id
stringlengths
24
47
district
stringclasses
71 values
text
dict
label
class label
2 classes
Bail Application_107_202031-01-2020562
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर से यहकथन किया गया है कि यह प्रार्थी का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थीको रंजिशन व गलत आधार <नाम> अभियुक्त बना <नाम> गया है। प्रार्थी एकशादी-शुदा व्यक्ति है। प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीदिनांक 29.08.2018 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी को मजदूरी केलेनदेन के विवाद को लेकर झूठा फंसा <नाम> गया है। मामले की पीड़िता केबयान अं.धारा-161 दं.प्रसं. तथा 164 दं.प्रसं. में काफी विरोधाभाष है। मामलेकी पीड़िता बालिग है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कथन किया गया है कि पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गतधारा-164 दं0प्रसं0 में अभियुक्त के ऊपर आरोप लगाया है तथा साक्षीगणपी.डब्लू-1 व पी.डब्लू-2 ने अपने बयान में पीड़िता के बयान आं.धारा-164दंप्रसं. का समर्थन किया है। अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं। अभियुक्त द्वारा मामले की पीड़िता <नाम> दबाव बनाया जा रहा है। <नाम> तकमामले की पीड़िता का बयान न्यायालय में नहीं हुआ है। अत: जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किया जावे। ", "प्राथमिकी के अनुसार अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकारहै कि वादी मुकदमा कल्लू ने दिनांक 28.08.2018 को समय 09.10 बजे एकलिखित तहरीर थाना-घोरावल, जनपद-सोनभद्र में इस आशय का दाखिलकिया कि उसकी पुत्री <नाम> <नाम> उम्र लगभग 16 वर्ष जो <नाम> नाबालिग है,को गॉव के ही <नाम> पुत्र बहादुर द्वारा बहला फुसलाकर अपने घर मेंबुलाकर जबरिया ढंग से शारीरिक सम्बन्ध बनाते रहे। ", "2% — 2 — उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में पूर्व में भी प्रार्थी ने थाना इलाका में प्रार्थना पत्रदिया था, जिसमें थाना इलाका द्वारा विपक्षी को 4-5 <नाम> <नाम> थाने परबैठाया भी गया था और थाना इलाका द्वारा विपक्षी को सशर्त छोड़ा गया थाकि वह प्रार्थी की पुत्री के साथ पुनः गलत सम्बन्ध स्थापित नहीं करेगा। विपक्षी बदमाश एवं मनबढ़ किस्म का व्यक्ति है। विपक्षी की शादी विवाह होचुकी है तथा उसके बाल-बच्चे भी हैं। विपक्षी प्रार्थी की पुत्री के साथ मारनेपीटने का भय दिखाकर सम्बन्ध बनाता रहा। दिनांक 27.08.2018 को वादीमुकदमा / प्रार्थी की पुत्री को भार में बच्चा पैदा हो गया। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को तथा पत्रावली केअवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ बहला-फुसलाकरउसके साथ गलत <नाम> किया और पीड़िता के पिता ने जब विरोध किया तोउसे भी मारने पीटने के लिए दौड़ा लिया। अभियुक्त ने पीड़िता के साथकई बार जबरदस्ती शारीरिक सम्बन्ध बनाया, जिसका समर्थन पीड़िता नेअपने बयान अं0धारा-164 दंप्रसं. में किया है। पीड़िता का बयान अभीन्यायालय में होना है। अभियुक्त बदमाश एवं मनबढ़ किस्म का व्यक्ति प्रतीतहोता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1220_201922-10-2019594
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त प्रस्तुत मामले में पूर्व से जमानत परथा किन्तु नियत <नाम> को वह उपस्थित नहीं आ पाया था जिसके कारणउसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारण्ट जारी किया गया। प्रार्थीवारण्ट <नाम> जेल में निरूद्ध है। प्राथी मजदूरी करने बाहर चला गया था जिसकेकारण वह हाजिर अदालत नहीं हो सका। प्रार्थी जब घर आया तो उसकीबड़ी बहन की हालत खराब थी जिसका वह दवा इलाज कराने बाहर चलागया । प्रार्थी भविष्य में अदालत के आदेशों का पालन करते हुये नियत तिथिको हाजिर अदालत होता रहेगा। प्रार्थी के जेल में निरूद्ध रहने से उसकापरिवार भूखों मरने के कगार <नाम> आ गया है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने पर...2 ooउसे पुनः फरार होने की सम्भावना हे। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि अभियुक्त पूर्वसे जमानत <नाम> रहा है। दिनॉक 23.07.2019 को अभियुक्त के अनुपस्थित रहनेके <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती अधिपत्र जारी किया गया जिस परदिनॉक 18.10.2019 को पुलिस द्वारा अभियुत को गिरफ्तार किये जाने <नाम> वहन्यायिक अभिरक्षा में जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1490_202027-11-2020231
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक का सारांश यह है कि शिकायतकर्ता धीरेन्द्र कुमारपासवान की ओर से दिनांक 17.10.2020 को थाना-चोपन, जनपद सोनभद्र <नाम> इसआशय की लिखित तहरीर दाखिल की गयी कि दिनांक 16.10.2020 को समय 9.30बजे <नाम> विन विभाग के आवास के पास, वन दरोगा <नाम> <नाम> <नाम> जो कुछलोगो के साथ बैठकर शराब पी रहे थे, ने उमाशंकर को जाति सूचक शब्दों काप्रयोग करते हुए भद्दी-भद्दी गाली <नाम> तथा विरोध करने <नाम> नगीना(लङ्ड)पटवा पुत्र स्व0 रामजनम, सोनू अग्रहरी पुत्र स्व0 <नाम> मिट्ठू अग्रहरी पुत्र स्व.राजू अवनिश पासवान पुत्र सत्यनरायन पासवान, अश्वनी पासवान पुत्र सत्यनरायनपासवान, ओमकार पासवान पुत्र सत्यनरायन,गांधी <नाम> पुत्र अज्ञात, बसन्त पासवानपुत्र अज्ञात, पिंकू उर्फ <नाम> पासवान पुत्र <नाम> पासवान, <नाम> पासवान पुत्रमनोज पासवान व वनकर्मी <नाम> <नाम> वियार, <नाम> पासवान पुत्र अज्ञात,सत्यनरायन उर्फ पप्पू पासवान पुत्र <नाम> पासवान, सुभम मोदनवाल पुत्रमोहनलाल मोदनवाल वन दरोगा <नाम> <नाम> के ललकारने <नाम> वन विभाग केआवास <नाम> पार्टी <नाम> रहे उपरोक्त लोग लाठी, डण्डा, कुल्हाड़ी, चाकू व धारदारहथियार लेकर मारने लगे जिससे उसके पिता उमाशंकर पासवान का लाठी केप्रहार से सिर फट गया तथा वह लहूलुहान होकर जमीन <नाम> गिर गये ओर बेहोशहो गये। छोटे <नाम> मन्नू पासवान की आवाज <नाम> मौके <नाम> वीरेन्द्र पासवान, जितेन्द्रपासवान, वीरेन्द्र पासवान पहुंच गये और बीच बचाव किये। उन्हें भी <नाम> से मारनेकी नीयत से हमला <नाम> दिये। धीरेन्द्र पासवान को चाकू से कमर <नाम> वार <नाम> दियेतथा राड से मारने लगे जिससे धीरेन्द्र पासवान का अंगूठा फैक्चर हो गया व सरफट गया तथा सभी <नाम> घायल हो गये। वादी मुकदमा की उक्त लिखित तहरीरके आधार <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त व अन्य के विरूद्ध थाना-चोपन, जनपद सोनभद्र परमु0अ0सं0 280 / 2920, धारा-147,148,308,323,324,504 भा0द0सं0 व धारा-3(2)(४१) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क किया गया कि मामलेमें उभय पक्ष द्वारा कास एफ.आई.आर. पंजीकृत कराया गया है। प्रार्थी ने कोईअपराध नहीं किया है। विद्वान अधिवक्ता द्वारा अग्रेतर यह तर्क किया गया कि वन 2विभाग के पास स्थित प्रार्थी के गुमटी को हटवाने के विवाद को लेकर मुकदमावादी प्रार्थी के घर में घुसकर मारपीट किये जिसकी सूचना उसी <नाम> पुलिस चौकीको दी गयी। रंजिशन प्रार्थी व उसके परिवार को झूठे मुकदमा में फंसा <नाम> गयाहै। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार <नाम> <नाम> 308भा०दं0सं0 का अपराध नहीं बनता है। विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी कथन कियागया कि प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह 17.10.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अतः कॉस एफ.आई.आर. के दृष्टिगत प्रस्तुत प्रार्थना पत्रस्वीकार किये जाने <नाम> है। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का घोर विरोध किया गया एवंयह तर्क किया गया कि आहतगण की उपहति आख्या में दर्शित उपहति कदृष्टिगत प्रार्थी व सह-अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध एक गम्भीरतम अपराध काद्योतक है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी को जमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> उचित नहीं है,जबकि मामले की विवेचना <नाम> प्रचलित है। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विशेष लोक अभियोजक एवं वादीमुकदमा के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने एवं पत्रावली परउपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से यह प्रतीत होता है कि प्रस्तुत मामलाआहतगण एवं अभियुक्त व उसके सह-अभियुक्तगण के मध्य अचानक गाली-गलौज व मारपीट का दर्शाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह स्पष्ट <नाम> सेकथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्त अन्य सह-अभियुक्तगण के साथलाठी-डण्डा, कुल्हाड़ी व धारदार हथियार से वादी के परिजनों <नाम> प्रहार कियाजिससे उन्हें गम्भीर चोटें आयीं। अभिकथित चोटें जैसा कि उपहति आख्या मेंदर्शित की गयी हैं, यद्यपि साधारण <नाम> की हैं परन्तु उक्त चोटें शरीर केमर्मस्थलों <नाम> कारित की गयी हैं। साथ ही उपहति आख्या के अवलोकन से यहप्रकट होता है कि वादी के 65 वर्षीय पिता उमाशंकर के भित्तीय <नाम> में दायीं कानके उपर 07 टांके व अनुकपाल <नाम> <नाम> 03 टांके के अतिरिक्त आहत <नाम> केदायीं कान के पास 06 टांके दर्शित हैं। जो प्र्रार्थी/अभियुक्त व सह-अभियुक्तगणके बर्बता का द्योतक है। उक्त स्थिति में अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत मामले केवादी व अन्य आहतगण के विरूद्ध प्रश्‍तगत घटना से संबंधित कॉस एफ.आई.आर.पंजीकृत होना प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कोई आधारप्रदान नहीं करता । मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। ऐसी स्थिति जमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार किया <नाम> समुचित प्रतीत नहीं होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_756_201924-07-2019240
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तगण गैर जमानतीय वारण्ट के आधार <नाम> दिनांक26.06.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण गरीब व्यक्तिहैं । प्रार्थीगण नियत <नाम> क पूर्व ही मजदूरी करने बाहर चले गये थे जिसकीवजह से न्यायालय में नियत <नाम> को उपस्थित नहीं हो सके जिससे उनकेविरुद्ध दिनांक 27.07.2015 को गैर जमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। ्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा जान-बूझकर मुकदमें को विलम्बित नहीं किया गया है। ्रार्थीगण पूर्व से ही जमानत <नाम> हैं। प्रार्थीगण का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा कि प्रार्थीगणजानबूझकर नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। प्रार्थीगण द्वारामुकदमें को विलम्बित किया जा रहा है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्तगण पूर्व में जमानत <नाम> रह चुके हैं। परन्तु पत्रावली लंबित रहने के दौरान ही अभियुक्तगण जमानत आदेश केउल्लंघन में अनुपस्थित हो गये जिससे उनके विरुद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारीकिये गये। अभियुक्तगण दिनांक 26.06.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध हैं। ", "गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1453_201903-01-2020766
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा मुटरीदेवी पत्नी रामनाथ धरिकार, निवासी ग्राम सूपाचुऑ, थाना म्योरपुर जिलासोनभद्र ने दिनॉक 10.10.2019 को थाना म्योरपुर जिला सोनभद्र में इस कथनके साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी लड़की पीड़िता उम्रलगभग 15 वर्ष प्रतिदिन की भॉति जंगल में लकड़ी लेने के लिये दिनॉक09.10.2019 को 11:30 बजे दोपहर घर से निकली थी। उसके गाँव के हीसुरेन्द्र पुत्र बुद्धि नरायन, वविता <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> आदिलोगों ने भी साथ में जंगल जाने की इच्छा जताते हुये उसकी लड़की कोअपने घर लिवा गये और लड़की को एक कमरे में बैठा <नाम> बाहर से तालाबन्द <नाम> दिये। उसी कमरे में <नाम> पुत्र लक्षमन <नाम> व <नाम> उफ रंजनपुत्र <नाम> मौजूद थे, उनके द्वारा उसकी लड़की के साथ जबरिया मुँह बन्दकरके बारी-बारी से संभोग किया गया। उसकी लड़की द्वारा विरोध करने परउसकी <नाम> दबा <नाम> हत्या करने की धमकी देते रहे। उक्त दोनों लोग उसके-...2 9चमार विरादरी व अन्य ग्राम के होने के वजह से लड़की चेहरे से पहचान कररही थी। प्रार्थिनी <नाम> रात लड़की की खोज करती रही और 100 नम्बर कीपुलिस बुलायी गयी लेकिन लड़की का पता नहीं चला। सुबह 06:00 बजेउसके गॉव के गोविन्द ने उसकी लड़की को घर पहुँचाया तब <नाम> जानकारीहुई । ", "अभियुक्ता की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प््रार्थिनी/ अभियुक्ता का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। प्रार्थिनी को उपरोक्त मुकदमा में रंजिश वश अभियुक्ता बनाया गयाहै। अभियोजन कथानक मनगढ़न्त एवं बनावटी है। प्रार्थिनी एक महिला हैउसके परिवार से पुरानी रंजिश वश उसे फसाया गया है। प्रार्थिनी ने कोईअपराध नहीं किया है। पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्डप्रकिया <नाम> में प्रार्थिनी को सिफ घर <नाम> पहुचाने की बात कही गयी है। प्रार्थिनी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्ता कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थिनी/अभियुक्ता एवं अन्य अभियुक्तों केसहयोग से ही पीड़िता के साथ बलात्संग की घटना कारित की गयी है। अभियुक्ता के द्वारा पीड़िता को घर पहुँचाने <नाम> भी उसके घर वालों से घटनाके तथ्य को छिपाया गया। विवेचना के उपरान्त आरोप पत्र भी विवेचक द्वारातैयार किया जा चुका है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं मामले से सम्बन्धितअभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रार्थिनी/ अभियुक्ता के सम्बन्ध में मुख्य <नाम> सेविवेचना से यह तथ्य दर्शाया गया है कि प््रार्थिनी/अभियुक्ता द्वारा पीड़िता कोअपने साथ ले जाकर कमरे में बन्द किया गया जहाँ <नाम> <नाम> अभियुक्त मनीषएवं <नाम> को पहले से मौजूद होना बताया गया है। <नाम> अभियुक्त <नाम> द्वारापीड़िता को पकड़े जाने <नाम> <नाम> द्वारा उसके साथ बलात्संग एवं प्रवेशनलैंगिक हमला किये जाने का कथन किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_245_202028-02-2020161
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "28.02.2020अभियुक्त विकम <नाम> की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 15.06.2019 को उपनिरीक्षक कृष्णगोपाल <नाम> हमरोहियों के साथ देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था रंक्षाबन्धनके त्यौहार <नाम> कसबा ओबरा भोगा <नाम> चौराहे से वी0आई0पी0 गेस्ट हाउस कीतरफ जा रहा था कि एक व्यक्ति कान्वेट तिराहे <नाम> मंदिर के सामने खड़ा था। पुलिस जीप देखकर सकपका <नाम> वी0आई0०पी0 गेस्ट हाउस की ओर भागने काप्रयास किया कि शंक होने <नाम> एक बारगी दबिश देकर समय करीब 10.00 बजे पकड़लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नामविकम <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली यी तो उसकेदाहिने हाथ में लिए झोला से एक किलो 500 सौ ग्राम गांजा नाजयज बरामद हुआ । गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त कोकारण गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकरसर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकरमाल मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यकमात्रा से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 15.08.2019 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त क कनब्जे सेएक किलो 500 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक Bail Application/651/2020 Vikram Vs. State Government 2है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालनकिया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो 500 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियुक्त दिनांक 15.08.2019 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_484_201903-05-2019854
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन संक्षेप में यह है कि प्रार्थी उक्त मामलेमें पूर्व मे जमानत <नाम> था। उक्त मुदकमे में दिनांक 30.11.2018 नियतशी,परन्तु प्रार्थी अस्वस्थता के <नाम> न्यायालय उपस्थित नही आ सकाऔर प्रार्थी के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी के घरमें फरवरी 2019 में शादी थी। प्रार्थी कुछ स्वस्थ होकर चलने फिरनेलायक होने <नाम> प्रार्थी न्यायालय उपस्थित होकर आत्मसर्मण किया है। प्रार्थी द्वारा अपनी बीमारी के संबंध में चिकित्सीय प्रपत्र एवं शादी काकार्ड की <नाम> प्रस्तुत किया है। प्रार्थी द्वारा कोई जानबूझकरलापरवाही नही किया गया है। प्रार्थी प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालयउपस्थित आता रहेगा। प्रार्थी जेल मे निरूद्ध है। अतः उपरोक्त आधारपर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि मुकदमा उपरोक्त में नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के कारणअभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी बीमारहो जाने के <नाम> नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नही आ सकातथा प्रार्थी के घर फरवरी 2019 में शादी भी थी। प्रार्थी कुछ ठीक होनेपर न्यायालय में उपस्थित आकर आत्मसमर्पण किया है। अभियुक्त द्वाराकोई जानबूझकर लापरवाही नही किया गया है। प्रार्थी जेल मे निरूद्धहै। अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारायह कहा गया कि अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> जानबूझकर उपस्थित नहीआया जिससे मुकदमा उपरोक्त की कार्यवाही आगे नही बढ़ पा रही है। अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाता है कि पुन:अभियुक्त के न्यायालय में उपस्थित <नाम> आने की सम्भावना से इन्कार नहीकिया जा सकता हैं उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। उपरोक्त जमानत प्रार्थना पत्र से संबंधित मूल पत्रावलीतलब की गयी। मूल पत्रावली के अवलोकन से यह ज्ञात होता है किदिनांक 03.07.2008 को पारित आदेशानुसार सत्र परीक्षण संख्या-61/2008 एवं सत्र परीक्षण संख्या 62/2008 एकजाई किया गया। तदुपरान्त विचारण की कार्यवाही अग्रसारित हुई । अभियोजन साक्ष्य के.2/ <नाम> के उपरान्त पत्रावली दिनांक 16.11.2018 को बयान अन्तर्गतधारा 313 दण्ड प्रकिया <नाम> नियत की गयी। दिनांक 16.11.2018 सेअग्रिम <नाम> 22.11.2018 को भी अभियुक्त न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगतरूप से उपस्थित नही हुआ। तदुपरान्त दिनांक 27.11.2018 को अभियुक्तके हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र को अन्तिम अवसर के साथ स्वीकृत कियागया। इसके उपरान्त भी अभियुक्त नियत <नाम> 30.11.2018 कोन्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत <नाम> से उपस्थित होने से कासिर रहा। फलस्वरूप अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी किए जानेका आदेश पारित किया गया। ", "अभियुक्त न्यायालय के समक्ष दिनांक 30.04.2019 कोआत्मसमर्पण <नाम> स्वंय को न्यायिक अभिरक्षा में लेने का प्रार्थना पत्रअभिलेख <नाम> कागज संख्या 132ख/1 प्रस्तुत किया। न्यायालय द्वाराअभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा मे लिया गया। उक्त प्रार्थना पत्र के साथमाननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रार्थना पत्र अन्तर्गत <नाम> 482 नम्बर2988/2019 उपेन्द्र <नाम> बनाम राज्य में पारित आदेश दिनांक 24.01.2019 के प्रमाणित <नाम> की छायाप्रति दाखिल की गयी है। माननीय उच्चन्यायालय के उक्त आदेश से यह ज्ञात होता है कि अभियुक्त द्वारा इसन्यायालय के आदेश दिनांक 30.11.2018 द्वारा जारी गैर जमानतीयवारण्ट के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया था। माननीय उच्च न्यायालय का प्रवर्ती आदेश निम्नवत्‌ हैः-In view of the facts and circumstances of thecase,this application 1s disposed of with direction thatthe applicant shall appear on or before 05-02-2019before the court along with appropriate application andthe same shall be decided expeditiously, preferablywithin two months from the date a certified copy of thisorder 1s produced before it.Till 5\" of february,2019 ,the non bailablewarrant dated 30-11-2019 shall be kept in abeyance.उक्त आदेश के अनुसार अभियुक्त को इस न्यायालय केसमक्ष दिनांक 05.02.2019 या उसमे पूर्व उपस्थित होने का आदेश कियागया है, परन्तु अभियुक्त <नाम> केवल पूर्व में प्रदत्त अपने जमानत कादुरूपयोग किया बल्कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की भी घोरअवहेलना की है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1357_201913-12-2019169
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी के भसुरमहेन्दर की पुत्र झुनकी को आज से करीब 9 वर्ष पूर्व उसके मुहल्ले के ही विष्णुपुत्र उपेन्द्र के साथ पत्नी व <नाम> के <नाम> में रहा करते थे। <नाम> व उसके पिताउपेन्द्र लगातार झुनकी <नाम> को उत्पीड़न करते थे। उत्पीड़न को लेकर दिनांक08.07.2019 को समय करीब 12.00 बजे <नाम> झुनकी <नाम> ने अपने उपर मिट्टीका तेल छिड़ककर आग लगा लिया था। झुनकी <नाम> का इलाज <नाम> <नाम> गुप्तहास्पिटल, कबीरचौरा, वाराणसी में हो रहा था। उसकी मृत्यु दौरान इलाजदिनांक 11.07.2019 को हो गयी। उसकी रिपोर्ट लेकर उचित कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। उसे पुलिस द्वारा फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी द्वारा कोईअपराध कारित नहीं किया गया है। अभियोजन कथानक गलत व बेबुनियाद है। ्रार्थी-अभियुक्त मृतका झुनकी से शादी नहीं किया था, बल्कि <नाम> पूर्वक साथ मेंपति-पत्नी जैसा रहता था। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतका झुनकी को <नाम> कभी कोईप्रताड़ना <नाम> गया, <नाम> किसी प्रकार का अपशब्द प्रयोग किया गया। जिस दिनझुनकी की मृत्यु हुई, उस <नाम> प््रार्थी-अभियुक्त घर <नाम> नहीं था। बाहर कामकरने गया था। मृतका झुनकी खाना बना रही थी। खाना बनाते समय झुनकी कीसाड़ी में आग पकड़ लिया और उसी से वह जल गई। झुनकी को बचाने में प्रार्थी-अभियुक्त की मां, जो अलग रहती थीं, का दोनों हाथ बुरी तरह जल गया,जिसका दवा-इलाज अब भी चल रहा है। मृतका झुनकी को दवा-इलाज हेतुवाराणसी ले जाया गया, फिर भी उसकी <नाम> नहीं बची। प्रार्थी-अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त द्वारा वादिनी को लगातार प्रताड़ित किया जाता था, जिससेपरेशान होकर उसने अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क <नाम> आग लगा ली,जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "<नाम> अभियुक्त उपेन्द्र को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जमानतपर <नाम> किया जा चुका है। अभियुक्त मृतका का <नाम> कहा जाता है। इसीअभियुक्त द्वारा मृतका को एस.एस.पी.जी. मंडलीय जिला चिकित्सालय, वाराणसीमें भर्ती कराया गया था, जहां <नाम> इलाज के दौरान मृतका की मृत्यु हो गई। ", "जिन लोगों द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट आदि लिखाई गई है, उनकीकहीं <नाम> कोई उपस्थिति भी प्राप्त नहीं हो रही है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1145_202007-10-2020615
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "07.10.20201. अभियुक्तगण चांद <नाम> एवं <नाम> जाट की ओर से यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "2. अभियोजन कथानंक के अनुसार दिनांक 26.08.2020 को प्रभारीनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराही देखभाल <नाम> व गोष्ठीपुलिस लाइन एवं विवेचना में चोपन बैरियर व गुर्मा मारकुण्डी में मामूरथा तो ज्ञात हुआ कि अभियुक्त चांद <नाम> पुत्र धरम <नाम> का एकसंगठित एवं सकिय गिरोह है तथा <नाम> जाट पुत्र राजसिंह जाट इसगैंग के संकिय सदस्य है। यह अपने गैंग के लीडर है। यह गैंग अपनेतथा अपने गैग के सदस्यों के आर्थिक, भौतिक एवं दुनियाबी <नाम> केलिए भा०द0वि0 के अध्याय 14 तथा 22 में वर्णित अपराधों को करने मेंअभ्यस्तः अपराधी है तथा यह गैंग अवैध <नाम> से शराब हरियाणा सेवाहनों में लादकर झारखण्ड बिहार छत्तीसगंढ़ राज्यों में बिकी काकाम गिरोह बनाकर करता है। उक्त गैंग का यह कार्य उ0प्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम कीधारा-3(1) की <नाम> में आता है। दिनांक 30.06.2020 को चांद रामपुत्र धरम <नाम> अपने गैंग के सदस्य <नाम> जाट पुत्र <नाम> <नाम> जाटके साथ मिलकर वाहन संख्या-एच0आर0-61बी/0531से हरियाणाप्रान्त से शराब लादकर अवैध <नाम> से <नाम> कागजात के परिवहन कररहे थे, जिन्हें गुरमा मोड मारकुण्डी <नाम> 260 पेटी अवैध अग्रेजी शराबकुल 2340लीटर के साथ पकड़ा गया। इस गैंग के भय एवं आतंक केकारण <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध थाने में मुकदमालिखवाने या गवाही देने का साहस नही <नाम> पाता है। इस गैंग कास्वछन्द रहना समाज क हित में ठीक नहीं है। इस गैंग के विरूद्धउ0प्र0 गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियमकी धारा-3(1) के तहत कार्यवाही किया <नाम> आवश्यक है। गैग चार्टजिलाधिकारी सोनभद्र द्वारास अनुमोदित है। अतः वादी द्वाराअभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गयाहै । " ], "judge-opinion": [ "3. बचाव पक्ष क विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> मिश्र एवं राज्य क पक्षसे विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (गैंगेस्टर) क तर्को को2/ —2—विस्तारपूर्वक मेरे द्वारा सुना गया एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया गया। ", "4. जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह तर्क प्रस्तुत किया गया है किअभियुक्तगण को रंजिशन, झूठा फंसाया गया है। उनके द्वारा कोईभी अपराध कारित नहीं किया गया है, ऐसे अपराधों में अभियुक्तगणकी कभी संलिप्तता भी नहीं रही है। गैंग चार्ट के अनुसारअभियुक्तगण के विरूद्ध मु0अ0सं0-157,/ 2020 अन्तर्गत धारा-63/72आबकारी अधिनियम थाना चोपन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृतहै। अभियुक्तगण की उपरोक्त अपराध में जमानत हो चुकी है। अभियुक्तगण के विरूद्ध अन्य कोई अन्य कोई अपराध पंजीकृत नहीं है। अभियुक्तगण का उपरोक्त अपराध से कोई संबंध नहीं है। अभियुक्त केविरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोहबन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी लाभअर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्तगण के अभ्यस्तःअपराधी होने एवं थाना <नाम> में आतंक या भय व्याप्त करने का कोईसाक्ष्य नहीं है। अभियुक्त दिनांक 30.06.2020 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्तगण एक मजूदर है। जो जनपद सोनभद्र में रेलवे में मजदूरीकरते है। अभियुक्तगण थाना चोपन होते हुए अपने गृह जनपद जा रहेथे तथा थाना इलाका द्वारा मुकदमा उपरोक्त में बरामद अवैध शराबदिखाकर मुकदमा पंजीकृत <नाम> दिए। अभियुक्तगण का बरामद वाहन वअवैध शराब से कोई <नाम> देना नहीं है। अभियुक्तगण <नाम> तो शराब केकारोबारी है और <नाम> ही अवैध शराब क निर्माण व व्यापार से कोईवास्ता सरोकार है। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता ने यह भी तरककिया है कि उ0प्र० गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारणअधिनियम की धारा-2(बी)() में उल्लिखित अपराध में भारतीय दण्डसंहिता के अध्याय-14 में उल्लिखित अपराध का उल्लेख नहीं है, केवलभारतीय दण्ड <नाम> के अध्याय 16,17 एवं 22 का उल्लेख है। चूंकिअभियुक्तगण <नाम> भारतीय दण्ड <नाम> के अध्याय-16 या 17 केअन्तर्गत किसी भी अपराध का अभियोग पंजीकृत नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत <नाम> छोड़े जाने की प्रार्थना की गयी। ", "5. अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत आवेदन पत्र का घोर विरोध करतेहुए तर्क किया गया कि, गैंग चार्ट में अभियुक्तगण के विरूद्ध अवैधशराब की तस्करी से संबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया है। अभियुक्तगण एक संगठित गिरोह का सकिय गैग लीडर एव सदस्य है। अभियुक्तगण के विरूद्ध मु0अ0सं0-157 / 2020 अन्तर्गत धारा-63/72आबकारी अधिनियम थाना अनपरा, जिला सोनभनद्र में अभियोग पंजीकृतहै । अभियुक्तगण एक साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिएगम्भीर अपराध कारित करते है। अभियुक्तगण के जमानत <नाम> छूटते हीउसके आपराधिक कृत्यो में पुन: लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की सम्भावना सेइन्कार नहीं किया जा सकता है। अपर जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा अपनी <नाम> में यह कहा गया कि उप्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम कीधारा-2(बी)(1) में भारतीय दण्ड <नाम> के अध्याय- 16,17 व 22 केमध्य अथवा <नाम> का उल्लेख है। " ] }
0DENIED
Bail Application_64_202004-02-2020515
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 07.12.2019 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साश देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था क्षेत्ररोकथाम जुर्म जरायम में कसबा ओबरा में <नाम> मंदिर से डिग्री कालेज चौराहे की ओरजा रहा था कि एक व्यक्ति डिग्री कालेज चौराहे <नाम> <नाम> धुलाई वाले रोड परप्लास्टिक का झोला लिए खड़ा दिखायी <नाम> कि पुलिस <नाम> को देखकर सकपकायातो पुलिस जीप को <नाम> से चलाकर डिग्री कालेज चौराहे <नाम> पहुंचकर एक बारगीदबिश देकर 10-15 <नाम> जाते जाते समय करीब 09.20 बजे पकड़ लिया गया। पकडेगए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम चन्दन <नाम> पुत्र <नाम> शाहबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिए झोले मेंअखबारी कागज में लिपटा हुआ दो किलो दो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त कोकारण गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्वसंबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर मालमुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसक द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजगांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> सेकाफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस <नाम> द्वारा धारा-50,51 व 52 एन0डी0पी0एस०एक्ट केप्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 07.12.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से दो किलो दो सौ ग्रामनाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा Bail Application/325/2020 -Chandan Shah Vs. State Government 2एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्तका आपराधिक इतिहास है। डी0एसी0आर0बी0 की आख्या के अनुसार अभियुक्त केविरूद्ध इस अपराध से पूर्व अ0सं0 104/19 अन्तर्गत <नाम> 8/20 एन0डी0पी0एस0०एक्ट थाना ओबरा जिला सोनभद्र, का अभियोग पंजीकूत है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे दो किलो दो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्प <नाम> सेअधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने काकथन किया गया है तथा कहा गया कि अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्वअ0०सं0 104/19 अन्तर्गत <नाम> 8/20 एन0०डी0पी0 एस0०एक्ट थाना ओबरा जिलासोनभद्र, का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में मुकदमा पंजीकृत होनेके आधार <नाम> अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1204_201922-10-2019592
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परलिखित सूचना <नाम> कि वह महाराष्ट्र का रहने वाला है। वर्तमान समय मेंचांचीकला, थाना <नाम> कोन जनपद सोनभद्र में <नाम> और टारकुण्डे इन्फास्ट्रक्चरप्राइवेट लिमिटेड, नागपुर द्वारा <नाम> नदी में बनाये जा रहे पुल के पाइलिंग केकाम का ठेका उसके द्वारा लेकर कराया जा रहा था। उसकी कम्पनी प्रसादपाइल प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में दूसरे प्रदेशों के कई लेबर <नाम> <नाम> रहे हैंजिसमें एक लेबर अरशद मण्डल पुत्र रमजान मण्डल निवासी-नताशा, पोस्ट-झौडंगा गलघटा नार्थ 24 परगना, पश्चिम बंगाल उम्र लगभग 33 वर्ष पिछले 10माह से पाइलिंग आपरेटर के पद <नाम> <नाम> <नाम> रहा था जिसका दोस्ताना सम्बन्धकार्यालय के बगल में रहने वाली रबीना खातून पुत्री सलाउद्दीन से था। रबीनाकी शादी जुबेर अली से दिनांक 24 <नाम> 2019 को हुई थी। आज दिनांक 15.07.2019 को लगभग 8.30 बजे जुबेर अली कम्पनी साइड <नाम> आया था और अरशदमण्डल को अपनी मोटरसाइकिल <नाम> बैठाकर साइड से एक किलोमीटर पश्चिमदिशा में सड़क से कुछ दूर अन्दर ले लाकर बात <नाम> रहा था तभी रबीना खातूनसे सम्बन्ध के विवाद को लेकर जुबेर अली ने अरशद मण्डल के गुप्तांग व शरीरके अन्य स्थानों <नाम> चाकू से <नाम> से मारने की नियत से कई प्रहार <नाम> भागगया। अरशद मण्डल किसी तरह सड़क के किनारे आकर बेहोश हो गया तो उनलोगों ने उसे सांई हास्पिटल, कोन ले गये जहां डाक्टर ने मृत घोषित <नाम> दिया। लाश हास्पिटल में ही पड़ी है। अरशद मण्डल की हत्या के सम्बन्ध में उसकीरिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसे साजिश के तहत फर्जी तरीके से फंसाया गया है। उसने कोई अपराध-..2 —_ 2 —_नहीं किया है। घटना का चश्मदीद <नाम> नहीं है। गवाहान दैनिक मजदूर हैं। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से किसी आला कत्ल की बरामदगी नहीं हुई है। उक्तआधारों <नाम> जमानत की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किकम्पनी के कार्यालय के बगल में रहने वाली रबीना खातून से मृतक कीबात-चीत होती थी । इसी बात को लेकर प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतक की चाकूसे मारकर हत्या कारित <नाम> दी गयी। प्र्रार्थी-अभियुक्त को मृतक कोमोटरसाइकिल <नाम> बैठाकर अपने साथ ले जाते हुए तथा चाकू मारते हुए गवाहानद्वारा <नाम> गया है। प्रार्थी- अभियुक्त के निशानदेही <नाम> आला कत्ल चाकू कीबरामदगी की गयी है। अपराध कारित करने में प्रार्थी-अभियुक्त की संलिप्ततास्पष्ट रुप से पायी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से अभियुक्त जुबेर अली द्वारा मृतकअरशद मण्डल की हत्या करने के पर्याप्त <नाम> (मोटिव) थे। इसके अतिरिक्तप्रस्तुत मामले में गवाहान इस्माइल आलम एवं जावेद अली द्वारा स्पष्ट शब्दों मेंकहा गया है कि जब वे लोग बुरी तरह घायल अरशद मण्डल को अस्पताल लेजा रहे थे तो रास्ते में एक-दो बार अरशद मण्डल ने जुबेर अली का नाम लियाथा। इस प्रकार मृतक द्वारा इस्माइल आलम एवं जावेद अली के समक्षमृत्युकालिक कथन किया गया था। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि अभियुक्त जुबेरअली मृतक अरशद मण्डल को अपनी मोटरसाइकिल <नाम> बैठाकर साइड से एककिलोमीटर पश्यिम <नाम> में सड़क से कुछ दूर अन्दर खेत में ले जाकर बात कररहा था । तभी अभियुक्त जुबेर अली ने अरशद मण्डल के गुप्त अंग एवं शरीर केअन्य स्थानों <नाम> चाकू से <नाम> से मारने की नियत से कई प्रहार किया और भागगया। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी कहा गया है कि जुबेर अली काविवाह रबीना खातून से हुआ था जबकि मृतक अरशद मण्डल का सम्बन्ध रबीनाखातून से स्थापित हो गया था । इसी <नाम> अभियुक्त जुबेर अली द्वारा मृतकअरशद मण्डल के शरीर के अन्य अंगों <नाम> चोट पहुंचाने के साथ-साथ उसकेगुप्त अंग <नाम> भी चोट पहुंचायी गयी थी। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्टके अनुसार मृतक अरशद मण्डल की मृत्यु चाकू से आयी हुई चोटों के <नाम> हीहुई है तथा उक्त चाकू अभियुक्त के निशानदेही <नाम> पुलिस द्वारा बरामद कियागया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1173_201925-10-2019553
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि आज दिनांक 18.09.2019 को समय 10 बजे <नाम> विकासपरियोजना <नाम> म्योरपुर <नाम> बाबूलाल पुत्र स्व0 बालकिशुन द्वारा जरियेदूरभाष से सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम लौबन्द ब्लाक म्योरपुर में <नाम> बाबूलाल गुप्तापुत्र <नाम> विश्वनाथ साह के घर में पोषाहार की बोरी <नाम> दुद्धी लिखा हुआ पोषाहाररखा हुआ है। उक्त सूचना <नाम> <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> दुद्धी श्रीहुदयनरायन पुत्र स्व0 रामधनी ने जिला कार्यकम <नाम> सोनभद्र को अवगतकराते हुए ग्राम लौबन्द में करीब 11:30 बजे पहुंचने <नाम> पाया कि बाबूलाल गुप्ताकी पत्नी फुलवसिया <नाम> जो मौके <नाम> उपस्थित थी, के घर में 124 खाली बोरीपरियोजना दुद्धी पायी गयी तथा 4 बोरी का विवरण गभर्वती व धात्रीक <नाम> मीठादलिया 25 बोरी, नमकीन दलिया 01 बोरी, प्रामिक्स लड्डे 10 बोरी, 6 माह से 3वर्ष के बच्चों हेलु विनिंग फूड 30 बोरी, मीठा दलिया 33 बोरी, 3-6 वर्ष के बच्चोंहेतु मीठा दलिया 67 बोरी, लड्डू प्रीमिक्स 8 बोरी, <नाम> बालिकायें हेलु मीठादलिया 2 बोरी, प्रीमिक्स लड्डू 2 बोरी कुल खाली 124 बोरी पोषाहार से भरीबोरी का वितरण 3-6 वर्ष के बच्चों <नाम> मार्निग स्नैक 1 बोरी, गर्भवती व धात्रिकहेतु प्रीमिक्स लड्डू 3 बोरी(20 पैकेट बोरी) कुल भरी बोरी 4 मौके <नाम> उपस्थितमकान मालकिन <नाम> फुलवसिया <नाम> पत्नी बाबूलाल <नाम> द्वारा बताया गयाकि <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र श्रीकिशुन निवासी, बरवाटोला आरंगपानी थाना-म्योरपुर..2 ooजिला-सोनभद्र द्वारा गाड़ी नं0_ यूएपी0 64 टी 8862 द्वारा 25 बोरी पोषाहारपुनः उसी गाड़ी से <नाम> किशुन रौनियार पुत्र रामस्वारथ द्वारा 130 बोरी पोषाहाररखा गया था। उक्त पोषाहार आदि फूलोर मिल के प्रतिनिधि <नाम> <नाम> पुत्रविजय शांकर द्वारा <नाम> <नाम> परियोजना,दुद्धी के गोदाम से <नाम> सत्यम कुमारपुत्र <नाम> <नाम> <नाम> कनिष्ठ सहायक के द्वारा पोषाहार <नाम> एवं वितरण का कर्मकिया जाता हैं, से प्राप्त किया है। शासनादेशानुसार फर्म प्रतिनिधि को पोषाहारपरियोजना से प्राप्त <नाम> आंगनबाड़ी केन्द्रो <नाम> पहुंचाकर <नाम> रसीद कोकार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश प्राप्त है। बोरियों <नाम> शासनानुसार कोडिंगनहीं की गयी है जो खाली पैकेट प्राप्त हुए हैं उसका विवरण निम्नवत है। 7 माहसे 3 वर्ष के बच्ची के विनिंग के 255 फटे बैकेट मीठा दलिया 58 पैकेट, गर्भवतीऔर धात्रिक के प्रीमिक्स लड्डू के 39 पैकेट, <नाम> बालिका क प्रीमिक्स लड्डू37 पैकेट, 3-6 वर्ष के बच्चों के प्रीमिक्स लड्डू 136 पैकेट, <नाम> दलिया 4पैकेट, कुल फटे पैकेटों की संख्या 529 <नाम> बरामदगी के समय जिला कार्यकमअधिकारी, सोनभद्र <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> अपर सांख्यिकी <नाम> <नाम> विकासश्री विकान्त <नाम> <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> दुद्धी, <नाम> <नाम> नरायन,बाल <नाम> परियोजना <नाम> बभनी <नाम> शैलाश <नाम> <नाम> <नाम> अधिकारीम्योरपुर <नाम> बाबूलाल की उपस्थिति में बरामद <नाम> को मोके <नाम> सिल <नाम> सर्वमुहर <नाम> नमूना मुहर तैयार किया गया जिसमें अभियुक्तगण <नाम> <नाम> श्रीकिशुन रौनियार, <नाम> <नाम> के विरुद्ध कार्यवाही करें। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसे झूठा एवं रंजिशवश फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोईमाल बरामद नहीं हुआ है और <नाम> ही प्ररार्थी-अभियुक्त ने वाहन से बाबूलाल के घरपुष्टाहार ही पहुचाया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण के वाहन से कोई <नाम> बरामद नहीं हुआ है। प्रार्थी-अभियुक्तगण केविरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा ही अपने वाहन से <नाम> <नाम> परियोजना कार्यालय,दुद्धी से पुष्टाहार प्राप्त करते थे और उसका वितरण आंगनबाड़ी केन्द्रों <नाम> नकरके खुले बाजार में पुष्टाहार की कालाबाजारी की जा रही थी। अपराध गम्भीरप्रकृति का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्तगण वाहन सं0- यू०पी0 64 टी 8862 के चालक हैं। इन्हींअभियुक्तगण द्वारा पहले 25 बोरी पोषाहार ले जाकर मकान मालकिन श्रीमतीफुलवसिया <नाम> के मकान में रखा गया । पुनः उसी गाड़ी सं0- यू०पी0 64 टी8862 द्वारा 130 बोरी पोषाहार अभियुक्त श्रीकिशुन रौननियार द्वारा ले जाकरमकान मालकिन <नाम> फुलवसिया <नाम> के मकान में रखा गया। उल्लेखनीय हैकि <नाम> फुलवसिया <नाम> अभियुक्त बाबूलाल <नाम> की पत्नी है जिस बाबूलालगुप्ता के मकान में उक्त पोषाहार रखे गये थे। इन बोरियों <नाम> दुद्धी लिखा हुआथा। ", "..3 3अभियोजन पक्ष द्वारा अनेंक अभिलेखीय साक्ष्य दाखिल किये जानेके साथ-साथ यह अभिकथन किया गया कि उक्त पोषाहार आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारालखनऊ से सीधे प्रत्येक ब्लाक में स्थित परियोजना कार्यालय के गोदाम को भेजाजाता था जहां से उस <नाम> प्रत्येक आंगनबाड़ी का कोड लिखा जाता है। तत्पश्चात पुनः उक्त पोषाहार आपूर्तिकर्ता फर्म क प्रतिनिधि <नाम> <नाम> कोसौंपा जाता है कि वह प्रत्येक आंगनबाड़ी <नाम> को उपलब्ध करायें। आपूर्तिकर्ताफर्म द्वारा केवल ब्लाक का नाम बोरी <नाम> लिखा जाता है । आंगनबाड़ी का कोडपरियोजना कार्यालय का जो गोदाम ब्लाक स्तर <नाम> होता है वहीं निकासी केसमय डाला जाता है। बरामदशुदा बोरियों <नाम> दुद्धी लिखा हुआ है । इसकातात्पर्य यह हुआ कि पोषाहार दुद्धी ब्लाक के लिए चला था लेकिन आंगनबाड़ीका कोड़ <नाम> डालकर <नाम> दुर्विनियोग किया गया। ", "बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि अभियुक्तगण के कब्जे से कोईबरामदगी नहीं की गयी है इसलिए वह निर्दोष हैं, परन्तु अभियुक्तगण द्वारापोषाहार को अन्य अभियुक्तगण से दुरभिसंधि करके बाबूलाल <नाम> के घर परइस आशय से रखा गया कि जब पर्याप्त <नाम> हो जायेगा तो उसे ट्रकों में भरकरबाहर बेचने के लिए भेजा जायेगा। ", "इस प्रकार अभियुक्तगण का कृत्य गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1188_201921-10-2019618
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि प्रार्थी मुदकमाउपरोक्त में जमानत <नाम> था। प्रार्थी रोजी रोटी के चक्कर में बाहर कमानेचला गया। अधिवक्ता से सम्पर्क <नाम> होने गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत होगया। प्रार्थी दिनांक 07.03.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। मु0अ0सं0 805/19 एस0टी0 संख्या 06/2011 अन्तर्गत धारा8/22 एन0डी0पी0एस0०एक्ट में प्रार्थी की जमानत माननीय उच्चन्यायालय इलाहाबाद द्वारा दिनांक 16.09.2019 को स्वीकार की जा चुकीहै । प्रार्थी के जमानत प्रार्थना पत्र में टाइपिंग में भूलवश <नाम> 8/20एन0डी0पी0एस0एक्ट <नाम> लिखने के <नाम> अभियुक्त जेल में <नाम> नहींहो सका। अभियुक्त प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> हाजिर आता रहेगा। अतःअभियुक्त को उपरोक्त <नाम> में भी जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्त द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। रोटी रोटी के चक्कर में बाहर कमानेचला गया था। मुदकमा उपरोक्त में <नाम> 8/22 एन0डी0पी0एस0एक्ट मेंमाननीय उच्च ऱ्यायालय , इलाहाबाद द्वारा जमानत स्वीकार की जाचुकी है। टाइपिंग की गलती के <नाम> अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत जमानतप्रार्थना पत्र में <नाम> 8/20 एन0डी0पी0एस०एक्ट लिखना भूल गया थाजिस <नाम> अभियुक्त <नाम> 8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट में <नाम> नहीं होसका । उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जानेकी <नाम> की गयी है। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी)द्वारा उपरोक्त जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> विरोध नहीं किया गया। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 805/2011 अन्तर्गत <नाम> 8/22दण्ड प्रकिया <नाम> में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया जब किअभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र अन्तर्गत <नाम> 8/20/22एन0पी0एस०एस0०एक्ट में प्रेषित किया गया है। अभियुक्त के विरूद्धउपरोक्त <नाम> में आरोप विरचित किया जा चुका है। अभियुक्त के..2/ —2—अधिवक्ता के सहवन भूल के <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र में धारा8/20 एन0डी0पी0एस0०एक्ट छूट गयी थी। माननीय उच्चन्यायालय द्वारा <नाम> 8/22 एन0डी0पी0एस०एक्ट में जमानत स्वीकारकी जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1178_201902-11-2019507
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी मुकदमा उपरोक्त में पूर्व मेंजमानत <नाम> था। दिनांक 11.10.2017 को <नाम> नियत थी। प्रार्थी गरीबमजदूर व्यक्ति है। मजदूरी करने बाहर चला गया था। नियत <नाम> परन्यायालय हाजिर नहीं हो सका और उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्टजारी हो गया। प्रार्थी दिनांक 03.06.2019 से जिला कारागार में निरूद्धहै । प्रार्थी द्वारा जानबूझकर किसी प्रकार की हीला हवाली नहीं की गयीहै। वह भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> हाजिर आता रहेगा। अतःजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त कार्य के सिलसिले मेंबाहर चला गया था और नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीहो सका तथा न्यायालय द्वारा उसक विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकरने का आदेश पारित <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त दिनांक 03.06.2019से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीराज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में'उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकिया गया है। अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कारनही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि पत्रावलीसाक्ष्य में चल रही है। अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> आने केकारण उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत हुआ था। अभियुक्तदिनांक 03.06.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा कहा गयाकि वह कार्य के सिलसिले में बाहर चला गया था । वह घर का.2/ —2—अकेला कमाने वाला व्यक्ति है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_635_201919-06-2019594
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनॉक 09.06.2019 कोउप निरीक्षक <नाम> मौर्य अपने हमराहीगण के साथ पेन्डिंग एहकामात ववांछित अपराधी की तलाश में ग्राम बैडाड़ होते हुये सिलहटा की तरफ जा रहेथे। बिसहार तिराहा स्थित ग्राम बैडाड़ में एक व्यक्ति अपने दाहिने हाथ मेंप्लास्टिक का झोला लिये खड़ा था और पुलिस वालों को देख <नाम> भागने काप्रयास किया। शक होने <नाम> पुलिस द्वारा उसे पकड़ लिया गया। नाम पतापूछने <नाम> अपना नाम रामवृक्ष सोनकर पुत्र मन्ना सोनकर पता उपरोक्त बतायाऔर यह भी बताया कि उसके झोले में गॉजा है। गॉजा होने की जानकारी होनेपर पुलिस द्वारा उसे बताया गया कि उसकी जामा तलाशी किसी मजिस्ट्रेट याराजपत्रित <नाम> के समक्ष होगी। इस <नाम> अभियुक्त की सहमति से पुलिसद्वारा उसकी जामा तलाशी ली गयी उसके दाहिने हाथ में लिये हुये प्लास्टिकके झोला में एक किलो 300 ग्राम गॉजा बरामद हुआ था। जिसे रखने केसम्बन्ध में लाइसेंस मॉगे जाने <नाम> वह कोई लाइसेंस पुलिस वालों को नहींदिखा सका था। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रारथी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी दिनाक 10.06.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियोजन कथानक पुलिसद्वारा काल्पनिक एवं मनगढ़न्त तथ्यों के आधार <नाम> दर्शाया गया है। प्रार्थी की...2 9राजनीतिक, सामाजिक <नाम> को मिटाने उद्देश्य से राजनीतिक पार्टी केइशारे <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रार्थी निर्दोष है। कथितबरामदगी में धारा-51, 52 व 53 एन0डी0पी0एस0 ऐक्ट का अनुपालन नहींकिया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधारपर अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को पुलिस द्वारा पकड़े जाने <नाम> उसके कब्जेसे एक किलो 300 ग्राम गॉजा बरामद हुआ है। जिसे रखने के सम्बन्ध में वहकोई कागजात पुलिस वालों को नहीं दिखा सका था। यह भी <नाम> प्रस्तुत कियागया है कि अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रार्थी/ अभियुक्त के कब्जे से एक किलो 300 ग्रामगॉजा बरामद किये जाने का अभियोग है। जो निर्धारित न्यूनतम <नाम> से अधिकतथा व्यवसायिक <नाम> से काफी कम है। अभियुक्त का एक मात्र आपराधिकइतिहास मुकदमा अपराध संख्या-25/2019 अन्तर्गत धारा-60 आबकारीअधिनियम के तहत स्थानीय थाने <नाम> पंजीकृत होना दर्शाया गया है। कथितबरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_439_201903-05-2019848
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी उमाकान्तमिश्रा ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 23.03.2019 को समय लगभग 7.30बजे <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> मूरत निवासी-पुसौली अपने पांच साथियों को लेकर घरमें घुस गया और प्रार्थी के लड़के आशुतोष कान्त <नाम> को राड, छड़ लाठी वडण्डे से मारने लगे जिससे प्रार्थी का लड़का लहुलुहान होकर गिर गया। विष्णुपुत्र <नाम> मूरत सबसे ज्यादा राड से मार रहा था। वह तुरन्त जिला अस्पताल,सोनभद्र प्राथमिक उपचार के लिए ले गया। उसके <नाम> हालत बिगड़ने लगीजिससे प्रार्थी साधन व एम्बुलेंस की व्यवस्था करने लगा। इसी बीच उनका पुत्रसिर <नाम> गम्भीर चोट लगने के <नाम> दम तोड़ दिया। उसके लड़के का शवअस्पताल के मोरचरी में पड़ा हुआ है। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण केविरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने <नाम> में कहा किप्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में मृत्युका समय नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त नामजद नहीं है और <नाम> ही उसकेकब्जे से कोई हथियार बरामद हुआ है । प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> अभियुक्त <नाम> काभाई है। प्रार्थी/ अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> अभियुक्तों के साथ मिलकर एक <नाम> होकर मृतक कोराड, छड़ व लाठी-डण्डे से मारा-पीटा जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। चश्मदीदसाक्षीगण द्वारा घटना को देखना बताया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा गम्भीरअपराध किया गया है। अपराध कारित करने में प्रार्थी/अभियुक्त की संलिप्ततास्पष्ट <नाम> से पायी गयी है। जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा कहा गया है कि प्रशम सूचना रिपोर्ट में केवलविष्णु पुत्र <नाम> मूरत को नामित किया गया है। इसमें अन्य किसी का नाम नहींहै। —_ 2 —_बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंअभियुक्त <नाम> पुत्र <नाम> मूरत को अपने पांच साथियों के साथ दिखाया गया हैजबकि यह अभियुक्त <नाम> का साथी नहीं है बल्कि <नाम> है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में केवलविष्णु को नामित किया गया है लेकिन चश्मदीद <नाम> गोलू उर्फ ओंकार ने अपनेधारा-161 दं0प्रoसं0 के बयान में कहा है कि <नाम> व उसके बड़े <नाम> चन्दनदोनों मिलकर आशुतोष को उन्हीं के घर के सामने सड़क के किनारे मारते हुएउसने <नाम> था। ", "<नाम> 161 दं0प्रसं0 के बयान में <नाम> <नाम> ने भी यह कहा हैकि अभियुक्त <नाम> एवं चन्दन दोनों आशुतोष उर्फ आशू <नाम> को उसके घर केसामने ही डण्डे से मार रहे थे। इस मार-पीट को कुछ और लोगों ने भी देखाथा। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में घरमें घुसकर मारे-पीटे जाने की बात कही गयी है जबकि यह मारपीट की घटनाघर के बाहर सड़क <नाम> दिखायी गयी है। उल्लेखनीय है कि जब कुछ लोगकिसी व्यक्ति को मार-पीट रहे हों तो मार खाने वाला व्यक्ति एक ही स्थान परखड़ा होकर या बैठकर मार नहीं खाता रहेगा बल्कि वह इधर-उधर भाग भीसकता है। ऐसी <नाम> में अभियोजन पक्ष का यह तर्क उचित प्रतीत होता है किमृतक मारे-पीटे जाने के दौरान घर से निकलकर बाहर आ गया हो। ", "पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का <नाम> <नाम> एवं अत्यधिक रक्तस्रावकहा गया है जो प्लीहा के फट जाने के <नाम> हुई है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं गवाहों के बयान सेस्पष्ट है कि अभियुक्त द्वारा मारे-पीटे जाने के <नाम> जो चोटें मृतक को आयीशी उन्हीं चोटों के <नाम> मृतक की मृत्यु हुई । ", "अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का पर्याप्त आधार नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_834_201927-07-2019212
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनॉक 14.07.2019 कोएस0०एच०ओ0 भुनेश्वर <नाम> अपने हमराहीगण के साथ <नाम> की देख-भाल वशान्ति व्यवस्था में कसबा तिराहा हनुमान मन्दिर <नाम> मौजूद थे। उसी समयजरिये मुखबिर खास उन्हें सूचना <नाम> कि दो व्यक्ति घोरावल की तरफ सेटैम्पो से आने वाले हैं जिनके पास संदिग्ध सामान है। इस सूचना <नाम> विशवासकरके पुलिस वाले टेटी माइनर नहर पुलिया के पास पहुँचे तो दो व्यक्तिटेम्पो से उतर <नाम> भाग रहे थे। मुखबिर के बताने <नाम> पुलिस द्वारा उन्हें पकड़लिया गया। नाम पता पूछने <नाम> एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> उफकल्लू पुत्र विष्णू <नाम> निवासी कटुबापुरा वहेलिया टोला मछोदरी पाक के पासकोतवाली मैदागिन जिला वाराणसी बताया तथा दूसरे ने अपना नाम अफरोजउफ छोटू पुत्र मो0 फारूख पता उपरोक्त बताया। पुलिस द्वारा उनकी जामातलाशी लेने के लिये कहा गया तो प्रार्थी /अभियुक्त ने अपने पैन्ट के दाहिनेजेब से एक पुड़िया निकाल <नाम> <नाम> और बताया कि इसमें हेरोइन है। इसपर पुलिस द्वारा उसे बताया गया कि तुम्हारी जामा तलाशी किसी राजपत्रितअधिकारी के समक्ष होगी। अभियुक्त की सहमति <नाम> पुलिस द्वारा उसकी जामातलाशी ली गयी प्रार्थी / अभियुक्त के पास से 50 ग्राम हेरोइन बरामद हुआथा। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी /अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र-...2 9है। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी को काइमब्रान्च द्वारा दिनॉक 10.07.2019 को रंजिश वश पकड़ लिया गया था उसकेबाद दिनाक 14.07.2019 को थाना शाहगंज की पुलिस द्वारा उसे उपरोक्तमुकदमा में फर्जी ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी को कथित समय वस्थान <नाम> नहीं पकड़ा गया था और <नाम> ही उसके पास से कोई बरामदगी हुईहै। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी की जामा तलाशीकिसी राजपत्रित <नाम> द्वारा नहीं ली गयी है। प्रार्थी दिनॉक 14.07.2019से जेल में निरूद्ध है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह तकप्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को पुलिस द्वारा पकड़े जाने <नाम> उसकेकब्जे से 50 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है। जिसे रखने के सम्बन्ध मेंवह कोई कागजात पुलिस वालों को नहीं दिखा सका था। अभियुक्त द्वाराकारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन कियागया । ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त को पुलिस <नाम> द्वारा गिरफूतार कियेजाने <नाम> तलाशी के दौरान उसके कब्जे से 50 ग्राम हेरोइन बरामद होनादर्शाया गया है। बरामद हेरोइन निर्धारित न्यूनतम <नाम> से काफी अधिक है। सम्बन्धित थाने की आख्या में अभियुक्त का इसी <नाम> का आपराधिकइतिहास मुकदमा अपराध संख्या-749/2017 अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0 एक्ट थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र, मुकदमा अपराध संख्या-318/2018 अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0 एक्ट थाना राबर्टसगंजजिला सोनभद्र दर्शाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1304_201919-11-2019404
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रामरतनजायसवाल पुत्र <नाम> चन्द्र, निवासी ग्राम खलियारी, थाना रायपुर जिलासोनभद्र ने दिनॉक 28.01.2017 को थाना रायपुर जिला सोनभद्र में इस कथनके साथ लिखित तहरीर <नाम> कि दिनॉक 27.01.2017 को समय करीब 09:00बजे उसका सगा साला <नाम> <नाम> पुत्र रामेशवर निवासी ग्राम डुमरिया,थाना बरकोनिया जनपद सोनभद्र ने उसकी लड़की पीड़िता उम्र करीब 14 वर्षको लेकर कहीं चला गया है। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्ररार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी निर्दोष है उसे इस अपराध में झूठा फसाया गया है। प्रार्थी ने कोईअपराध नहीं किया है। कथित घटना से प्रार्थी का कोई सम्बन्ध नहीं है । प्रार्थीने पीड़िता को बहला फुसला <नाम> <नाम> तो कहीं ले गया था और <नाम> ही उसकेसाथ बलात्कार किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> सभी तथ्य गलत एवंबनावटी हैं। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट काफी विलम्ब से दर्ज करायी गयी 9है। पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट से प्रथम सूचना रिपोर्ट का समर्थन नहीं होताहै। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र 19 वर्ष पायी गयी है। पीड़िता केबयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में प्रार्थी के विरूद्ध कोई साक्ष्यनहीं आया तथा पीड़िता के बयान से प्रार्थी के विरूद्ध उपरोक्त धाराओं काअपराध नहीं बनता है। प्रार्थी के <नाम> उससे रंजिश रखते हैं जिसके कारणप्रार्थी को उपरोक्त मुकदमा में झूठा फसा <नाम> है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनॉक 22.11.2018 से जिला कारागारमें निरूद्ध है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि घटना के समय पीड़िता की उम्र लगभग 14 वर्षबतायी गयी है। अभियुक्त को प्रथम सूचना रिपोर्ट मे नामित किया गया है। अभियुक्त पीड़िता का मामा है और उसके द्वारा नाबालिग पीड़िता का व्यपहरणकरके उसके साथ बलात्कार किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है । " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रार्थी/अभियुक्त को पीड़िता का मामा होनाबताया गया है। घटना के समय पीड़िता की उम्र 14 वर्ष होना उल्लिखितकरते हुये विवेचना के उपरान्त अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र धारा-363,366, 376 भारतीय दंण्ड <नाम> एवं धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकोंका संरक्षण अधिनियम, 2012 में प्रेषित किया जा चुका है। चूँकि पीड़िता घटनाके समय नाबालिग थी अतः अभियुक्त का यह <नाम> कि पीड़िता ने अपनीस्वेच्छा से <नाम> बताया है, इस <नाम> जमानत के स्तर <नाम> निष्कर्ष <नाम> जानान्यायोचित नहीं होगा। मामला नाबालिग पीड़िता को बहला फुसला करव्यपहरण करने तथा उसके साथ प्रवेशन लैंगिक हमला किये जाने के अपराधसे सम्बन्धित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_893_201913-08-2019108
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी द्वारा समाधानदिवस में प्रार्थना पत्र इस कथन के साथ प्रस्तुत किया गया कि उसकी लड़कीखुशबू और उसकी माँ दोनों घर <नाम> थी। रात में 3 बजे खुशबू घर से बाहरशौचालय जाने के लिए) निकली कि उसके घर के बगल का लड़का अरविन्दउफ बिन्दू वादी की लड़की को पकड़ <नाम> खेत में ले गया और उसके साथबलात्कार किया और सुबह 5 बजे छोड़ा। इसके <नाम> लड़की घर आयी तो अपनीमॉ से सारी बात बतायी और इसकी सूचना उसी <नाम> दिनांक 01.07.2019 कोथाना राबर्दसगंज एवं चौकी सुकृत में <नाम> गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई । विपक्षीगण के पिता कहते हैं कि उनका लड़का ऐसे ही बलात्कार करेगा जोकरना हो <नाम> लो। जांच कराकर विपक्षीगण के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही कीजाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। ्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त को रंजिशनफंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा पीड़िता का अपहरण नहीं किया गयाहै। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 03.08.2019 से कारागार मेंनिरूद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहागया कि प्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता के ही गांव का रहने वाला है। प्रार्थी- अभियुक्तद्वारा पीड़िता का अपहरण उसके विधिपूर्ण संरक्षता से <नाम> लिया गया। अपराधगम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ " ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "मूलतः प्रस्तुत मामला <नाम> 376 भा0दं0सं0 के अन्तर्गत दर्ज कियागया था परन्तु <नाम> 376 भा0दं0सं0 के अभिकथन की <नाम> पीड़िता ने <नाम> 164दं0प्रoसं0 के बयान में नहीं किया है इसलिए पुलिस द्वारा <नाम> 376 भा०दं0सं0का लोप <नाम> <नाम> गया है। ", "जहां <नाम> <नाम> 363 भा०दं0सं0 का प्रश्‍न है, पीड़िता द्वारा अपनेबयान में कहा गया है कि अभियुक्त की बहन पीड़िता की दोस्त है। वह अपनेदोस्त के यहां मिलने गयी थी। उसको अभियुक्त द्वारा उसके विधिपूर्ण संरक्षकतासे अपहूत नहीं किया गया था। ", "इस प्रकार गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए्रार्थी-अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1477_201921-01-2020653
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी कान्ती देवीने पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र के माध्यम से थाना रॉबर्दसगंज में इस आशय कीतहरीर प्रेषित की कि उसने अपनी पुत्री <नाम> की शादी जवाहिर <नाम> के साथकिया था। <नाम> की सास लाची <नाम> आये <नाम> झगड़ा करती रहती थी। दिनांक-08.02.2018 को लाची <नाम> बबलू व <नाम> <नाम> ने उसकी पुत्री सुशीलासे झगड़ा लगाकर उसके ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क <नाम> आग लगा दी जिससेवह जल गई। जलने की जानकारी होने <नाम> जवाहिर <नाम> बचाने के लिये गयेजो आग बुझाने में जल गये। उसकी पुत्री की उपचार के दौरान दिनांक-09.02.2018 को मृत्यु हो गई। घटना को <नाम> <नाम> अजोरा <नाम> व जवाहिरगुप्ता आदि ने <नाम> है। वादिनी की उक्त आशय की तहरीर <नाम> थाना-रॉबर्दसगंज में अभियुक्तगण लाची <नाम> बबलू व <नाम> <नाम> के विरुद्ध अ.सं-116/2018 अंतर्गत <नाम> 304 भारतीय दंड <नाम> में मुकदमा पंजीकृत कियागया। ", "प्रार्थीगण-अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि पुलिसद्वारा वादी मुकदमा की साजिश में होकर फर्जी व <नाम> कथनों के आधार <नाम> — 2 —_नामित किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट घटना के 20 <नाम> के <नाम> दर्ज कराईगई है। आरोप पत्र बिल्कुल <नाम> अविश्वसनीय व <नाम> विरूद्ध है। अभियोजनकथानक संदिग्ध, असत्य, काल्पनिक, <नाम> व साजिशी है। वादिनी का घरघटना स्थल से करीब 30 <नाम> दूर है और वह प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नहीं है। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण निर्दोष हैं। उनका घटना से कोई वास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि प्रार्थीगण-अभियुक्तगण द्वारा मृतका <नाम> मिट्टीका तेल डालकर उसे जला <नाम> गया जिससे उसकी उपचार के दौरान मृत्यु होगई । अपराध गंभीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र का घोर विरोध करतेहुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त करने की प्रार्थना की गई है। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने एवं संलग्नतलबशुदा अवर न्यायालय के अभिलेखों व अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्टहै कि शिकायतकर्ती, जो मृतका की मां है, के द्वारा प्रश्‍नगत मामले में केवलमृतका की सास लाची <नाम> देवर बबलू व देवरानी <नाम> <नाम> <नाम> ही अभिकथितआरोप लगाया गया है। प्रस्तुत मामले में तीनों अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-306भा.दं.सं. में आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। केस डायरी के अवलोकन केअनुकम में वादिनी /मृतका की मां के बयान से यह स्पष्ट है कि उसके द्वाराअपनी तहरीर के संगत ही बयान <नाम> गया है जिसमें उसके द्वारा यह अभिकथनकिया गया है कि अभियुक्तगण लाची <नाम> बबलू व <नाम> <नाम> अक्सर मृतका केसाथ झगड़ा करते थे एवं उन्होंने ही उसके ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क करआग लगा <नाम> जिससे मृतका की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। अपराध गंभीरप्रकृति का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1452_201923-01-2020633
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रमेशप्रसाद पुत्र <नाम> <नाम> भजन, निवासी अम्बेडकर नगर प्लांट नम्बर-135, थानाशक्तिनगर जिला सोनभद्र ने दिनाक 18.10.2019 को थाना शक्तिनगर जिलासोनभद्र में इस कथन के साथ लिखित तहरीर <नाम> कि दिनॉक 17.10.2019को उसकी पुत्री पीड़िता उम्र लगभग 15 वर्ष जो कि विवेकानन्द इण्टरकालेज में 10वीं में पढ़ती थी और एन0टी0पी0सी0 ४1 B. निवासी शिवेकसर के यहाँ ट्यूशन पढ़ने समय लगभग 03:50 पी0एम0 <नाम> गयी थी। जबवह वापस नहीं आयी तो प्रार्थी शिवेक सर के यहाँ जाकर पता किया तो पताचला कि वह ट्यूशन पढ़ने नहीं गयी थी। उसकी लड़की को <नाम> कुमार(गोल्डी) पुत्र रामफल जो उसके मोहल्ले का रहने वाला है, बहला फुसलाकर कहीं लेकर चला गया है। ", "9अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी/अभियुक्त को गलत तरीके से उपरोक्त मुकदमा में अभियुक्तबनाया गया है। प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी प्रथम सूचनारिपोर्ट मं नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयीहै। पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> के अनुसारपीड़िता घटना के दूसरे <नाम> गोल्डी के <नाम> द्वारा थाने <नाम> पहुँचा दी गयीथी । उसने अपने बयान मं प्रार्थी द्वारा कोई गलत <नाम> करने की बात नहींबतायी है। डाक्टरी मुआयना से पीड़िता के साथ बलात्कार होना नहीं पायागया है। प्रार्थी ड्राइवरी का कार्य करता है उसका इस अपराध से कोई लेनादेना नहीं है। प्रार्थी के विरूद्ध विवेचना से कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थीदिनॉक 07.11.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अभियुक्त की ओर से माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबादद्वारा किमिनल मिस्लेनियस <नाम> अप्लीकेशन संख्या-1754/2020 अजयकुमार उफ॑ गोल्डी बनाम स्टेट आफ यू0पी0 एवं अन्य में पारित आदेशदिनॉक 10.01.2020 की अप्रमाणित <नाम> दाखिल की गयी है जिसके अनुसारमुख्य अभियुक्त <नाम> <नाम> उफ गोल्डी की जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकी गयी है। अतः समानता के आधार <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को भी जमानतपर <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तगण केसाथ मिल <नाम> नाबालिग पीड़िता का व्यपहरण किया गया और पीड़िता केसाथ सामूहिक <नाम> से बलात्संग किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारितअपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी हूै। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रार्थी /अभियुक्त को पीड़िता के बयान अन्तर्गतधारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। दौरान विवेचना पीड़ित ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकियासंहिता जो संलग्न केस डायरी के पर्चा संख्या-3 में <नाम> है उसमें यहकथन किया है कि उसकी उम्र 15 वर्ष है। वह 10वीं क्लास में पढ़ती है। ", "...3 जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1452 / 20193दिनॉक 17.10.2019 को समय करीब 03:45 बजे वह ट्यूशन पढ़ने जा रहीशी रास्ते में उसका पड़ोसी गोल्डी मिला और कहा कि चलो तुम्हें ट्यूशन केलिये छोड़ देता हूँ। वह विश्‍वास करके बैठ गयी उसे सम्पलेक्स ले गया। उसके <नाम> अपने दोस्त से बोलेरो मॅगवाया। उसे बोलेरो में जबरदस्ती बैठाकर निगाही ले गया। बोलेरो में <नाम> लोग और थे जिनका नाम <नाम> वराहुल था एक का नाम नहीं मालूम है। गोल्डी अपने दोस्त के यहाँ ले गयातथा उसे <नाम> एवं गोल्डी ने नशे वाली दवाई खिलायी इसके <नाम> वहबेहोश हो गयी। सुबह जब नींद खुली तो वह नंगी हालत में थी जब कपड़ेपहनने लगी तो <नाम> एवं गोल्डी उसका मुँह बॉध <नाम> ए0सी0एल0 ले गयेइसके <नाम> विन्दनगर निगाही घुमाते रहे। अपने मजीद बयान में पीड़िता नेयह कथन किया है कि <नाम> <नाम> और एक अन्य लोग जिनका नाम वहनहीं जानती बोलेरो में बैठाने के <नाम> निगाही ले गये और उसे घुमाते रहे। उसके <नाम> उसको एक रूम में ले गये जहाँ <नाम> <नाम> ने उसे एक टेबलेटखिलाया उसके <नाम> वह बेहोश हो गयी। उस <नाम> घटना के दौरान जब वहन्यायालय आयी थी तो उसका दिमाग <नाम> नहीं <नाम> रहा था इसलिये वहनाम नहीं बता पायी थी। जब घर गयी तो नाम याद आया जिसमें उनकानाम <नाम> व <नाम> था। गोल्डी ने गलत कार्य किया था और कपड़ा नहींपहने थे कुछ बोल नहीं पा रहे थे। जब वह होश में आयी तो कपड़ा नहींपहने थे उसके <नाम> कोई गलत <नाम> नहीं किया था। ", "इस प्रकार उक्त <नाम> के बयान से यह प्रतीत होता है किपीड़िता का व्यपहरण जिस वाहन से किया <नाम> बताया गया है उस वाहनमं प्रार्थी / अभियुक्त मौजूद था। मामले मैं प्रार्थी /अभियुक्त के विरूद्ध धारा-363, 366, 376डी0ए0 भारतीय दंण्ड <नाम> एवं धारा-5/6 लैंगिक अपराधोंसे बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 में आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुकाहै। जहाँ <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से समानता के आधार <नाम> उसेजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कथन किया गया है तो इस सम्बन्ध मेंमाननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा कई मामलों में यह स्पष्ट <नाम> सेसम्प्रेक्षित किया गया है कि मात्र समानता ही जमानत का आधार नहीं होसकता । पीड़िता नाबालिग है, मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी उम्र प्रमाण पत्र मेंउसकी उम्र 16 वर्ष निर्धारित की गयी है। मामला लैंगिक अपराधों से बालकोंका संरक्षण अधिनियम, 2012 से सम्बन्धित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_568_201901-06-2019665
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 22.05.2019को उप निरीक्षक चन्द्रभान <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्र,रोकथाम जुर्म जरायम व तलाश वांछित अपराधी एवं पेण्डिग विवेचना मेंआपस में बात <नाम> रहे थे कि मुखबिर खास द्वारा सूचना <नाम> कि एकमहिला बकुल की चाय पान की दुकान डाला चढ़ाई के पास खड़ी है,उसके पास हेरोइन है। मुखबिर की सूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस बलमौके <नाम> खड़ी महिला की ओर गए तो एकाएक पुलिस वालो कोदेखकर खड़ी महिला तेज-तेज कदमों से पीछे मुड़कर जाने लगी किबकुल के चाय पान की दुकान के पास रि0मु0अ0 कु0 <नाम> केसहयोग से समय करीब 08.35 बजे प्रातः पकड़ लिया गया। पकड़ीगयी महिला ने अपना नाम सुदेशवरी <नाम> पत्नी स्व0 <नाम> यादवबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो अभियुक्ता के पहनेहुए शमीज के उपरी हिस्से से एक प्लास्टिक की डिब्बी के अन्दर एकपन्नी में 100 ग्राम हेरोइन नाजाय बरामद हुआ। हेरोइन रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सकी। अतः अभियुक्ता को कारणगिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्ता निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्ता एक गरीबविधवा महिला है। उसकी ढाई तीन साल की एक छोटी बच्ची है तथाछोटा मोटा <नाम> करके अपनी आजीविका चलाती है। अभियुक्ता दिनांक22.05.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियुंक्ता स्थानीय विधवा महिला हैऔर वह आपराधिक प्रवृत्ति की नहीं है। पुलिस द्वारा <नाम> 42,50एन0डी0 पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का पालन नही किया गया है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयी है। ", ".2/ राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 100 ग्रामनाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार सेपालन किया गया है। अभियुक्ता का आपराधिक इतिहास है। अभियुक्ताका मुकदमा उपरोक्त के पूर्व थाना चोपन में मु0अ0सं0 199/18 अन्तर्गतधारा 8/21 एन0डी0पी0एस०0एक्ट अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्ता केपास से 100 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद की गयी है, जो अल्प मात्रासे काफी अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्ता काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथा कहा गया किअभियुक्ता के विरूद्ध इस मामले से पूर्व थाना चोपन में अ0सं0 199/18अन्तर्गत <नाम> 8/21 एन0डी0पी0एस०एक्ट का मुकदमा पंजीकृत है। अभियुक्त द्वारा उक्त तथ्य को अपने जमानत प्रार्थना पत्र में छिपाया गयाहै । " ] }
0DENIED
Bail Application_754_202003-07-2020266
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "03.07.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> सिंहने थाना राबर्दसगज में तहरीर <नाम> कि दिनांक 27.11.2019 को समय करीब 03.00बजे <नाम> <नाम> <नाम> अपने एक साथी के साथ जिसे देखकर पहचान सकता हूं। उसके घर <नाम> आया। घर <नाम> उसकी पत्नी व उसकी माता व बच्चे थे। वादी की मातासे कहे कि आपलोगों का आवास मंजूर हुआ है। वादी ने उन लोगों को भेजा है। एकलाक्ष रूपया तत्काल मंगाए है। वादी की माता उनकी बातों में आकर घर के लड़की कीशादी के लिए रखा रूपया एक लाख <नाम> <नाम> को <नाम> दिया। तब <नाम> वादी आगया। उसको देखते ही <नाम> <नाम> उसकी माता को पैसा वापस <नाम> <नाम> और दोनोंघर से बाहर निकल आए और उससे कहे कि आपका आवास मंजूर हुआ है साहबसड़क <नाम> आपसे मिलने के लिए बुला रहे है। वह अपनी माता से बात नहीं <नाम> पायाऔर बाहर बाहर उन लोगों के साथ उनके ही मोटरसाइकिल <नाम> बैठकर चल दिया। करीब 150 मीटर जाने के <नाम> <नाम> <नाम> ने मोटर साइकिल रोककर अपने साथव वादी को उतार <नाम> और कहा कि आपकी माता का आधार कार्ड आपके घर छूटगया है। मै लेकर आता हूं। तब <नाम> आप लोग यहीं <नाम> खड़ा रहिए। वादी ने कहाकि हमें भी साथ घर <नाम> ले चलिए । आधार कार्ड साथ लेकर चले आएगे। इस बात परराजेन्द्र <नाम> ने उसे साथ ले जाने से <नाम> <नाम> <नाम> और आधार कार्ड लेने केबहाने घर गया। उसकी माता से कहा कि वादी ने एक लाख रूपया मंगाया है। पैसादे दीजिए। उनकी बातो में आकर वादी की माता ने एक लाख रूपया <नाम> <नाम> कोदे दिया। <नाम> <नाम> एक लाख रूपया घर से लेकर आया और अपने साथी कोबैठाकर एवं उसे छोड़कर चला गया। वादी जब घर लौटा तो घटना की जानकारीहुई । वादी अपने <नाम> व अन्य के साथ <नाम> <नाम> के घर गया और पैसे की मांगकिया तो बताया कि पैसा खर्च हो गया है। वापस करने के लिए आजकल <नाम> रहा है। दिनांक 31.12.2019 को समय करीब 03.30 बजे <नाम> वादी व अपने लड़के के साथराजेन्द्र <नाम> के घर पैसा लेने के लिए तो <नाम> <नाम> उसे व उसके लड़को कोगाली <नाम> एवं धमकी देते हुए कहने लगा कि मै उस पैसे से बोलेरो गाड़ी ले लियाहै। साले यहां से भाग जाओं नहीं तो तुम्हारी हत्या <नाम> देगें। तुम्हारा पैसा नहीं देगें। राजेन्द्र <नाम> बहुत दबंग किस्त का आदमी है। इसके विरूद्ध पूर्व में गैगेस्टर एवं लूटआदि कई मुदकमें पंजीकृत है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि अभियुक्त निर्दोष है। उसे गलत तरीके से अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्त अपना दल का सकिय सदस्यहै। अभियुक्त से राजनीतिक रंजिश वादी के <नाम> <नाम> सूरत <नाम> से रही है। उसीवजह से अभियुक्त के विरूद्ध मनगढ़न्त कहानी बनाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी गयी है। अभियुक्त वादी मुकदमा को जानता पहचानता भी नहीं है। घटना काकोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट मे यह कहा गया है कि आवास मंजूरहोने के नाम <नाम> एक लाख रूपया लिया गया जब कि सरकारी आवास गांव में, जो भीबनाने की प्रकिया है वह ग्राम <नाम> व सचिव स्तर से होती है। आवास का रूपया सीधेलाभार्थी के खाते में किश्तवार आती है। मामला मजिस्टेट द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्त दिनांक 14.06.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गया किअभियुक्त द्वारा सरकारी आवास मंजूर होने के नाम छल द्वारा वादी मुकदमा की मातासे दिनांक 27.11.2019 को एक लाख रूपया ले लिया गया। जब वादी मुकदमा दिनांक31.12.2019 को अपने लड़को के साथ अभियुक्त से पैसा मांगने गया तो अभियुक्त द्वारागाली <नाम> देते हुए <नाम> से मारने की धमकी <नाम> और कहा कि पैसा नहीं देगे। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। इस मुदकमें के पूर्व 1-मु०अ०सं0-45/12अन्तर्गत धारा-3(1) गैगेस्टर एक्ट थाना शाहगंज, 2-मु0अ०सं०0-207,/13 अन्तर्गतधारा-110 <नाम> दण्ड प्रकिया <नाम> थाना शाहगज,3- मु0अ0सं0-74,/18 अन्तर्गतधारा-392,34,389 भा0द0सं0 थाना शाहगंज, 4- मु0अ0सं0-17,/19 अन्तर्गत धारा-3(1)गैगेस्टर एक्ट थाना शाहगंज, 5-मु0अ0सं0-142/18 अन्तर्गत धारा-392,411भा0द0सं0 थाना करमा, 6-मु0अ0सं०-44 /18 अन्तर्गतधारा-392,34,411,419,420,467,468,471 भा0द0स0 थाना करमा एवं7-मु0अ०सं0-17/19 अन्तर्गत धारा-3(1) गैगेस्टर एक्ट थाना करमा जिला सोनभद्रका अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त शातिर किस्म का अपराधी है। अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाता है तो पुनः अपराधमें लिप्त होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। उपरोक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "Bail Application/l537/2020 -Rajendra Patel Vs. State Government 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवंपत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह विदित हो रहा है किअभियुक्त द्वारा सरकारी आवास मंजूर होने के नाम छल द्वारा वादी मुकदमा की मातासे दिनांक 27.11.2019 को एक लाख रूपया लिया <नाम> कहा गया है एवं जब वादीमुकदमा दिनांक 31.12.2019 को अपने लड़को के साथ अभियुक्त से पैसा मांगने गयातो अभियुक्त द्वारा गाली <नाम> देते हुए <नाम> से मारने की धमकी <नाम> <नाम> औरपैसा <नाम> देना कहा गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। इस मुदकमें के पूर्व1-मु०अ०सं०-45,/12 अन्तर्गत धारा-3(1) गैगेस्टर एक्ट थाना शाहगंज,2-मु०अ०सं०-207 /13 अन्तर्गत धारा-110 <नाम> दण्ड प्रकिया <नाम> शाना शाहगज,3-मु0अ0सं0-74//18 अन्तर्गत धारा-392,34,389 भा०द0सं0 थाना शाहगंज, 4-मु0अ0सं0-17/19 अन्तर्गत धारा-३(1) गैगेस्टर एक्ट थाना शाहगंज,5-मु०अ0सं0-142/18 अन्तर्गत धारा-392,411 भा0द0सं0 थाना करमा,6-मु०अ0सं0-44//18 अन्तर्गत धारा-392,34,411,419,420,467,468,471 भा0दछस0 थानाकरमा एवं 7-मु0अ०सं०0-17,/19 अन्तर्गत धारा-3(1) गैगेस्टर एक्ट थाना करमा जिलासोनभद्र का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त द्वारा छल एवं फर्जी <नाम> से सरकारीआवास मंजूर होने के नाम <नाम> वादी मुकदमा की माता से रूपया एक लाख रूपया प्राप्तकरना एवं मांगने <नाम> <नाम> देने के आधार <नाम> एवं इस पूर्व पंजीकृत मुकदमों के आधारपर अभियुक्त आपराधिक मनःस्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। इस स्तर <नाम> अभियुक्तके आरोपित अपराध का <नाम> <नाम> होने एवं जमानत <नाम> मुक्त होने की <नाम> में Bail Application/l537/2020 -Rajendra Patel Vs. State Government 3उनके द्वारा पुनः कोई अपराध कारित <नाम> करने के तथ्य का समाधान नहीं होता है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1246_201915-11-2019433
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> पाल नेथाने <नाम> सूचना <नाम> कि वह दिनांक 28.10.2019 को समय लगभग 7.00 बजेअपनी गाड़ी लेकर एक पड़िया लेने जुड़िया भेजा था तो रास्ते में दिवान <नाम> पुरातिराहे के पास लगभग सात बजे उसकी गाड़ी को भोनू उफ हसनैन व नन्दू रोककर उसके चालक से कहे कि इस रास्ते से गुजरना है तो पैसा देकर जाओगेनहीं तो नहीं जाने देगें, जिसको बुलाना है बुला लो। उसके चालक ने बताया किये लोग अक्सर गाड़ियों को रोककर जबरदस्ती पैसा मांगते हैं। उसके ड्राइवरद्वारा <नाम> किया गया तो उसके साथ गाली-गलौज करने लगे। सूचना देने आयाहै । रिपोर्ट दर्ज <नाम> आवश्यक कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष हैं। उन्हें फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थीगण द्वारा कोई अपराध नहीं किया गयाहै । प्रथम सूचना रिपोर्ट तीन <नाम> से विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। घटना काकोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थीगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण वादी का वाहन रोककर उसके चालक से अवैध <नाम> से पैसेकी मांग की जा रही थी, <नाम> देने <नाम> चालक को गाली-गलौज दिये। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्तगण काकोई आपराधिक इतिहास नहीं बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_476_202124-03-2021221
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र के साथ माननीय उच्चन्यायालय, इलाहाबाद द्वार Application L/S 482 No. 43120 of 2019Awadh Bihari Deo Pandey And 3 others Vs State of U.P. andAnother में पारित आदेश दिनांकित 05.02.2021 की वेब प्रतिलिपि संलग्नकिया गया। कम्प्यूटर अनुभाग,जनपद न्यायालय,सोनभद्र द्वारा उक्त आदेश कीप्रमाणित प्रतिलिपि प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न है। जिसमें माननीय उच्चन्यायालय द्वारा प्रार्थीगण की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र का निस्तारणAmrawati and another Vs. State of U.P. reported in 2004(57)ALR-29- as well as judgement passed by Hon'ble ApexCourt reported in Lal kamlendra Pratap Singh Vs State of U.P.2009(3)AD] 322(5C) के <नाम> में किये जाने का निर्देश <नाम> गया है। वादी मुकदमा सह-विद्वान अधिवक्ता न्यायालय के समक्ष जमानत प्रार्थनापत्र की सुनवाई के समय उपस्थित हुआ तथा उसकी ओर से सूची 12ख/1 केमाध्यम से कागज संख्या 12ख/2 लगायत 12ख/18 दाखिल किया गया। मामले से सन्दर्भित मूल पत्रावली न्यायालय के समक्ष पेश की गयी,जिसके अवलोकन से ज्ञात होता है कि न्यायालय के आदेश दिनांकित 17.03.2021 के आधार <नाम> प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण अन्तरिम जमानत <नाम> हैं तथा आदेश 2के अनुपालन में उनके द्वारा आज न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किये जाने परउन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 23.11.2018 को अभियुक्तगणद्वारा एक <नाम> होकर वादी मुकदमा की जमीन <नाम> ईट पत्थर गिराकर कब्जाकरने का प्रयास करने <नाम> वादी मुकदमा द्वारा <नाम> किया गया तो अभियुक्तगणप्रार्थी को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मुहल्ले वालों के सामने गालीगलौज करते हुए व मारते हुए अपमानित करने लगे। ", "प्रार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि्रार्थीगण ने कोई अपराध कारित नहीं किया है तथा उन्हें गलत तरीके सेअभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थना पत्र अन्तर्गत <नाम> 156(3) दण्ड प्रकिया संहिताके आधार <नाम> काफी विलम्ब से मुकदमा पंजीकृत किया गया। विद्वानअधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क किया गया कि दोनों पक्षों की ओर से <नाम> वादविचाराधीन है। इस प्रकार सिविल वाद को आपराधिक मामले का रंग देते हुएमुकदमा पंजीकृत कराया गया है। सह-अभियुक्तगण जिनके विरूद्ध एकआपराधिक मामला मुकदमा अपराध संख्या 131//2018 <नाम> 147,323,504,506भारतीय दण्ड <नाम> एवं धारा-3(2) (४4)अनूसूचित जाति एवं अनुसूचितजनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 पंजीकृत कराया गया है जिसमेंमात्र सह-अभियुक्त अवध बिहारी <नाम> के विरूद्ध आरोप पत्र दाखिल कियागया है। जिनकी जमानत स्वीकार की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त मुकदमाअपराध संख्या 266/2011 अन्तर्गत <नाम> ३23,325,504,506 भा0०दं0सं0 में प्रार्थीराजेश के विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है तथा <नाम> के विरूद्ध आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक तथा वादी के विद्वान अधिवक्ता द्वाराजमानत का प्रबल विरोध किया गया तथा वादी द्वारा न्यायालय के समक्ष यहकथन किया गया कि अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 22.03.2021 को सायं7 बजे वादी के घर <नाम> आकर वादी के पुत्र <नाम> को गाली गलौज <नाम> गयातथा दिनांक 24.03.2021 को कचहरी आने <नाम> उठवा लेने की धमकी दी गयी,जिसके संबंध में वादी के पुत्र द्वारा पुलिस अधीक्षक,सोनभद्र को शिकायत पत्रदिनांकत 23.03.2021 प्रेषित किया गया। इसके अतिरिक्त अभियुक्तगण केखिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 124/2020 अन्तर्गत <नाम> 452,323,504,506,427भा0दं0सं0 थाना राबर्टसगंज, सोनभद्र एवं अभियुक्तगण के पिता अवध बिहारीपाण्डेय के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या-131/2018 <नाम> 147,323,504,506भा०दं0सं0 व धारा-3(2) (ए) अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति(अत्याचारनिवारण)अधिनियम,1989 थाना चोपन, जनपद सोनभद्र <नाम> पंजीकृत है। ऐसीस्थिति में अभियुक्तगण की आपराधिक प्रवृति को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने <नाम> है। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान विशेष लोक अभियोजकतथा वादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया। ", "संदर्भित पत्रावली विशेष परीक्षण संख्या-88/2019,मुकदमा अपराधसंख्या-276/2018,अन्तर्गत धारा-323,504,506 भारतीय दण्ड <नाम> व धारा-3 3(2)(४३) अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण)अधिनियम,1989,थाना-चोपन, जनपद सोनभद्र के अवलोकन से विदित होता हैकि वादी मुकदमा द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध जाति सूचक शब्दों से गालीगुप्ता देते हुए लाठी व मुक्का से मारने पीटने तथा <नाम> से मारने की धमकी देनेका अभियोग लगाया गया है। अभियोजन की ओर से मामले के अभियुक्तगण केविरूद्ध प्रस्तुत मामले के अतिरिक्त मुकदमा अपराध संख्या 131//2018 <नाम> 147,323,504,506 भा०दं0सं0 व धारा-3(2)(४)अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण)अधिनियम,1989 एवं मुकदमा अपराध संख्या-266,/2011 धारा323,325,452,504,506 भा०दं0सं0 थाना राबर्टसगंज,सोनभद्र में पंजीकृत होनाबताया गया है। साथ ही वादी द्वारा न्यायालय को इस तथ्य से भी अवगतकराया गया कि प््रार्थीगण के विरूद्ध ऐसा एक मुकदमा अपराध संख्या 124/2020 अन्तर्गत <नाम> 452,323,504,506,427 भा०दं0सं0 थाना राबर्टसगंज, सोनभद्रमें लम्बित है जिसके संबंध में प्रार्थीगण की ओर से यह कथन किया <नाम> किउक्त मुकदमे की जानकारी उन्हें नहीं है, प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को स्वीकारकिये जाने <नाम> पर्याप्त नहीं है। जहां <नाम> अन्य सह-अभियुक्तगण का जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने का प्रश्‍न है तो यह उल्लेख करना समीचीनप्रतीत होता है कि इस मामले में प्रार्थीगण के विरूद्ध लम्बित मामलों की सूची केदृष्टिगत जमानत <नाम> समानता का दावा विचारणीय नहीं है। अभियोजन की ओरसे प्रस्तुत आपराधिक इतिहास अभियुक्तगण के आपराधिक मानसिकता का द्यपतक है। " ] }
0DENIED
Bail Application_615_202003-06-2020448
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थना पत्र में कियेगये कथन के समर्थन में शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया गया है। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त दिनॉक 17.02.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में है। प्रार्थीमजदूरी के सम्बन्ध में दूसरे राज्य में चला गया था ऐसी स्थिति में उपरोक्त मुकदमा में नियततिथि की निश्चित जानकारी <नाम> होने के <नाम> वह अदालत नहीं आ सका जिससे प्रार्थी केविरूद्ध गैर जमानती अधिपत्र जारी किया गया है। प्रार्थी की जमानत माननीय उच्च न्यायालय,इलाहाबाद द्वारा किमिनल मिस्लेनियस <नाम> प्रार्थना पत्र संख्या-5988/2011 में पारित आदेशादिनक 04.05.2011 क द्वारा हुर्ई थी और प्रार्थी जमानत <नाम> <नाम> किया गया था। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया कि अभियुक्त द्वारा जमानत का दुरूपयोग किया गया है। यदि अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाता है तो उसे पुनः फरार होने की सम्भावना है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं सत्र परीक्षण संख्या-07/2011 की तलबशुदा पत्रावली का अवलोकन कियागया। ", "प्रस्तुत प्रकरण में पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि माननीय उच्चन्यायालय, इलाहाबाद द्वारा क्रिमिनल मिस्लेनियस <नाम> अप्लीकेशन संख्या-5988/2011इनरशाह बनाम स्टेट आफ यू0पी0 में पारित आदेश दिनॉक 05.04.2011 के आदेशानुसारअभियुक्त जमानत <नाम> रहा है। अभियुक्त के अनुपस्थिति के <नाम> उसके विरूद्ध दिनाक 09.05.2019 को गैर जमानती अधिपत्र जारी किया गया था। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा दिनाक 17.02.2020 को आत्मसमर्पण प्रार्थना पत्र कागज संख्या 103-ख न्यायालय में प्रस्तुत करआत्मसमर्पण किया गया। कोर्ट मोहर्रिर की रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त दिनॉक 17.02.2020 सेन्यायिक अभिरक्षा में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1335_201927-11-2019321
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि वह ब्लाक नं0-4 कमरा नं0-47 कांशी <नाम> आवास, कसबाराबर्टसगंज, जिला- सोनभद्र का निवासी है तथा कसबा राबर्दसगंज में आटोरिक्शा चलाने का कार्य करता है। वह दिनांक 19.10.2019 को अपने <नाम> धब्धेसे खाली होकर <नाम> लगभग 10.00 बजे अपने आवास <नाम> पहुंचा तो घर केअन्दर का सामान बिखरा पड़ा था तथा घर में <नाम> टी.वी., डीटीसी, कपड़े, बर्तनतथा बाक्स के नीचे कपड़े में रखा छ: हजार रुपया गायब है। उसके घर कापिछला दरवाजे का ताला टूटा हुआ है। वह शोरगुल किया तो अगल-बगल केलोग इकट्ठा हो गये। बातचीत के दौरान पता चला कि <नाम> , साबिर, सागरमिलकर घर से <नाम> बनाकर चोरी किये हैं । उसके घर से चोरी की टी.वी.मैक्स आवास में रहने वाले पप्पू जो कहार का <नाम> करता है, के कनब्जे में है। उसने जब पप्पू से कहा कि टी.वी. उसकी है, उसे <नाम> दो तो पप्पू ने कहा किमनोज ने उसके पास टी.वी. गिरवी रखा है। उसका पैसा <नाम> दो, तब टी.वी. देगा। मनोज, साबिर व <नाम> मिलकर उसके घर में <नाम> बनाकर चोरी किये हैं तथापप्पू ने यह जानते हुए कि यह सामान चोरी का है उसे खरीदा है। <नाम> सबिर,सागर व पप्पू के खिलाफ रिपोर्ट पंजीकृत <नाम> उसका सामान दिलाया जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। उसके कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। घटनासे उसका कोई वास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त को रंजिशन फंसायागया है। प्रार्थी-अभियुक्त का नाम <नाम> अभियुक्त पप्पू के बयान के आधार परप्रकाश में आया है। प्रार्थी-अभियुक्त एक माह से जिला कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के घर में घुसकर टी.वी., छ: हजार रुपया व सामान चुरा लिया। " ], "judge-opinion": [ "ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामला चोरी का है जिसमें किसी व्यक्ति का दरवाजातोड़कर चोरी की गयी है। निश्चित <नाम> से बहुत ही गम्भीर अपराध है। चोरीकरते हुए किसी अभियुक्त को किसी के द्वारा <नाम> नहीं गया है। ", "फर्द बरामदगी दिनांक 21.10.2019 के अनुसार पुलिस द्वारा कांशीराम आवास <नाम> वीरे <नाम> के यहां अभियुक्तगण को गिरफूतार किया गयाजिनमें से प्रस्तुत अभियुक्त साबिर से एक अदद टी.वी., दो अदद कान की बालीतथा रु0 130/-बरामद किये गये, जबकि इसके पूर्व वादी ने ही पप्पू के घर परटी.वी. को चलते हुए <नाम> था। ", "बचाव पक्ष के अनुसार यह कथानक भी विश्वसनीय प्रतीत नहींहोता है कि सभी अभियुक्तगण अपना-अपना चोरी का सामान लेकर कांशी रामआवास में बेचने के लिए गये हों। " ] }
1GRANTED
Bail Application_487_202029-05-2020492
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "29.05.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 19.04.2020 को उप निरीक्षक कृष्णावतार <नाम> हमरोहियों के साथ देखभालक्षेत्र कस्बा ओबरा तलाश वांछित अभियुक्त व कोरोना वायरस केसकमण की रोकथाम व लाकडाउन का पालन कराने में <नाम> पाठकचौराहे के पास खड़ा था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि दोव्यक्ति नई <नाम> शांती नगर ओबरा ब्रिज के पास बैठे है। किसीमोटरसाइकिल वाले का इन्तजार <नाम> रहे है। उनके पास नाजायज गांजाहै। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुचकर बैठेदोनों व्यक्तियों को समय करीब 07.50 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम शिवकुमारयादव उर्फ पखण्डू पुत्र बुधिराम <नाम> एवं दूसरे ने अपना नाम शमशादअहमद पुत्र स्व0 मो0 रफीक बताया। नियमानुसार जामा तलाशी लीगयी तो अभियुक्त शिवकुमार <नाम> उफ पखण्डू के दाहिने हाथ में लिएझोले में दो किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा एवं अभियुक्त शमशादअहमद के दाहिने हाथ में लिए झोले में दो किलो नाजायज गांजाबरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखासके । अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफ्तारी बताकर हिरासत मेंलेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षरफर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर मालमुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से दिखायी गयी गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गयाहै। अभियुक्त दिनांक 19.04.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", ".2/ —2—राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेदो किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0एपी0एस०एक्ट क प्राविधानों कासही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहासबताया गया है तथा इस मुकदमें से पूर्व मु0अ0सं0 102/19 थाना ओबरामें <नाम> है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराधमें लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से दो किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होनाकहा गया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_916_202013-08-2020112
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 10.07.2020 को प्रभारी निरीक्षकराजेश <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> रोकथाम जुर्म जरायम व चेकिंग संदिग्धव्यक्ति वाहन आदि में ग्राम गिधिया में मौजूद था कि ज्ञात हुआ कि मुमताज अलीका एक सकिय गिरोह है। इस गिरोह के नूर मुहम्मद <नाम> <नाम> <नाम> उर्फप्रतीश, नितीश <नाम> <नाम> सकिय सदस्य है। मुमताज अली इस गिरोह कालीडर है। जो थाने का हिस्द्रीशीटर है। यह गिरोह/ गैंग अपने तथा अपने गैग केअलग अलग एवं एक साथ मिलकर चोरी व अवैध असलहो को रखने जैसे गम्भीरअपराध कारित करते है। समाज के लोगों को <नाम> धमका <नाम> एवं मार पीट <नाम> दहशतफेलाते है। इस गैंग द्वारा चोरी की कई घटनाओं को अंजाम <नाम> गया हैं। यह गैंगभा०द0सं0 के अध्याय 16,17 व 22 में वर्णित अपराधों को करने के अभ्यस्तः अपराधी है। इस गैंग का समाज में भय एवं आतंक व्याप्त है। दिनांक 21.01.2020 को इस गैंग द्वाराचोरी के अनेक इलेक्टानिक सामानो को ले जाते समय गिरफूतार करने के लिए ६ोराबन्दी की गयी थी तो गैंग लीडर भागने में सफल रहा । जबकि अन्य तीनोंसदस्यगण चोरी इलेक्ड्रानिक्स सामानों मानिटर,लैपटाप, प्रिटिंग मशीन कैमरा की बोर्ड वचार्जर आदि अन्य उपकरणों के साथ एक बोलेरो से बरामद करते हुए गिरफ्तार कियागया था। गैग लीडर मुमताज अली की गिरफूतारी दिनांक 24.06.2020 को कीगयी । चोरी की इन घटनाओं से गिधिया व चेरवाडीह तथा आस पास के कचनरवा कोनव रामगढ़ के क्षेत्रों में काफी दिनों <नाम> दहशत का माहौल बना रहा। इस गैंग के भयएवं आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध थाने में मुकदमालिखवाने या न्यायालय में गवाही देने का साहस नहीं <नाम> पाता है। इस गैंग कास्वछन्द रहना समाज के हित में ठीक नहीं है। अभियुक्तगण के विरूद्ध गैग चार्टजिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा अनुमोदित होकर प्राप्त हो चुका है। अतः वादी द्वाराअभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसे Bail Application/l881/2020 -Satish kumar Vs. State Government 2अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं०-02//20 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0द0वि0, एवं मु0अ0सं0-88/19 अन्तर्गतधारा-379,411 भा०द0सं0 थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्तअपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमाउपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्यनहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में भय दहशत एवंआतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त कियेजाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध चोरी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोहका गैग सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0ंसं०-02/20 अन्तर्गतधारा-379,411 भा०द0वि0, एवं मु0अ०सं0-88/19 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0द0सं०थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त अपने गैग लीडर एवंअन्य साथियों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारितकरते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होनेकी पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने कीसंभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत काघोर विरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0ंसं0-02/20 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0०द0वि0, एवं मु0अ0सं0-88/19अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0सं0 थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्त गैगके लीडर एवं गैग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिएगम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_347_202103-03-2021459
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "03.03.2021अभियुक्त महाबीर पुत्र छांगुर <नाम> निवासी मल्लहियाटोला चोपन थाना चोपन जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 19.02.2021 को उप निरीक्षक अवधेश <नाम> <नाम> हमराहियों केसाथ देखभाल <नाम> करता हुआ बसकटवा मोड़ <नाम> मौजूद था किजरिए मुखविर खास सूचना <नाम> कि दो व्यक्ति एकमोटरसाइकिल चोपन की तरफ से हेरोइन लेकर आ रहे है जोकहीं बेचने जाने वाले है। इस सूचना <नाम> विश्‍वास <नाम> पुलिस बलपहुंचकर चोपन की तरफ से आने वाले <नाम> नदी पुल के किनारेसे आने जाने वालों को देखने लगे कि थोड़ी देर में एक सफेदरंग की टी0०वी0एस0 स्पोर्ट मोटरसाइकिल से दो व्यक्ति आतेदिखायी दिए, जिन्हें नजदीक आने <नाम> मोटरसाइकिल चालकको रूकने का इशारा किया गया तो अचानक पुलिस <नाम> कोदेखकर भागना चाहा परन्तु हड़बड़ी में उक्त मोटरसाइकिल बन्दहो गयी तो दोनों को घेर <नाम> समय करीब 09.30 बजे पकडलिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एकने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र दशरथ निवासी मल्लहिया टोलाचोपन बैरियर थाना चोपन जिला सोनभद्र तथा दूसरे ने अपनानाम महाबीर पुत्र छागुर <नाम> निवासी मल्लहिया टोला चोपनबैरियर थाना चोपन जिला सोनभद्र मूल पता ग्राम महेवा कलाथाना माण्डा जिला प्रयागराज बताया। नियमानुसार अभियुक्तगणकी जामा तलाशी ली गयी तो <नाम> <नाम> के पहने पैण्ट कीजेब से 20 ग्राम नाजायज हेरोइन एवं अभियुक्त महाबीर के पहनेपैण्ट के जेब से 15 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइनरखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतःअभियुक्तगण को <नाम> गिरफ्तारी बताकर हिरासत में लेकरफर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर Bail Application/347/2021 -Mahaveer Vs. State Government 2फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर मालमुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखागया कि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही कियागया है। उसके पास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआहै। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट व अन्य महत्वपूर्ण प्राविधानों का पालन नही कियागया है। मुकदमें का वादी मुकदमा अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्त केसाथ काफी मारपीट किए। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहींहै । अभियुक्त दिनांक 19.02.2021 से जिला कारागार सोनभद्र मेंनिरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान लोक अभियोजकद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 15 ग्रामनाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कारनहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट हैकि अभियुक्त के कब्जे से 15 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होनाकहा गया है, जो वाणिज्यिक <नाम> से काफी कम है। अभियोजनकी ओर से अभियुक्त का अपराधिक इतिहास होने के सबंध मेंकोई कथन नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_647_201901-07-2019523
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा मुन्नी देवीपत्नी <नाम> पासवान, निवासी कुरथा, थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र नेदिनॉक 25.10.2018 को थाना राबटसगंज जिला सोनभद्र में इस कथन के साथलिखित तहरीर <नाम> कि वह अनुसूचित दुसाध जाति की है। उसकी नाबालिगलड़की पीड़िता जिसकी जन्मतिथि 01.01.2002 है दिनॉक 23.08.2018 को समयकरीब 04:00 बजे सायं अपने घर से शाहगंज जाने के लिये निकली थी औरराबर्टसगंज मे विजयगढ़ टाकीज पेट्रोलपम्प के पास पहुँची तो उसके पूर्वपरिचित <नाम> <नाम> उफ राजा पुत्र <नाम> <नाम> उफ बच्चा निवासी सेहुँआथाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र ने उसकी लड़की को बहला फुसला <नाम> अपनीमोटर साइकिल <नाम> बैठा लिया और सलइझ्या ले गया। उसकी लड़की पीड़िताके विरोध करने <नाम> दूसरे रास्ते से चुक जंगल की ओर ले गया तथा सूनसानजगह <नाम> गाड़ी खड़ा करके उसकी लड़की के साथ अश्लील हरकत करने लगा 9और पीड़िता के गाल <नाम> दात से काट लिया तथा उसकी कपड़ा फाड़ दियाऔर बलात्कार करने की कोशिस करने लगा और उसे जमीन <नाम> पटक करगला दबा <नाम> झापड़ मुक्का से मारा और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करतेहुये गाली व <नाम> से मारने की धमकी <नाम> था। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रारथी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी को उपरोक्त मुकदमा में गलत ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थीनिर्दोष है उसने कोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत एवंबेबुनियाद है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट काफी विलम्ब से दर्ज करायी गयीहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट में राजा <नाम> उफ॑ राजा पुत्र <नाम> <नाम> निवासीसेहुआ, थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र को मुल्जिम बनाया गया है जबकिप्रार्थी का नाम राजा <नाम> पुत्र स्व0 अरूण <नाम> मिश्र निवासी पइका, थानाचोपन जिला सोनभद्र है। प्रार्थी को रंजिशन फसाया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट के तथ्य एवं पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रकिया संहितामं तथ्यात्मक विरोधाभास है। पीड़िता शादीशुदा है एवं उसकी उम्र 20 वर्ष सेअधिक है। प्रार्थी आरकस्ट्रा का संचालक है और पीड़िता आरकेस्ट्रा में डांसकरती है । प्रार्थी ने पीड़िता को हर शो के लिये रू0 2,500/-देने के लिये कहाथा किन्तु शैलेन्द्र <नाम> सिपाही द्वारा रू0 4,000/-देने के लिये दबाव बनायागया जिस <नाम> प्रार्थी ने पीड़िता को अपने आरकस्ट्रा में नहीं रखा उसी रंजिशके <नाम> प्रार्थी को गलत ढंग से फसाया गया है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह कथन कियागया है कि घटना के उपरान्त पीड़िता व उसकी मॉ द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्टलिखाये जाने का प्रयास किया गया परन्तु पुलिस द्वारा जान-बूझ <नाम> विलम्बसे उसकी रिपोर्ट दर्ज किया गया है। इस दौरान अभियुक्त की ओर से सुलहका दबाव भी बनाया गया। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा आरकेस्ट्रा में अपना नाम ववल्दीयत बदलने के <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट में उसका नाम <नाम> <नाम> उफराजा तथा पिता का नाम <नाम> <नाम> दर्ज कराया गया है जबकि विवेचनासे अभियुक्त का सही नाम पता ज्ञात होने <नाम> पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कियागया एवं विवेचना के उपरान्त अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र भी प्रेषित कियाजा चुका है। अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता के साथ लैंगिक एवं प्रवेशनलैंगिक हमला का अपराध कारित किया गया है। उक्त आधार <नाम> जमानत-...3 3प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट पीड़िता की मॉ मुन्नी <नाम> द्वारा यह उल्लिखितकरते हुये पंजीकृत कराया गया है कि उसकी नाबालिग लड़की को उसके पूर्वपरिचित <नाम> <नाम> उफ राजा पुत्र <नाम> <नाम> उफ बच्चा निवासी सेहुआथाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र द्वारा बहला फुसला <नाम> ले जाया गया एवंसूनसान जगह <नाम> ले जाकर उसके साथ अश्लील हरकत किया गया तथाबलात्कार करने की कोशिस की गयी एवं नीच जाति कह <नाम> गाली <नाम> गयाथा। दौरान विवेचना पीड़िता द्वारा यह तथ्य रखा गया है कि राजा उफ राजविकास <नाम> उफ बच्चा निवासी सेहुआ थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र कोराजा <नाम> पुत्र अरूण <नाम> <नाम> निवासी रजधन पइका थाना चोपन जिलासोनभद्र के नाम से <नाम> जाता है। विवेचना से यह भी तथ्य रखा गया है किआरकेस्ट्रा में उसने अपना नाम बदल <नाम> था। पीडिता द्वारा धारा-164 दंण्डप्रकिया <नाम> का बयान जो केस डायरी में <नाम> है उसमें भी अभियुक्त द्वारादो बार गलत <नाम> करने का कथन किया गया है। पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट(उम्र प्रमाण पत्र) के अनुसार पीड़िता की उम्र लगभग 14 वर्ष दर्शायी गयी है। विवेचना के उपरान्त प्रस्तुत मामले में आरोप पत्र अभियुक्त के सही नाम पताराज <नाम> उफ राजा उफ राजा <नाम> पुत्र स्व अरूण <नाम> <नाम> उफ बच्चानिवासी रजधन पइका, थाना चोपन जिला सोनभद्र के नाम से प्रेषित किया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> अनुसूचित जाति की नाबालिग पीड़िता के साथ प्रवेशनलैंगिक हमला किये जाने का अभियोग है। " ] }
0DENIED
Bail Application_215_202026-02-2020213
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर कथनकिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। ्रार्थी/ अभियुक्त वाहन संख्या-यू.पी. 26 टी 0448 का पंजीकूत <नाम> है। प्रथमसूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी हँ, जो संदेहास्पद है। प्रार्थी/ अभियुक्त केवाहन की सभी कागजात वैध है। वाहन <नाम> लदी बालू /मौरम की परमीट एम.एम.11की वैधता <नाम> दिनांक 23.01.2020 समय 3.00 ए.एम. <नाम> पहुँचना वैध था, जबकिप्रार्थी / अभियुक्त के वाहन को दिनांक 22.01.2020 को सायंकाल में ही अवरूद्ध करलिया गया। घटना के <नाम> अभियुक्त <नाम> तो वाहन <नाम> था और <नाम> ही उसने ऐसा कोईअपराध करने के लिये वाहन चालक को आदेश ही <नाम> था। उक्त आधार <नाम> अग्रिमजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजक कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 22.01.2020 कोसमय करीब 10.55 बजे <नाम> निरीक्षक द्वारा अवैध/निर्धारित <नाम> से अधिकउपखनिज परिवहन की लोढ़ी टोल प्लाजा की सड़क <नाम> जाँच की गयी। जाँच केदौरान पाया गया कि वाहन संख्या यूपी. 26 टी 0448 <नाम> 21.00 घ0०मी0 बालू / मौरमलोड था। वाहन <नाम> लदे उपखनिज बालू /मौरम के सम्बन्ध में वाहन चालक द्वाराइलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र-<फ़ोन-नंबर> दिनांकित 22.01.2020 प्रस्तुत किया, जिसकीजॉच करने <नाम> पाया गया कि प्रश्‍नगत वाहन <नाम> 14.91 घ0मी0 बालू / मौरम केपरिवहन जनपद <नाम> <नाम> दिनांक 22.01.2020 समय 4.52 बजे निर्गत किया गयाथा, जो दिनांक 23.01.2020 समय 03.32 बजे <नाम> परिवहन <नाम> वैध था। इस प्रकारपरिवहन प्रपत्र में <नाम> <नाम> से अधिक लोड <नाम> उपखनिजों का चोरी-छिपे अवैधपरिवहन किया जा रहा था। प्रश्‍नगत वाहन को प्रवर्तन कार्यालय लोढ़ी में उपर्युक्तमामले में अग्रिम आदेश <नाम> खड़ी <नाम> दी गयी किन्तु वाहन चालक द्वारा मौके काफायदा उठाकर <नाम> में प्रश्‍नगत वाहन को प्रवर्तन कार्यालय लोढ़ी से भगा ले गया। उक्त आधार <नाम> वाहन चालक तथा वाहन <नाम> के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकी गयी। ", "21 2विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा अग्रिम जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि अभियुक्त <नाम> निर्धारित <नाम> से अधिक उपखनिज परिवहनतथा मौके से प्रश्‍नगत वाहन को भगा ले जाने का अभियोग है। अभियुक्त ने उक्तअपराध के माध्यम से राजकीय धन की क्षति कारित की है। उक्त आधार <नाम> अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्टहै कि अभियुक्त वाहन <नाम> है और घटना के समय उसके वाहन के सभी कागजातवैध थे। वाहन चालक द्वारा वाहन को प्रवर्तन कार्यालय लोढ़ी से भगा <नाम> कहा गयाहै, जिसमें अभियुक्त की संलिप्तता प्रथम दृष्टया प्रतीत नहीं होती है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_832_201901-08-2019169
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जोगिन्दरयादव की पत्नी मर गयी थी। जोगिन्दर <नाम> ने वादिनी से शादी करने काझांसा देकर दिनांक 31.08.2018 के पूर्व से ही वादिनी के साथ शारीरिक सम्बन्धबनाता रहा। वादिनी जब <नाम> रिवाज के अनुसार शादी की बात करती तो वहकिसी <नाम> किसी बहाने टाल देता था। वादिनी जब भी शादी के लिए दबाव बनायीतो वह वादिनी को छोड़कर भाग गया। वादिनी ने घटना की सूचना पुलिस कोदिया था। कार्यवाही <नाम> होने <नाम> शिकायती प्रार्थना पत्र दिनांक 05.01.2019 कोदिया जिसकी सूचना अभियुक्त जोगिन्दर को हुई तो वह वादिनी से रीति-रिवाजके अनुसार शादी करने के लिए तैयार हो गया। अभियुक्त जोगिन्दर <नाम> केझांसे में आकर प्रार्थिनी ने अपना मुकदमा वापस ले लिया था। मुकदमा वापसलेने के <नाम> अभियुक्त जोगिन्दर <नाम> कुछ <नाम> वादिनी को अपने पास रखकररीति रिवाज के अनुसार शादी करने के लिए कहा तो वह टाल-मटोल करनेलगा। जब वादिनी ने शादी के लिए दबाब बनाया तो वह मार-पीटकर घर सेभगा दिया। इस घटना की सूचना थाना व जरिये पंजीकृत डाक से पुलिसअधीक्षक को <नाम> लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गयी। अभियुक्त जोगिन्दर <नाम> नेजान-बूझकर <नाम> 376 भा0दं0सं0 का अपराध किया है। मुकदमा पंजीकृत करविवेचना कराया <नाम> आवश्यक है। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्र्ार्थी-अभियुक्त को..2 9साजिश के तहत फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी-अभिक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ शादीका झांसा देकर बलात्कार नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त को <नाम> तो मौकेपर गिरफ्तार किया गया है और <नाम> ही घटना गम्भीर <नाम> की है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प््रार्थी-अभियुक्त द्वारा पीड़िता को शादी का झांसा देकर उसके साथबलात्कार किया जाता रहा। जब पीड़िता ने शादी करने का दबाव बनाया तोपीड़िता को मार-पीटकर भगा दिया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध कियागया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह तर्कं <नाम> गया है कि पीड़िता ने अपने पतिसे <नाम> <नाम> विवाह विच्छेद नहीं कराया है। जब <नाम> पीड़िता अपने <नाम> सेविवाह विच्छेद नहीं <नाम> लेती है तब <नाम> वह दूसरा विवाह नहीं <नाम> सकती है। इसलिए अभियुक्त द्वारा विवाह का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक सम्बन्धबनाये जाने का अभिकथन उचित नहीं है। ", "पीड़िता द्वारा धारा-164 दं0प्रश्‍सं0 के अपने बयान में यह कहा हैकि अभियुक्त ने इससे कहा कि कचहरी चलकर शादी <नाम> लेते हैं। कचहरी मेंशादी की लिखा-पढ़ी हुई । इसके <नाम> पीड़िता अपने मन से अभियुक्त के घरचली गयी और दो माह <नाम> पति-पत्नी की तरह रही। अभियुक्त द्वारा यह भीकहा गया कि वह पहले <नाम> से छोड़-छोड़वा <नाम> ले तब अभियुक्त शादीकरेगा। तब पीड़िता ने अपने पूर्व <नाम> को छोड़ने के सम्बन्ध में लिखा-पढ़ीकरायी और पूर्व <नाम> को छोड़ दिया। पुनः अभियुक्त के घर आ गयी तोअभियुक्त के घर लगभग 10 <नाम> <नाम> पति-पत्नी की तरह रही, परन्तु अभियुक्तने पीड़िता से विवाह नहीं किया। ", "उक्त तथ्यों के <नाम> में पत्रावली का अवलोकन करने से तथातलबी आदेश का भी अवलोकन करने से कहीं लिखा-पढ़ी का कोई कागजदाखिल होने का उल्लेख पत्रावली में नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1345_202007-11-2020370
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन कियागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रशम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियोजनकथानक को गलत बताया है। प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया हैउसे एक साजिश के तहत मुकदमा उपरोक्त में फंसाया गया है। प्रार्थी दिनांक 14.10.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन कथानक का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनीमुकदमा रामरती <नाम> पत्नी रामबुक्ष पासवान, निवासी परसियां, थाना पन्नूगंज,जनपद सोनभद्र की स्थायी निवासी है, ने दिनांक 23.09.2020 को थाना पन्नूगंज,जिला सोनभद्र <नाम> इस आशय की लिखित तहरीर दाखिल किया कि दिनांक 23.09.2020 को उसका लड़का बोखू हिरामनी गिरी के घर मजदूरी करने गया था। बशिष्ट गिरी पुत्र <नाम> सेवक गिरी, <नाम> पुत्र रामसेवक तथा गोलू पुत्र बशिष्टगिरी, निवासी परसियां तथा उनके घर की औरतें <नाम> <नाम> पत्नी रामसेवक तथामीना <नाम> पत्नी बशिष्ट गिरी ने उसके लड़के को गाली गलौज <नाम> रहे थे। वादिनीमुकदमा देखकर बचाने लगी तो इतने में सभी उपरोक्त मुल्जिमान लाठी व बरछासे उसे भी मारने लगे जिससे उसका सिर फट गया और शारीर में काफी चोटेंआयी। वादिनी मुकदमा के नाक की सोने की फोफी व गले की लाकेट निकाललिये तथा उपरोक्त मुल्जिमान <नाम> से मारने की धमकी <नाम> रहें हैं। वादिनी केलिखित तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध थाना पन्नूगंज, जनपदसोनभद्र <नाम> दिनांक 23.09.2020 को समय 14.20 बजे मु0अ०सं0-113/ 2020,धारा- 147, 148, 323, 504, 506, ३94 भा0०दं0सं0 एवं धारा-3(2)(\\) अनुसूचितजाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में अभियोग पंजीकृतकिया गया। ", "जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई <नाम> धारा-15-क (5)अनुसूचित जातिएवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अनुसार वादिनीमुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस तामीला के उपरान्त वादी मयविद्वान अधिवक्ता उपस्थित आये। " ], "judge-opinion": [ " 2्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना गया तथा समस्त पुलिस प्रपत्रों का सम्यकअवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को तथा उसके परिवार के 07 अन्य लोगों को मुल्जिम बनाया गया है। ्रार्थी/अभियुक्त ने <नाम> तो किसी को मारा पीटा है और <नाम> ही कोई सोने का सामानही निकाला है। प्रार्थी/ अभियुक्त मेहनत मजदुरी करके अपना व अपने परिवार कापालन पोषण करता है। प्रार्थी के जेल में बन्द रहने से उसके <नाम> बच्चों <नाम> खराबअसर पड़ रहा है। प्रार्थी को अन्य किसी मुकदमें में सजा नहीं हुई है। ्रार्थी/ अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> तथा वादिनी मुकदमा के विद्वानअधिवक्तागण द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तद्वारा, वादिनी मुकदमा का लड़का जो हिरामनी गिरी के यहां मजदूरी करने गयाथा, को मारा पीटा गया तथा <नाम> में वादिनी मुकदमा उसे देख बचाने गयी तोविपक्षीगण ने उसे भी मारा पीटा जिससे उनके शरीर <नाम> गंभीर चोटें आयी। ्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> आरोप पत्र प्रेषित नहीं किया गया है। ्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायोचित नहीं है। मामला गंभीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण क तर्को को सुनने तथा पत्रावलीपर उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों तथा थाने से प्राप्त आख्या से स्पष्ट है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 23.09.2020 समय अदम तहरीर की है। पुलिसको दिये गये बयान में वादिनी मुकदमा <नाम> रामरती <नाम> ने घटना दिनांक23.09.2020 सुबह 08:00 बजे की बतायी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 23.09.2020 को समय 14:20 बजे पंजीकृत करायी है। वादिनी मुकदमा ने प्रथम सूचनारिपोर्ट का समर्थन करते हुए पुलिस को अपना बयान <नाम> है। दौरान विवेचनाविवेचक ने बोखू उर्फ आजाद, हीरामणि गिरी तथा <नाम> <नाम> का बयान अंकितकिया है, जिन्होंने अपने-अपने बयान में घटना का समर्थन किया है। केस डायरीके पर्चा संख्या-08 दिनांकित 09.10.2020 में विवेचक ने चक्षुदर्शी <नाम> श्रीमतीसुन्दरी का बयान <नाम> किया है। जिसके बयान में अन्य बातों के अलावा लिखाहै कि मेरी सास <नाम> रामरती <नाम> बोखू उफ आजाद के साथ हीरामणि गिरी केघर जा रही थीं कि बशिष्ट गिरी ने अपने घर के सामने मुझे और मेरे लड़के कोरोक लिया और कुत्ता बांधने की बात को लेकर मेरे देवर बोखू उर्फ आजाद वसास को नीच कहकर गाली देते हुए मारने पीटने लगे। जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध संख्या-112/2020 कागजसंख्या-5ख/6 लगायत 5ख/7 के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी/अभियुक्त बशिष्ट गिरी ने दिनांक 23.09.2020 की सुबह 09:00 बजे कीघटना के बावत वादिनी मुकदमा <नाम> रामरती <नाम> आदि के विरूद्ध प्रथम सूचनारिपोर्ट थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र में दर्ज करायी है। प्रार्थी/ अभियुक्त परवादिनी मुकदमा व बेटे बोखू उर्फ आजाद को गाली देने एवं मार पीट <नाम> उसकीनाक की सोने की फोफी व गले का लाकेट निकालने का आरोप है। वादिनीमुकदमा की मेडिकल रिपोर्ट में कुल दो चोटें <नाम> <नाम> है। चोट संख्या-02 कोसाधारण <नाम> की बतायी गयी है और चोट संख्या-01 को जेरे निगरानी रखनेकी सलाह दी गयी है। ", "3जमानत के स्तर <नाम> न्यायालय को मात्र यह देखना होता है कि विवेचकद्वारा संकलित साक्ष्यों से अभियुक्त की मामले में संलिप्तता प्रतीत होती है या नहीं। जमानत प्रयोजनार्थ न्यायालय को पुलिस द्वारा <नाम> किये गये साक्ष्यों की सूक्ष्मजांच और उस <नाम> टिप्पणी नहीं करना होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_858_201905-08-2019144
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी मौजासुकूत में स्थित आराजी नं0-21/24 रकबा 5 बीघा की संकमणीय भूमिधर है। उक्त आराजी को <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> बुल्लू राजभर, <नाम> कुमारपाण्डेय द्वारा किसी अन्य महिला को वादिनी <नाम> के स्थान <नाम> खड़ा करकेउप निबन्धक कार्यालय, राबर्दसगंज के समक्ष पेश करके एक कूटरचित अनुबन्धदिनांक 01.03.2018 को तैयार <नाम> लिया। उक्त दस्तावेज <नाम> <नाम> तो वादिनी काफोटो लगा है और <नाम> ही वादिनी का अंगूठा निशानी व हस्ताक्षर ही है। उक्तदस्तावेज को सूर्यदेव व अली <नाम> द्वारा बतौर <नाम> सत्यापित किया गया है। घटना की सूचना वादिनी ने पुलिस चौकी सुकृत में दिनांक 23.10.2008 को दियाजिसके आधार <नाम> थाना कोतवाली राबर्दसगंज में अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमादर्ज किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्तगणनिर्दोष है। उनक विरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगणने कोई अपराध कारित नहीं किया है और <नाम> ही उनका आरोपित अपराध से कोईवास्ता-सरोकार है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। सहअभियुक्तगण अली <नाम> सूर्यदेव, <नाम> <नाम> व बुल्लू राजभर की जमानतस्वीकार की जा चुकी है। ", "ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण वादिनी के स्थान <नाम> वादिनी के नाम की किसी अन्य महिलाको खड़ाकर फर्जी कूटरचित अनुबन्ध तैयार <नाम> वादिनी की <नाम> का अनुबन्धतैयार <नाम> लिया । प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्तगण की <नाम> वादिनी का प्रतिरूपण कराकर छल एवंकपट से इकरारनामा निष्पादित कराये जाने का अभिकथन है। प्रस्तुत मामले मेंसह अभियुक्तगण <नाम> <नाम> बुल्लू राजभर, सूर्यदेव व अली रजा को जमानतपर <नाम> किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_868_202021-08-202043
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "बनामउत्तर प्रदेश राज्य । मुकदमा अपराध संख्या-51/ 2020,धारा-419, 420, 406, 467, 468, 471भारतीय दंण्ड <नाम> । थाना-पन्नूगंज, जिला सोनभद्र । आदेशयह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प््रार्थी/अभियुक्त हनुमान <नाम> द्वारामुकदमा अपराध संख्या-51,/2020, अन्तर्गत धारा-419, 420, 406, 467, 468, 471भारतीय दंण्ड <नाम> थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र के मामले में प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थना पत्र में किये गये कथन क समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि :-वादी मुकदमा <नाम> <नाम> मौर्य पुत्र रामचन्दर, निवासी ग्राम नरंगा, पोस्टरामगढ़, थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट, सोनभद्र के न्यायालय मेंधारा-156(3) दंण्ड प्रकिया <नाम> के तहत इस कथन के साथ प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया कि प्रार्थी तथा अभियुक्त हनुमान <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र शिवनरायन <नाम> निवासी ग्राम बकवार, पोस्ट रामगढ़, थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्रका एक दूसरे से अच्छे सम्बन्ध रहे हैं तथा आवश्यकता पड़ने <नाम> एक दूसरे से पैसोका लेन-देन रहा है। अभियुक्त के ऊपर प्रार्थी का रू0 9,00,000/-(नौ लाख रूपये)का कर्ज बकाया था जिसकी मॉग करने <नाम> अभियुक्त जो एक चालाक व फितरतबाजकिस्म का व्यक्ति है प्रार्थी को इलाहाबाद बैंक शाखा रामगढ़, सोनभद्र से अपने खाते सेजारी चेक संख्या-040018 <नाम> रू0 9,00,000/-~(नौ लाख रूपये) व खाता संख्या-<फ़ोन-नंबर>1 भर <नाम> अपना हस्ताक्षर <नाम> प्रार्थी से कहा कि उसका उक्त बैंक मेंविजय <नाम> के नाम से खाता है। प्रार्थी, अभियुक्त की बातों <नाम> विशवास <नाम> उक्तचेक को जिला सहकारी बैंक लिमिटेड मिर्जापुर शाखा रामगढ़, सोनभद्र के खातासंख्या-3065 में भुगतान <नाम> जमा किया तो बैंक द्वारा मूल चेक इस ज्ञापन के साथवापस <नाम> <नाम> गया कि चेक <नाम> लिखा गया खाता संख्या गलत है तथा हस्ताक्षर भीगलत है और यह भी बताया गया कि उक्त चेक संख्या-040018 हनुमान <नाम> के नामसे इलाहाबाद बैंक शाखा रामगढ़ से जारी किया गया है। उक्त हनुमान <नाम> ने प्रार्थीके साथ छल करते हुये कूट रचित झूठा हस्ताक्षर <नाम> प्रार्थी को उक्त चेक <नाम> है। प्रार्थी ने उक्त बात अभियुक्त से बताया तो उसने कहा कि एक भी बकाया पैसा नहींदेगा। अभियुक्त ने प्रार्थी का बकाया रू0 9,00,000/-(नौ लाख रूपये) का गबन करलिया है। प्रार्थी ने इसकी सूचना थाने <नाम> <नाम> था किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई तबन्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह Bail Application 868/2020 -Hanuman singh Vs. State Government 2आधार लिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है । प्रार्थी के विरूद्ध वादी मुकदमा द्वारा गलत तथ्यों के आधार <नाम> अभियोग पंजीकृतकराया गया है। चेक से सम्बन्धित हर प्रकार के अपराधों <नाम> अलग से विशेषअधिनियम बनाया गया है परन्तु वादी मुकदमा सिर्फ पुलिस से साजिश <नाम> कानून सेपरे अभियोग पंजीकृत <नाम> <नाम> है। प्रार्थी द्वारा वादी मुकदमा के साथ कोई छल कूटरचना नहीं किया गया है। वादी मुकदमा समाज मं प्रार्थी का अपमान करना चाहता है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयीहै। ", "इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प््रार्थी/अभियुक्तद्वारा वादी मुकदमा के साथ छल करते हुये कूट रचित तरीके से फर्जी चेक <नाम> गयाहै। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया गया। ", "प्रशम सूचना रिपोर्ट के अनुसर वादी मुकदमा तथा प्रार्थी / अभियुक्त केमध्य अच्छे सम्बन्ध थे। वादी मुकदमा का प्रार्थी/अभियुक्त हनुमान <नाम> उर्फ विजयशंकर <नाम> रू0 9,00,000/-(नौ लाख रूपये) का कर्ज बकाया था। वादी मुकदमा द्वाराबकाया पैसे की मॉग करने <नाम> प््रार्थी/अभियुक्त ने उसे रू० 9,00,000/-(नौलाख रूपये) का चेक प्रदान किया। वादी मुकदमा द्वारा उक्त चेक को जिला सहकारीबैंक लिमिटेड मिर्जापुर शाखा रामगढ़, सोनभद्र के खाता संख्या-3065 में भुगतान हेतुजमा किया गया तो बैंक द्वारा इस ज्ञापन के साथ वापस <नाम> <नाम> गया कि चेक परलिखा गया खाता संख्या गलत है एवं हस्ताक्षर भी गलत है। ", "दौरान विवेचना विवेचक ने वादी मुकदमा का बयान केस डायरी क पर्चासंख्या-4 दिनॉकित 06.07.2020 में <नाम> किया है। विवेचक को दिये गये बयान मेंवादी मुकदमा ने प्रथम सूचना रिपोर्ट का समर्थन किया है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त ने अपने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र 3-क में यह कहींनहीं कहा है कि उसने वादी मुकदमा से रू0 9,00,000/-(नौ लाख रूपये) नहीं लियाथा और यह भी कहीं नहीं कहा है कि उसने वादी मुकदमा को तथाकथित चेक नहींदिया था। प्रार्थना पत्र 3-क के पैरा-5 में यह कहा गया है कि वादी जब अभियुक्तद्वारा चेक प्राप्त किया तो उस <नाम> <नाम> <नाम> लिखा था तो उसे तुरन्त पूछनाचाहिये था परन्तु वादी द्वारा ऐसा नहीं किया गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादी मुकदमाने यह भी लिखा है कि जब प्रार्थी/ वादी ने उक्त बातें प्रार्थी/अभियुक्त से बताया तोवह प्रार्थी/वादी से कहने लगा कि एक भी बकाया पैसा नहीं दूँगा, जो करना हो करलो देख लूँगा । ", "्रार्थी/ अभियुक्त ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र 3-क के पैरा-6 में यहकहा है कि चेक से सम्बन्धित हर प्रकार के अपराधों <नाम> अलग से विशेष अधिनियमबनाया गया है परन्तु वादी मुकदमा पुलिस से साजिश <नाम> कानून से परे दो अभियोगपंजीकृत <नाम> <नाम> है। यदि कुछ समय के लिये प्रार्थना पत्र 3-क क पैरा-6 में कियेगये कथन को मान लिया जाय तो एन0आई0 ऐक्ट की धारा-138 के तहत मात्र दो वर्षके कारावास की व्यवस्था है जो जमानतीय अपराध की श्रेणी में आता है। आर0के0कृष्ण <नाम> बनाम आसाम राज्य (1998) कि0 लॉ जनरल-848 (सुप्रीम कोर्ट) के मामलेमें यह व्यवस्था दी गयी है कि जमानतीय अपराध में अग्रिम जमानत प्रदान करने काप्रश्‍न नहीं उठता है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत हDigitally signeBail Application 868/2020 -Hanuman singh Vs. State Government 3प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है। इस सन्दर्भ में यह उल्लिखित करना भी समीचीन प्रतीतहोता है कि प्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(४) दंण्ड प्रकिया <नाम> के दृष्टिगत ऐसाकोई तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से उपस्थापित नहीं किया गयाहै जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि प्रार्थी को गिरफूतार <नाम> <नाम> क्षति पहुँचानेया उसे अपमानित करने के उद्देश्य से अभियोग लिखाया गया है। ", "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से सन्दर्भित सम्मानित निर्णयों एन0 हरिहराकृष्णन बनाम जे0 थॉमस 2017(4) सी0सी0एस0सी0 2120 (एस0०सी0) तथा लक्ष्मीडाईकेम बनाम गुजरात राज्य एवं अन्य 2013(2) सी०सी0एस०सी० 939 (एस0सी0) मेंप्रतिपादित सिद्धान्तों का कोई <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को प्राप्त नहीं होगा। " ] }
0DENIED
Bail Application_842_201925-07-2019235
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्तगण/ प्रार्थीगण न्यायिक अभिरक्षा में है। अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक-22.02.18 को समय करीब 2बजे <नाम> वादी मुकदमा के घर क पीछे ब्लास्टिंग से पत्थर आकर उसके घर में गिराजिसे रोकने के लिए कहा गया तो नन्देश <नाम> <नाम> <नाम> गुड्डू <नाम> और कुछव्यक्ति अज्ञात जो बिल्ली मारकुण्डी के रहने वाले है गाली <नाम> देने लगे <नाम> करनेपर लाठी डन्डे से मारे पीटे तथा में घुस <नाम> मारे पीटे। मुकदमा वादी व उसकेलड़के <नाम> व अन्य कुछ लोगों को चोट आयी व जाति सूचक शब्दों का प्रयोगकिया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है कि न्यायालय मेंविवेचक द्वारा अन्तिम रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया है जिसमें स्पष्ट है कि प्रार्थीगणबिल्कुल निर्दोष है। प्रार्थीगण को प्रथम सूचना रिपोर्ट में बिल्कुल झूठा फंसाया गयाहै। उनका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। अतः प्रार्थीगण को जमानत/ मुचलिकापर <नाम> किया जाय। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कथनकिया गया कि अभियुक्तगण <नाम> मुकदमा वादी को घर में घुसकर मार पीटकरउपहति कारित करने व जाति सूचक शब्दों का प्रयोग <नाम> गाली देने का गंभीर आरोपहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना तथा केस डायरी व प्रथम सूचना रिपोर्ट आदिसंबंधित प्रपत्रों व पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। वादी मुकदमा पंचमलाल कीमृत्यु हो गयी है। मुकदमा वादी का लड़का/ चोटहिल <नाम> गोड़ उपस्थित है तथामुकदमा वादी पंचमलाल की मृत्यु प्रमाण पत्र की <नाम> <नाम> 8ख दाखिल कियागया। मुकदमा वादी का लड़का/चोटहिल <नाम> गोड़ की ओर से <नाम> कमलनारायण एड0 का वकालतनामा 9ख/1 भी दाखिल है। ऐसी स्थिति में वादी मुकदमाको नोटिस दिये जाने का कोई औचित्य नहीं है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व भा.दं.सं. कीधारा-147, 323, 452, 504 के अपराध का अभियोग पंजीकृत है। प्ररार्थीगण/अभियुक्तगण के विरूद्व उक्त धाराओं के अतिरिक्त धारा-३(2) 5क एस.सी.एस.सी.एक्टका अभियोग है। उपहति आख्या के अनुसार यद्यपि वादी व चोटहिल के शरीर परदो-तीन अदद चोट दृष्टिगोचर हो रहे है परन्तु धारा-147 व 452 भा.दं.सं. व धारा--..2 —2—३(2) 5क एस.सी.एस.टी. के अतिरिक्त सभी अपराध जमानतीय <नाम> की है। विधिव्यवस्था के अनुसार भारतीय दण्ड <नाम> के अपराध की गंभीरता के आधार <नाम> हीअनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अपराध कीगंभीरता <नाम> जायेगी। " ] }
1GRANTED
Bail Application_217_202106-02-2021802
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादी मुकदमाकी नाबालिग पुत्री उम्र 17 वर्ष, अपने घर से कम्प्यूटर की कोचिंग करने दिनांक 15.06.2016 को राबर्दसगंज गयी थी और किन्तु कोचिंग से घर नहीं लौटी, तब उसका काफीखोजबीन हुआ, किन्तु वह नहीं मिली। वादी मुकदमा की पुत्री को गांव के ही सीतारामके रिश्तेदार रामआशीष उसकी लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले गये हैं। वादीमुकदमा की उक्त लिखित तहरीर के आधार <नाम> थाना राबर्दसगंज में अभियुक्तगण केविरूद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा दौरान बहस यह कथन किया गया किप्रार्थी गैर जमानतीय वारण्ट <नाम> थाना राबर्दसगंज की पुलिस द्वारा गिरफूतार किया गयाहै। प्रार्थी मुकदमा उपरोक्त में जमानत कराने के <नाम> मजदूरी करने <नाम> <नाम> चला गयाथा तथा वहाँ <नाम> लाॉकडाउन में फंसे रहने व साधन <नाम> मिल पाने के <नाम> वह नियततिथि को न्यायालय उपस्थित नहीं आ सका। प्रार्थी दिनांक 02.02.2021 को तारीख परआ रहा था कि उसी समय प्रार्थी को थाना राबर्ट्सगंज पुलिस द्वारा गिरफूतार <नाम> लियागया है। प्रार्थी ने जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। प्रार्थी एक गरीब एवं मजदूरकिस्म का व्यक्ति है। प्रार्थी प्रत्येक नियत <नाम> को न्यायालय उपस्थित रहेगा। उक्तआधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का विरोध कियागया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा मामले की नाबालिग पीड़िता को बहलाफुसलाकर भगाया गया है। अभियुक्त मुकदमे को लम्बित करने के नियत से विगत कईनियत तिथियों <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आया है, जिस <नाम> मुकदमे में अग्रिमकार्यवाही सम्पादित नहीं हो पा रही है। मामला लैंगिक अपराध से सम्बन्धित है। उक्तआधार <नाम> अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। ", "मामले में चिक एफ.आई.आर. के अनुसार वादी मुकदमा की नाबालिगपुत्री / पीड़िता को अभियुक्त एवं सहअभियुक्त रामआशीष द्वारा बहला-फुसलाकर ले जानेका अभियोग दर्शाया गया है। " ], "judge-opinion": [ "हReason: Docume £,Bail Application/217/2021 -Pappu Vs. State Government 2सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", " पत्रावली के अवलोकन से यह ज्ञात होता है कि मामले मेंअभियुक्त दिनांक 19.01.2016 से प्रत्येक नियत <नाम> को न्यायालय गैर हाजिर चल रहाथा, जिस <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट भी जारी की गयी, किन्तुअभियुक्त दिनांक 21.12.2019 <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आया। दिनांक 17.01.2020को अभियुक्त की ओर से दाखिल वारण्ट रिकाल प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुये अभियुक्तका 309 दं'प्रसं. का वारण्ट बनाकर जिला कारागार भेजा गया। दिनांक 04.02.2020 कोअभियुक्त की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र स्वीकृत हुआ तथा अभियुक्त का रिहाई परवानाजिला कारागार भेजा गया। अभियुक्त अगली नियत <नाम> दिनांक 19.02.2020 कोन्यायालय उपस्थित आया, किन्तु पुनः दिनांक 20.05.2020 से अभियुक्त न्यायालयउपस्थित नहीं आया, जिस <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकिया गया। पत्रावली के अवलोकन से यह भी विदित होता है कि पत्रावली अभियुक्त केविरूद्ध आरोप विरचन <नाम> नियत चल रही है। अभियुक्त के गैर हाजिरी के <नाम> उसकेविरूद्ध आरोप विरचित नहीं हो पा रहा है। अभियुक्त के इस आचारण से यह दर्शितहोता है कि वह मामले को लम्बित करना चाहता है। मामला लैंगिक अपराध से सम्बच्धितहै। " ] }
0DENIED
Bail Application_889_202017-08-202091
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथनानुसार :-वादी <नाम> <नाम> दूबे, सुरक्षा प्रभारी, एन.सी.एल. खड़िया परियोजनाद्वारा इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि डिस्पैच <नाम> खडियापरियोजना ने दिनांक 15.02.2020 को यह सूचना दी कि खड़िया परियोजना केबैरियर नंबर-2 <नाम> समय 4.40 बजे सायंकाल दो ट्रेलर नंबर-यूपी. 64 एच 8766व ट्रेलर नंबर-सी. <नाम> 04 एम सी 2052 खड़िया परियोजना से चोरी का कोयलालादकर ला रहे थे। जब उक्त दोनों ट्रेलरों के ड्राइवरों से कोयला लादने सेसम्बन्धित कागजात मांगे गये तो उन्होंने कोई कागजात नहीं <नाम> और गाड़ीछोड़कर फरार हो गये। जब दोनों गाड़ियों को चेक किया गया तो ट्रेलर वाहनसंख्या-यू.पी. 64 एच 8766 के डाला व वाहन के आगे गाड़ी <नाम> नम्बर प्लेट परदो स्टिकर चिपके पाये गये। उक्त स्टिकरों को उखाड़कर <नाम> गया तो उसस्टिकर के अन्दर वाहन कमांक एम.पी. 18 <नाम> ए 3886 लिखा था तथा दूसरीगाड़ी संख्या-सी. <नाम> 04 एम सी 2052 <नाम> एक ही नम्बर था। इस प्रकार उक्तदोनों ड्राइवरों <नाम> <नाम> परियोजना का कोयला चोरी किये जाने का अभियोगपंजीकृत है । ", "्रार्थीगण-अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करतेहुए कहा गया कि प्रार्थीगण-अभियुक्तगण को गलत ढंग से नामित किया गयाहै। अभियोजन कथानक असत्य, गलत व बनावटी है। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण नेकोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी नेतराम गाड़ी संख्या-सी.जी.04 एम.सी./ 2052 का <नाम> है। उसका चालक चन्दन वाहन संख्या-सी.जी.04एम.सी. Bail Application/889/2020 -tanmaydas Vs. State Government 2/ 2052 लेकर खड़िया, थाना-शक्तिनगर आया था। उनका कथित घटना वबरामद गाड़ी से कोई संबंध नहीं है। सुरक्षा प्रहरी ने मारपीट करके गाड़ी गेट केअंदर खड़ी <नाम> दी और दूसरे <नाम> झूंठी प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> <नाम> दी। परियोजना की सुरक्षा के <नाम> वहां से कोयला बड़ी गाड़ी में लदवाना संभव वविश्वसनीय नहीं है। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोपित अपराध नहींबनता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट 17 घण्टे <नाम> पंजीकृत कराई गई है। विलंब काकोई <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट में उल्लिखित नहीं है। पुलिस प्रार्थीगण-अभियुक्तगण को अपमानित व त्रस्त करने की नियत से गिरफूतार करना चाहतीहै और इस कम में उनके घर <नाम> बार-बार आ रही है। उनका कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधारों <नाम> अग्रिम जमानत प्रदान किये जाने की याचनाकी गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी)द्वारा अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि वाहन संख्या-एम.पी. 18जी ए 3886, जिसके ऊपर प्लास्टिक के स्टिकर की नंबर प्लेट, जिस <नाम> नंबर -यू.पी.64 एच 8766 की पंजीकृत स्वामिनी <नाम> <नाम> द्वारा उक्त वाहन को अपनेदेवर <नाम> <नाम> के पक्ष में मुख्तारनामा आम निष्पादित किया गया, जिसकीछाया <नाम> दाखिल की गई है। उसने उक्त वाहन तथा अन्य वाहन संख्या-एम.पी.18 <नाम> ए 3633, जिसका वह स्वयं पंजीकृत <नाम> है, को <नाम> शक्ति ट्रेडर्स,प्रोपराइटर <नाम> <नाम> <नाम> को किराये के आधार <नाम> <नाम> <नाम> था तथाकिरायेनामें की <नाम> <नाम> संलग्न की गई है। <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा विवेचकको यह कथन किया गया है कि उसने वाहन संख्या-एम.पी.18 <नाम> ए 3886का एग्रीमेंट <नाम> <नाम> से कराया था और उक्त वाहन को वह एन.सी.एल.खड़िया खदान, शक्तिनगर में चलवाता था तथा उसका ड्राइवर <नाम> <नाम> रामहै । प्रार्थी-अभियुक्त नेतराम मनहर वाहन संख्या-सी.जी. 04 एम सी 2052 कापंजीकृत <नाम> है जो उक्त वाहन बबलू उर्फ <नाम> <नाम> से चलवाता था। नेतराम मनहर के शपथ पत्र के आधार <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> का नाम प्रकाशमें आया है। उनके द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि गेट <नाम> नियुक्तसुरक्षा कमर्चारी <नाम> <नाम> <नाम> के अनुसार प्रार्थी-अभियुक्त एवं अन्य सहअभियुक्त गेट <नाम> रखे गये रजिस्टर <नाम> <नाम> प्रवेश की अनुमति कराये वाहनोंसहित अन्दर घुस गये थे और वापसी में मौके <नाम> चेकिंग के दौरान एम.पी.18 जीए 3886 व वाहन संख्या-सी.जी. 04 एम सी 2052 को कोयला सहित चालकछोड़कर भाग गये। अतः अपराध की गम्भीरता व प्ररार्थी-अभियुक्त की <नाम> केदृष्टिगत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने <नाम> बताया। " ], "judge-opinion": [ "सुना व अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से स्पष्ट है कि एन.सी.एल.परियोजना के कर्मचारी परशुराम जो बैरियर नंबर-2 <नाम> दिनांक 15.02.2020 को2.00 बजे ड्यूटी <नाम> था, के द्वारा यह कथन किया गया है कि करीब पौने चारबजे गाड़ी संख्या-सी.जी. 04 एम सी 2052 व यूपी. 64 एच 8766 ट्रेलर केड्राइवर उतरकर पर्ची नहीं दिखाये और अन्य गाड़ियों के साथ खदान में चले गयेऔर थोड़ी देर पश्चात खदान से उन गाड़ियों में कोयला लादकर आये औरभली-भांति चेक किया गया तो उनके पास पर्ची <नाम> होने के <नाम> दोनों ड्राइवरदोनों गाड़ियों को छोड़कर भाग गये। वाहन ट्रेलर संख्या-यूपी. 64 एच 8766 परप्लास्टिक का नम्बर प्लेट था जिसे शक होने <नाम> हटाया गया तो उसके नीचेदूसरा नम्बर एम.पी. 18 <नाम> ए 3886 मिला। तब उक्त गाड़ी नम्बर की पंजीकृतस्वामिनी <नाम> <नाम> से विवेचक द्वारा पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि हBail Application/889/2020 -tanmaydas Vs. State Government 3वाहन संख्या-एम.पी. 18 <नाम> ए 3886 जिसकी वह पंजीकृत स्वामिनी है, उसेसंचालन <नाम> <नाम> <नाम> क पक्ष में मुख्तारनामा निष्पादित <नाम> <नाम> था,जिसकी <नाम> <नाम> संलग्न है। <नाम> <नाम> द्वारा विवेचक को यह कथन कियागया कि उसने उक्त वाहन किराये <नाम> <नाम> शक्ति ट्रेडर्स प्रोपराइटर राजरतनगुप्ता को किरायानामा के आधार <नाम> <नाम> <नाम> था तथा किरायानामा की <नाम> प्रतिसंलग्न की गयी है। केस डायरी के पर्चा नंबर-17 दिनांकित-27.06.2020 केअनुसार राजरतन <नाम> द्वारा विवेचक को यह कथन किया गया है कि उसनेउक्त वाहन का एग्रीमेंट <नाम> <नाम> से कराया था और उक्त वाहन को वह एन.सी.एल. खड़िया खदान, शक्तिनगर में चलवाता था और उसका ड्राइवर नन्दनकुमार <नाम> है। इश्तियाक, <नाम> <नाम> बंगाली उर्फ तनमय <नाम> मिलकरसरकारी कोयला धोखे से लदवाकर चोरी <नाम> गाड़ियों से बाहर भिजवाते थे तथाबेचते थे और मुनाफा आपस में मिलकर बांट लेते थे। इसी प्रकार का मिलता-जुलता कथन केस डायरी के पर्चा संख्या-25 दिनांकित-29.07.2020 मेंइश्तियाक कुरैशी के बयान में <नाम> है। ड्राइवर नन्दन <नाम> <नाम> ने विवेचकको यह कथन किया है कि वह राजरतन <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> गुप्ता,निवासी-वार्ड नंबर-3, सरकिंट हाउस मेन रोड, सिंगरौली, थाना-मोरवा, जिला-सिंगरौली, मप्र. की गाड़ी संख्या-एम.पी.18 <नाम> ए 3886 चलाता था। केस डायरीके पर्चा नंबर-21 दिनांकित-08.07.2020 के अनुसार प्रार्थी-अभियुक्त नेतराममनहर वाहन संख्या-सी.जी.04एम सी 2052 का पंजीकूत <नाम> है जो उक्तवाहन बबलू उर्फ <नाम> <नाम> से चलवाता था। नेतराम मनहर के शपथ पत्र केआधार <नाम> प्ररार्थी-अभियुक्त <नाम> का नाम <नाम> में आया है। उक्त प्रकरण मेंसह अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> व नन्दन का नियमित जमानत प्रार्थना पत्र इसन्यायालय द्वारा निरस्त किया जा चुका है। ", "विवेचक द्वारा दौरान जांच वाहन <नाम> फर्जी नम्बर प्लेट लगाकरअवैध <नाम> से धोखा-धड़ी व जालसाजी तथा चोरी करके कोयला लोड करवाकरउसे ले जाने, जिससे राजकीय सम्पत्ति क्षति कारित किये जाने के सम्बन्ध मेंसाक्ष्य संकलित की गयी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1465_201906-01-2020745
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी नजरे आलमने दिनांक-02.11.2019 को 16.15 बजे थाना-कोन <नाम> इस आशय की तहरीरदी कि अभियुक्तगण ज्याउद्‌दीन तथा मैनेजर तौफीक अहमद ने श्रीरामफाइनेंस द्वारा बिजनिश <नाम> कराने के लिये दो लाख रुपये दिलाने के नाम परफार्म भरवाया तथा पूरा कागजात वादी से लेकर पहले 15 चेक सादा मांगे । उसके <नाम> 5 चेक पुनः मांगे और 15 <नाम> के अंदर उसका <नाम> होने काआश्‍वासन दिया। वादी से पहले भी फाइल खर्च क <नाम> में पांच हजार रुपये लियेतथा उसका दो लाख रुपये का <नाम> 6 माह पहले कराकर खाते में भेजकर कुलधनराशि, लिये गये चेक से निकाल लिया। वादी के पैसे क बारे में पूछने क लियेउसका <नाम> परवेज आलम अभियुक्तगण के घर दिनांक-02.11.2019 को गया तोअभियुक्त ज्याउद्दीन का पूरा परिवार मिलकर वादी के <नाम> के साथ मारपीटकिया। वादी की उक्त आशय की तहरीर <नाम> थाना-कोन में अभियुक्तगणज्याउद्दीन व तौफीक अहमद के विरुद्ध अ.सं.-83/2019 अंतर्गत <नाम> 406,409, 419, 420, 467, 468 भा.दं.सं. में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई । ", "प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प््रार्थी/अभियुक्त <नाम> तो बैंकर है, <नाम> ही कोई सरकारी कर्मचारी है। अतः प्रार्थी / अभियुक्तके विरुद्ध धारा-409 भा.दं.सं. में दंडनीय अपराध का कोई मामला नहीं बनता है। शेष अभियोग के बारे में अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि वादीमुकदमा नजरे आलम द्वारा लिये गये <नाम> का बकाया अत्यधिक हो जाने केकारण वादी मुकदमा ने स्वयं ही अपने द्वारा हस्ताक्षरित चेक अभियुक्तजियाउद्‌दीन को दिये तथा उसकी इच्छानुसार ही वादी मुकदमा को <नाम> के रूपमें स्वीकृत धनराशि अभियुक्त के खाते में अंतरित हुरई। अभियुक्त की ओर सेएक्सिस बैंक व इलाहाबाद बैंक के स्टेटमेंट दाखिल किये गये हैं जिनकअवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा क द्वारा अनेकों 2तिथियों <नाम> वादी मुकदमा की इच्छानुसार अभियुक्त के खाते में धनराशि अंतरितकी गई है। अभियुक्त द्वारा <नाम> तो किसी प्रकार छल कारित किया गया है और नही कोई कूटरचित दस्तावेज तैयार किया गया है। अभियुक्त जमानत <नाम> छोड़ेजाने <नाम> है। अतः उसे जमानत <नाम> छोड़ा जावे। ", "इसके विपरीत विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वाराखंडन में यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त ने छल पूर्वक व कूटरचनाकरते हुए वादी मुकदमा नजरे आलम के नाम दो लाख रुपये स्वीकृत कराकरसंपूर्ण धनराशि को अवैध <नाम> से हड़प <नाम> लिया है। अभियुक्त ने गरीब व्यक्तिद्वारा लिये गये ऋण की धनराशि को छलपूर्वक प्राप्त <नाम> यह अपराध कारितकिया <नाम> कहा गया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र का घोर विरोध करते हुएजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त करने की प्रार्थना की गई है। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुनने एवं केस डायरी केअवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न प्रपत्र कागज संख्या-7ख/2 लगायत 7ख/14 के आधार <नाम> प्रथमदृष्टया यह प्रतीत होता है कि अभियुक्त द्वारा अनेकों तिथियों में वादी मुकदमानजरे आलम को इलाहाबाद बैंक के खाता संख्या-<फ़ोन-नंबर>1 में अनेकोंतिथियों <नाम> अपने एक्सिस बैंक एवं इलाहाबाद बैंक के खाते से विभिन्न तिथियोंपर धनराशि अंतरित की गई है। अभियुक्त की ओर से नजरे आलम द्वारा श्रीरामट्रांसपोर्ट फाइनेंस क॑. लि. से लिये गये ऋण के खाते के आधार <नाम> यह भी प्रकटहोता है कि वादी मुकदमा <नाम> श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस क॑. लि. की धनराशि शेषरही है। अभियुक्त <नाम> तो बैंकर है, <नाम> ही लोक सेवक है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्ररार्थी-अभियुक्त दिनांक-12.12.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_616_201914-06-2019612
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी को जमानत <नाम> छूटने के उपरान्त आरोप पत्रदाखिल होने के <नाम> किसी प्रकार की सूचना <नाम> मिल पाने की वजह से उसेतारीख पेशी की जानकारी नहीं हो सकी थी और वह हाजिर अदालत नहीं आसका । प्रार्थी ने हाजिर अदालत आने में जान-बूझ <नाम> कोई लापरवाही नहींकिया है। वह भविष्य में हमेशा अदालत आता रहेगा। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह कहा गया किजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने <नाम> अभियुक्त को पुनः फरार होने कीसम्भावना है । " ], "judge-opinion": [ "विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा प््रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया । प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से यह बताया गया है कि प्रस्तुत मामलेमें दौरान विचारण वह जमानत <नाम> रहा है। अन्य मुकदमें में जिला कारागारवाराणसी में निरूद्ध होने के <नाम> वह उपस्थित नहीं आ सका था जिसकेकारण उसके विरूद्ध गैर जमानती अधिपत्र जारी किये जाने का आदेश पारितकिया गया है। चूँकि अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार वाराणसी सेतलब होकर उपस्थित आया है उसके द्वारा जान-बूझ <नाम> कोई गलती नहीं की 9गयी है। अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> रहा है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_999_201931-08-20191042
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि पीड़िता ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 23.08.2019 की <नाम> में वह खाना खाकर अपने घर मेंसोयी थी कि रात में करीब तीन बजे अपने <नाम> से फोन से बात <नाम> रही थी। उसी समय एक लड़का उसके रूम मे घुसकर गया और उसका हाथ पकड़करजमीन <नाम> पटक <नाम> और कहने लगा कि तुम्हारे साथ वह बुरा <नाम> करेगा। विरोध करने <नाम> उसे <नाम> से मारने की धमकी देते हुए भागने लगा। शोर करनेपर उसके सास, ससुर आ गये और उसको भागते हुए देखे और पहचाने। उसकानाम <नाम> <नाम> है। वह सूचना अपने ससुर के साथ देने आयी है। आवश्यककार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। वादिनी से उसका कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोईअपराध कारित नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। प्रार्थी- अभियुक्त द्वारा पीड़िता से कोई छेड़छाड़ नही की गयी है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता के रूम में <नाम> तीन बजे घुसकर उसकी <नाम> भंगकरने के उद्देश्य से उसे जमीन <नाम> पटक दिया। पीड़िता के शोर <नाम> <नाम> सेमारने की धमकी देते हुए भाग गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "2यदि पीड़िता के कथन <नाम> विशवास किया जाय तो <नाम> के करीबतीन बजे फोन <नाम> वह अपने <नाम> से बात <नाम> रही थी कि उसी समय एक युवकउसके कमरे में घुसा और उसका हाथ पकड़कर जमीन <नाम> पटक <नाम> औरगलत <नाम> करने के लिए धमकाने लगा। ", "बचाव पक्ष की तरफ से यह कहा गया कि पीड़िता 23 वर्षीय उम्रकी एक नवयुवती है। यदि वह नहीं चाहेगी तो कोई युवक कितना भी शक्तिशालीक्यों <नाम> हो सुगमता से उसे जमीन <नाम> पटक नहीं सकता है। ऐसी <नाम> मेंपीड़िता एवं अभियुक्त दोनों के शरीर <नाम> अनेक चोटे आयेगी तथा दोनों के कपड़ेफटेंगें । परन्तु प्रस्तलु मामले में <नाम> तो पीड़िता के शरीर <नाम> कोई चोट है और नही अभियुक्त के शरीर <नाम> कोई चोट है। ", "पीड़िता के अनुसार शोर मचाने <नाम> इसके सास व ससुर जग गये,तब युवक रूम से निकलकर भागने लगा। भागते समय पीड़िता के सास-ससुर नेउस युवक को <नाम> और पहचाना, उसका नाम <नाम> <नाम> है। उल्लेखनीय हैकि यदि पीड़िता अपने <नाम> से फोन <नाम> बात <नाम> रही थी और पीड़िता द्वारा जेसाबताया गया कि उसका अपना रूम है तो निश्चित <नाम> से रूम में दरवाजा भीहोगा । वह तीन बजे <नाम> में दरवाजा खोलकर बात नहीं <नाम> रही होगी। ऐसीदशा में तीन बजे रात को उसके कमरे में <नाम> दरवाजा खोले हुए कोई कैसे घुसजायेगा अथवा बचाव पक्ष का यह भी तर्क उचित प्रतीत होता है कि अभियुक्त कोक्या पता था कि पीड़िता के कमरे का दरवाजा खुला होगा और तीन बजे रातवह पीड़िता के कमरे में घुस जायेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_801_202010-07-2020202
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "10.07.2020अभियुक्त सेराज अहमद की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 30.06.2020 को उपनिरीक्षक योगेन्द्र <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> जांच प्रार्थना पत्र तलाशवारण्टी, रोकथाम जुर्म जरायम में शीतला माता मंदिर चौराहे <नाम> मौजूद था कि जरिएमुखबिर खास सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति अहरौरा से बस पकड़ <नाम> गांजा लेकरबढ़ौली चौराहा <नाम> उतर <नाम> शहर में ही किसी को देने वाला है। इस सूचना परविशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> आए तो थोड़ी देर <नाम> एक सरकारी बस अहरौराकी ओर से बढ़ोली चौराहा <नाम> आकर खड़ी हुई। तो कई सवारियां उतरी जिसमें एकव्यक्ति अपनी पीठ <नाम> वैग लेकर उतरा। पुलिस <नाम> के लोग आगे बढ़े तो सकपकातेहुए भागना चाहा कि हिकमत अमली से <नाम> मिष्ठान भण्डार के दक्षिण करीब 10-15कदम मुख्य मार्ग <नाम> जाते जाते समय करीब 21.40 बजे कपड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम सेराज अहमद पुत्र मन्लू बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसने पीठ <नाम> लिए <नाम> के खानों से 06थेलिया कपड़े की सफेद रंग में कुल पांच किलो नौ सौ ग्रामा नाजायज गाजाबरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतःअभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकरपढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तको देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसक द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजगांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजा वाणिज्यक मात्रासे काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्तदिनांक 30.06.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से पांच किलो 900 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जोअल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस०एक्ट क प्राविधानों रहDigitally signeBail Application/l661/2020 -seraj Vs. State Government 2का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास बताया गयाहै तथा इस मुकदमें से पूर्व 1- मु०अ०सं0-379/17 अन्तर्गत धारा-8/20एन0डी0पी0एस0०एक्ट,2:-मु0अ०सं0-489/15 अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट थाना अहरौरा जिला मीरजापुर में <नाम> है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे पांच किलो 900 ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्प मात्रासे काफी अधिक है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया है किअभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, जब कि अभियोजन पक्ष की ओर सेअभियुक्त के आपराधिक इतिहास बताया गया है तथा इस मुकदमें से पूर्व 1-मु०अ०सं0-379/17अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0०एक्ट, 2:-मु0अ०सं0-489/15अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0०एक्ट थाना अहरौरा जिला मीरजापुर में अंकितहै। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में मुकदमा पंजीकृत होने के आधार <नाम> अभियुक्तआपराधिक मनःस्थिति की व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_743_201911-07-2019433
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी नन्दू चौधरीने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि उन्होनें अपनी बहन <नाम> का विवाह दिनांक23.02.2017 को <नाम> जनम <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी ग्राम-तेलाड़ी,थाना-रायपुर, जिला-सोनभद्र के साथ किया था। आज दिनांक 20.06.2019 कोसुबह 6:00 बजे उनके बहनोई <नाम> जनम <नाम> ने फोन करके बताया किआपकी बहन की मृत्यु हो गयी है। वादी अपने घर से चलकर ससुराल आया तोउनकी बहन <नाम> की लाश बरामदे में पड़ी थी। मेरे बहनोई मारते-पीटते थे तथामेरी बहन से पैसे की मांग करते थे। कहते थे कि अपने <नाम> से मांग <नाम> दो। मेरी बहन से <नाम> जनम ने दूसरी शादी की है। यह शादी रमाशंकर साहनीअगुवाई <नाम> कराये थे। शादी मुण्डेशवरी मंदिर, <नाम> में हुई थशी। उसकी तबियतखराब होने <नाम> भी वादी ही पैसा पहुंचाता था। उसका <नाम> ध्यान नहीं रखता । मेरी बहन देखने से जली अवस्था में मरी हुई है। लाश मौके <नाम> पड़ी है। उसेविशवास है कि दहेज के लिए मेरे बहनोई <नाम> जनम ने मेरी बहन को जलाकरमार डाला है। घटना आज 1.00 बजे रात की है। सूचना <नाम> रहा है। आवश्यककार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रार्थी-अभियुक्त मृतका का <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा दहेज में पैसे कीमांग नहीं की गयी थी और <नाम> ही मृतका को प्रताड़ित किया गया और <नाम> ही उसेजलाकर उसकी हत्या कारित की। घटना के समय प्रार्थी घर से बाहर <नाम> करनेगया था। घटना के समय प्रार्थी घर में नहीं था। प्ररार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त मृतका का <नाम> है। प्रार्थी- अभियुक्त की मृतका दूसरी पत्नी थी। ्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतका से दहेज में पैसे की मांग की जाती थी। दहेज मेंमांगे गये पैसे की पूर्ति <नाम> होने <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त मृतका को मारता-पीटता व..2 9प्रताड़ित करता था। अन्ततः: मृतका की जलाकर हत्या कारित <नाम> दिया। मृतकाकी मृत्यु प्रार्थी-अभियुक्त के ही घर में सात वर्ष के अन्दर हुई है। पोस्टमार्टमरिपोर्ट के अनुसार मृतका की मृत्यु जलने से हुई है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीरअपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में मृतका का विवाह अभियुक्त के साथ दिनांक23.02.2017 को हुआ था जबकि मृतका की मृत्यु दिनांक 20.06.2019 को हुई हैजो विवाह के सात वर्ष के अन्दर है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतका कीमृत्यु शत-प्रतिशत जलने से हुई है। इस प्रकार मृतका की मृत्यु सामान्य से भिन्नपरिस्थितियों में हुई है। शव विच्छेदन आख्या के अनुसार पोस्टमार्टम के समयडाक्टर को लाइन आफ रेडीनेस प्राप्त हुआ जिससे स्पष्ट है कि मृतका की मृत्युजीवित अवस्था में आग लगने से हुई है। मृतका के श्वांस नली में कार्बन के कणभी मिले हैं। इससे भी स्पष्ट है कि मृतका की मृत्यु जीवित अवस्था में आग लगनेसे हुई । ", "मृतका की मृत्यु अभियुक्त के घर में ही हुई है इसलिए यह स्पष्टकरने का दायित्व अभियुक्त <नाम> है कि मृतका की मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई । ", "यदि मृतका ने आत्महत्या करने का प्रयास भी किया हो तो जबमृतका और अभियुक्त दोनों घर में थे तो उसके द्वारा मृतका को बचाने का प्रयासक्यों नहीं किया गया, जबकि घटना रात 1:00 बजे की कही जाती है। ऐसी दशामें यदि मृतका शत-प्रतिशत जल गयी और अभियुक्त ने उसे नहीं बचाया तो यहअपने आपमें में बहुत ही गम्भीर मामला है । " ] }
0DENIED
Bail Application_677_201926-06-2019560
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "परिवाद पत्र के अनुसार परिवादिनी गुड्डी की शादी अभियुक्त केसाथ दिनांक 01.05.2013 को हुई थी। परिवादिनी शादी के समय ही विदा होकरअभियुक्त बुल्लू <नाम> के घर गयी और बतौर पत्नी रहकर दाम्पत्य <नाम> कानिर्वाह करने लगी। परिवादिनी के माता-पिता द्वारा शादी के समय सामर्थ्य केअनुसार उपहार स्वरुप सामान व नकद धनराशि दी गयी थी। उसके बादपरिवादिनी के <नाम> बुल्लू <नाम> ससुर मिश्री <नाम> सास छंगुरी, जेठ डाक्टर,जेठानी <नाम> जेठ <नाम> जेठानी <नाम> संतान <नाम> होने तथा नाटी व काली-कलूटी का ताना देकर प्रताड़ित करते थे एवं दहेज में मोटरसाइकिल की मांगकरते थे। परिवादिनी के पिता व अन्य लोगों द्वारा ससुराल वालों को समझाया-बुझाया गया लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। ससुराल वालों द्वारा परिवादिनी कोमानसिक तथा शरीरिक यातनायें दी जाने लगी। उसके <नाम> द्वारा शराब पीकरउसे मारा-पीटा जाता था तथा <नाम> दबाकर <नाम> से मारने का भी प्रयास कियागया। ससुराल वालों द्वारा दिनांक 20.12.2017 को परिवादिनी को उसकेमायके यह कहते हुए पहुंचा <नाम> गया कि जब <नाम> मोटरसाइकिल नहीं दीजायेगी तब <नाम> परिवादिनी को वे लोग अपने घर में नहीं रखेगें। ससुराल वालोंकी <नाम> को देखते हुए उसने थाना घोरावल में सूचना <नाम> तथा दिनांक17.03.2018 को पंजीकृत डाक से सूचना पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को दी गयी । कोई कार्यवाही <नाम> होने <नाम> सक्षम न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त द्वाराकाई अपराध नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा परिवादिनी से <नाम> तो दहेजकी मांग की गयी और <नाम> ही उसे प्रताड़ित किया गया और <नाम> ही उसे <नाम> सेमारने का प्रयास किया गया। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त परिवादिनी का <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा परिवादिनी से..2 —_ 2 —_दहेज में मोटरसाइकिल की मांग की जाती थी। दहेज की पूर्ति <नाम> होने परप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा परिवादिनी को शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित कियाजाता था तथा <नाम> से मारने का भी प्रयास किया गया। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त पीड़िता का <नाम> है तथा उसके द्वाराधारा 498ए भा0दं0सं0 का अपराध कारित किया <नाम> अभिकथित है। ", "अभियुक्त द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रकीर्ण वाद सं0149, 2018 अन्तर्गत <नाम> 125 दं0प्र०सं0 में परिवार न्यायालय द्वारा पारित निर्णयकी <नाम> <नाम> दाखिल की गयी है जिसके अनुसार परिवार ऱ्यायालय द्वारापीड़िता <नाम> गुड्डी का प्रकीर्ण वाद अन्तर्गत <नाम> 125 द॑0प्रoसं0 इस आधारपर निरस्त <नाम> <नाम> गया है कि <नाम> गुड्डी अपने <नाम> बुल्लू <नाम> कापरित्याग करके मनमाने ढंग से अपने मायके में <नाम> यापन <नाम> रही है। ऐसीस्थिति में वह विधिक <नाम> से विपक्षी से भरणपोषण की अधिकारिणी नहीं है। इतना ही परिवार न्यायालय द्वारा उक्त निर्णय में यह भी सम्प्रेक्षण किया गया हैकि पीड़िता ने अपने साक्ष्य में यह स्वीकार किया है कि वह अपने <नाम> के साथरहना नहीं चाहती है जिससे एक मुश्त धनराशि प्राप्त करके वह दूसरा विवाहकरना चाहती है। ", "आवेदक द्वारा मूल वाद सं0- 2182018 में पारित निर्णय कीछाया <नाम> दाखिल की गयी है, जो <नाम> 9 हिन्दू विवाह अधिनियम के अन्तर्गतआवेदक द्वारा विद्धान परिवार न्यायाधीश के समक्ष दाखिल किया गया था। उक्त याचिका विद्वान परिवार न्यायाधीश द्वारा निरस्त <नाम> दी गयी है । उक्तनिर्णय में भी परिवार न्यायालय द्वारा यह अभिमत व्यक्त किया गया है कि श्रीमतीगुड्डी आवेदक बुल्लू <नाम> के साथ रहना नहीं चाहती है बल्कि वह अभियुक्तबुल्लू <नाम> से लेन-देन करके छुट्टी-छुट्टा चाहती है। ", "उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत मामले कगुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_690_202019-06-2020357
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 31.05.2020 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> व शांतिव्यवस्था एवं चेकिग संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहन में डुमरडीहा पेद्रोलपम्प के पास मौजूद था कि डुमरडीहा व आस पास के लोग चर्चा कररहे थे कि अनवर मस्तान तथा उसका लड़का बेलाल अहमद काफीदंबग व अपराधी किस्म के है। <नाम> <नाम> में काफी भय व्याप्त है। इनके विरूद्ध पुलिस में शिकायत करने से <नाम> के आम लोग कतरातेहै। जिसके <नाम> इनके द्वारा स्वछन्द होकर अपराध कारित कियाजाता है। जिसकी कोई शिकायत नहीं <नाम> पाता है। आम लोगों द्वगरा यह भी चर्चा की जा रही शी कि इन दोनों का काफी लम्बा चौड़ाआपराधिक रिकार्ड है। इसी कम में उपरोक्त दोनों अनवर मस्तान एवंबेलाल अहमद का थाना अभिलेखों में आपराधिक रिकार्ड का अवलोकनकिया गया तो यह पाया गया कि दिनांक 13.05.2014 को अनवरमस्तान एवं बेलाल अहमद द्वारा रसीदन पत्नी स्व0 हबीब अली कोलाठी डण्डा से मारा पीटा गया थाजिसके संबंध मेंमु0अ0सं०-212/14 अन्तर्गत धारा-323,325,504,506 भा०द0सं०पंजीकृत है। इसी प्रकार दिनांक 12.06.2016 को अपरान्ह 12.30 बजेअनवर मस्तान एवं बेलाल अहमद द्वारा कबूतरी <नाम> पत्नी <नाम> कुमारको जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए काफी मारा पीटा गया था। जिसके संबध में मु0अ0सं0-188,/16 अन्तर्गत धारा-323,504,506भा०द0सं0 एवं <नाम> ३(1)10 एस0सी0एस0टी0 एक्ट पंजीकृत है। दिनांक28.06.18 को <नाम> में शकुन्तला <नाम> पत्नी चन्द्रशेखर <नाम> को ग्रामसभा की खुली बैठक में लात मुक्का से मारा पीटा गया एवं भद्दीभद्दी गालिया दी गयी। जिसके संबंध में मु0अ0सं0-60/18अन्तर्गत धारा-323,504,354भा0दछस0 पंजीकृत है। दिनांक 26.08.2014को <नाम> में नाबालिक लड़की को बेलाल अहमद ने बहला फुसलाकरभगा लिया गया था, जिसके संबध में मु0अ0सं0-351,/14 अन्तर्गतधारा-363,366 भा०द0सं0 पंजीकृत है। दिनांक 08.02.2019 को अनवरमस्तान व बेलाल अहमद के पास से वाहन संख्या-यू0पी064एम / 8100 से विस्फोटक बरामद हुआ। जिसके संबध मेंमु०अ0सं0-17/2019 अन्तर्गत धारा-4/25 विस्फोटक पदार्थ.2/ अधिनियम पंजीकृत है। इसी प्रकार अभियुक्त बेलाल अहमद के पास सेदिनांक 12.04.19 को एक अदद नाजायज चाकू व चोरी कीमोटरसाइकिल संख्या यू0पी064एएफ /7777 बरामद हुई । जिसके संबधमें मु0अ0सं0-54,//2019 अन्तर्गत धारा-4/25 आयुध अधिनियम एवंमु0अ0सं0-55,/2019 अन्तर्गत धारा-41,411,414 भा०द0सं0पंजीकृत है। अभियुक्तगण एक आपराधिक गिरोह बना लिया है। अनवर मस्तानअपने व अपने साथी को अनुचित एवं दुनियाबी <नाम> पहुंचाने <नाम> थानादुद्धी <नाम> में जमीनी विवाद को लेकर मार पीट <नाम> गम्भीर चोटपहुंचाना अनुसूचित जातियों एवं जन जातियों को दबाने के लिए मारनापीटना एवं महिलाओं के साथ छेड़खानी एवं अपहरण के साथ बलात्कारएवं अवैध विस्फोटक पदार्थ का भण्डारण एवं बिकी करना चोरी आदिजैसे जघन्य अपराध करने से नहीं हिचकते है। <नाम> समाज एवंजनमानस में भय एवं आतंक व्याप्त है। इनके आतक से भयाकान्तहोकर आम <नाम> के लोग इनके विरूद्ध रिपोर्ट लिखाने एवं साक्ष्यदेने से भी डरते है। ये लोग अनुचित दुनियाबी <नाम> अर्जित करने हेतुभा०द0सं0 के अध्याय 16,17 व 22 में वर्णित अपराध करते है। गैगलीडर अनवर मस्तान एवं साथ बेलाल अहमद का गैग चार्टजिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा अनुमोदित किया गया है। अतः वादी द्वाराअभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत करायागया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह तर्क प्रस्तुत किया गया हैकि अभियुक्त को रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराधनहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्टके अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0 212/14 अन्तर्गतधारा-323,504,506,325 भा०द0सं०, मु0अ0सं0-188/16 अन्तर्गत धारा-323,504,506भा0द0सं0 एवं <नाम> ३(1)10 एस0सी0एसoटी0 एक्टमु0अ0सं०-60/18 अन्तर्गत धारा-323,504,354भा0द0स0 एवं मु0अ०सं0-17/2019 अन्तर्गत धारा-4/25 विस्फोटक पदार्थ अधिनियममु0अ0सं0-54 //2019 अन्तर्गत धारा-4/25 आयुध अधिनियम एवंमु0अ0सं०-55,/2019 अन्तर्गत धारा-41,411,414 भा0द0सं0 थाना दुद्धीजिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्तका कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमाउपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करनेका कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त क विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवंथाना <नाम> में भय दहशत एवं आतंक क संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गईहै। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध चोरी मारपीट एवं विस्फोटक पदार्थ के रखने सेसबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोहका सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0 212/14अन्तर्गत धारा-323,504,506,325मा0द0सं0, मु0अ०सं0-188,/16 अन्तर्गतधारा- ३323,504,506भा0द0सं0 एवं <नाम> 3(1)10 एस0०सी0एस0टी०एक्ट मु0 अ0सं0-60/18 अन्तर्गत धारा-323,504,354भा0द0स0 एवंमु0अ0 सं0-17/2019 अन्तर्गत धारा-4/25 विस्फोटक पदार्थअधिनियम मु0अ0सं0-54 /2019 अन्तर्गत धारा-4 /25 आयुध-...3/ अधिनियम एवं मु0अ0सं0-55/2019 अन्तर्गत धारा-41,411,414भा०द0सं0 थाना दुद्धी जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त गैग लीडर के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> केलिए गम्भीर अपराध कारित करते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटनेसे उसके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है,साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> सेइन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानतका घोर विरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्षसे विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवंउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किअभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0 212/14 अन्तर्गत धारा-323,504506,325भा0द0सं०, मु0अ०सं0-188/16 अन्तर्गत धारा-323,504,506भा०द0सं0 एवं <नाम> ३3(1)10 एस0०सी0एस0टी0 एक्ट मु0अ0सं0-60/18 अन्तर्गत धारा-323,504,354भा0द0स0 एवं मु0अ०सं0-17/2019 अन्तर्गत धारा-4/25 विस्फोटक पदार्थ अधिनियममु0अ0सं0-54 //2019 अन्तर्गत धारा-4/25 आयुध अधिनियम एवंमु0अ0सं०-55,/2019 अन्तर्गत धारा-41,411,414 भा0द0सं0 थाना दुद्धीजिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसारअभियुक्त संगठित गिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्त गैगलीडर के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीरअपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_560_201920-06-2019591
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थी-अभिक्त की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि दिनांक 28.08.2018 को मुकदमें में साक्ष्य <नाम> <नाम> नियत थी। प्रार्थी मजदूरी करने बाहर चला गया था और वहीं <नाम> बीमार हो गया जिससेनियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं हो सका। फलस्वरूप उसके विरुद्ध गैरजमानतीय अधिपत्र जारी <नाम> दिया। प्रार्थी जारी गैर जमानतीय अधिपत्र के आधारपर दिनांक 11.04.2019 से कारागार में निरुद्ध है । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त की अनुपस्थिति <नाम> दिनांक 28.08.2018 को उसके विरुद्धगैर जमानतीय अधिपत्र जारी किया गया था जिसके परिणामस्वरूप अभियुक्तधर्मजीत पुलिस द्वारा गिरफूतार करके न्यायालय के समक्ष दिनांक 11.04.2019 कोप्रस्तुत किया गया तबसे अभियुक्त जिला कारागार में निरुद्ध है। अभियुक्त द्वाराकहा गया है कि जानबूझकर उसके द्वारा लापरवाही नहीं की गयी है। वहमजदूरी करने बाहर चला गया था जिसके <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं होसका था। अब वह प्रत्येक <नाम> <नाम> न्ययालय के समक्ष उपस्थित होता रहेगा। ", "अभियुक्त दिनांक 11.04.2019 से कारागार में निरुद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_787_202004-07-2020252
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "04.07.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 24.06.2020 को उपनिरीक्षक अवधेश <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> जांच प्रार्थना पत्रकरता हुआ बग्घानाला तिराहे <नाम> मौजूद था कि जरिए मुखबिर खास सूचना मिलीकि एक व्यक्ति ओबरा की तरफ से नाजायज गांजा लेकर आ रहा है, जो कहीं बेचनेके फिराक में है। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची तो एकव्यक्ति बग्धानाला ओवर व्रीज के किनारे किनारे दाहिने हाथ में लिए एक प्लास्टिक केझोले के ससा आ रहा था। नजदीक आने <नाम> उसे रोका गया तो पीछे मुड़कर भागनेलगा जिसे दौड़ाकर 10-15 <नाम> की दूरी <नाम> समय करीब 11.10 बजे पकड़ लियागया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> तिवारीपुत्र स्व0 <नाम> <नाम> <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो दाहिनेहाथ में लिए प्लास्टिक के झोले में अखबारी कागज में लिपटा 1.550 किलोग्रामनाजायज गाजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखासका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके परलिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसक द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजगांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजा वाणिज्यक मात्रासे काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्तदिनांक 24.06.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो 550 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जोअल्प॒ <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस०एक्ट क प्राविधानों रहDigitally signeBail Application/l609/2020 -Amitesh tiwari Vs. State Government 2का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास बताया गयाहै तथा इस मुकदमें से पूर्व मु0अ0सं0 131/19 अन्तर्गत धारा-8/21एन0०डी0पी0एस0०एक्ट, थाना चोपन जिला सोनभद्र में <नाम> है। अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं कियाजा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी है । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे एक किलो 550 ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्प मात्रासे अधिक है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया है कि अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, जब कि अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त केआपराधिक इतिहास बताया गया है तथा इस मुकदमें से पूर्व मु0अ0सं0 131/19अन्तर्गत धारा-8/21 एन0०डी0पी0एस0०एक्ट, थाना चोपन जिला सोनभद्र में अंकितहै। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में मुकदमा पंजीकृत होने के आधार <नाम> अभियुक्तआपराधिक मनःस्थिति की व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_784_202031-07-2020163
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> नन्दमिश्र पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> मिश्र, निवासी ग्राम मुडिलाडीह, थाना घोरावलजिला सोनभद्र ने दिनॉक 26.02.2020 को थाना घोरावल जिला सोनभद्र में इसकथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनॉक 25/ 26.02.2020 कोरात में उसके घर से दो बक्सा भरा कपड़ा, एक सूटकेश <नाम> में रखा समस्तपेपर, <नाम> एवं <नाम> हजार रूपये नकद गायब हो गया। उसके घर के सामनेराम धनेश्वर पुत्र शिवपती के घर में भी चोरी की गयी थी जिसका सामान, एकबक्सा जिसमें कपड़ा था, एक सूटकेश को बाहर फेक <नाम> गया था तथा रू035,000 / नकद एवं सोने चाँदी के जेवरात ले गये है। दिनाक 29.05.2020 कोपुलिस द्वारा प्रार्थी /अभियुक्तगण को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे सेप्रश्‍नगत चोरी का सामान बरामद हुआ था। ", "प्रार्थी /अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य रूपसे यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। प्रार्थीगण द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रार्थीगण केकब्जे से चोरी का कोई सामान एवं नकद रूपया बरामद नहीं किया गया है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण की रविधरिकार से पुरानी रंजिश चली आ रही थी, उसी रंजिश के चलते <नाम> धरिकार 9के बताने <नाम> प्रार्थीगण को अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्तगण दिनॉक30.05.2020 से जेल में निरूद्ध हैं। प्राथीगण के विरूद्ध नामजद रिपोर्ट नहीं दर्जकरायी गयी है। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रस्तुतप्रार्थना पत्र में बहस के स्तर <नाम> प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वाराजमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है कि प्रश्‍नगत प्रथम सूचनारिपोर्ट अज्ञात के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है एवं इस तथ्य को भी <नाम> पूर्वकन्यायालय के समक्ष रखा गया है कि प्रार्थी संख्या-3 <नाम> के पिता तेजबलीद्वारा प्रस्तुत प्रकरण के <नाम> अभियुक्त <नाम> धरिकार के विरूद्ध मुकदमा अपराधसंख्या-66,/2020 अन्तर्गत धारा-323, 504, 506, 147, 148, 149, 307भा0दं०सं0 में दर्ज कराये जाने के वजह से <नाम> एवं अन्य अभियुक्तगण जोसुनील के ही चचेरे <नाम> हैं, का नाम प्रस्तुत प्रकरण में लेकर उन्हें जान-बूझकर मामले में आलिप्त किया गया है। प्रार्थीगण का नाम चूँकि प्रश्‍नगत अपराधमं <नाम> अभियुक्त की स्वीकारोक्ति के माध्यम से आया है, अतः अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहतक प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्तगण द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथवादी मुकदमा के घर में चोरी की गयी थी। यह भी <नाम> किया गया किपुलिस द्वारा अभियुक्तगण को गिरफ्तार करने <नाम> उनके कब्जे से प्रश्‍नगत चोरीका समान बरामद हुआ था। साथ ही अभियुक्तगण के विरूद्ध चोरी के अन्यमामलों में भी आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है जो प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने के लिये पर्याप्त है। ", "प्रस्तुत प्रकरण से सम्बन्धित पुलिस प्रपत्र अवर न्यायालय से आहूतकी गयी जिसके अवलोकन से यह ज्ञात होता है कि मामले में आरोप पत्रदाखिल किया जा चुका है। उक्त आरोप पत्र के साथ संलग्न फर्द बरामदगी केअवलोकन से यह प्रकट होता है कि ग्राम महाँव में फायरिंग की घटना <नाम> किये जाने वाले तफतीश के कम में सभी प्रार्थी/ अभियुक्तगण, अन्य सहअभियुक्तगण के साथ घटना स्थल <नाम> गिरफ्तार किये गये थे जिनके पास सेप्रश्‍नगत चोरी की वस्तुयें बरामद की गयी। प्रार्थी/अभियुक्तगण का सहअभियुक्त के साथ एक ही स्थान <नाम> गिरफ्तार किये जाने का तथ्य प्रार्थी /अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता के इस तर्क को, कि प्रार्थीगण का नाम सहअभियुक्त की स्वीकारोवित बयान के आधार <नाम> प्रस्तुत प्रकरण में आलिप्त किया 3गया है, असत्य दर्शाता है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि <नाम> अभियुक्त अजयधरिकार का जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-650/2020 (अपराध संख्या-142/ 2019) अन्तर्गत धारा-380, 411 भा0०दं0सं0, थाना घोरावल जिला सोनभद्रमाननीय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा पारित आदेश दिनाक 26.06.2020 सेनिरस्त किया जा चुका है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी /अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", " पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी /अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या-142/2019, 116/2019 व67/2020 थाना घोरावल जिला सोनभद्र में भी आरोप पत्र प्रेषित किया जाचुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1330_201926-11-2019333
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "आरोप पत्र धारा-302, 34भा0दं0सं0 के अन्तर्गत दाखिल किया गया है। अभियुक्तागण को धारा-34भा0दं0सं0 के अपराध में जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्ता <नाम> चन्द्रावती <नाम> को माननीय उच्च न्यायालय द्वाराआपराधिक प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र सं0-45694 /2019, में अ0सं0-110/ 2019, अन्तर्गत <नाम> 147, 148, 149, 302, 120बी भा0दं0सं0, थाना-दुद्धी,जिला-सोनभद्र में जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आदेश पारित किया गया है। इसी प्रकार अभियुक्ता <नाम> रजकयिाल <नाम> को माननीय उच्च न्यायालय द्वाराआपराधिक प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र सं0-45705/2019, में अ0सं0-110/ 2019, अन्तर्गत <नाम> 147, 148, 149, 302, 120बी भा0दं0सं0, थाना-दुद्धी,जिला-सोनभद्र में जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आदेश पारित किया गया है। उक्त दोनों ही आदेशों में अन्तर्गत <नाम> ३4 भा0दं0सं0 में अभियुक्तागण श्रीमतीचन्द्रावती <नाम> एवं <नाम> रजकलिया <नाम> को अवमुक्त किये जाने का आदेशपारित नहीं किया गया है। ", "अभियुक्तागण को चूँकि प्रस्तुत अपराध संख्या में मुख्य अपराध कलिए जमानत <नाम> <नाम> किया जा चुका है। अतः गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमतव्यक्त किये हुए उसी कम में <नाम> 34 भा0दं0सं0 के अन्तर्गत अभियुक्तागण कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_575_201910-06-2019622
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा महेन्द्र कुमारफरीदवार पुत्र स्व0 डा0 <नाम> <नाम> निवासी शिवा कालोनी छपका पावरहाउस के सामने थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र ने दिनॉक 30.03.2019 कोकोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराया किदिनॉक 30.03.2019 को समय लगभग 05:30 बजे सुबह उसके पिता डा0 सुरेशप्रसाद मार्निग वाक करते हुये वन विभाग छपका के रास्ते अपनी पुत्रीनिकिता <नाम> के घर की तरफ जा रहे थे। उसी समय तीन अज्ञात लोग मोटरसाइकिल से आये और उसके पिता को गोली मार <नाम> हत्या <नाम> दिये। उसकेपिता घर में बताये थे कि संस्कृत महा विद्यालय के प्राचार्य जटा <नाम> देवपाण्डेय उन्हें <नाम> से मारने की धमकी <नाम> करते थे। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी को गलत तरीके से साजिशन फसाया गया है। प्रार्थी निर्दोष है उसनेकोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक असत्य है। थाना राबर्टसगंजकी पुलिस जबरदस्ती प्रार्थी के घर से मोटर साइकिल थाने ले गयी औरमनगढ़न्त तथ्यों के आधार <नाम> प्रपत्र तैयार करके प्रार्थी को शारीरिक वमानसिक <नाम> से प्रताड़ित <नाम> उसका चालान किया गया है। कथित घटना मेंप्रार्थी की कोई संलिप्तता नहीं है। प्रथम सूचना रिपोट में प्रार्थी नामजद 9अभियुक्त नहीं है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नहीं है। घटना का कोईमोटिव नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। मामले में सहअभियुक्ता <नाम> विद्यावती <नाम> की जमानत दिनाक 08.05.2019 को सत्रन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह कथन कियागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ कथित घटना मेंशामिल रहा है। विवेचना से अभियुक्त की घटना में संलिप्तता एवं सहभागितादर्शायी गयी है। अतः अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन कियागया । ", "प्रस्तुत मामले में घटना दिनाक 30.03.2019 की समय 05:30 बजेसुबह की बताते हुये प्रथम सूचना रिपोर्ट तीन व्यक्ति नाम पता आज्ञात के विरूद्धपंजीकृत कराया गया है। जिसमें यह भी अभिकथित है कि संस्कृत महाविद्यालयके प्राचार्य जटा <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा वादी मुकदमा के पिता को <नाम> सेमारने की धमकी <नाम> जाता था। दौरान विवेचना साक्ष्य संकलन से यह तथ्यदर्शाया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का नाम विवेचना से <नाम> में आया हैतथा अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ उसकी सकिय सहभागिता रही है। प्राथी/अभियुक्त <नाम> अन्य अभियुक्तों के साथ मिल <नाम> मृतक की हत्या का षड़यंत्रकिये जाने का भी अभियोग है। विवेचना के दौरान एकत्रित सी०डी0आर० कालडिटेल रिपोर्ट में प्रार्थी / अभियुक्त का अन्य अभियुक्तों के साथ वार्ता किया जानातथा घटना स्थल के आस-पास उसका लोकेशन दर्शाया गया है। हत्या कारितकरने के एवज में <नाम> तीन लाख रूपये प्राप्त करने <नाम> अन्य अभियुक्तों केसाथ एकत्रित होने <नाम> अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है। यद्यपि किविद्यावती <नाम> की जमानत प्रार्थना पत्र दिनॉक 08.05.2019 को सत्र न्यायालय,सोनभद्र द्वारा स्वीकार होना बताया गया है परन्तु अन्य <नाम> अभियुक्त जटाशंकर <नाम> <नाम> की जमानत दिनॉक 24.05.2019 को सत्र न्यायालय, सोनभद्रद्वारा निरस्त किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_878_201906-08-2019139
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि आज दिनांक 17.07.2019 को समय लगभग 3.00बजे <नाम> वह अपनी मोटरसाइकिल <नाम> पल्सर नं0- यू०पी0 64ई / 5039ब्लैक/रेड कलर लेकर हिण्डालको अस्पताल, रेनूकूट अपनी मां की दवा लेनेगया था। अस्पताल के बाहर गेट <नाम> वह अपनी उपरोक्त मोटरसाइकिल खड़ीकर दवा लेने अस्पताल के अन्दर चला गया। दवा लेकर अस्पताल से बाहरआकर <नाम> तो उक्त स्थान <नाम> उसकी मोटरसाइकिल नहीं थी। उसकीमोटरसाइकिल को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चुरा लिया गया है। उचित कार्यवाहीकरने की कूपा की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी को फर्जी ढंग से फसा दियागया है। प्रार्थी-अभियुक्त नामजद नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त की बभनी बाजार मेंमोबाइल की दुकान है। वह रेनूकूट बाजार में मोबाइल बनाने का सामान लेनेगया तो थाना पिपरी की पुलिस द्वारा पकड़ <नाम> प्ररार्थी-अभियुक्त के कब्जे सेफर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालयद्वारा परीक्षणीय है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किवादी अपनी मॉ की दवा लेने हिण्डालको अस्पताल, रेनूकूट गया था । वह अपनीमोटरसाइकिल अस्पताल के गेट <नाम> खड़ा <नाम> दवा लेने चला गया। जब बाहरआया तो उसकी मोटरसाइकिल चुरा ली गयी थी। " ], "judge-opinion": [ " विवेचना के दौरान दिनांक19.07.2017 को प्रार्थी-अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया तो उसके पास सेवादी की चोरी गयी मोटरसाइकिल बरामद की गयी। ", "ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "वादी अपनी मां के लिए दवा लेने के लिए अस्पताल के अन्दर गयातथा बाहर आने <नाम> उसकी मोटरसाइकिल चोरी हो गयी और वहीमोटरसाइकिल घटना के तीन <नाम> <नाम> अभियुक्त के कब्जे से बरामद हुई । ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भावनात्मक बहस की गयी कि एक व्यक्तिअपनी माँ की दवा लेने अस्पताल गया हो जहां से उसकी मोटरसाइकिल चोरी होजाय और यदि उसकी मा की तबियत बहुत गम्भीर हो तो वह मोटरसाइकिलचोरी होने के पश्चात प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाने जाय या मां को दवा देने जायतो उसकी क्या मनोदशा होगी । " ] }
0DENIED
Bail Application_1456_201908-01-2020724
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 10.12.2019को उप निरीक्षक हरिनारायण <नाम> इमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्रतलाश वांछित अपराधी में रोडवेज बस स्टैण्ड शक्तिनगर <नाम> मौजूद थाकि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति मातेश्वरी होटलके सामने नाजायज गांजा लेकर आ रहा है। इस सूचना <नाम> विशवासकरके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचा तो वह व्यक्ति पुलिस वालों कोदेखकर पीछे मुड़कर <नाम> कदमों से जाने लगा कि 25-30 कदमजाते जाते एक बारगी दबिश देकर समय करीब 08.00 बजे पकड़ लियागया। पकड़े गए व्यक्ति का नामपता पूछा गया तो उसने अपने नामसहनवाज कुरैशी पुत्र सरवर कुरैशी उर्फ करीमन बताया। नियमानुसारजामा तलाशी ली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिए झोले में एककिलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकारपत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को कारणगिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। पुलिस <नाम> द्वारा धारा-50 एन0डी0पी0एस0एक्ट केप्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 10.12.2019से जेल में निस्द्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेएक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट के प्राविधानों का.2/ —2—सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहासहै। डी0सी0आर0बी0 की आख्या के अनुसार अभियुक्त क विरूद्ध इसअपराध से पूर्व 1-अ0सं0 06/16 अन्तर्गत <नाम> 3 आर0पी0 एक्ट थानाचोपन जिला सोनभद्र, 2- मु०अ०सं0-07,/2016 अन्तर्गत धारा-3आर0०पी0 एक्ट थानाव चोपन, जिला सोनभनद्र, 3- मु0अ0सं0-184 / 2017अन्तर्गत धारा-380,411,413 भा0द0स0 थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र,4-मु०अ०सं0 15/17 अन्तर्गत धारा-110 जी0 एक्ट थाना शक्तिनगरजिला सोनभद्र, 5 मु0अ0सं0-16/17 अन्तर्गत धारा-110 जी0 एक्टथाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र का अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होनाकहा गया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर सेअभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथाकहा गया कि अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्व 1-अ0सं006/16 अन्तर्गत <नाम> 3 आर0पी0 एक्ट थाना चोपन जिला सोनभद्र, 2-मु०अ०सं0-07,/2016 अन्तर्गत धारा-3 आर0पी0 एक्ट थानाव चोपन,जिला सोनभद्र, 3- मु0अ0सं0-184/ 2017 अन्तर्गत धारा-380,411,413भा0द0स0 थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र, 4-मु0अ0सं0 15/17अन्तर्गत धारा-110 जी0 एक्ट थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र, 5-मु०अ०सं0-16/17 अन्तर्गत धारा-110 जी0 एक्ट थाना शक्तिनगरजिला सोनभद्र का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व मेंमुकदमा पंजीकृत होने के आधार <नाम> अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति काव्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_837_202021-08-202042
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थना पत्र में किये गये कथन के समर्थन में शपथ पत्र4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "यह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय, सोनभद्र के आदेशदिनांकित 04.08.2020 के अनुसार स्थानान्तरित होकर इस न्यायालय में प्राप्त हुआ है । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> नरेशपुत्र <नाम> लखन निवासी ग्राम पंचायत नेवारी, पोस्ट पड़री, थाना पन्नूगंज, जनपद सोनभद्र नेविपक्षीगण छोटेलाल पंचायत मित्र, मुन्नी <नाम> ग्राम <नाम> अरूण <नाम> <नाम> ग्राम पंचायतविकास <नाम> नागेन्द्र नारायन मिश्र परियोजना निदेशक, बदरूद्दीन तथा खण्ड विकासअधिकारी <नाम> खण्ड <नाम> के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत <नाम> <नाम> अनुरूप विवेचना केआदेश निर्गत किए जाने के आशय से प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा-156(3) दं0प्रoसं0 संबंधितमजिस्ट्रेट न्यायालय के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत किया था कि विपक्षीगण नाजायजगोल कायम किए हुए हैं तथा <नाम> का धन नाजायज तरीके से निकाल <नाम> आपस मेंबन्दर बांट किये जा रहे हैं। विपक्षीगण द्वारा प्रार्थी के कच्चे मकान की फोटो खींचकरप्रधानमंत्री आवास <नाम> का पैसा बदरूद्दीन के नाम से निकाल <नाम> हजम <नाम> लिये हैं,जिसके सम्बन्ध में प्रार्थी ने आवेदन पत्र ब्लाक व उच्चाधिकारियों को <नाम> और उसकी जांचकी गयी जिसमें आरोप सत्य पाये गये और पंचायत मित्र के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट एवंअन्य अधिकारियों से रिकवरी के लिए कहा गया जिससे स्पष्ट है कि मौके <नाम> गवन कियागया है, परन्तु <नाम> <नाम> <नाम> तो ग्राम <नाम> व पंचायत मित्र व अन्य अधिकारियों क विरूद्धकोई कार्यवाही नहीं किया गया है। प्रार्थी क प्रार्थना पत्र <नाम> न्यायालय द्वारा पारित आदेश केअनुपालन में थाना पन्नूगंज,जनपद सोनभद्र <नाम> प्रार्थी सहित अन्य अभियुक्तगण के विरूद्धमु०अ०सं0-91,/2019 धारा-419, 420, 409 भा0दं0सं0 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कियागया तथा <नाम> में दौरान विवेचना धारा-467, 468, 471 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। ", "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में यह कशन किया गया है कि प्रार्थी ग्राम पंचायतविकास अधिकारी,विकास खण्ड-चतरा, थाना-पन्नूगंज, जनपद-सोनभद्र में पदस्थ है। प्रार्थीने कोई अपराध नहीं किया है तथा प्रार्थी को साजिश के तहत्‌ मुकदमा वादी ने विधिककानूनी प्रकिया का दुरूपयोग करके कपोल कल्पित कथनों के आधार <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट दर्ज कराया गया है। इस प्रार्थना पत्र के अतिरिक्त अन्य कहीं भी किसी न्यायालय में 2जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> तो प्रस्तुत है और <नाम> ही निरस्त किया गया है। तथाकथित अपराध केपूरक विवेचना के प्रकम <नाम> विवेचक द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,सोनभद्र के न्यायालय मेंप्रार्थी के फरार चल रहे होने का कथन करते हुए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करक प्रार्थी केगिरफूतारी <नाम> प्रयास किया गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट व कथित कहानी के आधार <नाम> प्रार्थीकी संलिप्तता बहैसियत ग्राम पंचायत <नाम> <नाम> नहीं है। प्रार्थी को झूठे मुकदमे मेंफंसाया जा रहा है। उक्त आधार <नाम> प्रार्थी को अग्रिम जमानत प्रदान किए जाने की याचनाकी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "यद्यपि संबंधित थाना द्वारा दाखिल आख्या कागज संख्या-12ख के अनुसार अभियुक्तग्राम सभा-नेवारी में सम्पन्न सभा की कार्यवाही दिनांकित 24.04.2016, जिसमें लाभार्थीगणकी सूची तैयार की गयी थी, में उपस्थित नहीं था तथापि अभियुक्त की नियुक्ति दिनांक 26.05.2016 को ग्राम पंचायत,नेवारी में ग्राम <नाम> <नाम> के पद <नाम> हुई है। जिसकेउपरान्त ही लाभार्थी बदरूद्दीन को <नाम> मंत्री आवास <नाम> के अन्तर्गत तथाकथितनिर्मित आवास का भौतिक सत्यापन अभियुक्त व अन्य सह-अभियुक्त द्वारा ही स्वीकृत कियाजाना बताया गया है। इस संदर्भ में प्रकरण दैनिकी संख्या-23 के साथ संलग्नपत्रांक-588,/ स0स0दि0/ 2017-18 दिनांकित 24.10.2017 में खण्ड <नाम> अधिकारी,चतरा-सोनभब्र द्वारा इस आशय की आख्या उप जिलाधिकारी,सोनभद्र के समक्ष प्रस्तुत कीगयी है कि \"स्थलीय निरीक्षण के दौरान पाया गया कि बदरूद्दीन अपात्र है जिसमें ग्रामप्रधान, ग्राम रोजगार सेवक, ग्राम <नाम> <नाम> क द्वारा तथ्य छिपाया गया है। ” इससंबंध में अभियुक्त को <नाम> पाया गया। इस प्रकार प्रस्तुत प्रकरण में कारित राजस्व हानि मेंअभियुक्त की संलिप्तता प्रथम दृष्टया दर्शित होती है। ", "इस कम में यह भी उल्लेख करना समीचीन प्रतीत होता है कि मामले में अभियुक्त केविरूद्ध <नाम> 82 दण्ड प्रकिया <नाम> क अन्तर्गत कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है। ", "यहां यह भी उल्लेख करना अप्रासंगिक नहीं होगा कि प्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(४)दंण्ड प्रकिया <नाम> के दृष्टिगत ऐसा कोई तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रार्थी/ अभियुक्तकी ओर से उपस्थापित नहीं किया गया है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि प्रार्थीको गिरफूतार <नाम> <नाम> क्षति पहुँचाने या उसे अपमानित करने के उद्देश्य से अभियोगलिखाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1399_202003-11-2020424
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि दिनांक02.09.2020 को वादी मुकदमा अपने ससुराल गया था तथा उसकी लड़की / पीड़िता कोअकेले देखकर अभियुक्त रमाकान्त दिनांक 04.09.2020 को सुबह 10.00 बजे वादीमुकदमा के घर में घुस गया और उसकी लड़की / पीड़िता के साथ हाथा-पाई करतेहुये छेड़छाड़ <नाम> उसका स्तन को पकड़ा तथा जबरन चुम्मा भी लिया, जिससे वादीमुकदमा की लड़की / पीड़िता के शरीर <नाम> खंरोच भी आ गया। लड़की के शोरगुलकरने <नाम> अभियुक्त घर से भाग गया। वादी मुकदमा के घर वापस आने <नाम> उसकीलड़की ने घटना के बारे में उसे बताया। अभियुक्त सरहंग किस्म का लड़का है। उक्तआधार <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा दौरान बहस यह कथन किया गयाकि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक झूठा व बनावटी है। घटना की <नाम> मेंविरोधाभाष है। प्राथम सूचना रिपोर्ट काफी सोच-समझकर व विलम्ब से पंजीकृत करायीगयी है, जिसका कोई भी स्पष्टीकरण अभियोजन द्वारा नहीं <नाम> गया है। घटना कासमर्थन किसी भी साक्षीगण द्वारा नहीं किया गया है। अभियुक्त के दुकान के सामनेशराबी शराब पीकर हंगामा करते हैं, जिसे लेकर अभियुक्त द्वारा मुकदमा वादी वउसकी पत्नी से शिकायत किया था, जिस <नाम> मुकदमा वादी अभियुक्त से रंजिशरखता था। अभियुक्त 55 वर्ष का वृद्ध व्यक्ति है। अभियुक्त दिनांक 08.09.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की याचनाकी गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का विरोध कियागया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिगपुत्री / पीड़िता की <नाम> भंग करने के आशय से उसके घर में घुस <नाम> उसके साथछेड़छाड़ करते हुये गाली-गुप्ता व <नाम> से मारने की धमकी <नाम> गया है। मामले कीपीड़िता द्वारा अपने बयान अंधारा-161 दंप्रसं. व 164 दंप्रसं. में प्रथम सूचना रिपोर्टके तथ्यों का समर्थन किया है। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीरप्रकृति का व अजमानतीय है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "हDigitally signeBail Application/1399/2020 -Rama kant Vs. state goverment 2सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "मामले में घटना दिनांक 04.09.2020 को सुबह 10.00 बजे अभियुक्त वादीमुकदमा के घर में घुस गया और उसकी लड़की / पीड़िता के साथ हाथा-पाई करतेहुये छेड़छाड़ <नाम> उसका स्तन को पकड़ा तथा जबरन चुम्मा लिया गया है। पीड़िता द्वगरा अपने बयान अंधारा-164 दंप्रसं. में कथन किया गया है कि अभियुक्त उसके घरमें घुस गया और घर में घुसते ही उसे पकड़कर जमीन में पटक <नाम> और उसे चुमतेहुये उसके सलवार की डोरी को खोलने लगा और पीड़िता के चिल्लाने <नाम> वह वहाँ सेभाग गया। प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय दुगौलिया,घोरावल जनपद-सोनभद्र द्वाराजारी की गयी प्रमाण पत्र के अनुसार मामले की कथित पीड़िता की जन्मतिथि 03.04.2006 है जबकि घटना दिनांक 04.09.2020 को कारित हुई है। इस प्रकार घटना कीतिथि को मामले की पीड़िता की उम्र लगभग 14 वर्ष 5 माह थी। प्रकरण मेंविवेचनोपरांत आरोप पत्र अभियुक्त के विरूद्ध दाखिल किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1086_201903-10-2019744
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोज कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> <नाम> नेदिनांक 30.08.2019 को थाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसका पुस्तैनी मकान एवंजमीन उमरी <नाम> व कसबा शाहगंज में स्थित है। खेती-बारी उमरी <नाम> मेंहोती है। आ-जाकर देखरेख करता रहता है। दिनांक 15.08.2019 को समयलगभग 4 बजे सायंकाल के <नाम> जानकारी हुई कि घर का ताला तोड़कर सामानचोरी हो गया है जिसमें 16 बोरी गेंहू तथा बर्तन जिसमें परात पीतल, लोटा वगिलास फूल, कजेरा फूल का तथा गिलास फूल एवं स्टील की थाली व भगौनाचोरी गया था । तभी से वह गांव में जानकारी <नाम> रहा था। उसी समय पताचला कि <नाम> उर्फ तुफानी पुत्र कन्हैया ने चोरी किया है। लगातार उस परनजर रखा था। आज दिनांक 30.08.2019 को सुबह लगभग 6 बजे परात व लोटातथा पांच बोरी गेहूं के साथ अपने घर के सामने किसी साधन से चोरी सेले जाकर बेचने के फिराक में था कि सूचना <नाम> उसके द्वारा एवं श्रीराम <नाम> तथाविवेक <नाम> <नाम> के सहयोग से चोरी के सामान के साथ <नाम> उर्फ तुफानीको पकड़ <नाम> थाने लाये है। चोरी गया परात एवं लोटा <नाम> पहचान के लिएनीला पेण्ट लगाया था जो <नाम> भी मौजूद है। अपने सामान तथा गेहूं की बोरीको अच्छी तरह पहचानता है। कानूनी कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेझूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी एक किसान है। प्रार्थी की पत्नी के नाम से जमीन है जिसमें लगभग 50 कुन्तल गेहूं व चावलपैदा हो जाता है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा वादी का गेहूं व अन्य सामान चोरी नहींकिया गया है। उसे पुरानी रंजिश के <नाम> फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त काघटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से फर्जीबरामदगी दिखायी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी- 9अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक30.08.2019 से कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से वादी का चोरी गया 16 बोरी गेहूं व अन्य सामानबरामद किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त को वादी व अन्य लोगों द्वारा पकड़ करथाने लाया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया । ", "अभियुक्त के कब्जे से 16 बोरी गेहूं एवं पीतल की परात, फूल कालोटा, गिलास व कजेरा तथा स्टील की थाली तथा भगौना बरामद होना कहागया है तथा इन बरामद सामानों को दिनांक 15.08.2019 के पूर्व चोरी होना कहागया है। वादी द्वारा अपने सामानों की पहचान की गयी है जिसमें से परात एवंलोटा <नाम> पहचान के लिए <नाम> पेण्ट लगाया गया था जो <नाम> भी मौजूद है। ", "वादी के घर तथा अभियुक्त के घर के मध्य कितनी दूरी है, यहनक्शा नजरी में दर्शित नहीं किया गया है। ", "निश्चित रुप से 16 बोरी गेहूं अकेले एक व्यक्ति द्वारा एक ही बारमें एक ही <नाम> में उठाकर नहीं ले जाया जा सकता। अतः यह चोरी कई दिनों मेंहुई हो सकती है। ", "अभियुक्त द्वारा अपने जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में उद्धरणखतौनी दाखिल की गयी है जिसके अनुसार अभियुक्त के पास पर्याप्त खेत हैजिसमें कि 16 बोरी से अधिक गेहूं पैदा हो सकता है। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह भी <नाम> <नाम> गया कि पीतल, परात एवं फूलका लोटा हर व्यक्ति के पास हो सकता है तथा <नाम> रंग का पेण्ट लगाने से यहनहीं कहा जा सकता कि यह वादी का ही है, जब <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंपहचान में यह लिखी गयी रही होती। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि उसका कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है तथाअभियुक्त दिनांक 30.08.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_144_202026-02-2020208
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर कथनकिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी वाहनसंख्या-यू.पी. 72 एटी 1731 का चालक है। प्रार्थी को काई आपराधिक इतिहास नहींहै । प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे गलत तरीके से नामजद <नाम> लिया गया है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त की ट्रक दिनांक 11.01.2020 कोदुद्धी पहुँच गया था और उसे दिनांक 12.01.2020 <नाम> बैरियर <नाम> रोके रखे थे। दिनांक 27.01.2020 को जब अभियुक्त ने श्रीमान्‌ जिलाधिकारी महोदय को प्रार्थना पत्रदिया और उस प्रार्थना पत्र की प्रतिलिपि कार्यालय जिलाधिकारी खनिज विभाग कोप्राप्त कराया तो उसके <नाम> दिनांक 29.01.2020 अभियुक्त को हैरान एवं परेशानकरने के उद्देश्य से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। प्रार्थी/अभियुक्त केवाहन की सभी कागजात व खनन एवं परिवहन <नाम> निर्गत सभी प्रमाण पत्र वैध हैं। मामला प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि जिलाधिकारी के आदेशदिनांक 25.01.2020 के अनुपालन में दिनांक 12.01.2020 को समय 7.10 पी.एम. वाहनसंख्या-यूपी. 72 एटी 1731 की जॉच की गयी, जिसमें जॉच के दौरान पाया गया किउक्त वाहन <नाम> कुल 18 घ0मी0 बालू /मौरम लदा हुआ था। उक्त वाहन <नाम> लदेबालू/सौर्‌म के समबन्ध में चालक द्वारा परिवहन प्रपत्र फार्म डीसंख्या-एफ11190002 /453 दिनांकित 11.01.2020 प्रस्तुत किया गया, जिसकी जाचकरने <नाम> पाया गया कि उक्त परिवहन प्रपत्र 700 घन फीट बालू /मौरम के परिवहनजनपद प्रतापगढ़ <नाम> दिनांक 11.01.2020 को समय 6.54 बजे निर्गत किया गया था,जो दिनांक 12.01.2020 समय 9.54 <नाम> ही परिवहन <नाम> वैध था। जॉच के समय उक्त परिवहन प्रपत्र की वैधता समाप्त हो चुकी थी। इस प्रकार <नाम> परिवहनप्रपत्र/अभिवहन पास के चोरी-छिपे उपखनिज लोड <नाम> अवैध <नाम> से परिवहनकिया जा रहा था। उक्त आधार <नाम> वाहन चालक तथा वाहन <नाम> के विरूद्ध प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा अग्रिम जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि यदि अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किया गया तोअभियुक्त द्वारा गवाहों को प्रभावित किये जाने तथा विवेचना में सहयोग <नाम> करने कीप्रबल सम्भावना है। अभियुक्त ने उक्त अपराध के माध्यम से राजकीय धन की क्षतिकारित की है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्टहै कि दिनांक 12.01.2020 को अभियुक्त को जिलाधिकारी सदर तथा <नाम> अधिकारीसोनभद्र के आदेश के अनुपालन में वाहन संख्या-यूपी. 72 एटी 1731 <नाम> अवैध रूपसे लदे बालू /मौरम को पकड़ा गया, जिसकी जॉच करने <नाम> पाया गया किइलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र की वैधता अवधि समाप्त हो चुकी है किन्तु इसकी प्रथम सूचनारिपोर्ट दिनांक 29.01.2020 को दर्ज करायी गयी। जब अभियुक्त द्वारा जिलाधिकारीमहोदय को प्रार्थना पत्र <नाम> गया। दिनांक 11.01.2020 से दिनांक 27.01.2020 तकअभियुक्त के ट्रक को क्यों रोका गया, यह स्पष्ट नहीं किया गया है, जो संदेह उत्पन्नकरता है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1443_201903-01-2020764
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारसिंह ने दिनांक-03.12.2019 को 16.30 बजे थाना-अनपरा <नाम> इस आशय कीतहरीर दी कि वह गाड़ी संख्या-यूपी.64एटी/2654 का <नाम> है। दिनांक-02.12.2019 को शायं करीब 6.15 बजे गाड़ी डिबुलगंज, अनपरा में बालू गिराकरवापस बैढ़न आ रही थी कि लैंको गेट के सामने मेन रोड <नाम> <नाम> <नाम> व विरेन्द्रसिंह तथा एक व्यक्ति अज्ञात सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी वाहन के आगे लगाकरवाहन रोक लिये और उसके चालक <नाम> <नाम> कुशवाहा से गाड़ी की चाभी,मोबाइल व चौबीस हजार रुपया नकद छीन लिये तथा गाड़ी लेकर चले गये। चूंकिउक्त लोग वादी के रिश्तेदार हैं, इस <नाम> वह प्रयास करता रहा कि उक्त लोगउसकी गाड़ी, मोबाइल व रुपया <नाम> दें लेकिन उनके द्वारा यह धमकी दी गई किगाड़ी नहीं देंगे, जो उखाड़ना हो, उखाड़ लो। वादी की उक्त आशय की लहरीर परथाना-अनपरा में अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उर्फ मोनू विरेन्द्र <नाम> व एक अज्ञात केविरुद्ध अ.सं-226/2019 अंतर्गत <नाम> 392, 506 भा.दं.सं. में प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज की गई। ", "प्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत <नाम> यह आधार प्रस्तुत कियागया कि प्रार्थीगण-अभियुक्तगण दिनांक-08.12.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में जिलाकारागार में निरुद्ध हैं। वे पूर्णतया निर्दोष हैं। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत, <नाम> काल्पनिक व बनावटी है। वादी मुकदमा वअभियुक्तगण सगे रिश्तेदार हैं। उनकी बातों <नाम> विशवास करक प्रार्थीगण-अभियुक्तगण ने अपनी <नाम> बेचकर उसका पैसा वादी मुकदमा को देकर वाहन कयकिया तथा वे वाहन का संचालन करने लगे। <नाम> में वादी मुकदमा की नियत खराबहो गई और उन्होंने उक्त वाहन की लूट दिखाकर प्रार्थीगण-अभियुक्तगण काचालान कराकर उनके कब्जे से कथित बरामदगी दिखा दी जबकि बरामद रुपया 2प्रार्थीगण-अभियुक्तगण का ही था। प्रार्थीगण- अभियुक्तगण का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय हैं। ", "प्रार्थीगण-अभियुक्तगण की ओर से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है किअभियुक्त <नाम> <नाम> उफ मोनू क पिता <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक-23.08.2017 कोअपनी खेती <नाम> <नाम> को बेचकर प्रश्‍नगत वाहन संख्या-यू.पी.64एटी /2654 कोकय किया गया। चूँकि वादी मुकदमा अभियुक्तगण का सगा रिश्तेदार है, जैसा किप्रथम सूचना रिपोर्ट में भी वादी द्वारा कहा गया है। इसी विशवास <नाम> अभियुक्त नेप्रश्‍नगत वाहन वादी के नाम <नाम> दिया। जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नकागज संख्या-7ख/14 के अवलोकन से स्पष्ट है कि कथित तौर <नाम> लूटे गयेवाहन के टायर आदि भी <नाम> <नाम> द्वारा बदलवाये गये हैं तथा कागजसंख्या-7ख /15 लगायत 7ख/43 के अवलोकन से स्पष्ट है कि वाहन से संबंधितभाड़ा आदि का कार्य अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा ही कराया जा रहा है। यह भी तरकप्रस्तुत किया गया कि प्रश्‍नगत वाहन का संचालन <नाम> <नाम> द्वारा ही कराया जारहा है। वादी मुकदमा तथा अभियुक्त के बीच लेनदेन का विवाद होने के कारणवादी मुकदमा द्वारा यह मुकदमा पंजीकृत कराया गया है । ", "इसके विपरीत विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराखंडन में यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के विरुद्ध वादीमुकदमा के वाहन को सार्वजनिक मार्ग <नाम> सूर्यास्त के उपरांत शायं लगभग 6.15बजे लूट कारित करने का अभियोग है। लूटी गई ट्रक, मोबाइल व रुपयाअभियुक्तगण के कब्जे से बरामद हुआ है। अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़े जानेका आधार पर्याप्त नहीं है । " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुनने एवं केस डायरी केअवलोकन से विदित होता है कि प्रश्‍शनगत वाहन संख्या-यू.पी.64एटी /2654 से मालढुलाई आदि का कार्य अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उफ विरेन्द्र <नाम> व <नाम> सिंहउफ मोनू द्वारा किया जा रहा था व उनके नाम से ली गई डिलीवरी के माध्यम सेउक्त कार्य किया <नाम> प्रतीत होता है। प्रश्‍नगत वाहन के टायर आदि भी अभियुक्तदीपक <नाम> उर्फ मोनू के नाम से कय किये गये हैं जिसका उल्लेख केस डायरी केपर्चा नंबर-3 में किया गया है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण दिनांक-08.12.2019 सेजिला कारागार में निरुद्ध हैं। प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_488_202124-03-2021225
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "24.03.2021अभियुक्त <नाम> गिरी कोशल गिरी पुत्र सुमन्त गिरी निवासी ब्रहमनगर गली नं0-7 थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र की ओर से यह जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। जमानत प्रार्थना पत्र में अभियुक्त का कथन है कि अभियुक्त पूर्व मेंजमानत <नाम> था। अभियुक्त पूर्व नियत तिथियों <नाम> रोजी रोटी की वजह सेमजदूरी करने बाहर चला गया था। जिससे न्यायालय में उपस्थित नहीं होसका तथा अधिवक्ता महोदय को मोबाइल नम्बर खो जाने के <नाम> अधिवक्तामहोदय को सूचित नही <नाम> सका। जिससे अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीयवारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त द्वारा न्यायालय उपस्थित होने मे जानबूझकरकोई लापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> परन्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त दिनांक 07.03.2021 से जिलाकारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त मजदूरी करने बाहर चला गयाथा जिस <नाम> वह नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आ सका। जिससे उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त नेजानबूझकर कोई लापरवाही नही किया है। अभियुक्त प्रत्येक नियत <नाम> परन्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त दिनांक 07.03.2021 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यहकहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने केकारण प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही Bail Application/488/2021 -Kausal Giri Vs. State Government 2 किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोकअभियोजक के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त इसमुकदमें में पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के हाजिर <नाम> आने के कारणउसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी किया गया। अभियुक्त द्वारा राजीरोटी के सिलसिले में मजदूरी करने बाहर चले जाने का कथन किया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 07.03.2021 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्तद्वारा यह भी कहा गया कि वह प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थितआएगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_512_201913-05-2019793
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी देवनरायनद्वारा थाने <नाम> सूचना दी गयी उनकी पुत्री <नाम> <नाम> की शादी <नाम> 2016 में राजूमोदनवाल के साथ हिन्दू धर्म व <नाम> रिवाज के अनुसार सम्पन्न हुई थी। शादीके <नाम> से ही <नाम> <नाम> ,राजकुमार(ससुर), दिनेश(जेठ), बीज(देवर] जूठनी देवी(सास) दान-दहेज से खुश नहीं थी। उपर्युक्त लोग पचास हजार रूपया नकद वएक मोटरसाइकिल की मांग उनकी लड़की से करते थे। उनकी लड़की ने उन्हेंबताया था कि मांग <नाम> <नाम> होने <नाम> उपर्युक्त लोग उनकी लड़की कोमारते-पीटते थे और प्रताड़ित करते थे। वादी तथा उनके परिवार के लोग कईबार उपर्युक्त लोगों को समझाये-बुझाये किन्तु कोई असर नहीं पड़ा। दामाद राजूके सन्सर्ग से उनकी लड़की <नाम> <नाम> को एक पुत्री है जिसकी उम्र लगभग एकवर्ष है। दिनांक 13.08.2018 को उनकी लड़की के देवर बीजू ने फोन द्वारा उनकीदूसरी लडकी <नाम> <नाम> जिसकी शादी मारकुण्डी रजधन में हुई है, को फोन द्वारासूचित किया कि <नाम> <नाम> की मृत्यु हो गयी है। तब उनकी लडकी ने इसकेबारे में उन्हें सूचित किया। सूचना <नाम> जब वादी <नाम> <नाम> के ससुराल पहुंचा तोदेखा कि उनकी लड़की <नाम> <नाम> मृत पड़ी है तथा उसके शरीर <नाम> चोट के कईनिशान है। जब उन्होनें <नाम> <नाम> के <नाम> <नाम> से मृत्यु का <नाम> पूछा तो उसनेकोई जबाव नहीं दिया। वादी को पूरा शक है कि उसकी लड़की की हत्या कीगयी है। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृतकिया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> तो मृतकासे कभी दहेज की मांग की गयी और <नाम> ही उसे मारा-पीटा गया। प्रार्थी-अभियुक्त की पत्नी <नाम> <नाम> शादी के कुछ <नाम> <नाम> माता-पिता वभाइयों से अलग होकर प्रार्थी के साथ अलग कमरे में रहती थी तथा अलग खानाबनाती थी। परिवार के अन्य सदस्यों से कोई मतलब नहीं रह गया था। घटना केदिन प्रार्थी की पत्नी <नाम> कमरे में अकेली शी । किन परिस्थितियों में उसने —_ 2 —_आत्महत्या किया इसकी जानकारी उसे नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त मृतका का <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतका से दहेज मेंपचास हजार रूपया व मोटरसाइकिल की मांग की जाती थी जिसकी पूर्ति नकरने <नाम> मृतका की मार-पीटकर हत्या <नाम> दिया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीरअपराध किया गया है। अपराध कारित करने में प्रार्थी-अभियुक्त की संलिप्ततास्पष्ट रुप से पायी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त मृतका का <नाम> है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अवलोकनकरने से स्पष्ट है कि मृतका को फांसी <नाम> लटका <नाम> मारा गया है जिससेउसकी गर्दन की हायड हङ्डी भी फैक्चर हो गयी थी। गुण-दोष <नाम> <नाम> कोईअभिमत व्यक्त किये हुए मामला गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_294_202102-03-2021477
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था तथा जमानत का कभी दुरूपयोग नहीं किया। नियमतिथि <नाम> उपस्थित <नाम> होने के <नाम> न्यायालय द्वारा अजमानतीय अधिपत्र जारीकर <नाम> गया। जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। प्रार्थी के विरूद्ध निर्गतअजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन में प्रार्थी को जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थीभविष्य में न्यायालय में नियत <नाम> <नाम> उपस्थित आता रहेगा। अतः जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी दिनांक 24.12.2020 सेअजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन में जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन कीओर से प्रस्तुत प्रस्तवार आख्या में अभियुक्त / प्रार्थी के विरूद्ध दिनांक 12.09.2018के उपरान्त से कोई आपराधिक इतिहास <नाम> होने का कथन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1114_201926-09-2019775
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि वह सोनाटा फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी शाखा सोनभद्र मेंशाखा प्रबन्धक के पद <नाम> कार्यरत है जिसका कार्यालय वार्ड नं०-6 नई बस्तीकस्बा राबर्टसगंज में स्थित है। दिनांक 17.05.2019 को कार्यालय बन्द करकेवह घर चला गया। दिनांक 19.05.2019 को जह वह वापस आया तो <नाम> किउसके कार्यालय के गेट का ताला तोड़कर कमरे में <नाम> हुई एक बैटरी व एकइनवरटर अज्ञात चोरों द्वारा चोरी <नाम> लिया गया। अगल-बगल जानकारी कियालेकिन बैट्री व इनवरटर की कोई जानकारी नहीं मिली। सूचना <नाम> रहा है। आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै । प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। बरामदगी का कोई स्वतंत्रजनसाक्षी नहीं है। <नाम> अभियुक्त सरताज की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्राथी-अभियुक्त दिनांक 05.06.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से चोरी का इनवरटर व बैट्री बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा अन्य अभियुक्त की समतुल्यता चाही गयी है। बचाव पक्ष की तरफ से यह भी कहा गया कि कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त के कब्जे से फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1451_201902-01-2020782
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्तइस मामले में दिनांक 17.12.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में है तथा पूर्व में जमानत परथा। दिनांक 30.08.2019 को मुकदमें में तारीख नियत थी परन्तु प्रार्थी रोजी रोटी केसिलसिले में बाहर चला गया था जिस <नाम> वह हाजिर अदालत नहीं हो सका औरउसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी ने <नाम> बूझ <नाम> कोईगलती नहीं की है तथा भविष्य में सदैव अदालत हाजिर आता रहेगा। अतः उचितजमानत मुचलिके <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त ने जमानत का दुरूपयोगकिया है। अभियुक्त के विरूद्ध लम्बे समय से गैर जमानती वारण्ट जारी है। अतःप्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया गया। सत्र परीक्षण संख्या-169 सन्‌ 2012 की पत्रावली के अवलोकन सेविदित होता है कि अभियुक्त इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। दिनांक 30.08.2019 को अभियुक्त के गैर हाजिर होने <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारीकिया गया है। अभियुक्त इस मामले में दिनांक 17.12.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त के पूर्व में जमानत <नाम> छोड़े जाने के आदेश को निरस्त किएजाने के संबंध में कोई स्पष्ट आदेश पारित नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_695_202019-06-2020358
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 08.05.2020 को भ्रमण केदौरान उप निरीक्षक चन्द्रशेखर <नाम> द्वारा एक अदद ट्रैक्टर <नाम> पुत्र महिन्द्राबी275डीआई मय द्राली बालू लदा हुआ <नाम> नम्बर बहवाले रपट संख्या-57 परलावारिश में दाखिल किया है। <नाम> निरीक्षक सोनभद्र द्वारा अवैध खनन / परिवहनके आरोप में पकड़े गए वाहन के संबंध में वाहन <नाम> वाहन चालक एवं अन्यसलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए जानेहेतु दिनांक 12.05.2020को आदेश <नाम> गया है। उक्त के संबंध में अवगत करानाहै कि अधोहस्ताक्षरी द्वारा दिनांक 12.05.2020 को समय 03.20 पी0एम0 <नाम> थानाबीजपुर केपरिसर में खड़ी ट्रैक्टर माडल नं0-बी27डीआई एसआरएनआरएफएनबी07387 <नाम> पुत्र महिन्द्रा <नाम> लोड उप खनिज की जांच की गयी। जांच के दौरान ट्रैक्टर <नाम> कुल <नाम> 2.5घनमीटर बालू लोड <नाम> चोरी छिपे अवैधपरिवहन करते पाए जाने <नाम> उ0प्रं० उपखनिज <नाम> नियामवली 1963 के निरयम3,57,70 तथा <नाम> एवं खनिज अधिनियम 1957 की धारा-4/21 का उल्लघनकिया <नाम> पाया गया। साथ ही लोक सम्पत्ति की क्षति की गयी। अतः ट्रैक्टर केवाहन <नाम> वाहन चालक तथा अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्टअंकित <नाम> विधिक कार्यवाही की जाय । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। वह प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। अभियुक्त ट्रैक्टर उपरोक्तका पंजीकृत स्वामी/चालक है। अभियुक्त द्वारा अपने पिता के साथ घटना केदिनांक को उक्त द्वैकटर से अपने खेत आराजी संख्या 1227 व 1356 में मिट्टीयुक्त बालू से घर के सामने कीचड़ से बचने के लिए समतलीकरण <नाम> बालूअपनीभूमि से लेकर निवास स्थान <नाम> ले जा रहा था कि पुलिस द्वारा हैरान व परेशानकरने के लिए पकड़ लिया गया तथा अवैध वसूली की नियत से पैसे की मांग कीगयी। उक्त वाहन ट्रैक्टर के सभी कागजात वैध है। अभियुक्त द्वारा कोई अपराधकारित नहीं किया गया है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधार <नाम> अभियुक्त को अग्रिमजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्त द्वारा घटना के <नाम> <नाम> नम्बर प्लेट के ट्रैक्टर मय द्राली से अवैध रूपसे बालू चोरी करके उसका परिवहन करते हुए ट्रैक्टर पकड़ा गया है तथा2 —2 —_अभियुक्त एवं अन्य अभियुक्तगण मौके से फरार हो गए तथा उक्त ट्रैक्टर मय द्रालीमें 2.5 घनमीटर अवैध बालू था। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। इसमुकदमें से पूर्व मु0अ०स०-205/10 अन्तर्गत धारा-324,325,504,506 भा०द0सं0 एवंएससीएसटी0एक्ट थाना बीजपुर जिला सोनभद्र में पंजीकृत है। उपरोक्त आधारपर अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रो के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त द्वारा घटनाके <नाम> अपने <नाम> नम्बर प्लेट के ट्रैक्टर मय द्राली से अवैध <नाम> से बालू चोरीकरके उसका परिवहन करते हुए ट्रैक्टर पकड़ा गया है तथा अभियुक्त एवं अन्यअभियुक्तगण मौके से फरार हो गए तथा उक्त ट्रैक्टर मय द्राली में 2.5घनमीटर अवैध बालू था। धारा-438 दण्ड प्रकिया <नाम> के अनुसार गिरफ्तारीकी आशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए यह निर्देश है कि४) जहां आवेदक द्वारा उसे इस प्रकार गिरफूतार कराकर क्षति पहुंचाने याअपमान करने के उद्देश्य से अभियोग लगाया गया है। वर्तमान मामले में इसप्रकार का कोई कथन अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा नहीं किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_80_202005-02-2020498
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 04.06.2019 को उपनिरीक्षक सर्वानन्द <नाम> हमराहियो के साथ रोकथाम जुर्म जरायम तलाश वारण्टीदेखभाल <नाम> करते हुए <नाम> मोड़ अनपरा में मौजूद थे कि जरिए मुखबिर खाससूचना <नाम> कि एक व्यक्ति झोला में गांजा लिए जे०ई० गेट के सामने सड़क परखड़ा है। इस सूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस मौके <नाम> पहुंची तो पुलिस <नाम> को देखवह व्यक्ति भागने लगा कि घेरकर मौके <नाम> ही समय करीब 06.10 बजे पकड़ लियागया। पकड़े गए व्यक्ति से नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्रकृष्णा <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली यी तो उसके दाहिने हाथ में लिएझोला से एक किलो पांच सौ ग्राम गांजा नाजयज बरामद हुआ। गांजा रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफ्तारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित केहस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम कोथाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यकमात्रा से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 04.06.2019 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। Bail Application/378/2020 -deepak ram Vs. State Government 2राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो पांच सौग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वगरा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास है तथा वह प्रकरण अभीविचाराधीन है। अभियुक्त दिनांक 04.06.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्तअत्यन्त गरीब व्यक्ति है। इसलिए वह अपनी जमानत <नाम> पाने में असमर्थ था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_306_202101-03-2021495
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादीमुकदमा सुरेन्दर धरकार पुत्र स्व. <नाम> <नाम> निवासी ग्राम कोहरथा, तह0-घोरावल,जनपद-सोनभनद्र द्वारा मण्डलायुक्त विन्ध्याचल, मीरजापुर को लिखित तहरीर इस कथनके साथ <नाम> कि वह अनुसूचित जाति का धरकार व्यक्ति जो एक मजदूर किस्म काव्यक्ति है। उसकी पुत्री प्राथमिक विद्यालय की छात्रा है। दिनांक 27.08.2019 कोउसकी पुत्री को विद्यालय से आते समय अचानक मोटर साइकिल द्वारा राजपति पुत्रशिव प्यारे, मुन्नू पुत्र मीरू, निवासी कोहरथा पड़वनिया, तह0-घोरावल, सोनभद्र जोकाफी सरहंग एवं तरकस किस्म के व्यक्ति है, जो उसकी पुत्री को तीन <नाम> बंधकबनाकर रखे हुए थे, जो उसके साथ दुष्कर्म भी किये और छोड़ दिये। वह थानाघोरावल को प्रार्थना पत्र <नाम> लेकिन विपक्षी <नाम> कोई कार्यवाही नहीं की गयी औरबार-बार विपक्षी द्वारा धमकी दी जा रही है। विपक्षी पैसे के <नाम> <नाम> सुलह करानाचाह रहा है। मौके की जांच रिपोर्ट तलब <नाम> विपक्षी के विरूद्ध कठोरात्मक कार्यवाहीकिया <नाम> आवश्यक है। ", "वादी मुकदमा की तहरीर के <नाम> में पुलिस उप-महानिरीक्षक, विन्ध्याचलपरिक्षेत्र, उप्रमीरजापुर द्वारा दिनांक 19.09.2019 को पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को निर्देशजारी किया गया कि प्रकरण में मुकदमा पंजीकृत कराते हुए कृत कार्यवाही विषयकआख्या 05 दिवस में कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उक्त निर्देश केआलोक में थाना घोरावल में दिनांक 11.10.2019 को समय 10.45 बजे मुअ.सं.-134 /2019, अं.धारा-342,363,376,506 भा.दं.सं. व धारा-3/ 4 लैंगिक अपराधों से बालकोंका संरक्षण अधिनियम, विरूद्ध राजपति पुत्र शिवप्यारे व मन्नू पुत्र मीरू के विरूद्धपंजीकृत हुई । ", "अभियुक्त की ओर से जमानत के बावत्‌ यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किमामले में घटना दिनांक 27.08.2019 की होना बताया गया है, जब कि प्रथम सूचनारिपोर्ट दिनांक 11.10.2019 को लगभग डेढ माह के <नाम> खूब सोच-समझ <नाम> पुरानीरंजिश की वजह से लिखायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह बात कही गयी है कि Bail Application 306/2021 -Munnu alias Shivnarayan Vs. State Government 2तीन <नाम> <नाम> बंधक बनाकर रखे, लेकिन कागज संख्या-5क/ 7, 5क/ 8 दिनांक27.08.2019 को घोरावल थाना <नाम> जाकर तहरीर दिया। मौके <नाम> उसे लिवाकर एकदरोगा व सिपाही ड्राइवर लेकर शिवद्वार महदेवा लेकर एक घण्टे के <नाम> उसके घरकोहरथा पहुँचे, वहाँ गये तो उसकी लड़की किसी तरह अपनी <नाम> बचाकर भाग आयीतथा कागज संख्या-5क,/ 8 में भी इस बात का उल्लेख है कि उसकी पुत्री रात में11.00 बजे उन दोनों से बचकर घर भाग आयी। वे लोग उसे दिनांक 28.08.2019 कोराजस्थान ले जाने के लिए कह रहे थे, इसका अर्थ यह है कि घटना वाली रात में हीपीड़िता मिल गयी थी, तो तीन <नाम> <नाम> बंधक रखकर उसके साथ दुराचार करने काकोई प्रश्‍न नहीं बनता। पीड़िता द्वारा अपने बयान अं.धारा-161 व 164 दण्ड प्रकियासंहिता में अपने साथ घटना दिनांक 27.09.2019 को होना बतायी है, जब कि प्रथमसूचना रिपोर्ट के अनुसार कथित घटना दिनांक 27.08.2019 की होना उल्लिखित है। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की उम्र 17 वर्ष है। <नाम> विवेचना में उसके अंक पत्रया टी.सी. प्रमाण पत्र की कोई <नाम> दाखिल नहीं की गयी है। पीड़िता ने अपने बयानमें केवल कक्षा-5 <नाम> पढ़ी होना बताया है, तो पूर्व माध्यमिक विद्यालय द्वारा यहलिखकर देना कि पीड़िता कक्षा-8 में पढ़ती थी, विशवास से परे है। मेडिकल रिपोर्ट सेपीड़िता के साथ दुराचार की घटना की <नाम> नहीं होती है। सही तथ्य यह है कि वादीमुकदमा अभियुक्त का चचेरा पट्टीदार लगता है तथा दोनों परिवार के बीच में जमीनसम्बन्धित विवाद चल रहा है। अभियुक्त के पिता ने वादी मुकदमा के विरूद्ध न्यायालयन्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद संख्या-02/ 2016 शिवप्यारे बनाम <नाम> मुनिवर,धारा-147,323,504,506,427 भा.दं.सं., थाना-घोरावल, सोनभद्र दाखिल किया है, जिसमेंअभियुक्तगण तलब होकर जमानत <नाम> लिये हैं। इसी मुकदमें में दबाव बनाने के नियतसे मुकदमा दर्ज कराया गया है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह लगभगडेढ साल से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधार <नाम> आवेदक/ अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज) द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि मामले में वादी मुकदमा द्वारा घटना केतत्काल <नाम> ही सूचना थाना घोरावल <नाम> <नाम> था, किन्तु थाना घोरावल द्वारा जबकोई कार्यवाही नहीं की गयी, तब वादी द्वारा उच्चाधिकारियों को घटना की सूचना दीगयी, जिस <नाम> पुलिस उप-महानिरीक्षक, विन्ध्याचल मण्डल, मीरजापुर द्वारा आदेशापारित किया गया, जिसके अनुपालन में अभियोग पंजीकृत हुआ है। मामले में वादी द्वाराघटना की एफ.आई.आर. दर्ज कराये जाने <नाम> तत्परता दिखायी गयी थी। जहाँ तकमेडिकल रिपोर्ट में दुराचार की <नाम> <नाम> होने का तथ्य है, तो मामले में घटना दिनांक27.08.2019 की है, जब कि पीड़िता का चिकित्सा परीक्षण दिनांक 14.10.2019 को हुआहै। परिस्थितियों के दृष्टिगत मामले में पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण घटना के काफीसमय <नाम> हुआ है, जिससे दुराचार के चिन्ह दर्शित नहीं हो सके हैं। जहाँ <नाम> पीड़िताके बयान में घटना के <नाम> के बावत्‌ भिन्नता है, वह देखने मात्र से ही लिपिकीय त्रुटिप्रतीत होता है। अभियुक्तगण द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री के साथ बंधकरबनाकर सामूहिक दुराचार कारित किया गया है। प्रकरण नाबालिग पीड़िता से सम्बन्धितहै, जो गम्भीर <नाम> का है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से यह ज्ञात होता है कि मामले में कथितघटना दिनांक 27.08.2019 की है। चिक एफ.आई.आर. के अनुसार वादी मुकदमा कीनाबालिग पुत्री को अभियुक्त उपरोक्त द्वारा अन्य अभियुक्त के सहयोग से बंधक बनाकरदुराचार कारित किया गया है। पीड़िता की उम्र के संदर्भ में विवेचक द्वारा प्रधानाध्यापकउच्च प्राथमिक विद्यालय कोहरथ, घोरावल, सोनभद्र से प्रमाण पत्र प्राप्त <नाम> केस डायरीमें समाहित किया गया है, जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि 11.04.2005 <नाम> है। मुख्यचिकित्साधिकारी, सोनभद्र द्वारा गठित चिकित्सक टीम द्वारा भी पीड़िता की उम्र लगभग17 वर्ष होना उल्लिखित किया है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अं.धारा-161 व 164 दण्डप्रकिया <नाम> में अभियुक्तगण द्वारा बंधक बनाकर उसकी इच्छा के विरूद्ध जबरदस्तीदुराचार किये जाने के तथ्य की <नाम> की है। प्रकरण में विवेचनोपरांत अभियुक्तगण केविरूद्ध विचारण <नाम> पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने <नाम> आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया हDigitally signeBail Application 306/2021 -Munnu alias Shivnarayan Vs. State Government 3है। प्रकरण नाबालिग पीड़िता के साथ दुराचार से सम्बन्धित है। अभियुक्त काआपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गयाअभियोग गम्भीर <नाम> का है। जमानत के स्तर <नाम> विवेचक द्वारा संकलित साक्ष्य कासूक्ष्म विवेचन नहीं करना होता है, मात्र यह <नाम> <नाम> होता है कि मामले में अभियुक्तकी संलिप्तता है या नहीं । " ] }
0DENIED
Bail Application_1442_201902-01-2020781
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्तइस मामले में दिनांक 15.12.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में है तथा पूर्व में जमानत परथा। दिनांक 30.08.2019 को मुकदमें में तारीख नियत थी परन्तु प्रार्थी रोजी रोटी केसिलसिले में बाहर चला गया था जिस <नाम> वह हाजिर अदालत नहीं हो सका औरउसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी ने <नाम> बूझ <नाम> कोईगलती नहीं की है तथा भविष्य में सदैव अदालत हाजिर आता रहेगा। अतः उचितजमानत मुचलिके <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त ने जमानत का दुरूपयोगकिया है। अभियुक्त के विरूद्ध लम्बे समय से गैर जमानती वारण्ट जारी है। अतःप्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया गया। सत्र परीक्षण संख्या-169 सन्‌ 2012 की पत्रावली के अवलोकन सेविदित होता है कि अभियुक्त इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। दिनांक 30.08.2019 को अभियुक्त के गैर हाजिर होने <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारीकिया गया है। अभियुक्त इस मामले में दिनांक 15.12.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त के पूर्व में जमानत <नाम> छोड़े जाने के आदेश को निरस्त किएजाने के संबंध में कोई स्पष्ट आदेश पारित नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_852_201903-08-2019149
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन है कि वह मुकदमा उपरोक्त मेंअभियुक्त है। उसके विरूद्ध दिनांक 28.05.2019 को न्यायालय द्वारा गैरजमानतीय वारण्ट निर्गत हो गया। अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। मुकदमा उपरोक्त नियत <नाम> <नाम> वास्ते साक्ष्य नियत थी। अभियुक्त कीपत्नी <नाम> गम्भीर अवस्था में बीमार होने की वजह से जिला सयुक्तचिकित्सालय सोनभद्र में दिनांक 27.05.2019 को आपरेशन द्वारा बच्चापैदा हुआ जिससे वह काफी परेशान होने के वजह से अपने अधिवक्ताको सूचित नही <नाम> सका और वह न्यायालय आने में असमर्थ रहा, जिसकारण उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत हो गया। जब वहअपनी पत्नी <नाम> को अस्पताल से लेकर अपने घर वापस आया तभीपुलिस द्वारा गिरफूतार <नाम> लिया गया। अभियुक्त जानबूझकर न्यायालयउपस्थित होने में कोई लापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। उसकी पत्नी <नाम> गम्भीरअवस्था में बीमार होने की वजह से जिला सयुक्त चिकित्सालय सोनभद्रमें दिनांक 27.05.2019 को आपरेशन द्वारा बच्चा पैदा हुआ जिससे वहकाफी परेशान होने के वजह से अपने अधिवक्ता को सूचित नही करसका और वह न्यायालय आने में असमर्थ रहा, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत हो गया। अभियुक्त दिनाक 25.07.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में'उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकिया गया है। अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार2 —2—नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तद्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र एवं शपथ पत्र में अपनी अनुपस्थितिका <नाम> पत्नी <नाम> का गम्भीर अवस्था में बीमार होने तथा उसकाजिला अस्पताल सोनभद्र में आपरेशन से बच्चा पैदा होने के कारणन्यायालय उपस्थित <नाम> होना बताया गया है। अभियुक्त दिनांक 25.07.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त पूर्व से जमानत पररहा है तथा जमानत आदेश न्यायालय द्वारा निरस्त नही किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1447_201921-12-20198
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> <नाम> <नाम> देने के <नाम> निरस्त किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा राजनारायणसिंह पुत्र स्व० <नाम> बलिराम <नाम> निवासी सहिजन कलाँ थाना राबर्टसगंज जिलासोनभद्र ने दिनांक 25.06.2019 को थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इस आशयकी रिपोर्ट दज कराया कि दिनांक 19.06.2019 समय लगभग 7-8बजे <नाम> कोमेरी पुत्री कु० ५% शौच करने <नाम> घर से बाहर गयी थी (जिसकी जन्मतिथि16.09.2003 है)। <नाम> पुत्र <नाम> निवासी सहिजन खुर्द ने <नाम> पुत्र अज्ञात,प्रमोद पुत्र अज्ञात, <नाम> पुत्र अज्ञात, सूरज पुत्र <नाम> <नाम> उफ <नाम> पल्नीविनोद समस्त निवासीगण सहिजन खुर्द थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र के सहयोगसे <नाम> व सूरज के साथ मोटरसाइकिल से मेरी पुत्री कु० खुशबू को बहला -फुसलाकर अपरहण <नाम> लिया। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य रुप से यह आधारलिया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकटमें में झूठा मुलिजम बनाया गयाहै। अभियोजन कथानक असत्य मनगढ़न्त एवं <नाम> है। प्रथम सूचना रिपोर्टकाफी विलम्ब से सोच समझकर दर्ज करायी गयी है। पीड़िता ने अपने 164 दंण्डप्रक्रिया <नाम> के बयान में यह कहा है कि प्रार्थी ने वादी मुकदमा की पुत्री को नतो भगाकर ले गया है और <नाम> ही शादी का दवाब डाला है। प्रार्थी के द्वारा पीड़िता केसाथ बलात्कार का अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रार्थी दिनांक 14.07.2019 से..2 -2-जिला कारागार में निरुद्व है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी कायह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह कथन किया गया हैकि प्रार्थी अभियुक्त द्वारा वादी की नाबालिग पुत्री को बहला-फुसला <नाम> ले जाने औरउसके साथ वैवाहिक सम्बन्ध बनाकर पति-पत्नि के रुप में रहने का अभियोग है। विवेचना के अनुसार पर्यास साक्ष्यों के आधार <नाम> अभियुक्त के विरुद्र आरोप पत्र भीन्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने <नाम> साक्ष्यको प्रभावित <नाम> सकता है। अतः प्र्रार्थी/अभियुक्त का द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिल्ला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता के तरको को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रं का अवलोकन किया गया। ", "मेरे द्वारा प्रस्तुत मामले से सम्बन्धित विशेष सत्र परीक्षण की पत्रावलीका अवलोकन किया गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट में प््ार्थी/अभियुक्त एवं अन्यअभियुक्तों द्वारा वादी की नाबालिग पुत्री(जन्मतिथि16.09.2003) को बहला-फुसलाकर व्यपहरण करने का अभियोग दशीया गया है। यद्यपि पीडिता द्वारा विवेचना केदौरान अभियुक्त के साथ मर्जी से <नाम> और विवाह <नाम> <नाम> पति-पत्नि के रुप मेंशारीरिक सम्बन्ध बनाने का कथन किया गया है। मेडिकल बोई द्वारा जारी उम्रप्रमाण पत्र में पीडिता की उम्र लगभग 19वर्ष उल्लिखित किया गया है। जबकिशैक्षणिक प्रमाण पत्र में पीड़िता की जन्मतिथि 16.09.2003 उल्लिखित है जिसकेआधार <नाम> पीडिता को घटना के समय 16वर्ष का होना दर्शाया गया है। इस प्रकारप्रार्थी/अभियुक्त <नाम> वादी की नाबालिग पुत्री को बहला-फुसला <नाम> ले जाने व उसकेसाथ विवाह <नाम> प्रवेशन लैंगिक हमला किये जाने का अभियोग है। जिसमें विवेचनाउपरान्त आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है। मामला नाबालिग पीड़िता केसाथ प्रवेशन लैंगिक हमला से सम्बन्धित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1147_201931-10-2019524
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि पीड़िता ने दिनांक28.08.2019 ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 27.08.2019 को समय लगभग2:00 बजे <नाम> सागसोती जंगल में गाय चराने गयी थी तो ग्राम मंचबन्धवाथाना-बभनी, जनपद-सोनभद्र के रहने वाले अम्बिका पुत्र हरिकेश्वर एवंशिवपूजन पुत्र देवशरन अकेला सून-सान देखकर उसके पास आये तथा अम्बिकाने उसे पटक <नाम> उसके साथ बलात्कार किया तथा शिवपूजन उसका हाथ व मुंहपकड़ा था। रिपोर्ट लिखकर उचित कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेसाजिश के तहत फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> तो पीड़िता का हाथ, मुंह पकड़ा गया था और <नाम> ही उसकेसाथ बलात्कार किया गया। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 02.09.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहागया कि प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर पीड़िता के साथबलात्कार किया गया। पीड़िता ने अपने बयान <नाम> 164 दं0प्रoसं0 में कहा हैकि शिवपूजन व अम्बिका ने उसे अकेला पाकर पटक <नाम> । शिवपूजन नेउसका हाथ एवं मुंह पकड़ लिया था। सबसे पहले अम्बिका ने बलात्कार किया,उसके <नाम> शिवपूजन ने बलात्कार किया। उसके साथ दोनों ने बारी-बारी सेबलात्कार किया। अपराध कारित करने में प्रार्थी-अभियुक्त की स्पष्ट रुप सेसंलिप्तता पायी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "ooबचाव पक्ष द्वारा कहा गया है कि पीड़िता द्वारा प्रशम सूचना रिपोर्टमें केवल अम्बिका द्वारा बलात्कार किये जाने की बात कही गयी है तथाशिवपूजन द्वारा पीड़िता का हाथ व मुंह पकड़ा <नाम> कहा गया है, जबकि धारा164 दं0प्रशसं0 के बयान में पीड़िता ने दोनों ही अभियुक्तगण द्वारा बलात्कार कियेजाने की बात कही है इसलिए बचाव पक्ष के अनुसार इस कहानी में सत्यतानहीं है । ", "बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दिनांक 28.08.2019 को सायंकाल 5:10 बजे दर्ज करायी गयी हैजबकि घटना एक <नाम> पूर्व दिनांक 27.08.2019 को <नाम> में 2:00 बजे की कहीजा रही है। ", "अभियोजन पक्ष का <नाम> है कि घटना स्थल थाने से 20 किमी0 दूरहै तथा पीड़िता इतनी सामर्थ्यवान नहीं है कि वह घटना घटित होते ही थाने परपहुंचकर प्रशम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> देती। ", "अभियोजन पक्ष का यह भी तर्क है कि इतनी भयानक घटनापीड़िता के साथ घट जाने के पश्चात निश्‍चित <नाम> से पीड़िता सदमे में रही होगीजिससे वह त्वरित प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं <नाम> पायी । ", "अभियोजन <नाम> नरायन <नाम> ने भी घटना का समर्थन किया हैतथा अभियुक्त को पीड़िता के साथ बलात्कार करते हुए <नाम> था। ", "अभियुक्त ने यद्यपि कि अपने को झूठा फंसाया <नाम> कहा हैलेकिन झूठा फंसाये जाने का <नाम> अथवा रंजिश बता सकने में असमर्थ रहा है। " ] }
0DENIED
Bail Application_942_201926-08-201930
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियाजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि आज दिनांक 16.08.2019 को बायोमेट्रिक इंचार्ज निरीक्षक / कार्यराजेश <नाम> एवं सहायक कमाण्डेंट <नाम> पाल द्वारा 4 अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिकमिलान के दौरान अंगूठा का निशान एवं फोटो का मिलान नहीं हो पाया जिससेपता चलता है कि वे अभ्यर्थी धोखाधड़ी करके भर्ती प्रकिया में शामिल होना चाहतेथे जिन्हें समय रहते चिन्हित <नाम> लिया गया जिसके उपरान्त प्राथमिकी बनाकरकानूनी कार्यवाही <नाम> सुपुर्द किया जाता है तथा सबूत के तौर <नाम> सम्बच्धितकागजात भी प्रस्तुत किया जाता है। ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि प्र्ार्थीगण निर्दोषहैं। उनके द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। प्रार्थीगण गलत नाम व पता सेपरीक्षा नहीं <नाम> रहे थे बल्कि अपने नाम व पता से ही <नाम> में शामिल हुए थे। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण का बायोमेट्रिक मिलान के दौरान अंगूठा का निशान फोटोनहीं मिल रहा था जिससे स्पष्ट है कि प्रार्थी-अभियुक्तगण धोखाधड़ी करकपरीक्षा में शामिल होना चाहते थे। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि उसके द्वारा कोई धोखा-धड़ी नहींकी गयी है। अभियुक्तगण दिनांक 16.08.2019 को दौड़ प्रकिया में शामिल होनेके लिए गये थे। इसके पूर्व वह लिखित <नाम> उत्तीर्ण <नाम> लिये थे लेकिन दौड़प्रकिया के कमाण्डेंट द्वारा गलत व्यवहार किया जा रहा था जिसका विरोध करनेके <नाम> उसके विरुद्ध मुकदमा कायम कराया गया है। फार्म एवं एडमिट कार्डपर अभियुक्तगण का फोटो लगा हुआ है। ", "2उक्त तथ्यों व परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए सम्भव है किबायोमेट्रिक प्रकिया में अंगूठा का निशान सही <नाम> मिल पाया हो। " ] }
1GRANTED
Bail Application_273_202020-05-2020571
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर कथनकिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त की यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थीको मामले में फर्जी ढंग से अभियुक्त बना <नाम> गया है। प्रार्थी का वाहन संख्या-यूपी. 64 एटी 3500 केशर <नाम> लोड हो रहा था, उसी समय राबर्दसगंज चौकी कीपुलिस ने गिट्टी गाजीपुर पहुँचाने को कहा, प्रार्थी के इन्कार करने <नाम> खानअधिकारी को मिलाकर प्रार्थी के वाहन का फर्जी चालान <नाम> <नाम> गया है। उपरोक्तअपराध में प्रार्थी को गिरफूतार कराकर प्रार्थी की सामाजिक क्षति पहुँचाने तथाअपमानित करने के उद्देश्य से लाया गया है। प्रार्थी को किसी संज्ञेय अपराध मेंकिसी भी न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध नहीं किया गया है और <नाम> ही सजा भुगता है। प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजक कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 10.02.2020 कोसमय 8.00 बजे प्रात: यू0को0 प्वाइंट के पास हाइवे <नाम> जांच के दौरान उपखनिजोंकाअ वैध परिवहन / निर्धारित <नाम> से अधिक परिवहन के मामले में वाहनसंख्या-यू०पी0 64 एटी 3500 की जॉच की गयी। जॉच के दौरान पाया गया किउक्त वाहन <नाम> 17 घ0मी0 गिट्टी लोड था। वाहन <नाम> लदे उपखनिज गिट्टी केसम्बन्ध में चालक द्वारा वाहन को छोड़कर भागने के <नाम> कोई प्रपत्र एम0एम0 11प्रस्तुत नहीं किया। इस प्रकार <नाम> किसी वैध प्रपत्र के उपखनिज लोड <नाम> चोरी oeE -Bail Application/273/2020 -Shanti Swaroop Vs. State Government 2 छिपे उपखनिजों का अवैध परिवहन किया जा रहा था। इस प्रकार उक्त आधार वाहनचालक तथा केशर <नाम> के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। ", "विद्वान जिला अपर शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा अग्रिमजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा वाहनको छोड़कर भागने के <नाम> कोई प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रथम दृष्टयाप्रश्‍नगत वाहन <नाम> निर्धारित <नाम> से अधिक उपखनिज का परिवहन किया जानाप्रतीत होता है। प््रार्थी/ अभियुक्त ने उक्त अपराध के माध्यम से राजकीय धन कीक्षति कारित की है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध कियागया है। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्टहै कि प्रार्थी / अभियुक्त वाहन संख्या-यूपी0 64 एटी 3500 का चालक है। वाहन कीजॉच के दौरान वाहन चालक क मौके से भागना बताया गया है, जिसके <नाम> वाहनएवं वाहन <नाम> लदे उपखनिज से सम्बन्धित कोई भी वैध प्रपत्र नहीं दिखाया गया। ्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा अपने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र के साथ वाहन एवं वाहन परलदे उपखनिज से सम्बन्धित सभी प्रपत्र दाखिल किये गये हैं, जो वैध हैं तथा जिसकेसम्बन्ध में विद्वान जिला अपर शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ने कोई विरोध नहींकिया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_926_202021-08-202048
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि :-दिनांक-02.02.2020 को 05 बजे सुबह वाहन संख्या-यू.पी.62 ए टी6612 उप खनिज गिट्टी /बालू लोड <नाम> परिवहन <नाम> रहा था। उपजिलाधिकारी व अन्य कर्मचारीगण द्वारा प्रवर्तन कार्यालय, लोढ़ी <नाम> उक्त वाहनको रोक <नाम> जांच की। जांच के समय उक्त वाहन <नाम> 21.25 घ.मी. बालू लोडकर परिवहन किया जा रहा था, जिसे जिलाधिकारी के अग्रिम आदेश <नाम> प्रवर्तनकार्यालय, लोढ़ी <नाम> खड़ा कराया गया। दिनांक-05.02.2020 को लगभग 10.30 बजे रात अंधेरे का फायदा उठाकर उक्त वाहन का चालक उक्त वाहन को उपखनिज सहित प्रवर्तन कार्यालय, लोढ़ी से भगा ले गया। तब वादी द्वारा उक्तवाहन के चालक व <नाम> के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अपराधों <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट दर्ज कराई गई । ", "अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करते हुएकहा गया कि प्रस्तुत मामले में उसे गलत तरीके से <नाम> <नाम> की साजिशमें नामित किया गया है, जबकि उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक-31.07.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन कथानकगलत व <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त मौके से भागा नहीं था बल्कि उसके सभीकागजात चेक करने <नाम> सही पाये जाने <नाम> वाहन छोड़ <नाम> गया था। उसके 6दिन <नाम> मनगढ़ंत कहानी बनाकर फर्जी तरीके से उसे नामित <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्त के वाहन व उस <नाम> लदे खनिज से संबंधित सभी प्रपत्र वैध हैं। ", "प्रार्थी-अभियुक्त कथित वाहन का चालक है जो वाहन <नाम> के अधीन वाहन Bail Application/926/2020 -Chandra shekhar Vs. State Government 2चलाकर जीवन-यापन करता है। कथित अपराध प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारापरीक्षणीय है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त समस्त आधारों <नाम> जमानतपर छोड़े जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त के वाहन <नाम> निर्धारित <नाम> से अधिक खनिज अवैध <नाम> से परिवहनकिया जा रहा था जिसे प्रवर्तन कार्यालय, लोढ़ी <नाम> जिलाधिकारी के अग्रिमआदेश <नाम> खड़ा कराया गया जहां से प्रार्थी-अभियुक्त वाहन मय खनिज लेकर फरार हो गया। उक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी । " ], "judge-opinion": [ "सुना व अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", "उभय पक्ष के तर्को को सुनने एवं पत्रावली के अवलोकन से स्पष्टहै कि घटना दिनांक-02.02.2020 को समय 05 बजे की है। प्रथम सूचना रिपोर्टदिनांक -07.02.2020 को समय 15.52 बजे वाहन संख्या-यूपी.62ए.टी. / 6612 केचालक व वाहन <नाम> नाम, पता अज्ञात में <नाम> हुआ है। दौरान विवेचनाविवेचक ने वादी मुकदमा का बयान <नाम> किया है। उसने अपने बयान में प्रथमसूचना रिपोर्ट का समर्थन किया है। दौरान विवेचना वाहन <नाम> के <नाम> में रामआसरे <नाम> का नाम <नाम> में आया है। केस डायरी के पर्चा संख्या-16दिनांकित-08.08.2020 में विवेचक ने <नाम> <नाम> उप जिलाधिकारी यमुनाधरचौहान, एच.जी. रमाकान्त <नाम> के बयान <नाम> किये हैं, जिन्होंने अपने-अपनेबयानों में प्रथम सूचना रिपोर्ट का समर्थन किया है। केस डायरी के पर्चा संख्या उपरोक्त में ही प्रार्थी-अभियुक्त चन्द्र <नाम> <नाम> का बयान विवेचक द्वाराअंकित किया गया है, जिसमें लिखा है कि-“ट्रक वाहन संख्या-यूपी.62ए.टी./6612 को दिनांक-02.02.2020को मैं गाड़ी चला रहा था तथा 21.25 घन मीटर बालू लोड करके लाया। मेरेसाथ वाहन <नाम> <नाम> आसरे <नाम> भी गाड़ी में बैठे थे। खनिज बैरियर, लोढ़ीपर गाड़ी चेक करने के <नाम> वहां के कर्मचारी गाड़ी खड़ी <नाम> दिये थे। दिनांक- 05.02.2020 को रात में वाहन <नाम> के कहने <नाम> मैं गाड़ी लेकर वहांसे भाग गया था। ट्रक वाहन संख्या-यूपी.62ए.टी./6612 वाहन <नाम> के पासजब मुझे जानकारी <नाम> कि मुझे पुलिस ढूढ़ रही है, तब मैंने दिनांक-31.07.2020 को न्यायालय में आत्मसमर्पण <नाम> <नाम> । ", "दौरान विवेचना विवेचक द्वारा प्ररार्थी-अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्तसाक्ष्य पाते हुए आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1308_201921-11-2019380
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "दोनों पति-पत्नी ठीक-ठाक रह रहे थे। दोनोंपति-पत्नी के संगत से तीन बच्चे भी पैदा हुए । संयोगवश उसके दामादशिवकुमार की करीब 10 माह पूर्व सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी । <नाम> कुमारकी मृत्यु के पश्चात उसकी वेटी <नाम> की व बच्चों की देखभाल उसके ससुरनगीना <नाम> व देवर फूलचन्द्र करने लगे। बीतते समय के साथ देवर फुलचन्द्र नेअनिता <नाम> को शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बन्ध बनाने लगा । उसकीबेटी ने उसे बताया तो दो-चार सम्भ्रान्त लोगों की उपस्थिति में फूलचन्द्र नेस्वीकार किया कि वह <नाम> को बतौर पत्नी रखेगा। वह दोनों को साथ रहनेसे सन्तुष्ट होकर अपने घर वापस चला आया लेकिन जब कुछ <नाम> बितने केबाद फूलचन्द्र और <नाम> तथा राजमती ने मिलकर फूलचन्द्र की शादी लगानाशुरू <नाम> <नाम> जिसकी जानकारी होने <नाम> <नाम> शादी लगने <नाम> यह कहकरकाट देती थी कि फूलचन्द्र ने उसके साथ शादी करके उसे बतौर पत्नी रखलिया है जिससे शादी कट जाती थी। इसी बीच ग्राम बसन्तपुर, थाना-बसन्तपुरजिला बलरामपुर, छत्तीसगढ़ में फूलचन्द्र ने शादी तय <नाम> लिया और शादी कीतिथि 19.06.2019 तय हुई जिस <नाम> <नाम> ने आपत्ति किया लेकिन दोनों पक्षनहीं <नाम> और <नाम> के ससुर <नाम> फुलचन्द्र व राजमति मारपीट करप्रताड़ित करने लगे और कहने लगे कि तुम उनके घर से भागकर कहीं जाकरकुएं बांध में डूबकर मर जाओ। तुम कुलच्छनी हो, उसके लड़के को खा गयी। ", "..2 ooशादी में तीस हजार रुपया नकद व मोटरसाइकिल मिल रहा है, शादी करेगें । वादी सूचना <नाम> गया तो वादी को भी फूलचन्द्र और <नाम> ने गाली-गलौजव धक्का देकर दिनांक 27.05.2019 को भगा दिया। वादी अपने घर चला आया। सुबह गांव के किसी व्यक्ति ने सूचना <नाम> कि <नाम> दिनांक 27.05.2019 कीरात में फांसी लगाकर मर गयी है। वादी जाकर <नाम> तो पाया कि उसके शरीरमें कई जगह चोट के निशान थे। ऐसा लगता था कि मार-पीट <नाम> गले मेंफासी डालकर लटकाकर <नाम> फूलचन्द्र व राजमति ने हत्या <नाम> <नाम> है। वादी ने थाने <नाम> प्रार्थना पत्र <नाम> लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। तब वहनिराश होकर घटना की सूचना के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को प्रार्थनापत्र <नाम> लेकिन उस <नाम> भी कोई कार्यवाही नहीं हुई जिससे मुल्जिमान का मनबढ़ता जा रहा हैं अभियुक्तगण द्वारा मृतका की हत्या करके एक संज्ञेय अपराधकिया गया है। ऐसी स्थिति में अभियुक्तगण के विरुद्ध थाना बभनी में मुकदमापंजीकृत <नाम> विवेचना कराने <नाम> आदेश <नाम> <नाम> ऱ्यायसंगत है। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेगलत ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी वाल्सन कम्पनी बल्लम कांचीपुरम, तमिलनाडुमें सिक्योरिटी गार्ड है और बल्लम कांचीपुरम में ही रहता है। उसका घर परआना-जाना भी काफी कम है। वह घर <नाम> नहीं रहता था। वह घर से काफी दूररहता था। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> को किसी प्रकार का कष्ट पहुंचाने काकोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त ने <नाम> के साथ शादी करने क प्रस्तावको अस्वीकार <नाम> <नाम> इसलिए <नाम> ने फासी लगाकर आत्महत्या <नाम> दिया। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किमृतका के <नाम> की दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। उसके पश्चात प््रार्थी-अभियुक्तमृतका से शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता था। प्रार्थी-अभियुक्त मृतका को बतौर पत्नी रखने के लिए तैयार हो गया। इसी बीच्रार्थी-अभियुक्त ने अपनी शादी तय <नाम> लिया जिसकी जानकारी होने <नाम> मृतकाद्वारा विरोध करने <नाम> उसे मार-पीटकर प्रताड़िता किया जाता था जिससे क्षुब्धहोकर मृतका ने आत्महत्या <नाम> लिया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि विवाह से इंकार करना, आत्महत्याके लिए दुष्प्रेरण की कोटि में नहीं आयेगा। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया कि सम्पूर्ण अभियोजन कथानकतथा गवाहान के बयान आदि से यह स्थापित है कि मृतका के <नाम> की मृत्यु केपश्चात अभियुक्त ने मृतका को विवाह का आश्‍वासन देकर उससे शारीरिकसम्बन्ध बनाता रहा। जब अभियुक्त मृतका की बातों को अनसुना करके दूसरेस्थान <नाम> अपनी शादी करने की जिद्द <नाम> अड़ गया तो मृतका ने आत्महत्याकर लिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार किसी भी संवेदनशील महिला क लिए,जिससे शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करने के पश्चात दूसरी जगह विवाह करने कीबात आत्महत्या के लिए पर्याप्त दुष्प्रेरण हो सकता है। ", "3पत्रावली <नाम> उपलब्ध अभिकथनों के अनुसार मृतका के <नाम> सेउसके तीन बच्चे भी है। ऐसी <नाम> में अभियोजन पक्ष के अनुसार किसी सामान्यपरिस्थिति में मृतका कम से कम अपने बच्चों के ही लिये आत्महत्या नहीं करती । " ] }
0DENIED
Bail Application_500_201909-05-2019809
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "विधिक प्रकिया के अनुरूप धारा-82 दं0प्र०सं0 की तामीला के एक माहके पश्चात भी अभियुक्त माननीय न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ है। अभियुक्तसर्वेश <नाम> का यह कृत्य धारा-174ए भा0दं0सं0 क अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। अतः सर्वेश <नाम> क विरुद्ध <नाम> के अनुरुप आवश्यक कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क <नाम> गया किप्रार्थी-अभियुक्त अपनी पत्नी व बच्चों के साथ गुजरात में रहता है। प्रार्थी कोअ0सं०-408/2017 की जानकारी नहीं थी। प्रार्थी के बड़े <नाम> अलग रहते हैंजिससे प्रार्थी को मुकदमें की जानकारी नहीं हुई । प्रार्थी द्वारा मुकदमें कीजानकारी होने <नाम> उसके द्वारा न्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया है। प्रार्थी नेजान-बूझकर लापरवाही नहीं किया है। प्रार्शी-अभियुक्त करीब 8 माह सेकारागार में निरुद्ध है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त धारा-82 दं0प्र०सं० की नोटिस प्राप्त होने के बावजूद जान-बूझकर न्यायालय उपस्थित नहीं हुआ । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ooअभियुक्त दिनांक 29.08.2018 से जिला कारागार में निरुद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है तथा तीन वर्ष के कारावास केदण्ड से दण्डनीय है। ", "अभियोजन का कथन मात्र यह है कि वह <नाम> 82 दं0प्रएसं0 कीउद्घोषणा के पश्चात उपस्थित नहीं हुआ जबकि अभियुक्त द्वारा कहा गया है किउसे उद्घोषणा की जानकारी नहीं थी। " ] }
1GRANTED
Bail Application_607_201914-06-2019609
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनॉक 05.06.2019 कोउप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> अपने हमराही के साथ <नाम> की देख-भाल वरोकथाम जुर्म जरायम में मामूर होकर गुरमा मोड़ <नाम> मौजूद थे। उसी समयमुखबिर द्वारा उन्हें सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति नाजायज गाँजा लेकर फासिल्सपार्क के पास खड़ा है। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस वाले फासिल्सपार्क के गेट <नाम> पहुँचे तो मुखबिर वहाँ खड़े एक व्यक्ति की ओर इशारा करकेआगे बढ़ गया। पुलिस वालों को देख <नाम> वह व्यक्ति <नाम> कदमों से भागनेलगा उसी समय उसे पकड़ लिया गया। नाम पता पूछने <नाम> उसने अपना नामराहुल पनिका पुत्र रविन्द्र पता उपरोक्त बताया और यह भी बताया कि उसकेदाहिने हाथ में लिये हुये झोला में गॉजा है। गॉजा होने की जानकारी होने परपुलिस द्वारा उसे बताया गया कि उसकी जामा तलाशी किसी राजपत्रितअधिकारी या मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी। इस <नाम> अभियुक्त की सहमति सेपुलिस द्वारा उसकी जामा तलाशी ली गयी तो अभियुक्त के कब्जे एक किलो600 ग्राम गॉजा बरामद हुआ था जिसे रखने के सम्बन्ध में वह कोई अधिकारपत्र पुलिस वालों को नहीं दिखा सका था। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रारथी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराध नही किया है, उसे फर्जी ढंग से फसायागया है। अभियोजन कथानक गलत एवं बेबुनियाद है। प्रार्थी टैम्पो चलाता है 9और थाना चोपन की पुलिस द्वारा बेगारी की मॉग की जा रही थी, प्रार्थी द्वाराइन्कार करने <नाम> उसका फर्जी मुकदमा में चलान किया गया है। कथितबरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को पुलिस द्वारा पकड़े जाने <नाम> उसके कब्जे सेएक किलो 600 ग्राम गॉजा बरामद हुआ है। जिसे रखने के सम्बन्ध में वह कोईकागजात पुलिस वालों को नहीं दिखा सका था। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से एक किलो 600 ग्रामगॉजा बरामद किये जाने का अभियोग है। बरामद गॉजा निर्धारित न्यूनतम मात्रासे अधिक किन्तु व्यवसायिक <नाम> से काफी कम है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास थाने की आख्या में नहीं दर्शाया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1321_201925-11-2019353
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारसोनी ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसकी गाड़ी संख्या-यूपी.64 ए टी /7534 परउसके चालक <नाम> <नाम> द्वारा <नाम> लोड <नाम> बैढ़न से रॉबर्दसगंज ले जाया जारहा था। जब वह बीजपुर बाईपास पहुंचा तो कुछ अज्ञात लोगों द्वारा उस परहमला <नाम> गाड़ी को क्षति पहुंचाया गया है तथा चालक को बुरी तरह मारा गया। उसके वाहन के पीछे एक वाहन टीपर आ रहा था, जिसके चालक के साथभी यह घटना घटी। दोनों चालक घायल हो गये। अज्ञात लोगों द्वारा पैसों कीमांग की जाने लगी। इस दौरान चालक का मोबाइल भी गुम हो गया। इससूचना के आधार <नाम> दो अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कियागया। ", "प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है किअभियोजन कथानक गलत व बेबुनियाद है। प्रार्थी-अभियुक्त पेशे से मजदूर है जोमजदूरी करके घर जा रहा था कि थाना-बीजपुर की पुलिस ने उसे रोक करनाम पता पूछकर गाड़ी में बैठाकर थाने ले जाकर फर्जी मुकदमें में नामित करजेल भेज <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्त ईंटा, गारा, मिट्टी का <नाम> मजदूरी परकरता है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा किसी प्रकार का कोई अपराध नहीं किया गयाहै । प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोई <नाम> नहीं बनाई गई। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। गिरफूतारी, बरामदगी का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नहीं है। प्रार्शी-अभियुक्तप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। उसके मौलिक अधिकार का पालन नहींकिया गया है जिससे प्रार्थी-अभियुक्त की गिरफूतारी, बरामदगी पूर्णतः संदिग्ध है। प्रार्थी-अभियुक्त जिला कारागार, गुरमा में निरुद्ध है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त विवेचना के दौरान <नाम> में आया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्त कं साथ वादी के वाहन को रोककर उसके वाहन चालक से पैसे कीमांग की गई, <नाम> देने <नाम> चालक को मारपीट <नाम> उसके वाहन को क्षतिग्रस्त करदिया गया तथा एक अन्य वाहन के साथ भी इसी प्रकार का अपराध कारितकिया गया। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "—_ 2 —_सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध पत्रावली <नाम> संस्वीकृति के अतिरिक्तअन्य कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। यहां <नाम> कि वादी से अभियुक्त की पहचाननहीं कराई गई है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_46_202001-02-2020540
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक-14.09.2019 को <नाम> करीब 9.30 बजे वादी अवधेश <नाम> ओबरा से अपनी मोटरसाइकिल नंबर-यूपी.64डब्लू / 8003 से अपने साथी <नाम> <नाम> व अर्पित पाठकके साथ अपने आवास डाला जा रहा था कि बग्घानाला मोड़ से डाला की तरफबढ़ने <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> अपने साथी के साथ पीछे से आकर अपनी मोटरसाइकिल को वादी की मोटर साइकिल के आगे तिरछा खड़ा करके वादी कोरोककर धंधे के विवाद <नाम> उसे गंदी-गंदी गाली-गुप्ता देते हुए लात, मुक्का, डंडेसे मारपीट <नाम> चोटें पहुंचाया तथा वादी की जेब से चालीस हजार रूपयेनकद, ए.टी.एम. कार्ड व बाइक की चाभी छीनकर <नाम> से मारने की धमकी देतेहुए भाग गया। वादी की उक्त आशय की तहरीर <नाम> उपर्युक्त वर्णित प्रकरणपंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि उसे गलत व अवैध ढंग से नामित किया गया है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। वह निर्दोष है। अभियोजन कथानक असत्य, मनगढ़ंतव साजिशी है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। ्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्रसाक्षी नहीं है। कथित आरोप मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय हैं । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा वादी को रास्ते में रोककर उसे गंदी-गंदी गाली-गुप्ता वजान से मारने की धमकी देते हुए लात;मुक्का,डंडे से मारपीट <नाम> चोटें पहुंचाईगई व वादी की जेब से चालीस हजार रूपये नकद, ए.टी.एम. कार्ड व बाइक कीचाभी लूट ली गई जो पुलिस द्वारा अभियुक्त के कब्जे से बरामद की गई है। अपराध गंभीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से स्पष्ट है कि अभियुक्त द्वारावादी को रास्ते में रोककर उसे गंदी-गंदी गाली-गुप्ता व <नाम> से मारने की ooधमकी देते हुए उसे लात, मुक्का, डंडे से मारपीट <नाम> उसकी जेब से चालीसहजार रूपये नकद, ए.टी.एम. कार्ड व बाइक की चाभी लूटना बताया गया हैजिसमें से पुलिस द्वारा अभियुक्त के कब्जे से लूट के रूपये बरामद होना भीअभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है। अभियोजन पक्ष द्वारा अभियुक्तका इस प्रकरण के अलावा 4 अन्य प्रकरणों का आपराधिक इतिहास भी प्रस्तुतकिया गया है। अपराध गंभीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_973_201929-08-20194
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> पुत्रबोदी <नाम> गोंड, निवासी ग्राम बलियरी, थाना म्योरपुर जिला सोनभद्र नेदिनॉक 23.07.2019 को थाना म्योरपुर जिला सोनभद्र में इस कथन के साथरिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी पुत्री पीड़िता जिसकी जन्मतिथि 06.10.2003 हैदिनॉक 05.07.2019 की <नाम> लगभग 11:00 बजे घर से गायब हो गयी। उससमय प्रार्थी व उसकी पत्नी तथा <नाम> बच्चे सो रहे थे। दिनॉक 06.07.2019 सेप्रार्थी अपनी सारी रिस्तेदारी में खोजा किन्तु वह कहीं नहीं मिली। दिनॉक15.07.2019 को पता चला कि <नाम> <नाम> <नाम> के <नाम> ड्किंकिगवाटर में <नाम> करने वाला <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी म्योरपुर ने पीड़िताको भगाया है। उसके <नाम> प्रार्थी बताये गये स्थान <नाम> पीड़िता को लेने गयातो <नाम> की मॉ ने कहा कि वह कोर्ट मैरिज <नाम> दी है, कागज से वहमजबूत है और लड़की नहीं जायेगी । जब प्रार्थी ने पीड़िता को नाबालिग होनेकी बात कहा किन्तु <नाम> की मॉ ने एक भी नहीं सुना। उकसी नबालिगपुत्री को बहका फुसला <नाम> भगाया गया है और उसकी पुत्री <नाम> दबाव बना-...2 9कर उसे निकलने नहीं <नाम> जा रहा है। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी ने कोई अपराध कारित नहीं किया है, वादी मुकदमा की साजिश मेंआकर उसे फर्जी मुकदमें में फसा <नाम> जेल भेजा गया है। पीड़िता एक बालिगलड़की है। पीड़िता और प्रार्थी का <नाम> प्रसंग चल रहा था जिसके परिणामस्वरूप दिनॉक 05.07.2019 को पीड़िता प्रार्थी के घर रात करीब 02:00 बजेचली आयी। पीड़िता ने स्वयं को प्रार्थी के घर होने की सूचना अपने पिता कोदिया था। प्रार्थी/अभियुक्त ने पीड़िता को बहला फुसला <नाम> नहीं भगाया हैबल्कि पीड़िता अपने पिता की मार-पीट से दुःखी होकर प्रार्थी के साथ रहनेलगी । प्रार्थी / अभियुक्त लगभग 30 <नाम> से जेल में निरूद्ध है। उक्त आधारपर अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह तकप्रस्तुत किया गया है कि प्रस्तुत मामले में घटना के समय पीड़िता नाबालिगथी। अभियुक्त पीड़िता को विवाह का प्रलोभन देकर बहला फुसला <नाम> लेगया तथा उससे शादी करके पति-पत्नी के <नाम> में रहने लगा। अभियुक्तद्वारा नाबालिग पीड़िता के साथ गम्भीर अपराध कारित किया गया है। अत:जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रं का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट पीड़िता के पिता द्वारापंजीकृत कराया गया है जिसमें प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> अपनी नाबालिग पुत्री कोबहला फुसला <नाम> भगा ले जाने का अभियोग दर्शाया गया है। दौरान विवेचनापीड़िता द्वारा यह कथन किया गया है कि वह अपनी मर्जी से गयी औरअभियुत के साथ शदी करके पति-पत्नी की तरह रहने लगी। मेडिकल बोर्डद्वारा जारी प्रमाण पत्र में पीड़िता की उम्र 17 वर्ष दर्शायी गयी है एवं प्राथमिकविद्यालय बलियरी, <नाम> खण्ड म्योरपुर, सोनभद्र के प्रधानाध्यापक द्वारा जारीनिर्गम प्रमाण पत्र में पीड़िता की जन्मतिथि 06.10.2003 उल्लिखित किया गयाहै। इस स्तर <नाम> घटना के समय पीड़िता की उम्र लगभग 16 वर्ष होनादर्शाया गया है तथा उसे नाबालिग होना बताया गया है। अभियुक्त परनाबालिग लड़की को विवाह का प्रलोभन देकर व्यपहुत करने का अभियोग है। पीड़िता को अनुसूचित जाति की लड़की होना भी दर्शाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1016_201923-09-2019797
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन है कि वह मुकदमा उपरोक्त मेंअभियुक्त है। न्यायालय काफी दिनों से रिक्त था अभियुक्त का पैर टूटजाने के <नाम> अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया परन्तु न्यायालय द्वारा प्रार्थना पत्र निरस्त <नाम> <नाम> गया तथाअभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत हो गया। अभियुक्त नेजानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है तथा भविष्य में बराबर नियततिथि <नाम> उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त की नई शादी हुई है। पत्नीका देखरेख करने वाला कोई नहीं है। पत्नी पर्दानशी महिला है। अभियुक्त के जेल में रहने से शादी टूटने की सम्भावना है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखागया कि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त का पैर टूट गयाथा। स्थगन प्रार्थना पत्र न्यायालय में <नाम> गया जिसे निरस्त <नाम> दियागया और उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में'उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकिया गया है। अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने केकारण प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुन: अनुपस्थित होने की सम्भावना सेइन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> क तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "2/ पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तनियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आया। जिससे अभियुक्त केविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया। पत्रावली आरोपविरचन के स्तर <नाम> लम्बित है। अभियुक्त जमानत <नाम> है। अभियुक्तदिनांक 28.08.2019 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_953_202021-08-202051
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "21.08.2020अभियुक्त बिट्टू उर्फ <नाम> <नाम> पनिका की ओर से यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 12.12.2019 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> तलाश वांछित अपराधीकरता हुआ अनपरा मोड़ <नाम> मौजूद था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि एकव्यक्ति गांजा लेकर कोलगेट की तरफ से रेनूसागर मोड़ की तरफ आ रहा है। इससूचना <नाम> विश्‍वास <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची पुलिस <नाम> को देखकर वहव्यक्ति पीछे मुड़कर <नाम> कदमों से जाने लगा कि 15-20 <नाम> जाते जाते समयकरीब 07.00 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तोउसने अपना नाम बिटृटू उर्फ <नाम> <नाम> पनिका पुत्र <नाम> <नाम> पनिका बताया। नियमानुसार उसकी जामा तलाशी ली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिए झोले मेंअखबारी कागज में लिपटा हुआ एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआं। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त कोकारण गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकरसर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकरमाल मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजावाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं कियागया है। अभियुक्त दिनांक 12.12.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, मBail Application/1968/2020 -vittu urf jawala Parsadh Vs. State Government 2जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन०डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त का आपराधिकइतिहास बताया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध इस मुकदमें से पूर्व मु0अ0सं0 35/19अन्तर्गत धारा-379 भा०द0सं0 एव मु0अ0सं0-126/18 अन्तर्गत धारा-147,148,186,332,336,352,353,395,427,435,452,506 भा०द0सं0 थाना अनपरा जिला सोनभद्र मेंपंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होनेके सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्पमात्रा से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त के विरूद्ध दर्शाए गएआपराधिक इतिहास एन0डी0 पी0एस0एक्ट से संबंधित नहीं है तथा अभियुक्त उससमय <नाम> अपचारी था। अभियुक्त दिनांक 12.12.2019 से जिला कारागार में निरूद्धहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_994_201907-09-2019972
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "विवेचना के दौरान <नाम> 366भा०दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। पीड़िता प्रार्थी की ब्याहता पत्नी है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "चूंकि प्रार्थी-अभियुक्त की <नाम> 363 भा0दं0सं0 के अपराध मेंजमानत स्वीकार की जा चुकी है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी-अभियुक्त को धारा-366 भा०दं0सं0 अपराध में जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_829_201902-08-2019158
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी रामजी नेथाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसकी पुत्री <नाम> <नाम> उम्र 14 वर्ष को पड़ोस कालड़का बग्गड़ पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> दिनांक 09.06.2019 को बहला-फुसलाकरभगा ले गया । उसकी पुत्री नाबालिग है जिसको सायंकाल शौच के दौरान उठाले गया है, तबसे उसका पूरा परिवार काफी परेशान है। प्रार्थी ने काफीखोज-बीन किया तब आज दिनांक 22.06.2019 को पता चला। वादी की पुत्री कीजान-माल की सुरक्षा करते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> उसकी लड़की कापता लगाया जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी को गलत तरीकेसे फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोई अपराध नहीं कियाहै । प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगाया नहीं गया है। प्रार्थी के विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। अपराध गम्भीरप्रकृति का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "शेक्षणिक अभिलेखों के अनुसार पीड़िता आज की <नाम> में भीअवयस्क है लेकिन पीड़िता का धारा-164 दं0प्रश्‍सं० का जो बयान पत्रावली परदाखिल किया गया है, उसके अनुसार पीड़िता के माता-पिता उसे <नाम> मेंकिसी को बेचना चाह रहे थे। इसलिए अपने बचाव में पीड़िता दिनांक..2 oo09.06.2019 को 2.00 बजे <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> के घर चली गयी जो रिश्तेमें उसका <नाम> लगता है। पीड़िता के अनुसार पीड़िता के पिता ने उल्टे पीड़िताको ही फंसा <नाम> है। वह अपनी मर्जी से <नाम> के घर जो लोढ़ी का गांवभिलाईपुर है, चली गयी। <नाम> ने कोई गलत हरकत नहीं की है। यदि इसबयान को विश्वसनीय मान लिया जाय तो अभियुक्त के अंश <नाम> किसी प्रकार काअपराधिक कृत्य किया <नाम> परिलक्षित नहीं होता है। ", "अभियुक्त द्वारा पीड़िता की शादी का एक कार्ड भी दाखिल कियागया है जिसके अनुसार पीड़िता का विवाह दिनांक 15 <नाम> 2019 को महोबाजिले के रामवीर के साथ होना था। यह विवाह सम्पन्न हुआ अथवा नहीं, इसकेसन्दर्भ में पत्रावली <नाम> कोई साक्ष्य नहीं है, परन्तु यह अवश्य प्रतीत होता है किवादी या तो अपनी अवयस्क पुत्री का विवाह करना चाह रहा था अथवा विवाह केआड़ में जैसा कि पीड़िता का कथन है, उसे बेचना चाह रहा था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1402_201916-12-201990
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि वह ब्लाक नं0-4 कमरा नं0-47 कांशी <नाम> आवास, कसबाराबर्टसगंज, जिला- सोनभद्र का निवासी है तथा कसबा राबर्दसगंज में आटोरिक्शा चलाने का कार्य करता है। वह दिनांक 19.10.2019 को अपने <नाम> धन्धेसे खाली होकर <नाम> लगभग 10.00 बजे अपने आवास <नाम> पहुंचा तो घर केअन्दर का सामान बिखरा पड़ा था तथा घर में <नाम> टी.वी., डीटीसी, कपड़े, बर्तनतथा बाक्स के नीचे कपड़े में रखा छ: हजार रुपया गायब है। उसके घर कापिछला दरवाजे का ताला टूटा हुआ है। वह शोरगुल किया तो अगल-बगल केलोग इकट्ठा हो गये। बातचीत के दौरान पता चला कि <नाम> , साबिर, सागरमिलकर घर से <नाम> बनाकर चोरी किये हैं । उसके घर से चोरी की टी.वी.मैक्स आवास में रहने वाले पप्पू जो कहार का <नाम> करता है, के कनब्जे में है। उसने जब पप्पू से कहा कि टी.वी. उसकी है, उसे <नाम> दो तो पप्पू ने कहा किमनोज ने उसके पास टी.वी. गिरवी रखा है। उसका पैसा <नाम> दो, तब टी.वी. देगा। मनोज, साबिर व <नाम> मिलकर उसके घर में <नाम> बनाकर चोरी किये हैं तथापप्पू ने यह जानते हुए कि यह सामान चोरी का है उसे खरीदा है। <नाम> सबिर,सागर व पप्पू के खिलाफ रिपोर्ट पंजीकृत <नाम> उसका सामान दिलाया जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। उसके कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। घटनासे उसका कोई वास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त को रंजिशन फंसायागया है। प्रार्थी-अभियुक्त नामजद नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 21.10.2019से जिला कारागार में निरुद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है । ", "..2 9अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के घर में घुसकर टी.वी., छः हजार रुपया व अन्य सामान चुरा लिया गया। प्रार्थी के कब्जे से चोरीका सामान बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रार्थी-अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। <नाम> अभियुक्तगण साबिर एवं <नाम> कोजमानत <नाम> <नाम> किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_761_202002-07-2020287
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रमेश कुमारपुत्र मटुक साह, निवासी कसबा दुद्धी रामनगर, थाना दुद्धी जिला सोनभद्र ने दिनॉक27.05.2020 को थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचनारिपोर्ट दर्ज कराया कि वह अपनी लड़की चन्दा <नाम> की शादी 30 <नाम> 2018को गोविन्द <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी तेलाड़ी, थाना पन्नूगंजजिला सोनभद्र के साथ हिन्दू <नाम> रिवाज से किया था। उसकी लड़की चन्दाकुमारी को उसके ससुर <नाम> पुत्र रामनाथ, <नाम> गोविन्द पुत्र <नाम> देवरअमरेश पुत्र <नाम> व सास ऊषा <नाम> पत्नी <नाम> दहेज में पैसे और गाड़ीकी माग करके चन्दा <नाम> को प्रताड़ित <नाम> रहे थे। दिनॉक 26.05.2020 को चन्दादेवी मोबाइल <नाम> फोन करके अपने पिता को बतायी कि उसके परिवार द्वारा पैसेको लेकर दबाव बनाया जा रहा है। पुनः रात में गोविन्द ने फोन करके कहा किआपकी लड़की मर गयी। प्रार्थी तेलाड़ी पहुँचा तो उसकी लड़की मरी पड़ी थी,उसके शरीर <नाम> चोटों का निशान भी मिला था। ", "प्रार्थिनी/ अभियुक्ता की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य रूपसे यह आधार लिया गया है कि प्ररार्थिनी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अभियोजन कथानक गलत एवं बेबुनियाद है। प्रार्थिनी का लड़का गोविन्दशादी के <नाम> से ही परिवार से अलग रह <नाम> <नाम> यापन करता है। कथित घटनाके <नाम> मृतका चन्दा <नाम> अपने <नाम> के साथ कमरे में सो रही थी। उपरोक्तमुकदमा से प्रार्थिनी का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थिनी ने मृतका से दहेज केबावत कोई मॉग नहीं किया है। अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "itally signed i 6ate: 2020.07.02 16:13 1STument:2प्रार्थिनी काफी बृद्ध महिला है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्ता को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थिनी / अभियुक्ता द्वारा मृतका से दहेज में पैसे व गाड़ी की मॉग की जाती रही। उक्त मॉग की पूर्ति <नाम> होने <नाम> अभियुक्ता द्वारा मृतका की दहेज हत्या कारित कीगयी है। अभियुक्ता द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थिनी/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा अभियोजन पक्ष के तर्कोको सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प््ार्थिनी/ अभियुक्ताद्वारा मृतका से दहेज के <नाम> में पैसे एवं गाड़ी की मॉग किये जाने का तथ्य रखागया है। मृतका के शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है कि मृतका कीमृत्यु <नाम> घोंटने से श्वांस के अवरूद्ध होने के <नाम> हुई है तथा मृत्युपूर्व 06 चोटांका उल्लेख किया गया है। मृतका की मृत्यु अपने ससुराल में प्रार्थिनी/ अभियुक्ता केआवास <नाम> होने के तथ्य का प््रार्थिनी द्वारा कोई खण्डन नहीं किया गया है। यद्यपिकि प्रार्थिनी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने <नाम> अपने पुत्र को मृतकासे शादी होने के <नाम> परिवार से अलग रहने का आधार लिया गया है परन्तु उक्तदोनों आवास एक ही जगह अवस्थित थे अथवा दूर थे इस सम्बन्ध में कोई कथननहीं किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_197_202003-03-2020123
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "03.03.2020अभियुक्त <नाम> उर्फ कल्लू की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था दिनांक 02.05.2019 को अभियुक्त के विरूद्ध सम्मन जारी की गयी परन्तु अभियुक्त को कोई सूचनाप्राप्त नहीं हुर्ई। जिस <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध दिनांक 18.10.2019 को गैरजमानतीय वारण्ट निर्गत हो गया। अभियुक्त जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं कियाहैं मुकदमा उपरोक्त के विचारण की जानकारी <नाम> होने के <नाम> प्रार्थी उपस्थित नहींहो सका अभियुक्त दिनांक 21.01.2020 से जेल में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। नियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त केविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त दिनांक 21.01.2020 सेंजेल में निरूद्ध है। अभियुक्त ने जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। उपरोक्तके आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय मेंउपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना सेइन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जामनतीय वारण्ट जारी कियागया। कोर्ट मुहर्रिर के अनुसार अभियुक्त इस मुकदमें में दिनांक 21.01.2020 से जेलमें निरूद्ध है। इस प्रकरण में अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_786_201917-07-2019306
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "फर्द बरामदगी के अनुसार दिनांक 03.07.2019 को पुलिसकर्मचारियों द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> समय लगभग 5.35 बजे अनपरा मोड़ पर्रार्थी-अभियुक्त को मोटरसाइकिल सहित पकड़ा गया । प्रार्थी-अभियुक्त के पाससे मोटरसाइकिल नं0०- एम पी 66 सी 8888 पैशन प्रो बरामद की गयी जिसकेसम्बन्ध में प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा बताया गया कि यह मोटरसाइकिल चोरी की है। यह भी बताया कि उसने एक और मोटरसाकिल चोरी की है जिसका नम्बर प्लेटबदलकर झिंगुरदह मंदिर वाले रास्ते <नाम> झाड़ी में छिपाया है। प्रार्थी-अभियुक्त केनिशानदेही <नाम> मोटरसाइकिल सं0-एम पी 66 एम बी 9151 बरामद की गयी । इस आधार <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसे रंजिशवश फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त को मौके <नाम> पकड़ा नहींगया है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 03.07.2019 से जेल में निरूद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त मोटरसाइकिलों की चोरी करके उनका नम्बर प्लेट बदलकर बेचदेता है। प्रार्थी-अभियुक्त मोटरसाइकिल चोरी करने का आदती है। प्रार्थी-अभियुक्त को चोरी की मोटरसाइकिल के साथ गिरफूतार किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रथमतः अ0सं0-133//2019 थाना अनपरा का मामला धारा-41,411, 419, 420, 467, 468, 471 भा०दं0सं0 में दर्ज किया गया था परन्तु <नाम> मेंअ0सं0- 170/2019 अन्तर्गत धारा-379 भा०दं0सं0 थाना- नवानगर एवंअ0सं0- 292//2019 अन्तर्गत <नाम> 379 भा0दं0सं0 थाना विन्ध्यनगर से सम्बद्धकिया गया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार अभियुक्त को सम्बन्धित न्यायालयों सेजमानत <नाम> <नाम> किया जा चुका है। ", "अभियोजन पक्ष के अनुसार अभियुक्त द्वारा उक्त मोटरसाइकिल कानम्बर प्लेट बदलकर प्रयोग किया जा रहा था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_726_201908-07-2019470
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन संक्षेप में यह है कि प्रार्थी व्यवसाय केसिलसिले में बाहर चला गया इसलिए नियत <नाम> 23.05.2018 कोन्यायालय उपस्थित नही आ सका और <नाम> ही अपने अधिवक्ता कोसूचना <नाम> सका। जिस <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्टजारी हो गया। प्रार्थी दिनांक 25.06.2019 से जेल में निरूद्ध है। प्रार्थी एक गरीब किस्म का मजदूर व्यक्ति है और वह मजदूरी करकअपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उपरोक्त आधारपर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। रोजी रोटी के लिए मजदूरी करनेबाहर चला गया था। इस <नाम> वह नियत तिशि <नाम> न्यायालयउपस्थित नहीं आ सका और उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतहो गया। अभियुक्त द्वारा न्यायालय में उपस्थित होने में कोई जानबूझकरलापरवाही नही किया है। प्रार्थी जेल मे निरूद्ध है। उपरोक्त के आधारपर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त नियत तिथिपर जानबूझकर उपस्थित नहीं आया जिससे मुकदमा उपरोक्त कीकार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकरने की <नाम> में पुनः अभियुक्त के न्यायालय में अनुपस्थिति कीसम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता हैं उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केन्यायालय उपस्थित <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया और वह गिरफतार होकर दिनांक25.06.2019 से जेल मे निरूद्ध है। अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त द्वारा कहा गया कि वह रोजी रोटी के लिए बाहर चला गया2/ —2—था। अभियुक्त के दिनांक 02.04.2018 से अनुपस्थित होने के उपरान्तउसके विरूद्ध कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं है, जैसा कि संलग्नडी0सी०आर0०बी0 रिपोर्ट से स्पष्ट है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_880_201909-08-2019114
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि समाज कल्याणअधिकारी, सोनभद्र द्वारा थाने <नाम> सूचना दी गयी कि समाज कल्याण विभाग द्वारावर्ष 2006-2007 में राबर्द्सगंज संस्कृत महाविद्यालय में छात्रवृत्ति एवं शुल्कप्रतिपूर्ति की धनराशि रु0 9,33,165/- विभिन्न चेकों के माध्यम से प्राचार्य,राबर्दसगंज संस्कृत महाविद्यालय, राबर्ट्सगंज, सोनभद्र के पदनाम से संचालितइलाहाबाद बैंक, राबर्दसगंज में खुले खाता सं0-12158 में प्रेषित किया गया। निदेशालय, समाज कल्याण, उ0प्र०, <नाम> के पत्रांक 2991-93/ स०क०,/ शिक्षाअ/3/59/ 2017-18 दिनांक 06.09.2017 के कम में अधोहस्ताक्षरी द्वारा प्रकरणकी जांच की गयी। जांच आख्या दिनांक 26.10.2017 के अनुसार विद्यालय केतत्कालीन प्राचार्य डा0 जटाशंकर <नाम> <नाम> द्वारा कुल धनराशिरु0 9,33,165/- का दुर्विनियोग <नाम> गबन किया <नाम> परिलक्षित होता है। अतःअनुरोध है कि उक्त प्रकरण क सम्बन्ध में तत्कालीन प्राचार्य डा0 जटाशंकर देवपाण्डेय के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> उचितकार्यवाही करने का कष्ट करें। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प््रार्थी-अभियुक्त कोरंजिशन झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। ्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में अंकितधनराशि का कोई दुर्विनियोग नहीं किया गया है। विधिपूर्ण प्रकिया के तहतछात्रवृत्ति छात्र/ छात्राओं को प्रदान की गयी है। विद्यालय में अध्ययनरत किसीभी छात्र द्वारा इस सन्दर्भ में कोई शिकायत नहीं की गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट..2 ooकाफी विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रस्तुत मामले के बाबत पूर्व में भीप्रार्थी-अभियुक्त के विरूद्ध अ0सं0- 934/2018 <नाम> 409 भा0०दं0सं0 केअन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें जाचोंपरान्त मामला झूठा पाया गयाऔर अन्तिम रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित <नाम> दी गयी थी। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारालोक सेवक के <नाम> में नियोजित होते हुए आपराधिक न्यास भंग का कोई अपराधकारित नहीं किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रेषित विभिन्न चेकों के माध्यमसे संस्कृत महाविद्यालय के इलाहाबाद बैंक के खाता सं0-12158 में छात्रवृत्ति एवंशुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि रु0 9,33,165 का वितरण छात्रों में <नाम> <नाम> अवैधानिकतरीक से दुर्विनियोग <नाम> गबन <नाम> लिया गया। प्रार्थी- अभियुक्त द्वारा गम्भीरअपराध कारित किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा अपने जमानत प्रार्थना पत्र के साथ पूर्व मेंअ0सं0-934 / 2008, धारा-409 भा०दं0सं0 क अन्तर्गत दर्ज करायी प्रथम सूचनारिपोर्ट की <नाम> <नाम> दाखिल की गयी है। उसके साथ पुलिस द्वारा प्रस्तुतअन्तिम रिपोर्ट एवं विद्वान मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश की <नाम> <नाम> दाखिल कीगयी जिसमें यह पाया गया कि अभियुक्त द्वारा छात्रवृत्ति एवं प्रतिपूर्ति छात्रों मेंवितरीत की गयी थी। प्रस्तुत मामले में भी अभियुक्त द्वारा छात्रवृत्ति वितरीत कियेजाने का अभिकथन है परन्तु छात्रों के खातों में उक्त धनराशि <नाम> प्राप्त कराकरउन्हें नकद प्राप्त कराये जाने का अभिकथन है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया है कि छात्रों को उक्त धनराशिप्राप्त कराये जाने की लिस्ट केवल नुमाइशी है जबकि बचाव पक्ष द्वारा कहा गयाहै कि वास्तविक रुप से अर्ह छात्रों को वांछित धनराशि प्राप्त करायी गयी है। अभियुक्त द्वारा यह भी कहा गया कि उक्त छात्रवृत्ति के वितरण के समय अनेकगणमान्य व्यक्ति मौके <नाम> मौजूद थे। ", "उक्त सम्पूर्ण तथ्यों व परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मामलेके अन्तिम निस्तारण के समय यह <नाम> जायेगा कि वास्तव में उक्त धनराशि अर्हछात्रों को प्राप्त करायी गयी अथवा नहीं। परन्तु इस स्तर <नाम> यदि छात्रवृत्ति कीप्रतिपूर्ति की अदायगी का तरीका बदल जाने से यह नहीं जा सकता है किअभियुक्त द्वारा धारा-409 भा०दं0सं0 का अपराध कारित ही किया गया हो। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1418_201919-12-201943
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि पीड़िता ने पुलिसअधीक्षक, सोनभद्र को लिखित सूचना <नाम> कि वह ग्राम-विसरुधरी,थाना-राबर्दसगंज, जिला- सोनभद्र की रहने वाली है तथा उसका मायका ग्राम-मानपुर, थाना-राबर्दसगंज, जिला-सोनभद्र में है। वह अपने मायके में रहकरजनता इण्टर कालेज में रहकर पढ़ती है तथा वह <नाम> कोचिंग सेण्टर, मानपुरमें <नाम> ग्रहण करती है। दिनांक 16.09.2019 को करीब 8.30 बजे वादिनी अपनेकोचिंग सेण्टर गयी परन्तु किसी के <नाम> रहने <नाम> वह अपने विद्यालय फीस जमाकरने के लिए निकली । विद्यालय पहुंचने के पहले ही कोचिंग सेण्टर के टीचरराहुल <नाम> के साथ <नाम> <नाम> आशीष <नाम> व अमरजीत बोलेरो गाड़ीसे उसके पास पहुंचकर गाड़ी रोक <नाम> बोले कि गाड़ी में बैठ जाओ, वह उधरही चल रहा है, छोड़ देगा। वादिनी परीचित टीचर समझकर गाड़ी में बैठी तोराहुल <नाम> ने ड्राइवर से गाड़ी मोड़ने के लिए कहा। जब उसने विरोध कियातो <नाम> ने धमकी <नाम> कि जैसा वह <नाम> है वैसा ही करो अन्यथा <नाम> सेमार दी जाओगी। वादिनी चिल्लाने की कोशिश की तो <नाम> व आशीष ने मुंहबन्द करते हुए रूमाल रख <नाम> जिससे वह बेहोश हो गयी और होश आया तोदेखा कि सभी मिलकर उसे कैण्ट रेलवे स्टेशन ले गये तथा अमरजीत कहनेलगा कि अगर वह विरोध करे तो उसे मार डालना और <नाम> उसे जबरदस्तीसाथ लेकर दिल्ली ले गया। बेहोशी की हालत में उन लोगों ने उसका मंगलसूत्र,नाक, कान का आभूषण व सोने की दो चूड़ी निकाल लिये थे। वहां से गुजरातकी गाड़ी पकड़कर गुजरात ले गये । वहां होटल में रूक <नाम> <नाम> नेजबरदस्ती उसके साथ बलात्कार किया। उसके विरोध करने <नाम> कहा कि अगरवापस जिन्दा अपने घर <नाम> चाहती हो और अपना सामान वापस चाहती हो तोजैसा वह <नाम> है वैसा ही करो, नहीं मारकर गटर में डाल देगा। कोई पतानहीं चलेगा। दो <नाम> बलात्कार करने के <नाम> उसे लेकर नवसारी विट्ठल मंदिरले गया जहां <नाम> के मित्र बाबूलाल और <नाम> आये। उनके सहयोग से फोटो..2 —2—खिंचकर फेसबुक <नाम> <नाम> ने डाला। वहां भी होटल में एक <नाम> रूककरबलात्कार किया । धमकी <नाम> कि इस बारे में किसी से कुछ बोली तो तुम्हेजान से मार <नाम> जायेगा और कल दिनांक 25.09.2019 को राबर्दसगंज लेआया। उसका जेवर भी वापस नहीं किया। वह घर पंहुचकर आप-बीती बतायीतथा कुछ सामान्य होने <नाम> थाने गयी परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। मजबूर होकर प्रार्थना पत्र <नाम> रही है। कार्यवाही करने की कूपा की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेफर्जी ढंग से फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्तपढ़ाता था। पीड़िता उससे कोचिंग पढ़ती थी । इसी दौरान दोनों में परस्पर प्रेमहो गया। पीड़िता वयस्क है तथा शादी-शुदा महिला है। दोनों आपसी सहमति सेगुजरात या कहीं घुमने-फिरने गये । दो वयस्क स्त्री-पुरुष के मध्य सहमति सेबना शारीरिक सम्बन्ध किसी प्रकार से किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता को कोचिंग पढ़ाता था जिसका फायदा उठाते हुए धोखेसे ले जाकर धमकी देते हुए पीड़िता के साथ बलात्कार किया जो कि गम्भीरअपराध है । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में स्वीकृत तौर <नाम> पीड़िता एवं अभियुक्त दोनोंवयस्क हैं। पीड़िता पूर्व से ही विवाहित है। ", "पीड़िता द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं धारा-164 दं0प्रणसं0 के बयानमें घटना का पूर्ण समर्थन किया गया है। ", "बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत मामले में सहमति से दो वयस्कों के बीच मेंसम्बन्ध स्थापित करने का कथन किया गया है। केस डायरी में अभियुक्त एवंपीड़िता के कुछ फोटोग्राफ संलग्न किये गये हैं जो यह प्रदर्शित करने के लिएपर्याप्त प्रतीत होते हैं कि पीड़िता एवं अभियुक्त दोनों स्वेच्छा से और खुशी-खुशीएक दूसरे के साथ हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_149_202019-02-2020268
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "19.02.2020अभियुक्त <नाम> अवतार की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी गम्भीर <नाम> से बीमार हो गया और चलनेफिरने में असमर्थ हो गया था। इसलिए नियत <नाम> <नाम> हाजिर नही आ सका। प्रार्थीजानबूझकर न्यायालय आने में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं किया है। प्रार्थीअब बराबर तारीख <नाम> आता रहेगा। किसी प्रकार का कोई चूक नही करेगा। अतःजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तपूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त बीमार होने के <नाम> नियत <नाम> <नाम> न्यायालयउपस्थित नहीं आ सका। प्रार्थी दिनांक 07.02.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरण कीकार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। मामले में अब <नाम> अभियुक्त क विरूद्ध आरोपविरचित नही हुआ है। मामला वर्ष 2006 का है। अभियुक्त के विरूद्ध आपराधिकइतिहास है। इस मुदकमें से पूर्व अभियुक्त के विरूद्ध 1:-मु0अ0सं0-95/01 अन्तर्गतधारा-457,380 भा०द0ंसं0 थाना विन्ढमगंज,जिला सोनभद्र, 2:- मु0अ0सं0-05/ 02अन्तर्गत धारा-110 जा० फौ० थाना विन्ढमगंज,जिला सोनभद्र, 3: मु0अ0सं0-254 / 04अन्तर्गत धारा-110 जा0फो० थाना विन्ढमंगंज जिला सोनभद्र, 4: मु0अ0सं0-10/ 06अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0सं0 थाना विन्ढमगंजा जिला सोनभद्र,5:-मु0अ0०सं०-27/06 अन्तर्गत धारा-3(1) गैगेस्टर एक्ट, थाना विन्मगंज जिलासोनभनद्र,6:- मु0अ0सं0-478,//08 अन्तर्गत धारा-41,109 जा0०फौ0.थाना विन्ढमगंज जिलासोनभद्र, 7:- मु०अ0सं०-92,/09 अन्तर्गत धारा-3/4 गुण्डा एक्ट थाना विन्ढमगंजजिला सोनभद्र एवं 8:- मु०अ०सं0०-314,/09 अन्तर्गत धारा-110 जा0०फौ0 थानाविन्ढमगंज जिला सोनभद्र पंजीकृत है। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने तथा अपराध में सलिप्त होने की सम्भावना से इन्कारनही किया जा सकता । उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में अभियुक्त अन्तिम Bail Application/498/2020 -State Government Vs. Ram Avtaar 2बार व्यक्तिगत <नाम> से दिनांक 30.11.2009 को हाजिर आया है तथा दिनांक 19.04.2010को अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी किया गया है, तब से अभियुक्तलगातार गैर हाजिर चल रहा है। यह प्रकरण वर्ष 2006 का है। अब <नाम> मामले मेंअभियुक्त के विरूद्ध आरोप विरचित नहीं हुआ है। अभियुक्त के उपस्थित <नाम> होने केकारण मामले की कार्यवाही आगे नहीं पढ़ पा रही है। अभियुक्त द्वारा माननीय उच्चन्यायालय इलाहाबाद के जमानत आदेश की घोर दुरूपयोग किया गया है। अभियुक्तआपराधिक किस्म का व्यक्ति है। अभियुक्त के विरूद्ध इस मुकदमें के अतिरिक्त अन्यआपराधिक मुदकमें 1:-मु0अ०सं0-95/01 अन्तर्गत धारा-457,380 भा०द0ंसं0 थानाविन्ढमगंज,जिला सोनभद्र, 2:- मु0अ0सं0-05/02 अन्तर्गत धारा-110 जा0 फोौ0 थानाविन्ढमगंज,जिला सोनभद्र, 3:- मु0अ0सं0-254//04 अन्तर्गत धारा-110 जा0फौ0 थानाविन्ढमंगंज जिला सोनभद्र, 4: मु०अ0सं0-10/06 अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0सं0थाना विन्ढमगंज जिला सोनभद्र, 5:-मु0अ0सं0-27//06 अन्तर्गत धारा-3(1) गैगेस्टरएक्ट, थाना विन्ढमगंज जिला सोनभद्र,6:- मु0अ0सं0-478/08 अन्तर्गत धारा-41,109जा०फौ0.थाना विन्छमगंज जिला सोनभद्र, 7:- मु०अ०सं0-92,/09 अन्तर्गत धारा-3/4गुण्डा एक्ट थाना विन्छमगंज जिला सोनभद्र एवं 8:- मु0अ0सं0-314/09 अन्तर्गतधारा-110 जा0फो0 थाना विन्ढमगंज जिला सोनभद्र पंजीकृत है। " ] }
0DENIED
Bail Application_468_201908-05-2019815
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 24.04.2019को उप निरीक्षक अरूण <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> एवंरोकथाम जुर्म जरायम में कनौडिया केमिकल गेट क पास मौजूद था किजरिए मुखबिर सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति गांजा लेकर गैस गोदाम केपास खड़ा है। इस <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचकर उस व्यक्ति केपास जाने लगे तो वह व्यक्ति पुलिस <नाम> को देखकर गैस गोदाम कीतरफ <नाम> कदमों से जाने लगा कि पुलिस <नाम> दौड़ाकर समय करीब11.05 बजे पकड़ लिया गया। नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नामकरमू <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 दुईच <नाम> उर्फ मेघू शाहबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो अभियुक्त के दाहिनेहाथ में लिए झोले में अखबारी कागज मे लिपटा 01 किलो 500 ग्रामगांजा नाजायज बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गयातो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधितके हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकरमाल मुल्जिमान को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त कोउसके घर से पकड़कर पुलिस थाने <नाम> ले गयी और उसे फर्जी मुकदमेमें चालान <नाम> दिया। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। पुलिस द्वारा <नाम> 50,51,52 एन0डी0 पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों कापालन नही किया गया है। अभिक्त 60 साल का वृद्ध व्यक्ति है। अभियुक्त दिनांक 24.04.2019 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधारपर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से एक किलोपांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> सेअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। .2/ —2 —_अभियुक्त का मुकदमा उपरोक्त क पूर्व थाना पिपरी <नाम> मु0अ0सं0579// 2002 <नाम> 8/20 एन0डी0पी0एस०एक्ट के अन्तर्गत अभियोगपंजीकृत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद की गयी है,जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथा कहा गया किअभियुक्त के विरूद्ध इस मामले से पूर्व थाना पिपरी <नाम> मु0अ0सं0579/02 <नाम> 8/20 एन0डी0पी0एस0०एक्ट क अन्तर्गत मुकदमापंजीकृत है। " ] }
0DENIED
Bail Application_135_202014-02-2020326
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 11.12.2019 को उपनिरीक्षक चन्द्रभान <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था चेकिग संदिग्धवाहन व व्यक्ति की व रोकथाम जुर्म जरायम में डाला चढ़ाई के पास खड़े होकरआपस में अपराध एवं अपराधी के विषय में बातचीत <नाम> रहे थे कि मुखबिर खास नेआकर सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति ओबरा जाने वाले रोड से <नाम> टोला डाला जानेवाले कटै मोड़ <नाम> खड़ा है। उसके पास हेरोइन है। इस सूचना <नाम> विशवास करकेपुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुची तो पुलिस <नाम> को खड़ा व्यक्ति देखकर <नाम> टोला जानेवाले रास्ते <नाम> पीछे मुड़कर <नाम> <नाम> कदमों से भागने लगा तो पुलिस <नाम> द्वारा15-20 <नाम> की दूरी <नाम> घेरकर समय करीब 04.45 बजे पकड़ लिया गया। पकडे गएव्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> हरिजन बताया । नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसके पहने हुए पैण्ट के दाहिनी जेब में एकसफेद पन्नी में 110 ग्राम हेरोइन नाजायज बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकारपत्र मांगा गया तो अभियुक्त नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित केहस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसक द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजहेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> सेकाफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। जामा तलाशी किसी राजपत्रित <नाम> या मजिस्ट्रेट द्वारानहीं ली गयी। अभियुक्त एक नवयुवक व्यक्ति है। अभियुक्त दिनांक 11.12.2019 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 110 ग्राम नाजायज रहDigitally signeBail Application/480/2020 -Anil Vs. State Government 2हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्तका आपराधिक इतिहास है। डी0एसी0आर0बी0 की आख्या के अनुसार अभियुक्त केविरूद्ध इस अपराध से पूर्व अ0सं0 596/17 अन्तर्गत <नाम> 8/22 एन0डी0पी0एस0०एक्ट थाना चोपन जिला सोनभद्र, का अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे 110 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा गया है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने काकथन किया गया है तथा कहा गया कि अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्वअ0सं0 596/17 अन्तर्गत <नाम> 8/22 एन0०डी0पी0 एस0एक्ट थाना चोपन जिलासोनभद्र, का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में मुकदमा पंजीकृत होनेके आधार <नाम> एवं अभियुक्त के पास से इतनी अधिक <नाम> में हेरोइन की बरामदगीके आधार <नाम> अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_161_202112-02-2021694
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादीमुकदमा बिन्द्रा <नाम> की पौत्री / नातिन, जिसकी उम्र 15 वर्ष है, दिनांक 15.10.2020को अपनी छोटी बहन से लड़ाई-झगड़ा की थी, जिसके <नाम> उसकी मां द्वारा दोनों काडाटा-फटकारा गया था, जिसके <नाम> घर वाले घरेलू कार्य करने लगे कि <नाम> मेंलगभग एक बजे उसकी नातिन अपनी मां के डाट-फटकार से नाराज होकर घर सेकहीं चली गयी। <नाम> <नाम> कोई जानकारी <नाम> होने के <नाम> आस-पड़ोस तथाअगल-बगल के गांव में पता किया, किन्तु कोई जानकारी नहीं हो सकी। वादी केउक्त लिखित तहरीर के आधार <नाम> थाना घोरावल में मु.अ.सं- 138/ 2020, अंधारा-363 भा.दं.सं., विरूद्ध अज्ञात पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचना मामले में पुलिस द्वारा वादीमुकदमा की नातिन को बरामद किया गया। पीड़िता द्वारा बरामदगी के उपरांत पुलिसको यह बयान किया कि वह <नाम> 9 में पढ़ती है। उसकी उम्र करीब 17 वर्ष है। वहअंशु <नाम> को पांच महिने से जानती थी और बातचीत भी करती थी। एक <नाम> घर कबगल वाले बगीचे में टहल रही थी, कि वहाँ <नाम> उसे एक <नाम> सिम कार्ड की मोबाइलगिरी हुई <नाम> और वह उसके उठाकर अपने घर ले आयी। उसमें एयरटेल का सिममोबाइल में डाल लिया और बातचीत करने लगी। एक <नाम> उसकी मां ने उसे बातकरते हुये देख लिया, तो उसे डाटने व मारने लगी और उसके पिता को भी बतादिया। दिनांक 16.10.2020 को वह अपने घर से निकल गयी और बरूआंव ब्लाक सेबस पकड़कर वह बनारस गयी। फिर वहाँ से बस द्वारा मऊ गयी, मऊ से बसपकड़कर <नाम> से मिलने गयी। <नाम> दो <नाम> बिता कि <नाम> गांव के पास वाले मन्दिर मेंजाकर दिनांक 18.10.2020 को शादी <नाम> लिया और पति-पत्नी की तरह रहने लगे। तदोपरांत मामले में विवेचक द्वारा पीड़िता का बयान अंधारा- 164 दंप्र.सं. अंकितकराया, जिसमें भी पीड़िता द्वारा ने कथन किया है कि वह <नाम> के साथ शादी <नाम> लीहै तथा कमरा लेकर पति-पत्नी की तरह रही और सहमति से शारीरिक सम्बन्ध भीबना। पीड़िता को नाबालिग होने व पीड़िता को अनुसूचित जाति का सदस्य होने केआधार <नाम> विवेचक द्वारा मामले में विवेचना के कम <नाम> धारा-376 भा.दं.सं. व धारा-3//4(2) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम व <नाम> ३2) अनुसूचित उङ्कDigitally signeBail Application 161/2021 -Anshu Yadav Vs. State Government 2जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अभियुक्त उपरोक्त के विरूद्ध मामलेको तरमीम किया तथा पीड़िता के शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार <नाम> पीड़िता की उम्र 15वर्ष 9 माह 14 <नाम> होने के आधार <नाम> मामले में अन्य सभी साक्षीगण का बयान अंकितकर विवेचना की सम्पूर्ण कार्यवाही को पूरा करते हुये अभियुक्त के विरूद्ध विचारण हेतुपर्याप्त साक्ष्य पाये जाने <नाम> उपरोक्त धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गयाहै। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा दौरान बहस यह कथन किया गयाकि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियुक्त निर्दोष है। मामले मेंकथित घटना दिनांक 15.10.2020 समय 1.00 बजे की बतायी गयी है, जबकि मामले मेंप्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 19.10.2020 को 10.45 बजे अर्थात 4 <नाम> के विलम्ब सेपंजीकृत करायी गयी है। अभियुक्त <नाम> तो वादी मुकदमा का जानता है और <नाम> हीमामले के पीड़िता से ही उसका कोई सम्बन्ध है। अभियुक्त पढ़ने वाला छात्र है। अभियुक्त काफी दिनों से जेल में बन्द है तथा उसका कैरियर खराब हो रहा है। पीड़िता 18 वर्ष से अधिक आयु की है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का विरोध कियागया तथा कथन किया गया कि मामले में अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नातिनको यह जानते हुये कि उसकी उम्र 16 वर्ष से कम की है, के साथ अविधिक <नाम> सेविवाह सम्पन्न <नाम> उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किया गया है, जो नाबालिगपीड़िता के साथ बलात्कार की <नाम> के साथ ही लैंगिक अपराध की श्रेणी सेआच्छादित है। अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ लैंगिक हमला कारित किया गया। अभियुक्त क विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीर <नाम> का है। उक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अनुसार अभियुक्त पीड़िता के साथ मोबाइल सेकथित घटना के पूर्व सम्पर्क में था। पीडिता अभियुक्त से मोबाइल से जब बात <नाम> रहीशी, तभी उसकी मां ने पीड़िता को बात करते देख व सुन लिया, जिस <नाम> पीड़िताकी मां ने पीड़िता को डाट-फटकार लगायी, जिससे पीड़िता क्षुब्ध होकर अभियुक्त केपास गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", " पीड़िता द्वारा पीड़िता के साथ मन्दिर में शादी किया तथा पीड़िता के साथशारीरिक सम्बन्ध में स्थापित किया, जो अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से ज्ञात होताहै । मामले में विवेचक द्वारा पीड़िता को अनुसूचित जाति के तथ्य को पाया तथा पीड़िताके शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार <नाम> पीड़िता को कथित घटना के समय 16 वर्ष से कमआयु के पाये जाने का निष्कर्ष समाहित किया है। इस प्रकार मामले में अभियुक्त द्वाराअनुसूचित जाति कि पीड़िता, जो कथित घटना के समय 16 वर्ष से कम आयु की थी,के साथ विधिविरूद्ध विवाह सम्पादित <नाम> उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाये जाने काअभियोग है। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीर <नाम> का वअजमानतीय है। " ] }
0DENIED
Bail Application_249_202020-02-2020259
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षामं लिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त के विरूद्ध विद्युत चोरी के सम्बन्ध में मुकदमाअपराध संख्या-33/2019, अन्तर्गत धारा-138बी विद्युत अधिनियम,2003 के तहतथाना राबर्टसगंज, जिला सोनभद्र में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है किप्रार्थी ने अपने बकाये की सम्पूर्ण धनराशि विद्युत विभाग के कार्यालय में जमा करदिया है। विद्युत विभाग द्वारा एक मुश्त समाधान <नाम> के अन्तर्गत बकाया धनराशिजमा किये जाने के <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध दर्ज रिपोर्ट को समाप्त करने की संस्तुतिपत्र दिनांक-19.03.2019 के माध्यम से की गयी है। उक्त आधार <नाम> जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी हूै। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अधिवक्ता राजकीय अधिवक्ता(विद्युत विभाग) एवं अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरणखण्ड, पूर्वांचल विद्युत वितरण <नाम> लिमिटेड, राबर्टसगंज सोनभद्र द्वारा थानाध्यक्ष,राबर्टसगंज,सोनभद्र को प्रेषित पत्र की प्रतिलिपि कागज संख्या 11-ख/2, पत्रसंख्या-632/ वि०वि0ख0रा0 / विद्युत चोरी दिनॉकित 09.03.2019 प्रार्थी को प्रेषितकिया गया है। जिसमें प्रार्थी के विरूद्ध अद्यतन बकाया शून्य होने का कथन कियागया है तथा प्रार्थी के विरूद्ध दर्ज प्राथमिकी को समाप्त कराने का अनुरोध किया Bail Application/653/2020 -Hayaat Azam Vs. State Government 2गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_56_202119-01-2021953
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "उसकी लड़कीकी उम्र लगभग 15 वर्ष है, जो स्कूल में पढ़ती है। घटना 8-9 माह पूर्व की है। जबप्रार्थिनी की लड़की गांव के विद्यालय पढ़ने गयी थी, तो उस <नाम> घर वापस नहींआयी, जिस <नाम> उसके परिवार के लोग काफी खोज-बीन किये, किन्तु कुछ पता नहींचला। प्रार्थिनी थाना <नाम> रपट लिखाने गयी, तो थाना पुलिस द्वारा टाल-मटोल कीगयी । दिनांक 14.03.2020 को दोपहर 2.00 बजे प्रार्थिनी की पुत्री बदहवास अवस्था मेंघर आयी तथा कुछ समय पश्चात बतायी कि गांव के ही <नाम> शिवम, <नाम> की पत्नीअनीता व रामनरायन साजिस <नाम> प्रार्थिनी की पुत्री को बहला-फुसलाकर अपने साथपुना ले गये, जहाँ <नाम> उक्त शिवम व <नाम> द्वारा उसकी लड़की के साथ बलात्कारकारित किया गया, जिसमें <नाम> की पत्नी का भी सहयोग रहा। प्रार्थिनी की लड़कीकिसी तरह उक्त लोगों की चंगुल से भाग <नाम> घर आयी। उक्त क बावत्‌ प्रार्थिनी नेथाना <नाम> सूचना <नाम> किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई । न्यायलय द्वारा पारित आदेश केअनुपालन में प्रार्थना पत्र में उल्लिखित घटना के बावत्‌ थाना घोरावल में मुकदमापंजीकृत हुआ। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत के बावत्‌ मुख्य <नाम> से यहतक प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त को मामले में झूँठा व रंजिशन फंसाया गया है। अभियुक्त किशोर अपचारी है, जिसकी उम्र लगभग 17 वर्ष है। किशोर <नाम> बोर्ड,सोनभद्र द्वारा अभियुक्त की उम्र 18 वर्ष से 18 वर्ष के बीच का अपचारी मानते हुएकिशोर अधिनियम की धारा-15(2) के तहत प्रकरण को अग्रेसित किया गया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट मामले में 10 माह <नाम> दर्ज करायी गयी है। उसके सम्प्रेक्षण गृह मेंनिरूद्ध रहने से आचरण <नाम> प्रतिकूल असर पड़ने की सम्भावना है। उसके विरूद्ध कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। वह जमानत की शर्तो का पूर्ण पालन करेगा। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज) द्वारा अग्रिम जमानत का प्रबल विरोधकरते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा की नाबालिगपुत्री को बहला फुसला <नाम> अपहरण <नाम> उसक साथ सामुहिक बलात्कार कारित किया हDigitally signeBail Application No.56/ 2021,Shivam @ Shiv Kumar Vs. State Government 2गया है। जन्मतिथि प्रमाण पत्र के आधार <नाम> पीड़िता की जन्मतिथि 01.07.2005 है। मामले में विवेचनोपरांत विवेचक अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाते हुये आरोप पत्रन्यायालय में दाखिल किया जा चुका है। अभियुक्त के विरूद्ध गम्भीर अभियोग है। अभियुक्त ने उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "चिक एफ.आई.आर. के अनुसार अभियुक्त क विरूद्ध अभियोजन का यह अभियोगहै कि अभियुक्त द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्त के साश मिलकर वादिनी मुकदमा कीनाबालिग पुत्री/ पीड़िता को बहला फुसला <नाम> भगाकर पुना ले गया और पीड़िता केसाथ सामुहिक बलात्कार किया। पीड़िता के उम्र के सम्बन्ध में अभियोजन द्वारा पीड़िताका शैक्षिक प्रमाण पत्र का उल्लेख केस डायरी में किया गया है, जिसमें पीड़िता कीजन्मतिथि 01.07.2005 उल्लिखित है। शैक्षिक प्रमाण पत्र के अनुसार मामले की पीड़िताकी उम्र कथित घटना के दिनांक को 18 वर्ष से कम है। पीड़िता द्वारा अपने बयानअं.धारा-161 दं.प्रसं. व 164 दंप्रसं. में अभियोजन कथानक का समर्थन किया गया है। मामले में विवेचक द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाते हुये आरोप पत्रन्यायालय में दाखिल किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_664_202018-06-2020366
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार वादिनी मुकदमा ने थाना राबर्टसगंजमें तहरीर <नाम> कि दिनांक 09.05.2020 व उससे पहले भी साहिद जमाल उफपिन्टू आए <नाम> बुरी नियत से उसके घर में घुसकर छेड़खानी करता रहता है। उसके द्वारा विरोध करने <नाम> उसके <नाम> व बच्चो को <नाम> से मारने की धमकीदेता है। वह लोक लाज के डर से किसी को कुछ नहीं बताती थी कि वह सुधरजाएगा, <नाम> हद <नाम> <नाम> और उसके साथ छेड़खानी करते हुए उसके <नाम> कोजहर देकर मारने की बात करता था। उसक द्वारा शोर करने <नाम> वह भाग गया। उपरोक्त के आधार <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध अन्तर्गत धारा-354,504,506,452भा0द0वि0 में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। दौरान विववेचना एवं पीड़िता केबयान अन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> के आधार <नाम> मामले में <नाम> 376भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। घटना से अभियुक्त का कोई वास्ता एवं सरोकार नहीं है। उसे साजिशके तहत फंसाया गया है। पीड़िता के बयान अन्तर्गत <नाम> 164 दण्ड प्रकियासहिता एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के तथ्यों का अत्यन्त विरोधाभास है। पीड़िता काबयान अन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> पांच <नाम> <नाम> कानूनी <नाम> मशविराके पश्चात <नाम> कराया गया है। मौके <नाम> आयी डायल 108 नम्बर की पुलिस कोपीड़िता ने कूड़ा फेकने का विवाद बतायी थी। किसी छेड़खानी या बलात्कार केसंबध में कुछ नही बतायी थी। पीड़िता अभियुक्त की पट्टीदार व पड़ोसी है। दोनोंपरिवारों के बीच अक्सर किसी <नाम> किसी बात को लेकर विवाद होता रहता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोअग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्त द्वारा पीड़िता के घर में घुसकर उसकी इच्छा के विरूद्ध उसके साथगाली <नाम> एवं मारपीट करते हुए बलात्कार किया तथा पीड़िता के बच्चे एवं पतिको <नाम> से मारने की धमकी दिया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। उपरोक्तआधार <नाम> अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रो के अवलोकन से विदित होता है कि घटना के दिनरात्रि में तथा उसके पूर्व अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ जबरदस्ती उसकी कइच्छा क विरूद्ध उसके साथ बलात्संग का अभियोग लगाया गया है। पीड़िता नेअपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> में भी अभियुक्त द्वारा पीड़िता —2—के इच्छा के विरूद्ध बलात्संग करने का जिक है। अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथजघन्य अपराध कारित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1129_201904-10-2019734
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। ", "प्रार्थी दौरान परीक्षण एक दूसरे मुकदमे में जेल चला गया और अपनेमुकदमें की पैरवी नहीं <नाम> पाया जिससे प्रार्थी के विरूद्ध दिनांक 07.01.2016 को गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत हो गया। माननीय न्यायालयकाफी समय से रिक्त होने के <नाम> प्रार्थी को उक्त आदेश कीजानकारी नहीं हो पायी। प्रार्थी दिनांक 26.09.2019 से जेल में निरूद्धहै । प्रार्थी द्वारा जानबूझकर कोई हीला हवाली नहीं किया है और <नाम> हीकभी भविष्य में कोई लापरवाही करेगा। प्रार्थी जमानत का दूरूपयोगनहीं किया है और नियत तिथियों <नाम> न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखागया कि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त दूसरे मुकदमें मेंजेल में निरूद्ध था इस <नाम> मुकदमा उपरोक्त में न्यायालय उपस्थितनहीं आ सका और अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारीहो गया। न्यायालय रिक्त होने के <नाम> अभियुक्त न्यायालय हाजिरनहीं आ सका अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> परव्यक्तिगत <नाम> से उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त जिला कारागार मेंदिनांक 26.09.2019 से निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में\"उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकिया गया है। अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने केकारण प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुन: अनुपस्थित होने की सम्भावना सेइन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> क तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "2/ पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी होने के दिनांक को अभियुक्तमुकदमा अपराध संख्या 880/13 अन्तर्गत धारा-498ए,304बी भा0द0सं0एवं <नाम> 3/4 डी0पी0एक्ट थाना राबर्दसगंज जिला सोनभद्र में जिलाकारागार में निरूद्ध था। अभियुक्त उपरोक्त मामले में दिनांक 26.09.2019 से जेल में निरूद्ध है। न्यायालय रिक्त होने के <नाम> अभियुक्तन्यायालय हाजिर नहीं आ पाया। इस <नाम> अभियुक्त द्वारा हाजिरीमाफी प्रार्थना पत्र न्यायालय मे नहीं <नाम> पाया। अभियुक्त के विरूद्धआरोप विरचित किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_915_201921-08-201958
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन है कि वह मुकदमा उपरोक्त मेंअभियुक्त है। अभियुक्त अत्यन्त गरीब व्यक्ति है। वह मजदूरी करनेबाहर चला गया था, जिससे वह नियत <नाम> की जानकारी नहीं होपायी, जिससे उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्टनिर्गत <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त दिनांक 10.08.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त जानबूझकर न्यायालय हाजिर मेंलापरवाही नहीं किया है। वह भविष्य ऐसी गलती नहीं करेगा। अतःजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> क तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखागया कि अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। मजदूरी करने बाहर चलागया था इसलिए न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीयवारण्ट निर्गत करने का आदेश पारित किया गया। अभियुक्त दिनांक10.08.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में\"उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गतकिया गया है। अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने केकारण प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुन: अनुपस्थित होने की सम्भावना सेइन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तदिनांक 08.10.2015 से न्यायालय उपस्थित नहीं आ रहा था। न्यायालयद्वारा अभियुक्त के उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया। पत्रावली आरोप विरचन के स्तरपर लम्बित है। अभियुक्त के न्यायालय उपस्थित <नाम> आने के कारणउक्त प्रकरण की प्रकिया आगे नही बढ़ पा रही है। अभियुक्त द्वारा.2/ जमानत का घोर दुरूपयोग किया गया है। अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने से पुनः फरार होने की सम्भावना से इन्कार नहीं कियाजा सकता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_483_201903-05-2019853
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का कथन संक्षेप में यह है कि प्रार्थी उक्त मामलेमें पूर्व मे जमानत <नाम> था। उक्त मुदकमे में दिनांक 30.11.2018 नियतशी,परन्तु प्रार्थी अस्वस्थता के <नाम> न्यायालय उपस्थित नही आ सकाऔर प्रार्थी के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी के घरमें फरवरी 2019 में शादी थी। प्रार्थी कुछ स्वस्थ होकर चलने फिरनेलायक होने <नाम> प्रार्थी न्यायालय उपस्थित होकर आत्मसर्मण किया है। प्रार्थी द्वारा अपनी बीमारी के संबंध में चिकित्सीय प्रपत्र एवं शादी काकार्ड की <नाम> प्रस्तुत किया है। प्रार्थी द्वारा कोई जानबूझकरलापरवाही नही किया गया है। प्रार्थी प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालयउपस्थित आता रहेगा। प्रार्थी जेल मे निरूद्ध है। अतः उपरोक्त आधारपर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि मुकदमा उपरोक्त में नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के कारणअभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी बीमारहो जाने के <नाम> नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नही आ सकातथा प्रार्थी के घर फरवरी 2019 में शादी भी थी। प्रार्थी कुछ ठीक होनेपर न्यायालय में उपस्थित आकर आत्मसमर्पण किया है। अभियुक्त द्वाराकोई जानबूझकर लापरवाही नही किया गया है। प्रार्थी जेल मे निरूद्धहै। अभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारायह कहा गया कि अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> जानबूझकर उपस्थित नहीआया जिससे मुकदमा उपरोक्त की कार्यवाही आगे नही बढ़ पा रही है। अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाता है कि पुन:अभियुक्त के न्यायालय में उपस्थित <नाम> आने की सम्भावना से इन्कार नहीकिया जा सकता हैं उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। उपरोक्त जमानत प्रार्थना पत्र से संबंधित मूल पत्रावलीतलब की गयी। मूल पत्रावली के अवलोकन से यह ज्ञात होता है किदिनांक 03.07.2008 को पारित आदेशानुसार सत्र परीक्षण संख्या-61/2008 एवं सत्र परीक्षण संख्या 62/2008 एकजाई किया गया। तदुपरान्त विचारण की कार्यवाही अग्रसारित हुई । अभियोजन साक्ष्य केसमाप्ति के उपरान्त पत्रावली दिनांक 16.11.2018 को बयान अन्तर्गत.2/ —2—धारा 313 दण्ड प्रकिया <नाम> नियत की गयी। दिनांक 16.11.2018 सेअग्रिम <नाम> 22.11.2018 को भी अभियुक्त न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगतरूप से उपस्थित नही हुआ। तदुपरान्त दिनांक 27.11.2018 को अभियुक्तके हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र को अन्तिम अवसर के साथ स्वीकृत कियागया। इसके उपरान्त भी अभियुक्त नियत <नाम> 30.11.2018 कोन्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत <नाम> से उपस्थित होने से कासिर रहा। फलस्वरूप अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी किए जानेका आदेश पारित किया गया। ", "अभियुक्त न्यायालय के समक्ष दिनांक 30.04.2019 कोआत्मसमर्पण <नाम> स्वंय को न्यायिक अभिरक्षा में लेने का प्रार्थना पत्रअभिलेख <नाम> कागज संख्या 132ख/1 प्रस्तुत किया। न्यायालय द्वाराअभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा मे लिया गया। उक्त प्रार्थना पत्र के साथमाननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रार्थना पत्र अन्तर्गत <नाम> 482 नम्बर2988/2019 उपेन्द्र <नाम> बनाम राज्य में पारित आदेश दिनांक 24.01.2019 के प्रमाणित <नाम> की छायाप्रति दाखिल की गयी है। माननीय उच्चन्यायालय के उक्त आदेश से यह ज्ञात होता है कि अभियुक्त द्वारा इसन्यायालय के आदेश दिनांक 30.11.2018 द्वारा जारी गैर जमानतीयवारण्ट के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया था। माननीय उच्च न्यायालय का प्रवर्ती आदेश निम्नवत्‌ हैः-In view of the facts and circumstances of thecase,this application 1s disposed of with direction thatthe applicant shall appear on or before 05-02-2019before the court along with appropriate application andthe same shall be decided expeditiously, preferablywithin two months from the date a certified copy of thisorder 1s produced before it.Till 5\" of february,2019 ,the non bailablewarrant dated 30-11-2019 shall be kept in abeyance.उक्त आदेश के अनुसार अभियुक्त को इस न्यायालय केसमक्ष दिनांक 05.02.2019 या उसमे पूर्व उपस्थित होने का आदेश कियागया है, परन्तु अभियुक्त <नाम> केवल पूर्व में प्रदत्त अपने जमानत कादुरूपयोग किया बल्कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की भी घोरअवहेलना की है। " ] }
0DENIED