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Bail Application_5860_201918-10-20192778
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{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र केसाथ अभियुक्त मौ0 नियाज के ताउ आजाद का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गयाहै, जिसमें कहा गया है कि यह उनका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 04.10.2019 को उप निरीक्षक कुलदीप <नाम> हमराह पुलिसकर्मचारीगण के साथ मुखबिर की सूचना <नाम> अकबर टाम के किनारे एकान्त मेंकाले रंग की स्पेण्डर मोटरसाइकिल <नाम> दो व्यक्तियों को पकडा, जिनमें सेपहले ने अपना नाम मौ0 नियाज बताया, जामा तलाशी से पहनी जीन्स कीदाहिनी जेब से एक अदद पीतल की पीली ईट /बिस्कूट बरामद हुआ, जिसकेदोनों तरफ उई भाषा में तीन तीन मुहर बनी है तथा दो किनारे कटे हैं तथाबायी जेब से एक मोबाइल तथा पेन्ट की पीछे की जेब से 180 रूपये बरामदहुआ दूसरे से तलाशी में पहने पेन्ट जींस की बायी जेब से एक मोबाइल व 140 /-रूपये बरामद हुये उसने अपना नाम <नाम> बताया तथा कहा किपीली धातु की ईट आपने हमारे पास से बरामद की है, हम दोनों लोगमोबाइल चैटिंग के माध्यम से अन्य मोबाइल की मदद से ग्राहक बनाते हैं तथा शहर में जगह जगह अकबर टाम्ब, ताजमहल, जहा बाहर के भी लोग देशविदेश से घूमने आते हैं, को यह ईट जो पीतल धातु की है, के किनारे काटकरहममे से एक व्यक्ति ग्राहक के साथ जाकर चैक <नाम> लाता है, जो शुद्ध सोनेका होता है, क्‍योंकि हम लोग किनारे <नाम> सोने का टुकडा लगा देते हैं तथाजॉच में ग्राहक संतुष्ट हो जाता है। इस प्रकार पीतल की धातु को सोने की -2-कहकर ग्राहक से धोखाधडी करके एक ईट धातु को करीव <नाम> लाख रूपये मेंबेच लेते हैं और आपस में बॉट लेते हैं, बरामद मोटर साईकिल संख्या एच.आर.93 4705 के कागजात तलब किये गये तो दिखाने में कासिर रहे। इलैक्ट्रोनिकतराजू से वजन किया तो 636ग्राम है, जिसे डिब्बे में रखकर सील सर्वमुहरकिया गया तथा अभियुकतगण को गिरफ्तार किया गया। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 04.10.2019 को अभियुकतगण मौ0नियाज व <नाम> के विरूद्ध अपराध संख्या-862 / 2019 <नाम> <नाम> 420, 467,468, 471 भा0द0सं0 का अभियोग थाना सिकन्दरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत कियागया। ", "आवेदकगण / अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गयाहै कि आवेदकगण,अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इसमामले में झूंठा फँसाया गया है। आवेदकगण / अभियुक्तगण <नाम> थाना सिकन्दरापुलिस द्वारा 636ग्राम का एक पीतल का टुकडा अपनी ओर से रखकर सोने की ईट बेचने के मामले में झूंठा निरूद्ध <नाम> <नाम> है, उनसे कोई भी नाजायज वस्तुबरामद नहीं हुई है। आवेदकगणअभियुक्तगण के द्वारा किसी भी <नाम> केआदमी को <नाम> तो ठगा गया है और ना ही किसी <नाम> के व्यक्ति ने शिकायतकी है । वादी मुकमा स्वयं पुलिस थाना सिकन्दरा के उप निरीक्षक कुलदीपमलिक हैं। गिरफ्तारी व बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। आवेदकगण,/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "आवेदकगण / अभियुक्तगण दिनांक 05.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है किआवेदकगण »अभियुक्तगण के द्वारा पीतल की ge को सोने की ईट बताकरलोगों को धोखे से फँसाकर सोने की जगह पीतल की ईट देकर धोखाधडी कीजाती है। आवेदकगण »/ अभियुक्तगण से पुलिस के द्वारा उक्‍त ईट को बरामदभी किया गया है। इस प्रकार आवेदकगण,अभियुक्तगण का अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। 3-कहा जाता है कि वादी मुकदमा उप निरीक्षक कुलदीप <नाम> को जरियेमुखबिर यह सूचना <नाम> कि दो व्यक्ति अकबर टाम्ब के पास किसी अपराधको करने की फिराक में है तथा संदिग्ध अवस्था में खड़े हैं तथा कहीं जाने कीफिराक में हैं। सूचना <नाम> <नाम> करके मौके <नाम> पहुंचे और दोनों कोगिरफ्तार किया गया। ", "उपरोक्त प्रकार से एक 636 ग्राम की पीतल की ईट आवेदक /» अभियुक्तसंजय से बरामद होना बतायी जाती है। किसी <नाम> के आदमी को ठगाजाना नहीं बताया जाता है । उक्त ईट किसी को बेची जा रही थी, ऐसी किसीतथ्य की अंकना नहीं की गयी है। वादी मुकदमा स्वयं पुलिस उप निरीक्षक है। इस मामले की घटना <नाम> की होने के बाबजूद <नाम> के किसी स्वतन्त्र साक्षीका होना नहीं दर्शाया गया है। आवेदकगण,अभियुक्तगण के द्वारा कौन साऐसा प्रपत्र या कूटरचना की गयी, स्पष्ट नहीं किया गया है। आवेदकगण / अभियुक्तगण दिनांक 05.10.2019 से जेल में हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1631_202124-02-20211963
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक /» अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थ , अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया है किप्रार्थी/ अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फँसाया गयाहै। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4980_201920-09-20193866
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त की बहन व पैरोकारश्रीमती <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। <नाम> <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में पूरक शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारादिनांक 29.05.2018 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसकेगांव के श्यामसुंदर उर्फ करूआ, <नाम> वीनेश, माता <नाम> लोकेन्द्र उफमैकू व <नाम> का एक गिरोह है जो <नाम> की महिला पुरूषों को शौचालयव अन्य सरकारी योजनाओं का <नाम> दिखाकर फर्जी दस्तावेज तैयार <नाम> केढगी करता है एवं बलात्कार व हरिजन एक्ट के फर्जी मुकदमे लगवाकरराजीनामा के नाम <नाम> धमकी देकर अवैध वसूली करता है। उक्त लोग कईलोगों <नाम> फर्जी मुकदमे लगा चुके है। उक्त लोग <नाम> <नाम> पत्नी सुनीलकुमार को शौचालय बनवाने के लिए आर्थिक मदद दिलाने के बहाने सेदिनांक 16.01.2018 को <नाम> कचहरी <नाम> ले आये तथा अधिवक्ता सेसांठ गांठ <नाम> एक प््रार्थनापत्र मय फर्जी शपथ पत्र अपराध <नाम> 156(3)दं0प्रoसं० तहत <नाम> <नाम> पुत्र सत्यप्रकाश, <नाम> पुत्र शेरसिंहनिवासीगण नगला देवीराम थाना एत्मादपुर महीपाल पुत्र <नाम> <नाम> पुत्र (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4980, 2019राजकुमार बनाम राज्यइरप्रसाद निवासीगण गढीबच्ची थाना एत्मादपुर <नाम> के विरूद्व संगीनधाराओं 386, 376, 506 भा०दं0सं0 में मुकदमा पंजीकृत कराने <नाम> प्रस्तुतकिया जैसे ही फर्जी मुकदमा लगवाने की जानकारी <नाम> <नाम> को हुई तोसोनी ने प्रार्थनापत्र अंतर्गत <नाम> 156(3) दं0प्र०सं0 में लिखी घटना का खंडनकर एक प्रार्थना पत्र मय शपथ पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जिसके आधारपर माननीय न्यायालय द्वारा प्रार्थनापत्र निरस्त <नाम> दिया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> हरिओम <नाम> वादीमुकदमा के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़ को विगत <नाम> परसुना जा चुका है। पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत कियागया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मामले में झूंठा फंसाया गया है,जबकि अभियुक्त के द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भीकथन किया गया कि प्राथमिकी के अनुसार घटना दिनांक 16.01.2018 कीबताई गई है जबकि घटना की रिपोर्ट दिनांक 28.05.2018 को कराई गई है,इस देरी का कोई उचित स्पष्टीकरण अभियोजन पक्ष द्वारा नहीं <नाम> गया है। ", "वास्तविकता यह है कि वादी के द्वारा चुनावी रंजिश की वजह से यह झूठामुंकदमा <नाम> कराया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त के द्वारा किसी भी प्रपत्र कीकोई कूटरचना नहीं की गई है तथा <नाम> ही उसको असली के <नाम> में प्रयोगकिया गया है। प्रार्थी दिनाक 31.08.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है । ", "वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 16.01.2018 की है तथा प्रथम सूचना रिषोर्ट दिनीक 28.05.2018 कोकोईदर्ज करायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज कराए जाने का कोईउचित स्पष्टीकरण अभियोजन की ओर से नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी द्वारा कथन किया गया है कि उसे चुनावी रंजिश के <नाम> मामले में झूंठा फंसायागया है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। प्रार्थी लगभग 260 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। ", "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4980 2019राजकुमार बनाम राज्यर्‍्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> कीजमानत दिनाक 28.06.2018 को माननीय सत्र न्यायाधीश, <नाम> द्वारास्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्त राजेन्द्रसिंह के समान है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_1802_202003-09-20202977
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता देवेन्द्र <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है उसे इस मामले में झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामजद नहीं है। अभियुक्त को मौके से पकड़ा नहीं गया है और <नाम> ही उससे कोईबरामदगी हुयी है। <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त दिनांक 07.07.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहा गया हैकि अभियुक्त द्वारा अन्य सहअभियुक्तगण के साथ वादी तथा उसके साथियों से मोबाइल तथारुपयों की लूट की गयी हैं। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी विजयपाल <नाम> द्वारा एक तहरीर थानाकागारौल <नाम> इस आशय की दी गयी कि दिनांक 04.12.2919 को रात 9 बजे वह अंग्रेजी शराब का ठेका बन्द करके 55हजार रुपये कैश एक्टिवा नं0 यू०पी080-ई.क्यू-7630 की डिग्गीमें रखकर अपने साथी सेल्समैन यादवेन्द्र <नाम> के साथ पीछे बैठकर अपने गांव <नाम> जा रहाथा। उनके पीछे ठेका देशी शराब के सेल्समैन अपनी एक्टिवा <नाम> नम्बर से चल रहे थे। ग्राम 2झीलरा के सामने <नाम> रंग की स्विफूट डिजायर गाड़ी नं0 डी.एल.07-बाई-0113 ने ओवरटेक करके उन्हें रोक लिया। उसमें से ३-4 लोगों ने उतरकर जबरदस्ती करते हुये मोबाइल, 59,000 / ~ रूपये नकदी उससे व यादवेन्द्र से मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> व 500/- रूपयेनकदी एवं दूसरी एक्टिवा से चल रहे गोविन्द <नाम> से उनका मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> व2700/ ~ रुपये छीन लिये। उसका मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> छीना गया है। वादी की उक्ततहरीर के आधार <नाम> थाना कागारौल <नाम> मु0अ0सं० 208/2019 अन्तर्गत <नाम> ३92 भा०दंएसं0पंजीकृत हुआ । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ अभियोजन <नाम> के तर्क सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि एक अन्य अ0सं0240 / 2020 <नाम> 3/25 आर्म्स एक्ट के अभियुक्तगण <नाम> उफ दीपू विक्की उफ बग्गा एवंमनीष उर्फ बाडी के बयानों के आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> उर्फ प्लाजा का नाम <नाम> में आनेमें उसे इस अपराध में नामित किया गया है। आवेदक / अभियुक्त से इस अपराध से सम्बन्धित मोबाइल व नकदी की बरामदगी नहीं हुयी है। अभियुक्त दिनांक 07.07.2020 से कारागार मेंनिरुद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_6967_201909-12-2019788
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में अमरसिंह का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> ने थानासिकन्दरा <नाम> में इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 06-06-2018 को दोपहर 2बजे उसकी पुत्री <नाम> पड़ौस में जाने की कहकर गयी थी। जब 1-2 घंटे <नाम> भीनहीं आयी तो हमने खोजबीन की। दिनांक 07-06-2018 को पता चला कि उसकी पुत्रीको <नाम> पुत्र <नाम> चंद ले गया है क्योंकि हम लोग पूर्व में गली नं0 8 किशोरपुराजगदीश पुरा <नाम> में निवास करते थे। <नाम> उसकी पुत्री के साथ कोई भी अप्रिय ६पटना घटित <नाम> सकता है। ", "2 जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। यह भी कहा है कि अ. सं. 536/2019 के अरन्तगत धारा363, 366, 376, 323 व 506 भा0दं0सं0 एवं <नाम> 3/4 पाक्सो एक्ट एवं <नाम> 3 (2)(5) एस.सी.एस.टी. में आवेदक की जमानत दिनांक 25-11-2019 को माननीय उच्चन्यायालय से स्वीकार हो चुकी है। अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र में भूलवश <नाम> 328लिखने से छूट गयी थी अतः वह <नाम> 328 भा0दं0सं0 में जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कियाहै। आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह अभियुक्त का प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय मेंलंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। ", "5— अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने <नाम> में उन्हीं तथ्यों को दोहराया हैंजो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त वादी कीनाबालिग पुत्री को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया वउसे <नाम> से मारने की धमकी दी। यह भी कहा गया कि पीड़िता को नशीला पदार्थ भीदिया गया है जिससे वह बेहोश हो गयी थी। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कियेजाने की <नाम> की। 6— वर्तमान मामले में आवेदक/अभियुक्त के ऊपर नाबालिग पीड़िता कोभगाकर ले जाने, उसके साथ बलात्कार करने व <नाम> से मारने की धमकी देने काआरोप है। सी.एम.ओ. <नाम> द्वारा पीड़िता की आयु 17 वर्ष बतायी गयी है इस प्रकारपीड़िता नाबालिग है। न्यायालय में आरोपपत्र प्रेषित किया जा चुका है जिसमें आवेदकपर <नाम> 328 भा0दंएसं0 का भी आरोप लगाया गया है। ", "—2—पीड़िता ने मैडिकल के समय डाक्टर को दिये बयान में यह कहा है किदिनांक 6 <नाम> को 2-2.30 बजे <नाम> मुझे बस में बैठाकर ले गया व तमिलनाडू सेलमजंक्शन व पनधड़ले गया। <नाम> ने मेरे साथ गलत <नाम> किया। पीड़िता ने अपने धारा161 दं0प्रoसं0 के बयान में भी यही कथन किया है। पीड़िता ने अपने <नाम> 164 दं0प्र०सं0के बयान में यह कहा है <नाम> ने कहा कि उसके दोस्त के लड़के का बर्थडे है चलो। पहले मैंने <नाम> किया। <नाम> ने रास्ते में कोल्ड ड्रिन्क पिलायी मुझे चक्कर आ गया। होश आया तो में वैन में थी। मैंने चिल्लाने की कोशिश की तो उसने रुमाल सुँघा दियामैं बेहोश हो गयी। होश आया तो में कमरे में तमिलनाडू में थी। उसने मेरे साथबलात्कार किया व <नाम> से मारने की धमकी दी। ", "स्पष्ट है कि पीड़िता 17 वर्ष की नाबालिग है। आवेदक द्वारा उसे बहलाफुसलाकर भगाकर ले जाया गया है व उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया है। पीड़िता ने स्पष्ट रुप से आवेदक द्वारा उसे कोल्ड ड्रिन्क पिलाकर व रुमाल सुँघाकरबेहोश <नाम> देने व बेहोश होने के <नाम> उसका अपहरण करने का कथन किया है। आवेदक की जमानत इसी अपराध संख्या में <नाम> 363, 366, 376, 323 व 506 भा0दं0सं0एवं <नाम> 3/4 पाक्सो एक्ट एवं <नाम> 3(2)(5) एस.सी.एस.टी. एक्ट क अर्न्तगत दिनांक11-10-2019 को इसी न्यायालय से निरस्त की जा चुकी है। आवेदक / अभियुक्त द्वाराकिया गया कृत्य अत्यन्त गंभीर हैं। ", "मामले के तथ्य व परिस्थितियों में आवेदक / अभियुक्त को जमानत प्रदानकरने का पर्याप्त आधार नहीं है । ज प्रार्थना पत्र निरस्त होने <नाम> है। ", "आदश अभियुक्त <नाम> का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाता है। " ], "judge-opinion": [ "4— ्रार्शी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ०) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी,पीड़िता के <नाम> 161 व 164 दं0प्रoसं0 के बयान, मैडिकल रिपोर्ट एवं <नाम> पत्रावली काअवलोकन किया । ", "दिनांक: 09-12-2019एस0०डी0/ -(वी0के0 जायसवाल)विशेष न्यायाधीश (Po0cS० Act)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 9आगरा 3 आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3604_202021-11-2020962
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त क पैरोकार करन ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रेमपालसिंह ने थाना अछनेरा जिला <नाम> <नाम> दिनांक 07.03.2017 को इस आशय कीतहरीर दी कि वह जनलक्ष्मी फाइनेन्सियल लिमिटेड में संग्रहकर्ता के पद <नाम> कार्यरतहवै। दिनांक 07.03.2017 को ग्राम गोपऊ थाना किरावली से कम्पनी की मासिक किस्तका पैसा संकलित <नाम> अछनेरा में जमा करने आ रहा था कि समय करीब 2.30 बजेअपनी मोटर साइकिल सी.डी.डीलक्स हीरो होण्डा संख्या यूपी.80 सी.ए. 1769 सेकिरावली रोड <नाम> पेट्रोल पम्प से आगे तथा कोल्ड स्टोर से पहले किरावली की तरफसे एक सफेद अपाचे बाइक <नाम> सवार तीन लड़कों ने उसकी गाड़ी की साइड मेंआकर धक्का देकर उसे <नाम> <नाम> और उसके गले में लटका <नाम> उसे तमन्चादिखाकर छीनकर अछनेरा की तरफ भाग गये एक बदमाश के मुंह <नाम> ढांटा लगा था। Bail Application/9864/2020 -—UP State Vs. Ajay 2बैग में उसकी कम्पनी का मिनी लैपटॉप, इवोल्यूट ऑन लाइन के मुताबिक रू095843/ रूपये, पहचान पत्र, मोबाइल माइकोमैक्स सिम नं<फ़ोन-नंबर> तथा<फ़ोन-नंबर> व अन्य जरूरी कागजात थे। ", "वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना अछनेरा परअज्ञात क विरूद्ध मु0अ0सं0 1612017, अंतर्गत <नाम> ३92 भा०द0सं0 पंजीकृतहुआ। अभियुक्त व अन्य अभियुक्तगण के पकड़े जाने <नाम> मामले में <नाम> 411भा०द0सं0 की बढोत्तरी की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया है कि आवेदक / अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारितनहीं किया है तथा <नाम> ही उसने कोई लूट की है। आवेदक/ अभियुक्त से कोईबरामदगी भी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज की गयी है। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। आवेदक / अभियुक्त कीवादी मुकदमा से कोई शिनाख्त भी नहीं करायी गयी है। मात्र गुडवर्क दिखाने केलिए अभियुक्त को झूंठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का इन मुकदमे सेपूर्व कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त को मु0अ0०सं०511/2017, <नाम> 396, 412 भा०द0सं0 थाना सिकन्दरा के मामले में घर सेपूछताछ के लिए लाकर इस कस में झूंठा फंसा <नाम> गया हैं तथा इस मामले मेंअभियुक्त की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। उक्त केस में वादी द्वारा साक्ष्य <नाम> गया है तथा अभियुक्त का नाम नहीं लियागया है और <नाम> ही उसकी पहचान की है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 24.05.2017से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त नामजद नहीं है। प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। वादी मुकदमा द्वारा साक्ष्य के दौरानआवेदक / अभियुक्त का नाम नहीं लिया गया है और <नाम> ही उसकी शिनाख्त कीगयी है। बरामदगी पुलिस द्वारा झूंठी दिखायी गयी है। पुलिस द्वारा अन्य मामले मेंघर से पकड़कर झूंठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 24.05.2017 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, Bail Application/ 9664/2020 —-UP State Vs. Ajay 3(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है तथा कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त शातिर किस्म का अपराधी है और उसके विरूद्ध अन्य मुकदमेभी विचाराधीन है। आवेदक / अभियुक्त से लूट के 6500/-रूपये बरामद हुए हैं। अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि इस मामले के सह-अभियुक्त की जमानत भीइस न्यायालय द्वारा पूर्व में खारिज की जा चुकी है। आवेदक/ अभियुक्त केविभिन्न आपराधिक इतिहास हैं और मुकदमा विचाराधीन हैं। अतः अभियुक्त के जमानत <नाम> छोड़े जाने से न्यायालय में विचाराधीन मुकदमों के विचारण प्रभावितहो जायेंगे। अभियुक्त के तीन आपराधिक मामलों का आपराधिक इतिहास संबंधितथाने से आया है जिसमें सभी मुकदमे <नाम> 392, 411 एवं 396 एवं 412 भा०द0सं0से संबंधित हैं। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त के कब्जे से लूट के6500/-रूपये की बरामदगी हुई है तथा सह-अभियुक्त की जमानत इसन्यायालय द्वारा उपरोक्त मामले में पूर्व में खारिज की जा चुकी है। मामला विचारणके स्तर में साक्ष्य <नाम> लम्बित है। थाने की आख्यानुसार अभियुक्त एक शातिरअपराधी है, जिसके विभिन्न मुकदमे लूट एवं बरामदगी से संबंधित न्यायालय मेंविचाराधीन है, जिसका हावाला थाना अछनेरा की आख्या में <नाम> गया है, जोकमशः मु0अ0सं0 197/17, 511/2017 कमशः <नाम> 392, 411 भा0द0सं0 एवं धारा396, 412 भा०द0सं0 है। संबंधित थाने की पुलिस द्वारा यह भी आख्या दी गयी हैकि अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> किया जाता है तो वह पुनः इस प्रकार कीघटना कारित <नाम> सकता है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6132_201930-10-20192310
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन मेंकालीचरन का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त का कथन है कि वह इस प्रकरण में जमानत <नाम> था। भूलवश उसके द्वारा मूल पत्रावली राज्य बनाम जयचन्द्र आदि की पत्रावली में हस्ताक्षरकर दिये गये तथा इस पत्रावली में उसकी अनुपस्थिति दर्शित करते हुए उसके विरूद्धगैर जमानतीय अधिपत्र जारी हो गये। आवेदक अभियुक्त दिनांक 20.10.2019 सेकारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा जानबूझकर कोई गलती नहीं की गयीहै। अतएव उसे प्रस्तुत प्रकरण में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि आवेदक / अभियुक्त वीरू उर्फवीरेन्द्र इस मामले में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के दिनांक 04.09.2019 को अनुपस्थितहो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र निर्गत किये गये। अभियुक्तकी ओर से कहा गया है कि उसके द्वारा भूलवश अन्य पत्रावली में हस्ताक्षर <नाम> दियेगये थे, जिसके <नाम> उसके विरूद्ध इस वाद में वारण्ट निर्गत हो गये। अभियुक्तदिनांक 21.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1051_202016-07-20201170
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{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुंक्त का कथन हैकि उन्हें झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष है। उसने कोई अपराध नहींकिया है, उसे पुलिस द्वारा झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त दिनांक 30.03.2016 सेउपरोक्त सत्र परीक्षण में जिला जेल <नाम> में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट केअनुसार वादी देवेन्द्र <नाम> का भतीजा लालू <नाम> पुत्र रवीन्द्र <नाम> उम्र करीब 28साल, दिल्ली से घर आ रहा था। वादी को सूचना <नाम> कि <नाम> में किसी अज्ञातव्यक्ति द्वारा हत्या <नाम> शव को लखनपुरा के खेतों में डाल <नाम> है। <नाम> मोर्चरी में जाकर वादी ने लाश की पहचान की तो लाश वादी के भतीजे लालू <नाम> कीनिकली । ", "बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है और <नाम> प्रथम सूचना में उसके उपरसक जाहिर किया गया है। विवेचना में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं आया है कि जिससेअभियुक्त की सन्लिप्तता घटना में पायी गयी हो। अभियुक्त के विरूद्ध ऐसा कोई प्रत्यक्ष Bail Application/4462/2020 -—UP State Vs. Amit urf kanhiya 2या अप्रत्यक्ष या परिस्थितिजन्य साक्ष्य नहीं है, जिससे यह जाहिर हो सके कि अभियुक्तघटना में शामिल था। अभियुक्त व सह-अभियुक्त के तथाकथित पुलिस के समक्ष दियेगये इकबालिया बयानों के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्त के पास सेअपराध से संबंधित कोई भी वस्तु बरामद नहीं हुयी है। पुलिस ने एक समय में एकसाथ इही उपरोक्त केस के साथ-साथ अपराध संख्या 83/2016 <नाम> 302, 201, 394,411 भा.दं.सं थाना डौकी <नाम> <नाम> 3/25 आर्म्स एक्ट थाना डौकी <नाम> व 2/3गैँ0 एक्ट थाना डौकी <नाम> के अंतर्गत सरासर झूठा फंसाया है। इन केसों के अलावाअभियुक्त के विरूद्ध अन्य कोई किसी प्रकार का आपराधिक केस किसी अदालत मेंलंबित नहीं है और <नाम> ही अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास है और <नाम> हीअभियुक्त दोष सिद्ध अपराधी है। अपराध संख्या 83/2016 <नाम> 302, 201, 394, 411भा.दंसं थाना डौकी <नाम> में माननीय उच्च न्यायालय से व <नाम> 3/25 आर्म्स एक्टथाना डौकी <नाम> में माननीय न्यायालय से अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाचुका है। अभियुक्त का माननीय न्यायालय में यह प्रशम जमानत प्रार्थनापत्र है। अभियुक्त का अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में या माननीय उच्चन्यायालय में <नाम> तो विचाराधीन है और <नाम> ही निरस्त किया गया है। अभियुक्त दिनांक30.03.2016 से जिला जेल <नाम> उपरोक्त कस में निरूद्ध हैं । ", "अग्रेतर उनके द्वारा मौखिक <नाम> से अवगत कराया गया कि उपरोक्त अपराधसंख्या में अभियोग अज्ञात में पंजीकृत कराया गया, जिसकी छायाप्रति उसने संलग्न कीहै तथा अन्य मामले में जमानत की <नाम> दाखिल की है। उनके द्वारा अवगत करायागया कि पत्रावली में अभियोजन द्वारा 6 साक्षीगण को परीक्षित कराया जा चुका है, जोअभियोजन कथानक का पूर्णत: समर्थन नहीं करते तथा दिये गये साक्ष्य अंतरविरोधाभाषीहैं। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता के द्वारा बताया गया कि उपरोक्तअभियुक्त <नाम> उर्फ कन्हैया के द्वारा अन्य अभियुक्तगण के सहयोग से वादी मुकदमाके भतीजे लालू <नाम> की दौरान लूट हत्या कारित <नाम> दी गयी और शव को छिपादिया गया। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि अभियुक्त को पूर्व मृतक के साथ देखागया था। अभियुक्त के द्वारा कारित अपराध गंभीर <नाम> का है। अन्य सह-अभियुक्तोंके जमानत प्रार्थनापत्र माननीय सत्र न्यायालय के द्वारा निरस्त किये गये हैं एवं जमानत्रार्थनापत्र का विरोध किया। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। ", "केश डायरी के अवलावेकन से स्पष्ट है कि उक्त अभियुक्त को अन्यअभियुक्तगण के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसमें गुड्डू छोटे और <नाम> थे तथाइनके कब्जे से ऑटो तथा एक-एक तमंचा बरामद किया गया और इन्हीं अभियुक्तगणके बयान के आधार <नाम> विवेचना उपरांत आरोप पत्र प्रेषित किया गया तथा विवेचना में Bail Application/4462/2020 -—UP State Vs. Amit urf kanhiya 3 अभियुक्त के द्वारा नकदी, <नाम> के लूटने, <नाम> दबाकर हत्या करने तथा कच्चे गढ्ढे केकिनारे फंककर चले जाने का साक्ष्य परिलक्षित हुआ है। जिन साक्ष्य के आधार <नाम> अंतरविरोधाभाषी कहते हुए संदेह का <नाम> देकर बचाव पक्ष जमानत की <नाम> कररहा है, वह इस स्तर <नाम> देखे जाने <नाम> नहीं है। अन्य सह-अभियुक्तों के जमानत्रार्थनापत्र इस न्यायालय द्वारा खारिज किये जा चुके हैं। अभियुक्त का अपराध जघन्यप्रकृति का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_239_202020-01-20202069
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{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक » अभियुक्त के पुत्र <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 03.01.2020 को उप निरीक्षक अरूण <नाम> मय हमराह पुलिसकर्मचारीगण के साथ मुखबिर की सूचना <नाम> फतेहाबाद की तरफ से आती सफेद मारूति आल्टो 800 को नगला गाढे की तरफ जाने वाले रास्ते से पहलेमानव टैण्ट एण्ड कोकरी के पास आकर रूकी, जिसमें बैठे दो व्यक्तियों कोपकड लिया, ड्राइवर सीट <नाम> बैठे व्यक्ति ने अपना नाम सोनू बताया, जामातलाशी से पहनी कमीज की जेब से 200,//-रूपये तथा बाये हाथ से एकमोबाइल वीवो बरामद हुआ दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम केशव बताया, जामातलाशी से पहनी पेन्ट की जेब से एक पर्स जिसमें 700,//-रूपये एवं एकआधार कार्ड बरामद हुआ। कार की डिग्गी खोलकर देखी तो उसमें आठ गत्तेके बाक्स तथा दो बाक्स पिछली सीट के पायदान में रखे मिले, बक्स कोखोलकर <नाम> गया तो प्रत्येक के 48 पौवे देशी शराब <नाम> मार्का कुल 480पौवे बरामद हुये, पिछली सीट <नाम> रखे <नाम> को खोलकर <नाम> गया तो उसमेंसे 247 ढक्‍्कन पीले रंग के जिन <नाम> सरसादी <नाम> डिस्टलरी मंसूरपुर लिखाहुआ तथा 500 लेबिल पौवे <नाम> चिपकाने वाले, जिस <नाम> फाइटर समस्त करोंसहित उ0प्र0 के बिकी के लिये लिखा है, बरामद हुये। बरामद शराब व सामग्री -2-के बारे में कडाई से पूछताछ की गयी तो दोनों ने एक स्वर में बताया कि हमशराब सिकरारा गॉव क॑ सरवन पुत्र कालीचरन से खरीदते हैं, सरवन हमें Seo, लेबिल आदि देता है तथा हम पव्वों <नाम> लगाकर फुटकर में बिकी करतेहैं। हम लोग शराब का परिवहन करने में इसी कार का प्रयोग करते हैं। बरामद शराब को कब्जे में रखने व परिवहलन करने का लाइसेंस तलब कियागया तो दिखाने में असमर्थ रहे। अभियुक्तगण को उनके जुर्म से अवगतकराकर हिरासत पुलिस में लिया गया तथा <नाम> पेटियों से एक एक पौवानिकालकर परीक्षण <नाम> सफेद कपडे में रखकर सील सर्वे मौहर <नाम> नमूनामौहर तैयार किया गया तथा फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 03.01.2020 को अभियुक्तगण सोनू राना,केशव व सरवन के विरूद्ध अपराध संख्या-06 / 2020 <नाम> धारा-420, 467, 468,471 भा0द0सं० व 60, 63 व 72 आबकारी अधिनियम का अभियोग थाना डौकी,जिला <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठारंजिशन फँसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त मौके से नहीं पकडा गया है औरना ही उससे कोई बरामदगी हुई है, महज <नाम> अभियुक्त के बयान के आधारपर उपरोक्त मुकदमे में नामित <नाम> <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है और ना ही सजायाफता है। आवेदक /» अभियुक्त केकब्जे से <नाम> तो शराब बरामद हुई और ना ही वह शराब बेचता है। ", "आवेदक / अभियुक्त दिनांक 05.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि <नाम> अभियुक्तगण सोनूराना व केशव को जब पुलिस के द्वारा पकडा गया और तो उनसे <नाम> मार्काकी शराब व ढक्‍कन <नाम> शराब <नाम> चिपकाने वाले लेबिल बरामद हुये पूछने परउक्त ने बताया कि उनको शराब, लेबिल व ढक्‍कन आवेदक /» अभियुक्तसप्लाई करता है। आवेदक /अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। -3-इस मामले में पुलिस के द्वारा जब <नाम> अभियुक्तगण सोनू राना व केशवको पुलिस के द्वारा <नाम> मार्का की शराब व ढक्‍कन व लेबिल के साथ पकडागया तो उन्होने पूछने <नाम> बताया कि हम शराब सिकरारा गॉव क॑ सरवन पुत्रकालीचरन अर्थात आवेदक / अभियुक्त से खरीदते हैं, सरवन हमें ढककन, लेबिल आदि देता है तथा हम पव्वों <नाम> लगाकर फुटकर में बिकी करते हैं। पुलिस के द्वारा पकडे जाने <नाम> सोनू राना व केशव से देशी शराब <नाम> मार्का कुल480 पौवे बरामद हुये, 247 ढक्‍कन पीले रंग के जिन <नाम> सरसादी लालडिस्टलरी मंसूरपुर लिखा हुआ तथा 500 लेबिल पौवे <नाम> चिपकाने वाले, जिसपर फाइटर समस्त करों सहित उ0प्र0 के बिकी के लिये लिखा है, बरामद हुये । ", "इस प्रकार इस मामले में <नाम> अभियुकतगण के द्वारा नकली शराब,ढकक्‍कन व लेबिल आवेदक /अभियुकत से प्राप्त करना बताया गया है औरवर्तमान आवेदक /अभियुक्त की इस मामले में उक्त प्रकार से सकियभूमिका द्वारा अभियोजन बतायी गयी है। " ] }
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Bail Application_2163_202024-09-20202481
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पन्न के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार ऐसवीर की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे झूंठा फसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। अभियुक्त के पास से अपराध से सम्बस्थित कोई बस्तु बरामद नहीं हुयी है। ", "आवेदक / अभियुक्त द्वारा घटना कारित करने का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त दिनांक 24.07.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिया जाय। ", "विद्वान्‌ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथनकिया गया है कि आवेदक / अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी केधर्मकांदे में मारपीट <नाम> लूट की गयी एवं जंगले को काटकर फायरिंग की गयी जिससे वादीके पुत्र के पैर में अर्नेयास्त्र की चोटें आयीं। आवेदक / अभियुक्त तथा सहअभियुक्तगण के द्वारा धर्मकांटे <नाम> मौजूद चश्मदीद लोगों से लूटे गये मोबाइल की बरामदगी हुयी है। अभियुक्तगणकी शिनाख्त वादी व चश्मदीद गवाहों के द्वारा की गयी है। अतः अभियुक्त का जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रामकुमार बिन्दल द्वारा एक तहरीर थाना 2जगनेर <नाम> इस आशय की वी गयी कि दिनांक 01.05.2020 को <नाम> 10.30 बजे वह तथाउसका पुत्र अपने श्यामजी धर्मकाटे से घर जाने कौ तैयारी में थे कि अचानक हथियारों से लैस6-7 लोग धर्मकांटे की ओर आते दिखे। उन्हें देखकर वादी ने अन्दर से दरवाजा बन्द <नाम> लिया। उन्होंने <नाम> से मारने की धमकी देते हुये फायरिंग शुरू <नाम> दी और दरवाजा नखोलने <नाम> लोहे के जंगले को काट <नाम> और <नाम> से मारने की नीयत से गोली चलायी जोउसके पुत्र की एड़ी में लगी तथा दूसरे पैर में छर लगे तथा बाहर बैठे लोगों से मोबाइल तथा रुपयों की लूटपाट की। पुलिस को 112 नम्बर <नाम> सूचना दी लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहलेबदमाश भाग गये। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना जगनेर <नाम> मु0अ0 सं054 / 2020 <नाम> 395, 397 भा०दं0सं० पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचना दिनांक 04.06.2020 कोथाना कंचनपुर (राजस्थान) में अ0सं0 160, 2020 <नाम> 458, 380, 336 भाएदंछसं0 में गिरफ्तारी के समय वर्तमान अपराध से सम्बन्धित लूटे गये दो मोबाइल की बरामदगी हुयी, जिनकी वादी मुकदमा एवं घटना के चश्मदीद गवाहान के द्वारा शिनाख्त कौ गयी है। " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ अभियोजन <नाम> केतकं सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि आवेदक / अभियुक्त एवंसहअभियुक्तगण से दिनांक 04.96.2020 को थाना कंचनपुर(राजस्थान) में अ0सं0 160 / 2020धारा 458, 380, 336 भाएदंएसं0 के मामले में गिरफूतारी के समय वर्तमान अपराध से सम्बन्धितलूटे गये दो मोबाइल की बरामदगी हुयी है। आवेदक / अभियुक्त एवं सहअभियुक्तगण <नाम> वीरो, समुन्दर, नरसी व <नाम> उर्फ रामवकील को वादी मुकदमा रामकुमार बिन्दल एवं चश्मदीद गवाहान <नाम> <नाम> धर्मेन्द्र <नाम> उफ बंशी <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एवं पप्पू के द्वारा शिनाख्त करते हुये बताया गया है कि उनके द्वारा ही दिनांक 01.05.2020 कोरात 10-11 बजे थाना जगनेर के <नाम> रोड स्थित श्यामजी धर्मकांटा में मारपीट <नाम> लूट कीगयी थी एवं जंगले को काटकर फायरिंग की गयी थी, जिससे वादी के पुत्र <नाम> के पैरकी एळी में गोली के छर लगे थे। अभियुक्तगण की शिनाख्त वादी एवं चश्मदीद गवाहान केद्वारा की गयी है तथा चश्मदीद <नाम> धर्मेन्द्र <नाम> उफ बंशी <नाम> के लूटे हुये मोबाइल कीबरामदगी भी अभियुक्तगण से हुयी है । " ] }
0DENIED
Bail Application_2753_201921-05-20193782
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी , अभियुक्त के शपथपत्र से समर्थितहै। ", "प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा आज न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पणकिया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> सिंह,अवर अभियन्ता द्वारा थाना फतेहाबाद, जिला <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्टइस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनांक 08.12.2017 को समय 10:25बजे चैकिंग के दौरान अभियुक्त को पूर्व में बकाया के आधार <नाम> विषच्छेदितविद्युत संयोजन को <नाम> बकाया जमा किए, अवैध <नाम> से पुनः जोड़करविद्युत उपभोग <नाम> विद्युत चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंध में प्राथमिकीदर्ज की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रखा गया हैकि प्रार्थ / अभियुक्त को केस में झूंठा फंसा <नाम> गया है। उसने किसीप्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है, वह निर्दोष है। उसके द्वारा शमन शुल्क का भुगतान <नाम> <नाम> गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ " (2)उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तकों को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस तथ्य को स्वीकारकिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। ", "प्रार्थी ,/ अभियुक्त की ओर से दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमलिमिटेड के कार्यालय द्वारा निर्गत <नाम> संख्या-ए 762192 रसीद संख्या-18 दिनाकित 44.05.2019 की छायाप्रति दाखिल की गयी है तथा मूलअवलोकनार्थ प्रस्तुत की गयी है, जिसके अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा yo 4,000 //- रूपये शमन शुल्क जमा किया <नाम> <नाम> है। मामले में बादविवेचना आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4347_201920-08-2019393
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में सफीकउददीन पुत्र सुवराती का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा मो0यासीन द्वारा दिनांक 23.04.2019 को समय 18.25 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्टयह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि वादी की पुत्री रेशमा की शादी चॉद केसाथ करीब 15 वर्ष पूर्व हुई थी। शादी के अब <नाम> <नाम> चाद, ससुर अली हुसेन,सास, जेठ जफर व चॉद के ताऊ का लडका युनुस दहेज में दो लाख रुपये कीमॉग करके तंग व परेशान करते चले आ रहे हैं। वादी ने बीच बीच में रुपया भीदिया तथा कई पंचायते भी हुई । दिनांक 22.04.2019 को वादी की साली रहीसाकी लड़की मुवीना जो वादी की पुत्री के पड़ोस में ब्याही है। सुबह करीब 11.30 बजेवादी को फोन <नाम> सूचना दी तथा बताया कि रेशमा के <नाम> चॉद व सास-ससुर वजेठ, चाँदी के ताऊ का लडका यूनुस ने रेशमा से दहेज की मॉग की। <नाम> करनेपर मारपीट की तथा <नाम> से मारने की नीयत से सभी ने एक <नाम> होकर मिटटीका तेल डालकर आग लगा दी। सूचना <नाम> तुरन्त वादी व उसका परिवार व पुत्रलाल अली रेशमा के घर गये तथा उसे जली हुई अवस्था में एस0एन0 अस्पतालआगरा में भर्ती कराया। प्रार्थिया/अभियुक्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि उसे झूठा फसाया गया है वह निर्दोष है। कभी भी दहेजकी मॉग नही की गई। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि पीडिता रेशमा अपने पतिव सास से यह कहती थी कि जो ससुर का मकान व दुकान है उसमें जीते जीहिस्सा <नाम> दो और अपना हिस्सा बेचकर कहीं अन्य जगह रहना चाहती थी। उसकोसमझाया गया कि पहले ही वसीयत <नाम> <नाम> है। मजिस्ट्रेट के समक्ष किये गयेबयान में भी मिटटी का तेल डालने व जलाने के बावत बयान नहीं <नाम> गया हैंअपनी माँगों को पूरा करवाने के लिए उसके द्वारा यह आत्मघाती <नाम> उठाया गयाहै। किसी की कोई <नाम> नहीं है। अन्य किसी प्रकार की कोई चोट नहीं है। यहभी तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता महिला है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं,जमानत <नाम> दी जाये। विद्वान लोक अभियोजक की ओर से जमानत प्र्रार्थनापत्र का विरोधकिया गया और <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण द्वारा रेशमा को परेशानकिया गया और जलाया गया। जिस <नाम> उसे अस्पताल में भी भर्ती करना पड़ा। ", "— 2 —_ उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है । " ], "judge-opinion": [ "विद्वान लोक अभियोजक एवं प्रार्थिया/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ताको सुना, पत्रावली उपलब्ध प्रपत्रों व केस डायरी का परिशीलन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि विवेचक द्वाराअस्पताल में पीडिता का बयान लिया गया था। डाक्टर द्वारा बताया गया कि रेशमा35 प्रतिशत जली है। मृत्यु पूर्व बयान की आवश्यकता नहीं है। उसका उपचार चलरहा है। उसने अपने बयान में यह पूछे जाने <नाम> कि उनके साथ कौन - कौनरहता है तो बताया कि वह उसके <नाम> <नाम> तीन बच्चे रहते हैं। घटना के समयतीनों बच्चे घर <नाम> मौजूद थे। जिनको चाद ने <नाम> <नाम> कोने में खडा <नाम> दियाथा। सास- ससुर क बारे में बताया कि अलग मकान में रहते हैं। जेठ जफर वदेवर सोने सामने वाली गली में अलग मकान में निचले हिस्से में रहते हैं और उसीमकान के ऊपर वाले हिस्से में जेठ जफर अपने परिवार के साथ रहता है। यह भीबताया कि करीब 8-9 साल से अपने <नाम> और बच्चों के साथ अलग मकान में रहरही है। सास- ससुर अलग मकान में रहते हैं। करीब 8-9 साल पहले उसकेससुर अली हुसेन ने उसको मकान बनवाकर <नाम> था। वादी मुकदमा यासीन ने भीअपने बयान में यही कहा है कि उसकी बेटी के ससुर अली हुसैन ने मकानबनवाकर <नाम> था। ताकि लडाई-झगडे <नाम> हो। इसी प्रकार का बयान वादी केलड़के ने भी <नाम> है कि उसकी बहन के ससुर अली हुसैन करीब 8-9 साल पहलेरेशमा के <नाम> चॉद को अलग मकान बनवाकर <नाम> <नाम> था ताकि लडाई -झगडा नहो। दौरान बहस यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि पीडिता अभियुक्तगण के साथही रह रही है। पीडिता को भी उपस्थित किया गया। ", "इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्ता करीब 8-9 साल सेपीडिता से अलग रह रही थी और पीडिता के ससुर अली हुसैन द्वारा मकानबनवाकर <नाम> <नाम> था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_7374_201919-12-2019189
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदकगण/अभियुक्तगण के पिता नाहरसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उनकाप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाविजय <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि आज दिनांक18.06.2019 दोपहर 2-30 बजे मेरा बेटा श्रषभ खेत <नाम> मौजूद था, वहाँ परगाव नवलपुर के दो लड़के वहाँ पड़ी सरिया को उठाकर ले जाने लगे, तो मेरेबेटे ने उनको रोका तो उसके साथ मारपीट <नाम> दी, हमको सूचना <नाम> तो मेंव <नाम> गाव नवलपुर शिकायत करने गये, तो गॉव नवलपुर के लोग गाली गलौज करने लगे। नवलपुर के <नाम> <नाम> सिंघड व किताब <नाम> पुत्र चौबसिंह तथा बनी <नाम> <नाम> व राजा <नाम> पुत्रगण <नाम> <नाम> व छः-सात अन्यलोगों ने हमारे साथ सरिया कुल्हाड़ी, लाठी से <नाम> से मारने की नीयत सेमारपीट की, मुझे बचाने मेरे चाचा देवेन्द्र <नाम> आये तो उनके साथ भी मारपीटकी तथा लाइसेंसी रिवाल्वर छीन ली। घटना को <नाम> <नाम> आदि ने देखातथा हमें बचाया, हम लोगों के गम्भीर चोट आयी है। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 18.06.2019 को अभियुक्तगण गुलाबसिंह, सिंघड, किताब <नाम> बनी <नाम> <नाम> व राजाबाबू के विरूद्ध अपराधसंख्या-164/19 <नाम> धारा-147, 148, 149, 307, 504, 397 भा0द0सं0 का -2-अभियोग थाना एत्मादपुर, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया, दौरान विवेचना इसमामले में <नाम> 397 भा0द0सं0 का लोप किया गया। ", "आवेदकगण/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गयाहै कि आवेदकगण/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उनको इसमामले में झूंठा फॅसाया गया है। वास्तविकता यह है कि उपरोक्त मुकदमे केवादी <नाम> <नाम> <नाम> व उसक पुत्र रिषभ से आवेदकगण/अभियुक्तगण काकोई विवाद नहीं हुआ था, वह उनके लिये अन्जान व्यक्ति है, गाव की पार्टीबन्दी के चलते गॉव के ही कुछ लोगों ने आवेदकगण/अभियुक्तगण के नामवादी मुकदमा को बता दिये, थाना पुलिस वास्तविकता जानने का प्रयास नहींकर रही है और <नाम> <नाम> गॉव नवलपुर के किसी जन <नाम> का बयान नहींलिया है। वादी मुकदमा एवं उसके पुत्र के दर्शायी गयी चोटें साधारण प्रकृतिकी है, कोई भी चोट प्राणघातक एवं गम्भीर नही है। पुलिस द्वारा राजनीतिकदवाव में गम्भीर धाराएं लगायी गयी हैं। आवेदकगण/ अभियुक्तगण अग्रिमजमानत के लिये माननीय उच्च न्यायालय गये थे, परन्तु माननीय न्यायालय नेअग्रिम जमानत स्वीकार <नाम> करते हुये अवर न्यायालय में आत्म <नाम> करने केआदेश पारित किये थे। मुकदमे के <नाम> अभियुक्तगण की जमानत माननीय अपरसत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-1 द्वारा स्वीकार <नाम> ली गयी है। ", "आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 13.12.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है किआवेदकगण/ अभियुक्तगण के द्वारा वादी मुकदमा व उसके पुत्र को मारपीटकर गम्भीर एवं प्राणघातक चोटें पहुंचाई गई है, चोटों की मेडीकल रिपोर्ट केसडायरी के साथ संलग्न है। आवेदकगण/अभियुक्तगण का अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "आवेदकगण/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर सेउपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "कहा जाता है कि वादी मुकदमा के पुत्र रिषभ के साथ उसके खेत परगॉव नवलपुर के दो लड़कों द्वारा मारपीट की गयी और जब वादी मुकदमा वराहुल गॉव नवलपुर शिकायत करने गये तो गॉव के लोगों ने सरिया कुल्हाड़ी, -3-लाठी से <नाम> से मारने की नीयत से उनको मारपीट <नाम> गम्भीर चोटें पहुंचानाबताया जाता है। ", "केस डायरी के साथ चुटैल रिषभ, वादी मुकदमा <नाम> <नाम> व राहुलको आयी चोटों की मेडीकल रिपोर्ट मौजूद है, जिसके अवलोकन <नाम> यह पायागया कि उक्त रिपोर्ट में रिषभ के शरीर <नाम> पॉच चोटे <नाम> दर्शाया गया है,जो साधारण <नाम> की है। इसी प्रकार <नाम> <नाम> के शरीर के विभिन्नहिस्सों <नाम> <नाम> चोटे <नाम> दर्शाया गया है, ये चोटे भी साधारण <नाम> कीदर्शायी गयी है तथा <नाम> सिसौदिया के शरीर <नाम> 10 चोटें <नाम> दर्शाया गयाहै, जो सभी साधारण <नाम> की दर्शायी गयी है। केस डायरी के साथ वादीमुकदमा <नाम> <नाम> की सिर की एक्सरे रिपोर्ट भी मौजूद है, उक्त रिपोर्ट मेंकोई फैक्चर <नाम> नहीं दर्शाया गया है। इस प्रकार उपरोक्त तीनों चुटैलों जोचोटें मेडीकल रिपोर्ट में <नाम> दर्शायी गयी है, वे सभी साधारण <नाम> की हैतथा कोई भी चोट प्राणघातक नही दर्शायी गयी है। ", "इस केस के <नाम> अभियुक्तगण ऐदल <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> काजमानत प्रार्थना पत्र संख्या-3617/2019 दिनांक 26.07.2019 को न्यायालयअपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-1, <नाम> के द्वारा स्वीकार किया जाचुका है। मामले में इन आवेदकगण/ अभियुक्तगण की <नाम> भी समान दर्शायीगयी है। अभियुक्तगण दिनांक 13.12.2019 से जेल में हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_203_202116-01-20213572
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> बन्टू कुशवाहने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी /अभियुक्त निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। उसे झूठा फंसाया गया है। प्रर्थी/ अभियुक्त व वादी एक हीमकान में किराए <नाम> रहते है। प्रार्थी /अभियुक्त व वादी के मध्य छत <नाम> सोने के लिएविवाद हो गया था जिस <नाम> झूठा फंसा <नाम> है। उक्त प्रकरण में पीड़िता के किसीप्रकार की कोई चोट नहीं आयी है। प्रार्थी / अभियुक्त जेल से कोरोना महामारी के कारणदिनांक 01.07.2020 को अन्तरिम जमानत <नाम> छोड़ <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में जो तथ्य कहे गए है वह कर्ती गलत बेबुनियाद व मनगढन्त है। प्रार्थी / अभियुक्त का पूर्वका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै इसके अतिरिक्त कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त आत्मसर्मपण <नाम> दिनांक 06.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त विश्वसनीय जमानतें दाखिल करने को तैयार है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाए । Bail Application/307/2021 —-Arvind Vs. UP State 2संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा विशनू द्वारा थानाहाजा <नाम> लिखित तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 28, 29.06.2020 को समयकरीब 03.30 बजे रात को वह अपने किराए के मकान की छत <नाम> मय बच्चों के सो रहाथा। वह लेटा था। बगल में उसकी पत्नी व उसकी पुत्री कु0 शालू उम्र 14 वर्ष सो रही थी। उसी मकान में रहने वाला <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> भी वहीं सो रहा था। उसकी पुत्रीकु0 शालू के साथ छेड़छाड़ करने लगा। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माद्दौला में मुकदमा अपराधसं0 501 / 2020 अन्तर्गत <नाम> 354 भा0 द0 सं0 व 7/8 पॉक्सो एक्ट में प्राथमिकी अंकितकी गयी । ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तर्को में उन्हीं तथ्यों कोदोहराया गया है जो जमानत प््रार्थनापत्र में कहा गया है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी की नाबालिग के साथ रातको सोते समय छेड़छाड़ करते हुए गम्भीर <नाम> का अपराध कारित किया गया है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। " ], "judge-opinion": [ "मैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा केस डायरी व बयान <नाम> 161 दएप्रश्‍्स0 काअवलोकन किया । उपलब्ध केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि वादी मुकदमा द्वगरा दिनांक 28/29.06.2020 को <नाम> 03.30 बजे छत <नाम> अपनी पत्नी व बच्चों / पीडिताशालू के साथ सोने के दौरान प््रार्थी/ अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ छेड़छाड़ करने केकथन के साथ मुकदमा <नाम> कराया गया है। केस डायरी में पीड़िता का बयान धारा161 द0प्रoस0 <नाम> हुआ जिसमें उसने कहा है कि मम्मी व पापा के साथ वह छत <नाम> सो रही थी तथा बगल में सो रहे <नाम> उससे छेड़छाड़ करने लगा, जैसे ही चिल्लाईवह भाग गया। केस डायरी में पीड़िता का बयान अन्तर्गत <नाम> 164 द0प्र०स० <नाम> नहीं हुआ है <नाम> तो पत्रावली <नाम> कोई मेडिकल प्रपत्र ही उपलब्ध है । प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध वादी मुकदमा की 14 वर्षीय पुत्री के साथ रात में सोते समय छेड़छाड़ करना कहा जाताहै। घटना के दौरान प्रथम सूचक व उसकी पत्नी तथा अन्य किराएदार का भी मौके <नाम> <नाम> कहा जाता है। प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध छेड़छाड़ करने के सम्बन्ध में कोई गम्भीर अभिकथन नहीं किया गया है। छेड़छाड़ के सम्बन्ध में केवल सामान्य अभिकथन कियागया है। प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध थाने से कोई आपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया जा सका है। प्रस्तुत प्रकरण में केस डायरी के साथ आरोप पत्र अन्तर्गत <नाम> 354 भा.दं.सं व 7/8 पॉक्सो एक्ट तैयार करके दाखिल करने की भी बात कही गयी है। अभियुक्त दिनांक 06.01.2021 से जेल में निरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_1353_202109-03-20211298
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में शैलेन्द्र <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी शाहरूख बेगद्वारा थाना हरीपर्वत <नाम> दिनांक 20.06.2020 को इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी गयी कि दिनांक 20.03.2020 को श्रीराम फाइनेंस कंपनी के कम्प्यूटर सही करनेके लिए अपनी मोटर साइकिल <नाम> डिस्कवर 125 एसटी रंग काला <नाम> पंजीयनसं0 यू०पी080सीके-1951 जो उसकी माताजी मुर्शत बानों के नाम है, अपनी मोटरसाइकिल को लोटस हॉस्पीटल <नाम> चौराहा <नाम> <नाम> सीढियो के पास खड़ी की,जब वापस लौटकर आया तो वहां <नाम> उसकी मोटर साइकिल नही थी, काफी तलाशकिया, नही <नाम> । ", "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/शपथपत्र मेंकहा गया कि वह बिल्कुल निर्दोष व निरपराध है, उसने कोई भी अपराध नही किया है। उसे उक्त केस में पुलिस ने अपने उच्चाधिकारियों को खुश करने के लिए झूंठा फंसादिया है, वह पढ़ने वाला छात्र है। सच्चाई यह है कि प्रार्थी/ अभियुक्त अन्य मामले मेंथाना सादाबाद, जनपद <नाम> से जेल में निरूद्ध है, पुलिस ने 'बी' वारण्ट <नाम> तलबकर उस <नाम> झूठी बरामदगी दिखाकर उक्त मामले में प्लान्ट <नाम> <नाम> है। बरामदगी काकोई स्वतंत्र <नाम> नही है, <नाम> ही कोई शिनाख्त करायी गयी है कि उक्त मोटरसाइकिल चोरी का अन्जाम प््रार्थी/अभियुक्त द्वारा <नाम> गया था। प्रार्थी/ अभियुक्तदिनांक 13.01.2021 से जिला कारागार अलीगढ में अन्य मुकदमें में थाना सादाबादजिला <नाम> से निरूद्ध है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार कियेजाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, उसको इस मामले में झूठा फंसाया गया Bail Application/ 2599/2021 —-Sorab Vs. UP State 2है। प्रथम सूचना रिपोर्ट तीन माह विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। कथित बरामदगी <नाम> बरामदगी है। बरामदगी काकोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। इस बरामदगी के माध्यम से तीन वर्ष पूर्व 2018 <नाम> केमामले पुलिस द्वारा खोले गए हैं। पुलिस द्वारा अभियुक्त के पास से मोटरसाइकिल कीफर्जी बरामदगी दिखायी गयी है, उसे 'बी' वारण्ट <नाम> तलब <नाम> इस मामले में संलिप्तकिया गया है। बरामदगी से संबंधित प्रकरण में अभियुक्त की जमानत जनपद न्यायालयहाथरस से स्वीकार हो चुकी है। <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत हो चुकी है। इन्हींआधारो <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान ए.डी.जी.सी.(दाण्डिक) द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा मोटरसाइकिल चोरी कीगयी तथा उससे मोटरसाइकिल बरामद हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहतेहुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान ए.डी.जी.सी.(दाण्डिक) कोजमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है, इसअभियुक्त को मोटरसाइकिल बरामद होने के आधार <नाम> इस प्रकरण में शामिल कियागया है। अभियुक्त व <नाम> अभियुक्तगण से मोटरसाइकिल की <नाम> बरामदगी होनाकहा गया है, बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> दर्शित नहीं किया गया है, अभियुक्तकिसी भी बरामदगी से इंकार करता है और इस प्रकरण में झूठा फसाना <नाम> है। इसीमोटर साइकिल बरामदगी से संबंधित अपराध सं0 28/2021 अन्तर्गत <नाम> 411, 414भा0द0सं0 थाना सादाबाद कोतवाली जिला <नाम> के मामले में अभियुक्त की जमानतस्वीकृत की जा चुकी है। इस प्रकरण के <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत दिनांक 26.02.2021 को अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं017, <नाम> द्वारा स्वीकार की जा चुकीहै। अभियुक्त दिनांक 13.01.2021 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। थाने से प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त का आपराधिक इतिहास दर्शाया गयाहै, किन्तु कोई पूर्व दोषसिद्ध की आख्या नही है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1184_202122-02-20212093
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त की मां <नाम> पत्नी <नाम> का शपथपत्र संलग्न किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से अपने आवेदन पत्र में कथन किया गया है किमार्च माह में कोरोना माहमारी देश में फैल गया जिस कारणवश न्यायालय में उपस्थित नहीं होसका और अपने केस की जानकारी नहीं ले सका । प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्व दिनांक 13.12.2018 को माननीय न्यायालय द्वारा एन.बी.डब्लू के आदेश पारित <नाम> दिये गये। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 13.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्व है। ", "मैंने आवेदक/ अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त सामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। ", "इस मामले में आवेदक / अभियुक्त <नाम> जमानत <नाम> था उसके पश्चात न्यायालय में अनुपस्थिति के फलस्वरूप उसके विरूद्व न्यायालय द्वारा अजमानतीय अधिपत्र निर्गत किया गया जिसके फलस्वरूप वह उक्त अजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन में सम्बन्धितपुलिस द्वारा गिरफतार <नाम> न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन कियागया है कि उसने जानबूझकर कोई गलती नहीं किया है। मार्च माह में कोरोना माहमारी देश मेंफैल गया जिस कारणवश न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका और अपने केस की जानकारी 9नहीं ले सका। इसी <नाम> आवेदक / अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि आवेदक / अभियुक्त दिनांक13.02.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्व है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था औरनवीन जमानत देने के लिए तत्पर है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने न्यायालयके समक्ष यह भी आश्वस्त किया है कि वह न्यायालय में नियत तिथियों <नाम> व्यक्तिगत <नाम> सेउपस्थित होता रहेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_665_202029-01-20201688
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 16.12.2019 को उपनिरीक्षक जितेन्द्रसिंह जब अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ समय करीब 15 बजे वाहन चैकिंगकर रहे थे तभी फुलट्टी तिराहे की तरफ से एक व्यक्ति रॉयल इनफील्ड मोटरसाइकिल <नाम> <नाम> हेलमेट आता दिखाई <नाम> जिसको पुलिस पार्टी द्वारा चैकिंग केलिए रोका गया तथा उस व्यक्ति से वाहन के कागजात दिखाने के लिए कहा गया तोमोटर साइकिल चालक द्वारा वाहन एच0आर0 26, डी0क्यू0 8637 की आर0सी0 कलकलर्ड फोटो स्टेट <नाम> दिखाई गई। मोटर साइकिल चालक द्वारा अपना नाम विवेकअग्रवाल बताया गया। तदुपरान्त वादी उपनिरीक्षक द्वारा वाहन चालक से प्राप्तआरशतठ्सी0 को चालान के एप <नाम> डालकर <नाम> गया तो उस <नाम> वाहन <नाम> का नाम Bail Application /665/2020 -Sonu Jaat Vs. UP State 2सुनील <नाम> पुत्र गजराज <नाम> निवासी मुड़गाँव पाया गया जबकि वाहन चालकविवेक द्वारा प्रस्तुत आरएछसी0 <नाम> वाहन <नाम> का नाम <नाम> <नाम> पुत्र महेशनिवासी मुरूग्राम बताया गया। दोनों नाम पते में भिन्‍नता पाये जाने <नाम> शक होने <नाम> उक्त मोटर साइकिल के इंजन नम्बर व चैसिस नम्बर में भिन्‍नता पाये जाने <नाम> सख्ती से पूछताछ किए जाने <नाम> <नाम> द्वारा बताया गया कि उक्त मोटर साइकिल उसने वदिनेश <नाम> ने मिलकर चोरी की जानते हुए <नाम> से ली थी इसके <नाम> उन तीनोंने मिलकर उसके इंजन नम्बर व चैसिस नम्बर घिसकर बदल दिए थे तथा नयारजिस्ट्रेशन नम्बर डाल <नाम> था और फिर इसी नम्बर की एक फर्जी आरएसी0 तैयार <नाम> ली थी। तदुपरान्त अभियुक्त से बरामद आरए्सी0 एवं मोटर साइकिल को कब्जे मेंलेकर अभियुक्त को मय बरामद मोटर साइकिल के थाने ले जाया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्तक के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क <नाम> गया है कि प्रार्थी /अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। वहनिर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 22.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी को सह-अभिक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> के बयान के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत दिनाक 03.04.2020 को स्वीकार की जा चुकीहै। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन <नाम> को जमानतप्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटना दिनाक16.12.2019 की समय 15:50 बजे की है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्त <नाम> के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गयाहै। केस डायरी क॑ अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी बी वारण्ट <नाम> तलबहोकर इस प्रकरण में जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्तगण <नाम> अग्रवालव <नाम> की जमानत माननीय सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थीलगभग एक सप्ताह से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः मामले कीपरिस्थतियों में प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडे जाने का पर्याप्त आधार है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5085_201921-09-20193814
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र में यह अभिकथन है कि आवेदक / अभियुक्त कोझूठा फंसाया गया है। संलग्न शपथपत्र में वर्णित तथ्यों के आधार <नाम> जमानत पररिहा करने की कूपा की जाय। ", "<नाम> शहजादे सलमानी जो आवेदक,/ अभियुक्त का पैरोकार है औरमामले के तथ्यों से परिचित है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करते हुए कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त की जमानत हो चुकी थी, मुकदमे में दिनांक 03.07.19 कोआवेदक / अभियुक्त के अधिवक्ता के जूनियर द्वारा गलत <नाम> नोट <नाम> लेने केकारण आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारन्ट जारी <नाम> दिये गये थे,आवेदक / अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है। आवेदक / अभियुक्तभविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> हाजिर अदालत आता रहेगा। आवेदक / अभियुक्तने दिनांक 31.08.19 को उपस्थित होकर गैर जमानतीय वारण्ट निरस्त करने काप्रार्थनापत्र <नाम> था जिसे न्यायालय द्वारा निरस्त <नाम> <नाम> गया। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 31.08.19 से कारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, अन्य कोई प््रार्थनापत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आवेदक / अभियुक्त समाज का प्रतिष्ठित व्यक्ति है तथ अपनी उचित व विश्‍वसनीयजमानत देने को तैयार है। आवेदक / अभियुक्त स्वीकृत जमानत का दुरूपयोग नहींकरेगा । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानतका विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि आवेदक / अभियुक्त को _ 2 __ जमानत प्रार्थनापत्र संख्या-546/16 सादाब बनाम उप्र.राज्य में माननीय सत्रन्यायाधीश <नाम> द्वारा पारित आदेश दिनांकित 16.02.2016 के अनुपालन मेंसंबंधित न्यायालय द्वारा उसे जमानत <नाम> <नाम> किया गया, परन्तु अभियुक्त कीअनुपस्थिति के <नाम> उसके विरूद्ध दिनांक 03.07.19 को एन.बी.डब्ल्यू. निर्गत कियेजाने का आदेश हुआ। दिनांक 31.08.19 को आवेदक/ अभियुक्त द्वारा वारण्टवापसी <नाम> प्र्ार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया जो आधार पर्याप्त <नाम> होने के कारणनिरस्त किया गया तथा आवेदक / अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जिलाकारागार <नाम> <नाम> प्रेषित किया गया। आवेदक / अभियुक्त की तरफ से यह कहागया है कि जूनियर अधिवक्ता द्वारा गलत <नाम> नोट <नाम> लिये जाने के कारणनियत <नाम> को उपस्थित नहीं हो सका था, वह दिनांक 31.08.19 से जिलाकारागार <नाम> में निरूद्ध है, अतः दौरान विचारण जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। " ] }
1GRANTED
Bail Application_159_202027-07-2020853
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्तगण के सयुंक्त शपथ पत्रसे समर्थित है। ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण अंतरिम जमानत <नाम> थे। अभियुक्तगणन्यायालय के आदेश दिनाकित 21.07.2020 के अनुपालन में आज आत्मसमर्णकर न्यायिक अभिरक्षा में हैं। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार परिवादी <नाम> <नाम> Bail Application/2504/2020 -UP State Vs. Sonu and others 2उर्फ वीरेन्द्र <नाम> तथा उसका बडा <नाम> नरायन <नाम> शामिल किराये की दुकान <नाम> सिलाई का कार्य करीब 40 साल से करते चले आ रहे हैं। दुकानमुख्य बाजार कस्वा व थाना अछनेरा में स्थित है, जो मैसर्स नई दिल्ली देडर्सके नाम से है। उसके बडे <नाम> की लगभग 16 वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई, उसनेदुकान <नाम> से 02 लाख रुपये पगडी देते हुए किरायेशुदा दुकान को लेलिया और उक्त दुकान की किरायेदारी नियमानुसार 200/-रुपये प्रतिमाहरामनाथ पुत्र <नाम> <नाम> को देता चला आ रहा है। रामनाथ की मृत्यु परउनके वारिस सोनू, मोनू को किराया 200, -रुपये प्रतिमाह अदा करता चलाआ रहा है। दिनांक 11.03.2019 को समय करीब 10:00 बजे रात की घटनाहै। सोनू मोनू पुत्रगण रामनाथ ने इलाका एस आई <नाम> सिह व एस एचओ शेर <नाम> सहित दुकान <नाम> आ गये और उक्त किरायेशुदा दुकान <नाम> सोनू. मोनू ने दुकान का ताला तोडकर दुकान में रखा सामान सिलाई मशीन,इन्टरलौक मशीन व काउन्टर, 5 कुर्सी, सिले हुए कोर्ट 10, पेन्ट-शर्ट सिलेहुए 15 जोडी, कुर्ता-पजामा, 10 जोडी, कुछ सादा कपडे जो सिलने को रखे थे एवं 500/-~-रुपये चोरी <नाम> ले गये। घटना की जानकारी होने <नाम> दिनांक13.03.2019 को समय करीब 08:00 बजे सुबह विपक्षीगण सोनू और मोनू व रामनाथ की पत्नी, दो अज्ञात व्यक्ति ने प्रार्थी को मादरचोट, चमार, डेढ शब्दजातिसूचक का प्रयोग करते हुए मा-बहिन की गन्दी गन्दी गालियाँ दी औरकहा कि साले चमार तूने हमारी बात नही <नाम> परिणाम तुझे भोगना पडेगा। जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उक्त सभी लोगों ने प्रार्थी से कहा किहमे तो इलाका पुलिस से साठ-गांठ <नाम> दुकान का सामान चुराके दुकानखाली करके अपना कब्जा <नाम> लिया है। चमरा ढेडा अनुसूचित जाति शब्दका प्रयोग करते हुए कहा कि तू हमारा कुछ नही विगाड पायेगा। <नाम> सेमारने की धमकी दी। ", "परिवादी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र के विरूद्ध <नाम> शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी /अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोई Bail Application/2504/2020 —UP State Vs. Sonu and others 3 अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। परिवादी द्वारा घटना का कोई स्वतन्त्रसाक्षी दर्शित नहीं किया गया है। किसी चुटैल का कोई चिकित्सीय परीक्षणनहीं हुआ है। परिवाद कथानक तथा परिवादी साक्षीयण के कथनों में विरोधाभास है। परिवादी प्रार्थीगण की दुकान <नाम> जबरन कब्जा करना चाहताहै। प्रार्थीगण का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगण ने स्वयंन्यायालय के समक्ष आत्मसमर्ण किया है। प्रार्थीगण का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र साननीय उच्च न्यायालय याअन्य किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थीअभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथनकिया गया कि अभियुक्तगण द्वारा वादी मुकदमा के साथ मारपीट करउसे घायल किया गया है तथा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया है। ", "उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "परिवादी के विद्वान अधिवक्ता, प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वानअधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) कोसुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 13.03.2019 की है। मामला परिवाद कथानक <नाम> आधारित है। ्रार्थीगण को न्यायालय द्वारा विचारण <नाम> आहूत किया गया है। पत्रावली केअवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि किसी भी चुटैल की कोई चिकित्सीयपरीक्षण आख्या पत्रावली <नाम> प्रस्तुत नहीं की गयी है। प्रार्थीगण द्वारा स्वयंन्यायालय के समक्ष आत्मसमर्ण किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3297_201901-07-20192687
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> के शपथपत्र प्रस्तुत किये गयेहै। ", "दोनों जमानत प््रार्थनापत्र एक ही अपराध व एक ही अभियुक्त सेसम्बन्धित होने के <नाम> दोनों जमानत प्रार्थनापत्रों का निस्तारण एक साथ कियाजा रहा है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा सतीशचन्द द्वारा दिनांक 13.02.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई किदिनांक 12.02.2019 की <नाम> में ग्राम गढी <नाम> में <नाम> मन्दिर के 40 घण्टे,मन्दिर के गेट की कुनदी काटकर अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी <नाम> लिये गये। इसकेअतिरिक्त सन्तोषी माता के मन्दिर क दो घण्टे, हनुमान <नाम> के मन्दिर से एक घण्टाभी चोरी <नाम> लिया गया है। सभी घण्टों का वजन करीब 100 किलोग्राम है। वादीकी उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमा पंजीकृत हुआ। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। उसके पास से कोईबरामदगी नही है। यह भी तर्क किया गया कि उसे <नाम> अभियुक्त के बयान केआधारपर अभियुक्त बनाया गया है। <नाम> अभियुक्त रमजानी की जमानत हो चुकीहै। जमानत के आधार पर्याप्त हैं, जमानत <नाम> दी जाये। ", "विद्वान लोक अभियोजक की ओर से जमानत प्ररार्थनापत्र का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त घटना कारित करने में संलिप्त रहा है। उसके पास से बरामदगी भी है। उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "— 2 —_्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान लोक अभियोजकको सुना, पत्रावली का परिशीलन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त रमजानीको दिनांक 11.04.2019 को गिरफतार किया गया है और उसक द्वारा बयान मेंबताया गया कि वह तथा सतेन्द्र एक साथ मिलकर लूट और चोरी की बारदातकरते हैं। दोनों ने मिलकर शमशाबाद <नाम> के मन्दिर से रात में करीब दो माह पहलेघण्टे चोरी किये, 10 घण्टे सतेन्द्र के पास होना बताया। इसी आधार <नाम> उसेअभियुक्त बनाया गया है। <नाम> अभियुक्त रमजानी की जमानत हो चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2811_202025-09-20202455
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के पिता श्रवन <नाम> का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता एवेअभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र एवं अन्यसामग्री का सम्यक परिशीलन किया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता का कथनहै कि आवेदक / अभियुक्त को उक्त केस में परेशान करने <नाम> झूँठा फंसायागया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा किसी घटना को अंजाम नहीं <नाम> गयाहै। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई नशीली वस्तु बरामद नहीं हुईहै। घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्राएपत्र के साथ संलग्न 2शपथपत्र में दिये गये तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक/ अभियुक्त को जमानतपर छोड़ा <नाम> उचित होगा। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 17.09.2020 सेजेल में निरूद्ध है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक ने आवेदन पत्र का घोर विरोध करते हुए कहा कि इस मामले मेंअभियुक्त के पास से काफी <नाम> में नशीला पदार्थ गॉजा बरामद हुआहै। एनडीपीएस की <नाम> 50 तथा 57 का सहमति पत्र दाखिल करकेअनुपालन <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक / अभियुक्तको दिनांक 17.09.2020 को समय 6:05 बजे उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> व अन्यपुलिस कर्मचारियों द्वारा दौरान देखरेख <नाम> व्यवस्था / चेकिंग संदिग्ध व्यक्तिव वाहन गश्त करते समय प्लेटफार्म नं०-5 के ढलान के पास पाइपों के बीच बना रास्ता, रेलवे स्टेशन <नाम> कण्ट, वहद थाना जी0आर0पी0 आगराकैण्ट, जिला <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्त को पकड़ा गया। पकड़े गयेअभियुक्त ने अपना नाम <नाम> पुत्र श्रवण <नाम> बताया तथा उसके कब्जे सेदस किलोग्राम गॉजा बरामद किया गया। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध साम्रगी से स्पष्ट है कि इस मामले मेंआवेदक / अभियुक्त के पास से <नाम> किलोग्राम गाँजा बरामद होने काआरोप है, जो <नाम> <नाम> एक किलोग्राम से काफी अधिक है । धारा-37स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम के अन्तर्गत यह अवधारितकरने <नाम> पर्याप्त आधार नहीं है कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> रिहाहोने <नाम> वह पुन: अपराध में संलिप्त नहीं होगा। " ] }
0DENIED
Bail Application_7486_201903-01-20202635
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के <नाम> व पैरोकारराजवीर <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा अनुरोधतिवारी द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयीकि उसका बेटा प्रवेश <नाम> उफ पिन्टू <नाम> उम्र लगभग 26 वर्ष पिछलेडेढ़ वर्ष से महेन्द्र कैरियर कम्पनी <नाम> रोड, धारूहेड़ा, जिला <नाम> कम्पनीमें ट्रक संख्या-आर0जे0 02/जी0बी0 3714 को चला रहा था। दिनाक23.10.2019 को उसका बेटा समय 15:10 बजे महेन्द्र केरियर कम्पनी कीगाड़ी से स्पोर्ट ऑन लाजिस्टिक प्रा लि० कम्पनी धारूहेड़ा से <नाम> लेकररांची जा रहा था कि रास्ते में दूण्डला से रूट बदलने के संबंध मेंजीएपीछएस० के माध्यम से जानकारी होने के उपरान्त कम्पनी केकर्मचारियों द्वारा उसे सूचना दी गयी। सूचना मिलने <नाम> वह अन्य परिजनोंके साथ अपने बेटे की तलाश करता हुआ जीणपीछएस0० से <नाम> लोकेशन केमुताबिक आ रहाथा तो बहरामपुर के पास खेत में सड़क के किनारे उसके (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-05, आयर । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7486/2019जलवीर <नाम> बनाम राज्यबेटे की लाश पड़ी दिखायी दी। इससे स्पष्ट है कि अज्ञात बदमाश उसके बेटेकी हत्या <नाम> ट्रक को लूटकर ले गए और शव छिपाने के उद्देश्य से यहाँ फेक गए। उसके बेटे का शव खेत में पड़ा है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> आहइूजा एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को पूर्व <नाम> <नाम> सुना जा चुका है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र दिनाक10.12.2019 को न्यायालय द्वारा निरस्त किया जा चुका है। प्रार्थी का यहद्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहींहै। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी क विरूद्ध हत्या किएजाने के संबंध में कोई आरोप नहीं है। प्रार्थी के विरूद्ध <नाम> 411 भारतीयदण्ड <नाम> का आरोप लगाया गया है। प्रार्थी यह द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र इस आधार <नाम> प्रस्तुत <नाम> रहा है कि प्रार्थी के विरूद्ध मात्र <नाम> 411भारतीय दण्ड <नाम> के आरोप हैं। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थीकी दीपावली के त्यौहार <नाम> पुलिस से कहा सुनी हो गयी थी जिससे कुपितहोकर प्रार्थी का नाम इस मामले में संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त घटना में संलिप्त रहा है। अभियुक्त कीदुकान से लूट का <नाम> बरामद किया गया है जिसे अभियुक्त द्वारा विकयहेतु अपनी दुकान में रखा हुआ था। अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पन्न पूर्व में निरस्त किया जा चुका है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ " अभियोजनप्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7486/2019जलवीर <नाम> बनाम राज्यमें घटना दिनाक 23.10.2019 की बतायी गयी है। इस मुकदमा अपराध संख्यामें <नाम> 302, 394, 201, 411/34, 307, 120बी भारतीय दण्ड <नाम> व धारा15 दस्यु प्रभावी <नाम> अधिनियम में प्रार्थी का जमानत प्रार्थना पत्र इसन्यायालय द्वारा दिनाक 10.12.2019 को गुण-दोष के आधार <नाम> निरस्त कियाजा चुका है। द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र में प्रार्थी द्वारा कोई नया आधार नहींलिया गया है तथा <नाम> ही किसी नए साक्ष्य का वर्णन किया गया है। प्रार्थी द्वारा <नाम> 411/34 भारतीय दण्ड <नाम> व <नाम> 15 दस्यु प्रभावितक्षेत्र अधिनियम में द्वितीय जमामत प्रार्थना पत्र इस आधार <नाम> प्रस्तुत कियागया है कि मामले में उसके विरूद्ध आरोप पत्र मात्र <नाम> 411/34 भारतीयदण्ड <नाम> व <नाम> 15 दस्यु प्रभावित <नाम> अधिनियम में प्रस्तुत किया गयाहै। न्यायालय द्वारा प्रार्थी का जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> 411/34 भारतीयदण्ड <नाम> व <नाम> 15 दस्यु प्रभावित <नाम> अधिनियम में भी पूर्व में निरस्तकिया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_7232_201911-12-2019700
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> पुत्रश्री <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> थाना जी.आर.पी.कैण्ट जिला <नाम> द्वारा दिनांक 13.11.18 को समय 17.10 बजेजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण आसिफ, शिवम रेकवार, अरबाज, व शिवम सिसौदिया के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर आसिफ है जो अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रेनो में यात्रियों के सामान चोरी करने के अभयस्थ अपराधी हैं और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त रहते है। ", "अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 व 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है जिसके <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध मुदकदमा पंजीकृत कराने एवं गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया हैै। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त केस में झूँटा फसाया गया है जबकि उसने कोई अपराध कारित नही किया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों मं उसकी जमानत हो चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त की गिरफतारी व बरामदगी के समय कोई भीजनता का स्वतंत्र <नाम> नही दर्शाया गया है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोईजमानत प््रार्थनात्र किसी न्यायालय मों लम्बित नही है। वह दिनाक 16.11.2018 से जेल में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 507/18 धारा-379, 411 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला <नाम> । ", "(2) असं. 555/18 धारा-401 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला <नाम> । 9(3) अ.सं. 563/18 धारा-414 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला <नाम> । के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर ट्रेनो में यात्रियों के सामान चोरी करने काअभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर द्रेनो में यात्रियों के सामान चोरी करने से संबंधित अपराधके तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1154_202123-02-20212019
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प््रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र <नाम> <नाम> पुत्र श्रीसुखेन्द्र <नाम> का इस आशय का दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी /अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भीप्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिजकिया गया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किदिनांक 18.12.2019 को वादी उ0नि0 <नाम> <नाम> मय हमराही पुलिसकर्मियों के सदिग्धवाहन व व्यक्ति की चैकिंग <नाम> अन्दर इलाका थाना <नाम> छत्ता में मामूर होकर आस्थ्ज्ञासिटी सैन्टर के सामने पहुंचा, तो एसओजी टीम प्रभारी उ0नि0 <नाम> हरवेन्द्र <नाम> मयहमराही पुलिसकर्मियों के वहीं खड़े हुए मिले। तभी मुखबिर खास ने आकर सूचना दी किजन्नत होटल के पास गली में कुछ लोग आपस में पुलिस भर्ती में हेराफेरी और लेन-देनकी बात <नाम> रहे हैं। मुखबिर की सूचना <नाम> विश्‍वास करके जब पुलिसवाले वहां पहुंचे तोदेखा कि <नाम> नम्बर की मारूति टॉरस गाड़ी खड़ी है, उसी में बैठे हुए व खड़े हुए व्यक्तिपुलिस भर्ती में हेराफेरी व लेन देन की बात <नाम> रहे हैं। पुलिसवालों ने एक बारगी दविशदेकर कुल 6 व्यक्तियों को पकड़ लिया। पकड़े गये अभियुक्तों से कड़ाई से पूछने <नाम> Bail Application/2340/2021 -Veenu @ Nirdesh Vs. UP State 2 अभियुक्त <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> रामशंकर ने बताया कि <नाम> मैं और आशीष, <नाम> व गिरजेश, <नाम> <नाम> और बीनू पुत्र नामालूम मिलकर लोगों को सरकारी नौकरीदिलाने का ठेका लेते हैं और मिलने वाले पैसों को आपस में बांट लेते हैं। अभियुक्तगण कोउनके जुर्म से अवगत कराकर हिरासत में लिया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी /अभियुक्त कोमहज तंग व परेशान करने के लिए झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट गलत एवंमनगढ़त तथ्यों <नाम> भ्रामक तौर <नाम> लिखायी गयी है, प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थी / अभियुक्तके पिता का नाम नामालूम <नाम> है एवं निवास स्थान भी गलत <नाम> किया गया है। पुलिस द्वारा अपना गुडवर्क दिखाने की खातिर प्रार्थी / अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। उपरोक्त मुकदमें में प्रार्थी / अभियुक्त के सहअभियुक्तों की जमानत स्वीकार की जा चुकीहै। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही पूर्व में सजायाफ्ता है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 11.02.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त की जमानत दिनांक 11.02.2021 को माननीय अवर न्यायालय के द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानतपर <नाम> किये जाने का निवेदन किया गया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक)के द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प््रार्थी/अभियुक्त सहअभियुक्तों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार <नाम> मूल अभ्यर्थी के जगह दूसरे अभ्यर्थी को बैठाकरउत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2008 में सांठ गांठ <नाम> नौकरी दिलाने का ठेका लेते हैं। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा जमानत का दुरूपयोग <नाम> फरार होने तथा पुनः अपराध कारितकिये जाने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी एवं अन्य प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया। ", "केसडायरी एवं एफ0आई0०आर0 तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है किप्रार्थी / अभियुक्त <नाम> फर्जी दस्तावेज तैयार <नाम> मूल अभ्यर्थी के जगह दूसरे अभ्यर्थी को बैठाकर नौकरी लगवाने का ठेका लेने का आरोप है। ", "उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि प््रार्थी/अभियुक्त को मौके सेगिरफ्तार नहीं किया गया है। <नाम> अभियुक्त के इकबालिया बयान के आधारप्रार्थी / अभियुक्त का नाम <नाम> में आया है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। ", "सहअभियुक्तगण की जमानत पूर्व के मेरे समकक्ष न्यायालयों द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। इस स्तर <नाम> अभियोजन की ओर से अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहींकिया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 11.02.2021से जिला कारागार में निरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_7241_201907-01-20202485
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्ता की पैरोकार/ बहन श्रीमतीसरिता का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसके अनुसार प्रार्थिया/ अभियुक्ता का यह प्रथम जमानत आवेदन है। इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थिनी अभियुक्ता को उपरोक्तमुकदमे में झूँठा फॅसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 30.11.2019 कोवादी उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराही कर्मचारीगण महिला एच0सी0 120साधना <नाम> व कॉ० 646 देवनारायण <नाम> व कॉ० 1001 <नाम> <नाम> व कॉ 170 <नाम> <नाम> व कॉ० 512 शनिकुमार के थाना हाजा से वाहवाले रपट संख्या 9 समय05.50 बजे वास्ते प्रातःकाल चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति / वस्तु मोर्निंग गइत आउटर काडन वसर्कुलेटिंग एरिया रेलवे स्टेशन <नाम> कैन्ट में मामूर थे। जब वे लोग आउटर चैकिंगकर वापस खेरिया मोड पुल के नीचे आए और रेलवे पटरी के रास्ते चैकिंग करते हुएस्टेशन की तरफ पैदल-पैदल जाने की <नाम> बना रहे थे कि उसी समय मुखबिरखास ने सूचना दी कि पुल क नीचे पुराना कैबिन के पास बैठी हुई तीन महिलाएँ ट्रेन 2में चोरी की <नाम> बना रही है। यदि जल्दी की जाए तो पकड़ी जा सकती है। इससूचना <नाम> विशवास करे आने जाने वाले <नाम> के <नाम> फराहम करने की कोशिश कीतो भलाई बुराई कोई भी व्यक्ति गवाही के लिए तैयार नहीं हुआ और <नाम> नाम पताबताए चले गए। बामजबूरी पुलिस वालों ने एक दूसरे की तथा महिला हमराहीयान नेखुद की जामा तलाशी ले देकर विशवास किया कि जुर्म से सम्बन्धित कोई वस्तु किसीके पास नहीं है। इसके उपरान्त वे पुलिस वाले मय मुखबिर के स्थान की तरफ चल दिए तो मुखबिर ने आगे चलकर पुल की दीवार की आड़ से छिपकर इशारे करकेबताया कि <नाम> जो तीन औरतें बैठी हुई हैं वही चोरी की <नाम> बना रही हैं औरमुखबिर चला गया। उसके उपरान्त इन पुलिसवालों ने दबे पाँव पुरानी कैबिन कीउत्तरी दीवार की आड़ में छिपकर सुना तो तीनों महिलाएँ आपस में बात चीत <नाम> रहीहै। एक महिला ने कहा <नाम> तू मेरे साथ रहना और पूमा हमारे पीछे ट्रेनों में चढेगी। आज फिर किसी लेडीज <नाम> का लेडीज पर्स साफ करेगे। इस <नाम> दूसरी महिला नेकहा <नाम> तू ठीक कह रही है। आज हम दोनों <नाम> ज्यादा जिम्मेदारी है क्योंकिसुनीता दीदी <नाम> <नाम> नहीं आयी है। ट्रेनों का टाइम हो रहा है। चलो अब स्टेशन परही चलते है। चलों वही प्लेटफार्म <नाम> ही बैठेगें। इन पुलिसवालों को पूर्ण विश्‍वास होगया कि यह तीनों महिलाएँ चोरी की <नाम> बना रही है। तभी इन पुलिसवालों नेएकबारगी दबिश देकर घेर <नाम> समय करीब प्रात: 07.40 बजे हस्व कायदा पकड़ लिया। ", "पकड़ी गयी महिलाओं से नाम पता पूछते मान <नाम> को दृष्टिगत रखते हुए महिलामुख्य आरक्षी द्वारा जामा तलाशी ली गयी तो पहली महिला ने अपना नाम <नाम> पत्नीअजय बुध उर्फ शत्रू निवासी झुग्गी झोपड़ी कसबा छत्ता थाना छत्ता, <नाम> हाल पताझुग्गी झोपड़ी <नाम> टॉकीज के पास थाना शाहगंज, <नाम> उम्र 25 वर्ष बताया। जिसकी जामा तलाशी से पहने ब्लाउज से गुलाबी रंग के छोटे बटुए से एक अदद पीली धातु की चैन <नाम> हुई तथा दाहिने हाथ में पकड़ा हुआ एक अदद मोबाइल फोनरंग काला पैनासोनिक कम्पनी का बरामद हुआ। पकड़ी गयी महिलाओं से बरामदमोबाइल फोन, चैन, अंगूठी, रूपयों के बारे में पूछा तो <नाम> माफी मांगते हुए कहनेलगी बाबूजी मेरे पास जो आपने सोने की चैन बरामद की है वह हम तीनों तथाहमारी एक साथी <नाम> जिसके <नाम> का नाम उसे मालूम नहीं है। वह गुलफाम याअन्य कोई व्यक्ति हो सकता है। जिसने अपना पहला हिन्दू <नाम> छोड़ <नाम> है जो झुग्गीझोपड़ी <नाम> टॉकीज के पास <नाम> में ही रहती थी। वहाँ से छोड़कर वह अबसादाबाद या शिकोहाबाद की रहने वली है। उसे पक्का नहीं मालूम उसके साथ मिलकरराजामण्डी रेलवे स्टेशन <नाम> <नाम> <नाम> पहले ताज एक्सप्रेस ट्रेन में चढते समय एकमहिला <नाम> का एक <नाम> का चैन खोलकर चोरी किया था। उस पर्स में चैन अंगूठीऔर नगद 9400/-रूपये थे। जिसको हमने आपस में बॉट लिया था। मेरे हिस्से मेंउस चोरी में से यही चैन आयी थी जो आपने मेरे पर्स में से बरामद की है और <नाम> के हिस्से में वही चोरी किया मोबाइल फोन और 2400/-रूपये आए थे और <नाम> केहिस्से में उसी चोरी की एक लेडीज अंगूठी तथा पूमा के हिस्से में उसी चोरी में से7000/ रूपये आए थे तथा जो आपने मेरे हाथ से मोबाइल फोन बरामद किया है वहमेने ट्रेन में ही एक महिला <नाम> का चोरी किया था। यह काफी पहले की बात है। ट्रेनऔर तारीख मुझे याद नहीं है। आज हम चोरी करने रेलवे स्टेशन <नाम> ट्रेन पकड़ने जारहे थे कि आपने हमें पकड़ लिया। ", "प्रार्थिया/ अभियुक्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा तक॑प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थिया/ अभियुक्ता निर्दोष है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसे उक्त केस में पुलिस ने झूठा फॅसाया है। प््रार्थिया/अभियुक्ता का नामएफ०आई०आर0० में गलत तरीके से लिखाया गया है। प्रार्थिया/ अभियुक्ता के ऊपर झूठाकेस लगाया गया है। प्रार्थिया/ अभियुक्ता दिनांक 30.11.19 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प््रार्थिया/अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थिया/ अभियुक्ता विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। उक्त आधारों परप्रार्थिया/ अभियुक्ता को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए अभियुक्ता काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैनें प्रार्थिनी / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ", "पत्रावली के परिशीलन से स्पष्ट है कि प्रार्थिया/अभियुक्ता को <नाम> 401भा०दं0सं0 में चोरी की <नाम> बनाते हुए गिरफूतार किया <नाम> बताया गया है। मुकदमा चोरी में अज्ञात में दर्ज होना बताया गया है। प्रार्थिया/अभियुक्ता महिला हैतथा थाने से उसका अन्य कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया जा सका है। प्रस्तुत प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है तथा प्ररार्थिया/ अभियुक्ता उक्तप्रकरण में दिनांक 30.11.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। वर्तमान प्रकरणकी <नाम> अभियुक्तागण <नाम> व <नाम> की जमानत सत्र न्यायालय स्तर से स्वीकारकी जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_145_202014-01-20202275
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन मेंबासदेव का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं किवादिया मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 07.01.2017 कोसमय 13.55 बजे थाने <नाम> यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि वह अनुसूचितजाति खटीक है। इसलिए <नाम> उसके परिवार के साथ मारपीट <नाम> भय दिखाकरउसके मकान <नाम> जबरदस्ती कब्जा करने का प्रयास दिनांक 01.01.2017 को सुबह10.00 बजे बबलू, विनीत, <नाम> अपने कई आपराधी तत्वों के साथ लेकर उसके परकब्जा करने लाठी-डन्डों सहित जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुएगाली-गलौज करते हुए जबरदस्ती घुस आये। उसके परिवार के साथ मारपीट की। उसी <नाम> <नाम> को करीब 07.00 बजे <नाम> <नाम> व 15 लोगों के साथ फिरउसके घर <नाम> हमला किया। जिस <नाम> पुलिस आई तो सभी अपराधी तत्व भागगये । दिनांक 04.01.2017 को समय 10.00 बजे प्ररार्थिया द्वारा अपने घर की मरम्मतकरा रही थी कि बबलू, मुलायम, विनीत, <नाम> सुनीत तथा अन्य लोग उसके घरमें जबरदस्ती लाठी-कट्टे लिये घुस आये और आते ही कहा कि साली खटीक तेराबहुत दिमाग खराब है। इस लायक नहीं छोडेगें कि पुलिस बुला सके। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को झूठा फसाया गया है। उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। वह निर्दोष है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि दिनांक04.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया किवादी पक्ष का एक प्लाट मौजा ककरेठा में हैं जिसके सबंध में वाद सं01058/2016 सिविल जज (सी0०डि0) में <नाम> <नाम> <नाम> कोकामल विचाराधीन है। वादिया कोकामल की पत्नी जिसका झगडा <नाम> <नाम> से चल रहा है। दोनोंपक्षों से अभियुक्त का कोई लेना-देना नही हैं पुलिस द्वारा जानबूझकर झूठा फसायागया है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि 01.01.2017 को विवादित जमीनके एक पक्षकार <नाम> <नाम> द्वारा एक एन सी आर सं0 01/2017 धारा323,504,506 भा०द0सं0 वादी पक्ष के विरूद्ध दर्ज कराई गई थी। जो तरुमीन होकरअपराध सं0 128/2017 हो गई। इसी से षंडयत्र करके झूठा फसाया गया हैं यहभी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि मामले में राजीनामा हो गया है। अभियुक्त को — 2 —_ जमानत <नाम> छोड़ने के आधार पर्याप्त हैं। जमानत <नाम> छोड़ा जाये। ", "वादी मुकदमा को नोटिस जारी की गई। उसकी ओर से कोईउपस्थित नहीं आया। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओरसे जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध किया गया और तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त क विरूद्ध <नाम> 323,504,506 भा०द0सं0 व <नाम> ३()ध एस.सी./ एस.टी. एक्ट के अरन्तगत आरोपपत्र अन्य अभियुक्तगण के साथ प्रेषित किया गया हैंअभियुक्तगण द्वारा अपराध कारित किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़नेका कोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्तगण के मध्यविवाद होने का भी उल्लेख हैं जिसके <नाम> घटना कारित किया <नाम> कहा गयाहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1300_202117-02-20212312
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में Aol GR TATहै। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की प्रतिदाखिल की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2265_202119-03-2021882
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2709_201924-05-20193675
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त आज <नाम> न्यायालय के आदेश से अंतरिम जमानत <नाम> थातथा उसने आज न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में अभिकथन हैकि आवेदक/ अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त को झूंठाफंसाया गया है। शपथपत्र में वर्णित तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाय। श्रीमती <नाम> <नाम> जो अभियुक्त की पत्नी है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करतेहुए कहा गया है कि अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त कोझूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त घटना स्थल से गिरफूतार नहीं हुआ है। अभियुक्त केकब्जे से अपराध से संबंधित कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट तीनदिन विलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा विलम्ब का कोई संतोषजनक स्पष्टीकरणनहीं <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त तथा उसके परिवार की सभीमहिलाओं को नामित किया गया है। अभियुक्त की पुत्री जो शादीशुदा है तथा ससुरालमें रहती है, उसको भी नामित किया गया है। एस.सी.एस.टी. एक्ट के अपराध कोछोड़कर अन्य अपराध जमानतीय हैं। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौ0) द्वारा किया गया। 2मैंने पत्रावली एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का सम्यकपरिशीलन किया। मैंने प्रथम सूचना रिपोर्ट का सम्यक परिशीलन किया जिससे स्पष्टहै कि वादी मुकदमा <नाम> धोबी ने थाने <नाम> तहरीर दी कि वह धोबी जाति काहै। दिनांक 20.03.2019 की <नाम> 8 बजे अपने घर <नाम> सो रहा था तभी उसकीबकरी की चिल्लाने की आवाज आयी, जाकर <नाम> तो वादी के गांव के सोनूगूजर, रामवरन गूजर उसकी बकरी को चुराकर ले जा रहे थे। रोकने <नाम> उसेगालीगलौज की तथा बकरी को छोड़कर भाग गये। दुबारा <नाम> 8.30 बजे उपरोक्त लोग सोनू गूजर, रामवरन गूजर, <नाम> <नाम> कु0 <नाम> तथा श्रीमतीवीनेश एकराय होकर घर <नाम> लाठी डण्डों के साथ आये तथा घर में घुस गयेतथा गाली देने से <नाम> करने <नाम> कहा कि धोबियो यहां से भागो तथा जातिसूचकशब्दों का प्रयोग <नाम> लाठी डण्डों से मारपीट शुरू <नाम> दी जिससे वादी काभतीजा <नाम> एवं भाभी <नाम> <नाम> के सिर में चोटें आयीं। चीख <नाम> पड़ौसीइकट्ठा हो गये, तब जाकर <नाम> बची। उपरोक्त लोग जाते-जाते <नाम> से मारनेकी धमकी देते हुए चले गये। " ], "judge-opinion": [ "मेंने केस डायरी व संबंधित थाने की आख्या का सम्यक परिशीलन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट से स्पष्ट है कि घटना दिनांक 20.03.2019 कीहै तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनाक 23.03.2019 को दर्ज करायी गयी है। विलम्बसे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने का कोई उचित स्पष्टीकरण नहीं दियागया है। पत्रावली <नाम> कोई चिकित्सीय आख्या उपलब्ध नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4381_202019-01-20213508
agra
{ "facts-and-arguments": [ "UPAG<फ़ोन-नंबर>0जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-4499 / 2020अशोक उर्फ गोविन्द पुत्र <नाम> <नाम> चन्द, उम्र करीब 68 वर्ष । निवासी-ग्राम ऊँटगिरी, थाना खेरागढ, जिला आगरा। प्रार्थी / अभियुक्त बनामराज्य‘arealमु0अ0सं0: 144 / 2020धारा: 504 भा0द0सं0थाना खेरागढ, <नाम> । ", "प्रार्थी, अभियुक्त <नाम> उर्फ गोविन्द की ओर से मु0अ0सं0144 / 2020 अंतर्गत <नाम> 1447, 149, 323, 304 भा0द0सं0 थाना खेरागढ, जिलाआगरा व मु0अ0सं0 144 / 2020 अंतर्गत <नाम> 504 भा०द0सं0 थाना खेरागढ, जिला <नाम> के प्रकरण में प्रथक-प्रथक प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र माननीय सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है जो <नाम> अनुसार निस्तारण <नाम> स्थानांतरण द्वारा इस न्यायालयको प्राप्त हुए है। दोनों प्रार्थनापत्र एक ही अपराध व एक ही अभियुक्त से सम्बन्धित Bail Application / 11242 /2020 -Ashok @ Govind Vs. UP State 2 होने के <नाम> दोनो जमानत प्रार्थनापत्नों का निस्तरण एक साथ किया जा रहा है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 25.10.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि गाँव के पास एक मन्दिरहै। जिस <नाम> पुराना विवाद चल रहा है। जो <नाम> न्यायालय में विचाराधीन है। दिनांक 25.10.2020 को सुबह समय करीब 09.00 बजे विपक्षी उमेश चन्द, अजय,ज्ञानेन्द्र मन्दिर की सफाई एवं पुताई करने के लिए आये तो वादी के पिता <नाम> दिलीपने उन्हें <नाम> करने से <नाम> किया और कहा कि मामला जब न्यायालय में विचाराधीन है तो आप इसकी पुताई क्‍यों <नाम> रहे हो। इस <नाम> वह लोग विवाद करने लगे एवंअपने परिवार के शुभम उर्फ चन्की, <नाम> व <नाम> <नाम> <नाम> उर्फ गोविन्द कोवही मन्दिर <नाम> बुला लिया। सभी लोगों ने मिलकर वादी के पिता <नाम> के साथमारपीट की। कहा कि आज तुझे रास्ते से हटा देगें। उसके पिता चिल्लाये तो बराबरके घर से वादी की माताजी बचन्द्रप्रभा, मौसी <नाम> व पत्नी <नाम> दौडकर मौके परआई। पिताजी को बचाने का प्रयास करने लगी। उन लोगों ने उनके साथ मारपीट की। शोर शराबा सुनकर मौके <नाम> धर्मेन्द्र, <नाम> <नाम> <नाम> व सन्‍्तोषी भी मौके <नाम> आये। वादी के पिता को बचाने का प्रयास किया। किन्तु वह लोग नहीं <नाम> वादी केपिताजी की पीट पीट <नाम> हत्या <नाम> दी। वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण उमेश चन्द, <नाम> ज्ञानेन्द्र, शुभम उर्फ चन्की, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> उर्फ गोविन्द के विरूद्ध मुकदमा अपराधसंख्या 144 / 2020 <नाम> <नाम> 147, 149, 323, 302 भा०द0सं0 थाना खेरागढ <नाम> प्राथमिकी <नाम> की गई। विवेचना के दौरान उक्त अपराध से <नाम> 302 भा०द0सं0का लोप करते हुए अपराध में <नाम> 304,504 भा०द0सं0 की बढोत्तरी की गई । ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष व निरपराध है। प्रार्थी / अभियुक्त को झूठा फसाया गया है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि <नाम> की पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रथम सूचना रिपोर्टसे मेल नही खाती है। मृतक के शरीर <नाम> किसी प्रकार की कोई चोट नहीं <नाम> गईहै। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि मन्दिर प्रार्थी / अभियुक्त के पूर्वजों के द्वारा Bail Application / 11242 /2020 -Ashok @ Govind Vs. UP State 3बनवाया गया था। जिस <नाम> मृतक आदि के द्वारा अनाधिकृत <नाम> से दुकानों का निमार्ण <नाम> लिया गया। जिसके सबंध में मृतक के <नाम> <नाम> <नाम> के विरूद्धराजस्व सहिंता के अर्न्तगत वाद विचाराधीन है। प्राथमिकी में कोई <नाम> दर्शित नहींकी गई। हैं अभियुक्त तहसील में अधिवक्ता है और उम्र दराज व्यक्ति है। अभियुक्तदिनांक 25.10.2020 से कारागार में निरूद्ध है, अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीप्रार्थना की गई । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत काविरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त प्राथमिकी में नामित हैं। ", "अभियुक्त के द्वारा अन्य सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर मन्दिर को लेकर वादी केपिता व वादी के परिजनों के साथ मारपीट की। मारपीट मे वादी के पिता की मृत्युकारित हुई। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है, अत: जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्र अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर अपने सामान्य उद्देश्य की पूर्ति में वादी के पिता वउसके परिजनों को मारपीट <नाम> उपहति कारित की। मारपीट में वादी के पिता कीकारित करने और गाली-गलौज कारित करने का आरोप है। ", "केस डायरी में स्वतंत्र <नाम> केशव <नाम> का बयान अर्न्तगत <नाम> 161 द0प्र0सं० <नाम> किया गया। जिसमें उक्त <नाम> के द्वारा कथन किया गया हैकि दलीप <नाम> उमेश आदि को मन्दिर में <नाम> करने के लिए <नाम> <नाम> रहे थे और Bail Application / 11242 /2020 -Ashok @ Govind Vs. UP State 4 वह लोग नही मान रहे थे। इसी बात को लेकर उमेश व उसके साथ ज्ञानेन्द्र <नाम> <नाम> व wha, <नाम> व <नाम> उर्फ गोविन्द, शुभम उर्फ चन्‍्की, उनको लगातारगाली-गलौज <नाम> रहे थे व धक्का मुक्की व मारपीट करते रहे। तथा वहाँ मौके परदिलीप की पत्नी व पुत्रवधू भी आ गईं थी लेकिन फिर भी वे सभी नही माने। मारपीटकरते रहे। जिसके <नाम> पिटाई व धक्का मुक्की से घबडाकर दलीप छाती पकड <नाम> नीचे बैठ गये और कुछ देर We asl Ash गये। उसके <नाम> उनको सरकारी अस्पताल <नाम> बेटा लेकर गया था। जहाँ <नाम> मृत्यु होना बताया गया। गवाहन <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व जीतू के बयान भी केस डायरी में दर्ज किये गये है। जिसमें उनके द्वारा कथन किया गया है। कि मुल्जिमान की गाली-गलौज, धक्कामुक्की व मारपीट से <नाम> की घबडाकर बैठ गये और फिर लुढक गये। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थ / अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय सं0 02, <नाम> द्वारा दिनांक 46.12.2020 व 1912.20290 को निरस्त किये गये हैं। जमानत प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> देवेन्द्र <नाम> आस्थानाका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "प्रार्थ /, अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादी के गाँव में मन्दिर है। जिसके सम्बन्ध में मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा हैं प्रार्थी / अभियुक्त के परिवारीजन जब मन्दिर की पुताई व रंगाई के लिए आये तो वादी के पिता ने मनाकिया और इसी बात <नाम> विवाद हो गया। अभियोजन का कथन है किप्रार्थी / अभियुक्त ने <नाम> अभियुक्तगण के साथ वादी के पिता <नाम> हमला किया और पीट पीट <नाम> मार डाला। इस सबंध में मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट केस डायरी केwe ders । fad Hey Gt oR Due to shock as a result ofMyocardial infraction M I sifea है। केस डायरी में विवेचक के द्वाराचिकित्सक डा0 <नाम> <नाम> का बयान <नाम> किया गया हैं जिसमें उनके द्वाराकथन किया है कि मृतक की मृत्यु का <नाम> <नाम> व झटका था। अन्य कोई बाहरीगम्भीर चोट नहीं थी। ", "केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियोजन पक्ष किसी भीअन्य आहत की कोई चिकित्सीय रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई हैं। प्राथमिकी मेंअभियुक्त की कोई स्पष्ट <नाम> इस स्तर <नाम> दर्शित नहीं हैं। अभियुक्त दिनांक 25. 10..2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1004_202010-07-20201301
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे मामले में झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त काक्षेत्र में कोई भय व आतंक व्याप्त नहीं है, वह किसी गैंग का सदस्य नहीं है और <नाम> हीलीड़र है। अभियुक्त दिनांक 15.06.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। इसलिये आवेदकको जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 14.04.2019 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> थाना एत्मादपुर, जिला <नाम> ने थाना एत्मादपुर <नाम> इसआशय की जुवानी सूचना दी कि जब वह देखरेख <नाम> व्यवस्था थाना <नाम> में मामूर था तोज्ञात हुआ कि थाना <नाम> में गैंग लीडर <नाम> <नाम> उर्फ करुआ उम्र 34 वर्ष पुत्ररामेश्‍वर <नाम> निवचासी नगला देवीराम थाना एत्मादपुर, <नाम> का एक सुसंगठितआपराधिक गैंग है जिसमें <नाम> पुत्र रामेशवर <नाम> निवासी नगला देवीराम थाना एत्मादपुरआगरा, माता <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी नगला गढ़ी बच्ची थाना एत्मादपुर <नाम> मेकूउफ लोकेन्द्र पुत्र माता <नाम> निवासी गढ़ी बच्ची थाना एत्मादपुर <नाम> वीनेश पुत्ररामबाबू निवासी नगला देवीराम थाना एत्मादपुर <नाम> तथा <नाम> पुत्र माता प्रसादनिवासी गढ़ी बच्ची थाना एत्मादपुर <नाम> गैंग के सदस्य हैं। यह गैंग आम <नाम> में घूमफिर करके साथ मिलकर, लोगों को <नाम> धमकाकर, जमीन <नाम> अवैध कब्जे व जबरन चौथ 2 वसूली जैसे अपरध कारित <नाम> अपने व अपने साथियों के लिये अनुचित, आर्थिक व भौतिकलाभ प्राप्त करने के लिये अपराध कारित करते हैं। अभियुक्त मेकू उफ लोकेन्द्र के विरुद्धअ0सं0 213/2018 <नाम> 387, 420, 467, 468, 471 भा0दं0सं0 थाना एत्मादपुर पंजीकृत है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठितगिरोह है, जिसका वह सदस्य है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंगचार्ट दाखिल है जिसमें अभियुक्त के विरुद्ध अमानत में खयानत करने का आरोप है। ", "अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त गैंग का सदस्य है तथा उसके विरुद्ध अपने साथियों के साथ मिलकर अमानत में खयानत करने का आरोप है । आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उसकीप्रकृति, अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुयेआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1932_202017-08-2020351
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी ,/ अभियुक्त की पत्नी <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> लवांनिया द्वारादिनाक 11.06.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी है कि दिनांक 11.06.2020 को सुबह ग्प्रमवासियों ने अवगत कराया कि विधालय में चोरी हो गयी है जब सुबहवह विधालय आया तो उसे मालुम हुआ कि विधालय की छत <नाम> लगे सोलर पैनल में सेचार सोलर प्लेट की चोरी हो गयी है। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अज्ञात में थाना अछनेरा में मुकदमा अपराध Bo 268 / 2020 अन्तर्गत <नाम> 379,411 भा० द0 सं0० में प्राथमिकी <नाम> कीगयी । Bail Application/6901/2020 -Mungeri Vs. UP State 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त के विरूद्द अज्ञात में मुकदमा अपराध संख्या 268 // 2020 अंतर्गत <नाम> 379भा०0दं०सं0 में दर्ज हुआ है एवं अभियुक्त का कब्जे से 1035 /-रूपये बरामद होनाकहाजाता है तथा जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> अभियुक्त को प्रस्तुत प्रकरण में नामित किया गया है। अभियुक्त मुनासिब जमानत देना चाहता है। उसे जमानत <नाम> रिहाकिया जाए । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में पांच मुकदमों काआपराधिक इतिहास है। अभियुक्त अभ्यस्त अपराधी है उसके द्वारा प्राइमरी स्कूल से चारसोलर पलेट चोरी किया गया है और उसे 5,000 /-रूपये में विकय <नाम> <नाम> गया हैतथा उसी पैसे में से 1035 /-रूपये उसके कब्जे से बरामद भी हुए हैं। प्रकरण गंभीर <नाम> का है। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रस्तुत प्रकरण में दिनांक11.06.2020 HT Sa आशय से मुकदमा <नाम> कराया गया है कि दिनांक 13.03.2020 से दिनांक 11.06.2020 के बीच में विधालय से <नाम> सोलर प्लेट चोरी हो गये हैं। मुकदमाअपराध संख्या 268 / 2020 अंतर्गत <नाम> 379 भा०दं0सं० में अज्ञात के विरूद्द दर्ज हुआ हैऔर दौरान विवेचना दिनांक 31.07.2020 को अभियुक्त को गिरफतार किया <नाम> कहाजाता है तथा अभियुक्त के जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> उक्त सोलर प्लेट5,000 /-रूपये में विकय करना तथा उसी में से 1035 /-रूपये अभियुक्त के जेब से बरामद होना कहा जाता है। मामला अज्ञात में दर्ज हुआ है तथा अभियुक्त के जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> उक्त रूपये बरामद होना उल्लिखित है। अभियुक्तदिनांक 31.07.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्र है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। पूर्व दोष <नाम> का कोई अभिलेख अभियोजन की तरफ सेप्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियुक्त का कथन है कि वह उपरोक्त सभी मामलों मेंजमानत <नाम> है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_861_202016-07-20201159
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> सलीमुद्दीन की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है कि अभियुक्तनिर्दोष है, उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त को दिनांक04.03.2020 को सुबह करीब 11.40 बजे पांच अज्ञात व्यक्ति तमंचा दिखाकर दुकान सेजबर्दस्ती कार से ले गये थे, जिसकी सूचना उसके पिता द्वारा विभिन्न अधिकारियों को डाकद्वारा दी गयी। गुडव्क दिखाने के लिये पुलिस द्वारा गलत तरीके से नामित किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 05.03.2020 से जिलाकारागार में निरुद्ध है। इसलिये आवेदक को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 09.03.2018 कोअरविन्द <नाम> प्रभारी निरीक्षक थाना जगदीशपुरा, <नाम> ने जुवानी सूचना थानाजगदीशपुरा <नाम> इस आशय की दी कि गैंग लीडर उस्मान उर्फ सद्दाम पुत्र सुभान निवासीदीप पुरम कालौनी औरंगाबाद थाना सदर जिला <नाम> अपने गैंग के सदस्यों <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाटव, <नाम> उर्फ पप्पू धर्मेन्द्र तथा <नाम> पारस के साथ गैंगबनाकर लूट / डकैती तथा हत्या के प्रयास जैसे जघन्य अपराध कारित करके धन अर्जितकरते हैं। <नाम> <नाम> में भय व आतंक है और इनके विरुद्ध कोई भी साधारण व्यक्तिगवाही देने को तैयार नहीं होता है। अभियुक्त उस्मान उर्फ सददाम के विरुद्ध थाने परअ0सं0 538/2017 <नाम> 395/412 भा0०दं0सं0, अ0सं0 626/2017 <नाम> 307 भा0०दं0सं0तथा अ0सं0 628/2017 <नाम> 3/25 आर्म्स एक्ट थाना जगदीशपुरा पंजीकृत हैं। 2विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठित गिरोह है, जिसका वह गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है जिसमें अभियुक्त के विरुद्ध लूट / डकैती व हत्या के प्रयास का आरोपहैं। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त गैंग का लीडर है। गैंग चार्ट के अनुसार अभियुक्त केविरुद्ध लूट / डकैती व हत्या के प्रयास का आरोप हैं। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकीप्रकृति, अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुयेआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6092_201931-10-20192242
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> व पैरोकार राजूसरोज के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाएसएएच०ओ० <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीपंजीकृत करायी गयी कि दिनाक 26.08.2019 को वह मय हमराहियान संदिग्धवाइन व व्यक्ति की चैकिंग में मामूर थे कि उसी दौरान एक बाइक, जिस परतीन व्यक्ति सवार थे, आती हुई दिखायी दी। पुलिस वालों को देखकरउन्होंने बाइक को पीछे मोड़कर <नाम> से भागना चाहा तो बाइक फिसल गयी,पीछे बैठा व्यक्ति गिर गया, अन्य दो बाइक <नाम> सवार होकर भागने लगे तथागिरा हुआ व्यक्ति उठकर जंगल में भाग गया। बाइक <नाम> सवार व्यक्तियों वभागे हुए व्यक्ति का पीछा किया तो उन्होंने <नाम> से मारने की नीयत सेपुलिस पार्टी <नाम> फायर किया गया। बचते बचाते आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> घेर <नाम> एक व्यक्ति को पकड़ लिया जिसने अपना नाम <नाम> बताया तथाभागे हुए व्यक्तियों का नाम कुरूआ उर्फ कालू <नाम> व दूसरे का नाम ज्ञातन होना बताया। जामा तलाशी से इससे एक अदद तमंचा व दो जिन्दाकारतूस बरामद किए गए। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 27.08.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। मुख्य अपराध में प्रार्थी कीजमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्यकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा शिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से नाजायज तमंचा वकारतूस बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6092/ 2019राजन बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> बिजेश कुमारसिंह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयासथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले सें घटनादिनोक 26.08.2019 की 21:30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> गिरफूतारी के दौरान उसके कब्जे से नाजायज तमंचा व कारतूस बरामद होने का आरोप लगायागया है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत दिनोक 14.10.2019 को इसन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी इस प्रकरण में दो माह सेअधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालयमें प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4974_201911-09-20194573
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता व पेरौकार राजूसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाएस०एच0ओ0० मणिकान्त <नाम> द्वारा दिनौक 22.10.2018 को थाने <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयी कि दिनांक 22.10.2018 कोउनके व मय हमराहियान के द्वारा वांछित अभियुक्तगण के संबंध में वार्ता कीजा रही थी कि उसी दौन मुखबिर की सूचमा <नाम> अन्य के साथ अभियुक्तअनिल को गिरफूतार किया गया तथा उसके कब्जे से एक तमंचा व एक जिन्दा कारतूस बरामद किय गया। तमंचा रखने का लाइसेंस तलब किया तोदिखाने में कासिर रहा। अभियुक्त को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासतपुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 22.10.2018 से जिला (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4974/ 2019अनिल कुमारबनाम राज्यकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। बरामदगीका कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय या अन्य किसी न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त कोपुलिस द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक नाजायज तमंचा व कारतूस बरामद किया गया है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली कासम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 22.10.2018 की समय 05:20 बजे की है। पत्रावली <नाम> उपलबधमाननीय उच्च न्यायालय द्वारा फौजदारी प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-993//2019 में पारित आदेश दिनाकित 05.08.2019 की छायाप्रति केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यअपराध में प्रार्थी की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी <नाम> माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालयमें प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3510_202005-11-20201292
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> इस्लाम कुरैशी की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी ऱ्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे इस मुकदमे में झूंठा फसाया गया है। अभियुक्त से कोईबरामदगी नहीं है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। सहअभियुक्त योगेन्द्र <नाम> उर्फ करू का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 25.09.2020 को स्वीकार किया जा चुका है। अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह दिनांक 24.08.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतःआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्त के साथ मिलकर वादिया से सोने की चेन की लूटकी गयी है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादिनी <नाम> द्वारा थाना सिकन्दरा परतहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 11.08.2020 को समय 6.40 बजे जब वह टहल रही 2थी, तब कैलादेवी चौराहा <नाम> पीछे से बाइक सवार दो अज्ञात लड़के उसके गले से सोने कीचेन खींचकर ले गये। वादिनी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> मु0अ0सं0 454 / 2020 अन्तर्गत <नाम> 392 भा0दं0सं0 पंजीकृत हुआ । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के <नाम> सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक,/ अभियुक्त द्वारासहअभियुक्त के साथ मिलकर वादिया से चेन लूटना बताया गया है। आवेदक / अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं है। सहअभियुक्त योगेन्द्रउफ करू का जमानत प््रार्थनापत्र दिनांक 25.09.2020 को स्वीकार किया जा चुका है। ", "आवेदक / अभियुक्त दिनांक 24.08.2020 से कारागार में निरुद्ध है। ", "जमानत प्रार्थनापत्र के निस्तारण के स्तर <नाम> मामले के गुणदोष <नाम> चर्चा किये बगैर न्यायालय का निष्कर्ष है कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4271_201906-08-2019982
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के फुफेरे <नाम> व पैरोकारअकरम के शपथ पत्र से समर्थित है । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा कमलचौरसिया द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयीकि दिनाक 01.07.2019 को प्रातः लगभग 10:30 बजे 500-600 के करीबमुस्लिम युवा हाथों में डंडे, सरिया और ईटों के टुकड़े लेकर सदर भट्टीचौराहे <नाम> स्थित दुकानदारों से मारपीट की, दुकानों <नाम> पथराव किया। जबदुकानदारों ने एकजुटता दिखायी तो अल्लाह हुअकबर के नारे लगाते हुए,गाली-गलौज करते हुए वहाँ से भाग निकले। प्रदर्शनकारियों मुख्य <नाम> सेश्याम दूधवाले, <नाम> शू मेटेरियल वाले, शानू मैटेरियल वाले,, <नाम> दासमैटेरियल वाले, मोनू सोल वाले, <नाम> फोम वाले एवं अनेक दुकानदारों कोबेइज्जत करा। इस संबंघ में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 02.07.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी को उसके बयान के आधार <नाम> मामले मेंअभियुक्त बनाया गया है। वादी पक्ष के किसी व्यक्ति के कोई चोट आदि नहींआयी है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआघारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है । ", "(2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4271/2019मुस्कीम बनाम राज्यविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्यव्यक्तियों के साथ मिलकर बलवा किया गया है तथा वादी व अन्य के साथमारपीट, गाली गलौज तथा दुकानदारों के गल्ले लूटने का प्रयास किया गयाहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी । " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनाक 01.07.2019 की समय 10:30 बजे की है तथा प्रथमसूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 01.07.2019 को समय 16:30 बजेअंकित करायी गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी परबलवा, गली-गलौज, मारपीट व लूटपाट का प्रयास करने आदि का आरोपलगाया गया है। अभियोजन द्वारा तथाकथित घटना में किसी भी व्यक्तिके घायल <नाम> होने के तथ्य को स्वीकार किया गया है। किसी चुटैल की कोईचिकित्सीय आख्या भी पत्रालवी <नाम> प्रस्तुत नहीं की गयी है। प्रार्थी एक माहसे जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्तगण कदीर, बिलाल, समीर,आमिर, फरहान की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकीहै । प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_309_202120-01-20213427
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार रविन्द्र पुत्र श्रीरामसेवक, निवासी-गांव छरी छप्पर थाना नसीरपुर, जिला <नाम> जो किप्रार्थी / अभियुक्त का मित्र है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है, उसे उक्त अपराध में राजनैतिक लोगों के कहने <नाम> झूंठा फंसा <नाम> गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी // अभियुक्तउपरोक्त अपराध में पूर्व में जमानत <नाम> था, लेकिन उसके विरूद्ध <नाम> जमानतीवारण्ट का आदेश जारी जो जाने के <नाम> उसने माननीय न्यायालय अतिरिक्तजिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-20 में दिनांक 11.01.2021 को वारण्टनिरस्त <नाम> प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया, जहां माननीय न्यायालय द्वारा वारण्ट प्रार्थनापत्रनिरस्त <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त अपराध में जेल भेज दिया। प्रार्थी / अभियुक्तदिनांक 11.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त कीपत्नी <नाम> 2014 में गर्भवती हो जाने के <नाम> से उसकी तबियत खराब हो गयी Bail Application/483/2021 -Avnish Kumar Vs. UP State 2और दिनांक 06.10.2014 को उसके जुड़वा दो बच्चे पैदा हुए, इस <नाम> उसने अपनेअधिवक्ता महोदय को बता <नाम> था कि मेरी पत्नी कमजोर हालत में है, उसके गर्भ मेंअल्टासाउंड से दो बच्चे है, उसका इलाज चल रहा है। इस <नाम> वह मा0० न्यायालय में नियत दिनांकों <नाम> आने में असमर्थ था। प्रार्थी / अभियुक्त के परिवार <नाम> आपत्त्तियों का पहाड़ टूटने लगा। <नाम> 2014 में उसके पिता की मृत्यु हो गयी, इस <नाम> भीवह न्यायालय में नियत दिनांकों <नाम> आने में असमर्थ रहा। उसके पिता की मृत्यु होजाने के <नाम> उसकी मां नेत्रविकार के <नाम> आंखों से अंधी हो गयी। प्रार्थी / अभियुक्त ही मात्र अकेला परिवार की देखरेख करने वाला व्यक्ति था। उसकीपत्नी कमजोर हालत में थी और उसके जुड़वा दो बच्चे थे, इस <नाम> वो उसकी मांकी देखरेख भी नहीं <नाम> पाती थी। प्रार्थी / अभियुक्त की पत्नी को उसके मायके वालेजुड़वा बच्चों के पालन <नाम> अपने घर <नाम> ले गये, उसके <नाम> से तो उसकी मां कोउसके अलावा अन्य कोई देखने वाला व्यक्ति नहीं रहा। प्रार्थी / अभियुक्त ही veनहलाता था, वह बहुत बीमार पड़ गयी, रुपयों के अभाव के <नाम> वह अपनी मां काअच्छा इलाज भी नहीं करवा पाया। इसी परेशानी में दिनांक 13.02.2020 को उसकीमां की मृत्यु हो गयी। उनका कियाकर्म करके प्रार्थी / अभियुक्त ने अपने पूर्व अधिवक्तामहोदय से अपने उक्त मुकदमे के बारे में जानकारी की तो उन्होंने कहा कि आपकेविरूद्ध माननीय न्यायालय द्वारा <नाम> जमानती वारण्ट का आदेश पारित <नाम> <नाम> है,तो उसने अपने अधिवक्ता से कहा कि मैंने आपको अपने परिवार की परिस्थितियों सेअवगत <नाम> <नाम> था, आपने मेरे साथ <नाम> नहीं किया है। दिनांक 20.03.2019 सेकोविड-19 के <नाम> लॉकडाउन लग जाने के <नाम> न्यायालय में कार्य सुचारू रूपसे <नाम> हो पाने के <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विरुद्ध जारी <नाम> जमानती वारण्ट केआदेश को मा0 न्यायालय में उपस्थित होकर निरस्त नहीं <नाम> पाया। प्रार्थी / अभियुक्तने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है और <नाम> ही निकट भविष्य में कोई गलतीकरेगा। पत्रावली में जिस दिनांक को उसके विरूद्ध <नाम> जमानती वारण्ट का आदेशकिया गया, उस दिनांक को उक्त पत्रावली वास्ते साक्ष्य <नाम> नियत थी, लेकिन मा0न्यायालय में उस दिनांक को कोई <नाम> भी न्यायालय में नहीं आया। उपरोक्तपारिवारिक परिस्थितियों व परेशानियों व मां की <नाम> में लगे रहने के <नाम> वह मा0न्यायालय में नियत दिनांकों को उपस्थित रहने में असमर्थ रहा है। उक्त परिस्थितियोंपर विचार <नाम> उसको दौराने विचारण मुकदमा जमानत <नाम> <नाम> किया जानान्यायोचित है। प्रार्थी / अभियुक्त अपनी उचित एवं विश्वसनीय जमानत दाखिल करनेको तैयार है और इस बात की भी अंडरटेकिंग देने को तैयार है कि वह मा0न्यायालय में दौराने विचारण नियत दिनांकों <नाम> उपस्थित आता रहेगा और कोई Bail Application/483/2021 -Avnish Kumar Vs. UP State 3अनावश्यक विचारण में देरी नहीं करेगा। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाये। ", "प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुतकिया है कि प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालयके आदेशानुसार जमानत <नाम> था। दिनांक 06.10.2014 को उसकी पत्नी के जुड़वाबच्चे पैदा होने तथा <नाम> 2014 में उसके पिता की मृत्यु हो जाने की बावत्‌ उसनेअपने अधिवक्ता को बता <नाम> था कि वह परेशान है और मा0 न्यायालय में नियतदिनांकों <नाम> आने में असमर्थ है। उसके पिता की मृत्यु हो जाने के <नाम> उसकी मांनेत्रविकार के <नाम> आंखों से अंधी हो गयी। प्रार्थी / अभियुक्त ही मात्र अकेला परिवारकी देखरेख करने वाला व्यक्ति था। प्रार्थ ,/ अभियुक्त ही उन्हें नहलाता था, वह बहुतबीमार पड़ गयी, रुपयों के अभाव के <नाम> वह अपनी मां का अच्छा इलाज भी नहींकरवा पाया और दिनांक 13.02.2020 को उसकी मां की मृत्यु हो गयी। उपरोक्तपारिवारिक परिस्थितियों व परेशानियों व मां की <नाम> में लगे रहने के <नाम> ae Aloन्यायालय में नियत दिनांकों को उपस्थित रहने में असमर्थ रहा है। जिस <नाम> उसकेविरूद्ध माननीय न्यायालय द्वारा <नाम> जमानती वारण्ट के आदेश जारी <नाम> दिये। प्रार्थी ,/ अभियुक्त द्वारा दिनांक 11.01.2021 को न्यायालय में उपस्थित होकर वारण्टनिरस्त <नाम> प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया, जिसे निरस्त <नाम> मा0 न्यायालय द्वाराप्रार्थी/, अभियुक्त को जिला कारागार भेज <नाम> गया। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 11.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त ने जानबूझकर कोईगलती नहीं की है। अतः उसे न्‍्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में काफी लम्बे समय से जानबूझकर गैर हाजिर हुआ था,जिस <नाम> उसके विरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू0 की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी,/, अभियुक्त की वजह से इस मामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथाप्रार्थी ,/ अभियुक्त द्वारा पूर्व में प्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंछन / दुरूपयोग किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से नीयत सेफायर किये जाने का अभियोग है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीरप्रकृति का है। उसे पुन: जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहींहै। अतः: जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकनकिया। Bail Application/483/2021 -Avnish Kumar Vs. UP State 4 पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त अवनीशइस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था। प्रार्थी / अभियुक्त सन्‌ 2014 से अनवरत अनुपस्थित है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा पूर्व मेंप्रदत्त जमानत का दुरूपयोग किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त की लगातार अनुपस्थितिके <नाम> विचारण की कार्यवाही विलम्बित हुई है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त की तरफ से अपनेप्रार्थनापत्र के साथ संलग्न शपथपत्र के कथनों के समर्थन में कोई चिकित्सीय प्रमाणपत्र या अन्य दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है। जमानत <नाम> <नाम> होकर पुनः उसकेफरार होने की प्रबल सम्भावना है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1013_202117-02-20212296
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में धीरज राठौरपुत्र जंगजीत <नाम> द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वहअभियुक्त <नाम> उर्फ <नाम> का बड़ा <नाम> है तथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुतनहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालयइलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी अपने दोस्त के घर <नाम> शान्ति नगर कॉलोनी मुगल रोड <नाम> नगर, कोठी के सामने अपनी मोटर साइकिल जिसकानं० यू0पी0 80 सी0जे0 9353 है वहां से कोई चोरी करके ले गया है। समय करीबशाम के 8:00 बजे। प्रार्थी ने 112 <नाम> भी कॉल किया था। उचित कार्यवाही करने की <नाम> करें। ", "आवेदकगण / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण द्वारा कोईअपराध कारित नहीं किया गया है। वह पूर्णतः निर्दोष हैं। पुलिस द्वारा प्रार्थीगण /अभियुकतगण को मुकदमे में झूंठा संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। एक ही मोटर साइकिलपर 4 अभियुकतगण के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। अभियुक्तगण से कुछबरामद नहीं हुआ है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। ", "प्रार्थी ,/ अभियुक्त दिनांक 08.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण द्वारासाथियों के साथ मिलकर वादी की मोटर साइकिल चोरी की गया है। अभियुक्तगण वउनके साथियों से मोटर साइकिल बरामद हुयी है तथा साथ में पांच अन्य मोटरसाइकिल भी अभियुक्तगण के कब्जे से बरामद की गयीं हैं। अभियुक्तगण काआपराधिक इतिहास है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्कों को सुना। केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। अभियुक्तगण द्वारा साथियों के साथ मिलकर मोटर साईकिलचोरी करना कहा गया है तथा अभियुक्तगण के कब्जे से चोरी की गयी मोटर साइकिलबरामद होना कहा गया है। अभियुक्तगण किसी भी प्रकार की बरामदगी से इंकार करतेहैं। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्तगण इस प्रकरण मेंझूठा फंसाना <नाम> है। अभियुक्तगण का आपराधिक इतिहास दर्शाया गया है, जिसकेसम्बन्ध में अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र की प्रमाणितछायाप्रति प्रस्तुत करते <नाम> कथन किया गया है कि अपराध सं० 22,/2021 अन्तर्गतघारा-414, 420, 467, 468 भा0द0सं० व 41,102 दएप्र0सं० में माननीय अपरजिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय सं०-1, <नाम> द्वारा दिनांक 08.02.2021को अभियुक्तगण का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जा चुका है। अभियुक्तगणदिनांक 22.01.2021 से जेल में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीयहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1350_202112-03-20211164
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्र्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> रोशनद्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का रिश्तेदार हैतथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्यन्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीनहै और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी आज अपराहन 3:45पी.एम. <नाम> एक स्टैम्प पेपर खरीदने के लिए <नाम> <नाम> कोर्ट गया था और वादी नेअपनी ग्रे कलर की हीरो हॉण्डा एच0एफ0 डीलक्स बाइक, जिसका नं0- यूएपी0 80सी0वी0 3553 है, को <नाम> कोर्ट के गेट नं0-3 के सामने खड़ी की थी। जब लगभग e Application No. 1350/2021 -Manish Chaudhary Vs. UP State8-10 मिनट के <नाम> वादी लौटकर आया तो बाईक वहां नहीं थी। कोई चोरी करके लेगया था। अतः रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि्रार्शी/अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी सेदर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। उसे गलत व झूठेतथ्यों के आधार <नाम> फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त अ0सं0 28/2021, थानासादाबाद कोतवाली, <नाम> के मुकदमें में दिनांक 14.01.2021 से जिला कारागार,अलीगढ़ में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त का बी वारन्ट माननीय न्यायालय में दिनांक02.02.2021 को प्रेषित किया गया, जिसके आधार <नाम> प्रार्थी को माननीय अवरन्यायालय द्वारा अपनी न्यायिक हिरासत में लिया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त से कोईबरामदगी नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त को दिनांक 12.01.2021 को पूछताछ के बहाने सेथाना सादाबाद की पुलिस घर से उठाकर ले गयी थी, <नाम> में गलत व झूठे तथ्यों केआधार <नाम> अपराध सं0-28/2021, <नाम> 411, 414 भा0द0स0 में नामजद <नाम> दियागया है। प्रार्थी/अभियुक्त के पास से एक अदद तमंचा 315 बोर मय दो कारतूसदिखायी है। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी का कोई समय नहीं दिखाया है और <नाम> ही जनताका कोई स्वतंत्र <नाम> है और <नाम> ही गोदाम प्रार्थी / अभियुक्त का है। मात्र प्रार्थी केजुर्म इकबाल के बयान के आधार <नाम> मुल्जिम बनाया गया है। उक्त बरामदगीअभियोजन के कथनानुसार <नाम> बरामदी है। घटना दिनांक 17.12.2019 की है, परन्तुजब से अब <नाम> कोई भी साक्ष्य प्रार्थी/अभियुक्त क विरूद्ध नहीं आया है। एक वर्ष सेअधिक की देरी के <नाम> उपरोक्त मुकदमें में प्रार्थी / अभियुक्त को संलिप्त <नाम> दिया,जबकि उपरोक्त मुकदमा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध दर्ज है। मु0अ0सं0 28/2021, धारा-411, 414 भा0द0स0, थाना-सादाबाद कोतवाली, <नाम> के मामाले मेंप्रार्थी / अभियुक्त की जमानत अपर जिला जज, न्यायालय सं0-3, <नाम> द्वारा दिनांक10.02.2021 को स्वीकृत की जा चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त कोई सजायाफ्ता मुल्जिमनहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारा दिनांक15.02.2021 को निरस्त हो चुका है। प्रार्थी/ अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की जाती है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा स्वयंउक्त मोटरसाइकिल चोरी किया <नाम> स्वीकारा है तथा सादाबाद, जिला हाथरसपुलिस द्वारा अभियुक्त को दिनांक 13.01.2021 को एक अदद तमंचा 315 बोर मय दोकारतूस तथा चोरी की गयी मोटरसाइकिलों व इंजन के साथ गिरफ्तार किया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त शातिर किस्म का व्यक्ति हैं, पुन: इस प्रकार केअपराध में सम्मिलित होने की <नाम> है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। यह 8) Application No. 1350/2021 -Manish Chaudhary Vs. UP Stateकहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारावादी की मोटर साइकिल चोरी किया <नाम> कहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। घटना दिनांक 17.12.2019 की दर्शायी गयी है जबकि प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनांक 29.02.2020 को देरी से दर्ज करायी गयी है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट देरी से दर्ज कराने का कोई समुचित स्पष्टीकरण अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहींकिया गया है। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभियुक्त कोउसके जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> उक्त मामले में नामजद किया गया है। अभियुक्त व अन्य को मु०अ0सं0 28/2021, धारा-411, 414 भा0०द0सए,थाना-सादाबाद कोतवाली, <नाम> के मामाले में दिनांक 13.01.2021 को गिरफ्तारकिया गया है, जिसमें प्रार्थी/ अभियुक्त के पास से एक अदद तमंचा 315 बोर मय दोकारतूस तथा सम्मिलित <नाम> से 23 मोटर साइकिल व वाहन के अन्य पार्दस कीबरामदगी कबाड़े के गोदाम से होना बतायी गयी है जो बदन <नाम> नामक व्यक्ति काहोना बताया गया है। चोरी व बरामदगी का कोई जनसाक्षी प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया है कि चोरी की मोटर साइकिलेंबरामदगी वाले मामले में अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 3, <नाम> सेअभियुक्त की जमानत दिनांक 10.02.2021 को स्वीकार की जा चुकी है तथा आदेशदिनांकित 10.02.2021 की सत्यापित छायाप्रति दाखिल की गयी है। अभियोजन द्वाराअभियुक्त का आपराधिक इतिहास बताया गया है परन्तु अभियुक्त को किसी मामले मेंदोषसिद्ध किये जाने का कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गयाहै। वर्तमान में सभी मामले विचाराधीन बताये गरें हैं। प्रार्थी/अभियुक्त को दिनांक02.02.2021 को जारी बी वारण्ट के आधार <नाम> इस अपराध में न्यायिक अभिरक्षा मेंलिया गया है। अभियुक्त मामले में झूंठा फसाना <नाम> है तथा किसी भी प्रकार कीबरामदगी से इंकार करता है। अभियुक्त उक्त मामले में बी वारण्ट के आधार परदिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ताद्वारा कशन किया गया कि मामले में <नाम> अभियुक्त नेत्रपाल <नाम> का जमानत्रार्थनापत्र माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ त्वरित न्यायालय सं0-01,आगरा द्वारा दिनांक 02.03.2021 को स्वीकार की जा चुकी है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4679_201916-09-20194105
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जिला आगरा। ", "आदेशदिनाक : 16.09.2018प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> उफ पड्डाकी ओर से मुकदमा अपराध संख्या-389/2018 अन्तर्गत <नाम> 392, 411भारतीय दण्ड <नाम> थाना हरीपर्वत, जिला <नाम> के मामले में प्रस्तुत कियागया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के पित्ता व पैरोकारमूलचन्द के शपथ पत्र से समर्थित है । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा शुभमचतुर्वेदी द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की आकित करायीगयी कि दिनाक 30.06.2019 को समय करीब 07:30 पी एम वह रविहास्पीटल से अपने घर पेदल मोबाइल परमैच देखते हुए जा रहा था। तभीछोटी जेल के पास पहुँचा तो पीछे से मोटरसाईकिल सवार दो लडकों नेझपटटा मार <नाम> उसका मोबाइल ले गये। जिसमें मो0गं<फ़ोन-नंबर>,<फ़ोन-नंबर> तथा आई एम ई आई नं<फ़ोन-नंबर>632 है । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजदनहीं है। प्रार्थी के विरूद्ध कोई साक्ष्य नहीं है। पुलिस द्वारा प्रार्थी को इसमामले में गलत <नाम> से फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी को घटनास्थल से (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-05, आयर । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4679 / 2019प्रदीप उर्फ पङ्डा बनाम राज्यगिरफतार नही किया गया और <नाम> ही प्रार्थी से कोई बरामदगी है। प्रार्थीदिनाक 03.07.2018 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीअन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकरवादिया मुकदमा से लूटपाट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त की विद्वान अधिवक्ता <नाम> सी0 बी सिंहएडवोकेट एवं विद्वान अभियोजन अघिकारी को सुना गया तथा अभियोजनप्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनाक 30.06.2019 की 19.30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट करने का आरोप लगाया गयाहै। केस डायरी के अमुसार प्रार्थी को दिनौक 07.08.2019 को पुलिसपार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से लूट से सम्बन्धितकोई <नाम> बरामद नही है। प्रार्थी को <नाम> अभियुक्त के बयान के आधार परअभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी एक माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3414_202022-10-20201644
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र केसमर्थन में <नाम> <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है किअभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््ार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसकेविरूद्ध गैंग चार्ट में जो अभियोग दर्शित किये गये हैं, उनमें उसकी जमानत हो चुकीहै। अभियुक्त किसी भी समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त नहीं है और <नाम> हीउसका समाज में भय व्याप्त है। अभियुक्त इस मामले में दिनांक 22.05.2020 सेन्यायिक अभिरक्षा में है। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि प्रभारी निरीक्षक प्रदीपकुमार द्वारा थाना डौकी, <नाम> <नाम> इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी कि गैंगलीडर <नाम> <नाम> का एक सुसंगठित गिरोह है तथा वह अपने सकिय सदस्य कुंवर सेनके साथ मिलकर लूट जैसे गंभीर अपराध कारित <नाम> आर्थिक <नाम> <नाम> धनोपार्ज करअपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। इनके विरूद्ध <नाम> का कोई भीव्यक्ति गवाही रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। अभियुक्तगण के विरूद्ध- 1. मु0अ०सं० 2598/2019 अर्न्तगत <नाम> 411,413,420 भा०दं0सं0 व 15द0प्रOक्षे अधिनियम थाना डौकी2. मु0अ०सं० ३331/2019 अर्न्तगत <नाम> 379,411 भा०दं0सं0 थानाफतेहाबाद, <नाम> Bail Application/9342/2020 —UP State Vs. kunwarsen 23. मु0अ०सं० ३352/2019 अर्न्तगत <नाम> 379,411 भा०दं०सं0 थानाफतेहाबाद, आगरा4. मु०अ०सं० 350/2019 अर्न्तगत <नाम> 379,411 भा०दं0संणथानाफतेहाबाद,आगरा5. मु0अ0सं० 243/2019 अर्न्तगत <नाम> 379,411 भा०दं0सं0 थानाशमशाबाद, आगरा6. मु0अ0सं० 186/2019 अर्न्तगत <नाम> 379,411 भा०दं०सं0 थानाशमशाबाद, <नाम> पंजीकृत हैं। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्मादपुर <नाम> <नाम> मु0अ0सं063, 2020 अर्न्तगत <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहा गयाहै कि अभियुक्त आदतन अपराधी है तथा गैंग का लीडर है। अभियुक्तगण का एकसंगठित गिरोह है। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्टदाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध छह मुकदमे दर्ज हैं, जो चोरी आदि से सम्बन्धितहैं। <नाम> अभियुक्त हरीसिंह की जमानत निरस्त हो चुकी है। अतः अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया । ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहांन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोईअपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "अभियुक्त कुंवरसेन गैंग का सदस्य होना कहा गया है। गैंगचार्ट के अनुसारउसके विरुद्ध अपने साथी के साथ मिलकर, चोरी आदि अपराध <नाम> अवैध <नाम> सेधन अर्जित करने का आरोप है तथा गैंग चार्ट में छह अभियोग पंजीकृत होना दर्शितकिया गया है। <नाम> अभियुक्त हरीसिंह की जमानत निरस्त हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराधकी गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण)अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> न्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3455_201917-07-20191807
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी ,/ अभियुक्त के <नाम> व पैरोकारगुलफाम के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा विकारअली द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयीकि दिनाक 04.12.2018 को समय करीब 03:30 बजे स्टेट बैंक किरावली सेअपनी माता <नाम> को पेंशन की <नाम> 30,000 /- रूपए निकलवाकर अपनीमाताजी व भतीजे के साथ वह चला तो करीब 100 मीटर चलने के <नाम> उसेपता चला कि उसकनी मोटरसाईकिल पंचर हो गयी है। पैसे एक पॉलिथिनमें उसके हाथ में थे तभी पीछे से दो व्यक्ति <नाम> पलल्‍सर मोटर साईकिल परआए और झपटूटा मारकर पैसे वाली पॉलिथिन लूट <नाम> ले गए। इस संबंध मेंप्राथमिकी <नाम> की गयी । ", "प्रार्थै / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3455 / 2019रंजीत उर्फ रियाज बनाम राज्यअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकरायी गयी है। प्रार्थी दिनाक 10.03.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। पुलिस से कहासुनी हो जाने के <नाम> प्रार्थी को झूठा फंसाया गया है। अभियुकक्‍त की कोई शिनाख्त कार्यवाही नहीं करायी गयी है। उसे इकबालियाबयान के आधार <नाम> झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभिसयुक्त के साथ मिलकर वादी मुकदमा के हाथ से रूपयों की पॉलिथिन लूटी गयी है जिसमें 30,000 /- रूपए व पासबुक थी। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त की विद्वान अधिवक्ता कु0 वन्दना एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा पत्रावलीका सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि घटनादिनाक 04.12.2018 की समय 15:30 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टसंबंधित थाने <नाम> दिनांक 0412.2018 को समय 18:15 बजे अज्ञात में <नाम> करायी गयी है। प्रार्थी को सह-अभियुकत के बयान के आधार <नाम> मामले मेंअभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी को दिनाक 16.04.2019 को गिरफतार कियाजाना दर्शित किया गया है। प्रार्थी के पास से प्रश्नगत मामले से संबंधितकोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी तीन माह से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुतनहीं किया गया है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुकाहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6095_201931-10-20192243
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता फौरन <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> सिंहपरमार द्वारा दिनाक 30.04.2019 को थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी <नाम> करायी गयी कि दिनाक 28.04.2019 को उसकी ट्रांसपोर्ट कम्पनीकी गाड़ी <नाम> से <नाम> <नाम> <नाम> व बर्तन अपनी स्कॉर्पियोसंख्या-आर0जे0 11 / वी0बी0 0055 में रखवाकर <नाम> ब्रांच रामदास मण्डीसर्राफ बाजार <नाम> को डिलीवरी देने चालक <नाम> <नाम> <नाम> व साथी कर्मचारी बन्टी <नाम> जा रहे थे। रास्ते में खडवाई नहर अटूस के पास गाड़ी लूट ली गयी है। इसकी सूचना चालक <नाम> ने मोबाइल <नाम> दी है। खड़वाईनहर से 4 मोटर साईकिल सवार अज्ञात व्यक्तियों दवज्ञरा गाड़ी को रोककर पत्शर से कॉच तोड़कर मोटरसाईकिल सवार तमंचा दिखाकर स्कॉर्पियों को अपने कब्जे में लेकर स्वयं चालकर रायमा फूलाई ओवर के नीचे ले गए। ", "किसी दूसरी गाड़ी में <नाम> लेकर व उन्हें वहीं हाथ बांधकर डाल, <नाम> <नाम> (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6095/2019केएके0 उफ नेत्रपा् बनाम राज्यलेकर फरार हो गए। उसका 23 पार्सलों में <नाम> के बर्तन व <नाम> थेजिनका वजन लगभग 250 किलोग्राम है। उसे शक है कि उसके पूर्व कर्मचारी भूरा उर्फ <नाम> <नाम> ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह घटनाकरवायी है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> आरणएस0कुशवाह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को विगततिथि <नाम> सुना जा चुका है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। वादी मुकदमा व प्रार्थी आपस में रिश्तेदार हैं। यदिप्रार्थी घटना में संलिप्त होता तो वादी मुकदमा द्वारा अभियुक्त का नाम प्रीमिसूचना रिपोर्ट में अवश्य लिखाया जाता। वादी मुकदमा द्वारा प्रथम सूचनारिपोर्ट शक के आधार <नाम> अन्य अभियुक्तगण के विरूद्ध दर्ज करायी गयी हैजबकि पुलिस द्वारा 12 अभियुक्तों को नामजद किया गया है । प्रार्थी की वादीमुकदमा या अन्य किसी <नाम> से शिनाख्त नहीं करायी गयी है। मात्र अन्यअभियुक्तों के बयान के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। घटना के पाचमाह <नाम> पुलिस द्वारा प्रार्थी के घर <नाम> दबिश दी गयी, तब प्रार्थी को ज्ञातहुआ कि पुलिस ने उसे अभियुक्त बना <नाम> है। प्रार्थी ने दिनांक 04.10.2019को न्यायालय में स्वयं आत्मसमर्पण किया है। न्यायालय द्वारा पुलिस केरिमाण्ड प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी को जिला कारागार से तलब किया गया था। ", "रिमाण्ड <नाम> सुनवाई के <नाम> पीठासीन <नाम> के विश्राम कक्ष में चले जाने के <नाम> मुकदमें के विवेचक ने प्रार्थी को धमकाया और दो कोरे कायजों परप्रार्थी से जबरन इस्ताक्षर करवा लिए। पुलिस प्रार्थी को रिमाण्ड <नाम> लेने केपश्चात गाड़ी में बैठाकर शहर में घुमाते रहे और उसके <नाम> थाने ले जाकर बैठा <नाम> तथा वादी मुकदमा से मिलकर उससे 6 किलो 700 ग्राम <नाम> केआभूषण मंगाकर उसे प्रार्थी से बरामद <नाम> <नाम> तथा न्यायालय में हस्ताक्षरकराए गए कोरे कागजों <नाम> फर्द बरामदगी लिख ली जिसका शिकायतीप्रार्थना पत्र प्रार्थी के पिता द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रेषित किया गयाहै । पूर्व में मिरफूतार अभियुक्तगण से <नाम> के आभूषण बरामद होना दर्शाया (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6095, 2019केछके0 उर्फ नेत्रपाल बनाम राज्यगया है तथा प्रार्थी से भी <नाम> के आभूषण बरामद होना दर्शाया गया हैजबकि वादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> के बर्तन एवं <नाम> की पायलकी लूट होना दर्शाया गया है तो फिर किसी भी अभियुक्त से <नाम> के बर्तनबरामद क्यों नहीं हुए, सभी से आभूषण ही बरामद दर्शाए गए हैं। प्रार्थी कीनिशानदेही <नाम> कोई बरामदगी नहीं हुई है। फर्द बरामदगी का झूठा नक्शाबनाया गया है। प्रार्थी व पुलिस उस <नाम> गॉव गयी ही नहीं थी, इस संबंध मेंगॉव के लोगों द्वारा दिए गए शपथपत्र संलग्न हैं। प्रार्थी का <नाम> भूरा उफ <नाम> तोमत व वादी <नाम> <नाम> <नाम> सांई ट्रैवल्स में पार्टनर थे जिसमेंप्रार्थी के <नाम> की बुलैरो गाड़ी भी कम्पनी में लगायी थी। वादी द्वारा प्रार्थी केभाई के हिस्से के रूपयों को हड़प लिया था जिसका तगादा प्रार्थी के <नाम> ने किया था तथा पंचायत भी जोड़ी थी जिस <नाम> दोनों के मध्य सनमुटाव होगया। प्रार्थी के <नाम> ने अपनी अलग कम्पनी खोल <नाम> थी इसलिए वादीरंजिश मानता था। प्रथम सूचना रिपोर्ट 27 घण्टे के विलम्ब से सोच समझकर लिखायी गयी है। देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी दिनाक 04.10.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बितनहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा की गाड़ी से कुल 250किलोग्राम <नाम> की लूट की गयी है तथा अभियुक्त की निशानदेही <नाम> 6किलो 700 ग्राम <नाम> बरामद भी की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ " अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 29.04.2019 की समय 11:30 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 30.04.2019 को ही समय 02:30 बजे आंकित (4)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6095/2019केएके0 उफ नेत्रपा् बनाम राज्यकरायी गयी है। प्रार्थी का नाम दौरान विवेचना सह-अभियुक्तगण के कथनके आधार <नाम> <नाम> में आया है। प्रार्थी सह-अभियुक्त भूरा उर्फ <नाम> जोकि प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद है, का सया <नाम> है। प्रार्थी द्वारा न्यायालयके समक्ष आत्मसमर्पण किए जाने के पश्चात पुलिस द्वारा उसको पुलिसअभिरक्षा रिमाण्ड में लेकर दिनाक 16.10.2019 को उसकी निशानदेही परप्रश्‍नगल मामले की लूट से संबंधित कुल 6 किलो 700 ग्राम <नाम> बरामद कीगयी है। प्रार्थी द्वारा अपने बयान में प्रश्‍नगत अपराध में सम्मिलित होने कीसंस्वीकृति की गयी है। सह-अभियुक्तगण पुष्पेन्द्र उर्फ भेला, प्राशु उफ प्रियांश <नाम> व हेम <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व में निरस्त कीजा चुकी है। प्रार्थी/अभियुकत द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदा कियाजाना दर्शित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1238_202015-07-20201223
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र रमेश चन्द्र सोलंकीका शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी वीर पाल सिह द्वारादिनांक 10.04.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि वह आज दिनांक 10.04.2020 को समय <नाम> 5.00 बजे उसके घर के अंदर रमन चोरी करने की नियत से घरमें घुसा था। वे परिवार के साथ दूसरे प्लोट में <नाम> <नाम> करके लौटे तो <नाम> कि घर केअंदर से आवाज आ रही और घर के अंदर से कुनदी बन्द थी तथा कुन्दी खुलवाकर देखातो ऐतमारी खुली पड़ी थी, तो मैंने रमन से पूछा तुम घर के अन्दर क्यों आये तो उसनेबताया, मैं चोरी करने की नियत से आया था। उसके घर के अन्दर से 15 <नाम> पूर्व भी25000 रूपये गायब हो चुके हैं। रमन द्वारा लोक डाउन के दौरान चोरी करने का घर केअन्दर प्रयास किया गया है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्त द्वारा कोई कथित अपराध कारित नहीं किया गया है, वह नितान्त निर्दोषव निरपराध है। प्रार्थी /अभियुक्त को पड़ोसियों द्वारा रंजिशन व इलाका पुलिस की मददसे महज बदनाम करने की नियत से उक्त घटना में झूठा व बेवजह नामजद कराया गयाहै। उपरोक्त कथित घटना का कोई भी स्वतंत्र <नाम> नहीं है, जबकि वास्तव में उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्त से कथित अपराध से संबंधित कोई भी वस्तु व मालबरामद नहीं हुआ है। कथित घटना दिनांक 10.04.2020 को समय सांय 5.00 बजे कीदर्शायी गयी है, जिस <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> 457 भा0दं0सं० का अपराध नहींबनता है। कथित उपरोक्त घटनास्थल से थाने की दूरी मात्र 2 किमी0 है, फिर भी घटनाशाम को 5.00 बजे घटित होने के बावजूद भी घटना की प्राथमिकी जानबूझकर लगभग7 घंटे की देरी से दर्ज करायी गयी है, जिससे घटना पूर्णरूप से मनगढ़न्त व संदिग्धप्रतीत होती है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 11.04.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््ार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत Bail Application/4720/2020 -Raman Singh Vs. UP State2प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन अथवा लंबितनहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया है किवादी मुकदमा ने पुलिस से मिलकर अभियुक्त के विरूद्व झूठा मुकदमा पंजीकृत कराया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना, <नाम> को 5.00 बजे की कही गयी है, अभियुक्त <नाम> <नाम> 457भा0दं0सं0 का कोई अपराध नहीं बनता है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है। प्रथमसूचना रिपोर्ट में कही गयी पूर्व चोरी में भी अभियुक्त का शामिल होना नहीं कहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त दिनांक 11.04.2020 से जेलमें निरूद्व है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह कहते हुए जमानत दिये जानेकी <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा वादीके घर के अन्दर चोरी करने का प्रयास किया गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यहकहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौ0 को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "यह प्रकरण, वादी मुकदमा द्वारा अभियुक्त रमन <नाम> के विरूद्ध प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के साथ शुरू हुआ। प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना दिनांक10.04.2020 समय सांय 5.00 की होना कहा गया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुईहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट में पूर्व में 25,000/-रूपये इसी अभियुक्त द्वारा गायब करना नहींकहा गया है। थाने से प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास पुलिस द्वारानहीं बताया गया। विवेचना की कोई कार्यवाही <नाम> नहीं है, आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषितकिया जा चुका है। अभियुक्त दिनांक 11.04.2020 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट द्वाराविचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_675_202017-03-202032
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता व पैरोकार महेशचंद के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा वीरेन्द्रगुप्ता द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयीकि <नाम> को करीब 06:30 बजे वह अपनी दुकान बंद करके अपने घर पहुँचातो उसने अपने घर का मेन गेट अन्दर से बंद पाया। तत्पश्चात उसने गेटको काफी पीटा और अपनी पत्नी को आवाज दी लेकिन काफी देर तकअन्दर से जबाव <नाम> मिलने <नाम> पड़ौसी चम्पा के लड़के को दीवार कुदाकर अन्दर भेजा। उसने अन्दर से मेन गेट को खोला, तब वह और चम्पा कालड़का दोनों अन्दर घर में गए। जैसे ही उसकी नजर रसोई में पड़ी तोउसने <नाम> कि उसकी पत्वी वीरवती जमीन <नाम> खून से लथपथ मृत पड़ी थी Bail Application/3764/2020 -Updesh Vs. UP State 2और उसके हाथ प्लॉस्टिक की रस्सी से बंधे थे। पैर कार्टून टेप से बंधे थे। मुँह में कपड़ा ठुंसा हुआ था। उसके गले व सिर <नाम> चोट के निशान थे। उसके शोर मचाने <नाम> मौहल्ले के पप्पू <नाम> <नाम> <नाम> हरिओम गुप्ता,राघवेन्द्र <नाम> अन्य कई लोग आ गए। कमरों का <नाम> सामान इधर उधरपड़ा था। अलमारियों खुली थीं। घर का रखा हुआ 4 लाख 10 हजार रूपएनगद, सोने <नाम> के जेवरात <नाम> लगभग 35 तोला व <नाम> लगभग 1किलो गायब मिली। उसकी पत्नी के कुण्डल भी गायब थे। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 23.01.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी द्वारा स्वयं न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पणकिया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज की गयी है। प्रार्थी कोसह-अभियुकत के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। ", "प्रार्थी अपनी माता के इलाज <नाम> <नाम> में था। पुलिस ने रिमाण्ड के दौरानप्रार्थी की निशानदेही <नाम> घटना से संबंधित जेवरात बरामद किया जानादर्शित किया गया है। seat or ew wees well नहीं है। प्रार्थी का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादीमुकदमा के घर में घुसकर उसकी पत्नी की हत्या <नाम> घर से नगद रूपयों वसोने <नाम> के जेवरातों की लूट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 24.11.2019 की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादीमुकदमा के घर में घुस <नाम> उसकी पत्नी की हत्या <नाम> उसके घर से Bail Application/3764/2020 -Updesh Vs. UP State 34,10,000 //- रूपए नगद व सोने <नाम> के जेवरात लूटने का आरोप है। केसडायरी <नाम> उपलब्ध मृतका <नाम> वीरवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसारउसका पोस्टमार्टम दिनाक 25.11.2019 को समय 11:45 बजे किया गया है जिसमें उसकी मृत्यु दम घुटने के <नाम> होना बताया गया है। केस डायरीके अवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि पुलिस अभिरक्षा रिमाण्ड केदौरान प्रार्थी की निशानदेही <नाम> प्रश्नगत घटना में लूटे गए जेवरात बरामद किए गए हैं। बरामद जेवरातों की पहचान वादी मुकदमा द्वारा की गयी है। प्रार्थी द्वारा अपने कथन में प्रश्नगत घटना में संलिप्त रहने का कथन कियागया है। सह-अभियुकत <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र पूर्व में इस न्यायालयद्वारा निरस्त किया जा चुका है। प्रार्थी को झूठा व निरर्थक फंसाए जाने काकोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1948_202018-08-2020312
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में सर्वेश <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> व अन्य पुलिस हमराहीगण द्वारा दिनांक 04.08.2020 को मुखबिरकी सूचना <नाम> कि शास्त्रीपुरम के म0एनं0० 67 सी1 में हुई चोरी से संबंधित व्यक्तियूपीएसआईडीसी रोड, डी29, चौराहे के पास टीएसएफ फैक्ट्री की तरफ जाने वाले रास्ते परतीन व्यक्ति जिनमें से दो एक मोटर साइकिल <नाम> बैठे हैं तथा एक व्यक्ति उनके पास खड़ाहै, पुलिस द्वारा उक्त स्थल <नाम> पहुंचकर दबिश देकर घेरकर आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> तीनोंव्यक्तियों को पकड़ लिया गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपनानाम <नाम> पुत्र रामवीर बताया जिसकी जामा तलाशी से 50 रूपये नकद व एक अंगूठीपीली धातु की बरामद हुए। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> बताया जिसकीजामा तलाशी में फर्द में उल्लिखित एक एलईडी रंग काला लौयड बरामद हुई तथा तीसरेव्यक्ति ने अपना नाम लक्की पुत्र सर्वेश बताया जिसकी जामा तलाशी में एक अदद चैनपीली धातु की व एक दो कुन्डल पीली धातु के व 260 रूपये बरामद हुए। जिनके विषय मेंकड़ाई से पूछने <नाम> लक्की ने बताया कि उसकी कोई गलती नही है, ये लोग चोरी करकेसोने <नाम> का सामान उसे सस्ते दामों <नाम> बेंच देते हैं। आज भी इन लोगों ने सोने कासामान खरीदने के लिए बुलाया था जो चैन व कुंन्डल उसकी जेब से मिला है वह <नाम> इनदोनों ही <नाम> था जिसे वह अपनी दुकान <नाम> ले जाकर चैक करने के <नाम> इनको पैसा देनाथा। बरामद एलईडी व ज्वैलरी के संबंध में कागजात नही दिखा सके। पूछने <नाम> <नाम> वदीपक ने बताया कि मोटर साइकिल कुछ <नाम> पहले हमदोनों ने शाहगंज से चोरी की थीतथा यह सोने क॑ आभूषण व एलईडी <नाम> पांच महीने पहले सी-1 शास्त्रीपुरम सिकंदरासे एक बंद मकान से ताला तोड़कर चोरी की थी। बरामद एलईडी का मिलानउपनिरीक्षक द्वारा अपनी डायरी से किया गया जो थाना हाजा <नाम> पंजीकृत मु0अ0सं0140/20 से संबंधित है। यह भी बताया कि जो पैसे नकद मिले थे वह दोनों ने आपस मेंबांटकर खर्च <नाम> दिए। मु0अ0सं0० 140,/20 के वादी भी मौके <नाम> उपस्थित आये जिन्होंने Bail Application/5899/2020 -Lucky @ Anmol Soni Vs. UP State 1तकिया कवर, एलईडी व ज्वैलरी को देखकर पहचाना। अभियुक्तगण को करीब 18.10 बजेहिरासत पुलिस लिया गया। <नाम> को मौके <नाम> ही सील मुहर किया गया तथा फर्द तैयार कीगयी। <नाम> के गवाहान लेने का प्रयास किया गया लेकिन कोई तैयार नही हुआ। ", "प्रार्थी, अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र /शपथपत्र में कहागया कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध नही किया है, उसे इस केस मेंपुलिस द्वारा फर्जी गुडवर्क दिखाने <नाम> मनगढंत तथ्यों के आधार <नाम> झूंठा फंसाया गया है। दिनांक 04.08.2020 को उक्त <नाम> की फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है, क्योंकि इतने लम्बेअंतराल में <नाम> जेब में रखकर घूमना संदेहजनक प्रतीत होता है। अभियुक्त की गिरफ्तारीसे पूर्व उसकी बहन द्वारा झूठे मुकदमें में फंसाये जाने के संबंध में शिकायत वरिष्ठ पुलिसअधीक्षक को की गयी है। पुलिस द्वारा दर्शायी गयी बरामदगी पूर्णतया फर्जी है। अभियुक्त सेकोई बरामदगी नही हुई है। अभियुक्त दिनांक 05.08.2020 से जेल में है। अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> कीगयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्क रखतेहुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामित नही है। पुलिस द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में झूठे तथ्यों के आधार <नाम> झूठीबरामदगी दिखाकर फंसा <नाम> गया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है, बरामदगीका कोई <नाम> का <नाम> नहीं है। जबकि गिरफ्तारी भीड़भाड़ वाले स्थान से की गयी है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त को पुलिसपार्टी द्वारा पकड़े जाने <नाम> उससे पीली धातु के आभूषण व नकदी बरामद हुई है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "यह दाण्डिक अभियोग वादी मुकदमा उपनिरीक्षक द्वारा थाने <नाम> दर्जकरायी गयी प्रथम सूचना रिपोर्ट के साथ शुरू हुआ। अभियुक्त अपने पास से किसी भीबरामदगी होने से इंकार करता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में मोटर साइकिल <नाम> अभियुक्तगणसे बरामद होना दर्शाया गया है। अभियुक्त दिनांक 05.08.20 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेटद्वारा विचारणीय है। थाने द्वारा प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहासदर्शित नही है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1837_202021-08-2020169
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पड़ोसी एवं दोस्त शाहरुखखान की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को इसमुकदमे में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। पुलिस पार्टी द्वारागुडवर्क दिखाने के लिये अभियुक्त को फर्जी संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। गिरफ्तारी वबरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 27.07.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त तथा उसके साथियों को पकड़े जाने <नाम> उनकेपास से चोरी की मोटरसाइकिल व एक्टिवा बरामद हुयी है। अतः आवेदक / अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_386_202013-02-2020909
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार/पिता श्रीडालचन्द ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/ अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्यन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में झूँठा फॅसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं कियाहै। झूँठी बरामदगी दिखायी गयी है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं किवादी मुकदमा उ0नि0 <नाम> <नाम> मय हमराही एस0आई0 मनवीर <नाम> एस0आई0विनीत <नाम> हैएकॉ० <नाम> <नाम> कॉ० सनी <नाम> कॉ० देवीचरन के साथगश्त मे मामूर थे। पुलिसकर्मी जैसे ही <नाम> मंदिर सैक्टर-7 के तिराहे <नाम> पहुँचे तोमुखविर ने सूचना दी कि ईट की मण्डी बोदला सिकन्दार रोड <नाम> खोखे के पासदो लोग चोरी के सामाने के साथ खड़े होकर अपने साथी का इंतजार <नाम> रहे हैंऔर चोरी का सामान बेचने की फिराक में हैं अगर जल्दी की जाय तो पकडे जासकते है, मुखविर की बात <नाम> विश्‍वास करके एक दूसरे के जामा तलाशी लेने केउपरान्त मुखविर के बताये स्थान की ओर चल दिये ईट मण्डी के तिराहे के पास —_ 2 __बने खोखे से करीब 50 मीटर पहले पहुँचने <नाम> खोखे <नाम> खड़े दो लोगों की ओरइशारा करते हुए चला गया कि ये वही लोग हैं जो अपने साथी का इन्तजार कररहे हैं। हम पुलिस वालों ने छिपते हुए <नाम> प्रयोग <नाम> दविश देकर दो लागों कोपकड़ लिया, जिनमें से एक ने अपना नाम <नाम> उर्फ <नाम> बताया, जामा तलाशीमें पहले पेंट की बायी जेब से दो मोबाइल, एक सैमसंग गोल्ड, दूसरा सैमसंगब्लैक, जिसका सीसा टूटा हुआ था व कन्धे <नाम> एक काला पिंक स्कूल <नाम> बरामद हुआ जिसको खोलकर देख तो <नाम> के अन्दर एक सब्बल ताला तोड़ने के लिए, दोकैमरा कोडक फिल्म व यासिका, दो मोबाइल एक जियो का व एक सैमसंगरिलाइस व एक लैपटाप एच0पी0 <नाम> रंग का दो कटोरी सफेद धातु, एक प्लेट सफेद धातु, दो चम्मच सफेद धातु, एक ब्रासलेट सफेद धातु व एक सफेद रंग कीपीलीथीन में सफेद पाउडर बरामद हुआ। पूँछने <नाम> बताया कि यह सामान चोरी काहै जिसे आज बेचने जा रहे हैं। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> बताया, उसकेकब्जे से पेंट की बायी जेब से 3 मोबाइल, पहल लावा कंपनी का, दूसरा सैंमसंग वतीसरा जियो कम्पनी का, जेब से दो घड़ी एक टाइमर व एक सोनाटा, जैकिट कीदाहिनी जेब से एक सफेद रंग की पालीथीन में सफेद पाउडर बरामद हुआ। पूँछनेपर बताया कि यह नशीला डायजियापाम है जिसे राजस्थान से लाकर बेचते हैं। बरामदशुदा <नाम> के संबंध में थाना कार्यालय से जरिए दूरभाष जानकारी की तोउक्त चोरी किये गये <नाम> क संबंध में थाना हाजा <नाम> मु0अ0सं0 23/2020धारा-380,457, भा०द0सं0 में पंजीकृत है। अभियुक्तगण ने बताया कि जो सामानहम चोरी करते हैं उसे हम सुनार को बेच देते हैं आज भी सुनार ने हमें यहाबुलाया था उसी का वे इंतजार <नाम> रहे थे। इस <नाम> पुलिसवाले आड लेकर छिपकरसुनार का इंतजार करने लगे तभी मंगलम ढावे के सामने बोदला की तरफ सेऑटो से एक व्यक्ति उतरकर ईट की मण्डी की तरफ लंगडाते हुए आने लगा तभीरोहित ने उस व्यक्ति की तरफ इशारा करते हुए बताया कि वही सुनार है। पुलिसने आवश्यक <नाम> प्रयोग करते हुए उसे मौके <नाम> पकड़ लिया। पकड़े गये व्यक्ति के कब्जे से नाम पता पूँछने <नाम> उसे अपना नाम रामलखन पुत्र डालचन्द बताया औरजामा तलाशी लेने <नाम> पेंट की बायी जेब से एक पॉलीथीन के छोटे पैकेट में कुछसफेद धातु की चीजें बरामद हुई पू्छेने <नाम> बताया कि ये वस्तुऐं उसे <नाम> वराहुल ने बेची थी जिन्हे आज वह कुछ कमी होने के <नाम> वापस करने आया थाव कुछ सामान इनसे खरीदना था। वह पहले भी कई बार सामान इनसे खरीदचुका है। अभियुक्तगण का जुर्म अन्तर्गत धारा-41/102 द0प्रoसं० वधारा-380,457,411,414 भा०द0सं0 व धारा-8/22 ए०डी0पी0एस०एक्ट की हद कोजाता है। अभियुक्तगण को आवश्यक निर्देशों का पालन करते हुए समय करीब 22.20 बजे हिरासत में लिया गया तथा बरामदशुदा सामान को अभियुक्तवार व जुर्मवार —_ 3 —_ अलग सफेद कपडे में रखकर सिलकर सील सर्व मोहर <नाम> नमूना तैयार कियागया व फर्द उपनिरीक्षक मनवीर <नाम> से लिखवायी व फर्द मौजूद हमराही वअभियुक्तगणों को पढकर सुनाकर सभी के इस्ताक्षर बनवाये गये। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> जाटव,रामलखन के विरूद्ध में थाना जगदीशपुरा, <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 25/2020धारा-41,/102 दएप्र0सं0,धारा-457,380,411,414 भा0०द0सं0 में प्राथमिकी दर्ज कीगईअभियोजन के अनुसार दौरान गश्त थाना जगदीशापुरा, <नाम> पुलिसद्वारा अभियुक्त को अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया। गिरफूतार कियेजाते समय अभियुक्त के कब्जे से चोरी का सामान बरामद होना बताते हुएअभियुक्त को इस मामले में नामित किया गया है। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत कियागया है कि अभियुक्त निर्दोष हैं, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज है। अभियुक्त के कब्जे से कोई चोरी की वस्तु बरामदनहीं हुई है। प्रार्थी/अभियुक्त को पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिए झूंठीबरामदगी दिखायी गयी है। अभियुक्त विकलांग व्यक्ति है और आभूषण बनाने काकारीगर है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रकरण में कोई निष्पक्ष जनसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। बरामदगी फर्जी है। अभियुक्त दिनांक 13.01.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने की प्रार्थना कीगईअभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ताफौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया हैकि अपराध गम्भीर <नाम> का है, अभियुक्त से चोरी का <नाम> बरामद हुआ है। अतः्रार्थनापत्र निरस्त करने की कूपा की जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ", "पत्रावली के परिशीलन से स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष द्वारा्रार्थी/ अभियुक्त के कब्जे से चोरी के आभूषण बरामद होना कहा गया है, परन्तुबरामदशुरा सामान किस अपराध से संबंधित है यह स्पष्ट नहीं है। जबकि बचावपक्ष के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि पुलिस द्वारा फर्जी बरामदगी दर्शायी गयीहै । अभियुक्त विकलांग व्यक्ति है और आभूषण बनाने का कारीगर बताया गया है,उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 13.01.2020 सेकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6534_201927-11-20191210
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थ ,/ अभियुक्त के चाचा व पैरोकारसुन्दर के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा पवनकुमार द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किवह अपनी पत्नी इन्दु के साथ पिनाहट से <नाम> आ रहा था। जैसे ही वहग्राम कुण्डौल के पहले ग्राम धमौटा के पास पहुँचा तो एक बाईक <नाम> सवारतीन अज्ञात लोगों ने उसकी पत्नी का पर्स व मोबाइल छीन लिया। मोबाइलवीवो कम्पनी का है। उसकी पत्नी के पर्स में स्कूल की बैंक की पासबुक, चैकबुक एवं स्कूल की मोहर थी व 400,/- रूपए थे। घटना दिनाक 10.10.2019की समय लगभग 02:00 बजे की है। ", "प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.11.2019 से जिला कारागार में (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रएक्षेत्र),”अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6534 / 2019अशोक <नाम> बनाम राज्यनिरूद्ध है। प्रार्थी दिनाक 30.10.2018 को अपने खेत <नाम> <नाम> <नाम> रहा थातभी खेत के पास ही स्थित खेत <नाम> जो पुलिस का मुखबिर है, से पानीको लेकर कहा सुनी हो गयी। दिनाक 31.10.2019 को थाना डौकी कीपुलिस प्रार्थी को दोपहर 01:00 बजे घर से उठाकर ले गयी और इस केस मेंफंसा दिया। जो भी बरामदगी दिखायी गयी है, वह झूठी है। प्रथम सूचनारिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहींहै। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधघारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथमिलकर वादी की पत्नी से उसका पर्स व मोबाइल लूटा गया है। प्रार्थी से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> एम0एस0कुशवाह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 10.140.2019 की समय 02:00 बजे की बतायी है। प्रार्थी परअन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा की पत्नी का पर्स व मोबाइल लूटने काआरोप लगाया गया है। केस डायरी के अनुसार दिनाक 31.10.2019 कोपुलिस पार्टी द्वारा प्रार्थी व अन्य को गिरफतार किया <नाम> तथा प्रार्थी के कब्जे से एक तमंचा, दो जिन्दा कारतूस, दो मोबाइल व 2,200 //- रूपएनगद बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। अभियोजन की ओर से उक्तमोबाइल में एक मोबाइल व 100,/- इस प्रकरण से संबंधित होना बतायागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादी द्वारा मोबाइल के आईएमईआई नम्बरआदि का उल्लेख नहीं किया गाय है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी इस प्रकरण में लगभग एक माह से जिला कारागार में निरूद्धहै। सह-अभियुक्त <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक22.11.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रश्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2322_202005-10-20202192
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता <नाम> <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे इस मुकदमे में झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्टअज्ञात में दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं है। सहअभियुक्त <नाम> उर्फ aS! का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जा चुका है। अभियुक्त दिनांक 26.05.2020 सेकारागार में निरुद्ध है। अतः आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> Ret fear oa । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि आवेदक /» अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्त के साथ मिलकर वादी की बहिन का पर्स जिसमें मोबाइल, आधारकार्ड, पैनकार्ड, एटीएम कार्ड व रुपये रखे थे, की लूट की गयी है तथा अभियुक्त के पास से लूट के 1000 /- रुपये बरामद हुये हैं। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिया जाये । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> द्वारा थाना मलपुरा <नाम> इसआशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 12.02.2020 को वह अपनी बहिन <नाम> की दोछोटी बच्चियों को लेकर घर से स्कूटी <नाम> बैठाकर एस.आर.सिटी छोड़ने जा रहा था। जब वह जखौदा पुल से करीब 500 मीटर पीछे आये तो पीछे से मोटरसाइकिल से दो 2लड़कों ने वाइक को सटाकर बहिन का पर्स छीन लिया जिसमें मोबाइल रीयल मी 31,आधारकार्ड, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड, कुछ रुपये थे। यह घटना करीब सवा छे बजे कीहै। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> मु0अ0सं0 44 ,“ 2020 अन्तर्गतघारा 392 भाएदंएसं0० पंजीकृत हुआ। दिनांक 26.05.2020 को एस.आई. धर्मेन्द्र <नाम> मयहमराह द्वारा अभियुक्त <नाम> उर्फ दीपू को पकड़े जाने <नाम> उसके पास से लूट के रुपये बरामद हुये, जिसके आधार <नाम> मुकदमे में <नाम> 411 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्क सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक /अभियुक्त के कब्जे सेलूटे गये 1000 /- रुपयों की बरामदगी बतायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त का नाम प्रथमसूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्तकी संस्वीकृति के आधार <नाम> उसे इस अपराध में नामित किया गया है। सहअभियुकत मनीषउर्फ बाडी का जमानत प्रार्थनापत्र पूर्व पीठासीन <नाम> द्वारा दिनांक 15.07.2020 को स्वीकारकिया जा चुका है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 26.05.2020 से कारागार में निरुद्ध है। ", "जमानत प्रार्थनानपत्र के निस्तारण के स्तर <नाम> मामले के गुणदोष <नाम> चर्चा किये बगैर न्यायालय का निष्कर्ष है कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_345_202022-01-20201953
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में नत्थीलाल का शपथपत्र प्रस्तुत किया गयाहै। ", "2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा रवी <नाम> द्वाराइस आशय की तहरीर थाना निबोहरा <नाम> <नाम> दी गयी कि दिनांक 12-07-2019को मैं अपनी बहन आयु 15 वर्ष को राजाखेड़ा से बाजार कराकर वापस अपने घर जारहा था। <नाम> 6 बजे जेसे ही हम धनौली मंदिर से आगे वन विभाग के पास आये मेरीमोटरसाइकिल के आगे <नाम> <नाम> सुल्ला व तपेन्द्र बुलेरो लगाकर बहन को ले गये। बहन को काफी तलाश किया किन्तु नही <नाम> । इनके साथ और भी लोग थे। ", "3— जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। यह भी कहा गया है कि आवेदक की जमानत माननीयउच्च न्यायालय इलाहाबाद से <नाम> 363, 376, 323 व 506 भा0दं0सं0 एवं <नाम> 3/4पाक्सो एक्ट में दिनांक 07-01-2020 को स्वीकार हो चुकी है। आरोपपत्र घारा 376भा0 दं0सं0 के स्थान <नाम> <नाम> 376 डी भा0दं0सं0 के अर्न्तगत प्रेषित किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "4— आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। " ] }
0DENIED
Bail Application_508_202007-02-20201272
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त का मुख्य <नाम> से कथन है कि वह इस प्रकरण में जमानतपर था। उसके अनुपस्थित हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध वारण्ट निर्गत किये गये। इस दौरान वह अन्य मामले में जिला कारागार, धौलपुर में निरूद्ध था। धौलपुर कारागारसे तलब कर,उसे इस मामले में न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 17.12.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा जमानत का दुरूपयोगनहीं किया गया है। अतएव उसे प्रस्तुत प्रकरण में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि आवेदक / अभियुक्त दौरान विचारणइस मामले में जमानत <नाम> था। दौरान विचारण अभियुक्त के अनुपस्थित हो जाने केकारण अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र निर्गत किये गये। अभियुक्त रामवीरको जिला कारागार, धौलपुर में निरूद्ध था, जिसे तलब <नाम> दिनांक 17.12.2019 कोन्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3201_202013-10-20201991
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त सलमान न्यायिक अभिरक्षा में, <नाम> स्थितजिला कारागार में दिनांक 07.10.2020 से निरूद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष के अनुसार दिनांक 06.10.2020 को फैक्टरी में चोरी के मालअभियुक्त को पकड़ा गया। महोदय मेरे पुत्र की फैक्टरी एस०एम0 इन्टर प्राइजेज के नाम से 77 इण्डस्ट्रियल स्टेट नुनिहाई में है, जिसमें लौह व अलौह धातुओं के स्केप का <नाम> होता है। मेरी फैक्टरी में <नाम> छटाई वगैराह का <नाम> ठेका <नाम> वासली पुत्र नजीर खां निवासी शाहनगर पुरानी मस्जिद, टैडी वगिया, <नाम> का <नाम> था उसी क नीचे हेल्पर के <नाम> मेंसलमान पुत्र नसरुद्दीन इसका साथी इमामुद्दीन पुत्र सुलेमान ग्राम निवासी पुनी तहसील,इगलास, जिला अलीगढ़ के निवासी है, जो फैक्टरी में <नाम> करते हैं और रहते हैं तथा रातको सोते हैं। मुझे जानकारी प्राप्त हुयी कि मेरी फैक्टरी से पीतल, जस्ता तथा तांवा स्केप चोरीकिया जा रहा है इसलिये दिनो विशेष निगरानी <नाम> जा रही थी, दिनांक 06.10.2020 कोसुबह के समय सलमान व उसका साथी इमामुद्दीन दोनों अपनी गाड़ी नं0 यू0पी086 डी 2170 <नाम> फैक्टरी के अन्दर से परनी वाटर कूलर के साथ पीने का <नाम> लाने के बहाने बाहर जानेके लिये मैन गेट <नाम> आया गेट <नाम> चौकीदार राजवीर <नाम> ने तलाशी ली तो वाटर कूलर का ढक्कन खुलवाने <नाम> उसमें पीतल स्केप भरा था मौके <नाम> मुनीम <नाम> <नाम> भी थे उन्होनें भी <नाम> और <नाम> को सूचित किया वाटर कूलर सहित <नाम> लगभग 39 किलो बैठा तथामोटर साइकिल भी जमा <नाम> रहे हैं। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> देते हुए शपथपत्र में यहकथन किया गया है कि अभियुक्त ने उपरोक्त कथित अपराध नहीं किया है, वादी मुकदमा द्वगरा असत्य आरोप लगाकर उसे झूठा फसाया गया है। उसके द्वारा कोई अपराध नहीं कियागया है, <नाम> ही कोई साक्ष्य उपलब्ध है और <नाम> ही घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> है। अभियुक्तसलमान ठेकेदार वालसी पुत्र नजीर खॉ के नीचे हेल्पर का कार्य विगत लगभग तीन वर्षो सेकरता चला आ रहा है तथा फैक्टरी में जब भी कोई कारीगर आता व जाता है तो फॅक्टरी केगेट <नाम> लगे चौकीदार द्वारा तलाशी ली जाती है, <नाम> तलाशी के कोई भी व्यक्ति फैक्टरी केअन्दर नहीं घुसता है और <नाम> ही निकलता है। प्रार्थी अभियुक्त जब फैक्टरी से बारि निकला तोचौकीदार द्वारा उसकी तलाशी ली गयी तो फैक्टरी से 39 किलो पीतल चोरी करने को कोईप्रश्‍न नहीं उठता है। सत्यता यह है कि प्राथी/अभियुक्त वादी मुकदमा की फैक्टरी में वतौरहेल्पर ठेकेदार के नीचे कार्य करता था तथा प्रार्थी/ अभियुक्त व इमामुद्दीन की मजदूरी कारुपया फैक्टरी <नाम> <नाम> उधार हो गया था क्योंकि प्रार्थी / अभियुक्त की दिनांक 16.10.2020को शादी है उसे रुपयों की सख्त जरूरत थी इसलिये वह अपनी मजदूरी के रुपये वादीमुकदमा से बार-बार मांग रहा था। तगादा करने में इमामुद्दीन भी सलमान का साथ देताथा, जिससे बचने के लिये प्रार्थी/ अभियुक्त व इमामुद्दीन को दिनांक 06.10.2020 को वादीमुकदमा ने अपनी फैक्टरी के चहेते लोगों को अपने षडयन्त्र में शामिल <नाम> अभियुक्तगण कऊपर फैक्टरी से पीतल चुराने का आरोप लगाकर थाने ले जाकर उपरोक्त अपराध में निरुद्धकरा <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त गरीब मजदूर व्यक्ति है तथा उसकी मजदूरी का पैसा वादी मुकदमा को चुकता <नाम> करने पड़े इससे बचने के लिये प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्तअपराध में झूंठा फंसा <नाम> है। प्रार्थी /अभियुक्तजमानत का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुतकर रहा है तथा प्रार्थी अपनी विश्‍वसनीय जमानत माननीय न्यायालय के समक्ष देने को तैयारहै । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 07.10.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरुद्ध है। न्यायालयअपर सिविल जज (जू०डि0), न्यायालय संख्या-7, <नाम> द्वारा उसका जमानत प्रार्थना पत्रदिनांक 07.10.2020 को निरस्त <नाम> <नाम> गया। इस प्रकार अभियुक्त द्वारा दौरान विचारणजमानत <नाम> अवमुक्त करने <नाम> आदेश पारित करने की प्रार्थना की गयी है। ", "प्रार्थना पत्र के साथ मुकदमा अपराध संख्या 842,/2020, अंतर्गत <नाम> 380, 411 भा0द0सं0, थाना एत्माद्दौला, <नाम> की प्राथमिकी, प्रकरण दैनिकी का विवरण,नसरुद्यीनका आधार कार्ड, अभियुक्त के विवाह की पीली चिट्ठी तथा न्यायालय अपर सिविल जज(जू०डि0), न्यायालय संख्या-7, <नाम> द्वारा पारित जमानत प्रार्थना पत्र का निरस्तीकरणआदेश दिनांकित 07.10.2020 प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध अपराध संख्या 3201/2020,अंतर्गत <नाम> 380, 411 भा०द0सं0 थाना एत्माद्दौला, <नाम> में दर्ज है तथा इस प्रकरण मेंवह जिला कारागार <नाम> में दिनांक 07.10.2020 को गिरफूतार होने के पश्चात्‌ से निरूद्धहै । अभियोजन का कथन है कि अभियुक्त जमानत <नाम> अवमुक्त होने की <नाम> में पुनः अपराधमें संलिप्त हो जाएगा तथा जमानत की शार्तो का दुरूपयोग करते हुए फरार हो जाएगा। " ], "judge-opinion": [ "सुना व जमानत प्रार्थनापत्र एवं उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज प्रकरण में आरोपपत्र प्रेषित किए जाने का कोई कथननहीं किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास दर्शित नहीं किया गया हैतथा घटना में दो अभियुक्तों को शामिल बताया गया है। अतः विवेचना के उपरांत हीप्रथमदृष्टया दायित्व निर्धारण संभव है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1443_202030-07-2020723
agra
{ "facts-and-arguments": [ "चूँकि दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एकही अपराध संख्या एवं एक ही घटना से सम्बच्धित है, अतः दोनों जमानत प्रार्थना पत्रोंका निस्तारण एक ही आदेश द्वारा किया जा रहा है। ", "जमानत प्रार्थना पत्रों के समर्थन में अभियुक्तगण के पैरोकार कमश: कृष्णकन्हैया व <नाम> ने शपथ पत्र प्रस्तुत किये हैं, जिनमें वर्णित है कि अभियुक्तगण (2)के ये प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्यन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 19.04.2020 कोथाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि दिनांक 18.04.20 को उसका छोटा भाईविजय <नाम> <नाम> करीब 7 बजे अपने ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर <नाम> के खलिहान से भूसा लेने मय मजदूरों के गया था। खलिहान में पहुंच <नाम> भूसा ट्रॉली में भरते समय किसीसे बात करते समय (फौन से) रोड की तरफ गया था, करीब 8 बजे <नाम> लौट करवापस नहीं आया है, फौन मिलाने <नाम> फौन बन्द जा रहा है। <नाम> <नाम> का मोबाइलन॑<फ़ोन-नंबर>, <फ़ोन-नंबर> है। ", "वादी की तहरीर <नाम> अज्ञात में थाना कागारौल <नाम> मु0अ0सं0 44/2020 धारा302, 201 भा०द०सं० में प्राथमिकी <नाम> की गई। ", "तदुपरान्त दिनांक 22.04.2020 को वादी अजयसिंह द्वारा एक अन्य तहरीर इसआशय की दी गई कि उसके द्वारा थाने <नाम> दिनांक 19.04.2020 को गुमशुदगी कराईशी। उसने व उसके परिवार के सभी लोगों ने खोजबीन की तो दिनांक 21.04.2020 कोसमय 10.22 ए.एम. <नाम> उसके चचेरे <नाम> <नाम> को <नाम> के ट्यूबबैल की छत परविजय <नाम> की चप्पल <नाम> उसी <नाम> में आगे चलकर लगभग 600 मीटर <नाम> स्थितविजयसिंह के खेत में स्थित वौरवेल के गड्डे में विजयसिंह का मृत शरीर मिला। पुलिस को सूचना <नाम> के द्वारा 100 नम्बर <नाम> दी गई। उसके गांव के रहने वाले प्रवेश <नाम> ने रनवीर को बताया कि <नाम> <नाम> जीतू प्रवीन व <नाम> के पिता ग्या <नाम> उफ बनिया आदि सभी लोगों ने मिलकर षडयंत्र पूर्वक चुनावी रंजिश का बदला लेने के लिए <नाम> प्रसंग में फसाकर षड़यंत्रपूर्वक उसके <नाम> की जघन्य हत्याकर दी। ", "दौरान विवेचना दिनांक 23.04.2020 को पुलिस द्वारा अभियुक्तगण <नाम> जीतूउफ डब्बू प्रवीन व प्रवेश <नाम> को गिरफ्तार करने <नाम> उक्त प्रकरण में अभियुक्तगणकी संलिप्त्‌ता पाये जाने अभियुक्तगण को इस मामले में नामित करते हुए अपराध मेंधारा 120बी भा0दं0सं0 की <नाम> की गई । ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है, उन्हे इस मामले में झूंठा फॅसाया गया है जबकि अभियुक्तगण द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। (3)जमानत प्राथना पत्र स॒0: 1443 एव 1579 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 1443 एवं 1579 / 2020अभियुक्त प्रवेश के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया है कि मुकदमापरिस्थितिजन्य साक्ष्य <नाम> आधारित है, किसी व्यक्ति द्वारा मृतक के साथ घटना कारितकरते नहीं <नाम> गया है, <नाम> ही घटना कारित किये जाने का कोई हेतुक है। अभियुक्तको मृतक के साथ घटना से पूर्व अथवा <नाम> में साथ-साथ नहीं <नाम> गया है। अभियुक्त की निशानदेही <नाम> मृतक की लाश एवं घटना से संबंधित कोई सामग्रीबरामद नहीं हुई है। ", "अभियुक्त <नाम> के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि अभियुक्त कोसह अभियुक्त प्रवेश के अपराध संस्वीकृति बयान के आधार <नाम> इस प्रकरण में संलिप्तकरते हुए दिनांक 22.04.2020 को गिरफ्तार किया गया हैं। अभियुक्त से विजयसिंह के मोबाइल की चिप बरामद होना बताया गया हैं जबकि अभियुक्त की गिरफ्तारी के समय अभियुक्त से चिप बरामद होने की कोई फर्द नहीं बनाई गई हैं । अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी कथन किया गया कि अभियुक्तगण के विरूद्व उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में कोई भी प्रत्यक्षएवं अप्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं हैं। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया हैं। प्रकरण परिस्थितिजन्य साक्ष्य <नाम> आधारित हैं। अभियुक्त प्रवेश दिनांक 24.04.2020 से तथा अभियुक्त <नाम> दिनांक 23.04.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं, अतःजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। ", "विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वादीपक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा <नाम> शपथपत्र दाखिल करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तगण के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर षडयन्त्र के तहत वादी के <नाम> विजयसिंह के साथ मारपीट <नाम> उसकी हत्या कारित <नाम> हत्या के साक्ष्य को विलुप्त करने के आशय सेमृतक के शव को कुँए में फेंक <नाम> गया। मृतक का शव कूँए से बरामद किया गयाहैं। अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है, अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। ", " (4)जमानत प्राथना पत्र स0: 1443 एव 1579 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 1443 एवं 1579 / 2020अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगणके साथ मिलकर वादी के <नाम> विजयसिंह की मारपीट <नाम> नृशंष हत्या कारित करने वहत्या के साक्ष्य का विलुप्त किए जाने के आशय से मृतक के शव को कूँए में फेकेजाने का आरोप हैं। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान जिला शासकीय अधिवक्तादाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कौ को वर्चुअल न्यायालय के माध्यम से सुना तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 23.04.2020 को पुलिसद्वारा अभियुक्तगण <नाम> जीतू उफ डब्बू प्रवीन व प्रवेश <नाम> को गिरफ्तार कियागया है। अभियुक्त <नाम> की तलाशी से मृतक विजयसिंह के मोबाइल की 08 जी.बी.कीचिप बरामद की गई जिसमें मृतक विजयपाल की लड़कियों से बातचीत की रिकाडिंगसेव होना कहा गया है। पकड़े गये अभियुक्तगण के द्वारा मृतक विजयसिंह की हत्याकारित किये जाने की स्वीकारोक्ति की गई। अभियुक्त <नाम> से बरामद चिप कौ फर्दतैयार की गई है व मृतक विजयसिंह की बरामद दो अद्द चप्पल की भी फद॑ तैयारकी गई है। ", "पंचायतनामा के अवलोकन से विदित होता है कि मृतक विजयसिंह का शव कुएं से बरामद होने <नाम> पंचों की <नाम> में उसके शरीर <नाम> आयीं चोटों के <नाम> मृत्यु होनेकी <नाम> व्यक्त करने <नाम> उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। ", "शव विच्छेदन आख्या में मृतक विजयसिंह के शरीर <नाम> 05 चोटें <नाम> दर्शितकिया गया है तथा मृत्यु का <नाम> अवसाद व रक्त स्राव होने के <नाम> उल्लिखितकिया गया है। ", "केस डायरी में मृतक विजयसिंह के मोबाइल नम्बर व तथाकथित नम्बरों से कीगई कॉलडिटेल भी संलग्न है। ", "<नाम> <नाम> ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-161 दं0प्र0सं0 में कथन किया है कि “वह, इन्द्रजीत उफ करन, गोर्धन व सन्दीप, विजयसिंह मास्टर क ट्रैक्टर <नाम> बतौर लेबर भूसा डालने का <नाम> करते शे। दिनांक 18.04.2020 को वे चारों विजयसिंह केट्रैक्टर <नाम> भूसा भरने के लिये समय करीब 07.30 बजे <नाम> को पहुंचे थे, ट्रैक्टरमालिक विजयसिंह साथ में थे। चारों भूसा भरने लगे। थोड़ी देर <नाम> विजयसिंह के मोबाइल <नाम> कहीं से फौन आया और वह बात करते-करते नगला महासुख को जानेवाली सड़क <नाम> चला गया। भूसा भरने के <नाम> विजयसिंह को काफी आवाज लगाई लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। विजयसिंह का मोबाइल लगाया, मोबाइल स्विच ऑफ (5)जा रहा था, तब <नाम> जानकारी विजयसिंह के परिवारीजन को दी। विजयसिंह चरित्रहीनता का व्यक्ति था। विजयसिंह किसी लड़की से बातचीत करता रहता था, उसेएक-दो बार टोका भी था। <नाम> में विजयसिंह का शव प्रेमसिंह <नाम> के सूखे कूएं मेंमिला। विजयसिंह के नाजायज संबंधा <नाम> की बहन नीशू व चचेरी बहन <नाम> वतयेरी बहन पिन्की से नाजायज संबंध थे। विजयसिंह की हत्या <नाम> जीतू उफ डब्बू, प्रवीन ने प्रवेश व ग्याप्रसाद का सहयोग लेकर षडयन्त्र पूर्वक हत्या करके शव कोप्रेमसिंह <नाम> के कूएं में डाल <नाम> था और विजयसिंह की चप्पलों को गांव के राकेशकी समरसेबिल की छत <नाम> फॅक <नाम> था। इस <नाम> के बयानों का समर्थन अन्य स्वतन्त्र गवाहान गोर्धन <नाम> व इन्द्रजीत उफ करन ने किया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3935_201902-08-20191061
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{ "facts-and-arguments": [ "आदेशfesta: 02.08.2019प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> कीओर से मुकदमा अपराध संख्या-128 ,// 2019 अन्तर्गत <नाम> 392, 411 भारतीयदण्ड <नाम> थाना जगनेर, जिला <नाम> के मामले में प्रस्तुत किया गया है। जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी ,/ अभियुक्त के पिता व पेरौकारwea Ris के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाशिवशंकर द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायीगयी कि प्रार्थी दिनोक 23.06.2019 को समय करीब 07:45 बजे <नाम> कोरिछोहा से अपने गॉव उजरई थाना कागारौल, अपनी मोटर साईकिल से जारहा था तो जगनेर-आगरा रोड <नाम> मुन्ना पैट्रोल पम्प तथा चरपई पैट्रोल पम्पके बीच में दो मोटरसाईकिलो से 4 लोग आए जिसमें से दो लोगों ने एकमोटरसाईकिल उसकी मोटरसाईकिल के आगे लगा दी तथा दूसरीमोटरसाईकिल <नाम> सवार दो लोगों ने उसकी मोटरसाईकिल में धक्का मारकर उसे <नाम> <नाम> तथा उसकी जेब में रखा उसका मोबाइल रेडमी नोट 5 प्रोतथा डी0एल0, ए0टी0एम0, आधार कार्ड तथा 1,200 /-- रूपए छीन <नाम> जगनेर की तरफ भागे। उनके पास स्पेंडर तथा दूसरी हीरो सी0टी0 डीलक्सथी जिनमें नम्बर प्लेट नहीं थी। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> राजपाल सिंहयादव एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक पश्शीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रएक्षेत्रो /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3935 / 2019अजय <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी,/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी अपने दोस्त के साथ रिश्तेदारी मेंमेवली जा रहा था, उसका घटनास्थल <नाम> पहुँचने का प्रश्न ही नहीं उठताहै। प्रार्थी को मेवली से गिरफ्तार किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें दर्ज की गयी है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त काकोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय या अन्य किसीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थ / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट की गयीहै। प्रार्थी से बरामदमगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 23.06.2019 की समय 19:15 बजे की है। प्रार्थी को दिनांक11.07.2019 को मुखबिर की सूचना <नाम> पुलिस पार्टी द्वारा सह-अभियुक्तगणके साथ गिरफतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से 150,/-- रूपए बरामदकिया <नाम> दर्शित किया गया है, जिन्हें इस मुकदमें की लूट से संबंधितहोना कहा गया है। प्रार्थी 20 <नाम> से अधिक समय से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अभियोजन की ओर से इस प्रकरण के अतिरिकते प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_275_202128-01-20213135
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में जगराम कुशवाह पुत्र <नाम> पंचम सिंहद्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का पिता है वपैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्यन्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीनहै और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 04.09.2020 को उ0नि० वीरेन्द्र <नाम> मय हमराहीगण थाना <नाम> में थाना हाजा से बडहवाले रपट नम्बर 38 समय 20:05 रवाना होकर वास्ते गस्त व देख-रेख शान्ति व्यवस्था व चैकिंग संदिग्ध वाहन वव्यक्ति में मामूर थे। मुखबिर से सूचना <नाम> कि दो लड़के एक <नाम> रंग की होंडासीडी ड्रीम मोटरसाईकिल लेकर <नाम> की तरफ आ रहे हैं। यह मोटरसाईकिल चोरीकी हैतथ्रा इनके पास नाजायज असलाह व कारतूस भी हैं अगर जल्दी की जाय तो (2)Bail Application No. 275/2021 -Laxman @ Bagi & Others Vs. UP Stateपकड़ें जा सकते हैं। पुलिसपार्टी द्वारा मकसद बताकर सड़क <नाम> आने वाले <नाम> केव्यक्तियों को गवाही के लिए कहा गया परंतु भालाई बुराई के <नाम> <नाम> का कोईव्यक्ति गवाही के लिए तैयार नहीं हुआ पुलिसपार्टी हनुमान चौराहे <नाम> आयी तथा एक दुकान के पीछे छिपकर आने वाले लड़कों का इंतजार करने लगे <नाम> की तरफसे एक मोटरसाईकिल <नाम> सवार दो लड़के आते दिखाई दिए सड़क <नाम> चलती गाड़ीकी <नाम> में देखकर मुखबिर ने बताया कि मोटरसाईकिल <नाम> आ रहे हैं वही लड़केहैं तथा मोटरसाईकिल चोरी की है। पुलिसवालों ने <नाम> डालकर रूकने का इशारकिया परन्तु वह लोग नहीं रूके तथा मोटरसाईकिल को पीछे मोड़कर <नाम> की ओरभागने का प्रयास किया। पुलिसवालों ने दबिश देकर उन व्यक्तियों को समय 22:35बजे चौराहे से <नाम> की 35 <नाम> की दूरी <नाम> दोनों को पकड़ लिया। नाम पता पूछातो मोटरसाईकिल चालक ने अपना नाम लक्ष्मन उर्फ बागी बताया, उससे एक तमंचादेशी 315 बोर, दो जिन्दा कारतूस 315 बोर तथा एक मोबाईल फोन बरामद हुआ। पकड़े गये दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र सीताराम बताया तथा जामा तलाशीमें उससे एक तमंचा देशी 315 बोर, दो जिन्दा कारतूस 315 बोर तथा एक मोबाईलफोन बरामद हुआ। मोटरसाईकिल होंड़ा सीडी ड्रीम रंग काला रजिस्ट्रेशन नम्बरआर0जे0-11 एस0एच0-1677 बरामद हुयी। पकड़े गये दोनों व्यक्तियों सेमोटरसाईकिल के बारे में पूछा तो बताया कि हम दोनों ने कल गांव डडूका पुरा सेचोरी की थी तथा बरामद फोन के बारे में पूछताछ की तो दोनों ने बताया कि यह फोनइमने ग्राम नवाव बसई से एक घर से चोरी किये थे। अभियोग <नाम> 141/102सी0आर0पी0सी0 व 411, 414 भा०द0सं0 में दर्ज किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किमामले में प्रार्थी / अभियुक्त को पुलिस द्वारा झूंठे आरोप लगाकर झूंठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त से घटना से सम्बन्धित कोई नाजायज वस्तु बरामद नहीं हुई है। पुलिस द्वारा जहां प्रार्थी/अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है वहां लोगों का आना-जाना रहता है परन्तु फिर भी पुलिस द्वारा <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहींबनाया गया, जिससे घटना संदिग्ध प्रतीत होती है। पुलिस द्वारा घटना में बरामददर्शायी गयी मोटरसाईकिल एवं मोबाईल फोन को किसी भी घटना से कनेक्ट नहींकिया गया है। पुलिस द्वारा अपने उच्चाधिकारियों को खुश करने तथा गुडवर्क दिखानेके लिए झूंटी घटना में प्रार्थी/ अभियुक्त को दिनांक 04.09.2020 को पकड़कर थानाहाजा <नाम> दिनांक 05.09.2020 को एफ0०आई०आर० लिखकर दिनांक 05.09.2020 कोजेल भेज <नाम> है। पुलिस द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त को घर से बुलाकर पूछताछ के बहानेझूंठे मुकदमें में फंसा <नाम> है। प्रार्थी/अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक09.09.2020 को अवर न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है। प्रार्थी / अभियुक्तमेहनत-मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। (3)Bail Application No. 275/2021 -Laxman @ Bagi & Others Vs. UP State्रार्शी/ अभियुक्त दिनांक 05.09.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधघारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त के पास सेअवैध तमंचा व कारतूस बरामद हुऐ हैं। अभियुक्त को पुलिस द्वारा चोरी कीमोटरसाईकिल के साथ गिरफ्तार किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त द्वारा पुनः इस प्रकार के अपराध में सम्मिलित होने की <नाम> है। यहकहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त के पास सेमोटरसाईकिल होंडा सीडी ड्रीम रंग काला रजिस्ट्रेशन नम्बर आर0जे0-11एस0०एच0-1677 बरामद होना तथा एक तमंचा देशी 315 बोर, दो जिन्दा कारतूस 315बोर एवं एक मोबाईल फोन बरामद होना कहा गया है। अभियुक्त किसी भी प्रकार कीबरामदगी से इंकार करता है। बरामदशुदा <नाम> क सम्बन्ध में कोई प्राथमिकी दर्ज होनानहीं दर्शाया गया है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्तइस प्रकरण में झूठा फसाना <नाम> है। अभियुक्त दिनांक 05.09.2020 से जेल मेंनिरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_522_202127-01-20213213
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता/ पैरोकार लल्लूसिंह ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा अंकुशगुप्ता ने थाना सिकन्दरा <नाम> दिनांक 07.10.2019 को इस आशय की तहरीर दी किउसकी एक्टिवा नं0 यूपी.80 सी.ए.5162 जो कि कारगिल पेट्रोल पम्प के पास दिपरफेक्ट सैलून क नीचे से चोरी दिनांक 14.09.2019 को समय 9.40 बजे हो गयी थी। उसने 100 नम्बर डायल <नाम> सूचना <नाम> दी थी और उन्हाने मौके <नाम> पहुंच <नाम> जांचकर ली थी तथा वह अपने <नाम> में व्यस्त होने के <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> रिपोर्टनहीं <नाम> पाया था। ", "वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> अज्ञातके विरूद्ध मु0अ0सं0 873/2019 अंतर्गत <नाम> 379 भा0द0सं0 पंजीकृत हुआ। <नाम> मेंप्रकरण में अभियुक्त व अन्य के पकड़े जाने <नाम> <नाम> 411 भा0द0सं0 की बढोत्तरीकी गयी है। Bail Application /1194/2021 -Dileep Kumar Vs. UP State 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक/ अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया हैतथा उसे झूंठा फंसाया गया है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट करीब 25 दिनविलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गयाहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। चोरी की घटना वबरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। जिस मामले में अभियुक्त से उक्त वाहन कीबरामदगी <नाम> पुलिस द्वारा दिखायी गयी है, उस मामले में अभियुक्त कीजमानत पूर्व में हो चुकी है। अभियुक्त वादी के यहां काफी समय से ड्राइवरी कररहा था और वादी <नाम> उसके पैसा बकाया था जिसके <नाम> वादी ने पुलिस सेमिलकर झूंठा फंसा <नाम> है। आवेदक, अभियुक्त दिनांक 18.01.2021 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालय में यहप्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक/ अभियुक्त का किसी अन्यन्यायालय में कोई जमानत प््रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों परजमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा थाने कीआख्या व केस डायरी का अवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवेलोकन से विदित है कि मुकदमा अज्ञात में दर्जकिया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त मामले में नामित नहींहै । प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार चोरी की घटना दिनांक 14.09.2019 की समय9.40 बजे की बतायी गयी है, जबकि थाने <नाम> चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक07.10.2019 को समय 15.15 बजे 24 <नाम> विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। विलम्बका कोई समुचित स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है, जबकि घटना स्थल से थाने कीदूरी लगभग दो किलो मीटर है। आवेदक,/ अभियुक्त को कथित वाहन की चोरीकरते हुए किसी ने नहीं <नाम> है। पुलिस द्वारा अभियुक्त व अन्य से <नाम> <नाम> सेबरामदगी दिखायी गयी है, जिसका कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का दोमुकदमों का आपराधिक इतिहास बताया गया है किन्तु अभियोजन की ओर से ऐसाकोई साक्ष्य नहीं <नाम> गया है जिससे यह विदित हो कि अभियुक्त को किसीमुकदमे में दोषसिद्ध किया गया हो। अभियुक्त की ओर से यह भी कथन किया Bail Application/1194/2021 -Dileep Kumar Vs. UP State 3गया है कि पुलिस द्वारा उसे वादी से मिलकर झूंठा फंसाया गया है, जिसके संबंधमें अभियुक्त की ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त इस प्रकरणमें दिनांक 18.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4037_202009-12-2020711
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा मुनीशकुमार द्वारा थाना जी.आर.पी. <नाम> केन्ट, जिला <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि आज दिनांक 22.07.2020 को गाड़ी सं0 02181जबलपुर से <नाम> निजामुद्दीन के लिए कोच नं0 एस-8 में सीट नं0 67 <नाम> यात्राकर रहा था। उसने अपना मोबाइल फोन एमआई कंपनी का नोट 7प्रो रंग सफेदजिसमें सिम नं<फ़ोन-नंबर> एवं <फ़ोन-नंबर>, आईएमईआई नं<फ़ोन-नंबर>0—55 एवं <फ़ोन-नंबर>063 किसी अनजान व्यक्ति ने <नाम> रेलवे स्टेशन <नाम> चोरीकर लिया। काफी तलाश करने <नाम> नही मिला । ", "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्तको जी.आर.पी. <नाम> कैन्ट पुलिस द्वारा घर से पकड़कर पुलिस अभिरक्षा में रखकरस्वयं के इकबालिया बयान के आधार <नाम> उपरोक्त मुकदमें में आरोपित करते हुएअन्य मुकदमों में झूठा गुडवर्क के लिए फर्जी <नाम> से संलिप्त किया है। प्रस्तुत प्रकरणमें वादी मुकदमा के द्वारा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध एम.आई. कंपनी नोट प्रो रंगसफेद चोरी करना कहा है, जबकि बरामदगी में मोबाइल का रंग गोल्डन व काला Bail Application/10579/2020 —Aasukhan Vs. UP State 2बताया गया है तथा मोबाइल के आईएमईआई नम्बर वादी के चोरी गये मोबाइल सेभिन्न हैं। जिससे स्पष्ट है कि वादी का मोबाइल बरामदगी के समय प्रार्थी / अभियुक्तसे बरामद नही हुआ है। गुडवर्क के लिए <नाम> बरामदगी दर्शाते हुए घटना केलगभग 4 माह <नाम> गलत तरीके से 411 भा०द0सं0 की बढोत्तरी <नाम> इकबालियाबयान के आधार <नाम> फर्जी <नाम> से उपरोक्त मुकदमा प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> आरोपितकर <नाम> गया है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नही है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीहै। अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्त दिनांक 23.11.2020 से जेल में है। अत: प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन कियागया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान ए.डी.जी.सी. (दाण्डिक) द्वारा जमानत काविरोध किया गया तथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी का मोबाइल ट्रेन मेंचोरी किया गया तथा अभियुक्त से चोरी किया गया मोबाइल बरामद हुआ है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तरक सुने तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया। ", "केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथमसूचना रिपोर्ट में वादी ने अज्ञात द्वारा अपना मोबाइल फोन एमआई कंपनी का नोट7प्रो रंग सफेद जिसमें सिम नं<फ़ोन-नंबर> एवं <फ़ोन-नंबर>, आईएमईआई न॑ं<फ़ोन-नंबर>055 एवं <फ़ोन-नंबर>063 चोरी होना दर्शाया है। प्रार्थी/ अभियुक्तप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नही हैं। घटना के लगभग <नाम> माह <नाम> दिनांक 22.11.2020 को प््रार्थी/अभियुक्त व <नाम> अभियुक्त को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कियाजाना दर्शाया गया है तथा फर्द बरामदगी में प्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से फर्द मेंउल्लिखित दो मोबाइल- सैमसंग कंपनी-जी 510 रंग गोल्डन तथा रीयलमी कंपनीरंग काला बरामद होना दर्शाया गया है। अभियुक्त से प्रश्‍नगत मोबाइल बरामद होनानही दर्शाया गया है। प्रस्तुत प्रकरण में <नाम> अभियुक्त के कथन <नाम> अभियुक्त कानाम संलिप्त किया <नाम> दर्शाया गया है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नहीदर्शाया गया है। प्रस्तुत बरामदगी से संबंधित मामलों के अतिरिक्त अभियुक्त का अन्यकोई आपराधिक इतिहास नही दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रैट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। अभियुक्त दिनांक 23.11.2020 से जेल में निरूद्ध होना बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6634_201927-11-20191211
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के <नाम> व पैरोकार बबलूके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा रोहितगुप्ता द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किवह दिनाक 09.06.2019 को <नाम> से बिजलीघर आया। बिजलीघर से ओटो स्टैण्ड की तरफ वह फोन कान <नाम> लगाकर बात करता छुआ जारहाथातभी अम्बेडकर पार्क के सामने से पीछे से दो युवक मोटरसाईकिल सवार आए और उसका फोन झपट्टा मारकर पीछे बैठे व्यक्ति ने छीन लिया और भाग गए। पीछे बैठे व्यक्ति का नाम वह जानता है, उसका नाम <नाम> पुत्रशुघरीव है। उसका फोन वीवो कम्पनी का है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 03.10.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-08, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6634/2019शनि बनाम राज्यप्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। घटना में <नाम> को नामितकिया गया है तथा एक अन्य अज्ञात को भी अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थीका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के साथ लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुमारसिंह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयातथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले मेंघटना दिनाक 09.06.2019 की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टदिनाक 12.06.2019 को <नाम> व एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध दर्जकरायी गयी है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी को दिनाक 03.10.2019 को सह-अभियुक्त के साथ गिरफूतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से प्रश्‍नगतअपराध से संबंधित मोबाइल बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थीलगभग पौने दो माह से जिला करागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर सेप्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। सह-अभियुक्त <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनोक 21.10.2019 को स्वीकार कीजा चुकी है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_307_202017-02-2020783
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्तगण के पैरोकार जसवनतउफ जसवंज <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 20.01.2020 कोथानाध्यक्ष अरूण <नाम> बालियान द्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथथाने <नाम> प्राप्त सूचना <नाम> कि ग्राम रम्पुरा में दो पक्षों में झगड़ा हो रहा है, Bail Application/ 2746/2020 —-Dheeraj Vs. UP State 2वादी पुलिस पार्टी के सदस्य मौके <नाम> पहुँचे तो <नाम> कि जयराम चौकीदारके घर के सामने सार्वजनिक रास्ते <नाम> एक-दूसरे को गाली गलौज व जानसे मारने की धमकी देते हुए लाठी, डण्डों, ईट पत्थर, कुल्हाड़ी व फर्सा आदिसे लैस होकर एक-दूसरे की <नाम> लेने <नाम> उतारू थे, जिनको धमकी देतेलोक शान्ति बनाये रखने <नाम> काफी समझाने का प्रयास किया गया लेकिनवह लोग नहीं <नाम> तथा और अधिक उत्तेजित हो गये, जिससे आम <नाम> मेंभगदड़ मच गई तथा <नाम> क व्यक्ति <नाम> बचाने के लिए अपने-अपने घरोंकी ओर भागने लगे। तदुपरान्त वादी पुलिस पार्टी द्वारा आवश्यक <नाम> प्रयोगकरते हुए इन लोगों <नाम> नियन्त्रण किया गया तथा लोक शान्ति बहाल कीगई। आस-पास के लोगों से जानकारी करने <नाम> ज्ञात हुआ कि इस घटना मेंप्रथम पक्ष के रामनरेश, जसवनत, <नाम> धर्मेन्द्र, <नाम> रामवीर, धीरज तथातीन-चार अज्ञात महिला व पुरूष एवं द्वितीय पक्ष के <नाम> <नाम> प्रभाकर,सतेन्द्र, शिवराज, आदेश व तीन-चार अज्ञात महिला व पुरूष आदि थे। झगड़ेके दौरान कुछ लोगों के काफी चोटें आई है, जिनको उपचार <नाम> सी.एच.सी.भेजा गया। अभियुक्तगण मौके का फायदा उठाकर भाग गये। ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उसने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 21.01.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना का समय आकितनहीं किया गया है। प्रार्थीगण मौके से गिरफूतार नहीं हुए हैं। प्रार्थीगण सेकोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थीगण को घर से पकड़कर बंद किया गया है। कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थीगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र मानीय उच्च न्यायालय या अन्य किसीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराजमानत का विरोध किया गया किन्तु इस तथ्य को स्वीकार किया गया किउक्त घटना में पुलिस पार्टी के किसी भी सदस्य के कोई चोट नहीं आई है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", " Bail Application/2746/2020 —-Dheeraj Vs. UP State 3अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनीक 20.01.2020 की है। प्रार्थी <नाम> सह-अभियुक्तगण के साथमिलकर <नाम> इथियारों से लेस होकर गाली गलौज करते हुए एक-दूसरेपक्ष को <नाम> से मारने के आशय से गाली गलौज, पथराव व फायरिंग किएजाने का आरोप है। अभियोजन की ओर से उक्त घटना में पुलिस पार्टी ककिसी भी सदस्य के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। सह-अभियुक्तगण <नाम> उफ <नाम> <नाम> व <नाम> की जमानत पूर्व मेंस्वीकार की जा चुकीं हैं। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण केसमान है। अभियुक्तगण लगभग 25 <नाम> से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्वहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_659_202031-01-20201571
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की मॉ शान्ती <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै इसके अलावा अन्य कोई प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त नेउपरोक्त केस में दर्शायी गयी किसी घटना को अन्जाम नहीं <नाम> है, वादी द्वारा पुलिससे मिलकर उसे झूंठा नामजद <नाम> <नाम> गया है। अभियुक्त के पास से कोई भी चोरीका मोबाइल बरामद नहीं हुआ है। गिरफूतारी व बरामदगी का <नाम> का कोई गवाहनहीं है। अभियुक्त दिनांक 29.12.2019 से जेल में निरुद्ध है। अत: आवेदक को जमानतपर <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त के पास से चोरी का मोबाइल बरामद हुआहै, अत: आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ सहायक जिला शासकीय 2अधिवक्ता (फौजदारी) के <नाम> सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6478_201902-12-20191046
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के बड़ा <नाम> व पैरोकारसंजय <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा विजयसिह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किकल दिनीक 16.09.2019 को शास के समय करीब छः बजे उसका चालकबन्टू पुत्र <नाम> सिह उसकी टाटा मैजिक गाड़ी संख्या-यूएपी0 80, बी0टी03323 में सवारियाँ लेकर भगवान टॉकीज से <नाम> गया था। आज सुबह लगभग <नाम> बजे उसका चालक बन्दू गोर्वधन चौराहे से सवारी लेकर आगराआ रहा था तभी सुबह करीब 05:00 बजे उसे सूचना <नाम> कि बन्दू की लाशकलवारी एसबीआई बैंक के पास सड़क क किनारे पड़ी है और उसकी मैजिकयूछपी0 80, बी0टी० 2223 वहाँ <नाम> नहीं है। बन्टू के सिर को किसी चीज सेकुचलकर इत्या <नाम> लाश को यहाँ <नाम> फेंक <नाम> उसकी मैजिक अज्ञात व्यक्तिलेकर चले गए हैं। बन्टू की जेब में मोबाइल पड़ा था। उसके <नाम> पुलिस नेआकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही की। अब <नाम> वह तलाश करता रहा, लेकिन (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6478/2019घनश्याम बनाम राज्यकोई जानकारी नहीं <नाम> । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। प्रार्थी की झूठी गिरफूतारी दिखायी गयी है। प्रार्थी को दिनाक02.10.2019 को गैराज से पकड़कर, उसके साथ मारपीट <नाम> प्रार्थी को गलत तरीके से नामित <नाम> <नाम> गया। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी ने कोई बरामदगी नहीं करायी है। प्रार्थी को गाड़ी के अन्दर नहीं पकड़ागया है और <नाम> ही प्रार्थी की कोई <नाम> दर्शित की गयी है। प्रार्थी का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के चालक की हत्या कारित <नाम> उसके शव कोछिपाकर उसकी गाड़ी लूटी गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया यया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 16.09.2019 से 17.09.2019 के मध्य की है। प्रार्थी <नाम> वादीमुकदमा के चालक बन्टू की हत्या <नाम> व उसके शव को छिपाकर वादीमुकदमा की गाड़ी लूटने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी <नाम> उपलब्धमृतक बन्टू की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक बन्टू का पोस्टमार्टमदिनाक 17.09.2019 को समय 04:10 पीछएम0 <नाम> किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु का <नाम> मुत्युपूर्व आयीं चोटों के <नाम> आघात व रक्वस्राव से होना बताया गया है। पोस्टमार्टस रिपोर्ट के अनुसार मृतक के (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रल्क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6478/ 2019घनश्याम बनाम राज्यमाथे <नाम> बांयी ओर आँख के पास कुचले जाने की चोटें पायीं गयीं है तथाखोपड़ी की सभी हड्डियों में फैक्चर पाया गया है। केस डायरी के अवलोकनसे यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनाक 04.10.2019 को सह-अभियुक्तगुलाम अली के साथ गिरफ्तार किया गया है तथा उनके कब्जे से प्रश्‍नगतमामले में लूटी गयी गाड़ी टाटा मैजिक गाड़ी संख्या-यूएपी0 80, बी0टी०3323 बरामद की गयी है। केस डायरी के अवलोकन से यह भी दर्शित होताहै कि प्रार्थी व सह-अभियुक्त की निशानदेही <नाम> घटना में प्रयुक्त आलाकत्ल एक पत्थर खून आलूदा बरामद किया गया है। प्रार्थी को झूठा फंसाएजाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलितहै। " ] }
0DENIED
Bail Application_1277_202024-07-2020913
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त के पिता व पैरोकारकिताबसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमातपेन्द्रसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयी कि दिनाक 04.03.2020 को समय 7:30 बजे वह अबन्तीबाई चौराहे की तरफ सेअपने रूम बाग कॉलोनी साइकिल से जा रहा था। साइकिल <नाम> पीछे मेरा रूमपार्टनर <नाम> पुत्र बहादुर बैठा हुआ था। जब हम <नाम> <नाम> हॉस्पीटल केसामने पहुँचे तो पीछे से एक मोटरसाइकिल नं० यू0पी0 80सीएन 2641 फैशन प्रो सवार दो व्यक्तियों ने उसके हाथ से मोबाइल छीनने का प्रयास किया। उसका मोबडल पकडकर उसे खींचते रहे और उसके मोबाइल को छुडाने का प्रयास करतेरहे और वे गिर गये तब अभियुक्तगण अम्बेडकर चौराहा की तरफ भाग गये। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं कियाहै, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 06.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। ", "Ue GS Hy aes weil नहीं है। उपरोक्त घटना में किसी प्रकार की लूट किया <नाम> नहीं बताया गया है केवल मोबाइल की लूट का प्रयास किया जानाबताया है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 127 / 2020योगेश बनाम राज्यपत्र अन्य किसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गयी है । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के मोबाइल को लूटने का प्रयास किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी, अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि मामले में घटनादिनाक 04.03.2020 के समय 19:30 बजे के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट उसीदिन समय 20:10 बजे दो अज्ञात के विरूद्द दर्ज करायी गयी है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त नामजद नहीं है। मौके सेपकडा नहीं गया है। मोबाइल के लूटने के प्रयास का अभियोग है। प्रार्थी दिनांक 06.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी काकोई अपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1577_202024-07-2020939
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता रामदत्त की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, वह निर्दोष है। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास मेंदर्शाये गये मुकदमों में उसे झूंठा नामजद किया गया है। उसने समाज विरोधी क्रियाकलापोंमें संलिप्त रहकर अवैध <नाम> से कोई धन अर्जित नहीं किया है। वह दिनांक 17.04.2020 सेजिला कारागार में निरुद्ध है। इसलिये आवेदक को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 22.03.2020 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> थाना डौकी द्वारा थाने <नाम> इस आशय की जुबानी सूचना दीगयी कि गैंग लीडर <नाम> <नाम> का एक सुसंगठित गिरोह है तथा गैंग लीडर अपने गैंग केसक्रिय सदस्य कुवरसैन के साथ मिलकर समाज विरोधी क्रियाकलाप <नाम> भा0दं0सं0 केअध्याय 17 एवं 22 में वर्णित लूट जैसे गम्भीर अपराधों को कारित <नाम> आर्थिक <नाम> <नाम> धनोपार्जन <नाम> अपना व अपने परिवार का भरणपोषण करते हैं। इनके विरुद्ध <नाम> काकोई भी व्यक्ति गवाही व रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। अभियुक्तगण केविरुद्ध मु0अ0सं0 2592019 <नाम> 411,413,41,420 भा0दं0सं0 व 15 द0प्र0क्षे अधिनियमथाना डौकी, मु0अ0सं0 331,//2019 <नाम> 370, 411 भा0०दं0सं0 थाना फतेहाबाद, मु0अ0सं०352 / 2019 <नाम> 379, 411 भा0०दं0सं0 थाना फतेहाबाद, मु0अ0सं0 350/2019 <नाम> 379,411 भा0०दं0सं0 थाना फतेहाबाद, मु0अ0सं0 243,/2019 <नाम> 379, 411 भा0दं0सं0 थानाशमशाबाद तथा मुं0अ0सं0 186,/2019 <नाम> 379, 411 भा०द0सं0 थाना शमशाबाद जिला 2आगरा पंजीकृत हैं। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना डौकी <नाम> मु0अ0०सं063/2020 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ । विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठित गिरोह है, जिसका वह गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध लूट व चोरी के 6 मुकदमे पंजीकृत हैं। अतःअभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त गैंग का लीडर है तथा उसके विरुद्ध अपने सदस्यों केसाथ मिलकर चोरी व लूट करने का आरोप है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकीप्रकृति, अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुयेआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2676_201930-05-20193468
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में अभिकथन है किअभियुक्त को झूंठा पेशबंदी में फंसाया गया है। शपथपत्र में वर्णित तथ्यों के आधार परआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "सुल्तान <नाम> जो अभियुक्त का पुत्र है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करते हुएअभियोजन कथानक का वर्णन किया गया है। तत्पश्चात्‌ कहा गया है कि वास्तविकतायह है कि अभियुक्त दिनांक 25.11.2018 को समय करीब 1.00बजे <नाम> से सरकारीपम्प सही कराकर अपने गांव जा रहा था तो रास्ते में <नाम> पेट्रोल पम्प रूनकता चौकी से आगे ढाबा <नाम> खाना खाने रूका तो वहां <नाम> धर्मवीर पुत्र <नाम> निवासी ग्रामपींगरी थाना फरह जिला <नाम> व दो अन्य शराब पी रहे थे। <नाम> <नाम> होने केकारण धर्मवीर शराब पीकर गाली देने लगा तो आवेदक,/ अभियुक्त के पिता ने गालीदेने से <नाम> किया तो धर्मवीर ने अभियुक्त को <नाम> से मारने की नीयत से गोली मारदी जो पैर में लगी। लोगों ने बचाया तथा अस्पताल लाये। इस घटना के संबंध मेंअभियुक्त के पुत्र सुल्तान ने थाना सिकन्दरा <नाम> मु0अ0सं0 957,/2018, <नाम> 307भा०द0सं0 के अंतर्गत धर्मवीर व दो आज्ञात के विरूद्ध मुकदमा कायम कराया। मामलाकॉस केस <नाम> आधारित है। चुटैल का फर्जी चिकित्सीय परीक्षण कराकर झूंठी कहानीके आधार <नाम> मुकदमा कायम कराया गया है। मामले में तथाकथित <नाम> से जो घटनादिखाई गयी है, उस संबंध में कोई जनसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त का 2आपराधिक गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है। अभियुक्त सजायाफूता नहीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाय। अभियुक्त की ओर से अ0सं0 957/2018 की प्रथम सूचना रिपोर्टकी <नाम> <नाम> दाखिल की गयी है। जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौ0) द्वारा किया गया। मैंने अ0सं0 960//2018 की प्रथम सूचना रिपोर्ट का सम्यक परिशीलनकिया जिसके अनुसार वादिनी <नाम> <नाम> ने थाने <नाम> यह तहरीर दी कि उसकेपति धर्मवीर पेशे से ड्राइवर है। दिनांक 25.11.2018 को समय करीब 8.30 बजेप्रात <नाम> के लिए निकले थे। दोपहर 12.30 बजे वादिनी के <नाम> सिकन्दरास्थित गुरू दरबार होटल <नाम> खाना खा रहे थे, तब पप्पू उर्फ <नाम> अपनेदो-तीन लोगों को लेकर आ गया और जब <नाम> वादिनी का <नाम> कुछ समझपाता तो उसके पहले ही पप्पू उफ <नाम> ने वादिनी के <नाम> के सिर <नाम> ईंटों सेताबड़तोड़ हमला <नाम> दिया। पप्पू दबंग किस्म का व्यक्ति है तथा उस परगम्भीर धाराओं के कई केस चल रहे हैं। यह लोग वादिनी के <नाम> को मरासमझकर भाग गये। पुलिस ने वादिनी के <नाम> को गम्भीर हालत में पुप्पांजलिहॉस्पीटल, देहली गेट <नाम> भर्ती कराया। वादिनी के <नाम> के सिर एवं आंख परगम्भीर चोटें आयी हैं। वह पुष्पांजलि हॉस्पीटल के आई.सी.यू. में भर्ती हैं। पप्पू केविरूद्ध चल रहे मुकदमों की लिस्ट संलग्न है। मैंने चुटैल धर्मवीर की चिकित्सीय परीक्षण आख्या का सम्यकपरिशीलन किया जिससे प्रकट होता है कि चुटैल को कुल 6 चोटें <नाम> दर्शायागया है। पेट के अंगों <नाम> कोई एबर्नॉर्मैटिटी अल्ट्रासाउण्ड में नहीं दर्शायी गयी है। जो अस्पताल के पर्चे हैं उससे स्पष्ट है कि मरीज बेहोश नहीं है और एक्सरेचेस्ट में कोई गड़बड़ी नहीं पायी गयी है। अभियुक्त की ओर से अ0सं0 957/2018, <नाम> 307 भा०द0सं0थाना सिकन्दरा, <नाम> की प्रथम सूचना रिपोर्ट दाखिल की गयी है जिससे प्रकटहोता है कि वादी मुकदमा सुल्तान <नाम> ने थाने <नाम> यह तहरीर दी कि दिनाक25.11.2018 को समय करीब 1 बजे दोपहर वह <नाम> से सरकारी पम्प सही कराकर अपने गांव जा रहा था, तो रास्ते में <नाम> पेट्रोल पम्प रूनकता चौकी से आगे ढाबा <नाम> खाना खाने रूका तो वहां <नाम> मौजूद धर्मवीर पुत्र <नाम> निवासी 3ग्राम पींगरी थाना फरह जिला <नाम> व दो अन्य शराब पी रहे थे। <नाम> पतिहोने के <नाम> धर्मवीर शराब पीकर गाली देने लगा तो उसके पिता ने गाली देनेसे <नाम> किया और धर्मवीर ने वादी के पिता को <नाम> से मारने की नीयत सेगोली मार दी जो पैर में लगी। लोगों ने बचाया तथा अस्पताल लाये हैं । इस मामले की सूचना दिनांक 25.11.2018 को समय 21.09 बजेथाने <नाम> दर्ज हुई है। घटना 13 बजे की बतायी गयी है। मैंने <नाम> <नाम> की चिकित्सीय परीक्षण आख्या का सम्यक परिशीलनकिया जिससे प्रकट होता है कि चुटैल के आग्नेयास्त्र की चोट <नाम> दर्शाया है। अ0सं0 960/2018 की घटना दिनाक 25.11.2018 को 8.30 बजे कीहोना दर्शायी गयी है। मैंने थाने की आख्या का सम्यक परिशीलन किया जिसमें जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है तथा अभियुक्त पप्पू के विरूद्ध अ0सं0200/01, <नाम> 429, 506 भा०द0सं0, थाना फरह जिला <नाम> अ0सं०220/01, <नाम> 3/25 आयुध अधिनियम, थाना फरह जिला <नाम> अ0सं006/96, <नाम> 324, 504, 506 भा०द0सं0, थाना फरह जिला मथुरा,अ0सं०117/96, <नाम> 307 भा०द0सं०, थाना फरह जिला <नाम> अ0सं0 225/96, धारा3/25 आयुध अधिनियम, थाना फरह जिला <नाम> अ0सं0 186/97, <नाम> 307भा0द0सं0 थाना फरह जिला <नाम> चल रहे हैं । " ], "judge-opinion": [ "मैंने केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया । न्यायालय के मत में अभियुक्त का जो भी आपराधिक इतिहासदर्शाया गया है, वह वर्तमान घटना से काफी पहले का है। उन मुकदमों में क्यापरिणाम रहा, यह <नाम> नहीं है। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) का तर्क है किचुटैल अस्पताल में भर्ती था इसलिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने मेंविलम्ब हुआ है। यह सही है कि दोनों घटनाओं का समय एक नहीं है परन्तुअभियुक्त की ओर से भी धर्मवीर के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2749_202108-04-2021119
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3839_201920-07-20191671
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> पूरन <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "आवेदक /» अभियुक्त द्वारा प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथापत्र में यह कहा है किवह उक्त प्रकरण में वजह पूर्व में जमानत <नाम> था। उसके पिता असाध्य रोग से ग्रस्त हैंजिनको लेकर आवेदक /अभियुक्त को चिकित्सों के पास <नाम> पड़ता है। दिनांक08-03-2019 को भी वह अपने पिता को लेकर अस्पताल गया था इस <नाम> न्यायालयनहीं आ सका अतः उसके विरुद्ध <नाम> जमानत वारंट हो गये। आवेदक /अभियुक्त नेजानबूझ <नाम> गलती नहीं की है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 13--06-2019 से कारागार मेंनिरुद्ध है। ", "ए0डी0जी0सी0 द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया। ", "पत्रावली के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्त की नियमित जमानतपूर्व न्यायालय द्वारा दिनांक 13-10--2017 को स्वीकार हुयी थी। मूल जमानत आदेश अभीनिरस्त नहीं हुआ है। " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", " पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि दिनांक 08-03--2019को आवेदक / अभियुक्त के <नाम> आने के <नाम> उसके विरुद्ध <नाम> जमानती वारंट जारी कियेगये थे। अभियुक्त का कहना है वह अपने पिता को इलाज <नाम> अस्पताल ले गया था इसकारण न्यायालय नहीं आ सका। अभियुक्त दिनांक 13-06-2019 से कारागार में निरुद्ध है,उसे अपनी गलती की सजा मिल चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_837_202016-03-202060
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से उसके भाईरंजीत पुन्न किशन <नाम> के शपथपत्र से समर्थित है । ", "संक्षेप में प्रकरण क तथ्य इस प्रकार है कि दि0 25.03.2018को थाना मलपुरा <नाम> <नाम> युगल किशोर अवर अभियन्ता द्वारा इस आशय कीतहरीर दी गयी कि दि० 24.03.2018 को पूर्व में बकाया बिल <नाम> अस्थाई रूपसे काटे गये विद्युत संयोजन को <नाम> विद्युत बिल जमा किये स्वयं द्वाराकटिया के माध्यम से पास से गुजर रही एल.टी.लाईन से जोड़कर विद्युत काप्रयोग करते पाया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है उसका उक्त घटना से कोई सम्बन्ध नही है। उसेमात्र प्रताडित करने के लिए फंसाया गया है। वह अण्डर टेकिंग देने कोतैयार है वह अपना शमन शुल्क अदा <नाम> देगा। उस <नाम> आज <नाम> किसी सम्मन की तामील नही हुई है उसे वारंट के आधार <नाम> जेल भेजा गया है। अभियुक्त दिनाक 14.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसेजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथा (2)पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रकरण घरेलूविधा का है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनाक 14.03.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_2380_202008-09-20202845
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में प्रार्थी/अभियुक्त की पैरोकार नूरजहां काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें यह वर्णित है कि यह प्रार्थी / अभियुक्त काप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार घटना के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैंकि दिनांक 27.02.2020 को थानाध्यक्ष <नाम> <नाम> मय हमराह पुलिस कांस्टेबिलगण के साथ वास्ते गश्त रोकथाम जुर्म व्यस्त थे तो थाना कार्यालय में नियुक्त सी.सी.3489रंजीतसिंह के द्वारा फौन <नाम> सूचना दी गई कि ग्राम सेमरा थाना <नाम> खंदौली से पशुतस्कर गाड़ी में पशु डालकर भागे हैं जिनकी चैकिंग व घेराबंदी करने <नाम> थानाखंदौली द्वारा बताया गया है। इस सूचना को बरहन पुलिस ग्रुप <नाम> डालकर सभी को Bail Application/8875/2020 —-Sanjeet @ Sameer Vs. UP State 2एलर्ट किया गया तथा थानाध्यक्ष मय फोर्स के जलेसर रोड <नाम> आये तो समय करीब03.00 बजे <नाम> थाना मोबाइल में मामूर उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> के हमराहकां0 <नाम> ने सूचना दी कि सहपुट पुलिया तिराहे <नाम> <नाम> एक टाटा 407 कोचैकिंग <नाम> रोकने का प्रयास किया तो नहीं रूकी और फुल स्पीड के साथ टाटागाडी के चालक ने गाडी निकाली, गाड़ी में पशु लदे हैं तथा पीछा <नाम> रहे हैं तोउनके द्वारा चलती गाड़ी से एक गाय को अंडरपास नगला बिरजी निकलते ही पुलिस की गाड़ी रोकने के लिए रोड <नाम> फॅक <नाम> गया है। इस सूचना <नाम> तत्काल नगलानत्था बम्बा की पुलिस <नाम> आए और गाड़ी को तिरछी बम्बा पुलिया सड़क परलगाकर रोड ब्लाक <नाम> <नाम> कि कुछ ही देर में समय करीब 03.30 बजे सामने से एक गाड़ी की लाइट दिखाई दी, रोड <नाम> गाड़ी लगी देखकर निकलने का कोई रास्ता <नाम> बचने <नाम> उनकी निगाह पुलिस <नाम> पड़ी तो एकदम चिल्लाए कि पुलिस है,फायर करो तथा पुलिस वालों <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने लगे और गाड़ी से उतरकर पीछे खेतों में भागने लगे। बचाव में पुलिस वालों ने भी आत्मरक्षार्थमें फायर किये, कुछ ही देर <नाम> अन्य उल्लिखित उपनिरीक्षक मय कांस्टेबिलगण के साथ आ गये लेकिन अंधेरा एवं खेतों में फसलें खड़ी होने के <नाम> काफी प्रयास केबावजूद कोई हाथ नहीं आया। आत्मरक्षार्थ में 08 फायर किये गये, टार्च की <नाम> में खोखा तलाशे तो दो खोखा मिले, जंगल होने के <नाम> 05 खोखा कारतूस नहीं मिलपाये। बदमाश गाडी और पशु छोडकर जलेसर <नाम> की तरफ भागे हैं। बरामद कीगई गाडी 407 जिस <नाम> रजिस्ट्रेशन नं0 यू०पी0 13 टी-5209 पड़ा है जिसका चैसिस नम्बर व इंजन नंम्बर भी वर्णित किये गये हैं जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर एप परडालकर चैक किया गया तो मिलान नहीं <नाम> रहा है। फर्जी नम्बर प्लेट लगी पाईंगई। उपरोक्त इंजन नम्बर व चैसिस नम्बर का रजिस्ट्रेशन नं0 यू0पी0 37 टी-4645पाया गया है। गाडी के अन्दर चोरी <नाम> लाया हुआ एक भैंसा जिसके पैर रस्सी सेबांधकर डाला गया है, पाया गया जिसकी रस्सी खोली गईं। इसके <नाम> पीछे रोड परफेंको गई गाय जिसके पैर रस्सी से बधे थे, को रस्सी खोलकर, गाडी टाटा 407 कोतथा बरामद भैंसा व गाय को कब्जे पुलिस में लिया गया। अज्ञात बदमाशों द्वारा पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर करना तथा फर्जी नम्बर प्लेटलगाकर पशुओं की चोरी, लूट करना तथा गाड़ी में रस्सी से बांधकर बड़ी बेरहमी सेडालकर लाना धारा-307, 420, 465, 411, 414 भा०द०सं0 एवं धारा-3/11 पशुकुरता अधिनियम के अन्तर्गत अपराध कारित किया गया है। बरामद फायर किये गये दो खोखा कारतूस को सफेद कपड़े में रखकर सील मोहर किया गया तथा फर्द मौकेपर तैयार <नाम> हमराही कर्मचारीगण के हस्ताक्षर कराये गये। ", "उक्त फर्द बरामदगी के आधार <नाम> अज्ञात के विरूद्व थाना बरहन जिला Bail Application/8875/2020 —-Sanjeet @ Sameer Vs. UP State 3आगरा <नाम> मु०अ०सं0 30/2020 धारा-307 भा०दं०सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई। दौरान विवेचना एक अन्य प्रकरण में प्रार्थी / अभियुक्त के गिरफ्तार होने <नाम> उसकानाम <नाम> में आया है। <नाम> विवेचना विवेचक ने अभियुक्तगण असफाक उफ दिलशाद, <नाम> उफ <नाम> फैजान व मुन्ना के विरूद्ध संकलित साक्ष्य के आधारपर धारा-307 भा0दं0सं0 का जुर्म साबित पाते हुए आरोपपत्र प्रेषित किया गया। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूठा फसाया गया है, जबकि उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से यह तकभी प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को <नाम> अभियुक्तों तथा ग्राम की प्रधानी की रंजिश के <नाम> दरोगा से मिलकर बंद <नाम> <नाम> है जबकि प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> से बाजार करके वापस लौट रहा था। प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> जो जो मुकदमेलगाये गये हैं, उन मुकदमों का पुलिस के अलावा ऐसी कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है जिससे उस <नाम> मुकदमा बनता हो। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा कोई फायरिंग नहीं की गई है, <नाम> ही किसी प्रकार की बरामदगी है, <नाम> ही पुलिस वालों व <नाम> के कोई चोटआई है जिससे साबित हो कि फायरिंग हुई है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 11.06.2020से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत काविरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि पशुओं को वाहन टाटा 407 में कुरतापूर्ण तरीके से लादकर ले जाये जाते समय पुलिस द्वारा रोके जाने <नाम> अभियुक्तद्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर पुलिस <नाम> <नाम> से <नाम> की नीयत सेफायर करने का अभियोग है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त करने की प्रार्थना की गई । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार घटना के दिनांक को पशुओं को वाहन टाटा 407 में कुरतापूर्ण तरीके से लादकर ले जाये जाते समय पुलिस द्वारा रोके जानेपर अभियुक्त द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर पुलिस <नाम> <नाम> से माननेकी नीयत से फायर <नाम> मौके से भाग जाने का अभियोग है। स्वयं अभियुक्तगण केबयान के आधार <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को प्रकरण में अभियुक्त बनाया गया है जबकि जमानत प्ररार्थनापत्र में अभियुक्त द्वारा घटना कारित करने से इन्कार किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "संबंधित प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि प््रार्थी/ अभियुक्तसंजीत उफ <नाम> का जमानत प््रार्थनापत्र अन्तर्गत धारा-307 भा०दं0सं0 के अन्तर्गत विद्वान प्रभारी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय संख्या-11, <नाम> द्वारादिनांक 26.08.2020 को निरस्त किया गया है। ", "मैने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा संबंधित पत्रावली का अवलोकनकिया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि पत्रावली <नाम> कोई आघात आख्याउपलब्ध नहीं है अर्थात प्रस्तुत प्रकरण में किसी व्यक्ति अथवा किसी पुलिस कर्मी को Bail Application/8875/2020 —-Sanjeet @ Sameer Vs. UP State 4कोई चोट <नाम> नहीं कहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज कराई गई है,प्रार्थी / अभियुक्त मौके से गिरफ्तार नहीं है। प्रकरण में आरोपपत्र प्रेषित किया जा चुका है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 11.06.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्धहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5377_201924-09-20193720
agra
{ "facts-and-arguments": [ "चूंकि दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एक ही अपराध संख्या एवं एक ही घटना सेसम्बन्धित है, अतः दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण एक ही आदेश द्वारा कियाजा रहा है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पैरोकार कमश: प्रीतमसिंह एवं झम्मन <नाम> ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि (2)आवेदक /अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 20.10.2018 को ग्राम नगला रामवक्स मेंराजस्व टीम द्वारा आम रास्ते का सीमांकन किया <नाम> था, तदुपरान्तउपजिलाधिकारी एत्मादपुर के साथ वादी/ उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा अपने अन्यसाथी कर्मचारीगण एवं राजस्व टीम के साथ दिनांक 20.10.2018 को दोनों पक्षों कीमौजूदगी में सहमति बनने <नाम> आम रास्ते का सीमांकन किया गया। सीमांकन कार्य उपरान्त वीरेशवर द्वारा तयशुदा रास्ते को छोड़कर अपनी जमीन की चार-दीवारी काकाम प्रारम्भ <नाम> <नाम> तभी दीवार के निर्माण को लेकर दूसरा पक्ष आकामक हो गया तथा समय करीब 21.15 बजे <नाम> <नाम> दौलतराम <नाम> <नाम> उफ <नाम> छोटू, बंगाली, लायक, फूल <नाम> पवनेश, <नाम> <नाम> अकुल, बबलू अमन तथाअन्य अज्ञात महिलाएँ व पुरूष तथा प्रथम पक्ष के वीरेशवर, राजेश्वर, देवेन्द्र, पप्पू व उनके साथ आठ-दस हज्ञात लोग आमने सामने आ गये तथा <नाम> पक्ष के लोगों ने ईट पत्थर फेंकना शुरू <नाम> दिया। इसी दौरान <नाम> दौलतराम व <नाम> अपने-अपने घरों में जाकर तमंचा निकालकर लाये तथा <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी व राजस्व टीम <नाम> ताबड़तोड़ फायर करने लगे तथा कुछ लोग एक-दूसरे <नाम> हमलावर होकर ईट पत्थर फॅकने लगे। उपरोक्त लोगों के द्वारा पुलिस पार्टी वराजस्व टीम के साथ गाली गलौज व <नाम> से मारने कौ धमकी देते हुए ईट पत्थर मारेंजिससे कां० नुसरत हुसैन, कां0 कृष्णकान्त, कां0 गोविन्द <नाम> के चोटें आई तथा मौके <नाम> अफरा तफरी का माहौल हो गया। हमलावरों को गिरफूतार करने का प्रयास कियागया तो दोनों पक्षों के लोग पथराव करते हुए मौके से भाग गये। वादी /उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाना एत्मादपुर <नाम> मु०अ०सं० 424 / 2018 <नाम> 147, 148, 149, 323, 504, 506, 336, 332, 353, 307 भा0द0सं0 एवं <नाम> 7 किमिनल लॉ अमेण्डमेन्ट एक्ट में अभियुक्तगण <नाम> <नाम> दौलतराम <नाम> <नाम> उफ <नाम> छोटू, बंगाली, लायक, फूलकुमार, पवनेश, <नाम> सुली,अकुल, बबलू अमन, वीरेशवर, राजेश्वर, देवेन्द्र, पप्पू एवं अज्ञात के विरूद्व प्राथमिकीअंकित कराई गई । ", "आवेदक / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है, उनको इस मामले में झूंठा फॅसाया गया है जबकि अभियुक्तगण द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। प्राथमिकी में अभियुक्तगण की कोई (3)जमानत प्राथना पत्र स0: 5359 एव_5377 / 2019 प्रार्थना पत्र सं0: 5359 एवं 5377 / 2019स्पष्ट <नाम> नहीं बताई गईं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहींबताया गया है। अभियुक्तगण को मौके <नाम> गिरफ्तार नहीं किया गया है तथा <नाम> ही अभियुक्तगण के पास से उक्त अपराध से सम्बस्थधित कोई बरामदगी बताई गई है। ", "उक्त घटना में किसी भी व्यक्ति के आग्नेयास्त्र की कोई चोट <नाम> भी दर्शित नहीं है तथा आहतों की चोटों को चिकित्सक द्वारा साधारण <नाम> की बताया गया है। <नाम> अभियुक्तगण <नाम> आदि की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 15.11.2018 कोस्वीकार की जा चुकी है। आवेदक /अभियुक्तगण का केस <नाम> अभियुक्तगण के केस के समान है। अभियुक्तगण जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। अतः जमानत <नाम> मुक्त किए जाने की <नाम> की गई। विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गयाकिन्तु इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि उक्त घटना में किसी भी पुलिस कर्मी के आग्नेयास्त्र की कोई चोट नहीं आई है तथा <नाम> अभियुक्तगण <नाम> आदि की जमानत सत्र ऱ्यायालय द्वारा दिनांक 15.11.2018 को स्वीकार की जा चुकी है। आवेदक /अभियुक्तगण का केस <नाम> अभियुक्तगण के केस के समान है। अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक /अभियुक्तगण के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर नाजायज मजमा बनाते हुए वादी पुलिस पार्टी को <नाम> से मारने के आशय से उन <नाम> पथराव करते हुए सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किए जाने तथा <नाम> से मारने की धमकी दिए जाने का आरोप है। ", "उक्त घटना में कां0 कुष्णकान्त, कां. नुसरत हुसैन एवं कास्टेविल गोविन्द केचोटें <नाम> बताया गया है जो कि दर्द की शिकायत एवं नीलगू निशान के <नाम> में हाथ, घुटना एवं कन्धे <नाम> है तथा उक्त चोटों को चिकित्सक द्वारा साधारण <नाम> कीबताया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) के तकौ को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार प्राथमिकी मं प्रार्थी/अभियुक्तगण कीकोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में इस स्तर <नाम> दर्शितनहीं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। अभियुक्तगण को मौके <नाम> गिरफ्तार नहीं किया गया है तथा आहतों के साधारण <नाम> की चोटे <नाम> बताया गया है। यह तथ्य अविवादित है कि <नाम> अभियुक्तगण <नाम> आदि की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 15.11.2018 को स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तगण जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1132_202112-02-20212483
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक » अभियुक्त के पुत्र <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में Aol GR TATहै। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में जेल में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिया जाय । " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_458_202127-01-20213211
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गयाहै तथा इसके साथ अभियुक्त की बहिन <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस0ओ0अनुराग <नाम> थाना मलपुरा, जिला <नाम> ने दिनांक 01.01.2021 को 12-30 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडरअभियुक्तगण <नाम> <नाम> राठौर, विश्नू, <नाम> <नाम> व <नाम> उफ <नाम> का एकसंगठित गिरोह है एवं अपने साथियों के भौतिक <नाम> के लिए डकैती व चोरी वनकवजनी के अपराध करते हैं। <नाम> यह गिरोह एवं इनके सदस्य भादवि के अध्याय16 व 17 में वर्णित दण्डनीय अपराधों को करने के अभ्यस्त अपराधी हैं। <नाम> <नाम> मेंइतना भय व आतंक व्याप्त है कि <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध थाने पररिपोर्ट लिखाने व न्यायालय में गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। इनके विरूद्धथाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवंसमाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकराया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त मरमले में झूँठा गुडवर्क दिखाने के उद्देश्य सेअभियुक्त बनाया गया है जबकि अभियुक्त ने उपरोक्त धाराओं के तहत कोई अपराधकारित नहीं किया है। अभियुक्त पूर्णतया निर्दोष है। आवेदक / अभियुक्त उचित जमानतदेने को तैयार है। गैंगचार्ट में उस <नाम> अ.सं. 433/20, <नाम> 380, 457 भा.द.सं. थानामलपुरा <नाम> का मामला दर्शाया गया है जिसमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी Bail Application/992/2021 —-Kali urf Gaurav Vs. UP Stateहै। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 25.11.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसेजमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्तका संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य/ गैंग लीडर है। अभियुक्त केविरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसकेविरूद्ध अ.सं. 433/20, <नाम> 380, 457 भा.द.सं. थाना मलपुरा <नाम> का मुकदमालंबित है। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि कासम्यक परिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त क विरूद्ध गैंग चार्ट में एक मामलादर्शाया गया है, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध चोरी जेसे अपराध करने का अभिकथनहै। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क)लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कियह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वगरा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामले में अभियुक्त की जमानतस्वीकार होने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामले में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकीकेवल जमानत स्वीकार हुई है। उस <नाम> गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर चोरीकरने का आरोप है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा, उसकीप्रकृति तथा उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखतेहुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहींहै और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1127_202112-02-20212478
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया । ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की प्रतिदाखिल की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1457_202106-03-20211391
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प््रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र <नाम> रूकमणि <नाम> पत्नी छोटेलाल काइस आशय का दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का पैरोकार मुकदमा है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्रपूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी की दुकान पन्डित <नाम> ज्वैलर्स रोहता चौराहे <नाम> स्थित है। दिनांक रात 1314.12.2020 की रात अज्ञात चोरों द्वारा दुकान से <नाम> लगभग 6 किग्रा व <नाम> 4 तोला चोरीकर लिया गया है। दुकान में लगे सी0सी0टी0वी0 कैमरे में चोरी करते हुए चोरों का चेहरास्पष्ट दिखाई <नाम> रहा है। अत: रिपोर्ट दर्ज <नाम> उचित कानूनी कार्यवाही करने का निवेदनकिया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। थाना पुलिस द्वारागुडवर्क दिखाने के लिए फर्जी मुठभेड़ दिखाकर प्रार्थी के उपर उक्त केस लगा <नाम> है,जबकि सी०सी०टी०वी0 कैमरे में आयी फोरटों से प्रार्थी /अभियुक्त की फोटों का मिलान नहीं Bail Application/2729/2021 -Chote Lal Vs. UP State 2किया गया है। प्रार्थी /अभियुक्त दिनांक 08.01.2021 को पुलिस द्वारा <नाम> स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है और दिनांक 12.01.2021 को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर उक्त केसझूंठा खोल <नाम> है। प्रार्थी के पास से केवल 2500 रूपये बरामद दिखाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व में सजायाफ्ता नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 12.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त की जमानत दिनांक 09.02.2021 कोमाननीय अवर न्यायालय के द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त जमानत कादुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का निवेदन किया गया है। अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक)के द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त का आपराधिक इतिहास मु0अ0सं0 732/2020 <नाम> 457, 380,411 भा०द0स०, थाना सदर बाजार, मु0अ0सं0 473/2020 <नाम> 457, 380, 411 भा0द0स0०,थाना मलपुरा, मु0अ0सं0 4/2021 <नाम> 457, 380, 411 भा0द0स0, थाना अछनेरा, मु0अ0सं0 9/2021 <नाम> ३99, 402, 307 भा0द0स0, थाना अछनेरा, <नाम> प्रस्तुत करतेहुए तथा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थी /अभियुक्त द्वारा अपने साथियोंके साथ मिलकर चोरी की गयी है, उसके पास से चोरी का <नाम> बरामद हुआ है तथासी०सी०टी०वी0 फुटेज में फोटो स्पष्ट दिखाई <नाम> रही है। प्रार्थी/अभियुक्त के द्वारा जमानतका दुरूपयोग <नाम> फरार होने तथा पुनः अपराध कारित किये जाने की <नाम> है। अतः जमानत प््रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने कानिवेदन किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी एवं अन्य प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया। ", "केसडायरी एवं एफ०आई0आर० तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है किअभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अपने <नाम> अपराधियों के साथ वादीकी दुकान में घुसकर चोरी करने का आरोप है। ", "उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है प्रथम सूचना में वादी द्वारा यह कथनकिया गया है कि सी०सी०टी0वी0 में अभियुक्तगण की फोटो आ गयी है, परन्तुप्रार्थी / अभियुक्त का कथन है कि इस संबंध में वादी से कोई शिनाख्त नहीं करायी गयीहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज है। घटना एवं बरामदगी का कोई स्वतंत्र साक्षीनहीं बताया गया है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त का जो आपराधिक इतिहास प्रस्तुतकिया गया है वे सभी मामले उक्त प्रकरण से <नाम> के हैं, परन्तु दोष <नाम> का कोईप्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 12.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित <नाम> व्यवस्था <नाम> <नाम> <नाम> बनाम यू0पी0राज्य 2007 (1) जे०आई०सी० 680 इलाहाबाद में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा यहविधिक सिद्धान्त प्रतिपादित किया है कि, \"यदि आवेदक जमानत पाने का <नाम> है, तोउसका आपराधिक इतिहास होने के <नाम> जमातन से इंकार नहीं किया जा सकता। " ] }
1GRANTED
Bail Application_298_202017-01-20202216
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{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ अभियुक्त के पिता <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारशर्मा, प्रभारी निरीक्षक, थाना जगदीशपुरा जिला <नाम> ने दिनांक 02.01.2020 को 19-35बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडरFeO SH Gra व <नाम> <नाम> का एक संगठित गिरोह है। गैंगलीडर के सदस्यों केसाथ लूट व प्रतिबन्धित नशीला पदार्थ बेचने जैसे जघन्य अपराध कारित करते हैं, जिससे <नाम> में दहसत व्याप्त है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। ये अपनेआर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिये लूट <नाम> <नाम> कमाते हैं, <नाम> <नाम> में भय एवं आतंकव्याप्त है, <नाम> का कोई भी व्यक्ति आसानी से इनके विरूद्ध गवाही देने को तैयार नहींहोता है। समाज में <नाम> स्वछन्द रहना उचित नहीं है। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्रणगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक /अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है, उसे झूंठा फेंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवंआतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानतस्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 06.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से 2अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध () अ.सं. 230 / 19 धारा-392, 411भा.द.स. थाना-जगदीशपुरा, जिला <नाम> 20) अ.सं. 232,/19 धारा-392, 411 भा.द.स.थाना-जगदीशपुरा, जिला <नाम> के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहा <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक »/ अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर लूट करने काआरोप है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_458_202029-02-2020394
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक » अभियुक्त के पैरोकार <नाम> सिंहका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाडा0 गिरधर <नाम> प्रबन्धक ने उप जिलाधिकारी, सदर, <नाम> को इस आशयकी तहरीर दी कि डा0 <नाम> <नाम> की 1.9600 हैक्टेअर की आधी रजिस्ट्रीकृतभूमि आपके आदेश <नाम> राजस्व निरीक्षक बरौली अहीर व लेखपाल दिगनेर नेखेती की माप के अनुसार 20एंगिल आयरन व तार फेंसिंग करायी थी, जिसेSe बीघा से अधिक <नाम> <नाम> 20एंगिल आयरन व तार फैंसिंग को राजकीयआदेशों का उल्लंघन करते हुये नत्थीलाल व भोलाराम पुत्रगण हरविलास नेदिनांक 22.06.2018 को तोड <नाम> था, जिसकी रिपोर्ट थाना ताजगंज में दर्जकरायी है, यह खसरा नंबर-506 में है। आज दिनांक 25.06.2018 को उपरोक्तविपक्षी मुल्जिमान ने अन्य साथियों के साथ एक <नाम> होकर डा0 रामशिक्षा कीउपरोक्त <नाम> <नाम> पडे 20एंगिल आयरन व तार फैंसिंग जबरन ट्रैक्टर में भरकरचोरी <नाम> ले गये हैं। हमारे चौकीदार हरीकान्त <नाम> के <नाम> करने <नाम> गालीगलौज व <नाम> से मारने की धमकी दी है। यह घटना सुबह नौ बजे दिनांक25.06.2018 की है। उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 28.06.2018 को अभियुक्तगण नत्थीलालव भोलाराम के विरूद्ध अपराध संख्या-696 ,/ 2018 <नाम> धारा-379, 504, 506भा०द0सं० का अभियोग थाना ताजगंज, <नाम> पंजीकृत किया गया। -2-आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफँसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में कहे गये तथ्य गलत बेबुनियाद तथामनगढन्त हैं। उसने <नाम> तो किसी भी एंगिल आयरन व तार फैंसिंग की चोरी कीहै और ना ही किसी को गाली गलौज व <नाम> से मारने की धमकी दी है। इसकेस में <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। आवेदक /» अभियुक्त पूर्व सजायाफ्‌्ता नहीं है और ना ही उसका कोई आपराधिक इतिहास है। ", "आवेदक / अभियुक्त दिनांक 14.02.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक /अभियुक्त के द्वरा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर डा0 <नाम> <नाम> की 1.9600 हैक्टेअरकी <नाम> <नाम> जो 20एंगिल आयरन व तार फेंसिंग करायी थी, को तोड <नाम> था,तथा उपरोक्त <नाम> <नाम> पडे 20एंगिल आयरन व तार फैंसिंग जबरन ट्रैक्टर मेंभरकर चोरी <नाम> ले गये हैं। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "कहा जाता है कि आवेदक / अभियुक्त ने अपने अन्य साथियों के साथमिलकर डाएरामशिक्षा की <नाम> <नाम> लगे 20एंगिल आयन व तारों को तोड दियाऔर उनको ट्रैक्टर में भर <नाम> ले गये। ", "इस मामले की घटना दिनांक 25.06.2018 की दर्शायी गयी है, जबकिथाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट तीन <नाम> विलम्ब से दिनांक 28.06.2018 को दर्जकरायी गयी है। इस घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है औरना ही आवेदक /अभियुक्त से चोरी गये किसी सामान की बरामदगी होनादर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त के जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> थाने से जोआख्या प्राप्त हुई है, उसमें उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास दर्शित नहींकिया गया है। इस मामले में <नाम> विवेचना आरोप पत्र प्रेषित हो चुका है। आवेदक /» अभियुक्त दिनांक 14.02.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3902_202007-12-2020760
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन मेंअभियुक्त की मॉ श्यामा <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है किअभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्रकिसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है कि अभियुक्त नेकोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शित अभियोगमु0अ0सं0 121,//2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा0दं0सं0, मु0अ०सं0 138/2019 अन््तगत धारा379,411 भा0दं0सं0, मु0अ0सं0 1812019 अन््तगत <नाम> 382,411 भा0दं0सं0, मु0अ0सं0212 /2019 अरन्तगत <नाम> 392,411 भा0दं0सं0, मु0अ0सं0 43/2019 अर्न्तगत <नाम> 379भा0दं0सं0 थाना डौकी, <नाम> मु0अ0सं0 ७4/2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा0०दं0सं0,मु0अ0सं0 473/2018 अर्न्तगत <नाम> ३92,504,506 भा0दं0सं0 थाना डौकी, <नाम> मेंजमानत हो चुकी है। अभियुक्त किसी भी समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त नहीं हैऔर <नाम> ही उसका समाज में भय व्याप्त है। अभियुक्त इस मामले में करीब दो वर्ष सेजिला कारागार में निरूद्ध है। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि प्रभारी निरीक्षक प्रवेश <नाम> सिंहथाना फतेहाबाद द्वारा इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी कि गैंग लीडर अलीशेर उफशकी ने एक सुसंगठित गैंग बना रखा है, जिसके सदस्य अलीशिक उर्फ डोकर उफअरफान, <नाम> उर्फ बबलू, मुनीम हैं, जिनका मुख्य कार्य लूटरपाट व चोरी <नाम> अवैध रूपसे धन अर्जित करना है। अभियुक्त <नाम> उफ बबलू के विरूद्ध- 1 -मु०अ०सं० 121/2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा०दं0सं०2. मु०अ०सं० 138/2019 अर्न्तगत <नाम> 379,411 भा०दं०सं03. मु0अ0सं0 181/2019 अर्न्तगत <नाम> 382,411 भा०दं०सं04. मु0अ०सं० 212/2019 अर्न्तगत <नाम> 392,411 भा०दं0सं०5. मु0अ०सं0 43/2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा०दं0सं0 थाना डौकी आगरा6. मु०अ०सं० 64 / 2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा०दं0सं0 —2—7. मु0अ0सं० 56/2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा0दं०सं०8. मु0अ०सं0 66/2019 अरन्तगत <नाम> 379 भा०दं0सं०9. मु0अ०सं0 73/2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा०दं0सं०10. मु0अ०सं० 80/2019 अर्न्तगत <नाम> 457,380,411 भा०दं०सं० थानाशमशाबाद, आगरा11. मु०अ०सं० 81/2019 अर्न्तगत <नाम> 307,332,353,504,420,427भा०दं0संणथाना शमशाबाद, आगरा12. मु०अ०सं० 181/19 <नाम> 379 भा०द0सं0 थाना सिरसागंज फिरोजाबाद13. मु0अ0सं० 256,/2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा०दं0सं0 थानासिरसागंज जिला <नाम> पंजीकृत हैं। ", "वादी कौ उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना फतेहाबाद <नाम> <नाम> मु0अ0सं001/2020 अर्न्तगत <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहा गया है किअभियुक्त आदतन अपराधी है तथा गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगण का एक संगठितगिरोह है। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरुद्ध 12 मुकदमे दर्ज हैं, जो चोरी, हत्या के प्रयास आदि से सम्बन्धित हैं। सह अभियुक्त हरीसिंह, अलीशिक उर्फ डोकर उफ अरफान की जमानत निरस्त हो चुकीहै। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी वपत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालयका समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराधका <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने कीसम्भावना नहीं है। ", "अभियुक्त अलीशेक गैंग का सदस्य होना कहा गया है। गैंगचार्ट के अनुसारउसके विरुद्ध अपने साथी के साथ मिलकर, चोरी, हत्या के प्रयास आदि अपराध करअवैध <नाम> से धन अर्जित करने का आरोप है तथा गैंग चार्ट में 13 अभियोग पंजीकृत होनादर्शित किया गया है। <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> व अलीशिक उफ डोकर उर्फ अरफानके जमानत प्रार्थनापत्र पूर्व में निरस्त हो चुके हैं, आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट मेंदर्शये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद वसमाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधानको दृष्टिगत रखते हुये आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> न्यायसंगतनहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4016_202015-12-2020302
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त के विरूद्ध मामला सत्र न्यायालय को सुपुर्द किया जा चुका है जिस <नाम> अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय से निरस्त नहीं हुआ है । ", "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार राहूल <नाम> नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें यह वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहींहै। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार-वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 29.05.2019को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसने अपनी बहन <नाम> की शादीदिनांक 11.02.2013 को <नाम> वीर <नाम> के साथ की थी। शादी के कुछ समय <नाम> सेही गाली गलौज, मारपीट करने लगे और बार-बार दहेज मांगने को मांग करते रहे। मनीष के एक <नाम> से अवैध संबंध थे जिसका विरोध उसकी बहन करती थी, इसी बात <नाम> उसके साथ मारपीट करते थे। दिनांक 28/ 29.05.2019 की <नाम> को समयकरीब 02.00 बजे उसकी बहन <नाम> को उसके बहन के ही पति-मनीष वीर सिंह,देवर-विभव वीर <नाम> ससुर-उदयवीर <नाम> ने <नाम> से मारने की नीयत से सिर मेंगोली मार दी जिसे मरणासन्न हालत में 100 नम्बर की पुलिस व पड़ौसी लोगों नेपुष्पांजली हॉस्पीटल देहली गेट थाना हरीपर्वत में भर्ती कराया, स्थिति नाजूक बनी हुयी है, कभी भी मृत्यु हो सकती है। रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> करें। वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण मनीषवीर <नाम> विभववीर <नाम> उदयवीर <नाम> व <नाम> <नाम> <नाम> के विरूद्व थाना एत्माद्दौला <नाम> मु0अ०सं0 358, 2019 <नाम> 498ए,323, 504, 307 भा0द0सं0 व धारा-3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में प्राथमिकी अंकितकी गई । ", "विवेचना के दौरान अभियुक्त का नाम <नाम> में आने <नाम> अभियुक्त को इसप्रकरण में नामित किया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं है तथा निर्दोष है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है, अभियुक्त को इस मामले में झूठाँ फॅसाया गया है। यह कथन भी कियागया है कि घटना दिनांक 29.05.2019 को समय <नाम> करीब 02.00 बजे की दर्शायीगयी है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 29.05.2019 को 10.28 बजे दर्ज करायीगयी है जबकि घटनास्थल से थाने की दूरी मात्र 06 कि०मी0० है, देरी का कोई कारणप्रशम सूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं है। मुकदमे के <नाम> अभियुक्त मनीषवीर <नाम> कोपुलिस द्वारा दिनांक 31.05.2019 को गिरफ्तार किया गया था जिसके जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> अभियुक्त को नामित किया गया है। अभियुक्त दिनांक 23.07.2019से कारागार में निरूद्ध है। इन आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की प्रार्थना कीगई । ", "विद्वान शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तकप्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरषडयन्त्र के तहत <नाम> की गोली मारकर उसकी हत्या की गई है। <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> एवं <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय द्वारा गुण दोष केआधार <नाम> निरस्त किया जा चुका है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> काहै, अतः जमानत प्रार्थना पत्र, निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। जमानत प्राथना पत्र स0: 4016 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 4016 / 2020प्राथमिकी के अनुसार वादी की बहन <नाम> का विवाह दिनांक 11.02.2013 कोसह अभियुक्त <नाम> वीर <नाम> के साथ होने के उपरान्त, शादी के कुछ समय <नाम> सेही <नाम> अभियुक्त मनीषवीर <नाम> एवं अन्य <नाम> अभियुक्तगण द्वारा अतिरिक्त दहेज कीमॉग करते हुए <नाम> के साथ गाली गलौज <नाम> मारपीट किया <नाम> <नाम> अभियुक्तमनीषवीर का <नाम> नाम की लड़की से अवैध सम्बन्ध होना, जिसका विरोध <नाम> द्वाराकिए जाने <नाम> <नाम> के साथ मारपीट किया <नाम> तथा इसी बात को लेकर मृतका केपति/ <नाम> अभियुक्त मनीषवीर <नाम> द्वारा अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण <नाम> अण्डा उफ <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> के साथ षडयन्त्र करना तथा अभियुक्त क द्वारादिनांक 28, 29.05.2019 की <नाम> समय करीब 2 बजे <नाम> अभियुक्त <नाम> अण्डा उफराहुल <नाम> एवं <नाम> <नाम> के साथ मिलकर <नाम> को <नाम> से मारने की नीयत सेउसके सिर में गोली मारना बताया गया है। जिसकी <नाम> वादी <नाम> <नाम> विवेचक को दिए गये उसके बयान 161 द0प्र०सं0 से होती है। विवेचक द्वारा वादी <नाम> कुमारका मजीद बयान केस डायरी क पर्चा नं0 8 में <नाम> किया गया है जिसमें वादी द्वारा विवेचक के समक्ष कथन किया गया है कि, उसको <नाम> में पता चला कि उसकी बहनकी हत्या दहेज की खातिर <नाम> वीर <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> सास, उदयवीर सिंहससुर व विभव वीर <नाम> ने षडयन्त्र के तहत सुपारी देकर तीन शूटरो <नाम> अण्डा, बौबी <नाम> व <नाम> <नाम> से कराई है। <नाम> राजवीर <नाम> जो कि मृतका का भाईहै, के द्वारा <नाम> <नाम> <नाम> के कथन का समर्थन किया गया है। फर्द बरामदगी के अनुसार अभियुक्त से उक्त अपराध में प्रयुक्त तमंचा 315 बोर मय मिस कारतूस 315बोर बरामद होना दर्शित है। ", "मृतका की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतका की मृत्यु का <नाम> ९ 10cranio-cerebral damage as a result of ante-mortem injury. sustainedto the head due to projectile of a firearm injury.केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार <नाम> अभियुक्त मनीषवीर द्वारा अपनीपत्नी की हत्या किए जाने के लिए <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> को दो लाख रूपयेदेकर बुलाया <नाम> तथा <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्त <नाम> अण्डा उफ <नाम> <नाम> के साथ मिलकर वादी की बहन <नाम> की हत्या कियाजाना बताया गया है। <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> एवं <नाम> का जमानत प्रार्थनापत्र मेरे पूर्वाधिकारी द्वारा गुण दोष के आधार <नाम> निरस्त किया जा चुका है। उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6548_201922-11-20191423
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> रामस्वरूप का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> ने थाने परदिनांक 27.03.2019 को इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि वह कल गाड़ी नम्बर12447, संपर्क कान्ति समय 05.05 पी.एम. <नाम> मानिक पुर से ह0 निजामुद्दीन जा रहा थाउसका सीट नम्बर एस2-27 था, तभी उसका <नाम> से फोन चोरी हो गया। ", "दौरान विवेचना दिनांक 08.11.2019 को एस.आई <नाम> <नाम> व अन्यपुलिस दल थाना जी.आरपी. <नाम> कैण्ट, <नाम> द्वारा प्रार्थी/ अभियुक्त को गिरफूतारकिया गया तथा प्रार्थी/अभियुक्त क कब्जे से फर्द में उल्लिखित इस प्रकरण से संबंधितचोरी किया गया मोबाइल बरामद किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथपत्र में कहा गया किअभियुक्त को कस में झूठा फसा गया है, जबकि उसने कोई अपराध कारित नहीं कियाहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट में किये गये कथन असत्य है। सत्यता यही है कि अभियुक्तचित्रकूट से <नाम> ताजमहन देखने के लिये आया था तभी रेल से उतरते ही थाना हाजापुलिस द्वारा अपना गुडवक दिखाने के चक्कर में प्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त वाद मेंझूठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त ने कोई भी मोबाइल की चोरी नहीं की है औरन ही प्रार्थी / अभियुक्त से किसी प्रकार का कोई मोबाइल बरामद हुआ है, जो बरामदगीदिखायी गयी है वह थाना हाजा की पुलिस ने अपने पास से रखकर गुडवर्क दिखाने केलिए दिखायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्तदिनांक 08.11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकारकिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया है किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। उसे इलाका पुलिस ने गुडवर्क दिखानेके लिए रेल से उतरते ही इस मामले में झूठा बरामदगी दिखाकर बन्द <नाम> <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है, विलम्ब का कोई <नाम> नही दर्शायागया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है। <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है, 2अभियुक्त का कोई आराधिक इतिहास नही है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारामोबाइल चोरी की गयी तथा उससे बरामदगी हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यहकहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट में मोबाइल का सिम नम्बर, मोबाइल का आई.एम. ई.आई. नम्बर, मोबाइल किस ब्राण्ड का है, नहीं <नाम> गया है। विवेचक द्वारा फर्द बरामदगीमें मोबाइल का आई.एम.ई.आई. नम्बर <नाम> किया है। यह स्पष्ट नहीं है कि यह नम्बरविवेचक द्वारा कहाँ से <नाम> किया गया। बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त को अपराधमें शामिल किया गया है। अभियुक्त किसी भी बरामदगी से इंकार करता है। अभियुक्तदिनांक 08.11.2019 से जेल में है। थाने से प्राप्त रिपोर्ट में अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास दर्शित नहीं किया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4475_201922-08-2019291
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माता व पैरोकारश्रीमती गुलशन के शपथ पत्र से समर्थित है । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी दिनाक 27.01.2018 को <नाम> लगभग 08:20 बजे वहवृन्दावन, <नाम> से दर्शन करके अपने आवास के सामने कार खड़ी करके घरका गेट खोलने लगा। उसी समय उसकी माताजी भी कार से उतरने लगी। ", "कार से उतरने के दौरान एक अज्ञात बाइक सवार व्यक्ति ने माताजी के हाथपर झपट्टा मारकर उनके हाथ से पर्स छीन लिया और भाग गया। पर्स में 3डेबिट कार्ड, दो चैकबुक, बैंक लॉकर की चाबी, सोने की एक जंजीर व अंगूठीतथा लगभग दो लाख रूपए कैश था। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी मामले में नामजद नहीं है और <नाम> मौके से (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4475 2019वकील बनाम राज्यगिरफूतार हुआ है। प्रार्थी को पुलिस दिनोक 10.03.2018 को घर से ले गयीथी तथा अन्य केस में गिरफूतारी दिखाते हुए इस मासले में झूठा संलिप्त करदिया। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादीमुकदमा की माता के पर्स की लूट की गयी है जिसमें एक सोने की जंजीर वअंगूठी व दो लाख रूपए कैश आदि था। प्रार्थी से बरामदगी भी है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> शिवदत्त <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 27.01.2018 की समय 08:20 बजे की है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। अभियुक्त <नाम> वादी मुकदमा की मॉ का पर्स, जिसमें एक सोनेकी जंजीर व अंगूठी व दो लाख रूपए कैश आदि था, लूटने का आरोपलगाया गया है। पत्रावली के अनुसार प्रार्थी को दिनाक 09.03.2018 कोमुखबिर की सूचना <नाम> मय मोटरसाईकिल गिरफूतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, दो कारतूस, मोटरसाईकिल <नाम> लटके थेले से <नाम> केकुल 45 बिस्कुट, दो अदद चैन पीली धातु, कुल 9 अदद मोबाइल बरामदकिया <नाम> दर्शित किया गया है। उक्त बरामद दो चेन में से एक चेन इसमामले से संबंधित होना बताया गया हैे। प्रार्थी लगभग डेढ़ वर्ष से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय सें प्रेषित किया जाचुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3091_201921-06-20192947
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के चचेरेभाई /पैरोकार तस्वीर <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहागया है कि यह उसका द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है। आवेदक / अभियुक्त काप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र संख्या 4382/2018 माननीय सत्र न्यायाधीश, आगराके द्वारा <नाम> <नाम> दिये जाने के <नाम> दिनांक 20.09.2018 को निरस्त <नाम> दियागया। इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमारविन्द्र ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 17.03.2018 को प्रातः2-00 बजे डावली मलपुरा गाँव में स्थित उसकी दुकान के प्रांगण से एकट्रक्टर आयशर पंजीयन संख्या यूपी.80-ई.एल.-5661 मय ट्राली तथा एकबुलट मोटरसाइकिल चोरी हो गयी, जिनको अज्ञात चोर चुराकर ले गये। उसनेट्रेक्टर ट्राली व बुलट मोटरसाइकिल की काफी तलाश की, लेकिन कुछ पतानहीं चला। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 17.03.2018 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-390,/2018 <नाम> धारा-380 भा०द0सं0 का अभियोग थानामलपुरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया, जिसमें दौरान विवेचना थाना डीग,जिला <नाम> की पुलिस द्वारा अभियुक्त हम्बीर को मु0अ0सं0 148, 2018 मेंगिरफूतार किया गया तथा उससे चोरी गये ट्रेक्टर ट्राली व बुलटमोटरसाइकिल बरामद होने <नाम> इस मामले में <नाम> 411 भा0द0सं0 की बढोत्तरीकी गयी । 2आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध अवर न्यायालय ने दिनांक 23.20.2018 को धारा380, 411 भा०द0सं0 का आरोप विरचित किया , तब से आज <नाम> अभियोजनकी ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त हम्बीरसिंह को थाना डीग जिला <नाम> राजस्थान की पुलिस ने गुडवर्क दिखाने केलिये मु0अ0सं0 1482018 थाना डीग, जिला <नाम> के मुकदमे में गिरफूतारीकर उक्त मुकदमा अपराध संख्या 390/2018 थाना मलपुरा, <नाम> के अंतर्गतचोरी गये ट्रेक्टर ट्राली व बुलट मोटरसाइकिल की बरामदगी दिखाते हुयेसंलिप्त किया गया है, जबकि एक ही किस्म का अपराध का विचारण <नाम> उसेदो मुकदमों में सजाएं नहीं दी जा सकती है। इस मुकदमे के <नाम> अभियुक्तनहना व <नाम> की जमानत कमशः दिनांक 04.05.2019 व 29.05.2019 कोमाननीय र्‍्यायालय के यहाँ से स्वीकृत हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त ट्रालीमैकेनिक की मरम्मत का कार्य करता है तथा वादी मुकदमा ने अपने ट्रेक्टरट्राली को अभियुक्त की दुकान से बनवाई, जिसका भुगतान वादी मुकदमाके द्वारा <नाम> करने <नाम> विवाद हो गया, उसी विवाद के <नाम> वादी मुकदमा नेथाना पुलिस से मिलकर झूंठा फॅसाया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकरायी गयी है, घटना का कोई <नाम> नहीं दर्शाया गया है तथा बरामदगी के समय का कोई स्वतन्त्र <नाम> व <नाम> का कोई <नाम> प्रस्तुत नहीं किया गयाहै। चोरी गये ट्रेक्टर ट्राली व बुलट मोटरसाइकिल को पंजीकृत <नाम> के हकमें मु0अ0सं0 148/2018 थाना डीग, जिला <नाम> राजस्थान से न्यायालयए.सी.जे.एम.डीग, <नाम> से मुक्त <नाम> चुका है। अन्य मुकदमों में भी उसकीजमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक 25.06.2018 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त केपास से चोरी गये ट्रक्टर ट्राली व बुलट मोटरसाइकिल बरामद की गयी है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का अवलोकन किया। -3-आवेदक / अभियुक्त का यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र होना बतायागया है, लेकिन शपथ पत्र के पैरा-8 में यह कहा गया है कि पूर्व मेंउसके द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-4382,2018 प्रस्तुत किया गया,जिसको माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 20.09.2018 को किसी के उपस्थित नआने <नाम> खारिज <नाम> <नाम> गया, साथ में उक्त आदेश की <नाम> लगायी गयी है,जिसको देखने <नाम> यह पाया गया कि प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक20.09.2018 को किसी के उपस्थित <नाम> आने <नाम> निरस्त किया जा चुका है,गुणदोष <नाम> निरस्त नहीं किया गया है। ", "वादी मुकदमा के द्वारा एक आज्ञात में एफ.आई.आर. इस आशय कीलिखाई गई कि दिनांक 17.03.2018 को प्रात: 2-00 बजे डावली मलपुरा गावमें स्थित उसकी दुकान के प्रांगण से एक ट्रेक्टर आयशर पंजीयन संख्या यूपी.80-ई.एल.-5661 मय ट्राली तथा एक बुलट मोटरसाइकिल को अज्ञात चोरचुराकर ले गये। उक्त वाहनों की बरामदगी अपराध संख्या-148/2018 थानाडीग जिला <नाम> राजस्थान में होना दर्शाया गया है, जिसमें अभियुक्त कीजमानत राजस्थान के न्यायालय से हो चुकी है। इस अपराधसंख्या-390/2018 के <नाम> अभियुक्त नहने व <नाम> की जमानत भी स्वीकार होचुकी है। यह भी बताया गया कि अभियुक्त के विरूद्ध आरोप दिनांक23.10.2018 को निर्मित होने के <नाम> आज <नाम> कोई <नाम> नहीं आया है। मुकदमे का <नाम> यह बताया गया कि वादी मुकदमा ने ट्रक्टर ट्राली कोउसकी दुकान से बनवाया था, जिसका भुगतान <नाम> करने के <नाम> पुलिस सेसांठगांठ करके झूंठा फॅँसाया गया है, जो आपराधिक इतिहास दर्शाया गया है,उनमें से कुछ मुकदमों में अभियुक्त दोषमुक्त हो चुका है या वह जमानत <नाम> है। थाना मलपुरा के उपरोक्त मुकदमे में उससे कोई बरामदगी नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 5.06.2018 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_303_202128-01-20213138
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रबताया गया है तथा इसके साथ शिवदत्त का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा ज्ञानेन्द्र कुमारसिंह, एस.ओ. थाना निबोहरा, जिला <नाम> ने दिनांक 30.11.2016 को 20-30 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> उफसत्यवीर, सन्टू उर्फ <नाम> व <नाम> <नाम> संगठित गिरोह बनाकर अपने निजी स्वार्थ हेतुआर्थिक एवं भौतिक <नाम> पाने के उद्देश्य से भा०द0वि0 की <नाम> 2 के अधीन वर्णित अध्याय16, 17 व 22 में वर्णित अपराध करने के आदी हैं, उनका पेशा हत्या, लूट आदि अपराध करसमाज विरोधी क्रियाकलाप में संलिप्त हैं, जगह जगह अपराध <नाम> अनधिकृत <नाम> सेधनोपार्जन करते हैं। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देनेएवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदकगण /अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदकगण /अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदकगण/अभियुक्तगण काकोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह के सदस्य हैं, उनका समाज में कोईभय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में अभियुक्त <नाम> उफ सत्यवीर <नाम> तीन मामले एवंअभियुक्त सन्टू उर्फ <नाम> <नाम> दो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें से अ.सं. 89/2015 धारा147,148,149,302 / 34 भा.द.सं थाना निबोहरा, <नाम> में अभियुक्तगण दोषमुक्त हो चुके हैं Bail Application/466/2021 -Satta alias Satyaveer and others Vs. UP State तथा अन्य मामलों में उनकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदकगण / अभियुक्तगणदिनांक 09.10.2018 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्रका विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण आदतन अपराधी है। अभियुक्तगणका संगठित गैंग है, जिसके वे सक्रिय सदस्य / गैंग लीडर हैं। अभियुक्तगण के विरूद्धजिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें अभियुक्तगण केविरूद्ध (1) अ.सं.89/15 धारा-147, 148, 149, 302, 34 भा.द.स. थाना-निबोहरा, आगरा(2) अ.सं.295/12 धारा-302, ३94 भा.द.स. थाना-ओखला इन्डस्ट्रियल एरिया, नईदिल्ली एवं एक अन्य मामला अभियुक्त <नाम> उर्फ सत्यवीर के विरूद्ध अ.सं.25/2012 <नाम> 380, 379, 411 भा0०दं0सं0 के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्तगण काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त <नाम> उर्फ सत्यवीर के विरूद्ध तीन वअभियुक्त सन्टू उर्फ <नाम> के विरूद्ध गैंग चार्ट में दो मामले दर्शाये गये हैं, जिनमेंअभियुक्तगण के विरूद्ध हत्या करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजकको ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और (ख)जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जायेकि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहींहै। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में से एक मामले में उनकीदोषमुक्ति तथा एक मामले में जमानत स्वीकार होने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामलेमें दोषमुक्त नहीं हुए हैं, उनकी केवल जमानत स्वीकार हुई है। आवेदकगण / अभियुक्तगण <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या करने जैसे अपराधका आरोप हैं । ", "आवेदकगण / अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों कीसंख्या, उनकी <नाम> एवं उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान कोदृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्तगण उक्त अपराध केदोषी नहीं हैं और जमानत <नाम> रहते हुये उनके अपराध करने की सम्भावना नहीं है । " ] }
0DENIED
Bail Application_1705_202030-07-2020752
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> इरफान की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे मामले में झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त काकोई गैंग नहीं है और <नाम> ही वह किसी गैंग का सदस्य है। सभी सहअभियुक्तगण कीजमानत स्वीकार हो चुकी है। इसलिये आवेदक को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 02.01.2020 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> ने थाना मण्टोला <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी कि गैंग लीडर फरीद पहलवान पुत्र तमीजउद्दीन निवासी बगिया पुलिया ढोलीखार थाना मंटोला, <नाम> व उसके सदस्य इमरान, इकबाल उर्फ पेटू, शमशुद्दीन उफ चिल्लू, बब्बी <नाम> तथा विनीत आर्थिक, नैतिक व अन्य <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य सेसंगठित <नाम> से शरीर सम्बन्धी अपराध व जुआ/ सट्टा का अवैध व्यापार <नाम> अनुचित <नाम> के अपराध में संलिप्त है। इनके भय से इनके विरुद्ध समाज में कोई भी व्यक्ति साक्ष्य देनेको तैयार नहीं होता है। अभियुक्त इमरान के विरुद्ध मुअ0सं0 85/2019 अन्तर्गत धारा3/4 जुआ अधिनियम, मुअ0सं0 109/2012 <नाम> 147, 148, 302 भा०दं0सं0, मु0अ०सं०175/ 2007 <नाम> 323, 504, 506 भा0दं0सं0 एवं मु0अ0सं0 150/2012 <नाम> 25 आर्म्सं एक्टपंजीकृत है। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मन्टोला <नाम> मु0अ0सं0 03/2020धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का 2विरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठितगिरोह है, जिसका वह सदस्य है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंगचार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध 4 मुकदमे दर्ज है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहासहै तथा गैंगचार्ट में दर्शित मुकदमों के अतिरिक्त अभियुक्त के विरुद्ध 12 अन्य मुकदमे दर्जहैं। इसके अलावा अभियुक्त के विरुद्ध सम्पत्ति की कुर्की की कार्यवाही प्रचलित है। अपराधकी गम्भीरता को देखते हुये अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "गैंगचार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरुद्ध मु0अ0सं0 85/2019 <नाम> 3/4जुआ अधिनियम, मु०अ0सं0 109/2012 <नाम> 147, 148, 302 भा0०दं0सं0, मुअ०सं०175/ 2007 <नाम> 323, 504, 506 भा0दं0सं0 एवं मु0अ0सं0 150/2012 <नाम> 25 आर्म्सं एक्ट थाना मन्टोला के मुकदमे पंजीकृत हैं। ", "अपराध के विवेचक / प्रभारी निरीक्षक थाना छत्ता के द्वारा अपनी आख्या दिनांकित 28.07.2020 में अभियुक्त इमरान पुत्र मौ0 हारुन के विरुद्ध गैंगचार्ट में उल्लिखित अपराधों के अलावा निम्न 12 अन्य मुकदमे भी पंजीकृत होना बताया गया है-(1) मु0अ0सं0 120/2018 <नाम> 420, 467, 468, 471, 120बी, 336, 307, 332, 353भा0दं0सं0 थाना छत्ताOD2) मु0अ0सं0 121//2018 <नाम> 3/4 जुआ अधिनियम व 67 आई.टी. एक्ट थाना छत्ता,Coa3) मु0अ0सं0 80/2014 <नाम> 110जी सी.आर.पी.सी. थाना मन्टोला4Aमु0अ0सं0 86/2013 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्टA5) मु0अ0सं0 133//2012 <नाम> 457, 380 भा0दं0सं0 थाना मन्टोला))))AA6) मु0अ0सं0 66/2012 <नाम> 110जी सी.आर.पी.सी,AO7) मु०अ0सं० 06/2008 <नाम> 147, 148, 307, 504, 506 भा0दं0सं0 व 7 सी.एल.ए. एक्टथाना मन्टोला(8) मु0अ0सं0 45/2007 <नाम> 147, 148, 436, 380, 427, 504, 506 भा0दं0सं0 थानामन्टोला 3(9) मु०अ०सं० 30/2006 <नाम> 147, 452, 323, 504, 506, 307, 395, 427 भा0दं0सं0 थानामन्टोला(10) मु0अ०सं0 1282018 <नाम> 420, 467, 468, 471 भा0दं0सं0 व 66 आई.टी. एक्ट(11) मु0अ०सं0 ०३,2020 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट थाना मन्टोला तथा(12) मु०अ०सं0 679/2019 <नाम> ३/4 जुआ अधिनियम व 120बी0 भा0दं0सं0 थानाहरीपर्वत, आगराविवेचक के द्वारा अपनी आख्या में यह भी उल्लेख किया गया है कि अभियुक्त की सम्पत्ति को जव्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। विवेचक की आख्या केसाथ संलग्न अभियुक्त के आपराधिक इतिहास के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त केविरुद्ध पूर्वं में भी अ0सं0 86/2013 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही हो चुकी है। अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा यह बताया गया कि अ0सं0 679/2019 <नाम> 3/4 जुआअधिनियम व 120 बी. भा0०दं0सं0 थाना हरीपर्वत, <नाम> में अभियुक्त की जमानतन्यायालय द्वारा <नाम> स्वीकृत नहीं हुयी है। ", "अभियुक्त के गैंगचार्ट में उल्लिखित अपराधों के अलावा अभियुक्त इमरान केविरुद्ध पंजीकृत अपराधों एवं पूर्व में चली गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य मेंन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त गैंगचार्ट में उल्लिखित अपराध पुनः कारितनहीं करेगा। जहां <नाम> अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता का यह तरक है कि सहअभियुक्तगण बब्बी <नाम> एवं शमशुद्दीन उर्फ चिल्लू का जमानत प्रार्थनापत्र पूर्व पीठासीन <नाम> द्वारा एवं अन्य सहअभियुक्त की जमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार हो चुकी हैं, आवेदक /अभियुक्त इमरान का केस सहअभियुक्तगण से भिन्न है क्योंकि आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंगचार्ट में उल्लिखित अपराधों के अलावा अन्य 12 आपराधिक वाद भी पंजीकृतहैं एवं अभियुक्त के विरुद्ध उसकी सम्पत्ति कुर्की की कार्यवाही प्रचलित है। ", "उपरोक्त परिरिथतियों, अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद वसमाज विरोधी कियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णितप्राविधान को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक/ अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जानान्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4913_201907-09-20194643
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थनापत्र को प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र बताया गया है तथा समर्थन में <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एसःएच.ओ. <नाम> <नाम> <नाम> थाना सदर बाजार, <नाम> द्वारा दिनांक 28.12.2018 को समय 5.39 बजे जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण प्रवीन व <नाम> का एक सुसंगठितगिरोह है, जो अपने साथियों के साथ मिलकर मोटर साईकिल से भीड़भाड़ वाले इलाके व चौराहेसड़क <नाम> चलते व्यक्तियों से झपटटा मारकर मोबाईल फोन व चैन रूपया आदि लूटकर ले जाते है तथा आर्थिक <नाम> से धन उपार्जित <नाम> आर्थिक <नाम> से धन प्राप्त करते है। जो कि भा0दं0सं0के अध्याय 17 अपराध करते है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है तथा <नाम> का कोई भी व्यक्ति गवाही के लिए तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकूत हैं। इनके विरूद्धधारा 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकूत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को रंजिश के <नाम> वादी व अन्य पुलिस कर्मियों / अभियुक्तों ने महज रंजिश के <नाम> झूँठा मामला बनाकर फंसा <नाम> है। प्राथी/ अभियुक्तने कोई घटना कारित नही की है और <नाम> ही प््रार्थी/ अभियुक्त का कथित घटना से कोई प्रत्यक्ष याअप्रत्यक्ष <नाम> से सम्बन्ध व सरोकार है। अभियुक्त का कोई संगठित गिरोह नही है और <नाम> ही वह किसी समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत होचुकी है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसीन्यायालय में लम्बित नही है। वह दिनॉक-26.08.19 से जिला कारागार में निरूद्ध है तथास्थानीय एवं संभ्रान्त व्यक्तियों की जमानत देने को तैयार है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजाये । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह 2 सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिलहै, जिसमें उसके विरूद्ध(1) मु०अ०सं0 3३81/2018 अर्न्तगत <नाम> 392,337,411 भा0दं0सं0 थाना सदर बाजार(2) मु0अ०सं0 963/ 2018 अन्तगत <नाम> 392,411 भा०दं0सं0 थाना सदर, आगराके मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कूल दो उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर मोटर साईकिल से भीड़भाड़ वाले इलाके व चौराहे सड़क <नाम> चलते व्यक्तियों से झपटटा मारकर मोबाईल फोन व चैन रूपया आदि लूटकरले जाते है तथा आर्थिक <नाम> से धन उपार्जित करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर मोटर साईकिल से भीड़माड़ वाले इलाके व चौराहे सड़कपर चलते व्यक्तियों से झपटटा मारकर मोबाईल फोन व चैन रूपया आदि लूटकर लेजाते है तथा आर्थिक <नाम> से धन उपार्जित करने से संबंधित अपराध्च के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3008_202019-10-20201744
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में शनाउस्मानी ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादिनी मेहरूनिशा द्वाराथाना शाहगंज, <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी किपीड़िता की पूर्व शादी वर्ष 2013 में जफरूददीन पुत्र बसीर अहमद निवासी-शंकरनगर के साथ संपन्न हुई थी। पति-पत्नी आपस में अपना <नाम> निर्वाह <नाम> रहे थे। पूर्व <नाम> से एक पुत्री <नाम> अपीफा आयु 6 वर्ष पैदा हुयी थी, किन्तु इस बीचफिरोज नामक व्यक्ति का घर <नाम> आना-जाना था, जिसने मुझे जालसाजी, धोखाधड़ी,420 से अपने प्रेमजाल में फंसा लिया और मधुर संबंध स्थापित <नाम> लिये तथा पूर्वपति से जबरन जिन्दगी में जहर घोलते हुए तलाक दिलवा दिया। फिरोज ने वर्ष2017 में मुझे झांसा देते हुए जबरन निकाह <नाम> लिया और मुझे यह बताया कि मैंअविवाहित हूँ। <नाम> में ज्ञात होने <नाम> पता चला कि वह विवाहित है, उसके पत्नी,बच्चे भी हैं तथा अपने बच्चों के पास उनका आना-जाना भी है। मैंने विरोध कियातो वर्तमान <नाम> फिरोज उस्मानी कुपित होकर आये <नाम> गाली गलौज, लड़ाईझगड़ा, मारपीट, करने लगा तथा लॉकडाउन कोविड-149 के दौरान माह <नाम> 2020में मुझे जलते हुए हीटर <नाम> फेंक <नाम> था, जिसमें मेरा सीधा कन्धा बुरी तरह सेझुलस गया था तथा करंट भी लगा था। कई बार फिरोज उस्मानी ने मुझे व मेरीपुत्री को <नाम> से मारने का प्रयास भी किया। फिरोज ने मुझसे कारखाना खोलने केलिये दो लाख रूपये मांगे थे, मैंने परिस्थितियों का अवलोकन करते हुए दोलाख रूपये फिरोज को <नाम> दिये, किन्तु लालची फिरोज की नियत में खोट था, उन्हें Bail Application/8561/2020 -Mohd Firoz Vs. UP State2अपने मायके से पांच लाख रूपये लाने की मांग <नाम> दी। मांग <नाम> <नाम> करने परगाली-गलौज , लड़ायी-झगड़ा, मारपीट करते हुए मुझे दिनांक 22.09.2020 कोदोपहर 3.00 बजे तीन बार तलाक <नाम> <नाम> और धमकी दी कि अगर तुमने पुलिस मेंशिकायत की तो मैं तुम्हें पुत्री सहित <नाम> से मार दूंगा और तुम्हारे घरवालों कोफर्जी व झूठे मुकदमों में फंसा दूंगा। मैंने इसकी शिकायत अपने ससुर समसुद्दीन,सास-मीना उर्फ अगीना, झेठ हसीन, देवर फारूख, सईद, इकलास, से करने परउपरोक्त सभी ने मुझे प्रताड़ित किया । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र /शपथपत्र में कहा गया है किप्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से धारा-327 आई0पी0सी0 का अपराध नहीं बनताहै, फिर भी पुलिस द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट की पुस्त <नाम> अन्य धाराओं के साथधारा-37 आई0पी0सी0 का <नाम> किया <नाम> पुलिस द्वारा वादिया से मिलकरउसको अनुचित <नाम> पहुँचाने के उद्देश्य को साबित करता है। प्रथम सूचना रिपोर्टमें लगाये गये आरोप नितांत असत्य, भ्रामक व मनगढ़न्त हैं, क्योंकि <नाम> तो किसीके द्वारा जबरन तलाक <नाम> जा सकता है और <नाम> ही जबरन निकाह किया जासकता है। सत्यता यह है कि वादिया द्वारा अपने पूर्व <नाम> से स्वयं की मर्जी से 50हजार रूपये लेकर तलाक लिया था। वादिया स्वछन्द विचारों की महिला है, इसलिएवह <नाम> बताये घर से कभी भी निकल जाती है। वादिया अपने साथ शानू, रफीक,उस्मानी एवं अन्तु उर्फ परवेज, हाजी बुन्दा को लेकर प्रार्थी / अभियुक्त के मकानमुम्बई पहुँचे और उसका ताला तोड़कर 5 लाख रूपये एवं सोने के जेवरात चुरालिये। वादिया अभियुक्त से वर्ष 2018 से अलग रह रही है, फिर भी कुछ बदमाशकिस्म के लोगों के साथ मिलकर प्रार्थी / अभियुक्त का उत्पीड़न करती रहती है औरउसके विरूद्ध झूठी शिकायते <नाम> चाहे जब थाने में बन्द <नाम> देती है। प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है व उसे झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भीन्यायालय में लंबित नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 30.09.2020 से जिला कारागारआगरा में निरूद्ध है। इन्हीं आधारो <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की । ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्कप्रस्तुत करते हुए कहा गया कि अभियुक्त को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त द्वारा कोई दहेज की मांग नहीं की गयी और <नाम> ही वादिया को इस हेतुशारीरिक व मानसिक <नाम> से प्रताड़ित <नाम> उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य किया गयाहै। वादिनी मुकदमा पूर्व से शादीशुदा है और उसने अपने पूर्व <नाम> को अपनी मर्जीसे तलाक देकर अभियुक्त के साथ निकाह किया था। वादिनी मुकदमा ने अभियुक्तसे रूपये लेने का दबाव बनाने के उद्देश्य से यह झूठा मुकदमा लिखाया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी कहा गया है कि अभियुक्त को वादिनीमुकदमा व उसके परिवार वालों द्वारा मारा पीटा गया, इस संबंध में उसके द्वारा एन.सी.आर. दर्ज करायी गयी है। वादिनी मुकदमा व उसके परिवारीजनों द्वाराआवेदक /» अभियुक्त के <नाम> स्थित घर का ताला तोड़कर <नाम> सामान निकाले जानेके संबंध में माननीय उच्च न्यायालय <नाम> के समक्ष याचिका भी प्रस्तुत की गयी है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने आगे यह भी कहा है कि वादिनी मुकदमा केचिकित्सीय परीक्षण में अप्राकृतिक कृत्य करने के कोई निशान/चिन्ह नही पाये गये। अभियुक्त दिनांक 30.09.2020 से कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। इन्हीं आधारों <नाम> अग्रिम जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी तथा वादिनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करतेहुए कहा गया कि आवेदक / अभियुक्त वादिनी मुकदमा का <नाम> है, उसके द्वारा अवैध Bail Application/8561/2020 -Mohd Firoz Vs. UP State3रूप से दहेज की भारी धनराशि की मांग की गयी तथा मांग <नाम> <नाम> होने <नाम> वादिनीमुकदमा को प्रताड़ित किया गया, उसे हीटर <नाम> फेंक <नाम> जलाने का प्रयास भीकिया गया, अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया गया है। आवेदक /» अभियुक्त द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग <नाम> <नाम> होने <नाम> उसे तलाक देदिया गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी तथा वादिनी के विद्वान अधिवक्ता को जमानत प्रार्थनापत्र परसुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "यह दाण्डिक प्रकरण वादिनी मुकदमा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायेजाने के साथ शुरू हुआ। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादिनी मुकदमा द्वारा अप्राकृतिक कृत्यका कोई कथन नही किया गया है। वादिनी मुकदमा का चिकित्सीय परीक्षण दिनांक30.09.2020 को जिला महिला चिकित्सालय, <नाम> में किया गया जिसमें उसकेवेजाइना व एनस <नाम> कोई चोट क्षति नही पायी गयी है। दो लाख रूपये अतिरिक्तदहेज में देने का कोई प्रमाण,दस्तावेज इस स्तर <नाम> नही प्रस्तुत किया गया है। वादिनी मुकदमा द्वारा इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के पूर्वआवेदक /» अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा के <नाम> के विरूद्ध एन0सी0आर0 दर्जकरायी गयी है। मामला वैवाहिक सम्बन्धों से संबंधित है, मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक 30.09.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3065_202009-10-20202027
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानतप्रार्थना पत्र के समर्थन में बबलू <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथनकिया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्र्रार्थनापत्र में कथन किया है किउसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे षडयंत्र के तहत झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और <नाम> ही वह समाजविरोधी क्रियाकलाप में संलिप्त हैं। मु0अ0सं0 2102020 अर्न्तगत धारा302,506 भा०दं0सं0 थाना मलपुरा,आगरा का केवल एक ही मामला दर्शितकिया गया है। इसके अलावा अन्य कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 23.09.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि थानाध्यक्ष अनुरागशर्मा द्वारा थाना मलपुरा, <नाम> <नाम> इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी किगैंग लीडर जीते उफ <नाम> व गैंग सदस्य <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> पुत्रनवल <नाम> <नाम> पुत्र चरन <नाम> भूप <नाम> पुत्र बिहारीलाल, <नाम> पुत्रखरग <नाम> का एक संगठित गिरोह है, जो अपने एवं अपने साथियों केभौतिक <नाम> के लिए हत्या /फिरोती <नाम> हत्या जैसे जघन्य अपराध करते हैं। अभियुक्त <नाम> के विरूद्ध-मु0अ०सं0 2102020 अन्र्तगत <नाम> 302,506,34,120बी भा०दं०सं0व <नाम> 3/25 आयुध अधिनियम पंजीकृत हैं। Bail Application/8680/ 2020 —-Gopal Vs. UP State 2वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा, <नाम> परमु0अ0सं0 361 ,/ 2020 अर्न्तगत <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है तथा गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह है। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिलामजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जो हत्या के अपराध से सम्बन्धितहैं। <नाम> अभियुक्त भूप <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जाचुकी है। अतः अभियुक्त का जमानत प्ररार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक कीबहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण)अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध केअन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ाजायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने काअवसर नहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोधकरता है वहां न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने कायुक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "अभियुक्त <नाम> गैंग का सदस्य होना कहा गया है। गैंगचार्ट केअनुसार उसके विरुद्ध अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या जैसा जघन्यअपराध <नाम> अवैध <नाम> से धन अर्जित करने का आरोप है। उक्त अभियोग मेंअभियुक्त की जमानत <नाम> होना, अभियुक्त की ओर से स्वीकार किया गया है। सह अभियुक्त भूपसिंह की जमानत इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकीहै। आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकीप्रकृति, अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधीक्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान कोदृष्टिगत रखते हुये आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जानान्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1058_202014-07-20201240
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> गुड्डी <नाम> पत्नीमुन्नालाल का द्वारा अधिवक्ता <नाम> <नाम> माहौर शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थानालोहामण्डी <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी कि उसकीएक्टिवा स्कूटर सं0 यू0पी0 80 सी0एल0 0810 दिनांक 20.08.2019 को सांय 9:15 बजेके बीच उनके निवास स्थान 26,/2ए बलका <नाम> राजामण्डी के बाहर खड़ी हुई थी,कुछ समय <नाम> जब उसने <नाम> तो वहां <नाम> उसकी एक्टिवा नहीं थी। काफी तलाशनेके वाद भी एक्टिवा नहीं मिली। ", "प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र /शपथ पत्र में कहा गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त को थाना पुलिस ने अपने उच्चाधिकारियों को अपनी बेहतरकारगुजारी दिखाने की नीयत से झूठा नामजद <नाम> <नाम> जबकि उपरोक्त केस मेंदर्शायी गयी किसी भी घटना को प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अन्जाम नहीं <नाम> है और नही प्रार्थ / अभियुक्त के पास से कोई चोरी की वस्तु बरामद हुई है। प्रार्थी / अभियुक्तपूर्णतः निर्दोष है। सत्यता यह है कि शपथकर्ती का पुत्र स्कूटी जिसको <नाम> चलारहा था, उस <नाम> बैठ गया था, उसको जानकारी नहीं थी कि स्कूटी चोरी की है तथाचैकिंग के दौरान मय स्कूटी के पकड़ लिया। उपरोक्त केस में प्रार्थी / अभियुक्त का (2)Bail Application No. 1058/2020 -Deepak Jharkhand Vs. UP Stateप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 07.12.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों परजमानत स्वीकृत किये जाने की प्रार्थना की गयी है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसको इस मामले में झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। पुलिस द्वारा अभियुक्त के पास से एक्टिवा की फर्जीबरामदगी दिखायी गयी है, जबकि उक्त घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। इन्हींआधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा एक्टिवाचोरी की गयी तथा उससे एक्टिवा बरामद हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यहकहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी के तर्कों को सुना गया तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। इसअभियुक्त से एक्टिवा बरामद होने के आधार <नाम> इस प्रकरण में शामिल किया गया है। अभियुक्त से एक्टिवा की बरामदगी होना कहा गया है। बरामदगी of oy wasसाक्षी नहीं बताया गया है। अभियुक्त किसी बरामदगी से इंकार करता है और इसप्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। उक्त मुकदमे क॑ <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानतदिनांक 08.01.2020 को एवं <नाम> उर्फ चीपा की जमानत दिनांक 05.02.2020 कोन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। इस अभियुक्त की भी <नाम> <नाम> अभियुक्तोंके समान है, जिनकी जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तदिनांक 07.12.2019 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6536_201929-11-20191143
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की पेरौकार <नाम> मिठूके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा डेविडराजौर द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयीकि दिनाक 05.03.2019 को वह ताल फिरोज खाँ की तरफ से दूध लेकरगोपालपुरा की तरफ आ रहा था जब वह सड़क <नाम> लगे नीम के पेड़ के पास शक्ति नगर कॉलौनी के सामने पहुँचा ही था कि दो लड़के ताल फिरोज खांकी तरफ से <नाम> कलर की अपाचे मोटरसाईकिल <नाम> आए और उसकेमोबाइल एस0टी0सी0 डिजायर 816जी को समय 06:45 बजे <नाम> छीनकर लेगए । ", "प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थ / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 20092019 से जिला (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6536 / 2019सागर <नाम> बनाम राज्यकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। ", "प्रार्थी को पुलिस द्वारा घर से पकड़कर झूठा केस लगाकर जेल भेज दियागया है। फर्जी <नाम> दिखाया गया है। कोई भी चश्मदीद <नाम> नहीं है। प्रार्थीमौके से गिरफ्तार नहीं हुआ है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी काकोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी // अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थ / अभियुक्त द्वाराअन्य के साथ मिलकर वादी के साथ लूट की गयी है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> हेमन्त <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 05.03.2019 की समय 06:45 बजे की है। प्रार्थी <नाम> अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूट कारित करने का आरोप लगायागया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी कोसह-अभियुकत <नाम> के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गयाहै। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनोक20.09.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जेसे 1,000,//- रूपए बरामद किए गए हैं। केस डायरी के अवलोकन से यहभी दर्शित होता है कि सह-अभियुकत <नाम> की निशानदेही <नाम> लूट का मालदो अदद चेन पीली धातु, एक अदद पैण्डल पीली धातु, एक मोबाइलरीयलमी, 14,100 //- रूपए, एक एक्टिवा बरामद की गयी है। सह-अभियुक्‍तद्वारा लूट के रूपयों में से 19,000,//- रूपए की एक एक्टिवा व40,000,“ - रूपए की एक मोटरसाईकिल कय करना तथा बरामद रूपयों मेंसे 1,100,/- रूपए इस घटना से संबंधित होना बताया गया है। प्रार्थी दोमाह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुकत सोहेलकी जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक 45.40.2019 को स्वीकार की जाचुकी है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_758_202017-03-202041
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गयाहै तथा इसके साथ अभियुक्तगण के पैरोकार <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> प्रकाशसोनकर, प्रभारी निरीक्षक, थाना एम.एम.गेट, जिला <नाम> ने दिनांक 01.01.2020 को 02-06बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंगलीडर मोनूगुप्ता उफ गुरू व गैंग सदस्य प्रान्जुल <नाम> <नाम> <नाम> छोटू <नाम> उर्फ अनिकेत खत्री,अंशू <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> व <नाम> के द्वारा एक संगठित गिरोह बनाकर सामूहिक रूपसे लोक व्यवस्था को अस्त व्यस्त करने अपने व अपने साथियों के लिये अनुचित आर्थिक, भौतिक <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रान्जुल <नाम> का घर किराये <नाम> लेकर जुआ सट्टाजैसे संगीन अपराध कारित करने के आदी हैं, तथा जुआ सट्टा जैसे अपराधों को कारित किया गया है। इनके भय से इनके विरूद्ध समाज मों कोई भी व्यक्ति एफ.आई.आर / साक्ष्य देने को तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनकेविरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदकगण /अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदकगण /अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण काकोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोईभय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उन <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदकगण /अभियुक्तगण दिनांक 04.03.2020 से कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि आवेदकगण/अभियुक्तगण आदतन अपराधी है। ", "अभियुक्तगण का संगठित गैंग है, जिसके वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्तगण के विरूद्ध 2 जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें अभियुक्त प्रान्जुल वर्माके विरूद्ध (1) अ.सं.41/19 <नाम> 3/4 जुआ अधिनियम थाना एम एम गेट, <नाम> (2) असं.40/19 <नाम> 13 जुआ अधिनियम थाना एम.एम.गेट, <नाम> तथा अभियुक्त <नाम> केविरूद्ध अ.सं.41/19 <नाम> 3/4 जुआ अधिनियम थाना एम एम गेट, <नाम> का लंबित है। अभियुक्तगण का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थनाकी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, गैंग चार्ट में अभियुक्त प्रान्जुल <नाम> के विरूद्ध दो वअभियुक्त <नाम> के विरूद्ध एक मामला दर्शाया गया है, जिनमें उनके विरूद्ध जुआखेलने का अभिकथन है । ", "आवेदकगण /अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गयाकि अ आवेदकगण / अभियुक्तगण <नाम> फर्जी मुकदमे दर्शाकर उसे गैंग का सदस्य बना दियागया है, जबकि वे किसी गैंग का सदस्य नहीं है, उक्त मुकदमा पुलिस उच्चाधिकारियों कोखुश करने के लिये उन <नाम> लगाये गये है, उन्होने किसी घटना को अन्जाम नहीं <नाम> है। ", "मैंने उ0प्र0 गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम,1986 की <नाम> 2(0) का सम्यक परिशीलन किया जिसमें प्रावधानित है कि \"गिरोह कातात्पर्यं ऐसे व्यक्तियों के समूह से है जो लोक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने या अपने याकिसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित दुनियावी(टेम्पोरल), आर्थिक, भौतिक या अन्यलाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से या तो अकेले या सामूहिक <नाम> से हिंसा, या हिंसा की धमकी या प्रदर्शन या अभित्रास या प्रपीड़न द्वारा, या अन्य प्रकार से समाज विरोधीक्रियाकलाप करते हैं। \"गैंगचार्ट के अवलोकन <नाम> पाया गया कि इसमें आवेदकगण /अभियुक्तगण केविरूद्ध मात्र जुआ अधिनियम के कमश 1 व 2 मामले दर्शाये गये है, जिनमें अभियुक्तगणपर जुआ खेलने का आरोप है। इन मुकदमे से ऐसा प्रतीत नहीं होता है किआवेदकगण /अभियुक्तगण का समाज में कोई भय व आतंक व्याप्त हो। आवेदकगण / अभियुक्तगण दिनाक 04.03.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_305_202021-01-20202002
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जिला <नाम> । ", "आदेशदिनाक : 21.01.2020प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त होतम उर्फ चवन्नीकी ओर से मुकदमा अपराध संख्या-357 // 2017 अन्तर्गत <नाम> 392, 411भारतीय दण्ड <नाम> थाना फतेहाबाद, जिला <नाम> के मामले में प्रस्तुतकिया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त के <नाम> व पेरोकारपरमाल <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि वादी मुकदमा संजयकुमार द्वारा तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनोक 17.10.2017 को वहमोटरसाइकिल से अपने घर जा रहा था जब वह वाजिदपर से आगे पहुँचा तो पीछे से सफेद अपाचे <नाम> सवार तीन लड़कों ने उसे ओवरटेक करके रोकलिया और समय करीब 08:00 बजे <नाम> उसकी जेब से 7000/- व गले सेसोने की चेन व मोबाइल निकाल लिया और भाग गए । ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी बी वारण्ट <नाम> तलब होकर दिनाक 10.01.2020 (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 305, 2020होतम उर्फ चवन्नी बनाम राज्यसे जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायीगयी है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बितनहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थ / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 16.10.2017 a है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादीमुकदमा के साथ लूटपाट किए जाने का आरोप है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्टमें नामित नहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्त बबलू के कथन के आधार परप्रार्थी को मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी बी वारण्ट <नाम> तलबहोकर इस प्रकरण में निरूद्ध है। प्रार्थी से इस प्रकरण से संबंधित कोईama ea ad a गयी है। सह-अभियुक्तगण बबलू व तपेन्द्र कीजमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी लगभग 10 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_356_202017-01-20202222
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पेरोकार <नाम> <नाम> यादवने शपथपत्र प्रस्लुत किया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मुकदमें में झूठा फॅँसाया गया है। जबकि उसके द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त उक्त मामले में न्यायालय से जमानत <नाम> था। पूर्व विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहने <नाम> कि उसका मुकदमा खत्म <नाम> <नाम> गया है, अब उसको न्यायालय में आने कीआवश्यकता नहीं है, इसलिए वह न्यायालय में उपस्िशित नहीं आया था। उसके द्वाराजानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की गई है। अभियुक्त दिनांक 12.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी प्रार्थना की गई । विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। अभियुक्त द्वारा यह आधार लिया गया है कि <नाम> की जानकारी <नाम> होने केकारण वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। अब वह प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में हाजिर रहेगा। " ], "judge-opinion": [ " पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त इस (2) मामले में न्यायालय से जमानत <नाम> था तथा जमानत के <नाम> दिनांक 30.06.2017 कोअभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> इस मामले में अभियुक्त क विरूद्व गैर जमानतीवारण्ट जारी किए जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रकरण परिवाद <नाम> आधारित है तथा अभियुक्त दिनांक 12.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2697_201925-05-20193626
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र अभिकथन है कि अभियुक्त मेहनत मजदूरी करने वालासमाज का सभ्य एवं सीधा सादा व्यक्ति है जिसे थाना सदर की पुलिस द्वारा झूंठाफंसाया गया है। अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। दिनांक 05.03.2019को समय 5.32 बजे की होना प्रथम सूचना रिपोर्ट में बतायी गयी है। मामले मेंअभियुक्त नामजद नहीं है। सह-अभियुक्त <नाम> गुर्जर आदि के द्वारा पुलिस अभिरक्षा में नाम बताये जाने के <नाम> आवेदक को मामले में अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्तदिनांक 06.03.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट घटनाके एक <नाम> <नाम> दिनाक 06.03.2019 को थाने <नाम> पंजीकृत करायी गयी है। अभियुक्त को शपथपत्र में वर्णित तथ्यों के आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । राजेश <नाम> जो अभियुक्त का पिता है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करते हुए कहागया है कि अभियुक्त नामजद नहीं है। सह-अभियक्त <नाम> गुर्जर द्वारा अभियुक्त कानाम बताने <नाम> उसे झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त के कब्जे से घटना से संबंधितवाहन की बरामदगी नहीं हुई है। मुख्य अभियुक्त <नाम> गुर्जर व ओमवीर के पकड़ेजाने के <नाम> थाना सदर की पुलिस को इतना बताया गया कि अभियुक्त <नाम> केमकान के पास खाली पड़ी जगह में और गाडियां खड़ी हुई हैं, जिन्हें बेचना चाहते हैं, 2जबकि थाना सदर की पुलिस ने खाली जगह को अभियुक्त की मानते हुएआवेदक को अभियुक्त बनाते हुए अभियुक्त के मकान के पास खाली पड़ी जगहका बाड़ा <नाम> <नाम> जबकि अभियुक्त के मकान के आस पास या दूर भी बाड़ानहीं है। नई आबादी होने के <नाम> काफी खेत खाली पड़े हैं, दीवार लगी होनेवाला कोई बाड़ा नहीं है, इससे साफ स्पष्ट होता है कि पुलिस की कहानीबिल्कुल झूठी है। आगे अभियोजन कथानक का वर्णन किया गया है। तत्पश्चात्‌कहा गया है कि अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, क्योंकि थानासदर पुलिस एक ही समय व एक ही तारीख को जो झूंठे मुकदमे लिखे गये हैं,इनके अलावा अन्य कोई भी मुकदमा किसी भी थाने में अभियुक्त के विरूद्धपंजीकृत नहीं हुआ है और <नाम> ही किसी न्यायालय में लम्बित है। घटना का कोईजनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। घटना में सभीपुलिस के <नाम> हैं। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौ0) द्वारा किया गया। " ], "judge-opinion": [ "मैंने उपलब्ध कागजात व केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया। ", "मैंने प्रथम सूचना रिपोर्ट का सम्यक परिशीलन किया जिससे स्पष्ट है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> ने थाने <नाम> यह तहरीर दी कि उसकी गाड़ीहोण्डा सिटी जे.एक्स नं0 यूपी.80 बी.ए. 0309 बीती रात चोरी हो गयी थी। उसका रंग काला है। रिपार्ट लिखी जाय। ", "थाने की आख्या का सम्यक परिशीलन किया। ", "थाने की आख्या में कहा गया है कि अभियुक्त, सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर गाड़ी चुराता था तथा नम्बर प्लेट बदलकर बेचता था। <नाम> क व्यक्तिभलाई बुराई से गवाही देने के लिए तैयार नहीं हुए । ", "अभियुक्त के विरूद्ध आपराधिक इतिहास में अ0सं0 50/2019, धारा379, 411, 420 भा०द0सं0 थाना सदर, अ0सं0 172/2019, <नाम> 379, 411, 420भा0द0सं0 थाना सदर व अ0सं0 191/2019, <नाम> 411, 414, 420, 467, 468,471 भा०द0सं0 थाना सदर दर्ज होना बताया गया है। ", "मैंने फर्द बरामदगी का सम्यक परिशीलन किया, जिससे प्रकट होताहै कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> उ0नि0 व अन्य पुलिस कर्मचारीगण ने जबअभियुक्तों को पकड़ा तो एक ने अपना नाम <नाम> गुर्जर, दूसरे ने अपना नाम ओमवीर बताया जिन्होंने बरामद कार उखर्रा रोड राजपुर चुंगी से चोरी करना बताया। गहनता से देखने <नाम> इसका नम्बर यूपी.80 सी.वाई.2621 लिखा है तथा 3चेसिस नं. एम.ए.के.जी.डी.852एल79406013 होण्डा सिटी जेड एक्स <नाम> रंग कीहै। दोनों व्यक्तियों ने गहनता से पूछने <नाम> बताया कि जो नम्बर प्लेट लगी है,वह फर्जी है तथा असली नम्बर प्लेट तोड़कर फेंक दी है और अधिक पूछताछ करने <नाम> बताया कि कुछ गाड़ियां <नाम> के घर के पास खाली जगह में खड़ी है,जिनको इकट्ठा करके बेचने के प्रयास में थे, पकड़े गये। उक्त अभियुक्तों केबताने के अनुसार पहुंचने <नाम> तीन लोग होण्डा सिटी में बैठे हुए थे, तो उन्होंनेअपना नाम <नाम> प्रवीन <नाम> एवं देवेन्द्र उर्फ देवा बताया। बरामद गाड़ियों केबारे में बताया कि यह चोरी की गाड़ियां हैं, जो बेचने के लिए <नाम> के घर केपास इकट्ठा <नाम> ली थीं। बरामद गाड़ियों में होण्डा सिटी रजिस्ट्रेशन नं0 यूपी.85 आर 2511 चेसिस नं0 एम.ए.क.जे.डी 853के 79401014, आल्टो एल.एक्स.आई,रजिस्ट्रेशन नं0 यूपी.80 बी.81 जो अधूरा है, चेसिस नं0 एम.ए ३ईवाई. डी. 815अंकित है, कुछ मिटे हुए हैं। मोटर साइकिल पैशन प्रो रंग काला रजिस्ट्रेशननं यू.पी.80 ई.एम. 9420 चेसिस नं0 एम.बी.एल.एच.ए.आर 185 एच.एस.ई.31216अंकित है। दूसरी पैशन प्रो सिलेटी रंग, नम्बर प्लेट बदली हुई है, चेसिस नं0 एम.बी.एल.एच.10 ई0डब्लू० सीजीडी 50 <नाम> है। गाड़ी के टूल बॉक्स में <नाम> तोगाड़ी के रजिस्ट्रेशन की <नाम> <नाम> प्राप्त हुई, उसका नम्बर मिलान करने <नाम> तीन अंक कम पाये गये। <नाम> के बारे में कुछ ठोस संतोषजनक जबाव <नाम> देने परचुप हो गये। आगे कहा गया है कि बरामद होण्डा सिटी <नाम> रंग थाने केमुकदमा अपराध संख्या 1882019, <नाम> 379 भा०द0सं0, थाना सदर से संबंधितहै। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि अपराध कारित करने में योजनावद्ध तरीके सेअभियुक्त ने अन्य के साथ मिलकर कई गाड़ियां चोरी की, उनके नम्बर प्लेट मेंपरिवर्तन किया और कूटरचना की। कई वाहन अभियुक्त व अन्य के <नाम> कब्जेसे बरामद होना दर्शाया गया है। अभियुक्त एवं अन्य ने केस डायरी में अपनेबयान अंतर्गत <नाम> 161 द0प्र०सं0 में अपराध में शामिल होना स्वीकार किया है। ", "मामले में अभियुक्त एवं अन्य के विरूद्ध आरोप पत्र अंतर्गत <नाम> 379,411, 467, 468, 471 भा०द0सं0 तैयार हो चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3585_202031-10-20201422
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> द्वारा इस आशय की तहरीर थाना सिकन्दरा <नाम> <नाम> दी गयी किउसके घर के सामने रामकिशन <नाम> उर्फ रम्बो डेरी की दुकान चलाता है जो अपनेरिश्तेदार <नाम> <नाम> के साथ कई माह से उसकी पुत्री को पढ़ने जाते समय रास्ते मेंअश्लील हरकतें करते हुए परेशान करता है। उसकी पुत्री के बताने <नाम> जब वहआज उसके घर शिकायत करने गया था, उसी समय उसकी पुत्रियों को घर परअकेला पाकर <नाम> 9.30 बजे रामकिशन <नाम> उर्फ रम्बो व श्रीराम <नाम> घर में घुसआये तथा उसकी नाबालिग पुत्री के कपड़े फाड़कर गलत कार्य करने की कोशिशकी एवं मारपीट की तथा <नाम> से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी/ अभियुक्तने कोई अपराध नही किया है, उसे पुलिस ने उच्चाधिकारियों को गुडवक खिने केलिए झूंठा फंसाया है। प््रार्थी/अभियुक्त की जमानत अन्तर्गत <नाम> 354बी,354डी,452,323,506 भा0द0सं0 व 7/8 पोक्सो एक्ट मु0अ०सं0 832/2018 थानासिकन्दरा, <नाम> में दिनांक 21.10.2020 को माननीय उच्च न्यायालय से स्वीकृत होचुकी है, लेकिन आरोप पत्र में <नाम> 504 भा0द0सं0 की बढ़ोत्तरी <नाम> दी गयी Bail Application/9669/2020 -UP State Vs. Ramkishan Baghel 2है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि माननीय उच्च न्यायालय के जमानत आदेशाके अनुपालन में जमानत प्रपत्र दाखिल होकर न्यायालय द्वारा रिहाई प्रेषित की गयीशी, किन्तु रिहाई <नाम> कारागार द्वारा उल्लिखित टिप्पणी के <नाम> यह तथ्य संज्ञान मेंआया है। <नाम> 504 भा०द0सं0 का अपराध जमानतीय है। यह भी कहा गया किअभियुक्त को पूर्व में दाखिल जमानत प्रपत्रों <नाम> ही जमानत <नाम> छोड़ने की कूपा कीजाये । ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया है कि मुख्य अपराध मेंअभियुक्त की जमानत माननीय उच्च न्यायालय से स्वीकृत हुर्ई है। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के <नाम> सुने तथा पत्रावली काअवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी / अभियुक्त की जमानतअन्तर्गत <नाम> 354बी,354डी,452,323,506 भा०द0सं0 व 7/8 पोक्सो एक्ट मु0अ०सं०832/2018 थाना सिकन्दरा, <नाम> में दिनांक 21.10.2020 को माननीय उच्चन्यायालय से स्वीकृत की जा चुकी है, किन्तु विवेचनोपरान्त विवेचक द्वारा आरोप पत्रउपरोक्त धाराओं के अतिरिक्त <नाम> 504 भा0द0सं0 की बढोत्तरी करते हुए प्रेषितकिया गया है। <नाम> 504 भा0द0सं0 का अपराध जमानतीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4303_201928-08-201963
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त के <नाम> <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहागया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादिनी मुकदमानिशा ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दरब <नाम> पुत्र रज्जो सिंहमुझसे मेरा फोन मेरे गॉव नगला भूरिया आकर छीन लिया था, इसकी मेरे गॉवमें रिश्तेदारी है, मेरे फोन से कुछ गलत फोटो अपने मोबाइल में डाल लिये थे.अब उन फोटो से मेरे गाव के लड़को के मोबाइल <नाम> फेसबुक एवं व्हाट्सएप <नाम> भेजकर मुझे बदनाम <नाम> रहा है, जिससे समाज में मेरी बदनामी हो रही हैऔर मुझे धमकी देता है कि तुझे कहीं की नहीं छोडूंगा, मेरी शादी होने में भीपरेशानी मेरे पिता <नाम> <नाम> को हो रही है। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 15.06.2019 को अभियुक्त दरब <नाम> केविरूद्ध अपराध संख्या-298/2019 <नाम> धारा-66ई, 67,67ए आई०टी0एक्ट व506भा०द0सं0 का अभियोग थाना मलपुरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफॅसाया गया है। प्रार्थी /अभियुक्त तथा गाव भूरिया का रहने वाला राजूगुड़गोंव में टैक्सी चलाने का <नाम> करते हैं और किराये के मकानों में पास पासरहते हैं। वर्ष 2018 में होली के <नाम> <नाम> ने प्रार्थी/अभियुक्त से साढे तीनलाख रूपये उधार लिये थे और <नाम> 2018 में वापस करने का <नाम> किया _2-था, किन्तु <नाम> 2018 में उसने पैसे नहीं दिये और <नाम> 2019 में देने केलिये कहा और गाव भूरिया के प्लाट का मूल बैनामा बतौर सिक्योरिटी रखदिया। <नाम> अपने गॉव की वादिया <नाम> को अपने साथ ले आया और उसेअपने साथ रखा तथा उसके साथ तरह तरह के फोटो खिंचवाये तथा उसके व्हाट्सएप मोबाइल नंबर <नाम> इन फोटो को जून2019 में भेज <नाम> और जबपैसा वापस करने का समय आया तो वादिया <नाम> ने प््रार्थी/अभियुक्तको यह धमकी दी कि अगर उसने <नाम> से पैसा वापस मागने की कोशिश कीतो व्हाट्सएप मोबाइल में जो फोटो भेजे गये हैं, उसके संबंध में अपने गाँव <नाम> मलपुरा में उसक विरूद्ध अपराध पंजीकृत <नाम> देगी, जब उसने कडाई सेराजू से अपने पैसे मॉगे, तो पैसा वापस <नाम> करना पड़े, इसी उद्देश्य से अपनेसाथ गुडगाव में रहने वाली वादिया <नाम> को इस <नाम> में प्रयोग <नाम> झूंठीरिपोर्ट <नाम> <नाम> दी, उसकी वादिया <नाम> के गॉव में कोई रिश्तेदारी नहीं हैऔर ना ही उसने अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त के किसी रिश्तेदारका नाम <नाम> किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 27.07.2019 से कारागार में निरूद्ध है। ", "अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त के द्वएरा वादिया का मोबाइल छीनकर मोबाइल के फोटो अपने मोबाइल में डाल लियेऔर अन्य लोगों के पास वाइरल <नाम> दिये, जिनकी <नाम> साइबर सैल की जॉचसे हुई है, सोशल मीडिया <नाम> फोटो लगे हैं। आवेदक / अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "अभियोजन द्वारा यह कहा जाता है कि वादिनी मुकदमा का मोबाइल छीनकर अभियुक्त उसके फोन से कुछ गलत फोटो अपने मोबाइल में डाल लिया और वह गाँव के लड़कों के मोबाइल, फेसबुक व व्हाट्सएप <नाम> भेजकरबदनाम <नाम> रहा है। गॉव के किन किन लड़को के मोबाइल और फेसबुक परभेजकर उसे बदनाम किया जा रहा है, कोई नाम प्रशम सूचना रिपोर्ट में नहींदर्शाया गया है और <नाम> ही अग्रेतर किसी का ऐसा बयान लिया गया है। केसडायरी के साथ विवाह प्रमाण पत्र दाखिल किया गया है, जिसमें वादिनी -3-मुकदमा <नाम> पुत्री <नाम> <नाम> निवासी ग्राम नगला भूरिया, पो0 बरारा,जिला <नाम> व अभियुक्त दरब <नाम> पुत्र रज्जो, निवासी ग्राम व पोस्ट फुलवारातहसील व जिला <नाम> राजस्थान का विवाह आर्य समाज बेनाझार, कानपुरनगर में दिनांक 29.12.2017 को होना दर्शाया गया है। ", "अभियुक्त ने विवेचक को दिये अपने बयान में यह भी कहा है कि मेरावादिनी के गॉव <नाम> <नाम> था, मेरा परिचय वादिनी से हो गया और हम दोनोंने आर्य समाज में विवाह <नाम> लिया और फिर वादिनी अन्य व्यक्ति के सम्पक मेंआयी तो मैने फोटो मोबाइल से लेकर वाइरल <नाम> <नाम> स्वयंआवेदक / अभियुक्त ने कोई भी फोटो नहीं खींचा है, वादिनी के मोबाइल से हीलेना कहा जाता है। मामले में आरोप पत्र प्रेषित किया <नाम> बताया जाता है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 27.07.2019 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3500_202029-10-20201475
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदन पत्र के साथ अभियुक्त के छोटे <नाम> की पत्नी रेशमाबेगम का शपथपत्र संलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता एवेअभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र एवं अन्यसामग्री का सम्यक परिशीलन किया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता का कथनहै कि आवेदक / अभियुक्त को उक्त केस में परेशान करने <नाम> झूँठा फंसायागया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा किसी घटना को अंजाम नहीं <नाम> गयाहै। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई नशीली वस्तु बरामद नहीं हुईहै। घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रा0पत्र के साथ संलग्नशपथपत्र में दिये गये तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक/ अभियुक्त को जमानत 2पर छोड़ा <नाम> उचित होगा। आवेदक ,/ अभियुक्त दिनांक 13.10.2020 सेजेल में निरूद्ध है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक ने आवेदन पत्र का घोर विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में अभियुक्त के पास से काफी <नाम> में नशीला पाउडर एल्प्राजोलाम बरामदहुआ है। स्वापक आषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम की <नाम> 50 तथा57 का सहमति पत्र दाखिल करके अनुपालन <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक / अभियुक्तको दिनांक 12.10.2020 को समय 23:25 बजे उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> वअन्य पुलिस कर्मचारियों द्वारा दौरान देखरेख <नाम> व्यवस्था / चैकिंग संदिग्धव्यक्ति व वाहन गश्त करते समय <नाम> ढावा टेड़ी बगिया के पास, बहदथाना एत्माद्दौला, जिला <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्त को पकड़ा गया। पकड़े गये अभियुक्त ने अपना नाम आफताब पुत्र अब्बास बताया तथा उसकेकब्जे से 500ग्राम एल्प्राजोलाम बरामद किया गया। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध साम्रगी से स्पष्ट है कि इस मामले मेंआवेदक / अभियुक्त के पास से 500ग्राम नशीला पदार्थ एल्प्राजोलामबरामद होने का आरोप है, जो वाणिज्यिक <नाम> 100 ग्राम से काफीअधिक है। धारा-37 स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम कअन्तर्गत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधार नहीं है किआवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्तनहीं होगा। " ] }
0DENIED
Bail Application_817_202112-02-20212461
agra
{ "facts-and-arguments": [ "द्वितीय जमानतप्रार्थना पत्र के समर्थन में <नाम> पुत्र <नाम> हरीसिंह निवासी नगला झीलरा थाना कागारौलजिला <नाम> उम्र करीब 23 वर्ष का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है जो कि अभियुक्त काभाई है जिसमें कथन किया है कि अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रार्थ / अभियुक्त ने <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर उक्त मुकदमे के वादी की बेटी <नाम> को बहला फुसलाकर लेजाना बताया गया है। उक्त कथित दुर्घटना दिंनाक 17.10.2020 को समय करीब 13:45बजे की बतायी गयी है तथा उक्त मुकदमे की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिंनाक 17.10.2020 को20:49 को दर्ज करायी गयी है जबकि थाने से घटनास्थल की दूरी मात्र 5 किलोमीटर हैदेरी का कोई भी <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं कराया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट में पुलिस द्वारा <नाम> <नाम> व योगेन्द्र को वादी की पुत्री के साथ पकडना बतायागया है। प्रार्थी / अभियुक्त तथा एक अन्य अभियुक्त Rep or पुलिस को देखकर भागनाबताया गया है जिससे यह साफ जाहिर होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त उक्त स्थान परमौजूद नहीं था । उक्त मुकदमे में <नाम> अभियुक्त रिन्कू की जमानत दिंनाक 11.1.2021 कोन्यायालय विशेष न्यायाधीश (wet) Har संख्या 3 के यहा से स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त का केस <नाम> अभियुक्त रिन्कू के समान है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का नामपीड़िता ने <नाम> 164 सी. आर. पी. सी. के बयान में नहीं लिया है । प्रार्थी / अभियुक्त 2का पूर्व का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और ना ही पूर्व सजा याफ्ता है। प्रार्थी /अभियुक्त ने दिंनाक 13.1.2021 को न्यायालय में आत्म <नाम> किया है और तभी सेन्यायिक अभिरक्षा » जेल में बन्द है। प्रार्थी,, अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या 376,/ 2021 दिंनाक1.2.2021 को एफ.टी.सी. न्यायालय द्वारा निरस्त किया जा चुकाहै। प्रार्थी, अभियुक्त का यह द्वितीय प्रार्थना पत्र है इसके अतिरिक्त अन्य कोई प्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय या अन्य किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्त उक्त मामले में झूंठा फंसाया गया है पत्रावली <नाम> उपलब्ध <नाम> साक्ष्य औरप्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थ ,, अभियुक्त जमानत पाने का <नाम> है। अतःप्रार्थी / अभियुक्त को दौरान विचारण जमानत <नाम> <नाम> करने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का यह कहना है कि दिंनाक 11.1.2021 को सहअभियुक्त रिन्कू की जमानत हो चुकी है इसलिए प्रस्तुत मामले के अभियुक्त का द्वितीयजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जा सकता है। ", "अभियोजन ने बचाव पक्ष के उपरोक्त तर्क का खण्डन किया है और यह तर्क कियाहै कि अभियुक्त के जमानत प्रार्थना पत्र में किसी भी प्रकार का कोई <नाम> तथ्य प्रस्तुतनहीं किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। जिससे यह स्पष्ट है किप्रस्तुत मामले में अभियुक्त <नाम> का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र इस न्यायालय द्वारादिंनाक 1.2.2021 को निरस्त किया जा चुका है। द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त कीओर से समान तथ्यों <नाम> प्रस्तुत किया गया है। मात्र <नाम> अभियुक्त रिन्कू की जमानत पूर्वमें होने को ही मुख्य आधार बताया गया है। ", "सम्पूर्ण प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अपने प्रार्थना पत्र में भीअभियुक्त द्वारा <नाम> तथ्य <नाम> अभियुक्त की जमानत होना बताया गया है। सहअभियुक्त की जमानत दिंनाक 11.1.2021 को किसी अन्य न्यायालय द्वारा स्वीकार हुई थीजबकि प्रस्तुत मामले के अभियुक्त <नाम> का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र इस न्यायालय द्वपरा दिंनाक 01.02.2021 को निरस्त किया गया है। दिंनाक 01.02.2021 के <नाम> से उत्पन्नहुये किसी भी <नाम> तथ्य को अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है। इससम्बन्ध में मेरे द्वारा <नाम> व्यवस्था सुएव बनाम स्टेट आंफ यू6पी0 2006 (6)ए.एल.जे.((0())1362 इलाहाबाद का सम्मानपूर्वक अवलोकन किया गया जिसमें माननीय उच्च 3न्यायालय द्वारा यह अवधारित किया गया है कि यदि पश्चातवर्ती जमानत प्रार्थना पत्र मेंसमान तथ्य <नाम> किये गये है एवं प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र के निस्तारण के <नाम> विधिअथवा तथ्य में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है तो द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र पोषणीय नहींहोगा। द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र केवल दो आधारों <नाम> ही प्रस्तुत किया जा सकता है1... मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों में परिवर्तन2. <नाम> में परिवर्तनचूंकि अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र में मात्र <नाम> अभियुक्त कीजमानत दिंनाक 11.1.2021 को होने का कथन किया गया है जो कि अभियुक्त की प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र दिंनाक 01.02.2021 के पूर्व का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3569_201910-07-20192340
agra
{ "facts-and-arguments": [ "दिनांक: 10.07.2019आदेशयह पूरक जमानत प्रार्थना पत्र आवेदक/ अभियुक्त तुफैल द्वारा मु०अ०सं0 1370/2018 <नाम> 414 भा०द0सं0 थाना न्यू <नाम> जिला <नाम> मामले में जमानतहेतु प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार शाहनाज ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का <नाम> 414 भा०द0सं0 में यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूंठा फेसाया गया है। जबकि अभियुक्त द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त केविरूद्व थाना न्यू <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 1370/2018 <नाम> 41/102 दणप्रoसं० एवं धारा411 भा०द०सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई थी, जिसमें अभियुक्त की जमानत सत्रन्यायालय द्वारा दिनांक 16.02.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। विवेचक द्वाराअभियुक्त के विरूद्व <नाम> 41/102 द0प्र०सं० एवं <नाम> 411, 414 भा०द0सं0 में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है, जबकि उक्त अपराध में अभियुक्त से बरामद मोबाइलों कोअभी <नाम> किसी अपराध से सम्बद्ठ नहीं किया जा सका है। अभियुक्त जिला कारागार,आगरा में निरूद्व है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गई। (2)विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध गया किन्तु इसतथ्य को स्वीकार किया गया है कि उक्त अपराध में अभियुक्त से बरामद तीनमोबाइलों को <नाम> <नाम> चोरी के किसी अपराध से सम्बद्ठ नहीं किया जा सका है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से चोरी के तीनमोबाइल बरामद होने का आरोप है। ", "फर्द बरामदगी के अनुसार अभियुक्त के कब्जे से चोरी के तीन मोबाइल बरामद होना बताया गया है। बचाव पक्ष द्वारा बलपूर्वक <नाम> <नाम> गया है कि अभियुक्त से तीन मोबाइल फर्जी <नाम> से बरामद बताये गये है जबकि बरामद मोबाइलों को अभीतक चोरी के किसी अपराध से सम्बद्द नहीं किया गया है। विद्वान शासकीय अधिवक्तादाण्डिक द्वारा भी इस तथ्य को स्वीकार किया गया है कि अभियुक्त से उक्त अपराधमें बरामद तीन मोबाइलों को <नाम> <नाम> किसी अपराध से सम्बद्द नहीं किया जा सकाहै । " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त के विरूद्व थाना न्यू आगरापर मु0अ0सं0 1370/2018 <नाम> 41/102 द0प्रoसं0 एवं <नाम> 411 भा०द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई थी, जिसमें अभियुक्त की जमानत सत्र न्यायालय द्वारादिनांक 16.02.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। विवेचक द्वारा अभियुक्त के विरूद्वधारा 41/102 द0प्रoसं0 एवं <नाम> 411 के अतिरिक्त <नाम> 414 भा०द0सं0 में भी आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। अभियुक्त जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_7022_201912-12-2019627
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त की पत्नी व पेरौकारश्रीमती <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाअरविन्द <नाम> निर्वाल, थानाध्यक्ष, था शमसाबाद द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनाक 02.08.2019 को वह मयइमराहियान वास्ते तलाश वांछित अभियुक्त व संदिग्ध अपराधी में मामूर थे किउसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> 6 अभियुक्तगण को लूट के प्रयोजनसे एकत्रित होकर लूट की तैयारी करते हुए गिरफूतार किया गया तथा तीन अभियुक्त अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। नास पता पूछते हुएजामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकी जामातलाशी से एक अदद तमंचा, दो जिन्दा कारतूस व 2000/- रूपए बरामदहुए। दूसरे ने अपना नाम रमन बढ़ई बताया। इसकी जामा तलाशी से एकअदद छुरा, 2,000/- रूपए व एक मोबाइल वीवो बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम बन्टी उर्फ <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एकछुरा, 2,000//- रूपए व एक मोबाइल वीवो बरामद हुआ। चौथे व्यक्ति ने (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7022/2019जीतू उर्फ <नाम> बनाम राज्य अपना नाम <नाम> कुशवाह बताया जिसकी जामा तलाशी से एक छुरा बरामद हुआ। पाचवे व्यक्ति ने अपना नाम राजा उर्फ सद्दाम बताया। इसकी जामातलाशी से एक छुरा बरामद हुआ। छठे व्यक्ति ने अपना नाम छोटे उर्फ चोबसिंह बताया। सभी अभियुक्तगण के बीच में रखे थेले में 2 प्लॉस्टिक कीछोटी टॉर्च, एक इथौड़ा लोहे का, एक छोटा पेचकस, 16 चाबियों कागुच्छा, एक लोहे की छोटी छैनी, पॉच लोहे की अदद दो खाना रिंच, एकअदद लोहे का सब्बल बरामद हुआ। इन्हीं के कब्जे से 5 अददमोटरसाईकिल बरामद हुई। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुएहिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द सौके <नाम> तैयार की गयी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 02.11.2019 से जिला कारागार मेनिरूद्ध है। प्रार्थी को मौके से भागा हुआ दर्शित किया गया है। सह-अभियुक्तगण के बयान के आधार <नाम> प्रार्थी का नाम खोला गया है। प्रार्थी बीवारण्ट <नाम> तलब हुआ है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त व सह-अभियुक्त लूटके प्रयोजन से एकत्रित होकर लूट की योजमा बना रहे थे, उसी दौरानसह-अभियुक्तगण को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया। प्रार्थी मौके से भागने में सफल रहा। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> बीछएस0 पुष्कर एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 02.08.2019 की समय 23:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7022, 2019जीतू उफ <नाम> बनाम राज्य अभियुक्तगण के साथ लूट के प्रयोजन से एकत्रित होकर लूट की योजनाबनाए जाने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यहदर्शित होता है कि प्रार्थी को मौके से गिरफूतार नहीं किया गया है। सह-अभिक्तगण के कथन के आधार <नाम> प्रार्थी को इस मामले में अभियुक्तबनाया गया है। प्रार्थी को बी वारण्ट <नाम> इस केस में तलब किया गया है। ", "प्रार्थी एक माह से अधिक समय से जिला कारगार में निरूद्ध है। ", "सह-अभियुक्तगण रमन बढ़ई, छोटे उर्फ चोब <नाम> आदि की जमानत इसन्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4582_201924-09-20193692
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के मित्र व पैरोकारकलिम पुत्र अब्दूल के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा द्वारासंबंधित थाने <नाम> दिनांक 30.04.2019 को प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीदर्ज कराई कि वह दिनाक 29.04.2019 को अपने परिवार के साथताजमहल घूमने आया था। उसकी माता <नाम> किला देखकर गेट से बाहरनिकल रहीं थीं उसी समय पार्किंग के पास दो बाइक <नाम> आए और उनकेगले से सोने की चेन तोड़ ली। उसकी माता ने बचाव करने की कोशिश कीतो चेन का एक छोटा <नाम> टुकड़ा उनके हाथ में रह गया। इस संबंध मेंप्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराधनहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.05 2019 से जिला कारागार में (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाथीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4582 / 2019आशीष <नाम> सिह बनाम राज्यनिरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी से कोईबरामदगी नहीं है। बरामदगी का कोई <नाम> का <नाम> नहीं है। प्रार्थीका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानतvei पत्र माननीय उच्च न्यायालय अथवा अन्य किसी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथमिलकर वादी मुकदमा की माता के गले से सोने की चेन की लूट की गयीहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 30.04.2019 की समय 17:50 बजे की है। प्रार्थी <नाम> वादीमुकदमा की माता के गले से सोने की चेन लूटने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को अन्य के साथदिनाक 30.04.2019 को गिरफतार किया गया है। प्रार्थी से इस मुकदमें सेसंबंधित कोई बरामदमी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी इस प्रकरण में लगभगसाढ़े <नाम> माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त नितिन कुमारकी जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी कीमामले में <नाम> सह-अभियुक्त के समान है। मामले में आरोप पत्र न्यायालयमें प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
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