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Bail Application_3026_202015-10-20201866
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता <नाम> अवतार की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। आवेदक /अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। आवेदक »/ अभियुक्त से कोई लूट का मोबाइल बरामद नहीं हुआ है। आवेदक / अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह दिनांक 22.09.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतःअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि आवेदक /अभियुक्त से लूट का मोबाइल बरामद हुआ है। अतः आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रितेश <नाम> द्वारा थाना सदर बाजारपर एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 26.07.2020 को घर से खाना खाने के <नाम> टहलते हुये कैंण्ट स्टेशन की तरफ से गुम्मट चौराहा की तरफ जा रहा था कि सलीम <नाम> की दुकान के पास समय करीब 8 बजे फोन से बात करते समय पीछे से <नाम> रंग की मोटरसाइकिल <नाम> सवार दो लड़कों ने उसका वीवो वी 15 प्रो मोबाइल हाथ से छीनकर भागगये, जिसका आईएमईआई नं<फ़ोन-नंबर>636 है जिसमें <फ़ोन-नंबर> की सिम पड़ी है। 2काफी तलाश किया, नहीं मिला। वादी की उक्त तहरीर के आधघार <नाम> थाना सदर बाजार परमु0अ0सं0 608,/2020 अन्तर्गत <नाम> 392 भा0दं0सं0 पंजीकृत हुआ। दिनांक 21.09.2020 कोउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> मय हमराह द्वारा आवेदक /अभियुक्त व सहअभियुक्त भूरा उर्फ <नाम> को पकड़े जाने <नाम> उनके पास से लूट का मोबाइल बरामद हुआ, जिसके आधार <नाम> मुकदमे मेंधारा 411 भा०दं0सं० की बढ़ोत्तरी की गयी। " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि अपराध से सम्बन्धितलूट की घटना दिनांक 26.07.2020 को घटित हुयी है किन्तु घटना के सम्बन्ध में प्रथमसूचना रिपोर्ट 21.09.2020 को दर्ज करायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामजद नहीं है। आवेदक / अभियुक्त की संस्वीकृति के आधार <नाम> उसे इसअपराध में नामित किया गया है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र चश्मदीद <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास अभियोजन की ओर से प्रस्तुत नहींकिया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.09.2020 से कारागार में निरुद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3674_202011-11-20201138
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार वीरेन्द्र <नाम> ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है,कोई अन्य जमानत प््रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय एंव माननीय उच्च न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 07.10.2020को थाने <नाम> तहरीर इस आशय से प्रस्तुत की कि वह मैसर्स एस0०डी0 सिल्वर प्लेटिंगस्थित 17/126 पन्नी गली द्वितीय तल सेव का बाजार <नाम> में <नाम> की पायलों <नाम> प्लेटिंग करने का कार्य करता है। इस कार्य के लिए उसके यहां <नाम> 06 सालसे <नाम> <नाम> रहा था। दिनांक 01.10.2020 को <नाम> को लगभग 01.00 बजे चांदीकी पॉयलों की प्लेटिंग करने के बावत <नाम> लेने के लिए मैसर्स आर0एसण०ज्वैलर्स केलिए भेजा था, जब काफी देर <नाम> नहीं लौटा तो आर0एस०ज्वैलर्स <नाम> सम्पक किया तो उनके द्वारा बताया गया कि वह उनके यहां से 30किग्रा0 <नाम> की पॉयल लेकरलगभग 01.25 <नाम> निकला है तो उसे चिन्ता हुई तो उसने <नाम> का फौन न॑0 <फ़ोन-नंबर> <नाम> सम्पकं साधने की कोशिश की तो फौन बंद पाया गया। खोजबीन मेंजानकारी में आया, इसकी बहन <नाम> बहनोई रविन्द्र व भान्जा निर्वेश उफ <नाम> व <नाम> का <नाम> <नाम> <नाम> षडयंत्र करके उसक व्यापारी मैसर्स आर0एस०ज्वैलर्सका <नाम> लगभग 30कि०ग्रा0 <नाम> की पायलों का गबन किया है। ", "वादी की तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> रविन्द्र,निर्वेश उफ <नाम> <नाम> एवं <नाम> के विरूद्ध अपराध संख्या-99/ 2020धारा-406, 120बी भा0दं0सं0 के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई। ", "दौरान विवेचना दिनांक 27.10.2020 को अभियुक्त को अन्य <नाम> अभियुक्त केसाथ पकड़े जाने <नाम> अभियुक्त के कब्जे एवं अध्यासन से 08कि०ग्रा0 पॉँयल बरामदकिये जाने <नाम> इस प्रकरण में <नाम> 411 भा०द0सं0 की बढोत्तरी की गई। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मामले में झूंठा फॅसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि <नाम> अभियुक्तगोपाल वादी के यहां नौकरी करता था, <नाम> को करीब 7-8 माह से वादी नेसेलरी नहीं दी थी जिस <नाम> <नाम> के बहनोई अभियुक्त द्वारा वादी से सेलरी देने केलिए कहा जिस <नाम> पुलिस से सांठगांठ <नाम> <नाम> के बहनोई, <नाम> की बहन और भाईयों के खिलाफ एक प््रार्थनापत्र दिनांक 01.10.2020 को <नाम> <नाम> जिस <नाम> गबनका मुकदमा पंजीकृत किया गया। दिनांक 27.10.2020 को पुलिस से मिलकर <नाम> व प्रार्थी/अभियुक्त को सेलरी देने के बहाने कारखाने बुलाया गया और कारखाने से उठाकर थाना कोतवाली ले आये और झूठी बरामदगी दिखा दी। घटना दिनांक01.07.2020 की है तथा रिपोर्ट दिनांक 07.10.2020 को करीब 07दिन देरी से दर्जकराई गई है, कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। वह दिनांक 27.10.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानतपर <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध कियागया तथा कथन किया है कि अभियुक्त प्राथमिकी में नामित हैं। अभियुक्त के द्वाराअपने साले <नाम> अभियुक्त <नाम> जो कि वादी फर्म में नौकरी करता था, के साथमिलकर आपराधिक षडयंत्र के तहत आर0एसण०ज्वैलर्स द्वारा वादी फर्म <नाम> <नाम> कोदी गई 30किग्रा0 <नाम> की पॉयल को हड़पते हुए आपराधिक दुर्विनियोग किया गयाहै। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई । जमानत प्राथना पत्र स0: 3674 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 3674 ⁄ 2020अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध अपने साले/सहअभियुक्त <नाम> जो कि वादी फर्म में नौकरी करता था, के साथ मिलकर आपराधिकषडयंत्र के तहत आर0एस०ज्वैलर्स द्वारा वादी फर्म <नाम> <नाम> को दी गई 30कि०ग्रा0 <नाम> कौ पॉयल को हड़प <नाम> लेने व आपराधिक दुर्विनियोग <नाम> लेने का आरोप है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा केस डायरी का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि दौरान विवेचना दिनांक27.10.2020 को अभियुक्त को अन्य <नाम> अभियुक्त <नाम> के साथ पकड़े जाने परअभियुक्त के कब्जे एवं अध्यासन से 08कि०ग्रा0 पॉयल बरामद की गई है। मौके परवादी फर्म के वीरेन्द्र <नाम> <नाम> द्वारा फर्म के <नाम> की शिनाख्त की गई है। ", "अभियुक्त प्राथमिकी में नामित है। पुलिस द्वारा अभियुक्त व अन्य <नाम> अभियुक्तगोपाल के पकड़े जाने <नाम> अभियुक्त के कब्जे एवं अध्यासन से वादी फर्म का <नाम> 08किणग्रा0 <नाम> की पॉयल बरामद की गई हैं तथा अभियुक्त द्वारा बरामद <नाम> के स्वामित्व के सम्बन्ध में कोई दावा भी नहीं किया गया हैं। उक्त अपराध गम्भीर प्रकृतिका हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_2480_202126-03-2021550
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4907_201904-09-20194812
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थनापत्र को प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र बताया गया है तथा समर्थन में गोविन्दस्वरूप पुत्र <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थाना प्रभारीवीरेन्द्रपयाल <नाम> थाना जैतपुर, <नाम> द्वारा दिनांक 07.04.2019 को समय 19.00 बजे जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडर भूरा उर्फ सत्यप्रकाश पुत्र गोविन्द <नाम> जो स्वयं गैंग लीडर है तथा रिकू जाटव उर्फ <नाम> उर्फ <नाम> पुत्र इन्द्रपालसिंह, इसका सदस्य है। गैंग लीडर भूरा उर्फ सत्यप्रकाश अपने गैंग के सदस्य के साथ मिलकर अनुचित <नाम> प्राप्त करने <नाम> लूट जैसे अपराध कारित करते हैं, जिनके द्वारा क्षेत्रमें सनसनी फैला दी गयी है। अभियुक्तगण द्वारा भा०दं0सं० के अध्याय 16, 17 एवं 22 मेंवर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गया है इनके भय व आतंक के <नाम> <नाम> काकोई व्यक्ति सूचना एवं गवाही देने का साहस नहीं करता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी /अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नही किया है। उसे उपरोक्त मुकदमें में झूँठा फंसाया गया है। मु0अ0सं0 100 / 2018अर्न्तगत <नाम> 392 भा०दं0सं० थाना जैतपुर, <नाम> मु0अ0सं0 102 / 2018 अर्न्तगत धारा392 भाएठदं०सं० थाना जैतपुर, <नाम> मु0अ0सं0 67 /2017 अर्न्तगत <नाम> 392 भा०दं0सं0थाना बसई अरेला <नाम> में प्रार्थी / अभियुक्त जमानत <नाम> है। गैंग चार्ट में उसे गैंग लीडरदर्शित किया गया है वह गलत है तथा उसके विरूद्ध अन्य कोई मुकदमे विचाराधीन नहीं हैं। प्रार्थ / अभियुक्त किसी समाज विरोधी कियाकलाप में संलिप्त नहीं है। मु0अ0सं0 753 / 2018 अर्न्तगत <नाम> 394,411 भाएदं0सं० थाना टूण्डला जिला <नाम> में वह दिनांक24.08.2019 से निरूद्ध है। वह किसी भी मामले में सजायाफता नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त 2दिनांक 08.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(५) मु0अ0सं0 100 / 2018 अर्न्तगत <नाम> 392 भा0दं०सं० थाना जैतपुर, आगरा,0) मु०अ0सं0 102 / 2018 अर्न्तगत <नाम> 392 भा0दं0सं0 थाना जैतपुर, आगरा,(3) मु0अ0सं0 67 /2017 अर्न्तगत <नाम> 392 भा०दं०सं0० थाना बसई अरेला आगराके मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर चोरी और लूट जैसे जघन्यअपराध करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहा <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होनेका प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी प्रकृतिएवं अभियुक्त द्वारा गैग बनाकर लूट एवं डकैती जैसे जघन्य अपराध करने सेसंबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 190) में वर्णित प्रावधान कोदृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2016_202116-03-20211060
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ उसकी पत्नीश्रीमती <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारप्रभारी निरीक्षक, थाना एत्माद्‌दौला, जिला <नाम> ने दिनांक 05.10.2020 को 23-06 बजेथाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्त गैंगलीडरराजू उर्फ जैङ, बन्टी व <नाम> का एक संगठित गिरोह है। उपरोक्त तीनों अभियुक्त सामूहिकरूप से अपने निजी स्वार्थ के लिए आर्थिक भौतिक अनुचित <नाम> प्राप्त करने के लिए चोरी,नकवजनी आदि जैसे जघन्य अपराध कारत <नाम> समाज विरोधी किरिया कलापों मे संलिप्त हैं। इनका <नाम> में भय व्याप्त है। इनके विरूद्ध कोई <नाम> का व्यक्ति गवाही देने को और नही इनके विरूद्ध मुकदमा लिखाने को तैयार है। इनके विरूद्ध विभिन्न मुकदमें लम्बित हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारणअधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तको उक्त अपराध में पूर्णतः झूँठा फंसाया गया है जबकि उसने कोई अपराध कारित नहींकिया है। वह निर्दोष व निरापराध है। उसके द्वारा <नाम> में भय व आतंक व्याप्त <नाम> कोईअवैध धन अर्जित नहीं किया गया है और ना ही वह कभी किसी अपराध सम्बन्धी समाजविरोधी किरिया कलापों में लिप्त रहा है। गैंगचार्ट में उस <नाम> अ.सं. 38/20, <नाम> 380, 411भा.द.सं थाना एत्माद्दौला, <नाम> अ.सं. 125/20 <नाम> 380, 411 भा0०दं0सं0 थानाएत्माद्दौला, <नाम> व आअ.सं. 126/20 <नाम> 457, 380, 411 भा0०दं0सं0 थाना एत्माद्दौला,आगरा व अ.सं. 132/20 <नाम> 380, 411 भा0दं0सं0 थाना एत्माद्दौला, <नाम> के मामलेदर्शाये गये हैं, जिनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है, का कथन किया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 31.12.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाय । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान विशेष लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना 2पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त अभ्यस्त अपराधी है। अभियुक्त का संगठितगैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य /गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, आगरासे अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध अ.सं. 38/20, <नाम> 380, 411 भा.द.संथाना एत्माद्दौला, <नाम> अ.सं. 125/20 <नाम> 380, 411 भा०दं0सं0 थाना एत्माद्दौला, <नाम> वअ.सं. 126/20 <नाम> 457, 380, 411 भा०दं0सं0 थाना एत्माद्दौला, <नाम> व अ.सं. 132/20 धारा380, 411 भा०दं0सं0 थाना एत्माददौला, <नाम> के मुकदमें लंबित हैं। अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोकअभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में <नाम> मामले दर्शाये गये है,जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध चोरी/नकवजनी जैसे अपराध करने का अभिकथन है। इस मामले केसहअभियुक्त <नाम> उर्फ जैड की जमानत पूर्व में इस न्यायालय से खारिज की जा चुकी है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने केआवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदनका विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्तआधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसकेद्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्‍न है, <नाम> केवल जमानत स्वीकार हुई है। वह दोषमुक्त नहीं हुआ है। उपरोक्त मामलों मेंअभियुक्त <नाम> चोरी /नकवजनी करने जैसे अपराध का आरोप है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उसकी <नाम> तथाउक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसकेअपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_884_202112-02-20212468
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकार राजाबाबूपुत्र <नाम> <नाम> निवासी-14//98, मण्डी सईद खां, थाना हरीपर्वत, जिला <नाम> जोकि प्रार्थी/अभियुक्त का सगा <नाम> है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कथनकिया गया है कि उपरोक्त एफ0आई०आर0 वादी द्वारा घटना दिनांक 23.12.2020 कोअज्ञात चोर के खिलाफ दर्ज करायी है। प्रार्थी/ अभियुक्त को थाना सिकन्दरा आगराकी पुलिस पूछताछ के लिए घर से उठाकर लेकर आयी थी, तीन <नाम> अवैध हिरासतमें रखने के <नाम> विवेचना <नाम> ने उपरोक्त अज्ञात मुकदमे को प्रार्थी / अभियुक्तके खिलाफ नामजद <नाम> <नाम> है, जबकि उपरोक्त एफ०आई०आर० में पीतल कीमूर्तियां चोरी करना बताया है। प्रार्थी/ अभियुक्त से रिकवरी में कोई भी पीतल कीमूर्तियां बरामद नहीं दिखायी हैं। पुलिस ने गुडवर्क दिखाने के नाम <नाम> ्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त अज्ञात मुकदमे में नामजद <नाम> <नाम> है। पुलिस द्वारा Bail Application/1975/2021 -Banti Vs. UP State 2दिनांक 29.01.2021 को समय 7.44 मिनट <नाम> फर्द लिखी गयी है, उसी <नाम> वरिष्ठपुलिस अधीक्षक द्वारा प्रेस नोट जारी किया गया व इसी <नाम> पुलिस द्वारा सामानबरामद दिखाया गया है। इसी <नाम> अभियुक्तगणों की डाक्टरी की गयी और इसी दिनमाननीय न्यायालय में रिमाण्ड दाखिल किया गया। प्रार्थी/ अभियुक्त की जमानत का्रार्थनापत्र माननीय अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 01.02.2021 को खारिज <नाम> दियागया है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है कोई अन्य जमानत्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 29.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही पूर्व में दण्ड भोगीहै । प्रार्थी / अभियुक्त के फरार होने की कोई <नाम> नहीं है, वह अपनी उचित एवंविश्‍वसनीय जमानत प्रस्तुत करने को तैयार है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जानेकी <नाम> की है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी <नाम> <नाम> द्वरा दिनांक 23.12.2020 को थाना सिकन्दरा <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई किदिनांक 23.12.2020 समय करीब 2 बजे सुबह उसकी दुकान ब्रास वर्ल्ड एम्पोरियम कीदीवार काटकर पीतल की मूर्तियां चोरी किसी अज्ञात चोरों द्वारा <नाम> ली गयी हैं,लिस्ट <नाम> में दूंगा । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> अज्ञात केविरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 713/2020, <नाम> 457, 380 भा०दं0सं0 में रिपोर्ट दर्जकी गयी तथा फर्द बरामदगी तथा अभियुक्त की गिरफूतारी व उससे बरामदगी केआधार <नाम> <नाम> 411 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/ अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई आपराधिक कृत्यनहीं किया है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त सेकोई बरामदगी भी नहीं दर्शायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भी प्रार्थी / अभियुक्तका कोई नाम नहीं है। वादी मुकदमा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायीगयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 29.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अत:उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत Bail Application/1975/2021 -Banti Vs. UP State 3्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> वादीमुकदमा की दुकान की दीवार काटकर पीतल का सामान चोरी किये जाने तथा उन्हेंबेचकर विकी के 13,000/-रुपये बरामद किये जाने का अभियोग है। ्रार्थी/ अभियुक्त पेशेवर चोर व लूट के गिरोह का सदस्य है तथा आदतन अपराधीहै। उसके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अतः उसकाजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलनकिया गया। ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तके ऊपर सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर मुकदमा वादी की दुकान ब्रास वर्ल्डएम्पोरियम की दीवार काटकर पीतल मूर्तियां चोरी किया <नाम> एवं उन्हें बेचकर मु013,000//-रुपये उसके कब्जे बरामद किये जाने का अभियोग है। थानाख्यानुसार्रार्थी/ अभियुक्त आदतन अपराधी है तथा उस <नाम> इसी <नाम> के अन्य कई मुकदमेविचाराधीन हैं। भ0दं0सं0 की <नाम> 457 अधिकतम 14 वर्ष के कारावास से दण्डनीयहै। " ] }
0DENIED
Bail Application_3071_201919-06-20192988
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{ "facts-and-arguments": [ "आवेदक /अभियुक्तगण पुरूषोत्तम एवं <नाम> पिस्ता, अपराधसंख्या-228/ 2019 अन्तर्गत धारा-498ए व ३04बी भा0दं0सं0 व धारा-3/4 दहेजप्रतिषेध अधिनियम थाना-सिकन्दरा जिला <नाम> में अभियुक्तगण हैं। ", "जमानत प्रार्थनापत्र में अभिकथन है कि आवेदक/अभियुक्तगण कोझूठा फसाया गया है, उन्होंने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शपथपत्र मेंवर्णित तथ्यों के आधार <नाम> उन्हे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "<नाम> उसपाल <नाम> जो आवेदक/अभियुक्त संख्या-1 काभाई/पैरोकार है और मामले के तथ्यों से परिचित है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करतेहुए कहा गया है कि आवेदक /अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। आगे प्रथम सूचना रिपोर्ट के तथ्यों का वर्णन किया गया है। तत्पश्चात्‌ कहा गया है कि आवेदक/ अभियुक्तगण के विरूद्ध जो दहेज मांगना,प्रताड़ित करना व हत्या कारित करने के सम्बन्ध में जो आरोप गठित किये गये हैं,वे मनगढ़ऱन्त कहानी बनाकर सलाह मशविरा करक प्राथमिकी की गई है। घटनादिनांक 24.03.19 की बताई गई है और रिपोर्ट 27.03.19 को 23.33 <नाम> की गई हैजो तीन <नाम> देरी से की गई है जिसका कोई उचित स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गयाहै। शादी मे वादी व उसके घर वालों ने कोई रूपया खर्च नहीं किया था। शादी मेंसारा खर्चा <नाम> द्वारा किया गया था। <नाम> अपनी पत्नी के साथमोटरसाइकिल <नाम> जा रहा था और एक्सीडेन्ट हो जाने की वजह से <नाम> वउसकी पत्नी को चोट आई थी, <नाम> ने अपने मोबाइल से एक्सीडेन्ट कीसूचना वादी को दी थी और वह सब लोग <नाम> में आये थे। <नाम> ने प्रार्थी कोभी फौन किया था और वह लोग एक्सीडेन्ट स्थल <नाम> आये थे और वहां से उठाकरदोनों को <नाम> अस्पताल ले गये, जहां <नाम> की चोटों का इलाज हुआ औरतारा को एस0एन0०मैडीकल कालेज ले जाने के लिये कह <नाम> <नाम> को जब _ 2 __एस0०एन० ले जा रहे थे, तब रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई। एक्सीडेन्ट की जानकारीसभी को थी और इस बावत पुलिस ने पंचायतनामा भी भरा था। पंचायतनामा केसमय वादी वीरपालसिंह और उसका भतीजा आदि मौजूद थे। <नाम> में ब्लेकमेलकरने की नीयत से झूठी रिपोर्ट <नाम> दी गई है। आवेदक/अभियुक्तगण वराजकुमार आदि ने मृतका <नाम> को कभी भी नहीं मारा और <नाम> ही उसका उत्पीड़नकिया। <नाम> की यह द्वितीय शादी थी। आवेदक/अभियुक्तगण वृद्ध व बीमारव्यक्ति हैं जो धारा-437 द0प्र०सं० का <नाम> पाने के <नाम> हैं। आवेदक / अभियुक्तगण पूर्वं सजायाफ्ता नहीं हैं। उपरोक्त धाराओं में किसी प्रकारका कोई अपराध नहीं बनता है। आवेदक / अभियुक्तगण अपनी विश्‍वसनीय जमानतदेने को तैयार हैं। अतः आवेदक / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौ०)एवं वादी-पक्ष के निजी विद्वान अधिवक्ता द्वारा किया गया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्यक परिशीलन से स्पष्ट होता है कि वादीमुकदमा वीरपाल <नाम> द्वारा दिनांक 27.03.19 को प्रस्तुत तहरीर के अनुसार वादीकी पुत्री <नाम> की शादी दिनांक 15.12.18 को <नाम> के साथ हिन्दू <नाम> रिवाजके अनुसार सम्पन्न हुई थी जिसमें अपनी हैसियत के अनुसार <नाम> घरेलू सामानआदि <नाम> था, शादी में कुल आठ लाख रूपये खर्च हुए थे। वादी की बेटी का पूर्वपति गौरवपाल <नाम> जो कि एल०आई०सी० धौलपुर हाऊस में नौकरी करते थे, पतिकी मृत्यु के <नाम> वादी की पुत्री को एल0आई०सी० में मृतक आश्रित कोटे में नौकरीमिल गई थी, इस समय सेवारत थी। <नाम> की मृत्यु के <नाम> वादी ने बेटी की शादीराजकुमार के साथ की थी। वादी की पुत्री का <नाम> दहेज लोभी व्यक्ति है। शादीके <नाम> से ही वादी की पुत्री का पति-राजकुमार, ससुर-पुरूषोत्तम, सास-श्रीमतीपिस्ता तथा तईया ससुर-जगदीश, शादी में दिये गये सामान से खुश नहीं हुए तथाबेटी <नाम> दवाब बनाने लगे कि जो उसे सम्पत्ति पूर्व <नाम> से <नाम> है, उसे उनकेनाम <नाम> दो, दवाब में आकर वादी की बेटी ने <नाम> को दो एल०आई०सी0 कीपॉलिसी के अलावा सर्विस में नौमिनी भी बना <नाम> लेकिन फिर भी ससुरालीजनखुश नहीं हुए, कहते थे कि दो साल से नौकरी <नाम> रही है, काफी रूपया अपनेमां-बाप को देकर आई है, उनसे दो साल का <नाम> रूपया लाकर दे। वादी कीबेटी ने होली <नाम> वादी को व अपनी मां को बताया। वादी ने ससुरालीजन कोकाफी समझाया था लेकिन ये लोग अपनी जिद <नाम> अड़े रहे। दिनांक 24.03.19 कोरात्रि के 10.00 बजे वादी को सूचना <नाम> कि उसकी पुत्री का एक्सीडेन्ट हो गयाहै, सूचना <नाम> जब वादी अपने साथी <नाम> गंगाराम, नाहरसिंह को लेकर गांवअटूस पहुंचा तो पता चला कि लड़की मर चुकी है, पोस्टमार्टम के लिये भेज दियागया है। वादी ने जब घटनास्थल का पता किया तो मालूम हुआ कि जहां परएक्सीडेन्ट होना बताया गया है, उस नहर वाली पटरी <नाम> कोई वाहन नहीं चलता,न उस पटरी <नाम> <नाम> <नाम> होता है। वादी की बेटी की सम्पत्ति को हड़पने तथानौकरी प्राप्त करने तथा अतिरिक्त दहेज <नाम> मिल पाने के <नाम> हत्या <नाम> एकझूठी एक्सीडेन्ट की कहानी बनाई है और जल्दी-जल्दी दाह संस्कार भी उनकीमर्जी के खिलाफ <नाम> <नाम> है। वादी को पूर्ण विशवास है कि वादी की बेटी कीहत्या इन सब ससुरालीजन ने मिलकर <नाम> दी है। वादी रिपोर्ट करने आयाहै, घटना की रिपोर्ट वादी की बेटी के ससुरालीजनों के विरूद्ध करने की कूपाकरें । ", "वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगणराजकुमार, पुरूषोत्तम, <नाम> पिस्ता व <नाम> के विरूद्व थाना-सिकन्दरा, _ 3 __जिला-आगरा <नाम> मु0अ०सं0 228/2019 अन्तर्गत धारा-498ए व ३04बी भा०दं०सं०व धारा-3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में प्राथमिकी <नाम> की गई। ", "मैंने अभियुक्त-पक्ष तथा वादी-पक्ष की तरफ से प्रस्तुत शपथपत्र वप्रति-शपथपत्र का सम्यक परिशीलन किया। थाने से प्राप्त आख्या में जमानत काविरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अपराध संख्या-228/ 2019 दिनांक 19.06.2019आवेदक /अभियुक्तगण पुरूषोत्तम एवं <नाम> पिस्ता के जमानतप्रार्थनापत्र <नाम> उनके विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता(फौ०) एवं वादी-पक्ष के निजी विद्वान अधिवक्ता को सुना गयातथा थाने से प्राप्त आख्या एवं केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया। ", "मैंने केस डायरी में <नाम> गवाहान चन्द्रवीर <नाम> वीरपाल <नाम> आदिके बयान, पंचायतनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अवलोकन से प्रकट होता है कि मृतका <नाम> को खोपड़ी में 6सेमी. £ 3 सेमी. लैसरेटेड वून्ड की चोट <नाम> गई। मैंने फर्द बरामदगी आलाकत्ल दो पत्थर खून आलूदा का भी सम्यक परिशीलन किया जिससे प्रकट होता हैकि <नाम> ने जुर्म स्वीकार करते हुए पत्थर से मृतका-तारा के सिर <नाम> मारनाऔर पत्थरों को घटनास्थल के पास अखबार में लपेटकर छिपाना बताया औरपुलिस ने उसकी बरामदगी की। मृतका-तारा की मां इन्द्रादेवी ने तथा मृतका केमायके पक्ष के लोगों ने अपने बयानों में स्पष्ट <नाम> से कहा है कि अभियुक्तगण वमृतका के <नाम> मृतका से और रूपया लाने के लिये कहते थे और सब ने रूपयों केलालच में उसकी हत्या योजनाबद्ध तरीके से <नाम> दी है। न्यायालय के मत मेंमृतका की मृत्यु शादी के लगभग साढ़े तीन माह के अन्दर हो गई। विवेचक ने सहअभियुक्त <नाम> के द्वारा हत्या में प्रयुक्त किये गये पत्थरों को बरामद कियागया। आवेदक / अभियुक्तगण, अभियुक्त-राजकुमार के माता-पिता हैं। मृतका केमायके-पक्ष वालों के बयानों से प्रकट होता है कि आवेदक /अभियुक्तगण शादी मेंदिये गये सामान से खुश नहीं थे और सम्पत्ति के लालच के <नाम> मृतका परदवाब डालते थे। न्यायालय के मत में मृतका की मृत्यु शादी के 07 वर्ष के अन्दरअस्वाभाविक परिस्थिति में हुई है। " ] }
0DENIED
Bail Application_350_202026-02-2020497
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{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> रामो देवा पत्नी <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी <नाम> <नाम> <नाम> द्वरा दिनांक 29.11.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि वह दिनांक28/ 29.11.2019 को अपने भतीजे की शादी में मय परिवार के <नाम> बारात में गए हुए थे। उसकी गैर मौजूदगी में अज्ञात चोरों द्वारा घर में घुसकर चोरी <नाम> ली है जिसमें चोरीहुआ माल-दो जोड़ी पाजेब वजनी 250-250 ग्राम, पांच जोड़ी पाजेब <नाम> पांच अंगूठीसोने की, दो लर सोने की, आठ चूड़ी सोने की, <नाम> जोड़ी बच्चों के लच्छे <नाम> के, दोकधनी कमरबंद आधी कमर वाली <नाम> की, एक <नाम> का खिलौना, एक जोड़ी झुमकीसोने की, एक जोड़ी कुन्डल सोने के, दो जोड़ी पाजेब बच्चों के <नाम> के, तीन बाली बच्चोंकी सोने की, दो बाली कान की सोने की तथा नकद 36000 रूपये चुराकर ले गए। ", "दौरान विवेचना थाना मलपुरा, <नाम> की पुलिस द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त कोगिरफूतार किया गया तथा प्रार्थी /अभियुक्त के कब्जे से फर्द में उल्लिखित इस प्रकरण सेसंबंधित बरामदगी को सम्बद्ध करते हुए <नाम> 411 भा०द0सं0 की बढोत्तरी की गयी । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराध कारितनहीं किया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी हैतथा प्रार्थी / अभियुक्त मौके से गिरफूतार नही किया गया था। <नाम> ही घटना का कोईस्वतंत्र <नाम> है। प्रार्थी/अभियुक्त को थाना मलपुरा की पुलिस विगत कई <नाम> से तंग वपरेशान करती चली आई है तथा आये <नाम> उसके ऊपर झूठे मुकदमें लगाकर उसका वउसके परिवार का उत्पीड़न करती रही है। प्रार्थ / अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में दिखाये गयेमुकदमें फर्जी व मनगढ़त हैं। उपरोक्त मुकदमें की पृष्ठभूमि प्रार्थी /अभियुक्त की मां द्वारापुलिस के विरूद्ध दर्ज कराये गये मुकदमें से संबंधित है। प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्धआगरा से संबंधित मुकदमें मात्र रंजिशन व पेशबंदी में दर्ज कराये गये हैं। प्रार्थी / अभियुक्त Bail Application/2833/2020 —-Gopal Vs. UP State2की नामजदगी <नाम> अभियुक्त <नाम> उर्फ जाहिद अली के बयान <नाम> आधारित है। मुख्यआरोप की जमानत दिनांक 10.02.2020 को स्वीकृत हो चुकी है । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक03.02.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अलावा उक्त मुकदमे से संबंधित जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्यन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों परजमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया है किअभियुक्त को इस मुकदमें में झूठा फसाया गया है, उसके द्वारा कोई अपराध नहीं कियागया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है, कथित बरामदगी फर्जी है। सहअभियुक्त की जमानत स्वीकार हो चुकी है। पुलिस द्वारा मात्र रंजिशन व पुलिस के विरूद्धदर्ज मुकदमें में दबाव बनाने <नाम> आपराधिक इतिहास दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वररा विचारणीय है। यह कहते हुए जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा वादीके घर से जेवरात व रूपयों की चोरी की गयी तथा उनमें से फर्द में उल्लिखित जेवरातकी बरामदगी हुई है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौ0 को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध दर्जकरायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त को इस प्रकरण में बरामदगी के आधार <नाम> संलिप्तकिया गया है। अभियुक्त किसी भी वस्तु की बरामदगी उससे होने से इंकार करता है। सहअभियुक्त <नाम> उफ जाहिद अली की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं022,आगरा द्वारा दिनांक 10.02.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त की भूमिकासह अभियुक्त से भिन्न नही दर्शायी गयी है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक 03.02.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2060_202116-03-20211063
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकार इमरान <नाम> पुत्र भूराखॉन, जो कि प्रर्थी(अभियुक्त का सगा <नाम> है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कथन किया गया हैकि शाहरूख <नाम> को उक्त मामले में अभियुक्त बनाया गया है। तथा प्रार्थी / अभियुक्त का स्वास्थ्यखराब होने के <नाम> विगत दिनांक <नाम> उपस्थित नहीं हो सका था तथा माननीय न्यायालय द्वाराअभियुक्त के वारंट जारी <नाम> दिये गये थे जबकि उसने जानबूझ <नाम> कोई गलती नहीं की है तथा वहमाननीय न्यायालय के समक्ष हर तारीख <नाम> उपस्थित रहा है तथा शपथकर्ता के <नाम> शाहरूख खानमा० न्यायालय के समक्ष आगे हर तारीख <नाम> उपस्थित आता रहेगा। वह पूर्व से जमानत <नाम> है तथा वहजमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा और <नाम> ही किसी गवाह/साक्षी को डरायेगा या धमकायेगा। प्रार्थी /अभियुक्त को वारंट <नाम> पगड़ <नाम> दिनांक 07.03.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध <नाम> <नाम> है। तब से अभियुक्त के <नाम> शाहरूख <नाम> जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त माननीयन्यायालय के समक्ष अपनी विश्‍वसनीय जमानत देने को तैयार है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार कियेजाने की <नाम> की है। प्रार्थी / अभियुक्त शाहरूख <नाम> के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि Bail Application/ 3628/2021 —Sharukh Khan Vs. UP State 2प्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के आदेशानुसार जमानत <नाम> था। प्रार्थी /अभियुक्त का स्वास्थ्य खराब होने के <नाम> विगत दिनांक <नाम> उपस्थित नहीं हो सका था तथा माननीयन्यायालय द्वारा अभियुक्त के वारंट जारी <नाम> दिये गये थे तथा दिनांक 07.03.2021 से जिला कारागारआगरा में निरूद्ध <नाम> <नाम> है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर से जमानत प्रार्थनापत्रका विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त शाहरूख खॉन इस मामले मेंजानबूझकर गैर हाजिर हुआ है, जिस <नाम> उसके विरूद्ध एन०बी०डब्ल्यू० की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी / अभियुक्त शाहरूख खॉन की वजह से इस मामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथाप्रार्थी / अभियुक्त शाहरूख खन द्वारा पूर्व में प्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त शाहरूख खॉन के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ०) को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त शाहरूख खॉन इसमामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिन बीच में उसके गैर हाजिरहो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। बिना गैर जमानती वारण्ट के आधार <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त शाहरूख खन दिनांक 07-03-2021 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1328_202104-03-20211533
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदक, अभियुक्त केआवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के सगे मौसे धीरज <नाम> का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। ", " अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाताराचन्द्र की पुत्री <नाम> की शादी करीब <नाम> साल पहले राममोहन पुत्रजगतनारायन के साथ हुई थी। शादी के <नाम> से ही <नाम> राममोहन ससुरजगतनारायन सास मंगोदेवी देवर बंटू ननद व ननदोई आये <नाम> सभीमारपीट करते थे तथा उसकी पुत्री से बार बार अतिरिक्त दहेज की मांगकरते थे। उसने ससूरालीजन के कहने <नाम> 50,000/-रूपये दहेजके <नाम> में दिये थे लेकिन फिर भी ये लोग उसकी पुत्री को ताने देकरतंग व परेशान करते थे तथा लगातार उसकी पुत्री के साथ मारपीटकरते थे। उपरोक्त सभी लोगों ने उसकी पुत्री का इतनी मारपीट वउत्पीडन किया गया जिस <नाम> ससुरालीजनों से परेशान होकर फासीलगा ली तथा ससुरालीजन उसकी लाश को आंगन में रखकर बिनाकिसी को सूचना दिये फरार हो गये। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक/अभियुक्त को उपरोक्त मामले में झूठाफंसाया गया है। वह सर्वथा निर्दोष है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्राथमिकी में विवाह को <नाम> साल पहले होना बताया गया हैजबकि वास्तव में विवाह 13 वर्ष पूर्व <नाम> दान दहेज के साधारण तरीकेसे सम्पन्न हुआ था। प्राथमिकी विलम्ब से दर्शायी गयी है। घटना काकोई जनसाक्षी नहीं है अतिरिक्त दहेज की मांग किए जाने की प्राथमिकीमें कोई उल्लेख नहीं है। विद्वान अधिवक्ता द्वारा भारतीय सक्ष्य अधिनियमकी <नाम> 113 का आश्रय लेते हुए यह भी कहा गया है कि मृतका काविवाह हुए आवेदक/ अभियुक्त से सात वर्ष से अधिक हो गया हैइसलिए <नाम> 306 भा०दं0सं० का अपराध नहीं बनता है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं आधारों <नाम> जमानत आवेदन पत्र को निरस्त किएजाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की तरफ से विद्वान अभियोजन <नाम> तथासहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने जमानत आवेदनपत्र का घोरविरोध किया है और कहा है कि आवेदक/ अभियुक्त ने मृतका कोप्रताडित किया है जिससे वह व्यथित व पीडित होकर उसने आत्महत्या <नाम> लिया है। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता व निजीअधिवक्ता ने आवेदक,// अभियुक्त के कृत्य को अत्यन्त गंभीर बताया हैऔर निवेदन किया है कि इस मामले में आवेदक / अभियुक्त द्वारा प्रस्तुतजमानत आवेदन पत्र को निरस्त किया <नाम> चाहिए । " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन कीतरफ से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवंअभियोजन <नाम> के तर्को को <नाम> <नाम> से सुन लिया है तथापत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है । ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकनसे यह स्पष्ट विदित होता है कि वर्तमान मामले में मृतका <नाम> का विवाहराममोहन के साथ लगभग <नाम> वर्ष पूर्व हुआ था। जब मृतका का शवबरामद हुआ था उस समय सभी अभियुक्तगण मय पतिआवेदक / अभियुक्त मौके <नाम> उपस्थित नहीं थे। विवेचक द्वारा संकलित किया गया साक्ष्य पत्रावली <नाम> उपलब्ध है जिनके अवलोकन से यहस्पष्ट प्रकट होता है कि मृतका <नाम> को वादी मुकदमा उसके पिताने एक वर्ष पूर्व ही 50,000/-रूपया <नाम> था इसके अतिरिक्त पत्रावलीपर विवेचक ने पर्याप्त साक्ष्य संकलित किया है जिससे यह प्रकट होताहै कि मृतका को लगातार मानसिक <नाम> से प्रताडना दी जा रही थीऔर उसी से व्यथित होकर उसके द्वारा आत्महत्या किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त मृतका का <नाम> है और उसकी यह पूर्ण जिम्मेदारी शी कि वह उसका ख्याल रखता परंतु आवेदक / अभियुक्त ने मृतका कीमृत्यु की <नाम> तो सूचना उसके घरवालों को <नाम> और <नाम> ही मृतका कीमृत्यु की सूचना सम्बन्धित थाने <नाम> <नाम> अपितु मृतका का <नाम> <नाम> कीमृत्यु के पश्चात मौके से गायब हो गया और इस प्रकार पत्रावली परउपलब्ध साक्ष्य से यह स्पष्ट प्रकट होता है कि आवेदक/ अभियुक्त नेमृतका <नाम> को आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित किया जिसके फलस्वरूप मृतका आत्महत्या के लिए अग्रसर हुई। विद्वानअधिवक्ता द्वारा साक्ष्य अधिनियम की <नाम> 113 का लिया गया आश्रयभ्रामक है। वर्तमान मामले में इस स्तर <नाम> उपधारणा लिए जाने का कोईअवसर नहीं है। आवेदक/अभियुक्त का नाम प्राथमिकी में <नाम> हैऔर उसकी <नाम> को प्राथमिकी तथा वादी मुकदमा के बयानों मेंउल्लिखित किया गया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा किया गया कृत्यअत्यन्त जघन्य <नाम> का है यदि आवेदक/ अभियुक्त को जमानत पररिहा किया जाता है तो समाज में इस तरह की घटनाओं को करने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा। " ] }
0DENIED
Bail Application_633_202013-03-202080
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के सगे छोटे <नाम> शेखमैदुल के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा दुर्गेशशुक्ला द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयीकि दिनांक 02.11.219 व 03.11.2019 की मध्य <नाम> दो बजे के आस-पासउसके घर <नाम> आधा दर्जन से अधिक बदमाशों द्वारा धावा बोला। जिस वक्‍तवह अपनी पत्नी, पुत्र, पुत्री के साथ अपने घर के एक कमरे में सो रहा था,जिसका दरवाजा अन्दर से खुला हुआ था। मेन गेट का दरवाजा अंदर से बंदथा। छत के रास्ते बदमाशों ने घर में प्रवेश किया। पॉच बदमाश घर केअन्दर थे। कई बदमाशों की आवाज घर के बाहर से आ रही थी। बदमाशों Bail Application/3650/2020 -Sabir Khan Vs. UP State 2के पास पौना, तमंचा व सरिया थी। बदमाशों ने उसके उपर हथियार तानदिए तथा उसके हाथ बांध दिए। उसके घर में लूटपाट की। तकरीबन 12तोले <नाम> एक किलो <नाम> 28000 /- रूपए, दो मोबाइल। उसकी पत्नीके साथ मारपीट की कोशिश <नाम> रहे थे। जाते समय बदमाशों ने तमंचे सेफायर <नाम> दिया। <नाम> से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। ", "प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्जकरायी गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी ने चांदीकसे गलाकर इंट बनाने का कार्य नहीं किया है। प्रार्थी दिनाक 10.01.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध हैं। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र हैअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थ / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के घर में घुसकरहथियारों के <नाम> <नाम> उसके घर में लूट पाट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले मेंघटना दिनाक 03.11.2019 की समय 02:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> प्रश्नगतमामले में लूटी गयी <नाम> को गलाकर सिलली बनाए जाने का आरोप है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनाक09.01.2020 को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे14 <नाम> की सिलली बरामद की गयीं हैं। सह-अभियुक्तगण करतार सिंह,सुरेश, रामहेत व हरिओम आदि की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारानिरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी को झूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित Bail Application/3650/2020 -Sabir Khan Vs. UP State 3नहीं होता है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2225_202118-03-2021930
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_328_202115-01-20213628
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साश आवेदक/ अभियुक्त केपुत्र/पैरोकार <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा देवेन्द्र सिंह,अवर अभियन्ता 33/11 के.वी.उपकन्द्र, अभयपुरा, जिला <नाम> द्वारा थानाखेडा राठौर, <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि¬ दिनांक 15.01.2018 को उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार विद्युत चोरीरोको एवं राजस्व वसूली अधिनियम के अंतर्गत दौरान चेकिंग अभियुक्तमुन्नालाल को बकाया <नाम> विच्छेदित करने के <नाम> भी अवैध <नाम> से विद्युत काउपयोग <नाम> चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कीगयी । ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/ अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, गॉव के रंजिशवार लोगोंके द्वारा गुमराह करके उसका चालान करवा <नाम> गया है, उसको विद्युत विभाग के बकाया की कोई जानकारी नहीं थी। प्रार्थी/ अभियुक्त के द्वाराविद्युत विभाग का बकाया जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त उक्तकेस में दिनांक 12.01.2021 से जेल में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार (2)किया जाय । " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि ्रार्थी/ अभियुक्त क द्वारा विद्युत शुल्क जमा कराया जा चुका है। ", "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीदसंख्या-<फ़ोन-नंबर>19190029 दिनांकित 01.10.2020 अंकन14,620/~ रूपये दाखिल की गयी है। इस संबंध में कार्यालय अधिशासीअभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, बाह, जिला <नाम> के द्वारा थानाध्यक्ष खेडाराठौर, जनपद <नाम> को एक पत्र इस आशय का प्रेषित किया गया है किदिनांक 15.01.2018 को दर्ज करायी गयी एफ.आई.आर. में उपभोक्ता द्वारा अपना शमन शुल्क <नाम> हजार रूपये जमा <नाम> <नाम> है, अपराध को समाप्तकरने की <नाम> करे। " ] }
1GRANTED
Bail Application_278_202120-01-20213424
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में खुदा बक्श पुत्र मुन्शी द्वारा इस आशय काशपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्ता का पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थिया ,/ अभियुक्ता का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भीप्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन है और <नाम> ही खारिजकिया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी राजपाल <नाम> पुत्र श्रीशिशपाल <नाम> गांव खुर्द गढ़िया, थाना महुआ, जिला <नाम> (म0प्र0) का निवासी हैतथा एक सीधा-सादा व्यक्ति है। वादी की शादी नहीं हुयी है तथा दिल्‍ली में रहकरहलवाई का <नाम> करता है। वादी से <नाम> <नाम> पुत्र डिप्टी <नाम> काफी दिनों से शादीकी बात <नाम> रहे थे। वादी उनकी बातों में आ गया और उसने वादी को एक लड़की टेड़ीafar, arm में दिखाई और कहा कि इससे तुम्हारी शादी करायेंगे परन्तु तुम्हे इसके बावत 70 हजार रूपये देने पडेंगे। <नाम> ने किराये के बहाने मुझसे 2 हजार रूपये लेलिए थे और शादी की तारीख 08.03.2020 तय <नाम> दी थी। दिनांक 08.02.2018 कोखॉण्डा गॉव, थाना बरहन में <नाम> नाम की लड़की से शादी <नाम> दी और बता <नाम> दिला Bail Application/438/2021 -Manisha Vs. UP State 2दिये, जिसका नाम मालूम नहीं है। वह रूपये लेकर चला गया, लड़की वादी के साथखॉण्डा गाँव में ही थी। <नाम> के जाने के <नाम> उल्टी सीधी बात करने लगी व दीवार में सिरमारने लगी। वादी भयभीत हो गया और उसको अपने रिश्तेदार के साथ दिनांक 09.03. 2020 का <नाम> के पास अगवार गॉव पहुंचा, तो <नाम> ने कहा मुझसे कोई मतलब नहींहै। वादी ने इसकी सूचना 112 नम्बर <नाम> दी। उसके <नाम> पुलिस उन दोनों को थानाएत्मादपुर में ले आयी। अतः रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गयाहै। ", "आवेदिका /अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुकता द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे झूंठा फंसाया गया है। प्राथमिकी में <नाम> तथ्य मनगंढ़त व झूंठे हैं। प्राथमिकी अत्यन्त विलम्ब से दर्ज करायीगयी है और विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं है तथा तथाकथित घटना का कोई चद्षुदर्शीस्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थिया ने किसी से रूपये लेकर कोई धोखाधड़ी से विवाह नहींकिया है, उसका <नाम> <नाम> विवाह नहीं हुआ है। प्रार्थिया का सही नाम नफीसुन पुत्रीखुदाबक्श है। प्रार्थिया को दिनांक 20.02.2020 को शाबान खां पुत्र अतीकुल अपहरण करकेआगरा ले आया और अपने साथियों <नाम> राजपाल व एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के साथप्रार्थिया से बलात्कार करते थे। राजपाल प्रार्थिया से <नाम> था कि मैं तुझे खरीदकर लायाहूं। प्रार्थिया के <नाम> करने <नाम> उसके साथ मारपीट करते थे व <नाम> से मारने की धमकीदेते थे और उसे बंधक बनाकर रखते थे। <नाम> में पुलिस से मिलकर खुद को बचाने केलिए प्रार्थिया का नाम बदलकर उक्त झूंठे मुकदमें में फंसा दिया। जबकि प्रार्थिया के पिताखुदाबक्श ने दिनांक 26.02.2020 को थाना कोतवाली सदर, जिला खीरी में आं0सं0303 / 2020, अंतर्गत <नाम> 363, 366 भादस. का प्रार्थिया के अपहरण के संबंध में दर्जकराया था। प्रार्थिया / अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है <नाम> ही किसी केस में सजायाफ्ता है। प्रार्थिया / अभियुक्ता दिनांक 11.03.2020 से जिला कारागार मे निरूद्ध है। प्रार्थिया / अभियुक्ता को उचित जमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> न्यायोचित है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्ता एक शातिर किस्म कीअपराधी है। उसके द्वारा अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी से रूपये ठगे गये हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्ता के जमानत <नाम> <नाम> होने के उपरांत फरार होनेकी <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की जाती है। ", "दौरान बहस प्रार्थिनी /अभियुक्ता के अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया है किप्रार्थिनी / अभियुक्ता के पिता ने दिनांक 26.02.2020 को प्रार्थिनी / अभियुक्ता के अपहरण केसंबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट, थाना कोतवाली सदर, जिला खीरी F soto 303 /2020,अंतर्गत <नाम> 33, 366 भा-द.स. में दर्ज करायी थी। यह भी कथन किया गया किप्रार्थिनी / अभियुक्ता खुद पीड़िता है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी के तकाँ को सुना गया तथा प्रपत्रों एवं केस डायरी का अवलोकन किया। Bail Application/438/2021 -Manisha Vs. UP State 3केसडायरी एवं एफ0आई0०0आर0० तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है किप्रार्थिनी / अभियुक्ता <नाम> वादी से शादी करके अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर 72 हजाररूपये ठगने का आरोप है। प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> 420, 406 भा:दःस. में दर्ज हुयी थी,लेकिन दौरान विवेचना <नाम> 458, 494, 496 भा-दस की बढ़ौतरी की गयी। प्रपत्रों केअवलोकन से यह भी विदित होता है कि प्रार्थिनी / अभियुक्ता व वादी की शादी हुयी थी यानहीं इस संबंध में कोई प्रपत्र इस स्तर <नाम> न्यायालय के समक्ष उपलब्ध नहीं है। अभियोजन द्वारा प्रार्थीनी / अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रार्थिनी / अभियुक्ता दिनांक 11.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3212_202006-11-20201249
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के बहनोई <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्ररार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त नेकोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंघटनास्थल का विवरण <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त से किसी भी हथियार कीबरामदगी नहीं हुयी है और <नाम> ही घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह दिनांक 19.10.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतःआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तके साथ मिलकर वादी के भतीजे <नाम> उर्फ बनिया को <नाम> से मारने की नीयत सेतमंचे से फायर करक गम्भीर चोटें पहुंचायी गयी हैं तथा सहअभियुक्त कुनाल द्वारा वादीके दूसरे भतीजे <नाम> को <नाम> से मारने की नीयत से जूता कटिंग करने वाली छुरी सेगर्दन <नाम> हमला <नाम> चोटें पहुंचायी गयी हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःआवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", " 2अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा थाना मलपुरा परइस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 23.09.2020 को सुबह 9.15 बजे उसकेभतीजे <नाम> पुत्र अचल <नाम> निवासी नगला खेमा को 25हजार रुपये के लेनदेन के चलते मोहल्ले के कुनाल पुत्र नेमी <नाम> ने <नाम> से मारने की नीयत से जूता कटिंगकरने वाली छुरी से गर्दन <नाम> हमला <नाम> <नाम> जिससे उसका भतीजा <नाम> <नाम> बचगया लेकिन उसे गम्भीर चोटें आयीं। इस बात की शिकायत करने के लिये वह लोगथाना मलपुरा गये थे। जब थाने से वापस अपने घर जा रहे थे तो रास्ते में कुनाल काचाचा <नाम> व पिता नेमी <नाम> अपने हाथों में तमंचे लेकर खड़े थे तथा उसकाभतीजा <नाम> उर्फ बनिया जो मोटरसाइकिल से अमन के साथ घर जा रहा था, केऊपर <नाम> से मारने की नीयत से गोली चला दी। गोली उसके भतीजे के सीने में लगीजिससे वह घायल होकर सड़क <नाम> गिर गया। इन लोगों ने कहा कि जो भी हमारेखिलाफ पुलिस में शिकायत करेगा उसका यही हाल होगा। पीछे से परिवार के लोगमौके <नाम> पहुंचे तो उनको देखकर धमकी देते हुये भाग गये। वह लोग घायल कोएस.एन. हॉस्पीटल ले गये, जहां उसका इलाज हो रहा है। वादी की उक्त तहरीर केआधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> मुएअछसं0 3३59/2020 अन्तर्गत <नाम> 307 भाएदं0सं०पंजीकृत हुआ। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के <नाम> सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक / अभियुक्त द्वारासह अभियुक्त के साथ मिलकर वादी के भतीजे <नाम> उफ बनिया को <नाम> से मारने कीनीयत से तमंचा से फायर करके गम्भीर चोटें पहुंचायी गयी हैं। अभियोजन प्रपत्रों केअवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि सहअभियुक्त कुनाल द्वारा वादी के दूसरे भतीजेअरुण को <नाम> से मारने की नीयत से जूता कटिंग करने वाली छुरी से गर्दन <नाम> हमलाकर चोटें पहुंचायी गयी हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_2368_202007-09-20202895
agra
{ "facts-and-arguments": [ "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकन्दीलाल द्वारा दिनांक26.02.2020 को थाना बरहन <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि में बीती रात गांवमें रामसेवक की बारात में सम्मिलित होने के <नाम> एक बजे बरामदे में सोया था, गहरीनींद में सोने के <नाम> पास में बंधी दो भैंसो को तथा मेरे पड़ोसी राजवीर की एकभैंस को अज्ञात चोर चोरी <नाम> ले गये सुबह जब जागे तब जानकारी हुई भेंसे चोरी होगयी हैं, आस-पास तलाश किया कहीं कोई सुराग नहीं मिला । जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी/अभियुक्त के पैरोकार श्रीमतीनूरजहां ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कथन किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तने इस तरह का कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त को पुलिस द्वाराझूठे मुकदमे में फंसाया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त से उक्त मुकदमे से सम्बंधित कोईवस्तु बरामद नहीं हुई है। प्रार्थी अभियुक्त <नाम> से बाजार करके वापस घर लौट रहाथा रास्ते में चेकिंग के दौरान ही पकड़कर बन्द <नाम> दिया। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वाराउपरोक्त मुकदमे से संबंधित किसी प्रकार की घटना या फायरिंग से सम्बंधित कोईऐसा कृत्य नहीं किया गया है, जिससे वह अभियुक्त बने। प्रार्थी/अभियुक्त से किसीप्रकार की बरामदगी नहीं हुई और <नाम> ही चोरी से सम्बंधित कोई <नाम> बरामद हुआ है। ्रार्थी/ अभियुक्त की जमानत अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 26.08.2020 को खारिज कीचा चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत 2्रार्थनापत्र किसी भी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद मेंविचाराधीन नहीं है। प््रार्थी/अभियुक्त दिनांक 11.06.2020 से जिला कारागारआगरा में निरूद्ध हैं। प्रार्थी / अभियुक्त अपनी विश्‍वसनीय जमानत देने को तैयार है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की <नाम> की है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फसाया गया है, उसने कोई आपराधिककृत्य नहीं किया है। प्रार्थी/ अभियुक्त बाजार करके वापस घर लौट रहा था। पुलिसद्वारा वाहन चैकिंग के दौरान पकड़कर बन्द <नाम> <नाम> गया था, इसी <नाम> पुलिस द्वारा उसे इस मुकदमे में झूंठा फंसा <नाम> गया है। मामले का <नाम> काकोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त से कोई बरामदगी भी नहीं है। प्रथमसूचना रिपोर्ट में भी प्रार्थी/अभियुक्त का कोई नाम नहीं है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी/अभियुक्त पेशेवरचोर व लूटेरे हैं। थाने से प्राप्त आख्या में उनका गम्भीर आपराधिक इतिहास है। उनके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अत: उनका जमानत्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलनकिया गया । ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि इस मामले कीप्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी थी। प्रार्थी/अभियुक्त के पास सेप्रश्‍नगत घटना से सम्बन्धित कोई <नाम> बरामद नहीं हुआ है। प्रार्थी/अभियुक्त कोपकड़ने <नाम> उनकी संस्वीकृति के आधार <नाम> इस मामले में उनकी संलिप्तता दर्शायीगयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 11.06.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्धहैं। घटना का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3138_201926-06-20192824
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माता पूरन <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> सिंहपरमार द्वारा दिनाक 30.04.2019 को थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी <नाम> करायी गयी कि दिनाक 28.04.2019 को उसकी ट्रांसपोर्ट कम्पनीकी गाड़ी <नाम> से <नाम> <नाम> <नाम> व बर्तन अपनी स्कॉर्पियोसंख्या-आर0जे0 11 / वी0बी0 0055 में रखवाकर <नाम> ब्रांच रामदास मण्डीसर्राफ बाजार <नाम> को डिलीवरी देने चालक <नाम> <नाम> <नाम> व साथी कर्मचारी बन्टी <नाम> जा रहे थे। रास्ते में खडवाई नहर अटूस के पास गाड़ी लूट ली गयी है। इसकी सूचना चालक <नाम> ने मोबाइल <नाम> दी है। खड़वाईनहर से 4 मोटर साईकिल सवार अज्ञात व्यक्तियों दवज्ञरा गाड़ी को रोककर पत्शर से कॉच तोड़कर मोटरसाईकिल सवार तमंचा दिखाकर स्कॉर्पियों को अपने कब्जे में लेकर स्वयं चालकर रायमा फूलाई ओवर के नीचे ले गए। ", "किसी दूसरी गाड़ी में <नाम> लेकर व उन्हें वहीं हाथ बांधकर डाल, <नाम> <नाम> (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3138 2019महेन्द्र बनाम राज्यलेकर फरार हो गए। उसका 23 पार्सलों में <नाम> के बर्तन व <नाम> थेजिनका वजन लगभग 250 किलोग्राम है। उसे शक है कि उसके पूर्व कर्मचारी भूरा उर्फ <नाम> <नाम> ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह घटनाकरवायी है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है <नाम> हीउसे घटनास्थल से गिरफूतार किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनोक29.04.2019 की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनाक 30.04.2019 को अंकितकरायी गयी है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं हुई है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा की गाड़ी से कुल 250किलोग्राम <नाम> की लूट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> लवानिया एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया यया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 29.04.2019 की समय 11:30 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिमाक 30.04.2019 को ही समय 02:30 बजे आंकितकरायी गयी है। प्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा दिनांक 17.05.2019 कोगिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से प्रश्‍नगत मासले में लूटी गयीचांदी में से 5.520 किलो <नाम> बरामद की गयी है। प्रार्थी द्वारा अपने बयान मेंप्रश्‍नगत अपराध में सम्मिलित होने की संस्वीकृति की गयी है। सह-अभियुक्तपुष्पेन्द्र उफ भेला की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनोक 10.06.2019 कोनिरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदाकी गयी है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। " ] }
0DENIED
Bail Application_835_202016-03-202058
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त क पुत्र <नाम> के शपथपत्र सेसमर्थित है । ", "संक्षेप में प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि दि 20.03.2015 को समय17.00 बजे थाना अछनेरा <नाम> <नाम> श्रवण <नाम> <नाम> अवर अभियन्ता द्वारा इस आशय की3~ तहरीर दी गयी कि दिनॉक-20.03.2015 को चैकिंग के दौरान अभियुक्त द्वारा <नाम> संयोजन के अवैध <नाम> से एल.टी.लाईन रो कटिया डालकर बिजली की चोरी करते पायागया। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्त अच्छेमियाँ के विरूद्धथाना अछनेरा जिला <नाम> में मुएअ0सं0 1031/2015 दिनक 20.03.2015 को पंजीकूतकिया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त क द्वारा कहा गया है कि वह निर्दोष है। उसे उक्त वाद में तंग व परेशान करने के उददेश्य से झूँठा फसाया गया है। वह सजायाफता नही है <नाम> ही उसका कोई आपराधिक इतिहास है उसने कोई अपराध कारित नही किया है। ", "विश्‍वसनीय जमानत देने को तैयार है। उसके फरार होने का कोई अंदेशा नही है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण क तर्को को सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त कै विरूद्ध अपनेस्वीकृत संयोजन घर लगे मीटर केबिल के अतिरिक्त पास की एल.टी.लाईन <नाम> सिंगल (2)चोरी [aकोर की अलग अलग दो विद्युत तारो द्वारा कटिया डालकर विद्युत चोरी करते पाये जानेका आरोप है। अभियुक्त पूर्व सजायाफता नही है और <नाम> ही उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास है। अभियुक्त द्वारा शमन शुलक जमा <नाम> <नाम> गया है जिसकीरसीद <नाम> सं0 ए-667611 मुव0 4000/-रूपये व रसीद सं0 ए-635780 मुव06425/ ~रूपये दाखिल की गयी है जिनसे विदित है कि अभियुक्त द्वारा शमन शुल्कजमा <नाम> <नाम> गया है। बिजली विभाग के अधिशासी अभियन्ता द्वारा भी थानाध्यक्ष अछनेरा को अभियुक्त द्वारा शमन शुल्क जमा किये जाने व अभियोग को समाप्त करनेके सम्बन्ध में पत्र प्रेषित किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3005_202006-10-20202172
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में <नाम> <नाम> की ओर से wows wed ayकथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है किउसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे षडयंत्र के तहत झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और <नाम> ही वह समाज विरोधीकियाकलाप में संलिप्त हैं। योजनाबद्ध तरीके से षडयंत्र के तहत उसे चोरी केमामले में फंसाया गया तथा <नाम> में अज्ञात में <नाम> 302 भा०दं0सं0के मामले मेंसंलिप्त <नाम> <नाम> गया। उसी के आधार <नाम> उपरोक्त मामले में गैंगस्टर कीकार्यवाही <नाम> दी गयी। मु0अ0सं0 129 /2018 <नाम> 302 भाएठदं0सं० थानासिकन्दरा एवं मु0अ0सं० 791 /2018 अर्न्तगत <नाम> 41 /102 सी0-आर0पी०सी0तथा 414 भाएदं0सं0० में जमानत हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 16.09.2020 सेकारागार में है। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि थाना प्रभारी अरविन्दकुमार द्वारा थाना सिकन्दरा, <नाम> <नाम> इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयीकि गैंग लीडर पुष्पेन्द्र के साथगैंग के सदस्य <नाम> उर्फ गोविन्द, शैलेन्द्र पुत्रवीरी <नाम> कमलकिशोर पुत्र महेन्द्र <नाम> <नाम> उर्फ बलवन्त उर्फ फौजी आपसमें मिलकर भौतिक व आर्थिक <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से हत्या, चोरीवमादक पदार्थ की तस्करी जैसे दण्डनीय अपराध <नाम> समाज विरोधी कियाकलाप करते हैं तथा इनके भय और आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्तिगवाही <नाम> तैयार नहीं होता है। अभियुक्त <नाम> उर्फ बलवन्त उर्फ फौजी केविरूद्ध मुएअ0सं० 129 /2018 अर्न्तगत <नाम> 302/34 भा०दं०सं० तथा मु0अ0सं0 Bail Application/8539/2020 -Dayaram alias Balwant alias Fauji Vs. UP State 2791 / 2018 अर्न्तगत <नाम> 41 /102 दं0प्रण/सं) व 414 भा०दं0सं0 पंजीकृत हैं। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> <नाम> मु0अ0सं0522 / 2020 अर्न्तगत <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है तथा गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगणका एक संगठित गिरोह है। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध दो मुकदमे दर्ज हैं, जो हत्या एवं चोरीआदि से सम्बन्धित हैं। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियाजाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी कियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता हैवहां न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधारहै कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वाराकोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "अभियुक्त <नाम> उर्फ बलवन्त उर्फ फौजी गैंग का सदस्य है। गैंगचार्टके अनुसार उसके विरुद्ध अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या, चोरी जैसे अपराधकर, अवैध <नाम> से धन अर्जित करने का आरोप है तथा गैंग चार्ट में दो अभियोगपंजीकृत होना दर्शित किया गया है। आवेदक /अभियुक्‍कत के विरुद्ध गैंग चार्ट मेंदर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेशगिरोहबंद व समाज विरोधी कियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक /अभियुक्त को जमानत परBIST UAT VAM नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5996_201918-10-20192787
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पत्नी <नाम> लताकी ओर से शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि उपरोक्तमुकदमे में प्रार्थी ,/ अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। पारिवारिक व आर्थिक संकटके <नाम> वह <नाम> से <नाम> रोजी रोटी की खातिर <नाम> करने चला गया थाजिसकी सूचना वह अपने अधिवक्ता को नहीं <नाम> सका और <नाम> ही उसके अधिवक्ताद्वारा हाजिरी माफी का प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया, जिसके चलते न्यायालयद्वारा अभियुक्त के गैर जमानती वारंट <नाम> दिये गये। उक्त आदेश के विरुद्धअभियुक्त द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में एक याचिका सं0 35919 / 2019 प्रस्तुतकी गयी जिसमें दिनांक 26.09.2019 को आदेश पारित किया गया कि आदेश केदिनांक से 30 <नाम> के अन्दर अभियुक्त सम्बन्धित न्यायालय में आत्मसमर्पित हो। अभियुक्त ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में निर्धारित अवधिमें आत्मसमर्पण <नाम> <नाम> है और न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः उसे जमानत परRet fear wre । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ((फौजदारी) द्वारा जमानतका विरोध करते हुये तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त कई तिथियों मेंअनुपस्थित रहा है, जिसके <नाम> मुकदमे का विचारण विलम्बित हुआ है। अतःअभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने <नाम> है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त पूर्व में जमानतपर था। अभियुक्त दिनांक 02.08.2019 के उपरांत लगातार 5 तिथियों में न्यायालय 2में उपस्थित नहीं आया और उसके विरुद्ध <नाम> जमानती वारंट के आदेश पारितकिये गये। उक्त आदेश के विरुद्ध अभियुक्त द्वारा माननीय उच्च न्यायलय मेंप्रार्थनापत्र अन्तर्गत <नाम> 482 नं० 35919 // 2019 प्रस्तुत किया गया, जिसमेंमाननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 26.09.2019 को आदेश पारित करते हुयेनिर्देशित किया गया कि आदेश की <नाम> से 30 <नाम> के अन्दर अभियुक्त अवरन्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर आत्मसमर्पण करेगा। अभियुक्त सोनू द्वारादिनांक 15.10.2019 को न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया तथा उसकेगैर जमानती वारंट को निरस्त करने सम्बन्धी प्रस्तुत प्रार्थनापत्र को निरस्त करतेहुये उसे जेल भेजा गया और तभी से अभियुक्त जिला कारागार में निरुद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1575_202027-07-2020887
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार राममोहन की ओरसे शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे मामले में झूठा फसाया गया है। गैंग चार्ट में अभियुक्त के विरुद्ध केवल एक मुकदमा दर्शाया गया है, जिसमें उसकी जमानत स्वीकार होचुकी है। अभियुक्त किसी गैंग का सदस्य नहीं है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास नहींहै। इसलिये आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 02.03.2020 कोएस.एच.ओ. <नाम> <नाम> थाना सिकन्दरा, <नाम> ने एक जुबानी सूचना थाना सिकन्दरापर इस आशय की <नाम> करायी कि दौराने गश्त जानकारी की गयी तो गैंग लीडरपिन्टू <नाम> पुत्र जगवीर <नाम> निवासी नगला जोरे थाना करहल जनपद <नाम> व उसके सदस्य <नाम> <नाम> शैलेन्द्र <नाम> भौतिक व आर्थिक लाम प्राप्त करने के उद्देश्य से शराबकी तस्करी जैसे अपराध कारित <नाम> समाज विरोधी <नाम> कलाप करते हैं। इनके भय वआतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध रिपोर्ट लिखवाने व गवाही देने को तैयारनहीं होता है। <नाम> समाज में स्वच्छन्द रहना जनहित में नहीं है। अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरुद्ध थाने <नाम> मु0अ0सं0 985,/2019 <नाम> 60/63/72 आबकारी अधिनियम पंजीकृत है। उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> मु0अ0सं0 110/2020अन्तर्गत <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का 2विरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठितगिरोह है, जिसका वह सदस्य है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंगचार्ट दाखिल है जिसमें अभियुक्त के विरुद्ध शराब की तस्करी करने का आरोप है। <नाम> अभियुक्त पिन्टू <नाम> का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 21.07.2020 को खारिज किया जाचुका है। अतः अभियुक्त का जमानत प्ररार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त गैंग का सदस्य है तथा उसके विरुद्ध अपने साथियों केसाथ मिलकर शराब की तस्करी करने का आरोप है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे उसकी प्रकृति,तथा उ0प्र0 गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की <नाम> 19(4) मेंवर्णित प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उपरोक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके द्वारा ऐसा अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1254_202123-02-20212032
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> का शपथपत्र दाखिल किया गया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहीं है। संक्षेप में प्राथमिकी के आधार <नाम> अभियोजन कथानक इस प्रकारहै कि वादी मुकदमा नितिन <नाम> ने थाने में इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी कि दिनांक 05.01.2021 को किसी अज्ञात चोरों द्वारा उनकी दुकान स्थित मेसर्स स्टारडिस्टीब्यूटर्स सोप नं0 22, न्यू माकट जीवनीमंडी आगर में से 5000/-रूपये चोरीकर लिये तथा इसी माकट से हरीओम एग्रो ऐजेन्सी के <नाम> भूपसिंह की दुकान सेभी करीब दो लाख पन्द्रह हजार रूपये चोरी <नाम> लिये गये हैं। रिपोर्ट दर्ज करकार्यवाही किये जाने की <नाम> की गई है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि उसे झूठा फंसाया गया है। उसने किसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्राथमिकी अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। यह भी कथनकिया गया है कि घटना दिनांक 05.01.2021 को <नाम> की बतायी गयी है, जबकिप्राथमिकी दिनांक 07.01.2021 को समय करीब 21:51 बजे दर्ज करायी गयी है, उक्तविलम्ब का वादी द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। पुलिस ने उसे दिनांक25.01.2021 को थाने में बुलाकर झूठा निरूद्ध किया था, जिसकी सूचना जन सनुवाई Bail Application/1254/2021 -Sonu Vs. UP State 2केन्द्र पोर्टल <नाम> दिनांक 27.01.2021 को मुख्यमंत्री उ0प्र० <नाम> को करायी गयीथी । आवेदक के कब्जे से सोने व चॉदी की कोई बरामदगी नहीं हुई है। आवेदक कीअन्य मु0अ०सं0 में जमानतें अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या 15 व 17 से स्वीकार हो चुकी है। वह दिनांक 29.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आघारोंपर अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुयेयह कथन किया गया है कि अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिलाशासकीय अधिवक्ता (फो0) के कथनों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "अभियोजन क प्रपत्रो के अनुसार वर्तमान मामले में अभियुक्त को पुलिसपार्टी द्वारा आज्ञात प्राथमिकी के आधार <नाम> गिरफतार किया गया है तथा गिरफतारीकी कार्यवाही <नाम> के किसी भी स्वतंत्र <नाम> के समक्ष नहीं किया गया है। कथितप्राथमिकी में वर्णित किसी भी वस्तु की बरामदगी आवेदक के कब्जे से नहीं हुई है। प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज करायी गयी है एवं घटना घटित होने के उपरांत विलम्ब सेदर्ज करायी गयी है जिसका कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक की अन्यमु0अ0सं0 में जमानतें अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या 15 व 17 से स्वीकार होचुकी है। वर्तमान मामले में अभियुक्त 29.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। ्रार्शी/अभियुक्त विचारण के दौरान न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने हेतुअपनी पर्याप्त जमानते देने को तैयार हैं। प्रार्थी/अभियुक्त क विरूद्ध लगाया गयाआरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2216_202125-03-2021586
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के साथ <नाम> <नाम> द्वारा इस आशय का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है कि वह अभियुक्त का पुत्र व पैरवीकार हैं। प्रार्थी/अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहींकिया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालयइलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है-दिनांक 14.03.2021 को मैं भगवान वकस आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-6 एत्मादपुर,आगरा अपने सहयोगियों के साथ अपने अपराध निरोधक <नाम> एत्मादपुर में अंतर्गत Bail Application/2216/2021 -Bacchu Singh Vs. UP Stateथाना खन्दौली भ्रमणशील था, तभी जरिये मुखबिर खास से सूचना <नाम> कि एकव्यक्ति बच्चू <नाम> ग्राम शेर खां, थाना खंदौली, <नाम> अपने घर से अवैध शराब की बिक़ी <नाम> रहा है, यदि जल्दी की जाये तो पकड़ा जा सकता है। मुखबिर की सूचनापर हम मय मुखबिर तथा पुलिसदल को अपने साथ लेकर, शेर खां ग्राम पहुंचे तोमुखबिर ने गाड़ी को रुकवायी और गली के किनारे खड़े होकर बताया कि सामने वालेमकान में गेट <नाम> जो दो व्यक्ति खड़े हैं, वही शाराब बेच रहे हैं। हम पुलिस वालों नेदौड़कर उसके घर <नाम> दबिश दी, हम लोगों को देखकर दोनों व्यक्ति भागने लगे,जिनमें से एक व्यक्ति को दौड़कर पकड़ लिया तथा दूसरा व्यक्ति भाग गया। पकड़ेगये व्यक्ति के हाथ से कपड़े का थेला लेकर खोला तो उसमें अवैध शराब के 35 पौवेबरामद हुये, जिन <नाम> लगे <नाम> रंग के लेवल <नाम> फाइटर ब्रांड देशी शराब <नाम> है तथा ढक्कन <नाम> चशपा क्यू.आर. कोड को यूपी. एक्साइज स्कैनर से स्कैन करने परसकेन नहीं हुआ। बरामद 35 पौवे नकली प्रतीत हो रहे हैं। पकड़े व्याक्ति का नाम पतापूछने <नाम> उसने अपना नाम बच्चू <नाम> पुत्र सोरन <नाम> ग्राम शेरखां थाना खंदौलीबताया तथा भागे हुये व्यक्ति का नाम ओमकार बताया। पकड़े गये व्यक्ति के पास सेजामा-तलाशी में 25370/-रु0 बरामद हुये, जिसके बारे में पूछने <नाम> उसने बताया किये शराब विकी के हैं। अभियुक्त को उसके जुर्म से अवगत कराते हुये समय 17:15बजे पुलिस हिरासत में लिया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि्रार्शी/अभियुक्त का घटना से कोई संबंध नहीं है और <नाम> ही प््रार्थी/अभियुक्त नेउपरोक्त अपराध किया है, प्रार्थी/अभियुक्त को झूंठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी नेकोई शराब बिकी नहीं की है और <नाम> ही किसी के साथ धोखाधड़ी की है। पुलिस द्वारा्रार्थी/अभियुक्त से झूंठी बरामदगी दिखायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस द्वारा अपने मन्सूबों की पूर्ति करने <नाम> अनुचिततरीके से प्रार्थी / अभियुक्त को फंसाया गया है। घटना व्यस्ततम स्थल होने के बावजूदभी घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। उपरोक्त मामले में धारा-420 भा0दं0सं0 कोकोई भी अपराध नहीं बनता है, क्योंकि प्रार्थी/अभियुक्त के साथ किसी के साथकोई धोखाधड़ी नहीं की गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनाक 15.03.2021 से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध है, वह जमानत <नाम> अवमुक्त किए जाने की <नाम> मेंजमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का निवेदनकिया गया है। Bail Application/2216/2021 -Bacchu Singh Vs. UP Stateविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (आपराधिक) के द्वारा जमानत काविरोध करते हुए कहा गया कि प््रार्थी/ अभियुक्त के पास से 35 शराब के पौवों कीतथा शराब बिकी <नाम> जो पैसे प्राप्त हुये हैं, उनकी बरामदगी की गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा किया गया उक्त कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (आपराधिक) को सुना तथा केस डायरी एवं अन्य प्रपत्रों कासम्यक्‌ परिशीलन किया । ", "प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है तथा घटना का कोई स्वतन्त्रसाक्षी भी नहीं है। अभियुक्त के पास से35 शराब के पौवों की तथा शराब बेचकर पैसों की बरामदगी दिखायी गयी है, जिससेअभियुक्त द्वारा इंकार किया गया है। अभियुक्त दिनांक 15.03.2021 से जिला कारागार,आगरा में निरुद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_246_202127-01-20213191
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प््रार्थनापत्र के समर्थन में चन्द्रशेखर पुत्र <नाम> छिद्दालाल <नाम> द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्तका पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्र्रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्यन्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीनहै और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादीगण <नाम> <नाम> <नाम> हरेन्द्रकुमार <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> <नाम> ने थाना सिकन्दरा <नाम> दिनांक 26.01.19 को अभियुक्त हरीओम <नाम> क विरूद्ध इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी किमै0 <नाम> डेबलपर्स प्रा०लि0 दिल्ली व मे0 अडोर्न इन्फा0 प्रा0लि0 व में कल्याणीस्ट्रक्चर एण्ट हाउसिंह प्राछलि0 <नाम> व मैं <नाम> इन्फा0 द्वारा एक आवासीयप्रोजक्ट मनहर गार्डन शिवम एलिगेट <नाम> नगर मौजा सिकन्दरा बहिस्ताबाद <नाम> @)Bail Application No. 246/2021 - Hariom Dixit Vs. UP Stateके नाम से बनाया जा रहा था। उक्त कम्पनियों द्वारा 2013 में बैंक से जमीन कोबन्धक बनाकर <नाम> लिया था जबकि फ्लैटों की बुकिंग 2011 से ही प्रारम्भ <नाम> दीगयी जिसमें वादी <नाम> <नाम> अरोड़ा ने फ्लैट सं0 237 व <नाम> <नाम> ने फ्लैट सं129 व <नाम> <नाम> ने फ्लैट सं0 124 व <नाम> <नाम> द्वारा फ्लैट 333 तथा विनीताद्वारा फलैट 132, बुक कराये गये थे। उक्त कम्पनियों द्वारा बैंक का <नाम> अदा नहींकिया गया जबकि वादी व अन्य लोगों से फ्लैट की सभी धनराशि वसूल <नाम> ली गयी। ", "केनरा बैंक द्वारा यह कहा जाने लगा कि उपरोक्त प्रोजेक्ट <नाम> <नाम> है इसलिये यहसभी बैनामा आवंटन अवैध है। वादी व अन्य लोगों से उपरोक्त विपक्षी ने जानबूझकर एक षडयंत्र एवं साजिश <नाम> फर्जी वाड़ा व धोखाधडी की गयी है। विपक्षीगण नेजानबूझ <नाम> छल कपट पूर्वक साजिश <नाम> बैंक की मिलीभगत से वादी व अन्य लोगों को हानि पहुंचाने एवं स्वंय के निजी स्वार्थवश <नाम> कमाने के उददेश्य से यह कृत्यकिया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किउपरोक्त मामले में प्रार्थी /अभियुक्त को रंजिशन पुलिस द्वारा अपने उच्चाधिकारियों कोगुडवर्क दिखाने की नीयत से झूंठा फंसा <नाम> है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा कोई अपराधकारित नहीं किया गया है। उपरोक्त मामले में वास्तविकता यह है कि उपरोक्त मुकदमेंके वादी <नाम> <नाम> <नाम> व अन्य को फ्लैट दिये जा चुके हैं। वादी व अन्य से्रार्शी/अभियुक्त का कोई वाद-विवाद <नाम> नहीं रह गया है। अभियुक्त सभ्रान्त परिवारका व्यक्ति है। प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई भी अपराध कारित नहीं किया है। ्रार्शी/अभियुक्त पूर्णतः निर्दोष है। प्ररार्थी/अभियुक्त की अन्य मामलों में जमानतस्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 02.10.2020 से जिला कारागार,आगरा में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त कीकम्पनी द्वारा वादीगण से फ्लैट बुकिंग के नाम <नाम> धनराशि वसूल <नाम> ली लगी तथाफ्लैट आवंटित नहीं किये गये तथा फ्लैट <नाम> वादीगण द्वारा जो <नाम> कराया गया थावह भी अभियुक्त द्वारा हड़प लिया गया तथा बैंक का <नाम> अदा नहीं किया गयाजबकि वादी व अन्य लोगों से फ्लेट की सभी धनराशि वसूल <नाम> ली गयी। अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त काआपराधिक इतिहास है। अभियुक्त अन्य मामलों में नामजद है। अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किया <नाम> न्यायविरूद्ध होगा। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। 3)Bail Application No. 246/2021 - Hariom Dixit Vs. UP Stateकेस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि स्पष्ट विदित होता है किआवेदक / अभियुक्त मै0 <नाम> डवलपर्स प्राएलि0, का डायरेक्टर था। वादीगण सुनीलकुमार <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> <नाम> को फ्लैट दिये जाने का कथन कियागया है। फ्लैटों के अधिग्रहण की जो सूची दाखिल की गयी है उसमें वादी सुनीलकुमार अरोड़ा को आवंटित फ्लैट सं0 237 का नम्बर नहीं है। अभियुक्त दिनांक02.10.2020 से जेल में निरूद्ध है। <नाम> अभियुक्ता <नाम> कल्यानी <नाम> की जमानतमाननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-4 द्वारा स्वीकार की जा चुकीहै। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में अभियुक्त की अपराध सं050/2019 अन्तर्गत <नाम> 420, 406, 467, 468, 471, 120बी भा0द0सं0 में माननीयअपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-15 द्वारा दिनांक 09.12.2020 को,अपराध सं0 60/2019 अन्तर्गत <नाम> 420, 406, 120बी भा०द0सं0 में माननीय अपरजिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-5 द्वारा दिनांक 21.01.2021 को, अपराध सं०160/2019 अन्तर्गत <नाम> 420, 406, 467, 468, 471, 120बी भा0द0सं0 में माननीयअपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-5 द्वारा दिनांक 14.12.2020 को,अपराध सं0 262/2019 अन्तर्गत <नाम> 420, 406, 467, 468, 471, 419, 120बी, 504,506 भा०द0सं0 में माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-16 द्वारादिनांक 14.12.2020 को एवं अपराध सं0 669/2019 अन्तर्गत <नाम> 420, 406, 467,468, 471, 120बी भा०द0सं0 में माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालयसं0-1 द्वारा दिनांक 28.10.2020 को जमानत स्वीकार की जा चुकी हैं। मामलामजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_521_202005-03-2020247
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त पित्ता व पैरोकार नाथूरामके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> कुमार,उपनिरीक्षक के द्वारा थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनाक 11.01.2020 को वह मय हमराहियान चैकिंग के मामूर थे कि उसीदौरान मुखबिर खास की सूचना <नाम> पाँच व्यक्तियों को दो मोटरसाईंकिलोंसहित गिरफूतार किया गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम <नाम> उर्फ भोलू बताया। जामा तलाशी से 160 रूपए Bail Application/ 3237/2020 -—UP State Vs. Bobby 2नगद बरामद हुए। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम बॉबी बताया। इसकी जामातलाशी में एक पेचकस बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम भूराबताया। इसकी जामा तलाशी में 90/- रूपए बरामद हुए। चौथे व्यक्ति नेअपना नाम <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी में एक अदद तमंचा व110/- रूपए बरामद हुए। पाँचवे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> उफरम्मो बताया। जिसकी जामा तलाशी में 60 रूपए व 14 मोटरसाईकिल कीचाबियों एक गुच्छे में बरामद हुई। अभियुक्तगण द्वारा उक्त मोटरसाईकिलेंचोरी की बतायीं गयीं। अभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> अन्य 10 लूट कीमोटरसाईकिलें भी बरामद की गयीं। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 12.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी से अपराध सेसंबंधित कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पन्र है,इसके अतिरिक्त किसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में कोई भीजमानत प्रार्थना पत्र विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफतार कियागया है तथा उसके व सह-अभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> चोरी की मोटरर्साकिलें बरामद की गयीं हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 11.01.2020 की समय 05:15 बजे की है। प्रार्थी कीनिशानदेही <नाम> लूट की 10 मोटरसाईकिलें बरामद होने का आरोप है। केसडायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि दिनाक 11.01.2020 कोपुलिस पार्टी द्वारा प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण के साथ चोरी की Bail Application/3237/2020 -UP State Vs. Bobby 3मोटरसाईकिलों सहित गिफूतार किया गया है तथा उनकी निशानदेही <नाम> 10मोटरसाईकिलें बरामद की गयीं हैं। उक्त मोटरसाईकिलों को किसी अपराधसे सम्बद्ध नहीं किया गया है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> दर्शित नहींकिया गया है। प्रार्थी डेढ माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्धहै। सह-अभियुक्त भूरा आदि की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकारकी जा चुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5100_201913-09-20194449
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ श्रीमतीअंगूरी <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. <नाम> रमेश <नाम> थाना जगदीशपुरा जिला <नाम> ने दिनांक 17.08.2018 को 23.55 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> उर्फ <नाम> आशीष व <नाम> के द्वारा एक संगठित गैग बना लिया है जिसका गैगलीडर <नाम> उर्फ <नाम> है जो अपने सदस्यों के साथ मिलकरनिजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> लूट जैसे जघन्य अपराध कारित <नाम> <नाम> में भय व्याप्तकर धन अर्जित करते है तथा समाज व कानून विरोधी किया कलाप में संलिप्त है। ", "अभियुक्त द्वारा भा-दवि. के अध्याय 17 व 22 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ", "इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गयाहै। ", "अभियुकतगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण को इलाका पुलिस द्वारा झूँठा फंसा <नाम> है। जबकिउसके द्वारा कोई अपराध कारित नही किया गया है। <नाम> के किसी व्यक्ति द्वारा उसके विरूद्ध रूपयेमॉगने आदि की कोई शिकायत नही की गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नही दर्शाया गया है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। ", "गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। वह सम्रान्त परिवार के व्यक्ति है। अभियुक्तगणदिनॉक .08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्तगण आदतन अपराधी है। अभियुक्तगण का संगठित गैंग है, जिसके वह सकिय सदस्य । ager के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमेंउनके विरूद्ध(1) अ.सं. 976 /17 धारा-380, 411, भा.द.सं. थाना-जगदीशपुरा जिला <नाम> । ", "(2) अं, 392 / 18 धारा-380, 411, भा.द.सं. थाना-जगदीशपुरा जिला <नाम> । ", "(8) अ.सं. 645 / 18 धारा-379, 411, भा.द.सं. थाना-जगदीशपुरा जिला <नाम> । 2के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्तगण का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकको सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग बनाकर चोरी जैसे अपराध करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोडे जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और(ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहा <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार होने काप्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "प्रकतिअभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्तगण द्वारा गैग बनाकर चोरी जैसे अपराध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 49(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं हैकि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने कीसम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3622_201918-07-20191760
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकार बन्टू <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार दिनाक 05.06.2019को एसएआई0० <नाम> <नाम> मय इमराहियान वास्ते शात्ति व्यवस्था, तलाशवांछित अपराध आदि में सामूर थे कि मुखबिर खास द्वारा सूचना <नाम> कि खनन माफया झुण्ड बनाकर प्राईवेट वाहनों <नाम> सवार होकर मय अवैधअवलाओं के साथ चम्बल सैन्ट को लेकर भाकर ग्राम से बुरैहरा ग्राम कीतरफ आ रहे हैं। सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस कर्मचारीगण बुरैहरा गोवकी तरफ चले तो गाँव से 100 मीटर पहले सामने से खनन माफिया मयटैक्टर ट्रॉली चम्बल सैंट से भरी हुई व मय प्राइवेट वाहन स्कॉर्पियों में आतेदिखायी दिए, जिन्हें रूकने <नाम> कहा गया जिस <नाम> सभी एकराय होकर जानसे मारने की नीयत से फायर करने लगे। इसी बीच कॉ0 <नाम> <नाम> के पेर में एक गोली गली। गॉव नजदीक होने के <नाम> गोलियों की आवाज सेबच्चे व महिलांए जोर-जोर से चिल्लाने लगे। गोव में अफरा-तफरी कामाहौल बम गया। पुलिस पार्टी ने भी आत्मसुरक्षार्थ फायर किए। इसी दौरान (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3233 2019पंकज तौमर बनाम राज्यमौके <नाम> ही टैक्टर ट्रॉली को पकड़ लिया तथा अन्य खनन माफिया अपनीटेक्टर ट्रॉलियों को छोड़कर भाग गए तथा कुछ टैक्टर ट्रॉली को साथ लेकरभाग गए। पकड़े गए खनन माफिया से नाम पता पूछा तो उसने अपना नामपंकज बताया। जामा तलाशी में दाहिने हाथ से एक अदद तमंचा 315 बोरतथा बांयी जेब से दो जिन्दा कारतूस बरामद हुए। भाग हुए खनन माफियाओंका नाम पूछा तो उनके नाम <नाम> गोविन्द, चन्द्रपाल, <नाम> गजेन्द्र, पुष्पेन्दर,रामजीत, <नाम> बथना, सतेन्द्र, <नाम> हेत <नाम> <नाम> निवास, बंटी, महेश,लल्लू, <नाम> गुर्जर, <नाम> बताया। बरामद टैक्टर ट्रॉली के बारे में पूछागया तो पॉच टैक्टर <नाम> नम्बर तथा दो खाली टैक्टर ट्रॉली चम्बल सैंट सेभरी हुई बरामद हुई। घटनास्थल से 6 खोका कारतूस 315 बोर, 4 खोकाकारतूस 12 बोर बरामद हुए। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 06.06.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। मुख्य अपराध में उसकी जमानत न्यायालय द्वारा दिमोक01.07.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है । ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना मेंसम्मिलित रहा है और उसके कब्जे से एक नाजायज तमंचा बरामद कियागया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> बच्चू <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी कोदिनाक 05.06.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया <नाम> तथा उसकेकब्जे से एक तमंचा व दो जिन्दा कारतूस बरामद किया <नाम> दर्शित किया (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3233, 2019पंकज तौमर बनाम राज्य गया है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत न्यायालय द्वारा दिनाक01.07.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी एक माह से अधिक समय सेजिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5681_201924-10-20192474
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> गुर्जर काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त द्वारा प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में यह कहा है किआवदेक पीलिया रोग व रीढ़ की हड्डी के दर्द के <नाम> न्यायालय नहीं आ सका औरअपने अधिवक्ता को भी सूचित नहीं <नाम> सका अतः आवेदक के विरुद्ध दिनांक26-11-2018 को <नाम> जमानती वारंट हो गये। उसके <नाम> अन्य मुकदमे में जिलाधौलपुर की जेल में निरुद्ध होने के <नाम> उसके विरुद्ध <नाम> जमानती वारंट काआदेश होता रहा। उसे दिनांक 28-09--2019 को तलब <नाम> जिला कारागार <नाम> भेजदिया। तभी से वह कारागार में निरुद्ध है। आवेदक /अभियुकत ने जानबूझ <नाम> गलतीनहीं की है। ", "ए0०डी0जी0सी0 द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया। ", "पत्रावली के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्त विकान्त कीनियमित जमानत <नाम> 354 भाएदंएसं० के अर्न्तगत इसी न्यायालय से दिनांक27-02-2018 को एवं <नाम> 363, 366, 376, 323, 504 व 506 भाएदं0सं० एवं धारा5,/6 पोक्सो एक्टएवं 3 (2) 5क एस.सी.एस.टी. एक्ट के अर्न्तगत दिनांक 13-02--2018को माननीय उच्च न्यायालय से स्वीकार हुयी थी। मूल जमानत आदेश <नाम> निरस्त नहींहुआ है। " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", " पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि दिनांक 26-11-2018 कोआवेदक / अभियुक्त के <नाम> आने के <नाम> उसके विरुद्ध <नाम> जमानती वारंट जारी कियेगये थे। आवेदक / अभियुक्त का कहना है वह बीमार हो गया था एवं उसके अधिवक्ताने हाजिरी मॉफी प्रार्थनापत्र नहीं लगाया इस <नाम> आवेदक के <नाम> जमानती वारंटजारी हो गये। यह भी कहा है कि उसके अन्य मुकदमे में जिला धौलपुर की जेल मेंनिरुद्ध होने के <नाम> <नाम> जमानती वारंट होते रहे व उसे दिनांक 28-09--2019 कोतलब <नाम> जिला कारागार <नाम> भेज दिया। अभियुक्त दिनांक 28--.09-2019 लगभग27 <नाम> से कारागार में निरुद्ध है उसे अपनी गलती की सजा मिल चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4158_202014-12-2020389
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वगरा थाना फतेहाबाद <नाम> दिनांक 06.09.2019 को इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी गयी कि आज करीब <नाम> दो बजे के आस-पास मेरे घर में घुसकर अज्ञातचोरों द्वारा कमरे का ताला तोड़कर उस में रखा बक्शा चोरी <नाम> लिया है। <नाम> तलाशकरने <नाम> बक्सा पास के खेत में बबूल के पेड़ के पास मिल गया है, जिसमें से मेरी पत्नीव पुत्री <नाम> के जेवरात गायब मिले तथा बक्से में 45,000/-रूपये भी रखे थे, जो बक्सेमें नहीं मिले । ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथपत्र में कहा गया किअभियोजन की कहानी गलत, झूठी व बनावटी है। प्राथमिकी लगभग 16 घण्टे विलम्ब सेहै, जबकि घटना स्थल से थाने की दूरी मात्र <नाम> किलोमीटर है और विलम्ब का कोईस्पष्टीकरण नहीं बताया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त बिल्कुल निर्दोष है, उसने कोई अपराधनहीं किया है। प्रार्थी/अभियुक्त को गांव की पार्टीबन्दी व रंजिश की वजह से झूठाफ॑साया है। प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज करायी गयी है, प्रार्थी/ अभियुक्त उसमें नामजद नहींहै। घटना का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त से घटना से संबंधित कोई वस्तुबरामद नहीं हुयी है, बल्कि पुलिस द्वारा दर्शायी गयी बरामदगी फर्जी व झूठी है। ्रार्शी/ अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 27.11.2020 से जेल में निरूद्ध है। <नाम> अभियुक्तगण बाबी एवं कोख की जमानत दिनांक कमश:13.10.2020 व 13.11.2020 को न्यायालय से हो चुकी है तथा <नाम> अभियुक्त पोहप <नाम> कीजमानत के आदेश दिनांक 22.10.2020 को हो चुके हैं। प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय में लंबित Bail Application/10823/2020 —Hari Singh Vs. UP State2नहीं है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। उसको इस मामले पुलिस द्वारा में झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। पुलिस द्वारा अभियुक्तके पास से दो जोड़ी तोडिया की फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है, जबकि उक्त घटना काकोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। <नाम> अभियुक्तगण बॉबी, कोख एवं पोहप <नाम> की जमानतेंस्वीकार हो चकी हैं। इन्हीं आधारो <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर मुकदमा वादी के घर से ताला तोड़कर बक्शा जिसमेंजेवरात व नकद रूपये थे, चोरी किए गए तथा अभियुक्त से तोड़िया बरामद हुई हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध दर्ज करायी गयीहै। इस अभियुक्त को चोरी की घटना के करीब एक वर्ष <नाम> तोड़िया बरामद होने केआधार <नाम> इस प्रकरण में शामिल किया गया है। अभियुक्त से दो जोड़ी तोड़िया कीबरामदगी होना कहा गया है, बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है,अभियुक्त किसी बरामदगी से इंकार करता है और इस प्रकरण में झूठा फसाना <नाम> है। इस मुकदमे के <नाम> अभियुक्तगण बॉबी, कोख एवं पोहप <नाम> की जमानत समकक्षन्यायालय द्वारा कमशः दिनांक 13.10.2020,13.11.2020 व 22.10.2020 को स्वीकार की जाचुकी है, इस अभियुक्त की भी अपराध कारित करने में <नाम> <नाम> अभियुक्त के समान है,जिनकी जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 27.11.2020 सेजेल में है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिकइतिहास प्रस्तुत नही किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_520_202028-01-20201740
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथअभियुक्त के <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> थानाध्यक्ष थाना बरहन जिला <नाम> ने दिनांक 01.01.2020 को 17-01 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैगलीङर <नाम> का संगठितगिरोह है, जिसके गैंग के सदस्य <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> उफ दीपू महेन्द्र <नाम> वधीरज हैं। गैंगलीडर गैंग सदस्यों के साथ संगठित गिरोह बनाकर लूट जैसे जघन्य अपराधकारित <नाम> अपने व गैंग के साथियों के लिये आर्थिक भौतिक व अन्य <नाम> प्राप्त करने केउद्देश्य से नकबजनी, चोरी आदि के अपराध व भा0द0वि0 के अध्याय 17 के अंतर्गतअपराध कारित करने व समाज विरोधी क्रियाकलापों को करने के अभ्यस्त अपराधी हैं। ", "समाज में <नाम> स्वछन्द रहना ठीक नहीं है। <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमापंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमेपंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलापनिवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 01.09.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाय । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.169/19 धारा-398, 401, 2411 भा.द.स. (2) अ.सं.146/19 धारा-457, 380, 411 भा.द.स. (3) अ.सं.148/19धारा-380, 411 भा.द.सं. (3) अ.सं.170/19 धारा-3/25 आयुध अधिनियम के मुकदमेलंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया । गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध चोरी करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी किये जानेके आरोप हैं। इस न्यायालय के द्वारा पूर्व में <नाम> अभियुक्त धीरज का जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किया जा चुका है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से चोरी से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1188_202122-03-2021740
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में कुनाल <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "2. जमानत प््रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में कुनाल <नाम> काशपथपत्र का कथन है कि वह अभियुक्त का मित्र एवं मुकदमें में पैरोकार है तथा तथ्यों की उसे जानकारी है। अभियुक्त के कब्जे से झूठा <नाम> बरामद होना बताया गया है। ", "अभियुक्त के पास जो मोटर साइकिल बरामद होना बतायी जा रही है वह कहाँ से चोरी हुई है किस अपराध संख्या में बरामद हुई इसका कोई हवाला नहीं <नाम> गया है। जनताका कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। <नाम> 50 एन0डी0पी0एस0एक्ट का अनुपालन नहीं कियागया है। पुलिस ने बेहतर कारगुजारी दर्शाने के उद्देश्य से अभियुक्त को उक्त अपराधमें संलिप्त <नाम> <नाम> है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त कोगलत तथ्यों के आधार <नाम> झूठा फंसाया गया है वह निर्दोष है, उसने कोई अपराध नहींकिया है। अभियुक्त दिनांक 12.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र इसन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियुक्त विश्वसनीय 2जमानत देने को तैयार है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाए। ", "3. विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध कियागया तथा थाने से प्राप्त आख्या प्रस्तुत करके <नाम> है कि अभियुक्त को पुलिसद्वारा 300 ग्राम नशीला पाउडर हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया है। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह जमानत का दुरूपयोग करेगा एवं पुनः इस प्रकार केअपराध में संलिप्त हो जाएगा। अतः उसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। " ], "judge-opinion": [ "4. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान ए0 डी0जी0सी0 (क्रिमिनल) को सुना तथा थाना से प्रस्तुत आख्या एवं केस डायरी का परिशीलनकिया । ", "5. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों से विदित है कि वादी मुकदमा उपनिरीक्षकअमित <नाम> द्वारा दिनांक 12.02.2021 को थाना हरीपर्वत <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी गई कि दिनांक 11.02.2021 को वह मय हमराही वास्ते तलाशवांछित /गिरफूतारी व चैकिंग सदिरध व्यक्ति व वाहन आदि में मामूर थे तथा चेकिंग कररहे थे कि मुखविर ने सूचना दी कि दो व्यक्ति चोरी की मो0 साइकिल <नाम> नम्बर टी0पी०नगर की तरफ से नवल किशोर तिराहे की तरफ आ रहे है। तब पुलिसवाले मय मुखविरबताये स्थान <नाम> पहुचे और थोड़ी देर <नाम> दो व्यक्ति जेल रोड की तरफ से आते दिखाईदिये, रोकने का इशारा किया तो सकपका गये और मो0 साइकिल को पीछे मोड़करहनुमान चौराहे की तरफ भागने लगे जिन्हे पीछा करके 100 <नाम> की दूरी <नाम> समय करीब01.05 बजे रोक लिया, रोके गये व्यक्तियो से मोटर साइकिल के कागजात तलब किये तोदिखाने में कासिर रहे तथा बताया कि यह चोरी की है। पकड़े गये व्यक्तियो का नाम पतापूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो इस अभियुक्त ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र रमेशसिंह बताया तथा जामा तलाशी में पहने गये कपड़ो की पेंट की जेब में <नाम> थैली मेंमटमैले रंग का पाउडर बरामद हुआ तथा उसने बताया कि यह हैरोइन है। इस <नाम> एन0 डी0 पी0एस0 एक्ट की <नाम> 50 के प्रावधानो से अवगत कराते हुए उसकी तलाशी किसी राजपत्रित <नाम> अथवा मजिस्देट के समक्ष चलकर देने को कहा गया तो उसने <नाम> <नाम> <नाम> तथा पुलिस द्वारा ही तलाशी लेने को कहा। इलेक्टानिक तराजू मंगवाकर वजन किया गया तो कुल इस अभियुक्त के कब्जे से बरामद पाउडर का वजन 300 ग्राम पायागया। बरामद <नाम> में से 50 ग्राम अलग <नाम> बतौर नमूना परीक्षण <नाम> निकालकर <नाम> को कपड़े में रखकर सीलकर सर्वे मोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया और फर्द बनायीगया तथा अभियुक्त को गिरफूतार करके थाना <नाम> फर्द के अनुसार प्रथम सूचना रिपोर्टपंजीकृत करायी गई। ", "6. अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि <नाम> 50 एन0डी0पी0एस0एक्टके प्रावधानो का अनुपालन नहीं है तथा घटना सार्वजनिक स्थान की है एवं जन <नाम> काभी अभाव है एवं <नाम> है कि अभियुक्त से मात्र मटमैले रंग का पाउडर बरामद होने कहागया है। तब अभियुक्त से हैरोईन की बरामदगी होने के विन्दु <नाम> कोई साक्ष्य नहीं है तथा 3तकं यह भी है कि अभियुक्त द्वारा पुलिस के समक्ष किये गये कथन साक्ष्य में ग्राहय नहींकिये जा सकते। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाए, जबकि राज्य की ओर सेउपस्थित विद्वान ए० डी0 जी0 सी०(किमिनल) द्वारा अभियुक्ता के कब्जे से 300 ग्राम अवैधनशीला पदार्थ हैरोइन की बरामदगी बताते हुए <नाम> <नाम> गया कि प्रश्‍नगत बरामदगीवाणिज्यिक <नाम> की श्रेणी में है एवं अभियुक्त के अपराध की <नाम> को गम्भीर बताते हुएजमानत आवेदन निरस्त किये जाने का तर्क <नाम> गया। " ] }
0DENIED
Bail Application_2373_202123-03-2021697
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6285_201911-11-20191927
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारदीवान <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा सुरेशचंद द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किउसका भतीजा रूपेन्द्र <नाम> कम्पनी के कार्य से <नाम> में प्रातः 07:00 बजेनिकला था, तीन या <नाम> बजे <नाम> वापस कमरे <नाम> आ जात था। आजदिनक 20.08.2019 को कम्पनी के कार्य से प्रातः रूनकता ग्रामीण <नाम> मेंअपनी सोटरसाईकिल से निकला था, समय करीब 02:00 बजे दोपहर कोकम्पनी से सूचना <नाम> कि रूपेन्द्र की गोली मागरौल गुर्जर वाली सड़क मारदी है। आज तुरन्त चले आओ। इस सूचना <नाम> वह परिवार व अन्य गाँववालों के साथ रूनकता कम्पनी <नाम> आए, वहाँ जानकारी <नाम> कि रूपेन्द्र कोएस0एएन0 मेडीकल कॉलेज <नाम> ले गए हैं। कम्पनी वालों ने बताया किरूपेन्द्र <नाम> से पैसे का कलेक्शन करके ला रहा था, अज्ञात बदमाशों नेउसकी गोली मारकर हत्या <नाम> दी है। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.09.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब सेदर्ज करायी गयी है जिसका कोई <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। प्रार्थीसे फर्जी बरामदगी दर्शित की गयी है। <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहींहै । प्रार्थी की कोई विशेष <नाम> दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना मेंसंलिप्त रहा है। उसके द्वारा सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर घटना कोअंजाम <नाम> गया। अभियुक्त की निशानदेही <नाम> उक्त लूट के रूपए व एक तमसंचा भी बरामद किया गया है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6285/2019प्रशान्त बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता रामप्रकाश <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 20.08.2019 की है। प्रार्थी <नाम> सह-अभियुक्तगण के साथमिलकर मृतक रूपेन्द्र से रूपए लूटकर उसकी हत्या किए जाने का आरोपलगाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से दर्शित होता है कि पुलिस पार्टीद्वारा दिनाक 31.08.2019 को प्रार्थी को सह-अभियुक्त बी0पी0 <नाम> के साथमिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, एक जिन्दाकारतूस, एक टेबलेट, एक मोबाइल व 11,500/- रूपए नगद बरामद किएगए हैं। अभियोजन द्वारा उक्त टेबलेट व 11,500, रूपए प्रश्‍नगत घटना से (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रल्क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6285/ 2019प्रशान्त बनाम राज्यसंबंधित होना बताया गया है। प्रार्थी द्वारा अपने कथन में प्रश्‍नगत्त घटना मेंशामिल होना कहा गया है। डायरी <नाम> उपलब्ध मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक की मृत्यु मृत्यु पूर्व आयीं चोटों के <नाम> रक्तस्रावव आघात से होना बताया गया है तथा उसकी छाती <नाम> बांयी ओर फायरआर्म्स की चोट होना दर्शित किया गया है। पोस्टमोर्टस रिपोर्ट के अनुसारमृतक के शरीर से एक बुलट भी निकली है। सह-अभियुक्तगण वी0पी0 वधर्मा उफ धर्मेन्द्र की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व में निरस्त की जा चुकीहै। प्रार्थी को झूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। प्रार्थी द्वगरा मामले में महत्वपूर्ण <नाम> आदा किया <नाम> दर्शित किया गया है। मामलेमें विवेचना <नाम> प्रचलित है । " ] }
0DENIED
Bail Application_25_202115-01-20213602
agra
{ "facts-and-arguments": [ "दिनांक-15.01.2021प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र, प्रार्थी / अभियुक्त अक्की <नाम> <नाम> पुत्र श्रीकबीर <नाम> निवासी-30/190 किदवई पार्क, राजा की मण्डी, थाना लोहामण्डी, आगराकी ओर से मुकदमा अपराध सं0 219/2020, अंतर्गत धारा-9, ३9, 50, 51 वन्यजीवसंरक्षण अधि०, थाना लोहामण्डी, जिला <नाम> द्वारा संस्थित किया गया है। अभियुक्तअक्की <नाम> <नाम> न्यायिक अभिरक्षा में <नाम> स्थित जिला कारागार में दिनांक 31.12.2020 से निरूद्ध है। पैरोकार <नाम> <नाम> पत्नी अक्की <नाम> <नाम> द्वारा जरियेशपथपत्र यह कथन किया अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावाअन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 30.12.2020 को थाना लोहामण्डीकी <नाम> पुलिस टीम को विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिलने <नाम> अक्की <नाम> सिंहहाल पता नाला के पास <नाम> नगर, थाना लोहामण्डी जो कि अक्की <नाम> <नाम> कीससुराल घर है, में तलाशी ली गयी तो उसके कब्जे से मौके <नाम> प्रतिबंधित प्रजाति केतीन कछुये बरामद किये गये, जिनके साथ उसे 20:50 बजे हिरासत में लिया गया। उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्त अक्की <नाम> <नाम> के खिलाफ धारा-9, ३9, 50,51 वन्यजीव संरक्षण अधि0 क अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> देते हुए शपथपत्रमें यह कथन किया गया है कि अभियुक्त ने उपरोक्त कथित अपराध नहीं किया है। ", "उसके द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, <नाम> ही कोई साक्ष्य उपलब्ध है और <नाम> ही घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> है। उपरोक्त मामले में अभियुक्त के कब्जे से कोईजीव जन्तु कछुआ आदि की कोई बरामदगी नहीं की गयी है जो बरामदगी दिखायीगयी है उसके बाबत कोई भी जन <नाम> नहीं दर्शाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त कुत्तोंके छोटे बच्चों को कय-विकय करने का कार्य करता है, कछुआ आदि की कोईखरीद-फरोख्त का कारोबार नहीं करता है। प्रार्थी अपनी विश्‍वसनीय जमानत माननीय न्यायालय के समक्ष देने को तैयार है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 31.12.2020 से जिला कारागार, <नाम> मेंनिरुद्ध है। इस प्रकार अभियुक्त द्वारा दौरान विचारण जमानत <नाम> अवमुक्त करने हेतुआदेश पारित करने की प्रार्थना की गयी है। प्रार्थना पत्र के साथ मुकदमा अपराध संख्या 219/2020, अंतर्गतधारा-9, ३9, 50, 51 वन्यजीव संरक्षण अधि0, थाना लोहामण्डी, <नाम> की प्राथमिकी,प्रकरण दैनिकी का विवरण, तथा न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालयसंख्या-3, <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तीकरण आदेश की छायाप्रति दाखिलकी गयी है। ", "अभियोजन के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध अपराध संख्या 219/ 2020,अंतर्गत धारा-9, 39, 50, 51 वन्यजीव संरक्षण अधि०, थाना लोहामण्डी, <नाम> में दर्जहै । अभियुक्त से दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की बरामदगी पुलिस द्वारा की गयी है इसप्रकरण में वह जिला कारागार <नाम> में दिनांक 31.12.2020 को गिरफूतार होने केपश्चात्‌ से निरूद्ध है। अभियोजन का कथन है कि अभियुक्त जमानत <नाम> अवमुक्त होनेकी <नाम> में पुनः अपराध में संलिप्त हो जाएगा तथा जमानत की शर्तों का दुरूपयोगकरते हुए फरार हो जाएगा। " ], "judge-opinion": [ "सुना व जमानत प्रार्थनापत्र एवं उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रस्तुत मामले में जमानत प्रार्थनापत्र एवं पुलिस प्रपत्रों के परिशीलनसे यह स्पष्ट है कि अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास दर्शित नहीं है। उक्तमामले में पुलिस द्वारा अभियुक्त से दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की बरामदगी प्रदर्शित कीगयी है किन्तु उक्त दुर्लभ प्रजाति क बारे में कोई विशिष्ट विवरण दर्शित नहीं कियागया है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है तथा अपराध में एक से अधिकअभियुक्तों का शामिल होना भी बताया गया है। <नाम> अभियुक्त की जमानत पूर्व में स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त 31.12.2020 से जिला कारागार <नाम> मेंनियत है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3814_202023-11-2020945
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में केशव <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> गोपीचन्द भारद्वाजका शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथन है किउसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। आवेदक » अभियुक्त दिनांक 28.10.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोईप्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किवादी दिनांक 25.10.2020 को समय <नाम> करीब 09:30 बजे अपने मित्र <नाम> के <नाम> उत्सवपर सतोष नगर गया हुआ था। जब वह जा रहा था तो गली के पास <नाम> जाट पुत्र स्व0श्री भगवान <नाम> ने वादी का रास्ता रोक <नाम> आगे जाने से <नाम> करते हुए कहा कि तू हमारेसाथी शिवम व नागेश के खिलाफ खूब मुकदमे लिखा रहा है, आज तू जिन्दा नहीं बचेगा। ऐसा कहते हुए उसके साथी शिवम <नाम> पुत्र रमेश <नाम> नागेश <नाम> पुत्र घनश्याम,चेतन <नाम> पुत्र रमेश <नाम> गोविन्द <नाम> व बोबी <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> हर्षित <नाम> पुत्ररामजीत <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र अज्ञात व 2 अन्य अज्ञात व्यक्ति एक साथ निकलकर Bail Application /10141/2020 -Gorav Bhardwaj Vs. UP State 2आये और शिवम <नाम> ने देशी तमंचा लहराते हुए, मॉ-बहन की गंदी गालियां देते हुए, बूरीतरह सरिया, पंच से मारपीट करने लगे। तभी वहां से आ रहे वादी के <नाम> कुलदीप वप्रदीप ने बचाने की कोशिश की तो शिवम ने दो-तीन फायर अपने तमंचा से किया, जिससेसभी बाल-बाल बच गये। उक्त लोगों ने सभी को सरिया, पंच, ईंट, बैल्ट से बूरी तरह मारापीटा व यह कहते हुए कि यदि शिवम व नागेश के खिलाफ आगे कोई कार्यवाही की तोजान से हाथ धोना पड़ेगा, चले गये। वादी व Vas aga al TR ae are हैं,जिसका डॉक्टरी मुआयना हो चुका है। अतः रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने की मांगकी। ", "अभियुकत के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। वास्तविकता यह है कि उक्त घटना के समयवादी पक्ष द्वारा प्रार्थी पक्ष के साथ मारपीट की गयी, जिसमें प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> जाट कीमाँ ने उसके साथ हुयी घटना के संबंध में अ0सं0 914 /2020, अंतर्गत धारा147,148,149,307,323,504,506 भा-दस में मुकदमा <नाम> आदि के विरूद्ध दर्ज कराया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट घटना के करीब 15 घण्टे <नाम> दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 29.10.2020 को निरस्त हो चुका है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी का परिशीलन किया। प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त दिनांक 2810.2020 सेन्यायिक अभिरक्षा में हैं। थाने की आख्या के अनुसार उक्त केस से संबंधित कोस केस मु0अ0सं० 914 / 2020 थाना एत्मादौला, जिला <नाम> में पंजीकृत है। अभियुक्त के पूर्व दोषसिद्धि का कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_932_202116-02-20212360
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में जिलेदार पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा इस आशय काशपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का चाचा है तथा पैरोकार मुकदमाहै । प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवामाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्र्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> हीखारिज किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 08.11.2020 को <नाम> <नाम> पुत्र श्रीख्याली <नाम> निवासी मुकुन्दीपुरा थाना बासौनी जिला <नाम> शिकोहाबाद से वापस आरहा था रास्ते में खाद चौराहे <नाम> ऑटो से उतर गया फरेरा गांव जाने के लिए दूसराटैम्पो का इंतजार <नाम> रहा था तभी एक <नाम> <नाम> रंग की होण्डा साइन एस0पी0मोटर साईकिल <नाम> नम्बर वाली प्लेट रूकी उस <नाम> बैठे व्यक्ति ने पूछा कि फरैराकितनी दूर है प्रार्थी ने उसे बताया 6 किलोमीटर उसने कहा तुम फरेरा <नाम> है तो मेंछोड़ दूंगा इस <नाम> प्रार्थी उसकी मोटर साईकिल <नाम> बैठ गया। चलने लगे तो एकव्यक्ति दौड़कर पीछे से आया और मोटरसाईकिल <नाम> बैठ गया और बोला मुझे भी @) Bail Application No. 932/2021 -Aman Vs. UP Stateफरैरा <नाम> है प्रार्थी ने <नाम> किया तो वह नहीं माना थोड़ी दूर चलने <नाम> मोटरसाईकिल वाले व्यक्ति ने कहा कि मेरा कुछ सामान पीछे छूट गया है तुम उतरो मेंउसको लेकर आता हूं जब प्रार्थी नीचे उतरा तो उसे मालूम चला कि उसके पीछे बैठेव्यक्ति ने जेब काटकर 50,000/- रूपये निकाल लिए है प्रार्थी ने उन्हें पकडने काप्रयास किया तो वे दोनों अपनी मोटर साईकिल को वहीं छोडकर अपने एक अन्यसाथी कि सफेद रंग की अपाचे मोटर साईकिल <नाम> बैठकर मौके से फरैरा तिराहे किऔर भाग गये यह घटना समय करीब 15:50 बजे की है सूचना थाने <नाम> देने आया हूं। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा कोई अपराधकारित नहीं किया गया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 01.01.2021को अपनी बुआ के यहां गया था दिनांक 02.01.2021 को प्रार्थी / अभियुक्त बुआ के घरसे लौटकर गांव जा रहा था तभी रास्ते मे पुलिस चैकिंग <नाम> रही थी तब्रार्थी/ अभियुक्त के पास में अपनी मोटर साईकिल के कागजात दिखाने को लेकरपुलिस से झगडा हो गया। प्र्ार्थी/अभियुक्त को घटना के लगभग 2 माह बादगिरफ्तार किया गया है। दिनांक 04.01.2021 को थाना बाह पुलिस द्वाराप्रार्थी / अभियुक्त के साथ मारपीट की गयी तथा प्रार्थी को मुकदमे में झूंठा संलिप्त करदिया गया। उक्त बरामदगी एवं गिरफ्तारी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। ", "्रार्शी/ अभियुक्त दिनांक 08.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधघारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्त के साथ मिलकर वादी की जेब काटकर 50000/- रूपये चुराये गयेअभियुक्त के पास से चोरी किये गये 14,300/- रूपये बरामद हुए हैं। अभियुक्त काआपराधिक इतिहास है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त को घटना के लगभग 2 माह <नाम> गिरफ्तार करना कहा गया है। अभियुक्त के पास से चोरी किये गये रूपये बरामद होना बताया गया है। अभियुक्त किसी भी प्रकार की बरामदगी से इंकार करता है। बरामदगी का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास दर्शाया गया है, जिसके सम्बन्ध में अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र की प्रमाणित छायाप्रति प्रस्तुत करने <नाम> 3)Bail Application No. 932/2021 -Aman Vs. UP Stateकथन किया गया है कि अपराध सं0 02/2021 अन्तर्गत धारा-411 भा0द0सं0 व41/102 दणप्रoसं० में माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-22,आगरा द्वारा दिनांक 03.02.2021 को अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजा चुका है। अभियुक्त दिनांक 06.01.2021 से जेल में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6141_201930-10-20192312
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदक / अभियुक्त छविराम की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ उसके <नाम> कालीचरन का शपथ पत्र तथा आवेदक / अभियुक्त <नाम> सिहके जमानत प्रार्थना पत्र के साथ उसके पिता भूप <नाम> उर्फ <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिनमें कहा गया है कि यह उनका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ", "अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 16.10.2019 को प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> मय हमराह पुलिसकर्मचारीगण के साथ चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति/ वस्तु में अन्दर थाना <नाम> में मामूरथे, तभी मुखबिर खास क द्वारा अवैध शराब की सूचना दिये जाने <नाम> ग्राम लालपुरा के वन विभाग के जंगलों में 500मीटर अन्दर घुसने के <नाम> <नाम> किसमरसेबिल की कोठरी के पीछे बाजरा की करब से एक व्यक्ति पेटिया निकालरहा था तथा दो व्यक्ति मोटरसाइकिल <नाम> बैठे थेजिनको वह पेटियाँ <नाम> रहा था -2-तथा दो पेटियाँ दोनों मोटरसाइकिल वाले व्यक्तियों के बीच में मोटरसाइकिलकी सीट <नाम> <नाम> हैं तथा तीसरी पेटी नीचे वाला व्यक्ति झाडियों से लाकर रखरहा है, जिनको दविश देकर 10-30 बजे पकड लिया, मोटरसाइकिल <नाम> पीछेबैठा व्यक्ति अपने हाथों से पेटी छोडकर मोटरसाइकिल से कूदकर झाडियों मेंभाग गया। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुये शराब का लाइससेंसतलब किया गया तो दिखाने में कासिर रहे। मोटरसाइकिल चालक ने अपनानाम छविराम उर्फ पप्पू बताया, जिसके पीछे की सीट <नाम> दो पेटी अवैध शराबकी <नाम> हैं, जामा तलाशी से एक मोबाइल वीवी, एक छल्ले में दो चाबी,जिनके बारे में बताया गया कि दुकान की चाबी हैं तथा कहा कि मैं निबोहरावाला ठेका शराब <नाम> सेल्समैन के <नाम> में बैठता हुँ तथा यहाँ से अवैध शराबलेजाकर गाव में बेच देता <नाम> आज भी गोव में बेचने के लिये शराब की पेटियॉंले जा रहा था, मोटरसाइकिल के कागजात मौके <नाम> नहीं दिखा सका। दूसरेव्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया, जामा तलाशी से पेन्ट की जेब से एकमोबाइल वीवी व 1400 रूपये बरामद हुये, जिनके बारे में पूछने <नाम> बतायाकि यह शराब की बिकी के हैं। दोनों व्यक्तियों से कि मोटरसाइकिल <नाम> पीछेबैठा व्यक्ति जो भाग गया के बारे में पूछा तो बताया कि उसका नाम पीतमसिंह पुत्र रामजीत है, जो हमारे साथ मिलकर अवैध शराब की बिकी गोव मेंकरते हैं। मोटरसाइकिल <नाम> <नाम> दो पेटी तथा झाडियो से बाहर लाते हुयेझाडियों में बाजरा की करब को हटवाकर <नाम> तो कुल 9०पेटी अवैध शराब केपौवे हैं, जिनके कुछ गत्तों <नाम> दीमक लग चुकी है तथा पौवे बाहर दिख रहे हैं,पेटियों से कुछ पौवे को निकालकर <नाम> गया तो कुछ पौवे <नाम> रैपर लगे हुयेहैं, जिन <नाम> अंग्रेजी में Crazy Romeo था for sale UX un distilleries breweries (p) ltd. Ny group punjab jab excise लिखा है तथा ढक्कनपरTHIS WAY TO OPEN UNSCREW लिखा है तथा पौवे के नीचे 200एम.एल लिखा है एवं ९7३75 R०९० के पौवे के नीचे 180 एम.एल.लिखा है। पौवे के ढक्कर को खोलकर सूंघकर हमराहीगण को सुघांया तो शराब जेसीतीक्ष्ण गन्ध आ रहा है, कुछ पौवे <नाम> रेपर लगे हैं, कुछ <नाम> नहीं लगे हैं, जिनमेंबारे में बताया कि हम लोग बाहर से शराब मंगाकर नकली रैपर लगाकर बेचतेहैं। बरामद शराब को प्लास्टिक की बोरियों में भरकर सील सर्व मुहर कियागया तथा नमूना मुहर बनवाया गया तथा बरामद रूपयों को कपडे में रखकरसील सर्व मुहर किया गया तथा मौके <नाम> फर्द तैयार की गयी। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 16.10.2019 को अभियुक्तगण छविराम,तारा <नाम> व पीतम <नाम> के विरूद्ध अपराध संख्या-159/2019 <नाम> <नाम> -3-60(1), 6३ आबकारी अधिनियम व 420 भा०द0सं0 का अभियोग थाना निबोहरा,आगरा <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त छविराम की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्रके साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहागया है कि आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामलेमें झूंठा रंजिशन फॅसाया गया है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक 16.10.2019 कोअपनी शराब की दुकान खोलने के लिये जा रहा था, तभी रास्ते में इलका पुलिस के द्वारा उसे पकड़कर उक्त मुकदमे में झूंठा फॅसा <नाम> है। आपराधिकइतिहास में उस <नाम> केवल एक विद्युत चोरी का मामला दर्शाया गया है, जिसमेंउसका नाम नहीं है, जो निस्तारित हो चुका है। आवेदक अभियुक्त दिनांक16.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। ", "आवेदक / अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्रके साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहागया है कि आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामलेमें झूंठा रंजिशन फॅसाया गया है, उसका घटना से किसी तरह का कोई संबंधव सरोकार नहीं है और ना ही उसके कब्जे से अवैध शराब की बरामदगी हुईहै और ना ही बरामदगी का कोई जनसाक्षी दिखाया गया है। आवेदक / अभियुक्त सीदा सादा किसान परिवार का व्यक्ति है, जो वन विभागमें केटल गार्ड की नौकरी करता है, थाना पुलिस ने रास्ते से ले जाकर झूंठाबन्द <नाम> <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 16.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है किआवेदकगण/ अभियुक्तगण के पास से काफी <नाम> में शराब की 90 पेटियॉबरामद हुई है, उपरोक्त बरामद शाराब अन्य प्रान्त की निर्मित है, जिसकोआवेदकगण/ अभियुक्तगण के द्वारा तस्करी के माध्यम से अन्य प्रान्त से लाकरउन <नाम> नकली रैपर लगाकर उ0प्र0 में बेचा जाता है, जिससे <नाम> कोराजस्व की भारी क्षति होती है। आवेदकगण/अभियुक्तगण का अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "इस मामले में आवेदकगण/अभियुक्तगण के कब्जे से कुल9०पेटी अवैध शराब के पौवे हैं, जिनको उनके द्वारा वन विभाग केजंगलों में बाजरा की करब में छिपाकर रख <नाम> <नाम> बताया जाताहै, बरामद हुये हैं, जिन <नाम> अंग्रेजी में C22५ ०९० तथा for saleपर un distilleries breweries (p) ltd. Ny group punjab jab exciseलिखा है तथा ढक्कन <नाम> THIS WAY TO OPEN UNSCREW लिखाहै तथा पौवे के नीचे 200 एम.एल लिखा है एवं Crazy Rome० केपौवे के नीचे 180 एम.एल.लिखा है। ", "पुलिस टीम के द्वारा आवेदकगण/अभियुक्तगण से जो शराब बरामद कीगयी है, उक्त शराब को लाइसेंस नहीं दिखा सके। पुलिस टीम के द्वारा कीगयी पूछताछ में आवेदकगण/अभियुक्तगण के द्वारा बताया गया कि हम लोगबाहर से शराब मंगाकर नकली रैपर लगाकर बेचते हैं। ", "इस प्रकार आवेदकगण/अभियुक्तगण के द्वारा अन्य प्रान्त से नकलीशराब लाकर उन <नाम> नकली रैपर लगाकर उत्तर प्रदेश में अधिक दामों <नाम> बेचा <नाम> उपरोक्त प्रकार से अभियोजन द्वारा कहा गया है, जिससे उत्तरप्रदेश <नाम> का राजस्व भी प्रभावित होता है। 9०पेटी उपरोक्त अवैध शराबकी बरामदगी दोनों आवेदकगण/अभियुक्तगण से होना उपरोक्त प्रकार सेबताया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_498_202008-07-20201334
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त के सगे <नाम> व पैरोकारमौसीम के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा दीपकगौड़ द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयीकि वह दिनाक 21.02.2020 को समय करीब 07:20 बजे <नाम> घोघई चौराहाकि तरफ से पश्चिमपुरी की तरफ आ रहा था कि तभी मोटरसाईकिल अपाचेरंग सफेद व एक <नाम> रंग की अपाचे, जिन <नाम> दो दो लड़के सवार थे। सफेद रंग की अपाचे <नाम> सवार लड़कों द्वारा उसमें धक्का मारा गया जिससेवह नीचे गिर गया तभी <नाम> रंग की अपाचे <नाम> सवार लोगों के द्वारा उसकामोबाइल छीन लिया गया और भाग गए। उसका मोबाइल टैक्नों कम्पनी काआईएएस मोबाइल फोन है। इन्ही दोनों मोटरसाईकिलों द्वारा कारगिल तिराहासे <नाम> पुत्र शिवशंकर का मोबाइल फोन वीवो का <नाम> 07:40 बजे छीनकर ले जाया गया था। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 22.02.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी अपने रिश्तेदार के यहां सिकन्दरा गयाहुआ था। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीननहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त अन्य के साथ मिलकर द्वारा वादी मुकदमा केमोबाइल की लूट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ " न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) / अपर सन्न न्यायाधीश,जमानत प्रार्थना पत्र सख्या : 49/2020आशिक बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजन अधिकारीको सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 21.02.2020 की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टदिनाक 22.02.2020 को <नाम> अज्ञात के विरूद्व दर्ज करायी गयी है। पुलिसप्रपत्र के अनुसार प्रार्थी <नाम> अपने <नाम> अभियुक्त के साश मिलकर वादीमुकदमा का मोबाइल लूटे जाने का अभियोग है और उसके कब्जे से कथितलूट के मोबाइल की बरामदगी का अभियोग है। कथित बरामदगी का कोईस्वतंत्र <नाम> नहीं है। <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत स्वीकार हो चुकी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है । प्रार्थी दिनांक 22.02.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1189_202120-03-2021809
agra
{ "facts-and-arguments": [ "दिनांक--20.03.2021प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> के द्वारा मुकदमाअपराध सं0 59 / 20214, अन्तर्गत ART 8/22 N.D.PS. ACT. थाना हरीपर्वत, जिलाआगरा के प्रकरण में जमानत <नाम> प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> कुनालकुमार पुत्र स्व0 चिरंजी <नाम> ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है किप्रार्थी/ अभियुक्त को झूंठा फंसाया गया है। उसने कोई भी अपराध नहीं किया गयाहै। वह निर्दोष एवं निरपराध है। प्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से जो <नाम> बरामद होनाबताया है उसको <नाम> तो वह बेच रहा था और <नाम> ही खरीद रहा था। पब्लिक का कोईwera wae नहीं दर्शाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त को जॉच <नाम> के समक्षपेश नहीं किया गया है जिससे <नाम> 50 एन0डी0पी0एस0 एक्ट की प्रकिया <नाम> नहींहोती है। प्रार्थी / अभियुक्त को झूठा बन्द <नाम> <नाम> है। उससे <नाम> तो कोई मोटर Bail Application /2395/2021 -Sunil Vs. UP State 2साइकिल बरामद हुई है और <नाम> ही कोई पदार्थ बरामद हुआ है। कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीननहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 42.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त विश्वसनीय जमानतें दाखिल करने को तैयार है। अतः जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाए। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी उपनिरीक्षक अमितप्रसाद द्वारा थाना हाजा <नाम> लिखित सूचना इस आशय की दी गयी कि दिनांक11.02.2021 को वादी, अन्य पुलिस हमराही कर्मचारियों के साथ वास्ते देखरेख शान्तिव्यवस्था व संदिग्ध व्यक्तियों की चैकिंग चर्च रोड <नाम> मामूर थे। चैकिंग के दौरानमुखबिर की सूचना <नाम> घेर घोटकर संदिग्ध अवस्था में नशीले पदार्थ हेरोइन के साथअभियुक्त <नाम> <नाम> व <नाम> को पकड़ा गया। पकड़े गए अभियुक्त <नाम> कीजामा तलाशी में उसके कब्जे से 300 ग्राम नशीला पाउडर हेरोइन बरामद कियागया। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना हरीपर्वत में मुकदमा अपराधसं० 59 / 2024 अन्तर्गत <नाम> 8/22 एन0डी0पी0एस0 एक्ट में प्राथमिकी <नाम> कीगयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तर्कों में उन्हीं तथ्योंको दोहराया गया है जो जमानत प्रार्थनापत्र में कहा गया है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि पुलिस पार्टी द्वारा अभियुक्त को पकड़े जाने <नाम> उसके कब्जे से 300 ग्राम अवैध नशीला पदार्थ हेरोइन बरामद कियागया है। यदि जमानत प्रदान की गयी तो वह पुनः अपराध में संलिप्त हो सकता है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए । " ], "judge-opinion": [ "मैने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों काअवलोकन किया। पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से दर्शित है कि दिनांक 11.02.24 कोथाना हरीपर्वत की पुलिस द्वारा अभियुक्त <नाम> को आर0बी0एस0 चौराहे से 100कदम दूरी <नाम> पकड़ा गया है तथा उसके कब्जे से अवैध नशीला पदार्थ हेरोइन कीबरामदगी दर्शित की गयी है, जिसमें प्रार्थी / अभियुक्त के पास से भारी <नाम> में 300ग्राम नशीला पदार्थ हेरोइन बरामद किया <नाम> कथित किया गया है। अभियुक्त से बरामद उपरोक्त हेरोइन की <नाम> वाणिज्यिक <नाम> 250 ग्राम से अत्यधिक है। इसप्रकार अभियुक्त द्वारा कारित किया गया अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1631_202005-08-2020590
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> मुन्नी <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> प्रकाशगालव द्वारा दिनांक 15.07.2020 को थाना सदर <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी कि वह अपने परिवार के साथ अपने घर मोहल्ला <नाम> नगर में <नाम> मेंदिनांक 14.07.2020 को सो रहा था। <नाम> मं करीब 3.00 बजे के आसपास सुबह उसकेगेट <नाम> खटखट की आवाज सुनकर एकदम उसकी आंख खुल गयी, तो उसने अपनीपत्नी को जगाया और गेट के पास आये, तब भी खटपट की आवाज आ रही थी, तोउसने पूछा कौन हो, कुछ लोग एकदम भाग लिये और वह भी चिल्लाता हुआ कि चोर चोरउनके पीछे दौड़ा। उसकी आवाज सुनकर उसके मोहल्ले के <नाम> <नाम> <नाम> भी आगये और उन चारों ने भागते हुए तीनों लोगों को पकड़ लिया। पकड़कर इनसे पूछा तोबताया कि हम लोग चोर हैं। बन्द पड़े मकानों में चोरी करते हैं। <नाम> नाम पूछतातो एक ने अपना नाम कल्लू पुत्र <नाम> निवासी नंगला जस्सा <नाम> की चक्‍की हनुमानगली थाना सदर <नाम> बताया, इसके हाथ में एक पाईप रिन्च मिला। दूसरे ने अपना भूरापुत्र <नाम> निवासी नगला जस्सा थाना सदर <नाम> बताया, इसके हाथ में दोamt, ve Req fact तथा तीसरे ने अपना नाम रिजवान पुत्र सलीम निवासी <नाम> नगरसेवला थाना सदर <नाम> बताया। ", "प्रार्थगण / अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र /शपथपत्र में कहागया कि प्रार्थीगण / अभियुक्तगण ने कोई अपराध कारित नहीं किया है, वह निर्दोष हैं। प्रार्थगण // अभियुक्तगण को उक्त केस में झूठा फंसाया गया है। घटना Hl HS Tas Bail Application/5305/2020 -Bhura And OThers Vs. UP State2साक्षी नहीं है, जबकि सत्यता यह है क प्रार्थगण / अभियुक्तगण को पुलिस के द्वारा वादीमुकदमा से सांठ गांठ <नाम> उक्त मुकदमा में नामजद <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण से कोई भी बरामदगी नहीं है, जो भी बरामदगी दर्शायी गयी है,वह पुलिस द्वारा स्वयं प्लाण्ट करके दर्शायी गयी है। वास्तविकता मेंप्रार्थीगण / अभियुक्तगण को किसी भी व्यक्ति या <नाम> द्वारा चोरी करते नहीं <नाम> है औरन ही चोरी का कोई चश्मदीद <नाम> है। प्रार्थगण,/अभियुक्तगण का उपरोक्त घटना सेकोई <नाम> देना नहीं है, पुलिस ने अपना गुडवर्क दिखाने के लिए उक्त केस में झूठा फंसादिया है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्यकोई भी जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद मेंविचाराधीन नहीं है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण दिनांक 15.07.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्तगण द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, उनको इस मामले में पुलिस द्वारा वादीमुकदमा से मिलकर झूठा फंसाया गया है, अभियुक्तगण का कोई पूर्व आपराधिक इतिहासनहीं है। पुलिस द्वारा अभियुक्तगण के पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है, मामलामजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानत दिये जाने की याचनाकी गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्तगण द्वारा वादीमुकदमा के घर से चोरी करने का प्रयास किया गया तथा वादी आदि द्वारा अभियुक्तगणको मौके से पकड़ा गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "यह प्रकरण वादी मुकदमा द्वारा थाने <नाम> तहरीर देने के साथ शुरू हुआ। अभियुकतगण इस प्रकरण में झूठा फंसाना कहते हैं। अभियुक्तगण से कोई बरामदगी नहींहुई है। अभियुक्तगण दिनांक 15.07.2020 से जेल में है। थाने से प्रेषित रिपोर्ट मेंअभियुकतगण का कोई पूर्व अपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1322_202117-03-2021958
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार/पिता <नाम> सुन्दरलालने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/अभियुक्त की इस न्यायालयके अलावा किसी भी अन्य न्यायालय में जमानत प्रार्थनापत्र लम्बित नहीं है । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक वादी मुकदमा <नाम> <नाम> के द्वारा थानाशमशाबाद <नाम> दी गयी तहरीर के आधार <नाम> इस प्रकार है कि वह पल्लेदारी का कामकरता है। आज दिनांक 04.02.2021 को वह शमशाबाद से <नाम> करके अपने घर कोआ रहा था, समय करीब <नाम> 6.30 बजे <नाम> को ग्राम लहरा के पास सड़क परअचानक एक मोटरसाईकिल से 3-4 लड़के पीछे से आये और उसकी गाड़ी के सामनेगाड़ी लगायी और उसकी मोटरसाईकिल नं0 यूपी80 एफ0एफ0 4036 प्लेटिना कालेरंग की व उसका मोबाइल की पैड नं<फ़ोन-नंबर> है, लूट <नाम> ले गये। थाने परचचेरे <नाम> <नाम> के माध्यम से रिपोर्ट करायी । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना शमशाबाद <नाम> अज्ञात के विरूद्धमुकदमा अपराध संख्या 17/2021, <नाम> ३92 भा०दं0सं0 में प्राथमिकी दर्ज की गयी। दौरान विवेचना दिनांक 12.02.2021 को <नाम> अभियुक्तगण के साथ पकड़े जाने परवादी से लूटी गयी प्लेटिना मोटर साइकिल की बरामदगी के आधार <नाम> धारा-411भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। " ], "judge-opinion": [ " 2्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/ अभियुक्त को थाना हाजा की पुलिस ने गुडवर्क दिखाने के लिए वादी मुकदमाके साश मिलकर झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई आपराधिक कृत्य नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा से किसी प्रकार की कोई लूट नहीं की गयी हैऔर <नाम> ही उससे लूटी गयी मोटर साइकिल की बरामदगी है। प्रार्थी/ अभियुक्त एक21 वर्षीय छात्र है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 12.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसेजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा से मोटर साइकिल प्लेटिना यूपी080एफ0एफ0 4036 लूटे जाने तथा गिरफ्तार किये जाते समय वादी से छीनी गयी मोटरसाइकिल बरामद होने का आरोप है। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा किया गया अपराधअत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अतः उनका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "केस डायरी के अनुसार प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> अभियुक्तगण के साथमिलकर वादी मुकदमा से एक मोटर साइकिल प्लेटिना व एक मोबाइल की पैड वालालूटे जाने का आरोप है। केस डायरी की अनुसार दिनांक 12.02.2021 को सहअभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किये जाते समय जिस मोटरसाइकिल की बरामदगीदिखायी गयी है उसका कोई नंबर केस डायरी में <नाम> नहीं है, प्राप्त केस डायरी मेंन तो अभियुक्तगण की पहचान अथवा शिनाख्त वादी के द्वारा करायी गयी और ना हीघटना का कोई स्वतंत्र <नाम> दर्शाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। इसी फर्द केआधार <नाम> नामित मु0अ0सं0 84/21 के मामले में अभियुक्त व सह-अभियुक्तगण कीजमानत समकक्ष न्यायालय से हो चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_226_202121-01-20213358
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में मुलायम <नाम> पुत्र मुंशीलाल का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "2. जमानत प््रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में मुलायम <नाम> पुत्रमुंशीलाल <नाम> का कथन है कि वह अभियुक्त का पिता एवं मुकदमें में पैरोकार है तथातथ्यों की उसे जानकारी है। अभियुक्त निर्दोष है व उसको इस मामले में झूँठा फसायागया है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रकरण की फर्द परपुलिस टीम के हस्ताक्षर मौके <नाम> नहीं कराये गये। फर्द की कापी अभियुक्त को नहींप्राप्त करायी गई। घटना का कोई भी स्वतन्त्र <नाम> नहीं है जबकि घटना स्थल आबादी वाला <नाम> है तथा लोगो का <नाम> <नाम> बना रहता है। <नाम> 50 एन0डी0पी0एस०एक्ट केप्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया तथा अभियुक्त की गिरफूतारी किसी राजपत्रितअधिकारी के समक्ष नहीं ली गई। अभियुक्त दिनांक 06.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र इस न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियुक्त विश्‍वसनीय जमानत देने को तैयार है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाए । ", "3. विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा थाने से प्राप्त आख्या प्रस्तुत करके तर्क है कि इस अभियुक्त के कब्जे से कुल450 ग्राम एल्प्राजोलम नशीला पदार्थ पुलिस द्वारा बरामद किया गया है। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह जमानत का दुरूपयोग करेगा तथा उसके फरार होनेकी <नाम> है तथा वह इसी प्रकार के अपराध में पुनः संलिप्त हो सकता है। अतः उसकाजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। " ], "judge-opinion": [ "4. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान ए०डी0जी0सी0 (किमिनल) को सुना तथा थाना से प्रस्तुत आख्या एवं केस डायरी कापरिशीलन किया। ", "5. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों से विदित है कि वादी मुकदमा उपनिरीक्षकविनीत <नाम> द्वारा दिनांक 05.01.2021 को थाना एत्माददौला <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी गई है कि दिनांक 05.01.2021 को वह मय हमराही वास्तेतलाश वांछित /गिरफूतारी, शान्ति व्यवस्था व संदिग्ध व्यक्ति व वाहन रोकथाम व कार्य <नाम> चौकी <नाम> फाउन्ड्रीनगर में मामूर था तो मुखविर खास ने बताया कि दो व्यक्ति 80फुटा रोड से 100 फुटा रोड़ की तरफ अपने थैलो में नशीला पदार्थ एल्प्राजोलाम लेकर आरहे है, इस सूचना <नाम> विशवास करके मय मुखविर बताये स्थान <नाम> चल दिये व बतायेस्थाने <नाम> पहुंचने <नाम> <नाम> दो व्यक्ति हाथ में थैला लेकर सामने से आ रहे थे। जैसे हीपुलिसवालो को <नाम> सकपका गये और भागने लगे तब पुलिसवालो ने एक बारगी दविश देकर घेरकर उन दोनो व्यक्तियो को आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> पकड़ लिया, पकड़े गयेव्यक्तियो से जामा तलाशी लेते हुए नाम पता पूछा तो एक व्यक्ति ने अपना नाम पुल्ली उफअवनीश <नाम> पुत्र <नाम> बताया तथा जामा तलाशी में उसके दाहिने हाथ में लिये सफेदरंग की पॉलिथीन के बारे में पूछा तो बोला कि थैले में एल्प्राजोलाम नशीला पदार्थ है जिसेबेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करता है तथा दूसरे ने अपना नाम इन्द्रजीत यादवपुत्र मुलायम <नाम> <नाम> बताया तथा दाहिने हाथ में लिये सफेद रंग के थैले के बारे में पूछातो बोला कि थैले में एल्प्राजोलाम नशीला पदार्थ है जिसे बेचकर वह अपने परिवार का खर्चचलाता है। उनकी तलाशी किसी राजपत्रित <नाम> अथवा मजिस्देट के समक्ष चलकर देने को कहा गया तो उसने <नाम> <नाम> <नाम> तथा पुलिस द्वारा ही तलाशी लेने को कहा। धारा 50 एन0डी0पी0एस० एक्ट के तहत सहमती पत्र तैयार किया गया तथा दोनो के अलगअलग हस्ताक्षर कराये गये। थैला खोलकर <नाम> गया तो एल्प्राजोलाम जैसा प्रतीत हो रहाथा तथा सूंघने <नाम> अत्प्राजोलम की गंध आ रही थी। अभियुक्त पुल्ली उर्फ <नाम> यादवके थैले से 500 ग्राम एल्प्राजोलाम बरामद हुआ तथा अभियुक्त इन्द्रजीत के थैले से 450ग्राम एल्प्राजोलाम बरामद हुआ। लाइसेन्स तलब किया गया तो दिखाने से कासिर रहे। बरामद अल्प्राजोलम से 100-100 ग्राम बतौर नमूना परीक्षण <नाम> निकालकर <नाम> को कपड़े में रखकर सीलकर सर्वे मोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया और फर्द बनायी गयी। 36. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि मौके <नाम> जब कोई प्रिन्टरउपलब्ध नहीं था तो कथित सहमति पत्र के प््रिन्टेड प्रोफार्मा <नाम> अभियुक्त के हस्ताक्षर किसप्रकार कराये जा सकते है। तब अभियोजन कथानक मिथ्या हो जाता है एवं <नाम> 50 एन0डी0 पी0 एस0एक्ट के प्रावधानो का अनुपालन भी नहीं किया गया है तथा तर्क है कि फर्दपर मात्र अभियुक्तो को नकल दिये जाने का तथ्य <नाम> है लेकिन तब <नाम> कोई फर्द पूर्णही नहीं हुई थी तब ऐसी नकल दिये जाने का भी कोई कथन सत्य नहीं हो सकता एवंतक है कि प्रश्‍नगत घटना सार्वजनिक स्थान की है फिर भी स्वतन्त्र <नाम> को <नाम> नहीं बनाया गया है एवं बल्कि इस अभियुक्त से किसी अन्य के बारे में पुलिस द्वारा कोई पूछतांछकी जा रही थी जिसके बारे में अभियुक्त द्वारा कोई जानकारी होने से इंकार <नाम> दियागया । तब पुलिस द्वारा उसे मिथ्यो अभियोग में आरोपित <नाम> <नाम> गया है। जबकि राज्यकी ओर से उपस्थित विद्वान ए० डी0 जी0 सी०(किमिनल) द्वारा अभियुक्त के कब्जे से 450ग्राम अवैध नशीला पदार्थ एल्प्राजोलाम की बरामदगी बताते हुए तर्क <नाम> गया कि प्रश्‍नगतबरामदगी वाणिज्यिक <नाम> की श्रेणी में है एवं अभियुक्त के अपराध की <नाम> को गम्भीरबताते हुए जमानत आवेदन निरस्त किये जाने का तर्क <नाम> गया। " ] }
0DENIED
Bail Application_2367_202007-09-20202894
agra
{ "facts-and-arguments": [ "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी जीवेन्द्र द्वारा दिनांक21.03.2020 को थाना बरहन <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि बीती रात समयकरीब 12 बजे की बात है। मैं अपने मन्दिर में शो रहा था, वहीं पास में मेरी तीन भैंसेबंधी थीं, हल्की बूंदे आई तो मैं घर की तरफ चला गया, थोड़ी देर <नाम> वापस आयातो मेरी दो भैंसे नहीं मिली। मैंने सोचा कि खुल गयी हैं और मैंने इधर-उधर <नाम> तोवे बम्बा <नाम> मैक्स में भैंसे लाध रहे थे। मैंने तुरंत <नाम> को जगाया, उनको साथ लेकरगाड़ी का पीछा किया तो अहारन से कई रोड होने के <नाम> देखते-देखते गायब होगया तो पता नहीं चल पाया कि मैक्स किधर चली गयी। मेरी दो भैंसे चोरी <नाम> लेगये, लेकिन मैंने उनको काफी तलाश किया <नाम> <नाम> पता नहीं चल पाया है। जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकार श्रीमतीनूरजहां ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कथन किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तने इस तरह का कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त को पुलिस द्वाराझूठे मुकदमे में फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त से उक्त मुकदमे से सम्बंधित कोईवस्तु बरामद नहीं हुई है। प्रार्थी अभियुक्त <नाम> से बाजार करके वापस घर लौट रहाथा रास्ते में चैकिंग के दौरान ही पकड़कर बन्द <नाम> दिया। प्रार्थी / अभियुक्त द्वाराउपरोक्त मुकदमे से संबंधित किसी प्रकार की घटना या फायरिंग से सम्बंधित कोईऐसा कृत्य नहीं किया गया है, जिससे वह अभियुक्त बने। प्रार्थी / अभियुक्त से किसी 2प्रकार की बरामदगी नहीं हुई और <नाम> ही चोरी से सम्बंधित कोई <नाम> बरामद हुआहै। प्रार्थी / अभियुक्त की जमानत अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 26.08.2020 कोखारिज की चा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय,इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 11.06.2020 से जिलाकारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी / अभियुक्त अपनी विश्वसनीय जमानत देने कोतैयार है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की <नाम> की है। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अज्ञात चोरों के विरूद्ध मुकदमाअपराध संख्या 52,/2020, <नाम> 379 भाएदं0सं0 में, थाना बरहन में रिपोर्ट दर्ज कीगयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया है किप्रार्थी / अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई आपराधिककृत्य नहीं किया है। प्रार्थी ,, अभियुक्त बाजार करके वापस घर लौट रहा था। पुलिसद्वारा वाहन चैकिंग के दौरान पकड़कर बन्द <नाम> <नाम> गया था, इसी <नाम> पुलिस द्वारा उसे इस मुकदमे में झूंठा फंसा <नाम> गया है। मामले का <नाम> काकोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त से कोई बरामदगी भी नहीं है। प्रथमसूचना रिपोर्ट में भी प्रार्थी / अभियुक्त का कोई नाम नहीं है। अत: उसे जमानत पररिहा किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थ / अभियुक्त पेशेवरचोर व लूटेरे हैं। थाने से प्राप्त आख्या में उनका गम्भीर आपराधिक इतिहास है। उनके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अत: उनका जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलनकिया गया । ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि इस मामले कीप्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी थी। प्रार्थी / अभियुक्त के पास सेप्रश्नगत घटना से सम्बन्धित कोई <नाम> बरामद नहीं हुआ है। प्रार्थी / अभियुक्त कोपकड़ने <नाम> उनकी संस्वीकृति के आधार <नाम> इस मामले में उनकी संलिप्तता दर्शायीगयी है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 11.06.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्धहैं घटना का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2800_202126-04-202124
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी/अभियुक्त के पैरोकार रन्धीरने शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में <नाम> तो लगाया गया है और <नाम> ही विचाराधीन है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 28.08.2020 कोवादी उपनिरीक्षक मय हमराहियान कर्मचारीगण के साथ थाना <नाम> में तलाश वांछित,चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति वाहन व बैंक चेकिंग आदि में चौकी मिढ़ाकुर के बैरियर केपास आने जाने वाले व्यक्तियों की चेकिंग <नाम> रहा था तभी मुखविर ने सूचना दी किलैदर पार्क में तीन संदिग्ध प्रतीत होने वाले व्यक्ति किसी बड़ी लूट की घटना करनेकी तैयारी में है, जिनके पास लूट करने से संबंधित उपकरण व असलहा एवं कारतूस भी हैं, जल्दी की जाये तो पकड़े जा सकते हैं। सूचना <नाम> पुलिस <नाम> ने एक दूसरेकी जामा तलाशी ली तथा यह यकीन किया कि किसी के पास कोई अपराध संबंधी 2वस्तु नहीं है और मुखविर के बताये स्थान <नाम> चल दिये। लैदर पार्क से दो सौ मीटरपहले गाड़ी खड़ी करक पार्क के बाहर सड़क के किनारे बनी झौंपड़ी व गड्ढों मेंछिपते हुए आगे चले तो मुखविर ने पार्क के कोने में बैठे तीनों व्यक्तियों की ओरइशारा करते हुए बताया कि जो व्यक्ति झाडियों के पास बैठे हैं तथा मोटर साइकिलखड़ी हैं, ये लोग ही लूट की <नाम> बना रहे हैं। मुखविर चला गया तभी पुलिस बलछिपते छिपाते तीनों व्यक्तियों के पास पहुंचा तथा तीनों व्यक्तियों की बातों को सुनातो तीनों व्यक्ति आपस में कह रहे थे कि आज चलक लूट <नाम> है तथा मोटामुनाफा कमाना है, यकीन होने <नाम> अचानक सामने आये तीनों व्यक्ति पुलिस <नाम> कोदेखकर हड़बड़ा गये और उठकर मोटर साइकिल को लेकर चलने का प्रयास करनेलगे तभी आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> तीनों को मौके <नाम> पकड़ लिया। नाम पता पूछागया तथा जामा तलाशी ली गयी तथा तीनों ने अपने नाम <नाम> <नाम> व धर्मेन्द्र बताया तथा उनके कब्जे से लोहे की रॉड सब्बलनुम, दो अदद पेचकस, 6 रिन्च, 02अदद चाबी, तमन्चे व कारतूस 315 बोर, मोटर साइकिल, 7 अदद टोंटी, एल.ई.डी.बल्ब मु0अ0सं0 293/2020, <नाम> 380 भा०द0सं0 थाना मलपुरा <नाम> व तीन जोड़ीपायल व 1000/-रूपये नकद अन्य मुकदमे के बरामद हुए। माल को अलग कणड़े मेंरखकर सील सर्व मोहर किया गया। <नाम> को लोगों से गवाही के लिए कहा गयाकिन्तु कोई गवाही के लिए तैयार नहीं हुआ। ", "फर्द बरामदगी के आधार <नाम> थाना मलपुरा, <नाम> में अभियुक्तगणबलराम, <नाम> एवं धर्मेन्द्र के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 306/2020, <नाम> 398,401 भा0दं0सं0 दर्ज किया गया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है तथा प्रार्थी/अभियुक्त कोपुलिस उच्चाधिकारियों को गुडवर्क दिखाने के उद्देश्य से झूंठा फंसा <नाम> है। प्रार्थी / अभियुक्त ने किसी प्रकार की कोई लूट नहीं की है और उसका कोई गिरोहनहीं है । प्रार्थी / अभियुक्त को घर से पकड़कर पुलिस ने बंद <नाम> <नाम> है। घटना काकोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> अपराधकारित नहीं किया है। मौखिक <नाम> से यह तर्क प्रस्तुत किया गया है किसह-अभियुक्तगण धर्मेन्द्र एवं <नाम> की जमानत पूर्व में हो चुकी है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 29.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। अतः 3प्रार्थी / अभियुक्त को इन्हीं आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा केस डायरी व थाने की आख्यासम्यक्‌ परिशीलन किया गया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी/ अभियुक्त व उसकेसाथियों को पुलिस द्वारा लूट की <नाम> बनाते हुए गिरफूतार किया गया है तथा उनकी जामा तलाशी से लोहे की रॉड सब्बलनुमा, प्लास, पेचकस, रिन्च, चाबी वअसलहे बरामद होने का कथन किया गया है। पुलिस द्वारा बरामदगी व घटना काकोई जनसाक्षी नहीं है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास भी नहीं बताया गया है। सह-अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में स्वीकार होचुकी है। मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_613_202010-02-20201063
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के बहनोई व पैरोकारफुरकान के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा अनिलराठौर द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किवह वाहन कैन्टर संख्या-यूएपी0 80/ सी0टी0 5510 का पंजीकृत <नाम> है। उसने अपना उक्त वाहन <नाम> फिलिंग स्टेशन के पास दिनाक 06.12.2019को खड़ी <नाम> <नाम> था तथा अपने घर चला गया था। जब वह दिनाक07.12.2019 को अपनी गाडी लेने गया तो वहाँ नहीं थी। उसने Bail Application/1774/2020 —-Sahid Vs. UP State 2 सी०सी०टी0वी0 कैमरे देखे तो पता चला कि उसका वाहन अज्ञात लोगफिरोजाबाद की तरफ ले गए हैं। उसका उक्त वाहन दिनाक 06.12.2019 कोसमय 11:30 बजे चोरी हुआ है। इतने <नाम> <नाम> गाड़ी को खोजता रहा है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 08.01.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है । प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। गिरफ्तारी का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी काकोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किअभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा का वाहन चोरी किया गया है, जो उससे बरामदहुआ है। अभियुक्त द्वारा वाहन <नाम> फर्जी नम्बर प्लेट लगायी गयी थी। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रोंका सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 06.12.2019 की समय 23:30 बजे की बतायी गयी है तथाप्रथम सूचना रिपोर्ट दिमाक 14.12.2019 को समय 15:18 बजे दर्ज करायीगयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनाक 07.01.2020 को पुलिसपार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जेसे एक तमंचा व एक कारतूस बरामद किया गया है। प्रार्थी के कब्जे सेप्रश्‍नगत मामले से संबंधित वाहन बरामद किया <नाम> भी दर्शित किया गया है जिस <नाम> फर्जी नम्बर प्लेट लगा होना बताया गया है। कथित बरामदगी काकोई स्वतन्त्र <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। प्रार्थी एक माह से जिला Bail Application/1774/2020 —-Sahid Vs. UP State 3कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2696_202113-04-202130
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र अंजली <नाम> पत्नी स्व0 <नाम> <नाम> <नाम> काइस आशय का दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त की पैरोकार मुकदमा है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्रपूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किसीएनजी ओटो सिटी परमिट वाहन सं0- यू0पी0-80-सी0टी0-6626 दिनांक 29.03.2021को समय करीब 7 बजे सिकन्दरा सब्जी मण्डी से चोरी हो गया था। इसके <नाम> वादीओटो की तलाश में लगातार जुट गया तो दिनांक 04.04.2021 को <नाम> सूचना के आधार <नाम> फैट्री एरिया गोलचक्कर के पास चलता हुआ मिल गया। वादी और साथ में घूर रहेविनोद <नाम> ने टेम्पो पकड़ लिया और चोर को पकड़ लिया और थाने लाये। अतः रिपोर्टदर्ज <नाम> उचित कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया। ", "2Bail Application/4708/2021 -Monu Vs. UP Stateअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी /अभियुक्त कोपुलिस से सांठ गांठ <नाम> उपरोक्त मुकदमे में गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूठा एवं फर्जी फंसाया गया है। प्राथमिकी के अनुसार घटना दिनांक 29.03.2021 की बतायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट 6 <नाम> विलम्ब से लिखायी गयी है, जिसका कोई भी स्पष्टीकरण नहींहै तथा उसी थाना <नाम> में टैम्पो चलता हुआ मिला तथा <नाम> ही टैम्पो की नम्बर प्लेट चेंजहुई । उपरोक्त केस के वादी प्रवीन <नाम> से प्रार्थी / अभियुक्त की ब्याज के पैसों को लेकरकुछ कहा सुनी हो गयी थी, जिस <नाम> वादी ने दबंगई के <नाम> <नाम> पुलिस से सांठ गांठ करके रंजिशन उपरोक्त मुकदमें में झूठा फसा दिया। प्रार्थी/अभियुक्त ने किसी भी प्रकारका कोई अपराध नहीं किया है, वह टैम्पो चलाना जानता ही नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 04.04.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त की जमानतदिनांक 05.04.2021 को माननीय अवर न्यायालय के द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कानिवेदन किया गया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक)के द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प््रार्थी/अभियुक्त को वादी व उसकेसाथी द्वारा टैम्पू चलाते हुए पकड़ा गया है। प्रार्थी /अभियुक्त शातिर किस्म का व्यक्ति है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा जमानत का दुरूपयोग <नाम> फरार होने तथा पुनः अपराध कारितकिये जाने की <नाम> है। अतः जमानत प््रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी एवं अन्य प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया। ", "केसडायरी एवं एफ०आई0आर० तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है किअभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा दैम्पो चोरी करने तथा वादी द्वाराउसे चोरी का टैम्पो चलाते हुए पकड़ने का आरोप है। ", "उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि घटना तथा बरामदगी का कोईस्वतंत्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी / अभियुक्तदिनांक 04.04.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4885_201930-08-20195001
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> पुत्र मदनसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> मणिकान्त <नाम> थाना जगनेर जिला <नाम> ने दिनांक 30.01.2019 को 14.05 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण बन्टू उर्फ रामकुमार, <नाम> <नाम> उर्फ पप्पू, जीतू, <नाम> उर्फ भूपेन्द्र, रामऔतार, <नाम> <नाम> व <नाम> के द्वारा एक संगठित गैग बना लिया है जिसकेसदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> फिरोती <नाम> अपहरण जैसे Oeन्‍न्‍य अपराध कारित <नाम> <नाम> में भय व्याप्त <नाम> धन अर्जित करते है। अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गया है। आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2,/3 उ0प्रणगिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथाप्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नही किया है। उसेपुलिस ERT Sor SUT Wa है। अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नही है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। वह सम्रान्त परिवार का व्यक्ति है। विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। अभियुक्त करीव एक वर्ष से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> रिहाकिया जाये। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 175 /18 धारा-364ए भा.दःस थाना-जगनेर जिला आगरा। (2) अं. 178 /18 धारा-307 भा.द.सं. थाना-जगनेर जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकको सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर फिरौती <नाम> अपहरण एवं हत्या करने के प्रयास जैसे जघन्य अपराध करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोडे जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और(ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहा <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्नहै, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "प्रकतिअभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर फिरौती <नाम> अपराण एवं हत्या करने के प्रयास जैसे जघन्यअपराध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान कोदृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है औरजमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2047_202110-03-20211267
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2670_202029-09-20202405
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारीनिरीक्षक <नाम> <नाम> व अन्य हमराही पुलिस दल द्वारा दिनांक 19.08.2020 कोसमय 10.30 बजे रोहता चौराहे से शमशाबाद की ओर जाने वाले रास्ते <नाम> थानासदर बाजार <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्त सुल्तान <नाम> जादौन को गिरफूतार कियागया जिसके कब्जे से एक देशी तमंचा 315 बोर व दो कारतूस जिन्दा 315 बोरनाजायज बरामद किए गए। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी/ अभियुक्तको उपरोक्त अपराध में पुलिस द्वारा उसकी बहन के घर से पकड़कर फर्जी घटनादर्शाकर रंजिशन झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नही किया है। <नाम> काकोई <नाम> नही है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त का जो अपराधिकइतिहास दर्शाया गया है उसमें मु0अ0सं0 4162019 में अभियुक्त की जमानतदिनांक 24.09.2019 को अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय सं015 <नाम> द्वारा स्वीकारकी चुकी है। <नाम> सभी मुकदमें इस मामले के घटनाकम में एक ही <नाम> फर्जी तरीकेसे लगाये गये हैं। अभियुक्त दिनांक 20.08.2020 से जेल में है। अतः्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन किया गया। Bail Application/7762/2020 —Sultan Singh Jadoon Vs. UP State 2अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा कहा गया है कि अपराध गम्भीरप्रकृति का है तथा अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिजकिया जाये। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के <नाम> सुने तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट /फर्द बरामदगी में अभियुक्त के कब्जे से एक तमंचा व दो कारतूस अवैध रूपसे बरामद किया <नाम> बताया गया है। बरामदगी के संबंध में <नाम> का कोई स्वतंत्रसाक्षी नही दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक 20.08.2020 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6370_201913-11-20191837
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के चचेरे <नाम> व पैरोकाररिजवान अली के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाइलयास अंसारी द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृतकरायी गयी कि वह व उसके गाँव का भत्तीजा रहमत अंसारी दिनाक05.10.2019 को समय करीब 09:30 बजे <नाम> को अग्रसेन मील <नाम> सेट्रक संख्या- जे0एच0 11 / डब्लू0 2922 में 14400 टीन सरसों का तेल और200 कार्ट्न बोतल पैक सरसों का तेल लोडकर झारखण्ड जिला गिरिडिह जा रहा था। सैंया फलाईओवर रेलवे लाइन किनारे समय करीब रात 41:30 बजेआ रहा था इतने में पीछे से सफेद रंग की बोलेरों गाड़ी में सवार 5-68अज्ञात ने ओवरटेक <नाम> ट्रक को रोक लिया और उसके ट्रक में लोट <नाम> सहित लूट लिया तथा उन दोनों को बोलेरो में डाल <नाम> रात रात भर घुमाते रहे और उसे गाँव नयाबांस के जंगलों में सुबह छोड़कर भाग गए। उसका मोबाइल व उसके कंडक्टर का मोबाइल भी बदमाश छीन ले गए । प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> एवं विद्वानवरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिंक 13.10.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थीकी शिनाख्त कार्यवाही नहीं करायी गयी है। <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। पुलिस द्वारा प्रार्थी को घर से पकड़ा गया है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहींहै। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का सह-अभियुक्तगणसे कोई संबंध व सरोकार नहीं है। यह प्रार्थी का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त घटना में संलिप्त रहा है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6870 / 2019सानू बनाम राज्यप्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 05.10.2019 की समय 21:30 से 23:30 बजे के मध्य की है। प्रार्थी का नाम सह-अभियुक्तगण के कथन के आधार <नाम> <नाम> में आया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को पुलिस पार्टीद्वारा दिनाक 13.10.2019 को सह-अभियुक्त अब्दुल के गिरफ्तार किया गयाहै तथा उसकी निशानदेही <नाम> तीन टीन सरसों के तेल के टीन बरामद होनाबताया गया है। अभियोजन द्वारा उक्त तीन टीन सरसों का तेल प्रश्नगतअपराध से संबंधित होना कहा गया है। प्रार्थी द्वारा भी अपने कथन में उक्ततथ्य की संस्वीकृति की गयी है। सह-अभियुकत बिजेन्द्र उर्फ पप्पू कीजमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। अभियोजन कीओर से प्रार्थी द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदा किया <नाम> दर्शित कियागया है। प्रार्थी को झूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रएक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। " ] }
0DENIED
Bail Application_4056_201929-08-201910
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में सोरन सिंहका शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। 2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा हरीओम ने थानासैंया <नाम> में इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 12-06-2019 को उसकी पुत्रीपूनम आयु 17 वर्ष रात 10 बजे शौच करने खेतों में गयी थी। उसके गाव का देशराजउसकी लड़की को शादी करने के उद्देश्य से बहला फुसलाकर भगा ले गया। उसनेअपनी पुत्री को तलाश किया तो नहीं मिली। लड़की के साथ अनहोनी घटना हो सकतीहै। 3 जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। पीड़िता आवेदक से प्यार करती थी यह बात <नाम> केपिता को अच्छा नहीं लगी इस <नाम> आवेदक को झूँठा फंसा <नाम> है। आवेदक वपीड़िता की शादी दिनाक 19-06-2019 को आर्य समाज <नाम> से हुयी है। पीड़िता 15माह की गर्भवती है। पीड़िता ने अपना <नाम> 164 द॑0प्रएसं0 का बयान आवेदक के समर्थनमें <नाम> है। आवेदक/ अभियुक्त का कोई कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यहअभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथामाननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने कीयाचना की गयी है। 5— अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने <नाम> में उन्हीं तथ्यों को दोहराया हैंजो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त पीड़िता कोबहला फुसलाकर भगा ले गया है और उसके साथ बलात्कार किया है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । " ], "judge-opinion": [ "4— ्रार्शी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी,पीड़िता के <नाम> 161 व 164 दं0प्रoसं0 के बयान, मैडिकल रिपोर्ट एवं <नाम> पत्रावली काअवलोकन किया । ", "6— मैंने प्रथम सूचना रिपोर्ट, मैडिकल रिपोर्ट, आयु प्रमाणपत्र, केस डायरी वप्रतिशपथपत्र का अवलोकन किया। पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि उसनेअभियुक्त से शादी <नाम> ली है तथा उससे वह गर्भवती भी हो गयी है। मैडिकल रिपोर्ट मेंभी पीड़िता का गर्भवती होना पाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में पीड़िता की आयु 17वर्ष बतायी गयी है तथा यह कहा गया है कि दिनांक 12-06-2019 को जब वह रात मेंशौच के लिये खेतों में गयी तो आवेदक / अभियुक्त देशराज, वादी की लड़की <नाम> को —2—बहला फुसलाकर शादी करने के उद्देश्य से भगा ले गया। अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता कथन है कि पीड़िता की आयु 19 वर्ष है किन्तु पीड़िता क शैक्षिक प्रमाणपत्रऔर स्थानान्तरण प्रमाणपत्र (लीविंग सर्टिफिकेट) के अनुसार पीड़िता की जन्मतिथि30-08-2002 है। यद्यपि पीड़िता का यह कहना है कि वह अभियुक्त से प्यार करती हैतथा उसी के साथ शादी <नाम> रहना चाहती है किन्तु इस मामले की पीड़िता चूँकि प्रथमदृष्टया नाबालिग है एवं घटना के समय उसकी आयु लगभग 16 साल 10 माह थी अतःउक्त परिस्थितियों में <नाम> अपने माता पिता की सहमति से वह किसी अन्य व्यक्ति केसाथ भागकर अपनी मर्जी से शादी करने के लिये प्रथम दृष्टया सक्षम प्रतीत नहीं होतीहै। स्पष्ट है कि आवेदक / अभियुक्त द्वारा पीड़िता को उसके माता पिता की अभिरक्षा सेरात में 10 बजे शौच करने जाते समय भगाकर ले जाया गया है तथा महीनों अपने साथरखा गया है तथा उसके साथ यौन संबंध स्थापित किये गये हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_1775_202002-09-20203004
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के चाचा मौ0 हारुन की ओर सेशपशथ्पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को झूंठाwa गया है, वह निर्दोष है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है तथा उससे कोई बरामदगी नहीं है। <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त के पास से वादिनी का लूटा हुआ मोबाइल बरामद हुआ है। अतः जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 07.10.2018 को वादिनी लकी सिंहके द्वारा थाना लोहामण्डी <नाम> एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि वह आज दिनांक07.10.2018 को 4.45 बजे <नाम> लोहामण्डी बाजार सब्जी लेने गयी थी। उसके हाथ मेंउसका पर्स था, जिसमें 45 हजार रुपये, नोकिया का फोन नं<फ़ोन-नंबर> एक अज्ञातव्यक्ति छीनकर ले गया है। वह थाने रिपोर्ट लिखवाने आयी है। वादिनी की इस तहरीरके आधार <नाम> थाना लोहामण्डी <नाम> अ0सं0 337 / 2018 अन्तर्गत <नाम> 392 भा0दं0सं0पंजीकृत हुआ। दिनांक 02.02.2019 को एस.आई. <नाम> भाटी मय हमराह द्वारा अभियुक्त 2 सद्दाम को पकड़े जाने <नाम> उसके पास से लूट का मोबाइल बरामद हुआ, जिसके आधारपर मुकदमे में <नाम> 411 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) के तर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त से एकसेमसंग तथा एक ओपो मोबाइल फोन की बरामदगी हुयी है। अपराध से सम्बन्धित प्रथमसूचना रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादी के नोकिया फोन एवं 15,000 /-रुपयों की लूट की गयी है। इस प्रकार से अपराध से सम्बन्धित मोबाइल फोन कीबरामदगी आवेदक / अभियुक्त से नहीं हुयी है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजदनहीं है तथा उसकी मौके से गिरफ्तारी नहीं हुयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3356_201903-07-20192617
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथाइसके साथ सूरज <नाम> पुत्र जलसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.ओ. <नाम> ब्रहम सिह थाना मलपुरा जिला <नाम> ने दिनांक 24.05.2007 को 00.10 ए.एम. थाना <नाम> जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण जलसिंह व लोटन के द्व गरा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर लोटन है। जो गैंग के सदस्यों के साथमिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> जुआ कराकर धनोपार्जन जैसे अपराध कारित करते है जिसके <नाम> <नाम> में उक्त अभियुक्तगण का भय व आतंक व्याप्तहै। ", "अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणकोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 एवं 3/4 जुआअधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे षड्यंत्र के तहत झूँठा फंसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त काकोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह का सदस्य है, <नाम> ही उसने कभी किसीसमाज विरोधी गिरोह मे सम्मिलित होकर एवं जुआ कराकर किसी प्रकार का भौतिक एवं 2आर्थिक <नाम> प्राप्त किया है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें से दोमुकदमें निर्णीत हो चुके है। उसे आपराधिक इतिहास में दर्शये गये केसों में झूँठा नामजदकिया गया है। उसने कोई धनोपार्जन नही किया है। उसने माननीय उच्च न्यायालय मेंयाचिका सं0 7503/07 दाखिल की जिस <नाम> मा0उ० न्या० द्वारा उसकी गिरफतारी <नाम> रोक लगाते हुए स्टे प्रदान <नाम> <नाम> गया। न्यायालय द्वारा उसके विरूद्ध वारट जारी करदिये गये लेकिन उस <नाम> आज <नाम> किसी वारंट की तामील नही हुई है। इस <नाम> वहन्यायालय में उपस्थित नही हो सका। भविष्य में वह प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित होता रहेगा तथा जमानत का दुरूपयोग नही करेगा। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 13/07 <नाम> 13 जुआ अधिनियम. थाना- मलपुरा जिला आगरा2-अ0 सं0 04 /02 <नाम> 13 जुआ अधिनियम थाना- मलपुरा जिला, आगरा३-अ0 सं0 244/07 <नाम> 23 गैंगस्टर एक्ट व 3/4 जुआ अधिनियम थाना- मलपुराजिला आगराके मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया । गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध जुआ कराने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों के सम्बन्ध में अभियुक्त ने निर्णीतहोना अभिकथित किया है परन्तु निर्णय की कोई <नाम> प्रस्तुत नही की। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> 3एवं अभियुक्त के जुआ कराने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम कीधारा 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6859_201901-01-20202709
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन मेंश्रीमती राजवती <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा अतुलमित्तल द्वारा दिनांक 28.03.2018 को समय 01.58 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्टयह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि दिनांक 27.03.2018 को वादी अपनी दुकानसे <नाम> एक्लेव <नाम> नगर अपने घर जा रहा था। उसके मिलने वाले रास्ते मेंमिल गये। तो पार्कलेन होटल वाले मोड <नाम> उसने अपनी एक्टिवा <नाम> रंग यू पी80 डी <नाम> 7304 को पेड़ के नीचे खड़ा कराके जिसमें चाबी भी लगी रह गईथी । अपने मिलने वालों से रोड़ पार करके बात करने लगा था। बात करने के बादजब वह वापस आया तो उसकी एक्टिवा वहाँ <नाम> <नाम> हीं मिली। जिसमें रुपये, चाबीव चेकबुक <नाम> थी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध कारितनहीं किया है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि <नाम> बरामदगी अभियुक्त अजयव <नाम> से पाँच वाहनों की दिखाई गई हैं जो कि असम्भव व मनगढन्त कहानी है। वह जिला जेल <नाम> में बन्द था। दिनांक 20.11.2019 को तलब करके झूठे तौरपर उसे इस अपराध में फसा <नाम> गया हे। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया किअपराध सं0 748/2019 में जमानत स्वीकार हो चुकी है। जमानत के आधार पर्याप्तहैँ, जमानत <नाम> दी जाये। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायह शासकीय अधिवक्ता फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्ततथा यह अभियुक्त के कब्जे से पाँच -'पाँच वाहनों की बरामदगी हुई है। अभियुक्तको जमानत <नाम> छोड़ने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "सुना व केस डायरी का परिशीलन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि दिनांक 28.09.2019को पुलिस द्वारा अभियुक्तगण <नाम> तथा <नाम> उफ मिरिण्डा उफ सन्जू कोगिरफतार किया गया। अभियुक्त <नाम> के कब्जे से एक अदद तमंचा 12 बोरव एक अदद 12 बोर कारतूस बरामद हुआ। दूसरे ने अपना नाम <नाम> उर्फमिरिण्डा उर्फ सन्जू बताया। दोनों अभियुक्त से झाडियों में रखे 04 मोटर साईकिलव 01 एक्टिवा के बारे में पूछा गया तो दोनों एक स्वर में कहने लगे कि <नाम> — 2 —_गलती हो गई। दोनों व्यक्ति टू व्हीलर वाहनों की चोरी करते हैं व चोरी के वाहनोंको खरीदने व बेचने का <नाम> करते हैं। आज वह लोग इन वाहनों को गाडी मेंभरकर ले जाकर कहीं बेचने की फिराक में <नाम> पकड लिये गये। बरामद मोटरसाईकिल को चैक किया तो गाडी नं0 यू पी 13 बी ई- 0813, गाड़ी नं0 यू पी 81बी वी- 5067, गाड़ी नं0 यू पी 80 ए डी- 4778, गाडी नं0 यू पी 80 सी डब्ल्यू-994 स्पलैण्डर पाचवा वाहन एक्टिवा सं0 यू पी 80 डी <नाम> 704 ब्लू / कालाचैसिस नं0 MEAJF504KFT803675 इंजन नo JF 50ET2804148बरामद किये गये थे। इसी आधार <नाम> उन्हें गिरफतार किया गया था। प्रस्तुत मामलेमें जिस एक्टिवा की बरामदगी कही जाती है। उसके सबंध में यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया कि वादी ने अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में एक्टिवा कारंग <नाम> बताया हैऔर वाहन सं0 यू पी 80 डी <नाम> 7304 बताया है जबकि जो एक्टिवा बरामदकिया <नाम> कहा गया है उसका नं0 यू पी 80 डी <नाम> -704 और रंग नीला/काला है। इस प्रकार अभियुक्त को फसाये जाने का <नाम> प्रस्तुत किया गया है। ्रार्थनापत्र के साथ मुकदमा अपराध सं0 7482019 के आदेश की <नाम> भी प्रस्तुतकी गई हैं जिसमें दिनांक 19.11.2019 को जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया गयाहै। इसके अतिरिक्त मुकदमा अपराध सं0 431/2019 थाना एत्माददौला, आगराधारा 379,411 भा०द0सं0 में भी अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 19.11.2019को स्वीकार किये जाने का प्रमाण प्रस्तुत किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5042_201913-09-20194444
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र कोप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ मो0 मुस्तकीम पुत्र मो0 मुस्तफा काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. <नाम> प्रवीन कुमारहरीपर्वतमान थाना हरीपर्वत जिला <नाम> ने दिनांक 10.07.2019 को 18.10 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण कासिम पठान व सादाब के द्वारा एक संगठित गैग बना लिया है जिसका गैगलीडर कासिम पठान है जो अपने सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवंभौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> लूट जैसे जघन्य अपराध करते है तथा समाज विरोधी <नाम> कलाप मेंसलिप्त हे। ", "अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गया है। ", "इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गयाहै। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथाप्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में झूठा फ॑साया गया है। उसने कोईअपराध कारित नही किया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। वह <नाम> तो किसी गैग का लीडर है और <नाम> ही पूर्वसजायाफता है। उसका <नाम> में कोई भय व्याप्त नही हैं। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। उसका यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंलम्बित नही है। अभियुक्त दिनक 29.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> रिहाकिया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 457/18 धारा-392, 411 भा.द.सं. थाना-हरीपर्वत जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकको सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामला दर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर लूट जैसे जघन्य अपराध करने का अभिकथन है । 2उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रशनहै, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर लूट करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्तअपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3449_201926-07-20191413
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता व पैरोकार नेहनाके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गईंकि दिनाक 19.11.2018 को वह समय करीब रात 08:00 बजे <नाम> से अपनेघर वापस आ रहा था तभी रास्ते में फरेरा एस0एस0डी0 नेशनल स्कूल केसमाने, बाह, <नाम> रोड <नाम> तीन व्यक्ति मोटरसाईकिल संख्या-यू०पी०80/7118 <नाम> सवार ने हाथ देकर प्रार्थी को रोक लिया और गाली गलौजतथा तमंचा दिखाकर प्रार्थी की जेब में रखे 9,600/- रूपए और एकमोबाइल रेडमी और एक सनटॉप का <नाम> जिसमें कागज रखे थे, छीन करफरैरा की तरफ भाग गए। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : ३449, 2019पवन बनाम राज्यअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकरायी गयी है। <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहींहै । प्रार्थी का अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी दिनांक 24.06.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी के आत्मसमपर्ण प्रार्थना पत्र <नाम> पुलिस द्वारा रिपोर्ट प्रेषित करते समय यह मुकदमा भी गलत गलत तरीके से <नाम> दियागया है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्त के साथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> अरूण <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामले में घटनादिनोक 19.11.2018 की समय 20:00 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टसंबंधित थाने <नाम> दिनाक 20.11.2018 को समय 09:51 बजे <नाम> करायीगयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी कोसह-अभियुक्त के बयान के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी द्वारा स्वयं न्यायालय के समक्ष आत्मसमपर्ण किया गया है। प्रार्थी सेकोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी एक माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कियाजा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_729_202031-01-20201576
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्ता के पैरोकार रविन्द्र ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुकता का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक कके अनुसार वादी <नाम> लवानियाँ द्वारा विपक्षीगण कु0भुवनेश्वरी, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> वीरेन्द्र <नाम> उपनिरीक्षक, हैडकांस्टेविल मुख्तयार <नाम> एवं हैड कांस्टेविल <नाम> <नाम> के विरूद्द मुकदमा पंजीकृतकराये जाने <नाम> न्यायालय में प्रार्थना पत्र <नाम> 1568) दए0प्रएसं0 के अन्तर्गत प्रस्तुतकरते हुए कथन किया गया कि दिनांक 23.10.20154 को सांय करीब 7 बजे वह अपने चचेरे <नाम> <नाम> लवानियाँ की दुकान लवानियाँ डेरी, राजपुर चुंगी <नाम> मिलने आयाथा, तभी एक महिला व उसके साथ तीन-चार व्यक्ति डेरी <नाम> आये तथा उन लोगों ने एक लीटर दूध माँगा, <नाम> ने उनको एक लीटर दृध <नाम> <नाम> दूध लेने के <नाम> वह लोग चलने लगे तो <नाम> ने दूध के पैसें माँगे, तब उक्त महिला व उसके साथ आयेलोगों ने कहा कि पैसे आते रहेगें, <नाम> द्वारा यह कहने <नाम> कि पैसे देकर जाइये,इसी बात <नाम> महिला उत्तेजित होकर बोली कि वह उसको नहीं जानता है, उसका (2)नाम भुवनेश्वरी है, वह पुलिस की बड़ी महिला <नाम> है, पहचान ले, वर्ना काफीनुकसान झेलना होगा, तभी वह तीनों व्यक्ति जो महिला के साथ आये थे, कहने लगेकि पुलिस से मत टकरा, तभी विवाद होने लगा तो शोर सुनकर <नाम> <नाम> उर्फ निर्मेश व अन्य लोग आ गये जिन्होंने समझा बुझाकर विवाद को सुलवाने का प्रयासकिया, इसी बात <नाम> महिला भुवनेश्वरी जो स्वंय को पुलिस <नाम> बता रही थी, नेरोहित के चांटा मारा तथा उसके साथ आये तीनों व्यक्तियों ने भी भुवनेश्वरी के साथमिलकर <नाम> <नाम> एवं निर्मेश उर्फ <नाम> को मारना शुरू <नाम> दिया। भुवनेश्वरी ने डेरी में रखे तेजाब की बोतल उठाकर <नाम> के चेहरे को जाने के लिए उस <नाम> उड्ेल दी, <नाम> द्वारा बचाव करने <नाम> उसका चेहरा बच गया लेकिन उसका शरीर तेजाब से जल गया, भुवनेश्वरी कह रही थी कि चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेगा तथा <नाम> दर्दसे चिल्ला रहा था। वह चौकी <नाम> सूचना देने गया तब उपनिरीक्षक <नाम> हैडकांस्टेविल मुख्तार <नाम> उपनिरीक्षक वीरेन्द्र <नाम> एवं हैड कांस्टेविल <नाम> आये तथा सभी लोगों ने मिलकर <नाम> <नाम> व <नाम> उर्फ निर्मेश को मारना शुरू करदिया, मौके <नाम> भीड़ इकट्‌ठी हो गई तथा भीड़ को देखते हुए उपरोक्त पुलिस केदरोगा ने दुकान में रखे काउण्टर व दूध आदि को नष्ट व तहस नहस <नाम> <नाम> तथारोहित, <नाम> उर्फ निर्मेश व <नाम> को जीप में बेदर्दी से पटक <नाम> थाने ले गये। ", "वादी के प्रार्थना पत्र <नाम> न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में सम्बन्धितथाने से आख्या मँगाई गई तदुपरान्त प्रार्थना पत्र <नाम> 156(3) द0प्र0सं० को परिवाद केरूप में दर्ज किया गया। ", "परिवादी द्वारा अपने परिवादपत्र के समर्थन में स्वंय को <नाम> 200 द0प्र0सं0 एवं202 द0प्र0सं0 के अन्तर्गत साक्षीगण को परीक्षित कराया गया। तदुपरान्त परिवादी द्वाराप्रस्तुत साक्ष्य के आधार <नाम> अभियुक्‍कतगण कु0 भुवनेश्वरी, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> वीरेन्द्र <नाम> हैड कांस्टेविल मुख्तयार <नाम> व हैड कांस्टेविल जगदीशसिंहको <नाम> 147, 148, 149, 323, 326, 324, 307, 325, 427 भा0०द0सं० के अन्तर्गत तलबकिया गया। ", "अभियुकता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तानिर्दोष है, उसको इस प्रकरण में झूंठा नामित किया गया है, जबकि अभियुक्ता द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया है। यह भी कथन किया गया कि वादी एवं उसकेभतीजों द्वारा अभियुक्ता व उसके रिश्तेदारों के साथ मारपीट की गई थी जिसकीसूचना 100 नम्बर <नाम> दी गई थी तथा सम्बन्धित थाने <नाम> मु0अ0सं0 980 / 2015 (3)जमानत प्राथना पत्र स0: 729 “2020 प्रार्थना पत्र सं0: 729 / 2020दिनांक 23.10.2015 को पंजीकृत कराया गया था, थाना पुलिस के साथ मारपीट करनेका मुकदमा भी वादी पक्ष के विरुद्द पुलिस द्वारा मुएअ0सं० 981 / 2015 <नाम> पंजीकृत कि गया है। उक्त दोनों अपराध की घटनाओं को कारित के बचाव में वादी द्वारा झूठेतथ्यों के आधार <नाम> बनावटी साक्ष्य देकर अभियुक्ता एवं <नाम> अभियुक्तगण को घटना के लगभग <नाम> वर्ष <नाम> इस प्रकरण में तलब करवाया गया है। कथित घटना काकोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्ता द्वारा स्वंय न्यायालय मेंआत्मसमर्पण किया गया है तथा अभियुक्ता दिनांक 29.01.2020 से जिला कारागार,आगरा में निरूद्द है, अतः: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । ", "विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं वादी के विद्वान अधिवक्ता द्वाराजमानत का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुकता प्राथमिकी में नामितहै। अभियुकता के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के भतीजे <नाम> एवं अन्य के साथ मारपीट करते हुए, <नाम> <नाम> तेजाब फेंककर गम्भीर उपहति कारितकी गई तथा <नाम> से मारने की धमकी दी गई। अभियुकता द्वारा कारित अपराध गम्भीरप्रकृति का है, अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्ता के विरूद्द अन्य <नाम> अभियुक्तगण केसाथ मिलकर वादी के भतीजे <नाम> एवं अन्य के साथ मारपीट करते हुए, <नाम> परतेजाब फेंककर गम्भीर उपहति कारित करने तथा <नाम> से मारने की धमकी दिए जानेका आरोप है। ", "आहत <नाम> की चिकित्सीय रिपोर्ट के अनुसार उसके उक्त घटना में ue ale <नाम> बताया गया है जिनको चिकित्सक द्वारा साधारण <नाम> की बताया गया है। ", "अभियुकता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> पूर्वक तर्क प्रस्तुत किया गया है किवादी पक्ष के द्वारा अभियुक्ता एवं <नाम> अभियुक्तगण के साथ मारपीट करते हुए गम्भीरचोटें पहुँचाई गई थी, जिनके सम्बन्ध में <नाम> अभियुक्तगण के द्वारा वादी पक्ष के विरूद्दमु0अ0सं० 980 / 2015 एवं 981 / 2015 दर्ज कराया गया था जिसमें वादी पक्ष की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की गई थी, स्वंय के विरूद्द दर्ज मुकदमों से (4)बचने के लिए वादी पक्ष द्वारा स्वंय चोटें बनाकर यह झूंठी प्राथमिकी <नाम> कराई गईहै। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवंउनका सहयोग <नाम> रहे वादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा अवरन्यायालय की पत्रावली का अवलोकन किया। ", " पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रकरण परिवाद <नाम> आधारित है तथा उक्त घटना में आहत <नाम> के आईं चोटों को चिकित्सक द्वारा साधारण <नाम> की बताया गया है। अभियुक्ता महिला है तथा उसके द्वारा स्वंय न्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया है। अभियुक्ता दिनांक 29.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_874_202029-07-2020768
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> पत्पनीदीपक <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया। अभियुक्‍त न्यायिक अभिरक्षा में है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> चन्द धाकड द्वारा दिनांक 12.06.2019 को समय 19.00 बजे थाने परप्रथम सूचना रिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि- वादिया के भाईजितेन्द्र धाकड द्वारा दिनांक 31.05.2019 को <नाम> कुशवाह व रविन्द्र के विरूद्ध <नाम> मेंसट्टा कारोबार अवैध <नाम> से चलाये जाने के सबंध में पुलिस में शिकायत की गईथी। वादिया के <नाम> की शिकायत करने के <नाम> उक्त लोग वादिया के <नाम> सेरंजिश <नाम> लगे। दिनांक 12.06.2019 को समय करीब 11.30 बजे जब अपनेआफिस ब्रदर फाईनेंस मारूति स्टेट चौराहा के पास खेबर बार के सामने दूसरीमंजिल <नाम> मौजूद था। तभी रविन्द्र, सनी कुशवाह कवाडिया, गंगाराम, ole, ay,सोनू मौहम्मद सैफ व दो-तीन अज्ञात व्यक्ति आये तथा वादिया के <नाम> को आते हीगाली-गलौज करते हुए बोले कि साले तू बहुत हमारी शिकायत करता है। तभी सनीकुशवाह कवाडिया द्वारा अपने हाथ में लिये गये फरसे से वादिया के <नाम> के सिर परजान से मारने की नीयत से प्रहार किया। रविन्द्र द्वारा अपने हाथ में लिये तमंचे सेवादिया के <नाम> के ऊपर <नाम> से मारने की नीयत से फायर किया व गंगाराम,छोटू द्वारा हाथ में लगे डन्डे व दीपू , सोनू, मौहम्मद सफै लाठी, सरिया से उक्तसभी लोगों द्वारा वादिया के <नाम> को <नाम> से मारने की नीयत से मारापीटा तथाआफिस में रखे 40 हजार रुपये भी उक्त लोगों द्वारा लूट लिये गये। वादिया के भाईके चिल्‍लाने की आवाज सुनकर आस पास के लोग इकटठे हो गये। भीड कोSHES होते देख उक्त सभी लोग वादिया के <नाम> को मरा जानकर भाग गये। भागते Bail Application/4220/2020 -Deepu @ Deepak Vs. UP State 2 समय रविन्द्र के हाथ में लगा तमंचा मौके <नाम> गिर गया। उक्त लोगों के मारने वपीटने से वादिया के <नाम> के सिर <नाम> शरीर के अन्य हिस्से में गम्भीर चोटें आई हैं। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने यह तर्क प्रस्तुत कियाहै कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। <नाम> <नाम> प्रार्थी के पिता का नाम जोरावर सिह है। उसकाकोई सम्बन्ध मामले से नही है। घटना करीब 9 माह पुरानी है। अन्य <नाम> के दीपकनाम से मेल खाने के <नाम> उसका झूठा चालाना दिनांक 08.03.2020 को <नाम> दियागया है। कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। <नाम> ही कोई प्राणघातक चोटें हैं। अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गई है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारीने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया और तर्क प्रस्तुत किया कि अभियुक्त द्वाराअन्य अभियुकतगण के साथ मिलकर चोटें पहुँचाई गई है। जिससे जिन्द्र <नाम> के चोटेंआई है। उन्होंने तर्क प्ररुत्त किया कि चोटें प्राणघातक थी। 16 चोटें डाक्टर द्वारादर्शित की गई है। जमानत का कोई आधार नहीं है। जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गई है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुना एवं उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि गवाहों द्वारा घटना कासमर्थन किया गया है। फोटोग्राफस भी प्रस्तुत किये गये है किन्तु जो आघातप्रतिवेदन <नाम> का प्रस्तुत किया गया है। जिसमें दर्शित की गई 16 चोटों में तीनचोटें दर्द की शिकायत बताई गई है और <नाम> चोटों के एक्सरे की सलाह दी गई हैसभी चोटें साधारण दिखाई गई है। जिन चोटों के एक्सरे की सलाह दी गई थसी। उसके सबंध में एक्सरे भी कराये गये। एक्सरे रिपोर्ट भी पत्रावली <नाम> है। जिसमेंकन्धा, चेहरा, खोपडी, <नाम> कोहनी व छाती का एक्सरा कराया गया है, किन्तु कोई भीअसामान्यता नहीं <नाम> गई है। कोई पूरक रिपोर्ट नही है। जो यह स्पष्ट <नाम> सके किवास्तव में जो चोटें हैं वह प्राणाघातक थी। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5129_201928-09-20193523
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त के पिताबेसन <नाम> मण्डल उर्फ विशन <नाम> <नाम> का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 04.06.2018 को प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराह पुलिसकर्मचारीगण के साथ चैकिंग करते हुये बुकिंग हाल की तरफ आये, तभीमुखबिर खास के द्वारा चोरों के गिरोह होने की सूचना दिये जाने <नाम> बतायेस्थान <नाम> पहुंचकर पाच व्यक्ति खडे होकर आपस में बातचीत करने लगे औरकह रहे थे कि हमें बिजली के तार तो काटने ही हैं और तार काटने के औजारतो हमारे पास हैं ही, लेकिन इससे पहले किसी ट्रेन में चोरी करके बडा हाथमार लेते हैं, यह बात सुनकर हम पुलिसवालों को यकीन हो गया कि चोरों काकोई बड़ा गैंग है, जिनको दविश देकर आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> 22-45 बजेपकड़ लिया। जिनमें से एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> मण्डल बताया, जिसकीजामा तलाशी से पहने पेंट की दाहिनी जेब से एक नाजायज चाकू व तीनहजार रूपये व बायी जेब से दो मोबाइल सेंमसंग तथा दाहिने हाथ से एकवामर कटर बरामद हुआ। पूछताछ में पाचों व्यक्तियों ने बताया कि इम ट्रेनों मेंमिलकर चोरी करते हैं व बिजली के तार काटकर भी चोरी करते हैं, चोरी मेंजो सामान व रूपये मिलते हैं, उसे बराबर बराबर बाट लेते हैं। अभियुक्तगण को उनके जुर्म से अवगत कराकर हिरासत में लिया गया तथा बरामद <नाम> को -2-सील सर्व मुहर <नाम> चिटबन्दी <नाम> नमूना मुहर तैयार किया गया तथा गिरफतारीमीमो मौके <नाम> तैयार किया गया। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 05.06.2018 को अभियुक्तगण जमील,प्रमोद <नाम> मण्डल, लोहरे, राजवीर <नाम> युसुफ के विरूद्ध अपराधसंख्या-199,/2018 <नाम> धारा-401, 414 भा०द0सं0 व 4/25 आयुध अधिनियमका अभियोग थाना जी.आर.पी. <नाम> फोर्ट, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> में सेटरिंग की ठेकेदारी का कामकरता है, अपने घर बिहार जाने के लिये स्टेशन <नाम> गाडी का इन्तजार कररहा था, तभी पुलिस ने उसे पकड़कर झूंठी बरामदगी दिखाकर उक्त कस मेंझूंठा फँसा <नाम> है। गिरफतारी का <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शायागया है, उसका काई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक05.06.2018 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त कोपुलिस के द्वारा इसके अन्य साथियों के साथ चोरी की <नाम> बनाते हुयेगिरफतार किया गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "इस मामले में आवेदक/ अभियुक्त को चोरी की <नाम> बनाते हुयेगिरफूतार किया <नाम> बताया गया है। ", "फर्द बरामदगी देखने से स्पष्ट है कि जब मुखबिर की सूचना <नाम> पुलिसकर्मचारीगण बताये स्थल <नाम> पहुंचे तो पॉच व्यक्ति आपस में बात <नाम> रहे थेऔर कह रहे थे कि हमें बिजली के तार तो काटने ही हैं और तार काटने केऔजार तो हमारे पास हैं ही, लेकिन इससे पहले किसी ट्रेन में चोरी करके बड़ाहाथ मार लेते हैं। फर्द बरामदगी की यह बात <नाम> जाने <नाम> नहीं है कि कोईचोरों का गिरोह पुलिस कर्मचारीगण को देखकर इतनी <नाम> आवाज में बोल _3-बोलकर चोरी की <नाम> बनाये, जिसे पुलिस कर्मचारीगण सुन सके। इसमामले में पुलिस कर्मचारीगण के द्वारा अभियुक्तगण की उपरोक्त गिरफूतारी काजनता के किसी व्यक्ति को <नाम> होना नहीं दर्शाया गया है। थाने से जोआख्या प्राप्त हुई है, उसमें आवेदक/अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिकइतिहास होना नहीं दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। इस केस के <नाम> अभियुक्त जमीन का जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-3417/2018 दिनांक 27.06.2018 को माननीय सत्र न्यायाधीश,आगरा द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2986_202015-10-20201861
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प््रार्थनापत्र के समर्थन में सिताब खांपुत्र इस्माइल खां का द्वारा अधिवक्ता अरून शार्मा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 22/23.09.2020 की रात को फेक्ट्रीजय <नाम> फूड एण्ड ट्रेडर्स <नाम> कॉम्पलेक्स जेके नगर का शटर तोड़करअन्दर घुसकर कुछ अज्ञात चोरों ने मेरे ऑफिस में <नाम> टेवल की डरोज में बिक्री केरखे 500 के 200 नोट कुल 100000 रूपये 10 के 9000 नोट कुल 90000 रूपये 10 व 5 के सिक्के 45000 रूपये कुल योग 2,35,000/- रूपये जी0एस0टी0 सर्टिफिकेट कुछजरूरी कागजात व स्टाम्प चोरी <नाम> ले गये जिसकी सूचना मैने 112 नं0 <नाम> दी थी। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/शपथ पत्र में कहागया है कि प््रार्थीगण/अभियुक्तगण ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। थाना @)Bail Application No. 2986/2020 —Arwaz Malik And OThers Vs. UP State हाजा पुलिस ने प्रार्थीगण/अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमें में गुडव्क दिखाने कीनीयत से झूठा फंसा <नाम> है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण को थाना पुलिस ने दिनांक23.09.2020 को मात्र पूछताछ करने के बहाने से थाना <नाम> बुलवाया औरप्रार्शीगण/ अभियुक्तगण को दिनांक 25.09.2020 <नाम> अवैध <नाम> से अपनी अनैतिकमांगो के चलते थाने <नाम> बैठाये रखा। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण व उसके परिवारीजनों नेअनैतिक मांगों को पूर्ण करने में अपनी असमर्थता जताई तो गलत ढंग से उपरोक्तमुकदमें में प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण का चालान <नाम> दिया। मुकदमें में वादी ने पुलिस सेसांठ-गांठ करते हुए झूठे एवं मनगढंत तथ्यों के आधार <नाम> झूठा फंसा <नाम> है जबकि्रार्थीगण/अभियुक्तगण के खिलाफ ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं है, जिसमें प्रार्थीगण/अभियुक्तगण को उपरोक्त घटना कारित करते हुए दर्शाया है। उपरोक्त घटना काकोई जनसाक्षी नहीं है और ना ही प्रार्थीगण/अभियुक्तगण से कोई भी चोरी का सामानबरामद है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण को थाना पुलिस द्वारा छोड़ने के लिये आश्‍वासनपर आश्‍वासन देते रहे और टालमटोल करते रहे। जब प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण कोअवैध अभिरक्षा से नहीं छोड़ा तो प्ररार्थीगण/अभियुक्तगण क परिवीरीजनों ने वरिष्ठपुलिस अधीक्षक महोदय, <नाम> से मुलाकात की उससे कुपित होकर अपनी अनैतिकमांग पूर्ण <नाम> होने <नाम> गलत ढंग से चालान <नाम> दिया। घटना दिनांक 22-23.09.2020की <नाम> की दर्शायी है तथा थाना हाजा <नाम> सूचना 23.09.2020 को दोपहीर 12:48बजे <नाम> दी है। देरी का कोई स्पष्टीकरण प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं है। जबकि घटना स्थल से थाने की दूरी मात्र 2 किलोमीटर है। थाना पुलिस ने जो रूपयेदर्शाये हैं वह पुलिस द्वारा प्लान्ट किये गये है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण से कोई भीबरामदगी नहीं है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण जो अपराध दर्शाया है वह माननीयमजिस्ट्रेट महोदय द्वारा परीक्षगणीय है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के खिलाफ कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त मुकदमें की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में है। ्रार्थीगण/ अभियुक्तगण पढने वाला छात्र होने के साथ-साथ आने गृह के कार्यों कोभी सम्भालते हैं। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण दिनांक 25.09.2020 से जिला जेल में निरूद्धहै । प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण एक संभ्रान्त परिवार के सदस्य है तथा प््रार्थीगण/अभियुक्तगण अपनी विश्वसनीय जमानत माननीय न्यायालय में प्रस्तुत करने के तैयारहै । प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण अपनी जमानत का कोई दुरूपयोग नहीं करेंगे तथा नियततिथियों <नाम> माननीय र्‍्यायालय में उपस्थित होते रहेंगे । ", "आवेदकगण/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसको इस मामले में झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के पास से फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है। उक्त घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण 3)Bail Application No. 2986/2020 ~Arvaz Malik And OThers Vs. UP Stateका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण दिनांक 25.09.2020 सेजिला जेल में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण के पाससे सिक्के बरामद हुए हैं। अभियुक्तगण चोरी की वारदातों में लिप्त रहे हैं। तथाअभियुक्तगण का आपराधिक इतिहास भी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहतेहुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी के तर्को को सुना गया तथा प्रपत्रों एवं केस डायरी का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात मेंदर्ज करायी गयी है। उक्त घटना तथा कथित बरामदगी का भी कोई जन <नाम> नहीहै। केस डायरी क अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है कि सी0सी0०टी०वी0 फुटेज के अन्तर्गतदिखाई देने वाले 5 व्यक्तियों में से किसी की भी शक्ल साफ नजर नहीं आ रही है। अभियुक्तगण किसी भी प्रकार की बरामदगी से इंकार करते हैं और इस प्रकरण में झूठाफसाना कहते हैं। अभियुक्त दिनांक 25.09.2020 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6881_201903-12-20191015
agra
{ "facts-and-arguments": [ "_ सई अरैला जिला आगरा। ", "आदेशदिनाक : 03.12.2019प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी /अभिक्त सोनू की ओर सेमुकदमा अपराध संख्या-128,2019 अन्तर्गत <नाम> ३92, 411 भारतीय दण्डसंहिता, थाना बसई अरैला, जिला <नाम> क मामले में प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के फूफा व पैरोकार भारतसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमारवि <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायीगयी कि दिनक 30.10.2019 को वह व उसकी पत्मी अपनी मोटरसाईकिल सेधीनश्री से चलकर फतेहाबाद होते हुए अपने गाव नीमडाडा बिचौला थानाबाह जा रहे थे। समय करीब 07:00 बजे जब वह ग्राम सियाईपुरा से आमेभटटे के पास पहुँचे तो पीछे से एक आदमी सफेद मोटरसाईकिल <नाम> आयाऔर उसकी पत्नी से उसके कन्धे <नाम> लटका पर्स छीन <नाम> ले गया। पर्समें एक मोबाइल एम०आई0 कम्पनी का व 2100/- रूपए नगद थे। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.11.2019 से जिला कारागार में (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6881/2019सोनू बनाम राज्यनिरूद्ध है। प्रार्थी को घर से उठाकर झूठा बंद <नाम> दिय गया है। जो भीबरामदगी दिखायी गयी है, वह झूठी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्जकरायी गयी है। <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र हैअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादीमुकदमा की पत्नी से लूट कारित की गयी है। प्रार्थी से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> चंद <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 30.10.2019 की समय 19:00 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट थाने <नाम> दिनाक 31.10.2019 को समय 14:30 बजे दर्ज करायी गयीहै । प्रार्थी <नाम> वादी मुकदमा की पत्नी से लूट कारित करने का आरोप लगायागया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि दिनांक31.10.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण के साथमिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से तथा उसके कब्जे से 1,200 -रूपए नगद व एक मोबाइल बरामद किया गया है। अभियोजन द्वारा उक्तबरामद रूपए में से 1,000/- रूपए प्रश्‍नगत घटना में लूटे गए रूपयों सेसंबंधित होना बताया गाय है। प्रार्थी एक माह से जिला करागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक26.11.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> के समान है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4390_202022-12-2020110
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त के बड़े <नाम> <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा थाना प्रभारी <नाम> <नाम> द्वाराइस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि एस०ओ0 <नाम> <नाम> मय हमराह का0प्रेमशंकर, का0 <नाम> <नाम> के मय सरकारी गाडी सं0 यूपी80ए0जी00650 मय चालक का0अरविन्द <नाम> के रवाना होकर देखरेख शांतिव्यवस्था व चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति/वाहन वविवेचना मर्जुआत से मय एक किता अनुमोदित शुदा गैंग चार्ट गैंग लीडर धीरज <नाम> पुत्रओमप्रकाश, चन्दन पुत्र रामजीत, <नाम> उर्फ जे0पी0० पुत्र कुंवर <नाम> गुर्जर, <नाम> पुत्रकल्ला, <नाम> पुत्र भगवान <नाम> गोविन्द पुत्र <नाम> <नाम> लोहरन उफ <नाम> पुत्र रामचरनको लाकर दाखिल किया तहरीर किया कि अभियुक्तगण उपरोक्त एक संगठित गिरोह हैजिसका गैंग लीडर धीरज <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी कुम्हेर गेट <नाम> नगर,भरतपुर, राजस्थान है यह अपने साथियों के साथ एक संगठित गिरोह बनाकर अपने एवंअपने साथियों के भौतिक <नाम> के लिए डकैती जैसे जघन्य अपराध करते हैं,इनका यहगिरोह एवं इनके सदस्य भा0द0सं0 के अध्याय 16 व 77 में वर्णित दण्डनीय अपराधों कोकरने के अभ्यस्त अपराधी हैं, <नाम> <नाम> में इतना भय व आतन्क व्याप्त है कि <नाम> काकोई व्यक्ति इनके विरूद्ध थाने में रिपोर्ट लिखाने व न्यायालय में गवाही देने की हिम्मत नहींजुटा पाता है, अभियुक्त गैंग लीडर धीरज <नाम> उपरोक्त व उसके साथियों का स्वच्छन्दरहना जनहित में नहीं है, धीरज <नाम> आदि के विरूद्ध थाना हाजा <नाम> मु0अ0०सं0584 / 19 धारा-341,365,412 भा0द0सं0 <नाम> है, जिनके विरूद्ध उक्त अभियोग में आरोपपत्र सं0 117/20 दिनांक 08.05.2020 तथा आरोप पत्र सं0 117/20 दिनांक 08.08.2020को किता <नाम> न्यायालय में प्रेषित की जा चुकी है, अभियुक्तगण उपरोक्त के विरूद्ध समाजविरोध <नाम> कलाप निवारण अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही होना नितान्त आवश्यक है। अतः उपरोक्त अभियुक्तों के विरूद्ध धारा-2/3 उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 की कार्यवाही किये जाने <नाम> गैंग चार्ट जिलाधिकारी,आगरा द्वारा अनुमोदित शुदा दाखिल किया गया है। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा, <नाम> <नाम> मु0अ0सं०406/20 धारा-2/3 गिरोहबन्द अधिनियम अभियुक्त धीरज <नाम> चन्दन, <नाम> उर्फजेपी, <नाम> <नाम> गोविन्द व लोहरन उफ <नाम> के विरूद्ध पंजीकृत हुआ। ", "आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्टमें उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठितगैंग है, जिसका गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध अ.सं.584 /19 धारा-341, 365, 395, 412 भा.द.स. थाना-मलपुरा, <नाम> का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में एक मामला दर्शायागया है, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध डकैती डालने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक कोऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और (ख) जहाँलोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह किजमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलें में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होनेका प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामलें में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानत स्वीकारहुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर डकैती डालने का आरोपहै। पूर्व में इस न्यायालय के द्वारा इस मामले के <नाम> अभियुक्तगण गोविन्द व लोहरनउर्फ <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-3696/2020 दिनांक 11.11.2020 कोनिरस्त किया जा चुका है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखतेहुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है औरजमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2224_202021-09-20202628
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता धर्मपाल की ओर सेशपथ पत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्राथनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंलम्बित नहीं है । ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे उक्त अपराध में झूठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्टमें नामजद नहीं है। गिरफूतारी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह दिनांक 26.07.2018 से कारागार में निरुद्ध हैअतः आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथनकिया गया है कि आवेदक / अभियुक्त इस हत्या व लूट की घटना में सम्मिलितरहा है। सहअभियुक्तगण हसीन अंसारी उर्फ <नाम> का जमानत प्रार्थनापत्र सं5141/2018 अन्तर्गल <नाम> 302, 201, 380, 411, 364ए, 120बी, 34 भा0दं0सं0 थाना सिकन्दरा, <नाम> दिनांक 18.09.2018 को, शुभम का जमानत प्रार्थनापत्र सं06678/2018 अन्तर्गत <नाम> 302, 201, 380, 411, 364ए, 120बी, 34 भाएदंछसं0थाना सिकन्दरा दिनांक 27.11.2018 को तथा घर्मपाल उफ धर्मसिंह का जमानतप्रार्थनापत्र सं0 9252019 अन्तर्गत <नाम> 302, 201, 380, 411, 364ए, 120बी, ३4भाएदंछसं0 थाना सिकन्दरा दिनांक 05.03.2019 को खारिज किया जा चुका है। ", "अतः आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जाय। (2) अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> पाल <नाम> द्वारा थानासिकन्दरा <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि आज दिनांक 23.07.2018 कोवह सींगना जा रहा था कि समय करीब 11.30 बजे सड़क के किनारे <नाम> पेट्रोलपम्प, कीथम, एनएच2, <नाम> रोड <नाम> एक व्यक्ति लगभग 25 वर्ष सड़क के किनारे मृत अवस्था में पड़ा है। उक्त सूचना थाने <नाम> देने आया है। वादी की उक्ततहरीर के आधार <नाम> थाना सिकमन्दरा <नाम> मुअ0सं0 638, 2018 अन्तर्गत धारा302, 201 भाएदंएसं० पंजीकृत हुआ । " ], "judge-opinion": [ "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि दिनांक 25.07.2018को आवेदक / अभियुक्त व सहअभियुक्तगण हसीन व शुभम को पुलिस द्वारागिरफूतार किया गया, जो एक्टिवा स्कूटर से जा रहे थे, जिसे आवेदक / अभियुक्तचला रहा था। एक्टिवा <नाम> बीच में चाँदी की <नाम> से भरा हुआ एक थैला रखा हुआ था तथा एक थैला स्कूटी के पायदान <नाम> रखा हुआ था। जामा तलाशी मेंआवेदक /अभियुक्त के पास से एक तमंचा 32 बोर व दो अदद कारतूस 32 बोरतथा एक खोखा कारतूस बरामद इहुआ। आवेदक / अभियुक्त ने बताया कि जो तमंचा उससे बरामद हुआ है, यह वही तमंचा है जिससे उसने दिनांक 23.07.2018 को मथुरा-आगरा बार्डर, एनएचः2, ग्राम सींगना के पास टोनी के सिर में गोली मारकर, हत्या <नाम> शव को छिपाने के उद्देश्य से सड़क के किनारे फैक दियाथा। अभियुक्तगण ने बताया कि टोनी की इत्या करने के <नाम> टोनी की जेब सेउसकी दुकान की चाभी, 400/- रुपये मिले थे, जिनको निकाल लिया। अगलीसुबह करीब 7.30 बजे टोनी की दुकान का ताला खोलकर ये दोनों पाजेव से भरे थेले चोरी करके इस एक्टिवा <नाम> रखकर ले आये थे। आज तीनों मिलकर बरामदपाजेव को बेचने जा रहे थे कि पकड़ लिया। बरामद पाजेव को मृतक के <नाम> इरफान ने देखकर पहचाना । " ] }
0DENIED
Bail Application_4182_202017-12-2020207
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्रश्रीमती <नाम> पत्नी <नाम> का इस आशय का दाखिल किया गया है कि वहअभियुक्त <नाम> की पत्नी व पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुतनहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्चन्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुतकिया गया है। Bail Application No.-4182/2020Rakesh Vs. Stateअभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी वीरेन्द्र <नाम> द्वारादिनांक 13.08.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि प्रार्थीदिनांक 12.08.2020 को प्रातः लगभग 10.00 बजे जब अपने अस्थाई कार्यालयआया तो पाया कि दिनांक 11/12.08.2020 की <नाम> में अज्ञात चोर हमारेकार्यालय में पीछे उत्तर <नाम> की बाउण्ड्री तोड़कर तथा कार्यालय के कमरेकी खिड़की की सरिया तोड़कर चोरी <नाम> फर्द में उल्लिखित लगभगरूपये एक लाख कीमत का निम्मन सामान चुरा ले गये हैं। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त केस में झूठा एवं गलत फंसाया गया है। उसने कथित कोई अपराध कारित नहीं किया है, वह पूर्णतः निर्दोष है। उपरोक्त घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में लिखायी गयी है, जिसमेंकिसी अभियुक्त का नाम नहीं लिया गया है। उपरोक्त घटना तथा मालबरामदगी का कोई जनसाक्षी तथा चश्मदीद <नाम> नहीं है तथा अभियुक्त के कब्जे से कोई <नाम> बरामद नहीं हुआ है। प्रार्थी/ अभियुक्त ने कोई भी अपराधनहीं किया है। पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिए झूठी बरामदगी दिखायीगयी है तथा प्रार्थी/अभियुक्त को झूठा फसाते हुए जेल भेज <नाम> है। ्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 13.08.2020 सेजिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। उक्त मुकदमे का कोई भी स्वतन्त्रगवाह नहीं है। अभियुक्त के <नाम> अभियुक्त ओमवीर व लालसिंह की जमानतदिनांक 02.09.2020 व दिनांक 04.09.2020 को अपर जिला एवं सत्रन्यायाधीश, न्यायालय कक्ष संख्या-15 द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है। ्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही पूर्व मेंसजायाफ्ता है। प्रार्थी / अभियुक्त की जमानत दिनांक 17.08.2020 को माननीयअवर न्यायालय के द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त जमानतका दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का निवेदनकिया गया है। Bail Application No.-4182/2020Rakesh Vs. Stateअभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्त द्वारा वादी के कार्यालय से मोबाइल, स्कूटर व अन्य सामान चोरीकिया गया तथा उससे बरामदगी हुई है। अपराध गंभीर <नाम> का है। यहकहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प््रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध दर्जकरायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त को इस प्रकरण में बरामदगी के आधारपर संलिप्त किया गया है, अभियुक्त किसी भी बरामदगी से इंकार करता है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। फर्द में छ: अभियुक्तगण को एकसाथ गिरफ्तार किया गया है, सभी से 500-500 रूपये बरामद किये गये। फर्द में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के समय ही अन्य सामान की बरामदगी कियाजाना कहा गया है। अभियुक्त दिनांक 13.08.2020 से जिला कारागार, आगरामें निरूद्ध है। थाने से प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिकइतिहास नहीं है। <नाम> अभियुक्त ओमवीर व <नाम> <नाम> की जमानत न्यायालयद्वारा स्वीकार की जा चुकी है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1698_202110-03-20211231
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में श्रीमतीमायावती पत्नी <नाम> नारायन <नाम> द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया हैकि वह अभियुक्त की पत्नी है तथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी/अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहींकिया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालयइलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> किशनकुमार <नाम> द्वारा थाना मलपुरा <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी है कि मेंकिशन <नाम> <नाम> जो कि आर्मी <नाम> में तैनात हूं तथा अपने परिवार के साथमथुरा में सरकारी आवास <नाम> <नाम> से रह रहा हूं। दिनांक 24.09.2020 कोउसका परिवार स्थान (इटौरा) से उसके कार्यरत स्थान <नाम> आये थे, तब सेलेकर दिनांक 11.12.2020 <नाम> उसका घर बंद था। दि० 08.12.2020 को पड़ोसी 2)Ball Application No. 1698/2021 -Narayandas @ Bablu Vs. UP stateद्वारा सूचित किया गया कि आपके घर का एक ताला नहीं है, जिस <नाम> मन मेंशंका हुई । दिनांक 11.12.2020 को जब पड़ोसियों द्वारा ध्यान से देखे जाने परताला व कुण्डी टूटी पायी गयी। सूचना मिलने <नाम> वह तुरंत छुट्टी लेकर घरआया और पत्रकार के साथ घर में प्रवेश किया गया, बाकी का गहन निरीक्षणपुलिस टीम ने स्वयं किया, जिसमें घर क पांच ताले, जंजीर व घर की कुण्डी टूटीपायी गयी और उसक निम्न सामान चोरी हो गया। 02 महिला अंगूठी, 02 पुरूषआदि, 1 एक मंगलसूत्र, 250 ग्राम <नाम> ( बच्चों के खडुये), <नाम> करधन आदि,prestige inductin 6—36 इंच <नाम> Bravia LED “५, एक इण्डियन कुकिंग सिलैण्डर,8000 रूपये नकद, 2000 रूपये का केन्‍्टील का सामान, मन्दिर में चढ़े हुए250 रूपये, कीमती साडियां (7000% 4) कुल मु0 28,000 ,/ रू0 । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> अज्ञात के विरूद्धमुकदमा अपराध सं0 473, 2020 अन्तर्गत <नाम> 457, 380 भा०दं0सं0० में प्राथमिकीअंकित की गयी। तत्पश्चात बरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 411, भा0दं0सं0 कीबढोतरी की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि्रार्थी/ अभियुक्त को उक्त कस में झूंठा फंसाया है व फर्जी मुठभेड़ दिनांक 12.01.2021को दिखाकर प्रार्थी/ अभियुक्त को उक्त केस में झूंठा फंसा <नाम> है। उक्त प्रकरण मेंथाना पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने की वजह से फर्जी मुठभेड़ दिखाकर प्रार्थी के ऊपरउक्त केस लगा <नाम> गया है जबकि उक्त केस की प्रथम सूचना रिपोर्ट देखने सेप्रतीत होता है कि अभियोजन पक्ष को भी वास्तविक तथ्य पता नहीं है कि चोरी किसतारीख को हुई है और कब हुई है उक्त प्रकरण में सम्बन्धित थाना पुलिस द्वारा कोईभी जांच नहीं की गयी है और फर्जी <नाम> से उक्त केस का खुलासा किया गया है। प्राथी / अभियुक्त <नाम> स्थित <नाम> रेलवे स्टेशन <नाम> मजदूरी करता है और वहीं परझुग्गी झोपड़ी बनाकर रहता है। प्रार्थी/अभियुक्त को दिनांक 08.01.2021 को पुलिसद्वारा <नाम> रेलवे स्टेशन <नाम> से गिरफ्तार किया गया था व <नाम> रेलवे स्टेशनरोहतक से ही प्रार्थी/अभियुक्त को लाया गया था और दिनांक 12.01.2021 को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर उक्त केस झूंठा खोल <नाम> गया जबकि उक्त केस के ्रार्थी/ अभियुक्त का कोई भी सम्बन्धा व सरोकार नहीं है। पुलिस द्वारा प्रार्थी के पाससे केवल 3500/- रूपये बरामद किये गये उसके अलावा और कुछ भी पुलिस कोप्रार्थी से बरामद नहीं हुआ है। पुलिस द्वारा जो भी सामान बरामद दिखाया गया है ्रार्थी/ अभियुक्त का उससे कोई भी सम्बन्ध व सरोकार नहीं है। पुलिस द्वारा फर्जीमुठभेड़ दिखाकर व सभी अज्ञात कसों में प्रार्थी का नाम रख <नाम> गया है जो किपुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिए किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त सजायाफ्ता 3)Bail Application No. 1698/2021 -Narayandas @ Bablu Vs. UP Stateमुलजिम नहीं है। दिनांक 13.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्तशातिर किस्म का अपराधी है। अभियुक्त को <नाम> अभियुक्तगण के साथ चोरी / लूटकी <नाम> बनाते हुए एवं पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> चोरी/लूट केमाल सहित गिरफ्तार किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्तशातिर किस्म का व्यक्ति हैं, पुनः इस प्रकार के अपराध में सम्मिलित होने कीसंभावना है। यह कहते हुए जमानत प््रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि दिनांक 13.12.2020 को वादीमुकदमा <नाम> किशन <नाम> <नाम> के घर से 2 महिला अंगूठी, 2 पुरूष अगूंठी, 1मंगलसूत्र, 250 ग्राम <नाम> आदि सामान चोरी करना कहा गया है। मुकदमा अज्ञातमें दर्ज कराया गया है। फर्द बरामदगी के अवलोकन से विदित होता है कि प्रथमसूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त मामले में नामित नहीं है। अभियुक्त को उसकेजुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> प्रकरण में नामित किया गया है। घटना एवंबरामदगी का कोई स्वंत्रत <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त आपराधिक इतिहाससम्बन्धी कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। ्रार्थी/अभियुक्त को दिनांक 13.01.2021 से जिला कारावास, <नाम> में निरूद्ध है। अभियुक्त मामले में झूंठा फंसाना <नाम> है तथा किसी भी प्रकार की बरामदगी सेइंकार करता है। मामले में विवेचना उपरान्त आरोप पत्र आ चुका है। विचारण में समयलगना सम्भाव्य है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1298_202117-02-20212310
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्तके द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5875_201917-10-20192834
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त क रिश्तेदार व पैरोकारकमल <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा नफीस,उपनिरीक्षक द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायीगयी कि दिनांक 07.10.2019 को वह मय इमराहियान <नाम> में मामूर था किउसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> दो व्यक्तियों को गिरफूतार किया गया है। नाम पता पूछते हुए जमाता तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम हरिओमबताया। इसकी जामा तलाशी में एक तमंचा, एक जिन्दा कारतूस, तीन अददमोबाइल बरामद इुए। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकीजामा तलाशी से दो अदद मोबाइल व एक मोबाइल टेबलेट बरामद हुई । अभियुक्तगण उक्त <नाम> की कोई संतोषजनक कैफियत नहीं <नाम> सके। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> ह्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी को सह-अभियुक्तके साथ पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से लूट के मोबाइल व टेबलेट बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> शरन तिवारीएवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5875 2019राजेश बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 08.10.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रश्‍नगत टेबलेट प्रार्थी के <नाम> ने दिनोक 20.12.2018को <नाम> टॉकीज, <नाम> से कय किया है। बरामद मोबाइल भी किसी घटना से संबंधित नहीं है। प्रार्थी से कोई नाजायज वस्तु बरामद नहीं हुई है। प्रार्थीका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। गिरफूतारी व बरामदगी का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं हे। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 07.10.2019 की है। प्रार्थी <नाम> उसकी गिरफूतारी के दौरानलूट के मोबाइल बरामद होने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा दिनांक07.10.2019 को सह-अभियुक्त के साथ मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफूतारकिया गया है तथा उसके कब्जे से दो मोबाइल व एक टेबलेट मोबाइलबरामद किया <नाम> बताया गया है। प्रार्थी द्वारा कथन किया गया है कि उक्तटेबलेट मोबाइल उसके <नाम> का है। उक्त के समर्थन में प्रार्थी ने मौनूकम्यूनिकेशन, <नाम> माकट, <नाम> का इनवाइस मूल <नाम> से प्रस्तुत किया है। तथाकथित मोबाइल फोन को किसी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी लगभग 10 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओरसे प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5187_201921-09-20193817
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इन प्रार्थना पत्रों के साथ अभियुक्त जीशान की ओर से उसके पिता मौ0अफजाल, अभियुक्त अशीष <नाम> की ओर से उसके साढदू <नाम> कुमारमंगल का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उनकाप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "यह दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एक ही घटना से संबंधित हैं, प्रथम सूचनारिपोर्ट भी एक ही है। अतः <नाम> निस्तारण एक साथ किया जा रहा है। ", "अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाप्रमोद <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि प्रार्थी की दुकानराजेन्द्र मार्केट में प्रगति मल के नाम से है एवं मेरा गोदाम शीतला गली मेंस्थित है, शिरोण्डी पार्षदजी क॑ सामने। गोदाम से अक्सर मेरे यहॉ <नाम> करनेवाले लड़के <नाम> लेकर आते थे, दुकान <नाम> आज मैने अपने गोदाम को चैककिया तो गोदाम में लगभग 20-25 कट्टे <नाम> के गायब मिले, जिसमें रेडीमेट -2-माल था। मुझे शक है कि विभिन्‍न प्रकार का जैकेट पाजामा,टी शमी, बच्चाचड्डी, सलवार, प्लाजो की मेरे यहाँ पूर्व में <नाम> <नाम> रहे कर्मचारी आनन्दनिवासी ताजगंज, <नाम> <नाम> निवासी ताजगंज, कैप निवासी ताजगंज, शिवमनिवासी <नाम> मौहल्ला ने मयव किया है, क्योंकि जब यह मेरे यहॉ <नाम> करतेथे तो उनकी गतिविधियाँ ठीक नहीं थी, आज अपने बेटे के साथ रिपोर्टलिखाने आया हूँ। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 04.09.2019 को अभियुक्तगण आनन्द,विवेक <नाम> कैप व शिवम के विरूद्ध अपराध संख्या-53 ,/ 2019 परधारा-380, 411 भा0द0सं० का अभियोग थाना <नाम> <नाम> गेट, <नाम> परपंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त जीशान की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्रके साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहागया है कि आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामलेमें झूंठा फँसाया गया है। प्राथमिकी में <नाम> तथ्य मनगढन्त व झूंठे हैं, वहप्राथमिकी में नामजद नही है, उससे कोई बरामदगी नहीं है, सम्पलों की फर्जीबरामदगी दर्शायी गयी है। इस घटना का os waa weil नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त दिनांक 06.09.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "आवेदक / अभियुक्त आशीष <नाम> की ओर से दिये गये जमानतप्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करतेहुये कहा गया है कि आवेदक /अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसेइस मामले में झूंठा फँसाया गया है। अभियोजन कथानक असत्य एवं निराधारहै, उसका सत्यता से कोई संबंध नहीं है, उसकी मानपाडा में छोटी सी अण्डरगारमेन्ट की दुकान है, जिस <नाम> जी0एस0टी0 से <नाम> आता है, वह <नाम> बिल के ना कोई <नाम> खरीदता है और ना बेचता है, उससे कुछ दुकानदार द्वेषरखते हैं, उन्हीं के इशारों <नाम> उसे इस मुकदमे में झूंठा नामजद किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में गायब सामानों में किसी प्रकार की लेगी का वर्णन नहींकिया गया है, जबकि उसके पास से लेगी बरामद होना बताया गया है, उसेदिनांक 05.09.2019 को पुलिस दुकान से उठाकर ले गयी थी, उसके कब्जे सेकोई <नाम> बरामद नहीं किया गया है। आवेदक /» अभियुक्त दिनांक 06.09.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। 3.राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है किआवेदकगण / अभियुक्तगण के पास से वादी मुकदमा के गोदाम से चोरी हुआसामान बरामद हुआ है। आवेदकगण अभियुकतगण का अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "कहा जाता है कि आवेदकगणअभियुकतगण के पास से वादी मुकदमाके गोदाम से चोरी हुआ कपडा का सामान बरामद हुआ है। ", "इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 04.09.2019 को दर्ज करायीगयी है, जहॉ <नाम> अभियुक्त जीशान का प्रश्न है, उसका नाम प्रथम सूचनारिपोर्ट में <नाम> नहीं है। दिनांक 05.09.2019 को जब पुलिस के द्वारा उसेपकडा गया तो अभियुक्त जीशान से फर्द बरामदगी के मुताबिक 305 बच्चो की पाजामी बरामद होना कहा जाता है। इसके विपरीत बचाव पक्ष के विद्वानअधिवक्ता ने आवेदक / अभियुक्त से जो 305 बच्चों की पाजामी बरामद होनाबतायी जाती है, वह प्रथम सूचना रिपोर्ट में पाजामा <नाम> है, किन्तु बच्चों कापाजामा <नाम> नहीं है। इस बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नही है। ", "जहॉ <नाम> आवेदक /अभियुक्त आशीष <नाम> का प्रश्न है। इसअभियुक्त के विरूद्ध भी नामजद एफ0आई0आर0 नहीं है। इस अभियुक्त से 183लेगी की बरामदगी कही जाती है। बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता का कहनाहै कि लैगी की चोरी होना प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त से हुई इस बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नही है। ", "आवेदकगण / अभियुक्तगण दिनांक 06.09.2015 से जेल में हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6184_201916-11-20191648
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के फूफा राजबहादुर केशपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा पवनसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयीकि उसने दिनाक 27.02.2018 को गुरूद्वारे निकट शोरूम से एक रॉयलएनफील्ड मोटरसाईकिल खरीदी थी, वो मोटरसाईकिल दिनाक 07.03.2018को <नाम> 08:30 से 09:00 बजे के बीच उसके <नाम> <नाम> <नाम> से चारअज्ञात लड़कों ने उससे मारपीट की और मोटरसाईकिल छीन ली तथाउसका मोबाइल ओप्पो एफ-5 छीन ले गए। यह वारदात वायु बिहार फाटकके निकट सूचेता गाँव के मोड <नाम> हुई थी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> डीएसी0 <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को विगत <नाम> परसुना जा चुका है। पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को सामले में झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6372/2019कुशल पाल उर्फ टीटू बनाम राज्यकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 19.10.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है <नाम> ही प्रार्थी को मौकेसे गिरफूतार किया गया है। प्रार्थी को पुलिस द्वारा घर से पकड़कर झूठा बंदकर <नाम> गया है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्तके कहने <नाम> झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी की शिनाख्त नहीं करायी गयी है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा के <नाम> से मोटरसाईकिल व मोबाइल की लूट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गथी। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 07.03.2018 की समय 20:30 बजे से 21:00 बजे के मध्य की है तथाप्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 08.03.2018 को समय 17:56बजे <नाम> करायी गयी है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमाके <नाम> से मोटरसाईकिल व मोबाइल लूटने का आरोप लगाया गया है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि दिनाक 20.05.2018 कोपुलिस पार्टी द्वारा किसी अन्य प्रकरण में प्रार्थी को सह-अभियुक्त <नाम> शर्माउफ चीनू उर्फ <नाम> के साथ गिरफूतार किया गया था तथा उनकी निशानदेहीपर॒ प्रश्‍शनगत अपराध से संबंधित मोटरसाईकिल बरामद की गयी थी। ", "तत्पश्चात उक्त मोटरसाईकिल वर्तमान प्रकरण से सम्बद्ध की गयी। बी वारण्ट <नाम> तलब होने से पूर्व ही प्रार्थी उक्त प्रकरण में जमानत <नाम> <नाम> हो चुकाथा। प्रार्थी द्वारा अपने कथन में उक्त घटना में संलिप्त रहने का कथन कियागया है। सह-अभियुक्तगण <नाम> उर्फ चीनू उफ <नाम> व <नाम> सिनसिनवारउफ छोटू की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी को झूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6372, 2019कुशल पाल उफ टीटू बनाम राज्यअभियोजन द्वारा प्रार्थी की मामले में सकिय <नाम> दर्शित की गयी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_179_202121-01-20213355
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी नेम <नाम> द्वारा दिनांक 29.05.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि दिनांक 29.05.2019 को समय करीब 12.00 बजे चन्द्रपाल पुत्र लट्रीराम के मकान के सामने उसके भतीजे <नाम> सिह से मारपीट हो गई थी। जब वादी अपने खेतों <नाम> समय करीब <नाम> 08.00 बजे शौच करने आया तो चन्द्रपाल, नीरू व <नाम> ने गाली-गलौज करते हुए अपने मकान केसामने उसकी मारपीट की। शोर मचाने <नाम> गॉव के व परिवादी के काफी लोग आगये। जिन्होंने बचाया। मारपीट डन्डा, थप्पड-घूसों आदि से की। Bail Application/283/2021 -Chandrapal And OThers Vs. UP State 2वादी की तहरीर <नाम> थाना बरहन, <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 202, 2019 <नाम> 323,504,324,308 भा0द0सं0 में अभियुक्तगण चन्द्रपाल, नीरू व <नाम> के विरूद्धमुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गयाकि प्रार्थी / अभियुक्तगण निर्दोष व निरपराध है। प्रार्थी / अभियुक्तगण को गॉव कीपार्टबन्दी के <नाम> झूँठा फसाया गया है। वादी नेम <नाम> ने अपने साथियों के साथमिलकर षडयंत्र के तहत दिनांक 29.05.2019 को प्रार्थी / अभियुक्तगण के घर आकरबुरी तरह से मारपीट की। बचाने नीरू व उसकी पत्नी आई तो उनके साथ भीमारपीट की। जिसके सबंध में विशेष सत्र परीक्षण लम्बित है। उक्त केस से बचने के लिए दबाब बनाने <नाम> यह रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की प्रार्थना की गई । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत काविरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण द्वारा पुरानी रजिंश <नाम> वादी के साथ मारपीट की। जिससे वादी को गम्भीर चोंटें आई। अभियुकतगणद्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है, अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी प्रार्थना की गई। वादी नेम <नाम> द्वारा प्रतिशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया किदिनांक 29.05.2019 को समय करीब 12.00 बजे वादी के भतीजे <नाम> <नाम> के साथअभियुक्त चन्द्रपाल ने अपने घर के सामने मारपीट की थी। पुनः: उसी <नाम> <नाम> 08.00 बजे वादी को अभियुक्तगण ने मारपीट की। जिसके सबंध में एन सी आर दर्ज है। सिर में गम्भीर चोटे आई है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग है किअभियुकतगण ने वादी जब अपने खेत <नाम> जा रहा था तो वादी को डन्‍्डा, लात-पघूसोंसे मारपीट <नाम> गम्भीर चोटें पहुँचाई और गाली-गलौज <नाम> लोकशान्ति भंग करनेहेतु प्रकोपित किया । " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण काजमानत प्रार्थनापत्र विद्वान अपर सिविल जज/(जू0डि0), न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय सं0 6, <नाम> द्वारा दिनांक 06.01.2021 को निरस्त किया गया है। इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के पिता लटूरी <नाम> उर्फ लटूरी सिंहका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया । ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादी नेम <नाम> के द्वारा थानेपर दी गई सूचना के आधार <नाम> प्रकरण में एन सी आर सं0 66 / 2019 अर्न्तगत <नाम> 323,504 भा0द0सं0 में दिनांक 29.05.20219 को अभियुक्तगण बचन्द्रपाल, नीरू व संजयके विरूद्ध पंजीकृत हुईं। तत्पश्चात <नाम> 155(2) द0प्र0सं० के अर्न्तगत अनुमति केउपरान्त विवेचना प्रारम्भ हुई और प्रकरण में वादी नेम <नाम> के चिकित्सीय परीक्षण केआधार <नाम> 324,308 भा०द0सं० की बढोत्तरी की गई है। नेम <नाम> के चिकित्सीय Bail Application/283/2021 -Chandrapal And OThers Vs. UP State 3परीक्षण रिपोर्ट में <नाम> चोटें दर्शित की गईं है। चोट नं० 1 , 2 व 3 के सबंध मेंएक्सरे की सलाह दी गई और चोटों की <नाम> साधारण <नाम> है। अभियुक्तगण की ओर से यह भी कथन किया गया है कि कास केस है। जिसमें वादी पक्ष के द्वारा जमानत कराई जा चुकी है। मामला कास केस <नाम> आधारित है। अभियोजन की ओरसे अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास दाखिल नहीं किया गया है। ", "अभियुकतगण दिनांक 17.12.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5123_201917-09-20194060
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> पुत्र श्रीभूदेव का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना सिकन्दरा जिला <नाम> ने दिनांक 23.08.2019 को 18.22 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> प्राशु, भूरा उर्फहरविन्दर उफ <नाम> पुष्पेन्द्र उर्फ <नाम> <नाम> महेन्द्र, व हेमसिहं के द्वारा एक संगठित गैग बना लिया है जिसका गैगलीडर <नाम> है जो अपने सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिकलाभ प्राप्त करने <नाम> अवैध <नाम> से डकैती <नाम> धन अर्जित करते है। ", "इनके भय व आतंक के <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाहीदेने/ रिपोर्ट लिखाने को तैयार नही होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। ", "इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष एवं निरपराध है उसे रंजिश की वजह से झूँठा फसाया गया है। <नाम> का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नही बताया गया है। उसका यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अभियुक्त दिनॉक 06.05.2019 से कारागार में निरूद्ध है। उसका कोई विशेष कृत्य घटना में नही दर्शाया गया है। वह सभ्रान्त परिवार का व्यक्ति है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 346/19 धारा-427, 395, 412/34, भा.द.सं. थाना-सिकन्दरा जिला आगरा। ", "के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ " 2मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामलादर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर अवैध <नाम> से डकैती <नाम> धन अर्जितकरने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर,अवैध <नाम> से डकैती <नाम> धन अर्जित करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5359_201924-09-20193719
agra
{ "facts-and-arguments": [ "चूंकि दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एक ही अपराध संख्या एवं एक ही घटना सेसम्बन्धित है, अतः: दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण एक ही आदेश द्वारा कियाजा रहा है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पैरोकार कमशः प्रीतमसिंह एवं झम्मन <नाम> ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि (2)आवेदक / अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 20.10.2018 को ग्राम नगला रामवक्स मेंराजस्व टीम द्वारा आम रास्ते का सीमांकन किया <नाम> था, ततदुपरान्तउपजिलाधिकारी एत्मादपुर के साथ वादी / उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा अपने अन्यसाथी कर्मचारीगण एवं राजस्व टीम के साथ दिनांक 20.10.2018 को दोनों पक्षों कीमौजूदगी में सहमति बनने <नाम> आम रास्ते का सीमांकन किया गया। सीमांकन कार्य उपरान्त वीरेश्वर द्वारा तयशुदा रास्ते को छोड़कर अपनी जमीन की चार-दीवारी काकाम प्रारम्भ <नाम> <नाम> तभी दीवार के निर्माण को लेकर दूसरा पक्ष आकामक हो गया तथा समय करीब 21.15 बजे <नाम> <नाम> दौलतराम <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> छोटू, बंगाली, लायक, फूल <नाम> पवनेश, <नाम> <नाम> अकुल, बबलू, अमन तथाअन्य अज्ञात महिलाएँ व पुरूष तथा प्रथम पक्ष के वीरेश्वर, राजेश्वर, देवेन्द्र, पप्पू व उनके साथ आठ-दस हज्ञात लोग आमने सामने आ गये तथा <नाम> पक्ष के लोगों ने ईट पत्थर फेंकना शुरू <नाम> दिया। इसी दौरान <नाम> दौलतराम व <नाम> अपने-अपने घरों में जाकर तमंचा निकालकर लाये तथा <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी व राजस्व टीम <नाम> ताबड़तोड़ फायर करने लगे तथा कुछ लोग एक-दूसरे <नाम> हमलावर होकर ईट पत्थर फेंकने लगे। उपरोक्त लोगों के द्वारा पुलिस पार्टी वराजस्व टीम के साथ गाली गलौज व <नाम> से मारने की धमकी देते हुए ईट पत्थर मारेंजिससे कां0 नुसरत हुसैन, कां० कृष्णकान्त, कां० गोविन्द <नाम> के चोटें आई तथा मौके <नाम> अफरा तफरी का माहौल हो गया। हमलावरों को गिरफ्तार करने का प्रयास कियागया तो दोनों पक्षों के लोग पथराव करते हुए मौके से भाग गये। वादी / उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाना एत्मादपुर <नाम> मु0अ0सं0 424 / 2018 <नाम> 147, 148, 149, 323, 504, 506, 336, 332, 353, 307 भा0द0सं0 एवं <नाम> 7 किमिनल लॉ अमेण्डमेन्ट एक्ट में अभियुक्तगण <नाम> <नाम> दौलतराम <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> छोटू. बंगाली, लायक, फूलकुमार, पवनेश, <नाम> सुली,अकुल, बबलू, अमन, वीरेश्वर, राजेश्वर, देवेन्द्र, पप्पू एवं अज्ञात के विरूद्ध प्राथमिकीअंकित कराई गई । ", "आवेदक / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है, उनको इस मामले में झूंठा फँसाया गया है जबकि अभियुक्तगण द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। प्राथमिकी में अभियुक्तगण की कोई (3)जमानत प्राथना पत्र स0: 5359 Vd 5377 / 2019 प्रार्थना पत्र सं0: 5359 एवं 5377 / 2019स्पष्ट <नाम> नहीं बताई गई है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहींबताया गया है। अभियुक्तगण को मौके <नाम> गिरफ्तार नहीं किया गया है तथा <नाम> ही अभियुक्तगण के पास से उक्त अपराध से सम्बन्धित कोई बरामदगी बताई गई है। ", "उक्त घटना में किसी भी व्यक्ति के आग्नेयास्त्र की कोई चोट <नाम> भी दर्शित नहीं है तथा आहतों की चोटों को चिकित्सक द्वारा साधारण <नाम> की बताया गया है। <नाम> अभियुक्तगण <नाम> आदि की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 15.11.2018 कोस्वीकार की जा चुकी है। आवेदक /अभियुक्तगण का केस <नाम> अभियुकतगण के केस के समान है। अभियुक्तगण जिला कारागार, <नाम> में निरूद्र है। अत: जमानत <नाम> मुक्त किए जाने की <नाम> की गई । विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गयाकिन्तु इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि उक्त घटना में किसी भी पुलिस कर्मी के आग्नेयास्त्र की कोई चोट नहीं आई है तथा <नाम> अभियुक्तगण <नाम> आदि की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 15.11.2018 को स्वीकार की जा चुकी है। आवेदक / अभियुक्तगण का केस <नाम> अभियुकतगण के केस के समान है। अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक /अभियुक्तगण के विरूद्र अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर नाजायज मजमा बनाते हुए वादी पुलिस पार्टी को <नाम> से मारने के आशय से उन <नाम> पथराव करते हुए सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किए जाने तथा <नाम> से मारने की धमकी दिए जाने का आरोप है। ", "उक्त घटना में कां0 कृष्णकान्त, कां. नुसरत हुसैन एवं कास्टेविल गोविन्द केचोटें <नाम> बताया गया है जो कि दर्द की शिकायत एवं नीलगू निशान के <नाम> में हाथ, घुटना एवं कन्धे <नाम> है तथा उक्त चोटों को चिकित्सक द्वारा साधारण <नाम> कीबताया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार प्राथमिकी में प्रार्थी / अभियुक्तगण कीकोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में इस स्तर <नाम> दर्शितनहीं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। अभियुकतगण को मौके <नाम> गिरफ्तार नहीं किया गया है तथा आहतों के साधारण <नाम> की चोटें <नाम> बताया गया है। यह तथ्य अविवादित है कि <नाम> अभियुकतगण <नाम> आदि की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 15.11.2018 को स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तगण जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2841_201906-06-20193268
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्तगण के पुत्र के मित्रअनिल <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा रामवीरसिंह द्वारा दिनाक 22.09.2018 को थाना अछनेरा, जिला <नाम> <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि उसने अपनी पुत्री काविवाह दिनीक 03.12.2017 को धर्मेन्द्र उफ सोनू पुत्र शिवराम के साथ कियाथा तथा वरपक्ष के अनुसार दहेज <नाम> था। उसकी पुत्री को उसके सास,ससुर व <नाम> दहेज के लिए मानसिक व शारीरिक <नाम> से प्रताड़ित करते थे। दिनाक 21/ 22.09.2018 की रात में धर्मेन्द्र उर्फ सोनू, शिवराम व श्रीमतीचन्द्रवती ने मिलकर उसकी पुत्री की फॉसी लगाकर हत्या <नाम> दी। इस संबंधमें प्राथमिकी दर्ज की गयी । ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> सिंहभेसूया, वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता <नाम> उपेन्द्र <नाम> <नाम> एवं विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) <नाम> <नाम> <नाम> को सुना गया (2)न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-04, <नाम> । " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 2841, 2019शिवराम आदि बनाम राज्यआदेश का दिनांक 06.06.2019तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है, वे निर्दोष है। सत्यता यह है कि दिनाक 21.09.2018को मृतका का <नाम> प्रार्थीगण के घर <नाम> आया था। मृतका अपने <नाम> के साथजाने के लिए जिद करने लगी, <नाम> उसे अपने साथ लेकर नहीं गया जिससेकि वह कोधित हो गयी परन्तु उसने अपनी नाराजगी को घर में किसी कोजाहिर नहीं किया। मृतका द्वारा मृत्यु पूर्व मोबाइल में जो भी वीडियो बनाया गया, उसमें प्रार्थीगण <नाम> किसी प्रकर का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4312_201916-08-2019552
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता शहजाद खाँ केशपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा सेवानन्द उर्फ सुक्खा <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनाक 10.06.2019 को प्रात:लगभग 02:00 एम0एम0 बजे <नाम> अज्ञात, जो लाठी डण्डा लिए हुए थेतथा एक के हाथ में तमंचा भी था, उक्त बदमाश बनियान व कच्छा पहने हुएथे। प्रार्थी प्रातः स्मरण एवं भजन में संलग्न था। उक्त बदमाशों ने आकरसीताराम कहकर अभिवादन किया तथा पीने के लिए <नाम> मांगा, तब उसनेकहा कि आप हैण्डपम्प से <नाम> ले लो। इसके <नाम> उन्होंने उसकी मारपीटशुरू <नाम> दी। उसकी मारपीट के <नाम> आश्रम के दूसरे साधु सियाराम बाबाको जगाकर मारपीट <नाम> लगभग दो हजार को लूट लिया तथा तमंचा तानकर उन्हें एक तरफ बैठा दिया। प्रार्थी से तीन से रूपए व अन्य, संतजगन्नाथ <नाम> <नाम> से दो सो रूपए लूट लिए। आश्रम के बाहर सो रहेwad <नाम> को जगा <नाम> उसी के सामने धमकाकर ताला तोड़ <नाम> और (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4309 / 2019सूका उर्फ रामनिवास बनाम राज्य अंदर कमरे के संदूक के कपड़ों को तितर-बितर <नाम> <नाम> तथा उनके आश्रमके अन्य संत <नाम> के रखे <नाम> से 57,000,/- रूपए लूट लिए। प्रार्थी कीमोबाइल की सिम भी ले गए। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी से दिखायी गयी बरामदगीफर्जी है। प्रार्थी दिनाक 19.07.2019 से जेल में है। प्रार्थी को सह-अभियुक्तके नाम लेने <नाम> उपरोक्त केस में झूंठा फंसाया है। प्रार्थी को दिनाक18.07.2019 घर से उठाकर बंद <नाम> <नाम> है। घटना का कोई जनसाक्षी नहींहै। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थीअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना मेंसम्मिलित रहा है और उसके द्वारा सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादीमुकदमा व आश्रम के अन्य लोगों के साथ लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता मो0 <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 1006 2019 की समय 02:00 बजे की है। अभियोजन प्रपत्रोंके अनुसार प्रार्थी को दिनोक 19.07.2019 को अन्य के साथ गिरफ्तार कियाजाना तथा उसके कब्जे से 2,300 //- रूपए नगद बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। सह-अभियुक्त मण्डे उर्फ मण्डलेश्वर के बयान के आधार परप्रार्थी को इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी लगभग 25 <नाम> से (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रएक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4309 / 2019सूका उर्फ रामनिवास बनाम राज्यजिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। सह-अभियुक्त जावेद की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनोक 08.08.2019 को स्वीकार की जा चुकीहै। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्त जावेद के समान है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4177_202015-01-20213632
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ प््रार्थी/ अभियुक्त के चाचा नेत्र किशोर काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार-वादिया कु0 <नाम> द्वारा दिनांक 26.11.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि- वादिया को गाँव के सन्तोषने शारीरिक, मानसिक शोषण करके आत्महत्या के लिए मजबूर <नाम> दिया। सन्तोष केभाई धर्मवीर व भूदेव ने दिनांक 21.11.2020 को समय करीब 02.00 बजे कलाल Bail Application/10843/2020 —-Santosh Kumar Vs. UP State 2खेरिया बजार से अपहरण <नाम> एक टैम्पू में बिठाकर डौकी की ओर <नाम> से मारने केइरादे से ले जाने लगे। बुढैरा <नाम> प्रार्थिया के चिल्लाने <नाम> भीड आ गई प्रार्थिया ने मौका पाकर अपने घरवालों को फोन करके बुला लिया। सन्तोष 12 वर्ष से उसकाशारीरिक, मानसिक शोषण <नाम> रहा है। प्रार्थिया को <नाम> वर्ष पूर्व नशे का कोई पदार्थ खिलाकर/पिलाकर अपने घर <नाम> बलात्कार किया और वीडियो बना ली। उसवीडियों की धमकी देकर धन ऐठता रहा। सन 2012 में प्रार्थिया सोने की अगूठी लेकरबेच दी। अगर प्रार्थिया धन देने से <नाम> करती तो वीडियो वायरल करने की धमकीदेता। सन 2015 <नाम> दो लाख रुपये ऐंठ लिया। सन्तोष प्रार्थिया को दिलासा देतारहा कि वह उससे शादी करेगा लेकिन उससे शादी नहीं की। प्रार्थिया क माता पिताने दिनांक 31.10.2017 को मलपुरा में शादी <नाम> दी। लेकिन सन्तोष अपनी हरकतों सेबाज नहीं आया। सन्तोष ने प््रार्थिया की शादी के दूसरे <नाम> ही उसके <नाम> कोअश्लील वीडियो दिखा दी। जिससे <नाम> के <नाम> ने <नाम> से तलाक ले लिया। प्रार्थिया मानसिक <नाम> से बहुत परेशान चल रही थी। तो दिनांक 12.11.2020 कोसन्तोष ने <नाम> से आर्य समाज मन्दिर से शादी <नाम> ली। दिनांक 25.11.2020 को अबफिर दूसरी शादी नगला हवेली धौलपुर से <नाम> रहा है। प्रार्थिया को इसकी सूचनामिलने <नाम> <नाम> ने इसकी सूचना नगला हवेली <नाम> दी तो उन्होने रिश्ता तोड दियाऔर शादी में मिल रहे दहेज के पाच लाख रुपये वापस करने पडे। इसमे प्रार्थिया से नाराज होकर प्रार्थिया का अपहरण <नाम> <नाम> से मारने के इरादे से ले जाने लगा। दिनांक 20.11.2020 को ये तीनो <नाम> <नाम> 06.00 बजे प्रार्थिया के घर असलाह लेकरआये और प््रार्थिया को आते ही गाली-गलौज करने लगे और मारपीट करते हुएखीचकर टैम्पू में उसका अपहरण <नाम> धमकी दी कि पुलिस भी कुछ नहीं बिगाडसकती । सन्तोष ने देशी तमंचा दिखाया और <नाम> से मारने की नीयत से फायर किया। तो <नाम> की माँ <नाम> <नाम> बच गई। शोरगुल सुनकर पडौस के लोग आगये। पुनः देख लेने की धमकी देकर भाग गये। ", "वादिया की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण सन्तोष <नाम> धर्मवीर व भूदेव केविरूद्द थाना ताजगंज <नाम> मु०अ0सं0 8432020 <नाम> 376,364,307,406,323,506भा०द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसे चौथ बसूली के उददेश्य से झूठाँ फॅसाया गया है यह भीतक प्रस्तुत किया गया कि मनगढन्त तथ्यों के आधार <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त व उसके भाईयों के विरूद्ध मुकदमा कराया गया है। वास्तव में वादिया की शादी मलपुरा में होगई थी जिससे उसका तलाक नही हुआ है। प्रार्थी/ अभियुक्त को दिल्ली ले जाकर Bail Application/10843/2020 —-Santosh Kumar Vs. UP State 3अनैतिक धन के उद्देश्य से तथ्यों को छिपाकर आर्य समाज मन्दिर से शादी काप्रमाणपत्र प्राप्त किया गया है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि रिपोर्ट अत्यन्तविलम्ब से दर्ज कराई गई है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि वादिया से बचने केलिए प्रार्थी/ अभियुक्त ने एक सिविल वाद योजित किया है। जिसमें वादिया कोनोटिस जारी है। अभियुक्त दिनांक 28.11.2020 से कारागार में निरूद्ध हैं। अतःजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानत काविरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त प्राथमिकी में नामित हैं। अभियुक्त द्वारा वादिया के साथ जघन्य अपराध कारित किया गया है और वादिया सेसमय समय <नाम> धन एठेता रहा है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त द्वारावादिया का लगातार शोषण किया गया और उसके साथ बलात्कार किया गया। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है, अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की प्रार्थना की गई। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्व अभियोग है किअभियुक्त ने वादिया के साथ शादी का दिलासा देते हुए बलात्कार किया और उससेसमय समय <नाम> धन एठता रहा। वादिया के माता पिता द्वारा अन्य जगह शादी करनेपर उसने तलाक करवा <नाम> और वादिया से आर्य समाज मन्दिर में शादी की यह अभियुक्त के साथ मिलकर अपहरण <नाम> <नाम> से मारने की धमकी दी। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्याया0 सं0 2, <नाम> द्वारा दिनांक 30.11.2020 को निरस्त किया गया है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादिया के द्वारा अभियुक्त सेपति-पत्नी के सबंध में होने का कथन किया है। इसके अतिरिक्त वादिया मुकदमा नेप्रार्थनापत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त सन्तोष से अपनी स्वेच्छासे दिनांक 12.11.2020 को आर्य समाज मन्दिर नई दिल्ली में शादी <नाम> ली थी। शादी के पश्चात <नाम> सन्तोष <नाम> से कहा सुनी हो गई। जिसको देखते हुएप्रार्थिया ने अपने परिवार वालों को शादी के बारे में बता दिया। उससे नाराज होकर मायके वालों ने ग1मराह करते हुए मुकदमा लिखा दिया। यह भी आंकित किया गया कि जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कोई एतराज नही है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 28.11. 2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_3245_202016-10-20201836
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदन के साथ अभियुक्ता की रिश्तेदार सुलेखा <नाम> काशपथपत्र संलग्न किया गया है। ", "आवेदिका / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्ता निर्दोष है व उसके द्वारा यह प्रथम जमानतआवेदन प्रस्तुत किया गया है। उसको इस मामले में झूँठा फंसाया गया है,उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। उसके पास से झँठीबरामदगी दर्शित की गयी है। कथित घटना एवं बरामदगी का कोई जनसाक्षीदर्शित नहीं किया गया है। आवेदिका/अभियुक्ता दिनांक 08.10.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। 2qaaehl <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसारआवेदिका / अभियुक्ता को दिनांक 07.10.2020 को समय करीब 21:50 बजेम0उ0नि0 <नाम> दमयन्ती व अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा दौरान देखरेख शांतिव्यवस्था व रोकथाम जुर्म बलवन्त लौज के पास, चौकी <नाम> नेहरू नगर,अन्तर्गत पुलिस थाना हरीपर्वत, जिला-आगरा में पकड़ा गया। पकड़ी गयीअभियुक्ता ने अपना चांदनी पत्नी अनिकेत बताया। पकड़ी गयी अभियुक्ता कीजामा तलाशी लेने <नाम> 150 ग्राम हिरोइन (नशीला पाउडर) बरामद कियागया । " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदिका/अभियुक्ता की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवँ अभियोजन की ओर तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धपुलिस प्रपत्र एवं अन्य सामग्री का सम्यक परिशीलन किया। ", "प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि आवेदिका /अभियुक्ता से150ग्राम हिरोइन की बरामदगी बतायी गयी है। हिरोइन की 5 ग्राम <नाम> लघुमात्रा में आती है,जबकि वाणिज्यिक <नाम> 250 ग्राम है। आवेदिका / अभियुक्तासे बरामद 150 ग्राम हिरोइन <नाम> <नाम> 5 ग्राम से अधिक है, परन्तुवाणिज्यिक <नाम> 250ग्राम से कम है। आवेदिका»अभियुकता विचारण केदौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिये पर्याप्त जमानते देने केलिये तत्पर है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4719_201902-09-20194894
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदक,/ अभियुक्त सोनू उफ <नाम> <नाम> अपराधसंख्या-395/12 अन्तर्गत धारा-147, 352, 506, 308 भा०दं0सं0 थाना-एत्माद्दौला,जिला-आगरा में अभियुक्त है । ", "जमानत प्रार्थनापत्र में आवेदक / अभियुक्त की तरफ से कथन कियागया है कि आवेदक/ अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में रंजिश के <नाम> झूठाफंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, वह पूर्णतःनिर्दोष है। आवेदक / अभियुक्त ने कभी किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की है,वह घटना वाले <नाम> घटनास्थल <नाम> भी मौजूदनहीं था, घटना वाले <नाम> वह अपनीरिश्तेदारी में अलीगढ़ गया हुआ था फिर भी उसे झूठा फसाया गया है। कथित घटना का कोई आंखो <नाम> <नाम> नहीं है जबकि कथित घटनाकांशीराम <नाम> आवास <नाम> की भीड़-भाड़ वाली जगह की बताई गई है, यदिकथित घटना सत्य होती तो किसी व्यक्ति ने अपनी आंखों से अवश्य ही देखी होतीलेकिन किसी ने नहीं देखी है। आवेदक,/ अभियुक्त ने दिनांक 17.08.19 को स्वयंआत्म <नाम> किया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 17.08.19 से कारागार मेंनिरूद्ध है। संलग्न शपथपत्र में वर्णित तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "<नाम> <नाम> <नाम> जो आवेदक/अभियुक्त की सगी बड़ीबहन/पैरोकार है और मामले के तथ्यों से परिचित है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करतेहुए जमानत प्रार्थनापत्र में अधिकांशत वर्णित उपरोक्त तथ्यों को ही पुनः दोहरातेहुए अभियोजन कथानक का वर्णन किया गया है, तत्पश्चात्‌ कहा गया है कि प्रथम _ 2 __सूचना रिपोर्ट में घटना दिनांक 29.05.12 की बताई है लेकिन कथित घटना कासमय व स्थान <नाम> नहीं किया है और वादी द्वारा 10-15 बदमाश किस्म केलोगों द्वारा मारपीट करना, हमला करना बताया है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 30.05.12 को समय 03.15 बजे <नाम> व्यक्तियों को नामजद करते हुए दोव्यक्तियों की रिश्तेदारी खोलते हुए मात्र छः लोगों के विरूद्ध रिपोर्ट क्यों नहींलिखाई, इसका भी <नाम> नहीं बताया गया है तथा रिपोर्ट एक <नाम> की देरी सेदर्ज कराने का भी कोई <नाम> नहीं बताया गया है और घटना की सूचना तुरन्तपुलिस को क्यों नहीं दी गई, इसका भी कोई <नाम> नहीं बताया गया है। वादी नेप्रथम सूचना रिपोर्ट में कथित घटना में सिंधी, <नाम> रजावती, <नाम> केशव के चोटें <नाम> बताया है जबकि डाक्टरी मुआयना <नाम> <नाम> <नाम> का ही हुआ है। <नाम> रजावती, सिंधी, केशव का डाक्टरी मुआयना क्यों नहीं कराया गया,यह भी नहीं बताया गया है। वादी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट में तथा दौरान विवेचनाचुटैलों व गवाहान ने यह नहीं बताया है कि कथित घटना क्यों और किस उद्देश्यसे कारित की गई थी। घटना के पीछे कोई तो वजह होनी चाहिए थी लेकिन कोईवजह नही बताई गई है। सत्यता यह है कि मकान बनाने में चिनाई का कार्य करतेसमय दीवार पलट जाने व लैन्टर गिर जाने के <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> वनीरज, लैन्टर के नीचे दब गये थे जिससे उनके चोटें आयीं थीं औरआवेदक / अभियुक्त एवं अन्य अभियुक्तगण का <नाम> रजावती से जमीनी विवादहोने के <नाम> रंजिशवश षडयन्त्र के तहत उपरोक्त झूठा मुकदमा थाने में दर्जकराया गया था और थाने में विवेचनाधिकारी से सांठ गांठ <नाम> <नाम> गिरफ्तारी केही अभियुक्तगण के विरूद्ध झूठा आरोपपत्र प्रेषित <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही वहसजायाफ्ता है। आवेदक / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक / अभियुक्त का कोई भी जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय वमाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानतप्रार्थनापत्रों का विरोध किया गया है। ", "मैंने उपलब्ध कागजात, थाने से प्राप्त आख्या तथा संबंधित पत्रावलीका सम्यक परिशीलन किया। " ], "judge-opinion": [ "अपराध संख्या-395/ 2012 दिनांक 02.09.2019 आवेदक / अभियुक्त सोनू उफ <नाम> <नाम> के जमानत प्रार्थनापत्रपर उसके विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकोयअधिवक्ता (फौ0) को सुना एवं थाने से प्राप्त आख्या एवं संबंधित पत्रावली कासम्यक परिशीलन किया । ", "संबंधित पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट के अनुसार घटना के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी सिन्धी द्वारादिनांक 30.05.12 को प्रस्तुत तहरीर के अनुसार वह दिनांक 29.05.12 को रात 9-10 बजे अपनी ममिया सास रज्जावती के यहां गया था, वहां 10-15 बदमाशकिस्म के लोगों ने मारपीट की जो इस प्रकार हैं - पिन्टू सोनू-1, बल्ले, सोनू-],उसकी मौसी का लड़का, पिन्टू का साला और इन लोगों के पड़ौसी। इन लोगों नेउसके व उसके <नाम> <नाम> <नाम> जानलेवा हमला किया जिसमें <नाम> आई.सी.यू. में _ 3 __शान्ति मांगलिक हॉस्पीटल में भर्ती है जिसकी हालत गम्भीर बनी हुई है। उसे औरनीरज को बचाने आये उनकी ममिया सास रज्जावती, उनका पुत्र <नाम> व केशवको धारदार हथियार से गम्भीर <नाम> से घायल <नाम> दिया। कूपया कानूनी कार्यवाहीकरने की <नाम> करें। ", "उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माद्दौला <नाम> <नाम> अपराध संख्या-395/12 अन्तर्गत धारा-147, 324, 352, 506 भा०दं0सं0 में अभियुक्तगण पिन्टू, सोनू], बल्ले, सोनू-, उसकी मौसी का लड़का, पिन्टू का साला और अन्यव्यक्तियों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना धारा-324भा०दं०सं0 का लोप करते हुए धारा-308 भा०दं0सं0 की <नाम> की गई। बादविवेचना आवेदक / अभियुक्त व अन्य <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-147, 352,506, 308 भा०दं0सं0 में आरोपपत्र प्रेषित किया गया। ", "मैंने चुटैलों की चिकित्सकीय आख्या का सम्यक परिशीलन किया। ", "<नाम> के शरीर <नाम> 03 चोटें <नाम> कन्टूजन की पायीं गयीं हैं। <नाम> उम्र 15वर्ष के शरीर <नाम> एक लैसरेटेड वून्ड 1.5 5 0.3 सेमी. स्कल्प <नाम> चोटनं0 2ट्रॉमैटिक स्वैलिंग 1 %1 से.मी. दांहिने हाथ की मध्य अंगुली <नाम> <नाम> उम्र 21 वर्षके जो चोटें आयीं हैं, उनमें लैसरेटेड वून्ड 6 £1 से.मी. स्कल्प <नाम> एक्सरे व सी.टी.स्केन की सलाह दी गईं, एक चोट और खुरसट की दर्शाई गई है। सप्लीमेन्ट्रीरिपोर्ट में रॉइट फन्टल कन्वैक्ससिटी में एक्सट्रा एक्सियल हेमाटोमा पाया गया, बाईलैटरल फन्टल रीजन में कुछ छोटे एक्सट्रा एक्सियल ऐयरफोसी पाये गये। ", "फन्टल बोन के दांहिने तरफ फेक्चर पाया गया। बांये मिड फन्टल बोन में फेक्चरपाया गया और चोट गम्भीर <नाम> की दर्शाई गईं है। इस मामले में प्रथम सूचनारिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि <नाम> को आई.सी.यू. में भर्ती कराया गया, उसका सी.टी.स्केन हुआ, सिर की हड़डी में फ़ेक्चर हुआ, चोट गम्भीर <नाम> की <नाम> गई। सह अभियुक्तगण पिन्टू एवं बल्ले की जमानत सत्र न्यायाधीश <नाम> द्वारा पारितआदेश दिनांकित 10.11.2014 के अनुसार निरस्त की जा चुकी है तथा अन्य सहअभियुक्तगण सोनू एवं <नाम> उफ जग्गो की जमानत सत्र न्यायालय के स्तर सेदिनांक 06.08.2019 को निरस्त की जा चुकी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6865_201928-11-20191186
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को पुनः जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ माता <नाम> पुत्र <नाम> सिहं का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थानाध्यक्ष <नाम> शैलेन्द्र <नाम> थाना निबोहरा जिला <नाम> द्वारा दिनांक 18.02.14 को समय 14.30 बजे जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण देवेन्द्र <नाम> व पिन्टू उर्फ पिन्टा के द्वारा एक सुसंगठित गिरोहबना लिया गया है, और अपने साथियों के साथ मिलकर लूट एवं वाहन चोरी जैसे जघन्य अपराध करतेहैं और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त रहते है । ", "अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, 17, व 22 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित कियागया है । ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथाप्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। उपरोक्त मुकदमें में नियततारीखों <नाम> उपस्थित <नाम> होने के वजह से गैर जमानती वारंट जारी <नाम> दिये गये। उसने स्वयं दिनॉक-16.11.19 को न्यायालय में आत्म <नाम> किया है। वास्तविकता यह है कि वह पूर्व में नियत तारीखों परउपस्थित हो रहा था किन्तु गंभीर पीलिया व मियादी बुखार से पीड़ित होने के <नाम> शारीरिक <नाम> सेकाफी कमजोर हो गया जिसके <नाम> न्यायालय में हाजिर नही हो सका। उसने अपने अधिवक्ता को सूचित <नाम> <नाम> था। अधिवक्ता द्वारा उसे यह आश्‍वासन <नाम> था कि वह अपने स्तर से देखते रहेगेस्वस्थ्य होने <नाम> उपस्थित हो जाना। इस दौरान उसके पूर्व अधिवक्ता का देहान्त हो गया जिस कारणउसे आगे की तिथियों की जानकारी नही हो सकी और वह बीमारी के चलते न्यायालय में उपस्थित नहीहो सका स्वस्थ्य होने <नाम> न्यायालय में उपस्थित हुआ है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 143/13 धारा-379, भा.द.सं. थाना-निबोहरा जिला <नाम> । (2) अ.सं. 353/13 धारा-379, भा.द.सं. थाना-फतेहाबाद जिला <नाम> । (3) अ.सं. 355/13 धारा-392, भा.द.सं. थाना-फतेहाबाद जिला <नाम> । के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर लूट वाहन चोरी जैसे अपराध करने का अभिकथन है। " ], "judge-opinion": [ " पत्रावली के अवलोकन से जानकारी में आया कि उसके विरूद्ध गैर जमानती वारट पारित हो गये है तो उसने स्वयं न्यायालय में आत्म <नाम> किया तथादिनॉक 16.11.19 से कारागार में निरूद्ध है। भविष्य में वह अनुपस्थित होने की गलती नही करेगा औरआदेश की अवहेलना नही करेगा। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकको सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> था। किन्तुंबीमार होने के <नाम> नियत तारीखों <नाम> उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती वारंट के आदेश पारित किये गये । उसने स्वयं न्यायालय में आत्म <नाम> किया है। वह दिनॉक-16.11.2019 सेकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4035_202009-12-2020709
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार चन्द्रशेखर ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी रविकान्त श्रोतिया द्वगरा दिनांक 24.01.2019 को थाना सिकन्दरा <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि मे0गायत्री डेबलपवेल प्रा0 लि0, 112 <नाम> एन्कलेव, <नाम> विहार, दिल्ली, मै0 अडोर्नइफास्ट्रकचर प्रा0 लि0 एम-48 आर-13 द्वितीय तल ग्रेटर कैलाश-1 न्यू दिल्‍ली, मै0कल्याणी स्टठ़क्चर एण्ड हाउसिंग प्रा0 लि0 112 <नाम> एन्कलेव <नाम> विहार नईदिल्ली, मै0 <नाम> इन्फाएस्टेट प्रा0 लि0 2/3 तृतीय तल, रमन टावर <नाम> पैलेस,आगरा एन 106 विभव एक्सोटिका सूर्यनगर <नाम> हरिओम <नाम> व देवेन्द्र दीक्षित,गारण्टर्स <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा एकआवासीय प्रोजेक्ट, मनहर गार्डन नियर शिवम एलिगेट, हरीशनगर, मौजा सिकन्दराबहिस्तावाद <नाम> के नाम से बनाया जा रहा था। उक्त कम्पनियों द्वारा सन्‌ 2013 मेंबैंक से जमीन को बन्धक बनाकर <नाम> लिया था, जबकि फूलैटों की बुकिंग संख्या 2011से ही प्रारम्भ <नाम> दी गयी थी। <नाम> रविकान्त श्रोतिया फूलैट संख्या 438, <नाम> वीरेन्द्र सिंहपाल फूलैट संख्या ३22, <नाम> <नाम> <नाम> फूलैट संख्या 340, <नाम> <नाम> <नाम> फूलैटसंख्या 341, <नाम> इन्द्रावती फूलेट संख्या 224, उक्त कम्पनियां कार्य को अपूर्णछोड़कर भागने की फिराक में हैं, क्योंकि उक्त कम्पनियों द्वारा बैंक का ऋण/ <नाम> अदानहीं किया गया है। जबकि प्रार्थीगणों व अन्य लोगों से फूलैटों की लगभग सभी धनराशिवसूल <नाम> ली गयी है व <नाम> रहे हैं और जबकि मूलभूत सुविधायें 70 प्रतिशत से अधिकअपूर्ण है। कैनारा बैंक द्वारा यह कहा जा रहा है कि उक्त प्रोजेक्ट <नाम> <नाम> है,इसलिए यह सभी रजिस्द्रीया एवं आवंटन अवैध है। प्रार्थीगणों से उक्त विपक्षीगणों द्वाराजानबूझकर एक षड्यन्त्र एव साजिश <नाम> फर्जीबाड़ा व धोखाधड़ी की गयी है। बैंक द्वारा्रार्थीगणों <नाम> दबाव बनाया जा रहा है कि तुम सभी को फूलैट नीलामी में लगा दिये गये Bail Application/10577/2020 —-Hariom Dixit Vs. UP State2हैं। जबकि प्रार्थीगण को उक्त <नाम> की कोई जानकारी बिल्डर / केनारा बैंक द्वारा पूर्व मेंकभी भी नहीं दी गयी और <नाम> ही रजिस्ट्री/एलाटमेंट के समय दी गयी। उक्तविपक्षीगणों ने जानबूझकर छल कपटपूर्वक साजिश <नाम> बैंक की मिलीभगत से प्रार्थीगणोंको हानि पहुंचाने एवं स्वयं के निजी स्वार्थवश <नाम> कमाने के उद्देश्य से यह कृत्यकिया गया है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र में कहागया कि प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त मामले में झूठा संलिप्त किया गया है, जबकि उसनेउपरोक्त धाराओं के तहत कोई अपराध कारित नहीं किया है वह पूर्णतः निर्दोष है। प्रथमसूचना रिपोर्ट में वर्णित धाराओं के तहत प्र्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध कोई अपराध सृजितनहीं होता है। उपरोक्त मामले में तीनों ही शिकायतकर्ता ने पूर्व में भी प्रार्थी/ अभियुक्तपक्ष से सैटलमैण्ट किया जा चुका है, तीनों शिकायतकर्ता द्वारा बैंक द्वारा की गयीनीलामी से अपने फूलैट्स खरीद लिये गये हैं, जिसके संबंध में विवेचक चौकी इंचार्जपुलिस चौकी पश्चिमपुरी को लिखित पत्र भी <नाम> जा चुका है। उपरोक्त मामले मेंगायत्री डबलपवेल कंपनी द्वारा फुलैट सं0-438 की वावत जो रूपया <नाम> गया था, वहरूपया कंपनी द्वारा वादी को पूरा वापस <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त काआपराधिक गतिविधियों से किसी तरह का कोई संबंध व सरोकार नहीं है। ्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 02.10.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलाबा अन्य कोई जमानत्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय अथवा किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्क रखते हुएकहा गया कि अभियुक्त के द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसके खिलाफवादी मुकदमा द्वारा गलतफहमी के आधार <नाम> रिपोर्ट दर्ज करायी गयी हे। अभियुक्त केविरूद्ध आरोपित धाराओं में अपराध नहीं बनता है। विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी कहागया कि वादी मुकदमा से <नाम> धनराशि क संबंध में समझौता हो गया है और उसकाअब कोई विवाद <नाम> नहीं है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क में आगे कहागया कि इस प्रकरण की अभियुक्ता <नाम> <नाम> <नाम> की जमानत समकक्षन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीयहै। जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त क द्वाराधोखाधड़ी, छल से वादी मुकदमा तथा अन्य व्यक्तियों से धनराशि प्राप्त की गयी औरउनको फूलेटों का कब्जा नहीं <नाम> गया। अभियुक्त इस तरह का अपराध करने मेंअभ्यस्थ है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। वादी मुकदमा क विद्वान अधिवक्ता भी न्यायालय उपस्थित आये और उनके द्वारा आजरविकान्त श्रोतिया का शपथ पत्र प्रस्तुत <नाम> कहा गया कि वादी द्वारा अभियुक्त पक्ष कीकंपनी को फूलैट के लिए जो रूपया <नाम> गया था, वह वापिस मिल गया है, कोईविवाद <नाम> नहीं रह गया है और <नाम> ही वह कंपनी व अभियुक्तगण के विरूद्ध कोईकानूनी कार्यवाही कराना चाहता है। आवेदक / अभियुक्त को जमानत दिये जाने की कोईआपत्ति <नाम> होने की बात कही है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी एवं वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता को जमानत प्रार्थनापत्र परसुना तथा प्रपत्रों व केस डायरी का अवलोकन किया । ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट व केस डायरी के अवलोकन से ज्ञात होता है किअभियुक्त <नाम> वादी से पैसे लेकर फूलैट <नाम> देने का आरोप है। वादी मुकदमा द्वारा आजशपशपत्र प्रस्तुत किया गया है कि उसको फूलैट से संबंधित सारी धनराशि प्राप्त हो गयी Bail Application/10577/2020 -Hariom Dixit Vs. UP State3है और उसे आवेदक / अभियुक्त की जमानत स्वीकार किये जाने को कोई आपत्ति नहींहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक,/ अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के अलावा अन्यव्यक्तियों के साथ भी फूलैट के संबंध में धोखाधड़ी करना कहा है। प्रथम सूचना रिपोर्टमें <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> इंद्रावती ने भी विवेचक को यह बयानदिया है कि फूलेट से संबंधित समझौता हो गया है और वह कोई कानूनी कार्यवाही अबनहीं चाहते। इस प्रकरण की <नाम> अभियुक्ता <नाम> <नाम> <नाम> की जमानत्रार्थनापत्र सं0-3889,/2020 दिनांक 27.11.2020 को समकक्ष न्यायालय द्वारा स्वीकारकी जा चुकी है। आवेदक / अभियुक्त की भी अपराध कारित करने में <नाम> सहअभियुक्त के समान है, जिसकी जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 02.10.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5217_201924-09-20193704
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त की पत्नी पैरोकार श्रीमतीआयशा पत्नी फरहान ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार दिनाक 10.03.2019 को उपनिरीक्षकजितेन्द्र <नाम> थाना हाजा से मय उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> के बहवाले रपट नं. 75 समय 22.08बजे वास्ते देखरेख शान्ति व्यवस्था व चैकिग संदिग्ध वाहन व व्यक्ति अन्दर इलाका में मामूर थेकि वह सिकन्दरा तिराहे <नाम> पहुँचे तो जरिए मुखविर खास सूचना <नाम> कि दिनाक 12.02.2019 को सुनारी रोड <नाम> हुई पुलिस मुठभेड का वांछित अभियुक्त आई.एस.बी.टी. के सामने सड़क <नाम> खड़ा है जो कहीं जाने की फिराक में है, जल्दी की जाए तो पकड़ा जा सकता है। उन्होंने <नाम> <नाम> नियुक्त का. गजेन्द्र <नाम> व का. रकोश <नाम> को तलब किया जो हस्व तलब सिकन्दरा तिराहे <नाम> उपस्थित आये। उन्होंने रास्ते <नाम> आने जाने वाले लोगों से <नाम> बताकर गवाही के लिए कहा तो आपसी भलाई-बुराई के <नाम> कोई व्यक्ति गवाही को तैयार नहींहुआ, उन्होंने आपस में एक दूसरे की जामा तलाशी ले-देकर यह <नाम> किया कि किसी केपास अपराध से संबंधित वस्तु तो नहीं है। वे लोग मुखविर को साथ लेकर सरकारी जीप यूपी.83जी-0098 मय चालक के सिकन्दरा तिराहे से आई.एस.बी.टी. की तरफ चले तो रास्ते मेंअमरा उजाला प्रेस के सामने आई.एस.बी.टी. की तरफ से सो रहे एक व्यक्ति को देखकरमुखविर ने दूर से इशारा करके बताया कि वह वही व्यक्ति है, जो पुलिस मुठभेड में वांछित है। ", "पुलिस वालों ने गाडी को सड़क किनारे खड़ी करके पैदल ही सड़क पार <नाम> बताए गये व्यक्तिको <नाम> उजाला प्रेस के सामने घेर <नाम> समय 23.15 बजे पकड़ लिया जिसका नाम पतापूछते हुए जामातलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम फरहान पुत्र हसीन निवासी <नाम> कटरा <नाम> नगर थाना एम.एम. गेट जिला <नाम> बताया तथा साथ ही बताया कि उसके पास स्मैकपाउडर है। जमातलाशी <नाम> पहली पेंट की दाहिनी जेब से एक प्लास्टि की पन्‍नी में कुछमटियाले रंग का पाउडर मिला तथा तथा एक अदद तमन्‍्चा मय कारतूश व चैन के टुकड़े 2बरामद हुए हैं। पन्‍नी को खोलकर <नाम> व सूँघा गया, स्मैक पाउडर ही होना प्रतीत होताहै, को कब्जे पुलिस में लिया गया तथा मौके <नाम> <नाम> 50 एन.डी.पी.एस.एक्ट का सहमति पत्र तैयार किया गया। इलैक्ट्रोनिक तराजू निकाल <नाम> बरमदशुदा स्मैक पाउडर को तोलागया तो उसका वजन 70 ग्राम हुआ। इसे प्लास्टिक की पन्‍नी सहित सफेद कपड़े मेंरखकर सील सर्वे मोहर किया गया। फर्द को मौके <नाम> लिखी गयी तथा we कोहमराहीयान को पढ़कर सुनाकर गवाहों के हस्ताक्षर बनवाये । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त फरहान निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे गलत फंसायागया है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त की आपस में रंजिश चल रही है, रंजिश रखने वाले लोगों नेइलाका पुलिस से मिलकर इस अपराध में झूठा फंसा <नाम> गया है। अभियुक्त के कब्जे सेअपराध से संबंधित कोई भी चरस अथवा वस्तु बरामद नहीं हुई है और <नाम> ही अभियुक्तका इस अपराध की घटना से कोई संबंध व सरोकार है। अभियुक्त को जिस स्थान सेगिरफ्तार होना बताया गया है, उस स्थान <नाम> आम लोगों का हर समय <नाम> <नाम> बना रहता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> का कोई भी स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। ", "धारा-50 एन.डी.पी.एस.एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक11.03.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त सम्रान्‍्त परिवार का है, वह अपनीउचित एवं विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। अतः: उसे जमानत <नाम> <नाम> <नाम> दियाजाय । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया है किअभियुक्त को दिनाक 08.03.2019 को सादा वर्दी में आये कुछ लोग पूछताछ करने केबहाने <नाम> ले गये, जिसके संबंध में आवेदक की पत्नी द्वारा एस.एस.पी. <नाम> कोलिखित सूचना / कम्पलेंड दिनांक 09.03.2019 को प्रस्तुत किया गया है कि “मेरे <नाम> कोसादा वर्दी में आये लोग घर से उठा ले गये हैं, उनका कोई पता नहीं चल रहा है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुए कहा गया है अभियुक्त के कब्जे से 70ग्राम स्मैक मौके से बरामद हुआ है ce Uh seg Ta मय कारतूश व चैन के टुकड़े बरामद हुए हैं। अभियुक्त काआपराधिक इतिहास है तथा वह आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जमानत <नाम> छोडे जाने <नाम> न्यायालय में हाजिर नहीं होगा और अन्य अपराध कारित करेगा। अत: अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाय । " ], "judge-opinion": [ "मैंने प्रार्थी , अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) को सुना एवं पत्रावली का सम्यूक परिशीलन किया। प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त के कब्जे से 70ग्राम स्मैक बरामद होना कहा जाता है। मौके का कोई पब्लिक <नाम> नहीं है। अभियुक्त दिनांक 11.03.2019 से जेल मेंनिरूद्ध है। <नाम> 30 आई.पी.सी. व 12 द-्र,क्षे. अधिनियम मु.अ.सं. 100,/49 थानासिकन्दरा के मामले में अभियुक्त की जमानत दिनांक 06.06.2019 को स्वीकार हो चुकी है, जिसकी फोटो <नाम> पत्रावली में संलग्न है। स्मैक जो अभियुक्त के कब्जे से बरामद होना 3 कहा जाता है, उसकी मात्र 70 ग्राम बतायी गयी है तथा जो वाज्यिक <नाम> 250ग्राम है,से काफी कम है एवं अल्प <नाम> 5 ग्राम है, से अधिक है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4130_201908-08-2019842
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त की भाभी <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमेंकहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है । ", "अभियोजन कथानक व फर्द बरामदगी/ प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारउप निरीक्षक <नाम> <नाम> मय हमराह पुलिस कर्मचारीगण के गस्त करते हुयेचीलगढ चौराहे से बिजलीघर की ओर जा रहे थे, नगर <नाम> के कूड़ेदान केपास पहुंचे तो एक व्यक्ति पुलिस वालों को देखकर <नाम> कदमों से बिजलीघरकी ओर चलने लगा, शक होने <नाम> उस व्यक्ति को पकड़ लिया, तो माफीमागते हुये कहने लगा कि <नाम> मेरे पास डायजापाम की गोलियों का नशीलापाउडर है, जिसको खाने से नशा होता है। पकडे गये व्यक्ति को तलाशी केअधिकार एन.डी.पी.एस.एक्ट की <नाम> 50 के बारे में बताया गया कि उसे अपनीतलाशी किसी राजपत्रित <नाम> या मजिस्ट्रेट के समक्ष देने का अधिकार है,तो उसने कहा कि अब तो आपने पकड लिया है और मेरे पास नशीला पाउडरभी है, मुझे आप <नाम> भरोसा है, आप ही मेरी तलाशी ले लीजिये। अभियुक्त कानाम पता पूछते हुये सहमति पत्र तैयार किया गया। पकडे गये व्यक्ति ने अपना नाम लखन वाल्मीक बताया, सहमति पत्र <नाम> अलामात बनवाकर जामा तलाशीली गयी तो पहने जींस की <नाम> पेन्ट की अगली दाहिनी जेब से सफेदपॉलीथिन में हल्के पीले रंग का पाउडर बरामद हुआ, उसने बताया कि यही नशीला पाउडर है, जिसको खाने से नशा होता है। बरामद पाउडर का वजनकिये जाने <नाम> हैछका0 अलकेश <नाम> तराजू लेने भेजा गया, तौलने <नाम> उसकावजन 360ग्राम पाया गया। नमूना <नाम> 50ग्राम पाउडर को अलग किया गया। -2- बरामद पाउडर को अलग अलग सफेद कपडों में रखकर सिलकर सील सर्वेमुहर किया गया तथा नमूना मुहर तैयार किया गया। फर्द मौके <नाम> टार्च कीरोशनी में लिखी गयी। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 16.06.2019 को 00-03 बजे अभियुक्तलखन वाल्मीक के विरूद्ध अपराध संख्या-0189,2019 <नाम> धारा-8/22 एन.डी.पी.एस. का अभियोग थाना रकावगंज, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने काई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है, उसे इसमामले में झूंठा फॅसाया गया है, उससे कोई नशीला पाउडर बरामद नहीं हुआहै। घटना दिनांक 15.06.2019 की दर्शायी गयी है, जबकि रकाबगंज पुलिस केद्वारा दिनांक 14.06.2019 को उसे जबरन थाने <नाम> बैठाये रखा, जब इसकीशिकायत उच्चाधिकारियों से दिनांक 15.06.2019 को की गयी तो इसी कीरंजिश मानते हुये झूंठा चालान <नाम> उपरोक्त बरामदगी दर्शायी गयी है। नशीलेपदार्थ को तौलने के लिये इलेक्ट्रोनिक तराजू का प्रयोग करना बताया है, क्योंपुलिस वाले इलैक्ट्रोनिक तराजू को लेकर घूमते हैं, इसका स्पष्टीकरण फर्द बरामदगी में नहीं किया गया है। आवेदक/ अभियुक्त से कौन <नाम> नशीलापाउडर बरामद हुआ, यह <नाम> नहीं किया गया है। बरामदगी का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। <नाम> 50 एन.डी.पी.एस. की धाराओं काप्रयोग नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 16.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। ", "अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि दौरान गस्त शक होने केआधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त को पुलिस कर्मचारीगण द्वारा पकड़ा गया है औरउसके पास से 360ग्राम डायजापाम का पाउडर बरामद किया गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध प्रपत्रों काअवलोकन किया। ", "इस मुकदमे की फर्द बरामदगी देखने <नाम> यह पाया गया कि पुलिस कर्मचारीगण के द्वारा अभियुक्त को पकडने के <नाम> आवेदक / अभियुक्त के यह -3-बताने <नाम> कि उसके पास नशीला पाउडर है, उसे उसके अधिकारों से अवगतकराया गया है, लेकिन जब उसने यह कहा कि जब आपने पकड ही लिया है,तो आप ही तलाशी ले लें, तब उसकी तलाशी ली गयी औरआवेदक / अभियुक्त के पास से 360 ग्राम हल्के पीले रंग का नशीला पाउडरबरामद हुआ। फर्द में इस तथ्य की भी अंकना है कि अभियुक्त की गिरफूतारीकी सूचना थाने पहुंचकर दी जाएगी। आवेदक/ अभियुक्त से बरामद उक्तनशीला पाउडर डायजापाम होना बताया गया है। आवेदक / अभियुक्त से बरामदउक्त नशीले पदार्थ डायजापाम की मात्र 360ग्राम है। ", "बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि नशीलेपदार्थ को तौलने के लिये इलेक्ट्रोनिक तराजू का प्रयोग करना बताया है, क्योंपुलिस वाले इलैक्ट्रोनिक तराजू को लेकर घूमते हैं, इसका स्पष्टीकरण फर्द बरामदगी में नहीं किया गया है। फर्द बरामदगी देखने <नाम> यह पाया गया किहै0का0 अलकेश <नाम> को इलैक्ट्रोनिक तराजू लेने भेजा गया और जब वह इलैक्ट्रोनिक तराजू लेकर आया, तब उक्त नशीले पदार्थ जिसे अभियुक्तके द्वारा स्वय डायजापाम की गोलियों का पाउडर बताया गया है, की तौल कीगयी है। ", "जहाँ <नाम> इस बात का प्रश्‍न है कि आवेदक/ अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। इस संबंध में थाने से जो आख्या प्राप्त हुई है,उसमें आवेदक / अभियुक्त का आपराधिक इतिहास दर्शाया गया है, जिसमें इसमुकदमा के अलावा उस <नाम> लूट का अन्य मुकदमा भी दर्शाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3291_201903-07-20192611
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में नाजमा का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "आवेदक /» अभियुक्त द्वारा प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथापत्र में यह कहा है किउसे झठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। वह पूर्व में इस प्रकरण मेंजमानत <नाम> था। प्रार्थी का एक्सीडैन्ट होने के <नाम> वह नियत दिनांक को न्यायालय नहींआ सका अतः न्यायालय द्वारा प्रार्थी के वारंट <नाम> दिये गये। प्रार्थी ने जानबूम <नाम> गलतीनहीं की है। ", "ए0डी0जी0सी0 द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के परिशीलन से विदित होता है कि पत्रावली आरोप <नाम> नियत चलरही थी एवं दिनांक 18-01-2019 को आवेदक /अभियुक्त के <नाम> आने के <नाम> उसकेविरुद्ध <नाम> जमानती वारंट जारी किये गये थे। अभियुक्त दिनांक 17-06-2019 कोपुलिस द्वारा गिरफ्तार <नाम> न्यायालय में पेश किया गया। अभियुक्त का कहना है कि वहएक्सीडैन्ट होने के <नाम> न्यायालय नहीं आ सका। अभियुक्त पूर्व में इस प्रकरण में जमानतपर था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5950_201930-10-20192300
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त का कथन है कि वह इस प्रकरण में जमानत <नाम> था। आवेदक / अभियुक्त के अनुपस्थित हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीयअधिपत्र जारी हो गये। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 13.10.2019 से कारागार में निरूद्धहै। आवेदक /अभियुक्त द्वारा जानबूझकर कोई गलती नहीं की गयी है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा जमानत का दुरूपयोग नहीं किया गया है तथा उसके द्वाराकिसी भी <नाम> को डराया धमकाया नहीं गया है। अतएव उसे प्रस्तुत प्रकरण में जमानतपर <नाम> किया जाये। ", "अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि आवेदक / अभियुक्त राजवीर इसमामले में जमानत <नाम> था। दौरान विचारण अभियुक्त के दिनांक 02.07.2019 कोअनुपस्थित हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र निर्गत किये जानेका आदेश पारित किया गया। इससे पूर्व अभियुक्त इस मामले में उपस्थित आ रहा था। आवेदक / अभियुक्त वाद में जारी वारण्ट <नाम> दिनांक 13.10.2019 से न्यायिक अभिरक्षा मेंहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5424_201923-09-20193789
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता <नाम> <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा दिनाक 30.06.2019 को थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयी कि दिनोक 29.06.2019 को वहमय हमराहियान चौकी <नाम> में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर की सूचनापर तीन व्यक्तियों को पकड़ा गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी लीगयी तो एक ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एक अदद तमंचा, दो जिन्दा कारतसू व 300/- रूपए नगद बरामद हुए । दूसरेव्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी में एक अददचाकू व एक मोबाइल बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम रामलखन उफ <नाम> <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशी से एक मोबाइल व एकचायकू बरामद किया गया। तीनों के कब्जे से एक मोटरसाईकिल बरामद हुईजिसके कागाजत दिखाने में कासिर रहे। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगतकराते हुए हिरासत पुलिस लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 30.06.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। बरामदगीका कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रशम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय या अन्य किसी न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त कोपुलिस द्वारा गिरफतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक नाजायज चाकू बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5454, 2019रामलखन उरफं <नाम> <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> हेमन्त <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 29.06.2019 की समय 21:30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> गिरफूतारी के दौरान उसके कब्जे से एक नाजायज चाकू बरामद होने का आरोप लगायागया है। पत्रावली <नाम> उपलबध माननीय उच्च न्यायालय द्वारा फौजदारीप्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-35329/2019 में पारित आदेश दिनाकित13.09.2018 के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि माननीय उच्च न्यायालयद्वारा मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी ढाई माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1296_202117-02-20212309
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की प्रतिदाखिल की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1210_202116-02-20212381
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ हरे कृष्णशर्मा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 13.02.2021 से जेल में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिया जाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की प्रतिदाखिल की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_934_202122-02-20212079
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में तेजसिंह का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> द्वाराथाना बरहन <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि दिनांक 01.12.2020 कोथाना बरहन से दरोगाजी <नाम> तेजपाल <नाम> कुछ पुलिस वालों के साथ एक धर्मेन्द्र नाम के लड़के <नाम> आये थे। उस धर्मेन्द्र नाम के लड़के ने मुझे व मेरे घर मौजूद मेरे रिश्तेदारो के सामने सभीपुलिस कर्मियों के सामने बताया कि उसने अपने दोस्तों के साथ दिनांक 27.11.2020 को मेरे घरमें घुसकर चोरी करने का प्रयास किया था, लेकिन घर <नाम> मौजूद रिश्तेदारों की भीड़ भाड़ में वहहड़बड़ाहट में चोरी नहीं <नाम> पाये थे। चुपके से निकल गये थे, हड़वड़ाहट में उनका मोबाइल मेरे ६गर <नाम> ही छूट गया था। उस <नाम> मेरी बेटी <नाम> की शादी थी। मेरे बेटे <नाम> ने कल दिनांक 30.11.2020 को आपके थाने <नाम> तहरीर भी दी थी कि एक कीपैड फोन, हमारे घर <नाम> किसी व्यक्ति जोहमारा रिश्तेदार या जानने वाला नहीं है, का मिला है, यह पता करने के लिए कि यह मोबाइलकिसका है, जिसका नं<फ़ोन-नंबर> है। उस मोबाइल <नाम> आयी मिस्डकाल <नाम> हमने अपनी तरफसे फोन किया तो उसने अपना नाम धर्मेन्द्र उर्फ <नाम> बताया। पूछने <नाम> कि आपका फोन यहां कैसेरह गया है, इस <नाम> उसने कुछ नहीं बताया और फोन काट <नाम> । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया किप्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष है, उसने उक्त अपराध कारित नहीं किया है, बल्कि बेबजह रंजिशनपुलिस द्वारा झूठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी /अभियुक्त के कब्जे से कोई भी अपराध से संबंधितअवैध वस्तु बरामद नहीं हुई है, बल्कि पुलिस द्वारा फर्जी एवं झूठी घटना दर्शाकर अपराध में झूठानामित <नाम> <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त कामोबाइल चोरी हो गया था और सूचना मिलने <नाम> अपने साथ <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> को अपनेसाथ ले गया था तो रास्ते में मोटरसाइकिल सुअर से टकरा जाने <नाम> मौजूद लोगों से विवाद होगया था, उन्होंने पुलिस बुला ली और प््रार्थी/अभियुक्त तथा <नाम> अभियुक्त को पुलिस अपने साथपकड़कर थाने ले गयी थी और प्रार्थी /अभियुक्त को छोड़ने के लिए उसके परिवारीजनों से रूपयोंकी मांग करते रहे, रूपया <नाम> दिये जाने <नाम> झूठी एवं फर्जी घटना दर्शाकर उक्त मुकदमा व अन्यमुकदमों में झूठा फंसा <नाम> गया है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त Bail Application/2052/2021 -Dharma Vs. UP State2दिनांक 01.12.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> दर्शाये गये अन्यमु0अ०सं0 212,/ 2020 में प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> उर्फ धर्मेन्द्र की जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार कीजा चुकी है। उक्त अपराध में <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार कीजा चुकी है। प्रार्थी /अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्रकिसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानतस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्क रखते हुए कहा गयाकि अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, उसको इस मामले में पुलिस द्वारा फर्जीकारगुजारी दिखाते हुए झूठा फसाया गया है, वह पूर्णत: निर्दोष है। अभियुक्त इस प्रकरण में नामितनहीं है एवं घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अन्यप्रकरणों में अभियुक्त की जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है तथा इस प्रकरण सेसंबंधित <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तलम्बे समय से जेल में निरूद्ध है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त व उसके साथियों द्वारा वादीमुकदमा के घर से चोरी करने का प्रयास किया गया तथा वादी के घर से अभियुक्त का मोबाइलबरामद हुआ है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "यह अभियोग थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के साथ शुरू हुआ। आवेदक अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है, परन्तु वह किसी भी अपराध में लिप्त होने सेइंकार करता है। इस प्रकरण के <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत दिनांक 29.01.2021 कोन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। इस अभियुक्त की अपराध कारित करने में <नाम> सहअभियुक्त के समान होना दर्शित की गयी है। आवेदक/ अभियुक्त की जमानत प्रार्थनापत्रसं0-103,/20 मु0अ0सं0-212/2020 दिनांक 13.01.2021 को समकक्ष न्यायालय द्वारा स्वीकार कीजा चुकी हैं। आरोप पत्र विचारण न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है, विवेचना /बरामदगी कीकोई कार्यवाही <नाम> नहीं है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक01.12.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_40_202108-01-20213891
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इसके साथ मुस्तकीम का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णितहै कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> सलमान द्वाराथाना सदर बाजार <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी है कि दिनांक 20.12.2020को वह अपना पैमेंट लेने के लिए दिल्ली से <नाम> आया था। उसने ताजगंज सेशानू से अपना पैमेन्ट लिया, जो कुल दो लाख रूपये का था। यह पैसे लेकेउसने अपनी गाड़ी की डैस्वोर्ड में रख लिया था। उसके <नाम> वह अलीम रेस्टोरेन्टशहीदनगर <नाम> खाना खाने आया। उसने अपनी गाड़ी अलीम रेस्टोरेन्ट के सामनेगली में खड़ी <नाम> दी, तभी कोई अज्ञात व्यक्ति आया, जिसने उसकी गाड़ी काशीशा खोलकर उसके डैस्वोर्ड में रखे दो लाख रूपये चुरा लिये। जब वह खानाखाकर बाहर निकला तो डैस्वोर्ड में उसके पैसे नहीं थे। ", "Bail Application/45/2021 —-Ajeem @ Ajeem Kha Vs. UP State 2वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अज्ञात अभियुक्त के विरूद्धथाना सदर बाजार <नाम> मुकदमा अपराध सं0 7412020 अन्तर्गत <नाम> 380,भा0दं0सं० में प्राथमिकी <नाम> की गयी। तत्पश्चात बरामदगी के आधार <नाम> धारा411 भा0दं0सं0 की बढोतरी की गयी। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि वादी द्वारादिनांक 20.12.2020 के घटना के 3 <नाम> <नाम> दिनांक 23.12.2020 को मुकदमापंजीकृत कराया गया तथा विलम्ब का कोई <नाम> स्पष्ट नहीं किया गया है,जिससे घटना पूर्ण <नाम> से संदिग्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं है <नाम> ही उसकी कोई मौके से गिरफ्तारी हुई है। प्रार्थी/ अभियुक्तको घटना के 4 <नाम> <नाम> दिनांक 24.12.20 को <नाम> करीब 12:00 बजे मुखबिरखास की सूचना <नाम> गिरफ्तार करना बताया जाता है, जो पूर्ण <नाम> से असत्य वनिराधार है। प््रार्थी/अभियुक्त मजदूरी का कार्य करता है। प््रार्थी/ अभियुक्तमजदूरी करके करीब 10 बजे अपने घर वापस आ रहा था कि पुलिस द्वारा पकड़कर उपरोक्त मुकदमे में झूंठा गुडवक के लिए संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त से उपरोक्त वादी के 1,95,550/-रूपये बरामद नहीं हुए हैं। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध घटना का कोई भी सी0०सी0०टी०वी फुटेज नहीं है। गिरफ्तारी एवं बरामदगी का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नहीं है। अभियुक्त दिनांक25.12.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोड़े जाने कीयाचना की गयी है। ", "अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता ने मौखिक तरक प्रस्तुत करतेहुए कथन किया कि अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे मामले में झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। वादी द्वारा पुलिस से मिलकररंजिशन झूंठी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए झूंठी बरामदगी दर्शायी गयी है। अभियुक्त दिनांक 25.12.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। अतः उसे जमानत परछोड़े जाने का निवेदन किया गया। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त के कब्जे से ही वादीके चोरी किये गये पैसे व चैक बुक बरामद हुई है। प्रकरण गंभीर <नाम> का है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। प्रस्तुत मामले में अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से विदित होता है कि Bail Application/45/2021 —-Ajeem @ Ajeem Kha Vs. UP State 3अभियुक्त शातिर किस्म का अपराधी व चोर है। थाना पुलिस द्वारा अभियुक्त अजीमउफ अजीम खां के कब्जे से पचास रू0 के नोट 199, सौ रू0 के नोट 1156, दोसौ रू0 के नोट 100, पांच सौ रू0 के नोट 100 कुल मु0 1,95,550/ रूपये, एवंवादी की चैक बुक बरामद किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध सी0सी०टी0वी0फुटेज का साक्ष्य भी प्रस्तुत किया गया है, जिसकी सी०डी0 पत्रावली परउपलब्ध है। उपरोक्त अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध अत्यंत ही गंभीर <नाम> काहै। " ] }
0DENIED
Bail Application_2420_202102-04-2021378
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्ता क पैरोकार <नाम> <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया है कि यह अभियुक्ता का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै तथा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> ने दिनांक03.02.2021 को थाना एत्मादपुर <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायीकि वह और उसका साथी <नाम> <नाम> पुत्र रामसनेही निवासी नगला नत्थू चौगान दोनोंलोगों ने मिलकर कुछ भेड़े शामिल खरीदी थी जो उनके बाड़े <नाम> रहती थीं। रात मेंसमय करीब 12 से 2.00 बजे के बीच कोई अज्ञात लोग उसकी भेड़े चोरी करके ले गये। सुबह जब <नाम> भेड़े नहीं थीं सबको बताया, आसपास कुछ दूरी <नाम> कूछ भेड़ें हमें मृतमिली तथा 29 भेड़े हमें मिल गयी। बाकी भेड़ें चोरी चले जाने व मार देने से उसकानुकसान हो गया है। रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> की गयी । ", "Bail Application/4239/2021 —-Shrimati Vs. UP State 2वादी मुकदमा की तहरीर के आधार <नाम> दिनांक 03.02.2021 को अज्ञात केविरूद्ध अपराध संख्या 47/2021, <नाम> 380, 429 भा0द0सं0, थाना-एत्मादपुर,आगरा <नाम> पंजीकृत हुआ। अभियुक्ता व अन्य के पकड़े जाने <नाम> मामले में धारा411, 401, 414, 420, 467, 468, 471,120बी भारतीय दण्ड <नाम> की बढोत्तरी कीगयी है। ", "अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र / शपथपत्र मेंकथन किया गया है कि आवेदिका/अभियुक्ता निर्दोष है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है तथा उसे उपरोक्त मामले में पुलिस द्वारा झूंठा संलिप्त कियागया है। आवेदिका/ अभियुक्ता से कोई बरामदगी नहीं हुई है। सह-अभियुक्तगणसे आवेदिका/ अभियुक्ता का कोई संबंध नहीं है और <नाम> ही वह जानती है। बरामदगी व गिरफूतारी का कोई जनसाक्षी नहीं है। आवेदिका/ अभियुक्ता क द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है। आवेदिका/ अभियुक्ता दिनांक 13.03.2021से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने कीयाचना की गयी । ", "आवेदिका/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता ने मौखिक <नाम> से यहभी तरक प्रस्तुत किया है कि सह-अभियुक्त <नाम> की जमानत न्यायालय अपरसत्र न्यायाधीश / फास्ट ट्रैक कोर्ट-1, <नाम> के न्यायालय से दिनांक 01.04.2021को स्वीकार हो चुकी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा थाने की आख्या वसंबंधित केस डायरी का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात मेंदर्ज करायी गयी है। मामले में घटना दिनांक 02/03.02.2021 <नाम> में समय12.00 बजे से 2.00 बजे के मध्य की बताई गयी है, जबकि प्रथम सूचना रिपोर्टदिनांक 03.02.2021 को 16.34 बजे दर्ज करायी गयी है। विलम्ब का कोईस्पष्टीकरण अभियोजन की ओर से नहीं <नाम> गया है। आवेदिका/ अभियुक्ता कोकिसी ने भेड़ों की चोरी करते नहीं <नाम> है। भेड़ों की चोरी व बरामदगी का कोईजनसाक्षी नहीं है। भेड़ों की बरामदगी <नाम> <नाम> से दिखायी गयी है। Bail Application/4239/2021 —Shrimati Vs. UP State 3कूटरचित दस्तावेजों के संबंध में अभियोजन की ओर से कोई अभिलेखीय साक्ष्यप्रस्तुत नहीं किया गया है। सह-अभियुक्त <नाम> की जमानत न्यायालय अपर सत्रन्यायाधीश / फास्ट ट्रैक कोर्ट-1, <नाम> के न्यायालय से हो चुकी है। आवेदिका/ अभियुक्ता की इस मामले में <नाम> अन्य सह-अभियुक्त से भिन्न नहींहै। अभियोजन द्वारा अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं बतायागया है। आवेदिका/ अभियुक्ता दिनाक 13.03.2021 से कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_743_202115-02-20212411
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्रके समर्थन में फजलुउद्दीन पुत्र हाजी चुनना द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिलकिया गया है कि वह अभियुक्तगण का <नाम> लगता है तथा पैरोकार मुकदमा है। ्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवामाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्र्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> हीखारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 25.01.2021 को उ0नि० हेमन्त @)Bail Application No. 743/2021 ~ Suleman & Others Vs. UP Stateमावी व उ0नि0 सोविन्द्र <नाम> मय हमराहीगणके बहवाले थाना हाजा से रवाना शुदारपट नं0-33 समय 16:20 बजे वास्ते देखरेख शान्ति व्यवस्था व चैकिंग संदिध व्यक्तिव वाहन तलाश एवं दविश वास्ते गिरफ्तारी वांछित अपराधी व रोकथान जुर्म जरायम मेंमामूर होकर रायभा पुल के नीचे चैंकि <नाम> रहे थे। मुखबिर खास की सूचना <नाम> रायभापुल के नीचे कुकथला चौकी की ओर से <नाम> बाईपास की ओर जाने वाले कच्चेरासते से <नाम> बाईपास <नाम> पहुंचे और आने जाने वाले वाहनों की चैकिंग करने लगेथोड़ी देर <नाम> रूनकता की ओर से एक गाड़ी <नाम> रंग की, जिसकी पीछे से बॉडीखुली हुयी थी, आती दिखायी दी, मुखबिर ने इशारा किया कि यही गाडी है जिसमें मरेहुये पशुओं की सड़ी गली हङ्डी भरी हुई हैं। गाड़ी को बैरिकेट लगाकर रूकने काइशारा किया तो गाड़ी के चाल ने <नाम> से गाड़ी चलाते हुए अपनी गाड़ी को कच्चेरास्ते से उतारते हुए कुकथला गांव की ओर भगाने का प्रयास किया और गाड़ी कोतेजी से चलाते हुए हड़बड़ाहट में <नाम> बाईपास के डिवाइडर से टक्कर मार दीजिससे गाड़ी का आगे का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। गाड़ी में बैठे तीन लोग वचालक खेतों के रास्ते से भागने लगे उन सभी को 17:45 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गये पहले व्यक्ति जो गाड़ी चला रहा था उसने अपना नाम सुलेमान बतायाजिसकी जामा तलाशी से कोई शह बरामद नहीं हुई । दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम भोलूबताया जिसकी जामा तलाशी से कोई शह बरामद नहीं हुई। तीसरे व्यक्ति ने अपनानाम शिरफान बताया जिसकी जामा तलाशी से कोई शह बरामद नहीं हुई। चोथेव्यक्ति ने अपना नाम दिलफान बताया, जिसकी जामा तलाशी से कोई शह बरामद नहींहुई । बरामद गाड़ी की तलाशी ली गयी तो गाड़ी की पिछली खुली बॉडी में मरे हुएपशुओं की हड्डी व सड़ी हुयी खाल, जिससे बहुत बुरी दुर्गन्ध आ रही थी, जिससेआने-जाने वाले लोगों को भी काफी दुर्गन्ध आ रही थी, जो कई प्लास्टिक के कट्टोमें व खुले में भरी हुयी थी। गाड़ी का रंग <नाम> व अंग्रेजी में 15७७ व पीछे पीले रंगकी नम्बर प्लेट जिस <नाम> नं0 यू0पी0 37 टी0 4111 लिख हुआ है व आगे से गाड़ी कोचैक तो क्षतिग्रस्त हिस्से में नीचे गाड़ी में लटकी हुई पीले रंग की नम्बर प्लेट जिस परनं0 यू0पी0 37 टी 4919 लिखा है। दोनों नम्बर प्लेट भिन्न है। पकड़े गये व्यक्तियों सेसख्ती से पूछताछ की गयी तो बताया कि <नाम> इस गाड़ी का सही नम्बर प्लेट तोयू0पी0 37 टी 4111 है। आगे की नम्बर प्लेट हम लोगों ने पुलिस को गुमराह करने केलिये फर्जी बनवाकर गाड़ी <नाम> लगा <नाम> है। पकड़े गये व्यक्तियों से मरे हुए पशुओंकी खाल व हड्डी को खरीदने व बेचने का लाइसेन्स मांगा तो दिखाने में कासिर रहे। बिना लाइसेन्स के खुली गाड़ी में सड़ी गली मरे पशुओं की खाल व हड्डी आम जनमानस के बीच फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर सप्लाई <नाम> रहे हैं, जिससे आम लोगों केजीवन को संकटपूर्ण रोग का संकमण फैलने का पूर्ण खतरा सम्भव है। ", "उक्त फर्द बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त सुलेमान, भोलू शिरफान व 3)Bail Application No. 743/2021 - Suleman & Others Vs. UP Stateदिलफान के विरूद्ध <नाम> 269, 270, 420 भा०द0सं0 में थाना अछनेरा में मुकदमापंजीकृत कराया गया। ", "आवेदकगण/ अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि ्रार्थीगण/ अभियुक्तगण अत्याधिक गरीबी <नाम> से नीचे गुजर बसर करने वाले लोग हैंजो जगह-जगह मरे हुये जानवरों की हङ्डीयों को बीन-बीन <नाम> ठेकेदारों को बेचकरअपना व अपने परिवार का पेट पालन करते हैं, जो गाड़ी मौके से बरामद दिखायी हैउसका असली नम्बर मूल <नाम> में आर0सी0 के हिसाब से यू०पी0 37 टी0 4111 हीलिखा है। आगे की साइड में भी गाड़ी <नाम> सही नम्बर था पुलिस ने महज जेल मेंडालने के उद्देश्य से झूंठा नम्बर डालना दर्शाया है, जिसके अनुसारप्रार्शीगण/ अभियुक्तगण के खिलाफ धारा-420 भा0द0सं0 का अपराध नहीं बनता है। ", "उक्त घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दिखाया गया है एवं <नाम> ही प्रथम सूचना रिपोर्टमें कोई ऐसा तथ्य दर्शाया गया है, जिससे प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के विरूद्धधारा-420 भा०द0सं0 का अपराध बनता हो। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण ने कोई भीअपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त पूर्णतः निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 26.01.2021 सेजिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की याचनाकी गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण बिनालाइसेंस के मृत जानवरों की सड़ी-गली हड्डी व खाल लेकर जा रहे थे, जिससे आमजनमानस में संकमण फैलने का खतरा बना हुआ था। अभियुक्तगण द्वारा पुलिस कोगुमराह करने के उद्देश्य से गाड़ी <नाम> फर्जी नम्बर प्लेट लगायी हुयी थी। अभियुक्तगणद्वारा किया गया अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि अभियोजनकथनानुसार अभियुक्तगण को गाड़ी के अन्दर मृत जानवरों की सड़ी-गली हङ्डी वखाल, जिससे दुर्गन्ध आ रही थी, के साथ गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्तगण सेबरामद गाड़ी <नाम> आगे की तरफ फर्जी नम्बर प्लेट लगाने का कथन किया गया है। ", "अभियुक्तगण उक्त किसी भी प्रकार की घटना से इंकार करते हैं तथा मामले में झूंठाफसाना कहते हैं। गिरफ्तारी व बरामदगी तथा घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहींदर्शाया गया है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं दर्शायागया है। अभियुक्त दिनांक 26.01.2021 से जेल में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट (4)Bail Application No. 743/2021 - Suleman & Others Vs. UP Stateन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6218_201907-11-20192000
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की पत्नी व पैरोकारश्रीमती <नाम> शीरीन के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा चूरामनद्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयी किदिनाक 06.03.2019 को <नाम> के 08:45 बजे वह व उसकी पत्नी फिरोजाबादसे वापस आ रहे थे। रास्ते में हरपाल की ठार की पुलिया सर्विस रोड के पास पीछे से एक पल्सर मोटरसाईकिल <नाम> सवार तीन लोगों ने उन्हें रोकाऔर उसकी जेब में रखे पैसे और उसका मोबाइल और जरूरी कागजात औरउसकी पत्नी से कानों की तिरकी, पैरों से <नाम> और एक अंगूठी लेकरफरार हो गए । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 04.05.2019 से जिला (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाथीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6218 / 2019शनि उर्फ सोनू बनाम राज्यकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी को सह-अभियुकतगण के बयान के आधार परमामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी से सह-अभियुक्त <नाम> उर्फ देवू ने10 हजार रूपए उधार लिए थे। प्रार्थी द्वारा अपने पैसे मांगने <नाम> उसने इसकेस में झूठा नामित <नाम> <नाम> है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थीसे कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। यह प्रार्थी का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थ ,“ अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थ / अभियुक्त द्वाराअन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूट कारित की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> लाखन <नाम> कोटियाएवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 06.03.2019 की समय 20:15 बजे की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथमिलकर वादी व उसकी पत्नी के साथ लूटपाट कारित करने का आरोपलगाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी कोसह-अभियुकत श्यामवीर उर्फ छिददा के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी बी वारण्ट <नाम> तलब होकर इस मामले मेंदिनाक 05.07.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में है। प्रार्थी की निशानदेही <नाम> इसप्रकरण से संबंधित कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। मामले में आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। सह-अभियुक्त आशीष <नाम> सिंहकी जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनांक 25.10.2019 को स्वीकार की जाचुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्त आशीष के समान है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1352_202109-03-20211297
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में शैलेन्द्र <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी <नाम> <नाम> द्वाराथाना न्यू <नाम> <नाम> दिनांक 17.12.2019 को इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी गयी कि आज समय 3.45 बजे स्टाम्प पेपर खरीदने <नाम> कोर्ट आया था औरउसने अपनी मोटर साइकिल हीरो होण्डा एच.एफ. डीलक्स नं0 यू0पी080सीवी-3553 कोवादी कचहरी के गेट नं03 के बाहर खड़ा <नाम> दी। 8-10 मिनट <नाम> जब वापस आयातो उसकी मोटर साइकिल वहां नही थी। बाइक को कोई वहां से ले गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र /शपथपत्र में कहा गयाकि वह बिल्कुल निर्दोष व निरपराध है, उसने कोई भी अपराध नही किया है। उसे उक्तकेस में पुलिस ने अपने उच्चाधिकारियों को खुश करने के लिए झूंठा फंसा <नाम> है, वहपढ़ने वाला छात्र है। सच्चाई यह है कि प्रार्थी / अभियुक्त अन्य मामले में थाना सादाबाद,जनपद <नाम> से जेल में निरूद्ध है, पुलिस ने 'बी' वारण्ट <नाम> तलब <नाम> उस <नाम> झूठीबरामदगी दिखाकर उक्त मामले में प्लान्ट <नाम> <नाम> है। बरामदगी का कोई स्वतंत्रगवाह नही है, <नाम> ही कोई शिनाख्त करायी गयी है कि उक्त मोटर साइकिल चोरी काअन्जाम प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा <नाम> गया था। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 13.01.2021 सेजिला कारागार अलीगढ में अन्य मुकदमें में थाना सादाबाद जिला <नाम> से निरूद्धहै। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद मेंविचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, उसको इस मामले में झूठा फंसाया गयाहै। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। कथित बरामदगी संयुक्तबरामदगी है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। इस बरामदगी के माध्यम से Bail Application/2598/2021 -Sorabh Chaudhary Vs. UP State 2तीन वर्ष पूर्व 2018 <नाम> के मामले पुलिस द्वारा खोले गए हैं। पुलिस द्वारा अभियुक्त केपास से मोटरसाइकिल की फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है, उसे 'बी' वारण्ट <नाम> तलबकर इस मामले में संलिप्त किया गया है। बरामदगी से संबंधित प्रकरण में अभियुक्त कीजमानत जनपद न्यायालय <नाम> से स्वीकार हो चुकी है। <नाम> अभियुक्त नेत्रपाल कीजमानत हो चुकी है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान ए.डी.जी.सी.(दाण्डिक) द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा मोटरसाइकिल चोरी कीगयी तथा उससे मोटरसाइकिल बरामद हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहतेहुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान ए.डी.जी.सी. (दाण्डिक) कोजमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है, इसअभियुक्त को मोटरसाइकिल बरामद होने के आधार <नाम> इस प्रकरण में शामिल कियागया है। अभियुक्त व <नाम> अभियुकतगण से मोटरसाइकिल की <नाम> बरामदगी होनाकहा गया है, बरामदगी का oly cas wet ia नहीं किया गया है, अभियुक्तकिसी भी बरामदगी से इंकार करता है और इस प्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। इसीमोटर साइकिल बरामदगी से संबंधित अपराध सं0 28 /2021 अन्तर्गत <नाम> 411, 414भा0द0सं0 थाना सादाबाद कोतवाली जिला <नाम> के मामले में अभियुक्त की जमानतस्वीकृत की जा चुकी है। इस प्रकरण के <नाम> अभियुक्त नेत्रपाल की जमानत दिनांक02.03.2021 को अपर सत्र न्यायाधीश» त्वरित न्यायालय, प्रथम <नाम> द्वारा स्वीकार कीजा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 13.01.2021 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। थाने से प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त का आपराधिकइतिहास दर्शाया गया है, किन्तु कोई पूर्व दोषसिद्ध की आख्या नही है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5238_201921-09-20193823
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त के नाना व पैरोकारवीरपाल के शपथ पत्र से समर्थित है । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी गोविन्द <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई किउसकी बहन की शादी दिनाक 11.05.2019 को है और वह कल दिनाक26.04.2019 को अपनी बहन की शादी के कार्ड बांटने के लिए फिरोजाबादगया था, वापस अपनी मोटरसाईकिल संख्या-यूछपी0 80, सी०एस0 2946स्प्लैण्डर प्रो से आ रहा था, समय करीब 10 बजे रात जैसे ही वह कोलारामोड़ के पास पहुँचा तभी पीछे से एक बाइक पैशन <नाम> सवार तीन बदमाशों नेउसे जबरदस्ती रोक लिया और उसकी मोटरसाईकिल व पर्स, जिसमें2500/~ रूपए तथा कुछ कागज थे, छीन लिया। उसका एक मोबाइलसैमसंग भी छीन लिया। विरोध करने <नाम> तमंचों की वट से उसके चेहरे औरसिर में चोटें मारी और लूटकर भाग गए। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रजनीश खताना एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5238 2019हेत <नाम> उर्फ <नाम> बनाम राज्यपत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 20.07.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ मारपीट <नाम> लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामले में घटनादिनाक 26.04.2019 की समय 22:00 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टसंबंधित थाने <नाम> दिनाक 27.04.2019 को समय 14:59 बजे <नाम> करायीगयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। पत्रावली के अवलोकनसे यह भी दर्शित होता है कि प्रार्थी को घटना के लगभग ढाई माह बादपुलिस पार्टी द्वारा दिनाक 19.07.2019 को सह-अभियुक्तगण के साथगिरफ्तार किया गया है तथा उससे प्रश्‍नगत मामले से संबंधित मोटरसाईंकिलबरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। अभियोजन की ओर से पत्रावलीपर वादी मुकदमा की कोई चिक्त्सीय आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी है। प्रार्थीदो माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1691_202116-03-20211035
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> पैरोकार वीरेन्द्रसिंह ने शपथ पत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में या माननीयउच्च न्यायालय में <नाम> तो प्रस्तुत किया गया है और ना ही कहीं विचाराधीन है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि भांडई <नाम> सैक्शान मेंरेल लाइन <नाम> बी0एच0एल0 कम्पनी द्वारा ओ0एच०ई० का तार लगाया जा रहा थाजो तांबे का था। उक्त कि०मी0 <नाम> कम्पनी द्वारा 1375/03.06 के मध्य से पॉचकिलोमीटर नयापुरा गांव के पास अज्ञात चोरों द्वारा 160 मीटर तांबे का तार दिनांक05, 06.01.2021 को <नाम> में 10-12 बजे काट लिया गया जिसकी अनुमानित कीमतपचास हजार रूपये है। इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की कूपा करें। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना फतेहाबाद, <नाम> <नाम> अज्ञातके विरूद्ध मु0अ0सं0 09/2021, अंतर्गत <नाम> 379 भा0द0सं0 पंजीकृत हुआ। तदुपरान्त बरामदगी के आधार <नाम> धारा-411 भा०द0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया है कि आवेदक/अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध नहींकिया। आवेदक / अभियुक्त से झूँठी बरामदगी दिखाते हुए उक्त कस में निरूद्ध करदिया गया। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। घटना वबरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। आवेदक / अभियुक्त इस मामले में दिनांक16.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। <नाम> अभियुक्त पृथ्वीराज उर्फ पीरू एवंसूरज उर्फ सुरजी की जमानत दिनांक 29.01.2021 की जमानत समकक्ष न्यायालय सेस्वीकृत हो चुकी हैं इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की Bail Application/3079/2021 -Chetram @ Anil Vs. UP State 2गयी । ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथन किया किअभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर उपरोक्त अपराध कारित किया गया हैतथा तांबे के तार की चोरी जो मु0 50,000/-रूपये कीमत के थे, की गयी। अतःअभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रपत्रों एवं केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि सहअभियुक्तगण पृथ्वीराज उफ पीरू एवं सूरज उर्फ सुरजी को पुलिस पार्टी द्वारा रोकेजाने <नाम> उनसे चोरी का तांबे का तार बरामद किया गया एवं उनक द्वारा बताये जानेपर अभियुक्त चेतराम का नाम <नाम> में आया । प्रार्थी/अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्टमें नामित नहीं है। बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। वादी सेअभियुक्त की शिनाख्त नहीं करायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास प्रस्तुत नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3157_201927-06-20192794
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त की पत्नी <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमेंकहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाप्रकाश चन्द <नाम> ने थाना <नाम> तहरीर इस आशय की प्रस्तुत की कि दिनांक28.11.2018 को घर से राजामण्डी स्टेशन की ओर जा रहा था , जब डा0नवलकिशोर की कोठी से चौराहे स्टेशन की ओर मुडा तो दो व्यक्तियों ने मेरारिक्शा रोकवा <नाम> मुझसे कहने लगे, पता नहीं यहॉ <नाम> लूटपाट होती है, आपअपनी चैन व अंगूठी उतार <नाम> अन्दर रख लो। मैने उनकी बात सुनकर चैन वअंगूठी उतारी और उन लोगों ने अपने हाथ में ले ली और कागज में लपेट करनकली चैन व अंगूठी मेरे हाथ में <नाम> दी और चले गये, <नाम> में <नाम> तो चैन वअंगूठी नकली थी, फिर मैं <नाम> चला गया, आज वापस आया हूँ। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 03.12.2018 को दो अज्ञात अभियुक्तोंके विरूद्ध अपराध संख्या-776,//2018 <नाम> धारा-420, 406 भा0०द0सं0० काअभियोग थाना हरीपर्वत, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। जिसमें दौरानविवेचना आवेदक /अभियुकत हुई बरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 411/34भा०द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मुकदमे में झूंठाफँसाया गया है, वह निर्दोष है। आवेदक /» अभियुक्त पूर्व सजायाफ्ता नहीं है। -2- आवेदक /» अभियुक्त शाहगंज में बीडी सिगरेट की दुकान चलाता है। दुकान परआपराधिक किस्म के लोग आकर फी में सामान ले जाते हैं तथा पैसे मांगने परपुलिस से झूंठा फँसाने की धमकी देते हैं, जिसके संबंध में पुलिस के वरिष्ठअधिकारियों को पूर्व में पत्र प्रेषित किये जा चुके हैं। प्रार्थी से रंजिश होने केकारण <नाम> अभियुक्त <नाम> ने अकारण उसका झूंठा नाम लिया और पुलिसउसे घर से पकडकर ले गयी और घर में रखे <नाम> हजार रूपये ले गयी औरझूंठे मुकदमे में निरूद्ध <नाम> दिया। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 07.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये आवेदक » अभियुक्त के द्वारा अपनेसाथी के साथ मिलकर वादी मुकदमा की अंगूठी व चैन धोखे से ठग <नाम> हडपकर ली गयी है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध प्रपत्रों काअवलोकन किया। ", "इस अपराध की घटना दिनांक 28.11.2018 की है, जिसकी एफ.आई.आर.दिनांक 03.12.2018 को लिखाई गई है तथा फर्द बरामदगी दिनांक 06.06.2019देखने <नाम> यह पाया गया कि वर्तमान आवेदक /अभियुक्त से पहने पेन्ट की दाहिनी जेब से सात हजार रूपये बरामद हुये अर्थात दिनांक 28.11.2018 कीघटना में टप्पलबाजी की गयी, से आवेदक / अभियुक्त से सात हजार रूपये कीबरामदगी दिनांक 06.06.2019 को की जाती है, जो लगभग छ: महीने <नाम> कीहै। बरामदगी का कोई स्वतनत्र अथवा प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नहीं है। आवेदक /» अभियुक्त दिनांक 07.06.2019 से जेल में है। प्रथम सूचना रिपोर्ट केमुताबिक वादी मुकदमा ने यह कहा है कि जब वह चौराहे से स्टेशन की ओरमुडा तो दो व्यक्ति मेरा रिक्शा रूकवा <नाम> मुझसे कहने लगे, पता नहीं यहाँलूट पाट हो जाती है, आप अपनी चैन अंगूठी उतार <नाम> हाथ में ले लें। मैनेचैन अंगूठी उतारी और उन दोनों ने अपने हाथ में ले ली। अज्ञात व्यक्तियों कोक्या वादी मुकदमा ने दी, कहीं स्पष्ट नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 07.06.2019 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5542_201904-10-20193285
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त महेन्द्र <नाम> के छोटे भाईव पेरौकार खमान <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाएस0ओ0 <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि दिनाक 31.08.2019 को वह मय हमराहियान रोकथाम जुर्मजरायम व तलाश संदिग्ध व्यक्ति व वांछित अपराधी में मामूर थे कि उसीदौरान मुखबिर की सूचना <नाम> अपराध की <नाम> बनाते हुए 6 व्यक्तियों कोगिरफ्तार किया गया, जिनमें से एक ने अपना नाम महेन्द्र <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एक मोबाइल फोन एवं मु 400,//- रूपए नगदबरामद किए गए। पास में खड़ी मैक्स गाड़ी से एक तार कटर, पीछे बॉडी में6 अदद टंकी प्लॉस्टिक दूध की, एक ई0डी0 मशीन टूटी हुई, तीन कांटाविद्युत, 44 अदद सिलली एल्यूमीयिम, 238 नगद खलल्‍लड एल्यूमिनियम, 144छोटी बड़ी मूसली, कुल वजन करीब 219 किलोग्राम एवं बिजली के <नाम> एक बण्डल लम्बाई करीब 23 मीटर बरामद हुआ। अभियुक्त को जुर्म सेअवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया फर्द मौके <नाम> तैयार कीगयी । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.09.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। ", "बरामद <नाम> से अभियुक्त का कोई संबंध नहीं है। प्रार्थी को पुलिस पूछताछ के बहाने घर से लेकर गयी थी। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी के कब्जे से किसी प्रकार का कोई चोरी का <नाम> बरामद नहीं हुआ हैऔर <नाम> ही प्रार्थी ने किसी लूट का प्रयास किया है। यह प्रार्थी का प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी का अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीयउच्च न्यायालय या अन्य किसी भी न्यायायलय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि पुलिस पार्टी द्वारा प्रार्थ /अभियुक्त को अन्य के साथलूट की <नाम> बनाते हुए गिरफ्तार किया गया है तथा उनकी गाड़ी से लूट का <नाम> बरामद किया गया है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5542 / 2019महेन्द्र <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> किशन <नाम> एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 01.09.2019 की समय 01:30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> सह--अभियुकक्‍तगण के साथ लूट की <नाम> बनाते हुए गिरफ्तार किए जाने तथाउनकी गाड़ी से चोरी का <नाम> बरामद किए जाने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी को दिनाक 01.09.2019 को पुलिस पार्टी द्वारागिरफतार किया गया है तथा उसके व्यक्तिगत कब्जे से एक मोबाइल व400 /- रूपए नगद बरामद किए गए हैं। कथित बरामदगी a ae wea (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5542 ,/ 2019महेन्द्र <नाम> बनाम राज्य <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। प्रार्थी एक माह से अधिक समय से जिलाकारागार में free है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2223_202118-03-2021928
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2877_201907-06-20193230
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदकगण/ अभियुक्तण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में अभिकथन हैकि अभियुक्तगण ने कोई अपराध कारित नही किया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगणदिनांक 03.04.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। शपथपत्र में वर्णित तथ्योंके आधार <नाम> आवेदकगण/अभियुक्तण को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "रामप्रकाश जो अभियुक्त <नाम> <नाम> का बहनोई एवं अभियुक्त <नाम> काफूफा है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करते हुए अभियोजन कथानक का वर्णन किया गया है। तत्पश्चात्‌ कहा गया है कि प्रारम्भ में <नाम> 452, 307 भा0द0सं0 में मुकदमा दर्ज हुआथा। इलाज के दौरान पीड़िता <नाम> <नाम> की मृत्यु होने के <नाम> मामला <नाम> 452,302 भा०द0सं0 में तरमीम किया गया। इसके <नाम> विवेचना के दौरान <नाम> 452, 302भा०द0सं0 का विलोप करते हुए <नाम> 306 भा०द0सं0 का होना पाया गया। <नाम> 306भा०द0सं0 में अभियुक्तगण का रिमाण्ड हुआ है। अभियोजन कहानी झूंठी एवं मनगढन्तहै। प्राथमिकी साढ़े सत्रह घण्टे विलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा विलम्ब का कोईस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। अभियुक्तगण ने कोई अपराध कारित नहीं किया हैतथा अभियुक्तगण को पार्टीबंदी की वजह से झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्तगणका यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है तथा प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 25.05.2019 को <नाम> <नाम> दिये जाने के <नाम> खारिज किया गया है। अभियुक्तगण घटना वालेदिनांक <नाम> की बैटी की सगाई में गांव <नाम> थाना <नाम> गये थे। समारोह में 2सम्मिलित होने के <नाम> अन्य लोगों के साथ करीब 12 बजे घर वापस आये थे। अभियुक्तगण का अन्य कोई जमानत प्रार्थना किसी न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> कियाजाय। ", "जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फो0) द्वारा किया गया तथा कहा गया है कि अभियुक्तगण ने अन्यअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादिनी को जलाकर मार दिया। विवेचक ने गलतढंग से मामला तरमीम किया है। अभियुक्तगण का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जाय। ", "मैंने थाने की आख्या का सम्यक परिशलीन किया। ", "थाने की आख्या में जमानत का विरोध किया गया है। ", "मैंने प्रथम सूचना रिपोर्ट का सम्यक परिशीलन किया जिससे प्रकटहोता है कि <नाम> <नाम> ने थाने <नाम> यह तहरीर दी कि दिनांक 18.01.2019 कोसमय करीब 9 बजे वह अपने घर <नाम> सो रही थी। <नाम> <नाम> <नाम> एवंहरीओम ने वादिनी का दरवाजा खुलवाया तथा <नाम> एवं <नाम> ने मिट्टी कातेल छिडककर आग लगा दी तथा पूर्व में भी वादिनी के <नाम> बी.पी.सिंह क रूपयेहड़प लिये थे , इस <नाम> पहले भी वादिनी को गोली मारी थी, लेकिन वहबाल-बाल बच गयी थी। वादिनी के <नाम> शादी समारोह में गये थे, घर में कोईनहीं था। हरीओम ने सहयोग किया था। अभियुक्तगण के विरूद्ध कानूनीकार्यवाही की जाय। " ], "judge-opinion": [ "मैंने केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया जिससे स्पष्ट है किबाद में दौरान इलाज वादिनी की मृत्यु हो गयी। पहले प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा452, 307 भा०द0सं0 में दर्ज की गयी थी। ", "मृतका के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सम्यक परिशीलन से स्पष्ट है किबर्न इन्जरी के <नाम> सैप्टीसेमिक शॉक के <नाम> चुटैल की मृत्यु हुई है। ", "मैंने वादिनी के <नाम> बी.पी.सिंह, मुन्ना <नाम> रामदुलारी के बयानोंका सम्यक परिशीलन किया जिससे प्रकट होता है कि अभियुक्तगण ने वादिनीमुकदमा <नाम> के घर में घुसकर उसे पकड़ लिया और मिट्टी के तेल की भरीबोतल <नाम> <नाम> डालकर आग लगा दी और तीनों भाग गये। ", "<नाम> के मृत्यु कालिक बयान जो केस डायरी के पर्चा 4 में अंकितहैं, के सम्यक परिशीलन से स्पष्ट होता है कि उसके फूफा <नाम> <नाम> जेठसंजय व ससुर हरीओम ने उस <नाम> मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी और 3जला <नाम> क्योंकि उसके <नाम> के साथ जमींनी विवाद था। तीनों वादिनी कीजमींन रेहन रखवाकर पैसा बांट लिये थे। इस संबंध में एक बार पंचायत हुई तोइरीओम से पांच लाख रूपये देने की बात हुई, फिर <नाम> व <नाम> ने <नाम> करदिया, फिर मांगने गयी तो <नाम> <नाम> दिया। दिनांक 18.01.2019 को वादिनी केपति, करतार <नाम> रामदत्त दावत खाने गये थे, तभी उपरोक्त अभियुक्त आये तथा दरबाजा खुलवाया तो उसने समझा कि <नाम> दावत खाकर आ गये हैं। उसने दरवाजा खोला तभी <नाम> हरीओम, <नाम> ने पकड़कर मिट्टी का तेल डालदिया और आग लगा दी। उसके पश्चात्‌ विवेचक ने अन्य गवाहान के बयानअंकित किये । मजीद बयान रामदुलारी, मुन्ना <नाम> के बयानों से प्रकट होता है किमृतका अभियुक्तों से अपने पैसे मांगती थी, इन लोगों ने कहा है कि यदि कामनही चल रहा है तो वह क्यों नहीं मर जाती। विवेचक ने अन्य गवाहान के बयानअभिलिखित किये और <नाम> 452, 302 भा0द0सं0 के स्थान <नाम> <नाम> 306भा0द0सं0 का अपराध होना पाया। <नाम> 452, 302 भा0द0सं0 के अपराध काविलोप किया, यह तथ्य केस डायरी के पर्चा 7 में <नाम> हैं। विवेचक ने कॉलडिटेल में उनकी उपस्थिति घटना स्थल <नाम> नहीं पायी । न्यायालय के मत में वादिनी मुकदमा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी गयी है। मिट्टी के तेल से जलने से वादिनी की मृत्यु हुई है। मृत्युकालिक कथन में अभियुक्तगण को अपराध में शामिल होना बताया गया है। विवेचना क प्रारम्भिक समय में गवाहान ने आवेदकगण/ अभियुक्तगण की सकियभूमिका अपराध में बतायी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2456_202006-10-20202135
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त <नाम> उफ दीपू के पिता राकेशकुमार की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्राथनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ", "आवेदकगण / अभियुक्तगण का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्तगणने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उन्हें इस मुकदमे में झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्तगणप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। उनसे कोई बरामदगी नहीं है। घटना का स्वतंत्र साक्षीनहीं है। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह दिनांक 27.05.2020 सेकारागार में निरुद्ध हैं। अत: आवेदकगण / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्तगण के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी से मोटरसाइकिल कीलूट की गयी है तथा अभियुक्तगण के कब्जे से लूट की मोटरसाइकिल बरामद हुयी है। अतःजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन के अनुसार वादी लक्ष्मन सिह के द्वारा एक तहरीर थानाफतेहपुर सीकरी <नाम> इस आशय की दी गई कि आज दिनांक 12.05.2020 को समय 2करीब 8 बजे वह अपने <नाम> छत्रपाल <नाम> की मोटरसाइकिल सं0 यू०पी0०80-ई.डब्लू-6596 एचएफ. डीलक्स रंग काला जिसका इंजन नं एचए11ईएमआईजे9के12627 वचेसिस नं0 एमबीएलएचए?7155जे9के13736 को लेकर अपने गाव से खेडा बाकन्दा जा रहा था कि ग्राम <नाम> और खेड़ा बाकन्दा के बीच रास्ते में अन्य मोटरसाइकिल सवार तीन अज्ञात व्यक्तियों ने उसकी मोटरसाइकिल को रुकवाया और छीनकर ले गये। उसकीमोटरसाइकिल की <नाम> गाडी के साथ ही चली गयी। वादी की उक्त तहरीर केआधार <नाम> थाना फतेहपुर सीकरी <नाम> मु0अ0सं0 1042020 अन्तर्गत <नाम> ३92भा0दंएसं० पंजीकृत हुआ। दिनांक 26.05.2020 को उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र <नाम> मय हमराहद्वारा आवेदकगण/अभियुक्तगण व सहअभियुक्त <नाम> उफ बाडी व <नाम> को पकड़े जाने <नाम> पूछताछ में उन्होंने बताया कि दिनांक 12.05.2020 को थाना फतेहपुर सीकरीक्षेत्र में खेड़ा वाकन्दा के पास से एक मोटरसाइकिल एचएफ. डीलक्स रंग काला नं0यू0पी0-80-ई.डब्लू.-6596 को लूटा था। इस लूट में उनके साथ <नाम> उफ प्लाजा था। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तकसुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदकगण/ अभियुक्तगण केकब्जे से लूटी गयी मोटरसाइकिल बरामद नहीं हुयी है। अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं हैं। आवेदकगण / अभियुक्तगण की संस्वीकृति के आधार <नाम> उन्हें इस अपराध मेंनामित किया गया है। आवेदकगण/अभियुक्तगण दिनांक 27.05.2020 से कारागार में निरुद्ध हैं। अपराध में विवेचना होकर आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। अभियुक्तगणकी शिनाख्त वादी के द्वारा नहीं की गयी है। उपरोक्त परिस्थितियों में जमानत प्रार्थनानपत्र के स्तर <नाम> मामले के गुणदोष <नाम> चर्चा किये बगैर न्यायालय का निष्कर्ष है कि आवेदकगण/अभियुक्तगण के जमानतप्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_118_202010-02-20201093
agra
{ "facts-and-arguments": [ "चूंकि दोनों जमानत प्रार्थनापत्र एक ही अपराध संख्या एवं एक ही घटना से सम्बन्धित है, अतः दोनों जमानतप्रार्थना पत्रों का निस्तारण एक ही आदेश द्वारा किया जा रहा है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन मों अभियुक्तगण के पेरोकार कमश: सनीकुमार एवं किरन ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तगणका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया रूपकला <नाम> द्वारा दिनांक 10.02.2018को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसके पिताजी <नाम> दिनांक09.02.2018 को <नाम> साढ़े सात बजे घर से स्कूटर लेकर कहीं गये थे, एक फोन आया था, फिर वह रात में नहीं लौटे। सुबह उसके पास फोन आया कि रात में किसी समय (2)अज्ञात लोगों द्वारा उसके पिताजी की हत्या <नाम> उनके शव को जऊपुरा के जंगल मेंसड़क किनारे डाल <नाम> था। ", "वादिया की तहरीर में अज्ञात में थाना सिकन्दरा <नाम> मु0अ०सं0 129/2018 धारा302 भा0द0सं० में प्राथमिकी <नाम> की गई। ", "विवेचना के दौरान अभियुक्तगण एवं <नाम> अभियुक्तगण का नाम <नाम> में आनेपर अभियुक्तगण एवं <नाम> अभियुक्तगण को इस प्रकरण में नामित किया गया। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है तथा निर्दोष है, उनको इस प्रकरण में गॉव कीपार्टीबन्दी का <नाम> उठाते हुए फर्जी <नाम> से संलिप्त किया गया है। जबकि अभियुक्तगण द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त पुष्पेन्द्र के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि मृतक <नाम> द्वारादिनांक 30.11.2017 को न्यायालय में दिए गये बयान 200 में कथन किया था उसकोअपनी हत्या की आशंका है जो कि <नाम> उमेश, <नाम> <नाम> गनेशी एवं <नाम> <नाम> के विषय में शी। पुलिस द्वारा उपरोक्त लोगों के विरूद्व कोई भी कार्यवाही <नाम> करते हुए घटना के लगभग दो वर्ष <नाम> अभियुक्तगण को इस प्रकरण में नामित करदिया गया है। अभियुक्त <नाम> किशोर के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि सम्बस्धित थाना पुलिस द्वारा अभियुक्त को घर से पकड़कर उसका इकबालियाँ बयानलिखकर इस प्रकरण में संलिप्त किया गया है जबकि अभियुक्तगण के विरूद्व उक्तअपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में कोई भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं हैतथा कथित घटना का कोई हेतुक भी नहीं बताया गया है। अभियुक्तगण के कब्जे से अथवा अभियुक्तगण की निशांदेही <नाम> उक्त अपराध से सम्बच्धित कोई भी बरामदगी नहीं है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। अभियुक्तपुष्पेन्द्र दिनांक 30.11.2019 एवं अभियुक्त कमलकिशोर दिनांक 19.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। विद्वान शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तकप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरषडयन्त्र के तहत वादिया के पिता की हत्या की गईं है। <नाम> अभियुक्त शैलेन्द्र का जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 28.01.2020 को गुण दोष के आधारपर खण्डित किया जा चुका है। अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर षडयन्त्र के तहत वादिया के पिता <नाम> की हत्या किए जाने काआरोप है। ", "वादिया द्वारा विवेचक को दिए गये अपने मजीद बयान 161 द0प्र0सं0 में कथनकिया गया है कि उसके पिताजी की जमीन का विवाद उसके ही गाव क पुष्पेन्द्र केसाथ चल रहा था। उसके पिताजी द्वारा पहले उसे इस जमीन के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया था, पिताजी की हत्या के <नाम> वह अपने पिता की हत्या करने वालों की जानकारी करने में लगातार लगी रही तब उसको मालूम पड़ा कि उसके पिताजी की जमीन की वसीयत पुष्पेन्द्र के द्वारा बहला फुसलाकर तथा शराब के नशे में अपने नामकरा ली थी। <नाम> <नाम> जो कि <नाम> रूपकला का <नाम> है, क द्वारा भी अपने बयान 161 द0प्रoसं0 में कथन किया गया है कि उसके द्वारा गॉव में जानकारी की गई तो पता चला कि पुष्पेन्द्र का रूपकला के पिता <नाम> के साथ जमीन की वसीयत व पैसों के लेन-देन को लेकर आपस में विवाद चल रहा था। कुछ समय पहले उसने पुष्पेन्द, डाक्टर कमलकिशोर व दो अन्य लोगों को तालाब के पास <नाम> के समय अंधेरे में शराब के नशे में यह कहते हुए सुना था कि \"हमने <नाम> की हत्या <नाम> दी है, दो अन्य लोग जो इनके पास बैठे थे, उनका नाम आपस में शैलेन्द्र व गोविन्द ले रहेथे” । ", "मृतक की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतक की मृत्यु का <नाम> शॉक,हैमरेज एवं एन्टीमार्टम इन्जरी बताया गया है। " ], "judge-opinion": [ " (3)जमानत प्राथना पत्र स0: ३9 एव 118/ 2020 प्रार्थना पत्र सं0: ३9 एवं 118/ 2020मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार विवेचना के दौरान यह तथ्य भी <नाम> में आया है कि अभियुक्त पुष्पेन्द्र का मृतक <नाम> से जमीन व पैसो के लेन-देन का विवाद था, पुष्पेन्द्र के द्वारा <नाम> को बहला फुसलाकर शराब के नशे में अपने नाम जमीन की वसीयत <नाम> ली थी तथा अभियुक्त <नाम> किशोर पहले भी हत्या के मुकदमें में जेल जा चुका है, शैलेन्द्र, गोविन्द व फौजी शातिर किस्म केअपराधी है जो भाड़े <नाम> हत्या करने का <नाम> करते है। अभियुक्तगण के द्वारा भाड़े केहत्यारों <नाम> अभियुक्त शैलेन्द्रसिंह एवं अन्य से वादिया के पिता की हत्या करवाया (4)जाना बताया गया है एवं तथाकथित घटना का हेतुक जमीनी विवाद बताया गया है। उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED