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Bail Application_4344_201914-08-2019615 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के ससुर शकील केशपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा मुकुन्दबिहारी <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायीगयी कि दिनाक 19.07.2019 को समय करीब 04:30 पी0एम० <नाम> गाड़ीसंख्या-यूएपी0 80, डी0जेड0 0014 से अपने चालक सीताराम के साथकमलानगर से खंदौली <नाम> से जा रहे थे। मछली पुलिया के पास पहुँचे तोतीन <नाम> व्यक्तियों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और गाली <नाम> करते हुएजान से मारने की मीयत से लोहे की रोड व डण्डा से उनकी गाड़ी मेंतोड़फोड़ करते हुए उन <नाम> हमला <नाम> दिया। वह <नाम> बचाकर याड़ी सेनिकल भागा। वे लोग उसे मारने के लिए पीछे भागे तभी चौकी इन्चार्जफाउन्ड्ी नगर वहाँ से गुजर रहे थे, उन्होंने उनकी <नाम> बचायी और दो लोगों को <नाम> की मदद से पकड़ लिया जिनका नाम <नाम> सिह व शाहिदहै। <नाम> <नाम> का <नाम> भूरा वहाँ से भाग गया। घटना में उसकी गाड़ी (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4344/ 2019शाहिद बनाम राज्यक्षतिग्रस्त हो गयी है। ये लोग उससे रंजिश रखते हैं। चौकी इन्चार्ज नेंबदमाशों को गिरफतार <नाम> लिया। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुमारबंसल एवं विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ को विगत <नाम> <नाम> सुना जा चुका है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 20.07.2019 से जिला कारागार में है। वादी द्वारा अपने शरीर <नाम> चोट <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त <नाम> सेलौटकर अपनी साईकिल से आ रहा था तभी कार चालक सीताराम व वादीअपनी कार से आ रहे थे तो प्रार्थी घायल होकर जमीन <नाम> गिर पड़ा। दुर्घटना देख मौके <नाम> भीड़ इकट्ठी हो गयी जिन्होंने कार चालक व वादीको रोक लिया तथा 100 नम्बर <नाम> फोन करके बुला लिया। चालक व वादीको पुलिस थाने ले गयी। वहाँ वादी ने अभियुक्त क विरूद्ध झूठा मुकदमालिखा दिया। प्रार्थी की वादी से कोई रंजिश नहीं है। प्रार्थी का अपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमामत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथम किया गया कि्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी व उसकेचालक <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से हमला किया गया है तथा उसकीगाड़ी को क्षतिग्रस्त किया गया है। अभियुक्त को पुलिस द्वारा मौके <नाम> हीमिरफूतार किया गया है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
" अभियोजन प्रपत्रोंका सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 19.07.2019 की समय 16:30 बजे की हे। प्रार्थी <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4344/2019शाहिद बनाम राज्य सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी व उसके चालक को मुकदमा परजान से मारने की नीयत से लोहे की रोड व डण्डे से वादी व उसके चालकपर हमला करने व उसकी गाडी क्षतिग्रस्त करने का आरोप है। केस डायरीपर उपलब्ध चुटैलों की चिकित्सीय परीक्षण आख्याओं के अनुसार चुटैलमुकुन्द बिहारी <नाम> का चिकित्सीय परीक्षण दिनाक 19.07.2019 को 08:40पीछएम0 <नाम> किया गया है जिसमें उसके नीलगू निशान, खरोंच की चोटें वदर्द की शिकायत किया <नाम> दर्शित किया गया है। चिकित्सक द्वारा उक्तचोटों को साधारण <नाम> का होना बताया गया है। इसी प्रकार चुटैलसीताराम का चिकित्सीय परीक्षण दिंनाक 19.07.2019 को समय 08:52पी0एम0 <नाम> किया गया है जिसमें उसके तीन जगह दर्द की शिकायत होनादर्शित किया गया है। उक्त चोटों के संबंध में चिकित्सक द्वारा कोई रायव्यक्त नहीं की गयी है। उक्त चिकित्सीय आख्याओं के अवलोकन से यहदर्शित होता है कि चिकित्सक द्वारा किसी भी चुटैल को कोई प्राणघातक चोटआने का उल्लेख नहीं किया गया है। प्रार्थी लगभग 25 <नाम> से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध हे। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4669_201928-08-201988 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्तगण की माता व पैरोकारश्रीमती <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गईकि उसका नाती रवीकान्त उम्र करीब 26 वर्ष रोमसंस कम्पनी में नौकरीकरता है। रोजाना की भांति रवीकान्त दिनोक 31.07.2019 को सुबह डयूटीपर गया था। डयूटी के <नाम> वह वापस नहीं आया। काफी खोजबीन की गयी। <नाम> <नाम> कोई पता नहीं चला है। उसका मोबाइल नम्बर<फ़ोन-नंबर>, <फ़ोन-नंबर> है, वो उस <नाम> घर <नाम> ही छोड़ गया था। इससंबंध में प्रार्थी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार <नाम> थाना बरहन मेंदिनाक 01.08.2019 को गुमशुदगी दर्ज की गयी थी। दिनाक 01.08.2049 को ही मोबाइल नम्बर <फ़ोन-नंबर> से रविकान्त के मोबाइल <नाम> कॉल आयीजिसे उनके रिश्तेदार <नाम> शीनू द्वारा रिसीव की गयी। कॉल करने वाले व्यक्तिद्वारा गाली गलौज करते हुए कहा गया कि किसी से कुछ कहा तो गोली मार देंगे और पाँच लाख रूपए का इंतजाम <नाम> समय और जगह हम बतांएगे। उसके नाती को प्रणवीर के द्वारा अपनी मोटरसाईकिल से <नाम> जलेसर (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) /अप सतत प्राथना प्र संख्या 10090 2018गौरव बनाम राज्यमार्ग नगला धौकल बम्बा पुलिया <नाम> 08:30 <नाम> उतरा था, वहीं से गायबहुआ है। उक्त संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष हैं। प्रार्थी दिनांक 04.08.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी के विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थी को उसके घरसे <नाम> में उठाकर झूठा चालान <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी छात्र है। प्रार्थी काकोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र हैइसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है । विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किअभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर किराए का मकान लेकर सह-अभियुक्तरवीकान्त के घरवालों से पैसा हड़पने के लिए सह-अभियुक्त रवीकान्त के हीअपहरण की झूठी <नाम> बनायी गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रियात हुसैन एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़ कोसुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 31.09.2019 की समय 20:30 बजे की बतायी गयी है। धारा193 भारतीय दण्ड <नाम> मिथ्या साक्ष्य देने या गढ़ने के लिए दण्ड काप्रावधान करती है। इसी प्रकार <नाम> 19 भारतीय दण्ड <नाम> मिथ्या साक्ष्यदेना या गढ़ना यदि किसी व्यक्ति की दोषसिद्धी के संबंध में हो, तब लागूहोती है। वर्तमान प्रकरण में सह--अभियुक्त रवीकान्त द्वारा अपने घर <नाम> छोड़ेगए अपने मोबाइल फोन <नाम> किसी अन्य व्यक्ति से फोन कराकर अपनेअपहरण की फिरौती मांगा <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी लगभग 25 <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /SY at न्यायाधीश, न्यायालय संख्या--03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4669 / 2019गौरव बनाम राज्य से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। सह-अभियुक्तगण डोरीलाल वदीपक की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक 20.08.2019 को स्वीकार कीजा चुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4055_201903-09-20194837 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोकन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> नेथाना एत्माददौला <नाम> में तहरीर प्रस्तुत की कि दिनांक 3/4--09--2014 को उसकीपुत्री तन्नू आय 8 वर्ष घर के बाहर चबूतरे <नाम> सो रही थी। रात लगभग 2.30 बजेआवेदक /» अभियुक्त हरीचंद पुत्र खेतू आया और उसकी सोती हुयी पुत्री को उठाकरले गया तथा प्राथमिक स्वास्थ <नाम> में ले जाकर उससे छेड़छाड़ करने लगा। अचानकउधर से 3-4 लोग आ गये जिनको देखकर वह तन्नू को छोड़कर भाग गया तथा उसेधमकी दी कि घर <नाम> जाकर कुछ मत बताना नहीं तो <नाम> से मार दूँगा। वादी कीपुत्री ने रोते हुये सारी घटना उसे बतायी । ",
"आवेदक » अभियुक्त द्वारा प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में यह कहा हैकि उसकी जमानत उक्त प्रकरण में न्यायालय से दिनाक 16-12-2014 को हो चुकीहै। अभियुक्त <नाम> किसी सम्मन या वारंट की तामील नहीं हुयी इसलिये वह न्यायालयनहीं आ सका अतः दिनांक 02--04-2015 को उसके विरुद्ध <नाम> जमानत वारंट जारीहो गये। अभियुक्त को दिनांक 07-07-2019 को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गयाहै तभी से आवेदक कारागार में निरुद्ध है। आवेदक / अभियुक्त ने जानबूझ <नाम> गलतीनहीं की है। शपथपत्र में कहा गया है कि अभियुक्त का यह द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्रहै इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में अथवा माननीयउच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। ",
"ए0डी0जी0सी0 द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहा किअभियुक्त द्वारा वर्ष 2014 से <नाम> <नाम> जमानत प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किये हैं व उसनेजमानत आदेश का उललघंन किया है अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त करने की याचनाकी। ",
"पत्रावली के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्त हरीचंद कीनियमित जमानत पूर्व न्यायालय द्वारा दिनांक 16-12-2014 को स्वीकार हुयी थी मूलजमानत आदेश के अवलोकन से स्पष्ट है कि चूँकि दिनांक 16-12-2014 कोअधिवक्तागण न्यायिक कार्य से विरत थे अतः उस <नाम> विद्वान पूर्व पीठासीन अधिकारीद्वारा अभियुक्त को व्यक्तिगत बंधपत्र <नाम> <नाम> किया गया था तथा उसे आदेशित कियागया था कि वह मुबलिग 50,000-50,000 रुपये की दो प्रतिभूयें एक माह के अन्दर न्यायालय में प्रस्तुत करे। ",
"उक्त आदेश से स्पष्ट है कि पूर्व पीठासीन <नाम> द्वारा अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार करते हुये उसे एक माह में जमानत बंधपत्र प्रस्तुत करने काआदेश <नाम> गया व व्यक्तिगत बंधपत्र <नाम> <नाम> किया गया था किन्तु आवेदक / अभियुक्तने उक्त आदेश के अनुपालन में जमानत बंधपत्र न्यायालय में कभी प्रस्तुत नहीं किये औरअभियुक्त द्वारा जमानत प्रपत्र दाखिल करने का प्रयास भी नहीं किया गया तथाअभियुक्त द्वारा घोर लापरवाही वरती गयी। आवेदक » अभियुक्त न्यायालय में भी उपस्थितनहीं हुआ अतः न्यायालय द्वारा दिनांक 02-04-2015 को उसके विरुद्ध <नाम> जमानतीवारंट जारी किये तथा अभियुक्त को पुलिस द्वारा गिरफ्तार <नाम> न्यायालय में पेश कियागया । "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक /» अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त को विद्वान पूर्व पीठासीनअधिकारी के आदेश दिनांक 16-12-2014 के अनुसार आदेश की दिनांक से एक माह मेंदो जमानत बंधपत्र प्रस्तुत करने थे जो उसके द्वारा नहीं किये गये अतः उक्त जमानतआदेश एक माह के पश्चात स्वतः निष्प्रभावी हो गया था। पत्रावली के अवलोकन से स्पष्टहै कि उसके <नाम> भी अभियुक्त लगभग साढ़े <नाम> साल से अधिक समय <नाम> अनुपस्थितरहा तथा कभी भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ जब न्यायालय द्वारा कई बार बिनाजमानती वारंट निर्गत किये गये तब उसे पुलिस गिरफ्तार <नाम> पायी। अभियुक्त काआचरण यह प्रदर्शित करता है कि उसके द्वारा न्यायालय द्वारा दी गयी सहूलियत कादुरुपयोग किया गया है तथा दिनांक 16-12-2014 से वह अनुपस्थित रहा है। मामले केतथ्य व परिस्थितियों में यह पाया जाता है कि अभियुक्त का मूल जमानत आदेश वर्तमानसमय में प्रभावी नहीं है तथा अभियुक्त जिस प्रकार से लगभग साढ़े <नाम> साल तकअनुपस्थित रहा है तथा वाद के विचारण में सहयोग नहीं किया है उससे यह पता चलताहै कि वह पुनः सहानुभूति का <नाम> नहीं है। अभियुक्त द्वारा 8 वर्ष की नाबालिगबच्ची का अपहरण <नाम> उसके साथ बुरा बर्ताव किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3362_202020-10-20201725 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पेरोकार <नाम> ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्तगण का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालयमें लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनाक 14.07.2020 को एसएआई० उदयवीरसिंह द्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ मुखबिर की सूचना <नाम> कि कागारौल की तरफ से 06 ट्रैक्टर ट्रॉली बालू /मौरंग भरकर अवैध खनन से किरावली की ओर आने वाली हैं, यदि जल्दी की जायें तो उनको पकड़ा जा सकता हैं, तदुपरान्त वादी पुलिस पार्टी द्वारा मुखविर के बताये स्थान <नाम> पहुँचकर, मुखविर के इशारे <नाम> समयलगभग 18:45 बजे कागारौल की तरफ से आते ट्रैक्टरों को रोका गया तथा उनको ट्रॉली में भरी बालू /मौरंग को देखकर उक्त लोगों से कहा गया कि इस तरीक से (2) खनन करके बालू ले <नाम> कानूनन जुर्म है। सभी द्वैक्टर चालकों से बालू / मौरंग सेसंबंधित कागजात मांगे तो दिखाने में कासिर रहे। ट्रैक्टर को चौकी चलने के लिएकहा गया तो आगे खडे <नाम> 735 एफई के चालक ने दैक्टर को स्टॉर्ट <नाम> भागने का प्रयास किया तो कॉ० 1030 राघवेन्द्र <नाम> ने ट्रैक्टर चालक को दौड़कर रोकने <नाम> कहा तो अन्य सभी चालकों व ट्रैक्टर <नाम> बैठे व्यक्तियों द्वारा पुलिस वालों को गालीगलौज व धमकी देते हुए ट्रैक्टर <नाम> लेकर भाग रहे चालक ने कॉ० 1030 राघवेन्द्र <नाम> को <नाम> से मारने को नीयत से ट्रैक्टर मय ट्रॉली उसके <नाम> चढा दी जिससेराघवेन्द्र <नाम> लह्ुलुहान होकर सड़क <नाम> गिर गया। यह देखकर सभी चालक वव्यक्ति मौके से भाग गए। दौड़कर पीछा करने <नाम> एक व्यक्ति को पकड़ लिया, शेष09 व्यक्ति भाग गए। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। भागे हुए व्यक्यों के नाम जीतू <नाम> <नाम> अमरेश, द्वारिकाप्रसाद, गजेन्द्र <नाम> रामदिनेश <नाम> शेरा <नाम> हेत <नाम> व समय <नाम> बताए। अभियुक्त को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके परतैयार की गयी तथा अभियुक्त को मय बरामद ट्रेक्टर-ट्राली के थाने ले जाया गया। ",
"वादी / उपनिरीक्षण उदयवीर <नाम> द्वारा अभियुक्तगण कृष्णकुमार, जीतू खान,नरेश, अमरेश, द्वारिका <नाम> गजेन्द्र <नाम> रामदिनेश <नाम> शेरा <नाम> हेतसिंह एवंसमय सिह के विरूद्व थाना अछनेरा <नाम> मु0अ०सं0 295/ 2020 <नाम> 307, 332, 353,504, 506, 34. 379, 411 भा0द0सं0 एवं 5/70 <नाम> अधिनियम में प्राथमिकी अंकितकी गइ। ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगणनिर्दोष है। उनको <नाम> अभियुक्त के इकबालियाँ बयान के आधार <नाम> इस मामले में झूठॉँ नामित किया गया है, जबकि अभियुक्तगण द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं कियागया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्तगण को मौके <नाम> गिरफ्तार नहीं कियागया है। प्राथमिकी के अनुसार उक्त घटना में किसी भी व्यक्ति के कोई चोटआना दर्शित नहीं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। ",
"<नाम> अभियुक्तगण किशन <नाम> जीतू <नाम> <नाम> एवं द्वारिका <नाम> की जमानत विशेष न्यायाधीश (एस.सी./एस.टी.एक्ट) <नाम> द्वारा स्वीकार की जा चुकी हैं। अभियुक्त का केस <नाम> अभियुक्तगण के केस के समान हैं। अभियुक्तगण दिनांक 15.10.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी प्रार्थना की गई । जमानत प्रार्थना पत्र सं0: 3362 / 2020विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा इस तथ्य को स्वीकार किया गया किउक्त घटना में वादी एवं किसी भी अन्य व्यक्ति के कोई चोट नहीं आई हैं तथा सहअभियुक्तगण किशन <नाम> जीतू <नाम> <नाम> एवं द्वारिका <नाम> की जमानत विशेष न्यायाधीश (एस.सी. /एस.टी.एक्ट) <नाम> द्वारा स्वीकार की जा चुकी हैं। अभियुक्त काकेस <नाम> अभियुक्तगण के केस के समान हैं। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए, अवैध खनन किए जाने तथापुलिस पार्टी को <नाम> से मारने के आशय से उन <नाम> हमला किए जाने का आरोप है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तर्को को सुना तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया । ",
"प्राथमिकी के अनुसार अभियुक्तगण को मौके <नाम> गिरफूतार नहीं किया गया है,तथा प्राथमिकी एवं केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उक्त घटना में किसी भी व्यक्ति के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भीनहीं बताया गया है। यह तथ्य अविवादित है कि <नाम> अभियुक्तगण किशन <नाम> जीतूखान, <नाम> एवं द्वारिका <नाम> की जमानत विशेष न्यायाधीश (एस.सी. / एस.टी.एक्ट)आगरा द्वारा स्वीकार की जा चुकी हैं। अभियुक्तगण दिनांक 15.10.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4636_201926-08-2019199 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता व पैरोकारभगवान <नाम> शिवहरे के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाआबकारी निरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इसआशय की दर्ज करायी गयी कि दिनाक 15.08.2019 को वह अपने साथी केसाथ <नाम> के भ्रमण <नाम> था। उसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> कि बोदलास्थित एक दुकान से अवैध <नाम> से बंदी के अवसर <नाम> शराब बेची जा रही है,मौके <नाम> पहुँचकर एक व्यक्ति, जो हाथ में सफेद रंग का प्लॉस्टिक को बोरालेकर निकल रहा था, को गिरफतार किया गया। नाम पता पूछे जाने परउसने अपना नाम <नाम> कूमार बताया। बोरी की तलाशी ली गयी तो एकगत्ते की पेटी में 48 पौवा रायल स्टैग विस्की फॉर सेल उत्तर प्रदेश ओनलीअंकित पाया गया तथा गोदाम से एक प्लॉस्टिक की बोरी में 5 किलनी केस्टीकर लगी हुई प्लॉस्टिक की बोतलों में रंगीन शराब बरामद हुई। जबअभियुक्त से पूछा गया तो उसने बताया कि अवैध <नाम> से शराब बेचने का <नाम> <नाम> <नाम> कुशवाह तथा गोविन्द <नाम> कुशवाह की मदद से करताहै। यह भी बताया कि यहाँ <नाम> हरियाणा प्रान्त से <नाम> शराब मंगाकर उसे (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रकक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4636 / 2019मनोज <नाम> बनाम राज्यउत्तर प्रदेश में विकय <नाम> अनुमन्य शराब में मिश्रित <नाम> बोतलों में भर दियाजाता है। यह कार्य वह <नाम> <नाम> व गोविन्द <नाम> के साथ मिलकरकरता है। बरामद माले को सील मुहर <नाम> नमूना लिया गया। अभियुक्त कोजुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। ",
"प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 16.08.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी दिनाक 15.08.2019 को अपने घर से जाने केलिए ऑटो का इंतजार <नाम> रहा था, उसी समय उपरोक्त मार्केट में स्थित किसी दुकान <नाम> पुलिस द्वारा छापा मारा गया। दुकान संचालनकर्ता दुकानसे भाग गए, पुलिस द्वारा गलतफहमी वश प्रार्थी को पकड़कर थाने ले जाकर उपरोक्त केस में झूठा फंसा दिया। प्रार्थी से झूठी बरामदगी दर्शित की गयीहै। घटना का कोई जन <नाम> नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहासनहीं है। मामला अवर न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी ,, अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन कियागया कि अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसकेकब्जे से अवैध शराब व नकली बोतलें आदि बरामद की गयीं हैं। उपरोक्तआधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुमारशर्मा एवं विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाशघाकड़ को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनांक 15.08.2019 की समय 21:15 बजे की है। प्रार्थी परबंदी वाले <नाम> अवैध <नाम> से शराब बेचने आदि का आरोप लगाया गया है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दा्प्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4636 / 2019मनोज <नाम> बनाम राज्यकेस डायरी के अनुसार प्रार्थी को दिनाक 15.08.2019 को गिरफ्तार किएजाने, उसके कब्जे से 48 पौवा शराब बरामद किए जाने तथ गोदाम से 5प्लॉस्टिक की सस््टीगर लगी बोतलों में हरियाणा व उत्तर प्रदेश राज्य कीमिश्रित शराब बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी लगभग 10 <नाम> से जिला कारगार में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारापरीक्षणीय है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहासप्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4991_201907-09-20194652 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त क पैरोकार सर्वेश कुमारराठौर पुत्र मंसुखलाल ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि्रार्शी/ अभियुक्त उपरोक्त मुकदमे में पूर्व में जमानत <नाम> है। प्रार्थी/ अभियुक्तपिछली नियत <नाम> 15.03.2016 को उपस्थित <नाम> होने के <नाम> माननीय न्यायालयद्वारा वारंट जारी <नाम> दिये थे। प्रार्थी/अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं कीहै, बल्कि उसको चिकिनगुनिया की बीमारी हो गयी थी, जिसका प्रार्थी/ अभियुक्तदेशी इलाज कराता रहा और इसकी सूचना अपने अधिवक्ता को नहीं <नाम> पाया। इसकारण हाजिरी माफी प्रार्थनापत्र प्रस्तुत नहीं <नाम> सका और वारंट जारी हो गये। ्रार्शी/ अभियुक्त दिनांक 08.04.2019 से जिला जेल में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्तभविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं करेगा तथा समय से न्यायालय में प्रत्येक <नाम> परउपस्थित होता रहेगा। प्रार्थी/अभियुक्त अपनी विश्वसनीय जमानत देने को तैयारहै । जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की प्रार्थना की है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 19.10.2013को जब पुलिस पार्टी देखभाल <नाम> गइत शान्ति व्यवस्था, चैकिंग संदिग्ध व्यक्तिव्यवस्था व तलाश वांछित अपराधी <नाम> थाने से रवाना होकर <नाम> पुरा चौराहापहुंचे, तो मुखविर खास द्वारा दी गयी सूचना <नाम> रेलवे कासिंग से पहले पैट्रोल पम्प <नाम> अपने वाहन खड़ा करके पैदल पैदल मुखविर द्वारा बताये गये स्थान की तरफरेलवे कासिंग लाइन क किनारे झुण्ड बनाकर बैठे 9 व्यक्तियों को समय करीब 21.50 बजे पकड़ लिया, पकड़े गये व्यक्तियों का नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी लीगयी, तो पहले ने अपना नाम <नाम> <नाम> दूसरे ने <नाम> तथा तीसरे ने <नाम> 2कुमार पुत्र किशनलाल, निवासी 100 फुटा हनुमानगढ़, थाना उत्तर, जिला फिरोजाबादबताया, जामा तलाशी लेने <नाम> पहने पेंट की दाहिनी जेब से 2 अदद मोबाइल,जिसमें एक सैमसंग, दूसरा फोरमी तथा पेंट की वांयी जेब से दो अदद कारतूस जिन्दा315 बोर तथा पहने पेंट की वांयी फॅट से एक अदद तमंचा 315 बोर बरामद हुए। ",
"वादी /एस०ओ0 आशीष <नाम> <नाम> द्वारा अभियुक्त <नाम> <नाम> केविरूद्ध थाना जगदीशापुरा, जिला <नाम> <नाम> मु0अ०सं0 588,2013 अन्तर्गत <नाम> 25आयुध अधि0 में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> क विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत किया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। ्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध दिनांक 15.03.2016 से एन0बी0डब्ल्यू० जारी थे। ्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा दिनांक 08.04.2019 को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया, जहां सेउसे जिला कारागार <नाम> भेज <नाम> गया। प्रार्थी/अभियुक्त चिकिनगुनिया रोग सेपीड़ित हो जाने के <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका और अपने अधिवक्ताको भी सूचित नहीं <नाम> सका। जिस <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित नहीं रह सकाऔर माननीय न्यायायालय द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> जमानती वारंट जारीकर दिये । प्रार्थी/अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है। अतः उसे न्यायहितमें जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर से जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त इसमामले में जानबूझकर काफी लम्बे समय से गैर हाजिर हुआ था, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू० की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी/अभियुक्त की वजह से इसमामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा पूर्व में प्रदत्तकी गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा वादी सेलूट की गयी है। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहींहै । अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्शी/अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> कुमारइस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिन बीच मेंउसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध जारी एन0बी0डब्ल्यू0 के आधार परउसके द्वारा न्यायालय में आत्म <नाम> किया, जहां से न्यायालय द्वारा उसे जिलाकारागार <नाम> भेज <नाम> गया। प्रार्थी/ अभियुक्त इस मामले में जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2069_202117-03-2021989 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदन पत्र के समर्थन मेंअभियुक्त के पिता रामप्रकाश का शपथ पत्र संलग्न किया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से अपने आवेदन पत्र में कथन किया गया है किप्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था तथा नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के कारणमाननीय न्यायालय द्वारा प््रार्थो/अभियुक्त के विरूद्व गैर जमानती वारंट के आदेश पारित करदिये गये। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 22.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्व है। ",
"मैंने आवेदक/ अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त सामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। ",
"इस मामले में आवेदक / अभियुक्त <नाम> <नाम> जाटव जमानत <नाम> था उसके पश्चात न्यायालय में अनुपस्थिति के फलस्वरूप उसके विरूद्व न्यायालय द्वारा अजमानतीय अधिपत्र निर्गत किया गया जिसके फलस्वरूप वह उक्त अजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन मेंसम्बन्धित पुलिस द्वारा गिरफतार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन कियागया है कि उसने जानबूझकर कोई गलती नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त मेहनत मजदूरी 9करता है। मजदूरी करने के लिए <नाम> चला गया था। इसी <नाम> आवेदक / अभियुक्तन्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि आवेदक / अभियुक्त दिनांक22.02.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्व है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था औरनवीन जमानत देने के लिए तत्पर है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने न्यायालयके समक्ष यह भी आश्वस्त किया है कि वह न्यायालय में नियत तिथियों <नाम> व्यक्तिगत <नाम> सेउपस्थित होता रहेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1420_202102-03-20211639 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। पुलिस ने प्रार्थी / अभियुक्तको मात्र गुडवर्क दिखाने के आशय से नामित किया है। प्राथमिकी अज्ञात मेंदर्ज है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है, <नाम> हीकोई दोषसिद्धि है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 03.02.2021 को अवर न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है। प्रार्थी / अभियुक्तदिनांक 15.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। अतः जमानतदिये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष के अनुसार, प्रार्थी ,/ अभियुक्त को पुलिस टीम द्वाराग्राम पचगई खेड़ा से आ रही रोड <नाम> दिनांक 13.01.2021 को <नाम> 11:25बजे पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया एवं अभियुक्त से मुकदमाउपरोक्त से संबंधित <नाम> बरामद किया गया। जमानत <नाम> अवमुक्ति की दशामें प्रार्थी अभियुक्त द्वारा जमानत के दुरूपयोग की प्रबल <नाम> है। अतःप्रार्थी अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयीहै। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा परिशीलन किया। ",
"फर्द बरामदगी के अनुसार, अभियुक्त की गिरफ्तारी के <नाम> अभियुक्तके पास से उक्त अपराध से संबंधित चोरी किये गये सामान में से पांच हजार रूपये, एक चैन पीली धातु बरामद होना बताया गया है किंतु वादिनी से उक्तधनराशि व पीली धातु की पहचान नहीं करायी गयी है। अभियुक्त द्वारा यहआधार लिया गया है कि अभियुक्त के पास से फर्जी बरामदगी दिखाई गयीहै। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। कथित घटना का कोईजनसाक्षी दर्शित नहीं किया गया है। इस स्तर <नाम> अभियोजन की ओर सेऐसी कोई सामग्री प्रस्तुत नहीं की गयी है, जिससे स्पष्ट हो किप्रार्थी / अभियुक्त जमानत <नाम> <नाम> होने के पश्चात साक्ष्यों से छेड़छाड़ करेगा। प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है तथा अभियुक्त दिनांक 15.01.2021 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1277_202115-03-20211099 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र बालकृष्ण <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत कियागया है। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथन है कि उसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 11.02.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन हैऔर <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 26. फरवरी को वादी <नाम> <नाम> का <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एक बुकिंग लेकर मारूतीसुजूकी अर्टिंगया यू0पी0 16 ई०टी0 8410 <नाम> के लिए गया था एवं 27 को <नाम> था। परन्तु 27 फरवरी को अचानक उसका फोन 7:00पी.एम. से बन्द हो गया एवं गाड़ी को जी0पी0एस0० लोकेशन भी अनलाइन हो गया। उसे नशीला पदार्थ सुंघाकर कुछ लोग गाड़ी लेकर चले गये और वादी को 28 को <नाम> पुलिस चौकी से प्राप्त सूचना के आधार <नाम> गम्भीर अवस्था में मिला। ",
"जी0पी0एस0 के अनुसार गाड़ी का लास्ट लोकेशन 32/1644 बल्केशवर रोड <नाम> मस्जिद नीयर Bail Application/2496/2021 -Ajay Kumar Mishra @ Shelu Pandit Vs. UP State 2 स्टेट बैंक <नाम> वाड़ा, <नाम> नगर, <नाम> शो हो रहा था, जो कि अनलाइव था। अतः रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प््रार्थी/ अभियुक्त ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। उपरोक्त मुकदमें में प्रार्थी/ अभियुक्त कोझूंठा फंसा <नाम> गया है। शपथकर्ता के <नाम> ने उपरोक्त गाड़ी चोरी नहीं की है, क्योंकि वहआगरा ही नहीं है। शपथकर्ता के <नाम> <नाम> <नाम> उफ शैलू पण्डित के <नाम> बाजपेयी <नाम> 2,50,000/-रूपये उधार थे, जिसके बदले में <नाम> ने अपनी अर्टिगा कार यू0पी0 16 ई0टी0 8410 शपथकर्ता के <नाम> को <नाम> दी। कागजात मांगे गये तो आज कल कहकर टालमटोल करतारहा तथा कागजात <नाम> देने <नाम> शपथकर्ता के <नाम> ने उपरोक्त गाड़ी थाना वजरिये में ले जाकरसरेन्डर <नाम> दी तो पुलिस ने शपथकर्ता के <नाम> व <नाम> वाजपेयी दोनों को मु0अ0सं00010/2021, अंतर्गत <नाम> 411, 420, 467, 468, 471 भा0द0स6 व 41 द0प्र०स0०, थाना वजरिय <नाम> में बन्द <नाम> <नाम> परन्तु <नाम> में <नाम> वाजपेयी को पुलिस ने अवैध सांठ-गांठ छोड़ <नाम> और <नाम> आरोप शपथकर्ता के <नाम> <नाम> मढ़ <नाम> और उपरोक्त मुकदमें में झूंठा फंसादिया है। प्रार्थी/ अभियुक्त की जमानत दिनांक 15.02.2021 को माननीय अवर न्यायालय क द्वारा खारिज <नाम> दी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत पररिहा कियेरिहा किये जाने का निवेदन किया गया है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) के द्व गरा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प््रार्थी/ अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के <नाम> को नशीला पदार्थ सुंघाकर गाड़ी चोरी की गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त के द्वारा जमानत का दुरूपयोगकियेकर फरार होने तथा पुनः अपराध कारित किये जाने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी का परिशीलन किया। ",
"प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि प््रार्थी/अभियुक्त <नाम> आरोप है कि उसके द्वारा वादी मुकदमा के <नाम> को नशीला पदार्थ सुंघाकर उसकी गाड़ी चोरी की गयी है। ",
"चोरी की गयी गाड़ी थाना बजरिया, जिला <नाम> नगर में बरामद हुई, जिसके संबंध मेंमु0अ0सं0- 10/2021, अंतर्गत <नाम> 411, 420, 467, 468, 471 भा0द0स06 पंजीकृत हुआ। चोरीकी गयी गाड़ी अभियुक्त के कब्जे से बरामद हुई । प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के <नाम> को नशीला सुंघाकर देकर गाड़ी चोरी की गयी है और उक्त गाड़ी को फर्जी नम्बर प्लेटलगाकर चलाया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3150_202008-10-20202077 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक/ अभियुक्त के <नाम> भीमसैन का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाप्रमोद <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि प्रार्थी मोतीनगर कैजरारोड बिजौली का निवासी है। प्रार्थी के साथ दिनांक 06.03.2020 को समय करीवन 10.30 बजे के लगभग मुल्ला पुत्र राजाराम नशे मे धुत प्रार्थी के घर आकर प्रार्थी केसाथ मारपीट करने लगा और प्रार्थी से जाति सूचक <नाम> चमार आदि कहने लगा और कहने लगा कि यहाँ रहेगा तो हम को पैसा देगा वरना हम तुझे <नाम> से मारदेगे, मारते पीटते हाथ में तेजधार हथियार चाकू से चोट की, जो प्रार्थी ने काफीबचाया जो सिर में <नाम> लगकर हाथ में घाव हो गया। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 08.03.2020 को अभियुक्त भुलला के विरूद्धअपराध संख्या-45/ 2020 <नाम> धारा-323, 506 भा०0द0सं0 व 3 (1) ध व ३(2) v4एस.सी. /एस.टी.एक्ट का अभियोग थाना बाह, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में रंजिश केकारण झूंठा फॅसाया गया है। घटना दिनांक 06.03.2020 की बतायी गयी है, जबकिप्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 08.03.2020 को थाने <नाम> दर्ज करायी गयी है, देरी का -2-कोई पर्याप्त <नाम> नहीं दशार्या गया है। आवेदक/ अभियुक्त व वादी मुकदमा पड़ौसी हैं तथा साझे में गाय, भैंस खरीदने का कार्य करता हैं, दोनों ने गॉव से एकभेसा पचास हजार रूपये में खरीदी, जिसको वादी मुकदमा ने अकेले अधिक लाभप्राप्त करने के लिये बेच <नाम> और समस्त रूपया अपने पास रख लिया,मॉगने परटालमटोल करता रहा और कहा कि खर्च हो गये हैं, <नाम> दूंगा और <नाम> में रूपयेदेने से <नाम> <नाम> <नाम> और अनुसूचित जाति का <नाम> लेते हुये पैसा <नाम> देने कीरंजिश के <नाम> झूंठा मुकदमा कायम <नाम> दिया। वादी के द्वारा घटना की चोटों का डाक्टरी मुआयना कराया गया है, जिसमें मात्र एक साधारण चोट कुन्द हथियारसे <नाम> बताया गया है, जबकि वादी के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में चाकू से बारकरना बताया गया है। आवेदक / अभियुक्त इस मामले में थाने से जमानत <नाम> थातथा <नाम> 3 (1) ध व ३3(2) ४३ एस.सी./एस.टी.एक्ट के अंतर्गत न्यायालय मेंचार्जशीट प्रस्तुत की गयी है, जो अन्य धाराएं लगायी गयी है, वह जमानत योग्यहैं। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि वादी मुकदमा व आवेदक / अभियुक्त एक ही गॉव के रहने वाले हैं, किन्तु आवेदक / अभियुक्त दबंगकिस्म का व्यक्ति है, इसी के चलते वह दिनांक 06.03.2020 को वादी मुकदमा के ६र नशे की हालत में पहुंचा और उसको जाति सूचक गालियाँ देकर अपमानितकिया, मनाकरने <नाम> उस <नाम> चाकू से हमला <नाम> <नाम> जिससे वादी मुकदमा कोचोट आयी है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रं काअवलोकन किया। ",
"इस मामले की घटना दिनांक 06.03.2020 को समय 10-30 बजे <नाम> कीबतायी जाती है, जबकि वादी के द्वारा थाने <नाम> इसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक08.03.2020 को दर्ज करायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी में देरी से दर्जकराये जाने का कोई <नाम> नहीं दर्शाया गया है। वादी के द्वारा थाना <नाम> जो प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है, उसमें घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहींदर्शाया गया है, जबकि घटना <नाम> की और गॉव के अन्दर की दर्शायी गयी है। वादी मुकदमा की चोट रिपोर्ट देखने <नाम> यह पाया गया कि उसे आयी सभी चोटेंसामान्य <नाम> की है, कोई धारदार हथियार की चोट नहीं पायी गयी है। इसमामले में आवेदक / अभियुक्त पूर्व से थाने से जमानत <नाम> था तथा मामले में <नाम> -3-विवेचना आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3457_201906-07-20192466 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र केसाथ अभियुक्त के पुत्र <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है,जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमारमेश चन्द ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि वह नगलास्वरूप काचौकीदार है। दिनांक 17.06.2019 को समय करीव 9-00बजे सांय को खेतों सेअपने घर की तरफ आ रहा था, तो रास्ते में भीड लगी थी, मौके <नाम> पहुंचकर लोगों से पूछा तो बताया कि छुट्टा गाय रामसेवक के खरबूज के खेत में चलीगयी थी, जिसे <नाम> सेवक ने बल्लम से मारा, जो ऐसी जगह लगी, जिससेउसकी मृत्यु हो गयी। गाव के लोग गाय को गड्डा खोदकर गाढ़ रहे थे। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 18.06.2019 को अभियुक्त रामसेवक केविरूद्ध अपराध संख्या-122/2019 <नाम> धारा-5/8 उ0प्र० गौवध निवारणअधिनियम व 429 भा०द0सं0 का अभियोग थाना बरहन, जिला <नाम> परपंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे इस मामले मेंमहज भ्रमवश व गाँव की रंजिशवश झूंठा फॅसा <नाम> है। अभियोजन कहानी असत्य एवं <नाम> है कि आवेदक/ अभियुक्त अपने खेत में खरबजे व तरबूजेकी रखवाली <नाम> रहा था, तभी वहाँ आवारा गायों व साड़ो का झुण्ड आया, वहदौडकर भगाने लगा, तो एक गाय खेत के पास बने गड्डे में गिर गयी, इसकी -2- सूचना गॉव वालों को दी,गॉव वालों ने गाय को गड्डे से बाहर निकालने कीकोशिश की, लेकिन तब <नाम> गाय मर गयी। आवेदक / अभियुक्त के पास फर्जी तरीके से बल्लम दिखाया गया है, उससे कोई बल्लम बरामद नहीं हुआ है। वादी मौके का <नाम> नहीं है और ना ही इस मामले का अन्य कोई स्वतन्त्रसाक्षी है। आवेदक,/ अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त के खरबजे के खेत में छुट्टा गाय आ गयी, जिस <नाम> उसने बल्लम से प्रहारकर उसकी हत्या <नाम> दी। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> काहै । अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"इस मामले में कहा जाता है कि दिनांक 17.06.2019 को वादी मुकदमाजो नगला <नाम> का चौकीदार है, जब रास्ते से जा रहा था तो भीड को देखा,पूछा तो बताया कि आवेदक/ अभियुक्त के खेत में छुट्टा गाय चली गयी थी,जिसे आवेदक / अभियुक्त ने बल्लम से मारा, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। ",
"इस मामले में वादी मुकदमा ने घटना को कारित होते हुये अपनी आँखोंसे नहीं <नाम> है, लोगों के बताने के आधार <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायीगयी है, उसके द्वारा अपनी एफ.आई.आर.में बताने वाले के नाम का इन्द्रानहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त को बल्लम मारते हुये किसी ने नहींदेखा है तथा इस मामले में मौके का कोई <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.06.2019से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1548_202004-08-2020629 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> राघव की पत्नी व पैरोकारश्रीमती ज्योतिदेवी के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि <नाम> सिंह,थानाध्यक्ष के द्वारा फर्द बरामदगी एवं गिरफतारी इस आशयकी दी कि दिनाक 19.02.2020 को वह मय हमराहियान चैकिंग के मामूर थेजब वे गश्त करते हुए खाण्डा गांव के पास पहुँचे तो जरिये मुखबिर खाससूचना <नाम> कि आपके <नाम> में बैंक डकैती करने वाले बदमाश आजपुन: एक बडी घटना एस0एस0० कोल्ड स्टोर गांव रूपधनु को लूटने की फिराक में वाईको से जलेसर रोड से एमपी. रोड होकर नहर की पटरी रोड <नाम> गांव रूपधनु की तरफ आने वाले हैं। हम लोग मय फोर्स के रूपधनु सादाबादरोड़ पहुँच <नाम> चैकिंग करने लगे तभी दो मोटरसाइकिल <नाम> <नाम> से आतीहुई दिखाई दीं जैसे ही पुलिस वालों को <नाम> तो बाइकों <नाम> सवार बदमाशोंने कहा कि पुलिस है फायर करो वरना पकडे जाओगे तभी वे <नाम> से मारने (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दशप्रशक्षेत्र)/ अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-03, आगरा!जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1548 / 2020भानू <नाम> आदि बनाम राज्यकी नियत से पुलिस <नाम> फायर करने लगे। तभी दोनों मोटरसाइकिलेंफिसलकर गिर पडीं और उन <नाम> सवार पांच व्यक्ति उठकर भागने लगे तभीपुलिस ने उन लोगों को पकड लिया। जिसमें से एक बदमाश ने अपना नामगगन <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशी <नाम> उकसे पास से उसके दाहिनेहाथ में एक अदद तमंचा देशी 315 बोर व पहनी पेंट की जेब से एक आददकारतूस जिंदा 315 बोर बरामद हुए तथा पहनी पेंट की बांयी जेब से30,200 / -रूपये बरामद हुए। दूसरे ने अपना नाम <नाम> राघव उर्फ राजीवउफ <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशी में पहनी पेंट की दाहिनी पेंट मेंउसा हुआ एक अदद तमंचा देशी 315 बोर व पहनी पेंट की दाहिनी जेब से2 कारतूस जिंदा 315 बोर तथा पेंट की बांयी जेब से 20500, -रूपये जिसमें500-500 रूपये के 41 नोट बरामद हुए तथा पहनी पेंट से दो मोबाइलबरामद हुए। तीसरे ने अपना नाम भानू <नाम> बताया जिसकी जामा तलाशीसे पहने पेंट की दाहिनी फैट से 1 तमंचा 315 बोर व पहिनी पेंट की दाहिनीजेब से 2 जिंदा कारतूस 315 बोर व 24300रूपये जिनमें 48 नोट 500 रूपयेके व 3 नोट 100 रूपये के बरामद हुए। मौके से दो मुल्जिम भाग गये। ",
"वादी थानाध्यक्ष <नाम> <नाम> के उक्त फर्द बरामदगी के आधार परथाना बरहन <नाम> प्रार्थीगण/अभियुक्तगण तथा तीन अन्य के विरूद्ठ मुकदमाअपराध संख्या 26/2020 अंतर्गत <नाम> 15 डकैती अधिनियम के अंतर्गतपंजीकृत हुआ। ",
"्रार्थीगण / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोई अपराधनहीं किया है, वह निर्दोष हैं। प्रार्थीगण दिनाक 19.02.2020 से जिला कारागारमें निरूद्ध है। प्रार्थीगण के पास से कोई वस्तु बरामद नहीं की गयी है पुलिसद्वारा जो बरामदगी दर्शायी गयी है वह फर्जी है। प्रार्थीगण के कब्जे से कोईभी बरामदगी नहीं है। कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थीगण का यह प्रथम (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रशक्षेत्र)/ अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-93, <नाम> । ",
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1548 / 2020भानू <नाम> बनाम राज्यजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालयमें लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण को जमानतपर <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि प्रार्थीगण अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर लूट एवं डकैती में सम्मिलित रहे है। उनकेपास से लूट के सामान की बरामदगी हुई है। आरोप गंभीर <नाम> का है। ",
"उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रं के अवलोकन से विदित है कि मामले में घटनादिनाक 19.02.2020 की समय 04:30 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टउसी <नाम> 07:05 बजे दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण परअभियोग है कि वे अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर लूट एवं डकेती मेंसम्मिलित रहे है। उनके पास से लूट के सामान कमश: 24,300, -रूपये,20,500 / -रूपये तथा मोटरसाइकिल की बरामदगी दर्शित है। बरामद दर्शितमोटरसाइकिल को किसी घटना से सम्बद्द नहीं किया जा सका है। घटना काकाई स्वतंत्र जन <नाम> नहीं बनाया गया है। प्रार्थीगण दिनांक 19.02.2020से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय मेंप्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4157_202018-12-2020190 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त का <नाम> अतर सिंहपुत्र छत्लु, निवासी सिरसौदा, रूपवास, जिला <नाम> राजस्थान ने शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में झूठानामित किया गया है। जबकि उसने उपरोक्त <नाम> के अन्तर्गत कोई अपराध कारितनहीं किया है। पुरानी रंजिश व कुछ पैसों के लेन देन के <नाम> वादी मुकदमा नेअपनी नाबालिग पुत्री को ढाल बनाकर झूठा मुकदमा दर्ज <नाम> <नाम> है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयया माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक Bail Application/10822/2020 -Nitin Vs. UP State 203.10.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है । प्रार्थी / अभियुक्त विश्वसनीय जमानतेंदाखिल करने को तैयार है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाए। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा चोबसिंह द्वारा थाना हाजा <नाम> लिखित तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक30.09.2020 को उसकी लड़की <नाम> उम्र 13 साल, सॉय 5 बजे घर <नाम> नहींमिली । <नाम> में तलाश करने <नाम> उसकी लड़की <नाम> गॉव सहनपुर की <नाम> मेंमिली । उसकी लड़की <नाम> को उसके गॉव का लड़का नीतिन पुत्र स्व0 हरिभानसिंह भगाकर ले गया था। अतः रिपोर्ट दर्ज <नाम> कानूनी कार्यवाही किए जाने कीयाचना की गयी है। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना हाजा <नाम> मुकदमा अपराधसं0 209, 2020 अन्तर्गत <नाम> 363,366 भा0 द0 सं0 व 7/8 पाॉक्सो एक्ट मेंप्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गयाहै कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है। उसे झूठा फंसा <नाम> है। उसके द्वारा कोईदुष्कृत्य नहीं किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त को गाव की रंजिश के <नाम> उपरोक्तमुकदमे में झूठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 03.10.2020 से जेल में निरूद्ध है। अतःप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाए। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि प्रकरण गंभीर <नाम> का है। अतःप्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि पीड़िता ने अपने बयानअन्तर्गत <नाम> 164 द0प्र०सं0 में अभियुक्त द्वारा खेत में ले जाकर गलत <नाम> करनेका कथन किया है। इस तथ्य का समर्थन पीड़िता द्वारा अपने बयान अन्तर्गत धारा161 द0प्रoसं० में किया गया है। अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता के साथ उसे खेतोंमें ले जाकर उसके साथ बलात्कार करना अभिकथित है। आवेदक / अभियुक्त द्वाराकिया गया कृत्य अत्यंत निन्दनीय व गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6525_201918-11-20191612 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र कोप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ फरमान पुत्र बहादुर खॉ का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. <नाम> प्रवेश <नाम> <नाम> थाना फतेहाबाद जिला <नाम> द्वारा दिनांक 02.07.19 को समय 19.40 बजे जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> <नाम> लईक, अकबर, <नाम> अब्बासी के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर विजयपालयादव है जो अपने साथियों के साथ मिलकर अवैध धन अर्जित करने जैसे जघन्य अपराध करते हैं और समाज विरोधी किरिया कलाप में संलिप्त रहते है । ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्धधारा 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकूत कराया गया हूै। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी /अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमें में झूँठा फसाया गया है। वह पूर्णतः निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नही किया है। वह अण्डे की ठेल लगाता है अण्डे खाने के पैसों को लेकर उसका पुलिस कर्मियों से झगड़ा हो गया था जिस <नाम> थाना पुलिस द्वारा झूँठे मुकदमें में फसा <नाम> है। उससे किसी प्रकार की अवैध सामिग्री अथवा गोवंश बरामद नही हुआ है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उनकी जमानत हो चुकी है। उसका <नाम> तो कोई गिरोह है और नही वह किसी गिरोह का सदस्य है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नही है। ",
"उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बितनही है। अभियुक्तगण दिनॉक 11.11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत पररिहा किया जाये । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकििय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 146/19 धारा-11(घ)(ड) पशु कूरता अधिनियम व 3/5ए/8 गोवध अधिनियम व धारा420 भा.द.सं. थाना-फतेहाबाद जिला <नाम> । (2) अ.सं. 149/19 धारा-3/25 आर्म्स एक्ट थाना-फतेहाबाद जिला <नाम> । के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामलेदर्शाये गये है, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर गोवध <नाम> अवैध धन अर्जित करने जैसेअपराध करने का अभिकथन है । उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर गोवध <नाम> अवैध धन अर्जित करने जैसे अपराध करने सेसंबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उनके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2544_202030-09-20202370 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2- संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा केशव <नाम> द्वारा इसआशय की तहरीर थाना डौकी जिला <नाम> <नाम> दी गयी कि उसकी पुत्री आयु 16 वर्षदिनांक 02.05.2019 को अपनी ससुराल अली बिहार दिल्ली गयी थी। उसकी पुत्री कोससुराल से बी0पी0 उर्फ विश्वनाथ दिनांक 09.05.2019 को पीछा करके बहला फुसलाकरशादी करने के बहाने से जेवरातों सहित <नाम> की सहायता से <नाम> <नाम> मंदिर नई दिल्लीसे भगाकर अपने साथ नोएडा में ले गये जहाँ <नाम> उसकी पुत्री को नशीला पदार्थ खिलाकरबी0पी0 ने दुष्कर्म किया। तीन <नाम> <नाम> बी0पी0 अपनी माता-पिता एवं <नाम> की सहायता सेअपनी वैगनार कार से बेहोश की अवस्था में अपने घर गॉव हौंद ले आया, जहॉ <नाम> उसकीपुत्री के साथ दो-तीन <नाम> बी0पी0 ने दुष्कर्म किया। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने गुमशुदगीकी रिपोर्ट <नाम> खोजबीन <नाम> विपक्षी <नाम> दबाव बनाया तो विपक्षी लोगों ने अन्य लोगों कीसहायता से <नाम> होटल में <नाम> को रखा जहाँ <नाम> <नाम> व बी0पी0 ने उसकी पुत्रीके साथ दुष्कर्म किया। ",
"3- जमानत प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तनिर्दोष है। आवेदक के पिता का स्कूल है और आवेदक व उसके घरवालों से रूपया ऐंठने कीनीयत से पीड़िता के पिता ने पार्टीबंदी व रंजिशन पीड़िता को डरा-धमकाकर आवेदक केविरूद्ध झूँठा मुकदमा पंजीकृत कराया। पीड़िता स्वयं दिनांक 09.05.2019 को अपनी मर्जी सेअपने ससुरालजनों से परेशान होकर घर से गयी थी और <नाम> में लगभग 5 माह बादआवेदक व अन्य को ब्लैकमेल <नाम> रूपया ऐंठने की नीयत से मुकदमा पंजीकृत कराया गयाहै। आवेदक / अभियुक्त का कोई कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह अभियुक्त का प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय मेंलंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र के विरूद्ध वादी मुकदमा द्वारा प्रतिशपथपत्र दाखिल करकथन किया गया है कि आवेदक एवं उसके परिवार का इतना भय व आतंक व्याप्त है किकोई भी व्यक्ति इनके सामने मुँह खोलने के लिए तैयार नहीं है। इसी <नाम> इनके खिलाफकोई रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है। अत: आवेदक का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"4— प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी, पीड़िता केधारा 161 व 164 दं0प्र/सं० के बयान, प्रतिशपथपत्र व <नाम> पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"Bail Application/7358/2020 -B.P.@ Vishvanath Vs. UP State 25- अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने तर्क में उन्हीं तथ्यों को दोहराया हैंजो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतmeat पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त द्वारासहअभियुक्तगण के साथ मिलकर पीड़िता को बेहोश <नाम> उसका अपहरण <नाम> उसके साथबलात्कार किया गया है तथा शिकायत करने <नाम> <नाम> से मारने की धमकी दी गयी है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । ",
"6- आवेदक / अभियुक्त के ऊपर सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर पीड़िता कोबहला-फुसलाकर बेहोश <नाम> भगा ले जाने व उसके साथ बलात्कार करने तथा शिकायतकरने <नाम> <नाम> से मारने की धमकी देने का आरोप है। सी.एम.ओ. द्वारा जारी प्रमाणपत्र केअनुसार पीड़िता की आयु लगभग 17 वर्ष है। इस प्रकार पीड़िता पूर्णतया नाबालिग है। ",
"पीड़िता ने <नाम> 164 दं0प्र0सं० के बयान में कहा है कि मेरी शादी 05.07.2018को नई दिल्ली जीतू मार्केट अली बिहार में हुई है। दिनांक 09.05.2019 को <नाम> मंदिर मेंदर्शन के लिए अपनी ननंद व <नाम> के साथ गई थी। वहां <नाम> विश्वनाथ ने इशारा किया किनैना के साथ <नाम> है। इसलिए मैं <नाम> के साथ चली गयी। वहाँ मुझे <नाम> ने 23 <नाम> रखाऔर विश्वनाथ ने मेरे साथ बलात्कार किया। विश्वनाथ के मम्मी-पापा भी <नाम> के घर आगये थे। ये लोग मुझे अपने गांव हौंद ले आये। मुझे पता नहीं ये लोग मुझे कया खिला देतेथे। मैं बेहोशी की हालत में रहती थी। पुलिस मुझे ढूँढ रही थी तो विश्वनाथ व उसके ६7रवालों को पता चला तो मुझे दो-तीन अपने घर में रखा और विश्वनाथ ने दो-तीन मेरेसाथ बलात्कार किया। ये लोग मुझे <नाम> ले आये जहाँ <नाम> विश्वनाथ का <नाम> चंन्द्रशेखररहता है वहां <नाम> विश्वनाथ व <नाम> ने मेरे साथ बलात्कार किया। इन्होंने कहा कि तेरेमाता-पिता व <नाम> को खत्म <नाम> देंगे। पीड़िता ने <नाम> 161 दं0प्रए/सं० के बयान में भीलगभग यही कथन किया है। ",
"स्पष्ट है कि पीड़िता 17 वर्षीय नाबालिग है। पीड़िता ने अपने <नाम> 1461 व164 दं0प्रए0सं0 के बयान में कथन किया है कि जब वह <नाम> मंदिर के दर्शन के लिए गयीथी तो आवेदक <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर उसे बहलाफुसलाकर नशीला पदार्थखिलाकर वैगनार कार में बैठाकर नोएडा ले गया और वहां <नाम> उसे 23 <नाम> रखा व उसकेसाथ कई बार बलात्कार किया व शिकायत करने <नाम> पीड़िता के परिवारीजनों को <नाम> सेमारने की धमकी दी। इसके <नाम> आवेदक व सहअभियुक्तगण पीड़िता को दिल्ली से <नाम> लेआये जहाँ <नाम> उसे होटल में दो-तीन रखा तथा आवेदक व <नाम> अभियुक्त चन्द्रशेखर द्वारापीड़िता के साथ बलात्कार किया गया। प्रथम दृष्टया पीड़िता पूर्णतया नाबालिग है औरपीड़िता विधिक रुप से अभियुक्त के साथ भागकर जाने या शारीरिक संबंध बनाने के लियेसमर्थ नहीं है। माता पिता की अभिरक्षा से किसी नाबालिग लड़की को भगाकर ले <नाम> वउसके साथ शारीरिक संबंध बनाना गंभीर मामला है। इससे माता पिता की समाज में बदनामीहोती है। मैडिकल रिपोर्ट में पीड़िता का हाइमन (hymen) er (torn) Wear wa zsआवेदक /» अभियुक्त द्वारा किया गया कृत्य अत्यन्त गंभीर हैं। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1952_202120-03-2021816 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र भूपेन्द्र <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2. जमानत प््रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में <नाम> <नाम> पुत्र भूपेन्द्र <नाम> का कथन है कि वह अभियुक्त का दोस्त एवं मुकवमें में पैरोकार है तथा तथ्यों कीउसे जानकारी है। अभियुक्त को गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूठा फसाया गया है वहनिर्दोष है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। अभियुक्त के कब्जे से अपराध से सम्बन्धितकोई भी नशीला पाउडर अथवा अवैध वस्तु बरामद नहीं हुई है और <नाम> ही उसका इस घटना से कोई सम्बन्ध व सरोकार है। अभियुक्त को महज तंग व परेशान करने की नियत से अवैध <नाम> से 500 रूपये की मांग <नाम> <नाम> करने के <नाम> झूठा फसा दियागया है। <नाम> का कोई स्वतन्त्र जनसाक्षी नहीं है। पुलिस ने अपना गुडवर्क दिखाने हेतुउक्त अपराध में नशीला पाउडर रखकर वांछित <नाम> <नाम> है। <नाम> 50 एन0 डी0पी0एस0 एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त की तलाशी किसी राजपत्रितअधिकारी के सामने नहीं ली गयी है। अभियुक्त दिनांक 27.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र इस न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियुक्त विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाए । ",
"3. विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा थाने से प्राप्त आख्या प्रस्तुत करके तर्क है कि अभियुक्त को पुलिस द्वारा 530ग्राम नाजायज नशीला पाउडर डायजापाम के साथ गिरफूतार किया गया है। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह जमानत का दुरूपयोग करेगा एवं पुनः इस प्रकारके अपराध में संलिप्त हो जाएगा । अतः उसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। "
],
"judge-opinion": [
"4. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान ए0 डी0जी0सी0 (क्रिमिनल) को सुना तथा थाना से प्रस्तुत आख्या एवं केस डायरी का परिशीलनकिया । ",
"5. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों से विदित है कि वादी मुकदमा उपनिरीक्षकसुनील <नाम> द्वारा दिनांक 28.02.2021 को थाना छत्ता <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी गई कि दिनांक 27.02.2021 को वह मय हमराही वास्ते तलाशवांछित /गिरफूतारी व चैकिंग सदिरध व्यक्ति व वाहन आदि में मामूर था तथा वाटरवकंसचौराहे <नाम> चैकिग <नाम> रहे थे कि मुखविर ने आकर सूचना दी कि एक बोलेरो गाड़ी जोआस्था सिटी सेन्टर हनुमान मंदिर के पास खड़ीर है जिसका आगे पीछे का नम्बरभिन्न-भिन्न है और 3 व्यक्ति बैठे है कुछ चोरी की <नाम> बना रहे है। मुखविर की उक्तसूचना <नाम> मय मुखविर उसके बताये स्थान <नाम> पहुंचे तथा <नाम> कि बोलेरो की आगे कीनम्बर प्लेट <नाम> नम्बर यू0पी0-85-बी0जे0-1828 व पीछे नम्बर प्लेट <नाम> यू0पी0 85- बी0यू0 -1929 <नाम> है। तत्पश्चात पुलिस वालो ने चुपके से उक्त वाहन के पास पहुच गये औरउनकी चोरी की योजनाओ को सुनने के पश्चात गाड़ी को चारो ओर से घेर <नाम> गाड़ी कागेट खोलकर तीनो व्यक्तियों को पकड़ लिया। ड्राइविंग सीट <नाम> बैठे व्यक्ति से नाम पतापूछकर जामा तलाशी ली गई तो उसने अपना नाम <नाम> पुत्र जगवीर <नाम> बताया जामा तलाशी में पहने पैण्ट की <नाम> फेट से एक अदद चाकू बरामद हुआ, चाकू रखने कालाइसेन्स तलब किया तो दिखाने में कासिर रहा तथा ड्राइवर की पास की सीट <नाम> बैठेदूसरे व्यक्ति से नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम हरीशकुमार वार्ष्णेय पुत्र भूपेन्द्र वार्ष्णेय बताया और कहा कि उसके पास नशीला पाउडरडायजापाम है तथा तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र इदरिस बताया व कहा किउसके पास भी नशीला पाउडर डायजापाम है। इस <नाम> एन0 डी0 पी0एस0 एक्ट की <नाम> 50 के प्रावधानो से अवगत कराते हुए उसकी तलाशी किसी राजपत्रित <नाम> अथवा मजिस्टेट के समक्ष चलकर देने को कहा गया तो उसने <नाम> <नाम> <नाम> तथा पुलिस द्वाराही तलाशी लेने को कहा। जामा तलाशी में इस अभियुक्त के पेण्ट की बांयी जेब में अखवार में पालोथीन में पुडिया <नाम> थी जिसमें डायजापाम पाउडर बताया। पुलिसकर्मचारियो द्वारा सूंघा गया तो डायजापाम की गंध आ रही थी। इलेक्टानिक तराजू मंगवाकर वजन कियागया तो इस अभियुक्त के कब्जे से बरामद नशीला पाउडर का वजन 530 ग्राम पाया गया। ",
"बरामद <नाम> में से 50 ग्राम अलग <नाम> बतौर नमूना परीक्षण <नाम> निकालकर <नाम> को कपड़े 3 में रखकर सीलकर सर्वे मोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया और फर्द बनायी गया तथाअभियुक्त को गिरफूतार करके थाना <नाम> फर्द के अनुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृतकरायी गई । ",
"6. अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता का तकं है कि <नाम> 50 एन0डी0पी0एस0एक्टके प्रावधानो का अनुपालन नहीं है तथा घटना सार्वजनिक स्थान की है एवं जन <नाम> काभी अभाव है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाए, जबकि राज्य की ओर से उपस्थितविद्वान ए० डी0 जी0 सी०(किरिमिनल) द्वारा अभियुक्ता के कब्जे से 530 ग्राम अवैध नशीलापदार्थ डायजापाम की बरामदगी बताते हुए <नाम> <नाम> गया कि प्रश्नगत बरामदगीवाणिज्यिक <नाम> की श्रेणी में है एवं अभियुक्ता के अपराध की <नाम> को गम्भीर बताते हुए जमानत आवेदन निरस्त किये जाने का तर्क <नाम> गया। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_410_202109-02-20212654 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"मु0अ०सं0-11 / 2021 दिनांक: 09.02.2021आदेशयह जमानत प्रार्थना पत्र आवेदकगण/अभियुक्तगण प्रवीन <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> द्वारा अन्तर्गत 147,148,149,307,504 भा०दं0सं0, थाना-खन्दौली, जिला <नाम> के मामले में वास्ते जमानत प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त <नाम> <नाम> के <नाम> <नाम> <नाम> यादवने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है कि यह अभियुक्तगण का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन के अनुसार प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा एस0ओ0 <नाम> <नाम> निर्वाल द्वारा फर्द बरामदगी के आधार <नाम> थाने परप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनांक 12.01.2021 को वादी मय हमराहियान वहवाले रपट नं0 04 समय करीब 00.45 बजे रवाना होकर वास्तेरोकथाम जुर्म जरायम <नाम> गस्त में कसबा खंदौली व मुळी से गस्त करता हुआ जलेसरआगरा रोड के किनारे बन्द पड़े <नाम> पेट्रोल पंप <नाम> पहुँचा तभी थानाध्यक्ष कुलदीपदीक्षित मय हमराहीयान गस्त करते हुए आ गये, पुलिस वाले आपस में बदमाशों कीधडपकड़ और जुर्म जरायम रोकथान के संबंध में वार्ता <नाम> रहे थे तभी जलेसर रोड कीतरफ से एक <नाम> पहिया वाहन आता दिखायी <नाम> जिसको रोकने के लिए हम पुलिसवालों ने टार्च की <नाम> मारते हुए आवाज देते हुए रोकने का इशारा किया तो अपनेआपको घिरा देखकर गाड़ी को सडक <नाम> ही रोककर खिडकियाँ खोल खोल <नाम> यहकहते हुए कि पुलिस वाले हैं सालों को मारो नहीं तो हम पकड़े जा सकते है और पुलिसवालों <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे तभी पुलिस वालों ने @)साहस का परिचय देते हुए आत्मरक्षार्थ फायरिंग की और हमराहीयान की मदद से 8व्यक्तियों को सड़क <नाम> गाड़ी से 50 <नाम> कौ दूरी <नाम> पकड़ लिया, नाम पता पूँछते हुएजामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम प्रवीन <नाम> <नाम> पुत्र रमेश चन्द बताया,जामा तलाशी में एक मोबाइल सेमसंग, 2000 रूपये, एक पोनिया 12 वोर, एक जिन्दा कारतूस 12 वोर बरामद हुआ, दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र यमुनाप्रसाद बतायाजामा तलाशी में एक अदद तमंचा 12 वोर एक जिन्दा कारतूस 12 वोर बरामद हुआ, तीसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र यमुनाप्रसाद, जामा तलाशी मे एक मोबाइल सेमसंग,एक तमंचा 315 वोर, एक जिन्दा कारतूस 315 वोर, चौथे ने अपना <नाम> <नाम> पुत्रदिनेश <नाम> बताया, जामा तलाशी में एक मोबाइल सैमसंग गोल्डन, <नाम> विभिन्न प्रकार की चाबियाँ व दो जिन्दा कारतूस 112 वोर बरामद हुए, पॉचवे ने अपना नाम विकासयादव पुत्र धर्मवीर <नाम> जामा तलाशी में एक मोबाइल रेडमी, एक लोहे का रिंच, एकछोटी टार्च व 2 अदद कारतूस जिन्दा 12 वोर बरामद हुए, छठे ने अपना नाम सर्जनकुमार <नाम> पुत्र देवेन्द्र <नाम> बताया, जामा तलाशी में एक मोबाइल लावा कंपनी,एक अदद् प्लास व दो अदद जिन्दा कारतूस 12 वोर बरामद हुए, सातवें ने अपना नाम सुबोधकुमार <नाम> पुत्र गजाधर बताया, जामा तलाशी में एक मोबाइल सेंमसंग, दो अदद जिन्दा कारतूस 12 वोर बरामद हुए,आठवें ने अपना नाम कन्हैया पुत्र चम्पाराम बताया, जामा तलाशी में एक अदद आरी ब्लेट लोहा, एक अदद टार्च, दो अदद् कारतूस 12 वोर बरामदहुए। भागे हुए साथी का नाम <नाम> उर्फ बरी बताया, जब भागे हुए बदमाश की पुलिसबल द्वारा खोजबीन की गयी तो <नाम> पेट्रोल पंप के बरामदे में एक व्यक्ति कराहताहुआ मिला, उसे पकड़कर पूँछा तो अपना नाम <नाम> उफ वदी पुत्र <नाम> <नाम> बताया, जिसके कब्जे से एक अदद् तमंचा 315 वोर तथा एक खोखा कारतूस तमंचे के पासजमीन <नाम> पड़ा हुआ तथा जेब से एक जिन्दा कारतूस 315 वोर बरामद हुआ । वादी कौ फर्द/तहरीर <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध थाना खन्दौली <नाम> मु0अ0सं0-11/2021 अन्तर्गत धारा-147,148,149,307,504 भा०द0सं० में प्राथमिकी <नाम> की गयी। आवेदकगण/अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किआवेदकगण/अभियुक्तगण पुलिस ने उक्त मुकदमें में झूँठी कहानी बनाकर झूँठा बन्दकिया है। उनके द्वारा एफ०0आई०आर0 में जिस घटना को घटित होना बताया गया है उस प्रकार की कोई घटना घटित ही नहीं हुई है। उनके द्वारा किसी प्रकार का कोईअपराध नहीं किया, वे निर्दोष हैं। पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड दर्शाकर प्रार्थीगण से झँँठीबरामदगी <नाम> दी गयी है। आवेदकगण/अभियुक्तगण ने किसी भी पुलिस कर्मी परजान से मारने की नीयत से फायर नहीं किया। उक्त घटना का कोई <नाम> कानिष्पक्ष <नाम> नहीं है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"आवेदकगण / अभियुक्तगण दिनाक 12.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। <नाम> 3)अभियुक्त कन्हैया की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं०-1, <नाम> मेंदिनांक 02.02.2021 को स्वीकार हो चुकी है और समानता के आधार <नाम> अभियुक्तगणभी जमानत पाने के <नाम> हैं। ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक की ओर से अपराध को गम्भीर <नाम> काबताते हुए जमानत का विरोध किया गया व जमानत आवेदन निरस्त किये जाने कीयाचना की गई है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक को सुना एवं उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदकगण/ अभियुक्तगण परसह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर एक <नाम> होकर अवैध हथियारों से लैश होकरपुलिस की चैकिंग पार्टी <नाम> गाली-गलौज करते हुए <नाम> से मारने की एक नीयत सेफायर करने का आरोप है। हालाकि इस मामले में एस0आई0 <नाम> <नाम> के चुटैलहोने का कथन किया गया है, परन्तु केस डायरी के साथ कोई मेडीकल रिपोर्ट नहींभेजी गयी है, जिससे स्पष्ट हो सके कि वादी या अन्य किसी कोई चोट लगी हो। थानेकी आख्या में भी उक्त घटना में किसी के कोई चोट आने का कोई जिक नहीं है। सहअभियुक्त कन्हैया की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं०-1, <नाम> मेंदिनांक 02.02.2021 को स्वीकार हो चुकी है, अभियुक्तगण का रोल भी <नाम> अभियुक्तके समान है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 12.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4048_202014-12-2020373 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ <नाम> <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रवेश कुमार,एस.एच.ओ. थाना फतेहाबाद, जिला <नाम> ने दिनांक 15.11.2019 को 04-12 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि दौरान जॉच थान <नाम> मेंपाया गया कि गैंगलीडर भाव <नाम> ने एक सुसंगठित गैंग बना रखा है, जिसके सदस्य <नाम> <नाम> कालूराम पदम <नाम> शिवराम <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> हैं। गैंग के सदस्यों का मुख्य कार्य अपने निजी एवं भौतिक <नाम> <नाम> अवैध धन अर्जित करनाहै। इनके भय व आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति गवाही देने को तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकूत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नशपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है, उसे झूंठा फॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का कोईगिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवंआतंक व्याप्त नहीं है, ना ही वह समाज विरोधी क्रियाकलाप करता है, ना ही उसे कोईअवैध धन अर्जित किया है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामला दर्शाया गया है, उसमें उसकीजमानत माननीय उच्च न्यायालय से स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक09.10.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंगहै, जिसका वह सकिय सदस्य लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.106,/19 धारा-60, 63आबकारी अधिनियम व 272, 273, 420, 467, 468, 471 भा.द.स. थाना-निबोहरा, जिलाआगरा का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतनिरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया । ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में एक उपरोक्त मामलादर्शाया गया है, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध मिलावटी/नकली शराब तैयार करने काअभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तोउसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे 2छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और (ख) जहाँ लोकअभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह किजमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामले में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होनेका प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलें में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानत स्वीकारहुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर नकली शराब तैयार कियेजाने का आरोप है। इस न्यायालय के द्वारा पूर्व में इस मामले में <नाम> अभियुक्त अंकूरका जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-594 / 2020 दिनांक 01.02.2020 को निरस्त कियाजा चुका है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा तथा उसकीप्रकृति एंव उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है औरजमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_275_202013-01-20202359 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से उसकेपैरोकार <नाम> <नाम> के शपथपत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि दि0 25.10.2017को थाना खन्दौली <नाम> <नाम> सरवरनील अवर अभियन्ता द्वारा इस आशय कीतहरीर दी गयी कि दिनॉक-17.11.2017 को चैकिंग के दौरान अभियुक्त पूर्वमें बकाये <नाम> काटे गये संयोधन को <नाम> बिल जमा किये हुए बिजली काप्रयोग करते हुए पाया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त के द्वारा कहा गया है कि वह दिनाक 12.01.2020 से इस मामले में कारागार में निरूद्ध है। उसने कोई अपराध नहीकिया है उसे विद्युत कर्मचारियो द्वारा झँठा फसा <नाम> गया है। अतः जमानतपर <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्युत विभाग के अधिवक्ता द्वारा प्रार्थना पत्र का विरोध कियागया। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। (2)पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रकरण घरेलूविधा का है। अभियुक्त क पैरोकार द्वारा इस आशय की अण्डर टेकिंग प्रस्तुतकी गयी है कि वह जमानत <नाम> <नाम> होने के उपरान्त शीघ्र ही शमन शुल्कविभाग में जमा <नाम> देगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3435_201905-07-20192524 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र केसाथ अभियुक्त के पिता अरूण <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है,जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाराजीव <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि मैं अपने चबूतरे परसो रहा था, रात के लगभग 12-00 बजे छोटा <नाम> <नाम> <नाम> उफ दिवाकरलाठी लेकर आया सिर और माथे <नाम> लाठी से प्रहार किया, जिससे सिर औरमाथे में गहरी चोट आयी हैं, <नाम> चिल्लाता हुआ मेरे घर आया। रिपोर्ट\"लिखाने आया हूँ। उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 23.05.2019 को अभियुक्त <नाम> कुमारके विरूद्ध अपराध संख्या-486/2019 <नाम> धारा-323, 308, 504, 506भा0द0सं0 का अभियोग थाना सिकन्दरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त को झूंठा व गलत फॅसा <नाम> गया है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। वादी / चुटैल आवेदक / अभियुक्त का सगा बडा <नाम> है,वह अपनी भाभी प्रेमलता के रकवा संख्या-1000 ग्राम बाईपुर स्थित जमीन कीदेखरेख करता है, क्योंकि प्रेमलता के <नाम> <नाम> की तबियत खराब रहती है,उक्त गाटा प्रार्थी के पिता व अन्य भाईयों की जमीन क बीच में है, जिस परप्रार्थी का <नाम> <नाम> <नाम> व चचेरा <नाम> <नाम> व चाचा अश्वनी व शान्त -2-कुमार अवैध कब्जा करना चाहते हैं। जिसके संबंध में एक प्रार्थना पत्र एस.एस.पी.आगरा को <नाम> था, जिस <नाम> सिकन्दरा पुलिस के द्वारा दोनों पक्षकारोंपर <नाम> 107/116 द0प्र0सं०0 की कार्यवाही की गयी तथा भाभी प्रेमलताके द्वारा <नाम> <नाम> व आन्नद <नाम> के विरूद्ध थाना सिकन्दरा में <नाम> 147, 427, 506, 447 का मुकदमा पंजीकृत कराया है। उपरोक्त कस में धारा323 भा०द0सं0 में एक एन.सी.आर.पंजीकृत करायी गयी थी, तथा <नाम> में धारा308, 504, 506 की बढोत्तरी की गयी है। इस मामले में वादी के द्वारा फर्जीचोटे बनवायी गयी है, उसके द्वारा री मेडीकल कराये जाने <नाम> एक प्रार्थना पत्रजिलाधिकारी महोदय को दिनांक 7.062019 को <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त धाराओं का मुकदमा नहीं बनता है। चुटैल को आयी सभी चोटे साधारण बतायी गयी है। इस घटना का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्तके द्वारा अपने बडे <नाम> <नाम> <नाम> जब वह अपने घर के बाहर चबूतरे परसो रहा था, लाठी से उसके सिर में प्रहार <नाम> प्राणघातक चोटे पहुंचाई गई है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"इस मामले में एक एन.सी.आर. वादी मुकदमा के द्वारा इस आशय कीलिखाई गई कि चबूतरे <नाम> सोते हुये <नाम> <नाम> को उसके छोटे <नाम> संजीवकुमार लाठी लेकर आया और सिर व माथे <नाम> लाठी से प्रहार किया, जिससेउसके गहरी चोटें आयी। घटना दिनांक 23.05.2019 की बतायी जाती है, उसीदिन घटना की सूचना दी जाती है तथा <नाम> विवेचना <नाम> 308 भा0द0सं0 कीबढोत्तरी की गयी है। चुटैल <नाम> <नाम> और आवेदक,/ अभियुक्त संजीवकुमार दोनों सगे <नाम> होना बताया गया हैं तथा दोनों में जमीन को लेकरविवाद होना बताया गया है, जैसा कि प्रतिशपथ पत्र में भी स्पष्ट लिखा गयाहै। यह भी कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्त अपनी भाभी प्रेमलता के रकवासंख्या-1000 ग्राम बाईपुर स्थित जमीन की देखरेख करता है, क्योंकि प्रेमलताके <नाम> <नाम> की तबियत खराब रहती है, उक्त गाटा प्रार्थी के पिता व अन्य _3-भाईयों की जमीन के बीच में है, जिस <नाम> प्रार्थी का <नाम> <नाम> <नाम> व चचेराभाई <नाम> व चाचा अश्वनी व शान्त <नाम> अवैध कब्जा करना चाहते हैं औरइसी प्रेमलता ने वादी मुकदमा व अन्य लोगों के खिलाफ एक मुकदमा अपराधसंख्या 387/2019 <नाम> <नाम> 147, 427, 506, 447 का थाना सिकन्दरा, आगरामें पंजीकृत कराया है। आवेदक / अभियुक्त का यह भी कहना है कि वादी नेफर्जी चोटे बनवायी हैं, इसलिये उसने जिलाधिकारी महोदय के यहाँ एक प्रार्थनापत्र <नाम> था। आवेदक/ अभियुक्त को मौके से गिरफतार नहीं किया गया हैतथा उससे अपराध से संबंधित कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है और ना ही कोईस्वतन्त्र <नाम> दर्शाया गया है। ",
"मेडीकल रिपोर्ट देखने <नाम> यह पाया गया कि चुटैल को छः चोटें हैं औरउनकी <नाम> डाक्टर के द्वारा सामान्य बतायी गयी है तथा एक चोटे को जेरेनिगरानी रखा गया है और उसका एक्सरे कराये जाने की सलाह दी गयी है। दिनांक 23.05.2019 को हुये एक्सरे जैसी कि पत्रावली <नाम> रिपोर्ट शान्तकुमार <नाम> जिन्होने प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली को दी है, के पैरा-4, 5 व 6में वादी मुकदमा / चुटैल <नाम> <नाम> के शरीर के मध्य भाग और पैर के दोनोंपंजों का एक्सरे परीक्षण जिला अस्पताल, <नाम> में किया तथा एक्सरे प्लेटदिनांक 24.05.2019 को देना कहा गया, परीक्षण के उपरान्त दोबारा एक्सरेकराने को कहा गया, तदनुसार दोबारा एक्सरे जिला अस्पताल, <नाम> मेंकराया गया तथा उक्त के संबंध में दिनांक 23.05.2019 रीजनल डायगोनिस्टसेन्टर, जिला अस्पताल, <नाम> की छायाप्रति भी संलग्नक-5 क <नाम> मेंदाखिल है, जिसमें कोई हङ्डी की चोट नहीं पायी गयी है। सी.टी.स्कैन करानेकी सलाह दी गयी , जिसका सी.टी.स्कैन दिनांक 04.06.2019 को किया गयाऔर उसमें फेन्टन बोन फेक्चर दिखाया गया है। दिनांक 23.05.2019 के <नाम> दिनांक 04.06.2019 को लगभग 11 <नाम> <नाम> किया गया दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त ने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र भी <नाम> है, जिसकीकापी संलग्न की गयी है। वादी मुकदमा व आवेदक / अभियुक्त दोनों आपस मेंसगे <नाम> हैं तथा उनके मध्य जमीन का विवाद है। आवेदक / अभियुक्त 22.06.2019 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2513_202004-09-20202963 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदन के साश अभियुक्त की पत्नी व पैरोकार <नाम> संगीताशर्मा का शपथपत्र संलग्न किया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गयाहै कि अभियुक्त निर्दोष है व उसके द्वारा यह प्रथम जमानत आवेदन प्रस्तुतकिया गया है। उसको इस मामले में झूँठा फंसाया गया है, उसके द्वारा 2उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। उसके पास से झूँठी बरामदगीदर्शित की गयी है। घटनास्थल भीड़भाड़ वाला प्लेटफार्म होने के बावजूदकथित घटना एवं बरामदगी का कोई जनसाक्षी दर्शित नहीं किया गया है। वास्तव में रेलवे की टिकट को लेकर पुलिसकर्मियों से हुई कहासुनी के बादइस मामले में झूँठा फँसा <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.08.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक / अभियुक्तको दिनांक 22.08.2020 को समय करीब 05:10 बजे उपनिरीक्षक <नाम> सिंहव अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा दौरान देखरेख <नाम> व्यवस्था व रोकथामजुर्म/ जरायम वांछित अपराधी संदिग्ध व्यक्ति चैकिंग <नाम> टीनशैड कपश्चिमी कोने <नाम> बहद थाना जी0आर0पी0 <नाम> कैण्ट, <नाम> <नाम> पकड़ागया। पकड़े गये अभियुक्त ने अपना <नाम> <नाम> बताया। अभियुक्त कीजामा तलाशी लेने <नाम> आठ किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता एवेअभियोजन की ओर तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिसप्रपत्र एवं अन्य सामग्री का सम्यक परिशीलन किया । ",
"प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि आवेदक/ अभियुक्त से आठकिलोग्राम गांजा की बरामदगी बतायी गयी है। गांजा की 1000 ग्राम(किणग्रा0)मात्रा <नाम> <नाम> में आती है, जबकि वाणिज्यिक <नाम> 20किलोग्राम है। आवेदक / अभियुक्त से बरामद आठ किलोग्राम गांजा लघुमात्रा 1000 ग्राम (1 किणग्रा0) से अधिक है, परन्लु वाणिज्यिक <नाम> 20किणग्रा0 से कम है। आवेदक/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासप्रस्तुत नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थितिसुनिश्चित कराने क लिये पर्याप्त जमानत देने के लिये तत्पर है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_470_202005-02-20201382 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"दिनांक: 05.02.2020आदेशप्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त बबलू द्वारा मु0अ0सं0 277,/2019 धारा3/5क/8 गौवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरता अधिनियम, थाना एत्मादपुर, जिला <नाम> प्रकरण में जमानत <नाम> प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार इस्लाम ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें <नाम> है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च ऱ्यायालय मेंलम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 20.10.2019 को उपनिरीक्षक विमलकुमार द्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ शान्ति व्यवस्था ड्यूटी एवं गश्त के दौरान मुखविर की सुचना <नाम> कि दूण्डला <नाम> मार्ग <नाम> <नाम> टैक्नीकल कालेज के पास एक केन्टर ट्रक स्टार्ट हालत में खड़ा है, जो संदिग्ध लग रहा है, तदुपरान्त वादी पुलिस पार्टी के सदस्य मुखविर के बताये स्थान <नाम> पहुँचे तो <नाम> कि कन्टर ट्रकस्टार्ट हालत में खड़ा था जिसका नम्बर एच.आर.55एल / 2479 था तथा ट्रक में कोईभी चालक एवं परिचालक नहीं था। ट्रक में पीछे से शटर लगा था। ट्रक के पीछेकेबिल की तलाशी ली गई तो उसमें कोई कागजात नहीं मिले । केबिल में बनी खिड़कीसे झांककर <नाम> तो केन्टर ट्रक में गौवंश बेरहमी से ठूस-ठूंसकर भरे हुए थे। ",
"तदुपरान्त केन्टर ट्रक को कब्जे में लेकर केन्न्टर के शटर को तोड़ा गया तथा कनन््टर (2)ट्रक से 6 गौवंश जीवित एवं 22 गौवशं मृत अवस्था में बरामद किए गये जिनके मुँह व पैर रस्सीयों से बधें थे जिनको कूरतापूर्वक बांधकर ट्रक में लादा गया था। तदुपरान्तजिन्दा गौवंश को सरकारी गौवंश पशुशाला बाईपुर भेजा गया तथा मृत गौवंश को पोस्टमार्टम की कार्यवाही <नाम> मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के यहाँ भेजा गया एवं कन्न्टरट्रक को थाने ले जाया गया। ",
"वादी उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा अज्ञात में थाना एत्मादपुर <नाम> मु0अ०सं०277/ 2019 <नाम> 3/5ए/8 गौवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरताअधिनियम में प्राथमिकी <नाम> कराई गई । ",
"विवेचना के दौरान वाहन कन्टर ट्रक नं0 एच.आर.55एल / 2479 के चालक के <नाम> में अभियुक्त का नाम <नाम> में आने <नाम> अभियुक्त को इस प्रकरण में नामितकिया गया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं है तथा निर्दोष है, उसको इस मामले में झूठॉँ फॅसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वारा उपरोक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथनकिया गया कि अभियुक्त को मौके <नाम> गिरफ्तार नहीं किया गया है तथा <नाम> ही वहतथाकथित ट्रक का चालक अथवा परिचालक है। अभियुक्त से कोई भी गौवंश बरामदनहीं हुआ है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त दिनांक17.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की प्रार्थना की गई। ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तकप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त तथाकथित ट्रक का चालक है तथा अभियुक्त ट्रक को छोड़कर भाग गया था। मौके से बरामद केन्टर ट्रक से 22 गौवशं मृत एवं 6 गौवंशजीवित बरामद हुए है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्व केन्टर ट्रक नं० एच.आर.55एल / 2479 में कूरतापूर्ण तरीके से गौवंश को गौकशी <नाम> ले जाये जाने का आरोपहै। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
" (3)जमानत प्राथना पत्र स0: 470 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 470 / 2020प्राथमिकी के अनुसार यद्यपि अभियुक्त को प्राथमिकी में नामित नहीं किया गया है तथा <नाम> ही अभियुक्त को मौके <नाम> गिरफ्तार किया गया है किन्तु किन्तु केस डायरीके अवलोकन से विदित है कि विवेचना के दौरान यह तथ्य <नाम> में आया है कितथाकथित वाहन नं0 एच.आर.55एल / 2479 के पंजीकृत <नाम> मोमिन द्वारा बतायागया कि दिनांक 20.10.2019 को उनक द्वारा ट्रक नं0 एच.आर.55एल / 2479 चालक बबलू पुत्र जैहनुद्लीन चला रहा था। उपलब्ध प्रपत्रों के अनुसार तथाकथित कन्टेनर से 6गौवंश जीवित एवं 22 गौवशं मृत अवस्था में बरामद किए गये जिनके मुँह व पैर रस्सीयों से बधें थे जिनको कूरतापूर्वक बांधकर ट्रक में लादा गया था। अभियुक्त का घटना स्थल से भाग <नाम> ही अभियुक्त की उक्त अपराध में संलिप्तता को दर्शितकरता है। उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_516_202029-02-2020401 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गयाहै तथा इसके साथ अभियुक्त के पैरोकार हाशिम का शपथ प्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक, थाना मन्टोला, जिला <नाम> ने दिनांक 02.01.2020 को 20-30 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंगलीडर फरीद पहलवान एवं उसके सदस्य इमरान, इकबाल उर्फ पेटू, समसुद्दीन उर्फ चिल्लू, बब्बी <नाम> व विनीत जो आर्थिक, नैतिक व अन्य <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से संगठित <नाम> से शरीर संबंधीअपराध जुआ /सट्टा का अवैध व्यापार <नाम> अनुचित <नाम> के अपराध में संलिप्त हैं, इनके भय से इनके विरूद्ध समाज में कोई भी व्यक्ति एफ.आई.आर »साक्ष्य देने को तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्रगगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक /अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये है, उनमें अ0सं0 85/49 में उसकी जमानत स्वीकार होचुकी है तथा अ0सं0 212,/14, 56/10, 226/14 के मुकदमे निर्णीत होकर उनकीपत्रावलियाँ विनिष्टि की जा चुकी हैं तथा अपराध संख्या-7 / 2005 में वह अभियुक्त नही है। आवेदक /» अभियुक्त कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (७) अ.सं.85 / 19 धारा-3 /4 जुआ 2अधिनियम (2) 3212/14 धारा-13 जुआ अधिनियम (3) अ.सं.56 /10 धारा-13 जुआअधिनियम (4) अ.सं.07 /05 धारा-147, 148, 149, 342, 506 भा.द.स. व 7 सीएलए एक्टका मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध जुआ कराने का अभिकथन है। ",
"आवेदक /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किआवेदक /अभियुक्त <नाम> फर्जी मुकदमे दर्शाकर उसे गैंग का सदस्य बना <नाम> गया है,जबकि वह किसी गैंग का सदस्य नहीं है, उक्त मुकदमे पुलिस उच्चाधिकारियों को खुशकरने के लिये उस <नाम> लगाये गये है, उसने किसी घटना को अन्जाम नहीं <नाम> है। अ.सं.07 / 05 धारा-147, 148, 149, 342, 506 भा-द.स. व 7 सीएलए एक्ट की प्रथम सूचनारिपोर्ट में वह नामजद नहीं है। ",
"मैंने उ0प्र0 गिरोहबंद एवं समाज विरोधी कियाकलाप (निवारण) अधिनियम,1986 की <नाम> 20)) का सम्यक परिशीलन किया जिसमें प्रावधानित है कि “गिरोह कातात्पर्य ऐसे व्यक्तियों के समूह से है जो लोक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने या अपने याकिसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित दुनियावी(टेम्पोरल), आर्थिक, भौतिक या अन्यलाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से या तो अकेले या सामूहिक <नाम> से हिंसा, या हिंसा की धमकी या प्रदर्शन या अभित्रास या प्रपीड़न द्वारा, या अन्य प्रकार से समाज विरोधीकियाकलाप करते हैं। “गैंगचार्ट के अवलोकन <नाम> पाया गया कि इसमें आवेदक / अभियुक्त के विरूद्धकुल <नाम> मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें तीन मामले जुआ से संबंधित हैं तथा एक मामलाअ.सं.07 /05 धारा-147, 148, 149, 342, 506 भा.दद.स. व 7 सीएलए एक्ट से संबंधित है,जिसके संबंध में थाने से यह आख्ा प्राप्त हुई कि उपरोक्त अपराध के बारे में अभियुक्त केविरूद्ध आरोप नहीं पाये गये हैं, सहवन <नाम> हुआ है। आवेदक »/ अभियुक्त के विरूद्ध जोतीन मुकदमे जुआ से संबंधित दर्शाये गये हैं, उनमें से दो मुकदमे का जमानत प्रार्थना पत्रके साथ दाखिल शपथ पत्र में निर्णीत होना बताया गया है तथा एक मुकदमे में जमानतस्वीकार होना बताया गया है। इन मुकदमों से ऐसा प्रतीत नहीं होता है किआवेदक / अभियुक्त का समाज में कोई भय व आतंक व्याप्त हो। आवेदक / अभियुक्त जेलमें निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3073_201919-06-20192989 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार <नाम> <नाम> <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि आवेदक / अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 15.02.2019को थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि उसका मामा रविन्द्र औरेया सेआगरा उसके पिता के साथ <नाम> आया था। रविन्द्र की गवाही न्यायालय में थी। दिनांक 14.02.2019 को समय करीब 8 बजे <नाम> उसके पिता रमेश चन्द व मामा रविन्द्र फतेहाबाद से घर वापस लौट रहे थे कि सिकरारा के पास लखऊ सर्विस रोड <नाम> रामप्रकाश, गब्बर, <नाम> <नाम> <नाम> तथा रनवीर मिले । रामप्रकाश, गब्बर ने कहा तू गवाही देने फिर आ गया तथा <नाम> <नाम> गब्बर ने <नाम> से मारने की नियत सेगोली चला दी तथा रनवीर, <नाम> <नाम> <नाम> ने उसके पिता <नाम> को <नाम> से मारने की नियत से गोली चला दी, जिससे उसके मामा रविन्द्र की मौके <नाम> मौत हो गयीतथा उसके पिता घायल हो गये, जो एस.एन. अस्पताल में भर्ती है। मामा का शवआगरा में है। ",
"वादी कौ तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण रामप्रकाश, गब्बर, <नाम> <नाम> <नाम> एवं रनवीर के विरूद्ध थाना फतेहाबाद, <नाम> <नाम> मु०अ0सं0 104/2019 धारा147, 148, 149, 302, 307 भा०द०सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई । ",
"विवेचना के दौरान मृतक रविन्द्र के पिता रामऔतार द्वारा दिनांक 02.03.2019 को थाने <नाम> तहरीर दी गई कि उसके पुत्र रविन्द्र की हत्या दिनांक 14.02.2019 को सकिरारा के <नाम> <नाम> रोड़ के पास सर्विस रोड़ <नाम> समय करीब 8 बजे शामको हुई थी। जिसमें उसके नाती <नाम> ने थाना फतेहाबाद <नाम> मु0अ०सं0104/ 2019 लिखाया था। <नाम> <नाम> वह अपने बेटे के हत्यारों के बारे में जानकारी <नाम> रहा था, जानकारी करने <नाम> उसे पता चला है कि उसके बेटे की हत्या उसकेदामाद रमेश चन्द पुत्र मेवाराम ने की है, या किसी के साथ मिलकर कराई है तथामुकदमें में नामित रामप्रकाश, गब्बर, <नाम> भरतसिंह, रनवीर के नाम पुरानी रंजिश के <नाम> लिखा दिए है जो उसके दामाद ने अपने पुत्र <नाम> से लिखवाये है। तदुपरान्त मृतक के पिता द्वारा दिए गये इस प्रार्थना पत्र के आधार परअभियुक्त को इस मामले में नामित किया गया। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं है तथा निर्दोष है, उसे इस मामले में रंजिश केकारण झूंठा फॅंसाया गया है। जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त के विरूद्व कोई भी प्रत्यक्ष एवं अत्यक्षसाक्ष्य उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में दर्शित नहीं है। प्राथमिकी मेंअभियुक्त की कोई स्पष्ट <नाम> भी उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध मेंनहीं बताई गई है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। तथाकथित घटना का कोई हेतुक नहीं बताया गया है। अभियुक्त से उक्त अपराध से सम्बन्धित कोई भी बरामदगी नहीं बताई गई है। अभियुक्त दिनांक 30.05.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ठ है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गई । ",
"विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करतेहुए <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आवेदक / अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण जमानत प्राथना पत्र स॒0: 3073/2019 प्रार्थना पत्र सं: 3073 / 2019के साथ मिलकर एक षडयंत्र के तहत वादी के पिता रमेश चन्द्र एवं मामा रविन्द्र <नाम> आग्नेयास्त्र से फायर किये गये, जिसके <नाम> रविन्द्र की मौके <नाम> ही मृत्यु हो गयीतथा रमेश चन्द्र गम्भीर <नाम> से घायल हो गये। अभियुक्त द्वारा कारित अपराधअत्यन्त ही गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गई। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक/ अभियुक्त के विरूद्ध अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के पिता एवं मामा रविन्द्र <नाम> आग्नेयास्त्र सेफायर <नाम> रविन्द्र की हत्या किये जाने का आरोप है। ",
"विवेचक द्वारा मृतक के पिता रामौतार का बयान 161 द0प्र०सं0 दिनांक02.03.2019 को <नाम> किया गया है। इस <नाम> द्वारा विवेचक को दिए गये अपने बयान में कथन किया है कि उसक पुत्र रविन्द्र की हत्या दिनांक 14.02.2019 को <नाम> <नाम> रोड़ <नाम> समय करीब 8 बजे <नाम> को हुई थी। जानकारी करने <नाम> तथा काफी गहनता से पता करने <नाम> उसको पता चला कि उसके पुत्र की हत्याउसके ही दामाद रमेश पुत्र मेवाराम ने अपने साथियों के साथ मिलकर की है तथामुकदमा अपनी पुरानी रंजिश वालों के खिलाफ लिखा <नाम> है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार मुखविर की सूचना <नाम> कि दिनांक 14.02.2019 को <नाम> करीब 7 बजे रमेश पुत्र मेवाराम ने अपने साले रविन्द्र की हत्याअपने गाॉँव के पड़ोसी रामप्रसाद उफ पिस्सू एवं <नाम> <नाम> को पचास हजार रूपयेदेकर करवाई है। घटना से पूर्व अभियुक्त ने अपने साले रविन्द्र को रायल भदावरहोटल पुलिया <नाम> शराब पिलवाई थी तथा दोनों ने खाना खाया था। उस दौरानरामप्रसाद उफ पिस्सू व <नाम> <नाम> होटल में मौजूद थे। ",
"तदुपरान्त अंतिम <नाम> के <नाम> में विवेचक द्वारा होटल <नाम> योगेन्द्र <नाम> काबयान 161 दणप्रशसं0 दिनांक 21.05.2019 को <नाम> किया गया है। इस साक्षीके द्वारा विवेचक को दिए गये अपने बयान में कथन किया है कि दिनांक 14.02.2019 को <नाम> करीब 7 बजे होद गॉव का रहने वाला रमेश, जिसे वह पूर्व से जानताहै, एक व्यक्ति के साथ उसके होटल <नाम> आया और खाने का आर्डर किया तथाबताया कि उसके साथ उसका साला रविन्द्र है। इसी बीच रमेश व उसका साला मेज की आड़ में शराब पीने लगे, उसने उन लोगों को टोका, उसी समय रमेश के पड़ोसी रामप्रसाद उफ पिस्सू एवं <नाम> <नाम> होटल के बाहर कुछ दूरी <नाम> खड़े थे, जिनकेपास रमेश बार-बार आ रहा था, खाना खाने के <नाम> रमेश तथा उसका साला अपनीकार से चले गये तथा उनके पीछे रामप्रसाद व <नाम> <नाम> अपने मोटर साइकिल परचले गये थे। ",
"विवेचक द्वारा घटना के स्वतन्त्र <नाम> के <नाम> में रामेशवर <नाम> का बयान 161 द0प्रoसं0 दिनांक 28.05.2019 को <नाम> किया गया है। इस <नाम> द्वारा विवेचक कोदिए गये अपने बयान में कथन किया है कि तीन-चार <नाम> पहले रमेश उसके घरपर आया था, उस समय उसके घर <नाम> सियाराम भी मौजूद था। रमेश कहने लगाकि आज लोग भी मेरे रिश्तेदार है तथा अजीतमल के रहने वाले रामअवतार उसकेससुर है, जिनसे आप के भी सम्बन्ध है। मैने रामप्रकाश आदि को मुकदमें में फंसाने के चक्कर में रामप्रसाद उफ पिस्सू तथा <नाम> <नाम> को पचास हजार रूपये देकररविन्द्र की हत्या <नाम> दी थी, उससे बहुत बड़ी गलती हो गईं है। इस प्रकार इससाक्षी की साक्ष्य के अनुसार अभियुक्त के द्वारा इस <नाम> के समक्ष स्वेच्छया अपराधसंस्वीकृति किया <नाम> बताया गया है। ",
"मृतक की शव-विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतक के शरीर <नाम> मृत्यु पूर्व कीनिम्न चोटें <नाम> दर्शित हैः-1. Firearm wound of entry 2 cm. x 1 cm. right side neck.Blackening and tattooing and gun powder present. Marginsinverted.2. Firearm wound of entry 2 cm x 1 cm. on right side chest 6 cm.from right nipple and 6 cm. from right Axila. Blackening andtattooing and gun powder present. Margins inverted.3. One metallic bullet 3 cm. x 0.8 cm. recovered from cervicalvertebra.4. One metallic bullet of 3 cm. xX 0.8 cm. recovered from left sidechest cavity.मृतक की मृत्यु का <नाम> shock and hemorrhage as a result ofantimortem injury बताया गया है। ",
"उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार आवेदक / अभियुक्त के द्वारा अपने साथियों को पचास हजार रूपये देकर मृतक रविन्द्र, जो कि आवेदक / अभियुक्त का साला था, कीहत्या करवाया <नाम> तथा स्वतन्त्र <नाम> रामेशवर <नाम> के समक्ष अभियुक्त द्वारा स्वेच्छया अपने अपराध की संस्वीकृति किया <नाम> बताया गया है। जमानत प्राथना पत्र स0: 3073/2019 प्रार्थना पत्र सं0: 3073 / 2019 आवेदक / अभियुक्त को झूंठा एवं निरर्थक नामित किए जाने का कोई युक्तियुक्तऔचित्य एवं आधार दर्शित नहीं होता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_483_202106-02-20212782 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानतप्रार्थना पत्र के समर्थन में मौहम्मद अरशद पुत्र मौहम्मद इकरार निवासी न्यू आजमपाड़ा,थाना जगदीशपुरा, <नाम> उम्र करीब 25 वर्ष का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है जो किअभियुक्त का चचेरा <नाम> है जिसमें कथन किया है कि प्रार्थी को उपरोक्त मुकदमे मेंझूठा फंसाया गया है । वास्तव में वह बेगुनाह एवं बेकसूर है तथा उसने उपरोक्त धाराजैसा कोई अपराध कारित नहीं किया है। पूर्व में पैण्डिग मुकदमों का खुलाशा करने वगुडवर्क दिखाने की नीयत से प्रार्थी को झूठा फंसा <नाम> है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थीनामजद नहीं है तथा अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज की गयी है और ना ही प्रार्थी मौके सेगिरफ्तार है,ना ही प्रार्थी को किसी ने चोरी करते हुये <नाम> है और <नाम> ही उक्त घटनाका कोई चश्मदीद <नाम> है। प्रथम सूचना रिपोर्ट इस प्रकार है दिनांक 17.02.2020 कोमुरैना आने के लिये रेलवे स्टेशन निजामुददीन से ट्रेन महाकौशल एक्सप्रेस के जनरल कोच में बैठा था, रेलवे स्टेशन <नाम> केण्ट <नाम> <नाम> के लिये उतरा था, <नाम> पीतेसमय मेरी जेब से किसी अज्ञात व्यक्ति ने मेरा पर्स चोरी <नाम> लिया। पर्स के अन्दरमेरा आई कार्ड, एटीम, ड्राईविंग लाइसेंस आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड व नकदी1000 रूपये थे, ट्रेन चल देने से व ट्रेन के अन्दर मेरा सामान रखा होने से मैं ट्रेन मेंचढ़ गया। सत्यता यह है कि प्रार्थी/ अभियुक्त एक गरीब व्यक्ति है तथा फुटपाथ <नाम> 2जूतों की फड़ लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उक्त दिनाक को जूता खरीदने के लिये रेलवे लाइन कास करके जूता फैक्टरी जा रहा था, तभी एक सादावर्दी वाले पुलिसकर्मी ने प्रार्थी को रोक लिया और उससे टिकट मांगने लगा तथा उक्तपुलिस वाले ने प्रार्थी के साथ अभद्रता की तथा प्रार्थी को पकडकर थाने ले गया तथाउनके साथ मारपीट की तथा के पास जूते खरीदने <नाम> रखे 8,000/-रूपये भी छीन लिये तथा प्रार्थी द्वारा विरोध करने <नाम> प्रार्थी को उपरोक्त मुकदमे में झूठा फंसा दिया। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादी द्वारा <नाम> तो अभियुक्त का रंग , <नाम> हुलिया व उसकीपहचान के बारे में लिखा है और ना ही विवेचना <नाम> द्वारा अभियुक्त की शिनाख्तपरैड करायी गयी है। घटनास्थल सार्वजनिक स्थान है तथा तमाम सवारियाँ तथा टैक्सीचालक व कुली आदि मौजूद रहते है, उसके बाबजूद भी फर्द बरामदगी का कोइ स्वतन्त्रसाक्षी नहीं है, इससे साफ प्रतीत होता है कि प्रार्थी के ऊपर दिखायी गयी बरामदगीझूठी है। प्रार्थी से उक्त मुकदमे से सम्बन्धि कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी से जो रूपयेबरामद दर्शाये है वह प्रार्थी के स्वयं के रूपये हैं। प्रार्थी/अभियुक्त सभ्य नागरिक है। उसके बारे में यह नहीं कहा जा सकता कि वह अपराधी किस्म का व्यक्ति है तथाउसका यहां <नाम> लोगों में भय व्याप्त है। इस <नाम> कोई गवाही देने के लिये तैयार नहुआ हो। उक्त मुकदमे की घटना दिंनाक 17.02.2020 की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टदिनांक 29.02.2020 को काफी विलम्ब से दर्ज करायी गयी है तथा गिरफ्तारी घटना केकरीब 25 <नाम> <नाम> की है। अभियोजन पक्ष के अनुसार गिरफ्तारी व घटनास्थल आगराकैण्ट रेलवे स्टेशन के सर्कूलेटिंग एरिया का बताया गया है, तथा सी.सी.टी.वी. कैमरेइत्यादि लगे हुये हैं। उसके उपरान्त भी पत्रावली <नाम> ऐसा कोई साक्ष्य नहीं हैजिससे यह प्रतीत होता हो कि प््रार्थी/अभियुक्त को उक्त एरिया से गिरफ्तार कियागया हो। अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र अधीनस्थ न्यायालय से दिंनाक 08.01.2021को खारिज किया जा चुका है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रशम जमानत प्रार्थना पत्रन्यायालय के समक्ष विचाराधीन है इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत का प्रार्थना पत्रमाननीय उच्च न्यायालय या अन्य किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थीदिंनाक 24.12.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। प्रार्थी/ अभियुक्त अपनीउचित व विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। दौरान विचारण प्रार्थी/ अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> अति आवश्यक एवं न्यायसंगत है तथा प्रार्थी / अभियुक्तजमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा अतः प्रार्थी /अभियुक्त को दौरान विचारण जमानतपर <नाम> करने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता 3फौजदारी को सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन ने अभियुक्त के विरूद्व आई कार्ड, ए.टी.एम., ड्राईविंग लाईसेंस,आधार कार्ड, पैन कार्ड, बोटर कार्ड एवं एक हजार रूपये नकद चोरी किये जाने काआरोप लगाया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट वादी द्वारा अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। अभियोजन ने अभियुक्त केपास से चोरी हुये एक हजार रूपये में से सात सौ रूपये कीबरामदगी दिखायी है। चोरी किये हुये नोटो का कोई सीरियल नम्बर एवं बरामद कियेगये नोटों का कोई सीरियल नम्बर <नाम> नहीं किया गया है। प्रथम सूचना में चोरी हुयेअन्य किसी भी सामान की बरामदगी अभियुक्त के पास से नहीं दर्शायी गयी है। अभियुक्त दिनाक 24.12.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है तथा उसके विरूद्वमु0अ0सं0 3545/2020 के अलावा अन्य कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं कियागया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1343_202105-03-20211442 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार अनोज <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा नेम सिंहने थाना न्यू <नाम> <नाम> दिनांक 24.01.2021 को इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक07.11.2020 को समय <नाम> 2.00 बजे वह आवश्यक कार्य से <नाम> कचहरी आया थातथा <नाम> गेट नं 2 <नाम> उसने अपनी गाड़ी स्प्लेण्डर प्रो संख्या यूपी.80 बी.यू.3589 को लॉक लगाकर खड़ा <नाम> दिया। कुछ समय <नाम> जब वह <नाम> से वापसआया तो उसकी मोटर साइकिल गायब थी। कोई अज्ञात चोर मोटर साइकिल कोचोरी करके ले गया। उसने मोटर साइकिल को काफी तलाश किया किन्तु मोटरसाइकिल का कोई पता नहीं चल सका। मोटर साइकिल का इंन्जन नं0 एच.ए.10ईजीबीएचए08783 व चेसिस नं0 एमबीएलएचए10एबीबीएचए06908 है । ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना न्यू <नाम> परअज्ञात के विरूद्ध मु0अ०सं0 19/2021 अंतर्गत <नाम> 379 भा0द0सं0 पंजीकृत हुआ। ",
"अभियुक्त व अन्य के पकड़े जाने <नाम> <नाम> में <नाम> 411 भा०द0सं0 की बढोत्तरी की Bail Application/2587/2021 -Manoj Vs. UP State 2गयी । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक/अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूंठा फंसाया गया है और <नाम> ही आवेदकअभियुक्त के पास से कोई बरामदगी है। आवेदक / अभियुक्त मु0अ०सं0 28/2021,थाना सादाबाद जिला <नाम> के मामले में दिनांक 14.01.2021 से जिला कारागारअलीगढ़ में निरूद्ध है। आवेदक/ अभियुक्त को बी वारण्ट के आधार <नाम> दिनांक02.02.2021 को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है। आवेदक / अभियुक्त को थानासादाबाद की पुलिस घर से पकड़ <नाम> ले गयी थी और उसे तथ्यों के आधार परउसे मु०अ०सं0 28/2021, <नाम> 411, 414 भा०द0सं0 में नामजद <नाम> <नाम> गयाहै । आवेदक / अभियुक्त को जुर्म इकबाल के आधार <नाम> मुल्जिम बनाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालय में यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै, इसक अलावा आवेदक,/ अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोई जमानत्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 07.11.2020 की 14.00 बजेकी बतायी गयी है, जबकि थाने <नाम> चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 24.01.2021को समय 16.29 बजे दर्ज करायी गयी है और घटना स्थल से थाने की दूरी मात्रतीन किलो मीटर <नाम> है किन्तु इतने अत्यधिक विलम्ब का कोई स्पष्टीकरणनहीं <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। मोटरसाइकिल की बरामदगी <नाम> <नाम> से दिखाई गयी। चोरी व बरामदगी का कोईजनसाक्षी नहीं हैं। अभियुक्त व अन्य से 23 मोटर साइकिल व वाहन के अन्यपार्टस की बरामदगी कबाड़े के गोदाम से होना बतायी गयी है जो बदन सिंहनामक व्यक्ति का होना बताया गया है। चोरी व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहींहैं। अभियुक्त की ओर से चोरी की मोटर साइकिलें बरामदगी वाले मामले में अपर Bail Application/ 2587/2021 —-Manoj Vs. UP State 3सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 3, <नाम> से जमानत स्वीकार होने के संबंध मेंजमानत आदेश दिनांकित 22.02.2021 की <नाम> <नाम> दाखिल की गयी है। पुलिस द्वारा अभियुक्त का 5 मुकदमों का आपराधिक इतिहास बताया गया है। अभियोजन द्वारा यह नहीं बताया गया है कि उक्त आपराधिक मामलो में सेअभियुक्त को किसी मामले में न्यायालय द्वारा <नाम> पाया गया है या नहीं। अभियुक्त की ओर से यह भी कथन किया गया है कि पुलिस द्वारा उसे बी वारण्टके आधार <नाम> इस अपराध में न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है तथा मामले मेंझूंठा फंसाया गया है तथा झूंठी बरामदगी दिखायी गयी है, जिसके संबंध मेंअभियुक्त की ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण मेंबी वारण्ट के आधार <नाम> दिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_713_202112-02-20212459 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार प्रेमपाल <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै अन्य कोई जमानत प्ररार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में <नाम> तो प्रस्तुत किया गया नाही कहीं <नाम> विचाराधीन है । अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा निमेन्द्रसिंह ने थाना मलपुरा, जिला <नाम> <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि आज दिनांक04.12.2020 को मैं और मेरी पत्नी व धेवता दर्श <नाम> के साथ मोटर साइकिल परनगला जसोला से <नाम> एक्सप्रेस हाईवे से होते हुए करीब 12.30 बजे डावली पावरहाउस के सामने पहुँचे तो पीछे से <नाम> रंग की मोटर साइकिल <नाम> सवार दो व्यक्तिने हमारी बराबर में आकर मेरी पत्नी इन्द्रावती <नाम> के गले से चैन खींच ली जिससेमेरी पत्नी व धेवता रोड <नाम> गिर गये जिससे दोनों को चोट आई हैं जिसका इलाजाहम <नाम> रहे है। दोनो मोटर साइकिल सवार सीधे महुअर पुल की तरफ भाग गये। आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> की गयी। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा, <नाम> <नाम> अज्ञात केविरूद्ध मु0अ0सं0 463,/2020, अंतर्गत <नाम> ३92 भा0द0सं0 पंजीकृत हुआ। विवेचनाके दौरान जेल से तलब किये जाने <नाम> अभियुक्त द्वारा लूट की स्वीकारोक्ति तथागिरफतारी के समय पीली धातु के टुकड़े की बरामदगी के आधार <नाम> मामले मेंधारा-411 भा०द0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र में कथनकिया गया है कि आवेदक/ अभियुक्त निर्दोष है, उसने उपरोक्त मामले से संबंधितकोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे उक्त अभियोग में झूठा संलिप्त किया है। —_ 2 —_्रार्शी/ अभियुक्त को अन्य मु0अ0सं0 31/2021 अन्तर्गत धारा-392,411 भा0द0सं0में दिनांक 14.01.2021 को पकड़कर जेल भेज <नाम> और दिनांक 27.01.2021 कोजेल से तलब करके उक्त मामले में <नाम> अभियुक्त के साथ <नाम> बरामदगीदर्शते हुए झूँठा संलिप्त <नाम> <नाम> है। वास्तव में अभियुक्त से उक्त घटना सेसंबंधित कोई <नाम> बरामद नहीं हुआ। बेहतर कारगुजारी दिखाने के उद्देश्य सेअज्ञात मुकदमे को प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> खोल <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> इसमामले में नामजद है ना ही मौके से गिरफ्तारी हुई है। घटना व बरामदगी काकोई जनसाक्षी नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त इस मामले में दिनांक 14.01.2021से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने कीयाचना की गयी । ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथन किया किअभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर वादी मुकदमा की पत्नी के गले सेचैन खींचने व गिरफूतारी के समय अभियुक्त व <नाम> अभियुक्त के <नाम> कब्जे सेचैन का टुकड़ा व 4000/-रूपये बरामद किये गये हैं। पीड़िता इन्द्रावती क द्वाराबरामदशुदा चैन के टुकड़े की पहचान की गयी है। अतः अभियुक्त का जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी <नाम> दिनांक 04.12.2020 कोसह अभियुक्त के साथ मिलकर वादी की पत्नी की चेन लूटने का आरोप है। केसडायरी की अनुसार अन्य मुकदमें में दिनांक 14.01.2021 को गिरफूतार किये जानेके <नाम> पूँछताछ में बताया कि उससे बरामद रूपये एवं चैन का टुकड़ा वही हैऔर उसने पूर्व में प्रश्नगत घटना को कारित किया <नाम> स्वीकार किया तथामामले में वादी एवं उसकी पत्नी का बयान थाने <नाम> बुलाकर <नाम> किया गयातथा बरामदशुदा चेन के टुकड़े की फोटो दिखाकर उसकी पहचान करायी गयी। वही वादी की पत्नी इन्द्रावती के द्वारा इन तथ्यों की <नाम> की गयी कि दोव्यक्तियों ने एक्सप्रेस वे उसके गले से चेन खींची थी, जिससे वह मोटर साइकिलसे गिरकर घायल हो गयी थी। चूँकि मामले में <नाम> की शिनाख्त हुई है तथा थानेकी आख्या में अभियुक्त का आपराधिक इतिहास प्रस्तुत किया गया है एवं यहीउल्लेख किया गया कि जमानत दिये जाने <नाम> उसके फरार होने व गवाहों कोडराने धमकाने की सम्भावना प्रबल है। अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4288_202015-12-2020328 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त ने स्वयं का शपथपत्र संलग्न कियाहै। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता क तर्को को सुन लियाहै तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ",
"अपर सत्र न्यायाधीश ,कोर्ट सं0०-4,आगरा इस मामले क संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 08.09.18 कोथाना खन्दौली <नाम> केतकार <नाम> अवर अभियन्ता द्वारा इस आशय कीप्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि दिनांक 17.07.18 को समय करीब 01:45से 2:30 बजे वह अन्य कर्मचारीगण के साथ पूर्व में बकाये बिल <नाम> काटेगये संयोजनो को पुनः चैक <नाम> रहे तो पाया कि आवेदक अभियुक्तबिना बिल जमा किये विच्छेदित केबिल को जोड़कर विद्युत चोरी करअवैध <नाम> से प्रयोग <नाम> रहा था। वादी मुकदमा द्वारा मुकदमा पंजीकूतकर विधिक कार्यवाही करने की <नाम> की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि आवेदकअभियुक्त को मुकदमे में झूठा फंसया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है। आवेदक अभियुक्त <नाम> विद्युत विभाग का कोई भी बकाया नहींहै। आवेदक ने उक्त मामले में विद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा करदिया है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदक अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता नेआवेदनपत्र का मौखिक विरोध करते हुये कहा है कि आवेदकअभियुक्त द्वारा <नाम> बिल जमा किये हुये विद्युत चोरी करने का अपराधकारित किया है। आवेदक अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध गम्भीरप्रकृति का है। आवेदक अभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहीं है। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने का निवेदन किया गयाहै। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रो के अवलोकन से यह प्रकट होता हैकि आवेदक अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> बिल जमा किये अवैध <नाम> सेविद्युत चोरी करने का अभियोग दर्ज है। आवेदक अभियुक्त की तरफ सेविद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा करने सम्बन्धी प्रपत्र प्रस्तुत किये गयेहै। जिनका सत्यापन विद्युत विभाग के अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> द्वाराभी किया गया है। आवेदक अभियुक्त मौके से गिरफतार नहीं हुआ है। आवेदक अभियुक्त क विरूद्ध कथित अपराध शमनीय है। चूँकि आवेदकअभियुक्त द्वारा विद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> है तथाजिसकी <नाम> विद्युत विभाग के अधिवक्ता द्वारा भी की गयी है। आवेदक / अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करनेके लिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। वर्तमान मामले कानिकट भविष्य में विचारण पूर्ण होने की कोई सम्भावना नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_623_202003-02-20201470 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथअभियक्त के चाचा बॉबी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक, थाना ताजगंज, जिला <नाम> ने दिनांक 01.01.2020 को 02-09 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि दौराने भ्रमण <नाम> केव्यक्तियों से ज्ञात हुआ कि अभियुक्तगण गैंग लीडर <नाम> <नाम> व <नाम> राजपूत, धवनदिवाकर, <नाम> व घनश्याम द्वारा एक संगठित गैंग बनाकर अपने सदस्यों के साथ मिलकर थाना <नाम> में अवैध शस्त्रों से सुसज्जित होकर मोबाइल चोरी /छिनैती, लूटपाट जैसे जघन्य अपराधों को अन्जाम देकर अवैध धन अर्जित करते हैं। <नाम> स्वछन्द रहना जनहित में नहींहै। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्रणगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 11.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाय । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंगहै, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध अ.सं. 685/19 धारा-394, 411,120बी भा.द.स. (2) अ.सं. 703/19 <नाम> 3/25 आयुध अधिनियम के मुकदमे लंबित हैं। 2 अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना कीगयी है । "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दो उपरोक्त मामलेदर्शाये गये है, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर लूट करने काआरोप है। पूर्व में इस न्यायालय के द्वारा इस केस के <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> काजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जा चुका है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकीप्रकृति एवं अभियुक्त के कब्जे से लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्त अधिनियम कीधारा 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं हैकि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1877_202019-08-2020279 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त क पेरोकार कल्लू <नाम> द्वाराशपथपत्र प्रस्तुत किया गया हैं, जिसमें वर्णित हैं कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र हैं, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहींहैं। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी ईशाक खाँ द्वारा दिनांक 12.12.2019को तहरीर इस आशय की दी गई कि उसकी बहिन अनीशा की शादी उसके पिताने लगभग 10 वर्ष पूर्व बंटी के साथ मुस्लिम <नाम> रिवाज के अनुसार सम्पन्न कीशी। शादी के <नाम> से अनीशा को <नाम> बंटी, जेठ सोनू देवर मोनू, चचिया ससुर पप्पू तथा ससुर मलुआ अतिरिक्त दहेज में एक लाख रूपया व मोटरसाईकिल कीमांग को लेकर शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करते थे। करीब दो साल से अनीशाको गव भोजपुर से मुल्ला की प्याउ में लेकर रह रहे थे। अनीशा के बतानेपर उसनेअपने परिवारीजन के साथ जाकर ससुरालीजन को काफी समझाया लेकिनससुरालीजन अपनी मांग <नाम> अड़े रहे। दिनाक 11.12.2019 को दोपहन अनीशा का फोन उसके पास आया कि ये ससुरालीजन उसकी इत्या करना चाहते हैं तो वह इस सूचना <नाम> अपने <नाम> नब्बे तथा कफूतान को सूचना दी तथा मुल्ला की प्याउकरीब 3 बजे पहुँचे तो <नाम> कि अनीशा घायल अवस्था में पड़ी थी। पूछने परअनीशा ने बताया कि एक लाख रूपए तथा मोटरसाईकिल की मांग को लेकर उसेबंटी, सोनू, पप्पू तथा मलुआ ने लाठी डण्डों से मारा है तथा जबरदस्ती कुछ पिलादिया है। घायल हालत में अन्य लोगों की मदद से एस0एन0 हॉस्पीटल में भर्ती कराया लेकिन ईलाज के दौरान <नाम> करीब 12 बजे मृत्यु हो गयी। उसकी बहनअनीशा के तीन बच्चे हैं। उसकी बहिन की लाश पोस्टमार्टम गृह एस0एन0हॉस्पीटल, <नाम> में <नाम> है। ",
"वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण बन्टी, सोनू, मोनू, पप्पू व मलुआ क विरूद्वथाना मलपुरा <नाम> मु०अ०सं0 662/2019 <नाम> 498ए, 328, 302 भा०एदएसं० मेंप्राथमिकी <नाम> की गई । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसको इस प्रकरण में झूंठा नामित किया गया हैं, जबकि अभियुक्त द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया हैं। यह भी कथन किया गया कि पोस्टमार्टमरिपोर्ट के अनुसार मृतका अनीसा के शरीर <नाम> कोई जाहिरा चोट नहीं है जिससेस्पष्ट है कि मृतका के साथ लाठी डगण्डों से अभियुक्त द्वारा मारपीट नहीं की गयीहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट में घायल अवस्था में पड़े होने का तथ्य असत्य है। ",
"अभियुक्त सेल्समैन का कार्य करता है जिसमें वह कुरकुरे, चिप्स, टॉफी व अचय इसी तरह के छोटे छोटे खाने पीने के सामान दुकान दुकान जाकर सप्लाई करता हैतथा इस सामान का स्टॉक अपने घर <नाम> रखता है। इन सामानों को चूहों से बचानेके लिए अपे स्टोर में चूहे मारने की दवा रख देता है जिसकी जानकारी उसकीपत्नी को रहती थी। अभियुक्त बंटी से उसके साले इशाक ने 2,70,000/- रूपएकाम के लिए थे तथा एक साल के अन्दर वापस देने के लिए कहा था लेकिन जबउसने रूपए वापस देने का <नाम> नहीं किया तो अभियुक्त ने इशाक से कहा किउसे पैसों की आवश्यकता है। कई बार कहने <नाम> हाथापायी <नाम> की नौबत आयीशी लेकिन उसने पैसे वापस नहीं किए। प्रार्थी अपनी पत्नी को इशाक से पैसेदिलाने के लिए <नाम> था, लेकिन अनीसा अपने <नाम> का ही सहयोग करती शी। इसी <नाम> <नाम> विवाद होने <नाम> अनीसा ने टीवी पटक दिया। अभियुक्त बंटी बाहरचला गया। थोड़ी देर <नाम> अनीसा से शायद चूहे मारने वाली दवा गुस्से में आकरखा ली और जिसके <नाम> वह मर गयी। मृतका खेरायढ़ से <नाम> पंचायत सदस्यहो गयी थी और उसे 2 लाख रूपए मिले थे, 70 हजार रूपए और मिलाकर वह रूपया उसका <नाम> इशाक ले गया था। इन्हीं रूपयों को मांगने <नाम> कलेश था। ",
"वह अपने भाईयों से रूपए मांगती थी, इसी बात को लेकर गुस्से में आकर चूहे मारने वाली दवा खाकर उसने आत्महत्या <नाम> ली। शादी के 10 वर्ष <नाम> दहेज मांगने की बात मिथ्या है। अभियुक्त दिनाक 15.12.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त के छोटे बच्चे हैं। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थनाकी कई। ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तर्कप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त प्राथमिकी में नामित हैं। अभियुक्त के द्वारा अन्यसह अभियुक्तगण के साथ मिलकर अतिरिक्त दहेज की मांग के खातिर वादी कीबहन मृतका अनीशा की इत्या की गयी है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीरप्रकृति का हैं, अततः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तण केसाथ मिलकर वादी की बहिन मृतका अनीसा को अतिरिक्त दहेज की मांग के लिएप्रताड़ित करने तथा चूहे मारने की दवा पिलाकर उसकी इत्या करने का आरोप हैं। ",
"प्राथमिकी के अनुसार अभियुक्त क द्वारा अन्य सूह अभियुक्तगण के साथमिलकर वादी की बहिन मृतका अनीसा को कुछ पिलाने तथा उससे मृतका अनीसा की दौरान इलाज मृत्यु जो <नाम> बताया गया हैं । ",
"मृतका की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतका की मृत्यु का कारणजानने हेलु मृतका का बिसरा सुरक्षित रखते छुए जाच <नाम> <नाम> विज्ञान प्रयोगशालाभेजा गया था तथा <नाम> विज्ञान प्रयोगशाला की आख्या के अनुसार मृतक केशरीर में अल्युमीनियम फॉस्फाईड विष पाया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
" पत्रावली के अवलोकन से यहभी दर्शित होता है कि दौरान विवेचना पुलिस द्वारा अभियुक्त बंटी की निशानदेहीपर उसके घर से चूहे मारने की दवा भी बरामद की गयी है। ",
"अभियुक्त प्राथमिकी में नामित हैं तथा उपलब्ध प्रपत्रों के अनुसार अभियुक्तके द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी की बहिन अनीसा कियाजाना बताया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का हैं । "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_415_202028-02-2020425 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में गुड्डी <नाम> जो कि अभियुक्त की मां है, का शपथपत्रदाखिल किया गया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादिनी <नाम> जानकीदेवी द्वारा दिनांक 12-02-2020 को थाना एत्माद्दौला <नाम> <नाम> इस आशय का्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया कि दिनांक 11.02.2020 को मैं घर से दवा लेने गयी थीतभी समय करीब 3 बजे <नाम> मेरे घर में जीतू पुत्र रामखिलाड़ी निवासी विजयटॉकीज के सामने कटरा वजीर खां थाना एत्माददौला <नाम> घर में घुस आया औरमेरे बक्से में रखे 20,000/- रूपये चोरी करके ले गया जिसको मेरी पुत्र कु0आसिफा ने <नाम> है जिसको आज दिनांक 12.02.2020 को पकड़कर थाने लेकर आयेहैं । मेरी रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> करे। ",
"वादिनी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माद्दौलाआगरा <नाम> मु0अ०सं0 98/2020 <नाम> 380 भा०द0सं0 क अन्तर्गत अभियोग पंजीकृतकिया गया। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि उसे झूठा फंसाया गयाहै । उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त के कब्जे से 20 हजार रूपयेबरामद नहीं हुये हैं। जो भी रूपये दिखाये गये हैं वह फर्जी <नाम> से झूठी कहानीबनाकर दिखाये गये हैं। अभियुक्त के विरूद्ध अन्य कोई मुकदमा किसी भी जिले मेंदर्ज नहीं है और <नाम> ही वह सजायाफूता है। अभियुक्त दिनांक 12.02.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। उक्त आधारों <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये यहकथन किया गया है कि अभियुक्त द्वारा वादिनी के घर में घुसकर रूपये चोरी किये Bail Application/2973/2020 -—jJeetu Vs. UP State 2गये है और अभियुक्त के कब्जे से उक्त चोरी किये गये रूपयों में से 1300/- रूपयेबरामद भी हुये हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कियाजाये । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) के कथनों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन के प्रपत्रो के अनुसार वर्तमान मामले में पुलिस द्वाराअभियुक्त जीतू के कब्जे से वादिनी के घर से चुराये गये रूपयो में से मु01300/- रूपये बरामद किये गये है। अभियुक्त वर्तमान मामले में दिनांक 12.02.2020से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त विचारण क दौरान न्यायालय मेंउपस्थिति सुनिश्चित कराने <नाम> अपनी पर्याप्त जमानते देने को तैयार हैं। अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त केविरूद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2049_202110-03-20211269 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानतप्रार्थना पत्र के साथ आवेदक/ अभियुक्त के पैरोकार सोनू का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार विद्युत विभाग के कर्मचारीगणकी चैकिंग टीम के द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त के परिसर का निरीक्षण करने परआवेदक / अभियुक्त को इस संबंध में विद्युत विभाग की ओर से्रार्शी/ अभियुक्त के विरूद्ध थाना हाजा <नाम> अभियोग पंजीकृत कराया गया। ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठाफॅसाया गया है। प्रार्थी /अभियुक्त उक्त कस में जेल में है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय । "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्थी/ अभियुक्त क द्वारा विद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा नहीं कराया गयाहै, प्रार्थना पत्र <नाम> एतराज है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> चोरी से विद्युत का उपयोग किये जाने काआरोप है, जिससे प््रार्थी/अभियुक्त के द्वारा इंकार किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7110_201916-12-2019314 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त की माँ <नाम> <नाम> का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि मुकदमा वादीलियाकत अली ने दिनांक 18.12.18 को थाना सदर बाजार में इसआशय की प्राथमिकी दर्ज करायी कि उसकी मोटर साइकिल अपाचे ग्रेकलर जिसका नम्बर यूपी-80-सीडब्लू-5837 है जिसे वह हरे कृष्णाहॉस्पीटल सेवला ग्वालियर रोड के बाहर खड़ी करके अपने मरीज काहालचाल जानने के लिये कल दिनांक 17.12.18 रात 8.35 बजे अन्दरगया था और बाहर आकर <नाम> तो उसकी मोटरसाइकिल वहाँ <नाम> नहींथी, उसको अज्ञात चोर वहाँ से उठा <नाम> ले गये है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन पक्षकी ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताफौजदारी की बहस सुन लिया है तथा उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन <नाम> लिया है। आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता की ओर से कथन कियागया है कि पुलिस ने अपने अधिकारियों को खुश करने के लिये गलतफहमी में झूठी <नाम> अर्जित करने के लिये झूठा फसाया गया है। आवेदक का मामले से कोई सम्बन्ध नहीं है। इस मामले की प्राथमिकीअज्ञात में दर्ज है। बरामद मोटरसाइकिल एवं चोरी गयी मोटर साइकिलके चैसिज व इंजन नम्बर में भिन्नता है। घटना एक वर्ष पूर्व की है तथाशाहगंज पुलिस ने दिनांक 14.11.19 को आवेदक को गिरफतार दर्शितकिया है और इस चोरी के केस से सम्बद्ध <नाम> <नाम> है। आवेदक केपास से कोई मोटरसाइकिल बरामद नहीं हुयी है। आवेदक अपनीएक्टिवा से <नाम> कैट से घर आ रहा था तथा चैकिंग के दौरान रूपयाना देने <नाम> कहासुनी हो गयी जिसपर आवेदक को एक्टिवा सहित थानेले गये और उससे झूठा बरामदगी दिखा दी गयी। आवेदक ने कथितअपराध कारित नहीं किया है, वह निर्दोष एवं निरपराध है। आवेदकअभियुक्त दिनांक 15.11.19 से जिला कारागार में निरूद्ध है। विद्वानअधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदक अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने का अनुरोध किया है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता का कथन है कि अभियुक्त को चोरी की मोटरसाइकिल केसाथ पकड़ा गया है तथा उसके कब्जे से वादी मुकदमा की चोरी गयीमोटरसाइकिल बरामद किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध कथितअपराध गम्भीर <नाम> का है। आवेदक अभियुक्त का मामला जमानतयोग्य नहीं है। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने कानिवेदन किया गया है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्राथमिकी एवं फर्द बरामदगी के अवलोकनसे यह प्रकट होता है कि वर्तमान मामले में आवेदक अभियुक्त से जोमोटर साइकिल बरामद हुयी है उसका का चैसिज व इंजन न॑0एमडी634आरआई43ई2डी08725/ 0ई4डीई2590953 है जबकि चोरी हुयीमोटरसाइकिल का चैसिज व इंजन नम्बरएमडी34एक्सई43ई2डी98725,// 0ईडी62590953 है। इस प्रकार चोरी हुयीमोटरसाइकिल व बरामद मोटरसाइकिल के चैसिज एवं नंजन नम्बर मेंभिन्नता है। मामले की प्राथमिकी अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। मोटरसाइकिल की शिनाख्त भी वादी मुकदमा से नहीं करायी गयीहै आवेदक अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास अभियोजन द्वारादर्शित नहीं किया गया है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 15.11.19 सेन्यायिक अभिरक्षा में है। आवेदक अभियुक्त के विरूद्ध उक्त आरोपितअपराध प्रथम वर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। आवेदक अभियुक्तविचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिये पर्याप्तजमानते देने के लिये तत्पर है। वर्तमान मामले का निकट भविष्य मेंविचारण होने की कोई सम्भावना नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3404_201927-06-20192807 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> के शपथपत्र से समर्थित है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्तगण द्वारा न्यायालय के आदेश दिनाोकित 22.06.2019 के अनुपालन में आज न्यायालय के समक्ष आत्मसमपर्ण किया गया है। अभियुक्तगण के न्यायिक अभिरक्षा मेंलिया गया। ",
"संक्षेप में परिवाद कथानक के अनुसार दिनाक 06.11.2012 को तहसील दिवस मेंजिलाधिकारी की बैठक थी जिसमें सम्मिलित होने के लिए परिवादी अपने सहयोगी कृष्णगोपाल के साथ गया था। समय करीब 02:90 बजे <नाम> पैलेस के सामने विपक्षीयण ने मॉबहिन की गंदी गंदी गालियां देते हुए डेढ चमार की गॉलियां दी और लात घूंसों, थप्पड़ों सेमारपीट करते हुए परिवादी के हाथ से थेला छीन लिया जिसमें ग्राम पंचायत के कागजात व 5,000 / ~ रूपए नगद थे। ",
"प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रस्तुत प्रकरण में विवेचक द्वारा अंतिम आख्या न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत <नाम> दी गयीशी। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। मामला परिवाद <नाम> आधारित है। अभियुक्तयणका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी /अभियुक्तगण द्वारा परिवादी को जाति सूचक शब्दोंका इस्तेमाल करते हुए गाली गलौज तथा मारपीट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> भूपेन्द्र <नाम> <नाम> एवं विद्घान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलनकिया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी द्वाराप्रार्थना पत्र अन्तर्गल <नाम> 156(3) दण्ड प्रकिया <नाम> के माध्यम से संबंधित थाने परमुकदमा पंजीकृत कराया गया था जिमसें विवेचक द्वारा <नाम> विवेचना अंतिम आख्या प्रेषित की गयी थी। तदोपरान्त परिवादी द्वारा अंतिम आख्या के विरूद्ध आपत्ति प्रस्तुत करने परन्यायालय द्वारा परिवादी की विरोध याचिका को परिवाद के <नाम> दर्ज किया गया तथा परिवादी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार <नाम> अभियुक्तगण को प्रश्नगतत मामले में विचारण <नाम> आहूत किया गया। प्रार्थी /अभियुक्तगण <नाम> परिवादी के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलौज व मारपीट किए जाने का आरोप लगाया गया है। पत्रावली परपरिवादी को आयी चोटों के संबंध में कोई चिकित्सीय आख्या प्रस्तुत नहीं कौ गयी है। मामला परिवाद <नाम> आधारित है । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5765_201914-10-20193038 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र कोप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> पुत्र बादाम सिह का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थाना प्रभारी निरीक्षक उदयवीर <नाम> <नाम> थाना एत्माददौला जिला <नाम> द्वारा दिनांक 27.03.2019 को समय 19.15बजे जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण भूपेन्द्र उर्फ पिन्टू, <नाम> <नाम> सिन्टू, <नाम> <नाम> उफ लल्लू, फिरोज खॉन, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> रामू,आदित्य उर्फ छोटू उफ सोनू <नाम> का द्वारा एक सुसंगठित गिरोह है, जो अपने साथियों केसाथ मिलकर डकैती जैसे जघन्य अपराध करते हैं और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्तरहते है। ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, व 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोगपंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में झूँठा फसाया गया हैवह निर्दोष हैं उसने कोई अपराध कारित नही किया है। वह किसी गिरोह का लीडर नही है नकिसी गिरोह के साथ मिलकर चोरी आदि जैसे जघन्य अपराध करता है। <नाम> <नाम> में उसका कोई भय एवं आतंक व्याप्त है। गैगचार्ट में दशिर्त मुकदमों में उसकी जमानत होचुकी है। अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी र््यायालय में लम्बित नही है। वह दिनाक 30.09.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) आ.सं. 395/18 धारा-395, 412,342,120बी भा.द.सं. व 15 दस्यू प्रभावी <नाम> अधिनियमथाना-एत्माददौला जिला <नाम> । 2का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामलादर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर डकैती जैसे जघन्य अपराध करने काअभिकथन है । उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर डकैती जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध कतथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2742_201915-06-20193063 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में मुश्ताक का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा विजेन्द्रद्वारा दिनांक 24.06.2018 को समय 05:40 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट यहकथन करते हुए दर्ज कराई गई कि वह अपनी बहन के साथ मनाड से नई दिल्लीके लिए गाडी नं0 11057 दादर सी सी टी <नाम> से आ रहे थे। उनकी सीट नं0एस -9 में आठ नम्बर वर्थ थी। रास्ते में <नाम> से 5 किलोमीटर पहले जब गाडीथोडा धीमा हुई तो एक अन्जान व्यक्ति डिब्बे कोच में से चैन खीच <नाम> भाग गया। चैन लगभग ढाई तोला वजन की थी। ्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। वह दिनांक 11.07.2018 सेजेल में निरूद्ध है। अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नही किया है। अभियुक्त केबयान के आधार <नाम> उसे फसा <नाम> गया है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं,जमानत <नाम> दी जाये। विद्वान लोक अभियोजक की ओर से जमानत प्र्रार्थनापत्र का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त के पास से बरामदगी है और अभियुक्तका अन्य साथियों के साथ गैंग है जो <नाम> व लूट की घटना कारित करते हैं। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास भी है। उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधारनहीं है । "
],
"judge-opinion": [
"सुना व पत्रावली का परिशीलन किया। केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि दिनांक 10.07.2018को पुलिस द्वारा अभियुक्तगण इरशाद, <नाम> <नाम> उर्फ सरकारी, आमिर खानव यासीन को गिरफतार किया गया। अभियुक्तगण के कब्जे से 4 अदद लैपटाप व16 मोबाइल फोन विभिन्न कम्पनियों के व सोने-चाँदी के जेबरात,; 5 अदद चाकूव एक अदद बेगनआर गाडी बरामद हुई। अभियुक्त इरशाद के कब्जे से दो अददमोबाइल व एक चाकू व एक लैपटाप व सोने चॉदी के जेबरात बरामद हुए। अभियुक्त यासीन के पास से एक अदद चाकू व 4 अदद मोबाइल बरामद हुए। यहभी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि इस मामले में मात्र सोने की चैन खीच <नाम> ले जानाकहा गया है। जिसकी बरामदगी नहीं है। <नाम> ही शिनाख्त कराई गई है। अभियुक्तदिनांक 11.07.2018 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4425_201921-08-2019344 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के चचेरे <नाम> व पैरोकारअशरफ के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. शेर <नाम> द्वारा थाना अछनेरा <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट दिनांक 18.04.2019 को समय 19:50 बजे यह कथन करते हुए दर्जकराई गई कि सामान्य लोकसभा चुनाव 2019 में <नाम> व्यवस्था की ड्यूटीहेतु थानाक्षेत्र में था। इस समय 17:16 बजे सूचना <नाम> कि ग्राम कचौरा मेंअनीस ने अपने परिवारीजनों के सहयोग से अपनी पत्नी सायरा बानों कीइत्या <नाम> दी। इस सूचना <नाम> पुलिस <नाम> के साथ वह ग्राम कचौरा पहुंचे तोसायरा बानों का शव अनीस के घर के बाहर जमीन <नाम> रखा था और अनीसके परिवारीजन अनीस पुत्र सम्पत व अनीस के चाचा अहमद अली पुत्र (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4425 2019शरीफ आदि बनाम राज्यअल्लाबख्स, युसुफ पुत्र अहमद अली, अनीस व उसका बड़ा <नाम> बौना वसुनील, हनीफ, शरीफ पुत्र गण सम्पत व गांव क गंगाराम पुत्र रूपराम, पोहपसिंह पुत्र सभाराम, गुङ्डु पुत्र रतनसिंह, सत्यप्रकाश पुत्र <नाम> <नाम> कुंवरजीपुत्र रनछोर <नाम> पूर्व <नाम> संजू पुत्र वीरो, <नाम> पुत्र राजासिंह, हरीओमपुत्र प्रसादी पूर्व <नाम> रमेश पुत्र लोहरे, <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> दीवानपहलवान पुत्र शिब्बो व 100-150 अन्य व्यक्ति नाम पता अज्ञात समस्तनिवासीगण ग्राम कचौरा थाना अछनेरा, <नाम> लड़की पक्ष के रहीस खां,नसरू खां पुत्रमण बशीर खां, शाबिर खां पुत्र साबू खां समस्त निवासीगणबिरहरू थाना सैंया <नाम> से पुलिस कार्यवाही <नाम> करने को लेकर समझौताकरने का दबाव बना रहे थे। लड़की पक्ष के रहीस खां पुत्र बशीर खां आदिउपरोक्त से कार्यवाही से सम्बन्ध में बात की गई तो लड़की पक्ष के रहीस खांउपरोक्त व उपरोक्त ने कानूनी कार्यवाही करने की बात कही इस परउनके द्वारा शव को कब्जे में लेते हुए <नाम> व्यवस्था को देखते हुए सरकारीगाड़ी में शव रखने का प्रयास किया गया तो अनीस आदि उपरोक्त ने गाड़ीके सामने बल्ली व बुग्गी लगाकर रास्ता अवरूद्ध <नाम> दिया। हटाने को कहातो अनीस पुत्र सम्पत व शरीफ पुत्रगण सम्पत व गांव के गंगाराम पुत्ररूपराम, पोहप <नाम> पुत्र सभाराम, गुड्डु पुत्र रतनसिंह, सत्यप्रकाश पुत्रदेवीसिंह, कुंवरजी पुत्र रनछोर <नाम> पूर्व <नाम> संजू पुत्र वीरो, <नाम> पुत्रराजासिंह, हरीओम पुत्र प्रसादी पूर्व <नाम> रमेश पुत्र लोहरे, <नाम> पुत्र रूपसिंह, <नाम> पहलवान पुत्र शिब्बो व 100-150 अन्य व्यक्ति नाम पता अज्ञातसमस्त निवासीगण ग्राम कचौरा थाना अछनेरा, <नाम> लड़की पक्ष के रहीसखां, नसरू खां पुत्रगण बशीर खां, शाबिर खां पुत्र साबू खां समस्त निवासीगणबिरहरू थाना सैंया <नाम> से मारपीट व गाली-गलौच करने लगे इस परपुलिस <नाम> द्वारा बीच बचाव करने का प्रयास किया गया तो सानू पुत्र वकीलनिवासी मौ0 सराय रामपर्सी चौक कस्बा थाना अछनेरा व रूपेन्द्र <नाम> पुत्रबहादुर <नाम> निवासी-ग्राम कचौरा ने कांस्टेबल 3756 <नाम> <नाम> से सरकारी असलहा ए.के-47 को छीनने लगे, ललकारते हुए <नाम> करने परपोहप <नाम> उपरोक्त ने <नाम> से मारने की नीयत से फरसे से सिर <नाम> वारकिया साथी उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा बचाव की आवाज देकर धक्का (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4425, 2019शरीफ आदि बनाम राज्य <नाम> जिससे व गिर <नाम> बाल-बाल बच गए। पोहप <नाम> आदि उपरोक्तलोगों ने समय करीब 18:15 बजे एकराय होकर ईट पत्थर लाठी-डण्डों सेजान से मारने की नीयत से पुलिस <नाम> तथा लड़की पक्ष <नाम> चलाने लमे,जिससे अफरा तफरी मच गई और गांव/ आमजन में भय व्याप्त हो गया एवंभाग-भाग <नाम> अपने घरों के खिड़की दरवाजे बंद करने लगे तो पुलिस वालोंने किसी प्रकार से भागकर अपनी <नाम> बचाई। ईट पत्थर चलने से सरकारीगाड़ी सं0-यू०पी0 80, ए०जी0 का शीशा टूट गया और क्षतिग्रस्त हो गई । ",
"प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। दिनाक 18.04.2019 को गाव के अनीसकी पत्नी ने आत्महत्या <नाम> ली थी। मृतका शासरा बानों के परिवारीजन वहाँपर आए हुए थे। दोनों पक्षों में सुलह समझौता हो गया था। दोनों पक्ष मृतकाका पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे और उसे दफनाने जा रहे थे। इलाकापुलिस ने मौके <नाम> पहुँचकर जबरन मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराने हेतुदबाव बनाया। इसी बात <नाम> दोनों पक्षों व पुलिस की कहन-सुनन हो गयीऔर पुलिस शव को अपनी गाड़ी में डालकर जबरदस्ती ले गयी और यहझूठा मुकदमा पंजीकृत <नाम> दिया। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। घटनामें कोई पुलिसकर्मी चुटैल नहीं है। पुलिस द्वारा प्रार्थीयण को अनीस का भाईहोने के नाते झूठा चालान <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थीगण दिनाक 01.08.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। प्रार्थीगण का कोई अपराधिक इतिहास नहींहै । प्रार्थीगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तगण को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा (4)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4425 2019शरीफ आदि बनाम राज्यजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि पुलिस <नाम> क कार्य मेंव्यवधान उत्पन्न किया गया है तथा ए.के-47 को लूटने का प्रयास कियागया है। पुलिस <नाम> द्वारा विधिक कार्यो का निर्वहन किया जा रहा था,जिसके <नाम> अभियुक्तगण ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर व्यवधानउत्पन्न किया और <नाम> से मारने की नीयत से हमला भी किया। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> फूल <नाम> राजपूतएवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 18.04.2019 की समय 18:15 बजे की है। प्रार्थीगण प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामित हैं। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है किदिनांक 18.04.2019 को पुलिस <नाम> सायरा बानो की हत्या के <नाम> गांव में गया और जब उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगा तब उसकाविरोध प्रार्थीगण द्वारा सह-अभियुक्तगण व अन्य गांव के लोगों के साथ कियागया और उसी कम में पुलिस से ए0के0 47 छीनने का प्रयास किया गयाऔर पुलिस <नाम> <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से हमला भी किया गया तथा सरकारी कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया गया। सह-अभियुक्तगण शानू व रूपेन्द्र <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक 06.05.2019 को निरस्तकी जा चुकी है। प्रार्थीगण ह्वारा मामले में सकिय <नाम> अदा की गयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4546_201921-08-2019346 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र मामले के सह-अभियुक्त <नाम> के दोस्तआनन्द के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि परिवादिनी <नाम> कुसुमलता द्वारा यह परिवाद इन कथनों के साथप्रस्तुत किया गया कि दिनांक 02.04.2017 को समय करीब <नाम> 19:00 बजेअपने घर में टीछवी0 देख रही थी। तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज आई । प्रार्थिया ने जाकर दरवाजा खोला <नाम> कि विषक्षी <नाम> देवी,दीपमाला, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> आदि ने प्रार्थिया को भददीभददी गाली देने लगे। विरोध करने <नाम> घर के बाहर खीच लिया औरलात-घूसों से मारपीट करने लगे। वह भाग <नाम> अन्दर घुस गई तो अन्दर भी घुस आये और बुरी तरह से मारपीट करने लगे। उसके <नाम> बचाने आये तोउन्हें भी मारपीट की। <नाम> ने तमंचा निकाल <नाम> प्रार्थिया की कनपटी पररख <नाम> और प्रार्थिया के शरीर <नाम> पहने हुए कपड़ों को फाड दिया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4546/2019श्रीमती <नाम> <नाम> बनाम कुसुमलताबेईज्जत किया। प्रार्थिया के गले में पड़ी सोने की चैन <नाम> ने झपटटामारकर तोड ली व <नाम> ने प्रार्थिया का ब्लाउज फाड 1800, -रुपये लूटलिये । ",
"प्रार्थिया/अभियुक्तागण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> चंदसोनी, परिवादिया के विद्वान अधिवक्ता <नाम> धर्मेन्द्र <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को विगत <नाम> <नाम> सुना जा चुकाहै। पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"प्रार्थिया/ अभियुक्तागण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थिया/अभियुक्तागण को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। परिवादिया द्वारा पूर्व में भीकई मुकवमें प्रार्थियागण एवं उनके परिवारीजन के विरूद्ध दर्ज कराए गए हैं। ्रार्थिया कु0 <नाम> ने भी परिवादिनी के <नाम> <नाम> <नाम> के विरूद्धमुकदमा पंजीकृत कराया है तथा एस०सी0/ एस०टी0 कमीशन में भी शिकायतकी है। पक्षकारों के मध्य अन्य मुकदमें भी चल रहे हैं। प्रार्थियागण दिनीक11.08.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। प्रार्थियागण का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीभी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थियागणका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थिया/अभियुक्तागण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"परिवादिया द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र के विरूद्ध आपत्ति प्रस्तुतकी गयी है। ",
"परिवादिया के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन कियागया कि अभियुक्तागण द्वारा अन्य सह-अभियुक्तगण केस साथ मिलकरपरिवादिया व उसके परिवारीजन के साथ मारपीट, लूटपाट, गाली-गलौजआदि की गयी है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4546, 2019श्रीमती <नाम> <नाम> बनाम कुसुमलता पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामलेमें घटना दिनाक 02.04.2017 की है। पार्थियागण <नाम> सह-अभियुक्तगण केसाथ मिलकर परिवादिया व उसके परिवारीजन के साथ मारपीट व लूटपाटआदि किए जाने का आरोप है। पत्रावली किसी भी चुटेल की कोई चिकित्सीयपरीक्षण आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह भीदर्शित होता है कि <नाम> 202 दण्ड प्रकिया <नाम> के अन्तर्गत प्रस्तुत <नाम> पी0डब्लू0-3 जमील अहमद के द्वारा अपने कथन में यह कहा है कि उसनेसामान को लेते हुए नहीं देखा। मामला परिवाद पत्र <नाम> आघारित है। ्रार्थिया/ अभियुक्तागण महिला हैं तथा लगभग 10 <नाम> से जिला कारागार मेंनिरूद्ध हैं । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4097_201917-08-2019494 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारसुरेन्द्र <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा मनोजभाटिया द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायीगयी कि दिनाक 17.06.2019 को वह अपने दोस्त रिशू सचदेवा के साथआगरा घूमने आ रहा था। इसी दौरान <नाम> मीणा का फोन आया औरउसने कहा कि वह उससे <नाम> चाहता है जिस <नाम> उसने बताया कि वहआगरा जा रहा है, तो उसने कहा कि वह <नाम> आकर मिल लेगा। उसनेसुनील को फोन किया तो <नाम> मीणा ने कहा कि वह <नाम> कैट रेलवेस्टेशन <नाम> खड़ा है। <नाम> ने उसे वहीं बुला लिया। <नाम> के साथ अन्यलड़के भी थे। उसने <नाम> व अन्य तीन लड़कों को अपनी कार में बैठालिया। रास्ते में <नाम> ने अपने साथ में से एक लड़के सूरज को ए0टी0एम0से पैसे निकालने भेजा और रिशू को भी साथ जाने के लिए कहा। जिसकेबाद रिशू भी सूरज के साथ फतेहपुर रोड <नाम> ओरियंटल बैंक के ए०टी0एम0०से पैसे निकालने चला गया। सूरज एएटी0एम0 के अन्दर चला गया तथा रिशू (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, व्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4097/2019करूआ उर्फ <नाम> गुर्जर बनाम राज्यबाहर ही खड़ा रहा। थोड़ी देर <नाम> सूरज ए0टी0एम0 से बाहर निकला औरदूसरे ए०टीएएम0 में जाने की बात <नाम> हुआ आगे बढ़ा और सड़क पार करके एक अन्य कार में सवार होकर चला गया। इसी बीच दो अन्य लड़केउसकी कार में आकर बैठ गए और आते ही <नाम> व उन लड़कों ने उसकेपर कट्टे तान दिए और शोर मचाने <नाम> <नाम> से मारने की धमकी दी। इसकेबाद उन सभी ने उसे उसकी कार सहित बंधक बना लिया और उसे एकअज्ञात जगह <नाम> ले गए जहाँ उसके साथ मारपीट की तथा <नाम> ने उसपर गोली भी चलायी। उन्होंने कहा कि अगर तेरे घरवाले तीस लाख रूपए देदेंगे तो तुझे जिन्दा छोड़ देंगे। इस घटना के <नाम> <नाम> ने उसके फोन सेउसकी पत्मी को फोन किया और धमकी दी कि अगर तीस लाख रूपए नहींदिए तो तुम्हारे <नाम> की लाश मिलेगी। <नाम> व उसके साथियों ने उसकीसोने की चेन व 2,000/- रूपए नगद छीन लिए तथा उसे कट्टे के बट सेमारा जिससे उसे चोट आयी। देर रात पुलिस ने कार्यवाही करके उसेअपहरणकर्ताओं से छुड़ाया। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 19.06.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। वादी ने एक सोची समझी रणनीति क तहत अभियुक्तगण से नौकरी लगवाने के बहाने लिए गए लाखों रूपयों को हड़पनेकी नीयत से यह झूठा मुकदमा पुलिस से मिलकर लिखाया गया है। वादीमुकदमा का कोई अपहरण नहीं हुआ है। अभियुक्तगण के कब्जे से कोई तमंचा व कारतूस बरामद नहीं हुआ है। पुलिस को अपहरण की सूचना कैसेप्राप्त हुई तथा अपहृत को अभियुक्तगण के कब्जे से पुलिस द्वारा कैसे बरामदकिया गया, इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। अभियुक्त द्वारा वादीएवं <नाम> मीणा को नौकरी के लिए एक वर्ष पूर्व 2,00,000/- रूपए दिएगए थे, लेकिन उन्होंने प्रार्थी की नौकरी नहीं लगवायी और <नाम> पैसा वापसकिया। पैसे की बावत ही <नाम> मीणा ने फोन <नाम> अभियुक्त को <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4097, 2019करूआ उर्फ <नाम> गुर्जर बनाम राज्यबुलाया था। किसी भी अभियुक्त के कब्जे से सोने की चेन व 2,000/-रूपए बरामद नहीं हुए हैं। अभियुक्त वादी व <नाम> मीणा के साथ खानाखाने होटल <नाम> गया था, वही <नाम> वादी ने पुलिस बुलाकर प्रार्थी को उक्तमुकदमें झूठा निरूद्ध <नाम> दिया। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में विचाराधीननहीं है। प्रार्थी का कोई पूर्व अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधघारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त घटना मेंसंलिप्त रहा है तथा उसके व सह-अभियुक्त क द्वारा वादी को बुलाकर योजनाबद्ध तरीके से उसका अपहरण <नाम> फिरोती की मांग की गयी है। वादी मुकदमा को अभियुक्तगण के कब्जे से मुक्त कराने के उपरान्त वादी द्वारामुकदमा दर्ज कराया गया है। सह-अभियुक्त <नाम> मीणा की जमानत पूर्व में निरस्त की जा चुकी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की ययी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> के0सी० <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 17.06.2019 की समय 11:00 बजे से 11:30 बजे के मध्य कीहै जिसकी सूचना दिनाक 17.06.2019 को ही अपहृत के मित्र रिशू द्वारा 100नम्बर <नाम> दी गयी है जो प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अपहृत के साथआगरा घूमने आया था। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है किप्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> दिनाक 17.06.2018 कोसमय 08:00 बजे सह-अभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किया गया है तथागाड़ी से अपहूत <नाम> <नाम> को बरामद किया गया है। अपहूत द्वारा अपनेबयान में प्रार्थी व सह-अभियुक्तगण की <नाम> स्पष्ट की गयी है। <नाम> अभियुक्त <नाम> मीणा की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक 16.07.2019को निरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदा कीगयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4984_201913-09-20194429 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ सोनू <नाम> पुत्रओमप्रकाश का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना र््यू <नाम> जिला <नाम> ने दिनांक 21.06.19 को 00.53 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण शेरा, सोनू <नाम> <नाम> रामवीर, सनी चौहान,व मोनूपंण्डित क द्वारा एक संगठित गैग बना लिया है जिसका गैगलीडर शेरा है जो अपने सदस्यों के साथमिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक लाम प्राप्त करने <नाम> अवैध असलाहों से लेस होकर चोरी, लूट वजहरखुरानी जैसे जघन्य अपराध कारित <नाम> <नाम> में भय व्याप्त <नाम> धन अर्जित करते है। ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, 17 व 22 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित कियागया है । ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकूत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया है। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में रंजिशवश झूँठा फंसाया गया है। ",
"उसने कोई अपराध कारित नही किया है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। उसका कोई गैग नही है और नही वह किसी गैग कासदस्य है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसक जमानत प्रार्थनापत्र लम्बित है। उसका <नाम> में कोई भय व आतंक व्याप्त नही है और <नाम> ही वह समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त है। अभियुक्त दिनक 17.02.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध() अ.सं. 133/19 धारा-328, 379, 411 भा.द.सं. थाना-न्यू <नाम> जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक 2को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया । गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामला दर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर अवैध असलाहों से लेस होकर चोरी, छिनेटी, लूट वजहरखुरानी जैसे जघन्य अपराध करने का अभिकथन है । ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर अवैध असलाहों से लेस होकर चोरी, छिनेटी, लूट व जहरखुरानीजैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णितप्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का दोषीनहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6443_201903-12-2019998 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमामत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारओमप्रकाश के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया मुकदमाकाजल <नाम> द्वारा दिनाक 09.03.2019 थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इसआशय की दर्ज करायी गयी कि वह दिनाक 08.03.2019 को अपनी बैंक पंजाब नेशनल, दयालबाग, <नाम> से दोपहर 02:10 बजे लंच के लिए बाहरनिकली, जिस दौरान 2 व्यक्ति <नाम> बाईक <नाम> सवार होकर आए जो रूमालबांधे हुए थे। पीछे बैठे व्यक्ति ने प्रार्थिया को चाकू से मारने की कोशिश कीतथा सोने की चेन छीनकर भाग गए। प्रार्थिया ने 100 नम्बर <नाम> फोन किया,पुलिस आधे घण्टे <नाम> पहुँची । इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। घटना दिनाक 08.03.2019 की है तथा प्रथम सूचना (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6443 2019रवि <नाम> बनाम राज्यरिपोर्ट दिनाक 09.03.2019 को अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीचन्द्रकान्त उफ <नाम> नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानता है। प्रार्थी कोसह-अभियुक्त <नाम> उर्फ <नाम> के कथन के आधार <नाम> मामले मेंअभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी की शिनाख्त नहीं करायी गयी है। प्रार्थी सेकिसी प्रकार की कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी दिनाक 28.10.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्त के साथ मिलकर वादिया मुकदमा की चेन लूटी गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 08.03.2019 की समय 14:10 बजे से 18:30 बजे की है तथाप्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 09.03.2019 को समय 10:34बजे ऑंकित करायी गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्त चन्द्रकान्ता उर्फ <नाम> के कथन के आधार परमामले में अभियुक्त बनाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शितहोता है कि प्रार्थी को दिनाक 27.10.2019 को समय करीब 22:00 बज पुलिसपार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक तमंचा व दोकारतूस बरामद किए गए हैं। प्रार्थी से इस प्रकरण से संबंधित कोई बरामदगीदर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी एक माह से अधिक समय से जिला कारागारमें निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2548_202021-09-20202649 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता रामबाबू कीओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसीन्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"आवेदक /अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है किअभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे उपरोक्त मामले में झूंठा फंसाया गया है। उससे अपराध से सम्बन्धित कोई बस्तु बरामद नहीं हुयी है। प्रथमसूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। सहअभियुक्त की जमानत स्वीकारकी जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 03.09.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतःअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ",
"सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त के द्वारा <नाम> कीलूट की गयी है तथा अभियुक्त से लूट के रुपये बरामद हुये है। अतः अभियुक्तका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा थानान््यूआगरा <नाम> एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 03.02.2020 को 19.40 बजे वह और उसका परिवार भगवान टाकीज, <नाम> वाला के सामने खड़े होकर बात <नाम> रहे थे तभी दो अज्ञात बदमाश जो बाइक <नाम> आये थे,उनमें से एक ने रोड के किनारे खड़ी उसकी सलेज रेनू के हाथ से पीच व 2सफेद रंग के <नाम> को छीनकर भाग गये, जिसमें लगभग 20हजार रुपये नकदएवं एक स्मार्ट मोबाइल फोन और घर की चाबियां सहित अन्य सामान था। मोबाइल में दो सिम कार्ड नं० कमश: <फ़ोन-नंबर> एयरटेल व <फ़ोन-नंबर>आइडिया पड़ी हुयी थी। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना न्यूआगरापर अ0सं0 99,/ 2020 अन्तर्गत <नाम> 392 भा०दं0एसं0 पंजीकृत हुआ । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा सहायक अभियोजनअधिकारी के तर्कों को सुना तथा केसडायरी का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि आवेदक »&अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। सहअभियुक्त के बयान के आधारपर उसे इस अपराध में नामित किया गया है। सहअभियुक्त <नाम> <नाम> का जमानतप्रार्थनापत्र दिनांक 05.08.2020 को स्वीकार किया जा चुका है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 03.09.2020 से कारागार में निरुद्ध है। ",
"प्रकरण की उपरोक्त परिस्थितियों में मामले के गुणदोष <नाम> चर्चाकिये बगैर अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने का पर्याष्त आधार है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_702_202031-01-20201574 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्तन्यायिक अभिरक्षा में है। समर्थन में निजामुददीन पत्र अज्जो <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिया मुकदमा श्रीमतीरोशनी द्वारा थाना जगदीशपुरा <नाम> <नाम> दिनांक 07.01.2020 को 16.30 बजे प्रथमसूचना रिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि- उसके पडौस में एकमुसलमान कालू <नाम> रहता था। षड्यंत्र के तहत पडौस का अपना मकान बेच दियाऔर वह मुल्ला की प्याऊ धनौली से आगे थाना मलपुरा <नाम> अपने माता पिता वअन्य परिवार के सदस्यों के साथ रहने लगा। दिनांक 05.01.2020 को समय करीबशाम 04.00 बजे कालू <नाम> प्र्ार्थिया के घर <नाम> आया और प्रार्थिया की नाबालिगभोली-भाली पुत्री तन्नू को अपनी मोटर साईकिल <नाम> बैठाकर बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया। प्रार्थिया दिनांक 06.01.2020 को सुबह 10.00 बजे अपने पिता दुर्जनसिंह, मॉ <नाम> <नाम> को लेकर कालूखान के घर पहुँची तो अपनी पुत्री क बारे मेंजानकारी की। इस <नाम> कालूखान के माता पिता और उसके <नाम> वकील खान,गंगूखान, <नाम> <नाम> उत्तेजित हो गये और गाली-गलौज करने लगे और कहने लगेकि साली हरामजादी यहाँ से भाग जा अब तेरी लडकी नहीं मिलेगी। तेरी लडकी काधर्म परिवर्तन कराके उसका निकाह कालू <नाम> के साथ <नाम> देगें और तूने कहींशिकायत की तो तुझे <नाम> से मार देगें। इस आधार <नाम> <नाम> 363,366,504 भा०द0सं0में मुकदमा पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना <नाम> ३(2)5 एस.सी. / एस.टी.एक्ट की Bail Application/2010/2020 -UP State Vs. Kalu Khan 2बढोत्तरी की गई । ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष हैं। उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीकिया गया है। अभियुक्त को झूठा फसाया गया है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गयाकि अभियुक्त बहला-फुसलाकर नहीं ले गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट अत्यन्त विलम्ब सेदर्ज कराई गई है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि दिनांक 05.01.2020 को शामकरीब 05.00-06.00 बजे <नाम> रविवार को अभियुक्त अपने जूते के कारखाने नईआवादी, बेरी का नगला, जगदीशपुरा <नाम> से <नाम> करके अपने घर मुल्ला कीप्याऊ लौट रहा था। तभी रास्ते में अचानक <नाम> टाकीज के पास तन्नू ने्रार्शी/अभियुक्त को रोक लिया और कहने लगी कि कालू वह अपने किसी रिश्तेदारके यहाँ जा रही है और उसके मा- पापा वही हे। उसके पास से उसका पर्स कहींगिर गया हैं जिसमें पैसे थे। उसके पास पैसे नही है। कुछ पैसे <नाम> दे। घर पहुँचकरलौटा देगी। तो 700/- रुपये जेब से निकाल <नाम> <नाम> दिये। यह भी तरक प्रस्तुतकिया गया कि अभियुक्त पूर्व में वादिनी का पडौसी था। वादिनी मकान को खरीदनाचाहती थी। किन्तु अभियुक्त ने किसी अन्य को बेच दिया। जिस <नाम> रजिंश मानतीशी । कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नहीं है और अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीहै । अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडने का आधार पर्याप्त है। अभियुक्त को जमानत परछोड़ा जाये। ",
"वादिया को नोटिस जारी की गई। वह उपस्थित आई। उसकी ओर सेआपत्ति भी प्रस्तुत की गई। अभियोजन की ओर से जमानत का विरोध किया गयाऔर <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त वादिनी की नाबालिग पुत्री कोबहला-फुसला <नाम> ले गया और अपहरण <नाम> लिया गया। उसका धर्म परिवर्तनकरना चाहता था। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि पीडिता ने अपने बयान में ६टना का समर्थन किया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> छोडने का कोई आधार नहींहै । जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गई। "
],
"judge-opinion": [
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि पीडिता ने अपने बयानअर्न्तगत <नाम> 161 द0प्रoसं0 में अपनी उम्र 17 वर्ष बताई और <नाम> 8 <नाम> पढी होनाबताया औरक हा कि 5 तारीख को कालू के कहने <नाम> चली गई थी। उसने बिचपुरीरेलवे स्टेशन के पास लेजाकर छोड <नाम> और कहा कि यहीं रुकना, जब <नाम> वहनहीं आ जाये। वह घर जा रहा है। फिर आकर तुझे ले जायेगा। कालू ने उसे700/- रुपये भी दिये वह रेलवे स्टेशन <नाम> इधर-उधर घूमती रही, 8 तारीख कोपुलिस ने पकड लिया। यह भी कहा है कि 3 साल से कालू को जानती थी। यह पूछेजाने <नाम> कि दो <नाम> <नाम> कहाँ रही उसने बताया कि वह स्टेशन <नाम> ही कालू काइन्तजार करती रही। कालू ने कोई गलत हरकत नहीं की। <नाम> 164 द0प्रश्सं0 केअर्न्तगत बयान में भी उसने अभियुक्त को तीन साल से जानना कहा है और कहा हैकि वह अपनी मर्जी से कालू के साथ चली गई थी। उसने कोई गलत <नाम> नहीकिया। <नाम> रेलवे स्टेशन <नाम> लेजाकर उसको छोड़ <नाम> था। वही <नाम> दो दिनोंतक रही। कालू ने उसे 700/- रुपये दिये थे। दो <नाम> <नाम> पुलिस ने पकड लियाथा। चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट में उसकी आयु 19 वर्ष <नाम> गई है। मानिक चन्द वीरउ0मा0 विधालय से जारी जन्मतिथि प्रमाणपत्र में उसकी जन्मतिथि 02.04.2003दिखाई गर्ई है। उसके अनुसार वह घटना की <नाम> <नाम> पीडिता करीब 17 वर्ष कीशी । उसने अपने बयान में भी 17 वर्ष होना कहा है। पीडिता के बयान में स्वंय हीस्वेच्छया से <नाम> कहा गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_984_202123-02-20212005 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार-वादी देवेन्द्र <नाम> द्वारा इस आशय की रिपोर्टथाना न्यू <नाम> <नाम> <नाम> दिनांक 10.12.2017 को दर्ज कराई गयी कि वह नगलाबूढ़ी चौराहे के पास मोमोस का ठेला लगाता है। आज <नाम> करीब आठ बजे एकलड़का निसार उसके ठेले <नाम> आया तथा रूपयों के लेन देन को लेकर गाली गलौज करने लगा। जब उसने रूपये मांगे, तभी उसका साथी <नाम> <नाम> जो उसके मकानके पास रहता है, उन दोनों ने कहा कि साले मोमोस खाने के रूपये मांगता है, आजतुझे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे। <नाम> <नाम> ने उस <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से अपनीरिवाल्वर से छह फायर सीधे किये। वह गिरकर अपनी <नाम> बचाकर भागा। शोर सुनकर काफी लोग जमा हो गये,जिनको देखकर <नाम> <नाम> तथा निसार ने एक साथमिलकर उसकी हत्या करने का प्रयास किया था। Bail Application/ 2116/2021 —-Pankaj Yadav Vs. UP State 2वादी की तहरीर <नाम> थाना न्यू <नाम> <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 1166/2017अन्तर्गत <नाम> 307,504 भा०दं0सं0 अभियुक्तगण <नाम> <नाम> तथा निसार के विरूद्धपंजीकृत की गयी। विवेचना के उपरान्त अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्ध धारा307,504 भा.द.सः के अन्तर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया गया। ",
"अभियुक्त द्वारा अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में कथन किया गया है कि अभियुक्तअध्यापक है। उक्त घटना में किसी को कोई चोट नहीं आई है और <नाम> ही मौके सेखोखा कारतूस बरामद हुआ है। अभियुक्त के विरूद्ध अवर न्यायालय में आरोप पत्रप्रस्तुत किया जा चुका है तथा पुलिस रिपोर्ट <नाम> संज्ञान लिया जा चुका है। अभियुक्तको गिरफूतारी की पूर्ण <नाम> है। अतः अभियुक्त का अग्रिम जमानत स्वीकार करतेहुए थाना प्रभारी को आदेशित करने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारीश्री बसन्त <नाम> <नाम> तथा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा अभिलेखों कापरिशीलन किया। ",
"प्राथमिकी के अनुसार अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा वादी <नाम> <नाम> से मारने कीनीयत से रिवाल्वर से छह फायर किये गये। केस डायरी के पर्चा संख्या-3 मेंविवेचक द्वारा वादी देवेन्द्र <नाम> का बयान <नाम> किया गया है, जिसमें उसने अपनेबयान में कहा है कि दिनांक 10.12.2017 को <नाम> आठ बजे वह मोमोस की ठेल लगायेहुए था, तभी एक लड़का निसार , जिसे वह पहले से जानता था, मोमोस खाकर पैसेको लेकर गाली गलौज करने लगा। इसी दौरान उसका साथी <नाम> <नाम> आया,पंकज <नाम> लाइसैंसी रिवाल्वर थी, निसार ने कहा कि इस ढकेल वाले को गोली मार देऔर <नाम> <नाम> ने <नाम> से मारने की नीयत से उस <नाम> छह फायर सीधे किये, वहवहां से <नाम> बचाकर भाग गया और <नाम> <नाम> बच गया। केस डायरी के पर्चासंख्या-11 में विवेचक द्वारा वादी देवेन्द्र <नाम> के मजीद बयान <नाम> किये गये, जिसमेंभी उसके द्वारा पूर्व में दिये गये बयानों की <नाम> करते हुए कहा गया कि यदि वह वहां से नहीं भागता तो <नाम> <नाम> उसे <नाम> से मार देता। विवेचक द्वारा घटना केचश्मदीद <नाम> टिंकू <नाम> भगवानदास, प्रबल <नाम> धीरेन्द्र <नाम> पप्पूराम के बयानअंकित किये गये हैं, जिनके द्वारा भी वादी के बयानों का समर्थन किया गया है। पूरककेस डायरी के पर्चा संख्या-1 में विवेचक द्वारा वादी देवेन्द्र <नाम> भगवानदास, धीरेन्द्रसिंह का मजीद बयान <नाम> किया गया है, जिनमें भी उनके द्वारा अभियुक्त पंकजयादव द्वारा <नाम> से मारने की नीयत से फायर किये जाने का कथन किया गया है। ",
"स्वतंत्र <नाम> राजा तथा <नाम> ने भी अपने बयानों में घटना की <नाम> की है। Bail Application/ 2116/2021 —-Pankaj Yadav Vs. UP State 3अभियुक्त <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद है तथा विवेचना केउपरान्त अभियुक्त क विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1387_202101-03-20211724 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में स्वयं का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 16.12.2020 कोइस आशय की तहरीर थाना अछनेरा, <नाम> <नाम> दी गयी कि दिनांक 15.12.2020 पकेसमय लगभग 02.40 बजहे <नाम> वह अपनी दुकान <नाम> बिल्डिंग मैटेरियल किरावली,फतेहपुर सीकरी, बाईपास <नाम> अपने भांजे <नाम> के साथ मौजूद था, तभी ग्रामअभैदोपुरा के भूदेव तथा <नाम> उसकी दुकान <नाम> आये और चम्बल, सीमेंट इत्यादि के रेटपूछने लगे। सामान का भाव सुनकर गाली गलौज करने लगे। विरोध किया तो उसकेभांजे के साथ मारपीट करने लगे। जब वह बचाने आया तो उसके भांजे को दुकान मेंरखे लाठी डण्डों से मारपीट करते हुए <नाम> उर्फ जतिन ने उसके भांजे को <नाम> सेमारने की नीयत से तमंचे से फायर <नाम> <नाम> जिससे दोनों <नाम> <नाम> बच गये। फायर की आवाज सुनकर कई लोग आ गये। भीड़ को देखकर उक्त दोनों लोग <नाम> से Bail Application/2637/2021 -Bhudev Vs. UP State 2मारने की धमकी देते हुए भाग गये। वादी एवं उसक भांजे को काफी अन्दरूनी चोटेंआई हैं । ",
"वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण भूदेव व देवव्रत उर्फ <नाम> उर्फ जतिन केविरूद्ध थाना अछनेरा, <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 4782020 अन्तर्गत <नाम> 307,323,504,506भा0दं0सं0 अभियोग पंजीकृत किया गया। ",
"अभियुक्त द्वारा अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में कथन किया गया हैकिदिनांक 15.12.2020 की घटना की रिपोर्ट दिनांक 16.12.2020 को समय 03.21 बजेदर्ज कराई गयी है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। अभियुक्त द्वाराकिसी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर नहीं किया गया है। कथित फायर सेकिसी को चोट नहीं आई है। मारपीट में जो चोटें आई हैं, वे साधारण <नाम> की हैं। ",
"<नाम> का कोई भी स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त को पुलिस से गिरफ्तारी का भय है। अतः अभियुक्त का अग्रिम जमानत प््रार्थनापत्र स्वीकार करते हुए विवेचना कीसमाप्ति <नाम> अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने के आदेश पारित किये जायें । "
],
"judge-opinion": [
"अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारीतथा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अनुसार अभियुक्त भूदेव द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकरवादी <नाम> <नाम> तथा उसके भांजे को लाठी डण्डों से मारपीट करते हुए चोटें पहुंचाईगयी तथा <नाम> अभियुक्त <नाम> उफ जतिन द्वारा वादी व उसके <नाम> <नाम> <नाम> से मारनेकी नीयत से तमंचे से फायर किया गया। विवेचक द्वारा वादी <नाम> <नाम> तथाचुटहिल <नाम> चाहर का बयान <नाम> किया गया है। चुटहिल <नाम> चाहर द्वारा कहागया है कि भूदेव तथा <नाम> दुकान <नाम> आये तथा चम्बल सीमेंट के रेट पूछने लगे। अमित ने भाव बताया, जिसे सुनकर दोनों व्यक्ति गाली गलौज करने लगे तथा उसकेसाथ मारपीट करने लगे। <नाम> ने उसे बचाया तो दुकान में रखे लाठी ड्डों से देवउफ जतिन ने उसे मारा पीटा तथा भूदेव ने <नाम> उर्फ जतिन से कहा कि मार सालों मेंगोली, जिस <नाम> <नाम> उर्फ जतिन ने उन दोनों <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से तमंचा सेफायर <नाम> <नाम> जिससे वह दोनों <नाम> <नाम> बच गये। इस मारपीट में उसे काफी चोटेंआई । केस डायरी के पर्चा संख्या-06 में घटना के चश्मदीद <नाम> ललुआ <नाम> द्वारावादी <नाम> <नाम> तथा चुटहिल <नाम> चाहर क बयानों का समर्थन किया गया है। केस डायरी <नाम> चुटैल <नाम> <नाम> तथा <नाम> चाहर की मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध हैं,जिनके अनुसार चुटैलों के शरीर <नाम> पांच-पांच चोटें <नाम> गयी हैं। ",
"अभियुक्त भूदेव प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। अभियुक्त भूदेव द्वारा, सहअभियुक्त <नाम> उर्फ जतिन को वादी <नाम> <नाम> तथा चुटहिल <नाम> चाहर को <नाम> Bail Application /2637/2021 -Bhudev Vs. UP State 3से मारने की नीयत से गोली मारने <नाम> ललकारा गया एवं उनके साथ मारपीट करचोटें पहुंचाई गयी। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1994_202017-08-2020356 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन मेंअशोक पुत्र <नाम> बाबूलाल का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2. जमानत प््रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में <नाम> पुत्र <नाम> बाबूलाल काकथन है कि वह अभियुक्त का पिता एवं पैरोकार है तथा तथ्यों की उसे जानकारी है। ",
"अभियुक्त को पुलिस द्वारा दिनांक 04.08.2020 को गिरफूतार करके जिस मुकदमें में संलिप्त किया गया है उसके मुकदमें की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 12.03.2020 को वादी द्वाराअज्ञात चोरो द्वारा चोरी होने के सम्बन्ध में लिखाई गई है। घटना के 5 महीने <नाम> थानापुलिस द्वारा दिनांक 04.08.2020 को <नाम> बरामदगी बताते हुए उपरोक्त मुकदमें में आरोपित किया गया है तथा उसके पास से बरामद <नाम> चोरी होने वाले <नाम> से मेल नहीं खाता। अभियुक्त के कब्जे से वादी मुकदमा का कोई पेशन काड, पैन कार्ड आदि कुछ भीबरामद नहीं हुआ है। पुलिस द्वारा अपना गुडवक दिखाने के लिए फर्जी बरामदगी दिखाईगई है। बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र अवरन्यायालय द्वारा खारिज <नाम> <नाम> गया है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्ररार्थनापत्र इस न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त अपनीविश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाए। 2 3. विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गयातथा थाने से प्राप्त आख्या प्रस्तुत करके <नाम> है कि इस अभियुक्त को अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ मय चोरी के <नाम> के साथ गिरफूतार किया गया है। बरामद <नाम> उक्त चोरी गया <नाम> से मेल खाती है जिसे मुकदमा वादी द्वारा पहचान लिया गया है। अभियुक्त एक आपराधिकप्रवृत्ति का व्यक्ति है, जो साथियो से मिलकर घरो में चोरी की घटनाओ को अंजाम देताहै। यदि उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाता है ते वह अन्य अपराध में संलिप्त हो सकता है। अतः उसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। "
],
"judge-opinion": [
"4. अभियुक्तो के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन द्वारा विद्वारा ए0डी0जी0सी0 को सुना तथा थाना से प्रस्तुत आख्या एवं केस डायरी का परिशीलन किया । ",
"5. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों से विदित है कि वादी मुकदमा सत्येन्द्र प्रकाशद्वारा दिनांक 12.03.2020 को थाना सिकन्दरा <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टअंकित करायी गई है कि दिनांक 05.03.2020 को वादी अपने परिवार के साथ अपने <नाम> केघर पटना (विहार) गया था जब वापस दिनांक 10.03.2020 को अपने घर सं0 67 सेक्टर-सी1 शास्त्रीपुरम थाना सिकन्दरा <नाम> आया तो घर पे लगा ताला टूटा हुआ था घर में से बहुतसारा सामान नहीं पाया गया जिसमें पिताजी का पेंशन कार्ड, पैन कार्ड टी0वी0-32 लायड,ज्वेलरी, अगूंठी, चैन, कुण्डल, ब्रेसलेट इत्यादि के साथ कूछ नकद <नाम> में चोरी हो गई। अतः रिपोर्ट लिखकर कार्यवाही करने की <नाम> करें। ",
"6. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत केस डायरी के अनुसार वादी मुकदमा की उक्त सूचना <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में पंजीकृत होकर विवेचक द्वारा विवेचना प्रारम्भ की गयी एवंदिनांक 04.08.2020 को विवेचक / उ0नि0 <नाम> <नाम> मय हमराही फोर्स वास्ते गश्त, <नाम> व्यवस्था, रोकथाम अपराध, तलाश वांछित अपराधी <नाम> चौकी <नाम> <नाम> टावर में मामूर थे, जबवे चैकिग करते हुए पश्चिमपुरी चौराहे <नाम> पहुँचे तो मुखविर ने आकर सूचना दी कि जो चोरीशास्त्रीपुरम के मकान नं0 67 सी 1 कालोनी में हुई थी उससे सम्बन्धित समान एल0ई०डी0आदि को बेचने व खरीदने की बात <नाम> रहे तीन व्यक्ति डी-29 चौराहे के पास टी0एस0एफ0फैक्ट्री की तरफ जाने वाले रास्ते <नाम> एक पैशन प्रो मो0 सा0 यू०पी0-80- डी0एफ0-4137 रंग काला लिए हुए खड़े है, तो पुलिसवालों ने छुपते छुपाते हुए अभियुक्तगण के नजदीक पहुंचकर एक बारगी दबिश देकर घेरकर आवश्यक <नाम> प्रयोग करके अचानक पकड़ लिया। ",
"नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> निवासी सेन्ट्रल जेल के पीछे मूढा/बेरी वाली गली थाना जगदीशपुरा जनपद <नाम> बताया। जामा तलाशी लेने <नाम> हाथ में एक कपड़े के <नाम> बेंगनी, ग्रे, गुलाबी कलर की छापेदार फूल छेप हुए कवर में <नाम> एल0ई0डी0 को निकाल <नाम> <नाम> गया तो बरामद एल0ई0डी0 <नाम> रंग की है, जिस <नाम> लायड लिखा है जिसको पीछे से पहलटकर देखने <नाम> टी0वी0 नं0एल024एन/ सी1जेड1 लिखा है। तब अभियुक्त को <नाम> गिरफ्तारी बताते हुए थाने मेंपंजीकृत मु0अ0सं0 140//2020 धारा-380, 457, 411 भा0०द0सं0 आधार <नाम> अभियुक्त कोगिरफूतार किया गया तथा फर्द बनाकर गवाहों व अभियुक्त के हस्ताक्षर कराये गये। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1593_202021-08-2020156 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> नसीर <नाम> की ओर सेशपशथ्पत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र हैइसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"आवेदक /»/ अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को इसमुकदमे में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। पुलिस पार्टी द्वारागुडवर्क दिखाने के लिये अभियुक्त को फर्जी संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। गिरफ्तारी वबरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 10.07.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। अत: अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाये । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त तथा उसके साथियों को पकड़े जाने <नाम> उनकेपास से चोरी की मोटरसाइकिल व एक्टिवा बरामद हुयी है। अतः आवेदक /» अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान् सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5934_201916-10-20192916 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ नवल किशोर पुत्र <नाम> उर्फ <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> राजेश्वर <नाम> <नाम> थाना शाहगंज जिला <नाम> ने दिनांक 06.04.2019 को 17.49 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उर्फ टीटू, व <नाम> <नाम> केद्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर <नाम> है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकरनिजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> नाल निकालकर जुआ कराकर अवैध धनोपार्जन करकेसमाज विरोधी किया कलापों में संलिप्त है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आंतंक व्याप्त है इनके खिलाफ <नाम> का कोई व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने से डरता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथाप्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है उसे पुलिस द्वारा झूँठा फ॑साया है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट में कुल तीन अभियुक्तों कागिरोह बताया है। उसका किसी प्रकार का कोई गिरोह नही है। उस <नाम> मात्र एक मुकदमा दिखाया है उसी के आधार <नाम> उक्त मुकदमा लगा <नाम> है। वह सीधा सादा व्यक्ति है। समाज में मिलजुलकर शान्तिपूर्वक रहता है। समाज में उससे किसी को डर नही है। वह 05.10.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उनके विरूद्ध(1) आ.सं. 594/18 धारा-3/4 जुआ अधिनियम थाना-शाहगंज जिला <नाम> । का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजकको सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया । गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामला दर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर नाल निकालकर जुआ कराकर अवैध धनोपार्जन करने काअभिकथन है । 2उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रशनहै, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर नाल निकालकर जुआ कराकर अवैध धनोपार्जन करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसकेअपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_7096_201911-12-2019684 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा बृज <नाम> द्वारा दिनांक 17.02.2019 को समय 00.28 बजे थाने <नाम> इसआशय की तहरीर दी गई कि- दिनांक 16.02.2019 को <नाम> 07.30 बजे वहअपने घर <नाम> मौजूद था। तभी गॉव का शराब माफिया तथा जहरीली शराब बनाकरबेचने वालो छीतो अपने <नाम> रोहतान <नाम> शराब के नशे में उसे और उसक परिवारको गाली-गलौज व जातिसूचक <नाम> चमार, ढेड करते हुए मारपीट <नाम> उतारू होगया। वादी के साले का लडका <नाम> घर <नाम> मौजूद था तथा वादी की मा कमलादेवी के साथ छेड़खानी करते हुए मारपीट करने लगे। <नाम> तथा उसकी मॉ कोचोटें आई । शोर शराबा होने <नाम> छीतो और उसका <नाम> रोहतान सिह <नाम> से मारनेकी धमकी देते हुए भाग गये। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाने परमुकदमा पंजीकृत हुआ। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को झूठा फसाया गया है उसने कोई अपराध कारितनहीं किया। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि सूचना रिपोर्ट काफी विलम्ब सेअंकित कराई गई है। देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आरोपपत्रन्यायालय में प्राप्त हो चुका है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार हो चुकी है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं, जमानत <नाम> दी जाये। ",
"वादी को नोटिस जारी की गई। विद्वान लोक अभियोजक की ओर सेजमानत प््ार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त नेअपने साथी के साथ मिलकर वादी व उसके साले, उसकी मॉ को गाली-गलौजकरते हुए जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया व <नाम> से मारने की धमकी दी। उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है । "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि घटना की प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से <नाम> कराई गई है विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नही <नाम> गया है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध आघात प्रतिवेदन के अवलोकन से स्पष्ट है कि <नाम> च बृज — 2 —_मोहन के साधारण चोटें <नाम> की गई है। प्रकरण में आरोपपत्र प्राप्त हो चुका है। सह अभियुक्त छीतो उर्फ छीतरिया की जमानत पूर्व में स्वीकार हो चुकी है। अभियुक्त का मामला भिन्न नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3750_201929-07-20191313 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के साले मो0 इमरान कशपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक वीर <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि दिनाक 01.07.2019 को वह मय हमराहियानदेख-रेख शान्ति व्यवस्था आदि में मामूर थे कि समय करीब 11:55 बजे मीराहुसैनी चौराहे की ओर से सदरभट्टी चौराहे की ओर मुल्ला फहीम, <नाम> उफताहिर, चांद, फरदीन, <नाम> अजीम अहमद खों, मुईन कुरैशी, <नाम> अनवार कुरैशी, फुरकान, इमरान, आसिफ, आमिर, मुन्ना उर्फ सुहैल, राजा, मो0 आमिर, जाहिद, अनवर, बण्दू, फैजान, मुतसैव व 50-60 व्यक्ति आए और एकसुनियोजित षडयन्त्र के तहत एकराय होकर आते ही गाली गलौज करनेलगे। सभी के हाथ में ईट-पत्थर थे तथा चौराहे <नाम> खुली हुई दुकानों को (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3750/2019चौद बनाम राज्य जबरदस्ती बंर कराने लगे तथा दुकानों का सामान लूटने का प्रयास किया। पुलिस पार्टी द्वारा रोकने का प्रयास किया तो उत्तेजित होकर पुलिस पार्टी परजान से मारने की नीयत से पथराव किया तथा आस-पास की दुकानों मेंतोड़ फोड़ की। यातायात अवरूद्ध हो गया, स्थिति अत्यधिक असामान्य होगयी। सरकारी बैरीकेटिंग को तोड़ <नाम> गया, लोक व्यवस्था छिन्न-भिन्न होगयी। घटना से लोग भयभीत हो गए। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> कीगयी । ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 03.07.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। वादी पक्ष के किसी व्यक्ति के कोई चोट आदि नहींआयी है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोईचक्षुदर्शी <नाम> नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्यव्यक्तियों के साथ मिलकर बलवा किया गया है तथा वादी व अन्य के साथमारपीट, गाली गलौज तथा दुकानो का सामान लूटने का प्रयास किया गयाहै, पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से पथराव आदि किया गया हैतथा सरकारी कार्य में व्यवधान किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> बिजेन्द्रसिंह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयातथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनाक 01.07.2019 की समय 11:55 बजे की है तथा प्रथमसूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 01.07.2019 को समय 13:15 बजेअंकित करायी गयी है। प्रार्थी <नाम> बलवा, गली-गलौज, मारपीट व लूटपाटका प्रयास करने, पुलिस पार्टी <नाम> पथराव आदि का आरोप लगाया गया है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3750 2019चाँद बनाम राज्यअभियोजन द्वारा तथाकथित घटना में किसी भी व्यक्ति के घायल <नाम> होने केतथ्य को स्वीकार किया गया है। किसी चुटैल की कोई चिकित्सीय आख्या भीपन्नालवी <नाम> प्रस्तुत नहीं की गयी है। प्रार्थी लगभग 25 <नाम> से जिलाकारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में इसन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1066_202013-07-20201270 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के बहनोई गीतम <नाम> कीओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीननहीं है। ",
"आवेदकगण /अभियुक्तगण ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है किउनके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, गांव की पार्टीबन्दी व रंजिश के <नाम> उन्हें झूठा फसाया गया है। अभियुक्तगण ने भौतिक व आर्थिक <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्यसे कोई समाज विरोधी कार्य नहीं किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में जो मुकदमे दर्शाये गयेहैं उनमें वह जमानत <नाम> हैं। अभियुक्तगण दिनांक 23.09.2019 से जिला कारागार में निरुद्धहै। इसलिये आवेदकगण को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 22.10.2019 को <नाम> <नाम> एस.एच.ओ. थाना सिकन्दरा ने जुवानी सूचना थाना सिकन्दरा <नाम> इसआशय की दी कि दौराने गश्त जानकारी की गयी तो गैंग लीडर <नाम> पुत्र रामदास निवासी गली नं0 1 बोदला चौराहा थाना जगदीशपुरा, <नाम> व उसके सदस्य <नाम> पुत्रघनश्याम निवासी अयेला, थाना सैंया, जनपद <नाम> <नाम> पुत्र वीर <नाम> निवासी <नाम> सिंहकी गढ़ी थाना पोरसा जिला <नाम> म0प्र० के साथ मिलकर भौतिक व आर्थिक <नाम> प्राप्तकरने के उद्देश्य से चोरी/नकवजनी <नाम> समाज विरोधी <नाम> कलाप करते हैं तथा इनके भय व आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध गवाही देने को तैयार नहीं 2होता है। अभियुक्त <नाम> के विरुद्ध मुअ0सं0 672/2019 <नाम> 457,380,411 भा0०दं0सं०थाना सिकन्दरा व मु0अ0सं0 6532018 <नाम> 379, 411 भा0दं0सं0 थाना सिकन्दरा आगरातथा मु0अ0सं0 828,/2019 <नाम> 4/25 आर्म्स एक्ट तथा अभियुक्त <नाम> के विरुद्धमुअ0सं0 672/2019 <नाम> 457,380,411 भा०दं0सं0 थाना सिकन्दरा व मु0अ0सं०830 / 2019 <नाम> 4/25 आर्म्स एक्ट थाना सिकन्दरा पंजीकृत है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्तगण आदतन अपराधी हैं। अभियुक्तगण का एकसंगठित गिरोह है, जिसके वह सदस्य हैं। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः अभियुक्तगण का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया । ",
"उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ",
"आवेदकगण /अभियुक्तगण गैंग के सदस्य हैं तथा गैंग चार्ट के अनुसारउनके विरुद्ध चोरी / नकवजनी करने का आरोप है। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे,उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधीकियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्राविधान कोदृष्टिगत रखते हुये आवेदकगण/अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> न्यायसंगतनहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2365_202105-04-2021244 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा डा0आर.के. <नाम> उपमुख्य चिकित्साधिकारी, <नाम> द्वारा एत्माद्दौला जिलाआगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 20.03.2021 को दर्ज करायीगयी कि अवैध भ्रूण परीक्षण की जांच <नाम> गठित <नाम> टीम द्वारा आज दिनांक 20.03.2021 को समय 03.45 पी.एम. <नाम> सूचना प्राप्त हुई कि कतिपय डा0० द्वारा अवैधभ्रूण लिंग जाँच का कार्य किया जा रहा है, इस सूचना <नाम> वादी आदि द्वारा अपरनगर मजिस्ट्रेट तृतीय, एस.टी.एफ. <नाम> इकाई के प्रभारी निरीक्षक के साथए.सी.एम. तृतीय क नेतृत्व में घटनास्थल ग्राम रहपुरा अहीर थाना अछनेरा <नाम> केनिवासी योगेन्द्र <नाम> उर्फ बनिया के घर <नाम> एकबारगी दबिश देकर घेरघार <नाम> दोअदद अल्ट्रासाउण्ड मशीन(पोर्टेबल) जिन <नाम> अवैध भ्रूण लिंग की जाच, धीरज पुत्रमेंहदी <नाम> द्वारा की जा रही है, लेटी हुई गर्भवती महिला का नाम पता पूछा गया Bail Application/4147/2021 -Bharat Singh Vs. UP State 2तो उसके द्वारा अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> निवासी गोपऊ कानगला थाना अछनेरा <नाम> बताया तथा बताया कि वह तीन माह की गर्भवती है। मौके <नाम> धीरज के साथ तीन अन्य व्यक्ति योगेन्द्र <नाम> उर्फ बनिया पुत्र छोटेलाल,जोगेन्द्र <नाम> पुत्र रामबाबू बन्टी उर्फ <नाम> <नाम> पुत्र सीयाराम तथा अवैध भ्रूण लिंगकी जॉच <नाम> रहे व्यक्ति द्वारा अपना नाम धीरज पुत्र मेंहदी <नाम> बताया, साथ हीबताया कि उक्त मकान के बाहर खड़ी गाड़ी सं0 एम.पी.06सीए-3016 स्विफूट कारसफेद रंग जिसके अन्दर एक अल्ट्रासाउण्ड मशीन(पोर्टेबल) <नाम> है, जिसको देखनेपर उक्त गाड़ी में बैठे चालक <नाम> <नाम> पुत्र बच्चू <नाम> से बरामद की गयी। धीरज द्वारा बताया गया कि उनके साथ <नाम> पत्नी उमेश <नाम> पुत्री चरन सिंह,प्रिया हॉस्पीटल के <नाम> डा0 <नाम> <नाम> के मकान में रहकर उनके साथ अवैधभ्रूण लिंग की जाच का कार्य करती है। टीम द्वारा बताये गये पते <नाम> दबिश देकरसरिता को थाना एत्माददौला <नाम> में नियुक्त महिला उपनिरीक्षक चन्द्रकांताभारद्वाज द्वारा समय 05.25 बजे गिरफूतार किया गया तथा उसके कब्जे से एकअदद अल्ट्रासाउण्ड मशीन(पोर्टेबल) बरामद की गयी। मौके से <नाम> <नाम> व डा0राजीव <नाम> मौके का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। पकड़े व्यक्तियों कीजामा तलाशी में फर्द में उल्लिखित धीरज से 20300 रूपये नकद, एक टच मोबाइलवीवो, एक मोबाइल की पैड सैमसंग, एक पीली धातु की चैन गले से, एक पीले धातुकी अंगूठी दाहिने हाथ की पहनी उंगली से, योगेन्द्र <नाम> से 10100 रूपयेनकद, एक टच मोबाइल ओप्पो, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, जोगेन्द्र <नाम> से15500 रूपये नकद, एक टच मोबाइल ओप्पो, बन्टी उफ <नाम> <नाम> से दो पहियालाल रंग वाहन सं0 यूपी.80एफजे-3159, 13500 रूपये नकद, एक टच मोबाइलसैमसंग, एक कीपेड मोबाइल पीस, आधार कार्ड, पैन कार्ड, <नाम> से 18100 रूपयेनकद, एक सैमसंग की पैड मोबाइल, एक एप्पल, एक टच मोबाइल सैमसंग, एक टचमोबाइल रेडमी, <नाम> से 1370 रूपये नकद, एक टच मोबाइल वीवो, <नाम> <नाम> केकब्जे से 5220 रूपये नकद, एक टच मोबाइल ओप्पो बरामद किया गया। पकड़े गयेव्यक्तियों में से योगेन्द्र <नाम> उफ बनिया द्वारा बताया गया कि वह अपनी गाड़ीसं0 यू०पी080एफबी-6876 हुण्डई से गर्भवती महिलाओं के भ्रूण लिंग की जाँच करानेके लिए लाने व ले जाने का कार्य करता था जिसे घटनास्थल से ही बरामद कियागया। अवैध भ्रूण लिंग की जॉच <नाम> रही गर्भवती महिला के साश आये उसके पतिभरत <नाम> पुत्र रमेश चन्द्र राजपूत को मौके से पकड़ा गया जिसके कब्जे से एकटच मोबाइल एम.आई. बरामद किया गया उसके द्वारा बताया गया कि उसने अपनीपत्नी <नाम> <नाम> <नाम> जो कि तीन माह की गर्भवती है, का भ्रूण लिंग परीक्षणकराने <नाम> योगेन्द्र <नाम> उर्फ बनिया को 8000 रूपये दिए थे। अभियुक्तगण को जुर्मसे अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस लिया गया। बरामद <नाम> को सील सर्वमोहरकिया गया। फर्द मौके <नाम> उप-मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा लिखी गयी। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्तने कोई अपराध नही किया है, उसे इस कस में झूंठा फंसाया गया है। प्राथमिकी मेंकहे गये तथ्य कतई गलत, बेबुनियाद, मनगढन्त हैं, प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा ऐसा कोईअपराध कारित नही किया गया है। प्राथमिकी के अवलोकन से प्रार्थी/अभियुक्त केविरूद्ध उपरोक्त धाराओं का कोई मुकदमा नही बनता है। प्रार्थी/ अभियुक्त के विरूद्धभ्रूण की जॉच कराने सम्बन्धी कोई भी आरोप नही है। प्रार्थी/अभियुक्त ने किसी केसाथ कोई धोखाधड़ी नही की है। प्राथमिकी के अनुसार प्रार्थी/अभियुक्त क विरूद्धपरिचालक का आरोप है, उसके कब्जे से कोई अपराध से संबंधित वस्तु बरामद नहीहुई है। अभियोजन के अनुसार यदि गाड़ी में कोई अल्ट्रासाउण्ड मशीन पोर्टेबल रखाहोना अभिकथित है तो उससे प्रार्थी/अभियुक्त की किसी प्रकार की संलिप्तता नहीकही जा सकती है। प्रार्थी/अभियुक्त छात्र है, उसके पिता बोदला थाना जगदीशपुरा Bail Application/ 4147/2021 -Bharat Singh Vs. UP State 3आगरा में रहकर मजूदरी का कार्य करते हैं, वह अपने पिता से मिलने धौलपुर सेआगरा आया था और धौलपुर से गुजरने वाले वाहन द्वारा दी गयी लिफूट मेंवहैसियत सवारी <नाम> आया था और दोपहर 3 बजे अपने मोबाइल से अपने पिताके मोबाइल <नाम> फोन करक तोरा पहुंचने के बाबत बताया गया था। प्रार्थी / अभियुक्तकी कोई विशेष <नाम> नही दर्शायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नही है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीहै । अभियुक्त दिनांक 21.03.2021 से जेल में है। मुकदमा मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीयहै । अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन किया गया। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारासह अभियुक्तगण के साथ मिलकर षडयंत्र के तहत धोखा देने व छल के प्रयोजन सेअवैध <नाम> से भ्रूण लिंग जाँच का कार्य किया जा रहा था। अभियुक्त मौके सेगिरफतार हुआ है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कियाजाये । "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) के तर्क सुने तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया । ",
"केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट में एस.टी.एफ. टीम व स्वास्थ्य विभाग की <नाम> टीम द्वारा गोपनीय सूचनाअवैध भ्रूण लिंग की जॉच के आधार <नाम> ग्राम रहपुरा अहीर थाना अछनेरा <नाम> केनिवासी <नाम> अभियुक्त योगेन्द्र <नाम> उर्फ बनिया के घर <नाम> दबिश देने <नाम> लेटी हुईगर्भवती महिला <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> निवासी गोपऊ का नगला थानाअछनेरा <नाम> का <नाम> अभियुक्त धीरज <नाम> द्वारा अवैध <नाम> पूर्व लिंग जाच करतेहुए पाये जाने <नाम> मौके <नाम> मौजूद सह-अभियुक्तगण को गिरफूतार करने, मौके सेदो अल्ट्रासाउण्ड मशीन (पोर्टेबल) बरामद होने तथा घर के बाहर खड़ी गाड़ी सं0एम.पी.06सीए-3016 स्विफूट कार में चालक <नाम> <नाम> व परिचालक के <नाम> में्रार्थी/अभियुक्त बच्चू <नाम> को मौके से पकड़े जाने तथा उक्त गाड़ी से्रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से एक अल्ट्रासाउण्ड मशीन (पोर्टेबल) मशीन बरामद होनाकहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट व थाना आख्या में प्रार्थी/ अभियुक्त एवं सहअभियुक्तगण द्वारा अवैध <नाम> से लोगों से पैसे लेकर <नाम> से पूर्व भ्रूण लिंग की जॉचकराये जाने का कथन किया गया है। इस प्रकरण में प्राशी/ अभियुक्त को सहअभियुक्तगण के साथ धोखाधड़ी <नाम> षड़यंत्र के तहत अवैध <नाम> पूर्व लिंग जॉचकरने में संलिप्त रहते हुए मौके से गिरफूतार किया <नाम> तथा अभियुक्त के कब्जे सेएक अल्ट्रासाउण्ड मशीन (पोर्टेबल) मशीन बरामद होना दर्शाया गया है। इस प्रकरणमे विवेचना <नाम> प्रचलित है। अभियुक्त द्वारा कारित कृत्य गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4159_202016-12-2020250 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार निरंजनलाल नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि आवेदक / अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> शाखाप्रबंधक केनरा बैंक शाखा आवास <नाम> सेक्टर 12 पदम बिजनेस पार्क द्वारा थानाजगदीशापुरा में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि दिनांक 12.06.2020 को समय करीब 8बजे सुबह क्षेत्रीय कार्यालय के आफिस स्टाफ ने ए0टी0एम0 मशीन का गेट खुला <नाम> एवं फोन से सूचना दी उस समय वह सो रहे थे जिस <नाम> टेम्पोरेरी अटेंडरशुभम को सूचना <नाम> भेजा जिनके साथ पदम बिजनेस पार्क कार्यालय स्थित ए०टी०एम० में आया, पुलिस <नाम> मौके <नाम> मौजूद थे एवं <नाम> कि <नाम> में अज्ञातव्यक्तियों द्वारा ए0टी0एम0 मशीन का <नाम> दरवाजा का लॉक तोडकर मशीन के अन्दर का कैश कबिनेट का मुख्य दरवाजा के पिन कोड के पैनल में छेडछाड करमशीन में रखे 500 रूपये की <नाम> रैक को निकालकर चोरी <नाम> ले गये। जी0एल0 Bail Application/ 4159/2020 -Boby Vs. UP State 2रिपोर्ट को चेक किया तो 6,27,500/-रूपये चोरी करके ए०टी0एम0 मशीन से लेगये । ",
"उक्त तहरीर के आधार <नाम> दिनांक 12.06.2020 को उपनिरीक्षकअवनीश <नाम> मय आरक्षीदल के साथ <नाम> व्यवस्था व चेकिंग में मामूर थे किजरिये मुखबिर खास द्वारा सूचना <नाम> कि ए0टी0एम0 चोर एक चोरी कीमोटरसाईकिल से बोदला से बिचपुरी की तरफ आ रहे हैं जिस <नाम> विशवास <नाम> उक्तबताये हुये स्थान <नाम> पुलिस दल के साथ पहुँचकर चेकिंग करने लगे जिस <नाम> थोड़ीदेर में स्पलेण्डर मोटरसाईकिल आते हुये दिखाई दी जिन्हें रूकने का इशारा करनेपर भागने का प्रयास करने लगे जिन्हें आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> समय करीब 16:05बजे पकड़ लिया गया। मोटरसाईकिल सवार तीनों व्यक्तियों ने अपना नाम शुभमसिद्धू , दूसरे ने अपना नाम हिमांशू <नाम> उर्फ गोलू एवं तीसरे ने अपना नाम बॉबी पुत्रनिरंजन <नाम> बताया। शुभम सिद्धू के पास से दो लाख तीन हजार रूपये नकदव एक मोबाइल रेडमी, हिमांशू <नाम> उर्फ गोलू के पास से दो लाख तीन हजार रूपये नकद चोरी के एवं बॉबी के पास से दो लाख दो हजार रूपये नकद ए0टी0एम0 सेचोरी किये हुये बरामद हुये। उक्त तीनों अभियुक्तों ने दिनांक 12.06.2020 की <नाम> मेंआवास <नाम> स्थित ए0टी0एम0 को तोड़कर सावधानी से रूपये निकालने की बात स्वीकार की। मोटरसाईकिल के बाबत कागजात तलब करने <नाम> उसे चोरी का बतायाएवं उस <नाम> फर्जी नम्बर प्लेट लगाया <नाम> बताया। पुलिस दल ने उक्त तीनोंअभियुक्तों की निशादेही <नाम> कलवारी चौराहे <नाम> आगे चलकर झाड़ियों में घुसकर एककाला बाक्स व छोटा <नाम> स्कू डाईवर <नाम> एवं चोरी की गयी रकम को आपस मेंबांट लिये जाने का कथन किया। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुये फर्दबरामदगी तैयार <नाम> मुकदमा पंजीकृत किया गयांआवेदक / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गयाकि प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित तथ्य असत्य,फर्जी व मनगढ़त हैं, अभियुक्त निर्दोषहै उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है मुकदमा अज्ञात में दर्ज कियागया है। यह भी कथन किया गया है कि अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है एवं घटना से कोई <नाम> देना नहीं है उससे झूठी बरामदगी की गयी है, अतः जमानत्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तशातिर किस्म का अपराधी है उसक द्वारा <नाम> अभियुक्तों के साथ मिलकर केनरा बैंक Bail Application/ 4159/2020 -Boby Vs. UP State 3के ए0टी0एम0 को तोड़ने एवं नकदी रकम लूटने व चोरी का आरोप है। पुलिस प्रपत्रोंएवं फर्द बरामदगी के परिशीलन से यह दर्शित है कि दिनांक 12.06.2020 को पुलिसदल के द्वारा अभियुक्तों को पकड़े जाने <नाम> शुभम सिद्धू के पास से दो लाख तीनहजार रूपये नकद व एक मोबाइल रेडमी, हिमांशू <नाम> उर्फ गोलू के पास से दोलाख तीन हजार रूपये नकद चोरी के एवं बॉबी के पास से दो लाख दो हजार रूपयेनकद ए०टी0एम0 से चोरी किये हुये बरामद हुये। साथ ही उक्त तीनों अभियुक्तों कीनिशादेही <नाम> कलवारी चौराहे <नाम> आगे चलकर झाड़ियों में घुसकर एक काला बाक्सव छोटा <नाम> स्कू डाईवर <नाम> एवं चोरी की गयी रकम को आपस में बांट लिये जानेका कथन किया जिससे दर्शित है कि अभियुक्त किसी सकिय गिरोह का सदस्यहै एवं <नाम> अभियुक्त शुभम सिद्धू की जमानत भी अपर सत्र न्यायालय संख्या 1,आगरा से दिनांक 22.07.2020 को निरस्त की जा चुकी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1526_202005-08-2020583 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में सलीम खां का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> प्रकाशगालव द्वारा दिनांक 15.07.2020 को थाना सदर <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी कि वह अपने परिवार के साथ अपने घर मोहल्ला <नाम> नगर में <नाम> मेंदिनांक 14.07.2020 को सो रहा था। <नाम> मं करीब 3.00 बजे के आसपास सुबह उसकेगेट <नाम> खटखट की आवाज सुनकर एकदम उसकी आंख खुल गयी, तो उसने अपनीपत्नी को जगाया और गेट के पास आये, तब भी खटपट की आवाज आ रही थी, तोउसने पूछा कौन हो, कुछ लोग एकदम भाग लिये और वह भी चिल्लाता हुआ कि चोर चोरउनके पीछे दौड़ा। उसकी आवाज सुनकर उसके मोहल्ले के <नाम> <नाम> <नाम> भी आगये और उन चारों ने भागते हुए तीनों लोगों को पकड़ लिया। पकड़कर इनसे पूछा तोबताया कि हम लोग चोर हैं। बन्द पड़े मकानों में चोरी करते हैं। <नाम> नाम पूछतातो एक ने अपना नाम कल्लू पुत्र <नाम> निवासी नंगला जस्सा <नाम> की चक्की हनुमानगली थाना सदर <नाम> बताया, इसके हाथ में एक पाईप रिन्च मिला। दूसरे ने अपना भूरापुत्र <नाम> निवासी नगला जस्सा थाना सदर <नाम> बताया, इसके हाथ में दोपोना, एक रिन्च मिले तथा तीसरे ने अपना नाम रिजवान पुत्र सलीम निवासी <नाम> नगरसेवला थाना सदर <नाम> बताया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथपत्र में कहा गया कि्रार्शी/ अभियुक्त को उक्त मुकदमे में थाना सदर पुलिस द्वारा झूठा फंसाया गया है, उसनेकोई अपराध कारित नहीं किया है। प््रार्थी/अभियुक्त का उक्त प्ररण से कोई संबंध वसरोकार नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 15.07.2020 को अपने घर <नाम> बैठा हुआ था, Bail Application/ 5157/2020 —-Rizwan Vs. UP State2तभी थाना सदर <नाम> की पुलिस यह कहकर कि तुमसे थाने <नाम> कुछ पूछताछ <नाम> है,तुम हमारे साथ चलो, प्रार्थी / अभियुक्त पुलिस वालों की बातों में आकर उनके साथ थानेचला गया। प््ार्थी/अभियुक्त ने किसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.07.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त कापूर्व का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत का्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत का प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार कियेजाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, उसको इस मामले में पुलिस द्वारा वादीमुकदमा से मिलकर झूठा फंसाया गया है, अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहींहै। पुलिस द्वारा अभियुक्त के पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है, मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त व उसकेसाथियों द्वारा वादी मुकदमा के घर से चोरी करने का प्रयास किया गया तथा वादीआदि द्वारा अभियुक्तगण को मौके से पकड़ा गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहतेहुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"प्रथमयह प्रकरण वादी मुकदमा द्वारा थाने <नाम> तहरीर देने के साथ शुरूहुआ। अभियुक्त इस प्रकरण में झूठा फसाना <नाम> है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहींहुई है। अभियुक्त दिनांक 15.07.2020 से जेल में है। थाने से प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त काकोई पूर्व अपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3768_202007-12-2020750 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त का पड़ोसी कन्हैया पुत्रआशाराम, निवासी ग्राम अटूस, थाना सिकन्दरा, जिला <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है, जिसके अनुसार प्रार्थी/ अभियुक्त ने किसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे उपरोक्त मुकदमे में महज तंग व परेशान करने की नीयतझूठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट गलत एवं <नाम> एवं भ्रामक तथ्यों परआधारित है जिसमें किसी प्रकार की कोई सत्यता नहीं है। पुलिस ने उच्चअधिकारियों को खुश करने के लिए और अपना कार्य <नाम> दिखाने के लिए Bail Application/10013/2020 —-UP State Vs. Suraj 2प्रार्थी / अभियुक्त को झूठा बंद किया है। <नाम> 50, 52 एन0डी0पी0एस0 एक्ट कापालन नहीं किया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त मजदूरी करके अपना व अपनेपरिवारीजनों का पालन पोषण करता है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है। इसके अलावा अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक01.11.2020 से जेल में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त अपनी विश्वसनीय जमानत देनेको तैयार है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किया जाए। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी उपनिरीक्षकसन्दीप <नाम> द्वारा थाना हाजा <नाम> लिखित सूचना इस आशय की दी गयी किदिनांक 31.10.2020 रपट नं0 71 समय 23.41 बजे रवाना होकर वह, अन्य पुलिसकर्मचारियों के साथ देखरेख <नाम> शान्ति व्यवस्था, चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति/ वाहन,रोकथाम जुर्म जरायम, तलाश वांछित अभियुक्त फैक्ट्री एरिया में गश्त करते हुए वेस्टप्राइज एन0एच0 2 <नाम> मामूर होकर गश्त <नाम> करते हुए गोलचक्कर, थाना सिकन्दरा,जिला <नाम> के अन्तर्गत दो अभियुक्तों को पकड़ा गया। एक ने अपना नाम सूरजपुत्र कन्हैया <नाम> तथा दूसरे ने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया। दोनों अभियुक्तों के कब्जे से <नाम> <नाम> से कुल 1,500/- किलोग्राम नशीला पदार्थएल्प्राजोलम बरामद हुआ। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्कप्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसे उक्त केस में झूठा फँसाया है। पब्लिक का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 01.11.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। उक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य <नाम> की ओर से इस न्यायालय में प्रतिनिधित्व <नाम> रहे विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा अभियुक्त की जमानत का विरोधकिया गया। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्ववान अधिवक्ता व विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का परिशीलन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से स्पष्ट है कि इस मामले मेंप्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से <नाम> <नाम> से कुल 1,500 किलोग्राम नशीलापदार्थ एल्प्राजोलम बरामद किया गया जो वाणिज्यिक <नाम> 100 ग्राम से अधिकहै । एन0डी0पी0एस0 एक्ट की <नाम> 37 (1) (ख) (1) में प्रावधान <नाम> गया है किजहाँ न्यायालय को यह समाधान हो जाता है कि अभियुक्त अपराध का <नाम> नहींहै और जमानत <नाम> होने के दौरान उसके द्वारा कोई अपराध किए जाने की Bail Application /10013/2020 —-UP State Vs. Suraj 3सम्भावना नहीं है तभी अभियुक्त की जमानत स्वीकार की जा सकती है। प्रस्तुतप्रकरण में इस स्तर <नाम> यह समाधान नहीं होता है कि अभियुक्त अपराध का दोषीनहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_118_202013-02-2020908 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के चाचा व पैरोकारनरेन्द्र <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमारिझोमल <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायीगयी कि वह और उसकी पत्नी दोनों रिक्शा से पंजाब नेशनल बैंक, सिर कीमण्डी, <नाम> हाउस से रूपए 19,000/- एक मोबाइल, दो चैक रिझोमलबत्रा के नाम और <नाम> <नाम> के नाम, दो पासबुक, एक उसके पेंशन का हैव <नाम> का और एफ0डी0 ओल्ड रिन्यू कराया हुआ। बाकी आघार कार्डआई डी आदि सर्टिफिकेद्स शी उसमें थे, सब उस हैण्ड <नाम> <नाम> में थे। Bail Application/485/2020 —Rohit ® Pappu Vs. UP State 2हम अन्दर मोड <नाम> जहाँ रहते हैं, <नाम> पहुँचे ही थे कि एक्सिस बैंक वाली गली में आर0ओऐ0 प्लॉन्ट के सामने झपट्टा मारकर मोटरसाईकिल व शस्त्र केभाग गए। बैंक के कागजात क्लोज <नाम> आया है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 04.09.2018 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। इलाका पुलिस द्वारा अन्य परिवारीजन के साथ मिलकर सम्पत्ति हड़पने के लालच में दोनों सगे भाईयों को पिता की मृत्यु के उपरांत उक्त झूठे मुकदमें में सांठ गांठ <नाम> फंसा <नाम> है और अभियुक्त कीसगी मौ को रामलाल वृद्धाश्राम में रहने को मजबूर <नाम> <नाम> है। घटना काकोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। जो पैसा बरामद दिखाया गया है वह प्रार्थी कीमाता की पेंशन में घरेलू कार्य के लिए दिए गए थे। प्रार्थी का कोई भीअपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र हैअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमासे उसका <नाम> लूटा गया है जिसमें वादिया के 19 हजार रूपए थे। अभियुक्त से बरामदगी शी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जसानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी <नाम> वादीमुकदमा के साथ लूटपाट किए जाने तथा उक्त लूटपाट का <नाम> उससेबरामद होने का आरोप है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। केसडायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज कराए जाने के डेढ़ माह पश्चात दिनाक 04.09.2019 को पुलिस पार्टीमुखबिर की सूचना <नाम> अन्य के साथ गिरफतार किया गया है तथा उसकेकब्जे से कुल 6,800/- रूपए नगद व वावी मुकदमा का आधार कार्डबरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। अभियोजन की ओर से उक्त Bail Application/485/2020 -Rohit @ Pappu Vs. UP State 3बरामद रूपयों में से मु0. 2,200/- रूपए प्रश्नगत अपराध से संबंधित होनाबताया गया है। प्रार्थी पॉच माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्धहै । मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4319_201924-09-20193691 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी बनी <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2. जमानत प्रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में <नाम> <नाम> पत्नी बनी सिंहका कथन है कि वह प्रार्थी/अभियुक्त की पत्नी एंव पैरोकार है तथा हालात मुकदमा सेभलीभांति परिचित है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था और जमानत <नाम> छूटने केबाद वह न्यायालय में उपस्थित होता रहा है। प्रार्थी/अभियुक्त रोजी रोटी कमाने <नाम> बाहरचला गया था, इस <नाम> वह नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। तबन्यायालय द्वारा उसके विरूद्ध वारंट जारी <नाम> दिये गये। गैर जमानती वारंट <नाम> थाना हाजाकी पुलिस उसे गिरफ्तार <नाम> ले आयी और न्यायालय द्वारा उसे दिनांक 26.07.19 को जेलभेज <नाम> गया तब से वह जेल निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त ने जानबूझ <नाम> न्यायालय केआदेश की अवहेलना नहीं की है और उसके छोटे-छोटे बच्चे होने के <नाम> वह रोजी रोटीकमाने के लिए बाहर चला गया था, वह अपने अधिवक्ता को बता <नाम> नहीं गया था इसलिए उसके अधिवक्ता हाजिरी माफी प्रार्थनापत्र न्यायालय में प्रस्तुत नहीं <नाम> सके। तब उसेजमानत <नाम> अबमुक्त किया जाये। ",
"अभियोजन द्वारा जमानत आवेदन का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना एंव की पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था लेकिनउसके अनुपस्थित हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट निर्गत किये गये। अभियुक्त को गैर जमानती वारंट <नाम> गिरफ्तार <नाम> दिनांक 25.07.2019 कोन्यायालय में पेश किया गया है तब उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर <नाम> 309 दं0प्र०सं0 का वारंट बनाकर जिला कारागार <नाम> भेजा गया है और तब से वह जिला कारागार में निरूद्धहै एंव अभियुक्त को जेल में निरूद्ध हुए करीब दो माह का समय हो चुका है। अभियुक्त नेअपनी अनुपस्थिति का <नाम> रोजी रोटी कमाने के लिए बाहर चले <नाम> दर्शित किया गयाहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2869_202006-10-20202150 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> बॉबी का शपथपत्र संलग्नकिया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता एवॅअभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र एवं अन्यसामग्री का सम्यक परिशीलन किया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता का कथन हैकि आवेदक /अभियुक्त को उक्त केस में परेशान करने <नाम> झूँठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा किसी घटना को अंजाम नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई नशीली वस्तु बरामद नहीं हुई है। घटना वबरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रा0पत्र के साथ संलग्न शपथपत्र में दिये गये तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा <नाम> उचित 2होगा । आवेदक / अभियुक्त दिनांक 12.09.2020 से जेल में निरूद्ध है । ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकने आवेदन पत्र का घोर विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में अभियुक्त केपास से काफी <नाम> में नशीला पदार्थ गॉजा बरामद हुआ है। स्वापक औषधि औरमनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम की <नाम> 50 तथा 57 का सहमति पत्र दाखिल करकेअनुपालन <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक / अभियुक्त कोदिनांक 12.09.2020 को समय 1:30 बजे उपनिरीक्षक मानवेन्द्र <नाम> व अन्य पुलिसकर्मचारियों द्वारा दौरान रोकथाम अवैध मादक पदार्थ तस्करी मामूर रहते हुएटीएस०एफ0 कट आद्योगिक <नाम> रेलवे ब्रिज <नाम> वहद थाना सिकन्दरा, जिलाआगरा के अन्तर्गत मय टैंकर पकड़ा गया। पकड़े गये अभियुक्त ने अपना नामप्रशान्त कुशवाह पुत्र <नाम> धरमजीत बताया तथा उसके व <नाम> अभियुक्तगण के <नाम> कब्जे से टैंकर में रखा पाँच सौ पॉच किलो गाँजा बरामद किये जानेका आरोप है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध साम्रगी से स्पष्ट है कि इस मामले में आवेदक वसह-अभियुक्तगण के <नाम> कब्जे से पाँच सौ पाँच किलो गाँजा बरामद होनेका आरोप है, जो वाणिज्यिक <नाम> से काफी अधिक है । अभियुक्त परगम्भीर अपराध का आरोप है। धारा-37 स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थअधिनियम के अन्तर्गत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधार नहीं है किआवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्त नहींहोगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_324_202020-02-2020637 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थ / अभियुक्त घनश्याम के पितातुलसीराम के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> के द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीअंकित करायी गयी कि दिनाक 29.01.2020 को वह मय हमराहियान वास्तेदेखरेख शांन्ति व्यवस्था आदि में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर खास की सूचना <नाम> बदमाश होने का शक होने <नाम> कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार करनेका प्रयास किया गया तो उन लोगों ने <नाम> से मारने की नीयत से पुलिसपार्टी <नाम> फायरिंग की। बचते बचाते पुलिस टीम ने आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> Bail Application/2764/2020 -Ghansyam And OThers Vs. UP State 2तीन व्यतियों को दो मोटरसाईकिलयों सहित गिरफ्तार किया गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम रामसेवक बताया। इसकी जामा तलाशी से एक तमंचा बरामद हुआ। दूसरे व्यक्ति ने अपना नामघनश्याम बताया। इसकी जामा तलाशी में एक तमंचा व दो जिन्दा कारतूसबरामद हुए। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> चंद बताया जिसकी जामातलाशी में एक तमंचा व दो कारतूस बरामद हुए। बरामद दोनोंमोटरसाईकिलों के संबंध में बताया की वह चोरी की हैं। अभियुक्तगण कीनिशानदेही <नाम> चोरी की 9 मोटरसाईकिलें व 01 स्कूटी भी बरामद की गयी। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया,we He <नाम> तैयार की गयी। ",
"प्रार्थ / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थगण से कोई बरामदगीनहीं हुई है। घटना व बरामदगी का कोई चद्लुदर्शी <नाम> नहीं है। प्रार्थीगणका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगण दिनाक 30.01.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध हैं। अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र हैअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्तगण को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफतार कियागया है। अभियुक्तगण द्वारा <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी परफायरिंग की गयी है तथा उनके कब्जे से चोरी की दो मोटरसाइकिलें बरामदकी गयीं हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले मेंघटना दिनाक 29.01.2020 की है। प्रार्थीगण <नाम> गिरफतारी के दौरान <नाम> सेमारने की नीयत से पुलिस कर्मचारीगण <नाम> फायर करने तथा उनके कब्जे से Bail Application/2764/2020 -Ghansyam And OThers Vs. UP State 3चोरी की दो मोटरसाईकिलें बरामद होने का आरोप है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थगण को सह-अभियुकत के साथदिनाक 29.01.2020 को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे चोरी की दो मोटरसाईकिलें व उनकी निशानदेही <नाम> चोरी की09 मोटरसाईकिलें व 01 स्कूटी बरामद की गयीं हैं। अभियोजन की ओर सेतथाकथित घटना के किसी चुटैल की कोई चिकित्सीय आख्या पत्रावली परप्रस्तुत नही की गयी है तथा प्रश्नगत घटना में किसी भी पुलिस कर्मी के ६Ta <नाम> होने के तथ्य को स्वीकार किया गया है। उक्त बरामदमोटरसाईकिलों को किसी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थीगणलगभग 20 <नाम> से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1279_202027-07-2020870 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"चूँकि दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एक हीअपराध संख्या एवं एक ही घटना से सम्बन्धित हैं, अतः दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों कानिस्तारण एक ही आदेश द्वारा किया जा रहा हैं। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन मों अभियुक्तगण क पेरोकार मानवेन्द्र <नाम> नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्तगण का प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 05.04.2020 को कां0 योगेन्द्र <नाम> जब अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ लॉक डाउन के दौरान गश्त <नाम> थे तथा गश्तकरते हुए <नाम> <नाम> के घर <नाम> पहुँचे तो वहाँ <नाम> भीड़ इकट्ठी थी, पुलिस पार्टी द्वारावहाँ एकत्रित भीड़ को लाक डाउन के बारे में तथा <नाम> 144 क बारे में अवगत कराते हुए समझाया गया तो वहाँ <नाम> एकत्रित अंशू <नाम> अहवरन, रनवीर <नाम> मोहनसिंहउफ <नाम> <नाम> <नाम> तथा 10-12 अज्ञात लोग आ गये और पुलिस पार्टी <नाम> हूटिंग करते हुए उत्तेजित होकर ईट पत्थर मारने लगे तथा डण्डो, फरसा व कुल्हाड़ी सेजानलेवा हमला <नाम> दिया। अंशू ने <नाम> से मारने की नीयत से उसका <नाम> दबादिया। <नाम> व अहरवन ने उन लोगों को पीछे से पकड़ लिया तथा <नाम> मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त <नाम> दी। उनके द्वारा मुश्किल से स्वंय को बचाया गया। अन्यपुलिस फोर्स के आने <नाम> उपरोक्त लोग मौके से भाग गये। ",
"वादी कांस्टेविल योगेन्द्र <नाम> द्वारा अभियुक्तगण अंशू <नाम> अहिवरन, मोहनसिंह उफ <नाम> गोपालसिंह एवं 10-12 अज्ञात के विरूद्व थाना पिनाहट परमु0अ०सं0 45,2020 <नाम> 147, 148, 149, 323, 336, 307, 353, 427 भा0द0सं० मेंप्राथमिकी <नाम> कराई गई । ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है। उनको इस मामले में झूठॉँ फॅंसाया गया है, जबकि उनके द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि उक्त घटना मेंआग्नेयास्त्र का प्रयोग किया <नाम> दर्शित नहीं है तथा किसी भी आहत के आग्नेयास्त्र की कोई चोट भी नहीं आई हैं। उक्त घटना में कांस्टेविल जयपाल <नाम> एवं सत्यपाल के आई चोटों को साधारण <नाम> की बताया गया हैं। प्राथमिकी में अभियुक्तगण कीकोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में दर्शित नहीं हैं तथाकथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया हैं। अभियुक्तगण दिनांक (3)जमानत प्राथना पत्र स॒0: 1167 एव 1279 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 1167 एवं 1279 / 2020 06.04.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ठ हैं। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी प्रार्थना की गई । ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए पुलिस पार्टी को <नाम> से मारनेके आशय से उन <नाम> हमला किए जाने का आरोप है। ",
"प्राथमिकी के अनुसार अभियुक्तगण को मौके <नाम> गिरफूतार नहीं किया गया है। आहत योगेन्द्र राजपूत एवं जसपाल <नाम> के उक्त घटना में आई चोटों को साधारणप्रकृति की बताया गया हैं। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को वर्चुअल न्यायालय क माध्यम से सुना तथा उपलब्ध केस डायरी काअवलोकन किया । ",
" प्राथमिकी एवं केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उक्त घटना में किसी भी व्यक्ति के आग्नेयास्त्र की कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। अभियुक्तगण 06.04.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1105_202015-07-20201206 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तागण की ओर से उनकेरिश्तेदार /पैरोकार <नाम> <नाम> द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्तागण का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ",
"आवेदिकागण /अभियुक्तागण ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है किउनके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, पुलिस द्वारा अपने आला अफसरान को बेहतर कारगुजारी दिखाने के लिये उन्हें झूंठा फसाया गया है। अभियुक्तागण महिलायें हैं जो मेहनत, मजदूरी करके अपना व परिवारीजनों का पालन पोषण करती हैं। वह कभी गैंगबनाकर गैंग के सदस्यों के साथ समाज विरोधी <नाम> कलापों में संलिप्त नहीं हुयी हैं औरन ही उनका समाज में भय व्याप्त है। अतः आवेदिकागण को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 19.03.2020 को <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक थाना जी.आर.पी. <नाम> कैन्ट ने जुवानी सूचना थाना जी.आर.पी. <नाम> कैन्ट, <नाम> <नाम> इस आशय की दी कि गैंग लीडर <नाम> उफ <नाम> पत्नी 2अनिल मराठी निवासी <नाम> सिनेमा के पास बनी झुग्गी झोपड़ी ग्यासपुरा, थाना शाहगंज,आगरा तथा उसकी साथी चांदनी, <नाम> <नाम> एवं <नाम> का एक संगठित गिरोह है जोअपने आर्थिक व भौतिक <नाम> के लिये ट्रेनों में चोरी की <नाम> बनाने व यात्रियों के सामानकी चोरी करने की अभ्यस्त अपराधी हैं। इनके कृत्य से <नाम> में भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध रिपोर्ट लिखवाने व गवाही देनेको तैयार नहीं होता है। इनके विरुद्ध थाने <नाम> मु0अ0सं0 66/2020 <नाम> 401 भा0०दं0सं0, मु0अ०सं0 67/2020 <नाम> 414 भा0०दं0सं0, मु0अ0सं0 41/2020 <नाम> 379, 411 भा०द्०स0,मु0अ0सं0 53,2020 <नाम> 380, 411 भा०दं0सं0 पंजीकृत हूं । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्तागण का एक संगठित गिरोह है, जिसकीअभियुक्ता <नाम> उर्फ <नाम> गैंग लीडर है तथा अन्य सभी अभियुक्ता गैंग की सदस्या हैं। ",
"अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है जिसमें सभी अभियुक्तागण के विरुद्ध 4 मुकदमे पंजीकृत हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःअभियुक्तागण का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तागण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया । उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। आवेदिकागण / अभियुक्तगण का एक गिरोह है, जिसकी अभियुक्ता रंजीताउफ <नाम> गैंग लीडर है तथा अभियुक्ता <नाम> <नाम> व <नाम> गैंग की सदस्या हैं। प्रथमसूचना रिपोर्ट के अनुसार सभी अभियुक्तागण के विरुद्ध 4 मुकदमे पंजीकृत हैं। आवेदिकागण / अभियुक्तागण के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे,उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधीकियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में वर्णित प्राविधान कोदृष्टिगत रखते हुये आवेदिकागण/अभियुक्तागण को जमानत <नाम> छोड़ा जानान्यायसंगत नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_7044_201904-12-2019973 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में श्रीमतीमुन्नी <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 23.06.2019 कोनिरीक्षक <नाम> <नाम> एवं अन्य पुलिस कर्मचारीगण द्वारा वाहन चैकिंग के दौरानतनी व्यक्तियों को पकड़ा गया। उनमें से एक ने अपना नाम अर्पित उफ कछुआबताया तथा उसके पास से एक प्लास्टिक की थैली में 1080 ग्राम डायजापाम पाउडरबरामद किया गया। अन्य अभियुक्तगण से भी 1080-1080 ग्राम डायजापाम पाउडरबरामद किया गया। मौके <नाम> <नाम> को सर्व मुहर किया गया तथा फर्द बरामदगीतैयार की गयी । ",
"आवेदक / अभियुक्त का कथन है कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। ",
"पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के आशय से झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध एक अन्य फर्जी मुकदमा <नाम> 379,427,411 भा0दं0सं0में फर्जी बरामदगी दिखाते हुए झूठा चालान किया गया है। इस प्रकरण में सहअभियुक्त <नाम> की जमानत माननीय उच्च न्यायालय से हो चुकी है तथा अभियुक्त <नाम> की द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 06.11.2019 को माननीय सत्र न्यायाधीश,आगरा द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। आवेदक / अभियुक्त का केस, <नाम> अभियुक्त केसमान है। घटना का कोई भी स्वतंत्र <नाम> नहीं है। पुलिस द्वारा <नाम> 50एन0डी0पी0एस0 के प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 24.06.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त कीओर से जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आवेदक / अभियुक्तके कब्जे से 1080 ग्राम नशीला पदार्थ डायजापाम बरामद किया गया है। विवेचना केउपरान्त आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। यदि आवेदक / अभियुक्त को जमानतपर <नाम> गया तो उसके पुनः अपराध में संलिप्त होने की <नाम> है। <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद से स्वीकृत हुई है। अतएव आवेदक / अभियुक्त का केस <नाम> अभियुक्त <नाम> के समान नहीं है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन कियागया । ",
"आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से वाणिज्यक <नाम> से काफी अधिक 1080 ग्रामडायजापाम अवैध रुप से बरामद होना बताया गया है। विवेचना के उपरांतआवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है तथा विचारणप्रचलित है। <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत <नाम> 8/21 एन0डी0पी0एस0अधिनियम के अर्न्तगत निरस्त होने के उपरान्त, माननीय उच्च न्यायालय,इलाहाबाद द्वारा स्वीकार की गयी। तदुपरान्त <नाम> 8/22 एन0डी0पी0एस० अधिनियमके अर्न्तगत अभियुक्त <नाम> <नाम> का द्वितीय जमानत प््रार्थनापत्र इस आधार <नाम> स्वीकार की गयी कि उसकी जमानत माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद से हो चुकीहै। अतएव आवेदक / अभियुक्त का केस <नाम> अभियुक्त <नाम> के समान नहीं है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से इस बात की कोई साक्ष्य नहीं दी गयी है कि वहभविष्य में इस अपराध की पुनरावृत्ति नहीं करेगा। <नाम> 37 एन.डी.पी.एस. एक्ट केअर्न्तगत यह अवधारित करने का पर्याप्त आधार नहीं है कि आवेदक / अभियुक्त केजमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्त नहीं होगा। आवेदक / अभियुक्तद्वारा किया गया कृत्य अत्यन्त गंभीर हैं। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1287_202117-02-20212306 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3553_201909-07-20192371 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ <नाम> नसीम पैरोकार का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि मुकदमा वादीमहिपाल <नाम> ने दिनांक 31.05.19 को थाना जी.आर.पी. <नाम> कैन्ट मेंइस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी कि वह दिनांक 28.05.2019 कोबिलडा नगर स्टेशन से अपनी लड़की को ससुराल छोड़ने जा रहा था। सोने का हर सूटकस में रखा था। विडला नगर स्टेशन <नाम> दो लड़केउम्र करीब 30 से 35 साल के सूटकेस के बगल में आकर बैठ गये औररास्ते में मुरेना उतर गये, जब उसने <नाम> स्टेशन <नाम> सूटकेसखुलवाकर दिखवाया तो उसमें सोने का हार नहीं था। उक्त लोगों परशक है कि उन्होंने निकाल लिया है। पुलिस द्वारा दिनांक 19.06.19 कोगिरफतार किया गया तथा उनके कब्जे से 7930/-रूयये बरामद कियागया। ",
"आवेदक अभियुक्तो की ओर से कथन किया गया है कि इसमामले की घटना दिनांक 28.05.19 की बतायी गयी है तथा पुलिस द्वारा गिरफतारी दिनांक 19.06.19 को दर्शित करते हुये उन्हें अन्य अभियुक्तोंके साथ गिरफतार <नाम> उक्त अपराध में झूठा फसाया गया है जबकिउनसे कथित अपराध कोई बरामदगी नहीं हुयी है, जो रूपये पुलिस नेबरामद दिखाये है वह आवेदकगण के ही है। प्राथमिकी में <नाम> हारउनके कब्जे से बरामद नहीं किया गया है। आवेदकगण निर्दोष एवंनिरपराध है। आवेदकगण अभियुक्त दिनांक 19.06.19 से कारागार मेंनिरूद्ध है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। विद्वान अधिवक्ताने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदकगण अभियुक्तो को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का अनुरोध किया है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ताका कथन है कि अभियुक्तगण को चोरी के सामान के साथ पकड़ा गयाहै तथा उनके कब्जे से 7930/- बरामद भी हुये है। अभियुक्तगण टेनोसे <नाम> करते है तथा उनका गिरोह है। उनके द्वारा कारित अपराधगम्भीर <नाम> का है। आवेदक अभियुक्तगण का मामला जमानत योग्यनहीं है। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने का निवेदनकिया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने आवेदक अभियुक्तो के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन पक्षकी ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारीकी बहस सुन लिया है तथा उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन करलिया है । ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्राथमिकी के अवलोकन से स्पष्ट है किदिनांक 28.05.19 को सूटकेस से हार चोरी करने क सम्बन्ध में मुकदमावादी द्वारा लिखवायी गयी है तथा अभियुक्तगण की गिरफतारी दिनांक19.06.19 को की गयी है तथा उनसे रू0 7930/-रूपये बरामद दर्शायेगये है। इस मामले में पुलिस द्वारा कोई शिनाख्त नहीं करायी गयी है। अभियुक्तो को रेलवे स्टेशन से गिरफतार किया गया है परन्तु उसकाकोई <नाम> का <नाम> नहीं बनाया गया है। कथित चोरी का हार भीबरामद नहीं हुआ है। अभियोजन की ओर से अभियुक्तों का कोईअपराधिक इतिहास कशित नहीं किया गया है। अभियोजन ने जिनरूपयो की बरामदगी दिखायी है वह अभियुक्तो ने अपने बताये है। आवेदकगण की गिरफतारी एवं घटना में काफी अन्तराल का समय है। अभियुक्तों से बरामद रूपयों के सम्बन्ध में भी कोई शिनाख्त नहीं करायीगयी है। कथित चोरी के मुकदमा वादी से अभियुक्तगण की शिनाख्त भीपुलिस द्वारा नहीं करायी गयी है। अभियुक्तगण दिनांक 19.06.19 सेन्यायिक अभिरक्षा में है। आवेदक अभियुक्तगण के विरूद्ध उक्त आरोपितअपराध प्रथम वर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। आवेदकअभियुक्तगण विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने केलिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। वर्तमान मामले का निकटभविष्य में विचारण होने की कोई सम्भावना नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1736_202108-03-20211361 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार <नाम> प्रीतीशर्मा पत्नी <नाम> पातीराम <नाम> निवासी-गंगे <नाम> बाग, <नाम> नगर, बल्केश्वर, थाना न्यूआगरा, जो कि प्रार्थी /अभियुक्त की मां है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णितहै कि प्रार्थी/ अभियुक्त उक्त कस में पूर्व में जमानत <नाम> था तथा नियत तिथियों परमा0 न्यायालय में हाजिर होता रहा है, लेकिन दुर्भाग्यवश दिनांक 02.02.2021 कोउसकी तबीयत खराब हो जाने <नाम> वह मा० न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका,जिसके <नाम> उसके विरूद्ध गिरफूतारी वारंट जारी हो गये। प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष है, उसको उक्त मुकदमे में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहींकिया है। प्रार्थी/अभियुक्त को मा० न्यायालय द्वारा जारी गिरफूतारी वारंट परपुलिस द्वारा दिनांक 19.02.2021 को गिरफूतार <नाम> जेल भेजा गया है। ्रार्थी/ अभियुक्त के एक दुधमुहा छोटा पुत्र है, जिसके <नाम> पालन के लिए धन कीआवश्यकता रहती है, उसके जेल जाने के <नाम> पुत्र के <नाम> पालन में काफीपरेशानी आ रही है। प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके Bail Application/3148/2021 -Kanha Sharma Vs. UP State 2अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र अन्य किसी न्यायालय या मा0 उच्च न्यायालयइलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा जानबूझकर गलती नहीं कीगयी है और <नाम> ही भविष्य में करेगा। इसके बावत् वह अपनी अन्डरटेकिंग भी देने कोतैयार है। प्राथी/अभियुक्त सामाजिक व्यक्ति है और <नाम> जागरण करके अपना वअपने परिवार का पालन पोषण करता है तथा <नाम> जागरण करके कमाये रुपये थानान्यू <नाम> पुलिस द्वारा प््रार्थी/अभियुक्त <नाम> से बरामद दिखाये गये हैं। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 19.02.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त अपनी विश्वसनीय जमानत दाखिल करने को तैयार है। अतः जमानत्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाये। ",
"्रार्शी/ अभियुक्त <नाम> शार्मा के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत कियाहै कि प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। प्रार्थी / अभियुक्त नियत तिथियों <नाम> मा० न्यायालय में हाजिर होता रहा है, लेकिनदुर्भाग्यवश दिनांक 02.02.2021 को उसकी तबीयत खराब हो जाने <नाम> वह मा0न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका और <नाम> ही अपने अधिवक्ता को सूचित <नाम> सका। जिस <नाम> मा० न्यायालय द्वारा उसके विरूद्ध <नाम> जमानती वारंट जारी <नाम> दियेगये । प्रार्थी/ अभियुक्त के एक दुधमुहा छोटा बच्चा है, जिसके <नाम> पालन केलिए धन की आवश्यकता रहती है, उसके जेल जाने के <नाम> पुत्र के <नाम> पालनमें काफी परेशानी आ रही है। प्रार्थी/ अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं कीहै । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 19.02.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः उसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में जानबूझकर गैर हाजिर हुआ है, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू० की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी/ अभियुक्त की वजह से इसमामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा पूर्व मेंप्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त परवादिनी मुकदमा से उसके गले से झपट्टा मारकर पहनी सोने की चैन तोड़ <नाम> लेजाने का आरोप है। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ०0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया । Bail Application/3148/2021 -Kanha Sharma Vs. UP State 3 पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त कान्हाशर्मा इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय क निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिनबीच में उसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसक विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैरजमानती वारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। <नाम> गैर जमानती वारण्ट के आधारपर प्रार्थी / अभियुक्त जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4580_201905-09-20194740 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त मुकददर के पिता वपैरोकार गिर्रज <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीदर्ज करायी गयी कि दिनाक 05.08.2015 को वह मय हमराहियान शान्तिव्यवस्था डियूटी आदि में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर खास की सूचनापर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा एक व्यक्ति अंधेरे काफायदा उठाकर भागने में सफल रहा। पकड़े गए व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम मुकददर <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एक अदद तमंचा, एक जिंदा कारतूस, 3000/-रूपए नगद व एक मोबाइल बरामद हुआ। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दए0प्र/क्षेत्र) /”अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4580 / 2019मुकद्दर <नाम> आदि बनाम राज्यउर्फ बबलू उर्फ भंवर <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी में एक तमंचा, एकजिन्दा कारतूस, 2,500 //- रूपए नगद बरामद हुए। तीसरे व्यक्ति ने अपनानाम <नाम> <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से कोई बरामदगी नहीं हुई । तीनों अभियुक्तों के पास में खड़ी एक <नाम> नम्बर की मोटरसाईकिल भीबरामद हुई। भागे हुए व्यक्ति का नाम यदुवीर <नाम> oH ae बताया। ",
"अभियुकतगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी । ",
"प्रार्थी,, अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थ / अभियुक्तगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीगण दिनाक06.08.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। प्रार्थीगण से फर्जी बरामदगीदिखायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण से कोई लूट का सामान बरामद नहीं हुआ है औरन ही प्रार्थीगण नेकिसी भी तरह की कोई लूट की <नाम> बनायी है। <नाम> का कोई गवाहनहीं है। प्रार्थगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीननहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्तगणको पुलिस पार्टी द्वारा सह-अभियुक्त के साथ लूट की <नाम> बनाते हुएगिरफ्तार किया गया है तथा उनके <नाम> कब्जे से लूट की मोटरसाईकिलबरामद की गयी है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रामप्रकाशशर्मा एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयातथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4580 / 2019मुकद्दर <नाम> आदि बनाम राज्यअभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनाक 05.08.2019 की समय 23:53 बजे की है। प्रार्थीगणपर सह-अभियुकत के साथ मिलकर लूट कारित करने की <नाम> बनाने वउनके <नाम> कब्जे से लूट की मोटरसाईकिल बरामद होने का आरोप लगायागया है। केस डायरी के अनुसार पुलिस पार्टी द्वारा vei wr सह-अभियुक्त के साथ दिनाक 05.08.2019 को लूट की <नाम> बनाते हुएगिरफ्तार किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी मुकद्दर <नाम> केव्यक्तिगत कब्जे से एक अदद तमंचा, एक जिंदा कारतूस, 3000,/- रूपएनगद व एक मोबाइल व प्रार्थी <नाम> उर्फ बबलू उर्फ भंवर <नाम> केव्यक्तिगत कब्जे से एक तमंचा, एक जिन्दा कारतूस, 2,500,/- रूपए नगदबरामद होना दर्शित किया गया है। प्रश्नगत मोटरसाईकिल को किसी अपराधसे सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थीगमण लगभग एक माह समय से जिलाकारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत इसन्यायालय द्वारा दिनाक 04.09.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_86_202111-01-20213822 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में दीपू पुत्रआशाजीत का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथन है किउसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भीजमानत प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> अंसुल <नाम> वन्य <नाम> रक्षक द्वारा दिनोक 27.12.2020 को थाने परतहरीर इस आशय की दी गयी है कि दिनांक 27.12.2020 को समय लगभग03:40ए0एम0 <नाम> विप्रावली बीट के पड्ुआपुरा चम्बल नदी <नाम> से अवैध <नाम> से चम्बल बालू का खनन <नाम> ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर लाने की सूचना प्राप्त हुई तब उनके द्वाराक्षेत्रीय वन <नाम> <नाम> रामकिशनसिंह व अन्य टीम के साथ छापामारी की गयी। चम्बलनदी पड़ुआपुरा गांव की तरफ से समय लगभग 5:30 बजे सुबह अमरसिंह का पुरा कीतरफ रोड <नाम> एक ट्रैक्टर आते हुए दिखाई दिया। टीम द्वारा ट्रैक्टर को पास आने परटार्च की <नाम> में रोकने का इशारा किया। ट्रैक्टर चालक ने ट्रैक्टर को नहीं रोका तथा Bail Application/142/2021 - Ashajeet Vs. UP Stateवन टीम के उपर ट्रैक्टर को चढाने की कोशिश की गयी जिसमें ट्रैक्टर <नाम> बैठे तीनअभियुक्तों को मय ट्रैक्टर चालक सहित भागते समय टॉर्च की <नाम> में पहचान लियागया जिनके नाम हरिओम उर्फ छिग्गा, आशाजीत, व धीरज उर्फ लालू हैं। टीम द्वाराट्रैक्टर का पीछा करते हुए पडुआपुरा गांव में घेराबंदी <नाम> ट्रैक्टर को घेर लिया। अभियुक्तों द्वारा चम्बल बालू को नीचे जमीन <नाम> पलट <नाम> तथा अपने को घिरता देखट्रैक्टर ट्रॉली को छोडकर भाग गये। ट्रैक्टर ट्रॉली को कब्जे में लेकर मौके <नाम> फर्दबरामदगी बनायी गयी। अभियुक्तों ने वन टीम के उपर ट्रैक्टर चढाकर मारने का प्रयास किया गया। अतः रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। प्रार्थी ,/ अभियुक्त <नाम> ही मौके से पकडा गया हैऔर <नाम> ही उसने अपराध सम्बन्धी कोई वस्तु बरामद हुई है। गलत तरीके से गुडवर्क दिखाने के लिए पुलिस ने प्रार्थी का चालान <नाम> <नाम> है। कोई भी स्वतन्त्र <नाम> मौके <नाम> नहींदर्शाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारा दिनांक04.01.2021 को खारिज हो चुका है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा प्रपत्रों का परिशीलन किया । ",
"प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त दिनांक 30.12.2020 से न्यायिकअभिरक्षा में हैं। थाने की आख्या के अनुसार अभियुक्त <नाम> आपराधिक मामले भी दर्ज हैं परंतुअभियुक्त की पूर्व दोष <नाम> का कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नही किया गया है। अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि अभिकथित घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6644_201904-12-2019944 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में आवेदक / अभियुक्त के पेरोकार <नाम> मेवातीने शपशपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह आवेदक/ अभियुक्त का प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एंव माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> सचान, कार्यवाहक शाखाप्रबन्धक, एस.बी.आई. खन्दारी द्वारा दिनांक 31.08.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशयकी दी गई कि दिनांक 29.08.2019 को समय लगभग 11 बजे ब्रांच की दीवार तोड़नेका प्रयास किया गया। चोर सब्बल की सहायता से दीवार को काट रहे थे। आवाजसुनकर पास के लोगों को संदेह हुआ तब उन्होंने शाखा प्रबन्धक <नाम> <नाम> <नाम> को बताया । उनके द्वारा तुरन्त ही 100 नम्बर <नाम> सूचना दर्ज कराई गई। लोगों की आवाजसुनकर चोर मौके से भाग गये। चोर दीवार में से एक-दो ईट ही निकाल पाये थे,इसलिए ब्रांच को कोई नुकसान नहीं हुआ। ",
"वादिया की तहरीर <नाम> थाना न्यू <नाम> <नाम> मु०अ0सं0 63३5/2019 <नाम> 380,511 भा०द0सं0 में अज्ञात अभियुक्त के विरूद्व प्राथमिकी ऑकित की गई। ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक/ अभियुक्त के विरूद्व बैंक की दीवारतोड़ने का प्रयास किए जाने का आरोप है। अभियुक्त द्वारा यह आधार लिया गया है कि पुलिस द्वारा अन्य प्रकरण में गिरफूतार किए जाने के उपरान्त अभियुक्त का इकबालियाँ बयान लिखते हुए, अभियुक्तको इस प्रकरण में फर्जी <नाम> से संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। "
],
"judge-opinion": [
"विवेचना के दौरान दिनांक 11.11.2019 को अभियुक्त इमरान उफ नोवा को दोअन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किया गया। तदुपरान्त अभियुक्त के (2)इकबालिया बयान के आधार <नाम> अभियुक्त को इस मामले में नामित किया गया। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं है तथा निर्दोष है उसको इस मामले में झूंठा फॅसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यहभी कथन किया गया पुलिस द्वारा अन्य प्रकरण में गिरफ्तार किए जाने के उपरान्त, अभियुक्त का इकबालियाँ बयान लिखते हुए, इस प्रकरण में फर्जी <नाम> से संलिप्त करदिया गया है, जबकि अभियुक्त क द्वारा बैंक की दीवार को तोड़ने का प्रयास नहींकिया गया है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त दिनांक 12.11.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अतः जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना है तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया है। केस डायरी में उपलब्धसाक्ष्य के अनुसार अभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं है तथा <नाम> ही अभियुक्त को मौके <नाम> पकड़ा <नाम> बताया गया है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है तथा अभियुक्त दिनांक 12.11.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5565_201910-10-20193167 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में मोहम्मदफूर्खान पुत्र गुलाम नवी का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में मोहम्मद फूर्खान पुत्रगुलाम नवी का कथन है कि वह प्रार्थी / अभियुक्त का सगा <नाम> एवं पैरोकार है तथाहालात मुकदमा से भलीभांति परिचित है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्णतः निर्दोष है, उसेउपरोक्त मामले में साजिशन झूंठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त प्रस्तुत मामले में पूर्व में जमानत <नाम> है और जमानत <नाम> छूटने के <नाम> वह न्यायालय में उपस्थितहोता रहा है। दिनांक 31.03.2019 को प्रार्थी / अभियुक्त बीमार हो गया था, बीमारीके चलते न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ रहा एवं उसके अधिवक्ताद्वारा हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था जो कि न्यायालय द्वारा खारिजकर <नाम> गया था और उसके वारण्ट जारी किए जाने का आदेश पारित कियागया। उक्त आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र अन्तर्गतधारा 482 द0प्र0सं0 प्रस्तुत किया गया जिसके आदेश की <नाम> संलग्न है। माननीयउच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में समयावधि के अन्दर यह जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त ने जानबूझ <नाम> कोई कोताई व लापरवाही नही बरती है, <नाम> ही भविष्य में हाजिर होने में कोई <नाम> कोताई वलापरवाही ही बरतेगा तथा नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में उपस्थित होतारहेगा। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त प्रस्तुत मामले में दिनांक25.09.2019 से जेल में है। तब उसे जमानत <नाम> staged fear ae । 2अभियोजन द्वारा जमानत आवेदन का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना एवं संबंधित पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"आदेश पत्र के परिशीलन से विदित है कि अभियुक्त दिनांक 31.03.2018 सेअनुपस्थित हो गया और उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा एन0बी0डब्ल्यू0 निर्गत किएगए जिसके विरूद्ध अभियुक्त द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका अन्तर्गतधारा 482 द0प्र0सं0 संख्या-34316,/2019 भी प्रस्तुत की गयी जो माननीय उच्चन्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। शपथपत्र में अभियुक्त का दिनांक 31.03.2019 को बीमार हो <नाम> कहा गया है, जबकि उसके विरूद्ध पहले से हीएन0बी0डब्ल्यू? जारी था। जमानत आवेदन में उल्लिखित अन्य तथ्यअभियोग / जमानत आवेदन के गुणदोष से संबंधित हैं, तब यद्यपि अभियुक्त दिनांक31.03.2018 से अनुपस्थित रहने का पर्याप्त <नाम> दर्शित <नाम> पाने में असफल है,लेकिन अब वह दिनांक 25.09.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1965_202124-03-2021618 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थ / अभियुक्त के चचेरे भाईआकश पुत्र पप्पू ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्तको गलत तरीके से झूंठा फंसाया गया है। उसने कोई भी अपराध नहीं किया है। प्रार्थी/ अभियुक्त एक ऑटो रिक्शा चालक है तथा वह अपना तथा अपने परिवार काजीवन यापन करने के लिए ऑटो रिक्शा चलाता है। दिनांक 27.02.2021 को प्रार्थी अपना ऑटटो रिक्शा बिजलीघर चौराहे से ताजगंज <नाम> चला रहा था तभी लालकिलेके पास पुलिस द्वारा ऑटो रोका गया और कागज दिखाने व परमिट दिखाने वऑटो में सवारी 3 ही बैठी थी, उसके बावजूद प्रार्थी से सेवाकर मॉगने लगे जिसकाप्रार्थी ने विरोध किया और पुलिसवालों ने प्रार्थी के साथ मारपीट करना शुरू <नाम> दी Bail Application/3487/2021 -Harshit urf Chutiya Vs. UP State 2और थाने ले गए। दिनांक 28.02.2021 को थाने में सूचना दी गयी कि तुम <नाम> चरसरखने का मुकदमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त परिवार में एक बूढी मॉ वबूढा पाप है जिनका सहारा केवल प्रार्थी ही है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 28.02.2021 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त विश्वसनीय जमानतें दाखिल करनेको तैयार है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाए । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी उपनिरीक्षक पंकजकुमार <नाम> द्वारा थाना हाजा <नाम> लिखित सूचना इस आशय की दी गयी कि दिनांक27.02.2021 को वादी, अन्य पुलिस हमराही कर्मचारियों के साथ वास्ते शान्तिव्यवस्था, रोकथाम जुर्म जरायम दौरान गश्त <नाम> में मामूर थे। गश्त के दौरान खैरातीटोला गेट के पास आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> अभियुक्त को पकडकर समय 06.10बजे हिरासत पुलिस में लिया गया। पकड़े गए अभियुक्त ने अपना नाम हर्षित उर्फचुटिया पुत्र <नाम> <नाम> बताया। जामा तलाशी में उसके कब्जे से 990 ग्राम अवैधचरस बरामद किया गया। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना ताजगंज में मुकदमा अपराधWo 112 / 2021 अन्तर्गत <नाम> 8,//20 एन0०डी0पी0एस0 एक्ट में प्राथमिकी <नाम> कीगयी । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तर्कों में उन्हीं तथ्योंको दोहराया गया है जो जमानत प्रार्थनापत्र में कहा गया है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि पुलिस पार्टी द्वारा अभियुक्त कोसंदिग्ध हालत में पकड़ा गया है। पुलिस द्वारा पकड़े जाने <नाम> उसके कब्जे से 990ग्राम अवैध चरस बरामद किया गया है। यदि उसे जमानत प्रदान की गयी तो वहपुनः अपराध में संलिप्त हो सकता है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए । "
],
"judge-opinion": [
"मैने प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से दर्शित है कि दिनांक 27.02.24 कोथाना ताजगंज, <नाम> की पुलिस द्वारा अभियुक्त हर्षित उर्फ चुटिया को लालकिलारोड <नाम> खैराती टोला गेट के पास पकड़ा गया है तथा उसके कब्जे से अवैध चरसकी बरामदगी दर्शित की गयी है, जिसमें प्रार्थी / अभियुक्त के पास से 990 ग्रामनशीला पदार्थ चरस बरामद किया <नाम> कथित किया गया है। अभियुक्त से बरामद Bail Application/3487/2021 -Harshit urf Chutiya Vs. UP State 3उपरोक्त चरस की <नाम> न्यूनतम <नाम> से अत्यधिक तथा वाणिज्यिक <नाम> से थोड़ाकम है। इस प्रकार अभियुक्त द्वारा कारित किया गया अपराध अत्यन्त गम्भीर प्रकृतिका है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_7561_201904-01-20202594 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रबताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्तगण की पैरोकार शंकुरकादेवी का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा बैजनाथ <नाम> एस.एच.ओ. थाना सैंया जिला <नाम> ने दिनांक 03.12.2019 को 22-44 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि भ्रमण थाना <नाम> से विदितहुआ कि अभियुक्त विजेन्द्र उर्फ पप्पू ने अपना एक संगठित गिरोह बना लिया है, जो अपनेसाथियों सत्यवीर उफ सत्तो, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> उफ पप्पी, <नाम> उर्फ अवधेश उफ बोस,संजय, प्रशान्त, सत्यपाल, <नाम> उफ मामा, अब्दुल, सानू, हरिओम, भीकम <नाम> उर्फ भीकाव <नाम> के साथ मिलकर थान <नाम> में व बाहर दूसरे जनपद के थाना <नाम> व अन्य प्रान्त मेंआर्थिक व भौतिक <नाम> प्राप्त करने के लिये भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित अपराधों कोकारित करने के अभ्यस्त अपराधी हैं। इस गैग का थाना <नाम> व उसके बाहर इतना भय वआतंक व्याप्त है कि इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देनेएवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदकगण /अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदकगण /अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण काकोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोईभय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। उनसे लूट से संबंधित कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। आवेदकगण / अभियुक्तगण दिनांक 13.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उनकोजमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का 2विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण आदतन अपराधी है। अभियुक्तगण का संगठित गैंग है, जिसके वे सक्रिय सदस्य है। अभियुक्तगण के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध <नाम> उर्फ अवधेश उर्फ <नाम> व प्रशान्तआ.सं. 189/19 धारा-395, 412 भा.द.स. थाना-सैंया, जिला <नाम> तथा अभियुक्त <नाम> केविरूद्ध (1) अ.सं. 189/19 धारा-395, 412 भा.द.स. थाना-सैंया, जिला <नाम> (2) असं. 193/19 धारा-3/25 आयुध अधिनियम थाना-सौंया, जिला <नाम> के मुकदमे लंबित हैं, पूर्व में <नाम> अभियुक्तगण <नाम> व सत्यपाल की जमानत निरस्त हो चुकी है। अभियुक्तगण काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में उपरोक्त मामले दर्शायेगये हैं, जिनमें अभियुक्तगण के विरूद्ध डकैती करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तोउसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जायेकि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यहकि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"गैंगचार्ट में जो मामले अभियुक्तगण के विरूद्ध दर्शाये गये हैं, उनमें अभियुक्तगणकी जमानत होने के संबंध में कोई कथन नहीं किया गया है। ",
"अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> एवंअभियुक्तगण के डकैती में संलिप्त होने के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णितप्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्तगण उक्त अपराध के <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उनके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_7462_201923-12-201978 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> पत्नीहरीसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना जी.आर.पी.आगरा फोर्ट जिला <नाम> द्वारा दिनांक 22.08.2019 को समय 22.51बजे जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> व वीरू राठौर के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर <नाम> है जो अपने साथियों के साथ मिलकर आने जाने वाली ट्रेनो में यात्रियों का सामान, मोबाईल, चोरी <नाम> ले जाते है और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त रहते है । ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 व 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित कियागया है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है जिसके <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध मुदकदमा पंजीकृत कराने एवं गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया हैै। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष व निरपराध है। उसने कोई अपराध कारित नही किया है। पुलिस द्वारा उसे उक्त कस में झूँठा फसा <नाम> है। वह <नाम> तो किसी गैग का सदस्य है तथा ना ही संगठित गिरोह से सम्बन्ध व सरोकार रखता है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। वह क्षय रोग की बीमारी से ग्रसित है उसका इलाजपी.एच.आई. शमशाबाद <नाम> से चल रहा है। वह <नाम> तो किसी गैग का सदस्य है ना ही किसी संगठित गिरोह से कोई सम्बन्ध व सरोकार रखता है। <नाम> धन अर्जित करने <नाम> किसी गतिविधि में संलिप्त रहता है। सभ्रान्त परिवार का व्यक्ति है जो गॉव में ही मेहनत मजदूरी करके अपना वअपने परिवार का भरण पोषण करता है। अभियुक्त दिनाँक 15.09.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध 2(1) अ.सं. 36/19 धारा-401 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी. <नाम> फोर्ट जिला आगरा। (2) अ.सं. 44/19 धारा-414 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी. <नाम> फोर्ट जिला आगरा। (3) अ.सं. 22/19 धारा-379, 411 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी. <नाम> फोर्ट जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्त मामला दर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त क विरूद्ध गैंग बनाकर आने जाने वाली ट्रेनो में यात्रियों का सामान, मोबाईल, आदि चोरी <नाम> ले जाते है और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त रहनेका अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसका जमानत प्र्रार्थनापत्रस्वीकार हुए है। _ अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर आने जाने वाली द्रेनो में यात्रियों का सामान, मोबाईल,आदि चोरी <नाम> ले जाने और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त रहने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2018_202007-10-20202089 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता रमेश की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बितनहीं है। आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध नहीं किया है तथा उसको झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त निर्दोष है। घटनाका कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। घर सेउठाकर झूठा आरोपित किया गया है। अभियुक्त दिनांक 10.07.2020 से कारागार मेंनिरुद्ध है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुये तर्कप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त ने अपने अन्य साथियों के साथ पुलिस पार्टी <नाम> जानसे मारने की नीयत से फायर किया और पकड़े जाने <नाम> अभियुक्त के कब्जे से एकतमंचा, तीन जिन्दा कारतूस, एक खोखा कारतूस 315 बोर व एक मोटर साईकिलबुलेट बरामद हुई है। अतः आवेदक का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाय । ",
"अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 10.07.2020 को समय 03.21 बजे वादी <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक द्वारा थाने <नाम> इस आशय की प्रथमसूचना रिपोर्ट दी गई कि दिनांक 10.07.2020 को वादी मय हमराह कर्मचारीगण केसाथ देखरेख शान्ति व्यवस्था एवं गश्त अन्दर इलाका थाना हाजा में मामूर थे कि जबचर्चिल चौराहे <नाम> आये तो मौके <नाम> एस ओ <नाम> प्रभारी उ0नि0 कुलदीप मय हमराहमय मुखविर उपस्थित आये तथा बताया कि मुखविर खास द्वारा सूचना प्राप्त हुई है कि मुकदमें में वाछित अभियुक्त समुद्र आज वाईपास रोड के रास्त रुनकता होते हुए मथुराजा रहा है जिसके द्वारा किसी घटना को अपने साथियों के साथ <नाम> बनाकर अंजाम देने की सम्भावना है यदि जल्दी की जाये तो पकडा जा सकता है। इस सूचना <नाम> <नाम> करके <नाम> के गवाहन लेने का प्रयास किया लेकिन भलाई- बुराई केकारण कोई तैयार नहीं हुआ। पुलिस वालों ने मय मुखविर एक-दूसरे की जामा तलाशीले <नाम> <नाम> यकीन किया कि किसी के पास कोई नाजायज वस्तु नही है। मुखविर केबताये स्थान <नाम> पुलिस वाले दो टीमों में विभिक्त हुए। जे सी बी चौराहें <नाम> Wariचौराहें से एनएच-2 रोड <नाम> बैरियर लगाकर टार्च की पर्याप्त <नाम> में आने जाने वालेसंदिग्ध वाहन, व्यक्तियों की चैकिग करने लगे। करीब 10-15 मिनट की चैकिग केदौरान 10-15 वाहन को चैक करने के <नाम> एक मोटर साईकिल <नाम> एक व्यक्तिसुनारी चौराहे की तरफ से बाईपास रोड <नाम> चैकिग स्थल के नजदीक आया जिसे टार्चकी <नाम> में पहचान <नाम> मुखविर ने बताया कि यही वो अपराधी है और मुखविर चलागया तभी एस ओ <नाम> प्रभारी की टीम ने मोटर साईकिल को पीछे से घेरने का इशाराकिया। घेराबन्दी की गई तो मोटर साईकिल <नाम> बैठे अपराधी द्वारा पुलिस वालों कोदेखकर मोटर साईकिल मोडकर भागने का प्रयास करते समय मोटर साईकिल फिसलकर गिर गई अपराधी ने उठते हुए अवैध असलाह निकालते हुए रोड <नाम> हीपुलिस वालों को गाली देते हुए कहा कि घेर लिया है सालों को <नाम> से मार दूँगा औरअपने हाथ में लिये अवैध असलाह से पुलिस वालों <नाम> <नाम> से मारने की नीयत सेफायरिंग करने लगा। जबाव में पुलिस ने भी अपनी अपनी पिस्टल से एक WH USTअभियुक्त को पकडने के उददेश्य से पैरों को निशाना बनाते हुए फायर किया जिससेअभियुक्त गिर गया। गिरे हुए व्यक्ति के नजदीक जाकर <नाम> तो व्यक्ति के दाहिने पैरमें घुटने के पास चोट खून आलूदा दिखाई दी। समय <नाम> करीब 11.05 बजे पकडलिया नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गई तो उसने अपना नाम समुद्र बतायाजिसके दाहिने हाथ से एक अदद तमंचा देशी 315 बोर, जिसकी नाल में खाली खोखामिला व एक खोखा कारतूस व 3 जिन्दा कारतूस 315 बोर पास में पडे हुए मिले। पहनेपेन्ट की पीछे की जेब से 640,//- रुपये बरामद हुए। जिसके सबंध में पूछने <नाम> —3— कराहते हुए बताया कि उसने अपने साथियों <नाम> उग्रसेन, लाखन, <नाम> <नाम> वमुकेश के साथ मिलकर दिनांक 03.02.2020 को भगवान टाकीज चौराहे से एक व्यक्तिका अपहरण किया था जो रुपये उसके पास मिले हैं वह उसके खर्चे के रुपये है। पासमें पडी मोटर साईकिल बुलेट जिसकी नम्बर प्लेट <नाम> यू पी 80 ई यू- 1177 नम्बरडला है चैसिस व इंजन नम्बर फर्द में उल्लिखित हैं बरामद हुई जिसके कागजात नहींदिखा सका। मौके <नाम> फर्द बरामदगी तैयार की गई। इसी फर्द बरामदगी के आधार परमुकदमा पंजीकृत कराया गया। "
],
"judge-opinion": [
" peमैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> कीबहस सुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि जब वादी मुकदमा थानाक्षेत्र में देखरेख व गश्त में थे तो चर्चिल चौराहे <नाम> एसओजी प्रभारी मय हमराह वमुखविर के साथ मिले। जिन्होंने बताया गया कि थाने के मुकदमें में वाछितअपराधी द्वारा किसी घटना को किये जाने की सम्भावना है तो बताये हुए स्थान परवाहनों को चैकिग की गई। दौरान चैकिग अभियुक्त मोटर साईकिल बुलट से आयाऔर पुलिस का देखकर मोटर साईकिल मोडकर भागने का प्रयास किया मोटरसाईकिल फिसल <नाम> गिर गई तो अभियुक्त द्वारा पुलिस <नाम> फायरिंग की गई जिसकेजबाव में पुलिस द्वारा भी फायर किये गये। अभियुक्त को गिरफतार किये जाने परअभियुक्त के कब्जे से एक तमंचा 315 <नाम> व दो खोखा कारतूस बरामद हुए औरमोटरसाईकिल बुलेट के सबंध मे कोई कागजात अभियुक्त नहीं दिखा सका। इसकेअतिरक्ति अभियुक्त द्वारा थाने में दर्ज अपराध सं0 68,/2020 अर्न्तगत <नाम> 364एभा0द0सं0 में वादी मुकदमा के <नाम> मु0० अकरम अंसारी के अपरहण के मुकदमें में अपनेअन्य साथियों के साथ भगवान टाकीज चौराहें से अपहरण किये जाने का कथन किया। इसके अलावा अपहरण के मामले में आवेदक / अभियुक्त <नाम> अभियुकतगण कीगिरफतारी क॑ समय भाग गया था। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_7485_201904-01-20202586 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारकपिल <नाम> <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा शैलेन्द्रसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनाक 11.12.2019 को समय करीब 08:15 बजे <नाम> वह अपने दोस्त रिंकूशर्मा के साथ हेलल्स गार्डन, ताजगंज के बराबर से अपनी पल्सर बाइक सेअपने गोव की ओर जा रहा था तो सेन्ट एन्ड्रस स्कल से आगे कछ लड़के शराब पी रहे थे। उनमें से दो लड़कों ने उन्हें बाइक रोकने का इशारा करके उन्हें रोक लिया और एक लड़ने ने उसकी बाइक <नाम> लात मारी जिससे वहसड़क <नाम> गिर गए। फिर उन्होंने उसके गले से चेन व दोनों के पर्स से 13इजार रूपए व 05 हजार रूपए निकाल लिए और धमकी देते हुए अपनी बाइकसे भाग गए। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा वउसके मित्र के साथ लूटपाट की गयी है, प्रार्थी से बरामदगी भी है। उपरोक्तआधारो <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> बिहारी एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7485 2019गौरव <नाम> उफ मनी बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 14.12.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथमसूचना रिपोर्ट देरी से दर्ज करायी गयी है जिसका कोई स्पष्टीकरण नहींदिया गया है। घटना का कोई चश्मदीद <नाम> नहीं है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले मेंघटना दिनाक 11.12.2019 की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टदिनाक 12.12.2019 को अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी <नाम> अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा व उसके मित्र के साथ लूटपाट किए जाने काआरोप लगाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है किप्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा दिनाक 13.12.2019 को अन्य के साथ गिरफूतारकिया गया है तथा उसके कब्जे से 1,000/- रूपए नगद बरामद किए गएहैं। अभियोजन की ओर से उक्त 1,000/- रूपए प्रश्नगत अपराध से संबंधितहोना बताया गया है। प्रार्थी को स्वयं के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी लयभग 20 <नाम> से जिला कारायार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक02.01.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। मामले में प्रार्थी की भूमिकासह-अभियुक्त <नाम> <नाम> के समान है । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3850_202027-11-2020869 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथनहै कि उसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने Bail Application/10221/2020 —-Ghanshyam Rawat Vs. UP State 2कोई अपराध कारित नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 11.10.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गयाहै। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार हैकि वादी <नाम> किशोर सुबह करीब 8 बजे ड्यूटी के लिए सी0ओ0०डी0 <नाम> केलिए निकला, हाफ डे करने के <नाम> 2 बजे घर आया तो <नाम> की मेन गेट का ताला टूटा हुआ है। अंदर जाकर <नाम> कि तीन अलमारियां, संदूक व कमरों के दरवाजों केताले टूटे हुए मिले। सामान बिखरा हुआ मिला, जिसमें वादी के यहां से एक सोने की चैन, सोने की अंगूठियां चांदनी कोदनी और पायजेब और गले का सोने का सेट, सोने की चूड़ियां व अन्य सामान, एक मोबाईल व करीब 20 हजार रूपये नगद चोरी होगया । अतः रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिएप्रार्थी/ अभियुक्त को झूंठा फंसाया है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। पुलिस द्वारा प्रार्थी को घर सेदिनांक 04.10.2020 को दर्शायी गयी गिरफ्तारी पूर्ण <नाम> से झूंठी है। प्रार्थी / अभियुक्तसे कोई भी चोरी की वस्तु बरामद नहीं हुयी है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं और <नाम> ही पूर्व में सजायाफ्ता है। प्रार्थी/अभियुक्त का जमानतप्रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 12.11.2020 को खारिज हो चुका है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी का परिशीलन किया । प्रपत्रं के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त दिनांक 11.10.2020 सेन्यायिक अभिरक्षा में हैं। एफ0आई०आर० आज्ञात में दर्ज है। अभियुक्त के पूर्व दोषसिद्धि का कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6723_201923-11-20191397 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> नीतू का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"आवेदक » अभियुक्त द्वारा प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में यह कहा है किआवेदक का जमानत प्रार्थनापत्र इसी अपराध संख्या में पूर्व में इसी न्यायालय से दिनांक26—10—2019 को <नाम> 363, 36 व 376 भा0दं0सं0 एवं <नाम> 3/4 पाक्सो एक्ट के अर्न्तगतस्वीकार हो चुका है। <नाम> बनाते समय यह तथ्य पता चला कि पूर्व जमानत प्रार्थनापत्रमें <नाम> 376 डी, 368 व 506 भए0दं०सं० भूलवश लिखने से छूट गयी थी अतः अब आवेदकइन धाराओं में जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत <नाम> रहा है। आवेदक दिनांक 12-10-2019 से वारंटके आधार <नाम> जिला कारागार में निरुद्ध है। ",
"ए0डी0जी0सी0 द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया। ",
"पत्रावली के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्त <नाम> की नियमितजमानत पूर्व में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 13-07-2016 को स्वीकार हुयी थी। मूलजमानत आदेश <नाम> निरस्त नहीं हुआ है। "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
" पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है किदिनांक 18-02--2019 को आवेदक /अभियुक्त के <नाम> आने के <नाम> उसके विरुद्ध बिनाजमानती वारंट जारी किये गये थे। अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया था जिससे संबंधितजमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 20-10-2019 को स्वीकार हो चुका है। आवेदक का कहना है किदिनांक 26-10-2019 को स्वीकृत जमानत प्रार्थनापत्र में भूलवश <नाम> <नाम> 376 डी, 368 व506 भ0दं0सं० लिखने से छूट गयी थी अतः अब इन धाराओं में जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुतकिया है। अभियुक्त दिनांक 12-10--2019 लगभग 1 माह 10 <नाम> से कारागार में निरुद्ध हैउसे अपनी गलती की सजा मिल चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5382_201928-09-20193531 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पन्न प्रार्थी/अभियुक्त की माता व पैरोकारश्रीमती मुन्नी <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा भोलेठाकुर द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनाक 27.08.2019 को सुबह 06:30 बजे मंदिर <नाम> <नाम> <नाम> जाकर बक्कबोर्ड का बोर्ड लगाकर सिराजुददीन अपने साथियों रहीसउददीन, सलीम, बाबुददीन, कमरूददीन, सद्दाम, शाहरूख, फखरूददीन, अल्ताफ, कासिम,सानू, हाशिम, फिरोज, मुवीन, खल्लो, वसीम व रोविन एवं 15-20 अज्ञात व्यक्तियों के साथ आकर तोड़ फोड़ करने लगे । क्षेत्रीय कमेटी के अध्यक्ष केनाते प्रार्थी द्वारा विरोध करने <नाम> अपराधी सभी लोग पथराव करने लगे । प्रार्थीके साथ मारपीट की, प्रार्थी के चोटें आयीं हैं। प्रार्थी की चेन लूट ली। मन्दिरमें घुस <नाम> मन्दिर चढ़ावा लूट लिया एवं अपने हथियारों से फायरिंग कीजिससे <नाम> में अफरा तफरी, भगदड़ मच गयी। आस-पास के लोग लूटाचप्पल छोड़कर भागने लगे, <नाम> में दंगा जैसे हालात हो गए। मौके परउपस्थित <नाम> <नाम> <नाम> रामू अंकुश ने घटना देखी है। पुलिस के मौके (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5382/2019सिराजुददीन आदि बनाम राज्यपर आने से ये लोग भाग गए। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 27.08.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। सत्यता यह है कि प्रार्थी सिराजुददीन दरगाह का सचिव है औरदरगाह का रख रखाव आदि करता है। उपरोक्त सम्पत्ति <नाम> <नाम> उर्फ कालू व प्रेमपाल <नाम> उफ भोले <नाम> कब्जा करना चाहते हैं। दिनाक 27.08.2019 को प्रार्थी व अन्य समय करीब 06:00 बजे दरगाह परिसर में विचारविमर्श <नाम> रहे थे उसी समय वादी व अन्य लोग दरगाह परिसर में घुस आएऔर प्रार्थी के साथ मारपीट की एवं दरगाह में लूटपाट की। प्रार्थी व उसकेपरिजनों को घटना में गम्भीर चोटें आयीं हैं। प्रार्थी व उसके परिजन घायलअवस्था में रिपोर्ट कराने थाने गए परन्तु उनकी रिपोर्ट महीं <नाम> गयी। वादीने पुलिस से मिलकर इस मुकवमें में झूठा फंसा <नाम> है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय वमाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"वादी मुकदमा की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के विरूद्धप्रतिशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किअभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी व उसके परिजनों को मारपीटकर वादी मुकदमा से लूट कारित की गरी हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता <नाम> छत्रपाल <नाम> वादीमुकदमा के विद्वान अधिवक्ता <नाम> हेमेन्द्र <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी <नाम> बंशराज <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनांक 27.08.2019 को सुबह 06:30 बजे की है। प्रार्थीगण <नाम> वादीमुकदमा व अन्य के साथ मारपीट करने, वादी की चैन, मंदिर का चढावा (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /सिराजुददीन आदि बनाम राज्यलूटने व फायरिंग करके अफरा-तफरी करने का आरोप है। अभियोजन कीओर से घटना में चोटिल किसी व्यक्ति की चिकित्सीय आख्या प्रस्तुत नही कीगयी है । प्रार्थी/अभियुक्त से कोई बरामदगी दर्शित नही की गयी है। प्रार्थीके विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> पूर्वक यह कथन किया गया है कि मामले मेंप्रार्थी के साथ मारपीट की गयी है परन्तु उनकी रिपोर्ट पुलिस द्वारा अंकितनही की गयी है। प्रार्थी लगभग एक माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2762_202003-10-20202259 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त की पत्नी सुखदेवी का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता एवँँअभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र एवं अन्यसामग्री का सम्यक परिशीलन किया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता का कथनहै कि आवेदक / अभियुक्त को उक्त केस में परेशान करने <नाम> झूँठा फंसायागया है। आवेदक » अभियुक्त द्वारा किसी घटना को अंजाम नहीं <नाम> गयाहै। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई नशीली वस्तु बरामद नहीं हुईहै। घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रा0पत्र के साथ संलग्नशपथपत्र में दिये गये तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक /अभियुकत को जमानत 2पर छोड़ा <नाम> उचित होगा। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 08.08.2020 सेजेल में निरूद्ध है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक ने आवेदन पत्र का घोर विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में अभियुक्त के पास से काफी <नाम> में नशीला पाउडर एल्प्राजोलाम बरामदहुआ है। स्वापक आषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम की <नाम> 50 तथा57 का सहमति पत्र दाखिल करके अनुपालन <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक /» अभियुक्तको दिनांक 07.08.2020 को समय 20.10 बजे उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> वअन्य पुलिस कर्मचारियों द्वारा दौरान देखरेख <नाम> व्यवस्था» चैकिंग संदिग्धव्यक्ति व वाहन गश्त करते समय <नाम> रोड, <नाम> तिराहे सेकरीब 50 मीटर दूर, थाना-फतेहाबाद,जिला <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्त कोपकड़ा गया। पकड़े गये अभियुक्त ने अपना नाम रमाकान्त पुत्र स्व0 अमरसिंह बताया तथा उसके कब्जे से 135ग्राम एल्प्राजोलाम बरामद किया गयापत्रावली <नाम> उपलब्ध साम्रगी से स्पष्ट है कि इस मामले मेंआवेदक / अभियुक्त के पास से 135 ग्राम नशीला पदार्थ एल्प्राजोलामबरामद होने का आरोप है, जो वाणिज्यिक <नाम> 100 ग्राम से काफीअधिक है। धारा-37 स्वापषक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम केअन्तर्गत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधार नहीं है किआवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्तनहीं होगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1814_202109-03-20211320 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में रजत पुत्र संजीवसिंह का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2. जमानत प््रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में रजत पुत्र <नाम> सिंहका कथन है कि वह प्रार्थी/अभियुक्त का रिश्तेदार एवं पैरोकार है तथा तथ्यों सेभलीभांति परिचित है। अभियुक्त उक्त केस में लगातार तारीख <नाम> आता रहा है, कभीकोई गलती नहीं की है और <नाम> ही कोई वारंट हुआ था इसी दौरान उसके खेतो कीफसल में भारी नुकसान हो गया जिससे उसके ऊपर आर्थिक <नाम> आ गयी और वहपरिवार को पालने <नाम> <नाम> चला गया और परिवारवाले अपने वकील <नाम> सेमिलकर तारीख लेते रहे, पश्चात में वारंट हो जाने की सूचना जब अभियुक्त को मिलीतो उस समय उसे टाइफाइड हो गया जिस <नाम> वह चलने फिरने में असमर्थ हो गया और इलाज कराना शुरू <नाम> दिया। काफी समय <नाम> इलाज चलता रहा उस समय अभियुक्त की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। कोरोना में भी अभियुक्त प्रत्येक तिथिको न्यायालय हाजिर होता रहा है। अभियुक्त द्वारा जानबूझकर गलती नहीं की गई है। भविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं करेगा। अभियुक्त दिनांक 01.03.2021 से जेल में निरूद्धहै। वह अपनी उचित व विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। तब अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> करने के आदेश पारित किया जाए। "
],
"judge-opinion": [
"सुना एवं पत्रावली का परिशीलन किया । ",
"3. पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था लेकिननियत <नाम> <नाम> अनुपस्थित हो जाने <नाम> उसके विरूद्ध दिनांक 30.10.2018 को 2एन०वी0डब्लू0 जारी <नाम> <नाम> गया। तब अभियुक्त दिनांक 01.03.2021 को आत्मसमर्पण करजिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त के व्यक्तिगत बंध पत्र एवं प्रतिभू राज्य <नाम> केपक्ष में जब्त किये जा चुके है एवं प्रतिभूके विरूद्ध भी कार्यवाही प्रचलित की गई है। उसकेविरूद्ध चल सम्पत्ति की कुर्की भी निर्गत है। अभियुक्त द्वारा अपनी अनुपस्थिति का आधारबीमार हो <नाम> कहा गया है लेकिन उसके द्वारा ऐसा कोई चिकित्सीय प्रपत्र भी प्रस्तुत नहींकिया गया है जिसके आधार <नाम> इतने लम्बे समय <नाम> अनुपस्थित रहने के आधार को मानाजा सके। अभियुक्त का यह कथन भी आदेश पत्र से अन्यथा है कि वह कोरोना काल मेंउपस्थित होता रहा है बल्कि पर्याप्त समय पहले से ही उसके विरूद्ध एन0वी0डब्लू० निर्गतहै। अभियुक्त की पूर्व में गुण दोष <नाम> जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत कीगई थी। तब अभियुक्त द्वारा पूर्व में स्वीकृत जमानत की शर्तों का दुरूपयोग किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1429_202126-02-20211830 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"उसका अन्य कोई जमानतप्रार्थना-पत्र माननीय उच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"संक्षेप में फर्द बरामदगी के आधार <नाम> अभियोजन के कथन इस प्रकार हैकि दिनांक 15.02.2021 को वादी मुकदमा उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> मय हमराही आरक्षीगणके थाने से बहवाले रपट संख्या 34 <नाम> समय 14:00 बजे <नाम> व्यवस्था आर्मी भर्ती आनन्दइन्जीनियरिंग कालेज में थे कि जरिये मुखबिर सूचना <नाम> कि दस-बारह लड़के फर्जीकागजातों के आधार <नाम> कासंगज जिला के समय में आर्मी की भर्ती देखने <नाम> आये जिनमेंसे कुछ ने फिजीकल <नाम> लिया व कुछ रेस में फेल हो गये हैं जो कि <नाम> इन्जीन्यिरिंग केदूसरे साईड में खड़े हैं जिस <नाम> विशवास <नाम> मय पुलिस टीम के साथ रास्ते में <नाम> के व्यक्तियों का फराहम करने एवं भलाई बुराई के <नाम> कोई तैयार <नाम> होने मय मुखबिर केआपसी जामा तलाशी ले देकर उक्त स्थान <नाम> आये एवं मुखबिर के इशारे <नाम> एक बारगीदबिश देकर आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> दसों व्यक्तियों को पकड़ लिया गया जिनका नाम पतापूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो पकड़े गये तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> कुमारबताया जिसकी जामा तलाशी से 180/-रूपये व आधार कार्ड तथा निवास प्रमाण पत्र जारी उपजिलाधिकारी <नाम> तथा नगर पंचायत <नाम> खण्ड पचगई तहसील कागंज जिलाकासगंज द्वारा जारी चरित्र प्रमाण पत्र तथा जाति प्रमाण पत्र फोटोसहित बरामद हुआ तथा Bail Application/1429/2021 -Pradeep Kumar Vs. UP State 2 पूछने ने आवेदक ने अन्य सअभियुक्तों के साथ मिलकर बताया कि उनके जिले की आज भर्तीन होने के <नाम> वह सभी यह आधार कार्ड तथा उक्त दस्तावेज फर्जी बनवाकर उक्तदस्तावेजों के आधार <नाम> भर्ती में प्रवेश करने का प्रयास किया। <नाम> <नाम> द्वारा आर्मी भर्ती में प्रयुक्त दस्तावेजों की गहनता से जॉच किये जाने <नाम> उक्त कागजात कूटरचित फर्जी पायेगये तथा पकड़े गये व्यक्तियों को उनके जुर्म से अवगत कराते हुये दिनांक 16.02.2021 को समय 02:00 बजे पुलिस हिरासत में लिया गया। बरामद दस्तावेजों को सफेद कपड़े मेंरखकर सील सर्वमोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया। फर्द मौके <नाम> स्ट्रीट लाईट व टार्च की पर्यापत <नाम> में लिखकर पढ़कर सुनाकर अभियुक्तों को गवाहान के हस्ताक्षर बनवातेहुये <नाम> प्रदान की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से कथन किया गया कि वह निर्दोष है। उसेउपरोक्त केस में पुलिस ने झूंठा फसाया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। यह भीतक प्रस्तुत किया गया है कि आवेदक यदि किसी सेना भर्ती का अंग था तो उसे सेना केकिसी <नाम> द्वारा पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाता, जो कि नहीं किया गया है,और पुलिस द्वारा फर्जी कहानी बनाते हुये उसे गिरफतार किया गया है। आवदेक कोमुखबिर खास की सूचना आधार मात्र <नाम> गिरफतार किया गया है। पुलिस द्वारा उच्चाधिकारियों को गुडवक दिखाने <नाम> उक्त मुकदमा फर्जी <नाम> से पंजीकृत किया गयाहै। सेना भर्ती में शामिल होने का कोई दस्तावेज आवेदक के पास से बरामद नहीं है। गिरफतारी एवं बरामदगी का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। इसलिये आवेदक केविरूद्ध <नाम> 420,467,468 व 471 भा0द0सं0 का आरोप प्रथम दृष्टया सुजित नहीं होता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 16.02.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। इस प्रकार आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त आधारों परजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"इसके विपरीत विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वाराजमानत का विरोध करते हुये कथन किया गया कि मामले में आवेदक को सेना भर्ती केदौरान फर्जी दस्तावेजों के साथ गिरफतार किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी कोसुना एवं थाने से प्राप्त केस टिप्पणी सहित अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि फर्द बरमादगी प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त नामजद है तथा मामले में आवेदक को मौके से अन्यसहअभियुक्तों के साथ गिरफतार किया गया है। थाने से प्राप्त आख्या के अनुसारअभियुक्त / आवेदक को सेना भर्ती गेट स्थल के सामने फर्जी कागजातों के साथ अन्य सहअभियुक्तगण के साथ गिरफतार किया गया है तथा उक्त फर्जी कागजातों के आधार <नाम> हीआवेदक ने उक्त सेना भर्ती स्थल में प्रवेश का प्रयास किया जिसका इन्द्राज केस डायरी मेंअंकित किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_436_202030-07-2020695 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुकत की पेरोकार <नाम> शशि <नाम> नेशपशथ्रपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें <नाम> है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 16.01.2020को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसकी पुत्री <नाम> का <नाम> <नाम> सेविवाह हुआ था, उसकी पुत्री से नाहरसिंह ने यह तथ्य छिपाकर शादी की कि वहपहले से शादीशुदा है। उसकी पुत्री से झूठ बोलकर उसने विवाह किया। उसे किरायेके मकान में एत्मादपुर में रखता था, आये <नाम> मारपीट करता था। आज मध्य <नाम> 03.30 <नाम> थाना एत्मादपुर से फौन आया कि उसकी बेटी की हत्या हो गई है। उसे पूरा <नाम> है कि <नाम> को उसके दामाद नाहरसिंह ने <नाम> से मारा है। वादिया की तहरीर <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्द थाना एत्मादपुर परमु0अ0सं0 18 / 2020 <नाम> 302 भा०द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई । (2) विवेचना के दौरान उक्त अपराध में <नाम> 201 भा०द०सं0० की बढोत्तरी की गई। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूंठा फँसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराधकारित नहीं किया गया है। यह कथन भी किया गया है कि दिनांक 15.01.2020 को वह अपनी पत्नी <नाम> के साथ मोटर साइकिल से अपने गांव लेकर जा रहा था तभी रास्ते में पांच अज्ञात बदमाशों द्वारा उसको रोक लिया गया, वह कह रहे थे कि उन्हेप्रीति से मतलब है, <नाम> से बदमाशों ने 40हजार रूपये लूट लिये और अभियुक्त कीपत्नी को मारने पीटने लगे जिससे उसके सिर व शरीर में गम्भीर चोट आई तभी एकमोटर साइकिल आ रही थी जिसकी <नाम> देखकर बदमाश भाग गये, कुछ देर बादचार-पांच अन्य व्यक्ति आ गये तब <नाम> उसकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी। अभियुक्तके फौन से पुलिस को सूचना दी गई, पत्नी को एस0एन०अस्पताल में भर्ती कराया। इसके <नाम> अभियुक्त से <नाम> की मां का मोबाइल लेकर सूचना दी गई तथा अगलेदिन गुडवर्क दिखाने के आशय से झूठा फंसा <नाम> गया। यह कथन भी किया गया हैकि उसकी पहली पत्नी शशि <नाम> फूड्स के नाम से फर्म का संचालन करती हैजिसने भतीजे के माध्यम से 40,000 /-रू0 निकलवाया था जिसमें से 3000रूपये खर्चहो गये और 37000/-रू0 बचे, उसी की फर्जी बरामदगी दिखाई गई है। अभियुक्तदिनांक 17.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीप्रार्थना की गई । ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तर्कप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त प्राथमिकी में नामित है। अभियुक्त के द्वारा अपनी पत्नीप्रीति की हत्या <नाम> हत्या के साक्ष्य को विलुप्त किया गया हैं। अभियुक्त द्वारा कारितअपराध गम्भीर <नाम> का है, अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थनाकी गई । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्र अपनी पत्नी की हत्या करहत्या के साक्ष्य को विलुप्त किए जाने का आरोप हैं। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को वर्चुअल न्यायालय के माध्यम से सुना तथा उपलब्ध केस डायरीका अवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 17.01.2020 को पुलिसद्वारा अभियुक्त को पकड़े जाने <नाम> उसके द्वारा यह स्वीकारोक्ति की गई है कि “उसने जमानत प्रार्थना पत्र सं0: 436 “2020लगभग डेढ़ साल पहले <नाम> के साथ दूसरी शादी की थी। उसकी पहली पत्नी शशिगांव में रहती है जिससे उसके 03 बच्चे भी है। <नाम> उसे उसके बच्चों व पूर्व पत्नीशशि से मिलने की <नाम> करती थी, इसी बात को लेकर दोनों में अक्सर झगड़ा भीहोता था। वह अपने बच्चों से <नाम> मिलने के <नाम> काफी परेशान रहने लगा था। इसी बात से परेशान होकर <नाम> से छुटकारा पाने के लिए उसने उसकी हत्या सिकतरा सेआगे बम्बा <नाम> पत्थर मारकर <नाम> दी है तथा उसने पत्थर बम्बा के पास खड़े पेड़ केपास छुपा <नाम> है, खून से सने कपड़े व पैसे कमरे में छुपा दिये है जिन्हे बरामद करासकता है। ”अभियुक्त की निशानदेही <नाम> पुलिस द्वारा बबूल के पेड़ के नीचे छुपाकर रखेगये पत्थर को बरामद किया गया हैं तथा उसके घर से 37000रूपये व खून से सनेकपड़े बरामद किये गये। ",
"मृतका की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतका के सिर <नाम> मृत्यु पूर्व किए गये प्रहार की चोट <नाम> उल्लिखित किया गया है तथा मृतका की मृत्यु का कारणशॉक हैमरेज एवं एन्टीमार्टम इन्जरी बताया गया हैं । ",
"अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित हैं तथा उपलब्ध साक्ष्य के अनुसारयोजनाबद्द तरीके से अभियुक्त के द्वारा अपनी पत्नी की हत्या किया <नाम> बताया गयाहै तथा अभियुक्त द्वारा विवेचक के समक्ष दिए गये अपने बयान में अपनी पहली पत्नीके होने के तथ्य को स्वीकार किया गया है। अभियुक्त की निशानदेही <नाम> बरामदपत्थर, खून से सने कपड़े आदि के दृष्टिगत अभियुक्त के इस कथन से घटना काहेतुक दर्शित होता है कि अभियुक्त द्वारा अपनी पहली पत्नी के रहते मृतका <नाम> द्वारा विरोध किये जाने के फलस्वरूप उसकी हत्या कारित की गई है। उक्त प्रकरण मेंविवेचना पूर्ण <नाम> आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका हैं। अभियुक्त द्वारा कारित अपराधगम्भीर <नाम> का हैं। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2715_201915-07-20191950 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की पत्नी <नाम> शीरीनके शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाना हाजा <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इसआशय की दर्ज करायी गयी कि दिनाक 03.05.2019 को वह मह हमराहियान कर्मचारीगण थाना हाजा से रवाना होकर तलाश वाछित अभियुक्तगण में मासूरथे कि मुखबिर की सूचना <नाम> समय कीरब 04:15 बजे तीन बदमाशों कोमिरफूतार किया गया। पकडे गए व्यक्तियों में से पहले ने, जो मोटरसाईकिलपर बैठा था, अपना नाम <नाम> उर्फ सोनू बत्ताया। इसकी जामा तलाशी से एक अदद पिस्टल, एक अदद जिन्दा कारतूस, दो अदद चेन पीली धातु, एकजोड़ी पाजेब एवं कमरबंद उफ बिच्छू बरामद हुआ। पूछताछ <नाम> उसने बतायाकि उक्त जेवरात लूट के हैं जो उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकरलूटे हैं। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम नफीस उफ पोली बताया जिसकी जामातलाशी से एक तमंचा, एक जिन्दा कारतूस, एक मोबाइल, 1500/- रूपएनगद, दो चेन पीली धातु, एक मंगलसूत्र बरामद हुए। उक्त जेवरात भी लूट (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 2715/2019शनि उफ सोनू बनाम राज्यके बताए गए है। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> उफ देवू बताया जिसकीजामा तलाशी से 67,000/- रूपए नगद बरामद हुए । अभियुक्तगण को जुर्मसे अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार कीगयी। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 04.05.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। अभियुक्तदेवेश उर्फ देवू ने प्रार्थी से 10,000/- रूपए उधार लिए थे जिन्हें प्रार्थीबार-बार मांग रहा था, जिससे चिड़कर <नाम> उफ देवू ने प्रार्थी को झूठानामित किया है। बरामदगी का कोई जनासक्षी नहीं है। प्रार्थी से कोईबरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि पुलिस पार्टी द्वारा अभियुक्त कोसह-अभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किया गया है तथा उससे लूट के सामान की बरामदगी की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> लाखन <नाम> कोटियाएवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 04.05.2019 की समय 04:15 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 05.05.2019 को ही समय 07:24 बजे दर्जकरायी गयी है। पुलिस पार्टी द्वारा प्रार्थी को सह-अभियुक्त के साथगिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक अदद पिस्टल, एक अदद जिन्दा कारतूस, दो अदद चेन पीली धालु, एक जोड़ी पाजेब एवं कमरबंद उर्फ (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पन्न संख्या : 2715, 2019शनि उफ सोनू बनाम राज्यबिच्छू बरामद किया गया है। प्रार्थी द्वारा उक्त जेवरात उसके द्वारा सह-अभियुक्त के साथ मिलकर लूटे जाने की संस्वीकृति की गयी है। अभियोजनकी ओर से प्रार्थी का अपराधिक इतिहास प्रस्तुत किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4266_201930-07-20191265 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के चाचा व पैरोकार मुन्नाके शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया मुकदमाश्रीमती <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीपंजीकृत करायी गयी कि दिनाक 13.06.2019 को वह अपनी डियूटी से घरजा रही थी। दो लड़के, जो स्कूटी <नाम> थे, उन्होनें उसका मोबाइल छीन लियाऔर भागने लगे। उसके शोर मचाने <नाम> आस-पास खड़े पब्लिक के लोगो ने भाग रहे दोनों लड़कों को स्कूटी सहित पकड़ लिया। पकड़े गए लड़कों सेउसका मोबाइल मिल गया। वह पकड़े हुए लड़को ओवेश व WAR HT valसहित थाने लायी है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी की जमानत मुख्य <नाम> 392, 411 (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4266 / 2019ओवेश बनाम राज्यभारतीय दण्ड <नाम> में हो चुकी है। आरोप पत्र में <नाम> 34 भारतीय दण्डसंहिता की बढ़ोत्तरी की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा सह-अभियुकत के साथ मिलकर वादिया मुकदमा का मोबाइल लूटा गया है। ",
"अभियुक्त को सह-अभियुकत के साथ मौके <नाम> पकड़ा गया है तथा अभियुक्त के कब्जे से उक्त मोबाइल बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुमारसिंह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयातथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनांक 13.05.2019 की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थानेपर दिनाक 13.06.2019 को समय 22:51 बजे <नाम> करायी गयी है। प्रार्थीकी जमानत इसी मुकदमा अपराध संख्या में <नाम> 392, 411 भारतीय दण्डसंहिता में इस न्यायालय द्वारा दिनाक 16.07.2019 को स्वीकार की जा चुकीहै। प्रार्थी की ओर से कथन किया गया है कि आरोप पत्र में <नाम> 34 भारतीयदण्ड <नाम> की बढ़ोत्तरी की गयी है। चूँकि मुख्य धाराओं में प्रार्थी कीजमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है, ऐसी स्थिति में प्रार्थीकी जमानत <नाम> 34 भारतीय दण्ड <नाम> में भी स्वीकार किए जाने योग्यहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2052_202110-03-20211271 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्तके द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्कजमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युतविभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट का फृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3635_202006-11-20201266 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तनिर्दोष है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है, अभियुक्त को इसमामले में झूठाँ फॅसाया गया है। मामले में किसी भी जन <नाम> को प्राथमिकी में दर्शितनहीं किया गया है। घटना दिनांक 15.06.2020 की समय <नाम> करीब 10:30 बजे से 211:00 बजे की है जबकि घटना की प्राथमिकी दिनांक 18.06.2020 को समय करीबरात्रि 11:30 बजे की है अर्थात प्राथमिकी तीन दिनों से ज्यादा बिलम्ब से दर्ज करायीगयी है, घटनास्थल का <नाम> का कोई स्रोत विद्यमान नहीं था। अभियुक्त दिनांक 31.10.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना कीगई । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत काघोर विरोध करते हुए कथन किया यया है कि अभियुक्त दशरथ द्वारा अन्य सहअभियुक्तगण थान <नाम> दाउजी, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> सत्यभान एवं पॉच छःअज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर वादी मुकदमा <नाम> <नाम> उसके <नाम> हरिओम शर्माएवं भतीजे <नाम> <नाम> को <नाम> से मारने की नियत से लाठी डण्डा, सरिया, फर्साव एवं अवैध हथियारों को लहराते हुये एक <नाम> होकर गंदी गंदी गालियां दी गयी एवंबुरी तरीके से मारा पीटा एवं गंभीर चोटें आने के <नाम> वादी मुकदमा के अतिरिक्त अन्य सभी गैर हो गये। वादी मुकदमा होश में होने के <नाम> चोटहिल अवस्था मेंभागने लगा तभी <नाम> अभियुक्त थान <नाम> ने <नाम> से मारने की नियत से वादी मुकेशशर्मा <नाम> गोली चला दी जो कि वादी की बांह से छूते हुये निकल गया जिससे उसेचोटें आयीं । अभियुक्त द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ मिलकर वादी मुकदमा एवंउसके <नाम> व भतीजे को <नाम> से मारने की नियत से चोटें कारित की गयी। उपरोक्तकथनों के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा केस डायरी का अवलोकनकिया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट फर्द बरामदगी के अनुसार अभियोजन कथानकसंक्षेप में है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाना जगनेर जिला <नाम> मेंप्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि उसका बड़ा <नाम> हरीओम <नाम> दिनांक 16.06.2020को खेत <नाम> मकान निर्माण करने के बाबत गोव के पास ही पल्दू गॉव से थान सिंहपुत्र जगन्माथ के ट्रेक्टर ट्राली से मिट्टी डलवा रहा था, कुछ देर <नाम> थान सिंहट्राली भरी मिट्टी इधर उधर खाली करने लगा लो वादी के <नाम> एवं भतीजे <नाम> नेटोका तो वह गाली गालौज करने लगा उसी समय <नाम> करीब 10:30 बजे वादी भीखाना लेकर वहां पहुँच गया तथा बीच बचाव <नाम> <नाम> थोड़ी देर <नाम> रात करीब 11बजे थान <नाम> ने फोर <नाम> घर से दशरथ, दाउजी, <नाम> सत्यभान पुत्र नेकराम, पवन,दिनेश, सत्यभान पुत्र <नाम> <नाम> एवं पॉच-छ: अन्य अज्ञात लोग हाथों में लाठी, डण्डा, 3फरसा, सरिया एवं अवैध हथियारों को लहराते हुये एकराय गन्दी गन्दी माँ बहन कीमुकेश <नाम> को मोबाईल <नाम> गालियां देते हुये वादी व उसके <नाम> हरीओम एवं भतीजेअमिर, <नाम> एवं वादी समेत चारों लोगों के उपर उक्त लोगों ने <नाम> से मारने की नियत से हमला <नाम> दिया। दाउजी ने सरिया दशरथ ने फरसा तथा बाकी सब लोगोंने वादी व अन्य लोगों को बुरी तरह से मारा पीटा जिससे गंभीर चोटां के आने केकारण वादी को छोड़कर बाकी लोग गैर होश हो गये। वादी मुकदमा होश में होने केकारण चोटहिल अवस्था में भागने लगा तभी थान <नाम> ने अवैध हथियार से <नाम> सेमारने की नियत से गोली मार दी जो कि वादी के बांयी बॉह से लगकर निकलते हुयेचली गयी, जिससे वादी जमीन <नाम> गिर गया। थोड़ी देर <नाम> घर वालों को ज्ञात होनेपर 100 नम्बर <नाम> फोन <नाम> वादी को लेकर घर <नाम> आ गये तब <नाम> सौ नम्बर की पुलिस भी आ गयी तथा वादी व अन्य लोगों को थाने से मेडिकल व इलाज करानेहेतु भेज दिया। ",
"उपरोक्त तहरीर <नाम> मु0अ0सं0 69/2020 अन्तर्गत धारा147,148,149,323,325,307 व 504 थाना जगनेर जिला <नाम> <नाम> पंजीकृत कियागया। अभियुक्त दशरथ द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तों थान <नाम> दाउजी, <नाम> सिंह,पवन, <नाम> सत्यभान एवं पाँच छः: अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर वादी मुकदमामुकेश <नाम> उसके <नाम> हरिओम <नाम> एवं भतीजे <नाम> <नाम> को <नाम> से मारने कीनियत से लाठी डण्डा, सरिया, फर्सा व एवं अवैध हथियारों को लहराते हुये एक रायहोकर गंदी गंदी गालियां दी गयी एवं बुरी तरीके से मारा पीटा गया एवं अवैधइथियार से <नाम> से मारने की नियत से फायर किया गया जिसकी गोली वादी मुकेशशर्मा के बायी हाथ में लगते हुये निकल गयी। केस डायरी में मजरूब <नाम> शर्मा,इरिओम <नाम> एवं वादी चोटहिल <नाम> <नाम> के बयान अन्तर्गत <नाम> 161 दणप्र0सं0 मेंअभियुक्त दशरथ <नाम> अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ मिलकर <नाम> से मारने की नियतसे गोली चलाये जाने का कथन अभियोजन की ओर से कहा गया है। मेडिकल रिपोर्टमें मजरूब <नाम> <नाम> दाहिने हाथ की उंगली <नाम> फैक्चर <नाम> दर्शित किया गया है। ",
"इसके अतिरिक्त पत्रावली <नाम> दाखिल केस डायरी एवं चिकित्सीय प्रपन्नोंके अवलोकन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में मजरूब <नाम> <नाम> को 2.50जम को2.50 % 0.5 सेंमी0 बाची ऑख से सिर से 8 सेंमी0 उपर कान की ओर 3 सेमी0 »2.5 सेंमी0 सिर के मध्य भाग <नाम> गहरी चोट आने तथा मजरूब <नाम> <नाम> वादीको बायी बॉह से 0.5 सेमी0 % 2.5 सेंमी0 की चोटें आने का इन्द्राज चिकित्सक द्वारा X 1 सेंमी0 सिर के मध्य भाग <नाम> गहरी चोट व सूजन तथा मजरूब इरि किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6286_201913-11-20191829 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी, अभियुक्त के बहनोई व पैरोकारमोसीन <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाइलयास अंसारी द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृतकरायी गयी कि वह व उसके गाँव का भत्तीजा रहमत अंसारी दिनाक05.10.2019 को समय करीब 09:30 बजे <नाम> को अग्रसेन मील <नाम> सेट्रक संख्या- जे0एच0 11 / डब्लू0 2922 में 14400 टीन सरसों का तेल और200 कार्ट्न बोतल पैक सरसों का तेल लोडकर झारखण्ड जिला गिरिडिह जा रहा था। सैंया फलाईओवर रेलवे लाइन किनारे समय करीब रात 41:30 बजेआ रहा था इतने में पीछे से सफेद रंग की बोलेरों गाड़ी में सवार 5-68अज्ञात ने ओवरटेक <नाम> ट्रक को रोक लिया और उसके ट्रक में लोट <नाम> सहित लूट लिया तथा उन दोनों को बोलेरो में डाल <नाम> रात रात भर घुमाते रहे और उसे गाँव नयाबांस के जंगलों में सुबह छोड़कर भाग गए। उसका मोबाइल व उसके कंडक्टर का मोबाइल भी बदमाश छीन ले गए । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> नरायन एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिंक 13.10.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी की शिनाख्त कार्यवाहीनहीं करायी गयी है। <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी से कोई बरामदगीनहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का सह-अभियुकतगण से कोई संबंध व सरोकार नहीं है। यह प्रार्थी का प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त घटना में संलिप्त रहा है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6286 / 2019अब्दुल बनाम राज्यअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 05.10.2019 की समय 21:30 से 23:30 बजे के मध्य की है। प्रार्थी का नाम सह-अभियुक्तगण के कथन के आधार <नाम> <नाम> में आया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को पुलिस पार्टीद्वारा दिनाक 13.10.2019 को सह-अभियुकत सानू के गिरफतार किया गया हैतथा उसके कब्जे से <नाम> टीन सरसों के तेल के टीन बरामद होना बतायागया है। अभियोजन द्वारा उक्त <नाम> टीन सरसों का तेल प्रश्नगत अपराध सेसंबंधित होना कहा गया है। प्रार्थी द्वारा भी अपने कथन में उक्त तथ्य कीसंस्वीकृति की गयी है। सह-अभियुक्त बिजेन्द्र उर्फ पप्पू की जमानत पूर्व मेंइस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। अभियोजन की ओर सेप्रार्थी द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदा किया <नाम> दर्शित किया गया है। ",
"प्रार्थी को झूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रएक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1039_202110-02-20212616 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक » अभियुक्त के द्वारास्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा केतकार सिंहअवर अभियन्ता 33,141 के.वी.उपकेन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना खन््दौली,आगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक +को टीम के अन्य सदस्यों के साथ चैकिंग किये जाने <नाम> अभियुक्त रामेश्वरको बकाया <नाम> कनैक्शन विच्छेदित करने के <नाम> भी अवैध <नाम> से विद्युत काउपयोग <नाम> चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कीगयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में Forफँसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का बकाया जमाकर <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः: जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय । "
],
"judge-opinion": [
" (2)or vat के विद्धान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहींहै। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीद संख्या-ए789624 /03 दिनांकित 06.10.2018 अंकन 4,000 ,/- रूपये दाखिल की गयीहै। इस संबंध में कार्यालय अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड,एत्मादपुर, जिला <नाम> के द्वारा थानाध्यक्ष खन््दौली, जनपद <नाम> को एकपत्र इस आशय का प्रेषित किया गया है कि उपभोक्ता द्वारा अपना शमनशुल्क जमा <नाम> <नाम> है। अतः शमन शुल्क व पूर्ण बिल जमा करने के आधारपर पंजीकृत अपराध को समाप्त करने का कष्ट करे। इस पत्र <नाम> विद्युतविभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट का पृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_614_202004-03-2020299 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में आवेदक / अभियुक्त द्वारास्वयं का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है कि जिसमें यह वर्णित है किआवेदक / अभियुक्त का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईअग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है । अभियोजन कथानक व फर्द बरामदगी/ प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 25.07.2019 को आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-3 फतेहाबाद मय हमराह पुलिसकर्मचारीगण व एस.एच.ओ.निबोहरा वी.आर.दीक्षित व पुलिस टीम के मुखबिर कीसूचना <नाम> बताये स्थान <नाम> ग्राम जटपुरा के आगे ग्राम पोखरिया के सामनेमुखबिर ने आ रहे ऑटो की तरफ इशारा किया कि यह वही ऑटो है, जिसमेंशराब आ रही है, नजदीक आने <नाम> 08-00 बजे पकड़ लिया। पकडे गयेव्यक्तियों से नाम पता पूछा व जामातलाशी ली गयी तो पहले व्यक्ति ने अपनानाम चालक <नाम> बताया जामा तलाशी से पहने पेन्ट की दाहिनी जेब से 250रूपये व शर्ट की जेब से सेमसंग कंपनी का सफेद रंग का कीपेड मोबाइलबरामद हुआ, पिछली सीट <नाम> बैठे दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> बताया,जामा तलाशी से पहने शर्ट की जेब से 520 रूपये व दाहिनी जेब से <नाम> रंगका की पेड मोबाइल एमटीआर लिखा बरामद हुआ। ऑटो की तलाशी लेने परपिछले हिस्से में 9 पेटी अवैध शराब जिनको खोलकर <नाम> गया तो प्रत्येक पेटीमें 48 पव्वे जिन <नाम> किसी भी प्रकार की ब्राण्ड का लेबिल लगा हुआ नहीं पायागया। पव्वों के ढककन <नाम> एन.वी.डिस्टलरी एवं ब्रिअरी प्राएलि0 पंजाब एक्साइजअंग्रेजी भाष में <नाम> है। पकडे गये व्यक्तियों ने बताया कि यह शराब ग्राम _2-जटपुरा से शिवराम व कुंवरपाल के घर से ला रहे हैं तथा गॉव के ही शिवसिंह,लाखन के घर से भी अवैध शराब की पेटियाँ बरामद की जा सकती हैं। पकडेगये व्यक्तियों को साथ लेकर उनकी निशानदेही <नाम> शिवराम के यहाँ पहुंचे,जहाँ तीन व्यक्ति अवैध शराब की पैकिंग में लगे हुये थे, अभियुक्तगण द्वाराबताया गया कि यही शिवराम व कुंवरपाल हैं तथा तीसरे का नाम भाव सिह है। दरवाजा खटखटाने <नाम> उक्त तीनों व्यक्ति छत <नाम> होकर भाग गये। घर केअन्दर जाकर <नाम> तो अवैध शराब की पेटिया, क्यू आर कोड, ढक्कन, लेबिल,कैरमेल, खाली बोतलें पव्वे पाये गये, गिनती करने <नाम> 275 पव्वों की पेटिया,जिनमें 177 पेटी केजी रोमियो व्हिस्की की तथा 98 पेटी फाइटर ब्राण्ड कीलेबिल लगी बरामद हुई, 25 पेटी केजी रोमियो व्हिस्की 10पेटी बोतल पार्टीस्पेशल व्हिस्की, 25 पेटी ब्लू मूड स्पेशल, व्हिस्की कुल 720 बोतले, जिन परलेबिल एन.वी.डिस्टलरी एवं ब्रिअरी प्राछलि0 पंजाब जो अरूणाचल प्रदेश के लियेब्रिकी <नाम> पाया गया। कमरों की तलाशी लेने <नाम> 6000 ढक्कन, जिन परसरशादी <नाम> डिस्टलरी मंसूरपुर लिखा पाया गया व 1000 ढक्कन विभिन्नब्राण्डों के प्लास्टिक के खाली ढक्कन, 20000 क्यू.आर.कोड जिनको स्कैन करपाया तो <नाम> ब्राण्ड के वेव डिस्टलरी एवं ब्रिअरी लि0 अलीगढ प्राप्त हुआ,साथ ही 5000 रैपर नकली लेबिल फाइटर ब्राण्ड देशी शाराब निर्माता आसवानीसरशादी <नाम> डिस्टलरी एण्ड ब्रिअरी मंसूरपुर फार सेल इन उप्र०ऑनलीहिन्दी में <नाम> पाये गये 475 खाली पव्वे 15 जैरीकेन खाली व एक <नाम> रंगकी जैरी कैन भरी जिसमें शराब जैसा पदार्थ पीले रंग का पाच लीटर का कैनमें <नाम> रंग का तरल पदार्थ जिसको देखकर <नाम> ने बताया कि इसीकैमीकल से ये लोग शाराब का अवैध <नाम> से निर्माण करते हैं तथा नकली रैपरक्यू आर कोड चस्पाकर उ0प्र0 में बिकी <नाम> बनाकर अवैध शराब का कारोबारकरते हैं। कैन का ढक्कन खोलकर सूंधा गया तो तीक्ष्ण गंध आ रही है, जोविषाक्त जैसी प्रतीत होती है। पकड़े गये अभियुक्तों की निशानदेही <नाम> शिवसिंह व लाखन की दुकानों की तरफ आगे बढ रहे थे कि दूर से हम लोगों नेदेखा तो <नाम> <नाम> व लाखन <नाम> उपरोक्त अपनी दुकानों का शटर गिराकरमौके से भाग गये दुकानों का शटर उठाकर <नाम> तो शराब की पेटिया भरी हुईहैं। <नाम> <नाम> की दुकान में 700 पेटी पौवे की पायी गयी तथा लाखन कीदुकान का शटर खोलकर <नाम> गया तो 91 पेटी पौव्वों की अवैध शराब भरी है,जिनके लेबिल <नाम> केजी रोमियो व्हिस्की एन.वी.डिस्टलरी एण्ड ब्रिअरी लि0पंजाब <नाम> है, जो अरूणाचल प्रदेश में बिकी <नाम> है। बरामद <नाम> में सेपरीक्षण <नाम> <नाम> पवे केजी रोमियो <नाम> पव्वे फाइटर देशी शराब व एक बोतल -3-ब्लू मूड व एक बोतल पाटी स्पेशल व्हिस्की निकाल <नाम> मौके <नाम> ही तकनीकी परीक्षण <नाम> तीव्रता मापी गयी । बरामद <नाम> का नमूना बनाकर सील सर्व मुहरकिया गया। फर्द मौके <नाम> मुझ आबकारी निरीक्षक द्वारा तैयार की गयी। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 25.07.2019 को अभियुक्तगण दिनेश,संजय, शिवराम, कुंवरपाल, <नाम> <नाम> लाखन व भाव <नाम> के विरूद्ध अपराधसंख्या-106,/2019 <नाम> धारा-60/63/72 आबकारी अधिनियम व 272, 273,420, 467, 468, 471 भा०द0सं0 का अभियोग थाना निबोहरा, <नाम> परपंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त को गाव की पार्टीबन्दी एवं इलाका पुलिस के द्वारा झूंठाफॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त ने घटना से पूर्व शिवराम पुत्र विटकोलीको एक किता दुकान हलवाई के कार्य <नाम> 300/-रूपये प्रतिमाह <नाम> दी थी,जिसका किरायानामा लिखवाया था। वह निर्दोष है। अतः अग्रिम जमानत परछोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये आवेदक / अभियुक्त अवैध शराब काकारोबार करता है तथा अन्य प्रान्तों से शराब लाकर उसकी अवैध बिकी करताहै, जब पुलिस उसकी दुकान <नाम> कार्यवाही करने <नाम> जा रही थी, तो वहपुलिस को देखकर दुकान को छोडकर भाग गया, पुलिस के द्वारा उसकीदुकान से 91पेटी अवैध शराब बरामद की गयी है। आवेदक / अभियुक्त काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थितविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"प्रशम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से प्रकट होता है कि जब आबकारीनिरीक्षक पुलिस <नाम> के साथ अन्य अभियुक्तगण के बताने परआवेदक /अभियुक्त की दुकान <नाम> जा रहे थे, तो उनको देखकरआवेदक / अभियुक्त मौके से भाग गया। आबकारी निरीक्षक व पुलिस बलके द्वारा आवेदक /अभियक्त की दुकान से भारी <नाम> में 91 पेटी अवैध शराबबरामद की गयी, जैसा की प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> है। प्रथम सूचनारिपोर्ट की के अवलोकन से यह विदित होता है कि आवेदक/ अभियुक्त प्रथम -4-सूचना रिपोर्ट में नामित है। अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र के अवलोकन से यहप्रतीत होता है कि आवेदक// अभियुक्त के विरूद्ध विवेचना प्रचलित है। प्रथमदृष्टया यह समाधान होने का कोई आधार नहीं है कि रिपोर्ट असद्भावी <नाम> सेदर्ज कराई गई है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1142_202123-02-20212018 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त की मां/ पैरोकार <नाम> बेबीने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा टीकमसिंह ने थाना लोहामण्डी <नाम> दिनांक 30.12.2020 को इस आशय की तहरीर दी किवह दिनांक 30.12.2020 को मय वन दरोगा <नाम> <नाम> व माली गोविन्द <नाम> वाइल्ड लाइफ काइन कण्ट्रोल, ब्यूरो नई दिल्ली से प्राप्त सूचना के कम में थाना लोहामण्डीउपस्थित आये, जहां से रपट नं0 51 समय 19.45 बजे पुलिस उपनिरीक्षक जितेन्द्रसिंह राजपूत मय हमराहियान थाना लोहामण्डी <नाम> से वन विभाग एवं पुलिस कीसंयुक्त टीम द्वारा अक्की <नाम> <नाम> निवासी किदवई पार्क, हाल पता नाले के पासराजनगर थाना लोहामण्डी जो कि अक्की <नाम> की ससुराल घर है, में उपरोक्त सूचना <नाम> तलाशी ली गयी तो अक्की <नाम> उपरोक्त के कब्जे से मौके <नाम> प्रतिबंधितप्रजाति के तीन कछुओं के साथ गिरफूतार <नाम> समय 20.50 बजे हिरासत में लियागया। इसका साथी <नाम> पुत्र <नाम> मौके से भागने में सफल रहा। अभियुक्त की Bail Application/2327/2021 -Vishnu Vs. UP State 2जामा तलाशी ली गयी तो कछुओं के अलावा अन्य कोई चीज बरामद नहीं हुई । अक्की <नाम> से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि वह तथा <नाम> तथा सेक्टर12 स्थित शॉप नं0 3 डायमण्ड कॉम्पलेस जगदीशापुरा में मछली बेचने वाला सुनीलमिलकर <नाम> नदी से पकड़ <नाम> लाते हैं व बिकी करते हैं। इन दुर्लभ प्रजाति केकछुओं बहुत अच्छे पैसे मिलते हैं। अक्की <नाम> के बताये पते <नाम> टीम पहुंची तोसुनील को तलाश किया तो <नाम> मौके <नाम> मिला और उसके कब्जे से दो दुर्लभप्रजाति के कछुए बरामद हुए। अभियुक्त उपरोक्त को 22.05 बजे हिरासत में लियागया। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना लोहामण्डी,आगरा <नाम> अभियुक्तगण अक्की <नाम> <नाम> <नाम> एवं <नाम> के विरूद्ध मु0अ०सं0219/ 2020 अंतर्गत <नाम> 9, ३9, 50, 51 वन्य <नाम> (संरक्षण) अधिनियम पंजीकृतहुआ। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक/अभियुक्त को झूंठा फंसाया गया है तथा वहनिर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में दिये गये कथन असत्य हैं। इलाका पुलिस नेउसे घर से बुलाकर झूंठा बंद <नाम> <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त कछुओं के कयविकृय का का कोई <नाम> नहीं करता है। आवेदक / अभियुक्त की <नाम> का रहनेवाला <नाम> पुत्र प्रेमसिंह कछुओं के कय विकय का कारोबार करता है और उसनेपुलिस से मिलर उसे मामले में नामित करते हुए झूंठा फंसा <नाम> है। घटना काकोई जनसाक्षी नहीं है। उसे मौके से गिरफूतार नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 10.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालय में यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै, इसक अलावा आवेदक,/ अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोई जमानत्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने यह भी <नाम> प्रस्तुत किया है किसह-अभियुक्त <नाम> की जमानत पूर्व में इस न्यायालय से स्वीकार हो चुकी है। अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है किन्तु इस तथ्य कोस्वीकार किया गया है कि सह-अभियुक्त की जमानत पूर्व में स्वीकार हो चुकी है। "
],
"judge-opinion": [
" Bail Application/ 2327/2021 —-Vishnu Vs. UP State 3अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा थाने की रिपोर्ट एवंकेस डायरी का अवलोकन किया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त को मौके से भाग जानाबताया गया है। आवेदक / अभियुक्त को अन्य अभियुक्त के बताये जाने <नाम> मामलेमें मुल्जिम बनाया गयाहै। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का जो 6मुकदमों का आपराधिक इतिहास बताया गया है किन्तु उक्त मामलों के संबंध मेंअभियोजन की ओर से कोई दोषसिद्धि का साक्ष्य नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा यह कथन किया गया है कि संबंधित थाने की पुलिस नेउसे घर से पकड़ <नाम> झूंठा फंसाया है, जबकि उससे कोई बरामद नहीं हुई हैतथा इस संबंध में उसकी ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 01.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_672_202018-03-202017 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी ,/ अभियुक्त के पिता व पैरोकारताजउददीन के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा दीपकगौड़ द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयीकि वह दिनाक 21.02.2020 को समय करीब 07:20 बजे <नाम> घोघई चौराहाकि तरफ से पश्चिमपुरी की तरफ आ रहा था कि तभी मोटरसाईकिल अपाचेरंग सफेद व एक <नाम> रंग की अपाचे, जिन <नाम> दो दो लड़के सवार थे। सफेद रंग की अपाचे <नाम> सवार लड़कों द्वारा उसमें धक्का मारा गया जिससेवह नीचे गिर गया तभी <नाम> रंग की अपाचे <नाम> सवार लोगों के द्वारा उसकामोबाइल छीन लिया गया और भाग गए। उसका मोबाइल टैक्नों कम्पनी काआईएएस मोबाइल फोन है। इन्ही दोनों मोटरसाईकिलों द्वारा कारगिल तिराहा Bail Application/3756/2020 -UP State Vs. Sohail 2से <नाम> पुत्र शिवशंकर का मोबाइल फोन वीवो का <नाम> 07:40 बजे छीनकर ले जाया गया था। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींfoo 8, ae frets 81 weit festa 22.02.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी कीशिनाख्त कार्यवाही नहीं करायी गयी है। सह-अभियुक्त <नाम> ने प्रार्थी से15,000 //- रूपए उधार लिए थे। <नाम> द्वारा पैसे <नाम> लौटाने <नाम> प्रार्थी नेदबाव <नाम> तो <नाम> के मन में खटास आ गयी और उसे बेइज्जती महसूस होने <नाम> स्वयं के ज्ञात कारणों, जलन व रंजिश रखने की वजह से एकसाजिश के तहत वह अपना मोबाइल व बिल प्रार्थी के पास रख गया था तथा यह कहकर गया था कि पैसे देकर अपना मोबाइल ले जांउगा। उसने पुलिसकी मदद से प्रार्थी को झूठा फंसा दिया। प्रार्थी से लूट का कोई <नाम> बरामदनहीं हुआ है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीननहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थ / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त अन्य के साथ मिलकर द्वारा वादी मुकदमा केमोबाइल की लूट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 21.02.2020 की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टदिनाक 22.02.2020 को दर्ज करायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा का मोबाइल लूटे जाने काआरोप है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि पुलिस पार्टी द्वारा दिनाक 22.02.2020को प्रार्थी को अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे से प्रश्नगत प्रकरण में लूटा गया मोबाइल बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया Bail Application/3756/2020 -UP State Vs. Sohail 3है। प्रार्थी द्वार अपने कथन के समर्थन में प्रश्नतत मोबाइल के बिल कीछायाप्रति प्रस्तुत की गयी है जिसका खण्डन अभियोजन की ओर से नहींकिया गया है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहासप्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रार्थी लगभग 25 <नाम> से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। सह-अभियुक्त <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक12.03.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5043_201918-09-20193978 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पुत्र <नाम> <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक अरूण कूमार द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीदर्ज करायी गयी कि दिनाक 15.08.2019 को वह मय हमराहियान चैकिंग कररहे थे तो एक व्यक्ति चैकिंग होती देख बैरियर से करीब 20 <नाम> पहले हीमोटरसाईकिल को रोककर पीछे मोड़ <नाम> भागने का प्रयास करने लगा जिसपर मोटरसाईकिल रफ्ट <नाम> गिर पड़ी और उसे गैर जाहिरा चोटलगी। भागनेका मौका दिए <नाम> पुलिस ने उसे उसी स्थान <नाम> पकड़ लिया। नाम पतापूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। जामा तलाशी से कब्जे से मोटरसाईकिल नं0. यूठपी0 80 / डी0वी0 5180 हीरो (2) वश \"अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-ए8 आगर। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5043 / 2019कुंवर <नाम> बनाम राज्यहोण्डा साईन बरामद हुई। गाड़ी के कागजात तलब किए तो दिखाने मेंHR रहा। पूछने <नाम> उसने उक्त गाड़ी चोरी की होना कहा तथा बतायाकि इससे पहले भी कई गाड़ियाँ चोरी की हैं जो कुंवरसेन की मदद से ३-4हजार रूपए में अंजान लोगों को बेच देते हैं। <नाम> भी हमारे पास 40-12मोटरसाईकिलें हैं। अभियुक्त की निशानदेही <नाम> अभियुकत कुंवरसेन कोगिरफ्तार किया गया तथा 10 अन्य चोरी की मोटरसाईकिलें बरामद कीगयीं। मोटरसाईकिल <नाम> धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से फर्जी नम्बर डालरखा था। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> डीएसी0 <नाम> एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को विगत <नाम> <नाम> सुना जा चुका है। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त घटना में सम्मिलित रहा है और उसके द्वारासह-अभियुक्त के साथ मिलकर मोटरसाईकिलें चोरी की गयीं हैं। पुलिसपार्टी द्वारा सह-अभियुकत <नाम> <नाम> की निशानदेही <नाम> प्रार्थी को गिरफतारकिया गया है तथा 10 मोटरसाईकिलें बरामद की गयीं हैं। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 16.08.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। बरामद मोटरसाईकिलों के संबंध में कोई शिकायत होना नहींबताया गया है। गिरफतारी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन ननहीं है। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले मेंघटना दिनाक 15.08 2019 की समय 22:00 बजे से 00:30 बजे के मध्य की है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी कुंवर <नाम> व 10 मोटरसाईकिलों को बरामदकिया <नाम> दर्शित किया गया है। जिस मोटरसाईकिल <नाम> प्रार्थी का बैठा (3)अपर सत्र न्यायाधीश, ater ec, aजमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5043 / 2019कुंवर <नाम> बनाम राज्यहोना कहा गया है वह मोटरसाईकिल मुकदमा अपराध सख्या--186 / 2019धारा 379 भारतीय दण्ड <नाम> थाना शमसाबाद, <नाम> से संबंधित होनाबताया गया है। अन्य मोटर साईकिलों को किसी अपराध से सम्बद्ध नहींकिया गया है। प्रार्थी इस प्रकरण में एक माह से जिला कारागार में निरूद्धहै। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहींकिया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7070_201920-12-2019145 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त की मॉ श्रीमतीराजवती <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहउसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 28.09.2019 को एस.आई.अवनीश <नाम> हमराह पुलिस कर्मचारीगण केसाथ देखरेख शान्ति व्यवस्था चौकी फाउण्ड्रीनगर <नाम> में मामूर थे तथा गस्तकरते हुये टेडी बगिया चौराहे <नाम> पहुंचे, तभी मुखबिर खास की चोरी कीमोटरसाइकिल की सूचना <नाम> मुखबिर के बताये स्थान <नाम> नगर तिराहे सेझाडियों में पेड़ के पीछे खड़े हुये थे, को पकड़ लिया। पहले ने अपना नामअजय बताया, जामा तलाशी ली गयी तो दाहिनी पेन्ट के सुड्डे से एक तमंचा12बोर तथा बायी पेन्ट से एक अदद कारतूस 12बोर बरामद हुआ। दूसरे नेअपना नाम <नाम> उर्फ मिरिण्डा उफ संजू बताया। दोनों व्यक्तियों से झाडी मेंखड़ी <नाम> मोटरसाइकिल व एक एक्टिवा के बारे में पूछा गया तो बताया किहम दोनों व्यक्ति टू-व्हीलर वाहनों की चोरी करते हैं व चोरी के वाहनों कोखरीदने बेचने का <नाम> करते हैं, आज वाहनों को गाडी में भरकर कही लेजाकर बेचने की फिराक में थे कि आपने हमें पकड लिया। बरामद मोटरसाइकिल व एक्टिवा के पंजीयन संख्या व इंजन नंबर व चैसिस नंबर प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> है। बरामद तमंचा व कारतूस को कपडे में रखकर सीलसर्वमुहर <नाम> नमूना मौहर तैयार किया गया। अभियुक्तगण को उनके जुर्म सेअवगत कराते हुये हिरासत में लिया गया। फर्द मौके <नाम> बिजली व टार्च की <नाम> में लिखाई गई । ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 29.09.2019 को 01-41 बजे परअभियुक्तगण <नाम> <नाम> व <नाम> उर्फ मिरिण्डा उफ सन्जू क विरूद्ध अपराधसंख्या-748/2019 <नाम> धारा-379, 411, 414 भा०द0सं0 का अभियोग थानाएत्माददौला, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया, दौरान विवेचना इस मामले मेंविवेचक के द्वारा <नाम> 420 भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठा फॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। सच बात यह है कि पुलिस ने <नाम> को घर से पकड़कर पूर्व <नाम> केअनुसार उक्त कस में झूंठा फँसा <नाम> है और झूंटी बरामदगी दर्शायी है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> व <नाम> से पाँच वाहनों की <नाम> बरामदगीदर्शायी गयी है, जो कि असम्भव व मनगढन्त है। बरामदगी स्थल व्यस्ततम रोड होने के बाबजूद स्वतन्त्र <नाम> का <नाम> नहीं बताया गया है। आवेदक / अभियुक्त अब <नाम> किसी केस में सजा याफूता नहीं है। उक्त अपराधसंख्या-748/2019 में आवेदक / अभियुक्त की जमानत दिनांक 19.11.2019 कोस्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.09.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः <नाम> 420 भा0द0सं0 में जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि पुलिस टीम के द्वाराआवेदक / अभियुक्त को इसके एक साथी के साथ मुखबिर की सूचना परपकडा गया और पॉच चोरी की मोटरसाइकिल/एक्टिवा बरामद की है। आवेदक / अभियुक्त क द्वारा उक्त मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट के नंबरो धोखादेने की नीयत से बदला गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया । ",
"इस मामले में आवेदक / अभियुक्त व इसके साशी से <नाम> मोटरसाइकिलव एक एक्टिवा बरामद होना दर्शाया गया है, जिनको चोरी की होना बताया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त क द्वारा उपरोक्त बरामदगी से इंकार किया गया है। आवेदक / अभियुक्त से हुई इस बरामदगी का कोई स्वतन्त्र जनसाक्षी नहींदर्शाया गया है। ",
"पूर्व में इस न्यायालय के द्वारा आवेदक/ अभियुक्त का इसी अपराधसंख्या-748/2019 में जमानत आवेदन पत्र संख्या-6398/2019, अंतर्गतधारा-379, 411, 414 भा०द0सं0 थाना एत्माद्दौला, <नाम> दिनांक 19.11.2019को स्वीकार किया जा चुका है तथा दौरान विवेचना विवेचक के द्वारा इसमामले में <नाम> 420 भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी है। ",
"चूंकि इस अपराध की मुख्य धाराओं में आवेदक / अभियुक्त की जमानतपूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.09.2019 से जेलमें है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2233_202102-04-2021362 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पत्नी विनीतादेवी का शपथपन्न संलग्न किया गया है । आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व अभियोजन की तरफ से उपस्थितविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुन लिया है और केस डायरी तथाप्रपत्रों का अवलोकन <नाम> लिया है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा हरिपाल <नाम> द्वाराथाने में इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी कि दिनांक 03.12.2020 को वह अपनी बुआजी निवासी <नाम> नगर <नाम> के साथ <नाम> से @)कागारौल को आ रहा था समय <नाम> 4:00 बजे चौराहे रसूलपुर से 300 मीटर भरतपुरकी तरफ दो आज्ञात व्यक्ति बाइक से उसकी बुआजी की सोने की चैन तोडकर लेगये । ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत कियागया कि प्रार्थी/अभियुक्त को उरोक्त मुकदमें में झूठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं है। पुलिस द्वारा जो बरामदगी दिखायी गयी है वह फर्जी दिखायी गयीहै। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के उद्देश्यसे प्रार्थी/ अभियुक्त को घर से उठाकर तीन <नाम> <नाम> थाने में बन्द रखा और उसकेउपरान्त <नाम> के समय थाने से गाड़ी में बिठाकर खेतों की तरफ एकान्त स्थान <नाम> लेजाकर प्रार्थी के पैर में गोली मार दी और थाने <नाम> लाकर मनगढ़न्त कहानी बनाते हुए उक्त मुकदमे में झूंठा फंसा दिया। अभियुक्त के कब्जे से कोई <नाम> बरामद नहीं हुआहै । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 31.12.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिक द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि पुलिस द्वाराअभियुक्त को <नाम> अभियुक्तों तथा चोरी किये गये <नाम> के साथ मौके से गिरफ्तारकिया गया है। अभियुक्त ने <नाम> अभियुक्तों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दियाहै । अभियुक्त अन्य वारदातों में भी संलिप्त पाया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंवादी द्वारा दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उसकी बुआजी की सोने की चैन तोडकर लेजाना बताया गया है। पुलिस द्वारा अभियुक्त को <नाम> अभियुक्तगण के साथ चोरी कियेगये <नाम> के साथ गिरफ्तार करना कहा गया है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र साक्षीनहीं बताया गया है। रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। गिरफ्तारी का कोईजनसाक्षी नहीं बताया गया है। आवेदक/ अभियुक्त की मु0अ0सं0 493/2020अंतर्गत <नाम> 380,457,411 भा0दं0सं0 में जमानत इसी न्यायालय द्वारा दिनांक 01.03.2021 को स्वीकार की जा चुकी है तथा मु0अ0सं0 ३321/2020 अंतर्गत धारा457,380,411भा0दं0सं0,थाना एत्मादपुर, मु0अ0सं0 6442020 अंतर्गत <नाम> 380,411भा0द॑0सं0, थाना जगदीशपुरा, मु0अ0सं0 6862020 अंतर्गत <नाम> 457,380,411भा0दं0सं0 थाना जगदीशपुरा तथा मु0अ0सं0 880/2020 अंतर्गत <नाम> 457,380,411भा0दं0सं0 थाना एत्माददौला, तथा मु0अ०सं0 407 /2020 अंतर्गत <नाम> 457,380,411 3)भा0दं0सं0 थाना मलपुरा में जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-9, आगराद्वारा को स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 31.12.2020 से जेल में निरूद्धहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2800_201906-06-20193264 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण का प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र संख्या-2624// 2019 दिनांक 21.05.19 को <नाम> <नाम> दिये जाने के कारणसत्र न्यायाधीश, <नाम> द्वारा खारिज किया जा चुका है। ",
"फर्द बरामदगी/ गिरफ्तारी के अनुसार दिनांक 11.05.2019 कोमुखविर से सूचना प्राप्त होने के उपरान्त औषधि निरीक्षक <नाम> <नाम> ब्रजेशकुमार <नाम> सायंकाल 06.00 बजे थाना कोतवाली <नाम> <नाम> पहुंचकर कारणबताते हुए आवश्यक पुलिस <नाम> की मांग किया जिस <नाम> सायंकाल 06.30 बजेथाना कोतवाली से उपनिरीक्षक <नाम> कुष्ण <नाम> व कांस्टेबिल <नाम> <नाम> <नाम> केसाथ में मिलकर अमरजैँसी चौराहा हॉस्पीटल रोड <नाम> पहुंचे, जहां <नाम> एक ठेलेमें बोरे में कुल कॉर्टून बांधकर ले जाये जा रहे थे जिसे रोककर चैक किया गया। भारी <नाम> में सीरप भरे हुए बॉटल कॉर्दून में पाये गये तथा ठेले के साथ दोव्यक्ति मौजूद थे जिन्होंने अपने नाम <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> आधार <नाम> एवंदूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र देवनारायन <नाम> जिनका पता फर्द बरामदगीमें उल्लिखित है, बताये। जांचोपरान्त कोरेक्स-टी-सीरप एवं वेल-सी-रेक्स सीरपके कुल 14 कॉर्टून जिसमें कुल 100-100 एम.एल. की 1440 सीरप की बोतलें पायींगयीं जो एन.आर.एक्स के अन्तर्गत आते हैं। पूछताछ में अभियुक्त संजयकुमार द्वारा बरामद करने वाले अधिकारियों को यह बताया गया किकोरेक्स-टी-सीरप, <नाम> श्रीराम फार्मा, मुबारक <नाम> माकेट, <नाम> से लाया गयाहै तथा वेल-सी-रेक्स सीरप, <नाम> <नाम> जी.एस.मैडीको से लाया गया है। मौकेपर दो संदिग्ध औषधियों के नमूने जांच व परीक्षण <नाम> सील किये गये। फर्द _ 2 __ बरामदगी मौके <नाम> लिखी गई। भलाई-बुराई के <नाम> <नाम> का कोई व्यक्तिगवाही <नाम> तैयार नहीं हुआ। एन.डी.पी.एस.रूल्स 1985 के नियम-66 का उल्लघंनपाते हुए एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा-21 के अन्तर्गत अभियुक्तगण को हिरासत मेंलिया गया। गिरफ्तारी का समय 09.37 पी.एम. बताया गया। वादी की तहरीर परअभियोग पंजीकृत होकर विवेचना प्रचलित है। ",
"प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण ने अपने इस द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्रमें यह उल्लेख किया है कि प्रस्तुत मामले में उन्हे झूठा फसाया गया है, वे निर्दोषहैं। उनका प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> दिये जाने के <नाम> खारिज हुआ है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के अनुसार वे अनपढ़ व रिक्शा चलाकर मेहनत-मजदूरीकरते हैं, उनका बरामद सीरप इत्यादि से कोई वास्तव व सरोकार नहीं है, <नाम> हीफद॑ बरामदगी का <नाम> का कोई व्यक्ति स्वतन्त्र <नाम> है। प्रस्तुत मामला एन.डीपी.एस. एक्ट की <नाम> में नहीं आता और <नाम> ही औषधि निरीक्षक को चालान करनेका कोई अधिकार है। कोरेक्स सीरप दवा इत्यादि में प्रयोग आने वाली अनुसूची'एच' का डग है जिसका एन.डी.पी.एस. एक्ट क प्राविधानों से कोई वास्ता वसरोकार नहीं है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण जमानत देने को तैयार हैं तथा वे कईदिनों से जेल में निरूद्ध हैं। अतः उन्हे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"अभियोजन द्वारा प्रार्थीगण / अभियुक्तगण की जमानत का यह कहकरविरोध किया गया कि प््रार्थीगण/अभियुक्तगण के पास से भारी <नाम> मेंकोरेक्स-टी-सीरप एवं वेल-सी-रेक्स सीरप बरामद हुए हैं। अतः वे जमानत पानेके <नाम> नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना एवं उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों का परिशीलन किया । ",
"फर्द॑ बरामदगी व गिरफ्तारी के अनुसार प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण केअध्यासन से 100-100 एम.एल. की कीरेक्स-टी-सीरप एवं वेल-सी-रेक्स सीरपकी कुल 1440 बोतलें बरामद करना बताया गया है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण केअनुसार उपरोक्त सीरप को कॉर्टून में मजदूरी के <नाम> में लादकर ले जा रहे थे,बरामद सीरप का उनसे कोई वास्ता व सरोकार नहीं है। अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-7, <नाम> के समक्ष प्रस्तुत फौजदारी प्रकीर्ण प््रार्थनापत्रसंख्या-542/19 <नाम> बनाम <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> में पारित आदेशदिनांकित 30.05.19 के अनुसार प्रार्थीगण/अभियुक्तगण का रिमाण्ड रिफ्यूज काप्रार्थनापत्र खारिज किया जा चुका है जिसकी सत्य <नाम> संलग्न पत्रावली है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण की तरफ से प्रस्तुत ड्रग्स एवं कॉस्मैटिक संशोधनअधिनियम 2006 प्रस्तुत <नाम> यह कहा गया है कि कोडीन नामक दृव्य का प्रयोगसीरप में किया जाता है जो दवा इत्यादि के <नाम> आता है। प्रस्तुत मामला ड्रगअधिनियम से संबंधित है, एन.डी.पी.एस.एक्ट क प्रावधान प्रस्तुत मामले में आकर्षितनहीं होते । प्रार्थीगण/अभियुक्तगण दिनांक 12.05.19 से जेल में निरूद्ध हैं, उनकाअन्य कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_433_202109-02-20212655 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"मु0अ०सं0-11 / 2021 दिनांकः 09.02.2021आदेशयह जमानत प्रार्थना पत्र आवेदक,/ अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा अन्तर्गत 147,148,149,307,504 भा०दं0सं0, थाना-खन्दौली, जिला <नाम> के मामले में वास्तेजमानत प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार रामकिशोर ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प््ार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन के अनुसार प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा एस0ओ0 <नाम> <नाम> निर्वाल द्वारा फर्द बरामदगी के आधार <नाम> थाने परप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनांक 12.01.2021 को वादी मय हमराहियान वहवाले रपट नं0 04 समय करीब 00.45 बजे रवाना होकर वास्तेरोकथाम जुर्म जरायम <नाम> गस्त में कसबा खंदौली व मुळी से गस्त करता हुआ जलेसरआगरा रोड के किनारे बन्द पड़े <नाम> पेट्रोल पंप <नाम> पहुँचा तभी थानाध्यक्ष कुलदीपदीक्षित मय हमराहीयान गस्त करते हुए आ गये, पुलिस वाले आपस में बदमाशों कीधडपकड़ और जुर्म जरायम रोकथान के संबंध में वार्ता <नाम> रहे थे तभी जलेसर रोड कीतरफ से एक <नाम> पहिया वाहन आता दिखायी <नाम> जिसको रोकने के लिए हम पुलिसवालों ने टार्च की <नाम> मारते हुए आवाज देते हुए रोकने का इशारा किया तो अपनेआपको घिरा देखकर गाड़ी को सडक <नाम> ही रोककर खिडकियाँ खोल खोल <नाम> यहकहते हुए कि पुलिस वाले हैं सालों को मारो नहीं तो हम पकड़े जा सकते है और पुलिस 2)वालों <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे तभी पुलिस वालों नेसाहस का परिचय देते हुए आत्मरक्षार्थ फायरिंग की और हमराहीयान कौ मदद से 8व्यक्तियों को सड़क <नाम> गाड़ी से 50 <नाम> की दूरी <नाम> पकड़ लिया, नाम पता पूँछते हुएजामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम प्रवीन <नाम> <नाम> पुत्र रमेश चन्द बताया,जामा तलाशी में एक मोबाइल सेमसंग, 2000 रूपये, एक पोनिया 12 वोर, एक जिन्दा कारतूस 12 वोर बरामद हुआ, दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र यमुनाप्रसाद बतायाजामा तलाशी में एक अदद तमंचा 12 वोर एक जिन्दा कारतूस 12 वोर बरामद हुआ, तीसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र यमुनाप्रसाद, जामा तलाशी मे एक मोबाइल सेमसंग,एक तमंचा 315 वोर, एक जिन्दा कारतूस 315 वोर, चौथे ने अपना <नाम> <नाम> पुत्रदिनेश <नाम> बताया, जामा तलाशी में एक मोबाइल सैमसंग गोल्डन, <नाम> विभिन्न प्रकार की चाबियाँ व दो जिन्दा कारतूस 112 वोर बरामद हुए, पॉचवे ने अपना नाम विकासयादव पुत्र धर्मवीर <नाम> जामा तलाशी में एक मोबाइल रेडमी, एक लोहे का रिंच, एकछोटी टार्च व 2 अदद कारतूस जिन्दा 12 वोर बरामद हुए, छठे ने अपना नाम सर्जनकुमार <नाम> पुत्र देवेन्द्र <नाम> बताया, जामा तलाशी में एक मोबाइल लावा कंपनी,एक अदद् प्लास व दो अदद जिन्दा कारतूस 12 वोर बरामद हुए, सातवें ने अपना नाम सुबोधकुमार <नाम> पुत्र गजाधर बताया, जामा तलाशी में एक मोबाइल सेंमसंग, दो अदद जिन्दा कारतूस 12 वोर बरामद हुए,आठवें ने अपना नाम कन्हैया पुत्र चम्पाराम बताया, जामा तलाशी में एक अदद आरी ब्लेट लोहा, एक अदद टार्च, दो अदद् कारतूस 12 वोर बरामदहुए। भागे हुए साथी का नाम <नाम> उफ बरी बताया, जब भागे हुए बदमाश की पुलिसबल द्वारा खोजबीन की गयी तो <नाम> पेट्रोल पंप के बरामदे में एक व्यक्ति कराहताहुआ मिला, उसे पकड़कर पूँछा तो अपना नाम <नाम> उफ वर्दी पुत्र <नाम> <नाम> बताया, जिसके कब्जे से एक अदद् तमंचा 315 वोर तथा एक खोख कारतूस तमंचे के पास जमीनपर पड़ा हुआ तथा जेब से एक जिन्दा कारतूस 315 वोर बरामद हुआ। ",
"वादी कौ फर्द/तहरीर <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध थाना खन्दौली <नाम> मु0अ0सं0-11/2021 अन्तर्गत धारा-147,148,149,307,504 भा०द0सं० में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि्रार्शी/अभियुक्त को दिनाक 12.01.2021 को फर्जी मुठभेड़ पुलिस द्वारा दर्शाकर इसकेस में झूठा संलिप्त <नाम> <नाम> है, उसने किसी प्रकार का कोई अपराध नहीं किया, वहनिर्दोष है। वास्तव में प्रार्थी/अभियुक्त को पूछतॉछ के बहाने घर से उठाया था औरउसे छोड़ने की एवज में 50 हजार रूपये की मॉग की, <नाम> करने <नाम> फर्जी बरामदगीदर्शाकर इस कस में फँसा <नाम> है। अभियुक्त ने किसी भी पुलिस कर्मी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर नहीं किया। उक्त घटना का कोई <नाम> का निष्पक्ष गवाहनहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 3)12.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। <नाम> अभियुक्त कन्हैया की जमानत अपरसत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0०-1, <नाम> के द्वारा दिनांक 02.02.2021 को स्वीकार होचुकी है और समानता के आधार <नाम> अभियुक्त भी जमानत पाने का <नाम> है। विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक की ओर से अपराध को गम्भीर <नाम> काबताते हुए जमानत का विरोध किया गया व जमानत आवेदन निरस्त किये जाने कीयाचना की गई है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक को सुना एवं उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प््रार्थी/अभियुक्त परसह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर एक <नाम> होकर अवैध हथियारों से लैश होकरपुलिस की चैकिंग पार्टी <नाम> गाली-गलौज करते हुए <नाम> से मारने की एक नीयत सेफायर करने का आरोप है। हालॉकि इस मामले में एस0आई0 <नाम> <नाम> के चुटैलहोने का कथन किया गया है, परन्तु केस डायरी के साथ कोई मेडीकल रिपोर्ट नहींभेजी गयी है, जिससे स्पष्ट हो सके कि वादी या अन्य किसी कोई चोट लगी हो। थानेकी आख्या में भी उक्त घटना में किसी के कोई चोट आने का कोई जिक नहीं है। सहअभियुक्त कन्हैया की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-1, <नाम> के द्वारादिनांक 02.02.2021 को स्वीकार हो चुकी है, आवेदक/ अभियुक्त का रोल भी सहअभियुक्त के समान है, वह दिनांक 12.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है । "
]
} | 1GRANTED
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Bail Application_3595_201916-08-2019537 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के पिता व पैरोकाररामलक्षन के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा श्रीविष्णु द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनौक 19.07.2018 को समय करीब 11:30 बजे वह <नाम> से अपनीमोटरसाईकिल से अपनेसाले सतीशचंद के साथ ग्राम गुवरारी जा रहे थे तभीवाकलपुर व हिरनेर के बीच बने मन्दिर से थोडे आगे एक काला <नाम> पड़ाहुआ था जिसको देखकर उसने गाड़ी धीमी की तभी झाड़ियों से निकलकर2-3 लड़के आ गए और उसके साथ मारपीट <नाम> उसकी मोटरसाईकिल कोछीन लिया और <नाम> की तरफ भाग गए। वे ही लोग उसके बेग में रखे 50 हजार रूपए, कागजात, उसकी जेब में रखे मोबाइल छीन <नाम> खेतों की तरफभाग गए । इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वाराअन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट की गयी है। प्रार्थी से बरासदगी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रामऔतार शर्सा एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3595/2019राम बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 26.11.2018 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी से कोईबरामदगी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है । प्रार्थीको घर से पकड़ा गया है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मासले में घटनादिनाक 19.07.2018 की समय 23:30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथमिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट करने का आरोप है। केस डायरी केअनुसार प्रार्थी को घटना के लगभग <नाम> माह <नाम> दिनोक 26.11.2018 कोपुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफूतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक पिस्टल, <नाम> मोबाइल फोन, <नाम> जिन्दा कारतूस व200/ ~ रूपए बरामद कियाय <नाम> दिर्शत किया गया है। प्रार्थी साढे आठमाह से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय मेंप्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_268_202028-02-2020419 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदक / अभियुक्त भूदेव, अपराध संख्या-34/2020 अन्तर्गत धारा-380, 411 भा०दं0सं0 थाना-एत्माददौला, जिला-आगरा में अभियुक्त है । जमानत प्रार्थना पत्र में आवेदक / अभियुक्त की तरफ से कथन किया गया है कि आवेदक/ अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है, वह निर्दोष एवं निरपराध है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 20.01.220 से कारागार में निरूद्ध है। संलग्न शपथपत्र में वर्णित तथ्यों के आधारपर जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"<नाम> <नाम> <नाम> जो आवेदक/ अभियुक्त के मॉ/पैरोकार है औरमामले के तथ्यों से परिचित है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करते हुए कहा गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है। इसके अलावा अन्य कोई जमानत का प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहींहै। तत्पश्चात प्रथम सूचना रिपोर्ट के तथ्यों का वर्णन करते हुए कथन किया गया है प्रथम सूचना रिपोर्ट असत्य, भ्रामक कपोल कल्पित मनगढन्त तथ्यों <नाम> आधारित — 9) _है। वादी से आवेदक / अभियुक्त की पुरानी रजिंश चल रही थी जिसने थाना पुलिससे सॉँठगाठ करके आवेदक /अभियक्त को उपरोक्त मुकदमें में नामित करवा <नाम> है। अभियुक्त का उपरोक्त मुकदमें की घटना से किसी प्रकार का कोई सम्बन्धसरोकार नहीं है। अभियुक्त जब रात 03.0 बजे चोरी करने गया तो केस के वादीने पडौसी भूरी सिह जो कि जाग गया था अभियुक्त अकेला था जिसको दो आदमीअच्छी तरह से पकड सकते थे। अभियुक्त से थाना पुलिस ने सिलेन्डरों कीबरामदगी दिखाई गई है वह अपने उच्चाधिकारियों को खुश करने तथा गुडवकदिखाने को दर्शाई है। अभियुक्त के कब्ले से किसी प्रकार के कोई सिलेन्डर आदिकी बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त सजायाफूता नहीं है, उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाए। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध किया गया तथा कहा गया कि अभियुक्त व उसके साथी केकब्जे से वादी के चोरी किये गये दो सिलेन्डर व एक बैटरा बरामद हुए हैं। अभियुक्त की जमानत खारिज की जाए। "
],
"judge-opinion": [
"अपराध सं0-34 / 2020 दिनांक: 28.02.2020आवेदक / अभियुक्त भूदेव के प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र <नाम> उसकेविद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौ०) को सुना एवं थाने से प्राप्त आख्या एवं केस डायरी का सम्यक परिशीलनकिया। ",
"मैंने उपलब्ध कागजात, थाने से प्राप्त आख्या तथा केस डायरी कासम्यक परिशीलन किया । प्रशम सूचना रिपोर्ट के कथन हैं कि वादी मुकदमा भगवान <नाम> शाहदरा सब्जी मण्डी थाना एत्माददौला, <नाम> का रहने वाला है। वादी ने थानेपर तहरीर इस कथन के साथ प्रस्तुत की कि- “दिनांक 20.01.2020 की समय 03.00 बजे रात घर <नाम> सो रहा था तभी खटपट की आवाज आयी और मेरी नींद खुल गई। तो मैने <नाम> दो लोग जिनका नाम भूदेव पुत्र <नाम> <नाम> और <नाम> पुत्र प्रेमचन्द निव0 शाहदरा जो कि मेरे दो सिलेन्डर चोरी करके ले गये मैने शोर बचायातो मेरे पड़ौसी भूरी <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> जगकर आये और उसने बताया कियही लोग मेरे घर से बैटरा चुरा <नाम> ले गये थे। जब हम लोग और हमारे पड़ौसीचोरों के घर गये तो वो लोग घर <नाम> नहीं मिले। अब हम दोनों लोग थाने आयेहै” उक्त के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमा अपराध सं0 34/2020 अर्न्तगत <नाम> 380 भा०द0सं0 अभियुक्त भूदेव व <नाम> के विरूद्ध पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचनादिनांक 20.01.2020 को मुखविर की सूचना <नाम> <नाम> अभियुक्त <नाम> के साथअभियुक्त भूदेव को पकडा तथा दोनों के कब्जे से दो सिलेन्डर व एक बैटराबरामद हुए । ",
"मैनें केस डायरी के साथ सल॑ंग्न फर्द बरामदगी का सम्यक परिशीलन किया,जिसमें <नाम> किया गया है कि दिनांक 20.01.2020 को जब उप निरीक्षकनित्यानन्द <नाम> हमराही हैड का0 <नाम> <नाम> के साथ मुकदमें से सम्बच्धितमुल्जिमान की तलाश में चौकी नुनिहाई <नाम> में मामूर थे, मुखविर की सूचना <नाम> — 3 _ खल्तापाक के पास समय करीब 17.30 बजे <नाम> पेटोल पम्प के बगल वाले कच्चे रास्ते <नाम> मय दो सिलेन्डर इन्डेन कम्पनी जिनका नंम्बर कमश: ए-23 , बी-24 पुराना व इस्तैमाली व एक बैटरी पुरानी इस्तैमाली एक्साइड एक्सप्रेस रंग काला वसफेद नम्बर एम एच डी एस-120 के साथ दो व्यक्तियों को पकड लिया। अभियुक्त के अनुसार वादी उसकी पुरानी रजिंश चल रही है। इस <नाम> अभियुक्तको झूँठा फॅसाया गया है। अभियुक्त के कब्जे से बरामद बैटरी के सबंध में वादी केपडौसी ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है जबकि वादी ने ही अपनी तहरीर मेंकथन किया है कि पड़ौसी भूरी <नाम> आये और उसने बताया कि यही लोगउसके घर से बैटरा चुरा <नाम> ले गये थे। केस डायरी से प्रकट होता है कि घटनादिनांक 20.01.2020 की रात 03.00 बजे की है, जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक20.01.2020 को 08.33 बजे दर्ज करायी गयी है। घटनास्थल से थाने की दूरी 3किलोमीटर <नाम> की गई है। अभियुक्त मौके <नाम> पकड़ा नहीं गया है। अभियुक्तदिनांक 21.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_381_202121-01-20213367 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया हैतथा इसके साथ अभियुक्त के <नाम> बनवारी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा सूरजप्रसाद, एस.एच.ओ. थाना इरादतनगर, जिला <नाम> ने दिनांक 13.10.2019 को 22-15बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडरसुनील <नाम> ने अपना एक संगठित आपराधिक गिरोह बना लिया है जो अपने साथीराकेश, <नाम> त्रषिकेश उर्फ श्रीकेश, लोकेन्द्र उर्फ लुक्का, गब्बर, जोगेन्द्र, सोनू उर्फजयवीर <नाम> देवा उर्फ देवेन्द्र के साथ आर्थिक एवं भौतिक बुनियादी <नाम> प्राप्त करनेके उद्देश्य से संगठित होकर <नाम> हथियारों से सुसज्जित होकर फिरौती हेतुअपहरण व डकैती व <नाम> से मारने से फायर करने जैसे जघन्य अपराध कारित करजनता में भय एवं आतंक व्याप्त <नाम> अवैध <नाम> से धन अर्जित करते हैं। इनके विरूद्धथाना <नाम> विभिन्न मुकदमें पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवंसमाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकराया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि Bail Application/715/2021 -Jogendra Vs. UP Stateआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का <नाम> तोकोई संगठित गिरोह है, <नाम> ही किसी गिरोह का गैंग लीडर है और <नाम> ही किसीगिरोह का सदस्य है। आवेदक / अभियुक्त का <नाम> में कोई भय व आतंक व्याप्तनहीं है <नाम> ही <नाम> से अवैध <नाम> से धन अर्जित किया है। गेंगचार्ट में उस <नाम> अ.सं. 41/19, <नाम> 364ए, 395, 412, 120बी आईपीसी थाना इरादतनगर, <नाम> कामामला दर्शाया गया है, जिसमें उसकी जमानत माननीय उच्च न्यायालय से स्वीकारहो चुकी है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक 01.01.2021 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्तका संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य/ गैंग लीडर है। अभियुक्त केविरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसकेविरूद्ध अ.सं. 41/19, <नाम> 364ए, 395, 412, 120बी आईपीसी थाना इरादतनगर,आगरा का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि कासम्यक परिशीलन किया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त क विरूद्ध गैंग चार्ट में एक मामलादर्शाया गया है, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध अपहरण, डकेती व <नाम> से मारने कीनीयत से फायर करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क)लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कियह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वगरा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामले में अभियुक्त की जमानतस्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामले में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकीकेवल जमानत स्वीकार हुई है। इस मामले के <नाम> अभियुक्त सोनू उर्फ जयवीरका जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-6189/2019 दिनांक 05.11.2019, गब्बरसिंह का जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-6190/2019 दिनांक 05.11.2019 वराकेश तथा <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-6228/2019 दिनांक15.11.2019 का इस न्यायालय द्वारा निरस्त किये जा चुके है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा, उसकीप्रकृति तथा उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखतेहुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहींहै और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1982_202028-08-20203103 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन मेंमनीष <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है कि अभियुक्त द्वारावर्णित अपराध कारित <नाम> कोई आर्थिक <नाम> प्राप्त नहीं किया गया है। दौरान विवेचनाअभियुक्त के पास से कोई ऐसी <नाम> नहीं बताई गयी है, जिससे यह प्रतीत हो कि वहअपराध कारित <नाम> प्राप्त की गयी है। अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में वर्णित अपराधों मेंमु0अ0सं0 105/2018 अन्तर्गत <नाम> 147,323,364,506 भा0दं0सं0 थाना एत्माद्दौला, आगराके मामले में साक्षीगण द्वारा पुलिस द्वारा लगाये गये आरोपों का खण्डन <नाम> <नाम> गया है। मु0अ0सं0 9692016 अन्तर्गत <नाम> 307 भा0०दं0सं0 के मामले में अभियुक्त को नामित नहींकिया गया है। उक्त प्रकरण में विवेचना के उपरान्त अन्तिम रिपोर्ट प्रेषित की गयी है तथादो वर्ष <नाम> मात्र अपराध स्वीकारोक्ति के आधार <नाम> अन्तिम आख्या निरस्त <नाम> राजनैतिकदवाब में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है। मु०अ0सं० 939/2018 अन्तर्गत धारा147,188,332,353 भा0दं0सं0 में पुलिस की बर्बरता के विरूद्ध <नाम> के लोग प्रदर्शन कररहे थे, तथा <नाम> की आवाज दबाने के आशय से यह मुकदमा दर्ज किया गया है। सन्2018 से 2020 <नाम> अभियुक्त द्वारा कोई भी अपराध कारित नहीं किया गया है। दो वर्ष केउपरान्त अभियुक्त के विरूद्ध गैंगस्टर अधिनियम का अभियोग पंजीकृत कराया गया है, जोकेवल मात्र गुडवर्क दिखाने के आशय से पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त दिनांक 05.08.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिया जाये। ",
"Bail Application/5958/2020 —Ashish Chaudhari Vs. UP State 2संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा उदयवीर <नाम> मलिकथाना प्रभारी थाना एत्माद्दौला, <नाम> द्वारा इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी किमोनू उफ <नाम> <नाम> द्वारा एक संगठित गैंग बनाकर गैंग सदस्य सोनू <नाम> उफ सुनीलयादव तथा आशीष <नाम> के साथ अपने निजी स्वार्थ एवं अपने परिवारीजन के आर्थिकभौतिक अनुचित <नाम> के लिए मारपीट <नाम> अपहरण करना, हत्या का प्रयास करना तथासरकारी कार्य में मारपीट <नाम> बाधा डालने जैसे अपराध कारित <नाम> समाज विरोधीकिियाकलापों में संलिप्त हैं। अभियुक्त आशीष <नाम> के विरुद्ध थाना एत्माद्दौला पर-1. मु0अ०सं0 105/2018 अन्तर्गत <नाम> 147,323,364,506 भा०दं0सं०2. मु0अ०सं० 969/2016 अन्तर्गत <नाम> 307 भा.द.सः3. मु0अ0सं० 939/2018 अन्तर्गत <नाम> 147,188,332,353 भा.द.सःपंजीकृत हैं। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माददौला <नाम> <नाम> मु०अ0सं0548,// 2020 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। ",
"विद्वान विशेष लोक अभियोजक जमानत का विरोध करते हुये कहा गया है किअभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह है तथा अभियुक्तआशीष <नाम> गैंग का सदस्य है। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध तीने मुकदमे दर्ज हैं, जो अपहरण, हत्या केप्रयास तथा पुलिस <नाम> हमले आदि से सम्बन्धित हैं। अतः अभियुक्त का जमानत प्ररार्थनापत्रनिरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी वपत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया । ",
"गैंग चार्ट में अभियुक्त आशीष <नाम> के विरूद्ध तीन अभियोग पंजीकृत होना कहागया है, जो वर्ष 2016 एवं 2018 के हैं। अभियुक्त की ओर से दाखिल मु0अ0सं०969,/ 2016 अन्तर्गत <नाम> 307 भा0०दं0सं0 में पारित जमानत आदेश दिनांकित 09.01.2019के परिशीलन से विदित होता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट आज्ञात में दर्ज हुई तथा विवेचनाके उपरान्त अन्तिम आख्या प्रस्तुत की गयी। तदुपरान्त अभियुक्तगण के कथन के आधारपर अन्तिम आख्या निरस्त <नाम> अभियुक्तगण को इस प्रकरण में संलिप्त किया <नाम> कहागया। उक्त प्रकरण में गुण दोष के आधार <नाम> दिनांक 09.01.2019 को अभियुक्त कीजमानत स्वीकार की गयी । ",
"मु0अ0सं0 105,/2018 अन्तर्गत <नाम> 147,323,364,506 भा0दं0सं0 थानाएत्माददौला, <नाम> के मामले मों पारित जमानत आदेश दिनांकित 06.12.2018 केअनुंसार अभियुक्त के विरूद्ध हत्या करने की नीयत से अपहरण करने का आरोप नहीं है। उक्त प्रकरण में अभियुक्त की जमानत दिनांक 06.12.2018 को स्वीकार होना कहा गया है। ",
"मु0अ0सं0 939/2018 अन्तर्गत <नाम> 147,188,332,353 भा०दं0सं0 में भी अभियुक्तकी जमानत दिनांक 05.11.2018 को स्वीकार किया <नाम> कहा गया है, जैसा कि जमानतआदेश की प्रतिलिपि से विदित होता है। ",
"इस प्रकार वर्ष 2018 एवं दिनांक 09.01.2019 को अभियुक्त उक्त सभी प्रकरण मेंजमानत <नाम> <नाम> होने के उपरान्त, दो वर्ष के उपरान्त दिनांक 14.07.2020 को <नाम> 2/3गैंगस्टर अधिनियम के अर्न्तगत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अभियोजन की ओर सेदो वर्ष के अन्तराल में अभियुक्त द्वारा गैंग के सदस्य के <नाम> में अपराध कारित किया जानाअथवा इस दौरान का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियोजन कीओर से जो अभियोग गैंग चार्ट में दर्शित किये गये हैं तथा उनके संबंध में पारित जमानतआदेशों के अनुसार अभियुक्त द्वारा गैंग के सदस्य के <नाम> में अपराध कारित <नाम> स्वयं कोआर्थिक लाम प्राप्त किया <नाम> प्रतीत नहीं होता है। अभियुक्त दिनांक 05.08.2020 से Bail Application/5958/2020 —Ashish Chaudhari Vs. UP State 3जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6540_201921-11-20191471 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकारसुनहरी <नाम> पुत्र <नाम> कुंवरपाल ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कथन कियागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त मुकदमे में पूर्व में जमानत <नाम> छूटा हुआ था तथा जमानत <नाम> छूटने के <नाम> वह प्रत्येक नियत दिनांक को माननीय न्यायालय मेंउपस्थित होता रहा। प्रार्थ /अभियुक्त की पत्रावली पूर्व में अष्टदशम् अपरजिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय <नाम> के यहां 64/2007 क नम्बर सेविचाराधीन थी, जब पत्रावली अष्टदशम् अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदयआगरा के यहां से अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष संख्या-20 के न्यायालय मेंढ्रांसटर होकर आयी, तो उस <नाम> यहां एस0एस0टी0संख्या-64 / 2007 के स्थान परएस0एस0टी0 संख्या-116 ,/ 2009 डाला गया, इस <नाम> मुकदमे की जानकारी नहो पाने के <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका, जिस <नाम> उसके विरूद्धमाननीय न्यायालय द्वारा <नाम> जमानती वारण्ट जारी <नाम> दिये गये। वारण्ट के तहतइलाका पुलिस प्रार्थी / अभियुक्त को दिनांक 01.11.2019 को पकड़ <नाम> लायी, जिसेमाननीय न्यायालय द्वारा जिला कारागार, <नाम> भेज <नाम> गया। प्रार्थी / अभियुक्तअपनी उचित एवं विश्वसनीय जमानत दाखिल करने को तैयार है। प्रार्थी / अभियुक्त जमानत <नाम> छूटने के <नाम> जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। जमानत प्रार्थनापत्रस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 16.11.2006को वादी मुकदमा <नाम> <नाम> ने इन तथ्यों के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकितकरायी कि उसका <नाम> सत्यवीर पुत्र <नाम> रामविलास <नाम> आंवल खेड़ा में जनरलade Ud रेडीमेड कपड़ों की दुकान करता है। प्रतिदिन <नाम> <नाम> होता है। 2दिनांक 16.11.2006 को रोजाना की भांति दुकान बन्द करके अपनी मोटरसाइकिल यू0पी080 ए0एम0 1679 से गांव जा रहा था, समय करीब 6 बजे <नाम> पैट्रोल पम्प कैलादेवी सेकरीब 200 मीटर पश्चिम <नाम> की ओर पहुंचा तो उसे एक इण्डिका कार व साथ एकमोटरसाइकिल <नाम> सवार दो तीन व्यक्तियों ने उस <नाम> हमला किया और हाथापाई करउसको खींचकर डाला और अपरहरण <नाम> जलेसर की तरफ ले गये। ",
"वादी मुकदमा <नाम> की उक्त तहरीर के आधार <नाम> दो-तीन व्यक्तिमोटरसाइकिल सवार नाम पता अज्ञात व एक इण्डिका कार के विरूद्ध मु0अ0सं0206 / 2006, <नाम> 364 भाए0दं0सं0 में थाना बरहन, जिला <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज की गई। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त धनवीर के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है किप्रार्थी / अभियुक्त धनवीर इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार पूर्व सेजमानत <नाम> था। प्रार्थी / अभियुक्त की पत्रावली पूर्व में अष्टदटशम् अपर जिला एवं सत्रन्यायाधीश महोदय <नाम> के यहां 64,/2007 के नम्बर से विचाराधीन थी, इसके बादउक्त पत्रावली अष्टदशम् अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय <नाम> के यहां सेमाननीय महोदय के न्यायालय में ट्रांसफर होकर आयी, तो उस <नाम> यहां एस0एस0टी0संख्या-64 // 2000 के स्थान <नाम> एस0एस0टी0 संख्या-116 / 2009 डाला गया, जिसकारण मुकदमे की जानकारी <नाम> हो पाने के <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त न्यायालय मेंउपस्थित नहीं हो सका, जिस <नाम> उसके विरूद्ध माननीय न्यायालय द्वारा बिनाजमानती वारण्ट जारी <नाम> दिये गये। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 01.11.2019 से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त ने जानबूअकर कोई गलती नहीं की है। अतः उसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर से जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त इसमामले में जानबूझकर काफी लम्बे समय से गैर हाजिर हुआ था, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू0 की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी ,/, अभियुक्त की वजह से इसमामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा पूर्व में प्रदत्तकी गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा वादीमुकदमा के <नाम> सत्यवीर का अपहरण किया गया है। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी ,/ अभियुक्त धनवीर इसमामले में पूर्व से माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिन बीच 3में उसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध जारी एन0बी0डब्ल्यू0 के आधारपर इलाका पुलिस द्वारा गिराफ्तार <नाम> न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जिलाकारागार, <नाम> भेज <नाम> गया। प्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
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