id
stringlengths
24
47
district
stringclasses
71 values
text
dict
label
class label
2 classes
Bail Application_972_202117-02-20212288
agra
{ "facts-and-arguments": [ "दिनांक : 17.02.2021आवेदक / अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> की ओर से अपराधसंख्या-08//2021, धारा-136, 137 विद्युत अधिनियम, थाना खेरागढ, जिलाआगरा में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त क पैरोकार रामकिशोर का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमामौ0उमैर <नाम> अवर अभियन्ता ने थाना हाजा <नाम> इस आशय की तहरीर दीकि दिनांक 07,/ 08.09.2020 की <नाम> में अज्ञात चोरों द्वारा बकालपुर रोड, ग्रामचीत में जल <नाम> के ट्यूववैल के 25के.वी.ए. परिवर्तक / ट्रान्सफार्मर कीकोइल को चोरी <नाम> लिया गया, जो विद्युत अधिनियम की <नाम> 136 केअन्तर्गत आता है। चोरी की प्राथमिकी दर्ज <नाम> आवश्यक कार्यवाही करें। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 11.01.2021 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-08,/2021 <नाम> धारा-136 भा०द0सं0 का अभियोग थानाखेरागढ, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसको इस मामले में झूंठाफॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त को दिनांक 07.01.2021 को पूछताछ केबहाने घर से उठाया था और फर्जी पुलिस मुठभेड की झूंठी कहानी बनाकरबन्द <नाम> दिया। आवेदक /अभियुक्त के पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है, -2- केस में दर्शाये गये <नाम> अभियुक्तगण से उसका कोई <नाम> देना नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त दिनांक 12.01.2021 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त उक्तअपराध में संलिप्त रहा है, जिसके पर्याप्त साक्ष्य पत्रावली <नाम> मौजूद है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "इस मामले की घटना दिनांक 07,/ 08.09.2020 की <नाम> में घटित होनादर्शाया गया है, किन्तु इसका मुकदमा थाने <नाम> दिनांक 11.01.2021 को घटनालगभग <नाम> माह <नाम> दर्ज कराया गया है, जिसका कोई स्पष्टीकरण प्रथमसूचना रिपोर्ट में नहीं दर्शाया गया है। आवेदक/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्टमें नामजद नहीं है और ना ही उसे मौके से पकड़ा गया है। इस मामले मेंआवेदक / अभियुक्त से जो बरामदगी होना बतायी जाती है, उसका कोई स्वतन्त्रसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। ", "इस केस के <नाम> अभियुक्त <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-789/2021 दिनांक 04.02.2021 को तथा <नाम> अभियुक्तगणसुनील, <नाम> <नाम> व सर्जन का जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-1121/2021 दिनांक 12.02.2021 को इस न्यायालय द्वारास्वीकार किया जा चुका है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 12.01.2021 सेजेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1909_202010-09-20202782
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता <नाम> चन्द की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त से फर्जी बरामदगी दर्शायीगयी है। अभियुक्त दिनांक 03.08.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतः आवेदक / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी से लूट की गयी है तथाअभियुक्त से लूट के रुपये बरामद हुये है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा थाना एत्मादपुर परइस आशय की तहरीर दी गयी कि प्रार्थी <नाम> से नई दिल्‍ली वायुसेवा से आया था। दिल्ली से बस द्वारा कुबेरपुर <नाम> उतरा, वहां से उसे <नाम> <नाम> था। करीबदोपहर 2.45 बजे एक स्विफूट मारुति आकर रुकी । उसमें सवार व्यक्ति ने उससे पूछाकहां जाओगे, वह <नाम> जा रहे हैं। गाड़ी में एक लेडीज सवारी व तीन जेन्ट्स सवार 2थे। वह जैसे ही गाड़ी में बैठकर चला उन लोगों ने उसके साथ मारपीट शुरू <नाम> दीऔर उसकी जेब में रखे 1,30,000/~ रुपये निकाल लिये और उसे <नाम> ढावे परधकेलकर भाग गये। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्मादपुर <नाम> मु0अ0सं0292/ 2018 अन्तर्गत <नाम> ३92 भा०दं0सं0 पंजीकृत हुआ। दिनांक 02.08.2020 कोअभियुक्तगण <नाम> <नाम> सतेन्द्र व <नाम> को पकडे जाने <नाम> उनके पास से लूट के रुपये बरामद हुये, जिसके आधार <नाम> मुकदमे में <नाम> 411 भाएदंछसं० की बढोत्तरी कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के <नाम> सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक, अभियुक्त संजीवकुमार का नाम सहअभियुक्तगण राजा व ब्रजेश के बयानां के आधार <नाम> <नाम> में आया है। इस अपराध से सम्बन्धित किसी बस्तु की बरामदगी आवेदक,/ अभियुक्त से नहीं हुयी है। ", "आवेदक प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। सहअभियुक्त ब्रजेश का जमानत प््रार्थनापत्रपूर्व पीठासीन <नाम> द्वारा दिनांक 12.09.2018 को स्वीकार किया जा चुका है। जमानत प्रार्थनानपत्र के निस्तारण के स्तर <नाम> मामले के गुणदोष <नाम> चर्चा किये बगैर न्यायालय का निष्कर्ष है कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4207_202022-12-202094
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त क पैरोकार <नाम> कुमारने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा नरेन्द्रकुमार <नाम> ने थाना पिनाहट <नाम> दिनांक 23.05.2020 को इस आशय की तहरीर दीकि वह ग्राम नदगवां रोड कसबा व थाना पिनाहट का रहने वाला है। दिनाक23.05.2020 को समय करीब 4.00 बजे <नाम> उसने अपनी मोटर साइकिल प्लेटिना यू.पी. 80 ई.एस. 3157 खड़ी की थी, जो घर के दरवाजे के सामने खड़ी की थी। कुछदेर <नाम> <नाम> तो उसकी मोटर साइकिल वहां नहीं थी। उसकी मोटर साइकिल कोईअज्ञात चोर चुराकर ले गया है। उपरोक्त मोटर साइकिल उसके बेटे <नाम> के नाम है। उसकी मोटर साइकिल चोरी हो गयी है। ", "वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना पिनाहट <नाम> अज्ञातके विरूद्ध मु0अ0सं0 69/2020 अंतर्गत <नाम> 379 भा०द0०सं0 पंजीकृत हुआ। अभियुक्त व अन्य के पकड़े जाने <नाम> <नाम> में <नाम> 411 भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। Bail Application/10960/2020 —Yatendra Yadav Vs. UP State 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक, अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया हैतथा उसे मनगढन्त कहानी बनाकर पुलिस ने झूंठा फंसाया गया है। घटना दिनांक23.05.2020 की 4 बजे <नाम> की बताई गयी है, घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट19.35 बजे दर्ज करायी गयी है, जबकि घटना स्थल से थाने की दूरी एककिलोमीटर बतायी गयी है। देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज है तथा आवेदक/ अभियुक्त नामित नहीं है। आवेदक / अभियुक्त से झूंटी बरामदगी दिखायी गयी है। घटना व बरामदगी काकोई जनसाक्षी नहीं है। आवेदक /अभियुक्त से चोरी की कोई मोटर साइकिलबरामद नहीं हुई है और <नाम> ही उसने चोरी की मोटर साइकिल का कोई नम्बरबदला है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 21.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्धहै। आवेदक / अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालय में यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक / अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोईजमानत प््रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार कियेजाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा कोई चोरी नहीं की गयी है। जो बरामदगीदिखायी गयी है, वह पुलिस द्वारा झूंठी दिखायी गयी है। अभियुक्त को किसी नेचोरी करते नहीं <नाम> है। चोरी की घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं हैं। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त नामित नहीं है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्तगण श्रवण <नाम> एवं <नाम> उर्फ संजू काजमानत प्रार्थना पत्र अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 16 सेदिनांक 17.12.2020 को स्वीकार हो चुका है। आवेदक,/ अभियुक्त दिनांक21.08.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त को झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी का Bail Application/10960/2020 —Yatendra Yadav Vs. UP State 3अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 23.05.2020 की <नाम> 4.00बजे की बतायी गयी है, जबकि थाने <नाम> चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट उसी <नाम> 7.35बजे <नाम> दर्ज करायी गयी है और घटना स्थल से थाने की दूरी मात्र एक किलोमीटर <नाम> है किन्तु विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त को तथाकथित मोटर साइकिल की चोरी करते हुए तथातथाकथित मोटर साइकिल की बरामदगी का कोई जन <नाम> नहीं है। सह-अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में हो चुकी है। अभियुक्त की ओर से यह भीकथन किया गया है कि पुलिस द्वारा उसे मामले में झूंठा फंसाया गया है तथाझूंठी बरामदगी दिखायी गयी है, जिसके संबंध में अभियुक्त की ओर से शपशपत्रभी प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 21.08.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_543_202028-01-20201742
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ अभियुक्त के बहनोई /पैरोकार सनी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा उदयवीर <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक, थाना एत्माददौला, जिला <नाम> ने दिनांक 05.04.2019 को 16-32बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडरजीशान उपरोक्त द्वारा अकेले या सामूहिक <नाम> से एक संगठित गिरोह बनाकर आर्थिक /भौतिक या अन्य <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से लूट व चोरी जैसे जघन्य अपराध कारित <नाम> समाज विरोधी कियाकलापों में संलिप्त हैं। गैंगलीडर व सदस्यों का यह कृत्यभा०द0वि0 के अध्याय 16 व 17 के अंतर्गत आते हैं। अभियुक्तगण जीशान, फरहान, <नाम> खैरूल वसर, <नाम> के विरूद्ध अपराध पंजीकृत होने के <नाम> गैंगचार्ट अनुमोदन कियागया। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्रणगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक /अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें से एक मामले में उसकी जमानत स्वीकार होचुकी है तथा तीन मामलों में जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। आवेदक /»/ अभियुक्त दिनांक 29.01.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत परRet fear oe । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.17 /19 धारा-394, 411 भा-द.स. 2थाना-थाना एत्माददौला, <नाम> (0) अ.सं.67 / 19 धारा-41 / 102 द.प्र.सं. 3(15) दस्यु प्रभावी अधिनियम व 411, 414 भा.द.स. थाना-एत्माददौला, जिला <नाम> (3) अ.सं. 1051 /18धारा-328, 379, 411 भा-द.स. थाना-एत्माददौला, जिला <नाम> (4) अ.सं.1061 / 18 धारा-392, 411 भा.द.स. थाना-एत्माद्दौला, जिला <नाम> के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध चोरी, डकैती व लूट करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तोउसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जायेकि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यहकि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र मेंयह कहा गया है कि गैंग चार्ट में जो <नाम> मामले दर्शाये गये हैं, उनमें से तीन मामलों में अभीउसका जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है, यानि कि गैंग चार्ट में दर्शायेगये मामलों में <नाम> <नाम> आवेदक /अभियुक्त की जमानत भी स्वीकार नहीं हुई है। आवेदक »अभियुकत अपने गैंग का गैंग लीडर है, उस <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकरचोरी, लूट व डकैती के आरोप हैं। ", "आवेदक » अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से चोरी, डकैती व लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_369_202026-02-2020498
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में अकील <नाम> पुत्र गफ्र खां का शपथपत्र प्रस्तुत कियागया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी सोबरन <नाम> द्वारा दिनांक06.01.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 02.01.2020 की प्रातः वहसपरिवार सुबह लगभग 4.20 बजे <नाम> के लिए रवाना हो गए। जाते समय <नाम> पुष्पादेवी जो कि घर के सामने रहती हैं, से कहकर चले गए कि मकान की देखभाल करना। दिनांक 04.01.2020 को प्रातः करीब 7.00 बजे उसे उसकी बहन <नाम> <नाम> <नाम> द्वारासूचित किया कि <नाम> पुष्पादेवी ने बताया कि घर का ताला टूटा हुआ है। उसकी बहन नेउसके घर जाकर बताया कि घर के अन्दर के सभी ताले टूटे हुए हैं एवं <नाम> सामान बिखरापड़ा है। इसकी सूचना क्षेत्रीय पुलिस को <नाम> दी गयी है। पुलिस द्वारा सबकी फोटोग्राफी करली गयी है एवं मौका मुआयना <नाम> लिया गया है। वह दिनांक 04.01.20 को <नाम> करीब 10बजे अपने निवास <नाम> पहुंच गया। इसकी सूचना पुलिस को <नाम> दी। घर में अज्ञात चोरों द्वाराeH yey, erst Used Ho यू0पी080आरवी-4739, पुरानी साड़ी 20, सोने की चूडी 4,सोने का हार 1, सोने का मंगलसूत्र 4, सोने की अंगूठी 3, सोने के एक जोड़ी कुन्डल, नाककी लौंग सोने की 2, 500 ग्राम <नाम> की <नाम> आदि व 15,000 रूपये नकद, चोरी <नाम> लेजाया गया। ", "दौरान विवेचना थाना शाहगंज, <नाम> की पुलिस द्वारा प्रार्थी / अभियुक्तगण कोगिरफ्तार किया गया तथा प्रार्थी / अभियुक्तगण के कब्जे से फर्द में उल्लिखित इस प्रकरण सेसंबंधित बरामदगी को सम्बद्ध करते हुए <नाम> 411 भा0द0सं० की बढोत्तरी की गयी। ", "प्रार्थी/ अभियुक्तगण की ओर से प्रार्थना पत्र /शपथपत्र में कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमे में झूठा फंसाया गया है, उन्होने कोई अपराध कारितनहीं किया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। वास्तविकता यह है कि अभियुक्तगण अपने मित्र छोटू केसाथ चूडी की फैक्ट्री में <नाम> करके अपने घर <नाम> जा रहे थे। रामबाग चौराहे <नाम> मैजिकवाले से विवाद होने <नाम> मैजिक वाले ने थाना एत्माद्दौला की पुलिस को फोन करके बुला Bail Application/2881/2020 -Aarif @ Aasif And OThers Vs. UP State2लिया तथा अभियुक्तगण को थाना पुलिस थाने ले गयी तथा वहां खड़े एक्टिवा को शाहगंजपुलिस से मिलकर मुकदमें का फर्जी वर्कआउट <नाम> फर्जी विवेचना की जा रही है। अभियुक्तगण का मुकदमें से कोई संबंध नही है। वादी के सीसीटीवी फुटेज में अभियुक्तगण काकोई ब्यौरा नही है, बल्कि अन्य चोरों की रिकार्डिग है, फूटेज विवेचक ने विवेचना में नहीदर्शायी है। घटना एवं बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही दर्शाया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट अज्ञात में 04 <नाम> <नाम> दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी, अभियुक्तगण दिनांक 04.02.2020से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। प्रार्थी, अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया है किअभियुकतगण को इस मुकदमें में झूठा फंसाया गया है, उनके द्वारा कोई अपराध नहीं कियागया है। अभियुक्तगण से कोई बरामदगी नहीं हुई है, कथित बरामदगी फर्जी है। विवेचक द्वारासीसीटीवी फुटेज को विवेचना में शामिल नहीं किया गया है, जबकि सीसीटीवी फुटेज मेंअभियुक्तगण की रिकार्डिंग नही है। पुलिस द्वारा मात्र वर्कआउट करने के आशय से इस मामलेमें अभियुक्तगण को संलिप्त किया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह कहतेहुए जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वरा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्तगण द्वारा वादी के घर सेजेवरात, स्कूटर आदि व रूपयों की चोरी की गयी तथा स्कूटर की बरामदगी अभियुक्तगण सेहुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौ0 को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध दर्ज करायीगयी है। आवेदक / अभियुक्तगण को इस प्रकरण में बरामदगी के आधार <नाम> संलिप्त किया गयाहै। फर्द बरामदगी के अनुसार अभियुक्तगण से चोरी की गयी होण्डा एक्टिवा <नाम> <नाम> सेबरामद होना कहा गया है, जबकि अभियुकतगण स्कूटर बरामदगी उनसे होने से इंकार करतेहैं। अभियुक्तगण दिनांक 04.02.2020 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। संबंधित थाने द्वारा अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नही किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2682_202008-10-20202050
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिताविजयपाल की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है किअभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लस्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है किअभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं कियाहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। घटना का कोईस्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुयी है। अभियुक्तका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह दिनाक 08.09.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि आवेदक / अभियुक्त एवं सहअभियुक्त के कब्जे से वादीके लूटे गये मोबाइल की बरामदगी हुयी है। अतः आवेदक / अभियुक्त काजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाय। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा मुनेन्द्र पाल द्वारा (2)दिनांक 07.09.2020 को थाना हरीपर्वत <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी किप्रार्थी किसी <नाम> से अपने घर से राधाकृष्ण मन्दिर जा रहा था तो रास्ते में राधाकृष्ण मन्दिर से कुछ पहले दो लड़कों ने सामने से आकर उसका मोबाइलछीन लिया। वह लोग स्कूटी <नाम> थे तथा मैं पैदल था। वह कुछ दूर भागालेकिन पकड़ नहीं पाया। उसका मोबाइल वीवो एस था जिसमें आइडिया कीसिम न॑ं<फ़ोन-नंबर> थी। यह घटना कल <नाम> लगभग 9 बजे की है। वादीकी उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना हरीपर्वत <नाम> मु0अ0सं0 366/ 20020अन्तर्गत <नाम> ३92 भा०दंएसं0 पंजीकृत हुआ। दिनांक 07.09.2020 को उ0नि०नवीन <नाम> मय इहमराह द्वारा आवेदक / अभियुक्त तथा सहअभियुक्त <नाम> कोपकड़े जाने <नाम> उनके पास से लूट का मोबाइल बरामद हुआ, जिसके आधारपर मुकदमे में <नाम> 411 भाएदंएसं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌अभियोजन अघिकारी के <नाम> सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि घटना दिनांक06.09.2020 की रात 9 बजे की है। घटना के अगले <नाम> दिनांक 07.09.2020को आवेदक / अभियुक्त नमन कुशवाह तथा सहअभियुक्त <नाम> के कब्जे सेवादी के लूटे हुये मोबाइल की बरामदगी हुयी है। वादी मुकदमा मुनेन्द्र पाल के द्वारा आवेदक / अभियुक्त नमन को पहचानते हुये कहा गया है कि इनके द्वारामोबाइल छीना गया था तथा दूसरा अभियुक्त <नाम> स्कूटी चला रहा था। आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से लूटे गये मोबाइल की बरामदगीतथा आवेदक / अभियुक्त को वादी मुकदमा के द्वारा पहचान किये जाने कीपरिस्थिति में आवेदक / अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जानेका पर्याप्त आधार नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4204_201909-08-2019774
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अपराध संख्या 161 / 2019एवंजमानत प्रार्थनापत्र संख्या-4295 / 2019CNR NO. UPAGO01-014109-2019नीरज पुत्र <नाम> नरायननिवासी <नाम> नगर थाना बाह जिला आगरा। हाल निवासी समाधीपुरा थाना बाह, आगरा। ", "agaप्रतिउ.प्र.राज्य -अभियोगीधारा 302,201 भा0दं0सं03(2)5 एससी. / एस.टी.एक्टथाना बाह जिला आगरा। ", "अपराध संख्या 161 / 2019दिनांक : 09.08.2019प्रार्थ / अभियुक्तमण शकील व <नाम> की ओर से मुकदमा अपराधसंख्या 161 / 2019 <नाम> 302,201 भा0दं०सं० व <नाम> 3(2)5 एस.सी. / एस.टी.एक्टथाना बाह जिला <नाम> में जमानत <नाम> प्रथक प्रथक प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किये गयेहैं। अभियुक्तगण न्यायिक अभिरक्षा में है। समर्थन में मुन्ना खाँ व <नाम> के शपथपत्रप्रस्तुत किये गये । अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिया मुकदमाश्रीमती <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 25.04.2019 को 20.45 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि- उसका बेटा <नाम> दिल्‍ली नौकरीकरता है 6-7 <नाम> पहले दिल्‍ली से आया था। 2-3 <नाम> से घर से बाहर था तोसोचा किसी <नाम> से गया होगा। दिनांक 25.04.2019 समय 06.30 बजे <नाम> कोखोजने <नाम> उसका शव मौहल्ले में स्थित ग्राम <नाम> <नाम> थाना जैतपुर के किसीव्यक्ति के खाली पडे प्लाट की झाडियों से ढका हुआ, उसका शव पडा था। उसकेबडे लउठके की बहू <नाम> पत्नी गोविन्द पुत्री अनोखे <नाम> निवासी कमालपुर थानाचित्राहाट उसके बडे लडके गोविन्द को छोडकर मारपीट करके मायके चली गईथी। जब उसका बेटा गोविन्द बुलाने गया तो उसको झूठा आरोप लगाकर पुलिससे पकडवा <नाम> था। उससे <नाम> के मायके वाले 4 लाख रुपये मॉग रहे थे तथाउसके बेटे मृतक <नाम> को भी <नाम> से मारने की धमकी <नाम> रहे थे कि तू अपनेभाई की बहुत मदद करता है। पहले तुझे ही देखना है। इसलिए उसके बेटे गोविन्दकी पत्नी <नाम> पुत्री अनोखे <नाम> <नाम> के <नाम> लाखन व सोनू पुत्रगण अनोखेलाल ने उसके पुत्र <नाम> की हत्या <नाम> शव खाली प्लाट की झाडियों में छिपा fear 3 । ", "वादिया को नोटिस जारी की गई। ", "प्रार्थी, अभियुक्तमण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण निर्दोष हैं। उनके द्वारा कोई अपराधकारित नही किया गया है। उन्हें झूठा फसाया गया है। अभियुक्तगण के विद्धानअधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंअभियुक्तगण नामित नहीं है, <नाम> ही कोई शक किया गया हैं मामला मात्रपरिस्थितिजन्य साक्ष्य <नाम> आधारित है। षडयंत्र करके गिरफतार किया गया है। यहभी तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण के विरूद्ध कोई साक्ष्य नही हैं दिनांक22.04.2019 को अभियुक्त <नाम> शादी में गया था। इसलिए घटना में उसकाकोई योगदान नहीं है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नही है। इसलिए उन्हें जमानत <नाम> छोडने का आधार पर्याप्तहै। ", "अभियोजन की ओर से जमानत का विरोध किया गया और तर्कप्रस्तुत किया गया कि अभियुकतगण के बयानों के आधार <नाम> आलाकत्ल बरामदहुआ हैं उनको योगदान घटना में है और उन्हें अन्तिमबार जाते समय <नाम> भी गयाथा। जमानत <नाम> छोडने का कोई आधार नहीं है। जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गई। " ], "judge-opinion": [ " विद्वान सहायक लोक अभियोजक,फौजदारी वादिया के विद्धान अधिवक्ता व प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ताको सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि वादिया ने अपनेबयान अर्न्तगत <नाम> 161 द0प्र0सं0 में प्रथम सूचना रिपोर्ट में किये गये कथनों कासमर्थन किया है। इसी प्रकार साक्षीगण <नाम> <नाम> <नाम> ने भी वादिनी के कथनोंका समर्थन किया है। शव विच्छेदन आख्या में दम घुटने के <नाम> मृत्यु होनादिखाया गया है। मजीद बयान में वादिनी ने भोलू, शकील व <नाम> को नामितकिया है और कहा है कि असल हत्यारे यही हैं। <नाम> <नाम> ने भी मजीद बयानमें कहा है कि उसके <नाम> की हत्या भोलू, शकील व <नाम> ने मिलकर <नाम> दी है। अभियुक्त भोलू उर्फ प्रशान्त द्वारा बयान में बताया गया कि <नाम> उसकी बहिन परबुरी नजर रखता था। उसे बुरा लगताथा। जब उसनको मारने का प्लान बनायाऔर अपने दोस्त शकील व <नाम> के साथ मिलकर अपनी दोस्ती का हवाला देतेहुए <नाम> तमाम करने की <नाम> बनाई वह लोग तैयार हो गये। बोले कि सतीशको फोन करके घर <नाम> बुला लेगें दोनों 08.30 बजे <नाम> <नाम> पहुँच जायेगें। तबदिनांक 22.04.20189 को समय 08.00 बजे <नाम> फोन करके <नाम> को बतायाकि घर में कोई नहीं है, आ जाओं। दारू मंगा ली है, बैठते है। 08.30 बजे शामसतीश आ गया। शकील व <नाम> भी आ गये। हम लोग बाहर वाले कमरे मेंबैठकर दारू पीये। दारू के पैग बनाये गये थे। तीनों लोगों ने कम पी। <नाम> कोखूब नशा <नाम> दिया। उसने <नाम> का सिर पकड़ <नाम> दीवार की तरफ धक्का देदिया। वह उल-जलूल बकने लगा। शकील ने <नाम> के दोनों हाथ पकड <नाम> दवालिये, <नाम> ने पैर कसकर ups fed) <नाम> चिल्लाया तो उसने पास में पडाकपडा उठाकर उसके मुँह में दूस दिया। पास में पडी शटरिंग में लगने वालीनारियल की रस्सी से उसे दोनों हाथ बाघ दिये तथा अलमारी में से शटरिंग मेंप्रयोग होने वाले टेप उठाकर उसके मुँह-नाक <नाम> लपेट <नाम> तथा घर केअन्दर एक इलैक्ट्क प्रेस की केबिल काट ली और उस केबिल से <नाम> के गलेको कसकर <नाम> घोंटा तो <नाम> मर गया। थोडी देर <नाम> उन लोगों ने दरवाजाखोलकर झाक <नाम> देखा। मौका पाकर <नाम> की लाश को एक मकान को छोडकरटिन्कू के खाली पडे प्लाट में झाडियों में छिपा दिया। ऊपर से झाड-झंखाड डालदिये और मोबाइल को लेजाकर तालाब में गहरे <नाम> में फैक दिया। शकील वनीरज अपने घर चले गये वह भी अपने घर आ गया। आलाकत्ल चलकर वहबरामद <नाम> सकता है। घर में छिपा <नाम> रखा है। पुलिस द्वारा उसे ले जाने परअभियुक्त भोलू द्वारा घर के अन्दर बने शौचालय की छत से एक अदद इलैक्ट्क —3—प्रेस, एक टेप राल अभियुक्त ने स्वयं उठाकर दिया। इसी प्रकार का बयानअभियुक्त शकील ने भी <नाम> है। ", "इस प्रकार अभियुक्त भोलू उर्फ प्रशान्त द्वारा बताई गई कहानी केआधार <नाम> उसने तथा उसके दोनों दोस्त शकील व <नाम> ने <नाम> की हत्या कीहै और अभियुक्त भोलू उर्फ प्रशान्त द्वारा एक अदद इलैक्ट्क प्रेस, टेपरॉल भीबरामद कराया गया। ", "अतः अभियुक्तगण शकील व <नाम> का <नाम> की हत्या मेंसकिय योगदान प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_474_202029-02-2020397
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इसप्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त की पत्नी <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है,जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। ", "अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाना ताजगंज जिला <नाम> में दिनाँक 17.02.2020 को इस आशय की तहरीर दी गयी कि आजदिनॉक 17.02.2020 को समय करीव 7 बजे के लगभग श्यामलाल मार्ग होते हुए पुरानीमण्डी चौराहे की तरफ जा रहा था तभी श्यामलाल मार्ग के समीप गुम्मट के पासराजकुमार पुत्र <नाम> उर्फ जग्गो निवासी गुम्मट ने उसे रोक लिया तथा उससे 5000/ -रूपये मॉगने लगा। <नाम> <नाम> पहले से 5000/-रूपये बकाया थे तो उसनेकहा मेरे पहले पैसे वापस करो तो <नाम> ने कहा मै तेरे पैसे नही दूँगा मुझे पैसे 5000/-दो उसने <नाम> किया तो उसके साथ मारपीट की और <नाम> अपराधी प्रवृत्तिका व्यक्ति है जो चरस गाँजा आदि अवैध धन्धे करता है। उसकी रिपोर्ट लिखकर कानूनीकार्यवाही करने की कूपा करें। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना ताजगंज में मु0अ0सं0 97/2020 परप्राथमिकी <नाम> की गयी। विवेचना प्रचलित है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त मामले में झूँठा फसाया गया है। वह निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नहीकिया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार <नाम> 327 भा.द.सं. नही बनती है। वादी कोकिसी अवैध कार्य के लिए मजबूर नही किया गया है। थाना पुलिस द्वारा उसे दि0 17.02. 2020 से 19.02.2020 <नाम> अवैध <नाम> से रोका गया जिसकी सूचना उसकी पत्नी द्वाराबजरिए डाक भेजी गयी। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत -2-प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अभियुक्त दिनक 19.02.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि अभियुक्त आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है। उसमें वादी के साथ घटना कारित की है। वादी का उस <नाम> 5000/-रूपये पूर्व के उधार थे जो वापिस नही किये और रूपये की मॉग <नाम> रहा था <नाम> देने <नाम> उसके साथ मारपीटकी अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गंभीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिया जाये । " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि आवेदक/ अभियुक्त की जमानत विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय सं0 2, <नाम> द्वारा दिनाक 19.02.2020 को निरस्तकिया गया है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया । पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध वादी से5000/ रूपये मॉगने और <नाम> देने <नाम> उसके साथ मारपीट किये जाने का आरोप है। ", "वादी की आहत आख्या के अनुसार उसके शरीर <नाम> पायी गयी चोटे साधारण <नाम> की है प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्त दिनॉक 19.02.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_361_202127-01-20213199
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> नवकरन पुत्रदीनदयाल ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोषहै। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रस्तुत मामले में प्रार्थी / अभियुक्त को झूठा फंसायागया है। पीड़िता लगभग 19 वर्ष की है, वह <नाम> 12 की छात्रा है और उससे पूर्व दो बारअनुत्तीर्ण हो चुकी है। रिपोर्ट में सरकारी क्वाटर में कन्‍्डा लेने <नाम> दर्शाया गया हैजबकि सरकारी क्वाटर में पूर्व से ही दो परिवार निवास <नाम> रहे है। पूर्व रंजिश की वजहसे घटना एक साल पीड़िता के <नाम> द्वारा अभियुक्त की बहन के साथ घटना कारित की गयी थी, परन्तु अभियुक्त व उसके परिजनों ने लोकलाज व <नाम> की वजह से पीड़िता के परिवारवालों के विरूद्ध कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी थी। उक्त रंजिश को Bail Application/586/2021 -Manoj Vs. UP State 2लेकर पीड़िता के परिवारवालों ने अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अतिरिक्त कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । प्रार्थी /अभियुक्त दिनांक 11.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त विश्‍वसनीय जमानतें दाखिल करने को तैयार है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाए। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा जगदीशप्रसाद द्वारा थाना हाजा <नाम> लिखित तहरीर इस आशय की दी गयी कि उसकी पुत्रीजाति दलित जाटव है जिसकी उम्र करीब 17 वर्ष है। उसकी पुत्री दिनांक 01.01.2021 कीशाम 05.30 <नाम> घर से लकड़ी कन्डा लेने के लिए बने सरकारी क्वाटर में गयी थी। पास के ही रहने वाले <नाम> पुत्र दीनदयाल जाति कुशवाहा ने लड़की को अकेला देखकरदबोच लिया एवं छेड़छाड़ एवं रेप भी किया, मुँह को बन्द <नाम> रखा था, मारपीट करधमकी देके चला गया कि अगर किसी से घर में कहा तो <नाम> से मार दूँगा। लड़की नेआपबीती अपने चाचा धर्मवीर को बतायी। उस समय <नाम> <नाम> वहाँ से भाग निकला था। उसके ड्यूटी से आने के <नाम> उसके <नाम> धर्मवीर एवं पुत्री ने पूर्ण जानकारी दी, लड़के केपिता से कहा तो लड़के के पिता ने कहा कि कोई बात नहीं है। लड़के के आने के बादही पूछेँगा, लेकिन कुछ बात लड़के का पिता दीनदयाल एवं अन्य परिवार घर <नाम> ताला लगाकर भाग निकले । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना इरादतनगर में मुकदमा अपराधसं0 1/2021 अन्तर्गत <नाम> 323, 376, 506 भा0 द0 सं0 व 3/4 पॉक्सो एक्ट व 3 (2) 5एस०सी०0/ एस०टी0 एक्ट में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तर्कं में उन्हीं तथ्यों कोदोहराया गया है जो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गए है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता के साथ उसका मुँह बन्द करके बलात्कार जैसा घृणित कार्य किया गाय तथा उसके साथ मारपीटकी तथा <नाम> से मारने की धमकी भी दी गयी। अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। ", "अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। " ], "judge-opinion": [ "मैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी, पीड़िता बयान <नाम> 161, 164 दं0प्रo्सं0 व पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि वादी मुकदमा द्वारादिनांक 02.01.2021 को इस कथन के साथ तहरीर दी गयी कि उसकी पुत्री जब लकड़ी कन्डा लेने के लिए सरकारी क्वाटर गयी तो पास के रहने वाले <नाम> ने उसको दबोचलिया, छेड़छाड़ एवं रेप किया और मारपीट <नाम> धमकी देकर चला गया कि अगर किसी सेघर में कहा तो <नाम> से मार दूँगा। उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध Bail Application/586/2021 -Manoj Vs. UP State 3मुकदमा अपराध संख्या 1/2021, <नाम> 323, 376, 506 भा0 द0 सं0 व 3/4 पॉक्सोएक्ट व 3 (2) 5 एस0०सी0० / एस०टी० एक्ट, थाना इरातनगर, <नाम> मुकदमा दर्ज हुआ । ", "केस डायरी के साथ पीड़िता के हाईस्कूल का प्रमाण पत्र की छायाप्रति संलग्न है जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि 05.02.2003 <नाम> है। प्रस्तुत मामले की घटना दिनांक 01.01.2021की कही जाती है। शैक्षणिक अभिलेख में <नाम> जन्मतिथि के आधार <नाम> पीड़िता घटनाकी <नाम> को नाबालिग है। पीड़िता ने अपने बयान 161 द0प्र०स० में कहा है कि जब वहकन्डा लेने <नाम> की टंकी के पास गयी तो अचानक <नाम> ने उसे पीछे से आकर मुँहबन्द <नाम> <नाम> और मारपीट की तथा उसके साथ गलत <नाम> भी किया। पीड़िता ने अपने बयान 164 द0प्र०स0 में भी घटना का समर्थन करते हुए कहा है कि दिनांक 01.01.2021को करीब <नाम> 05.30 बजे <नाम> के लिए सरकारी क्वाटर में लकड़ी लेने के लिए गयी थीतभी अचानक से <नाम> पीछे से आकर मेरा मुँह बन्द <नाम> लिया। मेरे साथ मारपीट की और गलत <नाम> किया। मुझे <नाम> से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता द्वारा अपने बयानअं0 <नाम> 161 व 164 द0प्र०स0 में अभियुक्त के विरूद्ध उसके साथ जबरन गलत कामकरने का बयान <नाम> है। पीड़िता जब मेडिकल कराने के लिए <नाम> के समक्ष गयी तो वरहो भी अभियुक्त द्वारा उसे अकेला पाकर जबरन बलात्कार करने का कथन किया गयाहै। अभियुक्त के विरूद्ध नाबालिग पीड़िता के साथ उसका मुँह बन्द करके जबरनबलात्कार करने तथा मारपीट करते हुए <नाम> से मारने की धमकी देने का भी अभिकथनहै । प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा किया गया कृत्य अत्यंत गम्भीर <नाम> का है । " ] }
0DENIED
Bail Application_1568_202007-09-20202879
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> सोनू <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को झूंठाफंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त का घटना से कोईसम्बन्ध नहीं है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 16.07.2020 से जिला कारागार मेंनिरुद्ध है। अतः: अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त के पास से लूट की मोटरसाइकिलें बरामद हुयी हैं। अतः जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> उपनिरीक्षक थानाशमशाबाद द्वारा थाना शमशाबाद <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 16.07.2020 को वह मय हमराही रपट नं० 140 समय 10.13 बजे रवाना होकर भनपुरा तिराहे परथे कि मुखविर ने सूचना दी कि कुछ बदमाश चोरी की मोटरसाइकिल सहित इसीभनपुरा तिराहे की तरफ आने वाले हैं जिनके पास अवैध असलाह भी हैं। इस सूचना <नाम> 2विश्वास करके बैरियर लगाकर चेकिंग करना शुरू <नाम> दिया। कुछ देर <नाम> दो मोटरसाइकिल आती हुयी दिखायी दिये। मुखविर ने इशारा करके बताया कि यही तीनोंबदमाश हैं। एक वारगी दविश देकर एक मोटरसाइकिल <नाम> एक व्यक्ति व दूसरी मोटर साइकिल <नाम> दो व्यक्तियों को पकड़ लिया। नाम पता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम घनश्याम बताया जिसके कब्जे से मोटरसाइकिल स्पलेंण्डर रंगकाला जिसकी प्लेट <नाम> नं0 यू0पी080-सी.एक्स-5230 <नाम> है, बरामद हुयी। जामातलाशी से पहने पेन्ट की बांयी फैंट से एक तमंचा 315बोर, व एक कारतूस 315 बोर बरामद हुआ। दूसरी मोटरसाइकिल के चालक ने अपना नाम <नाम> बताया जिसकेपहने पेन्ट की बांयी फैंट में घुरसा हुआ एक तमंचा 315 बोर व एक अदद कारतूस बरामद हुआ। मोटर साइकिल <नाम> पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> उर्फ भूरा बताया। ", "उक्त दोनों व्यक्तियों के कब्जे से मोटरसाइकिल स्पलैंण्डर रंग काला व <नाम> जिसकीनं0 प्लेट <नाम> यू0पी080-एफ.डी.-1244 <नाम> है, बरामद हुयी। बरामद तमंचा, कारतूस व मोटर साइकिलों के सम्बन्ध में कागजात तलब किये गये तो नहीं दिखा सके। अभियुकतगण की निशादेही <नाम> लहर पट्टी लहर की पुलिया के नीचे से तीनमोटरसाइकिलें बरामद हुयीं, जिनके वह कागजात नहीं दिखा सके। वादी की उक्ततहरीर के आधार <नाम> थाना शमशाबाद <नाम> मु0अ0सं0 146 / 2020 अन्तर्गत <नाम> 41 /102सी.आर.पी.सी. व 414, 411, 420, 468, 471 भाएंदंठसं० व 15 द0प्र0क्षे0 अधिनियमपंजीकृत हुआ । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ अभियोजन <नाम> के तर्क सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि आवेदक के कब्जे सेएक तमंचा व एक कारतूस 315 बोर की बरामदगी हुयी है। बरामदगी का कोई जनसाक्षीनहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है तथा आवेदक / अभियुक्त दिनांक16.07.2020 से जिला कारामार में निरुद्ध हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_309_202024-01-20201855
agra
{ "facts-and-arguments": [ "_ जिला आगरा। ", "आदेशदिनाक : 24.01.2020प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापन्र प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> उर्फ खन्नाकी ओर से मुकदमा अपराध संख्या-97,/2017 अन्तर्गत <नाम> ३92 भारतीयदण्ड <नाम> थाना सैंया, जिला <नाम> के मामले में प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के चाचा व पैरोकार भूरीसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाइरप्रसाद द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी ग्ई कि वहदिनांक 25.03.2017 को कौलारी से अपनी भाभी <नाम> सरोज <नाम> पत्नीधर्मेन्द्र <नाम> <नाम> को लेकर मोटरसाइकिल से गांव रजौरा खुर्द जा रहा था, जैसे ही सैंया इंडियन गैस गोदाम के सामने इरादतनगर रोड़ <नाम> पहुंचा,समय 05:30 पी.एम. पीछे से अपाचे व पल्सर, जिन <नाम> कोई नम्बर नहीं <नाम> दो आदमी आये जिन्होंने तमन्चे के <नाम> <नाम> उसकी भाभी से <नाम> चूड़ी,तीन अगूंठी, एक मगंलसूत्र, दो बिजवाला, दो बाली सोने की तथा उससे पर्स, जिसमें पांच सौ रूपये और डी.एल., आधार कार्ड, कुछ कागज थे, तमन्चे केबल <नाम> लूट लिए । ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता आर9एन0 <नाम> एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को पूर्व में सुना जा चुका है। गया तथा पत्रावलीका सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 309, 2020योगेश उफ <नाम> बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 21.04.2017 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी को बी0वारण्ट <नाम> तलब <नाम> इस केस में अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्यकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा वउसकी भाभी के साथ लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 25.03.2017 की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा वउसकी भाभी <नाम> <नाम> से लूटपाट करने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थीप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। पत्रावली के अवलोकन से यह भीदर्शित होता है कि प्रार्थी बी वारण्ट <नाम> तलब होकर इस अभियोग में जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी की निशानदेही <नाम> इस प्रकरण से संबंधित कोईबरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी लगभग दो वर्ष नौ माह से जिलाकारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त सोनू की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक 13.09.2017 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी की मामले में भूमिकासह-अभियुक्त सोनू के समान है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषितकिया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_888_202112-02-20212469
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र <नाम> निवास पुत्र श्रीजसराम <नाम> का इस आशय का दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भीप्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिजकिया गया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किदिनांक 28.01.2021 को वादी उ0नि0 चन्द्रभान <नाम> मय उ0नि0 <नाम> सन्‍नी <नाम> व मयहमराही पुलिसकर्मियों के सदिग्ध वाहन व व्यक्ति की चैकिंग <नाम> धनौला घाट बृहद ग्राम धनौला <नाम> पहुचंकर चैकिंग <नाम> रहा था की मन्दिर की ओर से एक मोटरसाइकिल नं0-यू0पी0 80 एफ0ई0 4482 <नाम> होन्‍्डा आईं, जिसे रोककर चैक करते हुए चालक का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम रामवरन गुर्जर पुत्र जसराम बताया। मोटरसाइकिलका कोई अभिलेखीय साक्ष्य नहीं <नाम> सका और <नाम> ही मोटरसाइकिल के <नाम> का पताबताया। ई-चालान ऐप खोलकर मिलान किया गया तो मोटरसाइकिल <नाम> का नाम Bail Application/1979/2021 -Rambaran Gujjar Vs. UP State 2 खुशबू <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> गुर्जर है। पूछने <नाम> बताया कि करीब सवा साल पहले मैंने वखुशबू <नाम> ने मोटरसाइकिल फाइनेन्स <नाम> लेने की <नाम> बनाई और हम दोनों ने आगरापहुंचकर टाटा कैपिटल फाइनेन्स कम्पनी के मैनेजर उपेन्द्र <नाम> व उपरोक्त कम्पनी का एजेन्ट कुलदीप से मिलकर हम चारों ने <नाम> बद्ध तरीके से खुशबू <नाम> का आधारकार्ड लेकर उसमें पता बदलवाकर उसी तरह का आधार कार्ड GIR कराया तथाइस <नाम> में अन्य व्यक्ति द्वारा सहयोग किया गया, जिसका नाम पता नामालूम है। हम लोगों ने टाटा कैपिटल कम्पनी <नाम> पैलेस <नाम> से फाइनेन्स कराकर केवल <नाम> हजाररूपये किस्त के नाम <नाम> देक <नाम> मोटर्स होंडा, <नाम> के यहां पहुचंकर चैक दिया। <नाम> मोटर्स होंडा ने यह मोटरसाइकिल इरादतनगर में होंडा ऐजेन्सी से मुझे दिला दी थी,लेकिन आज <नाम> <नाम> बचा हुआ किश्तों का पैसा फाइनेन्स कम्पनी को जमा नहीं कियागया। आधार कार्ड में पता इसलिए बदलवाया गया, जिससे किश्तों का पैसा <नाम> देना पड़े । अभियुक्त को उसके जुर्म से अवगत कराकर हिरासत में लिया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी / अभियुक्त कोमहज रंजिशवश झूंठा फंसाया गया है। पुलिस द्वारा उपरोक्त घटना तथाकथित बनाकरप्रार्थी / अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 27.01.2021 को अपनी रिश्तेदारी तारौली गुर्जर थाना फतेहाबाद जा रहा था, तभी रास्ते में पुलिस कोबरा वालों सेप्रार्थी की कहासुनी हो गयी, जिस <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त अपराध में झूंठाफसा <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही पूर्वमें सजायाफ्ता है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 29.01.2021 से जिला कारागार <नाम> मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी , अभियुक्त की जमानत दिनांक 02.02.2021 को माननीय अवर न्यायालयके द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतःजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का निवेदन किया गया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक)के द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा षड़यंत्र करकेसह अभियुक्त खुशबू <नाम> के साथ मिलकर आधार कार्ड में पता बदलवाकर टाटा कैपिटल फाइनेन्स कम्पनी <नाम> से फाइनेन्स स्वीकृत कराकर फर्जी पता <नाम> मोटरसाइकिल होंडा ऐजेन्सी इरादतनगर से दिनांक 19.09.2020 को ली गयी है, जो उसके पास से बरामद हुई है। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा जमानत का दुरूपयोग <नाम> फरार होने तथा पुनःअपराध कारित किये जाने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी एवं अन्य प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया। ", "केसडायरी एवं एफ0आई0आर० तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> गिरफ्तारी के दौरान जो मोटरसाइकिल बरामद हुई है, उसको Bail Application/1979/2021 -Rambaran Gujjar Vs. UP State 3 आधारकार्ड में पता बदलवाकर, फाइनेन्स स्वीकृत कराकर होंडा ऐजेन्सी से लेने का आरोपहै। उक्त तथ्य साक्ष्य का विषय है। ", "केसडायरी के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी / अभियुक्त को दिनांक 28.010.2021को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है एवं उसके पास से एक मोटरसाइकिल काबरामद होना बताया गया है। उक्त बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। इस स्तर परअभियोजन की ओर से अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। ", "विवेचना <नाम> प्रचलित है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक29.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2853_201915-06-20193067
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनॉक 21.05.2019को समय 17.28 बजे थाना न्यू <नाम> जिला <नाम> में इस आशय की तहरीर दीगयी कि वह <नाम> पैट्रोल पम्प के बराबर गोवर्धन चौराहा बाईपास <नाम> का रहनेवाला है। आज दिनॉक-21.05.19 को समय करीव 3.30 बजे वह हरीपर्वत से मयूरीमें बैठकर भगवान टाकीज आ रहा था। उसके बगल में बैठे व्यक्ति ने उसके सामनेकी जेब में रखा पर्स जिसमें 1200/-व उसके डी.एल. की फोटो कापी व अन्यकागजात रखे थे जेब से निकाल लिये और <नाम> से उतरकर भागने लगा। उसनेमौके <नाम> ही <नाम> के कुछ लोगो की मदद से उस व्यक्ति को मय पर्स के पकड़लिया। जिसने अपना नाम <नाम> पुत्र मुन्ना घिहार निवासी विशनपुर थाना बाह जिलाआगरा बताया। चोरी के किये गये पर्स सहित चोर को <नाम> की मदद से थानेलाया है उसकी रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> करें। वादी की लिखित तहरीर के आधार <नाम> <नाम> के विरूद्ध थाना न्यू <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 338/19 <नाम> 379,411 भा.द.सं. में प्राथमिकी <नाम> कीगई । ", "आवेदक /» अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गयाहै कि अभियुक्त निर्दोष एवं निरपराध है। उसको इस मामले में झूँठा फंसायागया है, जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नही किया गया है। वादीसे <नाम> रिक्शा में सीट <नाम> बैठने को लेकर विवाद हो जाने के कारणप्रार्थी / अभियुक्त को इस मुकदमें में झूँठी रिपोर्ट लिखकर पुलिस से मिलकर —?—बन्द <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनॉक-22.05.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त गॉव का रहने वाला अनपढ़ व्यक्ति हैऔर वादी शहर का रहने वाला दबग व्यक्ति है। वाद विवाद होने <नाम> उसने तोहीन समझकर झूँठे केस में बन्द <नाम> <नाम> है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नही है और <नाम> ही वह पूर्व सजायाफता है। प्रर्थी / अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंलम्बित नही है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवकता ”फौ0” द्वारा जमानत का विरोध करतेहुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी की जेब में रखा पर्स जिसमें1200 /-रूपये रखे थे तथा डी.एल. व अन्य कागजात थे चोरी किया है तथा वादी द्वरा अभियुक्त को <नाम> के लोगो की मदद से मय पर्स के पकड़ा गया है तथाचोरी का पर्स उसके कब्जे से बरामद हुआ है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गंभीर <नाम> का है। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त का जमानतप्रार्थनापत्र मुख्य न्यायिक मजि0 <नाम> के द्वारा दिनॉक-23.05.2019 को निरस्तकिया गया है। ", "मैंने अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ ए.डी.जी.सी. को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि घटना दिनॉक-21.05.19 केसमय 15.30 बजे के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना न्यू <नाम> में दिनॉक 21.05.19 को ही समय 17.28 बजे नामजद दर्ज करायी गयी है। वादी द्वारा अभियुक्त को <नाम> के लोगो की मदद से कुछ दूरी <नाम> ही पकड़ा गया है तथा उसके पाससे चोरी किया गया पर्स बरामद हुआ है। जबकि अभियुक्त का कथन है कि वह सीटपर बैठने के विवाद को लेकर वादी द्वारा पुलिस से मिलकर पर्स चोरी के आरोप मेंझूँठी एफ.आई.आर. लिखाकर बन्द <नाम> <नाम> है। अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिकइतिहास नहीं है तथा उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अपराध मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनॉक-22.05.2019 से जिला कारागारआगरा में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2898_201911-06-20193157
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थनमें <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 13.04.2019 को वादी उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> एवं पुलिस दल द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> <नाम> भ्ळौरव मंन्दिरवाले रास्ते <नाम> दविश दी गयी तो एक बेलेरो गाड़ी, जासे चोरी की थी, से एक व्यक्ति अंधेरेका फायदा उठाकर भाग गया तथा गाड़ी में बैठे तीनों व्यक्तियों को उतारकर उनकी तलाशीली गयी, जिनमें एक का नाम जीतू पुत्र श्यामबाबू दूसरे का नाम <नाम> उफ केत्रकेत्र तथातीसरे व्यक्ति का नाम बालकृष्ण था, चौथा व्यक्ति सोनू मौके से भाग गया था। अभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> पास ही गङ्ड़े से मोटरसाइकिल, स्कूटी आदि बरामद की गयी, जिनकी नम्बर प्लेट बदलकर उन <नाम> फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर एवं पार्टस बदलकर बेचना बतायागया। मौके से एक बुलेरो गाड़ी, 10 मोटरसाइकिल, तीन स्कूटी, दो मोटरसाइकिल बड़ी वदो इंजन खुले हुए एवं मोटरसाइकिल खोलने के औजार तथा एक तमंचा मय कारतूसबरामद किये गये। ", "आवेदक / अभियुक्त का कथन है कि उसे झूठा फसाया गया है। उसके पास से कोईभी बरामदगी नहीं हुई है। आवेदक / अभियुक्त को मौके से गिरफूतार नहीं किया गया है। मौके से कोई भी कूटरचित दस्तावेज आदि बरामद नहीं हुए हैं और <नाम> ही किसी विशेष व्यक्ति के साथ छल किया <नाम> कहा गया है। आवेदक/अभियुक्त की ओर से जमानतपर <नाम> किये जाने की <नाम> की। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आवेदक/अभियुक्त व उसकेसाथियों के कब्जे से चोरी किये गये 12 मोटरसाइकिल, तीन स्कूटी, एक बुलेरो गाड़ी एवं —2—वाहनों के इंजन आदि बरामद किये गये हैं। आवेदक / अभियुक्त मौके से भाग गयाथा। <नाम> अभियुक्तगण के बताये जाने के आधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त का नामप्रकाश में आया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानतनिरस्त हो चुकी है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फो०) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी सहित प्रपत्रों काअवलोकन किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त व उसके साथियों के कब्जे से चोरी किये गये वाहन,जिनमें एक बुलेरो गाड़ी, 12 मोटरसाइकिल, तीन स्कूटी, तथा वाहनों के इंजन आदि बरामद होना कहा गया है। विवेचना प्रचलित होना कहा गया है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत निरस्त हो चुकी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1315_202124-02-20211957
agra
{ "facts-and-arguments": [ "दिनांक-24.02.2021प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> के द्वारामुकदमा अपराध सं0 13, 2021 अन्तर्गत ART 8/21 NDPS ACT. eT ae, foreआगरा के प्रकरण में जमानत <नाम> प्रस्तुत किया गया है। जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के पिता कल्यानसिह ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्त कोझूठा फंसाया गया है उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। वह निर्दोष एवंनिरपराध है। महज गॉव की पार्टीबन्दी एवं रंजिश से झूठा फंसा गया है। घटना काकोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से कोई चीज बरामद नहीं कीगयी है। एन0०डी0पी0एस0 एक्ट की <नाम> 50 का अनुपालन नहीं किया गया है। प्रार्थी ,, अभियुक्त ने कोई सहमति पत्र नहीं <नाम> है और <नाम> जुर्म इकबाल किया है। वादी व उनकी टीम ने झूठी कहानी बनाकर उसे फंसाया है। प्रार्थी / अभियुक्त काफी दिनों से बीमार चल रहा है जिसका इलाज <नाम> में चल रहा है तथा चलने फिरनेमें असमर्थ रहता है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/, अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। Bail Application/2557 /2021 -Vinod Kumar Vs. UP State 2प्रार्थी/, अभियुक्त दिनांक 31.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी ,/, अभियुक्त विश्वसनीय जमानतें दाखिल करने को तैयार है। अतः जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाए। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी उपनिरीक्षक चित्रकुमार द्वारा थाना हाजा <नाम> लिखित सूचना इस आशय की दी गयी कि दिनांक31.01.2021 को वादी व अन्य पुलिस कर्मचारियों के साथ रोकथाम जुर्म जरायमसंदिग्ध व्यक्ति / वाहन चैंकिंग शान्ति व्यवस्था, दौरान गश्त <नाम> में मामूर थे। गश्त केदौरान घेर घोटकर एकबारगी दबिश देकर अण्डर पास से दूरी करीब 70 मीटरअभियुक्त को पकड़ा गया। पकड़े गए अभियुक्त ने अपना नाम <नाम> कामार पुत्रकल्यान सिह बताया। जामा तलाशी में उसके कब्जे से 180 ग्राम एल्प्राजोलम पाउडरबरामद किया गया। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना बाह में मुकदमा अपराध सं013,/ 2021 अन्तर्गत <नाम> 8/21 एन0डी0पी0एस0 एक्ट में प्राथमिकी <नाम> कीगयी । ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तर्को में उन्हीं तथ्योंको दोहराया गया है जो जमानत प्रार्थनापत्र में कहा गया है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि पुलिस पार्टी द्वारा अभियुक्त को पकड़े जाने <नाम> उसके कब्जे से 180 ग्राम एल्प्राजोलम पाउडर अवैध <नाम> से बरामदकिया गया है। यदि जमानत प्रदान की गयी तो वह पुनः अपराध में संलिप्त होसकता है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियाजाए। " ], "judge-opinion": [ "मैने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों काअवलोकन किया। ", "पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से दर्शित है कि दिनांक 31.01.24 को17.40 बजे थाना बाह की पुलिस द्वारा अभियुक्तगण <नाम> <नाम> एवं <नाम> <नाम> केपास से कुल 350 ग्राम नशीला पदार्थ एल्प्राजोजलम की बरामदगी दर्शित की गयी है जिसमें प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> के पास से 180 ग्राम नाजायज एल्प्राजोलम बरामदकिया <नाम> कथित किया गया है। अभियुक्त से बरामद एल्प्राजोलम की मात्रावाणिज्यिक <नाम> 100 ग्राम से अत्यधिक है। अभियुक्‍त द्वारा कारित किया गयाअपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। <नाम> अभियुकत की जमानत निरस्त हो चुकी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4527_201922-08-2019298
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के पिता पोतीराम का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावलीपर उपलब्ध थाने की आख्या, पुलिस प्रपत्र एवं अन्य सामग्री का सम्यकपरिशीलन <नाम> लिया है। इस मामले के संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी हरीशंकर नेदिनांक 10.06.19 को थाना सदर बाजार में इस आशय की प्राथमिकीअंकित करायी थी कि <नाम> अज्ञात समय उसकी दुकान से चोरी हुयी हैजिसमें कैस्ट्रोल आयल एक पेटी, गल्फ आयल एक पेटी, हीरोहोण्डाआयल दो पेटी, होडा एक्टिवा आयल दो पेटी, व रिपेयरिंग सामान वआटो पार्टस व अन्य सामान चोरी हो गया है। दिनांक 12.06.19 कोसुबह अभियुक्तगण को टैम्पो में <नाम> ले जाते हुये पुलिस द्वारा गिरफतार किया गया तथा टैम्पो में चोरी गये <नाम> को बरामद किया गया है। ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि उसे उक्तअपराध में झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। उससे कोई बरामदगी नहीं हुयी है। बरामदगी पूर्णतः झूठी दर्शायी गयीहै। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस ने गुड वरकदिखाने के लिये मामला झूठा तैयार किया है। आवेदक अभियुक्त कोगिरफतार नहीं किया गया है। आवेदक अभियक्त ने पुलिस द्वारा उक्तमामले में फसाये जाने की जानकारी <नाम> दिनांक 06.08.19 को स्वयं हीआत्मसमर्पण किया गया है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 06.08.19 सेकारागार में निरूद्ध है। आवेदक द्वारा कोई फर्जी व कूटरचित दस्तावेजसम्पत्ति हड़प करने के लिये तैयार नहीं किये गये है। मामले में धाराओंकी बढ़ोत्तरी मनमाने तौर <नाम> पुलिस द्वारा की गयी है। आवेदकअभियुक्त की ओर से पुलिस द्वारा बरामदगी झूठी बनाकर मामला तैयारकरने का कथन किया है। आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता कीओर से कहा गया है कि इस मामले के <नाम> अभियुक्त <नाम> कीजमानत पूर्व में दिनांक 01.07.19 को स्वीकार की जा चुकी है। विद्वानअधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदक अभियुक्त को समानत के आधारपर जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता ने आवेदनपत्र का मौखिक विरोध करते हुये कहा है किअभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है, उसके कब्जे सेचोरी किया हुआ <नाम> बरामद हुआ है। आवेदक अभियुक्त के साथियोंको आटो में चोरी के <नाम> सहित पकड़ा गया है आटो <नाम> <नाम> नम्बरोंको कूटरचना करके घिसा गया है। आवेदक अभियुक्त आवेदक कामामला जमानत <नाम> नहीं है। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज कियेजाने का निवेदन किया गया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों व अन्य सामग्री के अवलोकनसे यह प्रकट होता है कि चोरी की घटना दिनांक 09.06.19 को अज्ञातमें लिखायी गयी है तथा कॅस्ट्रोल व गल्फ आयल आदि सामान की चोरीहोना अभिकशित किया गया है। मामले की प्राथमिकी घटना के अगलेदिन करायी गयी है। दिनांक 12.06.19 को टैम्पो से चोरी का <नाम> लेजाते हुये अन्य अभियुक्तगण को साथ पकड़ा गया है। चोरी गये सामानव बरामदगी के सामान में भिन्नता है। प्रस्तुत मामले में बरामद <नाम> कीशिनाख्त नहीं करायी गयी है। आवेदक अभियुक्त को पुलिस द्वारागिरफतार नहीं किया गया है और ना ही उससे कोई बरामगदी हुयी है। आवेदक अभियुक्त ने सहृदयता पूर्वक स्वयं ही मामले की जानकारी होनेपर दिनांक 06.08.2019 को आत्मसमर्पण किया गया है। इस मामले केसह अभियुक्त सुभाषचन्द की जमानत पूर्व में स्वीकार की जा चुकी है। आवेदक की <नाम> जमानतगत <नाम> अभियुक्त से भिन्न नहीं बताया गयाहै। आवेदक अभियुक्त दिनांक 06.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन द्वारा आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास दर्शित नहीं कियागया है। आवेदक अभियुक्त के विरूद्ध उक्त आरोपित अपराध प्रथमवर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। आवेदक अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिये पर्याप्त जमानते देनेके लिये तत्पर है। वर्तमान मामले का निकट भविष्य में विचारण पूर्ण होनेकी कोई सम्भावना नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_493_202029-02-2020398
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथअभियुक्त की पैरोकार मुन्नी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक, थाना मन्टोला, जिला <नाम> ने दिनांक 01.01.2020 को 02-30 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंगलीडर <नाम> एवंउसके सदस्य <नाम> लखन, देवेन्द्र <नाम> उफ डी.के. व आरिफ उर्फ गुड्डू जो आर्थिक नैतिक व अन्य <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से संगठित <नाम> से जुआ/सट्टा का अवैध व्यापार <नाम> अनुचित <नाम> के अपराध में संलिप्त हैं। इनके विरूद्ध समाज में कोई भीव्यक्ति एफ.आई.आर/ साक्ष्य देने को तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं, इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 14.02.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाय । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.88,/19 धारा-3/4 जुआ अधिनियम(2) अ.सं.90/18 धारा-13 जुआ अधिनियम के मुकदमे हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ " 2मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध जुआ कराने का अभिकथन है। ", "आवेदक /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किआवेदक / अभियुक्त <नाम> फर्जी मुकदमे दर्शाकर उसे गैंग का लीडर बना <नाम> गया हैं,जबकि वह किसी गैंग का सदस्य नहीं है, उक्त मुकदमे पुलिस उच्चाधिकारियों को खुशकरने के लिये उस <नाम> लगाये गये है, उसने किसी घटना को अन्जाम नहीं <नाम> है। ", "मैंने उ0प्र0 गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम,1986 की <नाम> 2(0) का सम्यक परिशीलन किया जिसमें प्रावधानित है कि \"गिरोह कातात्पर्यं ऐसे व्यक्तियों के समूह से है जो लोक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने या अपने याकिसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित दुनियावी(टेम्पोरल), आर्थिक, भौतिक या अन्यलाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से या तो अकेले या सामूहिक <नाम> से हिंसा, या हिंसा की धमकी या प्रदर्शन या अभित्रास या प्रपीड़न द्वारा, या अन्य प्रकार से समाज विरोधीक्रियाकलाप करते हैं। \"गैंगचार्ट के अवलोकन <नाम> पाया गया कि इसमें आवेदक / अभियुक्त के ऊपरदो मुकदमे जुआ अधिनियम के दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त <नाम> जुआ खेलने व खिलानेका आरोप है। मैने पत्रावली <नाम> उपलब्ध अ.सं.88/19 धारा-3/4 जुआ अधिनियम कीएफ.आई.आर. का अवलोकन किया, जिसमें <नाम> अभियुक्त <नाम> के बताने <नाम> इसआवेदक // अभियुक्त के संबंध में इस तथ्य की अंकना है कि यह मकान <नाम> पुत्रमुकेश वाल्मीकि का है, जो भाग गया है। इस प्रकार वर्तमान आवेदक / अभियुक्त को इस मुकदमे में मौके से पकडा नहीं गया है, बल्कि उसका भागना दर्शाया गया है। इनमुकदमों से ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि आवेदक / अभियुक्त का समाज में कोई भय वआतंक व्याप्त हो। आवेदक / अभियुक्त दिनाक 14.02.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2961_202016-10-20201820
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के ससुर <नाम> <नाम> की ओरसे शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंलम्बित नहीं है । ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त नेकोई अपराध नहीं किया है, उसको झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं है। सहअभियुक्तगण फैजल खाँ व तुफैल का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 21.09.2020 को तथा तनिष्क का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 1.10.2020 कोस्वीकार किया जा चुका है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 26.08.2020 से कारागारमें निरुद्ध है। अतः आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुयेतकं प्रस्तुत किया गया कि आवेदक/अभियुक्त की इस लूट की घटना मेंसंलिप्तता है तथा सहअभियुक्तगण से लूटी हुयी गाड़ी बरामद हुयी है। अतःजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाय। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी सुमेर <नाम> द्वारा थानाखंदौली <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि आज दिनांक 21.08.2020 को 8.30बजे रात वह अपने पड़ोसी रनवीर की गाड़ी टाटा सफारी नं0 यू०पी014-बी.डब्लू. -5324 से उनकी बेटी को छोड़ने <नाम> आये थे। उसको ससुराल में छोड़कर 2कन्नोज जाने के लिये <नाम> एक्सप्रेस <नाम> चढ़े। रास्ता पूछने के लिये गाड़ी रोकीतो सामने से एक लड़का आया और रास्ता बताने के <नाम> तमंचा दिखाकर, सफारीगाड़ी को छीनकर अपने दो साथियों के साथ भाग गया। उनके कपड़े, उनकाओपो तथा जतिन का फोन भी गाड़ी में चले गये, जिनका सिम नं<फ़ोन-नंबर>व जतिन का सिम नं<फ़ोन-नंबर> है। वादी की उक्त तहरीर के आधार परथाना खंदौली <नाम> मु0अ0सं0 232/2020 अन्तर्गत <नाम> 392 भा०दं0सं0 पंजीकृतहुआ। दिनांक 23.08.2020 को एस.ओ. बहादुर <नाम> मय हमराह द्वारा अभियुक्तगण तुफैल व फैजल को पकड़े जाने <नाम> उनके कब्जे से लूट की गाड़ी बरामद हुयी । " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया । अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदकअभियुक्त के कब्जे से टाटा सफारी गाड़ी की बरामदगी नहीं हुयी है। अभियुक्तप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं हैं। सहअभियुक्तगण फैजल खो व तुफैल का जमानत प््रार्थनापत्र दिनांक 21.09.2020 को तथा तनिष्क का जमानत प््रार्थनापत्रदिनांक 01.10.2020 को स्वीकार किया जा चुका है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक26.08.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध हैं । " ] }
1GRANTED
Bail Application_968_202007-07-20201364
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> <नाम> <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आवेदक /» अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे मामले में झूठा फंसाया गया है। गैंगचार्ट मेंदर्शित सभी मुकदमों में वह जमानत <नाम> है। अभियुक्त <नाम> तो किसी गिरोह का सदस्य है और <नाम> ही लीडर है। वह दिनांक 19.03.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। इसलियेआवेदक को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारनिर्वाल, थानाध्यक्ष थाना शमशाबाद जिला <नाम> ने दिनांक 02.01.2020 को थाना शमशाबादपर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी कि गैंग लीडर देवा उर्फ देवेन्द्रपुत्र बृज किशोर निवासी जंगजीत नगर, राजपुर चुंगी थाना सदर बाजार, <नाम> ने एक संगठित गिरोह बना रखा है जिसके <नाम> पुत्र पोहप <नाम> बन्टी उर्फ <नाम> पुत्र रामवीर,सुरेन्द्र कुशवाह पुत्र थान <नाम> राजा उर्फ सददाम पुत्र <नाम> छोटे उर्फ चोब <नाम> पुत्र मूलचन्द, रमन बढ़ई पुत्र <नाम> <नाम> जीतू उर्फ मरिया पुत्र रामनिवा जादौन तथा मोनूउर्फ धर्मेन्द्र पुत्र <नाम> <नाम> गैंग के सदस्य हैं। इस गैंग का मुख्य कार्य जघन्य अपराधकरके तथा <नाम> में भय व्याप्त करके अपने भौतिक <नाम> <नाम> धन अर्जित करना है, जिनकेविरुद्ध थाना हाजा <नाम> मु0अ0सं0 231 /2019 <नाम> 399, 402 भां0दं0वि0, मु0अ0सं0237 / 2019 <नाम> 15 दएप्र0क्षेग, मुएअ0सं0 122, 2019 <नाम> 380, 411 भाएठदं०वि0 थाना 2डौकी तथा मु0अ0सं0 219 // 2019 <नाम> 392, 411 भा०दं0वि0 के मुकदमा पंजीकृत हैं। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठितगिरोह है, जिसका वह सदस्य है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंगचार्ट दाखिल है जिसमें उसके विरुद्ध <नाम> मुकदमे विचाराधीन हैं। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी कियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "आवेदक /» अभियुक्त गैंग का सदस्य है तथा उसके विरुद्ध अपने सदस्यों केसाथ मिलकर लूट व चोरी करने तथा बरामदगी का आरोप है। ", "आवेदक /» अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे उनकी प्रकृति,अभियुक्त के कब्जे से अवैध शराब की बरामदगी के तथ्य तथा उ0प्र0 गिरोहबंद व समाजविरोधी कियाकलाप (निवारण) अधिनियम की <नाम> 49(4) में वर्णित प्राविधान को दृष्टिगतरखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उपरोक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके द्वारा ऐसा अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_149_202113-01-20213700
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> जादौन का शपथपत्र प्रस्तुत कियागया है। ", "2- जमानत प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तनिर्दोष है। यह भी कहा है कि असं, 76/2018 के अर्न्तगत <नाम> 354 भा0दं0सं0 एवं धारा7/8 पॉक्सो एक्ट में आवेदक की जमानत दिनांक 29--06-2018 को पूर्व में इसी न्यायालयसे स्वीकार हो चुकी है एवं जमानत प्रपत्र सत्यापन होकर प्राप्त हो चुके हैं, किन्तु विवेचनाउपरांत प्रार्थी के विरूद्ध आरोपपत्र अर्न्तगत <नाम> 506 भाएंदं०सं० के अंतर्गत प्रस्तुत किया गयाहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "3- आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4793_201903-09-20194862
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> इन्द्रपाल काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमासत्य <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि प्रार्थी दिनांक30.09.2017 को सांय पाँच बजे पोइया घाट <नाम> <नाम> <नाम> विसर्जन करने केलिये अपनी मोटरसाइकिल पैशन प्रो रंग काला नंबर यूएपी0 80 सी.एम. 8358से गया था, जिसे अज्ञात चोर ने चोरी <नाम> लिया है। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 03.10.2017 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-429/2017 <नाम> धारा-379 भा०द0सं0 का अभियोग थानाखन्दौली, <नाम> <नाम> पंजीकूत किया गया। दिनांक 04.10.2017 को उप निरीक्षकपंकज <नाम> मय हमराहीयान पुलिस कर्मचारीगण के साथ बाह रोड़ से फतेहाबाद जाने वाले रास्ते <नाम> वाहन चैकिंग <नाम> रहे थे, तभी दो व्यक्तिमोटरसाइकिल से आते दिखायी दिये, करीव आने <नाम> मोटरसाइकिल को घबराकर मोडने लगे, तो दविश देकर एक व्यक्ति को पकड लिया, जिसने अपनानाम रमाकान्त बताया तथा भागे हुये व्यक्ति का नाम केदार बताया। उपरोक्तबरामदगी के आधार <नाम> इस मामले में <नाम> 411 भा०0द0सं0 की बढोत्तरी कीगयी । ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफॅसाया गया है, उसकी पकडे गये व्यक्ति रमाकान्त से रंजिश है, रंजिश के -2-कारण उसने प्रार्थी का झूठा नाम लिया है। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामजद नहीं है, उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है, उसकेपास से मोटरसाइकिल बरामद नहीं हुई है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 17.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> कीगयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त नेअपने साथी के साथ मिलकर वादी मुकदमा की मोटरसाइकिल चोरी की, जिसेदौरान वाहन चैकिंग पुलिस ने बरामद किया है तथा मौके से उसके एक साथीको गिरफूतार भी किया, तब आवेदक/अभियुक्त भागने में सफल रहा। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "इस मामले की घटना दिनांक 30.09.2017 की बतायी जाती है, जबकिप्रथम सूचना रिपोर्ट घटना के 4-5 <नाम> <नाम> दिनांक 03.10.2017 को दर्जअज्ञात में करायी गयी है, जिसमें विलम्ब से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायेजाने का कोई <नाम> नहीं दर्शाया गया है। आवेदक/ अभियुक्त के विरूद्धनामजद एफ0आई0आर० नहीं है और ना ही उसे मोटरसाईकिल के साथ गिरफूतार किया गया है, बल्कि <नाम> अभियुक्त रमाकान्त के बताने के आधार <नाम> उसे इस अपराध में नामित किया गया है। इस घटना का कोई स्वतन्त्र जनताका <नाम> नहीं दर्शाया गया है। थाने से जो आख्या प्राप्त हुई है, उसमेंआवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया गया है, वहदिनांक 17.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2123_201901-06-20193372
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक क अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 27.04.2015 समय 21.05 बजे प्रथम सूचना रिपोर्टयह कशन करते हुए दर्ज कराई कि दिनांक 27.05.2015 को उसके भतीजे मोहितशर्मा की बारात <नाम> नगर कालोनी से <नाम> गार्डन खन्दारी के लिए जा रही थी। समय करीब 08.40 बजे <नाम> गार्डन से 100 मीटर पहले एम <नाम> रोड <नाम> सफेदअपाचे <नाम> पीछे से आये दो बदमाशों ने वादी के हाथ से <नाम> रंग का एक लैपटापबैग छीन लिया व दोनों खन्दारी की ओर भागे। अपाचे मोटर साईकिल <नाम> कोईनम्बर प्लेट नही थी। <नाम> में करब साएऐ तीन लाख रुपये नकद था। वादी द्वारा दीगई उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमा पंजीकृत हुआ। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। यहभी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि वह नियत दिनांक <नाम> हाजिर होता रहेगा वह जिलाकारगार में निरूद्ध था। दिनांक 17.06.2017 से निरूद्ध था। दिनांक 19.04.2017 कोबुखार आने के <नाम> उपस्थित नहीं हो सका। इसलिए उसके विरूद्ध गैर जमानतीयअधिपत्र हो गये है। इन आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने की प्रार्थना की गई। ", "विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त के उपस्थित <नाम> होने के कारणविचारण लम्बित रहा है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "मैने प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान लोक अभियोजकको सुना एवं पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त के अनुपस्थितके <नाम> दिनांक 19.04.2017 को गैर जमानतीय अधिपत्र जारी किये गये। उसकेपश्चात से वह उपस्थित नहीं आया हैं पूर्व में अभियुक्त की जमानत हो गइ थी किन्तु —_ 2 —_उसके द्वारा जमानत का दुरूपयोग किया गया है। जिसके <नाम> विचारण लम्बितरहा है। उसके पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना है। " ] }
0DENIED
Bail Application_7170_201923-12-201947
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के मामा व पैरोकारमुकेश चंद कुशवाह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाइलयास अंसारी द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृतकरायी गयी कि वह व उसके गाँव का भतीजा रहमत अंसारी दिनौक05.10.2019 को समय करीब 09:30 बजे <नाम> को अग्रसेन मील <नाम> सेट्रक संख्या- जे0एच0 11, डब्लू० 2922 में 1400 टीन सरसों का तेल और 200 कार्टून बोतल पैक सरसों का तेल लोडकर झारखण्ड जिला गिरिडिह जा रहा था। सैंया फूलाईओवर रेलवे लाइन किनारे समय करीब रात 11:30 बजेआ रहा था इतने में पीछे से सफेद रंग की बोलेरों गाड़ी में सवार 5-6अज्ञात ने ओवरटेक <नाम> ट्रक को रोक लिया और उसके ट्रक में लोट <नाम> सहित लूट लिया तथा उन दोनों को बोलेरो में डाल <नाम> रात रात भर घुमाते रहे और उसे गॉव नयाबांस के जंगलों में सुबह छोड़कर भाग गए। उसका मोबाइल व उसके कंडक्टर का मोबाइल भी बदमाश छीन ले गए। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 03.12.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है, उसकानाम दौरान विवेचना <नाम> में आया है। प्रार्थी बसई मण्डी में सब्जी का फड़लगाकर सब्जी बेचता है और अपने परिवार का भरण पोषण करताहै। घटनावाले <नाम> प्रार्थी बसई मण्डी में था। यदि प्रार्थी घटना में शामिल होता तो उसकी मोबाइल लोकेशन घटनास्थल <नाम> आती। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहींहै। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास महीं है। यह प्रार्थी का प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त घटना में संलिप्त रहा है। सह-अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकीं हैं। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7170/2019प्रेम बनाम राज्य्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 05.10.2019 की समय 21:30 से 23:30 बजे के मध्य की है। प्रार्थी का नाम सह-अभियुक्तगण के कथन के आधार <नाम> <नाम> में आया है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी द्वारा सह-अभियुक्तगण द्वारा लूटे गए ट्रक कोसय <नाम> अपने कब्जे में लेकर <नाम> को ठिकाने लगाए जाने के उद्देश्य सेउसे सह-अभियुक्तगण अब्दुल व शानू के घर <नाम> छिपाने तथा अगली <नाम> मेंमाल लेकर अन्य सह-अभियुक्तगण के सुपुर्द करना बताया गया है। सहअभियुक्तगण बिजेन्द्र उर्फ पप्पू सानू व हरिओम की जमानत पूर्व में इस (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पन्न संख्या : 7170, 2019प्रेम बनाम राज्यन्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी द्वारामामले में सकिय <नाम> अदा किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी कोझूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_970_202106-03-20211386
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकार महीपाल काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी देवेन्द्र <नाम> द्वारा दिनांक 03.02.2021 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि-- उसका <नाम> भूरी सिह लगभग3 वर्ष से अपनी बहन व बहनोई <नाम> <नाम> के साथ रहकर अपनी मेहनत मजदूरीसडक आदि करके अपनी गुजर बसर <नाम> रहा था। उसके <नाम> भूरी सिह कोविपक्षीगण <नाम> <नाम> नेहने, हिन्ना, नेमीचन्द ने उक्त भूरी <नाम> को उसके यानी रामबाबू के सामने लादूखेडा में पकड लिया था। उस समय उसके सामने हाथपायी एवंलाठी-डनन्‍्डों से मारापीटा। उसके <नाम> उसकी तलाश की गई तो वह <नाम> के समयकहीं नहीं मिला। दिनांक 02.02.2024 को समय करीब सुबह 07.00 बजे पेड परफासी के पंद <नाम> लटका हुआ मिला था। उसके <नाम> उसने पुलिस थाना सैंया कोसूचना दी। सूचना के आधार <नाम> पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ", "वादी की तहरीर <नाम> मुकदमा अपराध सं0 19/2024 अंतर्गत धारा323,306 भा0द0सं0 थाना सैंया जिला <नाम> में अभियुक्तगण <नाम> <नाम> नेहने,हिन्ना, नेमीचन्द के विरूद्ध पंजीकृत हुआ । ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूठाँ फँसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि मृतक ने Bail Application/2093/2021 -Nahne Vs. UP State 2 अभियुक्त की बहन से छेडखानी की, जिसके सबंध में गॉव वालों व अभियुक्त नेसमझाया था। मृतक को उसका बहनोई अपने साथ ले गया था। यह भी कथन कियागया कि मृतक के पास या घर से कोई सुसाइट नोट बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 04.02.2021 से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्र है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गई । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत काविरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद है। अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के भाईके साथ मारपीट की, जिससे अपमानित होकर मृतक द्वारा आत्महत्या <नाम> ली। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गई। वादी द्वारा प्रतिशपथपत्रप्रस्तुत <नाम> जमानत का विरोध किया गया। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त ने अन्य <नाम> अभियुक्तगण केसाथ वादी के <नाम> को मारापीटा और अपमानित किया। जिस <नाम> वादी के <नाम> नेपेड <नाम> फासी का फंदा लगाकर आत्महत्या <नाम> ली। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त कीजमानत प्रार्थनापत्र विद्वान अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय सं0 1,आगरा द्वारा दिनांक 06.02.2021 को निरस्त किया गया है। ", "अभियुक्त के विद्धान अधिवक्ता, विद्धान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी व वादी के विद्धान अधिवक्ता को सुना, केस डायरी काअवलोकन किया। ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादी मुकदमा देवेन्द्र सिंहविवेचक को दिये अपने बयान अर्न्तगत धारा-161 द0प्र0सं0 में प्रथम सूचना रिपोर्ट कासमर्थन करते हुए कहा है कि- उसका <नाम> भूरी सिह लगभग 3 वर्ष से अपनी बहनव बहनोई <नाम> <नाम> के साथ रहकर अपनी मेहनत मजदूरी आदि करके अपनी गुजरबसर <नाम> रहा था। उसके <नाम> को दिनांक 01.02.2021 को ग्राम नगला मोहरे केविपक्षीगण <नाम> <नाम> नेहने, हिन्ना, नेमीचन्द ने <नाम> <नाम> के सामने लादूखेडा मेंपकड लिया था और उसके सामने हाथपायी एवं लाठी-डन्डों से मारापीटा था। मोहनसिंह तथा नेहने के द्वारा धमकी दी थी कि साले तू इस गॉव से चला जा तथा अगरइस गाँव में दोबारा मिला तो तुझे <नाम> से मार देगें। इस बात से क्षुब्ध होकर उसनेदिनांक 1/2.02.2021 की <नाम> में गाव के बाहर पेड से लटककर फासी लगा ली। सुबह उसका शमव नीम के पेड से फंदे से लटका हुआ मिला। उसके <नाम> को इनलोगों ने आत्महत्या करने <नाम> मजबूर <नाम> <नाम> था। जिसके <नाम> उसकी मृत्यु होगयी। wRearea Rare 4 yey pT HRT dead due to asphytia as a result ofANTI MORTEM hanging <नाम> है एवं चोट भी दर्शित की गई है। थानाआख्या में <नाम> है कि अभियुक्त का, मृतक भूरी <नाम> के साथ बहन से बात करनेको लेकर विवाद हुआ था। जिसके <नाम> मृतक के साथ मारपीट की गयी और धमकीदी कि अगर तू गाँव में दिखा तो उसे <नाम> से मार देगें। कहा था कि कहीं मर जाजाकर। जिससे सदमें में आकर उसने आत्महत्या <नाम> ली। अभियुक्त के विरूद्धअपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2135_202126-03-2021515
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> सिया जानकीपत्नी तुलसीराम का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "2. जमानत प्रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में <नाम> सिया जानकीपत्नी तुलसीराम का कथन है कि वह अभियुक्त की मॉ एंव पैरोकार है तथा तथ्यों सेभलीभांति जानकार है। उपरोक्त मामले में नियत दिनांक 23.10.2018 को अभियुक्त के परिवार में गमी हो जाने के <नाम> वह न्यायालय में हाजिर नहीं हो सका जिस कारणउसके विरूद्ध वारंट का आदेश पारित हो गया। अभियुक्त का मोबाइल खो जाने केकारण्या वह अपने अधिवक्ता से भी सम्पक नहीं <नाम> सका तथा कोविड -19 कीमहामारी बीमारी के चलते न्यायालय में कार्य बन्द होने के <नाम> व अग्निम तिथियों कीजानकारी नहीं <नाम> सका । उसके उपरान्त पीलिया की गम्भीर बीमारी से ग्रसित हो गया जिसके <नाम> भी वह नियत दिनांक को न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। अभियुक्त उपरोक्त मामले में दिनांक 21.01.2021 से कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त अपनी जमानत दाखिल करने को तैयार है, तथा जमानत का कोई दुरूपयोग नहीं करेगा। अभियुक्त का अन्य कोई प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। वह अपनी उचित व विश्‍वसनीय जमानत देने को तैयार है। तबअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> करने के आदेश पारित किया जाए। " ], "judge-opinion": [ " 2सुना एवं पत्रावली का परिशीलन किया। पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था लेकिनउसके दिनांक 23.10.2018 से अनुपस्थित हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट निर्गत किये गये है। अभियुक्त द्वारा अनुपस्थिति का आधार परिवार मेंगमी हो <नाम> तथा स्वयं को पीलिया की बीमारी से ग्रसित हो जाने का लिया गया है। पत्रावली <नाम> आरोप विरचित हो चुका है। अभियुक्त दिनांक 21.01.2021 इस मामले में जेलमें निरूद्ध है। अतः मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का पर्याप्त आधार है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_511_202108-02-20212711
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त की पत्नी /पैरोकार श्रीमतीसम्पति ने शपथ पत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया है कि प्र्ार्थी/अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है । ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा श्रीजितेन्द्र <नाम> ने थाना ताजगंज, जिला <नाम> <नाम> इस आशय की तहरीर दी किउसकी दुकान नं0 146 सेन्टर पाइन्ट <नाम> टाउन स्थित है, वह दिनांक 07.01.2021को <नाम> करीब 9 बजे दुकान बन्द <नाम> ताले लगा रहा था उसी समय तीन लड़के आधमके वहीं एक लड़क ने मेरे सिर <नाम> देसी कट्टा(तमंचा) लगाकर दूसरे ने उसकामुंह बन्द <नाम> तीसरे ने तलासी लेते हुए करीब बीस हजार रूपये लूट लिए औरउसकी जेकिट भी उतरवाकर ले गये, उसने भागते हुए बदमाशों को <नाम> तो वह एकस्मार्ट हीरो कम्पनी की <नाम> रंग की मोटर साइकिल जिसपर पीछेयूपी80-सीजेड-7411 नंबर लिखा था, मोटर साईकिल से गॉव रजरई की तरफ भागगये, उसने तभी 112 नंबर <नाम> सूचना दी, उसके <नाम> वह बदमाशों को तलाशता औरजानकारी करता रहा, नहीं पता चला, तब रिपोर्ट लिखाने आया है। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> अज्ञात केविरूद्ध मु0अ0सं0 17/2021, अंतर्गत <नाम> ३92 भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ। —_ 2 __अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र में. कथनकिया गया है कि आवेदक/ अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध नहीं किया। आवेदक / अभियुक्त से झूँठी बरामदगी दिखाते हुए उक्त केस में निरूद्ध <नाम> दियागया। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। घटना वबरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। घटना दिनांक 07.01.2021 की दर्शायी गयीहै, जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 11.01.2021 को पंजीकृत करायी गयी हैतथा देरी का कोई स्पष्टीकरण प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त की कोई शिनाख्त परेड नहीं करायी गयी है। वास्तव में थानापुलिस द्वारा उसे दिनांक 09.01.2021 को बगैर <नाम> बताये घर से उठाकर अवैधहिरासत में रखा और दिनांक 17.01.2021 को फर्जी गिरफूतारी व बरामदगी दर्शतिहुए उपरोक्त मामले में फॅसा दिया। आवेदक / अभियुक्त इस मामले में दिनाक18.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकारकिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथन किया किअभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर वादी मुकदमा से बीस हजार रूपयेलूट लिये गये तथा गिरफूतार किये जाने के समय अभियुक्त क कनब्जे से लूटे गयेरूपयों में से दो हजार रूपये बरामद किये गये हैं। अतः अभियुक्त का जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ " विवेचना केदौरान दिनांक 17.01.2021 को थाना ताजगंज की पुलिस द्वारा सह-अभियुक्तगण केसाथ गिरफ्तार किये जाते समय अभियुक्त के कब्जे से दो हजार की बरामदगी केआधार <नाम> धारा-411 भा0द0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प््ार्थी/अभियुक्त <नाम> सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी से बीस हजार रूपये लूटने का आरोप है। केस डायरी की अनुसार दिनांक 17.01.2021 को <नाम> अभियुक्तगण के साथगिरफूतार किये जाते समय प््रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से दो हजार रूपये कीबरामदगी दशार्यी गयी है, परन्तु बरामदशुदा रूपये शिनाख्त <नाम> सम्पत्ति नहीं है,लूट की घटना 07.01.2021 को हुई और प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 11.01.2021को पंजीकृत कराते समय प्रथम सूचना रिपोर्ट में विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहींहै प्रार्थी/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। बरामदगी का कोईजनसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2651_202122-04-20213
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> पुत्र वीर <नाम> द्वारा इस आशय का शपथपत्रदाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का चचेरा <नाम> है तथा पैरोकार मुकदमा है। ्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवामाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्ररार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> हीखारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी दिनांक 23.03.2021 कोसमय 21:30 बजे अपने किसी निजी कार्य से <नाम> मेगा मार्ट आया था और अपनीकार यू०पी0-78 एफ0बी0 0573 खड़ी करके <नाम> मेगा मार्ट में समान खरीदने चलागया था, जब सामान खरीद <नाम> आया तो <नाम> कि वादी की गाड़ी में एक लड़काघुसकर चोरी <नाम> रहा है। तभी हम वहां पहुंचे। गाड़ी में रखा पर्स लेकर निकल रहा था तभी हम लोगों ने चोर-2 कह <नाम> <नाम> की मदद से उसे पकड़ लिया, उसकेपास से गाड़ी में रखा पर्स, जिसमें आधार कार्ड व अन्य कागजात व 450, रूपये थे। चोरी करने वाले व्यक्ति का नाम पता पूछने <नाम> अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> बताया @)Bail Application No. 2651/2021 Ajay Vs. UP Stateहै। कानूनी कार्यवाही करने की कूपा करें। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। उसे उपरोक्त केस में पुलिस ने झूंठा फंसाया है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन के अनुसार घटना दिनाक 23.03.2021 समयकरीब 21:30 बजे की दिखाई गयी है जबकि एफ0आईइई०आर0 दिनांक 23.03.2021 कोसमय करीब 23:50 बजे दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त ने वादी की गाड़ी सेकोई <नाम> नहीं की है और <नाम> ही प्रार्थी के पास से कोई <नाम> बरामद हुआ है। प्रार्थी / अभियुक्त गाड़ी मकैनिक है तथा <नाम> के पास गैराज में <नाम> करता है। दिनांक 23.03.2021 को रात 8 बजे लगभग प्रार्थी के पास उक्त गाड़ी का मालिकआया और बताया कि मेरी गाड़ी खराब हो गयी है, जिस <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को साथचलने का कहा प्रार्थी/ अभियुक्त ने जाकर वादी की गाड़ी स्टार्ट <नाम> दी और अपनीमेहनत के 500/- रूपये मांगने लगा जबकि वादी 50/- रूपये <नाम> रहा था इसी बातपर प्रार्थी / अभियुक्त की वादी से कहा सुनी हो गयी और वादी ने अपने प्रभाव केचलते प्रार्थी / अभियुक्त को थाना न्यू <नाम> ले जाकर उक्त मुकदमे में फर्जी बरामदगीदिखाते हुए जेल भिजवा दिया। घटना <नाम> मेगा मार्ट की दिखाई गयी है जहां परपाकिंग बनी हुई है और ठेकेदार भी रहता है तथा सी0सी0०टी0वी0 कैमरे लगे हुये हैअगर ऐसी कोई घटना होती तो सी0सी०टी0वी0 में जरूर कैद होती और प्रार्थी / वादीअपना पर्स गाड़ी में रखकर <नाम> मेगा मार्ट में खरीदारी करने कैसे चला गया, जो घटना को सन्देहास्पद बनाता है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 24.03.2021 से जिला कारागार,आगरा में निरूद्ध है। अतः आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की जाती है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि मामले में अभियुक्त को चोरीकरने के उपरान्त भागते हुए चोरी किये गये पर्स के साथ गिरफ्तार किया गया है। ्रार्शी/अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंअभियुक्त को गाड़ी से पर्स चुराकर भागते हुए लोगों की मदद से पकड़कर थाने लेकरजाने का कथन किया गया है। अभियुक्त के पास से पर्स एवं 450/- रूपये बरामदहोने का कथन किया गया है। अभियुक्त किसी भी प्रकार की बरामदगी से इंकार करताहै एवं मामले में झूंठा फंसाना <नाम> है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास (3)Bail Application No. 2651/2021 Ajay Vs. UP Stateअभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 24.03.2021 से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। केसडायरी के अवलोकन से यह भी विदित है कि विवेचक द्वारा प्रकरण में अपनी विवेचनालगभग समाप्त की जा चुकी और आरोप पत्र भी न्यायालय में प्रेषित किये जाने हेतुसंलग्न किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3278_202027-10-20201554
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के चाचा <नाम> की ओर से शपथपत्रप्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है और <नाम> ही उससे कोई बरामदगी हुयी है। पुलिस ने झूंठीमनगढ़न्त कहानी बनाकर उसे झूंठा फसाया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है तथा वह दिनांक 04.08.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतः आवेदक / अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किया जाय। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्त के साथ मिलकर वादी के घर से सोने-चॉदी केआभूषण तथा रुपयों की लूट की गयी है तथा अभियुक्त से लूट के रुपये बरामद हुये हैं। ", "सहअभियुक्त अल्तेश का जमानत प््रार्थनापत्र दिनांक 08.09.2020 को, <नाम> का जमानत प्रार्थनापत्र 23.09.2020 को, <नाम> <नाम> का जमानत प्ररार्थनापत्र 03.10.2020 को तथा आशु का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 08.10.2020 को खारिज किया जा चुका है। अतः जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा थाना सिकन्दरा परएक तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 29.07.2020 <नाम> बुद्धवार दोपहर लगभग 2 तीन बजे दो मोटरसाइकिल <नाम> कुछ अज्ञात बदमाश ने घर का दरवाजा बजाया और उसका नाम लेकर पुकारा। वह घर <नाम> नहीं था और उसके बच्चों ने दरवाजा खोलदिया। उनके पास धारदार हथियार व कट्टा जैसे टिघीयर थे, जिसके साथ घर केसदस्यों को डराया व मारपीट की व पिताजी को चाकू से घायल किया जिससे घर मेंरखे सभी पैसे लगभग 10,000, से 20,000/- रुपये व सोने के आभूषण, कान केकुण्डल, अंगूठी, चेन, मंगलसूत्र, पेन्डल को शरीर से खींचकर व आलमारी से सारासामान लूटकर ले गये, जिसमें 4-5 जोड़ी <नाम> 5 अंगूठी, सोने की लार, पेन्डल,मंगलसूत्र व घर का सोने <नाम> का पैतृक सामान भी ले गये। वादी की उक्त तहरीर केआधार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> मु0अ0स0 4182020 अन्तर्गत <नाम> ३94 भा०दं0सं0पंजीकृत हुआ। दिनांक 04.08.2020 को एस.एच.ओ. <नाम> <नाम> मय हमराह द्वाराआवेदक / अभियुक्त एवं सहअभियुक्तगण को पकड़े जाने <नाम> उनके पास से लूट केआभूषण, रुपये आदि सामान बरामद हुआ। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के <नाम> सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक /अभियुक्त के कब्जे से7,000/- रुपयों की बरामदगी हुयी है तथा सहअभियुक्तगण आशु तथा <नाम> <नाम> कीनिशानदेही <नाम> लूट के पर्स, आभूषण, घड़ी, साइकिल आदि की बरामदगी हुयी है, जिसकीपहचान वादी मुकदमा <नाम> <नाम> के द्वारा की गयी है। ", "आवेदक / अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण से बरामद लूट के रुपयों,आभूषण आदि की बरामदगी तथा इसकी पहचान वादी द्वारा किये जाने की परिस्थिति मेंमामले के गुणदोष <नाम> चर्चा किये बगैर जमानत प््रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने काआधार पर्याप्त नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5536_201919-10-20192692
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के चचेरे <नाम> व पैरोकारकेशव <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि दिनाक 19.07.2019 को वह मय हमराहियान चैकिगसंदिग्ध वाहन व व्यक्ति, गश्त आदि में मामूर थे कि उसी दौरान मुकदमाअपराध संख्या-293/2019 के वादी भूपेन्द्र <नाम> व उसके <नाम> सूरज शर्माकी सूचना <नाम> 6 व्यक्तियों में से दो व्यक्तियों को पकड़ लिया गया तथा शेष4 व्यक्ति अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। पकड़े गए व्यक्तियों से नामपता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम हेत <नाम> उफहेता बताया। इसकी जामा तलाशी से दो मोबाइल, एक विशेष पुलिस <नाम> का कार्ड, एक तमंचा, दो जिन्दा कारतूस व दो हजार रूपए नकदबरामद हुए। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम रामू बताया। इसकी जामा तलाशी सेएक विशेष पुलिस <नाम> का कार्ड, दो मोबाइल, एक तमंचा, दो जिन्दाकारतूस व 2,000/- रूपए नगद बरामद हुए। अभियुक्तगण ने बताया (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5536/2019बृजेश बनाम राज्यकि एस0पीएओ0 का कार्ड वे चैकिंग से बचने के लिए अपने पास रखते हैं। इसको दिखाकर लूट की गाड़ी लेकर आसानी से निकल जाते हैं। अभियुक्तगण के कब्जे से लूट की पॉच मोटरसाईकिलं भी बरामद की गरयीं। ", "भागे हुए अभियुक्तगण के नाम वीरेन्द्र, <नाम> <नाम> व मानवेन्द्र बताए। ", "अभियुक्तगण को जुर्म से अवयत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी मौके से गिरफूतार नही हुआ है,उसे भागा हुआ दर्शित किया गया है। उसका नाम सह-अभियुक्तगण केबताने <नाम> <नाम> में आया है। घटना का कोई चश्मदीद <नाम> नहीं है। प्रार्थीद्वारा दिनाक 23.09.2019 को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया है। प्रार्थीका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीभी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्तघटना में संलिप्त रहा है, वह अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग गयाथा। सह-अभियुक्तगण को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथाउसके कब्जे से लूट का <नाम> व फर्जी व कूटरचित एसएपी0ओ0 का कार्ड बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जसानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्शी/ अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता <नाम> रमेश <नाम> एवं विद्वानवरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा अभियोजनप्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनोक 19.07.2019 को समय 19:45 बजे की है। प्रार्थी प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी को मौके से भागा हुआ दर्शित किया (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5536, 2019बृजेश बनाम राज्य गया है तथा उसे सह-अभियुक्तगण के बयान के आधार <नाम> मामले मेंअभियुक्त बनाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह भी दर्शित होताहै कि प्रार्थी द्वारा स्वयं न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया है । प्रार्थीकी निशानदेही <नाम> कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी लगभग 25दिन से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_7085_201924-12-201912
agra
{ "facts-and-arguments": [ "_ जिला आगरा। ", "आदेशदिनाक : 24.12.2019प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> रानाकी ओर से मुकदमा अपराध संख्या-572/2019 अन्तर्गत <नाम> 392, 411भारतीय दण्ड <नाम> थाना शाहगंज, जिला <नाम> के मामले में प्रस्तुत कियागया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की रिश्तेदार व पैरोकारकु0 <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाकृष्ण <नाम> <नाम> के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की आंकित करायीगई कि उसकी पत्नी <नाम> <नाम> <नाम> आज प्रातः 07:00 बजे दूध लेनेगयी थी तो उनके गले से एक सोने की चेन तोड ली। दो लडकेमोटरसाईकिल <नाम> थे। उनमें से पीछे बैठे वाले ने दौड़कर खींच ली। यहवारदात <नाम> कॉलैनी <नाम> आई हॉस्पीटल के सामने हुई थी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 15.11.2019 से जिला कारागार में (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7085/ 2019शेखर <नाम> राना बनाम राज्यनिरूद्ध है। प्रार्थी अपने घर से सामान लेने <नाम> गया था कि रंजिशन मुखबिरने पुलिस से मिलकर उत केस में झूठा फंसवा दिया। प्रार्थी से कोई बरामदगीनहीं है। झूठी बरामदगी दर्शित की गयी है। गिरफूतारी व बरामदगी का कोईगवाह महीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त से वादिया मुकदमा से सोने की चेन लूटीगयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता सैययद इरशाद अली एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 30.09.2019 की है । प्रार्थी <नाम> वादिया मुकदमा से सोने कीचेन लूटे जाने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण के कथन के आधार <नाम> मामलेमें अभियुक्त बनाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित हाता हैकि प्रार्थी को दिनोक 28.11.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचनापर गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से 1,230/- रूपए नगदबरामद बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। अभियोजन द्वारा प्रार्थी सेबरामद उक्त 1,230/- रूपए प्रश्‍नगल मामले में लूटी गयी चेन को बेचने सेप्राप्त रूपयों में से बचे हुए होना बताया गया है। प्रार्थी लगभग 25 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3791_202012-11-20201110
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> / पैरोकार सतेन्द्र <नाम> द्वाराशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें वर्णित है कि यह आवेदक / अभियुक्त का प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी एस0आई0 <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> फर्दबरामदगी के आधार <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> कराई गई कि दिनांक 02.11.2020को “मै0 उ0नि0 <नाम> <नाम> मय हमराही उ0नि0 <नाम> <नाम> उ0नि0 <नाम> पोसवालव कॉ० भूरा सिंह,कॉ० देवेन्द्र <नाम> कॉ0 भूपेन्द्र <नाम> के निजी वाहन से गत करतेहुए यूपीएसआईडी चौराहे के पास पहुँचे तो मुखबिर की सूचना के आधार <नाम> कि कुछ लोग रूनकता कस्ते में जूता चप्पल वाली गली में एक मकान में अवैध नकली शरा तैयारकर होण्डा सिटी कार, आई 20 कार व एक्टिवा से भिन्न-2 स्थानों <नाम> ले जाकर सप्लाई करते हैं इस समय वह <नाम> को गाड़ियों में रखकर निकलने वाले हैं, जल्दी की जाए तोपकड़े जा सकते हैं, मुखबिर की सूचना <नाम> विशवास करके मय हमराही व चौकीप्रभारी रूनकता मय फोर्स व आबकारी निरीक्षक ए0के0 <नाम> मय <नाम> आबकारी सिपाहीपरमवीर व आबकारी सिपाही <नाम> <नाम> <नाम> एक दूसरे की तलाशी ले देकर —2—मुखबिर के बताये स्थान <नाम> गली के अंत में दाहिनी तरफ लोहे के गेट वाले मकान,जहाँ <नाम> नकली शराब बनायी जाने की सूचना थी, <नाम> पहुँचे और आड़ लेकर मकान केक अधखुले गेट से झांक <नाम> अंदर मकान में <नाम> तो कुछ लोग खाली बोतलों में कुछतरल पदार्थ भर रहे हैं, कुछ व्यक्ति पौव्वेनुमा शीशी में ढक्कन लगाकर सील <नाम> रहे हैंतथा कुछ व्यक्ति <नाम> लगा रहे हैं, यकीन होने <नाम> सभी ने दविश देकर घेर घोटकरसाब व्यक्तियों को पकड़ लिया, जिसमें एक व्यक्ति दीवार फॉदकर भाग गया। मौके परपकड़े गए व्यक्तियों में एक ने अपना नाम राघवेन्द्र <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया, जोपौव्वों <नाम> लेबलिंग <नाम> रहा था, दूसरे ने अपना नाम जयकिशोर पुत्र श्रीपाल <नाम> बताया,जो भरे हुए पौव्वों को सील <नाम> रहा था, तीसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्रगौरीशंकर <नाम> बताया, जो नकली अवैध शराब पौळों में भर रहा था, चौथे ने अपना नाम <नाम> धाकरे पुत्र <नाम> धाकरे बताया, जो <नाम> के साथ नकली शराब पौळों में भररहा था, पॉचवे ने अपना नाम राघवेन्द्र <नाम> पुत्र छतर <नाम> बताया, जो एक ड्रम मेंकेमिकलमिला रहा था, छटे व्यक्ति ने अपना नाम उपेन्द्र पुत्र रघुवीर <नाम> बताया, जोभरी हुई नकली शराब के पौळ्ों की पेटी को एक तरफ रख रहा था, सातवें व्यक्ति नेअपना नाम जयपाल <नाम> उर्फ बबलू पुत्र रामभरोसी सिह बताया, जो राघवेन्द्र के साथपौव्वों <नाम> लेबलिंग <नाम> रहा था। अभियुक्त राघवेन्द्र ने बताया कि वे लोग हरियाणा सेसस्ती शराब लाकर उसे उत्तर प्रदेश में बिकने वाली अंग्रेजी शराब की बोतलों में पैककर तथा रिक्टिफाइड स्प्रट में केरेमल व <नाम> आदि मिलाकर भिन्न-2 मार्को देशी शराबतैयार <नाम> <नाम> कमाने के लिए फर्जी लेबलिंग और नकली क्यू आर कोड लगाकर शराब बनाकर बेचते हैं, जो व्यक्ति दीवार फॉदकर भागा है वही मकान <नाम> <नाम> <नाम> है। विजयपाल <नाम> अपनी आई 20 कार नंबर यूपी80डीएफ 0028 में नकली शराब भरकरअजयपाल <नाम> तौमर, <नाम> उर्फ शिवा और <नाम> के साथ सप्लाई करने गये हैं। बाहरखड़ी होण्डा सिटी कार के बारे में बताया कि गाड़ी <नाम> कसाना की है, जिसकीडिक्की में 16 पेटी अवैध नकली शराब देशी फाइटर मार्का <नाम> है, जिसमें प्रत्येक पेटी में45 पौवे हैं, एक्टिवा सं0 यूपी80०ईएम 0779 की तलाशी में पायदान <नाम> एक सफेदप्लास्टिक के बारे में 90 पौव्े फाइटर मार्का देशी शराब <नाम> मौके <नाम> बरामद अवैधशराब की गिनती कराई गयी तो फाइटर मार्को के पेटी में व खुले रखे कुल 1320 पौव्वे,मस्तीह मार्को की दो पेटी प्रत्येक में 45 पौव्वे, इम्पीरियल ब्लू मार्का की 13 अद्धे व 26क्वार्टर, मैक्डावल नं0 1 के 24 क्वार्टर, रायल चैलेंज मार्का के 35 क्वार्टर, रायल स्टैग मार्का के 50 पौव्वे, 95 प्लास्टिक की अवैध शराब भरी बोतलें, जिनपर कोई लेबिन नहींथा, 200 लीटर एथनाल, सफेद रंग की 500 लीटर की <नाम> की टंकी, में 10 लीटरतैयार नकली शराब, 01 शराब निकालने वाला पम्प, 01 पैकिंग / सीलिंग मशीन, लगभग7200 खाली प्लास्टिक क्वार्टर, लगभग 10000 विमिन्न ब्राण्डों के ढक्कन, खाली कांच के क्वार्टर 08 बोरी, जिसमें प्रत्येक में 100 क्वार्टर है, लगभग 5000 नकली क्यू आर कोड वलगभग 10000 विभिन्न ब्राण्डों के नकली रैपर, 09 डम खाली प्रत्येक 200 लीटर, 03 —_ 3 —_ पेचकस मौके से बरामद हुए, जिन्हें रखने का कोई लाइसेंस उन लोगो के पास नहीं था। पकड़े गये व्यक्तियों को धारा-60ए,60,63,72 आबकारी अधिनियम व धारा-420,467,468, 471 भा०दं0सं0 से अवगत कराते हुए गिरफूतार किया गया। बरामद शराब को अलग-2कपड़ों में रखकर सर्वे मुहर किया गया, नमूना मोहर तैयार किया। फर्द बनाई गई। गिरफूतारशुदा अभियुक्तगण व बरामद <नाम> सहित थाने लाया गया। ", "उक्त फर्द बरामदगी आधार <नाम> अभियुक्त राघवेन्द्र <नाम> जयकिशोर, <नाम> <नाम> <नाम> ढाकरे, राघवेन्द्र <नाम> उपेन्द्र, जयपाल <नाम> उर्फ बबलू, अजयपाल सिंहतोमर, विजयपाल <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> उफ शिवा, <नाम> <नाम> व <नाम> केविरूद्ध <नाम> अन्तर्गत धारा-607,60,63,72 आबकारी अधिनियम तथा <नाम> 420,467,468,471 भा०दं0सं0 के अन्तर्गत थाना सिकन्दरा <नाम> प्राथमिकी <नाम> की गई । ", "आवेदक /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूठा संलिप्त किया गया है, जबकिअभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। उसके कब्जे से किसी प्रकार की अवैध शराब की बरामदगी नहीं हुई है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीयहै। बरामदगी के सम्बन्ध में कोई जनसाक्षी नहीं लिया गया है। इस मामले में अभियुक्त 03.11.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अत जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गई । ", "विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथितकिया है कि अभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है। प्रार्थी/ अभियुक्तपर अपने साथियों के साथ मिलकर अवैध अपमिश्रित शराब बनाने, फर्जी पैकिंग, लेबिलव बार कोड लगाकर बेचने के गम्भीर आरोप हैं, ऐसी <नाम> में जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिये जाने <नाम> है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से प्रकट होता है किआवेदक /अभियुक्त <नाम> अपने अन्य साथीगण के साथ मिलकर अवैध व अपमिश्रित शराबबनाने, शराब की बोतलों <नाम> फर्जी पैकिंग, लेविल व बार कोड कूटरचित तरीके सेलगाकर विकय करने व धोखाधड़ी का आरोप है। प्राथी/अभियुक्त द्वारा बनायी जा रहीअपमिश्रित शराब के सेवन से जनहानि की प्रबल सम्भावना है, साथ <नाम> को भीराजस्व की हानि होती है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5674_201910-10-20193179
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में प्रभूदयाल पुत्र मनीराम काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में प्रभूदयाल पुत्र मनीरामका कथन है कि वह प्रार्थी / अभियुक्त का ससुर एवं पैरोकार है तथा हालात मुकदमासे भलीभांति परिचित है। प्रार्थी / अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया हैउसके द्वारा कोई अपराध कारित नही किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त जमानत केउपरान्त पत्रावली <नाम> उपस्थित आ रहा था, लेकिन उसकी मां का स्वास्थ्य खराब होनेके <नाम> न्यायालय में उपस्थित नही हो सका, <नाम> ही उसके अधिवक्ता द्वारा हाजिरीमाफी प्रार्थना पत्र <नाम> गया जिस <नाम> दिनांक 11.06.2015 को उसके एन0बी0डब्ल्यू0जारी हो गए तथा दिनांक 12.03.2019 को उसके जमानतनामे निरस्त <नाम> मुचलकेकी धनराशि जब्त करने के आदेश भी पारित <नाम> दिए गए। उसके अधिवक्ता द्वाराअवगत नही कराया गया कि उसकी पत्रावली स्थानांतरित हो गयी है। अभियुक्त द्वारादिनांक 15.03.2019 को न्यायालय में आत्म <नाम> किया गया। अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नही करेगा। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्‍क्त किया जाये। ", "अभियोजन द्वारा जमानत आवेदन का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना एवं संबंधित पत्रावली का परिशीलन किया। ", "आदेश पत्र के परिशीलन से विदित है कि अभियुक्त दिनांक 13.08.2015 सेअनुपस्थित हो गया और उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा एन0बी0डब्ल्यू0 निर्गत किए गए। शपथपत्र में अभियुक्त की मां को बीमार हो <नाम> कहा गया है। जमानत आवेदन मेंउल्लिखित अन्य तथ्य अभियोग / जमानत आवेदन के गुणदोष से संबंधित हैं, तब यद्यपि 2अभियुक्त fests 13.08.2015 8 अनुपस्थित रहने का पर्याप्त <नाम> दर्शित <नाम> पाने मेंअसफल है, लेकिन अब वह दिनांक 14.03.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_7564_201904-01-20202595
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथअभियुक्त की पैरोकार शकुंरकादेवी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा बैजनाथ <नाम> एस.एच.ओ. थाना सैंया जिला <नाम> ने दिनांक 03.12.2019 को 22-44 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि भ्रमण थाना <नाम> से विदितहुआ कि अभियुक्त विजेन्द्र उर्फ पप्पू ने अपना एक संगठित गिरोह बना लिया है, जो अपनेसाथियों सत्यवीर उर्फ सत्तो, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> उर्फ पप्पी, <नाम> उर्फ अवधेश उर्फ बोस,संजय, प्रशान्त, सत्यपाल, <नाम> उर्फ मामा, अब्दुल, सानू, हरिओम, भीकम <नाम> उर्फ भीकाव <नाम> के साथ मिलकर थाना <नाम> में व बाहर दूसरे जनपद के थाना <नाम> व अन्य प्रान्त मेंआर्थिक व भौतिक <नाम> प्राप्त करने के लिये भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित अपराधों कोकारित करने के अभ्यस्त अपराधी हैं। इस गैग का थाना <नाम> व उसके बाहर इतना भय वआतंक व्याप्त है कि इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देनेएवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍नमुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक /अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक /»/ अभियुक्त से लूट से संबंधित कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 10.03.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से 2अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (4) अ.सं. 189 / 19 धारा-395, 412भा.द.स. थाना-सैंया, जिला <नाम> (2) अ.सं.249 / 19 धारा-392, 411 भा.द.स. थाना-बाह,आगरा () अ.सं.250 // 149 धारा-307 भा.द.स. थाना-बाह, <नाम> के मुकदमे लंबित हैं, पूर्व में <नाम> अभियुक्तगण <नाम> व सत्यपाल की जमानत निरस्त हो चुकी है। अभियुक्तगण का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध डकैती व लूट करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जिन अपराधों के आधार <नाम> आवेदक »अभियुक्त <नाम> गैंगस्टर की कार्यवाही कीगयी है, उन अपराधों में आवेदक /अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने के संबंध में कोईकथन जमानत प्रार्थना पत्र में नहीं किया गया है। आवेदक /अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से डकैती व लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य वउक्त अधिनियम की <नाम> 19() में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत पररहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1678_202125-02-20211929
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा रमेशचंदबघेल द्वारा थाना एत्माद्दौीला जिला <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी कि दिनांक 06.02.2019 को उसकी पुत्री पीड़िता उम्र करीब 17 वर्षअपनी <नाम> अंजली के साथ बाजार गयी थी, किन्तु लौटकर नही आयी। उसेअंदेशा है कि अंजली व उसकी मां <नाम> ने मिलकर उसकी पुत्री को गायब <नाम> दियाहै। उसकी पुत्री को बरामद किया <नाम> आवश्यक है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्तने कोई अपराध कारित नही किया है, उसे उक्त मुकदमें में झूठा फंसाया गया है। ्रार्शी/अभियुक्त की उपरोक्त मुकदमें में <नाम> 363,376ङी,352,120बी,354,323भा0द0सं0 व 3/4 पोक्सो एक्ट में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद से दिनांक10.02.2021 को स्वीकृत हो चुकी है जिसमें भूलवश <नाम> 342 भा०द0सं0 का आदेशनही हो पाया है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा जमानत दाखिल करने के <नाम> ज्ञात हुआकि उसकी जमानत <नाम> 342 भा0द0सं0 में स्वीकृत होना <नाम> रह गयी है। अतःयाचना की गयी कि <नाम> ३42 भा0०द0सं० में प्रार्थी/अभियुक्त को पूर्व में दाखिलजमानत प्रपत्रों <नाम> ही जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान ए.डी.जी.सी. (फौजदारी) द्वारा जमानतका विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तरक सुने तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "Bail Application/1861/2021 -Chaviram @ Shivram Vs. UP State 2पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त कीजमानत मु0अ०सं0 90/2019 अन्तर्गत <नाम> 363,376ङी,352,120बी,354,323 भा0द0सं0 व 3/4 पोक्सो एक्ट थाना एत्मद्दौला जिला <नाम> के मामले में माननीय उच्चन्यायालय द्वारा फोजदारी प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र सं0 527852019 में पारितआदेश दिनांकित 10.02.2021 को स्वीकार की गयी जिसके उपरान्त अभियुक्त कीओर से प्रतिभू प्रपत्र दाखिल किए गए जिनके सत्यापन के उपरान्त प्रतिभू प्रपत्रस्वीकार <नाम> अभियुक्त की रिहाई जिला कारागार प्रेषित की गयी, किन्तु अभियुक्त कीरिहाई नही हो सकी तथा जेल से रिहाई के साथ वारण्ट प्रेषित किया गया जिसकेअवलोकन से स्पष्ट है कि इसमें <नाम> 352 के स्थान <नाम> ३42 भा0द0सं0 <नाम> हैतथा आरोप पत्र में भी <नाम> 342 भा०द0सं0 ही <नाम> है। अभियुक्त की जमानतमुख्य अपराध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है तथा उसकीओर से प्रतिभू प्रपत्र दाखिल किए गए थे जो सत्यापित होकर प्राप्त हो चुके हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_364_202023-01-20201900
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में लालता <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा उपनिरीक्षक कुंवरपाल <नाम> व अन्य हमराह पुलिस दल द्वारा चैकिंग के दौरान दिनांक 03.01.2020 को कैंजरा रोड नहर पुलिया के पास कैंजरा की तरफ से बाह की ओरमोटरसाईकिल सबार आ रहे दो व्यक्तियों को हम पुलिस वालों द्वारा टार्च की रोशनीदिखाकर संदिग्ध व्यक्ति लगने के <नाम> उक्त मोटरसाइकिल सबारों को रूकने काइशारा किया तो बैरियर से कुछ दूर पहले ही मोटरसाईकिल मोड़कर भगाने का प्रयासकरने लगे कि इसी दौरान मोटरसाइकिल फिसल गयी। हम पुलिस वालों द्वारा त्वरितकार्यवाही करते हुए एकबारगी दबिश देकर घेरघार <नाम> बैरियर से करीब 15 मीटर कीदूरी <नाम> दोनों व्यक्तियों को पकड़ लिया। प्रथम व्यक्ति से नाम पता पूछने <नाम> जामातलाशीली गयी तो उसने अपना नाम सोनू तथा जामा तलाशी में पहनी जिनस की पेन्ट के बायेफेटे में एक अदद रिवाल्वर 32 बोर, जिसको खोलकर <नाम> गया तो उसके अन्दर 02जिन्दा कारतूस 32 बोर मिले। गिरकर उठे दूसरे व्यक्ति से नाम पता पूछने <नाम> इसनेअपना नाम <नाम> बताया। जामा तलाशी में पहनी पेन्ट की बांये फेटे से एक अददतमनन्‍चा जिसको जिसको खोलकर देखने <नाम> एक जिन्दा कारतू 12 बोर मिला तथा बरामदमोटरसाइकिल के कागजात भी नहीं दिखा सके तथा बरामद <नाम> को कपड़े में रखकरसील सर्वे <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया तथा फर्द मौके <नाम> एस.आई. बालिस्टर कुमारद्वारा टार्च की <नाम> में लिखकर पढ़कर, सुनाकर हमराहीयान के हस्ताक्षर बनवाये WA । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र /शपथपत्र में कहागया कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है एवं प्रार्थी / अभियुक्त ने कथित कोई अपराध कारितनहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त पुलिस के द्वारा घरसे उठाकर अपना गुडवर्क दिखाने एवंमामले का फर्जी खुलासा करने के उद्देश्य से झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त सेकोई बरामदगी मोटरसाइकिल आदि की नहीं हुयी है। पुलिस के द्वारा दिखायी गयीकथित मोटरसाइकिल की बरामदगी संदिग्ध/सस्पेक्टेड प्रॉपर्टी है और किसी चोरी कीसंपत्ति नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त 2दिनांक 04.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त का पूर्व का कोईआपराधिक इतिहास नही है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की याचनाकी गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। पुलिस द्वाराप्रस्तुत प्रकरण में झूठे तथ्यों के आधार <नाम> झूठी बरामदगी दिखाकर फंसा <नाम> गया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है, बरामदगी का कोई <नाम> का <नाम> नहीं है। जबकि गिरफ्तारी भीड़भाड़ वाले स्थान से की गयी है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीयहै। जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त कोपुलिस पार्टी द्वारा पकड़े जाने <नाम> उससे मोटरसाइकिल व तमनन्‍्चा बरामद हुआ है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुकतगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया। ", "यह दाण्डिक अभियोग पुलिस पार्टी द्वारा अभियुक्त को पकड़े जानेके साथ शुरू हुआ। अभियुक्त अपने पास से किसी भी मोटरसाइकिल या तमन्‍चा कीबरामदगी होने से इंकार करता है। थाने की रिपोर्ट में अभियुक्त का पूर्व आपराधिकइतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 04.01.2020 से जेल में है। मामलामजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_825_202016-03-202056
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त की ओर से उसके स्वयं धेवताप्रमोद <नाम> के शपथपत्र से समर्थित है । ", "संध्षेप में प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि दि0 30.11.17 को समय 23.02 बजे थाना मलपुरा <नाम> <नाम> युगल किशोर अवर अभियन्ता द्वारा इस आशय की तहरीरदी गयी कि दिनॉक-30.11.47 को चैकिंग के दौरान अभियुक्त द्वारा <नाम> संयोजन के अवैध <नाम> से एल.टी.लाईन से कटिया डालकर बिजली की चोरी करते पाया गया। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्धथाना मलपुरा जिला <नाम> में मु०अ0सं0 863, 2017 दिनांक 30.11.17 को पंजीकूतकिया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त कै द्वारा कहा गया है कि उसे गलत तथ्यों के आधार <नाम> झँठा फंसाया गया है उसने कोई अपराध कारित नही किया है। उसका वादीसे राजीनामा हो गया है उसने शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> है। उसके उपर विद्युतविभाग का कुछ <नाम> नही है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीहै। अतः उसे शमन शुल्क जमा करने के आधार <नाम> <नाम> किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण क तर्को को सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त के विरूद्धचोरी [aकटिया डालकर बिजली चोरी किये जाने का आरोप है। अभियुक्त द्वारा शमन शुल्क (2) जमा किये जाने के सम्बन्ध में रसीद <नाम> सं0 ए-794753 मुव0 4000/-रूपये वरसीद सं0 794745 मुव0 13618/-रूपये दाखिल की गयी है जिनसे विदित है कि अभियुक्त द्वारा शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। बिजली विभाग के अधिशासी अभियन्ता द्वारा भी थानाध्यक्ष मलपुरा को अभियुक्त द्वारा शमन शुल्क जमा किये जाने वअभियोग को शून्य करने के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_143_202112-01-20213762
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गयाहै तथा इसके साथ रामवीर गुर्जर का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा कुशल पालसिंह, प्रभारी निरीक्षक थाना जगनेर, जिला <नाम> ने दिनांक 16.12.2020 को थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्त <नाम> काएक सुसगठित गिरोह है, जिसके गैंग के अभियुक्तगण रिन्कू <नाम> <नाम> वीरो उर्फवीरेन्द्र, समुन्दर, <नाम> उफ कीर्ती, नरसी, <नाम> उफ रामवकील व नहने उर्फ अनारसिंह सकिय सदस्य हैं। गैंगलीडर अपने सकिय सदस्यों के साथ मिलकर डकैती, लूटजैसे जघन्य अपराध कारित करके भा०द0वि0 के अध्याय 17 व अन्य अधिनियम मेंवर्णित अपराधों को कारित करके अनुचित <नाम> से भौतिक एवं आर्थिक <नाम> हेतुअनुचित साधनों द्वारा समाज विरोधी कियाकलाप से धनोपार्जन करते हैं। आम जनतामें <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्तिइनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ०प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकूत कराया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त का कोई <नाम> में भय व आतंक नहीं है और <नाम> हीआवेदक / अभियुक्त ने जघन्य अपराध करके व बेईमानी करके कोई भी धन अर्जितनहीं किया है और <नाम> ही समाज में कानून विरोधी किया कलापों में किसी भी प्रकार सेसंलिप्त है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामला दर्शाया गया है, उसमें उसकी जमानत 2स्वीकार हो चुकी है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक 05.01.2021 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्तका संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य/ गैंग लीडर है। अभियुक्त केविरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसकेविरूद्ध अ.सं. 54/2020 धारा-395, 397, 120बी, 412 भा.द.स. थाना-जगनेर, आगराका मुकदमा लंबित है। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतनिरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैंनें जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त क विरूद्ध गैंग चार्ट में एक मामलादर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध डकैती डालने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क)लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसकेद्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामले में अभियुक्त की जमानत स्वीकारहोने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामले में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवलजमानत स्वीकार हुई है। आवेदक/ अभियुक्त <नाम> अपने अन्य साथियों के साथमिलकर डकैती डालने का आरोप है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा, उसकीप्रकृति एवं उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है औरजमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2173_202119-03-2021878
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त की पैरोकार श्रीमतीमोनिका पत्नी केशव उर्फ नेहनू, निवासी-154, <नाम> विहार फेस-3, दहतोरा, थानाजगदीशपुरा, <नाम> जो कि प्रार्थी / अभियुक्त की पत्नी है, ने शपथपत्र प्रस्तुत कियाहै, जिसमें कथन किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहींकिया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है, जिसमें प्रार्थी // अभियुक्तनामजद नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त को 10.01.2021 को पुलिस द्वारा घर से जबरनउठाकर थाने ले जाया गया, रुपयों की मांग <नाम> <नाम> करने <नाम> व उच्चाधिकारियों कोबेहतर कारगुजारी दिखाने के उद्देश्य से झूंठा,/बनावटी व फिल्‍मी घटनाकम दर्शातेहुए दिनांक 13.01.2021 को झूंठा अभियुक्त बना <नाम> गया है। उक्त मुकदमा पूर्वमें <नाम> 380, 457 भाएदं0सं0 में अज्ञात में दर्ज किया गया था, लेकिन पुलिस द्वारा Bail Application/3848/2021 -Keshav urf Nahnu Vs. UP State 2उससे फर्जी बरामदगी दर्शाते हुए मुकदमे में <नाम> 411 भा०दं0सं० की बढ़ोत्तरी कीगयी। उससे कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है, पुलिस द्वारा जो बरामदगी दर्शायी गयी है,वह पुलिस ने स्वयं प्लाण्ट की है। घटना स्थल सार्वजनिक स्थान है तथा भीड़भाड़ वाला इलाका है, उसके बावजूद भी फर्द बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादी द्वारा घटना दिनांक 21.04.2020 को रात के समय होनाबताया गया है, जबकि थाने <नाम> सूचना दिनांक 22.04.2020 समय 15.07 बजे दर्शायागया है, देरी का कोई स्पष्ट <नाम> नहीं है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.01.2021 से जिला कारागार, आगरामें निरूद्ध है। प्रार्थ / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अधीनस्थ न्यायालय द्वारादिनांक 10.03.2021 को खारिज किया जा चुका है। प्रार्थी / अभियुक्त अपनी उचित एवंविश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने कीयाचना की है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थानामलपुरा <नाम> दी गयी तहरीर के आधार <नाम> इस प्रकार है कि वह 72 <नाम> द्रोपदीविहार मौजा जखौदा से है। 21.04.2020 को <नाम> को उसके घर से उसकीमोटरसाइकिल जिसका नम्बर यू0पी0 80 बी0के0 129 व उसकी साइकिल चोरी हो गयी है। <नाम> को उसके मैन गेट का ताला तोड़कर इस घटना को अन्जाम दियागया है। इस घटना का पता सुबह के वक्‍त सो <नाम> उठे तब चला। इसके उपरान्त 112 नम्बर <नाम> कोल करके सूचना दी गयी। सूचना नं0-पी<फ़ोन-नंबर>2 है। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> अज्ञात के विरूद्धमुकदमा अपराध संख्या 124 / 2020, <नाम> 457, 380 भाएदं0सं0 में रिपोर्ट दर्ज की गयीतथा फर्द बरामदगी तथा अभियुक्त की गिरफ्तारी व उससे बरामदगी के आधार परधारा 411 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया है किप्रार्थी / अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई आपराधिक कृत्यनहीं किया है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त सेकोई मोटरसाइकिल या साइकिल की बरामदगी भी नहीं दर्शायी गयी है। प्रथम सूचनारिपोर्ट में भी प्रार्थी ,/ अभियुक्त का कोई नाम नहीं है। वादी मुकदमा द्वारा प्रथम सूचना Bail Application/3848/2021 -Keshav urf Nahnu Vs. UP State 3रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त feat 15.01.2021 से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त पररात्रि में वादी मुकदमा के मैन गेट का ताला तोड़कर मोटरसाइकिल नम्बर यू0पी0 80बी0के0 1297 व साइकिल चोरी <नाम> लिये जाने तथा प्रार्थ / अभियुक्त को पुलिस द्वारागिरफ्तार किये जाने <नाम> उसके कब्जे से मामले से सम्बन्धित बरामदगी भी दर्शायीगयी है। प्रार्थी / अभियुक्त पेशेवर चोर व लूट के गिरोह का सदस्य है तथा आदतनअपराधी है। उसके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अतःउसका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलनकिया गया। ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तपर यह आरोप है कि उसके द्वारा वादी मुकदमा के मैन गेट का ताला तोड़करमोटरसाइकिल व साइकिल चोरी करने का अपराध कारित किया गया है। मामले कीप्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है, प्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया हैऔर <नाम> ही उसे किसी ने मोटरसाइकिल व साइकिल चुराते हुए <नाम> है। घटनाका एवं बरामदगी का <नाम> का कोई स्वतंत्र व्यक्ति <नाम> नहीं दर्शाया गया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट में घटना दिनांक 21.04.2020 की <नाम> में किसी समय की दर्शायी गयीहै, जबकि इस बारे में थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 22.04.2020 को समय15.07 बजे विलम्ब से दर्ज करायी है। विलम्ब का कोई उचित स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहींकिया गया है। अन्य मामलों मु0अ0सं0 886 / 2020, <नाम> 380, 411 भा०दं0सं0, थानाताजगंज व मु0अ0सं० 817 / 2020, <नाम> 457, 380, 411 भाएदं0सं0, थाना ताजगंज मेंपूर्व में कमशः अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-09, <नाम> व अपर सत्रन्यायाधीश, न्यायालय संख्या-26, <नाम> के न्यायालयों द्वारा अभियुक्त की जमानतस्वीकार की जा चुकी हैं। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_7126_201912-12-2019635
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इन जमानत प्रार्थना पत्रों के साथ अभियुक्त मो0 इसरार की ओर सेउसके पिता हसीमुददीन का शपथ पत्र, अभियुक्त आसिफ कुरैशी उफ मुन्नाकुरैशी की ओर से उसके भाई/पैरोकार मो0 आकिब कुरैशी का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। इनमें कहा गया है कि यह उनका प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "यह दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एक ही घटना से संबंधित हैं, <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट भी एक है तथा अपराध संख्या भी एक ही है। अत: इनकानिस्तारण एक साथ किया जा रहा है। ", "अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 13.09.2019 को उप निरीक्षक वीर <नाम> <नाम> हमराह पुलिसकर्मचारीगण के साथ पीपल तिकौनिया तिराह <नाम> वाहन चैकिंग <नाम> रहे थे,सुभाष बाजार चौकी से हाथी घाट जाने वाली रोड <नाम> तीन व्यक्ति नीलीएक्टिवा <नाम> सवार होकर आ रहे थे, जिनको रूकने का इशारा किया तो -2-हड़बडाट में एक्टिवा को पीछे मोडने के प्रयास में वह फिसल गयी और गिरगये। पीछे लौटकर जाने का <नाम> पूछा तो कहा कि एक्टिवा चोरी की है, इसेहमने ईजी डे <नाम> से चोरी किया है। पूछने <नाम> एक्टिवा चला रहे व्यक्ति नेअपना नाम <नाम> पुत्र भगवान <नाम> बताया, जामा तलाशी से पहिनी जींस कीदाहिनी जेब से 120 रूपये बरामद हुये, दूसरे ने अपना नाम शकील पुत्र असगरबताया, जामा तलाशी से पहनी कैपरी की जेब से 60 रूपये बरामद हुये तथातीसरे ने अपना नाम फैसल पुत्र वसीम कुरैशी बताया, जामा तलाशी से पहनीजींस की बायी जेब से 150 रूपये बरामद हुये। <नाम> ने बताया कि हमारेअन्य साथी मुन्ना उर्फ आसिफ, इसरार, अदनान सभी मिलकर यह देखने आयेकि मनकामेश्वर मंदिर से वाहन कब चोरी किये जा सकते हैं, हम सब मिलकरवाहन चोरी का <नाम> करते हैं, कुछ चोरी की स्कूटी व मोटरसाइकिल मैकेनिककी दुकान जो कविस चौराहे <नाम> <नाम> <नाम> बालैनी वालों के मकान में है,खडी हैं। उक्त पते <नाम> पहुंचकर दुकान खुलवाकर दुकान के अन्दर तीन स्कूटी, <नाम> मोटरसाइकिल खड़ी पायी गयी। जिनकी पंजीकरण संख्या, इंजन नंबर वचैसिस नंबर फर्द में <नाम> हैं। अभियुक्तगण क द्वारा बताया गया कि हम सबलोग वाहन चोरी करने के <नाम> असली इंजन नंबर, चैसिस नंबर व रजिस्ट्रेशननंबर को मिटाकर कोई भी रजिस्ट्रेशन नंबर <नाम> करते हैं तथा लोगों कोपता <नाम> चले छल के प्रयोजन से फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर, चैसिस नंबर व इंजननंबर <नाम> <नाम> आसानी से बेच देते हैं और वाहनों को बेचने से जो धनमिलता है, उसको आपस में बाँट लेते हैं। अभियुक्तगण को उनके जुर्म सेअवगत कराकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> टार्च व स्ट्रीट लाइट कीरोशनी में बनवायी गयी। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 13.09.2019 को अभियुक्तगण अशोक,शकील व फैसल क विरूद्ध अपराध संख्या-89/2019 <नाम> धारा-41/102द0प्रoसं0 व <नाम> 413, 414, 467, 468, 471 भा0द0सं0 का अभियोग थानामन्टोला, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया, दौरान विवेचनाआवेदकगण/ अभियुक्तगण का नाम <नाम> में आने <नाम> इनको इस में नामितकिया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त मो0 असरा की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थनापत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुयेकहा गया है कि आवेदक/ अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इसमामले में झूंठा फॅसाया गया है। वास्तविकता यह है कि वह <नाम> तो घटना स्थलपर मौजूद था और ना ही कोई घटना कारित की है, वह प्रथम सूचना रिपोर्ट में -3-नामित नहीं है, उसे <नाम> अभियुक्त <नाम> के बयान के आधार <नाम> इस मामलेमें मुल्जिम बनाया गया है। <नाम> अभियुक्तगण फसल, <नाम> व शकील कीजमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक,/ अभियुक्त दिनांक 02.12.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "आवेदक / अभियुक्त आसिफ कुरैशी उफ मुन्ना कुरेशी की ओर से दियेगये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक काजिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक,/ अभियुक्त ने कोई अपराध नहींकिया है, उसे इस मामले में <नाम> अभियुक्तों के बयान के आधार <नाम> झूंठाफॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त की मौके से गिरफूतारी नहीं हुई है औरना ही उसके कब्जे से किसी प्रकार की आपराधिक वस्तु या वाहन बरामद हुआहै, उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक04.12.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि पुलिस ने दौरान वाहनचैकिंग चोरी की एक्टिवा के साथ अभियुक्तगण फैसल, <नाम> व शकील कोगिरफूतार किया तथा पूछताछ उनकी निशानदेही <नाम> चोरी की तीन स्कूटी वचार मोटरसाइकिल और बरामद की, जिनको उनके द्वारा चोरी किया जानास्वीकार किया तथा पूछताछ में वर्तमान आवेदकगण/अभियुक्तगण को अपनासाथी बताते हुये उक्त चोरी व चोरी के वाहन बेचने में शामिल होना बताया है। इस प्रकार इन आवेदकगण/अभियुक्तगण का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "आवेदकगण/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर सेउपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "कहा जाता है कि वाहन चैकिंग के दौरान पुलिस क द्वाराआवेदकगण/ अभियुक्तगण को एक्टिवा <नाम> रोका गया तो उन्होने उसे चोरी कीहोना बताया और पूछताछ में तीन स्कूटी व <नाम> मोटरसाकिल जिनको उनके द्वारा चोरी किया <नाम> नंबर बदलकर बेचना बताया, को बरामदकराया है। ", "आवेदकगण/ अभियुक्तगण को पुलिस क द्वारा मौके से गिरफूतार नहींकिया गया है और ना ही इनसे कोई बरामदगी दर्शायी गयी है, बल्कि मौके परपकड़े गये <नाम> अभियुक्तगण के बयान के आधार <नाम> इनको मुल्जिम बनाया गया है। ", "थाने से आवेदकगण/ अभियुक्तगण के संबंध में जो आख्या भेजी गयी है,उसमें उनका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास होना नहीं दर्शाया गया है। ", "पुलिस के द्वारा जिन अभियुक्तगण फसल, <नाम> व शकील को मौक सेगिरफूतार किया गया, उनकी जमानत इस न्यायालय के द्वारा दिनांक11.10.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। आवेदक,/ अभियुक्त मो0 असरारदिनांक 02.12.2019 से तथा आवेदक / अभियुक्त आसिफ कुरैशी उर्फ मुन्नाकुरैशी दिनांक 04.12.2019 से जेल में हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3671_201917-07-20191818
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में आवेदक/ अभियुक्त के पेरोकार हाकिम सिंहने शपथपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह आवेदक/ अभियुक्त का यहद्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्यन्यायालय एंव माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> द्वारा दिनांक 01.06.2017 को थानेपर तहरीर इस आशय की दी गई कि दिनांक 30.06.2017 / 01.07.2017 की <नाम> में वह व उसके पिताजी चरन <नाम> व उसके चाचा के लड़के <नाम> अपने मकान <नाम> सोये थे, समय करीब 12 बजे रात पशुओं की आवाज सुनकर उसके चाचा <नाम> की ऑखखुल गयी उससे कहा कि चोर भेस चोरी <नाम> रहे हैं । उसके पिता व वह भी जागगये, बाहर <नाम> तो उसकी दो भेंसे अपने स्थान <नाम> नहीं थीं। उसके पिता ने टार्चलगाकर <नाम> तो उसके मकान से कुछ दूरी <नाम> अशोका लीलैण्ड मैक्स यू पी. 86टी-4443 खड़ी शी। चोर भैसों को गाड़ी में लादने ले जा रहे थे। उसके पिताजी केशोर मचाने <नाम> वह व उसके चाचा का लड़का <नाम> भी उसके पिताजी की तरफ भागे। उसके व उसके पिताजी के विरोध करने <नाम> एक बदमाश ने तमंचे से उसकेपिताजी को गोली मार दी जिससे वे जमीन <नाम> गिर पड़े। जिसके <नाम> अज्ञात चोर @)मौके से भाग गये । उसके गॉव के लोगों के आने <नाम> वह अपने पिता को उपचार हेतुजी.आर.अस्पताल <नाम> ले गये, जहाँ डाक्टरों ने उसके पिताजी को मृत घोषित करदिया। ", "आवेदक / अभियुक्त के द्वारा कथन किया गया कि प््रार्थी/अभियुक्त को इसमामले में झूठाँ फॅसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वारा उपरोक्त अपराध कारित नहींकिया गया है। यह भी कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त दिनाक 04.06.2018 सेआत्मसमर्पण <नाम> जिला जेल में निरूद्ध है। एस.टी. सं0- 7592017 <नाम> बनामश्रीपाल आदि में <नाम> अभियुक्तगण श्रीपाल, नेमीचन्द, <नाम> उर्फ सेठा दोषमुक्त कियेजा चुक हैं। अभियुक्त का यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है इससे पूर्व “नन प्रजेन्ट” में निरस्त <नाम> <नाम> गया था। अतः जमानत दिए जाने की <नाम> की गई। ", "विद्वान सहायक शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुएतक प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त द्वारा अपने <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरभैंस चोरी करते समय गोली चलायी गयी, जो वादी के पिता चरन <नाम> के लगी थी। इलाज के लिए ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गयी थी। यह भी कथन किया गया हैकि अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। <नाम> अभियुक्तगण के केस केसाथ इस अभियुक्त का विचारण नहीं किया गया है क्योंकि यह अभियुक्त लम्बे समयतक अनुपस्थित रहा है तथा इसके विरूद्ध <नाम> 82/83 दण्ड प्रकिया <नाम> कीकार्यवाही की गयी है तब अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित हुआ है। यदि इसे जमानतदे दी गयी, तो यह वाद को विलम्बित करेगा, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गई । " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक शासकीयअधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना है तथा पत्रावली का अवलोकन किया है। ", "एस.टी. सं0०- 759/2017 में अभियुक्त मुन्ना उफ मुन्ना <नाम> के विरूद्ध अन्यसह अभियुक्तगण के साथ आरोप पत्र प्रेषित किया गया था। अन्य अभियुक्तगण केन्यायालय में उपस्थित होने के <नाम> व इस अभियुक्त क न्यायालय में उपस्थित नहोने के <नाम> <नाम> अभियुक्तगण श्रीपाल, नेमीचन्द, <नाम> उर्फ सेठा का केस इसन्यायालय को कमिट <नाम> <नाम> गया था, परन्तु इस अभियुक्त की लम्बे समय सेअनुपस्थिति के <नाम> इसका प्रकरण कमिट नहीं हो पाया था। अभियुक्त ने आधारलिया है कि एस.टी. सं0- 7592017 के अन्य <नाम> अभियुक्तगण श्रीपाल, नेमीचन्द,राजेन्द्र उर्फ सेठा दोषमुक्त हो चुक हैं इसलिए उसे जमानत दी जाय। 3)उल्लेखनीय है कि उस प्रकरण में <नाम> अभियुक्तगण श्रीपाल, नेमीचन्द, राजेन्द्रउफ सेठा के विरूद्ध विचारण चला और वे दोषमुक्त हुए हैं, अतः उन अभियुक्तगण केविरूद्ध जो साक्ष्य आयी है, उसका इस अभियुक्त से कोई सम्बन्ध नहीं है क्यों कि इसअभियुक्त का विचारण एस.टी. सं0- 759/2017 में अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथनहीं चला है। अभियुक्त ने अपनी अनुपस्थिति का <नाम> बीमारी होना बताया है। अभियुक्त ने अपनी बीमारी के सम्बन्ध में इलाज के पर्चे व एक्स-रे प्लेटें दाखिल कीहैं। अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> 460 भाएंद0सं0 का अपराध है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4577_201906-09-20194687
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त की बहन के ससुर वपेरैकार <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाअरविन्द <नाम> निर्वाल, थानाध्यक्ष, था शमसाबाद द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनाक 02.08.2019 को वह मयइमराहियान वास्ते तलाश वांछित अभियुक्त व संदिग्ध अपराधी में मामूर थे किउसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> 6 अभियुक्तगण को लूट के प्रयोजनसे एकत्रित होकर लूट की तैयारी करते हुए गिरफूतार किया गया तथा तीनअभियुक्त अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। नाम पता पूछते हुए जामा सलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकी जामातलाशी से एक अदद तमंचा, दो जिन्दा कारतूस व 2000/- रूपए बरामदहुए। दूसरे ने अपना नाम रमन बढ़ई बताया। इसकी जामा तलाशी से एकअदद छुरा, 2,000/- रूपए व एक मोबाइल वीवो बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम बन्टी उर्फ <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एकछुरा, 2,000/- रूपए व एक मोबाइल वीवो बरामद इहुआ। चौथे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> कुशवाह बताया जिसकी जामा तलाशी से एक छुरा बरामद (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4577/2019छोटे उर्फ चोब <नाम> बनाम राज्य हुआ। पाचवे व्यक्ति ने अपना नाम राजा उर्फ सद्दाम बताया। इसकी जामातलाशी से एक छुरा बरामद हुआ। छठे व्यक्ति ने अपना नाम छोटे उर्फ चोबसिंह बताया। सभी अभियुक्तगण के बीच में रखे थेले में 2 प्लॉस्टिक कीछोटी टॉर्च, एक इथौड़ा लोहे का, एक छोटा पेचकस, 16 चाबियों कागुच्छा, एक लोहे की छोटी छैनी, पाँच लोहे की अदद दो खाना रिंच, एकअदद लोहे का सब्बल बरामद हुआ। इन्हीं के कब्जे से 5 अददमोटरसाईकिल बरामद हुई। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुएहिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 04.08.2019 से जिला कारागार मेनिरूद्ध है। प्रार्थी को मौके से गिरफूतार नही किया गया है। प्रार्थी का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त व सह-अभियुक्तगण कोपुलिस पार्टी द्वारा गिरफतार किया गया है तथा उनके कब्जे से लूट का <नाम> बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> सिंहफौजदार एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 02.08.2019 की समय 23:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> गिरफूतारी के दौरान उसके कन्‍्जे से लूट की मोटरसाईकिल बरामद होने का आरोप लगायागया है। पत्रावली के अमुसार प्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा सह-अभियुक्तण केसाथ दिनाक 02.08.2019 को मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफतार किया <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। जमानत प्रार्थना पन्न संख्या : 4577, 2019छोटे उर्फ चोड <नाम> बनाम राज्य दर्शित किया गया है। प्रार्थी से व्यक्तिगत कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयीहै । प्रार्थी व सह-अभियुक्तगण के <नाम> कब्जे से लूट की मोटर साईकिलबरामद किया <नाम> भी दर्शित किया गया है। उक्त मोटरसाईकिल को किसीभी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी एक माह से जिला कारागारमें निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। सह-अभियुक्त बंटी उर्फ <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकारकी जा चुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्त के समान है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6807_201905-12-2019881
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार रामवती पत्नीसुरेन्द्र <नाम> ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/अभियुक्त उक्तमुकदमे में पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी/अभियुक्त उक्त मुकदमे में निर्दोष एवंनिरपराध है, पुलिस द्वारा झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी/ अभियुक्त की मां को कैसर हो जाने की वजह से वह न्यायालय में हाजिर नहीं हो सका, जिस <नाम> उसके विरूद्ध दिनांक 20.06.2018 को वारण्ट जारी हो गये। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा दिनांक 16.12.2018 को न्यायालय में आत्म <नाम> किया, जहांसे उसे जेल भेज <नाम> गया। प्रार्थी/अभियुक्त ने जानबूझकर गलती नहीं की है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त अपनी उचित जमानत देने को तैयार है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकारकिये जाने कौ प्रार्थना की है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 14.06.2011 कोथानाध्यक्ष जगनेर <नाम> <नाम> अन्य पुलिसवालों के साथ वाहन चैकिंग और तलाशवांछित अपराधियों के सम्बन्ध में <नाम> में गश्त <नाम> रहे थे। <नाम> <नाम> फिलिंग स्टेशनजगनेर <नाम> मुखविर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि नगला नंगू की तरफ मेवली बांध परहोकर चोरी की मोटरसाइकिल बेचने के लिए कुछ लोग जाने वाले हैं। जल्दी की जायेतो पकड़े जा सकते हैं। इस सूचना <नाम> पुलिस <नाम> ने <नाम> के <नाम> लेने का प्रयास किया, परन्तु कोई तैयार नहीं हुआ, तब पुलिस दल मुखविर के साथ उसके बताये हुएस्थान <नाम> इंतजार करने लगा, तभी थोड़ी देर में नगला नंगू की तरफ से एकमोटरसाइकिल <नाम> बैठे हुए दो व्यक्ति आते हुए दिखायी दिये। मुखविर ने इशारा करके 2बताया कि यही व्यक्ति चोरी की मोटरसाइकिल लेकर आ रहे हैं, उन व्यक्तियों को रूकनेका इशारा किया गया, तो दो व्यक्तियों ने तमंचा निकालकर पुलिसबल <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर किया, जिससे पुलिसवाले बाल-बाल बच गये, तभी पुलिसबल नेएकदम घेरकर दविश देकर 11.00 बजे <नाम> दोनों व्यक्तियों को पकड़ लिया, जिसमें से एकने अपना नाम शीलू उफ शैलेन्द्र <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी सरैंधी, थाना जगनेर बताया और दूसरे ने अपना नाम <नाम> जाटव पुत्र <नाम> <नाम> निवासी नौनी, थाना जगनेर बताया। अभियुक्त शीलू उफ शैलेन्द्र <नाम> के कब्जे से एक तमंचा 315 बोर, जिसमें खोख कारतूसफंसा हुआ है तथा तीन जीवित कारतूस एवं एक मोटरसाइकिल बरामद हुई । अभियुक्तराकेश जाटव के कब्जे से एक देशी तमंचा 315 बोर, जिसकी नाल में फंसा हुआ एकखोखा कारतूस व दो जीवित कारतूस बरामद हुए । अभियुक्तगण के पास मोटरसाइकिल केकोई कागजात नहीं थे। उन्होंने बताया कि यह मोटरसाइकिल चोरी की है, जिसे बेचने केलिए ले जा रहे हैं। ", "वादी / थानाध्यक्ष द्वारा अभियुक्तगण शीलू उफ शैलेन्द्र <नाम> <नाम> एवं <नाम> जाटव के विरूद्ध थाना जगनेर, जिला <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 85/2011, अन्तर्गत <नाम> 307भा0दं0सं0 व 12 द0प्र0क्षे अधि0 में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कौ गई। ", "प्रारथी/ अभियुक्त शीलू उफ शैलेन्द्र <नाम> <नाम> के विद्वान अधिवक्ता ने तकप्रस्तुत किया है कि प्रार्थी/अभियुक्त शीलू उफ शैलेन्द्र <नाम> <नाम> इस मामले में पूर्व सेजमानत <नाम> था। प्रार्थी /अभियुक्त की मां को <नाम> हो जाने की वजह से वह न्यायालय में हाजिर नहीं हो सका, जिस <नाम> उसके विरूद्ध दिनांक 20.06.2018 को वारण्ट जारी होगये । दिनांक 16.12.2018 को उसके द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर आत्म <नाम> कियागया, जहां से उसे जेल भेज <नाम> गया। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 16.12.2018 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त ने जानबूझकर गलती नहीं कौ है। अतः उसेन्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर से जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त इसमामले में जानबूझकर काफी लम्बे समय से गैर हाजिर हुआ था, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0ड़ब्ल्यू0 की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी/ अभियुक्त की वजह से इस मामलेमें विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा पूर्व में प्रदत्त की गयीजमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त डकैती के गिरोह का सदस्यहै तथा उसके द्वारा पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर किया गया है। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "प्राथी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौ०) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त शीलू उफ 3शेलेन्द्र <नाम> <नाम> इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिन बीच में उसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध जारी एन0बी0डब्ल्यू0 के आधार <नाम> उसके द्वारा न्यायालय में आत्म <नाम> किया, जहां से न्यायालय द्वारा उसे जिला कारागार <नाम> भेज <नाम> गया । प्रार्थी/अभियुक्त इस मामले में जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1635_202124-02-20211967
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की प्रतिदाखिल की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_329_202019-02-2020688
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त कीबहन शायबा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> शर्मा,एस.एच.ओ. थाना लोहामण्डी, जिला <नाम> ने दिनांक 15.01.2020 को 03-47 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि दौरान जॉच ज्ञात हुआ किगैंगलीडर इकबाल उफ आमिर का एक संगठित गिरोह है, जो अपने गिरोह के गैंग सदस्य अयूब के साथ मिलकर लूटपाट जैसे जघन्य अपराध कारित करके भौतिक एवं आर्थिकधनोपार्जन करने जैसा अपराध कारित <नाम> समाज विरोधी किरियाकलापों में संलिप्त भारतीयदण्ड <नाम> के अध्याय 17 में वर्णित अपराधों को करने में अभ्यस्त अपराधी हैं। <नाम> समाज व <नाम> में भय व्याप्त है, इनके विरूद्ध <नाम> का कोई भी व्यक्ति गवाही देने एवंमुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं, इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामला दर्शाया गया हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंगचार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.269/19 धारा-392, 411 भा.द.स. थानालोहामण्डी, <नाम> का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी हूै। " ], "judge-opinion": [ "2मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया । गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथी के साथ मिलकर लूट करने का आरोपहै। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा, उसकी प्रकृतिएवं अभियुक्त के कब्जे से लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्त अधिनियम की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करनेकी सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2143_202120-03-2021824
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में शपथपत्र पैरोकार <नाम> कमलेशने प्रस्तुत किया है। ", "आवेदक / अभियुक्त क द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथपत्र में कथन किया गया है कि आवेदक / अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। आवेदक / अभियुक्त को दिनाक 20.04.2019 को <नाम> की गलत फहमी हो जाने केकारण वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका और उस समय उक्त पत्रावलीन्यायालय अपर मुख्य नयायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय संख्या 11 में विचाराधीन थी। बाद में उक्त पत्रावली न्यायालय अपर सिविल जज(जू०डि0),न्यायालय संख्या 6 मेंअंतरित हो गयी। तदुपरान्त न्यायालय ने अभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> उसकेविरूद्ध वारण्ट जारी <नाम> दिये और आवेदक / अभियुक्त गैर जमानतीय वारण्ट केआधार <नाम> दिनांक 07.03.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में है। आवेदक / अभियुक्त ने Bail Application/3811/2021 —Atar Singh Vs. UP State 2जानबूझकर कोई गलती नहीं की है और वह भविष्य में न्यायालय में उपस्थित होतारहेगा। <नाम> की है कि आवदेक/ अभियुक्त को जमानत <नाम> मुक्त किया जाय । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौ0) व वादिनीपरिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहागया है कि कि अभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> इस प्राचीन वाद का निस्तारणनहीं हो सका है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर सेविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फो0) तथा वादिनी के विद्वान अधिवक्ताको सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया। ", "पत्रावली के सम्यक परिशीलन से स्पष्ट है कि आवेदक / अभियुक्त पूर्वमें अवर न्यायालय के आदेश से जमानत <नाम> था तथा जमानत <नाम> छूटने के उपरान्तवह न्यायालय में दिनांक 18.03.2019 व्यक्तिगत <नाम> से/अधिवक्ता के माध्यम सेउपस्थित होता रहा है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक 20.04.2019 को अनुपस्थित होगया है और उसकी अनुपस्थिति के <नाम> न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट वअन्य आदेशिकायें निर्गत की गयी हैं। आवेदक / अभियुक्त गैर जमानतीय वारण्ट केआधार <नाम> दिनांक 07.03.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामला परिवाद परआधारित है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा अपने प्रार्थना पत्र में कथन किया है किपत्रावली अन्य न्यायालय स्थानांरित होने के <नाम> उसे पत्रावली व <नाम> के संबंधमें जानकारी नहीं हो सकी। उसने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है और इससंबंध में उसकी ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2429_202108-04-2021100
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> कबिता पत्नी <नाम> सिंहद्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त की पत्नी हैतथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्यन्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीनहै और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा द्वारा अछनेरा थानेमें इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी कि उसकी लड़ी की शादी होनी थी, तो वहऔर पूरा परिवार शादी में व्यस्त था। उसकी 5 भैंसे जो घर के अन्दर बंधी हुई थी,जिनको आज दिनांक 27.11.2020 को समय करीब 2:30 ए0एम0 <नाम> अज्ञात चोरों द्वाराकेन्टर में लाद <नाम> ले गये हैं, जिनमें से एक भैंस बंधी रह गयी है। <नाम> भैंसों को ले @) Bail Application No. 2429/2021 -Amar Kumar Vs. UP Stateगये हैं। <नाम> भैसों में से 2 दूध <नाम> रही थी व 2 <नाम> दूध की पड़िया थी। अतः रिपोर्टलिखकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> करें । ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवंनिरअपराध हैं। उसे गलत व झूठे तथ्यों के आधार <नाम> फंसाया गया है। अभियुक्त केकब्जे से अपराध सम्बन्धी कोई भैंस बरामद नहीं हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी सेदर्ज करायी गयी है, जिसका कोई स्पष्टीकरण वादी द्वारा नहीं <नाम> गया है। घटनाका कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 17.01.2021 से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी,, अभियुक्त का इससे पूर्व कोई भी आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। इन्हीं आधारोंपर जमानत दिये जाने की <नाम> की जाती है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारासहअभियक्तगण के साथ मिलकर भेंस चोरी की गयीं हैं। अभियुक्त के कब्जे से वअभियुक्त की निशानदेही <नाम> भेंसे बरामद की गईं हैं। अभियुक्त शातिर किस्म काव्यक्ति हैं, पुन: इस प्रकार के अपराध में सम्मिलित होने की <नाम> है। यह कहते हुएजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्कों को सुना। केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभियुक्तव <नाम> अभियुकतगण की निशानदेही <नाम> भैंसे बरामद होना कहा गया है। अभियुक्तकिसी भी प्रकार की बरामदगी से इंकार करता है एवं मामले में झूंठा फंसाना <नाम> है। गिरफ्तारी एवं बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त दिनांक17.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारापरीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1576_202027-08-20203127
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> के पितामाताप्रसाद ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र इसआशय का <नाम> है कि अभियुक्त को आपस में पार्टीबंदी के <नाम> झूठा मुकदमालगा <नाम> गया है जिसमें कोई अपराध कारित नहीं किया है एवं वह दिनांक 30.3.2015 से जिला गारागार <नाम> में निरूद्व है। जमानत प्रार्थनापत्र के साथ उसकेपिता का शपथ पत्र संलग्न है जिसमें उसने इसय तथ्य का उल्लेख किया किदिनांक 23.3.2015 को समय 13:00 बजे घटना दर्शायी गयी है और पार्टीबंदी केकारण उसका झूठा नाम लिखा गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। अभियुक्त के द्वारा यह द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया हैएवं यह भी उल्लेख किया कि उसने प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र को माननीय उच्चन्यायालय में दाखिल किया था जिसकी सुनवाई कि०मि०0 जमानत प्रार्थनापत्र संख्या7701/2020 दिनांकित 20.2.2020 से निरस्त किया गया है एवं पांच महीने केअंदर सत्र परीक्षण को निर्णीत किए जाने का आदेश पारित किया गया था। ", "पत्रावली में अभियोजन पक्ष का साक्ष्य पीडिता <नाम> एवं अन्य गवाहों का बयान ooलगभग पूर्ण हो चुका है जिसमें तथ्य के <नाम> एवं वादी भगवानसिंह तथा पीडितावैष्णवी पक्षद्रोही घोषित हो चुकी हैं जिसकी प्रतिलिपि पत्रावली <नाम> उपलब्ध है। भविष्य में उपरोक्त केस का विचारण कोविङ-19 की माहमारी के <नाम> शीघ्रनिस्तारित होना संभव नहीं है इसलिए प्रार्थी/ अभियुक्त जमानत की पूर्ण पात्रतारखता है। अभियुक्त के भागने की कोई <नाम> नहीं है एवं विश्वसनीय जमानतदाखिल करने को तैयार है। उसने यह भी उल्लेख किया कि यदि <नाम> साक्ष्य हेतुउपस्थित होता है तो वह साक्ष्य में पूर्ण सहयोग करेगा तथा भविष्य में न्यायालयद्वारा निर्गत आदेशों का अनुपालन करेगा <नाम> ही <नाम> को डरायेगा <नाम> ही उन्हेंप्रभाव में लेने का प्रयास करेगा। ", "उपरोक्त प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> देते हुए अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वाराबताया गया कि कोविड माहमारी के <नाम> माननीय उच्च न्यायालय के आदेश काअनुपालन समय <नाम> के अंदर होना संभव नहं है और <नाम> गवाही हो चुकी है। प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र खारिज होने के बावजूद प्रार्थी द्वितीय जमानतप्रार्थनापत्र क अंतर्गत निर्धारित शर्तों के अधीन जमानत पाने का <नाम> है। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता के द्वारा अवगत कराया गया किअभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 17.8.16 को निरस्त किया गया जोमाननीय उच्च न्यायालय में कि0मि०0 जमानत प््रार्थनापत्र संख्या 7701/2020 दिनांक20.2.2020 से निरस्त किया गया है जिसकी <नाम> द्वितीय जमानत प््रार्थनापत्रसंख्या 1576/2020 के साथ दाखिल की गयी है। माननीय उच्च न्यायालय केद्वारा जमानत को निरस्त करते हुए यथा संभव पांच माह के अंदर मुकदमे कानिस्तारण किए जाने का आदेश सत्यापित प्रतिलिपि दाखिल किए जाने के समय सेपारित किया है । पत्रावली में समस्त साक्ष्य सुनिश्चित होने के उपरांत अभियुक्त केबयान अंतर्गत <नाम> 313द0प्रoसं0 दिनांक 5.3.2019 को <नाम> कराये गये थे तथापत्रावली वास्ते निर्णय नियत की गयी थी। तदुपरांत अभियोजन के द्वारा धारा311दं0प्र०सं0 का प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया जो <नाम> हित में स्वीकार किया गयाएवं माननीय उच्च न्यायालय के दिये गये <नाम> निर्देशों के अनुसार अनुमति प्राप्तकरते हुए आज पीडिता का बयान <नाम> कराया गया एवं पत्रावली बयानअंतर्गत <नाम> 313 दं0प्र0सं0 में नियत की गयी एवं ऐसा कोई आधार नहीं है जोद्वितीय जमानत प््रार्थनापत्र को स्वीकार किए जाने <नाम> <नाम> देते हों उनके द्वारामामले के निस्तारण <नाम> <नाम> <नाम> गया। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। ", "उल्लेखनीय है कि जमानत प्ररार्थनापत्र के निरस्तीकरण की कोई सूचना इसन्यायालय को सत्यापित प्रतिलिपि के माध्यम से प्राप्त नहीं करायी गयी और <नाम> हीबचाव पक्ष द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेश दिनांक 20.2.2020 3से अवगत कराया गया था। वहीं यह भी उल्लेखनीय है कि कोविड माहमारी केकारण न्यायालय लाँकडाउन के <नाम> बंद थी दिनांक 22.7.2020 को द्वितीयजमानत प्रार्थनापत्र उन्हीं आधारों <नाम> प्रेषित किया गया तथा मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया कि कोविड माहमारी के <नाम> शीघ्र केस का निस्तारण होने कीसंभावना नहीं है और अभियुक्त जमानत की पूर्ण पात्रता रखता है। न्यायालय कीराय में उपरोक्त आधार द्वितीय जमानत प्र्रार्थनापत्र को स्वीकार किए जाने के लिएपर्याप्त नहीं हैं तथा पत्रावली वास्ते बयान अंतर्गत <नाम> 313 दं0प्रoसं0 दिनांक 28.8.2020 के लिए नियत है। ", "न्यायालय की <नाम> में आवेदक की तरफ से द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र हेतुकोई नया व ठोस आघार प्रस्तुत नहीं किया गया है जहां <नाम> साक्षीगण के पक्षद्रोहीहोने का प्रश्‍न है तो उक्त तथ्य का विश्लेषण अंतिम विनिश्चय के समय कियाजाना है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1236_202123-02-20212027
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त के सगे भाईसतीशबचन्द्र पुत्र <नाम> परसादी <नाम> का शपथ पत्र संलग्न किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से अपने आवेदन पत्र में कथन किया गया है कि उपरोक्त मुकदमे में आवेदक पूर्व से जमानत <नाम> था। आवेदक नियमित <नाम> से तारीखोंपर हाजिर आ रहा था। आवेदक की पत्नी सात माह की गर्भवती है जिसे आवेदक दिनांक 21.01.2021 को अधिक पीडा होने <नाम> <नाम> को दिखाने ले गया था इस <नाम> वह अपने अधिवक्ता को भी सूचित नहीं <नाम> सका था, जिसके चलते आवेदक /» अभियुक्त के विरूद्द वारंटजारी हो गये। आवेदक ने जानबूझकर न्यायालय के समक्ष आने में कोई गलती नहीं की है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 12.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्द है। ", "मैंने आवेदक/अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त सामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। ", "इस मामले में आवेदक »/अभियुक्त राजवीर पूर्व में जमानत <नाम> था उसके पश्चात न्यायालय में अनुपस्थिति के फलस्वरूप उसके विरूद्द न्यायालय द्वारा अजमानतीय अधिपत्र निर्गत किया गया जिसके फलस्वरूप वह vat अजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन मेंसम्बन्धित पुलिस द्वारा गिरफतार <नाम> न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। _2-आवेदक »/ अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथनकिया गया है कि उसने जानबूझकर कोई गलती नहीं किया है। आवेदक की पत्नी सात माहकी गर्भवती है जिसे आवेदक दिनांक 21.01.2021 को अधिक पीडा होने <नाम> <नाम> को दिखानेले गया था। इसी <नाम> आवेदक /» अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि आवेदक / अभियुक्तदिनांक 12.02.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्र है। आवेदक » अभियुक्त पूर्व में जमानत परथा और <नाम> जमानत देने के लिए तत्पर है। आवेदक /अभियुकत के विद्वान अधिवक्ता नेन्यायालय के समक्ष यह भी आश्वस्त किया है कि वह न्यायालय में नियत तिथियों परव्यक्तिगत <नाम> से उपस्थित होता रहेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_105_202013-01-20202334
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त प्रेमचन्द्र की पत्नी <नाम> काशपथपत्र संलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावलीपर उपलब्ध थाने की आख्या, पुलिस प्रपत्र एवं अन्य सामग्री का सम्यकपरिशीलन <नाम> लिया है। इस मामले क संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 26.12.19 कोसमय करीब 20.04 बजे मुकदमा वादी चौकी प्रभारी बल्केश्वर रविन्द्र बाबूमय पुलिस कर्मियों के थाना न्यू <नाम> से रवाना होकर बल्केश्वर क्षेत्रमें शान्ती व्यवस्था गस्त में मामूर थे तो उन्हें जरिये मुखबिर सूचना मिलीकि दो व्यक्ति वाटर वर्क्स के चौराहे के टूण्डला की तरफ जाने वालेसड़क के सर्विस रोड <नाम> तरफ चोरी के मोबाइल बेचने की फिराक में खड़े है। ये लोग यात्रियों से दोस्ती करके उनका सामान चोरी <नाम> लेतेहै। मुखबिर की सूचना <नाम> आवेदकगण अभियुक्त को दिनांक 27.12.19को समय करीब 3 ए.एम. बजे पकड़ा गया तथा उनकी जामा तलाशी सेमोबाइल बरामद हुये । ", "आवेदकगण अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि उन्हेंउक्त अपराध में झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं कियाहै। उससे कोई बरामदगी नहीं हुयी है। आवेदकगण अपने भतीजे केसाथ अपनी बहन के घर जा रहे थे तथा वह टैम्पो के लिये खड़े थेतभी पुलिस ने पूछताछ का बहाना <नाम> थाने <नाम> बैठा लिया। बरामदमोबाइल की कोई प्राथमिकी नहीं बतायी गयी है। उनका कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 27012019 सेकारागार में निरूद्ध है। उन्हें मामले में झूठा संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदकगण अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता ने आवेदनपत्र का मौखिक विरोध करते हुये कहा है किअभियुक्तगण के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है, उनके कब्जेसे चोरी के मोबाइल बरामद हुये है। आवेदक अभियुक्त का मामलाजमानत <नाम> नहीं है। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जानेका निवेदन किया गया है । ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों व अन्य सामग्री के अवलोकनसे यह प्रकट होता है कि आवेदक अभियुक्तो से कथित बरामद मोबाइलोको किसी चोरी की घटना से सम्बद्ध नहीं किया गया है। आवेदकअभियुक्त की शिनाख्त भी नहीं करायी गयी है और ना ही बरामद आटोकी कोई शिनाख्त हुयी है। आवेदक अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। आवेदकगणअभियुक्त दिनांक 27.12.19 से न्यायिक अभिरक्षा में है। इस मामले मेंअभियोजन की ओर से कोई चोरी की प्राथमिकी भी प्रस्तुत नहीं की गयीहै। आवेदकगण अभियुक्त के विरूद्ध उक्त आरोपित अपराध प्रथमवर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। आवेदकगण अभियुक्त विचारण केदौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिये पर्याप्त जमानते देनेके लिये तत्पर है। वर्तमान मामले का निकट भविष्य में विचारण होने कीकोई सम्भावना नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_45_202006-01-20202524
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माता <नाम> प्रेमवतीके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा निरीक्षक शैलेन्द्रकुमार <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायीगयी कि दिनाक 10.08.2019 को वह मय इमराहियान विभिन्न अपराधों कीसुरागरसी व तलाश आदि में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर की सूचना परएक व्यक्ति को गिरफूतार किया गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी लीगयी तो उसने अपना नाम <नाम> बाबरिया बताया। इसकी जामा तलाशीसे 1,150/- रूपए, 01 अदद मोबाइल तथा हाथ में लिए झोले से दो अंगूठीमर्दानी, दो अंगूठी जनानी, 1 अदद चेन, एक जोड़ी कुण्डल, एक जोड़ीझुमकी समस्त पीली धालु, <नाम> अदद बिछुए सफेद धातु, दो जोड़ी पायजेबसफेद धातु तथा नशीला पाउडर बरामद किए गए। अभियुक्त को जुर्म सेअवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार कीगयी । (2) जन्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आगरा। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी की इसी मुकदमा अपराध संख्यामें <नाम> 392, 380, 411 भारतीय दण्ड <नाम> व <नाम> 15 डकैती अधिनियम में माननीय उच्च न्यायालय से स्वीकार की जा चुकी है। आरोप पत्र में <नाम> 414भारतीय दण्ड <नाम> की बढ़ोत्तरी की गयी है। प्रार्थी का <नाम> 414 भारतीयदण्ड <नाम> में यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ पुलिसपार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उससे लूट का <नाम> बरामद कियागया है। प्रार्थी का इसी प्रकरण में <नाम> 392, 380, 411 भारतीय दण्ड संहिताव <नाम> 15 दस्यु प्रभावित <नाम> अधिनियम में जमानत प्रार्थना पत्र पूर्व में निरस्त किया जा चुका है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 45/ 2020राज <नाम> बाबरिया बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की विद्वान अधिवक्ता कु? <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामलेमें घटना दिनोक 10.08.2019 की 19:30 बजे की है। पत्रावली के अवलोकनसे यह भी दर्शित होता है कि फौजदारी प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-43225, 2019 में पारित आदेश दिनाकित 05.11.2019 के द्वारा माननीय उच्चन्यायालय द्वारा प्रार्थी की जमानत इसी मुकदमा अपराध संख्या में <नाम> ३92,380, 411 भारतीय दण्ड <नाम> व <नाम> 15 दस्यु प्रभावित <नाम> अधिनियम मेंस्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी की ओर से कथन किया गया है कि आरोपपत्र में <नाम> 414 भारतीय दण्ड <नाम> की बढ़ोत्तरी की गयी है। चूँकि मुख्यअपराध में प्रार्थी की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जाचुकी है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी का जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> 414 भारतीय दण्ड (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 45/2020राज <नाम> बाबरिया बनाम राज्यसंहिता सें भी स्वीकार किए जाने <नाम> है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4278_201908-08-2019857
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त के पुत्र <नाम> कान्‍्त का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहागया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 28.09.2018 को आबकारी निरीक्षक ए0के0मिश्रा अपने अन्य साथीकर्मचारीगण एवं पुलिस कर्मचारीगण के साथ मुखबिर की सूचना <नाम> ग्रामककरारी थाना मलपुरा में शम्भू उर्फ शिम्भू के घेर में हरियाणा की शराब रखीहुई है, शम्मू और उसका पार्टनर <नाम> इस शराब को यू0पी0 में बिकने वालीशराब के पौव्वे में भरकर आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई करने वाले हैं, इस सूचनापर वादी / आबकारी निरीक्षक द्वारा अपने साथी कर्मचारीगण के साथ मुखबिर केबताये स्थान <नाम> जाकर दविश दी गई तो कमरे से दो व्यक्ति पीछे बने गेट सेभाग गये, जिनको पकडा नहीं जा सका। बाये हाथ <नाम> बने कमरे में एकव्यक्ति दीवार के सहारे कार्टन को एक के ऊपर एक रख रहा था, जिसकोआवश्यक <नाम> प्रयोग करते हुये पकड लिया गया। पकडे गये व्यक्ति ने अपनानाम बबलू बताया। मौके से 19 पेटियो में 912 पौब्बे व दो पेटियों में 24 बोतलअवैध शराब की बरामद की गयी। पकडे गये व्यक्ति ने भागे हुये व्यक्तियों केनाम शम्भू व <नाम> बताये तथा शम्भू को घेर का <नाम> बताया। अभियुक्त सेबरामद शराब का लाइसेंस तलब किया गया तो वह दिखाने में कासिर रहा -2-तथा बताया कि दो लोग जो भाग गये हैं, वह उन लोगों के साथ मिलकर अन्यप्रान्‍्तों से <नाम> शराब लाकर उसको यू0पी0 में बिकने वाली शराब जैसे पब्बों मेंभरकर आस पास के क्षेत्रों में बेच देते हैं। मौके से बरामद शराब को कब्जे मेंलेकर सील मुहर किया गया तथा नमूना मोहर बनाया गया एवं अभियुक्त कोमय बरामद <नाम> के थाने ले जाया गया। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 28.09.2018 को अभियुक्तगण बबलू, शम्भूव <नाम> के विरूद्ध अपराध संख्या-1002,/ 2018 <नाम> धारा-420, 467, 468भा0द0सं० 63 आबकारी अधि0 का अभियोग थाना मलपुरा, <नाम> <नाम> पंजीकृतकिया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफँसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध से कोई सरोकार व वास्तानहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.07.2019 से कारागार में निरूद्ध है। ", "अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आबकारी निरीक्षक कीटीम व पुलिस कर्मचारीगण के द्वारा ग्राम ककरारी थाना मलपुरा में शम्मू उर्फशिम्मू के घेर <नाम> शराब हरियाणा की शराब होने की सूचना <नाम> छापा मारा गयाऔर भारी <नाम> में शराब की बरामदगी की गयी, छापा मारने के दौरानआवेदक / अभियुक्त अपने एक साथी के साथ पिछले दरवाजे से भाग गया,जिसे पकडा नहीं जा सका, <नाम> अभियुक्त के द्वारा पुलिस कर्मचारीगण कोउसका नाम बताया गया है। आवेदक / अभियुक्त शराब की तस्करी में लिप्त है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार आवेदक /अभियुक्त के विरूद्ध अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर गैर प्रान्‍न्त की बिकी की शराब को धोखाधडीकरके उत्तर प्रदेश में लाकर उसका विकय <नाम> अवैध <नाम> अर्जित किये जानेका आरोप है। 3-प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घेर जहाँ से बरामद बरामद की गयी है,उसका <नाम> शम्भू बताया गया है। इस आवेदक / अभियुक्त को मौके से भागजाना दर्शाया गया है, मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है, ना ही आवेदक सेकोई बरामदगी है इस घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। थानेसे प्राप्त आख्या में अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक नहीं दर्शाया गया है। ", "इस मामले के <नाम> अभियुक्त बबलू जिसे मौके <नाम> गिरफ्तार किया गयाहै, की जमानत माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय, <नाम> के द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र संख्या-5825 ,/ 2018 के द्वारा दिनांक 23.10.2018 को स्वीकार कीजा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5661_201915-10-20192956
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> चन्द उर्फ <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है जिसके अनुसार अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रर्थनापत्र है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनाक 06.04.2018को वादी <नाम> <नाम> द्वारा थाना अछनेरा में इस आशय की एक तहरीर दी गयीकि वह दिनाक 26.11.2018 का अपनी मोटर साईकिल एच एफ डीलक्स नं0-यू'पी. 80 सी आर- 3238 का बीमा कराने के लिए <नाम> जा रहा था, लेकिन जरूरीकाम से वह किरावली तहसील चला गया और उसने मोटर साईकिल को किरावलीतहसील के बाहर गेट <नाम> खड़ा <नाम> दिया। जब वह समय करीब 3.00 बजेतहसील के अन्दर से लौटकर आया, तो उसकी मोटर साईकिल को कोई अज्ञातचोर चोरी <नाम> ले गया। उसने मोटर साईकिल को काफी जगह तलाश किया,लेकिन आज <नाम> उसका कोई पता नहीं चल सका। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प््रार्थी/अभियुक्त कोउपरोक्त मुकदमें में गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूठा फंसाया गया है जबकि उसनेकोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित 2नहीं किया है तथा मामले में उसे झूठा फंसाया गया है। प्राथमिकी वादी मुकदमा द्वररा अज्ञात में घटना के पाँच माह विलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा विलम्ब काकोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। अभियुक्त जिला कारागार में मु0अ0०सं0257/19 अन्तर्गत <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट थाना अछनेरा में निरूद्ध है तथा बादमें जिला कारागार <नाम> से तलब <नाम> उक्त मु0अ0सं0 137/19 में सम्मिलितकिया गया। अपराध से सम्बन्धित मोटर साइकिल की थाना अछनेरा जिला आगराकी पुलिस ने मु०अ०सं0 1182019 में बरामदगी दर्शायी गयी है जिसका सत्रन्यायाधीश द्वारा गुण दोष के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया गया। सह अभियुक्त सोहित उर्फ लीलू का जमानत प््रार्थनापत्र वर्तमान न्यायालय द्वारादिनांक 11.09.2019 को गुण दोष के आधार <नाम> स्वीकार किया गया है तथा उक्तअभियुक्त का मामला भी अभियुक्त सोहित उर्फ लीलू के ही समान है अतः समानताके आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त की जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर जमानत आवेदन का विरोध करते हुए विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फोौ0० द्वारा निवेदन किया गया है कि इस मामलेमें प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है। ्रार्शी/ अभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त का जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किया जाय। " ], "judge-opinion": [ "मैंने उभयपक्ष को सुना एवम्‌ सुसंगत प्रपत्रों एवं केस डायरी तथा पूर्वमें पारित जमानत प्रार्थनापत्र दिनांकित 11.09.2019 का सम्यक <नाम> से परिशीलनकिया। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से विदितहोता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। घटनादिनॉक 26.11.2018 की है, परन्लु घटना की रिपोर्ट दिनॉक 06.04.2019 को समयकरीब 21.21 बजे थाना अछनेरा <नाम> लिखायी गयी है। अभियोजन द्वारा अभियुक्तको अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ चोरी की मोटर साईकिलें सहित गिरफ्तारकरने का अभिकथन किया गया है, जबकि कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र साक्षीनहीं बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3127_201919-06-20192995
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र रामनरायण का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया हैअभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा आबकारी निरीक्षक अवधेश <नाम> मिश्र द्वारा थाना न्यू <नाम> <नाम> दिनांक 31.05.2019 को समय 1.10 बजे प्रथम सूचना रिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज करायीगयी कि दिनांक 30.05.2019 को उनके द्वारा पुलिस <नाम> के साथ मुखबिर की सूचनापर दविश दी गयी तो एक व्यक्ति जिसने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। स्कूटी कीतलाशी मं उसके फर्श <नाम> रखा थेला को खोलकर <नाम> गया तो उसमें मैकड्वैलब्राण्ड के 72 पौवे व रॉयल स्टैग ब्राण्ड के 24 पौवे मिले, जिनक संबंध में पूछताछ कीगयी तो उसने बताया कि उसके पिता अजयपाल <नाम> <नाम> हरियाणा से <नाम> शराबलाते हैं और उसके पिता अजयपाल <नाम> <नाम> रीनू <नाम> व चाचा का बेटा उदयतोमर एवं वह उत्तर प्रदेश की शराब के खाली अदधे एवं पौवों में हरियाणा से सस्तीदरों में लायी हुई शराब भरकर उनपर फर्जी ढक्कन व क्यू आर कोड लगाकर मंहगेदामों में देहात क्षेत्रों में सप्लाई <नाम> देते हैं। इस समय उसके पिता व अन्य लोग शराबबना रहे हैं। इसी आधार <नाम> घर के अंदर दविश दी गयी तो घर की रसोई के पीछेबने कमरे में हरियाणा से लाई हुई शराब व विभिन्न ब्राण्डों के खाली ढक्कर कमरे मेंरखी प्लास्टिक की बड़ी-बड़ी थेलियों में भरे हुए रखे हुए हैं। इस कमरे क पीछे 2आगन से लगे कमरे की तलाशी ली गयी तो जमींन <नाम> बहुत से अद्धे व पौवेरखे हैं। कई बोरियों में यूपी. में बिकने वाली शराब के खाली अद्धे व पौवे रखेहैं। एक बड़ी प्लास्टिक की बहुत बड़ी बोरी में इम्पेक्ट व्हिस्की की खाली बोतलेंभरी हुई हैं तथा दो व्यक्ति एवं एक महिला इसी कमरे में बैठे हुए आदधे व पौवेको भर रहे हैं। नाम पता पूछने <नाम> अपना नाम अजयपाल <नाम> <नाम> बताया तथाजामातलाशी में टी-शर्ट की बायी जेब से 6500/-रूपये नकद बरामद हुएजिसके संबंध में बताया कि शराब की बिकी के है। पहने लोअर की जेब से दोमोबाइल सेमसंग बरामद हुए। दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया तथा महिला ने अपना नाम रीनू <नाम> पत्नी अजयपाल <नाम> बताया। कमरे की तलाशीली गयी तो जमींन <नाम> रखे हुए 26 पौवे 11 अद्‌धे रॉयल स्टैग ब्राण्ड के, 9 पौवे11 अद्‌धे मैकड्वैल ब्राण्ड के तथा 20 पौवे इम्पीरियल ब्लू ब्राण्ड के सभी भरेअहुए फर्जी क्यू आर कोड के लगभग 2000 स्टिकर्स का एक बण्डल, विभिन्नब्राण्डों के 495 खाली पौवे व 137 खाली अद्‌धे तथा एक प्लास्टिक की बोरी मेंइरियाणा ब्राण्ड की इम्पेक्ट व्हिस्की की 120 खाली बोतलें बरामद हुई तथा कमरेके एक कोने में डबल पोलीथिन में यूरिया खाद लगभग दो किलोग्राम व इसकेपास मैकड्वैल ब्राण्ड के 2 अद्धे व 6 पौवे रखे हैं जिन <नाम> क्यू आर कोड नहींलगा हुआ है। रसोई के पीछे वाले कमरे में पेटियों एवं बोरियों में <नाम> इम्पेक्टग्रेन व्हिस्की फॉर सेल इन हरियाणा ऑनली की 2136 बोतलें प्रत्येक 750एम.एल., तीन प्लास्टिक की बड़ी-बड़ी थेलियों में लगभग तीन हजार नकलीढक्कन रॉयल स्टैग ब्राण्ड, तीन हजार नकली ढक्करन मैकड्वैल ब्राण्ड व लगभग 1500 इस्तेमाल किये हुए ढक्कन बरामद हुए। पूछताछ में अजयपाल सिंहतोमर द्वारा बताया कि वह अपनी कार से <नाम> शराब हरियाणा से लोकर यूपी.में महंगी शराब के खाली पौवे व अदुधो में भरकर इनमें फर्जी ढक्कन व क्यू आरकोड लगाकर मंहगे दामों में आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई <नाम> देते हैं। बरामदयूरिया व क्यू आर कोड लगे हुए मैकड्वैल के दो अदधों व 6 पौवों क बारे मेंबताया गया कि कुछ लोग अधिक <नाम> नशा करने वाली शाराब की मांग करते हैंइसलिए यूरिया मिलाकर देते हैं। कार में भी शराब के रखे होने के संबंध मेंबताया और कार की डिक्की में 5 गत्ते की पेटियों में 60 बोतल इम्पेक्ट ग्रेनव्हिस्की फॉर सेल इन हरियाणा ऑनली बरामद हुई। डिक्की में से <नाम> नम्बरप्लेटें कमश: यूपी.80 बी.एल.2826, यूपी.80 बी.एल.2826,यूपी.80 ए.एस.7294, यू.पी.80 ए.एस.7294 बरामद हुई, जबकि गाडी <नाम> नम्बर प्लेट यू.पी.80 बी क्यू 7950लगी थी। ' विभिन्न प्लेटों के संबंध में पूछने <नाम> बताया कि जब शराब हरियाणा से 3लेने जाते हैं तब नम्बर प्लेट बदल देते हैं। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत किया है किअभियुक्तगण ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उन्हें झूंठा फंसाया गयाहै। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि उनके पास से कोई बरामदगी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट फर्जी है। पुलिस ने अभियुक्त अजयपाल सिह को गाडीटकराने <नाम> अवैध वसूली की मॉग की जिसका विरोध करने <नाम> बन्द <नाम> दियाहै । अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। जमानत <नाम> छोड़ा जाय। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) ने जमानत काविरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया कि अभियुक्तगण के पास से इतनी भारी मात्रामें शराब की बरामदगी हुई है। अभियुक्तगण हरियाणा से शराब कम दामों मेंलाकर विभिन्न कम्पनियों के ढक्कन लगाकर शराब बेचने के कार्य में संलिप्त हैऔर यूरिया मिलाकर भी शराब की बिकी की जाती है जिससे लोगों के स्वास्थ्यपर बुरा असर पड़ता है तथा लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। जमानत <नाम> छोड़ेजाने का आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) वअभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा केस डायरी आदि का सम्यकपरिशीलन किया। केस डायरी के अवलोक से स्पष्ट होता है कि उपरोक्त सामानकी बरामदगी अभियुक्तगण एवं सहअभियुक्तगण से की गयी है। अभियुक्तगणउपरोक्त कार्य में संलिप्त रहें हैं। हरियाणा से सस्ते दामों <नाम> शराब लाकर रेपर,ढक्कन लगाकर नकली शाराब बनाने में संलिप्त रहे हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_1088_202110-03-20211212
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र के समर्थन मेंअभियुक्त के पैरोकार अमरूददीन का शपथ पत्र संलग्न किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा चांद बाबूद्वारा इस आशय की रिपोर्ट थाना फतेहपुर सीकरी <नाम> दर्ज करायी गयीकि दिनांक 15.11.2020 को समय करीब 4:30 बजे शकील टिडडा दारूपीने आया जब वादी मुकदमा के भतीजे शाहिल ने दारू पीने से मनाकिया तो शकील टिडडा वापस चला गया तथा लगभग समय 5:30 बजे दुबारा अपने हाथ में चाकू लिये उसके होटल <नाम> आया उस समय होटलपर उसका भतीजा शाहिल तथा फईम पुत्र बाबूदीन जो कि सर्विस काकाम देखता है मौजूद थे। शकील टिडडे ने अपने हाथ में लिये चाकू सेजान से मारने की नियत से उसके भतीजे शाहिल <नाम> वार करते हुए कहाकि तुमने उसे दारू पीने से <नाम> किया है तुझे <नाम> से मार दूँगा। शकीलने चाकू के दम <नाम> गल्ले में रखे नौ हजार नौ सौ पचास रूपये निकाल 2लिये तथा बगल में खडे उसके भतीजे को दो तीन तमाचे मारे और होटलमें रखे सामान को इधर उधर फेंक <नाम> तथा परिवार को <नाम> से मारनेकी धमकी दी। आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि आवेदक / अभियुक्तने आरोपित अपराध कारित नहीं किया है। पुलिस द्वारा झूठे मुकदमे मेंफंसाया गया है। बरामदशुदा रूपये उसके स्वयं के हैं। विद्वानअधिवक्ता द्वारा आगे कथन किया गया है कि प्राथमिकी विलम्ब सेलिखायी गयी है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक 17.11.2020 से न्यायिकअभिरक्षा में है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं आधारों <नाम> आवेदक / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने का अनुरोध किया गया है। अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान अभियोजनअधिकारी ने जमानत आवेदन पत्र का प्रबल विरोध किया है और कथनकिया है कि आवेदक / अभियुक्त के पास से रूपयों की बरामदगी हुई है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> ने आवेदक/ अभियुक्त की आपराध में गंभीर <नाम> बताया है और इन्हीं आधारों <नाम> जमानत आवेदन पत्र कोनिरस्त किए जाने का अनुरोध किया गया है। मैंने आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता तथा अभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्तसामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों केअवलोकन से यह प्रतीत होता है कि आवेदक / अभियुक्त <नाम> वादी मुकदमाके भतीजे शाहिल <नाम> <नाम> से मारने की नियत से वार करते हुए चाकू केदम <नाम> गल्ले में रखे नौ हजार नौ सौ पचास रूपये निकाल लेने तथाउसके भतीजे को दो तीन तमाचे मारने और होटल में रखे सामान कोइधर उधर फेंकने तथा परिवार को <नाम> से मारने का अभियोग लगायागया है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से यह विदित होता हैकि प्राथमिकी 30 घंटे से विलम्ब से लिखायी गयी है। आवेदक / अभियुक्तपर <नाम> 307 भा0दं0सं0 का अभियोग है परंतु आघात आख्या पत्रावली परनहीं लगायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 17.11.2020 से न्यायिकअभिरक्षा में है। आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। किसीभी <नाम> को धमकाने का कोई अवसर नहीं है। इस मामले में निकटभविष्य में विचारण समाप्त होने की कोई <नाम> नहीं है। 3आवेदक / अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करनेके लिए पर्याप्त जमानत देने <नाम> तत्पर हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4104_202023-12-202036
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में अभियुक्ता केपुत्र प्रशान्‍्त भदौरिया का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी हरीराम द्वारा इस आशयकी रिपोर्ट थाना अछनेराआगरा <नाम> दर्ज कराई गयी कि उसका पुत्र धर्मेन्द्र <नाम> तहसील किरावली में कंप्यूटर आपरेटर का कार्य करता था। दिनांक 18.10.2019 कोवह दोपहर तीन बजे तहसील से घर चला था, परन्तु वह अपने घर नहीं आया। दिनांक 19.10.2019 को थाना अछनेरा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसकाअज्ञात बदमाशों द्वारा अपहरण <नाम> लिया गया है। उसके पुत्र की उम्र 27 वर्ष है। वादी की तहरीर <नाम> थाना अछनेरा, <नाम> <नाम> अभियोग मु0अ0सं0 367 / 2019 अर्न्तगत <नाम> 364 भा०दं०सं० पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना अपहृत की हत्याहोने <नाम> अभियोग <नाम> 364ए,302,201 भा०द0सं0 में तरमीम किया गया। Bail Application/10681/2020 -Shalini Bhadoriya Vs. UP State 2आवेदिका / अभियुक्ता का कथन है कि अभियुक्ता को झूठा फंसाया गया है। सह अभियुक्तगण के बयान के आधार <नाम> आवेदिका / अभियुक्ता को अपराध कीयोजना में सम्मिलित होना बताते हुए, अभियुक्त बनाया गया है। गुमशुदगी के बाददिनांक 04.11.2019 को अभियोग पंजीकृत किया गया है तथा <नाम> अभियुक्तगण कीगिरफ्तारी दिनांक 14.11.2019 को की गयी है। सी0सी0टी0वी0 फुटेज से सहअभियुक्तगण द्वारा घटना कारित किया <नाम> प्रदर्शित नहीं होता है। घटना का कोईचश्मदीद <नाम> नहीं है। अभियुक्ता करीब 61 वर्षीय है तथा रक्तचाप एवं <नाम> रोगसे पीड़ित है। उक्त आधारों <नाम> आवेदिका »/ अभियुकता द्वारा जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की प्रार्थना की गयी है। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि आवेदिका »अभियुक्ता द्वारा सहअभियुकतगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा के पुत्र का अपहरण कर,उसकी हत्याकारित की गयी तथा साक्ष्य मिटाने के आशय से उसके शव को जलाकर, कंकाल कोबिचपुरी-बोदला रोड <नाम> नाले के सहारे रख <नाम> गया। अपराध गंभीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> aT । " ], "judge-opinion": [ "आवेदिका / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता एंव विशेष लोक अभियोजक को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। आवेदिका / अभियुक्ता <नाम> भदौरिया द्वारा रूपया वसूल करने <नाम> सहअभियुक्तगण द्वारा वादी मुकदमा के पुत्र की हत्या की <नाम> में सम्मिलित होना तथामृतक धर्मेन्द्र की हत्या <नाम> उसके शव को साक्ष्य विलोपन करने के आशय से बिचपुरी-बोदला रोड <नाम> नाले के सहारे <नाम> रखा <नाम> कहा गया है। <नाम> अभियुक्त अरूण उर्फ <नाम> की जमानत निरस्त हो चुकी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6616_201921-11-20191476
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> की मॉ वपैरोकार <नाम> <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा नरेन्द्रकुमार द्वारा थाना मलपुरा जिला <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि दिनाक 09.12.2018 को वह व उसकी पत्नी पिंकीमोटरसाईकिल से एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए अपने गाँवश्यामों से फतेहपुर सीकरी सौनेठी जा रहे थे कि करीब 02:00 बजे दक्षिणीबाईपास <नाम> नगला <नाम> पुत्र के पास पीछे से अपाचे मोटर साईकिल से तीन लड़के आए और उसकी मोटर साईकिल रूकवाकर उस <नाम> व उसकी पत्नीपर तमंचा तान <नाम> और उसकी पत्नी के पहले हुए जेवर लर, कन्दोनी, लूटकर ले गए जिसकी सूचना उसने 100 नम्बर <नाम> दी। इस संबंध में प्राथमिकीदर्ज की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6616/2019आकाश बनाम राज्यगया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। इलाका पुलिस पूछताछ के बहाने प्रार्थी को घर सेबुलाकर ले गयी थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी की मुख्य <नाम> में जमानत माननीयउच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। उसके <नाम> पता चला किमामले में <नाम> 411 भारतीय दण्ड <नाम> की बढ़ोत्तरी की गयी है। प्रार्थीदिनाक 17.12.2018 से जिला जेल में निरूद्ध हैं। प्रार्थी का इस <नाम> में यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना मेंसंलिप्त रहा है तथा उयके द्वारा सह-अभियुक्त के साथ मिलकर वादीमुकदमा की पत्नी के जेवरातों की लूट की गयी है। प्रार्थी से बरामदगी भीहै। प्रार्थी की जमानत <नाम> ३92 भारतीय दण्ड <नाम> में पूर्व में न्यायालयद्वारा निरस्त की जा चुकी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुमारकुशवाह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 09.12.2018 की 14:00 बजे की है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध फौजदारीप्रकीर्ण जमानन प्रार्थना पत्र संख्या-30499// 2019 में पारित आदेश दिनोकित30.07.2019 के द्वारा प्रार्थी की जमानत इसी मुकदमा अपराध संख्या में <नाम> 392 भारतीय दण्ड <नाम> में माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारास्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी की ओर से कथन किया गया है कि मामले मेंबाद में <नाम> 411 भारतीय दण्ड <नाम> की बढ़ोत्तरी की गयी है। चूँकि मुख्यअपराध में प्रार्थी की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जाचुकी है, ऐसी स्थिति में प्रार्थी का जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> 411 भारतीयदण्ड <नाम> में भी स्वीकार किए जाने <नाम> है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3891_201906-08-2019963
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त की पत्नी व पेरौकारश्रीमती <नाम> <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया मुकदमामेघना <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायीगयी कि वह <नाम> 2018 में डा0 अम्बेडकर विश्वविद्यालय अपने कॉलेज केकार्य से जा रही थी। रास्ते में खंदारी चौराहे <नाम> सोनू मिला तथा प्रार्थिया कोसाथ विश्वविद्यालय चलने के लिए बोला। चैँकि प्रार्थिया सोनू को पूर्व सेजानती थी, अतः प्रार्थिया विशवास करके सोनू के साथ चली गयी। सोनू ने रास्ते में कहा कि उसे कुछ कागज घर से लेने हैं, घर <नाम> उसकी मों, बहिनव बेटी भी हैं, आपको कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन सोनू के घर <नाम> कोईनहीं था। सोनू ने प्रार्थिया को कोल्ड ड्रिंक दी जिसे पीकर प्रार्थिया बेहोश होगयी। जब प्रार्थिया को होश आया तो प्रार्थिया निर्वस्त्र थी, प्रार्थिया ने अपनेको बचाने की कोशिश की, परन्तु प्रार्थिया अपने को बचा <नाम> सकी। फिर सोनूने प्रार्थिया को अपने मोबाइल में कुछ फोटो दिखाए और कहा कि अगरकिसी को बताया तो तेरे फोटो सोशल मीडिया <नाम> वायरल <नाम> दूंगा। उन (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3891, 2019सोनू बनाम राज्य फोटो के बदले सोनू लगातार पैसों की मांग करता है तथा गाली गलौज वजान से मारने की धमकी <नाम> रहा है। प्रार्थिया ने जब अपने साथ घटी घटनाकी जानकारी अपनी बहन <नाम> को दी तो प्ररार्थिया का सोनू ने दिनोक27.02.2019 को गर्भपात <नाम> दिया। दिनाक 10.06.2019 को सोनू ने प्रार्थियाको फोटो देने के लिए बुलाया तथा दो लाख रूपए की मांग की। पैसे <नाम> देनेपर सोनू ने प्रार्थिया के साथ मारपीट व गाली गलौज की तथा प्रार्थिया कामोबाइल छीन लिया तथा <नाम> से मारने की धमकी <नाम> रहा है। इस संबंध मेंप्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्जकरायी गयी है तथा विलम्ब का कोई <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। वादिया बालिग है और झूठा मुकदमा लगाकर अभियुक्त से पैसा हड़पनाचाइती है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में बतायी गयी घटना का कोई <नाम> दर्शितनहीं किया गया है। प्रार्थी के विरूद्ध कोई साक्ष्य नहीं है। वादिया द्वाराअपने <नाम> 161 दण्ड प्रकिया <नाम> के कथन में प्रथम सूचना रिपोर्ट कासमर्थन नहीं किया गया है तथा उसके <नाम> 164 दण्ड प्रकिया <नाम> केकथन में भारी विरोधाभास है। प्रार्थी विवाहित है। वादिया प्रार्थी से विवाहकरना चाहती है, प्रार्थी के इंकार करने <नाम> वादिया द्वारा यह प्रथम सूचनारिपोर्ट पंजीकृत करायी गयी है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय या अन्य किसीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-63, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3891, 2019सोनू बनाम राज्य विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी/ अभियुक्त घटना में संलिप्त रहा है। उसके द्वारा वादिया का बलात्कार <नाम> उसके फोटो सोशनमीडिया <नाम> डालने की धमकी दी गयी है तथा वादिया से रूपयों की मांग कीगयी है। अभियुक्त द्वारा वादिया का मोबाइल भी छीना गया है। उपरोक्तआधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त की विद्वान अधिवक्ता कु <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 01.12.2018 से 10.06.2019 के मध्य की है। वादिया द्वारा अपने धारा161 व <नाम> 164 दण्ड प्रकिया <नाम> के कथन में प्रथम सूचना रिपोर्ट केकथनों का समर्थन किया गया है। वादिया/पीडिता द्वारा अपने चिकित्सीयपरीक्षण के समय चिकित्सक को भी घटना का समर्थन करते हुए यह बताया गया है कि अभियुक्त उसे अपने घर ले गया और उसके साथ बलात्कारकिया तथा उसके फोटो खींच ली जिसकी वजह से वो उसे डराता था औरबुलाता था। लगभग 4-5 बार उनके संबंध बने, वह गर्भवती हो गयी। अभियुक्त ने 27.02.2019 को उसका गर्भपात <नाम> दिया। पीड़िता कीअल्ट्रासाउण्ड रिपोर्ट दिनाकित 25.02.2019 के अनुसार पीड़िता को लगभग 9सप्ताह 1 <नाम> का गर्भ था। " ] }
0DENIED
Bail Application_2535_202011-09-20202756
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र केसमर्थन में राघवेन्द्र की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है किअभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी ऱ्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आवेदक /अभियुक्त ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है किउसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे षड्यंत्र के तहत झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और <नाम> ही वह समाज विरोधीक्रियाकलाप में संलिप्त है। गैंग चार्ट के अनुसार उसके विरूद्ध मु0अ0सं०300/2019 अर्न्तगत <नाम> 15 दस्यु प्रभावित <नाम> अधिनियम व 420,467,468,471भा0दं0सं0 थाना फतेहाबाद, <नाम> मु0अ0सं0 3082019 अन्तगत <नाम> 15 दस्युप्रभावी <नाम> अधिनियम व 420 भा0०दं0सं0 तथा मु०अ०सं0 293/2019 अन्तगत धारा393 भा0दं0सं0 पंजीकृत बताये गये हैं। उक्त प्रकरण में अभियुक्त नामजद नहीं हैऔर <नाम> ही उसकी शिनाख्त कार्यवाही कराई गयी है तथा <नाम> ही उससे कोईबरामदगी हुई है। उक्त सभी अभियोगों में अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 30.07.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतएवअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थानाध्यक्षप्रवेश <नाम> थाना फतेहाबाद, <नाम> द्वारा इस आशय की रिपोर्ट थाना फतेहाबाद,आगरा <नाम> दर्ज कराई गयी कि गैंग लीडर हेत <नाम> उर्फ <नाम> ने एक सुसंगठितगैंग बना रखा हैं,जिनके सदस्य रामू, ब्रजमोहन, मानवेन्द्र, ब्रजेश हैं। जिनका मुख्यकार्य लूटपाट व चोरी <नाम> अवैध रूपसे अपने निजी एवं भौतिक <नाम> <नाम> अवैध धनअर्जित करना है। इनके भय व आतंक के <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देने Bail Application/7275/2020 -UP State Vs. Manvendra 2के लिए तैयार नहीं है। अभियुक्त मानवेन्द्र के विरूद्ध-1. 300/2019 अर्न्तगत <नाम> 15 दस्यु प्रभावित <नाम> अधिनियम व420,467,468,471 भा०दं0सं0 थाना फतेहाबाद, आगरा2. मु०अ०सं० 308/2019 अर्न्तगत <नाम> 15 दस्यु प्रभावी <नाम> अधिनियम व420 भा०दं0सं०3. मु0अ०सं० 293/2019 अर्न्तगत <नाम> 393 भा०दं0सं0 पंजीकृत हैं । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना फतेहाबाद, <नाम> <नाम> मु0अ0सं0476 / 2019 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहा गयाहै कि अभियुक्त आदतन अपराधी है तथा गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगण केविरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरुद्धतीन मुकदमे दर्ज हैं, जो लूट आदि से सम्बन्धित हैं। <नाम> अभियुक्त ब्रजमोहन कीजमानत निरस्त हो चुकी है। अतः अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र निरस्त कियाजाये । " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता हैवहां न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोईअपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "अभियुक्त मानवेन्द्र गैंग का सदस्य है। गैंगचार्ट के अनुसार उसके विरुद्धअपने साथियों के साथ मिलकर वाहन आदि की लूट जैसे जघन्य अपराध <नाम> अवैधरूप से धन अर्जित करने का आरोप है। आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट मेंदर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंदव समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णितप्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक /अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जानान्यायसंगत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2604_202105-04-2021256
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गयाहै तथा इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ बैनीराम का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> थानाशमशाबाद, जिला <नाम> ने दिनांक 19.03.2021 को 20-22 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडर <नाम> अवतार ने एक संगठित गैंगबना रखा है जिसमें <नाम> किशोर उर्फ छम्मो गैंग का सदस्य हे। इस गैंग का मुख्य कार्यजैसे अवैध शराब का काराबोर व तस्करी करना जघन्य अपराध करके <नाम> में भय व्याप्तकरके अपने भौतिक <नाम> <नाम> <नाम> में भय एवं आतंक व्याप्त <नाम> जघन्य अपराध करते हुएधन अर्जित करते है जिनके विरूद्ध <नाम> का कोई भी व्यक्ति रिपोर्ट लिखवाने व गवाहीदेने के लिए तैयार नहीं होता है जिनके विरूद्ध थाना हाजा <नाम> मु0अ0सं0 149/20 धारा60(1), 72 EX ^ct व 420, 467, 468, 471 भादवि थाना शमशाबाद <नाम> व मु0अ0सं०61/2021 <नाम> 16/54 ह% 4८ थाना राजाखेड़ा जनपद धौलपुर राजस्थान पंजीकृत है। इनके विरूद्ध समाज विरोधी <नाम> कलापों <नाम> नियंत्रण रखने <नाम> उ0 प्र0 गिरोह बन्द एवंसमाज विरोधी <नाम> कलाप निवारण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत कार्यवाही किया जानानितान्त आवश्यक है। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0०प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तनिर्दोष एवं निरापराध है। उसने उक्त <नाम> के तहत कोई अपराध कारित नहीं किया है, उसेउक्त केस में झूँठा फंसाया गया है। आवेदक /अभियुक्त <नाम> तो शराब का अवैध करोबारकरता है तथा ना ही अवैध <नाम> से धन अर्जित करता है तथा ना ही आवेदक / अभियुक्त केकिया कलापों से <नाम> में किसी प्रकार का भय व्याप्त है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> तो किसीगैंग का लीडर है तथा <नाम> ही किसी गैंग का सदस्य है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामलादर्शाया गया है उसमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक24.03.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजाय । ", "2राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान विशेष लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त अभ्यस्त अपराधी है। अभियुक्त कासंगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट,आगरा से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध मु0अ0सं0 149/20 धारा60(1), 72 EX ^८t व 420, 467, 468, 471 भादवि थाना शमशाबाद <नाम> का मुकदमालंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेषलोक अभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्तमामला दर्शाया गया हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध अपमिश्रित शराब बनाने एवं अन्तर्राज्यीयस्तर <नाम> परिवहन करने के आरोप का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक कोऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और (ख) जहाँलोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह किजमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामले में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होनेका प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामले में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानत स्वीकारहुई है। आवेदक /अभियुक्त <नाम> अपमिश्रित शराब बनाने एवं अन्तर्राज्यीय स्तर <नाम> परिवहनकरने के आरोप है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्त अधिनियमकी <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहींहै कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3448_201916-07-20191865
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के बहनोई व पैरोकारविरेन्द्र <नाम> मीणा के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा मनोजभाटिया द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायीगयी कि दिनाक 17.06.2019 को वह अपने दोस्त रिशू सचदेवा के साथआगरा घूमने आ रहा था। इसी दौरान <नाम> मीणा का फोन आया औरउसने कहा कि वह उससे <नाम> चाहता है जिस <नाम> उसने बताया कि वहआगरा जा रहा है, तो उसने कहा कि वह <नाम> आकर मिल लेगा। उसनेसुनील को फोन किया तो <नाम> मीणा ने कहा कि वह <नाम> कैट रेलवेस्टेशन <नाम> खड़ा है। <नाम> ने उसे वहीं बुला लिया। <नाम> के साथ अन्यलड़के भी थे। उसने <नाम> व अन्य तीन लड़कों को अपनी कार में बैठालिया। रास्ते में <नाम> ने अपने साथ में से एक लड़के सूरज को ए0टी0एम0से पैसे निकालने भेजा और रिशू को भी साथ जाने के लिए कहा। जिसकेबाद रिशू भी सूरज के साथ फतेहपुर रोड <नाम> ओरियंटल बैंक के ए०टी0एम0०से पैसे निकालने चला गया। सूरज एएटी0एम0 के अन्दर चला गया तथा रिशू (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, व्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3448 2019सुनील मीणा बनाम राज्यबाहर ही खड़ा रहा। थोड़ी देर <नाम> सूरज ए0टी0एम0 से बाहर निकला औरदूसरे ए०टीएएम0 में जाने की बात <नाम> हुआ आगे बढ़ा और सड़क पार करके एक अन्य कार में सवार होकर चला गया। इसी बीच दो अन्य लड़केउसकी कार में आकर बैठ गए और आते ही <नाम> व उन लड़कों ने उसकेपर कट्टे तान दिए और शोर मचाने <नाम> <नाम> से मारने की धमकी दी। इसकेबाद उन सभी ने उसे उसकी कार सहित बंधक बना लिया और उसे एकअज्ञात जगह <नाम> ले गए जहाँ उसके साथ मारपीट की तथा <नाम> ने उसपर गोली भी चलायी। उन्होंने कहा कि अगर तेरे घरवाले तीस लाख रूपए देदेंगे तो तुझे जिन्दा छोड़ देंगे। इस घटना के <नाम> <नाम> ने उसके फोन सेउसकी पत्मी को फोन किया और धमकी दी कि अगर तीस लाख रूपए नहींदिए तो तुम्हारे <नाम> की लाश मिलेगी। <नाम> व उसके साथियों ने उसकीसोने की चेन व 2,000/- रूपए नगद छीन लिए तथा उसे कट्टे के बट सेमारा जिससे उसे चोट आयी। देर <नाम> पुलिस ने कार्यवाही करके उसे अपहरणकर्ताओं से छुड़ाया। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 18.06.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी से कोई मालघटना से संबंधित बरामद नहीं हुआ है। प्रथम सूचना रिपोर्ट से यह स्पष्ट हैकि वादी व अभियुक्त दोनों एक दूसरे से काफी समय से परिचित हैं। अभियुक्त ने वादी की पत्नी को फोन नहीं किया, वादी स्वयं ने अपनी पत्नीको फोन किया होगा। प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह नहीं बताया है कि वादीअभियुक्त को कैसे जानता था। वादी मुकदमा ने प्रार्थी से रेलवे में नौकरीलगवाने <नाम> दो वर्ष पूर्व 3 लाख रूपए ले लिए <नाम> <नाम> तो नौकरी लगी औरन ही उसने रूपए वापस किए। इसी बात को लेकर प्रार्थी व वादी के मध्यवाद विवाद उत्पन्न हो गया और उसी के चलते प्रार्थी को झूठा फंसाया गयाहै । प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3448, 2019सुनील मीणा बनाम राज्यजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी का कोईपूर्व अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी/ अभियुक्त घटना में संलिप्त रहा है तथा उसके द्वारा वादी को बुलाकर योजनाबद्ध तरीके सेउसका अपहरण <नाम> फिरौती की मांग की गयी है। वादी मुकदमा कोअभियुक्तगण के कब्जे से मुक्त कराने के उपरान्त वादी द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> अरूण पचौरी एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रं के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 17.06.2019 की समय 11:00 बजे से 11:30 बजे के मध्य कीहै जिसकी सूचना दिनाक 17.06.2019 को ही अपहुत के मित्र रिशू द्वारा 100नम्बर <नाम> दी गयी है जो प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अपहृत के साथआगरा घूमने आया था। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है किप्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> दिनाक 17.06.2018 कोसमय 08:00 बजे <नाम> अभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किया गया है तथागाड़ी से अपहूत <नाम> <नाम> को बरामद किया गया है। अपहूत द्वारा अपनेबयान में प्रार्थी व सह-अभियुक्तगण की <नाम> स्पष्ट की गयी है। प्रार्थी द्वारामामले में मुख्य <नाम> अदा की गयी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3078_201901-07-20192676
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ पुलकितउपाध्याय का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> बी.एस.त्यागी थानाध्यक्ष थाना सिकन्दरा जिला <नाम> ने दिनांक 06.01.92 को 2.15 बजे थाने <नाम> जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> मुवीन, श्रीभगवान, देवेन्द्र उफ पप्पू <नाम> <नाम> कैयूम, वीरेन्द्र जाट, सुल्तान, गिर्राज, खजान, केद्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर <नाम> उपरोक्त है। जो गैंग केसदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक लाम प्राप्त करने <नाम> चोरी करके एवं फर्जी कागजात बनाकर धोखा करके आर.टी.ओ. कार्यालय से वाहनो का रजिस्ट्रेशन कराकरआम <नाम> को बेचते है और जब वे वाहन पुलिस द्वारा बरामद किये जाते है तो <नाम> के लोगो को सामाजिक अपमान सहन करना होता है । जिसके <नाम> <नाम> में उक्तअभियुक्तगण का भय व आतंक व्याप्त है। ", "अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 व 77 में वर्णित दण्डनीय अपराधकारित किया गया है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त का कथन है कि वह निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नहीकिया हैं। उसे झूँठा नामित <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त की जमानत माननीय उच्चन्यायालय से दिनॉक 25.03.1992 को हो चुकी है। प्रार्थी/अभियुक्त जमानत कराने के बादबाहर चला गया था। उसके अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि उसका केस खत्म <नाम> दियागया है। अब उसे न्यायालय आने की आवश्यकता नही है क्योकि मुकदमा समाप्त हो गयाहै। वह अपने अधिवक्ता की बातों में आकर अपने परिवार के पालन पोषण <नाम> बिहारमजदूरी करने चला गया और वही परिवार का पालन पोषण करने लगा जिसके <नाम> उसे मुकदमें की कोई जानकारी नही हो सकी। उसने जानबूझकर कोई गलती नही की है बल्कि अधिवक्ता द्वारा गलत जानकारी दिये जाने के <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित नही हो 2सका । भविष्य में वह प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित होता रहेगा। अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंलम्बित नही है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनॉक 05.06.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतःउसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प््रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध गैंगबनाकर व गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> चोरी व वाहनो के फर्जी कागजात बनाकर रजिस्ट्रेशन कराने जैसे अपराध कारित करने काआरोप है। अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> था। उसके अधिवक्ता द्वारा उससे मुकदमा समाप्तहो गया है कहा गया था जिस <नाम> विशवास करके वह बिहार मजदूरी करने चला गया औरवही रहकर परिवार का पालन पोषण करने लगा जिसके <नाम> नियत तिथियों <नाम> उपस्थित नही हो सका। उसने जानबूझकर कोई गलती नही की है। बल्कि अधिवक्ता द्वारा गलत सूचना दिये जाने के <नाम> न्यायालय में उपस्थित नही हो सका। भविष्य में वह प्रत्येकनियत <नाम> <नाम> उपस्थित रहेगा। वह दिनॉक 05.06.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2256_202103-04-2021302
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र <नाम> गुड्डी <नाम> पत्नी श्रीमुन्नालाल का इस आशय का दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त की पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भीप्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिजकिया गया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किवादी डॉ० आशीष <नाम> दिनांक 12.12.2020 को अपनी साली की शादी से वापस आया। उस समय वादी की गाड़ी में एक काला <नाम> जिसमें सारे जेवर और दो लाख कैस था। रात 1:30 ए.एम. <नाम> वादी ने अपना सामान अपने फ्लैट <नाम> शिफ्ट किया है, जिसमें वो बैगगाड़ी में छूट गया था, जिसे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा निकाल लिया गया है। अतः रिपोर्टदर्ज उचित कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी /अभियुक्त को Bail Application/ 3982/2021 -Deepak Jahrkhand Vs. UP State 2 थाना पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण में झूंठा फसाया गया है, जबकि प्रार्थी / अभियुक्त ने किसीभी घटना को अन्जाम नहीं <नाम> है और <नाम> ही प्रार्थी से कोई चोरी का <नाम> बरामद हुआहै। घटना दिनांक 13.12.2020 को समय करीब 1:30 बजे की दर्शायी गयी है, जबकि प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनांक 21.12.2020 को 23:03 बजे दर्ज करायी गयी है तथा देरी का कोईभी स्पटीकरण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नहीं दर्शाया गया है। उपरोक्त केस में प्रार्थी कीगिरफ्तारी का कोई भी <नाम> का <नाम> नहीं दर्शाया गया है तथा बरामदगी होने के समय वादी मुकदमा को अपने सामान की पहचान करने के लिए नहीं बुलाया गया है। सहअभियुक्त जनका का जमानत प््रार्थनापत्र पूर्व में स्वीकार किया जा चुका है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 29.02.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की जमानत दिनांक 26.02.2021 को माननीय अवर न्यायालय के द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानतपर <नाम> किये जाने का निवेदन किया गया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक)के द्वारा प्रार्थी /अभियुक्त का आपराधिक इतिहास कमश: मु0अ0सं0-42/2021 धारा3/25 आयुध अधिनियम, थाना सिकन्दरा, मु0अ0सं0-626/2020 <नाम> 380, 457भा०द0स0, थाना सिकन्दरा, मु0अ0सं0-646/2020 <नाम> 380, 457 भा0द0स0०, थानासिकन्दरा, मु०अ0सं0-654 / 2020 <नाम> ३380, 457 भा०द0स०, थाना सिकन्दरा,मु0अ0सं0-697,//2020 <नाम> ३80, 457 भा०द0स0, थाना सिकन्दरा,मु0अ0सं0-662/2020 <नाम> ३80, 457 भा०द0स0, थाना सिकन्दरा,मु0अ0सं0-664 // 2020 <नाम> 393 भा०द0स0, थाना सिकन्दरा, मु0अ0सं0-672/2020 धारा380, 457 भा0द0स०, थाना सिकन्दरा, मु0अ0सं0-712/2020 <नाम> 380, 457 भा०द0स०,थाना सिकन्दरा, मु0अ०सं0-713,/2020 <नाम> 380, 457 भा0द0स०, थाना सिकन्दरा एवंमु0अ0सं0-1032 /2016 <नाम> ३64 भा०द0स०, थाना सिकन्दरा, <नाम> प्रस्तुत किया गयातथा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थी / अभियुक्त को अन्य साथियों केसाथ बरामदगी स्थल से मय चोरी के <नाम> के पकड़ा गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त के द्वारा जमानत का दुरूपयोग <नाम> फरार होने तथा पुनः अपराध कारित किये जाने की <नाम> है। ", "अतः जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने कानिवेदन किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी एवं अन्य प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया। ", "केसडायरी एवं एफ०आई0आर० तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है किअभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की गाड़ी में से बैगचुराने तथा पुलिस द्वारा बरामदगी स्थल से मय चोरी के <नाम> के पकड़े जाने का आरोपहै। ", "उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज है। Bail Application/ 3982/2021 -Deepak Jahrkhand Vs. UP State 3प्रार्थी / अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। फर्द बरामदगी का कोई स्वतंत्रसाक्षी नहीं बताया गया है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहास प्रस्तुतकिया गया है, परन्तु दोष <नाम> का कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहींकिया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 29.02.2021से जिला कारागार में निरूद्ध है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित <नाम> व्यवस्था पवनकुमार <नाम> बनाम यू०पी0 राज्य 2007 (1) जे०आई०सी० 680 इलाहाबाद मेंमाननीय उच्च न्यायालय द्वारा यह विधिक सिद्धान्त प्रतिपादित किया है कि, “यदि आवेदकजमानत पाने का <नाम> है, तो उसका आपराधिक इतिहास होने के <नाम> जमातन सेइंकार नहीं किया जा सकता । " ] }
1GRANTED
Bail Application_1137_202125-02-20211886
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त केपिता <नाम> पुत्र <नाम> का शपथ पत्र संलग्न किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से अपने आवेदन पत्र में कथन कियागया है कि प्रार्थी को दिनांक 15.01.2021 को ठण्ड के <नाम> बुखार आ गया थाइसलिए वह अदालत नहीं आ सका था और नही अपने अधिवक्ता को सूचना देसका। प्रार्थी के विरूद्ठ दिनांक 15.01.2021 को माननीय न्यायालय द्वाराप्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्व गैर जमानती वारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 11.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्व है। ", "मैंने आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्तातथा अभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धा समस्त सामग्री काअनुशीलन <नाम> लिया है। इस मामले में आवेदक / अभियुक्त <नाम> जमानत <नाम> था उसके पश्चात न्यायालय में अनुपस्थिति के फलस्वरूप उसके विरूद्व न्यायालय द्वारा अजमानतीय अधिपत्र निर्गत किया गया जिसके फलस्वरूप वह उक्त अजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन में सम्बन्धित पुलिस द्वारा गिरफतार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुतकिया गया है। आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथनकिया गया है कि उसने जानबूझकर कोई गलती नहीं किया है। प्रार्थी को दिनांक15.01.2021 को ठण्ड के <नाम> बुखार आ गया था इसलिए वह अदालत नहीं आसका था और नही अपने अधिवक्ता को सूचना <नाम> सका। इसी कारणआवेदक / अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह प्रकट होता है किआवेदक / अभियुक्त दिनांक 11.02.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्व है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व मं जमानत <नाम> था और <नाम> जमानत देने के लिए तत्परहै। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष यह भीआश्वस्त किया है कि वह न्यायालय में नियत तिथियों <नाम> व्यक्तिगत <नाम> सेउपस्थित होता रहेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2516_201903-06-20193344
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> पिंकी पुत्री भूरी <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत कियागया है। ", "अभियोजन कथानक क अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 19.04.2019 समय 21.52 बजे थाने <नाम> इसआशय की तहरीर दी गई कि दिनांक 19.04.2019 को वादी की पत्नी <नाम> अग्रवालअपने निवास की तरफ से किशोरपुरा से आ रही थी। पीछे से एक मोटर साईकिलपल्सर जिसका रंग काला था <नाम> सवार दो लड़कों ने पत्नी के गले से झपटटामारकर सोने की जंजीर तोड <नाम> ले गये और भाग गये। वादी की तहरीर के आधारपर थाने <नाम> मुकदमा पंजीकृत हुआ। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे झूठा फसाया गया है। उसके पाससे कोई बरामदगी नही है। दिनांक 19.04.2019 को 13.00 बजे की घटना बताई गईजबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से 19.04.2019 को ही 21.52 बजे दर्ज कराई गईहै। इन आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने की प्रार्थना की गई। ", "विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए यह तरक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त लूट की घटना में सम्मलित रहा है ,उसके द्वारा लूट की घटना कारित की गई है। उसके पास से बरामदगी भी है। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडने का कोई आधार पर्याप्त नही है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "मैने प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान लोक अभियोजकको सुना एवं केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया गया । ", "केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 20.04.2019को अभियुक्त चन्द्रकान्ता उर्फ <नाम> व <नाम> को गिरफतार किया गया। अभियुक्तचन्द्रकान्ता उर्फ <नाम> के पास से पहने पेन्ट की <नाम> जेब से पीली धालु की चैन केटुकडे बरामद हुए तथा एल्प्राजोन नशीला पाउडर भी बरामद हुआ है। पूछताछ मेंउन्होंने बताया कि दिनांक 19.04.2019 को गढी भदौरिया के पास बिचपुरी रोड परअवधपुरी तिराहे के पास अपने साथी <नाम> के साथ मिलकर छीनी है। एक चैन 10 —_ 2 —_दिन पहले गुरू द्वारा फलाई ओवर के पास अपने साथ <नाम> के साथ मिलकर ओटो मेंजा रही एक महिला के गले से छीनी थी। एक चैन करीब एक महीना पहले गोल्डनजिम के सामने हरीपर्वत के सामने से अपने साथी <नाम> के साथ मिलकर छीनी थी। दिलीप के पास से एक अदद तंचा व एक जिन्दा कारतूस बरामद हुआ। इस प्रकारउपरोक्त बरामदगी के आधार <नाम> उसे इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है। कोईशिनाख्त नहीं कराई गई है <नाम> ही कोई जनसाक्षी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2227_202116-04-202115
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में प्रार्थिया / अभियुकता द्वारा स्वयं काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है कि जिसमें यह वर्णित है कि प्रार्थिया /अभियुक्ता का यहप्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्यन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा उपनिरीक्षकश्री <नाम> <नाम> द्वारा इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि दिनांक 31.01.2021को आवेदक <नाम> <नाम> किशोर <नाम> थाना रिफायनरी <नाम> द्वारा प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कियागया कि पिछले कई दिनों से उसके पास दो तीन अज्ञात नम्बरों से काल आयी जिसमेंकाल करने वाला अपना नाम कभी <नाम> कभी पुरूषोत्तम व कभी <नाम> <नाम> बनकरस्वयं को बीमा <नाम> बता रहा था और कहा कि उसकी एल0आई0सी0 की बीमा पालिसी लैप्स हो चुकी है, उसकी धनराशि प्राप्त करने <नाम> कुछ चार्ज लगेगा जिसके बादउसकी पालिसी का कूल धनराशि Yo 12,47,392 /-रूपये है, जिसका डी0डी0 उक्त लोगोंने उसके मोबाइल <नाम> पहले ही भेज <नाम> है, भेजे गये डी0डी0 में उन्होंने शिकायतकर्ता कानाम <नाम> <नाम> लिख रखा था जबकि उसकी पालिसी <नाम> किशोर <नाम> के नाम से थी, अत: उक्त लोगों के जालसाज होने का शक हुआ। जिस <नाम> शिकायतकर्ता ने उक्तलोगों से डी0डी0 के बदले नकद कैश देने की बात की, वह जिसे मान गये व <नाम> <नाम> Bail Application/3822 /2021 -Manjeshwari Puri Vs. UP State 2+ feat 31.01.2021 HI एस0एन0० मेडिकल कालेज के पास पैसे लेने की बात कही, जिस <नाम> शिकायतकर्ता द्वारा उक्त लोगों के जालसाज होने की सूचना प्राप्त होने <नाम> उपनिरीक्षक मय आरक्षीगण एस0एन0 मेडिकल कालेज पहुँचे एवं उक्त तीनों व्यक्तियों कोजालसाज पहचानकर इशारा किया जो कि पुलिस वालों को देखकर भागने का प्रयास करने लगे जिन्हें आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> मेडिकल कालेज के सामने पकड़ लिया गया। नामपता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम आकिब जिसके हाथ में दोमोबाइल फोन था तथा कंधे <नाम> बरामद <नाम> से कुल 23 अदद प्रपत्र मिले जिनके बाबतपूछने <नाम> आकिब ने बताया कि वह उन व्यक्तियों का डाटा है जिन व्यक्तियों ने पूर्व मेंविभिन्‍न कम्पनियों से बीमा पालिसी ली हुई है तथा उक्त डाटा उन्होंने आई0आई0एफ0०0सी0कम्पनी से चुराया है जिसमें वह पहले कार्य करता था उसकी पहनी हुई जींस की पीछे की जेब से आधार कार्ड के अलावा, एक अदद डी0एल0, एक अदद ए0टी0एम0 कार्ड, एकअदद मेटौ कार्ड, एक अदद आर0सी0 एवं 910 रूपये नकद बरामद हुये। दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया जिसके पास से एक अदद मोबाइल वीवो मिला जिसमें मौजूदडाटा का अवलोकन उपनिरीक्षक आशीष <नाम> द्वारा करने <नाम> पाया गया कि फोन में कईएक्सल फाइल मौजूद हैं जिसमें वही कालिंग डाटा है जिसका प्रिंट आउट मोहम्मद आकिबके पास है व मोबाइल में डी0डी0की फोटो थी तथा दाहिने जेब से एक अदद मोबाइलफोन व पिछले जेब से एक अदद पहचान पत्र आई०आई0एफ0एल कम्पनी का व फोटो <नाम> <नाम> एम्पालाई कोड समेत <नाम> पाया गया इसके अलावा एक अददडी0एल0, एक अदद वोटर आई0कार्ड0.एक अदद ए0टी0एम0 कार्ड एवं 14050 /-रूपयेनकद बरामद हुये। तीसरे ने अपना नाम रमेश गिरि बताया जिसके पास से दो अददमोबाइल एक सैमसंग व दूसरा वीवो का था उक्त मोबाइल को उ0निरीक्षक <नाम> <नाम> द्व एरा जॉचा गया तो कालिंग डाटा, डीडी के फोटो, कई बैंकों के स्टेटमेंट व मैसेज मौजूद थेएवं 730/ -रूपये नकद बरामद हुये। उक्त तीनों ने बताया कि वह आई0आई0एफ0एल0कम्पनी में नौकरी करते थे तथा वहां से डाटा चुराकर प्राप्त पालिसी धारकों को फर्जीआई0डी0 से किये गये नम्बरों से बीमा <नाम> बनकर काल करते थे तथा मोटी रकमवापस करने का प्रलोभन देकर व फर्जी डी0डी0 तैयार <नाम> व्हाटसएप्प व ई मेल के जरिये दिखाकर अपने फर्जी दस्तावेजों के आधार <नाम> धोखाधड़ी <नाम> एक बहुत मोटी रकम बैंकखातों में जमा कराई है। आज भी वह लोग एक व्यक्ति को पूर्व में भेजे गये कूटरचितSIS! 12,47,392 /-रूपये की रकम के एवज में सरचार्ज के <नाम> में मु0 43,000 /-रूपये नकद स्वयं बीमा <नाम> बनकर लेने आये थे। तीनों को जुर्म से अवगत कराते हुये समय16:40 बजे हिरासत पुलिस में लिया गया। बरामद सामान को मौके <नाम> सफेद कपड़े रखकर सील सर्वमोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया तथा फर्द मौके <नाम> तैयार कीगयी। ", "प्रार्थिया / अभियुक्ता के विद्धान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया किप्रार्थिया / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। जिस डी0डी0 के आधार परअभियोग पंजीकृत किया गया है तथा उसके पुत्र की गिरफ्तारी की गयी है, उसमें <नाम> तो Bail Application/3822 /2021 -Manjeshwari Puri Vs. UP State 3बैंक का नाम है और <नाम> ही मोबाइल नम्बर ही स्पष्ट है। अभियुकता किसी भी मोबाइल काप्रयोग नहीं करती है। अभियुक्ता ने किसी भी धन, चैक अथवा डी0डी0 की कूटरचना नहींकी है और <नाम> ही कोई आर्थिक <नाम> प्राप्त किया है। अभियुक्ता का वादी के साथ कोई लेनदेन नहीं हुआ है और <नाम> ही उसके साथ छल किया है। पुलिस से अभियुक्ता को गिरफ्तारी का भय है। अतः अभियुक्‍क्ता का अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार करते हुए विवेचना कीसमाप्ति <नाम> अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने के आदेश पारित किये जायें । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा अग्रिम जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध किया। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थिया / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता व विद्धान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा अभिलेखों का परिशीलन किया। ", "विवेचना के दौरान यह साक्ष्य सामने आया है कि अभियुकता के पुत्र सुमितकुमार द्वारा <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर, वादी एवं अन्य व्यक्तियों के साथ छल किया गया तथा उनके द्वारा छल के माध्यम से प्राप्त लाखों रूपयों का हस्तांतरण अपनेतथा अभियुकता <नाम> मंजेश्वरी <नाम> के खातों में किया गया है। विवेचक द्वारा सहअभियुक्तगण के बैंक खातों के विवरण के अतिरिक्त, अभियुक्ता <नाम> मंजेश्वरी <नाम> केबैंक आई0डी0एफ0सी0 बैंक, के खाता संख्या <फ़ोन-नंबर>4 का विवरण संकलित कियागया है, जिसके अनुसार अभियुकता मंजेश्वरी <नाम> के उक्त खाते में विभिन्‍न तिथियों में कईबार बड़ी धनराशि का जमा एवं आहरण हुआ है। अभियोजन के अनुसार <नाम> अभियुक्तगणके बैंक खातों से अभियुक्ता <नाम> मंजेश्वरी <नाम> के खाते में धनराशि का हस्तांतरण हुआहै, परन्तु अभियुक्ता द्वारा धनराशि के संबंध में कोई जवाब नहीं <नाम> गया है और <नाम> ही विवेचना में कोई सहयोग किया जा रहा है। प्रकरण में विवेचना प्रचलित है। <नाम> अभियुक्तगण रमेश <नाम> गिरि का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 40.02.2024 को अभियुक्त आकिब का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 18.022024 को न्यायालय अपर जिला एवं सत्रन्यायाधीश, न्यायालय सं० 24, <नाम> से, अभियुक्त <नाम> <नाम> का जमानत प्रार्थनापत्रदिनांक 92.03.20214 को न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0 3, <नाम> से अभियुक्ता <नाम> रामरती का अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 24.03.20214 कोन्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, <नाम> से निरस्त हो चुके हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_2688_202116-04-202120
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,आगरा द्वारा दिनांक 02.04.2021 को निरस्त किया जा चुका है। ", "अभियुक्त की ओर से उसके <नाम> टिन्कू की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत करते हुएकथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा डा0 आर.के.अग्निहोत्री, उप-मुख्य चिकित्साधिकारी, <नाम> द्वारा एत्माददौला जिला <नाम> <नाम> इसआशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 20.03.2021 को दर्ज करायी गयी कि अवैध भ्रूणपरीक्षण की जांच <नाम> गठित <नाम> टीम द्वारा आज दिनांक 20. 03.2021 को समय03.45 पी.एम. <नाम> सूचना प्राप्त हुई कि कतिपय डा0 द्वारा अवैध भ्रूण लिंग जॉच काकार्य किया जा रहा है, इस सूचना <नाम> वादी आदि द्वारा अपर नगर मजिस्टेंटतृतीय, एस.टी.एफ. <नाम> इकाई के प्रभारी निरीक्षक के साथ ए.सी.एम. तृतीय के नेतृत्वमें घटनास्थल ग्राम रैपुरा अहीर थाना अछनेरा <नाम> के निवासी योगेन्द्र <नाम> उर्फबनिया के घर <नाम> एकबारगी दबिश देकर घेरघार <नाम> दो अदद अल्टांसाउण्डमशीन+“पोर्टेबल/2 जिन <नाम> अवैध श्रूण लिंग की जॉच, धीरज पुत्र मेंहदी <नाम> द्वाराकी जा रही है, लेटी हुई गर्भवती महिला का नाम पता पूछा गया तो उसके द्वारा अपना Bail Application/ 4689/2021 -Banti @ Mohan Vs. UP State 2नाम <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> निवासी गोपऊ का नगला थाना अछनेरा आगराबताया तथा बताया कि वह तीन माह की गर्भवती है। मौके <नाम> धीरज के साथ तीनअन्य व्यक्ति योगेन्द्र <नाम> उर्फ बनिया पुत्र छोटेलाल, जोगेन्द्र <नाम> पुत्र रामबाबू, बन्टीउर्फ <नाम> <नाम> पुत्र सीयाराम तथा अवैध भ्रूण लिंग की जॉच <नाम> रहे व्यक्ति द्वाराअपना नाम धीरज पुत्र मेंहदी <नाम> बताया, साथ ही बताया कि उक्त मकान के बाहरast ast to एम.पी.06सीए-3016 स्विफ्ट कार सफेद रंग जिसके अन्दर एकअल्टांसाउण्ड मशीन पोर्टेबल <नाम> है, जिसको देखने <नाम> उक्त गाड़ी में बैठे चालकभरत <नाम> पुत्र बच्चू <नाम> से बरामद की गयी। धीरज द्वारा बताया गया कि उनके साथसरिता पत्नी उमेश <नाम> पुत्री चरन <नाम> <नाम> हॉस्पीटल के <नाम> डा0 <नाम> कुमारके मकान में रहकर उनके साथ अवैध भ्रूण लिंग की जॉच का कार्य करती है। टीम द्वारा बताये गये पते <नाम> दबिश देकर <नाम> को थाना एत्माद्दौला <नाम> मेंनियुक्त महिला उपनिरीक्षक चन्द्रकांता <नाम> द्वारा समय 05.25 बजे गिरफ्तार कियागया तथा उसके कब्जे से एक अदद अल्टांसाउण्ड मशीन बरामद की गयी। मौके सेपंकज <नाम> व डा0 <नाम> <नाम> मौके का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। पकड़े व्यक्तियों की जामा तलाशी में फर्द में उल्लिखित धीरज से 20300 रूपयेनकद, एक टच मोबाइल वीवो, एक मोबाइल की पैड सैमसंग, एक पीली धातु की चैनगले से, एक पीले धातु की अंगूठी दाहिने हाथ की पहनी उंगली से, योगेन्द्र <नाम> से10100 रूपये नकद, एक टच मोबाइल ओप्पो, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, जोगेन्द्रसिंह से 15500 रूपये नकद, एक टच मोबाइल ओप्पो, acl उर्फ <नाम> <नाम> से दोपहिया <नाम> रंग वाहन सं0 यू पी.80एफजे-3159, 13500 रूपये नकद, एक टच मोबाइलसैमसंग, एक कीपेड मोबाइल पीस, आधार कार्ड, पैन कार्ड, <नाम> से 18100 रूपयेनकद, एक सैमसंग की पैड मोबाइल, एक एप्पल, एक टच मोबाइल सैमसंग, एक टचमोबाइल रेडमी, <नाम> से 1370 रूपये नकद, एक टच मोबाइल वीवो, <नाम> <नाम> केकब्जे से 5220 रूपये नकद, एक टच मोबाइल ओप्पो बरामद किया गया। पकड़े गयेव्यक्तियों में से योगेन्द्र <नाम> उर्फ बनिया द्वारा बताया गया कि वह अपनी गाड़ी सं0यू0पी080एफबी-6876 हुण्डई से गर्भवती महिलाओं के भ्रूण लिंग की जॉच कराने केलिए लाने व ले जाने का कार्य करता था जिसे घटनास्थल से ही बरामद किया गया। अवैध भ्रूण लिंग की जॉच <नाम> रही गर्भवती महिला के साथ आये उसके <नाम> <नाम> सिंहपुत्र रमेश चन्द्र राजपूत को मौके से पकड़ा गया जिसके कब्जे से एक टच मोबाइलएम.आई. बरामद किया गया उसके द्वारा बताया गया कि उसने अपनी पत्नी श्रीमतीसीमा <नाम> जो कि तीन माह की गर्भवती है, का भ्रूण लिंग परीक्षण कराने <नाम> योगेन्द्रसिंह उर्फ बनिया को 8000 रूपये दिए थे। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुएहिरासत पुलिस लिया गया। बरामद <नाम> को सील सर्वमोहर किया गया। फर्द मौके परउप-मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा लिखी गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी / अभियुक्त ने कोईअपराध नही किया है, उसे इस केस में झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त के विरूद्धभ्रूण की जॉच कराने सम्बन्धी कोई भी आरोप नही है। अभियुक्त गिरफ्तारी केसमय घटनास्थल <नाम> नहीं था। उसे <नाम> में फोन <नाम> घर से बुलाया गया है। अभ्यिक्तदर्शित घटनास्थल से करीब पांच किमी0 दूर अपने गांव नगला मुरली में था और उसेफोन <नाम> बुलवाया गया था। अभियुक्त की कोई विशिष्ट <नाम> दर्शित नहीं की गयी Bail Application/ 4689/2021 -Banti @ Mohan Vs. UP State 3है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। प्रार्थी / अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नही है। अभियुक्त दिनांक 21.03.2021 सेकारागार में निरूद्ध है। मुकदमा मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अतःप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन किया गया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी),आगरा द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर षड़यंत्र के तहत धोखा देने व छल के प्रयोजन से अवैधरूप से भ्रूण लिंग जॉच का कार्य किया जा रहा था। अभियुक्त को मौके <नाम> गिरफ्तारकिया गया el we aged <नाम> <नाम> की जमानत निरस्त हो चुकी है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) , <नाम> को सुना तथा केस डायरी आदि का परिशीलन किया गया। ", "केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंएस.टी.एफ. टीम व स्वास्थ्य विभाग की <नाम> टीम द्वारा गोपनीय सूचना अवैध भ्रूणलिंग की जॉच के आधार <नाम> ग्राम रैपुरा अहीर थाना अछनेरा <नाम> के निवासी सहअभियुक्त योगेन्द्र <नाम> उर्फ बनिया के घर <नाम> दबिश देने <नाम> लेटी हुई गर्भवती महिलाश्रीमती <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> निवासी गोपऊ का नगला थाना अछनेरा <नाम> कासह अभियुक्त धीरज <नाम> द्वारा अवैध <नाम> पूर्व लिंग जॉच करते हुए पाये जाने परमौक <नाम> अभियुक्त बंटी उर्फ <नाम> को <नाम> अभियुकतगण के साथ गिरफ्तार किया गयातथा अभियुक्त के पास से वाहन संख्या यू0पी0 80 एफ0जे0--3159, 13,500 रूपयेनकद, एक टच मोबाइल सैमसंग कम्पनी, एक की पैड मोबाइल, आधार कार्ड एवं पैनकार्ड आदि बरामद किये गये। प्रथम सूचना रिपोर्ट व थाना आख्या के अनुसारप्रार्थी / अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण द्वारा अवैध <नाम> से लोगों से पैसे लेकर <नाम> सेपूर्व श्रृण लिंग की जॉच कराई जा रही थी। अभियुक्त बंटी उर्फ <नाम> को सहअभियुकतगण के साथ मौके <नाम> गिरफ्तार किया गया तथा उनके कब्जे से एकअल्टासाउण्ड मशीन एवं रूपये आदि बरामद किये गये हैं। <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> कीजमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-28, <नाम> के न्यायालय से दिनांक05.04.2024 को निरस्त की जा चुकी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1091_202006-08-2020523
agra
{ "facts-and-arguments": [ " जिला आगरा। ", "आदेशदिनाक : 06.08.2020थाना न्यू <नाम> <नाम> के मु0अ०सं0 151,/2020 अंतर्गत धारा323,504,506,307 भारतीय दण्ड <नाम> के प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्वअभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रशम जमानत प्रार्थनापत्र माननीय सत्रन्यायालय में प्रस्तुत किया गया है जो <नाम> अनुसार निस्तारण <नाम> स्थानांतरण द्वाराइस न्यायालय को प्राप्त हुआ है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> <नाम> दुबे द्वारादिनांक 01.03.2020 को समय 15.20 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी <नाम> कराई गई कि- उसका पुत्रकुनाल दुबे उम्र 16 वर्ष अपने साथीपडौसी <नाम> जेन के साथ टयूशन की फीस जमा करने दिनांक 01.03.2020 को सुबहकरीब 10.30 बजेजा रहा था। तभी रास्ते में चुगी स्कूल के पीछे चौराहे <नाम> हलवाईकी दुकान के सामने <नाम> लडके एक <नाम> होकर जिनमें <नाम> <नाम> व प्रशान्तठाकुरव दो अज्ञात लड़कों ने वादी के पुत्र को पकडलिया और टोन्‍्ट कसते हुए धक्कीमुक्की करने लगे। वादी क पुत्र ने <नाम> किया तो चारों लडके मिलकर मारपीट करनेलगे। जिससे वादी क पुत्र को गम्भीर <नाम> से मारपीट की तभी प्रशान्त <नाम> ने चाकूसे व लोहे की राड से वादी क पुत्र <नाम> जानसे मारने की नीयत से प्रहारकिया। जिससे प्रार्थी के पुत्र के उल्टी ऑख के ऊपर काफी गम्भीर चोटें आई। हल्ला गुल्लसुनकरबहुत से लोग इकटठे हो गये। अपने को फसता देखकर उपरोक्त चारो व्यक्ति Bail Application/4509/2020 —Mohit Thakur Vs. UP State 2वादी के पुत्र को चाकू दिखाते हुए <नाम> से मारने की धमकी देते हुए गाली-गलौजकरते हुए भाग गये। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया हैकि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है, वहनिर्दोष है। वादी के पुत्र को साईकिल से गिरने के <नाम> चोटें आई है और कोईचोट प्राणघातक नहीं है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त छात्र है औरउसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गई । ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। अन्यसह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के पुत्र <नाम> प्राणघातक हमला किया औरगाली-गलौज करते हुए <नाम> से मारने की धमकी दी। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत्रार्शना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त की जमानतप्रार्थनापत्र विद्वान मुख्य न्यायिक मजिस्टेट <नाम> द्वारा दिनांक 03.07.2020 को निरस्तकिया गया है। जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त पिता व पेरोकार राजबहादुर <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि घटना दिनांक 01.03.2020 के समय10.30 बजे के सबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट उसी <नाम> 15.20 बजे प्रार्थी / अभियुक्ततथा तीन अन्य के विरूद्ध भा0द0सं0 की <नाम> 323,324,504,506 और 307 के अर्न्तगतपंजीकृत कराई गई। पत्रावली <नाम> चुटैल कुनाल दुबे की चिकित्सीय परीक्षण आख्यासलंग्न की गई है। जिसके अवलोकन से विदित होता है कि उसके माथे <नाम> एककटा घाव 1.5 सेमी % 0.5 सेमी श ५८३। ०९९) तथा दो रेड कटीयूजन तथा दो दर्दकी शिकायत की चोटें <नाम> गई हैं। जिसे चिकित्सक ने साधारण <नाम> का पाया। पत्रावली <नाम> कोई अन्य पूरक चिकित्सीय परीक्षण आख्या मौजूद नहीं है। प्रकरण मेंआरोपपत्र प्रेषित हो चुका है। अभियुक्त दिनांक 17.03.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_1910_202115-03-20211122
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> मोहरश्री का शपथपत्र दाखिल कियागया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बितनहीं है। ", "संक्षेप में प्राथमिकी के आधार <नाम> अभियोजन कथानक इस प्रकारहै कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> ने थाने में इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायीकि वह अपनी पत्नी सहित अपने पुत्र से मिलने जम्मू, अपने निवास मकान संख्या 2पी0पी0 नगर <नाम> में ताला लगाकर गये थे। दिनांक 01 /02.11.2020 को <नाम> समय करीब 2:30 बजे से 03:45 बजे के मध्य उनके मकान के ताले एवं HRकाटकर चोरी हो गई है, उक्त घटना कालोनी में लगे दो मकानों के सी0सी0टी0वी0कैमरों में रिकार्ड हुई है। घटना अज्ञात चोरों ने की है उनको चोरी की सूचना दिनांक02.11.2020 को सुबह 08:30 बजे <नाम> <नाम> <नाम> व कालोनी के गार्ड ने बतायी। चोरी हुये सामान में 4. एक हार सोने का वजनी 40ग्राम 2. दो अदद सोने की चूड़ी25 ग्राम, 3. पेन्डल चेन सहित वजनी 60ग्राम 4. झुमकी सोने की एक जोड़ी वजनी15 ग्राम, 5. बाली सोने की दो जोड़ी वजनी 8 ग्राम, 6. टप्स सोने की वजनी 10ग्राम7. अँगूठी सोने की मय डायमंड, 8. अँगूठी सोने की 60 ग्राम, 9. कमरबंद चॉँदी के दोअदद वजनी 800 ग्राम, 10. <नाम> चॉदी के <नाम> अदद वजनी 250ग्राम 11. थाली Bail Application /1910/2021 -Janak Vs. UP State 2dial की पॉच अदद वजनी 1 किलोग्राम 12. चॉदी apt 25 अदद वजनी 250ग्रामUd 13. बाईस हजार रूपये नकदी शामिल थे। रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाहीकिये जाने की <नाम> की गई है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि उसे झूठा फंसायागया है। उसने किसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्राथमिकी अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। यह भी कथनकिया गया है कि आवेदक के पास से कोई भी प्राथमिकी में वर्णित <नाम> व चोरी कीमाल बरामद नहीं हुई हैं और <नाम> ही उसे मौके से गिरफतार किया गया है तथा घटनाकी रिपोर्ट घटना के 60 घंटे के विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। पुलिस द्वारा बरामदकिया गया <नाम> प्राथमिकी से भिन्‍न है एवं वह उसकी विधवा माँ का है। वह दिनांक29.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधारों <नाम> अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुयेयह कथन किया गया है कि अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ0) के कथनों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "अभियोजन के प्रपत्रो के अनुसार वर्तमान मामले में अभियुक्त को पुलिसपार्टी द्वारा अज्ञात प्राथमिकी के आधार <नाम> गिरफतार किया गया है तथा गिरफतारी वबरामदगी की कार्यवाही <नाम> के किसी भी स्वतंत्र <नाम> के समक्ष नहीं किया गयाहै। कथित प्राथमिकी में वर्णित वस्तु की बरामदगी आवेदक के कब्जे से नहीं हुई है। प्राथमिकी 60 घंटे के विलम्ब से दर्ज करायी गयी है विलम्ब का कोई <नाम> स्पष्टनहीं है। वर्तमान मामले में अभियुक्त 29.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त विचारण के दौरान न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने हेतुअपनी पर्याप्त जमानते देने को तैयार हैं। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गयाआरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5932_201917-10-20192840
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र बताया गया है तथा इसके साथ बृज <नाम> पुत्र बेताल <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना ताजगंज जिला <नाम> ने दिनांक 31.07.2019 को 02.15 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण वेदप्रकाश व रविन्द्र उफ <नाम> के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर वेदप्रकाश है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> मोबाईल चोरी /लूटपाट जेसे जघन्य अपराध करके आर्थिक <नाम> से धनअर्जित <नाम> <नाम> प्राप्त करते है । अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16,17, 22, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गयाहै। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त ने घटना से सम्बन्धित कोई अपराध कारित नही किया है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। वह बाल्मीक समाज का युवक है। उसकाकोई पूर्व आपराधिक इतिहास नही है <नाम> किसी मामले में वह सजायाफता है। उसने समाज के किसी भीव्यक्ति से <नाम> चौथ मागी है <नाम> ही उसका कोई संगठित गिरोह एवं गैग है। <नाम> ही अवैध तरीके से उसनेकोई भी <नाम> के व्यक्ति से धन अर्जित किया है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। वह अपनी विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय गैगलीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमेंउनके विरूद्ध(1) अ.सं. 43/19 धारा-392,411 भा.द.सं. थाना-ताजगंज जिला आगरा। का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकको सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया । ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामला दर्शायागया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर मोबाईल चोरी / लूटपाट जैसे जघन्य अपराध करके 2आर्थिक <नाम> से धन अर्जित <नाम> लाम प्राप्त करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाताऔर(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रशनहै, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर मोबाईल चोरी /लूटपाट जैसे जघन्य अपराध करके आर्थिक रूपसे धन अर्जित <नाम> <नाम> प्राप्त करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्तअपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_561_202007-03-2020133
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त की माता व घैरोकारश्रीमती कपूरी <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैकि वादिया मुकदमा <नाम> रामबेटी द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इसआशय की पंजीकृत करायी गयी कि दिनोक 12.04.2019 को वह अपनी पु्नीकंचन और <नाम> के साथ सुबह 09:00 बजे नर्सरी <नाम> <नाम> करने के लिएगए थे। घर <नाम> उसके <नाम> सिंधी उर्फ <नाम> <नाम> घर <नाम> थे। सांय के समयजब हम वापस घर <नाम> आए तो घर से <नाम> कुशवाह को जाते देखा। घरके अन्दर गए तो उसके <नाम> लह्टुलुहान पड़े थे। वह अपने <नाम> को लोगों कीसहायता से अस्पताल लेकर गयी तो डॉक्टरों ने मृत बना दिया। उसके <नाम> Bail Application/ 3359/2020 —-Dinesh Kushwah Vs. UP State 2को <नाम> कुशवाह ने धारदार हथियार से चोट मारकर हत्या <नाम> दी है। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते इुएकशन किया गया कि प्रार्थी /अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादियामुकदमा के <नाम> की हत्या <नाम> उसके घर से लूटपाट की गयी है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 12.07.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी व वादिया एक ही कम्पनी में साथ <नाम> करते हैं जिसकम्पनी में गुरूवाद व रविवार को मीटिंग हुआ करती थी, बाकी <नाम> पार्टियोंसे बात की जाती थी। प्रार्थी अपनी कम्पनी के <नाम> के सिलसिले में बातकरता था और <नाम> ठीक से करने के लिए <नाम> था क्योंकि वादिया एकनर्सरी में <नाम> करती थी जिस <नाम> कम्पनी का <नाम> ढंग से महीं करतीथी। इसी <नाम> वादिया ने इस झूठे केस में प्रार्थी को फंसा <नाम> है । प्रार्थीको घटना के तीन साह <नाम> पुलिस घर से उठाकर ले गयी है। प्रार्थी के पासइस घटना को कारित करने का कोई उद्देश्य नहीं था। प्रार्थी से कोई भीवस्तु बरामद नहीं हुई है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भीन्यायालय अथवा माननीय उच्च ऱ्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 12.04.2019 की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादिया मुकदमाके <नाम> की हल्या <नाम> उसके घर में लूटपाट करने तथा उससे लूट का मालबरामद होने का आरोप है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध मृतक सिंधी उफ <नाम> सिंहकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की छायाप्रति के अवलोकन से यह दर्शित होता है किउसका पोस्टमार्टम दिनांक 13.04.2019 को समय 03:10 पी0एम० <नाम> कियागया है जिसमें उसकी मृत्यु का <नाम> मृत्यु पूर्ण आयी चोटों के कारणरक्वस्राव व आघात से होना बताया गया है तथा उसके शव <नाम> छाती, गर्दन Bail Application/3359/2020 -Dinesh Kushwah Vs. UP State 3आदि अन्य जगहों <नाम> चोटें पायीं गयीं हैं। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामितहै। पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी की निशानदेहीपर घटना में प्रयुक्त आला कत्ल कैची की बरामदगी की गयी है। प्रार्थी द्वारा प्रश्‍नगत अपराध में संलिप्त होने का कथन किया गया है। सह-अभियुक्त रमाकान्त कुशवाह की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनांक 06.03.2020 कोनिरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी को झूंठा व निरर्थक फंसाए जाने का कोईकारण दर्शित नहीं होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4866_201930-09-20193458
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अपराध संख्या 221/2019जमानत प्रार्थनापत्र संख्या-5064 / 2019CNR NO. UPAG01-017239-2019सुभाष पुत्र नरायन सिंह,निवासी गाव गुढा थाना अछनेरा, जिला आगरा। अभियुक्तप्रतिउ.प्रराज्य -अभियोगीधारा 147,148,307,323,324,325,504,506भा०द0सं0३(2)5 एस.सी. / एस.टी.एक्टथाना अछनेरा जिला आगरा। अपराध संख्या 221/2019एवंजमानत प्रार्थनापत्र संख्या-5228 / 2019CNR NO. UPAG01-0 016568-2019गोविन्दा पुत्र भगवान सिंह,निवासी गाव गुढा थाना अछनेरा, जिला आगरा। अभियुक्तप्रतिउप्र-राज्य -अभियोगीधारा 147,148,307,323,324,325,504,506भा0द0सं0३(2)5 एस.सी. / एस.टी.एक्टथाना अछनेरा जिला आगरा। अपराध संख्या 221/2019दिः 30.09.2019्रार्थी/अभियुक्तगण परभाती उर्फ पिस्सू <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> व — 2 —_गोविन्दा की ओर से मुकदमा अपराध संख्या 221/2019 <नाम> 147,148,307,323,324,325,504,506 भा0०दं0सं0 व <नाम> ३(2)5 एस.सी. / एस.टी.एक्ट थाना अछनेराजिला <नाम> में जमानत <नाम> प्रथक प्रथक प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किये गये हैं। अभियुक्तगण न्यायिक अभिरक्षा में है। तीनों ही जमानत प्रार्थनापत्र एक ही अपराधसे सम्बन्धित होने के <नाम> तीनो जमानत प्रार्थनापत्रों का निस्तारण एक साथ कियाजा रहा है। समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> भगवान सिह के शपथपत्र दाखिलकिये गये हैं । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> के द्वारा थाना अछनेरा, <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक12.06.2019 को यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि दिनांक 04.06.2019 कोशाम करीब 08.00 बजे जब उसका बेटा <नाम> भतीजा भूपेन्द्र, <नाम> <नाम> किशनकिरावली से मजदूरी करके <नाम> को अपने गॉव आ रहे थे। गाव के बाहर पहले सेगोविन्दा, <नाम> फूला, <नाम> <नाम> सुतीश, बादाम, <नाम> चिम्मन, <नाम> पिस्सूनिवासीगण ग्राम गुढा थाना अछनेरा <नाम> तथा <नाम> का रिश्तेदार <नाम> लखनसडक किनारे बैठकर शराब पार्टी <नाम> रहे थे। इन्होंने उसके बेटे <नाम> कोरोककर कहा आज कितने रुपये कमा <नाम> लाये हो। तुम तीनो तीन सौ रुपये शराबके दो जब रुपया देने से <नाम> किया तो उपरोक्त सभी लोगों ने एक <नाम> होकरगाली-गलौज करते हुए <नाम> भूपेन्द्र, <नाम> किशन को बुरी तरह से <नाम> सेमारने की नीयत से मारापीटा। शोर सुनकर <नाम> रामवती व <नाम> <नाम> बचानेआई तो उन्हें भी बुरी तरह से मारापीटा। मौके <नाम> रास्ता चलते गुडडी, यशपाल,राजवीर आदि ने घटना को <नाम> है। मारपीट में जब <नाम> के सिर व शारीर मेंज्यादा चोट आई तो उसे मरा हुआ समझकर यह कहते हुए सभी लोग चले गये लोएक ढेड चमरू तो मर गया। अब सालों चमारों ढेड यदि गॉव छोडकर नहीं गये तोकिसी <नाम> एक एक <नाम> <नाम> की तरह <नाम> से मार देगें । ", "्रार्थी/अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण को झूठा फसाया गया है, कोईअपराध कारित नहीं किया। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि घटना दिनांक 04.06.2019 की दिखाई गई है। जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 12.06.2019 कोदर्ज कराई गई है। बिलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नही <नाम> गया है जो चोटें बताईजाती है वह प्राणघातक नहीं है। इसके अतिरिक्त यह भी तकं प्रस्तुत किया गयाकि इस मामले में अभियुक्तगण की आर से मुकदमा अपराध सं0 258/19 थाने परन्यायालय के माध्यम से दर्ज कराया गया है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं, जमानतदे दी जाये। ", "वादी को नोटिस जारी की गई। वादी उपस्थित आया। विद्वान लोकअभियोजक व वादी के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया। अभियोजन की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तगणद्वारा घटना कारित की गई और चोटें पहुँचाई गई है। आरोपपत्र भी चारोंअभियुक्त्गण के विरूद्ध प्रेषित किया जा चुका है। जातिसूचक शब्दों से अपमानितकिया गया। अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि दिनांक 04.06.2019की घटना है। <नाम> के पिता द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 12.06.2019 कोदर्ज कराई गई है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नही <नाम> गया है। अभियुक्तगण द्वारा शराब पीने के लिए पैसे मॉगना कहा गया है। अभियुक्तगण केपास कोई हथियार दर्शित नहीं किये गये है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6922_201930-11-20191123
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पेरोकार <नाम> रूखसार नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> शिवहरे द्वारा दिनांक 31.12.2018को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि वह बड़ा बाजार, कोतवाली, <नाम> का रहने वाला है। उसके दोस्त <नाम> ने उसको एक पण्डित <नाम> का मोबाइल नम्बर दियाऔर कहा कि ये पण्डित <नाम> का मोबाइल नम्बर है, वह उसको ठीक <नाम> देगें। आजदिनांक 31.12.2018 को वह दोपहर करीब 2.30 बजे उनसे मिलने के लिए आगराआया, पण्डित <नाम> उससे मिलने के लिए अपनी गाड़ी नं० यू0पी0 80 एच.ए. 9975 जिसपर आरपी.ई. लिखा था, से आये, उनके साथ दो अन्य अज्ञात व्यक्ति भी थे। उन लोगों ने उस <नाम> जादू टोना करके उससे 51हजार रूपये, एक सोने की चैन, एक सोनेकी अंगूठी, छल करके ले ली तथा उसको मधुनगर चौराहे <नाम> छोड़कर यह कहकरचले गये कि वह लोग <नाम> आ रहे है। किन्तु वह लोग नहीं आये। उक्त तीनोंव्यक्तियों ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। (2)वादी की तहरीर <नाम> वाहन सं० यू0पी0 80 एच.ए. 9975 के चालक व दो अन्य व्यक्ति नाम पता अज्ञात के विरूद्र थाना सदर बाजार <नाम> मु0अ0सं0 1408 / 2018 धारा406, 420 भा0द0सं0० में प्राथमिकी <नाम> की गई। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूंठा फँसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त कोअन्य प्रकरण में गिरफ्तार किए जाने के उपरान्त, अभियुक्त का इकबालियाँ बयान लिखकर, अभियुक्त के स्वंय के रूपये इस मामले में फर्जी <नाम> से बरामद दिखाये गयेहै, जबकि कथित बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। <नाम> अभियुक्तगण अरमान एवं युसुफ की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकीहै। आवेदक / अभियुक्त का केस <नाम> अभियुकतगण के केस के समान है। अभियुक्त दिनांक 0408 2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्दर है। अत: जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की प्रार्थना की गई । विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि <नाम> अभियुक्तगण अरमान एवं युसुफ की जमानत सत्र न्यायालय द्वारास्वीकार की जा चुकी है। आवेदक / अभियुक्त का केस <नाम> अभियुक्तगण के केस केसमान है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक / अभियुक्त पास से उक्त अपराध से सम्बन्धित ठगी करके लिए गये रूपये में से पॉँच हजार रूपये बरामद होने का आरोपहै। " ], "judge-opinion": [ "विवेचना के दौरान दिनांक 04.08.2019 को <नाम> अभियुकतगण तसलीम एवंमोवीन के साथ गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त के पास से उक्त अपराध से सम्बन्धित पाँच हजार रूपये बरामद होने <नाम> अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण को इसमामले में नामित करते हुए अपराध में <नाम> 411 भा०द0सं0 की बढोत्तरी की गई । ", "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियुक्त को मौके <नाम> गिरफतार नहींकिया गया है। अभियुक्त द्वारा कथन किया गया है कि उसको अन्य प्रकरण में गिरफ्तार किए जाने के उपरान्त, उसके स्वंय के रूपये इस मामले में फर्जी <नाम> सेबरामद दिखाते हुए, इस प्रकरण में संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। कथित घटना का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। यह तथ्य अविवादित है कि <नाम> अभियुक्तगण अरमान एवं युसुफ की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अपराध (3)OA WRIT UA WO: 6922 / 2019 प्रार्थना पत्र सं0: 6922 / 2019 मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है तथा अभियुक्त दिनांक 04.08.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4554_202008-01-20213914
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार उदयवीर ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी प्रभारी निरीक्षक सूरज <नाम> दिनाक22.11.2020 मय हमराहियान देख रेख, <नाम> व्यवस्था, तलाश वांछित अभियुक्त में ग्रामनिबोहरा से आगे रामगढ़ की ओर पक्की सड़क <नाम> मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिरखास द्वारा सूचना <नाम> कि इस पैट्रोल पम्प के पीछे बीहड़ में उंचे टीलों की आड़ मेंकई व्यक्ति ईंटों की भटटी बनाकर शराब बना रहे हैं। सूचना <नाम> <नाम> करकेपुलिस टीम मुखबिर द्वारा बताए स्थान <नाम> पहुँची तथा पूर्ण <नाम> होने <नाम> कि येव्यक्ति उंचे टीलों <नाम> शबरा बना रहे हैं, एक बारगी दबिश देकर उन्हें पकड़ने का प्रयास किया गया तो मौके से एक व्यक्ति को पकड़ लिया गया तथा दो व्यक्ति बीहड़ (2) का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गए। पकड़े गए व्यक्ति से नाम पता पूछा तोउसने अपना नाम भाव <नाम> बताया तथा जामा तलाशी में कुल 7800,/- रूपएतथा एक मोबाइल बरामद हुआ। भागे गए व्यक्तियों के नाम पूछे तो एक व्यक्ति का नाम शिवराम बताया तथा कहा कि दूसरे व्यक्ति का नाम वह नहीं जानता, शिवराम ही जानता है। मौके से 25 लीटर कच्ची शराब, कच्ची शराब बनाने के उपकरण, विदेशमदिरा के 160 नकली लेबिल बरामद किए गए। अभियुक्त को जुर्म से अवगत करातेहुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "फर्द बरामदगी व गिरफ्तारी के आधार <नाम> अभियुक्तगण भाव <नाम> शिवराम व एक अज्ञात व्यक्ति के विरूद्र थाना निबोहरा, जिला <नाम> <नाम> मु0अ0सं099 / 2020 <नाम> 272, 273, 420, 467, 468 भाठ5द0सं0 व <नाम> 606) उत्तद प्रदेशउत्पाद शुल्क » आबकारी अधिनियम में प्राथमिकी <नाम> की गई । ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष हैं एवं उसको इस प्रकरण में झूंठा नामित किया गया है। अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया हैं। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्तको झूठा नामित किया गया है। अभियुक्त की मौके से गिरफतारी नहीं है। सहअभियुक्त भाव सिह की जमानत पूर्व में स्वीकार हो चुकी है। अभियुक्त दिनाक 23.12. 2020 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। अत: आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिया जाए । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त द्वारा सह-अभियुक्तगण के साथमिलकर अवैध <नाम> से शराब का निर्माण किया गया जा रहा था। अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा मौके से गिरफतार किया गया है तथा मौके से कच्ची शराब, शराब बनाने केउपकरण तथा अंग्रेजी <नाम> के लेबिल बरामद किए गए हैं। अभियुक्त द्वारा कारितअपराध गम्भीर <नाम> का हैं, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थनाकी गई । " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिक के तरककों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक / अभियुक्त के साथी कब्जे से 25 लीटर कच्ची शराब व शराब बनाने के उपकरण बरामद हुए हैं। घटना का कोई स्वतन्त्र चश्मदीद <नाम> नहीं है। आवदेक / अभियुक्त दिनांक 23.12.2020 सेकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_43_202007-02-20201303
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> <नाम> नेथाने <नाम> दिनांक 04.01.2020 को इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि कलरात दिनांक 02.01.2020 को उसके घर चोरी हो गयी। वे सभी घर वाले एककार्यकम में गये थे, जिसमें उसके 2 एल0ई0डी0 टी0वी0, 15000 नगद, दो जोड़ीपायल <नाम> की, 4 चैन सोने की, कुछ कपड़ो चोरी हो गये हैं तथा मकान मेंतोड़फोड़ <नाम> गये हैं। आगे कहा कि 6 महीने पहले भी चोरी की गयी थी। मकानका ताला तोड़कर चोरी की गयी है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी / अभियुक्त Bail Application/2292/2020 -Kishan Vs. UP State 2निर्दोष है, उसने कोई अपराध नही किया है, उसे इस प्रकरण में तथा अन्य मुकदमेंलगाकर झूंठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त ने कोई चोरी नही की <नाम> ही उससेकोई बरामदगी हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> का कोई भी स्वतत्र <नाम> नहीहै, बरामदगी का भी कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। प्रथम सूचना रिपोर्ट 2 <नाम> विलम्बसे दर्ज करायी गयी है, देरी का कोई स्पष्टीकरण नही <नाम> गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है, प्रार्थी / अभियुक्त एफ.आई.आर. में नामित नहीहै। इलाका पुलिस ने उच्चाधिकारियों को गुडवर्क दिखाने के उद्देश्य से झूठी वफर्जी बरामदगी प्लांट <नाम> झूंठा फंसा <नाम> है। <नाम> अभियुक्तगण <नाम> व <नाम> कीजमानत मा0 सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 31.01.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/, अभियुक्त दिनांक 19.04.2020 से जेल में निरूद्ध है। अतः प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन किया गया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताDIMEN द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा कहा गया है कि अपराध गम्भीरप्रकृति का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्क सुने तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया। ", "पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंप्रार्थी,, अभियुक्त नामजद नही हैं। फर्द बरामदगी के अवलोकन से स्पष्ट है किदिनांक 18.01.2020 को प्रार्थी /अभियुक्त व <नाम> अभियुक्तगण को पुलिस द्वारागिरफ्तार किया <नाम> तथा अभियुक्त के कब्जे से तीन जोड़ी बिछिया सफेद धातुकी व एक सफेद बोरे में हाथ से पकड़े हुए एक बैट्री बरामद किया <नाम> तथागिरफ्तारी के उपरान्त स्वयं अभियुक्त द्वारा इस प्रकरण की कथित चोरी की घटनास्वीकार किया <नाम> कहा गया है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही दर्शाया है। सह अभियुक्तगण <नाम> व <नाम> की जमानत माननीय सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक31.01.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 19.01.2020 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्तका पूर्व कोई आपराधिक इतिहास होना नही बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2177_202021-08-2020207
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में दलवीर का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन केस इस प्रकार है कि वादी मुकदमा, निरीक्षकअजय किशोर द्वारा थाना छत्ता,आगरा <नाम> इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराईगयी कि जिलाधिकारी, <नाम> द्वारा अनुमोदिन गैंग चार्ट के अनुसार अभियुक्तअयूब गैंग लीडर है तथा <नाम> पुत्र सोरन <नाम> शिवा पुत्र <नाम> सिंह,ओमवीर पुत्र <नाम> <नाम> उक्त गैंग के सदस्य हैं, जो लूट व डकैती तथाअवैध असलाह रखने जैसे जघन्य अपराध करने के आदी हैं तथा <नाम> काफीभयं एवं आतंक है। अभियुक्त द्वारा भा0दं0सं0 के अध्याय 16 एवं 17 में वर्णितदण्डनीय अपराध कारित किया गया है। आम <नाम> में <नाम> भय एवं आतंकव्याप्त है। इनके विरूद्ध विभिन्न थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। अभियुक्त ओमवीर एवं उसके साथियों के विरूद्ध थाना छत्ता, <नाम> <नाम> धारा2/3 उ०प्० गिरोहबंद अधिनियम व समाज विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम केअर्न्तगत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने केआशय से झूठा अभियोग दर्ज कराया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध दर्शितआपराधिक इतिहास में मु0अ0सं0 279/2017 अर्न्तगत <नाम> 399,402भा0दं0सं0 थाना छत्ता, <नाम> में जमानत माननीय उच्च न्यायालय से स्वीकारकी जा चुकी है। मु0अ0सं0 281/2017 अर्न्तगत <नाम> 3/25 आयुध Bail Application/6501/2020 -Omveer @ Omi @ Ajay Vs. UP State 2 अधिनियम थाना छत्ता,आगरा के मामले में जमानत प््रार्थनापत्र अपर जिलाजज,आगरा के न्यायालय में विचाराधीन है। अभियुक्त दिनांक 16.11.2017 सेन्यायिक अभिरक्षा में, जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतएव उसेजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की प्रार्थना की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैतथा वह गैंग का सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट,आगरा से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध निम्न अभियोगलम्बित हैं- 1.मु0अ०सं0 2739/2017 अंधारा ३99,402 भा०दं0सं0 थाना-छत्ता आगरा2. मु०अ०सं0 281/2017 अर्न्तगत <नाम> 3/25 आयुधअधिनियम थाना छत्ता, आगराअभियुक्त के विरूद्ध अपराध गंभीर <नाम> का है। अतएव जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली एवं केस डायरी,गैंगचार्ट आदि कापरिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार अभियुक्त ओमवीर के विरूद्ध दो अभियोग थानाछत्ता,आगरा <नाम> पंजीकृत है जो लूट की <नाम> बनाने एवं अवैध शस्त्र कीबरामदगी से सम्बच्धित हैं। जहां <नाम> मु0अ0सं० 279//2017 अर्न्तगत धारा399,402 भा.द.स. थाना छत्ता, <नाम> के मामले अभियुक्त की जमानत स्वीकारहोने का प्रश्‍न है, अभियुक्त उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है। उसकीकेवल जमानत स्वीकार हुई है। मु0अ0सं0 281/2017 अनर्तगत <नाम> 3/25आयुध अधिनियम थाना छत्ता, <नाम> के मामले में जमानत प्रार्थनापत्र लम्बितहोना कहा गया है। अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शित अभियोग एवंउसकी <नाम> तथा अभियुक्त द्वारा गैंग के सक्रिय सदस्य के <नाम> में लूट जैसेअपराध करने से सम्बन्धित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4)में वर्णित प्रावधान के दृष्टिगत, न्यायालय का यह समाधान नहीं है किअभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है तथा जमानत <नाम> रहते हुए, उसकेअपराध करने की <नाम> नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1348_202112-03-20211162
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> रोशनद्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का रिश्तेदार हैतथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्यन्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीनहै और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी दिनांक 07.11.2020 कोसमय <नाम> में 2 बजे आवश्यक कार्य से <नाम> कचहरी <नाम> आया था <नाम> केगेट नं0०-2 <नाम> मैंने अपनी गाड़ी स्पलेण्डर प्रो यू0पी0-80-बी0यू0 3589 को लॉकलगाकर खड़ा <नाम> <नाम> था कुछ समय <नाम> जब मैं <नाम> से वापिस आया तो मेरी @) Application No. 1348/2021 -Manish Chaudhary Vs. UP Stateमोटर साइकिल गायब थी कोई अज्ञात चोर मोटर साइकिल को <नाम> <नाम> ले गया। मैंने मोटर साइकिल को काफी तलाश किया कोई पता नहीं चल पाया है। रिपोर्ट दर्जकरने की <नाम> करें। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी सेदर्ज करायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। उसे गलत व झूठेतथ्यों के आधार <नाम> फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त अ0सं0 28/2021, AATसादाबाद कोतवाली, <नाम> के मुकदमें में दिनांक 14.01.2024 से जिला कारागार,अलीगढ़ में निरूद्ध है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का बी वारन्ट माननीय न्यायालय में दिनांक02.02.2021 को प्रेषित किया गया, जिसके आधार <नाम> प्रार्थी को माननीय अवरन्यायालय द्वारा अपनी न्यायिक हिरासत में लिया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त से कोईबरामदगी नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त को दिनांक 12.01.2021 को पूछताछ के बहाने सेथाना सादाबाद की पुलिस घर से उठाकर ले गयी थी, <नाम> में गलत व झूठे तथ्यों केआधार <नाम> अपराध सं0-28 / 2021, <नाम> 411, 414 भा0द0सए में नामजद <नाम> दियागया है। प्रार्थी / अभियुक्त के पास से एक अद्‌द तमंचा 315 बोर मय दो कारतूसदिखायी है। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी का कोई समय नहीं दिखाया है और <नाम> ही जनताका कोई स्वतंत्र <नाम> है और <नाम> ही गोदाम प्रार्थी / अभियुक्त का है। मात्र प्रार्थी केजुर्म इकबाल के बयान के आधार <नाम> मुल्जिम बनाया गया है। उक्त बरामदगीअभियोजन के कथनानुसार <नाम> बरामदी है। घटना दिनांक 07.11.2020 की है, परन्तुजब से अब <नाम> कोई भी साक्ष्य प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध नहीं आया है। 2 माह सेअधिक की देरी के <नाम> उपरोक्त मुकदमें में प्रार्थी,, अभियुक्त को संलिप्त <नाम> दिया,जबकि उपरोक्त मुकदमा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध दर्ज है। मु0अ0सं0 28,/2021, धारा-411, 414 भा0द0सठ, थाना-सादाबाद कोतवाली, <नाम> के मामाले मेंप्रार्थी,/ अभियुक्त की जमानत अपर जिला जज, न्यायालय सं०-3, <नाम> द्वारा दिनांक10.02.2021 को स्वीकृत की जा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त कोई सजायाफ्ता मुल्जिमनहीं है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारा दिनांक15.02.2021 को निरस्त हो चुका है। प्रार्थी / अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की जाती है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा स्वयंउक्त मोटरसाइकिल चोरी किया <नाम> स्वीकारा है तथा सादाबाद, जिला हाथरसपुलिस द्वारा अभियुक्त को दिनांक 13.01.2024 को एक अद्द तमंचा 315 बोर मय दोकारतूस तथा चोरी की गयी मोटरसाइकिलों व इंजन के साथ गिरफ्तार किया है। ", "अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त शातिर किस्म का व्यक्ति हैं, पुनः इस प्रकार के @) Application No. 1348/2021 -Manish Chaudhary Vs. UP Stateअपराध में सम्मिलित होने की <नाम> है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। यहकहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्कों को सुना। केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारावादी की मोटर साइकिल चोरी किया <नाम> कहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। घटना दिनांक 07.11.2020 की दर्शायी गयी है जबकि प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनांक 24.01.2021 को देरी से दर्ज करायी गयी है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट देरी से दर्ज कराने का कोई समुचित स्पष्टीकरण अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहींकिया गया है। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभियुक्त कोउसके जुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> उक्त मामले में नामजद किया गया है। अभियुक्त व अन्य को मु0अ0सं0 28/2021, धारा-411, 414 भा0द0सए,थाना-सादाबाद कोतवाली, <नाम> के मामाले में दिनांक 13.01.2021 को गिरफ्तारकिया गया है, जिसमें प्रार्थी / अभियुक्त के पास से एक अद्द तमंचा 315 बोर मय दोकारतूस तथा सम्मिलित <नाम> से 23 मोटर साइकिल व वाहन के अन्य पार्ट्स कीबरामदगी कबाड़े के गोदाम से होना बतायी गयी है जो बदन <नाम> नामक व्यक्ति काहोना बताया गया है। चोरी व बरामदगी का कोई जनसाक्षी प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया है कि चोरी की मोटर साइकिलेंबरामदगी वाले मामले में अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 3, <नाम> सेअभियुक्त की जमानत दिनांक 10.02.2021 को स्वीकार की जा चुकी है तथा आदेशदिनांकित 10.02.2021 की सत्यापित छायाप्रति दाखिल की गयी है। अभियोजन द्वाराअभियुक्त का आपराधिक इतिहास बताया गया है परन्तु अभियुक्त को किसी मामले मेंदोषसिद्ध किये जाने का कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्ारा प्रस्तुत नहीं किया गयाहै। वर्तमान में सभी मामले विचाराधीन बताये गयें हैं। प्रार्थी / अभियुक्त को दिनांक02.02.2021 को जारी बी वारण्ट के आधार <नाम> इस अपराध में न्यायिक अभिरक्षा मेंलिया गया है। अभियुक्त मामले में झूंठा फंसाना <नाम> है तथा किसी भी प्रकार कीबरामदगी से इंकार करता है। अभियुक्त उक्त मामले में बी वारण्ट के आधार परदिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वइरा कथन किया गया कि मामले में <नाम> अभियुक्त नेत्रपाल <नाम> का जमानत प्रार्थनापत्रमाननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-24 द्वारा दिनांक 04.03.2021को स्वीकार की जा चुकी है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2549_202021-09-20202650
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> <नाम> <नाम> की ओरसे शपथ पत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्राथनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है । ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे उक्त अपराध में झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त ने कोई लूट नहीं की है और <नाम> ही उसके द्वारा किसी गाड़ी की लूट कीगयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। पुलिस द्वारा कोईशिनाख्त वादी से नहीं करायी गयी है। अतः आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथनकिया गया है कि आवेदक / अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकरवादी की इनोवा कार की लूट की गयी है। सहअभियुक्त लोकेन्द्र <नाम> काजमानत प्रार्थनापत्र सं0 161/2018 लोकेन्द्र चौधरे बनाम उ0प्र0 राज्य अन्तर्गतधारा 392, 411, 420, 467, 468, 471 भाएदंएसं0 थाना सिकन्दरा, <नाम> दिनांक13.02.2018 को खारिज किया जा चुका है। अतः आवेदक / अभियुक्त का जमानतप्रार्थनापत्र खारिज किया जाय। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी <नाम> कुमारजैन द्वारा थाना सिकन्दरा <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि प्रार्थी बैनाडाबियरिंग्स एण्ड पिस्टन लि० में सेल्स / बिजनैस हैड के पद <नाम> कार्यरत है तथा (2)कम्पनी द्वारा एक इनोवा कार नं0 यू0पी083३-एक्स-6678 प्रार्थी को उसके उपयोगके लिये दी गयी है। उक्त इनोवा कार दिनांक 03.07.2017 को दोपहर 2.15 बजे के लगभग भगवान टाकीज से उनकी फैक्ट्री की तरफ रिपेयरिंग करवाकर आ रही शी, जिसे उसका ड्राइवर <नाम> <नाम> चला रहा था। रास्ते में कबीर <नाम> गांव केनिकट आगरा-मथुरा रोड <नाम> तीन लड़के जो कि मोटरसाइकिल <नाम> थे, उन्होंने गाड़ी को इशारा करके रुकवाया। उनमें से एक ने ड्राइवर के सिर <नाम> पिस्टल लगाकर गोली मारने की धमकी देते हुये, ड्राइवर को खींचकर बाहर <नाम> दियातथा उनमें से दो युवक गाड़ी को लेकर <नाम> की ओर भाग गये। तीसरा युवक भी उनके पीछे मोटर साइकिल <नाम> भाग गया। उक्त तहरीर के आधार <नाम> थानासिकन्दरा <नाम> मुएअ0सं0 665, 2017 अन्तर्गत <नाम> ३92 भा0दछसं0 पंजीकृत हुआ । " ], "judge-opinion": [ "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किआवेदक /अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी की इनोवाकार सं0 यू9पी08३-एक्स-6678 की लूट की गयी है। उक्त इनोवा कार सं0यू0पी083-एक्स-6678 को मु०अ0सं0 730/2017 अन्तर्गत <नाम> 467, 468, 471,411, 307 भा0दंछसं0 व <नाम> 15 दएप्र0क्ष0 अधिनियम थाना सिकन्दरा, <नाम> के प्रकरण में बरामद होना तथा जिसे नम्बर प्लेट बदलकर प्रयुक्त किया <नाम> कहा गया है। केसडायरी के अवलोकन से यह भी विदित होता है कि मुएअ०सं0730 /2017 के प्रकरण में झांसी के सर्राफा व्यवसायियों <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> जिनसे 25 करोड़ रुपये फिरौत मांगे जाने <नाम> अपहरण किया गया था,को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराने के दौरान आवेदक / अभियुक्त व <नाम> अभियुक्तगण मौके से भाग गये तथा मौके से उक्त लूटी गयी इनोवा कार बरामदकी गयी। अपहरणकर्ताओं के कब्जे से मुक्त उक्त लोगों के द्वारा अपहरणकर्ताओं द्वारा आपस में एकदूसरे के नाम <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व लोकेन्द्र <नाम> पुकारे जाने व उन्हें अपहरण <नाम> उक्त इनोवा कार में डालकरअपहरण किये जाने के सम्बन्ध में कथन किये गये हैं । " ] }
0DENIED
Bail Application_2294_202102-04-2021368
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के बहनोईदेशदीपक द्वारा इस आशय का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है किअभियुक्त का यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीननहीं है। ", "अभियोजन कथानक व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार, वादी उ0नि0श्री <नाम> <नाम> ने थाना शाहगंज <नाम> तहरीर इस आशय की प्रस्तुत की कि Bail Application No.- 2294/2021Girjesh Vs. Stateदिनांक 10.01.2020 मैं उ0नि0 मय हमराह पुलिस कर्मचारीगण पुलिस लाइनस्थित नई र.1.0. 808 में आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस एवं आरक्षीP.A.C. के पदों <नाम> सीधी भर्ती प्रकिया <नाम> 2018 <नाम> ?.\\.९.5.1. देखरेखशांति व्यवस्था <नाम> पहुंचे तो C॥४॥९०० <नाम> हिमांशु <नाम> द्वारा अवगतकराया गया कि एक व्याक्ति 8०९1८ 1९5! के दौरान 8। ०m९। ८ मिलान वफोटो मिलान में लिखित <नाम> के दौरान लिये गये फोटो से मेल नहीं कररहा है तथा 800९८ मेल नहीं हो रहा है। इस सूचना <नाम> 1.0.5. 1९aहिमांशु <नाम> को साथ लेकर, उनके बताये अनुसार, उस व्यक्ति को समय19:15 बजे पकड़ लिया गया, जिससे उसका नाम पता पूछते हुए जामातलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम इन्द्रजीत पुत्र <नाम> <नाम> निवासीग्राम नगला नत्था थाना मांट, जिला <नाम> बताया, जिसके पास से दाहिनेहाथ में पकड़े एक हल्के रंग की पारदर्श P०। ४then९ के F॥९ C०९\" से एकप्रवेश पत्र आरक्षी, नागरिक पुलिस एवं आरक्षी, प्रांतीय सशस्त्र वाहिनी(Provincial Armed Constablary) भर्ती- 2018 के लिये, अभिलेखों कीसमीक्षा/शारीरिक मानक परीक्षण <नाम> अस्थायी प्रवेश पत्र, जिस परRegistration No.- 101253698, Roll N0.- 0227345 <नाम> है, पाया गयातथा हाईस्कूल परीक्षा-2014 का प्रमाण पत्र, <नाम> अंक पत्र इण्टरमीडिएटपरीक्षा-2016 का प्रमाण पत्र <नाम> अंकपत्र व एक अनुसूचित जाति के लिएजाति प्रमाण पत्र, एक सामान्य निवास प्रमाण पत्र <नाम> हैं, पाया गयातथा एक चरित्र प्रमाण पत्र इन्द्रजीत का बरामद हुआ, जिसने पूछने परबताया कि फार्म मेरे द्वारा ही भरा गया था, परंतु लिखित <नाम> मेरे स्थान परकिसी दूसरे व्यक्ति ने दी थी। मैं उसका पता नहीं जानता हूं। मेरी उससेD९१५ <नाम> नाम के व्यक्ति ने करायी थी, वही उसको जानता है कि वहकौन है, मैं नहीं जानता, लेकिन वह आज .\\.९.5.1. कराने नहीं आया था,इसलिये मुझे अपनी ०.\\.९.5.1. कराने <नाम> खुद <नाम> पड़ा, लेकिन Biometricमिलान के दौरान मेरा फोटो व अंगूठा निशानी मिलान <नाम> होने के <नाम> मैंआज पकड़ा गया। अभियुक्त को उसके जुर्म से अवगत कराकर हिरासत मेंलिया गया तथा फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। Bail Application No.- 2294/2021Girjesh Vs. Stateउपरोक्त के आधार <नाम> अभियुक्तगण इन्द्रजीत, <नाम> व एक अज्ञातव्यक्ति के विरूद्ध अपराध संख्या-17/2020, अंतर्गत धारा-420,120बीभा0दं0सं0 का अभियोग थाना शाहगंज, <नाम> में पंजीकृत किया गया। ", "गिरफूतार अभियुक्तों द्वारा नाम लिए जाने <नाम> प््रार्थी/ अभियुक्तगिरजेश को प्रस्तुत प्रकरण में नामित किया गया। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारादिनांक 15.2.2021 को अवर न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया। अवर न्यायालय द्वारा आदेश, दिनांकित 16.2.2021 को प्रार्थी / अभियुक्तका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया गया। आदेश, दिनांकित 16.3.2021के माध्यम से अपर सत्र न्यायाधीश-षष्ठम द्वारा प्रार्थी /अभियुक्त काजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त <नाम> <नाम> गया। तत्पश्चात्‌ प्रार्थी / अभियुक्त द्वगरा यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र अपनी मां की बीमारी व उपचार केआधार <नाम> प्रस्तुत किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता (आपराधिक) को सुना व उपलब्ध प्रपत्रों काअवलोकन किया । " ] }
0DENIED
Bail Application_6612_201920-11-20191530
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त की पैरोकार <नाम> शकुंरकादेवी उर्फ शकुंतलादेवी के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाइलयास अंसारी द्वारा थाने <नाम> प्रशम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृतकरायी गयी कि वह व उसके गॉव का भतीजा रहमत अंसारी दिनाक05.10.2019 को समय करीब 09:30 बजे <नाम> को अग्रसेन मील <नाम> सेट्रक संख्या- जेएएच0 11, डब्लू० 2922 में 1400 टीन सरसों का तेल और200 कार्टून बोतल पैक सरसों का तेल लोडकर झारखण्ड जिला गिरिडिह जा रहा था। सैंया फूलाईओवर रेलवे लाइन किनारे समय करीब रात 11:30 बजेआ रहा था इतने में पीछे से सफेद रंग की बोलेरों गाडी में सवार 5-6अज्ञात ने ओवरटेक <नाम> ट्रक को रोक लिया और उसके ट्रक में लोट <नाम> सहित लूट लिया तथा उन दोनों को बोलेरो में डाल <नाम> रात रात भर घुमाते रहे और उसे गोव नयाबांस के जंगलों में सुबह छोड़कर भाग गए। उसका मोबाइल व उसके कंडक्टर का मोबाइल भी बदमाश छीन ले गए। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रघुवीर <नाम> (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा थह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 13.10.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी से लूट से संबंधित कोई <नाम> बरामद नहीं हुआहै। प्रार्थी की आपस में रंजिश चल रही है। रंजिश रखने वाले लोगों नेपुलिस ने मिलकर प्रार्थी को झूठा फंसा <नाम> है। कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। यह प्रार्थीगण का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा व अन्य को बंधक बनाकर ट्रक व उसमेंलदे सरसों के तेल की लूट कारित की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भीहै। सह-अभियुक्तगण की जमानत न्यायालय द्वारा पूर्व में निरस्त की जा चुकी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6539, 2019सत्यवीर उर्फ सत्तो बनाम राज्य <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 05.10.2019 की समय 21:30 से 23:30 बजे के मध्य की है। ", "प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी व उसके साशी को बन्धक बनाकर उसका ट्रक व उसमें लदे <नाम> को लूटने व उक्त ट्रक व <नाम> उससे बरामदहोने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शितहोता है कि पुलिस पार्टी द्वारा दिनाक 12.10.2019 को प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किया गया है तथा उसके व <नाम> अभियुक्तगण के कब्जे से प्रश्‍नगत मामले में लूटा गया <नाम> व उनकीनिशानदेही <नाम> लूटा गया ट्रक बरामद किया गया है। प्रार्थी को झूठा फंसाए (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6539, 2019सत्यवीर उफ सत्तो बनाम राज्यजाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। सह-अभियुक्तगण बिजेन्द्र उफपप्पू <नाम> हरिओम आदि की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व में निरस्त कीजा चुकी है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदाकिया <नाम> दर्शित किया गया है । " ] }
0DENIED
Bail Application_1867_202119-03-2021853
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्क सुने तथा प्रपत्रों का अवलोकनfeat । ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा so deaपाल <नाम> द्वारा थाना सिकन्दरा जिला <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी कि दिनांक 13.11.2020 को अपने पैतृक निवास बदायूं सपरिवार गएथे तभी दिनांक 16.11.2020 की रात को कूछ चोरों ने घर का ताला तोड़कर लाखों कासामान चोरी <नाम> लिया जिसमें-सोने के कुंडल, <नाम> की थाली, <नाम> जोड़ी <नाम> चांदीकी, <नाम> कंपनी का लैपटाप, दो हाथ घड़ी, दो हैडफोन, दो पासपोर्ट, डी0एल0 डा0निशा राठौर, दो आधार कार्ड डा0 <नाम> राठौर व <नाम> <नाम> इन सब चीजों के अलावाअन्य सामान भी लापता है। घटनास्थल म0नं0 134, महर्षिपुरम, <नाम> उजाला प्रेस केपीछे, <नाम> है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी / अभियुक्त नेकोई अपराध नही किया है, उसे इस मुकदमें में पुलिस ने झूंठा नामित किया है, उसकेकब्जे से कोई <नाम> बरामद नही हुआ है, <नाम> वादी से <नाम> की शिनाख्त करायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त जेवर बनाने व बेचने का कार्य करता है तथा दिनांक 25.01.2020 कोपुलिस दुकान से पकड़ <नाम> ले गयी तथा रूपया व जेवर व चाबी भी पुलिस जबरदस्तीअपने साथ ले गयी। पुलिस द्वारा जो बरामदगी दर्शायी गयी है वह पूरा जेवर व रूपया Bail Application/3350/2021 -Jitendra Singh Vs. UP State 2प्रार्थी / अभियुक्त का है। प्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नही है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नही है। प्रार्थी / अभियुक्त को अज्ञात चोरी कीरिपोर्ट के आधार <नाम> 7 अभियुक्तों को एक साथ गिरफ्तार करके झूंठी बरामदगी केआधार <नाम> फंसाया है। <नाम> अभियुक्त सोनू की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालयसं015, <नाम> द्वारा पूर्व में स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नही है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का कोई इससे पूर्व का कोईभी आपराधिक इतिहास नही है। <नाम> अभियुक्त सोनू की जमानत दिनांक 10.02.2021को अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं०015, <नाम> द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 29.01.2024 से जेल में है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत परछोड़ने का निवेदन किया गया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा कहा गया है कि अपराध गंभीरप्रकृति का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त नामजद नही हैं। we बरामदगी के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जे से चोरी किए गयेजेवरात बरामद होना दर्शाया गया है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही दर्शाया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। थाने से प्रेषित आख्या में अभियुक्त काकोई पूर्व आपराधिक इतिहास नही दर्शाया गया है। <नाम> अभियुक्त सोनू की जमानतदिनांक 10.02.2021 को अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं015, <नाम> द्वारा स्वीकारकिया <नाम> बताया गया है। अभियुक्त को दिनांक 22.02.2021 से जेल में निरूद्ध होनाबताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_572_202017-03-202030
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के चचेरे <नाम> व पैरोकारराहुल <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीरदी गई कि दिनांक 15.40.2018 को समय 04:35 बजे वादी इरादतनगरबिजलीघर से बिजली के बिल की वसूली करके वापस शमशाबाद आ रहा था कि लोहारी पेटोल पम्प तिराह से 100 मीटर राजा खेडा फतेहाबाद बाईपासपर पीछे से दो अपाचे सफेद रंग सवार व्यक्तियों द्वारा उसका <नाम> रंग काबैग जिसमें वसूली क॑ 10 हजार रुपये एवं रसीद बुक नं० 775686 है व वादीका वोटर कार्ड आई डी एवं चैक बुक एवं पासबुक उसी <नाम> में रखे हुए थे, Bail Application/3356/2020 -UP State Vs. Kuldeep Yadav 2 को छीनकर राजा खेडा की तरफ भाग गये। वादी और उसके साथ श्रीनिवास टी जी-गा लाइन थे। ", "प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 31.10.2018 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामजद नहीं है। कार्यवाही शिनाख्त नहीं करायी गयी है। प्रार्थी कोसह-अभियुकत के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादीमुकदमा के लूट की गयी है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 15.10.2018 की समय 16:35 बजे की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथमिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट करने का आरोप है। प्रार्थी प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होताहै कि प्रार्थी को दिनाक 31.10.2018 को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचनापर अन्य के साथ गिरफ्तार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से कूल5,000,/- रूपए बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी कीनिशानदेही <नाम> इस प्रकरण से संबंधित एक <नाम> जिसमें वोटर कार्ड व अन्यकागजात थे, बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी लगभग 17माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> कीजमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। मामले मेंआरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1279_202125-02-20211898
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा रमेश चन्द द्वारा थानाताजगंज जिला <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी किदिनांक 01.11.2018 को उसकी पहली पत्नी का बेटा <नाम> उसकी दूसरी पत्नी की पुत्रीपीड़िता उम्र करीब 05 वर्ष को घर से समय करीब <नाम> 5 बजे टॉफी, चॉकलेट दिलाने केबहाने चुपके से कटरा फुलेल मकान नं0 3,159 गुलाबचंद के गोदाम में ले गया तथाउसकी पुत्री पीड़िता के साथ गलत <नाम> किया जिससे पीड़िता के गुप्तांगों में चोट आयीहै। उसका बेटा <नाम> करीब 05 वर्ष से उसके साथ नही रह रहा है। आज ही घर परआया और गलत <नाम> <नाम> दिया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी / अभियुक्त कोउक्त मुकदमें में झूंठा फंसाया गया है, जबकि उसने इस प्रकार का कोई भी अपराध नहीकिया है। उक्त प्रकरण में वादी, पीड़िता व पीड़िता की मां का बयान पी0डब्ल्यू01, 2 व 3के <नाम> में न्यायालय में हो चुका है जिसमें तीनों ने अभियोजन कथानक का समर्थन नहीकिया है तथा 164 द0प्र0सं० के बयान पुलिस के भय से देना कहा है। उपरोक्त तीनोंगवाहों ने पीड़िता की चोट के बारे में साइकिल की कील लगना बताया है। वास्तविकता यह है कि वादी रमेश चन्द जो प्रार्थी / अभियुक्त के पिता हैं, ने दूसरा विवाहलाजवती से <नाम> लिया था, <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को घर में रखना नही चाहती थीऔर पीड़िता के साथ अचानक आई चोटों को लेकर वादी <नाम> झूठा मुकदमा लिखाने कादबाव बनाया जिसके <नाम> उपरोक्त मुकदमा दर्ज हुआ। प्रार्थी / अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नही है। प्रार्थी / अभियुक्त ने अब <नाम> विचारण न्यायालय, अवर Bail Application/2498/2021 -Krishna Vs. UP State 2न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत नही किया है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 03.11.2018 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। अतःप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन किया गया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान ए.डी.जी.सी. फौ0 द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता उम्र करीब 05 वर्ष के साथबलात्कार किया गया है। प्रकरण में <नाम> तथ्य के <नाम> चिकित्सक व अन्य साक्षीगण कासाक्ष्य होना <नाम> है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कियाजाये। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) के तर्क सुने तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रकरण में अभियोजन साक्षीपी0डब्ल्यू0॥ लगायत पी0डब्ल्यू09 का बयान <नाम> किया जा चुका है तथा इन्हीं बयानोंके आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत प्रदान किए जाने की <नाम> की गयी है। पीड़िता कीपूरक चिकित्सीय आख्या में लैंगिक हमले का साक्ष्य पाये जाने की <नाम> दी गयी है। इसप्रकरण में चिकित्सक की साक्ष्य महत्वपूर्ण है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध <नाम> विज्ञानप्रयोगशाला की रिपोर्ट में वस्तु-1, 2 व 4 <नाम> शुकाणु पाये जाने तथा इन <नाम> wad Aवीर्य या दोनों मानव मूल के पाये जाने का कथन किया गया है। इस प्रकार प्रकरण मेंचिकित्सक सहित अन्य साक्षीगण की साक्ष्य होना <नाम> <नाम> है। अभियुक्त द्वारा कारितकृत्य गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5346_201923-09-20193784
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ विजयपाल <नाम> पुत्र नेत्रपाल <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.ओ. <नाम> <नाम> <नाम> थाना शमशाबाद जिला <नाम> ने दिनांक 17.04.2019 को 01.40 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण पप्पू उर्फ नेत्रपाल, <नाम> अजयपाल,व जयवीर के द्वारा एक संगठित गैग बना लिया है जिसका गैगलीडर पप्पू उर्फ नेत्रपाल है जो अपने सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> जघन्य अपराधकरके धन अर्जित करते है । ", "अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है इनके विरूद्ध कोई व्यक्ति रिपोर्ट दर्ज कराने व गवाही देने को तैयार नही होता । इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथाप्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नही किया है उसको झँठा नामित <नाम> <नाम> है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्यकोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। वह किसी गैग का सदस्य नही है नही किसी गैग का लीडर है। वह समाज विरोधी किया कलाप में लिप्त नही रहा है। <नाम> उसकासमाज में कोई भय व आतंक व्याप्त है। वह पूर्व सजायाफता नही है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनॉक 16. 09.19 से जिला जेल में निरूद्ध है। अतः उसें जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध 2(1) आ.सं. 168/18 धारा-147, 148, 149, 307, 504, 427, भा.द.सं. थाना-शमशाबाद जिलाआगरा । (2) अ.सं. 171/18 धारा-323, 324, 332, 353,504, 427, भा.द.सं. थाना-शमशाबाद जिलाआगरा । के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर अवैध <नाम> से धन अर्जित करने <नाम> गाली गलौज मारपीट एवं हत्या के प्रयास जेसे जघन्य अपराध करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर अवैध <नाम> से धन अर्जित करने <नाम> गाली गलौजमारपीट एवं हत्या के प्रयास जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसकेअपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4335_201916-08-2019553
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> चन्द्रकला पत्नीलाखन <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. <नाम> जयवीर <नाम> थाना खेरागढ़ जिला <नाम> ने दिनांक 07.07.2019 को 20.50 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण चोबसिंह उर्फ चोबा, वीरेन्द्र उर्फ वीरू गूर्जर, भूरा, <नाम> उर्फ बदन <नाम> <नाम> उर्फ करूआ, भूप <नाम> कुशवाह, व <नाम> पण्डित के द्व परा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर चोबसिंह उर्फ चोबा है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> लूटपाट जैसे जघन्य अपराध कारितकरते है और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त है। ", "अभियुक्तगण द्वारा भा-द.वि. के अध्याय 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गया है। आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। ", "इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2,/3 उ0प्र)गिरोह बन्द एवंसमाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है। उसे पुलिस द्वारा षडयंत्र के तहतपूर्णतः झूँठा एवं निर्दोष नामजद <नाम> <नाम> है। जबकि दर्शायी गयी घटना को उसने अन्जाम नही <नाम> है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। वह समाज का प्रतिष्ठित व्यक्ति है तथा मेहनत मजदूरी करके अपने व अपने परिवार का अच्छी तरह से <नाम> यापन करताहै। उसने अवैध <नाम> से धनोपार्जन नही किया है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। उसने दिनॉक-149. 07.2019 को न्यायालय में आत्म <नाम> किया तभी से वह जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। ", "अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह 2 सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिलहै, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 366 /17 धारा-395, 412, 506, 120बी, भा.द.सं. थाना-खेरागढ़ जिला आगरा। (2) अ.सं. 09,/18 धारा-393, भा.द.सं. थाना-खेरागढ़ जिला आगरा। (3) अं. 11/18 धारा-3/ 25 आर्म्स एक्ट. थाना-खेरागढ़ जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुकत का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर लूटपाट जैसे जघन्य अपराध करने काअभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर लूटपाट जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध केतथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 49(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाघान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5648_201914-10-20193024
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> व पेरौकार विनीतके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमापवन <नाम> क द्वारा थाना <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि वह अपनी पत्नी व पत्नी की दोस्त के साथ मोटरसाईकिलसे अपने घर जा रहा था जैसे ही वे लोग <नाम> पैट्रोल पम्प, ईंट की मण्डी सेपश्चिमपुरी रोड <नाम> चले, नेक्सा एजेन्सी के सामने पीछे से अपाचेमोटरसाईकिल <नाम> <नाम> <नाम> से तीन लड़के आए और उसकी पत्नी की दोस्तसे सोबाइल छीन <नाम> <नाम> से भाग गए। शोर मचाने <नाम> अज्ञात लोगों द्वाराउनको पकड़ लिया गया तथा मारपीट की। गिरने से इनको काफी चोट आयीहै। उसने अपना मोबाइल अपने कब्जे में लिया तथा उन लोगों की चोट कोदेखते हुए <नाम> हॉस्पीटल <नाम> <नाम> फर्स्ट एड करायी। उसके <नाम> उनका नाम पता पूछा तो उन्होंने अपने नाम शाहरूख पुत्र अध्धा, शाहरूख पुत्रअसलम व <नाम> पुत्र <नाम> बताए। वह उन्हें लेकर थाने आया है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वाराअन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा की पत्नी की दोर के साथ लूट कारितकी गयी है तथा उन्हें मौके <नाम> ही पकड़कर उनसे बरामदगी की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तहमूल हुसैन एवं विद्वानवरिष्ठ अभियोजन अघिकारी <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा अभियोजनप्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5648 2019मनीष बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 25.09.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का वादी से मोटरसाईकिल टकराने <नाम> वादविवाद हो गया था तथा वादी के साथ महिलाओं को देखकर मौके परपब्लिक इकद्ठी हो गयी। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 24.09.2019 की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा की पत्नी की दोस्त का मोबाइल लूटने तथा मौके <नाम> ही उन्हें पकड़े जाने <नाम> उनसे मोबाइल बरामद होने का आरोप लगाया गया है। अभियुक्तलगभग 20 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर सेप्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1821_202105-03-20211489
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन मेंनथुआ पुत्र रैकवार का शपथपत्र Utd किया गया है। ", "2. जमानत प्रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में नथुआ पुत्र रैकवार काकथन है कि वह अभियुक्त का पिता व मुकदमें में पैरोकार है तथा मुकदमें के सभी तथ्योंसे भलीभॉति परिचित है। उक्त मुकदमें की एफ0आई0आर0 दिनांक 07.12.2020 कोअज्ञात में <नाम> 457, 380 में लिखायी गई है जबकि घटना दिनांक 04.12.2020 कीबतायी जाती है। अभियुक्त बेलदारी का <नाम> करता है और बेलदारी के पैसे मांगने परपुलिस से कहा सुनी होने <नाम> उसे झूठे मुकदमें में फंसा <नाम> गया है। अभियुक्त से उक्त मुकदमें से सम्बन्धित कोई चीज बरामद नहीं हुई है और <नाम> ही उसे चोरी करते हुएकिसी के द्वारा <नाम> गया है। इस मामले में <नाम> अभियुक्तों की जमानत स्वीकार हो चुकीहै। अभियुक्त दिनांक 26.02.2021 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र इस न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियुक्त अपनी विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्तकिया जाए । ", "3. विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध 2किया गया तथा थाने से प्राप्त आख्या तथा सी0डी0 प्रस्तुत करके तर्क है कि अभियुक्त केपास से चोरी किया गया <नाम> बरामद हुआ है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। तब उसकाजमानत आवेदन निरस्त किया जाए । ", "5... न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत पत्रावली / केस डायरी के परिशीलन से विदित है कि वादी मुकदमा साहिल <नाम> द्वारा दिनांक 07.12.2020 को समय 15:36 बजे थानासिकन्दरा <नाम> <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई कि वह आरडी फूटेक्स के नाम सेखसरा संख्या 1410 बाईपुर सिकन्दरा, <नाम> में एक जूता फैक्ट्री चलाता है। दिनांक 04.12.2020 को <नाम> 00:15 बजे दो व्यक्तियों ने उसके कारखाने में फैक्ट्री की छत से उसकेस्टोर रूम का ताला तोड़कर जूता सामग्री (चमड़ा) चुराया है। कारखाने की सी0सी0टी0वी0कैमरा से <नाम> हुई है। उसने 112 नम्बर <नाम> पुलिस हेल्पलाइन <नाम> सूचना दर्ज करायीजिसकी शिकायत सं0० 2872 है। चोरी गये सामान चमड़ा करीब <नाम> हजार रूक्‍्वायर फुटहै। अतः रिपोर्ट दर्ज <नाम> उचित कार्यवाही की जाए । ", "6 वादी मुकदमा की उक्त तहरीर <नाम> थाने <नाम> दिनांक 17.12.2020 को समय 15:36बजे प्रश्नगत प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध पंजीकृत की गई है तथाविवेचक द्वारा विवेचना प्रारम्भ की गई एवं पत्रावली <नाम> उपलब्ध तथ्यों,/फर्द बरामदगी केअनुसार जब दिनांक 01.02.2021 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> मय पुलिस फोर्स के संदिग्धव्यक्ति एवं वाहन, तलाश वांछित अपराधी, रोकथाम जुर्म जरायम व गस्त मिलान में मामूर थे कि तभी मुखविर द्वारा यह सूचना दी गई कि आरएडी0 फुटैक्स शू फैक्ट्री से चोरा कियागया चमड़े को टी0पी0नगर के नितिन कबाड़िये के दुकान <नाम> रखा हुआ है जिसे <नाम> मेंवह दुकान से खाली करके दूसरी जगह ले जा रहे है, मुखविर की सूचना <नाम> <नाम> <नाम> उक्त उपनिरीक्षक द्वारा <नाम> के <नाम> तलाश किये जाने का प्रयास किया गया लेकिन <नाम> का कोई व्यक्ति तैयार नहीं हुआ। तब वह मौके <नाम> पहुंचे एवं <नाम> कि कुछ लोग दुकान के सामने खड़े टैम्पो में चमड़े के बण्डल लोड <नाम> रहे है, उपस्थित अभियुक्तो केआपस में वार्ता के आधार <नाम> यह <नाम> हो गया कि उक्त चमड़े के बण्डल चोरी के है,इसी बात <नाम> पुलिस द्वारा आवश्यक <नाम> प्रयोग करके 4 व्यक्तियों को पकड़ लिया गया, जिनके नाम नितिन पुत्र <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> पुत्र हरीबाबू एवं <नाम> पुत्र र0 <नाम> <नाम> <नाम> बताए गये जबकि तीन व्यक्ति अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। पकड़ेगये व्यक्तियों से भागे गये व्यक्तियों के बारे में पूछा गया तो उनके द्वारा दो अन्य अभियुक्तोंके अतिरिक्त इस अभियुक्त का नाम अवध पुत्र नथुआ बताया गया। मौके <नाम> मौजूद टैम्पोमें लदे बण्डलो को <नाम> गया तो इनमे अलग-अलग रंगो का लैदर की सीट भरी हुयी हैतथा अभियुक्तों ने बताया कि उसने करीब 02 महीना पहले उन्होने अपने अन्य साथियों केसाथ मिलकर आरएणडी0 फुटैक्स शू फैक्ट्री इण्डस्ट्रियल एरिया से चोरी किया था। उक्त 3 घटना में चोरी किये लैदर के बण्डलो में से कुछ बण्डल यही दुकान में अन्दर रखे हुए हैतथा कुछ छुपाकर रखे हुए है तथा <नाम> बण्डलो को बिजली घर चौराहा <नाम> हाट में बेचदिया है। तब उक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार करते हुए अभिरक्षा में लिया गया तथा धारा411 भा0द0सं0 की बढ़ोत्तरी की गई । ", "7. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अभियुक्त ने कोई अपराधकारित नहीं किया है वह निर्दोष है चोरी की घटना दिनांक 04.12.2020 की बताई गई हैजबकि घटना की सूचना थाने <नाम> तीन <नाम> <नाम> दर्ज करायी गई है, विलम्ब का कोईस्पष्टीकरण नहीं है। अभियुक्त को <नाम> तो किसी ने चोरी करते <नाम> और <नाम> उसे मौके से हीगिरफ्तार किया गया है। तब अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाए। जबकि खण्डनकरते हुए विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) का तर्क है कि अन्यअभियुक्तों सहित इस अभियुक्त के पास से चोरी किया गया <नाम> बरामद हुआ है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। तब उसका जमानत आवेदन निरस्त किया जाए। " ], "judge-opinion": [ "4... अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान ए0डी0जी0सी0 (किमिनल) को सुना तथा थाना से प्रस्तुत आख्या तथा सी0डी0 का परिशीलनकिया । ", "7. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत सी0डी0 एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। तब यह अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। दिनांक 01.02.2021 को भी अन्य कथित <नाम> अभियुक्तो की गिरफ्तारी केसमय भी यह अभियुक्त गिरफतार नहीं है बल्कि उन कथित <नाम> अभियुक्तों के बताने केआधार <नाम> ही इसे अभियुक्त बनाया गया है। अभियोजन के अनुसार घटना दिनांक 04.12.2020 की <नाम> 12:15 बजे की बतायी गयी है जबकि घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक07.12.2020 को समय 15:36 बजे दर्ज करायी गई तथा घटना स्थल से थाने की दूरी मात्रतीन किलोमीटर है। <नाम> तीन से रिपोर्ट दर्ज कराने का कोई समुचित स्पष्टीकरण नहींदिया गया है। अभियुक्त को वादी मुकदमा की दुकान में घुसकर चमड़े की बण्डलो की चोरीकरते किसी ने नहीं देखा। पुलिस द्वारा कुछ मौके <नाम> गिरफ्तार अभियुक्तों सहित अन्य सेचमड़ों के बण्डलो की <नाम> <नाम> से बरामदगी दिखायी गयी है, जिसका कोई जनसाक्षी नहीं है। <नाम> अभियुक्त <नाम> व नितिन की जमानते, कमश: जमानत आवेदन सं0116261 /2021 एवं 14008 /21 दिनांकित 22.02.2024 व 17.02.2021 को विद्वान समकक्षन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 26.02.2021 से जेल में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6880_201903-12-20191014
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के फूफा व पैरोकार भारतसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाउपनिरीक्षक अरून <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीअंकित करायी गयी कि दिनाक 31.10.2019 को समय 22:30 बजे वह मयहमराहियान वाहनों की चेकिंग में मामूर थे कि उसी दौरान तीन व्यक्तियों कोमोटरसाईकिल सहित पकड़ा गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम <नाम> बताया। जामा तलाशी से एक तमंचा, दोजिन्दा कारतूस, दो मोबाइल व 2,200,//- रूपए नगद बरामद हुए। दूसरेव्यक्ति ने अपना नाम सोनू बताया। इसकी जामा तलाशी से 4,200 //- रूपएनगद व एक मोबाइल बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम सतीशबताया जिसकी जामा तलाशी से 200,/- रूपए व एक मोबाइल बरामदहुआ। तीनों के <नाम> कब्जे से एक मोटरसाईकिल भी बरामद की गयी। ", "अभियुक्तगण द्वारा उक्त रूपए व मोबाइल लूट के होना बताया waryअभियुकतगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी । (2)अपर सत्र saat sare संख्या पथ आगर। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त कोसह-अभियुकतगण के साथ पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे से लूट के रूपए व मोबाइल बरामद किए गए हैं। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6880 / 2019सोनू बनाम राज्यप्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> चंद <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.11.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी को घर से पकड़कर इस केस में बंद <नाम> <नाम> गया है। जोभी बरामदगी दिखायी गयी है, वह झूठी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब सेदर्ज करायी गयी है। <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र हैअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थ / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोंक 31.10.2019 की समय 22:30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> गिरफतारी के दौरान उसके कब्जे से लूट के मोबाइल व रूपए बरामद होनेका आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता हैकि दिनांक 31.10.2049 को पुलिस पार्टी द्वारा प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण केसाथ गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे से 1,200,//- रूपए नगदव एक मोबाइल बरामद किया गया है। उक्त बरामद मोबाइल को किसीअपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी एक माह से जिला करागार मेंनिरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1340_202112-03-20211160
agra
{ "facts-and-arguments": [ "उनका अन्य कोई जमानत प्रार्थना-पत्र माननीय उच्च न्यायालय या किसी अन्यन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "संक्षेप में अभियोजन के कथन इस प्रकार है कि वादी मुकदमा औषधिनिरीक्षक, <नाम> उ0प्र0 <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थाना सिकंदरा <नाम> में दिनांक 10.02.2021 को समय 02:14 बजे इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि दिनांक 09.02.2021 को नशीली एवं अवैध औषधियों के बाबत प्रदेश स्तरीय छापामार दल द्वारा दुकानसंख्या 25 अपर भमूतल सत्यम प्लाजा <नाम> दीनदयाल <नाम> सेक्टर 12ए सिकंदरा Bail Application/1340/2021 -Pradeep Rajora And OThers Vs. UP State 2आगरा स्थित फर्म मेसर्स राजोरा डिस्ट्रीब्यूटर्स <नाम> छापा मारा गया जिसमें अभियुक्तों केकब्जे से सर्वसील मोहर जब्तशुदा औषधियों को दिनांक 08.02.2021 को समय 09:35 पी0एम0 बजे पूछतांछ <नाम> प्राप्त कराये गये दस्तावेज के साथ लाईसेंस से सम्बन्धितपत्रावली के आधार <नाम> बैकुण्ठ बिहार आछई निकट जी0एल0ए0 <नाम> स्थित मेडन्सहेल्थकेयर <नाम> छापा डाला गया तथा उक्त निर्माणशाला का कर्ता धर्ता सौरम <नाम> को वादीके सुपुर्द किया गया जिससे पूछतांछ <नाम> <नाम> <नाम> ने बताया कि वह धीरज राजौरा कोविगत छः माह से जानता है वह उसे लाइफ रेमिडिज सालासर <नाम> बिल्डिंग मीरापयन्दर बैस्ट थाने मुंबई के <नाम> के <नाम> में जानता है जिनके लिये विगत छः: माह सेवह एफ एस एस आई के अन्तर्गत आने वाले न्यूट्रासिक्लन बनाते हैं जिसके बिल सीधेराजौरा डिस्ट्रीब्यूटर्स के नाम से निर्गत करते हैं। <नाम> ए बी ए एक्स एन टी नामक औषधिजिसमें प्रिगेबेलिन एण्ड नोरटिपट्लाईन नामक औषधि तत्व हैं जिसके बाबत बताया कि इसऔषधि को ब्लीस्टर पैक थाने के लिये इसकी टेबलेट प्रिन्टेड एल्यूमिनियम फोइल प्लेनएल्यूमिनियम फाइल रवर स्टीरियो एवं मशीन आपरेटर लेकर <नाम> राजौरा उसकी फैक्ट्री में आता था एवं पैकिंग उपरांत सब सामान लेकर चला जाता था जिसके एवज में उसे50 /-रूपये <नाम> बाक्स मिलते थे। <नाम> <नाम> से यह पूछने <नाम> कि क्‍या वह अपनेनिर्माणशाला में पैकिंग <नाम> अधिकृत था, जिस <नाम> उसने स्वीकार किया कि वह लालच मेंआ गया था। <नाम> <नाम> द्वारा यह भी कथन किया गया कि उसे यह बिल्कुल भी ज्ञात नहीं है कि <नाम> राजौरा कहां से टेबलेट बनवाता था व कहां से एल्युमिनियम फाइल कीप्रिंटिंग करता था एवं कहां से कटिंग आदि करवाता था। धीरज राजौरा से पूछतांछ करनेपर उसके द्वारा अवगत कराया गया कि यह <नाम> कार्य <नाम> राजौरा जो कि उसका छोटाभाई ही करता है, उसे ज्ञात नहीं कि वह कहां कहां से कैसे इन औषधियों को बनवाता था। वह उक्त औषधियों को आम देहात क्षेत्रों में झोलाछाप डाक्टरों एवं शहरी <नाम> के विभिन्‍न डाक्टरों को कमीशन के आधार <नाम> विकय करता था। मालूमात करने <नाम> अवगत करायागया कि उदाहरण के <नाम> में <नाम> ए बी ए एक्स एन टी नामक औषधि की <नाम> गोलीकी एक स्ट्रिप की लागत लगभग 15,/-रूपये आनी थी जिस <नाम> अधिकतम खुदरा मूल्य799.95 रूपये <नाम> है जिसे वह 400/-रूपये <नाम> स्ट्रिप की लागत के हिसाब सेडाक्टरों को विकय करता था एवं डाक्टर 800/-रूपये <नाम> स्ट्रिप की लागत के हिसाब सेमरीजों को देते थे। <नाम> राजौरा से यह पूछने <नाम> कि स्ट्रिप <नाम> <नाम> लाईफ रेमिडिजीडाट कॉम, सालासर <नाम> बिल्डिंग, <नाम> <नाम> 401101, महाराष्ट्र के बाबत मालूमातकरने <नाम> उसने बताया कि वह इस कम्पनी का <नाम> है किन्तु गूगल <नाम> उक्त कम्पनीके अधिकृत वेबसाईट को चेक करने <नाम> कुछ नहीं मिला एवं लाईफ रेमिडिज नाम की कोईभी प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी उपलब्ध नहीं पायी गयी एवं <नाम> राजौरा द्वारा आम लोगों सेछल करने के उद्देश्य से उक्त फर्जी पते <नाम> उक्त कम्पनी की जानकारी स्ट्रिप <नाम> अंकितकरायी गयी। इस प्रकार <नाम> राजौरा द्वारा प्रतिरूपण द्वारा छल करके कूट रचित तरीके Bail Application/1340/2021 -Pradeep Rajora And OThers Vs. UP State 3से आम जनमानस को धोखा देने की नियत से स्वास्थ्य को खतरे में डालते हुये फर्जीकम्पनी बनाकर औषधि स्ट्रिप <नाम> गलत व फर्जी सूचनायें लिखकर औषधियों का अवैधव्यापार करना पाया गया है। अभियुक्तगण द्वारा किया गया अपराध उक्त धाराओं केअतिरिक्त औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1945 के अन्तर्गत भी दण्डनीय है। अभियुक्तों कोउनके द्वारा किये गये जुर्म से अवगत कराते हुये दिनांक 09.02.2021 को समय 05:35 बजेकार्यालय औषधि निरीक्षक <नाम> के द्वारा गिरफतार किया गया। ", "आवेदकगण /अभियुक्तगण की ओर से कथन किया गया कि वह निर्दोष है। उसे उपरोक्त केस में पुलिस ने झूंठा फंसाया है। उसने कोई अपराध नहीं कियाहै। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया है कि घटना दिनांक 09.02.2024 को समय 17:35बजे की दर्शायी गयी है जबकि थाने में रिपोर्ट दिनांक 10.02.2021 को समय करीब02:14 बजे किया गया है, उक्त विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण प्राथमिकी में <नाम> नहींकिया गया है। जिन दवाईयों का जिक वादी द्वारा प्राथमिकी में किया गया है वहदवाईयां <नाम> एक्स एन टी नाम औषधि बृजवासी डिस्ट्रीब्यूटर्स फुब्बारा से उनके द्वाराकय की गई है जिसके बिल प्रार्थनापत्र के साथ संलग्न है एवं अन्य दवाईयां <नाम> शर्माकी फर्म से कय की गयी हैं जिनके बिल भी प्रार्थनापत्र के साथ संलग्न है। यह भीकथन किया गया है कि आवेदकगण ने नकल दवाईयों का कोई व्यापार नहीं किया,लाईफ रेमिडिज आवेदकगण का ट्रेडमार्क है जिसे वादी मुकदमा द्वारा रिपोर्ट में फर्म दर्शादिया गया है, जबकि आवेदकगण द्वारा दवाईयों का कोई निर्माण नहीं किया जाता है। ", "छापे के दौरान कोई भी नकली दवाई रैपर आदि बरामद नहीं हुई है। प्लांट करके दवाईयों को व रैपर को नकली बताकर उनके विरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। दवाईयों के सैम्पल लेकर 13 नमूने जॉच <नाम> भेजे गये हैं जिनकी रिपोर्ट <नाम> नहीं आईहै जिससे उक्त दवाईयां <नाम> नकली साबित नहीं हुई है। आवेदकगण दिनांक 10.02. 2021 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। इस प्रकार आवेदक /अभियुकत को उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "इसके विपरीत विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी)द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कथन किया गया कि मामले में आवेदक को औषधि निरीक्षक द्वारा जॉच करने एवं छापा के दौरान नकली दवाईयों के सैम्पल एवं कूटरचितदस्तावेजों के आधार <नाम> गिरफतार किया गया है अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गई है। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> आवेदक »/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी कोसुना एवं थाने से प्राप्त केस टिप्पणी सहित अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि फर्द बरामदगी Bail Application/1340/2021 -Pradeep Rajora And OThers Vs. UP State 4प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदकगण /अभियुक्तगण नामजद है तथा मामले में आवेदकगण को वादी औषधि निरीक्षक टीम द्वारा छापे के दौरान दवाईयां एवं बरामद प्रपत्रों के आधारपर गहन पूछतांछ के <नाम> गिरफ्तार किया गया है। आवेदकगण द्वारा आम लोगों से छलकरने के उद्देश्य से फर्जी पते <नाम> उक्त कम्पनी की जानकारी स्ट्रिप <नाम> <नाम> करायीगयी। आवेदक <नाम> राजौरा द्वारा प्रतिरूपण द्वारा छल करके कूट रचित तरीके से आमजनमानस को धोखा देने की नियत से स्वास्थ्य को खतरे में डालते हुये फर्जी कम्पनीबनाकर औषधि स्ट्रिप <नाम> गलत व फर्जी सूचनायें लिखकर औषधियों का अवैध व्यापारकरना पाया गया है। साथ ही एक्स एन टी नामक औषधि की <नाम> गोली की एक स््ट्रिपकी लागत लगभग 15,/-रूपये आनी थी जिस <नाम> अधिकतम खुदरा मूल्य 799.95 रूपयेअंकित <नाम> उसे 400,/-रूपये <नाम> स्ट्रिप की लागत के हिसाब से डाक्टरों को विकय कियेजाने का अभियोग है, जिसका खण्डन आवेदकगण » प्रार्थीगण द्वारा इस स्तर <नाम> करने में असफल रहे हैं। अभियुक्तगण / आवेदकगण का अपराध सामाजिक <नाम> के लिए बहुतघातक है। अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2243_202021-09-20202630
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता <नाम> चन्द की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे झूंठा फ॑साया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्जकरायी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। घटना में किसी को कोई चोट नहींआयी है। अभियुक्त दिनांक 03.08.2020 से कारागार में निरुद्ध है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता की ओर से तर्क <नाम> गया है किसहअभियुक्त सतेन्द्र का जमानत प््रार्थनापत्र अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट सं0 13, <नाम> द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। अत: आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर यह पुलिस वालों <नाम> <नाम> सेमारने की नीयत से तमंचा से फायर किया गया है तथा अभियुक्त को मौके <नाम> पकड़े जाने परउसके पास से तमंचा बरामद हुआ है। इसके अलावा आवेदक / अभियुक्त तथा सहअभियुक्तगणके कब्जे से एक अन्य अपराध सं0 179/2020 <नाम> 392 भा०द0सं0 से सम्बन्धित लूट कीधनराशि 1,29,000/- रुपये, एटीएम कार्ड, कैटीन कार्ड एवं पर्स आदि की बरामदगी हुयी हैजिसकी पहचान वादी मुकदमा नन्द किशोर के द्वारा की गयी है। अभियुक्त का लूट काअपराधिक इतिहास है। अत: आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्ररार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी सलीम खो, एस.एच.ओ. एत्मादपुरद्वारा थाना एत्मादपुर <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी किदिनांक 02.08.2020 को वह मय हमराह रपट सं0 70 समय 22.30 बजे रवानाशुदा <नाम> मेंमामूर था कि जरिये मुखविर सूचना <नाम> कि जिन अपराधियों ने 2-3 <नाम> पहले लूटकी घटना कारित की शी आज वे लोग पुनः वैगनार गाड़ी फर्जी नम्बर प्लेट जिस परयूएपी084-ए.ए.-2544 पडा है, <नाम> की तरफ से आ रहे हैं। इस सूचना <नाम> पुलिसवाले <नाम> की तरफ से आने वाले वाहनों की चैकिंग <नाम> ही रहे थे कि गाड़ी वैगनारआती दिखायी दी जिसमें बैठे तीन व्यक्ति पुलिस को देखकर सकपका गये। उनमेंसे एक व्यक्ति ने तमंचा निकालकर <नाम> से मारने की नीयत से फायर किया जिससेपुलिस वाले <नाम> <नाम> बच गये। आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> तीनों व्यक्तियों को समय करीब 23.00 बजे पकड़ लिया। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुये जामातलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया, जिसकी जामा तलाशीसे एक समंचा 315 बोर, जिसकी नाल में एक खोखा कारतूस, एक जिन्दा कारतूस,54,000/ ~ रुपये तथा एक पर्स बरामद हुआ। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम सतेन्द्र उर्फसत्यराम बताया जिसकी जामा तलाशी से 50,000/- रुपये तथा एटीएम कार्ड, बरामदहुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशी से 25,000 /- रुपये व कैन्टीन स्मार्ट कार्ड बरामद हुआ। पकड़े गये व्यक्तियों द्वारा बताया गया किइसी वर्ष फरवरी के महीने में तीनों क द्वारा वेैगनार कार में नम्बर प्लेट बदलकर व फर्जीनम्बर प्लेट लगाकर भगवान टाकीज से एक व्यक्ति को गाड़ी में बैठाकर छलेसर से आगे तमंचा दिखाकर 10हजार रुपये छीने थे और उसका एटीएम कार्ड छीनकर, पिन लेकरउसे एनएच2 <नाम> फैक <नाम> था। बरामद <नाम> की फर्द मौके <नाम> बनायी गयी जिसकेआधार <नाम> थाना एत्मादपुर <नाम> मुएअ0सं0 180, 2020 अन्तर्गत <नाम> 307, 420, 468, 471भा०दं0सं0 पंजीकृत हुआ। " ], "judge-opinion": [ " 2अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के <नाम> सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक /अभियुक्त के द्वारा पुलिसबल <नाम> तमंचे से फायर किया गया है तथा अभियुक्त से अपराध में प्रयुक्त तमंचे कीबरामदगी हुयी है। उपरोक्त के अलावा आवेदक / अभियुक्त एवं सहअभियुक्तगण के कब्जे एकअन्य अ0सं0 179//2020 <नाम> ३92 भा0दं0सं0 से सम्बन्धित लूट की धनराशि मु0 1,29,000 /-रुपये, एटीएम कार्ड, कैटीन कार्ड व पर्स आदि की बरामदगी हुयी है जिसकी पहचान वादीमुकदमा नन्द किशोर के द्वारा की गयी है। आवेदक / अभियुक्त तथा सहअभियुक्तगण के कब्जेसे बरामद वैगनार कार सं0 यू0पी084-ए.सी.-5035 को फर्जी नम्बर प्लेट सं0 यू०पी084-ए.ए.-2544 लगाकर प्रयोग किया जा रहा था। इस प्रकार से प्रश्‍नगत अपराध में 3आवेदक / अभियुक्त की मुख्य <नाम> स्पष्ट होती है। ", "आवेदक / अभियुक्त के द्वारा पुलिसबल <नाम> तमंचे से फायर किया <नाम> तथातमंचे की बरामदगी के अलावा एक अन्य अ0सं0 1739/2020 की लूट की धनराशि, एटीएमकार्ड, कँटीन कार्ड, पर्स की बरामदगी तथा इसकी पहचान वादी मुकदमा द्वारा किये जाने तथा आवेदक / अभियुक्त के आपराधिक इतिहास को ध्यान में रखते हुये जमानत प््रार्थनापत्र कोस्वीकार किये जाने का पर्याप्त आधार नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_683_202012-03-2020112
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार श्रीकान्त ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मुकदमें में झूठा फॅँसाया गया है। जबकि उसके द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त उक्त मामले में न्यायालय से जमानत <नाम> था तथा नियत दिनाकों <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित रहा हैं। पूर्व नियत दिनांक 17.07.2018 को तबीयत खराब होने के <नाम> वहन्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका तथा अपने अधिवक्ता को भी सूचित नहीं <नाम> सका जिसके <नाम> न्यायालय द्वारा अभियुक्त क विरूद्व गैर जमानती वारण्ट जारी किए जाने का आदेश पारित <नाम> <नाम> गया। उसके द्वारा जानबूझकर न्यायालय केआदेश की अवहेलना नहीं की गई है। अब वह प्रत्येक <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित रहेगा। अभियुक्त दिनांक 01.03.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। अतःजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। (2)विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। ", "अभियुक्त द्वारा यह आधार लिया गया है कि तबीयत खराब होने के <नाम> वहन्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। अब वह प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> न्यायालयमें हाजिर रहेगा। " ], "judge-opinion": [ " पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त इस मामले मेंन्यायालय से जमानत <नाम> था तथा जमानत के <नाम> दिनांक 17.07.2018 को अभियुक्तकी अनुपस्थिति के <नाम> इस मामले में अभियुक्त के विरूद्व गैर जमानती वारण्ट जारीकिए जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रकरण परिवाद <नाम> आधारित है तथा अभियुक्त दिनांक 01.03.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_853_202007-07-20201361
agra
{ "facts-and-arguments": [ "_ जिला आगरा। ", "आदेशदिनाक : 07.07.2020थाना सदर बाजार के मु0अ0सं0 833/2019 अंतर्गत धारा392/411 भारतीय दण्ड <नाम> व 15 डकेती प्रभावी <नाम> अधिनियम केप्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्द अभियुक्त रामनिवास की ओर से यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त के चाचा व पैरोकारफतेहसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा रितिशद्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयी किदिनांक 02.10.2019 की <नाम> को करीब 4:00 बजे वह अपनी फैमिली के साथ पी०डब्लूएडी0 चौराहे सदर के सदर माकेट की तरफ बाइक से आ रहे थेतो एकलव्य स्टेडियम के पास पीछे से मोटर साइकिल <नाम> सवार दो लडकेआये और उसकी पत्नी केगले में पहनी सोने की चेन <नाम> झपटटा मारने लगेतो उसमें से आधी चेन तोडकर ले गये बाकी आधी चेन मेरे हाथ में ही रहगया जिसके <नाम> उसने उनका पीछा किया <नाम> दोनों लडके हाथ नहीं आयेप्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अघिवक्ता <नाम> <नाम> चन्द्र <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> को सुना गया तथा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 853 2020रामनिवास बनाम राज्यपत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 13.03.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। उससे लूट की चैन या मोबाइल या अन्य कोई वस्तु बरामद नहींहुई है। उसके जेब में रखे 2850/-रूपये जब्त करते हुए 2,000, -रूपयेको लूट का हिस्सा बताया गया है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं हुई है। ६पटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा तथा उसकी पत्नी से चेन की लूट की गयी है। अभियुक्त से चैन के विकय से प्राप्त रूपयों की बरामदगी भी है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 02.10.2019 के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 08.10.2019 कोदो अज्ञात बाइक सवार के विरूद्व दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी <नाम> अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा तथा उसकी पत्नी से सोने की चैन लूटने काअभियोग है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि प्रार्थीको घटना के लगभग छः: माह <नाम> पुलिस पार्टी द्वारा गिरफतार किये जानेपर उसके पास से चैन बेचकर प्राप्त रूपये में से मु0 2,000/-रूपये बरामदहोना दर्शित है। प्रार्थी दिनांक 13.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहींकिया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1654_202006-08-2020544
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त के चाचा /पैरोकार <नाम> सिंहका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 29.06.2020 को उप निरीक्षक मानवेन्द्र <नाम> हमराह पुलिस कर्मचारीगण केसाथ सुरागरसी करते हुये तेहरा चौराहा <नाम> पहुंचे, तभी जरिये मुखबिर गॉजे कीतस्करी की सूचना प्राप्त होने <नाम> तेहरा चौराहे <नाम> आने वाले रास्ते <नाम> अगल बगलछिप <नाम> आने वाली गाडी का इंतजार करने लगे, समय लगभग 16-40 बजे एकसफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर तथा दूसरी गाडी सफेद रंग की रेनल्ट धौलपुर कीतरफ से आती दिखायी दी, मुखबिर ने इशारे से बताया कि यही दोनों गाडियाँ हैं। नजदीक आने <नाम> हम पुलिस वालों ने उनको रोकने का प्रयास किया तो चालकगाडी को और <नाम> से चलाते हुये तेहरा बम्बे की तरफ गाड़ियों को भगाने लगे,पीछा करने <नाम> गाडी में बैठे व्यक्ति के द्वारा हम पुलिस वालों <नाम> <नाम> से मारने कीनीयत से फायर किया। हम पुलिस वाले सिखलाए हुये तरीके से एवं टैक्टिस का -2-प्रयोग करते हुये <नाम> <नाम> बच गए। हम पुलिस वालों द्वारा पीपल वाला घाट बम्बेके किनारे ग्राम तेहता समय 17-45 बजे थाना सैंया <नाम> घेरकर उक्त गाडी में बैठेव्यक्तियों को पकड लिया, दोनों गाडी के चालक बम्बे <नाम> खडी गाड़ियोंका लाभलेकर भागने में सफल रहे। पकडे हुये व्यक्तियों से नाम पता पूछा तो उसने बतायाकि मैं वाहन संख्या यू पी.80-डीवी-2824 मैं बैठा था तथा मेरा नाम <नाम> राठौर है,मैं जिस गाडी में बैठा था, उसको बृजभूषण <नाम> चला रहा था। भागने का कारणपूछने <नाम> बताया कि हमारी गाडी में बोरों में अवैध गॉजा के बंडल हैं। जामा तलाशीली गयी तो एक तमंचा देशी 315 बोर व दाहिनी जेब से दो कारतूस तथा तमंचे कीनाल में एक खोखा कारतूस फेसा है तथा पहने पेंट की बायी जेब से दो अदद मोबाइल सेमसंग तथा 540,/-रूपये नगद बरामद हुये। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम नेत्रपाल बताया, उससे पहले पेट की बाही जेब से एक तमंचा देशी 315 बोर तथादाहिनी जेब से दो अदद कारतूस जिन्दा तथा तमंचे की नाल में एक खोखा कारतूसफँसा है व पेंट की बायी जेब से 340 /-रूपये बरामद हुये। दोनों व्यक्तियों के द्वाराबताया गया कि दोनों गाडियों में गॉजा है। हम लोग बृजभूषण <नाम> से गॉजाखरीद <नाम> बेचते हैं, आज वह अपने किसी खरीददार से मिलने के लिये हमारे साथआया था। नेत्रपाल ने बताया कि जिस गाडी में मैं बैठा था, उसे नेत्रपाल चला रहाथा, <नाम> भी हम लोगों के साथ गॉजा खरीदने बेचने का कार्य करता है। वाहनोंकी तलाशी लेने <नाम> वाहन संख्या यू पी.80-डीवी-2824 में 48 बण्डल बादामी रंग केनीली पालीथिन में पैक जिनसे गॉजे की गंध आ रही थी तथा वाहन संख्या यू पी.80-ईयू-5509 से 74 बण्डल बादामी रंग के <नाम> पालीथिन में पैक जिनसे गॉजे कीगंध आ रही थी जिनको तौलने <नाम> 48 बण्डल गॉजे का वजन 1.2-02 किलोग्रामतथा 74 बण्डल गॉजे का वजन 4156-12 किलोग्प्रम कुल वजन 258-14 किलोग्रामगॉजा बरामद हुआ। गॉजा व तमंचा एवं कारतूस रखने का कोई अधिकार पत्र नहीं दिखा सके। अभियुकतगण को गिरफ्तार <नाम> बरामद गॉजा व तमंचा कारतूस को कब्जे में लेकर मौके <नाम> सील मौहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया तथा मौके परफर्द तैयार की गयी। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 29.06.2020 को 21-05 बजे अभियुकतगण <नाम> राठौर, नेत्रपाल, बृजभूषण <नाम> व <नाम> <नाम> राजपूत के विरूद्ध अपराधसंख्या-98 / 2020 <नाम> धारा-307 भा0द0सं० का अभियोग थाना सैंया, <नाम> परपंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक /» अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठा फँसाया -3-गया है। घटनास्थल तेहरा चौराहा दर्शाया गया है, जो ग्वालियर हाइवे <नाम> स्थित है,जहा से हमेशा वाहन गुजरते हैं, किन्तु एफ.आई.आर. में कोई स्वतन्त्र <नाम> नहींदर्शाया गया है। टोलटैक्स <नाम> पुलिस व पब्लिक में झगड़ा होने परआवेदक / अभियुक्त वीडियो क्लीपिंग बना रहा था, पुलिस वालों ने उसका मोबाइलतोड <नाम> और इस झूंठे मुकदमे में फँसा दिया। घटना के दौरान किसी भी व्यक्तिको किसी प्रकार की चोट नहीं आयी है, जबकि पुलिस द्वारा लगातार फाइरिंग करनादर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त उक्त गाडी में बतौर ड्राइवर के पद <नाम> था औरअपनी ही गाडी को ड्राइवरी में प्रयोग करता है और अपने परिवार का पालन पोषणकरता है, जो लोग आवेदक / अभियुक्त से भाडे <नाम> गाडी लेकर गये थे, वे गाडी कोछोडकर अन्यत्र भाग गये। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.06.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त बाहर से गॉजा लाकर बेचने का कार्य करता है, उसकी मुखबिर की सूचना <नाम> पुलिस पार्टी केद्वारा रोकने का प्रयास किया गया तो उसने पुलिस पार्टी <नाम> फायर <नाम> दिया,जिससे पुलिस कर्मचारीगण <नाम> <नाम> बच गये। गिरफ्तार किये जाने <नाम> उससेतमंचा, कारतूस एवं गाडी से गॉजा की बरामदगी हुई है। आवेदक / अभियुक्त काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपरजिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रों काअवलोकन किया। ", "इस मामले में पुलिस पार्टी के द्वारा आवेदक / अभियुक्त की गिरफ्तारी तेहराचौराहा से दर्शायी गयी है, जहाँ से हमेशा वाहन गुजरते हैं, परन्तु इस घटना काकोई स्वतन्त्र <नाम> नही दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त के द्वारा अपने जमानत प्रार्थना पत्र में यह कहा गया है कि टोल टैक्स <नाम> पुलिस वालों व पब्लिक में झगडाहोने <नाम> वह वीडियो क्लीपिंग बना रहा था, जिससे पुलिस वालों ने खिसियाकरउसका मोबाइल तोड़ <नाम> और उक्त मुकदमे में फँसा दिया। आवेदक / अभियुक्त केद्वारा की गयी फायरिंग में किसी पुलिस कर्मचारी को कोई चोट किसी प्रकार कीआना नहीं दर्शाया गया है। जबकि पुलिस द्वारा लगातार फाइरिंग करना दर्शाया गयाहै। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.06.2020 से कारागार में निरूद्ध है। ", "इस मामले के <नाम> अभियुक्त <नाम> राठौर की जमानत, जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-14079 / 2020 दिनांक 22.07.2019 को इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा -4-चुकी है। मामले में <नाम> अभियुक्त व आवेदक / अभियुक्त की <नाम> समान दर्शायीगयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4063_202009-12-2020718
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार अजेंट ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च ऱ्यायालय मेंलम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 25.11.2020 को उपनिरीक्षकप्रभुदयाल द्वारा अपने अन्य साथी पुलिस कर्मचारीगण के साथ गश्त के दौरान मुखविरकी सूचना <नाम> कि तीन व्यक्ति मैंगलपुरा की पुलिया के पास किसी बड़ी घटना कोअंजाम देने की फिराक में है, यदि जल्दी की जायें तो उनको पकड़ा जा सकता है, तदुपरान्त पुलिस पार्टी द्वारा मुखविर के बताये स्थान <नाम> पहुँचकर, मुखविर के इशारे <नाम> पुलिया <नाम> खड़े व्यक्तियों को पकड़ने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा गालीदेते हुए पुलिस पार्टी को <नाम> से मारने की नीयत से फायर किये गये जिससे पुलिसकर्मचारी बाल-बाल बच गये। पुलिस पार्टी द्वारा दविश देकर आवश्यक <नाम> प्रयोग (2) करते हुए दो व्यक्तियों को पकड़ लिया गया एक व्यक्ति मौके का फायदा उठाकर भाग गया। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुए उनकी जामा तलाशी ली गई तोउनके द्वारा अपने नाम रामवीर एवं <नाम> बताये गये तथा अपने भागे हुए साथी कानाम वकील बबताया। अभियुक्तगण के पास से एक-एक तमंचा 313 बोर मय खोखाकारतूस तथा एक-एक कारतूस बरामद किए गये। अभियुक्तगण से बरामद तमंचा वकारतूस को कब्जे में लेकर सील मोहर किया गया तथा नमूना मोहर लिया गया एवंअभियुक्तगण को मय बरामद <नाम> के थाने ले जाया गया। ", "वादी / उपनिरीक्षक प्रभुदयाल द्वारा अभियुक्तगण रामवीर, <नाम> एवं वकील के विरूद्व थाना इरादतनगर <नाम> मु0अ0सं0 1402020 <नाम> 307, 504, 34 भा०द0सं0 मेंप्राथमिकी <नाम> कराई गई । अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है। उसको इस मामले में झूठाँ फॅंसाया गया है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहींकिया गया है। यह भी कथन किया गया कि प्राथमिकी के अनुसार उक्त घटना मेंपुलिस पार्टी के किसी भी सदस्य के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है तथाकथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त दिनांक 25.11.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गई। ", "विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा इस तथ्य को स्वीकार किया गया किउक्त घटना में पुलिस पार्टी के किसी भी सदस्य के कोई चोट नहीं आई है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त क विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगण केसाथ मिलकर वादी पुलिस पार्टी को <नाम> से मारने के आशय से, उन <नाम> आग्नेयास्त्रसे फायर किए जाने का आरोप है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्राथमिकी एवं केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उक्त घटना में पुलिस पार्टी के किसी भी सदस्य अथवा किसी अन्य व्यक्ति के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। अभियोजनपक्ष द्वारा अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं बताया गया है। अभियुक्त दिनांक 25.11.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4398_201924-08-2019240
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थिया / अभियुक्ता की पैरोकार श्रीमतीपिंकी के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी किशन कामार द्वारादिनांक 28.06.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि दिनांक26.06.2019 को वह अपने परिवारीजन के साथ घर में ताला लगाकर हरिद्वारगया था। दिनांक 28.06.2019 को उसको फोन द्वारा गोविन्दा ने बताया किउसके घर में चोरी हो गई है। इस सूचना <नाम> जब वह अपने घर आया aदेखा कि घर के ताले टटू' हुए थे, घर का सामान बिखरा हुआ था। उसके घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों द्वारा काफी <नाम> में जेवर व रूपये कीचोरी की है। जिसकी सूची वह उपलब्ध <नाम> देगा। ", "प्रार्थिया / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता <नाम> जल <नाम> परिहारएवं विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़को विगत <नाम> <नाम> सुना जा चुका है। ", "विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़ जमानत का विरोध करते हुए कथन कियागया कि अभियुक्ता द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के घर में चोरीकी गयी है। अभियुक्ता से भारी <नाम> में बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ " अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रक््षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या--03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4398 / 2019श्रीमती <नाम> बनाम राज्यप्रार्थिया / अभियुक्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थिया / अभियुक्ता को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उसने कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। प्रार्थिया से चोरी से संबंधित कोई बरामदगमी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। विलम्ब का कोईस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थिया दिनाक 16.07.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। प्रार्थिया काकोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थिया ,“अभियुक्ता का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसक अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थिया /» अभियुक्ता को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनाक 28.06.2019 की 18:32 बजे की है। प्रार्थिया <नाम> अन्यके साथ मिलकर वादी मुकदमा के घर में घुसकर चोरी करने तथा उसके घरसे भारी <नाम> में चोरी का सामान बरामद होने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि प्रार्थिया को दिनोक15.07.2019 को अन्य के साथ पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथाउसके घर से कुल एक लाख रूपए, दो पॉलिथिन में पीली धातु का जेवरतथा एक पॉलिथिन में सफेद धातु का जेवर व तीन मूर्ति सफेद धातु वजनलगभग 468 UTA व 254 TH, 24 Ate तोड़िया, 57 नगद बीछिया, दो Rie सफेद धातु, एक छोटा डिब्बा मय ढककन सफेद धातु, दो हाफ करधनीसफेद धातु, एक झुनझुना सफेद धातु, 6 पीस खडवा सफेद धातु, एक (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /SY at न्यायाधीश, न्यायालय संख्या--03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4398 / 2019श्रीमती <नाम> बनाम राज्य करथधनी बच्चे की सफेद धातु आदि व पीली धातु के जेवरों में दो कड़ापीली धातु, 6 चूड़ी पीली धातु, <नाम> चूड़ी पीली धातु लाख सहित, एक पैण्डलपीली धातु, 6 मंगलसूत्र पीली धातु, तीन लड़ी की चेन पीली धातु, 5 हारपीली धातु, 18 नग कान के टॉप्स पीली धातु आदि बरामद हुईं। वादीमुकदमा द्वारा प्रार्थिया के घर से मिले जेवरातों की पहचान की गयी है। प्रार्थिया / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है किमामले के सह-अभियुक्त गोविन्दा की जमानत दिनाक 02.08.2019 को माननीय सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। जमानतप्रार्थना पत्र केसाथ प्रस्तुत सह-अभियुक्त गोविन्दा के जमानत आदेश की छायाप्रति केअवलेकन से यह दर्शित होता है कि सह-अभियुक्‍त गोविन्दा की जमानतउसके द्वारा चोरी की सूचना पुलिस को दिए जाने तथा उसके कब्जे से एकचेन बरामद होने के आधार <नाम> माननीय सत्र न्यायात्रय द्वारा स्वीकार की गयीहै। प्रार्थिया के कब्जे से एक लाख रूपए व भारी <नाम> में सोने-चांदी केजेवरात बरामद किए गए हैं। ऐसी स्थिति में न्यायालय का यह मत है किप्रार्थिया / अभियुक्ता समानता का <नाम> प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4484_202023-12-202059
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त ने स्वयं का शपथपत्र संलग्न कियाहै। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता क तर्को को सुन लियाअपर सत्र न्यायाधीश ,कोर्ट सं0०-4,आगरा है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ", "इस मामले क संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 19.12.15 कोथाना फतेहपुर सीकरी <नाम> शेलेन्द्र <नाम> <नाम> प्र० अवर अभियन्ता द्वाराइस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि दिनांक 18.12.15 कोसमय करीब 11.30 बजे वह अन्य कर्मचारीगण के साथ पूर्व में बकायेबिल <नाम> काटे गये संयोजनो को पुनः चैक <नाम> रहे तो पाया कि आवेदकअभियुक्त <नाम> बिल जमा किये विच्छेदित केबिल को जोड़कर विद्युतचोरी <नाम> अवैध <नाम> से प्रयोग <नाम> रहा था। वादी मुकदमा द्वारा मुकदमापंजीकृत <नाम> विधिक कार्यवाही करने की <नाम> की गयी । ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि आवेदकअभियुक्त को मुकदमे में झूठा फंसया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है। आवेदक अभियुक्त <नाम> विद्युत विभाग का कोई भी बकाया नहींहै। आवेदक ने उक्त मामले में विद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा करदिया है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदक अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता नेआवेदनपत्र का मौखिक विरोध करते हुये कहा है कि आवेदकअभियुक्त द्वारा <नाम> बिल जमा किये हुये विद्युत चोरी करने का अपराधकारित किया है। आवेदक अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध गम्भीरप्रकृति का है। आवेदक अभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहीं है। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने का निवेदन किया गयाहै। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रो के अवलोकन से यह प्रकट होता हैकि आवेदक अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> बिल जमा किये अवैध <नाम> सेविद्युत चोरी करने का अभियोग दर्ज है। आवेदक अभियुक्त की तरफ सेविद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा करने सम्बन्धी प्रपत्र प्रस्तुत किये गयेहै। जिनका सत्यापन विद्युत विभाग के अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> द्वाराभी किया गया है। आवेदक अभियुक्त मौके से गिरफतार नहीं हुआ है। आवेदक अभियुक्त क विरूद्ध कथित अपराध शमनीय है। चूँकि आवेदकअभियुक्त द्वारा विद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> है तथाजिसकी <नाम> विद्युत विभाग के अधिवक्ता द्वारा भी की गयी है। आवेदक / अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करनेके लिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। वर्तमान मामले कानिकट भविष्य में विचारण पूर्ण होने की कोई सम्भावना नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6996_201904-12-2019969
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्रको प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> पुत्र नौबत <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में कहा गयाहै कि प्रार्थी /अभियुक्त को पुलिस ने झँठे मुकदमें में फसाया है उसने कोई अपराध कारित नही किया है,वह पूर्णतः निर्दोष है। अभियुक्त तीन माह से अधिक समय से जिला जेल में निरूद्ध था जेल में ही उसकेउपर गैगस्टर का झूँठा मुकदमा लगाया है। वह प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नही है तथा उसके विरूद्ध अज्ञात में मुकदमा दर्ज हुआ है जिसमें उसकी जमानत हो चुकी है। उसे <नाम> अभियुक्त के कहने <नाम> ६ 1टनास्थल से भागा हुआ दर्शाया गया है। उसके द्वारा वादी के साथ कोई घटना नही की गयी है वादी नेउसकी कोई शिनाख्त नही की है और <नाम> ही वादी के बयानो में उसका नाम घटना में सम्मिलित होने मेंनही है। वह सजायाफता या हिस्ट्रीशीटर नही है और <नाम> ही वह किसी मुकदमें में नामजद है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी ऱ्यायालय में विचाराधीन नही है। वह तीनमाह से अधिक समय से कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ <नाम> जयवीर सिहं थाना खेरागढ़ जिला <नाम> ने दिनांक 07.07.2019 को 20.50 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण चोवसिंह उर्फ चोबा, वीरेन्द्र उफ वीरू गूर्जर , भूरा, अजयउर्फ बदन <नाम> <नाम> उर्फ करूआ, भूपसिंह कुशवाह, व <नाम> <नाम> के द्वारा संगठित गैंग बना लियाहै, जिसका गैंग लीडर चोब <नाम> है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक लाभप्राप्त करने <नाम> लूटपाट जेसे जघन्य अपराध करते है जिसके <नाम> <नाम> में उक्त अभियुक्तगण का भय व आतंक व्याप्त है। अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गया है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इसके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमेपंजीकृत हैं। इसके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 366/17 धारा-395,412,506,120बी भा.द.स. थाना-खेरागढ़ जिला <नाम> । के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक —2 —को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामला दर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध डकैती करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाताऔर(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रशन है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसका जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार हुए है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की <नाम> एवं अभियुक्त के डकैतीकरने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगतरखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानतपर रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2825_202007-10-20202099
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता <नाम> <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे पुलिस द्वारा अपने उच्च अधिकारियों को बेहतर कारगुजारीदिखाने की नीयत से झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त ने <नाम> से मारने की नीयत से कोईफायर नहीं किया है। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। सहअभियुक्तगण का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जा चुका है। आवेदक /अभियुक्त दिनांक 10.09.2020 सेकारागार में निरुद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि आवेदक / अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर पुलिस <नाम> जानलेवाहमला किया गया है। अत: जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 27.07.2018 को उ0निए0 पुष्पेन्द्र पाल <नाम> मय हमराह रपट नं0 20 समय 11.30 बजे थाना से रवाना होकर कस्बा फतेहाबाद से शमशाबाद रोड <नाम> पहुंचे तो जरिये मुखविर सूचना <नाम> कि दो मोटरसाइकिलों <नाम> सवार 6बदमाश कस्बा फतेहाबाद में किसी बड़े व्यापारी से रंगदारी मांगने के लिये फतेहाबाद सेनिबोहरा जाने वाली रोड से आ रहे हैं। अगर जल्दी ही चैकिंग किया जाय तो पकड़े जासकते हैं। इतना कहकर मुखविर चला गया। मुखविर की सूचना <नाम> <नाम> करके पुलिस 2वाले निबोहरा की तरफ से आने वाले वाहनों की चैकिंग करने लगे। इतने में दो मोटरसाइकिलों <नाम> तीन-तीन व्यक्ति सवार होकर आते दिखायी दिये। जिन्हें रुकने का इशाराकिया तो मोटरसाइकिलों को पीछे मोड़कर भागने लगे तथा पुलिस वालों <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर <नाम> <नाम> जिससे पुलिस वाले <नाम> <नाम> बच गये। आवश्यक <नाम> प्रयोग करके 5 व्यक्तियों को पकड़ लिया तथा एक व्यक्ति मौके से भागने में सफल रहा। पकड़े गये स्पलेंण्डर मोटरसाइकिल सवार तीन व्यक्तियों से नामा पता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो मोटरसाइकिल चालक ने अपना नाम सोनू बताया, जिसके कब्जे से एक तमंचा जिसमें एकखोखा कारतूस, एक जिन्दा कारतूस व 150 /- रुपये बरामद हुये। बीच में बैठे व्यक्ति नेअपना नाम <नाम> <नाम> बताया, जिसकी जामा तलाशी से एक तमंचा 315 बोर, नाल में एक खोखा कारतूस, एक जिन्दा कारतूस तथा 200,/- रुपये बरामद हुये। मोटरसाइकिल <नाम> पीछेबैठे व्यक्ति ने अपना नाम प्रेमवीर उर्फ सिखण्डी बताया, जिसकी जामा तलाशी से एक जिन्दाकारतूस बरामद हुआ। मोटरसाइकिल <नाम> कोई नम्बर प्लेट नहीं थी तथा मोटरसाइकिल केकोई कागजात नहीं दिखा सके। बताया कि उनका साथी सत्यवीर उर्फ <नाम> भाग गया है। ", "मोटरसाइकिल उसी ने अपराध करने के लिये लूटी है जिस <नाम> नं0 यू0पी080-डी.वी.--8577 <नाम> है। मोटरसाइकिल चला रहे व्यक्ति ने अपना नाम धर्मवीर बताया, जिसके कब्जे से एकतमंचा 315 बोर जिसमें एक खोखा कारतूस फंसा तथा एक जिन्दा कारतूस व 300 /- रुपये बरामद हुये। मोटरसाइकिल <नाम> बीच में बैठे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> नन्दन उर्फ ओमवीरबताया, जिसकी जामा तलाशी से एक कारतूस जिन्दा 315 बोर बरामद हुआ। चालक धर्मवीर ने भागे हुये व्यक्ति का नाम <नाम> उर्फ सत्यवीर बताया। पूछताछ करने <नाम> बताया कि कस्बा फतेहाबाद स्थित पैगोरिया स्वीट हाउस के <नाम> <नाम> पैगोरिया से बार बार रंगदारी मांगे जाने <नाम> नहीं दी गयी है। आज सभी लोग <नाम> <नाम> के कहने <नाम> रंगदारी <नाम> दिये जाने केकारण <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने आये थे। अभियुक्तगण ने बताया कि हमलोगों का संगठित गिरोह है। हम अपने आर्थिक, भौतिक <नाम> के लिये चोरी, लूट, रंगदारी व सुपारी लेकर रंगदारी वसूलने का कार्य करते हैं और <नाम> के भिन्‍न भिन्न क्षेत्रों में लूट एवंअन्य घटनाओं को अंजाम <नाम> है। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना फतेहाबाद परमतु0अ0सं0 412 / 2018 अन्तर्गत <नाम> 307 भाएदं0सं0 पंजीकृत हुआ । " ], "judge-opinion": [ "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक /अभियुक्त मौके सेगिरफ्तार नहीं किया गया है तथा उससे कोई तमंचा व कारतूस की बरामदगी नहीं हुयी है। ", "सहअभियुकत प्रेमवीर उर्फ सिखण्डी का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 11.09.2018 को तथा <नाम> Tat Sh Sad का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 11.04.2019 को स्वीकार किया जा चुकाहै। ", "उपरोक्त परिस्थितियों में जमानत प्रार्थनानपत्र के निस्तारण के स्तर <नाम> मामलेके गुणदोष <नाम> चर्चा किये बगैर न्यायालय का निष्कर्ष है कि आवेदक /अभियुक्त के जमानतप्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने का पर्याप्त आधार है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1951_202007-09-20202881
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता विजेन्द्र <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को झूंठाफंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त अवैध शराब की feetनहीं करता है और <नाम> ही उसके कब्जे से अवैध शराब बरामद हुयी है। <नाम> का कोई स्वतंत्रसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह दिनांक 05.08.2020 सेजिला कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्रका विरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त के पास से अवैध शराब बरामद हुयी है। अतःजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी सर्व <नाम> <नाम> आबकारी निरीक्षकद्वारा थाना फतेहपुर सीकरी <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 04.08.2020को वह मय मय हमराह गाड़ी सं0 यसू0पी080-डी.टी.--3579 व यू0पी080-ई.एक्स-3350 2से वास्ते रोकथाम अवैध शराब थाना फतेहपुर सीकरी <नाम> में भ्रमण <नाम> थे कि मुखविरकी सूचना <नाम> वह सब आबकारी व पुलिस फोर्स मय मुखविर सीकरी <नाम> हिस्सा केलिये रवाना हुये। मुखविर द्वारा सीकरी <नाम> हिस्सा के लिये जाने वाले रास्ते परअभियुक्त के घर से लगभग 50 मीटर पहले गाड़ी रुकवाकर इशारे से घर बताकर चलागया। एक वारगी दविश दी गयी तो घर में एक व्यक्ति आंगन में पड़ी चारपाई <नाम> बैठामिला। उसी के पास जमीन <नाम> रखे प्लास्टिक के बोरे की तलाशी लेने <नाम> इसमें से 32देशी शराब के फाइटर ब्राण्ड के 200 एम.एल. के पव्वे बरामद हुये। चारपाई <नाम> बैठेव्यक्ति से नाम पता पूछते हुये बरामद शराब के बारे में पूछताछ की गयी तो इसने अपनानाम दीन <नाम> पुत्र विजेन्द्र <नाम> निवासी नगर सीकरी <नाम> हिस्सा, थाना फतेहपुरसीकरी बताया गया। घर की तलाशी लेने <नाम> जानवरों के कमरे में बनी <नाम> मेंछिपाकर रखे गये एक थेले से 74 पव्वा बरामद हुये। सभी पतव्वों का परीक्षण करने परपाया कि इन <नाम> नकली Ras एवं लेबिल लगे हुये हैं। इससे स्पष्ट है कि यहअवैध तरीके से तैयार की गयी नकली शराब है। जानवर की नॉद में बरामद थेले में फाइटर ब्राण्ड देशी शराब के 2 नकली लेबिल भी बरामद हुये। अभियुक्त द्वारा बतायागया कि यह शराब रेक्टीफाईट स्थप्रिट से तैयार करते हैं तथा इस <नाम> नकली क्यू आर. कोड एवं लेबिल लगाकर उ0प्र0 राज्य में बिकी <नाम> अनुमन्‍्य शराब के दरों के बराबर मूल्य बिकी करते हैं। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना फतेहपुर सीकरी परमु0अ0सं0 69 / 2020 अन्तर्गत <नाम> 420, 467, 468 भाएदंएसं) व 602) आबकारीअधिनियम पंजीकृत हुआ । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) के तर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक /अभियुक्त के कब्जे सेबोरी में रखे हुये 32 पठआ देशी शराब फाइटर ब्राण्ड तथा नॉद में छिपाकर रखे गये 74 पउठआ देशी शराब की बरामदगी हुयी है, इसके अलावा 37 नकली लेबिल की बरामदगी भी कही गयीहै। बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 05.08.2020 सेकारागार में निरुद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1791_202102-03-20211668
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ सत्यवीर <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 28.02.2021 न्यायिक अभिरक्षा में है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किया जाय। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_150_202112-01-20213764
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी /अभियुक्त की सास <नाम> लौंगश्रीपत्नी सूरजपाल, निवासी-हनुमान नगर <नाम> ब्रिज, थाना एत्माददौला, <नाम> ने शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी /अभियुक्त नीटू भूरी <नाम> के मकानमें 10 माह से किराए <नाम> रह रहा था और नीटू ने अपनी जमीन को करीब 4 लाख रूपयेमें <नाम> <नाम> पत्नी भूरी <नाम> के फूफा के लड़के को बेचा था जिसमें भूरी <नाम> बतौरगवाह दर्ज है। जो खेत 4 लाख रूपये में बेचा था उसका पूरा रूपया भूरी <नाम> के पासथा, क्योंकि नीटू भूरी <नाम> के मकान में रहता था। <नाम> को भूरी <नाम> से नीटू द्वाराअपने रूपये वापस मांगा तो उसने कहा कि वह सुबह रूपया वापस <नाम> देगा, परन्तु रूपया वापस नहीं किया और अपनी लड़की को भगाने की झूठी रिपोर्ट थाना हाजा परअंकित <नाम> दी। पर्चा नं0 7ए/22 बयान पीडिता में कहा गया कि दिनांक 14.08.2020 कोमेरे बयान कोर्ट में कराए थे जिसमें मैने बताया था कि मुझे दिल्ली से बरामद किया था। फिर 161 द0प्र०स0 के बयानों मे कहा कि मुझे रामबाग, <नाम> के चौराहे से बरामद किया Bail Application/251/2021 -Nitoo Vs. UP State 2गया था। प्रभारी निरीक्षक <नाम> को पीड़िता ने प्रार्थनापत्र <नाम> कि मेरी आयु 05.01.2003 है। मै अपना आयु का डॉक्टरी परीक्षण नहीं कराना चाहती हूँ। डॉक्टरी रिपोर्ट में पीड़िताका कोई रेप होना नहीं पाया गया है। पीड़िता को वादी द्वारा अपनी किसी रिश्तेदारी मेंभेज <नाम> गया और प्रार्थी / अभियुक्त का गृहस्थी का सामान व 4 लाख रूपये हड़पने कीनीयत से थाना हाजा <नाम> झूठी रिपोर्ट <नाम> <नाम> दी और <नाम> सामान अपने कब्जे में ले लिया है। प्रार्थी / अभियुक्त ने किसी प्रकार का कोई जबरदस्ती बलात्कार नहीं किया है और <नाम> ही बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। प्रार्थी / अभियुक्त का किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और कोई भी मुकदमे मे स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है । प्रार्थी/ अभियुक्त अपनी विश्‍वसनीय जमानते दाखिल करनेको तैयार है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाए। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा भूरी <नाम> द्वारा थानाहाजा <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि उसके मकान पालिका नगर में नीटू पुत्ररूपकिशोर करीब 8 माह से किराए <नाम> रह रहा था। दिनांक 24, 25.02.2020 को समयकरीब 02.30 बजे <नाम> उसकी पुत्री कु0 <नाम> उम्र करीब 17 वर्ष को नीटू पुत्र <नाम> किशोर, मोटरसाइकिल सं0 यूपी0 80 ई <नाम> 9064 <नाम> बैठाकर बहला फुसलाकर भगा ले गया है। सम्भावित स्थानों <नाम> काफी तलाश किया, लेकिन कोई पता नहीं चला है। नीटू कामोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> है जो मिलाने <नाम> स्विच बन्द आ रहा है। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माद्दौला में मुकदमा अपराध सं0138 / 2020 अन्तर्गत <नाम> 363, 366 भा0०दं0सं0० में प्राथमिकी <नाम> की गयी । ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> है। प्रार्थी /अभियुक्त नेकोई अपराध कारित नहीं किया है। विवाद मूल <नाम> से किराएदारी जैसा कि <नाम> नेअपने बयान <नाम> 161 द0प्र0स0 में कहा है व पैसो के लेन देन के बावत है और उसीपेसे के लेन देन को लेकर प््रार्थी/अभियुक्त को झूठा फसा <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया है कि वादी मुकदमा भूरी <नाम> के फूफा के लड़के को खेत बेचा था। उक्त पैसों के बावत यह तय हुआ कि घरआकर पैसे <नाम> देगें और उक्त पैसे <नाम> देना पड़े इसी वजह से यह झूठा मुकदमा वादी द्वाराअंकित <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 15.08.2020 से जिला कारागार आगरामें निरूद्व हैं। अतः प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाए। ", "जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा कथन किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा वादी कीनाबालिग पुत्री को बहला फुसलाकर वादी की संरक्षकता से विवाह करने के उद्देश्य सेभगा ले जाया गया तथा उसके साथ बलात्कार किया व मारपीट की। प्रकरण अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। " ], "judge-opinion": [ " Bail Application/251/2021 -Nitoo Vs. UP State 3मैने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया । उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि वादीमुकदमा द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध उसकी नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले जाने के आधार <नाम> मुकदमा <नाम> कराया गया है। संलग्न केस डायरी में पीड़िता केशैक्षणिक प्रमाण पत्र दाखिल है जिसमें बृज पब्लिक इण्टर कालेज द्वारा निर्गत अंकतालिकामें पीड़िता की जन्मतिथि 05.01.2003 <नाम> है। पीड़िता ने अपने बयान <नाम> 164द0प्रoस० में कहा है कि मै बृज पब्लिक स्कूल से <नाम> 9 का इम्तिहान <नाम> था। मेरी उम्र17 वर्ष है। मेरी जन्मतिथि 01.01.2003 है। मेरे घर में किराए <नाम> नीटू नाम का लड़कारहता था वह मुझे जबरदस्ती शादी का झांसा देकर ले गया। मैने <नाम> किया तो मुझे जानसे मारने की धमकी दी। उसकी मा गुड्डी <नाम> ने मुझे कुछ खिलाकर पागल <नाम> दियाऔर मुझे नीटू बाइक <नाम> लेकर अलीगढ चला गया, फिर वहाँ से दिल्ली ले गया जहाँ मुझे किराए के कमरे में रखा और मेरे साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाए <नाम> करने के बावजूदभी सेक्स किया। मैने घर <नाम> <नाम> करने की कोशिश की तो मुझे मारापीटा। पीड़िता नेअपने बयान <नाम> 161 दए0प्र०स० में भी घटना का समर्थन किया है। मेडिकल कराते समयचिकित्सक को दिए गए बयान में भी पीड़िता ने अभियुक्त द्वारा उसके साथ बलात्कारकरने का कथन किया है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को शादी का झांसा देकर विधिपूर्ण संरक्षकता में से भगा ले जाने और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार करने का कथन उल्लिखित है। प्रकरण अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED