूठा, बेबुनियाद व बनावटीहै। न्यायालय में एस.टी.नं-92/2017 विचाराधीन है जिसमें प्रार्थी अभियुक्त हैऔर उसकी जमानत माननीय उच्च न्यायालय से हो चुकी है जिसे निरस्त करानेका प्रयास विफल होने <नाम> वादी ने यह फर्जी प्रकरण दर्ज कराया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट से स्पष्ट है कि प्रकरण में धन का परिदान नहीं किया गया है औरबिना उसके उद्दापन के अपराध के आवश्यक अवयव पूर्ण नहीं होते हैं। प्रार्थी-अभियुक्त कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधारों <नाम> जमानत की <नाम> की गई है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त द्वारा अपने अन्य सहयोगियों के साथ वादी को असलहे सेआतंकित <नाम> उसे भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए थप्पड़ों से मारपीट <नाम> दोलाख रूपये की मांग करना तथा उक्त धनराशि <नाम> देने <नाम> वादी व उसके परिवारको <नाम> से मारने की धमकी देकर उद्दापन कारित किया गया है। अपराध ooगंभीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि वादी घुरा साह द्वाराअपनी तहरीर में अंतर्निहित तथ्यों का पूर्णरूप से समर्थन किया गया है। बहस कस्तर <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारादांडिक अपील संख्या-149/2007 <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> <नाम> बनाम स्टेटऑफ बिहार एवं अन्य में पारित निर्णय दिनांक-02.02.2007 तथा माननीय गुजरातउच्च न्यायालय द्वारा लाभशंकर केशवजी एवं अन्य बनाम स्टेट में पारित निर्णयदिनांक-17.08.1954 में उद्धूत <नाम> व्यवस्था <नाम> विशवास व्यक्त करते हुए यहकथन किया गया है कि प्रस्तुत प्रकरण में धारा-386 भा.दं.सं. का कोई अपराधबनता प्रतीत नहीं होता है क्योंकि उद्दापन के अपराध <नाम> किसी <नाम> यामूल्यवान प्रतिभूति का परिदत्त करना आवश्यक है, परंतु मामले के अन्य तथ्यों केआधार <नाम> अपराध अंतर्गत धारा-387 भा.दं.सं. के आवश्यक अवयवों की उपस्थितिसे इन्कार नहीं किया जा सकता है। अभियुक्त का इस प्रकरण के अतिरिक्त 3अन्य हत्या, गैंगेस्टर व गुण्डा एक्ट के गंभीर मामलों का आपराधिक इतिहास भीप्रस्तुत किया गया है। अपराध गंभीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED