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Bail Application_2371_201910-06-20193184 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा बाबर <नाम> द्वारा दिनांक 24.04.2019 समय 21:44 बजे थाने <नाम> इस आशयकी तहरीर दी गई कि दिनांक 21.04.2019 की रात को अपने घर के पीछे फोन परबात करता हुआ जा रहा था। तभी पीछे दो युवक सफेद अपाचे गाडी <नाम> आये औरवादी का फोन उससे छीनकर भाग गये। वादी ने उनका पीछा करने का काफी प्रयासकिया वह लोग अच्घेरे का फायदा उठाकर भाग गये। मोबाइल सैमसंग 9 माडलएस एम <नाम> 965एफ जेड बी डी आई एन एस है। जिसका रंग कॉरल बिल्यू हैजिसमें सिम आईडिया कम्पनी की है। ई एम आई नम्बर तहरीर में <नाम> है। वादीकी तहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमा पंजीकृत हुआ । ",
"प्रार्थी , अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे झूठा फसाया गया है। उसके पाससे कोई बरामदगी नही है। इन आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने की प्रार्थना कीगई । ",
"विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त लूट की घटना में सम्मलित रहा है ,उसके द्वारा लूट की घटना कारित की गई है। उसके पास से बरामदगी भी है। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडने का कोई आधार पर्याप्त नही है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान लोक अभियोजकको सुना एवं केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया गया । ",
"केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 27.04.2019को अभियुकतगण जीतू, <नाम> व <नाम> को पुलिस द्वारा गिरफतार किया गया। जामा तलाशी में अभियुक्त जीतू के पहने पेन्ट की बायी जेब से एक मोबाइल सैमसंगव पहने पेन्ट की दायी फैट से एक अदद तमंचा देशी 315 बोर पेन्ट की दायी जेब सेदो अदद जिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद हुए। बरामद मोबाइल के बारे में तीनों नेबताया कि नीतिबाग से लूटा था। इस प्रकार उपरोक्त बरामदगी के आधार <नाम> उसे —2—इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है। कोई शिनाख्त नहीं कराई गई है <नाम> ही कोईजनसाक्षी है। अभियुक्त के कब्जे से इस मामले से सम्बन्धित कोई वस्तु बरामद नहींहै। अभियुक्त दिनांक 27.04.2019 से न्यायिक अभिकक्षा में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3018_202001-10-20202338 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदिका/अभियुक्ता के पैरोकार दिमानसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसकाप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादिनी सोनमदेवी ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि आज दिनांक 01.03.2020 कोसमय करीव 5-30 पी0एम0 बजे प्रार्थिया के घर के सामने सरकारी खडंजा बन रहा था, जिसे हमारे घर के आगे चलकर खडन््जे को सकरा <नाम> <नाम> जिसबात के लिये प्रार्थिया ने कहा यहॉ क्यों सकरा <नाम> <नाम> इस बात <नाम> भूरीसिंह, बीरवल, <नाम> <नाम> पुत्रगण <नाम> <नाम> व शिब्बी पुत्र छोटे <नाम> व सोनूपुत्र शिब्बी व सीतादेवी पत्नी <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी भूरी <नाम> रामवती पत्नीबीरवल समस्त निवासीगण टंकी मौहलला जरार अपने अपने हाथों में लाठी,डण्डा लेकर व गाली गलौज करते हुये बोले साली भंगिन तू ज्यादा बोलती है,आज तुझे व तेरे परिवार को <नाम> से मार देंगे और मारपीट शुरू <नाम> दी,जिससे प्रार्थिया के शरीर <नाम> जगह जगह काफी चोटें आयी हैं। उपरोक्त लोगठाकुर व दबंग किस्म के व्यक्ति हैं, शोर सुनकर मौहल्ले के अन्य लोग आ गये,तो धमकी दी कि अगर थाने में हम लोगों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने गयी तोतुझे <नाम> से मार देंगे। प्रार्थिया वाल्मीकि व गरीब परिवार की है। श्रीमानजी सेनिवेदन है कि मेरा मेडीकल कराकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> करें। -2-उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 01.03.2020 oH अभियुक्तगण भूरी सिंह,वीरवल, <नाम> <नाम> शिब्बी, सोनू, सीतादेवी, <नाम> रामवती के विरूद्ध अपराधसंख्या-38 / 2020 <नाम> धारा-147, 148, 323, 504, 506 भा0द0सं0० व 3(1) धव 3(2) 5अ एस.सी./एस.टी.एक्ट का अभियोग थाना बाह, जिला <नाम> परपंजीकृत किया गया। ",
"आवेदिका / अभियुक्ता की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदिका / अभियुकता ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में रंजिशनझूंठा फँसाया गया है। वादिया ने दिनांक 01.03.2020 को समय करीव 5-30बजे <नाम> की घटना बताते हुये घटना के लगभ 6घण्टे <नाम> थाना बाह आगरापर उपरोक्त मुकदमा पंजीकृत कराया है तथा विलम्ब का कोई <नाम> स्पष्टनहीं किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में एक ही मौहल्ले के आठ लोगों कोनामजद किया गया है तथा आरोप पत्र मात्र तीन लोगों के विरूद्ध आया है। वादिया ने प्रथम सूचना रिपोर्ट में आठ लोगों के द्वारा गालियाँ देना, जातिसूचक <नाम> कहना, लाठी डण्डों से मारपीट करना बताया है, जबकि वादिया केकोई भी गम्भीर चोट शरीर <नाम> नहीं है। लाठी, डण्डों से मुख्य <नाम> सेकिसके द्वारा मारा गया, प्रथम सूचना रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं है। आवेदिका / अभियुकता एक ही मौहल्ले के होने के <नाम> एवं चुनावी रंजिश केकारण उनको मुकदमे में झूंठा नामित किया गया है। अतः जमानत <नाम> छोड़ेजाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि वादिनी के घर के आगेसरकारी GT IA Yet था, जिसे आगे चलकर छोटा <नाम> <नाम> गया, जिसपर उसने कहा fe wei wi सँकरा <नाम> <नाम> है तो इसी बात परआवेदिका / अभियुक्ता नाराज हो गयी और <नाम> अभियुकतगण के साथ लाठी,डण्डा लेकर उसके साथ मारपीट <नाम> चोटे पहुंचाई तथा जाति सूचक शब्दो सेअपमानित किया। आवेदिका / अभियुक्ता का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"इस मामले की घटना दिनांक 01.03.2020 की सांय 5-30 बजे की है,जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट 6 घण्टे <नाम> लिखायी गयी है, जिसमें आठ लोगों -3-को नामजद किया गया है, जबकि <नाम> विवेचना आरोप पत्र मात्र तीन व्यक्तियोंके विरूद्ध आया है। वादिया के द्वारा आठ लोगों के द्वारा लाठी, डण्डों सेमारपीट किया <नाम> बताया है तथा कहा है कि उसके शरीर <नाम> जगह जगहचोटें आयी है, जबकि उसके शरीर <नाम> साधारण चोटें आयी है तथा मेडीकलरिपोर्ट में मात्र तीन चोटे हैं, जिनमें चोट नंबर-4 व 2 दर्द की शिकायत औरचोट नंबर-3 भी सामान्य है। किसी भी स्वतन्त्र <नाम> का नाम प्रथम सूचनारिपोर्ट की तहरीर में नहीं लिखाया गया है, मात्र इतना लिखाया गया है किमौहल्ले के अन्य लोग आ गये, किसी का नाम नहीं लिया है। मामले में बादविवेचना आरोप पत्र आ चुका है। ",
"इस मामले के <नाम> अभियुकतगण बीरबल व सोनू का जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-2970 / 2020, दिनांक 30.09.2020 को इस न्यायालय द्वारा स्वीकारकिया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_184_202113-01-20213705 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थीगण / अभियुक्तगण द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र में कथन कियागया है कि प्रार्थगण, अभियुक्तगण नितान््त निर्दोष एवं निरपराध है, उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है। इलाका पुलिस ने महत अपनी कार्यगुजारी दिखाने के लिएउक्त कंस में राजनैतिक eam ora yor फंसा <नाम> है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगणने एकत्रित होकर <नाम> तो कोई बल्वा अथवा दंगा नहीं किया है और <नाम> ही किसी केजीवन को संकट पहुंचाने के लिए संकटपूर्ण किसी रोग का संकमण फैलाने के लिएकोई कार्य किया है और नही प्रार्थीगण/अभियुक्तगण ने महामारी अधिनियम के Bail Application/288/2021 -UP State Vs. Pradeep Manpur and others 2अन्तर्गत कोई अपराध कारित किया है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण प्रवासी मजदूरों केलिए बसें भेज रहे थे। प्रार्थगण / अभियुक्तगण के विरूद्ध इलाका पुलिस ने जो केसलगाया है, वह अपराध जमानत काबिल है। प्रार्थीगण,/अभियुक्तगण समाज केप्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, दौरान मुकदमा अपनी जिम्मेदार जमानत देने के लिए तैयार है। जमानत <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 19.05.2020 को एस0आई0जितेन्द्र <नाम> मौतम मय हमराही कां0 2065 <नाम> <नाम> व कां0 3278 कौशलकुमार के थाना हाजा से रपट नं0 9 समय 8.14 <नाम> देखरेख शान्ति व्यवस्था व चैकिंग सन्दिग्ध वाहन में रवाना होकर बार्डर <नाम> मौजूद थे कि जरिये मुखविर खास सूचनामिली कि कुछ कांग्रेसी नेता उ0प्र0 में <नाम> वार्डर से बस प्रवेश कराने का प्रयास <नाम> रहे हैं। यदि जल्दी की जाये तो पकड़ा जा सकता है कि पुलिस वाले मुखविर की सूचना <नाम> <नाम> करके <नाम> वार्डर <नाम> पहुंचे तो <नाम> कि राजस्थान पुलिस द्वारा6-7 कांग्रेसियों को रोकने व बस को भगाने का प्रयास <नाम> रहे हैं कि समय करीब19.10 बजे थाना हाजा महदऊ कट <नाम> प्रवेश <नाम> बसों को प्रवेश कराने को लेकरनारे वाजी करने लगे। सभी कांग्रेसी नेता मुंह में मास्क नहीं लगाये हुए हैं और <नाम> हीउचित दूरी बनाये हैं। शान्ति व्यवस्था को देखते हुए दो व्यक्तियों को पकड़ लियातथा पुलिस <नाम> कम होने के <नाम> 4-5 व्यक्ति भाग गये। पकड़े गये व्यक्तियों से बारी-बारी से नाम पत्ता पूछा गया तो पहले ने अपना नाम <नाम> <नाम> लल्लू पुत्रशिवनाथ <नाम> निवासी सवसरही थाना सबसरही जनपद कुशीनगर तथा दूसरे नेअपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 हरिप्रसाद निवासी अयोध्या कुटी मैरिस रोड थानाक्वारसी जनपद अलीगढ़ बताया तथा भागने वालों के नाम पता पूछा तो दोनों ने एकस्वर में कहा कि हमें उनके नाम पता नहीं मालूम अतः उपरोक्त ने अधिसूचना काउल्लंघन किया है, जबकि राज्य <नाम> द्वारा कोविड-149 धारक वायरस होने केकारण अधिसूचना <नाम> 144 दं0प्रए0सं) के अन्तर्गत जारी की जा चुकी है तथाउपेक्षापूर्ण कार्य जिससे मानव <नाम> के लिए संकटपूर्ण रोग का संकम सम्भव वमहामारी फैलाने का कृत्य किया है। ",
"VT He के आधार <नाम> थाना फतेहपुर सीकरी <नाम> अभियुक्तगण अजयकुमार लल्लू, <नाम> <नाम> एवं 4-5 व्यक्ति अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या109 / 2020, <नाम> 188, 269 भा0दं0सं0व <नाम> 3(2)4 महामारी अधिए0 में रिपोर्ट दर्ज कीगयी। ",
"विवेचना के दौरान विवेचक द्वारा मामले की विवेचना <नाम> घटना स्थलका मानचित्र निर्मित <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उर्फ लल्लू, <नाम> <नाम> एवं Bail Application/288/2021 -UP State Vs. Pradeep Manpur and others 3प्रदीप <नाम> के विरूद्ध HosioWo 109 / 2020, अन्तर्गत <नाम> 188, 269 भा0दं0सं0वधारा 3(2)4 महामारी अधिनियम के तहत आरोप पत्र प्रेषित किया गया। ",
"प्रार्थगण / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया हैकि प्रार्थगण / अभियुक्तगण को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोईआपराधिक कृत्य नहीं किया है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थगण / अभियुक्तगण द्वारा <नाम> 188 भा0दं0सं० और महामारी अधिनियम का कोईउल्लंघन नहीं किया गया है। अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थीगण / अभियुक्तगण परधारा 188 भा0दं0?सं० और महामारी अधिनियम का उल्लंघन एवं संकमण फैलाये जानेका अभियोग है। उनके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अतःउनका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थगण / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलनकिया गया। ",
"सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि इस मामले मेंआरोप पत्र प्राप्त हो चुका है। पूर्व में प्रार्थगण / अभियुक्तगण को न्यायालय द्वाराअन्तरिम जमानत <नाम> छोड़ा गया था। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण द्वारा आज न्यायालय केसमक्ष व्यक्तिगत <नाम> से उपस्थित होकर आत्म <नाम> किया गया। मामले में जनताका कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन सेप्रकट होता है कि प्रार्थीगण / अभियुक्तगण द्वारा किसी भी कोरोना योद्धा या स्वास्थ्यकर्मचारी के साथ कोई दुर्व्यवहार किया <नाम> नहीं दर्शाया गया है। मामला अधिकतम5 वर्ष <नाम> के कारावास से दण्डनीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3846_201920-07-20191672 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त की माँ <नाम> स्नेहलता का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमेंकहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 02.07.2019 को वरिष्ठ उप निरीक्षक अन्जीश <नाम> मय हमराह पुलिसकर्मचारीगण के साथ चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति व वाहन में थाना <नाम> में मामूर थेतथा जब खनन््दारी चौराहे पहुचे तो मुखबिर ने वाहन चोरों का गिरोह अभीनगला बूढी चौराहे <नाम> है, जिनके पास चोरी की मोटरसाइकिलें हैं, जो जनपदके आस पास के <नाम> से चुराकर उनके पाट्स बलकर उनकी खरीद फरोख्तकरते हैं, की सूचना <नाम> नगला बूढी चौराहे <नाम> पहुंचे, जहॉ तीन अलग अलगमोटरसाइकिलों को तीन लड़के खडे थे, हम पुलिस वालों को देखकर भागनेका प्रयास किया, किन्तु मौका दिये बगैर दविश देकर पकड़ लिया। एच.एफ.डीलक्स चला रहे व्यक्ति ने अपना नाम बबलू राघव पुत्र सौदान <नाम> निवासीग्राम बस <नाम> सराय, थाना खन््दौली, जनपद <नाम> बताया जिसकी जामातलाशी से पहनी जीन्स की बायी जेब से एक मास्टर की मोटरसाइकिल केलाक तोडने की जिस <नाम> ऊपर प्लास्टिक की <नाम> रंग की मुठ है, बरामदहुई। अपाचे मोटरसाइकिल चला रहे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र अशोकशर्मा निवासी ग्राम खडकपुर, थाना खनन््दौली, <नाम> बताया, जिसकी जामातलाशी से पहने कपडों के अलावा अन्य कोई वस्तु बरामद नहीं हुई। पेशनएक्स प्रो चला रहे व्यक्ति ने अपना नाम छोटू पुत्र रसीद <नाम> निवासी इस्लामनगर, टेढी बगिया, थाना एत्माद्दौला, जिला <नाम> बताया जिसकी जामा -2-तलाशी से पहने कपडों के अलावा अन्य कोई वस्तु बरामद नहीं हुई । पूछने परतीनों ने एक स्वर में बताया कि तीनों मोटरसाइकिलें चोरी की है, जिसे हमतीनों ने मिलकर चुराया है, जिनकी नंबर प्लेट हटाकर पाट्स बदलकर चलारहे हैं। हम लोग <नाम> में अलग अलग जगह से मोटरसाइकिल चुराकर उनकी नंबर प्लेट हटाकर और उनके पाट्स बदलकर उन्हें चलाते हैं औरमौका लगते हैं रास्ते में आने जाने वाले लोगों को सस्ते दामों में बेच देते हैं। ",
"अभियुक्तगण को उनके जुर्म से अवगत कराकर हिरासत पुलिस में लिया गया बरामद मास्टर की को सफेद कपडे में रखकर सिलकर सील सर्व मौहर करनमूना मौहर तैयार किया गया तथा फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी । ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 03.07.2019 को 01-49 बजे परअभियुकतगण बबलू राघव, <नाम> व छोटू के विरूद्ध अपराध संख्या-441 / 2019पर धारा-41 / 102 द0प्रए/सं0 379, 411, 414, 467, 468, 471 /34 भा0द0सं0का अभियोग थाना न्यू <नाम> जनपद <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफेंसाया गया है। आवेदक,/अभियुक्त को थाना न्यू <नाम> पुलिस द्वाराअवैध <नाम> से अभिरक्षा में दिनांक 30.06.2019 से थाने <नाम> बिठा रखा था,जिसके संबंध में पुलिस महानिदेशक को दिनांक 01.07.2019 को ईमेल केमाध्यम से शिकायती प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया था, जिससे क्षुब्ध होकर उसेyor bu fear है। आवेदक / अभियुक्त से कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है,बल्कि <नाम> अभियुक्तों के साथ <नाम> बरामदगी दर्शायी गयी है तथा उसेबरामद दर्शायी गयी मोटरसाइकिल की शिनाख्त पंजीकृत <नाम> से नहीं करायीगयी है। आवेदक / अभियुक्त को न्यू <नाम> की पुलिस के द्वारा बूढी का नगला चौराहे से गिरफ्तार किया <नाम> दर्शाया गया है, परन्तु घटना GT HS Kaaसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 03.07.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त कोउसके अन्य साथियों के साथ चोरी की मोटरसाइकिलों के साथगिरफ्तार किया गया है, जिनको चोरी करके उनकी नंबर प्लेट व पाट्स बदलकर चलाना बताया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
" 3.अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"मुख्य आरोप यह है कि अभियुक्त बबलू राघव और अन्य दो अभियुक्तजिनसे फर्द के मुताबिक अन्य मोटरसाइकिल बरामद हुई हैं, वह उनमोटरसाइकिलों की नंबर प्लेट हटाकर व पाट्स बदलकर चला रहे थे औरआवेदक /» अभियुक्त को एच.एफ.डीलक्स मोटरसाइकिल चलाते हुये पकड़ा जानाकहा गया है, जिसका चैसिस नंबर-५एष्छाप्त<फ़ोन-नंबर>9 इंजननंबर-101171/9005797 उपरोक्त बताया गया है, लेकिन <नाम> <नाम> कीविवेचना में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उसका नंबर व वास्तविक स्वामीकौन है। आवेदक / अभियुक्त ने बरामदगी से इंकार किया है और कहा है किउसे झूंठा फँसाया गया है। यही नहीं फर्द में मोटरसाइकिल यू पी.80-सी.एस.-4607 दूसरे अभियुक्त छोटू से बरामद बतायी गयी है, उसके ऊपर भी यहीआरोप है कि वह नंबर प्लेट व पाद्स बदलकर फर्जी नंबर प्लेट लगाकरचलाता है, जिसके जमानत प्रार्थना पत्र का आज निस्तारण किया गया और यहपाया गया कि उक्त मोटरसाइकिल उसकी मा के नाम पंजीकृत है। आवेदक / अभियुक्त से बरामद दर्शायी गयी मोटरसाइकिल की शिनाख्तपंजीकृत <नाम> से नहीं करायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त को न्यू <नाम> कीपुलिस के द्वारा बूढी का नगला चौराहे से गिरफ्तार किया <नाम> दर्शाया गयाहै, परन्तु घटना का wy was wel vel दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 03.07.2019 से कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1481_202122-02-20212107 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक /अभियुक्त केपैरोकार <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में Aol GR TATहै। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में जेल में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ",
"प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7026_201909-12-2019795 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> ब्रजरानी पत्नी विकृम <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा नरवेन्द्रसिंह द्वारा थाना जी0आर0पी0 <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयीकि वह ट्रेन नं0-12715 सचखण्ड एक्सप्रेस से दिनांक 27.09.2019 को ग्वालियर सेआगरा की यात्रा ट्रेन के जनरल कोच में <नाम> रहा था। यात्रा के दौरान उसके हैंड बैगकी साइड वाली चैन में रखे 36,000/-रूपये किसी अज्ञात बदमाश द्वारा रेलवे स्टेशनआगरा में उतरते समय चैन खोलकर चोरी <नाम> लिये गये। तबियत खराब होने के कारणआज दिनांक 29.09.2019 को रिपोर्ट <नाम> रहा है। दिनांक 23.11.2019 को पुलिस द्वाराअभियुक्त विकम व सर्वेश को पकड़ा गया तथा प््रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से उपरोक्तचोरी किये गये रूपये में से फर्द में उल्लिखित रूपये बरामद किये गये। ",
"्रार्थी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गयाकि प्रार्थी/अभियुक्त को इस केस में झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहींकिया है। अभियोजन कहानी में जो तथ्य दर्शाये गये हैं, वह गलत एवं झूठे हैं। ्रार्शी/ अभियुक्त मेहनत मजदूरी करने के लिए <नाम> आया था। टैम्पू वाले से भाड़े केऊपर कहा सुनी होने <नाम> पुलिस द्वारा इस मामले में झूंठा फंसा <नाम> गया। अभियुक्तदिनांक 23.11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजदनहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। पुलिस द्वारा प्रस्तुत प्रकरणव अन्य कई मुकदमों में झूठे तथ्यों के आधार <नाम> झूठी बरामदगी दिखाकर बन्द <नाम> दियागया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है, <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है,जबकि गिरफ्तारी भीडभाड वाले स्थान से की गयी है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीयहै। जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, 2फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त व सहअभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा का चलती ट्रेन में <नाम> चोरी किया गया तथा उससे इसमुकदमे से संबंधित व अन्य मुकदमों से संबंधित रूपयों की बरामदगी भी हुई है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"पुलिस पार्टी द्वारा अभियुक्त दिनांक 23.11.2019 को गिरफ्तार किया गयाऔर इसी गिरफ्तारी के समय अभियुक्त से पुलिस द्वारा बरामदगी दिखाते हुए थाने परपूर्व से दर्ज कई मुकदमों को खोला गया। इस प्रकरण की रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज की गयीहै और बरामदगी के आधार <नाम> इस अभियुक्त को अपराध में शामिल किया गया है। अभियुक्त किसी भी बरामदगी से इंकार करता है। इसी गिरफ्तारी के समय अभियुक्त परकई मुकदमें खोले गये। अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्तदिनांक 23.11.2019 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1100_202017-07-20201114 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी , अभियुक्त के सगे भांजे व पैरोकाररवि <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा पंकजश्रीवास्तव द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायीगयी कि वह दिनाक 19.10.2019 HT dé CORS wT 4 JUS ToNZMके मध्य कार्यरत था। ट्रेन के 85८ स्टेशन पहुंचने <नाम> एक <नाम> जिनका AGC To HW B/1-47 W Rem था <नाम> मोबाइल फोन कोई छीन करभाग गया जिसका नम्बर <फ़ोन-नंबर>4 तथा यह आई फोन 7 था जिसकीकीमत लगभग 70,000 /-रूपये थी । ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के मोबाइल की लूट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) ,“ अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1100 / 2020अनिल बनाम राज्यप्रार्थ ,, अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया हैकि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं कियाहै, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 20.12.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्टमें नामित नहीं है। प्रार्थी के पास से उक्त घटना का लूटा हुआ मोबाइलबरामद नहीं हुआ है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि मामलेमें घटना दिनाक 19.10.2019 की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टअज्ञात के विरूद्द दर्ज करायी गयी है। पुलिस प्रपत्र के अनुसार प्रार्थी पररेलवे <नाम> से मोबाइल लूटे जाने का अभियोग है। घटना दिनांक 19.10.2019की लगभग दो माह <नाम> दिनांक 20.12.2019 को प्रार्थी / अभियुक्त कीगिरफतारी दर्शायी गयी है और उससे उक्त लूट के मोबाइल को बेचकर प्राप्तधन में से 7100 //-रूपये बरामद होना दर्शित है। प्रार्थी दिनांक 20.12.2019से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1900_202014-08-2020383 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साश आवेदक / अभियुक्त के <नाम> चन्द्र <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा एस0आई0 मो0नदीम द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयीकि दिनाक 13.07.2020 को वह मय हमराहियान शान्ति व्यवस्था, देखरेख आदिमें मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि दो मोटरसाईकिलोंपर <नाम> व्यक्ति सवार होकर आ रहे हैं जो अपराधी किस्म के हैं तथा कोई बड़ीघटना करने के फिराक में हैं । मुखबिर की सूचना <नाम> विशवास <नाम> मुखबिर द्वारा बताए स्थान <नाम> आकर इंतजार करने लगे तो 20 मिनट <नाम> दोमोटरसाईकिलों <नाम> <नाम> व्यक्ति दूण्डला की तरफ से <नाम> की तरफ जाते हुएउनके सामने से निकले। बऊम्मीद गिरफूतारी उनका पीछा करने लगे तो सभीने <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस कर्मचारीगण <नाम> फायर किया। घेरघारकर बचते बचाते चारों व्यक्तियों को पकड़ लिया गया। नाम पता पूछते हुएजामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम वीरेन्द्र बताया तथा मोटलसाईकिल संख्या-यू०पी0 83/एम 5281 को चलाना बताया। इसकी जामातलाशी में एक मोबाइल बरामद हुआ। इसके साथ पीछे बैठे व्यक्ति ने अपनानाम <नाम> बताया जिसके हाथ से एक तमंचा व एक जिन्दा व एक खोखाकारतूस बरामद हुआ। मोटर साईकिल संख्या-यू०पी0 83/ यू 4435 के चालकअनिल की जामा तलाशी में एक मोबाइल तथा पीछे बैठे दूसरे व्यक्ति ने अपना -2- नाम इरफान उफ राजा बताया तथा जामा तलाशी में एक तमंचा व दो जिन्दाकारतूस बरामद हुए। गाड़ियों के प्रपत्र तलब किए गए तो दिखाने में कासिररहे। चारों लोगों ने बताया कि यह दोनों मोटरसाईकिलें लूट की है तथा दोनोंपर फर्जी नम्बर प्लेट लगी हैं। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुएहिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 14.07.2020 को अभियुक्तगण वीरेन्द्र,विशाल, <नाम> व इरफान उर्फ राजा के विरूद्ध अपराध संख्या-157/ 2020पर धारा-41//102 द0प्र0सं0 व 411, 420 भा0द0सं0 का अभियोग थानाएत्मादपुर, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठारंजिशन फॅसाया गया है। मोटर साईकिल का वास्तविक नंबर यूपी.83-यू-4435है, आवेदक / अभियुक्त ने मोटरसाईकिल की नंबर प्लेट नहीं बदली है, मोटरसाईकिल आवेदक /अभियुक्त के परिचित की है। आवेदक/ अभियुक्त अपनेपरिचित की मोटर साईकिल लेकर <नाम> जा रहा था रास्ते में पुलिस ने चैकिंगके नाम <नाम> रोक लिया तथा धनराशि की मांग करने लगे, <नाम> देने <नाम> झूठेमुकदमों में बंद <नाम> दिया। उक्त मोटरसाईकिल के संबध में किसी भी थाने मेंकोई चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं है। गिरफूतारी व फायरिंग का <नाम> का कोईगवाह नहीं है। सह-अभियुक्तगण <नाम> व वीरेन्द्र की जमानत न्यायालय द्वारास्वीकार की जा चुकी है। आवेदक/ अभियुक्त का केस सह-अभियुक्तगण केसमान है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 14.07.2020 से कारागार में निरूद्ध है। ",
"अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक/ अभियुक्तआवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनौक 13.07.2020 की है। प्रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से चोरी की एकमोटरसाईकिल बरामद होने तथा उस <नाम> फर्जी नम्बर प्लेट लगाए जाने का -3-आरोप है। तथाकथित बरामद मोटरसाईकिल को किसी अपराध से सम्बद्ध नहींकिया गया है। स्वयं के कथन के आधार <नाम> प्रार्थी को मामले में अभियुक्तबनाया गया है। प्रार्थी लगभग एक माह से जिला कारागार में निरूद्ध है । ",
"इस मामले के <नाम> अभियुक्तगण <नाम> व वीरेन्द्र का कमश: जमानतप्रार्थना पत्र संख्या-1543,/2020 व 1544/2020 दिनांक 30.07.2020 इसन्यायालय के द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3764_201927-07-20191363 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्तगण के <नाम> चांद के शपथपत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा कमलचौरसिया द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयीकि दिनाक 01.07.2019 को प्रातः लगभग 10:30 बजे 500-600 के करीब मुस्लिम युवा हाथों में डंडे, सरिया और ईटों के टुकड़े लेकर सदर भट्टीचौराहे <नाम> स्थित दुकानदारों से मारपीट की, दुकानों <नाम> पथराव किया। जब दुकानदारों ने एकजुटता दिखायी तो अल्लाह हुअकबर के नारे लगाते हुए,गाली-गलौज करते हुए वहाँ से भाग निकले। प्रदर्शनकारियों मुख्य <नाम> सेश्याम दूधवाले, <नाम> शू मैटेरियल वाले, शानू मैटेरियल वाले,, <नाम> <नाम> मैटेरियल वाले, मोनू सोल वाले, <नाम> फोम वाले एवं अनेक दुकानदारों कोबेइज्जत करा। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"प्रार्थी /अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीगण दिनाक03.07.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में है। प्रार्थीगण प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं है और <नाम> मौके से गिरफतार हुए है। वादी पक्ष के किसी व्यक्तिके कोई चोट आदि नहीं आयी है। प्रार्थीगण का कोई अपराधिक इतिहास नहींहै। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्तगण द्वारा अन्यव्यक्तियों के साथ मिलकर बलवा किया गया है तथा वादी व अन्य के साथ मारपीट, गाली गलौज तथा दुकानदारों के गल्ले लूटने का प्रयास किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गसी। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3764/ 2019इकराम आदि बनाम राज्य्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> इस्लाम <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनाक 01.07.2019 की समय 10:30 बजे की है तथा प्रथमसूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनोक 01.07.2019 को समय 16:30 बजेअंकित करायी गयी है। प्रार्थीगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थीगण <नाम> बलवा, गली-गलौज, मारपीट व लूटपाट का प्रयास करने आदिका आरोप लगाया गया है। अभियोजन द्वारा तथाकथित घटना में किसी भीव्यक्ति के घायल <नाम> होने क तथ्य को स्वीकार किया गया है। किसी चुटैलकी कोई चिकित्सीय आख्या शी पत्रालवी <नाम> प्रस्तुत नहीं की गयी है। प्रार्थीगण लगभग 25 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। सह-अभियुक्तगणकी जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थीगणकी मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5312_201916-09-20194130 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> व पैरोकार बृजेशदुबे के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा विनोददुबे द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयी किदिनोक 13.08.2019 को प्रार्थी का पुत्र <नाम> दुबे रात को नौ बजे के करीबनित <नाम> के भांति मनकामेश्वर मंदिर दर्शन करने के लिए घर से निकला था। जैसे ही वह सत्यपकाश के मकान के सामने से निकल <नाम> अपनी गाड़ीमें बैठने के लिए पहुँचने वाला था तभी एकदम पीछे से <नाम> <नाम> बुलबुल, हिमांशू, शुभम, <नाम> <नाम> सपन, रजत, अवधेश, <नाम> उर्फ शुल्लड़ व बबली उर्फ वन्दना ने एकदम से लाठी डण्डा, सरिया यलेकर व तमंचा लेकरउस <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से हमला बोल दिया। <नाम> ने <नाम> सेमारने की नीयत से तमंचे से फायर किया जिसकी गोली उसके पुत्र <नाम> केपेट से रगड़ <नाम> निकल गयी। शोर सुनकर उसका पुत्र <नाम> दुबे <नाम> को बचाने पहुँचा तो उसके पुत्रों को बुरी तरह उपरोक्त सभी लोगों ने <नाम> सेमारने की नीयत से मारा। हिमाशू व <नाम> ने <नाम> से मारने की नीयत सेगला दबाया। दोनों को मरणाशन की स्थिति में पहुँचाया और उसकी सोने कीरूद्राक्ष की <नाम> तोड़ ली। सूचना परमिलने <नाम> वह भी घर से पहुँचा । ",
"(2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रक््षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी की 147, 148, 149, 307, 392, 323 भारतीय दण्ड संहितामें जमानत स्वीकार हो चुकी है। <नाम> 325 भारतीय दण्ड सहिंता त्रूटिवश लिखने से रह गई थी। जिसके <नाम> उक्त <नाम> में जमानत नहीं दी गई है। प्रार्थी दिनाक 19.08.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का उक्तधारा में यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध कियागया। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5312 / 2019ऋषि दुबे बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> शर्मा,aad मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी कीपूर्व में दिनांक 12.09.2019 को <नाम> 147, 148, 149, 307, 392, 323 भारतीयदण्ड सहिंता में जमानत स्वीकार हो चुकी है। <नाम> 325 भारतीय दण्ड सहिंतामें जमानत नहीं हुई है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6543_201919-11-20191568 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गयाहै। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक24.07.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 23.07.2019 को प्रातः3.00 बजे से 3.30 बजे के बीच में चोरी हो गयी इसकी जानकारी 1.30 बजे करीबपड़ोसियों के माध्यम से हुई। परिवार के सभी सदस्य घर के बाहर गएऐ थे। घर <नाम> तालालगा हुआ था। घर से एक <नाम> सूत्र सोने का, एक सेट के साथ की जंजीर सोनेकी, एक जंजीर लॉकेट सहित सोने की, <नाम> अंगूठी सोने की, चादीं की दो पाजेब, दोकड़े सोने के, दो हाथ की घड़ियां, एक कैमरा, बच्चों के <नाम> के लच्छे, करीब सात हजाररूपये अज्ञात चोरों द्वारा चोरी किया गया है। ",
"दौरान विवेचना दिनांक 04.11.2019 को थाना न्यू <नाम> <नाम> की पुलिसद्वारा प््रार्थी/अभियुक्त व <नाम> अभियुक्तगण को गिरफूतार किया गया तथा्रार्शी/ अभियुक्त के कब्जे से फर्द में उल्लिखित इस प्रकरण से संबंधित बरामदगी कोसम्बद्ध करते हुए <नाम> 411 भा०द0सं0 की बढोत्तरी की गयी । ",
"्रार्थी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गयाकि अभियुक्त को महज रंजिशवश झूठा फसा <नाम> गया है तथा अभियुक्त निर्दोष एवंनिपराध है। प्रार्थी के कब्जे से कोई भी सोने-चांदी के आभूषण बरामद नहीं हुए, बल्किउपरोक्त मुकदमा के <नाम> अभियुक्त हीरालाल के घर से साने <नाम> के जेबरात बरामद हुयेथे, उन जेवरातों में से अभियुक्त के ऊपर रखकर षडयंत्र के तहत उपरोक्त मुकदमें में ६एर से पकड़कर गुडवर्क दिखाने के लिए झूंठा फंसा <नाम> है। अभियुक्त की गिरफूतारी केसमय <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। इसके अलाबा कोई अन्य जमानत का्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद या अन्य किसी न्यायालय में विचाराधीननहीं है। अभियुक्त दिनांक 06.11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों परजमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया है किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। इलाका पुलिस ने उसको उसके घर से 2उठाकर उसके अपने जेबरात, जिनका विवरण जमानत प्रार्थनापत्र में <नाम> गया है, झूठाबरामदगी दिखाकर बन्द <नाम> <नाम> गया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है, जोबरामदगी दिखायी गयी है, वह उसका व <नाम> अभियुक्त का अपना सामान है। <नाम> काकोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है, जबकि गिरफ्तारी भीड़भाड़ वाले स्थान से की गयी है औरजो आराधिक इतिहास पुलिस दिखाया गया, इसी गिरफ्तारी के समय, सभी अपराधों कोझूठे तरीकों से उसके ऊपर लगा दिये हैं मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। जमानतदिये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारावादिनी के घर में चोरी की गयी तथा उससे बरामदगी हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध करायीगयी है। अभियुक्त को पुलिस द्वारा <नाम> में गिरफ्तार किया <नाम> अभियोजन द्वारा कहाहै, इसी गिरफ्तारी में ही अभियुक्तगण <नाम> कई मुकदमे पुलिस द्वारा खोले गये हैं। अभियुक्त दिनांक 06.11.2019 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6076_201906-11-20192039 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी, अभियुक्त ओमवीर के पिता वपैरोकार बाबूलाल के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा फूलसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किउसके छोटे <नाम> <नाम> <नाम> की मृत्यु हो चुकी है और उसका लड़का श्यामवीर, उम्र करीब 18 वर्ष टैम्पू चलाकर मेहनत मजदूरी करता है। आजदिनांक 27.06.2019 की सुबह 06.00 बजे के करीब सूचना <नाम> कि श्यामवीर व उसके साथ लड़की कुं0 <नाम> की लाश ग्राम कछपुरा के पास जंगल खेतमें पड़ी है। वह गांव वालों के साथ मौके <नाम> आया तो <नाम> कि श्यामवीर वलड़की <नाम> के सिर, चेहरे व गले <नाम> चोट के निशान हैं। लड़की <नाम> ग्रामकछपुरा के मोहनलाल काछी की है, हमें पता है कि श्यामवीर व <नाम> आपसमें <नाम> करते थे क्योंकि इनको पहले भी एक दूसरे से <नाम> मिलने को लेकर घरवालों से बात हुई थी और आज रात श्यामवीर, <नाम> से मिलने आया याबुलाया गया जिसको लेकर लड़की के पिता मोहनलाल, <नाम> <नाम> चाचा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6076 / 2019ओमवीर आदि बनाम राज्यरामनिवास, <नाम> ओमवीर, <नाम> <नाम> व कुछ अन्य अज्ञात लोगों ने मिलकरएक <नाम> होकर श्यामवीर व <नाम> की बेरहमी से पीटकर हत्या <नाम> दी हैजिससे हम लोग दहशत में आ गये हैं। दोनों की लाश मौके <नाम> पड़ी है,जिनकी उपरोक्त लोगों ने आज रात किसी समय हत्या <नाम> दी है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्लगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीगण दिनाक28.06.2019 से जिला करागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालयमें प्रेषित किया जा चुका है। वादी घटना का चश्मदीद <नाम> नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक की मृत्यु दम घुटने से हुई है। प्रार्थीनण काकोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगण का यह द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थीगण का प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र <नाम> <नाम> दिए जाने के <नाम> पूर्व में निरस्त किया जा चुका है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थ / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फैजदारी द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थ / अभियुक्तगण द्वाराअन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के भतीजे व कु0 <नाम> की हत्या कारितकी गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कान्त शर्मा,वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता <नाम> शिशुपाल <नाम> <नाम> एवं विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> <नाम> <नाम> को सुनागया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 27.06.2019 की है। प्रार्थगण <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमाके भतीजे श्यामवीर व उसकी प्रेमिका Ho <नाम> की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। पत्रवली <नाम> उपलब्ध मृतक श्यामवीर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रहक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6076 / 2019ओमवीर आदि बनाम राज्य में उसके कुल 5 चोटें <नाम> दर्शित किया गया है तथा उसकी मृत्यु दमघुटनेसे होना बताया गया है। इसी प्रकार मृतका कू0 <नाम> की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार भी उसकी मृत्यु का <नाम> दम घुटना बताया गया है। सह-अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालयसंख्या-01, <नाम> के न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। अभियोजन कीओर से प्रार्थगण द्वारा मामले में महत्वपूर्ण <नाम> अदा किया <नाम> दर्शितकिया गया है। प्रार्थगण को झूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहींहोता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_691_202013-02-2020912 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार <नाम> श्रीरजनीश ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्यन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त को Sad Food में झूँठा फँसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं कियाहै। झूँठी बरामदगी दिखायी गयी है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं किवादी <नाम> <नाम> के द्वारा दिनांक 18.12.2019 को प्रस्तुत तहरीर के अनुसारवादी दिनांक 13.12.2019 को दोपहर समय करीब 14.00 बजे अपने <नाम> कीएक्टिवा स्कूटी नंबर यूपी80डीजे-5144 से आवश्यक कार्य <नाम> <नाम> मार्केट आयाथा। <नाम> मार्केट में गाड़ी खड़ी <नाम> दुकान <नाम> गया था। वापस आ <नाम> <नाम> तोउसकी स्कूटी वहॉ नहीं थी। काफी तलाशने <नाम> नहीं <नाम> अज्ञात चोर द्वाराउसकी स्कूटी चोरी <नाम> ली गयी। —2—वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अज्ञात में थाना हरीपर्वत, आगरापर मु0अ0सं० 709 / 2019 धारा-379 भाएदं0सं0 में प्राथमिकी दर्ज की गई। अभियोजन के अनुसार दौरान विवेचना थाना हरीपर्वत, <नाम> पुलिसद्वारा अभियुक्त <नाम> कुशवाह को साथी सहित गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारकिये जाते समय अभियुक्त के कब्जे से वर्तमान प्रकरण की चोरी गयी एक्टिवाबरामद होना बताते हुए अभियुक्त को इस मामले में नामित करते हुए अपराध मेंधारा-411 भा0दं0सं0० की बढोत्तरी की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत कियागया है कि अभियुक्त निर्दोष हैं, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज है। अभियुक्त के कब्जे से कोई चोरी की वस्तु बरामदनहीं हुई है। प्रार्थी / अभियुक्त को पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिए झूंठीबरामदगी दिखायी गयी है। प्रकरण में कोई निष्पक्ष जन <नाम> नहीं दर्शाया गया है। बरामदगी फर्जी है। अभियुक्त दिनांक 19.12.2019 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने की प्रार्थना की गई। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ताफौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया हैकि अपराध गम्भीर <नाम> का है, अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। अतःप्रार्थनापत्र निरस्त करने की <नाम> की जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ",
"पत्रावली के परिशीलन से स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष द्वाराप्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से चोरी की एक्टिवा बरामद होना कहा गया है। घटनादिनांक 13.12.2019 की है और चोरी का मुकदमा दिनांक 18.12.2019 को अज्ञात मेंलिखा गया है तथा दौरान विवेचना दिनांक 19.12.2019 को फर्द बरामदगी केआधार <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को उक्त प्रकरण से संबंधित एक्टिवा सहित गिरफ्तारकिया <नाम> दर्शाया गया है, जबकि बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है किपुलिस द्वारा फर्जी बरामदगी दर्शायी गयी है। अभियुक्त प्राथमिकी में नामजद नहींहै। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 19.12.2019 से कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3156_201925-06-20192863 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बतायागया है तथा इसके साथ अभियुक्त के दोस्त/पैरोकार <नाम> का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक व फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 01.06.2019 को <नाम> आबकारी निरीक्षक मय हमराहीयान आबकारीसिपाही थाना निबोहरा में दुकानों की चैकिंग में मामूर थी, तभी मुखबिर कीअवैध शराब आने की सूचना <नाम> प्रभारी निरीक्षक निबोहरा व अन्य पुलिसकर्मचारीगण के साथ मुखबिर द्वारा बताये स्थान <नाम> जाकर आने वाली गाडी काइंतजार करने लगे, तभी फतेहाबाद की तरफ से सिल्वर कलर की कार आती दिखायी दी, गाडी नंबर डी.एल.8-सी.एल.-1060 टोयटा कोरोला को रोककरतलाशी लेते हुये ड्राइवर को नीचे उतारकर उसका नाम पता पूछा तो उसनेअपना नाम सोमवीर बताया, गाडी की तलाशी लेने <नाम> <नाम> कि सीटो के नीचेअवैध शराब की बोतलों की परत लगा <नाम> है, कार की डिग्गी को खोलकरदेखा तो बोतलों की परते व पाव्वे की परते व पेटियों की परते लगा <नाम> हैं। ",
"ड्राइवर से भारी <नाम> में शराब रखने व लाने का अधिकार पत्र मॉगा गया तो दिखाने में कासिर रहा तथा अपना पहचान पत्र व ड्राइविंग लाइसेंस कोई भीप्रपत्र नहीं दिखा सका तथा माफी मांगते हुये कहने लगा कि मैं यह शराबहरियाणा से यहाँ बेचने लाया था। गाडी में <नाम> बोतलों व पव्वों को नीचे उतारकर गिनती की, सभी पव्वों <नाम> रैपर लगे हैं, जिन <नाम> वैस्टो विस्की फोर सेलइन हरियाणा अंग्रेजी में लिखा है, <नाम> रैपर वाली कुछ बोतलों व पव्वों कोखोलकर सूंघा तो शराब की तीव्र गंध आ रही है। शराब की कूल <नाम> जिसमें384 बोतल, 906 पव्वे जिसमें प्रत्येक के तलों <नाम> 200एम.एल. किप किया हुआतथा रैपर <नाम> 180 एम.एल.लिखा है। बरामद शराब में से एक बोतल व <नाम> -2- पौव्वे बतौर नमूना अलग निकालकर एक सफेद कपडे में सिलकर सीलसर्वेमोहर <नाम> बरामद शराब को सादा प्लास्टिक के कट्टे लगाकर 17 प्लास्टिकके सफेद बोरो में रखकर मुह बॉधकर सील सर्व मुहर किया गया । फर्द मौकेपर तैयार की गयी। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 01.06.2019 को अभियुक्त सोमवीर केविरूद्ध अपराध संख्या-86,/ 2019 <नाम> धारा-63,// 72 आबकारी अधिनियम व420 भा0द0सं० का अभियोग थाना निबोहरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक /» अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध नहीं किया है, इलाका पुलिस ने उसे उक्त मुकदमे में झूंठा फँसा <नाम> है, उससे कोई शराब बरामद नहीं हुईहै, बल्कि सच्चाई यह है कि आवेदक / अभियुक्त अपनी टोयोटा कोरेला कार सेअपने निजी कार्यवश अपने मित्र से मिलने निबोहरा गॉव जा रहा था, तभीरामगढ मोड <नाम> गाडी से कोबरा पुलिस की मोटरसाइकिल टकरा गयी, जिसकारण पुलिस और उसके बीच कहासुनी हो गयी, उसी वक्त आबकारी विभागकी टीम निबोहरा के शराब के ठेके से वापस आ रही थी, तभी पुलिस वआबकारी टीम ने मिलकर उसे इस झूठे मुकदमे में wear fearआवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 02.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने कीयाचना की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक » अभियुक्त केपास से बहुत अधिक <नाम> में शराब बरामद हुई है, जिसमें कुछ बोतलों परफार सेल इन हरियाणा के रैपर लगे हुये हैं तथा कुछ बोतलें <नाम> रैपर के बरामद हुई है। आवेदक / अभियुक्त शराब की बोतलों <नाम> नकली रैपर लगाकरउनको असल के <नाम> में विकय करता है। आवेदक / अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"उपरोक्त प्रकार से उपरोक्त कार से शराब की 384 बोतल FT 906 Wadजिनमें से कुछ <नाम> रैपर चस्पा नहीं है तथा कुछ <नाम> जिन बेस्टो विस्की फोर -3- सेल इन हरियाणा के रैपर लगे हुये हैं, बरामद होना बताया जाता है। ",
"जहा <नाम> आवेदक अभियुक्त का यह कहना है कि उसकी कार सेकोबरा पुलिस की मोटरसाइकिल टकरा गयी थी, जिस <नाम> पुलिस के द्वाराउसे झूंठे मुकदमे में फँसाया गया है। फर्द बरामदगी देखने से स्पष्ट है किआबकारी निरीक्षक की टीम के साथ स्थानीय थाना पुलिस भी उपरोक्तबरामदगी के लिये साथ गयी थी। आवेदक » अभियुक्त की कार से 384 बोतल व 906 पौव्वे शराब उपरोक्त पकडी गयी है, जिसको रखने का कोई लाइसेंसउसके पास नहीं था। ",
"अतः: उपरोक्त प्रकार से भारी <नाम> में शराब की बरामदगी को देखते हुयेजमानत का पर्याप्त आधार नहीं है, जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने योग्यहै। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4068_202015-12-2020306 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रबताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि प्रभारी निरीक्षक <नाम> सिंहद्वारा थाना जी0आर0पी0 <नाम> कण्ट, <नाम> <नाम> इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायीगयी कि गैंग लीडर किशोर पुत्र हजारी <नाम> का एक संगठित गिरोह है, जो अपनेगैंग के सदस्य <नाम> पुत्र भोले के साश मिलकर भौतिक व आर्थिक <नाम> प्राप्त करनेके उद्देश्य से ट्रेनों में चोरी की <नाम> बनाने, यात्रियों का सामान चोरी करने जैसेदण्डनीय अपराध <नाम> समाज विरोध किया कलाप करते हैं तथा इनके भय व आतंकके <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति गवाही <नाम> तैयार नहीं होता है। अभियुक्तगण केविरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत है। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उतप्र०गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोगपंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे पूछताछ के बहाने घर से लेजाकर झूंठा बन्द <नाम> दिया। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना हीवह किसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत सत्र न्यायालय,आगरा से स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 01.12.2020 से कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्रका विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त कासंगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य/ गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध 2जिला मजिस्ट्रेट <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध1) अ.सं:597/19 धारा-401 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.आगरा कैण्ट, आगरा(2) अ.सं.551,/19 धारा-379, 411 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.आगरा कैण्ट, आगरा(3) अ.सं.534/19 धारा-380, 411 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.आगरा कैण्ट, आगरा(4) अ.सं.509,/19 धारा-392, 411 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.आगरा कैण्ट, आगरा(5) अ.सं.600/19 धारा-414 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.आगरा केण्ट, <नाम> केमुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि कासम्यक परिशीलन किया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल पाचउपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट व चोरी करने काअभिकथन है । ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क)लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वगरा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकारहोने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवलजमानत स्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रेनोंमें लूट, चोरी करने का आरोप है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कनब्जे से लूट व चोरी से संबंधित बरामदगी के तथ्यव उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है औरजमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1969_202021-08-2020183 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार बैनीराम ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा सुधाकरखरे ने थाना सिकन्दरा <नाम> दिनाक 06.07.2020 को इस आशय की तहरीर दी कि वहपंजाब नेशनल बैंक, भाग्य नगर <नाम> उजाला के पास बाईपास रोड), <नाम> परसर्विस करता है। उसकी एक्टिवा वाहन( यूपी.80 क्यू 7553) बैंक के बाहर से चोरी चली गयी है। वाहन उसके पुत्र प्रान्जल <नाम> के नाम है। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> अज्ञातके विरूद्ध मु0अ0सं0 365 / 2020 अंतर्गत <नाम> 379 भा0द0सं0 पंजीकृत हुआ। <नाम> मेंप्रकरण में अभियुक्तगण के पकड़े जाने <नाम> <नाम> 411 भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयीहै। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र / शपथपत्र में 2Bail Application/5915/2020 -Gabbar Vs. UP State 2कथन किया गया कि आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया हैतथा उसे संबंधित थाने की पुलिस द्वारा झूंठा फंसाया गया है। वादी द्वारा उक्तवाहन को दिनांक 23.06.2020 को चोरी होना बताया गया है, जबकि रिपोर्ट दिनाक06.07.2020 को काफी विलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा विलम्ब का कोईस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त को उसके अन्य साथी के साथपुलिस द्वारा भीड़भाड़ वाले स्थान से गिरफ्तार किया गया है तथा बरामदगी केसंबंध में कोई जन <नाम> नहीं है। बरामद एक्टिवा की <नाम> <नाम> से बरामदगीदिखायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त से बरामद एक्टिवा का चेसिस नम्बर व इंजननम्बर तथा वादी मुकदमा के चोरी गये एक्टिवा के चेसिस नम्बर एवं इंजन नम्बरआपस में मेल नहीं खाते हैं। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.07.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालय में यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक /»अभियुक्त का किसी अन्यन्यायालय में कोई जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों परजमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा कोई चोरी नहीं की गयी है। बरामदगीसंयुक्त <नाम> से झूंठी दिखायी गयी है। बरामदगी के समय <नाम> का कोई गवाहनहीं दिखाया गया है। आवेदक /अभियुक्त एवं उसके साथी से तथाकथितबरामद एक्टिवा व वादी का चोरी गया एक्टिवा के चेसिस नम्बर एवं इंजन नम्बरआपस में मेल नहीं खाते हैं। अभियुक्त को झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त केविरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि मुकदमा अज्ञात में दर्जकिया गया है। आवेदक / अभियुक्त मामले में नामित नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्टके अनुसार घटना दिनांक 23.06.2020 की बतायी गयी है, जबकि थाने <नाम> चिक Bail Application/5915/2020 -Gabbar Vs. UP State 3प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 06.07.2020 को समय 10.53 बजे दर्ज करायी गयी है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक /अभियुक्त कोतथाकथित एक्टिवा की चोरी करते किसी ने नहीं पकड़ा है। चोरी गयी एक्टिवाकी बरामदगी <नाम> <नाम> से भीड़भाड वाले स्थान की दिखायी गयी है किन्तुबरामदगी का कोई जन <नाम> नहीं है। पुलिस द्वारा अभियुक्त एवं अन्य से जोएक्टिवा की बरामदगी दिखायी गयी है, उसका इंजन नं0 प्॥<फ़ोन-नंबर>0 वचेसिस नं0 छठ ,10117019»09716381 है,जबकि आवेदक / अभियुक्त की ओर सेदाखिल प्रपत्र शांत Registration Status SAR al G ART 7a vfsearका चेसिस 40 ME4JFSOARJ71****2 व इंजन नं0 JFSOE771****1 । इसप्रकार वादी के चोरी गये एक्टिवा व पुलिस द्वारा अभियुक्त से बरामद एक्टिवा केचेसिस नम्बर एवं इंजन नम्बर आपस में मेल नहीं खाते हैं। अभियुक्त की ओरसे यह भी कथन किया गया है कि पुलिस द्वारा उसे झूंठा फंसाया गया है, जिसकेसंबंध में अभियुक्त की ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त इसप्रकरण में दिनांक 29.07.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2224_202118-03-2021929 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2629_202109-04-202163 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में शकुन्तला <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी शिवसिंह द्वारा थाने परतहरीर इस आशय की दी गयी कि मैं <नाम> चौराहे <नाम> एस.के. मोबाइल पोस्ट से मोबाइलकी दुकान चलाता हूँ। दिनांक 11.11.2020 की <नाम> में मेरी दुकान से मोबाइल चोरी हो गयेहै। यह घटना <नाम> में लगभग 2-3 बजे के बीच की है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में मुखविर राजवीर के कहने <नाम> झूठा नामजद किया गयाहै। प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। सही तथ्य यह है किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरपराध है। प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है तथा घटना का कोई चक्षुदर्शी तथास्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त सकेउपरोक्त मुकदमे से संबंधित किसी वस्तु /मोबाइल की बरामदगी नहीं है। <नाम> अभियुक्त गौतमकटारा का जमानत प््रार्थनापत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। प्रार्थी/ अभियुक्तदिनाक 19.11.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है। इन्हीं आधारोंपर जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया है किअभियुक्त को इस मुकदमे में मुखबिर के कहने <नाम> पुलिस द्वारा झूठा फंसाया गया है, उसके द्वाराकोई अपराध नहीं किया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। अभियुक्त सेकोई बरामदगी नहीं हुई है, कथित बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। यह कहते हुएजमानत दिये जाने की <नाम> की गयी । ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा वादी की दुकान सेमोबाइल चोरी किये जाने तथा मोबाइल बरामद होने का अभियोग है। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"Bail Application/4606/2021 —-Rinku Vs. UP State2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौ0०को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध दर्ज करायीगयी है। आवेदक / अभियुक्त को इस प्रकरण में बरामदगी के आधार <नाम> संलिप्त किया गया है। अभियुक्त किसी भी वस्तु की बरामदगी होने से इंकार करता है। <नाम> अभियुक्त <नाम> कटारा काजमानत प्रार्थनापत्र सं0-805,2021 दिनांक 10.02.2021 को समकक्ष न्यायालय द्वारा स्वीकारकिया जा चुका है। अतः <नाम> अभियुक्त की <नाम> के सामानता के आधार परआवेदक / अभियुक्त भी जमानत प्राप्त करने का <नाम> है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीयहै । अभियुक्त दिनांक 19.11.2020 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6373_201913-11-20191838 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारओमप्रकाश के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा राजाअग्रवाल द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायीगयी कि दिनाक 19.04.2019 को दोपहर 01:00 बजे उसकी पत्नी <नाम> अवालअपने निवास की तरफ किशोरपुरा से आ रही थी, पीछे से एक मोटरसाईकिलसवार दो लड़कों ने पत्नी के गले में से झपट्टा मारकर सोने की जंजीर तोड <नाम> ले गए। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिंनाक 28.10.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी की शिनाख्त कार्यवाही नहीं करायी (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6373 2019रवि <नाम> बनाम राज्यगयी है। <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। सह-अभियुक्त चन्द्रकांत उर्फ कांताकी जमानत पूर्व में न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। यह प्रार्थी काप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी/ अभियुक्त घटना मेंसंलिप्त रहा है उसके द्वारा वादी मुकदमा की पत्नी के गले से सोमे की चेनकी लूट की गयी है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 19.04.2019 की समय 13:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> <नाम> केसाथ मिलकर वादी मुकदमा की पत्नी के गले से सोने की चेन लूटने काआरोप लगाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थीको सह-अभियुक्त चन्द्रकान्ता उफ <नाम> के कथन के आधार <नाम> मामले मेंअभियुक्त बनाया गया है। केस डायरी के अनुसार पुलिस पार्टी द्वारा दिनाक28.10.2019 को मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफूतार किया <नाम> तथा उसकेकब्जे से एक तमंचा व दो जिन्दा कारतूस बरामद किया <नाम> दर्शित कियागया है। प्रार्थी से इस प्रकरण से संबंधित कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयीहै। सह-अभियुक्त चन्द्रकांता उर्फ <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनौक 03.06.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी लगभग 15 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6209_201913-11-20191823 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में उवैश उफ ओवश पुत्र अलीअहमद का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 20.10.2019 को समय01.05 बजे पुलिस दल द्वारा अभियुक्त जाहिद मेव को पकड़ा गया तथा उसके कब्जे से 160 ग्राम एल्प्राजोलाम पाउडर बरामद किया गया। मौके <नाम> ही <नाम> को सर्व मुहरकिया गया तथा फर्द बरामदगी तैयार की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त का कथन है कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसेझूठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से लिखाई गयी है। घटना काकोई निष्पक्ष <नाम> नहीं है। <नाम> 50 एन0डी0पी0एस0 के प्रावधान का अनुपालन नहींकिया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 20.10.2019 से जिला कारागार, <नाम> मेंनिरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की याचनाकी। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आवेदक / अभियुक्तके कब्जे से 160 ग्राम नशीला पदार्थ अत्प्राजोलाम बरामद किया गया है। यदिआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> गया तो उसके पुनः अपराध में संलिप्त होने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन कियागया । आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से 160 ग्राम नशीला पदार्थ अत्प्राजोलामअवैध <नाम> से बरामद होना कहा गया है। <नाम> 37 एन0डी0पी0एस0 अधिनियम केअर्न्तगत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधार नहीं हैं कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्त नहीं होगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4011_201923-07-20191554 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार राधेश्याम पुत्रदाताराम ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि उपरोक्त मुकदमे मेंप्रार्थी / अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> था। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व में नियत तिथियों परmo न्यायालय में उपस्थित होता रहा था, लेकिन इसी दौरान प्रार्थी की मां कईगम्भीर बीमारियों से ग्रसित हो गयी और कई महीनों <नाम> उसकी मां का इलाज चलाइस <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त अपनी मां के इलाज में व्यस्त रहा, जिसकी जानकारीप्रार्थ / अभियुक्त ने अपने अधिवक्ता को <नाम> दी थी, परन्तु प्रार्थी / अभियुक्त के अधिवक्ता मा0 न्यायालय के समक्ष उसका हाजिरी माफी प्रार्थनापत्र प्रस्तुत नहीं करपाये। इस <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त Alo न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। जिस <नाम> माए0 न्यायालय द्वारा उसके वारंट जारी <नाम> दिये। प्रार्थी / अभियुक्त की मां के इलाज के <नाम> जब ठीक हो गयी, तब प्रार्थ / अभियुक्त व्यस्तता के <नाम> स्वयंबीमार हो गया, जिसमें प्रार्थी को टाइफाइड हो गया एवं इंफैक्शन के <नाम> पेट मेंदर्द रहने लगा तथा प्रार्थी / अभियुक्त बमुश्किल ठीक हो सका। प्रार्थी / अभियुक्त केअलावा उसके घर में परिवार की देखभाल करने वाला अन्य कोई नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त यदि अधिक <नाम> जेल में रहा तो उसके परिवार को भूखे मरने कीस्थिति आ जायेगी। प्रार्थी / अभियुक्त मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है तथा प्रार्थी / अभियुक्त के वृद्ध माता-पिता है, उनकी भी देखभाल करनेवाला कोई नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त के मा0 न्यायालय द्वारा वारंट जारी हो गये है,पुलिस द्वारा भी वारंट के सम्बन्ध में <नाम> <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को नहीं बताया। 2प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 17.07.2019 को मा0 न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायालय कक्ष संख्या-24, <नाम> के यहां अपने वारंट निरस्त कराने के सम्बन्ध में आत्मसमर्पण प्रार्थनापत्रप्रस्तुत किया था, जिसे मा0 न्यायालय ने निरस्त करते हुए जेल भेज <नाम> तथा प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 17.07.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है और <नाम> ही भविष्य में कभी ऐसी गलती करेगा। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अन्य किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है तथा मा0 न्यायालय के समक्ष अपनी जमानत देने को तैयार है। ",
"अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की प्रार्थना की है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 23.03.2012 को जबउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> अपने अन्य कर्मचारियों के साथ चौराहा मधुनगर <नाम> शान्तिव्यवस्था ड्यूटी में थे, तभी कन्ट्रोल रूम की <नाम> 100 के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई किमोहल्ला अमृतपुरी में दो पक्षों के मध्य आपस में पथराव हो रहा है तथा गोलियां चल रहीहैं। घटना स्थल <नाम> जाकर <नाम> कि राधेश्याम व उसके लड़के रघुवीर, छोटे, कन्हैया वद्वितीय पक्ष के <नाम> जादौन, <नाम> उर्फ दातू व अन्य व्यक्ति राधेश्याम पक्ष के लोगों परपथराव व फायरिंग <नाम> रहे थे तथा जवाबी कार्यवाही में राधेश्याम, रघुवीर, छोटू व कन्हैयाभी छत से पथराव व फायरिंग <नाम> रहे थे। दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, तोदोनों पक्षों ने पुलिस पार्टी को <नाम> से मारने की नीयत से असलाहों से फायर किये,जिससे पुलिस पार्टी के लोग <नाम> <नाम> बचे। पुलिस पार्टी द्वारा घेराबन्दी करके समय करीब 11 बजे रघुवीर, छोटे, कन्हैया, <नाम> जादौन, <नाम> चाहर को मौके <नाम> ही पकड़ लिया । अन्य लोग मौके से भाग गये। राधेश्याम अपनी इकनाली बन्दूक मौके <नाम> छोड़करभाग गया। मौके से एक इकनाली बन्दूक व एक खोखा कारतूस 12 बोर बरामद हुआ,जिसे कब्जे में लेकर अभियुक्त को मय बरामद सामान के थाने ले गये तथा मु0अ0सं0256 / 2012, अन्तर्गत <नाम> 147, 148, 149, 307, 332, 353 भाएदंएसं0 व 7कि0लॉ०0आ0 एक्ट में प्राथमिकी <नाम> करायी गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त रविकान्त <नाम> उर्फ छोटू के विद्वान अधिवक्ता ने तर्कप्रस्तुत किया है कि प्रार्थ / अभियुक्त रविकान्त <नाम> उर्फ छोटू इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। प्रार्थी / अभियुक्त जारी एन0बी0डब्ल्यू0 के आधार <नाम> जिला कारागारआगरा में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त की मां के कई गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हो जानेके <नाम> कई महीनों <नाम> उसकी मां का इलाज चला जिस <नाम> वह अपनी मां केइलाज में व्यस्त रहा, जिसकी जानकारी प्रार्थी / अभियुक्त ने अपने अधिवक्ता को <नाम> दी थी, परन्तु अधिवक्ता मा0 न्यायालय के समक्ष उसका हाजिरी माफी प्रार्थनापत्र प्रस्तुत नहीं करपाये। इस <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त मा0 न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। जिस <नाम> मा0 न्यायालय द्वारा उसके वारंट जारी <नाम> दिये। प्रार्थी /अभियुक्त की मां के ठीक होजाने के <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को टाइफाइड हो गया एवं इंफैक्शन के <नाम> पेट में दर्द 3रहने लगा तथा प्रार्थी / अभियुक्त बमुश्किल ठीक हो सका। प्रार्थी / अभियुक्त मजदूरी करकेअपने परिवार का पालन पोषण करता है तथा प्रार्थी / अभियुक्त के वृद्ध माता-पिता है। जिस <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित नहीं रह सका और माननीय न्यायायालय द्वाराप्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> जमानती वारंट जारी <नाम> दिये। प्रार्थी / अभियुक्त नेजानबूझकर कोई गलती नहीं की है। प्रार्थी / अभियुक्त ने इलाज के प्रपत्र भी दाखिल कियेहैं। अतः उसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर से जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त इसमामले में जानबूझकर काफी लम्बे समय से गैर हाजिर हुआ था, जिस <नाम> उसके विरूद्धएन0बी0डब्ल्यू0 की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी , अभियुक्त की वजह से इस मामले मेंविचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा पूर्व में प्रदत्त की गयीजमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त पुलिस पार्टी के ऊपर जानसे मारने की नीयत से किये गये फायर में शामिल था। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त रविकान्तशर्मा उर्फ छोटू इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिन बीच में उसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध जारी एन0बी0डब्ल्यू0 के आधार <नाम> उसके द्वारा न्यायालय में आत्म <नाम> किया, जहां से न्यायालय द्वारा उसे जिला कारागार <नाम> भेज <नाम> गया। प्रार्थ /अभियुक्त इस मामले में दिनांक 17.07.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1167_202125-02-20211889 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त केपुत्र शाहिल खाँ ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है किअभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनाक 20.11.2019 को जब वादीगिरजाशंकर मय परिवार के <नाम> शादी में गया हुआ था उस बीच मौका पाकरवादी के मकान में मैन गेट का ताला तोड़कर प्रार्थी के मकान से चोरी हो गयी। वादीजब सुबह घर आया तब ज्ञात हुआ कि वादी के घर का सामान अस्त-व्यस्त मिलातो वादी ने <नाम> कि जेबरात में सोने की छः अँगूठी और दो सोने की चैन, एककरधनी dial की तथा 20 हजार रूपये चोरी हो गये हैं। ",
"वादी की उक्त तहरीर <नाम> अज्ञात अभियुक्त के विरूद्द थाना बाह <नाम> मु0अ0सं0० 345,// 2019 <नाम> 457, 380 भा0द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई। ",
"विवेचना के दौरान नाम <नाम> में आने <नाम> दिनांक 10.01.2020 को Bail Application / 1167/2021 -Sabir Khan Vs. UP State 2आवेदक / अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। दौरान विवेचना अपराध में धारा411,414 भा०द0सं0 की बढोत्तरी की AE । ",
"आवेदक /» अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गयाकि अभियुक्त निर्दोष है उसे इस मामले में झूठाँ फँसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वRI उपरोक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि कथितघटना एवं बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है, अभियुक्त सेप्राथमिकी में <नाम> कोई वस्तु बरामदगी नहीं हुई है, अपितु मात्र सफेद धातु कीसिलल्ली बरामद किये जाने का कथन किया गया है जो कि प्राथमिकी में <नाम> नहींहै। अभियुक्त को उक्त प्रकरण में झूंठा नामित <नाम> <नाम> गया है। यह भी कथनकिया गया है कि प्रस्तुत मामले में उक्त मु0अ0सं० के <नाम> अभियुक्त <नाम> वर्माउर्फ अन्नू की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 11, <नाम> केन्यायालय से दिनांक 17.07.2021 को स्वीकृत हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 10.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है, अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गई । ",
"अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये यहकथन किया गया है कि अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानतप्रार्थनापत्र खारिज किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के cel el सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) के कथनों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन के प्रपत्रो के अनुसार वर्तमान मामले में अभियुक्त को पुलिसपार्टी द्वारा अज्ञात प्राथमिकी के आधार <नाम> गिरफतार किया गया है तथा गिरफतारीकी कार्यवाही <नाम> के किसी भी स्वतंत्र <नाम> के समक्ष नहीं किया गया है। कथितप्राथमिकी में वर्णित किसी भी वस्तु की बरामदगी आवेदक के कब्जे से नहीं हुई है। प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज करायी गयी है एवं घटना घटित होने के उपरांत विलम्ब सेदर्ज करायी गयी है जिसका कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक की अन्यमु0अ0सं0 में जमानतें अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या 15 व 17 से स्वीकार होचुकी है। इसके अतिरिक्त प्रस्तुत मुएअ0सं0 में <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> उर्फ अन्नूकी जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 11, <नाम> के न्यायालय सेदिनांक 17.07.2021 को स्वीकृत हो चुकी है। वर्तमान मामले में अभियुक्त 10.01.2020से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त विचारण के दौरान न्यायालय मेंउपस्थिति सुनिश्चित कराने <नाम> अपनी पर्याप्त जमानते देने को तैयार हैं। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीयहै। "
]
} | 1GRANTED
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Bail Application_4133_201929-07-20191328 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> पठानपुत्र मो0 इकवाल का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षकश्री <नाम> <नाम> पॉण्डेय थाना लोहामण्डी जिला <नाम> ने दिनांक 01.01.2019 को 01.00बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगणसेठ गैग लीडर, अक्को उर्फ नकीम व फरहान के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसकागैंग लीडर <नाम> है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक लाभप्राप्त करने <नाम> गोवध एवं अन्य जघन्य अपराध <नाम> संगीन घटनाओं को अंजाम देकरअवैध धन अर्जित करते है। ",
"अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 एवं 22 में वर्णित दण्डनीय अपराधकारित किया गया है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इसके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं। इसके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें कहा गया है कि प्रार्थी /अभियुक्त ने कोई अपराध नही किया है उसे उक्त केस में झूँठाफंसाया गया है। वह पूर्व दण्डभोगी नही है। उसका कोई संगठित आपराधिक गिरोह नही है। उसके विरूद्ध दो मुकदमें दर्शाये गये है जिनमें उसकी जमानत हो चुकी है। उसकेविरूद्ध दर्शाये गये मुकदमें मोहल्ले की रंजिश के <नाम> पुलिस से मिलकर लगवाय गये है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसीभी न्यायालय में लम्बित नही है। उसके फरार होने की कोई <नाम> नही है। अतः उसेजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का 2विरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 194/2018 धारा-3/8 गोवध अधिनियम व 429 भा.द.सं. थाना-लोहामण्डीजनपद <नाम> । के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है । "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया । गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्तमामला दर्शाया गया हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध गोवध करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसका जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार हुए है। --अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की <नाम> एवं अभियुक्तके गोवध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) मेंवर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने कीसम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2561_201904-06-20193307 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में सुन्दरसिंह का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> सिंहके द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई कि वादी अपने परिवार के साथअपने घर <नाम> ही <नाम> कार्य और पशुपालन करते है। वादी के बगल के कमरे में 6भैंस बधी हुई थी और वादी उनके पास ही सो रहा था और वादी का भतीजा जितेन्द्रसिह पुत्र <नाम> <नाम> घर के बरामदे में सो रहा था तो <नाम> लगभग 00.30 बजे केआस पास कुछ अज्ञात लोग घर के पास आये और वादी के भतीजे <नाम> <नाम> केऊपर तमंचा दिखाकर चारपाई से बॉँध <नाम> और मुँह बन्द <नाम> <नाम> और उसके बादवादी को आकर दबोच लिया और वादी के सर में तमंचे की बट से प्रहार किया औरवादी बेहोश हो गया। उसके <नाम> बदमाश वादी की 06 भैंसों को लेकर भाग गये। करीब 50 मीटर दूर दो मैक्स खड़ी थी। उसमें लोडकर भाग गये और साथ में भतीजेका मोबाइल सैमसंग नं<फ़ोन-नंबर> भी ले गये। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान् अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है उसे झूठा फसाया गयाहै। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त मुरली व केशव के बयानों के आधारपर घटना में शामिल होना बताया गया है। अभियुक्त के पास से कोई बरामदगी नहींहै। अत: उसे जमानत <नाम> छोड़ा जाये। ",
"अभियोजन द्वारा जमानत का विरोध करते हुये तर्क <नाम> गया किअभियुक्त घटना में सम्मलित था और उसक द्वारा घटना कारित की गई। अभियुक्तके साथी की निशादेही <नाम> वादी की 6 भैसों में से 02 भैसें बरामद हुई है और मौकेपर वादी मुकदमा एव उसके भतीजे ने <नाम> अभियुक्त व अपनी भैसों की पहचान भीकी। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडने का कोई आधार पर्याप्त नहीं है। जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"सुना व उपलब्ध प्रपत्रों, पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि दिनांक 10.01.2019 कोअभियुक्तगण भुलली उफ मुरली व केशव को गिरफतार किया गया। अभियुक्त भुललीउफ मुरली की जामा तलाशी में पहने पेन्ट की दाहिनी फैट से एक अदद तमंचा 315बोर तथा पेन्ट की <नाम> जेब से 4120/-रुपये व कमर में बधी <नाम> कारतूस रखने —_ 2 —_की बैल्ट से 04 जिन्दा कारतूस व एक खोखा कारतूस 315 बोर बरामद हुए। अभियुक्त केशव की जामा तलाशी में पहने पेन्ट की दाहिनी जेब से 3417/-रुपयेबरामद हुए। पकडे गये दोनों व्यक्तियों से पूछताछ की गई तो दोनों ने एक स्वर मेंबताया कि उनका एक भेस चोरी करने का गिरोह है। वह लोग एक साथ मिलकरभैस चोरी करते है। दोनों तथा उनके साथी रामवीर एवं सतेन्द्र <नाम> ने मिलकरकरीब 10-12 <नाम> पहले भरा पुरा गाव से 06 भैसे गृह <नाम> के घर से तमंचे सेप्रहार <नाम> चोरी <नाम> ले गये थे तथा एक सैमसंग का मोबाइल भी छीन लिया था। जोघटना के <नाम> रास्ते में झाडियों में फैक <नाम> था। बरामद रुपये के बारे में बताया किभरापुरा से चोरी की गई 06 भैसों में से 04 भैंसे पचोखरा बाजार में 1,08,000/-रुपयेमें बेच दी थी तथा <नाम> दो भैसे उसके घर <नाम> बधी है। बेची गई भैसों से प्राप्त रुपयेदोनों के हिस्से में 25-25 हजार आये थे। दोनों के पास से जो रुपये बरामद हुए हैवह खर्च करने के <नाम> बचे है। वादी मुकदमा को सूचित किया गया। वादी मुकदमागुलाब <नाम> अपने भतीजे <नाम> व चन्द्रपाल के साथ मौके <नाम> आ गये। अभियुक्तभुल्ली उर्फ मुरली को देखकर वादी व उसके भतीजे <नाम> ने बताया कि इसीव्यक्ति ने उसके सिर <नाम> तमंचे की बट से प्रहार किया था और <नाम> को चारपाईसे बॉध <नाम> था। उसे इसका चेहरा अच्छी तरह से याद है। अभियुक्त भुलली केमकान <नाम> आये मकान के अन्प्दर एक तरफ बाउे में बॅशी 04 भेसें व एक गाय में सेवादी ने खुद की दो भैसों को पहचानकर कहा कि ये दोनों भैसें उसकी है। अभियुक्तभुल्ली ने भी सहमति दी। दोनों भेसों को कब्जे में लिया गया। फर्द तैयार की गई। सह अभियुक्त केशव की जमानत पूर्व में खारिज हो चुकी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1782_202021-08-2020164 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> <नाम> <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र हैइसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को तंग वपरेशान करने की नीयत से इस मुकदमे में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है। पुलिस पार्टी द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिये अभियुक्त को फर्जी संलिप्त <नाम> दियागया है। गिरफ्तारी व बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 12.07.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त तथा उसके साथियों को पकड़े जाने <नाम> उनकेपास से चोरी की मोटरसाइकिल व एक्टिवा बरामद हुयी है। अतः आवेदक / अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान् सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3964_202015-12-2020295 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त के <नाम> / पैरोकार धर्मवीरसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसकाप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमा छोटे <नाम> ने थाना हाजा <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि मेरा साला <नाम> प्रवेशकरीव 2-3 वर्ष से मेरे घर रह रहा है, दिनांक 14.11.2020 को समय करीव एकबजे <नाम> घर से कुबेरपुर जा रहा था, गॉव से निकल <नाम> बम्बा <नाम> आया, तभी वहाँ <नाम> क्रिकेट खेल <नाम> आ रहे प्रशान्त व मोनू पुत्रगण नेकसे <नाम> गालीगलौज करने लगे, मेरे साले ने गाली देने का विरोध किया, तो उपरोक्त दोनों नेकिकेट का बल्ला सिर में मार <नाम> जिससे सिर व कान मे काफी चोट आयी,इम अपने साले का इलाज कराने के उपरान्त थाने <नाम> रिपोर्ट लिखाने आया हूँ। ",
"इस तहरीर के आधार <नाम> दिनांक 15.11.2020 को थाना एत्मादपुर <नाम> अभियुक्तगण मोनू व प्रशान्त के विरूद्ध अंतर्गत <नाम> ३23, 504 भा०द0सं0 में एन.सी.आर.दर्ज की गयी । -2- उपरोक्त मामले में दौरान उपचार <नाम> प्रवेश की मृत्यु हो जाने के <नाम> दिनांक 18.11.2020 को अभियुक्तगण प्रशान्त व मोनू के विरूद्ध मुकदमा अपराधसंख्या-297,/ 2020, धारा-304, 323, 504 भा०द0सं0 में तरमीम किया गया, तथा दौरान विवेचना मामले में आवेदक / अभियुक्त की सहभागिता पाये जाने परउसको अभियुक्त के <नाम> में सम्मिलित किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक /अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। इसमामले की घटना दिनांक 14.11.2020 की दर्शायी गयी है, जबकि प्रथम सूचनारिपोर्ट काफी विलम्ब से दिनांक 18.11.2020 को दर्ज करायी गयी है, जिसकाकोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। मृतक से आवेदक / अभियुक्त के पुत्र प्रशान्तव मोनू के द्वारा कोई मारपीट नहीं की गयी है, मात्र कहासुनी हो जाने के कारणथाने में झूंठी तहरीर दी गयी है। मृतक की मृत्यु कोमा के <नाम> हुई है,उसके एक्सीडेन्ट से चोटें आयी हैं और इन्हीं चोटों के <नाम> उसकी मृत्यु हुई है। ",
"वादी मुकदमा व उसके परिवार <नाम> उनका दूध का रूपया है, रूपया <नाम> देना पड़े,इसलिये झूंठी तहरीर दी है। पुलिस के द्वारा आवेदक / अभियुक्त को <नाम> 120बीका झूंठा मुल्जिम बनाया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 21.11.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि मृतक <नाम> प्रवेश जो वादी मुकदमा छोटे <नाम> का साला था, घटना के दिनांक 14.11.2020 को दोपहर केसमय मृतक व वादी मुकदमा कुबेरपुर जा रहे थे, रास्ते में मामले के सहअभियुक्तगण प्रशान्त व मोनू गाली गलौज करने लगे, गाली देने से <नाम> करनेकिकेट के बल्ले से वादी के साले को सिर में गम्भीर चोटे पहुंचायी तथा दौरानउपचार उक्त चोटों के <नाम> उसकी मृत्यु हो गयी। दौरान विवेचना इस मामले मं आवेदक / अभियुक्त की भी संलिप्तता पायी गयी है। आवेदक/ अभियुक्त काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रों काअवलोकन किया । -3-इस मामले में आवेदक / अभियुक्त <नाम> मृतक की हत्या करने का षडयन्त्ररचने का आरोप बताया जाता है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तक॑ <नाम> गया है कि इसमामले की घटना दिनांक 14.11.2020 को <नाम> के 1-00बजे की दर्शायी गयी है,जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट सोच समझकर कानूनी सलाह मशविरा करके दिनांक 18.11.2020 को 22-59 बजे दर्ज करायी गयी है। अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई के समय न्यायालय में केस डायरी पेश की है, जिसमें विवेचक के द्वारा घटना के संबंध मेंवादी मुकदमा छोटे <नाम> का बयान <नाम> किया गया है, जिसमें वादी मुकदमाछोटेलाल ने बयान किया है कि दिनांक 14.11.2020 को मैने रूपये देकर त्यौहारकी सौदा लेने कुबेरपुर करीव 13-00बजे भेजा था, जब वह गॉव के बाहर बम्बा <नाम> रामसेवक के मकान के सामने पहुंचा तो वहाँ <नाम> मौनू व प्रशान्त क्रिकेट खेलकर वापस आ रहे थे, मौनू के हाथ में किकेट का बैट था, आमना सामना होने <नाम> प्रशान्त ने गाली दी, विरोध करने <नाम> प्रशान्त ने दोनों हाथ पकड लिये तथामोनू ने उसके सिर में पीछे से किकेट बैट से बाये कान के पास जोरदार प्रहारकिया, जिससे रामसेवक वही <नाम> गिर गया, मौके <नाम> मौजूद श्यामू <नाम> सिंह,रामू आदि कई लोगों ने बीच बिचाव किया, सूचना मिलने <नाम> वादी मौके परपहुंचा, तो रामसेवक जमीन <नाम> सड़क <नाम> पड़ा था, मौनू व प्रशान्त लात घूसों सेउसकी पिटाई <नाम> रहे थे तथा <नाम> सेवक के मकान के पीछे खेतों में कामकर रहे नेक्से <नाम> कह रहा था, साले को इतना मारो बचने <नाम> पाये, अन्य लोगों की मदद से प्रशान्त व मौनू को अलग कराके श्यामू कीमोटरसाइकिल <नाम> <नाम> प्रवेश को बिठाकर घर भेज दिया। <नाम> में रामप्रवेश को मोटरसाइकिल <नाम> बिठाकर थाना एत्मादपुर ले गया, जहाँ से पुलिस ने डाक्टरीहेतु रिपोर्ट देकर पी.आर.डीरक्षपाल <नाम> के साथ सी.एच.सी.एत्मादपुर डाक्टरी <नाम> भेजा था, जहाँ से जिला अस्पताल के लिये रैफर <नाम> <नाम> जहाँ से एस.एन.मेडीकल कालेज भेजा दिया। मैने दिनांक 15.11.2020 को थाना जाकर प्रशान्त व मौनू के खिलाफ मुकदमा लिखवाया था। ",
"घटना के चश्मदीद <नाम> श्यामू ने अपने बयान में बताया है कि दिनांक14.11.2020 को 13-00 बजे दोपहर गॉव की ओर से रामप्रवेश आ रहा था, तथाबम्बा पार करके किकेट खेल <नाम> प्रशान्त व मौनू आ गये थे, प्रशान्त ने रामप्रवेशको गन्दी गन्दी गालियाँ दी, तो वह किनारे होकर निकल गया, किन्तु प्रशान्त नेआगे बढकर उसके दोनों हाथ पकड़कर गाली देना शुरू <नाम> <नाम> विरोध करने <नाम> मौनू ने पीछे से बायी तरफ कान के पास किकेट बेट से जोरदार प्रहार किया, -4-जिससे <नाम> प्रवेश वही गिर गया, हम लोगों ने प्रशान्त व मौनू को अलग किया,तो नहीं मान रहे थे और लातघूसों से मारपीट रहे थे, पिता नेकसे <नाम> खेतसे जोर से आवाज लगा रहा था, सालो को मारो बचने नहीं पावे, तबतक पता लगने <नाम> छोटे <नाम> भी आ गये थे, मैं सभी की मदद से रामप्रवेश को अपनी मोटरसाइकिल <नाम> बिठाकर घर ले गया था। ",
"जहाँ <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी से दर्ज कराये जाने का प्रश्न है, घटना के तुरन्त पश्चात वादी मुकदमा अपने साले को लेकर रिपोर्ट कराने थानाएत्मादपुर <नाम> बताया गया है, जहाँ से उसे पी.आर.डीरक्षपाल के साथ सी.एच. सी.एत्मादपुर डाक्टरी <नाम> भेजा गया, किन्तु कान व कान से खून आने के <नाम> उसे जिला अस्पताल रैफर <नाम> <नाम> गया, जहाँ से उसे इलाज <नाम> एस.एन. मेडीकल कालेज भेजा गया, इसमें काफी समय लगना स्वाभाविक है, तत्पश्चातवादी के द्वारा दूसरे <नाम> थाने <नाम> आकर अपनी तहरीर दी, जो थाना <नाम> एन.सी.आर.के <नाम> में दर्ज हुई है, जैसा कि केस डायरी से स्पष्ट हो रहा है। इस प्रकारघटना की सूचना थाना <नाम> देने में कोई देरी होना प्रतीत नहीं होता है। ",
"जहाँ <नाम> आवेदक / अभियुक्त का यह कथन कि उसके द्वारा मृतक सेमारपीट नहीं की गयी है, किन्तु जेसा कि केस डायरी में <नाम> वादी मुकदमा वगवाह श्यामू ने बयान <नाम> है कि जब <नाम> अभियुक्तगण मृतक के साथ मारपीटकर रहे थे और जब वादी मुकदमा मौके <नाम> पहुंचा तथा अन्य लोगों का भी मौके <नाम> मौजूद होना बताया जाता है, तब आवेदक / अभियुक्त नेकसे <नाम> खेत सेजोर से आवाज लगा रहा था, सालों को मारो बचने नहीं पावे, इस प्रकारआवेदक / अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तगण को मृतक के साथ मारपीट किये जानेके लिये उकसाया <नाम> बताया गया है । इस मारपीट से आयी चोटां के <नाम> दौरान उपचार मृतक रामप्रवेश की मृत्यु होना उपरोक्त प्रकार से बताया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1605_202119-03-2021846 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदिका/ अभियुक्ता केजमानत आवेदनपत्र के साथ अभियुक्ता की सगी मां बेबी का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमासफुददीन ने प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि उसके <नाम> शादाब को <नाम> उर्फ बंटी जो कि पहले से शादी शुदा हैने बहला फुसलाकर अपने सम्पर्क में <नाम> लिया था और उसके घर केपास आकर रहने लगी और अपने कुछ अज्ञात साथियों से मिलकर उसकेपिता और पूरे परिवार को समाज में बदनाम करने व झूठे मुकदमे मेंफंसाने की धमकियां देने लगी जिससे उसके पिता ने कई बार सिमरनको समझाने की कोशिश की कि वह ऐसा <नाम> करे नीं तो वह समाज मेंमुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे <नाम> वह नहीं <नाम> जिससे उसके पितामुईन ने <नाम> उफ बंटी के उत्पीडन से तंग आकर जहर खाकरआत्महत्या <नाम> ली। ",
"आवेदिका / अभियुक्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदिका/अभियुक्ता को उपरोक्त मामले में झूठाफंसाया गया है। वह सर्वथा निर्दोष है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे इस मुकदमे में षड्यंत्र के तहत झूठा फंसाया गया है। आवेदिका / अभियुक्ता मृतक मुईन के पुत्र सादाब की विवाहिता पत्नी हैउसका अपने पूर्व <नाम> शरीफ से तलाक सन 2018 में हो गया है। मुर्ईनके पुत्र सादाब ने आवेदिका/अभियुक्ता को उसकी नेत्रहीन पुत्री व अवयस्क पुत्र की देखभाल करने की कहकर उससे निकाह किया है वह मृतक के पुत्र की देखभाल करने की कहकर उससे निकाह किया है। वहमृतक के पुत्र सादाब के बहकावे में आ गया था और वह अपनी बुहा के यहां ले गया जहा <नाम> उनका निकाह दिनांक 20.01.2020 को हो गयाहै। आवेदिका / अभियुक्ता के <नाम> ने आवेदिका के साथ अप्राकृतिक मैथुनकिया और अपने दोस्तों के साथ रात गुजारने के लिए <नाम> किया। इंकार व विरोध करने <नाम> सादाब द्वारा उसके साथ मारपीट किया गया। ",
"आवेदिका/ अभियुक्ता का सादाब ने गर्भपात भी <नाम> <नाम> है। ",
"आवेदिका / अभियुक्ता का मृतक मुर्ईन की मृत्यु में कोई हाथ नहीं है। ",
"मृतक मुईन की मृत्यु के सम्बन्ध में प्राथमिकी अत्यन्त विलम्ब से लिखायीगयी है और वादी मुकदमा ने उसके विरूद्व झूठी प्राथमिकी दर्ज करातेहुए षडयंत्र के तहत गिरफतार <नाम> <नाम> है। आवेदिका / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं आधारों <नाम> जमानत आवेदन पत्र को निरस्त किए जाने का अनुरोध किया है। इसके विपरीत अभियोजन की तरफ से विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> तथा निजी अधिवक्ता ने जमानत आवेदनपत्र का ६गोर विरोध किया है और कहा है कि आवेदिका/अभियुक्ता का निकाहसादाब के साथ नहीं हुआ है केवल धन उगाही के लिएआवेदिका / अभियुक्ता ने सादाब के साथ निकाह किए जाने का कथनकिया है। मृतक मुईन सादाब का पिता है और चूँकिआवेदिका / अभियुक्ता शरीफ से पूर्व में ही विवाहिता थी और उससेमृतक को आघात पहुँचा और जिसके फलस्वरूप उसकी मृत्यु हुई है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता व निजी अधिवक्ता नेआवेदिका / अभियुक्ता के कृत्य को अत्यन्त गंभीर बताया है और निवेदनकिया है कि इस मामले में आवेदिका/ अभियुक्ता द्वारा प्रस्तुत जमानतआवेदन पत्र को निरस्त किया <नाम> चाहिए । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदिका / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजनकी तरफ से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्तादाण्डिक एवं अभियोजन <नाम> के तर्को को <नाम> <नाम> से सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों केअवलोकन से यह स्पष्ट विदित होता है कि आवेदिका/अभियुक्ता नेमृतक मुईन को दुष्प्रेरित <नाम> मृत्यु कारित किए जाने का अभियोग लगायागया है। आवेदिका/ अभियुक्ता की तरफ से उपस्थित निजी अधिवक्ता वउनके द्वारा दाखिल किए गए प्रपत्रों से यह प्रतीत हाता है किआवेदिका/ अभियुक्ता व सादाब के मध्य निकट सम्बन्ध हैं। आवेदिका/ अभियुक्ता व सादाब के मध्य तलाक का भी मामला लंबित है। आवेदिका/ अभियुक्ता एक महिला है। आवेदिका/ अभियुक्ता दिनांक 15.02.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। इस मामले कानिकट भविष्य में विचारण समाप्त होने की कोई <नाम> नहीं है। आवेदिका/ अभियुक्ता विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चितकरने के लिए पर्याप्त जमानत देने <नाम> तत्पर हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2931_202003-10-20202284 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त मोनू की मां चन्दू नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा तोरनसिंह द्वारा थाने परतहरीर इस आशय की दी गयी है कि दिनांक 11.08.2020 को समय 1:00 बजे <नाम> वहअपने भांजे श्रीकृष्ण की मोटरसाइकिल अपाचे न॑. यू0पी0०-85 एबी-6946 जो उसके पास शी को लेकर ताज मैडीकल स्टोर रूनकता <नाम> सैन्सोडाइन कॉलगेट लेने आया था। ",
"मोटरसाइकिल ताज मैडीकल स्टोर के सामने खडी <नाम> दी और कॉलगेट लेने चला गया । करीब 5मिनट <नाम> कॉलगेट लेकर वापस आया तो उसकी मोटरसाइकिल वहां परनहीं थी। कोई अज्ञात चोर चोरी करके ले गया है। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सिकदरा में मुकदमा अपराध सं 455/2020 अन्तर्गत <नाम> 379, भा० द0 सं० में प्राथमिकी <नाम> की गयी। Bail Application/8373/2020 -MONU Vs. UP Stateतत्पश्चात बरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 411 भा०दं0सं0 की बढोतरी की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया हैकि प्रार्थी /अभियुक्त निर्दोष है । प्रार्थी /अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> है। प्रथम सूचनारिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। फर्द बरामदगी में <नाम> का कोई भी स्वतन्त्रजनसाक्षी नहीं दर्शाया गया है जो <नाम> दर्शाये गये हैं वह सभी पुलिस के हितबद्द साक्षीहैं। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 13.08.2020से जिला कारागार <नाम> में निरूद्द हैं। अतः प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिया जाए। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी की मोटरसाइकिल अपाचे नं. यू०पी0-85 एबी-6946 की ताज मैडीकल स्टोर रूनकता से चोरी की गयी है। प्रकरण गंभीर <नाम> का है। अतः प्रार्थी /अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र खारिजकिया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मेने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । उपलब्ध केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले मेंवादी मुकदमा तोरनसिंह द्वारा मोटरसाइकिल अपाचे पंजीयन संख्या यू०पी0-85 एबी-6946 को दिनांक 11.08.2020 की <नाम> <नाम> ताज मैडिकल स्टोर रूनकता <नाम> सेगायब होने के आधार <नाम> मु0अ0सं0 455/2020 <नाम> 379 भा०दं0सं0 अज्ञात में अंकितकराया गया है। दौरान विवेचना पुलिस द्वारा दिनांक 13.08.2020 को <नाम> व्यवस्था मेंमामूर होने के दौरान अभियुक्त <नाम> पुत्र <नाम> व अभियुक्त मोनू पुत्र पुरनिंया की गिरफतारी के दौरान दोनों अभियुक्तों के पास से एक एक मोटरसाइकिल बरामद होनादर्शित किया गया है। प्ररार्थी/अभियुक्त के पास से कथित चोरी की मोटरसाइकिलअपाचे पंजीयन संख्या यू०पी0-85 एबी-6946 की बरामदगी दर्शित किया गया है तथाअभियुक्त के जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> ही उसे प्रस्तुत प्रकरण में नामितकिया गया है। फर्द बरामदगी में कोई जन <नाम> <नाम> नहीं है। मुकदमा अज्ञात में दर्जहुआ है । मु0अ0सं0 453,/2020 <नाम> 379,411 भा०दं0सं० जिसके सम्बन्ध में अभियुक्त काआपराधिक इतिहास प्राप्त हुआ है इसमें दिनांक 01.10.2020 को अभियुक्त की जमानतस्वीकार हो चुकी है। प्रार्थी/अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चितकराने के लिए पर्याप्त जमानत देने के लिए तत्पर है। अभियुक्त दिनांक 13.08.2020 सेजिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_328_202015-02-2020849 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"दिनांक: 15.02.2020आदेशप्रस्तुत प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्तगण <नाम> <नाम> एवं <नाम> की ओरसे परिवाद 3325/2018 <नाम> 147, 148, 149, 323, 326, 324, 307, 325, 427 भा०द०सं0 थाना सदर बाजार जिला <नाम> मामले में जमानत <नाम> प्रस्तुत किया गयाहै। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पैरोकार रविन्द्र ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> लवानियाँ द्वारा विपक्षीगण कु०भुवनेश्वरी, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> वीरेन्द्र <नाम> उपनिरीक्षक, हैडकांस्टेविल मुख्तयार <नाम> एवं हैड कांस्टेविल <नाम> <नाम> के विरूद्व मुकदमा पंजीकृतकराये जाने <नाम> न्यायालय में प्रार्थना पत्र <नाम> 156(3) द0प्र०सं0 के अन्तर्गत प्रस्तुतकरते हुए कथन किया गया कि दिनांक 23.10.20154 को सांय करीब 7 बजे वह अपने चचेरे <नाम> <नाम> लवानियाँ की दुकान लवानियाँ डेरी, राजपुर चुंगी <नाम> मिलने आयाथा, तभी एक महिला व उसके साथ तीन-चार व्यक्ति डेरी <नाम> आये तथा उन लोगों ने एक लीटर दूध माँगा, <नाम> ने उनको एक लीटर दूध <नाम> <नाम> दूध लेने के <नाम> वह लोग चलने लगे तो <नाम> ने दूध के पैसें मागे, तब उक्त महिला व उसके साथ आयेलोगों ने कहा कि पैसे आते रहेगें, <नाम> द्वारा यह कहने <नाम> कि पैसे देकर जाइये, (2)इसी बात <नाम> महिला उत्तेजित होकर बोली कि वह उसको नहीं जानता है, उसकानाम भुवनेश्वरी है, वह पुलिस की बड़ी महिला <नाम> है, पहचान ले, वर्ना काफीनुकसान झेलना होगा, तभी वह तीनों व्यक्ति जो महिला के साथ आये थे, कहने लगेकि पुलिस से मत टकरा, तभी विवाद होने लगा तो शोर सुनकर <नाम> <नाम> उफ निर्मेश व अन्य लोग आ गये जिन्होंने समझा बुझाकर विवाद को सुलवाने का प्रयासकिया, इसी बात <नाम> महिला भुवनेश्वरी जो स्वंय को पुलिस <नाम> बता रही थी, नेरोहित के चांटा मारा तथा उसके साथ आये तीनों व्यक्तियों ने भी भुवनेश्वरी के साथमिलकर <नाम> <नाम> एवं निर्मेश उफ <नाम> को मारना शुरू <नाम> दिया। भुवनेश्वरी ने डेरी में रखे तेजाब की बोतल उठाकर <नाम> के चेहरे को जाने के लिए उस <नाम> उड़ेल दी, <नाम> द्वारा बचाव करने <नाम> उसका चेहरा बच गया लेकिन उसका शरीर तेजाब से जल गया, भुवनेश्वरी कह रही थी कि चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेगा तथा <नाम> दर्दसे चिल्ला रहा था। वह चौकी <नाम> सूचना देने गया तब उपनिरीक्षक <नाम> हैडकांस्टेविल मुख्तार <नाम> उपनिरीक्षक वीरेन्द्र <नाम> एवं हैड कांस्टेविल <नाम> आये तथा सभी लोगों ने मिलकर <नाम> <नाम> व <नाम> उफ निर्मेश को मारना शुरू करदिया, मौके <नाम> भीड़ इकट्ठी हो गई तथा भीड़ को देखते हुए उपरोक्त पुलिस केदरोगा ने दुकान में रखे काउण्टर व दूध आदि को नष्ट व तहस नहस <नाम> <नाम> तथारोहित, <नाम> उफ निर्मेश व <नाम> को जीप में बेदर्दी से पटक <नाम> थाने ले गये। ",
"वादी के प्रार्थना पत्र <नाम> न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में सम्बन्धितथाने से आख्या मॅगाई गई तदुपरान्त प्रार्थना पत्र <नाम> 156(3) द0प्रoसं0 को परिवाद केरूप में दर्ज किया गया। ",
"परिवादी द्वारा अपने परिवादपत्र के समर्थन में स्वंय को <नाम> 200 द0प्र०सं0 एवं202 द0प्रoसं0 के अन्तर्गत साक्षीगण को परीक्षित कराया गया। तदुपरान्त परिवादी द्वाराप्रस्तुत साक्ष्य के आधार <नाम> अभियुक्तगण कु0 भुवनेश्वरी, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> वीरेन्द्र <नाम> हैड कांस्टेविल मुख्तयार <नाम> व हैड कांस्टेविल जगदीशसिंहको <नाम> 147, 148, 149, 323, 326, 324, 307, 325, 427 भा0द0सं0 के अन्तर्गत तलबकिया गया। ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगणनिर्दोष है, उनको इस प्रकरण में झूंठा नामित किया गया है, जबकि अभियुक्तगण द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया है। यह भी कथन किया गया कि वादी एवं उसकेभतीजों द्वारा अभियुक्तगण व उसके रिश्तेदारों के साथ मारपीट की गईं थी जिसकी (3)जमानत प्राथना पत्र स॒0: ३28 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: ३28 / 2020सूचना 100 नम्बर <नाम> दी गई थी तथा सम्बन्धित थाने <नाम> मु0अ0सं0 980, 2015दिनांक 23.10.2015 को पंजीकृत कराया गया था, थाना पुलिस के साथ मारपीट करनेका मुकदमा भी वादी पक्ष के विरूद्व पुलिस द्वारा मुअ०सं0 981, 2015 <नाम> पंजीकृत कि गया है। उक्त दोनों अपराध की घटनाओं को कारित करने के बचाव में वादी द्वाराझूठे तथ्यों के आधार <नाम> बनावटी साक्ष्य देकर अभियुक्तगण एवं <नाम> अभियुक्तगणको घटना के लगभग <नाम> वर्ष <नाम> इस प्रकरण में तलब करवाया गया है। ",
"कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। <नाम> अभियुक्ता कु0 भुवनेश्वरी का जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 31.01.2020 को गुण दोष के आधार <नाम> स्वीकार किया जा चुका है। अभियुक्तगण का केस <नाम> अभियुक्ताके केस के समान है। अभियुक्तगण दिनांक 13.02.2020 से जिला कारागार, <नाम> मेंनिरूद्व है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"विद्वान जिला शासकोय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि <नाम> अभियुक्ता कु0 भुवनेश्वरी की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार कीजा चुकी है। अभियुक्तगण का केस <नाम> अभियुक्ता के केस के समान है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगणके साथ मिलकर वादी के भतीजे <नाम> एवं अन्य के साथ मारपीट करते हुए, रोहितपर तेजाब फेककर गम्भीर उपहति कारित करने तथा <नाम> से मारने की धमकी दिएजाने का आरोप है। ",
"आहत <नाम> की चिकित्सीय रिपोर्ट के अनुसार उसके उक्त घटना में सात चोटें <नाम> बताया गया है जिनको चिकित्सक द्वारा साधारण <नाम> की बताया गया है। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> पूर्वक <नाम> प्रस्तुत किया गया है किवादी पक्ष के द्वारा अभियुक्तगण एवं <नाम> अभियुक्तगण के साथ मारपीट करते हुएगम्भीर चोटें पहुँंचाई गई थी, जिनके सम्बन्ध में अभियुक्त पक्ष के द्वारा वादी पक्ष केविरूद्व मु0अ0सं0 980, 2015 एवं 981/2015 दर्ज कराया गया था जिसमें वादी पक्ष की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की गई थी, स्वंय के विरूद्व दर्ज मुकदमों सेबचने के लिए वादी पक्ष द्वारा स्वंय चोटें बनाकर यह झूंठी प्राथमिकी <नाम> कराई गई (4)है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तर्को को सुना तथा अवर नऱ्यायालय की पत्रावली का अवलोकन किया । ",
" पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रकरण परिवाद <नाम> आधारित है तथा उक्त घटना में आहत <नाम> के आई चोटों को चिकित्सक द्वारा साधारण <नाम> की बतायागया है। यह तथ्य अविवादित है कि <नाम> अभियुक्ता कु0 भुवनेश्वरी की जमानत सत्रन्यायालय द्वारा दिनांक 31.01.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तगण दिनांक 13.02.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3887_201917-07-20191828 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ सन्जूपुत्र <नाम> किशोर का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ.श्री <नाम> <नाम> थाना खेरागढ़ जिला <नाम> ने दिनांक 24.11.2018 को 4.40 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण सोनू, कैप्टनउफ कप्तान <नाम> <नाम> उर्फ हज्जो, व प्रवेश उर्फ सर्वेश के द्वारा संगठित गैंग बना लियाहै, जिसका गैंग लीडर सोर्नू है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवंभौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर मारपीट <नाम> अवैध तमंचा के <नाम> <नाम> लूटपाट जैसे अपराध कारित करते है जिसके <नाम> <नाम> में उक्त अभियुक्तगणका भय व आतंक व्याप्त है। अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, व 17 में वर्णित दण्डनीय अपराधकारित किया गया है । ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणकोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उक्त मामले में झूँठा फसाया गया है। उसने कोईअपराध कारित नही किया है प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व सजायाफता नही है तथा दिनॉक-10.07. 2019 से जिला जेल <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त विश्वसनीय जमानत देने कोतैयार है। वह जमानत का दुरूपयोग नही करेगा। उसका यह प्रथम जमानत प्ररार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाये। 2राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 433/18 धारा-394, 411, भा.द.स. थाना-खेरागढ़के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया । गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्तमामला दर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट करने तथा उससे लूट का मालबरामद होने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा मेंहै, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसके जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार हुए है। --अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की <नाम> एवं अभियुक्तके लूट व अवैध हथियार से मारपीट करने एवं भय दिखाकर लूटने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखतेहुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3450_201920-07-20191659 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता नेहना के शपथपत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक क॑ अनुसार वादी मुकदमा महेशचंद द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनाक 19.05.2019 को उसका पुत्र <नाम> व पुत्रवधू बेबी व प्रार्थी अलग-अलग मोटरसाईकिलों से बाह से बाजार करके गाँव वापस जा रहे थेतो समय करीब 10 बज रात चौरंगाहार की पुलिया नहर के पास एक मोटरसाईकिल <नाम> <नाम> व्यक्ति खड़े हुए थे जिन्होंने उसके पुत्र की मोटरसाईकिलको डन्डा व तमंचा दिखाकर रोक लिया और पुत्रवधू का <नाम> छीनने काप्रयास करने लगे। पीछे से प्रार्थी भी पहुँच गया। शोर मचाने <नाम> खेतों मेंफसलों की रखवाली <नाम> रहे लोग आए तो उक्त चारों लोग अपनीमोटरसाईकिल लेकर भाग गए। उसने अपनी मोटरसाईकिल की <नाम> मेंदेखा तो उस मोटरसाईकिल का नम्बर यू0पी0 80,//सी0आर0 5197 दिखातथा मोटरसाईकिल डिस्कवर थी। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> अरून <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। पुलिस द्वारा प्रार्थी <नाम> एक अन्य जोमुकदमा दर्शाया गया है उससे प्रार्थी का कोई संबंध व सरोकार नहीं है। ",
"प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं 21 weil festa 24062019 4 जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी ,,/ अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा सह-अभियुक्तगणके साथ मिलकर तमंचा के आधार <नाम> वादी मुकदमा के पुत्र कीमोटरसाईकिल रोकी गयी तथा उसकी पुत्रवधू का <नाम> छीनने का प्रयास कियागया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3450 / 2019पवन बनाम राज्यअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनांक 19.05.2019 की समय 22:00 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 20.05.2019 को समय 00:13 बजे दर्ज करायीगयी है। प्रार्थी <नाम> वादी मुकदमा की पुत्रवधू का <नाम> छीनने का प्रयास करनेका आरोप लगाया गया है। प्रार्थी को सह-अभियुकत के बयान के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी द्वारा स्वयं न्यायालय के समक्षआत्मसमर्पण किया गया है। प्रार्थी लगभग 25 <नाम> से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1560_202004-08-2020630 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पुत्र व पैरोकारविश्वप्रताप <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> आरफील्ड एण्ड कपनी में नौकर है जो कि एककुरियर कम्पनी है दिनांक 2.3.2020 को वह अपने फलेट खालसा गली सेदिल्ली के लिए पैदल पैदल जा रहा था कि जब वह साएनो स्टार होटलहाथी घाट के पास समय करीब 6:15 बजे सुबह पहुंचा तो उसके आरे पीछेसे दो मोटर साइकिलों <नाम> दो दो व्यक्ति आये उसे घेरकर छीना झपटी करकेउसका पार्सल वाला <नाम> छीन लिया पार्सल में क्या था इसकी जानकारी वहअपने <नाम> से पूछकर बताएगा उसके <नाम> सूरत में रहते हैं जो किकल <नाम> आ जाएंगे। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट भी वादी द्वारा थाने <नाम> देरी सेदर्ज करायी गयी है जिसका कोई <नाम> वादी मुकदमा द्वारा नहीं दर्शायागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त नामजद नहीं हैं। प्रार्थी / अभियुक्तदिनांक 16.3.2020 से ही जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन ननहीं है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रार्थी द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा केसाथ डकैती कारित की गयी है तथा गिरफतारी के समय उसके कब्जे से पेंटकी दाहिनी जेब से 32,000/-रूपये नकद बरामद हुआ है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि वादी मुकदमा श्रीप्रकाशके लिखित तहरीर <नाम> दिनांक 02.03.2020 को समय 21:05 बजे थाना मंटोलापर <नाम> अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्व मु०अ०सं0 10/20 अंतर्गत <नाम> ३92भा0दं0सं0 पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना अभियुक्तगण का नाम प्रकाशमें आया तब प्रकरण <नाम> 395 भा०दंएसं0 में तरमीम किया गया औरबरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 412 भाएदं0सं0 की बढोतरी की गयी। विवेचनाप्रचलित है । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1560 / 2020सुरेश सेंगर बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलनकिया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि मामले में घटनादिनाक 02.03.2020 की समय 06:15 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टथाने <नाम> दिनाक 02.03.2020 को ही समय 21:05 बजे दर्ज करायी गयी है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है किप्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्व अपने <नाम> अभियुक्तगण के साथ योजनाबद्द तरीकेसे वादी मुकदमा से उसके पार्सल का <नाम> बलपूर्वक लूट लेने का अभियोगहै । प्रार्थी / अभियुक्त की जामा तलाशी लिए जाने <नाम> उसके पास से लूट कदाहिनी जेब से 32,000/-रूपये नकद बरामद हुआ है तथा वादी मुकदमा नेआकाश व <नाम> को देखकर बताया कि इन दोनों बदमाशों ने व इनके (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1560 2020सुरेश सेंगर बनाम राज्यसाथियों ने ही उसके साथ लूट की घटना कारित की है और घनश्याम पवनछोटू, <नाम> व <नाम> सेंगर को पहचानते हुए बताया है कि यह लोग भीघटनास्थल <नाम> मौजूद थे। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4061_201913-08-2019664 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की रिश्ते की चाची वपेरौकार <नाम> मोला <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा प्रभारीनिरीक्षक <नाम> <नाम> पाण्डे द्वारा थाना बाह, जिला <नाम> <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयी कि festa 15.06.2019 को वहमय हमराहियान देख-रेख, शान्ति व्यवस्था, रोकथाम जुर्म जरायम व तलाशवांछित अभियुक्त में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर की सूचना परअभियुक्तगण <नाम> हाकिम <नाम> मेघ <नाम> व <नाम> उर्फ चपटा कोगिरफ्तार किया गया। दौरान गिरफ्तारी अभियुक्तगण ने पुलिस पार्टी परजान से मारने की नीयत से फायर किए, परन्तु पुलिस पार्टी ने बचते बचातेउन्हें पकड़ लिया। पकड़े गए व्यक्तियों ने नाम पता पूछा तो एक ने अपनानाम <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशी से एक नाजायज तमंचा 315बोर, एक खोखा व एक जिन्दा कारतूस, 60 रूपए व एक जोड़ी कुण्डल पीलीधातु बरामद हुए। दूसरे ने अपना नाम हाकिम <नाम> बताया। इसकी जामातलाशी से एक तमंचा 12 बोर, एक जिन्दा कारतूस, एक जोड़ी बाली पीलीधातु व एक मोबाइल बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम मेघ सिंहबताया। इसकी जामा तलाशी से एक तमंचा 315 बोर, एक खोखाकारतूस, एक जिन्दा कारतूस, एक जोड़ी बाली पीली धातु व 70,//- रूपएबरामद हुए। चौथे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> उर्फ चपटा बताया। इसकीजामा तलाशी से एक तमंचा 315 बोर, एक जिन्दा कारतूस, एक खोखाकारतूस, एक जोड़ी बाली, एक नाक का फूल व 80,//- रूपए बरामद हुए। पूछने <नाम> बताया कि waar सभी <नाम> लूट का है। अभियुक्तगण को जुर्म सेअवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार कीगयी । ",
"प्रार्थै / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रएक्षेत्र),”अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4061 / 2019सुरेश बनाम राज्यगया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 16.06.2016 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। बरामदगीका कोई <नाम> नहीं है। मुख्य केस में प्रार्थी की जमानत न्यायालय द्वारास्वीकार की जा चुकी है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त कोपुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक नाजायजतमंचा व कारतूस बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थै ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> राजवीर सिंहसिकरवार एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामलेमें घटना दिनाक 16.06.2019 की समय 00:20 बजे की है। प्रार्थी / अभियुक्तको पुलिस द्वारा दिनोक 16.06.2019 को गिरफ्तार किया <नाम> तथा उसकेकब्जे से एक नाजायज तमंचा व कारतूस बरामद किया <नाम> दर्शित कियागया है। प्रार्थी की मुख्य अपराध में जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक17.07.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त डेढ़ माह से अधिक समयसे जिला कारागार में निरूद्ध हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1744_202031-08-20203068 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के साले कालीचरन की ओरसे शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बितनहीं है। ",
"आवेदक » अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त नेकोई अपराध कारित नहीं किया है, उससे कोई बरामदगी नहीं हुयी है। थाना पुलिसबिना किसी <नाम> के अभियुक्त के घर की छत <नाम> चढ़ गयी और गालीगलौज करतेहुये मारपीट करने लगे। शोर मचाने <नाम> भीड़ को आता देखकर पुलिस वाले छत से कूदकर भागे जिसके <नाम> उन्हें चोटें आयीं। पुलिस वालों ने झूंठा मुकदमा दर्ज करायाहै। अभियुक्त दिनांक 12.07.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाय । 2अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहागया है कि जब पुलिस वालों ने मु0अ0सं0 822 /2019 RT 452, 354, 323, 504, 506आईं.पी.सी. से सम्बन्धित अभियुक्तगण के घरों की छत <नाम> पहुंचकर अभियुक्तगण के बारेमें जानकारी चाही तो अभियुक्त ने सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर पुलिस वालों कोघेर लिया और लाठी डण्डों से मारपीट करते हुये पथराव करने लगे, सरकारी कार्य मेंबाधा <नाम> विरोध करने <नाम> उ0नि0 मो0 नफीस का मोबाइल छीन लिया तथा <नाम> सेमारने की नीयत से उसको छत से नीचे फैंक <नाम> जिससे उसे गम्भीर चोटें आयी। ",
"अपराध की गम्भीरता को देखते हुये जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जाय । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मो0 नफीस, उपनिरीक्षक द्वारा एकतहरीर थाना एत्माददौला <नाम> इस आशय की दी गयी कि दिनांक 17.02.2020 को वहमय हमराह चैकिंग करते हुये मु0अ0सं0 822 / 2019 <नाम> 452, 354, 323, 504, 506 आई.पी.सी. से सम्बन्धित अभियुक्तगण के घर स्थित <नाम> नगर मोड़ की छतों <नाम> पहुंचकर, वहां <नाम> सोनू पुत्र मलखान <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> मलखान पुत्र नामालूम,सरदार उर्फ सौदान <नाम> पुत्र नामालूम के बारे में जानकारी चाही तो भूरन <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> सोनू, <नाम> मलखान, <नाम> उर्फ सौदान, <नाम> <नाम> चन्देश, <नाम> मंजीत, रहन <नाम> व अशर्फी <नाम> निवासीगण <नाम> नगर, थाना एत्माददौला ने पुलिस वालों को घेर लिया और लाठी डण्डों से मारपीट करते हुयेपथराव करने लगे, सरकारी कार्य में बाधा डाली। उसके द्वारा विरोध करने <नाम> उसकामोबाइल सोनू व <नाम> ने छीन लिया। सभी ने <नाम> से मारने की नीयत से उसको छतसे नीचे फैंक दिया। उसके व हमराहियों को गम्भीर चोटें आयीं। पथराव करते हुये वजान से मारने की धमकी देते हुये भाग गये। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थानाएत्मादूदौला <नाम> मु0अ0सं0 113 2020 अन्तर्गत <नाम> 147, 148, 332, 353, 336, 392,307, 506 भा0दं0सं० व 7 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमापंजीकृत हुआ। "
],
"judge-opinion": [
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि थाना एत्माद्दौलाका पुलिस दल अ0ठसं0 822 /2019 <नाम> 452, 354, 323, 504, 506 आई.पी.सी. सेसम्बन्धित अभियुक्तगण के घर पहुंचने <नाम> आवेदक /अभियुक्त ने सहअभियुक्तगण केसाथ मिलकर पुलिस दल <नाम> पथराव करके, लाठी डण्डों से मारपीट करते हुये <नाम> सेमारने की नीयत से उपनिरीक्षक मो0 नफीस को छत से नीचे फैंक <नाम> जिससे उन्हेंगम्भीर चोटें आयीं और उनका मोबाइल छीन लिया, जिसकी बरामदगी नहीं हो सकी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_825_202103-02-20212903 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक » अभियुक्त ने स्वयंका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा रामबाबू वर्मा,अवर अभियन्ता 33,/11 के.वी.उपकेन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना बसई अरेला,आगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक30.11.2012 को टीम के अन्य सदस्यों के साथ चैकिंग किये जाने परअभियुक्त करन <नाम> को बकाया <नाम> कनैक्शन विच्छेदित करने के <नाम> भीअवैध <नाम> से विद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंधमें प्राथमिकी दर्ज की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में Forफँसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का बकाया/शमनशुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी ,// अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। ",
"अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय । "
],
"judge-opinion": [
" (2)or vat के विद्धान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है। ",
"प्रार्थी, अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीदसंख्या-<फ़ोन-नंबर>19190005 दिनांकित 01.02.2021 अंकन4,000,// - रूपये बाबत शमन शुल्क दाखिल की गयी है। इस संबंध मेंकार्यालय अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, बाह, जिला आगराके द्वारा थानाध्यक्ष बसई अरेला, जनपद <नाम> को एक पत्र इस आशय काप्रेषित किया गया है कि उपभोक्ता द्वारा अपना शमन शुल्क जमा <नाम> दियाहै। अतः अपराध को समाप्त करने का कष्ट करे। इस पत्र <नाम> विद्युत विभागके विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट का पृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_425_202006-03-2020191 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारडरेलाल के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा सुमितकुमार नागर, उपनिरीक्षक के द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी पंजीकृत करायी गयी कि दिनाक 13.02.2020 को वह मय इहमराहियानचैकिंग संदिग्ध वाहन में मामूर था कि उसी दौरान मुखबिर की सूचना परतीन बदमाशों को दो मोटरसाईकिलों सहित मिरफूतार किया गया। नाम पतापूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम गोषी बताया। इसकीजामा तलाशी में 6 मोटरसाईकिलों की अलग अलग कम्पनियों कीचाबियां, एक तमंचा व एक जिन्दा कारतूस बरामद किया गया। दूसरे ने Bail Application/ 2991/2020 -UP State Vs. beni ram 2अपना नाम बैनीराम बताया। इसकी जामा तलाशी में 7 मोटरसाईकिलों कौअलग अलग चाबियों का गुच्छा बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नामगम्भीर <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी में 8 मोटरसाईकिलों की चाबियोंका गुच्छा। बरामद मोटरसाईकिलों के बारे में पूछा तो बताया कि यह दोनोंमोटरसाईकिलें लूट की हैं। अभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> लूट व चोरी कीअन्य 05 मोटरसाईकिलें भी बरामद की गयीं। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया, फर्द मौके <नाम> त्तैयार कीगयी । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 13.02.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी दिनाक 13.02.2020 ट्रैक्टर की मरम्मत के लिए कारीगर सेबात करने गया था, तभी पुलिस द्वारा प्रार्थी को पकड़ लिया गया। प्रार्थी सेकोई बरामदगी नहीं है। गलत बरामदगी दर्शित की गयी है। घटना का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है । ",
"विद्वान अभियोजन अधिकाश द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त को अन्य साथ पुलिस पार्टी द्वारा गिरफतारकिया गया है तथा उनके कब्जे से लूट व चोरी की मोटरसाईकिलें बरामदकिया <नाम> दर्शित किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटना दिनाक 13.02.2020 की बतायी गयी है। प्रार्थी <नाम> गिरफूतारी केदौरान उसके कब्जे से एक मोटरसाईकिल व उसके व अन्य की निशानदेही <नाम> कुल पाँच मोटरसाईकिलें बरामद होने का आरोप है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि पुलिस पार्टी द्वारा दिनांक 13.02.2020को प्रार्थी को अन्य के साथ मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफूतार किया गया है Bail Application/2991/2020 -UP State Vs. beni ram 3तथा प्रार्थी के कब्जे से एक मोटरसाईकिल, चाबियों का गुच्छा व प्रार्थी वसह-अभियुक्तगण की निशान देही <नाम> कुल पाँच मोटरसाईकिलें बरामद कियाजाना दर्शित किया गया है। उक्त मोटरसाईकिलों को किसी अपराध सेसम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी 20 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त गम्भीर <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र इस न्यायालय द्वारादिनाक 03.03.2020 को स्वीकार किया जा चुका है। प्रार्थी की मामले मेंभूमिका सह-अभियुक्त के समान है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_506_202004-03-2020286 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> बैजन्ती <नाम> पत्नीदेवदत्त <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> उफ गोलू द्वारा दिनांक 12.03.2018 को समय 05.28 बजे थाने परप्रथम सूचना रिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई कि-वह ओटो चालक है। उसकीपत्नी <नाम> कोठी में कार्य करती है। दिनांक 11.03.2018 को <नाम> को 07.00 बजेकोठी <नाम> से कार्य करके घर वापस आ रही थी। उसके पड़ौस में रहने वाले लोगअशोक, छोटू, जेकसन, अन्नू व दोअन्य अज्ञात लोगों ने उसके साथ छेडछाड व उसके साथ मारपीट करके उसके ऊपर तेजाब (एसिड) उसके शरीर <नाम> फैंक दिया। उसके शोर मचाने <नाम> कुछ राहगीर लोग वहाँ <नाम> आ गये। उन लोगों ने उसके पतिको सूचना दी तो कुछ समय <नाम> उसके <नाम> भी आ गये और उसके <नाम> उसे ६1टनास्थल से लेकर घर आ गये तभी कुछ क्षण <नाम> <नाम> व उसके साथी नेमिलकर उसके <नाम> <नाम> हमला हाकी डन्डों से <नाम> दिया। जिससे उसके <नाम> केगम्शीर चोटें आई । इन सभी लोगों से उसे व उसके परिवार को <नाम> का खतरा है। Bail Application/ 3181/2020 -UP State Vs. Chotu @ Gaurav 2्रार्थी/ अभियुक्त के द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त क विरूद्ध विवेचना केउपरान्त आरोपपत्र <नाम> 147,323,3260,354,452 भा०द0सं0 के अर्न्तगत आरोपपत्रन्यायालय में प्रेषित किया गया है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त काप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र इस न्यायालय द्वारा पूर्व में निरस्त <नाम> <नाम> गया एवंउसका जमानत प्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय से भी निरस्त किया जा चुका हैंअभियुक्त के विद्धान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रकरण में पी-डब्ल्यू1 रेख व पी-डब्ल्यू 2 <नाम> परीक्षित हो चुके हैं। जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध किसीभी प्रकार का कोई आरोप साबित नही होता है। अभियुक्त के विरूद्ध कोई साक्ष्य नहींहै। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त क द्वारा किसी <नाम> को डरायाधमकाया नहीं गया है। अभियुक्त दिनांक 12.03.2018 से जिला कारागार में निरूद्धहै। इसलिए अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडने के आधार पर्याप्त है। अभियुक्त कोजमानत <नाम> छोड़ा जाये। ",
"वादी मुकदमा को नोटिस जारी की गई। विद्वान लोक अभियोजक कीओर से जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया और तर्क प्रस्तुत किया गया किमामले का विचारण चल रहा है। अभियुक्त द्वारा अपने <नाम> अभियुक्तगण के साथमिलकर वादी की पत्नी के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ फॅँका गया एवं उसके घर में घुसकर वादी के साथ मारपीट <नाम> जघन्य अपराध कारित किया गया है। यह भी तरकप्रस्तुत किया गया कि पूर्व में जमानत प्रार्थनापत्र विस्तृत आदेश करते हुए खारिजकिया गया है। <नाम> इस स्तर <नाम> साक्षियों के बयानों का विश्लेषण नहीं किया जा सकता है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडने का कोई आधार पर्याप्त नही है। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त कविरूद्ध <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी की पत्नी क साथ छेड़खानी करने,उस <नाम> तेजाब फॅकने तथा वादी एवं उसकी पत्नी के साथ घर में घुसकर मारपीटकर गम्भीर चोट पहुँचाने का अभियोग है। चिकित्सीय आख्या के अनुसार वादी कीपत्नी के गर्दन के पीछे और पीठ <नाम> तेजाब की चोट पायी गयी है। प्रार्थी प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित है। दिनांक 24.04.2018 को अभियुक्त का प्रथम जमानत्रार्थनापत्र विस्तृत आदेश करते हुए गुण-दोष के आधार <नाम> खारिज किया गया है। तदोपरान्त एक अन्य जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 24.12.2018 को भी खारिज कियागया है। पी-डब्ल्यू 1 व पी-डब्ल्यू 2 का बयान पूर्ण हुआ है और <नाम> साक्ष्य होनाशेष है। <नाम> इस स्तर <नाम> जमानत के लिए साक्षियों की साक्ष्य का मूल्यांकन नहीकिया जा सकता है। जमानत <नाम> कोई नया आधार दर्शित नही किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_5824_201911-10-20193104 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ पदम पुत्र <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत कियागया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> राजेश्वर <नाम> <नाम> थाना शाहगंज जिला <नाम> ने दिनांक 06.04.2019 को 17.49 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुकतगण <नाम> <नाम> उर्फ टीटू, व <नाम> कुमारके द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर <नाम> है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकरनिजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> नाल निकालकर जुआ कराकर अवैध धनोपार्जन करता है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आंतंक व्याप्त है इनके खिलाफ <नाम> का कोई व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने से डरता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र)गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथाप्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी // अभियुक्त निर्दोष है उसे इस मुकदमें में झूँठा फंसा <नाम> है। गैगचार्ट में उस <नाम> एक मुकदमा थाना शाहगंज से लगाया गया है। <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत खारिज हो चुकी है। उसका कोई गिरोह नही है पुलिस ने गुडवर्क दिखाने के लिए यह झूँठा मुकदमा दर्जकर <नाम> है। वह उचित जमानत देने को तैयार है। उसे थाना शाहगंज पुलिस ने दिनॉक 02.10.2019 कोगिरफतार किया और 03.10.19 को न्यायालय में पेश किया तभी से वह जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उनके विरूद्ध(1) अ.सं. 594 / 18 धारा-3 / 4 जुआ अधिनियम थाना-शाहंगज जिला आगरा। का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकको सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामला दर्शाया गया हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर नाल निकालकर जुआ कराकर अवैध धनोपार्जन करने काअभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) 2में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाताऔर(ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्नहै, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाय गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर नाल निकालकर जुआ कराकर अवैध धनोपार्जन करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसकेअपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_402_202025-02-2020546 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार यूनिस पुत्रस्व0 विलायत हुसैन, जो कि प्रार्थी /अभियुक्त का पिता है, ने शपथपत्र प्रस्तुत कियाहै, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/अभियुक्त की उपरोक्त मुकदमे में दिनांक 12.06.2014नियत थी, लेकिन वह <नाम> 302, 307, 147, 148, 149 भा0दं0सं0 एवं 3 (1) 10एस0०सी0/ एस०टी0 एक्ट, थाना हरीपर्वत, <नाम> के मुकदमे में दिनांक 02.05.2014को गिरफूतार हो गया था और इस <नाम> श्रीमान <नाम> के समक्ष उपरोक्त मुकदमे मेंहाजिर नहीं हो सका था। परिणामस्वरूप उसके वारंट हो गये और इस बावत्रार्थी/ अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा पुलिस को बताया गया कि वह अन्तर्गत धारा302 भा0दं0सं0 के मुकदमे में जिला जेल <नाम> में निरूद्ध है और उसको जिला जेलसे तलब <नाम> लिया जाये तथा पुलिस की आख्या में भी उसको जेल में दिखाया गयाहै, जिसकी रिपोर्ट थाना हरीपर्वत पुलिस द्वारा स्पेशल डकैती कोर्ट में दी गयी थी,लेकिन उसके बाबजूद भी उसको आज <नाम> जेल से तलब नहीं किया गया। इस Bail Application/2948/2020 —-UP State Vs. Baigan 2कारण उसके वारंट चलते रहे तथा वह दिनांक 12.04.2019 को जिला जेल <नाम> सेजमानत <नाम> <नाम> हुआ है, तब से उसने उपरोक्त मुकदमे की पत्रावली को ढूं़ने काप्रयास किया। प्रार्थी/ अभियुक्त को वारंट का तब पता चला, जब पुलिस दिनांक25.09.2019 को उसके वारंट लेकर घर गयी, तब उसने अपनी पत्रावली को तलाशा। इसी दौरान उसके जवान <नाम> कालू का दिनांक 24.11.2019 को एक्सीडेन्ट हो गया,जिसमें उसकी मृत्यु हो गयी और उसके <नाम> उसके पिता की हालत ज्यादा खराब होगयी, जिस <नाम> श्रीमान <नाम> के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाया और उसको पुलिस नेदिनांक 08.02.2020 को गिरफूतार <नाम> लिया और तब से वह जिला कारागार, आगरामें निरूद्ध है। उसके द्वारा जानबूझकर कोई गलती नहीं की गयी है। इससे पूर्व वह उपरोक्त मुकदमे में जमानत <नाम> है तथा जमानत <नाम> छूटने के <नाम> किसी भी प्रकारकी कोई गलती नहीं करेगा और प्रत्येक नियत तारीख <नाम> हाजिर होता रहेगा। ्रार्थी/ अभियुक्त अपनी उचित एवं विश्वसनीय जमानत दाखिल करने के लिए तैयारहै । जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की प्रार्थना की है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त बैगन के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/ अभियुक्त बैगन इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। प्रार्थी/ अभियुक्त एकअन्य मुकदमा एस0एस0टी0 संख्या-58,/2014, राज्य बनाम यूसुफ उर्फ बैगन आदि,मु0अ0सं0 824 /2014, अन्तर्गत <नाम> 302, 147, 148, 149, 307 भा0दं0सं0 व <नाम> 3(2) ‰ एस0सी0/ एस०टी0 एक्ट, थाना हरीपर्वत, जिला <नाम> के मामले में दिनांक02.05.2014 को गिरफूतार हो गया था, जिस <नाम> वह श्रीमान <नाम> के समक्षउपरोक्त मुकदमे में हाजिर नहीं हो सका था। परिणामस्वरूप उसके वारंट हो गयेऔर इस बावत अधिवक्ता द्वारा पुलिस को बताया गया कि वह अन्तर्गत <नाम> 302भा०0दं0सं0 के मुकदमे में जिला जेल <नाम> में निरूद्ध है और उसको जेल से तलबकर लिया जाये तथा पुलिस की आख्या में भी उसको जेल में दिखाया गया है,जिसकी रिपोर्ट थाना हरीपर्वत पुलिस द्वारा स्पेशल डकैती कोर्ट में दी गयी थी,लेकिन उसके बाबजूद भी उसको आज <नाम> जेल से तलब नहीं किया गया। ्रार्थी/अभियुक्त को वारंट का तब पता चला, जब पुलिस दिनांक 25.09.2019 कोउसके वारंट लेकर घर गयी, तब उसने अपनी पत्रावली को तलाशा। इसी दौरानउसके जवान <नाम> कालू का दिनांक 24.11.2019 को एक्सीडेन्ट हो गया, जिसमेंउसकी मृत्यु हो गयी और उसके <नाम> उसके पिता की हालत ज्यादा खराब हो गयी,जिस <नाम> श्रीमान <नाम> के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाया, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू0 जारी <नाम> दिये गये। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 08.02.2020 सेजिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती Bail Application/ 2948/2020 -—UP State Vs. Baigan 3नहीं की है। अतः उसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर सेजमानत प््रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए कथन किया गया है कि्रार्थी/ अभियुक्त इस मामले में जानबूझकर गैर हाजिर हुआ था, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू० की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी/ अभियुक्त की वजह से इसमामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा पूर्व मेंप्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। अतः जमानत्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ०0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकनकिया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प््रार्थी/ अभियुक्त बैगनइस मामले में माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार पूर्व से जमानत <नाम> था, लेकिन बीचमें उसके एक अन्य मामले एस0एस0०टी0 संख्या-58/2014, राज्य बनाम यूसुफ उर्फबैगन आदि, मु0अ0सं0 824/2014, अन्तर्गत <नाम> 302, 147, 148, 149, 307भा0दं0सं0 व <नाम> 3 (2) इ एस०सी0/ एस0टी0 एक्ट, थाना हरीपर्वत, जिला <नाम> मेंजेल में निरूद्ध होने के <नाम> इस मामले में गैर हाजिर हो गया जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू0 के आदेश पारित <नाम> दिये गये। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा उक्तके सम्बन्ध में एस0एस0टी0 संख्या-58/2014 राज्य बनाम यूसुफ उफ बैंगन आदिकी ऑर्डर शीट की सत्यापित <नाम> दाखिल की गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1563_202022-07-20201028 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2— जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तनिर्दोष है। यह भी कहा है कि पीड़िता, उसके पिता व <नाम> के विरूद्ध कोई भी लैंगिक टिप्पणीनहीं की गयी है, मात्र <नाम> अभियुक्त द्वारा पीड़िता व उसके पिता के बारे में जो कहा गया थाउसी की वीडियो बनायी गयी है। आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह अभियुक्तका प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथा माननीय उच्चन्यायालय में लंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की। "
],
"judge-opinion": [
"3— आवेदक / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौ०) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। 4— अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने <नाम> में उन्हीं तथ्यों को दोहराया हैं जोजमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं। ",
"5— पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि पीड़िता के <नाम> 164 द0प्रशसं0 केबयान में कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वीडियो बनाकर वायरल <नाम> <नाम> गया है। इससेपीड़िता व उसके पिता की बदनामी हो रही है। पीड़िता इन्हें <नाम> भी नहीं है। वीडियो जोवायरल हुआ है उसमें <नाम> है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4295_201909-08-2019779 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अपराध संख्या 161/2019एवंजमानत प्रार्थनापत्र संख्या-4295/ 2019CNR NO. UPAG01-014109-2019नीरज पुत्र <नाम> नरायननिवासी <नाम> नगर थाना बाह जिला आगरा। हाल निवासी समाधीपुरा थाना बाह, <नाम> । ",
"अभियुक्तप्रतिउप्र-राज्य -अभियोगीधारा 302,201 भा०द॑0सं03(2)5 एस.सी. / एस.टी.एक्टथाना बाह जिला <नाम> । ",
"अपराध संख्या 161/2019दिनांक : 09.08.2019्रार्थी/अभियुक्तगण शकील व <नाम> की ओर से मुकदमा अपराधसंख्या 161/2019 <नाम> 302,201 भा०दं0सं0 व <नाम> ३(2)5 एससी. /एस.टी.एक्टथाना बाह जिला <नाम> में जमानत <नाम> प्रथक प्रथक प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किये गयेहैं। अभियुक्तगण न्यायिक अभिरक्षा में है। समर्थन में मुन्ना खॉ व <नाम> के शपथपत्रप्रस्तुत किये गये। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिया मुकदमाश्रीमती <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 25.04.2019 को 20.45 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि- उसका बेटा <नाम> दिल्ली नौकरीकरता है 6-7 <नाम> पहले दिल्ली से आया था। 2-3 <नाम> से घर से बाहर था तोसोचा किसी <नाम> से गया होगा। दिनांक 25.04.2019 समय 06.30 बजे <नाम> कोखोजने <नाम> उसका शव मौहल्ले में स्थित ग्राम <नाम> <नाम> थाना जैतपुर के किसीव्यक्ति के खाली पडे प्लाट की झाडियों से ढका हुआ, उसका शव पडा था। उसकेबडे लउके की बहू <नाम> पत्नी गोविन्द पुत्री अनोखे <नाम> निवासी कमालपुर थानाचित्राहाट उसके बडे लडके गोविन्द को छोडकर मारपीट करके मायके चली गईथी । जब उसका बेटा गोविन्द बुलाने गया तो उसको झूठा आरोप लगाकर पुलिससे पकडवा <नाम> था। उससे <नाम> के मायके वाले 4 लाख रुपये माँग रहे थे तथाउसके बेटे मृतक <नाम> को भी <नाम> से मारने की धमकी <नाम> रहे थे कि तू अपनेभाई की बहुत मदद करता है। पहले तुझे ही देखना है। इसलिए उसके बेटे गोविन्दकी पत्नी <नाम> पुत्री अनोखे <नाम> <नाम> के <नाम> लाखन व सोनू पुत्रगण अनोखेलाल ने उसके पुत्र <नाम> की हत्या <नाम> शव खाली प्लाट की झाडियों में छिपा <नाम> है। ",
"वादिया को नोटिस जारी की गई। ",
"्रार्थी/अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण निर्दोष हैं। उनके द्वारा कोई अपराधकारित नही किया गया है। उन्हें झूठा फसाया गया है। अभियुक्तगण के विद्धानअधिवक्ता द्वारा यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंअभियुक्तगण नामित नही है, <नाम> ही कोई शक किया गया हैं मामला मात्रपरिस्थितिजन्य साक्ष्य <नाम> आधारित है। षडयंत्र करके गिरफतार किया गया है। यहभी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण के विरूद्ध कोई साक्ष्य नही हैं दिनांक22.04.2019 को अभियुक्त <नाम> शादी में गया था। इसलिए घटना में उसकाकोई योगदान नहीं है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नही है। इसलिए उन्हें जमानत <नाम> छोड़ने का आधार पर्याप्तहै। ",
"अभियोजन की ओर से जमानत का विरोध किया गया और तरकप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण के बयानों के आधार <नाम> आलाकत्ल बरामदहुआ हैं उनको योगदान घटना में है और उन्हें अन्तिमबार जाते समय <नाम> भी गयाथा। जमानत <नाम> छोडने का कोई आधार नहीं है। जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गई । "
],
"judge-opinion": [
" विद्वान सहायक लोक अभियोजक,फौजदारी वादिया के विद्धान अधिवक्ता व प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ताको सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि वादिया ने अपनेबयान अरनन्तगत <नाम> 161 द0प्र०सं0 में प्रथम सूचना रिपोर्ट में किये गये कथनों कासमर्थन किया है। इसी प्रकार साक्षीगण <नाम> <नाम> <नाम> ने भी वादिनी के कथनोंका समर्थन किया है। शव विच्छेदन आख्या में दम घुटने के <नाम> मृत्यु होनादिखाया गया है। मजीद बयान में वादिनी ने भोलू, शकील व <नाम> को नामितकिया है और कहा है कि असल हत्यारे यही हैं। <नाम> <नाम> ने भी मजीद बयानमें कहा है कि उसके <नाम> की इत्या भोलू शकील व <नाम> ने मिलकर <नाम> दी है। अभियुक्त भोलू उर्फ प्रशान्त द्वारा बयान में बताया गया कि <नाम> उसकी बहिन परबुरी नजर रखता था। उसे बुरा लगताथा। जब उसनको मारने का प्लान बनायाऔर अपने दोस्त शकील व <नाम> के साथ मिलकर अपनी दोस्ती का हवाला देतेहुए <नाम> तमाम करने की <नाम> बनाई वह लोग तेयार हो गये। बोले कि सतीशको फोन करके घर <नाम> बुला लेगें दोनों 08.30 बजे <नाम> <नाम> पहुँच जायेगें। तबदिनांक 22.04.20189 को समय 08.00 बजे <नाम> फोन करके <नाम> को बतायाकि घर में कोई नहीं है, आ जाओं। दारू मंगा ली है, बैठते है। 08.30 बजे शामसतीश आ गया। शकील व <नाम> भी आ गये। हम लोग बाहर वाले कमरे मेंबैठकर दारू पीये। दारू के पैग बनाये गये थे। तीनों लोगों ने कम पी। <नाम> कोखूब नशा <नाम> दिया। उसने <नाम> का सिर पकड <नाम> दीवार की तरफ धक्का देदिया। वह उल-जलूल बकने लगा। शकील ने <नाम> के दोनों हाथ पकड <नाम> दवालिये, <नाम> ने पैर कसकर पकड लिये। <नाम> चिल्लाया तो उसने पास में पडाकपडा उठाकर उसके मुँह में ठूस दिया। पास में पड़ी शाटरिंग में लगने वालीनारियल की रस्सी से उसे दोनों हाथ बाध दिये तथा अलमारी में से शटरिंग मेंप्रयोग होने वाले टेप उठाकर उसके मुँह-नाक <नाम> लपेट <नाम> तथा घर केअन्दर एक इलैक्ट्कि प्रेस की केबिल काट ली और उस केबिल से <नाम> के गलेको कसकर <नाम> घोंटा तो <नाम> मर गया। थोड़ी देर <नाम> उन लोगों ने दरवाजाखोलकर झॉक <नाम> देखा। मौका पाकर <नाम> की लाश को एक मकान को छोडकरटिन्कू के खाली पडे प्लाट में झाडियों में छिपा दिया। ऊपर से झाड-झंखाड डालदिये और मोबाइल को लेजाकर तालाब में गहरे <नाम> में फैक दिया। शकील वनीरज अपने घर चले गये वह भी अपने घर आ गया। आलाकत्ल चलकर वहबरामद <नाम> सकता है। घर में छिपा <नाम> रखा है। पुलिस द्वारा उसे ले जाने परअभियुक्त भोलू द्वारा घर के अन्दर बने शौचालय की छत से एक अदद इलैक्ट्िक — 3 —_प्रेसः एक टेप राल अभियुक्त ने स्वयं उठाकर दिया। इसी प्रकार का बयानअभियुक्त शकील ने भी <नाम> है। ",
"इस प्रकार अभियुक्त भोलू उफ प्रशान्त द्वारा बताई गई कहानी केआधार <नाम> उसने तथा उसके दोनों दोस्त शकील व <नाम> ने <नाम> की हत्या कीहै और अभियुक्त भोलू उर्फ प्रशान्त द्वारा एक अदद इलैक्ट्क प्रेस, टेपरॉल भीबरामद कराया गया। ",
"अतः अभियुक्तगण शकील व <नाम> का <नाम> की हत्या मेंसकिय योगदान प्रतीत होता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4219_201913-08-2019673 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के समधी व पैरोकारविनोद <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया मुकदमाश्रीमती <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि दिनांक 15.07.2019 को झोंपड़ी <नाम> वह, उसके <नाम> व ससुरमौजूद थे। जहाँ <नाम> खेती संबंधी <नाम> चल रहा था। अचानक सुबह करीब09:00 बजे अभियुक्तगण विशम्भर, <नाम> <नाम> बैजनाथ, बबीता वहरिकेश एकराय होकर आए जिसमें विशम्भर के हाथ में कुल्हाड़ी थी, गौरवके हाथ में बल्लभ भाला था, <नाम> व बैजनाथ के हाथ में लाठी थी, वबबीता के हाथ में गाडसा था। हरिकेश क हाथ में फरसा था। इन्होंने एकरायहोकर <नाम> से मारने की नीयत से उसके <नाम> <नाम> हमला बोल <नाम> जिसमेंविशम्भर ने कुल्हाड़ी से हमला बोला, जिससे उसके <नाम> बुरी तरह घायल होकर जमीन <नाम> मरणासन्न स्थिति में गिर पड़े। अभियुक्तगण ने उसकीझोपड़ी में आग लगा दी। ये लोग उसके ससुर के डण्डे मारकर भाग गए। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4219 2019बैजनाथ बनाम राज्यउसके <नाम> को सी0एच०सी0 बाह ले गए, जहाँ से जिला अस्पताल रैफर करदिया। इसके <नाम> इमरजेन्सी भेज दिया। उसके <नाम> दिनाक 15.07.2019 कोजयदेवी हॉस्पीटल में भर्ती <नाम> दिया। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> कीगयी । ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रामप्रकाश शर्मा,वादिया मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता <नाम> राजवीर <नाम> एवं विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़ को विगत <नाम> <नाम> सुना जा चुकाहै । ",
"्रार्थी/अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 22.07.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। ्रार्शी 70 वर्ष की आयु का व्यक्ति है। प्रार्थी की कोई विशेष <नाम> दर्शितनहीं की गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह वर्णित है कि दोनों पक्षों मेंजमीन का विवाद चल रहा है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"वादिया मुकदमा द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र के विरूद्ध प्रतिशपथपत्र प्रस्तुत किया गया। ",
"वादिया के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि्रार्शी/ अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा, उसके <नाम> वससुर के साथ मारपीट की गयी है तथा उसके <नाम> <नाम> <नाम> से मारने कीनीयत से हमला किया गया है। अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादिया की झोंपड़ी में आग भी लगायी गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
" अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनांक 15.07.2019 की समय 09:00 बजे प्रात: की है। प्रार्थी <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4219, 2019बैजनाथ बनाम राज्यसह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर, एकराय होकर वादिया मुकदमा, उसकेपति व ससुर के साथ मारपीट करने, उसके <नाम> <नाम> <नाम> से मारने कीनीयत से हमला करने, उसकी झोंपड़ी में आग आदि लगाने का आरोप है। मामले में चुटैल <नाम> का चिकित्सीय परीक्षण दिनांक 15.07.2019 को समय02:05 पी0एम0 <नाम> किया गया है जिसमें उसके कुल 06 चोटें <नाम> दर्शितकिया गया है तथा उसमें एन0सी०सी0टी0 हैड़ कराए जाने की सलाह दीगयी है। चुटैल <नाम> की एन0सी०सी0टी0 हैड के अनुसार उसकाएन0सी0सी०टी0 हैड दिनांक 15.07.2019 को किया गया है जिसमें उसकेसिर में चोट, रक्तस्राव, फैकचर आदि पाया गया है। वादिया मुकदमा द्वाराप्रथम सूचना रिपोर्ट में कथन किया गया है कि उसके <नाम> को पुलिस ने 100नम्बर गाड़ी में उठाकर रख लिया तथा उसे सी0एच0सी0 बाह ले गए जहाँडॉक्टरों ने उसके <नाम> को जिला अस्पताल रैफर <नाम> <नाम> जहाँ उसके पतिकी चिकित्सीय जाच हुई। उसके <नाम> उन्होंने एस0एन0 इमरजेन्सी भेजदिया। इमरजेन्सी में उसके <नाम> की चोटों की जॉच हुई। वहाँ इलाज सेसंतुष्ट <नाम> होने के <नाम> दिनाक 15.07.2019 को समय करीब <नाम> 08:00बजे एस0एन0 इमरजैन्सी से डिस्चार्ज कराकर जयदेवी हॉस्पीटल में भर्तीकराया । उपरोक्त कारणों से प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज कराए जानेका कथन किया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1564_202101-03-20211737 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र <नाम> <नाम> पत्नी खेमचन्द का इस आशयका दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त की पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्ररार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अच्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबादमें कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किवादी मुकदमा राशिद मंसूरी द्वारा दिनांक 22.01.2021 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि वह कोठी नं.-52 नसीराबाद कॉलोनी मऊ रोड, दयालबाग का निवासी है तथाउसकी न्यू क्लासिक कार्गो मूवर्स नाम से ट्रान्सपोर्ट कम्पनी, ट्रान्सपोर्ट नगर में स्थित है। ",
"वह दिनांक 29.12.2020 को <नाम> 10:30 बजे ट्रान्सपोर्ट कम्पनी को बंद करके घर चला गया। उसने दिनांक 30.12.2020 को सुबह 11 बजे अपने कार्यालय का ताला खोला तोदेखा कि पीछे से दीवार तोड़कर कुछ <नाम> अज्ञात चोर चोरी करके ले गये जो निम्नवतबुकिंग का <नाम> है- Bail Application/ 2897/2021 -Mukesh Vs. UP State 2दिनांक 28.12.2020 बिल्टी नं0-5844 श्रीराम एण्टरप्राइजेज ने बुक किया, न्यू <नाम> ट्रेनिंग सेण्टर 03 बण्डल, दिनांक 29.12.2020 को बिल्टी नं0-5844 राना एण्टरप्राइजेजसे यूरो लेदर 04 बण्डल, दिनांक 29.12.2020 को बिल्टी नं0-5844 राना एण्टरप्राइजेजसे यूरो लेदर 06 बण्डल, दिनांक 17.03.2020 को बिल्टी नं0-27608 युसूफ ऐक्जिम से यू0वी0 ओवरसीज 02 बण्डल, दिनांक 16.12.2020 को बिल्टी नं0-29858 यूरो लेदर सेअशोक <नाम> धर्म <नाम> 05 बण्डल, दिनांक 23.12.2020 को जे0एन0 इण्टरनेशनल से एस0एस0०ई० फुटवियर 01 बण्डल, दिनांक 25.12.2020 को बिल्टी नं0-29953 डीलक्सइण्टरनेशनल से पीताम्बरा सेल्स 02 बण्डल, दिनांक 29.12.2020 को बिल्टी नं0-300 <नाम> सितारा लोजिस्टिक से नौमान 03 बण्डल, दिनांक 29.12.2020 को बिल्टी नं0-285 तारासितारा लोजिस्टिक से ए0आर0आर0एस0० ओवरसीज 03 है। अतः रिपोर्ट दर्ज <नाम> उचितकानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्तमजदूर व्यक्ति है। वह ट्रांसपोर्ट नगर <नाम> में कबाड़े की दुकान <नाम> <नाम> करता है। ",
"पुलिस द्वारा पूछताछ के बहाने प्रार्थी को थाने <नाम> बुलाया था और उसके <नाम> उक्त अपराधमें प्रार्थी / अभियुक्त का चालान <नाम> दिया। प्रार्थी / अभियुक्त की उम्र बहुत कम है। अधिक <नाम> जेल में रहने से उसकी मानसिकता <नाम> विपरीत प्रभाव पड़ सकता है व जेल में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की संगत का असर पड़ सकता है। प्रार्थी / अभियुक्त से कोईमाल बरामद नहीं हुआ है। सहअभियुक्त नितिन की जमानत अपर जिला एवं सत्रन्यायाधीश, न्यायालय सं0-17, <नाम> के द्वारा दिनांक 16.02.2021 को स्वकार की जाचुकी है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिइतिहास नहीं है और <नाम> ही पूर्व में सजायाफ्ता है । प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त की जमानत दिनांक 09.02.2021 कोमाननीय अवर न्यायालय के द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। प्रार्थी /अभियुक्त जमानत कादुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का निवेदन किया गया है। अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक)के द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अपने साथियोंके साथ मिलकर एक योचनाबद्ध तरीके से <नाम> में वादी की दुकान के पीछे की दीवारतोडकर वादी का <नाम> चोरी किया गया है। प्र्रार्थी/अभियुक्त के द्वारा जमानत कादुरूपयोग <नाम> फरार होने तथा पुनः अपराध कारित किये जाने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने कानिवेदन किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी एवं अन्य प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया। ",
"केसडायरी एवं एफ0आई०आर० तथा अच्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि Bail Application/ 2897/2021 -Mukesh Vs. UP State 3अभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा अपने <नाम> अपराधियों के साथमिलकर योचनाबद्ध तरीके से <नाम> में वादी की दुकान के पीछे की दीवार तोडकर वादी कामाल चोरी करने का आरोप है। ",
"उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकरायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 22.01.2021 को लिखायी गयी हैँ,जबकि घटना दिनांक 29, 30.12.2020 की <नाम> की बतायी गयी है। विलम्ब से प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज किये जाने का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। बरामदगी का कोईस्वतंत्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासप्रस्तुत नहीं किया गया है। सहअभियुक्त नितिन की जमानत दिनांक 16.02.2021 को मेरेसमकक्ष न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6127_201931-10-20192245 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार <नाम> पुत्रस्व0 <नाम> बरसाती ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्तउक्त वाद में पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी/ अभियुक्त का उक्त आरोप पत्र संख्या66/2016, अं0धारा 414 भा०दं0सं0 व <नाम> 15 डी0ए0ए० एक्ट माननीय न्यायालय मेंविवेचक द्वारा सम्माननीय न्यायालय दएप्र0क्षे0 में दाखिल किया था। न्यायालय मेंविवेचक महोदय के द्वारा आरोप पत्र संख्या 66/2016 रोजनामचा नं0 6ए, 23 मेंप्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> 411 भा0दं0सं0 का लोप <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त की जमानत होने के दौरान सम्माननीय न्यायालय द्वारा जारी कियेगये सम्मन प्राप्त नहीं हुए हैं और <नाम> ही आदेश पत्र <नाम> उसके हस्ताक्षर हैं। पुलिस नेअपना गुडवर्क दिखाने के लिए प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> किसी भी प्रकार के सम्मन कीतामील शासन को नहीं करायी है और न्यायालय द्वारा जारी किये गये गैर जामनतीवारंट <नाम> प्रार्थी को गिरफूतार <नाम> दिनांक 20.10.2019 को जेल भेज <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त समाज का सम्भ्रान्त व्यक्ति है तथा अपनी विश्वसनीय जमानतदाखिल करने को तैयार है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 20.10.2019 से जिला कारागारमें निरूद्ध है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की प्रार्थना की है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 10.01.2016 कोपुलिस दल के सदस्यगण चैकिंग में मामूर थे, उसी समय दो एक्टिवा <नाम> <नाम> व्यक्तिआते दिखाई दिये, जिन्हें पकड़ लिया गया। एक्टिवा सफेद रंग की नं0 यू0पी0 80 2सी0एन0 8075 जिसे <नाम> उर्फ मोनू चला रहा था, उसकी पैंट की दाहिनी फट मेंखुरसा हुआ तमंचा 315 बोर बरामद हुआ तथा दाहिनी जेब से एक अखबारी कागजमें लिपटी एक पीली धातु की चैन मय लौकिट जो सोने की बता रहा है, बरामद हुईतथा इसी स्कूटर <नाम> पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> उर्फ उमाशंकर उर्फराहुल बताया, जिसके कब्जे से पेंट की दाहिनी फॅट में खुरसी एक पिस्टल देशी 7.65बरामद हुई। <नाम> रंग की एक्टिवा को चला रहे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> कुमारभोजवानी बताया तथा इसकी जामा तलाशी में पहने पेंट के पीछे कमर में सफेदकपड़े में खुरसी एक अदद चाकू जिसकी कुल लम्बाई करीब एक बालिस्त आठअंगुल बरामद हुई, इसी <नाम> पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> उफ श्यामा बतायातथा इसकी जामा तलाशी लेने <नाम> एक सफेद कणड़े में लिपटा पीछे की तरफ पेंट मेंखुरसा एक अदद चाकू जिसकी कुल लम्बाई एक बालिस्ट छः: अंगुल बरामद हुई औरपीछे की तरफ पीठ <नाम> लटकाये एक काला <नाम> उसके अन्दर रखे तीन एल0सी0०डी0कार्ड व एल0सी०डी0 रिपेयर का सामान एक अदद छोटी रेती, एक सोल्डिंग आयरन,एक कटर, एक डिब्बी क्विक फिक्स व एक पेंचकस, एक काला ब्रुश इत्यादि बरामदहुआ। <नाम> रंग की एक्टिवा की नम्बर प्लेट <नाम> नं0 यू0पी0 32 सी0एल0 9544लिखा है, इसके बारे में पूछने <नाम> चालक <नाम> <नाम> ने बताया कि मैं और श्यामने एक्टिवा काफी समय पहले तीन हजार रुपये में खरीदी थी। <नाम> उफ श्यामा कीपीठ <नाम> <नाम> से बरामद सामान क बारे में पूछा गया, तो बताया कि तीन <नाम> पहले8 बजे भगवान टाकीज के पास बने ओवर ब्रिज की ढलान <नाम> एक लड़के से छीनाथा। <नाम> उफ मोनू ने एक्टिवा के बारे में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं <नाम> तथाचैन व लॉकेट के बारे में बताया कि ढाई महीने पहले कैला <नाम> चौराहे से एकमहिला से पिस्टल लगाकर छीनी थी। ",
"वादी मुकदमा /एस0आई0 राघवेन्द्र <नाम> <नाम> की उक्त तहरीर केआधार <नाम> <नाम> उफ मोनू आशोक उर्फ उमाशंकर उफ <नाम> <नाम> <नाम> भोजवानीएवं <नाम> उर्फ श्यामा के विरूद्ध मु0अ0सं0 21/2016, <नाम> 15 दणप्र0क्षे अधि0,धारा 41/102 दं0प्र०सं0 व <नाम> 392, 411, 414 भा0दं0सं0 में थाना जगदीशपुरा,जिला <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। ",
"्रार्शी/ अभियुक्त मोहिन उर्फ मोनू के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुतकिया है कि प्रार्थी/अभियुक्त मोहिन उर्फ मोनू इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। ्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत के उपरान्त माननीय न्यायालय द्वारा जारी किये गयेसम्मन प्राप्त नहीं हुए हैं और <नाम> ही आदेश पत्र <नाम> उसके हस्ताक्षर हैं। पुलिस नेअपना गुडवर्क दिखाने के लिए प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> किसी भी प्रकार के सम्मन की 3तामील शासन को नहीं करायी है और न्यायालय द्वारा जारी किये गये गैर जामनतीवारंट <नाम> प्रार्थी को गिरफूतार <नाम> दिनांक 20.10.2019 को जिला कारागार, आगराभेज <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है। अतःउसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर सेजमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में जानबूझकर काफी लम्बे समय से गैर हाजिर हुआ था,जिस <नाम> उसके विरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू0 की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी / अभियुक्त की वजह से इस मामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई हैतथा प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा पूर्व में प्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघनकिया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त लूट/डकैती के गिरोह का सदस्य है। ्रार्थी/अभियुक्त को यदि जमानत मिल गयी तो वह इसी तरह का अपराध पुनःकारित करेगा। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कोई न्यायोचित आधारनहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ",
"उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> थाना जगदीशपुरा, जिला <नाम> ने भीजमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए अपनी आख्या में कथन किया है किअभियुक्त द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश/ जमानत की शर्तों का उल्लंघन कियागया है। प्रार्थी/अभियुक्त माननीय न्यायालय से जारी समन व गैर जमानती वारंटतामील के समय घर से फरार रहता है। प्रार्थी/अभियुक्त की जमानत <नाम> छूटकरफरार होने की पूर्ण सम्भावना है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना एवं उपनिरीक्षक थानाजगदीशपुरा, जिला <नाम> की रिपोर्ट तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त मोहितउफ मोनू इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था और आरोप पत्र न्यायालय में प्राप्त होने के पश्चात् न्यायालय में हाजिर नहीं आया। प््ार्थी/अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत किया कि उस <नाम> न्यायालय की कोई आदेशिका तामीलनहीं हुई थी, इस <नाम> से उसे आरोप पत्र प्राप्त होने की जानकारी नहीं हो पायी। पत्रावली <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> तामीलशुदा कोई आदेशिका संलग्न नहीं है। पूर्व मेंप्रार्थी / अभियुक्त की विशेष न्यायाधीश (द0प्र0क्षे0), <नाम> द्वारा जमानत दी जा चुकीहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6631_201921-11-20191478 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> चन्द पुत्र रामवीर <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> उदयवीर <नाम> <नाम> थाना एत्माददौला जिला <नाम> द्वारा दिनांक 27.03.2019 को समय 15.19बजे जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण भूपेन्द्र उर्फ पिन्टू, <नाम> लक्ष्मन, सिन्टू, <नाम> <नाम> उफ लल्लू, फिरोजा <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> रामू, व आदिल्य उफ छोटू उर्फ सोनू सिसौदिया क द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है,जिसका गैगलीडर भूपेन्द्र उफ पिन्टू है जो अपने साथियों के साथ मिलकर डकैती जैसे जघन्यअपराध करते हैं और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त रहते है। ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 व 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोगपंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी /अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमें में पुलिस ने झूँठा नामजद किया है। उसका कोई संगठित गिरोह नही है। मेहनत मजदूरी करके अपना व परिवार का पालन पोषण करते है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उनकी जमानत हो चुकी है। उसका <नाम> तोकोई संगठित गिरोह है और <नाम> ही वह किसी गिरोह का सदस्य है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है और <नाम> ही वह पूर्व सजायाफता है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में गुडवर्क दिखाने के लिए उसे झूँठा फंसाया है जबकि उसके द्वारा कोई अपराध कारित नही किया है। उसका यहप्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अभियुक्त दिनाक 02.11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजाये । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकििय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.स. 395/18 धारा-395, 412, 342, 120बी, भा.द.सं. व 15 दप्रक्षे अधिनियमथाना-एत्माददौला जिला <नाम> । ",
"(2) अ.सं. 423/18 धारा-147, 148, 149, 307, भा.द.सं. थाना-एत्माददौला जिला आगरा। ",
"(3) अ.सं. 425/18 धारा-3/25 आर्म्स एक्ट थाना-एत्माददौला जिला <नाम> का मुकदमा लंबितहैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने को प्रार्थना कीगयी है । "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्त मामले दर्शाये गये है, जिनमें अभियुक्त क विरूद्ध गैंग बनाकर डकैती एवं हत्या क प्रयास जैसे अपराधकरने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर डकैती एवं हत्या के प्रयास जैसे अपराध करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उनके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2325_202030-09-20202353 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त की मॉ सायदा का शपथपत्र संलग्नकिया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता एवेअभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रएवं अन्य सामग्री का सम्यक परिशीलन किया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता का कथनहै कि आवेदक / अभियुक्त को उक्त केस में परेशान करने <नाम> झूँठा फंसायागया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा किसी घटना को अंजाम नहीं <नाम> गयाहै। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई नशीली वस्तु बरामद नहीं हुईहै। घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्राएपत्र के साथ संलग्न 2शपथपत्र में दिये गये तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक/ अभियुक्त को जमानतपर छोड़ा <नाम> उचित होगा। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 05.08.2020 सेजेल में निरूद्ध है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक ने आवेदन पत्र का घोर विरोध करते हुए कहा कि इस मामले मेंअभियुक्त के पास से काफी <नाम> में नशीला पाउडर स्मैक बरामद हुआ है। स्वापक आषधि और मनःप्रभावी प्रदार्श अधिनियम की <नाम> 50 तथा 57 कासहमति पत्र दाखिल करके अनुपालन <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्तका अपराध गंभीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक / अभियुक्तको दिनांक 05.08.2020 को समय 1:15 बजे उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> वअन्य पुलिस कर्मचारियों द्वारा दौरान देखरेख <नाम> व्यवस्था / चैकिंग संदिग्धव्यक्ति व वाहन गश्त करते समय टी0पी0नगर कट के पास, नलकूप कॉलोनीके पास, थाना न्यू <नाम> जिला <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्त को पकड़ागया। पकड़े गये अभियुक्त ने अपना नाम आशु पुत्र <नाम> नाजिम बताया तथाउसके कब्जे से 200 ग्राम स्मैक बरामद किया गया। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध साम्रगी से स्पष्ट है कि इस मामले मेंआवेदक / अभियुक्त के पास से 200 ग्राम नशीला पदार्थ स्मैक बरामदहोने का आरोप है, जो <नाम> <नाम> से काफी अधिक है। धारा-37स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम के अन्तर्गत यह अवधारितकरने <नाम> पर्याप्त आधार नहीं है कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> रिहाहोने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्त नहीं होगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2383_202021-09-20202644 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता लायक सिंहकी ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है किअभियुक्त <नाम> कोई अपराध नहीं किया है, गांव की पार्टीबन्दी व रंजिश के कारणपुलिस द्वारा उसे झूंठा नामित किया गया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहींहै। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त दिनांक 26.04.2020 सेकारागार में निरुद्ध है। अतः आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहा गया है कि घटना के कुछ समय पश्चात् ही अभियुक्त को पकड़ेजाने <नाम> उसके पास से लूट की चॉदी की पायजेव बरामद हुयी है। सहअभियुक्त <नाम> <नाम> का जमानत प््रार्थनापत्र दिनांक 12.08.2020 को खारिज किया जा चुका है। अतः आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जाय। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> भगवान द्वाराथाना निबोहरा <नाम> एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि वह दिनांक 23.06.2020 को अपनी पत्नी <नाम> कुसमा के साथ मोटरसाइकिल से फतेहाबाद से अपने गांवजा रहा था जब समय करीब 12:30 बजे वह टोड़ा घाट उंटगन नदी पुल से करीब 150 गज पहले पहुँचा तो पीछे से अपाचे मोटरसाइकिल <नाम> सवार तीन बदमाशों ने (2) अपनी मोटरसाइकिल उसकी मोटरसाइकिल के आगे लगाकर उसे रोक लिया तथातमंचे के <नाम> से उसे और उसकी पत्नी को <नाम> धमकाकर उसकी दो अंगूठीऔर एक सोने की चैन व उसकी पत्नी के हाथों की <नाम> चूड़ी एक सोने की चेन,दो अंगूठी, दो कान के कुंडल, नाक की बाली, एक <नाम> सोने का, व एक जोडीपेर की तोडियां, एक करघनी लूट <नाम> मोटरसाइकिल से भागे। इसकी सूचनाउसने अपने गांव तथा थाना निबोहरा व थाना मंसूखपुरा को दी तथा उनका पीछा किया कुछ समय <नाम> 1:00 बजे करीब जब वह गांव में पहुँचा तो गांव वालों नेउसके साथ लूट करने वाले दो बदमाशों को मारपीट <नाम> पकड़ लिया। तीसराबदमाश मौके का फायदा देखकर भाग गया। इनके पास से लूट की घटना मेंप्रयोग कौ गयी अपाचे मोटरसाइकिल नं0 यू०पी0 80 ई.आर.-7512 बरामद हुई । पकडे गये बदमाशों का नाम पता पूछा तो एक ने अपना नाम प्रेमसिंह बताया इनके कब्जे से उसकी पत्नी से लूटी गयी करघनी बरामद हुई तथा दूसरे बदमाश ने अपना नाम बादामसिंह बताया इसके कब्जे से उसकी पत्नी से लूटी गयी एक जोड़ी <नाम> की पायजेब बरामद हुई तीसरे भागे हुए बदमाश का नाम रबी बतायातथा लूटा हुए <नाम> सामान रबी कै पास होना बताया। वादी की लिखित तहरीर केआधार <नाम> थाना निबोहरा <नाम> मु०अ9सं0 46/2020 अंतर्गत <नाम> 392, 411भा०दंसं0 पंजीकृत किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान् अभियोजन <नाम> केतक सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि घटना घटना के कुछ समय पश्चात ही गांव के लोगों द्वारा आवेदक / अभियुक्त को पकडा गया है तथा उसके कब्जे से वादी की पत्नी की लूटी गयी पायजेव बरामद हुई है। वादी मुकदमाके द्वारा अभियुक्त को पहचाना गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_5672_201914-10-20193025 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त की पत्नी <नाम> गुजनके शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीदर्ज करायी गयी कि दिनौीक 05.08.2015 को वह मय हमराहियान शान्तिव्यवस्था डियूटी आदि में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर खास की सूचनापर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा एक व्यक्ति अंधेरे काफायदा उठाकर भागने में सफल रहा। पकड़े गए व्यक्तियों से नाम पता पूछतेहुए जामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम मुकददर <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एक अदद तमंचा, एक जिंदा कारतूस, 3000/-रूपए नगद व एक मोबाइल बरामद हुआ। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम विशालउफ बबलू उर्फ भंवर <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी में एक तमंचा, एकजिन्दा कारतूस, 2,500/- रूपए नगद बरामद हुए। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से कोई बरामदगी नहीं हुई । तीनों अभियुक्तों के पास में खड़ी एक <नाम> नम्बर की मोटरसाईकिल भी (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5672/2019विशाल उर्फ बब्लू उर्फ भंवर <नाम> बनाम राज्यबरामद हुई । भागे हुए व्यक्ति का नाम यदुवीर <नाम> उर्फ लल्लू बताया। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 06.08.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास महीं है। बरामदगीका कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय या अन्य किसी न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त कोपुलिस द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक नाजायजतमंचा बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 05.08.2019 की समय 23:55 बजे की हैे। प्रार्थी <नाम> गिरफूतारी के दौरान उसके कब्जे से एक तमंचा व कारतूस नाजायज <नाम> सेबरामद होने का आरोप लगाया गया है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानतइस न्यायालय द्वारा दिनाक 05.09.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थीदो माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2577_202014-09-20202729 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी /अभियुक्त तौसीफ के बहनोईनदीम कुरेशी ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थानेपर तहरीर इस आशय की दी गयी है कि दिनाक 08.08.2020 की <नाम> को उसकीएक्टिवा नं यू०पी0 80 ईएम 0512 घर के सामने खडी शी। सुबह उठकर <नाम> तो उसकी एक्टिवा वहां नहीं थी। काफी जानकारी की परंतु कोई पता <नाम> चल सका। कोईअज्ञात चोर उसकी एक्टिवा को चोरी करके ले गया है। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना जगदीशपुरा में मुकदमा अपराधसं० 415, 2020 अन्तर्गत <नाम> 379, भा० द0 सं० में अज्ञात में प्राथमिकी <नाम> की गयी। Bail Application/ 7476/2020 —Tosif Vs. UP Stateप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया हैकि प्रार्थी /अभियुक्त निर्दोष है। प््रार्थी/अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 12.08.2020 सेजिला कारागार <नाम> में निरूद्व हैं। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियाजाए । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी की एक्टिवा नं0 यू0पी080 ईएम 0512 की चोरी की गयी है। प्रकरण गंभीर <नाम> का है। अतः प्रार्थी / अभियुक्तका जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियोजन प्रपत्रं के अवलोकन से विदित होता है कि वादी मुकदमाअभिषेक <नाम> की तरफ से दिनांक दिनांक 8.8.2020 को <नाम> के समय घर के सामने खड़ी स्कूटर एक्टिवा पंजीयन संख्या यू०पी0 80 ईएम 0512 को अज्ञात चोर द्वारा ले जाने के आधार <नाम> <नाम> 379 भा0दं0सं0 में मुकदमा अज्ञात के विरूद्व <नाम> कराया गया है। दौरान विवेचना दिनांक 11.08.2020 को थाना नाई की <नाम> थाने द्वारा <नाम> व्यवस्था तथावांछित अभियुक्त की तलाश में चैकिंग के दौरान पांच व्यक्ति <नाम> चोरी की स्कूटर <नाम> बेचने के लिए आने वाले हैं। मुखबिर की उक्त सूचना <नाम> सम्बन्धित थाना पुलिस द्व गरा एक ही बार दबिश देकर पांचों व्यक्तियों को <नाम> स्कूटरों के साथ गिरफतार करलिया गया जिसमें से स्कूटी नम्बर यू०पी0 80 वी0पी0 7240 <नाम> सवार <नाम> चालक नेअपना नाम तौशिक पुत्र ताजुददीन एवं पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम फैजल पुत्र नियाजबताया जिसकी जामा तलाशी में पहने हुए लोअर की जेब से 80/-रूपये बरामद हुएतथा एक मोबाइल वीवो कपनी रंग <नाम> बरामद हुआ तथा तीन अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ अन्य चोरी की बाइक बरामद होने का उल्लेख किया गया है तथा यह भीउल्लिखित है कि गिरफतार अभियुक्त अजहर द्वारा अपने बयान में यह बताया गया कि उक्त चोरी की स्कूटर व शहनवाज, फैजल, अमन तौशिक के साथ मिलकर चुराये थेजिसका तस्दीक थाना जगदीशपुरा में <नाम> मु०अ०सं0 4152020 <नाम> 379 भा0दं0सं0में चोरी एक्टिवा से होता है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि उसके कब्जेसे प्रस्तुत मामले की चोरी गयी स्कूटी यू0पी080 ई०एम0 0512 बरामद नहीं हुआ है बल्कि उसके पास से दूसरी स्कूटी बरामद होना बताया गया है तथा फर्जी कहानी के आधार <नाम> उसेमुकदमे से कनेक्ट <नाम> <नाम> गया है। प्रस्तुत मामले में स्कूटी चोरी की घटना दिनांक 8.8.2020 को होना कहा जाताहै जिस फर्द बरामदगी अंतर्गत अपराध संख्या 70/2020 <नाम> 411,414,420 भा०दं0सं0 में अभियुक्त को गिरफतार होना उल्लिखित है उसमें दिनांक 02.09.20 को अभियुक्त की जमानतसत्र न्यायाधीश, <नाम> द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। मामला अज्ञात में दर्ज हुआ है और Bail Application/ 7476/2020 —Tosif Vs. UP Stateअभियुक्त तथा <नाम> अभियुक्त के जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> अभियुक्त को प्रस्तुतप्रकरण में नामित किया <नाम> उल्लिखित है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीयहै। अभियुक्त दिनांक 12.08.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। <नाम> अभियुक्त फैसल की जमानत दिनांक 28.08.2020 को इसी न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_998_202117-02-20212292 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त की माता <नाम> <नाम> काशपथपत्र संलग्न किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 23.01.2021 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> अपने अन्य पुलिस कर्मियों के साथगश्त इलाका में रमाडा होटल के पास तिराहा <नाम> मामूर थे। जब वेलोग गस्त करते हुये <नाम> <नाम> मदिया कटरा रोड से बिलोचपुरा रेलवेस्टेशन की तरफ मुड़े तो मेन रोड <नाम> बनी दुकानों के पीछे खाली जगहमें कुछ लोगो के बातचीत करने की आवाज आ रही थी जिसे आड़ मेंसुना तो कह रहे थे कि आज रात में किसी दुकान का शटर उखाड़ केसामान चोरी करना है तो विशवास हुआ कि ये लोग चोरी की योजनाबना रहे है और जैसे ही इन लोगों <नाम> टार्च की <नाम> <नाम> तो वहांतीन व्यक्ति कहते हुये भागे कि पुलिस है जिसपर पुलिस कर्मियों ने घेरघोट <नाम> आवश्यक <नाम> का प्रयोग <नाम> तीनों व्यक्तियों को 22.50 बजेपकड़ लिया। आवेदक अभियुक्त के कब्जे से एक अदद छुरा जिसकीकुल लम्बाई एक बालिस्त व तीन अंगुल बरामद हुआ। ",
"आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक अभियुक्त को उक्त मामले में झूठा फंसायागया है वह निर्दोष है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। आवेदक अभियुक्त से पुलिस द्वारा बरामदगी का कोई <नाम> का गवाहनहीं दर्शाया गया है। आवेदक को मात्र गुडवर्क दिखाने के लिये फंसायागया है। आवेदक अभियुक्त की उपरोक्त मामले से सम्बन्धित अ0सं029/2021 अंणधारा 398,401 भा०द0सं0 में जमानत अपर सत्र न्यायाधीश,कोर्ट सं0 18 से दिनांक 08.02.2021 को स्वीकार हो चुकी है। आवेदकअभियुक्त दिनांक 24.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदक अभियुक्त को जमानत पररिहा किये जाने का अनुरोध किया है। ",
"अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता एवं अभियोजन <नाम> का कथन है कि आवेदक अभियुक्तको लूट की <नाम> बनाते हुये गिरफतार किया गया है तथा उसकेकब्जे से एक छुरा व सब्बल भी बरामद हुआ है। आवेदक अभियुक्तका एक संगठित गिरोह है जो इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देतेहैं। आवेदक अभियुक्तों द्वारा किया गया कृत्य गंभीर <नाम> का है। इन्हींआधारों <नाम> विद्वान अपर शासकीय अधिवक्ता एवं अभियोजनअधिकारी द्वारा जमानत आवेदन पत्र को निरस्त किये जाने का अनुरोधकिया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन कीतरफ से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता एवंअभियोजन <नाम> के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट प्रकट होता है कि इस मामले में आवेदक अभियुक्त से एकछुरे की बरामदगी दर्शित की गयी है। बरामदगी स्थल एक रोड है औरकाफी व्यस्त <नाम> है जहां <नाम> लोगों का हर समय आवागमन रहता हैपरन्तु फिर भी <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं बनाया गया है। आवेदक अभियुक्त की इस मामले से सम्बन्धित अ0सं0 29/2021अं0धारा 398,401 भा०द0सं0 में जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट सं018 से दिनांक 08.02.2021 को स्वीकार हो चुकी है। आवेदक अभियुक्तदिनांक 24.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। वर्तमान मामले के निकट भविष्य में परीक्षण प्रारम्भ होने की कोई सम्भावना नहींहै। आवेदक अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चितकरने के लिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7163_201911-12-2019693 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थनापत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ रामभरत पुत्र चरनसिंह काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> द्वारादिनॉक 31.10.16 को समय करीव 19.30 बजे थाना एत्माददौला जिला <नाम> में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि दि0 22.09.16 को एक ट्रक चालक जिसने अपना नाम उपेन्द्र बताया। ",
"अपना ट्रक यूपी.75एम-9741 लेकर उसके ट्रॉसपोर्ट <नाम> आया और उसके ट्रॉसपोर्ट के मार्फत से 1000 बोरी सीमेन्ट की सी 069 फाउण्ड्री नगर से लोड <नाम> छावनी <नाम> के लिए ले गया था और सीमेन्ट को छावनी <नाम> <नाम> पहुँचाकर ट्रक <नाम> उक्त फर्जी नम्बर की प्लेट लगाकरजानबूझकर धोखाधड़ी <नाम> उपरोक्त 1000 बोरी का गमन <नाम> लिया। दि0 31.10.16 को एक व्यक्तिजिसने अपना नाम चरन <नाम> बताया एक ट्रक जिस <नाम> रजिस्ट्रेशन नम्बर यूपी.83एटी-1725 पड़ाहै लेगर उसके ट्रॉसपोर्ट <नाम> आया और डी.ए.पी.खाद भाड़े <नाम> लेने को कहने लगा ट्रक को देखकर सन्देह हुआ कि उसने ट्रक को पहचान लिया है। इसी दौरान चरन <नाम> नामक व्यक्ति वहाँ सेघिसक गया उसने और पहचान की तो ये वही ट्रक है जो दि0 22.09.146 को सीमेन्ट लोड <नाम> सीमेन्ट को गायब <नाम> <नाम> था। उसके ट्रॉसपोर्ट <नाम> <नाम> करने वाले <नाम> ने अपने मोबाईल परउक्त ट्रक <नाम> पड़े रजिस्टेशन नम्बर यूपी.83एटी-1725 की जानकारी की तो उक्त नम्बर काचैसिस नम्बर एम.बी.आइ.एए22ई6ईआरसी690914 इंजन नम्बर सीईएचओ12652पी आया जबकिमौजूद ट्रक का इंजन नंबर 11एफ84007693 व चैसिस नम्बर एमएटी448030बीएएफ27583 है औररजिस्ट्रेशन आर.जे.05जीए-7748 निकला आज पु: अन्य गमन <नाम> उक्त ट्रक को लेकर आया चरन <नाम> नामक व्यक्ति फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर जानबूझकर धोखाधड़ी <नाम> भाड़ा लोड करने आया था ट्रक से मिले कागजों में उक्त चरन <नाम> नामक व्यक्ति के आधार की छायाप्रति के अनुसार चरन <नाम> के पिता का नाम रामसहाय निवासी 177 यदुवंश नगर शिकोहाबाद <नाम> है। कानूनी कार्यवाही की जाये। ",
"वादी की उक्त तहरीर <नाम> थाना एत्माददौला जिला <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 930 / 2016 <नाम> 467, 468, 471, 420,407, भा.द.सं. के अर्न्तगत प्राथमिकी <नाम> की गई। विवचना में अभियुक्त चरन <नाम> के विरूद्ध <नाम> 420, 468, और 471 भादद.सं. का जुर्म साबितपाते हुए विवेचक द्वारा उपरोक्त धाराओं के अर्न्तगत आरोपपत्र प्रेषित किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थ / अभियुक्त को उक्त मुकदमें में वादी द्वारा उसे जानबूझकर शक के आधार <नाम> थाना पुलिस से मिलकर झूँठा फंसा <नाम> गया है। उपरोक्त से सम्बन्धित कोई अपराध प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा कारित नही किया गया है। वह पूर्णतः निर्दोष व निरफ्राध है। वादी मुकदमा द्वारा प्रथम सूचनारिपोर्ट मनगढंत तथ्यों के आधार <नाम> लिखायी गयी है। जबकि उसने वादी या अन्य किसी के साथकोई धोखाधड़ी या गबन नही किया गया है। उसे भाड़े <नाम> <नाम> डी.ए.पी. खाद लेजाने के लिए स्वयं बुलाया गया था और उससे यह पूछा गया कि उसके ट्रॉसपोर्ट कम्पनी के साथ किस ट्रक <नाम> व चालक द्वारा धोखाधड़ी की गयी है। धोखाधड़ी से अनभिज्ञता जाहिर करने <नाम> मुकदमा वादी ने जानबूझकर प्रार्थी / अभियुक्त को थाना पुलिस से मिलकर झूँठा फंसा <नाम> गया है। सभीगवाहान ने अपने बयान में यह कहा है कि यह वो ट्रक नही है जिसके द्वारा 1000 सीमेन्ट की बोरियों का गबन किया गया था इससे स्पष्ट होता है कि वादी मुकदमा द्वारा गुस्से में आकर प्रार्थ / अभियुक्त के विरूद्ध यह मुकदमा झूँठा पंजीकृत कराया गया है। उसने स्वयं न्यायालय में उपस्थित होकर दि0 04.12.19 को न्यायालय में आत्म <नाम> किया था Wet उसकी जमानतउसी <नाम> खारिज <नाम> दी गयी थी व उसे जेल भेज <नाम> था। पुलिस द्वारा जो गवाहान आरोपपतन्र में दर्शाये गये है उन सभी ने उक्त चरन <नाम> द्वारा गबन व धोखाधड़ी किये जाने सेइन्कार किया है जिनसे वह निर्दोष प्रतीत होता है। अभियुक्त के विरूद्ध आरोपपत्र प्रेषित किया जाचुका है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है वह अच्छी <नाम> का है। उसका यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। वह दिनॉक 04.12.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ”फौ” द्वारा जमानत का विरोध किया गयातथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा धोखाधड़ी करने की नीयत से 1000 बोरी सीमेन्ट वादी के. ट्रॉसपोर्ट से <नाम> के लिए लेकर गया था किन्तु सीमेन्ट को छावनी <नाम> <नाम> पहुचाकर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर सीमेन्ट का गबन किया गया है तथा वादी द्वारा दुबारा ट्रक को आने <नाम> पहचान लिया गया एवं उस <नाम> गलत चैसिस नंबर व इंजन नम्बर डाले गये थे। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गंभीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि आवेदक / अभियुकक्त की जमानत विद्वान प्रभारी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय सं० 10, <नाम> द्वारा दिनॉक 04.12..2019 कोनिरस्त किया गया है। ",
"मैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ए.डी.जी.सी. को सुना तथा पत्रावलीका अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध धोखाधड़ी करने की नीयत से 1000 बोरी सीमेन्ट वादी के ट्रॉसपोर्ट से <नाम> के लिए लेकर जाने व उसे छावनी <नाम> <नाम> पहुचाकर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर सीमेन्ट का गबन किये जाने तथा वादीद्वारा दुबारा ट्रक को डी.ए.पी.खाद भरने आने <नाम> पहचान लेने एवं उस <नाम> गलत चैसिस नंबर व इंजन नम्बर डाले जाने एवं ट्रक को व्यवसायिक उपयोग में लाये जाने तथा फर्जी नम्बर प्लेट कों असली के <नाम> में प्रयोग <नाम> ट्रक का आवागमन किये जाने का आरोप है। घटना की प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनॉक 22.09.2016 से लगभग 1 माह 9 <नाम> <नाम> दि0 31.10.16 को पंजीकृत करायी गयी है परन्तु इस विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नही <नाम> गया है। गवाहान एवं वादीमुकदमा द्वारा अपने बयान में यह कहा गया है कि यह वो ट्रक नही है जिसके द्वारा एक हजार बोरी सीमेन्ट की बोरियो का गबन किया गया था। प्रार्थी / अभियुक्त ट्रक पजीयत संख्या आर.जे. 05 जीए. 7748 का पंजीकृत <नाम> है जिससे सम्बन्धित इंजन नम्बर और चैसिस नम्बर का ट्रकमौके से बरामद दर्शाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा स्वयं न्यायालय में आत्म <नाम> किया है। ",
"प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्त दिनॉक 04.12.2019 से कारागार मेंनिरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1782_202110-03-20211242 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार घटना के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं किवादी मुकदमा मिन्दर <नाम> उद्धार <नाम> द्वारा दिनांक 11.02.2024 को थाना ताजंगजआगरा <नाम> फर्द बरामदगी इस आशय की दी गई कि- दिनांक 11.02.2024 को वादीमुकदमा मिन्दर <नाम> उद्धार <नाम> <नाम> मण्डल <नाम> को गोपनीय सूत्रों से जानकारीमिली कि भीमा नाम का व्यक्ति होटल शुभ रिसोर्ट, थाना ताजगंज जिला <नाम> मेंविदेशी युवतियों को बुलाकर वैश्यावृत्ति कराता है। इस जानकारी के आधार <नाम> उसनेगोपनीय सूत्रों से भीमा का व्हाटस एप नम्बर लिया तथा वीरडियो कांलिग केक जरिएविदेशी युवतियों की मॉग की। दिनांक 10.02.2021 को भीमा द्वारा वीडियो एवं चैटिंग केमाध्यम से 02 विदेशी युवतियों के फोटो भेजे दिनांक 11.02.2024 को युवतियों को एकश्युवती के साथ एक व्यक्ति द्वारा सैक्स कराने के 4000,/- रुपये तय किये गये। इसीसूचना को उसने पुलिस अधीक्षक नगर <नाम> को कार्यवाही किये जाने <नाम> अनुरोध किया Bail Application/3222/2021 -Ermonova Swetlana Vs. UP State 2तथा व्हाटस एप चैटिंग पुलिस अधीक्षक नगर को भेजी गई एवं सी ओ सदर से मिलकरकार्यवाही के लिए अनुरोध किया गया। सी ओ सदर तत्काल कार्यवाही करते हुए थानाप्रभारी थाना ताजगंज व महिला थानाध्यक्ष पुलिस टीम के साथ मय उपनिरीक्षकगण कोसाथ लेकर उक्त स्थान <नाम> एक बारगी दबिश दी जिसमें कमरा नं० 105 से मौके <नाम> भीमातथा दो विदेशी लड़की मौजूद मिली। पूछने <नाम> भीमा ने अपना पूरा नाम भीमा राजपूतबताया जिसकी जामा तलाशी से एक अदद वीवो मोबाइल एवं <नाम> हजार रूपये बरामदहुये। महिला थानाध्यक्ष <नाम> <नाम> द्वारा दोनों युवतियों से नाम पता पूछने <नाम> एक नेअपना नाम इरमानेवा स्वेतलाना निवासी उज्जबेकिस्तान बताया तथा बरामद मोबाइलसैमसंग के कवर से आधार कार्ड डायना परेरा लिखा हुआ बरामद हुआ तथा आधार कार्डके बाबत पूछने <नाम> उसे वैश्यावृत्ति करने <नाम> <नाम> में अधिक समय <नाम> रूकने के लिये फर्जी तरीके से बनवाया <नाम> बताया। दूसरी महिला ने अपना नाम इर्सिमवेतोना निगरोरा निवासी उज्जबेकिस्तान बताया। कमरा नम्बर 104 का दरवाजा AT HY <नाम> तो उसकेअंदर से बरामद व्यक्ति ने पूछने <नाम> अपना नाम <नाम> <नाम> बताया जिसके बॉयी पैन्ट की जेब से <नाम> रंग का सैमसंग टचस्कीन मोबाइल बरामद हुआ। पूछने <नाम> भीमा ने बतायाकि वह तथा <नाम> <नाम> विदेशी लड़कियों को वैश्यावृत्ति <नाम> इस होटल में बुलाते हैंजिसके बदले अच्छी खासी रकम होटल <नाम> <नाम> <नाम> को देते हैं। होटल काअन्य स्टाफ भी उनकी मदद करता है। होटल में आगन्तुक पंजिका को चेक करने परदिनांक 14.11.2020 में पहली प्रविष्टि दिनांक 18.11.2020 को की गई है जिसमें दोनोंविदेशी महिलाओं का नाम <नाम> है। होटल के कमरा नंम्बर 405 से बरामद कण्डोम व पैकेट बंद कण्डोम एवं होटल के रिसेप्शन प्वाइंट से बरामद आगन्तुक पंजिका को सफेदकपड़े में अलग-अलग रखकर सील सर्वमोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया तथापकड़े गये व्यक्तियों को उनके जुर्म से अवगत कराते हुये पुलिस हिरासत में लिया गया। ",
"फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर अभियुक्तों को गवाहान के हस्ताक्षर बनवाते हुयेप्रति प्रदान की गयी। फर्द बरामदगी की नकल एवं चिक प्राथमिकी आरक्षी धर्मेन्द्र <नाम> द्वाराकम्प्यूटर <नाम> टंकित कराई गयी। ",
"Ved be बरामदगी के आधार <नाम> थाना ताजगंज <नाम> <नाम> अपराधमु0अ0सं0 83,/20214 अंतर्गत <नाम> 3,4,5,6.7 आई0टी0पी0एक्ट व <नाम> 420,467,468,471भा०द0सं0 में अभियुक्तगण <नाम> उर्फ भीमा राजपूत, इरमानोवा स्वेतलाना, इर्सिमबेतोना निगोरा, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> होटल <नाम> व मैनेजर सुन्दरम <नाम> संचालकचिराग <नाम> के विरूद्द प्राथमिकी <नाम> की गई। विवेचना के दौरान <नाम> 44 विदेशीअधिनियम की बढोत्तरी की गई । ",
"प्रार्थिया / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थिया / अभियुक्ता को झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, वहनिर्दोष है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता हिन्दुस्तान घूमने के लिए आई थीऔर <नाम> में ताजमहल व अन्य स्मारक देखने आई थी। <नाम> स्थिति होटल शुभ रिसोर्ट Bail Application/3222/2021 -Ermonova Swetlana Vs. UP State 3में रूकी थी। अभियुक्ता को पुलिस ने एक अन्य विदेशी <नाम> के साथ होटल के कमरानं० 105 में होना बताया है। यह भी कथन किया कि अभियुक्ता एक विदेशी पर्यटक महिला है। जिसका हिन्दुस्तान के तौर तरीकों की कोई जानकारी नहीं है। अभियुक्ता दिनांक 12.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगई । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुकता को घटना वाले <नाम> मौके से सहअभियुक्तगण के साथ गिरफतार किया गया हैं अभियुक्ता अन्य अभियुक्तों के साथ <नाम> मेंवैश्यावृति <नाम> अच्छा पैसा कामती है। वैश्यावृति से प्राप्त अनुचित धन को अभियुक्तगणआपस में बाट लेते थे। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता के बेड के गददे केनीचे से आपत्तिजनक सामग्री व हिसाब किताब की डायरी बरामद हुई है। अभियुकता द्वाराकारित अपराध गम्भीर <नाम> का है, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थनाकी गई। वादी द्वारा प्रतिशपथपत्र भी दाखिल किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थिया “अभियुक्ता कोजमानत प्रार्थनापत्र विद्वान विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, <नाम> द्वारा दिनांक 46.02.2021 को निरस्त किया गया है। ",
"प्रार्थिया / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"प्राथमिकी के अनुसार प्रार्थिया / अभियुक्ता को वादी मिन्दर सिह की सूचनापर पुलिस दल द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ गिरफतार किया गया और अभियुक्ताव अन्य <नाम> अभियुकतगण के कब्जे से 6 मोबाइल, नगद 4000 /- रुपये, 3 पैकेट कण्डोमव 02 खुले हुए कण्डोम रेपर, 4 कण्डोम प्रयोगशुदा व एक अदद पासपोर्ट व एक अदद आधार कार्ड व दो अदद डायरी व एक अदद आगन्तुक रजिस्टर बरामद हुआ है। अभियुकता को <नाम> अभियुक्तगण के साथ वैश्यावृति का कार्य करते हुए गिरफतार कियागया है। गिरफतारी के समय <नाम> अभियुक्ता इरमानोवा स्वेतलाना ने टूटे फुटे <नाम> केशब्दों में बताया कि उसने वैश्यावृति करने के लिए तथा <नाम> में रुकने के लिए फर्जीतरीके से ये आधार कार्ड बनवाया था। अभियुक्ता इर्सिमवेतोना निगोर के द्वारा बताया गयाकि काफी समय से इण्डिया में वैश्यावृति करने के लिए आते जाते रहे हैं और थोडी बहुतहिन्दी बोलना और समझना सीख गये हैं। वैश्यावृति में इण्डिया में अच्छा पैसा मिलता है। ",
"इसलिए यहाँ आकर ये <नाम> करते हैं। कमरे की तलाशी में तीन पैकेट कण्डोम, 02 कण्डोम प्रयोगशुदा व 02 खाली रेपर व 02 डायरी जिनमें ग्राहकों से लेनेदन का हिसाब किताबलिखा व एक अदद पासपोर्ट बरामद हुए। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्ता नामजद है तथा मामले में अभियुकता को मौके से होटल के कमरा नम्बर 105 स्थित शुभ रिसोर्ट, थानाताजगंज जिला <नाम> से वेश्यावृत्ति करने के संबंध में गिरफतार किया गया है। थाने सेप्राप्त आख्या के अनुसार अभियुक्ता वेश्यावृत्ति करने <नाम> शुभ रिसोर्ट होटल थी और <नाम> अभियुक्त ग्राहकों को तलाश <नाम> उपलब्ध कराता था एवं प्राप्त अनुचित धन को अन्यसहअभियुक्तगण के साथ मिलकर बांट लिये जाने का अभियोग है। अभियुकता द्वारा कारितअपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6183_201905-11-20192084 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त की बहन व पेरौकारश्रीमती सबया के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अमुसार वादिया मुकदमाश्रीमती <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि दिनाक 21.09.2019 को वह करीब सायं पॉच बजे राजामण्डीमाकेट में अपनी छात्राओं के लिए किताबें लेने गयी थी। किताबे खरीद करवापस आते समय राजामण्डी एमठजी0 रोड <नाम> बने बस स्टॉप के आगे दो अझात लड़कों उकं ने उसे रोक <नाम> उसका पर्स, जिसमें छ: हजार रूपए, एक मोबाइल था तथा हाथ में पहने सोने के <नाम> <नाम> दो सोने की अंगूठी, दो सोने के कुण्डल, दो सोने की कनैती, एक सोने की रूद्राक्ष की <नाम> तथाबैग में रखा खाने का स्टील का टिफिन उसे <नाम> धमका <नाम> व मारपीट करछीन <नाम> भाग गए, जिन्हें सामने आने <नाम> वह पहचान सकती है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6183/2019अयूब बनाम राज्यअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 22.09.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थीसे कोई बरामदगी नहीं है। बरामदगी का कोई <नाम> का <नाम> नहीं है। प्रार्थी सह-अभियुक्त को नहीं जानता। प्रार्थी अब्बूलाला की दरगाह <नाम> अंगूठीनग बेचने के लिए <नाम> <नाम> आया हुआ था तभी पुलिस ने गलत तथ्यों केआधार <नाम> इस मुकदढमें में झूठा नामित <नाम> दिया। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकरवादिया मुकदमा से लूट की गयी है तथा अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता सतेन्द्र पाल <नाम> चौहानएवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 21.09.2019 की समय 17:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> वादियामुकदमा से लूट कारित करने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को 22.09.2019 को पुलिसपार्टी द्वारा सह-अभियुक्त के साथ गिरफ्तार किया गया है तथा उसके हाथसे दो मोबाइल, <नाम> चूड़ी पीली धातु, 6,250/- रूपए बरामद किए गए हैं। प्रार्थी द्वारा अपने कथन में प्रश्नगत घटना में सम्मिलित रहने की संस्वीकृतिकी गयी है। वादिया द्वारा प्रार्थी व अपने लूटे गए सामान की शिमाख्त कीगयी है। अभियुक्त को झूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होताहै । सह-अभियुक्त इकवाल उर्फ आमिर की जमानत पूर्व में इस न्यायालयद्वारा निरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदा कियाजाना दर्शित किया गया है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-63, आररा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6632_201921-11-20191479 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ गोपीचन्द पुत्र स्व0 <नाम> किशनसिंह का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थानाध्यक्ष <नाम> घनश्याम सिंहथाना जगदीशपुरा जिला <नाम> द्वारा दिनांक 11.10.10 को समय 12.40 बजे <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> <नाम> चाहर, देवेन्द्र <नाम> व <नाम> के द्वएरा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर <नाम> है जो अपने साथियों के साथमिलकर लूट व चोरी जैसे जघन्य अपराध करते हैं और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त रहते है। ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 व 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथाप्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। उपरोक्त मुकदमें में नियततारीखों <नाम> उपस्थित <नाम> होने के वजह से गैर जमानती वारंट जारी <नाम> दिये गये जबकि प्रार्थी/ अभियुक्तने उपरोक्त मामले में जानबूझकर आदेश की अवहेलना नही की बल्कि दुर्भाग्यवश <नाम> के सिलसिले मेंआगरा से बाहर मद्रास चले जाने के <नाम> हो गयी है। उपरोक्त मामले मैं प्रार्थी निर्दोष है जो जानकारीहोने <नाम> स्वयं न्यायालय में उपस्थित हुआ है और आगे भी उपस्थित आता रहेगा। इसमें कोताही नही बरतेगा। उसने आदेश की अवहेलना नही की है। बाहर जाने की सूचना अपने अधिवक्ता को <नाम> दी थीलेकिन दुर्भाग्यवश प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने श्रीमान्जी के समक्ष प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया और न्यायालय द्वारा उसके विरूद्ध गैर जमानती वारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। वह कभीआपराधिक कृत्य में शामिल नही रहा है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नही है <नाम> ही वे पूर्व सजायाफता है। अभियुक्त दिनॉक 21.09.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाये। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 265/10 धारा-394, 411, 120बी, भा.द.सं. व 15 दप्रक्ष. अधिनियम थाना-जगदीशपुरा जिला आगरा। का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
" —2 —मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकको सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामला दर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर लूट व चोरी जैसे अपराध करने का अभिकथन है। पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> था। किन्तुंनियत तारीखों <नाम> उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती वारंट के आदेश पारित किये गये स्वयं अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत प्रार्थनापत्र <नाम> उसे जिला कारागार से तलब <नाम> उसका अभिरक्षाअधिपत्र दिनाक 14.11.19 को बनाकर जिला कारागार भेजा गया। अभियुक्त दिनाक 01.112019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_912_202028-07-2020811 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के चाचा विजनेश केशपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाअजय द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किउसकी बहन पीड़िता, आयु 20 वर्ष को दिनाक 26.02.2020 को समय 12:00बजे <नाम> में बहला फूसलाकर जितिन ले गया है। उसका उनके पड़ौस मेंआना <नाम> था, इस घटना में निक्की, वीरेन्द्र व रेनू की भगाने में साजिश है। उसकी बहन घर से पैसा व जेवर भी ले गयी है। उसके पास फोन भी हैजिसका नम्बर <फ़ोन-नंबर> है । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं Bail Application/ 4272/2020 -Jatin Vs. UP State 2किया है, वह निर्दोष है। प्रार्शी दिनाक 0403.2020 से जिला कारगार में निरूद्ध है। प्रार्थी की मौसी के लड़के सनी उर्फ <नाम> की ससुराल वादियाके परिवार में ही है और प्रार्थी अपने मौसेरे <नाम> के साथ कई बार उसकीससुराल गया है Tet <नाम> वादी व उसकी बहन तथा अन्य परिवारीजन सेपहचान भी हई तथा वार्तालाप हुआ। वादी की बहन प्रार्थी से शादी करनाचाहती थी। उसके परिवारीजन शादी करने को तैयार नहीं थे। पीडिता कीशादी उसके परिवारीजन ने आनन फानन में दिनोक 18.02.2020 को सम्मेलनके माध्यम से <नाम> के साथ <नाम> दी गयी है। पीड़िता ससुराल नहीं जानाचाहती थी और मायके में ही रहना चाह रही थी जिसका परिजनों ने विरोधकिया। पीडिता प्रार्थी से शादी करने <नाम> आमादा थी इसलिए उसकेपरिवारीजन ने पुलिस से मिलकर इस झूंठे मुकदमें में प्रार्थी को नामित कियाहै। घटना के समय प्रार्थी गोवा में प्राईवेट नौकरी <नाम> रहा था। प्रार्थी होलीपर अपने घर आया था, पुलिस ने दिनाक 04.03.2020 को उसका चालान करदिया। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी »अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा की बहन / पीड़िता को बहला फुसलाकर ले जायागया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को सुना तथा पत्रावली का सम्यकपरिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 26.02.2020 की समय 12:00 बजे की बतायी गयी है तथा प्रथमसूचना रिपोर्ट दो <नाम> <नाम> दिनाक 28.02.2020 को पंजीकृत करायी गयी है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध पीड़िता के आधार कार्ड के अनुसार पीड़िता कीजन्मतिथि 01.12.2000 है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्राथमिक विद्यालय, बाह,विकास खण्ड अकोला, जिला <नाम> द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र में पीड़िता कीजन्मतिथि 10.07.2001 <नाम> है। उक्त दोनों प्रपत्रों के अनुसार घटना केसमय पीड़िता बालिग दर्शित होती है। पीड़िता के <नाम> 161 दण्ड प्रकियासंहिता के कथन के अनुसार “वह अपनी मम्मी से नाराज होकर घर से बिनाबताए अपनी मर्जी से चली गयी थी। उसे पता चला कि उसके <नाम> नेजितिन, वीरेन्द्र व रेनू के विरूद्ध मुकदमा लिखा <नाम> है। उसका उपरोक्त Bail Application/ 4272/2020 -Jatin Vs. UP State 3लोगों से कोई संबंध नहीं है और <नाम> ही उन्हें जानती है। ” केस डायरी केपर्चा संख्या 05 में <नाम> पीड़िता के <नाम> 164 दण्ड प्रकिया <नाम> के कथनमें यह आया है कि घटना वाले <नाम> वह रेनू के यहाँ गयी थी, रास्ते में उसेजितेन्द्र, उसकी भाभी रेनू, काना और एक व्यक्ति मिला। ये लोग मिलकरउसे ले गए। <नाम> की बहन के घर <नाम> वह एक रात रही। अगले <नाम> सबलोग उसे थाने ले आए। इन सब ने उसके साथ बहुत गलत किया है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि चिकित्सक के समक्षवादी मुकदमा द्वारा अपनी बहन, पीड़िता का अंदरूनी चिकित्सीय परीक्षणकराए जाने से इंकार किया गया है। प्रार्थी लगभग साढ़े <नाम> माह से जिलाकारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जाचुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3456_202006-11-20201251 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> के <नाम> राजपालसिंह ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा विजयसिंह द्वारा थाने परतहरीर इस आशय की दी गयी है कि दिनाक 19.06.2019 को समय 5:00 बजे शामउसकी मोटरसाइकिल नं० यू0पी० 80 डी0डी0 7546 जो अम्बेडकर तिराहे के पासके0सी0० कम्प्यूटर की दुकान <नाम> खडी थी की चोरी हो गयी है। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माददौला में मुकदमा अपराध सं० 439 / 2019 अन्तर्गत <नाम> 379, भा0 द0 सं0० में प्राथमिकी <नाम> की गयी। तत्पश्चात बरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 411 भा०दं०सं० की बढोतरी की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया हैकि प्रार्थी /अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> है। मुकदमा अज्ञात में दर्ज हुआ है। प्रार्थी / अभियुक्त के पास से उक्त मोटरसाइकिल बरामद नहीं Bail Application/9422/2020 -pretap Vs. UP Stateदिखाई है। अभियुक्त के साथ <नाम> अन्य अभियुक्त भी दिखाये गये हैं। <नाम> का कोईगवाह नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक23.09.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्र हैं। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किया जाए। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी की मोटरसाइकिल नं0यू0पी० 80 डी0डी0 7546 जो अम्बेडकर तिराहे के पास के0सी0 कम्प्यूटर की दुकान परखडी थी की चोरी की गयी है एवं अभियुक्त के पास से बरामद हुई है। प्रकरण गंभीरप्रकृति का है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 19.06.2019को वादी मुकदमा विजयसिंह द्वारा अम्बेडकर तिराहे के पास के0सी0 कम्प्यूटर कीदुकान <नाम> खडी मोटरसाइकिल नं० यू0पी0 80 डी0डी0 7546 को चोरी होने के आधार <नाम> मुकदमा अज्ञात में दर्ज कराया गया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से यह भी स्पष्ट होता है कि थाना हसायन की पुलिसद्वारा मुएुअ0सं० 198 /2020 अंतर्गत <नाम> 307 भाठदं0सं0 में अभियुक्तगण <नाम> प्रताप,रजी मौहम्मद, व रामखिलाडी को पकड़े जाने <नाम> उनके पास से मोटरसाइकिल नं०0यू0पी० 80 डी0डी0 7546 चेसिस नम्बर एमबीएलएचए 10एपीडीएचए 00152 इंजन नम्बर एमए 10ईकेडीएचए00696 तथा दूसरी मोटरसाइकिल सुपर स्पलेंण्डर जिसकाwere नं० यू0पी0 83 वाई 0868 चेसिस नम्बर एमबीएलजेए05ईकेसी9एल10472इंजन नम्बर जेए 05ईसीसीएनएल10426 बरामद हुई हैं जिसमें मोटरसाइकिल नं० यू0पी080 डी0डी0 7546 उक्त प्रकरण से सम्बन्धित है। ",
"थाना हसायन की पुलिस से अभियुक्त व मोटरसाइकिल प्राप्त होने की सूचना मिलने <नाम> विवेचक द्वारा अभियुक्त व मोटरसाइकिल को लाकर प्रस्तुत प्रकरण में धारा411 भा०दं०सं० की बढोतरी की गयी। अभियुक्तगण के जुर्म इकबालिया बयान के आधारपर ही प्रस्तुत प्रकरण में प्रार्थी ,/ अभियुक्त को नामित किया गया है। मुकदमा अज्ञात मेंदिनांक 19.06.2019 को दर्ज कराया गया है जबकि बरामदगी दिनांक 30.082020 कोदर्शित की गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त की मु0अ0सं0० 198 /2020 अंतर्गत <नाम> 307 भा०दं०सं० थाना हसायन जिला <नाम> में सत्र न्यायालय <नाम> से व मु0अ0सं0 201 / 2020 <नाम> 3/25 आयुध अधिनियम थाना हसायन जिला <नाम> में न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्टेट <नाम> से जमानत हो चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त का अन्य कोईआपराधिक इतिहास अभियोजन की ओर से प्रस्तुत नहीं किया जा सका। प्रार्थी/ अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए पर्याप्तजमानत देने के लिए तत्पर है। मुकदमा अज्ञात में दर्ज हुआ है। अभियुक्त दिनांक 23.09.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्दर है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारापरीक्षणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1827_202109-03-20211323 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प््रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार श्रीमतीविमलेश ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा पंकजशर्मा ने थाना सदर बाजार <नाम> दिनाक 14.12.2020 को इस आशय की तहरीर दीकि वह नगला पदमा स्थित वी.एस.एक्सीलेंट डायमण्ड सिटी ग्वालियर रोड रोहताथाना सदर बाजार, <नाम> <नाम> अपनी निजी दुकान में सोने <नाम> सुनार की दुकानलगभग एक माह से चला रहा था। दिनांक 13/14.12.2020 की मध्य <नाम> मेंअज्ञात चोरों द्वारा शटर तोड़कर लगभग ढाई से तीन किलो ग्राम <नाम> लगभग 15ग्राम <नाम> व 1500/-रूपये गल्ले में से चोरी <नाम> ले गये। काफी तलाश करने परनहीं मिले । रिपोर्ट दर्ज <नाम> कानूनी कार्यवाही की जाय । ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सदर बाजार परअज्ञात के विरूद्ध मु0अ0सं0 732/2020 अंतर्गत <नाम> 457, 380 भा०द0सं0 पंजीकृतहुआ। <नाम> में प्रकरण में अभियुक्त व अन्य के पकड़े जाने <नाम> <नाम> 411 भा0द0सं0की बढोत्तरी की गयी है। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र / शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। 2चोरी की घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। आवेदक से पुलिस नेतलाशी में केवल 4500/-रूपये गलत <नाम> से दिखाये हैं उक्त झूठी मुठभेढ़ से पहले उसका कोई भी केस न्यायालय में विचाराधीन नहीं था। आवेदक दिनांक 13.01.2021 से जेल में है। यह भी कथन किया गया है कि आवेकद को दिनांक 08.01.2021 को पुलिस द्वारा <नाम> स्टेशन से गिरफतार किया गया है जहां से लाकरदिनांक 12.01.2021 को फर्जी मुठभेढ़ दिखाकर उक्त केस झूठा खोल <नाम> गयाहै। पुलिस द्वारा अपने उच्चाधिकारियों को गुडवक दिखाने <नाम> उक्त कारगुजारी कीगई है। आवेदक / अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालय में यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक / अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोईजमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार कियेजाने की <नाम> की गयी । ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया । ",
"केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि मुकदमा अज्ञात में दर्ज कियागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त मामले में नामित नहीं है। प्रथमसूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 13.12.2020 की <नाम> में किसी समय कीबतायी गयी है, जबकि थाने <नाम> चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 14.12.2020 कोसमय 22.29 बजे विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। विलम्ब का कोई समुचितस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है, जबकि घटना स्थल से थाने की दूरी लगभग छःकिलो मीटर <नाम> है। आवेदक/ अभियुक्त को वादी मुकदमा की दुकान में ६[सकर चोरी करते किसी ने नहीं <नाम> है। पुलिस द्वारा अभियुक्त से4500 / -रूपयों की बरामदगी दिखाई गयी है, जिसका कोई जनसाक्षी नहीं है, यहभी निश्चित नहीं है कि अभियुक्त से बरामद उक्त रूपये ही चोरी के रूपये थे। उक्त मु०अ०सं0 से सम्बच्धित अन्य सहअभियुक्तगण विजेन्द्र व कलुआ की जमानतअपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या 17 <नाम> से दिनांक 01.03.2021 को एवं <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> व छोटेलाल की जमानत दिनांक 02.03.2021 को त्वरितन्यायालय से स्वीकृत हो चुकी है। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 13.01.2021 सेजिला कारागार में निरूद्ध हैं। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2118_201903-06-20193340 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन मेंश्रीमती <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> के द्वारा दिनांक 17.11.2018 को समय 05.14 बजे फर्दबरामगदी थाने <नाम> इस आशय की दी गई कि वादी हमराही कर्मचारीगण के साथदेखरेख व चैकिग संदिग्ध वाहन व संदिग्ध व्यक्ति थाना <नाम> में मामूर थे। पालीवालपार्क में यूनिवर्सिटी तिराहे के पास 05 व्यक्ति दो मोटर साईकिल लिये चोरी व लूटके मोबाइलों की बिकी करने के लिए किसी का इन्तजार में खडे हैं। मुखविर कीसूचना <नाम> विशवास करके आपस में एक दूसरे की जामा तलाशी ले देकर यकीनकिया कि किसी के पास जुर्म से समन्धित कोई वस्लु नहीं है। <नाम> के गवाहनलेने का प्रयास किया किन्तु कोई व्यक्ति तैयार नही हुआ। मुखविर को साथ लेकरबताये हुए स्थान <नाम> आये मुखविर ने हल्के <नाम> की <नाम> में दखि रहे तिराहेपर खडे लोगों की तरफ इशारा करके बताया कि यही वह बदमाश है जिनके बारेमें सूचना दी है और चला गया। एक बारगी दविश देकर सम्भलने तिराहे <नाम> खडेचार व्यक्तियों को मय एक मोटर साईकिल के मौके <नाम> पकड़ लिया। एक व्यक्तिमौक का <नाम> उठाकर मय मोटर साईकिल के भाग गया। अभियुक्त लवकुश कीजामा तलाशी में पहने पेन्ट की दाहिनी व बायी जेबों से 05 अदद मोबाइल जिनकीआई एम ई आई कमश: मोबाइल एम आई रंग गोल्डन आई एम ई आई<फ़ोन-नंबर>589 व <फ़ोन-नंबर>597, मोबइल एम आई रंग सिल्वर आई एम ईआई नं9 <फ़ोन-नंबर>829 व <फ़ोन-नंबर>9837, मोबझइल कोमियो रंग गोल्डनआई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>8943 व <फ़ोन-नंबर>8950, मोबाइल सैमसंगजे-2 ब्लैक आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>733 व <फ़ोन-नंबर>731, मोबाइलसैमसंग जे- 2 ब्लैक आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>272 व<फ़ोन-नंबर>270 बरामद हुए । अभियुक्त <नाम> की पहनी पेन्ट से 05 मोबइलमोबाइल वीवो रंग गोल्डन आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>832 व<फ़ोन-नंबर>824, मोबाइल सैमसंग रंग काला आई एम ई आई न॑ं<फ़ोन-नंबर>642 व <फ़ोन-नंबर>640, मोबइल सैमसंग रंग सफेद आई एम ईआई नं<फ़ोन-नंबर>276 व <फ़ोन-नंबर>273, मोबाइल <नाम> वाई एफ रंगकाला आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>032 व <फ़ोन-नंबर>031, मोबाइनसैमसंग रंग गोल्डन आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>841 व <फ़ोन-नंबर>843बरामद हुए। , अभियुक्त सनी की जामा तलाशी में पहने पेन्ट की दाहिनी व वायीजेब से 05 मोबाइल कमशः सैमसंग जे- 7 रंगगोल्डन आई एम ई आई — 2 —_नं<फ़ोन-नंबर>84 व <फ़ोन-नंबर>482, मोबाइल सैमसंग ए-7 रंग गोल्डनआई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>192 व <फ़ोन-नंबर>190, मोबाइल लिनेवो रंगकाला आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>137 व <फ़ोन-नंबर>145, मोबाइलसैमसंग जे-7 मैक्स रंग गोल्डन आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>619 व<फ़ोन-नंबर>617, मोबाइल माइकोमैक्स रंग काला क्षतिग्रस्त जिसका आई एम ईआई नं0 नहीं दिख पा रहा। बैटरी सी नं एस एन वी <फ़ोन-नंबर>13467बरामद हुए। , <नाम> की पहनी पेन्ट की वाई व दाहिनी जेब से 05 अदद मोबाइलसैमसंग जे-2 सिल्वर सफेद आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>697 व<फ़ोन-नंबर>695, मोबाइल सैमसंग जे-2 रंग गोल्डन आई एम ई आई न॑ं<फ़ोन-नंबर>074 व <फ़ोन-नंबर>072, मोबाइल वीवो वी-5 रंग गोल्डनआई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>199 व <फ़ोन-नंबर>181, मोबाइल बैलकमरंबब्जेक की पेड आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>401 व <फ़ोन-नंबर>402,मोबाइल सैमसंग गुरू की पैड रंग काला आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>049बरामद हुए । पकडे गये व्यक्तियों से बरामद शुदा मोबइलों के बारे में जानकारी कीगइ तो लवकुशा ने स्यं से बरामद पाॉँचो मोबइल के बारे में बताया कि बरामदमोबाइल रेडमी -4 गोल्डन रंग को उसने व <नाम> ने <नाम> पल्सर मोटर साईकिलजिसे <नाम> मौके से <नाम> का <नाम> बन्टू सुन्तानगज की पुलिया के पास से करीब15 <नाम> पहले एक व्यक्ति से छीना था तथा मोआइल रेडमी सिल्वर रंग का उसनेव सनी <नाम> ने मिलकर करीब 10 <नाम> पूर्व <नाम> के समय रामबाग से एक व्यक्तिकी जेब से मौका पाकर चोरी <नाम> लिया था। उससे और जो तीन मोबाइल बरामदहुए है वो उसने, <नाम> सनी <नाम> , <नाम> व <नाम> <नाम> मोक से भागे बन्टू के साथमिलकर <नाम> शहर के अलग अलग क्षेत्रों से मौके <नाम> खडी इसी अपावे व नीलीपल्सर से चोरी किये है व छिने है। <नाम> ने बरामद पाचों मोबाइल के बारे मेंबताया कि बरामद मोबाइल वीवो रग गोल्डन उसने और लवकुश ने मिलकर करीब06 माह पूर्व मारूति ढावा न्यू <नाम> से एक व्यक्ति से चोरी <नाम> लिया था मोबाइलसैमसंग जे-7 रंग काला को उसने व सनी <नाम> ने मिलकर करीब 01 माह पूर्वसब्जी मंण्डी सिकन्दरा से <नाम> के समय इसी अपाचे मोटर साईकिल से जाकर एकव्यक्ति का चोरी <नाम> लिया था तथा उससे और जो 03 मोबाइल बरामद हुए है वोउसने, <नाम> सनी <नाम> , लवकुश व <नाम> भागे बन्टू के साथ मिलकर इसी अपचे वनीली पल्सर का प्रयोग <नाम> <नाम> शहर के अलग अलग <नाम> से छीने है व चोरीकिये हैं सनी ने उपरोक्त स्वयं से बरामद मोबाइल के बारे में बताया कि उससेबरामद सैमसंग जे-7 रंग गोल्डन उसने व भागे हुए बन्टे नू मिलकर 03-04 दिनपहने <नाम> की <नाम> पल्सर मोटर साईकिल से जाकर <नाम> अस्पताल शाहदरासे 08.00 08.30 बजे एक व्यक्ति की जेब से चोरी <नाम> लिया था। उससे जो अन्य04 मोबाइल बरामद हुए है वो भी उसने इन्हीं मोटर साईकिलों से <नाम> लवकुश,कान्हा व बन्टू के साथ मिलकर <नाम> शहर के अलग अलग क्षेत्रों से छिने हुएचोरी किये है। <नाम> उपरोक्त ने स्वयं से बरामद पाँचों मोबाइल के बारे में बताया किइसी अपाचे व <नाम> पल्सर से उसने सनी <नाम> लवकुश, <नाम> व बन्दू के साथमिलकर इन मोबाइलों को <नाम> शहर के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से <नाम> व चोरी कियाहै। एक स्वर में बताया कि पाचों लोग दोनों मोटर साईकिलों से शहर के तमामइलाकों से बदल बदल <नाम> आपस में सहमति बनाकर चोरी व मोबाइल लूटकी घटना को अन्जाम देते है। इनके अलावा भी शहर में अनेक घटनाएं की हैं। जिन घटनाओं के मोबाइल <नाम> बन्ट् के पास हैं। कछ मोबाइल पहले भी उसीव्यक्ति को बेचे है। जिसको बेचने के लिए यहाँ खेडेथे। मोबइल ले जाता है औरनकद रुपये <नाम> जाता है। यही <नाम> अगली बार मिलने का समय तारीख और जगहबता जाता है। अभियुक्गण द्वारा बताये गये थाना <नाम> हरीपर्वत, न्यू आगरा,एत्माददोला, सिकन्दरा से चोरी व लूटे गये मोबझलों जो कि बरामद हुए है के बावतपूछा गया तो थाना हरीपर्वत ने अभियुक्त लवकुश से बरामद मोबड़ाल रेडमी -4 केबारे में अपराध सं0 722/18 <नाम> 392 भा0द0सं0 पंजीकूत है। लवकुश से बरामदरैड़मी रंग सिल्वर क बारे में थाना एत्माददोला ने बताया कि थाने <नाम> अपराध सं0 — 3 —_ 1001/18 <नाम> 379 भा०द0सं0 पंजीकृत है । अभियुक्ता <नाम> से बरामद मोबाइलवीवो वी-5 रंग गोल्डन के बारे में थाना न्यू <नाम> <नाम> अपराध सं0 1245/18 धारा379 भा0द0सं0 तथा कान्ही से ही बरामद मोबाइल सैमसंग जे-7 रंग <नाम> के बारेमें थाना सिकन्दरा <नाम> अपराध सं0 939/18 <नाम> 379 भा0द0सं0 पंजीकृत है। अभियुक्त सनी से बरामद मोबाइल के बारे में थाना एत्माददौला <नाम> अपराध सं01000/18 <नाम> 379 भा.द.सं पंजीकृत है। उक्त बरामदगी के आधार <नाम> थाने परमुकदमा पंजीकृत कराया गया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि पूर्व में अभियुक्त की जमानत <नाम> 392,379,411 भा०द0सं0 वधारा 15 दस्यु प्रभावी <नाम> अधिनियम में इस न्यायालय से निरस्त हुई और माननीयउच्च न्यायालय से स्वीकार हो चुकी है। आरोपपत्र <नाम> 403 भा0द0सं0 में प्रेषितकिया गया है। <नाम> 403 भा०द0सं0 में जमानत नही हुई थी। जमानत के आधारपर्याप्त हैं, जमानत <नाम> दी जाये। ",
"विद्वान लोक अभियोजक की ओर से जमानत प्र्रार्थनापत्र का विरोधकिया गया और कहा गया कि उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने विद्वान लोक अभियोजक एवं प््रार्थी/अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता को सुना तथा केस डायरी का परिशीलन किया । ",
"अभिलेख के अवलोकन से स्पष्ट है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वाराउपरोक्त मुकदमें अभियुक्त की जमानत <नाम> 392,379,411 भा०द0सं0 व <नाम> 15दस्यु प्रभावी <नाम> अधिनियम थाना हरीपर्वत <नाम> में दिनांक 17.05.2019 कोस्वीकार की गई है। उसने इस सबंध में जमानती भी दाखिल किय है। किन्तु धारा403 में जमानत <नाम> होने के <नाम> वह मुक्त नहीं हो सका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_689_202005-02-20201388 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त की माता <नाम> राधादेवी के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा उपनिरीक्षकचन्द्रवीर <नाम> द्वारा थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनोक 21.01.2020 को वह मय हमराहियान गश्त आदि में सामूर थे कि उसीदौरान मुखबिर की सूचना <नाम> अभियुक्त सहदेव को गिरफ्तार किया गया। जामा तलाशी में उसके पास से 50 रूपए बरामद हुए। उक्त सहदेव जिलाबदर है तथा उसके विरूद्ध विभिन्न अभियोग पंजीकृत हैं। वह शातिर किस्मका अपराधी है। उसके विरूद्ध <नाम> 3 यूएपी0 गुण्डा एक्ट के अन्तर्गत Bail Application/1953/2020 —-Sahdev Vs. UP State 2कार्यवाही की गयी थी। अभियुक्त को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासतपुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 22.01.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी अपने <नाम> के घर शिकोहाबाद जा रहा था। जहाँ से थानाबाह की पुलिस उसे जबरदस्ती घर से उठा लायी। प्रार्थी की गॉव में पुरानीरंजिश चल रही है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अतिरिक्त किसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में कोई भीजमानत प्रार्थना पत्र विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारान्यायिक आदेश का उल्लंघन किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रोंका सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 21.01.2020 की समय 18:10 बजे की है। प्रार्थी <नाम> न्यायिकआदेश का उल्लंघन किए जाने का आरोप है। केस डायरी के अवलोकनसे यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना परगिरफूतार किया गया है, जबकि उसे जिलाधिकारी के आदेशानुसार जिलाबदर किया गया था। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। प्रार्थीलगभग 15 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7121_201907-12-2019844 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता फौरन <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> सिंहपरमार द्वारा दिनाक 30.04.2019 को थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी <नाम> करायी गयी कि दिनाक 28.04.2019 को उसकी ट्रांसपोर्ट कम्पनीकी गाड़ी <नाम> से <नाम> <नाम> <नाम> व बर्तन अपनी स्कॉर्पियोसंख्या-आर0जे0 11 / वी0बी0 0055 में रखवाकर <नाम> ब्रांच रामदास मण्डीसर्राफ बाजार <नाम> को डिलीवरी देने चालक <नाम> <नाम> <नाम> व साथी कर्मचारी बन्टी <नाम> जा रहे थे। रास्ते में खडवाई नहर अटूस के पास गाड़ी लूट ली गयी है। इसकी सूचना चालक <नाम> ने मोबाइल <नाम> दी है। खड़वाईनहर से 4 मोटर साईकिल सवार अज्ञात व्यक्तियों दवज्ञरा गाड़ी को रोककर पत्शर से कॉच तोड़कर मोटरसाईकिल सवार तमंचा दिखाकर स्कॉर्पियों को अपने कब्जे में लेकर स्वयं चालकर रायमा फूलाई ओवर के नीचे ले गए। ",
"किसी दूसरी गाड़ी में <नाम> लेकर व उन्हें वहीं हाथ बांधकर डाल, <नाम> <नाम> (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, व्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7121/2019भूरा उफ इरवेन्द्र उफ॑ <नाम> बनाम राज्यलेकर फरार हो गए। उसका 23 पार्सलों में <नाम> के बर्तन व <नाम> थेजिनका वजन लगभग 250 किलोग्राम है। उसे शक है कि उसके पूर्व कर्मचारी भूरा उर्फ <नाम> <नाम> ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह घटनाकरवायी है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी की जमानत इसी मुकदमा अपराध संख्या मेंधारा 395, ३97, 427, 412 भारतीय दण्ड <नाम> व <नाम> व 15 दएप्र0क्षे0अधिनियम में माननीय उच्च न्यायालय से हो चुकी है। <नाम> में <नाम> 34भारतीय दण्ड <नाम> की बढ़ोत्तरी की गयी है। उपरोक्त आधघारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा की गाड़ी से कुल 250किलोग्राम <नाम> की लूट की गयी है। अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र धारा395, 397, 427, 412 भारतीय दण्ड <नाम> व <नाम> व 15 दप्र0क्षे0 अधिनियमके अन्तर्गत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा निरस्त किया जा चुका है। उपरोक्तआधारो <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 29.04.2019 की समय 11:30 बजे की है। माननीय उच्चन्यायालय, इलाहाबाद द्वारा फौजदारी प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-45441,// 2019 में पारित आदेश दिनाकित 30.10.2019 के द्वारा प्रार्थी कीजमानत इसी मुकदमा अपराध संख्या में <नाम> ३95, 397, 427, 412 भारतीयदण्ड <नाम> व <नाम> व 15 दएप्र0क्षे अधिनियम में स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी की ओर से कथन किया गया है कि मामले में <नाम> में <नाम> 34 भारतीयदण्ड <नाम> की बढ़ोत्तरी की गयी है। चूँकि मुख्य अपराध मे प्रार्थी की (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पन्न संख्या : 7121, 2019भूरा उफ हरवेन्द्र उर्फ <नाम> बनाम राज्यजमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। ऐसी स्थितिमें प्रार्थी का जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> 34 भारतीय दण्ड <नाम> में स्वीकारकिए जाने <नाम> है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_10_202113-01-20213688 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"<नाम> घटना 4.50 से 5.50 के बीच घटितहुई इसके साथ ही वे लोग डीवीआर मशीन जिसमें सीसीटीवी फुटेजरहता है वो भी ले गये। हम लोगों को वॉशरूम के अन्दर बन्द <नाम> दियासाथ ही उनके(शाखा प्रबंधक) गले की चेन भी खींच <नाम> ले गये वस्टाफ का फोन व बेग भी ले गये। <नाम> <नाम> जो टेम्परेरी स्टाफ हैके साथ मारपीट भी की। दिनांक 21.12.2020 को 3:45 बजे गश्तीपुलिस दल द्वारा वांछित अभियुक्त <नाम> <नाम> उर्फ पीके के मकान परआकर दबिश दी गयी। अभियुक्त अपने घर सोता हुआ मिला जिसकोनाम पता पूछकर हिरासत पुलिस में लिया गया। तलाशी लेने <नाम> बिस्तरके तकिये के नीचे 500-.500 के नोटों की कुल 2 गडिडियां बरामद हुयीं । दोनो <नाम> लिपटी चिट <नाम> आईओबी की मोहर लगी है। दोनों गडिडियोंमें 100-100 नोट है। इस प्रकार कुल एक लाख रूपये है। अभियुक्तपुनीत से बरामदा नोटों के संबन्ध में पूछने <नाम> बताया कि वह इण्डियनओवरसीज बैंक शाखा रोहता सदर बाजार <नाम> में वर्ष 2011 सेअस्थायी कर्मचारी है। वह व ठाकुरदास जाटव आपस में एक दूसरे केदोस्त है। इन दोनों ने बैंक में डकैती करने की <नाम> बनायी थी, इनकेसाथ इस डकैती में ठाकुरदास के <नाम> <नाम> <नाम> व साढू सनी उर्फसिद्धार्थ व एक और दोस्त <नाम> जाटव शामिल थे। इस डकैती कीवारदात में इन्हें कुल 56,94,810,/-रूपये मिले थे। इसके अलावा एकसोने की चेन महिला मैनेजर से घटना के समय बन्टी ने छिनी थी औरडिप्टी मैनेजर <नाम> <नाम> का <नाम> छीना था जिसमें उनका पर्स व गाड़ीइको सपोर्ट की चाबी थी। ",
"आवेदक अभियुक्तगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदकगण निर्दोष है। उन्होनें कोई अपराध कारितनहीं किया है। मुकदमें में महज तंग व पेरशान करने के उद्देश्य सेउन्हें झूठा आलिप्त किया गया है। आवेदकों की तरफ से उपस्थितविद्वान अधिवक्ता का यह भी कथन है कि उनका कोई आपरधिकइतिहास नहीं है। वे मेहनत मजदूरी करने वाले है और समाज केप्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। विद्वान अधिवक्ता का यह भी कथन है कि इस मामले में 7 <नाम> <नाम> गिरफ्तारी की गयी है। मामले का कोई जनसाक्षीनहीं है। विद्वान अधिवक्ता ने आगे यह भी कहा है कि आवेदकअभियुक्तगण 22.12.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्कों <नाम> आवेदक अभियुक्तगण को जमानतपर <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ",
"अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी ने जमानता आवेदन पत्र का घोर विरोध किया है और कथनहै कि यह <नाम> में हुई सनसनीखेज डकैती की घटना है जिसमेंदिनांक 15.12.2020 को समय 4:45 <नाम> इण्डियन ओवरसीज बैंक शाखारोहता में अभियुक्तगण द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बैंकमें 56,94,810,/-रूपये की डकेती <नाम> गयी। विद्वान अभियोजनअधिकारी द्वारा कथन किया गया है कि इस मामले में अन्वेषण के दौरानबैंक के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी <नाम> की संलिप्तता <नाम> में आयी है। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह भी कहा गया है कि उसने नरेन्द्र,सनी, ठाकुरदास व <नाम> के साथ घटना को अंजाम <नाम> है। <नाम> केकब्जे से एक लाख रूपये बरामद हुये है। जिसकी गड्डी <नाम> इण्डियनओवरसीज बैंक की पर्ची चस्पा थी। ठाकुरदास व अन्य लोग अपने साथएक-एक लाख रूपये ले गये और बाकी पैसों का बंटवारा नहीं हुआ है। ठाकुरदास ने उसे रख लिया है। दिनांक 21.12.2020 को <नाम> वठाकुरदास मोटर साईकिल से जाते हुये पकड़ लिये और उनके पाससे एक-एक लाख रूपये की बरामदगी हुयी है। उन्होनें बताया कि येवही रूपये हैं जो बैंक से लूटे गये थे। बाकी पैसा ठाकुरदास कीससुराल में रखा है। <नाम> <नाम> के घर <नाम> दबिश दिये जाने <नाम> तीनलोग बोरी ले जाते दिखायी पड़े। उनमें दो महिला <नाम> व रजनीपकड़ी गयीं और इनके पास से 500 की 55 गड्डी व 100-100 की 17गड्डियां जिन <नाम> इण्डियन ओवरसीज बैंक की पर्चियां चस्पा हैं बरामदहुयीं। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा बताया गया कि इस तरहसे इन अभियुक्तों के पास से लूटे हुये <नाम> में से 29,20,000 /-रूपयेकी बरामदगी हुयी है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> ने इस प्रकारसे अभियुक्तों के पास से 31,20,000,/-रूपये की बरामदगी बतायी हैजो <नाम> <नाम> है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> ने आवेदकअभियुक्तों के कृत्य को अत्यन्त सनसनीखेज व गम्भीर बताया है औरनिवेदन किया है कि जमानत आवेदन पत्र निरस्त <नाम> <नाम> जाये। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट प्रकट होता है कि इस मामले में आवेदक अभियुक्तगण केविरूद्ध बैंक में डकैती डालने का अभियोग है। अभियुक्तगण द्वाराइण्डियन ओवरसीज बैंक से <नाम> <नाम> में रूपयों की डकैती डालीगयी है तथा उनके द्वारा शाखा प्रबंधक <नाम> मीणा की चेन को भीलूट <नाम> ले जाया गया है। आवेदक अभियुक्तगण से पुलिस की काईरंजिश दर्शित नहीं की जा सकी है। अभियुक्तगण से जो रूपये बरामदहुये हैं उनकी गड्डियों <नाम> इण्डियन ओवरसीज बैंक की पर्ची चस्पा थीं। वर्तमान मामले में अभियुक्तगण के पास से 31,20,000/-रूपये कीबरामदगी हुयी है। इतने बड़े मामले को पुलिस द्वारा प्लांट किया जानासंभव नहीं है। आवेदक अभियुक्तगण द्वारा बैंक में 56,94,810 /-रूपये की डकैती डालने का सनसनीखेज अपराध किया गया है तथा <नाम> वनीरज ने डकैती के पैसों को ठिकाने का अपराध किया गया है। आवेदकअभियुक्तगण से बैंक से डकैती <नाम> ले जाये गये रूपये <नाम> <नाम> मेंबरामद हुये हैं। आवेदक अभियुक्तण द्वारा किया गया अपराध समाज केप्रति गम्भीर अपराध है और इससे आमजन के लोगों आर्थिक क्षति होनास्वाभाविक है। आवेदकगण ने बैंक में जमा आम लोगों के पैसो कीडकैती डालकर आम जन को आर्थिक क्षति पहुँचायी गयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_7039_201924-12-201911 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"_ जिला आगरा। ",
"आदेशदिनाक : 24.12.2019प्रस्तुत जमानत प््रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त शिवम उफ मच्छरकी ओर से मुकदमा अपराध संख्या-572/2019 अन्तर्गत <नाम> 392, 411भारतीय दण्ड <नाम> थाना शाहगंज, जिला <नाम> के मामले में प्रस्तुत कियागया है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की रिश्तेदार व पैरोकारकु0 <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाकृष्ण <नाम> <नाम> के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की आंकित करायीगई कि उसकी पत्नी <नाम> <नाम> <नाम> आज प्रातः 07:00 बजे दूध लेनेगयी थी तो उनके गले से एक सोने की चेन तोडली। दो लडकेमोटरसाईकिल <नाम> थे। उनमें से पीछे बैठे वाले ने दौड़कर खींच ली। यहवारदात <नाम> कॉलैनी <नाम> आई हॉस्पीटल के सामने हुई थी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 15.11.2019 से जिला कारागार में (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7039 2019शिवम उर्फ मच्छर बनाम राज्यनिरूद्ध है। प्रार्थी अपने घर से सामान लेने <नाम> गया था कि रंजिशन मुखबिरने पुलिस से मिलकर उत केस में झूठा फंसवा दिया। प्रार्थी से कोई बरामदगीनहीं है। झूठी बरामदगी दर्शित की गयी है। गिरफूतारी व बरामदगी का कोईगवाह महीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त से वादिया मुकदमा से सोने की चेन लूटीगयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता सैययद इरशाद अली एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 30.09.2019 की है । प्रार्थी <नाम> वादिया मुकदमा से सोने कीचेन लूटे जाने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित हाता है कि प्रार्थीको दिनक 14.11.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा एक अन्य के साथ गिरफ्तारकिया गया है तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, दो जिन्दा कारतूस व2,720/- नगद बरामद किए गए हैं। अभियोजन द्वारा प्रार्थी से बरामद उक्त2,720/ ~ रूपए प्रश्नगत मामले में लूटी गयी चेन को बेचने से प्राप्त रूपयोंमें से बचे हुए होना बताया गया है । प्रार्थी एक माह से अधिक समय से जिलाकारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6174_201907-11-20191994 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदक / अभियुक्त गुरूप्रीत <नाम> अपराध संख्या-813/ 2019 अन्तर्गत धारा-302, 120बी भा०द॑0सं0 थाना-ताजगंज, जिला-आगरा में अभियुक्तहै। जमानत प््रार्थनापत्र में अभिकथन है कि आवेदक/ अभियुक्त को झूठा संलिप्त किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। मामले की घटनासे आवेदक / अभियुक्त का कोई संबंध व सरोकार नहीं है। आवेदक / अभियुक्तसंलग्न शपथपत्र में वर्णित तथ्यों के आधार <नाम> <नाम> करने के आदेश पारित कियाजाय । ",
"<नाम> जनरैल <नाम> जो आवेदक / अभियुक्त का पिता/ पैरोकार है औरमामले के तथ्यों से परिचित है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करते हुए अभियोजन कथानक का वर्णन करते हुए अभिकथन किया गया है कि आवेदक / अभियुक्त का घटना से किसी तरह का कोई संबंध व सरोकार नहीं है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, <नाम> ही आवेदक/ अभियुक्त <नाम> हत्या करने का कोई आरोप लगाया गयाहै। मात्र बहस के लिये मान भी लिया जाय कि वर्णित घटना की तरह कोई घटनावास्तव में हुई है तो भी आवेदक/ अभियुक्त <नाम> हत्या करने का कोई आरोप नहीं लगाया गया है, मात्र पिता द्वारा अंगूठी में प्रयोग होने वाले नगो का कार्य करने केचलते तांत्रिक दर्शाया गया है। आवेदक/ अभियुक्त द्वारा बच्चे की हत्या किये जानेका कोई हेतुक नहीं है। आवेदक / अभियुक्त संभ्रान्त परिवार का व्यक्ति है, उसकापूर्व का आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौ0) द्वारा किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार घटना के तथ्य संक्षेप में इस प्रकारहैं कि वादी मुकदमा रामप्रताप <नाम> द्वारा दिनांक 10.08.2019 को तहरीर इसआशय से प्रस्तुत की गईं कि 'मेरा लड़का <नाम> उम्र 28 वर्ष है, मैंने अपने लड़केकी शादी वर्ष 2010 में <नाम> से की थी। <नाम> के दो लड़के हैं, <नाम> की उम्रलगभग 07 वर्ष, दूसरे लड़के अभि की उम्र 04 वर्ष है। मेरा लड़का <नाम> काफीदिनों से घर में <नाम> पाठ एवं तन्त्र <नाम> करता रहता है और यह <नाम> है किऋषि के <नाम> में <नाम> पैदा हो गया है, जिसका अन्त करना है, हमारे पूरे परिवारके लिए सही होगा। हम लोग <नाम> को <नाम> से दूर रखते शे। आज दिनांक10.08.2019 को समय सुबह 07.00 बजे <नाम> <नाम> को स्कूल में ले जाने के लिएघर से चला तो हम लोगों को शक हुआ कि आज <नाम> <नाम> के साथ कुछगड़बड़ करेगा। मेरी पत्नी <नाम> इनको देखने के लिए घर से निकली तो <नाम> वऋषि स्कूल नहीं पहुंचे, फिर <नाम> ने घर आकर सारी बात घर बताई तो हम सब घर वाले उनकी तलाश करने के लिये कई घण्टे इधर-उधर घूमते रहे, जहां <नाम> <नाम> करता है। धर्मवीर के घर <नाम> नगर पहुंचे तो <नाम> कि अमित,धर्मवीर के मकान के छत से नीचे उतर रहा है और उसकी कमीज परजगह-जगह खून लगा है और पैर मिट्टी में सने हैं। हमने <नाम> से पूछा कि <नाम> कहां है तो <नाम> ने बताया कि उसको स्कूल छोड़ <नाम> है। हमने कहा, वहस्कूल नहीं गया है तो <नाम> मौका देखकर वहां से भाग गया। हम सभी घर केलोग तऋषि की तलाश के लिये निकले तो कहीं से सूचना <नाम> कि एक बच्चे कीडेड बॉडी कहरई मोड़ कुशवाह हॉस्पीटल के सामने अधबनी दुकान में पड़ी है। ",
"हमने वहां जाकर <नाम> तो वह बच्चे <नाम> की बॉडी है, उसके कन्थे <नाम> <नाम> ट॑ंगा हैऔर स्कूल की ड्रैस पहने है। हमने पुलिस को सूचना दी, पुलिस मौके <नाम> आई। हमने पुलिस को बताया कि <नाम> ने अपने लड़के <नाम> की हत्या <नाम> दी है। अब थाने <नाम> आये हैं। रिपोर्ट लिखकर आवश्यक कार्यवाही करने की कूपा करें। ' वादी द्वारा प्रस्तुत तहरीर के आधार <नाम> थाना ताजगंज जिला आगरापर मु0अ०सं0 813/2019 धारा-302 व 201 भा०दं0सं0 के अन्तर्गत अभियुक्त <नाम> के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचनाआवेदक / अभियुक्त का नाम <नाम> में आने <नाम> उसे इस मामले में संलिप्त कियागया । "
],
"judge-opinion": [
"अपराध संख्या-813/ 2019 दिनांक 07.11.2019आवेदक / अभियुक्त गुरूप्रीत <नाम> के जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> उसकेविद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौ0) को सुना गया तथा थाने से प्राप्त आख्या एवं संबंधित पत्रावली कासम्यक परिशीलन किया । ",
"मैंने केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया। "
]
} | 0DENIED
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Bail Application_6611_201920-11-20191529 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्तगी की पैरोकार <नाम> शकुरकादेवी उर्फ शंकुतला <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाइलयास अंसारी द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृतकरायी गयी कि वह व उसके गोव का भतीजा रहमत अंसारी दिनौक05.10.2019 को समय करीब 09:30 बजे <नाम> को अग्रसेन मील <नाम> सेट्रक संख्या- जे0एच0 11, डब्लू? 2922 में 1400 टीन सरसों का तेल और 200 कार्टून बोलल पैक सरसों का तेल लोडकर झारखण्ड जिला गिरिडिह जा रहा था। सैंया फूलाईओवर रेलवे लाइन किनारे समय करीब रात 11:30 बजेआ रहा था इतने में पीछे से सफेद रंग की बोलेरों गाड़ी में सवार 5-6 अज्ञात ने ओवरटेक <नाम> ट्रक को रोक लिया और उसके ट्रक में लोट <नाम> सहित लूट लिया तथा उन दोनों को बोलेरो में डाल <नाम> रात रात भर घुमाते रहे और उसे गॉव नयाबांस के जंगलों में सुबह छोड़कर भाग गए। उसका (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6611/2019संजय आदि बनाम राज्य मोबाइल व उसके कंडक्टर का मोबाइल भी बदमाश छीन ले गए। ",
"प्रार्थी /अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीगण दिनाक13.10.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थीगण से लूट से संबंधितकोई <नाम> बरामद नहीं हुआ है। प्रार्थीगण की आपस में रंजिश चल रही है। रंजिश रखने वाले लोगों ने पुलिस ने मिलकर प्रार्थीगण को झूठा फंसा दियाहै। कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। यह प्रार्थीयण का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चच्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्तगणको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी/ अभियुक्तगण द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा व अन्य को बंधक बनाकर ट्रक व उसमेंलदे सरसों के तेल की लूट कारित की गयी है। अभियुक्तगण से बरामदगीभी है। सह-अभियुक्तगण की जमानत न्यायालय द्वारा पूर्व में निरस्त की जा चुकी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रघुवीर <नाम> <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 05.10.2019 की समय 21:30 से 23:30 बजे के मध्य की है । ",
"प्रार्थीगण <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी व उसके साथी को बन्धक बनाकर उसका ट्रक व उसमें लदे <नाम> को लूटने व उक्त ट्रक व <नाम> उससे बरामदहोने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शितहोता है कि पुलिस पार्टी द्वारा दिनाक 12.10.2019 को प्रार्थीगण को सह-अभियुक्तगण के साथ गिरफ्तार किया गया है तथा प्रार्थीगण व <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6611, 2019संजय आदि बनाम राज्य अभियुक्तगण के कन्जे से प्रश्नगत मामले में लूटा गया <नाम> व उनकीनिशानदेही <नाम> लूटा गया ट्रक बरामद किया गया है। प्रार्थीगण को झूठाफंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। सह-अभियुक्तगण बिजेन्द्रउफ पप्पू <नाम> हरिओम आदि की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व मेंनिरस्त की जा चुकी है। अभियोजन की ओर से प्रार्थीगण द्वारा मामले मेंसकिय <नाम> अदा किया <नाम> दर्शित किया गया है। "
]
} | 0DENIED
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Bail Application_230_202119-01-20213497 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के पुत्र साहिल खां काशपथपत्र संलग्न किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमामोनू <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायीगयी कि दिनांक 18.12.2019 को वह ग्राम बबरौद में अपनी दुकान मोनूवर्मा ज्वेलर्स को बंद करके अपने गांव अपनी मोटरसाइकिल से कुछज्वैलरी लेकर जा रहा था कि समय करीब <नाम> 5.00 बजे बबरौदमुबारिज के बीच स्कूल के पास <नाम> रंग की पल्सर सवार तीन लड़कोंने उसकी मोटरसाइकिल रोक <नाम> उसका <नाम> तमंचे का बट सिर परमारकर छीन लिया जिसमें 10 जोड़ी तोड़िया, बीछिया,अंगूठी, चेन,ताबीज, कंदौनी <नाम> लोंग, बाली सोने की, कुल कीमत1,25,000 / -रूपये का सामान लूटकर ले गये। उसके सिर में चोट लगगयी। दिनांक 09.01.20 को मोटरसाइकिल <नाम> <नाम> के साथ साबिरको पकड़ा गया तथा मोटरसाइकिल <नाम> लगे कपड़े के <नाम> में एक पन्नीमें 414 अदद सफेद धातू की आयताकार सिलली बरामद हुयी, जिसके बारेमें उन्होंने बताया कि इस मामले में पूर्व में गिरफतार अभियुक्तगण उन्हेंसोने <नाम> का <नाम> देते है जिसे गलाकर वह Ricoh बनाकर देते है। ",
"आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक अभियुक्त को उक्त मामले में झूठा फंसायागया है वह निर्दोष है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। आवेदक अभियुक्त से किसी भी प्रकार की नगदी, जेवरात, <नाम> सोनाआदि बरामद नहीं हुआ है। आवेदक अभियुक्त ने <नाम> को गलाकर ईटबनाने का कार्य नहीं किया है। आवेदक अभियुक्त को पुलिस ने गुडवर्कदिखाने के लिये इस मामले में झूठा नामित <नाम> <नाम> है। आवेदकअभियुक्त को अन्य मु0अ0सं० 7,/2020 के अभियुक्तगण के बयानो केआधार <नाम> इस मामले में संलिप्त किया गया है। आवेदक अभियुक्त 10.01.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हींतर्कों <नाम> आवेदक अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोधकिया है। ",
"अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी ने जमानत आवेदन का घोर विरोध करते हुये कथन किया हैकि आवेदक अभियुक्त को एक अन्य <नाम> अभियुक्त <नाम> के साथमोटरसाइकिल <नाम> पकड़ा गया था तथा मोटरसाइकिल <नाम> लगे कपड़े केबैग में एक पन्नी में 44 अदद सफेद धातू की आयताकार सिल्ली उसकेपास से बरामद हुयी, जिसके बारे में उसने स्वयं यह बताया कि इसमामले में पूर्व में गिरफतार अभियुक्तगण उन्हें सोने <नाम> का <नाम> देते हैजिसकी सिलली बनाकर वह देते है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीका कथन है कि आवेदक अभियुक्त का एक संगठित गिरोह है जो इसतरह की घटनाओं को अंजाम देता है। आवेदक अभियुक्त द्वारा कारितअपराध गम्भीर <नाम> का है। इन्हीं आधारो <नाम> आवेदक अभियुक्त काजमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने का निवेदन किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन कीतरफ से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन करलिया है। ",
" पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट प्रकट होता है कि इस अपराध से सम्बन्धित आवेदकअभियुक्त तथा <नाम> अभियुक्तगण के कब्जे से 500 ग्राम <नाम> की सिल््लीके अलावा अन्य अपराधों से सम्बन्धित सोने के जेवरात व गली हुयीसिलली के <नाम> में चॉदी वजनी करीब 20 किलोग्राम, 494 किलोग्रामलौंग तथा 174 किलोग्राम छोटी इलाइची की भी बरामदगी हुयी है। प्रपत्रो के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि दिनांक 09.01.20 कोमोटरसाइकिल <नाम> <नाम> के साथ साबिर को पकड़ा गया तथामोटरसाइकिल <नाम> लगे कपड़े के <नाम> में एक पन्नी में 14 अदद सफेदधातू की आयताकार सिल्ली उनके पास से बरामद हुयी, जिसके बारे मेंउन्होंने बताया कि इस मामले में पूर्व में गिरफतार अभियुक्तगण उन्हेंसोने <नाम> का <नाम> देते है जिसकी सिल्ली बनाकर वह देते है। आवेदकअभियुक्त ने अपने कब्जे में चॉदी की सिलल्ली होने का कोई स्पष्ट कारणनहीं <नाम> है। आवेदक अभियुक्त द्वारा चोरी किये गये आभूषणें कोगलाकर उन्हें सिल्ली के <नाम> में परिवर्तित करके <नाम> अभियुक्तों कोदिया जाता है। आवेदक व <नाम> अभियुक्तगण के कब्जे से काफी <नाम> मेंआभूषण बरामद हुये है जिसमें अन्य मामले के वादी ने अपने आमूषणोंकी पहचान भी किया गया है। प्रपत्रों से यह भी स्पष्ट है कि आवेदकअभियुक्त सोने <नाम> के आभूषण चोरी करने वाले गिरोह का सकियसदस्य है। इस मामले के <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत पूर्व में मेरेविद्वान पूर्वाधिकारी द्वारा 20.10.2020 व करतार व <नाम> की जमानतदिनांक 12.03.20 को निरस्त की जा चुकी है। आवेदक अभियुक्तका एक लम्बाचौड़ा आपराधिक इतिहास है। वर्तमान में चोरी के <नाम> केaR Hl weer Se fect के <नाम> में परिवर्तित <नाम> बाजार मेंअवैध <नाम> से विकय किये जाने की कालाबाजारी <नाम> <नाम> में की जारही है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_896_202024-07-2020902 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जिला आगरा। ",
"आदेशदिनाक : 24.07.2020थाना हरीपर्वत के मु0अ0सं0 103, 2020 अंतर्गत <नाम> 381,411भारतीय दण्ड <नाम> के प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्व अभियुक्तनीरज राठौर की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र माननीय सत्रन्यायालय में प्रस्तुत किया गया है जो <नाम> अनुसार निस्तारण <नाम> स्थानांतरणद्वारा इस न्यायालय को प्राप्त हुआ है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के पेरोकार <नाम> राठौरके शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा अरूण सौंधीथाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज करायी गयी किदिनांक 06.03.2020 को समय 21:30 बजे उसने अपनी दुकान <नाम> <नाम> करने वाले <नाम> राठौर व जार्ज लुईस दुकान <नाम> <नाम> करके घर जा रहे थे तोशक होने <नाम> उसने अपनी दुकान के पास ही उन्हें रोककर उनके बैगों कीतलाशी ली तो दोनों के बैगों में उसकी दुकान से चुरायी गयी दो दो बैटरियांथी तो तभी जार्ज लुईस मौके का फायदा उठाकर उसकी दुकान से चोरी कीगयी बैटरियों को लेकर भाग गया जबकि <नाम> राठौर को दो बैटरी <नाम> मेंडालकर ले जाते हुए रंगे हाथों अपने साथियों <नाम> <नाम> जायसवाल,विशाल <नाम> की मदद से पकड लिया। जिसक <नाम> से मौके से दो बैटरियां (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रcक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 896, 2020नीरज राठोर आदि बनाम राज्यमिली जो उसकी दुकान से चोरी की गयी हैं जिनके नम्बर कमश:ए4ए0ए024342 व एम7एल9एम109376 हैं। इसने बताया कि जार्ज लुईस भी उसके साथ चोरी करता है तथा आज भी दो बैटरी चुराकर ले गया है। उपरोक्त प्रार्थनापत्र के आधार <नाम> थाना हरीपर्वत जिला <नाम> मेंमु0अ0सं0 1032020 प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण <नाम> राठौर व जार्ज लुईसके विरूद्व <नाम> 381,411 भारतीय दण्ड <नाम> के अंतर्गत पंजीकृत कियागया। विवेचना प्रचलित है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। वादी मुकदमा द्वारा <नाम> तो उसे समय से तनख्वाह दीगयी और <नाम> ही उसके साथ मानवीय व्यवहार किया गया तथा उसे बैटरीचोरी के झूठे मुकदमे में दबंगई दिखाते हुए अपने सम्पर्क का फायदा उठातेहुए झूठा फंसा <नाम> है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोई जमानत्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी दिनांक07.03.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्यअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा की दुकान से बैटरियों की चोरीकी गयी है। जमानत का काई आधार नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तकी जमानत प्ररार्थनापत्र विद्वान मुख्य न्यायिक मजिस्टेट <नाम> द्वारा दिनांक17.03.2020 को निरस्त किया गया है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यकपरिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट केअनुसार प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध वादी मुकदमा का सेवक होते हुए उसकी (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 896, 2020नीरज राठौर आदि बनाम राज्यदुकान से बैटरी चुराये जाने का अभियोग है। थाने से प्र्रार्थी/ अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4036_201902-08-20191071 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> प्रवीणकुमारी पत्नी <नाम> गटटा उर्फ सलीम का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाना मलपुरा जिला <नाम> ने दिनांक 11..07.2019 को 23.13 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण गठटटा उर्फ सलीम, अलवर,शहजाद, शाहरूख, व देबू के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर गटटाउर्फ सलीम है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्तकरने <नाम> हत्या, डकैती व हत्या का प्रयास करने जैसे जघन्य अपराध कारित करते है औरसमाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त है। ",
"अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, व 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गया है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणकोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्रणगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में पुलिस द्वरा षडयंत्र के तहत झूँठा एवं निर्दोष नामजद <नाम> <नाम> है। जबकि उसने दर्शायी गयीकिसी भी घटना को अन्जाम नही <नाम> है। उसके विरूद्ध दर्शाये गये सभी मामलो में उसकीजमानत हो चुकी है। अभियुक्त समाज का प्रतिष्ठित परिवार का व्यक्ति है तथा महनतमजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है। वह किसी तरह अवैध <नाम> सेधनोपार्जन नहीं करता है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया we । राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय गैगलीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध() अ.सं. 671/17 <नाम> 396,भा.द.सं. थाना-मलपुरा जिला आगरा। ",
"2— अ0सं0 814 / 2017 <नाम> 307 भा.द.सं. थाना मलपुरा जिला आगरा। ",
"(3) अ.सं. 816 /17 <नाम> 3/25 आर्म्स एक्ट थाना-मलपुरा जिला आगरा। ",
"के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर हत्या,डकैती व हत्या काप्रयास जैसे जघन्य अपराध करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"wel am rae में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होनेका प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी प्रकृतिएवं अभियुक्त के हत्या, डकैती, व हत्या का प्रयास जैसे जघन्य अपराध करने सेसंबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 190) में वर्णित प्रावधान कोदृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4002_201930-07-20191252 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त की माता व पेरौकारश्रीमती सरोज के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मो0 महबूब द्वाराथाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि वह अपने पुत्र कैव के साथ सब्जी मण्डी बोदला से पैदल-पैदल अपने घर रामनगर, नईआबादी बोदला जा रहा था। समय करीब <नाम> 03:00 बजे <नाम> डेरी से पहलेनारायण नगर <नाम> पहुँचे तो दो लड़के पीछे से आए और उसके पीछे चल रहेउसके पुत्र कैफ को <नाम> <नाम> जबरदस्ती उसका मोबाइल फोन एमआई एक्स तथा जेब में रखे पर्स, जिसमें एक चाबी व 150 रूपए तथा फोटो था वहाईस्कूल की माकंशीट तथा आधार कार्ड की छायाप्रति भी <नाम> थी, को छीनकर ले जाने लगे। उसके चिल्लाने <नाम> उसके पीछे मोटरसाईकिल परचल रहे उसके भतीजे शाकिर अहमद ने पीछा <नाम> कुछ ही दूरी <नाम> अन्यलोगों की मदद से दोनों को लूटे गए सोबाइल व पर्स के साथ पकड़ लिया। नाम पता पूछने <नाम> एक ने अपना नाम <नाम> बताया जिससे पर्स मिला। दूसरे ने अपना नाम सुखवीर <नाम> बताया जिसके पास से मोबाइल बरामदहुआ। इस संबंध सें प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> एमछके0 <नाम> एवं (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। वास्तविकता यह है कि दिनाक 20.01.2019 को दिनके करीब तीन बजे प्रार्थी सब्जी मण्डी सिकन्दरा से <नाम> करके अपने घर गेंदा नगर जा रहा था तभी <नाम> नगर के पास मोटर साईकिल <नाम> एकव्यक्ति बात करता हुआ धीमी <नाम> से जा रहा था, उसी समय वादी का पुत्रकैप व उसके साथ एक लड़का और था, जो मोटरासईकिल चालक का मोबाइल छीन <नाम> भाग्र, अभियुक्त मोटरसाईकिल सवार की मदद करने कीनीयत से कैफ क पीछे भागा और पीछा करता हुआ उसके घर <नाम> पहुँचगया। वहाँ बहुत लोग इकटठे हो गए और प्रार्थी के साथ बहुत मारपीट की,जबकि मोबाइल कैफ ने छीना था। वादी ने पुलिस से मिलकर प्रार्थी को झूठाफंसा दिया। <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी दिनाक 22.01.2019 सेजिला कारागार सें निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा सह-अभियुक्तगणके साथ मिलकर वादी मुकदमा के पुत्र का मोबाइल व पर्स छीना गया है। अभियुक्त व सह-अभियुक्त को मौके <नाम> ही पकड़ा गया है तथा उनसे वादीके पुत्र का मोबाइल व पर्स बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4002/2019रोहित बनाम राज्यविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 20.01.2019 की समय 15:00 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 20.01.2019 को समय 17:20 बजे दर्ज करायी (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-63, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4002, 2019रोह्ठित बनाम राज्य गयी है। प्रार्थी <नाम> सह-अभियुक्त के साथ मिलकर वादी मुकदमा के पुत्र का पर्स व मोबाइल लूटने व उनको मौके <नाम> ही पकड़कर उनसे पर्स व मोबाइलबरामद होना दर्शित किया गया है। प्रार्थी छ: माह से अधिक समय से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। मामले में आरोप पत्र न्यायालयमें प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5476_201915-10-20192947 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के पैरोकार धनसिह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसकाप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ",
"अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमारविनन्दन <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि आज रात अज्ञातचोरों ने मेरे घर में घुसकर घर में रखा सामान बीस हजार रूपये नगद,500ग्राम चाँदी, 20ग्राम <नाम> और छोटे <नाम> सर्वेन्द्र सिह का आर्मी कार्ड चुरा लेगये हैं। यह घटना दिनांक 31.05.2017 की है । ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 31.05.2017 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-14/2017 <नाम> धारा-379 भा०द0सं0 का अभियोग थानापिढोरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया, जिसमें दौरान विवेचना अभियुक्त सेहुई बरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 379 भा0द0सं0 को लोप करते हुये यहमामला धारा-380, 457, 411 भा०द0सं0 में तरमीम किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में गॉव कीरंजिशन के <नाम> पुलिस ने घर से उठाकर झूंठा जेल में बन्द <नाम> <नाम> है। ",
"उसका घटना से कोई वास्ता व सरोकार नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक04.06.2017 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त के के -2-द्वारा चोरी किया <नाम> स्वीकार किया है। आवेदक/ अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"कहा जाता है कि आवेदक,/ अभियुक्त ने अपने अन्य साथियों के साथमिलकर वादी मुकदमा के घर चोरी की । ",
"फर्द बरामदगी के मुताबिक दिनांक 04.06.2017 को एस.ओ.जय प्रकाशपाल मय इमराह दौरान वाहन चैकिंग मोटरसाइकिल को रूकने का इंशारा कियेजाने <नाम> भागने का प्रयास किये जाने <नाम> दविश देकर घेरकर मोटरसाइकिलसवार तीनों व्यक्तियों को पकड लिया। पकडे जाने <नाम> वर्तमानआवेदक / अभियुक्त ने अपना नाम <नाम> पुत्र भगवान <नाम> बताया तथा पूछनेपर दिनांक 30/31-5-2017 की रात में वीरेन्द्र की बातों में आकर <नाम> गढीगाँव में चोरी करने में साथ होना बताया तथा जेबर बेचकर वीरेन्द्र व मन्जू नेपॉच सौ रूपये दिये, जो मुझसे खर्च हो गये। ",
"इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात दर्ज करायी गयी है, जहाँ <नाम> अभियुक्त <नाम> का प्रश्न है, फर्द बरामदगी के अनुसार दौरान गिरफूतारीउसकी व्यक्तिगत जामा तलाशी से चोरी से संबंधित कोई वस्तु बरामद नहीं हुईहै। पुलिस <नाम> के समक्ष की गयी अपराध स्वीकारोक्ति का कोई विधिकमहत्व नहीं है। इस बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नही है। आवेदक / अभियुक्त के सम्बन्ध में थाने से जो आख्या प्राप्त हुई है,उसमें आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास होना नहीं दर्शाया गयाहै। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक04.06.2017 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2875_201905-07-20192497 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्तके मित्र/पैरोकार <नाम> कान्त <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है,जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादिनी मुकदमागुरूदीप कोर ने थाना एन.डी.आर.एस. नई दिल्ली <नाम> इस आशय की तहरीरदी कि मैं दिनांक 23.04.2019 को ट्रेन संख्या 12723 से नागपुर से नई दिल्लीकी यात्रा <नाम> रही थी। सुबह पॉच बजे जब ट्रेन <नाम> केन्ट पहुंची, मेरा बेगचोरी हो गया, जिसमें <नाम> हजार रूपये, बच्चों के प्रमाण पत्र, कपडे, यात्रा कीटिकट थी। उपरोक्त मामले की घटना का क्षेत्राधिकार, <नाम> में होने के <नाम> उसेआगरा कैण्ट रैफर <नाम> <नाम> गया। उक्त तहरीर के आधार <नाम> दिनांक10.05.2019 को अज्ञात अभियुक्त क विरूद्ध अपराध संख्या-249/2019 परधारा-380 भा०द0सं0 का अभियोग थाना जी.आर.पी. <नाम> कैण्ट, जनपदआगरा <नाम> पंजीकृत किया गया। इस मामले में दौरान विवेचना अभियुक्त शशिकपूर का नाम <नाम> में आने <नाम> तथा उसकी गिरफूतारी होने <नाम> उसकेइकबालिया बयान तथा उससे चोरी गये सामान में से कुछ रूपयों की बरामदहोने <नाम> इस मामले में <नाम> 411 भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। 2आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फॅँसाया गया है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है, वह निर्दोष है। आवेदक / अभियुक्त की जो गिरफ्तारी एवंबरामदगी दिखायी गयी है, वह झूंठी व मनगढन्त है। आवेदक/ अभियुक्तमूल <नाम> से जनपद <नाम> का रहने वाला है तथा <नाम> शहर में <नाम> अभियुक्तमहेश के साथ मजदूरी करता है। आवेदक/ अभियुक्त की पत्नी गर्मी कीछुट्टियों में बच्चों के साथ <नाम> घूमने के लिये आयी, वह उसे छोडने केलिये <नाम> कैण्ट स्टेशन आया हुआ था, उसके पास प्लेटफार्म का टिकट नहोने के <नाम> वह अपनी पत्नी को बिठाकर <नाम> अभियुक्त <नाम> के साथ पटरीकास <नाम> बाहर आ रहा था, तभी जी0आर0पी0 पुलिस के द्वारा पकड लियागया तथा छोड़ने के लिये पैसों की मॉग की गयी और <नाम> देने <नाम> इस झूंठेमुकदमे में फॅसा दिया। आवेदक अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहींहै और ना ही उसकी मौके से गिरफ्तारी हुई है तथा उसके कब्जे से कोईनाजायज <नाम> की बरामदगी नहीं हुई है। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी वबरामदगी का कोई जन <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है और ना ही वह पूर्व सजायाफूता है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 22.05.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने कीयाचना की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्तसे इस मामले में चोरी गये सामान में से कुछ रूपये पुलिस के द्वारा बरामदकिया गया है, आवेदक / अभियुक्त ने अपने इकबालिया बयान में उक्त चोरी कोकिया <नाम> स्वीकार किया है। आवेदक,/ अभियुक्त का अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"इस मामले में वादिनी मुकदमा के द्वारा अज्ञात में एफ.आई.आर. इसआशय की लिखाई गई कि दिनांक 23.04.2019 को वह नागपुर से दिल्ली कीयात्रा <नाम> रही थी, सुबह पॉच बजे <नाम> कैण्ट स्टेशन <नाम> <नाम> तो उसकासूटकेस चोरी हो गया। घटना दिनांक 23.04.2019 की है तथा फर्द बरामदगीदिनांक 22.05.2019 देखने <नाम> यह पाया गया कि आवेदक/ अभियुक्त शशि -3-कपूर की जामा तलाशी से पहनी जीन्स की पेन्ट की दाहिनी फॅट में घुरसाहुआ एक अदद चाकू नाजायज तथा पेन्ट की बायी जेब से 4340/-रूपयेनगद बरामद हुये। इस बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। बरामद रूपयों कीबाबत उसका कहना है कि यह रूपये उसके अपने हैं। <नाम> इस स्तर <नाम> यहतय नहीं किया जा सकता कि आवेदक / अभियुक्त से बरामद रूपये चोरी के हैंअथवा उसके अपने हैं। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.05.2019 से कारागार में निरूद्ध है । "
]
} | 1GRANTED
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Bail Application_2591_201926-06-20192820 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पड़ौसी व पैरोकार रविकुमार के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> सिंहपरमार द्वारा दिनोक 30.04.2019 को थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी <नाम> करायी गयी कि दिनाक 28.04.2019 को उसकी ट्रांसपोर्ट कम्पनीकी गाड़ी <नाम> से <नाम> <नाम> <नाम> व बर्तन अपनी स्कॉर्पियोसंख्या-आर0जे0 11 /वी0बी0 0055 में रखवाकर <नाम> ब्रांच रामदास मण्डीसर्रफ बाजार <नाम> को डिलीवरी देने चालक <नाम> <नाम> <नाम> व साथी कर्मचारी बन्टी <नाम> जा रहे थे। रास्ते में खडवाई नहर अट्स के पास गाड़ीलूट ली गयी है। इसकी सूचना चालक <नाम> ने मोबाइल <नाम> दी है। खड़वाईनहर से 4 मोटर साईकिल सवार अज्ञात व्यक्तियों द्ज्ञगरा गाड़ी को रोककर पत्थर से कॉँच तोड़कर मोटरसाईकिल सवार तमंचा दिखाकर स्कॉर्पियों को अपने कब्जे में लेकर स्वयं चालकर रायमा फलाई ओवर के नीचे ले गए। ",
"किसी दूसरी गाड़ी में <नाम> लेकर व उन्हें वहीं हाथ बांधकर डाल, <नाम> माललेकर फरार हो गए। उसका 23 पार्सलों में <नाम> के बर्तन व <नाम> थे (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 2591 / 2019प्रांशु उर्फ प्रियांशू बनाम राज्यजिनका वजन लगभग 250 किलोग्राम है। उसे शक है कि उसके पूर्व कर्मचारी भूरा उर्फ <नाम> <नाम> ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह घटनाकरवायी है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनाक 29.04.2019 की है तथाप्रथम सूचना रिपोर्ट दिनोक 30.04.2019 को <नाम> करायी गयी है। अज्ञातचार मोटरसाईकिल सवार व्यक्तियों द्वारा लूटना बताया गया है। घटना काकोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी से कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। ",
"अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुकतगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा की गाड़ी से कुल 250 किलोग्राम <नाम> की लूट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रोंका सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 29.04.2019 की समय 11:30 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 30.04.2019 को ही समय 02:30 बजे अंकितकरायी गयी है। प्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> दिनांक06.05.2019 को सह-अभियुक्तगण के साथ गिरफतार किया गया है तथा प्रार्थी व सह-अभियुक्तगण के <नाम> कब्जे से प्रश्नगत मामले में लूटी गयीचांदी में से एक कुण्टल अठारह किलो <नाम> बरामद की गयी है। प्रार्थी द्वाराअपने बयान में प्रश्नगत अपराध में सम्मिलित होने की संस्वीकृति की गयी है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रहक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 2591 / 2019प्रांशु उर्फ प्रियांशू बनाम राज्यसह-अभियुक्त पुष्पेन्द्र उर्फ भेला की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक10.06.2019 को निरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा मामले मेंसकिया <नाम> अदा की गयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_5330_201930-09-20193469 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आदेशदिनाक : 30.09.2019 प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> उफकमल <नाम> की ओर से मुकदमा अपराध संख्या-866,/2019 अन्तर्गत धारा454, 380, 411 भारतीय दण्ड <नाम> थाना ताजगंज, जिला <नाम> के मामलेमें प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के बड़े <नाम> मांगेलाल कशपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया मुकदमाश्रीमती <नाम> <नाम> के द्वारा संबंधित थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयीकि दिनोक 04.09.2019 को समय सुबह करीब 11:30 बजे वादिया के पड़ोसीश्री <नाम> <नाम> को मोबाइल <नाम> सूचना दी गई कि प्रार्थिनी की कोठी नं0 116ओमश्री टाउन से चोरी हो गई है। चोर <नाम> <नाम> ने कोठी से कीमतीसामान जैसे एल0एसी0डी0, 1 सिलेण्डर, कपड़ों के <नाम> दो पीतल की मूर्तियांदेवी की तथा <नाम> भगवान की ज्वैलरी पर्स, जिसमें सोने की ज्वैलरी थी, ए0०सी0० इनवर्टर व इनवर्टर की बैटरी लाद ले गया है। ",
"्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुशवाहा एवंविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को विगत <नाम> परसुना जा चुका है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को वादिया द्वारा पुलिस से मिलकर झूठा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5330/2019कमल <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> बनाम राज्यफंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। घटना दिनांक 04.09.2019समय 11:30 ए0एम0 की बताई गई है, जबकि एफणआईएआर0 दिनांक04.09.2019 को समय 14:45 <नाम> <नाम> कराई गई है। फद सें गिरफ्तारीके दिनांक व समय में ओवर राइटिंग की गई है, जो कि फर्द बरामदगी वअंकित गिरफूतारी को संदिग्ध बनाती है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त के हस्ताक्षर फर्द <नाम> नहीं हैं, इससे स्पष्ट हैकि उसके पास से कोई बरामदमी नहीं हुई है। प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> मिस्त्रीहै तथा चिनाई <नाम> ठेकेदारी <नाम> करता है। प्रार्थी ने वादिया से अपनी वअपने साथी मजदूरों के कार्य के 15000/-रूपए मांगे जिसमें वादिया ने5000 / -रूपए दिए <नाम> पैसों की मांग <नाम> गाली-गलौच की तथा धमकी दीज्यादा जिद की तो सबक सिखा दूंगी और पुलिस को झूठी सूचना देकरप्रार्थी को बंद <नाम> दिया। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 05.09.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है तथा उसका जमानत प्रार्थनापत्र माननीय अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 12.09.2019 को निरस्त किया जा चुका है। प्रार्थी / अभियुक्त एक सभ्रांत परिवार का व्यक्ति है तथा किसी न्यायालय सेसजायाफूता नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त उपरोक्त घटनामें संलिप्त रहा है। प्राथी/अभियुक्त के पास से चोरी का <नाम> बरामद हुआहै। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का आधार पर्याप्त नहीं है। जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
" अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 04.09.2019 को समय लगभग 11:30 बजे की है। प्रार्थी परवादिया मुकदमा के घर में घुसकर घर का काफी सामान चुराए जाने काआरोप लगाया गया है। केस डायरी के अनुसार मामलें के चश्मदीद साक्षीरंजीत <नाम> <नाम> के अनुसार प्रार्थी /अभियुक्त को उनके द्वारा अपनीमोटरसाईकिल <नाम> 1 बैटरी व इनवेटर तथा एलएसी0डी0 रख <नाम> ले जातेदेखा है जबकि वादिया <नाम> <नाम> ने अपनी तहरीर में एल0सी0डी0, 1सिलेण्डर, कपड़ों के <नाम> दो पीतल की मूर्तियां <नाम> की तथा <नाम> भगवानकी ज्वैलरी पर्स, जिसमें सोने की ज्वैलरी थी, ए०सी० इनवर्टर व इनवर्टर की (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5330, 2019कमल <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> बनाम राज्यबैटरी ले जाने का कथन किया गया है। मामले की तहरीर <नाम> <नाम> <नाम> के द्वारा वादिया मुकदमा को दी गयी सूचना के <नाम> दर्ज कराया जानादर्शित किया गया है। मोटरसाईकिल <नाम> उक्त सभी सामान ले जानास्वाभाविक प्रतीत नही होता है। प्रार्थी लगभग 25 <नाम> से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। मामला मजिस्टेट द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1212_202116-02-20212383 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्रके साथ आवेदक » अभियुक्त के <नाम> /पैरोकार <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार विद्युत विभाग के कर्मचारीगणकी चैकिंग टीम के द्वारा प्रार्थ / अभियुक्त के परिसर का निरीक्षण करने परआवेदक / अभियुक्त को अवैध <नाम> से विद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुएपाया गया। इस संबंध में विद्युत विभाग की ओर से प्रार्थी / अभियुक्त केविरूद्ध थाना हाजा <नाम> अभियोग पंजीकृत कराया गया। ",
"प्रार्थी/, अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में Forफँसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त उक्त केस में दिनांक 14.02.2021 से जेलमें है। अत: जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय । "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा नहीं कराया गयाहै, प्रार्थना पत्र <नाम> एतराज है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> चोरी से विद्युत का उपयोग किये जाने काआरोप है, जिससे प्रार्थी /अभियुक्त के द्वारा इंकार किया गया है। (2)प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 14.02.2021 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7226_201902-01-20202670 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में यह कहा है किन्यायालय में दिनांक 18-03-2019 को प्रार्थी पीलिया रोग से पीड़िता होने के कारणन्यायालय नहीं आ सका था अतः अभियुक्त के <नाम> जमानती वारंट हो गये। प्रार्थी दिनांक07-12-2019 को वारंटपर जेल चला गया तभी वह जिला कारागार में निरुद्ध है। आवेदक / अभियुक्त ने जानबूझ <नाम> गलती नहीं की है। ए०डी०जी0सी० द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध किया गया। वादी पक्ष केविद्वान अधिवक्ता भी उपस्थित आये । "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ०0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्त की नियमित जमानतपूर्वं न्यायालय द्वारा दिनांक 28-09-2016 को स्वीकार हुयी थी। मूल जमानत आदेश अभीनिरस्त नहीं हुआ है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि दिनांक 18-03-2019 कोआवेदक / अभियुक्त के <नाम> आने के <नाम> उसके विरुद्ध <नाम> जमानती वारंट जारी किये गयेथे। आवेदक / अभियुक्त का कहना है कि वह बीमार होने के <नाम> न्यायालय नहीं आ सकाथा। आवेदक को दिनांक 07-12-2019 को गिरफूतार किया गया तभी से वह कारागार मेंनिरुद्ध है। वादी के अधिवक्ता ने इस आधार <नाम> जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध किया किअभियुक्त जमानत के <नाम> भाग जाता है तथा उसने अपना पता सही नहीं बताया है। अभियुक्तके अधिवक्ता ने बताया कि जो मूल जमानत आदेश न्यायालय के पूर्व पीठासीन <नाम> द्वाराकिया गया उसमें उसका सही पता <नाम> है तथा अभियुक्त द्वारा आधार कार्ड की <नाम> प्रस्तुतकी गयी है जिसमें उसका वही पता <नाम> है जो वर्तमान जमानत प्रार्थनापत्र में है। अभियुक्तदि. 07-12-2019 लगभग 25 <नाम> से कारागार में निरुद्ध है उसे अपनी गलती की सजा मिलचुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4208_201917-08-2019498 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के पैरोकार <नाम> गुर्जरके शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा मनोजभाटिया द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायीगयी कि दिनाक 17.06.2019 को वह अपने दोस्त रिशू सचदेवा के साथआगरा घूमने आ रहा था। इसी दौरान <नाम> मीणा का फोन आया औरउसने कहा कि वह उससे <नाम> चाहता है जिस <नाम> उसने बताया कि वहआगरा जा रहा है, तो उसने कहा कि वह <नाम> आकर मिल लेगा। उसनेसुनील को फोन किया तो <नाम> मीणा ने कहा कि वह <नाम> कैट रेलवेस्टेशन <नाम> खड़ा है। <नाम> ने उसे वहीं बुला लिया। <नाम> के साथ अन्यलड़के भी थे। उसने <नाम> व अन्य तीन लड़कों को अपनी कार में बैठालिया। रास्ते में <नाम> ने अपने साथ में से एक लड़के सूरज को ए0टी0एम0से पैसे निकालने भेजा और रिशू को भी साथ जाने के लिए कहा। जिसकेबाद रिशू भी सूरज के साथ फतेहपुर रोड <नाम> ओरियंटल बैंक के ए०टी0एम0०से पैसे निकालने चला गया। सूरज एएटी0एम0 के अन्दर चला गया तथा रिशू (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4208/2019आशू गुर्जर बनाम राज्यबाहर ही खड़ा रहा। थोड़ी देर <नाम> सूरज ए0टी0एम0 से बाहर निकला औरदूसरे ए०टीएएम0 में जाने की बात <नाम> हुआ आगे बढ़ा और सड़क पार करके एक अन्य कार में सवार होकर चला गया। इसी बीच दो अन्य लड़केउसकी कार में आकर बैठ गए और आते ही <नाम> व उन लड़कों ने उसकेपर कट्टे तान दिए और शोर मचाने <नाम> <नाम> से मारने की धमकी दी। इसकेबाद उन सभी ने उसे उसकी कार सहित बंधक बना लिया और उसे एकअज्ञात जगह <नाम> ले गए जहाँ उसके साथ मारपीट की तथा <नाम> ने उसपर गोली भी चलायी। उन्होंने कहा कि अगर तेरे घरवाले तीस लाख रूपए देदेंगे तो तुझे जिन्दा छोड़ देंगे। इस घटना के <नाम> <नाम> ने उसके फोन सेउसकी पत्मी को फोन किया और धमकी दी कि अगर तीस लाख रूपए नहींदिए तो तुम्हारे <नाम> की लाश मिलेगी। <नाम> व उसके साथियों ने उसकीसोने की चेन व 2,000/- रूपए नगद छीन लिए तथा उसे कट्टे के बट सेमारा जिससे उसे चोट आयी। देर रात पुलिस ने कार्यवाही करके उसेअपहरणकर्ताओं से छुड़ाया। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 19.06.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। वादी ने एक सोची समझी रणनीति क तहत अभियुक्तगण से नौकरी लगवाने के बहाने लिए गए लाखों रूपयों को हड़पनेकी नीयत से यह झूठा मुकदमा पुलिस से मिलकर लिखाया गया है। वादीमुकदमा का कोई अपहरण नहीं हुआ है। अभियुक्तगण के कब्जे से कोई तमंचा व कारतूस बरामद नहीं हुआ है। पुलिस को अपहरण की सूचना कैसेप्राप्त हुई तथा अपहृत को अभियुक्तगण के कब्जे से पुलिस द्वारा कैसे बरामदकिया गया, इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। अभियुक्त द्वारा वादीएवं <नाम> मीणा को नौकरी के लिए एक वर्ष पूर्व 2,50,000/- रूपए दिएगए थे, लेकिन उन्होंने प्रार्थी की नौकरी नहीं लगवायी और <नाम> पैसा वापसकिया। पैसे की बावत ही <नाम> मीणा ने फोन <नाम> अभियुक्त को <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4208, 2019आशू गुर्जर बनाम राज्यबुलाया था। किसी भी अभियुक्त के कब्जे से सोने की चेन व 2,000/-रूपए बरामद नहीं हुए हैं। अभियुक्त वादी व <नाम> मीणा के साथ खानाखाने होटल <नाम> गया था, वही <नाम> वादी ने पुलिस बुलाकर प्रार्थी को उक्तमुकदमें झूठा निरूद्ध <नाम> दिया। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में विचाराधीननहीं है। प्रार्थी का कोई पूर्व अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधघारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त घटना मेंसंलिप्त रहा है तथा उसके व सह-अभियुक्त क द्वारा वादी को बुलाकर योजनाबद्ध तरीके से उसका अपहरण <नाम> फिरोती की मांग की गयी है। वादी मुकदमा को अभियुक्तगण के कब्जे से मुक्त कराने के उपरान्त वादी द्वारामुकदमा दर्ज कराया गया है। सह-अभियुक्त <नाम> मीणा की जमानत पूर्व में निरस्त की जा चुकी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की ययी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> के0सी० <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 17.06.2019 की समय 11:00 बजे से 11:30 बजे के मध्य कीहै जिसकी सूचना दिनाक 17.06.2019 को ही अपहृत के मित्र रिशू द्वारा 100नम्बर <नाम> दी गयी है जो प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अपहृत के साथआगरा घूमने आया था। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है किप्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> दिनाक 17.06.2018 कोसमय 08:00 बजे सह-अभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किया गया है तथागाड़ी से अपहूत <नाम> <नाम> को बरामद किया गया है। अपहूत द्वारा अपनेबयान में प्रार्थी व सह-अभियुक्तगण की <नाम> स्पष्ट की गयी है। <नाम> अभियुक्त <नाम> मीणा की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक 16.07.2019को निरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदा कीगयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_371_202030-01-20201609 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"Bail Application/371/2020 -Narendra And OThers Vs. UP State 1 UPAGO<फ़ोन-नंबर>0न्यायालय Additional District and Session Judge,Court No-03, Agraपीठासीन <नाम> - (57 ४। ४९६), (उ०प्र० न्यायिक <नाम> ) - UP02012जमानत प्रार्थना-पत्र संख्या- 371/20201. नरेन्द्र2. <नाम> सिंहपुत्रमण <नाम> <नाम> निवासीमण-गौव नगला इंदर, थाना डौकी, जिलाआगरा । ",
"ee प्रार्थी / अभियुक्तगणबनामउत्तर प्रदेश राज्यदिनोक : 30.01.2020प्रार्थी / अभियुक्तगण <नाम> व <नाम> <नाम> की ओर से यहजमानत प्रार्थना पत्र थाना डौकी, जनपद <नाम> के मुकदमा अपराध संख्या-382 / 2019 <नाम> 406, 306 भारतीय दण्ड <नाम> के मामले में प्रस्तुत कियागया है । "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी कोजमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6606_201925-11-20191326 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार <नाम> मदान नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 08.11.2019 कोआबकारी निरीक्षक अवधेश <नाम> <नाम> अपने हमराहीयान तथा थाना सिकन्दरा केएस.आई. <नाम> <नाम> <नाम> व अन्य पुलिस दल के साथ मुखविर के अवैध शराबनिर्माण की सूचना <नाम> उसके बताये अनुसार पश्चिमपुरी के <नाम> बिहार एक्सटैन्सन में44 नम्बर मकान के गेट <नाम> पहुँचे तो दो व्यक्ति स्कूटियों <नाम> प्लास्टिक की बोरीरखकर ले जाने की फिराक में थे तभी वादी आदि को देखकर भागने लगे तथा घरके बाहर घेर <नाम> एक व्यक्ति को स्कूटी के साथ पकड़ लिया, दूसरा व्यक्ति चकमादेकर भाग निकला। घर के अन्दर आकर <नाम> गया तो एक व्यक्ति कमरे में बैठापौवों को गत्ते की पेटी में पैक <नाम> रहा है। उसे पकड़ा गया। पकड़े गये दोनोंव्यक्तियों में से पहले पकड़े व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> तथा कमरे से पकड़े गयेव्यक्ति ने अपना नाम <नाम> मदान बताया। इसके कब्जे बरामद पेटी में से 54 पौवेरोयल स्टैग ब्राण्ड के बरामद हुए, जिन <नाम> लगे क्यू.आर.कोड स्कैन करने <नाम> स्कैननहीं हो रहे हैं। इसी कमरे में <नाम> दो बोरियों में से एक में 35 बोतले इम्पैक्टरम तथादूसरी में 44 बोतले इम्पैक्ट विस्की फॉर सेल इन हरियाणा बरामद हुई । कमरे से एकखाली पेटी में एक छोटी आरी एक चाकू, दो कीप, लगभग 500 नकली क्यू.आर.कोडरोयल स्टैग ब्राण्ड 180 एम.एल. के पौवों <नाम> लगने वाले लगभग 5-5 हजार नकलीलेवल बरामद तथा घर के आंगन से कई प्लास्टिक की बोरियों में से लगभग 250खाली बोतले इम्पैक्ट ब्राण्ड, 300 खाली पौवे व अद्धे, 1200 फाइटर ब्राण्ड के ढक्कन,लगभग छोटे-बड़े इस्तेमालशुदा ढक्कन, लगभग एक हजार रॉयल स्टैग व मैकडावरब्राण्ड की केप्सूल के अन्दर लगने वाली सील, ढक्कन व विभिन्न ब्राण्डों के लगभग300 कैप्सूल बरामद हुए। घर के बाहर पकड़े गये व्यक्ति के कब्जे से बरामद बोरी से20 नकली पौवे इम्पीरियल ब्लू ब्राण्ड जिन <नाम> लगे क्यू.आर.कोड स्कैन नहीं हो सके। इस स्कूटी <नाम> कोई रजिस्ट्रेशन नम्बर <नाम> नहीं है। यह स्कूटी सुजुकी कम्पनीएक्सेस 125 है। फरार व्यक्ति के कब्जे वाली स्कूटी नम्बर यूपी. 14टी.सी./085 केपायदान <नाम> <नाम> बोरी से 42 पौवे मैकडबल बरामद हुए, जिन <नाम> लगे क्यू.आर.कोड़भी स्कैन नहीं हो रहे हैं। पूछने <नाम> पकड़े गये दोनों व्यक्तियों ने बताया कि हम लोग 2हरियाणा से <नाम> ब्राण्ड की विदेशी <नाम> अपनी कार से लाते हैं तथा उ0प्र0 मेंबिकने वाली शराब के खाली पौवों को कबाड़ी से लेकर इसमें हरियाणा की सस्तीशराब आरी, चाकू व कीप का इस्तेमाल <नाम> उसमें भरकर उस <नाम> नकली ढक्कन,नकली क्यू.आर.कोड, नकली लेबिल लगाकर यूपी. में मंहगे दामों में सप्लाई करदेते हैं। बयान व शक के आधार <नाम> खड़ी कार सं0-यू०पी080सी.एक्स की चाबीमांगकर तलाशी ली गयी तो इसमें रखे <नाम> रंग के <नाम> में 74 बोतल इम्पैक्टविस्की 750 एम.एल. सेल फॉर इन हरियाणा बरामद हुई । दोनों व्यक्तियों ने पूछनेपर भागे व्यक्ति का नाम <नाम> पुत्र भोलानाथ बताया। गिरफ्तार अभियुक्तगण वबरामद <नाम> को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया तथा फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकहा गया कि अभियुक्त को थाना पुलिस ने अपने उच्चाधिकारियों को बेहतरकारगुजारी दिखाने की नियत से झूठा नामजद <नाम> <नाम> है। जबकि उपरोक्त केसमें दर्शायी गयी किसी भी घटना को अभियुक्त ने अन्जाम नहीं <नाम> है और <नाम> हीउसके पास से कोई भी तथाकथित वस्तु बरामद हुई है। अभियुक्त निर्दोष है। अभियोजन की <नाम> कहानी में अभियुक्त को <नाम> तो शराब बनाते हुए और <नाम> हीकिसी व्यक्ति को बेचते हुए दर्शाया गया है और <नाम> ही किसी प्रकार से तस्करी करअवैध धन अर्जित करने के लिए किसी भी प्रकार से धोखाधड़ी व छल करने केजालसाज प्रपत्र आदि का कृत्य करते बताया गया है। घटनास्थल भीड़भाड़ वालाक्षेत्र है, लेकिन <नाम> का कोई भी स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। नकलीशराब की किसी भी प्रकार की कोई रिपोर्ट पत्रावली <नाम> नही है। अभियुक्त काविवाद आबकारी विभाग के सिपाही से हो जाने की रंजिश के <नाम> इस मामले मेंअभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै । अभियुक्त दिनांक 09.11.2019 से जेल में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानतस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई पुलिस द्वारा झूठीबरामदगी करना कहा गया है, जो भी कथित बरामदगी दिखायी गयी है वह झूठीहै। <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। शराब के नकली होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त वसह अभियुक्तगण द्वारा हरियाणा से <नाम> शराब तस्करी <नाम> फर्जी तरीक सेधोखाधड़ी करने के उद्देश्य से उस <नाम> मंहगे ब्राण्ड के लेबिल लगाकर, नकलीशराब तैयार <नाम> स्वयं अवैध <नाम> अर्जित करने तथा राज्य को आर्थिक क्षतिपहुँचाने के आशय से उनके कब्जे से फर्द में उल्लिखित शराब व कूटरचित रेपर,लेबिल, ढक्कन इत्यादि बरामद किये गये हैं। <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानतइस न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्र्ार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों व केस डायरीका अवलोकन किया। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त अभियुक्त को पुलिस द्वारा मौके से गिरफ्तार कियागया। प्रथम सूचना रिपोर्ट में प््रार्थी/अभियुक्त <नाम> मदान नामित है। अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्त के कब्जे से नाजायज शाराब गैर प्रान्त की 116 नकली 3पौवे विभिन्न व्राण्ड, लगभग 10,000 नकली लेवल, लगभग 500 नकली क्यूआर.कोड, लगभग 300 कैप्सूल विभिन्न ब्राण्ड लगभग 3500 सील ढक्कन, एक छोटीआरी, एक चाकू, दो कीप हरियाणा व उ0प्र0 की खाली बोतले/पौवे लगभग550, एक कार, दो स्कूटी बरामद हुई हैं। प्रार्थी/ अभियुक्त व <नाम> अभियुक्त केकब्जे से बरामद <नाम> की <नाम> को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि यह वृहदस्तर <नाम> अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त था। अभियुक्त के कब्जे से विभिन्नकम्पनियों के लेबल बरामद हुए है और जो शराब बरामद हुई है, वह क्यू.आर.कोडमें सही नहीं पायी गयी है। अभियोजन के अनुसार ये सारी बरामदगीआवेदक / अभियुक्त <नाम> मदान के मकान से ही हुई है। प्रार्थी/अभियुक्त व सहअभियुक्त के उपरोक्त कृत्य से उ0प्र0 राज्य को भारी आर्थिक हानि हुई है तथाजनहानि होने की <नाम> है। उपलब्ध प्रपत्रों से धोखाधड़ी, कूट <नाम> इत्यादिकर शराब के अवैध कारोबार में प्रार्थी/अभियुक्त की सकिय <नाम> स्पष्ट हो रहीहै। प्रस्तुत प्रकरण में विवेचना प्रचलन में है। <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानतइस न्यायालय द्वारा दिनांक 23.11.2019 को खारिज की जा चुकी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_11_202006-02-20201351 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रबताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त <नाम> की मॉ मुला <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक थाना जी.आर.पी.आगरा कैण्ट, जिला <नाम> ने दिनांक 21.01.2020 को 20-17 बजेथाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडर <नाम> व सदस्य <नाम> <नाम> <नाम> व गुन्जन का एक संगठित गिरोह है, जो अपने आर्थिक व भौतिक <नाम> के लिये ट्रेनों में चोरी की <नाम> बनाने व ट्रेनों में यात्रियों के सामान को चोरीकरने के अभ्यस्त अपराधी हैं, इनके कृत्य से <नाम> में भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने केलिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं, इनकेविरूद्ध <नाम> 2/3 उएप्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदकगण/ अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह के सदस्य है, उनका समाज में कोई भय एवंआतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उन <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उनकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 26.12.2019 से कारागार में निरूद्ध है। ",
"अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण आदतन अपराधी है। अभियुक्तगण का संगठित गैंग है, जिसके वे गैंगलीडर/ सकिय सदस्य है। अभियुक्तगण के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें गैंगलीडर अभियुक्त <नाम> के विरूद्ध(1) अ.सं614/19 धारा-401 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.आगरा कैण्ट (2) अ.सं.603/19 2धारा-379, 411 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट (3) अ.सं.616/19 धारा-414 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट तथा अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्ध (1) अ.सं.614/19 धारा-401 भा.द.स.थाना-जी.आर.पी.आगरा कैण्ट (2) अ.सं.603/19 धारा-379, 411 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट(3) अ.सं.617/19 धारा-414 भा.द.स. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्तगणका अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया । ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन-तीन उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध चोरी करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दशयि गये मामलों में अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुये है, उनकी केवल जमानत स्वीकार हुई है। अभियुक्त <नाम> अपने गैंग का लीडर है, जबकि <नाम> <नाम> सदस्य है, उन <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रेनों से यात्रियों के सामान की चोरी किये जाने के आरोप हैं। ",
"आवेदकगण/अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवं अभियुक्तगण के कब्जे से चोरी से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्तगण उक्त अपराध के <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उनके अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4408_201914-08-2019628 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्तगण के चचेरे <नाम> अशरफके शपथ पत्र से समर्थित है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी नसरू खॉ द्वारा दिनांक18.4.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसने अपनी बहनशायराबानो की शादी 24.12.2015 को <नाम> के साथ मुस्लिम <नाम> रिवाज केअनुसार सम्पन्न की थी। शादी में उसने दहेज के <नाम> में अपाचे मोटर साईकिल, <नाम> लाख रूपये नकद, सोने की <नाम> चूड़ी, गले का हार, हथफूल,लड़के के लिए सोने की अगूठी व लर, <नाम> ई डी, फिज, कूलर, वाशिंगमशीन व घरेलू सामान <नाम> था। उपरोक्त दहेज से उसकी बहन केससुरालीजन जिनमें सास जन्नत, बहनोई <नाम> ससुर सम्पत, जेठ सुनील,बौना, दूसरे जेठ हनीफ, शरीफ, चचिया ससुर अहमद अली व जेठ यूसुफखुश नहीं थे और उसकी बहन के साथ आए <नाम> मारपीट करते थे। उसकी (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, AMT । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4408 / 2019शरीफ आदि बनाम राज्यबहन की सास जन्नत ने कई बार चिमटा, बेलन, डण्डे से मारा पीटा और कहती थी कि <नाम> परिवार इसी तरह मारपीट करेगा, लड़का दो लाख रूपयेव एक बुलैट मोटर साईकिल की मांग करता था और <नाम> था कि यदिनहीं दोगी तो तुम्हें इसी तरह मारेंगे पीटेंगें। उसकी बहिन ने दिनांक17.4.2019 को <नाम> के लगभग 7-8 बजे बताया कि उसके ससुरालीजनउसके साथ जिनमें उसके <नाम> सास, ससुर, जेठ <नाम> बौना, हनीफ,शरीफ, अहमद, यूसुफ ने उसे लाठी डाण्डों से मारा पीटा और पुनः दिनांक18.4.2019 को प्रात: 07:00 बजे से 08:00 बजे फिर मारा पीटा। गांव केकिसी व्यक्ति ने फोन <नाम> सूचना दी कि उसकी बहन सायना बानो की फॉसीलगाकर ससुरालीजनों ने हत्या <नाम> दी है। सूचना <नाम> वह व उसकेपरिवारीजन आए तो ससुरालीजन ने हमसे राजीनामा का दबाब बनाया औरकहा कि मुकदमा <नाम> लिखायें जहां सम्पत, जन्नत, <नाम> बौना, शरीफ,हनीफ, <नाम> यूसुफ और अहमद अली व सात आठ अज्ञात लोगों ने उसकेसाथ लात घूँसों से व लाठी डण्डों से मारपीट की जिससे रहीम खॉ, वादीनसरूखॉाँ तथा साबिर खाँ को गंभीर चोटें आई। दहेज में बुलट मोटरसाईकिल व दो लाख रूपये की मांग को लेकर भी <नाम> से मारने की धमकीदेते थे। वादी की उक्त तहरीर <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> ससुर सम्पत,सास जन्नत, जेठ <नाम> जेठ बौना, हनीफ जेठ, शरीफ जेठ, अहमद चचियाससुर, जेठ युसूफ व 7-8 अन्य अज्ञात लोगों के विरूद्द मुछअ0सं0 150 / 2019घारा 304बी, 498ए, 323, 506 भा0द0सं0 व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम मेंथाना अछनेरा <नाम> रिपोर्ट दर्ज की गई । ",
"प्रार्थी,, अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीनण दिनाक 01.08.2019 से जिला (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रएक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4408 / 2019शरीफ आदि बनाम राज्यकारागार में निरूद्ध है। मृतका के शरीर <नाम> किसी भी प्रकार के चोट केनिशान नहीं थे। सत्यता यह है कि वादी ने मृतका शायराबानों से दोलाख रूपए 10 <नाम> की कहकर उधार लिए थे परन्तु उसके द्वारा रूपए वापस नहीं किए गए। मृतका ने अपने मायके वालों से तंग आकर अपनेमकान के अन्दर से कमरे की कुण्डी बंद करके आत्महत्या <नाम> ली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर <नाम> कोई जाहिरा व अंदरूनी चोट कानिशान नहीं है। मृत्यु का <नाम> हैगिंग दर्शाया गया है। प्रार्थीगण अलग रहतेहैं। प्रार्थीगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थ / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किअभियुक्तगण मृतका के जेठ हैं तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद है। अभियुक्तगण के द्वारा अन्य सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमाकी बहन सायराबानों को अतिरिक्त दहेज में दो लाख रूपये एवं एक बुलटमोटर साइकिल की Ahr को लेकर समय-समय <नाम> मानसिक एंवशारीरिक <नाम> से उत्पीड़ित किया गया। मृतका की मृत्यु विवाह के लगभगचार वर्ष के अन्दर ही सामान्य परिस्थितियों से भिन्न परिस्थितियों में हुई है। ",
"उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थै, अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> फूल सिंहराजपूत एवं विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाशधाकड़ को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 18.04.2019 की समय 07:00 बजे से 08:00 बजे के मध्य कीहै। प्रार्थीगण <नाम> अन्य सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा कीबहन सायराबानो को अतिरिक्त दहेज में दो लाख रूपये एवं एक बुलट मोटरसाइकिल की माँग को लेकर समय-समय <नाम> मानसिक एंव शारीरिक <नाम> सेउत्पीड़ित करने तथा उसकी दहेज हत्या कारित करने का आरोप है। ",
"प्रार्थगण प्राथमिकी में नामित हैं। अभियुक्तगण द्वारा यह आधार लिया गया है (4)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, AMT । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4408 / 2019शरीफ आदि बनाम राज्य कि वे मृतका के साथ नहीं रहते थे, बल्कि अलग रहते थे। कार्यवाही के इसस्तर <नाम> उक्त कथन का कोई लाम प्रार्थगण प्राप्त करने के <नाम> नहींहै। उक्त प्रकरण में <नाम> विवेचना प्रचलित है तथा साक्ष्य संकलित की जानीशेष है। मृतका की मृत्यु अपनी ससुराल में विवाह के लगभग <नाम> वर्ष केअन्दर ही सामान्य परिस्थितियों से भिन्न परिस्थितियों में हुई है। प्रार्थीगण कोझूंठा एवं निरर्थक नामित किए जाने का भी कोई आधार दर्शित नहीं होता है। सह-अभियुक्त सम्पत की जमानत माननीय सत्र न्यायालय द्वारा दिनाक26.06.2019 को निरस्त की जा चुकी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4067_202009-12-2020721 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया हैतथा इसके साथ <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थाना प्रभारीउदयवीर <नाम> द्वारा थाना एत्माददौला, <नाम> <नाम> इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयीकि अभियुक्त भूपेन्द्र उर्फ पिन्टू गैंग का लीडर है तथा अभियुक्तगण <नाम> cent, Rr,विफान, <नाम> उर्फ लल्लू, फिरोज <नाम> <नाम> पुत्र दीवानसिंह, <नाम> <नाम> रामू, <नाम> पुत्रकुंवरपाल, <नाम> उर्फ छोटू उर्फ सोनू <नाम> गैंग के सदस्य हैं, जो संगठित गिरोहबनाकर डकैती जैसे जघन्य अपराध कारित <नाम> समाज विरोधी कियाकलापों में संलिप्त हैं। इनका स्वच्छंद रहना जनहित में नहीं हैं। अभियुक्त <नाम> उर्फ छोटू उर्फ सोनू के विरुद्धथाना एत्माददौला पर-मु0अ0सं० 395 / 2018 <नाम> 395,412,342,120बी भा०दं0सं० व 15 दस्युप्रभावी अधिनियम पंजीकृत हैं। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माददौला <नाम> <नाम> मु0अ0सं0197 / 2020 <नाम> 2,/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करतेहुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह हैतथा अभियुक्त <नाम> गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध एक अभियोग दर्ज हैं, जो लूट एवंडकैती से सम्बन्धित हैं। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी वपत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी कियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है तोउसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालयका समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराधका <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावनानहीं है। ",
"अभियुक्त <नाम> उर्फ छोटू उर्फ सोनू गैंग का सदस्य है। गैंगचार्ट के अनुसारउसके विरुद्ध अपने साथियों के साथ मिलकर लूट एवं डकैती जैसा अपराध करने काआरोप है। आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा, उसकीप्रकृति, अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेआवेदक /अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2429_202022-09-20202585 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की दादी श्रीमतीनूरजहाँ की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्रकिसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है किअभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, पुलिस द्वारा उसको झूंठा फंसायागया है। अभियुक्त ने वादी की भैंसों की लूट नहीं की है। अभियुक्त को झूंठानामित <नाम> आरोपपत्र दाखिल किया गया है। अभियुक्त दिनांक 11.06.2020से कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोधकरते हुये कहा गया है कि अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथमिलकर वादी की भेंसों की लूट की गयी है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिया जाय। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा थानाबरहन <नाम> एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि टीन पड़ी छत के नीचेउसकी दो भेंसे व एक पड़िया बंधी थी। दिनांक 20.02.2020 की रात 2.00 बजे अज्ञात बदमाश आये। भैंस खोलने व खटपट की आवाज होने <नाम> वहलोग जा गये। एक ने पिताजी को तमंचे से धमकाया। उनमें से उसने एक 2आदमी को पहचान लिया जो गांव में आकर भेंसें चैक करता था, जिसकानाम <नाम> पुत्र रघुवीर नट था जो गांव उस्मानपुर, थाना खंदौली, <नाम> का रहने वाला है। ये लोग मैक्स गाड़ी में लादकर जलेसर की तरफ चले गये। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना बरहन <नाम> मु0अ0सं0 28/2020धारा 392 भा0दं0सं0 पंजीकृत हुआ। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि घटना केसम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 20.02.2020 को <नाम> व तीन अज्ञातव्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज करायी गयी है। आवेदक/ अभियुक्त <नाम> उफसमीर प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। नामजद अभियुक्त <नाम> केबयान के आधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त को वर्तमान मामले में नामित कियागया है। आवेदक / अभियुक्त से लूट के <नाम> अर्थात भैंसों की बरामदगी नहींहुयी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 11.06.2020 से कारागार में निरुद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1557_202031-07-2020672 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> राघव की पत्नी वपैरोकार <नाम> ज्योतिदेवी के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि <नाम> सिंह,थानाध्यक्ष के द्वारा फर्द बरामदगी एवं गिरफतारी इस आशयकी दी कि दिनाक 19.02.2020 को वह मय हमराहियान चैकिंग कें मामूर थेजब वे गश्त करते हुए खाण्डा गांव के पास पहुँचे तो जरिये मुखबिर खाससूचना <नाम> कि आपके <नाम> में बैंक डकैती करने वाले बदमाश आजपुन: एक बडी घटना एस0एस0० कोल्ड स्टोर गांव रूपधनु को लूटने की फिराक में वाईको से जलेसर रोड से एमपी. रोड होकर नहर की पटरी रोड़ <नाम> गांव रूपधनु की तरफ आने वाले हैं। हम लोग मय फोर्स के रूपधनु सादाबादरोड पहुँच <नाम> चैकिंग करने लगे तभी दो मोटरसाइकिल <नाम> <नाम> से आतीहुई दिखाई दीं जैसे ही पुलिस वालों को <नाम> तो बाइकों <नाम> सवार बदमाशोंने कहा कि पुलिस है फायर करो वरना पकडे जाओगे तभी वे <नाम> से मारने (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दशप्रशक्षेत्र)/ अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-03, आगरा!जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1557 / 2020भानू <नाम> आदि बनाम राज्यकी नियत से पुलिस <नाम> फायर करने लगे। तभी दोनों मोटरसाइकिलेंफिसलकर गिर पडीं और उन <नाम> सवार पांच व्यक्ति उठकर भागने लगे तभीपुलिस ने उन लोगों को पकड लिया। जिसमें से एक बदमाश ने अपना नामगगन <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशी <नाम> उकसे पास से उसके दाहिनेहाथ में एक अदद तमंचा देशी 315 बोर व पहनी पेंट की जेब से एक आददकारतूस जिंदा 315 बोर बरामद हुए तथा पहनी पेंट की बांयी जेब से30,200 / -रूपये बरामद हुए। दूसरे ने अपना नाम <नाम> राघव उर्फ राजीवउफ <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशी में पहनी पेंट की दाहिनी पेंट मेंउसा हुआ एक अदद तमंचा देशी 315 बोर व पहनी पेंट की दाहिनी जेब से2 कारतूस जिंदा 315 बोर तथा पेंट की बांयी जेब से 20500, -रूपये जिसमें500-500 रूपये के 41 नोट बरामद हुए तथा पहनी पेंट से दो मोबाइलबरामद हुए। तीसरे ने अपना नाम भानू <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशीसे पहने पेंट की दाहिनी फैट से 1 तमंचा 315 बोर व पहिनी पेंट की दाहिनीजेब से 2 जिंदा कारतूस 315 बोर व 24300रूपये जिनमें 48 नोट 500 रूपयेके व 3 नोट 100 रूपये के बरामद हुए। मौके से दो मुल्जिम भाग गये। ",
"वादी थानाध्यक्ष <नाम> <नाम> के उक्त फर्द बरामदगी के आधार परथाना बरहन <नाम> प्रार्थीगण/अभियुक्तगण तथा तीन अन्य के विरूद्ठ मुकदमाअपराध संख्या 21/2020 अंतर्गत <नाम> 307 भा०दं0सं0 व <नाम> 12 डकैतीअधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हुआ। ",
"्रार्थीगण / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोई अपराधनहीं किया है, वह निर्दोष हैं। प्रार्थीगण दिनाक 19.02.2020 से जिला कारागारमें निरूद्ध है। प्रार्थीगण के पास से कोई वस्तु बरामद नहीं की गयी है पुलिसद्वारा जो बरामदगी दर्शायी गयी है वह फर्जी है। प्रार्थीगण के कब्जे से कोईभी बरामदगी नहीं है। कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थीगण का यह प्रथम (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रशक्षेत्र)/ अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-93, <नाम> । ",
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1557 / 2020भानू <नाम> बनाम राज्यजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालयमें लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण को जमानतपर <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि प्रार्थीगण द्वारा अन्यसह अभियुक्तगण के साथ मिलकर <नाम> से मारने की नियत से पुलिस बलपर आग्नेयास्त्र से फायर किया गया है। आरोप गंभीर <नाम> का है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि मामले में घटनादिनाक 19.02.2020 की समय 04:30 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टउसी <नाम> 07:05 बजे दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण <नाम> अपनेसह अभियुक्तगण के साथ मिलकर पुलिस <नाम> <नाम> आग्नेयास्त्र से फायर किएजाने का अभियोग है। केस डायरी <नाम> किसी भी व्यक्ति के चुटहिल होने केचिकित्सीय प्रपत्र मौजूद नहीं हैं। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहस्वीकार किया गया है कि पुलिस <नाम> के किसी भी सदस्य को कोई चोटनहीं आयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नहीं बनाया गया है। ",
"्रार्शीगण दिनांक 19.02.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। मामलेमें आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2673_202009-10-20202012 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार मो0 नदीमकुरैशी ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा लक्ष्मीनरायन ने थाना शाहगंज <नाम> दिनाक 09.08.2020 को इस आशय की तहरीर दी कि उसका स्कूटर AST VT स्काई ब्लू नम्बर यू पी.80 डी.डी.2730 दिनांक 22.07.2020 कोरात्रि 930 बजे उसके निवास <नाम> ताला लगा खड़ी थी, तभी समय करीब 10 बजे उसने <नाम> तो उसके उक्त स्कूटर को अज्ञात चोर चोरी करके ले गया है। उसकेपड़ौस में लगे सी.सी.टी.वी.कैमरे में देखने <नाम> तीन अज्ञात चोर 9.54 पी.एम. <नाम> स्कूटरमें चाबी लगाकर चोरी करके स्कूटर ले जाते दिखाई <नाम> रहे थे। फुटेज की क्लिपउसके पास मौजूद है। इस घटना की जानकारी उसने तत्काल 112 नं० <नाम> <नाम> दीथी। काफी खोजबीन करने <नाम> उसकी उक्त स्कूटी नहीं <नाम> है। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना शाहगंज <नाम> अज्ञात Bail Application/7765/2020 -Tausif Vs. UP State 2के विरूद्ध मु0अ0सं० 361 / 2020 अंतर्गत <नाम> 379 भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ। बादमें प्रकरण में अभियुक्त के पकड़े जाने <नाम> <नाम> 411 भा०द0सं० की बढोत्तरी कीगयी है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र / शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया हैतथा उसे झूंठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त से अपराध से संबंधित कोईबरामदगी नहीं है। बरामदगी व गिरफ्तारी का कोई जनसाक्षी नहीं है। वह प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। घटना दिनाक 22.07.2020 की बताई गयी है,जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 09.08.2020 को दर्ज करायी गयी है तथाविलम्ब का कोई <नाम> नहीं दर्शाया गया है। आवेदक /अभियुकत को घर सेपकड़कर उक्त बरामदगी के साथ अन्य केस में गिरफतारी दर्शायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक /» अभियुक्तदिनांक 12.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त का उक्तअपराध में न्यायालय में यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक/अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोई जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहींहै। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा कोई चोरी नहीं की गयी है। बरामदगीझूंठी दिखायी गयी है। बरामदगी के समय <नाम> का कोई <नाम> नहीं दिखायागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा विलम्ब का कोईसंतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। अभियुक्त को किसी ने चोरी करतेनहीं <नाम> है। संबंधित थाने की पुलिस द्वारा उसे झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्तके विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता। <नाम> अभियुकत अमन उर्फ अली की जमानतअपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 5, <नाम> के न्यायालय से 05.10.2020 कोस्वीकार की जा चुकी है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। जमानतस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा अवर न्यायालय से Bail Application/7765/2020 -Tausif Vs. UP State 3तलबरुदा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"तलबशुदा पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि मुकदमा अज्ञात मेंदर्ज किया गया है। आवेदक / अभियुक्त मामले में नामित नहीं है। प्रथम सूचनारिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 22.07.2020 को समय 21.30 बजे से 22.00 बजेमध्य की बतायी गयी है, जबकि थाने <नाम> चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 09.08.2020 को समय 22.08 बजे दर्ज करायी गयी है। विलम्ब का कोई संतोषजनकस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त को किसी ने स्कूटर की चोरीकरते नहीं <नाम> है। बरामदगी का कोई जन <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्तकी ओर से यह कथन किया गया है कि संबंधित थाने की पुलिस द्वारा उसे झूंठाpea गया है, जिसके संबंध में अभियुक्त की ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत कियागया है। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 12.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्धहै। मामले में अभियुक्त व अन्य के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जहा चुका है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7191_201913-12-2019583 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में रामसरन का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2— जमानत प्ररार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है कि आवेदक निर्दोषहै। यह भी कहा कि इसी अ. सं. 210/2019 में <नाम> 354ए भा0दं0सं0 एवं <नाम> 7/8पाक्सो एक्ट क अर्न्तगत आवेदक की जमानत माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद सेदिनांक 21-11-2019 को स्वीकार हो चुकी है एवं अभियुक्त के जमानत प्रपत्र भीस्वीकृत किये जा चुक हैं। विवेचक द्वारा आरोपपत्र में अन्य धाराओं के अलावा <नाम> ३41व 506 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। यह अभियुक्त का पूरक जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालयतथा माननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदानकरने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"4— आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4590_201924-08-2019246 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार <नाम> बबीता नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मुकदमें में झूठा फँसाया गया है। यह भी कथन किया गया किअभियुक्त उक्त मामले में अवर न्यायालय से जमानत <नाम> था। अभियुक्ता का मुकदमा लोक अदालत में लग जाने के <नाम> तारीख की सही जानकारी नहीं हो सकी थी। इस <नाम> अवर न्यायालय द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध वारण्ट जारी <नाम> दिए गए थे। अभियुक्त द्वारा जानबूअकर जमानत का दुरूपयोग नहीं किया गया है। अब वह प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में हाजिर रहेगा। अभियुक्त दिनांक 06.08.2019 से जिला कारागार, में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गई। विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त इस मामले में अवर न्यायालयसे जमानत <नाम> था तथा जमानत के <नाम> अभियुक्त न्यायालय में हाजिर आया है,तदोपरान्त दिनांक 28.05.2018 को अभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> उसके विरूद्धगैर जमानती वारण्ट एवं <नाम> 82 दं0प्रणसं० की आदेशिकाएं जारी की गयी हैं। (2)अभियुक्त द्वारा यह आधार लिया गया है कि उसको <नाम> की जानकारी नहीं हो <नाम> थी, अब वह प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में हाजिर रहेगा। अभियुक्त दिनांक 06.08.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3552_202003-11-20201389 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्रके समर्थन में मोहम्मद हारून की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया हैकि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी ऱ्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे षड़यंत्र के तहत झूठा फंसाया गया है। मु0अ0सं0 1134 /2018 अर्न्तगत <नाम> 392,411 भा०दं0सं0 थाना सदर बाजार, आगरा,में जमानत प्रार्थनापत्र सुनवाई <नाम> लम्बित है। मु0अ0सं0 94/2019 अर्न्तगत धारा411,413,414 भा०दं0सं0 व 41/102 दं0प्रoसं0 थाना सदर बाजार,आगरा में अभियुक्तकी जमानत स्वीकृत हो चुकी है। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियाजाये । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थाना प्रभारीकमलेश <नाम> द्वारा इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी कि गैंग लीडर सद्दामपुत्र बसरो उर्फ बसरूद््दीन व शाहरूख का सुसंगठित गिरोह है, जो मिलकरयोजनाबद्ध रूपसे मोटरसाइकिल से भीड़ वाले इलाकों में सड़क <नाम> चलते लोगों सेझपट्टा मारकर मोबाइल फोन एवं चैन आदि लूट ले जाते हैं तथा आर्थिक <नाम> सेधन उपार्जित करते हैं। इनके कृत्य से <नाम> में भय एवं आतंक व्याप्त है। अभियुक्त सद्दाम के विरुद्ध- 1.मु०अ०सं० 1134/2018 अर्न्तगत <नाम> ३92,411 भा०दं०सं0 थाना सदरबाजार, आगरा,2. मु०अ०सं० 94/2019 अर्न्तगत <नाम> 411,413,414 भा०दं0सं0 व 41/102दं0प्र०सं० थाना सदर बाजार,आगरा पंजीकृत हैं। Bail Application/ 9814/2020 -UP State Vs. Saddam 2वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सदर बाजार, <नाम> <नाम> मु0अ०सं०6793/2019 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ । ",
"विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहा गयाहै कि अभियुक्त आदतन अपराधी है तथा गैंग का लीडर है, जो अपने साथी के साथमोबाइल एवं चैन आदि की लूट <नाम> अवैधानिक <नाम> से धनोपार्जन करते हैं। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमेंउसके विरुद्ध दो मुकदमे दर्ज हैं, जो लूट आदि के अपराध से सम्बन्धित हैं। अतःअभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहांन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोईअपराध करने की सम्भावना नहीं है। ",
"अभियुक्त सद्दाम गैंग का लीडर होना कहा गया है। गैंगचार्ट के अनुसारउसके विरुद्ध अपने साथी के साथ मोबाइल चैन आदि लूट जैसा जघन्य अपराध करअवैधानिक <नाम> से धन अर्जित करने का आरोप है। मु0अ0सं0 1134/2018अर्न्तगत <नाम> 392,411 भा०दं0सं0 के मामले में अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्रलम्बित होना कहा गया है। आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गयेमुकदमे, उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाजविरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 194) में वर्णित प्रावधान कोदृष्टिगत रखते हुये आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> न्यायसंगतनहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2826_201931-05-20193421 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन मेंजोसफ मैसी का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> उपनिरीक्षक के द्वारा दिनांक 16.12.2018 को समय 23.20बजे थाने <नाम> फर्द बरामदगी के आधार <नाम> 07 अदद मोबाइल, एक अदद तमंचा315 बोर व दो अदद कारतूसजिन्दा 315 बोर व एक अदद चाकू व 4 अभियुक्तगणकी गिरफतारी के सबंध में <नाम> 41/102 द0प्रंoसं0, 411,414 /34 भा0द0सं0 वधारा 3/35 आयुध अधिनियम व <नाम> 4/25 आयुध अधिनियम व 15 दस्यु प्रभावीक्षेत्र अधिनियम थाना न्यू <नाम> <नाम> <नाम> पंजीकृत कराया गया है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अन्य अपराध मे उसकी जमानत हो चकी है। <नाम> 41/102द0प्रoसं0 में जमानत नही हुई थी। जमानत के आधार पर्याप्त हैं, जमानत <नाम> दीजाये। ",
"विद्वान लोक अभियोजक की ओर से जमानत प्र्रार्थनापत्र का विरोध किया गया और कहा गया कि उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने विद्वान लोक अभियोजक एवं प््रार्थी/अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता को सुना तथा केस डायरी का परिशीलन किया । अभिलेख के अवलोकन से स्पष्ट है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वाराउपरोक्त मुकदमें अभियुक्त की जमानत <नाम> 411,414,34 भा०द0सं0 व <नाम> 15दस्यु प्रभावी <नाम> अधिनियम थाना न्यू <नाम> <नाम> में दिनांक 12.03.2019 कोस्वीकार की गइ है। उसने इस सबंध में जमानती भी दाखिल किय है। किनतु <नाम> — 2 —_41/102 द0प्रoसं0 में जमान <नाम> होने के <नाम> वह मुक्त नहीं हो सका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_939_202021-07-20201046 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता सरनाम <नाम> की ओरसे शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ",
"आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे मामले में झूठा फसाया गया है। गैंग चार्ट मेंदर्शित मुकदमों में वह जमानत <नाम> है। अभियुक्त किसी गिरोह में <नाम> नहीं करता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, वह दिनांक 18.03.2020 से जिला कारागारमें निरुद्ध है। इसलिये आवेदक को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 05.01.2020 कोप्रभारी निरीक्षक शेर <नाम> द्वारा थाना बसई अरेला <नाम> इस आशय की जुबानी प्रथम सूचनारिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि दौराने गश्त थाना <नाम> में जानकारी <नाम> कि राजवीर पुत्रझिमरी <नाम> निवासी भगोड़िया थाना फतेहाबाद ने अपना एक गैंग बना रखा है जिसकेछोटे उफ <नाम> सुखवीर तथा <नाम> उर्फ पप्पू सदस्य हैं। इनके द्वारा अपने निजीआर्थिक व भौतिक <नाम> <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर वाहनों की चोरी करके बेचनातथा चोरी जैसे जघन्य अपराध कारित किये जाते हैं। <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनकेविरुद्ध गवाही देने या मुकदमा लिखाने का साहस नहीं जुटा पाता है। इनके समाज विरोधी किियाकलापों से आम <नाम> परेशान है। अभियुक्त छोटे उर्फ <नाम> के विरुद्ध थाने परमु0अ0सं0 ३9/2019 <नाम> 411, 414 भा0०दं0सं0 थाना बसई अरेला, मु0अ0सं०171/ 2019 <नाम> 379, 411 भा०द०सं0 थाना न्यूआगरा, मु0अ०सं0 203/2019 <नाम> 379,411 भा०दं0सं0 थाना च्यूआगरा तथा मु0अ0सं0 204 /2019 <नाम> 379, 411 भा०दं0सं0 थाना 2हरीपर्वत तथा मु0अ0सं0 ३91,/2016 <नाम> 379, 411 भा0दं0सं0 थाना ताजगंज जिला आगरापंजीकृत हैं । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठितगिरोह है, जिसका वह सदस्य है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंगचार्ट दाखिल है जिसमें अभियुक्त के विरुद्ध 5 मुकदमे दर्ज हैं। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः अभियुक्त का जमानत प्ररार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त गैंग का सदस्य है। गैंग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरुद्ध 5 मुकदमे पंजीकृत हैं, जिनमें उसके विरुद्ध अपने सदस्यों के साथ मिलकर चोरीकरने का आरोप है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकीप्रकृति, अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुयेआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_306_202020-01-20202076 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पेरौकार भूरा के शपथपत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाएस0एच0ओ0 बैजनाथ <नाम> द्वारा दिनाक 12.10.2019 को थाने <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयी कि दिनाक 12.10.2019 कोवह मय हमराहियान ard cers वांछित अभियुक्त में मामूर थे कि उसीदौरान मुखबिर की सूचना <नाम> कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। ",
"नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एक तमंचा व <नाम> जिन्दा कारतूस बरामद किए गए। तमंचा रखने का लाइसैंस तलब किया तो दिखाने में कासिर रहा। अभियुक्त को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्दमौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त को पुलिस द्वारा गिरफतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक नाजायज तमंचा व कारतूस बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रघुवीर प्रसादत्यागी एवं विद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली कासम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 306/ 2020संजय बनाम राज्यप्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 13.10.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। बरामदगीका कोई <नाम> नहीं है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत हो चुकी है। प्रार्थीका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीयउच्च न्यायालय या अन्य किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 12.10.2019 की समय 12:10 बजे की है। पत्रावली <नाम> उपलबधमाननीय उच्च न्यायालय द्वारा फौजदारी प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-57019 / 2019 में पारित आदेश दिनाकित 02.01.2020 के अवलोकन से यहदर्शित होता है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मुख्य अपराध में प्रार्थी कीजमानत स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी त्तीन माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जाचुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_680_202007-03-2020145 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ पंचम <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक, थाना न्यू <नाम> जिला <नाम> ने दिनांक 21.06.2019 को 00-53 बजेथाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंगलीङर शेरा, सोनूदीक्षित, <नाम> रामवीर, सनी <नाम> मोनू पण्डित के द्वारा एक साथ मिलकर एक संगठितगिरोह बनाकर सामूहिक <नाम> से लोक व्यवस्था को अस्त व्यस्त करने व अपने व अपने साथियों के लिये अनुचित आर्थिक, भौतिक <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से थाना <नाम> मेंअवैध असलहों से लैस होकर चोरी, छिनैती, लूट, जहरखुरानी जैसे अपराध कारित करसमाज विरोधी कियाकलापों में संलिप्त हैं। <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनकेभय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृतकराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारणअधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 17.02.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाय । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.133/19 धारा-328, 379, 411 भा.द.स. थानचा-च्यू <नाम> <नाम> (2) अ.सं.65/19 धारा-392, 411 भा.द.स. शाना-च्यू <नाम> 2आगरा (3) अ.सं.79/19 धारा-392, 411 भा.द.स. के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट व जहरखुरानी करने का अभिकथनहै। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर जहरखुरानी करलूट किये जाने के आरोप हैं। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2076_202122-03-2021764 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकार कल्लूखां पुत्र <नाम> चांद खां, निवासी-सुनामई, पोस्ट हुसैनपुर, थाना नारखी, जिलाफिरोजाबाद, जो कि प्रार्थी/अभियुक्त का पिता है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है,जिसमें कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त मामले में झूंठा फंसायागया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया हैं। प्रार्थी/अभियुक्त ने किसी प्रकारकी चोरी का प्रयास नहीं किया है और <नाम> ही उससे कोई <नाम> बरामद हुआ है। ",
"्रार्शी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, <नाम> ही पूर्व में सजायाफूता है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 08.08.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। ्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्रकिसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। ्रार्शी/ अभियुक्त अपनी उचित एवं विश्वसनीय जमानत दाखिल करने को तैयार है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की <नाम> की है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मायाराम द्वारादिनांक 14.06.2019 को थाना शमशाबाद <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई किदिनांक 13.06.2019 की <नाम> में वह एवं उसकी पत्नी रामवती घर के बाहर आंगन में Bail Application/3668/2021 -Bhatiya @ Babloo @ Deva Vs. UP State 2सो रही थी। आंगन में उसके <नाम> बकरे बच्धे हुए थे। <नाम> में करीब 1.30 बजे सफेद बुलेरो सवार अज्ञात चोरों द्वारा उसके तीन बकरे चोरी <नाम> ले गये, जिनको उसकेपरिवार वालों ने काफी खोजा नहीं मिले । ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> सफेद बुलेरो सवारअज्ञात चोर के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 181/2019, <नाम> 379 भा0०दं0सं0 में,थाना शमशाबाद में रिपोर्ट दर्ज की गयी। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है किप्रार्थी / अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई आपराधिक कृत्यनहीं किया है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त सेकोई बरामदगी भी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भी प्रार्थी / अभियुक्त का कोई नामनहीं है, प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त काफीलम्बे समय से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत माननीयन्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकार की जा चुकी है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजाये । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त पेशेवर चोरव लूट के गिरोह का सदस्य है। थाने से प्राप्त आख्या में उसका गम्भीर आपराधिकइतिहास है। उसके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अतःउसका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलनकिया गया। ",
"सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तपर अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वादी मुकदमा के घर से उसके तीन बकरेचोरी किये जाने का अभियोग है। मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकरायी गयी है, प्रार्थी/अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। ्रार्थी/अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है और <नाम> ही उसे किसी नेबकरे चुराते हुए <नाम> है। घटना का एवं बरामदगी का <नाम> का कोई स्वतंत्र व्यक्ति <नाम> नहीं दर्शाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना दिनांक 13.06.2019 कीरात्रि में 1.30 बजे की दर्शायी गयी है, जबकि इस बारे में थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट दिनांक 14.06.2019 को समय 22.08 बजे विलम्ब से दर्ज करायी है। विलम्बका कोई उचित स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। अन्य मामलों मु०अ0सं043/2019, <नाम> 379 भा0दं0सं0, थाना डौकी, मु0अ०सं0 64/2019, <नाम> 379 Bail Application/3668/2021 -Bhatiya @ Babloo @ Deva Vs. UP State 3भा0दं0सं0, थाना डौकी, मु0अ0सं0 1812019, <नाम> 379 भा०दं0सं0, थाना फतेहाबाद,मु0अ०सं0 1212019, <नाम> 382, 411 भा0०दं0सं0, थाना फतेहाबाद, मु0अ0सं0138,/2019, <नाम> 379 भा0दं0सं0, थाना फतेहाबाद व मु०अ0सं0 80/2019, धारा457, 380, 411 भा0०दं0सं0, थाना शमशाबाद, मु0अ0सं0 66/2019, <नाम> 379भा0दं0सं0, थाना शमशाबाद में पूर्व में कमशः अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालयसंख्या-20, <नाम> व अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-19, <नाम> केन्यायालयों द्वारा अभियुक्त की जमानत स्वीकार की जा चुकी हैं। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 08.08.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2202_202101-04-2021413 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी मुकदमा श्रीमतीविमलेश <नाम> द्वारा थाना न्यू <नाम> जिला <नाम> <नाम> दिनांक 20.08.2019 को इसआशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि उसका <नाम> <नाम> स्कूल केबच्चों को अपनी गाड़ियों में स्कूल छोड़ने का कार्य करता है और स्कूल के वाहन घरके पास खड़ी <नाम> लेता है, किन्तु कुछ दिनों से पड़ोसी फरीद खा, उसके पुत्र फरमानउर्फ मोटा, भोलू, गुलफाम, चुहिया, शेरू आदि रात में वाहन के शीशे तोड़ देते थेजिसकी रिपोर्ट दिनांक 19.8.2019 को बल्केश्वर चौकी <नाम> में दी जिससे कृपितहोकर दूसरे <नाम> दिनांक 20.08.2019 को उक्त सभी फरीद खां और उसके पुत्र सुबह8.30 बजे कुछ और अज्ञात साथियों सहित लाठी डन्डो तथा सरिया हाथ में लेकर घरमें घुस आये तथा आते ही सभी परिवार के सदस्यों से मारपीट करने लगे, हाथ में लगेहथियारों से <नाम> से मारने की नीयत से प्रहार किया, जिससे उसे, <नाम> शिवदेवी,विष्णु, चरन <नाम> के चोटेंआयीं, उसकी पुत्रियां कमशः उम्र 15 वर्ष व 16 वर्ष के कपड़ोको बुरी नीयत से उतारने की कोशिश की जिससे उनके कपड़े फट गए तथा छेड़छाड़की, घर सामान व मोबाइल भी गायब <नाम> लिया है। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी / अभियुक्त नेकोई अपराध कारित नही किया है, उसे इस मुकदमें में झूंठा फंसाया गया है, उसकेविरूद्ध <नाम> 307 भा0द0सं० का अपराध नही बनता है, कथित घटना में किसी भीव्यक्ति के आग्नेयास्त्र की कोई चोट नही है, <नाम> ही सम्पूर्ण साक्ष्य में किसी भी व्यक्ति Bail Application/3890/2021 -UP State Vs. Rizwan urf Chuhiya2को <नाम> से मारने की नीयत से अपराध कारित किया <नाम> पाया गया है। कथितपीड़िताओं द्वारा प्रार्थी , अभियुक्त <नाम> कोई विशेष आरोप नही लगाया गया है। घटना मेंप्रार्थ / अभियुक्त के अतिरिक्त उसके सगे <नाम> नामित हैं, सगे बड़े भाइयों के साथमिलकर किसी भी व्यक्ति द्वारा औरतों के साथ अश्लील हरकतें किया <नाम> सम्भवनही है। दोनों पक्ष एक ही मोहल्ले के आसपास के रहने वाले हैं जिनकी घटना से पूर्वरंजिश है। वादी पक्ष अवैध गैस से स्कूल की वैन चलाता है जिससे दुर्घटना होने कीपूर्ण <नाम> है। प्रार्थी / अभियुक्त पक्ष द्वारा इसका विरोध किए जाने <नाम> पुलिस सेमिलकर झूठा मुकदमा लिखाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त की विशिष्ट <नाम> नहीदर्शायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्तदिनांक 10.03.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नही है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन कियागया। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान ए.डी.जी.सी. (दाण्डिक) द्वारा जमानत काविरोध किया गया तथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तों के साथ एकराय होकर हथियारों से लैस होकर वादिनी मुकदमा के घर में घुसकर <नाम> से मारनेकी नीयत से वादिनी आदि से मारपीट <नाम> गम्भीर चोटें पहुंचाई गयीं, चोरी की गयीतथा वादिनी की नाबालिग पुत्रियों से छेड़छाड़ की गयी है। <नाम> अभियुक्तगण फरीद,इमरान आदि की जमानतें विशेष न््यायाधीश(पोक्सो एक्ट) न्यायालय सं०27, <नाम> द्वारानिरस्त की जा चुकी हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिजकिया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्क सुने तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट में अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तों के साथ एक <नाम> होकर हथियारों से लैसहोकर वादिनी मुकदमा के घर में घुसकर <नाम> से मारने की नीयत से वादिनी आदि सेमारपीट <नाम> गम्भीर चोटें पहुंचाने, चोरी करने, वादिनी की नाबालिग पुत्रियों से छेड़छाड़करने का कथन किया गया है। प्रकरण में अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाते हुएविवेचनोपरान्त आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। <नाम> अभियुकतगण फरीद खाँ कीजमानत दिनांक 04.10.2019 तथा इमरान, <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> छोटू उर्फ कछियाकी जमानत दिनांक 14.11.2019 व शेरू की जमानत दिनांक 24.01.2021 को न्यायालयविशेष न्यायाधीश(पोक्सो एक्ट) न्यायालय सं०27, <नाम> से निरस्त हो चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त की <नाम> भी <नाम> अभियुकतगण के समान ही दर्शायी गयी है। अभियुक्त द्वारा कारित कृत्य गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3300_202027-10-20201557 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में प्रार्थी/अभियुक्त के पैरोकार जुबैरखान का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें यह वर्णित है कि यहप्रार्थी/ अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार घटना के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैंकि मुकदमा वादी जमील कुरेशी द्वारा थाना एत्मादपुर जिला <नाम> में तहरीर इस आशय से प्रस्तुत की गई कि उसके चाचा का बेटा <नाम> उफ रमजान दिनांक01.10.2020 को समय करीब 07:18 के करीब घर <नाम> था तभी फरीद खां उफ बडडे,गब्बर, <नाम> कुरैशी, मो0 शैखान, शहजाद, सगीर, छम्मो अपने हाथों में तमंचे, लाठी,सरिया, हॉकी लेकर आये और आते ही माँ बहन की गाली देने लगे, गाली देने सेमना किया तो <नाम> से मारने की नीयत से बडडे व <नाम> ने तमंचे से फायर किये। तमंचे की गोली उसके चचेरे <नाम> रज्जान उफ <नाम> के कन्धे <नाम> लगी, एक उसके Bail Application/9120/2020 -Gabbar Vs. UP State 2भतीजे अल्फेज के लगी तथा बाकी लोगों ने लाठी सरिया से उसे व फरीदा कोमारापीटा जिससे फरीदा बुरी तरह घायल हो गया। मोहल्ले के लोग सलमान, सादिकआदि लोग आ गये। बड़ी मुश्किल से हम लोगों को बचाया तथा उक्त लोगों ने जानसे मारने की धमकी देने लगे। ",
"वादी की तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण फरीद खां उफ बड्डे, गब्बर, <नाम> कुरेशी, शहजाद, सगीर एवं छम्मो के विरूद्व थाना एत्मादपुर परमु0अ0सं0 243, 2020 धारा-147, 148, 323, 504, 506, 307 भा०दं0सं० में प्राथमिकी <नाम> कराई गईं। दौरान विवेचना प्रकरण में धारा-149 भा०दं0सं0 की <नाम> की गई । विवेचना प्रचलित है । ",
"प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया हैकि प्रार्थी/ अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है, उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहींकिया गया है, वह निर्दोष है। यह <नाम> भी प्रस्तुत किया गया है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट करीब 04.00 घण्टे विलम्ब से लिखाई गई है, विलम्ब का कोई <नाम> नहींबताया गया है। एफ.आई.आर. के अनुसार प््रार्थी/अभियुक्त द्वारा कोई भी फायरकरना तथा कोई हथियार चलाना नहीं बताया गया है और <नाम> ही मजरूब को कोईचोट पहुंचाई गई है, कुछ <नाम> पहले भी घटना हुई शी जिसमें वादी पक्ष जेल में गयाथा, इसी रंजिशवश द्वेष <नाम> से पुलिस से मिलकर रिपोर्ट पंजीकृत कराई गईंहै। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त की कोई स्पष्ट भूमिकानहीं दर्शाई गई है, <नाम> ही किसी अस्त्र शस्त्र द्वारा किसी व्यक्ति को चोट पहुंचानादर्शाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 12.10.2020 से जिला कारागार में निरूद्धहै। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह <नाम> भी प्रस्तुत कियागया कि <नाम> अभियुक्त सगीर की जमानत स्वीकार हो चुकी है। इन आधारों परजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की प्रार्थना की गई है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं वादी के निजीविद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया हैकि प्रार्थी /अभियुक्त के विरूद्ध अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर सामान्यउद्देश्य की पूर्ति में वादी तथा उसके चचेरे <नाम> रजुजान उफ <नाम> भतीजे-अल्फेजव फरीदा को तमन्चे, लाठी, सरिया व हाकी से मारपीट करने, गाली-गलौज देने वजान से मारने की धमकी देने का अभियोग है। रमजान उफ <नाम> एवं अल्फेज कोआग्नेयास्त्र की चोट आई है एवं फरीदा को भी गम्भीर चोट आई है। अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गई। समर्थन में वादी जमील पुत्र जल््लो द्वारा जमानत विरोध प्रार्थनापत्र दाखिल किया गयाहै। ",
" Bail Application/9120/2020 -Gabbar Vs. UP State 3अभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर सामान्य उद्देश्य की पूर्ति में वादी तथा उसके चचेरेभाई रजूजान उफ <नाम> भतीजे-अल्फेज व फरीदा को तमन्चे, लाठी, सरिया व हॉकीसे मारपीट करने, गाली-गलौज देने व <नाम> से मारने की धमकी देने का अभियोगहै। "
],
"judge-opinion": [
"प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त गब्बर काजमानत प्रार्थनापत्र अन्तर्गत धारा-147, 148, 149, 323, 504, 506, 307 भा०दं0सं0 के अन्तर्गत विद्वान अपर सिविल जज(जू0डि०)/ न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय सं0-06,आगरा द्वारा दिनांक 13.10.2020 को निरस्त किया गया है। ",
"मैने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं वादी के निजी विद्वान अधिवक्ता के तर्का को सुनातथा केस डायरी का अवलोकन किया । केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि केस डायरी में मजरूब अन्नाऔर अहसान उफ अल्फेज की पूरक चिकित्सकीय परीक्षण आख्याओं के अनुसार उन्हेआग्नेयास्त्र की चोटें <नाम> दर्शित है एवं फरीदा के एन.सी.सी.टी. हैड रिपोर्ट केअनुसार उसे mild shoft tissue scalp swelling noted in side fronto parietal region म चोट <नाम> दर्शित है। फरीदा ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-161 द0प्रoसं0 में बयानदिया है कि दिनांक 01.10.2020 को <नाम> को समय 07.15 से लेकर 07.30 बजे केआसपास की बात है कि फरीद <नाम> उफ बड्ड़े, गब्बर, <नाम> कुरेशी, मौ०शैखान,शहजाद, सगीर और छम्मो अपने हाथों में तमन्चे व लाठी-सरिया व हॉकी लेकर आयेऔर आते ही मां-बहन की गाली देने लगे, जब हम लोगों ने गाली देने से <नाम> कियातो <नाम> से मारने की नीयत से बङ्ड़े व <नाम> ने तमन्चे से फायर किये तो गोलीरमजान उफ <नाम> के कन्धे <नाम> लगी तथा अल्फेज को कन्धे में पीछे की तरफ लगीतथा गब्बर ने सरिया से मेरे ऊपर वार किया जिससे मेरी गर्दन में फेक्चर हो गयाथा, शरीर में अन्य जगह भी चोटें आयीं थी व बाकी लोगों ने उसे लात-घूसों से मारापीटा। इस <नाम> के बयान से विदित होता है कि इस <नाम> के चोटें प्रार्थी/ अभियुक्तगब्बर द्वारा सरिया से पहुंचायीं गयीं हैं। अभियोजन कथन का समर्थन स्वतन्त्रसाक्षीगण सलमान, सादिक ने भी अपने बयान अन्तर्गत धारा-161 द॑0प्र०सं0 में कियाहै। जहां <नाम> सगीर की जमानत का प्रश्न है, उसके लिए इस चुटैल <नाम> नेसिफ यह कहा है कि बाकी लोगों ने लात-घूसों से मारापीटा। ऐसी स्थिति मेंप्रार्थी/ अभियुक्त का केस, <नाम> अभियुक्त सगीर के केस से भिन्न आधार <नाम> आधारितहै। इसलिए प्रार्थी/ अभियुक्त समानता का <नाम> प्राप्त करने का <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1180_202014-07-20201253 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पेरोकार श्रीकृष्ण ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्तगण का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालयमें लम्बित नहीं है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि वादी उपनिरीक्षक <नाम> सिह द्वारा थाना खेड़ा राठौर <नाम> दिनांक 04.07.2020 को समय 11.45 बजे प्रथम सूचनारिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि वह पुलिस <नाम> के साथ शान्तिव्यवस्था में व्यस्त थे। मुखविर से सूचना <नाम> कि <नाम> <नाम> के मन्दिर के पास दो पक्षों में झगड़ा हो रहा है, ईंट पत्थर चल रहे हैं। वहां <नाम> पहुंचे, समझाने का प्रयासकिया तो दोनों पक्ष उत्तेजित हो गये। गाली-गलौज करने लगे तथा <नाम> से मारनेको धमकी देकर <नाम> से मारने की नीयत से ईट पत्थर फॅंकने लगे। आवश्यक बलप्रयोग <नाम> शिवम <नाम> को पकड़ लिया, उसके कब्जे से एक अदद एस0बी0बी0एल0लाईसेंसी गन व एक खोखा कारतूस बरामद हुआ और 05 कारतूस भी बरामद हुए। (2) बन्दूक के टूटने के सम्बन्ध में पूछा गया तो बताया गया कि यह बन्दूक हरिओम नेतोड़ी है। प्रथम पक्ष के लोगों में हरिओम सिह, मंदीप, भानू उफ <नाम> <नाम> उफअती <नाम> को गिरफ्तार किया गया। भागे हुए व्यक्ति का नाम पता पूछने पररामनिवास बताया और बताया कि बन्दूक से शिवम ने फायर किया है। आसपास केखेतों में <नाम> <नाम> रहे लोगों से गवाही देने को कहा तो वे देने को तैयार नहीं हुए। उक्त फर्द बरामदगी के आधार <नाम> थाना खेड़ा राठौर जिला <नाम> <नाम> अपराध सं0 19/2020 <नाम> 147, 323, 504, 506, 427, 307, 353 भा०द0सं0 के अन्तर्गतअभियुक्तगण शिवम <नाम> हरिओम, मंदीप, भानू उफ <नाम> <नाम> उफ अती <नाम> व रामनिवास के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण को झूठा फंसाया गया है, उनके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उनकाकोई आपराधिक इतिहास नहीं है, किसी को कोई चोट नहीं आई है। राजनीतिक दवाबमें गांव की पार्टीबन्दी की वजह से घर से पकड़कर झूठी रिपोर्ट <नाम> दी गई है। ",
"धारा-307 भा०दं0सं0 का कोई अपराध नहीं बनता है। जमानत <नाम> छोड़ने का आधार पर्याप्त है । ",
"अभियोजन को ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक की ओर सेजमानत का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तगण व अन्य लोगोंद्वारा झगड़ा किया जा रहा था और इंट पत्थर <नाम> से मारने की नीयत से चलाये जारहे थे, फायर भी किया गया था, जमानत <नाम> छोड़ने का आधार पर्याप्त नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तर्को को सुना तथा केस डायरी का अवलोकन किया । ",
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि कोई आघात प्रतिवेदन प्रस्तुतनहीं किया गया है जिससे स्पष्ट हो सके कि किसी को कोई चोट आई हो। पत्थरबाजीऔर झगड़ा किये जाने का कथन स्पष्ट <नाम> से किया गया है। अभियुक्तगण दिनांक 04.07.2020 से कारागार में निरूद्ध हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_31_202011-02-20201023 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> जो कि अभियुक्त की मां है, का शपथपत्रदाखिल किया गया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी राजेशमहेश्वरी द्वारा दिनांक 18.12.2019 को थाना हरीपर्वत <नाम> <नाम> इस आशय कीप्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि दिनांक 13.12.2019 को समय करीब 14बजे अपने <नाम> की एक्टिवा स्कूटी नं० यू0पी0 80 डी0जेड0 5144 आवश्यक कार्यहेतु <नाम> मार्केट गया था। <नाम> मार्केट में गाड़ी खड़ी <नाम> दुकान <नाम> गया था। वापिस आकर <नाम> तो मेरी wal वहां <नाम> नहीं थी। काफी तलाशने <नाम> भी नहींमिली। अज्ञात चोर मेरी स्कूटी चोरी <नाम> ले गया। थाने <नाम> सूचना देने आया हूं। आवश्यक कार्यवाही करने की <नाम> करें। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना हरीपर्वत <नाम> परमु0अ0सं0 709,/ 2019 आं०धारा 379 भा0द0सं0 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कियागया। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि उसे झूठा फंसाया गयाहै। उसने किसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त से किसीप्रकार की कोई बरामदगी नहीं है और <नाम> ही वह किसी मामले में सजायाफता है। उसेफर्जी बरामगदी दर्शाते हुये झूठा फंसा <नाम> गया है। अभियुक्त दिनांक 19.12.2019से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधारों <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये यहकथन किया गया है कि अभियुक्त व उसके सार्थी के कब्जे से चोरी की एक्टिवाबरामद हुयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कियाजाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) के कथनों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन के प्रपत्रों के अनुसार वर्तमान मामले में अभियुक्त <नाम> वउसके साथी के कब्जे से वादी की चुरायी गयी एक्टिवा बरामद होना बताया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। उसका कोई आपराधिक इतिहास भी —2?—प्रस्तुत नहीं किया गया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। वर्तमानमामले में अभियुक्त 19.12.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्तविचारण के दौरान न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने <नाम> अपनी पर्याप्तजमानते देने को तैयार हैं। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3183_201926-06-20192829 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त की माता <नाम> का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 03.06.19को वादी मुकदमा उप निरीक्षक रईस अहमद मय हमराह पुलिस कर्मियोंके बिनावर देख रेख <नाम> व्यवस्था रोकथाम जुर्म जरायम चैकंगअप एण्ड डाउन ट्रेन महिला व दिव्यांग कोच व भ्रमण चौकी <नाम> मेंमामूर होकर गश्त करता हुआ ईदगाह रेलवे स्टेशन प्लेट फार्म नं0०-1 सेअतिरिक्त पुलिस <नाम> लेकर प्लेटफार्म नं0 1 से पश्चिम <नाम> में स्थितस्टॉल नं० 3 के सामने पहुचा तो सामने से आता हुआ एक व्यक्तिदिखायी <नाम> जो पुलिस पार्टी को देखकर सकपाकर एकदम पीछेमुड़कर <नाम> कदमों से वापस जाने लगा जिसे रोका टोका तो वहनहीं रूका। भागने का प्रयास किया। पकड़ लिया उसने अपना नामसोनू बताया उसकी जामातलाशी में पहने हाफ पेण्ट की बायी फेट मेंखुरसा हुआ चाकू व <नाम> मोबाइल एपल व नेकर की पीछे जेब से2600/-रूपये नकद बरामद हुये। पूछताछ <नाम> बताया कि बरामद चारो फोन चोरी के है। ",
"आवेदक अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि उसेउक्त अपराध में झूठा फसाया गया है। पुलिस द्वारा दर्शित बरामदगी वप्राथमिकी <नाम> तरह से मनगढ़ंत व झूठी है। आवेदक अभियुक्त से किसीप्रकार की कोई बरामदगी नहीं हुयी है। चाकू और मोबाइल पुलिस नेआवेदक अभियुक्त <नाम> अपनी ओर से प्लॉट <नाम> फर्जी बरामदगी बनायीगयी है। बरामदगी का कोई <नाम> का <नाम> नहीं है। आवेदकअभियुक्त दिनांक 03.06.19 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आवेदकअभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता का कथन है किआवेदक अभियुक्त आवेदक पूर्णतः निर्दोष है और उसे अपराध के बारे मेंकोई जानकारी नहीं है। पुलिस ने उसे मामले में झूठा संलिप्त <नाम> दियाहै। बरामद मोबाइलों को किसी चोरी से सम्बद्ध नहीं किया गया है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं आधारों <नाम> आवेदक अभियुक्त को जमानत पररिहा किये जाने का अनुरोध किया है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता का कथन है कि अभियुक्त से चोरी के <नाम> मोबाइल बरामदहुये है। अभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है। आवेदक अभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहीं है। विद्वानअधिवक्ता द्वारा अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने कानिवेदन किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन पक्षकी ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताफौजदारी की बहस सुन लिया है तथा उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन <नाम> लिया है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से यह प्रकट होता हैकि वर्तमान मामले में पुलिस द्वारा आवेदक से <नाम> संदिग्ध मोबाइलबरामद होना दर्शाया गया है। बरामदगी के उपरान्त <नाम> तकविवेचक द्वारा संदिग्ध मोबाइलो को किसी भी चोरी की घटना से सम्बद्धनहीं किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास भी दाखिलनहीं किया गया है। आवेदक अभियुक्त को पुलिस अभिरक्षा में की गयीअपराध स्वीकारोक्ति <नाम> मामले में संलिप्त किया गया है। आवेदकअभियुक्त दिनांक 03.06.19 से न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। बरामद <नाम> की कोई शिनाख्त नहीं करायी गयी है। आवेदकअभियुक्त के विरूद्ध उक्त आरोपित अपराध प्रथम वर्गीय मजिस्ट्रेट द्वाराविचारणीय है। आवेदक अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थितिसुनिश्चित कराने के लिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। वर्तमानमामले का निकट भविष्य में विचारण पूर्ण होने की कोई सम्भावना नहींहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4547_201904-09-20194795 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> व पेरौकार रोहनसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाअरविन्द <नाम> निर्वाल, थानाध्यक्ष, था शमसाबाद द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनाक 02.08.2019 को वह मयइमराहियान वास्ते तलाश वांछित अभियुक्त व संदिग्ध अपराधी में मामूर थे किउसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> 6 अभियुक्तगण को लूट के प्रयोजनसे एकत्रित होकर लूट की तैयारी करते हुए गिरफूतार किया गया तथा तीन अभियुक्त अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। नास पता पूछते हुएजामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकी जामातलाशी से एक अदद तमंचा, दो जिन्दा कारतूस व 2000/- रूपए बरामदहुए। दूसरे ने अपना नाम रमन बढ़ई बताया। इसकी जामा तलाशी से एकअदद छुरा, 2,000/- रूपए व एक मोबाइल वीवो बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम बन्टी उर्फ <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एकछुरा, 2,000/- रूपए व एक मोबाइल वीवो बरामद हुआ। चौथे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> कुशवाह बताया जिसकी जामा तलाशी से एक छुरा बरामद हुआ। पाचवे व्यक्ति ने अपना नाम राजा उर्फ सद्दाम बताया। इसकी जामा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4547/2019बन्टी उर्फ <नाम> बनाम राज्यतलाशी से एक छुरा बरामद हुआ। छठे व्यक्ति ने अपना नाम छोटे उर्फ चोबसिंह बताया। सभी अभियुक्तगण के बीच में रखे थैले में 2 प्लॉस्टिक कीछोटी टॉर्च, एक हथौड़ा लोहे का, एक छोटा पेचकस, 16 चाबियों कागुच्छा, एक लोहे की छोटी छैनी, पाँच लोहे की अदद दो खाना रिच, एकअदद लोहे का सब्बल बरामद हुआ। इन्हीं के कब्जे से 5 अददमोटरसाईकिल बरामद हुई। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुएहिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 03.08.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जसानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा पकड़ा गया है तथा उसके कब्जे से नाजायज छुरा बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> राजपाल <नाम> <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 26.07.2019 की समय 08:15 बजे की है। पत्रावली के अनुसार प्रार्थीको पुलिस पार्टी द्वारा सह-अभियुक्तण के साथ दिनाक 02.08.2019 कोमुखबिर की सूचना <नाम> गिरफतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक छुरा,2000/ ~ रूपए व एक मोबाइल बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी लगभग एक माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्रर््यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। जमानत प्रार्थना पन्न संख्या : 4547, 2019दन्टी उफ <नाम> बनाम राज्य इस न्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकार की जा चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3054_202009-10-20202022 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार मोहम्मद असलम नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तनिर्दोष है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है, अभियुक्त को इस 2मामले में फर्जी बरामदगी दिखाते हुये झूठो फॅसाया गया है। पुलिस द्वारा गुडवकदिखाने के लिये झूठा मुकदमा दायर किया गया है। यह भी कथन किया गया किअभियुक्त को अन्य <नाम> अभियुक्तों के कहने से नामजद किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त फस्ट जॉइस कलैक्शन के नाम से कॉनवे टेलर के सामने सिन्धीबाजार <नाम> में शॉप है वहां <नाम> वह फेब्रिक कपड़ों का कार्य करता है प्रार्थी नेदिनांक 21.07.2020 को भी <नाम> खरीदा है। अभियुक्त दिनांक 01.10.20 से कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । ",
"विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त का रैकेट है जो कि सर्वो, कैस्ट्रौल व महिन्द्रा जैसीब्रान्डेड कम्पनी के नकली इंजन ऑयल डिब्बो में भरकर ब्रान्डेड कम्पनियों केरैपर / स्टीकर लगाकर बैचते हैं। अभियुक्तगण को तथाकथित नकली <नाम> असलीके <नाम> में भरकर फैक्ट्री चलाते हुए पकड़ा गया हैं तथा मौके से भारी <नाम> सें नकलीइंजन ऑयल, खाली डिब्बे, फर्जी स्टीकर एवं पैकिंग सामग्री बरामद की गई हैं। अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का हैं, अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई । ",
"प्रशम सूचना रिपोर्ट फर्द बरामदगी के अनुसार अभियोजन कथानक है किदिनक 05.09.2020 को थानाध्यक्ष उदयवीर <नाम> द्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगणके साथ गश्त के दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> कि, एक मकान में कुछ लोग विभिन्नकम्पनियों के नकली इंजन ऑयल को डिब्बों में भरकर पैकिंग <नाम> असली के <नाम> मेंबेचने <नाम> भर रहे हैं। मौके <नाम> भारी <नाम> में नकली <नाम> व कुछ व्यक्ति मौजूद हैं यदि जल्दी की जायें तो उनको पकड़ा जा सकता हैं तदुपरान्त वादी पुलिस पार्टी द्वारामुखविर के बताये स्थान <नाम> पहुँचकर मुखबिर द्वारा बताये गये मकान के अन्दरअवैध <नाम> से चल रही फैक्ट्री के अन्दर दबिश दी गई तो अन्दर पॉच व्यक्ति डिब्बो मेंभरने व पैकिंग आदि करते हुए मिले तथा एक व्यक्ति इस सभी को <नाम> निर्देश देतेहुए मिला। जिन्हें अपनी जगह खड़े रहने <नाम> घेर <नाम> पकड़ लिया गया। उनसे नामपता पूछा तो खाली डिब्बों में तेल भरकर पेटी तैयार <नाम> रहे व्यक्ति ने अपना नामइमरान पुत्र ताजुददीन बताया जिसकी जामा तलाशी में कोई <नाम> बरामद नहीं हुई । ",
"दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम अफसल सिद्दीकी पुत्र असलम सिद्दकी बताया जिसकी जामा तलाशी में एक माइकोमैक्स का मोबाइल की पेड बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति नेअपना नाम आमिर पुत्र रहीसुददीन बताया जिसकी जामा तलाशी में सैमसंग कम्पनी 3का मोबाइल बरामद हुआ। चौथे व्यक्ति ने अपना नाम बाँबी उफ समीम इकबाल पुत्रस्व0 चिराबुददीन बताया जिसकी जामा तलाशी में एक मोबाइल सैमसंग कम्पनी तथा 60,000/- रूपए नगद बरामद हुए जिनक बारे में बताया कि यह रूपए बाजार मेंमाल सप्लाई किया था, उसका पेमेन्ट है। पाचवे व्यक्ति ने अपना नाम मुन्ना उर्फगुलरेज अहमद पुत्र चिराबुददीन बताया जिसकी जामा तलाशी में एक मोबाइल तथा59,000/ ~ रूपए बरामद हुए। रूपयों के बारे में बताया कि जो ऑयल बाजार में वह सप्लाई करता है, उसका पेमेन्ट है। छठा व्यक्ति जो इन सभी को <नाम> निर्देश <नाम> रहाथा, ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 रमेश चन्द्र <नाम> बताया जिसकी जामातलाशी में फर्द बरामदगी के अनुसार दविश के समय तथाकथित मकान के अन्दरअवैध <नाम> से चल रही फैक्ट्री से अभियुक्तगण को गिरफूतार किया गया हैं तथा मौकेसे भारी <नाम> में हीरो 4टी मोटरसाईकिल इंजन आयल की 18 अदद पेटी (प्रत्येकपेटीमें 20 डिब्बे), 09 अदद गल्फ 4टी इंजन आयल (प्रत्येक पेटी में 10 डिब्बे), 11अदद पेटी टोक-गार्ड इंजन ऑयल (प्रत्येक पेटी में 02 डिब्बे प्रत्येक 8.5 लीटर), 03पेटी महिन्द्रा मैक्सीमाइल इंजन आयल (प्रत्येक पेटी में 03 डिब्बे प्रत्येक 6 लीटर) 35अदद डिब्बे (1 ली0) सर्वो प्राइड-40, 03 डिब्बे (10 ली0) सर्वो प्राइम-40, 07 डिब्बे (5ली0) सर्वो प्राइड-40, 02 डिब्बे (5ली0) सर्वो प्रीमियम सीएफ-4, 06 अदद (03ली0)सर्वो प्राइम-टीसी 15ङब्लू-40, 06 अदद (3.5 ली0) सर्वो सुपर पम्प सैट आऑयल-40 व सर्वो सुपर, कैस्ट्रोल, हीरो, महिन्द्रा के नकली स्टीकर व कैस्ट्रोल के डिजीटल स्टीकर व हीरो के नकली खाली 50 डिब्बे, कैस्ट्रोल के नकली खाली 400 डिब्बे, 100ढक्कन,सील आदि व 05 अदद खाली व आधा ड्रम ऑयल व 01 अदद डिब्बो को सीलकरने की इलैक्ट्रिक सीलिंग मशीन, डिब्बो में तेल भरने के लिए दो फूल व सर्वोकम्पनी (की एक नकली टेप व <नाम> पेट्रोलियम की एक नकली टेप, लीटर, एकछलनी आदि सामान अवैध <नाम> से चल रही फैक्टी के अन्दर से किया गया हैं। अभियुक्तगण द्वारा गिरफूतारी के समय स्वंय कथन किया गया हैं कि वह लोग बाजारसे तेल के डम लेकर हीरो, कैस्ट्रोल, एक्टिव, सर्वो सुपर, महिन्द्रा के स्टीकर व कैस्ट्रोलके डिजीटल स्टीकर आदि कम्पनियों के फर्जी स्टीकर लगाकर असली इंजन ऑयलके <नाम> में बाजार में बेच देते हैं। इसके इस <नाम> में अन्य साझीदार यासीन,नवाबुद्दीन व चिराबुद्दीन हैं। बरामद <नाम> को सील सर्वमोहर <नाम> फर्द मौके परतैयार की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता दाण्डिक क तर्को को सुना तथा केस डायरी का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किप्रार्थी / अभियुक्त द्वारा सर्वो, कैस्ट्रौल व महिन्द्रा जैसी ब्रान्डेड कम्पनी के नकली इंजनऑयल डिब्बो में भरकर ब्रान्डेड कम्पनियों के रैपर/स्टीकर लगाकर बैचते हैं। 4अभियुक्त यासीन को अन्य <नाम> अभियुक्तों के बताये जाने के आधार <नाम> मामले मेंसंलिप्त होना पाया गया है तथा मौके से भारी <नाम> में नकली इंजन ऑयल, खालीडिब्बे, फर्जी स्टीकर एवं पैकिंग सामग्री बरामद की गई हैं। अभियुक्त द्वारा बरामद <नाम> के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है कि उनके कब्जे में उक्त बरामद मालकिस प्रकार से आया है। मासले में अन्य <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> एवं घाँच अन्य कीजमानतें माननीय सत्र न्यायाधीश द्वारा दिनांक 24.09.2020 को निरस्त की गई हैं,अभियुक्त यासीन का मामला भी उक्त सहअभियुक्तों के सामन है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1226_202005-08-2020571 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकाररामवीर <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा प्रदीपजैन द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयीकि दिनाक 19.04.2020 को वह अपनी गाडी संख्या यू0पी0 80डी0ए०9332 सेघर से दूध वाले के यहां जा रहा था कि <नाम> विहार सी ब्लाक टंकी के पास तीन लड़कों ने उसकी गाड़ी को आवाज देकर रूकवाया जब उसनेगाडी का शीशा खोला तो एक लडके ने तमंचा दिखाते हुए उसके गले कीचैन छीन ली व जेब में रखे रूपये तीस हजार निकाल लिये। जिस व्यक्तिद्वारा उसका चैन व नकदी छीनी है उसका नाम <नाम> उफ दुष्यंत है। अन्य दो व्यक्तियों को वह नहीं पहचानता। वादी मुकदमा <नाम> <नाम> की लिखित तहरीर के आधार परथाना एत्माददौला जिला <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 294 /2020 अंतर्गत <नाम> 392 न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) / अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1226 2020छोटू उफ रामनिवास बनाम राज्यअभियुक्त <नाम> उर्फ दुष्यंत एवं दो अन्य आज्ञात के विरूद्व पंजीकृत हुआ। <नाम> उफ दुष्यंत से लूटी चेन बरामद होने के आधार <नाम> <नाम> 411 भा0दंएसं0 कीबढोतरी की गयी । विवेचना प्रचलित है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्त प्रकरण में नामजद नहीं है। सहअभियुक्त के बयान के आधार <नाम> उसे मुकदमे में फंसाया गया है। प्रार्थीदिनांक 18.06.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी से अपराध सेसम्बस्धित कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरवादी मुकदमा को तमंचा दिखाकर उसकी चैन व जेब में रखे रूपये तीस हजार की लूट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि मामलेमें घटना दिनाक 19.04.2020 के सम्बन्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट उसी <नाम> समय16:48 बजे अविलम्ब प्रार्थी <नाम> उफ दुष्यंत व दो अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्वदर्ज करायी गयी है। प्र्ार्थी/अभियुक्त प्रकरण में नामजद नहीं है। सहअभियुक्त के बयान के आधार <नाम> इसे अभियुक्त बनाया गया है। पुलिस प्रपत्रके अनुसार प्रार्थी <नाम> वादी मुकदमा की चैन व जेब में रखे रूपये तीस हजारकी लूट किए जाने का अभियोग है परंतु प्रार्थी/ अभियुक्त से उक्त लूट काकाई सामान बरामद नहीं हुआ है। कोई कार्यवाही शिनाख्त भी नहीं करायीगयी है। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/ अपर सन्न न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-03, आगरा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3036_201907-06-20193242 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त क पैरोकार विनीत ववानियां नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि आवेदक/ अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार परिवादिया <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा विपक्षीगण के विरूद्व मुकदमा पंजीकृत कराये जाने <नाम> सम्बन्धित न्यायालय में प्रार्थना पत्र 156(3)द0प्र०सं0 के अन्तर्गत इस आशय का प्रस्तुत किया गया कि उसने अपने <नाम> केमाध्यम से दिनांक 30.12.1989 को विनायक हाउसिंग सोसायटी, घटिया आजम खाँ, <नाम> के कार्यालय में एक हजार वर्गगज का भूखण्ड यूपी.एस.आई.डी.सी. सिकन्दराके पास बुक कराया था। उसके <नाम> ने अलग-अलग रसीद कटवाकर <नाम> गोविन्द, शिवशंकर <नाम> व इनके सचिवों को दिनांक 27.08.1993 <नाम> 1,33,000/- रूपया (2)उक्त प्लॉट के लिये <नाम> तथा केवल 7000/- रूपया देना <नाम> रह गया था। जब उसके <नाम> ने उक्त लोगों से सात हजार रूपया लेकर बैनामा निष्पादित करने का कहा तो उक्त लोगों ने कहा कि रजिस्ट्री <नाम> कब्जा भूखण्ड का <नाम> <नाम> जायेगा। किन्तु आज <नाम> प्रस्तावित भूखण्ड नहीं दिया। उसके <नाम> का वर्ष 2000 में एक्सीडेन्ट हो गया, जिन्हें ठीक होने में करीब 3 वर्ष लग गये। स्वस्थ होने के <नाम> उसने व उसके <नाम> ने पुनः कार्यालय जाकर बैनामा करने का कहा तो गोविन्द भार्गव,शिवशंकर <नाम> व सोसायटी के सेक्रेटरी ने कहा कि <नाम> <नाम> चलने फिरने लायक नहीं है, उनके ठीक होने <नाम> पंजीकृत बैनामा <नाम> <नाम> जायेगा। उक्त गोविन्द <नाम> ठीक होने के <नाम> भूखण्ड का बैनाम करने में टालमटोल करते चले आ रहे हैं। उसे ज्ञात हुआ कि मौके <नाम> उसका कोई प्लॉट ही मौजूद नहीं है। उक्त लोगों ने धोखादेकर उसके व उसके <नाम> द्वारा <नाम> गया कुल रूपया 1,33,000/- हड़प <नाम> लियाहै। उक्त सम्बन्ध में उसने प्रार्थना पत्र थानाध्यक्ष थाना सिकन्दरा को <नाम> लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई । दिनांक 09.08.2007 को करीब 3 बजे सायं कामायनी हॉस्पीटल केपास उन्हें गोविन्द <नाम> शिवशंकर <नाम> व <नाम> सेकेटरी मिला। उनसे पुनः बैनामा करने का कहा गया तो उपरोक्त लोगों ने उसके <नाम> को भद्दी गाली देते हुए कहाकि साले किस बात का बैनामा <नाम> दे। एक गोली निकलेगी मुँह फाड़ जायेगा, तुझेजिन्दा नहीं छोड़ेगें, जो किया जायें <नाम> ले। ",
"वादिया के उक्त प्रार्थना पत्र <नाम> न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन मेंथाना सिकन्दरा <नाम> अभियुक्तगण गोविन्द <नाम> शिवशंकर <नाम> एवं <नाम> <नाम> के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 657/2007 पंजीकूत किया गया। दौरान विवेचनाविवेचक द्वारा अभियुक्तगण द्वारा अपराध का किया <नाम> पाये जाने <नाम> अन्तिम आख्यान्यायालय प्रेषित की गयी। तदुपरान्त उक्त अन्तिम आख्या के विरूद्ध वादिया द्वाराआपत्ति प्रस्तुत की गई, जिसे अवर न्यायालय द्वारा निरस्त <नाम> <नाम> गया। जिसके विरूद्ध वादिया द्वारा पुनरीक्षण प्रस्तुत किया गया। पुनरीक्षण ऱ्यायालय द्वारा दिनांक02.07.2009 को पुनरीक्षण स्वीकार करते हुए पुनः सुने जाने का आदेश अवर न्यायालयको <नाम> गया। अवर न्यायालय द्वारा वादिया को पुनः सुनकर उक्त प्रकरण कोपरिवाद के <नाम> में पंजीकृत किया गया तथा तथा वादी एंव साक्षीगण के बयान धारा200, 202 द0प्रoसं0 के <नाम> करने के उपरान्त अभियुक्तगण गोविन्द <नाम> शिवशंकर <नाम> एवं <नाम> <नाम> <नाम> को <नाम> 420, 406, 504, 506 भा०द0सं०के अपराध में विचारण <नाम> तलब किया गया। (3)जमानत प्रार्थना पत्र स॒0: 3036 / 2019 प्रार्थना पत्र सं0: 3036 / 2019आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रकरण परिवाद <नाम> संस्थित है। अभियुक्त निर्दोष है उसके द्वारा उक्त अपराध कारितनहीं किया गया है अभियुक्त को इस प्रकरण में झूंठा नामित किया गया है। यह भीकथन किया गया कि इस मामले में पुलिस द्वारा अंतिम आख्या प्रेषित की गई थी,जिसके विरोध में वादिया द्वारा न्यायालय में आपत्ति प्रस्तुत की गई, सम्बन्धितन्यायालय द्वारा वादिया की आपत्ति को भी निरस्त <नाम> <नाम> गया तब वादिया द्वारा निगरानी दाखिल की गई, जिस <नाम> सत्र न्यायालय द्वारा उपरोक्त प्रकरण को पुनः सुनेजाने का आदेश अवर न्यायालय को <नाम> गया तदुपरान्त अवर न्यायालय द्वारा उक्तप्रकरण को परिवाद के <नाम> में स्वीकार करते हुए अभियुक्त को उक्त धाराओं में द्वारासमन तलब किया गया। अभियुक्त 73 वर्ष का वृद्ध है तथा आयु जनित बीमारियों से ग्रसित है। प्रकरण व्यवहार न्यायालय से सम्बन्धित है। अभियुक्त द्वारा स्वंय न्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया है। अभियुक्त जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। अतःजमानत दिए जाने की <नाम> की गई। ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का करते हुए जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक/ अभियुक्त के विरूद्व अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर परिवादिया के साथ छल करने के आशय से प्लॉट बेचनेका षडयंत्र <नाम> 1,33,000/- रूपये हड़प लिये जाने, गाली गलौज करने एवं <नाम> सेमारने की धमकी दिये जाने सम्बन्धी आरोप है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि इस मामले में पुलिस द्वारा अंतिमआख्या प्रेषित की गई थी, जिसके विरोध में वादिया द्वारा न्यायालय में आपत्ति प्रस्तुत की गई, सम्बच्धित न्यायालय द्वारा वादिया की आपत्ति को भी निरस्त <नाम> <नाम> गयातब वादिया द्वारा निगरानी दाखिल की गई, दिनांक 02.07.2009 को सत्रन्यायालय द्वारा अंतिम आख्या स्वीकार की गई, जिस <नाम> वादिया ने अवर न्यायालयमें आपत्ति प्रस्तुत की जिसे अवर न्यायालय द्वारा पुनः दिनांक 04.12.2009 को निरस्तकर <नाम> गया, तदुपरान्त वादिया द्वारा पुनः निगरानी प्रस्तुत की गई जिस <नाम> सत्र न्यायालय द्वारा उपरोक्त प्रकरण को पुनः सुने जाने का आदेश अवर न्यायालय को <नाम> गया तदुपरान्त अवर न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण को परिवाद के <नाम> में स्वीकार करते हुए अभियुक्त को उक्त धाराओं में द्वारा समन तलब किया गया है। बचाव पक्ष के (4) सुयोग्य अधिवक्ता द्वारा बलपूर्वक <नाम> <नाम> गया है कि मामला व्यवहार न्यायालय सेसम्बन्धित है। पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त को परिवाद मामलेमें द्वारा समन तलब किया गया है। अभियुक्त लगभग 73 वर्षीय वृद्ध एवं बीमार व्यक्ति है तथा जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|