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Bail Application_3516_201905-07-20192534
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{ "facts-and-arguments": [ "इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ डोरीलाल पुत्ररामप्रसाद का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना सिकन्दरा जिला <नाम> ने दिनांक 14.05.2019 को 17.06 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण बॉबी, <नाम> फरमान, फरहान, व <नाम> बाल्मीकी के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडरबॉबी है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करनेहेतु चोरी व नकबजनी जैसे अपराध कारित करते है जिसके <नाम> <नाम> में sad अभियुक्तगण का भय व आतंक व्याप्त है। अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17 व 22 में वर्णित दण्डनीय अपराधकारित किया गया है। आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणजनता का कोई व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने व गवाही देने को तैयार नही होता है। इसके विरूद्धथाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इसके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करायागया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त केस में गलत तथ्यों के आधार <नाम> sorफसाया गया है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है वह पूर्णतः निर्दोष है। गैंग चार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। उसके नाम से कोई गिरोह नही है <नाम> वहकिसी संगठित गिरोह का सदस्य है। पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिए उसे झूँठा फंसायागया है। प्रार्थी / अभियुक्त घटनास्थल <नाम> नहीं पकड़ा गया है और <नाम> ही उसके कब्जे सेकोई बरामदगी हुई है। <नाम> का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नही है। प्रार्थी / अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनॉक 21.02.2019 से जिला कारागार में 2निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 124 / 19 धारा-457, 380,411, भा.द.स. थाना- सिकन्दरा जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्तमामला दर्शाया गया हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> गृह अतिचार <नाम> चोरी करने काअभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। wel am rae में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसका जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार हुए है। -- अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी प्रकृतिएवं अभियुक्त के चोरी व नकबजनी से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियमकी <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहींहै कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_80_202014-01-20202267
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता व पैरोकार शिवप्रताप उर्फ गटरू के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक अरून <नाम> द्वारा दिनाक 17.05.2019 को थाने <नाम> सूचना इसआशय की दी गयी कि दिनाक 17.05.2019 को वे मय हमराहियान देख-रेखशान्ति व्यवस्था व सुरागरसी पतारसी मुकदमा अपराध संख्या-109/ 2019धारा ३92 भारतीय दण्ड <नाम> आदि की डयूटी में मामूर थे कि मुखबिर द्वारासूचना <नाम> कि उक्त अपराध से संबंधित लुटैरो का गैंग घटना से संबंधितगाड़ी को लेकर <नाम> एक्सप्रेस वे से <नाम> शहर की तरफ आ रहे हैं,उनके पास नाजायज असलाह भी हैं। सूचना <नाम> विशवास करके मुखबिर द्वाराबताए स्थान <नाम> आए। चैकिंग के दौरान सफेद रंग की गाड़ी आती दिखायीदी जिसको रूकने का इशारा किया कि चालक ने गाड़ी को बैक करने काप्रयास किया जिस <नाम> पुलिस <नाम> ने गाड़ी को घेर लिया, अपने आप कोघिरा देखकर चालक के बराबर वाली सीट <नाम> बैठे व्यक्ति के कहने <नाम> पीछेकी सीट <नाम> बैठे व्यक्ति ने खिड़की से हाथ बाहर निकालकर फायर किया। ", "(2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 80/ 2020विकृम <नाम> बनाम राज्यपुलिस वालों ने हिकमत अमली से स्वयं को बचाते हुए व दूसरे फायर कामौका <नाम> देते हुए घेरकर समय करीब 00:45 बजे <नाम> व्यक्तियों को पकड़ लिया। पहले व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया, इसके पास से जामातलाशी में एक मोबाइल बरामद हुआ। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम धर्मेन्द्र बताया, इसकी जामा तलाशी में एक अदद तमंचा व मोबाइल बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम विकम बताया, इसकी जामा तलाशी में एकतमंचा, दो जिन्दा कारतूस व एक मोबाइल बरामद हुआ। चौथे व्यक्ति नेअपना नाम <नाम> <नाम> बताया, इसकी जामा तलाशी में एक मोबाइल बरामदहुआ। मौके से एक कार भी बरामद की गयी जिसके संबंध में चारोंअभियुक्तगण ने बताया कि यह कार उन चारों ने दिनाक 30.04.2019 कीरात्रि को दिल्ली से बुक करके लूट ली थी। अभियुक्तगण व बरामद <नाम> कोहिरासत पुलिस में लिया गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 17.05.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्तगण की जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार की जाचुकी है। उससे किसी प्रकार की कोई बरामदगी नहीं हुई है। घटना का कोईचश्मदीद <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकरजान से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी <नाम> फायर किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> नरेन्‍न्द सिंहपरिहार एवं विद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली कासम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 17.05.2019 की समय 00:45 बजे की बतायी गयी है। अभियोजन (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 80, 2020विकृम <नाम> बनाम राज्यकथानक के अनुसार प्रार्थी द्वारा गिरफूतारी के दौरान सह-अभियुक्तगण केसाथ मिलकर पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर कियाजाना बताया गया है। अभियोजन द्वारा उक्त फायरिंग में किसी भी पुलिसकर्मी के चोट <नाम> आने के तथ्य को स्वीकार किया गया है। पत्रावली <नाम> कोईचिकित्सीय आख्या भी प्रस्तुत नहीं की गयी है। प्रार्थी लगभग आठ माह सेअधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्तगण पंकजकुमार व धर्मेन्द्र की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकार की जा चुकीहै। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। मासले मेंआरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3316_202029-10-20201451
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी ,/ अभियुक्त बौबी के पितारामप्रकाश <नाम> ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि उपनिरीक्षकराहुल <नाम> के द्वारा थाने <नाम> फर्द बरामदगी एवं गिरफतारी इस आशय की दी गयी किदिनाक 09.10.2020 को समय 21:50 बजे वह मय हमराहियान देखभाल <नाम> शांतिव्यवस्था, चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति वाहन चौकी <नाम> में मामूर थे जब हम नुनिहाई सब्जीमण्डी के पास पहुँचे तो मुखबिर खास ने सूचना दी कि <नाम> मोटरसाइकिल चोरी करने वाले कुछ व्यक्ति नगला बिहारी की तरफ जाने वाले रास्ते <नाम> खडे हैं। मुखबिर खासकी सूचना <नाम> <नाम> करके हम वहां चले गये। तब मुखबिर ने बताया कि सामने जोचार मोटरसाइकिल <नाम> आठ व्यक्ति बैठे हैं वहीं हैं। तब हम पुलिस वालों ने दबिश देकर घेरकर सात व्यक्तियों को मय <नाम> मोटरसाइकिल के पकड़ लिया तथा एक व्यक्ति मौके से भाग गया। पकडे गये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो पहले व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र हरीशंकर बताया जिसकी पेंट की दाहिनी फैट Bail Application/9168/2020 -Boby Vs. UP Stateसे एक अदद देशी तमंचा 315 बोर तथा पेंट की बांयी जेब से एक अदद जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद हुआ। दूसरे ने अपना नाम बॉबी पुत्र रामप्रकाश बताया। जामा तलाशीली गयी तो पहनी पेंट की दाहिनी फैट से एक अदद देशी तमंचा 315 बोर तथा पेंट कीबांयी जेब से एक अदद जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद हुआ। उक्त बरामद तमंचों 315 बोर व कारतूस जिंदा को रखने का लाइसेंस तलब किया तो दिखाने में कासिर रहे। दोनों व्यक्ति <नाम> नम्बर की <नाम> टी0वी0एस0 अपाचे मोटरसाइकिल <नाम> बैठे थे। उक्त मोटरसाइकिल के कागजात मांगने <नाम> दिखाने में कासिर रहे। तीसरे व्यक्ति ने अपनानाम <नाम> पुत्र <नाम> बताया जिसकी पेंट की दाहिनी जेब से एक लोहे का चाकू बरामद हुआ। चौथे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> बताया जिसकी पहनी हुए लोअर की दाहिनी जेब से एक अदद लोहे का चाकू बरामद हुआ। पकडे गये व्यक्तियोंसे उक्त चाकुओं को रखने का लाइसेंस तलब किया तो दिखाने में कासिर रहे। दोनोंव्यक्ति हीरो कम्पनी की स्पलैंण्डर मोटरसाइकिल <नाम> बैठे हुए थे। पांचवे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र पप्पू बताया जिसकी पहनी हुई पेंट की बांयी फैट से एक अदद नाजायज लोहा का चाकू बरामद हुआ। छठे A ACT AM Hes Ga yous बतायाजिसकी पहनी हुईं पेंट की दाहिनी फैंट से एक अदद नाजायज लोहे का चाकू बरामदहुआ। पकडे गये व्यक्तियों से उक्त चाकुओं को रखने का लाइसेंस तलब किया तो दिखाने में कासिर रहे। सातवें ने अपना नाम <नाम> पुत्र बदनसिंह बताया सातवें व्यक्ति व भागा हुआ व्यक्ति हीरो होण्डा कंपनी की स्पलैण्डर मोटरसाइकिल जिसका रंग काला <नाम> बैठा हुआ था जिस <नाम> नम्बर प्लेट नहीं है। पकडे गये सातों व्यक्तियों से पूछने परबताया कि <नाम> यह मोटरसाइकिल भागे हुए साथी <नाम> पुत्र नामालुम ने एक साथमिलकर बेलनगंज के पास से चोरी की थी तथा हम लोग दुपष्ठटिया वाहनों की चोरी करतेहैं तथा हमारे साथी <नाम> जिसकी कबाडी की दुकान सब्जी मण्डी के सामने है <नाम> बेचतेहैं। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माददौला में मुकदमा अपराधसं० 855 // 2020 अन्तर्गत धारा-3/ 25 आयुध अधिनियम में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष हैं। प्रार्थी ,/ अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> है। प्रार्थी के कब्जेसे कोई बरामदगी नहीं हुई है तथा घटना दिनांक 09.10.2020 की <नाम> करीब 21:50बजे की बतायी जा रही है लेकिन रिपोर्ट दिनांक 10.10.2020 को 00:48 बजे की गयीहै। फर्द बरामदगी के समय कोई भी <नाम> का स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। ", "अभियुक्त दिनांक 10.10.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्दर हैं। अतःप्रार्थी,/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाए । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त के कब्जे से एक अदद देशीतमंचा 315 बोर तथा एक अदद जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद हुआ है। प्रकरणगंभीर <नाम> का है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये । " ], "judge-opinion": [ " Bail Application/9168/2020 -Boby Vs. UP Stateमैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि दिनांक 09.10.2020 को पुलिसटीम द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> अभियुक्त की जामा तलाशी से उसके कब्जे से एकअदद देशी तमंचा 315 बोर तथा एक अदद जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद होना कहा जाता है। अभियुक्त दिनांक 10.010.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्द है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रकरण में मौके का कोई जनसाक्षीभी नामित नहीं किया गया है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1248_202101-03-20211716
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्तगण की पैरोकार <नाम> पूनमने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा पंकजशर्मा ने थाना सदर बाजार <नाम> दिनाक 14.12.2020 को इस आशय की तहरीर दी किवह नगला पदमा स्थित वी.एस.एक्सीलेंट डायमण्ड सिटी ग्वालियर रोड रोहता थानासदर बाजार, <नाम> <नाम> अपनी निजी दुकान में सोने <नाम> सुनार की दुकानलगभग एक माह से चला रहा था। दिनांक 13/14.12.2020 की मध्य <नाम> में अज्ञातचोरों द्वारा शटर तोड़कर लगभग ढाई से तीन किलो ग्राम <नाम> लगभग 15 ग्रामसोना व 1500/-रूपये गल्ले में से चोरी <नाम> ले गये। काफी तलाश करने <नाम> नहींमिले । रिपोर्ट दर्ज <नाम> कानूनी कार्यवाही की जाय । ", "वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सदर बाजार परअज्ञात के विरूद्ध मु0अ0सं0 732/2020 अंतर्गत <नाम> 457, 380 भा०द0सं0 पंजीकृतहुआ। <नाम> में प्रकरण में अभियुक्तगण व अन्य के पकड़े जाने <नाम> <नाम> 411 भा०द0सं0 Bail Application/ 2468/2021 -Vijendra @ Shashi And Others Vs. UP State 2की बढोत्तरी की गयी है। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र / शपथपत्रमें कथन किया गया कि आवेदकगण/अभियुक्तगण ने कोई अपराध कारित नहींकिया है। थाना अछनेरा की पुलिस द्वारा दिनांक 13.01.2021 को 8 अभियुक्तगणको गिरफूतार होना बताया गया है जो लूट की <नाम> बना रहे थे। अभियुक्तकलुआ से कोई भी <नाम> बरामद नहीं है तथा अछनेरा की पुलिस ने अभियुक्तकलुआ से लोहे का सब्बल व आठ हजार रूपये <नाम> <नाम> से घटना सेकरीब एक महीने <नाम> बरामदगी दिखायी है। वादी व पुलिस की मिलीभगत से 9मिनट में दो चोरी की घटनाओं को अन्जाम देना बताया गया है, जो संभव नहीं है। थाना अछनेरा की पुलिस ने अभियुक्तगण को झूंठा फंसाया है। चोरी की घटना वबरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। बरामदगी एक माह <नाम> दर्शायी गयी है। आवेदकगण / अभियुक्तगण दिनांक 13.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं । आवेदकगण/ अभियुक्तगण का उक्त अपराध में न्यायालय में यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक / अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोईजमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार कियेजाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरीका अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि मुकदमा अज्ञात में दर्ज कियागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदकगण/ अभियुक्तगण मामले में नामित नहींहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 13.12.2020 की <नाम> में किसीसमय की बतायी गयी है, जबकि थाने <नाम> चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक14.12.2020 को समय 22.29 बजे विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। विलम्ब का कोईसमुचित स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है, जबकि घटना स्थल से थाने की दूरीलगभग छः किलो मीटर <नाम> है। आवेदकगण/अभियुक्तगण को वादी मुकदमा की दुकान में घुसकर चोरी करते किसी ने नहीं <नाम> है। पुलिस द्वारा अभियुक्तगणविजेन्द्र व कलुआ से से <नाम> <नाम> से कमश: लोहे का सब्बल व 2500/-रूपयेव 5500/-रूपयों की बरामदगी दिखाई गयी है, जिसका कोई जनसाक्षी नहीं है। Bail Application/2466/2021 -Vijendra @ Shashi And Others Vs. UP State 3अभियुक्तगण का इस मामले के अतिरिक्त एक अन्य मुकदमे का आपराधिकइतिहास बताया गया है किन्तु अभियोजन की ओर से यह नहीं कहा गया है किअभियुक्तगण को किसी कस में दोषसिद्ध किया गया है अथवा नहीं। उक्त मामलावर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन होना बताया गया है। अभियुक्तगण की ओर सेयह भी कथन किया गया है कि थाना अछनेरा की पुलिस द्वारा उन्हें झूंठा फसायागया है, जिसके संबंध में अभियुक्तगण की ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गयाहै । अभियुक्तगण इस प्रकरण में दिनांक 13.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्धहैं। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1336_202104-03-20211535
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अपराध सं0-71 / 2021दिनांक 04.03.2021्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> उफ जादू की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्रअपराध सं0 71/2021, अन्तर्गत धारा-323, 354ए भा०द0सं0 व 7/8 पोक्सो एक्ट,थाना-सदर बाजार, जिला <नाम> क अन्तर्गत प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया/ पीड़िता द्वारा थाना सदर बाजारजिला <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि आज दिनांक15.02.2021 को समय करीब 4.00 बजे <नाम> वह व उसकी टीम एकलव्य स्टेडियम मेंकबड्डी खेल रहे थे तभी वहां <नाम> एक लड़का हूटिंग <नाम> रहा था जब मैच जीत गए तोलड़के ने उसके लोवर में पीछे से हाथ डाल <नाम> जब उसने इसका विरोध किया तोउसने उसके साथ मारपीट की तभी उसकी बहन <नाम> आ गयी तो उसके साथ भीमारपीट की । सब लोगों ने उसे पकड़ लिया, परन्तु भीड़ भाड़ होने के <नाम> रेफरियों द्वाराबीच बचाव करने <नाम> वह भाग गया। <नाम> में लड़के का नाम पता किया तो उसका नामविनोद उफ जादू पुत्र सत्यप्रकाश, नि0 बिचपुरी <नाम> था। वह <नाम> 8 व उसकी बहनकक्षा 7 <नाम> <नाम> <नाम> राजकीय <नाम> इंटर कालेज जट्टारी जिला अलीगढ कीछात्रा है, उसकी उम्र 13 वर्ष है। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/अभियुक्त कोउक्त मुकदमें में झूंठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त कबड्डी का प्लेयर है जो घटनावाले दिनांक को बिचपुरी ब्लॉक की ओर से खेल रहा था तथा वादिया अलीगढ़ की ओरसे खेल रही थी। खेल में प्रार्थी / अभियुक्त की टीम जीत रही थी, लेकिन वहां <नाम> मौजूदरेफरी बेईमानी <नाम> रहा था जिसका उसने विरोध किया इससे कुपित होकर उक्त रेफरी नेवादिया से उसके विरूद्ध झूठी प्राथमिकी दर्ज <नाम> दी, जबकि उसने कथित अपराधकारित नही किया है। प्रार्थी/अभियुक्त बड़ा ही होनहार खिलाड़ी है जिसके भविष्य को Bail Application/2578/2021 -Vinod @ Jadu Vs. UP State 2उक्त टीम के रेफरी द्वारा वादिया के सहयोग से बरबाद करने का प्रयास किया जा रहाहै। कथित घटना दिनांक 15.02.2021 को समय करीब 16.00 बजे की बतायी गयी है तथाउक्त घटना की रिपोर्ट दिनांक 16.02.2021 को दर्ज करायी गयी है, घटनास्थल से थानेकी दूरी मात्र एक कि0मी0 है, देरी का कोई स्पष्टीकरण प्राथमिकी में नही है। ्रार्शी/अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नही है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नही है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 17.02.2021 से जिलाकारागार <नाम> में निरूद्ध है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदनकिया गया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान ए.डी.जी.सी. फौ0 द्वारा जमानत का विरोधकिया गया तथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा 13 वर्षीय नाबालिग कबड्डी कीखिलाड़ी वादिया/ पीड़िता के साथ हूटिंग की गयी तथा पीछे से उसक लोवर में हाथडालकर लैंगिक हमला किया गया, <नाम> करने <नाम> पीड़िता व उसकी बहन से मारपीट कीगयी। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अपरजिला शासकीय अधिवक्ता(दाण्डिक) के तरक सुने तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि पीड़िता ने अपनेबयान अन्तर्गत 164 द0प्रoसं0 में अपनी उम्र 14 वर्ष होने का कथन करते हुए कहा है किदिनांक 15.02.2021 को करीब 4.00 बजे <नाम> के रेफरियों में लड़ाई हो रही थी जिसमेंस्टेडियम के लड़के भी थे। घटना एकलव्य स्टेडियम की है। वे पहली बार <नाम> में आयेथे गेम खेलने। सर थे, <नाम> टीम आयी थी। जब लड़ाई हुई थी तब उसके सर नही थे,वहां के रेफरी ने कहा था कि जैसा में बोलूं वैसा ही करना। वे उनके बहकावे में आ गयेथे। उसके साथ कोई घटना नही घटी। पीड़िता द्वारा अपने उपरोक्त बयान में उसके साथकोई घटना घटित <नाम> होना कहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायाजाना दर्शाया गया है। थाने से प्रेषित आख्या में अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनही दर्शाया गया है। अभियुक्त दिनांक 17.02.2021 से जेल में निरूद्ध होना कहा गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2607_202126-04-202122
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में सोहिल पुत्र श्रीजमालउद्दीन द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्तका मौसेरा है तथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया औरन ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोईप्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी थाना प्रभारी राजेशकुमार <नाम> द्वारा थाना हाजा <नाम> लिखित सूचना इस आशय की दी गयी किदिनांक 03.03.2024 को वादी, अन्य पुलिस हमराही कर्मचारियों के साथ <नाम> वमुल्जिमान की तलाश में थाना <नाम> में मामूर थे। उसी दौरान मुखबिर की सूचनापर एकबारगी दबिश देकर सी0पी0 स्कूल के सामने संदिग्ध अवस्था में नशीलेपदार्थ हेरोइन के साथ अभियुक्त सैफ अली उर्फ सरीफ को अन्य अभियुकतगणसलीम उर्फ राजा व अभियुक्‍क्ता <नाम> उर्फ <नाम> के साथ पकड़ा गया। पकड़े गयेअभियुक्त सैफ अली उर्फ सरीफ की जामा तलाशी में उसके कब्जे से 300 ग्रामनशीला पाउडर हेरोइन तथा एक तमंचा 315 बोर व एक जिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद किया गया। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना कोतवाली में मुकदमा अपराध सं022 / 2021 अन्तर्गत <नाम> 8/22 एन0डी0पी0एस0 एक्ट में प्राथमिकी <नाम> की गयी । ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किआवेदक » अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी , अभियुक्त के द्वारा कोई अपराध कारित नहींकिया गया है उसे झूंठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से अपराध सेसम्बन्धित कोई भी वस्तु बरामद नहीं हुई है। कथित बरामदगी व गिरफ्तारी का कोईस्वतंत्र <नाम> नहीं है जबकि भीड़ भाड़ वाले स्थान से गिरफ्तारी दर्शायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व दण्डभोगी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। अभियुक्त दिनांक 04.03.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतःआवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की याचनाकी जाती है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि मामले में पुलिस पार्टी द्वाराअभियुक्त को पकड़े जाने <नाम> उसके कब्जे से 300 ग्राम अवैध नशीला पदार्थहेरोइन तथा एक तमंचा 315 बोर व एक जिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद कियागया है। यदि जमानत प्रदान की गयी तो वह पुनः अपराध में संलिप्त हो सकतीहै अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्कों को सुना। केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि दिनांक03.03.2021 को थाना कोतवाली की पुलिस द्वारा अभियुक्त सैफ अली उर्फ सरीफको एकबारगी दबिश देकर सी0पी०0 स्कूल के सामने अन्य <नाम> अभियुक्तगण केसाथ पकड़ा गया है तथा उसके कब्जे से अवैध नशीला पदार्थ हेरोइन कीबरामदगी दर्शित की गयी है, जिसमें प्रार्थी / अभियुक्त के पास से भारी <नाम> में300 ग्राम नशीला पदार्थ हेरोइन तथा एक तमंचा 315 बोर व एक जिन्दा कारतूस315 बोर बरामद किया <नाम> कथित है। अभियुक्त से दर्शित कथित उक्तबरामदशुदा हेरोइन की <नाम> वाणिज्यिक <नाम> (250 ग्राम) से अत्यधिक है। इसप्रकार अभियुक्त के पास से कथित बरामदगी के तथ्य क॑ फलस्वरूप उसके विरूद्धआरोपित अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1780_202110-03-20211241
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार घटना के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा मिनदर <नाम> उद्धार <नाम> द्वारा दिनांक 11.02.2021 को थाना ताजंगजआगरा <नाम> फर्द बरामदगी इस आशय की दी गई कि- दिनांक 11.02.2021 को वादीमुकदमा मिन्दर <नाम> उद्धार <नाम> <नाम> मण्डल <नाम> को गोपनीय सूत्रों से जानकारीमिली कि भीमा नाम का व्यक्ति होटल शुभ रिसोट, थाना ताजगंज जिला <नाम> मेंविदेशी युवतियों को बुलाकर वैश्यावृत्ति कराता है। इस जानकारी के आधार <नाम> उसनेगोपनीय सूत्रों से भीमा का व्हाटस एप नम्बर लिया तथा वीरडियो कांलिग केक जरिएविदेशी युवतियों की मॉग की। दिनांक 10.02.2021 को भीमा द्वारा वीडियो एवं चैटिंग केमाध्यम से 02 विदेशी युवतियों के फोटो भेजे दिनांक 11.02.2021 को युवतियों को एकश्युवती के साथ एक व्यक्ति द्वारा सैक्स कराने के 4000/- रुपये तय किये गये। इसीसूचना को उसने पुलिस अधीक्षक नगर <नाम> को कार्यवाही किये जाने <नाम> अनुरोध कियातथा व्हाटस एप चैटिंग पुलिस अधीक्षक नगर को भेजी गई एवं सी ओ सदर से मिलकर Bail Application/3220/ 2021 —-Ersimavetona Nigora Vs. UP State 2कार्यवाही के लिए अनुरोध किया गया। सी ओ सदर तत्काल कार्यवाही करते हुए थानाप्रभारी थाना ताजगंज व महिला थानाध्यक्ष पुलिस टीम के साथ मय उपनिरीक्षकगण कोसाथ लेकर उक्त स्थान <नाम> एक बारगी दबिश दी जिसमें कमरा नं0 105 से मौके <नाम> भीमातथा दो विदेशी लड़की मौजूद मिली। पूछने <नाम> भीमा ने अपना पूरा नाम भीमा राजपूतबताया जिसकी जामा तलाशी से एक अदद वीवो मोबाइल एवं <नाम> हजार रूपये बरामदहुये। महिला थानाध्यक्ष <नाम> <नाम> द्वारा दोनों युवतियों से नाम पता पूछने <नाम> एक नेअपना नाम इरमानेवा स्वेतलाना निवासी उज्जबेकिस्तान बताया तथा बरामद मोबाइलसैमसंग के कवर से आधार कार्ड डायना परेरा लिखा हुआ बरामद हुआ तथा आधार कार्डके बाबत पूछने <नाम> उसे वैश्यावृत्ति करने <नाम> <नाम> में अधिक समय <नाम> रूकने के लिये फर्जी तरीके से बनवाया <नाम> बताया। दूसरी महिला ने अपना नाम इर्सिमवेतोना निगरोरा निवासी उज्जबेकिस्तान बताया। कमरा नम्बर 104 का दरवाजा खुलवाकर <नाम> तो उसकेअंदर से बरामद व्यक्ति ने पूछने <नाम> अपना नाम <नाम> <नाम> बताया जिसके बाँयी पैन्ट की जेब से <नाम> रंग का सैमसंग टचस्कीन मोबाइल बरामद हुआ। पूछने <नाम> भीमा ने बतायाकि वह तथा <नाम> <नाम> विदेशी लड़कियों को वैश्यावृत्ति <नाम> इस होटल में बुलाते हैंजिसके बदले अच्छी खासी रकम होटल <नाम> <नाम> <नाम> को देते हैं। होटल काअन्य स्टाफ भी उनकी मदद करता है। होटल में आगन्तुक पंजिका को चेक करने परदिनांक 14.11.2020 में पहली प्रविष्टि दिनांक 18.11.2020 को की गई है जिसमें दोनोंविदेशी महिलाओं का नाम <नाम> है। होटल के कमरा नंम्बर 105 से बरामद कण्डोम व पैकेट बंद कण्डोम एवं होटल क रिसेप्शन प्वाइंट से बरामद आगन्तुक पंजिका को सफेदकपड़े में अलग-अलग रखकर सील सर्वमोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया तथापकड़े गये व्यक्तियों को उनके जुर्म से अवगत कराते हुये पुलिस हिरासत में लिया गया। ", "फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर अभियुक्तों को गवाहान के हस्ताक्षर बनवाते हुयेप्रति प्रदान की गयी। फर्द बरामदगी की नकल एवं चिक प्राथमिकी आरक्षी धर्मेन्द्र <नाम> द्वाराकम्प्यूटर <नाम> टंकित कराई गयी। ", "उक्त फर्द बरामदगी के आधार <नाम> थाना ताजगंज <नाम> <नाम> अपराधसंख्या-83// 2021 अंतर्गत <नाम> 3,4,5,6,7 आई0टी0पी०एक्ट व <नाम> 420,467,468,471 भा0द0सं० में अभियुक्तगण <नाम> उफ भीमा राजपूत, इरमानोवा स्वेतलाना, इर्सिमबेतोना निगोरा, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> होटल <नाम> व मैनेजर सुन्दरम <नाम> संचालकचिराग <नाम> के विरूद्व प्राथमिकी <नाम> की गई। विवेचना के दौरान <नाम> 14 विदेशीअधिनियम की बढोत्तरी की गई। अभियुक्ता इसिमबेतोना निगोरा के विरूद्ध धारा420,467,468,471 भा०द0सं0 का अपराध होना नहीं पाया गया। ", "प्रार्थिया/अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थिया / अभियुक्ता को झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, वहनिर्दोष है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता हिन्दुस्तान घूमने के लिए आई थीऔर <नाम> में ताजमहल व अन्य स्मारक देखने आई थी। <नाम> स्थिति होटल शुभ रिसोर्ट Bail Application/3220/ 2021 —-Ersimavetona Nigora Vs. UP State 3में रूकी थी। अभियुक्ता को पुलिस ने एक अन्य विदेशी <नाम> के साथ होटल के कमरानं0 105 में होना बताया है। यह भी कथन किया कि अभियुक्ता एक विदेशी पर्यटक महिला है। जिसका हिन्दुस्तान के तौर तरीकों की कोई जानकारी नही है। अभियुक्ता दिनांक 12.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगईविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता को घटना वाले <नाम> मौके से सहअभियुक्तगण के साथ गिरफतार किया गया हैं अभियुक्ता अन्य अभियुक्तों के साथ <नाम> मेंवैश्यावृति <नाम> अच्छा पैसा कामती है। वैश्यावृति से प्राप्त अनुचित धन को अभियुक्तगणआपस में बाट लेते थे। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता के बेड के गद्दे केनीचे से आपत्तिजनक सामग्री व हिसाब किताब की डायरी बरामद हुई है। अभियुक्ता द्वाराकारित अपराध गम्भीर <नाम> का है, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थनाकी गई। वादी द्वारा प्रतिशपथपत्र भी दाखिल किया गया। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प््रार्थिया/अभियुक्ता कोजमानत प्रार्थनापत्र विद्वान विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, <नाम> द्वारा दिनांक 76.02.2021को निरस्त किया गया है। ", "प्रार्थिया/अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्राथमिकी के अनुसार प्रार्थिया/अभियुक्ता को वादी मिन्दर सिह की सूचनापर पुलिस दल द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ गिरफतार किया गया और अभियुक्ताव अन्य <नाम> अभियुक्तगण के कब्जे से 6 मोबाइल, नगद 4000/- रुपये, 3 पैकेट कण्डोमव 02 खुले हुए कण्डोम रेपर, 4 कण्डोम प्रयोगशुदा व एक अदद पासपोर्ट व एक अदद आधार कार्ड व दो अदद डायरी व एक अदद आगन्तुक रजिस्टर बरामद हुआ है। अभियुक्ता को <नाम> अभियुक्तगण के साथ वैश्यावृति का कार्य करते हुए गिरफतार कियागया है। गिरफतारी के समय <नाम> अभियुक्ता इरमानोवा स्वेतलाना ने टूटे फुटे <नाम> केशब्दों में बताया कि उसने वैश्यावृति करने के लिए तथा <नाम> में रुकने के लिए फर्जीतरीके से ये आधार कार्ड बनवाया था। अभियुक्ता इसिंमवेतोना निगोर के द्वारा बताया गयाकि काफी समय से इण्डिया में वैश्यावृति करने के लिए आते जाते रहे हैं और थोडी बहुतहिन्दी बोलना और समझना सीख गये हैं। वैश्यावृति में इण्डिया में अच्छा पैसा मिलता है। ", "इसलिए यहाँ आकर ये <नाम> करते हैं। कमरे की तलाशी में तीन पैकेट कण्डोम, 02 कण्डोम प्रयोगशुदा व 02 खाली रेपर व 02 डायरी जिनमें ग्राहकों से लेनेदन का हिसाब किताबलिखा व एक अदद पासपोर्ट बरामद हुए । प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्ता नामजद है तथा मामले में अभियुक्ता को मौके से होटल के कमरा नम्बर 105 स्थित शुभ रिसोर्ट, थानाताजगंज जिला <नाम> से वेश्यावृत्ति करने के संबंध में गिरफतार किया गया है। थाने सेप्राप्त आख्या के अनुसार अभियुक्ता वेश्यावृत्ति करने <नाम> शुभ रिसोट होटल थी और <नाम> अभियुक्त ग्राहकों को तलाश <नाम> उपलब्ध कराता था एवं प्राप्त अनुचित धन को अन्यसहअभियुक्तगण के साथ मिलकर बांट लिये जाने का अभियोग है। अभियुक्ता द्वारा कारितअपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6572_201926-11-20191269
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त पेरोकार <नाम> <नाम> ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी /अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रामनिवास <नाम> द्वारा थाना फतेहपुर सीकरी, <नाम> <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसकी बहिन बबीता उफ बल्लोकी शादी केशव <नाम> पुत्र निरोती ब्राहमण निवासी सिरोली के साथ हुई थी, जिसके तीनबच्चे <नाम> कन्हैया, टीदू हैं। केशवदेव, बबीता एवं <नाम> छोटा बेटा टीटू उसकेरिटायरमेन्ट <नाम> दिनांक 31.07.2019 को उसके गाव व्यारा आये थे और उसी दिनअपने गाव सिरोली चले गये थे। दिनांक 05.08.2019 को सुबह करीव 11 बजे केशवदेवने उसको फोन <नाम> सूचना दी कि बबीता <नाम> उसके भतीजे <नाम> <नाम> ने झगडा करतेजाब डालकर जला <नाम> है, जिसको वह <नाम> आर.बी.एम.अस्पताल लेकर आया है, जहाँ से डाक्टर ने बबीता को <नाम> के लिये रैफर <नाम> <नाम> <नाम> जाने से पहले आर.बी.एम.अस्पताल में फतेहपुर सीकरी थाने से दरोगा बुलाकर बयान रिकार्ड कराये, उसके <नाम> एस.एम.एस. में भर्ती कराया, जहाँ डाक्टरों ने बबीता को मृत घोषित <नाम> दिया। उसकी बहिन बबीता को <नाम> <नाम> उफ कल्लू ने जला <नाम> मार <नाम> है। (2) वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> उफ कल्लू के विरूद्ध मु0अ0सं०272/ 2019 <नाम> <नाम> 302 भा०द0सं0 का मुकदमा थाना फतेहपुर सीकरी, <नाम> परप्राथमिकी आँकित की गई। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मामले में झूठा फॅसाया गया है। जबकि उसके द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि मृतका बबीताकी शादी 20वर्ष पूर्व केशवदेव के साथ हुई थी, तभी से वह लोग <नाम> में रहते हैं । मृतका जिद्दी स्वभाव की महिला थी, उसका अपने <नाम> से झगडा होता रहता था। ", "दिनांक 05.08.2019 को केशवदेव ने उससे <नाम> चलने के लिये कहा, किन्तु मृतकाने दो-चार <नाम> रूकने के लिये कहा, इसी बात <नाम> दोनों में कहा सुनी हो गयी औरमृतका ने गुस्से में आकर अपने ऊपर तेल डालकर आग लगा ली। केशवदेव उसे उपचार के लिये <नाम> आर.बी.एम.ले गये और सही घटना को छिपाकर प्रार्थी के विरूद्ध केशवदेव के साले <नाम> निवास <नाम> ने केशवदेव को बचाने के लिये प्रार्थी के विरूद्ध 16 घण्टे <नाम> सोच समझकर झूंठी रिपोर्ट दर्ज करायी है। कथित घटना काकोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त दिनांक 08.08.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने को प्रार्थना की गई। विद्वान शासकौोय अधिवक्ता दाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वादी केविद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा <नाम> शपथपत्र दाखिल करतेहुये कथन किया गया कि आवेदक/अभियुक्त प्राथमिकी में नामित है। ", "आवेदक / अभियुक्त के द्वारा मृतका बबीता के ऊपर तेजाब डालकर उसे जला <नाम> गया, जिससे वह गम्भीर <नाम> से जल गयी तथा उपचार के दौरान डाक्टरों ने उसे मृतघोषित <नाम> दिया। अभियुक्त के द्वारा वादी की बहन बबीता की हत्या की गईं है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक / अभियुक्त के विरूद्व वादी की बहिन <नाम> बबीता के ऊपर तेजाब डालकर उसे गम्भीर <नाम> से जला <नाम> उसकी हत्याकारित किए जाने का आरोप है। आवेदक / अभियुक्त प्राथमिकी में नामित है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के कथनानुसार आवेदक / अभियुक्त के द्वारा वादी की बहन बबीता <नाम> तेजाब डालकर जलाया <नाम> (3)_जमानत प्राथना पत्र स॒0: 6572 / 2019 प्रार्थना पत्र सं0: 6572/2019बताया गया है, जिसकी <नाम> चश्मदीद साक्षीगण निरोतीलाल एवं <नाम> रामवती केसाक्ष्य से होती हैं। उक्त घटना में मृतका बबीता का शरीर 85-90 प्रतिशत जला होना बताया गया है तथा मृतका कीशव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतका की मृत्यु का <नाम> Comaas a result of anti-mortem burn In]ury बताया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथाउपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है विवेचना के दौरान विवेचक द्वारा मृतका की गम्भीर स्थिति को देखते हुए अपने मोबाइल से समय लगभग 13.30 बजेमृतका के अन्य परिवारीजन के सामने पीड़िता बबीता उफ बल्लो के बयानों कीवीडियोग्राफी की गयी, जिसको सी.डी. में परिवर्तित किया गया तथा सी.डी. को केसडायरी का हिस्सा बनाया गया है तथा केस डायरी में यह भी <नाम> किया गया है कि पीड़िता बबीता ने अपना एवं अपने <नाम> का नाम बताया तथा यह पूछने <नाम> कि यहआग किसने लगाई अर्थात्‌ उसको किसने जलाया तब पीड़िता ने बताया कि “उसके जेठ का लड़का, जिसका नाम कल्लू“ बताया। आवेदक / अभियुक्त के द्वारा वादी की बहन बबीता को आग लगाकर उसको जलाकर उसकी हत्या किए <नाम> बताया गया हैजिसकी <नाम> केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य से होती है। आवेदक / अभियुक्त प्राथमिकीमें नामित है तथा उक्त मामले में विवेचना पूर्ण <नाम> अभियुक्त के विरूद्व आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3573_201909-08-2019757
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के फुफेरे <नाम> प्रमोदकुमार के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि वह दिनाक 08.05.2019 को ताज <नाम> सेई-रिक्शा से अपनी बहन <नाम> <नाम> व बहनोई बबनलाल <नाम> के साथ वापसअपने घर आ रहा था कि समय करीब 14:00 बजे गुम्बट चौराहा से करीब 50मीटर पहले पीछे से एक व्यक्ति जो कि हैलमेट लगाए हुए था, मोटरसाईकिलसे आया और उसकी बहिन के गले से सोने की चेन छीन <नाम> भाग गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना में सम्मिलित रहा है और उसके द्वारा वादी मुकदमा की बहन के गले से सोनेकी चेन की लूट की गयी है। सह-अभियुक्त से चेन की बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता मखदूम <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3573 2019रामकुमार उर्फ बन्टी बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 22.06.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। दिनाक 20.06.2019 को सादा वर्दी सें कुछ पुलिस वाले दो अज्ञातव्यक्तियों के साथ प्रार्थी के गाँव आए और पूछताछ के बहाने गाड़ी में बैठाकरथाना सदर ले आए और लूटी गयी चैन के संबंध में पूछताछ की। प्रार्थीद्वारा लूट की घटना से इंकार करने <नाम> प्रार्थी को छोड़ने के लिए 50हजार रूपए की मांग की गयी तथा <नाम> देने <नाम> इस केस में झूठा नामित करदिया। प्रार्थी से कोई वस्तु बरामद नहीं छुई है। सह-अभियुक्त <नाम> कुमारके झूठा नाम लेने <नाम> प्रार्थी को मुल्जिम बनाया गया है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेसें घटना दिनाक 08.05.2019 की समय 14:00 बजे की है। अभियोजन प्रपत्रंके अनुसार प्रार्थी को दिनाक 21.06.2019 को सह-अभियुक्तगण के साथगिरफूतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से चोरी की एक मोटरसाईकिलबरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी से इस प्रकरण से संबंधितकोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी लगभग डेढ़ साह से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिकइतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3386_202004-11-20201324
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार बिजनेश यादवपत्नी रामबिलास <नाम> ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्यन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त निर्दोष है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है, अभियुक्तको इस मामले में फर्जी बरामदगी दिखाते हुये झूठाँ Harn wa है। यह भी कथनकिया गया कि अभियुक्त को दिनांक 05.10.2020 को <नाम> में थाने की पुलिस 2पूछतांछ के बहाने घर से उठा लायी और दिनांक 06.10.2020 को <नाम> समय लगभग08:20 बजे गिरफतारी दिखाई गयी, उसके पास से लूट व चोरी का कोई मालबरामद नहीं हुआ है, उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही वह सजायाफता है वह दिनांक 06.10.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। पुलिस द्वाराअपना गुडविल दिखाने के बाबत यह झूठा एवं फर्जी मुकदमा कायम किया गया है। बरामद की गयी मोटरसाईकिल किसी भी मुकदमें से कनेक्ट नहीं है। अतः जमानतपर <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गईविद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा मोटरसाईकिल को चुराया गया थाजिसे अभियुक्त के कब्जे से बरामद किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा केस डायरी का अवलोकनकिया । ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट फर्द बरामदगी के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक सोनू <नाम> जब अपने पुलिस टीम के साथ दिनांक 06.10.2020 को थाने से बहवाले रपट संख्या 49 समय 17:45 बजे रवाना होकर <नाम> देखभाल में 80 फूटाचौराहे <नाम> मामूर थे कि मौके <नाम> जरिये मुखबिस खास सूचना <नाम> कि तीनव्यक्ति एस0आर0 पैटोल पम्प के पास किसी घटना को अंजाम देने के फिराक में हैंजिस <नाम> <नाम> व आपसी जामा तलाशी ले देकर पुलिस टीम उक्त स्थल परपहुँची तो <नाम> कि तीन व्यक्ति मोटरसाईकिल के साथ खड़े हैं जिन्हें आवश्यक बलप्रयोग <नाम> पकड़ लिया गया नाम पता पूछते हुये तीनो की जामा तलाशी ली गयी तोपहले ने अपना नाम <नाम> <नाम> उर्फ जलल्‍लाद बताया जिसकी जामा तलाशी से पैण्टकी दाहिने जेब में एक अदद तमंचा 315 बोर व एक अदद जिंदा कारतूस 315 बोरबरामद हुआ। दूसरे ने अपना नाम प्रिंस <नाम> बताया जिससे एक अदद चाकू बरामदहुआ तथा तीसरे ने अपना नाम कन्हैया <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशी से थेलेसे गॉजा बरामद हुआ जिस <नाम> उसकी जामा तलाशी किसी राजपत्रित <नाम> सेकराने को कहा गया तो उसने इन्कार करते हुये वादी उपनिरीक्षक व टीम द्वारा हीतलाशी लिये जाने को कहा। बरामद गॉजे का वजन 600 ग्राम था जिसमें से बतौरनमूना सौ ग्राम गांजा निकालकर अलग किया गया। उक्त व्यक्ति से बरामद स्कूटी 3बिना नम्बर की हुई जिसके कागजात दिखाने में अभियुक्तगण कासिर रहे तथा उक्तवाहन को रामबाग <नाम> से सर्विस रोड से चुराये जाने का कथन किया। <नाम> उर्फजलल्‍लाद ने बताया कि करीब 6-7 महीने पहले उसने अपने साथी छोटू व <नाम> केसाथ मिलकर बैकुंठीबाग से मोटरसाईकिल व पैसे छीने तथा यह भी बताया कि वहअपने साथी <नाम> <नाम> बादाम <नाम> <नाम> निजाम <नाम> के साथ मिलकर खन्‍दौली देवीका कोल्ड के सामने से एक व्यक्ति से 80,000,/-रूपयों की लूट की थी जिसकेबाबत थाना एत्माददौला में मुएअ0सं0 158 /2020 <नाम> 392 भाएद0सं0 व मु0अ0सं0294 / 2020 <नाम> 392 भा0द0सं0 पंजीकृत होना बताया तथा खंदौली थाना <नाम> इसबाबत मु0अ0सं0 147 /2020 <नाम> 395 भा0द0सं0 पंजीकृत होना बताया। अभियुक्तोंको उनके जुर्म से अवगत कराते हुये पुलिस दल द्वारा समय करीब 20:20 बजे हिरासत में लिया गया, <नाम> व मुल्जिम को थाने ले आकर मुकदमा पंजीकृत करायागया। फर्द मौके <नाम> बनाया गया एवं फर्द <नाम> अभियुक्त के हस्ताक्षर कराये गये। ", "अभियोजन प्रपत्रों एवं थाना एत्माददौला की रिपोर्ट के अवलोकन सेविदित होता है कि बरामदशुदा मोटरसाईकिल व स्कूटी थाना हरीपर्वत के मु0अ0सं0405 / 2020 अन्तर्गत घारा 379 भा0द0सं0 के अपराध में पंजीकृत है। इसके अतिरिक्तअभियुक्त द्वारा इसका कोई स्पष्टीकरण भी नहीं <नाम> गया है कि बरामद की गईमोटरसाईकिल /»स्कूटी किस प्रकार से उसके कब्जे में आई । " ] }
0DENIED
Bail Application_671_202108-02-20212725
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी/अभियुक्त की माँ श्रीमतीगंगादेवी का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्त कायह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्यन्यायालय एंव माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में लम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार घटना के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि एसएचओ वादी <नाम> चन्द <नाम> द्वारा थाने <नाम> फर्द बरामदगी इस आशय कीदी गई कि 'दिनांक 14.08.18 को समय 11.45 ए.एम. <नाम> स्थान कचौरा रोड स्थितकसबा व थाना अछनेरा जिला <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्त के मकान के ऊपरी कमरेसे पुलिस द्वारा अभियुक्त मोरध्वज को गिरफ्तार किये जाने <नाम> उसके आधिपत्यसे एक बन्दूक 12 बोर लाइसेंस नं014989-84 तथा <नाम> अदद जिन्दा कारतूस 12बोर बरामद किये गये तथा बन्दूक का लाइसेस कोमलसिंह के नाम का है। 'प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गयाहै कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है, उसे झूठा फसाया गया है, उसके पास से कोईबरामदगी नहीं हुई है। यह कथन भी किया गया है कि उसकी मुख्य अपराध स॑0618/18 अन्तर्गत धारा-302, 504, 506, 120बी भा०दं0सं0 थाना अछनेरा जिलाआगरा क प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दाण्डिक प्रकीर्ण जमानत प्रार्थनापत्र संख्या-2976/ 2021 मोरध्वज <नाम> उ०प्र०राज्य में पारित आदेश दिनांकित 20.01.2021 को जमानत स्वीकार की जा चुकी है। मुकदमा अपराध सं0 617/ 2018अर्न्तगत <नाम> 307,504 भा०द०सं0 थाना अछनेरा, <नाम> में दिनांक 19.11.2020 कोसत्र न्यायालय से जमानत स्वीकार हो चुकी हैं प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 14.08.2018से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीप्रार्थना की गई है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने जमानत प्रार्थना Bail Application/1674/2021 -Mordhwaj Vs. UP State 2पत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को गिरफ्तारकिये जाने <नाम> उसके आधिपत्य से एक बन्दूक 12 बोर लाइसेंस नं0 1498984 तथाचार अदद जिन्दा कारतूस 12 बोर बरामद किये गये तथा बन्दूक का लाइसेंसप्रार्थी / अभियुक्त कोमलसिंह के नाम का है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "संबंधित पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि घटना दिनांक14.08.18 को समय 11.45 ए.एम. <नाम> स्थान कचौरा रोड स्थित कसबा व थाना अछनेराजिला <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्त <नाम> <नाम> के मकान के ऊपरी कमरे सेपुलिस द्वारा प्रार्थी/ अभियुक्त मोरध्वज को गिरफ्तार किये जाने <नाम> उसके आधिपत्यसे एक बन्दूक 12 बोर लाइसेंस नं0 1498984 तथा <नाम> अदद जिन्दा कारतूस 12बोर बरामद करने तथा बन्दूक का लाइसेंस कोमलसिंह के नाम होने का अभियोग है। प्रार्थी/ अभियुक्त की मुख्य अपराध सं0 618/18 अन्तर्गत धारा-302, 504, 506,120बी भा०दंएसं0 थाना अछनेरा जिला <नाम> के प्रकरण में माननीय उच्चन्यायालय द्वारा दाण्डिक प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र संख्या- 2976/2021 मोरध्वजप्रति उ0प्र०राज्य में पारित आदेश दिनांकित 20.01.2021 को व मुकदमा अपराध सं0617/ 2018 अर्न्तगत <नाम> 307,504 भा०द0सं0 थाना अछनेरा, <नाम> में दिनांक 19.11.2020 को सत्र न्यायालय से जमानत स्वीकार हो चुकी है। मामले में विवेचनोपरान्तआरोपपत्र प्रेषित किया जा चुका है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 14.08.2018 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6692_201902-12-20191053
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के बहनोई व पैरोकाररामविलास के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी गोविन्द <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी यई किउसकी बहन की शादी दिनाक 11.05.2019 को है और वह कल दिनाक26.04.2019 को अपनी बहन की शादी के कार्ड बांटने के लिए फिरोजाबादगया था, वापस अपमी मोटरसाईकिल संख्या-यूछपी0 80/ सी0एस0 2946सप्लैण्डर प्रो से आ रहा था, समय करीब 10 बजे रात जैसे ही वह कोलारामोड़ के पास पहुँचा तभी पीछे से एक बाइक पैशन <नाम> सवार तीन बदमाशों नेउसे जबरदस्ती रोक लिया और उसकी मोटरसाईकिल व पर्स, जिसमें2500/~ रूपए तथा कुछ कागज थे, छीन लिया। उसका एक मोबाइलसैमसंग भी छीन लिया। विरोध करने <नाम> तमंचों की वट से उसके चेहरे औरसिर में चोटें मारी और लूटकर भाग गए। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ मारपीट <नाम> लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> देवेन्द्र प्रसादवर्मा एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयातथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6692/2019बृज <नाम> बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 30.07.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी से कोई बरामदगीनहीं है, उससे झूठी बरामदगी दिखायी गयी है। प्रार्थी का कोई अपराधिकइतिहास नहीं है। सह-अभियुक्त <नाम> उर्फ हेत सिह की जमानतन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय में विचाराधीन महींहै। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामलेमें घटना दिनीक 26.04.2019 की समय 22:00 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 27.04.2019 को समय 14:59 बजे अंकितकरायी गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी कोसह-अभियुक्त हेत <नाम> उफ <नाम> के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्तबनाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थीको घटना के लगभग तीन माह <नाम> पुलिस पार्टी द्वारा अन्य के साथ दिनाक29.07.2019 को गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, दोजिन्दा कारतूस, एक लेडीज पर्स से 1,500/- रूपए व <नाम> छोटी कान कीबाली पीली धालु व मोटरसाईकिल संख्या-यूएपी0 80, बी0डी0 2534 बरामदकी गयी है। प्रार्थी के कब्जे से इस प्रकरण से संबंधित कोई बरामदगी दर्शितनहीं की गयी है। प्रार्थी <नाम> माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले मेंआरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। सह-अभियुक्त हेत सिहं (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6692, 2019बृज <नाम> बनाम राज्यउफ <नाम> की जमानत इस र्‍्यायालय द्वारा दिनाक 21.09.2019 को स्वीकारकी जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2247_202105-04-2021233
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के पैरोकार एजाज अली द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक10.03.2021 को थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस कथन के साथ प्रस्तुत की गई कि-दिनांक 04.03.2021 को उसकी पुत्री क0 <नाम> <नाम> जिसकी उम्र करीब 20 साल है। जो कि घर से अचानक गायब हो गयी थी। जिसको लोगों ने इधर-उधर काफीखोला <नाम> नही मिली। तो उसने थाना ताजगंज <नाम> गुमशुदगी नं9 15 दिनांक 05.03.2021 को दर्ज करायी थी। <नाम> में उसने व उसके घर वालों ने बैठकर आपस मेंबातचीत की तो उसे पता चला कि माधप्तठरी को आफताब फोन करता था। जिसकामोबाइल नं0० <फ़ोन-नंबर> है। जानकारी की तो अक्सर उसका टेलीफोन बंद आ रहाहै। जिससे पूरा <नाम> हो गया कि आफताब ही उसकी पुत्री को बहला-फुसला करभगा ले गया है। ", "वादी की उक्त तहरीर <नाम> अभियुक्त आफताब के विरूद्द थाना ताजगंज,जिला <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 133 / 2021 <नाम> 366 भा0०द0सं0 में मुकदमा पंजीकृतहुआ । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज कराई गई है । किसी <नाम> का उल्लेख नहीं कियागया हैं अपहृता बालिग है अपनी मर्जी से स्वयं घर से चली गयी और स्वयं ही घर Bail Application/3968 /2021 -Aftab Vs. UP State 2 वापस आ गयी। अभियुक्त के कब्जे से अपहृता बरामद नहीं हुई है। अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 14.03.2021 से जिला कारागारमें निरूद्ध है। जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गई । ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(दाण्डिक) के द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त उपरोक्तमुकदमें में नामजद अभियुक्त है तथा वह वादी की पुत्री को बहला फुसलाकर लेगया। जमानत का कोई आधार नहीं है। जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गई । ", "प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> आरोपहै कि अभियुक्त वादी की पुत्री को बहला-फुसला <नाम> ले गया। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त कीजमानत प्रार्थनापत्र विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्‍न्याया0 सं0० 1, <नाम> द्वारा दिनांक 15.03.2024 को निरस्त किया गया है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी का परिशीलन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादी के द्वारा दिनांक 05.03.2021 को अपनी पुत्री के दिनांक 04.03.2021 से लापता होने के सबंध में गुमशुदगीदर्ज कराई गई है। तत्पश्चात जानकारी होने <नाम> कि पीडिता अभियुक्त से फोन परवार्ता करती थी। अभियुक्त के नाम प्राथमिकी दर्ज कराई गई। दौरान विवेचनादिनांक 11.03.2021 को मुखविर की सूचना <नाम> वादी मुकदमा के साथ विवेचक द्वारारमाडा होटल के मोड <नाम> एक लडका जो एक लडकीके साथ खडा था पुलिस कोदेखकर भाग गयां जिसको पकडने का प्रयास किया लेकिन हाथ नहीं आया। मौजूदलडकी को देखकर वादी ने बताया कि यह उनकी अपर्हता पुत्री है। अप्हता ने अपनेबयान अर्न्तगत <नाम> 161 द0प्र/सं० में कथन किया है कि उसकी दोस्ती फेसबुक केमाध्यम से आफताब से हो गयी थी। दिनांक 04.03.2021 को आफताब <नाम> अयाऔर उसे अपनी बातों में लगाकर अपने साथ बहला-फुसला <नाम> ले गया। केसडायरी में पीडिता का बयान अर्न्तगत <नाम> 164 द0प्र0सं० विवेचक के द्वारा दर्ज कियागया है जिसमें उसने कहा है कि उसकी फेसबुक के द्वारा एक लडके से दोस्ती होगयी थी। उस लडके का नाम आफताब है। दिनांक 04.03.2021 को आफताब उसेअपने साथ बहला-फुसला <नाम> ले गया। इस तरह पीडिता के द्वारा स्पष्ट कथन कियागया है कि अभियुक्त से उसकी दोस्ती फेसबुक के माध्यम से हुई और दिनांक 04.03.2021 को अभियुक्त <नाम> आया और पीडिता को बहला-फुसला <नाम> ले गया। " ] }
0DENIED
Bail Application_1520_202106-03-20211398
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी/ अभियुक्त की पैरोकार वर्षादेवी पत्नी छोटू उर्फ <नाम> निवासी-नगला देवीराम, थाना एत्मादपुर, जिलाआगरा, जो कि प्रार्थी /अभियुक्त की पत्नी है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमेंकथन किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त केस में इलाका पुलिस द्वारा वादी से मिलकर झूंठा बंद किया गया है, वह निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है और <नाम> ही कोई <नाम> उससे बरामद हुआ है। प्रार्थी / अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्र्रार्थनापत्र माननीयउच्च न्यायालय सहित किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तका जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय श्रीमान अपर सिविल जज(जू०डि0), न्यायालयसंख्या-06, <नाम> द्वारा दिनांक 17.02.2021 को निरस्त किया गया है। Bail Application/2821/2021 -Chote @ Jaiprakash Vs. UP State 2्रार्थी/ अभियुक्त उपरोक्त केस की प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। घटना काएवं कथित बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। <नाम> 100(4) सी0आर0पी0सी0 केनिहित प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त को फर्द बरामदगी केआधार <नाम> मुखबिर की सूचना <नाम> पुलिस द्वारा दिनांक 09.01.2021 को एत्मादपुर सेखन्दौली रोड <नाम> रेलवे पुल के नीचे उसके हाथ में लिये गये थैले से उपरोक्त कस सेसम्बन्धित <नाम> का बरामद होना व 1000/-रुपये नकद उसकी जेब से बरामद होनाबताया गया है, इसके <नाम> उसकी निशानदेही <नाम> उसके घर के पास से कूड़ा करकटके नीचे से एक थेले में कॉस्मैटिक का सामान बरामद होना दर्शाया गया है तथा उसी स्थान <नाम> एक लोहे का सब्बल बरामद होना बताया गया है तथा थैले से बरामदकॉस्मैटिक व सब्बल अ0सं0 09/2021 से सम्बन्धित दर्शाया गया है। अ0सं008/2021 की कथित बरामदगी एवं अपराध संख्या 09/2021 से सम्बन्धित <नाम> कीफर्द बरामदगी एक ही बनायी गयी है, जबकि बरामदगी दो अलग-अलग स्थानों सेहोना बताया गया है। जी0डी0 में <नाम> फर्द बरामदगी में प्रार्थी/ अभियुक्त के घर केपास से कूड़े में से लोहे की सब्बल <नाम> <नाम> है, परन्तु उसकी लम्बाई मोटाईअंकित नहीं है, बल्कि यह <नाम> है “लोहे की सब्बल <नाम> जिसकी लम्बाई करीब20.45 बजे अंगुल है। ” घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दूसरे <नाम> सायं 5.12बजे दर्ज करायी गयी है। जिसका कोई स्पष्टीकरण नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक10.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व सजायाफूता नहींहै । प्रार्थी / अभियुक्त जमानत <नाम> <नाम> होने के <नाम> न्यायालय के आदेशों व निर्देशोंका पालन करेगा। प्रार्थी /अभियुक्त अपनी विश्वसनीय जमानत दाखिल करने के लिएतैयार है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की <नाम> की है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थानाएत्मादपुर <नाम> दी गयी तहरीर के आधार <नाम> इस प्रकार है कि उसकी बरहनतिराहा एत्मादपुर <नाम> <नाम> रामवानी मोबाइल सेन्टर के नाम से दुकान है, जिसकी <नाम> 08.01.2021 को दुकान से ताला तोड़कर 15 मोबाइल जिनके आईएमईआई नं0 कमश:1. <फ़ोन-नंबर>268, <फ़ोन-नंबर>276, 2, <फ़ोन-नंबर>709,<फ़ोन-नंबर>717, 3. <फ़ोन-नंबर>303, <फ़ोन-नंबर>311, 4.<फ़ोन-नंबर>845, <फ़ोन-नंबर>852, 5. <फ़ोन-नंबर>197, <फ़ोन-नंबर>205,6. <फ़ोन-नंबर>849, <फ़ोन-नंबर>840, 7. <फ़ोन-नंबर>856,<फ़ोन-नंबर>8648, 8. <फ़ोन-नंबर>315, <फ़ोन-नंबर>323, 9.<फ़ोन-नंबर>587, <फ़ोन-नंबर>595, 10. <फ़ोन-नंबर>814, <फ़ोन-नंबर>822,11.<फ़ोन-नंबर>538, <फ़ोन-नंबर>533, 12. <फ़ोन-नंबर>651, Bail Application/2821/2021 -Chote @ Jaiprakash Vs. UP State <फ़ोन-नंबर>5669, 13. <फ़ोन-नंबर>1087, <फ़ोन-नंबर>1330, 14.<फ़ोन-नंबर>708, <फ़ोन-नंबर>706, 15. <फ़ोन-नंबर>107, <फ़ोन-नंबर>115व एक डेल का लैपटॉप, जिसका सिरियल नं0 45173एसडीपीपी12016 है, साथ ही 22एलईडी, 10 चार्जर, 9 बैटरी व 1 लैपटॉप चार्जर है। किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वाराचोरी किये गये हैं। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्मादपुर <नाम> अज्ञात केविरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 08/2021, <नाम> 457, 380 भा0दं0सं0 में रिपोर्ट दर्जकी गयी तथा फर्द बरामदगी तथा अभियुक्त की गिरफूतारी व उससे बरामदगी केआधार <नाम> <नाम> 411 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/ अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई आपराधिक कृत्यनहीं किया है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है और <नाम> ही बरामदगीका कोई जनसाक्षी है। प्रार्थी/अभियुक्त से कोई बरामदगी भी नहीं दर्शायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भी प्रार्थी / अभियुक्त का कोई नाम नहीं है। वादी मुकदमा द्वाराप्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्र्रार्थी/अभियुक्त दिनांक10.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से वादी मुकदमा की दुकान का ताला तोड़कर 15 मोबाइल, एक डेल कम्पनी कालैपटॉप, 22 एलईडी, 10 चार्जर, 9 बैटरी व 1 लैपटॉप चार्जर चोरी किये जाने काअभियोग है तथा उक्त चोरी किये गये सामान की बरामदगी भी प्रार्थी/ अभियुक्त सेदर्शायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त पेशेवर चोर व लूट के गिरोह का सदस्य है। उसके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अत: उसका जमानत्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलनकिया गया। ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा मुकदमा वादी की दुकान का <नाम> में ताला तोड़कर दुकान से15 मोबाइल, एक लेपटॉप, 22 एलईडी, 10 चार्जर, 9 बैटरी व 1 लैपटॉप चार्जर चोरीकिये जाने तथा उक्त चोरी किये गये सामान की बरामदगी भी दर्शायी गयी है। ्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा इस घटना वाली <नाम> को ही अन्य दुकानों में भी चोरी की गयी Bail Application/2821/2021 -Chote @ Jaiprakash Vs. UP State 4है, जिसका चोरी किया गया सामान भी उससे बरामद होना दर्शाया गया है। ्रार्थी/ अभियुक्त से उसके द्वारा चोरी किये जाने के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला लोहे का सब्बल भी बरामद किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2405_202108-04-202197
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी/अभियुक्त क पिता टुण्डारामपुत्र स्व0 <नाम> <नाम> <नाम> निवासी-गोपालपूरा, थाना शमशाबाद, जिला <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसके अनुसार प्रार्थी/ अभियुक्त को झूठा फंसाया गयाहै। यह की प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है इसके अलावाभारतवर्ष के किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी का उक्त प्रकरण में कोईसम्बन्ध व सरोकार नहीं है। उक्त प्रकरण की घटना दिनांक 20.03.2021 को समय11:30 बजे की है। उक्त प्रकरण में थाने <नाम> रिपोर्ट दिनांक 20.03.2021 को समयकरीब 20:40 बजे दर्ज हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट की फोटाप्रति शपथपत्र के साथसंलग्न है जो कि संलग्नक सं0-1 है। उक्त प्रकरण में वादी की पुत्री निशी के साथकिसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं की हे। उक्त प्रकरण में पीड़िता की उम्र करीब 17वर्ष है उक्त प्रकरण में वादी ने पीड़िता की जानबूझकर कम उम्र लिखाई है। Bail Application/2405/2021 -Monu Vs. UP State 2प्रार्थी / अभियुक्त ने उक्त प्रकरण में वादी की दुकान <नाम> करीबन 5 माह <नाम> कियाथा। प््रार्थी/ अभियुक्त के 10,000/- रू0 उक्त प्रकरण के वादी <नाम> थे। ्रार्थी/ अभियुक्त ने उक्त प्रकरण के वादी से अपने 10,000/- रू0 मांगे तो उक्तप्रकरण क वादी ने रूपये देने से <नाम> <नाम> <नाम> और कहने लगा कि अगर तूने अपने रूपये मांगे तो तुझे <नाम> से मार देगें या किसी झूठे केस में फंसाकर जेल मेंसड़वा देंगे छोड़ेंगे नहीं । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 21.03.2021 से जिला जेल, <नाम> मेंबन्द है। प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व का सजायाफ्ता व्यक्ति नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त एकसम्मानित परिवार का सदस्य है जो कभी भी जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। ्रार्थी/ अभियुक्त को दौराने मुकदमा जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायाहित में परमआवश्यक है। प्रार्थी/ अभियुक्त उक्त प्रकरण में अपनी विश्‍वसनीय जमानत देने कोतैयार है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी <नाम> <नाम> पुत्रहेत <नाम> निवासी- गोपालपुरा, पुराना बस स्टैण्ड के पास, थाना शमशाबाद, जिलाआगरा का रहने वाला है तथा सब्जी मण्डी में सब्जी की दुकान चलाता है। दिनांक 20.03.2021 को समय करीब 04:30 बजे <नाम> को अपनी बेटी निशी उम्र करीब 12 वर्षतथा पुत्र रौनक उम्र करीब 10 वर्ष को दुकान <नाम> छोड़कर घर खाना खाने गया थाउसके <नाम> में मोनू पुत्र टुण्डाराम नि0 गोपालपुरा ब्रह्मानन्द हॉस्पीटल के पीछे, थानाशमशाबाद, जिला <नाम> जो वादी के पड़ोसी <नाम> पुत्र छीतरमल की दुकान <नाम> कामकरता है, वादी की पुत्री से बोला कि में दुकान के पीछे खाना खाने जा रहा <नाम> मुझेपानी का पाउच लाकर <नाम> दो। वादी की पुत्री ने मोनू को <नाम> का पाउच लाकर दियातो उसने बुरी नियत से मेरी पुत्री का हाथ पकड़कर खीचा तथा चुम्मा लेकर कपड़ेउतारने की कोशिश करने लगा। वादी की पुत्री ने शोर मचाया तो शोर की आवाजसुनकर वादी का पुत्र रौनक दुकान के पीछे पहुंचा तो मोनू वादी क पुत्र को देखकरमौके से भाग गया। वादी के पुत्री तथा पुत्र दौड़कर घर आये तथा उन्होने <नाम> बातवादी तथा वादी की पत्नी मिथलेश को बताई । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना शमशाबाद में अभियुक्त के विरूद्धमुकदमा अपराध संख्या 48/2021, धारा-354 ख भा.दंसं व 5/6 पाॉक्सो एक्टमुकदमा पंजीकृत कराया गया। विवेचना के दौरान <नाम> 5/6 पॉक्सो एक्ट को तरमीमकरके 7/8 पॉक्सो एक्ट किया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा मौखिक <नाम> में उन्हीं तथ्यों को दोहरायागया जो जमानत प्रार्थना पत्र में <नाम> है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) ववादी मुकदमा क विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का मौखिक विरोध करते Bail Application/2405/2021 -Monu Vs. UP State 3हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की 12 वर्ष की नाबालिग पुत्री के साथ उसका हाथ पकड़कर जबरदस्ती करने व चुस्बन लेकर कपड़े उतारने की कोशिशकी गयी है। इसके पूर्व शी अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0 353/2017 <नाम> 363,366 भाएद0एसं0 व 7/8 पाँक्सो एक्ट, 32)() एस०सी०/एस0छटी0 एक्ट थानाशमशाबाद <नाम> ही अपराधिक इतिहास के <नाम> में मुकदमा दर्ज है। अभियुक्त द्वाराकारित अपराध गंभीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैने अभियोजन द्वारा उपलब्ध करायी गयी केस डायरी का अवलोकन किया। केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि वादी मुकदमा द्वारा अभियुक्त केखिलाफ उसकी नाबालिग 12 वर्ष की पुत्री को <नाम> देने के बहाने दुकान के पीछेबुलाकर, बुरी नीयत से चुम्मा लेकर कपड़े उतारने की कोशिश करने का कथन केसाथ मुकदमा <नाम> कराया गया है। विवेचक द्वारा पीड़िता के जन्मतिथि के संबंध मेंशैक्षणिक प्रमाण पत्र को केस डायरी में किता किया गया है। जिसमें पीड़िता कीजन्मतिथि 29.04.2008 <नाम> है। घटना 20.03.2021 की है, जिसके आधार <नाम> पीड़ितापूर्णतः नाबालिग है। पीड़िता ने अपने बयान 161 दं0प्रणसं0 में कहा है कि दिनांक 20.03.2021 को मोनू ने 04:30 बजे उससे <नाम> का पाउच मंगाया था। जब मैं पाउचलेकर उसके पास गयी तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और जबरदस्ती किया व चुम्मा लेकरकपड़े उतारने की कोशिश की। में चिल्लायी, मुझे चिल्लाते देख मेरे <नाम> रौनक नेछुड़ाने की कोशिश की तो वह भाग गया। पीड़िता ने अपने बयान 164 द॑0प्र०सं0 में भीघटना का समर्थन करते हुये कहा कि हमारी सब्जियों की दुकान है हमारे दुकान के पास ही मोनू नाम का लड़का <नाम> करता है दिनांक 20.03.2021 को समय करीब 04:00 बजे मोनू मे मुझसे बोला की <नाम> का पाउच ले आओ जब मैं दुकान के अन्दरआ गई तो मोनू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे किस (ह$) की और जबरदस्तीकरने की कोशिश की जब में चिल्लाई तो सेरा <नाम> आ गया और मोनू भाग गया। ", "अभियुक्त क विरूद्ध नाबालिग पीड़िता के साथ उसका हाथ पकड़कर जबरदस्ती चुम्बन करने व कपड़े उतारने व चिल्लाने <नाम> <नाम> के आजाने के <नाम> अभियुक्त काभाग जाने का कथन किया गया है। यदि पीड़िता चिल्लायी नहीं होती तो अभियुक्त ह्वएरा उसके साथ कोई अप्रिय घटना कारित की जा सकती थी। प्रकरण अत्यंत गंभीरप्रकृति का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4096_202007-12-2020776
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार <नाम> <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस0आई0योगेश <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी हैकि दिनांक 18.12.2019 को वह मय हमराहियान <नाम> व्यवस्था, <नाम> गश्त आदि मेंमामूर थे, उसी दौरान मुखबिर खास द्वारा सूचना <नाम> कि कुछ लोग आपस में पुलिसभर्ती <नाम> में हेरा-फेरी और पैसों के लेन देन की बात <नाम> रहे हैं। मुखबिर कीसूचना <नाम> <नाम> करके मुखबिर के बताये स्थान <नाम> आये तो मुखबिर ने बताया किसफेद रंग की गाड़ी सामने खड़ी है, उसी में लोग बैठे बाते <नाम> रहे हैं। पुलिसकर्मचारीगण ने एक बारगी दबिश देकर गाड़ी में बैठे छ: लोगों को पकड़ लिया। नामपता पूछते हुए जामा तालाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। इसकी जामा तालाशी से एक मोबाइल व कुल 1480/-रूपये बरामद हुए। दूसरेव्यक्ति ने अपना नाम आशीष बताया, जिसकी जामा तालाशी में एक मोबाइल व कुल Bail Application/10659/2020 —-Neeraj Vs. UP State 21640 /-रूपये बरामद हुए। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। इसकी जामा तालाशी में एक मोबाइल व कुल 1130/-रूपये बरामद हुए। चौथेव्यक्ति ने अपना नाम नितिन बताया, जिसकी जामा तालाशी में एक मोबाइल व1725/ -रूपये बरामद हुए। पाचवे व्यक्ति ने अपना नाम आशीष बताया, जिसकीजामा तालाशी में 2240/-रूपये बरामद हुए। छठे व्यक्ति ने अपना नाम रंजीतसिंह बताया, जिसकी जामा तालाशी में एक मोबाइल व 70,000/-रूपये बरामदहुए । सख्ती से पूछने <नाम> उनके द्वारा बताया गया कि <नाम> <नाम> <नाम> नेगी,कौशल, <नाम> <नाम> व <नाम> मो<फ़ोन-नंबर> हमारे सॉल्वर हैं। हम इन्हीं सेपरीक्षा दिलाते हैं। अभियुक्तगण को मौके <नाम> पकड़ा गया तथा उनके कब्जे से 70हजार रूपये बरामद किये गये हैं। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी तथा गवाहान केहस्ताक्षर कराये गये हैं। ", "वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माद्दौला परअभियुक्त <नाम> व अन्य 15 अभियुक्तगण के विरूद्ध मु0अ0सं0 185/2020 अंतर्गतधारा 420, 467, 468, 471 भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक, अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया हैतथा उसे पुलिस द्वारा झूंठा फंसाया गया है। उक्त मुकदमे की फर्द बरामदगी केसमय <नाम> <नाम> आशीष, <नाम> <नाम> नितिन, आशीष, <नाम> <नाम> को मौके सेगिरफ्तार करना दिखाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहींहै। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 01.12.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालय में यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै, इसके अलावा आवेदक / अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोई जमानत्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि अभियुक्त को मामले में झूंठा फसाया गया है। सहअभियुक्तगण की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त मोबाइलएसेसरीज की छोटी सी दुकान करता है और अपनी पढ़ाई लिखाई भी <नाम> रहा है। पुलिस द्वारा मात्र फेसबुक आई0डी0 <नाम> जुड़े रहने व <नाम> होने मात्र से ही उक्तमुकदमें में अभियुक्त बना <नाम> है। सह-अभियुक्तगण आशीष, <नाम> गिरजेश, Bail Application/10659/2020 —-Neeraj Vs. UP State 3रंजीत <नाम> की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 13, आगराकेन्यायालय से दिनांक 07.01.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। जमानत स्वीकारकिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी/अभियुक्त वउसके अन्य साथियों <नाम> अन्य के साथ मिलकर पुलिस भर्ती <नाम> में कूटरचितदस्तावेजों के आधार <नाम> हेराफेरी करने की <नाम> बनाने का आरोप लगाया गयाहै। केस डायरी के अवलोकन से यह विदित होता है कि घटना दिनांक18.12.2019 को समय 23.00बजे की दर्शायी गयी है, जबकि थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट दिनांक 19.12.2019 को 01.58 बजे दर्ज हुई किन्तु विलम्ब का कोई कारणनहीं दर्शाया गया है तथा घटना स्थल से थाने की दूरी मात्र दो किलो मीटरदर्शायी गयी है। घटना व गिरफ्तारी का का कोई जनसाक्षी नहीं हैं। अन्य सहआशीष, <नाम> गिरजेश, <नाम> <नाम> की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालयसंख्या 13, आगराके न्यायालय से दिनांक 07.01.2020 को स्वीकार की जा चुकीहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3297_202019-10-20201756
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार सहाबुददीन उफ पठानने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी साकिर हुसैन द्वारा दिनाक 22.09.2019को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनाक 21.09.2020 को समय 12:15 बजे वह अपने घर <नाम> परिजनों सहित बैठा था कि सलमान उफ पिल्ला, बन्टू आए और पाँच लाख उधार मांगने लगे। उसके <नाम> करने <नाम> यह लोग उसे गाली देने लगे और धमकी देते हुए चले गए। थोड़ी देर <नाम> सलमान उफ पिल्ला, बन्टू उफ इमरान, कामरान, चीनी उफ फैजान, सोनू रिहान एक <नाम> होकर हाथों में धारदार हथियार (2)लाठी, सरिया लेकर उसके घर में जबरदस्ती घुस आए। आते ही घर में रखा सामान तोड़ते हुए याकूब, सरफराज, मुज्ममील, शाकिर, <नाम> <नाम> हमलावार हो गए जिससेसभी लोगों को गम्भीर चोटें आयीं हैं। उक्त लोगों ने तावड तोड़ वार <नाम> सभी कोलह्ुुलुहान <नाम> दिया। ", "वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण सलमान उफ पिल्ला, बन्टू उफ इमरान, कामरान, फैजान उफ चीनी, सोनू व रिहान के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या89/2020 <नाम> <नाम> 147, 148, 323, 504, 506, 452, 427, 324 भा०द0सं0 में थानानाई की मण्डी <नाम> प्राथमिकी ऑकित की गई। ", "विवेचना के दौरान उक्त अपराध से <नाम> 452, 427, 324 भा०दछसं0 का लोप करते हुए अपराध में <नाम> 308 भाएद0सं0 की बढोत्तरी की गई । अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है, उनके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है, अभियुक्तगण को इस मामले में झूठाँ फँसाया गया है। यह भी कथन किया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्राथमिकी में अभियुक्तगण की कोई विशेष भूमिकाउक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में नहीं बताई गई हैं। प्राथमिकी के अनुसार धारदार हथियार से मारपीट किया <नाम> बताया गया हैं जबकि किसी भी आहत केधारदार हथियार से कोई चोट नहीं आयी है। सभी आहतों के सामान्य चोटें आयीं हैं। वास्तविकता यह हैं कि दिनांक 21.09.2020 को वादी व उसके पुत्रों द्वारा अभियुक्तगण के घर में घुसकर मारपीट को गयी थी जिसमें सलमान, चीनी, सोनू इमरान के काफीचोटें आयीं शीं जिनके संबंध में मुअणसं० 90/2020 पंजीकृत हुआ। उक्त मुकदमें से बचने के लिए वादी पक्ष द्वारा यह झूठा मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। कथित घटनाका कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया हैं। अभियुक्तगण दिनाक 26.09.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने को प्रार्थना की गईं। विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करतै हुएकथन किया गया कि अभियुक्तगण प्राथमिकी में नामित हैं। अभियुक्तगण के द्वारा अन्यसह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर <नाम> हथियारों से लैस होकर वादी के घर॒ में घुसकर मारपीट की गयी है जिससे वादी पक्ष के सरफरोज, मुजम्मिल व <नाम> केगम्भीर चोटें आयीं हैं। अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गयी। ", " (3)जमानत प्राथना पत्र स: ३297 / 29020 प्रार्थना पत्र सं0; 3297 / 2020 अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर <नाम> हथियारों से लैस होकर वादी मुकदमा के घर में घुसकर वादीपक्ष के लोगों के साथ मारपीट किए जाने तथा उक्त मारपीट में उसे गम्मीर <नाम> सेघायल किए जाने का आरोप है। ", "उक्त घटना में आहत सरफरोज, रूवी एवं मुजम्मिल क चोटें <नाम> बताया गयाहैं। ", "आहत सरफरोज की चिकित्सीय आख्या के अनुसार उसके उक्त घटना में तीन चोटें <नाम> दर्शित हैं जिसमें चोट नं01 फटे हुए घाव के <नाम> में सिर <नाम> तथा अन्यचोटें <नाम> नीलगू निशान के <नाम> में शरीर के अन्य भाग <नाम> <नाम> बताया गया हैं। ", "चिकित्सक द्वारा आहत को चोट नं0 1 को जेरे निगरानी रखते हुए अन्य चोटों कोसाधारण <नाम> की बताया गया हैं। आहत सरफरोज की सी.टीस्कैन रिपोर्ट के अनुसार उसके सिर में <नाम> पैराइटल बोन में हेमाटोमा <नाम> बताया गया हैं। ", "आहत रूवी की चिकित्सीय आख्या के अनुसार उसके उक्त घटना में दो चोटफटा हुआ घाव एवं पूरे शरीर में दर्द की शिकायत के <नाम> में <नाम> बताया गया हैं। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा आहत मुजम्मिल की कोई आघात आख्या प्रस्तुत नहीं कीगई हैं बल्कि आहत मुजम्मिल की सी.टीस्कैन रिपोर्ट जो कि प्राइवेट चिकित्सक द्वारातैयार कौ गई हैं, प्रस्तुत की गई हैं जिसके अनुसार आहत के सिर में दाई पैराइटल बोन में डिप्रेस्ड फ़ेक्चर <नाम> बताया गया हैं। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारायह आधार लिया गया हैं कि आहत का चिकित्सीय परीक्षण सरकारी अस्पताल में नहींहुआ हैं तथा <नाम> ही आहत को सी.टीस्कैन कराये जाने के लिए सरकारी हाँस्पीटल द्वारा रेफर किया गया हैं आहत मुजम्मिल द्वारा प्राइवेट फर्जी सी.टी.स्कैन रिपोर्ट तैयार कराईगई हैं। जिसकी <नाम> केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य से भी नहीं होती हैं। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तकौ को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित हैं कि विवेचक द्वारा केस डायरी में यह <नाम> किया गया हैं \"कि दिनांक 25.09.2020 को जब वह मुजम्मिल की पूरक चिकित्सीय रिपोर्ट लेने <नाम> जिला अस्पताल <नाम> पहुँचा तो डा0 <नाम> <नाम> द्वाराबताया गया कि उनके द्वारा <नाम> तो मुजम्मिल को रैफर किया गया हैं और <नाम> हीएक्सरे /सी.टी.स्कैन के लिए एड़वाइज किया गया हैं, बह समप्लीमेन्ट्री रिपोर्ट नहीं बनासकते हैं, तदुपरान्त उनके द्वारा एस.एन मेडीकल कॉलेज के अधीक्षक के पास जाकर अपनी समस्या बताई गई तथा डा0 <नाम> के कहने <नाम> वह इमरजंसी में ईडी के पासपहुँचे जहाँ उनको बताया गया कि वह सी.टीस्कैन की सप्लीमेन््री रिपोर्ट तभी बनासकते हैं जब या तो मरीज की एमएलसी बनी हो या मरीज भर्ती हुआ हैं\"। चिकित्सक (4) के उपरोक्त कथन से निष्कर्ष निकलता हैं कि मजरूब मुजिम्मल सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं रहा हैं <नाम> ही केस डायरी के अवलोकन से ऐसा प्रकट होता हैं कि मजरूवको सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया हो, इसी <नाम> चिकित्सक की यह <नाम> प्रकट हुई हैं कि उनके द्वारा आहत मुजिम्मल की कोई पूरक चिकित्सीय रिपोर्ट नहीं दी जा सकती हैं। अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> बलपूर्वक यहीं <नाम> प्रस्तुत किया गया हैं कि आहतों का सी.टीस्कैन प्राइवेट हॉस्पीटल में कराया गया हैं तथाआहत मुजम्मिल की चिकित्सीय आख्या भी प्रस्तुत नहीं की गईं हैं, इसके अतिरिक्तकिसी भी आहत की कोई पूरक चिकित्सीय रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की गई हैं। आहतों द्वारा फर्जी <नाम> से सी.टी.स्कैन तैयार कराये गये हैं जबकि किसी भी आहत केसिर में कोई चोट नहीं आई हैं क्योंकि यदि किसी आहत के सिर में फेक्चर अथवाअन्य कोई चोट होती तो वह अस्पताल में भर्ती रहता, जबकि किसी भी आहत केअस्पताल में भर्ती रहने का भी कोई जिक केस डायरी में <नाम> नहीं हैं। अभियुक्तगणके इन तर्को का कोई उचित स्पष्टीकरण अभियोजन पक्ष द्वारा नहीं <नाम> गया हैं। ", "केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियोजन पक्ष किसी भी आहत कीकोई पूरक चिकित्सीय रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई हैं एवं केस डायरी में ऐसा भी कोईप्रपत्र दाखिल नहीं किया गया हैं जिससे यह दर्शित होता हो कि आहत मुजम्मिल अस्पताल में इलाज <नाम> भर्ती रहा था। प्रकरण कास केस <नाम> आधारित हैं तथाअभियुक्त पक्ष के <नाम> व्यक्तियों के गम्भीर चोटें <नाम> बताया गया हैं। प्राथमिकी मेंअभियुक्तगण की कोई स्पष्ट <नाम> इस स्तर <नाम> दर्शित नहीं हैं तथा कथित घटनाका कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया हैं। अभियुक्तगण दिनांक 26.09.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं । " ] }
1GRANTED
Bail Application_4494_202011-01-20213863
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> देवेन्द्र <नाम> काशपथपत्र संलग्न किया गया है। ", " अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी सुमेर सिंहदिनांक 21.08.2020 को समय करीब 8.30 बजे अपने पड़ोसी रनवीर सिंहकी गाड़ी टाटा सफारी नं० यूपी14-बीडब्लू-5324 से उनकी बेटी कोछोड़ने <नाम> आये थे, उसकी ससुराल में छोड़कर कन्नौज जाने के लियेयमुना एक्सप्रेस वे <नाम> चढ़े तो टोल से यूटर्न लेकर रामबाग कट परपहुँचे तो रास्ता पूछने के लिये गाड़ी रोकी, सामने से एक लड़का आयातो वादी ने उससे रास्ता पूछा तो उसने बताने के <नाम> वादी को तमंचादिखाकर <नाम> धमकाकर सफारी गाड़ी को छीनकर अपने दो साथियों केसाथ भाग गया। गाड़ी में वादी के कपड़े तथा मोबाइल फोन चले गये। ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक अभियुक्त को उक्त मामले में झूठा फंसायागया है वह निर्दोष है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभिकथित गाड़ी को दिनांक 22.08.20 को लावारिस हालत में बरामदकिया गया है। आवेदक अभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं है। आवेदकअभियुक्त का नाम <नाम> अभियुक्त के बयान में <नाम> में आया है। इसमामले में <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> फैजल खांन व तुफैल व अन्य कीजमानत माननीय न्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकार की जा चुकी है। आवेदक अभियुक्त 17.12.20 से जिला कारागार में निरूद्ध है। विद्वानअधिवक्ता ने इन्हीं तर्कों <नाम> आवेदक अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी का कथन है कि आवेदक अभियुक्त के द्वारा <नाम> अभियुक्तोंके साथ मिलकर वादी मुकदमा को तमंचा दिखाकर <नाम> व धमकाकरउससे टाटा सफारी को लूट <नाम> ले जाया गया है। आवेदकअभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। इन्हीं आधारो परआवेदक अभियुक्त का जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने कानिवेदन किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन कीतरफ से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुनागया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन करलिया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट प्रकट होता है कि प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज करायी गयीहै। आवेदक अभियुक्त से घटना से सम्बन्धित कोई बरामदगी दर्शित नहींकी गयी है। मामले में कोई शिनाख्त कराया <नाम> दर्शित नहीं होता है। आवेदक अभियुक्त का नाम <नाम> अभियुकतगण के बयानों के आधार परप्रकाश में आया है। इस मामले में <नाम> अभियुकतगण <नाम> <नाम> फैजलखांन व तुफैल की जमानत पूर्व इस न्यायालय से दिनांक 08.10.20 व21.09.20 को स्वीकार हो चुकी है। अभियोजन की ओर से आवेदकअभियुक्त का मामला <नाम> अभियुक्तों से भिन्‍न नहीं बताया गया है। मामले में कोई स्वतंत्र <नाम> भी दर्शित नहीं किया गया है। आवेदकअभियुक्त दिनांक 17.12.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में है। वर्तमान मामलेके निकट भविष्य में परीक्षण प्रारम्भ होने की कोई सम्भावना नहीं है। आवेदक अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5122_201912-09-20194534
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ हुस्ना <नाम> पत्नीशहजाद मुतवल्ली का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. श्रीकमलेश <नाम> थाना सदर बाजार जिला <नाम> ने दिनांक 26.03.2019 को 02.36 बजे थाना <नाम> जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण बन्टी <नाम> श्रीकान्त, <नाम> उर्फ सोनू, <नाम> मोहम्मद, सोनू बाल्मीक, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> सन्‍्तोष <नाम> <नाम> <नाम> व जीते के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर बनन्‍्टी <नाम> है। जो गैंग केसदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> चौथ वसूली <नाम> <नाम> से मारने की कोशिश व धमकी जैसे जघन्य अपराध कारित करते है और समाज विरोधी किया कलापमें संलिप्त है। अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17, 18, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। ", "इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2,/3 उ0प्र)गिरोह बन्द एवंसमाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को झूँठा फसाया गया है उसके द्वारा कोई अपराध कारित नही किया गया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। गैगचनार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। उसका समाज में कोई भय व्याप्त नही है और <नाम> ही उसकी <नाम> कासाधन अपराध से प्राप्त धन है। वह दूध का कारोबार करता है और उसी से अपने परिवार कापालन पोषण करता है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। वह उक्त पते का स्थायी निवासी है तथा विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह 2 सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिलहै, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अं. 64/18 <नाम> 147,148,149,307,504,.506, भा.द.सं. तथा <नाम> 7 किएलॉ०अमेण्डमेन्ड एक्ट थाना-सदर जिला आगरा। (2) अ.सं. 83 /18 <नाम> 384,506 भा.द.सं. थाना-मलपुरा जिला आगरा। का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर चौथ वसूली व <नाम> से मारने की कोशिशव धमकी जैसे जघन्य अपराध करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त गैग बनाकर चौथ वसूली व <नाम> से मारनेकी कोशिश व धमकी जैसे जघन्यअपराध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 490) में वर्णितप्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3452_201912-07-20192274
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> देवीका शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि मुकदमा वादिया श्रीमतीराजकुमारी ने थाना सिकन्दरा <नाम> में इस आशय की तहरीर दी कि कल दिनाक17/ 18-05-2019 रात करीब 1 बजे उसकी पुत्री कु0 <नाम> आयु लगभग 14 वर्ष कोबी ब्लाक में रहने वाले टिंकू व <नाम> बहला फुसलाकर भगा ले गये। उसकी पुत्रीनाबालिग व नासमझ है। उसे डर है कि उसकी पुत्री के साथ टिंकू व <नाम> कुछ गलत नकर दें। ", "3 जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी/अभियुक्त को झूँठा फंसाया गया है। यह भी कहागया है कि वादिया की रिपोर्ट व अपहृता के बयान <नाम> 164 दं0प्र०सं0 में आपस मेंअवरोधाभाष है। सत्यता यह है कि प्ररार्थी/अभियुक्त ने वादिया के यहाँ नल की फिटिंगका कार्य किया था जिसकी मजदूरी के पैसे वादिया ने नहीं दिये। मॉगने <नाम> कुपितहोकर <नाम> बनाकर प्रार्थी / अभियुक्त के विरुद्ध पुलिस से मिलकर झूँठा अपराध दर्जकरा दिया। प्रार्थी/अभियुक्त पीड़िता को भगाकर नहीं ले गया। अभियुक्त का कोई कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए तर्क किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादिया कीनाबालिग पुत्री पीड़िता को <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर भगाकर ले जाया गया है औरउसके साथ लैंगिक कृत्य करने करने का प्रयास किया गया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की। 6— वर्तमान मामले में आवेदक/ अभियुक्त के ऊपर एक अन्य <नाम> अभियुक्तटिंकू के साथ मिलकर वादिया मुकदमा की नाबालिग पुत्री कु0 <नाम> आयु 14 वर्ष कोभगाकर ले जाने एवं उसके साथ गलत कार्य करने का आरोप लगाया गया है। ", "—2—धारा 164 दं0प्रoसं0 क अनन्तगत दिये गये अपने बयान में पीड़िता ने घटनाका समर्थन किया है तथा कहा है कि वह अपनी मर्जी से नहीं गयी थी। वह <नाम> केसाथ दिल्ली में स्टेशन <नाम> रही तथा उसने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश भीकी। शैक्षिक प्रमाणपत्र में पीड़िता की जन्मतिथि 04-09-2005 बतायी गयी है। इसप्रकार घटना के समय पीड़िता की आयु लगभग 13-14 साल होती है तथा पीड़िता पूरीतरह से नाबालिग है। पीड़िता के मैडिकल आयु प्रमाणपत्र में भी उसकी आयु 17 वर्षदर्शायी गयी है, यद्यपि कि वह अधिक दर्शायी गयी प्रतीत होती है। " ], "judge-opinion": [ "4— ्रार्शी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरीपीड़िता के <नाम> 164 दं0प्रएसं0 के बयान व मैडिकल रिपोर्ट एवं <नाम> पत्रावली काअवलोकन किया । 5— अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने <नाम> में उन्हीं तथ्यों को दोहराया हैंजो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं । ", " प्रपत्रों के अवलोकनसे <नाम> तरह से स्पष्ट है कि मामले की पीड़िता एक नाबालिग है तथा उसके माता पिताकी अभिरक्षा से अभियुक्त द्वारा उसे भगाकर ले जाया गया है तथा उसके साथ गलतकार्य करने की कोशिश भी की गयी है। पीड़िता ने <नाम> 161 द॑0प्रएसं0 के बयान में ६गटना का समर्थन किया है। मामले के तथ्य व परिस्थितियाँ गंभीर हैं । " ] }
0DENIED
Bail Application_60_202012-02-2020970
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जपप्रार्थी / अभियुक्तUP Stateदिनाक : 17.02 2020प्रार्थ / अभियुक्त <नाम> उर्फ <नाम> की ओर से यह जमानतप्रार्थना पत्र थाना पर्यटन, जनपद <नाम> के मुकदमा अपराध संख्या-24 /2019 UR 392, 411 भारतीय दण्ड <नाम> के मामले में प्रस्तुत कियागया है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_109_202014-02-2020884
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र कहा गया है तथा इसकेसाथ अभियुक्त के पिता तुलसीराम का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया हैकि कि यह अभियुक्तगण का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी <नाम> सरजू ने थाना बाहपर तहरीर इस आशय की प्रस्तुत की कि दिनांक 27.01.2020 को प्रार्थी बटेश्वरनाथ मन्दिरपर दर्शन के लिए दो बजे गया था। प्रार्थी ने अपनी मोटर साइकिल मन्दिर के बाहर खड़ीकर थी। प्रार्थी मन्दिर <नाम> दर्शन करने को चला गया था। जब प्रार्थी वापस आया तो उक्तप्रार्थी की मोटर साइकिल नहीं <नाम> तो उक्त प्रार्थी ने काफी खोजबीन की लेकिन कहींनहीं पता चला। प्रार्थी की मोटर साइकिल हीरो स्पलैण्डर प्रो जिसका नं0 यू0पी0 84एम06952 है। उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 28.01.2020 को अज्ञात अभियुक्त के विरूद्धअपराध संख्या-20 / 2020 <नाम> धारा-379, भा0द0सं० का अभियोग थाना बाह, <नाम> परपंजीकृत किया गया। इसमें दौरान विवेचना अभियुक्तगण का नाम <नाम> में आने <नाम> मालबरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 411 भा.द.सं. की बढोत्तरी की TA । दौरान विवेचना दिनांक 29.01.2020 को थाना पुलिस को जरिये मुखबिर खास से सूचना <नाम> कि 03 व्यक्ति 02 मोटर साइकिल <नाम> सवार होकर नौरंगी घाट के रास्ते से शैरीपुरमन्दिर की तरफ जा रहे हैं। उनके पास अवैध असलाह भी है। शायद कोई घटना करनेकी फिराक में है। हमराही कर्मचारीगण अपने-अपने निजी बाहनों से मुखबिर द्वारा बतायेगये स्थान की तरफ को चलकर हम लोग वनखण्डेश्वर मन्दिर शैरीपुर <नाम> मन्दिर वालेतिराहे <नाम> पहुंचे। आस-पास की खड़ी झाड़ियों की आट में साइकिल ट्रेक के दोनों तरफखड़े होकर मोटर साइकिल <नाम> आने वाले व्यक्तियों का इंतजार करने लगे तभी थोड़ी देरमें वनखण्डेश्वर मन्दिर की तरफ से दो मोटर साइकिल आती दिखायी दी कि एकदमझाड़ियों की ओट से निकलकर हम पुलिस वालों ने टार्च की <नाम> डालकर मोटरसाइकिल <नाम> आने वाले व्यक्तियों को रूकने के लिए कहा तो हम पुलिस वालों को देखमोटर साइकिल <नाम> आने वाले लोग अपनी मोटर साइकिल को मोड़ने का प्रयास करने लगे तो हड़बड़ाकर दोनों मोटर साइकिल आपस में टकरा <नाम> वहीं गिर पड़ी। इन लोगों नेजान से मारने की नियत से हम पुलिस वालों <नाम> दो फायर किये। हम पुलिस वालेबाल-बाल बच गये। हम पुलिस वालों ने इन तीनों व्यक्तियों को समय 17:45 बजे पकड़लिया। पकड़े हुए व्यक्तियों से नाम पता पूंछते हूए जामा तलाशी ली गयी तो पकड़े गये पहले व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> सेवक पुत्र रामस्वरूप बताया जिसकी जामा तलाशी सेदायें हाथ में पकड़े हुए एक तमंचा 315 बोर बरामद हुआ। पकड़े हुए दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम घनश्याम पुत्र <नाम> बताया जिसके दाहिने हाथ से एक तमंचा 315 बोर बरामदहुआ तथा पहिने पैंट की दाहिने जेब से दो अद्द जिन्दा कारतूस 315 बोर जिसकी पैंदीपर 8एम0एम0 के0एफ0 लिखा है, बरामद हुए। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> चन्द पुत्रलख्मी चंद बताया जिसके दायें हाथ से एक अद्द तमंचा 142 बोर व कारतूस 12 बोर तथापहिने पैंट की दायीं जेब से एक कारतूस 12 बोर स्पेशल 65 एम0एम0 /30 ग्राम गोलाबारूद फैक्टरी खड़की लिखा है तथा जिसकी पैंदी <नाम> के0एफ0 12 लिखा है, बरामद हुआ । अभियुक्तगण के पास से मोटर साइकिल नं० हीरो होण्डा स्पैलण्डर प्रो रंग काला नम्बरयू0पी0 84 एम0 6952 जिसका इंजन नं० एच0ए0 10ई0एल0सी0एच0एम0 39167 तथाचैसिस नं० 'छ1,10७010७05(7४५60235 व दूसरी मोटर साइकिल अपाचे रंग सफेदजिस <नाम> नम्बर प्लेट नहीं लगी है जिसका इंजन नंबर ओ0ई04बी0जी02924106 व चैसिस नं० एम0डी0 634 Hogo49 जी0 2 बी0 76872के बारे में पूंछा गया तो तीनों अभियुक्तगण ने एक साथ बताया कि मोटर साइकिल हीरो होण्डा बटेश्वर मन्दिर से परसों चोरी की थीव अपाचे मोटर साइकिल भी हम तीनों ने काफी <नाम> पहले <नाम> में एक जगह से चोरीकी थी। अभियुक्तगण ने बताया कि हमने एक स्कूटी व 9 मोटर साइकिलें अलग-अलग जगह से चोरी की है और कहा कि अब <नाम> हम लोग कई मोटर साइकिल चुराकर उनकेहिस्से पुर्ज निकालकर बेच चुके हैं। अभियुक्तगण ने बाजरे की करब हटाकर 9 मोटरसाइकिल व 1 स्कूटी बरामद करायी। मोटर साइकिल नं0 यू0पी0 84 एम0 6952 हीरोहोण्डा स्पैलण्डर प्रो के सम्बध में थाना <नाम> मु0अ0सं० 19/20 अन्तर्गत <नाम> 379 व मोटर साइकिल <नाम> डिस्कवर नं0 यू0पी. 80 सी0एक्स0 3375 के संबंध में मु0अ0सं० 20 /20 अन्तर्गत <नाम> पंजीकृत है जिसकी विवेचना मेरे द्वारा की जा रही है। ", "आवेदक »/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथ पत्र में अभियोजनज कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्तगण को इस मामले में झूंठा फँसाया गया है, उसने कोई चोरी नहीं कीहै । इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 28.01.2020 को समय करीब 15:10 बजेकरायी गयी जबकि घटना दिनांक 27.01.2020 समय 2 बजे की है। आवेदक /अभियुक्तगण के पास से किसी प्रकार की कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। आवेदक /अभियुक्तगण काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्तगण दिनांक 30.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। अभियुक्तगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता ने मौखिक तर्क प्रस्तुत करते हुए कथन किया कि अभियुक्तगण निर्दोष हैं, उन्हें मामले में झूंठा फंसाया गया है। उनके पासकोई बरामदगी नहीं की गयी है। पुलिस द्वारा फर्जी बरामदगी <नाम> <नाम> उन्हें झूंठा फंसाया गया है। वे दिनांक 30.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। उन्हें जमानत <नाम> छोड़ेजाने का निवेदन किया गया। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण द्वारा किया गयाअपराध अत्यंत गंभीर <नाम> का है। उनके कब्जे से दो चोरी की मोटर साडिकलें एवंउनकी निशान देही <नाम> चोरी की नौ मोटर साइकिल व एक स्कूटी थाना पुलिस द्वाराबरामद की गयी है। अभियुक्तगण सातिर किस्म के चोर व अपराधी है और उनके विरूद्धथाना बाह, <नाम> में मु0अ0सं0 19 / 2020 <नाम> 379 /411 भा0दं0सं0, मु0अ0सं0 20 / 2020धारा 379 /411 भाएठदं०0सं, मु0अ0सं0 22 /2020 <नाम> 411, 413, 414,420,307 भाएदं0सं,मु0अ0सं0० 24 / 2020 <नाम> 3/25 आर्ग्स एक्ट, मु0अ0सं० 25,/2020 <नाम> 3/25 आर्म्सएक्ट पंजीकृत है, जिसमें विवेचना प्रचलित है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। प्रस्तुत मामले में अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्तगणसातिर किस्म के अपराधी व चोर हैं। उनके कब्जे से कुल मिलाकर 11 मोटर साइकिलें व एक स्कूटी बरामद की गयी है। इसके अतिरिक्त अभियुक्त घनश्याम के कब्जे से एकतमंचा 315 बोर तथा दो जिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद हुआ है। अभियुक्त <नाम> चंद के कब्जे से एक अद्‌द तमंचा 12 बोर व दो अद्‌द जिन्दा कारतूस बरामद हुआ है। इन दोनोंअभियुक्तों द्वारा <नाम> से मारने की नियत से संबंधित पुलिस <नाम> <नाम> फायर भी किया गयाहै। अभियुक्तगण का अपराधिक इतिहास भी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4106_201927-07-20191385
agra
{ "facts-and-arguments": [ " _आदेशदिनाक : 27.07.2019 प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त दहला उर्फ सोनूखान की ओर से मुकदमा अपराध संख्या 245/2015 अन्तर्गत <नाम> 147,148, 149, 336, 153ए, 295ए, 506, 307 भारतीय दण्ड <नाम> व <नाम> 7कि0 लाँ० अमि० एक्ट, थाना शमसाबाद, जिला <नाम> के मामले में प्रस्तुतकिया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के <नाम> व पैरोकार सद्दोके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 03.09.2015 कोउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीयण के साथमुखविर की सूचना <नाम> कि <नाम> पुत्र <नाम> द्वारा मुस्लिमों के पेगम्बर <नाम> को लेकर फेसबुक <नाम> की गई टिप्पणी व कुछ आपत्तिजनक लेखपोस्ट किये जाने के <नाम> मुस्लिम <नाम> में काफी आकोश है, पुलिस पार्टीके सदस्य बाजार कस्वा शमशाबाद आये, जहाँ <नाम> काफी लोग एकत्रित होरहे थे, पुलिस पार्टी द्वारा मौके <नाम> स्थिति को नियन्त्रित करने का प्रयासकिया तभी अचानक दोनों <नाम> के लोग जिनमें मुस्लिम <नाम> के करीब 250 व्यक्ति तथा हिन्दू <नाम> के 300-400 लोग थे, अपने-अपने हाथों में लिये लाठी-डण्डे, ईट-पत्शर व नाजायज असलाह लेकर एक दूसरे <नाम> ईट (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, व्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4106/2019दहला उफ सोनू <नाम> बनाम राज्यपत्थर फॅकने लगे तथा एक दूसरे को <नाम> से मारने की नीयत से दोनों ओरसे फायरिंग करने लगे जिससे बाजार में भगदड़ व अफरा तफरी मच गईतथा उपद्रवियों द्वारा किये गये पथराव व फायरिंग से पुलिस व <नाम> केकई लोग घायल हो गये। मौके <नाम> पुलिस ने मुस्लिम <नाम> के सहजादतथा हिन्दू <नाम> के <नाम> <नाम> शाक्य, संता, <नाम> <नाम> मेघ <नाम> कोगिरफ्तार किया गया। एस. आई. <नाम> <नाम> कौ तहरीर 105 नामजदअभियुक्तगण एंव 300-400 अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्व मुअ0सं0 245/2015धारा 147, 148, 149, 336, 1530, 295ए, 506, 307 भा०द0सं0 एवं <नाम> 7सी.एल.ए. एक्ट में थाना शमशाबाद <नाम> रिपोर्ट दर्ज की गई। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 20.07.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। सह-अभियुक्तगण की जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार की जाचुकी है। प्रार्थी का अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय एवंमाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिकइतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कितथाकथित घटना में पुलिस पार्टी के दो कांस्टेविल तथा दो एस0आईए0 केईट पत्थर की चोट आई है किन्तु इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि उक्तघटना में किसी भी व्यक्ति के आग्नेयास्त्र की कोई चोट नहीं आई है। सहअभियुक्तगण की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। ", "आवेदक / अभियुक्त का केस <नाम> अभियुक्तगण के केस के समान है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> राजा <नाम> <नाम> एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फैजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़ कोसुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4106, 2019दहला उफ सोनू <नाम> बनाम राज्यपत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 03.09.2015 की 14:30 बजे की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट थाने <नाम> दिनिक 03.09.2015 को समय 15:15 बजे दर्ज करायी गयीहै। प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर <नाम> हथियारोंसे लैस लोकर <नाम> विरूद्द जमाव करते हुए बलवा किए जाने तथाएक-दूसरे पक्ष को <नाम> से मारने के आशय से ईट पत्थर फेंके जाने काआरोप है। उक्त घटना में पुलिस के दो कांस्टेविल तथा दो एस0आई0 के ईटपत्थर की चोटें <नाम> बताया गया है किन्तु किसी भी आहत की कोई पूरकचिकित्सीय रिपोर्ट अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है। प्राथमिकी मेंअभियुक्त की कोई स्पष्ट <नाम> भी उक्ल अपराध कारित किए जाने केसम्बन्ध में दर्शित नहीं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहींबताया गया है। प्रार्थी एक आप्ताह से जिला कारागार में निरूद्ध है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में माननीय सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की जाचुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3785_202027-11-2020866
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में उसमान पुत्र अब्दुल रहीमका द्वारा अधिवक्ता नसीम ए० कुरैशी शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्तन्यायिक अभिरक्षा में है। अभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी चांद खां पुत्र स्व0 मौ0 इस्माइल खांनिवासी अकबरी मस्जिद के पीछे आजमपाड़ा थाना शाहगंज, <नाम> का रहने वाला है। दिनांक 24.07.2019 को समय करीब 11:00 बजे गाड़ी <नाम> माजदा न॑ं0यू0पी0-80 ए०वी0 9281 को 100 फुटा रोड <नाम> अरेशा स्कूल के सामने खड़ी <नाम> गयाथा। अगले <नाम> दिनांक 25.07.2019 को सुबह 7 बजे आकर <नाम> तो गाड़ी वहां परनहीं थी। काफी तलाश किया लेकिन हमारी गाड़ी का कहीं भी पता नहीं चला। गाड़ी कोई अज्ञात चोर चुराकर ले गया है। प्रार्थी ने गाड़ी चोरी की सूचना दिनांक25.07.2019 को 100 नम्बर पुलिस <नाम> की थी तथा उपरोक्त गाड़ी मेरे चाचा रमजानी @)Ball Application No, 3785/2020 - Mohd Uiair Vs. UP Stateखां पुत्र निजामुद्दीन खां के नाम से है। प्रार्थना है कि रिपोर्ट लिखकर कानूनीकार्यवाही करने की <नाम> करें। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथ पत्र में कथन कियागया है कि शपथकर्ता उपरोक्त वाद के अभियुक्त उजर का पिता तथा पैरोकार है,इसलिए प्रकरण क तथ्यों से भली भांति परिचति है। प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्णत: निर्दोष हैउसको इस मुकदमे में झूंठा फसाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त मजदूर व्यक्ति है एवंकिसी भी प्रकार के अवैध व्यापार में संलिप्त नहीं है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं है एवं <नाम> ही घटना स्थल से गिरफ्तार किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त केपास से कोई भी चोरी की गाड़ी अथवा सामान बरामद नहीं हुआ है। दिनांक 02.08.2019 को प्रार्थी/अभियुक्त वाहन ईसर सेन्टर नं० एच0आर0-55 ए0ए० 3351 द्वाराआगरा से <नाम> जा रहा था तभी थाना छाता, जिला <नाम> के पास पुलिस द्वाराउक्त वाहन को चोरी का बताकर रोका गया तभी वाहन चालक गाड़ी से उतर करभाग गया तथा पुलिस ने प्रार्थी/ अभियुक्त को अपराध सं0 0253/2019 अन्तर्गत धारा411 के अन्तर्गत गिरफ्तार <नाम> लिया प्रार्थी / अभियुक्त के साथ भुत्तू नाम के व्यक्ति कोभी गिरफ्तार किया गया जिसके पास से उक्त वाद से सम्बन्धित गाड़ी <नाम> माजदानं० यू0पी0-80 एणवी0 9281 बरामद हुई है। प्रार्थी/अभियुक्त की अपराध सं095/2019 एवं 96/2019 अन्तर्गत <नाम> 457, 380, 411 भा0द0सं0 थाना शेरगढ़,जिला <नाम> में क्रमशः दिनांक 03.09.2019 एवं 26.05.2020 को जमानत स्वीकूत होचुकी है। अपराध सं0 219//2019 अन्तर्गत <नाम> 379, 411 भा0०द0सं0, थानालोहामण्डी, <नाम> के अन्तर्गत माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा दिनांक08.09.2020 को जमानत स्वीकार की जा चुकी है। यह कथन गलत है कि्रार्शी/अभियुक्त द्वारा पुलिस के समक्ष वाहनों को चोरी किये जाने की संस्वीकृति कीगयी है। प्रार्थी को 'बी' वारण्ट <नाम> तलब <नाम> इस मुकदमें में निरूद्ध किया गया है। प्रार्थी उपरोक्त मामले में दिनांक 04.11.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त प्रकरण में प्रार्थी/अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 07.11.2020 को निरस्त किया जा चुकाहै। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। इसके अतिरिक्त अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद मे कोई ई जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकृत किये जाने की प्रार्थना की गयीहै। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसको इस मामले में झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट18 <नाम> विलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा विलम्ब से दर्ज कराने का कोई 3)Ball Application No. 378512020 - Mohd Ualr Vs. UP Stateसन्तोषजनक <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं कियागया है। उक्त घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त के पास से कुछबरामद नहीं हुआ है। फर्जी बरामदगी दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त उक्तप्रकरण में दिनांक 04.11.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयीहै। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त को दिनांक02.08.2019 को <नाम> पुलिस द्वारा सह-अभियुक्त के साथ गिरफ्तार किया गया है तथा उसकी निशानदेही <नाम> वादी मुकदमा का वाहन बरामद किया गया है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें एवं विलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा विलम्ब का कोई <नाम> स्पष्ट नहीं कियागया है। अभियुक्त एवं सह-अभियुक्त की निशानदेही <नाम> वादी मुकदमा का वाहनबरामद होना बताया गया है। अभियुक्त द्वारा उसके पास से बरामदगी होने से इंकारकिया गया है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त इसप्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। प्रार्थी/अभियुक्त की अपराध सं0 95/2019 एवं96/2019 अन्तर्गत <नाम> 457, 380, 411 भा०द0सं0 थाना शेरगढ़, जिला <नाम> मेंक्रमशः दिनांक 03.09.2019 एवं 26.05.2020 को जमानत स्वीकृत हो चुकी है। अपराधसं0 219/2019 अन्तर्गत <नाम> 379, 411 भा0०द0सं0, थाना लोहामण्डी, <नाम> केअन्तर्गत माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा दिनांक 08.09.2020 कोजमानत स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त उक्त मामले में दिनांक 04.11.2020 सेजेल में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1752_202105-03-20211482
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदक / अभियुक्तगण ने आवेदनपत्र के साथ अभियुक्तगण की मां मीनाका शपथपत्र संलग्न किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी राजाद्वारा दिनांक 05.07.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयीकि दिनांक 4.7.2020 को वह अकेला घर के पास नाले <नाम> बैठा था,तभी <नाम> <नाम> उसके पास आये और उसके साथ गाली गलौजकरने लगे तथा उसके साथ मारपीट शुरू <नाम> दी। जब उसको बचानेके लिए उसके <नाम> कुलदीप व करन आये तो सुल्ले व उसका लडकाराहुल भी वहां <नाम> आ गये तथा चारों ने <नाम> <नाम> सुल्ले व <नाम> नेउसके व उसके भाइयों के साथ मारपीट की जिससे उनके गंभीर चोटेंआयीं । ", "आवेदक / अभियुक्तगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक /अभियुक्तगण को उपरोक्त मामले में झूठाफंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्तगण द्वारा वादी तथा किसी अन्य केसाथ कोई मारपीट नहीं की गयी है और <नाम> ही गाली गलौज व <नाम> सेमारने की धमकी दी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं बतायागया है। उक्त प्रकरण में अभियुक्त <नाम> दिनांक 12.07.2020 से वअमित <नाम> दिनांक 16.07.2020 से जिला कारागार में निरूद्व हैं। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं आधारों <नाम> आवेदक/अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की तरफ से विद्वान अभियोजन <नाम> तथासहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने जमानत आवेदनपत्र का घोरविरोध किया है और कहा है कि आवेदक/अभियुक्तगण द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी एवं उसके भाईयों के साथ मारपीटकरके गंभीर चोटें पहुँचायी गयी हैं। उक्त घटना में आयी चोटों केकारण आहत करन की मृत्यु हो गयी है। <नाम> अभियक्त गुल्ले व बबली की जमानत खारिज हो चुकी हैं। अतः जमानत को खारिज किए जानेका अनुरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ " मैंने आवेदक /अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवंअभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता दाण्डिक एवं अभियोजन <नाम> के तर्को को <नाम> <नाम> सेसुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलनकर लिया है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है किआवेदक /अभियुक्तगण क विरूद्व <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरवादी व उसके भाइयों के साथ मारपीट <नाम> गंभीर चोट पहुँचाये जाने काआरोप है। उक्त घटना में आयी चोटों के <नाम> आहत करन की मृत्युहोना बताया गया है। <नाम> अभियुक्त सुल्ले का जमानत प्रार्थनापत्रदिनांक 4.9.2020 को सत्र न्यायाधीश <नाम> व बबली का जमानतप्रार्थना पत्र दिनांक 21.11.2020 को इसी न्यायालय द्वारा खारिज कियाजा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_641_202101-02-20213001
agra
{ "facts-and-arguments": [ "01.02.2021्रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से, जमानत <नाम> जमानत्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से, उसके <नाम> <नाम> भानुप्रताप द्वारा, इसआशय का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है कि वह प्रार्थी/ अभियुक्त का भाईतथा पैरवीकार है। यह प्रार्थी/ अभियुक्त प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र, किसी अन्य न्यायालय के समक्ष नतो प्रस्तुत किया गया है और <नाम> ही विचाराधीन है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार, वादी संवर <नाम> द्वारा दिनांक 12.07.2020 को थानाध्यक्ष, डौकी को इस आशय का तहरीरी प्रार्थना पत्र दियागया कि कल दिनांक 11.07.2020 को <नाम> 11 बजे मेरे मोबाइल <नाम> मैसेजआया कि मेरा खाता कॅनरा बैंक में जिसका, खाता संख्या <फ़ोन-नंबर>6है. से किसी अज्ञात व्याक्ति ने 550,653 रू0 निकाल लिए हैं तब मुझे सुबहमैसेज द्वारा मालूम हुआ। ्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत कियागया कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष एवं निरपराध हैं तथा उसक द्वारा कोईअपराध कारित नहीं किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त को दिनांक 14.01.2021को गिरफूतार <नाम> लिया गया तथा 3 <नाम> <नाम> थाने <नाम> नाजायज मांग कीगयी, जब कोई हल नहीं निकला तो दिनांक 17.01.2021 को गलत अपराधमें चालान <नाम> जेल भेज दिया। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा किसी प्रकार कीधोखाधड़ी नहीं की गयी है और <नाम> ही किसी प्रकार का <नाम> अर्जित कियाहै। घटना दिनांक 11.07.2020 की दर्शायी गयी है जबकि प्राथमिकी दिनांक08.11.2020 को दर्ज की गयी है, लगभग 4 माह के विलंब का कोईस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त से जो बरामदगी दर्शायीगयी है, वह गलत है। प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज है। प्रार्थी/अभियुक्त काकोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है, <नाम> ही कोई दोषसिद्धि है। ्रार्थी/अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 20.01.2021 को अवरन्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 17.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। अतः जमानत दिये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष के अनुसार, प्रार्थी /अभियुक्त का नाम विवेचना मेंउपलब्ध तकनीकी व अन्य साक्ष्यों के आधार <नाम> <नाम> में आया है, जिसकेअपराध में सकिय <नाम> से लिप्त होने के पुष्ट साक्ष्य उपलब्ध हैं। अभियुक्त एक शातिर साइबर अपराधी है, जो भोले-भाले आम व्यक्तियों कासिम कार्ड क्लोन <नाम> इस सिम <नाम> इंटरनेट बैंकिग चालू <नाम> धोखाधड़ी के अपराध में लिप्त है। अभियुक्त कंप्यूटर व इंटरनेट का जानकार व्यक्ति है,जो अपराध <नाम> कूटरचित अभिलेखों का प्रयोग <नाम> सकता है। अपराध गंभीरप्रकृति का है तथा जमानत <नाम> अवमुक्ति की <नाम> मे प्रार्थी अभियुक्त द्वाराजमानत के दुरूपयोग की प्रबल <नाम> है। अतः प्रार्थी अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा परिशीलन किया। ", "केस डायरी के साथ संलग्न वादी मुकदमा के खाते के विवरण सेस्पष्ट है कि दिनांक 09.07.2020 से दिनांक 11.07.2020 के मध्य वादी केखाते से 5,50,653/-रूपये निकाले गए। वादी का कथन था कि सिम बंदहो जाने के <नाम> दिनांक 09.07.2020 व 10.07.2020 की निकासी का पता, सिम चालू होने <नाम> दिनांक 11.07.2020 को चला, जब मैसेज आया। वादी सर्वप्रथम बैंक गया, उसने खाता ब्लॉक कराया तत्पश्चात्‌ बैंक में जांच केलिए आवेदन किया, बैंक द्वारा थाने में शिकायत की सलाह दी गयी तो वहथाना डौकी गया, जहां से साइबर काइम थाना, <नाम> में शिकायत कीसलाह दी गयी, तब वादी साइबर काइम थाने गया, तब उसकी प्राथमिकीदर्ज हुई, इन्ही कारणों से प्राथमिकी दर्ज कराने में विलंब हुआ। अभियोजनके अनुसार, प््रार्थी/अभियुक्त की इस कृत्य में संलिप्तता थी। ्रार्थी/ अभियुक्त के दाहिने हाथ में ब्लैक कलर का सैमसंग मोबाइल बरामदहुआ तथा जेब से 590/-रूपये बरामद हुए। बरामद फोन में Net Banking,Paytm, Bitcoin में किए गए । ranऽ2८!०॥ का विवरण मौजूद पाया गया। ", "वर्तमान समय में, साइबर काइम के माध्यम से किए जा रहे धननिकासी जैसे अपराधों के <नाम> जन सामान्य का बैंक में जमा धनअसुरक्षित हो गया है तथा साइबर काइम अपराध से <नाम> धनराशियांनिकाल ली जा रहीं हैं, जो अत्यंत गंभीर <नाम> का अपराध है। " ] }
0DENIED
Bail Application_362_202021-01-20202010
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में सरमन <नाम> का शपथपत्र दाखिल किया गया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक03-01-2020 को वादी उपनिरीक्षक कुवर पाल <नाम> अन्य पुलिस कर्मियों के साथथाना बाह से रवाना होकर <नाम> व्यवस्था तलाश वांछित अपराधी, देखभाल <नाम> वरात्रि गइत व चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति वाहन कजरा रोड नहर की पुलिया <नाम> संदिग्धवाहन व्यक्ति की बैरियर चलाकर चैकिंग <नाम> रहे थे कि कॅजरा की तरफ से बाहकी ओर मोटरसाईकिल सवार दो व्यक्ति आ रहे थे। पुलिसकर्मियों द्वारा उच्हेंरोकने का इशारा करने <नाम> बैरियर से कुछ दूर ही मोटरसाईकिल छोड़कर भागनेका प्रयास करने लगे। दविश देकर, घेरकर दोनों व्यक्तियों को पकड़ लिया। नामपता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो एक व्यक्ति ने अपना नाम सोनू पुत्रविनोद कहार निवासी पक्की तलैया बिजौली रोड बाह <नाम> बताया। जामातलाशी में पहनी हुयी पेन्ट के बांये फेटे में एक अदद रिवॉल्वर 32 बोर चालूहालत में मय दो जिन्दा कारतूस बरामद की गयी। पकड़े गये दूसरे व्यक्ति केकब्जे से भी एक अदद तमंचा व एक जिन्दा कारतूस 12 बोर बरामद हुआ। पकड़ेगये व्यक्त्यों के कब्जे से एक चोरी की मोटरसाईकिल भी बरामद हुयी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि उसे झूठा फंसायागया है। उसने किसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। पुलिस द्वाराउससे फर्जी बरामदगी दर्शायी है। बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्तदिनांक 04-01-2020 से जेल में है। अभियुक्त उचित व विश्‍वसनीय जमानत देनेको तैयार है। उक्त आधारों <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये यहकथन किया गया है कि अभियुक्त के कब्जे से रिवॉल्वर व दो जिन्दा कारतूसबरामद हुये हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कियाजाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिलाशासकीय अधिवक्ता (फो0) के कथनों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "अभियोजन क प्रपत्रो के अनुसार वर्तमान मामले में अभियुक्त केकब्जे से एक रिवॉल्वर मय दो जिन्दा कारतूर बरामद हुये है जिन्हें रखने का 2उसके पास काई लाईसेन्स नहीं था। वर्तमान मामले में अभियुक्त 04.01.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त विचारण के दौरान न्यायालय मेंउपस्थिति सुनिश्चित कराने <नाम> अपनी पर्याप्त जमानते देने को तैयार हैं। ्रार्शी/ अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीयहै । " ] }
1GRANTED
Bail Application_2255_202024-08-2020141
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थनमें भूपेन्द्र <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्ररार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प््ार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे षड्यंत्र के तहत झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और <नाम> ही वह समाज विरोधी क्रियाकलाप में संलिप्तहैं। मु0अ0सं0 1034 /2017 <नाम> 147,148,149,342,504,323,353,307 भा0दं0सं0 थानाताजगंज, <नाम> में अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। मु0अ0सं0 1036/2017 धारा147,148,149,452,354,307,427,394 भा0दं0सं0 थाना ताजगंज, <नाम> के मामले में भीअभियुक्त की जमानत हो चुकी है। वास्तविकता यह है कि कां0 <नाम> <नाम> द्वारारॉकी पुत्र <नाम> <नाम> को जमीन <नाम> <नाम> <नाम> बुरी तरह से मारा पीटा था तथा जानसे मारने के आशय से उस <नाम> गोली चलाई, जो उसकी गर्दनके पास लगी। उक्तमामले से बचने <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त अभियोग झूठी कहानी के आधार परपंजीकृत कराये गये हैं। दोनों अभियोग एक ही दिनांक को थाना ताजगंज, <नाम> परदर्ज कराये गये हैं। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थानाध्यक्ष विनोदकुमार <नाम> द्वारा थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयीकि <नाम> उर्फ कालू रघुराज उर्फ भूरा, <नाम> कृपाराम, रिंकू उफप्रदीप, भोलारामअभिषेक, <नाम> <नाम> <नाम> सोनू <नाम> उर्फ काला डॉन, <नाम> <नाम> सचिनयादव, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> उर्फ धांधू अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकरआर्थिक <नाम> व जीविकोपार्जन <नाम> थाना <नाम> व आसपास के क्षेत्रों में लूट व हत्या काप्रयास तथा पुलिस <नाम> हमले जैसे जघन्य अपराध <नाम> अवैध धन अर्जित करते हैं। इनका स्वच्छंद रहना जनहित में नहीं हैं। अभियुक्त <नाम> के विरुद्ध थाना ताजगंजपर- Bail Application/6585/2020 -—UP State Vs. Sunil 21. मु0अ0सं0 1034/2017 <नाम> 147,148,149,342,504,323,353,307भा०दं0सं02.1036 / 2017 <नाम> 147,148,149,452,354,307,427,394 भा0०दं0सं०पंजीकृत हैं। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> मु0अ0सं01271/2018 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोधकरते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्तगण का एकसंगठित गिरोह है तथा अभियुक्त <नाम> गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगण के विरुद्धजिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध दो मुकदमेदर्ज हैं, जो लूट एवं पुलिस <नाम> हमले आदि से सम्बन्धित हैं। अतः अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनीव पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया । ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहांन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोईअपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "अभियुक्त <नाम> गैंग का सदस्य है। गैंगचार्ट के अनुसार उसके विरुद्ध अपनेसाथियों के साथ मिलकर लूट, हत्या के प्रयास तथा पुलिस <नाम> हमले जैसे अपराधकरने का आरोप है। आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे,उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधीक्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगतरखते हुये आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_7144_201923-12-201945
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदिका / अभियुक्ता ऊषा <नाम> अपराध संख्या-832,/2019 अन्तर्गतधारा-498ए, ३04बी भा०दं0सं०0 व धारा-3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम थाना-सदरजिला-आगरा में अभियुक्ता है । ", "जमानत प्रार्थनापत्र में यह अभिकथन है कि आवेदिका/ अभियुक्ता कोझूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, वह निर्दोष है। आवेदिका/ अभियुक्ता का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। आगेअभियोजन कथानक का वर्णन किया गया है, तत्पश्चात्‌ कहा गया है किआवेदिका/ अभियुक्ता द्वारा कभी दहेज की मांग नहीं की गई, <नाम> ही दहेज की मांगको लेकर कभी उत्पीड़न किया गया और <नाम> ही आवेदिका/ अभियुक्ता ने अपनीपुत्रवधू को दहेज के लिये मारा है। आवेदिका/ अभियुक्ता की पुत्रवधू ने अपनी मांके उकसाने <नाम> आत्महत्या की कोशिश की, आवेदिका/ अभियुक्ता पक्ष ने मृतकाको उपचार <नाम> भर्ती कराया तथा पुलिस प्रशासन व <नाम> के परिवारीजनों कोतुरन्त सूचित किया । आवेदिका / अभियुक्ता की पुत्रवधू का व्यवहार शादी के <नाम> सेही कुर व <नाम> प्रवृत्ति का था जो लगातार जारी रहा। आवेदिका/ अभियुक्ता कीपुत्रवधू आये <नाम> छोटी-छोटी बातों <नाम> आवेदिका/ अभियुक्ता से गाली गलौजकरती थी। आवेदिका/ अभियुक्ता ने इसकी शिकायत कई बार पुत्र के ससुरालीजनसे की परन्तु ससुरालीजन ने <नाम> का पक्ष लेते हुए उल्टा <नाम> से कहा कितुझे जो करना है, <नाम> हम सब देख लें। दिनांक 06.10.2019 कोआवेदिका/ अभियुक्ता का पुत्र, अपने पुत्र को टॉफी दिलवाने के लिये कॉलोनी कीदुकान <नाम> गया था जब घर आकर वापस <नाम> तो आवेदिका/अभियुक्ता की _ 2 __पुत्रवधू गले में फासी लगाकर लटकी हुई थी, आवेदिका/ अभियुक्ता के पुत्र नेतुरन्त अपनी पत्नी को आवेदिका/अभियुक्ता की सहायता से नीचे उतारा औरउपाध्याय हॉस्पीटल शहीद नगर भर्ती कराया तथा घटना की सूचना तुरन्त अपनेससुरालीजनों को बताई, साथ ही पुलिस को भी सूचना दी। आवेदिका / अभियुक्ताके पुत्र ने यदि आवेदिका/ अभियुक्ता की पुत्रवधू को मारा होता तो वह तुरन्त फरारहो जाता। आवेदिका/ अभियुक्ता ने कोई अपराध कारित नहीं किया है और <नाम> हीअपनी पुत्रवधू की हत्या की है बल्कि आवेदिका/ अभियुक्ता द्वारा पुत्रवधू का इलाजकराने के बावजूद आवेदिका/अभियुक्ता की पुत्रवधू की मृत्यु हो गई। आवेदिका/ अभियुक्ता के पुत्र द्वारा ही पत्नी <नाम> का शव प्राप्त किया तथाअपनी पत्नी का दाह संस्कार किया गया। आवेदिका/ अभियुक्ता की पुत्रवधू कीपोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसकी मृत्यु हार्टअटैक से दर्शाई गई है। आवेदिका / अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदिका / अभियुक्तादिनांक 01.11.2019 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। इन आधारों परजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "समर्थन में <नाम> <नाम> अरोड़ा जो आवेदिका/अभियुक्ता काभतीजा/ पैरोकार है, का शपथपत्र दाखिल किया गया है जिसमें जमानत प्रार्थनापत्रमें वर्णित उपर्युक्त तथ्यों की ही पुनरावृत्ति की गई है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी एवंवादिया-पक्ष के निजी विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहागया है कि अभियुक्ता मृतका की सास है और अभियुक्ता द्वारा अन्य सहअभियुक्तगण /परिवारीजन के साथ मिलकर दहेज की मांग की जाती थी। मृतकाकी मृत्यु शादी के 07 वर्ष के अंदर हुई है तथा अस्वाभाविक मृत्यु ससुराल में हुईहै। अभियुक्ता मृतका के साथ ही रहती थी। अभियुक्ता का जमानत प्रार्थना पत्रखारिज किया जाये। समर्थन में वादिया <नाम> <नाम> चौपड़ा का प्रति-शपथपत्रदाखिल किया गया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्यक परिशीलन से स्पष्ट होता है किवादिया मुकदमा <नाम> <नाम> चौपड़ा द्वारा दिनांक 08.10.2019 को प्रस्तुत तहरीरके अनुसार वादिया ने अपनी बेटी <नाम> की शादी 04 साल 08 महीने पहले गौरवचिटकारा से की थी एवं अपनी हैसियत के हिसाब से सारे <नाम> रिवाज पूरे किये थेलेकिन शादी के एक साल <नाम> से ही उसकी बेटी के ससुरालीजन दहेज की मांगकरने लगे थे। वादिया की जितनी हैसियत थी, <नाम> की। दहेज की मांग को लेकरवादिया की बेटी को आये <नाम> मारते-पीटते थे, बहुत बार बेटी को अपने साथउसके ससुराल से अपने घर <नाम> नगर लेकर आये तो रिश्तेदार आदि केसमझाने <नाम> दो-तीन बार बेटी को पुनः ससुराल भेज दिया। दहेज की मांग पूरीकरने के लिये बेटी पिछले 10 माह से एक विद्यालय में पढ़ाने लगी थी, तब भीगौरव व उसकी मां ऊषा <नाम> <नाम> के मामा दिल्‍ली निवासी <नाम> उफ टोनी वगौरव के चाचा महेन्द्र सारे मिलकर मेरी बेटी को प्रताड़ित करते थे व मारते पीटतेथे। दिनांक 06.10.2019 को सूचना <नाम> कि <नाम> ऊषा, <नाम> उफ टोनी वमहेन्द्र ने वादिया की बेटी की दहेज लोभ में हत्या <नाम> दी है। जब बेटी के ससुराल _ 3 __पहुंचे तब <नाम> बेटी जीवित थी तब उसको <नाम> नसिंग होम में इलाज के लियेभर्ती <नाम> दिया। अब बेटी जिन्दगी की लड़ाई <नाम> रही है, उसकी हालत बहुतखराब है, <नाम> दिलाने की <नाम> करें। 'उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सदर बाजार <नाम> <नाम> मु०अ०सं०832/ 2019 अन्तर्गत धारा-498ए, 307 भा०दं0सं0 व धारा-3/4 दहेज प्रतिषेधअधिनियम के अन्तर्गत अभियुक्तगण <नाम> चिटकारा, ऊषा <नाम> <नाम> उफटोनी-गौरव का मामा, महेन्द्र-गौरव का चाचा के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कियागया। विवेचना के दौरान मृतका की मृत्यु हो जाने के <नाम> प्रकरण में धारा-307भा०दं०सं0 का लोप करते हुए धारा-304बी भा0दं०सं0 की <नाम> की गई। " ], "judge-opinion": [ "दिनांक 23.12.2019आवेदिका / अभियुक्ता ऊषा <नाम> के जमानत प्र्रार्थनापत्र <नाम> उसकेविद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौ०) एवं वादी-पक्ष के निजी विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा थाने से प्राप्तआख्या एवं केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया। ", "मैंने केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया। मैंने वादिया मुकदमाके बयान अंतर्गत धारा-161 द0प्र०सं० का सम्यक परिशीलन किया जिसमें उसनेप्रथम सूचना रिपोर्ट के तथ्यों का समर्थन किया है। मैंने <नाम> चौपड़ा मृतका केबयान अंतर्गत धारा-161 द0प्र०सं० का भी सम्यक परिशीलन किया जिसने कहा हैकि दान दहेज से मृतका के ससुरालीजन संतुष्ट नहीं थे और मृतका जब घर आतीशी तो कहते थे कि उसके <नाम> व सास <नाम> ऊषा <नाम> पैसे के लालची व्यक्तिहैं तथा आये <नाम> तायने देकर प्रताड़ित करते हैं कि मृतका के पिता ने अपनीहैसियत के अनुसार दान दहेज नहीं <नाम> है तथा कहते थे कि मृतका अपने पितासे <नाम> नगर वाला मकान दिलवाये और यदि नहीं <नाम> तो उसे रास्ते सेहटाकर <नाम> की दूसरी शादी करेंगे। आगे पुनः कहा कि उसे दहेज के लियेप्रताड़ित किया जाता था। ", "मैंने पंचायतनामा व पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी सम्यक परिशीलनकिया। पंचायतनामे से प्रकट होता है कि मृतका के चोटें आँकित की गयीं है, मृतकाके गले में नीलगू निशान, दांहिनी कोहनी के ऊपर सिरिंज लगाये जाने का निशानहै। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से प्रकट होता है कि मृतका की आयु लगभग 35 वर्ष दर्शाईगई है तथा संबंधित चिकित्सक ने ९4१८ भ९५ के <नाम> मृत्यु होना बताया गयाहै किन्तु मृतका के ०9चोटें भी दिखायीं गयीं हैं जिसमें चोट सं08 लिगेचर माकमृतका के गले <नाम> दिखाया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य चोटें दिखायीं गयीं हैंजिसके सम्बन्ध में अभियोजन की ओर से <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि मृतका कोचोटें पहुंचायीं गयीं हैं। अभियोजन पक्ष का यही कथन भी है कि दहेज की मांग <नाम> पीड़िता /मृतका को प्रताड़ित किया जाता रहा है और इसी कम मेंपीड़िता /मृतका की दहेज के लिए हत्या कारित की गई। ", "मृतका की मृत्यु ससुराल में शादी के लगभग पोने पांच वर्ष के अंदरहुई है। मृत्यु सात वर्ष के अंदर हुई है और अस्वाभाविक मृत्यु हुई है। मृतका नेआत्म हत्या क्यों कि यह बचाव पक्ष को स्पष्ट करना था परन्तु इस सम्बन्ध में कोईविश्वसनीय स्पष्टीकरण अभियुक्ता-पक्ष से नहीं आया है। आवेदिका/ अभियुक्तामामले में नामजद हैं तथा मृतका की सास है। <नाम> अभियुक्त <नाम> चिटकारा जोमृतका का <नाम> था, की जमानत सत्र न्यायालय के स्तर से दिनांक 21.11.2019 कोनिरस्त की जा चुकी है । " ] }
0DENIED
Bail Application_4150_202018-12-2020187
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार वादिनी मुकदमा पीड़िता द्वारा थानासदर बाजार <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि उसकेपड़ोस में रहने वाला <नाम> दिनांक 07.10.2020 को समय करीब 11.30 बजे रात उसकेघर आया, उस समय वह टॉयलेट के लिए बाथरूम जा रही थी तो <नाम> उसे बगलवाले कमरे में ले गया और उसका बलात्कार किया। उसके शोर <नाम> उसके मम्मी,पापा कमरे से निकलकर बाहर आये तथा <नाम> से उसे छुड़ाया। <नाम> उसे व उसकेघर वालों को धमकी देकर कि तुम्हारे लड़के को उड़वा दूँगा अगर पुलिस को बतायातो, यह कहकर भाग गया। वह बहुत डर गयी। उसके मम्मी व पापा ने बदनामी केडर से पुलिस को नही बताया, लेकिन <नाम> उससे आते-जाते रास्ते में छेड़खानीकरता है जिससे परेशान होकर आज वह थाने में शिकायत करने आई है। उसकीजन्मतिथि 16.09.2003 व उम्र 17 वर्ष है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट के प्रथम पेज के अनुसार घटना दिनांक 07.11.2020 की दर्शायी गयी हैजबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट के अन्दर भाग में घटना दिनांक 07.10.2020 को कारितहोना दर्शाया गया है। घटना दिनांक 07.10.2020 समय 11.30 बजे रात की दर्शायीगयी है जबकि प्रथम सचना रिपोर्ट दिनांक 10.11.2020 को करीब एक माह <नाम> दर्जकरायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त को झूंठा फंसाया गया है, उसके द्वारा कोई अपराध Bail Application/10815/2020 -Ravi Vs. UP State 2कारित नही किया है जैसा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित है, क्योंकि वह रात केसमय घटनास्थल <नाम> मौजूद नही था जिसके संबंध में कई शपथपत्र मोहल्ले केप्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा एस.एस.पी. <नाम> को दिए गए हैं। बयान अन्तर्गत धारा164 द0प्र0सं0 व प्रथम सूचना रिपोर्ट में घोर विरोधाभास है। चिकित्सीय अभिलेख मेंबलात्कार के संबंध में कोई <नाम> <नाम> दिए जाने का उल्लेख है। अभियोजन का केसबहुत कमजोर है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त के पिता से पैसा ऐंठने के लिए अभियुक्त को झूंठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नही है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 12.11.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतःप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन किया गया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान ए.डी.जी.सी. दाण्डिक द्वारा जमानत काविरोध किया गया तथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा पीड़िता के घर में घुसकरजबरन बलात्कार किया गया, धमकी दी गयी तथा <नाम> में भी छेड़खानी की गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) के तर्क सुने तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "पत्रावली, केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है किप्रस्तुत प्रकरण में मुकदमा वादिनी / पीड़िता द्वारा अपने बयान अन्तर्गत <नाम> 164द0प्र/0सं० में अपनी उम्र 17 वर्ष बतायी है तथा कथन किया है कि दिनांक 07.10.2020 को <नाम> को बाथरूम करने के लिए वह घर के बार बाथरूम में आयी तो गेटके बगल में ही <नाम> नाम का लड़का हुआ था, उसने उसका हाथ पकड़कर खींचलिया, उसका मुंह बन्द <नाम> लिया, बगल वाला एक कमरा है खाली, उसके अन्दर लेगया तथा उसने उसके साथ गलत <नाम> किया, बलात्कार किया कपड़े उतारकर मुंहबन्द <नाम> <नाम> था, बलात्कार किया तब वह चिल्ला रही थी, <नाम> कोई नही आया जबउसने बलात्कार <नाम> <नाम> तब उसके <नाम> उसके यहां एक कुत्ता है वह भौंकाजोर-जोर से, तब मम्मी, पापा बाहर आये तो उन्होंने <नाम> से उसे छुड़ाया, <नाम> पापाको धक्का देकर भाग गया और भागते-भागते बोलकर गया हम लोग पुलिस स्टेशनगए तो उनके लड़के को उठा लेगा। इसी डर से वे लोग एक महीने <नाम> कम्पलेंटकरने नही आये। जब कम्पलेंट नही करवाने गये तो जब वह मम्मी के साथ बाजारजाती थी तो रास्ते में धमकी देता था, छेड़छाड़ी करता था। पीड़िता द्वारा अपने बयानअन्तर्गत <नाम> 164 में <नाम> 161 द0प्र0सं0 के बयानों का समर्थन किया है। अभियुक्तप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त के विरूद्ध नाबालिगपीड़िता के घर में घुसकर उसके साथ जबरन बलात्कार करने, <नाम> से मारने कीधमकी देने तथा <नाम> में भी रास्ते में आते-जाते छेड़छाड़ करने का कथन किया गयाहै। अभियुक्त द्वारा कारित कृत्य गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_422_202128-01-20213142
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के पिता रमेश का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। ", " अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 09.07.2020 को मुकदमा वादी प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> अपने अन्यपुलिस कर्मियों के साथ चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति गश्त इलाका में मामूर थेकि जरिये मुखबिर सूचना <नाम> पुलिस मुखबिर के बताये स्थान <नाम> पहुँचीतो एक मोटरसाइकिल <नाम> एक व्यक्ति सुनारी चौराहे की तरफ सेबाईपास रोड <नाम> आता दिखायी दिया। पास आने <नाम> रूकने के लियेकहा तो वह नहीं रूका और पीछे की तरफ मुड़कर भागते समय उसकीमोटरसाइकिल फिसल <नाम> गिर गयी और उसे पकड़ लिया। पकड़े गयेव्यक्ति ने अपना नाम समुन्द्र बताया। जामा तलाशी लेने <नाम> आवेदकअभियुक्त के दाहिने हाथ से एक देशी तमंचा 315 बोर व एक खालीखोखा कारतूस, एक खोखा कारतूस व 3 अदद्‌ जिंदा कारतूस 315 बोरव जेब से 640/-रूपये मिले । ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक अभियुक्त को उक्त मामले में झूठा फंसायागया है वह निर्दोष है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। आवेदक अभियुक्त से झूठी व फर्जी बरामदगी दर्शित की गयी है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 10.07.2020 से जिला कारागार <नाम> मेंनिरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्का <नाम> आवेदक अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी का कथन है कि आवेदक अभियुक्त से एक देशी तमंचा 315बोर व एक खाली खोखा कारतूस व 3 अदद्‌ जिंदा कारतूस 315 बोरबरामद किये गये है। आवेदक अभियुक्त के पास से अवैध अग्नायस्त्र कीबरामदगी की गयी है। इन्हीं आधारों <नाम> वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वगरा जमानत आवेदन पत्र को निरस्त किये जाने का अनुरोध किया गयाहै। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन कीतरफ से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुनलिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन करलिया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट प्रकट होता है कि इस मामले में आवेदक अभियुक्त से एकदेशी तमंचा 315 बोर व एक खाली खोखा कारतूस व 3 अदद्‌ जिंदाकारतूस 315 बोर की बरामदगी दर्शित की गयी है। बरामदगी स्थलबाईपास रोड है और काफी व्यस्त <नाम> है जहां <नाम> लोगों का हर समयआवागमन रहता है परन्तु फिर भी <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहींबनाया गया है। इस मामले से सम्बन्धित मुख्य धाराओं अंतर्गत धारा364ए,420,467,468,471,120बी भा०द0सं0 थाना सिकन्दरा <नाम> मेंआवेदक की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा फौजदारी प्रकीर्णजमानत प्रार्थना पत्र संख्या 457962020 में पारित आदेश दिनांकित 06.01.2021 से स्वीकार की जा चुकी है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 10.07.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। वर्तमान मामले के निकटभविष्य में परीक्षण प्रारम्भ होने की कोई सम्भावना नहीं है। आवेदकअभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_991_202109-02-20212683
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साश आवेदक/ अभियुक्त केपैरोकार कलुआ का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा देवेन्द्र <नाम> अवरअभियन्ता 33/11 के.वी.उपकन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना सिकन्दरा, आगरापर इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक05.05.2014 को टीम के अन्य सदस्यों के साथ चैकिंग किये जाने परअभियुक्त को अवैध <नाम> से विद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुए पायागया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठाफॅसाया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमनशुल्क / बकाया जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त उक्त कस मेंदिनांक 07.02.2021 से जेल में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। (2)विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्थी/ अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, अतः आपत्तिनहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से कार्यालय अधिशासी अभियन्ता,विद्युत वितरण खण्ड, द्वितीय, <नाम> नगर, <नाम> के द्वारा थानाध्यक्षसिकन्दरा जनपद <नाम> को एक पत्र इस आशय का प्रेषित किया गया है,जिसमें इस बात की अंकना है कि अभियुक्त जोगेन्द्र <नाम> से शमन धनराशि4,000 / -रूपये रसीद संख्या-682531/05 दिनांक 06.08.2014 एवं राजस्वनिर्धारण 210/-रूपये रसीद संख्या-<फ़ोन-नंबर>4545017 दिनांक 06.01.2021 से प्राप्त <नाम> लिया गया है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वानअधिवक्ता द्वारा सब्मिट का पृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3100_202012-10-20201997
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> बानो <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथनकिया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावाअन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वगरा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। पुलिस द्वारा बेहतर कार्यगुजारीदिखाने की नीयत से झूठा फसाया गया है। मु0अ0सं0 18/2018 अन्तर्गत धारा398,401 भा0दं0सं0 थाना रकाबगंज <नाम> के मामले में अभियुक्त की जमानत होचुकी है। मु0अ0सं0 22/2018 <नाम> 41/102 दं0प्रOसं० व <नाम> 411,414भा0दं0सं0 व मु0अ0सं0 21/2018 अर्न्तगत <नाम> 4/25 आयुध अधिनियम दर्शितकिये गये हैं। <नाम> 4/25 आयुध अधिनियम के मामले में अभियुक्त की जमानतहो चुकी है। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारीनिरीक्षक <नाम> <नाम> थाना रकाबगंज, <नाम> द्वारा इस आशय की रिपोर्ट दर्जकराई गयी कि <नाम> उर्फ लुक्का गैंग लीडर है तथा जीतू सलमान इस गैंग केसदस्य हैं, जो मिलकर आर्थिक <नाम> व जीविकोपार्जन <नाम> थाना <नाम> व आसपासके क्षेत्रों में चोरी लूट आदि की घटनायें कारित <नाम> अवैध धन अर्जित करते हैं । इनका स्वच्छद रहना जनहित में नहीं हैं। अभियुक्त सलमान के विरुद्ध थानारकाबगंज <नाम> Bail Application/8760/2020 —Salman Vs. UP State 21. मु0अ0सं0 18/2018 <नाम> 398,401 भा०दं0सं02. 21/2018 <नाम> 4/25 आयुध अधिनियम3. मु0अ0सं० 22/2018 अन्तर्गत <नाम> 411,414 भा०दं0सं०पंजीकृत हैं । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना रकाबगंज <नाम> <नाम> मु0अ0सं०112//2019 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्तगण काएक संगठित गिरोह है तथा अभियुक्त सलमान गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगणके विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसकेविरुद्ध तीन मुकदमे दर्ज हैं, जो लूट एवं चोरी आदि से सम्बच्धित हैं। सहअभियुक्त जीतू की जमानत निरस्त हो चुकी है। अतः अभियुक्त का जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता हैवहां न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधारहै कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वाराकोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "अभियुक्त जीतू गैंग का सदस्य है। गैंगचार्ट के अनुसार उसके विरुद्धअपने साथियों के साथ मिलकर लूट, चोरी जैसे अपराध करने का आरोप है। सहअभियुक्त जीतू की जमानत निरस्त हो चुकी है। आवेदक ,/ अभियुक्त के विरुद्धगैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तरप्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक / अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किया <नाम> न्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_932_202021-07-20201045
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> व पैरोकार पंकजशाक्य के शपथ पत्र से समर्थित है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा दिनांक 02.09.2018 को समय 03.09 बजे वादी उपनिरीक्षक देवेन्द्र <नाम> द्वारा इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दी गई किदिनांक 01.09.2018 को रपट नं0 877 समय 23.36 बले अन्य पुलिसकर्मचारीगण के साथ शान्ति व्यवस्था में थे। गश्त करते हुए <नाम> मन्दिर सेसैक्टर-7 आवास <नाम> आये तो मुखविर ने सूचना दी कि तीन व्यक्ति एकस्कूटी <नाम> सवार होकर कैला <नाम> चौराहे की तरफ से अपने एक साथी सेमिलने सैन्ट्ल पार्क की ओर आ रहे है। इनके पास लूट के मोबाईल फोन हैं। ", "जल्दी की जाये तो पकडे जा सकते है। सूचना <नाम> यकीन <नाम> गवाहन लेने का प्रयास किया किन्तु कोई तैयार नहीं हुआ। आपस में एक दूसरे की मयमुखविर के जामा तलाशी ले देकर इत्मीनान किया कि किसी के पास जुर्म सेसम्बन्धी कोई वस्तु नहीं है। मुखविर के बताये अनुसार सैन्टूल पार्क तिराहे केपास आड में मोटर साईकिल खडी <नाम> छिपकर आने वालों का इन्तजारकरने लगे कि तभी कैला <नाम> चौराहे की तरफ से एक एक्टिवा <नाम> सवारतीन व्यक्ति आते दिखाई दिये मुखविर इशारा करके चला गया। एक्टिवासैन्टुल पार्क के सामने आकर रुकी तभी एक लडका पाक की तरफ से न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 932/ 2020बिकास बनाम राज्यएक्टिवा के पास आया। चारों आपस में बात करने लगे। तभी एक वारगी दविशदेकर घेर <नाम> समय करीब 01.17 बजे चोरों को पकड लिया। नाम पता पूछते हुएजामा तलाशी ली गई तो ने अपना नाम <नाम> बताया। जिसकी जामा तलाशी मेंदाहिनी जेब से एक मोबाईल बीबो सफेद रंग का बरामद हुआ। बरामद मोबाईलफोनों के बारे में सभी ने एक स्वर में कहा कि ये मोबाईल भिन्न भिन्न जगहों सेलूटे हैं। स्कूटी के बारे में पूछा गया तो ईशू ने बताया कि उसकी है कोई कागजनहीं दिखा सके। इसी बरामदगी के आधार <नाम> मुकदमा पंजीकृत कराया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया हैकि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है, वहनिर्दोष है। उसके पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है <नाम> ही उसने घटना कारित कीहै। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्व माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 07.12.2019 व03.02.2019 को गैर जमानती वारंट जारी <नाम> दिये थे इसलिए प्रार्थी / अभियुक्त कोपुलिस ने पकडकर दिनांक 18.03.2020 को जेल भेज <नाम> है। प्रार्थी / अभियुक्तदिनांक 18.3.2020 से ही जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन ननहीं है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथनकिया गया कि अभियुक्त घटना में सम्मिलित रहा है और उसके पास से बरामदगीहै, पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> लेवा हमला किया है। उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> इसयप्रकरण में पूर्व से जमानत <नाम> था। उसक न्यायालय में अनुपस्थित रहने के कारणदिनांक 07.12.2019 को उसके विरूद्व गैर जमानती अधिपत्र जारी किए गए जिसकेअनुपालन में दिनांक 8.3.2020 को पुलिस द्वारा गिरफतार <नाम> न्यायालय के समक्षपेश किया गया। प्रार्थी <नाम> दिनांक 8.3.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ठ है। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्ररक्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3622_202005-11-20201299
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र केसमर्थन में <नाम> <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है किअभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है किउसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे षड्यंत्र के तहत झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त की दिल्ली में <नाम> <नाम> एण्ड ट्रैवल्स के नाम से एजेंसी है,जिसमें वह किराये <नाम> कार/टैक्सियों को चलवाने का <नाम> करता है तथा आये दिनगाड़ियों को किराये <नाम> भेजने का <नाम> करता है। जिस <नाम> कुछ लोग व्यापारिकरंजिश <नाम> लगे एवं उसे झूठा रंजिशवश फंसा <नाम> गया। अभियुक्त ने उक्तअपराध की जानकारी द्वारा मेल दिनांक 19.06.2020 को समय करीब 10.30 बजेजिलाधिकारी <नाम> व जिलाधिकारी <नाम> को दी थी। उक्त मेल मेंआवेदक / अभियुक्त ने तीन नवजात बच्चों व दो गाड़ियों काजिक किया था तथाउनके आने-जाने का मार्ग का भी जिक किया था। उक्त सूचना <नाम> फतेहाबादपुलिस द्वारा दिनांक 19.06.2020 को समय करीब दोपहर 02.35 बजे अभियुक्त कोपकड़ लिया। आवेदक / अभियुक्त द्वारा दिये गये मेल में अभियुक्ता <नाम> कामोबाइल नम्बर भी <नाम> गया था। उसके बयानके आधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त कोउक्त मुकदमे में अभियुक्त बना <नाम> गया। अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में एकअभियोग दर्शित किया गया है, जो मु०अ0सं0 151/2020 अर्न्तगत धारा363,370(5),420 भा०दं0सं0 व 81 किशोर <नाम> बच्चों की देखभाल संरक्षण अधिनियमथाना फतेहाबाद, <नाम> से सम्बन्धित है, जिसमें उसकी जमानत हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 08.10.2020 से कारागार में है। अतएव अभियुक्त को जमानत पररिहा किया जाये। ", "Bail Application/9729/2020 —-Anand Rahul Vs. UP State 2संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि थाना प्रभारी प्रदीपकुमार द्वारा इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी कि अभियुक्त विष्णुकांत दिनेने एक गिरोह बना रखा है तथा उसके सदस्य <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> कुमार,श्रीमती <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> सूरज <नाम> <नाम> तथाकल्पना <नाम> हैं। <नाम> मुख्य कार्य सैरोगेसी करवाकर अवैध <नाम> से व्यापार करनिजी एवं भौतिक <नाम> <नाम> धन अर्जित करना है। अभियुक्त <नाम> <नाम> केविरूद्ध - मु0अ०सं0 १151/2020 अर्न्तगत <नाम> 363,370(5),420 भा०दं0सं० व 81किशोर <नाम> अधिनियम थाना फतेहाबाद, <नाम> पंजीकृत है । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना फतेहाबाद, <नाम> <नाम> मु0अ0सं0273,/ 2020 अर्न्तगत <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ । ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहा गयाहै कि अभियुक्त गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह है, जोसैरोगेसी (किराये की कोख) से धनोपार्जन का अपराध <नाम> अवैधानिक <नाम> से धनप्राप्त करता है। <नाम> अभियुक्त <नाम> एवं <नाम> <नाम> की जमानत निरस्त हो चुकीहै। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है। अतःअभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता हैवहां न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोईअपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "अभियुक्त <नाम> <नाम> गैंग का सदस्य होना कहा गया है। गैंगचार्ट केअनुसार उसके विरुद्ध अपने साथियों के साथ मिलकर सैरोगेसी(किराये की कोख) सेधनोपार्जन का अपराध <नाम> अवैधानिक <नाम> से आर्थिक <नाम> प्राप्त करने का आरोपहै। कथित अपराध की सूचना अभियुक्त द्वारा ही अधिकारीगण को दी गयी अथवानहीं, यह अग्रिम साक्ष्य के उपरान्त ही निर्धारित हो सकता है। इस प्रकरण में सहअभियुक्तगण <नाम> एवं <नाम> <नाम> की जमानत निरस्त हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराधकी गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी कियाकलाप (निवारण)अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> न्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_332_202019-02-2020689
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> गहलौत का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि 08.01.2020 को उपनिरीक्षकविपिन <नाम> एवं पुलिस कर्मचारीगण द्वारा समय करीब 21.00 बजे अभियुक्त भानू कोपकड़ा गया तथा उसके पास से 550 ग्राम डायजापाम नशीला पाउडर बरामद कियागया। मौके <नाम> ही <नाम> को सर्व मुहर किया गया तथा फर्द बरामदगी तैयार कीगयी । ", "आवेदक / अभियुक्त का कथन है कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसेझूठा फसाया गया है। उसके पास से कोई नशीला पाउडर बरामद नहीं हुआ है। जनता का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। <नाम> 50 एन0डी0पी0एस० अधिनियम केप्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 09.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आवेदक / अभियुक्तके कब्जे से 550 ग्राम डायजापाम नशीला पाउडर बरामद किया गया है। यदिआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> गया तो उसके पुनः अपराध में संलिप्त होने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ०) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी का अवलोकनकिया। ", "आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से वाणिज्यक <नाम> से भी अधिक 550 ग्रामडायजापाम नशीला पदार्थ अवैध <नाम> से बरामद होना कहा गया है। <नाम> 37एन0डी०पी0एस0 अधिनियम के अर्न्तगत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधार नहींहैं कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्तनहीं होगा। " ] }
0DENIED
Bail Application_2251_201930-05-20193453
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{ "facts-and-arguments": [ "अपराध संख्या-88/19दिनांक 30.05.2019्रार्थी/ अभियुक्त श्यामवीर उर्फ सोमवीर उफ श्यामू की ओर से मुकदमाअपराध संख्या- 88/2019 ३92,411 भा०द0सं0 थाना एत्माददौला जिला <नाम> केप्रकरण में जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है जो कि न्यायिक अभिरक्षा में है। समर्थन में <नाम> पाल <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक क अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> द्वारा दिनांक 09.02.2019 समय 22.05बजे थाने <नाम> इस आशय कीतहरीर दी गई कि दिनांक 09.02.2019 को समय करीब 03.00 बजे दोहपर रामबागचौराहा नुनिहाई रोड <नाम> वादी का <नाम> जिओ श्यामवीर उर्फ सोमवीर उर्फ श्यामू वएक अन्य साथी छीनकर भाग गया। वादी की तहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमापंजीकृत हुआ। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे झूठा फसाया गया है। दिनांक 10.02.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया किवादी तथा अभियुक्त दोनों एक दूसरे को जानते है। एक ही मोहल्ले के रहने वाले है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज कराई गई है। आपसी रजिंश के <नाम> उसे झूठाफसाया गया है। इन आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने की प्रार्थना की गई। ", "विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए यह तरक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडने का कोईआधार नहीं है। अभियुक्त के पास से लूट के मोबाईल की बरामदगी है। अत: जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "मैने प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान लोक अभियोजकको सुना एवं केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया गया । ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 10.02.2019को चैकिग के दौरान अभियुक्त श्यामवीर उफ सोमवीर उर्फ श्यामू को मुखविर कीसूचना <नाम> गिरफतार किया गया और उसके पास से जामा तलाशी में एक मोबाइलजिलओ बरामद हुआ। पूछताछ में उसने बताया कि दिनांक 09.02.2018 को दोपहर मेंउसने तथा उसके साथी गंजा ने मिलकर लूटा था। अभियुक्त तथा वादी मुदमा एकही मोहल्ले के रहने वाले है। पहले से <नाम> पहचान थी। बरामदगी का कोई जनसाक्षीनहीं है। दिनांक 09.02.2019 को 03.00 बजे दोपहर की घटना है जबकि 09.02.2019को 2205 बजे प्रथम सूचना रिपोर्टट दर्ज कराई गई है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1601_202101-04-2021404
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{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प््रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्तगण की ओर से दीपककुमार का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है कि जिसमें यह वर्णित है कि प्रार्थी /अभियुक्तगणका यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र हे, अन्य कोई अग्रिम जमानत प््रार्थनापत्र किसीअन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> मनीषकटारा द्वारा थाना डौकी <नाम> दिनांक 20.10.2018 को इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायीगयी कि वह दिनांक 18.10.2018 को समय करीब 2:30 बजे <नाम> को उसके पिताजी उसकेगांव के डालचन्द्र उफ पप्पू कांती, शिवकुमार से अपने पैसे मांगने गये थे तो उसके पिताजीके साथ मारपीट <नाम> दी तुरंत वह भी मौके <नाम> पहुंच गया तो गाली गलौज करते हुए उसकेसाथ भी डालचन्द्र कांती व शिवकुमार व डालचन्द्र के बेटे छोटू व दूसरे का नाम मालुम नहींहै ने मारपीट लाठी डंडे व फरसा से उसके पिताजी के सिर <नाम> जोर से प्रहार किया जिससेउसके पिताजी को गंभीर चोटें आयीं । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण डालचन्द उफ पप्पू कान्ती,शिव <नाम> छोटू व डालचन्द का लड़का के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या-470/2018धारा-147,323,324,504,506 भा0दं0सं0 थाना डौकी, जिला <नाम> <नाम> पंजीकृत हुआ। दौरानविवेचना <नाम> 147 भा0द0सं0 का लोप किया गया व <नाम> 308 भा०द0सं0 को बढोत्तरी कीगई । ", "प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> किया है कि अभियुक्तगणको इस मामले में झूठा संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। अभियुक्तगण का उपरोक्त घटना से कोईसम्बन्ध नहीं है। यह भी <नाम> किया गया कि घटना दिनांक 18.10.2018 की बातई गई और Bail Application/2939/2021 —-Kanti @ Ramakant And OThers Vs. UP State—2— मुकदमा दिनांक 20.10.2018 को पंजीकृत कराया गया है। मामले में कोई स्वतंत्र गवाहनहीं दर्शाया गया है। यह भी <नाम> किया गया कि <नाम> 308 भा0दं0सं0 की <नाम> में बिनाकिसी आधार के बढोतरी की गयी है। अभियुक्तगण के विद्धान अधिवक्ता द्वारा यह भीतक प्रस्तुत किया गया कि इस मामले में <नाम> व रामकरन को चुटैल होना बताया गयाहै। इन दोनों की कोई भी गंभीर चोट नहीं है। यह भी <नाम> किया गया कि यह कॉसकेस का मामला है और अभियुक्तगण तरफ से मु0अ0सं0 477,/2018 अंतर्गत धारा323,324,452,354,504,506 भा0दं0सं0 का मामला दर्ज कराया गया है। प्रकरण में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। समस्त के आधार <नाम> अभियुक्तगण को अग्रिम जमानतपर <नाम> किये जाने की <नाम> की गई। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने अग्रिम जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कथन किया है कि अभियुक्तगण को इस मामले की पूर्णजानकारी है और न्यायालय में विचारण <नाम> आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है औरअभियुक्तगण विचारण में उपस्थित नहीं हो रहे हैं और अग्रिम जमानत का कोई आधारनहीं है। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र को निरस्त किये जाने की <नाम> की गई। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्धान अधिवक्ता व विद्धान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी व वादी के विद्धान अधिवक्ता को सुना तथा उपलब्धप्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "द॑0प्र०सं0 की <नाम> 438 में सत्र न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालयको अग्रिम जमानत प्रदान किए जाने की शक्तियों से सशक्त किया गया है, यदिप्रार्थी/ अभियुक्त को यह विशवास करने का <नाम> है कि अजमानतीय अपराध को कारितकरने के अपराध में उसे गिरफतार <नाम> लिया जायेगा और झूठे मामले में आलिप्त कियाजा रहा है। इन परिस्थितियों में प्रार्थी/ अभियुक्त अग्रिम जमानत का आवेदन पत्र प्रस्तुतकर सकता है। अग्रिम जमानत आवेदन पत्र गिरफतार किए जाने की आशंका की <नाम> मेंप्रस्तुत किया जाता है। यह शक्ति असाधारण <नाम> की है और अपवादिक <नाम> में हीन्यायालय द्वारा प्रयुक्त किया <नाम> चाहिए। वर्तमान मामले में पुलिस प्रपत्रं व अन्यसामग्री के अवलोकन से यह स्पष्ट प्रकट हो रहा है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण <नाम> धारा323,324,308,504,506 का अभियोग लगाया गया है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र वअन्य सामग्री के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि प््ार्थी/अभियुक्तगण <नाम> धारा323,324,308,504,506 भा०दं0सं0 का प्रथम दृष्ट्या आरोप पाते हुए आरोप पत्र न्यायालयमें प्रेषित किया है। उक्त आरोप पत्र में अभियुक्तगण के विरूद्व विचारण न्यायालय मेंप्रारंभ हो चुका है इसके बावजूद वह न्यायालय में नियमित <नाम> से उपस्थित <नाम> होकरउनके द्वारा यह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी /अभियुक्तगण मामले में नामजद है और उसक द्वारा चुटैल <नाम> वरामकरन को गांभीर चोटें पहुँचायी गयी हैं। प्रार्थी/अभियुक्तगण विचारण में भी उपस्थितनहीं हो रहे हैं। प्रार्थी/अभियुक्तगण द्वारा किया गया अपराध गम्मीर <नाम> का है। प्रथमसूचना रिपोर्ट के सम्यक परिशीलन से प्रकट होता है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्धअन्य वादी व उसके परिजनों के साथ मारपीट करने का अभियोग है। प्रथम दृष्टया यहसमाधान होने का कोई आधार नहीं है कि रिपोर्ट असदभावी <नाम> से दर्ज कराई गई हो। प्रथम सूचना रिपोर्ट से यह भी प्रकट नहीं होता है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण को केवलपरेशान करने अथवा अपमानित करने के उद्देश्य से सूचना दर्ज कराई गई हो। प्रकरणमें विवेचना के उपरान्त आरोपपत्र प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4535_202012-01-20213791
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के बहनोई सोमवीर काशपथपत्र संलग्न किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की प्राथमिकीदर्ज करायी गयी कि दिनांक 19.07.2019 को वह मय हमराहियानचैकिंग संदिग्ध वाहन व व्यक्ति, गइत आदि में मामूर थे कि उसी दौरानमुकदमा अपराध संख्या 293/19 के वादी भूपेन्द्र <नाम> व उसके भाईसूरज <नाम> की सूचना <नाम> 6 व्यक्तियों में से 2 व्यक्तियों को पकड़ लियागया तथा <नाम> <नाम> व्यक्ति अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये। पकड़ेगये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो एक नेअपना नाम हेत <नाम> उर्फ <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से दोमोबाईल, एक विशेष पुलिस <नाम> का कार्ड, एक तमंचा दो जिंदा कारतूस व दो हजार रूपये नकद बरामद हुये। दूसरे व्यक्ति ने अपनानाम रामू बताया। इसकी जामा तलाशी से एक विशेष पुलिस अधिकारीका कार्ड, दो मोबाईल, एक तमंचा, दो जिंदा कारतूस व दो हजार रूपयेनकद बरामद हुये। अभियुक्तगण ने बताया कि एसपीओ का कार्ड वेचैकिंग से बचने के लिये अपने पास रखते हैं। इसको दिखाकर लूट कीगाड़ी लेकर आसानी से निकल जाते हैं। अभियुक्तगण के कब्जे से लूटकी पांच मोटरसाईकिलें भी बरामद की गयीं। भागे हुये अभियुक्तगण केनाम वीरेन्द्र, <नाम> <नाम> व मानवेन्द्र बताये। अभियुक्तगण को जुर्मसे अवगत कराते हुये हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके परतैयार की गयी । ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक अभियुक्त को उक्त मामले में झूठा फंसायागया है वह निर्दोष है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। आवेदक अभियुक्त मौके <नाम> नहीं था और ना ही उपरोक्त मुकदमेदिखायी गयी मोटर साईकिल अभियुक्त से बरामद हुयी है। आवेदकअभियुक्त का नाम सह-अभियुक्तगण के बताने <नाम> इस मामले में जोड़दिया गया है। आवेदक अभियुक्त से कोई भी फर्जी दस्तावेज व अन्यकागज बरामद नहीं हुआ है। आवेदक अभियुक्त ने धौलपुर न्यायालय मेंकिसी अन्य मुकदमे में दिनांक 21.11.2020 को आत्मसमर्पण किया थातथा आवेदक अभियुक्त को इस न्यायालय द्वारा दिनांक 19.12.2020को धौलपुर जिला कारागार से तलब किया गया है। इस मामले मेंसहअभियुक्त <नाम> की जमानत दिनांक 19.10.2020 को अभियुक्तबृजमोहन की जमानत दिनांक 11.02.2020 को व अभियुक्त मानवेंद्र कीजमानत दिनांक 28.07.2020 को न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकीहै। आवेदक अभियुक्त दिनांक 21.11.2020 से जिला कारागार धौलपुर,राजस्थान में निरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदकअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी का कथन है कि आवेदक अभियुक्त, सह-अभियुक्तों के साथमिलकर किसी अन्य अपराध को कारित करने की फिराक में था। पुलिसको आता देख आवेदक अभियुक्त अपने सह-अभियुक्तों के साथ मोटरसाईकिल <नाम> भाग गया तथा पुलिस द्वारा भागे गये अभियुक्तों का पीछाकरने <नाम> दो अभियुक्तों को पकड़ लिया गया। आवेदक अभियुक्त वउसके अन्य सह-अभियुक्त एसपीओ का फर्जी कार्ड अपने पास रखतेथे। जिसे दिखाकर वे <नाम> चैकिंग के चोरी व लूट की गाड़ी लेकरआसानी से निकल जाते थे। आवेदक अभियुक्त एक शातिर किस्म काअपराधी है जो अपने <नाम> अभियुक्तों के साथ मिलकर लूट जैसे जघन्यअपराध कारित करता है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन कीतरफ से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुनलिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन करलिया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट प्रकट होता है कि आवेदक अभियुक्त को मौके से भागादिखाया गया है तथा सह-अभियुक्तों के कहने <नाम> आवेदक का नामप्रकाश में आया है। आवेदक / अभियुक्त से कोई बरामदगी दर्शायी नहींगयी है। आवेदक / अभियुक्त को धौलपुर जेल से ही वारण्ट बी का वारण्ट बनाकर विवेचना किया गया है। अभियुक्त कभी भी विवेचक केआज <नाम> अभिरक्षा में नहीं रहा है। यह आश्चर्य का विषय है किविवेचक ने आवेदक अभियुक्त को अभिरक्षा में लेने का कोई प्रयास नहींकिया है और <नाम> अभिरक्षा के ही उसके द्वारा आवेदक अभियुक्त केविरूद्ध खानापूर्ति करने के उददेश्य से आरोपपत्र दाखिल <नाम> <नाम> गयाहै। इस प्रकार मामले के विवेचक द्वारा विवेचना प्रभावी ढंग से नहींकिया <नाम> प्रकट होता है। यह भी आश्चर्य का विषय है कि इसमामले की विवेचना का भी प्रभावी पर्वेक्षण सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी / थानाप्रभारी द्वारा नहीं किया गया है और उन्होंने भी नैव्यिक <नाम> से आरोपपत्रन्यायालय में अग्रसारित <नाम> <नाम> है। इस मामले में सह-अभियुक्तबृजेश व <नाम> की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार कीजा चुकी है। आवेदक अभियुक्त धौलपुर जिला जेल में दिनांक 21.11.2020 से निरूद्ध है। वर्तमान मामले के निकट भविष्य में परीक्षण प्रारम्भहोने की कोई सम्भावना नहीं है। आवेदक अभियुक्त विचारण के दौरानअपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त जमानते देने के लियेतत्पर है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2626_202025-09-20202440
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> की मां श्रीमतीलज्जादेवी ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> बद्री <नाम> <नाम> उफबद्रीश द्वारा थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 22.08.2020 की <नाम> मेंएमण०वी०इंटरनेशनल विधालय में चोरी हो गयी जिसमें विधालय में लगाएल०ई०डी०टी०वी०,सी०सी०टी०वी0 की डी०वीआर०, नलों की टोंटी और कुछ एल०ई०डी०बल्ब आदि सामान चोरी चला गया है। चोरों ने विधालय में लगे सोलर <नाम> संयत्र को भी नुकसान पहुँचाया इसके अलावा विधालय में लगी बैटरियों और जेनरेटर ले जाने काभी प्रयास किया । मुझे चोरी की जानकारी <नाम> 9:45 <नाम> हई जब विधालय में तैनात गार्ड ने मुझे फोन <नाम> इसकी जानकारी दी । वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा में मुकदमा अपराध सं0293,/ 2020 अन्तर्गत <नाम> 380 भा० द0 सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गयी तथा बरामदगी Bail Application/7641/2020 —-BalramVs. UP Stateके आधार <नाम> <नाम> 411 भा0दं0सं0 की बढोतरी की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी/अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> है। घटना दिनांक22.08.2020 की है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 24.08.2020 को अज्ञात में दर्जकरायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त से अपराध से सम्बच्धित कोई भी बरामदगी नहीं हुई हैजो भी बरामदगी दिखायी गयी है वह झूठी है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त दिनांक 29.08.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्द हैं। अतःप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाए । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा एम0वी०इंटरनेशनल विधालय मेंलगे एल०ई०डी०टी०वी०, सी०सी०टी०वी0 की डी0वी0आर0०, नलों की टोंटी और कुछएल0०ई०डी0 बल्ब आदि सामान चोरी की गयी है तथा विधालय में लगे सोलर <नाम> संयत्र को भी नुकसान पहुँचाया इसके अलावा विधालय में लगी बैटरियों और जेनरेटर ले जानेका भी प्रयास किया। उक्त चोरी का सामान प्रार्थी /अभियुक्त के पास से बरामद हुआहै। प्रकरण गंभीर <नाम> का है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र खारिजकिया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मेने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । पत्रावली <नाम> उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किप्रस्तुत प्रकरण में घटना दिनांक 22.08.2020 को <नाम> को विधालय में चोरी होने के बाबत अज्ञात में दिनांक 24.08.2020 को दर्ज करायी गयी है तथा एल0०ई0डी0टी0वी०,सी0सी०टी०वी0 की डी0वी०आर0०, नलों की टोंडी और कुछ एल0०ई०डी0 बल्ब चोरी होनाकहा गया है। ", "विवेचना के अनुक्रम में दिनांक 28.08.2020 को थाना मलपुरा में पुलिस केएस०आई० योगेन्द्रसिंह द्वारा चैकिग के दौरान मुखबिर से सूचना मिलने <नाम> प्रस्तुतप्रकरण के अभियुक्त व <नाम> अभियुक्त धर्मेन्द्र तथा <नाम> को लूट की <नाम> बनाते हुएगिरफतार किया <नाम> उल्लिखित किया गया है तथा प्रार्थी /अन्य दो अभियुक्तों के कब्जेसे प्रस्तुत प्रकरण में चोरी गये 10 एल०ई०डी0 बल्ब और 7 नल की टोंटियां बरामद होनाकहा जाता है तथा अभियुक्तगण के जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> ही उन्हें प्रस्तुतप्रकरण में नामित किया गया है। मुकदमा अज्ञात में दर्ज हुआ है। अभियुक्तगण के पाससे केवल 10 एल०ई०डी0 बल्ब और 7 नल की टोंटियां बरामद होने का उल्लेख कियागया है। अभियुक्त की मुअ0सं0 304 /2020 में दिनांक 17.09.2020 को जमानत अपरसत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-10 द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्तविचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए पर्याप्त जमानत देने केलिए तत्पर है। अभियुक्त दिनांक 29.08.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। ", "अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_7356_201901-01-20202721
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्तगण के बुआ के लड़के वपैरोकार सुहैल के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादीमुकदमा एस0एच०ओ0 <नाम> <नाम> द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीअंकित करायी गई कि दिनाक 10.07.2019 को वह मय इहमराहियान गश्त वतलाश वांछित अपराधी आदि में मामूर था कि उसी दौरान मुखबिर की सूचनापर बिजली का तार काटकर चोरी करते हुए बदमाशों को पकड़ने का प्रयासकिया गया तो बदमाशों ने <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी परफायर किए। बदमाश <नाम> में अंधेरे का फायदा उठाकर मैक्स गाड़ी को मौकेपर छोड़कर भाग गए और पकड़े नहीं जा सके। मौके <नाम> छोड़ी गयी गाड़ीमैक्स महिन्द्रा संख्या-यूएपी0 83, ए0टी0 5563 को <नाम> गया तो गाड़ी के (2)अपर सत्र चीक, न्यापानय समा ०९ आगरजमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7350 2019मुजीद आदि बनाम राज्यअन्दर से 21 बण्डल तार बिजली एल्युमीनियम भरा हुआ मिला तथा साथमें एक अदद बडा कटर लोहा, दो रबड़ के दस्ताने, दो अदद रस्सा बरामदकिया गया। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्तगण द्वारा पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने कीनीयत से फायर किए गए हैं तथा उनके द्वारा मौके <नाम> छोडी गयी गाड़ी वगाड़ी से 21 बण्डल एल्युमीनियम का तार बरामद किया गया है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्तागण <नाम> मुशीर <नाम> व श्रीसुब्रत <नाम> एवं विद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजनप्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रार्थी /अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्शीगण दिनाक 15.12.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध हैं। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। ्रार्थीगण से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थीगण मौके से गिरफूतार नहीं हुए हैं। अभियुक्तगण को घटना के पाँच माह <नाम> गिरफूतार किया गया है, उस समय्रार्थीगण से कोई हथियार बरामद नहीं किया गया है। प्रार्थीगण को व्यापारिकवैमनस्यता के चलते प्रतिद्वन्दियों द्वारा झूठा फंसवाया गया है। प्रार्थीगण काकोई अपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्तगण का अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 11.07.2019 की है। प्रार्थीगण <नाम> पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> सेमारने की नीयत से फायरिंग करने तथा उनके द्वारा मौके <नाम> छोड़ी गयीगाड़ी से 21 बण्डल एल्युमीनियम का तार बरामद होने का आरोप है। प्रार्थीगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं हैं तथा <नाम> ही उन्हें मौके सेमिरफूतार किया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता हैकि प्रार्थीगण का नाम प्रश्‍नगत वाहन के <नाम> मो0 कुर्बान हुसैन के मजीद (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रल्क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीशः न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7350 2019मुजीद आदि बनाम राज्यबयान के आधार <नाम> <नाम> में आया है। केस डायरी के अवलोकन से यह भीदर्शित होता है कि प्रार्थीगण को दिनाक 15.12.2019 को मुखबिर की सूचनापर गिरफूतार किया गया है। अभियोजन की आर से प्रश्‍नगत घटना मेंचोटिस किसी भी पुलिस कर्मी की कोई चिकित्सीय आख्या प्रस्तुत नहीं कीगयी है तथा प्रश्‍नमत घटना में किसी भी पुलिस कर्मी के चोटिल <नाम> होने केतथ्य को स्वीकार किया गया है। प्रश्‍नगत बरामदशुदा <नाम> व वाहन को किसी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। अभियुक्तगण 15 <नाम> से जिलाकारागार में निरूद्ध हैं । " ] }
1GRANTED
Bail Application_1664_202029-07-2020797
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> इजरायल की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आवेदक /» अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, वह निर्दोष है। अभियुक्त किसी भी गिरोह कासदस्य नहीं है और <नाम> ही किसी गिरोह से कोई सम्बन्ध है। पुलिस ने गुडवर्क दिखाने केउद्देश्य से उसे झूंठा फंसा <नाम> है। अभियुक्त दिनांक 27.09.2019 से जिला कारागार मेंनिरुद्ध है। इसलिये अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक थाना सिकन्दरा, <नाम> ने दिनांक 01.01.2020 को थाने <नाम> जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी कि दौराने गश्त अभियुक्तगण के बारे मेंजानकारी की गयी तो गैंग लीडर <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> तथा उसके सदस्य भूपेन्द्रइब्राहिम, राघवेन्द्र व <नाम> आपस में मिलकर भौतिक व आर्थिक <नाम> प्राप्त करने केउद्देश्य से धोखाधड़ी व गैर प्राप्त की शराब की तस्करी <नाम> भा6दं०वि0 के अध्याय 16, 17 व 22 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित करके समाज विरोधी कियाकलाप करते हैं। इनकेभय व आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध गवाही देने व रिपोर्टलिखाने को तैयार नहीं होता है। अभियुक्त इब्राहिम में विरुद्ध मुएअ0सं0 844 / 2019 <नाम> 420 भा०दं०वि0 व 60,/ 63 आबकारी अधिनियम थाना सिकन्दरा, <नाम> पंजीकृत है। उक्तजुबानी सूचना के आधार <नाम> थाना सिकन्दरा, <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 02 / 2020 <नाम> 2/3गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। 2विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठितगिरोह है, जिसका वह सदस्य है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंगचार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध धोखाधड़ी व शराब की तस्करी करने का आरोप हैं। सहअभियुकतगण की जमानत खारिज हो चुकी है। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी कियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(५) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त गैंग का सदस्य है तथा उसके विरुद्ध अपने साथियों केसाथ मिलकर धोखाधड़ी व शराब की तस्करी करने का आरोप है। ", "आवेदक /»/ अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उसकीप्रकृति, अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोशी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुयेआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4517_201924-08-2019244
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र मामले के <नाम> व पैरोकार योगेन्द्र सिंहके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी कैलाशी द्वारा दिनांक02.05.2018 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसने <नाम> से दिनांक 28.11.2015 को सब रजिस्ट्रार, खेरागढ़ के यहाँ बैनामा कराया था। ", "<नाम> द्वारा बैनामा किसी सुभाषचन्द <नाम> व अन्तराम को <नाम> <नाम> था लेकिन कागजात से <नाम> दरामद नहीं कराया था। खतौनी पूर्ण <नाम> से सहींथी । इसके <नाम> अमरसिंह व <नाम> ने उससे बात <नाम> ली, बैनामा में 8 लाखरूपये दर्शाये गये तथा नौटरी <नाम> हस्ताक्षर <नाम> 21 लाख रूपये का सौदादर्शाया गया एवं रूपये लेकर बैनामा <नाम> दिया। बैनामा के <नाम> उसका कागजात में <नाम> दरामद हो गया। इसके <नाम> <नाम> चन्द व अन्तराम नेपूर्व बैनामा के आधार <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> से मिलकर दाखिल खारिजकरा लिया तथा उक्त प्रकरण में पूर्व खरीददार व विकेता <नाम> ने मिलकरउसके साथ धोखाधड़ी की है। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4517/2019राकेश बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> स्वामीमेहरा एवं विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ को विगत <नाम> <नाम> सुना जा चुका है। पत्रावली कासम्यक परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 09.08.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चच्यायालय में विचाराधीन नहीं है। कथित बैनामा दिनोक 28.11.2015 कोकराना बताया गया है जबकि शिकायत तीन वर्ष <नाम> की जा रही है। प्रार्थी द्वारा कोई फर्जी दस्तावेज या मूल्यवान प्रतिभू तैयार नहीं किया गया है। किसी के फर्जी हस्ताक्षर नहीं बनाए हैं। प्रार्थी ने धोखाधड़ी से कोई बैनामानहीं किया है। प्रार्थी के विरूद्ध लेन-देन के विवाद में दबाव बनाने केलिए यह आरोप लगाए गए हैं। सह-अभियुक्त <नाम> की जमानत दिनाक24.06.2019 को प्रभारी सत्र न्यायाधीश, <नाम> के द्वारा स्वीकार की जा चुकीहै। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी का कोई अपराधिकइतिहास नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़ जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किअभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर बेईमान व धोखाधड़ी से फर्जी दस्तावेजतैयार <नाम> वादी को बैनामा किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी राकेशव सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा प्रश्‍नगत सम्पत्ति में अपने 1/4 - 1/4का बैनामा दिनाक 22.04.2014 को सुभाषचंद <नाम> व अंतराम के पक्ष में किया (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। जमानत प्रार्थना पन्न संख्या : 4517, 2019राकेश बनाम राज्य गया था। तत्पश्चात प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> द्वारा उसी सम्पत्ति में अपने1/4 हिस्से का पुनः बैनामा वादी मुकदमा कैलाशी क पक्ष में दिनाक28.11.2015 को किया <नाम> दर्शित किया गया है। उक्त से यह दर्शित होताहै कि प्रार्थी द्वारा अपने हिस्से का प्रथम बैनामा सुभाषचंद व अंतराम के पक्षमें करने के उपरान्त पुन: उक्त सम्पत्ति का बैनामा वादी मुकदमा कैलाशी केपक्ष में किया गया है। प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया हैकि सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत पूर्व में माननीय सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। उक्त के संबंध में न्यायालय का यह मत है कि सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत प्रश्‍नगत प्रकरण में उसकी <नाम> स्पष्ट दर्शित <नाम> किए जाने के आधार <नाम> स्वीकार की गयी थी, परन्तु प्रार्थी /अभियुक्त की प्रस्तुत प्रकरण में मुख्य <नाम> होना दर्शित किया गया है। ऐसीस्थिति में प्रार्थी सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत के आधार <नाम> समानताका <नाम> प्राप्त करने का <नाम> नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5885_201921-10-20192642
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त के बहनाई व पैरोकारजितेन्द्र <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा नफीस,उपनिरीक्षक द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायीगयी कि दिनांक 07.10.2019 को वह मय इमराहियान <नाम> में मामूर था किउसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> दो व्यक्तियों को गिरफूतार किया गया है। नाम पता पूछते हुए जमाता तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम हरिओमबताया। इसकी जामा तलाशी में एक तमंचा, एक जिन्दा कारतूस, तीन अददमोबाइल बरामद इुए। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकीजामा तलाशी से दो अदद मोबाइल व एक मोबाइल टेबलेट बरामद हुई । अभियुक्तगण उक्त <नाम> की कोई संतोषजनक कैफियत नहीं <नाम> सके। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी को सह-अभियुक्तके साथ पुलिस पार्टी द्वारा गिरफतार किया गया है तथा उसके कब्जे से लूट के मोबाइल बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5885/2019हरिओम बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 08.10.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। बरामद मोबाइल भी किसी घटना से संबंधित होना नहीं बताया गया है। प्रार्थी से कोई नाजायज वस्तु बरामद नहीं हुई है। प्रार्थीका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। गिरफूतारी व बरामदगी का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय सें विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेसें घटना दिनाक 07.10.2019 की है। प्रार्थी <नाम> उसकी गिरफूतारी के दौरानलूट के मोबाइल बरामद होने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा दिनांक07.10.2019 को सह-अभियुक्त के साथ मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफ्तारकिया गया है तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, एक जिन्दा कारतूस, तीनअदद मोबाइल बरामद किया <नाम> बताया गया है। तथाकथित मोबाइल फोनको किसी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी लगभग 15 <नाम> सेजिला कारायार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_786_202013-03-202090
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के रिश्तेदार व पैरोकारओसाक अली के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमासुभाष द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयीकि वह मकान में पिछले एक महीने से रह रहा है। दिनांक 25.01.2020 कोसमय लगभग दो बजे <नाम> में उसके घर में तीन <नाम> लोग घुस आए। उन्हेंरसोई में बंद दिया। उसके कमरे में रखे बॉक्स से मंगलसूत्र व दो जोड़ीपायल <नाम> की एक मोबाइल, ले गए। बक्से में 7 हजार रूपए रखे थे, उन्हेंभी ले गए। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष हैं। प्रार्थी दिनाक 07.03.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी ने स्वयं न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है। प्रार्थी कोसह-अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा रंजिश के <नाम> झूठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी से कोई बरामदगीनहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकशन किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के घर से लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ " Bail Application/ 3992/2020 —llayash Khan Vs. UP State 2प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 25.01.2020 की है। प्रार्थी <नाम> वादी मुकदमा के घर में घुसकर लूटपाट करने का आरोप है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहींहै। प्रार्थी को सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> के कथन के आघार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी द्वारा स्वयं न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पणकिया गया है। प्रार्थी की निशानदेही <नाम> इस प्रकरण से संबंधित कोईबरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी पाँच <नाम> से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुतनहीं किया गया है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_2984_201911-06-20193159
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में कुँवरपाल काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी पप्पू <नाम> द्वारा इसआशय की तहरीर थाना निबोहरा, <नाम> <नाम> दी गयी कि दिनांक 14-01-2019 कोसमय करीब 8.00 बजे सुबह उसकी पुत्री उम्र करीब 13 वर्ष घर से खेत <नाम> गायों कीरखवाली करने गयी थी। रास्ते में जयचन्द्र अपने ट्यूबवैल <नाम> अपने साथी हरगोविन्द केसाथ मिला। जयचन्द ने उसकी पुत्री का हाथ पकड़कर जबरदस्ती ट्यूबवैल की कोठरीमें खींचा, उसकी पुत्री ने विरोध किया तो मारपीट <नाम> अन्दर खींच ले गया तथाहरगोविन्द ने ट्यूबवैल का दरवाजा बन्दकर <नाम> तथा जयचन्द ने फोन से वीरू कोबुला लिया। हरगोविन्द व वीरू उफ वीरेन्द्र रखवाली करते रहे तथा जयचन्द ने उसकीपुत्री के साथ बलात्कार किया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त का कथन है कि उसे झूठा फंसाया गया है। पीड़िता नेअपने बयान <नाम> 164 दं0प्रoसं0 में जयचंद की ट्यूबबैल की कोठरी की घटना बतायी हैजबकि जयचंद या उसके पिता का कोई ट्यूबबैल है ही नहीं। घटना दिनांक14-01-2019 को सुबह 8 बजे की बतायी है जबकि रिपोर्ट दिनांक 15-01-2019 कोविलंब से की गयी है। चिकित्सीय रिपोर्ट में पीड़िता की आयु 16 वर्ष दर्शायी गयी है। चिकित्सीय रिपोर्ट में बलात्कार की <नाम> नहीं होती है। वादी के पिता ने अभियुक्त केचाचा से मकान बनाने के लिये रुपया उधार लिया था जिसे हड़प करने के लिये झूँठामुकदमा <नाम> दिया। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्रकिसी न्यायालय में लंबित नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 29-01-2019 से कारागारमें निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतः जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त पीड़िताको पकड़कर कोठरी में ले गया व <नाम> अभियुक्त हरगोविन्द व वीरू रखवाली करते रहेव अभियुक्त जयचंद ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया। अपराध गम्भीर <नाम> काहै । अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ०0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी का अवलोकनकिया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त जयचंद प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। उसके विरूद्ध वादी —2—की नाबालिग पुत्री के साथ बलात्कार किये जाने का आरोप है। मुख्यचिकित्साधिकारी, <नाम> की आख्यानुसार पीड़िता की उम्र लगभग 16 वर्ष है। पीड़िता के बयान अर्न्तगत <नाम> 164 द॑0प्रसं0 के अनुसार अभियुक्त जयचंदउसे कोठरी में ले गया व उसके साथ बलात्कार किया एवं <नाम> अभियुक्तगणहरगोविन्द व वीरु बाहर से रखवाली करते रहे। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट केअनुसार उसे 8 चोटें आई थीं। प्रार्थी/अभियुक्त जयचंद मुख्य अभियुक्त है। सहअभियुक्त हरगोविन्द की जमानत दिनांक 30-04-2019 को पूर्व न्यायालय द्वारानिरस्त की जा चुकी है। विवेचना के उपरान्त प्रार्थी/अभियुक्त क विरूद्ध आरोपपत्र प्रस्तुत किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5704_201905-10-20193225
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> पुत्र हाकिम <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एस.आई.आई.सी <नाम> <नाम> <नाम> मान थाना हरीपर्वत जिला <नाम> ने दिनांक 24.08.2019 को 21.10 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण लालबहादुर, शिवराज, रविप्रकाश उर्फ बाँबी <नाम> व बबलू <नाम> के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडरलाल बहादुर है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक लाम प्राप्त करनेहेतु लूट, जैसे जघन्य अपराध करते है और समाज विरोधी करिया कलाप में संलिप्त है। ", "अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित कियागया है। ", "<नाम> <नाम> में दहशत व्याप्त हैं। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृतहैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत तक॑ में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त कस में पुलिस द्वारा झूँठाफंसाया गया है। उसका <नाम> में कोई भय व आतंग व्याप्त नही है <नाम> उसने कोई अवैध धन अर्जित किया है। वह निर्दोष व निरपराध है। वह पुलिस की मनमानी का शिकार हुआ है। अभियुक्त कभी भी समाज विरोधी किया कलापों में लिप्त नही रहा है और ना ही किसी गैग का सदस्य है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नही है। उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्त दिनाक 17.05.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 267/19 धारा-392, 411 भा.द.सं. थाना-हरीपर्वत जिला आगरा। 2(2) अ.सं. 241/19 धारा-393 भा.द.सं. थाना-हरीपर्वता जिला आगरा। (3) अ.सं. 272/19 धारा-3/25 आर्म्स एक्ट थाना-हरीपर्वत जिला <नाम> । (4) अ.सं. 385/19 धारा-392, 411 थाना-सिकन्दरा जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर लूट, जैसे जघन्य अपराध करने काअभिकथन है । उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर लूट, जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध क तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसकेअपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_745_202006-08-2020517
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में रामबाबू पुत्र <नाम> खेमचन्द द्वारा शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा ओशीन <नाम> द्वारा थाना न्यूआगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी कि उसकी बहनसृष्टि <नाम> दयालबाग एजुकेशनल स्कूल में पढ़ती है। रोज की तरह दिनांक03.01.2020 को समय सुबह करीब 9:30 बजे एक्टिवा लेकर अपने कालेजदयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट गई थी, जहां उसने कॉलेज के बाहर पाकिंग मेंएक्टिवा को खडा <नाम> <नाम> था। एक्टिवा सं0 यू0पी0 80 ई0एक्स0 3110 सिल्वर ब्लैककलर की है। जब वादी की बहन कॉलेज पढ़कर करीब 12:30 बजे जब वापस आई तोवहां <नाम> उसकी एक्टिवा नहीं थी। काफी तलाशने के व आस-पास पूछताछ करने केबाद भी एक्टिवा का कोई पता नहीं चल पाया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/शपथ पत्र में कहा गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त को थाना पुलिस द्वारा घटना स्थल <नाम> लगे सी0सी0टी0वी0 केमरेसे रिकार्डिग ली गयी है जिसमें दूसरे अभियुक्त दिखायी दिये थे लेकिन उनको पुलिसद्वारा पैसे लेकर छोड़ <नाम> गया है तथा सी०सी0टी0वी0 कैमरों को विवेचन से हटादिया गया है। सी0सी0टी०वी0 कैमरे थाने <नाम> भी लगे हुए है सी0सी0टी0वी0 कैमरे में @)Bail Application No. 745/2020 -Saurabh Vs. UP Stateपुलिस द्वारा गिरफ्तारी <नाम> लाये गये प्रार्थी का समय अवश्य होगा। प्रार्थी को पुलिस नेकब गिरफ्तार किया गया है सी0०सी०टी०वी0 कैमरों द्वारा ही प्रार्थी को न्याया मिलसकता है। घटना दिनांक 26.02.2020 को <नाम> की बतायी गयी है तथा घटनास्थलव्यस्त रहता है फिर भी कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी स्थल काकोई भी वीडियो नहीं बनाया गया है। उपरोक्त कस में प्रार्थी/अभियुक्त का प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त एकमाह से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकृत किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसको इस मामले में झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। उक्त घटना काकोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयीहै। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा एक्टिवाचोरी की गयी तथा उससे एक्टिवा बरामद हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यहकहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी के तर्को को सुना गया तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। इसअभियुक्त से एक्टिवा बरामद होने के आधार <नाम> इस प्रकरण में शामिल किया गया है। अभियुक्त से एक्टिवा की बरामदगी होना कहा गया है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्रसाक्षी नहीं बताया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। उक्तमुकदमे मे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, <नाम> द्वारा दिनांक 28.03.2020 को अभियुक्त कोअंतरिम जमानत <नाम> मुक्त किया गया था। अभियुक्त एक माह <नाम> जेल में रहा है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1083_202111-02-20212542
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साश आवेदक/ अभियुक्त केपैरोकार / पुत्र <नाम> नरायन का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> कोष्ठअवर अभियन्ता 33/11 के.वी.उपकेन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना कागारौल,आगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक10.04.2018 को टीम के अन्य सदस्यों के साथ चैकिंग किये जाने परअभियुक्त हाकिम <नाम> को बकाया <नाम> कनैक्शन विच्छेदित करने के <नाम> भीअवैध <नाम> से विद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंधमें प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठाफॅसाया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमनशुल्क / बकाया जमा <नाम> <नाम> गया है । प्रार्थी/ अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा मेंहै । अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। " ], "judge-opinion": [ " (2)उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्शी/ अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहींहै। ्रार्थी/अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीदसंख्या-<फ़ोन-नंबर>05050005 दिनांकित 11.02.2021 अंकन 8000/-रूपये दाखिल की गयी है। इस संबंध में कार्यालय अधिशासी अभियन्ता विद्युतवितरण खण्ड, खेरागढ, जिला <नाम> के द्वारा थानाध्यक्ष कागारौल, जनपदआगरा को एक पत्र इस आशय का प्रेषित किया गया है कि उपभोक्ता द्वाराअपना शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> है। अतः प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार परपंजीकृत अपराध <नाम> नियमानुसार कार्यवाही समाप्त करने का कष्ट करें। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3837_202025-11-2020912
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के पिता <नाम> <नाम> का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्तगण की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुन लियाअपर सत्र न्यायाधीश ,कोर्ट सं०-4,आगरा है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र एवं अन्य सामग्री का सम्यकपरिशीलन <नाम> लिया है। ", "इस मामले के संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> पाण्डेयप्रबन्धक एच.डी.एफ.सी. बैंक द्वारा इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायीगयी कि उसकी बैंक में <नाम> 2018 से <नाम> 2018 के बीच भिन्‍नfis तिथियों <नाम> व्यक्तिगत ऋण <नाम> 10 व्यक्तियों ने स्वयं को सरकारीविभाग में कार्यरत दर्शित करते हुये आवेदन किया था। <नाम> <नाम> को19.11.2018 को ऋण 11,14,412 ,/-रूपये एवं केडिट कार्ड के अन्तर्गतबकाया <नाम> 1,02,993.01 /-, <नाम> <नाम> को 09.10.2018 को ऋणबकाया <नाम> 91787.17, <नाम> <नाम> को दिनांक 22.102018 को609530 //-रूपये केडिट कार्ड के अन्तर्गत बकाया <नाम> 95822.55 /—,अभिषेक <नाम> को दिनांक 02.11.2018 को ऋण 5,06,886 /-कार्ड केअन्तर्गत 41337.90 /-,,. <नाम> को 14.08.2018 को 425000 / -रूपयेकेडिट कार्ड के अन्तर्गत बकाया <नाम> 52972.01 /-, सनी <नाम> कोदिनांक 27.08.18 को 5,00,000/-, <नाम> <नाम> को दिनांक 03.10.18को 5,00,000 /- रूपये केडिट कार्ड के अन्तर्गत बकाया <नाम> 1,47,248.06, <नाम> <नाम> को दिनांक 14.11.2018 को ऋण 570000/- रूपयेकेडिट कार्ड के अन्तर्गत बकाया <नाम> 178560/- एवं <नाम> राजरानीअवध बिहारी को 700000,/- रूपये एवं केडिट कार्ड के अन्तर्गत बकायाराशि 30486 / -ऋण की धनराशि सभी व्यक्तियों को उनके बैंक खाते मेंनिर्गत की गयी। उक्त सभी व्यक्तियों ने ऋण आवेदन के साथ अपनाआधार कार्ड, पैन कार्ड व बैंक खाते की पासबुक लगायी। ऋणआवेदनपत्रो को बैंक की आउट सोर्सिंग सेल्स एजेन्सी द्वारा मूलदस्तावेजों को जॉँचा गया और जॉच के उपरान्त उक्त सभी फाईलो कोबैंक में ऋण स्वीकृति के लिये लगाया गया था। कुछ ग्राहको काभौतिक सत्यापन उनके सिविल स्कोर अच्छा होने केक आधार <नाम> बैंक द्वप्रा बेब <नाम> <नाम> गया। उक्त ऋणियों में से <नाम> <नाम> एवं राजरानीअवध बिहारी के कागजों की जांच <नाम> रिपोर्ट सह्ठी दी गयी। एजेन्सी द्वपारा भी जांच के उपरान्त अपनी सत्यापन रिपोर्ट से बैंक को सूचित कियाकि सभी ऋणी दिये गये पते <नाम> निवास करते है। ऋण निर्गत होने केउपरान्त ऋण की किस्तों का भुगतान व केडिट कार्ड की बकाया राशिका भुगतान ना होने <नाम> बैंक द्वारा अपने कर्मचारी को भेजा गया तो ज्ञातहुआ कि ऋण दस्तावेजों के दिये ये पतो <नाम> ये व्यक्ति नहीं रहते हैऔर ना ही दिये गये कार्यालय <नाम> कार्यत करते है। " ] }
0DENIED
Bail Application_829_202007-02-20201291
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन मेंज्वाला <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। 2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा चंन <नाम> द्वाराइस आशय की तहरीर थाना न्यू <नाम> <नाम> <नाम> दी गयी कि दिनांक 27.11.2014को उसकी पुत्री आयु 9 वर्ष शौच के लिए गयी थी। उसी समय <नाम> नाम कालड़का मेरी पुत्री को चाऊमीन व बाजार से अन्य सामान खरीदकर दिलवाने के लिएले गया। उसके <नाम> रोज किसी <नाम> किसी बहाने बुलाकर बाजार ले जाता है औरउसके साथ अश्लील हरकतें करता है। आज दिनांक 29.11.14 को मेरी पुत्री ने मुझेसारी बात बतायी। दिनांक 29.11.2014 को शौच जाते समय आवेदक ने उसकी पुत्रीको फिर से बुलाया व उसके साथ छेड़खानी की। 3 जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। अभियुक्त को पूर्व अधिवक्तओं की हड़ताल होने केकारण मुचलके <नाम> जेल से <नाम> किया गया था। माननीय न्यायालय ने आदेशितकिया था कि एक महीने के अंतर्गत बंधपत्र न्यायालय के समक्ष दाखिल किये जाये। तब से आवेदक के माननीय न्यायालय के समक्ष बंधपत्र दाखिल नही किये गये हैतथा सम्मन तामील होने के <नाम> आवेदक माननीय न्यायालय के समक्ष तारीखें करताचला आ रहा था। दिनांक 15.10.2019 आवेदक की मॉ अचानक बीमार हो गयी थी। आवेदक अपनी मॉ को लेकर हॉस्पीटल गया था। 5— अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता ने अपने तरक में उन्हीं तथ्यों कोदोहराया हैं जो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर सेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा एक नाबालिग पीड़िता के साथ छेड़खानी की गयी है। अतः जमानत Bail Application/2411/2020 —-UP State Vs. SHASHI 2प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की। 6 वर्तमान प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक/ अभियुक्त द्वारा नाबालिगपीड़िता के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारपीड़िता की आयु 9 वर्ष है, जिसके अनुसार पीड़िता नाबालिग है। ", "अभियुक्त दिनांक 04.02.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में है। अभियुक्तके द्वारा उक्त मुकदमे क संबंध में माननीय उच्च न्यायालय को प्रार्थनापत्र अंतर्गतधारा 482 सं0 854/2020 शशि बनाम उ0प्र0 राज्य आदि दिनांकित 09.01.020दाखिल किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "4— प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फो0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केसडायरी, पीड़िता के <नाम> 161 व 164 द॑0प्रएसं0 के बयान व <नाम> पत्रावली काअवलोकन किया। ", "सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन सेस्पष्ट है कि आवेदक/ अभियुक्त <नाम> न्यायालय के पूर्व पीठासीन <नाम> द्वारापारित जमानत आदेश दिनांकित 18.12.2014 के माध्यम से नियमित जमानत <नाम> था। कुछ तिथियों <नाम> वह गैरहाजिर हुआ, अतः उसक विरूद्ध गैर जमानती वारंट निर्गतकिये गये। वर्तमान मामले में वह जिला कारागार में लगभग 3 <नाम> से निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1526_202005-08-2020582
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में सलीम खां का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> प्रकाशगालव द्वारा दिनांक 15.07.2020 को थाना सदर <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी कि वह अपने परिवार के साथ अपने घर मोहल्ला <नाम> नगर में <नाम> मेंदिनांक 14.07.2020 को सो रहा था। <नाम> मं करीब 3.00 बजे के आसपास सुबह उसकेगेट <नाम> खटखट की आवाज सुनकर एकदम उसकी आंख खुल गयी, तो उसने अपनीपत्नी को जगाया और गेट के पास आये, तब भी खटपट की आवाज आ रही थी, तोउसने पूछा कौन हो, कुछ लोग एकदम भाग लिये और वह भी चिल्लाता हुआ कि चोर चोरउनके पीछे दौड़ा। उसकी आवाज सुनकर उसके मोहल्ले के <नाम> <नाम> <नाम> भी आगये और उन चारों ने भागते हुए तीनों लोगों को पकड़ लिया। पकड़कर इनसे पूछा तोबताया कि हम लोग चोर हैं। बन्द पड़े मकानों में चोरी करते हैं। <नाम> नाम पूछतातो एक ने अपना नाम कल्लू पुत्र <नाम> निवासी नंगला जस्सा <नाम> की चक्‍की हनुमानगली थाना सदर <नाम> बताया, इसके हाथ में एक पाईप रिन्च मिला। दूसरे ने अपना भूरापुत्र <नाम> निवासी नगला जस्सा थाना सदर <नाम> बताया, इसके हाथ में दोamt, ve Req fact तथा तीसरे ने अपना नाम रिजवान पुत्र सलीम निवासी <नाम> नगरसेवला थाना सदर <नाम> बताया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र /शपथपत्र में कहा गया किप्रार्थी / अभियुक्त को उक्त मुकदमे में थाना सदर पुलिस द्वारा झूठा फंसाया गया है, उसनेकोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त का उक्त प्ररण से कोई संबंध वसरोकार नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.07.2020 को अपने घर <नाम> बैठा हुआ था, Bail Application /5157 /2020 -Rizwan Vs. UP State2तभी थाना सदर <नाम> की पुलिस यह कहकर कि तुमसे थाने <नाम> कुछ पूछताछ <नाम> है,तुम हमारे साथ चलो, प्रार्थी / अभियुक्त पुलिस वालों की बातों में आकर उनके साथ थानेचला गया। प्रार्थी / अभियुक्त ने किसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.07.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त कापूर्व का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत काप्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत का प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार कियेजाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, उसको इस मामले में पुलिस द्वारा वादीमुकदमा से मिलकर झूठा फंसाया गया है, अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहींहै। पुलिस द्वारा अभियुक्त के पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है, मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त व उसकेसाथियों द्वारा वादी मुकदमा के घर से चोरी करने का प्रयास किया गया तथा वादीआदि द्वारा अभियुक्तगण को मौके से पकड़ा गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहतेहुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथमयह प्रकरण वादी मुकदमा द्वारा थाने <नाम> तहरीर देने के साथ शुरूहुआ । अभियुक्त इस प्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहींहुई है। अभियुक्त दिनांक 15.07.2020 से जेल में है। थाने से प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त काकोई पूर्व अपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5894_201917-10-20192835
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में लोकेन्द्र <नाम> पुत्रसूरजभान का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> द्वारा दिनांक 29.08.2018 को समय 17.23 बजे थाने <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट यह कहते हुए दर्ज कराई कि वह प्राथमिक विधालय गॉव ठेरईविकास खण्ड शमसाबाद में प्रधानाध्यपक के पद <नाम> कार्यरत है। सके साथ शिक्षामित्र पद <नाम> गाव ठेरई का अवधेश नियुक्त है। जो अधिकाशतः बच्चों को पढाने केलिए स्कूल में नहीं आता है। उसक द्वारा कई बार समय से स्कूल आने के लिएकहा गया किन्तु उसके रवैये में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। उसे धमिकयाँ देने लगा। उसने इसकी बातों <नाम> <नाम> नहीं किया। दिनांक 08.08.2018 को यह 11.00 बजेसुबह आये तो उसने उच्च अधिकारियों से शिकयत करने की चेतावनी दी। तो बुरीतरह भडगये और कहने लगे कि साले धानुक तुझे <नाम> देखता हूँ। और स्कूल सेचले गये। करीब 11.15 बजे <नाम> <नाम> मित्र अवधेश अपने साथ <नाम> <नाम> कुमारको लाठी-डन्डों, सरियों से लैसे होकर स्कूल के अन्दर ले आये और कार्य सरकारमें बाधा डालते हुए उसके क्लास में घुस <नाम> गाली-गलौज करते हुए कहा किसाले धानुक को निबटा ही देते हैं। बडी ही हेडमास्टर बनता है। तीनों ने मिलकरजान से मारने की नीयत से <नाम> लेवा हमला किया। स्कूल के अन्दर पढ़ रहे बच्चोंमें भगदड़ मच गर्ई। बच्चे अपना स्कूल <नाम> व सामान छोडकर गॉव की तरफ पागनेलगे। तीनों ने मिलकर उसे जमीन <नाम> <नाम> <नाम> मारापीटा। <नाम> कनौजिया नेबीच बचाव का प्रयास किया वह असफल रही। तभी गाव के लोगो को आतादेख धमकी देते हुए भाग गये। वादी को नोटिस जारी की गई। विद्धान सहा0 शासकीय अधिवक्ताफौजदारी व अभियुक्त के विद्धान अधिवक्ता की बहस सुनी । ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त के द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया। उसे गाव कीपार्टी बन्दी के <नाम> रजिंशन झूठा फसाया गया है वह निर्दोष है। यह भी तर्कप्रस्तुत किया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अत्यन्त विलम्ब से लिखाई गई हे। इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि वहप्राथमिक विधालय में <नाम> मित्र संविदा अध्यापक के पद <नाम> कार्यरत है। वादीप्रधानाध्यापक है विधालय लगातार <नाम> से आने में अनुपस्थित रहता है। हाजिरी — 2 —_रजिस्टर में उपस्थित दर्ज <नाम> देता था। टोकने <नाम> विरोध करता है। विरोध करनेपर गाँव की पार्टी बन्दी में यह कई दिनों <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गईहै। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। उसे जमानत <नाम> छोडने केआधार पर्याप्त हैं । ", "विद्वान सहा0 शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर से जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क किया गया है कि अभियुक्त द्वारा प्रधानाध्यापकके साथ घटना कारित की गई है और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की गई है। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ " पत्रावली का अवलोकनकिया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि घटना दिनांक 08.08.2018 की कही गई है किन्तु प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 29.08.2018 को दर्ज कराईगई है। विलम्ब का कोई भी स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया हैं मारपीट की घटनाकारित किया <नाम> कहा गया है कन्तु कोई चिकित्सीय रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गइहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_407_202128-01-20213141
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> मुदगल पुत्रनेतराम द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का भाईहै व पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्यन्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीनहै और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन का कथन इस प्रकार है कि वादी मुकदमा उप निरीक्षणएसटीएफ <नाम> <नाम> द्वारा थाना शमशाबाद <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टअंकित कराई गई है कि दिनांक 06.01.2021 को मुखबिर की सूचना <नाम> हम पुलिसवालों ने घेर घार <नाम> एक बारगी दविश देकर 7 लोगों को मौके <नाम> पकड़ लिया और @)Ball Application No. 40712021 - Atul Mudgal Vs. UP Stateदो लोग दुकान में बने पीछे के गेट का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। पकड़ेगये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुए बारी-बारी से जामा तलाशी ली गई तो अतुलमुदगल की जामा तलाशी में पहने पैंट की दाहिनी जेब से मोबाईल REALMERM\\M%2040 और 505 रूपये व पैंट की बायीं जेब से आधार कार्ड नं<फ़ोन-नंबर>रामा पत्नी <नाम> <नाम> निवासी सिधावली खुर्द धौलपुर राजस्थान, आधार कार्ड नं<फ़ोन-नंबर> मनुकुमारी पुत्री जगदीशा <नाम> तासोइ, <नाम> <नाम> आधार कार्ड नं<फ़ोन-नंबर> रामब्रज पुत्र <नाम> <नाम> निवासी-119, महाजीत का पुरा नाहिला,धौलपुर, आधार कार्ड <फ़ोन-नंबर> करूआ पुत्र शिवचरन निवासी-माधो का पुराधौलपुर राजस्थान, पैन कार्ड नं० एनआरडीपीएस0114एन <नाम> <नाम> डी0ओ0०बी001.01.1961, पहचान पत्र ./10/077/249208 <नाम> <नाम> पुत्र बहोरी लालनिवासी-म0नं0 148 रामरत्न का घर, गांव बाजना, राजाखेड़ा, धौलपुर राजस्थानपहचान पत्र 8\\४2/1484286 गोविन्द पुत्र <नाम> <नाम> निवासी-24, मूला हलवाईवाली गली, वार्ड नं0०-5, राजाखेड़ा, धौलपुर राजस्थान बरामद हुए । ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किमामले में प्रार्थी /अभियुक्त को झूंठे आरोप लगाकर झूंठा फंसा <नाम> गया है। पुलिसद्वारा प्रार्थी/ अभियुक्त को दिनांक 07.01.2021 को 00:20 बजे गिरफ्तार करना दर्शायागया है जबकि एस0०टी0एफ0 पुलिस द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त को दिनांक 05.01.2021 कोसमय करीब 17:58 बजे शमशाबाद माकंट से गिरफ्तार किया गया था, गिरफ्तारी केदौरान माकट में लगे सी0सी0टी0वी0 फुटेज में पुलिस कर्मियों द्वारा प्रार्थी / अभियुक्तको हाथ पकड़कर ले जाते समय की फोटो शपथपत्र के साथ संलग्न है। घटनादिनांक 07.01.2021 को समय करीब 00:20 बजे की दर्शायी गयी है जबकि प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनांक 07.01.2021 को समय 09:06 बजे दर्ज करायी गयी है। जबकि ६1टना स्थल से थाने की दूरी मात्र 1 किलोमीटर है। देरी का कोई <नाम> स्पष्ट नहींकिया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त से आधार कार्ड व अन्य प्रपत्रों की फर्जी बरामदगीदर्शायी गयी है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। ", "्रार्शी/ अभियुक्त दिनांक 07.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त के पास सेआधार कार्ड, पहचान पत्र व अन्य प्रपत्र बरामद हुए हैं अभियुक्त ने <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर षड्यन्त्र रचते हुए उक्त अपराध कारित किया है। अभियुक्त काअपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, 6) Bail Application No. 407/2021 - Atul Mudgal Vs. UP Stateदाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रस्तुत मामले मेंअभियोजन कथनानुसार आवेदक / अभियुक्त <नाम> <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरफर्जी कागज तैयार <नाम> गलत नाम पते से बैंक से वाहन <नाम> कराने तथा अभियुक्तके पास से विभिन्न व्यक्तियों के अनेक फर्जी निर्वाचन आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पैनकार्ड, बैंक की पास बुक, एक मोबाइल फोन REALME R\\%2040 और 505 रूपयेबरामद होने का कथन किया गया है। अभियुक्तगण द्वारा <नाम> <नाम> से षडयंत्र करअपराध कारित करना कहा गया है। आवेदक/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद है तथा आवेदक / अभियुक्त की अपराध कारित करने में सकिय <नाम> बतायीगयी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3940_201929-07-20191321
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के साले व पैरोकार मो0नूर के शपथ पत्र से समर्थित है । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा दीपूसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनाक 15.05.2019 को उसने खेरिया मोड पेट्रोल पम्प के सामने केनरा बैंकके ए०टी०एम० से समय 11:58 बजे <नाम> में 20,000, रूपए निकाले औरअपने <नाम> में रख लिए। जेसे ही वह ए०टी०एम0 से बाहर निकला तो पीछे सेएक व्यक्ति ने उसे दोनों हाथों से पकड़ लिया तथा सामने खड़े दूसरे व्यक्तिने उसके हाथ से पैसे वाला <नाम> छीन लिया और दोनों व्यक्ति भागने लगे। उसने उन दोनों का पीछा किया तो वह रपट गया। बदमाश गाड़ी <नाम> बैठकरभाग गए। गाडी का नम्बर यूएपी0 13/ ए0जेड0 8389 था। उस <नाम> में दोकेनरा बैंक के ए0टी०एम०, एक आधार कार्ड, एक आई कार्ड व एक हिसाब-किताब की डायरी <नाम> थी। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> राना एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजदनहीं है। दिनाक 15.05.2019 को प्रार्थी को अपने रिश्तेदारी में <नाम> जातेसमय चैकिंग के नाम <नाम> पुलिस ने रोका और उसे थाने ले गए। दो दिनअवैध <नाम> से हिरासत में रखने के <नाम> <नाम> के तहत इस मुकदमें मेंचालान <नाम> दिया। प्रार्थी को घटनास्थल से नहीं पकड़ा गया है। प्रार्थी विदेशमें नौकरी करता है तथा दिनाक 15.05.2019 को अपने सगे <नाम> के खाते से10,000/~ रूपए निकाल <नाम> लाया था। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। घटना का कोई स्वतन्त्रसाक्षी नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावाअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वाराअन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा का पर्स लूटा गया है जिसमें वादीमुकदमा के 20,000/- रूपए व अन्य कागजात थे। अभियुक्त से वादीमुकदमा के लूटे हुए रूपए भी बरामद हुए हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3940/2019गयासुददीन बनाम राज्यअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 15.05.2019 की समय 11:58 बजे की बतायी गयी है तथाप्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 15.05.2019 को समय 19:17बजे <नाम> करायी गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त को दिनाक 16.05.2019 को मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफ्तार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, दो जिन्दा कारतूस व मु0.5,000/ ~ रूपए बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है जिन्हें वर्तमानमामले के लूट के रूपए होना बताया गया है। प्रार्थी लगभग ढाई माह से (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3940, 2019गयासुददीन बनाम राज्यजिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। कथित बरामदगी का कोई स्वतन्त्रसाक्षी दर्शित नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2422_201917-05-20193913
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थनमें <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं किदिनांक 27.07.2018 को समय 16.30 बजे वादी उपनिरीक्षक द्वारा इस आशय कीफर्द बरामदगी दी गई कि दिनांक 270.07.2018 को रपट नं0 20 समय 13.30 परपुलिस कर्मचारीगण के साथ शान्ति व्यवस्था, डूयटी रोकथाम से देखरेख थाना क्षेत्रचैकिग में थे। जैसे ही फतेहाबाद से शमशाबाद रोड <नाम> पहुँचे तो जरिये मुखविरखास सूचना <नाम> कि दो मोटर साईकिलों <नाम> सवार 06 बदमाश कस्वा फतेहाबादमें किसी बे व्यापारी से रंगादारी मॉगने के लिए मय अवैध असलाहों के फतेहाबादसे निबोहरा जाने वाली रोड से आ रहे हैं। अगर जल्दी की जाये तो पकडे जासकते हैं। इतना कहकर मुखविर चला गया। मुखविर की इस सूचना <नाम> विश्वासकर एक दूसरे की जामा तलाशी ले <नाम> <नाम> यकीन किया कि किसी के पास जुर्म सेसम्बन्धित वस्तु नहीं है। निबोहरा रोड रेलवे कासिंग <नाम> वाहनों की चैकिग करनेलगे। दो मोटर साईकिलों <नाम> 03-03 व्यक्ति सवार थे। निबोहरा की तरफ से आतेहुए दिखाई दिये। जिन्हें करीब आने <नाम> रुकने का इशारा किया तो चैकिग <नाम> रहेस्थान से 10 <नाम> दूरी <नाम> रुके और अपनी अपनी मोटर साईकिल को पीछेमोडकर भागने लगे। वारिश होने के <नाम> दोनों मोटर साईकिल सवार 06 संदिग्धतेजी व हडबडाहट में फिसल गये और गिरे हुए व्यक्तियों ने शोर मचाते हुए वसम्मलते हुए पुलिस <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर <नाम> दिया। तमंचों कोलोड <नाम> दूसरा फायर करते इसी दौरान आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> घेर घराव कर05 संदिग्ध को पकड लिया। जिनमें एक ने अपना नाम सोनू बताया। जिसकी जामातलाशी में फायर शुदा तमंचा नाल में खोखा कारतूस व लोअर की <नाम> जेब से एकजिन्दा कारतूस 315 बोर व दूसरी जेब से 100 का 01 नोट व 50 का 01 नोटबरामद हुआ। दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। जिसके कब्जे से एक तमंचा315 बोर फायर शुदा जिसकी नाल से खोखा कारतूस व पेन्ट की दाहिनी जेबसे एक जिन्दा कारतूस 315 बोर लोअर की <नाम> जेब से 100 के 02 नोटस बरामदहुए, तीसरे ने अपना नाम प्रेमवीर उर्फ सिखण्डी बताया। जिसके कब्जे से पेन्ट की —2—बाई जेब से एक जिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद मोटर साइकिल <नाम> कोई नम्बरप्लेट नहीं थी। मोटर साईकिल से सम्बन्धित कोई काजगाज नहीं दिखा सके। सत्यवीर उर्फ सता मौके से भाग गया। दूसरी मोटर साईकिल <नाम> सवार व्यक्ति नेअपना नाम धर्मवीर बताया। जिसके दाहिने हाथ में एक तंमचा 315 बोर जिसकीनाल में खोखा कारतूस व पेन्ट की दाहिनी जेब एक जिन्दा कारतूस 315 बोर व100 के 03 नोट बरामद हुए। मोटर साईकिल <नाम> बीच में बैठे व्यक्ति ने अपना नामदेवकी <नाम> उर्फ ओमवीर बताया। जिसके कब्जे से पेन्ट की दाई जेब से एककारतूस जिन्दा 315 बोर मोटर साईकिल के सबंध में कोई कागजात नहीं दिखाUh । इसी बरामदगी के आधार <नाम> मुकदमा पंजीकृत कराया गया। ", "प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुतकिया गया है कि उसे झूठा फंसाया गया है, उससे कोई बरामदगी नहीं हुई, <नाम> हीउसने घटना कारित की। जमानत के आधार पर्याप्त हैं, जमानत <नाम> दी जाये। ", "विद्वान लोक अभियोजक की ओर से जमानत प्रार्थनापत्र का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त घटना में सम्मिलित रहा है और उसकेपास से बरामदगी है, पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> लेवा हमला किया है। उसे जमानत परछोड़ने का कोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने विद्वान लोक अभियोजक एवं प्रार्थ /अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता को सुना तथा केस डायरी का परिशीलन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 27.7.2018को अभियुक्तगण सोनू, <नाम> <नाम> प्रेमवीर उफ शिखण्डी व देवकीनन्दन उर्फओमवीर के साथ अभियुक्त धर्मवीर गिरफतार किया गया तथा अभियुक्त धर्मवीर केपास से एक तमंचा, एक खोखा कारतूस व एक जिन्दा कारतूस 315 बोर व300 / -रुपये बरामद होना कहा गया है। किसी पुलिस कर्मचारी को कोई चोट नहींआई है। मूल अपराध में अभियुक्त की जमानत स्वीकार हो चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2505_201917-05-20193914
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त कीपत्नी कुलविन्दर कौर का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया हैकि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमा प्रदीपराठौर ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि प्रार्थी आइरन स्कैप (लोहे केकवाड) की आपूर्ति का व्यवसायी है। प्रार्थी ने दिनांक 16.04.2019 को समय 5-59पी0एम0 को एक ट्रक कैन्टर नंबर पी.बी.23-जे-5482 से लगभग साढे बारह टन (12460 किलोग्राम) पुराना लोहा अपनी रजिस्टर्ड फर्म <नाम> ट्रेडर्स, <नाम> से साहिब स्टील ट्रेडर्स, मण्डी गोविन्दगढ पंजाब भेजा था। उक्त ट्रक समय <नाम> निर्धारित स्थान <नाम> नहीं पहुंचा। इसी तरह दिनांक 23.04.2019 <नाम> फोन <नाम> बहानेबाजी बनाकरप्रार्थी को गुमराह करता रहा, अब विगत तीन <नाम> <नाम> से वह सम्पर्क नहीं <नाम> रहा तथा उसका फोन लगातार बन्द आ रहा था, उसका नाम विक्की है, उसके <नाम> का नाम जिम्मी, उसके पिता का नाम काबुल <नाम> है। पंजाब में सरहद के पास मढोबल गॉव का रहने वाला है, जिसके पास दूसरी गाडी पी.बी.23-टी-6638 है। प्रार्थी को विशवास है कि उक्त ड्राइवर ने बदनीयती से प्रार्थी के <नाम> का गबन करने का कार्यकिया है। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 27.04.2019 को अभियुक्त विक्की के विरूद्धअपराध संख्या-376/2019 <नाम> धारा-407 भा०द0सं0 का अभियोग थाना ताजगंज,आगरा <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठा -2-फॅसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में जो तथ्य कहे गये हैं, वे गलत, मनगढन्त व बेबुनियाद हैं। घटना दिनांक 16.04.2019 की बतायी जाती है, और इसकी रिपोर्टदिनांक 27.04.2019 को की गयी है, जिसमें सिर्फ विक्की को नामजद किया गया है। विक्की की पहचान के सम्बन्ध में उसके पिता व <नाम> का नाम बताया गया है। आवेदक / अभियुक्त की कोई <नाम> नहीं बतायी गयी है। कोई बिल्टी आदि प्रलेखभी प्रस्तुत नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त के किसी दस्तावेज <नाम> हस्ताक्षर नहीं है। दिनांक 29.04.2019 को ए.सी.जे.एम.फतेहगढ साहिब, पंजाब ने पुलिस केप्रार्थना पत्र <नाम> दिनांक 30.04.2019 को ए.सी.जे.एस.डी.पी.एम.जे.जे.बी. / जे.एम.आई.सी./ एफ.जी.एस द्वारा थाना ताजगंज, <नाम> की पुलिस को प्रार्थी को दिनांक 03.05. 2019 को दो बजे मजिस्ट्रेट थाना ताजगंज,आगरा के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेशपारित किया तथा दिनांक 03.05.2019 को प्रार्थी को <नाम> के न्यायालय में धारा411 भा.द.सं. का इजाफा करते हुये प्रस्तुत किया। वादी आवेदक / अभियुक्त के घरपंजाब आया था और स्थानीय पुलिस से मिलकर दिनांक 02.05.2019 को उस परफर्जी बरामदगी गलत तरीके से <नाम> दी, जबकि उसने कोई सम्पत्ति बरामद नहींकरायी है। कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दिखाया गया है। आवेदक / अभियुक्त को झूंठाफंसाये जाने के संबंध में उसकी पत्नी ने विभिन्न अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजेहैं। आवेदक / अभियुक्त पूर्व सजायाफूता नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 03.05. 2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयीहै। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि वादी मुकदमा नेआवेदक / अभियुक्त की गाड़ी से अपनी फर्म का पुराना लोहा साहिब स्टील ट्रेडर्स,मण्डी गोविन्दगढ पंजाब भेजा था, जिसे उसने बताये गये स्थान <नाम> नहीं पहुचाया, जिसमें से कुछ लोहा उसके पास से बरामद भी हुआ है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट में लिखा है कि उसका नाम विक्की है, <नाम> का नामजिम्मी , पिता का नाम काबुल <नाम> है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के कालम नंबर-7 मेंअभियुक्त के नाम के सामने सिफ एक नाम विक्की लिखा है, जबकि पर्चा नंबर-5 में बढोत्तरी करते हुये यह लिखा गया कि विक्की के साथ उसका छोटा <नाम> जोगराजसिंह उर्फ जिम्मी अर्थात वर्ममान आवेदक निवासी उपरोक्त और एक व्यक्ति था,जिसका नाम नहीं जानता, ट्रक भरकर ले गये थे, फर्द बरामदगी देखने <नाम> यह पाया -3-गया कि वादी मुकदमा भी उक्त बरामदगी के साथ था, लेकिन उसके हस्ताक्षर फर्दबरामदगी <नाम> नहीं हैं, उसके पुत्र <नाम> राठौर और उसके सहयोगी के हस्ताक्षर हैं । इस मामले की घटना 16.04.2019 की बतायी जाती है, जबकि इसकी प्रथम सूचनारिपोर्ट दिनांक 27.04.2019 को <नाम> करायी गयी है और उसमें सिर्फ विक्की कोनामजद किया गया है, सामान की कोई बिल्टी आदि भी प्रस्तुत नहीं की गयी है। दिनांक 29.04.2019 को ए.सी.जे.एम.फतेहगढ साहिब, पंजाब ने पुलिस के प्रार्थना पत्रपर॒ दिनांक 30.04.2019 को ए.सी.जे.एस.डी.पी.एम.जे.जे.बी. / जे.एम.आई.सी. / एफ.जी.एस द्वारा थाना ताजगंज, <नाम> की पुलिस को प्रार्थी को दिनांक 03.05.2019 को दो बजे मजिस्ट्रेट थाना ताजगंज, <नाम> के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश पारितकिया तथा दिनांक 03.05.2019 को प्रार्थी को <नाम> के र्‍्यायालय में <नाम> 411 भा.द. सं. का इजाफा करते हुये प्रस्तुत किया। वादी आवेदक / अभियुक्त के घर पंजाबआया था और स्थानीय पुलिस से मिलकर दिनांक 02.05.2019 को उस <नाम> फर्जीबरामदगी गलत तरीके से <नाम> दी, जबकि उसने कोई सम्पत्ति बरामद नहीं करायीहै। इस बरामदगी का कोई स्वतन्त्र जनसाक्षी नहीं है। फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक / अभियुक्त से कुल 300किलोग्राम कवाङ,/ पुराना लोहा की बरामदगी दर्शायीगयी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.04.2019 से कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6254_201916-11-20191649
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जो कि न्यायिक अभिरक्षा में हैं। समर्थन मेंरज्जन <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं किप्रार्थी वीरेन्द्र <नाम> उफ वेदरिया द्वारा प्रार्थनापत्र अर्न्तगत <नाम> 156(3) द0प्रoसं0 यहकथन करते हुए प्रस्तुत किया गया कि वह जाटव जाति का है। गाँव के ही भगतसिंह, <नाम> रमन <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> दबंग व्यक्ति हैं प्रार्थी के नातीधर्मेन्द्र ने रमेश की लडकी नवल <नाम> से कोर्ट मैरिज <नाम> ली थी। इसलिए उपरोक्तदबंग व्यक्ति प्रार्थी को गाव से भगाना चाहते है आये <नाम> मारपीट करते है। दिनांक26.03.2017 को सुबह 07.00 बजे प्रार्थी अपने घर के अन्दर बैठा चाय पी रहा था। उपरोक्त सभी लोग एकत्रित होकर अपने हथों में लाठी-डन्डा, फरसा लेकर घुसआये, जातिसूचक <नाम> ढेड चमार आदि कहने लगे। गाली-गलौज करने से मनाकिया तो उक्त सभी लोग प्रार्थी को मारने पीटने लगे <नाम> भगन <नाम> गन्दी नालीकापानी अपने जूते में भरकर प्रार्थी के मुँह के अन्दर डाल दिया। शोर सुनकरराजकुमारी व भूपेन्द्र <नाम> और पडौस के काफी लोग आ गये। भीड से घिरतादेख यह कहते हुए भाग गये कि साले चमार आज तो तू बच गया। मौका लगते हीतुझे <नाम> से मार देगें। प्रार्थी का प्रार्थनापत्र परिवाद के <नाम> में दर्ज हुआ। तदोपरान्त अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> रमन <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> कोभा0द0सं0 की <नाम> 452,323,504,506 व एससी. /एस.टी.एक्ट की <नाम> ३(1), ३(1)एआर के अपराध के विचारण के लिए तलब किया गया। ", "सुना। ", "अभियुक्तगण के विद्धान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किवह निर्दोष हैं, उनके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया। <नाम> ही मारपीट की — 2 —_गई। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि गाव की प्रधानी रजिंश के <नाम> उन्हेंझूठा फसाया गया है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि <नाम> 151 द0प्र०सं0 केअर्न्तगत चालान किया गया था। उसी सबंध में परिवाद दाखिल किया गया है। रमेश की लड़की नवल <नाम> से परिवादी वीरेन्द्र <नाम> उर्फ वेदरिया का नातीधर्मेन्द्र द्वारा कोर्ट मैरिज <नाम> ली गई थी। इसी <नाम> से उनके मध्य विवाद काकारण उन्हें फर्जी फसाया गया है। अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़ने के आधारपर्याप्त हैं। जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "परिवादी को नोटिस जारी की गई। परिवादी के विद्धान अधिवक्ताउपस्थित आये। जमानत प््रार्थनापत्र <नाम> आपत्ति की ग्ई। परिवादी के विद्धानअधिवक्ता व विद्धान सहा0 शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानत का विरोधकिया गया और <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण का आपराधिक इतिहासहै। दबंग व्यक्ति है। उनक द्वारा घर में घुसकर मारपीट की गई । जातिसूचक शब्दोंका प्रयोक करते हुए सार्वजनिक दृश्य स्थल <नाम> अपमानित किया गया और मारपीटकी गई। गाली-गलौज व <नाम> से मारने की धमकी दी गई। अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ " माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा प््रार्थनापत्रअर्न्तगत <नाम> 482 सं0 37169/2019 <नाम> <नाम> व 4 अन्य <नाम> उएप्र०राज्य वअन्य में पारित आदेश दिनांकित 15.10.2019 व पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि जैसा कि परिवादी नेअपने परिवादपत्र में कहा है कि उसका नाती धर्मेन्द्र ने रमेश की लडकी नवल देवीसे कोर्ट मैरिज <नाम> ली थी। इसी <नाम> उसे उपरोक्त व्यक्ति भगाना चाहते हैं। दिनांक 26.03.2017 को सुबह 07.00 बजे की घटना बताई ग्ई है और इस सबंध मेंधारा 151 द0प्रoसं0 की कार्यवाही किया <नाम> भी कहा गया है जो थाने से आख्याप्राप्त हुई थी। उसके अनुसार विपक्षीगण ने आवेदक क विरूद्ध <नाम> 307 भा0द0सं0के अभियोग में गवाही दी थी। घायल रमेश की मदद की थी। इसलिए <नाम> बनानेके लिए उसे झूठा मुकदमा किया गया है और यह भी आख्या दी गई थी कि रमेशजाटव को <नाम> से मारने की नीयत से आवेदक क परिवार के लोगों ने रमेश कोगोली मारी थी। जिसका मुकदमा अपराध सं0 500/16 <नाम> 307 भा०द0सं0पंजीकृत है। इसी <नाम> से यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3732_202012-11-20201093
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थनमें कन्हैया <नाम> पुत्र <नाम> कल्यान उर्फ कालीचरन का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथन है किउसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 02.11.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोईप्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किदिनांक 23.07.2020 को <नाम> 5:00 बजे वादी उ0नि० <नाम> <नाम> मय हमराही कॉ०0 5044दीपक <नाम> व॒ अन्य पुलिसर्मियो के साथ मुखबिर खास से सूचना <नाम> कि ग्राम बरीपुरामें अवैध खनन के ट्रैक्टर आ रहे हैं। इस सूचना <नाम> अन्य पुलिसकर्मियों के साथ वादीउ0नि0 <नाम> <नाम> बरीपा अया तो एक ट्रैक्टर मय ट्राली के बालू से भरा हुआ था, जिसे रोका तो नहीं रूका। पीछा करने <नाम> रोका और कब्जे में ले जाने लगे तो उसकी समयकरीब 20:10 बजे <नाम> पाल पुत्र विध्याराम, मनीराम पुत्र <नाम> <नाम> विध्याराम पुत्रआशाराम, मडल <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> गुड्डी पत्नी सोपाली, <नाम> Bail Application/9956/2020 —-Kalicharan @ Kalyan Vs. UP State 2सोहनकली पत्नी <नाम> <नाम> पुत्र कलयान उफ <नाम> रतिराम पुत्र सोपाली, <नाम> पुत्र सोपाली, <नाम> पुत्र रामजीलाल, हरीशचन्द्र पुत्र मूलीराम, कालीचरन पुत्र रामजीलाल, सोपालीपुत्र मोहर <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र फतेह <नाम> <नाम> पुत्र कल्याण की पत्नी नाम नामालूम व10-15 अज्ञात पुरूष एवं महिलायें एमस्त निवासीगण ग्प्रम बमरौली आ गये और गालीगलौज करते हुए ईट पत्थर मारने लगे और <नाम> तथा कालीचरन ने अपने हाथों में लिएअवैध तमंचों से हम पुलिस पार्टी <नाम> एक <नाम> होकर <नाम> से मारने की नीयत से फायरकिया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। पुलिस द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को खुशकरने के लिए तथा गुड वर्क दिखाने के लिए प्रार्थी /अभियुक्त को झूंठा फसाया है। पुलिसपार्टी <नाम> तमंचे से फायर करने का आरोप है, <नाम> किसी पुलिसकर्मी को कोई चोट नहीं आयीहै । सहअभियुक्तों <नाम> पाल, मनीराम, विद्याराम, <नाम> <नाम> व <नाम> की जमानत हो चुकीहै। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व में सजायाफ्ता नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्रखारिज हो चुका है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी का परिशीलन किया । ", "प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त दिनांक 02.11.2020 सेन्यायिक अभिरक्षा में हैं। अभियुक्त के पूर्व दोष <नाम> का कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन दररा प्रस्तुत नहीं किया गया है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में दिनांक 20.08.2020 कोस्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2150_202116-03-20211067
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में Aol GR TATहै। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_634_202017-07-20201083
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त का पिता व पैरोकारअख्तर खां के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादीमुकदमा एस0एच०ओ0 <नाम> <नाम> द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीअंकित करायी गई कि दिनाक 10.07.2019 को वह मय हमराहियान गइत वतलाश वांछित अपराधी आदि में मामूर था कि उसी दौरान मुखबिर की सूचनापर बिजली का तार काटकर चोरी करते हुए बदमाशों को पकड़ने का प्रयासकिया गया तो बदमाशों ने <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी परफायर किए। बदमाश <नाम> में अंधेरे का फायदा उठाकर मैक्स गाड़ी को मौकेपर छोड़कर भाग गए और पकड़े नहीं जा सके। मौके <नाम> छोड़ी गयी गाड़ीमैक्स महिन्द्रा संख्या-यूएपी0 83, ए०टी0 5563 को <नाम> गया तो गाड़ी केअन्दर से 21 बण्डल तार बिजली एल्युमीनियम भरा हुआ मिला तथा साथ में एक अदद बड़ा कटर लोहा, दो रबड़ के दस्ताने, दो अदद रस्सा बरामदकिया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दए0प्र0क्षेत्न) /अपर सञ्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 634 / 2020वसीम बनाम राज्यवादी एस.एच.ओ. <नाम> <नाम> <नाम> की उक्त फर्द के आधार परथाना खेरागढ में मु0अ0सं0 157,/2019 अंतर्गत <नाम> 147, 148, 149, 307,411, 414 भारतीय दण्ड <नाम> व <नाम> 12/15 डकैती अधिनियम अज्ञात केरूप में पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचना प्रार्थी/अभियुक्त का नाम <नाम> मेंआया । विवेचना प्रचलित है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोई अपराधनहीं किया है, वह निर्दोष हैं। प्रार्थी दिनाक 14.02.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध हैं। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी से कोईबरामदगी नहीं है। प्रार्थी मौके से गिरफूतार नहीं हुआ है। प्रार्थी कोव्यापारिक वैमनस्यता के चलते प्रतिद्वन्दियों द्वारा झूठा फंसवाया गया है। प्रार्थीका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त का अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बितनहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने कीनीयत से फायर किए गए हैं तथा उनक द्वारा मौके <नाम> छोडी गयी गाड़ी वगाड़ी से 21 बण्डल एल्युमीनियम का तार बरामद किया गया है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि मामलेमें घटना दिनांक 11.07.2019 की है। प्रार्थी <नाम> <नाम> अभियुक्तगण के साथमिलकर पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायरिंग करने तथाउनके द्वारा मौके <नाम> छोड़ी गयी गाड़ी से 21 बण्डल एल्युमीनियम का तारबरामद होने का आरोप है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं हैं <नाम> हीउन्हें मौके से गिरफूतार किया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यहदर्शित होता है कि प्रार्थी का नाम <नाम> अभियुक्त के बयान के आधार <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 634/ 2020वसीम बनाम राज्यप्रकाश में आया है। अभियोजन की ओर से प्रश्‍नगत घटना में चोटिल किसीभी पुलिस कर्मी की कोई चिकित्सीय आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी है तथाप्रश्‍नगत घटना में किसी भी पुलिस कर्मी के चोटिल <नाम> होने के तथ्य कोस्वीकार किया गया है। प्रश्‍नगत बरामदशुदा <नाम> व वाहन को किसी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 14.02.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध हैं। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में स्वीकार की जाचुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6400_201918-11-20191601
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त के <नाम> मोहम्मद इजरायल का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है,जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 26.09.2019 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराह पुलिसकर्मचारीगण के साथ मुखबिर की सूचना <नाम> सेक्टर 16 आवास <नाम> कालौनी स्थित मकान <नाम> पहुचे, जहाँ बल्ब की <नाम> मे कुछ लोग एक कमरे में बैठकरशराब की बोतलों से शाराब के खाली अद्धो व पौळवों को भर रहे थे व उनकेऊपर ढक्कन लगाकर सील <नाम> रहे थे, दविश देकर उन पॉचों व्यक्तियों कोपकड लिया, जिनमें से पहले ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया, जामा तलाशीसे पहने लोअर की बायी जेब से 40रूपये बरामद हुये तथा दूसरे ने अपना नामभूपेन्द्र <नाम> बताया, जामा तलाशी से कोई सामान बरामद नहीं हुआ, तीसरे नेअपना नाम इब्राहिम बताया, जामा तलाशी से पहनी जींस की पीछे की दाहिनीजेब से 35रूपये बरामद हुये, चौथे ने अपना नाम राघवेन्द्र बताया, जामा तलाशीसे कोई शह बरामद नही हुआ, पाचवे ने अपना नाम <नाम> बताया, जामातलाशी से कोई शह बरामद नहीं हुआ। कमरे में बरामद अवैध शराब जिसमें 36पेटी शराब की कुल 432 बोतल जिस <नाम> IMPECT GRAIN WHISKY FORSALE IN HARIYANA ONLY 750 ML <नाम> है। 26 अद्धेMCDOWELLS NO 1 FOR SALE IN UTTAR PRADESH ONLY 375 -2-ML 14 अद ROYAL CHALLENGE क जिस <नाम> FOR SALE IN UTTARPRADESH ONLY 375 ML <नाम> है तथा 30 पैव्वे IMPERIAL BLUEPREMIER GRAIN WHISKY FOR SALE IN UTTAR PRADESHONLY 180 ML <नाम> है तथा 250 पैव्वे MCDOWELLS NO 1 FORSALE IN UTTAR PRADESH ONLY 180 M1. <नाम> है तथा 150 पौव्वेROYAL STAG जिन Ul FOR SALE IN UTTAR PRADESH ONLY 180ML <नाम> है। 850 खाली पौव्वे प्लास्टिक, 4500 ढक्कन प्लास्टिक अलगअलग ब्राण्ड के बरामद हुये, शराब का लाइसेंस तलब किया गया तो दिखाने मेंकासिर रहे और कहा कि हम पाचों मिलकर हरियाणा से इम्पैक्ट की बोतललाते हैं तथा इन बोतलों को उ0प्र0 के ठेकों <नाम> बिकने वाली शराब के अद्धों वक्वाटरों में भरकर सप्लाई करते हैं, जिससे हमें काफी <नाम> होता है। बरामदशराब को खाली पडे प्लास्टिक बोरे में भरकर अलग अलग सील सर्व मुहर करनमूना मुहर तैयार किया गया तथा नमूना मुहर तैयार किया गया। अभियुक्तगणको उनके जुर्म से अवगत कराकर हिरासत में लिया गया तथा फर्द <नाम> मेंतैयार की गयी। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 27.09.2019 को अभियुक्तगण सुधीरगुप्ता, भूपेन्द्र, इब्राहिम, राघवेन्द्र <नाम> <नाम> के विरूद्ध अपराधसंख्या-844,//2019 <नाम> धारा-420 भा0द0सं0 व 60/63 आबकारी अधिनियमका अभियोग थाना सिकन्दरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफॅसाया गया है। सत्यता यह है कि आवेदक/ अभियुक्त, अभियुक्त <नाम> गुप्ताके घर <नाम> आया हुआ था, पुलिस <नाम> <नाम> के साथ साथ उसे भी पकड़कर थाने ले गयी और <नाम> <नाम> के साथ उसे भी उपरोक्त कस में झूंठा बन्द करदिया, वह सभ्रान्त परिवार का व्यक्ति है तथा मेहनत मजदूरी करके अपना वअपने परिवार का पालन पोषण करता है, उसके कब्जे से शराब से संबंधितकोई वस्तु शराब के क्वार्टर, बोतल, ढक्कन आदि बरामद नहीं हुये हैं। मामले मेंपुलिस क द्वारा <नाम> बरामदगी दर्शायी गयी है। गिरफतारी व बरामदगी काजनता का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक29.09.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। -3-राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि घटनास्थल से भारी मात्रामें अवैध अंग्रेजी विभिन्न ब्राण्ड की शाराब बरामद हुई है, खाली बोतले, ढक्कनबरामद हुये हैं। आवेदक / अभियुक्त अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर शराबकी तस्करी करता हैं और हरियाणा से कम रेटों <नाम> शराब लाकर उनको अन्यबोतलों <नाम> भरकर उन <नाम> नकली रैपर लगाकर एवं उ0प्र० का लोगो लगाकर,उप्र0 में अधिक दामों <नाम> बेचते हैं, जिससे <नाम> को राजस्व की हानि होतीहै। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया । ", "वर्तमान आवेदक / अभियुक्त व अन्य <नाम> अभियुक्तगण के पास से अवैधशराब जिसमें 36 पेटी शराब की कुल 432 बोतल जिस <नाम> IMPECT GRAINWHISKY FOR SALE IN HARIYANA ONLY 750 ML <नाम> है। 26अद्धे MCDOWELLS NO 1 FOR SALE IN UTTAR PRADESH ONLY375 ML 14 अद ROYAL CHALLENGE क जिस <नाम> FOR SALE INUTTAR PRADESH ONLY 375 ML <नाम> है तथा 30 पैव्वे IMPERIALBLUE PREMIER GRAIN WHISKY FOR SALE IN UTTAR PRADESHONLY 180 ML <नाम> है तथा 250 पैव्वे MCDOWELLS NO 1 FORSALE IN UTTAR PRADESH ONLY 180 M1. <नाम> है तथा 150 पौव्वेROYAL STAG जिन Ul FOR SALE IN UTTAR PRADESH ONLY 180ML <नाम> है। 850 खाली पौव्वे प्लास्टिक, 4500 ढक्कन प्लास्टिक अलगअलग ब्राण्ड के बरामद हुये । ", "आवेदक / अभियुक्त से उपरोक्त भारी <नाम> में <नाम> शराब की ढक्कनआदि की बरामदगी बतायी जाती है। यद्यपि आवेदक/अभियुक्त ने बरामदगीसे इंकार किया है, लेकिन इतनी भारी <नाम> में पुलिस अपने पास से शराब क्योदिखायेगी, यह सामान्य कम में स्वाभाविक नहीं लगता है। आवेदक/ अभियुक्तके पास उक्त शराब का कोई लाइसेंस नहीं था और ना ही उनके द्वारा मौकेपर दिखाया गया, जैसा कि अभियोजन द्वारा बताया गया है। आवेदक / अभियुक्त के द्वारा अन्य प्रान्त से शराब लाकर बेचने से <नाम> काराजस्व भी प्रभावित होता है। -4-इस न्यायालय के द्वारा पूर्व में इस केस के <नाम> अभियुक्तगण सुधीरगुप्ता, भूपेन्द्र व राघवेन्द्र के जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 15.10.2019 को निरस्तकिये जा चुके हैं । " ] }
0DENIED
Bail Application_4191_201903-08-20191026
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> डौलीपत्नी बिल्लू का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> शर्माथाना लोहामण्डी जिला <नाम> ने दिनांक 02.05.2019 को 22.54 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण सन्जू, व बिल्लू के द्वारासंगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर सन्जू है। जो गैंग के सदस्यों के साथमिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक लाम प्राप्त करने <नाम> नाल <नाम> जुआ जैसे जघन्य अपराधकारित करते है और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त है। ", "अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणकोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उक्त केस में झूँठा फसायागया है। उसने कोई अपराध कारित नही किया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व सजायाफता नही है। गैगचार्ट में दर्शाये गये मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। वह ठेल लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। उसका समाज में कोई भय व्याप्तनही है और <नाम> ही वह अपराध करके अपनी जीविकोपार्जन करता है। उसके दो तीन छोटेछोटे बच्चे है। अभियुक्त के अलावा उनकी देखभाल करने वाला कोई नही है तथा उसकी मॉ बीमार है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्र्ार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्रकिसी न्यायालय में लम्बित नही है। अभियुक्त दिनाक 19.07.2019 से जिला कारागार में 2निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 39/18 <नाम> 13 सार्वजनिक जुआ अधिनियम थाना-लोहामण्डी जिला <नाम> । ", "2-अ.सं. 239/18 <नाम> 3/4 व 13 सार्वजनिक जुआ अधिनियम थाना-लोहामण्डी जिलाआगरा । ", "के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर जुआ/सटटा कराने जैसेजघन्य अपराध करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होनेका प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी प्रकृतिएवं अभियुक्त के जुआ /सटटा कराने जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखतेहुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6017_201911-11-20191921
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के पितागोपाल का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहउसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमागोपाल ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि मैं दिल्‍ली गेट के पास चारपहियों की ठेली <नाम> अण्डे लगाकर बेचने का <नाम> करते हैं, खन्दारी साइड के कुछ बदमाश परेशान <नाम> रहे हैं, आज <नाम> करीव <नाम> बजे नवल पुत्र दामोदर,बैंगन पुत्र युनिस, शाहिल उर्फ रॉयल पुत्र <नाम> <नाम> व <नाम> पुत्र <नाम> मेरेअण्डे की ठेली के पास आये और गन्दी गन्दी गालियाँ देते हुये शराब पीने केलिये पैसे मॉगे, पैसे देने से <नाम> किया जो <नाम> से मारने की धमकी देते हुयेलात घूसों से मारा पीटा और ठेल <नाम> ईट पत्थर मारे तथा भविष्य में <नाम> सेमारने की धमकी देते हुये चले गये। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 16.03.2013 को अभियुक्तगण नवल,बैंगन, राहिल उर्फ रॉयल व <नाम> क विरूद्ध अपराध संख्या-249/2013 परधारा-384, 323, 504, 506 भा0द0सं0 का अभियोग थाना हरीपर्वत, <नाम> परपंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में रंजिशनझूंठा फॅसाया गया है, उसने वादी से शराब के लिये पैसे नहीं मॉगे। इस घटनाका कोई चक्षुदर्शी <नाम> नहीं है। इस मामले में वादी के अलावा किसी अन्य काबयान <नाम> नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व में थाने से जमानत -2-पर था। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 13.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। ", "अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त नेवादी मुकदमा जो अण्डे की ठेल लगाता है, अपने साथियों के साथ आकरगालियाँ देते हुये और रंगदारी करते हुये शराब के लिये पैसे मॉगे और जबवादी ने पैसे नहीं दिये तो उसे लात घूसों से मारा पीटा और <नाम> से मारने कीधमकी दी। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "कहा जाता है कि आवेदक / अभियुक्त ने अपने साथियों क साथ मिलकरवादी मुकदमा से शराब क लिये पैसों की मॉग की और पैसे <नाम> मिलने <नाम> वादीके साथ मारपीट की और उसे <नाम> से मारने की धमकी दी। ", "वादी के द्वारा थाने <नाम> जो तहरीर दी गयी है, उसमें घटना किसदिनांक को घटित हुई, इसका उल्लेख नहीं किया गया है, यह घटना बाजार मेंहोना दर्शायी गयी है, किन्तु घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> होना नही दर्शायागया है। विवेचक के द्वारा भी दौरान विवेचना घटना के संबंध में मौके परमाजूद किसी स्वतन्त्र <नाम> का बयान केस डायरी में <नाम> नहीं किया गया है,जबकि आवेदक / अभियुक्त के द्वारा वादी से शराब के लिये पैसे मांगे जाने केतथ्य से इंकार किया गया है। विवेचनाधिकारी के द्वारा <नाम> विवेचना इस मामलेमें आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। आवेदक/ अभियुक्तदिनांक 13.10.2019 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6233_201925-11-20191311
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{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> जादौन का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "2 जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। यह भी कहा गया है कि अपराध संख्या 224/2019 केअर्न्तगत <नाम> 363, 376, 368 व 506 भा0०दं0सं0 एवं <नाम> 3/4 पाक्सो एक्ट में आवेदककी जमानत दिनांक 30-09-2019 को माननीय उच्च न्यायालय से स्वीकार हो चुकीहै एवं अभियुक्त की ओर से जमानत प्रपत्र भी प्रस्तुत किये जा चुके हैं। विवेचक द्वाराआरोपपत्र में अन्य धाराओं के अलावा <नाम> 16/17 पोक्सो एक्ट की बढ़ोत्तरी की गयीहै। आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह अभियुक्त का पूरक जमानत्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय मेंलंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "4— आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2132_202103-04-2021295
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{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार/ पत्नी <नाम> <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है अन्य कोई प््रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनाक 09.03.2021 को उ0नि० राजीवकुमार, मय उ0नि0 निशामक <नाम> व अन्य हमराहियान के थाना हाजा के रपट न॑005 समय 01.30 बजे रवाना होकर देखरेख <नाम> व्यवस्था, रोकथान जुर्म जरायम वरात्रि गश्त मामूर होकर कारगिल पेट्रोल पंप <नाम> आये तभी मुखबिर ने सूचना दी किकुछ चोर/ लुटेरे लूट करने के इरादे से शास्त्रीपुरम गोलचक्कर की तरफ से सुनारीचौराहे की ओर जा रहे हैं, यदि जल्दी की जाए तो पकड़े जा सकते हैं। उक्त सूचनापर सरकारी जीप व अन्य हमराहियान को तलब <नाम> मुखबिर के बताये स्थान सुनारीचौराहे से 100 मीटर की दूरी <नाम> गाडियों को पेड़ की आड में खड़ा करके इन्तजारकरने लगे तभी कुछ समय <नाम> 03 अलग-2 मोटर साइकिलों <नाम> लोग आतेक हुएदिखायी दिये, मुखबिर ने इशारा करके बताया कि जो मोटर साइकिलों <नाम> लोग आरहे है। वो ही चोर/लुटेरे है जिनक बारे में उसने बताया था, मोटर साईकिल सवारलोगों के नजदीक आने <नाम> चौराहे <नाम> चैकिंग करते देखकर मोटर साइकिलसवार एकदम चिल्लाये कि भागों सामने पुलिस की चैकिंग हो रही है और वापस पीछेमुड़कर भागे और सामने पुलिस से घिरता देख चिल्लाये कि मारो पुलिस सामने हैंऔर <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी <नाम> अलग-2 मोटर साइकिल सवारों ने02 राउण्ड फायर किये तथा चिल्लाते हुए बोले के मारो सालों को पुलिस वाले हैं Bail Application/3795/2021 —-Saurabh Vs. UP State 2और हड़बड़ाहट में एक मोटरसाइकिल जिसपर तीन व्यक्ति सवार थे फिसल <नाम> गिरपड़ी और तीनों व्यक्ति अलग-अलग दिशाओं में भागने लगे, उक्त तीना व्यक्तियों कोपुलिस पाटी ने पकड़ लिया, दो मोटर साइकिलों <नाम> सवार <नाम> व्यक्ति अंधेरे काफायदा उठाकर भाग गये, जिनका पीछा उ0नि0 मनवीर <नाम> व उनकी टीम क द्वाराकिया गया, परन्तु हाथ नहीं आये। पकड़े गये तीनों व्यक्तियों ने उनका नाम पतापूछा तो एक ने अपना नाम <नाम> उर्फ <नाम> पुत्र रामगोपाल बताया, जामा तलाशी मेंदाहिने हाथ में पकड़े 01 अदद तमंचा 313 बोर मिला, जिसकी बैरल में एक फॅसाहुआ कारतूस, पैंट की जेब में मु0 40/-रूपये व एक जिन्दा कारतूस बरामद हुआ। दूसरे ने अपना नाम <नाम> पुत्र शैलेन्द्र बताया, जामा तलाशी में दाहिने हाथ में एकदेशी तमंचा 315 बोर व पेंट की जेब से 70/-रूपये बरामद हुए। तीसरे व्यक्ति नेअपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया, जिसके दाहिने हाथ में पकड़े कषड़े मेंलिपटे हुए अदद सरिया, पहनी पेंट की दाहिनी जेब से मु0 60/रुपये बरामद हुए। पूँछने <नाम> बताया कि हम लोग लूटपाट करने जा रहे थे, परन्लु आपने पकड़ लिया है। भागे हुए व्यक्तियों के बारे में पूँछने <नाम> <नाम> ने बताया कि उसके साथी <नाम> उर्फसज्जाद पुत्र सिराजुद्दीन, सोनू पुत्र स्व0 <नाम> सिह, शशिकान्त <नाम> पुत्रमुन्नालाल, <नाम> उफ हक्ला पुत्र रामविलास , जो पकड़े गये <नाम> का <नाम> है। बरामदरूपयों के बारे में पूँछने <नाम> बताया कि रूपये उनके हैं। मौके <नाम> एक पल्सरमोटरसाइकिल बरामद हुई । अभियुक्तगण को उनके जुर्म से अवगत कराते हुए समयकरीब 03.55 बजे हिरासत पुलिस लिया गया बरामदशुदा <नाम> व असलाहों कोअलग-2 सफेद कपड़े में सिलकर सील सर्व मोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार कियागया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "फर्द बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> उफ <नाम> <नाम> सुरेश,शशि कान्त <नाम> <नाम> उफ <नाम> <नाम> उर्फ सज्जाद व सोनू के विरूद्धमु0अ०सं0 120//2021, धारा-399, 402 भा०द0सं0 में थाना-सिकन्दरा <नाम> अभियोगपंजीकृत हुआ। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया है कि आवेदक / अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई भी अपराध नहींकिया है। आवेदक/ अभियुक्त से पुलिस द्वारा फर्जी एवं झूँठी बरामदगी दर्शाकरउपरोक्त अपराध में नामित <नाम> <नाम> गया है तथा घटना व्यस्त चौराहे की होने केबाजवूद कोई भी स्वतंत्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। वास्तव में प्रार्थी/ अभियुक्त कोपुलिस दिनांक 07.03.2021 को सादा वर्दी में घर से अपने साथ ले गयी थी तथा एकदिन सदर थाने में अवैध हिरासत में रखा, अभियुक्त को छोड़ने के लिए पैसों की मागकी, माग <नाम> <नाम> होने <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को झूठी व फर्जी मनगढंत कहानी बनाकरझूँठी रिकवरी दिखाकर जेल भेज <नाम> है और इस मुकदमें के साथ अन्य मुकदमें भीलगा दिये है। अभियुक्त से केवल 70/-रूपये बरामद बताये हैं जो स्वये की जेबके हैं, अभियुक्त व साथियों को डकैती की <नाम> बनाते हुए व बतियाते हुए किसीभी जनसाक्षी ने नहीं सुना है। अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास दर्शित नहींहै । प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 09.03.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हींआधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान सहायक जिला सहायक अधिवक्ता ( दाण्डिक) द्वारा जमानत काविरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया है कि <नाम> अभियुक्तगण के साथ पकड़े जानेपर आवेदक / अभियुक्त से चोरी की मोटर साइकिल, तमंचा व कारतूस की बरामदगीहुई है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की है। " ], "judge-opinion": [ " Bail Application/3795/2021 —-Saurabh Vs. UP State 3अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। ", "पत्रावली में संलग्न फर्द बरामदगी के अवलोकन से विदित है कि घटनाआम रास्ते की बताई गयी है किन्तु घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से मात्र 70/-रूपये की बरामदगी दर्शायी गयी है, जोपहचान <नाम> सम्पत्ति नहीं है और अभियुक्त ने उन्हें अपना बताया है। ्रार्थी/ अभियुक्त को डकैती की <नाम> बनाते हुए पकड़े जाने का कथन है, परन्तुअभियुक्त को <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर डकैती की <नाम> बनाने की घटनाका कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त की इसी घटना से संबंधित अन्यमामलों में इस न्यायालय से जमानत स्वीकार हो चुकी है। थाने की आख्या मेंआवेदक / अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं है। आवेदक / अभियुक्त विश्‍वसनीय जमानत देने के लिए तत्पर है। आवेदक / अभियुक्तइस मामले में दिनांक 09.03.2021 से निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2517_202105-04-2021254
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थनमें ज्ञानचन्द <नाम> पुत्र <नाम> जीवनराम <नाम> द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिलकिया गया है कि वह अभियुक्त का सगा छोटा <नाम> है तथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थ / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भीप्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवामाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> हीखारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी जन <नाम> <नाम> समिति द्वRI सदस्य मोहम्मद रफीक पुत्र स्व0 <नाम> गफ्र खां निवासी नगला देवजीत थानाएत्मादूदौला, <नाम> का स्थायी निवासी है। प्रार्थी के सम्पर्क में आये <नाम> <नाम> जैन(चेयरमैन) पुत्र <नाम> <नाम> अवतार <नाम> जयहिन्द <नाम> (डायरेक्टर), <नाम> <नाम> <नाम> (डायरेक्टर), रमाशंकर <नाम> <नाम> ने बताया कि वह स्काई crepes sae इन्फ्रा0इ0लि0, एस0एल0डी0आई0 इन्फ्राकॉन कुलाक एग्रोकारपोरेशन सोसाइटी लि0, आदिकम्पनी चलाते हैं। हमारी कम्पनी निवेशकों की एफ0डी0आरडी0 का कार्य करती है (2)Bail Application No. 2517/2021 Jaihind Prajapati vs State of U.P.और कम समय में ही निवेशकों का रूपया हम अपनी कम्पनी में जमा करके दुगनाकरने का कार्य करते है, इस तरह के धोखा देने की नीयत से लुहावने आश्वाश्न देकरउक्त सभी ने अपनी कम्पनी में कार्य करने को कहा जिस <नाम> प्रार्थी झूठे सब्जबाम में आकर एजेन्ट के <नाम> में नियुक्त होकर कार्य करने लगा, जिसकी कम्पनी शाखाआजाद पेट्रोल पम्प के सामने <नाम> ट्वितीय तल <नाम> प्लेस, <नाम> <नाम> स्थित है। कम्पनी शाखा <नाम> ही निम्न निवेशकों को रूपये जमा कराने लगा। प्रार्थी के अलावापीड़ित सुरेशपाल, राधाकिशन, मुईउद्दीन, रफीक, आदेश पचौरी, सलीम, निजाम खां, <नाम> <नाम> <नाम> कुशवाह, पी0सी0 कुशवाह, सरवन <नाम> चरन <नाम> जमाल मोहम्मद, सोने कुशवाह, <नाम> <नाम> चन्द्रवीर <नाम> <नाम> रिषी <नाम> भगवानसिंह, were, wee, oy, aa, a Ris, afta <नाम> आबिद खां, गुलमोहम्मद,हसीब <नाम> बबलू <नाम> सलीमुद्दीन, आसिक <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> कुमारसत्यपाल, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> चन्द,शफीक खां, <नाम> अज्जो खां आदि लोग भी एजेन्ट के <नाम> में उपरोक्त कम्पनीमें कार्य करने लगे और कुछ ही समय में सभी a (ore) ने स्वयं एवं अपनेपरिवार रिश्तेदारों एवं <नाम> के लोगों के रूपये एफ0डी0आर0डी0 के <नाम> में जमा कराये थे जमा धनराशि करोड़ों में थी। कम्पनी <नाम> बताये रातोरात ऑफिस बन्द करके लाखों निवेशकों के करोड़ो रूपये लेकर फरार हो गई। उपरोक्त कम्पनी के चेयरमैन, डायरेक्टरों द्वारा <नाम> का जमा धन छल, कपट व धघोखाघडी करके कम्पनीने प्रार्थी व अन्य एजेन्टों के द्वारा जमा धनराशि को कपटपूर्वक बदनीयती से हड़पलिया है। प्रार्थी ने निवेशकों के रूपये वापसी के लिए कई बार स्वयं एवं फोन परबातचीत की तो सभी ने झूठे आश्वासन देते रहे और टालमटोल करते रहे लेकिन प्रार्थी व अन्य एजेन्टों द्वारा जमा धनराशि का भुगतान नहीं किया गया। प्रार्थी ने दिनांक 28.10.2018 को <नाम> के करीब 11 से 12 बजे फोन <नाम> कम्पनी के डायरेक्टरों से संपर्ककिया तो उक्त सभी ने चेयरमैन को छोड़कर प्रार्थी को गन्दी गन्दी गालियां दी औरकहा कि तुम लोग अपने जमा धनराशि भूल जाओ वो तो हमने हड़प <नाम> ली है तुमलोगों <नाम> जो किया जाये सो <नाम> <नाम> अगली बार फोन किया और जमा धनराशिमांगी तो <नाम> से मार देंगे और तुल लोगों की लाश का भी पता नहीं चलने देंगे। प्रार्थी ने थाने <नाम> शिकायती पत्र भेजा। उक्त प्रार्थनापत्र में कोई भी सरकारी कर्मचारीनहीं है। उक्त प्रार्थनापत्र को सुनने व निर्णीत करने का श्रीमान <नाम> को क्षेत्राधिकारप्राप्त है। मामला गंभीर और संज्ञेय <नाम> का है। प्रार्थना है कि प्रार्थी की रिपोर्ट थानेपर दर्ज <नाम> विवेचना कराने की <नाम> करें । ", "आवेदक » अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। गलतफहमी में झूंठा फंसाया गया है। प्रार्थी ने कोईऐसा अपराध कारित नहीं किया है, <नाम> ही प्रार्थी ने कोई भी रूपया वादी से प्राप्त करने (3)Bail Application No. 2517/2021 Jaihind Prajapati vs State of U.P.की <नाम> दी है वादी ने जो भी धनराशि जमा कराई है, वह कम्पनी के चेयरमैन केनाम खाते में जमा करायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना की कोई प्रारम्भिकतारीख नहीं बताई गयी है कि किस तारीख, महीना व सन्‌ में उक्त रूपया किसने कितना जमा किया है। प्रार्थी / अभियुक्त शिक्षित बेरोजगार था उसे रोजगार कीआवश्यकता थी, इस <नाम> उक्त कम्पनी में नौकरी प्राप्त की वह तो केवल उक्त कम्पनी में कार्य करने वाला मजदूर /नौकर था उसे कम्पनी के लेब-देन से कोईसरोकार नहीं है, <नाम> ही उसके हस्ताक्षरों से बैंक से रूपया निकलता था। प्रथम सूचनारिपोर्ट में वादी द्वारा कम्पनी को रातो-रात भागना बताया है तो वादी की अभियुक्तों सेफोन <नाम> किस स्थान <नाम> किस मोबाइल नम्बर से बात हुई वह नम्बर प्रथम सूचनारिपोर्ट व अपने धारा-461 द0प्रए0सं0 के बयानों में वादी ने नहीं बताया है। यह नहींबताया है कि वह रूपया प्रार्थ /अभियुक्त को देता था <नाम> ही प्रार्थी के हस्ताक्षर से कोईप्रमाण पत्र जारी हुआ है। प्रार्थी / अभियुक्त को उक्त कम्पनी में डायरेक्टर पद <नाम> होनबताया है। प्रार्थी बनारस जिले का निवासी है, तो उसका पता वादी को कैसे पता चलाकि उक्त लोग कहां है चारों लोगों में से किसके पास फोन किया था। पत्रावलीपर एफ0डी0 व आरएडी0 की छायाप्रति दाखिल की है वह जो रूपया जमा हुआ है उसके बदले में रूपया जमाकर्ता का एग्रीमेन्ट कम्पनी से हुआ है, जिसमें जमीन काएग्रीमेन्ट है वह वादी ने कम्पनी से कराया है। वादी एवं उक्त कम्पनी में एजेन्ट के रूपमें तैनात था, जिसे रूपये जमा कराने <नाम> कमीशन मिलती थी, इसलिये वह रूपयाजमा कराता था। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक20.02.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः: आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की जाती है। अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि मामले में अभियुक्त व उसके साथियों ने योजनाबद्ध तरीके से डायरेक्टर बनकर <नाम> का पैसा लूटा है तथा जनताको धोखा <नाम> है। अभियुक्त अन्य तीन व्यक्तियों की तरह डायरेक्टर के पद <नाम> प्रभावशालीथा। प्राथी / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्कों को सुना। केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं पत्रावली <नाम> उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से प्रथमदृष्टया स्पष्ट होता रहा है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थी, अभियुक्त नामजद हैं। ", "प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा स्काई लारकलैण्ड डेवलपर्स इन्फ्रा0 इ०लि0, एस0एल0डी0आई0इन्फ्राकॉन कुलाक एग्रोकारपोरेशन सोसाइटी लि0, आदि के नाम से फर्जी कम्पनीबनाकर वादी एवं अन्य एजेन्टों द्वारा <नाम> का जमा कराया गया पैसा लूट <नाम> फर्म (4)Bail Application No. 2517/2021 Jaihind Prajapati vs State of U.P.को बन्द करके भाग जाने का कथन किया गया है। मामले में अभियुक्त कम्पनी केडायरेक्टर के <नाम> में चिन्हित किया गया है। अभियुक्त द्वारा भोली-भाली <नाम> कापैसा फर्जी फर्मो में जमा कराकर उस पैसे को हड़प <नाम> लिया गया है। अभियुक्त केविरूद्ध अन्य राज्यों में भी मुकदमे दर्ज हैं, जिस <नाम> अभियुक्त को, जिला कारागार,हिण्डोन सिटी, जनपद करौली (राजस्थान) से बी वारण्ट के द्वारा तलब किया गया है,जिसका इन्द्राज केस डायरी में <नाम> किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराधअत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5618_201923-10-20192527
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के पिता व पेरौकारसंतोष <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाजावर द्वारा थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई किदिनोक 13.07.2017को वह टेडी बगिया चौराहे से रामबाग की ओर जा रहा था तभी एक बाइकपर तीन व्यक्ति पीछे से आए और उसका फोन छीनकर रामबाग की ओर भागए। बदमाशों की गाड़ी सफेद अपाचे संख्या-यू0पी0 80/ डी०ई0 1766 थी। उसका मोबाइल सैमसंग जे-7 था। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 23.09.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी से घटना से संबंधित कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी को सहअभियुक्त के बयान में <नाम> <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5618 2019राजू बनाम राज्यसह-अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना में सम्मिलित रहाहै उसके द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट कारितकी गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> उदयवीर <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 13.07.2017 की है। प्रार्थी सह-अभियुक्त के साथ मिलकरवादी मुकदमा के साथ लूट कारित करने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थीप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण नेपाल वजितेन्द्र के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियक्त बनाया गया है। प्रार्थीद्वारा स्वयं न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया है। प्रार्थी कीनिशानदेही <नाम> इस प्रकरण से संबंधित कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयीहै। प्रार्थी लगभग एक माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। सहअभियुक्तगण <नाम> व नेपाल की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व मेंस्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6712_201930-11-20191110
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुकत की पत्नी <नाम> <नाम> भूली नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 25.12.2017को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसने <नाम> खिलाड़ी माहौर से उसकीजमीन खसरा नंबर 135 क्षेत्रफल 0.214 हैक्टेअर जो नगला कली, तहसील सदर,आगरा में स्थित है, की खरीद का सौदा अपने पार्टनर टीपू की बराबर हिस्से कीपार्टनरशिप में 40 लाख रूपये में तय किया तथा दिनांक 31.10.2017 को तहसील <नाम> थाना शाहगंज, <नाम> जाकर <नाम> खिलाड़ी माहौर ने एक लिखित रजिस्टर्ड एग्रीमेन्ट उसके तथा उसके पार्टनर टीपू के हक में 10लाख रूपया एडवान्स लेकर करदिया। एग्रीमेन्ट के अनुसार <नाम> खिलाड़ी को अन्दर मियाद तीन माह बाकी के विकय का रूपया लेकर रजिस्टर्ड बैनामा उसके तथा उसके पार्टनर टीपू के हक में करना था,परन्तु <नाम> खिलाड़ी के मन में बेईमानी आ गयी और उसने मियाद माह खतम होने सेपूर्व ही छल, कपट, साजिश बेईमानी एवं कूटरचना करते हुये उसके हक में बैनामा नकर उक्त <नाम> का बैनामा विभिन्‍न प्लाट के <नाम> में विभिन्‍न लोगों को विभिन्‍न दिनाकोंपर <नाम> तहसील सदर <नाम> में अपनी साजिश में शामिल <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> को अपना मुख्तारनामा बनाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट में विभिन्‍न व्यक्तियों को (2) रजिस्टर्ड बैनामे <नाम> दिये, जबकि उसको ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं था तथा उसके द्वारा छल कपट <नाम> रजिस्टर्ड एग्रीमेन्ट के द्वारा उसका <नाम> लाख रूपया मारलिया है। ", "वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण <नाम> खिलाड़ी माहौर, <नाम> <नाम> जिजेन्द्रकुमार, <नाम> <नाम> हिठेन्द्र <नाम> <नाम> भूपेन्द्र, उमेश <नाम> माधौ <नाम> हिदेन्द्र,विजय पाल <नाम> नितीन, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> के विरूद्धमु0अ0सं0० 842/ 2017 <नाम> <नाम> 420, 406 भा0द0सं0 का मुकदमा थाना शाहगंज,आगरा <नाम> पंजीकृत किया गया । ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मामले में झूठाँ फँसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वाराउपरोक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि रौहतान व <नाम> आपस में पार्टनर हैं, <नाम> नजर उसकी जमीन <नाम> थी। रोहतान, <नाम> टीपू व उसके गॉव के पास रहने वाला बच्चू व दशरथ ने एक षडयन्त्र के तहत आवेदक / अभियुक्त को बहला फुसलाकर गलत तथ्य दर्शाते हुये तहसील ले जाकररोहतान ने अपने सगे <नाम> जो कातिब है, से कराया। इन लोगों ने अभियुक्त का बैंक में एकाउन्ट खुलवाया और चैक बुक <नाम> साइन कराकर उसे अपने पास रख करधोखाधड़ी की और उसका दुरूपयोग किया। वास्तविकता यह है किआवेदक » अभियुक्त के साथ धोखाधड़ी हुई है। अभियुक्त दिनांक 15.10.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कथनकिया गया कि आवेदक /» अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर जमीन को विकय करने का पंजीकृत इकरारनामा <नाम> लाख रूपये अग्रिम लेकर सौदावादी एवं टीपू के पक्ष में निष्पादित किया गया तत्पश्चात <नाम> को मुख्तारआमबनाकर उपरोक्त जमीन को अन्य लोगों को विकय <नाम> दिया। अभियुक्त द्वारा कारितअपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थनाकी गई । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक »/ अभियुक्त के विरूद्द अन्य <नाम> अभियुकतगण के साथ मिलकर वादी से <नाम> लाख रूपया एडवांस लेकर तथाकथित (3)जमानत WRIT UA WO: 6712 / 2019 प्रार्थना पत्र सं0: 6712 / 2019जमीन का इकरारनामा वादी एवं एक अन्य व्यक्ति टीपू के पक्ष में निष्पादित करने के उपरान्त, छल करते हुए, म्याद पूर्ण होने से पूर्व ही तथाकथित जमीन को कई अन्यलोगों को विकय किए जाने का आरोप है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त द्वारा पंजीकृतइकरारनामा मुहायिदावैय दिनांक 31.10.2017 को निष्पादित किया <नाम> कहा गयाहै एवं तीन माह के अन्दर अभियुक्त को विवादित सम्पत्ति का बैनामा वादी <नाम> <नाम> एवं उसके पार्टनर टीपू के नाम करना था, किन्तु उक्त म्याद के भीतर ही अभियुक्त द्वारा विभिन्‍न व्यक्तियों के नाम बैनामा करना कहा गया है। केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उक्त पंजीकृत इकरारनामा के तहत कुल <नाम> लाख रूपये, जिसमें सात लाख रूपया पेशगी चैक द्वारा तथा तीन लाख रूपये नकद गवाहान केसमक्ष अभियुक्त द्वारा प्राप्त किया <नाम> बताया गया है। उपरोक्त तथ्यों के <नाम> में, अभियुक्त के इस कृत्य से यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त के द्वारा पंजीकृत इकरारनामा मुहायिदावैय के होते हुए भी एवं तीन लाख रूपये नकद तथा अन्य धनराशि 7 लाख चैक द्वारा प्राप्त करने के उपरान्त, समयबीतने से पूर्व ही उक्त जमीन को विभिन्‍न दिनांकों <नाम> कई व्यक्तियों के नाम रजिस्टर्डबैनामा <नाम> धोखाधड़ी करते हुए अमानत में खयानत की गई है। आवेदक / अभियुक्त प्राथमिकी में नामित है तथा उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5374_201930-09-20193471
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता हरवीर के शपथपत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा कैप्टनश्री प्रवेश <नाम> भदौरिया के द्वारा संबंधित थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दीगयी कि दिनांक 44.062019 को समय करीब <नाम> 11:00 बजे उसका <नाम> <नाम> गांव में फुन्दीलाल <नाम> के यहां कीर्तन सुनने गया था, वहां <नाम> गांव के <नाम> Ris wr saat we <नाम> भी मौजूद था। शराब के नशे मेंझूमते हुए आया, उसका पैर लगा, कहने <नाम> गाली-गलौच <नाम> आया उसीसमय वह लिपट गया और उसके <नाम> के कान को काट लिया। ", "प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> कृष्णवीर <नाम> पुण्डीरएवं विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता को विगत <नाम> <नाम> सुना जाचुका है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थ / अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है, वह निर्दोष है। प्रार्थीका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय अथवा अन्य किसी न्यायालय में (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रक््षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5374 / 2019रवि <नाम> बनाम राज्यविचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र माननीय अवरन्यायालय द्वारा निरस्त किया जा चुका है। वर्णित घटना झूठी है। सच्चाई यहहै कि कीर्तन में <नाम> वितरण के समय भगदड़ मच गई इस दौरान वादी केभाई को चोटें पहुंची और उसी के आधार <नाम> रंजिशन झूठा मुकदमा पंजीकृतकराया गया है। वादी एवं गांव के अन्य लोगों ने श्रीमान वरिष्ठ पुलिसअधीक्षक, <नाम> को शपफ्थपत्र प्रेषित करते हुए घटना के बारे में सच्चाई कीजानकारी दी है, जिसमें प्रार्थ /अभियुक्त को निर्दोष बताया है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और ना हीसजायाफता है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा जमानत काविरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा उपरोक्त घटना कारितकी गयी है। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का आधार पर्याप्त नहीं है। जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये । " ], "judge-opinion": [ " अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 14.06.2019 की समय 23:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> चुटैल <नाम> के कान को काटने का आरोप है। चुटैल <नाम> का चिकित्सीयपरीक्षण दिनांक 15.05.2019 को समय लगभग 1:30 बजे <नाम> में हुआ है। ", "उक्त चिकित्सीय आख्या के अनुसार चुटैल <नाम> का दाएं कान <नाम> फटाहुआ घाव पाया गया है तथा उपर का <नाम> 2/3 भागअ गायब पाया हैतथा चोट को गम्भीर पाया गया है। उक्त चोट को निगरानी में रखने की <नाम> व्यक्त करते हुए चुटैल को जिला अस्पताल रैफर किया गया है। चुटैलकी पूरक रिपोर्ट दिनांक 11.07.2019 में यह <नाम> व्यक्त की गयी है कि“there is missing par of skin and cartilage 3 0.3 CM of Rtouter ring of pinna.”. sto fore gat @ Gera के अनुसार चोट कीप्रकृति अंग-भंग की <नाम> मे आती है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2169_202123-03-2021689
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त क पैरोकार गीताराम उफगीतम <नाम> पुत्र <नाम> हरिविलास, निवासी-डल्लो की मड़ैया, थाना राजाखेड़ा, जिलाधौलपुर राजस्थान, जो कि प्रार्थी/अभियुक्त का पिता है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त केस में शुरू से जमानत <नाम> था औरदौरान जमानत के <नाम> आगामी <नाम> क बारे में जानकारी <नाम> होने के <नाम> दिनांक23.07.2018 को वारंट के आदेश हो गये, उसके <नाम> वह किसी अन्य कस में दिनांक14.01.2019 को जिला कारागार में निरूद्ध था, इसलिए वह न्यायालय नहीं आ सका। ्रार्थी/ अभियुक्त उपरोक्त केस में दिनांक 08.07.2019 को जिला कारागार से तलबहेतु प्रार्थनापत्र <नाम> गया था, जिस <नाम> वह जिला कारागार से दिनांक 20.09.2019 कोतलब होकर आया और <नाम> 309 का वारंट लगाकर जेल भेजा गया। बचाव पक्ष केअनुसार प्रार्थी / अभियुक्त से कोई भी अपराध से सम्बन्धित वस्तु बरामद नहीं हुई है,बल्कि पुलिस ने झूंठा फंसाया है। प्रार्थी/ अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहींकी है। उपरोक्त केस में न्यायालय द्वारा आरोप विरचित किया जा चुका है, लेकिन Bail Application/3835/2021 -UP State Vs. Babu 2अभी <नाम> अभियोजन पक्ष ने कोई भी <नाम> पेश नहीं किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्तका यह वारंट का द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य किसी न्यायालय में विचाराधीननहीं है तथा वह आगामी <नाम> <नाम> नियमित <नाम> से उपस्थित रहेगा । प्रार्थी / अभियुक्तअपनी क्षेत्रीय जमानत देने को तैयार है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 14.01.2019 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाये। ", "्रार्थी/ अभियुक्त बबलू के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/ अभियुक्त बबलू इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। प्रार्थी /अभियुक्त कोआगामी <नाम> दिनांक 23.07.2017 की जानकारी <नाम> होने <नाम> वह न्यायालय में उपस्थितनहीं हो सका और <नाम> ही अपने अधिवक्ता को सूचित <नाम> सका, जिस <नाम> मा0न्यायालय द्वारा उसके विरूद्ध <नाम> जमानती वारंट जारी <नाम> दिये तथा उसके बादवह किसी अन्य मामले में जिला कारागार में निरूद्ध रहा। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा दियेगये प्रार्थनापत्र <नाम> उक्त केस में दिनांक 20.09.2019 को जेल से तलब किया गयाऔर <नाम> 309 का वारंट बनाकर जेल भेज <नाम> गया। प््रार्थी/अभियुक्त नेजानबूझकर कोई गलती नहीं की है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 14.01.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अतः उसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में जानबूझकर गैर हाजिर हुआ है, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू० की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी/ अभियुक्त की वजह से इसमामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा पूर्व मेंप्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त परउसके कब्जे से पहने पेंट की वांयी फैट में उरसा एक तमंचा 315 बोर तथा तमंचे कीनाल से एक अदद जिन्दा कारतूस 315 बोर अवैध <नाम> से बरामद होने का आरोप है। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतःजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ०0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प््रार्थी/अभियुक्त बबलूइस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिन बीचमें उसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानतीवारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। <नाम> गैर जमानती वारण्ट के आधार <नाम> Bail Application/3835/2021 -UP State Vs. Bablu 3्रार्थी/ अभियुक्त जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1588_202030-07-2020736
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त के <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमासंजू ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि आज दिनांक 26.09.2018 कोसमय करीव 9-30 बजे प्रार्थी अपने <नाम> <नाम> के साथ देहतोरा मोड परखड़ा था कि तभी <नाम> पुत्र नामालुम, <नाम> <नाम> <नाम> सहाब सिंहआये और आकर गालियाँ देने लगे, जब हमने गाली देने से <नाम> किया तोउक्त लोगों ने हमारे साथ मारपीट शुरू <नाम> दी व कहा कि तुम ज्यादा नेताबनते हो, पहले भी तुझे जेल भिजवाया था, फिर से तुझे जेल भिजवा देगें। जबमैने व मेरे <नाम> ने उनका विरोध किया तो <नाम> ने अपनी कमर से तमंचा 2निकाल <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर <नाम> दिया। हमने भागकरअपनी <नाम> बचाई । गोली चलने से लोगों में आसपास भगदड़ मच गई। हमजैसे ही पत्थर की टाल <नाम> पहुंचे तो वे लोग अपने 20-25 अज्ञात लोगों केसाथ हमारा पीछा करते हुये असलाहों से लैस होकर आये व गालियाँ देते हुये फायर करने लगे, हमने अपनी <नाम> का खतरा होते देख तुरन्त 100 नंबर परकाल किया, मौके <नाम> पुलिस आयी तो वे भाग गये। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 27.09.2018 को अभियुक्तगण अशोक,अशोक <नाम> <नाम> सहाब <नाम> व 20-25 लोग अज्ञात के विरूद्ध अपराधसंख्या-1007/2018 <नाम> धारा-147, 148, 149, 323, 504, 307 भा०द0सं0 काअभियोग थाना जगदीशापुरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में रंजिशनदवाव बनाने के लिये झूंठा फॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का मुकदमावादी के खिलाफ एस.टी. /एस.सी.का मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है, जिसपर दवाव बनाने के लिये झूंठा मुकदमा लिखा <नाम> है। आवेदक/ अभियुक्तदिनांक 22.07.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने कीयाचना की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि घटना के दिनांक 26.09.2018 को आवेदक/ अभियुक्त ने अपने अन्य साथियों के साश मिलकर वादीमुकदमा के साथ गाली गलौज की तथा <नाम> से मारने की नीयत से उस परतमन्चे से फायर किया, जिसमें वह <नाम> <नाम> बच गया। इस घटना को मौकेपर मौजूद <नाम> शिवम, <नाम> व अरूण <नाम> ने <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "इस मामले की घटना दिनांक 26.09.2018 की बताते हुये यह कहा गयाहै कि आवेदक,/ अभियुक्त ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वादीमुकदमा व उसके <नाम> <नाम> के साथ गाली गलौज की एवं <नाम> से मारनेकी नीयत से तमन्चे से फायर <नाम> दिया। चुटैल संजू एवं <नाम> की -3-चिकित्सीय रिपोर्ट देखने <नाम> यह पाया गया उनको आग्नेयास्त्र कोई चोट नहींआयी है, सभी चोटें सामान्य हैं। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट देखने <नाम> यह पाया गया कि उसमें <नाम> के द्वारागोली चलाये जाने का कथन किया गया है, आवेदक / अभियुक्त क द्वारा गोलीचलाये जाने का कथन नही किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता की ओर से यह भी कहा गयाहै कि आवेदक/ अभियुक्त का वादी के खिलाफ एस.टी. /एस.सी.का मुकदमान्यायालय में विचाराधीन है, जिस <नाम> दवाव बनाने के लिये झूंठा मुकदमा लिखादिया है, उक्त तथ्य का कोई खण्डन वादी मुकदमा की ओर से नहीं किया गयाहै। वादी मुकदमा व उसके <नाम> को कोई चोट नहीं है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 22.07.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1737_202118-03-2021906
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र पूरन चन्द पुत्र स्व0 <नाम> टीकाराम का इस आशय कादाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्रविचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किवादीया <नाम> <नाम> की शादी दिनांक 29.11.2008 को <नाम> खीची पुत्र कोकामल खीची,निवासी- 15/142 वारसूगेट घटित आजम खां, थाना हरीपर्वत, जिला <नाम> के साथ हिन्दु रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न हुई थी। वादिया की शादी में वादिया के पिता ने लगभग 15लाख रूपये खर्च किये थे। वादिया के पिता द्वारा इतना दहेज देने के बावजूद भी ससुरालीजनशादी में मिले दहेज से सन्तुष्ट नहीं हुए और ताना कसते थे कि मेरे पिना ने <नाम> पहिया कारदहेज में नहीं दी है और तू अपने पिता से <नाम> पहिया कार दहेज में लेकर आ तभी तुझे इसघर में रखेंगे। वादिया द्वारा उनकी मांग <नाम> <नाम> करने <नाम> उसे भूखा-प्यास रखते, आये दिनमारपीट करते थे तथा मायके छोड़ आते थे। इस संबंध में कईं बार पंचायते भी हुईं, परन्तु Bail Application/3149/2021 -Banti Vs. UP State 2ससुरालीजन अपनी जिद <नाम> अड़े रहे। वादिया अपने परिवार को बचाने के लिए ससुरालीजनका उत्पीड़न सहती रही। वादिया का <नाम> उससे बात नहीं करता था, उसके साथ कोई भीसंबंध नहीं बनाता था, इसलिए वादिया के आज <नाम> बच्चे पैदा नहीं हुए, क्योंकि वादिया के पितके <नाम> बंसवाल पुत्री चरन <नाम> बंसवाल से अवैध संबंध थे और वह दिनांक 19.11.2019 को उपरोक्त <नाम> बंसवाल को भगाकर ले गया है। और दिनांक 04.02.2020 को भागकरऋतिका बंसवाल से शादी <नाम> ली S। ah से वदिया का <नाम> उसी के साथ निवास <नाम> रहा है। वादिया अपनी ससुराल में अकेले ही अपना <नाम> व्यतीत <नाम> रही है। दिनांक 13.09.2020को वादिया <नाम> में अपने घर <नाम> सो रही थी, तभी वादिया के vio <नाम> व बन्दी आये औरसोते हुए वादिया को दबोच लिया और कहने लगे कि <नाम> नहीं है तो हम लोग हैं। और कहतेही <नाम> ने वादिया के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और उसके कुछ देर <नाम> बन्दी ने भीवादिया के साथ दुष्कर्म किया और धमकी दी कि साली यदि किसी को इस बात के बारे मेंबताया, तो तुझे <नाम> से मार देंगे। उपरोक्त लोग पूर्व में भी कईं बार वादिया के साथ छेड़छाड़व अश्लील हरकत <नाम> चुके हैं। जिस <नाम> वादिया काफी दुखी व परेशान है। अतः रिपोर्ट दर्जकर उचित कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्तने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। वादिया द्वारा सोची समझी साजिश के तहतअपने <नाम> से पारिवारिक विवाद उत्पन्न होने के <नाम> प्राथी / अभियुक्त व अन्य ससुरालीजनपर दबाव बनाने की नीयत से झूठी रिपोर्ट दर्ज करायी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादिया द्वाराजेठ <नाम> व बन्टी द्वारा दुष्कर्म किया <नाम> बताया, जबकि अंतर्गत <नाम> 164 द0प्र0स0 में दर्जकराये गये बयान में सिर्फ इतना कहा है कि इससे पहले दिनांक 13.09.2020 को जेठ बन्टी नेजबरदस्ती की, इस तरह जबरदस्ती को बलात्कार के लिए परिभाषित नहीं किया गया है। ", "वादिया का चिकित्सीय प्रमाण पत्र बलात्कार के संबंध में नहीं है। उपरोक्त घटना का कोईस्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त eet की पत्नी व पांच बच्चे हैं तथा वह वादिया के निवासस्थान से 8 किमी0 दूर ककरैला गांव थाना सिकन्दरा में अपने निजी मकान में निवास करता है। प्रार्थ / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही पूर्व में सजायाफ्ता है। अभियुक्त <नाम> खीची की जमानत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, <नाम> द्वारा दिनांक 02.12.2020 कोमंजूर की जा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 25.02.2021 से जिला कारागार <नाम> मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का निवेदन किया गया है। ", "मुकदमा वादिया की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के विरोध में प्रार्थनापत्र मय शपथपत्रप्रस्तुत करते हुए कथन किया है कि प्रार्थिया ने उपरोक्त मुकदमा ए0डी0जी0सी0 महोदय, आगराजोन के आदेश <नाम> पंजीकृत कराया था। उक्त मुकदमें में प्रार्थया के 161 व 164 द0प्र०0स0 केबयान हो चुके हैं। उक्त मुकदमें में अभियुक्त के विरूद्ध पूर्ण साक्ष्य है। प्रार्थिया ने अपने मुकदमें Bail Application/3149/2021 -Banti Vs. UP State 3की घटना को <नाम> तरह साबित किया है। प्रार्थिया का <नाम> प्रार्थिया से संबंध नहीं बनाता था,इसी वजह से उसे कोई सन्तान हनीं हुई और उपरोक्त लोगों ने प्रार्थिया के <नाम> की दूसरीशादी <नाम> दी। कथित घटना के दिनांक 13.09.2020 को अभियुकतगण बन्‍्टी व <नाम> प्रार्थिया के कमरे में आ गये और प्रार्थिया के साथ कमरे में जबरदस्ती छेड़छाड़ व बलात्कार किया और प्रार्थिया के शोर मचाने <नाम> अपने दूसरे मकान ककरेठा <नाम> भाग गया। अभियुक्त आपराधिकप्रवृत्ति के हैं, जिनका आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ मेल जोल है, कभी भी प्रार्थिया कीहत्या करवा सकते हैं। अभियुक्त जमानत <नाम> <नाम> होने के पश्चात प्रार्थिया को उत्पीड़ित करेगातथा बदमाशों द्वारा उसे तंग व परेशान करवायेगा और न्यायालय में उपस्थित नहीं होगा। अतःअभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) के द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थी /अभियुक्त के द्वारा मुकदमा वादिया साथदुष्कर्म किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा गवाहों को डराने धमकाने एवं जमानत का दुरूपयोग <नाम> फरार होने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी एवं अन्य प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया । केसडायरी एवं एफ0आई0०0आर0० तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है किप्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध अभियोजन द्वारा पीड़िता के साथ बलात्कार किये जाने का आरोपलगाया गया है। बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता का यह कहना है कि पारिवारिक मामले मेंदहेज का मामला पीड़िता द्वारा दर्ज कराया गया था, इसलिए जेठ को बलात्कार के मामले मेंफंसाया गया है। पीड़िता द्वारा <नाम> 161 द0प्र0स0 के बयान में स्पष्टत: यह कथन किया गया हैकि जब 13.09.2020 को रात में मैं अपने कमरे में सो रही थी तभी समय करीब 10 से 12 बजेके बीच बन्टी आये और मेरे साथ बद्तमीजी करने लगे और जबरदस्ती की और मुझसे कहा किइसके बारे में किसी को बताया तो <नाम> से मार दूंगा। बन्टी ने मेरे साथ जबरदस्ती की थी। पीड़िता के चिकित्सीय प्रमाण पत्र की आख्या पत्रावली <नाम> मौजूद है, जिसमें पीड़िता नेचिकित्सक को बन्टी द्वारा <नाम> धमकाकर बलात्कार किये जाने के संबंध में बयान <नाम> है। <नाम> 164 दं0प्र0सं0 के अंतर्गत स्वयं को परीक्षित कराते हुए पीड़िता ने यह बताया है कि दिनांक 13.09.2020 को उसके vis Fel ने उसके साथ जबरदस्ती की थी। बचावपक्ष के विद्वान अधिवक्ताका यह कथन है कि पीड़िता ने मात्र जबरदस्ती <नाम> का प्रयोग किया है, बलात्कार <नाम> काप्रयोग नहीं किया गया है, इसलिए पीड़िता के कथन <नाम> <नाम> नहीं किया जा सकता। इससंबंध में न्यायालय का यह मत है कि यह सत्य है कि पीड़िता ने जेठ बन्टी द्वारा उसके साथउसे अकेला पाकर बलात्कार किये जाने का कथानक अपनी तहरीर में <नाम> है, साथ ही <नाम> 161 व 164 द0प्र0स08 के बयानों में उपरोक्त कथानक का समर्थन किया है। यदि पीड़िता द्वारा Bail Application/3149/2021 -Banti Vs. UP State 4बलात्कार की जगह जबरदस्ती <नाम> का प्रयोग किया गया है, तो मात्र इस आधार <नाम> इस स्तरपर अभियोजन कथानक को <नाम> तरह से गलत नहीं माना जा सकता, क्‍योंकि मामले में अभीविवेचना प्रचलित है तथा अभियुक्त के विरूद्ध अभियोजन द्वारा लगाया गया आरेप गम्भीर एवं जघन्य <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_544_202003-02-20201465
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथअभियुक्त की पत्नी <नाम> किरन का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक, थाना मन्टोला, जिला <नाम> ने दिनांक 12.01.2020 को 20-30 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंगलीडर निजामो एवंउसके सदस्य कप्तान <नाम> महेन्द्र <नाम> फहीम, <नाम> <नाम> उफ नाती, इकबाल उफ <नाम> मामा व <नाम> <नाम> जो आर्थिक, नैतिक व अन्य <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य सेसंगठित <नाम> से जुआ/ सट्टा का अवैध व्यापार <नाम> अनुचित <नाम> के अपराध में संलिप्त हैं, इनके भय से इनके विरूद्ध समाज में कोई भी व्यक्ति एफ.आई.आर/ साक्ष्य देने को तैयारनहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध धारा2/3 उतप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्टमें उस <नाम> <नाम> मामले दर्शाये गये हैं, जो निस्तारित <नाम> लिये गये है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 13.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंगहै, जिसका वह सकििय सदस्य/ गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट,आगरा से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं72/19धारा-3/4 जुआ अधिनियम (2) अ.सं.28/19 धारा-13 जुआ अधिनियम (3) अ.सं.51/18धारा-13 जुआ अधिनियम (4) अ.सं.91/18 धारा-13 जुआ अधिनियम के मुकदमे हैं। 2 अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना कीगयी है । " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध जुआ कराने का अभिकथन है। आवेदक /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किआवेदक /अभियुक्त <नाम> फर्जी मुकदमे दर्शाकर उसे गैंग का सदस्य बना <नाम> गया है,जबकि वह किसी गैंग का सदस्य नहीं है, उक्त मुकदमे पुलिस उच्चाधिकारियों को खुशकरने के लिये उस <नाम> लगाये गये है, उसने किसी घटना को अन्जाम नहीं <नाम> है। मैंने उ0प्र0 गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम,1986 की <नाम> 200) का सम्यक परिशीलन किया जिसमें प्रावधानित है कि \"गिरोहका तात्पर्य ऐसे व्यक्तियों के समूह से है जो लोक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने याअपने या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित दुनियावी(टेम्पोरल), आर्थिक,भौतिक या अन्य <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से या तो अकेले या सामूहिक <नाम> सेहिंसा, या हिंसा की धमकी या प्रदर्शन या अभित्रास या प्रपीड़न द्वारा, या अन्य प्रकारसे समाज विरोधी कियाकलाप करते हैं। \"गैंगचार्ट के अवलोकन <नाम> पाया गया कि इसमें आवेदक / अभियुक्त के चारमुकदमे जुआ अधिनियम के दर्शये गये हैं, जिनमें अभियुक्त <नाम> जुआ खेलने का आरोप है। इन मुकदमों से ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि आवेदक / अभियुक्त का समाज में कोई भय वआतंक व्याप्त हो। आवेदक / अभियुक्त दिनाक 13.01.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1983_202118-03-2021914
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र के समर्थन में गीताराम का शपथ पत्र संलग्नकिया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से अपने आवेदन पत्र में कथन किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 11.01.2019 को बीमार होनेके <नाम> न्यायालय में नहीं आ सका। माननीय न्यायालय द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्वगैर जमानती वारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 14.01.2019से जिला कारागार में निरूद्व है। ", "मैंने आवेदक/ अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त सामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। ", "इस मामले में आवेदक / अभियुक्त बबलू पूर्व में जमानत <नाम> था उसके पश्चात न्यायालय में अनुपस्थिति के फलस्वरूप उसके विरूद्व न्यायालय द्वारा अजमानतीय अधिपत्र निर्गत किया गया जिसके फलस्वरूप वह उक्त अजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन में सम्बन्धितपुलिस द्वारा गिरफतार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। आवेदक / अभियुक्त की तरफसे उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया है कि उसने जानबूझकर कोई गलतीनहीं किया है प््रार्थी/अभियुक्त उक्त दिनांक को बीमार हो गया था इसी कारणआवेदक / अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। " ], "judge-opinion": [ " 2पत्रावली के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि आवेदक,/ अभियुक्त दिनांक 14.01.20219 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्व है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था औरनवीन जमानत देने के लिए तत्पर है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने न्यायालयके समक्ष यह भी आश्वस्त किया है कि वह न्यायालय में नियत तिथियों <नाम> व्यक्तिगत <नाम> सेउपस्थित होता रहेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2018_202115-03-20211130
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त केपुत्र साहिल खाँ का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> नेदिनांक 01.11.2020 को थाना शमशाबाद <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीअंकित करायी कि <नाम> भगवान उर्फ <नाम> पुत्र विद्याराम निवासी पल्टुआपुरा थाना निबोहरा,जनपद <नाम> ने एक संगठित गिरोह बना रखा है जिसके करतार, <नाम> रामहेत, साहबसिंह, <नाम> <नाम> साबिर खाँ ये सभी गैंग के सदस्य है। इस गैंग का मुख्य कार्य GTS oePo ARE करके <नाम> में भय व्याप्त करके अपने भौतिक <नाम> <नाम> <नाम> में भय एवंआतंक व्याप्त <नाम> जघन्य अपराध करते हुए धन अर्जित करते हैं जिनके विरूद्ध <नाम> काकोई भी व्यक्ति रिपोर्ट लिखवाने व गवाही देने के लिए तैयार नहीं होता। इनके विरूद्धविभिन्‍न थाना हाजा विभिन्‍न मुकदमें लम्बित हैं। इनके विरूद्ध विभिन्‍न थानों <नाम> मुकदमेलम्बित हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलापनिवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त काकोई संगठित गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी संगठित गिरोह का सदस्य है, बल्किमेहनत मजदूरी <नाम> अपना व अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। पुलिस द्वाराउपरोक्त मुकदमे फर्जी खुलासा करने एवं गुडवर्क दिखाने की नीयत से प्रार्थी के जेल मेंनिरूद्ध रहते हुए लगाए गए हैं। गैंगचार्ट में उस <नाम> अ.सं. 07 /20, <नाम> 41/102 दं0प्र0सं0411, 413, 414 भाएठदं0सं? थाना शमशाबाद, <नाम> अ.स. 426 /19, <नाम> 413, 414भा0दं0सं० थाना अछनेरा, <नाम> अ.सं. 428 /19, <नाम> 413, 414 भा0दं0सं० थाना अछनेरा,आगरा व अ.सं. 429 / 19, <नाम> 413, 414 भा0दं०सं० थाना अछनेरा, <नाम> दर्शाए गए हैं, जिनमे से असं. 07/20, SIRT 41/102 FoyoWo 4141, 413, 414 भा0दं०0सं0 थानाशमशाबाद, <नाम> अं. 426 /19, <नाम> 413, 414 AGOGO MAT अछनेरा, आगराउसकी जमानत स्वीकार होने का कथन किया गया है। आवेदक / अभियुक्त कारागार मेंदिनांक 10.01.2020 से निरूद्ध है। अतः: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान विशेष लोक अभियोजक ने जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त अभ्यस्त अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य /गैंग लीडर है। अभियुक्त केविरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्धअ.सं. 07 /20, <नाम> 41 /102 दं0प्र0सं0 411, 413, 414 भा0दं0सं0 थाना शमशाबाद,आगरा, अ.सं. 426,/19, <नाम> 413, 414 भाठदं0सं० थाना अछनेरा, <नाम> अ.सं.428 / 19, <नाम> 413, 414 भा0दं०सं0० थाना अछनेरा, <नाम> व अ.सं. 429 /419, धारा413, 414 भा0दं०सं० थाना अछनेरा, <नाम> के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैंनें जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानविशेष लोक अभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि कासम्यक परिशीलन किया । ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्तमामले दर्शाए गए हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध भादवि के अध्याय 16, 17 व 22 केअन्तर्गत समाज विरोधी किया कलाप करने का अभिकथन है। इस मामले केसहअभिकतगण करतार, <नाम> व रामहेत का जमानत प्रार्थना पत्र पूर्व में इस न्यायालय द्वएरा खारिज किया जा चुका है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(७) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोकअभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाताऔर (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय कासमाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्‍क्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराधका <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करनेकी <नाम> नहीं है। ", "आवेदक /अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उसकीप्रकृति तथा उक्त अधिनियम की <नाम> 19(७) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है औरजमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3015_201915-06-20193072
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा विजेन्द्रद्वारा दिनांक 24.06.2018 को समय 05:40 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट यहकथन करते हुए दर्ज कराई गई कि वह अपनी बहन के साथ मनाड से नई दिल्लीके लिए गाडी नं0 11057 दादर सी सी टी <नाम> से आ रहे थे। उनकी सीट नं0एस -9 में आठ नम्बर वर्थ थी। रास्ते में <नाम> से 5 किलोमीटर पहले जब गाडीथोडा धीमा हुई तो एक अन्जान व्यक्ति डिब्बे कोच में से चैन खीच <नाम> भाग गया। चैन लगभग ढाई तोला वजन की थी। ्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। वह दिनांक 11.07.2018 सेजेल में निरूद्ध है। अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नही किया है। अभियुक्त केबयान के आधार <नाम> उसे फसा <नाम> गया है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं,जमानत <नाम> दी जाये। विद्वान लोक अभियोजक की ओर से जमानत प्र्रार्थनापत्र का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त के पास से बरामदगी है और अभियुक्तका अन्य साथियों के साथ गैंग है जो <नाम> व लूट की घटना कारित करते हैं। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास भी है। उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधारनहीं है । " ], "judge-opinion": [ "सुना व पत्रावली का परिशीलन किया। केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि दिनांक 10.07.2018को पुलिस द्वारा अभियुक्तगण इरशाद, <नाम> <नाम> उर्फ सरकारी, आमिर खानव यासीन को गिरफतार किया गया। अभियुक्तगण के कब्जे से 4 अदद लैपटाप व16 मोबाइल फोन विभिन्न कम्पनियों के व सोने-चाँदी के जेबरात,; 5 अदद चाकूव एक अदद बेगनआर गाडी बरामद हुई। अभियुक्त इरशाद के कब्जे से दो अददमोबाइल व एक चाकू व एक लैपटाप व सोने चॉदी के जेबरात बरामद हुए। अभियुक्त यासीन के पास से एक अदद चाकू व 4 अदद मोबाइल बरामद हुए। यहभी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि इस मामले में मात्र सोने की चैन खीच <नाम> ले जानाकहा गया है। जिसकी बरामदगी नहीं है। <नाम> ही शिनाख्त कराई गई है। अभियुक्तदिनांक 11.07.2018 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_451_202027-01-20201799
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माता व पैरोकारश्रीमती तेजवती के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि दिनाक 30.41.2019 को वह मय हमराहियान देख रेख शांतिव्यवस्था आदि में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> टैम्पो के पास खड़े पॉच व्यक्तियों को डकैती की <नाम> बनाते हुए गिरफ्तार कियागया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो उनमे से एक ने अपनानाम मुख्तियार बताया। इसकी जामा तलाशी में एक cara a we foraकारतूस बरामद हुआ। टैम्पो की तलाशी लेने <नाम> एक <नाम> रंग का <नाम> मिलाजिसमें तीन मोबाइल, घड़ी, एक टॉर्च, एक सबबल व दो अदद पेचकस, एक घण्टी, एक जोड़ी <नाम> सफेद धातु के <नाम> सिक्के बरामद हुए तथा एकगैर घरेलू सिलेण्डर बरामद हुआ। अभियुक्त व अन्य सह-अभियुक्तगण को जुर्मसे अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार कीगयी । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रकक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थ / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.12.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। गिरफतारी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी केकब्जे से अपराध से संबंधित कोई बरामदमी नहीं है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक तमंचा व जिन्दा कारतूस बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 451 / 2020मुख्तियार बनाम राज्यप्रार्थी ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> अवध किशोरगौतम एवं विद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रोंका सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले मेंघटना दिनाक 30.11.2019 की बतायी गयी है। प्रार्थी <नाम> गिरफतारी के दौरान उसके कब्जे से एक तमंचा व एक जिन्दा कारतूस बरामद होने का आरोप है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को पुलिसपार्टी द्वारा दिनोक 30.11.2019 को मुखबिर की सूचना <नाम> अन्य के साथगिरफतार किया गया है तथा प्रार्थी के कब्जे से एक तमंचा व एक जिन्दाकारतूस बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। मुख्य अपराध में प्रार्थी कीजमानत इस न्यायालय द्वारा दिनोक 13.01.2020 को स्वीकार की जा चुकीहै। प्रार्थी डेढ़ माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_913_202102-03-20211622
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> <नाम> <नाम> का शपथ पत्र संलग्न किया गया है। ", "मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्घान अधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ सेउपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावली परउपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इसप्रकार है कि वादी मुकदमा उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थाने में इसआशय की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि दिनांक 31.01.21 को आवेदक <नाम> Bail Application/ 2012/2021 -sumit kashyap Vs. UP State 2ललित किशोर <नाम> थाना रिफायनरी <नाम> द्वारा प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया किपिछले कई दिनों से उसके पास दो तीन अज्ञात नम्बरों से काल आयी जिसमेकाल करने वाले ने अपना नाम कभी <नाम> <नाम> कभी पुरूषोत्तम व कभी <नाम> <नाम> बनकर स्वयं को बीमा <नाम> बता रहे थे और बोले कि उसकी एलएआई०सी० की बीमा पालिसी लैप्स हो चुकी है, उसका एमाउन्ट प्राप्त करने हेतुकुछ चार्ज लगेया जिसके <नाम> उसकी पालिसी का कुल एमाउंट मु0 12,47,392 / -रूपये जिसका डी डी उक्त लोगों ने उसके मोबाइल <नाम> पहले हीभेज <नाम> है, भेजे गये डी डी में उन्होंने शिकायतकर्ता का नाम <नाम> पाठकलिख रखा था जबकि उसकी पालिसी <नाम> किशोर <नाम> के नाम से थी, अतःउक्त लोगों के जालसाज होने का शक हुआ जिस <नाम> शिकायतकर्ता ने उक्तलोगों से डी डी के बदले नकद कैश देने की बात की जिसे मान गये व राहुलराणा ने दिनांक 31.01.21 को एस0एन0 मेडिकल कालेज के पास पैसे लेने कीबात कही, जिस <नाम> शिकायलकर्ता द्वारा उक्त लोगों के जालसाज होमे की सूचना प्राप्त होने <नाम> उपनिरीक्षक मय आरक्षीगण सरकारी वाहन संख्या यूएपी0 80 ए जी0623 मय चालक थाने से बहवाले रपट संख्या 7 समय 14:10 बजे रवानाहोकर एस0एन0 मेडिकल कालेज पहुँचे एवं पुलिस पार्टी ने आपसी जामा तलाशीले देकर उक्त तीमों व्यक्तियों को जालसाज पहचानकर इशारा किया जो कि पुलिस वालों को देखकर भागने का प्रयास करने लगे जिन्हें आवश्यक <नाम> प्रयोगकर मेडिकल कालेज के सामने पकड़ लिया गया। नाम पता पूछते हुये जामातलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम आकिब जिसके हाथ में दो मोबाइल फोनथा तथा कंधे <नाम> बरामद <नाम> से कुल 23 अदद प्रपत्र मिले जिनके बाबत पूछने परआकिब ने बताया कि वह उन व्यक्तियों का डाटा है जिन व्यक्तियों ने पूर्व मेंविभिन्न कम्पनियों से बीमा पालिसी ली हुई है तथा उक्त डाटा उन्होंनेआई०आई०एफ0सी० कम्पनी से चुराया है जिसमें वह पहले कार्य करता था तथापहने हुये जींस के पीछे की जेब से एक अदद आघार कार्ड मिला जो कि मोहम्मदआकिब का ही था जिस <नाम> उसकी फोटो लगी थी इसके अलावा एक अददडीएएल0, एक अदद ए्ण्टीछएम0 कार्ड, एक अदद मेट्रो कार्ड, एक अददआर0सी० एवं 910 रूपये नकद बरामद हुये। दूसरे ने अपना नाम <नाम> कश्यपबताया जिसके पास से एक अदद मोबाइल वीवो मिला जिसमें मौजूद डाटा काअवलोकन उपनिरीक्षक आशीष <नाम> द्वारा किया गया तो पाया कि फोन मेंकई एक्सल फाइल मौजूद हैं जिसमें वही कालिंग डाटा है जिसका प्रिंट आउट Bail Application/2012/2021 —-sumit kashyap Vs. UP State 3मोहम्मद आकिब के पास है व मोबाइल में डी डी के फोटो थी तथा दाहिने जेब सेएक अदद मोबाइल फोन व पिछले जेब से एक आदद पहचान पन्नआई०आई0एफछएल कम्पनी का व फोटो <नाम> <नाम> एम्पालाई कोड समेत अंकितपाया गया इसके अलावा एक अदद डी0एल0०, एक अदद वोटर आईकार्ड0,एकअदद ए0टी0एम0 कार्ड एवं 1050/-रूपये नकद बरामद हुये। तीसरे ने अपनानाम रमेश गिरि बताया जिसके पास से दो अदद मोबाइल एक सैमसंग व दूसरावीवो का था उक्त मोबाइल को उ0निरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा जाँचा गया तो कालिंग डाटा डीडी के फोटो, कई बैंकों के स्टेटमेंट व मैसेज मौजूद थे एवं 730/ -रूपथे नकद बरामद हुये । उक्त तीनों ने बलाया कि वह आईए०आई०एफ0एएल०कम्पनी में नौकरी करते थे तथा वहां से डाटा चुराकर प्राप्त पालिसी धारकों कोफर्जी आई0डी0 से किये गये नम्बरों से बीमा <नाम> बनकर काल करते थे तथामोटी रकम वापस करने का प्रलोभन देकर व फर्जी डी डी तैयार <नाम> व्हाटसएप्प वई मेल के जरिये दिखाकर अपने फर्जी दस्तावेजों के आधार <नाम> धोखाधड़ी <नाम> एकबहुत मोटी रकम बैंक खातों में जमा कराई है। आज शी वह लोग एक व्यक्ति को पूर्व में भेजे गये कूटरचित डीडी 12,47,392/-रूपये की रकम के एवज में सरचार्जके <नाम> में मु0 43,000/-रूपये नकद स्वयं बीमा <नाम> बनकर लेने आये थे। तीनों को जुर्म से अवगत कराते हुये समय 16:40 बजे हिरासत पुलिस में लियागया। राहगीरों से गवाही <नाम> कहा गया किन्तु भलाई बुराई के <नाम> कोई तैयार नहीं हुआ। बरामद सामानों को मौके <नाम> सफेद कपड़े रखकर सील सर्वमोहर करनमूना मोहर तैयार किया गया तथा फर्द मौके <नाम> उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वाराबोल बोल <नाम> आरक्षी <नाम> <नाम> से लिखाई गई । ", "अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्तगण निर्दोष हैं, उनके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है,अभियुक्तों को इस मामले में फर्जी षडयन्त्र के तहत झूठो फॅंसाया गया है। यह भीकथन किया गया कि वादी <नाम> किशोर <नाम> के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट नहींलिखाई गई है। आवेदक के कब्जे से <नाम> तो कोई धोखाधड़ी का डीडी और <नाम> पैसोंके लेन देन का कोई भी साक्ष्य या डाटा का साक्ष्य नहीं है। गिरफतारी स्थल भीड़ भाड़ भरा इलाका है तथा गिरफतारी व बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। आवेदक का कोई पूर्व अपराधिक इतिहास नहीं है <नाम> ही पूर्व सजायाफूता हैं। अभियुक्त दिनांक 01.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी है। Bail Application/ 2012/2021 -sumit kashyap Vs. UP State 4विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि घटना में बरामद प्रपत्रों को फर्जी <नाम> से तैयार किया गया है और उनके हस्ताक्षर के नाम से कूटरचित <नाम> से जारीकिया गया है तथा लोगों को बीमा <नाम> बनकर व संगठित गैंग बनाकर बीमापालिसी के नाम <नाम> इंटरनेट क माध्यम से कालिंग डाटा चोरी <नाम> अतिरिक्त चार्जदिखाकर धोखाधड़ी करते थे। अतः उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई । " ], "judge-opinion": [ "प्रस्तुत प्रकरण में पत्रावली <नाम> उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों केअवलोकन से प्रथम दृष्टया स्पष्ट हो रहा है कि आवेदक <नाम> <नाम> के कब्जे से एक अदद मोबाइल वीवो जिसमें मौजूद डाटा का अवलोकन उपनिरीक्षक आशीषमलिक द्वारा किया गया तो पाया कि फोन में कई एक्सल फाइल मौजूद हैं जिसमेंवही कालिंग डाटा है जिसका प्रिंट आउट मोहम्मद आकिब के पास है व मोबाइलमें डी डी के फोटो थी तथा दाहिने जेब से एक अदद मोबाइल फोन व पिछले जेबसे एक अदद पहचान पत्र आई०आई०एफणएल कम्पनी का व फोटो सुमितकुमार एम्पालाई कोड समेत <नाम> पाया गया इसके अलावा एक अददडीछएल0, एक अदद वोटर आईछकार्ड०,एक अदद ए0टीएम0 कार्ड एवं1050/ -रूपये नकद बरामद हुये। इसके अतिरिक्त अभियुक्तगण द्वारा बताये गये बैंक अकाउण्ट जिसमें वे धोखाधड़ी की रकम को जमा कराते थे उनके बाबतसाईबर काईम <नाम> द्वारा जानकारी करने <नाम> उक्त खाता संख्या यूनियन बैंक सेसम्बन्धित तीन भिन्न भिन्न खाता संख्या, आई०डी0एफ0सी0 बैंक के खाते वआईसीआईसीआई बैंक के खाते से सम्बन्धित पाये गये तथा उक्त सभीखातों का विवरण केस डायरी के साथ पत्रावली <नाम> अभियोजन द्वारा उपलब्धकराया गया है। उक्त प्रपत्रों के परिशीलन से प्रथम दृष्टया फर्जी धोखाधड़ी करनेका स्पष्ट अभियोग आवेदक के विरूद्ध प्रतीत हो रहा है तथा उक्त सभी प्रपत्रआवेदक के पास कैसे, किस प्रकार व क्यों मौजूद हैं, <नाम> खण्डनअभियुक्त / आवेदक करने में इस स्तर <नाम> असफल रहा है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4149_201913-08-2019668
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जिला आगरा। ", "आदेशदिनोक : 13.08.2019प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त कल्यान उर्फ कल्लाकी ओर से मुकदमा अपराध संख्या-29/2019 अन्तर्गत <नाम> 392, 411भारतीय दण्ड <नाम> थाना डौकी, जिला <नाम> क मामले में प्रस्तुत कियागया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के ममेरे <नाम> व पेरौकारबहादुर <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा संजयसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनोक 05.02.2019 को <नाम> 07:30 बजे <नाम> से डौकी क रास्ते अपनीपत्नी व बच्ची के साथ बाइक से वापस आ रहा था कि अचानक पीछा कररहे बाइक <नाम> तीन बदमाशों ने उसका धेरा डाल लिया और उससे तीसहजार रूपए, उसकी पत्मी से एक चेन व मंगलसूत्र लेकर भाग गए। उसनेअपने मोबाइल से 100 नम्बर <नाम> फोन किया, किसी ने रिसीव नहीं किया। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4149, 2019कल्यान उर्फ <नाम> बनाम राज्यअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिमाक 21.05.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी को सह-अभियुक्त के बयान के आधार परमामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी प्रशम सूचना रिपोर्ट में नामजदनहीं है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी बी-वारण्ट <नाम> तलब होकरदिनाक 10.07.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीभी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा व उसकी पत्नी के साथलूट की गयी है। प्रार्थी से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचमा की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> देवेन्द्र प्रसादवर्मा एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयातथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामलेमें घटना दिनाक 05.02.2019 की समय 19:30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा व उसकी पत्नी के साथ लूटपाटकिए जाने का आरोप है। प्रार्थी को सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> के बयान केआधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी बी-वारण्ट <नाम> तलब होकर इस मामले में निरूद्ध है। अभियोजन द्वारा कथन किया गया है कि लूटमें मिले रूपयों में से प्रार्थी ने अपने हिस्से के रूपए 20,000, खाने-पीने वमौज-मस्ती में खर्च <नाम> लिए हैं। प्रार्थी से कोई बरामदगी दर्शित नही कीगयी है। प्रार्थी एक माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_6349_201929-09-20202398
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र जयवीर पुत्र पूरन गिरी काइस आशय का दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोईप्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादिया मुन्नी <नाम> पत्नी स्व0 राधेश्याम जी0 / एफ0 संगम विहार नज्द <नाम> <नाम> स्कूल नईदिल्‍ली की निवासी है तथा वह उपरोक्त पते <नाम> अपने पोता-पोती के साथ सपरिवार रहती हैतथा घरेलू काम-काज करती है। दिनांक 07.05.2018 को वादिया अपने छोटे बेटे <नाम> सिवरे, जो ग्वालियर में रहता है के पास से ग्वालियर स्टेशन से दिल्‍ली के लिए चली थी। वह जनरलका टिकट लेकर डिब्बे में बैठी थी। <नाम> स्टेशन <नाम> जब ट्रेन काफी देर रूकी तो दो लड़के नाम पता नामालूम, उम्र करीब 25,/26 वर्ष होगी, मुझे बातों में लगा लिया और कहने लगे कि हमें भी दिल्‍ली <नाम> है। उन्होंने वादिया को एक ठण्डा बोतल कोका कोला की दी और कहनेलगे कि दादी गर्मी बहुत है एक आप भी पी लो तथा वादिया ने उनके कहने से पी ली तो इतनीदेर में ट्रेन चल पड़ी और उसे धीरे-धीरे बेहोशी आने लगी। इसके <नाम> उसे पता नहींनिजामुद्दीन स्टेशन <नाम> पुलिस ने ट्रेन के डिब्बे से निकालकर एंबुलेंस द्वारा सफदरगंज अस्पताल दाखिल कराया, तब उसे होश आया। 07.05.2015 को बेहोशी के दौरान उन दोनों नामालूम Bail Application/16567 /2019 -Shushil Giri Vs. UP State 2 लड़कों ने गले की सोने की चैन वजन करीब 41.55 तोला व कान के झुमके सोने के वजन करीब 1 तोला चोरी <नाम> लिये। अतः रिपोर्ट दर्ज <नाम> उचित कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन कियागया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। पुलिस द्वारा गुड वर्क दिखाने के उद्देश्य से उसे झूंठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त को अन्य मुकदमों में भी झूठा फंसाया गया है, जबकि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्राथी / अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> का कोई भी गवाहनहीं है, केवल पुलिस के <नाम> हैं। प्रार्थी / अभियुक्त को गिरफ्तार करने के <नाम> पुलिस द्वारामजिस्ट्रेट के समक्ष जेल में शिनाख्त कार्यवाही नहीं करायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त को मौके सेगिरफ्तार नहीं किया गया और <नाम> ही उसके पास से घटना से संबंधित कोई वस्तु बरामद हुयी है, बल्कि जी0आर0पी0 <नाम> द्वारा उसे गिरफ्तार किया गया। प्राथी / अभियुक्त <नाम> बी वारंट तामील हो चुका है तथा तामील होने के पश्चात वह रिमांड <नाम> माननीय न्यायालय के समक्षउपस्थित हो चुका है। प्राथी / अभियुक्त मजदूरी का कार्य करता है तथा दिल्‍ली से गाजियाबादमजदूरी करने आया था। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.05.2018 से जिला <नाम> <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थ / अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जानेका निवेदन किया गया है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) ने प्रार्थी / अभियुक्त का आपराधिक इतिहास प्रस्तुत करते हुए तर्क प्रस्तुत किया कि प्राथी / अभियुक्त को उसके दोअन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ दिनांक 14.05.2018 को थाना जीआरपी <नाम> पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया था तथा प्राथी / अभियुक्त व सहअभियुक्तगण के पास से संबंधित चोरी का मालबरामद हुआ था तथा उनके द्वारा जुर्म इकबाल किया गया था। प्रार्थ / अभियुक्त वसहअभियुक्तगण द्वारा दिनांक 07.05.2018 को वादी मुकदमा <नाम> मुन्नी <नाम> पत्नी राधेश्याम की सोने की चैन व कान के झुमके कोलड्रिंक्स में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश <नाम> चुरा लिये थे। ", "प्राथी / अभियुक्त का न्यायिक अभिरक्षा रिमाण्ड बी वारण्ट <नाम> तलब होकर स्वीकृत हो चुका हैतथा आरोप पत्र सं0 172/2018 दिनांक 23.07.2018 को माननीय न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। अभियोजन के द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थी / अभियुक्त शातिरकिस्म का अपराधी है तथा जमानत <नाम> छूटने के उपरांत पुनः अपराध <नाम> सकता है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा जमानत का दुरूपयोग <नाम> फरार होने की <नाम> है। अतः: जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गयाहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी एवं अन्य प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया। केसडायरी एवं एफ0आई0आर?० तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है किएफ0आई0०आर/० अज्ञात में लिखाई गयी है। प्रपत्रों के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि अभियुक्तका नाम मु0अ0सं0 192/2018 की गिरफ्तारी के दौरान <नाम> में आया। मु0अ0सं0 262 / 2018 से संबंधित उपरोक्त अभियुकत <नाम> <नाम> बरामदगी के संबंध में पत्रावली <नाम> कोई प्रपत्र उपलब्ध नहीं है। प्राथी / अभियुक्त के विरूद्ध जो आपराधिक इतिहास प्रस्तुत किया गया है, उसमें भी यहकथन नहीं किया गया कि वह किसी मुकदमें नामित अभियुक्त है तथा थाने से प्राप्त आख्या के Bail Application/16567 /2019 -Shushil Giri Vs. UP State 3अनुसार अभियुक्त मु0अ0सं0० 285 / 2018, अंतर्गत <नाम> 2/3 गैंगेस्टर एक्ट को छोड़कर मु0अ0सं0192 / 2018, 182,/2018, 165,/ 2018, 179,/2018 में जमानत <नाम> <नाम> है तथा मु0अ0सं0199 / 2018 में दोष <नाम> के उपरांत सजा भोग चुका है। प्राथी / अभियुक्त के विरूद्ध विवेचना पूर्ण हो चुकी है तथा आरोपपत्र प्रेषित किया जा चुका है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.05.2018 से जिला <नाम> <नाम> में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6707_201926-11-20191274
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन मेंरामवीर <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसके अनुसार अभियुक्तों का यहप्रथम जमानत प्रर्थना पत्र है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा जी0जेसमाइन द्वारा जब कि वह <नाम> <नाम> एक्सप्रेस के कोच संख्या एस-6 क बर्थसंख्या 60 <नाम> निजामुदीन से <नाम> के मध्य यात्रा <नाम> रही थीं तो यात्रा केदौरान दिनाक 25.09.2019 <नाम> स्थित राजा की <नाम> रेलवे स्टेशन <नाम> समय09:00 ए०एम0 <नाम> वादिनी का हैंड <नाम> चोरी हो गया जिसमें सोने की चैन, सैमसंगस्मार्ट फोन, बाईबल, नोटबुक व अन्य सामान थे जिसकी सूचना जी0आर0०पी0 थानाआगरा कैट <नाम> अज्ञात में दर्ज करायी गयी। ", "्रार्थीगण/अभियुक्तगण की ओर से कहा गया है कि्रार्थीगण/ अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमें में गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूठा फंसाया गया है जबकि उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण निर्दोष है उन्होंने कोई अपराध कारित नहीं किया है तथामामले में उन्हें झूठा फंसाया गया है। प्राथमिकी वादी मुकदमा द्वारा अज्ञात में घटनादर्ज करायी गयी है। अभियुक्तगण जिला कारागार में दिनांक 27.10.2019 सेनिरूद्ध है। घर से पकड़कर पुलिस द्वारा झूठा फंसा <नाम> गया है उससे कोई 2बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्त प्रार्थी/ अभियुक्त रौहदास <नाम> की जमानतस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर जमानत आवेदन का विरोध करते हुए विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फोौ0० द्वारा निवेदन किया गया है कि इस मामलेमें प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है। प्रार्शीगण/ अभियुक्तगण का मामला जमानत <नाम> नहीं है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगणका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाय । " ], "judge-opinion": [ "मैंने उभयपक्ष को सुना एवम्‌ सुसंगत प्रपत्रों का सम्यक <नाम> सेपरिशीलन किया। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से विदितहोता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। घटना में चोरी गयी वस्तुओं की बरामदगी अभियुक्त से होना दर्शित नहीं कियागया है, सिवाय एक पीली धातु की चैन बरामद होना कहा गया है। सम्बच्धित थानापुलिस द्वारा अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। सह अभियुक्त रौहदास <नाम> की जमानत इसी न्यायालय द्वारा दिनांक 07.11.2019को स्वीकार की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त अन्य सहअभियुक्तों नवाब सिंह,यादराम एवं गौरीशंकर की जमानत भी माननीय सत्र न्यायालय से दिनांक 21.11.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2833_202127-04-202112
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना-पत्र के साथ अभियुक्त के सगे <नाम> और पैरोकार ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है और यह कथन किया है कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है एवं उसे झूठाफंसाया गया है तथा प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना-पत्र है तथा इसकेअतिरिक्त कोई भी जमानत प्रार्थना-पत्र माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद या अन्यकिसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियुक्त / प्रार्थी दिनांक 29.08.2020 से जिलाकारागार <नाम> में निरूद्ध है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि मुकदमा वादी मुवीन ने दिनांक27.08.2020 को थाना मलपुरा में इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी कि वह मुल्लाकी पियायू वीदा नगर ae का रहने वाला है। उसके घर से चोरी हुये है। 25,000,// रूपये तीन जोड़ी <नाम> दो मंगलसूत्र यह सामान था । उस बक्शा <नाम> गये है और बक्शा रोड के पास पड़ा था उसमें कोई भी सामान नहीं था। Bail Application/ 2833/2021~Deepak Vs. UP Stateउक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा में अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा अपराधसंख्या 304 / 2020 <नाम> 380 /411, भा0द0सं0 में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता की ओर से कथन किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त बिल्कुल निर्दोष है । पुलिस ने अपने उच्चाधिकारियों को गुडवर्कदिखाने की नीयत से व प्रार्थी को तंग व परेशान करने की नीयत से प्रार्थी / अभियुक्तको उपरोक्त मुकदमा में झूठा नामजद <नाम> <नाम> है। प्रार्थी से किसी भी प्रकार की कोईबरामदगी नहीं हुयी है। प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज की गई है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। प्रार्थी ने उक्त धाराओं में कथित अपराध नहीं किया है। घटना का कोईदिनांक प्राथमिकी में नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 29.08.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना-पत्र दिनांक 09.04.2021 को अपर मुख्य न्यायिकमजिस्ट्रेट न्यायालय सं० 4 <नाम> से खारिज हो गया है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हींतर्कों <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता का कथन हैकि अभियुक्त द्वारा वादी के घर से सामान चोरी किये जाने का अपराध किया गया हैतथा अभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त का मामलाजमानत <नाम> नहीं है। अतः जमानत प्रार्थना-पत्र खारिज किये जाने की <नाम> कीगयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन पक्ष की ओर सेउपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की बहस को सुना तथाउपलबध प्रपत्रों का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्राथमिकी से स्पष्ट है कि उक्त मामले में <नाम> 380भा0द0सं० की घटना की कोई <नाम> वर्णित नहीं है। मामले की प्राथमिकी अज्ञात मेंअंकित करायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त से चोरी किये गये सामान की कोई बरामदगीनहीं हुई है। प्रकरण में अभियुक्त की शिनाख्त नहीं करायी गयी है और <नाम> ही <नाम> कीकोई शिनाख्त कराई गई है। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध जो मुकदमे दर्शित किये गयेहैं वह घटना के साथ लिखाये गये हैं। प्रकरण में पांच पांच सौ रूपये के दो नोट तीनलोगों से <नाम> बरामद दिखाये गये हैं। सहअभियुक्त <नाम> को इसी अपराध सं0 304 / 2020 के प्रकरण में जमानत दिनांक 17.09.2020 को अपर सत्र न्यायाधीशन्यायालय सं० 10 <नाम> के न्यायालय से स्वीकार हो चुकी है। प्रार्थी , अभियुक्तदिनांक 29.08.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में है। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध उक्तआरोपित अपराध प्रथम वर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी / अभियुक्त विचारणके दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिये पर्याप्त जमानत देने के लिए Bail Application/2833/2021-Deepak Vs. UP Stateतत्पर है। वर्तमान मामले का निकट भविष्य में विचारण पूर्ण होने की कोई सम्भावनानहीं है। उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मामले के गुणदोष परकोई मत व्यक्त <नाम> करते हुए प्रार्थी / अभियुक्त को विचारण के दौरान जमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> न्यायोचित है। तदनुसार प्रार्थी #/अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत जमानतप्रार्थना-पत्र स्वीकार किये जाने <नाम> है। ", "आदेशप्रार्थी / अभियुक्त <नाम> का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाता है तथाप्रार्थी / अभियुक्त <नाम> को निम्न शर्तों <नाम> <नाम> करने का आदेश <नाम> जाता है :-1. प्रार्थी / अभियुक्त प्रत्येक के द्वारा मु० 70,000//- रूपये (सत्तर हजार रूपये)के व्यक्तिगत बन्धपत्र तथा समान धनराशि की दो प्रतिभूगण सम्बन्धित न्यायालय कीसंतुष्टि के अनुरूप दाखिल करेगा । ", "2. प्रार्थी / अभियुक्त अन्तर्गत <नाम> 437(3) द0प्र0सं0 में उल्लिखित बन्धपत्र की शर्तों काकठोर पालन करेगा। (क). ऐसा व्यक्ति इस अध्याय के अधीन निष्पादित बन्धपत्र की शर्तों के अनुसारहाजिर होगा । (ख). ऐसा व्यक्ति उस अपराध जैसा, जिसको करने का उस <नाम> अभियोग या संदेह है,कोई अपराध नहीं करेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4264_202017-12-2020212
agra
{ "facts-and-arguments": [ "दिनांक--17.12.2020प्रार्थगण / अभियुक्तगण की ओर से जमानत <नाम> जमानत प्रार्थनापत्रप्रस्तुत किया है। ", "प्रार्थगण // अभियुक्तगण की ओर से प्रार्थी संख्या-2 के सगे <नाम> श्रीकोमल <नाम> पुत्र <नाम> गिर्राज <नाम> आयु लगभग 25 वर्ष, द्वारा इस आशय काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है कि वह प्रार्थी संख्या-2 धर्मेन्द्र का सगा <नाम> है,वाद का पैरवीकार है तथा प्रकरण के तथ्यों से भली-भांति अवगत है। प्रार्थगण ,/ अभियुक्तगण निर्दोष व निरपराध हैं, पुलिस द्वारा उन्हें उक्त मुकदमेमें मिथ्या नामित किया गया है। ", "घटना दिनांक 08.12.2020 प्रात: लगभग 7:35 की बतायी गयी है,जबकि प्राथमिकी 9:40 <नाम> दर्ज की गयी है। दो घण्टे का विलम्ब का कोईस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। घटनास्थल आबादी वाला <नाम> होने के बावजूद Bail application No.-4264/2020Tinku and others vs State2.घटना का कोई प्रत्यक्षदर्श <नाम> नहीं है। प्रकरण में पुलिस द्वारा <नाम> तो किसीभी व्यक्ति को स्वतंत्र <नाम> के <नाम> में सम्मिलित किया गया और <नाम> ही किसीव्यक्ति को साक्ष्य <नाम> नोटिस <नाम> गया। उक्त घटना की फर्द मौके <नाम> नहींबनायी गयी। चूंकि वाबर्दी में लैपटॉप को साबित नहीं किया गया है, इसकारण किसी भी पुलिस <नाम> के पास मौके <नाम> लैपटॉप होना अस्वाभाविकहै। थाने <नाम> उठाकर कम्प्यूटर से फर्जी तरीके से फर्द तैयार की गयी है। प्रार्थगण / अभियुक्तगण को फर्द की प्रतिलिपि नहीं दी गयी। शराब के नकलीहोने के संबंध में कोई भी विशेषज्ञ रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है। मात्रअजमानतीय अपराध बनाने की <नाम> से नकली शराब का अंकन किया गयाहै। प्रार्थगण / अभियुक्तगण के विरुद्ध शराब बनाने व उसके विकय का कोईसाक्ष्य पुलिस/विवेचक के पास नहीं है। दिनांक 07.12.2020 कोप्रार्थगण // अभियुक्तगण अपनी कार से जा रहे थे, रास्ते में बाह पुलिस द्वारावाहन चेकिंग की जा रही थी और वाहन चेकिंग के नाम <नाम> अवैध वसूली कीजा रही थी, प्रार्थीगण / अभियुक्तगण की गाड़ी को पुलिस द्वारा रोका गयाऔर वाहन के प्रपत्र मांगे गए, प्रार्थीगण / अभियुक्तगण द्वारा उक्त वाहन केसभी प्रपत्र दिखा दिये गये, परन्तु पुलिस द्वारा अवैध वसूली <नाम> दबाव बनायाजाने लगा। रिश्वत <नाम> देने तथा उच्चाधिकारियों से शिकायत की बात पर,पुलिस, प्रार्थगण / अभियुक्तगण को थाने ले गयी और एक <नाम> <नाम> थाने परपूर्व से <नाम> शराब के साथ, प्रार्थीगण / अभियुक्तगण की गिरफ्तारी दिखाकर,झूठे मुकदमे में चालान <नाम> <नाम> गया। प्रार्थगण,/अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही उन्हें पूर्व में किसी न्यायालय द्वारादोषसिद्ध किया गया है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण का जमानत प्रार्थनापत्र अवरन्यायालय / सिविल जज (कनिष्ठ श्रेणी) / न्यायिक दण्डाधिकारी, फतेहाबाद,आगरा द्वारा आदेश दिनांक 10.12.2020 के माध्यम से निरस्त किया जा चुकाहै। प्रार्थगण / अभियुक्तगण दिनांक 09.11.2020 से कारागार में निरूद्ध है। इस प्रकार प्रार्थीगण/अभियुक्तगण द्वारा जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीप्रार्थना की गयी है। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कथन किया गया है कि Bail application No.-4264/2020Tinku and others vs Stateप्रार्थगण / अभियुक्तगण टाटा इण्डिका गाड़ी संख्या-यूपी. 80 एवी0018 से अवैध देशी शराब का परिवहन करते पकड़े जाने <नाम> विश्वसनीयसाक्ष्य के आधार <नाम> जिला कारागार में निरुद्ध किये गये FIप्रार्थगण / अभियुक्तगण को फर्द की <नाम> उपलब्ध करायी गयी थी, जिस परहस्ताक्षर भी बनवाये गये थे। शराब के संबंध में जानकारी करने <नाम> पाया गयाकि शराब अवैध <नाम> से नकली मार्का है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण शातिरअपराधी हैं। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण जमानत <नाम> अवमुक्ति की <नाम> में पुनःइस प्रकार के अपराध में संलिप्त हो जाएगें तथा प्रार्थीगण / अभियुक्तगण द्वाराजमानत के दुरूपयोग की प्रबल <नाम> है। अतः प्रार्थीगण / अभियुक्तगण काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा परिशीलन किया। ", "अभियोजन के अनुसार, प्रश्नगत टाटा इंडिका वाहन की डिग्गी से सातपेटी अवैध शराब बरामद होने काकथन किया गया है जिनमें से प्रत्येक पेटी में45 पउए होने तथा प्रत्येक पेटी <नाम> फाइटर देशी तीव्र मसालेदार सरशादीलाल डिस्टलरी एंड कैमिकल वर्क्स, ए यूनिट आफ एसवीसी इंडस्ट्री, मसूरपुर लिखा था, आबकारी निरीक्षक द्वारा यूपी एक्साइज स्कैनर मोबाइल एप के माध्यम से पठओं <नाम> चस्पा स्लिप स्कैन करने से, स्कैन <नाम> होना पाया गया। आबकारी निरीक्षक द्वारा बताया गया कि शराब नकली हो सकती है तथाअभियुक्तगण नकली शराब को असली शराब बनाकर बेचते हैं। अभियोजन केअनुसार, अभियुक्तगण ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि वे नकली शराबखरीदकर गांव में असली बताकर बेचते हैं, उनके पास काई लाइसेंस भी नहींपाया गया। ", "अभियोजन द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया जा सका कि फर्द मौके परबनाने <नाम> उनके पास लैपटॉप कहां से आ गया जबकि नियत प्रपत्रों मेंइसका कोई उल्लेख नहीं है। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि यदि मौके परफर्द बनाकर अभियुक्तगण को प्रतिलिपि प्रदान की गयी तो इसका उल्लेखजी0डी0 कायमी में क्‍यों नही है। शराब असली था अथवा नकली इस संबंध मेंविवेचक द्वारा कोई विशेषज्ञ आख्था प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया गया। Bail applicatioand others vs StateTinkuइसके अतिरिक्त शराब के स्त्रोत तथा विकय के संबंध में भी विवेचक द्वारासाक्ष्य संकलन का कोई प्रयास नहीं किया गया है। अभियोजन कथानक सेऐसा परिलक्षित होता है मानो अभियुक्तगण अवैध शराब संबंधी कारोबार हेतुअभ्यस्त हैं किंतु उनका कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रार्थगण / अभियुक्तगण दिनांक 09.12.2020 से जिला कारागार <नाम> मेंनिरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1547_202021-08-2020155
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता भंवर <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र हैइसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को इसमुकदमे में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। पुलिस पार्टी द्वारागुडवर्क दिखाने के लिये अभियुक्त को फर्जी संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। गिरफ्तारी वबरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 11.07.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त तथा उसके साथियों को पकड़े जाने <नाम> उनकेपास से चोरी की मोटरसाइकिल व एक्टिवा बरामद हुयी है। अतः आवेदक / अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_478_202118-02-20212192
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदनपत्र के साथ किशोर <नाम> का शपथपत्र संलग्न कियागया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिया मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा इस आशय की तहरीर थाना हाजा <नाम> दर्ज करायीगयी कि दिनांक 20.12.2020 को रात 8.30 बजे वादिया क॑ <नाम> गनपतनिगम निवासी रजवाड़ा बल्केशवर <नाम> को <नाम> पुत्र किशोर कुमारनिवासी रजवाड़ा बल्केशवर <नाम> व शिवा पुत्र स्व. <नाम> दीपचन्द्र उर्फमुन्ना निवासी नगला पदी भगवान टाकीज <नाम> के रहने वाले कहीं लेगये और रात <नाम> हमने इंतजार नहीं किया लेकिन वह घर नहीं आये,जो लोग उनको लेकर गये थे वह लोग अपने घर आ चुके है। उनसेपूछने <नाम> भी उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उपरोक्ततहरीर के आधार <नाम> थाना <नाम> नगर <नाम> <नाम> <नाम> 364 भा0द0सं0के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> व शिवा के विरूद्ध दर्ज की गयी। ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक अभियुक्त का मृतक गनपत चाचा लगता थाऔर उसे मामले का कोई हेतुक नहीं था। पुलिस ने मनगढ़त कहानी केआधार <नाम> उसे झूठा आलिप्त किया गया है। आवेदक अभियुक्त केविरूद्ध कोई साक्ष्य नहीं है। विद्वान अधिवक्ता आवेदक ने यह भी कहा हैकि उसे मामले में मौके <नाम> किसी ने नहीं <नाम> है और ना ही मृतक कोले जाते हुये <नाम> है। घटना का कोई चश्मदीद <नाम> नहीं है। इन्हींआधारों <नाम> विद्वान अधिवक्ता ने आवेदक अभियुक्त को विचारण केदौरान जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी <नाम> जयनरायन <नाम> ने जमानत आवेदनपत्र का घोर विरोधकिया है और आवेदक अभियुक्त द्वारा कारित अपराध को गम्भीर प्रकृतिका बताते हुये जमानत आवेदनपत्र को निरस्त किये जाने का निवेदनकिया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन कीतरफ से उपस्थित वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुन लिया हैतथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट है कि प्राथमिकी में अभियुक्त नामजद है और उसकीभूमिका मामले में निर्दिष्ट की गयी है। प्राथमिकी सूचनादाता मृतक कीपत्नी <नाम> ने <नाम> 161 द0प्र0सं० के अधीन लेखबद्ध किये गये बयानों मेंअपराध का हेतुक <नाम> की पत्नी से अवैध सम्बन्ध बताया है औरविवेचना के दौरान संकलित सीसी टीवी में दिनांक 19.12.2020 कोमृतक गनपत के साथ <नाम> व आवेदक अभियुक्त के साथ <नाम> दर्शितहै। उसके पश्चात दिनांक 20.12.2020 को मृतक गनपत की लाशमिलती है और शव विच्छेदन आख्या में मृतक के 8 चोटे पायी गयी है। शव विच्छेदन आख्या में मृतक की मृत्यु का <नाम> मृत्यु पूर्व शरीर परपायी चोटों को बताया गया है। शव विच्छेदन आख्थया में मृत्यु का समयडेढ़ <नाम> पहले बताया गया है। आवेदक अभियुक्त को अन्तिम बार मृतकके साथ <नाम> गया था, उसके <नाम> शव की बरामदगी हुयी है। आवेदकअभियुक्त की इस मामले में अभियोजन द्वारा प्रत्यक्षतः संलिप्ता बतायीगयी है। आवेदक अभियुक्त द्वारा जो भी कथन अपनी प्रतिरक्षा में कियेगये है वह विचारण के दौरान के प्रश्न है। इस स्तर <नाम> अभियोजन नेमृतक गनपत के हत्या में आवेदक अभियुक्त की संलिप्ता के सम्बन्ध मेंपर्याप्त सामग्री लाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_518_202004-03-2020288
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी,, अभियुक्त की माता व पैरोकारश्रीमती <नाम> <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा प्रमोदकुमार द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयीकि वह दिनाक 13.03.2019 को नमक की मण्डी से डयूटी खत्म <नाम> अपनेगॉव वापस आ रहा था तो समय करीब 11:00 बजे <नाम> जब वह ऑरियन्टलताज होटल के सामने पत्थर गोदाम के पास रूक <नाम> पेशाब <नाम> रहा था तोआगरा की तरफ से तीन लड़के आए। उसके मुँह <नाम> तमंचा मारा और उसकीबाइक अपाचे <नाम> रंग यू0पी0 80 //ई0आर0 8894 व उसका मोबाइल कम्पनीयू फोरिया लूट <नाम> ले गए। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनोक 01.04.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है, प्रार्थी नामितनहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। पुलिस से कहासुनी हो जाने के <नाम> पुलिस ने अज्ञात केसस प्रार्थी <नाम> लगाकर उसे झूठाफंसा <नाम> है। प्रार्थी का अपराध से कोई संबंध नहीं है। प्रार्थी से कोई अवैधवस्तु बरामद नहीं हुई है। Meh a <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा से उसकी मोटरसाईकिल व मोबाइल की लूट की गयी है। प्रार्थी से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी। " ], "judge-opinion": [ " Bail Application/3224/2020 -Amaan Saifi Vs. UP State 2प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 13.03.2019 a है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 14.03.2019 कोदर्ज करायी गयी है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा कीमोटरसाईकिल व मोबाइल लूटने का आरोप है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट मेनामित नहीं है। पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी कोघटना के लगभग 18 <नाम> <नाम> पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> मयमोटरसाईकिल गिरफतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, दोकारतूस व एक मोबइल बरामद हुआ। प्रार्थी के कब्जे से वादी मुकदमा की मोटरसाईकिल भी बरामद किया <नाम> भी दर्शित किया गया है। प्रार्थी 11माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय मेंप्रेषित किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1099_202022-07-20201007
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के तयेरे <नाम> व पैरोकारराजीव <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा प्रेमसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयीकि दिनाक 28.06.2020 की <नाम> 01:00 बजे <नाम> प्रार्थी के घर आया औरकहा कि तुम्हारा लड़का नशे में पड़ा है, तो प्रार्थी ने कहा कि उसे सोने दो। सुबह वह ले आएगा। लेकिन पुनः: <नाम> 04:30 बजे के लगभग <नाम> ललित,कन्हैया, <नाम> आए और कहा कि अपने लड़के को ले आओ, वह बेहोशपड़ा है। प्रार्थी अपने पुत्र सोनू व <नाम> <नाम> के साथ घटनास्थल <नाम> पहुँचे तो Bail Application/4535/2020 -UP State Vs. Mukesh Kumar 2ज्ञात हुआ कि उसके पुत्र की मृत्यु हो गयी है, बुरी तरह से सिर फटा हुआ हैऔर आसपास खून पड़ा है तथा वहाँ टाईल भी खून से सनी पड़ी हुई है। ", "जब प्रार्थी एवं उसके पुत्रों ने <नाम> कन्हैया, <नाम> आदि से पूछा तोविपक्षीमण <नाम> <नाम> कन्हैया, <नाम> शंकरा, वीरू, <नाम> मुन्ना तथा4-5 अज्ञात व्यक्तियों ने बुरी तरह ईट-पत्थरों से पथराव किया जिससेअजुर्न, <नाम> के चोट भी आयी प्रार्थी भागकर पुलिस चौकी आया तबपुलिस घटनास्थल <नाम> पहुँची तथा प्रार्थी के पुत्र <नाम> के शव को एस०एन०अस्पताल पहुँचवाया। विषक्षीगण ने ईट-पत्थर से प्रार्थी के पुत्र <नाम> कीइत्या की है। विपक्षीमण अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं क्योंकि इससे पूर्व भीउनके यहाँ एक मजदूर की मृत्यु हो चुकी है। विपक्षीगण ने सबूत मिटाने के लिए टाइल व फर्श से खून को भी <नाम> से घुलवा <नाम> है तथा धमकी दी हैकि तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, जो करना है <नाम> लेना। ", "वादी मुकदमा की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के विरूद्धप्रतिशपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है जिसमें यह कथन किया गया है किमृतक अभियुक्त के यहाँ नौकरी करता था। अभियुक्त के घर के सामने हीमृतक की लाश बरामद हुई तथा मृतक के सिर में भी गम्भीर चोट पायी गयीहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 02.07.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। यदि प्रार्थी के द्वारा वादी के पुत्र की हत्या की गयी होती तो वहवादी के घर सूचना देने क्यों जाता। प्रथम सूचना रिपोर्ट के तथ्यों का समर्थनमृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से नहीं होता है। वास्तविक तथ्य यह है किमृतक <नाम> शराब पीने का आदी था, उसके परिजन भी उसकी हरकतों से परेशान थे। घटना वाले <नाम> दिनाक 28.06.2020 की रात वह शराब पीकर अपाचे मोटरसाईकिल से घर जा रहा था कि रास्ते में <नाम> टेन्ट हाउस केपास टकराकर गिर गया था जिससे उसके चोट आयी थी, वह नशे की Bail Application/4535/2020 —-UP State Vs. Mukesh Kumar 3हालत में था जिसकी सूचना उसके घरवालों को दी गयी थी लेकिन वे मृतकके पास नहीं आए और वह रातभर वहीं पड़ा रहा। अधिक खून बह जाने केकारण उसकी मृत्यु हो गयी। मृतक के नशे में होने का तथ्य और उसकीमृत्यु का <नाम> पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट <नाम> से <नाम> है। विवेचक द्वारामौके से मोटरसाईकिल बरामद की गयी है जो कि क्षतिग्रस्त है। वादी द्वाराउक्त घटना कारित करने का कोई हेतुक नहीं बताया गया है। प्रार्थी केविरूद्ध एसoसी०/ एस०टी0 एक्ट का कोई तथ्य <नाम> तो प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंवर्णित है और <नाम> ही दौरान विवेचना पाया गया है। प्रार्थी को मात्र शंका केआधार <नाम> मुकदमे में झूठा फंसाया गया है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जसानत्त प्रार्थना पत्र माननीय उच्चन्यायालय या अन्य किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारोंपर प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथनकिया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के पुत्र <नाम> की हत्या की गयी है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "वादी मुकदमा क विद्वान अधिवक्ता, प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वानअधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ववादिया के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेसें घटना दिनाक 29.06.2020 की समय 01:00 बजे से 04:30 बजे के मध्य कीबतायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। केसडायरी <नाम> उपलब्ध मृतक के पंचायतनामा में पंचों द्वारा मृतक <नाम> की मृत्यु विपक्षीमण <नाम> <नाम> कन्हैया, <नाम> के द्वारा ईट पत्थर से चोटपह्ुँचाकर किए जाने की <नाम> <नाम> की गयी है। केस डायरी <नाम> उपलब्धमृतक <नाम> की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक का पोस्टमार्टम दिनाक 29.06.2020 को किया गया है जिसमें उसकी मृत्यु का <नाम> मृत्यु पूर्व आयी चोटों के <नाम> कोमा में जाने से होना बताया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के माथे <नाम> बायीं तरफ फन्टल बोन <नाम> फटा हुआ घाव तथाअन्य 04 चोटें पायीं गयी है। केस डायरी <नाम> उपलब्ध घटनास्थल के नक्शानजरी के अनुसार मृतक <नाम> का शव अभियुक्त <नाम> के घर के सामने से Bail Application/4535/2020 -UP State Vs. Mukesh Kumar 4बरामद किया गया है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2296_202021-09-20202638
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> रामवती का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी धर्मेन्द्र <नाम> द्वारा दिनांक22.09.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 21/ 22.09.2019 कीरात को उसके घर से अज्ञात चोरों द्वारा एक गले का कालर सोने का, दो चूड़ी सोने, 2झुमकी सोने की, 5 अंगूठी सोने की, एक करधनी <नाम> की, एक गुच्छा <नाम> का व करीब45 हजार रूपये चोरी <नाम> लिए गए। उसने काफी तलाशी किया, नही मिले, पुलिस कोसूचना दी, मौके <नाम> पुलिस आ गयी थी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया है कि्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में झूठा रंजिशन नामजद किया गया है उसकी इसकेस में किसी प्रकार की संलिप्तता नही है, अभियुक्त निर्दोष व निरपराध है। विवेचक द्वारामु०अ०सं0 06/2020 <नाम> 41/102 द0प्र0सं0 व 411,413,414 थाना शमशाबाद में गिरफ्तारअभियुक्तगण के बयान और उक्त कस में संलिप्तता स्वीकार करने के आधार <नाम> जिला जेलसे तलब <नाम> उपरोक्त केस में वारण्ट बनाकर निरूद्ध किया गया। अभियुक्त को थानाशमशाबाद की पुलिस ने <नाम> तो कथित स्थान <नाम> गिरफ्तार किया <नाम> ही उससे कथित मालकी बरामदगी की गयी। बरामदगी पूर्ण गलत एवं <नाम> है और <नाम> ही अभियुक्त ने चोरीकी घटना कारित करना स्वीकार किया है। थाना शमशाबाद की पुलिस अभियुक्त को घर सेपूछताछ के लिए बुलाकर ले गयी और गुडवर्क दिखाने के उद्देश्य से <नाम> सही विवेचनाकिए झूठा नामित किया है। अभियुक्त से केस से संबंधित कोई बरामदगी नही है। अभियुक्तदिनांक 09.07.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है, इस प्रार्थनापत्र के अलावा अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र अन्यन्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नही है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "Bail Application/6726/2020 —-Sahab Singh Vs. UP State 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया है किअभियुक्त को इस मुकदमें में <नाम> अभियुक्त के बयान के आधार <नाम> संलिप्त किया गया है,उससे इस मुकदमे की कोई बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्त की गिरफ्तारी के समय उसपर कई झूठे मुकदमो का खुलासा किया गया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहभी कहा गया है कि पुलिस द्वारा फर्जी कारगुजारी दिखाते हुए अभियुक्त के विरूद्ध झूठाआरोपपत्र प्रेषित किया गया है। अभियुक्त दिनांक 09.07.2020 जेल में निरूद्ध है। मामलामजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह कहते हुए जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा वादीके घर से चोरी की गयी तथा इस प्रकरण से संबंधति चोरी किये गये सामान की बरामदगीहुई है। अभियुक्त शातिर व पेशेवर अपराधी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुएजमानत प्ररार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौ0 को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज करायीगयी है। आवेदक / अभियुक्त को इस प्रकरण में बरामदगी के आधार <नाम> संलिप्त किया गयाहै। अभियुक्त किसी भी वस्तु की बरामदगी उससे होने से इंकार करता है। पुलिस द्वारागिरफतारी के समय अभियुक्त <नाम> कई मुकदमों का खुलासा किया गया है। अपराधसं0-06,/ 2020 में अभियुक्त की जमानत माननीय न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। वर्तमान प्रकरण में अभियुक्त के विरूद्ध आरोपपत्र प्रेषित किया जा चुका है,विवेचना /बरामदगी की कोई कार्यवाही <नाम> नहीं है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक 09.07.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1645_202104-03-20211550
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में शपथपत्र बनवारी <नाम> पुत्र नत्थीराम द्वारा इस आशयका दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबादमें कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 18.02.2021 को को शिवम मोटर्स (हीरो एजेन्सी) चुंगी नं०-1, जगनेर से <नाम> राजमार्ग <नाम> स्थित से 17-18 की <नाम> <नाम> 12:10 से 4:07 पी.एम. <नाम> शटर के दोनों ताले तोडकर व लकड़ी का गेट उखाड़करसी0सी0टी0वी0 के कैमरे नं0-1 व 4 तोड़कर लैपटोप एच0पी0 ए0एम0डी0 की वोर्ड, माउस,मोबाइल एम0आई0-2, डिजिटल कैमरा निकोन कम्पनी 8 मेगाफिक्सल, 4 लाख 15 हजारके लगभग धनराशी अज्ञात चोर चोरी करके ले गये हैं। अतः निवेदन है कि रिपोर्ट लिखकर Bail Application/3012/2021 -Aashu Vs. UP State 2आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> करें। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थगण / अभियुक्तगण द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, ae fart निर्दोष एवं निरपराध है। प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में झूंठा फंसा <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में लिखायी गयी है तथा किसी व्यक्ति द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त कोचोरी करते नहीं <नाम> गया है और <नाम> ही मौके से गिरफ्तारी है। प्रार्थी / अभियुक्त कोपुलिस ने वाहन चैकिंग के दौरान पकड़ा है। वाहन से संबंधित कोई कागज <नाम> दिखाने <नाम> थाने <नाम> ले जाया गया और उपरोक्त अज्ञात मुकदमें में बन्द <नाम> <नाम> गया। पुलिस द्वाराझूंठी बरामदगी दिखाकर अपने उच्चाधिकारियों को खुश करने के लिए अज्ञात मुकदमें में फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त पढ़ने वाला छात्र है उसका भविष्य खराब होने की पूर्णसम्भावना है। प्रार्थी /अभियुक्त पूर्व में सजायाफ्ता नहीं है और <नाम> ही उसका कोईआपराधिक इतिहास है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार <नाम> मेंनिरूद्ध हैं। प्रार्थी, अभियुक्त की जमानत दिनांक 23.02.2024 को माननीय अवर न्यायालयके द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतःजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का निवेदन किया गया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक)के द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि पुलिस द्वारा दौराने चैकिंग मुकदमाउपरोक्त में चोरी किया गया सामान बरामद किया था, प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा चोरी की गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा जमानत का दुरूपयोग <नाम> फरार होने तथा पुनः अपराधकारित किये जाने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुएजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। ", "केस डायरी व एफ0आई०आर०0 के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियोजन के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध वादी की शिवम मोटर्स एजेन्सी का ताला तोड़कर चोरीकरने का आरोप है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी के तकाँ को सुना गया तथा प्रपत्रों एवं केस डायरी का अवलोकन किया। ", "उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकी गयी है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं बताया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त कोमौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभियोजन द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक 20.02.2021 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1924_201904-06-20193303
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में स्वंय का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा उपनिरीक्षक मूलचन्द द्वारा दिनांक 01.06.2011 को यह कथन करते हुएप्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनाक 01.06.2011 को जब वह इमारीकर्मचारीगण के साथ देखरेख शान्ति व्यवस्था रोड गइत में थे कि मुखविर कीसूचना <नाम> अभियुक्तगण के साथ अभियुक्त सईद को भी गिरफतार किया गया। जामा तलाशी में अभियुक्त सईद के कब्जे से एक अदद चाकू बरामद हुआ। जिसकेरखने के सबंध में कोई अनुज्ञापत्र अभियुक्त <नाम> नहीं था। वादी द्वारा दी गई तहरीरके आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमा पंजीकृत हुआ। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को पत्रावली के अन्तरण होने <नाम> पत्रावली कीजानकारी नहीं हो सकी। जिस <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। अभियुक्त के द्वारा जानबूझ <नाम> कोई गलती नहीं की है। भविष्य में नियत तिथियोंपर उपस्थित आता रहेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध किया। " ], "judge-opinion": [ "मैंने प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान लोकअभियोजक को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व में —_ 2 —_जमानत <नाम> था। उसके अनुपस्थित होने <नाम> अभियुक्त क विरूद्ध गैर जमानतीयअधिपत्र निर्गत किये गये। अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि अग्रिमनियत दिनांकों <नाम> उपस्थित होता रहेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1927_202026-08-202023
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प््रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त <नाम> ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> द्व[रा थाना मलपुरा, <नाम> <नाम> दिनांक 31.07.2020 को इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी कि वह आज साइकिल <नाम> खाद्य का कट्टा लेकर आ रहा था, तो उसेरास्ते में हेमन्त पुत्र मैताप <नाम> <नाम> पुत्र महताप, <नाम> पुत्र चन्द्रासु ने रोक लियाऔर उससे मारपीट शुरू <नाम> दी, जिससे उसके मुंह में चोट आई है, जब उसका <नाम> उसेबचाने आया तो <नाम> <नाम> के सिर डन्डा मार <नाम> जिससे सिर में चोट आई है। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्रमें कहा गया कि अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमे में झूठा फंसाया गया है, जबकि उसकेद्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायीगयी है, विलम्ब का कोई स्पष्ट <नाम> नहीं है। घटना के समय किस अभियुक्त ने चोटपहुंचायी और किसने डण्डा मारा, इसका कोई उल्लेख नहीं है। अभियुक्तगण <नाम> कीउम्र करीब 15 वर्ष है, वह नावालिग है। घटना से संबंधित कोई भी हथियार अभियुक्तगणसे बरामद नहीं है और <नाम> ही घटनास्थल से गिरफूतार हुआ है। घटना का कोई स्वतन्त्रसाक्षी नहीं है। अभियुक्तगण को थाना हाजा पुलिस उक्त केस की तहकीकात के संबंध मेंगिरफूतार करना चाहती है, जबकि उपरोक्त धाराओं में कोई अपराध नहीं बनता। अभियुक्तगण के कब्जे से अपराध से संबंधित कोई भी वस्तु बरामद नहीं हुई है। इन्हींआधारों <नाम> अग्रिम जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अग्रिम जमानत प््रार्थनापत्र <नाम> तर्कप्रस्तुत करते हुए कहा गया कि इस प्रकरण में अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है, वहपूर्णतः निर्दोष हैं, कोई भी चोट चुटैल के मर्म स्थल <नाम> नहीं हैं, इस प्रकरण मेंएनसीआर <नाम> 323 भा0दं0सं0 में दर्ज करायी गयी, पुनः इसी अपराध की प्रथम सूचना Anticipatory Bail App./6415/2020 -Rajkumar And OThers Vs. UP State2रिपोर्ट दर्ज <नाम> दी गयी। चुटैल को कोई ऐसी चोट नहीं आयी जो <नाम> 326 भा०दं0सं०के अन्तर्गत आती हो। <नाम> 325, 326 भा0दं0सं0 का अपराध अभियुक्तगण के विरूद्ध नहींबनता । इन्हीं आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की <नाम> की। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्तगण द्वारावादी को रास्ते में रोकर मारपीट करके गम्भीर चोटें पहुँचायी गयी हैं, जिससे उसका दॉतव नाक की हड्डी टूट गयी। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा यह भी कहागया कि पुलिस द्वारा अभियुक्तगण से मिलकर, अभियुक्तगण को फायदा पहुँचाने के लिएसही तथ्य एन.सी.आर. व एफ.आई.आर. दर्ज नहीं किये गये हैं। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। यह कहते हुए अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों व केस डायरी काअवलोकन किया । ", "यह अभियोग वादी मुकदमा <नाम> द्वारा थाने <नाम> तहरीर देने के साथशुरू हुआ। तहरीर में कहा गया है कि मैं साइकिल <नाम> खाद्य का कट्टा लेकर आ रहा थातो मुझे रास्ते में रोक लिया और मेरे साथ मारपीट शुरू <नाम> दी, जिससे मेरे मुंह में चोटआई है, जब मेरा <नाम> मुझे बचाने आया तो डण्डा मार <नाम> जिससे सिर में चोट आई है। चुटैल <नाम> का चिकित्सीय परीक्षण घटना की दिनांक 24.07.2020 को ही 12.15मिनट <नाम> जिला चिकित्सालय <नाम> में हुआ, जिसमें उसके पॉच चोटें आयी हैं। चोटनम्बर-4 में उसका दॉत गायब पाया गया है और उसकी नाक की हड्डी टूटी होना पायागया है। यह चोटें उपलब्ध प्रपत्रों से <नाम> हथियारों से पहुँचाया <नाम> कहा गया है। यहसही है कि इस प्रकरण में घटना की दिनांक 24.07.2020 को ही एन.सी.आर. दर्ज करायीगयी, परन्तु जो प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 31.07.2020 को दर्ज करायी गयी है, उसमें भीथाना जहाँ सूचना प्राप्त करायी गयी है, के कॉलम में दिनांक 24.07.2020 व समय 11.07मिनट दर्शाया गया है और यही दिनांक व समय एन.सी.आर. दर्ज कराने का है। अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित हैं, उनके द्वारा चुटैल <नाम> <नाम> हथियारों सेचोट पहुँचायी गयी है, जिससे उसके दॉत व नाक की हड्डी टूट गयी है। प्रथमदृष्टया यह समाधान होने का कोई आधार नहीं है कि आवेदक /अभियुक्त के खिलाफविवेचना असद्‌भावी <नाम> से की जा रही है। प्रथम सूचना रिपोर्ट से यह भी प्रकट नहीं होताहै कि आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध रंजिशन झूठी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयीहो। " ] }
0DENIED
Bail Application_4501_201917-08-2019511
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्तगण न्यायिक अभिरक्षा में है। समर्थन में जानिव शहीद का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> राना के द्वारा दिनांक 10.06.2018 को समय 23.57 बजे थाना न्यूआगरा, <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई किदिनांक 08.06.2018 को <नाम> करीब 04.00 बजे <नाम> के जूते के कारखाने पन्नीगली में <नाम> <नाम> रहा था। तभी उसका मकान <नाम> सहीर, उसका लडकाव एक अज्ञात व्यक्ति गाली-गलौज करने लगे। गाली देने से <नाम> करने <नाम> सहीर,उसके लडके, अज्ञात व्यक्ति तथा कारखाना <नाम> <नाम> ने एक <नाम> होकर जानसे मारने की नीयत से सरिया, लाठी-डन्‍्डों से मारापीटा। उसे काफी चोटें आई। जान से मारने की धमकी दी। ्रार्थी/अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि एससी./एस.टी.एक्ट के अर्न्तगत कोई मामलास नहींबनता है। कोई भी जातिसूचक <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट में नही कहे गये हैं औरचोटें जो <नाम> बताया गया है वह सब साधारण है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं,जमानत <नाम> दी जाये। वादी को नोटिस जारी की गई। विद्वान लोक अभियोजक को सुनागया। अभियोजन की ओर से जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्तगण द्वारा मारपीट की गई है। उन्होंने यह भी तर्कप्रस्तुत किया कि वादी मुकदमा अनुसूचित जाति का व्यक्ति है। मारपीट में चोटेंआई हैं । अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता व वादी की ओर से विद्धानअभियोजक को सुना, पत्रावली का परिशीलन किया। केस डायरी व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट होता है किवादी द्वारा अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने काकोई कथन नहीं किया है। <नाम> 161 द0प्रoसं0 के अननर्तगत बयान में उसने कहा हैकि 08.06.2018 को सगीर माकेट में <नाम> ने दुकान किराये <नाम> ले <नाम> है। जूतेकी डाईमशीन <नाम> <नाम> <नाम> रहा था। शम करीब 04.00 बजे माकंट क अन्दर घूमरहा था। उस समय उसकी पेन्ट की अचानक चैन खुली थी। जिसे बन्द <नाम> रहाथा। तभी शहीर और उसके लडके सलमान ने उससे कहा कि पेशाब <नाम> रहा है। ", "— 2 —_उसने <नाम> किया तभी शहीर और उसका लडका सलमान और एक अज्ञात व्यक्तिआये और उसे जातिसूचक गाली देने लगे। गाली देने से <नाम> किया तो कारखानामालिक <नाम> भी आ गया। सरिया, डन्डों से हाथापाई की, मारपीट की। इसप्रकार उसने बयान में यधपि जातिसूचक गाली देने काक थन किया है, किन्तु किनशब्दों से गालिया दी गई थी <नाम> स्पष्ट नहीं किया गया है और उसने स्वयं स्पष्टकिया है कि उसकी चैन खुली थी और पेशाब करने से <नाम> किया। जो आघातप्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। उसमे चोटें साधारण पाईं गई है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_388_202027-01-20201790
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में पैरोकर गजेन्द्र <नाम> पुत्र रघुनाथ,निवासी <नाम> गली, कस्बा व थाना कागारौल, जिला <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है, जिसके अनुसार प्रार्थीगण / अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमे मेंझूठा फंसाया गया है। उन्होने कोई अपराध कारित नहीं किया है। थाना कागारौलकी पुलिस ने गुडवर्क दिखाने एवं मामले का फर्जी खुलासा करने के लिएप्रार्थीगण ,/ अभियुक्तगण को उक्त मुकदमे में झूठा फंसाया गया है। घटना काकोई व्यक्ति चश्मदीद <नाम> नहीं है। पुलिस द्वारा फर्जी बरामदगी दर्शायी गयी Bail Application/1263/2020 -Rajkumar And OThers Vs. UP State 2है। प्रार्थगण / अभियुक्तगण का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगणअभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोई भी जमानतप्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण दिनांक 12.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः अभियुकत को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा डॉ०0सतीशचन्द्र <नाम> द्वारा एक लिखित तहरीर थाना हाजा <नाम> इस आशय से दीगयी कि दिनांक 09-10 की <नाम> प्रार्थी की दुकान के पीछे नकब लगाकर चोरीकरने का प्रयास किया। नकब में असफल होने के <नाम> छत <नाम> चढकर छत और दीवार काटकर दुकान मे घुसे एवं दुकान के काउण्टर की दराजें तोड़कर दुकानमें रखे पॉच हजार रूपये के लगभग नकद एवं रेजगारी ले गए । ", "वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्त अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या04 / 2020, <नाम> 457, 380 भाएदं0सं0 में, थाना कागारौल, जिला <नाम> में रिपोर्टदर्ज की गयी। ", "प्रार्थगण // अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया हैकि प्रार्थीगण /अभियुक्तगण इस मामले में निर्दोष है और उपरोक्त मामले मेंपुलिस द्वारा झूंठी गिरफ्तारी दिखाते हुए जेल भेज <नाम> है, जबकि उनसे कोई भीबरामदगी नहीं हुई है। एफ0आई0आर/0 अज्ञात में दर्ज की गयी थी। प्रार्थी / अभियुक्तइस मामले में दिनांक 12.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतःप्रार्थीगण / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदाशी द्वाराप्रार्थ / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े जाने का विरोध करते हुए कथन किया है कि प्रार्थगण ,/ अभियुक्तगण द्वारा वादी की दुकान में नकब लगाकर पॉच हजार रूपयेनगद व रेजगारी चोरी किये जाने का आरोप है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण द्वारा कियागया अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि एफ0आई0आर0 डॉ०0सतीशचन्द्र <नाम> द्वारा उनकी दुकान में छत की दीवार काटकर अज्ञात चोरों द्वारा 5 हजार रूपये नगद व रेजगारी उठा ले जाने के आधार <नाम> मुकदमा पंजीकृत करायागया तथा फर्द बरामदगी के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुकतगणराजकुमार व भूपेन्द्र उर्फ सरफ्‌ के कब्जे से 100--100 के 10 नोट, 50-50 के5 नोट, व 10--10 के 20 सिक्‍के, कुल 1450--1450 रूपये प्रत्येक अभियुक्त सेबरामद होना उल्लिखित है तथा अभियुकतगण के जुर्म इकबालिया बयान के Bail Application/1263/2020 -Rajkumar And OThers Vs. UP State 3आधार <नाम> प्रस्तुत मामले को अपराध संख्या 04 ,// 2020 से कनेक्ट किया war । ", "मुकदमा अज्ञात में दर्ज हुआ है। अभियुक्तगण दिनांक 12.01.2020 से जेल मेंनिरूद्ध है। अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध संख्या 03,/20 <नाम> 457, 380,411 भा.द.स. के मामले में दिनांक 20.01.2020 को उनकी जमानत सत्रन्यायालय द्वारा स्वीकार हो चुकी है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारापरीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5213_201925-09-20193645
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी ,/ अभियुक्त के <नाम> व पैरोकारदलवीर <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाकृष्णा <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायीगयी कि दिनाक 06.09.2019 को समय करीब 15:30 बजे दो व्यक्ति सत्यदेवशर्मा व <नाम> <नाम> उसके पापा शिवशंकर <नाम> की दुकान <नाम> आए व उनसे कहने लगे कि तुम्हारे घर में जादू टोना है। तुम्हारे यहा किसी कीमृत्यु हो जाएगी, तभी वह भी दुकान <नाम> आ गया तो उसने <नाम> कि यहलोग वही व्यक्ति हैं जो करीब 45 <नाम> पूर्व उसके पिता से इसी तरह20,000 / -- रूपए ले गए थे। वहाँ भीड़ इकट्ठा होने लगी और वहाँ <नाम> <नाम> आ गए, उन्होंने भी देखकर कहा कि ये लोग उससे 2,50,000 / -रूपए करीब पॉच महीने पहले इसी तरह सोने के नाम <नाम> ले गए थे। मुल्तान ने कहा कि उससे करीब एक साल पहले नकली सोने के बदले में आठ लाखरूपए ले गए थे। अम्बरीश ने कहा कि वह लोग उसकी दुकान <नाम> भी ठगी (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रक््षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5213 / 2019सत्यदेव <नाम> आदि बनाम राज्य करने आए। तब उन चारों लोगों ने उन्हें पकड़ लिया, दो लोग भाग गए। तलाशी से सत्यदेव के पास से 245 ग्राम व <नाम> के पास से 421 ग्रामनकली <नाम> मिला और सत्यदेव के पास से इसकी फोटो लगी विभिन्‍न नामोंसे परिचय पत्र मिले जिनकी कुल संख्या-07 है। <नाम> के पास से वीवोमोबाइल व सत्यदेव के पास से सैमसंग व एक चाइनीज मोबाइल लिया। इन लोगों को <नाम> वैगनआर कार संख्या-यू0पी0 83, ए0डी0 4473 सहितपकड़कर लाए हैं। ", "प्रार्थ / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीगण से कोई बरामदगीनहीं है। जो भी बरामदगी दर्शित की गयी है, वह झूठी है। प्रार्थीगण पिछले10-45 वर्षों से पण्डिताई करते चले आ रहे हैं तथा पूजापाठ का कार्य करतेहैं। कथित तारीख को प्रार्थगण हवन और <नाम> के लिए घी खरीदने वादी कीदुकान <नाम> गए थे। मामले को रंगत देने के लिए अन्य लोगों द्वारा पैसा देनेकी बात कही गयी है। प्रार्थीगण द्वारा किसी के साथ कोई धोखाधड़ी नहीं कीगयी है। प्रार्थीगण का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगण दिनाक07.09.2019 से जिला कारामार में निरूद्ध हैं। इस प्रार्थना पत्र के अतिरिक्तअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थ / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन कियागया कि प्रार्थगण ठग हैं और उनके द्वारा वादी मुकदमा के पिता व अन्यकई लोगों के साथ छल व कपटपूर्वक ठगी की गयी है। अभियुक्तगण के (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /SY at न्यायाधीश, न्यायालय संख्या--03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5213 / 2019सत्यदेव <नाम> आदि बनाम राज्य पास से कई फर्जी परिचय पत्र बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी, अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> apeवार्ष्णय एवं विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनांक 06.09.2019 की समय 15:30 बजे की है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि वादी द्वारा यह कथनकिया गया है कि प्रार्थगण ने करीब 45 <नाम> पूर्व उसके पिता से 20,000 /-रूपए इसी प्रकार लिए थे, परन्तु उक्त के संबंध में वादी या उसके पिता द्वाराकहीं कोई शिकायत की गयी हो या कोई रिपोर्ट दर्ज करायी गयी हो, ऐसाकोई प्रपत्र अभियोजन की ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसी प्रकारप्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार तथाकथित <नाम> व मुल्तान द्वारा भी उनसेकमशः: 2,50,000// - रूपए व 8,00,000 /- रूपए प्रार्थीगण द्वारा पूर्व में लिए जाने का कथन किया गया है, परन्तु उनके द्वारा भी उक्त संबंध में कहीं कोईरिपोर्ट या शिकायत की गयी हो, ऐसा कोई प्रपत्र अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहींकिया गया है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी सत्यदेव के पास से 07 फर्जीपरियच पत्र बरामद होना भी दर्शित किया गया है लेकिन अभियोजन की ओरसे उक्त परिचय पत्र फर्जी होने के संबंध में कोई प्रलेखीय या अन्य कोईसाक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रार्थगण लगभग 20 <नाम> से जिलाकारागार में निरूद्ध हैं। अभियोजन की ओर से प्रार्थगण का कोई अपराधिकइतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_464_202102-02-20212931
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> कन्हैयालाल काशपथपत्र संलग्न किया गया है। ", " अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारने थाना सदर बाजार में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि वहदिनांक 07.05.2019 को समय रात 10.45 मिनट <नाम> अपने मिलने वालोंके घर से वापिस आ रहा था कि नैनाना ब्राइमण के पास में पेशाब करनेलगा कि लौटकर <नाम> कि उसकी मोटरसाइकिल रंग काला पेशन प्रो0नं0 यूपी 80 सीएन 3698 जिसकी डिग्गी में उसका चालक अनुज्ञप्तिपत्रतथा मूल कागजात <नाम> बीमा, व अन्य कागजात उसी में रखे थे,अज्ञात लोग उससे <नाम> ले गये है। ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक अभियुक्त को उक्त मामले में झूठा फंसायागया है वह निर्दोष है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्राथमिकी विलम्ब से करायी गयी है, विलम्ब का कोई <नाम> नहीं दियागया है। मामले में <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत इसी न्यायालय सेदिनांक 03.08.2019 को स्वीकार हो चुकी है। आवेदक अभियुक्त को सहअभियुक्तगण के इकबालिया बयान के आधार <नाम> झूठा फंसाया गया है। आवेदक अभियुक्त 21.07.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। विद्वानअधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदक अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी का कथन है कि आवेदक अभियुक्त क द्वारा <नाम> अभियुक्तोके साथ मिलकर वादी मुकदमा की मोटरसाइकिल को लूट <नाम> ले जायागया है। आवेदक अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। इन्हीं आधारो <नाम> आवेदक अभियुक्त का जमानत आवेदनपत्र खारिजकिये जाने का निवेदन किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन कीतरफ से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुनागया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन करलिया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट प्रकट होता है कि प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज करायी गयीहै। आवेदक अभियुक्त का नाम <नाम> अभियुक्त <नाम> व प्रवेश व अन्यअभियुक्तों के इकबालिया बयान के आधार <नाम> विवेचना में <नाम> मेंआया है। आवेदक अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुयी है। इस मामलेमें एक अन्य <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत इस न्यायालय के पूर्वविद्वान पीठासीन <नाम> द्वारा दिनांक 03.08.2019 को स्वीकार की जाचुकी है। अभियोजन द्वारा आवेदक अभियुक्त की <नाम> जमानत पानेवाले अभियुक्त से भिन्न नहीं बतायी जा सकी है। अभियोजन की ओरसे आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं बताया गया है। आवेदकअभियुक्त दिनांक 21.07.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में है। वर्तमान मामलेके निकट भविष्य में परीक्षण प्रारम्भ होने की कोई सम्भावना नहीं है। आवेदक अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करनेके लिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4347_202008-01-20213906
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक/ अभियुक्त के पिता हरिलालकुशवाह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहउसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाबनिया ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि कल दिनांक 02.12.2020 कोमेरी पुत्री गुन्जन उम्र करीव 16वर्ष समय करीव <नाम> 10.00 बजे शौच के लियेगई थी, हम लोग घर के अन्दर थे, जब ही मेरे पड़ोस का एक लड़का जिसकानाम नितिन पुत्र हरिलालआया और मेरी पुत्री को बहला फुसलाकर अपने साथले गया, यह लड़का मेरी पुत्री के साथ पढ़ता था, कई बार उसे लड़की कापीछा करते <नाम> गया है, जिसके संबंध में उसे डाटा फटकारा भी गया था। ", "इम लोगों ने रात से अपनी लड़की व उस लड़के की तलाश की, किन्तु अभीतक कोई पता नही चल सका। -2-उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 03.12.2020 को 12-43 बजे परअभियुक्त नितिन के विरूद्ध अपराध संख्या-660,/2020 <नाम> धारा-363, 366भा०द0सं0 का अभियोग थाना जगदीशपुरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफॅसाया गया है। वादी मुकदमा सब्जी की ठेल लगाता है, लॉकडाउन के दौरानउसको रूपयो की जरूरत पड़ी तो उसने <नाम> से <नाम> हजार रूपये उधारलिये, दो माह <नाम> पैसे मागने <नाम> आनाकानी की और अपनी पुत्री <नाम> कोढाल बनाकर अपहरण का झूंठा मुकदमा पंजीकृत <नाम> <नाम> है तथा षडयन्त्रकर पुलिस वालों को ले जाकर किसी अन्य स्थान से अपनी पुत्री को बरामदकरवा <नाम> है। आवेदक/ अभियुक्त स्कूल का छात्र है और पढ़ाई करता है। इस घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। आवेदक,/ अभियुक्त दिनांक10.12.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक/ अभियुक्तदिनांक 02.12.2020 वादी की नाबालिग पुत्री को बहला फुसला <नाम> भगा लेगया। दिनांक 06.12.2020 को जब पीडिता को पुलिस के द्वारा बरामद किया गया तो उसने नितिन के साथ दिल्ली <नाम> बताया है। आवेदक / अभियुक्त काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "इस मामले में आवेदक / अभियुक्त <नाम> वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्रीको दिनांक 02.12.2020 को <नाम> <नाम> बजे बहला फुसलाकर भगा ले जाने काआरोप है, जबकि आवेदक/ अभियुक्त क द्वारा उक्त आरोप का खण्डन करतेहुये कहा गया है कि उसे इस मामले में झूंठा फॅसाया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। पुलिस के द्वाराजब दिनांक 06.12.2020 को पीडिता को सिकन्दरा थाना <नाम> के अंतर्गत बरामदकिया गया तो उसने पुलिस को दिये अपने बयान 161 दएप्र0सं0 में कहा है किमेरी उम्र 17 साल है मैं नितिन पुत्र हरीलाल निवासी नगला गूलर -3-जगदीशपुरा के साथ अपनी मर्जी से दिनांक 02.12.2020 को <नाम> में10बजे चली गयी थी, हम दोनों लोग दिल्ली जाकर के आर्यसमाजमन्दिर में शादी <नाम> ली है, मुझे कोई भगाकर नहीं ले गयाथा, हमलोग दो <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी की तरह रहे शे। ", "पीड़िता ने अपनी आयु 17 वर्ष बतायी है। पीडिता की आयु के संबंध मेंशान्तिवन हायर सैकेण्डरी स्कूल, सुमननगर, शाहगंज, बोदला, <नाम> केप्रधानाचार्य द्वारा स्कूल के लेटरपैड <नाम> लिखित <नाम> में थाना जगदीशपुरा कोपीड़िता की <नाम> <नाम> 19.04.2005 होना बतायी है। ", "पीडिता की <नाम> <नाम> 19.04.2005 होना दर्शायी गयी है। <नाम> तिथिकी गणना से घटना के समय पीडिता की आयु 15वर्ष 7 माह 13 <नाम> थी। डाक्टरी जॉच में मुख्य चिकित्साधिकारी, <नाम> के द्वारा पीडिता की आयु केसंबंध में जारी प्रमाण पत्र में उसकी आयु लगभग 16वर्ष होना दर्शायी गयी है। इस प्रकार पीडिता जो कि नाबालिग है, को उसके माता पिता की संरक्षकता सेआवेदक / अभियुक्त के द्वारा विवाह करने के लिये व्यपहरण <नाम> दिल्ली लेजाना बताया गया है, मामले में पीडिता के नाबालिग होने के <नाम> उसकीसहमति मर्जी का कोई महत्व नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4520_201919-08-2019463
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के पिता खिल्लूउफ जाकिर का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहउसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाअलताफ ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 28.06.2019 कोसमय 4.00 बजे <नाम> मेरी बहिन फिजाबाने उम्र करीव 16वर्ष को शादी करने केउद्देश्य से आसिक पुत्र खिल्लू उर्फ जाकिर अपने परिवारीजन खिल्लू उर्फजाकिर, <नाम> मुमताज , दानिश, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> श्रीमतीसादिया के सहयोग से बहला फुसलाकर भगा ले गया है। मैने सम्भावित स्थानोंपर तलाश किया , आज दिनांक 02.07.2019 को साथ लेकर आये हैं। रिपोर्टलिखकर कानूनी कार्यवाही की जाय। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 02.07.2019 को अभियुक्तगण आसिफ,खिल्लू उर्फ जाकिर, <नाम> मुमताज, दानिश, <नाम> <नाम> <नाम> मोनी,श्रीमतील सादिया के विरूद्ध अपराध संख्या-495/2019 <नाम> धारा-363, 366,120बी भा०द0सं0 का अभियोग थाना एत्माद्दौला, <नाम> <नाम> पंजीकृत कियागया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफॅसाया गया है। प्रार्थी व पीडिता आपस में एक दूसरे को जानते थे और विवाहकरना चाहते थे। पीडिता पहले भी आवेदक/ अभियुक्त के साथ रह चुकी है। दिनांक 28.06.2014 को पीडिता खुद प्रार्थी/ अभियुक्त के घर आयी, उसके पीछे -2-उसकी नानी व <नाम> आ गये और उसे पीटने लगे। प्रार्थी/ अभियुक्त क पिता ने100नंबर <नाम> फोन <नाम> <नाम> पुलिस वाले आ गये। दिनांक 28.06.2019 को हीजो फोन <नाम> संदेश <नाम> था जो एडी यूपीपी 100 नंबर है, उसका विवरणसंलग्न है। पीडिता को दिनांक 28.06.2019 को सुपुर्द <नाम> <नाम> था, उसकेबाबजूद राजनीतिक लोगों के कहने <नाम> दिनांक 02.07.2019 को पीडिता के भाईने आवेदक / अभियुक्त व उसके परिवारीजनों के विरूद्ध एफ.आई.आर. <नाम> दी। पीडिता ने अपने <नाम> 164 द0प्रoसं0 के बयानों में कोई आरोप नहीं लगाया है। अन्य अभियुक्तगण खिल्लू, मुमताज, दानिश, <नाम> <नाम> सादिया कीगिरफूतारी माननीय उच्च न्यायाल द्वारा स्थगित <नाम> दी है। आवेदक / अभियुक्तके विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता है, उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहासनहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 08.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। ", "अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त अपनेपरिवारीजनों के साथ नाबालिग पीडिता को शादी करने के आशय से बहलाफुसलाकर ले गया और दिनांक 02.07.2019 को उसे लेकर वापस आया। इसप्रकार उसने शादी करने <नाम> पीडिता का अपहरण किया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया । ", "कहा जाता है कि वादी मुकदमा की बहन फिजाबानो उम्र 16वर्ष कोशादी करने के उद्देश्य से आवेदक / अभियुक्त व उसके परिवारीजन बहलाफुसला <नाम> भगा ले गये, आज दिनांक 02.07.2019 को साथ लेकर आये हैं। ", "घटना दिनांक 28.06.2019 की है तथा इसकी प्रथम सूचना रिपोर्टदिनांक 02.07.2019 को दर्ज करायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी सेअंकित कराये जाने का कोई <नाम> <नाम> नहीं किया गया है। दौरान विवेचनाविवेचक के द्वारा पीडिता का <नाम> 164 द0प्रoसं0 का बयान <नाम> कराया गया, जिसमें उसने कहा है कि वह लड़का अच्छा नहीं है, क्योंकि उसकी पहले सेशादी हो गयी थी, मेरे घरवाले उससे शादी करवाना नहीं चाहते, मेरे घरवालोंको वह बिल्कुल पसन्द नहीं है, उन लोगों ने मेरे घर <नाम> कभी रिश्ता नहींभिजवाया, उसके बाप माँ शादी के लिये कहा था, मेरे घरवाले उसे पंसद नहीं -3-करते, आसिफ मुझे हाथ पकडकर अपने घर ले गया, उसने मेरा हाथ <नाम> बजेके आसपास पकडा था, उसके पिता खिल्लू ने 4-10 बजे <नाम> पुलिस 100 नंबरपर फोन मिलाकर सूचना दी कि में उनके यहाँ हूँ। आसिफ के यहाँ लडकियोंसे धन्धा कराया जाता है, ऐसा मैने सुना है। ", "इस प्रकार पीड़िता ने अपने <नाम> 164 द0प्र0सं0 के बयान में यह कहाहै कि आसिफ उसे हाथ पकडकर अपने घर ले गया था, उसने मेरा हाथ चारबजे के आसपास पकडा था, कहीं भी बहला फुसलाकर शादी के लिये ले जानानहीं बताया गया है। यह भी कहा गया कि दिनांक 28.06.2019 को पीडिताआवेदक / अभियुक्त के घर आयी थी, इस <नाम> आवेदक / अभियुक्त के पिता ने स्वयं 100नंबर <नाम> फोन किया और फोन का सन्देश के सब्सट्रेक की छायाप्रतिदाखिल की है, जिसका मैने अवलोकन किया। ", "आवेदक / अभियुक्त <नाम> केवल <नाम> केवल हाथ पकडने का आरोप लगायागया है , अन्य कोई अपराध कारित किया <नाम> नहीं कहा गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 07.08.2019 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1571_202110-03-20211222
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र दिनांक 28.01.2021 को मुख्य न्यायिकमजिस्ट्रेट, <नाम> के न्यायालय से निरस्त हो चुका है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त क पैरोकार ब्रजेश <नाम> द्वाराशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। जिसमें कहा गया है कि यह अभियुक्त का प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवंमाननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रामप्रसाद द्वारा दिनांक 14.12.2020 कोइस आशय की तहरीर थाना निबोहरा, <नाम> <नाम> दी गयी कि उसने अपनी पुत्री सीमाकी शादी संजू के साथ वर्ष 2011 में की थी। शादी के छह माह <नाम> ही उसकी पुत्रीका जेठ राधामोहन,जिठानी <नाम> <नाम> <नाम> सन्जू तथा ससुर परम <नाम> उसक द्वारा Bail Application/2904/2021 -Sanju Vs. UP State 2दिये गये दहेज से संतुष्ट नहीं हुए एवं दहेज में पांच लाख रूपये तथा एकमोटरसाइकिल और मांगने लगे और आये <नाम> मारपीट व प्रताड़ित करने लगे। उसनेकई बार इन लोगों से कहा कि उसकी हैसियत और दहेज देने की नहीं है। उसकीपुत्री को घर से निकाल दिया। उसने कई बार हाथ जोड़कर अपनी पुत्री को समझाबुझाकर उसकी ससुराल भेजा, परन्तु यह लोग नहीं माने। दिनांक 14.12.2020 कोउसकी पुत्री <नाम> की मारपीट <नाम> जेठ राधामोहन, जिठानी <नाम> <नाम> <नाम> सन्जूतथा ससुर परम <नाम> ने मिलकर मारपीट <नाम> हत्या <नाम> दी है। इसकी सूचना उसेसमय करीब 03.30 बजे <नाम> गांव वालों ने टेलीफोन से दी। वह अपने परिवार वालों केसाथ मोहर दिल की ठार में पहुंचा तो <नाम> कि उसकी पुत्री का शव उसके घर केबाहर रास्ते में मृत अवस्था में पड़ा मिला। उसके परिवार वाले उसकी पुत्री के शव केपास मौजूद हैं। उसकी पुत्री के दो लड़की एवं एक लड़का हैं। ", "वादी की तहरीर के आधार <नाम> थाना निबोहरा, <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 112/ 2020अन्तर्गत <नाम> 498,302 भा०दं0सं0 व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम अभियुक्तगणराधामोहन, <नाम> <नाम> संजू तथा परम <नाम> के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कीगयी । ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोषहै, उसे इस मामले में झूठा फॅसाया गया है। शादी के <नाम> वर्षो में कोई भी कानूनीकार्यवाही दहेज सम्बन्धी नहीं की गयी है। अभियुक्त ने मृतका को कभी भी दहेज केलिए प्रताड़ित नहीं किया। मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट व चोट के कोईनिशान नहीं पाये गये हैं। मृतका द्वारा स्वयं फांसी लगाकर आत्महत्या की गयी है। अभियुक्त घटना के समय खेत <नाम> <नाम> <नाम> रहा था। मृत्यु के समय ऐसे कोई भीसंघर्ष के निशान नहीं पाये गये हैं, जिससे यह साबित हो कि मृतका को मारकरलटकाया गया अथवा उसकी हत्या की गयी। मृतका का मानसिक संतुलन सही नहींशी तथा वह आये <नाम> आत्महत्या करने की धमकी देती थी। मृतका के पिता द्वारा स्वयंवरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शपथपत्र <नाम> है कि मृतका का मानसिक संतुलन सही नहींथा। अभियुक्त दिनांक 14.12.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतःजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । ", "विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तकप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त संजू मृतका का <नाम> है। अभियुक्त द्वारा मृतका सेदहेज में पांच लाख रूपये एवं एक मोटरसाइकिल की मांग की गयी तथा उसे शारीरिकव मानसिक <नाम> से प्रताड़ित किया गया एवं मृतका की फांसी लगाकर हत्या कारित कीगयी है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना Bail Application/ 2904/2021 —-Sanju Vs. UP State 3पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्तादाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", "केस डायरी के पर्चा संख्या-01 में विवेचक द्वारा वादी रामप्रसाद का बयानअंकित किया गया है। वादी ने अपने बयान में कहा है कि उसने अपनी पुत्री <नाम> कीशादी संजू के साथ वर्ष 2011 में की थी। उसकी पुत्री के दो लड़की एवं एक बेटा है। उसकी बेटी की शादी के छह माह <नाम> से ही उसके ससुराल में जेठ राधामोहन,जिठानी <नाम> <नाम> <नाम> संजू व ससुर परम <नाम> उसके द्वारा दिये गये दहेज सेसंतुष्ट नहीं हुए तथा दहेज में पांच लाख रूपये व एक मोटरसाइकिल और मांगने लगेतथा आये <नाम> उसकी बेटी <नाम> के साथ मारपीट व प्रताड़ित करते थे। दिनांक14.12.2020 को उसकी पुत्री <नाम> <नाम> की, उसके जेठ राधामोहन, जिठानी आरतीदेवी, <नाम> संजू तथा ससुर परम <नाम> ने मिलकर मारपीट <नाम> इत्या <नाम> दी। इसकीसूचना उसे समय करीब 03.30 बजे <नाम> को गांव वालों ने टेलीफोन से दी। वह अपनेपरिवार वालों के साथ अपनी बेटी की ससुराल मोहर दिल की ठार में पहुंचा तो देखाकि उसकी पुत्री का शव उसके घर के बाहर रास्ते में मृत अवस्था में पड़ा है। इसकेबाद वह परिवारीजन को अपनी बेटी के पास छोड़कर तथा <नाम> <नाम> वर्मासे घटना के संबंध में तहरीर लिखवाकर थाने <नाम> जाकर रिपोर्ट लिखाई । ", "केस डायरी के पर्चा संख्या-09 में विवेचक द्वारा स्वतंत्र <नाम> <नाम> सुनीतादेवी, <नाम> <नाम> के बयान <नाम> किये गये हैं। इन गवाहन द्वारा अपने बयानों मेंकहा गया है कि घटना के <नाम> संजू व उसकी पत्नी में कहासुनी हुई थी। कहासुनीकाफी देर <नाम> <नाम> तो संजू की पत्नी <नाम> के गले में तहमद बंधा था व छत सेलटकी थी। ", "केस डायरी के पर्चा संख्या-12 में विवेचक द्वारा वादी रामप्रसाद का मजीदबयान <नाम> किया गया है, जिसमें उसके द्वारा कहा गया है कि संजू ने शादी के बादसे ही उसकी बेटी को सही प्रकार से नहीं रखा तथा कभी दहेज और मांगना व किसीन किसी <नाम> में उसको प्रताड़ित करता रहा। केस डायरी के पर्चा संख्या-12 में ही विवेचक द्वारा मृतका के चाचा रमेशचन्द्र तथा <नाम> <नाम> के बयान <नाम> किये गये हैं,जिनके द्वारा भी अपने बयानों में वादी के बयानों का समर्थन करते हुए कहा गया है किसंजू मृतका को सही प्रकार से नहीं रखता था तथा उसे प्रताड़ित करता था। केसडायरी के पर्चा संख्या-12 में ही विवेचक द्वारा स्वतंत्र <नाम> <नाम> <नाम> रनवीर सिंह,लोकेन्द्र, रनवीर <नाम> उदयवीर <नाम> रामहंस, जगनसिंह के बयान <नाम> किये गये हैं,जिनके द्वारा कहा गया है कि दिनांक 14.12.2020 को मालूम हुआ कि संजू एवं <नाम> Bail Application/ 2904/2021 —-Sanju Vs. UP State 4में विवाद हुआ था। कुछ देर <नाम> <नाम> अपने कमरे के अन्दर छत के कुण्डे से तहमदबांध लटकी <नाम> थी। पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द के अनुसार विवेचक द्वारा तहमद कोकब्जे में लिया गया। ", "पंचायतनामा में पंचों द्वारा <नाम> दी गयी है कि <नाम> सीमादेवी की हत्यामारपीट <नाम> की जाने वाली लगती है। ”पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतका की मृत्यु की मृत्यु, मृत्युपूर्व लटकने सेदम घुटने के <नाम> हुई है। मृत्युपूर्व चोट में मृतका के गले <नाम> 282 ८M. गर्दनके दाहिनी ओर 523८0. को छोड़कर पाईं गयी है। केस डायरी के पर्चा संख्या-10में डा0 <नाम> <नाम> तथा डा० धर्मवीर <नाम> द्वारा विवेचक को दिये गये बयान मेंपोस्टमार्टम रिपोर्ट की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त संजू मृतका <नाम> है एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। अभियुक्त द्वारा मृतका <नाम> <नाम> से अतिरिक्त दहेज में पांच लाख रूपये तथा एकमोटरसाइकिल की मांग की गयी तथा उसकी फांसी लगाकर हत्या कारित की गयी है। मृतका की मृत्यु अभियुक्त के घर <नाम> असामान्य परिस्थतियों में दम घुटने के <नाम> हुईहै। परिस्थतिजन्य साक्ष्य का मामला है। अभियुक्त क विरूद्ध पर्याप्त परिस्थतिजन्यसाक्ष्य है। विवेचना के उपरान्त अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया जा चुकाहै। अभियुक्त के विरूद्ध आरोपित अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3049_201929-06-20192726
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माँ व पेरोकार श्रीमतीमीरा <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार दिनाक 18.05.2019को समय 15:40 बजे उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> क द्वारा थाने <नाम> फर्दबरामद हुई इस आशय से दी गयी कि दिनांक 18.05.2019 को उपनिरीक्षकअवनीश <नाम> हमराह कर्मचारीगण के साथ रपट नं0 25 समय 13:57 बजेरबाना होकर चौकी <नाम> फाउन्ड़ी नगर में देख रेख शान्ति व्यवस्था 80 फुटाचौराहे <नाम> चैकिंग संदिग्ध वाहन / व्यक्ति में मामूर थे कि मण्डी की तरफ सेदो व्यक्ति एक मोटर साइकिल <नाम> सवार होकर आते देखे, रोकने के लिएइशारा किया। सटपटाकर मोटर साईकिल को पीछे की तरफ मोड़कर भागनेका प्रयास किया कि मोटर साइकिल रपटकर गिर गई सक होने <नाम> एक वार की दविश देकर घेर घोटकर व आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> पकड़ लिया। जामा तलाशी ली तो उसने अनपना नाम <नाम> उफ काका बताया। पहने पेन्ट कीदाहिनी जेब से तीन अदद मोबाइल रियल मी रंग <नाम> लावा रंग गोल्ड कलर जोलो रंग काला व पहने पेन्ट की वांयी तरफ से एक तमंचा 12 बोर, (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3049 2019राहुल उफ <नाम> बनाम राज्यवांयी जेब से दो जिन्दा कारतूस 12 बोर बरामद हुए। दूसरे व्यक्ति ने अपनानाम राजा बताया, जिसकी पहने पेन्ट की दाहिनी जेब से दो अदद मोबाइलसैमसंग कीपैड रंग सफेद तथा बीबो रंग काला बरामद इुए। जिन्हें चोरी वलूट का बताया है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तसे कोई बरामदगी नही है। अभियुक्त दिनांक 19.05.2019 से जिला कारागारमें निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त कोसह-अभियुक्तगण के साथ पुलिस द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से नाजायज तमंचा व कारतूस, चोरी व लूट के मोबाइल बरामद किएगए हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रोंका सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 18.05.2019 की समय 14:30 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 18.05.2019 को समय 00:30 बजे अंकितकरायी गयी है। प्रार्थी को दिनाक 18.05.2019 को पुलिस पार्टी द्वारामिरफूतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक अदद तमंचा व एक जिन्दाकारतूस 12 बोर व तीन मोबाइल भिन्न भिन्न कम्पनियो के बरामद कियाजाना दर्शित किया गया है। बरामद मोबाइल किसी मुकदमे से सम्वद्ध नहींहैं । प्रार्थी एक माह से अधिक समय से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है । (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। " ] }
1GRANTED